Jharkhand Board JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं Important Questions and Answers.
JAC Board Class 9 Science Important Questions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. रोग कहते हैं-
(a) स्वास्थ्य की कमी
(b) स्वास्थ्य का अभाव
(c) दु ₹खी रहना
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।
2. रोगों का लक्षण है-
(a) दस्त लगना
(b) उल्टी होना
(c) बुखार आना
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।
3. निम्न में दीर्घकालिक रोग है-
(a) फ्लू
(b) सिर दर्द
(c) क्षयरोग
(d) बुखार।
उत्तर:
(b) सिर दर्द।
4. रोग के कारक हैं-
(a) वाइरस
(b) बैक्टीरिया
(c) प्रोटोजोआ
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।
5. संक्रामक रोग फैलते हैं-
(a) प्रदूषित जल
(b) प्रदूषित वायु
(c) रोगवाहक द्वारा
(d) उपर्युक्त सभी से।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी
6. टीकाकरण द्वारा निवारण
(a) संक्रामक रोगों का
(b) असंक्रामक रोगों का
(c) यौन रोगों का
(d) इन्फ्लुएंजा का।
उत्तर:
(a) संक्रामक रोगों का।
7. अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है-
(a) पौष्टिक भोजन
(b) स्वच्छ वातावरण
(c) नियमित व्यायाम करना
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।
8. एड्स का संचरण होता है-
(a) रोगी व्यक्ति का रक्त दूसरे व्यक्ति को देने से
(b) संक्रमित सुई द्वारा इंजेक्शन लगाने से
(c) यौन सम्पर्क द्वारा
(d) उपर्युक्त सभी से।
उत्तर:
(c) यौन सम्पर्क द्वारा।
9. एड्स का कारक है-
(a) प्रोटोजोआ जन्तु
(b) बैक्टीरिया
(c) वाइरस
(d) H.I.V. वाइरस।
उत्तर:
(d) H.I.V. वाइरस।
10. बैक्टीरिया का संक्रमण होने पर किसका उपयोग लाभदायक होगा?
(a) एण्टीबायोटिक
(c) एण्टीवाइरल
(b) एण्टीसैप्टिक
(d) उपर्युक्त सभी का।
उत्तर:
(a) एण्टीबायोटिक।
11. मच्छर के काटने से होने वाला रोग है-
(a) मलेरिया
(b) डेंगूज्वर
(c) ‘अ’ तथा ‘ब’ दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) ‘अ’ तथा ‘ब’
12. पीलिया रोग किस अंग को प्रभावित करता है-
(a) आमाशय को
(b) बी.सी.जी. का
(c) फेंफड़ों को
(d) एण्टी वाइरल का
उत्तर:
(b) यकृत को।
13. कुत्ते के काटने पर कौन-सा
(a) टेटनस का
(b) बी. सी. जी. का
(c) एंटीरेबीज का
(d) एण्टी वाइरल का
उत्तर:
(b) बी. सी. जी. का
14. रक्ताल्पता का कारण है-
(a) शरीर में आयरन की कमी
(b) आयोडीन की कमी
(c) विटामिनों की कमी
(d) प्रोटीन की कमी।
उत्तर:
(a) शरीर में आयरन की कमी।
रिक्त स्थान भरो-
- WHO का विस्तार रूप ……………….. है।
- AIDS एक ……………….. (संक्रामक / असंक्रामक) रोग है।
- सर्दी-जुकाम एक ………………… (तीव्र / दीर्घकालिक) रोग है।
- वेक्सीन की खोज सबसे पहले ……………….. ने की थी।
उत्तर:
- World Health Organization
- संक्रामक
- तीव्र
- एडवर्ड जेनर।
सुमेलन कीजिए-
कौलम ‘क’ |
कॉलम ‘ख’ |
1. वायु |
(क) मलेरिया |
2. जल |
(ख) AIDS |
3. रोग वाहक |
(ग) क्षय रोग |
4. लैंगिक संपर्क |
(घ) हैजा |
उत्तर:
1. (ग) क्षय रोग
2. (घ) हैजा
3. (क) मलेरिया
4. (ख) AIDS
सत्य / असत्य
- तीव्र रोग लम्बे समय तक चलते हैं।
- रोगाणु को मारने के लिए एंटीबायोटिक दिया जाता है।
- 17 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाते हैं।
- व्यक्तिगत तथा सामुदायिक समस्याएँ दोनों, स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं।
उत्तर:
- असत्य
- सत्य
- असत्य
- सत्य।
अति लघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
स्वास्थ्य क्या है?
उत्तर:
स्वास्थ्य शरीर की वह अवस्था है जिसके अन्तर्गत शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक कार्य करने की समुचित क्षमता हो व कोई भी कार्य उचित प्रकार से किया जा सके।
प्रश्न 2.
अच्छे स्वास्थ्य के लिए किन-किन बातों की जरूरत है?
उत्तर:
अच्छे स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक व सन्तुलित भोजन, नियमित व्यायाम, सामुदायिक स्वच्छता आदि की जरूरत है।
प्रश्न 3.
‘बाधित आराम’ और ‘असुविधा’ क्या है?
उत्तर:
बाधित आराम तथा असुविधा, रोग का दूसरा नाम है।
प्रश्न 4.
शरीर की क्रियाओं में बदलाव क्या प्रदर्शित करते हैं?
उत्तर:
शरीर की क्रियाओं में बदलाव रोग के लक्षण प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 5.
कोई चार लक्षण बताइए जिनसे रोग का पता लगता है।
उत्तर:
सिर दर्द, खाँसी, दस्त होना, किसी घाव में मवाद पड़ना।
प्रश्न 6.
तीव्र रोग या प्रचंड रोग किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिन रोगों की अवधि कम होती है उन्हें तीव्र रोग या प्रचंड रोग कहते हैं।
प्रश्न 7.
दीर्घकालिक रोग किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
लम्बी अवधि तक या जीवन पर्यन्त रहने वाले रोगों को दीर्घकालिक रोग कहते हैं।
प्रश्न 8.
तीव्र रोग व दीर्घकालिक रोग का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
खाँसी-जुकाम तीव्र रोग तथा क्षयरोग दीर्घकालिक रोग हैं।
प्रश्न 9.
पतले दस्त या अतिसार लगने का क्या कारण है?
उत्तर:
दूषित भोजन और गन्दे पानी का प्रयोग अतिसार लगने का कारण है।
प्रश्न 10.
संक्रामक रोग किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे रोग जिनके तात्कालिक कारक सूक्ष्म जीव (रोगाणु) होते हैं, उन्हें संक्रामक रोग कहते हैं। ये सूक्ष्म जीव जन समुदाय में रोग फैला देते हैं।
प्रश्न 11.
कैंसर रोग का क्या कारण है?
उत्तर:
कैंसर रोग का कारण आनुवंशिक असामान्यता है।
प्रश्न 12.
उच्च रक्त चाप का क्या कारण है?
उत्तर:
वजन अधिक होना तथा व्यायाम न करना उच्च रक्त चाप का कारण है।
प्रश्न 13.
पेप्टिक व्रण का क्या कारण है?
उत्तर:
पेप्टिक व्रण का कारण हेलीकोबैक्टर पायलोरी नामक बैक्टीरिया है।
प्रश्न 14.
उन दो वैज्ञानिकों के नाम लिखो जिन्होंने पेष्टिक व्रण के कारक बैक्टीरिया का पता लगाया था।
उत्तर:
आस्ट्रेलिया के रोग विज्ञानी रॉबिन वारेन तथा बैरी मार्शल।
प्रश्न 15.
पेप्टिक व्रण का उपचार किस दवा से होता है?
उत्तर:
पेप्टिक व्रण का उपचार एंटीबायोटिक से हो जाता है।
प्रश्न 16.
मार्शल तथा वारेन को शरीर क्रिया विज्ञान तथा औषधि के लिए कब नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था?
उत्तर:
मार्शल तथा वारेन को शरीर क्रिया विज्ञान तथा औषधि के लिए सन् 2005 में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।
प्रश्न 17.
रोग उत्पन्न करने वाले जीवों के चार वर्गों का नाम लिखो।
उत्तर:
रोग उत्पन्न करने वाले जीवों के चार वर्ग हैं- वाइरस, कुछ बैक्टीरिया, कुछ फंजाई तथा कुछ प्रोटोजोआ।
प्रश्न 18.
वाइरस से होने वाले चार रोगों के नाम लिखो।
उत्तर:
वाइरस से होने वाले चार रोग सर्दी-जुकाम, फ्लू, डेंगू ज्वर और एड्स।
प्रश्न 19.
बैक्टीरिया द्वारा फैलने वाले चार रोगों के नाम लिखो।
उत्तर:
बैक्टीरिया द्वारा फैलने वाले चार रोग- हैजा, टाइफॉइड, क्षय रोग (टी.बी) तथा ऐन्थ्रेक्स।
प्रश्न 20.
प्रोटोजोआ से होने वाले दो रोगों का नाम लिखो।
उत्तर:
प्रोटोजोआ से होने वाले दो रोग-मलेरिया, कालाजारं।
प्रश्न 21.
स्टेफाइलोकोकाई बैक्टीरिया किसका कारक है?
उत्तर:
स्टेफाइलोकोकाई बैक्टीरिया मुँहासे रोग का कारक है।
प्रश्न 22.
दिनोसोमा किस रोग का कारक है?
उत्तर:
ट्रिप्नोसोमा निद्रा रोग का कारक है।
प्रश्न 23.
लेश्मानिया किस व्याधि का कारक है?
उत्तर:
लेश्मानिया कालाजार व्याधि का कारक है।
प्रश्न 24.
गोलकृमि (एस्केरिस लुंग्रीकाइडिस) कहाँ पाया जाता है?
उत्तर:
गोल कृमि मनुष्य (छोटे बच्चों) की छोटी आँत में पाया जाता है।
प्रश्न 25.
एंटीबायोटिक रोग की अवस्था में क्या करते हैं?
उत्तर:
एंटीबायोटिक बैक्टीरिया के महत्त्वपूर्ण जैव रासायनिक मार्ग को बन्द कर देते हैं।
प्रश्न 26.
पेनिसिलीन एंटीबायोटिक का कार्य बताइए।
उत्तर:
पेनिसिलीन एंटीबायोटिक बैक्टीरिया की कोशिका भित्ति बनाने वाली प्रक्रिया को बाधित कर देती है। अतः बैक्टीरिया कोशिका भित्ति नहीं बना सकते और वे सरलता से मर जाते हैं। पेनिसिलीन का मनुष्य पर कोई प्रभाव नहीं होता है।
प्रश्न 27.
सामान्य खाँसी-जुकाम पर एंटीबायोटिक क्यों प्रभाव नहीं दिखा पाते हैं?
उत्तर:
सामान्य खाँसी-जुकाम वाइरस के प्रभाव से होता है और एंटीबायोटिक वाइरस को प्रभावित नहीं कर पाते हैं।
प्रश्न 28.
संचारी रोग किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
जो रोग सूक्ष्मजीवीय कारक रोगी से अन्य स्वस्थ मनुष्यों में फैलते हैं, उन्हें संचारी रोग कहते हैं।
प्रश्न 29.
वायु द्वारा फैलने वाले रोगों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
खाँसी-जुकाम, निमोनिया तथा क्षय रोग वायु द्वारा फैलते हैं।
प्रश्न 30.
जल से संक्रमण किस प्रकार होता है?
उत्तर:
जब संक्रमणीय रोग से ग्रस्त रोगी के अपशिष्ट पेय जल में मिल जाते हैं और यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति जाने-अनजाने में इस जल को पी लेता है तो रोगाणुओं का संक्रमण उस व्यक्ति में हो होता है।
प्रश्न 31.
लैंगिक सम्पर्क से फैलने वाले दो रोगों के नाम लिखो।
उत्तर:
सिफलिस तथा एड्स लैंगिक सम्पर्क से होने वाले रोग हैं।
प्रश्न 32.
एड्स रोग किन-किन स्थितियों में फैलता है?
उत्तर:
एड्स रोग लैंगिक सम्पर्क द्वारा, रक्त स्थानान्तरण द्वारा संक्रमित सुई से इंजेक्शन लगवाने तथा गर्भावस्था में रोगी माता से अथवा शिशु को स्तनपान कराने से फैलता है।
प्रश्न 33.
मच्छर समतापी प्राणियों का रक्त क्यों पीता है?
उत्तर:
मच्छर अत्यधिक पोषण के लिए समतापी प्राणियों का रक्त पीता है ताकि परिपक्व अण्डे दे सके।
प्रश्न 34.
पीलिया रोग के कारक का नाम बताइए।
उत्तर:
पीलिया रोग का कारक हिपेटाइटिस बैक्टीरिया है।
प्रश्न 35.
टाइफॉयड उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया कहाँ रहते हैं?
उत्तर:
टाइफॉयड उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया मनुष्य की आहार नाल में रहते हैं।
प्रश्न 36.
HIV कहाँ फैलते हैं?
उत्तर:
HIV लसीका ग्रन्थियों में फैलते हैं।
प्रश्न 37.
मलेरिया उत्पन्न करने वाले रोगाणु शरीर में कहाँ से कहाँ जाते हैं?
उत्तर:
मलेरिया के रोगाणु यकृत से लाल रुधिर कोशिकाओं में जाते हैं।
प्रश्न 38.
जापानी बुखार (ऐंसेफेलाइटिस) किस अंग को प्रभावित करता है?
उत्तर:
जापानी बुखार मस्तिष्क को प्रभावित करता है।
प्रश्न 39.
शोध किसे कहते हैं?
उत्तर:
शरीर का प्रतिरक्षा तन्त्र क्रियाशील होकर प्रभावित ऊतक के चारों ओर रोग उत्पन्न करने वाले सूक्ष्म जीवों को मारने के लिए अनेक कोशिकाएँ बना देता है। नई कोशिकाओं के बनने के प्रक्रम को शोथ कहते हैं।
प्रश्न 40.
HIV AIDS से व्यक्ति की मृत्यु प्रायः क्यों हो जाती है?
उत्तर:
HIV AIDS संक्रमण से प्रतिरक्षा तन्त्र के कार्य नष्ट हो जाते हैं। इससे प्रतिदिन होने वाले छोटे-छोटे संक्रमणों का मुकाबला भी व्यक्ति नहीं कर पाता है। अतः ये संक्रमण ही HIV AIDS के रोगी की मृत्यु के कारण बन जाते हैं।
प्रश्न 41.
संक्रामक रोगों के उपचार के दो उपाय बताइए।
उत्तर:
संक्रामक रोगों के उपचार के दो उपाय-
- रोग के प्रभाव को कम करना तथा
- रोग के कारण को मार देना।
प्रश्न 42.
बीमार होने पर हम आराम क्यों करते हैं?
उत्तर:
बीमार होने पर हम आराम इसलिए करते हैं, क्योंकि इससे ऊर्जा का संरक्षण होता है और बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है।
प्रश्न 43.
HIV संक्रमण किन औषधियों से नियन्त्रित हो जाता है?
उत्तर:
HIV संक्रमण एंटीवाइरल औषधियों से नियन्त्रित हो जाता है।
प्रश्न 44.
रोगाणुओं से हमारे शरीर में कौन लड़ता है?
उत्तर:
रोगाणुओं से हमार शरीर में स्थित प्रतिरक्षा तन्त्र लड़ता है।
प्रश्न 45.
गम्भीर संक्रामक रोग किसकी असफलता की ओर संकेत करता है?
उत्तर:
गम्भीर संक्रामक रोग हमारे प्रतिरक्षा तन्त्र की असफलता की ओर संकेत करता है।
प्रश्न 46.
प्रतिरक्षाकरण किस नियम पर आधारित है?
उत्तर:
जब रोगाणु प्रतिरक्षा तन्त्र पर दूसरी बार आक्रमण करता है तो स्मृति के आधार पर प्रतिरक्षा तन्त्र अपनी पूरी शक्ति से उसे नष्ट कर देता है।
प्रश्न 47.
टीकाकरण से हमारे शरीर में क्या प्रविष्ट कराया जाता है?
उत्तर:
टीकाकरण से हमारे शरीर में विशिष्ट संक्रमण रोधी तत्व प्रविष्ट कराया जाता है।
प्रश्न 48.
टीकाकरण का हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
टीकाकरण से प्रविष्ट विशिष्ट संक्रमण रोधी तत्व रोग उत्पन्न नहीं होने देते, लेकिन ये वास्तव में रोग उत्पन्न करने वाले रोगाणुओं को रोग उत्पन्न करने से रोक देते हैं।
प्रश्न 49.
चेचक के टीके की खोज किसने की थी?
उत्तर:
चेचक के टीके की खोज एडवर्ड जेनर ने की थी।
प्रश्न 50.
आजकल रोग निवारण के लिए कौन-कौन से टीके उपलब्ध हैं?
उत्तर:
आजकल रोग निवारण के लिए टेटनस, डिप्थीरिया, कुकर खाँसी, चेचक, पोलियो आदि के टीके उपलब्ध है।
प्रश्न 51.
हिपेटाइटिस के किस प्रकार के लिए टीका उपलब्ध है?
उत्तर:
हिपेटाइटिस ‘A’ के लिए टीका उपलब्ध है।
प्रश्न 52.
पेनिसिलीन प्रतिजैविक की खोज किसने की थी?
उत्तर:
पेनिसिलीन प्रतिजैविक की खोज अलेक्जेण्डर फ्लेमिंग ने की थी।
प्रश्न 53.
संक्रमित कुत्ते के काटने से कौन सा रोग हो जाता है?
उत्तर:
रेबीज वाइरस से संक्रमित कुत्ते के काटने से रेबीज रोग हो जाता है।
लघुत्तरात्मक एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार स्वास्थ्य की परिभाषा लिखो।
उत्तर:
विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) के अनुसार, “स्वास्थ्य केवल शारीरिक रोग या विकलांगता की अनुपस्थिति नहीं है, बल्कि किसी व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक जीवन क्षमता की सामान्य स्थिति है।” स्वस्थ जीवन हेतु अच्छा स्वास्थ्य आवश्यक है। यह केवल रोग से मुक्ति ही नहीं अपितु मानसिक तनाव व चिन्ता से मुक्ति की दशा है।
प्रश्न 2.
अच्छे स्वास्थ्य की चार दशाएँ बताइए।
उत्तर:
अच्छे स्वास्थ्य के लिए निम्न चार दशाएँ आवश्यक हैं-
- सन्तुलित एवं पौष्टिक भोजन लेना।
- स्वच्छ भोजन, जल एवं वायु का होना
- व्यक्तिगत एवं घरेलू स्वच्छता का होना
- अच्छी आदतें, नियमित व्यायाम तथा उचित विश्राम करना।
प्रश्न 3.
सामुदायिक स्वास्थ्य किसे कहते हैं? सामाजिक स्वास्थ्य सेवाओं के अन्तर्गत क्या कार्य आते हैं?
उत्तर:
सामुदायिक स्वास्थ्य – सम्पूर्ण व्यक्तिगत स्वास्थ्य और उसके साथ-साथ समुदाय के स्वास्थ्य हेतु महत्त्वपूर्ण पर्यावरणीय सेवाएँ उपलब्ध करना सामुदायिक स्वास्थ्य कहलाता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं के अन्तर्गत निम्न कार्य सम्मिलित हैं-
1. पर्यावरण की सफाई सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए पर्यावरण की सफाई बहुत आवश्यक है। इसके लिए अपशिष्ट पदार्थों का निपटान जैसे मूत्राशय, शौचालय, सेप्टिक टैंक, सोकपिट, कम्पोस्ट पिट की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रदूषण रोकने की व्यवस्था होनी चाहिए। स्वच्छ जल उपलब्ध कराना, सार्वजनिक स्थानों की सफाई के लिए व्यवस्था बनाना, शुद्ध और कीटाणु रहित भोजन उपलब्ध कराना आदि।
2. उचित चिकित्सा सुविधाएँ- बीमारों की चिकित्सा व उचित देख-रेख के लिए अच्छी चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होनी चाहिए। इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग भी लिया जा सकता है।
3. स्वास्थ्य शिक्षा अच्छे स्वास्थ्य और रोगों को फैलने से रोकने के लिए लोगों को शिक्षित करना, सन्तुलित भोजन, नशाखोरी की बुरी आदत एवं उसके दुष्प्रभावों आदि की जानकारी रेडियो, टेलीविजन, समाचार पत्र, व्यक्तिगत सम्पर्क या छपी हुई सामग्री द्वारा देना अति आवश्यक है।
4. संक्रमण रोगों से बचाव एवं उनकी रोकथाम- सामान्य रोगों से बचाव के टीके लगवाना, जैसे- हैजा, चेचक, काली खाँसी, टिटेनस, पोलियो, टाइफॉइड आदि । मलेरिया उन्मूलन, फाइलेरिया की रोकथाम, कुष्ठ रोग की रोकथाम, क्षयरोग की रोकथाम आदि के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास करने चाहिए।
5. मातृ एवं शिशु कल्याण-शिशु के जन्म होने के पश्चात् उसकी उचित देखभाल, बच्चों को मुख्य रोगों से बचाव के टीके लगवाना, अल्परक्तता या कुपोषण सम्बन्धी रोगों की जानकारी, परीक्षण व बचाव आदि की व्यवस्था होनी चाहिए।
6. परिवार नियोजन परिवार को स्वस्थ और सीमित रखने के लिए परिवार नियोजन की शिक्षा व परिवार नियोजन की चिकित्सकीय व्यवस्था की जानी चाहिए। इससे जहाँ एक ओर जनसंख्या सीमित या नियन्त्रित होगी, वहीं दूसरी और सामुदायिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।
7. पार्कों एवं व्यायामशालाओं का प्रबन्ध-सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए पार्कों की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे लोगों को श्वास के लिए स्वच्छ वायु मिल सके। इसके अलावा मनुष्य को निरोगी, स्वस्थ और बलिष्ठ बनाये रखने के लिए व्यायामशालाओं की व्यवस्था होनी चाहिए।
8. विद्यालय स्वास्थ्य सेवाएँ – इसमें विद्यालय के बच्चों की जाँच, उनको टीके लगवाना, औषधियाँ देना, परामर्श देना, सफाई व स्वच्छता का ध्यान रखना, व्यक्तिगत सफाई की ओर ध्यान देना, स्वास्थ्य शिक्षा देना और मध्याह्नकालीन अल्पाहार की व्यवस्था शामिल है।
9. आँकड़े एकत्रित करना – सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मचारी विभिन्न संक्रामक रोगों, जैसे- हैजा, चेचक, टाइफॉइड, कुष्ठ, मलेरिया, पोलियो आदि के निश्चित आँकड़े एकत्रित करने के लिए प्रशिक्षित किये जाते हैं और उन्हें स्वास्थ्य योजना बनाने वालों को भेजते हैं। इन आँकड़ों के आधार पर सामुदायिक स्वास्थ्य योजनाएँ बनाई जाती हैं।
प्रश्न 4.
अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्यावरण को प्रदूषण रहित बनाये रखना कठिन क्यों हो गया है?
उत्तर:
देश में बढ़ती हुई जनसंख्या के स्वस्थ जीवन के लिए प्रदूषण मुक्त शुद्ध पर्यावरण बनाये रखना बहुत कठिन हो गया है, क्योंकि तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण घनी आबादी वाले क्षेत्रों में निवास अपशिष्ट पदार्थों की मात्रा में अत्यधिक वृद्धि, यातायात के साधनों में वृद्धि, जंगलों की अबाध कटाई आदि हमारे पर्यावरण को प्रदूषित कर स्वास्थ्य के लिए अनुपयुक्त बना देते हैं। इससे पृथ्वी, जल एवं वायु को प्रदूषण मुक्त करने की क्षमता पर दबाव पड़ता है और ये शुद्ध नहीं हो पाते हैं।
प्रश्न 5.
अशुद्ध वातावरण से व्यक्ति का स्वास्थ्य किस प्रकार प्रभावित हो सकता है?
उत्तर:
व्यक्ति का स्वास्थ्य उसके वातावरण द्वारा अत्यधिक प्रभावित होता है। यह बात निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट हो जाती है-
(1) जल, वायु तथा भोजन व्यक्ति के वातावरण के भाग हैं। यदि किसी स्थान पर पीने के लिए स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं है तथा लोग प्रदूषित जल पीने के लिए विवश हैं तो वे हैजा, पीलिया, जोड़ों का दर्द, पोलिया टायफॉइड आदि रोगों से पीड़ित हो जाते हैं अर्थात् अस्वस्थ हो जाते हैं।
(2) प्रदूषित वायु में कार्य करने वाले व्यक्ति श्वसन सम्बन्धी रोगों, जैसे- ब्रॉकाइटिस, सांस फूलना, खाँसी आदि से पीड़ित हो जाते हैं। शोर युक्त वातावरण में काम करने वाले व्यक्ति मानसिक तनाव, उच्च रक्तचाप, अनिद्रा, सिरदर्द आदि से पीड़ित हो जाते है उनकी सुनने की क्षमता भी कम हो जाती है अर्थात् बहरापन के शिकार हो जाते हैं।
(3) यदि वे अशुद्ध, प्रदूषित, विषाक्त, बासी भोजन खाते हैं तो वे अपच, मन्दाग्नि, एसिडिटी, पीलिया, टाइफॉइड, उल्टी-दस्त (अतिसार) आदि से पीड़ित हो जाते हैं।
प्रश्न 6.
यदि आपका घर स्वच्छ है, परन्तु पास-पड़ौस स्वच्छ नहीं है तो क्या आप स्वस्थ रह सकेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
उत्तर:
यदि हमारा घर स्वच्छ है, परन्तु पास पड़ौस स्वच्छ नहीं है तो हम स्वस्थ नहीं रह सकते हैं। हम अपनी व्यक्तिगत तथा अपने घरों की सफाई इसलिए करते हैं, ताकि हम रोग के कारक सूक्ष्म जीवों तथा अन्य संक्रमण के कारणों से बचे रह सकें। परन्तु पास-पड़ोस स्वच्छ न होने से अशुद्ध वायु मक्खी, मच्छर आदि फोटों द्वारा जाने-आने के कारण ये संक्रमणकारी सूक्ष्मजीव हमें भी संक्रमित करके अस्वस्थ कर देंगे और हम बीमार हो जायेंगे।
प्रश्न 7.
संतुलित भोजन अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
अच्छा स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए सन्तुलित भोजन बहुत आवश्यक है। ऐसा भोजन जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन एवं खनिज लवणों की उपयुक्त मात्रा उपस्थित हो, सन्तुलित भोजन (आहार) कहलाता है। सन्तुलित भोजन प्राप्त न होने की स्थिति में मनुष्य अभावजनित रोग से पीड़ित हो जाते हैं। अज्ञानता के कारण लोग उपयुक्त भोजन नहीं ले पाते हैं और वे कुपोषण के कारण अस्वस्थ (बीमार) हो जाते हैं।
प्रश्न 8.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य और सामुदायिक स्वास्थ्य में परस्पर क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
व्यक्तिगत और सामुदायिक स्वास्थ्य में सम्बन्ध – व्यक्तिगत स्वास्थ्य और सामुदायिक स्वास्थ्य दोनों ही अच्छे स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य हैं। दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं। हम व्यक्तिगत रूप से स्वच्छ रहकर अपने घर को स्वच्छ रखकर और सन्तुलित भोजन करके व्यक्तिगत रूप से स्वस्थ रहते हैं। सदैव स्वस्थ बने रहने के लिए यह आवश्यक है कि हमें स्वस्थ पर्यावरण मिले। यदि हम व्यक्तिगत स्वच्छता के कारण स्वस्थ हैं, किन्तु हमारे चारों ओर का वातावरण गन्दा और प्रदूषित है अर्थात् रोग उत्पन्न करने वाले सूक्ष्मजीवों से भरा तो ये सूक्ष्मजीव हमारे स्वास्थ्य को अवश्य ही प्रभावित करेंगे और हम व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने पर भी अस्वस्थ हो जायेंगे। अतः व्यक्तिगत शारीरिक, मानसिक, जैविक और सामाजिक स्थिरता बनाये रखने के लिए सामुदायिक स्वस्थ वातावरण आवश्यक है। इस प्रकार व्यक्तिगत स्वास्थ्य और सामुदायिक स्वास्थ्य का परस्पर घनिष्ठ सम्बन्ध हैं।
प्रश्न 9.
व्यक्तिगत स्तर पर स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर:
व्यक्तिगत स्तर पर हमें अपना स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए प्रतिदिन साफ पानी से स्नान करना चाहिए ताकि शरीर पर लगी धूल व शरीर की दुर्गन्ध दूर हो जाए। त्वचा साफ हो तो शरीर से दुर्गन्ध नहीं आती और चर्म रोग आदि होने की सम्भावना नहीं रहती है। हमारे वस्त्र स्वच्छ होने चाहिए। सूक्ष्मजीवों से भोजन भी संक्रमित हो जाता है।
अतः खाने के बर्तनों तथा खाद्य पदार्थों को मक्खियों तथा कीटों से बचाकर जालीदार अलमारी में अथवा स्वच्छ कपड़े से ढककर रखना चाहिए। मल-मूत्र त्यागने के बाद तथा भोजन करने से पहले अपने हाथों को साबुन और स्वच्छ पानी से अच्छी तरह धो लेने से वे रोगाणु मुक्त हो जाते हैं। ऐसा न करने से सूक्ष्म जीवों की वृद्धि हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करेगी।
प्रश्न 10.
रोग शब्द से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
रोग (Disease)- रोग को अंग्रेजी में डिजीज (Disease) कहते हैं जिसका शाब्दिक अर्थ है – Disease अर्थात् आसानी या सुविधा का न होना। रोग की परिभाषा किसी कारणवश शरीर के अंगों की ठोक से कार्य न करने की स्थिति के रूप में दी जा सकती है। दूसरे शब्दों में, शरीर में किसी प्रकार के विकार (दोष) को रोग कहते हैं।
प्रश्न 11.
संचारी या संक्रामक रोग तथा असंचारी या असंक्रामक रोग क्या हैं? उदाहरण देकर स्पष्ट करो।
उत्तर:
संचारी (संचरणीय) या संक्रामक रोग-ये ऐसे रोग होते हैं जो रोगी व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में जल, वायु, भोजन, कीट या शारीरिक सम्पर्क द्वारा फैलते हैं। संक्रामक रोग बैक्टीरिया, वाइरस, प्रोटोजोआ या फंजाई वर्ग के सूक्ष्म जीवों के संक्रमण के कारण हो जाते हैं। इन सूक्ष्म जीवों को रोगाणु भी कहते हैं ये रोगाणु प्रदूषित जल, वायु, भोजन, कीट या शारीरिक सम्पर्क द्वारा रोगी व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति मैं पहुँचते हैं।
हैजा, क्लेरिया, डेंगू ज्वर, फ्लू, क्षय रोग, टाइफॉयड, रेबीज, एड्स, अतिसार, कर्णफेर, चेचक आदि संचरणीय या संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं।
असंचारी (असंचरणीय) या असंक्रामक रोग-ये ऐसे रोग हैं जो स्वस्थ व्यक्ति में नहीं फैलते हैं। कुछ रोग शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण हो जाते हैं, इन्हें असंक्रामक या हीनताजन्य रोग कहते हैं घेघा एनीमिया, रतौंधी, क्वाशियोरकोर, मेरेस्मस आदि असंक्रामक रोगों के उदाहरण “हैं। कुछ असंचरणीय रोग शरीर के अंगों की असामान्य क्रिया के कारण हो जाते हैं, जैसे मधुमेह (डायबिटीज), गठिया, कैंसर, हृदय रोग आदि।
प्रश्न 12.
संचरणीय तथा असंचरणीय रोगों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संचरणीय तथा असंचरणीय रोग में अन्तर
संचरणीय रोग |
असंचरणीय रोग |
1. ये रोग शरीर में रोगाणुओं के प्रवेश कर जाने के कारण होते हैं। |
1. ये रोग शरीर में पोषक तत्वों की कमी या उपापचयी क्रियाओं में त्रुटि या परजीवी जीवों के कारण होते हैं। |
2. इन रोगों का संचरण वायु, जल, भोजन, कीट या शारीरिक सम्पर्क द्वारा रोगी व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में हो सकता है। उदाहरणार्थ – है जा, मलेरिया, फ्लू, क्षय रोग, रेबीज, चेचक, एड्स आदि। |
2. ये रोग, रोगी व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में नहीं फैलते। उदाहरणार्थ – छों घा, एनीमिया (अरक्तता), रतौंधी, डायबिटीज आदि। |
प्रश्न 13.
निम्नलिखित रोगों के कारक जीवों के नाम लिखिए – हैजा, मलेरिया, क्षयरोग, टाइफॉयड, रेबीज, फ्लू (इन्फ्लूएंजा)।
उत्तर:
रोग का नाम |
कारक जीव का नाम |
1. हैजा |
विब्रियो कॉलेरी |
2. मलेरिया |
प्लाज्मोडियम वाइवैक्स |
3. क्षयरोग |
माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस |
4. टाइफॉयड |
साल्मोनेला टाइफी |
5. रेबीज |
रेबीज वाइरस |
6. फ्लू (इन्फ्लुएंजा) |
मिक्सोवाइरस इन्फ्लूएन्जाई। |
प्रश्न 14.
निम्नलिखित सूक्ष्म जीवों द्वारा उत्पन्न रोगों के नाम लिखो-
(क) बैक्टीरिया
(ख) वाइरस
(ग) प्रोटोजोआ वर्ग।
उत्तर:
सूक्ष्मजीव |
उत्पन्न रोग का नाम |
1. बैक्टीरिया (जीवाणु) |
हैजा, अतिसार, टाइफॉइड, क्षयरोग (टी.बी), टेटनस आदि। |
2. वाइरस |
इन्फ्लूएन्जा, रेबीज, एड्स, पोलियो, चिकन पॉक्स, खसरा आदि। |
3. प्रोटोजोआ वर्ग के जीव |
मलेरिया अमीबीय पेचिश, पायरिया आदि। |
प्रश्न 15.
वाहक (Vector) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
वाहक (Vector) – बीमारी फैलाने वाले सूक्ष्म जीवों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने वाले जीवों को वाहक कहते हैं। घरेलू मक्खी हैजा, पेचिश, टाइफॉयड आदि के रोगाणुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाती है। मादा एनोफिलीज मच्छर मलेरिया रोग की वाहक है। एडीज मच्छर डेंगू ज्वर का वाहक है।
प्रश्न 16.
प्रतिजैविक (एन्टीबायोटिक) किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रतिजैविक (एन्टीबायोटिक)- ये वे पदार्थ हैं। जो सूक्ष्म जीवों से उत्पन्न किए जाते हैं। ये सूक्ष्म जीवों की वृद्धि को रोकते हैं। पेनिसिलीन ऐसा पहला प्रतिजैविक पदार्थ है जो मनुष्य द्वारा उपयोग के लिए तैयार किया गया है। पेनिसिलीन की खोज सर्वप्रथम अलैक्जेन्डर फ्लेमिंग ने की थी।
प्रश्न 17.
एंटीबायोटिक बैक्टीरिया को प्रभावित करते हैं, परन्तु मनुष्य को नहीं, क्यों?
उत्तर:
इसका उत्तर खण्ड 13.3.1 के अन्तर्गत पैराग्राफ 5 देखिए।
प्रश्न 18.
वाइरस पर एंटीबायोटिक का प्रभाव क्यों नहीं दिखाई देता है?
उत्तर:
वाइरस की जैव प्रक्रियाएँ बैक्टीरिया से भिन्न होती हैं। ये मेजबानों की कोशिकाओं में रहते हैं। इनमें ऐसा मार्ग नहीं होता है जैसा कि बैक्टीरिया में होता है। यही कारण है कि कोई भी एंटीबायोटिक वाइरस संक्रमण पर प्रभावकारी नहीं होता है यदि हम खाँसी-जुकाम से ग्रस्त हैं तो एंटीबायोटिक लेने से रोग की तीव्रता अथवा उसकी समयावधि कम नहीं होती है।
प्रश्न 19.
एंटीवाइरल औषधि बनाना एंटीबैक्टीरियल औषधि बनाने से कठिन क्यों है?
उत्तर:
इसका उत्तर खण्ड 13.3.4 के अन्तर्गत पैराग्राफ 4 में देखिये।
प्रश्न 20.
शोध के कारण शरीर पर कुछ स्थानीय सामान्य प्रभाव क्यों पड़ते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संक्रामक रोगों के ऊतक विशिष्ट प्रभाव के अतिरिक्त उनके अन्य सामान्य प्रभाव भी होते हैं। (शेष भाग के लिए खण्ड 13.3.3 के अन्तर्गत पैराग्राफ 5 देखिये।)
प्रश्न 21.
HIV AIDS रोगी की मृत्यु का कारण क्यों बन जाता है?
उत्तर:
इसका उत्तर खण्ड 13.3.3 के अन्तर्गत पैराग्राफ 6 देखिये।
प्रश्न 22.
किसी रोग की तीव्रता किस बात पर निर्भर करती है?
उत्तर:
इसका उत्तर खण्ड 13.3.3 के अन्तर्गत अन्तिम पैराग्राफ देखिये।
प्रश्न 23.
यदि एक बार किसी को चेचक हो जाये तो दुबारा उसे कभी चेचक नहीं हो सकती, क्यों? कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यदि कोई व्यक्ति एक बार चेचक से ग्रसित हो जाता है तो उसे दुबारा यह रोग कभी नहीं हो सकता क्योंकि जब चेचक के रोगाणु प्रतिक्षा तन्त्र पर पहली बार आक्रमण करते हैं तो प्रतिरक्षा तन्त्र रोगाणुओं के प्रति क्रिया करता है और फिर इसका विशेष रूप से स्मरण कर लेता है। इस प्रकार जब वहीं जीवाणु या उससे मिलता-जुलता रोगाणु सम्पर्क में आता है तो पूरी शक्ति से उसे नष्ट कर देता है। इससे पहले संक्रमण की अपेक्षा दूसरा संक्रमण शीघ्र समाप्त हो जाता है। यह प्रतिरक्षाकरण के नियम का आधार है।
प्रश्न 24.
टीकाकरण से आप क्या समझते हैं?
अथवा
टीकाकरण क्या है?
उत्तर:
टीकाकरण – आजकल रोगों से बचने अथवा उनके उपचार के लिए टीकाकरण की बहुत अधिक सहायता ली जाती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पदार्थ का संरोपण एक स्वस्थ व्यक्ति में किया जाता है जिससे उस व्यक्ति में विशेष बीमारी के प्रति प्रतिरक्षी (एण्टीबॉडी) पैदा हो जायें।
प्रतिरक्षा पॉस्क बीमारी को पहचानने, समाप्त करने तथा उसे पूरी तरह उखाड़ फेंकने में सहायता करते हैं। टीकाकरण की प्रक्रिया में किसी सूक्ष्म जीव की जीवित या मृत कुछ मात्रा व्यक्ति के शरीर में पहुँचायी जाती है, जो बीमारी के विपरीत प्रतिरक्षा करते हुए हानिकारक बाह्य सूक्ष्म-जीवों को नष्ट कर देते हैं। टीके में रोग वाहक सूक्ष्म जीव कम सांद्रित अवस्था में रहते हैं।
प्रश्न 25.
विभिन्न प्रकार के टीकों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
विभिन्न प्रकार के टीकों से विभिन्न प्रकार की बीमारियों के प्रति प्रतिरक्षण में सहायता मिलती है। चेचक, रेबीज, पोलियो, डिव्थीरिया, हिपेटाइटिस, कुकर खाँसी, क्षयरोग, टाइफॉयड आदि बीमारियों से बचने के लिए टीके लगाये जाते हैं। हमारी सरकार ने टीकाकरण का बृहद् कार्यक्रम चला रखा है ताकि बीमारियाँ सदैव के लिए देश से दूर की जा सकें। प्रमुख टीके निम्न हैं-
- चेचक का टीका, चेचक से बचने के लिए लगाया जाता है।
- खसरे का टीका, खसरे से बचने के लिए लगाया जाता है।
- टाइफॉयड का टीका, टाइफायड (मियादी ज्वर) से बचने के लिए लगाया जाता है।
- पोलियो का टीका, बूँदों के रूप में बच्चों को अपंगता से बचने के लिए पिलाया जाता है।
- बी.सी.जी. का टीका, क्षयरोग से बचने के लिए लगाया जाता है।
- डी.पी.टी. का टीका डिप्थीरिया, काली खाँसी तथा टिटेनस को नियन्त्रित करने के लिए लगाया जाता है।