JAC Class 9 Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

Jharkhand Board Class 9 Science जीवों में विविधता Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
जीवों के वर्गीकरण से क्या लाभ है?
उत्तर:
जीवों के वर्गीकरण से लाभ-

  • जीवों के वर्गीकरण की सहायता से विभिन्न प्रकार के जीवों में पाई जाने वाली समानता एवं विभिन्नता का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
  • जीवों का वर्गीकरण करने से हमें जीवों के अध्ययन में सुविधा होती है।
  • जीवों के विकासक्रम का ज्ञान होता है।
  • जीवों के पारस्परिक सम्बन्धों का ज्ञान होता है।

प्रश्न 2.
वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण के लिए दो लक्षणों में से आप किस लक्षण का चयन करेंगे?
उत्तर:
कोशिकीय संरचना, शारीरिक संगठन, पोषण के स्रोत एवं विधियों के आधार पर वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारित किया जाता है। वर्गीकरण के विभिन्न पदानुक्रम
निम्नवत् हैं-
जगत् संघ → वर्ग → गण → कुल → वंश → जाति।

प्रश्न 3.
जीवों के पाँच जगत में वर्गीकरण के आधार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
आर. एच. ह्रिटेकर (1959) ने समस्त जीवों को कोशिकीय संरचना, पोषण के स्रोत तथा भोजन ग्रहण करने की विधि और शारीरिक संगठन के आधार पर निम्नलिखित 5 जगत में बाँटा था-

  • मोनेरा
  • प्रोटिस्टा
  • फंजाई
  • प्लान्टी तथा
  • एनीमेलिया।

1. मोनेरा – इसके अन्तर्गत उन एककोशिकीय प्रोकेरियोटी जीवों को रखा गया है जिनमें कुछ में कोशिका भित्ति पाई जाती है तथा कुछ में नहीं पोषण के आधार पर ये स्वपोषी या विषमपोषी दोनों हो सकते हैं। जैसे- नील हरित शैवाल, बैक्टीरिया, माइकोप्लाज्मा आदि ।

2. प्रोटिस्टा – इस जगत के अन्तर्गत एककोशिक, यूकेरियोटी जीवों को रखा गया है जिनमें गमन के लिए सीलिया, फ्लैजेला नामक संरचनाएँ पाई जाती हैं। ये स्वपोषी और विषमपोषी दोनों तरह के होते हैं जैसे- एककोशिक शैवाल, डाइएटम, प्रोटोजोआ आदि।

3. फंजाई – इसके अन्तर्गत विषमपोषी यूकेरियोटी जीवों को रखा गया है। इन्हें मृतजीवी कहते हैं, क्योंकि ये अपने पोषण के लिए सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों पर निर्भर रहते हैं। जैसे यीस्ट, मशरूम, पेनीसीलियम आदि ।

4. प्लांटी – इसके अन्तर्गत कोशिका भित्ति वाले बहुकोशिक यूकेरियोटी जीवों को रखा गया है। ये स्वपोषी होते हैं और प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। इस वर्ग में सभी पौधों को रखा गया है। इसके अन्तर्गत थैलोफाइटा, ब्रायोफाइटा, टेरिडोफाइटा, जिम्नोस्पर्म एवं एन्जियोस्पर्म आदि पादपं आते हैं।

5. एनीमेलिया – इसके अन्तर्गत ऐसे सभी बहुकोशिक यूकेरियोटी जीवों को रखा गया है, जिनमें कोशिका भित्ति नहीं पाई जाती है। इस वर्ग के जीव विषमपोषी होते हैं। इसके अन्तर्गत सभी अकशेरुकी तथा कशेरुकी जन्तु आते हैं।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 4.
पादप जगत के प्रमुख वर्ग कौन हैं? इस वर्गीकरण का क्या आधार है?
उत्तर:
पादप जगत के प्रमुख वर्ग हैं-

  • थैलोफाइटा
  • ब्रायोफाइटा
  • टेरिडोफाइटा
  • जिम्नोस्पर्म तथा
  • एन्जियोस्पर्म।

पादप जगत के वर्गीकरण के आधार-

  • पादप शरीर के प्रमुख घटक पूर्ण रूप से विकसित एवं विभेदित हैं।
  • पादप शरीर में जल, खनिज तथा कार्बनिक भोज्य पदार्थों का संवहन करने के लिए विशिष्ट ऊतकों (जाइलम एवं फ्लोएम) की उपस्थिति है या नहीं।
  • पौधों में बीजधारण की क्षमता है या नहीं।
  • पौधा नग्नबीजी है या आवृतबीजी है।

प्रश्न 5.
जन्तुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अन्तर क्या है?
उत्तर:
जन्तुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अन्तर शारीरिक संगठा का है। पौधों में कोशिका भित्ति पाई जाती है। इनमें प्रकाशसंश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाने की क्षमता होती है, अन्तः ये स्वपोषी होते हैं। जन्तुओं में कोशिका भित्ति नहीं होती है इनकी शारीरिक संरचना एवं संगठन जटिल होता है। ये अपना भोजन स्वयं बनाने में सक्षम नहीं होते हैं, अतः ये अपने भोजन के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पौधों पर निर्भर रहते हैं। इसलिए ये परपोषी अथवा विषमपोषी होते हैं।

प्रश्न 6.
वर्टीब्रेटा (कशेरुक प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बाँटने के आधार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सभी वर्टीब्रेटा जन्तुओं में वास्तविक मेरुदण्ड एवं अन्तः कंकाल पाया जाता है। इसलिए जन्तुओं में पेशियों का वितरण होता है। इनमें ऊतकों एवं अंगों का जटिल विभेदन पाया जाता है। सभी जन्तुओं में नोटोकॉर्ड, मेरुरज्जु, त्रिकोरिक शरीर, युग्मित क्लोम थैली एवं देहगुहा पाई जाती है। पेशियाँ तथा अस्थियाँ प्रचलन में सहायक होती हैं। इन जन्तुओं में नेत्र, कर्ण एवं प्राणेन्द्रियाँ आदि संवेदांग पाये जाते हैं।

वर्टीब्रेटा को उपर्युक्त लक्षणों के आधार पर अग्रलिखित छह: वर्गों में विभाजित किया जाता है-

  • सायक्लोस्टोमेटा
  • मत्स्य
  • जल स्थलचर
  • सरीसृप
  • पक्षी तथा
  • स्तनपायी।

1. सायक्लोस्टोमेटा- ये बिना जबड़े के कशेरुकी हैं। इनका लंबे ईल के आकार का शरीर होता है। इनकी त्वचा शल्क रहित और चिकनी होती है। ये बाह्य परजीवी होते हैं और दूसरे कशेरुकी से संबद्ध होते हैं उदाहरण हैग फिश, पेट्रोमाइजॉन।

2. मत्स्य- ये जलीय जन्तु हैं। इनमें त्वचा पर स्केल पाये जाते हैं। श्वसन क्लोम द्वारा होता है। ये असमतापी प्राणी हैं। कंकाल अस्थियों या उपास्थियों का होता है। ये अण्डे देते हैं। उदाहरण- रोहू, शार्क, लेबियो, हिप्पोकैम्पस आदि।

3. जल स्थलचर-ये जल और स्थल दोनों जगह रहते। ये शल्कहीन, असमतापी व अण्ड प्रजक होते हैं। श्वसन क्लोम, त्वचा तथा फेफड़ों द्वारा होता है। उदाहरण – मेंढक, टोड, सेलामेंडर आदि।

4. सरीसृप – इनका शरीर शल्कों से ढका हुआ, श्वसन फेफड़ों द्वारा, हृदय त्रिकक्षीय, असमतापी व अण्डज प्राणी हैं। ये भूमि पर पेट के बल रेंग कर चलते हैं। उदाहरण- कछुआ, साँप, छिपकली, मगरमच्छ आदि।

5. पक्षी – ये वायु में उड़ते हैं। इनके अग्रपाद पंखों में रूपान्तरित होते हैं। मुख के आगे चोंच होती है। शरीर कोमल परों से ढका होता है। हृदय चार वेश्मी होता है। ये अण्डे देते हैं। उदाहरण- कबूतर, तोता, सारस, कौवा, गौरैया, बतख, मोटर आदि।

6. स्तनपायी – ये समतापी होते हैं। त्वचा पर बाल, स्वेद व तैल ग्रन्थियाँ पाई जाती हैं। हृदय चार कक्षीय, श्वसन फेफड़ों द्वारा, बाह्य कर्ण व स्तन ग्रन्थियाँ पाई जाती हैं। ये बच्चों को जन्म देते हैं। उदाहरण- मनुष्य, बन्दर, गाय, भैंस, शेर, बिल्ली, कुत्ता, कंगारू आदि।

Jharkhand Board Class 9 Science जीवों में विविधता InText Questions and Answers

क्रियाकलाप 7.1. (पा. पु. पृ. सं. 90)
देसी ओर जर्सी गाय की तुलना करें।

प्रश्न 1.
क्या एक देसी गाय, जर्सी गाय के जैसी ही दिखती है?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 2.
क्या सभी देसी गायें एक जैसी दिखती हैं?
उत्तर:
नहीं।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 3.
क्या हम देसी गायों के झुंड में जर्सी गाय को पहचान सकेंगे?
उत्तर:
हाँ।

प्रश्न 4.
पहचानने का हमारा आधार क्या होगा?
उत्तर:
देसी गाय के बड़े सींग तथा कूबड़ होता है। जर्सी गाय में ये नहीं होते।
पृथ्वी पर रहने वाले कुछ जीव तो बहुत छोटे हैं तथा कुछ बहुत बड़े होते हैं। उदाहरण के लिए, बैक्टीरिया को देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी का उपयोग करना पड़ता है जबकि 100 m लंबे रेडवुड पेड़ भी होते हैं। चीड़ के वृक्ष हजारों वर्ष तक जीवित रहते हैं जबकि कुछ कीट जैसे मच्छरों का जीवन कुछ दिनों का ही होता है। सभी जीवों के रंग रूप भी अलग-अलग होते हैं।

खंड 7 से संबंधित पाठ्यपुस्तक के प्रश्न (पा. पु. पु. सं. 91)

प्रश्न 1.
हम जीवधारियों का वर्गीकरण क्यों करते हैं?
उत्तर:
संसार में विभिन्न प्रकार के पौधे एवं जन्तु पाये जाते हैं। इनमें से कुछ जीवों की संरचना सरल एवं कुछ की जटिल होती है। उनका सरलतापूर्वक अध्ययन करने के लिए वर्गीकरण किया जाता है, जो उनकी समानताओं एवं असमानताओं पर आधारित होता है।

प्रश्न 2.
अपने चारों ओर फैले जीव रूपों की विभिन्नता के तीन उदाहरण दें।
उत्तर:

  • आकार के आधार पर भिन्नता, जैसे जीवाणु (बैक्टीरिया) का आकार कुछ माइक्रोमीटर होता है, जबकि 30 मीटर लम्बे नीले ह्रेल या केलीफोर्निया में मिलने वाले 100 मीटर लम्बे रेडबुड (सिकोया) के पेड़ भी पाये जाते हैं।
  • आयु के आधार पर भिन्नता, जैसे मच्छर का जीवन काल कुछ दिन का होता है जबकि कछुआ 300 वर्ष तक जीवित रहता है।

खण्ड 7.2 से सम्बन्धित पाठय-पुस्तक के प्रश्न

प्रश्न 1.
आदिम जीव किन्हें कहते हैं? ये तथाकधित उन्नत जीवों से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
जिन जीवों की शारीरिक संरचना में प्राचीन काल से लेकर आज तक कोई खास (महत्वपूर्ण) परिवर्तन नहीं हुआ है उनको आदिम जीव कहते हैं। किन्तु ऐरो जीव जिनकी शारीरिक संरचना में विकास के दौरान पर्याप्त प।रंवर्तन हुआ है, उनको उन्नत जीव कहते हैं।

प्रश्न 2.
क्या उन्नत जीव और जटिल जीव एक होते हैं?
उत्तर:
नहीं, उन्नत जीव और जटिल भिन्न होते हैं।

खण्ड 7.3 से सम्बन्धित पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न (पा. पु. पृ. सं. 96)

प्रश्न 1.
मोनेरा अथवा प्रोटिस्टा जैसे जीवों के वर्गीकरण के मापदण्ड क्या हैं?
उत्तर:
मोनेरा के मापदण्ड-

  • इस वर्ग के कुछ जीवों में कोशिका भित्ति पाई जाती है और कुछ में नहीं।
  • इन जीवों में न तो संगठित केन्द्रक और कोशिकांग होते हैं और न ही उनका शरीर बहुकोशिक होता है।
  • ये स्वपोषी तथा विषमपोषी दोनों होते हैं।

प्रोटिस्टा के मापदण्ड-

  • इस वर्ग के जीवों के शरीर में गमन के लिए सीलिया, फ्लैजेला नामक संरचनाएँ होती हैं।
  • इस वर्ग के जीव एककोशिक होते हैं।
  • ये स्वपोषी और विषमपोषी दोनों तरह के होते हैं।

प्रश्न 2.
प्रकाश संश्लेषण करने त्राले एककोशिक यूकेरियोटी जीव को आप किस जगत् में रखेंगे?
उत्तर:
प्रकाश संश्लेषण करने वाले एककोशिक यूकेरियोटी जीव को प्रोटिस्टा वर्ग में रखेंगे।

प्रश्न 3.
वर्गीकरण के विभिन्न पदानुक्रमों में किस समूह में सर्वाधिक समान लक्षण वाले सबसे कम जीवों को और किस समूह में सबसे ज्यादा संख्या में जीवों को रखा जायेगा?
उत्तर:
सबसे कम संख्या में समान लक्षण वाले जीवों को जाति (स्पीशीज) में तथा सबसे ज्यादा संख्या में समान लक्षण वाले जीवों को जगत (किंगडम) में रखा जायेगा।

क्रियाकलाप 7.2.
भिगोये हुए चने, गेहूँ, मक्का, मटर और इमली के बीज लिए। ये बीज जल अवशोषित करके नरम हो जाते हैं। इन बीजों को दो बराबर भागों में बाँटते हैं। जिन बीजों में दो दालें दिखाई देती हैं वे द्विबीजपत्री कहलाते हैं। जो बीज नहीं फूटते और दालें नहीं दिखाई देती हैं वे एक बीजपत्री कहलाते हैं। अब इन पौधों की जड़ों पत्तियों और फलों के लक्षणों का निरीक्षण करते हैं।

प्रश्न 1.
एक बीजपत्री पौधों के लक्षण लिखो।
उत्तर:
एक बीजपत्री पौधों के बीजों को भिगोने और उनको फाड़ने पर दो दालें दिखाई नहीं देती हैं।

प्रश्न 2.
चना तथा मटर के बीजों में कितने बीजपत्र होते हैं?
उत्तर:
चना तथा मटर के बीजों में दो-दो बीजपत्र होते हैं।

प्रश्न 3.
एक बीजपत्री पौधों में कैसी जड़ें होती हैं?
उत्तर:
एक बीजपत्री पौधों में रेशेदार जड़ें होती हैं।

प्रश्न 4.
द्विबीजपत्री पौधों की पत्तियों में किस तरह का शिरा विन्यास होता है?
उत्तर:
द्विबीजपत्री पौधों की पत्तियों में जालिकावत् शिरा विन्यास होता है।

खड 7.4 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पा. पु. पू. सं. 99)

प्रश्न 1.
सरलतम पौधों को किस वर्ग में रखा गया है?
उत्तर:
सरलतम पौधों को थैलोफाइटा वर्ग में रखा गया है।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 2.
टैरिडोफाइट और फैनरोगैम में क्या अन्तर है?
उत्तर:

टेरिडोफाइट फैनरोगैम
1. इनमें नग्न भ्रूण पाए जाते हैं, जिन्हें बीजाणु कहते हैं। 1. इनमें जनन ऊतक पूर्ण विकसित एवं विभेदित होते हैं।
2. जननांग अप्रत्यक्ष होते हैं। 2. इनमें पुष्प तथा बीजों का निर्माण होता है।
3. ये पौधे बीज रहित होते हैं। 3. ये बीज युक्त पौधे होते हैं।

प्रश्न 3.
जिम्नोस्पर्म और एन्जियोस्पर्म एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:

जिम्नोस्पर्म एन्जियोस्पर्म
1. इनमें बीज फलों के अन्दर बन्द नहीं होते हैं अर्थात् बीज नग्न होते हैं। 1. इनमें बीज फलों के अन्दर बन्द रहते हैं; अर्थात् ये आवृतबीजी होते हैं।
2. इनमें जनन रचनाएँ शंकु कहलाती हैं।
उदाहरण – साइकस, पाइनस।
2. इनमें जनन रचनाएँ पुष्प कहलाती हैं।
उदाहरण-गेहूँ, चावल, चना, मटर, सेम।

खण्ड 7.5 से सम्बन्धित पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न (पा. पु. पृ. सं. 105)

प्रश्न 1.
पोरीफेरा और सिलेंटरेटा वर्ग के जन्तुओं में क्या अन्तर है?
उत्तर:
अन्तर

पोरीफेरा सिलेंटरेटा
1. ये छिद्रयुक्त व अचल जीव हैं जो किसी आधार से चिपके रहते हैं। 1. ये जलीय जन्तु हैं। इनके शरीर में एक छिद्र होता है।
2. इनमें नालतन्त्र पाया जाता है। 2. इनमें देहगुहा (सीलेन्ट्रोन) पाई जाती है।
3. इनमें ऊतकों का विभेदन नहीं होता है। 3. इनमें शारीरिक संगठन ऊतकीय स्तर का होता है।

प्रश्न 2.
एनीलिडा के जन्तु, आर्थ्रोपोडा के जन्तुओं से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
भिन्नता

एनीलिडा आर्थ्र्रोपोडा
1. इनका शरीर द्विपार्श्वसममित एवं त्रिकोरक होता है। 1. इनमें भी द्विपाशर्वसममित होती है।
2. परिसंचरण तन्त्र खुला होता है। 2. परिसंचरण तन्त्र बन्द प्रकार का होता है।
3. देहगुहा रक्त से भरी होती है। 3. देहगुहा रक्त से भरी नहीं होती है।
4. इनमें जोड़दार टाँगें नहीं होती हैं। 4. इनमें जोड़दार टाँगें होती हैं।

प्रश्न 3.
जल स्थलचर और सरीसृप में क्या अन्तर है?
उत्तर:
अन्तर

जल स्थलचर सरीसृप
1. इनके शरीर पर शल्क नहीं होते हैं। 1. इनके शरीर पर शल्क होते हैं।
2. त्वचा पर श्लेष्म ग्रन्थियाँ होती हैं। 2. श्लेष्म ग्रन्थियाँ नहीं होती हैं।
3. श्वसन क्लोम, त्वचा अथवा फेफड़ों द्वारा होता है। 3. श्वसन केवल फेफड़ों द्वारा होता है।
4. ये अण्डे जल में देते हैं और इनके अण्डे कवच रहित होते हैं। 4. ये अण्डे स्थल पर देते हैं और इनके अण्डे कवचयुक्त होते हैं।

प्रशुन 4.
पक्षी वर्ग और स्तनपायी वर्ग के जन्तुओं में क्या अन्तर है?
उत्तर:
अन्तर

पक्षी स्तनपायी
1. त्वचा परों से ढकी रहती है। 1. त्वचा पर बाल, स्वेद व तेल ग्रन्थियाँ पाई जाती हैं।
2. अगली टाँगें उड़ने के लिए पंखों (Wings) में रूपान्तरित होती हैं। 2. अगली टाँगें प्रचलन तथा हाथ वस्तुओं को पकड़ने के लिए उपयोजित होते हैं।
3. कर्णपल्लव तथा स्तनग्रन्थियाँ नहीं पाई जाती हैं। 3. कर्ण पल्लव तथा स्तनग्रन्थियाँ पाई जाती हैं।
4. ये अण्डे देते हैं। 4. ये प्रायः शिशुओं को जन्म देते हैं।
5. इनके मुख के आगे चोंच होती है। 5. इनमें चोंच नहीं होती है।

क्रियाकलाप 7.3 (पा. पु. पृ. सं. 105)
निम्नलिखित जन्तुओं और पौधों के नाम जितनी भाषाओं में सम्भव हो सके आप बताएँ-
1. चीता 2. मोर 3. चींटी 4. नीम 5. कमल 6. आलू [नोट-अध्यापक की सहायता से छात्र स्वयं करें।] (पा. पु. पृ. सं. 106)

क्रियाकलाप 7.4 (पा. पु. पृ. सं. 106)
किन्हीं पाँच जन्तुओं और पौधों के वैज्ञानिक नाम का पता लगाइए। क्या इनके वैज्ञानिक नामों और सामान्य नामों में कोई समानता है?

क्रियाकलाप 7.3 तथा 7.4 से सम्बन्धित प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
किन्हीं पाँच जन्तुओं के वैज्ञानिक नाम बताओ।
उत्तर:

सामान्य नाम वैज्ञानिक नाम
1. शेर फेलिस लिओ (Falis leo)
2. चीता फेलिस टाइग्रिस (Falis trigris)
3. कुत्ता केनिस फेमिलीएरिस (Canis familiaris)
4. मनुष्य होमो सेपियन्स (Homo sepiance)
5. हाथी एलीफस इण्डिकस (Elephus indicus)

प्रश्न 2.
किन्हीं पाँच पौधों के वैज्ञानिक नाम बताओ।
उत्तर:

सामान्य नाम वैज्ञानिक नाम
1. सरसों ब्रेसिका कमपेस्ट्रिस (Brassica campestris)
2. आलू सोलेनम ट्यूबरोसम (Solanum tuberosum)
3. मटर पाइसम सेटाइवम (Pisum sativum)
4. गेहूँ ट्रिटिकम सेटाइवम (Triticum sativum)
5. तुलसी ओसिमम सेंक्टम (Ocimum sanctum)

प्रश्न 3.
जन्तुओं के वर्गीकरण का चार्ट बनाइए।
उत्तर:
प्राणी
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता 1

Leave a Comment