JAC Class 10 Science Notes Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

→ प्रजनन-वह प्रक्रिया जिसमें वंश वृद्धि की जाती है अर्थात् एक पीड़ी, दूसरी पीढ़ी को जन्म देती है।

→ विखण्डन-कोशिकाओं का दो या दो अधिक भागों में विभाजन विखण्डन कहलाता है।

→ मुकुलन-जीव के शरीर के किसी एक भाग पर एक बल्ब जैसी संरचना बन जाती है और जो पैतृक जीव से अलग होकर पूर्ण विकसित जीव बन जाता है।

→ पुनरुद्भवन-इसमें जीवों के खोये हुए भाग फिर से बन जाते हैं।

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→ वर्धी प्रजनन-पौधों के किसी भी कायिक अंग का प्रयोग करके नया पौधा तैयार करने की विधि वर्धी प्रजनन कहलाती है।

→ कटान-इसमें पौधों की एक कटान लेकर नम भूमि में लगाने पर उसमें जड़ें निकल आती हैं जो बढ़कर नया पौधा बन जाता है।

→ लेयरिंग-इसमें पौधों की किसी एक शाखा को झुकाकर नम मिट्टी में दबा दिया जाता है जिनसे जड़ें निकल आती हैं और नया पौधा उग आता है।

→ ग्राफ्टिंग-इसमें विभिन्न पौधों के दो भागों को इस प्रकार जोड़ा जाता है कि एक नया पौधा प्राप्त होता है।

→ लैंगिक प्रजनन-जनन की वह प्रक्रिया जिसमें नर और मादा दोनों ही जननांग भाग लेते हैं जिसमें युग्मकों के संयोजन से नए जीव की उत्पत्ति होती है।

→ पौधों में लैंगिक प्रजनन-इस प्रजनन में पुंकेसर नर और स्त्रीकेसर मादा जननांग भाग लेते हैं। इसमें युग्मनज कई बार सूत्री विभाजन से विभाजित होकर नए पौधों को जन्म देती हैं।

→ मनुष्यों में लैंगिक जनन-इसमें नर युग्मक शुक्राणु एवं मादा युग्मक अण्डापु के संयोग से युग्मनज बनता है जिसका विकास श्रण के रूप में होता है, इसके पूर्ण विकसित हो जाने पर शिशु के रूप में जन्म होता है।

→ शुक्राणु-नर युग्मक (पुरुष में)।

→ अण्डाणु-मादा युग्मक (स्त्री में)।

→ पुंकेसर-पौधों में नर जनन अंग।

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→ स्त्रीकेसर-पौधों में मादा जनन अंग।

→ निषेचन-नर युग्मक का मादा युग्मक के साथ संलयन की प्रक्रिया निषेचन कहलाती है।

→ पुरुषों के जननांग-वृषण तथा नलियाँ, शुक्रवाहिकाएँ, यूरेश्रा एवं उपजनन अंग शिश्न है।

→ मादा जननांग-अण्डाशय, अण्डवाहिनियाँ, योनि, गर्भाशाय तथा योनि द्वार।

→ प्लेसेंटा-मादा और गर्भस्थ शिशु के बीच जैव सम्बन्ध बनाने वाला ऊतक प्लेसेंटा कहलाता हैं।

→ D.N.A. प्रतिकृति की तकनीक से विभिन्नता उत्पन्न होती है जो स्पीशीज के अस्तित्व के लिए लाभप्रद्र है। लैंगिक जनन द्वारा अधिक विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं।

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→ यौवनारंभ में शरीर में अनेक परिवर्तन आते हैं, उदाहरण के लिए लड़कियों में स्तन का विकास तथा लड़कों के चेहरे पर बालों (दाढ़ी, मूँछ) का आना, लैंगिक परिपक्वता के चिन्ह हैं।

→ मानव में नर जनन तंत्र में वृषण, शुक्राणुवाहिनी, शुक्राशय, प्रोस्टेट ग्रन्थि, मूत्र मार्ग तथा शिश्न होते हैं।

→ मानव के मादा जनन तंत्र में अण्डाशय, डिम्बवाहिनी गर्भाशय तथा योनि पाये जाते हैं।

→ मानव में लैंगिक जनन प्रक्रिया में शुक्राणुओं का स्त्री की योनि में स्थानान्तरण होता है तथा निषे चन डिम्बवाहिनी में होता है।

→ गर्भनिरोधी युक्तियाँ अपनाकर गर्भधारण को रोका जा सकता है। कंडोम, गर्भनिरोधी गोलियाँ, कांपर-टी तथा अन्य युक्तियाँ इसके उदाहरण हैं।

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