JAC Class 9th Social Science Notes Civics Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज

JAC Board Class 9th Social Science Notes  Civics Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज

→ राष्ट्रपति देश का राष्ट्राध्यक्ष होता है एवं औपचारिक रूप से देश का सबसे बड़ा अधिकारी होता है।

→ प्रधानमन्त्री सरकार का प्रमुख होता है और सरकार की ओर से अधिकांश अधिकारों का प्रयोग वही करता है।

→ प्रधानमन्त्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति मन्त्रियों को नियुक्त करता है। मन्त्रिमण्डल की बैठकों में ही राजकार्य से जुड़े अधिकतर निर्णय लिये जाते हैं।

→ प्रधानमन्त्री को लोकसभा के सदस्यों के बहुमत का समर्थन प्राप्त होना आवश्यक होता है।

→भारत सरकार ने सन् 1979 ई. में दूसरा पिछड़ी जाति आयोग गठित किया था। इसके अध्यक्ष बी. पी. मण्डल थे और इसी के कारण इसे मण्डल आयोग कहते हैं।

→ मण्डल आयोग ने सन् 1981 में अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की। आयोग द्वारा सुझाये गये उपायों में एक सिफारिश थी सरकारी नौकरियों में सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण देना।

→ 13 अगस्त सन् 1990 को भारत सरकार ने एक आदेश जारी करके सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया।

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→ आरक्षण के इस फैसले पर पूरे देश में विवाद उत्पन्न हुआ तथा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद एक और आदेश 8 सितम्बर 1993 को जारी किया गया जिसके द्वारा पिछड़े वर्ग के अच्छी स्थिति वाले लोगों को इसके लाभ से वंचित कर दिया गया।

→ सरकारी निर्णय से उठने वाले विवादों का निपटारा सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय करते हैं।

→ प्रधानमन्त्री और कैबिनेट ऐसी संस्थाएँ हैं जो समस्त महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले करती हैं। भारत में निर्वाचित प्रतिनिधियों की राष्ट्रीय सभा को संसद कहा जाता है। राज्य स्तर पर इसे विधान सभा कहते हैं।

→ हमारे देश में संसद के दो सदन हैं-एक को राज्यसभा तथा दूसरे को लोकसभा कहा जाता है। भारत का राष्ट्रपति संसद का हिस्सा होता है लेकिन वह किसी की सदन का सदस्य नहीं होता। इसीलिए संसद के फैसले राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही लागू होते हैं।

→ किसी भी देश में कानून बनाने का सबसे बड़ा अधिकार संसद को होता है। कानून बनाने या विधि निर्माण का यह कार्य इतना महत्वपूर्ण होता है कि इन सभाओं को विधायिका कहते हैं।

→ राज्यसभा को ‘अपर हाउस’ एवं लोकसभा को ‘लोअर हाउस’ भी कहा जाता है। लोकसभा में सरकार का बजट या धन से सम्बन्धित कोई कानून पारित हो जाए तो राज्यसभा उसे खारिज नहीं कर सकती।

→ किसी भी सामान्य कानून को पारित कराने के लिए दोनों सदनों की सहमति की जरूरत होती है लेकिन दोनों सदनों के बीच कोई मतभेद हो तो अन्तिम फैसला दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में किया जाता है।

→ भारत में प्रधानमन्त्री सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक संस्था है। राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी या पार्टियों के नेता को ही प्रधानमन्त्री नियुक्त करता है। प्रधानमन्त्री को नियुक्त करने के बाद राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री की सलाह पर दूसरे मन्त्रियों को नियुक्त करते हैं। मन्त्रियों में सामान्यतया कैबिनेट मन्त्री, स्वतन्त्र प्रभार वाले राज्यमन्त्री एवं राज्यमन्त्री होते हैं।

→ राष्ट्रपति राष्ट्राध्यक्ष एवं देश का प्रथम नागरिक होता है। राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मण्डल द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य एवं राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य होते हैं। इस प्रकार राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रीति से होता है।

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→ भारतीय न्यायपालिका में सम्पूर्ण देश के लिए सर्वोच्च न्यायालय, राज्यों में उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय एवं स्थानीय स्तर के न्यायालय होते हैं।

→ राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को प्रधानमन्त्री एवं सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सलाह से नियुक्त करता है।

→ किसी भी न्यायाधीश को संसद के दोनों सदनों में अलग-अलग दो तिहाई बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव पारित करके ही हटाया जा सकता है।

→ सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों को देश के संविधान की व्याख्या का अधिकार है।

→ भारतीय न्यायपालिका के अधिकार और स्वतन्त्रता उसे मौलिक अधिकारों के रक्षक के रूप में काम करने की क्षमता प्रदान करते हैं।

→ न्यायपालिका सरकार को निर्णय करने की शक्ति के दुरुपयोग को रोकने के लिए हस्तक्षेप करती है तथा सरकारी अधिकारियों को भ्रष्ट आचरण से रोकती है। लोकतन्त्र के लिये स्वतन्त्र और प्रभावशाली न्यायपालिका आवश्यक है।

→ कार्यालय ज्ञापन – सक्षम अधिकारी द्वारा जारी पत्र जिसके माध्यम से सरकार के फैसले अथवा नीति के बारे में बताया जाता है, कार्यालय ज्ञापन कहलाता है।

→ सरकार – संस्थाओं का एक समूह जिसके पास कानून वनाने, न्याय करने और उसकी व्याख्या करने का अधिकार होता है, जिससे राज्य का जीवन सुनिश्चित एवं व्यवस्थित हो सके।

→ विधायिका – विधायिका जनता के प्रतिनिधियों की वह सभा होती है, जिसके पास देश का कानून बनाने का अधिकार होता है। कानून बनाने के अतिरिक्त विधायिका को कर लगाने, बजट बनाने एवं दूसरे वित्त विधेयकों को बनाने का विशेष अधिकार होता है।

→ कार्यपालिका – अधिकार प्राप्त लोगों की एक संस्था जो देश के संविधान और कानून के आधार पर प्रमुख नीति बनाती है, निर्णय लेकर उन्हें लागू करने का कार्य करती है।

→ राजनीतिक संस्था – देश की सरकार एवं राजनीतिक जीवन के आचार को नियमित करने वाली प्रक्रियाओं का समूह राजनीतिक संस्था कहलाती है।

→ न्यायपालिका – एक ऐसी संस्था जिसके पास न्याय करने एवं कानूनी विवादों को निपटाने का अधिकार होता है। देश की सभी अदालतों को न्यायपालिका के नाम से जाना जाता है।

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→ गठबन्धन सरकार – साधारणतया जब विधायिका में किसी एक दल को बहुमत प्राप्त नहीं होता है तो दो या दो से अधिक राजनैतिक दलों के गठबन्धन से बनी सरकार गठबन्धन सरकार कहलाती है।

→ आरक्षण – भेदभाव के शिकार, वंचित एवं पिछड़े लोगों और समुदायों के लिए सरकारी नौकरियों तथा शैक्षिक संस्थाओं में पद एवं सीटें आरक्षित करने की नीति आरक्षण कहलाती है।

→ राज्य – निश्चित क्षेत्र में फैली राजनीतिक इकाई जिसके पास संगठित सरकार हो एवं घरेलू व विदेश नीतियों को बनाने का अधिकार हो। सरकारें बदल सकती हैं पर राज्य स्थाई रूप से बना रहता है।

→ सामान्य बोलचाल – की भाषा में देश, राष्ट्र एवं राज्य को समानार्थी के रूप में प्रयोग किया जाता है। राज्य शब्द का एक अन्य प्रयोग किसी देश के अन्दर की प्रशासनिक इकाइयों अथवा प्रान्तों के लिए भी होता है। इसी अर्थ में राजस्थान, झारखण्ड, उत्तराखण्ड. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि भी राज्य कहे जाते हैं।

→ संसद – देश की सर्वोच्च कानून बनाने वाली संस्था। इस संस्था को विभिन्न देशों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। भारत में इसे ‘संसद’ कहा जाता है।

→ जनहित याचिका – यदि सरकार की कार्यवाहियों से आम जनता के हितों को कोई नुकसान पहुंचता है तो इस सम्बन्ध में न्यायालय में याचिका दायर की जा सकती है। इसे जनहित याचिका कहते हैं!

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JAC Class 9th Social Science Notes Civics Chapter 3 चुनावी राजनीति

JAC Board Class 9th Social Science Notes  Civics Chapter 3 चुनावी राजनीति

→ अधिकांश लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्थाओं में लोग अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन करते हैं। लोकतान्त्रिक देशों में तो चुनाव होते ही हैं परन्तु अधिकांश गैर लोकतान्त्रिक देशों में भी किसी न किसी तरह के चुनाव होते हैं। चुनाव का अभिप्राय राजनैतिक प्रतियोगिता या प्रतिद्विन्द्विता है। चुनाव के उद्देश्य से देश को अनेक क्षेत्रों में बाँट लिया गया है। इन्हें निर्वाचन क्षेत्र कहते हैं।

→ भारत में लोक सभा एवं विधान सभाओं के चुनाव प्रत्येक 5 वर्ष बाद होते हैं। पाँच वर्ष के पश्चात् सभी चुने हुए प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो जाता है। लोक सभा और विधान सभाएँ भंग हो जाती हैं। सभी चुनाव क्षेत्रों में एक ही दिन या एक छोटे अन्तराल में अलग-अलग दिन चुनाव होते हैं। इसे आम चुनाव कहते हैं।

→ कई बार केवल एक क्षेत्र में चुनाव होता है जो किसी सदस्य की मृत्यु अथवा इस्तीफे से खाली हुआ स्थान भरने के लिए होता है। इसे उपचुनाव कहते हैं।

→ लोक सभा चुनाव के लिए देश को 543 निर्वाचन क्षेत्रों में बाँटा गया है। प्रत्येक क्षेत्र से चुने गये प्रतिनिधियों को ‘संसद सदस्य’ कहते हैं।

JAC Class 9th Social Science Notes Civics Chapter 3 चुनावी राजनीति

→ हमारे देश के लोकतान्त्रिक चुनावों की एक प्रमुख विशेषता प्रत्येक वोट का बराबर मूल्य है।

→ प्रत्येक राज्य को उसकी विधान सभा की सीटों के हिसाब से विभाजित किया गया है। इन सीटों से चुने गये प्रतिनिधियों को ‘विधायक’ कहते हैं।

→ ग्राम पंचायतों एवं नगर पालिका के चुनावों में भी यही तरीका अपनाया जाता है। प्रत्येक ग्राम पंचायत व नगर पालिका को कई वार्डों में बाँटा जाता है जो छोटे-छोटे निर्वाचन क्षेत्र हैं। प्रत्येक वार्ड से पंचायत या नगर पालिका के लिए एक सदस्य का चुनाव होता है।

→ हमारे देश में कुछ चुनाव क्षेत्रों को अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के लोगों के लिए आरक्षित किया गया है। इन सीटों से केवल आरक्षित वर्ग के व्यक्ति ही चुनाव लड़ सकते हैं। वर्तमान में लोकसभा की 84 सीटें अनुसूचित जातियों एवं 47 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं।

→ कमजोर समूहों के लिए आरक्षण की यह व्यवस्था जिला एवं स्थानीय स्तर पर भी लागू की गई है।

→ ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों में एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं।

→ लोकतान्त्रिक चुनाव में मतदान की योग्यता रखने वाले व्यक्तियों की सूची चुनाव के बहुत पहले तैयार कर ली जाती है। इस सूची को आधिकारिक रूप से मतदाता सूची कहते हैं। आम बोलचाल की भाषाओं में इसे वोटरलिस्ट कहते हैं। हमार देश में 18 वर्ष और उससे ऊपर की उम्र के सभी नागरिक चुनाव में वोट डाल सकते हैं। जबकि चुनाव में उम्मीदवार बनने की न्यूनतम आयु 25 वर्ष है।

→ प्रत्येक पाँच वर्ष पश्चात् मतदाता सूची का पूर्ण नवीनीकरण किया जाता है।

→ पिछले कुछ वर्षों से चुनावों में फोटो पहचान पत्र की नयी व्यवस्था लागू की गयी है। सरकार ने मतदाता सूची में दर्ज सभी व्यक्तियों को यह पहचान कार्ड देने की कोशिश की है।

→ चुनाव में भाग लेने वाले सभी राजनीतिक दल अपने उम्मीदवार मनोनीत करते हैं जिन्हें सम्बन्धित पार्टी का चुनाव चिह्न और समर्थन मिलता है। पार्टी के मनोनयन को आम बोलचाल की भाषा में ‘टिकट’ कहते हैं।

→ चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्येक उम्मीदवार को एक नामांकन पत्र भरना पड़ता है एवं कुछ धनराशि जमानत के रूप में जमा करानी पड़ती है। हमारे देश में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की अन्तिम सूची की घोषणा एवं मतदान की तारीख के मध्य आमतौर पर दो सप्ताह का समय चुनाव प्रचार के लिए दिया जाता है।

→ चुनाव अभियान के दौरान विभिन्न राजनीतिक पार्टियाँ जनता का ध्यान कुछ बड़े मुद्दों पर केन्द्रित कराकर अपनी पार्टी के पक्ष में वोट देने को कहती हैं।

JAC Class 9th Social Science Notes Civics Chapter 3 चुनावी राजनीति

→ कोई पार्टी या उम्मीदवार मतदाताओं को धमकी या घूस देकर, जाति/धर्म के नाम पर, सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल करके, वोट नहीं माँग सकता है तथा लोक सभा में 25 लाख तथा विधान सभा में 10 लाख रुपये से अधिक खर्च नहीं कर सकता है।

→ हमारे देश की सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव प्रचार की आदर्श आचार संहिता को भी स्वीकार किया है।

→ वर्तमान समय में भारत में मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का प्रयोग होने लगा है। मशीन के ऊपर उम्मीदवारों के नाम एवं उनके चुनाव चिह्न बने होते हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों को भी चुनाव अधिकारी चुनाव चिह्न आवंटित करते हैं।

→ मतदान समाप्ति पर सभी वोटिंग मशीनों को सील बन्द करके एक सुरक्षित स्थान पर पहुँचा दिया जाता है। फिर निश्चित तारीख पर एक चुनाव क्षेत्र की सभी मशीनों को एक साथ खोला जाता है तथा मतों की गणना की जाती है।

→ हमारे देश में चुनाव एक स्वतन्त्र एवं बहुत ताकतवर चुनाव आयोग द्वारा करवाये जाते हैं। चुनाव आयोग को न्याय पालिका के समान ही स्वतन्त्रता प्राप्त है। चुनाव आयोग का अध्यक्ष मुख्य चुनाव आयुक्त होता है जिसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति करते हैं।

→ संसार में शायद ही किसी देश के चुनाव आयोग को भारत के चुनाव आयोग जितने अधिकार प्राप्त होंगे।

→ यदि निर्वाचन आयोग को लगता है कि कुछ मतदान केन्द्रों पर पूरे चुनाव क्षेत्र में मतदान ठीक ढंग से नहीं हुआ है तो वह उसे रद्द करके पुनः मतदान करा सकता है।

→ भारत में अमीर एवं बड़े लोगों की तुलना में निर्धन, अशिक्षित एवं कमजोर लोग अधिक संख्या में मतदान करते हैं।

→ यदि चुनाव स्वतन्त्र और निष्पक्ष न हों तो शासक पार्टी कभी चुनाव नहीं हारेगी, जबकि भारत में लगभग प्रत्येक तीन में से 2 चुनावों में शासक पार्टी चुनाव हारती रही है।

→ निर्वाचन क्षेत्र – एक भौगोलिक क्षेत्र जिसके मतदाता अपने एक प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं।

→ मतदान – अपना प्रतिनिधि चुनने हेतु जनता द्वारा वोट डालने की प्रक्रिया मतदान कहलाती है।

→ आचार संहिता – चुनाव में सभी राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों द्वारा अपनाये गये कुछ कायदे कानून एवं दिशा निर्देश।

→ चुनाव धांधली – चुनाव में अपने वोट बढ़ाने के लिए उम्मीदवारों एवं पार्टियों द्वारा की जाने वाली गड़बड़ या फरेब।

→ मतदान केन्द्र पर कब्जा करना – जबकि किसी दल अथवा उम्मीदवार के समर्थकों द्वारा अथवा भाड़े के अपराधियों द्वारा किसी मतदान केन्द्र पर जबरदस्ती नियन्त्रण करके सबको धमकाकर झूठे वोट डलवाना अथवा असली मतदाताओं को मतदान केन्द्र पर आने से रोकना और स्वयं समस्त वोट या अधिकांश वोट डाल देना।

→ आम चुनाव – संसद तथा विधान सभाओं के लिए रीति के अनुसार नियत अवधि पर आयोजित चुनाव को आम चुनाव कहते हैं। भारत में ये चुनाव प्रत्येक 5 वर्ष बाद होते हैं।

JAC Class 9th Social Science Notes Civics Chapter 3 चुनावी राजनीति

→ उप-चुनाव – जब एक निर्वाचन क्षेत्र के जनप्रतिनिधि की कार्यकाल के दौरान मृत्यु हो जाती है अथवा त्यागपत्र आदि कारणों से वह पद रिक्त हो जाता है तो उस विशेष निर्वाचन क्षेत्र में नये चुनाव होते हैं।

→ इस प्रकार के चुनाव को उप – चुनाव कहते हैं। निर्वाचन-यह एक कार्यप्रणाली है जिनके द्वारा जनता एक नियमित अन्तराल में अपने प्रतिनिधियों का चुनाव
करती है तथा जनता यदि चाहे तो उन्हें बदल भी सकती है।

→ निर्वाचन आयोग – हमारे देश में निर्वाचन की सम्पूर्ण प्रक्रिया एक स्वतन्त्र संगठन द्वारा संचालित, नियन्त्रित एवं पर्यवेक्षित की जाती है, जिसे निर्वाचन आयोग के नाम से जाना जाता है।

→ चुनाव चिह्न – मत पत्र में उम्मीदवार के नाम के आगे अंकित चिह्न को चुनाव चिह्न कहते हैं।

→ ई.वी.एम. – इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, इसके द्वारा उम्मीदवार के नाम के सामने बटन दबाकर वोट दे सकते हैं।

→ मतदाता सूची – मतदान की योग्यता रखने वालों की सूची, इसे वोटर लिस्ट भी कहते हैं।

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JAC Class 9th Social Science Notes Civics Chapter 2 संविधान निर्माण 

JAC Board Class 9th Social Science Notes  Civics Chapter 2 संविधान निर्माण

→ दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रवादी नेता नेल्सन मण्डेला को सन् 1964 ई. में देश में रंगभेद से चलने वाली शासन व्यवस्था का विरोध करने के कारण आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। उन्हें 28 वर्षों तक दक्षिण अफ्रीका की सबसे भयानक जेल रोब्बेन द्वीप में कैद रखा गया था।

→ सन् 1950 ई. से ही दक्षिण अफ्रीका में अश्वेत, रंगीन चमड़ी वाले एवं भारतीय मूल के लोगों ने रंगभेद नीति के विरुद्ध संघर्ष किया। शासन की रंगभेद की नीति के कारण वहाँ स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बस, सिनेमाघर आदि सभी सार्वजनिक स्थानों पर काले एवं गोरे के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएँ थीं।

→ 26 अप्रैल, सन् 1994 ई. की मध्यरात्रि को दक्षिण अफ्रीका गणराज्य स्वतन्त्र हुआ। यह दुनिया का एक नया लोकतान्त्रिक देश बन गया।

→ बहुसंख्यक अश्वेत सामाजिक व आर्थिक अधिकार चाहते थे तथा अल्पसंख्यक गोरों को अपनी संपत्ति तथा विशेषाधिकारों की चिंता थी। अत: दोनों ने मिल बैठकर शासन चलाने के नियमों को लिखकर एक संविधान बनाया।

→ दक्षिण अफ्रीका के नये संविधान में नागरिकों को जितने अधिक अधिकार दिए गए हैं, उतने संसार के किसी भी संविधान ने नहीं दिए हैं। जिस देश की दुनिया भर में अलोकतान्त्रिक तौर-तरीकों के लिये निन्दा की जाती थी, आज उसी दक्षिण अफ्रीका को लोकतन्त्र के मॉडल के रूप में देखा जाता है।

→ यह जरूरी नहीं है कि जिन देशों में संविधान है, वे सभी लोकतान्त्रिक शासन वाले हों लेकिन जिन देशों में लोकतान्त्रिक शासन है वहाँ संविधान का होना अति आवश्यक है। दक्षिण अफ्रीका की ही तरह भारत का संविधान भी बहुत कठिन परिस्थितियों के बीच बना। लेकिन यहाँ कुछ चीजों पर पहले से ही सहमति थी।

JAC Class 9th Social Science Notes Civics Chapter 2 संविधान निर्माण 

→ सन् 1928 ई. में ही मोतीलाल नेहरू एवं कांग्रेस के आठ अन्य नेताओं ने भारत का एक संविधान लिखा, जिसे सन 1931 ई. में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के करांची अधिवेशन में एक प्रस्ताव के तहत यह रूपरेखा रखी गयी थी कि स्वतन्त्र भारत का संविधान कैसा होगा।

→ चुने गए जनप्रतिनिधियों की जो एक संविधान लिखने का काम करती है उसे संविधान सभा कहते हैं।

→ भारतीय संविधान सभा के लिए जुलाई 1946 में चुनाव हुए थे।

→ संविधान सभा की पहली बैठक दिसम्बर 1946 को हुई थी।

→ भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे जिन्होंने 26 नवम्बर, सन् 1949 को अपना कार्य पूर्ण किया।

→ भारतीय संविधान 26 जनवरी, सन् 1950 को लागू हुआ था। इसी दिन की याद में हम प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाते हैं। संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे।

→ डॉ. भीमराव अम्बेडकर संविधान सभा की सर्वाधिक महत्वपूर्ण समिति प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे।

→ महात्मा गाँधी संविधान सभा के सदस्य नहीं थे लेकिन उनके अनुयायी इस सभा में शामिल थे। संविधान की शुरुआत बुनियादी मूल्यों की एक छोटी-सी उद्देशिका से होती है इसे संविधान की प्रस्तावना या उद्देशिका कहते हैं। इसे भारतीय संविधान की आत्मा कहा जाता है।

→ संविधान सिर्फ मूल्यों और दर्शन का बयान भर नही है संविधान में इन्हें संस्थागत रूप देने की कोशिश भी की गयी

→ भारतीय संविधान में समय के साथ होने वाले बदलावों को शामिल करने का प्रावधान भी रखा गया है। इन बदलावों के संविधान संशोधन कहते हैं।

→ देशद्रोह – देश की सरकार को षड्यन्त्रपूर्वक उखाड़ फेंकने के प्रयास का अपराध।

→ रंगभेद – 1948 से 1989 के मध्य दक्षिण अफ्रीका की सरकार द्वारा अपनायी गयी सरकारी नीति है, इस नीति में अश्वेतों के साथ नस्ली-अलगाव एवं बुरा व्यवहार किया जाता था।

→ प्रारूप – किसी कानूनी दस्तावेज का प्रारम्भिक स्वरूप।

→ संविधान – देश का सर्वोच्च कानून, जिसमें देश में राजनीति एवं समाज को व्यवस्थित करने वाले मौलिक नियम होते हैं।

→ संविधान सभा – जनता के प्रतिनिधियों की वह सभा जो संविधान के लेखन का कार्य करती है।

→ संविधान संशोधन – देश की सर्वोच्च विधायी संस्था द्वारा उस देश के संविधान में किया गया कोई भी परिवर्तन।

→ प्रस्तावना – संविधान का वह प्रथम कथन, जिसमें कोई देश अपने संविधान के मूलभूत मूल्यों एवं अवधारणाओं को स्पष्ट ढंग से व्यक्त करता है।

JAC Class 9th Social Science Notes Civics Chapter 2 संविधान निर्माण 

→ धारा – संविधान के अनुच्छेद का एक विशेष भाग।

→ दर्शन – किसी सोच अथवा कार्यों को रेखांकित करने वाले मूलभूत सिद्धान्त।

→ सन् 1928 ई. – मोतीलाल नेहरू सहित कांग्रेस के आठ अन्य नेताओं ने भारत का एक संविधान लिखा था।

→ सन् 1931 ई. – महात्मा गाँधी ने अपनी पत्रिका ‘यंग इण्डिया’ में संविधान से अपनी अपेक्षा के बारे में लेख लिखा था।

→ सन् 1946 ई. – भारतीय संविधान सभा के लिए जुलाई 1946 में चुनाव हुए थे।

→ दिसम्बर, 1946 ई.- संविधान सभा की प्रथम बैठक।

→ 26 नवम्बर, सन् 1949 ई. – संविधान निर्माण कार्य पूर्ण।

→ 26 जनवरी, सन् 1950 ई. – भारतीय संविधान लागू किया गया।

→ सन् 1964 ई. – दक्षिण अफ्रीका के नेल्सन मण्डेला एवं सात अन्य नेताओं को देश में रंगभेद से चलने वाली शासन व्यवस्था का विरोध करने के कारण आजीवन कारावास की सजा।

→ 26 अप्रैल, सन् 1994 ई. – दक्षिण अफ्रीका स्वतन्त्र होकर दुनिया का एक नया लोकतान्त्रिक देश बन गया।

→ डॉ.राजेन्द्र प्रसाद – भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष एवं देश के प्रथम राष्ट्रपति बने।

→ डॉ. भीमराव अम्बेडकर – भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष एवं स्वतन्त्र भारत के प्रथम कानून मन्त्री बने।

JAC Class 9th Social Science Notes Civics Chapter 2 संविधान निर्माण 

→ पं.जवाहरलाल नेहरू – अन्तरिम सरकार के प्रधानमन्त्री, बाद में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने।

→ सरोजिनी नायडू – कांग्रेस की प्रमुख महिला नेता। बाद में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनीं।

→ अबुल कलाम आजाद – राष्ट्रीय आन्दोलन में अग्रणी भूमिका, मुस्लिम अलगाववादी राजनीति के विरोधी, देश के प्रथम केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में शिक्षा मन्त्री बने।

→ टी. टी. कृष्णामचारी – कांग्रेस के प्रमुख नेता, प्रारूप कमेटी के सदस्य एवं बाद में केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में वित्त मन्त्री बने।

→ जी.दुर्गाबाई देशमुख – काँग्रेस की सक्रिय नेता, बाद में केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड की संस्थापक अध्यक्ष बनीं।

→ जयपाल सिंह – भारतीय हॉकी टीम के प्रथम कप्तान, बाद में झारखण्ड पार्टी के संस्थापक।

→ एच.सी. मुखर्जी – संविधान सभा के उपाध्यक्ष, बाद में बंगाल के राज्यपाल बने।

→ कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी – इतिहासकार और भाषाविद्, स्वतन्त्र पार्टी के संस्थापक, केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में मन्त्री भी रहे।

→ बलदेव सिंह – संविधान सभा में काँग्रेस द्वारा मनोनीत सदस्य। बाद में केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में मन्त्री रहे।

→ श्यामा प्रसाद मुखर्जी – अंतरिम सरकार में उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री, हिन्दू महासभा में सक्रिय, बाद में भारतीय जनसंघ की स्थापना की।

→ सोमनाथ लाहिड़ी – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता। बाद में पश्चिम बंगाल विधान सभा में सदस्य बने।

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JAC Class 9th Social Science Notes Civics Chapter 1 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

JAC Board Class 9th Social Science Notes  Civics Chapter 1 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

→ ‘डेमोक्रेसी’ शब्द जिसका अर्थ हिन्दी में लोकतन्त्र होता है, ‘डेमोक्रेशिया’ नामक यूनानी शब्द से बना है। यूनानी भाषा में ‘डेमोस’ का अर्थ होता है, ‘लोग’ एवं ‘क्रेशिया’ का अर्थ होता है, ‘शासन।’ इस प्रकार डेमोक्रेसी शब्द का अर्थ हुआ लोगों अर्थात् जनता का शासन।

→ अब्राहम लिंकन के अनुसार लोकतन्त्र का अभिप्राय है, “जनता का, जनता के लिए एवं जनता द्वारा शासन।”

→ लोकतन्त्र शासन का एक ऐसा रूप है जिसमें शासकों का चुनाव जनता करती है।

→ लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में अन्तिम निर्णय लेने की शक्ति चुने हुए प्रतिनिधियों के पास ही होती है।

→ लोकतन्त्र निष्पक्ष एवं स्वतन्त्र चुनावों पर आधारित होना चाहिए जिससे कि सत्ता में बैठे लोगों के लिए हार-जीत के समान अवसर उपलब्ध हों।

→ लोकतन्त्र राजनीतिक समानता के बुनियादी सिद्धान्त पर आधारित है। लोकतन्त्र में देश के प्रत्येक वयस्क नागरिक का एक मत होना चाहिए एवं प्रत्येक मत का एक समान मूल्य होना चाहिए।

→ एक लोकतान्त्रिक सरकार संवैधानिक कानूनों एवं नागरिक अधिकारों द्वारा खींची लक्ष्मण रेखाओं के भीतर ही कार्य करती है।

JAC Class 9th Social Science Notes Civics Chapter 1 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

→ सार रूप में यह कहा जा सकता है कि लोकतंत्र सरकार का एक ऐसा रूप है जिसमें शासकों का चुनाव लोग करते है।

→ लोकतंत्र में नेता बदलते रहते हैं इसलिए अस्थिरता बनी रही है तथा निर्णय लेने में भी देरी होती है।

→ लोकतंत्र में राजनैतिक लड़ाई और सत्ता के खेल के कारण नैतिकता की कोई जगह नहीं होती अत: भ्रष्टाचार में वृद्धि होती है।

→ सामान्य लोगों को पता नहीं होता है कि उनके लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा है जबकि लोकतंत्र के ऐसे ही लोग वोट के माध्यम से सरकार को चुनते हैं। अत: यह सही वयस्क नहीं हैं।

→ लोकतान्त्रिक शासन की पद्धति दूसरों से बेहतर है क्योंकि यह शासन का अधिक जवाबदेही वाला स्वरूप है तथा बेहतर निर्णय लेने की संभावना बढ़ाता है।

→ लोकतन्त्र मतभेदों एवं टकरावों को संभालने का तरीका उपलब्ध कराता है।

→ लोकतन्त्र नागरिकों के सम्मान में वृद्धि करता है। यह राजनीतिक समानता के सिद्धान्त पर आधारित है।

→ नागरिक के तौर पर हम जो भी काम करते हैं वह भी हमारे देश के लोकतंत्र को अच्छा या खराब बनाने में मदद करता है यह लोकतंत्र की ताकत है और कमजोरी भी यही है।

→ तानाशाही – इस प्रकार की व्यवस्था में सभी शक्तियाँ निजी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के एक छोटे से समूह के हाथों में होती हैं एवं तानाशाह किसी के प्रति उत्तरदायी नहीं होता है।

JAC Class 9th Social Science Notes Civics Chapter 1 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

→ राजशाही – इस प्रकार की व्यवस्था में किसी देश में राजा का शासन होता है। इसे राजतन्त्र के नाम से भी जाना जाता है। राजा वंशानुगत होता है।

→ लोकतन्त्र – जनता का शासन, जिसमें शासक जनता द्वारा निर्वाचित होते हैं।

→ लोकतान्त्रिक सरकार – यह एक प्रकार की सरकार है, जिसमें लोगों के हाथों में सभी शक्तियाँ होती हैं एवं सरकार लोगों के प्रति उत्तरदायी होती है। लोग अर्थात् जनता संवैधानिक साधनों द्वारा इसे बदल भी सकती है।

→ राजनीतिक समानता – देश की राजनीति में भाग लेने, चुनाव लड़ने, मत देने के अधिकार का बिना किसी भेदभाव के उपयोग करना राजनीतिक समानता कहलाता है।

→ प्रतिनिधित्व लोकतन्त्र – शासन की वह व्यवस्था जिसमें सभी लोगों द्वारा शासन नहीं किया जाता। जनता की ओर से उनके द्वारा चुने प्रतिनिधियों को निर्णय लेने की अनुमति प्रदान की जाती है।

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JAC Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 6 जनसंख्या

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वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए
(i) निम्न में से कौन-सा राज्य सबसे घना है?
(क) केरल
(ख) पश्चिम बंगाल
(ग) महाराष्ट्र
(घ) बिहार।
उत्तर:
(घ) बिहार।

(ii) भारत का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य कौन-सा है?
(क) महाराष्ट्र
(ख) उत्तर प्रदेश
(ग) राजस्थान
(घ) मध्य प्रदेश।
उत्तर:
(ख) उत्तर प्रदेश।

(iii) सन् 2011 में साक्षरता का प्रतिशत है
(क) 73.0%
(ख) 75%
(ग) 76.08%
(घ) 78.02%
उत्तर:
(क) 73.0%.

(iv) निम्न में से प्राथमिक व्यवसायों में सम्मिलित नहीं है
(क) मछली पालन
(ख) कृषि
(ग) पशुपालन
(घ) संचार।
उत्तर:
(क) लगभग दो तिहाई।

(v) निम्न में से किस राज्य में सर्वाधिक महिला साक्षरता पाई जाती है
(क) उत्तर प्रदेश
(ख) पंजाब
(ग) केरल
(घ) छत्तीसगढ़।
उत्तर:
(ग) केरल।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जनगणना क्या है? भारत में प्रथम बार जनगणना कब की गई थी?
उत्तर:
प्रत्येक 10 वर्ष पर आधिकारिक स्तर पर जनसंख्या की गणना को जनगणना कहते हैं। भारत में प्रथम बार जनगणना सन् 1872 में की गयी थी।

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प्रश्न 2.
भारत में सम्पूर्ण जनगणना सबसे पहले किस वर्ष की गयी?
उत्तर:
सन् 1881 में।

प्रश्न 3.
उन 5 राज्यों के नाम लिखिए जिनमें भारत की आधी जनसंख्या निवास करती है?
उत्तर:
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिमी बंगाल एवं आन्ध्र प्रदेश।

प्रश्न 4.
जनसंख्या की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य कौन-सा है?
उत्तर:
उत्तर प्रदेश।

प्रश्न 5.
क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य कौन-सा है?
उत्तर:
राजस्थान।

प्रश्न 6.
जनसंख्या घनत्व किसे कहते हैं? इसकी गणना कैसे की जाती है?
उत्तर:
प्रति इकाई क्षेत्रफल में रहने वाले लोगों की संख्या को जनसंख्या घनत्व कहते हैं। कुल जनसंख्या को जितने क्षेत्रफल में लोग निवास करते हैं उससे भाग देकर जनसंख्या घनत्व की गणना की जाती है।

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प्रश्न 7.
भारत का जनसंख्या घनत्व क्या है? सर्वाधिक एवं न्यूनतम जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर:
भारत का जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है। सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला राज्य बिहार है जहाँ जनसंख्या का घनत्व 1,102 व्यक्ति प्रति किमी है) एवं न्यूनतम जनसंख्या वाला राज्य अरुणाचल प्रदेश (17 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी.) है।

प्रश्न 8.
जनसंख्या में प्राकृतिक वृद्धि का क्या अर्थ है?
उत्तर:
जन्म-दर एवं मृत्यु-दर के बीच के अन्तर को प्राकृतिक वृद्धि कहते हैं।

प्रश्न 9.
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार साक्षर किसे माना गया है?
उत्तर:
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार 7 वर्ष या इससे अधिक उम्र का व्यक्ति जो किसी भी भाषा को ठीक से समझते हुए पढ़ और लिख सके, साक्षर माना गया

प्रश्न 10.
उन कारकों के नाम बताइए जिनके कारण जनसंख्या बदलती रहती है?
उत्तर:

  1. जन्म-दर,
  2. मृत्यु-दर,
  3. प्रवास।

प्रश्न 11.
प्रवास किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार का होता है?
उत्तर:
लोगों का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में चले जाने को प्रवास कहते हैं। प्रवास दो प्रकार का होता है:

  1. आन्तरिक प्रवास,
  2. अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास।

प्रश्न 12.
जनसंख्या पर प्रवास का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
प्रवास के कारण जिस क्षेत्र से लोग जाते हैं वहाँ की जनसंख्या घट जाती है तथा जिस क्षेत्र में लोग आते हैं वहाँ की जनसंख्या बढ़ जाती है।

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प्रश्न 13.
भारत की साक्षरता दर कितनी है? देश की पुरुष एवं महिला साक्षरता को भी बताइए।
उत्तर:
भारत की साक्षरता दर 73 प्रतिशत है जिसमें पुरुषों की साक्षरता दर 80.9 प्रतिशत एवं महिलाओं की साक्षरता दर 64.6 प्रतिशत है।

प्रश्न 14.
व्यवसाय में तीन वर्ग कौन-कौन से हैं? प्रत्येक के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

  1. प्राथमिक व्यवसाय-कृषि एवं पशुपालना
  2. द्वितीयक व्यवसाय-उद्योग एवं निर्माण कार्य।
  3. तृतीयक व्यवसाय-परिवहन एवं संचार।

प्रश्न 15.
किशोर जनसंख्या का आयु वर्ग कौन-सा है?
उत्तर:
10 से 19 वर्ष।

प्रश्न 16.
नवीनतम राष्ट्रीय जनसंख्या नीति कब घोषित की गयी?
उत्तर:
सन् 2000 में।

प्रश्न 17.
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति का एक प्रमुख उद्देश्य लिखिए।
उत्तर:
परिवार नियोजन को एक जनकेन्द्रित कार्यक्रम बनाने के लिए नीतिगत ढाँचा तैयार करना।

प्रश्न 18.
उत्तरी मैदान के अधिक जनसंख्या वाले तीन राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर:

  1. उत्तर प्रदेश,
  2. बिहार,
  3. पश्चिमी बंगाल।

प्रश्न 19.
किन राज्यों का जनसंख्या घनत्व 100 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. से कम है और क्यों?
उत्तर:

  1. जम्मू और कश्मीर,
  2. अरुणाचल प्रदेश,
  3. मिजोरम। इन राज्यों में जनसंख्या घनत्व कम होने का प्रमुख कारण विषम जलवायु एवं पर्वतीय क्षेत्र होना

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प्रश्न 20.
हमारे देश में समस्त विश्व का कुल कितना क्षेत्रफल पाया जाता है?
उत्तर:
2.4 प्रतिशत।

प्रश्न 21.
भारत के किन 2 राज्यों में लिंगानुपात महिलाओं के पक्ष में है?
उत्तर:
केरल तथा पुडुच्चेरी में।

प्रश्न 22.
आंध्र प्रदेश के पुनर्गठन के बाद कौन-सा नया राज्य बना?
उत्तर:
आंध्र प्रदेश के पुनर्गठन के बाद 2 जून 2014 को तेलंगाना भारत का नया राज्य बना।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जनसंख्या अध्ययन से सम्बन्धित तीन प्रमुख बिन्दु क्या हैं? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या अध्ययन से सम्बन्धित तीन प्रमुख बिन्दु निम्नलिखित हैं

  1. जनसंख्या का आकार एवं वितरण-व्यक्तियों की संख्या कितनी है एवं वह कहाँ रहते हैं?
  2. जनसंख्या वृद्धि एवं जनसंख्या परिवर्तन की प्रक्रिया-समय के साथ जनसंख्या में वृद्धि तथा इसमें परिवर्तन किस प्रकार हुआ?
  3. जनसंख्या की विशेषताएँ-जनसंख्या की उम्र, लिंगानुपात, साक्षरता स्तर, व्यावसायिक संरचना एवं स्वास्थ्य की अवस्था क्या है?

प्रश्न 2.
250 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. से कम जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर:
250 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. से कम जनसंख्या घनत्व वाले राज्य निम्नलिखित हैं
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैण्ड, जम्मू और कश्मीर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, सिक्किम।

प्रश्न 3.
भारत में जनसंख्या वृद्धि को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:

  1. भारत में जनसंख्या 1951 में 3,610 लाख से बढ़कर 2011 में 12,100 लाख हो गई।
  2. 1951 से 1981 तक भारत में तीव्र जनसंख्या वृद्धि दर्ज की गयी। यह जनसंख्या में तीव्र वृद्धि की व्याख्या करता है जो 1951 में 3,610 लाख से 1981 में 6,830 लाख हो गयी।
  3. 1981 से वृद्धि दर धीरे-धीरे कम होना शुरू हो गई, इस दौरान जन्म दर में तेजी से कमी आयी है फिर भी केवल 1990 में कुल जनसंख्या में 1,820 लाख की वृद्धि हुई।
  4. सरकारी प्रभावों एवं जनचेतना से सन् 2011 में भारत में 1.64 प्रतिशत जनसंख्या वृद्धि दर्ज की गई।

प्रश्न 4.
प्रवास के कारण जनसंख्या में किस तरह बदलाव आता है ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:

  1. प्रवास जनसंख्या परिवर्तन का महत्वपूर्ण घटक है, इससे न केवल जनसंख्या के आकार में परिवर्तन होता है बल्कि नगरीय एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में आयु एवं लिंग संरचना की दृष्टि से जनसंख्या में परिवर्तन आता है।
  2. भारत में ग्रामीण क्षेत्रों से प्रवास के कारण शहरों और नगरों की जनसंख्या में नियमित वृद्धि हुई है।
  3. भारत में नगरीय जनसंख्या जहाँ 1951 में कुल जनसंख्या का 17.29 प्रतिशत थी, वहीं यह 2011 में बढ़कर 31.80 प्रतिशत हो गई है।
  4. 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों की संख्या में पिछले दशक (2001 से 2011) के मध्य वृद्धि हुई है। यह संख्या 35 से बढ़कर 53 हो गई है।

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प्रश्न 5.
किसी भी देश की जनसंख्या को कितने वर्गों में बाँटा जा सकता है ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
किसी भी देश की जनसंख्या को निम्नलिखित तीन वर्गों में बाँटा जा सकता है

  1. बच्चे-इस वर्ग में सामान्यतया 15 वर्ष से कम उम्र की जनसंख्या आती है। ये आर्थिक रूप से उत्पादक नहीं होते हैं यह एक आश्रित जनसंख्या है।
  2. वयस्क-इस वर्ग में 15 से 59 वर्ष की उम्र की जनसंख्या आती है। यह आर्थिक रूप से उत्पादक होते हैं, यह जनसंख्या का कार्यशील वर्ग है।
  3. वद्ध-इस वर्ग में 59 वर्ष से अधिक उम्र की जनसंख्या आती है। यह आर्थिक रूप से उत्पादनशील अथवा अवकाश प्राप्त हो सकते हैं, यह स्वैच्छिक रूप से कार्य करते हैं।

प्रश्न 6.
लिंग संरचना से क्या तात्पर्य है? भारत के लिंग संरचना की प्रमुख विशेषता बताइए।
उत्तर:
लिंग संरचना से तात्पर्य महिला-पुरुष अनुपात से है। भारत की जनसंख्या में महिलाओं का अनुपात पुरुषों की अपेक्षा निरन्तर घटता जा रहा है। देश में सन् 1951 में 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 946 थी जो 1961 में 941, 1971 में 930, 1981 में 934, 1991 में 929, 2001 में 933 एवं 2011 में 943 रही है।

प्रश्न 7.
भारत की साक्षरता दर पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की साक्षरता दर 73 प्रतिशत थी जिसमें 80.9 प्रतिशत पुरुष तथा 64.6 प्रतिशत महिलाएँ साक्षर थीं। 2011 की जनगणना के अनुसार 7 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति जो किसी भाषा को लिख या पढ़ सकते हैं उन्हें साक्षर की श्रेणी में रखा गया था। साक्षरता के स्तर में यह कमी देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में बाधक है। अतः पूर्ण साक्षरता हेतु अभी और भी गम्भीरतापूर्वक प्रयास करने की आवश्यकता है।

प्रश्न 8.
भारत में व्यावसायिक गतिविधियों के तीन प्रमुख वर्ग कौन-से हैं? क्या वर्तमान समय में कोई व्यावसायिक बदलाव दर्ज किया गया?
उत्तर:
भारत में व्यावसायिक गतिविधियों के निम्न वर्ग हैं

  1. प्राथमिक व्यवसाय-इसमें कृषि, पशुपालन, वृक्षारोपण, मत्स्यपालन एवं खनन आदि क्रियाएँ सम्मिलित हैं।
  2. द्वितीयक व्यवसाय-इसमें विनिर्माण उद्योग, भवन एवं निर्माण कार्य आदि क्रियाएँ सम्मिलित हैं।
  3. तृतीयक व्यवसाय-इसमें परिवहन, संचार, वाणिज्य, प्रशासन एवं सेवाएँ आदि क्रियाएँ सम्मिलित हैं। वर्तमान समय में बढ़ते हुए औद्योगीकरण एवं शहरीकरण में वृद्धि के कारण भारत में व्यावसायिक गतिविधियों का झुकाव द्वितीयक एवं तृतीयक गतिविधियों की ओर हुआ है।

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प्रश्न 9.
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 में किशोरों की भलाई के लिए सरकार द्वारा कौन-कौन से कदम उठाए गए हैं?
उत्तर:
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति-2000 में किशोरों की भलाई के लिए सरकार द्वारा निम्नलिखित कदम उठाये गये हैं

  1. पोषणीय आवश्यकताओं के अतिरिक्त राष्ट्रीय जनसंख्या नीति-2000 में अवांछित गर्भधारण एवं यौन सम्बन्धों से फैलने वाली बीमारियों से सुरक्षा की ओर सरकार द्वारा बहुत अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
  2. राष्ट्रीय जनसंख्या नीति-2000 के अन्तर्गत ऐसे कार्यक्रम चलाए गए जो देर से विवाह करने एवं देर से सन्तानोत्पत्ति को प्रोत्साहित करते हैं।
  3. बाल विवाह को रोकने के कानूनों को मजबूत करना।
  4. खाद्य सम्पूरक एवं पोषणिक सेवाएँ उपलब्ध कराना।
  5. किशोर एवं किशोरियों को असुरक्षित यौन सम्बन्ध के कुप्रभावों के बारे में शिक्षित करना।
  6. गर्भनिरोधक सेवाओं की जनसाधारण तक पहुँच सुनिश्चित करना एवं उन्हें खरीद के भीतर लाना।

मानचित्र कार्य

प्रश्न 1.
2011 की जनगणना के अनुसार भारत के मानचित्र में सभी राज्यों की जनसंख्या की स्थिति को दर्शाइए।
उत्तर:
नोट-आंध्र प्रदेश के पुनर्गठन के बाद 2 जून 2014 को तेलंगाना भारत का 29 वां राज्य बना। लेकिन 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख को अलग-अलग केन्द्रशासित प्रदेश बनाया गया जिससे राज्यों की संख्या पुन: 28 हो गयी।

इस प्रकार दमन व दीव तथा दादरा नगर हवेली का 26 जनवरी, 2020 को विलय करके एक केन्द्रशासित प्रदेश दमन-दीव और दादरा नगर हवेली बनाया गया है जिसमें केन्द्र शासित प्रदेश 9 से घटकर 8 हो गये हैं। वर्तमान में 28 राज्य तथा 8 केन्द्रशासित प्रदेश हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत के राज्यों एवं केन्द्र शासित क्षेत्रों की जनसंख्या घनत्व की स्थिति को दर्शाता हुआ मानचित्र
JAC Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 6 जनसंख्या 1

प्रश्न 2.
2011 की जनगणना के आधार पर भारत की जनसंख्या वृद्धि दर को ग्राफ पर दर्शाइए।
उत्तर:
JAC Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 6 जनसंख्या 2

JAC Class 9 Social Science Important Questions

JAC Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन 

JAC Board Class 9th Social Science Important Questions Geography Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
(i) अर्जुन का सम्बन्ध किस प्रकार की वनस्पति से है
(क) पर्णपाती वन
(ख) उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन
(ग) मैंग्रोव
(घ) कंटीले वन।
उत्तर:
(क) पर्णपाती वन।

(ii) नंदादेवी जीवमण्डल निचय कौन से राज्य में स्थित है
(क) पंजाब
(ख) उत्तराखण्ड
(ग) उड़ीसा
(घ) कर्नाटक।
उत्तर:
(ख) उत्तराखण्ड।

(iii) आबनूस के वृक्ष कितनी वर्षा वाले क्षेत्र में पाये जाते हैं
(क) 200 सेमी.
(ख) 100 सेमी.
(ग) 70 सेमी.
(घ) 20 सेमी.।
उत्तर:
(क) 200 सेमी.।

(iv) कौन-सा पादप खाँसी और जुकाम की दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है?
(क) कचनार
(ख) तुलसी
(ग) बबूल
(घ) जामुन।
उत्तर:
(ख) तुलसी।

(v) भारतीय शेरों का प्राकृतिक वास स्थल है
(क) गिर वन
(ख) नन्दादेवी
(ग) सिमलीपाल
(घ) सुन्दर वन।
उत्तर:
(क) गिर वन।

(vi) विश्व के जीवमंडल निचय में सम्मिलित भारतीय जीवमंडल हैं
(क) सुन्दर वन
(ख) मन्नार की खाड़ी
(ग) कंचनजंघा।
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विश्व के बड़े जैव विविधता वाले कितने देश हैं?
उत्तर:
12 देश।

प्रश्न 2.
एशिया एवं समस्त विश्व में वनस्पति विविधता में भारत का स्थान बताइए।
उत्तर:
भारत का एशिया में चौथा एवं विश्व में दसवाँ स्थान है।

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प्रश्न 3.
प्राकृतिक वनस्पति क्या है? इसे अक्षत वनस्पति क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
पेड़-पौधों का वह समुदाय जो प्राकृतिक रूप से उगता है एवं बिना मानवीय सहायता के विकास करता है, उसे प्राकृतिक वनस्पति कहते हैं। चूंकि लम्बे समय से ये मानवों के हस्तक्षेप से मुक्त है, अत: इन्हें अक्षत वनस्पति भी कहते हैं।

प्रश्न 4.
प्राकृतिक वनस्पति के तीन रूप कौन-कौन से हैं?
उत्तर:

  1. वन,
  2. घास,
  3. झाड़ियाँ।

प्रश्न 5.
शंकुधारी वन कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर:
पर्वतों के ढलानों में जहाँ मृदा की परत गहरी है, वहाँ शंकुधारी वन पाये जाते हैं।

प्रश्न 6.
किसी भी स्थान पर सूर्य के प्रकाश का समय किस बात पर निर्भर करता है?
उत्तर:
किसी भी स्थान पर सूर्य के प्रकाश का समय उस स्थान के अक्षांश, समुद्र तल से ऊँचाई एवं ऋतु पर निर्भर करता है।

प्रश्न 7.
सन् 2003 में वनों का कुल क्षेत्रफल कितना था?
उत्तर:
68 लाख वर्ग किमी.।

प्रश्न 8.
राष्ट्रीय पार्क क्या है?
उत्तर:
यह प्राकृतिक वनस्पति, प्राकृतिक सुन्दरता और वन्य जीवों के परिरक्षण का एक आरक्षित क्षेत्र है, जैसे-कार्बेट राष्ट्रीय पार्क (उत्तराखण्ड), शिवपुरी राष्ट्रीय पार्क (म.प्र.)।

प्रश्न 9.
उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन कितनी वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाये जाते हैं?
उत्तर:
200 सेमी. से अधिक वर्षा वाले क्षेत्र में।

प्रश्न 10.
उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वाले वनों में पाये जाने वाले प्रमुख वृक्ष कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
आबनूस, महोगनी, रोजवुड, सिनकोना एवं रबड़।

प्रश्न 11.
भारत में सबसे अधिक क्षेत्र पर कौन-से प्रकार के वन फैले हुए हैं?
उत्तर:
उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन।

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प्रश्न 12.
भारत में पर्णपाती वनों का विस्तार कितनी वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाया जाता है?
उत्तर:
70 से लेकर 200 सेमी. वर्षा वाले क्षेत्रों में।

प्रश्न 13.
जल की उपलब्धता के आधार पर पर्णपाती वनों को कितने भागों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:

  1. आर्द्र पर्णपाती वन,
  2. शुष्क पर्णपाती वन।

प्रश्न 14.
आर्द्र पर्णपाती वनों के कोई दो क्षेत्र लिखिए।
उत्तर:

  1. झारखण्ड,
  2. पश्चिमी उड़ीसा।

प्रश्न 15.
कंटीले वन कितनी वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाये जाते हैं?
उत्तर:
70 सेमी. से कम वर्षा वाले क्षेत्रों में।

प्रश्न 16.
कंटीले वनों में पाये जाने वाले प्रमुख वृक्ष कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
कीकर, खजूर, नागफनी एवं बबूल।

प्रश्न 17.
कंटीले वनों में मुख्यतया कौन-कौन से जीव-जन्तु पाये जाते हैं?
उत्तर:
चूहे, खरगोश, लोमड़ी, भेड़िए, शेर, सिंह, जंगली गधा, घोड़े एवं ऊँट आदि।

प्रश्न 18.
1500 से 3000 मीटर की ऊँचाई पर किस प्रकार के वृक्ष मिलते हैं? कोई दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
शंकुधारी वृक्ष। उदाहरण पाइन, देवदार।

प्रश्न 19.
हिमरेखा क्या है?
उत्तर:
यह एक काल्पनिक रेखा है जिसके ऊपर के क्षेत्र में कभी बर्फ नहीं पिघलती है। यह क्षेत्र सदैव बर्फ से ढका रहता है।

प्रश्न 20.
किन घुमक्कड़ जातियों द्वारा अल्पाइन घास के मैदानों का पशुचारण के रूप में उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
गुज्जर और बक्करवाल घुमक्कड़ जातियों द्वारा।

प्रश्न 21.
मैंग्रोव वनों का प्रसिद्ध वृक्ष कौन-सा है?
उत्तर:
सुन्दरी वृक्षा

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प्रश्न 22.
मैंग्रोव वनस्पति कहाँ मिलती है?
उत्तर:
गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी, कृष्णा, कावेरी एवं गोदावरी नदियों के डेल्टाई भाग में यह वनस्पति मिलती है।

प्रश्न 23.
किस क्षेत्र में रॉयल बंगाल टाइगर पाये जाते हैं?
उत्तर:
मैंग्रोव वनस्पति वाले क्षेत्र में।

प्रश्न 24.
सर्पगंधा किस बीमारी में काम आता है?
उत्तर:
सर्पगंधा रक्तचाप के निदान हेतु काम आता है तथा यह केवल भारत में ही पाया जाता है।

प्रश्न 25.
आयुर्वेद में कितने पादपों का वर्णन है?
उत्तर:
लगभग 2000 पादपों का वर्णन है।

प्रश्न 26.
एक सींग वाला गैंडा कहाँ पाया जाता
उत्तर:
असम और पश्चिमी बंगाल के दलदली क्षेत्रों में।

प्रश्न 27.
जंगली गधे कहाँ मिलते हैं?
उत्तर:
कच्छ के रन में।

प्रश्न 28.
ऊँट कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर:
थार के मरुस्थल में।

प्रश्न 29.
एशियाई शेर कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर:
गुजरात के गिर वनों में।

प्रश्न 30.
याक कहाँ पाये जाते हैं? उत्तर-लद्दाख की बर्फीली पहाड़ियों में।

प्रश्न 31.
घड़ियाल विश्व के किस देश में पाया जाता है?
उत्तर:
भारत में।

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प्रश्न 32.
भारतीय जीव सुरक्षा अधिनियम कब लागू हुआ था?
उत्तर:
सन् 1972 में।

प्रश्न 33.
भारत में जंगली जीवों के लिए आरक्षित किन्हीं चार क्षेत्रों का नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. नीलगिरि,
  2. नंदादेवी,
  3. मन्नार की खाड़ी,
  4. सुन्दर वन।

प्रश्न 34.
पारिस्थितिक तन्त्र के असन्तुलन के कोई दो कारण लिखिए।
उत्तर:

  1. वनों की अन्धाधुन्ध कटाई,
  2. शिकार करना।

प्रश्न 35.
भारत में साइबेरियन सारस किस ऋतु में आते हैं?
उत्तर:
शीत ऋतु में।

प्रश्न 36.
किन्हीं दो नेशनल पार्को के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. कान्हा,
  2. रणथम्भौर।

प्रश्न 37.
किन्हीं दो वन्य प्राणी अभयवनों का नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. सरिस्का,
  2. चन्द्रप्रभा।

प्रश्न 38.
भारत सरकार ने पादप उद्यानों को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता देने की योजना कब बनायी?
उत्तर:
सन् 1992 में।

प्रश्न 39.
देशज वनस्पति और विदेशज वनस्पति में क्या अन्तर है?
उत्तर:
मूलरूप से जो पौधे भारतीय हैं उन्हें देशज वनस्पति कहते हैं। जो पौधे बाहर से लाये गये उन्हें विदेशज वनस्पति कहते हैं।

प्रश्न 40.
जैव आरक्षित क्षेत्र क्या है?
उत्तर:
और दक्षिण क्षेत्र का एक-एक उदाहरण दें।।
उत्तर:
भारत की जैव विविधता के परिरक्षण और संरक्षण क्षेत्र को जैव आरक्षित क्षेत्र कहा जाता है। उत्तरी क्षेत्र में जैव आरक्षित क्षेत्र ‘फूलों की घाटी’ (उत्तराखण्ड) है। दक्षिणी क्षेत्र में ‘नीलगिरी’ (केरल) में है। प्रथम क्षेत्र को नन्दादेवी जैव आरक्षित क्षेत्र तथा द्वितीय को नीलगिरी जैव आरक्षित क्षेत्र कहते हैं।

प्रश्न 41.
भारत में कितने प्रकार के जीव-जन्तु, कितनी प्रकार की वनस्पतियाँ और कितने प्रकार के पक्षी मिलते हैं।
उत्तर:
90,000 प्रकार के जीव-जन्तु, 47000 प्रकार की वनस्पतियाँ और 2,000 प्रकार के पक्षी मिलते हैं।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पर्वतीय प्रदेशों में ऊँचाई के अनुसार वनस्पति की पेटियों के बारे में संक्षेप में बताइए।
उत्तर:

  1. 1000 मीटर से 2000 मीटर की ऊँचाई वाले क्षेत्रों में आर्द्र-शीतोष्ण कटिबन्धीय वन पाये जाते हैं। इन वनों के प्रमुख वृक्षों में ओक एवं चेस्टनट प्रमुख हैं।
  2. 1500 से 3000 मीटर की ऊँचाई के बीच शंकुधारी वृक्ष पाये जाते हैं; जैसे-चीड़, देवदार, सिल्वर फर, स्प्रूस, सीडर आदि।
  3. 3600 मीटर से अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में अल्पाइन वन पाये जाते हैं जिनमें सिल्वर-फर, जूनिपर, पाइन व बर्च प्रमुख हैं।
  4. इससे अधिक ऊँचाई पर टुण्ड्रा वनस्पति, मॉस, लिचन घास आदि मिलती हैं।

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प्रश्न 2.
उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वनों की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए। उत्तर-उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वनों को सदाबहार वन भी कहते हैं। इनकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. ये वन 200 सेमी. से अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाये जाते हैं। इन क्षेत्रों में लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, असम के ऊपरी भाग एवं तमिलनाडु का तटीय क्षेत्र प्रमुख हैं।
  2. इन वनों में वृक्षों की ऊँचाई 60 मीटर या उससे अधिक होती है।
  3. इन वनों में सभी प्रकार की वनस्पति-वृक्ष, झाड़ियाँ एवं लताएँ उगती हैं।
  4. ये वन वर्षभर हरे-भरे रहते हैं।
  5. इन वनों में व्यापारिक महत्व के वृक्ष, जैसे-आबनूस (एबोनी), महोगनी, रोजवुड, रबड़ एवं सिनकोना आदि मिलते हैं।
  6. इन वनों में हाथी, बन्दर, लैमूर एवं हिरण आदि जानवर मिलते हैं।

प्रश्न 3.
शुष्क पर्णपाती एवं आर्द्र पर्णपाती वनों की तुलना कीजिए।
उत्तर:
शुष्क पर्णपाती एवं आर्द्र पर्णपाती वनों की तुलना निम्न प्रकार से हैशुष्क पर्णपाती वन

शुष्क पर्णपाती वन आर्द्र पर्णपाती वन
1. ये वन उन क्षेत्रों में पाये जाते हैं, जहाँ वर्षा 70 सेमी. से 100 सेमी. के बीच होती है। 1. ये वन उन क्षेत्रों में पाये जाते हैं जहाँ वर्षा 100 से 200 सेमी. के बीच होती है।
2. ये वन प्रायद्वीपीय पठारी क्षेत्रों, उत्तर प्रदेश एवं बिहार के मैदानी क्षेत्रों में पाये जाते हैं। 2. ये वन देश के पूर्वी एवं उत्तरी-पूर्वी राज्यों, हिमालय के गिरिपाद प्रदेश, झारखण्ड, पश्चिमी उड़ीसा, छत्तीसगढ़ एवं पश्चिमी घाटों के पूर्वी ढालों पर पाये जाते हैं।
3. इन वनों के प्रमुख वृक्षों में सागौन, साल, पीपल एवं नीम आदि हैं। 3. इन वनों के प्रमुख वृक्षों में सागौन, बाँस, साल, शीशम, चंदन, खैर, कुसुम, अर्जुन एवं शहतूत आदि हैं।

प्रश्न 4.
काँटेदार वनों के वृक्षों की प्रमुख विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर:
काँटेदार वनों के वृक्षों की प्रमुख विशेषताएँ निम्न हैं

  1. ये वन 70 सेमी. से कम वर्षा वाले क्षेत्रों में पाये जाते हैं।
  2. इन वनों में कंटीले वृक्ष एवं झाड़ियाँ पायी जाती हैं; जैसे-बबूल, खजूर, नागफनी आदि।
  3. इन वनों के वृक्ष बिखरे हुए मिलते हैं।
  4. इन वनों के वृक्षों की जड़ें लम्बी तथा पानी की तलाश में चारों ओर फैली होती हैं।
  5. इन वनों की पत्तियाँ अधिक मोटी एवं छोटी होती हैं जिससे कि वाष्पीकरण कम से कम हो सके।

प्रश्न 5.
पारिस्थितिक तंत्र के असन्तुलन के प्रमुख कारण कौन-कौन से हैं? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
पारिस्थितिक तंत्र के असन्तुलन के निम्नलिखित कारण हैं

  1. लालची व्यापारियों द्वारा अपने व्यवसाय के लिए जीव-जन्तुओं का अत्यधिक शिकार करना।
  2. रासायनिक एवं औद्योगिक अपशिष्टों की मात्रा में वृद्धि।
  3. विदेशी प्रजातियों का प्रवेश एवं रोपण।
  4. कृषि एवं निवास के लिए वनों की अन्धाधुन्ध कटाई।
  5. पर्यावरण का प्रदूषित होना।
  6. तीव्र जनसंख्या वृद्धि।

JAC Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन 

प्रश्न 6.
भारत में पायी जाने वाली औषधीय वनस्पतियों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारत में निम्नलिखित औषधीय वनस्पतियाँ प्रमुख रूप से पायी जाती हैं

  1. सर्पगंधा-इसका उपयोग रक्तचाप के उपचार में होता है। यह केवल भारत में ही पायी जाती है।
  2. जामुन-जामुन के बीज से बनाया गया पाउडर मधुमेह रोग में काम आता है। इसके फल से सिरका बनाया जाता है जो वायुसारी एवं मूत्रवर्धक है।
  3. अर्जुन-इसके पत्तों से निकाला गया रस कान के दर्द को ठीक करता है। यह रक्तचाप के इलाज में भी काम आता है।
  4. बबूल-इससे प्राप्त गोंद शारीरिक शक्ति में वृद्धि करता है।
  5. नीम-यह प्रतिजैविक एवं बैक्टीरियारोधी होता है।
  6. तुलसी इसका उपयोग जुकाम और खाँसी की दवाई के निर्माण में होता है।
  7. कचनार-इसका उपयोग दमा और अल्सर के निदान में होता है।

प्रश्न 7.
हमारी जैव विविधता को संरक्षित रखने के लिए भारत सरकार ने कौन-कौन से कदम उठाये हैं? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
हमारी जैव विविधता को संरक्षित रखने के लिए सरकार ने निम्न कदम उठाये हैं

  1. देश में 18 जीवमंडलनिचय (आरक्षित क्षेत्र) की स्थापना की गयी है। इनमें से 10 को विश्व जीवमंडल निचय में शामिल किया गया है। इनमें सुन्दरवन, नन्दादेवी, मन्नार की खाड़ी, नीलगिरी, नाकरेक, ग्रेट निकोबार, मानस, सिमलीपाल, पंचमढ़ी, और अचनकमर-अमरकंटक शामिल हैं।
  2. सन् 1992 से ही भारत सरकार पादप उद्यानों को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है।
  3. सरकार ने शेर संरक्षण, गैंडा संरक्षण, भारतीय भैसा संरक्षण एवं पारिस्थितिक तन्त्र के सन्तुलन के लिए कई योजनाएँ संचालित कर रखी हैं।
  4. सरकार द्वारा प्राकृतिक विरासत की देखभाल के लिए 103 राष्ट्रीय उद्यान तथा 535 वन्य प्राणी अभयारण्यों की स्थापना की गई है।

प्रश्न 8.
वनस्पतियों की विविधता को प्रभावित करने वाले कारकों को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
वनस्पतियों की विविधता को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं

  1. भूमि: भूमि का वनस्पति पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पड़ता है। उपजाऊ समतल भूमि का उपयोग कृषि के लिए किया जाता है। ऊबड़-खाबड़ असमतल भू-भाग पर जंगल एवं घास के मैदान पाये जाते हैं।
  2. मृदा विभिन्न मृदा प्रकारों में विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ विकसित होती हैं। बलुई मृदा में कंटीली झाड़ियाँ एवं नदियों के डेल्टा क्षेत्र में पर्णपाती वन पाये जाते हैं। पर्वतीय ढलानों पर शंकुधारी वन पाये जाते हैं।
  3. तापमान तापमान की वृद्धि एवं कमी वनस्पति के पनपने एवं बढ़ने को प्रभावित करती है। कम तापमान वाले क्षेत्रों में अल्पाइन वनस्पति का विकास होता है।
  4. सूर्य का प्रकाश-सूर्य का प्रकाश अधिक समय तक मिलने से वृक्ष ग्रीष्म ऋतु में शीघ्र बढ़ते हैं।
  5. वर्षा-कम वर्षा वाले क्षेत्रों की तुलना में अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में अधिक सघन वनस्पतियाँ पायी जाती हैं।

JAC Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन 

प्रश्न 9.
भारत में जैवमण्डल निचय क्षेत्र कौन-कौन से हैं? नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत में 18 जैवमण्डल निचय क्षेत्र हैं, जो निम्नलिखित हैं
सुन्दरवन, सिमलीपाल, मन्नार की खाड़ी, दिहांग-दिबांग, नाकरेक, पंचमढ़ी, ग्रेट निकोबार, मानस, नंदादेवी, डिब्रु साइकवोवा, कंचनजुंगा, अचनकमर-अमरकंटक, अगस्त्यमलाई, नीलगिरी, कच्छ, ठंडा रेगिस्तान, शेष अचलम, पन्ना।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में प्राकृतिक वनस्पति के प्रकार और उनकी विशेषताओं को विस्तार से बताइए।
उत्तर:
भारत में प्राकृतिक वनस्पति के प्रकार एवं उनकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
1. उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन:
ये वन पश्चिमी घाटों के अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूहों, असम के ऊपरी भागों एवं तमिलनाडु के तट तक सीमित हैं। इन वनों के वृक्षों में पतझड़ का कोई निश्चित समय नहीं होता है इसलिए ये सदैव हरित रहते हैं जिसके कारण इन वनों को सदाबहार वन भी कहा जाता है। ये वन 200 सेमी. से अधिक वर्षा वाले भागों में पाए जाते हैं। इन वनों की ऊँचाई 60 मीटर या उससे अधिक होती है।

इन वनों के मुख्य वृक्ष ताड़, जामुन, महोगनी, आबनूस, रोजवुड, बैंत, नारियल, सिनकोना इत्यादि हैं। इन वनों में हाथी, बंदर, लैमूर, हिरण आदि जानवर पाये जाते हैं। एक सींग वाले गैंडे असम और पश्चिमी बंगाल के दलदली क्षेत्र में मिलते हैं। इसके अतिरिक्त इन वनों में कई प्रकार के पक्षी, चमगादड़ तथा रेंगने वाले जीव भी पाए जाते हैं।

2. उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन:
इन वनों को मानसूनी वन भी कहते हैं। ये वन 100 से 200 सेमी. वर्षा वाले भागों में पाए जाते हैं। इस प्रकार के वनों में वृक्ष ग्रीष्म ऋतु में छह से आठ सप्ताह के लिए अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं, जिसके कारण इन वनों को पर्णपाती वन कहते हैं, ये वन भारत के सर्वाधिक भाग पर पाये जाते हैं। ये वन कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में पाए जाते हैं।

साल और सागौन इन वनों के महत्वपूर्ण वृक्ष हैं। आर्थिक महत्व के अन्य वृक्ष चंदन, शीशम, रोजवुड, महुआ, नीम, खैर तथा आम हैं। इन वनों में पाए जाने वाले जानवर प्रायः शेर, सूअर, हिरण और हाथी हैं। विविध प्रकार के पक्षी, छिपकली, साँप और कछुए भी पाए जाते हैं।

3. कंटीले वन तथा झाड़ियाँ:
ये वन 70 सेमी. से कम वर्षा वाले भागों में पाए जाते हैं इसलिए इनको शुष्क वन भी कहते हैं। भारत में ये वन मुख्यत: गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब तथा उत्तर प्रदेश में उगते हैं। अकासिया, खजूर (पाम), यूफोरबिया तथा नागफनी (कैक्टाई) यहाँ की मुख्य पादप प्रजातियाँ हैं।

इन वनों में पाए जाने वाले वृक्षों की जड़ें लम्बी तथा जल की तलाश में चारों ओर फैली हुई होती हैं। पत्तियाँ प्राय: छोटी होती हैं जिनसे वाष्पीकरण कम से कम हो सके। इन वनों में प्राय: चूहे, खरगोश, लोमड़ी, भेड़िए, शेर, जंगली गधा तथा ऊँट पाए जाते हैं।

4. पर्वतीय वन:
यह वनस्पति अत्यन्त ऊँचे स्थानों, जैसे–समुद्र तल से 3,600 मीटर से भी अधिक ऊँचे स्थानों में उगती है। इस क्षेत्र की वनस्पति में ऊँचाई के अनुसार अन्तर आता जाता है। चीड़, देवदार तथा जुनिपर, सिल्वर फर, बर्च इन वनों के प्रमुख वृक्ष हैं। इन वनों में प्राय: कश्मीरी महामृग, चितरा हिरण, जंगली भेड़, खरगोश, याक, हिम तेंदुआ, घने बालों वाली भेड़ें तथा बकरियाँ आदि पाई जाती हैं।

5. मैंग्रोव वन (ज्वारीय वन):
ये वन तटीय प्रदेशों में नदियों के डेल्टाई भागों में पाए जाते हैं, इसलिए इनको डेल्टाई वन भी कहते हैं। समुद्र में ज्वार उठने के समय इन क्षेत्रों में समुद्र का खारा पानी भर जाता है। जो इन वनों के वृक्षों के लिए उपयुक्त होता है। इन वनों का प्रमुख क्षेत्र गंगा-ब्रह्मपुत्र का डेल्टा है। महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी नदियों के डेल्टा प्रदेशों में भी ये वन पाए जाते हैं।

गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा में सुन्दरी वृक्ष पाए जाते हैं, नारियल, ताड़, क्योड़ा एवं ऐंगार के वृक्ष भी इन भागों में पाए जाते हैं। इस क्षेत्र का प्रसिद्ध जानवर रॉयल बंगाल टाइगर है। इसके अतिरिक्त कछुए, मगरमच्छ, घड़ियाल आदि जानवर भी इन वनों में पाए जाते हैं।

JAC Class 9 Social Science Important Questions

JAC Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 4 जलवायु 

JAC Board Class 9th Social Science Important Questions Geography Chapter 4 जलवायु

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे दिये गये चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
(i) जेट स्ट्रीम जिसका अंग है, वह है
(क) वाताग्र
(ख) चक्रवात
(ग) लू
(घ) उच्च स्तरीय वायु संचरण।
उत्तर:
(घ) उच्च स्तरीय वायु संचरण।

(ii) भारत की जलवायु है
(क) मानसूनी
(ख) भूमध्य रेखीय
(ग) भूमध्य सागरीय
(घ) चीन तुल्य।
उत्तर:
(क) मानसूनी।

(iii) किसी भी क्षेत्र की जलवायु को नियन्त्रित करने वाले कारक हैं
(क) अक्षांश
(ख) ऊँचाई
(ग) समुद्र से दूरी
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।

(iv) 27° से 30° उत्तर अक्षांशों के बीच स्थित वायुधारा का नाम है
(क) गल्फ धारा
(ख) जेट धारा
(ग) चक्रवात्
(घ) व्यापारिक हवाएँ। .
उत्तर:
(ख) जेट धारा।

(v) भारत के उत्तरी-पश्चिमी राज्यों से मानसून की वापसी प्रारम्भ हो जाती है
(क) सितम्बर से
(ख) अक्टूबर से
(ग) नवम्बर से
(घ) दिसम्बर से।
उत्तर:
(क) सितम्बर से।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जलवायु किसे कहते हैं?
उत्तर:
एक विस्तृत क्षेत्र में एक लम्बे समय में मौसम की औसत अवस्थाओं और विभिन्नताओं का कुल योग जलवायु कहलाता है।

प्रश्न 2.
मौसम किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी विशेष समय में एक क्षेत्र में उपस्थित वायुमण्डलीय अवस्था को उस क्षेत्र का मौसम कहते हैं।

प्रश्न 3.
मौसम और जलवायु के तत्व कौन-कौन से हैं?
उत्तर:

  1. तापमान,
  2. वायुमण्डलीय दाब,
  3. पवन,
  4. आर्द्रता,
  5. वर्षा।

JAC Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 4 जलवायु

प्रश्न 4.
मानसून शब्द की उत्पत्ति कहाँ से हुई है?
उत्तर:
मानसून शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा के ‘मौसिम’ शब्द से हुई है। जिसका शब्दिक अर्थ है-मौसम।

प्रश्न 5.
मानसून का क्या अर्थ है?
उत्तर:
एक वर्ष के दौरान वायु की दिशा में ऋतु के अनुसार परिवर्तन को मानसून कहते हैं।

प्रश्न 6.
किसी भी क्षेत्र की जलवायु को नियन्त्रित करने वाले प्रमुख कारक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:

  1. अक्षांश,
  2. ऊँचाई,
  3. वायुदाब,
  4. पवन तन्त्र,
  5. समुद्र से दूरी,
  6. महासागरीय धाराएँ,
  7. उच्चावच लक्षण।

प्रश्न 7.
भारत की जलवायु में उष्ण एवं उपोष्ण दोनों प्रकार की जलवायु के लक्षण पाये जाते हैं, क्यों?
उत्तर:
कर्क रेखा हमारे देश के बीचों-बीच से होकर गुजरती है। इस अक्षांश के दक्षिण का क्षेत्र उष्ण होता है, जबकि उत्तर का क्षेत्र उपोष्ण होता है।

प्रश्न 8.
मध्य एशिया से आने वाली हवाओं को भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवेश करने से कौन रोकता है?
उत्तर:
हिमालय पर्वत।

प्रश्न 9.
उन वायुमण्डलीय कारकों के नाम बताइए जो भारत के जलवायु एवं उससे सम्बन्धित मौसमी परिस्थितियों को नियन्तित करते हैं।
उत्तर:

  1. वायुदाब एवं धरातलीय पवनें।
  2. ऊपरी वायु परिसंचरण।
  3. पश्चिमी चक्रवाती विक्षोभ एवं उष्ण कटिबन्धीय चक्रवात।

प्रश्न 10.
भारत कौन-सी पवनों वाले क्षेत्र में स्थित है?
उत्तर:
भारत उत्तरी-पूर्वी व्यापारिक पवनों वाले क्षेत्र में स्थित है।

प्रश्न 11.
भारतीय मुख्य भूमि पर अधिकतम वर्षा किन हवाओं से प्राप्त होती है?
उत्तर:
दक्षिण-पश्चिमी मानसून पवनों से।

प्रश्न 12.
दक्षिण-पश्चिमी मानसून की उत्पत्ति का क्या कारण है?
उत्तर:
प्रीष्मकाल में उत्तर के स्थलीय भू-भागों में निम्न वायुदाब एवं समुद्री भागों में उच्च वायुदाब होने के कारण दक्षिण-पश्चिमी मानसून उत्पन्न होता है।

प्रश्न 13.
जेट धारा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
क्षोभमण्डल में अत्यधिक ऊँचाई (12000 मीटर से अधिक) एक संकरी पट्टी में चलने वाली पवनों को जेट धारा कहते हैं।

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प्रश्न 14.
पश्चिमी चक्रवातीय विक्षोभ क्या है?
उत्तर:
यह शीत ऋतु में घटित होने वाली मौसमी प्रक्रिया है जो भूमध्य सागरीय क्षेत्र से पश्चिमी हवाओं के बहने के कारण उत्पन्न होता है।

प्रश्न 15.
अंतः उष्ण कटिबन्धीय अभिसरण क्षेत्र क्या है?
उत्तर:
यह विषुवतीय अक्षांशों में स्थित एक निम्न दाब का क्षेत्र है। यहीं पर उत्तरी-पूर्वी एवं दक्षिणी-पूर्वी व्यापारिक पवनें आपस में मिलती हैं।

प्रश्न 16.
एलनीनो क्या है?
उत्तर:
यह एक गर्म समुद्री जलधारा है जो पेरू की ठण्डी धारा के स्थान पर प्रत्येक 2 से 5 वर्ष के अन्तराल में पेरूू तट से होकर बहती है।

प्रश्न 17.
एलनीनो दक्षिणी दोलन क्या है?
उत्तर:
वायुदाब की अवस्था में परिवर्तन का सम्बन्ध एलनीनो से है। अर्थात् इस प्रक्रिया को एलनीनो दक्षिणी दोलन कहते हैं।

प्रश्न 18.
एलनीनो का क्या प्रभाव है?
उत्तर:
एलनीनो के कारण क्षेत्र में समुद्र की सतह के तापमान में वृद्धि हो जाती है और व्यापारिक पवनें कमजोर पड़ जाती हैं।

प्रश्न 19.
मानसून का समय क्या है?
उत्तर:
जून के मध्य से सितम्बर तक।

प्रश्न 20.
मानसून प्रस्फोट से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
मानसून के आगमन के समय सामान्य वर्षा में अचानक वृद्धि हो जाती है एवं लगातार कई दिनों तक यह स्थिति चलती रहती है। इसे ही मानसून प्रस्फोट (फटना) कहते हैं।

प्रश्न 21.
भारत में मानसून प्रवेश करते समय कितनी शाखाओं में विभाजित हो जाता है?
उत्तर:

  1. अरब सागर शाखा।
  2. बंगाल की खाड़ी शाखा।

प्रश्न 22.
मानसून की दोनों शाखाएँ एक-दूसरे से कहाँ मिलती हैं?
उत्तर:
मानसून की दोनों शाखाएँ गंगा के मैदान के उत्तरी-पश्चिमी भाग में आपस में मिलती हैं।

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प्रश्न 23.
भारत में मानसून की सबसे पहली वर्षा कहाँ होती है?
उत्तर:
द्वीपों पर।

प्रश्न 24.
भारत में मानसून का वापस लौटना कब प्रारम्भ होता है एवं कब मानसून पूरी तरह से वापस हो। चुका होता है?
उत्तर:
सितम्बर की शुरुआत में भारत के उत्तरी-पश्चिमी राज्यों से मानसून का लौटना प्रारम्भ हो जाता है और दिसम्बर की शुरुआत तक मानसून देश से पूरी । तरह वापस हो चुका होता है।

प्रश्न 25.
शीत ऋतु में तमिलनाडु में कुछ मात्रा में वर्षा क्यों होती है?
उत्तर:
क्योंकि उस क्षेत्र में उत्तरी-पूर्वी व्यापारिक पवनें समुद्र से स्थल की ओर बहती हैं।

प्रश्न 26.
महावट किसे कहते हैं?
उत्तर:
शीतकाल में भूमध्य सागर से आने वाले चक्रवातों से होने वाली वर्षा को महावट कहते हैं।

प्रश्न 27.
‘लू’ क्या है?
उत्तर:
भारत के उत्तरी-पश्चिमी भागों में मई और जन के महीनों में दिन के समय बहने वाली गरम एवं शुष्क हवाओं को ‘लू’ कहते हैं।

प्रश्न 28.
काल वैशाखी का क्या अर्थ है?
उत्तर:
ग्रीष्म ऋतु में कभी-कभी तीव्र हवाओं के साथ गरज वाली मूसलाधार वर्षा भी होती है। इसके साथ प्रायः हिमवृष्टि भी होती है। इसे पश्चिमी बंगाल में काल वैशाखी कहते हैं।

प्रश्न 29.
आम्रवृष्टि से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
ग्रीष्म ऋतु के अन्त में कर्नाटक और केरल में मानसून से पूर्व होने वाली वर्षा को आम्रवृष्टि कहते हैं। यह वर्षा आम की फसल को शीघ्र पकाने में सहायक होती

प्रश्न 30.
अनावृष्टि का क्या अर्थ है?
उत्तर:
जब किसी क्षेत्र में वर्षा नहीं होती या नाममात्र को ही होती है उसे अनावृष्टि या सूखा कहते हैं।

प्रश्न 31.
मानसून में आने वाले विराम किससे ! सम्बन्धित होते हैं?
उत्तर:
मानसून में आने वाले विराम मानसूनी गर्त | की गति से सम्बन्धित होते हैं।

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प्रश्न 32.
कोरोमण्डल तट पर अधिकतर वर्षा किससे होती है?
उत्तर:
चक्रवातों एवं अवदाबों से।

प्रश्न 33.
मानसून का विशिष्ट लक्षण लिखिए।
उत्तर:
वर्षा की अनिश्चितता एवं उसका असमान वितरण।

प्रश्न 34.
पश्चिमी विक्षोभ का उत्पत्ति स्थान कौन-सा है?
उत्तर:
भूमध्य सागर।

प्रश्न 35.
शीत ऋतु में देश के उत्तरी-पश्चिमी भागों में वर्षा का प्रमुख कारण क्या है?
उत्तर:
पश्चिमी विक्षोभा

प्रश्न 36.
अरब सागरीय मानसून शाखा से सर्वाधिक वर्षा किस भाग में होती है?
उत्तर:
पश्चिमी घाट के पवनोन्मुखी ढालों पर।

प्रश्न 37.
भारत की ऋतुओं के नाम बताइए।
उत्तर:

  1. शीत ऋतु,
  2. ग्रीष्म ऋतु,
  3. मानसून के आगमन की ऋतु,
  4. मानसून के वापसी की ऋतु।

प्रश्न 38.
कोरिऑलिस बल क्या है?
उत्तर:
पृथ्वी के घूर्णन से उत्पन्न होने वाला बल। यह बल पवनों को उत्तरी गोलार्द्ध में दाहिनी ओर और दक्षिणी गोलार्द्ध में बायीं ओर मोड़ता है। इसे फेरेल का नियम भी कहा जाता है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
दक्षिणी दोलन क्या है? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
जब दक्षिणी प्रशान्त महासागर के उष्ण कटिबन्धीय पूर्वी भाग में उच्च दाब होता है तो हिन्द महासागर के उष्ण कटिबन्धीय पूर्वी भाग में निम्न दाब होता है लेकिन कुछ विशेष वर्षों में वायुदाब की यह स्थिति विपरीत हो जाती है एवं पूर्वी प्रशान्त महासागर के ऊपर हिन्द महासागर की तुलना में निम्न दाब का क्षेत्र बन जाता है। दाब की अवस्था में इस नियतकालिक परिवर्तन को दक्षिणी दोलन कहा जाता है।

प्रश्न 2.
भारत में मानसून किस प्रकार पहुँचता है? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
जून के प्रारम्भ में उत्तरी मैदानों में एक निम्न दाब क्षेत्र का निर्माण हो जाता है। इस कारण दक्षिणी गोलार्द्ध से व्यापारिक पवनें इस ओर आकर्षित होती हैं। इन व्यापारिक पवनों की उत्पत्ति दक्षिणी समुद्रों के उपोष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र में होती है। चूँकि ये पवनें गर्म महासागरों के ऊपर से गुजरती हैं, इसलिए ये अपने साथ इस उपमहाद्वीप में बहुत अधिक मात्रा में नमी लाती हैं। ये पवनें तीव्र होती हैं और सुदूर उत्तरी-पूर्वी भाग को छोड़कर देश के शेष भाग में लगभग 2 महीने में पहुँच जाती हैं। भारत में ये पवनें दक्षिणी-पश्चिमी मानसून के रूप में प्रवेश करती हैं।

प्रश्न 3.
लौटते हुए मानसून पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
सूर्य के दक्षिण की ओर आभासी गति के कारण अक्टूबर-नवम्बर के महीने के दौरान उत्तरी मैदान में निम्न दाब की स्थिति कमजोर होनी प्रारम्भ हो जाती है। धीरे-धीरे उच्च दाब प्रणाली इसका स्थान ले लेती है। फलस्वरूप दक्षिण-पश्चिमी मानसून कमजोर होकर लौटना प्रारम्भ कर देता है। मानसून की इस वापसी को स्वच्छ आकाश एवं दिन का बढ़ता तापमान, रातें ठण्डी एवं सुहावनी के रूप में पहचाना जा सकता है। अक्टूबर के आरम्भ तक, उत्तरी मैदानों से मानसून की वापसी हो चुकी होती है।

प्रश्न 4.
भारत में निम्न वर्षा वाले क्षेत्र कौन-कौन से हैं? बताइए।
उत्तर:
भारत में निम्न वर्षा वाले क्षेत्र निम्नलिखित हैं

  1. पश्चिमी राजस्थान एवं उससे जुड़े पंजाब, हरियाणा एवं गुजरात के भागों में वर्षा बहुत कम होती है। इन क्षेत्रों में 60 सेमी. से भी कम वार्षिक वर्षा होती है।
  2. दक्षिण के पठार के आन्तरिक भागों एवं सह्याद्रि के पूर्वी भाग में सामान्य रूप से कम वर्षा प्राप्त होती है।
  3. जम्मू-कश्मीर के लेह में भी वर्षा की मात्रा बहुत कम होती है।

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प्रश्न 5.
भारत में वर्षा के वितरण को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
भारत में वर्षा का वितरण निम्नलिखित है

  1. पश्चिमी तट एवं उत्तरी पूर्वी भारत में वार्षिक वर्षा 400 सेमी. से भी अधिक होती है।
  2. पश्चिमी राजस्थान एवं उससे लगे गुजरात, हरियाणा एवं पंजाब में वार्षिक वर्षा 60 सेमी. से भी कम होती है।
  3. दक्षिण के पठार, सह्याद्रि के पूर्वी भाग में 60 सेमी. से भी कम वार्षिक वर्षा होती है।
  4. जम्मू-कश्मीर के लेह क्षेत्र में 20 सेमी. से भी कम वर्षा होती है।

प्रश्न 6.
दक्षिण-पश्चिमी मानसून की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
दक्षिण-पश्चिमी मानसून की प्रमुख विशेषताएँ निम्न हैं

  1. दक्षिण-पश्चिम में मानसून की अवधि जून से सितम्बर तक होती है।
  2. इन महीनों में उत्तर भारत में निम्न दाब का क्षेत्र बढ़ जाता है।
  3. मानसूनी पवनें निम्न दाब के क्षेत्र की ओर चलने लगती हैं और इनकी दिशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व होती
  4. इस ऋतु में सम्पूर्ण भारत में मानसून पवनें फैलकर वर्षा करती हैं।
  5. भारत में अधिकांश वर्षा (98%) इन्हीं मानसूनी पवनों से होती है।
  6. दक्षिण-पश्चिम मानसून की दो प्रमुख शाखाएँ है
    (अ) अरब सागरीय शाखा,
    (ब) बंगाल की खाड़ी की शाखा।

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प्रश्न 7.
भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले दो कारक बताइए।
उत्तर:
1. अक्षांश:
कर्क वृत्त, भारत को दो भागों में बाँटता है। कर्क वृत्त के दक्षिण का भाग उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र में है तथा उत्तर का भाग उपोष्ण कटिबन्ध में है। अतः भारत की जलवायु में उष्ण एवं उपोष्ण कटिबन्धीय जलवायु दोनों की विशेषताएँ पायी जाती हैं।

2. ऊँचाई:
भारत के उत्तर में हिमालय पर्वत है जो मध्य एशिया से आने वाली ठण्डी हवाओं को रोककर हमारे देश की जलवायु को शीत मरुस्थल बनने से रोकता है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
किसी भी क्षेत्र की जलवाय को नियन्त्रित करने वाले कारकों को संक्षेप में बताइए। उत्तर–किसी भी क्षेत्र की जलवायु को विभाजित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं
1. अक्षांश:
पृथ्वी की गोल आकृति के कारण अक्षांश के अनुरूप प्राप्त सौर ऊर्जा की मात्रा विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग होती है। फलस्वरूप तापमान विषुवत् रेखा से ध्रुवों की ओर घटता जाता है जिससे किसी स्थान की जलवायु निर्धारित होती है।

2. ऊँचाई:
जैसे-जैसे हम पृथ्वी की सतह से ऊँचाई की ओर जाते हैं तो वायुमण्डल की सघनता कम होती जाती है और तापमान घटता जाता है जिससे किसी स्थान की जलवायु निर्धारित होती है।

3. वायुदाब एवं पवन तन्त्र:
किसी भी क्षेत्र का वायुदाब एवं पवन तन्त्र उस स्थान के अक्षांश एवं ऊँचाई पर निर्भर करता है वायुदाब एवं पवन तन्त्र किसी स्थान की जलवायु पर बहुत अधिक प्रभाव डालते हैं क्योंकि इनके द्वारा वर्षा का प्रारूप एवं तापमान नियन्त्रित होते हैं।

4. समुद्र से दूरी:
समुद्र का जलवायु पर समकारी प्रभाव पड़ता है, जैसे-जैसे किसी स्थान की समुद्र से दूरी बढ़ती जाती है समुद्र का जलवायु पर समकारी प्रभाव कम होता जाता है।

5. महासागरीय धाराएँ:
महासागरीय धारा एवं अपतटीय हवाओं द्वारा किसी स्थान की जलवायु प्रभावित होती है, जैसे-कोई भी तटीय क्षेत्र जहाँ गर्म एवं ठण्डी जलधाराएँ बहती हैं और वायु की दिशा समुद्र के तट की ओर हो, तब वह तट गर्म या ठण्डा हो जायेगा।

6. उच्चावच:
यह किसी स्थान की जलवायु के निर्धारण में महत्वपूर्ण योगदान देता है। ऊँचे पर्वत, ठण्डी या गर्म हवाओं से रक्षा करते हैं। अधिक ऊँचे पर्वत वर्षा लाने वाली पवनों को रास्ते में रोककर वर्षा कराने में सहायक होते हैं।

JAC Class 9 Social Science Important Questions

JAC Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 अपवाह

JAC Board Class 9th Social Science Important Questions Geography Chapter 3 अपवाह

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
दिए गए चार विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए:
(i) प्रायद्वीपीय भाग की मुख्य नदी है
(क) सिंधु
(ख) गंगा
(ग) महानदी
(घ) ब्रह्मपुत्र।
उत्तर:
(ग) महानदी।

(ii) गोविन्द सागर झील निम्नलिखित में से किस राज्य में स्थित है
(क) आन्ध्र प्रदेश
(ख) गुजरात
(ग) जम्मू और कश्मीर
(घ) हिमाचल प्रदेश।
उत्तर:
(घ) हिमाचल प्रदेश।

(iii) कावेरी नदी का उद्गम कहाँ से है
(क) ब्रह्मगिरि श्रृंखला
(ख) महाबलेश्वर
(ग) नासिक
(घ) सतपुड़ा शृंखला।
उत्तर:
(क) ब्रह्मगिरि श्रृंखला।

(iv) निम्न में से प्राकृतिक झील है
(क) हीराकुण्ड
(ख) गोविन्द सागर
(ग) नागार्जुन सागर
(घ) नैनीताल।
उत्तर:
(घ) नैनीताल।

(v) निम्न में से सिन्धु नदी तंत्र की नदी नहीं है
(क) गंगा
(ख) सिंधु
(ग) सतलुज
(घ) व्यास।
उत्तर:
(क) गंगा।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विश्व की सबसे बड़ी अपवाह द्रोणी कौन-सी नदी की है?
उत्तर:
विश्व की सबसे बड़ी अपवाह द्रोणी अमेजन नदी की है।

प्रश्न 2.
अपवाह किसे कहते हैं ?
उत्तर:
किसी क्षेत्र के नदी तंत्र को अपवाह कहते हैं।

प्रश्न 3.
अपवाह द्रोणी किसे कहते हैं?
उत्तर:
एक नदी तंत्र द्वारा जिस क्षेत्र का जल प्रवाहित होता है उसे एक अपवाह द्रोणी कहते हैं।

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प्रश्न 4.
हिमालय से निकलने वाली प्रमुख नदियाँ कौन-कौनसी हैं?
उत्तर:
सिन्धु, गंगा तथा ब्रह्मपुत्र।

प्रश्न 5.
भारत के अपवाह तंत्र का नियंत्रण किसके द्वारा होता है?
उत्तर:
भारत के अपवाह तंत्र का नियन्त्रण मुख्यत: भौगोलिक आकृतियों के द्वारा होता है।

प्रश्न 6.
नदी तन्त्र से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
मुख्य नदी, उसकी सहायक नदियाँ एवं वितरिकाओं के समूह को नदी तंत्र कहते हैं।

प्रश्न 7.
जल विभाजक किसे कहते हैं?
उत्तर:
दो अपवाह द्रोणियों के मध्य स्थित उच्च स्थलीय भूभाग या पर्वत जो दोनों के प्रवाह को अलग करता है, जल विभाजक कहलाता है।

प्रश्न 8.
अपवाह तन्त्र के आधार पर भारत के नदी तन्त्र को कितने भागों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:

  1. हिमालय की नदियाँ,
  2. प्रायद्वीपीय नदियाँ।

प्रश्न 9.
सिन्धु नदी का उद्गम स्थल कहाँ है?
उत्तर:
तिब्बत में मानसरोवर झील के निकट।

प्रश्न 10.
सिन्धु नदी भारत में कहाँ से प्रवेश करती है?
उत्तर:
सिन्धु नदी भारत में लद्दाख (केन्द्रश्रासित प्रदेश) से प्रवेश करती है।

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प्रश्न 11.
सिन्धु नदी तन्त्र की प्रमुख नदियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सिन्धु, सतलुज, व्यास, रावी, चिनाव, झेलम।

प्रश्न 12.
सिन्धु नदी की लम्बाई़ कितनी है?
उत्तर:
2.900 किमी.।

प्रश्न 13.
भारत और पाकिस्तान के बीच सिन्धु जल समझौते पर कब हस्ताक्षर किये गये?
उत्तर:
सन् 1960 में।

प्रश्न 14.
सिन्धु जल समझाँते के अनुसार भारत सिन्धु नदी के कितने प्रतिशत जल का उपयोग कर सकता है?
उत्तर:
20 प्रतिशत जल का।

प्रश्न 15.
गंगा की मुख्य धारा का क्या नाम है?
उत्तर:
भागीरथी।

प्रश्न 16.
भागीरथी और अलकनंदा कहाँ मिलती हैं?
उत्तर:
उत्तराखण्ड के देवप्रयाग में।

प्रश्न 17.
गंगा पर्वतीय भाग को छोड़कर मैदानी भाग में कहाँ से प्रवेश करती है?
उत्तर:
हरिद्वार के पास।

प्रश्न 18.
गंगा की प्रमुख सहायक नदियाँ कौन-कौनसी हैं?
उत्तर:
यमुना, घाधरा, गंडक एवं कोसी।

प्रश्न 19.
गंगा की उन सहायक नदियों के नाम बताइए जो प्रायद्वीपीय उच्च भूमि से निकलती हैं?
उत्तर:
चंबल, बेतवा और सोन।

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प्रश्न 20.
गंगा डेल्टा का सबसे उत्तरी बिन्दु कौन-सा है?
उत्तर:
पश्चिम बंगाल में फरक्का।

प्रश्न 21.
गंगा नदी कब मेघना कहलाती हैं?
उत्तर:
जब गंगा नदी बांग्लादेश में ब्रह्नपुत्र से मिलती है, तो उसे मेघना कहते हैं।

प्रश्न 22.
किन नदियों द्वारा सुन्दर वन डेल्टा का निर्मांण होता है?
उत्तर:
णंगा एवं ब्रहपुत्र द्वारा।

प्रश्न 23.
विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा कौन-सा
उत्तर:
सुन्दर वन।

प्रश्न 24.
गंगा नदी की लम्बाई कितनी किमी. है?
उत्तर:
लगभा 2,500 किमी .।

प्रश्न 25.
अंबाला नगर कहाँ स्थित है?
उत्तर:
सिन्धु एवं गंगा नदी तन्त्रों के बीच जल विभाजक पर।

प्रश्न 26.
ब्रह्मपुत्र नदी ‘U’ आकार का मोड़ कहाँ बनाती है?
उत्तर:
नामचा बारवा के निकट।

प्रश्न 27.
खह्रपुत्र नदी का उद्गम स्थिल बताइए।
उत्तर:
तिब्बत की मानसरोवर झील के निकट।

प्रश्न 28.
किस नदी को दिहांग के नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
ब्रह्यपुत्र नदी को अरुणाचल प्रदेश में दिहांग के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 29.
ब्रहपपुत्र नदी को तिब्यत में किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
सांगपो।

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प्रश्न 30.
बांग्लादेश में जमुना किस नदी को कहा जाता है?
उत्तर:
ब्रह्मपुत्र नदी को।

प्रश्न 31.
क्या कारण है कि ख्रहुपत्र में तिब्बत में बहते समय बहुत कम जल एवं सिल्ट की मात्रा होती है, जयकि भारत में इसमें प्रचुर जल एवं सिल्ट की मात्रा होती है ?
उत्तर:
क्योकि तिब्बत में यह ठण्डे और शुष्क क्षेत्र से होकर गुजरती है, जबकि भारत में यह उच्च वर्षा वाले क्षेत्र से होकर गुजरती है।

प्रश्न 32.
कौन-सी नदी असम में एक गुम्फित नदी के रूप में बहती है?
उत्तर:
ब्रह्यपुत्र नदी।

प्रश्न 33.
ब्रह्मपुत्र नदी द्वारा निर्मित विश्व के सबसे बड़े नदीय द्वीप का क्या नाम है?
उत्तर:
माजोली द्वीप।

प्रश्न 34.
प्रायद्वीपीय भारत का प्रमुख जल विभाजक कौन है?
उत्तर:
पशिचमी घाट।

प्रश्न 35.
प्रायद्वीपीय भाग की पूर्व की ओर बहने वाली नदियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
महानदी, गोदावरी, कृष्णा एवं कावेरी।

प्रश्न 36.
पश्चिमी घाट से पश्चिम की ओर बहने वाली दो प्रमुख नदियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
नर्मदा एवं तापी।

प्रश्न 37.
प्रायद्वीपीय भाग के पूर्व एवं पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों में कोई एक अन्तर बताइए।
उत्तर:
पूर्व की ओर बहने वाली नदियाँ डेल्टा का जबकि पश्चिम की ओर बहने वाली नदियाँ ज्वारनदमुख का निर्माण करती हैं।

प्रश्न 38.
नर्मदा नदी के उद्गम क्षेत्र को बताइए।
उत्तर:
मध्य प्रदेश में अमरकंटक पहाड़ी के निकट।

प्रश्न 39.
नर्मदा नदी द्वारा निर्मित जल प्रपात का नाम बताइए।
उत्तर:
धुआआधार जल प्रपात।

प्रश्न 40.
भ्रंश घाटी में कौन-कौनसी नदियौं बहती हैं?
उत्तर:

  1. नर्मदा,
  2. तापी।

प्रश्न 41.
तापी नदी का उद्गम कहाँ है?
उत्तर:
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की सतपुड़ा श्रृंखलाओं में।

प्रश्न 42.
सबसे बड़ी प्रायद्वीपीय नदी कौन-सी है?
उत्तर:
गोदावरी नदी।

प्रश्न 43.
किस प्रायद्वीपीय नदी का अपवाह क्षेत्र सबसे बड़ा है?
उत्तर:
गोदावरी नदी।

प्रश्न 44.
किस नदी को दक्षिण गंगा के नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
गोदावरी नदी को।

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प्रश्न 45.
महानदी के उद्गम स्थल का नाम लिखिए।
उत्तर:
छत्तीसगढ़ की उच्च भूमि।

प्रश्न 46.
कृष्णा नदी का उद्गम स्थल एवं लम्बाई बताइए।
उत्तर:
महाबलेश्वर के निकट एक स्रोत से,

प्रश्न 47.
भारत का दूसरा सबसे बड़ा जल प्रपात कौन-सा है एवं किस नदी द्वारा निर्मित है।
उत्तर:
शिवसमुद्रम जल प्रपात। यह कावेरी नदी द्वारा निर्मित है।

प्रश्न 48.
समुद्र किसे कहा जाता है? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
बड़े आकार वाली झीलों को समुद्र कहा जाता है। उदाहरण-कैस्पियन सागर, मृत सागर एवं अरल सागर।

प्रश्न 49.
भारत की प्रमुख लैगून झील कौन-कौनसी हैं?
उत्तर:
चिल्का, पुलिकट एवं कोलेरू झील।

प्रश्न 50.
लवणीय जल वाली झील कौन-सी है ?
उत्तर:
राजस्थान की सांभर झील।

प्रश्न 51.
भारत में मीठे पानी की अधिकांश झीलें किस क्षेत्र में पायी जाती हैं?

प्रश्न 52.
भूगर्भीय क्रियाओं द्वारा निर्मित झील का एक उदाहरण बताइए।
उत्तर:
वूलर झील (जम्मू और कश्मीर)।

प्रश्न 53.
भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की प्राकृतिक झील कौनसी है?
उत्तर:
वूलर झील (जम्मू और कश्मीर)।

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प्रश्न 54.
मीठे पानी की झीलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
वूलर झील, डल झील, भीमताल, नैनीताल, लोकताल एवं बारापानी।

प्रश्न 55.
सुन्दर वन डेल्टा कहाँ स्थित है एवं इसका यह नाम कैसे पड़ा?
उत्तर:
सुन्दर वन डेल्टा पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है। यहाँ पाये जाने वाले सुन्दरी वृक्ष के कारण इसका यह नाम पड़ा।

प्रश्न 56.
दो प्रमुख अपवाह द्रोणियों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. सिन्धु,
  2. ब्रह्मपुत्र।

प्रश्न 57.
गंगा की दो शीर्ष धाराओं के नाम बताइए।
उत्तर:

  1. भागीरथी,
  2. अलकनंदा।

प्रश्न 58.
गंगा में प्रदूषण को कम करने के लिए 1985 में कौन-सी योजना प्रारम्भ की गयी है?
उत्तर:
गंगा कार्य योजना।

प्रश्न 59.
नदी जल की गुणवत्ता किस कारण प्रभावित हुई है?
उत्तर:
नदी जल की घरेलू, औद्योगिक एवं कृषि में बढ़ती माँग के कारण इसकी गुणवत्ता प्रभावित हुई है।

प्रश्न 60.
लद्दाख में सिन्धु नदी की सहायक नदियाँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
जास्कर, श्योक और नूबरा लद्दाख क्षेत्र में सिन्ध नदी की सहायक नदियाँ हैं।

लघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय अपवाह तंत्र के कोई चार लक्षण बताइए।
उत्तर:
भारतीय अपवाह तंत्र के चार लक्षण निम्नलिखित हैं

  1. भारत के अपवाह तंत्र का नियन्त्रण मुख्यतः भौगोलिक आकृतियों के द्वारा होता है।
  2. भारतीय नदियों को दो मुख्य वर्गों में विभाजित किया जाता है-हिमालय की नदियाँ एवं प्रायद्वीपीय नदियाँ।
  3. भारत में बारहमासी एवं मौसमी दोनों प्रकार की नदियाँ पायी जाती हैं।
  4. भारतीय नदियाँ अपने अपवाह मार्ग में अनेक प्रकार की स्थलाकृतियाँ बनाती हैं।

प्रश्न 2.
हिमालय की नदियों की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
हिमालय की नदियों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. हिमालय की अधिकांश नदियाँ बारहमासी हैं। इनमें वर्षभर पानी रहता है।
  2. हिमालय की नदियाँ अपने उत्पत्ति स्थान से लेकर समुद्र तक के लम्बे रास्ते को तय करती हैं।
  3. ये नदियाँ अपने मार्ग के ऊपरी भागों में तीव्र अपरदन क्रिया करती हैं।
  4. ये नदियाँ अपने साथ बहुत अधिक मात्रा में सिल्ट एवं बालू का परिवहन करती हैं।
  5. ये नदियाँ मध्य एवं निचले भागों में अनेक निक्षेप जनित स्थलाकृतियाँ, जैसे-विसर्प, गोखुर झील एवं बाढ़ के मैदान का निर्माण करती हैं।
  6. ये नदियाँ पूर्ण विकसित डेल्टाओं का निर्माण करती हैं।

प्रश्न 3.
प्रायद्वीपीय नदियों की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
प्रायद्वीपीय नदियों की प्रमुख विशेषताएँ निम्न हैं

  1. अधिकांश प्रायद्वीपीय नदियाँ मौसमी हैं। इनका प्रवाह वर्षा पर निर्भर करता है।
  2. हिमालयी नदियों की तुलना में इन नदियों की लम्बाई कम एवं छिछली है।
  3. अधिकांश प्रायद्वीपीय नदियाँ पश्चिमी घाट से निकलती हैं तथा बंगाल की खाड़ी की तरफ बहती हैं।
  4. शुष्क मौसम में बड़ी प्रायद्वीपीय नदियों का जल भी घटकर छोटी-छोटी धाराओं में बहने लगता है।

प्रश्न 4.
सिन्धु नदी तंत्र के बारे में आप क्या जानते हैं? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:

  1. सिन्धु नदी इस तन्त्र की सबसे बड़ी नदी है। इसका उद्गम स्थल मानसरोवर झील के निकट तिब्बत में
  2. सिन्धु नदी की कुल लम्बाई 2900 किमी. है।
  3. सिन्धु नदी की प्रमुख सहायक नदियों में जास्कर, नूबरा, श्योक, हुंजा, सतलुज, व्यास, रावी, चिनाव एवं झेलम आदि हैं।
  4. सिन्धु नदी द्वारा एक मन्द ढाल वाले मैदान का निर्माण किया जाता है। इसका एक-तिहाई से थोड़ा अधिक हिस्सा भारत में है, जबकि शेष हिस्सा पाकिस्तान में है।

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प्रश्न 5.
गंगा नदी तन्त्र के प्रमुख लक्षण लिखिए।
उत्तर:
गंगा नदी तंत्र के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं

  1. गंगा नदी की दो शीर्ष धाराएँ हैं-अलकनंदा एवं भागीरथी। ये दोनों उत्तराखण्ड के देव प्रयाग में मिलती हैं।
  2. गंगा हरिद्वार के पास पर्वतीय भाग को छोड़कर मैदान में प्रवेश करती है। हिमालय से निकलने वाली इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ, जैसे-यमुना, घाघरा, गंडक एवं कोसी आदि हैं।
  3. प्रायद्वीपीय उच्च भूमि से निकलने वाली नदियाँ चंबल, बेतवा एवं सोन आदि भी इसमें मिलती हैं।
  4. गंगा नदी की लम्बाई लगभग 2500 किमी. है।

प्रश्न 6.
सहायक नदी और वितरिका में क्या अन्तर है?
उत्तर:
सहायक नदी सहायक नदी वह नदी है जो मुख्य नदी से आकर मिलती है तथा जल की मात्रा को बढ़ा देती है। यह प्रायः नदी की ऊपरी या मध्य धारा में पायी जाती है। उदाहरण यमुना नदी, गंगा की प्रमुख सहायक नदी है। वितरिका-वितरिका वह नदी है जो मुख्य नदी से उत्पन्न होती है। यह समुद्र में गिरने से पहले नदी के मुहाने के पास बनती है। यह नदी की निचली धारा में पायी जाती है। उदाहरण हुगली नदी, गंगा नदी की प्रमुख वितरिका है।

प्रश्न 7.
ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:

  1. ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत से निकलती है। यह एक गॉर्ज के माध्यम से भारत के अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है।
  2. तिब्बत में इसका नाम सांगपो एवं अरुणाचल में प्रवेश करने के स्थान पर इसे दिहाँग के नाम से जाना जाता है।
  3. असम में जब इसमें दिबांग, लोहित, केनुला आदि सहायक नदियाँ आकर मिलती हैं तो इसे ब्रह्मपुत्र कहा जाता
  4. इसके द्वारा असम एवं बांग्लादेश में बाढ़ से भयंकर विनाश होता है।
  5. तिब्बत के भागों में इसे बहुत कम जल मिलता है और इसमें सिल्ट (गाद) भी कम होती है परन्तु भारत में इसमें विशाल मात्रा में जल एवं सिल्ट भी बहकर आती है।
  6. इस नदी को लगातार अपने बहाव में परिवर्तन के लिए जाना जाता है।
  7. असम में यह नदी अनेक धाराओं में बहकर एक गुम्फित नदी के रूप में बहती है। इसकी धारा के मध्य में कई बड़े-बड़े नदी द्वीप भी हैं।

प्रश्न 8.
कावेरी नदी तन्त्र पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:

  1. कावेरी नदी पश्चिमी घाट की ब्रह्मगिरि श्रृंखला से निकलती है।
  2. इनकी लम्बाई 760 किमी. है।
  3. इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ-अमरावती, हेमावती, भवानी एवं काबिनि हैं।
  4. इसकी द्रोणी तमिलनाडु, केरल एवं कर्नाटक में विस्तृत है।
  5. यह तमिलनाडु में कुडलूर के दक्षिण में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।

प्रश्न 9.
गोदावरी नदी तंत्र की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
गोदावरी नदी तंत्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. गोदावरी सबसे बड़ी प्रायद्वीपीय नदी है। यह महाराष्ट्र के नासिक जिले में पश्चिमी घाट के ढालों से निकलती है।
  2. बड़े आकार और विस्तार के कारण इसे ‘दक्षिण गंगा’ के नाम से भी जाना जाता है।
  3. इसकी लम्बाई लगभग 1500 किमी. है।
  4. प्रायद्वीपीय नदियों में इसका अपवाह तंत्र सबसे बड़ा है।
  5. इसकी द्रोणी महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उड़ीसा एवं आंध्र प्रदेश में स्थित है।
  6. इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ पूर्णा, माजरा, वर्धा, वेनगंगा एवं पेनगंगा, प्रान्हिता आदि हैं।

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प्रश्न 10.
पश्चिम की ओर बहने वाली प्रायद्वीपीय नदियाँ कौन-कौन सी हैं? संक्षेप में इनकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
पश्चिम की ओर बहने वाली दो प्रायद्वीपीय नदियाँ हैं:
1. नर्मदा नदी की विशेषताएँ:
(अ) यह नदी मध्य प्रदेश में अमरकंटक की पहाड़ियों से निकलती है।
(ब) यह पश्चिम की ओर एक भ्रंश घाटी में बहती है।
(स) नर्मदा नदी की द्रोणी मध्य प्रदेश एवं गुजरात में विस्तृत है।
(द) इस नदी द्वारा धुंआधार प्रपात का निर्माण किया गया है।

2. तापी नदी की विशेषताएँ:
(अ) यह मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में सतपुड़ा श्रेणी से निकलती है।
(ब) यह नर्मदा के समानान्तर एक भ्रंश घाटी में बहती है।
(स) इसकी द्रोणी मध्य प्रदेश, गुजरात एवं महाराष्ट्र राज्य में है।

प्रश्न 11.
गंगा एक्शन प्लान क्यों आरम्भ किया गया? इसका महत्व बताइए।
उत्तर:
गंगा नदी को प्रदूषण रहित करने के लिए सन् 1985 में गंगा एक्शन प्लान प्रारम्भ किया गया था। इसका प्रथम चरण 31 मार्च, 2000 को पूर्ण हो गया। राष्ट्रीय नदी संरक्षण प्राधिकरण की कार्यकारी समिति ने इस योजना के प्रथम चरण की समीक्षा कर आवश्यक सुझाव दिये। इस कार्य योजना को देश की प्रमुख प्रदूषित नदियों में राष्ट्रीय नदी योजना के अन्तर्गत लागू किया गया है।

विस्तृत राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना में 16 राज्यों की 27 नदियों के किनारे बसे 152 शहरों को सम्मिलित किया गया है। इस कार्य योजना के तहत् 57 जिलों में प्रदूषण को कम करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस योजना के अन्तर्गत लाखों लीटर प्रदूषित जल को रोककर उसके मार्ग में परिवर्तन करके परिष्करण का लक्ष्य रखा गया है।

प्रश्न 12.
निर्माण प्रक्रिया के आधार पर झीलों को वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
निर्माण प्रक्रिया के आधार पर झीलों 0को निम्नलिखित भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है

  1. भूगर्भिक क्रियाओं द्वारा निर्मित झीलें-वूलर झील।
  2. हिमानी द्वारा निर्मित झीलें-नैनीताल, भीमताल झील (उत्तराखण्ड)।
  3. वायु द्वारा निर्मित झीलें-सांभर, पचभद्रा झील (राजस्थान)।
  4. लैगून झीलें-चिल्का (उड़ीसा), पुलिकट (आन्ध्र प्रदेश), कोलेरू झील (आन्ध्र प्रदेश)।
  5. ज्वालामुखी झीलें-लोनार झील (महाराष्ट्र)।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
हिमालय से निकलने वाली प्रमुख तीन नदी तन्त्रों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
किसी नदी तथा उसकी सहायक नदियों को नदी तन्त्र कहा जाता है। हिमालय से निकलने वाली प्रमुख नदियाँ सिंधु, गंगा तथा ब्रह्मपुत्र हैं। इनका विस्तार से वर्णन निम्न प्रकार है।
1. सिंधु नदी तंत्र:
सिंधु नदी का उद्गम मानसरोवर झील के निकट तिब्बत से हुआ है। यह भारत के केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख में प्रवेश करती है। इस क्षेत्र की सहायक नदियाँ जास्कर, नूबरा, श्योक तथा हुआ इसमें मिलती हैं आगे यह बलूचिस्तान तथा गिलगिल से बहते हुए अटक में पर्वतीय क्षेत्र से बाहर निकलती है। सतलुज, ब्यास, रावी, चेनाब तथा झेलम आपस में मिलकर पाकिस्तान में मिठानकोट के पास सिंधु नदी में मिल जाती हैं।

इसके बाद यह नदी दक्षिण की तरफ बहती हुई करांची से पूर्व की ओर अरब सागर में मिल जाती है। इसकी लम्बाई 2900 कि. मी. है भारत में इसके जल का उपयोग पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान के दक्षिण पश्चिम भागों में सिंचाई के लिए होता है।

2. गंगा नदी तंत्र:
गंगा की मुख्यधारा भागीरथी तथा अलकनंदा है। भागीरथी गंगोत्री हिमानी से निकलकर उत्तराखण्ड के देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलती है। हरिद्वार से गंगा पर्वत को छोड़कर मैदानी भाग में प्रवेश करती है। हिमालय से निकलने वाली यमुना, घाघरा, गंडक तथा कोसी नदी आगे चलकर गंगा में मिल जाती हैं। प्रायद्वीपीय उच्चभूमि से आने सिचु वाली चंबल, बेतवा, सोन नदी भी गंगा में ही मिल जाती हैं।

अन्त में गंगा की मुख्य धारा दक्षिण की ओर बहती हुई बांग्लादेश में प्रवेश करती है एवं ब्रह्मपुत्र नदी इससे आकर मिलती है। दोनों मिलकर मेघना के नाम से जानी जाती हैं तथा बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। गंगा की लम्बाई 2500 कि. मी. से अधिक है।

3. ब्रह्मपुत्र नदी तन्त्र:
ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत की मानसरोवर झील के पूर्व तथा सिन्धु एवं सतलुज के स्रोतों के पास से निकलती है। इसका अधिकांश भाग भारत के बाहर है। भारत के अरुणाचल प्रदेश में यह प्रवेश करती है। यहाँ इसे दिहांग के नाम से जाना जाता है तथा दिबांग, लोहित, केनुला एवं दूसरी सहायक नदियाँ इससे मिलकर असम में ब्रह्मपुत्र का निर्माण करती हैं। इस नदी में सिल्ट निक्षेपण की मात्रा बहुत अधिक होती है। अंत में यह बंगाल की खाड़ी में मिलने से पहले गंगा के साथ मिलकर मेघना के नाम से जानी जाती है।

मानचित्र सम्बन्धी प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाइए
JAC Class 9 Social Science Solutions Geography Chapter 3 अपवाह 1

  1. नदियाँ-सिन्धु, रावी, ब्यास, चिनाब, झेलम, चम्बल, यमुना, पेनगंगा, कावेरी, तुंगभद्रा, गोदावरी, सांगपो, नर्मदा, कोसी।
  2. झीलें-वेबनाद झील, लोकतक, हीराकुंड, गोविन्द सागर, डल झील, भीमताल।

JAC Class 9 Social Science Important Questions

JAC Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप 

JAC Board Class 9th Social Science Important Questions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
प्रश्न 1.
पश्चिमी घाट का सर्वोच्च पर्वत शिखर है
(क) अनाईमुडी
(ख) डोडाबेटा
(ग) महेन्द्रगिरि
(घ) कंचनजंघा।
उत्तर:
(क) अनाईमुडी।

प्रश्न 2.
अरावली पर्वत के पश्चिमी किनारे पर स्थित है
(क) उत्तरी मैदान
(ख) प्रायद्वीपीय पठार
(ग) तटीय मैदान
(घ) थार का मरुस्थल।
उत्तर:
(घ) थार का मरुस्थल।

प्रश्न 3.
मरुस्थल में पाये जाने वाले अर्धचन्द्राकार बालू के टीले कहलाते हैं
(क) बालू का स्तूप
(ख) बालू के टिब्बे
(ग) बरखान
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(ग) बरखान।

प्रश्न 4.
बाढ़ वाले मैदानों में नये एवं युवा निक्षेपों को कहा जाता है
(क) भांगर (बांगर)
(ख) खादर
(ग) तराई
(घ) भाबर।
उत्तर:
(ख) खादर।

प्रश्न 5.
हिमालय की सबसे पूर्वी सीमा बनाने वाली नदी है
(क) गंगा
(ख) ब्रह्मपुत्र
(ग) यमुना
(घ) झेलम।
उत्तर:
(ख) ब्रह्मपुत्र।

JAC Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप 

प्रश्न 6.
भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी स्थित है
(क) बैरेन द्वीप पर
(ख) लक्षद्वीप पर
(ग) कावारत्ती द्वीप पर
(घ) पिटली द्वीप पर।
उत्तर:
(क) बैरेन द्वीप पर।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारे देश में कितने प्रकार की भूआकृतियाँ पायी जाती हैं?
उत्तर:

  1. पर्वत,
  2. मैदान,
  3. मरुस्थल
  4. पठार,
  5. द्वीप समूह,
  6. तटीय मैदान।

प्रश्न 2.
विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रेणी कौन-सी है?
उत्तर:
हिमालय।

प्रश्न 3.
हिमालय पर्वत श्रुंखला का विस्तार बताइए।
उत्तर:
हिमालय पर्वत श्रंखला पश्चिम-पूर्व दिशा में सिन्धु से लेकर ब्रह्मपुत्र तक फैली हुई है।

प्रश्न 4.
हिमालय की तीन समानान्तर पर्वत श्रेणियाँ कौन-कौनसी हैं?
उत्तर:

  1. हिमाद्रि,
  2. हिमाचल या निम्न हिमालय,
  3. शिवालिक।

प्रश्न 5.
हिमालय को पश्चिम से पूर्व स्थित क्षेत्रों के आधार पर विभाजित कीजिए।
उत्तर:

  1. पंजाय हिमाचल,
  2. कश्मीर हिमालय,
  3. हिमाचल हिमालय,
  4. कुमाऊ हिमालय,
  5. नेपाल हिमालय,
  6. असम हिमालय।

प्रश्न 6.
हिमालय के सबसे उत्तरी भाग में स्थित पर्वत शृंखला को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
इस पर्वत भृंघला को महान या आन्तरिक हिमालय या हिमाद्रि के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 7.
हिमालय की सबसे अधिक सतत् पर्वत्त शुंखला कौन-सी है?
उत्तर:
हिमाद्रि।

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प्रश्न 8.
हिमाद्रि के दक्षिण में स्थित पर्वत श्रुखला को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
हिमाचल या निम्न हिमालय।

प्रश्न 9.
हिमालय की सबसे वाहरी पर्वत श्रृंखला को किस नाम से जाना जाता है।
उत्तर:
शिवालिक।

प्रश्न 10.
दून क्या होते हैं? किन्हीं तीन प्रसिद्ध दूनों के नाम लिखिए।
उत्तर:
निम्न हिमालय एवं शिवालिक के मध्य स्थित लम्बी घाटियों को दून कहते है। देहरादून, कोटलीदून एवं पाटलीदून आदि प्रसिद्ध दून हैं।

प्रश्न 11.
किस नदी द्वारा हिमालय की सबसे पूर्वी सीमा का निर्माण होता है?
उत्तर:
ब्रत्रपुत्र नदी द्वारा।

प्रश्न 12.
भारत की पूर्वी सीमा पर फैले पर्वतों को किस नाम से जाना जाता हैं?
उत्तर:
पूर्वाचल।

प्रश्न 13.
पूर्वाचिल पर्वतों के अन्तर्गत कौन-कौन सी पहाड़ियाँ आती हैं?
उत्तर:

  1. पटकाई,
  2. नागा,
  3. मिजा,
  4. बणिपुर पहाड़ियाँ।

प्रश्न 14.
उस नदी प्रणाली का नाम बताइए जिसने उत्तरी मैदानों का निर्माण किया?
उत्तर:
उत्तरी मैदानों का निर्माण सिन्धु, गंगा व ब्रह्नपुत्र नदियों एवं उनकी सहायक नदियों द्वारा हुआ है।

प्रश्न 15.
उत्तरी मैदानों का निर्माण कैसे हुआ?
उत्तर:
हिमालय के पास स्थित विश्जाल बेसिन में लाखों वर्ष तक नदियों द्वारा लाई गयी जलोढ़ मिट्टी के भरते जाने से उत्तरी विशाल मैदानों का निर्माण हुआ।

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प्रश्न 16.
विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप कौन-सा है?
उत्तर:
माजोली द्वीप जो ब्रह्सपुत्र नदी में स्थित है।

प्रश्न 17.
दोआव का शाबिदि अर्थ लिखिए।
उत्तर:
दोआब का शाख्दिक अर्थ है-दो नदियों के बीच का भाग।

प्रश्न 18.
वरसान क्या है?
उत्तर:
मरुस्थलीय क्षेत्रों में हवाओं द्वारा बने अर्द्धचन्द्राकार बालू के टीलों को बरखान कहते हैं।

प्रश्न 19.
आकृतिक भिन्नता के आधार पर उत्तरी मैदानों को कितने भागों में बॉँटा जा सकता है ?
उत्तर:

  1. भाबर,
  2. तराईू,
  3. भांगर,
  4. खादर।

प्रश्न 20.
भाबर क्या है?
उत्तर;
पर्वतों से उतरने वाली नदियों द्वारा शिवालिक के दाल पर कंकड़ियाँ जमा किये जाने से निर्मित मैदान को भाबर कहते हैं।

प्रश्न 21.
तराई क्या है?
उत्तर:
उत्तरी मैदान के भाबर क्षेत्र के दक्षिण में छोटी धाराएँ एवं नदियाँ फिर से निकलती हैं तथा एक नम एवं दलदली क्षेत्र का निर्माण करती हैं जिसे तराई कहा जाता है।

प्रश्न 22.
भांगर किसे कहते हैं?
उत्तर:
पुराने जलोद मिट्टी द्वारा निर्मित नदियों के बाढ़ वाले मैदान के ऊपर स्थित भाग भांगर के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 23.
खादर किसे कहते है?
उत्तर:
बाबु के मैदानों के नये एवं युवा जलोऩ निक्षेपों को बादर कहा जाता है।

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प्रश्न 24.
प्रायद्वीपीय पठार के उपविभागों के नाम लिखिए।
उत्तर:
मध्य उच्च भूमि, दक्कन का पटार।

प्रश्न 25.
मध्य उच्च भूमि की प्रमुख नदियाँ कौन-कौनसी है?
उत्तर:

  1. चम्बल,
  2. सिंध,
  3. बेतवा,
  4. केन।

प्रश्न 26.
दक्कन के पठार के उत्तरी-पूर्वी विस्तार का नाम बताइए।
उत्तर:
मेघालय, कार्बी एंग्लींग पठार एवं उत्तर कचार पहाड़ी।

प्रश्न 27.
दक्कन ट्रेप क्या है?
उत्तर:
प्रायदीपीय पठार की काली मृदा वाले क्षेत्र को दक्कन ट्रेप कहते हैं।

प्रश्न 28.
अराबली की पहाड़ियाँ कहाँ स्थित हैं?
उत्तर:
अरावली की पहाड़ियाँ प्रायद्वीपीय पटार के पशिचमी एवं उत्तरी पशिचमी किनारों पर स्थित हैं।

प्रश्न 29.
थार के मरुस्थल की सबसे बड़ी नदी का क्या नाम है?
उत्तर:
लूनी नदी।

प्रश्न 30.
पशिचमी तट के तीन भाग कौन-कौन से है?
उत्तर:

  1. कौकण तट,
  2. कन्नड़ मैदान,
  3. मालाबार तट।

प्रश्न 31.
पूर्वी तट के दो भाग कौन-कौन से है?
उत्तर:
उत्तरी सरकार, कोरोमण्डल तट।

प्रश्न 32.
पूर्वी तट पर स्थित उन नदियों के नाम लिखिए जिनके द्वारा विशाल डेल्टा का निर्माण किया ज्ञाता है?
उत्तर:

  1. महानदी,
  2. गोदावरी,
  3. कृष्णा,
  4. कावेरी।

प्रश्न 33.
चिरका झील कहाँ स्थित है एवं क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर:
चिल्का दील उद्धीसा में महानदी डेल्टा के दक्षिण में स्थिथत है। यह भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।

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प्रश्न 34.
लक्षद्वीप द्वीप समूह को पहले किस नाम से जाना जाता था?
उत्तर:
लक्षदीप दीप समूह को पहले लकादीव, मीनीकाय एवं एमीनदीव के नाम से जाना जाता था।

प्रश्न 35.
लक्षद्धीप के प्रशासनिक मुख्यालय का नाम लिखिए।
उत्तर:
कावारती द्वीप।

प्रश्न 36.
प्रवाल क्या हैं ?
उत्तर:
प्रवाल अल्पजीवी सूक्ष्म प्राणी हैं जो समुद्र में समृह में रहते हैं।

प्रश्न 37.
श्रेट बेरियर रीफ कही स्थित है?
उत्तर:
अंस्ट्रेलिया में।

प्रश्न 38.
कौन-सा द्वीप समूह देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूण्ण है?

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
‘भारत की भूमि बहुत अधिक भौतिक विभिन्नताओं को दर्शाती है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए। उत्तर-यह सत्य है कि भारत की भूमि में बहुत अधिक भौतिक विभिन्नताएँ पायी जाती हैं

  1. उत्तर में अवसादी एवं रूपान्तरित शैलों से निर्मित ऊँची:
    नीची भूमि के विस्तृत क्षेत्र पाये जाते हैं। यहाँ उच्च पर्वत शिखर, आवृत पठार, गहरी घाटियाँ एवं तेज बहने वाली नदियाँ आदि विशिष्ट स्थलरूप पाये जाते हैं।
  2. उत्तरी मैदान जलोढ़ निक्षेपों से बना है। इस मैदान में सिंधु, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र आदि नदियाँ प्रवाहित होती हैं।
  3. दक्षिण में प्रायद्वीपीय पठार है जो पृथ्वी का प्राचीनतम भाग है। यह पठार आग्नेय एवं रूपान्तरित शैलों वाली कम ऊँची पहाड़ियाँ एवं चौड़ी घाटियों से बना है।
  4. इसके पूर्वी एवं पश्चिमी किनारों पर तटीय मैदान हैं।

प्रश्न 2.
नदी घाटियों की सीमाओं के आधार पर हिमालय को वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
नदी घाटियों की सीमाओं के आधार पर हिमालय को निम्न भागों में बाँटा जा सकता है

  1. पंजाब हिमालय-यह भाग सिन्धु एवं सतलज नदियों के मध्य जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में फैला हुआ है।
  2. कुमाऊँ हिमालय-यह भाग सतलज और काली नदियों के बीच का भाग है।
  3. नेपाल हिमालय-यह भाग काली और तीस्ता नदियों के बीच का भाग है।
  4. असम हिमालय-यह भाग तिस्ता तथा दिहांग नदियों के बीच का भाग है।

प्रश्न 3.
हिमालय की तीन समानान्तर श्रेणियों के नाम लिखिए एवं प्रत्येक की एक विशेषता लिखिए।
उत्तर:

  1. महान हिमालय या आन्तरिक हिमालय अथवा हिमाद्रि,
  2. निम्न हिमालय (हिमाचल हिमालय),
  3. शिवालिक (बाह्य हिमालय)।
  4. महान हिमालय: हिमालय की यह सर्वोच्च पर्वत श्रेणी है। यह हमेशा बर्फ से ढकी रहती है।
  5. निम्न हिमालय-हिमालय की यह मध्यवर्ती श्रेणी पहाड़ी नगरों के लिए जानी जाती है।
  6. शिवालिक-यह हिमालय की दक्षिणतम श्रेणी है जो जलोढ़ अवसादों से निर्मित है।

प्रश्न 4.
महान हिमालय किसे कहते हैं? इसकी प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
हिमालय की उच्चतम श्रेणी को महान हिमालय कहते हैं। इसे आन्तरिक हिमालय एवं हिमाद्रि के नाम से भी जाना जाता है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. यह हिमालय की सर्वोच्च पर्वत श्रेणी है। इसकी औसत ऊँचाई 6000 मीटर है।
  2. यह पर्वत श्रेणी सदैव हिम से ढकी रहती है।
  3. हिमालय का सर्वोच्च पर्वत शिखर ‘माउण्ट एवरेस्ट’ इसी श्रेणी में स्थित है। अन्य प्रमुख शिखर कंचनजंघा, नंगा पर्वत, नंदा देवी आदि हैं।
  4. हिमालय के इस भाग का क्रोड ग्रेनाइट का बना है।

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प्रश्न 5.
निम्न हिमालय की प्रमुख विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर:
हिमालय के दक्षिण में स्थित पर्वत श्रेणियों को निम्न हिमालय या मध्य हिमालय अथवा हिमाचल हिमालय के नाम से जाना जाता है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. यह हिमालय की मध्यवर्ती श्रेणी है।
  2. इनकी ऊँचाई 3,700 मीटर से 4,500 मीटर के बीच एवं औसत चौड़ाई 50 किलोमीटर है।
  3. इन पर्वत श्रृंखलाओं का निर्माण अत्यधिक संपीडित एवं परिवर्तित चट्टानों से हुआ है।
  4. सभी महत्वपूर्ण पहाड़ी नगर-शिमला, मसूरी, नैनीताल, रानीखेत आदि इसी पर्वत श्रेणी में स्थित हैं।

प्रश्न 6.
शिवालिक पर्वत श्रेणी की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
हिमालय की सबसे बाहरी श्रृंखला को शिवालिक कहा जाता है, इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. शिवालिक श्रेणी की चौड़ाई 10 से 50 किमी. एवं ऊँचाई 900 से 1,100 मीटर के मध्य है।
  2. यह पर्वत श्रेणी जलोढ़ अवसादों से निर्मित है।
  3. शिवालिक तथा हिमाचल के बीच में लम्बवत् घाटी पायी जाती हैं जिन्हें ‘दून’ कहते हैं। देहरादून ऐसी ही एक घाटी में स्थित है।

प्रश्न 7.
भारत के उत्तरी मैदान का निर्माण कैसे हुआ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
भारत का उत्तरी मैदान तीन प्रमुख नदी प्रणालियों-सिधु, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र तथा इनकी सहायक नदियों से बना है। यह मैदान जलोढ़ मृदा से बना है। लाखों वर्षों में हिमालय के गिरिपाद में स्थित बहुत बड़े बेसिन (द्रोणी) में जलोढ़ों का निक्षेप हुआ जिसके फलस्वरूप इस उपजाऊ मैदान का निर्माण हुआ।

प्रश्न 8.
भारत के उत्तरी मैदान की किन्हीं चार विशेषताओं को बताइए।
उत्तर:
भारत के उत्तरी मैदान की चार विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. यह मैदान जलोढ़ मृदा से निर्मित है। जिसका निक्षेपण सिन्धु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी प्रणालियों एवं उनकी सहायक नदियों ने किया है।
  2. इस मैदान का विस्तार 7 लाख वर्ग किमी. क्षेत्र पर है।
  3. यह मैदान लगभग 2,400 किमी. लम्बा एवं 240 से 320 किमी. चौड़ा है।
  4. यह सघन जनसंख्या वाला भौगोलिक क्षेत्र है।

प्रश्न 9.
उत्तरी मैदान को कितने वर्गों में विभाजित किया जा सकता है? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
उत्तरी मैदान को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है जो निम्नलिखित हैं

  1. पंजाब का मैदान-यह उत्तरी मैदान का पश्चिमी भाग है। इसका निर्माण सिन्धु एवं उनकी सहायक नदियों ने किया है। इस मैदान का अधिकांश भाग पाकिस्तान में है। इस मैदान में दोआबों की संख्या बहुत अधिक है।
  2. गंगा का मैदान-इस मैदान का विस्तार घाघरा एवं तीस्ता नदियों के मध्य है। यह मैदान उत्तरी भारत के हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड के कुछ भाग एवं पश्चिमी बंगाल में फैला हुआ है।
  3. ब्रह्मपुत्र का मैदान-इस मैदान का निर्माण ब्रह्मपुत्र नदी ने किया है। इस मैदान का विस्तार असम राज्य में सर्वाधिक है।

प्रश्न 10.
आकृतिक भिन्नता के आधार पर उत्तरी मैदान को वर्गीकत कीजिए।
उत्तर:
आकृतिक भिन्नता के आधार पर उत्तरी मैदान को चार भागों में विभाजित किया जा सकता है, जो निम्नलिखित हैं

  1. भाबर-इसका निर्माण पर्वतों से उतरने के बाद नदियों द्वारा कंकड़ियों को एक चौड़ी पट्टी में जमा किये जाने के कारण हुआ है। सभी सरिताएँ इस भाबर पट्टी में विलुप्त हो जाती हैं।
  2. तराई–यह भाबर के दक्षिण में स्थित है। यह नम, दलदली तथा घना वन्य प्रदेश है। भाबर में जबकि समस्त सरिताएँ लुप्त हो जाती हैं, वे इस क्षेत्र में पुनः प्रकट होती हैं।
  3. भांगर-उत्तरी मैदान के सबसे पुराने जलोढ़क को भांगर कहते हैं। जलोढ़कों के लगातार जमाव से वेदिका जैसी आकृति बन जाती है जो बाढ़ प्रभावी मैदान के स्तर जितनी ऊपर उठ जाती है। इस क्षेत्र में चूनेदार मिट्टी मिलती है।
  4. खादर-बाढ़ वाले मैदानों के नवीन तथा युवा निक्षेपों को खादर कहा जाता है। इनका लगभग प्रतिवर्ष पुनर्निर्माण होता रहता है, यह मैदान उपजाऊ होते हैं।

प्रश्न 11.
प्रायद्वीपीय पठार की निर्माण प्रक्रिया को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
प्रायद्वीपीय पठार की निर्माण प्रक्रिया को निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है

  1. प्रायद्वीपीय पठार एक मेज की आकृति वाला स्थल है जो पुरानी क्रिस्टलीय, आग्नेय एवं कायान्तरित शैलों वाली कम ऊँची पहाड़ियों एवं चौड़ी घाटियों से बना है।
  2. यह पठार गोंडवाना भूमि के टूटने एवं खिसकने के कारण निर्मित हुआ था।
  3. इस पठार के दो प्रमुख भाग हैं-मध्य उच्च भूमि एवं दक्कन का पठार।

प्रश्न 12.
दक्षिण के पठार की लाक्षणिक विशेषताओं को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
दक्षिण के पठार की प्रमुख लाक्षणिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. दक्षिण का पठार नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित एक त्रिभुजाकार भूभाग है। उत्तर में इसके चौड़े आधार पर सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला है। कैमूर, महादेव एवं मैकाल श्रेणियाँ इसके पूर्वी विस्तार हैं।
  2. पश्चिम में इसकी ऊँचाई अधिक है जो पूर्व में धीरे-धीरे कम होती जाती है। मेघालय, कार्बी एंगलौंग पठार एवं उत्तर कचार पहाड़ियाँ इसके उत्तरी-पूर्वी विस्तार हैं।
  3. यह एक भ्रंश के द्वारा छोटा नागपुर पठार से अलग है। पश्चिम से पूर्व की ओर गारो, खासी एवं जयंतिया पहाड़ियाँ स्थित हैं।

प्रश्न 13.
प्रायद्वीपीय पठार के दो प्रमुख उपविभाजनों के नाम बताइए एवं प्रत्येक की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
1. मध्य उच्च भूमि:
यह नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित है। इसमें मालवा पठार, अरावली पहाड़ियाँ, बुन्देलखण्ड, बघेलखण्ड एवं विंध्य आदि सम्मिलित हैं। यह क्षेत्र पश्चिम में चौड़ा एवं पूर्व में सँकरा है। इस क्षेत्र में बहने वाली नदियाँ चम्बल, सिंध, बेतवा एवं केन दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर बहती हैं।

2. दक्कन का पठार:
दक्कन का पठार एक त्रिभुजाकार भूभाग है, जो नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है। यह पठार उत्तर में सतपुड़ा, पूर्व में महादेव, कैमूर एवं मैकाल श्रृंखला से दक्षिण की ओर प्रायद्वीप के दक्षिणी सिरे तक विस्तृत है। यह पठार पश्चिम में ऊँचा एवं पूर्व की ओर कम ढाल वाला है।

प्रश्न 14.
पूर्वी घाट पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:

  1. पूर्वी घाट द्वारा दक्षिण के पठार के पूर्वी किनारे का निर्माण किया जाता है। इसकी ऊँचाई पश्चिमी घाट की अपेक्षा कम है। इसकी औसत ऊँचाई 600 मीटर है।।
  2. पूर्वी घाट का विस्तार महानदी घाटी से दक्षिण में नीलगिरी तक है।
  3. पूर्वी घाट का विस्तार सतत् नहीं है, ये अनियमित है।
  4. बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों ने पूर्वी घाट को काट दिया है।
  5. पूर्वी घाट की सबसे ऊँची चोटी महेन्द्रगिरी (1500 मीटर) है। शेवराय एवं जावेदी की पहाड़ियाँ इसके दक्षिण-पश्चिम में स्थित हैं।

प्रश्न 15.
पश्चिमी घाट पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:

  1. पश्चिमी घाट द्वारा दक्षिण के पठार के पश्चिमी किनारे का निर्माण किया जाता है। इसकी औसत ऊँचाई 900 से 1,600 मीटर है।
  2. पश्चिमी घाट सतत् रूप में फैले हुए हैं। इन्हें केवल दरों के द्वारा ही पार किया जा सकता है।
  3. पश्चिमी घाट की ऊँचाई उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ती जाती है। अनाईमुडी (2,695 मी.) एवं डोडा बेट्टा (2,633 मी.) इसकी प्रमुख चोटियाँ हैं।
  4. पश्चिमी घाट में पर्वतीय वर्षा होती है।

प्रश्न 16.
अरावली की पहाड़ियों के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:

  1. अरावली की पहाड़ियाँ प्रायद्वीपीय पठार के पश्चिमी एवं उत्तरी-पश्चिमी किनारों पर स्थित हैं।
  2. ये पहाड़ियाँ बहुत अधिक अपरदित एवं खण्डित हैं।
  3. ये पहाड़ियाँ गुजरात से लेकर दिल्ली तक दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा में फैली हुई हैं।

प्रश्न 17.
भारतीय मरुस्थल को किस नाम से जाना जाता है? इसकी प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
भारतीय मरुस्थल को थार के मरुस्थल के नाम से जाना जाता है। यह अरावली पर्वत के पश्चिमी किनारे पर स्थित है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. यह बालू के टीलों से ढका एक तरंगित मैदान है।
  2. इस क्षेत्र में बहुत कम वर्षा होती है। यहाँ प्रतिवर्ष 150 मिमी. से भी कम वर्षा होती है।
  3. इस क्षेत्र में केवल वर्षा ऋतु में ही नदियाँ दिखती हैं जो आगे चलकर बालू में विलीन हो जाती हैं। इस क्षेत्र की एकमात्र बड़ी नदी लूनी है।
  4. इस क्षेत्र की जलवायु शुष्क है।
  5. यहाँ बहुत कम वनस्पति पायी जाती है।

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प्रश्न 18.
तटीय मैदानों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
प्रायद्वीपीय पठार के दोनों ओर संकीर्ण तटीय मैदानों का विस्तार है। यह मैदान पश्चिम में अरब सागर से लेकर पूर्व में बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। इस मैदान के दो भाग हैं

  1. पश्चिमी तटीय मैदान,
  2. पूर्वी तटीय मैदान। पश्चिमी तटीय मैदान, पश्चिमी घाट और अरब सागर के बीच तक सँकरा मैदान है। इसके उत्तरी भाग को कोंकण तट, मध्य भाग को कन्नड़ मैदान एवं दक्षिण भाग को मालाबार तट कहते हैं।
  3. पूर्वी तटीय मैदान अपेक्षाकृत चौड़ा एवं समतल है। इसके दो भाग हैं-उत्तरी भाग को उत्तरी सरकार एवं दक्षिणी भाग को कोरोमण्डल तट कहते हैं।

प्रश्न 19.
पूर्वी तटीय मैदानों एवं पश्चिमी तटीय मैदानों की तुलना कीजिए।
उत्तर:
पूर्वी तटीय मैदानों एवं पश्चिमी तटीय मैदानों की तुलना निम्न प्रकार से हैपूर्वी तटीय मैदान

पूर्वी तटीय मैदान पशिचमी तटीय मैदान
1. ये मैदान पूर्वी घाट एवं बंगाल की खाड़ी के तट के बीच स्थित हैं। 1. ये मैदान पश्चिमी घाट एवं अरब सागर के तट के बीच स्थित हैं।
2. ये मैदान अपेक्षाकृत अधिक चौड़े हैं। 2. ये मैदान अपेक्षाकृत सँकरे हैं।
3. पूर्वी तटीय मैदान को दो भागों में बाँटा गया है-
(i) उत्तरी सरकार तट,
(ii) कोरोमंडल तट।
3. पश्चिमी तटीय मैदान को तीन भागों में बाँटा गया है-
(i) कोंकण तट,
(ii) कन्नड़ मैदान,
(iii) मालाबार तट।
4. इस तट की नदियाँ विशाल डेल्टा का निर्माण करती हैं। 4. इस तट की नदियाँ डेल्टा का निर्माण नहीं करती हैं।

प्रश्न 20.
बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर के द्वीप समूहों के बीच अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर के द्वीप समूहों के बीच निम्नलिखित अन्तर हैंबंगाल की खाड़ी के द्वीप समूह अरब सागर के द्वीप समूह

बंगाल की खाड़ी के द्वीप समूह अरब सागर के द्वीप समूह
1. इस द्वीप समूह के अन्तर्गत अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह आते हैं। 1. इस द्वीप समूह के अन्तर्गत लक्षद्वीप द्वीप समूह आते हैं।
2. ये द्वीप ज्वालामुखी उत्पत्ति के हैं। भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह के बैरैन द्वीप पर स्थित है। 2. ये मुख्यतः प्रवाल द्वीप हैं जिनका निर्माण पालिप्स नाम के सूक्ष्म जीवों द्वारा हुआ है।
3. ये हरे-भरे घने वनों से आच्छादित हैं। यहाँ की जलवायु विषुवतीय है। 3. यह द्वीप समूह अपनी वनस्पति एवं जैव विभिन्नता के लिए जाना जाता है। यहाँ भी विषुवतीय जलवायु पायी जाती है।
4. यह द्वीप समूह 350 किमी. में फैले लगभग 200 द्वीपों से मिलकर बना है। 4. यह 32 किमी. क्षेत्र में फैले 32 द्वीपों से मिलकर बना है।
5. इस द्वीप समह के द्वीप बिखरे हुए हैं। 5. इस द्वीप समह के द्वीप अपेक्षाकृत कम बिखरे हृए हैं।


निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत को भू-आकृतिक विभागों में विभाजित कीजिए। किसी एक भू-आकृतिक विभाग का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत को निम्नलिखित भू-आकृतिक विभागों में बाँटा जा सकता है

  1. हिमालय पर्वत श्रृंखला,
  2. उत्तरी मैदान,
  3. प्रायद्वीपीय पठार,
  4. भारतीय मरुस्थल,
  5. तटीय मैदान,
  6. द्वीप समूह।

हिमालय पर्वत श्रृंखला

हिमालय पर्वत की स्थिति एवं विस्तार:
भारत की उत्तरी सीमा पर हिमालय पर्वत स्थित है। हिमालय विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रेणी है जो पश्चिम-पूर्व दिशा में सिन्धु नदी से लेकर ब्रह्मपुत्र नदी तक फैली हुई है। यह पर्वत श्रेणी 2,400 किमी. की लम्बाई में एक अर्द्धवृत्त के रूप में फैली हुई है। इसकी चौड़ाई कश्मीर में 400 किमी. एवं अरुणाचल प्रदेश में 150 किमी. है।
JAC Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप  1

हिमालय का भौगोलिक वर्गीकरण: हिमालय पर्वत श्रृंखला को तीन भागों में बाँटा जा सकता है
1. महान हिमालय:

  1. इसे हिमाद्रि, वृहत् एवं आन्तरिक हिमालय के नाम से भी जाना जाता है।
  2. हिमालय की इस श्रेणी का क्रोड ग्रेनाइट का बना है।
  3. यह सबसे अधिक सतत् पर्वत श्रृंखला है।
  4. इसकी औसत ऊँचाई लगभग 6,000 मीटर है।
  5. यह पर्वत श्रृंखला सदैव हिम से ढकी रहती है तथा इससे बहुत-सी हिमानियों का प्रवाह होता है।
  6. माउण्ट एवरेस्ट (8,848 मी.), कंचनजंघा (8,598 मी.), मकालु (8,481 मी.), धौलागिरी (8,172 मी.), नंगा पर्वत (8,126 मी.), अन्नपूर्णा (8,078 मी.), नंदादेवी (7,817 मी.), कामेट (7,756 मी.), आदि प्रमुख पर्वत शिखर हैं।
  7. महान हिमालय के कुछ महत्वपूर्ण दरे-जोजीला (जम्मू-कश्मीर), शिपकी-ला, बारालाचा-ला (हिमाचल प्रदेश), बोमडी-ला (अरुणाचल प्रदेश) आदि हैं।
  8. महान हिमालय में ही भारत में हिमालय की सबसे ऊँची चोटी कंचनजंघा (8598 मी.) स्थित है। यह भारत के सिक्किम राज्य में स्थित है।

2. निम्न हिमालय:

  1. इसे हिमाचल एवं मध्य हिमालय के नाम से भी जाना जाता है।
  2. यह पर्वत शृंखला हिमाद्रि के दक्षिण में स्थित है।
  3. इस पर्वत श्रृंखला का निर्माण मुख्यतः अत्यधिक संपीडित एवं परिवर्तित शैलों से हुआ है।
  4. इसकी ऊँचाई 3,700 मीटर से 4,500 मीटर के बीच है।
  5. इसकी औसत चौड़ाई 50 किमी. है।
  6. पीरपंजाल इसकी सबसे लम्बी श्रेणी है। अन्य श्रेणियों में धौलाधार एवं महाभारत प्रमुख हैं।
  7. इसी पर्वत श्रृंखला में कश्मीर घाटी, कांगड़ा एवं कुल्लू घाटियाँ (हिमाचल प्रदेश) स्थित हैं।
  8. मसूरी, नैनीताल, रानीखेत, दार्जिलिंग आदि पर्वतीय स्थल निम्न हिमालय में स्थित हैं।

3. शिवालिक हिमालय:

  1. इसे उप हिमालय एवं बाह्य हिमालय भी कहते हैं।
  2. इसकी चौड़ाई 10 से 50 किमी. एवं ऊँचाई 900 से 1,100 मीटर के बीच है।
  3. इस पर्वत श्रृंखला का निर्माण महान हिमालय एवं निम्न हिमालय से नदियाँ द्वारा लाये गए असंपीडित अवसादों से हुआ है।
  4. निम्न हिमालय और शिवालिक के बीच में स्थित लम्बवत् घाटी पायी जाती है जिन्हें दून कहते हैं; जैसे-देहरादून, कोटलीदून आदि।

हिमालय का क्षेत्रीय वर्गीकरण:

  1. पंजाब हिमालय-यह सिंधु और सतलज नदी के बीच फैला हुआ है।
  2. कुमायूँ हिमालय-यह सतलज और काली नदी के बीच स्थित है।
  3. नेपाल हिमालय-इसका विस्तार काली नदी से लेकर तीस्ता नदी तक है।
  4. असम हिमालय-यह तिस्ता नदी से लेकर दिहांग नदी तक फैला हुआ है।

मानचित्र सम्बन्धी प्रश्न

भारत के मानचित्र में निम्न को दर्शाइए:
1. भारत के भौतिक विभाग,
2. हिमालय पर्वत एवं उसकी श्रेणियाँ,
3. पश्चिमी घाट एवं पूर्वी घाट,
4. भारत का उच्चावच,
5. पामीर ग्रन्थि एवं सम्बन्धित श्रेणियाँ,
6. चम्बल, कावेरी, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदियाँ।
JAC Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप  2

JAC Class 9 Social Science Important Questions

JAC Class 9 Social Science Solutions History Chapter 2 यूरोप में समाजवाद एवं रूसी क्रांति

JAC Board Class 9th Social Science Solutions History Chapter 2 यूरोप में समाजवाद एवं रूसी क्रांति

JAC Class 9th History यूरोप में समाजवाद एवं रूसी क्रांति InText Questions and Answers 

विद्यार्थियों हेतु निर्देश: पाठ्य-पुस्तक में इस अध्याय के विभिन्न पृष्ठों पर बॉक्स के अन्दर क्रियाकलाप दिए हुए हैं। इन क्रियाकलापों के अन्तर्गत पूछे गए प्रश्नों के क्रमानुसार उत्तर निम्न प्रकार से हैं

क्रियाकलाप ( पृष्ठ संख्या-28 )

प्रश्न 1.
मान लीजिए कि निजी सम्पत्ति को खत्म करने और उसकी जगह सामूहिक स्वामित्व की व्यवस्था लागू करने के सवाल पर आपके इलाके में बैठक बुलाई गई है। निम्नलिखित व्यक्तियों के रूप में उस बैठक में आप जो भाषण देंगे, वह लिखें एक गरीब खेतिहर मजदूर, एक मंझोला भू-स्वामी, एक गृह-स्वामी
उत्तर:
एक गरीब खेतिहर मजदूर: प्यारे साथियों, प्रकृति अपने संसाधनों को उपलब्ध कराने में किसी के साथ भेदभाव नहीं करती। फिर क्यों किसी के पास जीवन-यापन के अधिक साधन मौजूद हैं, और किसी के पास बहुत कम ? सम्पत्ति कठिन परिश्रम का ही परिणाम है।

यह श्रम खेतों में काम करने वाले गरीब मजदूरों द्वारा ही किया जाता है किन्तु उन्हें, उन्हीं के द्वारा उत्पन्न लाभ में हिस्सा नहीं दिया जाता। लाभ पूरी तरह खेतों के मालिकों को ही प्राप्त होता है, जो अपने उत्तराधिकार के कारण ही भूमि के स्वामी होते हैं। इसीलिए निजी सम्पत्ति का बहिष्कार होना चाहिए तथा सम्पत्ति के सामूहिक स्वामित्व की शुरुआत की जानी चाहिए।

यही गरीब खेतिहर मजदूर के हित में है। एक मझोला भू-स्वामी-प्रिय मित्रों, समाजवाद का विचार तो अच्छा है, किन्तु निजी सम्पत्ति को पूर्ण रूप से समाप्त करना किसी भी दृष्टिकोण से व्यावहारिक नहीं है। इससे फसलों का उत्पादन कम हो जायेगा। कोई भी व्यक्ति तभी अधिक परिश्रम करता है

जब सम्भावित उत्पादन से उसको अधिक लाभ मिलना हो परन्तु जिस कार्य से उसे अधिक लाभ दूसरी क्रान्ति से लोग अचम्भे और दहशत में डूब गये, क्योंकि यह क्रान्ति-हिंसा, लूटपाट, करों के बोझ और तानाशाही सत्ता की स्थापना के साथ आयी।

क्रियाकलाप (पृष्ठ संख्या-47 )

प्रश्न 1.
शौकत उस्मानी और रबीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखे गए उद्धरणों की तुलना कीजिए। उन्हें स्रोत ग, घ और च के साथ मिलाकर पढ़िए और बताइए कि
1. भारतीयों को सोवियत संघ में सबसे प्रभावशाली बात क्या दिखाई दी?
उत्तर:
शौकत उस्मानी ने अपनी पुस्तक ‘हिस्टॉरिक ट्रिप्स ऑफ ए रिवोल्यूशनरी’ में उस समानता की प्रशंसा की जो. रूसी क्रान्ति अपने साथ लाई थी। उन्होंने कहा कि वे असली समानता की भूमि में आ गए हैं। उनका मत था कि यहाँ निर्धनता के बावजूद लोग खुश और सन्तुष्ट थे।

लोगों को आपस में मिलने-जुलने से रोकने के लिए धर्म की कोई दीवार नहीं थी।
रबीन्द्रनाथ टैगोर रूसी क्रान्ति के परिणामों से प्रभावित थे। उनका कहना था कि अभिजात वर्ग का कोई सदस्य निर्धनों एवं मजदूरों का शोषण नहीं कर सकता था। अब कोई अंधकार में नहीं था, जो लोग अभी तक डरे हुए थे अब सामने आने लगे हैं।

2. ये लेखक किस चीज को नहीं देख पाए ?
उत्तर:
दोनों लेखक यह देख पाने में असफल रहे कि बोल्शेविक पार्टी ने किस प्रकार सत्ता हथियाई और समाजवाद के नाम पर देश पर राज किया। यह न तो न्यायपूर्ण था और न ही स्थायी, इसलिए अन्त में इसकी हार हुई।

क्रियाकलाप ( पृष्ठ संख्या-48)

प्रश्न 1.
कल्पना कीजिए कि एक मजदूर के तौर पर आपने सन् 1905 ई. की हड़ताल में हिस्सा लिया हैं और उसके लिए अदालत में आप पर मुकदमा चलाया जा रहा है। मुकदमे के दौरान अपने बचाव में आप क्या कहेंगे? अपना वक्तव्य तैयार कीजिए और कक्षा में वही भाषण दीजिए।
उत्तर:
हजर मैंने कोई अपराध नहीं किया है। मैंने 85 दिनों से भरपेट खाना नहीं खाया था। पिछले एक वर्ष से मेरे पास सिर्फ एक जोड़ी वस्त्र हैं। भुखमरी के कारण मेरी पत्नी और बच्चों की मेरी आँखों के सामने मृत्यु हो गई। हुजूर, मैं जानना चाहूँगा कि जब किसी व्यक्ति की परिस्थितियाँ और मनोदशा इस प्रकार की हों, तो राज्य उससे क्या अपेक्षा करता है ? हुजूर अब न्याय करना आपके हाथ में है।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित अखबारों के लिए 24 अक्टूबर, सन् 1917 ई. के विद्रोह के बारे में शीर्षक सहित एक छोटी-सी खबर तैयार कीजिए “फ्रांस के एक रूढ़िवादी अखबार के लिए, ब्रिटेन के एक रैडिकल अखबार के लिए, रूस के एक बोल्शेविक अखबार के लिए।
उत्तर:
1. फ्रांस के एक रूढ़िवादी अखबार के लिए:
बोल्शेविक विद्रोह का दमन-प्रात: ही सैनिकों ने दो बोल्शेविक इमारतों पर कब्जा कर लिया, जहाँ से वे समाचार-पत्र छापते थे। सेना ने टेलीफोन और टेलीग्राफ विभागों पर भी नियन्त्रण कर लिया एवं ‘विन्टर पैलेस’ की सुरक्षा का प्रबन्ध किया।

2. ब्रिटेन के एक रैडिकल अखबार के लिए:
बोल्शेविक विद्रोह अनुमोदित-शहर पूरी तरह से क्रान्तिकारियों के नियन्त्रण में है। मन्त्रियों ने आत्म- समर्पण कर दिया है। पेत्रोग्राद सोवियत ने बोल्शेविक विद्रोह का अनुमोदन कर दिया है।

3. रूस के एक बोल्शेविक अखबार के लिए बोल्शेविक युद्ध में विजयी हए:
पार्टी ने विन्टर पैलेस के साथ-साथ अनेक महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों पर भी अपना कब्जा कर लिया है। हम, रूस के नागरिक एवं बोल्शेविक पार्टी के सदस्य अन्ततः सत्ता के केन्द्र में आ गए हैं और उस क्षेत्र का नाम है मॉस्को-पेत्रोग्राद क्षेत्र।

प्रश्न 3.
मान लीजिए कि सामूहिकीकरण हो चुका है और आप रूस के एक मँझोले गेहूँ उत्पादक किसान हैं। आप सामूहिकीकरण के बारे में अपनी आपत्तियाँ व्यक्त करते हुए स्तालिन को एक पत्र लिखना चाहते हैं। अपनी जीवन परिस्थितियों के बारे में आप क्या लिखेंगे? आपकी राय में ऐसे किसान का पत्र पाकर स्तालिन की क्या प्रतिक्रिया होती?
उत्तर:
स्तालिन
मास्को

नाम-मिखाइल
पता-न्यू स्ट्रीट, मैग्नीटोगोर्क

महोदय,
मैं एक मध्यम दर्जे का गेहूँ-उत्पादक किसान हूँ। मैं कड़ी मेहनत से खेत में फसल उगाता हूँ। मैं अपनी भूमि से अच्छा उत्पादन किया करता हूँ। मेरे परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद मैं थोड़ी फसल बेच भी लेता हूँ। इसीलिए, कृपया मुझे मेरी भूमि पर स्वयं कृषि करने की अनुमति प्रदान कर इसे सामूहिकीकरण से मुक्त करने की कृपा करें।
सधन्यवाद।

प्रार्थी
मिखाइल

स्तालिन की प्रतिक्रिया:

द्वारा : स्तालिन
मास्को

मिखाइल
पता-न्यू स्ट्रीट, मेग्नीटोगोर्क
प्रिय मिखाइल,
मुझे आपका पत्र मिला। आप आज्ञाकारी हैं एवं सही रास्ते पर चल रहे हैं। परन्तु आपको यह पता नहीं है कि सामूहिकीकरण में सम्मिलित होने से आपके उत्पादन और आमदनी, दोनों में वृद्धि होगी क्योंकि यह कृषि की वैज्ञानिक विधियों पर आधारित है। हम आपकी भूमि छीन नहीं रहे, वरन् आप अपनी भूमि को अन्य लोगों की भूमि के साथ मिलाकर एकता एवं प्रगति का द्वार खोल रहे हैं। इसीलिए आपको राजकीय निर्देशों का पालन करना ही चाहिए। बाद में आपको स्वयं ही अपने निर्णय पर गर्व होगा।
सधन्यवाद

आपका शुभचिन्तक,
स्तालिन

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प्रश्न 1.
रूस के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक हालात सन् 1905 ई. से पहले कैसे थे?
उत्तर:
सन् 1905 ई. की रूस की क्रान्ति से पूर्व रूस की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक दशा अत्यन्त खराब थी, जिसका विवरण अग्रलिखित है
1. रूस की सामाजिक दशा:
सन् 1861 ई. से पूर्व रूस में सामन्तवाद का बोलबाला था। सामन्त लोग किसानों से बेगार लेकर अपनी जमीनों पर खेती करवाते थे। इन किसानों को सामन्तों के अनेक अत्याचारों का सामना करना पड़ता था। रूस में कुछ छोटे किसान भी थे, जिनकी आर्थिक दशा दयनीय थी।

सन् 1905 ई. की रूसी क्रान्ति से पूर्व समाज में तीन वर्ग थे पहला वर्ग सामन्तों एवं कुलीनों का था, जिसमें बड़े-बड़े सामन्त, जारशाही के सदस्य, उच्च पदाधिकारी आदि सम्मिलित थे।

मध्यम वर्ग का उदय औद्योगीकरण के फलस्वरूप हुआ था, जिसमें लेखक, विचारक, डॉक्टर, वकील तथा व्यापारी आदि लोग शामिल थे। तीसरा वर्ग किसानों तथा मजदूरों का था, इस वर्ग के सदस्यों की दशा अत्यन्त खराब थी। कुलीन और मध्यम वर्ग के लोग इन्हें हीन और घृणा की दृष्टि से देखते थे। पादरी वर्ग भी अनेक प्रकार से जनसाधारण वर्ग के लोगों का शोषण करता था।

2. रूस की आर्थिक दशा:
औद्योगीकरण से पूर्व रूसी लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि था। रूस में किसानों की दशा बहुत दयनीय थी। उनके खेत बहुत छोटे-छोटे थे और उन्हें कृषि की नवीन तकनीकों का ज्ञान नहीं था। धन के अभाव के कारण वे आधुनिक कृषि-यन्त्रों को खरीद पाने में असमर्थ थे।

उन्हें कठोर परिश्रम करने पर भी भर-पेट भोजन नहीं मिलता था, क्योंकि उनकी उपज का अधिकांश भाग सामन्त हड़प जाते थे। जार की निरंकुश सरकार ने श्रमिकों, मजदूरों तथा किसानों की आर्थिक दशा सुधारने का कोई प्रयास नहीं किया। अत: सरकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार और सैनिकों के अत्याचारों ने स्थिति को दिन-प्रतिदिन गम्भीर बनाना आरम्भ कर दिया।

3. राजनीतिक दशा:
रूस का जार निकोलस द्वितीय बड़ा निरंकुश और राजा के दैवी अधिकारों का समर्थक था। उसने रूसी जनता की उदारवादी भावनाओं को कुचलने के लिए बड़ी कठोर नीति अपनाई। उसने सम्पूर्ण देश में पुलिस तथा गुप्तचरों का जाल बिछा दिया था। गैर-रूसियों को रूसी बनाने की प्रक्रिया भी जारी थी।

रूस में भाषण, लेखन तथा व्यक्तिगत स्वतन्त्रता पर कठोर प्रतिबन्ध लगे हुए थे। बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ में रूस की जारशाही की निरंकुशता के कारण सर्वत्र असन्तोष व्याप्त था। इसी समय रूस-जापान युद्ध में रूसी सेनाओं को भारी पराजय उठानी पड़ी। इस पराजय ने रूसी जनता के असन्तोष को चरम सीमा पर पहुँचा दिया और वह देश से जारशाही को मिटाने के लिए तत्पर हो गई।

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प्रश्न 2.
सन् 1917 ई. से पहले रूस की कामकाजी आबादी यूरोप के बाकी देशों के मुकाबले किन-किन स्तरों पर भिन्न थी?
उत्तर:
सन् 1917 ई. से पूर्व रूस की कामकाजी आबादी यूरोप के अन्य देशों के मुकाबले निम्नलिखित स्तरों पर भिन्न थी

  1. रूस की लगभग 85 प्रतिशत जनसंख्या अपनी आजीविका की पूर्ति कृषि सम्बन्धी कार्यों से करती थी, जनसंख्या का यह प्रतिशत यूरोप के अन्य देशों की तुलना में कहीं अधिक था।
  2. रूसी किसानों की जोतें अन्य देशों के यूरोपीय किसानों की तुलना में छोटी थीं।
  3. रूसी किसान नवाबों एवं सामंतों का कोई आदर नहीं करते थे वे प्रायः लगान देने से इन्कार कर देते थे। जमींदारों के अत्याचारी स्वभाव के कारण उनसे घृणा करते थे। इसके विपरीत फ्रांस में किसान अपने सामन्तों के प्रति वफादार थे। सन् 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के समय वे अपने सामन्तों के लिए लड़े थे।
  4. रूस में पुरुष श्रमिकों की अपेक्षा महिला श्रमिकों को बहुत कम वेतन दिया जाता था। इसके अतिरिक्त बच्चों से भी 10 से 15 घण्टों तक काम लिया जाता था।
  5. रूस का किसान वर्ग, यूरोप के किसान वर्ग से भिन्न था। वे एक समय-अवधि के लिए अपनी जोतों को एकत्र कर लेते थे। उनके परिवारों की आवश्यकतानुसार उनकी ‘कम्यून’ इसका बँटवारा करती थी।
  6. यूरोप के अनेक प्रमुख देशों में औद्योगिक क्रान्ति आ चुकी थी, वहाँ कारखाने स्थानीय लोगों के हाथ में होने से श्रमिकों का अधिक शोषण नहीं होता था। परन्तु रूस में अधिकांश कारखाने विदेशी पूँजी से स्थापित हुए थे, जो रूसी श्रमिकों का शोषण करने में बिल्कुल भी संकोच नहीं करते थे।

प्रश्न 3.
सन् 1917 ई. में जार का शासन क्यों खत्म हो गया?
उत्तर:
सन् 1917 ई. में रूस से जारशाही को समाप्त करने के लिए अग्रलिखित परिस्थितियाँ उत्तरदायी थीं
1. रूस का जार निकोलस द्वितीय बड़ा निरंकुश और राजा के दैवी अधिकारों का समर्थक था। उसने रूसी जनता की उदारवादी भावनाओं को कुचलने के लिए कठोर नीति अपनाई। जारशाही की दमनकारी नीति के कारण रूस की जनता में भीषण असन्तोष व्याप्त हो गया था।

2. रूस का ऑर्थोडॉक्स चर्च जार की निरंकुशता का पोषक था। चर्च का पादरी जार की निरंकुशता एवं स्वेच्छाचारी सत्ता का समर्थक था। चर्च का अनुचित प्रभाव जनता के कष्टों का एक मुख्य कारण था।

3. सन् 1905 ई. की क्रान्ति का रूसी जनता पर बहुत प्रभाव पड़ा। जबकि जार ने एक निर्वाचित परामर्शदाता संसद ड्यूमा के निर्माण की घोषणा की, परन्तु उसने उसे कार्य करने की आज्ञा प्रदान नहीं की। उसने ड्यूमा को बर्खास्त कर दिया, क्योंकि जार किसी भी तरह की जवाबदेही या अपनी सत्ता पर किसी तरह का अंकुश नहीं चाहता था।

4. जार ने रूस को प्रथम विश्व युद्ध में धकेल दिया। सन् 1917 ई. तक लगभग 70 लाख लोग मारे जा चुके थे। युद्ध के समय उत्पादन में कमी हो गई, जिसने रूस में आर्थिक संकट को जन्म दिया।

5. बड़ी मात्रा में सैनिकों के लिए खाद्य सामग्री की आपूर्ति बनाये रखने के कारण रूस में मजदूरों के क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों की भारी कमी हो गयी जो क्रान्ति का तात्कालिक कारण बन गयी।

6. जार ने प्रथम विश्व युद्ध में रूसी सेना की शक्ति बढ़ाने के लिए किसानों तथा श्रमिकों को जबरदस्ती सेना में भर्ती किया जिससे लोगों में असन्तोष की भावना बढ़ी। 27 फरवरी, सन् 1917 ई. को मजदूर वर्ग रोटी, वेतन, काम के घण्टों में कमी की मांग करते हुए तथा लोकतान्त्रिक अधिकारों के पक्ष में नारे लगाते हुए सड़कों पर जमा हो गये। हड़ताली मजदूरों के साथ सैनिक एवं अन्य लोग भी मिल गये। राजधानी पेत्रोग्राद पर भी क्रान्तिकारियों का अधिकार हो गया।

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प्रश्न 4.
दो सूचियाँ बनाइए : एक सूची में फरवरी क्रान्ति की मुख्य घटनाओं और प्रभावों को लिखिए और दूसरी सूची में अक्टूबर क्रान्ति की प्रमुख घटनाओं और प्रभावों को दर्ज कीजिए।
उत्तर:
फरवरी क्रान्ति की प्रमुख घटनाएँ एवं प्रभाव निम्नलिखित हैं फरवरी क्रान्ति की मुख्य घटनाएँ:

  1. सन् 1917 ई. के शीतकाल में राजधानी पेत्रोग्राद की हालत अत्यन्त खराब थी। फरवरी माह में मजदूरों ने खाद्य पदार्थों के अभाव को बुरी तरह महसूस किया।
  2. संसदीय प्रतिनिधि चाहते थे कि निर्वाचित सरकार बची रहे, इसलिए वह जार निकोलस द्वितीय द्वारा ड्यूमा को भंग करने के लिए किये जा रहे प्रयासों का विरोध कर रहे थे।
  3. 22 फरवरी, सन् 1917 ई. को नेवा नदी के दाएँ तट पर स्थित एक कारखाने में तालाबन्दी घोषित कर दी गई।
  4. 23 फरवरी, सन् 1917 ई. को नेवा नदी के दाएँ तट पर स्थित एक कारखाने के मजदूरों के समर्थन में पचास फैक्ट्रियों के मजदूरों ने भी हड़ताल की घोषणा कर दी।
  5. 25 फरवरी, सन् 1917 ई. को सरकार द्वारा ड्यूमा को बर्खास्त कर दिया गया।
  6. 26 फरवरी, सन् 1917 ई. को श्रमिक बहुत बड़ी संख्या में बाएँ तट के क्षेत्र में एकत्र हो गए।
  7. 27 फरवरी, सन् 1917 ई. को प्रदर्शनकारियों ने पुलिस मुख्यालय पर हमला करके उन्हें नष्ट कर दिया।
  8. 2 मार्च, सन् 1917 ई. को जार ने राजगद्दी छोड़ दी। इस प्रकार राजवंश का अन्त हो गया।

फरवरी क्रान्ति के प्रभाव:

  1. फरवरी, सन् 1917 ई. की क्रान्ति के बाद राजवंश का अन्त हो गया। सोवियत और ड्यूमा के नेताओं ने देश का शासन चलाने के लिए अन्तरिम सरकार का गठन किया।
  2. अन्तरिम सरकार ने देश का संविधान बनाने के लिए संविधान सभा का चुनाव करवाने का निर्णय लिया।
  3. अप्रैल, सन् 1917 ई. में बोल्शेविकों के निर्वासित नेता ब्लादिमीर लेनिन रूस लौट आए। लेनिन के नेतृत्व में बोल्शेविक सन् 1914 ई. से ही युद्ध का विरोध कर रहे थे। लेनिन ने कहा कि युद्ध समाप्त किया जाए, सभी जमीन किसानों को दे दी जाए एवं बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया जाए।
  4. गर्मियों में मजदूर आन्दोलन तीव्र हो गया, श्रम संगठनों की संख्या बढ़ने लगी, सेना में सिपाहियों की समितियाँ गठित कर दी गईं।
  5. अन्तरिम सरकार की शक्ति कमजोर होने लगी तथा बोल्शेविकों का प्रभाव तीव्र गति से बढ़ने लगा जिससे सरकार ने असन्तोष को दबाने के लिए सख्त कदम उठाने प्रारम्भ कर दिए।

अक्टूबर क्रत्ति की मुख्य घटनाएं:

  1. जैसे-जैसे अन्तरिम सरकार और बोल्शेविकों के बीच संघर्ष बढ़ता गया, लेनिन को अन्तरिम सरकार द्वारा तानाशाही थोप देने की आशंका दिखाई देने लगी। सितम्बर सन् 1917 ई. में लेनिन ने सरकार के विरुद्ध विद्रोह हेतु चर्चा शुरू कर दी।
  2. 16 अक्टूबर, सन् 1917 ई. को लेनिन ने पेत्रोग्राद सोवियत और बोल्शेविक पार्टी को समाजवादी सिद्धान्तों के आधार पर सत्ता पर कब्जा करने के लिए तैयार कर लिया।
  3. सत्ता पर कब्जा करने के लिए लियॉन ट्रॉटस्की के नेतृत्व में सोवियत की ओर से एक सैनिक ब्रान्तिकारी समिति का गठन किया गया। योजना को लागू करने के लिए दिन की कोई जानकारी नहीं दी गई।
  4. 24 अक्टूबर, सन् 1917 ई. को विद्रोह की शुरुआत हुई। संकट की आशंका को देखते.हुए प्रधानमन्त्री केरेंस्की ने शहर छोड़ दिया और सेना को बुला लिया। प्रात:काल में ही सरकार के वफादार सैनिकों ने दो बोल्शेविक अखबारों के दफ्तरों पर कब्जा कर लिया।
  5. सरकारी सेना और बोल्शेविक सेनानियों के बीच भीषण युद्ध हुआ। माह दिसम्बर, सन् 1917 ई. तक बोल्शेविकों ने मास्को के पेत्रोग्राद क्षेत्र पर कब्जा कर लिया।

अक्टूबर क्रान्ति के प्रभाव:

  1. बोल्शेविक निजी सम्पत्ति की व्यवस्था के पूरी तरह खिलाफ थे। इसलिए नवम्बर, सन् 1917 ई. तक समस्त उद्योगों एवं बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया।
  2. भूमि को सामाजिक सम्पत्ति घोषित कर दिया गया तथा किसानों को सामन्तों की जमीनों पर कब्जा करने की खुली छूट दे दी गई।
  3. शहरों में बोल्शेविकों ने मकान-मालिकों के लिए उनके परिवार की आवश्यकताओं के अनुसार पर्याप्त जगह छोड़कर उनके बड़े मकानों के छोटे-छोटे हिस्से कर दिए जिससे बेघरबार या जरूरत मन्द लोगों को रहने की जगह दी जा सके।
  4. बोल्शेविकों ने कुलीन वर्ग द्वारा पुरानी पदवियों के प्रयोग पर रोक लगा दी।
  5. बोल्शेविक पार्टी का नाम बदलकर रूसी कम्युनिस्ट पार्टी (बोल्शेविक) रख दिया गया।

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प्रश्न 5.
बोल्शेविकों ने अक्टूबर क्रान्ति के फौरन बाद कौन-कौन से प्रमुख परिवर्तन किए?
उत्तर:
बोल्शेविकों ने अक्टूबर क्रान्ति के बाद निम्नलिखित परिवर्तन किए
1. निजी सम्पत्ति का अधिकार समाप्त:
बोल्शेविकों ने निजी सम्पत्ति के अधिकार को समाप्त कर दिया इसके परिणामस्वरूप भूमि को सामाजिक सम्पत्ति घोषित कर दिया गया। सामन्तों की बड़ी-बड़ी जमीनों को किसानों में बाँट दिया गया इससे जोत छोटे-छोटे हिस्सों में बँट गयीं। इसके अतिरिक्त बड़े-बड़े मकानों के मालिकों के पास आवश्यकतानुसार मकान छोड़कर शेष मकान एवं खाली स्थान को बेघर एवं जरूरतमंद लोगों को दे दिया गया।

2. राष्ट्रीयकरण:
बोल्शेविकों ने अधिकांश उद्योगों एवं बैंकों का राष्ट्रीकरण कर दिया। इसके परिणामस्वरूप मजदूरों के शोषण में कमी आयी तथा वे पूरी लगन से मेहनत करने लगे।

3.  उद्योगों का नियंत्रण:
उद्योगों का नियन्त्रण निजी हाथों से छीनकर राष्ट्रीयकरण करने के पश्चात् मजदूर, सोवियतों और श्रमिक संघों को दे दिया गया।

4. पार्टी का नाम बदलना:
बोल्शेविकों ने अपनी पार्टी का नाम बदलकर रूसी कम्युनिस्ट पार्टी (बोल्शेविक) रख दिया।

5. पदवियों की समाप्ति:
पूर्व में कुलीन वर्ग को दी गयी पदवियों के प्रयोग एवं प्रभाव को समाप्त कर प्रतिबन्ध लगा दिया गया।

6. वर्दी बदलना:
बदलाव को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने के उद्देश्य से बोल्शेविकों ने सेना और अफसरों की वर्दियों को बदल दिया।

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित के बारे में संक्षेप में लिखिए
1. कुलक,
2. ड्यूमा,
3. सन् 1900 ई. से सन् 1930 ई. के बीच महिला कामगार,
4. उदारवादी,
5. स्तालिन का सामूहिकीकरण कार्यक्रम।
उत्तर:
1. कुलक:
रूस में सम्पन्न किसानों को ‘कुलक’ कहा जाता था। स्तालिन के समय में आधुनिक खेत विकसित करने और उन पर मशीनों की सहायता से औद्योगिक खेती करने के लिए यह आवश्यक समझा गया कि सम्पूर्ण रूस में ‘कुलकों को समाप्त कर दिया जाए।

2. ड्यूमा:
ड्यूमा रूस की निर्वाचित परामर्शदाता संसद थी। इसका गठन सन् 1905 ई. की क्रान्ति के बाद जार द्वारा हुआ। परन्तु इसे जार द्वारा बर्खास्त कर दिया गया क्योंकि जार अपनी सत्ता पर किसी भी तरह का अंकुश तथा किसी तरह की जवाबदेही नहीं चाहता था।

3. सन् 1900 ई.से सन् 1930 ई. के बीच महिला कामगार:
रूस के कारखानों में महिला कामगारों की संख्या भी पर्याप्त थी, उन्हें पुरुषों से कम मजदूरी मिलती थी। उन्होंने सन् 1905 ई. एवं सन् 1917 ई. की क्रान्ति एवं उसमें होने वाली हड़तालों में सक्रिय भाग लिया। 22 फरवरी, सन् 1917 ई. को उन्होंने श्रमिकों की सबसे बड़ी हड़ताल का नेतृत्व किया। रूस के इतिहास में महिला श्रमिक अपने साथी पुरुष श्रमिकों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी रही।

4. उदारवादी:
उदारवादी ऐसा राष्ट्र चाहते थे जो सभी धर्मों को सहजता से स्वीकार कर सके। उन्होंने अनियन्त्रित वंशानुगत शासकों का विरोध किया। वे सरकार के समक्ष व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा के पक्षधर थे। वे व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करना चाहते थे, उन्होंने समूह प्रतिनिधित्व लोकतन्त्र का पक्ष लिया। वे निर्वाचित संसदीय सरकार तथा स्वतन्त्र न्यायपालिका के पक्ष में थे। सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार में उनका विश्वास नहीं था। उनका विचार था कि सम्पत्ति प्राप्त लोगों को मुख्यत: मत देने का अधिकार होना चाहिए।

5. स्तालिन का सामूहिकीकरण कार्यक्रम:
सन् 1927-1928 ई. के आस-पास रूस के शहरों में अनाज का भारी संकट उत्पन्न हो गया, उस समय किसानों के पास छोटे खेत थे। आधुनिक खेत विकसित करने एवं खेती का आधुनिकीकरण करने के लिए स्तालिन का सामूहिकीकरण कार्यक्रम आरम्भ हुआ।

सन् 1929 ई. से स्तालिन की पार्टी ने सभी किसानों को सामूहिक खेतों ‘कोलखोज’ में काम करने का आदेश जारी कर दिया। अधिकांश जमीन और साजो-सामान सामूहिक खेतों के स्वामित्व में सौंप दिए गए। सामूहिक खेती करने के लिए बड़ी भूमि अर्जित करना ही स्तालिन का सामूहिकीकरण कार्यक्रम कहलाया

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JAC Class 9th Social Science Notes Geography Chapter 1 भारत-आकार वे स्थिति 

JAC Board Class 9th Social Science Notes  Geography Chapter 1 भारत-आकार वे स्थिति

→ भारत विश्व की महान् प्राचीन संस्कृतियों में से एक है।

→ भारत एक विशाल देश है। अक्षांशीय स्थिति के सन्दर्भ में यह उत्तरी गोलार्द्ध में एवं देशान्तरीय स्थिति के सन्दर्भ में पूर्वी गोलार्द्ध में स्थित है।

→ भारत का अक्षांशीय विस्तार 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तरी अक्षांश एवं देशान्तरीय विस्तार 68°7′ पूर्व से 97°25′ पूर्वी देशान्तर तक है।

→ कर्क रेखा (23°30′ उत्तर) भारत को लगभग दो बराबर भागों में बाँटती है।

→ भारत के मुख्य भू-भाग के दक्षिण-पूर्व में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी में एवं दक्षिण-पश्चिम में लक्षद्वीप द्वीप समूह अरब सागर में स्थित है।

→ भारत का कुल क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किमी. है जो विश्व के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.4 प्रतिशत है।

→ क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत विश्व का सातवाँ बड़ा देश है। छः अन्य बड़े देश रूस, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया हैं।

→ भारतीय स्थलीय सीमा की लम्बाई 15,200 किमी. एवं अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह एवं लक्षद्वीप सहित भारत की समुद्री तट रेखा की लम्बाई 7,5166 किमी. है।

JAC Class 9th Social Science Notes Geography Chapter 1 भारत-आकार वे स्थिति 

→ भारत की उत्तर-दक्षिण सीमा की लम्बाई 3,214 किमी. एवं पूर्व-पश्चिम सीमा की लम्बाई 2,933 किमी. है। भारत की मानक याम्योत्तर (प्रधान मध्याह्न) रेखा 82°30′ पूर्वी देशान्तर को माना गया है जो उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर से गुजरती है।

→ भारत में 29 राज्य और 7 केन्द्र-शासित प्रदेश थे। लेकिन सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर की स्थिति में किये गये परिवर्तन तथा दादरा नगर हवेली और दमन-दीव को मिलाकर एक केन्द्रशासित प्रदेश बनाने के कारण अब 28 राज्य तथा 8 केन्द्रशासित प्रदेश हो गये हैं।

→ भारत के पड़ोसी देश चीन, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार, पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान हैं। इन देशों के साथ भारत की भूमि की सीमाएँ लगी हुई हैं।

→ दक्षिण में हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका एवं मालदीव हैं।

→ हमारे देश का सबसे दक्षिणी बिन्दु ‘इन्दिरा बिन्दु’ कहा जाता था, जो सन् 2004 में सुनामी लहरों के कारण समुद्र में जलमग्न हो गया।

→ सन् 1869 में स्वेज नहर के खुल जाने से भारत और यूरोप के मध्य की दूरी 7,000 किमी. कम हो गयी है।

→ संस्कृति – किसी समाज, देश अथवा राष्ट्र में निवास करने वाले मानव समुदाय के धर्म, दर्शन, ज्ञान-विज्ञान से सम्बन्धित क्रिया-कलाप, रीति-रिवाज, खाने-पीने के तरीके, आदर्श, संस्कार आदि को सामूहिक रूप से संस्कृति कहते हैं।

→ उत्तरी गोलार्द्ध – पृथ्वी का वह भाग, जो विषुवत् वृत्त के उत्तर में स्थित है।

→ विषुवत रेखा – उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुवों के बीचोंबीच स्थित एक काल्पनिक रेखा जो पृथ्वी को दो गोलार्डों में बाँटती है। इसे 0° अक्षांश रेखा या भूमध्य रेखा भी कहते हैं।

→ कर्क रेखा-23°30′ उत्तरी अक्षांश रेखा।

→ अक्षांश – विषुवत् रेखा के उत्तर या दक्षिण स्थित किसी भी स्थान की विषुवत् रेखा से कोणीय दूरी।

→ देशान्तर – किसी भी स्थान की प्रधान याम्योत्तर (0° देशान्तर या ग्रीनविच रेखा से पूर्व या पश्चिम) से कोणीय दूरी।

→ अक्षांश रेखा – समान अक्षांश वाले स्थानों को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा।

JAC Class 9th Social Science Notes Geography Chapter 1 भारत-आकार वे स्थिति 

→ देशान्तर रेखा – समान देशान्तर वाले स्थानों को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा, जो कि ध्रुवों से होकर गुजरती है।

→ द्वीप – जल से चारों ओर से घिरा हुआ एक भू-भाग।

→ द्वीप समूह – अनेक द्वीपों का समूह, जो सागर में एक-दूसरे के समीप स्थित होते हैं।

→ वलित पर्वत–नवीन मोड़दार पर्वत, जैसे-हिमालय पर्वत।

→ मानक याम्योत्तर भारत के लगभग मध्य से होकर गुजरने वाली 82°30′ पूर्वी देशान्तर रेखा जिसका स्थानीय समय सम्पूर्ण भारत पर लागू होता है।

→ स्थानीय समय-पृथ्वी पर किसी स्थान विशेष का वह समय जब सूर्य ठीक मध्य में चमकता है।

→ मानक समय-जब किसी देश में किसी देशान्तर के स्थानीय समय को सम्पूर्ण देश का समय मान लिया जाता है तो उसे मानक या प्रामाणिक समय कहते हैं। भारत में 82°30′ पूर्वी देशान्तर के समय को प्रामाणिक समय माना जाता

→ उपमहाद्वीप-एक विशाल भूखण्ड जो शेष महाद्वीप से एक पृथक् भौगोलिक इकाई के रूप में स्पष्टतया अलग होता है।

→ जल सन्धि-दो स्थल खण्डों के मध्य संकरा जलीय क्षेत्र जो दो सागरों या महासागरों को जोड़ता है, जैसे-भारत और श्रीलंका के मध्य पाक जलसन्धि।

→ स्थापत्य कला-भवन निर्माण कला।

→ महाद्वीप-पृथ्वी का विशाल भूभाग।

→ भारतीय भू-भाग-भारत का वह भाग, जो जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एवं मुजरात से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैला हुआ है।

→ रेशम मार्ग-विश्व प्रसिद्ध प्राचीन मार्ग जो भारत से गुजरता था तथा पूर्व और पश्चिम के देशों को जोड़ता था।

→ महासागर-पृथ्वी का विशाल जलक्षेत्र।

→ सागर-महासागर के छोटे भागों में से एक, जो आंशिक रूप से स्थलों से घिरा होता है, जैसे-अरब सागर।

→ खाड़ी-भूमि से अंशत: घिरा हुआ समुद्र का एक विशाल क्षेत्र।

→ दर्रा-पर्वत श्रृंखला अवरोध को पार करने के लिए एक सँकरा रास्ता।

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