JAC Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 9 संगतकार

Jharkhand Board JAC Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 9 संगतकार Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 9 संगतकार

JAC Class 10 Hindi संगतकार Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है?
उत्तर :
संगतकार के माध्यम से कवि विवश या ज्ञान के इच्छुक व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है। इसके माध्यम से कवि ने ऐसे निर्बल, असहाय और निर्धन लोगों की ओर भी संकेत किया है, जो धनवान और शक्तिशाली के स्वर में अपना स्वर मिलाने के लिए विवशहैं।

प्रश्न 2.
संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और किन-किन क्षेत्रों में दिखाई देते हैं ?
उत्तर :
संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा जीवन के हर क्षेत्र में दिखाई देते हैं। साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार आदि ठीक करने रीगरों के पास काम करने वाले लड़के संगतकार की ही तरह काम सीखते और करते हैं। लुहार, काष्ठकार, मूर्तिकार, रंग-रोगन करने वाले, चर्मकार, नल ठीक करने वाले और पत्थर का काम करने वाले इसी श्रेणी से संबंधित होते हैं, जो अपने-अपने गुरु या उस्ताद के साथ अभ्यास करके काम सीख लेते हैं।

JAC Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 9 संगतकार

प्रश्न 3.
संगतकार किन-किन रूपों में मुख्य गायक-गायिकाओं की मदद करते हैं ?
उत्तर :
संगतकार सहगायक, सहगायिका के रूप में गायक-गायिकाओं की मदद करते हैं। वे तरह-तरह के वाद्य यंत्र बजाने में भी सहायक बनते हैं।

प्रश्न 4.
भाव स्पष्ट कीजिए –
और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
उसे विफलता नहीं
उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।
उत्तर :
संगतकार मुख्य गायक का साथ देने के लिए गाता है। वह अस्पष्ट रूप से उसे यह बताना चाहता है कि जो राग पहले गाया जा चुका है,
उसे फिर से गाया जा सकता है, पर उसकी आवाज़ में एक हिचक साफ़ सुनाई देती है। वह अपने स्वर को ऊँचा उठाने की कोशिश नहीं करता। इसे उसकी विफलता नहीं, बल्कि उसकी मनुष्यता समझना चाहिए क्योंकि वह किसी भी अवस्था में मुख्य गायक के अहं को ठेस नहीं लगने देना चाहता। वह उसका शिष्य है। उसका बड़प्पन इसी बात में है कि वह मुख्य गायक के मान-सम्मान की रक्षा करे।

प्रश्न 5.
किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्धि पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह-तरह से अपना योगदान देते हैं। कोई एक उदाहरण देकर इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
हर क्षेत्र में प्रसिद्धि पाने के लिए लोगों को अनेक लोगों की सहायता लेनी पड़ती है। हम सामाजिक प्राणी हैं और समाज में रहते ए दूसरों की सहायता और उनके योगदान के बिना जीवन की राह में आगे नहीं बढ़ सकते। कल्पना चावला के नाम को आज हमारे देश में ही नहीं बल्कि सारे संसार में प्रसिद्धि प्राप्त हो चुकी है। उसकी प्रसिद्धि का आधार वह स्वयं ही है, पर उसके जीवन में अनेक लोगों का महत्वपूर्ण योगदान है।

सबसे पहला योगदान तो उसके माता-पिता और भाई ने दिया। उसके हरियाणा के करनाल में स्थित स्कूल और कॉलेज के शिक्षकों ने उसकी पढ़ाई में योगदान दिया। पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ ने उसकी शिक्षा में योगदान दिया। नासा ने सफलता प्राप्ति के लिए भरपूर योगदान दिया। न जाने कितने लोगों के योगदान को प्राप्त करके ही वह अपनी मंजिल तक पहुंची थी। योगदान फिर भी मिल जाता है, पर आत्मिक बल और परिश्रम की सबसे अधिक आवश्यकता होती है, तभी प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है।

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प्रश्न 6.
कभी-कभी तारसप्तक की ऊँचाई पर पहुँचकर मुख्य गायक का स्वर बिखरता नज़र आता है उस समय संगतकार उसे बिखरने से बचा लेता है। इस कथन के आलोक में संगतकार की विशेष भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
जब कभी तारसप्तक की ऊँचाई पर पहुँचकर मुख्य गायक का स्वर बिखरने लगता है, तब संगतकार उसके साथ स्वर मिलाकर उसे अहसास करवाता है कि वह अकेला नहीं है। वह पहले भी तारसप्तक की ऊँचाई पर कई बार पहुँचा था और अब फिर पहुँच सकता है। पहले गाया गया राग फिर गाया जा सकता है। संगतकार उसे सांत्वना देकर उसके आत्मिक बल को बढ़ाने में सहायता देता है।

प्रश्न 7.
सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान यदि व्यक्ति लड़खड़ाते हैं तब उसे सहयोगी किस तरह सँभालते हैं ? उत्तर :
सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान यदि व्यक्ति लड़खड़ाते हैं, तब उसे उसके सहयोगी सांत्वना देते हैं; उसका हौसला बढ़ाते हैं। उसे असफलता को भूलने की सलाह देते हैं। यदि आवश्यकता हो तो आर्थिक सहायता भी देते हैं।

रचना और अभिव्यक्ति –

प्रश्न 8.
कल्पना कीजिए कि आपको किसी संगीत या नृत्य समारोह का कार्यक्रम प्रस्तुत करना है लेकिन आपके सहयोगी कलाकार किसी कारणवश नहीं पहुँच पाए –
(क) ऐसे में अपनी स्थिति का वर्णन कीजिए।
(ख) ऐसी परिस्थिति का आप कैसे सामना करेंगे?
उत्तर :
(क) ऐसी स्थिति में मन में घबराहट उत्पन्न होगी। सहयोगी कलाकारों के बिना संगीत या नृत्य समारोह लगभग असंभव-सा है। वाद्य यंत्रों के बिना संगीत या नृत्य अधूरा है।
(ख) ऐसी परिस्थिति में सहयोगी कलाकारों से शीघ्र संपर्क करके उन्हें बुलाऊँगा। उनके न पहुँच पाने की स्थिति में नए कलाकारों को बुलाने का प्रयत्न करूँगा, लेकिन उनके बुलाने पर भी कार्यक्रम पूरी तरह से सफल नहीं होगा क्योंकि उनके साथ पूर्व अभ्यास न होने के कारण तालमेल बैठाना बहुत कठिन होगा। संभव है कि उस कार्यक्रम को स्थगित ही करना पड़े।

प्रश्न 9.
आपके विद्यालय में मनाए जाने वाले सांस्कृतिक समारोह में मंच के पीछे काम करने वाले सहयोगियों की भूमिका पर एक: अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर :
मेरे विद्यालय में मनाए जाने वाले किसी भी सांस्कृतिक समारोह में जितना महत्व मंच पर कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले कलाकारों और उद्घोषकों का होता है, उतना या उससे भी अधिक महत्व मंच के पीछे काम करने वालों का भी होता है। जिस प्रकार नींव के बिना कोई भवन खड़ा नहीं हो सकता, उसी प्रकार मंच के पीछे काम करने वाले सहयोगियों के बिना कोई समारोह हो ही नहीं सकता। संगीत और नृत्य कार्यक्रमों में संगतकार मंच के पीछे से संगीत की प्रस्तुति कर कार्यक्रम को जीवंत बनाते हैं। प्रकाश की अनकल और प्रभावी व्यवस्था मंच के पीछे काम करने वाले ही करते हैं। वे ही अपने कौशल से किसी कार्यक्रम में जान डाल देते हैं।

कार्यक्रम आरंभ होने से पहले ही मंच की साज-सज्जा का दर्शक के मन पर जो स्थाई प्रभाव पड़ता है, उसका सीधा संबंध कार्यक्रम की प्रस्तुति पर होता है। इसलिए मंच सज्जाकार का विशिष्ट महत्व है। ध्वनि व्यवस्था करने वाले इलैक्ट्रीशियन का महत्व भी महत्वपूर्ण है। बिना उचित ध्वनि के कार्यक्रम संभव ही नहीं। पावरकट की स्थिति में जैनरेटर चलाने वाले की उपयोगिता अपने : आप ही दिखाई दे जाती है। किसी नृत्य-कार्यक्रम में मंच के पीछे से भूमिका बाँधने वाले और गायन प्रस्तुत करने वाले सहयोगी की आवश्यकता तो सदा रहती ही है।

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प्रश्न 10.
किसी भी क्षेत्र में संगतकार की पंक्ति वाले लोग प्रतिभावान होते हुए भी मुख्य या शीर्ष स्थान पर क्यों नहीं पहुँच पाते होंगे?
उत्तर :
यह दुनिया किसी फ्रेम में लगे चित्र का चमकीला और रंगीन दृश्य ही देख पाती है। उसका ध्यान कभी उसके पीछे सहारा देने वाले गत्ते या लकड़ी के टुकड़े की ओर नहीं जाता। सभी को किसी ऊँचे-सुंदर भवन का सजा-सँवरा रूप तो दिखाई देता है, पर उसकी। गहरी मिट्टी में दबी नींव दिखाई नहीं देती जिसके बिना भवन का अस्तित्व ही संभव नहीं था।

मंच पर गाते और नृत्य करते कलाकार तो सभी को दिखाई देते हैं और इसलिए उनकी प्रतिभा की पहचान सभी को हो जाती है। लोग उनके लिए वाह-वाह करते हैं; तालियाँ बजाते हैं; उन्हें पुरस्कार देते हैं, पर उनके कार्यक्रम तैयार करने वाले उनके लिए गीत लिखने वाले; उनके संगतकार मंच के अंधेरे में ही छिपे रहते हैं। इसलिए अति प्रतिभावान संगतकार भी लोगों की भीड़ के सामने न आ पाने के कारण मुख्य या शीर्ष स्थान पर नहीं पहुँच पाते।

पाठेतर सक्रियता –

प्रश्न 1.
आप फ़िल्में तो देखते होंगे। अपनी पसंद की किसी एक फ़िल्म के आधार पर लिखिए कि उस फ़िल्म की सफलता में अभिनय करने वाले कलाकारों के अतिरिक्त और किन-किन लोगों का योगदान रहा?
उत्तर :
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।

प्रश्न 2.
आपके विद्यालय में किसी प्रसिद्ध गायिका की गीत प्रस्तुति का आयोजन है
(क) इस संबंध पर सूचना पट के लिए एक नोटिस तैयार करें।
(ख) गायिका व उसके संगतकारों का परिचय देने के लिए आलेख (स्क्रिप्ट) तैयार करें।
उत्तर
(क)

नोटिस

संगीत क्लब द्वारा शुक्रवार, 14 सितंबर को विद्यालय के सभागार में सायं 6.00 बजे संगीत संध्या का आयोजन किया जा रहा है। देशभर में ख्याति प्राप्त गायिकाएँ अपनी-अपनी स्वर माधुरी से विद्यालय के प्रांगण को सुवासित करने हेतु इसमें पधार रही हैं। आप अपने माता-पिता के साथ इसमें सादर आमंत्रित हैं। निर्धारित समय से पंद्रह मिनट पहले पहुँचकर आप अपना-अपना स्थान ग्रहण करने का कष्ट करें।

डॉ० महीप शर्मा
अध्यक्ष
संगीत क्लब

(ख) स्वर सम्राज्ञी कविता कृष्णमूर्ति को देशभर में ही ख्याति प्राप्त नहीं है अपितु इन्होंने विश्वभर में अपनी मधुर आवाज़ से सम्मान प्राप्त किया है। इनका नाम संगीत की पहचान बन चुका है। फ़िल्म संगीत में इनकी अपनी पहचान है। गायन में इनका कोई मुकाबला नहीं है। इनके साथ निपुण और कलावंत संगतकारों की पूरी टीम है। इस सभा में तबले पर हरीश शर्मा, सारंगी पर बेजू, हारमोनियम पर गुरविंद्र सिंह, ढोलक पर अविनाश चावला, मृदंगम पर रामानुज और बाँसुरी पर अखिलेश भट्टाचार्य गायिका का साथ देंगे।

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यह भी जानें –

सरगम – संगीत के लिए सात स्वर तय किए गए हैं। वे हैं-षडज, ऋषभ, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत और निषाद। इन्हीं नामों के पहले अक्षर लेकर इन्हें सा, रे, गा, म, प, ध और नि कहा गया है।

सप्तक – सप्तक का अर्थ है सात का समूह। सात शुद्ध स्वर हैं इसीलिए यह नाम पड़ा। लेकिन ध्वनि की ऊँचाई और निचाई के आधार पर संगीत में तीन तरह के सप्तक माने गए हैं। यदि साधारण ध्वनि है तो उसे ‘मध्य सप्तक’ कहेंगे और ध्वनि मध्य सप्तक से ऊपर है तो उसे ‘तार सप्तक’ कहेंगे तथा यदि ध्वनि मध्य सप्तक से नीचे है तो उसे ‘मंद्र सप्तक’ कहते हैं।

JAC Class 10 Hindi संगतकार Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
भारतीय इतिहास के परिप्रेक्ष्य में संगतकार का महत्व प्रतिपादित कीजिए।
अथवा
‘संगतकार’ की भूमिका क्या होती है? टिप्पणी कीजिए।
उत्तर :
भारतीय इतिहास में संगतकार का सदा से विशिष्ट योगदान रहा है। राजा-महाराजाओं के युग में सैनिकों की सहायता से युद्ध लड़े जाते थे। हार या जीत से कोई गुलाम बन जाता था, तो कोई सम्राट बन जाता था। सैनिकों को इतिहास में कोई जानता तक नहीं, पर राजसत्ता में परिवर्तन का आधार वही बनते थे। कर वसूल करने वाले का नाम-पता तक ज्ञात नहीं होता, पर शासक और उच्चाधिकारियों के नाम को ऊँचा उठा दिया जाता है या नीचे गिरा दिया जाता है। राजतंत्र के मुखिया स्वयं बहुत कम काम करते थे, अधिकांश काम उनके संगतकार ही करते थे पर नाम शासक का ही होता था।

प्रश्न 2.
‘वह अपनी गूंज मिलाता आया है प्राचीन काल से’ का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
संगतकार मुख्य गायक के स्वर में अपने स्वर का सहयोग प्राचीन काल से ही देता चला आया है। कभी भी अकेला मुख्य गायक कार्यक्रम या संगीत सभा में अकेला नहीं गाता; उसके साथ संगतकार होते ही हैं। यह एक प्राचीन परंपरा है। उनकी सहायता के बिना मुख्य गायक को सफलता प्राप्त नहीं हो सकती। जब मुख्य गायक ऊँचे स्वर में गाता है, तो संगतकार धीमे स्वर में उसके स्वर में स्वर मिलाता है।

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प्रश्न 3.
संगतकार के माध्यम से कवि ने किन लोगों की ओर ध्यान आकर्षित किया है?
उत्तर :
संगतकार के माध्यम से कवि ने हर क्षेत्र में सहयोगी की भूमिका निभाने वालों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करके उनके महत्व का प्रतिपादन किया है। मुख्य गायक की सफलता में संगतकार का महत्वपूर्ण योगदान है। यदि संगतकार न हो, तो मुख्य गायक गीत गाते गाते तानों में उलझकर रह जाए। उसकी आवाज़ में अपनी आवाज़ मिलाकर संगतकार ही उसके आत्म-विश्वास को बनाए रखता है। उसके कारण मुख्य गायन भी आश्वस्त रहता है कि कोई है, जो उसे तान से भटकने नहीं देगा।

प्रश्न 4.
संगतकार कैसे लोगों का प्रतिनिधित्व करता दिखाई देता है?
अथवा
संगतकार में त्याग की उत्कट भावना भरी है-पुष्टि कीजिए।
अथवा
संगतकार की मनुष्यता किसे कहा गया है ? वह मनुष्यता कैसे बनाए रखता है?
उत्तर :
संगतकार उन लोगों का प्रतिनिधित्व करता है, जो स्वयं प्रतिभावान होते हुए भी बड़े-बड़े कलाकारों की संगत करते हैं। जो गुमनामी में अपना जीवन बिताते हैं, परंतु योग्य होते हुए भी अपने आश्रयदाता के पीछे ही रहते हैं और मुख्य कलाकारों की सफलता में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं; उनका सम्मान करते हैं। संगतकारों का यही प्रयास रहता है कि वे मुख्य कलाकारों की अपेक्षा धीमे स्वर में ही गाएँ। उन में दूसरों के लिए अपने नाम और पहचान की इच्छा नहीं होती। इस प्रकार वह अपनी मनुष्यता बनाए रखता है।

प्रश्न 5.
‘संगतकार’ कविता का क्या उददेश्य है?
उत्तर
‘संगतकार’ कविता का उद्देश्य संगतकारों के महत्व को समाज में प्रतिपादित करना है। कवि चाहता है कि इनके योगदान को न तो मुख्य कलाकार अनदेखा करे और न ही समाज इनको निम्न दृष्टि से देखे। समाज केवल मुख्य कलाकारों का ही सम्मान करता है। ऐसी प्रवृत्ति इन कलाकारों के लिए लाभप्रद नहीं है। समाज तो बाद में आता है, मुख्य कलाकारों को सर्वप्रथम इनका सम्मान करते हुए इन्हें समय-समय पर आगे आने का अवसर प्रदान करना चाहिए। ये कहीं गुमनामी के अँधेरे में खोकर अपना हुनर न गँवा बैठे, यह जिम्मेदारी मुख्य कलाकारों की ही बनती है।

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प्रश्न 6.
संगतकार की आवाज़ में एक हिचक सी क्यों प्रतीत होती है ?
उत्तर :
संगतकार की आवाज़ सुंदर और मधुर है। परंतु उसकी आवाज़ में कंपन है, मुख्य गायक की तुलना में उसकी आवाज़ कमजोर है। अनुभव तथा आत्म-विश्वास में कमी होने के कारण ऐसा नहीं है, बल्कि वह मुख्य गायक को आगे ले जाना चाहता है। उसके बिखरे स्वरों को संभालता है। वह कहीं मुख्य गायक से आगे न निकल जाए, इसलिए उसकी आवाज़ में एक हिचक सुनाई देती है।

पठित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्न –

दिए गए काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पी प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर लिखिए –

1. तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
तभी मुख्य गायक को ढाढ़स बँधाता
कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
यह बताने के लिए कि वह अकेला नहीं है
और यह कि फिर से गाया जा सकता है
गाया जा चुका राग
और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ सुनाई देती है
या अपने स्वर को ऊँचा उन उठाने की जो कोशिश है
उसे विफलता नहीं
उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

(क) मुख्य गायक जब ऊँचे स्वर में गाता है तो क्या होता है?
(i) सब मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
(ii) सब तालियाँ बजाते हैं।
(iii) मुख्य गायक का गला बैठने लगता है।
(iv) संगतकार चुप हो जाता है।
उत्तर :
(iii) मुख्य गायक का गला बैठने लगता है।

(ख) जब मुख्य गायक निराश हो जाता है तो उसका साथ कौन देता है?
(i) संगतकार
(ii) संगीतकार
(iii) तबलावादक
(iv) सितार वादक
उत्तर :
(i) संगतकार

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(ग) किसकी आवाज़ में हिचक का भाव छिपा रहता है।
(i) मुख्य गायक की
(ii) संगतकार की
(iii) श्रोता की
(iv) संगीतकार की
उत्तर :
(ii) संगतकार की

(घ) संगतकार द्वारा अपनी आवाज़ को ऊँचा न उठाना क्या है?
(i) उसकी असफलता
(ii) उसकी नीचता
(iii) उसका स्वार्थ
(iv) उसकी इनसानियत
उत्तर :
(iv) उसकी इनसानियत

(ङ) ‘तारसप्तक’ कैसा स्वर है?
(i) सबसे नीचा
(ii) मध्य
(iii) सबसे ऊँचा
(iv) मंद्र
उत्तर :
(iii) सबसे ऊँचा

काव्यबोध संबंधी बहुविकल्पी प्रश्न –

काव्य पाठ पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर वाले विकल्प चुनिए –
(क) निपुण और संपन्न की आवाज़ में अपनी आवाज़ कौन मिलाता रहा है?
(i) संगतकार
(ii) मुख्य गायक
(iii) अभावग्रस्त
(iv) सर्वसंपन्न
उत्तर :
(iii) अभावग्रस्त

(ख) पैदल चलकर’ से कवि किस ओर संकेत कर रहा है?
(i) संपन्नता की ओर
(ii) निर्धनता की ओर
(iii) निपुणता की ओर
(iv) ईमानदारी की ओर
उत्तर :
(ii) निर्धनता की ओर

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(ग) मुख्य गायक/गायिका को ढाढ़स कौन बँधाता है?
(i) संगतकार
(ii) श्रोता
(iii) संगीतकार
(iv) कोई नहीं
उत्तर :
(i) संगतकार

सप्रसंग व्याख्या, अर्थग्रहण संबंधी एवं सौंदर्य-सराहना संबंधी प्रश्नोत्तर – 

1. मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
या उसका शिष्य
या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
मुख्य गायक की गरज में
वह अपनी गूंज मिलाता आया है प्राचीन काल से
गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
खो चुका होता है
या अपने ही सरगम को लाँधकर
चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
जब वह नौसिखिया था

शब्दार्थ संगतकार – मुख्य गायक के साथ गायन करने वाला या कोई वाद्य बजाने वाला। गरज – ऊँची गंभीर आवाज़। प्राचीनकाल – पुराना समय। अंतरा – स्थायी या टेक को छोड़कर गीत का चरण। जटिल – कठिन। तान – संगीत में स्वर का विस्तार। सरगम – संगीत के सात स्वर-सा, रे, ग, म, प, ध, नि। लाँघकर – पार करके। अनहद – परमात्मा से मिलने से पहले भक्त के कान में आने वाली आवाज़। समेटता – इकट्ठा करता। नौसिखिया – जिसने अभी सीखना आरंभ किया हो।

प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक क्षितिज (भाग-2) में संकलित कविता ‘संगतकार’ से ली गई हैं, जिसके रचयिता श्री मंगलेश डबराल हैं। कवि ने मुख्य गायक के साथ गाने वाले संगतकार की विशिष्टता का वर्णन करते हुए उसके महत्व को प्रतिपादित किया है।

व्याख्या : कवि कहता है कि मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी-भरकम गाने के स्वर के साथ संगतकार की काँपती हुई-सी सुंदर और कमज़ोर आवाज़ मिल गई थी। शायद वह संगतकार गायक का छोटा भाई है या उसका कोई शिष्य है। हो सकता है कि वह कहीं दूर से पैदल चलकर संगीत की शिक्षा प्राप्त करने वाला गायक का अभावग्रस्त रिश्तेदार हो। वह संगतकार मुख्य गायक की ऊँची गंभीर आवाज़ में अपनी गूंज युगों से मिलाता आया है। अभावग्रस्त, जरूरतमंद और कमज़ोर सदा से ही निपुण और संपन्न की ऊँची आवाज़ में अपनी आवाज़ मिलाता रहा है।

मुख्य गायक जब स्वर को लंबा खींच कर अंतरे की जटिल तानों के जंगल में खो जाता है; संगीत के रस में या संगीत के सुरों की अपनी सरगम की सीमा को पार कर ईश्वरीय आनंद की प्राप्ति में डूब जाता है और उसे अनहद का आनंददायक स्वर आलौकिक आनंद देने लगता है, तब संगतकार ही गीत के स्थायी को सँभाल कर अपने साथ रखता है। गीत को बिखरने से वही रोकता है। ऐसा लगता है, जैसे वही मुख्य गायक के पीछे छूट गए सामान को इकट्ठा कर रहा हो। संगतकार ही उस मुख्य गायक को उसका बचपन याद दिलाता है, जब उसने संगीत को नया-नया सीखना आरंभ किया था और उसने संगीत में निपुणता प्राप्त नहीं की थी।

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अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर –

1. भटके स्वर को संगतकार कब सँभालता है और मुख्य गायक पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है?
2. मुख्य गायक के साथ कौन स्वर साधता है?
3. ‘संगतकार’ का स्वर कैसा है?
4. ‘संगतकार’ कौन हो सकता है?
5. ‘पैदल चल कर’ किस भाव की ओर संकेत करता है?
6. ‘वह अपनी गूंज मिलाता आया है प्राचीन काल से’ में निहित गूढार्थ को स्पष्ट कीजिए।
7. ‘अनहद’ क्या है ?
8. यहाँ नौसिखिया किसे कहा गया है और किस संदर्भ में?
9. संगतकार की भूमिका का महत्व कब सामने आता है ?
उत्तर :
1. जब गायक अंतरे की जटिल तानों के जंगल में खो जाता है, तब संगतकार उसके भटके स्वर को सँभालता है। संगतकार के इस कार्य से गायक सँभल जाता है।
2. मुख्य गायक के साथ संगतकार स्वर साधता है।
3. संगतकार का स्वर कंपनशील और सुंदर, लेकिन कमज़ोर है।
4. संगतकार मुख्य गायक का छोटा भाई या उसका कोई शिष्य हो सकता है या दूर से पैदल चलकर आने वाला संगीत सीखने का इच्छुक कोई रिश्तेदार हो सकता है।
5. ‘पैदल चल कर’ संगतकार की निर्धनता और साधनहीनता की ओर संकेत करता है।
6. कवि ने लाक्षणिकता का प्रयोग करते हुए प्रकट किया है कि जैसे निपुण संगीतकार के ऊँचे और गंभीर स्वर में संगतकार अपना स्वर मिलाने को विवश होता है, वैसे ही किसी साधन-संपन्न, समृद्ध और शक्तिशाली के स्वर में कोई अभावग्रस्त अपनी आवाज़ को मिलाने के लिए मज़बूर होता है। उसके अपने स्वर का कोई औचित्य नहीं होता।
7. ‘अनहद’ वह विशेष ध्वनि है, जो संतों-भक्तों को ईश्वर-मिलन से पहले सुनाई देती है। वे उसके आनंद में डूब जाते हैं।
8. यहाँ गायक के लिए नौसिखिया शब्द प्रयुक्त किया गया है। इसका गायक के तानों में खोकर भटक जाने के संदर्भ में उल्लेख किया गया है।
9. जब मुख्य गायक सरगम से परे हो जाता था तब संगतकार उसके स्वर को संभाल कर अपना महत्व सिद्ध करता है।

सादव सराहना संबंधी प्रश्नोत्तर –

1. गायक के स्वर को सँभालने में कौन सहायक बनता है?
2. कवि ने किस बोली का प्रयोग किया है?
3. किस प्रकार की शब्द-योजना की गई है?
4. किस शब्द-शक्ति ने कथन को सरलता-सरसता प्रदान की है?
5. काव्य-गुण कौन-सा है ?
6. किस छंद का प्रयोग किया गया है?
7. दो तद्भव शब्द चुनकर लिखिए।
8. दो तत्सम शब्द चुनकर लिखिए।
9. दो विशेषण चुनकर लिखिए।
10. प्रयुक्त अलंकार चुनकर लिखिए।
उत्तर :
1. कवि ने संगीतकार के साथ संगतकार के महत्व को प्रतिपादित किया है और माना है कि वही मुख्य गायक स्वर को सँभालने में सहायक सिद्ध होता है।
2. खड़ी बोली का प्रयोग है।
3. सामान्य बोलचाल के शब्दों की अधिकता है।
4. अभिधा शब्द-शक्ति ने कवि के कथन को सरलता और सरसता प्रदान की है।
5. प्रसाद गुण विद्यमान है।
6. अतुकांत छंद का प्रयोग है।
7. छोटा, भाई
8. प्राचीन, स्थायी
9. कमज़ोर, भारी
10. अनुप्रास –
कमज़ोर काँपती, दूर का कोई रिश्तेदार,
गायक की गरज में, संगतकार ही स्थायी को सँभाले

उपमा –
चट्टान जैसे भारी।

रूपक –
जटिल तानों के जंगल।

उत्प्रेक्षा –

जैसे समेटता हो ………. हुआ सामान।
जैसे उसे याद ………. बचपन।

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2. तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
तभी मुख्य गायक को ढाढ़स बंधाता
कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
यह बताने के लिए कि वह अकेला नहीं है
और यह कि फिर से गाया जा सकता है।
गाया जा चुका राग
और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
उसे विफलता नहीं
उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

शब्दार्थ : सप्तक – संगीत के सात शुद्ध स्वर। तारसप्तक – मध्य सप्तक से ऊपर की ध्वनि। उत्साह – जोश। अस्त होना – डूबना, मंद पड़ना। राख जैसा कुछ गिरता हुआ – बुझता हुआ स्वर। ढाढ़स बँधाना – तसल्ली देना, सांत्वना देना। हिचक – झिझक। विफलता – असफलता। मनुष्यता – इंसानियत।

प्रसंग : प्रस्तुत अवतरण हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘क्षितिज’ (भाग-2) में संकलित कविता ‘संगतकार’ से लिया गया है, जिसके रचयिता श्री मंगलेश डबराल हैं। कवि ने संगतकार के महत्व को प्रस्तुत किया है और माना है कि वह मुख्य गायक के गायन में सहायता ही नहीं देता बल्कि अपनी इंसानियत को भी प्रकट करता है।

व्याख्या : कवि कहता है कि मुख्य गायक ऊँचे स्वर में गाता है। तब उसकी आवाज़ मध्य सप्तक से ऊपर उठकर तारसप्तक तक पहुँचती है, तो ध्वनि की उच्चता के कारण उसका गला बैठने लगता है। उसकी प्रेरणा उसका साथ छोड़ने लगती है और उसका उत्साह मंद पड़ने लगता है। उसका स्वर बुझने-सा लगता है और उसे प्रतीत होने लगता है कि वह ठीक प्रकार से गायन नहीं कर पाएगा। वह हतोत्साहित-सा हो जाता है। उसमें जब निराशा का भाव भरने लगता है, तब संगतकार उसे सांत्वना देता है; उसका हौसला बढ़ाता है। इससे मुख्य गायक का स्वर स्वयं ही कहीं से आ जाता है।

वह फिर से उच्च स्वर में गाने लगता है। उसकी निराशा समाप्त हो जाती है। कभी-कभी संगतकार वैसे ही मुख्य गायक का साथ दे देता है। वह मुख्य गायक को यह अहसास करवाना चाहता है कि वह अकेला नहीं है। वह उसका साथ देने के लिए उसके साथ है। वह उसे गाकर यह भी बता देता है कि जिस राग को पहले गाया जा चुका है, उसे फिर से गाया जा सकता है। पर उसकी आवाज़ में हिचक का भाव अवश्य छिपा रहता है। उसे यह अवश्य लगता है कि उसे मुख्य गायक से संकेत मिले बिना नहीं गाना चाहिए।

ऐसा भी हो सकता है कि वह अपने स्वर को मुख्य गायक के स्वर से ऊँचा उठाने की कोशिश नहीं करना चाहता। संगतकार के द्वारा अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की कोशिश उसकी असफलता नहीं मानी जानी चाहिए, बल्कि इसे तो उसकी इंसानियत समझना चाहिए। वह मनुष्यता के भावों को सामने रखकर और सोच-विचार कर अपने संगीत-गुरु की आवाज़ से अपनी आवाज़ को ऊँचा नहीं उठाना चाहता। उसमें श्रद्धा का भाव है, जो सराहनीय है।

JAC Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 9 संगतकार

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर –

1. अवतरण में निहित भाव स्पष्ट कीजिए।
2. तारसप्तक क्या है?
3. बैठने लगता है उसका गला’ से क्या तात्पर्य है?
4. ‘राख जैसा’ किसे कहा गया है और क्यों?
5. मुख्य गायक को कौन ढाढ़स बंधाता है?
6. मुख्य गायक का साथ कभी-कभी कौन देता है और क्यों?
7. ‘उसका गला’ में ‘उसका’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
8. किसे संगतकार की मनुष्यता समझा जाना चाहिए?
9. ‘तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला, प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ’–का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
1. कवि ने संगतकार की विशेषता और उसके श्रेष्ठ गुणों को प्रकट करते हुए कहा है कि वह मुख्य गायक को गाने में सहायता ही नहीं देता बल्कि उसे प्रेरणा भी देता है। उसके साहस को बढ़ाता है और स्वयं को उससे नीचे दिखाने का प्रयत्न करता है।
2. संगीत के सात शुद्ध स्वर हैं। ध्वनि की ऊँचाई और निचाई के आधार पर संगीत के तीन सप्तक माने गए हैं-मध्यसप्तक, तारसप्तक और मंद्र सप्तक। जब ध्वनि मध्यसप्तक से ऊपर होती है, तो उसे तारसप्तक कहते हैं।
3. ऊँचे स्वर में गाने से जब गला ठीक प्रकार से स्वर लहरी को प्रकट नहीं कर पाता, तो उसे ‘गला बैठने लगा’ कहते हैं।
4. ‘राख जैसा’ से तात्पर्य है-‘गिरता हुआ स्वर’। जब गायक के स्वर में उत्साह की कमी हो जाती है, तब उसका स्वर गिरने लगता है। इसे ही कवि ने ‘राख जैसा’ कहा है।
5. मुख्य गायक को संगतकार ढाढ़स बँधाता है।
6. मुख्य गायक का साथ कभी-कभी संगतकार देता है, ताकि उसे ऐसा न लगे कि वह अकेला है। वह उसे अहसास करवाना चाहता है कि वह उसके साथ है।
7. ‘उसका गला’ में ‘उसका’ का प्रयोग मुख्य गायक के लिए किया गया है।
8. संगतकार के द्वारा अपने स्वर को जानबूझकर ऊँचा न उठाने को उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।
9. इस पंक्ति के अनुसार ऊँचे स्वर में गाते समय गायक का गला बैठने लगता है। जिस प्रेरणा से वह गा रहा है, वह क्षीण पड़ने लगती है और उसका उत्साह कम होने लगता है।

JAC Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 9 संगतकार

सौंदर्य-सराहना संबंधी प्रश्नोत्तर –

1. अवतरण का भाव स्पष्ट कीजिए।
2. कवि ने किस बोली का प्रयोग किया है ?
3. किस काव्य-गुण का प्रयोग किया गया है?
4. कौन-सा छंद प्रयुक्त हुआ है?
5. काव्य-रस का नाम लिखिए।
6. किस प्रकार के शब्दों की अधिकता है?
7. किस शब्द-शक्ति ने कथन को सरलता-सरसता प्रदान की है ?
8. दो तद्भव शब्द चुनकर लिखिए।
9. दो तत्सम शब्द चुनकर लिखिए।
10. प्रयुक्त संगीत संबंधी शब्द चुनकर लिखिए।
11. प्रयुक्त अलंकार चुनिए।
उत्तर :
1. कवि ने संगतकार की निपुणता और श्रेष्ठ मानसिकता की ओर संकेत किया है, जो मुख्य गायक का सहायक बनकर भी उसके प्रति अपने मन में श्रद्धा के भाव रखता है।
2. खड़ी बोली का प्रयोग है।
3. प्रसाद गुण।
4. मुक्त छंद।
5. शांत रस।
6. सामान्य बोलचाल के शब्दों का प्रयोग किया गया है।
7. अभिधा शब्द-शक्ति का प्रयोग कवि के कथन को सरलता-सरसता प्रदान करने का आधार बना है।
8. अकेला, गला
9. अस्त, उत्साह
10. राग, तारसप्तक, आवाज, संगतकार
11. उपमा –
आवाज़ से राख जैसा कुछ

पुनरुक्ति प्रकाश –
कभी-कभी

संदेह –
या अपने स्वर को ऊँचा न उठाए

संगतकार Summary in Hindi

कवि-परिचय :

एक पत्रकार के रूप में प्रतिष्ठित श्री मंगलेश डबराल हिंदी जगत के श्रेष्ठ कवि हैं। इनका जन्म सन 1948 में टिहरी गढ़वाल (उत्तराखंड) के काफलपानी गाँव में हुआ था। इनकी शिक्षा-दीक्षा देहरादून में हुई थी। दिल्ली आकर ये पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ गए। इन्होंने हिंदी पेट्रियट, प्रतिपक्ष और आसपास में काम किया। बाद में ये भारत भवन, भोपाल से प्रकाशित होने वाले पूर्वग्रह में सहायक संपादक के पद पर आसीन हुए।

इन्होंने इलाहाबाद और लखनऊ में छपने वाले अमृत प्रभात में भी काम किया। सन 1983 में ये जनसत्ता समाचार-पत्र में साहित्य संपादक के पद पर सुशोभित हुए। इन्होंने कुछ समय तक सहारा समय का संपादन कार्य भी किया। आजकल श्री डबराल नेशनल बुक ट्रस्ट से जुड़े हुए हैं।

रचनाएँ – अब तक श्री मंगलेश डबराल के चार काव्य-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं; वे हैं-‘पहाड़ पर लालटेन’, ‘घर का रास्ता’, ‘हम जो देखते हैं’ तथा ‘आवाज़ भी एक जगह। भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेज़ी, रूसी, स्पानी, जर्मन, पोल्स्की और बल्गारी भाषाओं में भी इनकी कविताओं के अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं। कविता के अतिरिक्त साहित्य, सिनेमा, संचार माध्यम और संस्कृति से संबंधित विभिन्न विषयों पर भी थे।

नियमित रूप से लेखन करते रहे हैं। इनकी साहित्यिक उपलब्धियों पर इन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और पहल सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। इन्होंने केवल कवि के रूप में ही ख्याति प्राप्त नहीं की है, बल्कि एक अच्छे अनुवादक के रूप में भी नाम अर्जित किया है।

विशेषताएँ – श्री मंगलेश की कविता में सामंती बोध और पूँजीवादी छल-छद्म का खुलकर विरोध किया गया है। इनकी विद्रोह भावना एक निश्चित दर्शन के स्तर पर व्यक्त हुई है। आज का मानव अधिक संघर्षशील है। उसे सामाजिक, आर्थिक, नैतिक आदि अनेक मोर्चा पर एक साथ संघर्ष करना पड़ता है। वह नई मर्यादाओं की स्थापना करना चाहता है।

कवि ने इनकी आवाज़ को अपनी कविता में विशेष स्थान दिया है। इनकी कविता में अनुभूति और रागात्मकता विद्यमान है। इन्होंने पुरानी परंपराओं का विरोध किसी शोर-शराबे के साथ नहीं किया, बल्कि प्रतिपक्ष में एक सुंदर सपना रच कर प्रकट किया है। इनका सौंदर्य बोध सूक्ष्म है। सजग भाषा-दृष्टि इनकी कविता की प्रमुख विशेषता है। इन्होंने नए शब्दों को नए अर्थों के लिए प्रयुक्त किया है।

इन्होंने बोलचाल के शब्दों का भी अधिक प्रयोग किया है। इन्होंने छंद विधान को परंपरागत आधार पर स्वीकार नहीं किया बल्कि उसे अपने इच्छित रूप में प्रस्तुत किया है। इन्होंने लय के बंधन का निर्वाह किया है और कुछ कोमल भावनाएँ इन्होंने अपनी कविता में बाँधी हैं। इन्होंने परंपरागत बिंबों की जगह नए बिंबों का निर्माण किया है। इनकी कविता में नए प्रतीकों की बड़ी संख्या है। सार्वभौम प्रतीकों की अपेक्षा इन्हें नए प्रतीकों के प्रति अधिक मोह है। इनकी भाषा पारदर्शी और सुंदर है।

JAC Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 9 संगतकार

कविता का सार :

‘संगतकार’ कविता मुख्य गायक का साथ देने वाले संगतकार के महत्व और उसकी अनिवार्यता की ओर संकेत करती है। मुख्य गायक की सफलता में वह अति महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। संगतकार केवल गायन के क्षेत्र में ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि नाटक, फिल्म, संगीत, नृत्य आदि के लिए भी उपयोगी है। जब कोई मुख्य गायक अपने भारी स्वर में गाता है, तब संगतकार अपनी सुंदर कमजोर कॉपती आवाज से उसे और अधिक सुंदर बना देता है। युगों से संगतकार अपनी आवाज़ को मुख्य गायक के स्वर के साथ मिलाते रहे हैं। जब मुख्य गायक अंतरे की जटिल तान में खो चुका होता है या अपनी ही सरगम को लाँघ जाता है, तब संगतकार हो स्थायी को संभाल कर आगे बढ़ाता है।

जैसे वह उसे उसका बचपन याद दिला रहा हो। वही मुख्य गायक के गिरते हुए स्वर को ढाढ़स बँधाता है। कभी-कभी वह उसे यह अहसास दिलाता है कि गाने वाला अकेला नहीं है, बल्कि वह उसका साथ दे रहा है जो राग पहले गाया जा चुका है, वह फिर से गाया जा सकता है। वह मुख्य गायक के समान अपने स्वर मनुष्यता समझना चाहिए। वह ऐसा करके मुख्य गायक के प्रति अपने हृदय का सम्मान प्रकट करता है।

JAC Class 9 Maths Notes Chapter 3 Coordinate Geometry

Students should go through these JAC Class 9 Maths Notes Chapter 3 Coordinate Geometry will seemingly help to get a clear insight into all the important concepts.

JAC Board Class 9 Maths Notes Chapter 3 Coordinate Geometry

Co-Ordinate System:
In two dimensional coordinate geometry, we generally use two types of coordinate systems.

  • Cartesian or Rectangular coordinate system.
  • Polar coordinate system.

In cartesian coordinate system we represent any point by ordered pair (x, y) where x and y are called x and y coordinate of that point respectively.
In polar coordinate system we represent any point by ordered pair (r, θ) where is called radius vector and ‘θ’ is called vectorial angle of that point, which will be studied in higher classes.

Cartesian Coordinate System:
→ Rectangular Coordinate Axes:
Let XX’ and YY’ are two lines such that XX’ is horizontal and YY’ is vertical lines in the same plane and they intersect each other at O. This intersecting point is called origin Now choose a convenient unit of length and starting from origin as zero, mark off a number scale on the horizontal line XX’, positive to the right of origin O and negative to the left of origin O. Also mark off the same scale on the vertical line YY’, positive upwards and negative downwards of the origin. The line XX’ is called X-axis and the line YY’ is known as Y-axis and the two lines taken together are called the coordinate axes.
JAC Class 9 Maths Notes Chapter 3 Coordinate Geometry 1

→ Quadrants:
The coordinates axes XX’ and YY’ divide the plane of graph paper into four parts XY, X’Y, X’Y’ and XY’. These four parts are called the quadrants. The parts XY, X’Y, X’Y’ and XY’ are known as the first second, third and fourth quadrants respectively.

→ Cartesian Coordinates of a Point:
Let -axis and y-axis be the coordinate axes and P be any point in the plane. To find the position of P with respect of x-axis and y-axis, we draw two perpendicular line segment from P on both coordinate axes.

Let PM and PN be the perpendiculars on x-axis and y-axis resepectively. The length of the line segment OM is called the x-coordinate or abscissa of point P. Similarly the length of line segment ON is called the y-coordinate or ordinate of point P.

Let OM = x and ON = y. The position of the point P in the plane with respect to the coordinate axes is represented by the ordered pair (x, y). The ordered pair (x, y) is called the coordinates of point P. “Thus, for a given point, the abscissa and ordinate are the distances of the given point from y-axis and x-axis respectively”.

The above system of coordinating of ordered pair (x, y) with every point in plane is called the Rectangular or Cartesian coordinate system.
JAC Class 9 Maths Notes Chapter 3 Coordinate Geometry 2
Cartesian coordinate system

JAC Class 9 Maths Notes Chapter 3 Coordinate Geometry

→ Convention of Signs:
As discussed earlier that regions XOY, Χ’ΟΥ, Χ’ΟΥ’ and ΧΟΥ’ are known as the first second, third and fourth quadrants respectively. The ray OX is taken as positive X-axis, OX’ as negative x-axis, OY as positive y-axis and OY as negative y-axis. Thus we have.
In first quadrant: x > 0, y > 0
In second quadrant: x < 0, y > 0
In third quadrant: x < 0, y < 0
In fourth quadrant: x > 0, y < 0

→ Points on Axis:
If point P lies on x-axis then clearly its distance from x-axis will be zero, therefore we can say that its ordinate will be zero. In general, if any point lies on x-axis then its y-coordinate will be zero. Similarly if any point Q lies on y-axis, then its distance from y-axis will be zero therefore we can say its x-coordinate will be zero. In general, if any point lies on y-axis then its x-coordinate will be zero.
JAC Class 9 Maths Notes Chapter 3 Coordinate Geometry 3

→ Plotting of Points:
In order to plot the points in a plane, we may use the following algorithm.
Step I: Draw two mutually perpendicular lines on the graph paper, one horizontal and other vertical.
Step II: Mark their intersection point as O (origin).
Step III: Choose a suitable scale on X-axis and Y-axis and mark the points on both the axes.
Step IV: Obtain the coordinates of the point which is to be plotted. Let the point be P(a, b). To plot this point start from the origin and |a| units move along OX, OX’ according as ‘a’ is positive or negative respectively. Suppose we arrive at point M. From point M move vertically upward or downward |b| units according as ‘b’ is positive or negative respectively The point where we arrive finally is the required point P(a, b).

Distance Between Two Points:
→ If there are two points A (x1, y1) and B(x2, y2) on the XY plane, the distance between them is given by
AB = \(\sqrt{\left(x_2-x_1\right)^2+\left(y_2-y_1\right)^2}\)

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Important Questions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables

Question 1.
Prove that x = 3, y = 2 is a solution of 3x – 2y = 5.
Solution :
x = 3, y = 2 is a solution of 3x – 2y = 5, because L.H.S. = 3x – 2y = 3 × 3 – 2 × 2 = 9 – 4 = 5 = R.H.S.
i.e. x = 3, y = 2 satisfies the equation 3x – 2y = 5.
∴ It is a solution of the given equation.

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables

Question 2.
Prove that x = 1, y = 1 as well as x = 2, y = 5 is a solution of 4x – y – 3 = 0.
Solution :
Given eq, is 4x – y – 3 = 0 …(i)
First we put x = 1, y = 1 in L.H.S. of eq (i)
Here L.H.S. = 4x – y – 3 = 4 × 1 – 1 – 3 = 4 – 4 = 0 = R.H.S.
Now we put x = 2, y = 5 in eq. (i)
L.H.S. = 4x – y – 3 = 4 × 2 – 5 – 3 = 8 – 8 = 0 = R.H.S.
Since, x = 1, y = 1 and x = 2, y = 5, both pairs satisfied the given equation, therefore they are the solutions of given equation.

Question 3.
Determine whether x = 2, y = – 1 is a solution of equation 3x + 5y – 2 = 0.
Solution :
Given eq. is 3x + 5y – 2 = 0 ….(i)
Taking L.H.S. = 3x + 5y – 2 = 3 × 2 + 5 × (-1) – 2 = 6 – 5 – 2 = – 1 + 0 = R.H.S.
Here LH.S. ≠ R.H.S. therefore x = 2, y = – 1 is not a solution of given equation.

Question 4.
Draw the graph of
(i) 2x + 5 = 0
(ii) 3y – 15 = 0
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables - 1
Solution :
(i) Graph of 2x + 5 = 0
On simplifying it we get 2x = – 5
x = – \(\frac {5}{2}\)
First we plot point A1 (-\(\frac {5}{2}\), 0) and then we plot any other point A2 (-\(\frac {5}{2}\), 2) on the graph paper, then we join these two points we get required line l as shown in adjoining figure

(ii) Graph of 3y – 15 = 0
On simplifying it we get 3y = 15 y = 5.
⇒ y = \(\frac {15}{3}\) = 5
First we plot the point B1(0, 5) and then we plot any other point B2(3, 5) on the graph paper, then we join these two points we get required line m as shown in figure.
Note: A point which lies on the line is a solution of that equation. A point not lying on the line is not a solution of the equation.

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables

Question 5.
Draw the graph of the line x – 2y = 3, from the graph find the coordinates of the point when
(i) x = – 5
(ii) y = 0
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables - 1
Solution :
Here given equation is x – 2y = 3.
Solving it for y we get 2y = x – 3
⇒ y = \(\frac {1}{2}\)x – \(\frac {3}{2}\)
Let x = 0, then y = \(\frac {1}{2}\)(0) – \(\frac {3}{2}\) = – \(\frac {3}{2}\)
x = 3, then y = \(\frac {1}{2}\)(3) – \(\frac {3}{2}\) = 0
x = – 2, then y Hence, we get y = \(\frac {1}{2}\)(-2) – \(\frac {3}{2}\) = – \(\frac {5}{2}\)
Hence, we get

x 0 3 – 2
Y –\(\frac {3}{2}\) 0 –\(\frac {5}{2}\)

Clearly from the graph, when x = -5 then y = -4 so corresponding coordinates are (-5, -4) and when y = 0 then x = 3, so corresponding coordinates are (3, 0).

Question 6.
Draw the graphs of the lines represented by the equations x + y = 4 and 2x – y = 2 in the same graph. Also find the coordinates of the point where the two lines intersect.
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables - 2
Solution :
Given equations are x + y = 4 ………….(i)
and 2x – y = 2 ….. (ii)
(i) We have, y = 4 – x

x 0 2 4
Y 4 2 0

(ii) We have, y = 2x – 2

x 1 0 3
Y 0 – 2 4

By drawing the lines on a graph paper, clearly we can say that P is the point of intersection where coordinates are x = 2, y = 2, i.e., P(2, 2).

Question 7.
Solve : \(\frac {x}{2}\) = 3 + \(\frac {x}{3}\)
Solution :
Given \(\frac {x}{2}\) = 3 + \(\frac {x}{3}\)
⇒ \(\frac {x}{2}\) – \(\frac {x}{3}\) = 3
⇒ \(\frac{3 x-2 x}{6}\) = 3
⇒ \(\frac {x}{6}\) = 3
⇒ x = 18

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables

Question 8.
Solve the following system of equations:
2x – 3y = 5
3x + 2y = 1
Solution :
Given eq. are 2x – 3y = 5 ………(i)
and 3x + 2y = 1 ……………(ii)
Multiplying eq. (i) by 3 and eq. (ii) by 2. we get 6x – 9y = 15 and 6x + 4y = 2 respectively.
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables - 3
⇒ -13y = 13
⇒ y = – 1
Putting the value of y in eq. (i) we get
2x – (3) × (-1) = 5
2x + 3 = 5
⇒ 2x = 5 – 3
⇒ 2x = 2
⇒ x = 1
∴ x = 1, y = – 1 is the solution of given system of linear equations.

Question 9.
Solve the following system of equations:
x + 4y = 14
7x – 3y = 5
Solution :
Let x + 4y = 14 ……..(i)
and 7x – 3y = 5 ……….(ii)
From equation (i)
x = 14 – 4y
Substitute the value of x in equation (ii)
⇒ 7(14 – 4y) – 3y = 5
⇒ 98 – 28y – 3y = 5
⇒ 98 – 31y = 5
⇒ 93 = 3ly
⇒ y = \(\frac {93}{31}\)
⇒ y = 3
x = 14 – 4y = 14 – 4 × 3 = 14 – 12 = 2
So, solution is x = 2 and y = 3.

Multiple Choice Questions

Question 1.
Which of the following equations is not a linear equation?
(a) 2x + 3 = 7x – 2
(b) \(\frac {2}{3}\)x + 5 = 3x – 4
(c) x2 + 3 = 5x – 3
(d) (x – 2)2 = x2 + 8
Solution :
(c) x2 + 3 = 5x – 3

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables

Question 2.
Solution of equation \(\sqrt{3}\)x – 2 = 2\(\sqrt{3}\) + 4 is
(a) 2(\(\sqrt{3}\) – 1)
(b) 2(1 – \(\sqrt{3}\))
(c) 1 + \(\sqrt{3}\)
(d) 2(1 + \(\sqrt{3}\))
Solution :
(d) 2(1 + \(\sqrt{3}\))

Question 3.
The value of x which satisfies \(\frac{6 x+5}{4 x+7}=\frac{3 x+5}{2 x+6}\) is :
(a) -1
(b) 1
(c) 2
(d) -2
Solution :
(b) 1

Question 4.
Solution of \(\frac{x-a}{b+c}+\frac{x-b}{c+a}+\frac{x-c}{a+b}\) = 3 is
(a) a + b – c
(b) a – b + c
(c) – a + b + c
(d) a + b + c
Solution :
(d) a + b + c

Question 5.
One-fourth of one-third of one-half of a number is 12, then number is
(a) 284
(b) 286
(c) 288
(d) 290
Solution :
(c) 288

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables

Question 6.
A linear equation in two variables has maximum
(a) one solution
(b) two solutions
(c) infinitely many solutions
(d) None of these
Solution :
(c) infinitely many solutions

Question 7.
Solutions of the equation x – 2y = 2 is/are
(a) x = 4, y = 1
(b) x = 2, y = 0
(c) x = 6, y = 2
(d) All of these
Solution :
(d) All of these

Question 8.
The graph of line 5x + 3y = 4 cuts y-axis at the point
(a) (0, \(\frac {4}{3}\))
(b) (0, \(\frac {3}{4}\))
(c) (\(\frac {4}{3}\), 0)
(d) (\(\frac {4}{3}\), 0)
Solution :
(a) (0, \(\frac {4}{3}\))

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables

Question 9.
If x = 1, y = 1 is a solution of equation 9ax + 12ay = 63, then the value of a is
(a) – 3
(b) 3
(c) 7
(d) 5
Solution :
(b) 3

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम्

Jharkhand Board JAC Class 10 Sanskrit Solutions व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम् Questions and Answers, Notes Pdf.

JAC Board Class 10th Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम्

उपसर्ग की परिभाषा – शब्द या धातु (क्रिया) के पूर्व जो पद जोड़े या लगाये जाते हैं वे उपसर्ग कहे जाते हैं। उपसर्ग का प्रयोग करने से धातु के अर्थ में विशेषता आ जाती है। कहीं धातु का अर्थ परिवर्तित होकर एक नया अर्थ प्रकट करता है तो कहीं अर्थ का विपर्ययं या विलोम हो जाता है और इस प्रकार अर्थ में सौन्दर्य आ जाता है। जैसे –

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम् 1

उपर्युक्त सभी उपसर्गयुक्त शब्द एक ही धातु (क्रिया) शब्द के साथ भिन्न-भिन्न उपसर्ग जोड़ने से बने हैं, किन्तु उनके अर्थ बिल्कुल बदल गये हैं।
कुल उपसर्ग 22 होते हैं जो इस प्रकार हैं – प्र, परा, अप, सम्, अनु, अव, निस्, निर, दुस्, दुर्, वि, आड्. (आ), नि, अधि, अपि, अति, सु, उत्, अभि, प्रति, परि, उप।
अब यहाँ पर कतिपय उपसर्गों व उनसे बने शब्दों को दिया गया है।

1. ‘अव’ उपसर्ग: –

1. अव + जानाति = अवजानाति
2. अव. + क्षिपति = अवक्षिपति
3. अव + तरति = अवतरति
4. अव + नति = अवनति
5. अव + गमनम् = अवगमनम्
6. अव + ज्ञा. = अवज्ञा
7. अव + दानम् = अवदानम्
8. अव + तिष्ठति = अवतिष्ठति
9. अव + गुणः = अवगुणः
10. अव + शेषः = अवशेषः
11. अव + क्षेपणम् = अवक्षेपणम्
12. अव + सरः = अवसरः
13. अव + काशः = अवकाशः
14. अव + गच्छति = अवगच्छति
15. अव + लेहः = अवलेहः
16. अव + गणना = अवगणना
17. अव + धारणा = अवधारणा
18. अव + ग्रहः = अवग्रहः
19. अव + रोहः = अवरोहः
20. अव + रोधः = अवरोधः

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम्

2. ‘अप’ उपसर्ग:

1. अप + करोति = अपकरोति
2. अप + सरति = अपसरति
3. अप + ऐति – अपैति
4. अप + ए = अपहरति
5. अप + वादः = अपवादः
6. अप + शब्दः = अपशब्दः
7. अप + कारः = अपकारः
8. अप + आदानम् = अपादानम्
9. अप + कर्षः = अपकर्ष
10. अप + कर्ता = अपकर्ता
11. अप + मानम् = अपमानम्
12. अप + यशः = अपयशः
13. अप + राधः = अपराधः
14. अप + ज्ञानम् = अपज्ञानम्
15. अप + हरणम् = अपहरणम्
16. अप + भ्रंशः = अपभ्रंशः
17. अप + व्ययः = अपव्ययः
18. अप + हरति = अपहरति
19. अप + कारीः = अपकारीः
20. अप + चारी = अपचारी

3. ‘निस्’ उपसर्गः –

1. निस् + तेज = निस्तेज
2. निस् + काम = निष्काम
3. निस् + तार = निस्तार
4. निस् + चय = निश्चय
5. निस् + सार = निस्सार
6. निस् + सरति = निस्सरति
7. निस् + प्राणः = निष्प्राणः
8. निस् + क्रियः = निष्क्रियः
9. निस + चलः = निश्चलः
10. निस् + फलम् = निष्फलम्
11. निस् + कपटः = निष्कपटः
12. निस् + तारणम् = निस्तारणम्
13. निस् + प्रयोजनम् = निष्प्रयोजनम्
14. निस् + छलः = निश्छलः
15. निस् + कृतिः = निष्कृतिः
16. निस् + पापम् = निष्पापम्
17. निस् + चितः = निश्चितः
18. निस् + कर्षः = निष्कर्षः

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम्

4. ‘निर्’ उपसर्गः

1. निर् + ईक्षते = निरीक्षते
2. निर् + वहति = निर्वहति
3. निर् + अस्यति = निरस्यति
4. निर् + गच्छति = निर्गच्छति
5. निर् + भय = निर्भय
6. निर् + वचनम् = निर्वचनम्
7. निर् + आकरणम्= निराकरणम्
8. निर् + धनः = निर्धनः
9. निर् + नयः = निर्णयः
10. निर् + गमनम् = निर्गमनम्
11. निर् + वाहः, = निर्वाहः
12. निर् + जनम् = निर्जनम्
13. निर् + वेदः = निर्वेदः
14. निर् + अस्तम् = निरस्तम्
15. निर् + नायकः = निर्णायकः
16. निर् + ईक्षणम् = निरीक्षणम्
17. निर् + देशः = निर्देशः
18. निर् + आदरः = निरादरः
19. निर् + मूलम् = निर्मूलम्

5. ‘दुर्’ उपसर्ग:

1. दुर् + बोधति = दुर्बोधति
2. दुर् + गच्छति = दुर्गच्छति
3. दुर् + नयति = दुर्नयति
4. दुर् + वचनम् = दुर्वचनम्
5. दुर् + दैवम् = दुर्दैवम्
6. दुर् + दशा = दुर्दशा
7. दुर् + आशा = दुराशा
8. दुर् + जनः = दुर्जनः
9. दुर् + बोधः = दुर्बोध:
10. दुर् + गन्धः = दुर्गन्धः
11. दुर् + गमः = दुर्गमः
12. दुर् + लभः = दुर्लभः
13. दुर् + आचरणम्= दुराचरणम्
14. दुर् + गः = दुर्गः
15. दुर् + व्यवहारः = दुर्व्यवहारः
16. दुर् + दिनम् = दुर्दिनम्
17. दुर् + आचारः = दुराचारः
18. दुर् + अवस्था = दुरवस्था
19. दुर् + योधनः = दुर्योधनः
20. दुर् + गतिः = दुर्गतिः

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम्

6. ‘आङ्’ (आ) उपसर्गः

1. आ + नयति = आनयति
2. आ + चरति = आचरति
3. आ + गच्छति = आगच्छति
4. आ + रोहति = आरोहति
5. आ + गमः = आगमः
6. आ + दरः = आदरः
7. आ + धारः = आधारः
8. आ + गमनम् = आगमनम्
9. आ + गच्छति = आगच्छति
10. आ + नी = आनयति
11. आ + चरणम् = आचरणम्
12. आ + दाय = आदाय
13. आ + हरति = आहरति
14. आ. + मरणम् = आमरणम्
15. आ + दानम् = आदानाम्
16. आ + चारः = आचारः
17. आ + कर्षणम् = आकर्षणम्
18. आ + गमनम् = आगमनम्
19. आ + ग्रहः = आग्रहः
20. आ + ज्ञा आज्ञा

7. ‘उत्’ उपसर्ग:

1. उत् + गच्छति = उद्गच्छति
2. उत् + भवति = उद्भवति
3. उत् + तिष्ठति = उत्तिष्ठति
4. उत् + हरति = उद्धरति
5. + सवः = उत्सवः
6. उत् + पत्ति – उत्पत्तिः
7. उत् + पतति = उत्पतति
8. उत् + क्षेपणम् = उत्क्षेपणम्
9. उत् + तेजकः = उत्तेजकः
10. उत् + साहः = उत्साहः
11. उत् + सर्गः = उत्सर्गः
12. उत् + थानम् = उत्थानम्
13. उत् + जवलः = उज्ज्वलः
14. उत् + गमनम् = उदगमनम्
15. उत् + भवः = उद्भवः
16. उत् + तरम् = उत्तरम्
17. उत् + तमः = उत्तमः
18. उत् + कण्ठा = उत्कण्ठा
19. उत् + कर्षः = उत्कर्षः
20. उत् + हारः = उद्धारः

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम्

8. ‘अधि’ उपसर्गः

1. अधि + करोति = अधिकरोति
2. अधि + गच्छति = अधिगच्छति
3. अधि + अस्ति = अध्यास्ते
4. अधि + वसति = अधिवसति
5. अधि + कृतम् = अधिकृतम्
6. अधि + लोकम् = अधिलोकम्
7. अधि + वचनम् = अधिवचनम्
8. अधि + स्था = अधितिष्ठति
9. अधि + भारः = अधिभारः
10. अधि + पतिः = अधिपतिः
11. अधि+ अक्षः = अध्यक्षः
12. अधि + दैवतम् = अधिदैवतम्
13. अधि+ हरिः = अधिहरिः
14. अधि + स्थाता = अधिष्ठाता
15. अधि+ कृत्य = अधिकृत्य
16. अधि + कारः = अधिकारः
17. अधि+ करणम् = अधिकरणम्
18. अधि + कारी = अधिकारी
19. अधि+ क्षेपः = अधिक्षेपः
20. अधि + शेषः = अधिशेषः

अभ्यासः

प्रश्न 1.
अधोलिखित प्रश्नानाम् उचित विकल्पं चित्वा लिखत –
1. ‘अप’ उपसर्गयुक्तं शब्दः कः नास्ति?
(अ) अपशब्दः
(ब) अपेक्षा
(स) अवगुणः
(द) अपव्ययः
उत्तरम् :
(अ) अपशब्दः

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम्

2. ‘आनयति’ इति पदे कः उपसर्गः ?
(अ) निर्
(ब) अप्
(स) नी
(द) आ
उत्तरम् :
(ब) अप्

3. ‘निस्’ उपसर्गयुक्तं शब्दः कः अस्ति?
(अ) निर्वेदः
(ब) निर्धनः
(स) निष्प्राणः
(द) नियमः
उत्तरम् :
(ब) निर्धनः

4. ‘निष्कामति’ इति पदे : उपसर्ग:?
(अ) उद्
(ब) दुर्
(स) निस्
(द) निर्
उत्तरम् :
(ब) दुर्

5. ‘आङ’ उपसर्गयुक्तं शब्दः कः अस्ति?
(अ) अपव्ययः
(ब) अपशब्दः
(स) अवगुणः
(द) अपेक्षा
उत्तरम् :
(स) अवगुणः

6. ‘निरीक्षणम्’ इति पदे कः उपसर्गः?
(अ) निस्
(ब) दुर्
(स) निर्
(द) आङ
उत्तरम् :
(अ) निस्

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम्

7. ‘दुर्’ उपसर्गयुक्तं शब्दः कः नास्ति?
(अ) दुराशा
(ब) दूरम्
(स) दुर्जनः
(द) दुर्बलः
उत्तरम् :
(स) दुर्जनः

8. ‘अध्यक्षः’ इति पदे कः उपसर्ग:?
(अ) अधि
(ब) अव
(स) आ
(द) अप्
उत्तरम् :
(ब) अव

9. ‘अव’ उपसर्गयुक्तं शब्दः कः नास्ति?
(अ) अवागच्छत्
(ब) अवकाशः
(स) अवतिष्ठति
(द) अवनि
उत्तरम् :
(स) अवतिष्ठति

10. ‘उत्’ उपसर्गयुक्तं शब्दः कः अस्ति?
(अ) उपदेशः
(ब) उत्थानम्
(स) उपकारः
(द) उपेक्षा
उत्तरम् :
(अ) उपदेशः

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम्

प्रश्न 2.
निम्नलिखित उपसर्गम् शब्दम् च योगेन सार्थक शब्द रचनां कृत्वा रिक्तस्थान पूरयत –
पदम् उपसर्ग + शब्द
(i) दुर् + आशा ……………………..
(ii) दुर् + भाग्यम् ……………………..
(iii) आ + कर्षणम् ……………………..
(iv) आ + गमनम् ……………………..
(v) आ + दानम् ……………………..
उत्तरम् :
(i) दुराशा,
(ii) दुर्भाग्यम्,
(iii) आकर्षणम्,
(iv) आगमनम्,
(v) आदानम्।

प्रश्न 3.
निम्नाङ्किताभ्यामुपसर्गधातुभ्यां क्रियापदं रचयत –
(क) अव + तृ
(ख) अप + कृ।
उत्तरम् :
(क) अवतरति
(ख) अपकरोति।

प्रश्न 4.
निम्नलिखितपदयोः प्रयुक्तमुपसर्गयोः लिखत –
(क) अपकर्षः
(ख) निर्जनम्।
उत्तरम् :
(क) अप
(ख) निर्।

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम्

प्रश्न 5.
निम्नलिखितपदयोः प्रयुक्तमुपसर्गं लिखत –
(क) निर्गच्छति,
(ख) निष्क्रामति।
उत्तरम् :
(क) निर्
(ख) निस्।

प्रश्न 6.
निम्नलिखिताभ्यामुपसर्गधातुभ्यां क्रियापदं रचयत –
(क) आ + नी
(ख) निर् + गम्।
उत्तरम् :
(क) आनयति
(ख) निर्गच्छति।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित उपसर्गधातुभ्यां क्रियापदं रचयत –
(क) उत् + स्था
(ख) अधि + कृ।
उत्तरम् :
(क) उत्तिष्ठति
(ख) अधिकरोति।

प्रश्न 8.
निम्नलिखितपदयोः प्रयुक्तमुपसर्गयोः लिखत –
(क) उन्नति
(ख) अध्यक्षः।
उत्तरम् :
(क) उत्
(ख) अधि।

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम्

प्रश्न 9.
निम्नलिखितपदयोः प्रयुक्तमुपसर्ग लिखत –
(क) निर्वृत्तिः
(ख) अवरोहति।
उत्तरम् :
(क) निर्
(ख) अव।

प्रश्न 10.
निम्नलिखिताभ्यामुपसर्गधातुभ्यां क्रियापदं रचयत –
(क) अप + हृ
(ख) निस् + सृ।
उत्तरम् :
(क) अपहरति
(ख) निस्सरति।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित उपसर्गधातुभ्यां क्रियापदं रचयत
(क) अव + गम्
(ख) निस् + सृ।।
उत्तरम :
(क) अवगच्छति
(ख) निस्सरति।

प्रश्न 12.
निम्नलिखितपदयोः प्रयुक्तमुपसर्ग लिखत –
(क) दुर्लभते
(ख) उत्तिष्ठतु।
उत्तरम् :
(क) दुर्
(ख) उत्।

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम्

प्रश्न 13.
अधोलखितपदेषु उपसर्गम् धातुम् च पृथक् कृत्वा लिखत।
JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम् 2

प्रश्न 14.
निम्नलिखितानाम् उपसर्गाणां धातूनां च योगेन सार्थकशब्दरचनां कुरुत।
JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम् 3

प्रश्न 15.
निम्नलिखितपदेषु प्रयुक्तान् उपसर्गान् लिखत।
JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम् 4

प्रश्न 16.
अधोलखितपदेषु उपसर्गम् धातुम् च पृथक् कृत्वा लिखत।
JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम् 5

प्रश्न 17.
निम्नलिखितानाम् उपसर्गाणां धातूनां च योगेन सार्थकशब्दरचनां कुरुत।
JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम् 6

प्रश्न 18.
निम्नलिखितपदेषु प्रयुक्तान् उपसर्गान् लिखत।
JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम् 7

प्रश्न 19.
निम्नलिखितपदेषु उपसर्ग शब्दं च पृथक् कृत्वा लिखत।
JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम् 8

प्रश्न 20.
निम्नलिखितपदेषु उपसर्ग शब्दं च पृथक् कृत्वा लिखत।
JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम् 9

प्रश्न 21.
निम्नलिखितानाम् उपसर्गाणां धातूनां च योगेन सार्थकशब्दरचनां कुरुत।
JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम् 10

प्रश्न 22.
निम्नलिखितानाम् उपसर्गाणां धातूनां च योगेन सार्थकशब्दरचनां कुरुत।
JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम् 11

प्रश्न 23.
निम्नलिखितपदेषु उपसर्ग शब्दं च पृथक् कृत्वा लिखत।
JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् उपसर्ग प्रकरणम् 12