JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Exercise 13.3

जब तक अन्यथा न कहा जाए = \(\frac{22}{7}\) लीजिए।

प्रश्न 1.
एक शंकु के आधार का व्यास 10.5 सेमी और इसकी तिर्यक ऊँचाई 10 सेमी है। इसका वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
शंकु के आधार का व्यास = 10.5 सेमी
∴ शंकु के आधार की त्रिज्या (r) = \(\frac{10.5}{7}\) सेमी
और शंकु की तिर्यक ऊँचाई (l) = 10 सेमी
शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl
= \(\frac{22}{7} \times \frac{10.5}{2}\) × 10 वर्ग सेमी
= 165 वर्ग सेमी
अतः शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 165 वर्ग सेमी।

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प्रश्न 2.
एक शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए, जिसकी तिर्यक ऊंचाई 21 मीटर और आधार का व्यास 24 मीटर है।
हल:
शंकु के आधार का व्यास = 24 मीटर
∴ शंकु के आधार की त्रिज्या (r) = \(\frac{24}{2}\) = 12 मीटर
और शंकु की तिर्यक ऊँचाई (l) = 21 मीटर
∴ शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + आधार का क्षेत्रफल
= πrl + πr2 = πr (l + r)
= \(\frac{22}{7}\) × 12 × (21 + 12)
= \(\frac{22}{7}\) × 12 × 33 वर्ग मीटर
= \(\frac{8712}{7}\) वर्ग मीटर = 1244.57 वर्ग मीटर
अतः शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 1244.57 वर्ग मीटर।

प्रश्न 3.
एक शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल 308 सेमी2 और इसकी तिर्यक ऊंचाई 14 सेमी है ज्ञात कीजिए:
(i) आधार की त्रिज्या,
(ii) शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल।
हल:
(i) माना शंकु के आधार की त्रिज्या r सेमी है।
शंकु की तिर्यक ऊँचाई (l) = 14 सेमी
∴ शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl
308 = \(\frac{22}{7}\) × r × 14 वर्ग सेमी
= 44 वर्ग सेमी
r = \(\frac{308}{44}\) = 7 सेमी
अतः शंकु के आधार की त्रिज्या = 7 सेमी।

(ii) शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = वक्र पृष्ठ + आधार का क्षेत्रफल
= πrl + πr2 = πr(l + r)
= \(\frac{22}{7}\) × 7 × (14 + 7)
= \(\frac{22}{7}\) × 7 × 21 = 462 वर्ग सेमी।
अतः शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 462 वर्ग सेमी।

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प्रश्न 4.
शंकु के आकार का एक तम्बू 10 मीटर ऊँचा है। और उसके आधार की त्रिज्या 24 मीटर है। ज्ञात कीजिए:
(i) तम्बू की तिर्यक ऊँचाई
(ii) तम्बू में लगे केनवास की लागत, यदि 1 वर्ग मीटर केनवास की लागत ₹ 70 है।
हल:
(i) तम्बू के आधार की त्रिज्या (r) = 24 मीटर तथा ऊँचाई (h) = 10 मीटर है।
∴ तिर्यक् ऊँचाई (l) = \(\sqrt{h^2+r^2}\)
= \(\sqrt{(10)^2+(24)^2}\)
= \(\sqrt{100+576}\)
= \(\sqrt{676}\) = 26 सीटर
अतः तम्बू की तिर्यक ऊँचाई (l) = 26 मीटर।

(ii) तम्बू को बनाने में प्रयुक्त केनवास शंकु के आकार वाले तम्बू का वक्र पृष्ठ = πrl
= \(\frac{22}{7}\) × 24 × 26 वर्ग मीटर
= \(\frac{13,728}{7}\) वर्ग मीटर
∴ तम्बू को बनाने में प्रयुक्त केनवास का क्षेत्रफल = \(\frac{13,728}{7}\) वर्ग मीटर
अतः तम्बू में लगे केनवास की लागत = केनवास का क्षेत्रफल × 1 वर्ग मीटर केनवास की लागत
= \(\frac{13,728}{7}\) × 70 = ₹ 1,37,280

प्रश्न 5.
8 मीटर ऊंचाई और आधार की त्रिज्या 6 मीटर वाले एक शंकु के आकार का तम्बू बनाने में 3 मीटर चौड़े तिरपाल की कितनी लम्बाई लगेगी ? यह मान कर चलिए कि इसकी सिलाई और कटाई में 20 सेमी तिरपाल अतिरिक्त लगेगा। π = 3.14 का प्रयोग कीजिए।
हल:
शंकु के आधार की त्रिज्या (r) = 6 मीटर
शंकु की ऊँचाई (h) = 8 मीटर
∴ शंकु की तिर्यक ऊँचाई (l) = \(\sqrt{h^2+r^2}\)
= \(\sqrt{(8)^2+(6)^2}\)
= \(\sqrt{64+36}\)
= \(\sqrt{100}\) = 10 मीटर
∴ तम्बू का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl
= 3.14 × 6 × 10
= 188.40 वर्ग मीटर
∴ तिरपाल का क्षेत्रफल = 188.40 वर्ग मीटर
तिरपाल की चौड़ाई = 3 मीटर
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सिलाई इत्यादि में प्रयुक्त तिरपाल = 20 सेमी
= 0.20 मीटर
अतः तिरपाल की कुल लम्बाई = (62.80 + 0.20) मीटर = 63 मीटर।

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प्रश्न 6.
एक शंकु के आकार के एक गुम्बज की तिर्थक ऊँचाई और आधार का व्यास क्रमशः 25 मीटर और 14 मीटर है। इसके वक्र पृष्ठ पर 210 रुपये प्रति 100 मीटर की दर से सफेदी कराने का व्यय ज्ञात कीजिए।
हल:
शंक्वाकार गुम्बज के आधार का व्यास = 14 मीटर
∴ शंक्वाकार गुम्बज के आधार की त्रिज्या (r) = \(\frac{14}{2}\) = 7 मीटर
गुम्बज की तिर्यक ऊँचाई (l) = 25 मीटर
∴ गुम्बज का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl
= \(\frac{22}{7}\) × 7 × 25 = 550 वर्ग मीटर
… 100 वर्ग मीटर पृष्ठ पर सफेदी कराने का व्यय = पृष्ठीय क्षेत्रफल दर × प्रति 100 मी2
= 550 × \(\frac{210}{100}\) = 1,155
अतः गुम्बज के वक्र पृष्ठ पर सफेदी कराने का व्यय = ₹ 1,155

प्रश्न 7.
एक जोकर की टोपी शंकु के आकार की है, जिसके आधार की त्रिज्या 7 सेमी और ऊंचाई 24 सेमी है। इसी प्रकार की 10 टोपियाँ बनाने के लिए आवश्यक गत्ते का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
जोकर की टोपी शंक्वाकार है।
∴ टोपी के आधार की त्रिज्या (r) = 7 सेमी
तथा टोपी की ऊँचाई (h) = 24 सेमी
∴ टोपी की तिर्यक ऊँचाई (l) = \(\sqrt{h^2+r^2}\)
= \(\sqrt{(24)^2+(7)^2}\)
= \(\sqrt{576+49}\)
= \(\sqrt{625}\) = 25 सेमी
∴ टोपी का वक्र पृष्ठ = πrl
= \(\frac{22}{7}\) × 7 × 25
= 550 वर्ग सेमी
∵ 1 टोपी बनाने में लगा गत्ता = 550 वर्ग सेमी
∴ 10 टोपी बनाने में लगा गता = 550 × 10
= 5500 वर्ग सेमी।

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प्रश्न 8.
किसी बस स्टॉप को पुराने गले से बने 50 खोखले शंकुओं द्वारा सड़क से अलग किया हुआ है। प्रत्येक शंकु के आधार का व्यास 40 सेमी और ऊंचाई 1 मीटर है। यदि इन शंकुओं के बाहरी पृष्ठों को पेंट करवाना है और पेंट की दर ₹ 12 प्रति मीटर2 है, तो इनको पेंट कराने में कितनी लागत आयेगी? π = 3.14 और \(\sqrt{\mathbf{1 . 0 4}}\) = 1.02 का प्रयोग कीजिए।
हल:
शंकु के आधार का व्यास = 40 सेमी
∴ शंकु के आधार की त्रिज्या (r) = \(\frac{40}{2}\) = 20 सेमी
= 0.20 मीटर
और शंकु की ऊँचाई (h) = 1 मीटर
∴ शंकु की तिर्यक ऊँचाई (l) = \(\sqrt{h^2+r^2}\)
\(\sqrt{(1)^2+(0.2)^2}=\sqrt{1.04}\) = 1.02 मीटर
शंकु का वक्र पृष्ठ = πrl
= 3.14 × 0.20 × 1.02 वर्ग मीटर
= 0.64056 वर्ग मीटर
∴ 50 शंकुओं का वक्र पृष्ठ = 50 × 0.64056 वर्ग मीटर
= 32.028 वर्ग मीटर
∴ 50 शंकुओं पर सफेदी कराने का व्यय = वक्र पृष्ठ × मूल्य-दर
= 32.028 × 12 = ₹ 384.336
= ₹ 384.34 लगभग।
अतः शंकुओं पर सफेदी कराने में लगभग ₹ 384.34 व्यय होंगे।

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Exercise 15.1

प्रश्न 1.
एक क्रिकेट मैच में, एक महिला बल्लेबाज खेली गई 30 गेंदों में 6 बार चौका मारती है। चौका न मारे जाने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
हल:
महिला बल्लेबाज द्वारा 30 गेंदें खेली गई।
∴ चौका मारे जाने के कुल सम्भावित परिणाम = 30
तथा चौका लगने के अनुकूल परिणाम = 6
अतः चौका मारे जाने की प्रायिकता
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= \(\frac{6}{30}=\frac{1}{5}\)
तब, चौका न मारे जाने की प्रायिकता
= 1 – P(E)
= 1 – \(\frac{1}{5}=\frac{4}{5}\)
अतः महिला बल्लेबाज द्वारा चौका न मारे जाने की प्रायिकता \(\frac{4}{5}\) है।

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प्रश्न 2.
2 बच्चों वाले 1500 परिवारों का यादृच्छया चयन किया गया है और निम्नलिखित आँकड़े लिए गए है:

परिवार में लड़कियों की संख्या परिवारों की संख्या
2 475
1 814
0 211

यादृच्छया चुने गए उस परिवार की प्रायिकता ज्ञात कीजिए, जिसमें
(i) दो लड़कियाँ हों, (ii) एक लड़की हो, (iii) कोई लड़की न हो।
साथ ही, यह भी जाँच कीजिए कि इन प्रायिकताओं का योगफल 1 है या नहीं।
हल:
(i) कुल सम्भावित परिणाम परिवारों का कुल योग
= 475 + 814 + 211 = 1500
अनुकूल परिणामों की संख्या = 2 लड़कियों वाले परिवार
= 475
एक परिवार में दो लड़कियाँ होने की प्रायिकता,
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(ii) अनुकूल परिणामों की संख्या = एक लड़की वाले परिवार = 814.
अतः परिवार में लड़की होने की प्रायिकता
P(E2) = \(\frac{814}{1500}=\frac{407}{750}\)
(iii) अनुकूल परिणामों की संख्या = 0 लड़कियों वाले परिवार = 211
अतः परिवार में लड़की न होने की प्रायिकता
P(E3) = \(\frac{211}{1500}\)
सभी प्रायिकताओं का योग = P(E1) + P(E2) + P(E3)
= \(\frac{19}{60}+\frac{407}{750}+\frac{211}{1500}\)
= \(\frac{475+814+211}{1500}=\frac{1500}{1500}\) = 1
अतः सभी प्रायिकताओं का योगफल 1 है।

प्रश्न 3.
अध्याय 14 अनुच्छेद 144 का उदाहरण 5 लीजिए। कक्षा के किसी एक विद्यार्थी का जन्म अगस्त में होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
हल:
अध्याय 14 अनुच्छेद 14.4 पृष्ठ 296 पर उदाहरण 5 निम्न है।
आयत चित्र देखने से स्पष्ट है कि 40 विद्यार्थियों में से अगस्त में जन्म लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या 6 है।
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 3
अतः किसी विद्यार्थी का जन्म अगस्त में होने की प्रायिकता
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JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 4.
तीन सिक्कों को एक साथ 200 बार उछाला गया है तथा इनमें विभिन्न परिणामों की बारम्बारताएँ ये है:

परिणाम बारम्बारता
3 चित 23
2 चित 72
1 चित 77
कोई भी चित नहीं 28

यदि तीनों सिक्कों को पुनः एक साथ उछाला जाये, तो दो के चित आने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
हल:
चूँकि 3 सिक्के एक साथ 200 बार उछाले जाते हैं, तो सम्भावित कुल परिणामों की संख्या = 200
तथा अनुकूल परिणामों की संख्या = 2 चित आने के परिणाम = 72
2 चित आने की प्रायिकता
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प्रश्न 5.
एक कम्पनी ने यादृच्छया 2400 परिवार चुनकर एक घर की आय स्तर और वाहनों की संख्या के बीच सम्बन्ध स्थापित करने के लिए उनका सर्वेक्षण किया। एकत्रित किए गए आँकड़े सारणी में दिए गए हैं:
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मान लीजिए एक परिवार चुना गया है। प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि चुने गए परिवार :
(i) की आय ₹ 10000-13000 रु. प्रतिमाह है और उसके पास ठीक-ठीक दो वाहन हैं।
(ii) की आय प्रतिमाह ₹ 16000 या इससे अधिक है और उसके पास ठीक 1 वाहन है।
(iii) की आय ₹ 7000 प्रतिमाह से कम है और उसके पास कोई वाहन नहीं है।
(iv) की आय ₹ 13000-16000 प्रतिमाह है और उसके पास 2 से अधिक वाहन हैं।
(v) जिसके पास 1 से अधिक वाहन नहीं है।
हल:
(i) आय स्तर ₹ 10000-13000 प्रतिमाह के परिवार में वाहनों की संख्या 2 है। ऐसे परिवारों की संख्या = 29.
अतः प्रायिकता
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(ii) जिनकी आय प्रतिमाह ₹ 16000 या अधिक है और उनमें 1 वाहन है। ऐसे परिवारों की संख्या = 579
परिवारों की कुल संख्या = 2400
अतः परिवार में 1 वाहन होने की प्रायिकता
P(E) = \(\frac{579}{2400}\)

(iii) जिनकी आय ₹ 7000 से कम है जोकि वाहन रहित हैं। ऐसे परिवारों की संख्या = 10 है।
कुल परिवारों की संख्या = 2400
अतः परिवार में वाहन न होने की प्रायिकता
P(E) = \(\frac{10}{2400}=\frac{1}{240}\)

(iv) ऐसे परिवारों की संख्या जिनकी प्रतिमाह आय ₹ 13000-16000 है और उन परिवारों में 2 से अधिक वाहन हैं = 25
परिवारों की कुल संख्या = 2400
अतः परिवार में दो से अधिक वाहन होने की प्रायिकता
P(E) = \(\frac{25}{2400}=\frac{1}{96}\)

(v) ऐसे परिवार जिनके पास 1 से अधिक वाहन नहीं है में वे परिवार भी सम्मिलित होंगे जिनके पास कोई भी वाहन नहीं हैं।
अतः एक से अधिक वाहन न होने के अनुकूल परिणाम
= 10 + 1 + 2 + 1 + 160 + 305 + 535 + 469 + 5 + 79 = 2062
अतः 1 से अधिक वाहन न होने की प्रायिकता
P(E) = \(\frac{2062}{2400}=\frac{1031}{1200}\)

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प्रश्न 6.
निम्न सारणी में विद्यार्थियों के गणित में प्राप्तांक और उनकी संख्या दी गई है:

अंक विद्यार्थियों की संख्या
0-20 7
20-30 10
30-40 10
40-50 20
50-60 20
60-70 15
70 से अधिक 8
कुल योग 90

अधिकतम अंक = 100
(i) गणित की परीक्षा में एक विद्यार्थी द्वारा 20% से कम अंक प्राप्त करने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
(ii) एक विद्यार्थी द्वारा 60 या इससे अधिक अंक प्राप्त करने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
हल:
कुल सम्भावित परिणाम = गणित में कुल विद्यार्थियों की संख्या = 90.
(i) सारणी में, 20% अंकों से कम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या = 7.
P(20% से कम अंक) = \(\frac{7}{90}\)
(ii) दी गई सारणी में 60 या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या = 15 + 8 = 23
∴ P (60 या उससे अधिक अंक प्राप्त करना) = \(\frac{23}{90}\)

प्रश्न 7.
सांख्यिकी के बारे में विद्यार्थियों का मत जानने के लिए 200 विद्यार्थियों का सर्वेक्षण किया गया। प्राप्त आँकड़ों को नीचे दी गई सारणी में लिख लिया गया है:

मत विद्यार्थियों की संख्या
पसन्द करते हैं 135
पसन्द नहीं करते हैं 65

प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि यादृच्छया चुना गया विद्यार्थी : (i) सांख्यिकी पसन्द करता है (ii) सांख्यिकी पसन्द नहीं करता है।
हल:
कुल सम्भावित परिणाम = विद्यार्थियों की कुल संख्या = 200
(i) अनुकूल परिणामों की संख्या सांख्यिकी पसन्द करने वाले विद्यार्थियों की संख्या = 135
अतः चयनित छात्र के सांख्यिकी पसन्द करने की प्रायिकता,
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(ii) तब सांख्यिकी न पसन्द करने की प्रायिकता,
P(E’) = 1 – P(E) = 1 – \(\frac{27}{40}=\frac{13}{40}\)

प्रश्न 8.
40 इंजीनियरों की उनके आवास से कार्यस्थल की दूरियाँ (किमी में) निम्नलिखित हैं :
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इसकी आनुभाविक प्रायिकता क्या होगी कि इंजीनियर:
(i) अपने कार्यस्थल से 7 किमी से कम दूरी पर रहते हैं ?
(ii) अपने कार्यस्थल से 7 किमी या इससे अधिक दूरी पर रहते हैं ?
(ii) अपने कार्यस्थल से \(\frac{1}{2}\) किमी या इससे कम दूरी पर रहते हैं?
हल:
कुल सम्भावित परिणाम = इंजीनियरों की कुल संख्या = 40
अनुकूल परिणामों की संख्या = कार्यस्थल से 7 किमी से कम दूरी पर रहने वाले इन्जीनियरों की संख्या
= 5, 3, 2, 3, 5, 3, 2, 6, 6
= 9
(i) अतः अभीष्ठ प्रायिकता
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(ii) एक इंजीनियर के 7 किमी या अधिक दूर निवास करने की प्रायिकता = 1 – P(E)
= 1 – \(\frac{9}{40}=\frac{31}{40}\)

(iii) अपने कार्यस्थल से \(\frac{1}{2}\) किमी या कम दूरी पर निवास करने वाले इंजीनियरों की संख्या = शून्य
अतः अभीष्ट प्रायिकता P(E) = \(\frac{0}{40}\) = शून्य

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प्रश्न 9.
क्रियाकलाप-अपने विद्यालय के गेट के सामने से एक समय अन्तराल में गुजरने वाले दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहनों की बारम्बारता लिख लीजिए। आप द्वारा देखे गए वाहनों में से किसी एक वाहन का दो पहिया वाहन होने की स्वयं प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
हल:
निम्न प्रारूप पर सूचना एकत्र कीजिए:
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तब गुजरने वाले वाहन के दो पहिया होने की प्रायिकता = \(\frac{P}{N}\)

प्रश्न 10.
क्रियाकलाप आप अपनी कक्षा के विद्यार्थियों से एक 3 अंक वाली संख्या लिखने को कहिए। आप कक्षा से एक विद्यार्थी को बादृच्छया चुन लीजिए। इस बात की प्रायिकता क्या होगी कि उसके द्वारा लिखी गई संख्या 3 से भाज्य है? याद रखिए कि कोई संख्या 3 से भाज्य होती है, यदि उसके अंकों का योग 3 से भाज्य हो।
हल:
तीन अंकों वाली संख्याएँ 100 से प्रारम्भ होकर 999 तक हैं। 100 से 999 तक के बीच कुल सम्भावित संख्याएँ 900 हैं। इन नौ सौ संख्याओं में प्रत्येक तीसरी संख्या 3 से विभाज्य होगी।
इस प्रकार 3 अंकों वाली कुल संख्याएँ = 900
3 से विभाज्य 3 अंकों वाली कुल संख्याएँ = \(\frac{900}{3}\)
अतः छात्र द्वारा लिखी गई संख्या 3 से विभाज्य होने की प्राविकता = \(\frac{300}{900}\) = \(\frac{1}{3}\)

प्रश्न 11.
आटे की उन ग्यारह थैलियों में जिन पर 5 किग्रा अंकित है, वास्तव में आटे के निम्नलिखित भार (किग्रा में) हैं:
4.97, 5,05, 5.08, 5.03, 5.00, 5.06, 5.08, 4.98, 5.04, 5.07, 5.00
यदृच्छया चुनी गई एक थैली में 5 किग्रा से अधिक आटा होने की प्रायिकता क्या होगी ?
हल:
कुल सम्भावित परिणाम = थैलियों की संख्या = 11
अनुकूल परिणामों की संख्या = (5 किग्रा से अधिक वजन वाली थैलियों की संख्या) = 07
∴ चुनी गई थैली के 5 किग्रा से अधिक होने की
प्रायिकता,
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प्रश्न 12.
एक नगर में वायु में सल्फर डाइऑक्साइड का सान्द्रण भाग प्रति मिलियन [Parts per million (ppm)] में ज्ञात करने के लिए एक अध्ययन किया गया। 30 दिनों के प्राप्त किए गए आंकड़े ये हैं:
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किसी एक दिन वर्ग अन्तराल (0.12-0.16) में सल्फर डाइऑक्साइड के सान्दण होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
हल:
वर्ग-अन्तराल 0.12-0.16 के अन्तर्गत प्रविष्टियाँ = 0.12, 0.13 = 02
∴ चुने गए दिन के लिए सल्फर डाइऑक्साइड के सान्द्रण के कुल सम्भावित परिणाम = 30
और अनुकूल परिणाम = 02
अत: सल्फर डाइऑक्साइड का सान्द्रता 0.12 – 0.16 ppm होने की प्रायिकता,
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प्रश्न 13.
आठवीं कक्षा के 30 विद्यार्थियों के रक्त समूह ये हैं:
A, B, O, O, AB, O, A, O, B, A, O, B, A, O, O, A, AB, O, A, A, O, O, AB, B, A, O, B, A, B, O,
कक्षा से यादृच्छया चुने गए एक विद्यार्थी का रक्त समूह AB होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
हल:
सम्भावित परिणाम कुल विद्यार्थियों की संख्या = 30
अनुकूल परिणाम = रक्त समूह AB वाले विद्यार्थियों की संख्या = 3
अतः चुने गये विद्यार्थी का रक्त समूह AB होने की प्रायिकता,
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JAC Class 9 Science Solutions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Solutions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Solutions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

Jharkhand Board Class 9 Science जीवन की मौलिक इकाई Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
पादप कोशिकाओं तथा जन्तु कोशिकाओं में तुलना करो।
उत्तर:
पादप कोशिका तथा जन्तु कोशिका में तुलना।

पादप कोशिका जन्तु कोशिका
1. इसमें सेल्यूलोज की बनी कोशिका भित्ति तथा प्लाज्मा झिल्ली दोनों पाई जाती हैं। 1. इसमें कोशिका भित्ति नहीं होती केवल प्लाज्मा झिल्ली होती है।
2. इनमें क्लोरोप्लास्ट होते हैं। 2. इनमें क्लोरोप्लास्ट नहीं होता है।
3. रसधानियौँ बड़ी होती हैं। 3. रसधानियाँ छोटी या अनुपस्थित होती हैं।
4. प्रायः कोशिका अंगक झिल्ली युक्त होते हैं। 4. कोई भी कोशिका अंगक झिल्ली युक्त नहीं होता है।
5. केन्द्रक कोशिका की परिधि की ओर खिसका रहता है। 5. केन्द्रक गोल एवं कोशिका के मध्य में होता है।
6. गॉल्जी उपकरण कम विकसित होते हैं। 6. गॉल्जी उपकरण पूर्ण विकसित एवं स्पष्ट होता है।

प्रश्न 2.
प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ यूकैरियोटी कोशिकाओं से किस प्रकार भिन्न होती हैं?
उत्तर:
प्रोकैरियोटी व यूकैरियोटी कोशिका में भिन्नता

प्रोकैरियोटी कोशिका यूकैरियोटीक कोशिका
1. केन्द्रक झिल्ली नहीं होती है। 1. केन्द्रक झिल्ली होती है।
2. झिल्ली युक्त कोशिका अंगक नहीं होते हैं। 2. झिल्ली युक्त कोशिका अंगक होते हैं।
3. केवल एक क्रोमोसोम पाया जाता है। 3. एक से अधिक क्रोमोसोम पाए जाते हैं।
4. क्लोरोफिल झिल्लीदार पुटिका के साथ होता है। 4. क्लोरोफिल प्लास्टिड में होता है।

प्रश्न 3.
यदि प्लाज्मा झिल्ली फट जाए या टूट जाए तो क्या होगा?
उत्तर:
प्लाज्मा झिल्ली वर्णात्मक पारगम्य होती है। यह आवश्यक पदार्थों को अन्दर आने देती है तथा अनावश्यक पदार्थों को बाहर जाने देती है और अन्दर आने से रोकती है। यदि प्लाज्मा झिल्ली फट जाए या टूट जाए तो कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जायेगी।

प्रश्न 4.
यदि गॉल्जी उपकरण न हो तो कोशिका के जीवन में क्या होगा?
उत्तर:
यदि गॉल्जी उपकरण न हो तो कोशिका में बने पदार्थों का संचयन, रूपान्तरण और पैकिंग का कार्य सम्भव नहीं हो पायेगा।

प्रश्न 5.
कोशिका का कौन-सा अंगक बिजलीघर है? और क्यों?
उत्तर:
कोशिका का माइटोकॉन्ड्रिया महत्त्वपूर्ण अंगक तथा कोशिका का बिजलीघर है क्योंकि जीवन के लिए आवश्यक विभिन्न रासायनिक क्रियाओं के संचालन हेतु माइटोकॉन्ड्रिया भोजन के ऑक्सीकरण से ऊर्जा मुक्त करती है जो ATP के रूप में संचित रहती है। अतः ऊर्जा उत्पादन करने के कारण माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का बिजलीघर कहते हैं।

प्रश्न 6.
कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड तथा प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है?
उत्तर:
कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड का संश्लेषण चिकनी अन्तर्द्रव्यी जालिका (SER) द्वारा तथा प्रोटीन का संश्लेषण राइबोसोम्स द्वारा होता है।

प्रश्न 7.
अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है?
उत्तर:
अमीबा एन्डोसाइटोसिस प्रक्रिया द्वारा बाह्य वातावरण से अपना भोजन प्राप्त करता है। इसकी प्लाज्मा झिल्ली अन्दर की ओर मुड़कर कप के आकार का गड्ढा (Cavity) बना लेती है, जिसमें भोजन प्रवेश कर जाता है। इसके बाद यह खाद्यधानी का रूप ले लेती है।

प्रश्न 8.
परासरण क्या है?
उत्तर:
परासरण एक विशिष्ट विधि है जिसके द्वारा जल के अणु वरणात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा उच्च जल की सान्द्रता से निम्न जल की सान्द्रता की ओर जाते हैं।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित परासरण प्रयोग करें-
छिले हुए आधे-आधे आलू के चार टुकड़े लो, इन चारों को खोखला करो जिससे कि आलू के कप बन जायें। इनमें से एक कप को उबले आलू में बनाना है। आलू के प्रत्येक कप को जल वाले बर्तन में रखो। अब
(a) कप ‘A’ को खाली रखो,
(b) कप ‘B’ में एक चम्मच चीनी डालो,
(c) कप ‘C’ में एक चम्मच नमक डालो, तथा
(d) उबले आलू से बनाए गए कप D में एक चम्मच चीनी डालो।

आलू के इन चारों कपों को दो घन्टे तक रखने के पश्चात् उनका अवलोकन करो तथा निम्न प्रश्नों के उत्तर दो-
(i) ‘B’ तथा ‘C’ के खाली भाग में जल क्यों एकत्र हो गया? इसका वर्णन करो।
(ii) ‘A’ आलू इस प्रयोग के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है?
(iii) ‘A’ तथा ‘D’ आलू के खाली भाग में जल क्यों एकत्र नहीं हुआ ? इसका वर्णन करो।
उत्तर:
(i) ‘B’ तथा ‘C’ के खाली भाग में जल इसलिए एकत्र हो गया क्योंकि परासरण द्वारा जल कप B तथा C के अन्दर चला गया।

(ii) ‘A’ आलू इस प्रयोग के लिए इसलिए महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि भीतर से खाली होने के कारण जल में कोई शुद्ध गति नहीं हुई।

(iii) ‘A’ तथा ‘D’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र नहीं हुआ क्योंकि A कप कच्चे आलू का बना था और भीतर से खाली था परन्तु कप D उबले आलू का था जिसमें एक चम्मच चीनी थी। उबला होने के कारण वह वरणात्मक झिल्ली का कार्य नहीं करता। इसलिए आलू के कप A तथा D से जल में कोई शुद्ध गति नहीं हुई।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

प्रश्न 10.
कायिक वृद्धि एवं मरम्मत हेतु किस प्रकार के कोशिका विभाजन की आवश्यकता होती है तथा इसका औचित्य बताएँ?
उत्तर:
कायिक वृद्धि एवं मरम्मत हेतु सूत्री विभाजन की आवश्यकता होती है। इस प्रक्रिया में हर कोशिका (मातृ कोशिका) विभाजित होती है तथा दो समरूप संतति कोशिकाओं का निर्माण करती हैं। संतति कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या मातृ कोशिका के समान होती है।

प्रश्न 11.
युग्मकों के बनने के लिए किस प्रकार का कोशिका विभाजन होता है? इस विभाजन का महत्त्व बताएँ ।
उत्तर:
युग्मकों के बनने के लिए अर्धसूत्री विभाजन होता है। इस विभाजन में प्रत्येक कोशिका अर्धसूत्रण द्वारा विभाजित होती हैं जिससे दो की जगह चार नई कोशिकाओं का निर्माण होता है।

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क्रियाकलाप – 1.
प्याज का एक छोटा टुकड़ा लेकर चिमटी की सहायता से प्याज की अवतल सतह की ओर (भीतरी सतह) से झिल्ली उतार लेते हैं। इस झिल्ली को तुरंत पानी से भरे वॉच ग्लास में रख लेते हैं। इससे झिल्ली मुड़ने या सूखने से बच जाती है। अब काँच की एक स्लाइड लेकर इस पर पानी की एक बूँद डालते हैं। इसके बाद वॉच ग्लास में रखी झिल्ली के छोटे टुकड़े को सीधी इस स्लाइड पर रखते हैं। अब इस पर एक बूँद आयोडीन की डालकर इसे कवर स्लिप से ढक देते हैं। कवर स्लिप को इस प्रकार से ढकते हैं कि इसमें वायु के बुलबुले न आने पायें। अब इस स्लाइड को संयुक्त सूक्ष्मदर्शी यंत्र से पहले कम शक्ति वाले तथा इसके बाद उच्च शक्ति वाले अभिदृश्यक द्वारा देखते हैं।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई 1
सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखने पर झिल्ली की सभी संरचनाएँ एक जैसी दिखाई देती हैं। प्याज की झिल्ली की कोशिकाएँ एक समान होती हैं। प्याज के आकार से इनका कोई सम्बन्ध नहीं होता है। ये छोटी-छोटी संरचनाएँ प्याज के शल्ककन्द की मूलभूत इकाई हैं। इन संरचनाओं को कोशिका (Cell ) कहते हैं। इसी प्रकार सभी जीव-जन्तुओं का शरीर कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। यद्यपि कुछ जीव एककोशिकीय भी होते हैं। सूक्ष्मदर्शी के आविष्कार के बाद ही यह पता चला है कि एक कोशिका स्वयं में ही एक सम्पूर्ण जीव जैसे – अमीबा, क्लैमिडोमोनास, पैरामीशियम तथा बैक्टीरिया हो सकती है।

इन सजीवों को एक कोशिकीय जीव कहते हैं। बहुकोशिकीय जीवों में अनेक कोशिकाएँ समाहित होकर विभिन्न कार्यों को सम्पन्न करने के लिए विभिन्न अंगों का निर्माण करती हैं। उदाहरणार्थ- फंजाई (कवक), पादप तथा जन्तु। सभी कोशिकाएँ अपनी पूर्ववर्ती कोशिकाओं से उत्पन्न होती हैं। (पा. पु. पृ. सं. – 65)

क्रियाकलाप – 2.
प्याज की पत्ती की झिल्ली, प्याज की मूलाग्र अथवा विभिन्न आकार के प्याज की झिल्ली की अस्थायी स्लाइड बना सकते हैं।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई 2
कोशिकाओं की आकृति तथा आकार उनके विशिष्ट कार्यों के अनुरूप होते हैं। कुछ कोशिकाएँ अपना आकार
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई 3
बदलती रहती हैं, जैसे- एककोशिकीय अमीबा कुछ जीवों में कोशिका का आकार लगभग स्थिर रहता है और प्रत्येक प्रकार की कोशिका के लिए विशिष्ट होता है। उदाहरण के लिए तंत्रिका कोशिका।

प्रत्येक जीवित कोशिका में कुछ मूलभूत कार्य करने की क्षमता होती है, जो सभी सजीवों का गुण है। शरीर के विभिन्न अंग विभिन्न कार्य करते हैं जैसे मनुष्य के शरीर में हृदय रुधिर को पम्प करता है तथा आमाशय भोजन का पाचन करता है आदि। इसी प्रकार एककोशिकीय जीवों में भी श्रम विभाजन होता है।

वास्तव में ऐसी प्रत्येक कोशिका में कुछ विशिष्ट घटक होते हैं जिन्हें कोशिकांग कहते हैं। प्रत्येक कोशिकांग एक विशिष्ट कार्य करता है, जैसे कोशिका में नए पदार्थ का निर्माण, अपशिष्ट पदार्थों का निष्कासन आदि। इन कोशिकांगों के कारण ही एक कोशिका जीवित रहती है और अपने सभी कार्य करती हैं। ये कोशिकांग मिलकर एक मूलभूत इकाई बनाते हैं जिसे कोशिका कहते हैं।

प्रश्न 1.
क्या सभी कोशिकाओं का आकार तथा आकृति एक जैसी दिखाई देती हैं?
उत्तर:
नहीं, कोशिकाओं की आकृति तथा आकार उनके विशिष्ट कार्यों के अनुरूप होते हैं।

प्रश्न 2.
क्या सभी कोशिकाओं की संरचना एक जैसी दिखाई देती है?
उत्तर:
हाँ, सभी कोशिकाओं की संरचना एक जैसी दिखाई देती है।

प्रश्न 3.
क्या पादप के विभिन्न भागों में पाई जाने वाली कोशिकाओं में कोई अन्तर है?
उत्तर:
पादप के विभिन्न भागों की कोशिकाएँ विभिन्न प्रकार के विशिष्ट कार्य करती हैं। पादप बहुकोशिकीय होते हैं। इनका विकास ही एक ही कोशिका से हुआ है। कोशिकाएँ विभाजित होकर अपने जैसी ही कोशिकाएँ बनाती हैं। अतः सभी भागों की कोशिकाएँ एक जैसी होती हैं।

प्रश्न 4.
हमें कोशिकाओं में क्या समानता दिखाई देती है?
उत्तर:
सभी कोशिकाओं की संरचना एक समान दिखाई देती है। चूँकि सभी कोशिकाओं में एक ही प्रकार के कोशिकांग होते हैं।

खण्ड 5.1 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पू. सं. 66)

प्रश्न 1.
कोशिका की खोज किसने और कैसे की?
उत्तर:
कोशिका की खोज सर्वप्रथम रॉबर्ट हुक ने 1605 में की। उन्होंने कोशिका को कॉर्क की पतली काट में अनगढ़ सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा। उन्हें कॉर्क की संरचना मधुमक्खी के छत्ते जैसी दिखाई दी। उन्होंने कॉर्क के प्रकोष्ठों को कोशिका (Cell) नाम दिया।

प्रश्न 2.
कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई क्यों कहते हैं?
उत्तर:
कोशिका जीवन की संरचनात्मक इकाई हैक्योंकि कोशिकाएँ विभाजित होकर अपने जैसी ही कोशिकाएँ बनाती हैं जिससे जीवों का शरीर बनता है। अतः कोशिका जीवन की संरचनात्मक इकाई है।

कोशिका जीवन की क्रियात्मक इकाई है क्योंकि कोशिकाओं की आकृति तथा आकार उनके विशिष्ट कार्यों के अनुरूप होते हैं। प्रत्येक सजीव कोशिका में कुछ मूलभूत कार्य करने की क्षमता होती है। ये कार्य कोशिका में स्थित कोशिकांगों द्वारा किये जाते हैं। प्रत्येक कोशिकांग एक विशिष्ट कार्य करता है। अतः कोशिका को जीवन की क्रियात्मक इकाई कहते हैं।

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क्रियाकलाप-3.
(a) एक अण्डे को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) में डालकर उसके कवच को हटा देते हैं। इसका कवच प्राय: कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) का बना होता है। अब अण्डे को एक पतली बाह्य त्वचा (झिल्ली) घेरे रहती है। इस अण्डे को शुद्ध जल में रखते हैं और 5 मिनट के बाद देखते हैं तो अण्डा फूल जाता है, क्योंकि परासरण द्वारा जल अण्डे के अन्दर चला जाता है।

(b) इसी प्रकार एक कवच रहित अण्डे को नमक के सान्द्र विलयन (NaCl) में रखते हैं। 5 मिनट बाद देखने से ज्ञात होता है कि अण्डा सिकुड़ जाता है। जल अण्डे से निकलकर नमक के विलयन में आ जाता है, क्योंकि नमक का विलयन अधिक सान्द्रित होता है। (पा. पु. पृ. सं. -68)

क्रियाकलाप – 4.
सूखी किशमिश को केवल जल में कुछ देर तक रखते हैं। उसके बाद उसे शक्कर या नमक के सान्द्रित विलयन में रखते हैं जल में रखने पर किशमिश जल ग्रहण करके फूल जाती है सान्द्रित घोल में रखने पर वह सिकुड़ जाती है क्योंकि उसका जल बाहर निकल जाता है।

एक कोशिकीय अलवणीय जलीय जीव तथा अधिकांश पादप कोशिकाएँ परासरण द्वारा जल ग्रहण करते हैं। पौधों के मूल द्वारा जल का अवशोषण परासरण का एक उदाहरण है। इसके अतिरिक्त विसरण, कोशिका को अपने बाहरी पर्यावरण से पोषण ग्रहण करने में सहायता करता है। कोशिका के विभिन्न अणुओं का अन्दर आना तथा बाहर निकलना भी विसरण द्वारा ही होता है। इस प्रकार के परिवहन में ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

प्लाज्मा झिल्ली लचीली होती है। यह कार्बनिक अणुओं जैसे- लिपिड तथा प्रोटीन की बनी होती है। कोशिका झिल्ली का लचीलापन एककोशिकीय जीवों में कोशिका के बाह्य पर्यावरण से अपना भोजन तथा अन्य पदार्थ ग्रहण करने में सहायता करता है। इस प्रक्रिया को एण्डोसाइटोसिस कहते हैं। अमीबा अपना भोजन इसी प्रक्रिया द्वारा प्राप्त करता है।
(पा. पु. पू. सं. – 68)

क्रियाकलाप – 5.
विद्यालय के पुस्तकालय या इंटरनेट की सहायता से इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी के बारे में पता करें। इससे संबंधित विषय में अपने अध्यापक/अध्यापिका से चर्चा करें।

खण्ड 5.2.1 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा.पु. पू. सं. – 68)

प्रश्न 1.
CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका में कैसे अन्दर तथा बाहर जाते हैं? इस पर चर्चा करें।
उत्तर:
CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका झिल्ली के अन्दर तथा बाहर विसरण प्रक्रिया द्वारा आ-जा सकते हैं। जब कोशिका के भीतर CO2 की सान्द्रता बढ़ जाती है तो उच्च सान्द्रता से निम्न सान्द्रता की ओर विसरण द्वारा CO2 बाहर निकल जाती है। इसी प्रकार परासरण द्वारा जल के अणु वरणात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा उच्च जल की सान्द्रता से निम्न जल की सान्द्रता की ओर जाते हैं।

प्रश्न 2.
प्लाज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं?
उत्तर:
प्लाज्मा झिल्ली कोशिका के घटकों को बाहरी पर्यावरण से अलग करती है। प्लाज्मा झिल्ली केवल कुछ वांछित पदार्थों को ही कोशिका के अन्दर आने देती है और अवांछित पदार्थों को अन्दर आने से रोक देती है। इसी प्रकार यह झिल्ली कोशिका के लिए अनावश्यक पदार्थों को तो बाहर जाने देती है तथा वांछित पदार्थों को अन्दर ही रोक लेती है। इसीलिए प्लाज्मा झिल्ली को वरणात्मक पारगम्य झिल्ली कहते हैं।

क्रियाकलाप – 6.
रिओ की पत्ती की झिल्ली को पानी में रखकर एक स्लाइड बनाते हैं इसे उच्च शक्ति वाले सूक्ष्मदर्शी से देखने पर इसमें छोटे-छोटे कण दिखाई देते हैं। इन्हें क्लोरोप्लास्ट कहते हैं। इनमें एक हरा पदार्थ क्लोरोफिल होता है। अब स्लाइड पर शक्कर या नमक का सान्द्र विलयन डालते हैं। अब रिओ की पत्तियों को कुछ मिनट तक जल में उबालते हैं। इससे पत्तियों की सभी कोशिकाएँ मर जायेंगी। अब स्लाइड पर रखी झिल्ली पर नमक का सान्द्र विलयन डालते हैं। इसे एक मिनट बाद पुनः सूक्ष्मदर्शी से देखते हैं तो पता लगता है कि केवल जीवित कोशिकाओं में ही परासरण द्वारा जल अवशोषण की क्षमता होती है न कि मृत कोशिकाओं में।

कोशिका भित्ति पौधों, कवक तथा बैक्टीरिया की कोशिकाओं को अपेक्षाकृत कम तनु विलयन में बिना फटे बनाये रखती है। ऐसे माध्यम से कोशिका परासरण विधि द्वारा पानी लेकर फूल जाती है और कोशिका भित्ति के ऊपर दबाव डालती है। कोशिका भित्ति भी फूली हुई कोशिका के प्रति समान रूप से दबाव डालती है। कोशिका भित्ति के कारण पादप कोशिकाएँ परिवर्तनीय माध्यम को जन्तु कोशिका की अपेक्षा आसानी से सहन कर सकती हैं।

क्रियाकलाप – 7.
काँच की एक स्लाइड लेकर उस पर एक बूँद पानी रखते हैं। अब अपने गाल के अन्दर की त्वचा को आइसक्रीम खाने वाले चम्मच से खुरचकर सुई की सहायता से स्लाइड पर समान रूप से फैलाते हैं। इसे रंगने के लिए एक बूँद मेथलीन ब्लू की डालते हैं। अब इसके ऊपर कवर स्लिप रखते हैं और सूक्ष्मदर्शी द्वारा अवलोकन करते हैं।

हम देखते हैं कि कोशिका के मध्य में एक गहरे रंग की गोलाकार अथवा अण्डाकार, डॉट के समान संरचना दिखाई देती है। इस संरचना को केन्द्रक कहते हैं।

केन्द्रक के चारों और दोहरे परत का एक स्तर होता है जिसे केन्द्रक झिल्ली कहते है। केन्द्रक झिल्ली में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं। इन छिद्रों के द्वारा केन्द्रक के अन्दर का कोशिका द्रव्य केन्द्रक के बाहर जा सकता है केन्द्रक में क्रोमोसोम होते हैं जो कोशिका विभाजन के समय छड़ों की तरह दिखाई देते हैं। क्रोमोसोम में आनुवंशिक गुण होते हैं जो माता-पिता DNA (डिऑक्सीराइबो न्यूक्लीइक अम्ल) अणु के रूप में अगली संतति में जाते हैं।

क्रोमोसोम DNA तथा प्रोटीन के बने होते हैं। DNA अणु में कोशिका के निर्माण व संगठन की सभी आवश्यक सूचनाएँ होती हैं DNA के क्रियात्मक खण्ड को जीन कहते हैं। अविभाजित कोशिका में DNA क्रोमेटिन पदार्थ के रूप में विद्यमान रहता है। क्रोमेटिन पदार्थ धागे के समान रचनाओं के एक जाल का पिण्ड होता है। कोशिका विभाजन के समय यह क्रोमोसोम में संगठित हो जाता है।

कुछ जीवों में केन्द्रक कोशिका जनन के समय महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कोशिका के विकास एवं परिपक्वन को निर्धारित करता है तथा साथ ही सजीव कोशिका की रासायनिक क्रियाओं को भी निर्देशित करता है। बैक्टीरिया जैसे कुछ जीवों में केन्द्रक झिल्ली नहीं होती है ऐसे अस्पष्ट केन्द्रक क्षेत्र में केवल क्रोमेटिन पदार्थ होता है। ऐसे क्षेत्र को केन्द्रकाय कहते हैं। ऐसे जीव जिसकी कोशिकाओं में केन्द्रक झिल्ली नहीं होती है उन्हें प्रोकेरियोट तथा जिन जीवों की कोशिकाओं में केन्द्रक झिल्ली होती है। उन्हें यूकेरियोट कहते हैं।

खण्ड 5.2.4 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा.पु. पृ. सं. – 70)

प्रश्न 1.
क्या अब आप निम्नलिखित तालिका में दिए गए रिक्त स्थानों को भर सकते हैं; जिससे कि प्रोकैरियोटी तथा यूकैरियोटी कोशिकाओं में अन्तर स्पष्ट हो सके।
उत्तर:

प्रोकैरियोटी कौशिका यूकैरियोटी कोशिका
1. आकार प्राय : छोटा (1-10 um) 1m = 10-6m 1. आकार प्राय: बड़ा (5-100 um)
2. केन्द्रकीय क्षेत्रः बहुत कम स्पष्ट होता है। अस्पष्ट केन्द्रक क्षेत्र में केवल क्रोमेटिन पदार्थ होता है। उसे केन्द्रकाय कहते हैं। 2. केन्द्रकीय क्षेत्र: सुस्पष्ट। जो चारों ओर से केन्द्रकीय झिल्ली से घिरा रहता है।
3. क्रोमोसोम : एक। 3. क्रोमोसोम : एक से अधिक।
4. झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थित होते हैं। 4. झिल्ली युक्त कोशिका अंगक उपस्थित होते हैं।

खण्ड 5.2.5 से सम्बन्धित पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पृ. सं. -73)

प्रश्न 1.
क्या आप दो ऐसे अंगकों का नाम बता सकते हैं, जिनमें अपना आयुवंशिक पदार्थ होता है?
उत्तर:
ऐसे दो अंगक जिनमें अपना आनुवंशिक पदार्थ होता है- वे हैं-

  • माइटोकॉन्ड्रिया तथा
  • प्लास्टिड।

प्रश्न 2.
यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है, तो क्या होगा?
उत्तर:
यदि किसी कोशिका का संगठन नष्ट हो जाता है तो लाइसोसोम फट जाते हैं और एन्जाइम अपनी ही कोशिकाओं को पाचित कर देते हैं फलस्वरूप कोशिका नष्ट हो जाती है।

प्रश्न 3.
लाइसोसोम को आत्मघाती थैली क्यों कहते हैं?
उत्तर:
कोशिकीय उपापचय में व्यवधान के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है तो लाइसोसोम फट जाते हैं और एन्जाइम अपनी ही कोशिकाओं को पाचित कर देते हैं इसलिए लाइसोसोम को कोशिका की ‘आत्मघाती थैली’ कहते हैं।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

प्रश्न 4.
कोशिका के अन्दर प्रोटीन संश्लेषण कहाँ होता है?
उत्तर:
कोशिका के अन्दर प्रोटीन संश्लेषण राइबोसोम में होता है।

कोशिका विभाजन-जीवधारियों में वृद्धि के लिए नई कोशिकाओं का निर्माण होता है। इससे पुराने, मृत और क्षतिग्रस्त कोशिकाएँ प्रतिस्थापित हो जाती हैं तथा प्रजनन के लिए युग्मक बनते हैं। नई कोशिकाओं के निर्माण की प्रक्रिया को कोशिका विभाजन कहते हैं। कोशिका विभाजन के दो प्रकार होते हैं-सूत्री विभाजन और अर्ध सूत्री विभाजन।

सूत्री विभाजन – इस प्रक्रिया में अधिकतर कोशिकाएँ वृद्धि के लिए विभाजित होती हैं। प्रत्येक कोशिका (मातृ कोशिका), दो समरूप कोशिकाओं में विभाजित होती हैं। संतति कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या मातृ कोशिका के बराबर होती है। यह जीवों में वृद्धि और ऊतकों के मरम्मत में सहायक होती है।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई 4
अर्धसूत्री विभाजन-जंतुओं तथा पादपों के प्रजनन अंगों या ऊतकों की विशेष कोशिकाएँ विभाजित हो, युग्मक बनाती है जो निषेचन के बाद संतति उत्पन्न करती है। इस विभाजन को अर्धसूत्रण भी कहते हैं। इस प्रक्रिया में चार नई कोशिकाएँ बनती हैं। नई कोशिकाओं में मातृ कोशिकाओं की अपेक्षा गुणसूत्रों की संख्या आधी होती है।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Solutions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Solutions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

Jharkhand Board Class 9 Science खाद्य संसाधनों में सुधार Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
फसल उत्पादन की एक विधि का वर्णन करो जिससे अधिक पैदावार प्राप्त हो सके।
उत्तर:
फसल उत्पादन में सुधार की प्रक्रिया में प्रयुक्त विधियों को निम्नलिखित प्रमुख वर्गों में बाँटा गया है-

  • फसल की किस्मों में सुधार
  • फसल उत्पादन प्रबन्धन
  • फसल सुरक्षा प्रबन्धन।

(1) फसल की किस्मों में सुधार-(इसके लिए कृपया खंड 15.1 .1 का अध्ययन कीजिए)।
15.1.1 फसल की किस्मों में सुधार-फसलों का उत्पादन अच्छा हो, यह प्रयास फसलों की किस्मों के चयन पर निर्भर करता है। फसल की किस्मों के लिए विभिन्न उपयोगी गुणों (जैसे – रोग प्रतिरोधक क्षमता, उर्वरक के प्रति अनुरूपता, उत्पादन की गुणवत्ता तथा उच्च उत्पादन) का चयन प्रजनन द्वारा कर सकते हैं।

फसल की किस्मों में ऐच्छिक गुणों को संकरण द्वारा डाला जा सकता है। संकरण विधि में विभिन्न आनुवंशिक गुणों वाले पौधों में संकरण करवाते हैं। यह संकरण अन्तराकिस्मीय (विभिन्न किस्मों में), अन्तरास्पीशीज (एक ही जीन्स की दो विभिन्न स्पीशीजों में) अथवा अन्तराकंशीय (विभिन्न जेनेरा में) हो सकता है। फसल सुधार की दूसरी विधि है, ऐच्छिक गुणों वाले जीन का ड्डालना। इसके परिणामस्वरूप आनुवंशिकीय रूपान्तरित फसल प्राप्त होती हैं।

नसल प्रभेदों के लिए यह आवश्यक है कि फसल की किस्म विभिन्न परिस्थितियों में जो विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न होती हैं, अच्छा उत्पादन दे सकें। किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले विशेष बीज उपलब्ध होने चाहिए जो अनुकूल परिस्थितियों में अंकुरित हो सकें।

कृषि प्रणालियाँ तथा फसल उत्पादन मौसम, मिट्टी की गुणवत्ता तथा पानी की उपलब्धता पर निर्भर करते हैं। चूंक मौसम परिस्थितियों, जैसे-सूखा तथा बाढ़ का पूर्वानुमान कठिन होता है, इसलिए ऐसी किस्में अधिक उपयोगी हैं जो विविध जलवायु परिस्थितियों में भी उग सकें। इसी प्रकार ऐसी किस्में बनाई गई हैं जो उच्च लवणीय मिट्टी में उग सकें। किस्मों में सुधार के लिए कुछ कारक निम्नलिखित हैं-
1. उच्च उत्पादन-प्रति एकड़ फसल की उत्पादंकता बढ़ाना।

2. उन्तत किसमें-फसल उत्पाद की गुणवत्ता, प्रत्येक फसल में भिन्न-भिन्न होती है। दाल में प्रोटीन की गुणवत्ता तिलहन में तेल की गुणवत्ता और फल तथा सब्जियों का संरक्षण महत्वपूर्ण है।

3. जैविक तथा अजैविक प्रतिरोधकता-जैविक (रोग, कीट तथा निमेटोड) तथा अजैविक (ससखा, भारता, जलाक्रांति, गमीं, ठंड तथा पाला) परिस्थितियों के कारण फसल उत्पादन कम हो सकता है। इन परिस्थितियों को सहन कर सकने वाली किस्में फसल उत्पादन में सुधार कर सकती हैं।

4. परिपक्वन काल में परिवर्तन-फसल को उगाने से लेकर कटाई तक कम से कम समय लगना आर्थिक दृष्टि से अच्छ है। इससे किसान प्रतिवर्ष अपने खेतों में कई फसलें उगा सकते हैं। कम समय होने के कारण फसल उत्पादन में धन भी कम खर्च होता है। समान परिपक्वन कटाई की प्रक्रिया को सरल बनाता है और कटाई के समय होने वाली फसल की हानि कम हो जाती है।

5. व्यापक अनुकूलता-व्यापक अनुकूलता वाली किस्मों का विकास करना विभिन्न पर्यांवरणीय परिस्थितियों में फसल उत्पादन को स्थायी करने में सहायक होगा। एक ही किस्म को विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न जलवायु में आाया जा सकता है।

6. ऐच्छिक सस्य विज्ञान गुण-चारे वाली फसलों के लिए लम्बी तथा सघन शाखाएँ ऐच्छिक गुण हैं। अनाज के लिए बौने पौधें उपयुक्त हैं ताकि इन फसलों को उगाने के लिए कम पोषकों की आवश्यकता हो। इस प्रकार सस्य विज्ञान वाली किसेें अधिक उत्पादन प्राप्त करने में सहायक होती है।

प्रश्न 2.
खेतों में खाद तथा उर्वरक का उपयोग क्यों करते हैं?
उत्तर:
खाद मिट्टी को पोषक तथा कार्बनिक पदार्थों से परिपूर्ण करती है और मिट्टी की उर्वरता, को बढ़ाती है। खाद में कार्बनिक पदार्थों की अधिक मात्रा मिट्टी की संरचना में सुधार करती है। जबकि उर्वरक का सतत् प्रयोग मिट्टी की उर्वरता को घटाता है क्योंकि कार्बनिक पदार्थ की पुनः पूर्ति नहीं हो पाती है तथा इससे सूक्ष्म जीवों एवं भूमिगत जीवों का जीवनचक्र अवरुद्ध होता है। उर्वरकों के उपयोग से फसलों का अधिक उत्पादन कम समय में प्राप्त हो सकता है, किन्तु यह मृदा की उर्वरता को कुछ समय बाद हानि पहुँचाते हैं। जबकि खाद के उपयोग के लाभ दीर्घावधि हैं।

कार्बनिक खेती, खेती करने की वह पद्धति है जिसमें रासायनिक उर्वरक, पीड़कनाशी, शाकनाशी आदि का उपयोग बहुत कम या बिल्कुल नहीं होता। इस पद्धति में अधिकाधिक कार्बनिक खाद, कृषि अंपशिष्ट (पुआल तथा पशुधन) का पुनर्चक्रण, जैविक कारक जैसे-नील-हरित शैवाल का संवर्धन, जैविक उर्वरक बनाने में उपयोग किया जाता है।

नीम की पत्तियों तथा हल्दी का विशेष रूप से जैव कीटनाशकों के रूप में खाद्य संग्रहण में प्रयोग किया जाता है। कुशल फसलीकरण पद्धति के लिए मिश्रत खोती, अन्तर फसलीकरण तथा फसल चक्र आवश्यक हैं। ये फसल तन्त्र कीट, पीड़क तथा खरपतवार को नियन्त्रित करते हैं और पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं।

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प्रश्न 3.
अन्तराफसलीकरण तथा फसल चक्र से क्या लाभ हैं?
उत्तर:
अन्तराफसलीकरण विधि द्वारा पीड़क व रोगों को एक प्रकार की फसल के सभी पौधों में फैलने से रोका जा सकता है। इस प्रकार दोनों फसलों से अच्छा उत्पादन प्राप्त हो सकता हैं।
फसल चक्र को उचित ढंग से अपनाने पर एक वर्ष में दो या तीन फसलों से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
आनुवंशिक फेरबदल क्या है? कृषि प्रणालियों में ये कैसे उपयोगी है?
उत्तर:
आनुवंशिक फेरबदल पौधों में ऐच्छिक गुणों को डालने की प्रक्रिया है। संकरण विधि द्वारा रोग की प्रतिरोधकता, उर्वरक के प्रति अनुकूलता, उत्पादन की गुणवत्ता तथा उच्च उत्पादन क्षमता के गुणों की प्राप्ति की जा सकती है तथा फसलों का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। यह संकरण अन्तराकिस्मीय (विभिन्न किस्मों में), अन्तरास्पीशीज (एक ही जीन्स की दो विभिन्न स्पीशीजों में) अथवा अन्तरावंशीय (विभिन्न जेनरा में) हो सकता है। इसके फलस्वरूप रूपान्तरित फसलें प्राप्त हो सकती हैं। कृषि प्रणालियों में इस विधि ने बीजों की नई-नई किस्में तथा जातियाँ प्रदान की हैं जिससे अनाज उत्पादन बढ़ा है तथा किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।

प्रश्न 5.
भंडार गृहों (गोदामों) में अनाज की हानि कैसे होती है?
उत्तर:
भंडार गृहों (गोदामों) में अनाज की हानि के जैविक कारक कीट, कृंतक, कवक, चिंचड़ी तथा जीवाणु हैं तथा इस हानि के अजैविक कारक भंडारण के स्थान पर उपयुक्त नमी एवं ताप का अभाव है ये कारक उत्पाद की गुणवत्ता को खराब कर देते हैं, वजन कम कर देते हैं तथा अंकुरण करने की क्षमता कम कर देते हैं, उत्पाद को बदरंग कर देते हैं जिससे बाजार में उत्पाद की कीमत कम हो जाती है।

प्रश्न 6.
किसानों के लिए पशुपालन प्रणालियाँ कैसे लाभदायक हैं?
उत्तर:
किसानों के लिए पशुपालन प्रणालियाँ बहुत लाभदायक हैं। इनसे उन्हें खेती के साथ-साथ आर्थिक लाभ भी होता है। खाद्य पदार्थों की प्राप्ति- गाय, भैंस आदि पशुओं से दूध मिलता है। दूध मनुष्य का पूर्ण भोजन है तथा इसमें शरीर की समुचित वृद्धि के लिए सभी आवश्यक तत्व मौजूद होते हैं। दूध से दही, घी, मक्खन, पनीर आदि भोज्य पदार्थ बनाये जाते हैं, कृषि कार्य में सहायक बैल, भैंसे आदि पशु किसान की खेती का काम करते हैं तथा सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ढोते हैं।

खाद की प्राप्ति – सभी पालतू पशु जैसे- गाय, भैंस, बकरी, ऊँट, घोड़ा आदि के अपशिष्ट, बचा हुआ चारा तथा मलमूत्र (गोबर) आदि से हमें कृषि कार्य के लिए उपयोगी जैविक खाद प्राप्त होती है।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

प्रश्न 7.
पशु पालन के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
पशुओं से हमें दूध प्राप्त होता है जो हमारे भोजन का पौष्टिक आहार है। कृषि कार्य जैसे हल चलाना, सिंचाई करना तथा बोझ ढोने के लिए हम पशुओं का उपयोग करते हैं।

प्रश्न 8.
उत्पादन बढ़ाने के लिए कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन तथा मधुमक्खी पालन में क्या समानताएँ हैं?
उत्तर:
उत्पादन बढ़ाने के लिए कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन तथा मधुमक्खी पालन में उचित देख-रेख तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रति अनुकूलता की आवश्यकता है। इन तीनों का उत्पादन बढ़ाने के लिए संकरण विधि का प्रयोग किया जाता है जिससे हमें उत्तम स्पीशीज प्राप्त होती हैं। इनसे हमें अधिक मात्रा में अंडे, मास (गोश्त ) तथा शहद प्राप्त होता

प्रश्न 9.
प्रग्रहण मत्स्यन, मेरीकल्चर तथा जल संवर्धन में क्या अन्तर है?
उत्तर:
ताजा जल के स्रोत नाले, तालाब, पोखर, नदियों में मछली पालन को प्रग्रहण मत्स्यन कहते हैं समुद्री मछलियों की पूर्ति हेतु समुद्री संवर्धन को मेरीकल्चर कहते हैं। कुछ आर्थिक महत्व वाली मछलियों का समुद्र में संवर्धन किया जाता है, जिसे जल संवर्धन कहते हैं।

Jharkhand Board Class 9 Science खाद्य संसाधनों में सुधार InText Questions and Answers

खंड 15.1 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 229)

प्रश्न 1.
अनाज, दाल, फल तथा सब्जियों से हमें क्या प्राप्त होता है?
उत्तर:
अनाजों से हमें कार्बोहाइड्रेट, दालों से प्रोटीन तथा फलों एवं सब्जियों से विटामिन व खनिज लवण, कुछ मात्रा में प्रोटीन, वसा तथा कार्बोहाइड्रेट भी प्राप्त होते हैं।

विभिन्न फसलों के लिए विभिन्न जलवायु सम्बन्धी परिस्थितियों, तापमान तथा दीप्तिकाल (photoperiods) की आवश्यकता होती है जिससे कि उनकी समुचित वृद्धि हो सके और वे जीवनचक्र पूरा कर सकें। दीप्तिकाल सूर्य प्रकाश के समय से सम्बन्धित होता है। पौधों में पुष्पन तथा वृद्धि सूर्य के प्रकाश पर निर्भर करती है। हम यह जानते हैं। कि पौधे सूर्य के प्रकाश में प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन बनाते हैं कुछ ऐसी फसलें जिन्हें हम वर्षा ऋतु मैं उगाते हैं, खरीफ फसल कहलाती हैं जो जून से आरम्भ होकर अक्टूबर मास तक होती हैं। कुछ फसलें शीत ऋतु में उगायी जाती हैं जो नवम्बर से अप्रैल मास तक होती हैं। इन फसलों को रबी फसल कहते हैं धान, सोयाबीन, अरहर, मक्का, मूंग तथा उड़द खरीफ फसलें हैं। गेहूँ, जौ, चना, मटर, सरसों तथा अलसी रबी फसलें हैं।

भारत में सन् 1952 से सन् 2010 तक कृषि भूमि में 25% की वृद्धि हुई है, जबकि अनाज की पैदावार में चार गुनी वृद्धि हुई है। पैदावार में इस वृद्धि होने को तीन चरणों में बाँट सकते हैं – सबसे पहले बीज का चुनना, दूसरा फसल की उचित देखभाल तथा तीसरा, खेतों में उगी फसल की सुरक्षा तथा कटी हुई फसल को हानि से बचाना। इस प्रकार फसल उत्पादन में सुधार की प्रक्रिया में प्रयुक्त गतिविधियों को निम्न तीन प्रमुख वर्गों में बाँटा गया है-

  • फसल की किस्मों में सुधार।
  • फसल उत्पादन प्रबन्धन।
  • फसल सुरक्षा प्रबन्धन।

खंड 15.1.1 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पाठ्य पुस्तक पु. सं. 230)

प्रश्न 1.
जैविक और अजैविक कारक किस प्रकार फसल उत्पादन को प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
जैविक तथा अजैविक प्रतिरोधकता-जैविक (रोग, कीट तथा निमेटोड) तथा अजैविक (सूखा, क्षारता, जलाक्रांति, गर्मी, ठंड तथा पाला) परिस्थितियों के कारण फसल उत्पादन कम हो सकता है। इन परिस्थितियों को सहन कर सकने वाली किस्में फसल उत्पादन में सुधार कर सकती हैं।

प्रश्न 2.
फसल सुधार के लिए ऐच्छिक सस्य विज्ञान गुण क्या हैं?
उत्तर:
ऐच्छिक सस्य विज्ञान गुण-चारे वाली फसलों के लिए लम्बी तथा सघन शाखाएँ ऐच्छिक गुण हैं। अनाज के लिए बौने पौधें उपयुक्त हैं ताकि इन फसलों को उगाने के लिए कम पोषकों की आवश्यकता हो। इस प्रकार सस्य विज्ञान वाली किस्में अधिक उत्पादन प्राप्त करने में सहायक होती हैं।

खंड 15.1.2 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 231)

प्रश्न 1.
वृहत् पोषक क्या हैं और इन्हें वृहत् पोषक क्यों कहते हैं?
उत्तर:
पौधों के लिए 16 पोषक पदार्थों की आवश्यकता होती है। हवा से कार्बन व ऑक्सीजन तथा पानी से हाइड्रोजन व ऑक्सीजन एवं शेष 13 पोषक पदार्थ मिट्टी से प्राप्त होते हैं। इन 13 में से 6 पोषकों की अधिक मात्रा चाहिए इसलिए इन्हें वृहत् पोषक कहते हैं।

प्रश्न 2.
पौधे अपना पोषक कैसे प्राप्त करते हैं?
उत्तर:
पौधे अपना पोषक पदार्थ हवा, पानी तथा मिट्टी प्राप्त करते हैं।
खाद खाद में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा अधिक होती है तथा यह मिट्टी को अल्पमात्रा में पोषक प्रदान करते हैं। खाद को जन्तुओं के अपशिष्ट तथा पौधों के कचरे के अपघटन से तैयार किया जाता है। खाद मिट्टी को पोषकों तथा कार्बनिक पदार्थों से परिपूर्ण करती है और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है।

खाद में कार्बनिक पदार्थों की अधिक मात्रा मिट्टी की संरचना में सुधार करती है। इसके कारण रेतीली मिट्टी में पानी को रखने की क्षमता बढ़ जाती है। चिकनी मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की अधिक मात्रा पानी को निकालने में सहायता करती है जिससे पानी एकत्रित नहीं होता है।

खाद के बनाने जैविक कचरे का उपयोग किया जाता है। इससे उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग की आवश्यकता नहीं होती तथा इस प्रकार पर्यावरण संरक्षण में सहयोग मिलता है। खाद बनाने की प्रक्रिया में विभिन्न जैव पदार्थों के उपयोग के आधार पर खाद को दो वर्गों में विभाजित किया जाता है-
(i) कंपोस्ट तथा वर्मी कंपोस्ट-कंपोस्टीकरण प्रक्रिया में कृषि अपशिष्ट पदार्थ जैसे- पशुओं का गोबर (भलमूत्र आदि), सब्जी के छिलके एवं कचरा, सीवेज कचरे, घरेलू कचरे, जानवरों द्वारा छोड़े गये चारे फेंके हुए खर-पतवार आदि को गड्ढों में विगलित करते हैं। कंपोस्ट में कार्बनिक पदार्थ तथा पोषक बहुत अधिक मात्रा में होते हैं। जब कंपोस्ट को केंचुओं द्वारा पौधों तथा जानवरों के अपशिष्ट पदार्थों के शीघ्र निरस्तीकरण की प्रक्रिया द्वारा बनाया जाता है। तब इसे वर्मी कंपोस्ट कहते हैं।

(ii) हरी खाद – फसल उगाने से पहले खेतों में कुछ पौधे जैसे- पटसन, मूंग, चा अथवा ग्वार आदि उगा देते है और उसके बाद उन पर हल चला कर खेत की मिट्टी में मिला दिया जाता है। ये पौधे हरी खाद में परिवर्तित हो जाते हैं जो मिट्टी को नाइट्रोजन तथा फॉस्फोरस से परिपूर्ण करने में सहायक होते हैं।

उर्वरक उर्वरक व्यावसायिक रूप से तैयार पादप पोषक हैं। ये नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा पोटैशियम प्रदान करते हैं। इनके उपयोग से अच्छी कायिक वृद्धि होती है और स्वस्थ पौधों की प्राप्ति होती है। अधिक उत्पादन के लिए उर्वरक का भी उपयोग होता है, किन्तु ये आर्थिक दृष्टि से मँहगे पड़ते हैं।

उर्वरक का उपयोग बड़े ध्यान से करना चाहिए और उसके सदुपयोग के लिए इसकी खुराक की उचित मात्रा, उचित समय तथा उर्वरक देने से पहले तथा उसके बाद की सावधानियों को अपनाना चाहिए। उदाहरण के लिए, कभी-कभी उर्वरक अधिक सिंचाई के कारण पानी में बह जाते हैं और पौधे उसका अवशोषण नहीं कर पाते हैं। उर्वरक की अधिक मात्रा जल प्रदूषण का कारण होती है।

उर्वरक का सतत् प्रयोग मिट्टी की उर्वरता को घटाता है। क्योंकि कार्बनिक पदार्थ की पुनः पूर्ति नहीं हो पाती तथा इससे सूक्ष्मजीवों एवं भूमिगत जीवों का जीवन चक्र अवरुद्ध होता हैं। उर्वरकों के उपयोग द्वारा फसलों का अधिक उत्पादन कम समय में प्राप्त हो सकता है परन्तु यह मृदा की उर्वरता को कुछ समय बाद हानि पहुँचाते हैं। जबकि खाद के उपयोग के लाभ दीर्घावधि हैं।

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खंड 15.1.2 (i) से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 232)

प्रश्न 1.
मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने के लिए खाद तथा उर्वरक के उपयोग की तुलना कीजिए।
उत्तर:
खाद मिट्टी को पोषक तथा कार्बनिक पदार्थों से परिपूर्ण करती है और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है। खाद में कार्बनिक पदार्थों की अधिक मात्रा मिट्टी की संरचना में सुधार करती है। जबकि उर्वरक का सतत् प्रयोग मिट्टी की उर्वरता को घटाता है क्योंकि कार्बनिक पदार्थ की पुन: पूर्ति नहीं हो पाती है तथा इससे सूक्ष्म जीवों एवं भूमिगत जीवों का जीवनचक्र अवरुद्ध होता है। उर्वरकों के उपयोग से फसलों का अधिक उत्पादन कम समय में प्राप्त हो सकता है, किन्तु यह मृदा की उर्वरता को कुछ समय बाद हानि पहुँचाते हैं। जबकि खाद के उपयोग के लाभ दीर्घावधि हैं।

कार्बनिक खेती, खेती करने की वह पद्धति है जिसमें रासायनिक उर्वरक, पीड़कनाशी, शाकनाशी आदि का उपयोग बहुत कम या बिल्कुल नहीं होता। इस पद्धति में अधिकाधिक कार्बनिक खाद, कृषि अपशिष्ट (पुआल तथा पशुधन) का पुनर्चक्रण, जैविक कारक जैसे-नील हरित शैवाल का संवर्धन, जैविक उर्वरक बनाने में उपयोग किया जाता है। नीम की पत्तियों तथा हल्दी का विशेष रूप से जैव कीटनाशकों के रूप में खाद्य संग्रहण में प्रयोग किया जाता है। कुशल फसलीकरण पद्धति के लिए मिश्रित खेती, अन्तर फसलीकरण तथा फसल चक्र आवश्यक हैं। ये फसल तन्त्र कीट, पीड़क तथा खरपतवार को नियन्त्रित करते हैं और पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं।

खंड 15.1.2 तथा 15.1.3 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 235)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सी परिस्थितियों में सबसे अधिक लाभ होगा? क्यों?
(a) किसान उच्च कोटि के बीज का उपयोग करें, सिंचाई न करें अथवा उर्वरक का उपयोग न करें।
(b) किसान सामान्य बीजों का उपयोग करें, सिंचाई करें तथा उर्वरक का उपयोग करें।
(c) किसान अच्छी किस्म के बीज का उपयोग करें, सिंचाई करें, उर्वरक का उपयोग करें तथा फसल सुरक्षा की विधियाँ अपनाएँ।
उत्तर:
(c) किसान अच्छी किस्म के बीज का उपयोग करें सिंचाई करें, उर्वरक का उपयोग करें तथा फसल सुरक्षा की विधियाँ अपनाएँ तो अधिक लाभ होगा। क्योंकि इस परिस्थिति में मुदा में पोषक तत्वों की अधिक मात्रा होगी। पौध को समय पर सिंचाई से पानी मिलेगा। अच्छी किस्म के बीजों का उपयोग करने पर उत्पादन में वद्धि होगी तथा फसल सुरक्षा की विधियाँ अपनाने से फसल की सुरक्षा होगी तथा उत्पादन में वृद्धि होगी।

क्रियाकलाप 15.1 (पा.पु. पू. सं. 235)
जुलाई अथवा अगस्त के महीने में खरपतवार से ग्रसित किसी खेत का अवलोकन करो। खेत में स्थित खरपतवार तथा कीट पीड़कों की एक सूची बनाओ।

नोट – इस क्रियाकलाप को जुलाई-अगस्त में अपने अध्यापक या माता-पिता या किसी अन्य के सहयोग से एवं मार्गदर्शन में खेतों में उपस्थित खरपतवारों तथा कीट पीड़कों की एक सूची बनाते हैं। कुछ खरपतवारों के नाम इस प्रकार हैं – गोखरू (जैथियम), गाजर घास (पारथेनियम), मोथा (साइरेनस रोटेंडस), बथुआ ( चीनोपोडियम) आदि। कुछ कीट पीड़कों के नाम इस प्रकार हैं- एफिड, पायरिला, शलभ, टिड्डी, दीमक, डिसडर्कस, बारगेटा, माहूँ, धान का गंधी कीट आदि।

अनाज का भंडारा कृषि उत्पाद के भंडारण में बहुत हानि हो सकती है। इस हानि के जैविक कारक कीट, कृतंक, कवक, चिंचड़ी तथा जीवाणु हैं तथा इस हानि के अजैविक कारक भंडारण के स्थान पर उपयुक्त नमी व ताप का अभाव है। ये कारक उत्पाद की गुणवत्ता को खराब कर देते हैं, वजन कम कर देते हैं तथा अंकुरण करने की क्षमता को कम कर देते हैं। उत्पाद को बदरंग कर देते हैं। ये सब
लक्षण बाजार में उत्पाद की कीमत को कम कर देते हैं। इन कारकों पर नियन्त्रण पाने के लिए उचित उपचार और भंडारण का प्रबन्ध होना चाहिए।

निरोधक तथा नियन्त्रण विधियों का उपयोग भंडारण करने से पहले किया जाता है। इन विधियों में भंडारण से पहले उत्पाद की नियन्त्रित सफाई और अच्छी तरह सुखाना ( पहले सूर्य के प्रकाश में फिर छाया में) तथा धूमक (fumi- gation) का उपयोग, जिससे कि पीड़क मर जाये, सम्मिलित हैं।

खंड 15.1.3 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पाठ्य पुस्तक पू. सं. 235)

प्रश्न 1.
फसल की सुरक्षा के लिए निरोधक विधियाँ तथा जैव नियन्त्रण क्यों अच्छा समझा जाता है?
उत्तर:
फसल की सुरक्षा के लिए निरोधक विधियाँ अपनाना इसलिए अच्छा समझा जाता है, क्योंकि ये विधियों अपनाना सरल है और इन विधियों से तथा जैव नियन्त्र पीड़क मर जाते हैं।

प्रश्न 2.
भंडारण की प्रक्रिया में कौन-कौन से कारक अनाज की हानि के लिए उत्तरदायी हैं?
उत्तर:
भंडारण की प्रक्रिया में अनाज की हानि के लिए उत्तरदायी कारक हैं- जैविक कारक कीट, कवक, चिंचड़ा तथा जीवाणु एवं अजैविक कारक भंडारण के स्थान पर उपयुक्त नमी व ताप का अभाव होना।

क्रियाकलाप 15.2. (पा.पु. पू. सं. 235)
अनाज, दाल तथा तिलहन के बीजों को एकत्रित करो तथा उनके उगाने तथा कटाई की ऋतुएँ बताओ।
नोट- धान, सोयाबीन, अरहर, मक्का, उड़द तथा मूँग आदि खरीफ की फसलें हैं। इनको वर्षा ऋतु में उगाया जाता है जो जून से प्रारम्भ होकर अक्टूबर तक होती हैं।
गेहूँ, चना, मटर, सरसों तथा अलसी आदि रबी की फसलें हैं। इनको शीत ऋतु में उगाया जाता है जो नवम्बर से अप्रैल तक होती हैं।

खंड 15.2.1 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पा.पु. पू. सं. 236)

प्रश्न 1.
पशुओं की नस्ल सुधार के लिए प्राय: कौन-सी विधि का उपयोग किया जाता है और क्यों?
उत्तर:
पशुओं की नस्ल सुधार के लिए प्रायः संकरण विधि का उपयोग किया जाता है। इस विधि में देशी और विदेशी नस्लों के बीच संकरण कराया जाता है क्योंकि इन दोनों नस्लों के संकरण से एक ऐसी सन्तति प्राप्त होती है जिसमें दोनों के ऐच्छिक गुण (रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं लम्बा दुग्ध स्रावण काल) होते हैं।

क्रियाकलाप 15.3. (पा.पु. पू. सं. 236)
पशुधन फार्म पर जाएँ और निम्नलिखित की ओर ध्यान दें-

  • पशुओं की संख्या तथा विभिन्न प्रकार की नस्लों की संख्या
  • विभिन्न नस्लों से प्रतिदिन प्राप्त दूध।

नोट- इस क्रियाकलाप को अपने अध्यापक या अभिभावकों की सहायता से छात्र स्वयं करें अपने समीप वर्ती किसी पशुधन फार्म हाउस पर जाएँ और वहाँ पर विभिन्न प्रकार की नस्लों के पशुओं की सूची बनाएँ तथा उनसे प्रतिदिन प्राप्त दूध की मात्रा भी लिखें।

उत्पादन की मात्रा-मानवीय व्यवहार आधारित पशुपालन में पशुओं के स्वास्थ्य तथा स्वच्छ दूध उत्पादन के लिए गाय तथा भैंस के शरीर की उचित सफाई तथा आवास की आवश्यकता होती है। पशु के शरीर पर झड़े हुए बाल तथा धूल को हटाने के लिए नियमित रूप से पशु की सफाई करनी चाहिए। उनका आवास छायादार तथा रोशनदान युक्त होना चाहिए। ऐसे आवास उन्हें वर्षा, गर्मी तथा सर्दी से बचाते हैं। आवास का फर्श बलवां होना चाहिए जिससे वह साफ और सूखा रहे।

दूध देने वाले पशु (डेयरी पशु) के आहार की आवश्यकता दो प्रकार की होती है-

  • एक प्रकार का आहार जो उसके स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखे।
  • दूसरा वह जो दुग्ध उत्पादन को बढ़ाये। इसकी आवश्यकता दुग्ध स्रावण काल में होती है।

पशु आहार के अन्तर्गत आते हैं-
(i) मोटा चारा ( रुक्षांश) – जो प्रायः मुख्यतः रेशे होते हैं।

(ii) सान्द्र चारा – जिसमें रेशे कम होते हैं और प्रोटीन तथा अन्य पोषक तत्व अधिक होते हैं। पशु को सन्तुलित आहार की आवश्यकता होती है जिसमें उचित मात्रा में सभी पोषक तत्व हों। ऐसे पोषक तत्वों के अतिरिक्त कुछ सूक्ष्म पोषक तत्व भी मिलाए जाते हैं जो दुधारू पशुओं को स्वस्थ रखते हैं तथा दूध उत्पादन को बढ़ाते

पशु अनेक प्रकार के रोगों से ग्रसित हो सकते हैं जिसके कारण उनकी दूध उत्पादन की क्षमता में कमी अथवा उनकी मृत्यु हो सकती है। एक स्वस्थ पशु नियमित रूप से खाता है ढंग से बैठता व उठता है। पशु के बाह्य परजीवी तथा अन्तः परजीवी दोनों ही होते हैं। बाह्य परजीवी जैसे किलनी, जूँ त्वचा पर रहते हैं जिनसे पशु को त्वचा रोग हो सकते हैं। अन्तः परजीवी जैसे कीड़े आमाशय तथा आँत को तथा पर्णकृमि ठीक रोग (फ्लूक) यकृत को प्रभावित करते हैं संक्रामक बैक्टीरिया तथा वाइरस के कारण होते हैं। अनेक विषाणु (वाइरस) तथा जीवाणु (बैक्टीरिया) जनित रोगों से पशुओं को बचाने के लिए टीका (वैक्सीन) लगाया जाता है।

खंड 15.2.2 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पा.पु. पू. सं. 237)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित कथन की विवेचना कीजिए- “यह रुचिकर है कि भारत में कुक्कुट, अल्प रेशे के खाद्य पदार्थों को उच्च पोषकता वाले पशु प्रोटीन आहार में परिवर्तन करने के लिए सबसे अधिक सक्षम है। अल्प रेशे के खाद्य पदार्थ मनुष्यों के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं।”
उत्तर:
पशु को सन्तुलित आहार की आवश्यकता होती है जिसमें उचित मात्रा में सभी पोषक तत्व उपस्थित हों। ऐसे पोषक तत्वों के अतिरिक्त कुछ सूक्ष्म पोषक तत्व भी मिलाए जाते हैं जो दुधारू पशुओं को स्वस्थ रखते हैं तथा दूध उत्पादन को बढ़ाते हैं। पशु आहार के अन्तर्गत मोटा चारा ( रूक्षांश) जो प्राय: रेशे होते हैं तथा सांद्र चारा जिसमें रेशे कम और प्रोटीन तथा अन्य पोषक तत्व अधिक होते हैं।

कुक्कुट तथा बौलर आहार से हमें प्रोटीन, वसा तथा विटामिन प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। इसलिए भारत के कुक्कुट, अल्प रेशे के खाद्य पदार्थों को उच्च पोषकता वाले पशु प्रोटीन आहार में परिवर्तन करने में सबसे अधिक सक्षम है अल्प रेशे के खाद्य पदार्थ मनुष्यों के लिए इसलिए उपयुक्त नहीं होते क्योंकि उनमें पौष्टिकता बहुत ही कम मात्रा में होती है।

अंडों तथा बौलर का उत्पादन बौलर चूजों को अच्छी वृद्धि दर और अच्छी आहार दक्षता के लिए विटामिन से भरपूर आहार मिलते हैं उनकी मृत्युदर कम रखने और उनके पंख और मांस की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सावधानी बरती जाती है। उन्हें ब्रॉलर के रूप में उत्पादित किया जाता है तथा मांस के प्रयोजन के लिए विपणन किया जाता है।

मुर्गीपालन में अच्छा उत्पाद प्राप्त करने के लिए अच्छी प्रबन्धन प्रणालियाँ बहुत आवश्यक हैं। इसके अन्तर्गत इनके आवास में उचित ताप तथा स्वच्छता का निर्धारण करके कुक्कुट आहार की गुणवत्ता को बनाए रखा जाता है। इनके साथ-साथ रोगों तथा पीड़कों पर नियंत्रण तथा उनके बचाव करना भी सम्मिलित है।

बौलर की आवास, पोषण तथा पर्यावरणीय आवश्यकताएँ अंडे देने वाले कुक्कुटों (मुर्गियों) से कुछ भिन्न होती हैं ब्रौलर के आहार में प्रोटीन तथा वसा प्रचुर मात्रा में होता है। कुक्कुट आहार में विटामिन A तथा विटामिन K की मात्रा भी अधिक रखी जाती है।

विषाणु, जीवाणु, कवक, परजीवी तथा पोषणहीनता के कारण मुर्गियों में कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। अतः सफाई तथा स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए नियमित रूप से रोगाणुनाशी पदार्थों का छिड़काव आवश्यक है। मुर्गियों को संक्रामक रोगों से बचाने के लिए टीका लगवाना चाहिए जिससे ये महामारी से ग्रसित न हों। इन सावधानियों के बरतने से रोगों के फैलने की दशा में कुक्कुट को न्यूनतम हानि होती है।

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खंड 15.2.2 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पा.पु. पू. सं. 238)

प्रश्न 1.
पशुपालन तथा कुक्कुट पालन के प्रबन्धन प्रणाली में क्या समानता है?
उत्तर:
पशुपालन तथा कुक्कुट पालन में अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए अच्छी प्रबन्धन प्रणालियाँ बहुत आवश्यक हैं। इनके अन्तर्गत इनके आवास में उचित ताप तथा स्वच्छता का निर्धारण करके पशु एवं कुक्कुट आहार की गुणवत्ता को बनाए रखा जाता है। इसके साथ ही रोगों तथा पीड़कों पर नियन्त्रण तथा उनसे बचाव करना भी सम्मिलित है। दोनों की प्रबन्धन प्रणाली में यही समानता है।

प्रश्न 2.
बौलर तथा अंडे देने वाली लेयर में क्या अन्तर है? इनके प्रबन्धन के अन्तर को भी स्पष्ट करें।
उत्तर:
बौलर की आवास, पोषण तथा पर्यावरणीय आवश्यकताएँ अंडे देने वाली मुर्गियों से भिन्न होती हैं बौलर के आहार में प्रोटीन और वसा प्रचुर मात्रा में होता है। कुक्कुट आहार में विटामिन A तथा K की मात्रा भी अधिक रखी जाती है। बौलर को माँस के लिए पाला जाता है, जबकि अंडे देने वाली मुर्गियों को लेयर्स कहा जाता है। बौलर की तीव्र वृद्धि तथा अल्पमृत्यु दर की अनुकूल परिस्थितियों में रखना आवश्यक है।

क्रियाकलाप 15.4. (पा.पु. पू. सं. 238)
विद्यार्थी स्वयं कुक्कुट पालन केन्द्र में जाएँ। वहाँ विभिन्न प्रकार की नस्लों का अवलोकन करें। उनको दिये जाने वाले आहार, उनके आवास तथा प्रकाश सुविधाओं को नोट करें। अंडे देने वाली लेयर तथा बौलर को पहचानें।
नोट- किसी कुक्कुट पालन केन्द्र में जाकर वहाँ किसी सहायक की सहायता से उनकी नस्लों का अवलोकन करें और उनको दिये जाने वाले आहार, आवास तथा प्रकाश की सुविधाओं को ध्यान से देखकर नोट कर लेते हैं। अंडे देने वाली लेयर तथा बौलर की पहचान कर उन्हें भी नोट कर लेते हैं।

खंड 15.2.3 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पा.पु. पू. सं. 239)

प्रश्न 1.
मछलियाँ कैसे प्राप्त करते हैं?
उत्तर:
(i) समुद्री मत्स्यकी (Marine fisheries) भारत का समुद्री मछली संसाधन क्षेत्र 7500 किलोमीटर समुद्री तट तथा इसके अतिरिक्त समुद्र की गहराई तक है। सर्वाधिक प्रचलित समुद्री मछलियाँ पॉमफ्रेट, मैकर्ल, टुना, सारडाइन तथा बांबेडक हैं। समुद्री मछली पकड़ने के लिए विभिन्न प्रकार के जालों का उपयोग मछली पकड़ने वाली नावों में किया जाता है। सैटेलाइट तथा प्रतिध्वनि ध्वनित्र से खुले समुद्र में मछलियों के बड़े समूह का पता लगाया जा सकता है। तथा इन सूचनाओं का उपयोग कर मछली का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।

कुछ आर्थिक महत्व वाली समुद्री मछलियों का समुद्री जल में संवर्धन भी किया जाता है। इनमें प्रमुख हैं-मुलेट, भेटकी तथा पर्लस्पॉट (पंखयुक्त मछलियाँ), कवचीय मछलियाँ जैसे-झींगा (प्रॉन), मस्सल तथा ऑएस्टर एवं साथ ही खरपतवार। ऑएस्टर का संवर्धन मोतियों को प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है।

भविष्य में समुद्री मछलियों का भंडार कम होने की अवस्था में इन मछलियों की पूर्ति संवर्धन के द्वारा हो सकती है। इस प्रणाली को समुद्री संवर्धन (मेरीकल्चर) कहते हैं।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार 1

(ii) अन्त:स्थली मत्स्यकी (Inland fisheries) ताजा जल के स्रोत नाले, तालाब, पोखर तथा नदियाँ हैं। खारे जल के संसाधन, जहाँ समुद्री जल तथा ताजा जल मिश्रित होते हैं जैसे कि नदीमुख (एस्चुरी) तथा लैगून भी महत्वपूर्ण मछली भंडारण हैं। जब मछलियों का प्रग्रहण अन्तःस्थली स्रोतों पर किया जाता है तो उत्पादन अधिक नहीं होता। इन स्रोतों से अधिकांश मछली उत्पादन जल संवर्धन द्वारा ही होता है।

मछली संवर्धन कभी-कभी धान की फसल के साथ भी किया जाता है। अधिक मछली संवर्धन मिश्रित मछली संवर्धन तन्त्र से किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में देशी तथा आयातित प्रकार की मछलियों का प्रयोग किया जाता है।

ऐसे तन्त्र में एक ही तालाब में 5 या 6 मछलियों की स्पीशीज का प्रयोग किया जाता है। इनमें ऐसी मछलियो को चुना जाता है जिनमें आहार के लिए प्रतिस्पर्धा न हो अथवा उनके आहार भिन्न-भिन्न हों। इसके परिणामस्वरूप तालाब के प्रत्येक भाग में उपलब्ध आहार का उपयोग हो जाता है। जैसे- कटला मछली जल की सतह से अपना भोजन लेती है। रोहू मछली तालाब के मध्य से अपना भोजन लेती है। मृगल तथा कॉमन कार्प तालाब की तली से भोजन लेती हैं। ग्रास कॉर्प खरपतवार खाती है। इस प्रकार ये सभी मछलियाँ साथ-साथ रहते हुए भी बिना स्पर्धा के अपना-अपना आहार लेती हैं। इससे तालाब से मछली के उत्पादन में वृद्धि होती है।
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मिश्रित मछली संवर्धन में एक समस्या यह है कि इनमें से कई मछलियाँ केवल वर्षा ऋतु में ही प्रजनन करती हैं। यहाँ तक कि यदि मत्स्य डिंभ देशी नस्ल से लिए जायें तो अन्य स्पीशीज के डिंभों के साथ मिल सकते हैं। अतः मछली संवर्धन के लिए अच्छे गुणवत्ता वाले डिंभों का उपलब्ध न होना एक गम्भीर समस्या है। इस समस्या के समाधान के लिए ऐसी विधियाँ खोजी जा रही हैं कि तालाब में इन मछलियों का संवर्धन हार्मोन के उपयोग द्वारा किया जा सके। इससे ऐच्छिक मात्रा में शुद्ध मछली के डिंभ प्राप्त होते रहेंगे।

प्रश्न 2.
मिश्रित मछली संवर्धन के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
मिश्रित मछली संवर्धन में तालाब के प्रत्येक भाग में उपलब्ध आहार का उपयोग हो जाता है, जैसे- कटला मछली जल की सतह से अपना भोजन लेती है। रोहू मछली तालाब के मध्य क्षेत्र से अपना भोजन लेती है। मृगल तथा कॉमन कार्प तालाब की तली से भोजन लेती है। ग्रास कार्प खरपतवार खाती है। इस प्रकार ये सभी मछलियाँ साथ-साथ रहकर भी बिना स्पर्धा के अपना-अपना आहार लेती हैं। इससे तालाब में मछली के उत्पादन में वृद्धि होती है।

क्रियाकलाप-15.5. (पा. पु. पू. सं. 239)
मछलियों के जनन काल में मछली फार्म में जाओ और निम्नलिखित का अवलोकन करो-

  • तालाब में मछलियों की विभिन्न किस्में
  • तालाबों के प्रकार
  • फार्म में प्रयुक्त आहार में शामिल तत्व
  • ज्ञात करो कि फार्म की मछली उत्पादन क्षमता क्या है?

नोट- किसी मछली पालन केन्द्र में जाइए और अपने अध्यापक या मछली पालन केन्द्र के सहायक कर्मचारी की सहायता से ऊपर दिये गये प्रश्नों के विषय में जानकारी एकत्रित करके अपनी नोट बुक में सूची बनाइये।

खंड 15.2.4 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पा.पु. पू. सं. 240)

प्रश्न 1.
मधु उत्पादन के लिए प्रयुक्त मधुमक्खी में कौन से ऐच्छिक गुण होने चाहिए?
उत्तर:
मधु उत्पादन के लिए प्रयुक्त मधुमक्खी में निम्नलिखित ऐच्छिक गुण होने चाहिए-

  • मधुमक्खी में मधु एकत्र करने की क्षमता बहुत अधिक होनी चाहिए
  • वे डंक भी कम मारने वाली हों।
  • वे निर्धारित छत्ते में काफी समय तक रहें।
  • प्रजनन तीव्रता से करें।

प्रश्न 2.
चरागाह क्या है और ये मधु उत्पादन से कैसे सम्बन्धित है?
उत्तर:
मधुमक्खियों द्वारा मधु एकत्र करने के लिए उपलब्ध फूलों वाली जगह को चरागाह कहते हैं। मधुमक्खियाँ फूलों से मकरंद और पराग एकत्र करती हैं। चरागाह की पर्याप्त उपलब्धता मधु की गुणवत्ता और स्वाद को निर्धारित करती है।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि

Jharkhand Board Class 9 Science ध्वनि Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
ध्वनि क्या है और यह कैसे उत्पन्न होती है?
उत्तर:
ध्वनि एक प्रकार की ऊर्जा है जो हमारे कान में श्रवण संवेदना उत्पन्न करती है। जब हम किसी घण्टे पर चोट मारते हैं तो हमें ध्वनि सुनाई देती है तथा घण्टे को हल्का-सा छूने पर उसमें झनझनाहट-सी महसूस होती है। जैसे ही घण्टे में कंपन बंद हो जाता है ध्वनि भी बंद हो जाती है। इसी कारण जब सितार के तार को अँगुली से दबाकर छोड़ देते हैं, तो वह कम्पन करने लगता है और उससे ध्वनि निकलने लगती है। जीवधारी अपने गले की झिल्ली में कम्पन करके मुँह से ध्वनि निकालते हैं। इन कम्पनों की आवृत्ति 20 से 20,000 प्रति सेकण्ड के बीच होती है।

प्रश्न 2.
एक चित्र की सहायता से वर्णन कीजिए कि ध्वनि के स्रोत के निकट बायु में संपीडन तथा विरलन कैसे उत्पन्न होते हैं?
उत्तर:
ध्वनि हवा के माध्यम से गमन करती है। कोई कंपित वस्तु जब आगे बढ़ती है, तो वह अपने सामने वाली हवा पर बल लगाकर उसे संपीडित करती है, जिससे कि उच्च दबाव का क्षेत्र बनता है। यह क्षेत्र संपीडन कहलाता है। यह क्षेत्र कंपित वस्तु से दूर जाने लगता है। कंपित वस्तु
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि 1
पीछे की ओर हटती है, जिससे निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है। यह क्षेत्र विरलन कहलाता है जैसे-जैसे वस्तु कंपित होती है, वैसे-वैसे हवा में संपीडनों और विरलनों की श्रृंखला बनती चली जाती है। इससे हवा में ध्वनि का संचरण होता है।

प्रश्न 3.
किस प्रयोग से यह दर्शाया जा सकता है कि ध्वनि संचरण के लिए एक द्रव्यात्मक माध्यम की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
चित्र 12.16 के अनुसार उपकरणों को व्यवस्थित करके स्विच को दबाने पर हम घंटी की आवाज सुनते हैं। बेलजार से धीरे-धीरे हवा निकालने पर घंटी की आवाज धीमी होती जाती है, हालाँकि अभी भी उसमें उतनी ही विद्युत प्रवाहित हो रही है बेलजार में थोड़ी-सी हवा बचने पर घंटी की आवाज बहुत धीमी सुनाई पड़ती है। हवा पूरी तरह निकल जाने पर घंटी की आवाज बिल्कुल सुनाई नहीं देती। इस प्रयोग से हम यह निष्कर्ष निकालते हैं कि ध्वनि को संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि 2

प्रश्न 4.
ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुदैर्ध्य क्यों है?
उत्तर:
जब ध्वनि तरंगें संचरण करती हैं, तो हवा के अणु तरंग की गति की दिशा के अनुदिश गति करते हैं। इसीलिए ध्वनि तरंगें अनुदैर्ध्य तरंगें होती हैं।

प्रश्न 5.
ध्वनि का कौन-सा अभिलक्षण किसी अन्य अँधेरे कमरे में बैठे आपके मित्र की आवाज पहचानने में आपकी सहायता करता है?
उत्तर:
ध्वनि की गुणता वह अभिलक्षण है जो हमें आवाज पहचानने में सहायता करता है और हम मित्र की आवाज पहचान लेते हैं।

प्रश्न 6.
तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हैं, लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकण्ड पश्चात् गर्जन सुनाई देती है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हैं लेकिन पहले चमक दिखाई देती है और गर्जन की आवाज बाद में सुनाई देती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि वायु में प्रकाश का वेग, ध्वनि के वेग से अधिक होता है। अतः चमक हमें पहले दिखाई देती है और ध्वनि कुछ देर बाद सुनाई देती है।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 7.
किसी व्यक्ति का औसत श्रव्य परास 20 Hz से 20 kHz है। दो आवृत्तियों के लिए ध्वनि तरंगों की तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए। वायु में ध्वनि का वेग 344 ms-1
हल:
I. आवृत्ति = 20 हज
वायु में ध्वनि का वेग v = 344 मीटर / सेकण्ड
तरंगदैर्ध्य λ = ?
वेग = तरंगदैर्ध्य x आवृत्ति
v = λ × v
344 मीटर / सेकण्ड = λ x 20 हर्ट्ज
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि 3

II. आवृत्ति v = 20 किलो हर्ट्ज = 20,000 हर्ट्ज
वायु में ध्वनि का वेग v = 344 मी./से.
तरंगदैर्ध्य λ = ?
वेग तरंगदैर्ध्य x आवृत्ति
344 मीटर / सेकण्ड = λ × 20,000 हर्ट्ज
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि 4
इस प्रकार, 20 हर्ट्ज और 20 किलो हर्ट्ज के अनुरूप तरंगदैर्ध्य हैं क्रमश: 17.2 मीटर और 0.0172 मीटर।

प्रश्न 8.
दो बालक किसी ऐलुमिनियम पाइप के दो सिरों पर हैं। एक बालक पाइप के एक सिरे पर पत्थर से आघात करता है। दूसरे सिरे पर स्थित बालक तक वायु तथा ऐलुमिनियम से होकर जाने वाली ध्वनि तरंगों द्वारा लिए गए समय का अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल:
हवा में ध्वनि का वेग v1 = 346 मी./से.
ऐलुमिनियम में ध्वनि का वेग v2 = 6420 मी./से.
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि 5

प्रश्न 9.
किसी ध्वनि स्रोत की आवृत्ति 100 Hz है। एक मिनट में यह कितनी बार कंपन करेगा?
हल:
आवृत्ति = 100 Hz
समय = 1 मिनट = 60 सेकण्ड
कंपनों की संख्या = आवृत्ति x समय
= 100 Hz x 60 सेकण्ड
= 6000 कंपन।

प्रश्न 10.
क्या ध्वनि परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका कि प्रकाश की तरंगें करती हैं? इन नियमों को बताइए।
उत्तर:
हाँ, ध्वनि भी परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका प्रकाश तरंगें करती हैं। ये नियम इस प्रकार हैं-

  • अभिलम्ब तथा ध्वनि के आपतित होने की दिशा तथा परावर्तन होने की दिशा के बीच बने कोण आपस में बराबर होते हैं।
  • ये तीनों एक ही तल में होते हैं।

प्रश्न 11.
ध्वनि का एक स्रोत किसी परावर्तक सतह के सामने रखने पर उसके द्वारा प्रदत्त ध्वनि तरंग की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। यदि स्रोत तथा परावर्तक सतह की दूरी स्थिर रहे तो किस दिन प्रतिध्वनि अधिक शीघ्र सुनाई देगी – (i) जिस दिन तापमान अधिक हो? (ii) जिस दिन तापमान कम हो?
उत्तर:
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि 6
समय और वेग में प्रतिलोम अनुपात है। किसी भी माध्यम का ताप बढ़ने से उनमें ध्वनि का वेग बढ़ जाता है। इसलिए, गर्म दिन में अधिक तापमान के कारण ध्वनि का वेग बढ़ जाएगा और हमें प्रतिध्वनि ठंडे दिन की अपेक्षा जल्दी सुनाई देगी।

प्रश्न 12.
ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यावहारिक उपयोग लिखिए।
उत्तर:
ध्वनि तरंगों के परावर्तन के उपयोग-

  • श्रवण सहायक यंत्र ध्वनि के परावर्तन की प्रक्रिया पर ही आधारित होते हैं।
  • सोनार

प्रश्न 13.
500 मीटर ऊँची किसी मीनार की चोटी से एक पत्थर मीनार के आधार पर स्थित एक पानी के तालाब में गिराया जाता है। पानी में इसके गिरने की ध्वनि चोटी पर कब सुनाई देगी। (g = 10ms-2 तथा ध्वनि की चाल 340 ms है)
हल:
मीनार की ऊँचाई = 500 मी.
ध्वनि की चाल = 340 ms-1
g = 10ms-1
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि 7
ध्वनि द्वारा तालाब से मीनार की चोटी पर पहुँचने में लगा समय = \(\frac { 500 }{ 340 }\) = 1.5 सेकण्ड
पत्थर द्वारा चोटी से तालाब तक पहुँचने में लगा समय
s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt²
500 = 0 + \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 10 x t²
(पत्थर विरामावस्था में था अतः u = 0 व ut = 0)
5t² = 500
t² = \(\frac { 500 }{ 5 }\) = 100
t = \(\sqrt{100}\)
= 10 सेकण्ड
अतः ध्वनि को मीनार की चोटी पर पहुँचने में लगा कुल समय
= 1.5 सेकण्ड + 10 सेकण्ड = 11.5 सेकण्ड

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 14.
एक ध्वनि तरंग 339 ms की चाल से चलती है। यदि ध्वनि की तरंगदैर्ध्य 1.5 सेमी हो, तो तरंग की आवृत्ति कितनी होगी? क्या ये श्रव्य होंगी?
हल:
ध्वनि की चाल = 339 ms-1
तरंगदैर्ध्य = 1.5 सेमी. = 0.015 मी.
हम जानते हैं-
चाल = आवृत्ति x तरंगदैर्ध्य
339 = आवृत्ति x 0.015 मी.
आवृत्ति =\(\frac { 339 }{ 0.015 }\)
= \(\frac { 339×1000 }{ 15 }\)
= 22600 Hz
यह श्रव्य नहीं है।

प्रश्न 15.
अनुरणन क्या है? इसे कैसे कम किया जा सकता है?
उत्तर:
ध्वनि के बार बार दीवार से टकराकर बार-बार परावर्तन के कारण ध्वनि निर्बंध होता है। इसे अनुरणन कहते है।
अनुरणन को कम करने के लिए सभा भवन की छतों तथा दीवारों पर ध्वनि अवशोषक पदार्थों, जैसे- संपीडित फाइबर बोर्ड, खुरदरा या पर्दे लगा देते हैं।

प्रश्न 16.
ध्वनि की प्रबलता से क्या अभिप्राय है? यह किन कारकों पर निर्भर करती है?
उत्तर:
किसी ध्वनि की प्रबलता उसकी तीव्रता है। यह उसके आयाम पर निर्भर करती है। ऐसी ध्वनि को जिसमें अधिक ऊर्जा होती है, उसकी प्रबलता कहते हैं।

कारक – यह निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है-

  • आयाम पर
  • ऊर्जा पर
  • तीव्रता पर
  • तरंग के वेग पर

इकाई क्षेत्र से 1 सेकण्ड में गुजरने वाली ध्वनि को प्रबलता कहते हैं।

प्रश्न 17.
चमगादड़ अपना शिकार पकड़ने के लिए पराध्वनि का उपयोग किस प्रकार करता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चमगादड़ों की आँखें कमजोर होती हैं, इसीलिए वे अपना शिकार देख नहीं पाते। अपनी उड़ान के समय वे उच्च आवृत्ति वाली पराश्रव्य तरंगें छोड़ते हैं ये तरंगें अवरोध या शिकार द्वारा परावर्तित होकर चमगादड़ के कान तक वापस पहुँचती हैं। इन परावर्तित तरंगों की प्रकृति से चमगादड़ अवरोध या शिकार की स्थिति व आकार जान लेते हैं।

प्रश्न 18
वस्तुओं को साफ करने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे करते हैं?
उत्तर:
पराध्वनि का उपयोग ऐसे भागों को साफ करने के लिए किया जाता है, जो पहुँच से परे होती हैं, जैसे- सर्पिलाकार नली, विषम आकार के पुर्जे आदि। इन्हें साफ करने के लिए साफ करने वाले मार्जन विलयन में रखते हैं। इस विलयन में पराध्वनि की तरंगें भेजी जाती हैं। उच्च आवृत्ति के कारण, धूल, चिकनाई तथा गंदगी अलग हो जाती है। इस प्रकार वस्तु पूर्णतया साफ हो जाती है।

प्रश्न 19.
सोनार की कार्यविधि तथा उसके उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सोनार एक ऐसी युक्ति है जिसे जल में स्थित पिंडों की दूरी, दिशा तथा चाल मापने के लिए प्रयोग किया जाता है। सोनार में एक प्रेषित्र तथा एक संसूचक होता है। प्रेषित पराध्वनि उत्पन्न व प्रेषित करता है, ये तरंगें जल में चलती हैं तथा जल से टकराकर संसूचक द्वारा ग्रहण कर ली जाती हैं संसूचक पराध्वनि तरंगों को विद्युत संकेतों में बदल देता है। जिसका उचित विश्लेषण करके अनेक चीजों की जानकारी हासिल की जाती है।

सोनार के उपयोग:

  • सोनार का उपयोग समुद्र की गहराई ज्ञात करने के लिए किया जाता है।
  • इसका उपयोग जल के अन्दर स्थित चट्टानों या घाटियों को ज्ञात करने के लिए किया जाता है।
  • इसका उपयोग हिम शैल या डूबे हुए जहाज आदि की जानकारी प्राप्त करने में किया जाता है।

प्रश्न 20.
कडुब्बी पर लगी एक सोनार युक्ति, संकेत भेजती है और उनकी प्रतिध्वनि 5s पश्चात् ग्रहण करती है। यदि पनडुब्बी से वस्तु की दूरी 3625m हो तो ध्वनि की चाल की गणना कीजिए।
हल:
वस्तु की दूरी = 3625m; समय = 5s
ध्वनि की चाल = ?
2 x दूरी = चाल x समय
2 x 3625 = v x 5
5v = 2 x 3625
v = \(\frac {2×3625 }{ 5 }\) = 1450m/s
अतः ध्वनि की चाल = 1450m/s

प्रश्न 21.
किसी धातु के ब्लॉक में दोषों का पता लगाने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे किया जाता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पराध्वनि का उपयोग धातुओं से बने ब्लॉकों के दोषों का पता लगाने के लिए किया जाता है। धातु के ब्लॉकों में विद्यमान दरार या छिद्र जो बाहर से दिखाई नहीं देते हैं। पराध्वनि तरंगें धातु के ब्लॉक से गुजारी जाती हैं और प्रेषित तरंगों का पता लगाने के लिए संसूचकों का उपयोग किया जाता है। यदि जरा सा भी दोष आता है तो पराध्वनि तरंगें परावर्तित हो जाती हैं जो दोष की उपस्थिति को दर्शाती हैं। इस प्रकार धातु के ब्लॉकों से दोष दूर कर दिया जाता है।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि 8

प्रश्न 22.
मनुष्य का कान किस प्रकार कार्य करता है? विवेचना कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य का बाहरी कान, जिसे कर्णपल्लव कहते हैं, वातावरण से ध्वनि को एकत्र करके उसे श्रवण नलिका से होकर, मध्य कर्ण की ओर प्रेषित कर देता है। ध्वनि तरंगों के संपीडन तथा विरलन श्रवण नलिका से होकर कर्णपटल तक पहुँच जाते हैं। संपीडन कर्णपटल पर भीतर की ओर दवाब डालता है और विरलन के कारण कर्णपटल बाहर की ओर गति करता है। इस प्रकार ध्वनि तरंगों के कारण कर्णपटल कम्पन्न करने लगता है।

मुग्दरक, निहाई तथा वलयक नामक हडडियाँ इन कम्पनों को कई गुना बढ़ा देती हैं। मध्य कर्ण इन दाब परिवर्तनों को आन्तरिक कर्ण में स्थित कर्णावर्त इन दाब परिवर्तनों को विद्युत संकेतों में बदल देता है और श्रवण तन्त्रिका द्वारा मस्तिष्क को भेज देता है। मस्तिष्क इन विद्युत संकेतों की ध्वनि के रूप में व्यख्या कर लेता है।

Jharkhand Board Class 9 Science ध्वनि InText Questions and Answers

क्रियाकलाप 12.1. (पा. पु. पृ. सं. 179)
एक स्वरित्र द्विभुज लेकर इसकी किसी भुजा को एक रबड़ के पैड पर मार कर इसे कंपित कराकर अपने कान के पास लाइए। क्या आपको इसकी ध्वनि सुनाई देती है और क्या अँगुली से स्पर्श करने पर यह कंपित हो रही है।

अब एक टेबिल टेनिस या एक छोटी प्लास्टिक की गेंद को एक धागे से लटकाकर चिंत्रानुसार पहले कम्पन न करते हुए स्वरित्र की एक भुजा से गेंद को स्पर्श करिये। फिर कम्पन करते हुए स्वरित्र की एक भुजा से गेंद को स्पर्श करिये और दोनों अवस्थाओं में अन्तर की व्याख्या करने का प्रयास करिये।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि 9

क्रियाकलाप 12.2. (पा. पु. पृ. सं. 179)
एक बीकर या गिलास को ऊपर तक पानी से भरकर कंपमान स्वरित्र की एक भुजा को चित्र में दर्शाए अनुसार पानी की सतह से स्पर्श कराये तथा कंपमान स्वरित्र की दोनों भुजाओं को पानी में डुबोइए और दोनों अवस्थाओं के बारे में अपने मित्रों के साथ विचार-विमर्श कीजिए।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि 10

क्रियाकलाप 12.3. (पा. पु. पृ. सं. 180 )
विभिन्न वाद्य यंत्रों की सूची बनाकर अपने मित्रों के साथ विचार-विमर्श कीजिए कि ध्वनि उत्पन्न करने के लिए इस वाद्य यंत्रों का कौन सा भाग कंपन करता है।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि 11

अब उत्तर दें –

प्रश्न 1.
क्रियाकलाप 12.1 में दोनों अवस्थाओं में क्या विचार-विमर्श किया?
उत्तर:
स्वरित्र की भुजा को पैड पर मारने पर इसमें कम्पन उत्पन्न होते हैं तथा लटकाई गेंद को कंपन करते हुए स्वरित्र की भुजा से छूने पर गेंद भी कंपित होने लगती है।

प्रश्न 2.
क्रियाकलाप 12.2 में चित्र 12.2 व 12.3 से क्या निष्कर्ष निकलता है?
उत्तर:
स्वरित्र द्विभुज की एक भुजा पानी की सतह को छूती है तो स्वरित्र के स्पर्श बिन्दु से तरंगें उत्पन्न होकर फैल जाती हैं (चित्र 12.2) तथा चित्र 12.3 में स्वरित्र द्विभुज के दोनों सिरे पानी की सतह को छू रहे हैं तो तरंगें एक-दूसरे के ऊपर आकर अवरोध उत्पन्न करती हैं।

प्रश्न 3.
क्रियाकलाप 12.3 में वाद्य यंत्रों की सूची व कंपित भाग की सूची बनाइए।
उत्तर:

वाद्य यंत्र कंपित भाग
गिटार, सितार तार में उत्पन्न कम्पन
बाँसुरी बाँसुरी के अन्दर की वायु
ढोलक पर्दा
हारमोनियम हारमोनियम की रीड

खंड 12.2 से सम्बन्धित पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पृ. सं. 182)

प्रश्न 1.
किसी माध्यम में ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ आपके कानों तक कैसे पहुँचता है?
उत्तर:
जब ध्वनि के कारण किसी माध्यम में कोई विक्षोभ उत्पन्न होता है तो यह विक्षोभ माध्यम के कणों में गति उत्पन्न कर देता है। ये कण अपने समीपवर्ती माध्यम के अन्य कणों में उसी प्रकार की गति उत्पन्न कर देते हैं। यह क्रिया इसी प्रकार माध्यम के अन्य कणों में फैलती जाती है और विक्षोभ हमारे कानों तक पहुँच जाता है।

खंड 12.2.1 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पृ. सं. 182)

प्रश्न 1.
आपके विद्यालय की घण्टी ध्वनि कैसे उत्पन्न करती है?
उत्तर:
जब घण्टी पर हथौड़े से आघात किया जाता है तो घण्टी कम्पित हो उठती है। घण्टी के कम्पित होने से ध्वनि उत्पन्न होती है।

प्रश्न 2.
ध्वनि तरंगों को यान्त्रिक तरंगें क्यों कहते हैं?
उत्तर:
ध्वनि तरंगों को यान्त्रिक तरंगें इसलिए कहा जाता है; क्योंकि ये माध्यम के कणों की कम्पनिक गति के द्वारा संचारित होती हैं, अर्थात् इनके संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 3.
मान लीजिए आप अपने मित्र के साथ चन्द्रमा पर गए हुए हैं। क्या आप अपने मित्र द्वारा उत्पन्न ध्वनि को सुन पाएँगे?
उत्तर:
किसी स्रोत से उत्पन्न ध्वनि तरंग वायु से होकर हमारे कानों तक पहुँचती है और तब हमें सुनाई पड़ती है। वायु की अनुपस्थिति में ध्वनि तरंगों का हमें सुनाई पड़ना सम्भव नहीं है। चूँक चन्द्रमा पर वायुमण्डल नहीं है; अत: हम अपने मित्र द्वारा उत्पन्न ध्वनि को नहीं सुन पायेंगे।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि

क्रियाकलाप 12.4. (पा. पु. पृ. सं. 182)
एक स्लिंकी लेकर चित्र के अनुसार खींचिए तथा अपने मित्र की ओर स्लिंकी को एक तेज झटका दीजिए। यदि आप अपने हाथ से स्लिंकी को लगातार आगे पीछे बारी-बारी से धक्का देते और खीचते रहें और स्लिंकी पर एक चिह्न लगा दें तो आप पायेंगे कि स्लिंकी पर लगा चिह्न विक्षोभ के संचरण की दिशा के समान्तर आगे-पीछे गति करता है।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि 12
उन क्षेत्रों को जहाँ कुंडलियाँ पास-पास आ जाती हैं संपीडन (C) कहते हैं तथा उन क्षेत्रों को जहाँ कुण्डलियाँ दूर दूर हो जाती हैं, विरलन (R) कहते हैं। स्लिंकी में विक्षोभ के संचरण की तरंगों को अनुदैर्ध्य तरंगें कहते हैं। इन तरंगों में माध्यम से कणों का विस्थापन विक्षोभ के संचरण की दिशा के समान्तर होता है।

खंड 12.2.3 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पृ. सं. 186)

प्रश्न 1.
तरंग का कौन-सा गुण निम्नलिखित को निर्धारित करता है?
(a) प्रबलता
(b) तारत्व।
उत्तर:
(a) प्रबलता-किसी ध्वनि तरंग की प्रबलता मूलत: उसके आयाम द्वारा निर्धारित होती है। बड़े आयाम की ध्वनि प्रबल तथा छोटे आयाम की ध्वनि मृदु होती है।

(b) तारत्व-ध्वनि का तारत्व उसकी आवृत्ति द्वारा निर्धारित होता है। उच्च आवृत्ति की ध्वनि का तारत्व ऊँचा तथा निम्न आवृत्ति की ध्वनि का तारत्व नीचा होता है।

प्रश्न 2.
अनुमान लगाइए कि निम्नलिखित में से किस ध्वनि का तारत्व अधिक है ?
(a) गिटार
(b) कार का हॉर्न।
उत्तर:
गिटार की ध्वनि का तारत्व अधिक होता है।
तरंग के किसी बिन्दु जैसे एक संपीडन या एक विरलन द्वारा एकांक समय में तय की गई दूरी तरंग वेग कहलाती है।
हम जानते हैं
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि 13
v = λv (∵ \(\frac { 1 }{ T }\) = v)
अथवा V = λv
वेग = तरंगदैर्ध्य x आवृत्ति

क्रियाकलाप 12.5. (पा. पु. पृ. स. 188)
चित्र 12.10 की भाँति दो एक जैसे पाइप लेकर इन्हें दीवार के समीप किसी मेज पर व्यवस्थित करें। एक पाइप के खुले सिरे के पास एक घड़ी रखिए तथा दूसरे पाइप की ओर से ध्वनि सुनने की कोशिश कीजिए। जब ठीक प्रकार से समायोजित होने पर ध्वनि सुनाई देने लगे तब इन पाइपों तथा दर्शाए अभिलंब के बीच के कोणों को मापिए तथा इनके बीच के संबंध को देखिए। दाईं ओर का पाइप थोड़ा सा उठाने पर क्या प्रेक्षित होता है?
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 12 ध्वनि 14
निष्कर्ष-

  • जब पाइप दीवार के साथ बराबर कोण पर होते है अर्थात् ∠i = ∠r तब घड़ी की ध्वनि सबसे अच्छी सुनाई देती है।
  • जब दायीं ओर के पाइप को थोड़ा ऊपर उठाया जाता है तो घड़ी की ध्वनि अच्छी तरह सुनाई नहीं देगी।

खंड 12.3 .1 से सम्बन्धित पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पृ. सं. 189)

प्रश्न 1.
कोई प्रतिध्वनि 3 s पश्चात् सुनाई देती है। यदि ध्वनि की चाल 342 ms-1 हो तो स्रोत तथा परावर्तक सतह के बीच कितनी दूरी होगी?
उत्तर:
धवनि की चाल (V) = 342-1
प्रतिध्वनि सुनने में लिया गया समय (t) = 3 s
ध्वनि द्वारा चली गई दूरी = V x t = 342 ms-1 x 3 s
3 s में प्रतिध्वनि सुनाई दी। अतः 3 s में ध्वनि ने स्रोत तथा परावर्तक के बीच की दुगनी दूरी तय की।
स्रोत तथा परावर्तक सतह के बीच की दूरी होगी
= \(\frac { 1026 }{ 2 }\)m = 513 m

खंड 12.3.3 से सम्बन्धित पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पृ. सं. 190)

प्रश्न 1.
कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार क्यों होती हैं?
उत्तर:
कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार इसलिए बनाई जाती हैं जिससे कि परावर्तन के पश्चात् ध्वनि हॉल के सभी भागों में पहुँच जाए।

खंड 12.4 से सम्बन्धित पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पृ. सं. 191)

प्रश्न 1.
सामान्य मनुष्य के कानों के लिए श्रव्यता परास क्या है?
उत्तर:
मनुष्यों में ध्वनि की श्रव्यता का परास लगभग 20 हर्ट्ज से 20,000 हर्ट्ज तक होता है।

प्रश्न 2.
निम्न से संबंधित आवृत्तियों का परास क्या है?
(a) अपश्रव्य ध्वनि
(b) पराध्वनि।
उत्तर:
(a) 20 हर्ट्ज से कम आवृत्ति की ध्वनियाँ।
(b) 20000 हर्ट्ज से अधिक आवृत्ति की ध्वनियाँ।

खंड 12.5 से सम्बन्धित पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पृ. सं. 193)

प्रश्न 1.
एक पनडुब्बी सोनार स्पंद उत्सर्जित करती है, जो पानी के अंदर एक खड़ी चट्टान से टकराकर 1.02 s के पश्चात् वापस लौटता है। यदि खारे पानी में ध्वनि की चाल 1531 m/s हो, तो चट्टान की दूरी ज्ञात कीजिए।
हल:
सोनार स्पंद प्राप्त करने तथा प्रेषित्र के बीच समय, t = 1.02 s
लवणीय जल (खारे पानी) में ध्वनि की गति, V = 1531 ms-1
माना चट्टान की दूरी = d
ध्वनि द्वारा तय की गई दूरी = 2d
परंतु 2d = ध्वनि की गति x समय = v t
= 1531 x 1.02 m
d = \(\frac { 1531×1.02 }{ 2 }\)
= 780.81 m
नोट-चमगादड़ अंधेरे में भोजन को खोजने के लिए उड़ते समय पराध्वनिक तरंगें उत्सर्जित करके परावर्तन के पश्चात् इनका संसूचन करता है। चमगादड़ द्वारा उत्पन्न उच्च तारत्व के पराध्वनि स्पंद अवरोधों या कीटों से टकराकर उनसे परावर्तित होकर चमगादड़ के कान तक पहुँचते हैं, इससे चमगादड़ को अवरोध या कीट आदि की स्थिति का पता लग जाता है।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. लोहे का प्रतीक है-
(a) N
(b) Na
(c) Fe
(d) Ne
उत्तर:
(c) Fe

2. बेरियम कार्बोनेट का सूत्र है-
(a) Ba(NO3)2
(b) BaCO3
(c) BaSO4
(d) K2CO3
उत्तर:
(b) BaCO3

3. एलुमिनियम सल्फेट में ऐलुमिनियम की संयोजकता 3 है तथा सल्फेट आयन की संयोजकता 2 है। ऐलुमिनियम सल्फेट का अणुसूत्र होगा-
(a) AlSO4
(b) Al2SO4
(c) Al3(SO4)2
(d) Al2(SO4)3
उत्तर:
(d) Al2(SO4)3

4. आवोगाद्रो संख्या का मान है-
(a) 6.022 × 1023
(b) 6.023 x 1022
(c) 6.023 x 1022
(d) 6.023 x 10-22
उत्तर:
(a) 6.022 x 1023

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

5. एक धातु के फास्फेट का सूत्र MPO4 है। इसके क्लोराइड का अणुसूत्र होगा-
(a) MCl
(b) MCl3
(c) M2Cl3
(d) MC2
उत्तर:
(b) MCl3

6. परमाणु भार का अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक है-
(a) C-12
(b) O-16
(c) H-1
(d) N-14
उत्तर:
(a) C-12

7. सल्फर के 32 ग्राम में कितने परमाणु हैं?
(a) 6.023 x 1022
(b) 6.023 x 10-23
(c) 6.023 x 1023
(d) 6.023 x 10-23 x 32
उत्तर:
(c) 6.023 x 1023

8. ऑक्सीजन परमाणुओं का 1 मोल होता है-
(a) 8 ग्राम
(b) 16 ग्राम
(c) ग्राम
(d) \(\frac { 1 }{ 8 }\) ग्राम
उत्तर:
(b) 16 ग्राम।

9. विद्युत आवेशित परमाणु/परमाणुओं का समूह है-
(a) परमाणु
(b) अणु
(c) मोल
(d) आयन
उत्तर:
(c) आयन।

10. 18 u जल में जल के कितने अणु होते हैं-
(a) 1
(b) 6.022 × 1023
(c) 18
(d) 36
उत्तर:
(a) 1

11. फास्फोरस है-
(a) एक परमाणुक
(b) द्विपरमाणुक
(c) त्रिपरमाणुक
(d) चतुर्परमाणुक
उत्तर:
(d) चतुर्परमाणुक

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

12. 0.4 मोल ऑक्सीजन परमाणु का द्रव्यमान होगा-
(a) 0.8 ग्राम
(b) 6.4 ग्राम।
(c) 3.2 ग्राम
(d) 16 ग्राम
उत्तर:
(b) 6.4 ग्राम।

13. 12 ग्राम ऑक्सीजन गैस में मोलों की संख्या है-
(a) 0.667 मोल
(b) 6.4 ग्राम
(c) 0.375 मोल
(d) 1 मोल
उत्तर:
(c) 0.375 मोल।

14. ऑक्सीजन के 4 ग्राम में अणुओं की संख्या होगी-
(a) 7.528 × 1022
(b) 7.3 x 1023
(c) 6.023 x 1023
(d) 6.023 x 10-23
उत्तर:
(a) 7.528 × 1022

15. ग्राम में व्यक्त पदार्थ का परमाण्विक द्रव्यमान कहलाता हैं-
(a) ग्राम अणु द्रव्यमान
(b) ग्राम परमाण्विक द्रव्यमान
(c) अणुभार
(d) मोल
उत्तर:
(b) ग्राम परमाण्विक द्रव्यमान।

रिक्त स्थान भरो-

  1. रासायनिक संयोजन के दो नियम हैं- ……………… का नियम और ……………… का नियम।
  2. 1m = ……………… m.
  3. ……………… एक अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक संस्था है जो तत्त्वों के नामों, प्रतीकों और मात्रकों को स्वीकृति प्रदान करता है।
  4. किसी तत्त्व की संयोजन शक्ति उस तत्त्व की ……………… कहलाती है।

उत्तर:

  1. द्रव्यमान संरक्षण, स्थिर अनुपात
  2. 10
  3. IUPAC
  4. संयोजकता।

सुमेलन कीजिए-

कौलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
1. हाइड्रोजन (क) He
2. सोडियम (ख) H
3. हीलियम (ग) S
4. सल्फर (घ) Na

उत्तर:
1. (ख) H
2. (घ) Na
3. (क) He
4. (ग) S

सत्य / असत्य-

  1. ऋण आवेशित आयन को ऋणायन कहते हैं।
  2. आयरन को Ir से चिह्नित करते हैं।
  3. सभी तत्त्वों के परमाणुओं का सापेक्ष द्रव्यमान हाइड्रोजन- 2 परमाणु के द्रव्यमान के साथ तुलना करके प्राप्त करते हैं।
  4. ऑक्सीजन गैस द्वि-परमाणुक अणु है।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. असत्य
  4. सत्य।

अति लघुत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मोल क्या है?
उत्तर:
किसी पदार्थ का मोल उसकी वह मात्रा है, जिसमें उतने ही कण उपस्थित होते हैं जितने कार्बन – 12 समस्थानिक के ठीक 12 ग्राम ( या 0.012 किग्रा) में परमाणुओं की संख्या होती है।

प्रश्न 2.
मोलर द्रव्यमान को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी पदार्थ के एक मोल का ग्राम में व्यक्त द्रव्यमान उसका ‘मोलर द्रव्यमान’ कहलाता है।

प्रश्न 3.
मोल संकल्पना के पदों में तत्व के ग्राम परमाणु द्रव्यमान को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
ग्राम परमाणु द्रव्यमान अथवा एक ग्राम परमाणु किसी तत्व के एक मोल (6.022 x 1023 परमाणुओं) का द्रव्यमान होता है जिसे ग्राम में व्यक्त किया जाता है।

प्रश्न 4.
किसी तत्व के एक ग्राम परमाणु में कितने परमाणु उपस्थित होते हैं?
उत्तर:
6.022 x 1023 ( आवोगाद्रो संख्या) के तुल्य।

प्रश्न 5.
क्या सोडियम तथा कैल्सियम एक ग्राम मोल में परमाणुओं की संख्या भिन्न-भिन्न होगी?
उत्तर:
नहीं, इनमें परमाणुओं की संख्या समान होगी।

प्रश्न 6.
यौगिक के सूत्र को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी यौगिक के अणु का इसमें उपस्थित विभिन्न तत्वों के प्रतीकों के रूप में संक्षिप्त प्रदर्शन, यौगिक का सूत्र कहलाता है। इन्हें दो रूपों में वर्गीकृत किया जा सकता है- (i) मूलानुपाती सूत्र एवं (ii) आण्विक सूत्र।

प्रश्न 7.
एक बड़े पात्र में दो बीकर रखे हैं। एक में लैड नाइट्रेट का विलयन तथा दूसरे में सोडियम सल्फेट का विलयन है। पात्र को तौल लेते हैं, फिर बीकर के विलयन परस्पर भली-भाँति मिला देते हैं। पात्र को पुनः तौल लेते हैं। क्या द्रव्यमान परिवर्तित होगा?
उत्तर:
नहीं, द्रव्यमान संरक्षण नियम के अनुसार द्रव्यमान पहले के बराबर होगा।

प्रश्न 8.
12 ग्राम मैग्नीशियम 16 ग्राम ऑक्सीजन से संयोग करके 28 ग्राम मैग्नीशियम ऑक्साइड बनाता है। इन आँकड़ों से रासायनिक संयोग से किस नियम की पुष्टि होती है?
उत्तर:
द्रव्यमान संरक्षण नियम की।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 9.
क्या कैल्सियम के एक मोल का भार उतना ही है जितना कार्बन के एक मोल का?
उत्तर:
नहीं, कैल्सियम के एक मोल का भार 40 ग्राम है जबकि कार्बन के एक मोल का भार 12 ग्राम होता है।

प्रश्न 10.
कार्बन तत्व के निश्चित 12 g में कितने परमाणु होते हैं? क्या इस संख्या का कोई नाम है?
उत्तर:
6.022 × 1023 परमाणु। इस संख्या को आवोगाद्रो संख्या (NA) कहा जाता है। यह एक मोल में परमाणुओं की संख्या दर्शाती है।

प्रश्न 11.
किसी पदार्थ के एक ग्राम परमाणु द्रव्यमान में कितने परमाणु उपस्थित होते हैं?
उत्तर:
6.022 × 1023 परमाणु।

प्रश्न 12.
किसी पदार्थ के एक ग्राम आण्विक द्रव्यमान में कितने परमाणु उपस्थित होते हैं?
उत्तर:
6.0221023 परमाणु।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित यौगिकों के रासायनिक सूत्र लिखिए – (i) सल्फ्यूरिक अम्ल तथा (ii) कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड
उत्तर:

  1. H2 SO4 तथा
  2. Ca(OH)2.

प्रश्न 14.
निम्नलिखित यौगिकों के नाम लिखिए- (i) (NH4)2SO4 तथा (ii) Na2S
उत्तर:

  1. अमोनियम सल्फेट तथा
  2. सोडियम सल्फाइड।

प्रश्न 15.
(i) Ag2 O तथा
(ii) Cus यौगिकों के नाम बताइए।
उत्तर:
(i) सिल्वर ऑक्साइड तथा
(ii) कॉपर सल्फाइड।

प्रश्न 16.
He के 12.044 x 1023 परमाणुओं को मोल में परिवर्तित कीजिए।
हल:
∵ 6.022 × 1023 परमाणु = 1 मोल
12.044 x 1023 परमाणु 2 मोल

प्रश्न 17.
किस भारतीय दार्शनिक ने परमाणु को परिभाषित किया था?
उत्तर:
महर्षि कणाद।

प्रश्न 18.
रासायनिक संयोजन के नियमों को सर्वप्रथम किसने प्रतिपादित किया था?
उत्तर:
एन्टोनी एल० लेवॉशिये (Antonie L Lavoisier)।

प्रश्न 19.
द्रव्यमान संरक्षण क्या है?
उत्तर:
किसी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो सृजन किया जा सकता है न ही विनाश।

प्रश्न 20.
क्या मोल द्वारा केवल परमाणुओं को गिना जाता है?
उत्तर:
नहीं, मोल अतिसूक्ष्म स्तर पर कणों (जैसे- परमाणुओं, अणुओं, आयनों, इलेक्ट्रॉनों आदि) को गिनने की इकाई होती है।

प्रश्न 21.
परमाणुकता क्या है?
उत्तर:
किसी अणु में उपस्थित परमाणुओं की संख्या उसकी परमाणुकता कहलाती है।

प्रश्न 22.
त्रिपरमाणुक अणु में कितने परमाणु होते हैं?
उत्तर:
तीन।

प्रश्न 23.
आण्विक सूत्र क्या है?
उत्तर:
वह सूत्र जिसमें किसी यौगिक में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की एक निश्चित (exact) संख्या होती है।

प्रश्न 24.
आयन क्या है?
उत्तर:
वह आवेशित कण जिस पर धन अथवा ऋण आवेश हो सकता है।

प्रश्न 25.
धनायनों के चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
Na+, K+, Ca2+, Mg2+

प्रश्न 26.
ऋणायनों के पाँच उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
Cl, Br, F, F, O2- or O

प्रश्न 27.
आयनिक यौगिक क्या है?
उत्तर:
जिनमें आयन विद्यमान होते हैं उदाहरण : NaCl, KCI

प्रश्न 28.
तत्वों के प्रतीक क्या होते हैं?
उत्तर:
तत्वों के नामों के संक्षिप्त रूप ‘प्रतीक’ कहलाते है।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 29.
नाइट्रोजन, सल्फर तथा यूरेनियम के प्रतीक बताइए।
उत्तर:
N, S तथा U.

प्रश्न 30.
परमाणु का आकार सामान्यतः किसमें मापा जाता है?
उत्तर:
नैनोमीटर (nm) में।

प्रश्न 31.
amu हेतु IUPAC का नवीनतम अनुमोदन कौन-सा है?
उत्तर:
u (यूनीफाइड)।

प्रश्न 32.
NaCl का इकाई सूत्र द्रव्यमान क्या है?
उत्तर:
1 × 23 + 35.5 = 58.5 u.

प्रश्न 33.
किसी आयनिक यौगिक का सूत्र ज्ञात करने में कौन सहायता करता है?
उत्तर:
आयनों पर उपस्थित आवेश।

प्रश्न 34.
आवोगाद्रो संख्या क्या है?
उत्तर:
6.022 x 1023

प्रश्न 35.
एक मोल ऑक्सीजन परमाणुओं का द्रव्यमान क्या है?
उत्तर:
16 ग्राम।

प्रश्न 36.
Al3+ तथा SO22- आयनों से बने यौगिक का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
Al2(SO4)3.

प्रश्न 37.
“भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर छोटी पूर्ण संख्या के अनुपात में संयोग कर यौगिक निर्मित करते।” यह अभिगृहीत किस नियम से सम्बन्धित है?
उत्तर:
द्रव्यमान संरक्षण के नियम से।

लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
डॉल्टन का परमाणु सिद्धान्त क्या है?
उत्तर:
डॉल्टन के परमाणु सिद्धान्त के मुख्य अंश निम्नलिखित हैं-

  • सभी द्रव्य अति सूक्ष्म कणों से मिलकर बने होते हैं, जिन्हें परमाणु कहते हैं।
  •  परमाणु अविभाज्य होता है अर्थात् इसे आगे विभाजित नहीं किया जा सकता है।
  • परमाणु अविनाशी होता है। इसे रासायनिक क्रिया द्वारा न तो नष्ट किया जा सकता है और न ही उत्पन्न किया जा सकता है।
  • एक तत्व के सभी परमाणु हर दृष्टि से समान होते हैं परन्तु दूसरे तत्व से भिन्न होते हैं। उनका भार निश्चित होता है।
  • विभिन्न तत्वों के परमाणुओं के भार व गुण बराबर होते हैं।
  • विभिन्न तत्वों के परमाणु सरल व निश्चित संयोग करके यौगिक बनाते हैं।

प्रश्न 2.
डॉल्टन के परमाणु सिद्धान्त के अनुसार स्थिर ‘के नियम की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
डॉल्टन के परमाणु सिद्धान्त के अनुसार, प्रत्येक तत्व छोटे कर्णो से बना होता है, जिन्हें परमाणु कहते हैं। प्रत्येक परमाणु का निश्चित भार होता है। विभिन्न तत्वों के परमाणु संयुक्त होकर यौगिक बनाते हैं और यौगिक में प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या तथा प्रकार निश्चित होते हैं। अब क्योंकि किसी यौगिक के प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या, परमाणुओं के प्रकार तथा परमाणुओं के भार निश्चित होते हैं, इसलिए यौगिक में सदैव समान तत्व भारानुसार उसी अनुपात में परस्पर संयुक्त होंगे और यही स्थिर अनुपात का नियम है।

प्रश्न 3.
अणु व परमाणु में अन्तर बताइये।
उत्तर:
अन्तर

अणु (Molecule) परमाणु (Atom)
1. यह दो या दो से अधिक परमाणुओं से मिलकर बनता है : इसमें पदार्थ के गुण विद्यमान होते हैं। 1. यह किसी पदार्थ का वह छोटा कण है, जो रासायनिक अभिक्रिया में भाग ले सकता है।
2. यह मुक्त अवस्था में रह सकता है। 2. यह मुक्त अवस्था में नहीं रह सकता है।

प्रश्न 4.
ग्राम परमाणु द्रव्यमान को परिभाषित कीजिए तथा इसका महत्त्व बताइये।
उत्तर:
किसी पदार्थ की वह मात्रा जिसका ग्रामों में द्रव्यमान उसके परमाणु द्रव्यमान के बराबर हो, उस पदार्थ का ग्राम परमाणु द्रव्यमान कहलाता है। दूसरे शब्दों में, ग्रामों में व्यक्त परमाणु द्रव्यमान को ग्राम परमाणु द्रव्यमान कहते हैं। ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान 16 है, अतः ऑक्सीजन का ग्राम परमाणु द्रव्यमान 16 ग्राम होगा। किसी पदार्थ का ग्राम परमाणु द्रव्यमान उसके एक मोल परमाणुओं का द्रव्यमान होता है।

प्रश्न 5.
ग्राम अणु द्रव्यमान को परिभाषित करिए तथा इसका महत्त्व बताइए।
उत्तर:
किसी पदार्थ की वह मात्रा जिसका ग्राम में द्रव्यमान उसके अणु द्रव्यमान के बराबर हो, उस पदार्थ का ग्राम अणु द्रव्यमान कहलाता है। दूसरे शब्दों में, ग्रामों में व्यक्त अणु द्रव्यमान को ग्राम अणु द्रव्यमान कहते हैं।

ऑक्सीजन (O2) का अणु द्रव्यमान 32 अतः इसका ग्राम अणु द्रव्यमान 32 ग्राम होगा। किसी पदार्थ का ग्राम अणु द्रव्यमान उसके एक मोल (6.022 x 1023) अणु का द्रव्यमान होता है।

प्रश्न 6.
परमाणु द्रव्यमान इकाई (amu) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
परमाणु द्रव्यमान इकाई (amu) आजकल परमाणु द्रव्यमान को कार्बन-12 परमाणु (6C12) के द्रव्यमान के सापेक्ष व्यक्त किया जाता है। परमाणु द्रव्यमान मात्रक को संक्षेप में amu द्वारा प्रदर्शित करते हैं। कार्बन-12 के एक परमाणु का द्रव्यमान स्वेच्छा से ठीक 12 amu मान लिया गया है; अत: कार्बन-12 के एक परमाणु के द्रव्यमान के बारहवें (1/12) भाग को परमाणु द्रव्यमान इकाई कहते हैं।
परमाणु द्रव्यमान इकाई = \(\frac { 1 }{ 12 }\) x कार्बन-12 परमाणु का द्रव्यमान (1 amu- x mass of 6C12 atom )
कार्बन 12 समस्थानिक के एक परमाणु का वास्तविक द्रव्यमान 1.9926 × 10-23 ग्राम होता है जो 12 amu के बराबर होता है।
अत: 1 amu = \(\frac{1.9926 \times 10^{-23}}{12}\) = 1.66 × 10-24 ग्राम
1.66 × 10-24 ग्राम को amu का ग्राम तुल्यांक (gram equivalent) कहते हैं।
तत्वों के विभिन्न समस्थानिकों के परमाणुओं के द्रव्यमान तथा सब परमाण्विक कणों के द्रव्यमान प्राय: amu में व्यक्त किए जाते हैं। उदाहरणार्थ, 7N14 के एक परमाणु का द्रव्यमान 14.0032 amu है। एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 0.0005486 amu है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित को परिभाषित कीजिए-
(i) परमाणु
(ii) अणु
(iii) अणुसूत्र।
उत्तर:
(i) परमाणु – परमाणु किसी तत्व का वह छोटे-से छोटा कण है जो रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेता है और स्वतन्त्र अवस्था में नहीं रह सकता है। दूसरे शब्दों में, परमाणु किसी तत्व का वह सूक्ष्मतम कण है जो सभी रासायनिक और भौतिक परिवर्तनों में अपनी रासायनिक पहचान बनाए रखता है।

(ii) अणु – अणु किसी तत्व या यौगिक वह सूक्ष्मतम कण है जिसका सामान्य अवस्था में अकेला या स्वतन्त्र अस्तित्व होता है और वह इस पदार्थ (तत्व या यौगिक) के सभी गुणों को दर्शाता है। एक अणु एक, दो या अधिक परमाणुओं से मिलकर बना हो सकता है। उदाहरण के लिए Ar या He (एकपरमाण्विक) H2, N2, HCl (द्विपरमाण्विक) H2O, CO2 (त्रिपरमाण्विक) तथा NH3, P4 (चतुर्परमाण्विक) इत्यादि।

(iii) अणुसूत्र – आण्विक सूत्र (अणुसूत्र ) वह सूत्र है जो किसी यौगिक के अणु में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की वास्तविक संख्या को बताता है। उदाहरण के लिए हाइड्रोजन परॉक्साइड में हाइड्रोजन के 2 परमाणु तथा ऑक्सीजन के 2 परमाणु उपस्थित हैं और इसका अणुसूत्र H2 O2 है

प्रश्न 8.
निम्नलिखित को आप कैसे परिभाषित करेंगे?
(अ) परमाणु द्रव्यमान
(ब) आण्विक द्रव्यमान।
उत्तर:
(अ) परमाणु द्रव्यमान कार्बन के एक परमाणु के भार के 1/12 भाग से किसी तत्व का एक परमाणु जितने गुना भारी होता है, वह द्रव्यमान उस तत्व का परमाणु द्रव्यमान कहलाता है, जबकि एक कार्बन परमाणु का भार 12 लिया गया हो।

(ब) आण्विक द्रव्यमान किसी पदार्थ के अणु में उपस्थित सभी परमाणुओं के कुल द्रव्यमान के योग को आण्विक द्रव्यमान कहते हैं।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 9.
तत्व के प्रतीक का क्या महत्त्व होता है?
उत्तर:
तत्व के प्रतीक के महत्त्व निम्नवत् हैं-

  • प्रत्येक तत्व का नाम प्रदर्शित करता है।
  • प्रत्येक तत्व के एक परमाणु को प्रदर्शित करता है।
  • प्रत्येक तत्व के परमाणुओं के एक मोल को व्यक्त करता है।
  • प्रत्येक तत्व के निश्चित द्रव्यमान का प्रतिनिधित्व करता है।

प्रश्न 10.
परमाणु तथा आयन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परमाणु तथा आयन में अन्तर

परमाणु आयन
1. यह विद्युत उदासीन होता है। यह विद्युत आवेशित होता है।
2. परमाणुओं का इलेक्ट्रॉ-निक विन्यास अस्थायी होता है (अक्रिय गैसों को छोड़कर) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास स्थायी होते हैं।
3. स्वतन्त्र अवस्था में नहीं रह सकता है। स्वतन्त्र अवस्था में रह सकता है।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित यौगिकों के सूत्र लिखिए-

  1. फेरिक सल्फेट
  2. मैग्नीशियम फॉस्फाइट
  3. ऐलुमिनियम कार्बोनेट
  4. सोडियम थायोसल्फेट
  5. कैडमियम नाइट्रेट
  6. क्रोमियम ऑक्साइड
  7. सोडियम सिलिकेट
  8. स्ट्रॉन्शियम बाइकार्बोनेट
  9. पोटैशियम जिंकेट
  10. कैल्सियम बोरेट

उत्तर:

  1. (i) Fe2 (SO4)3
  2. ) MgHPO3
  3. Al2(CO3)3
  4. Na2S2O3
  5. Cd(NO3)2
  6. Cr2O3
  7. Na2 SiO3
  8. Sr (HCO3)2
  9. K2ZnO2
  10. Ca3 (BO3)2

प्रश्न 12.
निम्नलिखित के द्वारा बने यौगिकों के सूत्र तथा नाम बताइए-
(i) Cu2+ तथा O2-
(ii) K+ तथा CO32-
(iii) Cu2+ तथा SO42-
(iv) Na+ तथा HCO3
उत्तर:
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 1

प्रश्न 13.
निम्नलिखित के द्वारा बने यौगिकों के सूत्र तथा नाम लिखिए-
(i) Fe3+ तथा SO42-
(ii) Cr3+ तथा PO43-
(iii) Zn2+ तथा SO42-
(iv) Na+ तथा SO42-
(v) Hg22+ तथा Cr
(vi) NH4+ CO32-
उत्तर:
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 2

प्रश्न 14.
निम्नलिखित के द्वारा बने यौगिकों के सूत्र तथा नाम लिखिए-
(i) प्लम्बस आयन तथा नाइट्रेट आयन
(ii) निकिल आयन तथा कार्बोनेट आयन
(iii) कैल्सियम आयन तथा ऑक्सेलेट आयन
(iv) अमोनियम आयन तथा ऐसीटेट आयन
(v) मैग्नीशियम आयन तथा कार्बोनेट आयन
(vi) लीथियम आयन तथा बाइकार्बोनेट आयन
उत्तर:
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 3

प्रश्न 15.
निम्नलिखित के द्वारा बने यौगिकों के सूत्र तथा नाम लिखिए-
(i) पोटैशियम आयन तथा ब्रोमाइड आयन
(ii) कोबाल्ट आयन तथा नाइट्रेट आयन
(iii) मैंगनीज आयन तथा सल्फाइड आयन
उत्तर:
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 4

प्रश्न 16.
निम्नलिखित यौगिकों के सूत्र लिखिए-
(i) जिंक फॉस्फेट
(ii) अमोनियम ऑक्सेलेट
(iii) मरक्यूरिक क्लोराइड
(iv) मरक्यूरस नाइट्रेट
(v) ऐलुमिनियम फ्लुओराइड
(vi) क्रोमियम क्लोराइड
(vii) लेड ऐसीटेट
(viii) क्यूप्रस ऑक्साइड
(ix) कॉपर (II) फॉस्फेट
(x) निकिल नाइट्रेट
उत्तर:
(i) Zn3(PO4)2
(ii) (NH4)2C2O4
(iii) HgCl2
(iv) Hg2(NO3)2
(v) AlF3
(vi) Cr Cl3
(vii) Cu2O
(ix) Cu3 (PO4)2
(x) Ni(NO3)2

प्रश्न 17.
निम्नलिखित यौगिकों के नाम लिखिए-
(i) Na2 SO4
(ii) (NH4)2SO4
(iii) Mn(OH)2
(iv) NaOH
(v) ZnSO4
(vi) Cocl2
(vii) KClO3
(viii) KBr
(ix) FeCl3
(x) Al2O3
(xi) (NH4)2Cr2O7
उत्तर:
(i) सोडियम सल्फेट
(ii) अमोनियम सल्फेट
(iii) मँगनीज हाइड्रॉक्साइड
(iv) सोडियम हाइड्रॉक्साइड
(v) जिंक सल्फेट
(vi) कोबाल्ट क्लोराइड
(vii) पोटैशियम क्लोरेट
(viii) पोटैशियम ब्रोमाइड
(ix) फेरिक क्लोराइड
(x) ऐलुमिनियम ऑक्साइड
(xi) अमोनियम डाइक्रोमेट
(xii) सिल्वर नाइट्रेट।

प्रश्न 18.
आण्विक द्रव्यमान क्या है? इसकी विभिन्न परिभाषाएँ देते हुए ग्राम अणुभार को भी स्पष्ट करें।
उत्तर:
आण्विक द्रव्यमान “किसी तत्व अथवा यौगिक का वह छोटे-से-छोटा कण जिसमें उस तत्व अथवा यौगिक के सभी गुण विद्यमान हों तथा जो स्वतन्त्र अवस्था में रह सकता हो, अणु कहलाता है।” किसी पदार्थ के एक अणु का द्रव्यमान बहुत ही कम होता है और इसको ज्ञात करना कठिन एवं असुविधाजनक होता है।

अतः अणु का वास्तविक द्रव्यमान को ज्ञात न करके हम आण्विक द्रव्यमान को औसत सापेक्षिक द्रव्यमान के रूप में ज्ञात कर सकते हैं किसी पदार्थ (तत्व या यौगिक) के सापेक्ष आण्विक द्रव्यमान को व्यक्त करने के लिए C-12 समस्थानिक का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार पदार्थ का आण्विक द्रव्यमान इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता हैं-

किसी पदार्थ का आण्विक द्रव्यमान वह संख्या है जो यह प्रदर्शित करती है कि इस पदार्थ का एक अणु कार्बन- 12 (समस्थानिक) के एक परमाणु के बारहवें अंश से कितने गुना भारी है।
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 5
ग्राम आण्विक द्रव्यमान – ” जब आण्विक द्रव्यमान को ग्राम में प्रकट किया जाता है, तो वह ग्राम आण्विक द्रव्यमान कहलाता है।” जैसे- क्लोरीन का आण्विक द्रव्यमान 71 है और ग्राम आण्विक द्रव्यमान 71 ग्राम हैं।

प्रश्न 19.
मोल संकल्पना क्या है? इसकी आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए मोलर द्रव्यमान को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
मोल संकल्पना रसायन शास्त्र में अतिसूक्ष्म स्तर पर कण (जैसे-परमाणुओं, अणुओं, कण, इलेक्ट्रॉनों आदि) की संख्या ज्ञात करने के लिए रसायनज्ञों को एक मानक मात्रक की आवश्यकता अनुभव हुई। इसलिए मोल संकल्पना का प्रादुर्भाव हुआ। इसके अनुसार,
“किसी पदार्थ का एक मोल उसकी वह मात्रा है जिसमें उतने ही कण उपस्थित होते हैं, जितने कार्बन – 12 समस्थानिक के ठीक 12 ग्राम (या 0.012 ग्राम) में परमाणुओं की संख्या होती है।”

यहाँ यह तथ्य महत्त्वपूर्ण है कि किसी पदार्थ के एक मोल में कर्णों की संख्या सदैव समान होगी, भले ही वह कोई भी पदार्थ हो। इस संख्या के सही निर्धारण के लिए कार्बन-12 परमाणु का द्रव्यमान द्रव्यमान स्पेक्ट्रममापी द्वारा ज्ञात किया गया जिसका मान 1.992648 x 10-23 ग्राम प्राप्त हुआ। कार्बन के 1 मोल का द्रव्यमान 12 ग्राम होता है; अतः कार्बन के 1 मोल में परमाणुओं की संख्या इस प्रकार होगी-
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 6
1 मोल में कणों की यह संख्या अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इसे ‘ आवोगाद्रो संख्या’ कहते हैं तथा ‘N’ या ‘N’ से व्यक्त करते हैं।

मोल संकल्पना की आवश्यकता परमाणु और अणु आकार में अत्यन्त छोटे होते हैं तथा किसी पदार्थ की बहुत कम मात्रा में भी इनकी संख्या बहुत अधिक होती है, इतनी बड़ी संख्याओं के साथ कार्य करने के लिए इतने ही परिमाण के एक मात्रक की आवश्यकता होती है। मोल संकल्पना के अनुसार 12 ग्राम कार्बन में 6.022 1023 ( आवोगाद्रो संख्या) कार्बन परमाणु होते हैं। चूँकि इस कणों को गिनना सम्भव नहीं है। अतः इनकी संख्या को मोल में व्यक्त करके कार्य करना सरल हो जाता है।

उदाहरणस्वरूप-
1 मोल में ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या = 6.022 × 1023
∴ 3 मोल में ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या
= 3 × 6.022 × 1023
= 1.81 x 1024 परमाणु
उपर्युक्त उदाहरण से स्पष्ट है कि ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या 1.81 1034 में व्यक्त करना अपेक्षाकृत कठिन कार्य है, अपितु इन्हें 3 मोल ऑक्सीजन परमाणु के रूप में व्यक्त करना अत्यन्त सरल है।

मोल द्रव्यमान – मोल को परिभाषित करने के पश्चात् किसी पदार्थ या उसके घटकों के एक मोल के द्रव्यमान को सरलता से प्राप्त किया जा सकता है।

“किसी पदार्थ के एक मोल के ग्राम में व्यक्त द्रव्यमान को उसका ‘मोलर द्रव्यमान’ कहते हैं।”
ग्राम में व्यक्त मोलर द्रव्यमान संख्यात्मक रूप से परमाणु द्रव्यमान या आण्विक द्रव्यमान या सूत्र द्रव्यमान के बराबर होता है।

उदाहरणार्थ-
जल का मोलर द्रव्यमान = 18.02 ग्राम
सोडियम क्लोराइड का मोलर द्रव्यमान = 58.5 ग्राम

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
CaCO3 के आण्विक द्रव्यमान की गणना कीजिए।
(Ca = 40u, C 12u, O = 16u)
हल:
CaCO3 का आण्विक द्रव्यमान
= (1 × 40) + (1 x 12) + ( 3 x 16 )
= 40 + 12 + 48 = 100u

प्रश्न 2.
ग्लूकोस (C6H12O6) के आण्विक द्रव्यमान की गणना कीजिए। (C = 12u, H = 1u, O = 16u)
हल:
C6H12O6 का आण्विक द्रव्यमान
=(6 × 12) + (12 × 1) + (6 × 16)
= 72 + 12 + 96 – 180 u

प्रश्न 3.
सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) के आण्विक द्रव्यमान की गणना कीजिए।
हल:
H2SO4 का आण्विक द्रव्यमान
= (2 × 1) + (1 × 32) + (4 × 16)
= 2 + 32 + 64
= 98u

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 4.
H3PO4 के सूत्र द्रव्यमान की गणना करो। (H = 1 u, P = 31u, O = 16u)
हल:
H3 PO4 का सूत्र द्रव्यमान
= (3 × 1) + 31 + ( 4 x 16)u
= (3 + 31 + 64) u
= 98u

प्रश्न 5.
सिद्ध कीजिए कि निम्नलिखित आँकड़े स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि करते हैं। कॉपर मोनोऑक्साइड के दो विभिन्न नमूनों में कॉपर के द्रव्यमान निम्नलिखित थे –
(i) 1.26 ग्राम कॉपर, 1.42 ग्राम ऑक्साइड में
(ii) 1.008 ग्राम कॉपर, 1.136 ग्राम ऑक्साइड में। (कॉपर का परमाणु भार 63, ऑक्सीजन का परमाणु भार – 16)
हल:
पहले नमूने में,
कॉपर मोनोऑक्साइड का द्रव्यमान = 1.42 ग्राम
कॉपर का द्रव्यमान = 1.26 ग्राम
∴ ऑक्सीजन का द्रव्यमान = (1.42 – 1.26) ग्राम
= 0.16 ग्राम
अत: कॉपर तथा ऑक्सीजन का अनुपात = 1.26 : 0.16 = 7.875 : 1
दूसरे नमूने में,
कॉपर मोनोऑक्साइड का द्रव्यमान = 1.136 ग्राम
कॉपर का द्रव्यमान = 1.008 ग्राम
∴ ऑक्सीजन का द्रव्यमान = (1.136 – 1.008) ग्राम
= 0.128 ग्राम
अत: कॉपर तथा ऑक्सीजन का अनुपात
= 1.008 : 0.128 ग्राम
= 7.875 : 1
चूँकि इन दोनों नमूनों में कॉपर तथा ऑक्सीजन के द्रव्यमानों के अनुपात 7.8751 से प्रदर्शित होता है कि कॉपर मोनोऑक्साइड में उसके अवयवी तत्वों के द्रव्यमानों का अनुपात स्थिर होता है अतः इन आँकड़ों से स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि होती है।

प्रश्न 6.
एक प्रयोग में 2.4 ग्राम आयरन ऑक्साइड को हाइड्रोजन द्वारा पूर्णतया अपचयित करने पर 1.68 ग्राम आयरन प्राप्त होता है। दूसरे प्रयोग में 2.90 ग्राम आयरन ऑक्साइड अपचयित होने पर 2.03 ग्राम आयरन देता है। इन प्रयोगों के परिणामों से स्थिर अनुपात का नियम सिद्ध कीजिए।
हल:
पहले प्रयोग में,
आयरन ऑक्साइड का द्रव्यमान = 2.40 ग्राम
आयरन का द्रव्यमान = 1.68 ग्राम
अत: संयुक्त ऑक्सीजन का द्रव्यमान
= (2.40- 1.68) ग्राम
= 0.72 ग्राम
अब आयरन एवं ऑक्सीजन के द्रव्यमान का अनुपात
= 1.68 : 0.72 = 7 : 3
दूसरे प्रयोग में,
आयरन ऑक्साइड का द्रव्यमान = 2.90 ग्राम
आयरन का द्रव्यमान = 2.03 ग्राम
अत: संयुक्त ऑक्सीजन का द्रव्यमान
= (2.90-2.03) ग्राम = 0.87 ग्राम
आयरन एवं ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात
= 2.03 : 0.87 = 7 : 3
चूँकि दोनों प्रयोगों में आयरन ऑक्साइड में आयरन तथा ऑक्सीजन के द्रव्यमानों के अनुपात 7 3 से स्पष्ट है कि आयरन ऑक्साइड में उसके अवयवी तत्वों के द्रव्यमानों का अनुपात स्थिर होता है। अतः इससे स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि होती है।

प्रश्न 7.
एक प्रयोग में तत्व A के 12 ग्राम तत्व B के 16 ग्राम से संयोग करके एक यौगिक बनाते हैं। दूसरे प्रयोग में तत्व A के 3 ग्राम, तत्व B के 4 ग्राम से संयोग करके यौगिक बनाते हैं। कारण सहित बताइए कि इन आँकड़ों से रासायनिक संयोग के किस नियम का सत्यापन होता है?
हल:
प्रथम प्रयोग में, A: B = 12:16 = 3:4
दूसरे प्रयोग में, A:B = 3:4
A तथा B के द्रव्यमानों में समान अनुपात होने के कारण स्पष्ट है कि उपर्युक्त आँकड़े स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि करते हैं।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित के मोलर द्रव्यमान की गणना कीजिए तथा उनकी उपयुक्त मात्रक इकाइयाँ दीजिए-
C2 H5 OH, PCl5
हल:
(i) C2 H5 OH का मोलर द्रव्यमान
= [ 2 × 12 + 5 × 1 + 16 + 1] amu
= 24 + 5 + 16 + 1 46 amu
= 46 ग्राम / मोल

(ii) PCI का मोलर द्रव्यमान = [31 + 5 x 35.5] ग्राम / मोल
= 31 + 177.5 ग्राम/मोल
= 208.5 ग्राम / मोल

प्रश्न 9.
निम्नलिखित के आण्विक द्रव्यमान का परिकलन कीजिए- (i) CH2Cl2
(ii) H2O2
हल:
(i) CH2Cl2 का आण्विक द्रव्यमान
= [12 + 2 × 1 + 2 × 35.5]
= 12 + 2 + 71
= 85u

(ii) H2 O2 का आण्विक द्रव्यमान
= [2 × 1 + 2 × 16]
= 2 + 32
= 34.u

प्रश्न 10.
नीचे दिए गए यौगिकों के सूत्र द्रव्यमान का परिकलन कीजिए-
(i) MgO
(ii) AlCl3
हल:
(i) MgO का सूत्र द्रव्यमान = [24 + 16] = 40 ग्राम
(ii) AlCl3 का सूत्र द्रव्यमान = [27 + 3 × 35.5]
= 27 + 106.5 = 133.5 ग्राम

प्रश्न 11.
सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट (Na2 CO3.10H2O) एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक रसायन है। उसके सूत्र द्रव्यमान का परिकलन कीजिए।
हल:
Na2 CO3.10H2O का सूत्र द्रव्यमान
= [(2 × 23) + 12 + (316) +10 (21) + 163] ग्राम
= [46 + 12 + 48 + 10 (18)] ग्राम
= [46 + 12 + 48 + 180] ग्राम
= 286 ग्राम

प्रश्न 12.
निम्नलिखित में से प्रत्येक में परमाणुओं की संख्या ज्ञात कीजिए-
(i) 52 मोल He
(ii) 52 u He
(iii) 52 ग्राम He
हल:
(i) 1 मोल He में परमाणुओं की संख्या
= 6.022 x 1023
∴ 52 मोल He में परमाणुओं की संख्या
= 6.022 × 1023 x 52
= 3.13 x 1025 परमाणु

(ii) He का परमाणु द्रव्यमान – 4 u
∵ 4 u द्रव्यमान He के एक परमाणु का द्रव्यमान है,
∴ 52u द्रव्यमान होगा \(\frac { 52 }{ 4 }\) He परमाणु का = 13 परमाणु

(iii) He का ग्राम परमाणु द्रव्यमान = 4g
4 ग्राम He में परमाणुओं की संख्या = 6.022 x 1023
∴ 52 ग्राम He में परमाणुओं की संख्या
= 6.022 × 1023 x \(\frac { 52 }{ 4 }\)
= 7.83 x 1024 परमाणु

प्रश्न 13.
प्राप्त कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा का परिकलन कीजिए जब-
(i) 1 मोल कार्बन को हवा में जलाया जाता है, और
(ii) 1 मोल कार्बन को 16 ग्राम ऑक्सीजन में जलाया जाता है।
हल:
हवा में कार्बन को जलाने का रासायनिक समीकरण निम्नलिखित है-
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 7

(i) जब 1 मोल कार्बन को वायु में जलाया जाता है-
1 मोल कार्बन जलकर CO2 उत्पन्न करेगा = 1 मोल = 44 ग्राम

(ii) जब 1 मोल कार्बन को 16 ग्राम ऑक्सीजन में जलाया जाता है-
1 मोल कार्बन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन = 32 ग्राम = 1 मोल
परन्तु ऑक्सीजन का उपलब्ध द्रव्यमान = 16 ग्राम = \(\frac { 1 }{ 2 }\) मोल
अतः ऑक्सीजन सीमित मात्रा में है अर्थात् यह Limit-ing reagent है।
∴ उत्पन्न CO2 का द्रव्यमान = \(\frac { 1 }{ 2 }\) मोल = 22 ग्राम

प्रश्न 14.
एथेन (C2H6) के तीन मोलों में निम्नलिखित का परिकलन कीजिए-
(i) कार्बन परमाणुओं के मोलों की संख्या,
(ii) हाइड्रोजन परमाणुओं के मोलों की संख्या,
(iii) एथेन के अणुओं की संख्या।
हल:
(i) एथेन (C2H6) के 1 मोल में कार्बन परमाणुओं के 2 मोल उपस्थित हैं,
अत: एथेन (C2H6) के 3 मोलों में कार्बन परमाणुओं के 2 × 3 = 6 मोल उपस्थित होंगे।

(ii) एथेन (C2H6) के 1 मोल में हाइड्रोजन परमाणुओं के 6 मोल उपस्थित हैं।
अतः एथेन (C2H6) के 3 मोलों में हाइड्रोजन परमाणुओं के 3 × 6 = 18 मोल उपस्थित होंगे।

(iii) 1 मोल C, H में अणुओं की संख्या
= 6.022 × 1023
∵ 3 मोलो C2H6 में अणुओं की संख्या
= 3 × 6.022 × 1023
= 1.81 × 1024 अणु

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Exercise 6.2

प्रश्न 1.
आकृति में x और के मान ज्ञात कीजिए और फिर दर्शाइए कि AB || CD है।
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 1
हल:
माना तिर्यक रेखा PQ, AB और CD को क्रमशः
R और S पर काटती है।
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 2
∴ ∠x + 50° = 180° [रैखिक कोण युग्म]
∠x = 180° – 50° = 130°
चित्र से, ∠y = 130° [शीर्षाभिमुख कोण]
∠x = ∠y = 130°
एकान्तर कोण समान हैं।
अतः AB || CB

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2

प्रश्न 2.
आकृति में, यदि AB || CD, CD || EF और y : z = 3 : 7 है, तो x का मान ज्ञात कीजिए।
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 3
हल:
चूँकि CD || EF तथा तिर्यक् रेखा PQ उनको क्रमश: S तथा T पर काटती है।
∴ ∠CST = ∠STF, [एकान्तर कोण]
⇒ 180° – y = z,
[∵ ∠y + ∠CST = 180° रैखिक युग्म]
⇒ y + z = 180°
दिया है, y : z = 3 : 7.
अतः अनुपातों का योग = 3 + 7 = 10
∴ y = \(\frac{3}{10}\) × 180°
= 3 × 18° = 54°
तथा z = \(\frac{7}{10}\) × 180°
= 7 × 18° = 126°
∵ AB || CD तथा तिर्यक् रेखा PQ, AB व CD को क्रमश: R तथा S पर काटती है।
∴ ∠ARS + ∠RSC = 180°,
[लगातार अभ्यंतर कोण सम्पूरक होते हैं]
⇒ x + y = 180°
x = 180° – y
180° – 54° = 126°, [∵ y = 54°]
अतः x = 126°.

प्रश्न 3.
आकृति में, यदि AB || CD, EF ⊥ CD और ∠GED = 126° है, तो ∠AGE, ∠GEF और ∠FGE ज्ञात कीजिए।
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 4
हल:
चूँकि AB || CD तथा तिर्यक रेखा GE उनको क्रमश: G तथा E पर काटती है।
∴ ∠AGE = ∠GED [एकान्तर कोण]
⇒ ∠AGE = 126° [∵ ∠GED = 126° (दिया है)]
∠GEF = ∠GED – ∠FED
= 126° – 90° = 36°
तथा ∠FGE = ∠GEC [एकान्तर कोण]
⇒ ∠FGE = 90° – ∠GEF
= 90° – 36° = 54°
अत:, ∠AGE = 126°, ∠GEF = 36° और ∠FGE = 54°.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2

प्रश्न 4.
आकृति में, यदि PQ || ST, ∠PQR = 110° और ∠RST = 130° है, तो ∠QRS ज्ञात कीजिए।
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 5
हल:
PQ को M बिन्दु पर काटने के लिए SR तक बढ़ाया।
अब PM || ST तथा तिर्वक रेखा SM क्रमश: उनको M तथा R पर काटती है।
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 6
∴ ∠SMQ = ∠TSM, [एकान्तर कोण]
⇒ ∠SMQ = 130°
⇒ ∠QMR = 180° – 130° = 50°
[∵ ∠SMQ + ∠QMR = 180° एकान्तर युग्म]
चूँकि किरण RQ, PM को Q पर काटती है।
∴ ∠PQR+ ∠RQM = 180°
⇒ 110°+∠RQM = 180°°
⇒ ∠RQM = 180° – 110° = 70°
∴ ∠QRS = 180° – (70° + 50°) = 60°.
[∵ एक त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180° होता है]

प्रश्न 5.
आकृति में, यदि AB || CD ∠APQ = 50° और ∠PRD = 127° है, तो x और ज्ञात कीजिए।
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 7
हल:
AB || CD जिन्हें तिर्यक रेखा PQ क्रमश: P तथा Q पर काटती है।
∴ ∠PQR = ∠APQ, [एकान्तर कोण]
⇒ x = 50° (दिया है)
∠x + ∠y = ∠PRD [बहिष्कोण]
⇒ 50° + y = 127°
⇒ y = 127° – 50° = 77°
∴ x = 50° तथा y = 77°.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2

प्रश्न 6.
दी गई आकृति में PQ और RS दो दर्पण हैं जो एक-दूसरे के समान्तर रखे गए हैं। एक आपतन किरण (Incident Ray) AB, दर्पण PQ से B पर टकराती है और परावर्तित किरण (Reflected Ray) पक्ष BC पर चलकर दर्पण RS से C पर टकराती है तथा पुनः CD के अनुदिश परावर्तित हो जाती है। सिद्ध कीजिए कि AB || CD है।
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 8
हल:
दिया है दर्पण PQ || दर्पण RS
दर्पण PO पर आपतित किरण AB तथा परावर्तित किरण BC एवं दर्पण RS आपतित किरण BC और परावर्तित किरण CD.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 9
रचना: बिन्दु B पर BP’ तथा बिन्दु C पर CQ’ लम्ब डाले।
सिद्ध करना है: AB || CD
उपपत्ति: BP, बिन्दु B पर अभिलम्ब है; और CQ, बिन्दु C पर अभिलम्ब है;
∵ PQ || RS
∴ उक्त तीनों तथ्यों से BP’ || CQ और BC तिर्यक रेखा है। इति सिद्धम् ।
∴ ∠P’BC = ∠Q’CB एकान्तर कोण
∴ ∠r1 = ∠i2 …(1)
परावर्तन के नियमों से,
∠i1 = ∠r1 …..(2)
तथा ∠i2 = ∠r2 …..(3)
समीकरण (1), (2) व (3) से, ∠i1 = ∠r2 ……(4)
समीकरण (1) व समीकरण (4) को जोड़ने पर,
∠(i1 + r1) = ∠(i2 + r2)
∴ ∠ABC = ∠BCD
परन्तु ये AB तथा CD को BC द्वारा प्रतिच्छेद करने से निर्मित समान एकान्तर कोण हैं।
अतः AB || CD. इति सिद्धम्

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Important Questions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. रोग कहते हैं-
(a) स्वास्थ्य की कमी
(b) स्वास्थ्य का अभाव
(c) दु ₹खी रहना
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

2. रोगों का लक्षण है-
(a) दस्त लगना
(b) उल्टी होना
(c) बुखार आना
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

3. निम्न में दीर्घकालिक रोग है-
(a) फ्लू
(b) सिर दर्द
(c) क्षयरोग
(d) बुखार।
उत्तर:
(b) सिर दर्द।

4. रोग के कारक हैं-
(a) वाइरस
(b) बैक्टीरिया
(c) प्रोटोजोआ
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

5. संक्रामक रोग फैलते हैं-
(a) प्रदूषित जल
(b) प्रदूषित वायु
(c) रोगवाहक द्वारा
(d) उपर्युक्त सभी से।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

6. टीकाकरण द्वारा निवारण
(a) संक्रामक रोगों का
(b) असंक्रामक रोगों का
(c) यौन रोगों का
(d) इन्फ्लुएंजा का।
उत्तर:
(a) संक्रामक रोगों का।

7. अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है-
(a) पौष्टिक भोजन
(b) स्वच्छ वातावरण
(c) नियमित व्यायाम करना
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

8. एड्स का संचरण होता है-
(a) रोगी व्यक्ति का रक्त दूसरे व्यक्ति को देने से
(b) संक्रमित सुई द्वारा इंजेक्शन लगाने से
(c) यौन सम्पर्क द्वारा
(d) उपर्युक्त सभी से।
उत्तर:
(c) यौन सम्पर्क द्वारा।

9. एड्स का कारक है-
(a) प्रोटोजोआ जन्तु
(b) बैक्टीरिया
(c) वाइरस
(d) H.I.V. वाइरस।
उत्तर:
(d) H.I.V. वाइरस।

10. बैक्टीरिया का संक्रमण होने पर किसका उपयोग लाभदायक होगा?
(a) एण्टीबायोटिक
(c) एण्टीवाइरल
(b) एण्टीसैप्टिक
(d) उपर्युक्त सभी का।
उत्तर:
(a) एण्टीबायोटिक।

11. मच्छर के काटने से होने वाला रोग है-
(a) मलेरिया
(b) डेंगूज्वर
(c) ‘अ’ तथा ‘ब’ दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) ‘अ’ तथा ‘ब’

12. पीलिया रोग किस अंग को प्रभावित करता है-
(a) आमाशय को
(b) बी.सी.जी. का
(c) फेंफड़ों को
(d) एण्टी वाइरल का
उत्तर:
(b) यकृत को।

13. कुत्ते के काटने पर कौन-सा
(a) टेटनस का
(b) बी. सी. जी. का
(c) एंटीरेबीज का
(d) एण्टी वाइरल का
उत्तर:
(b) बी. सी. जी. का

14. रक्ताल्पता का कारण है-
(a) शरीर में आयरन की कमी
(b) आयोडीन की कमी
(c) विटामिनों की कमी
(d) प्रोटीन की कमी।
उत्तर:
(a) शरीर में आयरन की कमी।

रिक्त स्थान भरो-

  1. WHO का विस्तार रूप ……………….. है।
  2. AIDS एक ……………….. (संक्रामक / असंक्रामक) रोग है।
  3. सर्दी-जुकाम एक ………………… (तीव्र / दीर्घकालिक) रोग है।
  4. वेक्सीन की खोज सबसे पहले ……………….. ने की थी।

उत्तर:

  1. World Health Organization
  2. संक्रामक
  3. तीव्र
  4. एडवर्ड जेनर।

सुमेलन कीजिए-

कौलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
1. वायु (क) मलेरिया
2. जल (ख) AIDS
3. रोग वाहक (ग) क्षय रोग
4. लैंगिक संपर्क (घ) हैजा

उत्तर:
1. (ग) क्षय रोग
2. (घ) हैजा
3. (क) मलेरिया
4. (ख) AIDS

सत्य / असत्य

  1. तीव्र रोग लम्बे समय तक चलते हैं।
  2. रोगाणु को मारने के लिए एंटीबायोटिक दिया जाता है।
  3. 17 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाते हैं।
  4. व्यक्तिगत तथा सामुदायिक समस्याएँ दोनों, स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. असत्य
  4. सत्य।

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
स्वास्थ्य क्या है?
उत्तर:
स्वास्थ्य शरीर की वह अवस्था है जिसके अन्तर्गत शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक कार्य करने की समुचित क्षमता हो व कोई भी कार्य उचित प्रकार से किया जा सके।

प्रश्न 2.
अच्छे स्वास्थ्य के लिए किन-किन बातों की जरूरत है?
उत्तर:
अच्छे स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक व सन्तुलित भोजन, नियमित व्यायाम, सामुदायिक स्वच्छता आदि की जरूरत है।

प्रश्न 3.
‘बाधित आराम’ और ‘असुविधा’ क्या है?
उत्तर:
बाधित आराम तथा असुविधा, रोग का दूसरा नाम है।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

प्रश्न 4.
शरीर की क्रियाओं में बदलाव क्या प्रदर्शित करते हैं?
उत्तर:
शरीर की क्रियाओं में बदलाव रोग के लक्षण प्रदर्शित करते हैं।

प्रश्न 5.
कोई चार लक्षण बताइए जिनसे रोग का पता लगता है।
उत्तर:
सिर दर्द, खाँसी, दस्त होना, किसी घाव में मवाद पड़ना।

प्रश्न 6.
तीव्र रोग या प्रचंड रोग किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिन रोगों की अवधि कम होती है उन्हें तीव्र रोग या प्रचंड रोग कहते हैं।

प्रश्न 7.
दीर्घकालिक रोग किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
लम्बी अवधि तक या जीवन पर्यन्त रहने वाले रोगों को दीर्घकालिक रोग कहते हैं।

प्रश्न 8.
तीव्र रोग व दीर्घकालिक रोग का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
खाँसी-जुकाम तीव्र रोग तथा क्षयरोग दीर्घकालिक रोग हैं।

प्रश्न 9.
पतले दस्त या अतिसार लगने का क्या कारण है?
उत्तर:
दूषित भोजन और गन्दे पानी का प्रयोग अतिसार लगने का कारण है।

प्रश्न 10.
संक्रामक रोग किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे रोग जिनके तात्कालिक कारक सूक्ष्म जीव (रोगाणु) होते हैं, उन्हें संक्रामक रोग कहते हैं। ये सूक्ष्म जीव जन समुदाय में रोग फैला देते हैं।

प्रश्न 11.
कैंसर रोग का क्या कारण है?
उत्तर:
कैंसर रोग का कारण आनुवंशिक असामान्यता है।

प्रश्न 12.
उच्च रक्त चाप का क्या कारण है?
उत्तर:
वजन अधिक होना तथा व्यायाम न करना उच्च रक्त चाप का कारण है।

प्रश्न 13.
पेप्टिक व्रण का क्या कारण है?
उत्तर:
पेप्टिक व्रण का कारण हेलीकोबैक्टर पायलोरी नामक बैक्टीरिया है।

प्रश्न 14.
उन दो वैज्ञानिकों के नाम लिखो जिन्होंने पेष्टिक व्रण के कारक बैक्टीरिया का पता लगाया था।
उत्तर:
आस्ट्रेलिया के रोग विज्ञानी रॉबिन वारेन तथा बैरी मार्शल।

प्रश्न 15.
पेप्टिक व्रण का उपचार किस दवा से होता है?
उत्तर:
पेप्टिक व्रण का उपचार एंटीबायोटिक से हो जाता है।

प्रश्न 16.
मार्शल तथा वारेन को शरीर क्रिया विज्ञान तथा औषधि के लिए कब नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था?
उत्तर:
मार्शल तथा वारेन को शरीर क्रिया विज्ञान तथा औषधि के लिए सन् 2005 में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।

प्रश्न 17.
रोग उत्पन्न करने वाले जीवों के चार वर्गों का नाम लिखो।
उत्तर:
रोग उत्पन्न करने वाले जीवों के चार वर्ग हैं- वाइरस, कुछ बैक्टीरिया, कुछ फंजाई तथा कुछ प्रोटोजोआ।

प्रश्न 18.
वाइरस से होने वाले चार रोगों के नाम लिखो।
उत्तर:
वाइरस से होने वाले चार रोग सर्दी-जुकाम, फ्लू, डेंगू ज्वर और एड्स।

प्रश्न 19.
बैक्टीरिया द्वारा फैलने वाले चार रोगों के नाम लिखो।
उत्तर:
बैक्टीरिया द्वारा फैलने वाले चार रोग- हैजा, टाइफॉइड, क्षय रोग (टी.बी) तथा ऐन्थ्रेक्स।

प्रश्न 20.
प्रोटोजोआ से होने वाले दो रोगों का नाम लिखो।
उत्तर:
प्रोटोजोआ से होने वाले दो रोग-मलेरिया, कालाजारं।

प्रश्न 21.
स्टेफाइलोकोकाई बैक्टीरिया किसका कारक है?
उत्तर:
स्टेफाइलोकोकाई बैक्टीरिया मुँहासे रोग का कारक है।

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प्रश्न 22.
दिनोसोमा किस रोग का कारक है?
उत्तर:
ट्रिप्नोसोमा निद्रा रोग का कारक है।

प्रश्न 23.
लेश्मानिया किस व्याधि का कारक है?
उत्तर:
लेश्मानिया कालाजार व्याधि का कारक है।

प्रश्न 24.
गोलकृमि (एस्केरिस लुंग्रीकाइडिस) कहाँ पाया जाता है?
उत्तर:
गोल कृमि मनुष्य (छोटे बच्चों) की छोटी आँत में पाया जाता है।

प्रश्न 25.
एंटीबायोटिक रोग की अवस्था में क्या करते हैं?
उत्तर:
एंटीबायोटिक बैक्टीरिया के महत्त्वपूर्ण जैव रासायनिक मार्ग को बन्द कर देते हैं।

प्रश्न 26.
पेनिसिलीन एंटीबायोटिक का कार्य बताइए।
उत्तर:
पेनिसिलीन एंटीबायोटिक बैक्टीरिया की कोशिका भित्ति बनाने वाली प्रक्रिया को बाधित कर देती है। अतः बैक्टीरिया कोशिका भित्ति नहीं बना सकते और वे सरलता से मर जाते हैं। पेनिसिलीन का मनुष्य पर कोई प्रभाव नहीं होता है।

प्रश्न 27.
सामान्य खाँसी-जुकाम पर एंटीबायोटिक क्यों प्रभाव नहीं दिखा पाते हैं?
उत्तर:
सामान्य खाँसी-जुकाम वाइरस के प्रभाव से होता है और एंटीबायोटिक वाइरस को प्रभावित नहीं कर पाते हैं।

प्रश्न 28.
संचारी रोग किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
जो रोग सूक्ष्मजीवीय कारक रोगी से अन्य स्वस्थ मनुष्यों में फैलते हैं, उन्हें संचारी रोग कहते हैं।

प्रश्न 29.
वायु द्वारा फैलने वाले रोगों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
खाँसी-जुकाम, निमोनिया तथा क्षय रोग वायु द्वारा फैलते हैं।

प्रश्न 30.
जल से संक्रमण किस प्रकार होता है?
उत्तर:
जब संक्रमणीय रोग से ग्रस्त रोगी के अपशिष्ट पेय जल में मिल जाते हैं और यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति जाने-अनजाने में इस जल को पी लेता है तो रोगाणुओं का संक्रमण उस व्यक्ति में हो होता है।

प्रश्न 31.
लैंगिक सम्पर्क से फैलने वाले दो रोगों के नाम लिखो।
उत्तर:
सिफलिस तथा एड्स लैंगिक सम्पर्क से होने वाले रोग हैं।

प्रश्न 32.
एड्स रोग किन-किन स्थितियों में फैलता है?
उत्तर:
एड्स रोग लैंगिक सम्पर्क द्वारा, रक्त स्थानान्तरण द्वारा संक्रमित सुई से इंजेक्शन लगवाने तथा गर्भावस्था में रोगी माता से अथवा शिशु को स्तनपान कराने से फैलता है।

प्रश्न 33.
मच्छर समतापी प्राणियों का रक्त क्यों पीता है?
उत्तर:
मच्छर अत्यधिक पोषण के लिए समतापी प्राणियों का रक्त पीता है ताकि परिपक्व अण्डे दे सके।

प्रश्न 34.
पीलिया रोग के कारक का नाम बताइए।
उत्तर:
पीलिया रोग का कारक हिपेटाइटिस बैक्टीरिया है।

प्रश्न 35.
टाइफॉयड उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया कहाँ रहते हैं?
उत्तर:
टाइफॉयड उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया मनुष्य की आहार नाल में रहते हैं।

प्रश्न 36.
HIV कहाँ फैलते हैं?
उत्तर:
HIV लसीका ग्रन्थियों में फैलते हैं।

प्रश्न 37.
मलेरिया उत्पन्न करने वाले रोगाणु शरीर में कहाँ से कहाँ जाते हैं?
उत्तर:
मलेरिया के रोगाणु यकृत से लाल रुधिर कोशिकाओं में जाते हैं।

प्रश्न 38.
जापानी बुखार (ऐंसेफेलाइटिस) किस अंग को प्रभावित करता है?
उत्तर:
जापानी बुखार मस्तिष्क को प्रभावित करता है।

प्रश्न 39.
शोध किसे कहते हैं?
उत्तर:
शरीर का प्रतिरक्षा तन्त्र क्रियाशील होकर प्रभावित ऊतक के चारों ओर रोग उत्पन्न करने वाले सूक्ष्म जीवों को मारने के लिए अनेक कोशिकाएँ बना देता है। नई कोशिकाओं के बनने के प्रक्रम को शोथ कहते हैं।

प्रश्न 40.
HIV AIDS से व्यक्ति की मृत्यु प्रायः क्यों हो जाती है?
उत्तर:
HIV AIDS संक्रमण से प्रतिरक्षा तन्त्र के कार्य नष्ट हो जाते हैं। इससे प्रतिदिन होने वाले छोटे-छोटे संक्रमणों का मुकाबला भी व्यक्ति नहीं कर पाता है। अतः ये संक्रमण ही HIV AIDS के रोगी की मृत्यु के कारण बन जाते हैं।

प्रश्न 41.
संक्रामक रोगों के उपचार के दो उपाय बताइए।
उत्तर:
संक्रामक रोगों के उपचार के दो उपाय-

  • रोग के प्रभाव को कम करना तथा
  • रोग के कारण को मार देना।

प्रश्न 42.
बीमार होने पर हम आराम क्यों करते हैं?
उत्तर:
बीमार होने पर हम आराम इसलिए करते हैं, क्योंकि इससे ऊर्जा का संरक्षण होता है और बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है।

प्रश्न 43.
HIV संक्रमण किन औषधियों से नियन्त्रित हो जाता है?
उत्तर:
HIV संक्रमण एंटीवाइरल औषधियों से नियन्त्रित हो जाता है।

प्रश्न 44.
रोगाणुओं से हमारे शरीर में कौन लड़ता है?
उत्तर:
रोगाणुओं से हमार शरीर में स्थित प्रतिरक्षा तन्त्र लड़ता है।

प्रश्न 45.
गम्भीर संक्रामक रोग किसकी असफलता की ओर संकेत करता है?
उत्तर:
गम्भीर संक्रामक रोग हमारे प्रतिरक्षा तन्त्र की असफलता की ओर संकेत करता है।

प्रश्न 46.
प्रतिरक्षाकरण किस नियम पर आधारित है?
उत्तर:
जब रोगाणु प्रतिरक्षा तन्त्र पर दूसरी बार आक्रमण करता है तो स्मृति के आधार पर प्रतिरक्षा तन्त्र अपनी पूरी शक्ति से उसे नष्ट कर देता है।

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प्रश्न 47.
टीकाकरण से हमारे शरीर में क्या प्रविष्ट कराया जाता है?
उत्तर:
टीकाकरण से हमारे शरीर में विशिष्ट संक्रमण रोधी तत्व प्रविष्ट कराया जाता है।

प्रश्न 48.
टीकाकरण का हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
टीकाकरण से प्रविष्ट विशिष्ट संक्रमण रोधी तत्व रोग उत्पन्न नहीं होने देते, लेकिन ये वास्तव में रोग उत्पन्न करने वाले रोगाणुओं को रोग उत्पन्न करने से रोक देते हैं।

प्रश्न 49.
चेचक के टीके की खोज किसने की थी?
उत्तर:
चेचक के टीके की खोज एडवर्ड जेनर ने की थी।

प्रश्न 50.
आजकल रोग निवारण के लिए कौन-कौन से टीके उपलब्ध हैं?
उत्तर:
आजकल रोग निवारण के लिए टेटनस, डिप्थीरिया, कुकर खाँसी, चेचक, पोलियो आदि के टीके उपलब्ध है।

प्रश्न 51.
हिपेटाइटिस के किस प्रकार के लिए टीका उपलब्ध है?
उत्तर:
हिपेटाइटिस ‘A’ के लिए टीका उपलब्ध है।

प्रश्न 52.
पेनिसिलीन प्रतिजैविक की खोज किसने की थी?
उत्तर:
पेनिसिलीन प्रतिजैविक की खोज अलेक्जेण्डर फ्लेमिंग ने की थी।

प्रश्न 53.
संक्रमित कुत्ते के काटने से कौन सा रोग हो जाता है?
उत्तर:
रेबीज वाइरस से संक्रमित कुत्ते के काटने से रेबीज रोग हो जाता है।

लघुत्तरात्मक एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार स्वास्थ्य की परिभाषा लिखो।
उत्तर:
विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) के अनुसार, “स्वास्थ्य केवल शारीरिक रोग या विकलांगता की अनुपस्थिति नहीं है, बल्कि किसी व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक जीवन क्षमता की सामान्य स्थिति है।” स्वस्थ जीवन हेतु अच्छा स्वास्थ्य आवश्यक है। यह केवल रोग से मुक्ति ही नहीं अपितु मानसिक तनाव व चिन्ता से मुक्ति की दशा है।

प्रश्न 2.
अच्छे स्वास्थ्य की चार दशाएँ बताइए।
उत्तर:
अच्छे स्वास्थ्य के लिए निम्न चार दशाएँ आवश्यक हैं-

  • सन्तुलित एवं पौष्टिक भोजन लेना।
  • स्वच्छ भोजन, जल एवं वायु का होना
  • व्यक्तिगत एवं घरेलू स्वच्छता का होना
  • अच्छी आदतें, नियमित व्यायाम तथा उचित विश्राम करना।

प्रश्न 3.
सामुदायिक स्वास्थ्य किसे कहते हैं? सामाजिक स्वास्थ्य सेवाओं के अन्तर्गत क्या कार्य आते हैं?
उत्तर:
सामुदायिक स्वास्थ्य – सम्पूर्ण व्यक्तिगत स्वास्थ्य और उसके साथ-साथ समुदाय के स्वास्थ्य हेतु महत्त्वपूर्ण पर्यावरणीय सेवाएँ उपलब्ध करना सामुदायिक स्वास्थ्य कहलाता है।

सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं के अन्तर्गत निम्न कार्य सम्मिलित हैं-
1. पर्यावरण की सफाई सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए पर्यावरण की सफाई बहुत आवश्यक है। इसके लिए अपशिष्ट पदार्थों का निपटान जैसे मूत्राशय, शौचालय, सेप्टिक टैंक, सोकपिट, कम्पोस्ट पिट की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रदूषण रोकने की व्यवस्था होनी चाहिए। स्वच्छ जल उपलब्ध कराना, सार्वजनिक स्थानों की सफाई के लिए व्यवस्था बनाना, शुद्ध और कीटाणु रहित भोजन उपलब्ध कराना आदि।

2. उचित चिकित्सा सुविधाएँ- बीमारों की चिकित्सा व उचित देख-रेख के लिए अच्छी चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होनी चाहिए। इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग भी लिया जा सकता है।

3. स्वास्थ्य शिक्षा अच्छे स्वास्थ्य और रोगों को फैलने से रोकने के लिए लोगों को शिक्षित करना, सन्तुलित भोजन, नशाखोरी की बुरी आदत एवं उसके दुष्प्रभावों आदि की जानकारी रेडियो, टेलीविजन, समाचार पत्र, व्यक्तिगत सम्पर्क या छपी हुई सामग्री द्वारा देना अति आवश्यक है।

4. संक्रमण रोगों से बचाव एवं उनकी रोकथाम- सामान्य रोगों से बचाव के टीके लगवाना, जैसे- हैजा, चेचक, काली खाँसी, टिटेनस, पोलियो, टाइफॉइड आदि । मलेरिया उन्मूलन, फाइलेरिया की रोकथाम, कुष्ठ रोग की रोकथाम, क्षयरोग की रोकथाम आदि के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास करने चाहिए।

5. मातृ एवं शिशु कल्याण-शिशु के जन्म होने के पश्चात् उसकी उचित देखभाल, बच्चों को मुख्य रोगों से बचाव के टीके लगवाना, अल्परक्तता या कुपोषण सम्बन्धी रोगों की जानकारी, परीक्षण व बचाव आदि की व्यवस्था होनी चाहिए।

6. परिवार नियोजन परिवार को स्वस्थ और सीमित रखने के लिए परिवार नियोजन की शिक्षा व परिवार नियोजन की चिकित्सकीय व्यवस्था की जानी चाहिए। इससे जहाँ एक ओर जनसंख्या सीमित या नियन्त्रित होगी, वहीं दूसरी और सामुदायिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।

7. पार्कों एवं व्यायामशालाओं का प्रबन्ध-सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए पार्कों की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे लोगों को श्वास के लिए स्वच्छ वायु मिल सके। इसके अलावा मनुष्य को निरोगी, स्वस्थ और बलिष्ठ बनाये रखने के लिए व्यायामशालाओं की व्यवस्था होनी चाहिए।

8. विद्यालय स्वास्थ्य सेवाएँ – इसमें विद्यालय के बच्चों की जाँच, उनको टीके लगवाना, औषधियाँ देना, परामर्श देना, सफाई व स्वच्छता का ध्यान रखना, व्यक्तिगत सफाई की ओर ध्यान देना, स्वास्थ्य शिक्षा देना और मध्याह्नकालीन अल्पाहार की व्यवस्था शामिल है।

9. आँकड़े एकत्रित करना – सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मचारी विभिन्न संक्रामक रोगों, जैसे- हैजा, चेचक, टाइफॉइड, कुष्ठ, मलेरिया, पोलियो आदि के निश्चित आँकड़े एकत्रित करने के लिए प्रशिक्षित किये जाते हैं और उन्हें स्वास्थ्य योजना बनाने वालों को भेजते हैं। इन आँकड़ों के आधार पर सामुदायिक स्वास्थ्य योजनाएँ बनाई जाती हैं।

प्रश्न 4.
अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्यावरण को प्रदूषण रहित बनाये रखना कठिन क्यों हो गया है?
उत्तर:
देश में बढ़ती हुई जनसंख्या के स्वस्थ जीवन के लिए प्रदूषण मुक्त शुद्ध पर्यावरण बनाये रखना बहुत कठिन हो गया है, क्योंकि तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण घनी आबादी वाले क्षेत्रों में निवास अपशिष्ट पदार्थों की मात्रा में अत्यधिक वृद्धि, यातायात के साधनों में वृद्धि, जंगलों की अबाध कटाई आदि हमारे पर्यावरण को प्रदूषित कर स्वास्थ्य के लिए अनुपयुक्त बना देते हैं। इससे पृथ्वी, जल एवं वायु को प्रदूषण मुक्त करने की क्षमता पर दबाव पड़ता है और ये शुद्ध नहीं हो पाते हैं।

प्रश्न 5.
अशुद्ध वातावरण से व्यक्ति का स्वास्थ्य किस प्रकार प्रभावित हो सकता है?
उत्तर:
व्यक्ति का स्वास्थ्य उसके वातावरण द्वारा अत्यधिक प्रभावित होता है। यह बात निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट हो जाती है-
(1) जल, वायु तथा भोजन व्यक्ति के वातावरण के भाग हैं। यदि किसी स्थान पर पीने के लिए स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं है तथा लोग प्रदूषित जल पीने के लिए विवश हैं तो वे हैजा, पीलिया, जोड़ों का दर्द, पोलिया टायफॉइड आदि रोगों से पीड़ित हो जाते हैं अर्थात् अस्वस्थ हो जाते हैं।

(2) प्रदूषित वायु में कार्य करने वाले व्यक्ति श्वसन सम्बन्धी रोगों, जैसे- ब्रॉकाइटिस, सांस फूलना, खाँसी आदि से पीड़ित हो जाते हैं। शोर युक्त वातावरण में काम करने वाले व्यक्ति मानसिक तनाव, उच्च रक्तचाप, अनिद्रा, सिरदर्द आदि से पीड़ित हो जाते है उनकी सुनने की क्षमता भी कम हो जाती है अर्थात् बहरापन के शिकार हो जाते हैं।

(3) यदि वे अशुद्ध, प्रदूषित, विषाक्त, बासी भोजन खाते हैं तो वे अपच, मन्दाग्नि, एसिडिटी, पीलिया, टाइफॉइड, उल्टी-दस्त (अतिसार) आदि से पीड़ित हो जाते हैं।

प्रश्न 6.
यदि आपका घर स्वच्छ है, परन्तु पास-पड़ौस स्वच्छ नहीं है तो क्या आप स्वस्थ रह सकेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
उत्तर:
यदि हमारा घर स्वच्छ है, परन्तु पास पड़ौस स्वच्छ नहीं है तो हम स्वस्थ नहीं रह सकते हैं। हम अपनी व्यक्तिगत तथा अपने घरों की सफाई इसलिए करते हैं, ताकि हम रोग के कारक सूक्ष्म जीवों तथा अन्य संक्रमण के कारणों से बचे रह सकें। परन्तु पास-पड़ोस स्वच्छ न होने से अशुद्ध वायु मक्खी, मच्छर आदि फोटों द्वारा जाने-आने के कारण ये संक्रमणकारी सूक्ष्मजीव हमें भी संक्रमित करके अस्वस्थ कर देंगे और हम बीमार हो जायेंगे।

प्रश्न 7.
संतुलित भोजन अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
अच्छा स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए सन्तुलित भोजन बहुत आवश्यक है। ऐसा भोजन जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन एवं खनिज लवणों की उपयुक्त मात्रा उपस्थित हो, सन्तुलित भोजन (आहार) कहलाता है। सन्तुलित भोजन प्राप्त न होने की स्थिति में मनुष्य अभावजनित रोग से पीड़ित हो जाते हैं। अज्ञानता के कारण लोग उपयुक्त भोजन नहीं ले पाते हैं और वे कुपोषण के कारण अस्वस्थ (बीमार) हो जाते हैं।

प्रश्न 8.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य और सामुदायिक स्वास्थ्य में परस्पर क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
व्यक्तिगत और सामुदायिक स्वास्थ्य में सम्बन्ध – व्यक्तिगत स्वास्थ्य और सामुदायिक स्वास्थ्य दोनों ही अच्छे स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य हैं। दोनों ही एक-दूसरे  के पूरक हैं। हम व्यक्तिगत रूप से स्वच्छ रहकर अपने घर को स्वच्छ रखकर और सन्तुलित भोजन करके व्यक्तिगत रूप से स्वस्थ रहते हैं। सदैव स्वस्थ बने रहने के लिए यह आवश्यक है कि हमें स्वस्थ पर्यावरण मिले। यदि हम व्यक्तिगत स्वच्छता के कारण स्वस्थ हैं, किन्तु हमारे चारों ओर का वातावरण गन्दा और प्रदूषित है अर्थात् रोग उत्पन्न करने वाले सूक्ष्मजीवों से भरा तो ये सूक्ष्मजीव हमारे स्वास्थ्य को अवश्य ही प्रभावित करेंगे और हम व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने पर भी अस्वस्थ हो जायेंगे। अतः व्यक्तिगत शारीरिक, मानसिक, जैविक और सामाजिक स्थिरता बनाये रखने के लिए सामुदायिक स्वस्थ वातावरण आवश्यक है। इस प्रकार व्यक्तिगत स्वास्थ्य और सामुदायिक स्वास्थ्य का परस्पर घनिष्ठ सम्बन्ध हैं।

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प्रश्न 9.
व्यक्तिगत स्तर पर स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर:
व्यक्तिगत स्तर पर हमें अपना स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए प्रतिदिन साफ पानी से स्नान करना चाहिए ताकि शरीर पर लगी धूल व शरीर की दुर्गन्ध दूर हो जाए। त्वचा साफ हो तो शरीर से दुर्गन्ध नहीं आती और चर्म रोग आदि होने की सम्भावना नहीं रहती है। हमारे वस्त्र स्वच्छ होने चाहिए। सूक्ष्मजीवों से भोजन भी संक्रमित हो जाता है।

अतः खाने के बर्तनों तथा खाद्य पदार्थों को मक्खियों तथा कीटों से बचाकर जालीदार अलमारी में अथवा स्वच्छ कपड़े से ढककर रखना चाहिए। मल-मूत्र त्यागने के बाद तथा भोजन करने से पहले अपने हाथों को साबुन और स्वच्छ पानी से अच्छी तरह धो लेने से वे रोगाणु मुक्त हो जाते हैं। ऐसा न करने से सूक्ष्म जीवों की वृद्धि हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करेगी।

प्रश्न 10.
रोग शब्द से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
रोग (Disease)- रोग को अंग्रेजी में डिजीज (Disease) कहते हैं जिसका शाब्दिक अर्थ है – Disease अर्थात् आसानी या सुविधा का न होना। रोग की परिभाषा किसी कारणवश शरीर के अंगों की ठोक से कार्य न करने की स्थिति के रूप में दी जा सकती है। दूसरे शब्दों में, शरीर में किसी प्रकार के विकार (दोष) को रोग कहते हैं।

प्रश्न 11.
संचारी या संक्रामक रोग तथा असंचारी या असंक्रामक रोग क्या हैं? उदाहरण देकर स्पष्ट करो।
उत्तर:
संचारी (संचरणीय) या संक्रामक रोग-ये ऐसे रोग होते हैं जो रोगी व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में जल, वायु, भोजन, कीट या शारीरिक सम्पर्क द्वारा फैलते हैं। संक्रामक रोग बैक्टीरिया, वाइरस, प्रोटोजोआ या फंजाई वर्ग के सूक्ष्म जीवों के संक्रमण के कारण हो जाते हैं। इन सूक्ष्म जीवों को रोगाणु भी कहते हैं ये रोगाणु प्रदूषित जल, वायु, भोजन, कीट या शारीरिक सम्पर्क द्वारा रोगी व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति मैं पहुँचते हैं।

हैजा, क्लेरिया, डेंगू ज्वर, फ्लू, क्षय रोग, टाइफॉयड, रेबीज, एड्स, अतिसार, कर्णफेर, चेचक आदि संचरणीय या संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं।

असंचारी (असंचरणीय) या असंक्रामक रोग-ये ऐसे रोग हैं जो स्वस्थ व्यक्ति में नहीं फैलते हैं। कुछ रोग शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण हो जाते हैं, इन्हें असंक्रामक या हीनताजन्य रोग कहते हैं घेघा एनीमिया, रतौंधी, क्वाशियोरकोर, मेरेस्मस आदि असंक्रामक रोगों के उदाहरण “हैं। कुछ असंचरणीय रोग शरीर के अंगों की असामान्य क्रिया के कारण हो जाते हैं, जैसे मधुमेह (डायबिटीज), गठिया, कैंसर, हृदय रोग आदि।

प्रश्न 12.
संचरणीय तथा असंचरणीय रोगों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संचरणीय तथा असंचरणीय रोग में अन्तर

संचरणीय रोग असंचरणीय रोग
1. ये रोग शरीर में रोगाणुओं के प्रवेश कर जाने के कारण होते हैं। 1. ये रोग शरीर में पोषक तत्वों की कमी या उपापचयी क्रियाओं में त्रुटि या परजीवी जीवों के कारण होते हैं।
2. इन रोगों का संचरण वायु, जल, भोजन, कीट या शारीरिक सम्पर्क द्वारा रोगी व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में हो सकता है। उदाहरणार्थ – है जा, मलेरिया, फ्लू, क्षय रोग, रेबीज, चेचक, एड्स आदि। 2. ये रोग, रोगी व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में नहीं फैलते। उदाहरणार्थ – छों घा, एनीमिया (अरक्तता), रतौंधी, डायबिटीज आदि।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित रोगों के कारक जीवों के नाम लिखिए – हैजा, मलेरिया, क्षयरोग, टाइफॉयड, रेबीज, फ्लू (इन्फ्लूएंजा)।
उत्तर:

रोग का नाम कारक जीव का नाम
1. हैजा विब्रियो कॉलेरी
2. मलेरिया प्लाज्मोडियम वाइवैक्स
3. क्षयरोग माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस
4. टाइफॉयड साल्मोनेला टाइफी
5. रेबीज रेबीज वाइरस
6. फ्लू (इन्फ्लुएंजा) मिक्सोवाइरस इन्फ्लूएन्जाई।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित सूक्ष्म जीवों द्वारा उत्पन्न रोगों के नाम लिखो-
(क) बैक्टीरिया
(ख) वाइरस
(ग) प्रोटोजोआ वर्ग।
उत्तर:

सूक्ष्मजीव उत्पन्न रोग का नाम
1. बैक्टीरिया (जीवाणु) हैजा, अतिसार, टाइफॉइड, क्षयरोग (टी.बी), टेटनस आदि।
2. वाइरस इन्फ्लूएन्जा, रेबीज, एड्स, पोलियो, चिकन पॉक्स, खसरा आदि।
3. प्रोटोजोआ वर्ग के जीव मलेरिया अमीबीय पेचिश, पायरिया आदि।

प्रश्न 15.
वाहक (Vector) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
वाहक (Vector) – बीमारी फैलाने वाले सूक्ष्म जीवों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने वाले जीवों को वाहक कहते हैं। घरेलू मक्खी हैजा, पेचिश, टाइफॉयड आदि के रोगाणुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाती है। मादा एनोफिलीज मच्छर मलेरिया रोग की वाहक है। एडीज मच्छर डेंगू ज्वर का वाहक है।

प्रश्न 16.
प्रतिजैविक (एन्टीबायोटिक) किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रतिजैविक (एन्टीबायोटिक)- ये वे पदार्थ हैं। जो सूक्ष्म जीवों से उत्पन्न किए जाते हैं। ये सूक्ष्म जीवों की वृद्धि को रोकते हैं। पेनिसिलीन ऐसा पहला प्रतिजैविक पदार्थ है जो मनुष्य द्वारा उपयोग के लिए तैयार किया गया है। पेनिसिलीन की खोज सर्वप्रथम अलैक्जेन्डर फ्लेमिंग ने की थी।

प्रश्न 17.
एंटीबायोटिक बैक्टीरिया को प्रभावित करते हैं, परन्तु मनुष्य को नहीं, क्यों?
उत्तर:
इसका उत्तर खण्ड 13.3.1 के अन्तर्गत पैराग्राफ 5 देखिए।

प्रश्न 18.
वाइरस पर एंटीबायोटिक का प्रभाव क्यों नहीं दिखाई देता है?
उत्तर:
वाइरस की जैव प्रक्रियाएँ बैक्टीरिया से भिन्न होती हैं। ये मेजबानों की कोशिकाओं में रहते हैं। इनमें ऐसा मार्ग नहीं होता है जैसा कि बैक्टीरिया में होता है। यही कारण है कि कोई भी एंटीबायोटिक वाइरस संक्रमण पर प्रभावकारी नहीं होता है यदि हम खाँसी-जुकाम से ग्रस्त हैं तो एंटीबायोटिक लेने से रोग की तीव्रता अथवा उसकी समयावधि कम नहीं होती है।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

प्रश्न 19.
एंटीवाइरल औषधि बनाना एंटीबैक्टीरियल औषधि बनाने से कठिन क्यों है?
उत्तर:
इसका उत्तर खण्ड 13.3.4 के अन्तर्गत पैराग्राफ 4 में देखिये।

प्रश्न 20.
शोध के कारण शरीर पर कुछ स्थानीय सामान्य प्रभाव क्यों पड़ते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संक्रामक रोगों के ऊतक विशिष्ट प्रभाव के अतिरिक्त उनके अन्य सामान्य प्रभाव भी होते हैं। (शेष भाग के लिए खण्ड 13.3.3 के अन्तर्गत पैराग्राफ 5 देखिये।)

प्रश्न 21.
HIV AIDS रोगी की मृत्यु का कारण क्यों बन जाता है?
उत्तर:
इसका उत्तर खण्ड 13.3.3 के अन्तर्गत पैराग्राफ 6 देखिये।

प्रश्न 22.
किसी रोग की तीव्रता किस बात पर निर्भर करती है?
उत्तर:
इसका उत्तर खण्ड 13.3.3 के अन्तर्गत अन्तिम पैराग्राफ देखिये।

प्रश्न 23.
यदि एक बार किसी को चेचक हो जाये तो दुबारा उसे कभी चेचक नहीं हो सकती, क्यों? कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यदि कोई व्यक्ति एक बार चेचक से ग्रसित हो जाता है तो उसे दुबारा यह रोग कभी नहीं हो सकता क्योंकि जब चेचक के रोगाणु प्रतिक्षा तन्त्र पर पहली बार आक्रमण करते हैं तो प्रतिरक्षा तन्त्र रोगाणुओं के प्रति क्रिया करता है और फिर इसका विशेष रूप से स्मरण कर लेता है। इस प्रकार जब वहीं जीवाणु या उससे मिलता-जुलता रोगाणु सम्पर्क में आता है तो पूरी शक्ति से उसे नष्ट कर देता है। इससे पहले संक्रमण की अपेक्षा दूसरा संक्रमण शीघ्र समाप्त हो जाता है। यह प्रतिरक्षाकरण के नियम का आधार है।

प्रश्न 24.
टीकाकरण से आप क्या समझते हैं?
अथवा
टीकाकरण क्या है?
उत्तर:
टीकाकरण – आजकल रोगों से बचने अथवा उनके उपचार के लिए टीकाकरण की बहुत अधिक सहायता ली जाती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पदार्थ का संरोपण एक स्वस्थ व्यक्ति में किया जाता है जिससे उस व्यक्ति में विशेष बीमारी के प्रति प्रतिरक्षी (एण्टीबॉडी) पैदा हो जायें।

प्रतिरक्षा पॉस्क बीमारी को पहचानने, समाप्त करने तथा उसे पूरी तरह उखाड़ फेंकने में सहायता करते हैं। टीकाकरण की प्रक्रिया में किसी सूक्ष्म जीव की जीवित या मृत कुछ मात्रा व्यक्ति के शरीर में पहुँचायी जाती है, जो बीमारी के विपरीत प्रतिरक्षा करते हुए हानिकारक बाह्य सूक्ष्म-जीवों को नष्ट कर देते हैं। टीके में रोग वाहक सूक्ष्म जीव कम सांद्रित अवस्था में रहते हैं।

प्रश्न 25.
विभिन्न प्रकार के टीकों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
विभिन्न प्रकार के टीकों से विभिन्न प्रकार की बीमारियों के प्रति प्रतिरक्षण में सहायता मिलती है। चेचक, रेबीज, पोलियो, डिव्थीरिया, हिपेटाइटिस, कुकर खाँसी, क्षयरोग, टाइफॉयड आदि बीमारियों से बचने के लिए टीके लगाये जाते हैं। हमारी सरकार ने टीकाकरण का बृहद् कार्यक्रम चला रखा है ताकि बीमारियाँ सदैव के लिए देश से दूर की जा सकें। प्रमुख टीके निम्न हैं-

  • चेचक का टीका, चेचक से बचने के लिए लगाया जाता है।
  • खसरे का टीका, खसरे से बचने के लिए लगाया जाता है।
  • टाइफॉयड का टीका, टाइफायड (मियादी ज्वर) से बचने के लिए लगाया जाता है।
  • पोलियो का टीका, बूँदों के रूप में बच्चों को अपंगता से बचने के लिए पिलाया जाता है।
  • बी.सी.जी. का टीका, क्षयरोग से बचने के लिए लगाया जाता है।
  • डी.पी.टी. का टीका डिप्थीरिया, काली खाँसी तथा टिटेनस को नियन्त्रित करने के लिए लगाया जाता है।

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.4

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Exercise 14.4

प्रश्न 1.
एक टीम ने फुटबाल के 10 मैचों में निम्नलिखित गोल किए 2, 3, 4, 5, 0, 1, 3, 3, 4, 3
इन गोलों के माध्य, माध्यक और बहुलक ज्ञात कीजिए।
हल:
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.4 1
पुनः 3 का आँकड़ा सबसे अधिक अर्थात् 4 बार आया है। अतः बहुलक = 3.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.4

प्रश्न 2.
गणित की परीक्षा में 15 विद्यार्थियों ने (100 में से) निम्नलिखित अंक प्राप्त किए:
41, 39, 48, 52, 46, 62, 54, 40, 96, 52, 98, 40, 42, 52, 60
इन आँकड़ों के माध्य, माध्यक और बहुलक ज्ञात कीजिए।
हल:
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.4 2
दिये गए आँकड़ों को आरोही क्रम में लिखने पर
39, 40, 40, 41, 42, 46, 48, 52, 52, 52, 54, 60, 62, 96, 98.
यहाँ N = 15 पद है, जो कि विषम है।
∴ माध्यिका = \(\frac{N+1}{2}\) वाँ पद = \(\frac{15+1}{2}\) वाँ पद = 8वाँ पद
अतः प्राप्तांकों का माध्यक = 8वें पद का मान = 52
प्राप्त आँकड़ों से स्पष्ट है कि सबसे प्राप्तांक 52, 3 छात्रों के हैं जो सर्वाधिक हैं।
∴ दिये गये आँकड़ों का बहुलक = 52.

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रेक्षणों को आरोही क्रम में व्यवस्थित किया गया है। यदि आँकड़ों का माध्यक 63 हो, तो x का मान ज्ञात कीजिए:
29, 32, 48, 50, x, x + 2, 72, 78, 84, 95
हल:
पदों की संख्या (N) = 10, सम संख्या हैं।
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.4 3
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.4 4
अत: x का मान 62 है।

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.4

प्रश्न 4.
आँकड़ों 14, 25, 14, 28, 18, 17, 18, 14, 23, 22, 14, 18 का बहुलक ज्ञात कीजिए।
हल:
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.4 5
सबसे अधिक बारम्बारता 4 है। इसके संगत चर का मान 14 है।
अत: बहुलक = 14.

प्रश्न 5.
निम्नलिखित सारणी से एक फैक्ट्री में काम कर रहे 60 कर्मचारियों का माध्य वेतन ज्ञात कीजिए :

वेतन (रुपयों मे) कर्मचारियों की संख्या
3000 16
4000 12
5000 10
6000 8
7000 6
8000 4
9000 3
10000 1
कुल योग 60

हल:
माध्य वेतन की आगणन तालिका

वेतन रुपये में (x) कर्मचारियों की संख्य (f) (f × x)
3000 16 48000
4000 12 48000
5000 10 50000
6000 8 48000
7000 6 42000
8000 4 32000
9000 3 27000
10000 1 10000
येग Σ f = 60 Σ fx = 305000

माध्य = \(\frac{\sum f x}{\sum f}\) = \(\frac{305000}{60}=\frac{15250}{3}\) = 5083.33
अतः फैक्ट्री के 60 कर्मचारियों का माध्य वेतन = ₹ 5083.33 रु.।

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.4

प्रश्न 6.
निम्न स्थिति पर आधारित एक उदाहरण दीजिए:
(i) माध्य ही केन्द्रीय प्रवृत्ति की उपयुक्त माप है।
(ii) माध्य केन्द्रीय प्रवृत्ति की उपयुक्त माप नहीं है, जबकि माध्यक एक उपयुक्त माप है।
हल:
(i) माध्य सम्बन्धित आँकड़ों का औसत (Average) होता है। अतः यह केन्द्रीय प्रवृत्ति की उपयुक्त माप है;
जैसे : चार विद्यार्थियों के अंग्रेजी के टेस्ट में प्राप्तांक क्रमश: 6, 5, 4 और 9 है इनका माध्य = \(\frac{6+4+5+9}{4}=\frac{24}{4}\) = 6
जो कि यह प्रमाणित करता है कि यह सभी प्राप्तांकों के निकट है और उनका प्रतिनिधित्व करने में सक्षम है।
(ii) मान लिया किसी मिनी बस में किन्हीं 5 दिनों में क्रमश: 10, 16, 24, 20 और 13 यात्री यात्रा करते हैं, तब इसमें प्रतिदिन यात्रा करने वाले यात्रियों का माध्य = \(\frac{10+16+24+20+13}{5}=\frac{83}{5}\) = 16.6.
परन्तु 16.6 वास्तविक यात्रियों के किसी भी प्रेक्षण का प्रतिनिधित्व नहीं करता क्योंकि अपूर्ण यात्रियों की सम्भाव्यता ही परिकल्पना से परे है। इस प्रकार माध्य केन्द्रीय प्रवृत्ति की वास्तविक एवं उपयुक्त माप नहीं है।
अब यदि हम इनके माध्यक पर विचार करें, तो
आरोही क्रम में आँकड़ों को व्यवस्थित करने पर 10, 13, 16, 20, 24
n = 5, माध्यक पद = \(\frac{N+1}{2}=\frac{5+1}{2}\) = 3वाँ पद पद
∴ माध्यक = 3वें पद का मान = 16 यात्री
अतः माध्यक केन्द्रीय प्रवृत्ति की उपयुक्त माप है।

JAC Class 9 English Dialogue Writing

Jharkhand Board JAC Class 9 English Solutions Dialogue Writing Questions and Answers.

JAC Board Class 9 English Dialogue Writing

आपकी परीक्षा में dialogue या कहानी लेखन से संबंधित एक प्रश्न आयेगा। आपको इन दोनों में से किसी एक को ही करना होगा।
एक अच्छे dialogue को लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्याम रखना चाहिये-

  • एक dialogue को स्वाभाविक दिखते हुए होना चाहिये। इसके अंदर लिखी गई बातें उसी प्रकार से होनी चाहिये जैसी कि हम अपने दैनिक जीवन में सामान्य तौर पर प्रयोग करते हैं।
  • Dialogue में शब्दों के संक्षिप्त रूप का प्रयोग यथासम्भव किया ही जाना चाहिये।

जैसे-It is = It’s, cannot = can’t, did not = didn’t, do not = don’t; does not = doesn’t, shall not =shan’t, will not = won’t, could not = could’t

  • यह भी हो सकता है कि कई बार केवल Phrases के प्रयोग से ही काम चल जाता है इसलिए बातचीत को वास्तविक बनाये रखने के लिए पूरे वाक्य लिखने की बजाय phrases का प्रयोग करना ज्यादा वास्तविक प्रतीत होता है।
  • भाषा सरल होनी चाहिए।
  • यह भी याद रखें कि शिष्टाचारपूर्ण शब्दों का प्रयोग English में हिन्दी से कहीं ज्यादा ही होता है, इसलिए एक dialogue में शिष्ट शब्दावली का पूर्ण ध्यान रखें।

JAC Class 9 English Dialogue Writing

Some Examples of Dialogues

Dialogue 1.

An elderly man talks to a student. He asks him about his family and his studies. Write a dialogue between them. You may take help from the following hints :

एक वृद्ध व्यक्ति एक विद्यार्थी से बातचीत करता है। वह उससे उसके परिकार व उसके अध्ययन के बारे में पूछता है। उनके बीच में एक dialogue लिखिए। आप निम्नलिखित संकेतों का सहारा ले सकते हैंfather, his health, mother, brother, sister, age, class etc.

Gopal : Hello ! How is your father ? (नमस्कार! तुम्हारे पिताजी कैसे हैं ?)
Kanu : He is in good health, thanks. (वह स्वस्थ हैं, धन्यवाद।)
Gopal : Is your mother here ? (क्या तुम्हारी माताजी यहीं हैं ?)
Kanu : Yes, she is here. (हाँ, वह यहीं हैं।)
Gopal : How many brothers and sisters have you ? (आपके कितने भाई-बहिन हैं ?)
Kanu : I have only one sister. (मेरी केवल एक बहिन है।)
Gopal : How old is she ? (उसकी उम्र कितनी है ?)
Kanu : She is ten years old. (वह दंस वर्ष की है।)
Gopal : In which class do you read ? (आप कौन-सी कक्षा में पढ़ते हैं ?)
Kanu : I read in class IX (मैं कक्षा IX में पढ़ता हूँ।)

Dialogue 2.

A student comes to school with his incomplete homework. The boy’s mother was ill. His teacher talks to him about it. Write a dialogue between them. You may take help from the following hints :

एक विद्यार्थी अपने अपूर्ण गृहकार्य के साथ विद्यालय आता है। लड़के की मौँ बीमार थी। उसके अध्यापक जी इस सम्बन्ध में उससे वार्तालाप करते हैं। उनके बीच में एक dialogue लिखिए। आप निम्नलिखित संकेतों का सहारा ले सकते हैं-
homework incomplete, mother ill serious, have to attend, name of the doctor etc.
Teacher : Why haven’t you done your homework ? (तुमने अपना गृह-कार्य क्यों नहीं किया है ?)
Student : My mother was seriously ill. (मेरी माँ गम्भीर रूप से बीमार थीं।)
Teacher. : How is she now ? (वह अब कैसी हैं ?)
Student : She is better now. (वह अब पहले से बेहतर हैं।)
Teacher : I wish her speedy recovery. (मैं उनके शीघ्र स्वास्थ्य-लाभ की कामना करता हूँ।)
Student : Thank you, sir. (धन्यवाद, श्रीमान्।)
Teacher : Who is giving her treatment ? (उनका इलाज कौन कर रहा है ?)
Student : Dr Mahesh Ameta is giving her treatment. He is the best doctor in our district.
(डॉ. महेश अमेटा उनका इलाज कर रहे हैं। वह हमारे जिले के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर हैं।)
Teacher : Yes, I have heard about him. (हाँ, मैंने उनके बारे में सुना है।)
Student : He says that my mother will recover very soon. (वह कहते हैं कि मेरी माताजी बहुत शीघ्र ही स्वस्थ हो जायेंगी।)
Teacher : I hope so.(मैं ऐसी आशा करता हूँ।)
Student : Thank you, sir. (आपको धन्यवाद, श्रीमान्।)

Dialogue 3.

A girl wants to purchase a dictionary, two registers and a pen. She goes to a stationer’s shop. Write a dialogue between them. You may take help from the following hints :

एक लड़की एक शब्दकोश, दो रजिस्टर तथा एक पेन खरीदना चाहती है। वह एक स्टेशनरी की दुकान पर जाती है। उनके बीच के dialogue को लिखिये।

Ask about concession, Oxford Advanced Dictionary, ₹500, Two registers, One pen etc.
Payal : Do you give concession on books for students? (क्या आप छात्रों के लिए पुस्तकों पर दाम में छूट देते हैं ?)
Shopkeeper : Yes, we do. (हाँ, देते हैं।)
Payal : On what sorts of books ? (किस तरह की किताबों पर ?)
Shopkeeper : On all sorts of books. (सभी तरह की किताबों पर।)
Payal : Please give me an Oxford Advanced Dictionary. (कृपया मुझे एक अड्वान्स्ट ऑक्सफोर्ड डिंक्शनरी दीजिये।)
Shopkeeper : Here it is. Give us ₹ 500. Anything else ? (यह रही। हमें ₹ 500 दीजिये। कोई अन्य वस्तु ?)
Payal : Yes, I also need two registers and a pen. (हाँ, मुझे दो रजिस्टर व एक पेन की भी आवश्यकता है।)
Shopkeeper : Here they are. Give me 56 rupees more. (ये रहे। आप मुझे ₹ 56 और दें।)
Payal , Take your amount. Thank you. (लीजिए अपने पैसे। धन्यवाद।)
Shopkeeper : You are welcome. We are at your service. (आपका धन्यवाद स्वीकार है। हम आपकी सेवा में हैं।)

JAC Class 9 English Dialogue Writing

Dialogue 4.

A young boy wants to improve his English. He goes to an expert. Write a dialogue between them. You may take help from the following hints :

एक लड़का अपनी अंग्रेजी सुधारना चाहता है। वह एक एक्सपर्ट के पास जाता है। उनके बीच के dialogue को लिखिये। आप निम्नलिखित संकेतों का सहारा ले सकते हैं-

come to seek help, weak in English, how to improve, fundamentals of grammar, run a special class etc.
Vikas: Good morning, sir. (सुप्रभात, श्रीमान्।)
Mr Pachauri : Good morning. How are you ? (सुप्रभात। तुम कैसे हो ?)
Vikas :I am fine. I have come to seek your advice.
(मैं ठीक हूँ। मैं आपकी सलाह लेने आया हूँ।)
Mr Pachauri :Oh ! you are welcome. (ओह ! तुम्हारा स्वागत है।)
Vikas :Thank you, sir. (धन्यवाद, श्रीमान्।)
Mr Pachauri :That’s all right. Tell me your problem. (ठीक है। मुझे अपनी समस्या बताओ।)
Vikas :You know I am weak in English. (आप जानते हैं कि मैं अंग्रेजी में कमजोर हूँ।)
Mr Pachauri :So, you are. (हाँ, हो तो।)
Vikas ‘ :I seek your help to remove my weakness. Will you please tell me how to do it?
(मैं अपनी कमजोरी दूर करने के लिए आपकी सहायता चाहता हैं। क्या आप कृपया इसका उपाय मुझे बतायेंगे ?)
Mr Pachauri : What sort of help do you seek ? (तुम्हें किस तरह की सहायता चाहिए ?)
Vikas :Will you please teach me fundamentals of grammar? (क्या आप मुझे व्याकरण का प्रारम्भिक ज्ञान करायेंगे ?)
Mr Pachauri : Why not, we run a special class for this. Come tomorrow at 7 a.m. and join it.
(क्यों नहीं, हम इसके लिए एक विशेष कक्षा चलाते हैं। कल सवेरे सात बजे आओ और इसमें शामिल हो जाओ।)

Dialogue 5.

Write a dialogue between a teacher and a habitually late-comer student. You may take help from the following hints :

एक अध्यापक तथा एक आदतन देरी से आने वाले विद्यार्थी के बीच के dialogue को लिखिए। आप निम्नलिखित संकेतों का सहारा ले सकते हैं-
habitual late comer, promise not to come late again, give a chance, about home work, mother hospitalized, never in want of excuses.

Parkeshwar : May I come in, sir ? (क्या मैं अन्दर आ सकता हूँ श्रीमान् ?)
Teacher : Come in. You are a habitual late-comer. (आओ ! तुम आदतन देर से आने वाले हो।)
Parkeshwar : I am sorry, sir. I promise not to come late in future.
(मुझे खेद है, श्रीमान्। मैं वादा करता हूँ कि भविष्य में कभी देर से नहीं आऊँगा।)
Teacher : You have promised to do so many times. But you never keep your promise.
(तुमने अनेक बार ऐसा वादा किया है। पर तुम कभी अपने वादे का पालन नहीं करते हो।)
Parkeshwar : Give me one chance more. (मुझे एक मौका और दीजिये।)
Teacher : This is the last chance. Have you brought your homework ?
(यह आखिरी मौका है। क्या तुम अपना गृहकार्य लाये हो ?)
Parkeshwar : I am sorry, I haven’t. (मुझे खेद है, कि मैं नहीं लाया हूँ।)
Teacher : Why haven’t you done it ? (तुमने उसे क्यों नहीं किया है ?)
Parkeshwar : My mother was seriously ill. I had no time to do it.
(मेरी माँ बहुत बीमार थीं। मुझे उसे करने का समय नहीं मिला।)
Teacher : A boy like you is never in want of excuses.
(तुम्हारे जैसे लड़के क्रे लिए बहानों की कभी कमी नहीं होती।)
Parkeshwar : Believe me, sir. (मेरी बात पर विश्वास करें, श्रीमान्।)
Teacher : OK This is your last chance. Next time you will have to come in time.
(ठीक है। यह तुम्हारा आखिरी अवसर है। अगली बार तुम्हें समय पर आना पड़ेगा।)

JAC Class 9 English Dialogue Writing

Dialogue 6.

Write a dialogue between a visitor and a booking clerk. You may take help of from the following hints :

एक पर्यटक व बुकिंग क्लर्क के बीच के dialogue को लिखिए। आप निम्नलिखित संकेतों का सहारा ले सकते
bus to Jaipur, time of departure, time of arrival at Jaipur, give three tickets, price of ticket.
Vipin : Which is the bus to Jaipur ? (जयपुर जाने वाली बस कौन-सी है ?)
Booking Clerk : That red bus standing in the corner, goes to Jaipur.
(वह लाल बस जो कोने में खड़ी है, जयपुर जाती है।)
Vipin : When does it leave ? (यह कब रवाना होती है ?)
Booking Clerk : It leaves at 10.15 a.m. (यह प्रात: 10 बजकर 15 मिनट पर रवाना होती है।)
Vipin : When does it reach Jaipur ? (यह जयपुर कब पहुँचती है ?)
Booking Clerk : It takes four hours. (यह चार घंटे लेती है।)
Vipin : Please give me three tickets to Jaipur. (कृपया मुझे जयपुर के तीन टिकट दें।)
Booking Clerk : Please give me ₹ 156 . (कृपया मुझे ₹ 156 दें।)
Vipin : It is hundred and sixty. (ये एक सौ साठ रुपये हैं।)
Booking Clerk : Take the tickets and ₹ 4 balance. (यह लीजिए टिकट और शेष चार रुपये।)

Dialogue 7

Write a dialogue between a traveller and a porter (coolie) at the railway station. You may take help from the following hints :

एक यात्री व कुली के बीच रेलवे स्टेशन पर हुए dialogue को लिखो। आप निम्नलिखित संकेतों का सहारा ले सकते

charges for carrying luggage, 50 rupees, unreasonable, fixed charge, train coming, give porterage.
Traveller : How much will you charge for carrying this luggage?
(इस सामान को उठाने के तुम कितने पैसे लोगे ?)
Porter : Fifty rupees, sir. (पचास रुपये, श्रीमान्।)
Traveller : Isn’t it unreasonable ? (क्या यह अनुचित नहीं है ?)
Porter : It is the minimum charge fixed by the Railways.
(यह रेलवे द्वारा निश्चित न्यूनतम चार्ज (मजदूरी) है।)
Traveller : OK carry it. (ठीक है, इसे ले चलो।)
(The porter carries the luggage to the platform.)
(कुली सामान को प्लेटफार्म पर ले जाता है।)
Porter : Get ready, sir. Your train is coming.
(श्रीमान्, तैयार हो जाइये। आपकी गाड़ी आ रही है।)
Traveller : Yes, I am ready. (हाँ, मैं तैयार हूँ।)
Porter : Here is your luggage. (आपका सामान यहाँ रखा है।)
Traveller : OK Take your porterage. (ठीक है, अपनी मजदूरी लो।)
Porter : Thank you, sir. (आपको धन्यवाद, श्रीमान्।)
Traveller : Don’t mention it. (इसकी आवश्यकता नहीं।)

JAC Class 9 English Dialogue Writing

Dialogue 8.

A patient who has been unwell for some time, goes to his doctor. Write an imaginary dialogue which may take place between the patient and the doctor. You may take help from the following hints :

कुछ दिन से बीमार एक मरीज अपने डॉक्टर के पास जाता है। एक काल्पनिक dialogue लिखिए जो डॉक्टर और मरीज के बींच हुआ। आप निम्नलिखित संकेतों का सहारा ले सकते हैं-

your ailment, a high fever, a severe headache, shivering, blood report, malaria, injection of Lariago.
Doctor : What’s your ailment ? (आपको क्या कष्ट है ?)
Patient : I have a high fever. (मुझे तेज बुखार है।)
Doctor : :Anything else ? (और कुछ ?)
Patient : I have a severe headache, and shivering also. (मुझे जोरों का सिरदर्द है और कँपकँपी भी।)
Doctor : I think you have malaria. Do you have blood report?
(मेरे विचार से आपको मलेरिया है। आपके पास खून की रिपोर्ट है।)
Patient : Yes, here it is. (हाँ, यह लीजिए।)
Doctor : I am right. You have malaria. You have to take the injections of Lariago.
Bring injection with a disposable syringe. (मैं सही हूँ। आपको मलेरिया है। आपको लेरिगो के इन्जेक्शन्स लेने पड़ेंगे। एक डिस्पोजेबल सिरिंज इन्जेक्शन के साथ लाना।).
Patient : OK I am just coming back. (ठीक है, मैं अभी वापिस आता हूँ।)

Dialogue 9.

Imagine you are Rajni. Your friend Divya visits you and asks you to go with her on a week long tour to some hill station during the summer vacation. You are busy preparing for secondary examination. Write a dialogue between you and your friend showing your inability to accompany her. You may take help from the following hints :

कल्पना करो कि आप रजनी हैं। आपकी सहेली दिव्या आपसे मिलती है व गर्मी की छुट्टियों के दौरान किसी Hill station पर एक सप्ताह भर के लिए अपने साथ जाने को कहती है। आप सैकण्ड्री परीक्षाओं की तैयारी करने में व्यस्त हैं। आपके व अपनी सहेली के मध्य हुए वार्तालाप को लिखिये जिसमें उसका साथ देने में अपनी असमर्थता व्यक्त की गयी हो। आप निम्नलिखित संकेतों का सहारा ले सकते हैं-

free these days, never gets free, philosophies, a week tour to Nainital and Almora, preparing for Secondary Examination.
Divya : Hello, Rajni ! How are you ? (नमस्कार रजनी ! तुम कैसी हो ?)
Rajni : Fine. So nice of you to be here. (बहुत अच्छी। तुम्हारा यहाँ आना बहुत अच्छा रहा।)
Divya : Are you free these days ? I have a lot to talk about.
(क्या आजकल तुम खाली हो ? मुझे तुमसे काफी बातें करनी हैं।)
Rajni: One never gets free, free of hurries and worries, free of cares.
(कोई कभी खाली नहीं होता, मुसीबतों तथा चिन्ताओं से कहाँ छुट्टी मिलती है।)
Divya : I have come to you with a nice plan.
(मैं तुम्हारे पास एक अच्छी योजना लेकर आई हूँ।)
Rajni : What is it? (यह क्या है ?)
Divya : I am going on a week long tour to Nainital and Almora and you shall accompany me.
(मैं एक सप्ताह के पर्यटन पर नैनीताल व अल्मोड़ा जा रही हूँ और तुम्हें मेरे साथ चलना होगा।)
Rajni : Would that I could ! (काश ! मैं ऐसा कर पाती।)
Divya : Why? what is the problem with you now ?
(क्यों ? अब तुम्हारे सामने क्या परेशानी है ?)
Rajni : You see, I am preparing for my Secondary Examination. I can’t spare even a single minute these days. I hope, you’ll forgive me.
(देखो ! मैं सैकन्ड्री परीक्षा की तैयारी कर रही हूँ। इन दिनों मुझे एक मिनट की भी फुर्सत नहीं है। मैं आशा करती हूँ, तुम मुझे क्षमा करोगी ।)
Divya : Never mind, we’ll visit some beautiful place together next time. (कोई बात नहीं। अगली बार हम साथ-साथ किसी सुन्दर स्थान की यात्रा करेंगे।)

JAC Class 9 English Dialogue Writing

Dialogue 10.

Write a dialogue between two friends who talk about the advantages and disadvantages of journey by train. You may take help from the following hints :

दो मित्रों के बीच एक dialogue लिखिए जो कि रेल-यात्रा के फायदों व नुकसान के बारे में बात कर रहे हैं। आप निम्नलिखित संकेतों का सहारा ले सकते हैं-

prefer railway journey, trains overcrowded, cheaper, comfortable, give 90 points out of 100.
Rajesh : Which one do you prefer – a journey by train or by bus ?
(तुम बस की यात्रा पसन्द करते हो या ट्रेन की ?)
Mahesh : I prefer a journey by train. And you ?
(मैं ट्रेन की यात्रा पसन्द करता हूँ। और तुम ?)
Rajesh : I also prefer a train journey. (मैं भी ट्रेन की यात्रा ही पसन्द करता हूं।)
Mahesh : The trouble is that trains are overcrowded these days.
(मुसीबत यह है कि इन दिनों गाड़ियों में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।)
Rajesh : A journey by train is not only cheaper, but also comfortable, isn’t it ?
(ट्रेन की यात्रा न केवल अपेक्षाकृत सस्ती, बल्कि आरामदेह भी होती है, है न ?)
Mahesh : I entirely agree with you. (मैं तुमसे पूर्णतः सहमत हूं।)
Rajesh : Nowadays it is far from being safe. (इन दिनों यह अब सुरक्षित नहीं रही।)
Mahesh : Frequent accidents and robbery have made it unsafe.
(अक्सर होने वाली दुर्घटनाओं और डकैती ने इसे असुरक्षित बना दिया है।)
Rajesh : Yes, I agree with you, but I would like to give 90 out of 100 points to a train journey.
(हाँ, मैं तुमसे सहमत हूँ लेकिन मैं रेल यात्रा को 100 में से 90 नम्बर दूँगा।)
Mahesh : Yes, that’s what I want to say.
(हाँ, यही तो मैं कहना चाहता हूँ।)

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. प्रोटियम में नहीं पाया जाता है-
(a) प्रोटॉन
(b) न्यूट्रॉन।
(c) इलेक्ट्रॉन
(d) इलेक्ट्रॉन व प्रोटॉन।
उत्तर:
(b) न्यूट्रॉन

2. किसी परमाणु में प्रोटॉन की संख्या होती है-
(a) न्यूट्रॉन के बराबर
(b) इलेक्ट्रॉन के बराबर
(c) परमाणु द्रव्यमान के बराबर
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) इलेक्ट्रॉन के बराबर।

3. परमाणु के नाभिक में पाया जाने वाला अनावेशित कण है-
(a) इलेक्ट्रॉन
(b) प्रोटॉन
(c) न्यूट्रॉन
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) न्यूट्रॉन।

4. रदरफोर्ड ने अपना प्रयोग किया-
(a) सोने की पन्नी पर
(b) ताँबे की पत्नी पर
(c) चाँदी की पत्नी पर
(d) लोहे की पन्नी पर।
उत्तर:
(a) सोने की पन्नी पर।

5. परमाणु के नाभिक में होते हैं-
(a) इलेक्ट्रॉन व प्रोटॉन
(b) इलेक्ट्रॉन व न्यूट्रॉन
(c) केवल इलेक्ट्रॉन
(d) प्रोटॉन व न्यूट्रॉन।
उत्तर:
(d) प्रोटॉन व न्यूट्रॉन।

6. प्रथम कोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या होती है-
(a) 2
(b) 8
(c ) 18
(d) 32।
उत्तर:
(a) 2

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

7. बोरोन (B) के नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या होगी-
(a) 5
(b) 4
(c) 3
(d) 61
उत्तर:
(d) 6

8. सोडियम की द्रव्यमान संख्या है-
(a) 11
(b) 10
(c) 24
(d) 231
उत्तर:
(d) 23

9. क्लोरीन की संयोजकता है-
(a) 2
(b) 1
(c) 0
(d) 41
उत्तर:
(b) 1

10. 1H² या D को कहते हैं-
(a) ट्राइटियम
(b) प्रोटियम
(c) ड्यूटीरियम
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) ड्यूटीरियम।

11. बोर-बरी के नियमानुसार इलेक्ट्रॉनों की किसी कोश में अधिकतम संख्या होती है-
(a) 2n²
(b) 2n
(c) 4n²
(d) 2n³।
उत्तर:
(a) 2n²

12. यदि किसी परमाणु के बाह्यतम कोश में 7 इलेक्ट्रॉन हों तो उसकी संयोजकता होगी-
(a) 7
(b) 2
(c) 3
(d) 1।
उत्तर:
(d) 1

13. प्रकृति में क्लोरीन – 35 व क्लोरीन 37 का अनुपात होता है-
(a) 3 : 1
(b) 1 : 3
(c) 1 : 2
(d) 2 : 11
उत्तर:
(a) 3 : 1

14. क्लोरीन परमाणु का औसत द्रव्यमान है-
(a) 35
(b) 36
(c) 35.5
(d) 171
उत्तर:
(c) 35.5

15. इलेक्ट्रॉन की खोज की-
(a) गोल्डस्टीन ने
(b) टॉमसन ने
(c) रदरफोर्ड ने
(d) बोर ने।
उत्तर:
(b) टॉमसन ने।

16. इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन से लगभग होता है-
(a) 2000 Tell
(b) 1000 गुना
(c) \(\frac { 1 }{ 1837 }\) गुना
(d) \(\frac { 1 }{ 1000 }\) गुना
उत्तर:
(c) \(\frac { 1 }{ 1837 }\) गुना

रिक्त स्थान भरो-

  1. रदरफोर्ड के α-कण प्रकीर्णन प्रयोग द्वारा ……………… खोज हुई।
  2. र्बन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास …………………. है।
  3. निऑन और क्लोरीन की परमाणु संख्या क्रमश: 10 और 17 है। इनकी संयोजकताएँ …………………. और …………………. होंगी।
  4. समभारिकों में समान …………………. लेकिन भिन्न …………………. होते हैं।

उत्तर:

  1. नाभिक
  2. 2, 4
  3. 4, 0, 1
  4. द्रव्यमान संख्या, परमाणु संख्या।

सुमेलन कीजिए-

कॉलम ‘क’ (तत्त्व) कॉलम ‘ख’ (संयोजकता)
1. सोडियम Na (क) 2
2. कैल्सियम Ca (ख) 3
3. निऑन Ne (ग) 1
4. नाइट्रोजन N (घ) 0

उत्तर:
1. (ग) 1
2. (क) 2
3. (घ) 0
4. (ख) 3

सत्य / असत्य

  1. किसी परमाणु के आंतरिक कक्ष में इलेक्ट्रॉनों की संख्या से संयोजकता ज्ञात होती है।
  2. जे. चैडविक ने न्यूट्रॉन की खोज की थी।
  3. रदरफोर्ड ने अपने प्रयोग में सोने की पन्नी का प्रयोग किया था।
  4. \(\begin{array}{r}
    35 \\
    { }_{17} \mathrm{Cl}
    \end{array}\) और \(\begin{array}{r}
    37 \\
    { }_{17} \mathrm{Cl}
    \end{array}\) समभारिक हैं।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. सत्य
  4. असत्य।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

अति लघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कार्बन – 13 के 100 परमाणुओं की परमाणु द्रव्यमान इकाई का भार क्या होगा?
उत्तर:
13amu x 100 = 1300amu.

प्रश्न 2.
क्लोरीन परमाणु (Z = 17) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए।
उत्तर:
क्लोरीन परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास – 2, 8, 7.

प्रश्न 3.
सोडियम आयन पर ……………… आवेश होता है जबकि सोडियम परमाणु पर ……………… आवेश होता है।
उत्तर:
धन, शून्य।

प्रश्न 4.
क्लोरीन की परमाणु संख्या 17 है। इसमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्या है?
उत्तर:
17.

प्रश्न 5.
कार्बन (Z = 6), फॉस्फोरस (Z = 15) तथा (Z = 16) परमाणुओं में कितने संयोजी इलेक्ट्रॉन गन्धक (Z = 16) उपस्थित हैं?
उत्तर:
कार्बन में 4, फॉस्फोरस में 5 तथा गन्धक में 6 संयोजी इलेक्ट्रॉन होते हैं।

प्रश्न 6.
एक उपयुक्त उदाहरण देकर समस्थानिक की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
एक ही तत्व के परमाणु जिनकी ‘परमाणु समान तथा द्रव्यमान संख्या भिन्न होती है, समस्थानिक कहलाते हैं; जैसे- हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक प्रोटियम, ड्यूटीरियम तथा ट्राइटियम होते हैं।

प्रश्न 7.
…………………… की संख्या भिन्न होने के कारण समस्थानिक पाए जाते हैं।
उत्तर:
न्यूट्रॉनों।

प्रश्न 8,.
\({ }_{17} \mathbf{A}^{35},{ }_{20} \mathbf{B}^{40},{ }_{17} \mathrm{Cl}^{37},{ }_{18} D^{40}\) में से समस्थानिकों की पहचान कीजिए।
उत्तर:
\({ }_{17} \mathrm{~A}^{35}\) तथा \({ }_{17} \mathrm{~A}^{37}\).

प्रश्न 9.
समस्थानिकों में की संख्या समान होती है।
उत्तर:
प्रोटॉनों।

प्रश्न 10.
एक तत्व के समस्थानिकों की परमाणु संख्या होती है।
उत्तर:
समान।

प्रश्न 11.
दो रेडियोधर्मी समस्थानिकों के नाम बताइए।
उत्तर:
यूरेनियम – 235 तथा यूरेनियम-238.

प्रश्न 12.
किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉनों के व्यवस्थापन को क्या कहा जाता है?
उत्तर:
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास।

प्रश्न 13.
तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी तत्व के परमाणु में उसके विभिन्न ऊर्जा स्तरों या कक्षाओं में इलेक्ट्रॉनों का वितरण ‘इलेक्ट्रॉनिक विन्यास’ कहलाता है।

प्रश्न 14.
कार्बन – 14 क्या है?
उत्तर:
कार्बन का समस्थानिक।

प्रश्न 15.
इलेक्ट्रॉन पर ………………. कूलॉम ………………….. आवेश होता है।
उत्तर:
उत्तर:
1.6 x 10-19, ऋणात्मक।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 16.
प्रोटॉन पर आवेश ……………….. होता है।
उत्तर:
धनात्मक।

प्रश्न 17.
एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान ………….. होता है।
उत्तर:
9.1 × 10-28 ग्राम।

प्रश्न 18.
………………… तथा ………………… परमाणु के मूल कण हैं।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन।

प्रश्न 19.
कैनाल किरणें ………………… आवेशित कणों से मिलकर बनती हैं।
उत्तर:
धन।

प्रश्न 20.
हाइड्रोजन के कितने समस्थानिक हैं?
उत्तर:
हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक हैं-
\({ }_1^1 \mathrm{H},{ }_1^2 \mathrm{H}\) तथा \({ }_1^3 \mathrm{H}\).

प्रश्न 21.
समभारिक नाभिकों का एक उदाहरण दो।
उत्तर:
\({ }_{20}^{40} \mathrm{Ca}\) तथा \({ }_{18}^{40} \mathrm{Ar}\) दोनों समभारिक हैं।

प्रश्न 22.
परमाणु के मौलिक कण बताइए।
उत्तर:
परमाणु के मौलिक कण प्रोटॉन, न्यूट्रॉन तथा इलेक्ट्रॉन हैं।

प्रश्न 23.
विसर्जन नलिका में कैथोड से उत्सर्जित कण धन प्लेट की ओर झुकते हैं। कण की प्रकृति बताइए।
उत्तर:
कण की प्रकृति विद्युत ऋणात्मक है।

प्रश्न 24.
यूरेनियम के दो समस्थानिक लिखिए।
उत्तर:
\({ }_{92}^{235} \mathrm{U}\) तथा \({ }_{92}^{238} \mathrm{U}\)

प्रश्न 25.
किसी तत्व के समस्थानिकों में किसमें समानता है?
उत्तर:
किसी तत्व के समस्थानिकों में प्रोटॉनों तथा इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है।

प्रश्न 26.
निम्नलिखित परमाणु नाभिकों में से कौन समभारी तथा कौन समस्थानिक हैं?
(i) (17p + 18n ) तथा ( 17p+20n)
(ii) (18p + 22n) तथा (20p+20n)
उत्तर:
(i) नाभिक समस्थानिक है तथा
(ii) नाभिक समभारिक हैं।

प्रश्न 27.
परमाणु के यदि K और L कोश पूर्णतः भरे हुए हैं, उनमें उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या क्या है?
उत्तर:
10

प्रश्न 28.
उस तत्व के परमाणु में इलेक्ट्रॉनों का वितरण लिखिए जिसकी परमाणु संख्या 13 है।
उत्तर:

K L M
2 8 3

प्रश्न 29.
प्रतीक \({ }_{15}^{31} P\) से बताइये –
(i) फॉस्फोरस की द्रव्यमान संख्या
(ii) फॉस्फोरस की परमाणु संख्या।
उत्तर:
(i) 31
(ii) 15.

प्रश्न 30.
उस तत्व की संयोजकता क्या होगी जिसकी परमाणु संख्या 15 है?
उत्तर:
3 या 5

प्रश्न 31.
क्लोरीन की परमाणु संख्या 17 है। Cl आयन में इलेक्ट्रॉन की संख्या क्या होगी?
उत्तर:
Cl में इलेक्ट्रॉन की संख्या 17 + 1 = 18.

प्रश्न 32.
ऐलुमिनियम की परमाणु संख्या 13 है। Al+3 में कितने इलेक्ट्रॉन होंगे?
उत्तर:
Al+3 में इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 13 – 3 = 10

प्रश्न 33.
मैग्नीशियम की परमाणु संख्या 12 है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 28 2

प्रश्न 34.
परमाणु क्रमांक 13 वाले तत्व की संयोजकता बताइए।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 3
इसलिए संयोजकता = 3

प्रश्न 35.
एक तत्व का परमाणु द्रव्यमान A तथा परमाणु संख्या B है। इस तत्व के नाभिक में न्यूट्रानों की संख्या बताइए।
उत्तर:
न्यूट्रॉनों की संख्या = परमाणु द्रव्यमान परमाणु संख्या
= A – B

प्रश्न 36.
एक तत्व के M-कक्ष में दो इलेक्ट्रॉन हैं। इस तत्व का परमाणु क्रमांक बताइये।
उत्तर:
परमाणु क्रमांक = 2 + 8 + 2 = 12
K     L    M

प्रश्न 37.
किसी तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास उसकी संयोजकता से किस प्रकार सम्बन्धित है?
उत्तर:
किसी तत्व की संयोजकता उस तत्व के संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या के बराबर होती है, या (8 – संयोजकता इलेक्ट्रॉन) की संख्या के बराबर होती है।

प्रश्न 38.
एक रासायनिक अभिक्रिया के दौरान किसी तत्व का परमाणु क्रमांक क्यों नहीं बदलता?
उत्तर:
किसी तत्व के परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या, उसका परमाणु क्रमांक कहलाती है। चूँकि केवल इलेक्ट्रॉन ही रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लेता है तथा प्रोटॉन इसमें सम्मिलित नहीं होते; अतः इनकी संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होता अर्थात् तत्व का परमाणु क्रमांक रासायनिक अभिक्रिया के दौरान अपरिवर्तित रहता है।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 39.
हाइड्रोजन के समस्थानिकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक हैं- प्रोटियम (1H1), ड्यूटीरियम (1H2) तथा ट्राइटियम (1H3)

प्रश्न 40.
समस्थानिकों के दो अनुप्रयोग लिखिए।
उत्तर:

  1. कैंसर की चिकित्सा में कोबाल्ट-60 का प्रयोग किया जाता है।
  2. घेंघा रोग के इलाज में आयोडीन 131 का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 41.
संयोजकता कोश क्या है?
उत्तर:
किसी परमाणु का बाह्यतम इलेक्ट्रॉन कोश ‘संयोजकता – कोश’ कहलाता है।

प्रश्न 42.
संयोजी इलेक्ट्रॉन क्या हैं?
उत्तर:
किसी परमाणु के बाह्यतम इलेक्ट्रॉन कोश में उपस्थित इलेक्ट्रान ‘संयोजी इलेक्ट्रॉन’ कहलाते हैं।

प्रश्न 43.
एक परमाणु में संयोजी इलेक्ट्रॉनों की उपयोगिता बताइए।
उत्तर:
संयोजी इलेक्ट्रॉन ही परमाणु की रासायनिक प्रकृति का निर्धारण करते हैं। ये इलेक्ट्रॉन परमाण्वीय स्पेक्ट्रा प्राप्त होने के लिए उत्तरदायी होते हैं।

प्रश्न 44.
उन तत्वों का सामान्य नाम बताइए जिनके परमाणुओं के संयोजकता कोश में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं।
उत्तर:
अक्रिय गैसें (हीलियम को छोड़कर जिसके संयोजी कोश में 2 इलेक्ट्रॉन होते हैं)।

प्रश्न 45.
रदरफोर्ड के अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग से किसी परमाणु के नाभिक के बारे में क्या महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है?
उत्तर:
एक परमाणु में अल्फा धनावेशित, अल्प-आकार का एक नाभिक होता है जिसमें परमाणु का लगभग समस्त द्रव्यमान निहित रहता है तथा इसके चारों ओर इलेक्ट्रॉन कुछ स्थिर कक्षाओं में चक्कर लगाते रहते हैं।

प्रश्न 46.
परमाणु उदासीन क्यों होता है यद्यपि इसके भीतर आवेशित कण विद्यमान हैं?
उत्तर:
परमाणु में प्रोटॉन तथा इलेक्ट्रॉन, विपरीत आवेशित कण उपस्थित होते हैं परन्तु संख्या में समान होने के कारण ये परस्पर आवेश प्रभाव को समाप्त कर देते हैं, इसी कारण परमाणु उदासीन रहता है।

प्रश्न 47.
एक तत्व के परमाणु को 4X9 के रूप में लिखा जाता है-
(i) अंक 9 क्या प्रदर्शित करता है?
(ii) अंक 4 क्या प्रदर्शित करता है?
(iii) परमाणु में इलेक्ट्रॉनों, प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों की संख्या क्या है?
उत्तर:
(i) अंक 9 द्रव्यमान संख्या को प्रदर्शित करता है।
(ii) अंक 4 परमाणु संख्या को प्रदर्शित करता है।
(iii) इलेक्ट्रॉन 4, प्रोटॉन 4, न्यूट्रॉन 5

प्रश्न 48.
किसी परमाणु के प्रथम ऊर्जा स्तर में अधिकतम कितने इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं?
उत्तर:
प्रथम ऊर्जा स्तर में केवल 2 इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं।

प्रश्न 49.
परमाणु संख्या तथा द्रव्यमान संख्या को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों की कुल संख्या, उसका परमाणु क्रमांक या परमाणु संख्या कहलाती है। परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों की संख्या का योग, उसकी द्रव्यमान संख्या कहलाती है।

लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
न्यूट्रॉन की खोज ने परमाणु संरचना की कौन-सी समस्या का समाधान किया?
उत्तर:
न्यूट्रॉन की खोज से निष्कर्ष निकला कि परमाणु का नाभिक न्यूट्रॉनों तथा प्रोटॉनों से मिलकर बनता है। इससे नाभिक के आवेश तथा द्रव्यमान को स्पष्ट समझने में सहायता मिली।
न्यूट्रॉन की खोज से आवर्त सारणी में समस्थानिकों की समस्या का भी समाधान हो गया।

प्रश्न 2.
न्यूट्रॉन के अस्तित्व को किसने प्रस्तावित किया? इस पूर्वधारणा का क्या आधार छ?
उत्तर:
रदरफोर्ड ने सबसे पहले न्यूट्रॉन के अस्तित्व का विचार प्रकट किया था। सन् 1920 ई. में रदरफोर्ड ने प्रस्तावित किया कि नाभिक के अन्दर इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन उच्च स्थिर विद्युत आकर्षण बल के कारण इतने निकट होते हैं कि दोनों को मिलाकर एक कण के रूप में ही माना जा सकता है। इस कण पर कुल आवेश शून्य होगा। उसने इस कण को यूट्रॉन नाम दिया। इसका द्रव्यमान प्रोटॉन के द्रव्यमान के समान अपेक्षित था। इसी संकल्पना ने आधुनिक विज्ञान की अनेक महत्त्वपूर्ण समस्याओं को हल कर दिया।

प्रश्न 3.
न्यूट्रॉन के महत्त्वपूर्ण गुणधर्म क्या हैं?
उत्तर:
न्यूट्रॉन के प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं-

  1. न्यूट्रॉन उदासीन अथवा विद्युत आवेश रहित कण है। इसे on संकेत से प्रदर्शित करते हैं।
  2. न्यूट्रॉन की त्रिज्या 10-13 सेमी होती है।
  3. न्यूट्रॉन का द्रव्यमान 1.6748 10-27 किग्रा या परमाणु द्रव्यमान इकाई में 1.00893 amu होता है जो प्रोटॉन से कुछ अधिक होता है।
  4. नाभिकीय अभिक्रियाओं से ज्ञात हुआ है कि सभी तत्वों के परमाणुओं में (हाइड्रोजन को छोड़कर) न्यूट्रॉन होते हैं।
  5. न्यूट्रॉन की बेधन क्षमता भी अत्यधिक है, परन्तु कॉस्मिक किरणों से कम है।
  6. स्वतन्त्र न्यूट्रॉन का क्षय प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन में होता है तथा ऊर्जा उत्सर्जित होती है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित परमाणुओं की इलेक्ट्रॉनिक संरचनाओं में क्या-क्या समानताएँ हैं?
लीथियम, सोडियम, पोटैशियम;
हीलियम निऑन आर्गन;
बेरिलियम मैग्नीशियम और कैल्सियम।
उत्तर:
उपर्युक्त परमाणुओं की इलेक्ट्रॉनिक संरचनाओं में समानताएँ इनमें इलेक्ट्रॉनों के वितरण के आधार पर ज्ञात की जा सकती हैं।
लीथियम, सोडियम, पोटैशियम की इलेक्ट्रॉनिक संरचनाओं में समानताएँ

तत्व परमाणु संख्या इलेक्ट्रॉनों का वितरण
K L M N
लीथियम (Li) 3 2, 1
सोडियम (Na) 11 2, 8, 1
पोटैशियम (K) 19 2, 8, 8, 1

इन सभी तत्वों के परमाणु के बाह्यतम कक्ष में 1 इलेक्ट्रॉन है, इसीलिए इनकी संयोजकता भी 1 है।

हीलियम, निऑन, आर्गन की इलेक्ट्रॉनिक संरचनाओं में समानताएँ

तत्व परमाणु संख्या इलेक्ट्रॉनों का वितरण
K L M N
हीलियम (He) 2 2
निऑन (Ne) 10 2, 8
आर्गन (Ar) 18 2, 8, 8

इन सभी तत्वों के परमाणु के बाह्यतम कक्ष पूर्ण हैं, इसीलिए इनकी संयोजकता शून्य है अर्थात् ये तत्व निष्क्रिय हैं।
बेरीलियम, मैग्नीशियम, कैल्सियम की इलेक्ट्रॉनिक संरचनाओं में समानताएँ

तत्व परमाणु संख्या इलेक्ट्रॉनों का वितरण
K L M N
बेरीलियम (Be) 4 2, 2
मैग्नीशियम (Mg) 12 2, 8, 2
कैल्सियम (Ca) 20 2, 8, 8, 2

इन सभी तत्वों के बाह्यतम कक्ष में 2 इलेक्ट्रॉन हैं, इसीलिए
इनकी संयोजकता 2 है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित परमाणुओं के विभिन्न कोशों में इलेक्ट्रॉनों के वितरण का वर्णन कीजिए-
लीथियम, नाइट्रोजन, निऑन, मैग्नीशियम और सिलिकॉन।

तत्व परमाणु संख्या इलेक्ट्रॉनों का वितरण
K L M N
लीथियम (Li) 3 2, 1 – –
नाइट्रोजन (N) 7 2, 5, – –
निऑन (Ne) 10 2, 8, – –
मैग्नीशियम (Mg) 12 2, 8, 2 –
सिलिकॉन (Si) 14 2, 8, 4 –

प्रश्न 6.
समस्थानिकों की परिभाषा दीजिए। समस्थानिकों के मुख्य अभिलक्षण क्या-क्या हैं?
उत्तर:
तत्व के ऐसे परमाणुओं को, जिनके नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या तो समान हो, परन्तु न्यूट्रॉनों की संख्या भिन्न-भिन्न हो, समस्थानिक (Isotopes) कहते हैं। अतः किसी तत्व के वे परमाणु, जिनके परमाणु द्रव्यमान भिन्न-भिन्न होते हैं, समस्थानिक कहलाते हैं। उदाहरण के लिए- हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक हैं- प्रोटियम (1H1), ड्यूटी – रियम (1H2 या 1D2) तथा या ट्राइटियम (1H3) या 1T3)। क्लोरीन के दो समस्थानिक हैं- 17Cl35, 17Cl37.

समस्थानिकों के मुख्य अभिलक्षण – समस्थानिकों के मुख्य अभिलक्षण निम्नलिखित हैं-

  • समस्थानिकों के परमाणु क्रमांक समान तथा द्रव्यमान संख्याएँ भिन्न होती हैं।
  • समस्थानिकों में इलेक्ट्रॉनों तथा प्रोटॉनों की संख्याएँ समान तथा न्यूट्रॉनों की संख्याएँ भिन्न होती हैं।
  • समस्थानिकों के भौतिक गुण जैसे- घनत्व, क्वथनांक आदि भिन्न होते हैं।
  • चूँकि एक तत्व के सभी समस्थानिकों की द्रव्यमान संख्याएँ भिन्न-भिन्न होती हैं, इसलिए इनके भौतिक गुण भी भिन्न-भिन्न होते हैं।
  • चूँकि तत्व के सभी समस्थानिकों का परमाणु क्रमांक समान होता है, इसलिए एक तत्व के सभी समस्थानिकों को आवर्त सारणी में एक ही स्थान पर रखा जाता है।
  • किसी एक तत्व के समस्थानिकों में से कुछ रेडियोऐक्टिव हो सकते हैं और कुछ नहीं। इसका मुख्य कारण नाभिकीय संरचना का भिन्न-भिन्न होना है। जैसे- हाइड्रोजन के तीन समस्थानिकों 1H1, 1H2 तथा 1H3 में से केवल ट्राइटियम (1H3) ही रेडियोऐक्टिव है। प्रोटियम (1H1) तथा ड्यूटीरियम (1H2) रेडियोऐक्टिव नहीं हैं।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 7.
समस्थानिकों के मुख्य अनुप्रयोग क्या हैं?
उत्तर:
समस्थानिकों के प्रमुख अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं-

  • किसी तत्व में समस्थानिकों की आपेक्षिक सान्द्रता (Relative concentration) स्थिर होती है। पुरातत्ववेत्ता किसी पदार्थ के समस्थानिकों के आपेक्षिक बाहुल्य (Relative abundance) के निर्धारण द्वारा प्राचीन समय के पौधों अथवा उत्खनन (Excavation) से प्राप्त जानवरों और मानवों के कंकालों के काल निर्धारण करते हैं।
  • यूरेनियम के समस्थानिकों का प्रयोग परमाणु विखण्डन में किया जाता है जिससे अपार मात्रा में ऊर्जा प्राप्त की जाती है।
  • समस्थानिकों का उपयोग विद्युत उत्पादन में किया जाता है।
  • समस्थानिकों से विभिन्न प्रकार के विस्फोटक तैयार किए जाते हैं।
  • समस्थानिकों से चट्टानों की आयु का पता लगाया जा सकता है।
  • कैंसर जैसी घातक बीमारी के चिकित्सीय इलाज में मुख्य रूप से रेडियोऐक्टिव समस्थानिकों का प्रयोग किया जाता है। इसमें मुख्यत: कोबाल्ट समस्थानिक (Co-60) का उपयोग किया जाता है। यह समस्थानिक गामा किरणें उत्सर्जित करता है, जो कैंसर से पीड़ित रोगी की दुर्दम कोशिकाओं को नष्ट कर रोगी को स्वस्थ बनाने में सहायता करती हैं।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक तत्व का परमाणु द्रव्यमान 24 है तथा इसके नाभिक में 12 न्यूट्रॉन हैं। तत्व के परमाणु क्रमांक की गणना कीजिए।
हल:
तत्व का परमाणु क्रमांक = प्रोटॉनों की संख्या
= परमाणु द्रव्यमान न्यूट्रॉनों की संख्या
= 24 – 12
= 12

प्रश्न 2.
सोडियम का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 1 है। सोडियम-23 के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल:
सोडियम का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 1
∴ सोडियम का परमाणु क्रमांक = 2 + 8 + 1 = 11
∴ सोडियम का परमाणु द्रव्यमान = 23
∴ नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या = परमाणु क्रमांक = 11
∴ नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या = परमाणु भार – प्रोटॉनों की संख्या
= 23 – 11 = 12

प्रश्न 3.
किसी तत्व का परमाणु क्रमांक 18 है। इस तत्व की बाह्य कक्षा में कितने प्रोटॉन तथा इलेक्ट्रॉन होंगे?
हल:
तत्व का परमाणु क्रमांक 18
∴ प्रोटॉनों की संख्या 18
∴ इलेक्ट्रॉनों की संख्या प्रोटॉनों की संख्या = 18
बाह्यतम कक्ष में प्रोटॉन शून्य होंगे; क्योंकि समस्त प्रोटॉन नाभिक में रहते हैं।
∴ तत्व का इलेक्ट्रानिक विन्यास 2, 8, 8
अतः तत्व के परमाणु के बाह्य कक्ष में इलेक्ट्रॉनों की संख्या-18

प्रश्न 4.
क्लोरीन का परमाणु क्रमांक 17 तथा द्रव्यमान संख्या 35 है। क्लोरीन के एक परमाणु में प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल:
प्रोटॉनों की संख्या = परमाणु क्रमांक 17
न्यूट्रॉनों की संख्या = द्रव्यमान संख्या – प्रोटॉनों की संख्या
= 35 – 17 = 18

प्रश्न 5.
सोडियम के परमाणु के अन्दर पाए जाने वाले न्यूट्रॉनों तथा इलेक्ट्रॉनों की संख्या लिखिए।
हल:
सोडियम का परमाणु क्रमांक 11 तथा द्रव्यमान संख्या 23 है।
अत: सोडियम में इलेक्ट्रॉनों की संख्या परमाणु क्रमांक = 11
सोयम में न्यूट्रॉनों की संख्या = द्रव्यमान संख्या – प्रोटॉनों की संख्या
= 23 – 11 = 12

प्रश्न 6.
समान परमाणु द्रव्यमान के दो तत्वों A तथा B के परमाणु क्रमांक क्रमशः 19 तथा 20 हैं। यदि तत्व A के नाभिक में 21 न्यूट्रॉन हैं तो तत्व B के नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या क्या होगी?
हल:
तत्व A का परमाणु भार = A के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या + A के नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या
= 19 + 21 = 40
चूँकि तत्व A और B का परमाणु द्रव्यमान बराबर है; अतः B का परमाणु द्रव्यमान भी 40 होगा।
तत्व B का परमाणु द्रव्यमान = तत्व B के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या + तत्व B के नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या 40 = 20 + न्यूट्रॉनों की संख्या
न्यूट्रॉनों की संख्या = 40 – 20 = 20
अतः तत्व B के नाभिक में 20 न्यूट्रॉन होंगे।

प्रश्न 7.
एक परमाणु द्रव्यमान के नाभिक में 10 प्रोटॉन तथा 10 न्यूटॉन हैं। इस परमाणु में कुल कितने इलेक्ट्रॉन हैं?
हल:
परमाणु में कुल इलेक्ट्रॉन = प्रोटॉनों की संख्या = 10

प्रश्न 8.
एक तत्व का परमाणु क्रमांक 19 तथा द्रव्यमान संख्या 39 है। इसके नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल:
तत्व का परमाणु क्रमांक = प्रोटॉनों की संख्या
= 19, तत्व की द्रव्यमान संख्या
= 39
न्यूट्रॉनों की संख्या = द्रव्यमान संख्या – प्रोटॉनों की संख्या
= 39 – 19
= 20

प्रश्न 9.
एक तत्व का परमाणु द्रव्यमान 27 है। इस तत्व के नाभिक में 14 न्यूट्रॉन हैं। तत्व की संयोजकता क्या है?
हल:
तत्व का परमाणु क्रमांक = प्रोटॉनों की संख्या
= परमाणु भार – न्यूट्रॉनों की संख्या
= 27 – 14 = 13
तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 1
चूँकि किसी परमाणु के संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या द्वारा उस तत्व की संयोजकता निर्धारित होती है; अतः इस तत्व की संयोजकता 3 होगी।

प्रश्न 10.
एक तत्व X के परमाणु में जिसकी परमाणु -संख्या 17 है, कितने संयोजी इलेक्ट्रॉन हैं? इस परमाणु के संयोजी कोश का नाम लिखिए
हल:
तत्व X की परमाणु संख्या – 17
X का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 7
17X में संयोजी इलेक्ट्रॉन = 7
इस परमाणु के संयोजी कोश का नाम M है।