JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

Jharkhand Board JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन Important Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्राकृतिक संसाधन किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे सभी पदार्थ जो हमें पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से उपलब्ध हैं, प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं जैसे-मृदा कोयला, पेट्रोल, वायु इत्यादि।

प्रश्न 2.
एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन का नाम लिखिए जो पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहा है।
उत्तर:
IUCNR (इण्टरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर एंड नेचुरल रिसोर्सेज)।

प्रश्न 3.
विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर
5 जून को।

प्रश्न 4.
पश्चिम बंगाल के उस वन का नाम लिखिए जो स्थानीय समुदाय के सहयोग से समृद्ध हो गया।
उत्तर:
अराबाड़ी का सालवन।

प्रश्न 5.
खादिन और कुल्ठ किन प्रदेशों में जल संग्रहण के परंपरागत तरीके हैं?
उत्तर:

  • खादिन-राजस्थान
  • कुल्ह-हिमाचल प्रेश।

प्रश्न 6.
कोयला एवं पेट्रोलियम के भंडारों का निर्माण कैसे हुआ है?
उत्तर:
लाखों वर्ष पूर्व जीवों की जैव मात्रा के अपघटन से कोयला एवं पेट्रोलियम बने।

प्रश्न 7.
उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का समान रूप से वितरण क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
हमारे संसाधनों का समान रूप से वितरण आवश्यक है ताकि सभी अमीर और गरीब लोग न कि मात्र मुट्ठीभर अमीर और शक्तिशाली इन संसाधनों के विकास से लाभ प्राप्त कर सकें।

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प्रश्न 8.
विश्नोई लोग किस वृक्ष के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध हैं?
उत्तर:
खेजरी।

प्रश्न 9.
चिपक्रे आन्दोलन कब तथा कहाँ प्रारम्भ हुआ?
उत्तर:
चिपको आन्दोलन 1970 में गढ़वाल जनपद के रेनी ग्राम में प्रारम्भ हुआ।

प्रश्न 10.
अमृता देवी विश्नोई पुरस्कार किसलिये दिया जाता है।
उत्तर:
वन एवं जीव संरक्षण हेतु।

प्रश्न 11.
उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश में जलसंप्रहण की एक पारम्परिक व्यवस्था का नाम बताइए।
उत्तर:
बंघिस।

प्रश्न 12.
MPN (एम.पी.एन) से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
MPN = Most Probable Number (सार्वप्रायिक संख्या)।

प्रश्न 13.
अलवण जलीय पौधों और जंतुओं के जीवन के लिए सबसे अधिक सहायक pH परास क्या है?
उत्तर:
pH परास 6.57.5।

प्रश्न 14.
एक सफल वन संरक्षण क्रियानीति में क्या शामिल होना चाहिए?
उत्तर:
एक सफल वन संरक्षण क्रियानीति में सभी भौतिक (जैसे- जल, मृदा, पर्वत, ताप, खनिज, वायु आदि) और जैविक संघटकों के संरक्षण के लिए व्यापक कार्यक्रम शामिल होना चाहिए।

प्रश्न 15.
जैव-विविधता के नष्ट होने पर क्या प्रभाव हो सकता है?
उत्तर:
जैव-विविधता के नष्ट होने पर पारिस्थितिक स्थायित्व भी नष्ट हो सकता है।

प्रश्न 16.
दीघोंपयोगी विकास की संकल्पना क्या है?
उत्तर:
पर्यावरण को कम-से-कम क्षति पहुँचाए बिना वर्तमान आवश्यकताओं की पूर्ति तथा विकास को प्रोत्साहित करना ताकि भावी संतति के लिए संसाधनों का संरक्षण हो सके।

प्रश्न 17.
‘चिपको आन्दोलन’ का क्या कारण था?
उत्तर:
चिपको आंदोलन स्थानीय निवासियों को वनों से अलग करने की नीति का परिणाम था। गाँव के समीप वृक्ष काटने का अधिकार ठेकेदार को दे दिया गया था।

प्रश्न 18.
ईंधन किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखो।
उत्तर:
ईंधन-जिन पदार्थों को जलाकर ऊर्जा (ऊष्मा) उत्पन्न की जा सकती है, उन्हें ईंधन कहते हैं।
ईंधन ठोस, द्रव गैस तीनों अवस्थाओं उपलब्ध होते हैं।

  • ठोस ईंधन – कोयला, लकड़ी, चारकोल, कोक आदि।
  • द्रव ईंधन- पेट्रोल, डीजल, केरोसीन आदि।
  • गैस ईंधन – प्राकृतिक गैस, बायो गैस आदि।

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प्रश्न 19.
घरेलू कार्य में प्रयुक्त किये जाने वाले ईंधनों के नाम लिखिए।
उत्तर:
लकड़ी, गोबर के कण्डे, चारकोल, कैरोसीन तथा तरल पेट्रोलियम गैस (L.P.G) ईंधन का उपयोग खाना पकाने तथा अन्य घरेलू ऊर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किया जाता है।

प्रश्न 20.
गैसीय ईंधन इस्तेमाल करना सरल क्यों है?
उत्तर:
गैसीय ईंधन इस्तेमाल करना सरल है, क्योंकि-

  • इसको आसानी (सरलता) से जलाया जा सकता है।
  • इसके दहन से धुआँ या हानिकारक अवशेष नहीं बचते, जिससे पर्यावरण पर कुप्रभाव नहीं होता।
  • इसका भण्डारण आसानी से किया जा सकता है तथा एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना भी सरल है।
  • इसे आसानी से तथा सस्ते दामों पर प्राप्त किया जा सकता है।
  • इसके दहन पर नियंत्रण रखा जा सकता है।
  • इसका कैलोरी मान अधिक होता है।

प्रश्न 21.
कैलोरी मान की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
किसी ईंधन के एक ग्राम द्रव्यमान को जलाने से उत्पन्न ऊष्मा उस ईंधन का कैलोरी मान या ऊष्मीय मान कहलाती ऊष्मा उस है। प्रत्येक ईंधन का कैलोरी मान भिन्न-भिन्न होता है।

प्रश्न 23.
आदर्श ईंधन क्या है?
उत्तर:
अधिक कैलोरी मान वाला व आसानी से कम मूल्य पर सर्वदा उपलब्ध, संग्रहण एवं परिवहन में सरल वह ईंधन आदर्श कहलाता है, जो कम से कम प्रदूषण पैदा करे।

प्रश्न 24.
कोयले के तीन विभिन्न रूपों के नाम लिखिए।
उत्तर:
कोयले के तीन विभिन्न रूप निम्नलिखित हैं-

  • भूरा कोयला
  • बिटुमनी ( डामर युक्त) कोयला
  • एन्थ्रासाइट।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या प्रौद्योगिकी द्वारा असंसाधन को संसाधन में परिवर्तित किया जा सकता है? कैसे स्पष्ट करें?
उत्तर:
हाँ, प्रौद्योगिकी द्वारा असंसाधन को संसाधन में परिवर्तित किया जा सकता है। जैसे— पशुओं का मल गाँवों में व्यर्थ समझा जाता है। इसे उपले (कण्डे) बनाकर ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। गोबर गैस संयन्त्र द्वारा गोबर गैस बनायी जा सकती है। यह गैस एक उत्तम ईंधन है, यह नीली लौ के साथ उच्च ताप उत्पन्न करती है, इसे खाना पकाने प्रकाश के लिए उपयोग में लाया जाता है संयन्त्र में बचा अपशिष्ट बहुत अच्छी खाद होती है। इस प्रकार गोबर गैस संयन्त्र एक उच्च कोटि की प्रौद्योगिकी है, जो व्यर्थ वस्तुओं को सम्पदा में बदल देती है।

प्रश्न 2.
उन वैज्ञानिकों के नाम लिखिए, जिन्होंने रॉकेट में द्रवीय ईंधन का उपयोग किया।
उत्तर:
लगभग 50-60 वर्ष पहले अमेरिका के गोडार्ड तथा जर्मनी के बान ब्रान ने द्रव ईंधनों का प्रयोग करके रॉकेट विकसित किए।

प्रश्न 3.
दिक नियंत्रक (Rudder) का उपयोग लिखिए।
उत्तर:
पालों तथा दिक् नियंत्रक (Rudder) का उपयोग पाल नौकाओं को वांछित दिशा में चलाने में बहुत आवश्यक है।

प्रश्न 4.
चर घातांकी वृद्धि किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब कोई वस्तु इस गति से बढ़ती है, तो किसी निश्चित समय (मान लो एक दिन या एक वर्ष) में वह दो गुनी हो जाए, तो ऐसी बढ़ोत्तरी को चर घातांकी (exponen tial growth) कहते हैं।

प्रश्न 5.
सन् 1940 से 1950 तक के प्रौद्योगिकी विकास बताइए।
उत्तर:

  • प्रति जैविक दवाइयाँ (पेनीसिलिन, फ्लेमिंग और फ्लोरो 1942)
  • प्रथम परमाणु श्रृंखला अभिक्रिया (फर्मों इत्यादि 1942)
  • प्रथम परमाणु बम (अमेरिका 1945)
  • ध्वनि की गति से तेज चलने वाला हवाई जहाज (1947)
  • ट्रांजिस्टरों का आविष्कार (1948)
  • प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर (1946)।

प्रश्न 6.
पर्यावरण को बचाने के लिए पुनः चक्रण तथा पुनः उपयोग में से कौन-सा उपाय अच्छा है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पुन: उपयोग पर्यावरण को बचाने का पुनःचक्रण से अच्छा उपाय है, क्योंकि पुनःचक्रण में कुछ ऊर्जा व्यय होती है। उदाहरण के लिए, प्लास्टिक की बोतलें, डिब्बे, काँच की बोतलें जैसे-जैम, अचार आदि का पुनः रसोईघर में वस्तुओं को के लिए उपयोग किया जा सकता है लेकिन इनका पुनः चक्रण द्वारा नए बोतल बनाने में अत्यधिक ऊर्जा एवं धन लगते हैं।

प्रश्न 7.
चिपको आन्दोलन क्या था? इसे किसने प्रारंभ किया?
उत्तर:
‘चिपको आंदोलन’ स्थानीय निवासियों को वनों से अलग करने की नीति का ही परिणाम था। इस आंदोलन का प्रारम्भ हिमालय की ऊँची पर्वत श्रृंखला में गढ़वाल के ‘रेनी’ नामक गाँव में एक घटना 1970 के प्रारंभिक दशक में हुआ था। यह विवाद लकड़ी के ठेकेदार तथा स्थानीय लोगों के बीच प्रारंभ हुआ था क्योंकि गाँव के समीप प के वृक्ष का अधिकार उसे दे दिया गया था।

एक दिन जब सभी पुरुष गाँव से बाहर तभी ठेकेदार के आदमी वहाँ वृक्ष काटने के लिए पहुँचे परन्तु वहाँ की महिलाओं ने पेड़ों को अपनी बाँहों में भरकर ठेकेदार के आदमियों को वृक्ष काटने से रोका। अंततः ठेकेदार को अपना काम बंद करना पड़ा, इसलिए इसे ‘चिपको आंदोलन’ कहा जाता है। यह आंदोलन सुंदरलाल बहुगुणा ने प्रारंभ किया था।

प्रश्न 8.
वनों को जैव-विविधता का विशिष्ट स्थल क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
वनों को जैव विविधता का विशिष्ट स्थल इसलिए कहा जाता है, क्योंकि वनों में विभिन्न प्रकार के स्पीशीज बहुतायत संख्या में पाए जाते हैं जैसे- जीवाणु, कवक, फर्न, पुष्पी पादप, सूत्रकृमि, कीट, पक्षी, सरीसृप इत्यादि।

प्रश्न 9.
भौम जल संगृहीत जल की अपेक्षा अधिक लाभदायक क्यों है?
उत्तर:
जल के भौम जल के रूप में संरक्षण के कई लाभ हैं। यह वाष्प बनकर उड़ता नहीं है, परंतु यह आस-पास में फैल जाता है, बड़े में वनस्पति को नमी प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त इससे मच्छरों के जनन की समस्या भी नहीं होती है। भौम जल मानव एवं जंतुओं के अपशिष्ट में झीलों, तालाबों में ठहरे पानी के विपरीत संदूषित होने से अपेक्षाकृत सुरक्षित रहता है।

प्रश्न 10.
जल संभर प्रबंधन क्या है? इसके मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर:
जल संभर प्रबंधन में मिट्टी तथा जल संरक्षण पर जोर दिया जाता है जिससे कि ‘जैव मात्रा’ उत्पादन में वृद्धि हो सके। इसका प्रमुख उद्देश्य भूमि एवं जल के प्राथमिक स्त्रोतों का विकास, द्वितीयक संसाधन पौधों एवं जंतुओं का उत्पादन इस प्रकार करना जिससे पारिस्थितिक असंतुलन पैदा न हो सके। जल संभर प्रबंधन न केवल जल संभर समुदाय का उत्पादन एवं आय बढ़ाता है बल्कि सूखे एवं बाढ़ को भी शांत करता है तथा निचले बाँध एवं जलाशयों का सेवा काल भी बढाता है।

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प्रश्न 11.
किन्हीं दो उन उत्पादों का पता लगाइये जो किसी उद्योग के आधार हैं। यह उद्योग लम्बे समय तक संपोषित हो सकता है ‘अथवा हमें इन उत्पादों की खपत को नियंत्रित करने की आवश्यकता है। व्याख्या कीजिए।
उत्तर:

  • लाख
  • रबर।

इनकी खपत को नियंत्रित करने की आवश्यकता है अन्यथा ये उद्योग लम्बे समय तक सम्पोषित नहीं हो सकते हैं।

प्रश्न 12.
विकास पर्यावरण को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर:
विकास का अर्थ यातायात, परिवहन, औद्योगीकरण खनन आदि में वृद्धि से है। यह सभी क्रिया-कलाप प्राकृतिक संसाधनों के अतिशय दोहन को प्रोत्साहित करते हैं जिससे पर्यावरण को भारी हानि हो रही है।

प्रश्न 13.
मृदा संरक्षण के तीन उपाय लिखिए।
उत्तर:

  • अधिकतम पेड़ लगाना।
  • अनियन्त्रित पशुचारण पर रोक।
  • रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर प्राकृतिक खाद का उपयोग।

प्रश्न 14.
गंगा नदी पिछले कुछ वर्षों में किस तरह प्रदूषित हुई हैं? इसके प्रदूषण के मुख्य कारण क्या हैं?
उत्तर:
गंगा नदी के किनारे स्थित उत्तर प्रदेश, बिहार तथा बंगाल के 100 से भी अधिक नगरों ने इसे एक नाले में बदल दिया है। इसका मुख्य कारण इन नगरों द्वारा उत्सर्जित कचरा एवं मल का इसमें प्रवाहित किया जाना है। इसके अतिरिक्त मानव के अन्य क्रिया-कलाप हैं – नहाना, कपड़े व्यक्तियों की राख एवं शवों को को बहाना। उद्योगों द्वारा उत्पादित रासायनि उत्सर्जन से से गंगा का स्तर इतना बढ़ जाता है जिससे इसका जल विषैला हो गया है जिससे जल में मछलियाँ भी मरने लगी हैं।

प्रश्न 15.
संपोषणीय विकास से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
संपोषणीय विकास की संकल्पना मनुष्य की वर्तमान ‘आधारभूत आवश्यकताओं की की पूर्ति एवं विकास को प्रोत्साहित तो करती ही है साथ- ही है साथ-ही-साथ भावी संतति के लिए संसाधनों का संरक्षण भी करती है। आर्थिक विकास पर्यावरण संरक्षण से सम्बन्धित है। अतः संपोषणीय विकास से जीवन के सभी में आयाम में परिवर्तन निहित है।

प्रश्न 16.
जल संग्रहण किसे कहते हैं?
उत्तर:
जल संग्रहण का तात्पर्य है धरती पर पड़ने वाली प्रत्येक बूँद का संरक्षण करना जिससे जलाशयों, कुओं, नदियों इत्यादि का जल स्तर बढ़ जाए तथा ये पुनः जीवित जीवित हो जाएँ।

प्रश्न 17.
जीवाश्मी ईंधनों के दहन से उत्पन्न वाले, कार्बन डाइऑक्साइड के अतिरिक्त अन्य दो उत्पादों की सूची बनाइए। जब इन ईंधनों का दहन अपर्याप्त वायु में किया जाता है, तो क्या होता है? किसी एक ग्रीन हाउस (पौधघर) गैस का नाम लिखिए।
उत्तर:
अन्य दो उत्पाद हैं-नाइट्रोजन के ऑक्साइड, सल्फर के ऑक्साइड जब इन ईंधनों का दहन अपर्याप्त वायु में किया जाता है तो कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) गैस बनती है। ग्रीन हाउस (पौधघर) गैस कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) है।

प्रश्न 18.
खानाबदोश चरवाहों ने जब से अपने मवेशियों को पर्वतीय चरागाहों में चराना बंद किया तब से इन चरागाहों को क्या हानि हुई?
उत्तर:
घास बहुत लम्बी हो गई तथा लम्बाई के कारण जमीन पर गिर गई है जिससे नयी घास की वृद्धि रुक गई है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चिपको आंदोलन कैसे प्रारंभ हुआ? इसने सरकार व समाज को किस प्रकार प्रभावित किया?
उत्तर:
‘चिपको आंदोलन’ हिमालय की ऊँची पर्वत श्रृंखला में गढ़वाल के ‘रेनी’ नामक गाँव में एक घटना से 1970 के प्रारम्भिक दशक में हुआ था। यह विवाद लकड़ी के ठेकेदार एवं स्थानीय लोगों के बीच प्रारंभ हुआ क्योंकि गाँव के समीप के वृक्ष काटने का अधिकार उसे दे दिया गया था। एक निश्चित दिन ठेकेदार के आदमी वृक्ष काटने के लिए आए जबकि वहाँ के निवासी पुरुष वहाँ नहीं थे। बिना किसी डर के वहाँ की महिलाएँ फौरन वहाँ पहुँच गई तब उन्होंने पेड़ों को अपनी बाँहों में भरकर ठेकेदार के आदमियों को वृक्ष काटने से रोका जिससे ठेकेदार को अपना काम बंद करना पड़ा।

‘चिपको आंदोलन’ बहुत तेजी से बहुत-से समुदायों में फैल गया एवं जनसंचार ने भी इसमें योगदान दिया तथा सरकार को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि वन किसके हैं तथा वन संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए प्राथमिकता तय करने के लिए पुनर्विचार पर मजबूर कर दिया। अनुभव ने लोगों को सिखा दिया है कि वनों के विनाश से केवल वन की उपलब्धता ही प्रभावित नहीं होती बल्कि मिट्टी की एवं जल स्रोत भी प्रभावित होते हैं। स्थानीय गुणवत्ता लोगों की भागीदारी से निश्चित रूप से वनों के प्रबंधन की दक्षता बढ़ेगी।

प्रश्न 2.
एक संसाधन के रूप में वन का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
वन नवीकरणीय उत्पाद है और इनमें निम्नलिखित संसाधन उपलब्ध होते हैं-

  • यह जल चक्र नियमन में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है।
  • वातावरण में O2 तथा CO2 के संतुलन कायम रखने में सहायता करता है।
  • वन्य जीवन के लिए आवास, भोजन, संरक्षण आदि प्रदान करता है।
  • वन हमारे लिए आवश्यक वस्तुओं जैसे-ईंधन के लिए लकड़ी, टिम्बर, कागज निर्माण के लिए कच्चा माल, ओषधियाँ, रेजिन, फल, बीड़ी बनाने के लिए पत्तियाँ आदि के स्रोत हैं।
  • मिट्टी की जलधारिता क्षमता बेहतर होती है।

प्रश्न 3.
बंगाल के अराबाड़ी वनों को संरक्षित वन का एक उत्तम उदाहरण क्यों माना जाता है?
उत्तर:
सन् 1972 में पश्चिम बंगाल वन विभाग मिदनापुर के अराबाड़ी वन क्षेत्र में एक योजना शुरू की। यहाँ पर पर वन विभाग के एक दूरदर्शी अधिकारी ए. के. बनर्जी ने ग्रामीणों को अपनी योजना में शामिल किया और उनके सहयोग से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त साल के वन की 1272 हेक्टेयर भूमि का संरक्षण किया।

इस मदद के बदले में लोगों को वनों की देखभाल के लिए रोजगार मिला साथ ही उन्हें वहाँ से उपज के 25 प्रतिशत के उपयोग का अधिकार तथा बहुत कम दाम पर ईंधन के लिए लकड़ी तथा पशुओं को चराने की। अनुमति भी दी गयी थी। स्थानीय लोगों की सहमति तथा सक्रिय भागीदारी से अराबाड़ी का सालवन 1983 तक समृद्ध हो गया और पहले बेकार कहे जाने वाले वन का मूल्य 12.7 करोड़ हो गया।

प्रश्न 4.
अपने दैनिक जीवन में किए जाने वाले उन पाँच क्रिया-कलापों की सूची बनाइए जिनमें प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण किया जा सकता के उपयोग को कम किया जा सकता है।
उत्तर:
अपने दैनिक जीवन में किए जाने वाले पाँच क्रिया-कलापों की सूची निम्नलिखित है-

  • अनावश्यक पंखे और लाइट का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • सौर जल-ऊष्मा युक्तियों का प्रयोग कीजिए।
  • परम्परागत बल्ब या ट्यूबलाइटों के स्थान पर CFL बल्बों या LED बल्ब का प्रयोग कीजिए।
  • खराब नल को तुरंत ठीक करवाएँ तथा सोने पूर्व व कहीं बाहर निकलने से पहले सभी नल की टोटियों को बंद कर दीजिए।
  • कम दूरी के लिए पैदल या साइकिल का प्रयोग कीजिए।

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प्रश्न 5.
क्या होगा, यदि प्रदूषित पानी को नदी में बहा दिया जाए?
उत्तर:
प्रदूषित पानी को नदी में बहाने पर यह पानी नदी के जल को प्रदूषित कर देता है। इसके निम्नलिखित दुष्प्रभाव है-

  • जलीय जीव नष्ट हो जाते हैं।
  • पानी के उपयोग में लाने वाले जीव भी प्रभावित होते हैं।
  • दूषित जल वनस्पति तथा फसलें भी प्रभावित होती हैं।

प्रश्न 6.
प्रौद्योगिकी से विकास होता है? उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर:
मुख्य खोजों तथा आविष्कारों से प्रौद्योगिकी का विकास होता है। इनसे पूरे विश्व के समाज के विकास की दर में भी परिवर्तन होता है। जिस समाज ने आग जलानी सीख ली थी, उसका विकास उनकी अपेक्षा जल्दी हुआ, जिन्होंने आग जलाना नहीं सीखा था, खानाबदोशों की अपेक्षा कृषि प्रधान समाज का बहुमुखी विकास होता है। इसी प्रकार धातुओं की खोज तथा उनका उपयोग बारूद की खोज तथा भाप के इंजन का आविष्कार मनुष्य के जीवन में महत्त्वपूर्ण घटनाएँ हैं।

जिस प्रकार प्रौद्योगिकी का विकास विज्ञान के आविष्कार से हुआ, उसी प्रकार प्रौद्योगिकी के उपयोग से कई नई वैज्ञानिक खोजें हुई। इसका एक उदाहरण जेम्स वाट द्वारा आविष्कृत भाप का इंजन है। वाट के इंजन की सफलता के बाद इसके कई साथियों ने ऊष्मा तथा शक्ति के सम्बन्ध में सिद्धान्त दिए। उन्होंने इस प्रकार के प्रश्न पूछे कि वाट का इंजन पुराने इंजनें की अपेक्षा क्यों अधिक कार्यक्षम है। किसी निश्चित मात्रा के ईंधन से अधिक-से-अधिक कितनी शक्ति प्राप्त की जा सकती है। शक्ति के संचरण में हानि को किस प्रकार बचाया जा सकता है। इन प्रश्नों के उत्तर से विज्ञान के एक नये क्षेत्र का विकास हुआ, जिसे हम थर्मोडायनॉमिक्स (ऊष्मागतिकी) कहते हैं।

दूरदर्शी, प्रौद्योगिकी के विकास का दूसरा उदाहरण है। इस उपकरण का आविष्कार डेनमार्क के वैज्ञानिक ने किया था। परन्तु विज्ञान के लिए इसका उपयोग सर्वप्रथम इटली के गैलिलियो नामक वैज्ञानिक ने किया था। उसने दूरदर्शी का उपयोग आकाश को देखने के लिए किया तथा बृहस्पति के उपग्रहों, चन्द्रमाओं की विशिष्टताओं की खोज की। उसने खगोल विज्ञान की एक शाखा का 1609 में विकास किया।

तीसरा उदाहरण वर्तमान शताब्दी से है। लगभग 50-60 वर्ष पहले अमेरिका के गोडार्ड तथा जर्मनी के बान ब्रान ने द्रव ईंधनों का प्रयोग करके रॉकेट विकसित. किए। द्वितीय महायुद्ध (1939-1944) के समय जर्मनी के प्रयोगों से एक ऐसे रॉकेट का आविष्कार हुआ, जिससे हथियारों को कई हजार किलोमीटर की दूरी तक भेजा जा सकता था। इन्हें V-2 रॉकेट कहते थे और उनसे अन्तरिक्ष युग का प्रारम्भ हुआ। उसके पश्चात् रॉकेट विज्ञान में बहुत उन्नति हुई है।

आज ऐसे रॉकेट उपलब्ध हैं, जिनके द्वारा अन्तरिक्ष वाहनों को अन्तरिक्ष में विभिन्न ग्रहों तथा गैलेक्सियों में भेजा जा सकता है। 1969 में अमेरिका के नील आर्मस्ट्रांग तथा एडविन चन्द्रमा पर पहुँचे तथा अपने साथ वहाँ की मिट्टी तथा पत्थर लाए। अतः 360 वर्षों (10 पीढ़ियों) में चन्द्रमा का अध्ययन दूरदर्शी की अपेक्षा सूक्ष्मदर्शी में परिवर्तित किया।

प्रश्न 7.
औद्योगिकी क्रान्ति में प्रौद्योगिकी का क्या योगदान है? समझाइये।
उत्तर:
उत्तर-ऊर्जा के नए स्रोतों की उपलब्धि के पश्चात् अमेरिका तथा यूरोप में कई नए उद्योग धन्धे प्रारम्भ हुए। इनमें स्टील, रेलें, कपड़ा, परिवहन तथा विद्युत की वस्तुएँ प्रमुख हैं। कपड़ा धागों द्वारा बनता है। धागे करघे में तैयार किए जाते हैं। हाथ से चलने वाले करघे में कारीगर (अपनी पेशीय ऊर्जा से) दिन भर में केवल कुछ ही मीटर कपड़ा तैयार कर सकता है, परन्तु विद्युत शक्ति का इस्तेमाल करके ऐसी मिलें बनाई गई हैं, जिनमें प्रतिदिन कई हजार मीटर कपड़ा तैयार किया जा सकता है।

किसी फैक्ट्री अथवा उद्योग में वस्तुओं का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जा सकता है। वस्तुओं के अधिक उत्पादन का लाभ यह है कि हमें उसी प्रकार की वस्तु सस्ते दामों पर उपलब्ध हो जाती है। यूरोप में 18 वीं तथा 19 वीं शताब्दी की औद्योगिकी क्रांति से यही हुआ। यह क्रांति किस प्रकार संभव हुई ? इसके कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं-मशीनों को चलाने के लिए ऊर्जा के नए स्रोत विज्ञान के कई मूल सिद्धान्तों की उत्पत्ति, पदार्थों के उत्पादन में विज्ञान के सिद्धान्तों का प्रयोग तथा वस्तुओं का अधिक मात्रा में उत्पादन हुआ, जिससे गुणवत्ता, अच्छी रहे तथा कीमतों में कमी आए। उद्योग द्वारा वस्तुएँ अधिक मात्रा में तथा कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा सकती हैं।

औद्योगिक क्रांति से एक नया युग आरम्भ हुआ। प्रत्येक क्षेत्र में कई आविष्कार हुए। भाप इंजन से रेलों तथा बड़े जहाजों का विकास हुआ, जिसमें वायु तथा पालों की आवश्यकता नहीं होती थी। जहाँ पेट्रोल उपलब्ध हुआ, तो ऐसे हल्के इंजन बनाए गए, जो बहुत शक्तिशाली थे। इन इंजनों का प्रयोग राइट ब्रदर्स ने 1903 में हवाई जहाज उड़ाने के लिए किया। आजकल बड़े वायुयानों का उपयोग बहुत सामान्य हो गया है। आजकल कई नए पदार्थ जैसे-स्टेनलैस स्टील, प्लास्टिक, नाइलॉन तथा अन्य धातुओं के मिश्रण बनाए जा चुके हैं।

ऐसी कई नई ओषधियों की खोज की जा चुकी है, जिनमें मृत्यु-दर बहुत कम हो गई है। पहले बहुत-से मनुष्य मलेरिया, चेचक, इन्प्लूएंजा तथा टी.बी. आदि जैसी बीमारियों से मर जाते थे। आजकल इन बीमारियों का इलाज हो जाता है। संचार एक और ऐसा क्षेत्र है, जिसमें प्रौद्योगिकी के कारण बहुत विकास हुआ है। मुद्रण यंत्र के आविष्कार से पहले पुस्तक की प्रत्येक प्रति हाथ से लिखी जाती थी। टेलीग्राम, रेडियो तथा अब टेलीविजन से हमें समाचार बहुत जल्दी प्राप्त होते हैं। रेडियो की तरंगें प्रकाश की चाल से चलती हैं। वे एक सेकण्ड में पृथ्वी के सात चक्कर लगा सकती हैं।

आप देख सकते हैं कि, प्रौद्योगिकी का विकास किस प्रकार हुआ। पिछले 50 वर्षों में यह विकास बहुत तेजी से हुआ है। 1950 में रेडियो का आकार बहुत बड़ा होता था। उनमें निर्वात नलिकाएँ होती थीं तथा घरेलू विद्युत लाइन आवश्यक थी, रेडियो बहुत ही कम लोगों के पास थे। बड़े गाँवों व छोटे कस्बों में कुछ गिने-चुने रेडियो थे जब ट्रांजिस्टर का विकास हुआ, तो पॉकेट रेडियो बहुत अधिक संख्या में बनने लगे। वर्तमान सूचना क्रान्ति के युग में रेडियों का स्थान मोबाइल ने ले लिया है और रेडियो का युग लगभग समाप्त हो गया है। आज इंटरनेट ने पूरी दुनिया को एक मुट्ठी में कैद कर लिया है। इंटरनेट के द्वारा संसार भर की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

प्रश्न 8.
किसी प्रौद्योगिकी को अपनाने में कम समय क्यों लगता है? कारणों की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
आजकल नई प्रौद्योगिकी को अपनाने में और व्यापक पैमाने में प्रयोग करने में बहुत अधिक समय नहीं लगता है। प्राचीन काल में नई प्रौद्योगिकी का व्यापक पैमाने पर उपयोग होने पर बहुत समय लगता था।

उदाहरणार्थ- माचिस का आविष्कार 19वीं शताब्दी के मध्य हुआ। लेकिन इसका व्यापक उपयोग होने में 70 वर्ष लगे, जबकि सर हम्परी डेवी द्वारा आविष्कृत सुरक्षा लैम्प यूरोप की खानों में केवल 10 वर्षों में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने लगा था। आजकल किसी प्रौद्योगिकी के विकास तथा उसे अपनाने में बहुत कम समय लगता है क्योंकि सबसे सर्वप्रथम बात यह है कि किसी प्रौद्योगिकी का विकास आवश्यकता पड़ने पर ही किया जाता है।

उदाहरणार्थ- जैव प्रौद्योगिकी द्वारा रक्त तथा अन्य सैम्पलों के विश्लेषण की सही विधि विकसित हो गई है। इससे कई बीमारियों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इनमें से कई तो सरलता से इस्तेमाल करने के लिये किट के रूप में उपलब्ध हैं। रक्त के विश्लेषण की आवश्यकता बहुत बार होती है और इन किटों द्वारा यह विश्लेषण सफलतापूर्वक किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त प्रौद्योगिकी से मनुष्य की कार्यक्षमता और आर्थिक लाभ होना चाहिए। प्लास्टिक इसका एक उदाहरण है।

प्रौद्योगिकी से हमें खाना बनाने तथा संग्रहण के लिए प्लास्टिक के बर्तन उपलब्ध हैं। इसका रख-रखाव आसानी से किया जा सकता है। ये बर्तन सस्ते मिलते हैं तथा आसानी से नष्ट नहीं होते तथा न ही टूटते हैं ये भार में हल्के होते हैं तथा धातुओं की ऊष्मा के कुचालक होते हैं। संक्षेप में हम यह कह सकते हैं कि ये टिकाऊ और सस्ते भी है। तीसरे प्रौद्योगिकी की जानकारी आसानी से शीघ्र तथा विस्तारपूर्वक उपलब्ध होना चाहिये।

आज से लगभग 40 वर्ष पूर्व भी किसी जानकारी को पृथ्वी के विभिन्न भागों में पहुँचने तथा समझने व्यापक सुविधाओं से अब संसारभर में समाचार कुछ ही सेकण्ड में पहुँच जाते हैं। प्राचीनकाल की अपेक्षा अब प्रौद्योगिकी को अधिक तेजी से अपनाया जा सकता है। प्रौद्योगिकी के जल्दी अपनाने के मुख्य कारण इस प्रकार में बहुत समय लगता था, परन्तु संचार तथा यातायात की हैं-

  • आवश्यकताओं की पूर्ति
  • इस्तेमाल करने में आसानी तथा कार्यक्षमता
  • विधि से आर्थिक लाभ
  • प्रौद्योगिकी के बारे में तेजी से जानकारी।

इन्हीं कारणों से कोई प्रौद्योगिकी दूसरी प्रौद्योगिकी का स्थान ले लेती है। अब रासायनिक उर्वरक का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगा, तो उन्होंने खेतों में खाद का स्थान ले लिया। जब वाहनों का आविष्कार हुआ, तो उन्होंने बैलगाड़ियों का स्थान ले लिया। अब सड़कों के वाहनों तथा पानी के जहाज की अपेक्षा हवाई जहाज अधिक प्रचलित हो गये हैं।

40 वर्ष पहले रेडियो निर्वात नलिकाओं के बनाए जाते थे तथा इनका आकार बड़ा होता था। ट्रांजिस्टर तथा एकीकृत परिपथों के आविष्कार के बाद अब जो रेडियो खरीदते हैं, वे बहुत सस्ते, भार में हल्के होते है। अब रेडियो का स्थान मोबाइलों ने ले लिया है जो बहुत ही छोटे होते हैं तथा इन्हें आसानी से पॉकेट में रखा जा सकता है। इनके प्रयोग से व्यक्ति कहीं भी अपने मित्रों, रिश्तेदारों से बात कर सकता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. हमें निम्नलिखित वस्तुएँ दिखाई देती हैं। इनमें से कौन-सा प्राकृतिक संसाधन नहीं है?
(a) बिखरा हुआ कचरा
(b) जल
(c) बिल्ली
(d) आम का वृक्ष।
उत्तर:
(a) बिखरा हुआ कचरा

2. निम्नलिखित में कौन-सा प्राकृतिक संसाधन है?
(a) गंगा नटी
(b) ईंटें
(c) सीमेंट
(d) पुल।
उत्तर:
(a) गंगा नटी

3. भारत के किस प्रदेश में नगर सिंचाई परियोजना को कुल्ह के नाम से पुकारा जाता है?
(a) हरियाणा
(b) पंजाब
(c) हिमाचल प्रदेश
(d) मध्य प्रदेश
उत्तर:
(c) हिमाचल प्रदेश

4. जल संग्रहण एक प्रक्रिया है जो सम्बन्धित है-
(a) जल नहरों का शाखान्वयन
(b) नदियों का शाखान्वयन
(c) वर्षा जल का संग्रहण
(d) गंदे जल का संग्रहण।
उत्तर:
(c) वर्षा जल का संग्रहण

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

5. कोयला तथा पेट्रोलियम परम्परागत ईंधन हैं जो निम्न के परिवर्तन के कारण उत्पन्न हुए हैं-
(a) केवल प्राणियों के मृत शरीरों द्वारा
(b) केवल वनस्पतियों के मृत शरीरों द्वारा
(c) सागरीय प्राणियों के मृत शरीरों द्वारा
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

6. गंगा नदी में कॉलिफॉर्म जीवाणुओं के प्रचुर मात्रा में पाए जाने का प्रमुख कारण क्या है?
(a) जल में अधजली लाशों को प्रवाहित करना
(b) इलेक्ट्रोप्लेटिंग उद्योगों से निकलने वाले बहिःस्रावों का प्रवाहित किया जाना
(c) कपड़े धोना
(d) भस्म को जल में प्रवाहित करना।
उत्तर:
(a) जल में अधजली लाशों को प्रवाहित करना

7. किसी नदी के तट पर से, जहाँ अनेक फैक्ट्रियों के बहिःस्राव आकर जल में प्रवाहित हो रहे थे, एकत्रित किए जल नमूने को pH 8.5 4.5 की परास में अम्लीय पाया गया। निम्नलिखित फैक्ट्रियों में से कौन-सी फैक्ट्री के बहिःस्राव के कारण नदी के जल का pH कम हो गया?
(a) साबुन और अपमार्जक फैक्ट्री
(b) सीसे की बैट्री बनाने वाली फैक्ट्री
(c) प्लास्टिक के प्यालों का निर्माण करने वाली फैक्टी
(d) ऐल्कोहॉल फैक्ट्री
उत्तर:
(b) सीसे की बैट्री बनाने वाली फैक्ट्री

8. नीचे दी गई सूची में से उस वस्तु को चुनिए जो एक प्राकृतिक संसाधन नहीं है-
(a) मृदा
(b) जल
(c) विद्युत
(d) वायु
उत्तर:
(c) विद्युत

9. विश्व का सबसे तेजी के साथ घटता जा रहा प्राकृतिक संसाधन कौन-सा है?
(a) जल
(b) वन
(c) पवन
(d) सूर्य का प्रकाश
उत्तर:
(b) वन

10. प्राकृतिक संसाधन की सबसे उपयुक्त परिभाषा यह है कि यह ऐसी उपयोगी वस्तु / पदार्थ है, जो-
(a) केवल पृथ्वी पर विद्यमान है।
(b) प्रकृति की एक ऐसी देन जो मानव जाति के लिए बहुत लाभप्रद है।
(c) मानव द्वारा निर्मित एक पदार्थ जिसे प्रकृति को सौंप दिया गया है।
(d) केवल वन में पाया जाता है।
उत्तर:
(b) प्रकृति की एक ऐसी देन जो मानव जाति के लिए बहुत लाभप्रद है।

11. निम्नलिखत में से कौन ग्रीन हाउस गैस है?
(a) नाइट्रोजन (NO2)
(b) सल्फर डाइऑक्साइड (SO2)
(c) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
(d) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
उत्तर:
(d) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)

12. गंगा सफाई योजना किस वर्ष प्रारम्भ हुई?
(a) 1980
(b) 1985
(c) 1990
(d) 1975
उत्तर:
(b) 1985

13. वन एवं वन्य जीवों का संरक्षण क्यों आवश्यक है?
(a) जैवविविधता को संरक्षित करने के लिए
(b) पर्यावरण संतुलन के लिए
(c) पारिस्थितिक स्थायित्व के लिए
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी

14. निम्नलिखित में से पारिहितैषी क्रिया-कलाप चुनिए-
(a) परिवहन के लिए मोटर गाड़ी का उपयोग करना।
(b) खरीददारी के लिए पॉलीथिन की थैलियों का उपयोग करना।
(c) कपड़े रंगने के लिए रंगों का उपयोग करना।
(d) सिंचाई के लिए बिजली के उत्पादन हेतु पवन मिलों का उपयोग करना।
उत्तर:
(d) सिंचाई के लिए बिजली के उत्पादन हेतु पवन मिलों का उपयोग करना।

15. गंगा जल प्रदूषण का कारण है-
(a) नगरों द्वारा उत्सर्जित कचरा और मल
(b) उद्योगों द्वारा उत्पादित रसायनों का निपटान
(c) शवों को गंगा में बहाना
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

  1. वन …………………. के विशिष्ट स्थल हैं।
  2. भारत में वर्षा मुख्यतः …………………. पर निर्भर करती है।
  3. …………………. एवं …………………. लाखों वर्ष पूर्व जीवों की जैव मात्रा के अपघटन से प्राप्त होते हैं।
  4. …………………. का अर्थ है, वर्षा के पानी को इकट्ठा करना व इसे उपयोग में लाना।
  5. विश्व पर्यावरण दिवस …………………. को मनाया जाता है।
  6. …………………. इसलिए प्रारम्भ की गई क्योंकि गंगा के जल की गुणवत्ता बहुत कम हो गई थी।
  7. खनन से …………………. फैलता है।
  8. किसी वस्तु का बार-बार उपयोग …………………. कहलाता है।
  9. सारी वस्तुएँ जिनका हम उपयोग करते हैं, हमें …………………. से प्राप्त होती हैं।

उत्तर:

  1. जैवविविधता
  2. मानसून
  3. कोयला, पेट्रोलियम
  4. जल संग्रहण
  5. 5 जून
  6. गंगा सफाई योजना,
  7. प्रदूषण
  8. पुन: उपयोग
  9. प्राकृतिक संसाधनों।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Exercise 6.6

प्रश्न 1.
आकृति में, PS कोण QPR का सम-द्विभाजक है। सिद्ध कीजिए कि \(\frac{Q S}{S R}=\frac{P Q}{P R}\) है।
हल:
दिया है : ΔPQR में, PS कोण QPR का सम-द्विभाजक है अर्थात् ∠1 = ∠2 है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 1
सिद्ध करना है :
\(\frac{Q S}{S R}=\frac{P Q}{P R}\)
रचना: R से एक रेखा PS के समान्तर खींचते हैं जो OP को बढ़ाने पर T पर मिलती है।
उपपत्ति: ΔQRT में,
PS || TR
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 2
∠2 = ∠3, (एकान्तर कोण)
∠1 = ∠4, (संगत कोण)
परन्तु ∠1 = ∠2, (दिया है)
∴ ∠3 = ∠4
ΔPRT में. ∠3 = ∠4, (ऊपर सिद्ध किया है)
PT = PR (समान भुजाओं के सम्मुख कोण)
ΔQRT में, PS || TR
\(\frac{Q P}{P T}=\frac{Q S}{S R}\) (आधारभूत समानुपातिक प्रमेय से)
\(\frac{Q P}{P R}=\frac{Q S}{S R}\) (∵ PT = PR)
या \(\frac{P Q}{P R}=\frac{Q S}{S R}\)

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6

प्रश्न 2.
दी गई आकृति में D, ΔABC के कर्ण AC पर स्थित एक बिन्दु है जिसमें BD ⊥ AC तथा DM ⊥ BC और DN ⊥ AB है। सिद्ध कीजिए कि:
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 3
(i) DM2 = DN × MC
(ii) DN2 = DM × AN
हल:
दिया है: समकोण ΔABC में ∠ABC = 90°, BD ⊥ AC, DM ⊥ BC तथा DN ⊥ AB
सिद्ध करना है:
(i) DM2 = DN × MC
(ii) DN2 = DM × AN
उपपत्ति: समकोण ΔABC में,
BD ⊥ AC
∴ ΔBDC ~ ΔABC और ΔADB ~ ΔABC
∴ ΔBDC ~ ΔADB (प्रमेय 6.7 से)
तथा ΔBDC और ΔADB समकोणिक त्रिभुज हैं।
(i) ∵ समकोण ΔBDC में,
DM ⊥ BC (दिया है)
ΔDMC ~ ΔBMD (प्रमेय 6.7 से)
⇒ \(\frac{M C}{D M}=\frac{D M}{B M}\)
(∵ दो समरूप त्रिभुजों की संगत भुजाएँ समानुपाती होती हैं)
⇒ DM2 = BM × MC …(1)
∵ चतुर्भुज BMDN में,
∠B = 90°, ∠M = 90° तथा ∠N = 90°
∴ चतुर्भुज BMDN एक आयत है।
BM = DN …(2)
समीकरण (1) व (2) से
DM2 = DN × MC

(ii) ∵ समकोण ΔADB में,
DN ⊥ AB
ΔAND ~ ΔDNB (प्रमेयं 6.7 से)
\(\frac{D N}{B N}=\frac{A N}{D N}\)
(∵ दो समरूप त्रिभुजों की संगत भुजाएँ समानुपाती होती हैं)
DN2 = BN × AN …(3)
∵ चतुर्भुज BMDN एक आयत है।
BN = DM …(4)
समीकरण (3) व (4) से,
DN2 = DM × AN

प्रश्न 3.
दी गई आकृति में ABC एक त्रिभुज है जिसमें ∠ABC > 90° तथा AD ⊥ CB है। सिद्ध कीजिए कि AC2 = AB2 + BC2 + 2BC.BD है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 4
हल:
दिया है: ΔABC में, ∠ABC > 90° तथा AD ⊥ CB है।
सिद्ध करना है: AC2 = AB2 + BC2 + 2BC.BD
उपपत्ति: समकोण ΔADB में,
AB2 = AD2 + BD2 …(1)
पुन: समकोण ΔADC में,
AC2 = AD2 + DC2
⇒ AC2 = AD2 + (BD + BC)2
(∵ DC = BD + BC)
⇒ AC2 = AD2 + BD2 + BC2 + 2BD.BC
समीकरण (1) से, AD2 + BD2 का मान रखने पर,
अतः AC2 = AB2 + BC2 + 2BD.BC

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6

प्रश्न 4.
दी गई आकृति में, ABC एक त्रिभुज है जिसमें ∠ABC < 90° है तथा AD ⊥ BC है। सिद्ध कीजिए कि AC2 = AB2 + BC2 – 2BC.BD हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 5
हल:
दिया है: त्रिभुज ABC जिसमें ∠ABC < 90° तथा AD ⊥ BC है।
सिद्ध करना है: AC2 = AB2 + BC2 – 2BC.BD
उपपत्ति: ∵ AD ⊥ BC
∴ ΔADB और ΔADC समकोणीय त्रिभुज हैं।
समकोण ΔADB में,
AB2 = AD2 + BD2 …(1)
समकोण ΔADC में,
AC2 = AD2 + DC2 …(2)
समीकरण (2) में से (1) को घटाने पर,
AC2 – AB2 = DC2 – BD2
= (DC + BD) (DC – BD)
= BC (DC – BD)
{∵ DC + BD = BC}
= BC (BC – BD – BD) {∵ DC BC-BD}
= BC (BC – 2BD)
⇒ AC2 – AB2 = BC2 – 2BC × BD
⇒ AC2 = AB2 + BC2 – 2BC.BD

प्रश्न 5.
दी गई आकृति में, AD त्रिभुज ABC की एक माध्यिका है तथा AM ⊥ BC है। सिद्ध कीजिए कि :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 6
(i) AC2 = AD2 + BC.DM + \(\left(\frac{B C}{2}\right)^2\)
(ii) AB2 = AD2 – BC.DM + \(\left(\frac{B C}{2}\right)^2\)
(iii) AC2 + AB2 = 2AD2 + \(\frac{1}{2}\)BC2
दिया है: ΔABC, जिसमें BC का मध्यबिन्दु D है क्योंकि AD माध्यिका है। AM, BC पर लम्ब हैं और AC > AB.
सिद्ध करना है :
(i) AC2 = AD2 + BC.DM + \(\left(\frac{B C}{2}\right)^2\)
(ii) AB2 = AD2 – BC.DM + \(\left(\frac{B C}{2}\right)^2\)
(iii) AC2 + AB2= 2AD2 + \(\frac{1}{2}\)BC2
उपपत्ति: (i) समकोण ΔAMD में,
AD2 = AM2 + DM2
AM2 = AD2 – DM2 …(1)
समकोण ΔAMC में,
AC2 = AM2 + MC2 …(2)
समीकरण (1) तथा (2) से
AC2 = (AD2 – DM2) + MC2
⇒ AC2 = (AD2 – DM2) + (DM + DC)2
(∵ MC = DM + DC)
⇒ AC2 = AD2 – DM2 + DM2 + DC2 + 2DM.DC
⇒ AC2 = AD2 + DC2 + 2DM.DC,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 7

(ii) समकोण ΔAMB में,
AB2 = AM2 + BM2
= (AD2 – DM2) + BM2
[समी. (1) का प्रयोग करने पर]
= (AD2 – DM2) + (BD – DM)2
= AD2 – DM2 + BD2 + DM2 – 2BD.DM
= AD2 + BD2 – 2BD.DM
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 8
∴ AB2 = AD2 – BC.DM + \(\left(\frac{B C}{2}\right)^2\)
अत: AB2 = AD2 – BC.DM + \(\left(\frac{B C}{2}\right)^2\) …(4)

(iii) समीकरण (3) व (4) को जोड़ने पर,
AB2 + AC2 = 2AD2 + 2 × \(\frac{1}{4}\)BC2
= 2AD2 + \(\frac{1}{2}\)BC2
अतः AB2 + AC2 = 2AD2 + \(\frac{1}{2}\)BC2

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6

प्रश्न 6.
सिद्ध कीजिए कि एक समान्तर चतुर्भुज के विकर्णों के वर्गों का योग उसकी भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है।
हल:
दिया है: ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है जिसके विकर्ण AC और BD परस्पर बिन्दु O पर काटते हैं।
सिद्ध करना है :
AC2 + BD2 = AB2 + BC22 + CD2 + DA2
रचना: A से BD पर AE तथा C से BD पर CF लम्ब खींचे।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 9
उपपत्ति: ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है और AC तथा BD उसके विकर्ण हैं जो परस्पर O बिन्दु पर काटते हैं।
∴ AO = OC और OB = OD और AB = CD
समकोण ΔAEB में,
AB2 = AE2 + BE2
= AE2 + (OB – OE)2
= AE2 + (\(\frac{1}{2}\)BD – OE)2
= AE2 + BD2 + OE2 – 2 × \(\frac{1}{2}\)BD.OE
= \(\frac{1}{4}\)BD2 + (AE2 + OE2) – BD.OE
∵ ΔAOE समकोण त्रिभुज है
∴ AE2 + OE2 = AO2 = \(\left(\frac{1}{2} A C\right)^2\)
= \(\frac{1}{4}\)BD2 + \(\left(\frac{1}{2} A C\right)^2\) – BD.OE
⇒ AB2 = \(\frac{1}{4}\)BD2 + \(\frac{1}{4}\)AC2 – BD.OE …(1)
पुन: समकोण ΔAED में,
DA2 = AE2 + ED2
= AE2 + (OD + OE)2
= AE2 + \(\left(\frac{1}{2} BD+O E\right)^2\)
= AE2 + \(\frac{1}{4}\)BD2 + OE2 + 2·\(\frac{1}{2}\)BD.OE
= (AE2 + OE2) + \(\frac{1}{4}\)BD2 + BD.OE,
(∵ AE2 + OE2 = AO2 ΔAEO समकोण Δ है)
= AO2 + \(\frac{1}{4}\)BD2 + BD.OE
= \(\left(\frac{1}{2} A C\right)^2\) + \(\frac{1}{4}\)BD2 + BD.OE
(∵ OA = \(\frac{1}{2}\)AC)
⇒ DA2 = \(\frac{1}{4}\)BD2 + \(\frac{1}{4}\)AC2 + BD.OE …(2)
समीकरण (1) व (2) को जोड़ने पर,
AB2 + DA2 = \(\frac{1}{4}\)BD2 + \(\frac{1}{4}\)BD2 + \(\frac{1}{4}\)AC2 + \(\frac{1}{4}\)AC2
⇒ AB2 + DA2 = \(\frac{2}{4}\)BD2 + \(\frac{2}{4}\)AC2
⇒ AB2 + DA2 = \(\frac{1}{2}\)BD2 + \(\frac{1}{2}\)AC2
= AB2 + DA2 = \(\frac{1}{4}\)(BD2 + AC2) …(3)
समीकरण (3) में AB = CD और DA = BC रखने पर
CD2 + BC2 = \(\frac{1}{2}\)(BD2 + AC2) …(4)
समीकरण (3) व (4) को जोड़ने पर,
AB2 + BC2 + CD2 + DA2 = \(\frac{1}{2}\)(BD2 + AC2) + \(\frac{1}{2}\)(BD2 + AC2)
अत: AB2 + BC2 + CD2 + DA2 = BD2 + AC2

प्रश्न 7.
दी गई आकृति में एक वृत्त की दो जीवाएँ AB और CD परस्पर बिन्दु पर प्रतिच्छेद करती हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 10
सिद्ध कीजिए कि:
(i) ΔAPC ~ ΔDPB
(ii) AP. PB = CP. DP
हल:
दिया है: एक वृत्त की AB व CD दो जीवाएँ हैं जो एक-दूसरे को बिन्दु P पर प्रतिच्छेद करती हैं।
सिद्ध करना है:
(i) ΔAPC ~ ΔDPB.
(ii) AP.PB = CP.DP
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 11
उपपत्ति: (i) ΔAPC और ΔDPB में,
∠1 = ∠2 (शीर्षाभिमुख कोण)
∠3 =∠4 (एक ही वृत्तखण्ड के कोण )
∴ A-A समरूपता कसौटी से, ΔAPC ~ ΔDPB

(ii) ΔAPC ~ ΔDPB, (ऊपर प्रमाणित )
⇒ \(\frac{A P}{D P}=\frac{P C}{P B}\)
(यदि दो त्रिभुज समरूप हों तो उनकी संगत भुजाएँ समानुपाती होती हैं)
⇒ AP.PB = PC.DP

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6

प्रश्न 8.
दी गई आकृति में एक वृत्त की दो जीवाएँ AB और CD बढ़ाने पर परस्पर बिन्दु P पर प्रतिच्छेद करती हैं। सिद्ध कीजिए कि :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 12
(i) ΔPAC ~ ΔPDB
(ii) PA.PB = PC.PD
हल:
दिया है: AB और CD एक वृत्त की दो जीवाएँ हैं जो बढ़ाने पर एक-दूसरे को वृत्त के बाहर बिन्दु P पर प्रतिच्छेद करती हैं।
सिद्ध करना है:
(i) ΔPAC ~ ΔPDB
(ii) PA.PB = PC.PD
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 13
रचना : रेखाखण्ड AC व BD को मिलाया।
उपपत्ति: (i) ΔPAC और ΔPDB में,
∠P = ∠P (उभयनिष्ठ)
∠PAC = ∠PDB (∵ चक्रीय चतुर्भुज का बाह्य कोण अन्तः सम्मुख कोण के बराबर होता है।)
A-A समरूपता कसौटी से,
ΔPAC ~ ΔPDB

(ii) ΔPAC ~ ΔPDB (ऊपर सिद्ध किया है)
\(\frac{P A}{P D}=\frac{P C}{P B}\)
(यदि दो Δ समरूप हैं तो उनकी संगत भुजाएँ समानुपाती होती हैं)
PA.PB = PC.PD

प्रश्न 9.
दी गई आकृति में त्रिभुज ABC की भुजा BC पर एक बिन्दु D इस प्रकार स्थित है कि \(\frac{B D}{C D}=\frac{A B}{A C}\) है। सिद्ध कीजिए कि AD, कोण BAC का समद्विभाजक है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 14
हल:
दिया है: ΔABC की भुजा BC पर एक बिन्दु D ऐसा है कि \(\frac{B D}{C D}=\frac{A B}{A C}\) है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 15
सिद्ध करना है AD, ∠BAC का समद्विभाजक है अर्थात् ∠1 = ∠2
रचना: BA को उसकी सीध में E तक इतना बढ़ाया कि AE = AC हो।
उपपत्ति: आकृति में
\(\frac{B D}{C D}=\frac{A B}{A C}\) (दिया है)
परन्तु AC = AE (रचना से)
\(\frac{B D}{C D}=\frac{A B}{A E}\)
⇒ AD || EC
(आधारभूत आनुपातिकता प्रमेय के विलोम से)
⇒ ∠1 = ∠3 (संगत कोण)
∠2 = ∠4 (एकांतर कोण)
परन्तु ∠3 = ∠4 (∵ AC = AE)
⇒ ∠1 = ∠2
⇒ AD, ∠BAC का समद्विभाजक है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6

प्रश्न 10.
नाजिमा एक नदी की धारा में मछलियाँ पकड़ रही है। उसकी मछली पकड़ने वाली छड़ का सिरा पानी की सतह से 1.8m ऊपर है तथा डोरी के निचले सिरे से लगा काँटा पानी के सतह पर इस प्रकार स्थित है कि उसकी नाजिमा से दूरी 3.6m है और छड़ के सिरे के ठीक नीचे पानी की सतह पर स्थित बिन्दु से उसकी दूरी 2.4 m है। यह मानते हुए कि उसकी डोरी (उसकी छड़ के सिरे से काँटे तक) तनी हुई है, उसने कितनी डोरी बाहर निकाली हुई है। (देखिए आकृति) यदि वह डोरी को 5 cm/s की दर से अन्दर खींचे, तो 12 सेकण्ड के बाद नाजिमा की काँटे से क्षैतिज दूरी कितनी होगी ?
हल:
समकोण ΔABC में,
AB = 1.8m
BC = 2.4m
∠B = 90°
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 16
पाइथागोरस प्रमेय से,
AC2 = AB2 + BC2
⇒ AC2 = (1.8)2 + (2.4)2
⇒ AC2 = 3.24 + 5.76
∴ AC = 3 मीटर
बाहर वाली डोरी की लम्बाई = 3 मी
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 17
12 सेकण्ड में 5 सेमी/से. की दर से खींची गई डोरी की लम्बाई
= (5 × 12) सेमी.
= 60 सेमी = 0.60 मीटर
∴ शेष बची डोरी की लम्बाई = (3 – 0.6) मी. = 2.4 मी.
दूसरी अवस्था में PB ज्ञात करने के लिए,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 18
PB2 = PA2 – BA2
= (2.4)2 – (1.8)2
= 5.76 – 3.24 = 2.52
⇒ PB = \(\sqrt{2.52}\) = 1.59 (लगभग)
अतः 12 सेकण्ड बाद नाजिमा की काँटे से क्षैतिज दूरी = (1.59 + 1.2) मी.
= 2.79 मी. (लगभग)
अतः डोरी की लम्बाई और 12 सेकण्ड के बाद नाजिमा की काँटे से क्षैतिज दूरी क्रमश: 3 मीटर और 2.79 मीटर है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Exercise 7.3

प्रश्न 1.
उस त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसके शीर्ष हैं :
(i) (2, 3), (-1, 0), (2, -4)
(ii) (5, 1), (3, 5), (5, 2)
हल:
(i) माना कि ΔABC के शीर्ष A(2, 3); B(-1, 0) और C(2, -4) हैं।
यहाँ x1 = 2, x2 = -1, x3 = 2
y1 = 3, y2 = 0, y3 = -4
∴ ΔABC का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\)[ [x1(y2 – y3) + x2(y3 – y1) + x3(y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\)[2 × (0 + 4) + (-1) (- 4 – 3) + 2(3 – 0)]
= \(\frac{1}{2}\)[8 + 7 + 6]
= \(\frac{21}{2}\)
= 10.5 वर्ग मात्रक

(ii) माना कि ΔABC के शीर्ष A(-5, -1), B(3, -5) और C(5, 2) हैं।
यहाँ x1 = -5, x2 = 3, x3 = 5
y1 = -1, y2 = -5, y3 = 2
∴ ΔABC का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\)[x1(y2 – y3) + x2(y3 – y1) + x3(y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\)[-5(- 5 – 2) + 3(2 + 1) + 5(- 1 + 5)]
= \(\frac{1}{2}\)[35 + 9 + 20]
= \(\frac{1}{2}\) × 64 = 32 वर्ग मात्रक ।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से प्रत्येक में ‘k’ का मान ज्ञात कीजिए, ताकि तीनों बिन्दु संरेखी हों :
(i) (7, -2); (5, 1); (3, k)
(ii) (8, 1); (k, -4); (2, -5)
हल:
(i) माना कि दिए गए बिन्दु A(7, -2), B(5, 1) और C(3, k) हैं।
यहाँ x1 = 7, x2 = 5, x3 = 3
y1 = -2, y2 = 1, y3 = k

∵ तीनों बिन्दु संरेखी हैं तो ΔABC का क्षेत्रफल शून्य होगा।
ΔABC का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\)[(x1(y2 – y3) + x2(y3 – y1) + x3(y1 – y2)]
⇒ 0 = \(\frac{1}{2}\)[7(1 – k) + 5(k + 2) + 3 (- 2 – 1)]
⇒ 0 = [7 – 7k + 5k + 10 – 6 – 3]
⇒ 0 = \(\frac{1}{2}\)[-2k + 8]
⇒ 0 = -k + 4
∴ k = 4

(ii) माना कि दिए गए बिन्दु A(8, 1), B(k, -4 ) और C (2, -5) है।
यहाँ x1 = 8, x2 = k, x3 = 2
y1 = 1, y2 = – 4
y3 = -5
∵ तीनों बिन्दु संरखी हैं, तो ΔABC का क्षेत्रफल शून्य होता है।
ΔABC का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\)[(x1(y2 – y3) + x2(y3 – y1) + x3(y1 – y2)]
⇒ \(\frac{1}{2}\)[8 (- 4 + 5) + k(- 5 – 1) + 2(1 + 4)] = 0
⇒ 8 – 6k + 10 = 0
⇒ -6k = -18 ⇒ k = \(\frac{-18}{-6}\) = 3
अतः k = 3

प्रश्न 3.
शीघ्र (0, -1), (2, 1) और (0, 3) वाले त्रिभुज की भुजाओं के मध्य बिन्दुओं से बनने वाले त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए इस क्षेत्रफल का दिए हुए त्रिभुज के क्षेत्रफल के साथ अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल:
माना कि त्रिभुज ABC के शीर्ष A(0, -1), B(2, 1) और C(0, 3) हैं। त्रिभुज की भुजा AB, BC और CA के मध्य बिन्दु क्रमश: D, E व F है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3 1
मध्य- बिन्दु D के निर्देशांक = \(\left(\frac{0+2}{2}, \frac{-1+1}{2}\right)\)
= (1, 0)
मध्य-बिन्दु E के निर्देशांक = \(\left(\frac{2+0}{2}, \frac{1+3}{2}\right)\)
= (1, 2)
मध्य- बिन्दु के निर्देशांक = \(\left(\frac{0+0}{2}, \frac{3-1}{2}\right)\)
= (0, 1)
ΔDEF में x1 = 1, x2 = 1, x3 = 0
y1 = 0, y2 = 2, y3 = 1
ΔDEF का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\)[x1(y2 – y3) + x2(y3 – y1) + x3(y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\)[1(2 – 1) + 1(1 – 0) + 0(0 – 2)]
= \(\frac{1}{2}\) [1 + 1 – 0] = \(\frac{1}{2}\) × 2 = 1 वर्ग मात्रक।
ΔABC में.
x1 = 0, x2 = 2, x3 = 0
y1 = -1, y2 = 1, y3 = 3
ΔABC का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\)[x1(y2 – y3) + x2(y3 – y1) + x3(y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\)[0(1 – 3) + 2(3 + 1) + 0(- 1 – 1)]
= \(\frac{1}{2}\)[0 + 8 + 0] = \(\frac{8}{2}\) =4 वर्ग मात्रक
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3 2
अतः दोनों त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात = 1 : 4

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3

प्रश्न 4.
उस चतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसके शीर्ष, इसी क्रम में (4, – 2); (-3, -5); (3, -2) और (2, 3) हैं।
हल:
माना कि चतुर्भुज ABCD के शीर्षो के निर्देशांक A(-4, -2), B(-3, 5), C(3, -2) और D(2, 3) हैं।
AC को मिलाने पर चतुर्भुज ABCD, दो त्रिभुजों ABC और CDA में विभाजित हो जाता है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3 3
ΔABC में, यहाँ
x1 = – 4, x2 = -3, x3 = 3
y1 = – 2, y2 = -5, y3 = -2
ΔABC का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\)[x1(y2 – y3) + x2(y3 – y1) + x3(y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\)[(-4)(-5 + 2) + (-3)(-2 + 2) + 3(-2 + 5)]
= \(\frac{1}{2}\)[12 + 0 + 9]
= \(\frac{21}{2}\) वर्ग मात्रक
ΔCDA में
x1 = 3, x2 = 2, x3 = -4
y1 = – 2, y2 = 3, y3 = -2
ΔCDA का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\)[x1(y2 – y3) + x2(y3 – y1) + x3(y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\)[3(3 + 2) + 2(-2 + 2) + (-4) (- 2 – 3)]
= \(\frac{1}{2}\)[15 + 0 + 20
= \(\frac{35}{2}\)वर्ग मात्रक
अब, चतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल
= (ΔABC का क्षेत्रफल) + (ΔCDA का क्षेत्रफल)
= \(\frac{21}{2}+\frac{35}{2}=\frac{21+35}{2}=\frac{56}{2}\)
= 28 वर्ग मात्रक
अत: अभीष्ट चतुर्भुज का क्षेत्रफल = 28 वर्ग मात्रक

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3

प्रश्न 5.
कक्षा IX में आपने पढ़ा है (अध्याय 9, उदाहरण 3) कि किसी त्रिभुज की एक माध्यिका उसे बराबर क्षेत्रफलों वाले त्रिभुजों में विभाजित करती है। उस त्रिभुज ABC के लिए इस परिणाम का सत्यापन कीजिए जिसके शीर्ष A(4, -6), B(3, -2) और C(5, 2) हैं।
हल:
दिए गए त्रिभुज ABC के शीर्ष A(4, -6), B(3, – 2) तथा C(5, 2) हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3 4
∵ AD, ΔABC की माध्यिका है, इसलिए D भुजा BC का मध्य बिन्दु है।
D के निर्देशांक हैं : \(\left(\frac{3+5}{2}, \frac{-2+2}{2}\right)\) = (4, 0)
ΔADC का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\)[x1(y2 – y3) + x2(y3 – y1) + x3(y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\)[4(0 – 2) + 4(2 + 6) + 5(- 6 – 0)]
= \(\frac{1}{2}\)(-8 + 32 – 30)
= \(\frac{1}{2}\) × (-6) = -3
= 3 वर्ग इकाई (संख्यात्मक)

ΔABD का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\)[x1(y2 – y3) + x2(y3 – y1) + x3(y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\)[4(- 2 – 0) + 3(0 + 6) + 4(- 6 + 2)
= \(\frac{1}{2}\)(- 8 + 18 – 16)
= \(\frac{1}{2}\)(-6) = -3
= 3 वर्ग इकाई (संख्यात्मक)
क्षेत्रफल (ΔADC) = क्षेत्रफल (ΔABD)
अतः त्रिभुज की माध्यिका त्रिभुज को दो बराबर क्षेत्रफल वाले त्रिभुजों में विभाजित करती है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Exercise 7.4

प्रश्न 1.
बिन्दुओं A(2, -2) और B (3, 7) को जोड़ने वाले रेखाखण्ड को रेखा 2x + y – 4 = 0 जिस अनुपात में विभाजित करती है, उसे ज्ञात कीजिए।
हल:
माना कि रेखा 2x + y – 4 = 0, बिन्दुओं (2, -2) और B (3, 7) को मिलाने वाले रेखाखण्ड को बिन्दु C (x, y) पर k : 1 के अनुपात में विभाजित करती है।
बिन्दु C के निर्देशांक
x = \(\frac{m_1 x_2+m_2 x_1}{m_1+m_2}\)
∴ x = \(\frac{k \times 3+1 \times 2}{k+1}\)
= \(\frac{3 k+2}{k+1}\)
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 1
9k – 2 = 0
9k = 2
k = \(\frac{2}{9}\)
k : 1 = 2 : 9
अतः अभीष्ट अनुपात 2 : 9 है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4

प्रश्न 2.
x और y में एक सम्बन्ध ज्ञात कीजिए, यदि बिन्दु (x, y), (1, 2) और (7, 0) संरेखी हैं।
हल:
माना कि दिए गए बिन्दु A(x, y), B(1, 2) और C(7, 0) हैं।
यहाँ x1 = x, x2 = 1, x3 = 7
y1 = y, y2 = 2, y3 = 0
तीनों बिन्दु संरेखी होने के लिए ΔABC का क्षेत्रफल = 0 होता है।
\(\frac{1}{2}\)[ [x1(y2 – y3) + x2(y3 – y1) + x3(y1 – y2)] = 0
⇒ \(\frac{1}{2}\)[x(2 – 0) + 1(0 – y) + 7(x – 2)] = 0
⇒ 2x – y + 7y – 14 = 0
⇒ 2x + 6y – 14 = 0
⇒ 2(x + 3y – 7 ) = 0
अत: x + 3y – 7 = 0 अभीष्ट सम्बन्ध है।

प्रश्न 3.
बिन्दुओं (6, -6), (3, -7) और (3, 3) से होकर जाने वाले वृत्त का केन्द्र ज्ञात कीजिए।
हल:
माना कि बिन्दु O(x, y) वृत्त का केन्द्र है तथा O केन्द्र वाला वृत्त बिन्दुओं P(6, -6), Q(3, – 7) और R (3, 3) से होकर गुजरता है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 2
∵ वृत्त की त्रिज्याएँ समान होती हैं।
∴ OP = OQ = OR
या OP2 = OQ2 = OR2
अब OP2 = OQ2
(x – 6)2 + (y + 6)2 = (x – 3)2 + (y + 7)2
⇒ x2 – 12x + 36 + y2 + 12y + 36 = x2 – 6x + 9 + y2 + 14y + 49
⇒ – 12x + 6x + 12y – 14y + 72 – 58 = 0
⇒ – 6x – 2y + 14 = 0
⇒ 3x + y – 7 = 0 …(i)
अब OQ2 = OR2
(x – 3)2 + (y + 7)2 = (x – 3)2 + (y – 3)2
⇒ (y + 7)2 = (y – 3)2
⇒ y2 + 49 + 14y = y2 + 9 – 6y
⇒ 20y = – 40
y = \(\frac{-40}{20}\) = -2
y के इस मान को समीकरण (1) में प्रतिस्थापित करने पर
3x – 2 – 7 = 0
⇒ 3x – 9 = 0
⇒ 3x = 9
⇒ x = \(\frac{9}{3}\)
∴ x = 3
अतः अभीष्ट केन्द्र (3, -2) हैं।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4

प्रश्न 4.
किसी वर्ग के दो सम्मुख शीर्ष (-1, 2) और (3, 2) हैं। वर्ग के अन्य दोनों शीर्ष ज्ञात कीजिए।
हल:
माना कि वर्ग ABCD के दो सम्मुख शीर्ष A(-1, 2) और C(3, 2) हैं तथा B के निर्देशांक (x, y) हैं।
∵ वर्ग की प्रत्येक भुजा की लम्बाई समान होती है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 3
AB = BC
(AB)2 = (BC)2
(x + 1)2 + (y – 2)2 = (x – 3)2 + (y – 2)2
⇒ (x + 1)2 = (x – 3)2
⇒ x2 + 1 + 2x = x2 + 9 – 6x
⇒ 8x = 8
x = \(\frac{8}{8}\) = 1 …(1)
अब समकोण ΔABC में, पाइथागोरस प्रमेय का उपयोग करने पर,
(AB)2 + (BC)2 = (AC)2
⇒ (x + 1)2 + (y – 2)2 + (x – 3)2 + (y – 2)2
= (3 + 1)2 + (2 – 2)2
⇒ x2 + 1 + 2x + y2 + 4 – 4y + x2 + 9 – 6x + y2 + 4 – 4y = 16
⇒ 2x2 + 2y2 – 4x – 8y + 2 = 0
⇒ x2 + y2 – 2x – 4y + 1 = 0 ….(2)
समीकरण (1) से x = 1 को समीकरण (2) में प्रतिस्थापित करने पर,
(1)2 + y2 – 2(1) – 4y + 1 = 0
⇒ y2 – 4y = 0
⇒ y(y – 4) = 0
⇒ y = 0 या y – 4 = 0
⇒ y = 0 या y = 4
y = 0, 4
अतः वर्ग के शेष दोनों शीर्ष (1, 0) और (1, 4) है।

प्रश्न 5.
कृष्णानगर के एक सेकेण्डरी स्कूल के कक्षा X के विद्यार्थियों को उनके बागवानी क्रियाकलाप के लिए एक आयताकार भूखण्ड दिया गया है गुलमोहर की पौध (Sapling) को परस्पर 1 मीटर की दूरी पर इस भूखण्ड की परिसीमा (boundary) पर लगाया जाता है। इस भूखण्ड के अन्दर एक त्रिभुजाकार घास लगा हुआ लॉन (lawn) है, जैसा कि आकृति में दर्शाया गया है। विद्यार्थियों को भूखण्ड के शेष भाग में फूलों के पौधे के बीज बोने हैं:
(i) A को मूलविन्दु मानते हुए, त्रिभुज के शीषों के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।
(ii) यदि मूलविन्दु C हो, तो ΔPQR के शीर्षों के निर्देशांक क्या होंगे ?
साथ ही उपरोक्त दोनों स्थितियों में, त्रिभुजों के क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। आप क्या देखते हैं ?
हल:
चित्र में बिन्दुओं P, Q व R से सम्मुख अक्षों पर लम्ब खींचे गए हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 4

यदि A मूलविन्दु हो तो त्रिभुज PQR के शीर्षों के निर्देशांक P(4, 6), Q(3, 2) तथा R( 6, 5) हैं।

जब C मूलबिन्दु हो तो त्रिभुज PQR के शीषों के निर्देशांक P(12, 2), Q(13, 6) तथा R(10, 3) हैं। CB तथा CD को निर्देशांक अक्षों के रूप में लेकर
(i) यदि 1 मूल बिन्दु हो, तो
ΔPQR का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\)[x1(y2 – y3) + x2(y3 – y1) + x3(y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\)[4(2 – 5) + 3(5 – 6) + 6(6 – 2)]
= \(\frac{1}{2}\)[4 × (-3) + 3 × (-1) + 6 × 4]
= \(\frac{1}{2}\)[- 12 – 3 + 24]
= \(\frac{1}{2}\) × 9 = \(\frac{9}{2}\) वर्ग इकाई

(ii) अब यदि मूल बिन्दु C हो तो ΔPQR का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\)[x1(y2 – y3) + x2(y3 – y1) + x3(y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\)[12(6 – 3) + 13(3 – 2) + 10(2 – 6)]
= \(\frac{1}{2}\)[12 × 3 + 13 × 1 + 10 × (4)]
= \(\frac{1}{2}\)[36 + 13 – 40]
= \(\frac{9}{2}\) वर्ग मात्रक
अतः दोनों स्थितियों में क्षेत्रफल समान है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4

प्रश्न 6.
एक त्रिभुज ABC के शीर्ष A(4, 6), B(1, 5) और C(7, 2) हैं। भुजाओं AB और AC को क्रमश: D और E पर प्रतिच्छेद करते हुए एक रेखा इस प्रकार खींची गई है कि \(\frac{A D}{A B}=\frac{A E}{A C}=\frac{1}{4}\) है। ΔADE का क्षेत्रफल परिकलित कीजिए और इसकी तुलना ΔABC के क्षेत्रफल से कीजिए।
हल:
ΔABC के शीर्ष A(4, 6), B(1, 5) और C(7, 2) हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 5
\(\frac{A D}{A B}=\frac{1}{4}\) ⇒ AB = 4 AD
⇒ AD + DB = 4 AD
⇒ BD = 3AD
⇒ \(\frac{A D}{D B}=\frac{1}{3}\)
⇒ AD : DB = 1 : 3
अत: बिन्दु D, AB को 1 : 3 के अनुपात में विभाजित करता है।
माना D के निर्देशांक यदि (x, y) हों, तो
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 6
बिन्दु D के निर्देशांक = \(\left(\frac{13}{4}, \frac{23}{4}\right)\)
इसी प्रकार,
\(\frac{A E}{A C}=\frac{1}{4}\) ⇒ AC = 4AE
⇒ AE + EC = 4AE
⇒ EC = 3AE
⇒ \(\frac{A E}{E C}=\frac{1}{3}\)
AE : EC = 1 : 3
अत: बिन्दु E, AC को 1 : 3 के अनुपात में विभाजित करता है।
माना यदि E के निर्देशांक (x’, y’) हों तो
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 7
ΔADE का क्षेत्रफल
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 8
अब ΔABC में,
x1 = 4, x2 = 1, x3 = 7
y1 = 6, y2 = 5, y3 = 2
ΔABC का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\)[x1(y2 – y3) + x2(y3 – y1) + x3(y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\)[4(5 – 2) + 1(2 – 6) + 7(6 – 5)]
= \(\frac{1}{2}\)[4 × 3 + 1 × – 4 + 7 × 1]
= \(\frac{1}{2}\)[12 – 4 + 7] = \(\frac{15}{2}\) वर्ग मात्रक
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 9
अत: ΔADE का क्षेत्रफल : ΔABC का क्षेत्रफल = 1 : 16

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4

प्रश्न 7.
मान लीजिए A(4, 2), B(6, 5) और C(1, 4) एक त्रिभुज ABC के शीर्ष हैं।
(i) A से होकर जाने वाली माध्यिका BC से D पर मिलती है। बिन्दु D के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।
(ii) AD पर स्थित ऐसे बिन्दु P के निर्देशांक ज्ञात कीजिए कि AP : PD = 2 : 1 हो।
(iii) माध्यिकाओं BE और CF पर ऐसे बिन्दुओं Q और R के निर्देशांक ज्ञात कीजिए कि BQ : QE = 2 : 1 हो और CR : RF = 2 : 1 हो।
(iv) आप क्या देखते हैं ?
[नोट: वह बिन्दु जो तीनों माध्यिकाओं में सार्वनि हो, त्रिभुज का केन्द्रक (centroid) कहलाता है और यह प्रत्येक माध्यिका को 2 : 1 के अनुपात में विभाजित करता है।]
(v) यदि A(x1, y1), B(x2, y2), C(x3, y3) त्रिभुज ABC के शीर्ष हैं, तो इस त्रिभुज के केन्द्रक के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।
हल:
दिए गए बिन्दु A(4, 2), B(6, 5) और C(1, 4) हैं।
(i) ∵ D, रेखाखण्ड BC का मध्य-बिन्दु है।
बिन्दु D के निर्देशांक = \(\left(\frac{6+1}{2}, \frac{5+4}{2}\right)\)
= \(\left(\frac{7}{2}, \frac{9}{2}\right)\)
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 10

(ii) माना AD पर स्थित विन्दु P के निर्देशांक (x, y) हैं।
दिया गया है कि बिन्दु P माध्यिका AD को 2 : 1 में विभाजित करता है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 11
अब B(6, 5) और E(\(\frac{5}{2}\), 3) हों तो BE को 2 : 1 में विभाजित करने वाले बिन्दु Q के निर्देशांक
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 12
अब C (1, 4) और F(5, \(\frac{7}{2}\)) हों तो CF को 2 : 1 मैं विभाजित करने वाले बिन्दु R के निर्देशांक
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 13
(iv) हम देखते हैं कि P, Q और R के निर्देशांक एक समान हैं और एक बिन्दु पर संपाती हैं। इस बिन्दु को त्रिभुज का केन्द्रक कहते हैं जो कि माध्यिका को 2 : 1 में विभाजित करता है।
(v) यदि ΔABC के शीर्ष (x1, y1), B(x2, y2) व C(x3, y3) हों तो रेखाखण्ड BC का मध्य-बिन्दु
D के निर्देशांक = \(\left(\frac{x_2+x_3}{2}, \frac{y_2+y_3}{2}\right)\)
माना बिन्दु G, ΔABC का केन्द्रक है जो माध्यिका AD को 2 : 1 के अनुपात में विभाजित करता है।
∴ बिन्दु G के निर्देशांक
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 14

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4

प्रश्न 8.
बिन्दुओं A(-1, -1), B(-1, 4), C(5, 4) और D(5, -1) से एक आयत ABCD बनता है। P, Q, R और S क्रमशः भुजाओं AB, BC, CD और DA के मध्-बिन्दु हैं। क्या चतुर्भुज PQRS एक वर्ग है ? क्या यह एक आयत है ? क्या यह एक समचतुर्भुज है ? सकारण उत्तर दीजिए।
हल:
दिए गए बिन्दु A(-1, -1), B(-1, 4), C(5, 4) और D(5, -1) हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 15
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 16
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 17
चतुर्भुज PQRS में, PQ = QR = RS = SP और विकर्ण PR ≠ विकर्ण QS.
अत: चतुर्भुज PQRS एक समचतुर्भुज है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.4

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Exercise 13.4

जब तक अन्यथा न कहा जाए π = \(\frac {22}{7}\) लीजिए ।

प्रश्न 1.
पानी पीने वाला एक गिलास लीजिए । वाले एक शंकु के छिन्नक के आकार का है। दोनों वृत्ताकार सिरों के व्यास 4 सेमी और 2 सेमी हैं। इस गिलास की धारिता ज्ञात कीजिए ।
हल :
दिया है,
गिलास के ऊपरी सिरे का व्यास = 4 सेमी
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.4 - 1
∴ ऊपरी सिरे की त्रिज्या (r1) = \(\frac {4}{2}\) = 2 सेमी
गिलास के निचले सिरे की त्रिज्या (r2) = \(\frac {2}{2}\) = 1 सेमी
सेमी गिलास की ऊँचाई (h) = 14 सेमी
शंकु के छिन्नक के आकार के गिलास का आयतन
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.4 - 2
अतः गिलास की धारिता = 102\(\frac {2}{3}\) घन सेमी

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.4

प्रश्न 2.
एक शंकु के छिन्नक की तिर्यक ऊंचाई 4 सेमी है तथा इसके वृत्तीय सिरों के परिमाप (परिधियाँ) 18 सेमी और 6 सेमी हैं। इस छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए ।
हल :
शंकु के छिन्नक की तिर्यक ऊँचाई l = 4 सेमी माना ऊपरी सिरे की त्रिज्या r1 और निचले सिरे की त्रिज्या r2 है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.4 - 3
∴ ऊपरी सिरे की परिधि = 18 सेमी
⇒ 2πr1 = – 18
⇒ r1 = \(\frac {18}{2π}\) = \(\frac {9}{π}\)सेमी
निचले सिरे की परिधि = 6 सेमी
⇒ 2πr2 = 6
⇒ r2 = \(\frac{6}{2 \pi}=\frac{3}{\pi}\)सेमी
छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = π(r1 + r2)l
= π[\(\frac {9}{π}\) + \(\frac {3}{π}\)] × 4
= 12 × 4
= 48 वर्ग सेमी
अतः छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 48 वर्ग सेमी

प्रश्न 3.
एक तुर्की टोपी शंकु के एक छिन्नक के आकार की है( देखिए आकृति) । यदि इसके खुले सिरे की त्रिज्या 10 सेमी है, ऊपरी सिरे की त्रिज्या 4 सेमी है और टोपी की तिर्यक ऊँचाई 15 सेमी है, तो इसके बनाने में प्रयुक्त पदार्थ का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए ।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.4 - 4
हल :
दिया है,
छिन्नक के निचले सिरे की त्रिज्या (r1) = 10 सेमी
छिन्नक के ऊपरी सिरे की त्रिज्या (r2) = 4 सेमी
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.4 - 5
छिन्नक की तिर्यक ऊँचाई (l) = 15 सेमी
छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πl(r1 + r2)
= \(\frac {22}{7}\) × 15 (10 + 4)
= \(\frac {22}{7}\) × 15 × 14
= 22 × 30 = 660 वर्ग सेमी
बन्द (ऊपरी) सिरे का क्षेत्रफल = πr22 = \(\frac {22}{7}\) × 4 × 4
= \(\frac {352}{7}\) = 50.28 वर्ग सेमी
प्रयुक्त पदार्थ का कुल क्षेत्रफल = छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + बन्द सिरे का क्षेत्रफल
= 660 + 50.28 = 710.28 वर्ग सेमी
अंतः प्रयुक्त पदार्थ का कुल क्षेत्रफल
= 710.28 वर्ग सेमी

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.4

प्रश्न 4.
धातु की चादर से बना और ऊपर से खुला एक बर्तन शंकु के एक छिन्नक के आकार का है, जिसकी ऊँचाई 16 सेमी है तथा निचले और ऊपरी सिरों की त्रिज्याएँ क्रमशः 8 सेमी और 20 सेमी हैं। ₹20 प्रति लीटर की दर से, इस बर्तन को पूरा भर सकने वाले दूध का मूल्य ज्ञात कीजिए। साथ ही, इस बर्तन को बनाने के लिए प्रयुक्त धातु की चादर का मूल्य ₹8 प्रति 100 सेमी की दर से ज्ञात कीजिए। (π = 3.14)
हल :
दिया है,
बर्तन के ऊपरी सिरे की त्रिज्या (r1) = 20 सेमी
बर्तन के निचले सिरे की त्रिज्या (r2) = 8 सेमी
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.4 - 6
बर्तन की ऊँचाई (h) = 16 सेमी
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.4 - 7
बर्तन की धारिता = 10449.92 घन सेमी
अतः बर्तन में दूध का आयतन = बर्तन की धारिता
= 10449.52 घन सेमी
= \(\frac {10449.52}{1000}\)
= 10.45 लीटर
∵ 1 लीटर दूध का मूल्य = ₹ 20
∴ 10.45 लीटर दूध का मूल्य = ₹ 10.45 × 20
= ₹ 209
छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = π(r1 + r2)l
= 3.14 (20 + 8) × 20
= 3.14 × 28 × 20
= 1758.4 वर्ग सेमी
बर्तन के निचले आधार का क्षेत्रफल = πr22 = 3.14 × (8)²
= 3.14 × 64
= 200.96 वर्ग सेमी
बर्तन बनाने के लिए प्रयुक्त धातु
= छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + आधार का क्षेत्रफल
= (1758.4 + 200.96) सेमी²
= 1959.36 सेमी²
∴ 100 सेमी² धातु की चादर का मूल्य = ₹ 8
∴ 1 सेमी² धातु की चादर का मूल्य = ₹ \(\frac {8}{100}\)
∴ 1959.36 सेमी² धातु की चादर का मूल्य
= ₹ \(\frac {8}{100}\) × 1959.36
= ₹ 156.748 = ₹ 156.75
अतः दूध का मूल्य = ₹ 209
और चादर का मूल्य = ₹ 156.75

प्रश्न 5.
20 सेमी ऊँचाई और शीर्ष कोण (vertical angle) 60° वाले एक शंकु को उसकी ऊंचाई के बीचों-बीच से होकर जाते हुए एक तल से दो भागों में काटा गया है, जबकि तल शंकु के आधार के समान्तर है।
यदि इस प्राप्त शंकु के छिन्नक को व्यास \(\frac {1}{16}\) सेमी वाले एक तार के रूप में बदल दिया जाता है, तो तार की लम्बाई ज्ञात कीजिए ।
हल :
चित्र में किसी शंकु के आधार का व्यास A’OA है तथा शीर्ष V है। शंकु का शीर्ष कोण A’VA = 60° है, तब शंकु का अर्द्धशीर्ष कोण α = 30°
शंकु की ऊँचाई = 20 सेमी है
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.4 - 8
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.4 - 9
∵ बेलनाकार तार का व्यास = \(\frac {1}{16}\) सेमी
∵ बेलनाकार तार की त्रिज्या (r) = \(\frac {1}{32}\) सेमी
माना खींचे जाने वाले तार की लम्बाई l सेमी है।
तार का आयतन = πr²l
= π × \(\frac {1}{32}\) × \(\frac {1}{32}\) × l = \(\frac {πl}{1024}\) घन सेमी
∵ तार शंकु के छिन्नक से खींचा जाता है।
∴ तार का आयतन = छिन्नक का आयतन
\(\frac {πl}{1024}\) = \(\frac {7000}{9}\)π
l = \(\frac {7000π}{9}\) × \(\frac {1024}{π}\)सेमी
= \(\frac {70}{9}\) × 1024 मीटर
= \(\frac {71680}{9}\) मीटर
= 7964.44 मीटर
अतः तार की लम्बाई = 7964.44 मीटर

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Exercise 13.3

जब तक अन्यथा न कहा जाए, π = \(\frac {22}{7}\) लीजिए ।

प्रश्न 1.
त्रिज्या 4.2 सेमी वाले धातु के एक गोले को पिघलाकर त्रिज्या 6 सेमी वाले एक बेलन के रूप में ढाला जाता है। बेलन की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है,
गोले की त्रिज्या (r) = 4.2 सेमी
बेलन की त्रिज्या (R) = 6 सेमी
माना कि बेलन की ऊँचाई = H सेमी
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3 - 1
ढालने पर गोले का आयतन और0 बेलन का आयतन बराबर होगा।
गोले का आयतन = बेलन का आयतन
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3 - 2
अत: बेलन की ऊँचाई = 2.74 सेमी

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3

प्रश्न 2.
क्रमशः 6 सेमी, 8 सेमी और 10 सेमी त्रिज्याओं वाले धातु के तीन ठोस गोलों को पिघलाकर एक बड़ा ठोस गोला बनाया जाता है। इस गोले की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है,
पहले गोले की त्रिज्या (r1) = 6 सेमी
दूसरे गोले की त्रिज्या (r2) = 8 सेमी
तीसरे गोले की त्रिज्या (r3) = 10 सेमी
माना कि नए बने गोले की त्रिज्या R सेमी है।
∵ तीनों गोलों को पिघलाकर एक बड़ा गोला बनाया जाता है।
∴ बड़े गोले का आयतन = तीनों गोलों के आयतनों का योग
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3 - 3
अतः बड़े गोले की त्रिज्या = 12 सेमी

प्रश्न 3.
7 मीटर व्यास वाला तथा 20 मीटर गहरा एक कुआँ खोदा जाता है और खोदने से निकली हुई मिट्टी को समान रूप से फैलाकर 22 मीटर x 14 मीटर वाला एक चबूतरा बनाया गया है। इस चबूतरे की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है, कुएँ का व्यास = 7 मीटर
कुएँ की त्रिज्या (r) = \(\frac {7}{2}\) मीटर
और कुएँ की गहराई (h) = 20 मीटर
कुएँ से निकाली मिट्टी का आयतन = πr²h
= \(\frac{22}{7} \times \frac{7}{2} \times \frac{7}{2}\) × 20
= 770 घन मीटर
चबूतरे की लम्बाई (L) = 22मी
तथा चौड़ाई (B) = 14 मी
माना चबूतरे की ऊँचाई H मीटर है।
चबूतरे का आयतन = L × B × H घन मीटर
= 22 × 14 × H घन मीटर
प्रश्नानुसार,
चबूतरे का आयतन = कुएँ से निकाली गई मिट्टी का आयतन
22 × 14 × H = 770
∴ H = \(\frac{770}{22 \times 14}\) = 2.5 मीटर
अतः चबूतरे की ऊँचाई = 2.5 मीटर

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3

प्रश्न 4.
3 मीटर व्यास का एक कुआँ 14 मीटर की गहराई तक खोदा जाता है। इससे निकली हुई मिट्टी को कुएँ के चारों ओर 4 मीटर चौड़ी एक वृत्ताकार वलय (ring) बनाते हुए, समान रूप से फैलाकर एक प्रकार का बाँध बनाया जाता है। इस बाँध की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है,
∵ कुएँ का व्यास = 3 मीटर
तथा गहराई (h) = 14 मीटर
∴ कुएँ से निकली मिट्टी का आयतन = πr²h
कुएँ की त्रिज्या (r) = \(\frac{22}{7} \times \frac{3}{2} \times \frac{3}{2}\) × 14
= \(\frac{22 \times 3 \times 3}{2}\) = 99 घन मीटर
∵ कुएँ की त्रिज्या = \(\frac {3}{2}\) मीटर है और कुएँ के चारों ओर 4 मीटर चौड़ा वृत्ताकार वलय बनाया गया है।
∴ कुएँ की बाहरी त्रिज्या (r1) = \(\frac {3}{2}\) + 4 = \(\frac {11}{2}\) मीटर
तथा भीतरी त्रिज्या (r2) = \(\frac {3}{2}\) मीटर
∴ वृत्ताकार वलय का क्षेत्रफल = πr12 – πr22
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3 - 4
माना बाँध की ऊँचाई h मीटर है।
तब बाँध की मिट्टी का आयतन = 88 × h घन मीटर
अब बाँध की मिट्टी का आयतन = कुएँ से निकाली गई मिट्टी का आयतन
88 × h = 99
∴ h = \(\frac{99}{88}=\frac{9}{8}\)
= 1.125 मीटर
अतः बाँध की ऊँचाई = 1.125 मीटर

प्रश्न 5.
व्यास 12 सेमी और ऊँचाई 15 सेमी वाले एक लम्बवृत्तीय बेलन के आकार का बर्तन आइसक्रीम से पूरा भरा हुआ है। इस आइसक्रीम को ऊँचाई 12 सेमी और व्यास 6 सेमी वाले शंकुओं में भरा जाना है, जिनका ऊपरी सिरा अर्द्धगोलाकार होगा। उन शंकुओं की संख्या ज्ञात कीजिए जो इस आइसक्रीम से भरे जा सकते हैं।
हल :
दिया है,
बेलनाकार बर्तन का व्यास = 12 सेमी
∴ बेलनाकार बर्तन की त्रिज्या (r1) = 6 सेमी
तथा बेलनाकार बर्तन की ऊँचाई (h1) = 15 सेमी
∴ बेलनाकार बर्तन का आयतन = πr12h1
= π × (6)² × 15
= 540π घन सेमी
∴ आइसक्रीम का कुल आयतन = 540π घन सेमी
शंकु की त्रिज्या (r2) = \(\frac {6}{2}\) = 3 सेमी
तथा ऊँचाई (h2) = 12 सेमी
∴ शंकु का आयतन = \(\frac {1}{3}\)πr22h2 = \(\frac {1}{3}\)π × (3)² × 12
= 36π घन सेमी
शंकु के मुँह पर अर्द्धगोलाकार आइसक्रीम का आयतन
= \(\frac {2}{3}\)πr23
= \(\frac {2}{3}\)π × (3)3 = 18π घन सेमी
∴ आइसक्रीम से भरे शंकु का आयतन = 36π + 18π = 54π घन सेमी
∴ शंकुओं की संख्या
= आइसक्रीम का कुल आयतन / 1 शंकु में भरी आइसक्रीम का आयतन
= \(\frac {540π}{54π}\) = 10
अतः आइसक्रीम द्वारा भरे जाने वाले शंकुओं की संख्या = 10

प्रश्न 6.
विमाओं 5.5 सेमी × 10 सेमी × 3.5 सेमी वाला एक घनाभ बनाने के लिए 1.75 सेमी व्यास और 2 मिमी मोटाई वाले कितने चाँदी के सिक्कों को पिघलाना पड़ेगा ?
हल :
माना चाँदी के n सिक्के पिघलाने पड़ेंगे।
प्रत्येक सिक्के की त्रिज्या r = \(\frac {1.75}{2}\)सेमी
= \(\frac {175}{200}\)
= \(\frac {7}{8}\) सेमी
और प्रत्येक सिक्के की ऊँचाई h = 2 मिमी
= \(\frac {2}{10}\) सेमी = \(\frac {1}{5}\)
∴ प्रत्येक सिक्के का आयतन = πr²h
= \(\frac{22}{7} \times \frac{7}{8} \times \frac{7}{8} \times \frac{1}{5}\)
= \(\frac {77}{160}\) घन सेमी
∴ n सिक्कों का आयतन = \(\frac {77}{160}\)n घन सेमी
घनाभ का आयतन = 5.5 × 10 × 3.5
= 192.5 घन सेमी
∵ चाँदी के n सिक्कों को घनाभ बनाया गया
∴ n सिक्कों का आयतन = घनाभ का आयतन
⇒ \(\frac {77}{160}\)n = 192.5
⇒ n = \(\frac{192.5 \times 160}{77}\) = 400
अत: चाँदी के सिक्कों की संख्या = 400

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3

प्रश्न 7.
32 सेमी ऊँची और आधार त्रिज्या 18 सेमी वाली एक बेलनाकार बाल्टी रेत से भरी हुई है। इस बाल्टी को भूमि पर खाली किया जाता है और इस रेत की एक शंक्वाकार ढेरी बनाई जाती है। यदि शंक्वाकार ढेरी की ऊँचाई 24 सेमी है, तो इस ढेरी की त्रिज्या और तिर्यक ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
बेलनाकार बाल्टी की त्रिज्या (R) = 18 सेमी
बेलनाकार बाल्टी की ऊँचाई (H) = 32 सेमी
शंकु की ऊँचाई (h) = 24 सेमी
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3 - 5
माना कि शंकु की त्रिज्या r सेमी तथा तिर्यक ऊँचाई l सेमी है।
बाल्टी में रेत का आयतन = शंक्वाकार ढेरी का आयतन
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3 - 6
अतः ढेरी की तिर्यक ऊँचाई (l) = \(\sqrt{r^2+h^2}\)
= \(\sqrt{(36)^2+(24)^2}\)
= \(\sqrt{1296+576}\)
= \(\sqrt{1872}\)
= \(\sqrt{9 \times 4 \times 4 \times 13}\)
= 3 × 2 × 2 × \(\sqrt{13}\)
= 12\(\sqrt{13}\)
या l = 143.27 सेमी
अतः ढेरी की त्रिज्या = 36 सेमी
तथा तिर्यक ऊँचाई = 12\(\sqrt{13}\) अथवा 43.27 सेमी।

प्रश्न 8.
6 मीटर चौड़ी और 1.5 मीटर गहरी एक नहर में पानी 10 किमी / घण्टा की चाल से बह रहा है। 30 मिनट में, यह नहर कितने क्षेत्रफल की सिंचाई कर पाएगी, जबकि सिंचाई के लिए 8 सेमी गहरे पानी की आवश्यकता होती है?
हल :
दिया है,
नहर की चौड़ाई = 6 मीटर
नहर में पानी की गहराई = 1.5 मीटर
नहर में पानी की चाल = 10 किमी/ घण्टा
= \(\frac{10 \times 1000}{60}\) मीटर / मिनट
= \(\frac {500}{3}\)मीटर/मिनट
1 मिनट में नहर में बहे पानी की लम्बाई = \(\frac {500}{3}\)मी.
नहर घनाभ के आयतन के बराबर पानी प्रति मिनट में स्थानान्तरित करेगी।
∵ 1 मिनट में स्थानान्तरित पानी का आयतन
= 6 × 1.5 × \(\frac {500}{3}\)मी3
∴ 30 मिनट में स्थानान्तरित पानी का आयतन
= 30 × 6 × 1.5 × \(\frac {500}{3}\)
= 45000 घन मीटर
सिंचाई के लिए 8 सेमी या \(\frac {8}{100}\) मीटर गहरे पानी की आवश्यकता है।
∴ 30 मिनट में स्थानान्तरित पानी का आयतन = खेत में पानी का आयतन
45000 घन मीटर = खेत का क्षेत्रफल × पानी का ऊँचाई
या 45000 = खेत का क्षेत्रफल × \(\frac {8}{100}\)
∴ खेत का क्षेत्रफल = \(\frac{45000 \times 100}{8}\)
= 562500 मीटर²
= \(\frac {562500}{10000}\)हेक्टेअर
= 56.25 हेक्टेअर
अत: नहर द्वारा 30 मिनट में सिंचित क्षेत्र का क्षेत्रफल = 56.25 हेक्टेअर ।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3

प्रश्न 9.
एक किसान अपने खेत में बनी 10 मीटर व्यास वाली और 2 मीटर गहरी एक बेलनाकार टंकी को, आन्तरिक व्यास 20 सेमी वाले एक पाइप द्वारा नहर से जोड़ता है। यदि पाइप में पानी 3 किमी प्रति घण्टा की चाल से बह रहा है तो कितने समय बाद टंकी पूरी भर जाएगी ?
हल :
दिया है,
टंकी का व्यास = 10 मीटर
∴ त्रिज्या r = 5 मीटर
और टंकी की गहराई h = 2 मीटर
∴ बेलनाकार टंकी का आयतन = πr²h
= π × (5)² × 2
= 50π घन मीटर
पाइप का व्यास = 20 सेमी
त्रिज्या = \(\frac {20}{2}\) = 10 सेमी
= \(\frac{10}{100}=\frac{1}{10}\) मीटर
पाइप में पानी की चाल 3 किमी / घण्टा
= \(\frac{3 \times 1000}{60}\) मीटर/मिनट
= 50 मीटर / मिनट
1 मिनट में बहे पानी की लम्बाई = 50 मी
पाइप, बेलन के आयतन के बराबर पानी प्रति मिनट में स्थानान्तरित करेगा।
यदि टंकी को भरने में n मिनट का समय लगता है, तो n मिनट में स्थानान्तरित पानी का आयतन = बेलनाकार टंकी का आयतन
⇒ n × π × (\(\frac {1}{10}\))² × 50 = 50π
⇒ n = \(\frac{50 \pi \times 100}{50 \pi \times 1}\)
⇒ n = 100 मिनट
अतः टंकी 100 मिनट में पूरी भर जाएगी।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत

Jharkhand Board JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत

Jharkhand Board Class 10 Science विद्युत Textbook Questions and Answers

अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ संख्या-246-248)

प्रश्न 1.
प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को फिर पार्श्वक्रम में संयोजित कर देते हैं। यदि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R’ है तो R/R’ अनुपात का मान क्या है?
(a) 1/25
(b) 1/5
(c) 5
(d) 25
उत्तर:
(d) 25

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा पद विद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति को निरूपित नहीं करता?
(a) I²R
(b) IR²
(c) VI
(d) V² / R
उत्तर:
(b) IR²

प्रश्न 3.
किसी विद्युत बल्ब का अनुमतांक 220 V; 100 W है जब इसे 110 V पर प्रचालित करते हैं तब इसके द्वारा उपयुक्त शक्ति कितनी होती है?
(a) 100W
(b) 75 W
(c) 50W
(d) 25 W
उत्तर:
(d) 25 W

प्रश्न 4.
दो चालक तार जिनके पदार्थ, लंबाई तथा व्यास समान हैं किसी विद्युत परिपथ में पहले श्रेणीक्रम में और फिर पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं। श्रेणीक्रम तथा पार्श्वक्रम संयोजन में उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात क्या होगा?
(a) 1 : 2
(b) 2 : 1
(c) 1 : 4
(d) 4 : 1
उत्तर:
(d) 4 : 1

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत

प्रश्न 5.
किसी विद्युत परिपथ में दो बिन्दुओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को किस प्रकार संयोजित किया जाता है?
उत्तर:
परिपथ में वोल्टमीटर को पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है?

प्रश्न 6.
किसी ताँबे के तार का व्यास 0.5mm तथा प्रतिरोधकता 1.6 x 10-8Ωm है। 10Ω प्रतिरोध का प्रतिरोधक बनाने के लिए कितने लंबे तार की आवश्यकता होगी? यदि इससे दो गुने व्यास का तार लें तो प्रतिरोध में क्या अंतर आएगा।
उत्तर:
व्यास = 0.5mm
r = \(\frac{0.5 \mathrm{~mm}}{2}=\frac{0.5 \times 10^{-3}}{2} \mathrm{~m}\)
ρ = 1.6 x 10-8Ωm
R = 10Ω
हम जानते हैं :
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 1
अतः तार की लम्बाई = 122.7 m
यदि व्यास दो गुना हो जाता है तो प्रतिरोध आधा रह जाता है।

प्रश्न 7.
किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर के विभिन्न मानों के लिए उससे प्रवाहित विद्युत धाराओं के संगत मान आगे दिए गए हैं-

I. (ऐम्पियर) 0.5 1.0 2.0  3.0 4.0
V (वोल्ट)  1.6 3.4 6.7  10.2 13.2

V तथा I के बीच ग्राफ खींचकर इस प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 2

प्रश्न 8.
किसी अज्ञात प्रतिरोध के प्रतिरोधक के सिरों से 12V की बैटरी को संयोजित करने पर परिपथ में 2.5mA विद्युत धारा प्रवाहित होती है। प्रतिरोधक का प्रतिरोध परिकलित कीजिए।
उत्तर:
दिया है :
V = 12V
I = 2.5mA = 2.5 x 10-3 A
हम जानते हैं, R = \(\frac { V }{ I }\) (ओम के नियम से)
R = \(\frac{12}{2.5 \times 10^{-3}}\)Ω
= \(\frac{12 \times 10^3}{2.5}\)Ω
R = 4.8 x 103Ω
अतः अज्ञात प्रतिरोधक का प्रतिरोध = 4.8 x 10-3Ω

प्रश्न 9.
9V की किसी बैटरी को 0.2Ω, 0.3Ω, 0.4Ω, 0.5Ω तथा 12Ω के प्रतिरोधकों के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है। 12Ω के प्रतिरोधक से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होगी?
उत्तर:
श्रेणीक्रम में कुल प्रतिरोध
R = R1 + R2 + R3 + R4 + R5
= 0.2 + 0.3 + 0.4 + 0.5 + 12Ω
R = 13.4Ω
ओम के नियम से,
I = \(\frac { V }{ I }\)
= \(\frac{9 \mathrm{~V}}{13.4 \Omega}=\frac{90}{134}\)A = 0.67 A
अतः विद्युत धारा = 0.67 A

प्रश्न 10.
176Ω प्रतिरोध के कितने प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित करें कि 220 V के विद्युत स्रोत के संयोजन से 5A विद्युत धारा प्रवाहित हो?
उत्तर:
माना प्रतिरोधकों की संख्या = 7
अतः \(\frac{1}{\mathrm{R}}=\frac{1}{176}+\frac{1}{176}\) … + n
R = \(\frac {176} {n} \)
अब I = \(\frac {V} {R} \)
5 = \(\frac {220} {176} \) या n = \(\frac {5×176} {220} \)
= \(\frac {880} {220} \) = 4
अतः प्रतिरोधकों की संख्या = 4

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत

प्रश्न 11.
यह दर्शाइए कि आप 6Ω प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि प्राप्त संयोजन का प्रतिरोध – (i) 9Ω, (ii) 4Ω हो?
उत्तर:
(i) 9Ω प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए दो प्रतिरोधकों को पार्श्व क्रम में तथा एक प्रतिरोधक को श्रेणीक्रम में जोड़ना चाहिए।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 3

(ii) 4Ω प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए पहले दो प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में जोड़ें जिनका तुल्य प्रतिरोध = 6 + 6 = 12Ω फिर इसे तीसरे प्रतिरोध के साथ पार्श्वक्रम जोड़ना चाहिए।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 4

प्रश्न 12.
220V की विद्युत लाइन पर उपयोग किए जाने वाले बहुत से बल्बों का अनुमतांक 10W है। यदि 220V लाइन से अनुमत अधिकतम विद्युत धारा 5A है तो इस लाइन के दो तारों के बीच कितने बल्ब पार्श्वक्रम में संयोजित किए जा सकते हैं?
उत्तर:
प्रत्येक बल्ब का प्रतिरोध = R
I = \(\frac { V }{ R }\)
V = 220V
I = 5A
P = 10W
हम जानते हैं, R = \(\frac{\mathrm{V}^2}{\mathrm{P}}=\frac{(220)^2}{10}\)
R = \(\frac{220 \times 220}{10}\) = 4840Ω
माना ऐसे n बल्ब जोड़े गए हैं।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 4a
अतः बल्बों की संख्या = 110

प्रश्न 13.
किसी विद्युत भट्टी की तप्त प्लेट दो प्रतिरोधक कंडलियों A तथा B की बनी है जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 2452 है तथा इन्हें पृथक-पृथक श्रेणीक्रम अथवा पार्श्वक्रम में संयोजित करके उपयोग किया जा सकता है। यदि यह भट्टी 220V विद्युत स्रोत से संयोजित की जाती है तो तीनों प्रकरणों में प्रवाहित विद्युत धाराएँ क्या हैं?
उत्तर:
दो प्लेटों का प्रतिरोध = 24 Ω प्रत्येक
V = 220 V
R = 24 + 24 = 48 Ω
ओम के नियम से
I = \(\frac {V} {R} \) = \(\frac {220} {48} \) = 4.6 A लगभग
अतः श्रेणीक्रम में धारा का मान = 4.6 A
अब जब ये पार्श्वक्रम में जोड़े जाते हैं,
\(\frac {1} {R} \) = \(\frac {1} {24} \) + \(\frac {1} {24} \)
\(\frac {1} {R} \) = \(\frac {2} {24} \)
R = \(\frac {24} {2} \) = 12 Ω
I = \(\frac {V} {R} \) = \(\frac {220} {12Ω} \) = 18.33 लगभग
तीसरी बार जब केवल एक प्रतिरोधक जोड़ा जाता है
I = \(\frac {V} {R} \) = \(\frac {220} {24} \) = 9.16 A
अतः धारा का मान = 9.16 A

प्रश्न 14.
निम्नलिखित परिपथों में प्रत्येक में 2Ω प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्तियों की तुलना कीजिए:
(i) 6V की बैटरी से संयोजित 1Ω तथा 2Ω श्रेणीक्रम संयोजन।
(ii) 4V बैटरी से संयोजित 1252 तथा 252 का पार्श्वक्रम संयोजन।
उत्तर:
(i) जब 1Ω व 2Ω के प्रतिरोधक 6V की बैटरी के साथ जोड़े जाते हैं:
R = R1 + R2 = 1 + 2 = 3 Ω
I = \(\frac {V} {R} \) = \(\frac {6} {3} \) = 2A
अतः धारा का मान 2A
P1 = VI = 6 × 2 = 12 Ω

(ii) जब 12Ω व 2Ω के प्रतिरोधक 4V की बैटरी के साथ पार्श्वक्रम में जोड़े जाते हैं,
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प्रश्न 15.
दो विद्युत लैम्प जिनमें से एक का अनुमतांक 100 W; 220 तथा दूसरे का 60 W 220 V हैं, विद्युत मेंस के साथ पार्श्वक्रम में संयोजित है। यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220 V है तो विद्युत मेंस से कितनी धारा ली जाती है?
उत्तर:
माना पहले लैम्प के लिए प्रतिरोध = R1
तथा दूसरे लैम्प के लिए प्रतिरोध = R2
P1 = 100W, P2 = 60W, V = 220 V
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प्रश्न 16.
किसमें अधिक विद्युत ऊर्जा उपभुक्त होती है: 250 W का टी.वी. सेट जो एक घंटे तक चलाया ता है अथवा 120 W का विद्युत हीटर जो 10 मिनट के लिए चलाया जाता है?
उत्तर:
टी.वी. सेट के लिए,
P = 250W
t = 1 घं. = 3600 s
E1 = P × t
=250 W x 3600 s
= 900000 J
= 9 × 105 J
हीटर के लिए,
P = 120W
t = 10 मिनट = 600s
E2 = P x t
= 120 × 600
= 72000 J
= 72 x 105 J
हम देखते हैं कि E1 > E2
अतः टी. वी. सेट अधिक ऊर्जा उपभोग करेगा।

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प्रश्न 17.
8Ω प्रतिरोध का कोई विद्युत हीटर विद्युत मेंस से 2 घंटे तक 15A विद्युत धारा लेता है। हीटर में उत्पन्न ऊष्मा की दर परिकलित कीजिए।
उत्तर:
ऊष्मा की दर विद्युत शक्ति
P = \(\frac {E} {t} \)
= \(\frac{\mathrm{I}^2 \mathrm{R} t}{t}\) = I²R = (15)² x 8
= 225 x 8 = 1800 W
अतः ऊष्मा की दर = 1800 J/s

प्रश्न 18.
निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए-
(a) विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है?
(b) विद्युत तापन युक्तियों जैसे ब्रेड टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्रधातुओं के क्यों बनाये जाते हैं?
(c) घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है?
(d) किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता है?
(e) विद्युत संचारण के लिए प्राय: कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:
(a) टंगस्टन का गलनांक तथा प्रतिरोध बहुत अतः यह विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में उपयोग किया जाता है। अधिक प्रतिरोध के कारण इसमें अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा का उत्पादन होता है जिसके कारण तंतु चमकने लगते हैं और प्रकाशित हो जाते हैं।

(b) मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता तथा गलनांक शुद्ध धातुओं से अधिक होते हैं इसी कारण ये अधिक मात्रा में ऊष्मा का उत्पादन करती हैं और ये विद्युत तापन युक्तियों जैसे टोस्टर व इस्तरी में उपयोग की जाती हैं।

(c) घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम उपयोग नहीं किया जाता है क्योंकि श्रेणीक्रम में प्रतिरोध बहुत अधिक (R1 + R2 + R3 + ……….) हो जाता है। अधिक प्रतिरोध के कारण परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा की मात्रा बहुत कम हो जाती पार्श्वक्रम में जोड़ने पर प्रतिरोध का मान बहुत कम हो जाता है जिसके कारण धारा का मान बहुत बढ़ जाता है। अतः घरेलू परिपथों में पार्श्वक्रम का उपयोग किया जाता है।

(d) किसी तार का प्रतिरोध कारकों पर निर्भर करता है। इनमें से एक है अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल / तार का प्रतिरोध अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
R ∝ \(\frac {1} {A} \)

(e) सिल्वर, कॉपर व ऐलुमीनियम विद्युत के सर्वश्रेष्ठ चालक होते हैं। अतः कॉपर व ऐलुमीनियम का उपयोग विद्युत संचारण में किया जाता है।

Jharkhand Board Class 10 Science विद्युत InText Questions and Answers

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 222)

प्रश्न 1.
विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है?
उत्तर:
विद्युत स्रोत के विभिन्न घटकों से होकर विद्युत धारा के बहने के पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं। इसके प्रमुख घटक हैं-

  • विद्युत स्रोत (बैटरी या सेल)
  • चालक
  • प्रतिरोध
  • स्विच (कुंजी) तथा
  • दूसरे अनेक उपकरण जो इससे जुड़े होते हैं।

प्रश्न 2.
विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
विद्युत धारा का मात्रक ऐम्पियर है और इसे ‘A’ अक्षर से दर्शाते हैं जब किसी चालक में 1 सेकण्ड में 1 कूलॉम आवेश का प्रवाह होता है तो प्रयुक्त विद्युत धारा की मात्रा को 1 ऐम्पियर कहते हैं।
1A = \(\frac {1C} {1 s} \)

प्रश्न 3.
एक कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या परिकलित कीजए।
उत्तर:
हम जानते हैं कि इलेक्ट्रॉन पर आवेश = 1.6 x 10-19 C
माना 1 कूलॉम की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या = n तो n x 1.6 x 10-19 C = 1C
n = \(\frac{1}{1.6 \times 10^{-19}}=\frac{10^{19}}{1.6}\)
= \(\frac {10} {16} \) x 1019
= 6.25 x 1018
अत: 1 कूलॉम = 6.25 x 1018 इलेक्ट्रॉन

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 224)

प्रश्न 1.
उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है?
उत्तर:
सेल विभवांतर बनाए रखने में सहायता करते हैं।

प्रश्न 2.
यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिन्दुओं के बीच विभवांतर 1V है?
उत्तर:
इसका अर्थ यह है कि किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच 1 कूलॉम आवेश ले जाने में 1 जूल कार्य होता है।

प्रश्न 3.
6V बैटरी से गुजरने वाले हर एक कूलॉम आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है?
उत्तर:
V = 6 वोल्ट
Q = 1 कूलॉम
हम जानते हैं कि
W = VQ = 6 V x 1C = 6 जूल

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 232)

प्रश्न 1.
किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर:
किसी चालक का प्रतिरोध निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है-
(i) तार की लम्बाई- किसी चालक का प्रतिरोध उसकी लम्बाई के समानुपाती है।
R ∝ L

(ii) चालक के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल – किसी चालक का प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल का व्युत्क्रमानुपाती होता है।
R ∝ \(\frac {1} {A} \)

(iii) किसी चालक का प्रतिरोध उस चालक के पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है।

प्रश्न 2.
समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी प्रवाहित होगी जबकि उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है? क्यों ?
उत्तर:
मोटे तार में विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होती है क्योंकि हम जानते हैं कि चालक का प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अतः मोटे तार का प्रतिरोध कम होगा और यह आसानी से विद्युत धारा प्रवाहित होने देगा।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत

प्रश्न 3.
मान लीजिए किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है। तब उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर:
यहाँ पर V2 = \(\frac {V} {2} \)
R2 = R
I2 = ?
हम जानते हैं कि
I = \(\frac {V} {R} \)
⇒ \(\frac{\mathrm{I}_2}{\mathrm{I}}=\frac{\mathrm{V}_2 \mathrm{R}}{\mathrm{VR}_2}\)
⇒ \(\frac{\mathrm{I}_2}{\mathrm{I}}=\frac{\mathrm{V} / 2 . \mathrm{R}}{\mathrm{V} \cdot \mathrm{R}}\)
⇒ \(\frac{I_2}{\mathrm{I}}=\frac{\mathrm{V}}{2 \mathrm{~V}}\)
⇒ I2 = I/2
अतः विद्युत धारा भी आधी रह जाएगी।

प्रश्न 4.
विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रातु के क्यों बनाए जाते हैं?
उत्तर:
व्यापक रूप में मिश्रातुओं की प्रतिरोधकता उनकी अवयवी धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है। मिश्रातुओं का उच्च ताप पर शीघ्र ही उपचयन (दहन ) नहीं होता। कारण है कि मिश्रातुओं का उपयोग विद्युत इस्तरी, टोस्टर आदि सामान्य वैद्युत तापन युक्तियों के निर्माण में किया जाता है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तालिका में दिए गए आँकड़ों के आधार पर दीजिए-
(a) आयरन (Fe) तथा मर्करी (Hg) में कौन अच्छा विद्युत चालक है?
(b) कौन-सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है?
तालिका : 20°C पर कुछ पदार्थों की वैद्युत चालकता
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 7
उत्तर:
(a) हम जानते हैं कि अच्छे चालकों की प्रतिरोधकता कम होती है।
अत: आयरन (Fe), मर्करी (Hg ) से एक अच्छा चालक है।

(b) तालिका के आधार पर सिल्वर (Ag) एक सर्वश्रेष्ठ चालक है, क्योंकि तालिका में सबसे ऊपर स्थित है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 237)

प्रश्न 1.
किसी विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख खींचिए जिसमें 2V के तीन सेलों की बैटरी, एक 5Ω प्रतिरोधक, एक 8Ω प्रतिरोधक, एक 12Ω प्रतिरोधक तथा एक प्लग कुंजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित हों।
उत्तर:
श्रेणी क्रम में संयोजन के लिए व्यवस्था आरेख –
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 8

प्रश्न 2.
प्रश्न 1 का परिपथ दुबारा खींचिए तथा इसमें प्रतिरोधकों से प्रवाहित विद्युत धारा को मापने के लिए ऐमीटर तथा 12 Ω के प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर लगाइए। ऐमीटर तथा वोल्टमीटर के क्या पाठ्यांक होंगे?
उत्तर:
यहाँ ऐमीटर को श्रेणीक्रम तथा वोल्टमीटर को 12Ω के प्रतिरोध के पार्श्वक्रम में संयोजित किया गया है।
बैटरी का कुल विभवांतर V = 3 x 2 = 6V
बैटरी प्रतिरोध R = R1 + R2 + R3
= 5Ω + 8Ω + 12Ω
= 25Ω
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 8a
ऐमीटर का पाठ्यांक = परिपथ में प्रवाहित धारा (I)
= \(\frac {V} {R} \)
= \(\frac {6} {25} \)
= 0.24 A
वोल्टमीटर का पाठ्यांक = 12Ω वाले प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर
= I × R3 = 0.24 x 12
= 2.88V

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 240)

प्रश्न 1.
जब (a) 1Ω तथा 106 Ω (b) 1Ω, 10³ Ω तथा 106Ω के प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं तो इनके तुल्य प्रतिरोध के सम्बन्ध में आप क्या निर्णय करेंगे?
उत्तर:
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 9

प्रश्न 2.
100 Ω का एक विद्युत लैम्प, 50 Ω का एक विद्युत टोस्टर तथा 500 Ω का एक जल फिल्टर 220 v के विद्युत स्रोत से पार्श्वक्रम में संयोजित है। उस विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध क्या है जिसे यदि समान के साथ संयोजित कर दें तो वह उतनी ही विद्युत धारा लेती है जितनी तीनों युक्तियाँ लेती हैं। यह भी ज्ञात कीजिए कि इस विद्युत इस्तरी से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होती हैं?
उत्तर:
विद्युत इस्तरी का तुल्य प्रतिरोध उतना ही होगा जितना 100 Ω, 50 Ω तथा 500 Ω का पार्श्वक्रम में तुल्य प्रतिरोध है।
यदि तुल्य प्रतिरोध R है तो
\(\frac{1}{R}=\frac{1}{100}+\frac{1}{50}+\frac{1}{500}\)
\(\frac{1}{R}=\frac{5+10+1}{500}=\frac{16}{500}\)
R = \(\frac {500} {16} \) = 31.25 Ω
अतः विद्युत इस्तरी का तुल्य प्रतिरोध = 31.25 Ω
धारा I = \(\frac{V}{R}=\frac{220}{\frac{500}{16}}=\frac{220 \times 16}{500}\)
\(\frac {352} {50} \) = 7.04 A
अतः धारा I = 7.04 A

प्रश्न 3.
श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर विद्युत युक्तियों को पार्श्वक्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
पार्श्वक्रम में तुल्य प्रतिरोध श्रेणीक्रम अपेक्षा बहुत कम होता है। अतः समान विभवांतर के स्रोत से पार्श्वक्रम में अधिक विद्युत धारा प्राप्त की जा सकती है। अत: कम प्रतिरोध के कारण ऊर्जा का क्षय भी पार्श्वक्रम में कम है। अतः श्रेणीक्रम के स्थान पर युक्तियों को पार्श्वक्रम में जोड़ने पर कई लाभ होते हैं।

प्रश्न 4.
2Ω, 3Ω तथा 6Ω के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध (a) 4Ω (b) 1Ω हो?
उत्तर:
(a) 4Ω तुल्य प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए 3Ω व 6Ω प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम तथा 2Ω के प्रतिरोधक को श्रेणीक्रम में जोड़ना चाहिए।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 10

(b) 1Ω तुल्य प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए तीनों को पार्श्वक्रम में जोड़ना चाहिए-
\(\frac1R=\frac12+\frac13+\frac16\)
\(\frac{3+2+1}{6}=\frac{6}{6}\)
R = 1 Ω

प्रश्न 5.
4 Ω, 8 Ω, 12 Ω, तथा 24 Ω प्रतिरोध की चार कुंडलियों को किस प्रकार संयोजित करें कि संयोजन से (a) अधिकतम (b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त हो सके?
उत्तर:
(a) अधिकतम प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए चारों को श्रेणी क्रम में जोड़ना चाहिए-
R = R1 + R2 + R3 + R4
= 4Ω + 8Ω + 12Ω + 24Ω
R = 48 Ω अधिकतम

(b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए चारों को पार्श्वक्रम में जोड़ना चाहिए-
\(\frac {1} {R} \) = \(\frac{1}{R_1}+\frac{1}{R_2}+\frac{1}{R_3}+\frac{1}{R_4}\)
\(\frac {1} {R} \) = \(\frac{1}{4}+\frac{1}{8}+\frac{1}{12}+\frac{1}{24}\)
\(\frac {1} {R} \) = \(\frac{6+3+2+1}{24}\)
\(\frac {1} {R} \) = \(\frac {12} {24} \)
R = \(\frac {24} {12} \) = 2 Ω निम्नतम

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 242)

प्रश्न 1.
किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है?
उत्तर:
हम जानते हैं कि सूत्र H = I²Rt से H ∝ R तापन अवयव का प्रतिरोध हीटर की डोरी से काफी अधिक होता है। अतः इसमें अधिक मात्रा में ऊष्मा निकलती है जिससे यह उत्तप्त हो जाता है डोरी नहीं।

प्रश्न 2.
एक घंटे में 50 V विभवांतर से 96000 कूलॉम आवेश को स्थानांतरित करने में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।
उत्तर:
दिया है
समय t = 1 घण्टा 3600 से
V = 50 V, Q = 96000
हम जानते हैं W = H = VQ
= 50 x 96000
= 4800000 जूल
= 4.8 x 106 J

प्रश्न 3.
20Ω प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5A विद्युत धारा लेती है। 30s में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।
उत्तर:
यहाँ R = 20Ω
विद्युत धारा,
I = 5A
t = 30 s
हम जानते हैं कि H = I²Rt
= 5 x 5 x 20 x 30
= 15000 J

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 245)

प्रश्न 1.
विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है?
उत्तर:
विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर विद्युत धारा तथा विभवांतर के गुणन के बराबर होती है। इसे विद्युत शक्ति भी कहते हैं।
P = VI
या P = I²R
या P = V² / R

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत

प्रश्न 2.
कोई विद्युत मोटर 220V के विद्युत स्रोत से 5.0 A विद्युत धारा लेता है। मोटर की शक्ति निर्धारित कीजिए तथा 2 घंटे में मोटर द्वारा उपभुक्त ऊर्जा परिकलित कीजिए।
उत्तर:
V = 220V
I = 5.0 A
P = VI
P = 220 x 5.0
P = 1100 वाट (मोटर की शक्ति)
उपभुक्त ऊर्जा शक्ति x समय
= 1100 वाट x 2 x 3600 s
= 1100 x 7200
= 7920000 जूल (J)
= 7.92 x 10³ kaJ
अतः मोटर द्वारा उपभुक्त ऊर्जा
= 7.29 x 10³ kJ

क्रिया-कलाप-12.1
(i) चित्र में दिखाए अनुसार एक परिपथ तैयार कीजिए। इस परिपथ में लगभग 0.5 m लंबा निक्रोम का तार XY, एक ऐमीटर, एक वोल्टमीटर तथा चार सेल जिनमें प्रत्येक 1.5 V का हो, जोड़िए (निक्रोम निकिल, क्रोमियम, मैंगनीज तथा आयरन की एक मिश्रधातु है)।

(ii) सबसे पहले परिपथ में विद्युत धारा के स्रोत के रूप में केवल एक सेल का उपयोग कीजिए। परिपथ में निक्रोम-तार XY से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा के लिए ऐमीटर का पाठ्यांक I, तार के सिरों के बीच विभवांतर के लिए वोल्टमीटर का पाठ्यांक V लीजिए। इन्हें सारणी में लिखिए।

(iii) इसके पश्चात् परिपथ में दो सेल जोड़िए और निक्रोम तार में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा तथा इसके
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 10a
सिरों के बीच विभवांतर का मान ज्ञात करने के लिए ऐमीटर तथा वोल्टमीटर के पाठ्यांक नोट कीजिए।

(iv) उपरोक्त चरणों को, पहले तीन सेल और फिर चार सेलों को परिपथ में पृथक-पृथक लगाकर दोहराइए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
विभवान्तर V तथा विद्युत धारा I के प्रत्येक युगल के लिए अनुपात V / I परिकलित कीजिए।
उत्तर:

क्रम संख्या परिपथ में जुड़े सेलों की संख्या निक्रोम-तार से प्रवाहित विद्युत धारा I (A) निक्रोम-तार के सिरों पर विभवांतर V(V) V/I (वोल्ट/ऐम्पियर
1. 1 0.2 0.4 2 Ω
2. 2 0.4 0.8 2 Ω
3. 3 0.6 1.2 2 Ω
4. 4 0.8 1.6 2 Ω

प्रश्न 2.
V तथा I के बीच ग्राफ खींचिए तथा इस ग्राफ की प्रकृति का प्रेक्षण कीजिए।
उत्तर:
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 11
इस क्रियाकलाप में प्रत्येक प्रकरण: में V / I का लगभग एक ही मान प्राप्त होता है। इस प्रकार V-I ग्राफ चित्र में दिखाए अनुसार मूल बिन्दु से गुजरने वाली एक सरल रेखा होती है। इस प्रकार, V/I एक नियत अनुपात है।

क्रिया-कलाप- 12.2
(i) एक निक्रोम तार, एक टॉर्च बल्ब, एक 10 W का बल्ब तथा एक ऐमीटर (0-5 A परिसर), एक प्लग कुंजी तथा कुछ संयोजी तार लीजिए।

(ii) चार शुष्क सेलों (प्रत्येक 1.5 V का) को श्रेणीक्रम में ऐमीटर से संयोजित करके चित्र में दिखाए अनुसार परिपथ में एक अंतराल XY छोड़कर एक परिपथ बनाइए।

(iii) अंतराल XY में निक्रोम तार को जोड़कर परिपथ को पूरा कीजिए। कुंजी लगाइए। ऐमीटर का पाठ्यांक नोट कीजिए। प्लग से कुंजी बाहर निकालिए (ध्यान दीजिए : परिपथ की धारा मापने के पश्चात् सदैव ही प्लग से कुंजी बाहर निकालिए)।

(iv) निक्रोम तार के स्थान पर अंतराल XY में टार्च बल्ब को परिपथ में जोड़िए तथा ऐमीटर का पाठ्यांक लेकर बल्ब से प्रवाहित विद्युत धारा मापिए।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 12
(v) अंतराल XY में विभिन्न अवयवों को जोड़ने पर ऐमीटर के पाठ्यांक भिन्न-भिन्न हैं।

(vi) आप अंतराल XY में किसी भी पदार्थ का अवयव जोड़कर इस क्रियाकलाप को दोहरा सकते हैं। प्रत्येक स्थिति में ऐमीटर के पाठ्यांक का प्रेक्षण कीजिए। इन प्रेक्षणों का विश्लेषण कीजिए।

प्रेक्षण-क्रियाकलाप के अनुसार परिपथ तैयार करने पर हम जब XY अंतराल में निक्रोम, बल्ब तथा अन्य बहुत से दूसरे पदार्थों के अवयव लगाकर ऐमीटर का पाठ्यांक लेते हैं। हम देखते हैं कि अलग-अलग पदार्थों के अवयव अंतराल में लगाने पर ऐमीटर का पाठ्यांक भिन्न-भिन्न है। इसका अर्थ है कि अलग-अलग पदार्थों की चालकता तथा प्रतिरोध भिन्न होते हैं।

क्रिया-कलाप-12.3
(i) एक सेल, एक ऐमीटर, l लंबाई का एक निक्रोम तार (जैसे (1) द्वारा चिन्हित) तथा एक प्लग कुंजी चित्र में दिखाए अनुसार जोड़कर एक विद्युत परिपथ पूरा कीजिए।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 13

(ii) अब प्लग में कुंजी लगाइए। ऐमीटर में विद्युत धारा नोट कीजिए।

(iii) इस निक्रोम तार को अन्य निक्रोम तार से प्रतिस्थापित कीजिए, जिसकी मोटाई समान परंतु लंबाई दोगुनी हो, अर्थात् 2l लंबाई का तार लीजिए जिसे चित्र में 2 से चिन्हित किया गया है।

(iv) ऐमीटर का पाठ्यांक नोट कीजिए।

(v) अब इस तार को समान लंबाई l के निक्रोम के मोटे तार [(3) से चिन्हित] से प्रतिस्थापित कीजिए। मोटे तार की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल अधिक होता है। परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा फिर नोट कीजिए।

(vi) निक्रोम तार के स्थान पर ताँबे का तार [चित्र में जिस पर चिन्ह (4) बना है] परिपथ में जोड़िए। मान लीजिए यह तार निक्रोम के तार जिस पर (1) चिन्हित है, के बराबर लंबा तथा समान अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल का है। विद्युत धारा का मान नोट कीजिए।

(vii) प्रत्येक प्रकरण में विद्युत धारा के मानों में अंतर को ध्यान से देखिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्या विद्युत धारा चालक की लम्बाई पर निर्भर करती है?
उत्तर:
हाँ, चालक में प्रवाहित विद्युत धारा चालक की लंबाई के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
I ∝ \(\frac { 1 }{ L }\) क्योंकि लंबाई बढ़ने पर प्रतिरोध बढ़ जाता है व धारा की मात्रा कम हो जाती है।

प्रश्न 2.
क्या विद्युत धारा उपयोग किए जाने वाले तार के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर निर्भर करती है?
उत्तर:
हाँ विद्युत धारा चालक के तार के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के समानुपाती होती है।
Ι ∝ Α
अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल बढ़ने पर प्रतिरोध कम हो जाता है अतः धारा का मान बढ़ जाता है।

क्रिया-कलाप – 12.4
(i) विभिन्न मानों के तीन प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में जोड़िए। चित्र में दिखाए अनुसार इन्हें एक बैटरी, एक ऐमीटर तथा एक प्लग कुंजी से संयोजित कीजिए। आप 1Ω, 2Ω, 3Ω आदि मानों के प्रतिरोधकों का उपयोग कर सकते हैं तथा इस क्रियाकलाप के लिए 6 V की बैटरी उपयोग में ला सकते हैं।

(ii) कुंजी को प्लग में लगाइए तथा ऐमीटर का पाठ्यांक नोट कीजिए।

(iii) ऐमीटर की स्थिति को दो प्रतिरोधकों के बीच कहीं भी परिवर्तित कर सकते हैं। हर बार ऐमीटर का पाठ्यांक नोट कीजिए।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 14

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्या आप ऐमीटर के द्वारा विद्युत धारा के मान में कोई अंतर पाते हैं?
उत्तर:
ऐमीटर की स्थिति दो प्रतिरोधकों के बीच कहीं भी परिवर्तित करके प्रत्येक बार ऐमीटर का पाठ्यांक नोट करते हैं। हम देखते हैं कि प्रत्येक बार पाठ्यांक समान होता है। यह स्पष्ट करता है कि यदि प्रतिरोधकों को श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है तो विद्युत धारा के मान में कोई परिवर्तन नहीं होता अर्थात् परिपथ में समान विद्युत धारा का प्रवाह होता है।

क्रिया-कलाप – 12.5
(i) क्रियाकलाप 12.4 में पाठ्यपुस्तक के चित्र 12.6 में दिखाए अनुसार तीन प्रतिरोधकों के श्रेणीक्रम संयोजन के सिरों X तथा Y के बीच एक वोल्टमीटर लगाइए।

(ii) परिपथ में प्लग में कुंजी लगाइए तथा वोल्टमीटर का पाठ्यांक नोट कीजिए। इससे हमें श्रेणीक्रम संयोजन के सिरों के बीच विभवांतर ज्ञात होता है। मान लीजिए यह V है। अब बैटरी के दोनों टर्मिनलों के बीच विभवांतर नोट कीजिए। इन दोनों मानों की तुलना कीजिए।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 15

(iii) प्लग से कुंजी निकालिए तथा वोल्टमीटर को भी परिपथ से हटा दीजिए। अब वोल्टमीटर को उपरोक्त चित्र में दिखाए अनुसार पहले प्रतिरोधक के सिरों X तथा P के बीच जोड़िए।

(iv) प्लग में कुंजी लगाइए तथा पहले प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर मापिए। मान लीजिए यह V1 है।

(v) इसी प्रकार अन्य दो प्रतिरोधकों के सिरों के बीच पृथक-पृथक विभवांतर मापिए मान लीजिए ये मान क्रमश: V2 तथा Vg हैं।

(vi) V, V1, V2 तथा V3 के बीच संबंध व्युत्पन्न कीजिए।

प्रेक्षण – जब श्रेणी क्रम में संयोजित तीनों प्रतिरोधकों के X व Y सिरों के बीच वोल्टमीटर जोड़कर पाठ्यांक लेते हैं तथा बैटरी का विभवांतर ज्ञात करते हैं तो हम देखते हैं। कि दोनों बार विभवांतर बराबर है। अब तीनों प्रतिरोधकों के सिरों पर वोल्टमीटर लगाकर पाठ्यांक नोट करते हैं जो V1, V2 व Vg है।

हम देखते हैं कि तीनों विभवांतरों का योग X व Y के बीच विभवांतर के बराबर है।
V = V1 + V2 + V3 + …………….. अर्थात् परिपथ में कुल विभवांतर अलग-अलग सिरों के बीच के विभवांतरों के योग के बराबर होता है।

क्रिया-कलाप – 12.6
(i) तीन प्रतिरोधकों जिनके प्रतिरोध क्रमश: R1, R2 तथा R3 हैं, का पार्श्व संयोजन XY बनाइए। चित्र में दिखाए अनुसार इस संयोजन को एक बैटरी, एक प्लग कुंजी तथा एक ऐमीटर से संयोजित कीजिए। प्रतिरोधकों के संयोजन के पार्श्व क्रम में एक वोल्टमीटर भी संयोजित कीजिए।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 16

(ii) प्लग में कुंजी लगाइए तथा ऐमीटर का पाठ्यांक नोट कीजिए। मान लीजिए विद्युतधारा का मान I है वोल्टमीटर का पाठ्यांक भी नोट कीजिए। इससे पार्श्व संयोजन के सिरों के बीच विभवान्तर V प्राप्त होता है। प्रत्येक प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर भी है। इसकी जाँच प्रत्येक प्रतिरोधक के सिरों पर पृथक्-पृथक् वोल्टमीटर संयोजित करके की जा सकती है (चित्र)।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत 17

(iii) कुंजी से प्लग बाहर निकालिए। परिपथ से ऐमीटर तथा वोल्टमीटर निकाल लीजिए। चित्र में दिखाए अनुसार ऐमीटर को प्रतिरोध R1 से श्रेणीक्रम में संयोजित कीजिए। ऐमीटर का पाठ्यांक I, नोट कीजिए।

(iv) इसी प्रकार, R1 एवं R2 में प्रवाहित होने वाली धारा भी मापिए। माना इसका मान क्रमशः I1 एवं I2 है I, I1, I2 एवं I3 में क्या सम्बन्ध है।

प्रेक्षण – पार्श्वक्रम में प्रतिरोधकों को जोड़ने पर उनके सिरों के बीच का विभवान्तर उनके अलग-अलग विभवान्तरों के बराबर होता है। इसी प्रकार धारा का मान I अलग-अलग प्रतिरोधकों में बहने वाली धारा I1, I2 एवं I3 के योग के बराबर है।
I1, I2 और I3 का मान प्रतिरोधकों R1, R2 व R3 के मान पर आधारित है I = I1 + I2 + I3

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Exercise 7.2

प्रश्न 1.
उस बिन्दु के निर्देशांक ज्ञात कीजिए जो बिन्दुओं (-1, 7) और (4, -3) को मिलाने वाले रेखाखण्ड को 2 : 3 के अनुपात में विभाजित करता है।
हल:
माना अभीष्ट बिन्दु P के निर्देशांक (x, y) हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 1
विभाजन सूत्र से:
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 2
अतः अभीष्ट बिन्दु के निर्देशांक (1, 3) हैं।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2

प्रश्न 2.
बिन्दुओं (4, -1) और (-2, -3) को जोड़ने वाले रेखाखण्ड को सम त्रिभाजित करने वाले बिन्दुओं के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।
हल:
माना कि P (x1, y1) और Q (x2, y2) अभीष्ट बिन्दु हैं जो बिन्दुओं A(4, -1) और B (-2, -3) को जोड़ने वाले रेखाखण्ड को सम त्रिभाजित करते हैं।
माना कि AP = PQ = BQ = x
∴ PB = x + x = 2x
तथा AQ = x + x = 2x
अब \(\frac{A P}{P B}=\frac{x}{2 x}=\frac{1}{2}\) = 1 : 2
तथा \(\frac{A Q}{B Q}=\frac{2 x}{x}=\frac{2}{1}\) = 2 : 1
अर्थात् बिन्दु P, AB को 1 : 2 के अनुपात मैं तथा बिन्दु Q, AB को 2 : 1 के अनुपात में विभाजित करता है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 3
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 4
∴ अभीष्ट बिन्दु Q के निर्देशांक (2, –\(\frac{7}{3}\)) हैं।
अत: P और Q के अभीष्ट निर्देशांक (2, –\(\frac{5}{3}\)) और (0, –\(\frac{7}{3}\)) हैं।

प्रश्न 3.
आपके स्कूल में खेलकूद क्रियाकलाप आयोजित करने के लिए, एक आयताकार मैदान ABCD में, चूने से परस्पर 1 मीटर की दूरी पर पंक्तियाँ बनाई गई हैं। AD के अनुदिश परस्पर 1 मीटर की दूरी पर 100 गमले रखे गए हैं, जैसा कि आकृति में दर्शाया गया है। निहारिका दूसरी पंक्ति में AD के \(\frac{1}{4}\) भाग के बराबर की दूरी दौड़ती है और वहाँ एक हरा झण्डा गाड़ देती है। प्रीत आठवीं पंक्ति में AD के \(\frac{1}{5}\) भाग के बराबर की दूरी दौड़ती है और वहाँ एक लाल झण्डा गाड़ देती है।
(i) दोनों झण्डों के बीच की दूरी क्या है ?
(ii) यदि रश्मि को एक नीला झण्डा इन दोनों झण्डों को मिलाने वाले रेखाखण्ड पर ठीक आधी दूरी (बीच में) पर गाड़ना हो, तो उसे अपना झण्डा कहाँ गाड़ना चाहिए ?
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 5
हल:
(i) ∵ भुजा AD पर 1 मीटर की दूरी पर 100 गमले रखे गए हैं।
∴ AD = 100 मीटर
निहारिका के झण्डे की स्थिति = दूसरी पंक्ति में AD के \(\frac{1}{4}\) भाग के बराबर दूरी
= \(\frac{1}{4}\) × 100 = 25 मीटर
∴ हरे झण्डे के निर्देशांक (2, 25) हैं।
प्रीत के झण्डे (लाल) की स्थिति = आठवीं पंक्ति में AD के \(\frac{1}{5}\) भाग के बराबर दूरी
= \(\frac{1}{5}\) × 100 = 20 मीटर
∴ लाल झण्डे के निर्देशांक (8,20) हैं।
∴ हरे और लाल झण्डे के बीच की दूरी
= \(\sqrt{(8-2)^2+(20-25)^2}\)
= \(\sqrt{36+25}=\sqrt{61}\) मीटर

(ii) रश्मि को इन दोनों झण्डों को मिलाने वाले रेखाखण्ड के मध्य बिन्दु पर नीला झण्डा गाड़ना है, तब मध्य-बिन्दु के निर्देशांक
= \(\left(\frac{2+8}{2}, \frac{25+20}{2}\right)\)
= \(\left(5, \frac{45}{2}\right)\)
= (5, 22.5)
अतः रश्मि को पाँचवीं पंक्ति में AD के अनुदिश 22.5 मीटर की दूरी पर झण्डा गाड़ना चाहिए।

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प्रश्न 4.
बिन्दुओं (-3,10) और (6, -8) को जोड़ने वाले रेखाखण्ड को बिन्दु (-1, 6) किस अनुपात में विभाजित करता है?
हल:
माना बिन्दुओं (-3, 10) और (6, -8) को जोड़ने वाले रेखाखण्ड को बिन्दु (-1, 6), K : 1 में विभाजित करता है, तब
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 6
⇒ – K – 1 = 6K – 3
⇒ – K – 6K = – 3 + 1
⇒ -7K = – 2
⇒ K = \(\frac{2}{7}\)
⇒ \(\frac{K}{1}\) = \(\frac{2}{7}\)
अत: अभीष्ट अनुपात K : 1 = 2 : 7

प्रश्न 5.
वह अनुपात ज्ञात कीजिए जिसमें बिन्दुओं A(1, -5) और B(-4, 5) को मिलाने वाला रेखाखण्ड X-अक्ष से विभाजित होता है। इस विभाजन बिन्दु के निर्देशांक भी ज्ञात कीजिए।
हल:
माना कि x-अक्ष पर अभीष्ट बिन्दु P (x, 0) है जो A(1, -5) और B(-4, 5) को मिलाने वाले रेखाखण्ड को K : 1 के अनुपात में विभाजित करता है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 7
⇒ 5K – 5 = 0
⇒ 5K = 5
⇒ K = \(\frac{5}{5}\) = 1
∴ K = 1
∴ बिन्दु P का अभीष्ट अनुपात = 1 : 1
अब बिन्दु P का x-निर्देशांक
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अतः अभीष्ट बिन्दु के निर्देशांक (-\(\frac{3}{2}\), 0) हैं।

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प्रश्न 6.
यदि बिन्दु (1, 2), (4, y), (x, 6) और (3, 5), इसी क्रम में लेने पर एक समान्तर चतुर्भुज के शीर्ष हों, तो x और ज्ञात कीजिए।
हल:
माना कि A(1, 2), B(4, y), C(x, 6) तथा D(3, 5) एकं समान्तर चतुर्भुज के शीर्षों के निर्देशांक है।
चूँकि ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है, इसलिए इसके विकर्ण AC तथा BD परस्पर समदभीजित करते हैं।
AC के मध्य बिन्दु के निर्देशांक = \(\left(\frac{1+x}{2}, \frac{2+6}{2}\right)\)
= \(\left(\frac{1+x}{2}, 4\right)\)
BD के मध्य बिन्दु के निर्देशांक = \(\left(\frac{4+3}{2}, \frac{y+5}{2}\right)\)
= \(\left(\frac{7}{2}, \frac{y+5}{2}\right)\)
∵ AC और BD परस्पर समद्विभाजित करते हैं।
∴ AC का मध्यबिन्दु वही होगा जो BD का है।
∴ \(\frac{1+x}{2}=\frac{7}{2}\)
⇒ 1 + x = 7 या x = 6
और \(\frac{y+5}{2}\) = 4
⇒ y + 5 = 8 या y = 3
अत: x = 6, y = 3

प्रश्न 7.
बिन्दु के निर्देशांक ज्ञात कीजिए, जहाँ AB एक वृत्त का व्यास है जिसका केन्द्र (2, -3) है तथा B के निर्देशांक (1, 4) हैं।
हल:
केन्द्र के निर्देशांक = (2, -3)
बिन्दु B के निर्देशांक = (1, 4)
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माना बिन्दु A के निर्देशांक (x, y) हैं।
बिन्दु O, व्यास AB का मध्य-बिन्दु है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 10
⇒ 4 = x + 1 और -6 = y + 4
⇒ x = 4 – 1 और y = – 6 – 4
∴ x = 3 और y = -10
अतः अभीष्ट बिन्दु’ के निर्देशांक (3, -10) हैं।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2

प्रश्न 8.
यदि A और B क्रमश: (-2, -2) और (2, -4) हों, तो बिन्दु को निर्देशांक ज्ञात कीजिए ताकि AP = \(\frac{3}{7}\)AB हो, और P रेखाखण्ड AB पर स्थित है।
हल:
माना कि अभीष्ट बिन्दु P (x, y) हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 11
दिया है:
AP = \(\frac{3}{2}\)AB …(i)
परन्तु PB = AB – AP
⇒ PB = AB – AP
⇒ PB = AB – \(\frac{3}{7}\)AB
PB = \(\frac{7 A B-3 A B}{7}\)
PB = \(\frac{4}{7}\)AB ….(ii)
समी. (i) व (ii) से,
∴ AP : PB = \(\frac{3}{7}\)AB : \(\frac{4}{7}\)AB
⇒ AP : PB = 3 : 4
∴ बिन्दुओं A और B को बिन्दु P, 3 : 4 के अनुपात में विभाजित करता है।
∴ बिन्दु P के निर्देशांक3
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 12

प्रश्न 9.
बिन्दुओं A(-2, 2) और B(2, 8) को जोड़ने वाले रेखाखण्ड AB को चार बराबर भागों में विभाजित करने वाले बिन्दुओं के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।
हल:
माना कि C, D और E अभीष्ट बिन्दु हैं जो बिन्दुओं A(-2, 2) और B (2, 8) को मिलाने वाले रेखाखण्ड को चार बराबर भागों में विभाजित करते हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 13
अब D, A और B का मध्यबिन्दु है: C, A और D का मध्य- बिन्दु है E, D और B का मध्य बिन्दु है।
∴ AC = CD = DE = EB
अब A और B के मध्य बिन्दु D के निर्देशांक
= \(\left(\frac{-2+2}{2}, \frac{2+8}{2}\right)\)
= (0, 5)
A और D के मध्य बिन्दु C के निर्देशांक
= \(\left(\frac{-2+0}{2}, \frac{2+5}{2}\right)\)
= \(\left(-1, \frac{7}{2}\right)\)
D और B के मध्य बिन्दु E के निर्देशांक
= \(\left(\frac{2+0}{2}, \frac{8+5}{2}\right)\)
= \(\left(1, \frac{13}{2}\right)\)
अतः AB को चार बराबर भागों में विभाजित करने वाले बिन्दुओं के निर्देशांक (0, 5), \(\left(-1, \frac{7}{2}\right)\) और \(\left(1, \frac{13}{2}\right)\)

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प्रश्न 10.
एक समचतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसके शीर्ष, इसी क्रम में (3, 0), (4, 5), (-1, 4) और (-2, -1) हैं।
हल:
माना समचतुर्भुज ABCD के शीर्षो के निर्देशांक A(3, 0), B (4, 5), C (-1, 4) और D (-2, -1) हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 14
समचतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\) × पहला विकर्ण × दूसरा विकर्ण
= \(\frac{1}{2}\) × 4\(\sqrt{2}\) × 6\(\sqrt{2}\)
= \(\frac{1}{2}\) × 24 × 2 = 24 वर्ग मात्रक
अतः समचतुर्भुज का क्षेत्रफल = 24 वर्ग मात्रक ।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

Jharkhand Board JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण Important Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एक तत्त्व (M) आवर्त सारणी के वर्ग IIIA में है। इसके क्लोराइड तथा ऑक्साइड के सूत्र लिखिए|
उत्तर:
वर्ग IIIA में तत्त्व M की संयोजकता 3 है। क्लोरीन की संयोजकता 1 तथा ऑक्सीजन की संयोजकता 2 होती है। अत: क्लोराइड का सूत्र MCl3 तथा ऑक्साइड का सूत्र M2O3 है।

प्रश्न 2.
एक तत्त्व (M) के सल्फाइड का सूत्र M2S5 है। यह तत्त्व आवर्त सारणी के किस उप वर्ग में होगा?
उत्तर:
सूत्र M2S5 के अनुसार M की संयोजकता 5 है – अतः यह उपवर्ग VA में होगा।

प्रश्न 3.
तत्त्वों के गुण उनके परमाणु क्रमांकों के आवर्ती फलन होते हैं।” इस कथन का अर्थ सरल भाषा में समझाइए।
उत्तर:
इसका अर्थ है कि यदि तत्त्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु क्रमांकों के क्रम में व्यवस्थित किया जाय तो एक निश्चित अन्तराल पर स्थित तत्त्वों के गुणों में समानता होती है।

प्रश्न 4.
हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक 1H1, 1H2 तथा 1H3 हैं। इन्हें आवर्त सारणी के किन आवर्ती/ उपवर्गों में रखा जाता है?
उत्तर:
तीनों समस्थानिकों का परमाणु क्रमांक 1 है – अतः तीनों को प्रथम आवर्त के प्रथम उपवर्ग IA में रखा जाता है। जाता है।

प्रश्न 5.
अधिकतम कितने तत्त्व हो सकते हैं- (i) आवर्त संख्या n में, (ii) किसी आवर्त के p-ब्लॉक तथा d-ब्लॉक में, (iii) किसी आवर्त के f-ब्लॉक में।
उत्तर:
(i) n = 1 में 2 तत्त्व
n = 2 तथा 3 में से प्रत्येक में 8 तत्त्व
n = 4 तथा 5 में से प्रत्येक में 18 तत्त्व
n = 6 तथा 7 में से प्रत्येक में 32 तत्त्व

(ii) p-ब्लॉक में 6 तत्त्व; d-ब्लॉक में 10 तत्त्व,

(iii) f-ब्लॉक में 14 तत्त्व।

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प्रश्न 6.
सबसे हल्के तथा सबसे भारी प्राकृतिक तत्त्वों के नाम, प्रतीक तथा परमाणु क्रमांक लिखिए।
उत्तर:

  • सबसे हल्का तत्त्व- हाइड्रोजन (H) 1
  • सबसे भारी तत्त्व – यूरेनियम (U) 92

प्रश्न 7.
कुछ तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्नवत् हैं। इनके नाम लिखिए तथा आवर्त सारणी में उपवर्ग बताइए-
A – 2. 4
B – 2, 8, 5
C – 2, 8,
D – 2,5
उत्तर:
A – 2, 4 → कार्बन, IV – A
B – 2, 8, 5 → फॉस्फोरस, V – A
C – 2, 8, 6 → सल्फर, VI – A
D – 2, 5 → नाइट्रोजन, V – A

प्रश्न 9.
निम्नलिखित परमाणुओं से बनने वाले आयनों के प्रतीक आवेश सहित लिखिए-
(i) Cl
(ii) S
(iii) Na
उत्तर:
(i) Cl → Cl1, (ii) S → S2- (iii) Na →

प्रश्न 10.
आवर्त क्या है?
उत्तर:
आवर्त सारणी में क्षैतिज पंक्तियों को आवर्त कहते हैं।

प्रश्न 11.
मेण्डलीफ ने कितने तत्त्वों का वर्गीकरण किया था?
उत्तर:
63 तत्त्व।

प्रश्न 12.
उन तत्त्वों नाम लिखिए (किन्हीं दो) जिनकी खोज की भविष्यवाणी मेण्डलीफ ने की थी?
उत्तर:
टाइटेनियम (Ti) व गैलियम (Ga)।

प्रश्न 13.
आवर्त सारणी में समूह क्या होते हैं?
उत्तर:
आवर्त सारणी में ऊर्ध्वाधर कॉलम को समूह कहते हैं।

प्रश्न 14.
आधुनिक आवर्त सारणी में कितने समूह व आवर्त हैं?
उत्तर:
7 आवर्त व 18 समूह

प्रश्न 15.
आधुनिक आवर्त नियम लिखो।
उत्तर:
तत्त्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनकी परमाणु संख्या के आवर्ती फलन होते हैं।

प्रश्न 16.
आवर्त सारणी में शून्य समूह की स्थिति बताओ।
उत्तर:
आवर्त सारणी में शून्य समूह दाहिनी तरफ अंत में है।

प्रश्न 17.
शून्य समूह के तत्त्वों के नाम लिखो।
उत्तर:
हीलियम (He), निऑन (Ne), आर्गन (Ar), क्रिप्टॉन (Kr), जीनॉन (Xe), रेडॉन (Rn)।

प्रश्न 18.
आवर्त सारणी में उस तत्त्व की स्थिति बताओ जिसकी परमाणु संख्या 13 है।
उत्तर:
यह तत्त्व आवर्त सारणी के समूह 13 और तीसरे आवर्त में स्थित है।

प्रश्न 19.
न्यूलैंड्स का अष्टक सिद्धांत क्या है?
उत्तर:
न्यूलैंड्स ने तत्त्वों को परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में इस प्रकार व्यवस्थित किया कि प्रत्येक आठवें तत्त्व का गुणधर्म पहले तत्त्व के गुणधर्म के समान है।

प्रश्न 20.
मेण्डलीफ के द्वारा अनुमानित एका- ऐलुमिनियम तथा एका- सिलिकॉन तत्त्वों की किस नाम से खोज हुई?
उत्तर:

  • एका ऐलुमिनियम → गैलियम (Ga)
  • एका सिलिकॉन → जर्मेनियम (Ge)

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

प्रश्न 21.
मेण्डलीफ के आवर्त सारणी का क्या सिद्धांत है?
उत्तर:
तत्त्वों के गुणधर्म उनके परमाणु द्रव्यमान का आवर्त फलन होते हैं।

प्रश्न 22.
किसी वर्ग (समूह) में उपस्थित तत्त्वों में क्या समानता होती है?
उत्तर:
किसी समूह में तत्त्वों की संयोजकता समान रहती है। उदाहरण के लिए पहले समूह में प्रत्येक तत्त्व की संयोजकता 1 है।

प्रश्न 23.
मेण्डलीफ ने अपने आवर्त सारणी में तत्त्वों को किस आधार पर व्यवस्थित किया?
उत्तर:
मेण्डलीफ ने बढ़ते हुए परमाणु द्रव्यमान, मूल गुणधर्म तथा रासायनिक गुणधमों में समानता को आधार मानकर तत्त्वों को आवर्त सारणी में व्यवस्थित किया।

प्रश्न 24.
किसी तत्त्व के ऑक्साइड का सूत्र E2O3 है तथा E एक क्रियाशील धातु है। E आवर्त सारणी के किस समूह में स्थित है?
उत्तर:
यह सारणी के 13वें समूह में स्थित है क्योंकि E की संयोजकता 3 है।

प्रश्न 25.
निम्नलिखित तत्त्वों को उनके धात्विक गुणों के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए- Mg, Ca, K, Ge, Ga
उत्तर:
Ge < Ga < Mg < Ca < K

प्रश्न 26.
क्लोरीन के दो समस्थानिक Cl-35 तथा Cl-37 हैं। क्या आधुनिक आवर्त सारणी में इन्हें दो स्थानों पर रखना चाहिए? उत्तर की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
नहीं क्योंकि Cl की परमाणु संख्या 17 है और आधुनिक आवर्त सारणी का आधार परमाणु संख्या ही है।

प्रश्न 27.
आधुनिक आवर्त सारणी में कितने आवर्त (पीरियड) हैं?
उत्तर:
सात (7)।

प्रश्न 28.
मेण्डलीफ ने जिस समय आवर्त सारणी बनायी, उस समय तक कितने तत्वों की खोज हो चुकी थी?
उत्तर:
63 ।

प्रश्न 29.
मेण्डलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में कितने तत्त्वों को रखा है?
उत्तर:
56 तत्त्व।

प्रश्न 30.
आवर्त सारणी के आवर्त तीन के उन तत्त्वों के नाम लिखो जिनका आकार

  • सबसे बड़ा और
  • सबसे छोटा हो।

उत्तर:

  • सोडियम (Na)
  • आर्गन (Ar).

प्रश्न 31.
निम्नलिखित जोड़ों में से कौन-सा तत्त्व आकार में दूसरों से छोटा है?

  • Li व Na
  • C व N
  • B व Al.

उत्तर:

  • Na
  • C
  • Al

प्रश्न 32.
आवर्त के दो गुणधर्म लिखो।
उत्तर:

  • आवर्त के सभी तत्त्वों में भरे हुए कोशों की संख्या समान होती है।
  • आवर्त में आगे बढ़ने पर तत्त्वों के गुणों में क्रमिक परिवर्तन होते हैं।

प्रश्न 33.
समूह की दो विशेषताएँ लिखो।
उत्तर:

  • वर्ग के सभी तत्त्वों में संयोजी कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है।
  • वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर तत्त्वों के गुणों में क्रमिक परिवर्तन होते हैं।

प्रश्न 34.
संयोजी इलेक्ट्रॉन क्या हैं?
उत्तर:
किसी तत्त्व के बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या को संयोजी इलेक्ट्रॉन कहते हैं।

प्रश्न 35.
किसी आवर्त और समूह में तत्त्वों के धात्विक 5 गुण किस प्रकार बदलते हैं?
उत्तर:
आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर धात्विक गुण घटता है तथा वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर धात्विक गुण बढ़ता है।

प्रश्न 36.
उन दो तत्त्वों के नाम लिखिए जिनका सम्बन्ध निम्नलिखित से है-

  • कार्बन समूह
  • बोरॉन समूह
  • ऑक्सीजन समूह

उत्तर:

  • सिलिकॉन (Si) व जर्मेनियम (Ge)
  • ऐलुमिनियम (Al) व गैलियम (Ga)
  • सल्फर (S) व सिलीनियम (Se).

प्रश्न 37.
निम्नलिखित यौगिकों में बताइए कि हाइड्रोजन विद्युत धनी है अथवा विद्युत ऋणी-

  • NH3
  • HCl
  • H2S
  • PH3

उत्तर:

  • NH3 में विद्युत – धनी
  • HCl में विद्युत धनी में विद्युत-
  • H2S धनी
  • PH3 में विद्युत ऋणी

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

प्रश्न 38.
ऐसे यौगिक का उदाहरण दीजिए जिससे नाइट्रोजन ऋणायन के रूप में हो। इस आयन का आवेश भी लिखिए।
उत्तर:
ऐलुमिनियम नाइट्राइड (AIN) में आयन N आवेश 3e.

प्रश्न 39.
आधुनिक आवर्त नियम क्या है? स्पष्टीकरण दीजिए।
उत्तर:
आधुनिक आवर्त नियम के अनुसार तत्त्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुण उनके परमाणु क्रमांक के आवर्ती फलन होते हैं।

प्रश्न 40.
परमाणु क्रमांक 17 वाले तत्त्व की आवर्त सारणी में स्थिति बताइए तथा कारण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर:
परमाणु क्रमांक 17 अर्थात् (Cl17)
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 7
या 1s² 28² 2p6, 3s² 3p5
अत: आवर्त → = 3 है।
तथा वर्ग → = 2 + 5 = 7 है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित का संक्षिप्त विवरण दीजिए – (i) डॉबेराइनर का त्रिक नियम; (ii) न्यूलैण्ड का अष्टक – नियम; (iii) संक्रमण तत्त्व; (iv) विकर्ण सम्बन्ध।
उत्तर:
(i) डॉबेराइनर का त्रिक नियम (1817) – इस नियम के अनुसार, “यदि समान गुण वाले तीन तत्त्वों को परमाणु भारों की वृद्धि के क्रम में रखा जाय तो बीच वाले भार, अन्य दो तत्त्वों के परमाणु भारों के माध्य (औसत) के लगभग बराबर होता है।” उदाहरणार्थ-
(i) \(\frac { Li }{ 7 }\), \(\frac { Na }{ 23 }\), \(\frac { K }{ 39 }\)
∴ Na = \(\frac { 7+39 }{ 2 }\) = 23

(ii) \(\frac { Cl }{ 35.5 }\), \(\frac { Br }{ 80 }\), \(\frac { I }{ 127 }\)
∴ Br = \(\frac { 35.5+127 }{ 2 }\) = 81
परन्तु सभी तत्त्वों के त्रिक न बनाये जा सकने के कारण यह नियम असफल रहा।

(ii) न्यूलैण्ड का अष्टक नियम (1864-66) – इस नियम के अनुसार, “जब तत्त्वों को उनके परमाणु भारों के बढ़ते हुए क्रम के अनुसार व्यवस्थित किया जाता है तो किसी भी तत्त्व के भौतिक व रासायनिक गुण इसके बाद आने वाले आठवें तत्त्व के गुणों से मिलते-जुलते हैं।

क्र. सं. तत्त्व
1. हाइड्रोजन (H)
2. लीथियम (Li)
3. बेरीलियम (Be)
4. बोरॉन (B)
5. कार्बन (C)
6. नाइट्रोजन (N)
7. ऑक्सीजन (O)
8. फ्लोरीन (F)
9. सोडियम (Na)
10. मैग्नीशियम (Mg)
11. ऐलुमीनियम (Al)
12. सिलिकॉन (Si)
13. फॉस्फोरस (P)
14. सल्फर (S)
15. क्लोरीन (Cl)
16. पोटैसियम (K)
17. कैल्शियम (Ca)
18. क्रोमियम (Cr)
19. टाइटेनियम (Ti)
20. मैंगनीज (Mn)
21. आयरन (Fe)

जैसा कि उपर्युक्त सारणी से व्यक्त होता है, यह नियम क्रम संख्या 18 के बाद समुचित रूप से लागू नहीं होता अर्थात् इसकी वैधता केवल कम परमाणु भारों के तत्त्वों तक ही सीमित थी।

(iii) संक्रमण तत्त्व-जिन तत्त्वों के d-कक्षक आंशिक रूप से भारी होते हैं, संक्रमण तत्त्व कहलाते हैं। Fe (26) = 1s², 2s² 2p6, 3s² 3p6 3d6, 4s²। दीघांकार आवर्त सारणी में इनका स्थान s-तथा p-ब्लॉक तत्त्वों के माध्यम है।

(iv) विकर्ण सम्बन्ध- आवर्त सारणी के दूसरे लघु आवर्त में आठ तत्त्व हैं तथा तीसरे लघु आवर्त में भी आठ तत्त्व हैं। इन तत्त्वों को प्रारूपिक तत्त्व कहते हैं तथा इन आवर्ती के तत्वों को विकर्ण सम्बन्ध कहते हैं अर्थात् विकर्ण से सिरों पर स्थित दोनों तत्त्वों के गुणों में समानता है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 1

प्रश्न 2.
(i) मेण्डलीफ का आवर्त नियम लिखिए। इसमें क्या संशोधन करके आधुनिक आवर्त नियम प्राप्त किया गया? मेण्डलीफ के आवर्त सारणी तथा आधुनिक आवर्त सारणी बनाने के आधार में क्या मौलिक अंतर है?
अथवा
(ii) आधुनिक आवर्त नियम क्या है? आधुनिक आवर्त नियम पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
(i) मेण्डलीफ का आवर्त नियम-यदि तत्त्वों को परमाणु भार के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया जाय तो तत्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुण उनके परमाणु भारों के आवर्ती फलन (periodic function of their atomic weights) होते हैं। उपर्युक्त नियम में ‘परमाणु भार’ के स्थान पर ‘परमाणु क्रमांक’ का उपयोग करके आधुनिक आवर्त नियम प्राप्त किया गया, जिसके अनुसार तत्त्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुण उनके परमाणु क्रमांक (Atomic Number) के आवर्ती फलन होते हैं।

मेण्डलीफ का आवर्त नियम तत्त्वों के परमाणु भारों पर आधारित है जबकि आधुनिक आवर्त नियम तत्त्वों के परमाणु क्रमांकों पर आधारित है।

(ii) आधुनिक आवर्त नियम – यदि तत्त्वों को परमाणु क्रमांक के बढ़ते हुए क्रम में रखा जाय तो तत्त्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुण उनके परमाणु क्रमांक के आवर्ती फलन होते हैं।

प्रश्न 3.
किसी तत्त्व के विभिन्न समस्थानिकों को मेण्डलीफ की मूल आवर्त सारणी में रखने में क्या कठिनाई थी? आधुनिक आवर्त सारणी में यह कठिनाई कैसे दूर हो गयी?
उत्तर:
समस्थानिकों का स्थान – अनेक तत्त्वों के ऐसे एक से अधिक समस्थानिक पाये जाते हैं जिनके परमाणु भार तो भिन्न होते हैं परन्तु रासायनिक गुण समान, जैसे हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक H-1, H-2, H-3, क्लोरीन के दो समस्थानिक Cl-35, Cl-37, कार्बन के दो समस्थानिक C-12, C-14 आदि हैं।

परमाणु भार के आधार पर क्रमायोजित करने से इन समस्थानिकों को भी सारणी में पृथक स्थान मिलना चाहिए परन्तु मेण्डलीफ की आवर्त सारणी में ऐसा संभव नहीं था। आधुनिक आवर्त सारणी में तत्त्व का स्थान उसके परमाणु क्रमांक से निर्धारित होता है। अतः किसी तत्त्व के विभिन्न समस्थानिकों का परमाणु क्रमांक समान होने के कारण उन्हें सारणी में एक ही स्थान पर रखा जाता है।

प्रश्न 4.
दीर्घाकार आवर्त सारणी के मुख्य लक्षण क्या हैं? अंतिम चार आवर्ती के तत्त्वों की संख्या लिखिए।
अथवा
दीर्घाकार आवर्त सारणी की चार मुख्य विशेषताओं पर टिप्पणी लिखिए। दीर्घाकार आवर्त सारणी की विशेषताएँ लिखिए।
अथवा
उत्तर:
दीघांकार आवर्त सारणी के लक्षण – इसके मुख्य लक्षण निम्नवत् हैं-
(1) इस सारणी में 7 क्षैतिज पंक्तियाँ (Horizontal rows) हैं, जिन्हें आवर्त (Period) कहते हैं तथा 18 ऊर्ध्वाधर स्तम्भ (Vertical columns) हैं, जिन्हें वर्ग (Group) या समूह कहते हैं।

(2) प्रत्येक आवर्त को चाहे वह लघु हो अथवा दीर्घ, एक ही रेखा में रखा गया है अर्थात् मेण्डलीफ की सारणी की भाँति उसे प्रथम तथा द्वितीय उपश्रेणियों में नहीं बाँटा गया।

(3) प्रत्येक आवर्त में, उपकोशों में अंतिम इलेक्ट्रॉन के प्रवेश के अनुसार तत्त्वों को उपवर्गों में निम्नलिखित क्रम में रखा गया है-
s – उपकोश – IA, IIA [ अधिकतम 2 इलेक्ट्रॉन]
p – उपकोश – III-A, IV-A, V-A, VI-A, VII-A तथा 0 [अधिकतम 6 इलेक्ट्रॉन]
d – उपकोश – III-B, IV-B, V-B, VI-B, VII-B, VIII, VIII, VIII, I-B, II-B [ अधिकतम 10 इलेक्ट्रॉन]
इस प्रकार इस सारणी में किसी तत्त्व की स्थिति से ज्ञात हो जाता है कि उसमें अंतिम इलेक्ट्रॉन की आपूर्ति किस कोश तथा किस उपकोश में हुई है। यह स्थिति इसका भी ज्ञान कराती है कि परमाणु में कौन-से कोश तथा उपकोश पूर्णतः भरे जा चुके हैं।

(4) दीर्घाकार आवर्त सारणी में तत्त्वों को चार खण्डों अथवा ब्लॉकों (blocks) में स्पष्टत: विभाजित किया गया है। इन्हें क्रमश: 3, p, d तथा f ब्लॉक के तत्त्व कहते हैं। किसी एक ब्लॉक के तत्त्वों के लक्षणों में अनेक समानताएँ तथा अन्य ब्लॉक के तत्त्वों से भिन्नताएँ होती हैं।

(5) लैन्थेनाइड तथा एक्टिनाइड श्रेणियों को अलग लिखा गया है तथा इनके स्थानों का मुख्य सारणी में स्थान तारांकित (* तथा **) किया गया है अर्थात् इन श्रेणियों को मुख्य सारणी में इन तारांकित स्थानों पर लिखा जाना चाहिए। परन्तु ऐसा करने से, सारणी में कुल 32 स्तम्भ हो जाते हैं, तथा सारणी की लम्बाई (मुद्रण में) असुविधाजनक हो जाती है। अतः इन श्रेणियों को अलग लिखा जाता है। ये f – ब्लॉक के तत्त्व होते हैं।

(6) इस सारणी में धात्वीय एवं अधात्वीय तत्त्वों को, संक्रमण तत्त्वों को तथा अक्रिय तत्त्वों को स्पष्टतः अलग देखा जा सकता है।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

प्रश्न 5.
आवर्त सारणी के ‘लघु’ तथा ‘दीर्घ आवर्त’ से क्या तात्पर्य है? आवर्त 1 से 6 तक प्रत्येक में तत्त्वों की संख्याएँ लिखिए।
अथवा
आवर्त सारणी में आवत के चार मुख्य लक्षण लिखिए।
उत्तर:
आवर्त सारणी के प्रथम तीन आवर्त ‘लघु-आवर्त’ कहलाते हैं। इनमें तत्त्वों की संख्या कम होती है। इसके आगे के आवर्त 4, 5, 6 तथा 7 दीर्घ आवर्त’ कहलाते हैं। इनमें तत्त्वों की संख्या अधिक होती है। तत्त्वों की संख्याएँ निम्नवत हैं-

आवर्त तत्त्वों की संख्या
1 2
2 8
3 8
4 18
5 18
6 32

प्रश्न 6.
स्पष्ट कीजिए कि-
(i) लघु आवर्त में परमाणुओं के बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों का वितरण किस प्रकार बदलता है?
(ii) किसी A उपवर्ग में परमाणुओं के बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉन वितरण में क्या भिन्नता या समानता होती है।
(iii) तत्त्वों का विकर्ण सम्बन्ध एवं सम्बन्धित दो तत्त्व।
अथवा
विकर्णी सम्बन्ध पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
(i) लघु आवर्त में पहले 8-उपकोश 1 तथा 2 इलेक्ट्रॉन तथा उपकोश के पूर्ण (2 इलेक्ट्रॉन) हो जाने के बाद p-उपकोश में क्रमश: 1, 2, 3, 4, 5 तथा 6 इलेक्ट्रॉनों की पूर्ति होती है।

(ii) किसी उपवर्ग में परमाणु के बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती हैं, परन्तु उपवर्ग में परमाणु क्रमांक के बढ़ने के साथ बाह्यतम कोश की मुख्य क्वाण्टम संख्या, आवर्त संख्या के साथ 1 से 7 तक बढ़ती जाती हैं।

उदाहरणतः उपवर्ग II-A के परमाणुओं में बाह्यतम कोश में 2 इलेक्ट्रॉन 8- उपकोश में होते हैं, परन्तु बाह्यतम कोश क्रमश: 1, 2, 3, 4, 5, 6 तथा 7 क्वाण्टम संख्या का होगा।

(iii) तत्त्वों का विकर्ण सम्बन्ध – द्वितीय आवर्त के पहले तीन तत्त्व (Li, Be B) तीसरे आवर्त के तत्त्वों तथा अगले वर्ग के दूसरे तत्त्व के साथ गुणों में समानता प्रदर्शित करते हैं। इसे विकर्ण सम्बन्ध कहते हैं।
उदाहरणत:
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 2

प्रश्न 7.
निम्न ऑक्साइडों को उनके क्षारकीय गुण के घटते हुए क्रम में लिखिए-
Al2O3, Na2O, MgO, P2O5
उत्तर:
P2O5, Al2O3, MgO, Na2O.

प्रश्न 8.
मेण्डलीफ की आवर्त सारणी के वर्ग तथा आवर्त की दो-दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
मेण्डलीफ की आवर्त सारणी के वर्गों की विशेषताएँ –

  • 0 से VIII तक कुल 9 वर्ग होते हैं।
  • धात्विक लक्षण या धनविद्युती लक्षण – परमाणु क्रमांक में वृद्धि क्रम के साथ बढ़ता है।
  • विद्युत ऋणीयता- किसी परमाणु की अपनी और इलेक्ट्रॉन आकर्षित करने की प्रवृत्ति परमाणु क्रमांक के वृद्धि के साथ घटती है।

आवर्ती की विशेषताएँ-

  • आवर्त सारणी में आवर्ती की क्रम संख्या एक से सात तक होती है।
  • आवर्त में धात्वीय गुण परमाणु क्रमांक की वृद्धि के साथ-साथ घटता है। क्रमांक के बढ़ने के साथ घटता है।
  • आवर्त में ऑक्साइडों का क्षारीय गुण परमाणु

प्रश्न 9.
आवर्त सारणी के किसी आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर निम्नलिखित गुणों में क्या परिवर्तन होता है-

  • विद्युत धनात्मक गुण
  • धात्विक गुण
  • ऑक्साइडों का क्षारीय गुण?

उत्तर:

  • विद्युत धनात्मक गुण – परमाणु क्रमांक वृद्धि अर्थात् बायें से दायें जाने पर घटता है।
  • धात्विक गुण धात्विक गुण भी परमाणु क्रमांक वृद्धि के साथ घटता है।
  • ऑक्साइडों का क्षारीय गुण आवर्त में क्षारीय गुण परमाणु क्रमांक वृद्धि के साथ-साथ घटता है।

प्रश्न 10.
आवर्त सारणी के द्वितीय आवर्त में निम्नलिखित गुणों में किस प्रकार का परिवर्तन होता है? समझाइए (i) धात्विक गुण (ii) हाइड्रोजन से सम्बन्धित संयोजकता।
उत्तर:
आवर्त सारणी के द्वितीय आवर्त में परिवर्तन-

  • धात्विक गुण – परमाणु क्रमांक वृद्धि के साथ तत्त्वों के धात्विक गुण घटते हैं।
  • हाइड्रोजन से सम्बन्धित संयोजकता – हाइडोजन के अनुसार तत्त्वों की संयोजकता बढ़ती है।

प्रश्न 11.
आवर्त सारणी के द्वितीय आवर्त में निम्नलिखित गुणों में किस प्रकार परिवर्तन होता है?

  • धन विद्युती गुण
  • ऑक्साइडों की प्रकृति
  • आयनन विभव।

उत्तर:

  • धनविद्युती गुण- परमाणु क्रमांक के वृद्धि क्रम के साथ बढ़ता है।
  • ऑक्साइडों की प्रकृति- आवर्त में ऑक्साइडों का क्षारीय गुण परमाणु क्रमांक के बढ़ने के साथ-साथ घटता है।
  • आयनन विभव- किसी परमाणु से इलेक्ट्रॉन विस्थापित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा परमाणु क्रमांक में वृद्धि क्रम के साथ बढ़ती है।

प्रश्न 12.
परमाणु क्रमांक 17 वाले तत्त्व की आवर्त सारणी में वर्ग तथा आवर्त लिखिए।
अथवा
परमाणु क्रमांक 17 वाले तत्त्व की आवर्त सारणी में स्थिति बताइए।
उत्तर:
परमाणु क्रमांक = 17
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 7
आवर्त – 3
वर्ग-VIIA ।

प्रश्न 13.
परमाणु क्रमांक 11 वाले तत्त्व के समूह एवं आवर्त लिखिए।
उत्तर:
परमाणु क्रमांक = 11
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 1
आवर्त – 3
वर्ग – I A ।

प्रश्न 14.
तत्त्व Mg आवर्त सारणी के द्वितीय समूह में है। यदि Mg का तुल्यांकी भार 12 है तो तत्त्व का परमाणु भार ज्ञात करें।
उत्तर:
Mg द्वितीय समूह में है।
इसलिए Mg की संयोजकता 2 होगी।
अत: परमाणु भार = तुल्यांकी भार x संयोजकता
= 12 x 2 = 24

प्रश्न 15.
निम्न में से किस तत्त्व का ऑक्साइड प्रबल क्षारीय है और क्यों?
Na, Mg, Al एवं Si
उत्तर:
Na का ऑक्साइड Na2 प्रबल क्षारीय है क्योंकि किसी आवर्त में बायें से दायें जाने पर तत्त्वों के ऑक्साइडों की क्षारीयता घटती जाती है।

प्रश्न 16.
आवर्त सारणी के किसी आवर्त में बायें से दायें जाने पर निम्नलिखित गुणों में क्या परिवर्तन होता है?
(i) परमाणु त्रिज्या
(ii) विद्युत ऋणात्मकता
(iii) आयनन विभव।
उत्तर:
आवर्त सारणी में आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर निम्नलिखित परिवर्तन होते हैं-

  • परमाणु त्रिज्या – परमाणु त्रिज्या घटेगी।
  • विद्युत ऋणात्मकता प्रत्येक आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर तत्त्व की ऋणविद्युत प्रकृति में क्रमिक वृद्धि होती है; जैसे P से S अधिक ऋणविद्युत है।
  • आयनन विभव – प्रत्येक आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर तत्त्व की आयनन विभव में कमी आयेगी।

प्रश्न 17.
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर आप कैसे छाँटोगे –
(i) समान रासायनिक गुणों वाले तत्त्व
(ii) आवर्त का पहला तत्त्व
(iii) आवर्त का अंतिम तत्त्व
उत्तर:
(i) समान रासायनिक गुणों वाले तत्त्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होता है।
(ii) आवर्त के पहले तत्त्व के बाह्यतम कोश केवल एक इलेक्ट्रॉन होता है।
(iii) आवर्त के अंतिम तत्त्व के बाह्यतम कोश में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं।

प्रश्न 18.
मेण्डलीफ की आवर्त सारणी में हाइड्रोजन के स्थान पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का स्थान विवादास्पद है। एक संयोजी इलेक्ट्रॉन होने के कारण इसे IA समूह में क्षार धातुओं के ऊपर रखा गया है, लेकिन इसके कुछ गुण हैलोजन के समान होने के कारण इसे
इनके साथ स्थान मिलना चाहिए। इस कारण इसकी स्थिति अनिश्चित रही।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मेण्डलीफ के आवर्त नियम का उल्लेख करते हुए, मेण्डलीफ की संशोधित आवर्त सारणी के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
मेण्डलीफ का आवर्त नियम (Mendeleeff’s Periodic Law) – इसके अनुसार तत्त्वों के भौतिक रासायनिक गुण उनके परमाणु- भारों के आवर्ती फलन (periodic function of their atomic weights) हैं अर्थात् यदि तत्त्वों को बढ़ते हुए परमाणु- भारों के क्रम में व्यवस्थित किया जाय तो निश्चित एवं समान क्रम- अन्तरालों के बाद लगभग समान गुण वाले तत्त्व पाये जाते हैं।

मेण्डलीफ की संशोधित आवर्त सारणी के लक्षण (Characteristics of Mendeleeff’s Modified Periodic Table ) – मेण्डलीफ की (Columns) संशोधित आवर्त सारणी को सात श्रेणियों (Series) जिनको आवर्त (Period) कहते हैं तथा नौ स्तम्भों में, जिन्हें वर्ग अथवा समूह (Groups ) कहते हैं, में विभाजित किया गया है।

सारणी में श्रेणियों को बाएँ से दाहिने तथा वर्गों को ऊपर से नीचे लिखा जाता है। श्रेणियों का नामांकन 1 से 7 तक तथा वर्गों का नामांकन I, II, III, IV, V, VI, VII VIII तथा 0 किया गया है। आवर्त 4, 5, 6 तथा में वर्ग I से VII तक प्रत्येक वर्ग को उपवर्गों A तथा B में विभाजित किया गया है तथा प्रत्येक वर्ग या समूह में आवर्त 1, 2 तथा 3 के तत्त्व उपवर्ग A के अन्तर्गत रखे गये हैं।

आवर्त सारणी के प्रथम आवर्त में केवल दो तत्त्व, H वर्ग 1 में तथा He वर्ग 0 में रखे गये हैं। द्वितीय तथा तृतीय आवर्त में से प्रत्येक में आठ तत्त्व हैं जो I से VII तक तथा वर्ग में आते हैं। इन्हें लघु आवर्त (Short periods) कहते हैं।

आवर्त 4 एवं 5 में से प्रत्येक में 18 तत्त्व हैं, जिनमें से 8 तत्त्व उपवर्ग A (I से VII तथा 0) में 7 तत्त्व उपवर्ग B (I से VII) में तथा 3 तत्त्व वर्ग 8 में रखे गये हैं।

आवर्त 6 में 32 तत्त्व तथा आवर्त 7 में अब तक ज्ञात 28 तत्त्व रखे गये हैं।
सारणी के वर्गों तथा आवतों के सामान्य लक्षण निम्नवत् हैं-
(i) प्रत्येक आवर्त में तत्त्वों का क्रम बढ़ते हुए परमाणु क्रमांकों के अनुसार है।

(ii) प्रत्येक आवर्त में बाएँ से दाहिने जाने पर तत्त्वों के (बढ़ता हुआ या घटता हुआ) परिवर्तन गुणों में क्रमिक होता जाता है।
उदाहरणत:
प्रत्येक आवर्त में बढ़ते हुए परमाणु क्रमांक के अनुसार तत्त्वों की धन- वैद्युत संयोजकता बढ़ती तथा ऋण वैद्युत संयोजकता घटती जाती है।

(iii) एक ही वर्ग या समूह स्थित तत्त्वों के गुण (जैसे- संयोजकता, विद्युत धनात्मकता अथवा ऋणात्मकता तथा अन्य) में समानता पायी जाती हैं।

(iv) तत्त्व का परमाणु क्रमांक उसका मौलिक लक्षण हैं जो तत्त्व की विशेषताओं को व्यक्त करता है।

(v) सारणी में किसी तत्त्व के स्थान (आवर्त तथा वर्ग या समूह) के अनुसार उसके गुणों को बताया सकता है।

प्रश्न 2.
मेण्डलीफ की प्रारंभिक आवर्त सारणी के दोष बताइए। इनका निवारण मेण्डलीफ की संशोधित आवर्त सारणी में किस प्रकार किया गया है?
उत्तर:
मेण्डलीफ की प्रारंभिक आवर्त सारणी के प्रमुख दोष निम्नवत् हैं-
1. तत्त्वों का क्रम बढ़ते परमाणु भार के अनुसार न होना- मेण्डलीफ की आवर्त सारणी में तत्त्वों के ऐसे चार युग्म (pairs) हैं जिनमें अधिक परमाणु भार का तत्त्व, कम परमाणु भार के तत्त्व से पहले रखा गया है। ये युग्म हैं-

  • आर्गन (Ar ) – 39.4 तथा पोटैशियम (K) 39.1
  • कोबाल्ट (Co) – 58.94 तथा निकिल (Ni)-58.96
  • टेलुरियम (Te) – 127.61 तथा आयोडीन (I)-126.91
  • थोरियम (Th) – 232.12 तथा प्रोटोएक्टीनियम (Pa) – 231

2. समस्थानिकों का स्थान- अनेक तत्त्वों के ऐसे एक से अधिक समस्थानिक पाये जाते हैं जिनके परमाणु भार तो भिन्न होते हैं परन्तु रासायनिक गुण समान, जैसे हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक H-1, H-2, H-3, क्लोरीन के दो समस्थानिक C1-35, C1-37, कार्बन के दो समस्थानिक C-12, C-14 आदि परमाणु भार के आधार पर क्रमायोजित करने से इन समस्थानिक को भी सारणी में पृथक स्थान मिलना चाहिए, परन्तु मेण्डलीफ की आवर्त सारणी में ऐसा संभव नहीं था।

3. हाइड्रोजन का द्वैध व्यवहार हाइड्रोजन; जो कि प्रथम वर्ग A की धातुओं (Li, Na, K…….) और सप्तम वर्ग A के तत्त्वों (F, Cl, Br, I) के गुणों से समानता रखता है, को निश्चित स्थान नहीं दिया जा सकता है।

4. असमान तत्त्वों को एक ही वर्ग में रखना- प्रथम समूह A के क्षारीय धातु और B के मुद्रा-धातु व सप्तम् वर्ग A के हैलोजन और B के Mn धातु में काफी असमानता होते हुए भी वे एक साथ रखे गये हैं।

IA VII
(H) (H)
Li F
Rb Cl
Cs Br
Fr I

5. अक्रिय गैसों (जैसे हीलियम, निऑन, आर्गन आदि को सारणी में कोई स्थान नहीं दिया गया।
मेण्डलीफ की आवर्त सारणी में संशोधन वैज्ञानिक मोज्ले (Mosley) ने X- विकिरणों के स्पेक्ट्रमों के अध्ययन के द्वारा एक तत्त्वों के एक नवीन लक्षण, परमाणु क्रमांक (Atomic Number) का प्रतिपादन किया।

किसी तत्त्व के परमाणु के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या अथवा नाभिक के धनावेश (मूल आवेश पदों में) को तत्त्व का परमाणु क्रमांक कहते हैं। वैज्ञानिकों ने यह पाया कि यदि तत्त्वों को उनके परमाणु क्रमांकों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया जाय तो मेण्डलीफ की प्रारंभिक आवर्त सारणी के अनेक दोष दूर हो जाते हैं। इस आधार पर मेण्डलीफ द्वारा प्रतिपादित आवर्त नियम में संशोधन करके आधुनिक आवर्त नियम निम्नवत् प्रस्तुत किया गया-

“तत्त्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके परमाणु क्रमांकों के आवर्ती फलन होते हैं।”

इस नियम आधार पर मेण्डलीफ की आवर्त सारणी में संशोधन किया गया। इसके अतिरिक्त सारणी में अक्रिय गैसों का एक नया वर्ग (शून्य वर्ग) जोड़ा गया तथा दुर्लभ मृदा तत्त्वों (Rare Earth Elements) एवं एक्टिनाइड तत्त्वों के स्थान निर्धारित किये गये।

किसी तत्त्व के सभी समस्थानिकों का परमाणु क्रमांक समान होने के कारण उनके स्थान निर्धारण की त्रुटि स्वतः ही दूर हो गयी।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

प्रश्न 3.
मेण्डलीफ की संशोधित आवर्त सारणी के आवर्ती तथा वर्गों / उपवर्गों की विशेषताएँ या लक्षणों को लिखिए।
उत्तर:
(i) आवर्त सारणी की विशेषताएँ (Char- acteristics of Periodic Table)
1. आवर्त सारणी में आवर्ती की क्रम संख्या एक से सात तक होती है।

2. पहले आवर्त में केवल दो तत्त्व हैं इसलिए इसे अतिलघु आवर्त कहते हैं तथा इसमें सिर्फ हाइड्रोजन तथा हीलियम हैं।

3. आवर्त दो व तीन में आठ-आठ तत्त्व होते हैं तथा इनको लघु आवर्त कहते हैं। तीसरे आवर्त के तत्त्वों (Na, Mg, Al, Si, P, S, CI) को प्रारूपी तत्त्व (Typical Elements) कहते हैं।

4. चौथे और पाँचवें आवर्त में 18-18 तत्त्व होते हैं इसलिए इनको दीर्घ आवर्त (Long period) कहते हैं।

5. छठे तथा सातवें आवर्त में 32-32 तत्त्व आते हैं इसलिए इनको अतिदीर्घ आवर्त कहते हैं सातवें आवर्त में उस समय सिर्फ 13 तत्त्व ही ज्ञात थे।

6. प्रत्येक दीर्घ आवर्त में आठ तत्त्वों को सामान्य तत्त्व (Normal element) तथा शेष दस तत्त्वों को संक्रमण तत्त्व (Transition elements) कहते हैं।

7. अतिदीर्घ छठे और सातवें आवर्त में आठ सामान्य तत्त्व 10 संक्रमण तत्त्व तथा 14 अन्त: संक्रमण तत्त्व हैं। छठी श्रेणी के अन्त संक्रमण तत्त्व लैन्थेनाइड तथा सातवीं श्रेणी के अन्तः संक्रमण तत्त्व एक्टिनाइड कहलाते हैं। इन्हें मुख्य सारणी के नीचे अलग दिखाया जाता है।

8. प्रत्येक आवर्त किसी क्षार धातु (Li, Na, K) से आरम्भ होकर किसी अक्रिय गैस, जैसे- हीलियम, निऑन, आर्गन आदि पर समाप्त हो जाता है।

9. प्रत्येक आवर्त में तत्त्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्मों, जैसे- धात्वीय प्रकृति, घनत्व, क्वथनांक, गलनांक और ऑक्साइड की प्रकृति में नियमित परिवर्तन ( Grada- tion) होता है।

10. द्वितीय आवर्त के पहले तीन तत्त्व ( लीथियम, बेरीलियम तथा बोरॉन) तीसरे आवर्त के तत्त्वों तथा अगले वर्ग के दूसरे तत्त्व के साथ विकर्ण समानता प्रदर्शित करते हैं। इस कारण इनके गुण समान होते हैं। जैसे- लीथियम, मैग्नीशियम के साथ, बेरीलियम, ऐलुमिनियम के साथ तथा बोरॉन, सिलिकॉन के साथ विकर्ण समानता प्रदर्शित कराता है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 3
11. तत्त्वों का आवर्त में विद्युत धनात्मक गुण परमाणु क्रमांक की वृद्धि के साथ-साथ घटता है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 4

12. धात्वीय गुण – आवर्त में धात्वीय गुण परमाणु क्रमांक की वृद्धि के साथ-साथ घटता है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 5

13. संयोजकता (हाइड्रोजन के अनुसार) हाइड्रोजन के अनुसार तत्त्वों की संयोजकता पहले वर्ग 1 से 4 तक बढ़ती है और उसके उपरान्त 4 से 1 तक घटती है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 6
संयोजकता – (ऑक्सीजन के अनुसार) ऑक्सीजन के अनुसार संयोजकता वर्ग एक से आठ तक लगातार बढ़ती है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 7

14. ऑक्साइडों का क्षारीय गुण आवर्त में ऑक्साइडों का क्षारीय गुण परमाणु क्रमांक के बढ़ने के साथ-साथ घटता है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 8
क्वथनांक, गलनांक, विशिष्ट ताप में इसी प्रकार से क्रम पाया जाता है।

15. परमाणु त्रिज्या – प्रत्येक आवर्त में पहले वर्ग से सातवें वर्ग की ओर जाने पर तत्त्वों की परमाणु त्रिज्या का मान क्रमानुसार घटता है तथा किसी वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु त्रिज्या का मान बढ़ता जाता है।

(ii) वर्गों तथा उपवर्गों की विशेषताएँ-
(i) ‘0’ से ‘VIII’ तक कुल 9 वर्ग होते हैं।

(ii) प्रत्येक वर्ग की वर्ग संख्या अपनी विशिष्ट संयोजकता (Valency) को प्रकट करती है जैसे ‘0’ वर्ग के तत्त्वों की संयोजकता शून्य है, ‘I’ वर्ग के तत्त्वों की संयोजकता 1 है तथा III वर्ग के तत्त्वों की संयोजकता 3 है।

(iii) कुछ अपवादों को छोड़कर एक वर्ग के तत्त्वों के गुण समान होते हैं।

(iv) एक वर्ग में नीचे के तत्त्वों का परमाणु भार ऊपर के तत्त्वों के परमाणु भार से अधिक होता है।

(v) शून्य तथा आठवें वर्ग को छोड़कर अन्य वर्गों को उपवर्गों (Sub-groups ) में विभाजित किया गया है। इनको उपवर्ग ‘A’ (अ) तथा उपवर्ग ‘B’ (ब) कहते हैं। सारणी में उपवर्ग ‘A’ को बायीं ओर तथा उपवर्ग ‘B’ को दायाँ लिखते हैं। एक उपवर्ग में उपस्थित तत्त्वों में अधिक समानता पायी जाती है तथा ये तत्त्व दूसरे उपवर्ग में उपस्थित तत्त्वों से भिन्न होते हैं, जैसे प्रथम वर्ग के उप-समूह ‘A’ में 6 तत्त्व Li, Na, K, Rb, Cs व Fr हैं तथा उपवर्ग ‘B’ में Cu, Ag तथा Au उपस्थित हैं। उपवर्ग A तथा B में उपस्थित तत्त्वों में अन्तर पाया जाता है।

(vi) एक ही वर्ग में परमाणु क्रमांक के वृद्धि- के साथ तत्त्वों के गुणों में क्रमबद्ध परिवर्तन होता है।
(क) धात्विक लक्षण या धन विद्युती लक्षण-परमाणु क्रमांक के वृद्धि क्रम के साथ बढ़ता है।

(ख) आयनन विभव (Ionisation Poten-tial) – अर्थात् किसी परमाणु से इलेक्ट्रॉन विस्थापित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा परमाणु क्रमांक में वृद्धि क्रम के साथ घटती है।

(ग) विद्युत ऋणीयता (Electronega-tivity) – अर्थात् किसी परमाणु की अपनी ओर इलेक्ट्रॉन आकर्षित करने की प्रवृत्ति परमाणु क्रमांक के वृद्धि क्रम के साथ घटती है।

(vii) विभिन्न समूहों में उपस्थित तत्त्व सामान्य (Nor-mal), संक्रमण (Transitional), दुर्लभ मृदा (Rare earth) तथा एक्टिनाइड (Actinied ) हो सकते हैं। आधुनिक प्रणाली में ‘B’ उपवर्ग (भारी धातुएँ) के तत्त्व संक्रमण तत्त्व कहलाते हैं और उपवर्ग ‘A’ के तत्त्व (हल्की धातु तथा अधातु) सामान्य तत्त्व (Normal elements) कहलाते हैं।

प्रश्न 4.
मेण्डलीफ की आवर्त सारणी की उपयोगिता का विवरण दीजिए।
उत्तर:
मेण्डलीफ की आवर्त सारणी की उपयोगिता (Utility of Mendeleeff’s Periodic Table)
1. तत्त्वों का वर्गीकरण – मेण्डलीफ की आवर्त सारणी का मुख्य उपयोग यह है कि 109 तत्त्वों के भौतिक केवल तथा रासायनिक गुणों का अध्ययन अलग-अलग न रहकर 9 समूहों तक सीमित रह गया है।

2. परमाणु भार का आकलन – चूँकि किसी वर्ग विशेष में उपस्थित तत्त्व की संयोजकता उसकी वर्ग संख्या के बराबर होती है, यदि तत्त्व का तुल्यांकी भार ज्ञात है तो उसका परमाणु भार निम्नलिखित सूत्र से ज्ञात कर सकते हैं-
परमाणु भार = तुल्यांकी भार x संयोजकता

3. संदेहास्पद परमाणु भारों का सही निर्धारण- मेण्डलीफ आवर्त सारणी की सहायता से बहुत से तत्त्वों के परमाणु भारों का सही निर्धारण करने में सहायता मिली। जैसे, Be का परमाणु भार इसकी संयोजकता तीन मानकर 4.5 x 3 = 13.5 माना जाता था। 4.5 इसका तुल्यांकी भार है, परन्तु मेण्डलीफ ने इसे द्विसंयोजी मानकर द्वितीय वर्ग में रखा। बाद में इसका परमाणु भार 4.5 x 2 9 निकाला गया जो इसके रासायनिक व्यवहार से पूर्णतः मेल खाता है।

4. नये तत्त्वों की खोज में- मेण्डलीफ की आवर्त सारणी में दो क्रमागत तत्त्वों के परमाणु भार में लगभग दो से तीन इकाइयों का अन्तर है। जहाँ अन्तर छह या छह से अधिक इकाई का हुआ, वहीं मेण्डलीफ ने दोनों तत्त्वों के मध्य एक रिक्त स्थान छोड़ दिया। उसने इन तत्त्वों के गुणों का वर्णन भी इस वर्ग के गुणों के आधार पर कर दिया। उदाहरणार्थ, मेण्डलीफ की मूल आवर्त सारणी में बाद में खोजे गये तत्त्व स्कैण्डियम (Se), गैलियम (Ga) तथा जर्मेनियम (Ge) के स्थान रिक्त थे जिनको उसने क्रमशः एका बोरॉन, एका ऐलुमिनियम तथा एका सिलिकॉन नाम दिया था।

प्रश्न 5.
(i) मेण्डलीफ की आवर्त सारणी में कुछ रिक्त स्थान क्यों थे?
(ii) मेण्डलीफ के वर्गीकरण की कोई तीन सीमाएँ लिखिए।
(iii) किसी आवर्त में परमाणु क्रमांक बढ़ने पर परमाणुओं के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में किस प्रकार परिवर्तन होता है?
उत्तर:
(i) मेण्डलीफ का अनुमान था कि रिक्त स्थानों की पूर्ति नए तत्त्वों की खोज से होगी। मेण्डलीफ ने आवर्त सारणी की सहायता से रिक्त स्थानों के अज्ञात तत्त्वों के गुण का पूर्वानुमान किया। अब उन सभी तत्त्वों की खोज हो चुकी है, जिनके लिए मेण्डलीफ ने सारणी में रिक्त स्थान छोड़े थे। इन तत्त्वों के गुण लगभग वही पाए गए हैं जो मेण्डलीफ ने इनकी खोज से पहले बता दिए थे।
उदाहरण-स्कैंडियम, गैलियम, जर्मेनियम।

(ii) मेण्डलीफ के वर्गीकरण की तीन सीमाएँ-

  • आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का कोई एक निश्चित स्थान होना।
  • समस्थानिकों और समभारिकों को आवर्त सारणी में स्थान देने में कठिनाई।
  • अधिक परमाणु भार के तत्त्व को कम परमाणु भार के तत्त्व से पहले रखना।

उदाहरण – कोबाल्ट (परमाणु द्रव्यमान (भार) 58.9] को आवर्त सारणी में निकिल [परमाणु द्रव्यमान (भार) 58.7] से पहले रखा गया।

(iii) किसी आवर्त में परमाणु क्रमांक बढ़ने पर संयोजकता इलेक्ट्रॉन में बाएँ से दाएँ जाने पर इकाई की वृद्धि होती है क्योंकि शेलों की संख्या अपरिवर्तित रहती है।
जै-Na : 2, 8, 1; Mg: 2, 8, 2; Al: 2, 8, 3.

प्रश्न 6.
क्या कारण है कि समान गुणों वाले तत्त्व एक नियमित अंतराल के बाद उपस्थित होते हैं यदि तत्त्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु संख्या के क्रम में रखा गया हो?
अथवा
आप कैसे कह सकते हैं कि आधुनिक आवर्त सारणी का आधार तत्त्वों का इलेक्ट्रॉन विन्यास है?
उत्तर:
आवर्त सारणी के पहले आवर्त में 2, दूसरे और तीसरे आवर्त में 8-8 तथा चौथे और पाँचवें आवर्त में 18-18 तत्त्वों की उपस्थिति परमाणु की प्रथम, द्वितीय, तृतीय कोश (ऊर्जा स्तरों) की इलेक्ट्रॉन क्षमता से सम्बन्धित है। इस प्रकार हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं, कि आवर्त वर्गीकरण का आधार परमाणु संख्या अर्थात् इलेक्ट्रॉन की संख्या तथा अंततः इलेक्ट्रॉन विन्यास है।

यदि हम प्रथम तीन आवर्त के तत्त्वों के इलेक्ट्रॉन विन्यास पर दृष्टिपात करें तो हम पाते हैं विन्यास कि तत्त्वों के बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉन की संख्या एक नियमित अंतराल के बाद समान होती है अर्थात् दोहराई जाती है जैसे- लीथियम, सोडियम तथा पोटैशियम के इलेक्ट्रॉन विन्यास से विदित है Li का इलेक्ट्रॉन = 2, 1, Na का 2, 8, 1 तथा K का 2, 8, 8, 1.

जैसा कि हम जानते हैं कि तत्त्वों के गुण उनके बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉन (संयोजकता इलेक्ट्रॉन) की संख्या पर निर्भर करते हैं। संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होने पर उनके गुण भी समान होते हैं। यही कारण है कि नियमित अंतराल के बाद समान गुणों वाले तत्त्वों की पुनरावृत्ति होती है।

प्रश्न 7.
Na (परमाणु क्रमांक 11) और Al (परमाणु क्रमांक l3) आवर्त सारणी में एक तत्त्व की दूरी पर हैं। इनकी संयोजकता क्रमश: 1 तथा 3 है। C1 (परमाणु क्रमांक 17) और K (परमाणु क्रमांक 19) भी आवर्त सारणी में एक तत्त्व की दूरी पर हैं। किन्तु फिर भी दोनों की संयोजकता एक है। दोनों में अन्तर बताइए। प्रकार हैं-
उत्तर:
Na11 और Al13 के इलेक्ट्रॉन विन्यास निम्न
Na11 = 2, 8, 1 Al13 = 2, 8, 3.
Na11 के इलेक्ट्रॉन विन्यास में केवल 1 इलेक्ट्रॉन ही बाह्य कक्षा में है। अतः इसकी संयोजकता 1 है। Al के पास 3 संयोजी इलेक्ट्रॉन हैं अतः इसकी संयोजकता 3 है।
अब, CI और K के इलेक्ट्रॉन विन्यास क्रमश: हैं-
Cl17 = 2, 8, 7 और K19 = 2, 8, 8, 1
Cl के पास 7 संयोजी इलेक्ट्रॉन होने के कारण इसे अपनी बाह्य कक्षा में एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की आवश्यकता होती है। अतः इसकी संयोजकता 1 है। जबकि K एक इलेक्ट्रॉन त्यागकर पूर्ण इलेक्ट्रॉन विन्यास प्राप्त कर लेता है। अतः इसकी संयोजकता भी 1 है।

प्रश्न 5.
आधुनिक आवर्त नियम क्या है? आधुनिक आवर्त सारणी में तत्त्वों का वर्गीकरण समझाइए।
उत्तर:
मेण्डलीफ द्वारा प्रतिपादित आवर्त नियम में संशोधन करके आधुनिक आवर्त नियम निम्नवत् प्रस्तुत किया गया –
“तत्त्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके परमाणु क्रमांकों के आवर्ती फलन होते हैं।” आधुनिक आवर्त सारणी में तत्त्वों का वर्गीकरण (Classification of Elements in Modern Periodic Table) – आधुनिक आवर्त सारणी का आधार परमाणुओं का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास है। इसके अनुसार ” तत्त्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुण उनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आवर्ती फलन होते हैं।”

आवर्त सारणी में उपस्थित सभी तत्त्वों को उनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर निम्नलिखित चार प्रकार के तत्त्वों में विभक्त किया जा सकता है-
1. अक्रिय तत्त्व (Inert Elements) – इस वर्ग ऐसे तत्त्व रखे गये हैं जिनके सभी कोश पूर्ण होते हैं, उदाहरणत: शून्य समूह के तत्त्व- हीलियम, निऑन, आर्गन इनके बाह्यतम कोश (Outermost shell) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns².np6 होता है। (हीलियम को इत्यादि। छोड़कर 292)

2. सामान्य तत्त्व (Normal Elements) – ये ऐसे तत्त्व हैं जिनके परमाणुओं के बाहरी कोश ही अपूर्ण होते हैं तथा बाकी सब पूर्ण होते हैं। ऐसे तत्त्वों के बाहरी कोश का सामान्य सूत्र ns1 से ns², np5 तक होता है। इस वर्ग में धातु, अधातु, उपधातु सभी आते हैं और यह सभी क्रियाशील तत्त्व होते हैं इनको दो भागों में बाँटा जा सकता है-

(क) 8 ब्लॉक के तत्त्व (Elements of s block) – s ब्लॉक के तत्त्वों के रासायनिक गुणधर्म उनके परमाणुओं के बाहरी कक्ष के उपकोश पर निर्भर करते हैं। इनमें I-A तथा II-A वर्ग आते हैं। ये सभी क्रियाशील धातु होते हैं।

(ख) p-ब्लॉक के तत्त्व (Elements of p- block) – p-ब्लॉक के तत्त्वों के रासायनिक गुणधर्म उनके परमाणुओं निर्भर के बाहरी कक्ष के p उपकोश के इलेक्ट्रॉनों पर करते हैं। इसमें IIIA, IVA, VA, VIA, VIIA के तत्त्व आते हैं और इनके बाहरी कक्ष के p उपकोश में 1 से 5 तक इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं। मुख्य रूप से इनमें अधातु आते हैं। जैसे- फ्लोरीन, क्लोरीन, ऑक्सीजन इत्यादि।

3. संक्रमण तत्त्व (Transition Elements) – इस वर्ग में ऐसे तत्त्व उपस्थित होते हैं जिनके दो बाहरी कोश अपूर्ण होते हैं और उनका सामान्य सूत्र (n-1)dxns² होता है जबकि x = 1, 2 …………. 10 तक। इनके बाहरी कक्ष से लगी हुई d उपकोश अपूर्ण होती है इसलिए इन्हें d – ब्लॉक के तत्त्व कहते हैं। इन तत्त्वों की चार श्रेणियाँ होती हैं जिनमें क्रमश: 3d (Sc – Zn), 4d (Y – Cd), 5d (LaHg) तथा 6d श्रेणी (अपूर्ण) है।

संक्रमण तत्त्व निम्नलिखित गुणों को प्रदर्शित करते हैं-

  • ये रंगीन आयन बनाते हैं, Fe2+ (हरा), Fe3+ (नारंगी)।
  • ये अनुचुम्बकीय (paramagnetic) होते हैं।
  • ये उत्प्रेरक का कार्य करते हैं।
  • ये परिवर्ती संयोजकता दिखाते हैं
  • ये संकीर्ण आयन (Complex-ion) बनाते हैं।

4. आन्तरिक संक्रमण तत्त्व (Inner Transition Elements)-इस वर्ग में ऐसे तत्त्व रखे गये हैं जिनके परमाणुओं की अंतिम तीन कक्ष अपूर्ण होती हैं। यह तत्त्व f उपकोश को भरने के कारण बनते हैं। अत: इन्हें f-ब्लॉक के तत्त्व कहते हैं। इनका सामान्य सूत्र (n – 2 )fx, (n – 1)s²p6d1.ns² होता है जबकि x = 1, 2 ….. 14 तक 14f लैन्थेनाइड श्रेणी (Ce – 58 से Lu – 71 तक) तथा 5f एक्टिनाइड श्रेणी (Ac – 89 से Lw 103 तक), प्रत्येक में 14 तत्त्व होते हैं जो f-कक्षक में क्रमश: 1 से 14 इलेक्ट्रॉनों की आपूर्ति से बनते हैं। इन तत्त्वों के बाहरी दो कोशों का विन्यास समान होने के कारण इनके गुणों में बहुत समानता होती है।

5. प्रारूपिक तत्त्व (Typical Elements) – आवर्त सारणी के तृतीय आवर्त के (Na से C1 तक) तत्त्वों को प्रारूपिक तत्त्व कहते हैं क्योंकि ये तत्त्व अपने वर्गों तथा A – उपवर्गों के तत्त्वों की संयोजकता तथा अन्य रासायनिक लक्षणों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न-

निर्देश: प्रत्येक प्रश्न में दिये गये वैकल्पिक उत्तरों में से सही विकल्प चुनिए-

1. प्रारूपिक तत्त्व है-
(a) Na
(b) K
(c) Se
(d) He
उत्तर:
(a) Na

2. किसी आवर्त में बायें से दायें बढ़ने पर तत्त्वों की-
(a) धन विद्युती प्रकृति बढ़ती है
(b) धात्विकता बढ़ती जाती है।
(c) आयनिक त्रिज्या बढ़ती जाती है।
(d) तत्त्वों के ऑक्साइडों की क्षारीय प्रकृति घटती जाती है
उत्तर:
(d) तत्त्वों के ऑक्साइडों की क्षारीय प्रकृति घटती जाती है

3. किसी समूह में ऊपर से नीचे की ओर बढ़ने पर –
(a) आयनिक त्रिज्या घटती जाती है।
(b) सुचालकता घटती जाती है
(c) घनत्व घटता जाता है
(d) धात्विकता बढ़ती जाती है।
उत्तर:
(d) धात्विकता बढ़ती जाती है।

4. मेण्डलीफ आवर्त सारणी में एक दोष यह है कि-
(a) हैलोजन परिवार के सदस्यों को एक समूह में रखा गया है
(b) इसके आधार पर अज्ञात तत्त्वों के गुणों के बारे में कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है
(c) सर्वथा भिन्न गण वाले तत्त्व एक ही समूह में स्थान पा गये हैं
(d) सारणी को बनाने में कोई आधारभूत सिद्धान्त नहीं रखा गया है
उत्तर:
(c) सर्वथा भिन्न गण वाले तत्त्व एक ही समूह में स्थान पा गये हैं

5. Li विकर्ण सम्बन्ध प्रकट करता है-
(a) Na के साथ
(b) K के साथ
(c) Al के साथ
(d) Mg के साथ
उत्तर:
(d) Mg के साथ

6. परमाणु क्रमांक 17 वाले तत्त्व का आवर्त सारणी में स्थान है-
(a) VII आवर्त, VII वर्ग
(b) III आवर्त, VII वर्ग
(c) IV आवर्त, VII वर्ग
(d) II आवर्त, VI वर्ग
उत्तर:
(b) III आवर्त, VII वर्ग

7. आधुनिक आवर्त नियम प्रतिपादित करने वाले वैज्ञानिक हैं-
(a) प्राउट
(b) न्यूलैंड
(c) मेण्डलीफ
(d) मोज्ले
उत्तर:
(d) मोज्ले

8. आधुनिक आवर्ती वर्गीकरण का आधार है-
(a) परमाणु भार
(b) परमाणु क्रमांक
(c) संयोजकता
(d) रासायनिक क्रियाशीलता
उत्तर:
(b) परमाणु क्रमांक

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

9. आवर्त सारणी के किसी समूह में परमाणु क्रमांक की वृद्धि के साथ बढ़ता है-
(a) धन विद्युती लक्षण
(b) आयनन विभव
(c) विद्युत ऋणीयता
(d) अधात्विक लक्षण
उत्तर:
(a) धन विद्युती लक्षण

10. Be का विकर्ण सम्बन्ध है-
(a) Mg
(b) Al
(c) B
(d) Na
उत्तर:
(b) Al

11. द्वितीय आवर्त में तत्त्वों की संख्या होती है-
(a) 2
(b) 8
(c) 10
(d) 18
उत्तर:
(b) 8

12. ये तत्त्व परिवर्ती संयोजकता प्रकट करते हैं-
(a) नॉर्मल
(b) प्रारूपिक
(c) संक्रमण
(d) ये सभी
उत्तर:
(c) संक्रमण

13. क्षार धातुएँ हैं-
(a) Be, Mg, Ca
(b) Li, Na, K
(c) B, Al, Ga
(d) Cu, Ag, Au
उत्तर:
(b) Li, Na, K

14. किस तत्त्व की विद्युत-धनात्मकता सबसे अधिक है-
(a) F
(b) Mg
(c) Na
(d) K
उत्तर:
(d) K

15. सर्वाधिक हाइड्रोजन संयोजकता होती है समूह ……… के तत्त्वों की।
(a) I
(b) VII
(c) IV
(d) 0
उत्तर:
(c) IV

16. तत्त्व A, B, C, D तथा E के परमाणु क्रमांक क्रमश: 9, 11, 17, 12 तथा 13 हैं। तत्त्वों का कौन सा युग्म समान समूह से सम्बन्धित है?
(a) A तथा B
(b) B तथा D
(c) A तथा C
(d) D तथा E
उत्तर:
(c) A तथा C

17. कोई तत्त्व जो क्षारकीय ऑक्साइड बनाते हैं, उसका परमाणु संख्या है—
(a) 18
(b) 14
(c) 17
(d) 19
उत्तर:
(d) 19

18. निम्नलिखित में से कौन-सा तत्त्व अम्लीय ऑक्साइड बनता है?
(a) परमाणु क्रमांक 7 युक्त तत्त्व
(b) परमाणु क्रमांक 3 वाला तत्त्व
(c) परमाणु क्रमांक 12 वाला तत्त्व
(d) परमाणु क्रमांक 19 वाला
उत्तर:
(a) परमाणु क्रमांक 7 युक्त तत्त्व

19. परमाणु क्रमांक 14 वाला तत्त्व कठोर है तथा अम्लीय ऑक्साइड एवं एक सहसंयोजक हैलाइड बनाता है। यह तत्त्व निम्नलिखित में से किस वर्ग से सम्बन्धित है?
(a) धातु
(b) उपधातु
(c) अधातु
(d) बायीं ओर वाले तत्त्व
उत्तर:
(b) उपधातु

20. आवर्त सारणी में एक समूह में ऊपर से नीचे जाने पर निम्नलिखित में से क्या नहीं बढ़ता है?
(a) परमाणु की त्रिज्या
(b) धात्विक अभिलक्षण
(c) संयोजकता
(d) एक तत्त्व में कोशों की संख्या
उत्तर:
(c) संयोजकता

21. निम्नलिखित में से किस तत्त्व में अधिकतम संयोजी इलेक्ट्रॉन (Valence electron) हैं-
(a) Na
(b) Mg
(c) C
(d) P
उत्तर:
(d) P

22. सर्वाधिक ऑक्सीजन-संयोजकता होती है समूह के तत्त्वों की।
(a) I
(b) VII
(c) IV
(d) 0
उत्तर:
(b) VII

23. तत्त्वों के गुण निर्भर करते हैं, उनके परमाणुओं-
(a) में प्रोटॉनों की संख्या पर
(b) में न्यूट्रॉनों की संख्या पर
(c) के द्रव्यमान पर
(d) उपर्युक्त किसी पर नहीं
उत्तर:
(a) में प्रोटॉनों की संख्या पर

24. यूरेनियम है-
(a) क्षार धातु
(b) अधातु
(c) स्थायी तत्त्व
(d) अन्त: संक्रमण धातु
उत्तर:
(d) अन्त: संक्रमण धातु

25. परमाणु क्रमांक 18 का तत्त्व होगा-
(a) वर्ग ‘शून्य में
(b) वर्ग VIII में
(c) आवर्त सं. 4 में
(d) संक्रमण धातुओं में
उत्तर:
(a) वर्ग ‘शून्य में

26. एक तत्त्व M के ऑक्साइड का सूत्र MO है। इसके नाइट्रेट का सूत्र होगा-
(a) MNO3
(b) M(NO3)2
(c) M2NO3
(d) M2(NO2)2
उत्तर:
(b) M(NO3)2

27. उभयधर्मी ऑक्साइड है-
(a) Na2 O
(b) P2O5
(c) Al2O3
(d) MgO5
उत्तर:
(c) Al2O3

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

28. निम्न में ऊष्मीय ऑक्साइड है-
(a) Al2O3
(b) K2O
(c) MgO
(d) P2O5
उत्तर:
(d) P2O5

29. निम्नलिखित में क्षारीय धातु है-
(a) Na
(b) Be
(c) Al
(d) Zn
उत्तर:
(b) Be

30. एक तत्त्व N के कार्बोनेट का सूत्र NCO3 है। इसके क्लोराइड का सूत्र होगा-
(a) MCl2
(b) MCl3
(c) MCl
(d) M2Cl
उत्तर:
(a) MCl2

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. किसी कोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या ……………….. सकती है।
  2. एक ही ……………….. को सभी तत्त्वों के संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है।
  3. डॉबेराइनर ने तत्त्वों को ……………….. में वर्गीकृत किया जबकि ……………….. ने अष्टक का सिद्धान्त दिया।
  4. मेण्डलीफ ने तत्त्वों को उनके ……………….. को आरोही क्रम तथा रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर व्यवस्थित किया।
  5. ………………. ने आवर्त सारणी में खाली स्थानों के आधार पर नए तत्त्वों की भविष्यवाणी की।
  6. तत्त्वों को परमाणु ………………. के आरोही क्रम में व्यवस्थित करने से होने वाली विसंगतियाँ, परमाणु के आरोही क्रम में व्यवस्थित करने से दूर हो गई तत्त्व के इस आधारभूत गुणधर्म अर्थात् परमाणु संख्या की खोज मोज्ले ने की।

उत्तर:

  1. 2n²
  2. समूह
  3. त्रिक, न्यूलैंड्स
  4. परमाणु द्रव्यमान
  5. मेण्डलीफ
  6. द्रव्यमान संख्या

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.5

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.5 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Exercise 13.5

प्रश्न 1.
व्यास 3 मिमी वाले ताँबे के तार को 12 सेमी लम्बे और 10 सेमी व्यास वाले एक बेलन पर इस प्रकार लपेटा जाता है कि वह बेलन के वक्र पृष्ठ को पूर्णतः ठक लेता है। तार की लम्बाई और द्रव्यमान ज्ञात कीजिए, यह मानते हुए कि ताँबे का घनत्व 8.88 ग्राम प्रति सेमी3 है।
हल :
दिया है:
तार का व्यास (d) = 3 मिमी
तार की त्रिज्या (r) = \(\frac {3}{2}\)मिमी = \(\frac {3}{20}\)सेमी
बेलन की त्रिज्या (R) = \(\frac {10}{2}\) = 5 सेमी
बेलन की ऊँचाई (h) = 12 सेमी
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.5 - 1
बेलन के आधार का परिमाप = एक लपेटे में प्रयुक्त तार की लम्बाई
= 2πR
= 2 × 3.14 × 5
= 31.4 सेमी
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.5 - 2
= \(\frac {12}{3}\) × 10 = 40
∴ प्रयुक्त तार की लम्बाई = लपेटों की संख्या × एक लपेटे में प्रयुक्त तार की लम्बाई
प्रयुक्त तार की लम्बाई (H) = 40 × 31.4 सेमी = 1256 सेमी
प्रयुक्त तार का आयतन = πr²H
= \(\frac{22}{7} \times \frac{3}{20} \times \frac{3}{20}\) × 1256
= 88.817 घन सेमी
∵ 1 घन सेमी का द्रव्यमान = 8.88 ग्राम
∴ 88.817 घन सेमी का द्रव्यमान = 8.88 × 88.817
= 788 ग्राम (लगभग) ।
अतः तार की लम्बाई = 1256 सेमी तथा तार का द्रव्यमान = 788 ग्राम (लगभग)

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.5

प्रश्न 2.
एक समकोण त्रिभुज, जिसकी भुजाएँ 3 सेमी और 4 सेमी हैं (कर्ण के अतिरिक्त) को उसके कर्ण के परित: घुमाया जाता है। इस प्रकार प्राप्त द्वि-शंकु (double cone) के आयतन और पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। (ग का मान जो भी उपयुक्त लगे, प्रयोग कीजिए ।)
हल :
माना कि ABC एक समकोण त्रिभुज है जिसमें ∠B = 90°, AB = 4 सेमी, BC = 3 सेमी
समकोण ΔABC का क्षेत्रफल
= \(\frac{3 \times 4}{2}\) = 6 वर्ग सेमी
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.5 - 3
∵ AC पर BOB’ लम्ब है। माना BO = r सेमी है, तो
ΔABC का क्षेत्रफल = \(\frac{A C \times B O}{2}=\frac{5 \times r}{2}\)
6 = \(\frac {5r}{2}\) [∵ दोनों ΔABC के क्षेत्रफल हैं]
∴ r = \(\frac{6 \times 2}{5}\) = 2.4 सेमी
अतः समकोण ΔABC के परिक्रमण से बने द्वि-शंकु की त्रिज्या = 2.4 सेमी
द्वि-शंकु (double cone) का आयतन = शंकु (ABB’) का आयतन + शंकु (CBB’) का आयतन
= \(\frac {1}{3}\)πr²(AO) + \(\frac {1}{3}\)πr² (OC)
= \(\frac {1}{3}\)πr² (AO + OC) = \(\frac {1}{3}\)πr² (AC)
= \(\frac {1}{3}\)π × 2.4 × 2.4 × 5 = 9.6π घन सेमी
= 9.6 × 3.14 घन सेमी = 30.144 घन सेमी
और द्विशंकु का पृष्ठीय क्षेत्रफल = शंकु (ABB’) का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + शंकु (CBB’) का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
= πr (AB) + πr (BC) = πr (AB + BC)
= 3.14 × 2.4 × (4 + 3)
= 3.14 × 2.4 × 7 = 52.75 वर्ग सेमी
अतः द्विशंकु का आयतन 30.144 घन सेमी
और द्विशंकु का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 52.752 वर्ग सेमी

प्रश्न 3.
एक टंकी, जिसके आन्तरिक मापन 150 सेमी × 120 सेमी × 110 सेमी हैं, में 129600 समी3 पानी है। इस पानी में कुछ छिद्र वाली ईंटें तब तक डाली जाती हैं, जब तक कि टंकी पूरी ऊपर तक भर न जाए। प्रत्येक ईंट अपने आयतन का \(\frac {1}{17}\) पानी सोख लेती है। यदि प्रत्येक ईंट की माप 22.5 सेमी × 7.5 सेमी × 6.5 सेमी है, तो टंकी में कुल कितनी ईंटें डाली जा सकती हैं, ताकि उसमें से पानी बाहर न बहे ?
हल :
दिया है,
टंकी में पानी का आयतन = 129600 सेमी3
टंकी का आयतन = 150 × 120 × 110
= 1980000 सेमी3
प्रत्येक ईंट का आयतन = 22.5 × 7.5 × 6.5
= 1096.875 सेमी3
माना टंकी में n ईंटें डालने पर टंकी पानी से ऊपर तक भर जाएगी।
∵ n ईंटों का आयतन = 1096.875n घन सेमी
∴ ईंटों द्वारा शोषित पानी का आयतन
= 1096.875 n × \(\frac {1}{17}\)
= \(\frac {1096.875 n}{17}\)घन सेमी
टंकी में शेष बचे पानी का आयतन
= (129600 – \(\frac {1096.875 n}{17}\)) घन सेमी
टंकी का आयतन = n ईंटों का आयतन + टंकी में पानी का आयतन
⇒ 1980000 = 1096.875 n + 129600 – \(\frac {1096.875 n}{17}\)
⇒ 1980000 – 129600 = 1096.875 n – \(\frac {1096.875 n}{17}\)
⇒ 1850400 = 1096.875 n [1 – \(\frac {1}{17}\)]
⇒ 1850400 = 1096.875 n × \(\frac {16}{17}\)
⇒ 1096.875 n = \(=\frac{1850400 \times 17}{16}\)
⇒ n = \(\frac{1850400 \times 17}{16 \times 1096.875}\)
= 1792.4
≈ 1792 (लगभग)
अतः टंकी में डाली गई ईंटों की संख्या = 1792

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.5

प्रश्न 4.
किसी महीने के 15 दिनों में, एक नदी की घाटी में 10 सेमी वर्षा हुई। यदि इस घाटी का क्षेत्रफल 97280 वर्ग किमी है तो दर्शाइए कि कुल वर्षा लगभग तीन नदियों के सामान्य पानी के योग के समतुल्य थी, जबकि प्रत्येक नदी 1072 किमी लम्बी, 75 मीटर चौड़ी और 3 मीटर गहरी है।
हल :
दिया है,
प्रत्येक नदी की लम्बाई = 1072 किमी चौड़ाई = 75 मी तथा गहराई = 3 मी
प्रत्येक नदी का आयतन
= 1072 किमी × 75 मीटर × 3 मीटर = 1072 × 1000 × 75 × 3 घन मीटर
= 241200000 घन मीटर
∴ तीनों नदियों के कुल पानी का आयतन = 3 × 241200000 घन मीटर
= 723600000 घन मीटर
∴ घाटी का क्षेत्रफल = 7280 वर्ग किमी (दिया है)
= 7280 × (1000)² वर्ग मीटर
= 7280000000 वर्ग मीटर
∴ वर्षा के पानी का आयतन
= 7280000000 × \(\frac {10}{100}\) घन मीटर (∵ 10 सेमी = \(\frac {10}{100}\)मीटर)
= 728000000 घन मीटर
∵ वर्षा के पानी का आयतन तीनों नदियों के पानी के आयतन के बराबर नहीं है।
अतः प्रश्न में दिए गए तथ्य असंगत हैं।

प्रश्न 5.
टीन की बनी हुई एक तेल की कुप्पी 10 सेमी लम्बे एक बेलन में एक शंकु के छिन्नक को जोड़ने से बनी है। यदि इसकी कुल ऊंचाई 22 सेमी है, बेलनाकार भाग का व्यास 8 सेमी है और कुप्पी के ऊपरी 1 सिरे का व्यास 18 सेमी है, तो इसके बनाने में लगी टीन की चादर का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। (देखिए आकृति)
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.5 - 4
हल :
दिया है,
कुप्पी के ऊपरी सिरे का व्यास = 18 सेमी
∴ कुप्पी के ऊपरी सिरे की त्रिज्या (R) = \(\frac {18}{2}\) = 9 सेमी
कुप्पी के आधार का व्यास = 8 सेमी
∴ कुप्पी के आधार की त्रिज्या (r) = \(\frac {8}{2}\) = 4 सेमी
बेलनाकार भाग की ऊँचाई (h) = 10 सेमी
शंकु के छिन्नक की ऊँचाई (H) = (22 – 10) = 12 सेमी
शंकु के छिन्नक की तिर्यक ऊँचाई (l) = \(\sqrt{H^2+(R-r)^2}\)
= \(\sqrt{(12)^2+(9-4)^2}\)
= \(\sqrt{(12)^2+(5)^2}\)
= \(\sqrt{144+25}\)
= \(\sqrt{169}\)
= 13 सेमी
शंकु के छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
= πr (R + r) l
= n (9 + 4) × 13 = 169π वर्ग सेमी
बेलनाकार भाग का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πrh = 2π × 4 × 10 = 80π वर्ग सेमी
टीन की चादर का क्षेत्रफल = बेलनाकार भाग का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + शंकु के छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
= 80π + 169π = 249π
= 249 × \(\frac{22}{7}=\frac{5478}{7}\) = 782\(\frac {4}{7}\)सेमी²
= 782.57 वर्ग सेमी
अतः प्रयुक्त की गई चादर का कुल क्षेत्रफल = 782.57 वर्ग सेमी।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.5

प्रश्न 6.
शंकु के छिन्नक के लिए, पूर्व स्पष्ट किए संकेतों का प्रयोग करते हुए, वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल और सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल के उन सूत्रों को सिद्ध कीजिए, जो अनुच्छेद 13.5 में दिये गए हैं।
हल :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.5 - 5
माना एक शंकु (V, AB) का शीर्ष V, आधार की त्रिज्या r2 और तिर्यक ऊँचाई l2 है। इस शंकु के शीर्ष V से h1 नीचे स्थित बिन्दु O’ से आधार के समान्तर एक शंकु (V, CD) काटा गया है जिसकी त्रिज्या r1 तथा तिर्यक ऊँचाई l1 है।
बिन्दु D से आधार पर लम्ब DE खींचा।
ΔVO’D तथा ΔDEB में,
∠VO’D = ∠DEB
(VO’ और DE दोनों ही आधार पर लम्बवत् हैं)
∠VDO’ = ∠DBE
(दोनों शंकुओं के आधार परस्पर समान्तर हैं)
∴ ΔVO’D और ΔDEB समरूप हैं,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.5 - 6
छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = शंकु (V, AB) का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल – शंकु (V, CD) का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
= πr2l2 – πr1l1 = πr2(l1 + BD) – πr1l1
= πr2l1 + πr2BD – πr1l1
= π(r2 – r1) × [r1 / r2 – r1]l + πr2l
= πr1l + πr2l
अतः छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
= π(r1 + r2)l
और छिन्नक का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + पहले सिरे का क्षेत्रफल + दूसरे सिरे का क्षेत्रफल
= π(r1 + r2)l + πr12 + πr22
= π(r1 + r2)l + π(r12 + r22)

प्रश्न 7.
शंकु के एक छिन्नक के लिए, पूर्व स्पष्ट किए संकेतों का प्रयोग करते हुए, आयतन का वह सूत्र सिद्ध कीजिए, जो अनुच्छेद 13.5 में दिया गया है।
हल :
मान शंकु (V, AB) का शीर्ष V, आधार की त्रिज्या r2 है। इस शंकु के शीर्ष V से h1 नीचे स्थित बिन्दु O’ से आधार के समान्तर एक शंकु (V, CD) काटा गया है जिसकी त्रिज्या r1 है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.5 - 7
∴ शंकु (V, AB) का आयतन = \(\frac {1}{3}\)πr22h2
और शंकु (V, CD) का आयतन = \(\frac {1}{3}\)πr12h1
∴ छिन्नक का आयतन = शंकु (V, AB) का आयतन – शंकु (V, CD) का आयतन
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.5 - 8
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.5 - 9

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Exercise 6.4

प्रश्न 1.
मान लीजिए ΔABC ~ ΔDEF है और इनके क्षेत्रफल क्रमशः 64 सेमी2 और 121 सेमी2 हैं। यदि EF = 15.4 सेमी हो, तो BC ज्ञात कीजिए।
हल:
∵ ΔABC ~ ΔDEF (दिया गया है)
∴ Δ के क्षेत्रफलों का अनुपात = Δ की संगत भुजाओं के वर्गों का अनुपात
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 1

प्रश्न 2.
एक समलम्ब चतुर्भुज ABCD जिसमें AB || DC है, के विकर्ण परस्पर बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करते हैं। यदि AB = 2 CD हो, तो त्रिभुजों AOB और COD के क्षेत्रफलों का अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल:
ABCD एक समलम्ब है जिसमें AB || DC है, के विकर्ण AC और BD परस्पर बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करते हैं तथा AB = 2CD हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 2
ΔAOB और ΔCOD में,
∠1 = ∠2 (एकान्तर कोण)
∠4 = ∠3 (एकान्तर कोण)
∠6 = ∠5 (शीर्षाभिमुख कोण)
कोण-कोण-कोण समरूपता गुणधर्म से
ΔAOB ~ ΔCOD (AAA समरूपता से)
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 3
अतः ΔAOB का क्षेत्रफल : ΔCOD का क्षेत्रफल
= 4 : 1

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4

प्रश्न 3.
आकृति में एक ही आधार BC पर दो त्रिभुज ABC और DBC बने हुए हैं। यदि AD, BC को O पर प्रतिच्छेदित करे, तो दर्शाइए कि JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 4 है।
हल:
दिया है: ΔABC तथा ΔDBC एक ही आधार BC पर स्थित दो त्रिभुज हैं। AD, BC को बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करता है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 5
सिद्ध करना है:
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 6
रचना: शीर्ष A से BC पर AE तथा शीर्ष D से BC पर DF लम्य खींचा।
उपपत्ति: शीर्ष A तथा D से BC पर AE तथा DF लम्ब खींचे।
∴ ∠AEO = ∠DFO = 90°
समकोण ΔAEO तथा ΔDFO में,
∠AEO = ∠DFO (प्रत्येक 90°)
∠AOE = ∠DOF (शीर्षाभिमुख कोण)
A-A समरूपता गुणधर्म से,
ΔAEO ~ ΔDFO
⇒ \(\frac{A E}{D F}=\frac{A O}{D O}\) …(1)
अब ΔABC का क्षेत्रफल = \(\frac{1}{2}\)BC × AE
और ΔDBC का क्षेत्रफल = \(\frac{1}{2}\)BC × DF
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 7

प्रश्न 4.
यदि दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफल बराबर हों, तो सिद्ध कीजिए कि वे सर्वागसम होते हैं।
हल:
दिया है: ΔABC तथा ΔDEF समरूप हैं और ΔABC का क्षेत्रफल = ΔDEF का क्षेत्रफल
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 8
सिद्ध करना है: ΔABC ≅ ΔDEF
उपपत्ति: ∵ समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात उनकी संगत भुजाओं के वर्गों के अनुपात के बराबर होता है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 9
⇒ BC2 = EF2
⇒ BC = EF
अब ΔABC और ΔDEF में,
∠ABC = ∠DEF (∵ ΔABC ~ ΔDEF)
∠ACB = ∠DFE (∵ ΔABC ~ ΔDEF)
BC = EF (ऊपर सिद्ध किया है)
ΔABC ≅ ΔDEF (ASA सर्वांगसमता गुणधर्म से)

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4

प्रश्न 5.
एक ΔABC की भुजाओं AB, BC और CA के मध्य बिन्दु क्रमश: D, E और F हैं। ΔDEF और ΔABC के क्षेत्रफलों का अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है: ΔABC की भुजाओं AB, BC और CA के मध्य बिन्दु क्रमश: D, E, F हैं जिनको मिलाने से ΔDEF बनता है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 10
ज्ञात करना है:
ΔDEF का क्षेत्रफल: ΔABC का क्षेत्रफल
उपपत्ति: D, E, F क्रमश: AB, BC और CA के मध्य-बिन्दु हैं।
DE = \(\frac{1}{2}\)AC, DF = \(\frac{1}{2}\)BC तथा FE = \(\frac{1}{2}\)AB
⇒ \(\frac{D E}{A C}=\frac{D F}{B C}=\frac{E F}{A B}=\frac{1}{2}\)
ΔDEF ~ ΔABC (SSS समरूपता कसौटी से)
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 11
ΔDEF का क्षेत्रफल : ΔABC का क्षेत्रफलं
= 1 : 4

प्रश्न 6.
सिद्ध कीजिए कि दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात इनकी संगत माध्यिकाओं के अनुपात का वर्ग होता है।
हल:
दिया है: दो समरूप ΔABC और ΔDEF हैं। तथा AX और DY क्रमश: भुजाओं BC और EF की माध्यिकाएँ हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 12
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 13
(∵ AX और DY माध्यिकाएँ हैं ∴ BC = 2BX, EF = 2EY)
⇒ \(\frac{A B}{D E}=\frac{B X}{E Y}\) …(1)
ΔABX और ΔDEY में,
∠B = ∠E (∵ ΔABC ~ ΔDEF)
\(\frac{A B}{D E}=\frac{B X}{E Y}\) (ऊपर सिद्ध किया है)
S-A-S समरूपता कसौटी से,
ΔABX ~ ΔDEY
\(\frac{A B}{D E}=\frac{A X}{D Y}\) …(2)
∵ दो समरूप त्रिभुज के क्षेत्रफलों का अनुपात इनकी संगत भुजाओं के वर्ग के अनुपात के बराबर होता है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 14

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4

प्रश्न 7.
सिद्ध कीजिए कि एक वर्ग की किसी भुजा पर बनाए गए समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल उसी वर्ग के एक विकर्ण पर बनाए गए समबाहु त्रिभुज के क्षेत्रफल का आधा होता है।
हल:
दिया है: ABCD एक वर्ग है जिसकी एक भुजा AB तथा विकर्ण AC है। AB तथा AC भुजा पर समबाहु ΔABE तथा ΔACF बनाए गए हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 15
सिद्ध करना है: ΔABE का क्षेत्रफल = \(\frac{1}{2}\)ΔACF का क्षेत्रफल
उपपत्ति: समकोण त्रिभुज ABC में,
AC2 = AB2 + BC2, (पाइथागोरस प्रमेय से)
⇒ AC2 = AB2 + AB2 (∵ BC = AB)
⇒ AC2 = 2AB2
∴ AC = \(\sqrt{2}\)AB
भुजा AB पर बने समबाहु ΔABE का क्षेत्रफल = \(\frac{(A B)^2 \sqrt{3}}{4}\)
तथा विकर्ण AC पर बने समबाहु ΔACF का क्षेत्रफल = \(\frac{(A C)^2 \sqrt{3}}{4}\)
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 16
अतः ΔABE का क्षेत्रफल = \(\frac{1}{2}\)ΔACF का क्षेत्रफल

सही उत्तर चुनिए और अपने उत्तर का औचित्य दीजिए:

प्रश्न 8.
ABC और BDE दो समबाहु त्रिभुज इस प्रकार हैं कि D भुजा BC का मध्य- बिन्दु है। त्रिभुजों ABC और BDE के क्षेत्रफलों का अनुपात है:
(A) 2 : 1
(B) 1 : 2
(C) 4 : 1
(D) 1 : 4
हल:
ΔABC और ΔBDE दो समबाहु त्रिभुज इस प्रकार हैं कि D भुजा BC का मध्य- बिन्दु है।
BD = \(\frac{1}{2}\)BC
या BC : BD = 2 : 1
⇒ AB : BD = 2 : 1
(∵ ΔABC एक समबाहु Δ है )
त्रिभुज ABC और त्रिभुज BDE में,
∠CAB = ∠DBE, ∠ABC = ∠BDE
तथा ∠ACB = ∠BED (प्रत्येक 60°)
∴ ΔABC ~ ΔBDE (AAA-समरूपता कसौटी)
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4 17
अतः ΔABC का क्षेत्रफल : ΔBDE का क्षेत्रफल
= 4 : 1
सही विकल्प (C) है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4

प्रश्न 9.
दो समरूप त्रिभुजों की भुजाएँ 4 : 9 के अनुपात में हैं। इन त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात है:
(A) 2 : 3
(B) 4 : 9
(C) 81 : 16
(D) 16 : 81
हल:
दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात = भुजाओं के वर्ग का अनुपात
= (4 : 9)2
= 16 : 81
सही विकल्प (D) है।