JAC Class 9 English Solutions Beehive Chapter 7 Packing

Jharkhand Board JAC Class 9 English Solutions Beehive Chapter 7 Packing Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 English Solutions Beehive Chapter 7 Packing

JAC Class 9 English Packing Textbook Questions and Answers

Thinking About the Text

I. Discuss in pairs and answer each question below in a short paragraph (30-40 words):

जोड़े बनाकर विचार-विमर्श कीजिये और नीचे दिये गये प्रत्येक प्रश्न का उत्तर एक छोटे अनुच्छेद ( 30 से 40 शब्दों) में दीजिये :

Question 1.
How many characters are there in the narrative ? Name them. ( Don’t forget the dog !)
इस वृत्तांत में कितने पात्र हैं ? उनके नाम बताइये । ( कुत्ते को न भूलें! )
Answer:
There are four characters in this narrative including the dog. They are the author Jerome K Jerome and his two friends – George and Harris. Besides, there is their dog Montmorency that plays an interesting role.

इस वृत्तान्त में कुत्ते को मिलाकर कुल चार पात्र हैं । वे हैं- लेखक Jerome K. Jerome और उसके दो मित्र George और Harris | इसके अतिरिक्त उनका कुत्ता Montmorency है जो रोचक भूमिका निभाता है ।

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Question 2.
Why did the narrator (Jerome) volunteer to do the packing ?
वर्णनकर्त्ता (जेरोम) ने पैकिंग करने के लिए स्वयं को प्रस्तुत क्यों किया ?
Answer:
The narrator believed that he could do packing better than anyone else. He was proud of his packing skill. So he told his friends to leave the whole work of packing to him. Moreover, he would get an opportunity to boss the job.

वर्णनकर्त्ता को विश्वास था कि वह किसी अन्य से अच्छी पैकिंग कर सकता था । उसे अपनी पैकिंग कौशल पर गर्व था । अतः उसने अपने मित्रों को पैकिंग का पूरा काम उस पर छोड़ने को कहा । इसके अतिरिक्त उसको उनके (अपने मित्रों के) काम पर रौब दिखाने का एक अवसर मिलेगा।

Question 3.
How did George and Harris react to this ? Did Jerome like their reaction ?
जॉर्ज और हैरिस की इस पर क्या प्रतिक्रिया थी ? क्या जेरोम को उनकी प्रतिक्रिया अच्छी लगी ?
Answer:
George and Harris readily agreed to the narrator’s suggestion. George spread himself over the easy chair and Harris cocked his legs on the table. The narrator didn’t like their reaction because he wanted to boss the job.

जॉर्ज और हैरिस वर्णनकर्ता के सुझाव पर तुरन्त सहमत हो गये । जार्ज आराम कुर्सी पर इत्मीनान से बैठ गया और हैरिस ने मेज पर अपने पैर रख लिए । वर्णनकर्त्ता को उनकी यह प्रतिक्रिया पसन्द नहीं आयी क्योंकि वह उनके काम पर रौब जमाना चाहता था ।

Question 4.
What was Jerome’s real intention when he offered to pack ?
जब जेरोम ने सामान बाँधने के लिए अपनी सेवा प्रस्तुत की तो उसका वास्तविक इरादा क्या था ?
Answer:
In fact, Jerome himself did not want to do the packing. He wanted George and Harris to do the packing under his supervision. He intended to boss their job and teach them how to do packing properly.

वास्तव में जेरोम स्वयं पैकिंग करना नहीं चाहता था । वह चाहता था कि जॉर्ज व हैरिस उसकी निगरानी में पैकिंग करें । उसका इरादा था कि वह उनके काम पर रौब जमाये और उन्हें ठीक तरह पैकिंग करना सिखाये।

Question 5.
What did Harris say after the bag was shut and strapped? Why do you think he waited till then to ask ?
बैग के बन्द हो जाने और फीते बाँधे जाने के पश्चात् हैरिस ने क्या कहा ? आपके विचार में उसने तब तक कहने के लिए प्रतीक्षा क्यों की ?
Answer:
Harris asked the author if he didn’t want to put the boots in the bag. He did this intentionally as he wanted to tease the author. So he didn’t say anything till the bag was shut and strapped.

हैरिस ने लेखक से पूछा कि क्या वह जूतों को बैग में नहीं रखेगा । उसने ऐसा जानबूझकर किया क्योंकि वह लेखक को चिढ़ाना चाहता था । इसलिए उसने बैग के बन्द हो जाने व फीते बँध जाने तक कुछ नहीं कहा।

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Question 6.
What ‘horrible idea’ occurred to Jerome a little later ?
कुछ समय पश्चात् जेरोम के मन में क्या ‘भयानक विचार’ आया ?
Answer:
A horrible idea occurred to Jerome a little later if he had packed his toothbrush or not. His toothbrush was a thing that always haunted him when he was going to travel.

कुछ समय पश्चात् जेरोम के मन में एक भयानक विचार आया कि उसने अपना टूथब्रश पैक किया है या . नहीं । उसका टूथब्रश ही एक ऐसी वस्तु थी जो उसे यात्रा पर जाते समय लगातार तंग करती रहती थी ।

Question 7.
Where did Jerome finally find the toothbrush ?
जेरोम को अन्ततः टूथब्रश कहाँ मिला ?
Answer:
Jerome unpacked the bag and shook everything to find his toothbrush. While he was putting them back one by one, he finally found it inside a boot. After this he again packed the bag.

जेरोम ने अपने टूथब्रश खोजने के लिए बैग को खोला और प्रत्येक वस्तु को हिलायी । जब वह उन वस्तुओं को एक-एक करके वापस रख रहा था तब अंत में उसे अपना टूथब्रश एक जूते में मिला। इसके बाद उसने बैग को दुबारा बाँधा ।

Question 8.
Why did Jerome have to reopen the packed bag ?
जेरोम को बन्द किया हुआ बैग फिर क्यों खोलना पड़ा ?
Answer:
Having found his toothbrush in the bag, Jerome packed the bag again. Soon he realized that he had packed his spectacles also in it. So once again he had to unpack the bag to get his spectacles.

टूथब्रश को बैग में पाने के बाद जेरोम ने बैग को पुनः पैक किया । शीघ्र ही उसने महसूस किया कि उसने अपना चश्मा इसमें (बैग में) पैक कर दिया था । चश्मे को निकालने के लिए उसे एक बार पुनः बैग को खोलना पड़ा।

Question 9.
What did George and Harris offer to pack and why ?
जॉर्ज और हैरिस ने क्या बाँधने के लिए पेशकश की और क्यों ?
Answer:
George and Harris offered to pack the hampers. They offered to do it because they had 145 to start in less than twelve hours’ time. They wanted to show that they could pack things more quickly and properly than the author.

जॉर्ज और हैरिस ने टोकरियों में सामान को पैक करने की पेशकश की। उन्होंने यह पेशकश इसलिए की क्योंकि उन्हें बारह घण्टे से कम समय में रवाना होना था । वे यह दिखाना चाहते थे कि वे लेखक से ज्यादा जल्दी एवं व्यवस्थित पैकिंग कर सकते थे ।

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Question 10.
While packing the hamper, George and Harris do a number of foolish and funny things. Tick all the true statements below.
टोकरी की पैकिंग करते समय जॉर्ज और हैरिस कई मूर्खतापूर्ण व हास्यप्रद कार्य करते हैं । सही कथन पर चिह्न लगाएँ ।
(i) They started with breaking a cup.
(ii) They also broke a plate.
(iii) They squashed a tomato.
(iv) They trod on the butter.
(v) They stepped on a banana.
(vi) They put things behind them, and couldn’t find them.
(vii) They stepped on things.
(viii) They packed the pictures at the bottom and put heavy things on top.
(ix) They upset almost everything.
(x). They were very good at packing.
Answer:
(i), (iii), (iv), (vi), (vii), (ix) are the true statements.

II. What does Jerome say was Montmorency’s ambition in life? What do you think of Montmorency and why?(60 words )

मोन्टमोरेन्सी की जीवन में क्या महत्वाकांक्षा थी, इस बारे में जेरोम क्या कहता है ?आप मोन्टमोरेन्सी के बारे में क्या सोचते हो और क्यों ?( 60 शब्दों में)
Answer:
Montmorency’s ambition in life was to get in the way of each and everyone and be cursed or abused. He was their pet dog. He went to such places where he was not particularly wanted and was happy when he was cursed. We think him to be a perfect nuisance. He makes people mad. When the things are thrown at his head, he feels his day has not been wasted. It is natural, original sin that is born in him that makes him do things like that.

मोन्टमोरेन्सी की जीवन में महत्त्वाकांक्षा थी कि वह प्रत्येक के काम में व्यवधान डाले और उसे कोसा जाए या बुरा भला कहा जाये । वह उनका पालतू कुत्ता था । वह ऐसे स्थानों पर जाता था जहाँ उसकी विशेषतः जरूरत नहीं होती थी तथा जब उसे कोसा जाता था तो वह प्रसन्न होता था । हम उसे पूर्ण उपद्रवी मानते हैं । वह लोगों को पागल बना देता है । जब चीजें उसके सिर पर फेंकी जाती हैं तब वह महसूस करता है कि उसका दिन बर्बाद नहीं हुआ है । उसकी स्वाभाविक मौलिक पाप की प्रकृति उसे इस प्रकार हरकतें करने के लिए मजबूर करती है।

III. Discuss in groups and answer the following in two or three paragraphs (in about 60 words)

समूहों में विचार-विमर्श कीजिये तथा निम्नलिखित के उत्तर दो या तीन अनुच्छेदों में (लगभग 60 शब्दों में) दीजिये :

Question 1.
Of the three, Jerome, George and Harris, who do you think is the best or worst packer? Support your answer with details from the text.
जेरोम, जॉर्ज और हैरिस, इन तीनों में आपके विचार में सबसे अच्छा या सबसे घटिया सामान बाँधने वाला कौन है ? अपने उत्तर की पुष्टि पाठ से विस्तारपूर्वक करें ।
Answer:
Out of the three, Harris is the worst packer in this world. But none of them is the perfect packer. While packing the bag, Jerome commits many mistakes. He forgets to pack boots. He gets confused about toothbrush and remembers about his packed spectacles. While packing hampers, Harris packs the strawberry jam on top of a tomato and squashes it. George treads on butter. George and Harris pack the pies at the bottom and put heavy things on top and smash the pies in.

तीनों व्यक्तियों में हॅरिस सबसे खराब पैकिंग करने वाला व्यक्ति है। लेकिन उनमें से कोई भी पैकिंग करने में कुशल व्यक्ति नहीं है। बैग को पैक करते समय जेरोम कई गलतियाँ करता है । वह जूते पैक करना भूल जाता है। वह टूथब्रश को लेकर उलझन में रहता है और फिर अपने पैक किए हुए चश्मे को याद करता है। टोकरियों को पैक करते समय हैरिस एक टमाटर पर स्ट्रॉबेरी जैम को रख देता है तथा उसे कुचल देता है। जार्ज मक्खन पर पैर रख देता है । वे कचौड़ियों को बैग में बिल्कुल नीचे पैक कर देते हैं और उनके ऊपर भारी वस्तुएँ रख देते हैं और इस प्रकार वे कचौड़ियों को अन्दर ही चकनाचूर कर देते हैं ।

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Question 2.
How did Montnorency ‘contribute’ to the packing ?
सामान बाँधने में मोन्टमोरेन्सी ने किस प्रकार ‘योगदान’ दिया ?
Answer:
Montmorency was their pet dog. He came and sat down on things just when Harris and George wanted to pack them. Whenever George and Harris reached for things, Mont- morency offered them his cold and wet nose. He put his leg into the jam. He scattered the teaspoons. He pretended lemons for rats and reached into the hamper to destroy them.

मोन्टमोरेन्सी उनका पालतू कुत्ता था । वह आया और उसी समय वस्तुओं पर बैठ गया जब जॉर्ज व हैरिस उनको पैक करना चाहते थे । जब भी जॉर्ज व हैरिस किसी चीज के लिए हाथ बढ़ाते, मोन्टमोरेन्सी उनकी ओर अपनी ठण्डी व गीली नाक को बढ़ा देता । उसने अपनी एक टाँग जैम (मुरब्बा) में डाल दी । उसने चम्मचों को बिखेर दिया । उसने नींबुओं को चूहे समझने का दिखावा किया और उन्हें खराब करने के लिए टोकरी में पहुँच गया।

Question 3.
Do you find this story funny ? What are the humorous elements in it ? (Pick out at least three, think about what happens, as well as how it is described.)
क्या आपको यह कहानी मनोरंजक लगती है ? इसमें हास्य के तत्व कौन-कौन से हैं ? (कम से कम तीन हास्यास्पद घटनाओं को लीजिए और उनके बारे में विचार कीजिए कि क्या घटित होता है और उसका वर्णन कैसे किया जाता है | )
Answer:
Yes, we find this story very funny. There are many humorous elements in it. Some of them are as follow:
(1) When the author packs the bag, he forgets to put the boots in it. Then he searches for his toothbrush and unpacks everything kept in the bag. Finally, he reopens the bag to take out his spectacles.

(2) George treads on the butter. Then he gets it off his slipper. George and Harris put the butter on a chair and Harris sits on it and the butter sticks to him. Now they look for the butter everywhere in the room.

(3) Montmorency, their pet dog, pretends lemons for the rats and attacks on them. He destroys three lemons out of them.

हाँ, हमें यह कहानी बहुत मनोरंजक लगती है । इस कहानी में कई हास्यप्रद तत्त्व हैं । उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं 3:3
(1) जब लेखक बैग को पैक करता है तो वह बैग में जूतों को रखना भूल जाता है । फिर वह अपनी टूथब्रश तलाश करता है और (उसे ढूँढ़ने के लिए) बैग में रखी हुयी हर चीज को निकालता है । अन्ततः वह अपना चश्मा निकालने के लिए फिर बैग को खोलता है ।

(2) जॉर्ज मक्खन पर पैर रख देता है । फिर वह अपनी चप्पल से उसे छुड़ाता है । जार्ज और हैरिस मक्खन को एक कुर्सी पर रख देते हैं तथा हैरिस उस पर बैठ जाता है और मक्खन उससे चिपक जाता है । अब वे कमरे में हर जगह मक्खन को तलाशते हैं ।

(3) मोन्टमोरेन्सी कुत्ता नींबुओं को चूहे समझने का दिखावा करता है तथा उन पर धावा बोल देता है। वह उनमें से तीन नींबुओं को नष्ट कर देता है।

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Thinking About Language

I. Match the words or phrases in Column ‘A’ with their meanings in Column ‘B’.

स्तम्भ A में दिये गये शब्दों / वाक्यांशों को स्तम्भ B में दिये गये उनके अर्थों से मिलाइये

 A B
1. slaving (i) a quarrel on an argument
2. chaos (ii) remove something from inside another thing using a sharp tool.
3. rummage (iii) strange, mysterious, difficult to explain
4. scrape out (iv) finish successfully, achieve.
5. stumble over, tumble into (v) search for something by moving things around hurriedly or carelessly.
6. accomplish (vi) complete confusion and disorder.
7. uncanny (vii) fall, or step awkwardly while walking.
8. (to have or get into) a row (viii) working hard.

Answer:
1. slaving: (viii) working hard
2. chaos: (vi) complete confusion and disorder
3. rummage : (v) search for something by moving things around hurriedly or carelessly
4. scrape out: (ii) remove something from inside another thing using a sharp tool
5. stumble over, tumble into: (vii) fall or step awkwardly while walking
6. accomplish : (iv) finish successfully, achieve
7. uncanny : (iii) strange, mysterious, difficult to explain
8. (to have or get into) a row: (i) a quarrel on an argument

II. Use suitable words or phrases from column A above to complete the paragraph given below :

ऊपर दिये गये स्तम्भ A से उचित शब्द या वाक्यांश चुनकर नीचे दिये गये अनुच्छेद को पूरा कीजिए:

During power cuts, when traffic lights go off, there is utter ____________ at cross roads.  Drivers add to the confusion by ____________ over their right of way, and nearly come to blows. Sometimes passers-by, seeing a few policemen ____________ at regulating traffic, step in to help. This gives them a feeling of having something.
Answer:
During power cuts, when traffic lights go off, there is utter chaos at cross roads. Drivers add to the confusion by getting into a row over their right of way, and nearly come to blows. Sometimes passers-by, seeing a few policemen slaving at regulating traffic, step in to help. This gives them a feeling of having accomplished something.

III. Look at the sentences below. Notice that the verbs (underlined) are all in their bare form.

निम्नलिखित वाक्यों को ध्यान से देखिये । ध्यान दीजिए कि रेखांकित क्रियाएँ अपने मूल रूप में हैं।

• Simple commands सामान्य आदेश – Stand up! – Put it here!

Direction: (to reach your home.) दिशा – (आपके घर पहुँचने के लिए)
Board Bus No. 121 and get down at Sagar Restaurant. From there turn right and walk till you reach a book shop. My home is just behind the shop.

• Dos and don’ts : करणीय व अकरणीय (करने वाली चीजें और न करने वाली )

  • Always get up for your elders.
  • Don’t shout in class.

• Instructions for making a fruit salad : फलों की सलाद बनाने के लिए निर्देश:Ingredients (संघटक)

Oranges – 2. Pine apple – one large piece, Cherries 250 grams, Bananas – 2, Any other fruit you like.
Wash the fruit. Cut them into small pieces. Mix them well. Add a few drops of lime juice. Add sugar to taste. Now add some cream (or ice cream if you wish to make fruit salad with ice cream.)

1. Now work in pairs. Give
(i) two commands to your partner.
(ii) two do’s and don’ts to a new student in your class.
(iii) directions to get to each other’s houses.
(iv) Instructions for moving the body in an exercise or a dance, or for cooking something.
Answer:
(i) Put your books in your bag. Write your name on your notebook.

(ii) Dos: (a) Always come to school in uniform. (b) Behave properly.
Don’ts: (a) Do not make a noise. (b) Never come late.

(iii) Get a taxi and get down at the post office. Walk in the by-lane till you reach a green building. My house is next to the green building.

(iv) Instructions for an exercise.
Stand erect. Join your heels. Open your toes apart. Raise your arms above your head. Bend your knees slowly. Pause till you count five. Rise again till your legs are straight. Lower your arms slowly to your sides. Repeat the exercise eight times.

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2. The table below has some proverbs telling you what to do and what not to do. Fill in the blanks and add a few more such proverbs to the table.

नीचे कुछ लोकोक्तियाँ दी गई हैं जो आपको करणीय व अकरणीय (करने और न करने वाले) कार्यों को बताती हैं । रिक्त स्थानों को भरिये और कुछ लोकोक्तियाँ अपनी ओर से जोड़िये ।

Positive Negative
(i) Save for a rainy day.
(ii) Make hay while the sun shines.
(iii) ………. before you leap.
(iv) ………. and let live.
(i) Don’t cry over split milk.
(ii) Don’t put the cart before the horse.
(iii) ……. a mountain out of a mole hill.
(iv) ……… all your eggs in one basket.

Answer:

Positive Negative
Look before you leap.
Live and let live.
try, try again.
Think before you speak.
Mind your own business.
Don‘t make a mountain out of a mole hill.
Don‘t put all your eggs in one basket.
Never put off till tomorrow what you can do today.
Don’t build castles in the air.
Don‘t poke your nose Into others’ affairs.


Writing

You have seen how Jerome, George and Harris mess up their packing, especially of the hamper. From their mistakes you must have thought of some dos and don’ts for packing. Can you give some tips for packing by completing the paragraph below? First pack all the heavy items, especially the ones you don’t need right away. Then Here are some words and phrases you can use to begin your sentences with:
JAC Class 9 English Solutions Beehive Chapter 7 Packing 1
Answer:
First, pack all the heavy items, especially the ones you don’t need right away. Next pack lighter items that you might need. Don’t forget to pack things that are essential. Remember to pack butter, vegetables and jam at the top. Finally check that nothing has. been left out which is supposed to be packed. Then close the bag and strap it.

Speaking:

Look at this sentence. इस वाक्य को देखिये ।
“I told George and Harris that they had better leave the whole matter entirely to me”.
The words had better are used (had better का प्रयोग होता है )

in an advice or suggestion : सलाह या सुझाव देने में-
You had better take your umbrella. It looks like rain.

in an order : आदेश देने में
You had better complete your homework before you go out to play.

as a threat : धमकी के रूप में
You had better leave or I’ll have you arrested for trespass!
When we speak we say you’ d/I’ d/he’d better, instead of you had better, etc.

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Work in pairs to give each other advice, orders or suggestions or even to threaten each other. Imagine situations like the following: Your partner

1. hasn’t returned a book to the library.
2. has forgotten to bring lunch.
3. hasn’t got enough change for the bus fare.
4. has found out a secret about you.
5. has misplaced your English textbook.
Answer:
1. You had better return the book to the library or they will fine you five rupees a day.
2. You had better bring your lunch, there is no canteen here.
3. You had better get enough change for the bus fare, the conductor will not give you a ticket.
4. You had better keep quiet or I’ll have you vacated my house.
5. You had better return the book to the library, someone might be in need of it.
Activity : छात्र स्वयं करें ।

JAC Class 9 English Packing Important Questions and Answers

Short Answer Type Questions

Answer the following questions in about 30 words each:

निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए :

Question 1.
What did the author do to tease Harris and George ?
हैरिस और जार्ज को चिढ़ाने हेतु लेखक ने कौन – सा कदम उठाया ?
Answer:
Harris had started making mistakes while George trod on the butter which stuck to his slipper. To tease them on their mistakes, the author spoke nothing but he simply sat on the edge of a table watching them.

हैरिस ने गलतियाँ करना प्रारम्भ कर दिया था और जार्ज ने मक्खन को पैर से कुचल दिया था जो कि उसके पैरों के स्लिपर से चिपक गया। उनकी गलतियों पर उन्हें चिढ़ाने के लिए लेखक ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की अर्थात् वह कुछ नहीं बोला बल्कि वह सिर्फ मेज के एक किनारे बैठकर उन्हें देखता रहा ।

Question 2.
Why was the author irritated by George’s laugh ?
जार्ज की हँसी से लेखक को क्यों चिढ़ हुई ?
Answer:
The author committed a mistake. He had forgotten to keep the boots in the bag. He was upset when George laughed at his mistake. It was natural for the author to get irritated by George’s stupid loud laugh.

लेखक ने एक गलती कर दी थी । वह बैग में जूते रखना भूल गया था । वह परेशान था जब जार्ज उसकी गलती पर हँसा । जार्ज की मूर्खतापूर्ण जोर की हँसी से लेखक का चिढ़ जाना स्वाभाविक ही था।

Question 3.
What did both Harris and George do with the butter ?
हैरिस और जार्ज दोनों ने मक्खन के साथ कौन-सी हरकत की ?
Or
Describe the most interesting incident of the lesson.
इस पाठ की सबसे रोचक घटना का वर्णन करें।
Answer:
George first trod on the butter which stuck to his slipper. Then somehow he got it off and kept it on a chair. Harris unknowingly sat on the chair. The butter got stuck to him. It is the most interesting incident of this lesson.

पहले तो जार्ज ने स्लिपर पहनकर मक्खन को पैरों से कुचला जो उसके स्लिपर से चिपक गया । फिर किसी तरह खुरचकर उसने मक्खन को एक कुर्सी पर रखा । हैरिस अनजाने में ही आकर उस कुर्सी पर बैठ गया। और मक्खन उससे चिपक गया । यह इस पाठ की सबसे रोचक घटना है।

Question 4.
Who is Montmorency and how does it rouse your curiosity ?
मोन्टमोरेन्सी कौन है और किस प्रकार आपकी उत्सुकता जगाता है ?
Answer:
Montmorency is a dog. He appears in the story at the end of the packing. He disturbs the working way of others and damages many things.

मोन्टमोरेन्सी एक कुत्ता है । कहानी में पैकिंग के कार्य की समाप्ति पर इसका प्रवेश होता है। यह दूसरे लोगों के काम करने के तरीकों को बाधित करता है और अनेक चीजों को क्षति पहुँचाता है ।

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Question 5.
Who packed the things in two baskets ? Enumerate the things that were put in them. दोनों टोकरियों में सामान किसने पैक किया ? इनमें कौन-कौन सी चीजें रखी गयीं ?
Answer:
George and Harris packed things in the baskets. They put items in the baskets like cups, plates, kettles, jars, stoves and frying pan besides jam, butter, cakes, tomatoes etc.

जार्ज और हैरिस ने टोकरियों में सामान पैक किया। उन्होंने टोकरियों में कप, प्लेट, केतलियाँ, मर्तबान, स्टोव, तवा या कड़ाही, जैम, मक्खन, केक, टमाटर आदि वस्तुऐं रखीं।

Question 6.
Why does the author pride himself on his packing ?
लेखक को अपने पैकिंग कार्य पर गर्व क्यों करता है ?
Answer:
The author prides himself on his packing skills because he thinks himself to be the best packer in the world. He says that packing is the thing that he knows more about than any other person living

लेखक अपने पैकिंग कार्य पर गर्व करता है क्योंकि वह स्वयं को संसार का सर्वश्रेष्ठ पैकर मानता है । वह कहता है कि पैकिंग एक ऐसा कार्य है जिसके बारे में वह किसी भी अन्य जीवित व्यक्ति से ज्यादा जानता है

Question 7.
How did George and Harris start packing ?
जॉर्ज और हैरिस ने पैकिंग का कार्य कैसे शुरू किया ?
Answer:
They started packing with breaking a cup. Then Harris packed the strawberry jam on the top of a tomato. The tomato was squashed completely due to it. George trod on the butter with his slippers on.

उन्होंने एक कप (प्याले ) को तोड़कर पैकिंग की शुरूआत की। फिर हैरिस ने टमाटर के ऊपर एक स्ट्राबेरी के मुरब्बे को रखा। इससे टमाटर बुरी तरह कुचल गया। जार्ज अपनी चप्पल पहनकर मक्खन पर चला या उसे कुचल

Question 8.
What did Montmorency do with lemons ?
मॉन्टमोरेन्सी ने नींबुओं का क्या किया ?
Answer:
Montmorency pretended that the lemons were rats. So he got into the hamper and killed three of them. It means he destroyed three lemons before Harris could land him with the frying pan.

मॉन्टमारेन्सी ने यह दिखावा किया (यह कल्पना की ) कि नींबू चूहे हैं। इसलिए वह टोकरी में घुस गया। इससे पहले कि हैरिस तवे या कड़ाही से पीटकर उसे जमीन पर पटके, उसने उनमें से तीन को मार दिया अर्थात् उसने तीन नींबूओं को नष्ट कर दिया।

Long Answer Type Questions

Answer the following questions in about 60 words each:

निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए :

Question 1.
Write a brief summary of the lesson.
इस पाठ का सारांश संक्षेप में लिखिए ।
Answer:
The narrator and his friends, George and Harris assembled for packing things which were to be taken on journey. Taking himself to be an expert in packing the items, the narrator started packing the things in the bag. He unpacked and repacked the bag thrice. Then his friends took up the work of packing by filling the baskets. They broke one cup and smashed the butter. Their packing was over after midnight.

कथाकार अपने दो मित्रों, जार्ज और हैरिस के साथ यात्रा पर साथ ले जाने वाले सामानों की पैकिंग के लिए एकत्र हुआ । वर्णनकर्त्ता ने स्वयं को पैकिंग का विशेषज्ञ मानकर बैग के अन्दर सामान भरना शुरू किया । उसने तीन बार बैग खोला और पुनः पैक किया । फिर उसके मित्रों ने पैकिंग का काम टोकरियाँ भरकर शुरू किया । उन्होंने एक कप तोड़ा और मक्खन को रौंदकर कुचल दिया । आधी रात के बाद उनकी पैकिंग पूरी हुई

Question 2.
According to the narrator he was an expert in packing. Do you agree with it ?
वर्णनकर्त्ता के अनुसार, वह पैकिंग का विशेषज्ञ था । क्या आप इससे सहमत हैं ?
Answer:
The narrator was not an expert in packing. It can be said after seeing his performance. He might have some superficial idea of this job. In the first instance, he forgot to put the boots in the bag and strapped it hastily. Secondly, he was much confused about his own toothbrush whether it was packed or not. Thirdly, he packed his spectacles in the bag wrongly. Thus he had to pack the items thrice.

वर्णनकर्त्ता को पैकिंग का कुछ विशेष ज्ञान अथवा अनुभव नहीं था । यह उसके कार्य को देखकर कहा जा सकता है । उसे इस कार्य का ऊपरी तौर पर कुछ ज्ञान भले हो । सबसे पहले तो वह बैग में जूते रखना ही भूल गया और उसने जल्दी से बैग को बाँध दिया । दूसरे, उसने टूथब्रश रखा कि नहीं – यह उलझन उसे बहुत परेशान करती रही। तीसरी बार उसने अपने चश्मे को ही बैग में भूल से बन्द कर दिया । इस तरह उसे तीन बार सामानों की पैकिंग करनी पड़ी ।

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Question 3.
What is peculiar about the narrator’s toothbrush ?
वर्णनकर्त्ता के टूथब्रश के बारे में कौन-सी बात विचित्र लगती है ?
Answer:
The toothbrush had always been a confusing item for the narrator on his journeys. He always remained in doubts whether he had placed his toothbrush in the bag or not at its proper place. Such an idea often disturbed his sleep. He had to wake up and search for it. On several occasions he could find it just at the last moment when the train was about to come. And then he wrapped it up in his handker- chief and carried to the railway station.

यात्राओं में वर्णनकर्त्ता के लिए टूथब्रश सदा ही उलझाने और परेशान करने का कारण बना रहता था । उसके मस्तिष्क में यह सन्देह सदैव बना रहता कि बैग में सही जगह पर टूथब्रश रखा या नहीं। यहाँ तक कि इस प्रकार का विचार अक्सर उसे नींद में परेशान करता । वह उठकर उसे खोजने लगता । बहुत बार तो ऐसा होता कि टूथब्रश को अन्तिम क्षण में ही ढूँढ पाता जब ट्रेन के आने का समय हो जाता। और तब वह उसे अपने रूमाल में ही लपेटकर स्टेशन भागता था ।

Question 4.
How did the author pack the bag ? Describe.
लेखक ने बैग किस प्रकार पैक किया ? वर्णन कीजिये ।
Answer:
The author’s description of the bag packing scene was quite humorous. In the begin- ning he had forgotten to keep his boots in it. So he unpacked and packed the bag. Now he thought that he had forgotten to put his toothbrush inside. So he unpacked the bag once again. After this, the author remembered that he had packed his spectacles in- side. So he unpacked and packed the bag once again.

लेखक के बैग को पैक करने का दृश्य बहुत हास्यास्पद था। शुरूआत में वह उसमें अपने जूते रखना भूल गया था । इसलिए उसने बैग को पुनः खोला और बंद किया । अब उसे लगा कि वह अपनी टूथब्रश अन्दर रखना भूल गया । इसलिए उसने एक बार फिर बैग खोला और बंद किया । इसके बाद लेखक को याद आया कि उसने अपना चश्मा अन्दर ही पैक कर दिया। अतः उसने एक बार फिर बैग खोला और बन्द किया ।

Seen Passages

Read the following passages carefully and answer the questions given below them :

निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़िये तथा उनके नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिये :

Passage – 1.

I rather pride myself on my packing. Packing is one of those many things that I feel I know more about than any other person living. (It surprises me myself, sometimes, how many such things there are.) I impressed the fact upon George and Harris and told them that they had better leave the whole matter entirely to me. They fell into the suggestion with a readiness that had something uncanny about it. George spread himself over the easy-chair, and Harris cocked his legs on the table.

This was hardly what I intended. What I had meant, of course, was, that I should boss the job, and that Harris and George should potter about under my directions, I pushing them aside every now and then with, “Oh, you!” “Here, let me do it”. “There you are, simple enough !” – really teaching them, as you might say. Their taking it in the way they did irritated me. There is nothing does irritate me more than seeing other people sitting about doing nothing when I’m working.

I lived with a man once who used to make me mad that way. He would loll on the sofa and watch me doing things by the hour together. He said it did him real good to look on at me, messing about. Now, I’m not like that. I can’t sit still and see another man slaving and working. I want to get up and superintend, and walk round with my hands in my pockets, and tell him what to do. It is my energetic nature. I can’t help it.

JAC Class 9 English Solutions Beehive Chapter 7 Packing

1. What irritates the author more than anything?
लेखक को कौन-सी बात किसी अन्य बात से ज्यादा चिढ़ाती है ?

2. What kind of nature does the author possess?
लेखक का स्वभाव किस प्रकार का है ?

3. Why does the author pride himself on packing?
लेखक को अपने पैकिंग के काम पर गर्व क्यों है ?

4. What did the author tell George and Harris ?
लेखक ने जार्ज और हैरिस से क्या कहा ?

5. What did George and Harris do after the author’s suggestion?
लेखक के प्रस्ताव के पश्चात् जॉर्ज और हैरिस ने क्या किया ?

6. What did the author really mean when he said he would pack?
जब लेखक ने कहा कि वह पैकिंग करेगा तो उस समय उसके कहने का वास्तविक तात्पर्य क्या था ?

7. What was the habit of the man with whom the author lived once?
उस व्यक्ति का स्वभाव कैसा था जिसके साथ लेखक एक बार रहा था ?

8. What did the author want to do when somebody was working hard?
जब कोई कठोर परिश्रम कर रहा होता था तो लेखक क्या करना चाहता था ?

9. Pick out the word from the passage which is the antonym of ‘worse’.

10. Find from the passage the word which means: ‘strange’
Answer:
1. When the author sees other people sitting about doing nothing when he is working, it irritates him more than anything.
जब लेखक स्वयं काम कर रहा होता है तथा अन्य लोगों को कुछ भी करते हुए नहीं देखता है तो यह बात लेखक को अन्य किसी भी बात से ज्यादा चिढ़ाती है ।

2. The author possesses energetic nature.
लेखक का स्वभाव ऊर्जस्वी है ।

3. The author thinks that he knows more about packing than any other living person. So he prides himself on packing.
लेखक समझता है कि वह पैकिंग के बारे में किसी भी अन्य जीवित व्यक्ति से ज्यादा जानता है । इसलिए उसे अपने पैकिंग के काम पर गर्व है ।

4. The author told George and Harris that they should leave the packing entirely to him.
लेखक ने जॉर्ज और हैरिस से कहा कि वे पैकिंग का काम पूरी तरह से उस पर छोड़ दें ।

5. George spread himself over the easy-chair and Harris cocked his legs on the table.
ने आराम-कुर्सी पर पसर गया ( फैलकर लेट गया) तथा हैरिस ने अपनी टाँगें मेज पर रख लीं।

6. The author really meant that he would boss the job of packing and George and Harris would potter about under his directions.
लेखक के कहने का वास्तविक तात्पर्य यह था कि वह पैकिंग के कार्य का नियन्त्रण करेगा तथा जॉर्ज व हैरिस उसके निर्देशानुसार कार्य करते रहेंगे ।

7. That man would loll on the sofa and watch the author doing things by the hour together.
वह व्यक्ति सोफे पर लेट जाता था और लेखक को घण्टों तक कार्य करते हुए देखता रहता था ।

8. The author wanted to get up and superintend and walk round with his hands in his pockets, and tell them what to do.
लेखक खड़ा होकर पर्यवेक्षण करना चाहता था और वह अपनी जेबों में हाथ डालकर घूमता रहना तथा उनको बताते रहना चाहता था कि क्या करना था ।

9. better

10. uncanny

JAC Class 9 English Solutions Beehive Chapter 7 Packing

Passage – 2.

When I had finished, George asked if the soap was in. I said I didn’t care a hang whether the soap was in or whether it wasn’t, and I slammed the bag shut and strapped it, and found that I had packed my spectacles in it, and had to re-open it. It got shut up finally at 10:05 p.m., and then there remained the hampers to do. Harris said that we should be wanting to start in less than twelve hours’ time and thought that he and George had better do the rest; and I agreed and sat down, and they had a go.

They began in a light-hearted spirit, evidently intending to show me how to do it. I made no comment; I only waited. With the exception of George, Harris is the worst packer in this world; and I looked at the piles of plates and cups, and kettles, and bottles, and jars, and pies, and stoves, and cakes, and tomatoes etc., and felt that the thing would soon become exciting. I did. They started with breaking a cup.

That was the first thing they did. They did that just to show you what they could do, and to get you interested. Then Harris packed the strawberry jam on top of a tomato and squashed it, and they had to pick out the tomato with a teaspoon. And then it was George’s turn, and he trod on the butter. I didn’t say anything, but I came over and sat on the edge of the table and watched them.

1. How did Harris squash a tomato ?
हैरिस ने एक टमाटर को किस प्रकार कुचल दिया ?

2. Who trod on the butter ?
मक्खन पर किसने पैर रख दिया ?

3. How did the author react to their funny and foolish acts?
उनके हास्यप्रद व मूर्खतापूर्ण कार्यों पर लेखक ने किस प्रकार प्रतिक्रिया की

4. When did the bag finally get shut up?
बैग अन्तिम तौर पर कब बन्द हुआ

5. Who started packing the hampers?
टोकरियों को पैक करने का काम किसने शुरू किया ?

6. How did George and Harris begin their work?
जॉर्ज और हैरिस ने अपना काम कैसे शुरू किया ?

7. Who, according to the author, is the worst packer in this world?
लेखक के अनुसार इस संसार में सबसे खराब तरीके से सामान को पैक करने वाला कौन है?

8. What was the first thing that George and Harris did while packing?
पैकिंग करते समय वह पहली चीज़ क्या थी जो जॉर्ज व हैरिस ने की ?

9. Pick out the word from the passage which is the antonym of – ‘best’

10. Find from the passage the word which means: ‘stepped on’
Answer:
1. Harris packed the strawberry jam on top of a tomato and squashed it.
हैरिस ने एक टमाटर के ऊपर स्ट्रॉबेरी जाम रख दिया और इसे कुचल दिया ।

2. George trod on the butter.
जॉर्ज ने मक्खन पर पैर रख दिया ।

3. The author did not say anything and sat on the edge of the table and watched them.
लेखक ने कुछ नहीं कहा और वह मेज के किनारे पर बैठ गया और उन पर नजर रखी।

4. The bag got shut up finally at 10:05p.m.
बैग अन्तिम तौर पर रात को 10 बजकर 5 मिनिट पर बन्द हुआ ।

5. George and Harris started packing the hampers.
जॉर्ज और हैरिस ने टोकरियों को पैक करने का काम शुरू किया ।

6. George and Harris began their work in a light-hearted spirit.
जॉर्ज और हैरिस ने प्रसन्नचित्त भाव से अपना काम शुरू किया ।

7. According to the author, with the exception of George, Harris is the worst packer in this world.
लेखक के अनुसार, जॉर्ज के अपवाद को छोड़कर, हैरिस इस संसार में सबसे खराब तरीके से सामान को पैक करने वाला व्यक्ति है ।

8. They started with the breaking of a cup.
उन्होंने एक कप तोड़ने से इसे शुरू किया।

9. worst

10. trod on.

JAC Class 9 English Solutions Beehive Chapter 7 Packing

Passage – 3.

Montmorency was in it all, of course. Montmorency’s ambition in life is to get in the way and be sworn at. If he can squirm in anywhere where he particularly is not wanted, and be a perfect nuisance, and make people mad, and have things thrown at his head, then he feels his day has not been wasted.To get somebody to stumble over him, and curse him steadily for an hour, is his highest aim and object; and, when he has succeeded in accomplishing this, his conceit becomes quite unbearable.

He came and sat down on things, just when they were wanted to be packed; and he laboured under the fixed belief that, whenever Harris or George reached out their hand for anything, it was his cold damp nose that they wanted. He put his leg into the jam, and he worried the teaspoons, and he pretended that the lemons were rats, and got into the hamper and killed three of them before Harris could land him with the frying-pan. Harris said I encouraged him. I didn’t encourage him.

A dog like that doesn’t want any encouragement. It’s the natural, original sin that is born in him that makes him do things like that. The packing was done at 12:50, and Harris sat on the big hamper, and said he hoped nothing would be found broken. George said that if anything was broken it was broken, which reflection seemed to comfort him.

1. What is Montmorency’s ambition in life ?
मोन्टमोरेन्सी के जीवन की महत्त्वाकांक्षा क्या है ?

2. What is Montmorency’s highest aim and object ?
मोन्टमोरेन्सी का सर्वोच्च लक्ष्य व उद्देश्य क्या रहता है ?

3. Where did Montmorency sit down ?
मोन्टमोरेन्सी कहाँ बैठ गया ?

4. Who was Montmorency ?
मोन्टमोरेन्सी कौन था ?

5. Who came and sat down on the things ?
कौन आया व चीज़ों पर बैठ गया ?

6. How did the dog spoil the jam ?
कुत्ते ने मुरब्बे को किस प्रकार से खराब कर दिया ?

7. When was the packing finished ?
पैकिंग कब समाप्त हुई ?

8. When does Montmorency’s conceit become quite unbearable ?
मोन्टमोरेन्सी का अहंकार कब बिल्कुल असहनीय हो जाता है ?

9. Find from the passage the word which is the opposite of – ‘discourage’

10. Find from the passage the words which mean : ‘get scolded’
Answer:
1. Montmorency’s ambition in life is to get in the way and be cursed or scolded.
मोन्टमोरेन्सी के जीवन की महत्त्वाकांक्षा है कि वह काम में व्यवधान डाले और उसे कोसा जाये।

2. Montmorency’s highest aim and object is to get somebody to stumble over him and curse him steadily for an hour.
मोन्टमोरेन्सी का सर्वोच्च लक्ष्य यह रहता है कि कोई उससे ठोकर खाकर गिरे और लगातार एक घण्टे तक उसे कोसता रहे ।

3. Montmorency sat down on the things which were wanted to be packed.
मोन्टमोरेन्सी उन वस्तुओं पर बैठ गया जिन्हें पैक किया जाना था ।

4. Montmorency was a dog.
मोन्टमोरेन्सी एक कुत्ता था ।

5. The dog, Montmorency came and sat down on the things.
कुत्ता मोन्टमोरेन्सी आया व चीजों पर बैठ गया ।

6. By putting his leg into the jam, the dog spoiled it.
मुरब्बे में पैर रखकर कुत्ते ने इसे खराब कर दिया ।

7. The packing was finished at 12:50.
पैंकिंग 12:50 पर समाप्त हुई ।

JAC Class 9 English Solutions Beehive Chapter 7 Packing

8. When Montmorency succeeds in accomplishing his aim, his conceit becomes quite unbearable.
जब मोन्टमोरेन्सी अपने लक्ष्य को पूरा करने में सफल हो जाता है तब उसका अहंकार बिल्कुल असहनीय हो जाता है ।

9. encourage

10. be sworn at

Packing Summary and Translation in Hindi

About The Lesson

यह हास्यास्पद कहानी उन तीन मित्रों की है जो यात्रा पर जाने से पूर्व सामान को पैक करते हैं । पहले वर्णनकर्ता सामान पैक करता है पैकिंग करने में वह कई बार आवश्यक वस्तुओं को पैक करना भूल जाता है तो कभी उन चीजों को पैक करता है जिन्हें पैक नहीं करना चाहिए । फिर उसके दो मित्र गलत तरीके से पैकिंग प्रारंभ करते हैं और इसी बीच उनका कुत्ता मोंटी उनके कार्य करने में दखल देता है । पूरी कहानी हास्य (विनोद) से भरी है|

Who is who in the lesson

1. Jerome K. Jerome : The narrator who considers himself to be the world’s best packer.
जेरोम के. जेरोम : यह वर्णनकर्ता का नाम है जो खुद को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ सामान पैक करने वाला मानता है।

2. Harris : A friend to Jerome He was extremely relaxed when Jerome offered him to do the packing.
हैरिस : जेरोम का मित्र करने का प्रस्ताव रखा।
वह जो पूर्ण रूप से आराम की स्थिति में था जब जेरोम ने उसके समक्ष सामान पैक

3. George : Another friend of Jerome- He also enjoyed seeing Jerome do all the work.
जॉर्ज : जेरोम का दूसरा मित्र – वह उसे काम करते देख आनन्दित होता था ।

4. Montmorency: Pet dog of Jerome.
मोंटमारेन्सी (उर्फ मोन्टी) : जेरोम का पालतू कुत्ता।

JAC Class 9 English Solutions Beehive Chapter 7 Packing

Before You Read
(पढ़ने से पूर्व )

  • क्या आप यात्राओं पर जाना पसन्द करते हैं ? आप किस प्रकार की यात्राओं का सर्वाधिक आनन्द लेते हैं ?
  • यात्रा के लिए पैकिंग करते समय आप कैसा अनुभव करते हैं ?
  • क्या किसी यात्रा पर जाते समय आपको कभी ऐसा लगा है कि आप ऐसी कुछ चीजें भूल आये हैं जिनकी आपको बहुत अधिक आवश्यकता है या वे चीजें आपको आसानी से नहीं मिल पाती हैं ?
  • क्या इस बात पर आपकों गुस्सा आता है या यह बात आपको स्वयं पर हँसाती है ?
  • लेखक और उसके मित्र किस प्रकार सामान पैक करते हैं, यह जानने के लिए इस विवरण को पढ़िये।

Word-Meanings and Hindi Translation

1. I said I’d pack …………….. lit a cigar. (Page 82)

Word Meanings : rather (रादॅर) = quite, to some extent, काफी, किसी हद तक । pride myself on = am proud of myself, मुझे स्वयं पर गर्व है। packing (पैकिंग् ) = पैक करना, सामान बाँधना । living (लिविंग्) one who is alive, जीवित | surprises (सॅप्राइज़िज़) = wonders, चकित करता है । impressed (इम्प्रेस्ट) made someone feel, मन में बैठा दी । fact (फैक्ट्) = something that you know is true, तथ्य, वास्तविकता । had better leave = it would be better if they leave the work of packing to me, (मुझ पर ) छोड़ दें तो ज्यादा अच्छा है |whole (होल् ) = complete, सम्पूर्ण, सारा ।

matter ( मैटर्) = a subject or situation, मामला, बात entirely (इन्टाइअर्लि) = completely, पूर्णत:, पूरी तरह से | fell into (फैल् इन्दु) = accepted, स्वीकार कर लिया । suggestion ( सजेश्वन ) = an idea that somebody mentions, सुझाव | readiness (रेडिनस् ) state of being prepared, तत्परता, मुस्तैदी । uncanny (अन्कैनि) = strange, weird, विचित्र, रहस्यमय । spread (स्प्रैड्) = sat easily, (यहाँ) सहजता से बैठ गया easy-chair (ईज़ी-चेयर् ) = an easy chair with arms, आराम-कुर्सी । cocked (कॉक्ट) = raised the legs and kept, उठाकर ऊपर रख लीं ।

हिन्दी अनुवाद मैंने कहा कि ( सामान) मैं पैक कर लूँगा । किसी हद तक मैं अपनी पैकिंग अर्थात सामान पैक करने के ढंग पर गर्व का अनुभव करता हूँ । मेरे उन अनेक कार्यों में पैकिंग एक ऐसा काम है जिसमें मैं स्वयं को किसी भी अन्य जीवित व्यक्ति से अधिक कुशल मानता हूँ ( यह बात स्वयं मुझे कभी-कभी चकित करती है कि ऐसी कितनी चीजें हैं जिनके बारे मैं किसी अन्य से अधिक जानता हूँ ।) । मैंने जॉर्ज और हैरिस के मन में यह बात बैठा दी और उनसे कह दिया कि इस सारे काम को वे पूर्णतः मुझ पर छोड़ दें तो ज्यादा अच्छा है । उन्होंने इस सुझाव को इतनी तत्परता से मान लिया कि इससे ( मुझे) कुछ विचित्र – सा लगा । जार्ज स्वयं एक आराम कुर्सी पर सहजता से बैठ गया और हैरिस ने भी अपनी टाँगों को मेज पर रख लिया।

2. This was hardly ……… I’m working. (Pages 82-83)

Word Meanings: hardly (हाड्लि) = not really, बिल्कुल नहीं । intended (इन्टेण्डिड्) = had a plan, इरादा था । what I had meant = which was my plan, जो मेरा मतलब था । of course ( ऑव् कोर्स्) = naturally, ` वास्तव में । boss (बॉस्) = to give orders to someone, रौब जमाना, नियंत्रण करना । potter about (पॉटर् अबाउट्) = do some unimportant things, छोटे-मोटे काम करना । directions ( डिरेक्शन्ज़) = instructions निर्देशन । pushing (पुशिंग्) = dashing, धक्का देते हुए | aside (असाइड् ) = to one side, एक ओर, दूर। every now and then = again and again, बार-बार | enough (इनफॅ) = sufficient, पर्याप्त, काफी । their taking it in the way = their accepting my proposal in this way, मेरी बात को उनके द्वारा इस रूप में लेना । irritated (इरिटेटिड् ) = made angry, चिढ़ा दिया ।

हिन्दी अनुवाद – यह बिल्कुल वैसा नहीं था जैसा, मेरा इरादा था । वास्तव में मेरा आशय यह था कि मैं इस काम पर नियंत्रण रखूँ या रौब जमाऊँ तथा हैरिस एवं जॉर्ज मेरे निर्देशन में छोटे-मोटे काम क मैं उन्हें बार- बार एक ओर धक्का देते हुए और “अरे ! तुम !”, “यहाँ, इस काम को मुझे करने दो ।” “समझें, कितना आसान है !” आदि कहते हुए उन्हें वास्तव में सिखाता रहूँ जैसा कि आप कह सकते हैं। मेरी इस बात को उनके द्वारा इस रूप में लेने से अर्थात् जैसा उन्होंने किया उसने तो मुझे चिढ़ा दिया था । दूसरे लोगों को कुछ न करते हुए देखकर मुझे अपेक्षाकृत तब ज्यादा चिढ़ हो जाती है जब मैं काम कर रहा होता हूँ।

JAC Class 9 English Solutions Beehive Chapter 7 Packing

3. I lived with a man…………… I can’t help it. (Page 83)

Meanings:mad ( मैड् ) = insane, पागल । loll (लॉल् ) = lie lazily, लेटे या पड़े रहना । watch (वॉच्) = to see, देखना | doing things = working, काम करते हुए । by the hour together = घंटों तक । it did him real good = he felt happy to see me like this, यह उसको बड़ा अच्छा लगता था । messing about (मैसिंग् अबाउट्) = to spend time doing things unuseful, समय गँवाना, इधर-उधर के काम करना । sit still (सिट् स्टिल् ) = sitting quietly, निश्चल बैठे रहना | slaving (स्लेविंग् ) = working hard like a slave, कठोर परिश्रम करते हुए, काम में पिसते हुए | superintend ( स्यूपरिन्टेण्ड् ) = supervise, देख-रेख करना, पर्यवेक्षण करना । energetic (एनॅजेटिक् ) = full of energy, ऊर्जस्वी, कर्मठ । nature (नेचर् ) = qualities or character of a person, स्वभाव। help (हेल्प्) = avoid, बचना, टालना ।

हिन्दी अनुवाद – एक बार मैं एक ऐसे आदमी के साथ रहता था जो मुझे काम में इसी तरह पागल बना दिया करता था। वह सोफा पर लेट जाता था और घंटों तक मुझे काम करते हुए देखा करता था । वह कहता था कि मुझे इधर-उधर के काम करते हुए देखकर उसको बड़ा अच्छा लगता था । अब मैं वैसा नहीं हूँ । मैं दूसरे व्यक्ति को कठिन परिश्रम करते हुए और काम करते हुए देखकर शांत नहीं बैठ सकता। मैं खड़ा होना चाहता हूँ और पर्यवेक्षण ( देख-रेख ) करना चाहता हूँ, मैं अपनी जेबों में हाथ डालकर घूमता रहूँ और उसको यह बताता रहूँ कि क्या करना है । यह मेरा कर्मठ स्वभाव है। ऐसा किये बिना मैं नहीं रह सकता ।

4. However, I did not ………… make me so wild. (Page 83)

Meanings : however (हाउएवर्) फिर भी । anything ( एनिथिंग् ) = कुछ भी । started (स्टाटिड्) = प्रारम्भ कर दिया । seemed ( सीम्ड् ) = प्रतीत हुआ | longer job = task which took a long time, ज्यादा बड़ा काम | ain’t (एन्ट् ) = are not strapped ( स्ट्रेप्ट्) फी बाँध दिये । round (राउण्ड) सभी ओर । had forgotten (हैड फ़रगॉटन) = भूल चुका था । irritating (इरिटेटिंग् ) = annoying, चिढ़ाने वाली । senseless (सेन्सलिस्) = having no purpose, निरर्थक, (यहाँ ) मूर्खतापूर्ण । laughs (लाफ्स्) = हँसी | wild (वाइल्ड्) = mad, पागल, क्रोधोन्मत्त ।

हिन्दी अनुवाद – फिर भी मैंने कुछ नहीं कहा, केवल सामान बाँधना प्रारम्भ कर दिया । मैंने इस कार्य को जितना किया जाना समझा था, मुझे यह कार्य उससे कहीं ज्यादा बड़ा प्रतीत हुआ; किन्तु आखिरकार मैंने बैग ( थैला) तैयार कर ही लिया और मैं इसके ऊपर बैठ गया और इसके फीते बाँध दिये । ‘क्या तुम इसमें जूते नहीं रखोगे ?” हैरिस ने कहा । और मैंने चारों ओर देखा और पाया कि मैं उन्हें भूल ही गया था । अर्थात् बिल्कुल हैरिस की तरह ही । (जिस तरह हैरिस बैग बाँधने से पहले बताना भूल गया था उसी तरह मैं जूते रखना भूल गया था ।) वह वास्तव में तब तक एक भी शब्द नहीं बोला था जब तक मैंने बैग ( थैला) को बन्द कर फीते नहीं बाँध दिये थे । और तभी जॉर्ज हँस पड़ा – उसकी हँसी चिढ़ाने वाली व मूर्खतापूर्ण थी । उसकी इस प्रकार की हँसी की क्रियाएँ तो मुझे इस तरह से पागल ही बना देती हैं ।

5. I opened the bag ………. pocket-handkerchief. (Page 83)

Meanings: opened (ओपन्ड् ) = खोला । was going to close = was about to close, लगभग बन्द करने वाला था । horrible (हॉरब्ल्) = terrible, भयंकर, भयानक । idea (आइडिया ) = thought, विचार | occurred (अकर्ड) = came into mind, मन में आया, सूझा । whether ( वेदर) = कि क्या । haunts (हॉन्ट्स) = repeatedly gives trouble, बार-बार तंग करता है, पीछे पड़ता है । travel (ट्रेवल् ) = यात्रा करना । misery (मिज़रि) = full of tension, दुःखद |

dream ( ड्रीम ) = स्वप्न देखना | wake ( वेक् अप) = जागता हूँ । perspiration (पॅ:स्पॅरेशन्) = sweating, पसीना । hunt ( हण्ट्) = search, खोज करना, ढूँढ़ना । unpack (अन्पैक्) = खोलना। turn out (टॅ:न आउट्) = बाहर निकालना । forget (फर्गेट् ) = not able to remember भूलना । rush (रश्) = to move with great speed, झपटना, वेगपूर्वक आगे बढ़ना । upstairs (अॅपस्टेअर्ज़) = upper storey, ऊपरी मंजिल । moment (मॉमण्ट्) = क्षण | carry (कैरि) = ले जाना | wrapped up (रैप्ट् अप्) = covered in, लपेटा हुआ । handkerchief ( हैकंर्ची) = रूमाल ।

हिन्दी अनुवाद मैंने बैग खोला और जूतों को अन्दर पैक कर दिया और तब जैसे ही मैं इसे बन्द करने वाला था, एक भयानक विचार मेरे मन में आया । क्या मैंने अपना टूथब्रश पैक कर दिया था ? मैं नहीं जानता कि यह कैसे हो जाता है किन्तु मैं तो कभी भी यह नहीं जान पाता हूँ कि क्या मैंने अपना टूथब्रश पैक कर दिया है या नहीं। मेरा टूथब्रश ही एक ऐसी वस्तु है जो मुझे तंग करती रहती है जब मैं यात्रा कर रहा होता हूँ, और यह मेरे जीवन को दुःखद बना देती है ।

मैं स्वप्न देखता हूँ कि मैंने इसे पैक नहीं किया है और मैं घबराहट के साथ पसीने-पसीने होकर जाग जाता हूँ, तथा बिस्तर से उठता हूँ और इसे ढूँढता हूँ । और प्रातः काल में, मैं इसका उपयोग करने से पूर्व ही इसको पैक कर देता हूँ । और मुझे इसे लेने के लिए बैग को पुनः खोलना पड़ता है और यह हमेशा अन्तिम वस्तु होती है जिसे मैं बैग से निकालता हूँ; और तब मैं बैग को पुनः पैक करता हूँ और इसे ( बैग में रखना) भूल जाता और बिल्कुल अन्तिम क्षणों में मुझे इसको लेने के लिए ऊपर की मंजिल पर भागना पड़ता है और इसे अपने रूमाल लपेटकर रेलवे स्टेशन ले जाना पड़ता है ।

JAC Class 9 English Solutions Beehive Chapter 7 Packing

6. Of course I had ………. repacked once more. (Pages 83-84)

Meanings : of course ( ऑव् कोर्स) = certainly, वास्तव में, निस्सन्देह । every mortal thing (एव्रि मॉर्टल थिंग् ) = every ordinary thing, प्रत्येक साधारण वस्तु । rummaged (रॅमिड्) = moved things and made them untidy while looking for something, कुछ ढूँढ़ते हुए चीजें इधर-उधर फैलाया । the world was created = here as things were kept so disordered as they were before packing, बैग में सभी वस्तुएँ उतनी ही अव्यवस्थित थीं जितनी पैकिंग से पूर्व थी । chaos (केऑस) = disorder, अव्यवस्था । reigned (रेन्ड् ) = ruled, आधिपत्य था, बोलबाला था । own (ओन् ) = something belongs to a person, स्वयं का | held up (हैल्ड् अप्) = raised upwards after catching them, पकड़कर उठाया । shook (शुक्) = moved with short quick movements, हिलाया । found (फाउण्ड्) = discovered unexpectedly, पाया । inside (इन्साइड्) = अन्दर |

हिन्दी अनुवाद – निस्सन्देह, अब मुझे प्रत्येक साधारण वस्तु को बाहर निकालना पड़ा और वास्तव में मुझे यह (मेरा टूथब्रश) नहीं मिल सका । मैंने टूथब्रश ढूँढ़ते समय वस्तुओं को इस तरह इधर-उधर फैलाया जैसे कि उनकी स्थिति दुनिया बनने से पहले और अराजकता के समय रही होगी अर्थात् मैंने वस्तुओं को बहुत बुरी तरह फैला लिया था । वास्तव में, मुझे जॉर्ज और हैरिस का टूथब्रश तो अठारह बार मिल गया अर्थात बार – बार मिल जाता किन्तु मुझे मेरा स्वयं का टूथब्रश नहीं मिल सका । मैंने एक-एक कर वस्तुओं को वापिस रखा, प्रत्येक वस्तु को उठाया और हिलाया । तब मुझे यह टूथब्रश एक जूते में मिला। मैंने एक बार और पैकिंग की ।

7. When I had finished …………. they had a go. (Page 84)

Meanings:had finished ( हेड फिनिश्ट ) = completed the work of packing the bag, बैग की पैकिंग का काम समाप्त कर चुका था। didn’t care a hang did not care a little, जरा भी चिन्ता नहीं थी, बिल्कुल भी परवाह नहीं थी । slammed ( स्लैम्ड् ) = banged quickly, जोर से बन्द किया, धम से बन्द किया । re-open (रि- ओपन) = पुनः खोलना | finally (फाइनॅलि) = अन्तत:। remained (रिमेन्ड् ) = left over, शेष रह गया, बाकी रह गया । hampers (हैम्पॅज़) = large baskets for carrying food, डलियाँ, टोकरियाँ | he and George had better do the rest = वह (हैरिस) और जॉर्ज शेष काम करेंगे | agreed ( एग्रीड् ) = had the same opinion, सहमत हो गया । they had a go = they had started packing other articles, उन्होंने दूसरी चीजों की पैकिंग का काम शुरू कर दिया।

हिन्दी अनुवाद – जब मैं पूरी पैकिंग समाप्त कर चुका था तो जॉर्ज ने पूछा कि क्या साबुन अन्दर रख दिया है । मैंने कहा कि मैं इसकी बिल्कुल भी परवाह नहीं करता कि साबुन अन्दर है या नहीं है; और मैंने धम से (जोर से) बैग बन्द कर दिया और इसके फीते बाँध दिये। फिर मुझे पता चला कि मैंने अपना चश्मा इसमें बाँध दिया था और मुझे बैग को पुनः खोलना पड़ा । अन्त में रात्रि को 10 बजकर 5 मिनट पर बैग बन्द हुआ और फिर टोकरियों को रखने का काम बाकी रह गया । हैरिस बोला कि हमें बारह घण्टे से भी कम समय में प्रस्थान करना चाहिए और इससे उसका विचार यह था कि वह और जॉर्ज शेष काम करेंगे; मैं सहमत हो गया। बैठ गया और उन्होंने (दूसरी चीजों की पैकिंग का) काम शुरू कर दिया ।

8. They began in …………. with a teaspoon. (Pages 84-85)

Meanings: began (बिगेन् ) = started, प्रारम्भ किया । light-hearted spirit (लाइट हाटिड् स्पिरिट ) = in a gay and easy way, सहज भाव से, आराम से। evidently (एविडॅण्ट्ल) = clearly, स्पष्ट रूप से । intending (इन्टेन्डिङ) = इरादा करते हुए | show (शो) = दर्शाना । comment (कमेण्ट् ) = remark, टिप्पणी । waited (वेटिड् ) = stayed in a particular place, इन्तजार किया । exception (इक्सेप्शन् ) = a person or a thing that is not included, अपवाद | worst ( वस्ट्) सबसे बुरा ।

piles (पाइल्ज़) = heaps, ढेर 1 pies (पाइज़) = some eatable things like, ‘Kachauri’, कचौड़ियाँ | stoves (स्टव्ज़ ) स्टोव | felt (फेल्ट्) experienced a particular emotion, महसूस किया । exciting ( इक्साइटिंग् ) = provoking, उत्तेजक । breaking (ब्रेकिंग्) making something separate into two or more pieces, तोड़कर । interested ( इन्ट्रिस्टिड् ) =sharing curiosity, आकृष्ट, दिलचस्पी लेने वाला | strawberry (स्ट्रॉबेरि) स्ट्राबेरी, हिसालू (बेर . जैसा फल ) । jam (जैम्) = a sweet substance, मुरब्बा, जाम | squashed ( स्क्वैश्ट) = crushed, कुचल दिया, भुरता बना दिया | pick out (पिक् आउट्) = बाहर निकालना । teaspoon ( टीस्पून् ) छोटी चम्मच |

हिन्दी अनुवाद उन्होंने सहज भाव से काम शुरू किया, स्पष्ट रूप से उनका इरादा मुझे यह दर्शाने का था कि यह काम कैसे किया जाता है । मैंने कोई टिप्पणी नहीं की; मैंने केवल इन्तजार किया । जॉर्ज के अपवाद के साथ हैरिस इस संसार में सबसे बुरा सामान पैक करने वाला पैकर है; और मैंने प्लेटों, प्यालों, केतलियों, बोतलों, जारों, कचौड़ियों, स्टोवों, केकों, टमाटरों आदि के ढेरों को देखा और महसूस किया कि शीघ्र ही यह काम उत्तेजक बन जायेगा । ऐसा ही हुआ । उन्होंने एक कप को तोड़ते हुए इसकी शुरुआत की । यह पहला काम था जो उन्होंने किया । उन्होंने यह काम बस तुम्हें यह दिखाने के लिए किया कि वे क्या कर सकते थे और तुम्हें किस प्रकार आकृष्ट कर सकते थे । फिर हैरिस ने स्ट्राबेरी के मुरब्बे को एक टमाटर के ऊपर रख दिया और इसे ( टमाटर को) कुचल दिया । और . उन्हें कुचले हुए टमाटर को एक छोटे चम्मच से बाहर निकालना पड़ा ।

9. And then it was George’s …………. the pies on. (Pages 85-86)

Meaning: turn (टॅन) = chance, number, बारी । trodon (ट्रोड् ऑन् ) = stepped on, पैर रख दिया अर्थात् कुचल दिया | butter (बटर) = मक्खन । anything ( एनिथिंग् ) = कुछ भी । edge (एज्) = कोर, किनारा । watched (वॉच्ट्) = kept an eye on, देखा | irritated ( इरिटेटिड् ) = annoyed चिढ़ाया । nervous (नॅ: वॅस) बेचैन, व्यग्र । excited. (इक्साइटिड् ) = stimulated, उत्तेजित कर दिया। they stepped on things = they put their steps on things, उन्होंने अपने पैर वस्तुओं पर रख दिए । smashed ( स्मैश्ट) = crushed, चकनाचूर कर दिया, कुचल दिया ।

हिन्दी अनुवाद – और अब जॉर्ज की बारी थी और उसने मक्खन पर पैर रख दिया अर्थात् मक्खन को पैरों से कुचल दिया । मैंने कुछ नहीं कहा, लेकिन मैं आया और टेबल के किनारे पर बैठ गया और उन पर नजर रखी । मेरे कुछ कहने से वे इतने नहीं चिढ़ते जितने कि मेरे इस तरह देखने से चिढ़ गये। मैंने ऐसा महसूस किया। इस बात ने उनको बेचैन व उत्तेजित कर दिया । उन्होंने वस्तुओं पर पैर रख दिए और वस्तुओं को अपने पीछे रख दिया और फिर जब उन्हें उनकी जरूरत पड़ी तो उन्हें वे वस्तुऐं नहीं मिल सकीं । और उन्होंने कचौड़ियों को सबसे नीचे पैक कर दिया और भारी वस्तुएँ ऊपर रख दीं और इस तरह कचौड़ियाँ को अन्दर ही चकनाचूर कर दिया ।

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10. They upset salt …………. over the room. (Page 86)

Meanings: upset (अपसेट् ) = scattered, गड़बड़ कर देना, उलट दिया । salt ( साल्ट्) = a common white substance, नमक । do more (डू मोर) = और अधिक करों । worth (वॅ: थ) = value, मूल्य 1 whole (होल्) = complete, सम्पूर्ण । got off (गॉट् ऑफ) = (here) removed, हटा लिया, छुड़ा लिया | slipper (स्लिपर) = चप्पल | tried (ट्राइड्) = प्रयास किया। kettle (केटॅल्) केतली | scrape (स्क्रेप्) = खुरचना | stuck (स्टक् ) = glued, चिपक गया । went looking for = remained searching, तलाशते रहे।

हिन्दी अनुवाद उन्होंने ( जार्ज व हैरिस ने) सारी चीजों पर नमक गिरा दिया और रही मक्खन की बात ! मैंने कभी भी अपने सम्पूर्ण जीवन में दो व्यक्तियों को एक या दो पेन्स मूल्य के मक्खन पर इतना अधिक काम करते हुए नहीं देखा जितना कि ये दोनों कर रहे थे । जॉर्ज ने अपनी चप्पल से मक्खन को हटाया उसके बाद उन्होंने ( जार्ज व . हैरिस ने) इसको केतली में रखने का प्रयास किया । यह केतली के अन्दर नहीं जा पाया और जितना अन्दर गया वह बाहर नहीं निकल सका ! आखिरकार उन्होंने तो इसे ( मक्खन को ) खुरच कर बाहर निकाला और एक कुर्सी पर रख दिया और हैरिस उस कुर्सी पर बैठ गया और इस प्रकार मक्खन उससे चिपक गया और वे इसे ( मक्खन के खुरचे हुए भाग को) पूरे कमरे में तलाशते रहे ।

11. “I’ll take my oath …………….. it in the teapot. (Page 86)

Meanings : I’ll take my oath = I swear, मैं सौगन्ध खाता हूँ । staring (स्टेअरिंग्) = looking fixedly, घूरते हुए | empty (एम्प्टि) = vacant, खाली, रिक्त | centre ( सेन्टर् ) the middle point, केन्द्र | extraordinary (इक्स्ट्रा ऑर्डिनॅरि) = असाधारण । ever (एवर्) = at any time, कभी । mysterious (मिस्टिॲरिॲस्) = impossible or difficult to understand, रहस्यमय | exclaimed (इक्स्क्लेम्ड्) cried, चिल्ला उठा । indignantly (इन्डिग्नॅट्लि) = angrily, क्रोधपूर्वक, रोषपूर्वक | spinning ( स्पिनिंग् ) = turning around, घूमते हुए, चक्कर खाते हुए । stand still (स्टैण्ड् स्टिल् ) = remain standing quietly, शान्त खड़े रहो । roared (रॉई) = shouted very loudly, दहाड़ा, चिल्लाया । flying after ( फ्लाइंग आफ्टर) running after पीछे भागते हुए। got off (गॉट ऑफ् ) (here) removed, छुड़ाया ।

हिन्दी अनुवाद – ” मैं अपनी सौगन्ध खाता हूँ कि मैंने इसे ( मक्खन को) उस कुर्सी पर रखा था, ” जॉर्ज खाली कुर्सी को घूरते हुए बोला ।
“ मुश्किल से एक मिनट पूर्व ही मैंने स्वयं तुम्हें इसे रखते हुए देखा था । ” हैरिस ने कहा । फिर उन्होंने इसे तलाशते हुए पुनः कमरे का चक्कर लगाना शुरू किया; और फिर वे पुनः कमरे के बीच में मिले और उन्होंने एक-दूसरे को घूरकर देखा ।
” मेरे द्वारा अब तक सुनी गई यह सर्वाधिक असाधारण बात हैं”, जॉर्ज ने कहा ।
” इतनी रहस्यमय !” हैरिस बोला ।
फिर जॉर्ज, हैरिस के पीछे गया और उसने मक्खन को उसके पीछे लगा देखा ।
“क्यों, यह पूरे समय से यहाँ लगा हुआ है”, वह क्रोधपूर्वक चिल्लाया ।
‘कहाँ ?” हैरिस घूमते हुए चिल्लाया ।
‘शान्त खड़े रहो, क्या तुम शान्त नहीं खड़े रह सकते ।” जार्ज उसके पीछे भागते हुए दहाड़ा । और उन्होंने इसे (मक्खन को) छुड़ाया और इसको चायदान में पैक कर दिया ।

12. Montmorency was …………….. quite unbearable. (Pages 86-87)

Meanings: Montmorency ( मोन्टमोरेंसी) = the name of a dog, कुत्ते का नाम I ambition (एम्बिशन् ) = a strong desire, महत्त्वाकांक्षा । be sworn at (बी सोर्न एट्) = (here) get scolded, कोसा जाये, गाली दी जाये। squirm (स्क्वॅ:म ) = moving discomfortly, तड़पना, छटपटाना। particularly (प्प้टक्युल ःलि) = specially, विशेष रूप से । perfect (पॅॅफेक्ट्) = complete, पूर्ण । nuisance (न्यूसॅॅ्स्) =a person causing inconvenience, उपद्रवी । thrown at (थ्रोन् एट् ) = caused to move swiftly through space, फेंका जाना ।

wasted (वेस्टिड्) = बर्बाद किया । stumble (स्टॅम्ब्ल्) = to walk in an unsteady way and fall down, ठोकर खाकर गिरना | curse (कॅ:स) कोसना । steadily (स्टेडिलि) = continuously, निरन्तर, लगातार | highest (हाइएस्ट्) = सर्वोच्च | aim (एम) = purpose, goal, लक्ष्य | object (ऑब्जिक्ट् ) = aim, उद्देश्य । succeeded ( सक्सीड्डि ) = सफल हुआ । accomplishing (अकम्प्लशिंग्) = completing, पूरा करना । conceit ( कॅन्सीट्) = too much pride in himself, अहंकार, घमण्ड | unbearable (ॲन्बेॲटॅब्ल्) intolerable, असहनीय |

हिन्दी अनुवाद – मोन्टमोरेंसी (एक कुत्ते का नाम ) निस्सन्देह इस सारी प्रक्रिया के बीच में उपस्थित था और वास्तव में, मोन्टमोरेंसी की जीवन में एक ही महत्त्वाकांक्षा रही है कि वह काम में व्यवधान डाले और उसे कोसा जाये । यदि वह कहीं ऐसी जगह छटपटाता हुआ पहुँच जाये जहाँ विशेष रूप से उसे नहीं चाहा जाता है तो वह पूरी तरह उपद्रवी बन जाता है और लोगों को पागल कर देता है और जब उसके सिर पर चीजें फेंकी जाती हैं तब वह महसूस करता है कि उसका दिन बर्बाद नहीं हुआ है। उसका सर्वोच्च लक्ष्य यही होता है कि कोई उससे ठोकर खाकर उसके ऊपर गिरे और लगातार एक घण्टे तक उसे कोसता रहे; और जब वह इस कार्य को पूरा करने में सफल हो जाता है तो उसका अहंकार बिल्कुल असहनीय हो जाता है ।

13. He came and sat ……….. the frying-pan. (Pages 87-88)

Meanings : laboured (लेबर्ड) = worked hard, मेहनत करता था । fixed (फिक्सड् ) = firm, already decided, नियत, पक्का | belief ( बिलीफ) = an acceptance, विश्वास | whenever ( व्हेनएवर ) = at any time, जब कभी । reached out (रीच्ट आउट् ) = (here) stretched out, आगे बढ़ाते थे । cold (कोल्ड् ) = ठण्डी । damp (डैम्प्) = slightly wet, नम, गीली । worried (वरीड् ) = disturbed, (यहाँ) अस्तव्यस्त कर दिया, बिखेर दिया | pretended ( प्रिटेन्डिड ) = made a false show, अभिनय करता, दिखावा करता । lemons ( लेमन्ज़ ) नींबू | hamper (हैम्पर) = basket with cover, ढक्कन वाली टोकरी | killed ( किल्ड् ) = (here) crushed or made them useless, (यहाँ ) खराब कर दिये । land = ( here ) hit, ( यहाँ) मारना या पीटना | frying-pan (फ्राइंग पान् ) = a shallow metal container with a long handle used for cooking food, कड़ाही, तवा

हिन्दी अनुवाद – जिस समय चीजों को पैंक किया जाना था ठीक उसी समय वह उन चीजों पर आकर बैठ गया; और वह इस पक्के विश्वास के साथ मेहनत करता रहा कि जब कभी हैरिस या जॉर्ज किसी वस्तु के लिए अपना हाथ बढ़ायें तो उनके हाथ में उसकी ठण्डी गीली नाक ही आये । उसने मुरब्बे में अपना पैर डाल दिया और उसने छोटी चम्मचों को बिखेर दिया फिर उसने इस प्रकार दिखावा किया मानो नींबू चूहे हों और इससे पहले कि हैरिस उसे तवे या कड़ाही से पीट सके, वह टोकरी में घुस गया और उसने उनमें से तीन नींबू खराब कर दिये ।

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14. Harris said …………. went upstairs. (Page 88)

Meanings: encouraged (इन्करिज्ड् ) = provoked, प्रोत्साहित किया | encouragement (इन्करिज्मन्ट्) inspiration, प्रोत्साहन | natural (नैचुरल् ) = स्वाभाविक । original (ऑरिजिनल) inborn, मौलिक। sin (सिन्) = दोष, पाप । makes him do (मेक्स हिम डू) = compels him, उसको मजबूर करती है। was done (वॉज़ डन्) = was completed, समाप्त हुई । hoped ( होप्ट) = expected, आशा की । reflection ( रिफ्लेक्शन् ) = thought, विचार | comfort (कॅमफॅट् ) = to try to make somebody feel less worried, सान्त्वना देना, दिलासा देना। upstairs (अप्स्टेॲर्ज़) = upper storey, ऊपर की मंजिल ।

हिन्दी अनुवाद – हैरिस बोला कि मैंने उसे ( कुत्ते को शरारत करने के लिए) प्रोत्साहित किया। मैंने उसे प्रोत्साहित नहीं किया । इस प्रकार के ( शरारती ) कुत्ते को प्रोत्साहन देने की जरूरत नहीं पड़ती । उसकी स्वाभाविक मौलिक पाप की प्रकृति उसे इस प्रकार की हरकतें करने के लिए मजबूर करती है । पैकिंग रात में 12:50 पर समाप्त हुई और हैरिस बड़ी टोकरी के ऊपर बैठ गया और बोला कि उसे आशा है कि कोई भी चीज नहीं टूटी होगी । जॉर्ज ने कहा कि यदि कोई चीज टूट गई हो तो टूटने दो, ऐसा विचार उसे सान्त्वना देता-सा प्रतीत हुआ । उसने यह भी कहा कि वह सोने के लिए तैयार है । हम सभी सोने के लिए तैयार थे । उस रात हैरिस को हमारे साथ सोना था और हम ऊपर की मंजिल पर चले गये ।

15. We tossed for ………… to bed ourselves. (Page – 88)

Meanings: tossed (टॉस्ट) = threw a coin into the air to make a decision, सिक्का उछालकर निर्णय किया । prefer (प्रिफॅर्) = अधिक पसन्द करना । generally (जेनरलि) = सामान्यतः | odd (ऑङ्) = strange, अनोखी, विचित्र | fellows (कैलोज़) = साथियों, मित्रों । wake (वेक्) = जगाना । a bit of a row (अ बिट् ऑव् अ रो) = a petty quarrel,. छोटा-सा झगड़ा | split the difference = this means that they agreed on 6.30 because it was halfway between six and seven, इसका अर्थ है कि वे 6.30 पर राजी हो गए क्योंकि यह 6 व 7 के मध्य का समय था । bath (बाथ्) स्नानटब, हमाम । tumble (टॅम्ब्ल्) = fall down suddenly, गिर पड़ना, धड़ाम से गिरना ।

हिन्दी अनुवाद हमने पलंगों के लिए सिक्का उछालकर निर्णय किया और हैरिस को मेरे साथ सोना था । वह बोला :
” जेरोम, तुम्हें पलंग के अन्दर की ओर सोना ज्यादा पसन्द है या बाहर की ओर ?” मैंने कहा कि मैं सामान्यतः पलंग के अन्दर की ओर सोना ज्यादा पसन्द करता हूँ । हैरिस ने कहा कि यह अनोखी बात है ।
जॉर्ज ने कहा : “साथियों ! मैं आपको किस समय जगाऊँ ?”
हैरिस ने कहा : ” सात बजे । ”
मैं बोला : “ नहीं – छ: बजे, ” क्योंकि मैं कुछ पत्र लिखना चाहता था । हैरिस और मुझमें इस बात पर थोड़ा-सा झगड़ा हुआ किन्तु अन्त में हमने अंतर को बाँट लिया अर्थात् 6.30 पर राजी हो गये क्योंकि यह 6 व 7 के बीच का समय था और कहा कि साढ़े छः बजे । हमने कहा, “जॉर्ज, हमें साढ़े छः बजे जगा देना ।” जार्ज ने कोई उत्तर नहीं दिया, और हमने वहाँ जाने पर देखा कि वह कुछ समय से सोया हुआ था इसलिए हमने बाथटब अर्थात नहाने के टब को ऐसी जगह रख दिया जहाँ वह प्रातः उठने पर धड़ाम से उसमें गिर पड़े। फिर हम सोने के लिए चले गये ।

JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 9 शांति

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Jharkhand Board JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 9 शांति Textbook Exercise Questions and Answers.

Jharkhand Board Class 11 Political Science शांति Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
क्या आप जानते हैं कि एक शांतिपूर्ण दुनिया की ओर बदलाव के लिए लोगों के सोचने के तरीके में बदलाव जरूरी है? क्या मस्तिष्क शांति को बढ़ावा दे सकता है? और क्या मानव मस्तिष्क पर केन्द्रित रहना शांति स्थापना के लिए पर्याप्त है?
उत्तर:
वर्तमान लोकतांत्रिक काल में यदि हम एक शांतिपूर्ण दुनिया चाहते हैं तो लोगों के सोचने के तरीकों में बदलाव लाना आवश्यक है क्योंकि लोगों के मस्तिष्क यदि शांति के बारे में सोचेंगे तो हिंसात्मक गतिविधियाँ अपने आप कम हो जायेंगी। संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनिसेफ) के संविधान ने भी यह उचित टिप्पणी की है कि “चूंकि युद्ध का प्रारंभ लोगों के दिमाग में होता है, इसलिए शांति के बचाव भी लोगों के दिमाग में ही रचे जाने चाहिए ।” इस तरह के प्रयास के लिए करुणा जैसे पुराने आध्यात्मिक सिद्धान्त और ध्यान जैसे अभ्यास उपयुक्त हैं। यही कारण है कि आज शांति को बढ़ावा देने के लिए शांतिपूर्ण आन्दोलन जारी हैं। इस आन्दोलन को विभिन्न तबके के लोगों ने बढ़ावा दिया है जिनमें लेखक, वैज्ञानिक, शिक्षक, पत्रकार, पुजारी, राजनेता और मजदूर – सभी शामिल हैं। इस आन्दोलन ने शांति अध्ययन नामक ज्ञान की एक नई शाखा का भी सृजन किया है और इंटरनेट जैसे संप्रेषण के नए माध्यम का कारगर इस्तेमाल भी किया है।

लेकिन केवल मानव मस्तिष्क पर केन्द्रित रहकर शांति की स्थापना नहीं हो सकती। मस्तिष्क तो शांति स्थापना का एक उपाय दे सकता है। इस उपाय को कारगर व उचित ढंग से संरचनात्मक हिंसा को निर्मूल करके ही किया जा सकता है। इस संदर्भ में यह कहा जा सकता है कि न्यायपूर्ण और लोकतांत्रिक समाज की रचना संरचनात्मक हिंसा के निर्मूल करने के लिए अनिवार्य है क्योंकि शांति संतुष्ट लोगों के समस्त सहअस्तित्व में ही संभव है। दूसरे, जिस प्रकार विश्व में छः क्षेत्र परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्र बने हैं, उस दिशा में अन्य क्षेत्रों को भी पहल करनी होगी। जापान और कोस्टारिका देशों की तरह अन्य देशों को भी सैन्य बल न रखने की दिशा में पहल करनी होगी।

प्रश्न 2.
राज्य को अपने नागरिकों के जीवन और अधिकारों की रक्षा अवश्य ही करनी चाहिए। हालांकि कई बार राज्य के कार्य इसके कुछ नागरिकों के खिलाफ हिंसा के स्रोत होते हैं। कुछ उदाहरणों की मदद से इस पर टिप्पणी कीजिए ।
उत्तर- राज्य का प्रथम अनिवार्य एवं आवश्यक दायित्व यह है कि यह सभी का जीवन व उनके अधिकार रखे। इस दायित्व को पूरा करने के लिए राज्य के पास पुलिस, अर्ध सैनिक बल तथा सेनाएँ होती हैं। राज्य कमजोर लोगों को सबलों से, निर्धनों को अमीरों के अन्यायों एवं मनमानी से, चोर, लुटेरों, डाकुओं तथा हत्यारों से सभी की रक्षा करता है।

राज्य नागरिकों को अनेक मौलिक तथा अन्य अधिकार प्रदान करता है। इनकी रक्षा के लिए राज्य पुलिस तथा न्यायपालिका की व्यवस्था करता है। उसी के प्रयासों से कानून के समक्ष समानता तथा कानून का राज्य बना रहता है। यद्यपि राज्य से यह अपेक्षा की जाती है कि वह सेना या पुलिस का प्रयोग अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए करेगा लेकिन व्यवहार में वह इन शक्तियों का प्रयोग अपने ही नागरिकों के विरोध के स्वर को दबाने के लिए करता रहा है राज्य कई बार धारा 144 लागू करता है, कई बार वह कर्फ्यू लगा देता है।

जो लोग राज्य के कुछ निर्णयों, सिद्धान्तों  योजनाओं को अपने विरुद्ध समझकर भूख हड़ताल, प्रदर्शन, आंदोलन आदि करते हैं, तो राज्य कई बार मनमाने ढंग से पुलिस बल का इस्तेमाल करता है। कई बार राज्य अनधिकृत मकानों को गिराता है, सील करता है, तो लोग हिंसा पर उतारू हो जाते हैं और राज्य उनके विरुद्ध भी पुलिस बल का प्रयोग करता है। राज्य का हिंसा का व्यवहार निरंकुश शासन और म्यांमार जैसी सैनिक तानाशाही में सबसे अधिक स्पष्ट दिखता है। जबकि लोकतांत्रिक शासन प्रणालियों में अपने नागरिकों के जीवन और अधिकारों की रक्षा के अधिक कारगर प्रयत्न किये गये हैं क्योंकि लोकतंत्र में राज्य सत्ता जनता के प्रति जबावदेह होती है।

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प्रश्न 3.
शांति को सर्वोत्तम रूप में तभी पाया जा सकता है जब स्वतंत्रता, समानता और न्याय कायम हो। क्या आप सहमत हैं?
उत्तर:
शांति सर्वोत्तम रूप में स्वतंत्रता, समानता व शांति के वातावरण में ही संभव है – यह विचार पूर्णतया सही है कि शांति को सर्वोत्तम रूप में तभी पाया जा सकता है जब स्वतंत्रता, समानता और न्याय कायम हो।
जहाँ समानता नहीं होगी, वहाँ स्वामी और नौकर के सम्बन्ध या शोषक तथा शोषित के सम्बन्ध हो सकते हैं। ऐसी दशा में भ्रातृत्व तथा पारस्परिक सहयोग की भावना का अभाव होगा। इसी प्रकार जहाँ स्वतंत्रता का वातावरण नहीं होगा, वहाँ कुछ लोग स्वतंत्रता से वंचित हो सकते हैं तथा वे अपने व्यक्तित्व के विकास के समान अवसरों की स्वतंत्रता से वंचित हो सकते हैं; वे अधिक शक्तिशाली लोगों द्वारा शोषित किये जायेंगे, ऐसी स्थिति में उनमें भ्रातृत्व की भावना नहीं हो सकती। इसी प्रकार जहाँ न्याय नहीं होगा, वहाँ कुछ लोग दूसरों के द्वारा शोषित तथा पीड़ित किये जायेंगे।

वे कुछ लोगों की सुविधाओं के लिए उत्पीड़ित किये जायेंगे। ऐसे लोगों में शांति की भावना कैसे पैदा हो सकती है। सन्त एक्विनास के शब्दों में ऐसा राज्य जहाँ न्याय नहीं है, वह राज्य न होकर लुटेरों का समूह है और कोई भी व्यक्ति लुटेरों के बीच में अपने को सुरक्षित और शांतिपूर्ण कैसे महसूस कर सकता है। दूसरे, यदि किसी राज्य में स्वतंत्रता, समानता और न्याय की स्थापना नहीं हुई है, तो वहाँ प्रायः इनकी प्राप्ति के लिए आंदोलन चलते रहते हैं, जिसके कारण वहाँ शांति नहीं हो पाती। अतः समानता तथा स्वतंत्रता के साथ-साथ न्याय भी सर्वोत्तम शांति के रूप की स्थापना के लिए जरूरी है। जिस समाज में समानता, स्वतंत्रता और न्याय विद्यमान होता है, उस समाज के लोग संतुष्ट रहते हैं, उनको अपने व्यक्तित्व के विकास के समान अवसर मिलते हैं तथा उनका शोषण नहीं होता है। वे स्वेच्छा से राज्य के आदर्श का पालन करते हैं तथा समाज में शांति रहती है।

प्रश्न 4.
हिंसा के माध्यम से दूरगामी न्यायोचित उद्देश्यों को नहीं पाया जा सकता। आप इस कथन के बारे में क्या सोचते हैं?
उत्तर:
यह कथन सर्वथा उचित है कि हिंसा के माध्यम से दूरगामी न्यायोचित उद्देश्यों को नहीं पाया जा सकता। अक्सर यह दावा किया जाता है कि कभी-कभी हिंसा शांति लाने की अपरिहार्य पूर्व शर्त जैसी होती है। यह तर्क दिया जाता है कि तानाशाहों और उत्पीड़कों को जबरन अर्थात् हिंसा के द्वारा शक्ति से हटाकर ही उनको, जनता का निरन्तर नुकसान पहुँचाने से रोका जा सकता है। या फिर, उत्पीड़ित लोगों के मुक्ति संघर्षों को हिंसा के कुछ इस्तेमाल के बावजूद न्यायपूर्ण ठहराया जा सकता है।

लेकिन अच्छे मकसद से भी हिंसा का सहारा लेना आत्मघाती हो सकता है क्योंकि हिंसा के एक बार शुरू हो जाने पर इसकी प्रवृत्ति नियंत्रण से बाहर हो जाने की होती है और इसके कारण यह अपने पीछे मौत और बर्बादी की एक श्रृंखला छोड़ जाती है। अतः स्पष्ट है कि हिंसा के माध्यम से दूरगामी न्यायोचित उद्देश्यों को नहीं पाया जा सकता क्योंकि हिंसा का शिकार व्यक्ति जिन मनोवैज्ञानिक और भौतिक कठिनाइयों व हानियों से गुजरता है, वे उसके भीतर कुंठा पैदा कर देती हैं और ये कुंठाएँ व शिकायतें आने वाली पीढ़ियों में भी पाई जाती हैं जो कभी भी उग्र रूप धारण कर सकती हैं।

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प्रश्न 5.
विश्व में शांति स्थापना के जिन दृष्टिकोणों की अध्याय में चर्चा की गई है, उनके बीच क्या अन्तर है?
उत्तर:
शांति कायम करने के दृष्टिकोण – अध्याय में विश्व में शांति स्थापना के लिए निम्नलिखित तीन दृष्टिकोणों की चर्चा की गई है

1. राष्ट्रों को केन्द्रीय स्थान देना:
पहला दृष्टिकोण राष्ट्रों को केन्द्रीय स्थान देता है, उनकी संप्रभुता का आदर करता है और उनके बीच प्रतिद्वन्द्विता को जीवन्त सत्य मानता है। उसकी मुख्य चिन्ता प्रतिद्वन्द्विता के उपयुक्त प्रबन्धन तथा संघर्ष की आशंका का शमन सत्ता-सन्तुलन की पारस्परिक व्यवस्था के माध्यम से करने की होती है। वैसा एक संतुलन 19वीं सदी में प्रचलित था, जब प्रमुख यूरोपीय देशों ने संभावित आक्रमण को रोकने और बड़े पैमाने पर युद्ध से बचने के लिए अपने सत्ता-संघर्षों में गठबंधन बनाते हुए तालमेल किया।

2. राज्यों की अन्तर्निर्भरता तथा सहयोग:
दूसरा दृष्टिकोण राष्ट्रों की गहराई तक जमी आपसी प्रतिद्वन्द्विता की प्रकृति को स्वीकार करता है, लेकिन इसका जोर सकारात्मक उपस्थिति और परस्पर निर्भरता की संभावनाओं पर है। यह विभिन्न देशों के बीच विकासमान सामाजिक-आर्थिक सहयोग को रेखांकित करता है क्योंकि ये सहयोग राष्ट्र की संप्रभुता को नरम करेंगे और अन्तर्राष्ट्रीय समझदारी को प्रोत्साहित करेंगे। पररणामस्वरूप वैश्विक संघर्ष कम होंगे, जिससे शांति की बेहतर संभावनाएँ बनेंगी। इसका उदाहरण द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का यूरोप है जो आर्थिक एकीकरण से राजनीतिक एकीकरण की ओर बढ़ता गया है।

3. वैश्वीकरण का दृष्टिकोण:
तीसरा दृष्टिकोण पहली दो पद्धतियों या दृष्टिकोणों से इस रूप में भिन्न है कि यह राष्ट्र आधारित व्यवस्था को मानव इतिहास की समाप्तप्राय अवस्था मानता है। यह अधिराष्ट्रीय व्यवस्था का मनोचित्र बनाता है और वैश्विक समुदाय के अभ्युदय को विश्व शांति की विश्वसनीय गारण्टी मानता है। वैसे समुदायों के बीच बहुराष्ट्रीय निगम और जन आंदोलन जैसे विविध गैर सरकारी कर्ताओं की क्रियाओं में देखे जा सकते हैं। वैश्वीकरण की प्रक्रिया राष्ट्रों की पहले से ही घट गई प्रधानता और संप्रभुता को अधिक क्षीण कर रही है, जिसके फलस्वरूप विश्व: शांति कायम होने की परिस्थिति तैयार हो रही है।

उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट होता है कि तीनों दृष्टिकोणों में निम्न महत्त्वपूर्ण अन्तर पाये जाते हैं। पहले दृष्टिकोण में संप्रभु राष्ट्र राज्यों को महत्त्वपूर्ण स्थान देकर उनके बीच विद्यमान पारस्परिक प्रतिद्वन्द्विता को स्वीकार करते हुए शक्ति-संतुलन पर बल दिया गया है, तो दूसरे दृष्टिकोण में राष्ट्र-राज्यों की पारस्परिक प्रतिद्वन्द्विता को स्वीकार तो किया गया है, लेकिन इससे आर्थिक-सामाजिक सहयोग द्वारा शांति स्थापना पर बल दिया गया है, जबकि तीसरा दृष्टिकोण संप्रभुं राष्ट्र राज्यों की व्यवस्था व उसकी प्रतिद्वन्द्विता को ही नकारता है और वैश्वीकरण व वैश्विक समुदाय के माध्यम से विश्व शांति चाहता है।

शांति JAC Class 11 Political Science Notes

→ भूमिका: शांति की वांछनीयता को लेकर ऊपरी आम सहमति अपेक्षाकृत हाल-फिलहाल की घटना है। अतीत के अनेक महत्त्वपूर्ण चिंतकों, जैसे जर्मन दार्शनिक फ्रेडरिक नीत्शे, इटली के समाज सिद्धान्तकार विल्फ्रेडो पैरेटये आदि ने शांति के बारे में नकारात्मक ढंग से लिखा है और इन्होंने संघर्ष तथा ताकत को सभ्यता की उन्नति का मार्ग बताया है। दूसरी तरफ लगभग सभी धार्मिक उपदेशों में शांति को महत्त्व दिया गया है। आधुनिक काल में महात्मा गाँधी व अन्य अनेक चिंतकों ने शांति का प्रबल पक्ष लिया है। शांति के प्रति समकालीन आग्रह के निशान 20वीं सदी के अत्याचारों फासीवाद, नाजीवाद का उदय, विश्वयुद्धों, भारत-पाक विभाजन, अमेरिका और सोवियत संघ के बीच चली प्रचंड हथियारों की प्रतिस्पर्द्धा व सैनिक प्रतिद्वन्द्विता आदि-घटनाओं में देखे जा सकते हैं।

अगर लोग आज शांति का गुणगान करते हैं तो महज इसलिए नहीं कि वे इसे अच्छा विचार मानते हैं। शांति की अनुपस्थिति की भारी कीमत चुकाने के बाद मानवता ने इसका महत्व पहचाना है। त्रासद संघर्षों के प्रेत हमें लगातार कचोटते रहते हैं। आज जीवन अतीत के किसी भी समय से कहीं अधिक असुरक्षित है क्योंकि हर जगह के लोग आतंकवाद के बढ़ते खतरों का सामना कर रहे हैं। शांति लगातार बहुमूल्य इसलिए बनी हई है कि इस पर खतरे का सामान हमेशा मौजूद ह ।

→ शांति का अर्थ

  • शांति युद्ध की अनुपस्थिति के रूप में – शांति की परिभाषा अक्सर युद्ध की अनुपस्थिति के रूप में की जाती है। लेकिन यह परिभाषा भ्रामक है। यद्यपि प्रत्येक युद्ध शांति के अभाव की ओर जाता है, लेकिन शांति का हर अभाव युद्ध का रूप ले यह जरूरी नहीं है। उदाहरण के लिए रवांडा या बोस्निया में जो हुआ वह इस तरह का युद्ध नहीं था।
  • शांति सभी प्रकार के हिंसक संघर्षों के अभाव के रूप में शांति की दूसरी परिभाषा युद्ध, दंगा, नरसंहार, कत्ल या सामान्य शारीरिक प्रहार समेत सभी प्रकार के हिंसक संघर्षों के अभाव के रूप में की जाती है। लेकिन जाति भेद, वर्ग भेद, पितृसत्ता, उपनिवेशवाद, नस्लवाद और साम्प्रदायिकता भी हिंसक संघर्ष न होकर ‘संरचनात्मक हिंसा’ है जो अशांतिकारक है।

→ संरचनात्मक हिंसा के विभिन्न रूप-हिंसा प्रायः
समाज की मूल संरचना में ही रची-बसी है। संरचनात्मक हिंसा के बड़े पैमाने के दुष्परिणाम हैं- जातिभेद, वर्गभेद, पितृसत्ता, उपनिवेशवाद, नस्लवाद और साम्प्रदायिकता। न्यायपूर्ण और टिकाऊ शांति अप्रकट शिकायतों और संघर्ष के कारणों को साफ-साफ व्यक्त करने और बातचीत द्वारा हल करने के जरिये ही प्राप्त की जा सकती है।

→ हिंसा की समाप्ति:
करुणा, ध्यान, आधुनिक नीरोगकारी तकनीक, मनोविश्लेषण तथा न्यायपूर्ण और लोकतांत्रिक समाज की रचना आदि संरचनात्मक हिंसा को निर्मूल करने के लिए अनिवार्य हैं। शांति एक बार में हमेशा के लिए हासिल नहीं की जा सकती। शांति कोई अंतिम स्थिति नहीं बल्कि ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें व्यापकता अर्थों में मानव कल्याण की स्थापना के लिए जरूरी नैतिक और भौतिक संसाधनों के सक्रिय क्रियाकलाप शामिल होते हैं।

JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 9 शांति

→ क्या हिंसा कभी शांति को प्रोत्साहित कर सकती है?
प्रायः यह दावा किया जाता है कि हिंसा एक बुराई है लेकिन कभी-कभी यह शांति लाने की अपरिहार्य पूर्व शर्त जैसी होती है। लेकिन अच्छे मकसद से भी हिंसा का सहारा लेना आत्मघाती हो सकता है क्योंकि इसकी प्रवृत्त्रण से बाहर हो जाने की होती है और इसके कारण यह अपने पीछे मौत और बर्बादी की एक श्रृंखला छोड़ जाती है।

शांतिवादी का मकसद प्रतिरोध के अहिंसक स्वरूप पर बल देना है, जैसे सविनय अवज्ञा। नागरिक अवज्ञा के दबाव में अन्यायपूर्ण संरचनाएँ भी रास्ता दे सकती हैं। जैसे गांधी और मार्टिन लूथर किंग ने किया। कभी-कभार वे अपनी विसंगतियों के बोझ से भी ध्वस्त हो सकती हैं, जैसे सोवियत व्यवस्था का विघटन।

→ शांति और राज्य सत्ता:

  • संप्रभु राज्य में हर हालत में अपने हितों को बचाने और बढ़ाने की प्रवृत्ति पायी जाती है।
  • मानवाधिकार के नाम पर हर राज्य अपने नागरिकों के हितों के नाम पर बाकी लोगों को हानि पहुँचाने को तैयार रहता है।
  • प्रत्येक राज्य ने बल प्रयोग के अपने उपकरणों को मजबूत किया है।
  • विश्व अलग- अलग संप्रभु राष्ट्रों में विभाजित है। इससे शांति के रास्ते में अवरोध उत्पन्न होते हैं।

इन समस्याओं का दीर्घकालिक समाधान सार्थक लोकतंत्रीकरण और अधिक नागरिक आजादी की एक कारगर पद्धति में है। इसके माध्यम से राज्य सत्ता को ज्यादा जवाबदेह बनाया जा सकता है। इस प्रकार लोकतंत्र एवं मानवाधिकारों के लिए संघर्ष और शांति के सुरक्षित बने रहने के बीच घनिष्ठ सम्बन्ध है।

→ शांति कायम करने के विभिन्न तरीके: शांति कायम करने के विभिन्न तरीके रहे हैं। इनमें प्रमुख हैं:

  • सत्ता संतुलन
  • सामाजिक-आर्थिक सहयोग (आर्थिक एकीकरण से राजनीतिक एकीकरण)
  • वैश्वीकरण संयुक्त राष्ट्र के अंग- सुरक्षा परिषद्, आर्थिक-सामाजिक परिषद् और मानवाधिकार आयोग उक्त तीनों ही पद्धतियों के प्रमुख तत्वों को साकार कर सकते हैं।

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→ समकालीन चुनौतियाँ:

  • यद्यपि संयुक्त राष्ट्र संघ ने शांति की स्थापना में अनेक उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं, लेकिन वह शांति के खतरों को समाप्त करने में सफल नहीं हुआ है। इसके बजाय
  • दबंग राष्ट्रों जैसे अफगानिस्तान या महाशक्तियों का संप्रभुता का प्रभावपूर्ण प्रदर्शन करते हुए सीधी सैनिक कार्यवाहियाँ करना, और इराक में अमेरिकी हस्तक्षेप
  • आक्रामक राष्ट्रों के स्वार्थपूर्ण आचरण से आतंकवाद का उदय व विस्तार
  • नस्ल संहार अर्थात् किसी समूचे जनसमूह का व्यवस्थित संहार आदि ने शांति के समक्ष चुनौतियाँ पैदा की हैं।

→ विश्व शांति के सिद्धान्त के पालन के रूप: शांति के समक्ष बढ़ती चुनौतियाँ होने का अर्थ यह नहीं है कि शांति एक चुका हुआ सिद्धान्त है। शांति का सिद्धान्त आज भी प्रासंगिक है। यथा

  • जापान और कोस्टारिका देशों द्वारा सैन्य बल नहीं रखना।
  • विश्व के अनेक हिस्सों में परमाणविक हथियार के मुक्त क्षेत्र – दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन क्षेत्र, दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका, दक्षिणी प्रशान्त क्षेत्र और मंगोलिया।
  • सोवियत संघ का विघटन और महाशक्तियों की सैनिक प्रतिद्वन्द्विता की समाप्ति।
  • अनेक विश्व शांति आन्दोलनों का जारी रहना तथा उसका विस्तार।
  • महिला सशक्तीकरण तथा पर्यावरण सुरक्षा जैसे आंदोलन|
  • शांति अध्ययन की शाखा का जन्म – इंटरनेट जैसे संप्रेषण के नए माध्यम का कारगर प्रयोग। ये तथ्य आज भी शांति के सिद्धान्त को रेखांकित करते हैं।

निष्कर्ष: शांति के क्रियाकलापों में सद्भावनापूर्ण सामाजिक सम्बन्ध के सृजन और संवर्द्धन के अविचल प्रयास शामिल होते हैं, जो मानव कल्याण और खुशहाली के लिए प्रेरित होते हैं।

JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 8 धर्मनिरपेक्षता

JAC Board Class 11 Political Science Solutions Chapter 8 धर्मनिरपेक्षता

Jharkhand Board JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 8 धर्मनिरपेक्षता Textbook Exercise Questions and Answers.

Jharkhand Board Class 11 Political Science धर्मनिरपेक्षता InText Questions and Answers

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प्रश्न 1.
कुछ ऐसे तरीकों की सूची बनाओ जिनके माध्यम से साम्प्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा दिया जा सकता है।
उत्तर:
साम्प्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए निम्न तरीके अपनाये जा सकते हैं।
(1) हम आपसी जागरूकता के लिए एक साथ मिलकर काम करें।
(2) लोगों की सोच को बदलने के लिए शिक्षा के प्रचार-प्रसार पर बल दें
(3) साझेदारी और पारस्परिक सहायता के व्यक्तिगत उदाहरण भी विभिन्न समुदायों के बीच पूर्वाग्रह और संदेहों को कम करने में योगदान दे सकते हैं।
(4) आधुनिक समाज में धर्म निरपेक्ष राज्य की स्थापना करके हम साम्प्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा दे सकते हैं।

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प्रश्न 2.
क्या आप ऐसी धर्म निरपेक्षता की कल्पना कर सकते हैं, जो आपको अपनी पहचान से जुड़ा नाम रखने और आपको पसंद के कपड़े पहनने की आजादी न दे और आपकी बोलचाल की भाषा ही बदल डाले ? आपके खयाल से अतातुर्क की धर्म निरपेक्षता भारतीय धर्म निरपेक्षता से किन मायनों में भिन्न है?
उत्तर:
हाँ, हम ऐसी धर्म निरपेक्षता की कल्पना कर सकते हैं। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद तुर्की में अतातुर्क की धर्म निरपेक्षता इसी प्रकार की धर्म निरपेक्षता थी। यथा- – 20वीं सदी के प्रारंभ में मुस्तफा कमाल अतातुर्क ने तुर्की में धर्म में हस्तक्षेप के माध्यम से धर्म निरपेक्षता की हिमायत की। उसने इस तरह की धर्म निरपेक्षता न केवल प्रस्तुत की बल्कि उस पर अमल भी किया। उसकी धर्म निरपेक्षता की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार थीं

  1. मुस्तफा कमाल अतातुर्क ने सर्वप्रथम अपना नाम मुस्तफा कमाल पाशा से बदलकर कमाल अतातुर्क कर लिया। अतातुर्क का अर्थ होता है। तुर्कों का पिता।
  2. हैट कानून के जरिए मुसलमानों द्वारा पहनी जाने वाली परंपरागत फैज टोपी को प्रतिबंधित कर दिया गया।
  3. स्त्री-पुरुषों के लिए पश्चिमी पोशाकों को बढ़ावा दिया गया।
  4. तुर्की पंचांग की जगह पश्चिमी (ग्रिगेरियन) पंचांग लाया गया।
  5. 1928 में नई तुर्की वर्णमाला को संशोधित लैटिन रूप में अपनाया गया।

वे तुर्की के सार्वजनिक जीवन में खिलाफत को समाप्त कर देने के लिए कटिबद्ध थे। वे मानते थे कि परम्परागत सोच-विचार और अभिव्यक्ति से नाता तोड़े बगैर तुर्की को उसकी दुःखद स्थिति से नहीं उबारा जा सकता। परिणामतः उसने तुर्की में उक्त किस्म की धर्म निरपेक्षता को लागू किया। अतातुर्क की धर्म निरपेक्षता और भारतीय धर्म निरपेक्षता में अन्तर

  1. भारतीय धर्म निरपेक्षता न तो नाम बदलने से सम्बन्धित है। वह अपने पहचान से जुड़े नाम रखने की पूर्ण आजादी प्रदान करती है, जबकि अतातुर्क की धर्म निरपेक्षता अपनी पहचान से जुड़े नाम बदलने पर बल देती है।
  2. भारतीय धर्म निरपेक्षता आपको अपने पसंद के कपड़े पहनने की पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान करती है। यहाँ कोई भी धर्मावलम्बी अपनी पहचान से जुड़े तथा अपने पसंद के कपड़े पहन सकता है। लेकिन कमाल अतातुर्क की धर्म निरपेक्षता आपको परम्परागत विचारों व सोचों से जुड़े कपड़ों को पहनने की आजादी को खत्म करती है। इसीलिए उसने मुसलमानों की परम्परागत फैज टोपी को पहनने को प्रतिबंधित कर दिया तथा पश्चिमी परिधानों को पहनने को बढ़ावा दिया।
  3. भारतीय धर्म निरपेक्षता आपको अपनी बोल-चाल की भाषाओं को बनाए रखनी की आजादी देती है जबकि अतातुर्क की धर्म निरपेक्षता ने तुर्की लोगों की बोलचाल की भाषा को ही बदल दिया।

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प्रश्न 3.
क्या धर्म निरपेक्षता नीचे लिखी बातों के संगत है।
1. अल्पसंख्यक समुदाय की तीर्थ यात्रा को आर्थिक अनुदान देना।
2. सरकारी कार्यालयों में धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन करना।
उत्तर:
धर्म निरपेक्षता उक्त दोनों बातों के लिए संगत नहीं है क्योंकि धर्म निरपेक्षता धर्म और राज्य सत्ता के बीच सम्बन्ध विच्छेद पर बल देती है। साथ ही राज्य को किसी धर्म के साथ किसी भी तरह के औपचारिक गठजोड़ से परहेज करना भी आवश्यक है। उक्त दोनों बातों को राज्य द्वारा करने पर धर्म निरपेक्षता के इस सिद्धान्त का उल्लंघन होता है।

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प्रश्न 4.
राज्य धर्मों के साथ एक समान बरताव किस तरह कर सकता है। क्या हर धर्म के लिए बराबर संख्या में छुट्टी कर देने से ऐसा किया जा सकता है? या सार्वजनिक अवसरों पर किसी भी प्रकार के धार्मिक समारोह पर रोक लगाकर समान बरताव किया जा सकता है?
उत्तर:
राज्य धर्मों के साथ एक समान बरताव: सभी धर्मो को समान संरक्षण देकर, सभी धर्मों की हिफाजत कर, अन्य धर्मों की कीमत पर किसी एक धर्म की तरफदारी न करके तथा स्वयं किसी भी धर्म को राज्य धर्म के रूप में स्वीकार न करके कर सकता है। राज्य द्वारा हर धर्म के लिए बराबर संख्या में छुट्टी देना तथा सार्वजनिक अवसरों पर किसी प्रकार के धार्मिक समारोह की रोक लगाना सभी धर्मों के साथ समान बर्ताव के व्यवहार के अन्तर्गत ही आते हैं।

Jharkhand Board Class 11 Political Science धर्मनिरपेक्षता Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्न में से कौन-सी बातें धर्म निरपेक्षता के विचार से संगत हैं? कारण सहित बताइये
(क) किसी धार्मिक समूह पर दूसरे धार्मिक समूह का वर्चस्व न होना।
(ख) किसी धर्म को राज्य के धर्म के रूप में मान्यता देना।
(ग) सभी धर्मों को राज्य का समान आश्रय होना।
(घ) विद्यालयों में अनिवार्य प्रार्थना होना।
(ङ) किसी अल्पसंख्यक समुदाय को अपने पृथक् शैक्षिक संस्थान बनाने की अनुमति होना।
(च) सरकार द्वारा धार्मिक संस्थाओं की प्रबंधन समितियों की नियुक्ति करना।
(छ) किसी मंदिर में दलितों के प्रवेश के निषेध को रोकने के लिए सरकार का हस्तक्षेप।
उत्तर:
निम्नलिखित बातें धर्म निरपेक्षता के विचार से संगत हैं
(क) किसी धार्मिक समूह पर दूसरे धार्मिक समूह का वर्चस्व न होना।
(ग) सभी धर्मों को राज्य का समान आश्रय होना।
(ङ) किसी अल्पसंख्यक समुदाय को अपने पृथक् शैक्षिक संस्थान बनाने की अनुमति देना।
(छ) किसी मंदिर में दलितों के प्रवेश के निषेध को रोकने के लिए सरकार का हस्तक्षेप।

(क) किसी धार्मिक समूह पर दूसरे धार्मिक समूह का वर्चस्व न होना:
प्रत्येक प्रकार की धर्म निरपेक्षता के रूप में यह मूल सिद्धान्त निहित है कि धर्म निरपेक्षता अन्तर- धार्मिक वर्चस्व का विरोध करती है। यह कथन कि किसी धार्मिक समूह पर दूसरे धार्मिक समूह का वर्चस्व नहीं है, इस सिद्धान्त का पालन करता है। अतः यह धर्म निरपेक्षता के विचार से संगत है।

(ग) सभी धर्मों को राज्य का समान आश्रय होना:
धर्मनिरपेक्ष होने के लिए राज्य सत्ता को किसी भी धर्म के साथ किसी भी तरह के औपचारिक कानूनी गठजोड़ से परहेज करना आवश्यक है। साथ ही यह भी आवश्यक है कि राज्य का अपना कोई धर्म न हो बल्कि वह सभी धर्मों को समान संरक्षण व आश्रय प्रदान करे। इस दृष्टि से यह कथन कि ‘सभी धर्मों को राज्य का समान आश्रय है’ धर्म निरपेक्षता के सिद्धान्त से संगत है।

(ङ) किसी अल्पसंख्यक समुदाय को अपने पृथक् शैक्षिक संस्थान बनाने की अनुमति देना:
यदि हम यूरोपीय मॉडल की धर्म निरपेक्षता की दृष्टि से विचार करें तो यह कथन धर्म निरपेक्षता के सिद्धान्त से असंगत है क्योंकि यूरोपीय संकल्पना में स्वतंत्रता और समानता का तात्पर्य है। व्यक्तियों की स्वतंत्रता व समुदाय को अपनी पसंद का आचरण करने की स्वतंत्रता रहे। समुदाय आधारित अधिकारों अथवा अल्पसंख्यक अधिकारों की वहाँ कोई गुंजाइश नहीं है। लेकिन यदि हम भारतीय मॉडल की धर्म निरपेक्षता की संकल्पना की दृष्टि से विचार करें तो यह कथन धर्म निरपेक्षता के सिद्धान्त से संगत है क्योंकि भारतीय धर्म निरपेक्षता का सम्बन्ध व्यक्तियों की धार्मिक आजादी से ही नहीं है, बल्कि अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक आजादी से भी है। इसके अन्तर्गत धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी अपनी खुद की. संस्कृति और शैक्षिक संस्थाएँ कायम करने का अधिकार है।

(छ) किसी मंदिर में दलितों के प्रवेश के निषेध को रोकने के लिए सरकार का हस्तक्षेप:
पश्चिमी धर्म निरपेक्षता की संकल्पना की दृष्टि से यह कार्य धर्म निरपेक्षता के सिद्धान्त से असंगत है क्योंकि इस तरह की धर्म निरपेक्षता में राज्य समर्थित धार्मिक सुधार के लिए कोई जगह नहीं है, लेकिन भारतीय धर्म निरपेक्षता की संकल्पना की दृष्टि से यह कार्य संगत है क्योंकि भारतीय धर्म निरपेक्षता में राज्य समर्थित धार्मिक सुधार की गुंजाइश भी है और अनुकूलता भी।

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प्रश्न 2.
धर्म निरपेक्षता के पश्चिमी और भारतीय मॉडल की कुछ विशेषताओं का आपस में घालमेल हो गया है। उन्हें अलग करें और एक नई सूची बनाएँ।

पश्चिमी धर्म निरपेक्षता भारतीय धर्म निरपेक्षता
धर्म और राज्य का एक-दूसरे के मामले में हस्तक्षेप न राज्य द्वारा समर्थित धार्मिक सुधारों की अनुमति
करने की अटल नीति एक धर्म के भिन्न पंथों के बीच समानता पर जोर देना
विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच समानता एक मुख्य सरोकार होना समुदाय आधारित अधिकारों पर कम ध्यान देना
अल्पसंख्यक अधिकारों पर ध्यान देना व्यक्ति और धार्मिक समुदायों दोनों के अधिकारों का संरक्षण
व्यक्ति और उसके अधिकारों को केन्द्रीय महत्त्व देना भारतीय धर्म निरपेक्षता

उत्तर:
धर्म निरपेक्षता के पश्चिमी और भारतीय मॉडल की विशेषताओं को निम्न प्रकार सूचीबद्ध किया गया है।

पश्चिमी धर्म निरपेक्षता भारतीय धर्म निरपेक्षता
1. धर्म और राज्य का एक-दूसरे के मामले में हस्तक्षेप न करने की अंटल नीति 1. राज्य द्वारा समर्थित धार्मिक सुधारों की अनुमति
2. विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच समानता एक मुख्य सरोकार होना 2. एक धर्म के भिन्न पंथों के बीच समानता पर जोर देना
3. समुदाय आधारित अधिकारों पर कम ध्यान देना 3. अल्पसंख्यक अधिकारों पर ध्यान देना।
4. व्यक्ति और उसके अधिकारों को केन्द्रीय महत्त्व दिया जाना 4. व्यक्ति और धार्मिक समुदाय दोनों के अधिकारों का संरक्षण

प्रश्न 3.
धर्म निरपेक्षता से आप क्या समझते हैं? क्या इसकी बराबरी धार्मिक सहनशीलता से की जा सकती
उत्तर:
धर्म निरपेक्षता से आशय:
धर्म निरपेक्षता के सिद्धान्त का पहला पक्ष यह है कि यह अन्तर धार्मिक वर्चस्व का विरोध करता है और इसका दूसरा पक्ष यह है कि यह अन्तः धार्मिक वर्चस्व यानी धर्म के अन्दर छुपे हुए वर्चस्व का विरोध करता है। इस प्रकार यह अवधारणा संस्थाबद्ध धार्मिक वर्चस्व के सभी रूपों का विरोध करती है। यह धर्मों के अन्दर आजादी तथा विभिन्न धर्मों के बीच और उनके अन्दर समानता को बढ़ावा देती है। धर्म निरपेक्षता और धार्मिक सहनशीलता में अन्तर

  1. धार्मिक सहनशीलता धार्मिक वर्चस्व की विरोधी नहीं है, जबकि धर्म निरपेक्षता धार्मिक वर्चस्व की विरोधी है।
  2. धार्मिक सहनशीलता में धार्मिक स्वतंत्रता प्रायः सीमित होती है, जबकि धर्म निरपेक्षता में धार्मिक सहनशीलता अपेक्षाकृत अधिक होती है। हो सकता है कि धार्मिक सहनशीलता में हर किसी को धार्मिक स्वतंत्रता के अवसर मिल जाएँ लेकिन ऐसी स्वतंत्रता प्रायः सीमित होती है, जबकि धर्म निरपेक्षता में राज्य सत्ता धर्मसत्ता के मामले में हस्तक्षेप नहीं करती और किसी धर्म का धार्मिक वर्चस्व नहीं होता है, इसलिए इसमें धार्मिक स्वतंत्रता के सभी को समान अवसर प्राप्त हैं।
  3. धार्मिक सहनशीलता हममें उन लोगों को बर्दाश्त करने की क्षमता पैदा करती है, जिन्हें हम बिल्कुल नापसंद करते हैं; जबकि धर्म निपरेक्षता में ऐसे बर्दाश्त करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इससे स्पष्ट होता है कि सहिष्णुता या धार्मिक सहनशीलता तथा धर्म निरपेक्षता में काफी अन्तर है तथा धर्म निरपेक्षता की बराबरी धार्मिक सहनशीलता से नहीं की जा सकती।

प्रश्न 4.
क्या आप नीचे दिए गए कथनों से सहमत हैं? उनके समर्थन या विरोध के कारण भी दीजिए।
(क) धर्म निरपेक्षता हमें धार्मिक पहचान बनाए रखने की अनुमति नहीं देती है।
(ख) धर्म निरपेक्षता किसी धार्मिक समुदाय के अन्दर या विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच असमानता के खिलाफ है।
(ग) धर्म निरपेक्षता के विचार का जन्म पश्चिमी और ईसाई समाज में हुआ है। यह भारत के लिए उपयुक्त नहीं है।
उत्तर:
(क) धर्म निरपेक्षता हमें धार्मिक पहचान बनाए रखने की अनुमति नहीं देती है। हम इस कथन से सहमत नहीं हैं क्योंकि धर्म निरपेक्षता धर्म और राज्य का एक-दूसरे के मामले में हस्तक्षेप न करने तथा विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच समानता और एक धर्म के विभिन्न पंथों के बीच समानता तथा किसी धर्म के वर्चस्व का विरोध करने की नीति है। इसके अन्तर्गत प्रत्येक व्यक्ति अपने धर्म को अपनाने के लिए स्वतंत्र है। वह इस प्रकार उसे अपनी धार्मिक पहचान बनाए रखने की पूर्ण स्वतंत्रता देती है। इसलिए यह कहना गलत है कि धर्म निरपेक्षता हमें धार्मिक पहचान बनाए रखने की अनुमति नहीं देती है।

(ख) धर्म निरपेक्षता किसी धार्मिक समुदाय के अन्दर या विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच असमानता के खिलाफ है। हम इस कथन से सहमत हैं क्योंकि धर्म निरपेक्षता का विचार धर्मों के अन्दर आजादी तथा विभिन्न धर्मों के बीच और
उनके अन्दर समानता को बढ़ावा देता है तथा असमानता का विरोध करता है। यह अन्तर: धार्मिक तथा अन्तः धार्मिक दोनों तरह के वर्चस्वों के खिलाफ है तथा दोनों तरह के वर्चस्वों से रहित समाज बनाना चाहता है।

(ग) धर्म निरपेक्षता के विचार का जन्म पश्चिमी और ईसाई समाज में हुआ है। यह भारत के लिए उपयुक्त नहीं है। हम इस विचार से सहमत नहीं हैं। यद्यपि भारतीय धर्म निरपेक्षता के सम्बन्ध में यह आलोचना की जाती है कि यह ईसाइयत से जुड़ी है, पश्चिमी चीज है और इसीलिए भारतीय परिस्थितियों के लिए अनुपयुक्त है। लेकिन इस विचार से हम असहमत हैं क्योंकि।

  1. पतलून से लेकर इंटरनेट और संसदीय लोकतंत्र तक लाखों पश्चिमी चीजें भारत में प्रचलित हैं जिनकी जड़ें पश्चिम में हैं, क्या वे भारतीयों के लिए अनुपयुक्त हैं।
  2. धर्म निरपेक्ष होने के लिए प्रत्येक राष्ट्र का अपना स्वयं का लक्ष्य होता है। पश्चिमी धर्म निरपेक्षता का लक्ष्य ईसाइयत से राज्य का सम्बन्ध विच्छेद करना था। धर्म और राज्य का पारस्परिक निषेध पश्चिमी धर्म निरपेक्ष समाजों का आदर्श है; लेकिन भारत ने इस सिद्धान्त को उतनी कट्टरता के साथ नहीं अपनाया है।
  3. भारतीय धर्म निरपेक्षता में राज्य सत्ता धर्म से सैद्धान्तिक दूरी बनाए रखते हुए भी खास समुदायों की रक्षा के लिए उसमें हस्तक्षेप भी कर सकती है। यह भारतीय धर्म निरपेक्षता न तो ईसाइयत से पूरी तरह जुड़ी हुई है और न भारतीय जमीन पर सीधा-सीधा पश्चिमी आरोपण ही है।

प्रश्न 5.
भारतीय धर्म निरपेक्षता का जोर धर्म और राज्य के अलगाव पर नहीं वरन् उससे अधिक किन्हीं बातों पर है। इस कथन को समझाइये
उत्तर:
भारतीय धर्म निरपेक्षता पश्चिमी धर्म निरपेक्षता से बुनियादी रूप से भिन्न है। भारतीय धर्म निरपेक्षता केवल धर्म और राज्य के बीच सम्बन्ध विच्छेद पर बल नहीं देती। अन्तर- धार्मिक समानता भारतीय धर्म निरपेक्षता की संकल्पना के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। भारतीय धर्म निरपेक्षता की संकल्पना की विशिष्ट बातें निम्नलिखित हैं।
1. अन्तर-धार्मिक सहिष्णुता:
भारतीय धर्म निरपेक्षता का विचार गहरी धार्मिक विविधता के संदर्भ में उदित हुआ है। यह विविधता पश्चिमी आधुनिक विचारों और राष्ट्रवाद के आगमन से पहले की चीज है। भारत में पहले से ही अन्तर- धार्मिक सहिष्णुता की संस्कृति मौजूद थी। यह संस्कृति धार्मिक वर्चस्व की विरोधी नहीं है तथा इसमें धार्मिक आजादी प्रायः सीमित होती है तथा यह लोगों में बर्दाश्त करने की क्षमता पैदा करती है।

2. अन्तर-सामुदायिक समानता:
पश्चिमी आधुनिकता के आगमन ने भारतीय चिंतन में समानता की अवधारणा को सतह पर ला दिया। उसने इस धारणा को धारदार बनाया और हमें समुदाय के अन्दर समानता पर बल देने की ओर अग्रसर किया। उसने हमारे समाज को मौजूद श्रेणीबद्धता को हटाने के लिए अन्तर-सामुदायिक समानता के विचार को भी उद्घाटित किया। इस तरह भारतीय समाज में पहले से विद्यमान धार्मिक विविधता और पश्चिम से आए विचारों के बीच अंतर्क्रिया शुरू हुई; जिसके फलस्वरूप भारतीय धर्म निरपेक्षता ने विशिष्ट रूप ग्रहण किया।

3. यह अंतः धार्मिक और अन्तर:
धार्मिक वर्चस्व पर एक साथ ध्यान केन्द्रित करती है। भारतीय धर्म निरपेक्षता में अन्त:धार्मिक और अन्तर- धार्मिक वर्चस्व पर एक साथ ध्यान केन्द्रित किया गया है। इसने हिन्दुओं के अन्दर दलितों और महिलाओं के उत्पीड़न और भारतीय मुसलमानों अथवा ईसाइयों के अन्दर महिलाओं के प्रति भेदभाव तथा बहुसंख्यक समुदाय द्वारा अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों के अधिकारों पर उत्पन्न किये जा सकने वाले खतरों का समान रूप से विरोध किया । इस प्रकार यह पश्चिमी धर्म निरपेक्षता से भिन्न हो गई।

4. व्यक्तियों और अल्पसंख्यक समुदायों दोनों प्रकार की धार्मिक स्वतंत्रता से सम्बद्ध:
पश्चिमी धर्म निरपेक्षता का सम्बन्ध केवल व्यक्तियों की धार्मिक स्वतंत्रता से ही है जबकि भारतीय धर्म निरपेक्षता का सम्बन्ध व्यक्तियों की धार्मिक आजादी के साथ-साथ अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक आजादी से भी है। इसके अन्तर्गत हर आदमी को अपने पसंद का धर्म मानने के अधिकार के साथ-साथ धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी अपनी स्वयं की संस्कृति और शैक्षिक संस्थाएँ कायम करने का अधिकार है।

5. राज्य समर्थित धार्मिक सुधार:
भारतीय धर्म निरपेक्षता में राज्य समर्थित धार्मिक सुधार की गुंजाइश भी है और अनुकूलता भी। इसीलिए भारतीय संविधान ने अस्पृश्यता पर प्रतिबंध लगाया है। भारतीय राज्य ने बाल विवाह के उन्मूलन और अन्तर्जातीय विवाह पर हिन्दू धर्म के द्वारा लगाए गए निषेध को खत्म करने हेतु अनेक कानून बनाए हैं।

6. न धर्मतांत्रिक और न धर्म से विलग:
भारतीय धर्मनिरपेक्षता का चरित्र धर्मतांत्रिक नहीं है क्योंकि यह किसी धर्म को राजधर्म नहीं मानता है। यह पूर्णतः धर्म से विलग भी नहीं है। यह धर्म से विलग भी हो सकता है और जरूरत पड़ने पर उसके साथ सम्बन्ध भी बना सकता है।
इससे स्पष्ट होता है कि भारतीय धर्म निरपेक्षता का जोर धर्म और राज्य के अलगाव पर नहीं वरन् राज्य द्वारा समर्थित धार्मिक सुधारों की अनुमति देने, अल्पसंख्यक अधिकारों पर ध्यान देने, व्यक्ति और धार्मिक समुदाय दोनों के अधिकारों के संरक्षण देने पर अधिक है।

JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 8 धर्मनिरपेक्षता

प्रश्न 6.
‘सैद्धान्तिक दूरी’ क्या है ? उदाहरण सहित समझाइये
उत्तर:
सैद्धान्तिक दूरी से आशय:
धर्म निरपेक्षता का सिद्धान्त यह मांग करता है कि राज्य धर्म से दूरी बनाए रखे। इसका आशय यह है कि राज्य और धर्म में पृथकता होनी चाहिए। पाश्चात्य धर्म निरपेक्षता के मॉडल में राज्य और धर्म के बीच अटल या पूर्ण पृथकता या पूर्ण दूरी पर बल दिया जाता है। लेकिन भारतीय धर्म निरपेक्षता के मॉडल में राज्य और धर्म की पूर्ण पृथकता को नहीं अपनाया गया है। इसमें सैद्धान्तिक दूरी के सिद्धान्त पर बल दिया गया है। सैद्धान्तिक दूरी से आशय यह है कि सामान्यतः राज्य धर्म से एक दूरी बनाए रखता है और धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है। लेकिन विशिष्ट परिस्थितियों में राज्य धार्मिक क्षेत्र में हस्तक्षेप भी कर सकता है। ये विशिष्ट परिस्थितियाँ हैं—भेदभाव, शोषण और असमानता की।

उदाहरण के लिए भारत में राज्य ने हिन्दुओं में अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिए संविधान में अस्पृश्यता को अपराध घोषित कर दिया है। इसी प्रकार राज्य ने हस्तक्षेप करके दलितों को मंदिरों में प्रवेश, सार्वजनिक स्थलों के उपयोग, कुओं, तालाबों तथा शैक्षिक संस्थाओं के प्रयोग के लिए अनुमति प्रदान की है। इसी प्रकार राज्य ईसाइयत और इस्लाम में भी हस्तक्षेप कर सकता है, जब वह देखता है कि धर्म व्यक्ति के मूल अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है, अन्याय या शोषण कर रहा है। दूसरे, भारतीय राज्य सुधारों को समर्थन करके धर्म का विकास भी कर सकता है अर्थात् वह धर्म सुधार हेतु हस्तक्षेप कर सकता है। इसी को सैद्धान्तिक दूरी कहा जाता है।

धर्मनिरपेक्षता JAC Class 11 Political Science Notes

→ धर्म निरपेक्षता क्या है?
धर्म निरपेक्षता के सिद्धान्त के दो पक्ष हैं। इसका पहला पक्ष यह है कि यह अन्तर- धार्मिक वर्चस्व का विरोध करता है। इसका दूसरा पक्ष यह है कि यह अंतः धार्मिक वर्चस्व यानी धर्म के अंदर छुपे हुए वर्चस्व का विरोध करता है। इस प्रकार धर्म निरपेक्षता संस्थाबद्ध धार्मिक वर्चस्व के सभी रूपों की विरोधी है। यह धर्मों के अन्दर आजादी तथा विभिन्न धर्मों के बीच और उनके अन्दर समानता को बढ़ावा देती है। इस प्रकार धर्म निरपेक्षता की अवधारणा को नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ही दृष्टि से स्पष्ट किया जाता है। यथा

  • नकारात्मक अर्थ में धर्म निरपेक्षता का सिद्धान्त संस्थागत धार्मिक वर्चस्व के सभी रूपों का विरोधी होने के नाते यह अन्तर- धार्मिक वर्चस्व तथा अन्तः धार्मिक वर्चस्व दोनों को नकारता है।
  • सकारात्मक अर्थ में धर्म निरपेक्षता का सिद्धान्त धर्मों के अन्दर की आजादी तथा विभिन्न धर्मों के बीच और उनके अन्दर समानता को बढ़ावा देता ह।

→ धर्मों के बीच वर्चस्ववाद:
धर्मों के बीच वर्चस्ववाद से यह आशय है कि एक क्षेत्र में बहुसंख्यक धर्म वाला सम्प्रदाय अल्पसंख्यक धर्मावलम्बियों पर अपना वर्चस्व स्थापित कर लेता है और फिर वह अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों का उत्पीड़न करता है। उदाहरण के लिए, इसी धार्मिक वर्चस्ववाद के चलते

  • 1984 में दिल्ली में हजारों सिखं मारे गए;
  • हजारों कश्मीरी पंडितों को घाटी में अपना घर विवश होकर छोड़ना पड़ा;
  • सन् 2002 में गुजरात में लगभग 2000 मुसलमान मारे गये आदि।

→ धर्म के अन्दर वर्चस्व:
कई धर्म संप्रदायों में विभाजित हो जाते हैं और निरन्तर आपसी हिंसा तथा भिन्न मत रखने वाले अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न में लगे रहते हैं। इस प्रकार यह धर्म के अन्दर वर्चस्व का रूप ग्रहण कर लेता है। धर्म निरपेक्षता का सिद्धान्त धर्म के अन्दर के वर्चस्व के रूप का भी विरोध करता है। इस प्रकार धर्म निरपेक्षता का सिद्धान्त संस्थागत धार्मिक वर्चस्व के सभी रूपों का विरोध करता है। इस प्रकार धर्म निरपेक्षता ऐसा नियामक सिद्धान्त है जो धर्म निरपेक्ष समाज, उक्त दोनों तरह के वर्चस्वों से रहित समाज बनाना चाहता है जिसमें धर्मों के अन्दर आजादी तथा विभिन्न धर्मों के बीच और उनके अन्दर समानता को बढ़ावा दिया जाता हों।

→ धर्म निरपेक्ष राज्य:
धार्मिक भेदभाव को रोकने के लिए आपसी जागरूकता, शिक्षा, साझेदारी, पारस्परिक सहायता, भलाई की भावना का विकास आदि रास्तों को अपनाया जा सकता है। लेकिन इनसे अधिक शक्तिशाली रास्ता धर्म निरपेक्ष राज्य की स्थापना करना है। एक धर्म निरपेक्ष राज्य सत्ता में निम्न विशेषताएँ होनी आवश्यक हैं।

  • राज्य सत्ता किसी खास धर्म के प्रमुखों द्वारा संचालित नहीं हो। धार्मिक संस्थाओं और राज्यसत्ता की संस्थाओं के बीच सम्बन्ध नहीं होना चाहिए।
  • राज्य सत्ता को किसी भी धर्म के साथ किसी भी तरह के औपचारिक कानूनी गठजोड़ से परहेज करना होगा।
  • धर्म निरपेक्ष राज्य को ऐसे सिद्धान्तों और लक्ष्यों के लिए अवश्य प्रतिबद्ध होना चाहिए जो गैर धार्मिक स्रोतों से निकलते हों, जैसे शांति, धार्मिक स्वतंत्रता; धार्मिक उत्पीड़न, भेदभाव और वर्जना से आजादी ; तथा अन्तर- – धार्मिक व अन्तः धार्मिक समानता। धर्म निरपेक्ष राज्य का कोई एक निश्चित मॉडल नहीं बताया जा सकता। राजनैतिक धर्म निरपेक्षता किसी भी रूप में स्थापित हो सकती हैं। यहाँ अग्रलिखित दो मॉडलों को स्पष्ट किया गया है।

→ धर्म निरपेक्षता का यूरोपीय मॉडल:

  • यूरोपीय मॉडल के सभी धर्म निरपेक्ष राज्य न तो धर्मतांत्रिक हैं और न किसी खास धर्म की स्थापना करते हैं।
  • इसमें राज्य सत्ता धर्म के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करती है और न धर्मसत्ता राज्य के मामलों में दखल देती है। दोनों के अपने अलग-अलग क्षेत्र तथा सीमाएँ हैं।
  • राज्य न तो धर्म के आधार पर कोई नीति बनायेगा और न किसी धार्मिक संस्था को मदद देगा।
  • देश के कानून की सीमा के अन्दर संचालित धार्मिक समुदायों की गतिविधियों में राज्य व्यवधान पैदा नहीं कर सकता।
  • यह संकल्पना स्वतंत्रता और समानता की व्यक्तिवादी ढंग से व्याख्या करती है। इसमें समुदाय आधारित अधिकारों या अल्पसंख्यकों के अधिकारों की कोई गुंजाइश नहीं है। इस तरह की धर्म निरपेक्षता में राज्य समर्थित धार्मिक सुधार के लिए कोई जगह नहीं है।

JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 8 धर्मनिरपेक्षता

→ धर्म निरपेक्षता का भारतीय मॉडल:
भारतीय धर्म निरपेक्षता में अंतः धार्मिक और अन्तर- धार्मिक वर्चस्व पर एक साथ ध्यान केन्द्रित किया गया है। परिणामस्वरूप भारतीय धर्म निरपेक्षता पश्चिमी धर्म निरपेक्षता से निम्न रूपों में भिन्न रूप में सामने आई हैं।

  • इसने पिछड़ों और अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों के अधिकारों पर उत्पन्न किये जाने वाले खतरों का समान रूप से विरोध किया।
  • भारतीय धर्म निरपेक्षता का सम्बन्ध व्यक्तियों की धार्मिक आजादी से ही नहीं है, बल्कि अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक आजादी से भी है।
  • भारतीय धर्म निरपेक्षता में राज्य समर्थित धार्मिक सुधार की गुंजाइश भी है और अनुकूलता भी। इसीलिए भारतीय संविधान ने अस्पृश्यता पर प्रतिबंध लगाया है। राज्य ने बाल विवाह के उन्मूलन और अन्तर्जातीय विवाह पर हिन्दू धर्म द्वारा लगाए निषेध को खत्म करने हेतु अनेक कानून बनाए हैं।

इस प्रकार भारतीय राज्य के धर्म निरपेक्ष चरित्र की प्रमुख विशेषता यह है कि वह न तो धर्मतांत्रिक है और न ही किसी धर्म को राजधर्म मानता है। लेकिन वह धार्मिक समानता हासिल करने के लिए अमेरिकी शैली में धर्म से विलग भी हो सकता है और आवश्यकता पड़ने पर उसके साथ सम्बन्ध भी बना सकता है। वह धार्मिक अत्याचार का विरोध करने हेतु धर्म के साथ निषेधात्मक सम्बन्ध भी बना सकता है और वह जुड़ाव की सकारात्मक विधि भी अपना सकता है। अस्पृश्यता का निषेध जहाँ निषेधात्मक जुड़ाव है, वहीं धार्मिक अल्पसंख्यकों को शिक्षा संस्थाएँ खोलने व चा का अधिकार देना सकारात्मक जुड़ाव को दर्शाता है। भारतीय धर्म निरपेक्षता तमाम धर्मों में राजसत्ता के सैद्धान्तिक हस्तक्षेप की अनुमति देती है।

→भारतीय धर्म निरपेक्षता की आलोचनाएँ:
धर्म विरोधी: कुछ लोग यह कहते हैं कि भारतीय धर्म निरपेक्षता धर्म विरोधी है क्योंकि यह संस्थागत धार्मिक वर्चस्व का विरोध करती है। लेकिन इसके आधार पर इसे धर्म विरोधी नहीं कहा जा सकता। कुछ लोग इस आधार पर इसे धर्म विरोधी कहते हैं कि यह धार्मिक पहचान के लिए खतरा पैदा करती है। लेकिन यह विचार भी त्रुटिपरक है क्योंकि यह धार्मिक स्वतंत्रता और समानता को बढ़ावा देती है। अतः यह धार्मिक पहचान के लिए खतरा नहीं बल्कि उसकी हिफाजत करती है। हाँ, वह धार्मिक पहचान के मतांध, हिंसक, दुराग्रही, औरों का बहिष्कार करने वाले और अन्य धर्मों के प्रति घृणा उत्पन्न करने वाले रूपों पर अवश्य चोट करती है।

→ पश्चिम से आयातित:
दूसरी आलोचना यह है कि यह पश्चिम से आयातित है। इसीलिए भारतीय परिस्थितियों के लिए अनुपयुक्त है। लेकिन यह विचार त्रुटिपरक है क्योंकि यहाँ ऐसी धर्म निरपेक्षता विकसित हुई है जो न तो पूरी तरह ईसाइयत से जुड़ी है और न भारतीय जमीन से। तथ्य यह है कि भारतीय धर्म निरपेक्षता में पश्चिमी और गैर-पश्चिमी दोनों मार्गों का अनुसरण किया गया है।

→ अल्पसंख्यकवाद:
भारतीय धर्म निरपेक्षता की तीसरी आलोचना अल्पसंख्यकवाद सम्बन्धी है। इसके तहत कहा जाता है कि यह अल्पसंख्यक अधिकारों की पैरवी करती है। इसके प्रत्युत्तर में यह कहा जा सकता है कि अल्पसंख्यक अधिकारों को विशेष अधिकारों या विशेष सुविधाओं के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इसके पीछे सिर्फ यह धारणा है कि अल्पसंख्यकों के सर्वाधिक मौलिक हितों की क्षति नहीं होनी चाहिए और संवैधानिक कानून द्वारा. उनकी हिफाजत की जानी चाहिए।

→ अतिशय अहस्तक्षेपकारी:
चौथी आलोचना यह की जाती है कि धर्म निरपेक्षता उत्पीड़नकारी है और समुदायों की धार्मिक स्वतंत्रता में अतिशय हस्तक्षेप करती है। लेकिन यह आलोचना भी त्रुटिपरक है क्योंकि भारतीय धर्म निरपेक्षता धर्म से सैद्धान्तिक दूरी कायम रखने पर चलती है जो हस्तक्षेप की गुंजाइश भी बनाती है लेकिन यह हस्तक्षेप अपने आप में उत्पीड़नकारी हस्तक्षेप नहीं होता।

→ वोट बैंक की राजनीति:
पांचवीं आलोचना यह की जाती है कि भारतीय धर्म निरपेक्षता वोट बैंक की राजनीति को बढ़ावा देती है। लेकिन लोकतंत्र में राजनेताओं के लिए वोट पाना जरूरी है। यह उनके काम का अंग है और लोकतांत्रिक राजनीति बड़ी हद तक ऐसी ही है। यह तथ्य कि धर्म निरपेक्ष दल वोट बैंक का इस्तेमाल करते हैं, कष्टकारक नहीं है। भारत में हर समुदाय के संदर्भ में सभी दल ऐसा करते हैं।

→ एक असंभव परियोजना:
भारतीय धर्म निरपेक्षता की एक अन्य आलोचना यह की जाती है कि “यह धर्म निरपेक्षता नहीं चल सकती क्योंकि यह बहुत कुछ करना चाहती है, यह ऐसी समस्या का हल ढूँढ़ना चाहती है, जिसका समाधान है ही नहीं।” क्योंकि गहरे धार्मिक मतभेद वाले लोग कभी भी शांति से एक साथ नहीं रह सकते। लेकिन यह दावा गलत है। भारत में इस तरह साथ-साथ रहना बिल्कुल संभव रहा है। दूसरे, भारतीय धर्म निरपेक्षता एक असंभव परियोजना का अनुसरण नहीं है बल्कि यह भविष्य की दुनिया का प्रतिबिंब प्रस्तुत कर रही है।

JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 7 राष्ट्रवाद

JAC Board Class 11 Political Science Solutions Chapter 7 राष्ट्रवाद

Jharkhand Board JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 7 राष्ट्रवाद Textbook Exercise Questions and Answers.

Jharkhand Board Class 11 Political Science राष्ट्रवाद Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
राष्ट्र किस प्रकार से बाकी सामूहिक संबद्धताओं से अलग है?
उत्तर:
अन्य सामूहिक संबद्धताओं से राष्ट्र भिन्न है। राष्ट्र लोगों का वह समूह है जिनकी जाति, भाषा, धर्म की कुछ सामान्य (Common) विशेषताएँ होती हैं तथा जिनकी साझी राजनीतिक आकांक्षाएँ या साझा इतिहास होता है। यह मनुष्यों के अन्य प्रकार के समूहों व समुदायों से भिन्न है। यथा

  1. यह परिवार से भिन्न है। प्राथमिक सम्बन्धों के आधार पर यह परिवार से भिन्न होता है। परिवार का आधार प्राथमिक सम्बन्ध होते हैं और इस कारण परिवार का प्रत्येक सदस्य दूसरे सदस्यों के व्यक्तित्व और चरित्र के बारे में व्यक्तिगत जानकारी रखता है। लेकिन राष्ट्र के लिए यह संभव नहीं है क्योंकि इसके सभी सदस्यों के बीच प्राथमिक सम्बन्ध नहीं होते हैं।
  2. यह नातेदारी समूह जनजाति या अन्य सगोत्रीय समूहों से भी इस आधार पर भिन्न है क्योंकि इन समूहों के सदस्य रक्त या विवाह सम्बन्धों व वंश परम्परा पर आधारित होते हैं जबकि राष्ट्र के सदस्यों के लिए रक्त सम्बन्धों या विवाह सम्बन्धों के आधार पर सम्बन्धित होना आवश्यक नहीं है। यदि हम इन समूहों के सभी सदस्यों को व्यक्तिगत रूप से नहीं भी जानते हों तो भी आवश्यकता पड़ने पर हम उन सूत्रों को खोज सकते हैं जो इन्हें आपस में जोड़ते हैं। लेकिन राष्ट्र के सदस्य के रूप में हम अपने राष्ट्र के अधिकतर सदस्यों को सीधे तौर पर न कभी जान पाते हैं और न उनके साथ वंशानुगत नाता जोड़ने की जरूरत पड़ती है।
  3. यह समाज से भिन्न है। एक राष्ट्र के सदस्यों के लिए एकता की भावना या अपनी राजनीतिक पहचान का होना आवश्यक है जबकि समाज के सदस्यों में एकता की भावना हो भी सकती है और नहीं भी हो सकती।
  4. यह अन्य समुदायों से भिन्न है। यह अन्य समुदायों से इस आधार पर भिन्न है कि संघ के सदस्यों के साथ-साथ काम करने के लिए साझे उद्देश्य होते हैं, जबकि राष्ट्र के सदस्यों के ऐसे कोई विशिष्ट उद्देश्य नहीं होते।
  5. यह राज्य से भी भिन्न है। राष्ट्र राज्य से इस आधार पर भिन्न है कि राज्य राजनैतिक रूप से संप्रभुता प्राप्त संगठन है जबकि राष्ट्र के पास संप्रभुता नहीं होती है और न ही राष्ट्र राजनैतिक रूप से संगठित होता है।

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय आत्म-निर्णय के अधिकार से आप क्या समझते हैं? किस प्रकार यह विचार राष्ट्र-राज्यों के निर्माण और उनको मिल रही चुनौती में परिणत होता है?
उत्तर:
राष्ट्रीय आत्म-निर्णय के अधिकार से आशय: बाकी सामाजिक समूहों से अलग राष्ट्र अपना शासन अपने आप करने और भविष्य को तय करने का अधिकार चाहते हैं। इसी को राष्ट्रीय आत्म-निर्णय का अधिकार कहा जाता है।
राष्ट्रीय आत्म-निर्णय के अधिकार के दावे मैं राष्ट्र अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय से मांग करता है कि उसके पृथक् राजनीतिक इकाई या राज्य के दर्जे को मान्यता और स्वीकार्यता दी जाये । प्रायः ऐसी मांग निम्न प्रकार के लोगों की ओर से आती है।

  1. वे लोग जो एक लम्बे समय से किसी निश्चित भू-भाग पर साथ-साथ रहते आए हों और जिनमें साझी पहचान का बोध हो।
  2. कुछ मामलों में आत्म-निर्णय के ऐसे दावे एक स्वतंत्र राज्य बनाने की उस इच्छा से भी जुड़े होते हैं। इन दावों का सम्बन्ध किसी समूह की संस्कृति की संरक्षा से होता है।

राष्ट्रीय आत्म-निर्णय का अधिकार राष्ट्र: राज्यों के निर्माण के रूप में राष्ट्रीय आत्म-निर्णय के अनेक दावे किसी समूह की संस्कृति की संरक्षा के लिए एक स्वतंत्र राज्य बनाने की इच्छा के रूप में सामने आए। इन दावों ने राष्ट्र- राज्यों के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। यथा

1. एक संस्कृति और एक राज्य की अवधारणा के तहत राष्ट्रीय आत्म-निर्णय का अधिकार:
19वीं सदी में यूरोप में एक संस्कृति और एक राज्य’ की मान्यता ने जोर पकड़ा। फलस्वरूप प्रथम विश्वयुद्ध के बाद राज्यों की पुनर्व्यवस्था में इस विचार को आजमाया गया। वर्साय की संधि से बहुत-से छोटे और नव स्वतंत्र राज्यों का गठन हुआ। लेकिन ‘एक संस्कृति – एक राज्य’ की मांगों को संतुष्ट करने से राज्यों की सीमाओं में बदलाव हुए। अलग-अलग सांस्कृतिक समुदायों को अलग-अलग राष्ट्र-राज्य मिले- इसे ध्यान में रखकर सीमाओं को बदला गया। इस प्रयास के बावजूद अधिकतर राज्यों की सीमाओं के अन्दर एक से अधिक नस्ल और संस्कृति के लोग रहते थे। ये छोटे-छोटे समुदाय राज्य के अन्दर अल्पसंख्यक थे और अक्सर नुकसानदेह स्थितियों में रहते थे। फिर भी इस प्रयास के अन्तर्गत बहुत सारे राष्ट्रवादी समूहों को राष्ट्रीय आत्म-निर्णय के अधिकार के अन्तर्गत राजनीतिक मान्यता प्रदान की गई जो स्वयं को एक अलग राष्ट्र के रूप में देखते थे और अपने भविष्य को तय करने तथा अपना शासन स्वयं चलाना चाहते थे।

2. राजनीतिक स्वाधीनता के साथ राष्ट्रीय आत्म-निर्णय का अधिकार:
एशिया एवं अफ्रीका में औपनिवेशिक प्रभुत्व के खिलाफ राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलनों ने राष्ट्रीय आत्म-निर्णय के अधिकार के तहत राजनीतिक स्वाधीनता के लिए संघर्ष चलाया। राष्ट्रीय आंदोलनों का मानना था कि राजनीतिक स्वाधीनता राष्ट्रीय समूहों को सम्मान एवं मान्यता प्रदान करेगी और वहाँ के लोगों के सामूहिक हितों की रक्षा करेगी। अधिकांश राष्ट्रीय मुक्ति आन्दोलन राष्ट्र के लिए न्याय, अधिकार और समृद्धि हासिल करने के लक्ष्य से प्रेरित थे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद एशिया और अफ्रीका के देशों को राजनीतिक स्वाधीनता के तहत राष्ट्रीय आत्म निर्णय का अधिकार मिला और अनेक नए राष्ट्र-राज्यों का निर्माण हुआ।

राष्ट्रीय आत्म-निर्णय का अधिकार राष्ट्र-राज्यों को मिल रही चुनौती के रूप में: राष्ट्रीय आत्म-निर्णय के अधिकार ने एक तरफ जहाँ राष्ट्र-राज्यों के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, वहीं अब यह अधिकार राष्ट्र-राज्यों को चुनौती भी प्रस्तुत कर रहा है। यथा

1. जब राष्ट्रीय आत्म: निर्णय का अधिकार ‘एक संस्कृति: एक राज्य’ की अवधारणा के रूप में मिला तो अनेक नए राष्ट्रों को यूरोप में मान्यता मिली। लेकिन इन राज्यों के भीतर अल्पसंख्यक समुदायों की समस्या ज्यों की त्यों बनी
रही।

2. एशिया और अफ्रीका में औपनिवेशिक प्रभुत्व के खिलाफ राजनीतिक स्वाधीनता की अवधारणा के साथ राष्ट्रीय आत्म-निर्णय के अधिकार के तहत नवीन राष्ट्र-राज्यों का जन्म हुआ। लेकिन इस क्षेत्र के अनेक देश आबादी के देशान्तरण, सीमाओं परं युद्ध और हिंसा की चपेट में आते रहे। इन राष्ट्र-राज्यों में अनेक भू-क्षेत्रों में राष्ट्रीय आत्म-निर्णय के अधिकार की मांग अल्पसंख्यक समूह कर रहे हैं। वस्तुतः आज राष्ट्र-राज्य इस दुविधा में फँसे हुए हैं कि आत्म-निर्णय के इन आन्दोलनों से कैसे निपटा जाये। बहुत से लोग यह महसूस करने लगे हैं कि समाधान नए राज्यों के गठन में नहीं बल्कि वर्तमान राज्यों को अधिकाधिक लोकतांत्रिक और समतामूलक बनाने में है।

JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 7 राष्ट्रवाद

प्रश्न 3.
हम देख चुके हैं कि राष्ट्रवाद लोगों को जोड़ भी सकता है और तोड़ भी सकता है। उन्हें मुक्त कर सकता है और उनमें कटुता और संघर्ष भी पैदा कर सकता है। उदाहरणों के साथ उत्तर दीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रवाद ने जनता को जोड़ा है तो विभाजित भी किया है। इसने अत्याचारी शासन से मुक्ति दिलाने में मदद की है तो इसके साथ ही यह विरोध, कटुता और युद्धों का कारण भी रहा है। यथा

1. राष्ट्रवाद ने जनता को जोड़ा है। राष्ट्रवाद ने जनता को जोड़ा है। राष्ट्रवाद से जनता में एकता की भावना का संचार हुआ है। उदाहरण के लिए 19वीं शताब्दी के यूरोप में राष्ट्रवाद ने कई छोटी-छोटी रियासतों के एकीकरण द्वारा वृहत्तर राष्ट्र – राज्यों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया। आज के जर्मनी और इटली का गठन एकीकरण और सुदृढ़ीकरण की इसी प्रक्रिया के जरिए हुआ था। राज्य की सीमाओं के सुदृढ़ीकरण के साथ स्थानीय निष्ठाएँ और बोलियाँ भी उत्तरोत्तर राष्ट्रीय निष्ठाओं और सर्वमान्य जनभाषाओं के रूप में विकसित हुईं। नए राष्ट्रों के लोगों ने एक नई राजनीतिक पहचान अर्जित की, जो राष्ट्र-राज्य की सदस्यता पर आधारित थी। आज अरबी राष्ट्रवाद में तमाम अरबी देशों के लोगों को अखिल अरब संघ में एकताबद्ध कर सकता है।

2. राष्ट्रवाद ने अत्याचारी शासन से मुक्ति दिलाने में मदद की है। राष्ट्रवाद का आधार राष्ट्रीय आत्म-निर्णय का अधिकार है। आत्म-निर्णय के अधिकार के दावे में राष्ट्र अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय से मांग करता है कि उसके पृथक् राजनीतिक इकाई या राज्य के दर्जे को मान्यता दी जाए। एशिया और अफ्रीका में औपनिवेशिक अत्याचारी शासन के विरोध में राष्ट्रवादी भावना से प्रेरित होकर लोगों ने राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन चलाये। राष्ट्रीय आन्दोलनों का मानना था कि राजनीतिक स्वाधीनता राष्ट्रीय समूहों को सम्मान और मान्यता प्रदान करेगी और वहाँ के लोगों के सामूहिक हितों की रक्षा करेगी। फलतः राष्ट्रवाद ने एशिया और अफ्रीका में अत्याचारी शासकों से लोगों को स्वतंत्रता प्रदान की है।

3. राष्ट्रवाद लोगों को तोड़ सकता है, उनमें कटुता और संघर्ष भी पैदा कर सकता है। यूरोप में ‘एक संस्कृति – एक राज्य’ की राष्ट्रवाद की मांगों को संतुष्ट करने के लिए राज्यों की सीमाओं में बदलाव हुए। इससे सीमाओं के एक ओर से दूसरी ओर बड़ी संख्या में विस्थापन हुए। इसके परिणामस्वरूप लाखों लोग अपने घरों से उजड़ गए और उस जगह से उन्हें बाहर धकेल दिया गया जहाँ पीढ़ियों से उनका घर था। बहुत सारे लोग साम्प्रदायिक हिंसा के शिकार हुए। इसी प्रकार राष्ट्रवाद की अवधारणा के तहत भारत और पाकिस्तान दो राष्ट्रों का जन्म हुआ। इसके कारण भी लाखों लोगों को एक राष्ट्र से दूसरे राष्ट्र में धकेला गया। इससे स्पष्ट होता है कि राष्ट्रवाद लोगों को तोड़ सकता है और उनमें कटुता और संघर्ष भी पैदा कर सकता है। इसके कारण बहुत से सीमा विवाद पैदा होते हैं। शरणार्थियों की समस्यायें सामने आती हैं।

4. उपराष्ट्रीयताओं का उभार राष्ट्रीय आत्म-निर्णय के अधिकार से प्रेरित होकर एक राष्ट्र में उपराष्ट्रीयताओं का उभार होता है और वे अपने भू-क्षेत्र में नवीन राष्ट्र के निर्माण के लिए संघर्ष करने लग जाते हैं। ऐसे राष्ट्रीय आत्म- निर्णय के लिए संघर्ष दुनिया के विभिन्न भागों में अब भी चल रहे हैं। स्पेन में बास्क राष्ट्रवादी आन्दोलन इसी प्रकार का है।

प्रश्न 4.
वंश, भाषा, धर्म या नस्ल में से कोई भी पूरे विश्व में राष्ट्रवाद के लिए साझा कारण होने का दावा नहीं कर सकता टिप्पणी कीजिये।
उत्तर:
बहुत से लोगों का मानना है कि एकसमान भाषा या जातीय वंश परम्परा जैसी साझी सांस्कृतिक पहचान व्यक्तियों को एक राष्ट्र के रूप में बांध सकती है। लेकिन वंश, भाषा या नस्ल में से कोई भी पूरे विश्व में राष्ट्रवाद के लिए साझा कारण होने का दावा नहीं कर सकता। यथा

1. धर्म और भाषा: यद्यपि एक ही भाषा बोलना आपसी संवाद को आसान बना देता है और समान धर्म होने पर बहुत सारे विश्वास और सामाजिक रीति-रिवाज साझे हो जाते हैं। एक जैसे त्यौहार मनाना, एक जैसे अवसरों पर छुट्टियाँ चाहना और एक जैसे प्रतीकों को धारण करना लोगों को करीब ला सकता है, तथापि यह उन मूल्यों के भीतर खतरा भी उत्पन्न कर सकता है जिन्हें हम लोकतंत्र में महत्त्वपूर्ण मानते हैं। इसके दो कारण हैं। यथा

(i) धार्मिक विविधता:
दुनिया के सभी बड़े धर्म अंदरूनी तौर से विविधता से भरे हुए हैं। वे अपने समुदाय के अन्दर चलने वाले संवाद के कारण ही बने और बढ़े हैं। परिणामस्वरूप धर्म के अन्दर बहुत से पंथ बन जाते हैं और धार्मिक ग्रन्थों और नियमों की उनकी व्याख्यायें अलग-अलग होती हैं। अगर हम इन विभिन्नताओं की अवहेलना करें और एक समान धर्म के आधार पर एक पहचान स्थापित कर दें तो आशंका है कि हम बहुत ही वर्चस्ववादी और दमनकारी समाज का निर्माण कर दें

(ii) सांस्कृतिक विविधता:
अधिकतर समाज सांस्कृतिक विविधता से भरे हैं। एक ही भू-क्षेत्र में विभिन्न धर्म और भाषाओं के लोग साथ-साथ रहते हैं। किसी राज्य की सदस्यता की शर्त के रूप में किसी खास धार्मिक या भाषायी पहचान को आरोपित कर देने से कुछ समूह निश्चित रूप से शामिल होने से रह जायेंगे। इससे शामिल नहीं किए गए समूहों को हानि होगी। इससे ‘समान बर्ताव और सबके लिए स्वतंत्रता’ के उस आदर्श में भारी कटौती होगी, जिसे हम लोकतंत्र में अमूल्य मानते हैं। इन्हीं कारणों से यह बेहतर होगा कि राष्ट्र की कल्पना सांस्कृतिक पदों में न की जाए। अतः लोकतंत्र में किसी खास धर्म, नस्ल या भाषा की सम्बद्धता के स्थान पर एक मूल्य समूह के प्रति निष्ठा की जरूरत है।

2. नस्ल व वंश: राष्ट्रवाद के निर्माण और विकास के लिए नस्ल या वंश की एकता एक आवश्यक तत्त्व एक नस्ल या वंश के सदस्यों में स्वाभाविक रूप से एकता की भावना पाई जाती है। परन्तु आधुनिक विद्वानों ने इसे राष्ट्रवाद के निर्माण व विकास का मूल तत्त्व नहीं माना है क्योंकि एक ही राज्य में विभिन्न वंशों और नस्लों के लोग रहते हैं।

प्रश्न 5.
राष्ट्रवादी भावनाओं को प्रेरित करने वाले कारकों पर सोदाहरण रोशनी डालिए।
उत्तर:
राष्ट्रवादी भावनाओं को प्रेरित करने वाले कारक राष्ट्रवादी भावनाओं को प्रेरित करने वाले प्रमुख कारक निम्नलिखित है।
1. साझे विश्वास:
राष्ट्र विश्वास के जरिये बनता है। यह समूह के भविष्य के लिए सामूहिक पहचान और दृष्टिकोण का प्रमाण है, जो स्वतन्त्र राजनैतिक अस्तित्व का आकांक्षी है। एक राष्ट्र का अस्तित्व तभी कायम रह सकता है जब उसके सदस्यों को यह विश्वास हो कि वे एक-दूसरे के साथ हैं। उदाहरण के लिए, राष्ट्र की तुलना हम एक टीम से कर सकते हैं। जब हम टीम की बात करते हैं तो हमारा अभिप्राय लोगों के ऐसे समूह से है, जो एक साथ काम करते या खेलते हैं तथा वे स्वयं को एकीकृत समूह मानते हैं। अगर वे अपने बारे में इस तरह नहीं सोचते तो एक टीम की उनकी हैसियत खत्म हो जायेगी और वे खेल खेलने वाले अलग-अलग व्यक्ति रह जायेंगे।

2. इतिहास:
राष्ट्रवादी भावनाओं को प्रेरित करने वाला दूसरा प्रमुख कारक साझा इतिहास है। जो लोग अपने को एक राष्ट्र मानते हैं उनके भीतर अपने बारे में स्थायी ऐतिहासिक पहचान की भावना होती है। वे देश की स्थायी ऐतिहासिक पहचान का खाका प्रस्तुत करने के लिए साझा स्मृतियों, किंवदन्तियों और ऐतिहासिक अभिलेखों के जरिये अपने लिए इतिहासबोध निर्मित करते हैं। उदाहरण के लिए भारत के राष्ट्रवादियों ने यह दावा करने के लिए कि एक सभ्यता के रूप में भारत का लम्बा और अटूट इतिहास रहा है और यह सभ्यतामूलक निरन्तरता और एकता भारतीय राष्ट्र की बुनियाद है।

3. भू-क्षेत्र:
बहुत सारे राष्ट्रों की पहचान एक खास भौगोलिक क्षेत्र से जुड़ी हुई है। किसी खास भू-क्षेत्र पर लम्बे समय तक साथ-साथ रहना और उससे जुड़ी साझे अतीत की यादें लोगों को एक सामूहिक पहचान का बोध देती हैं। ये उन्हें एक होने का एहसास देती हैं। इसलिए जो लोग स्वयं को एक राष्ट्र के रूप में देखते हैं, वे एक गृहभूमि की बात करते हैं। राष्ट्र अपनी गृहभूमि का बखान मातृभूमि, पितृभूमि या पवित्र भूमि के रूप में करते हैं।

4. साझे राजनीतिक आदर्श:
राष्ट्रवादी भावनाओं को प्रेरित करने वाला एक अन्य कारक ‘साझे राजनीतिक आदर्श’ हैं। भविष्य के बारे में साझा नजरिया और अपना स्वतंत्र राजनीतिक अस्तित्व बनाने की सामूहिक चाहत, राष्ट्र को शेष समूहों से अलग करती है। राष्ट्र के सदस्यों की इस बारे में एक साझा दृष्टि होती है कि वे किस तरह का राज्य बनाना चाहते हैं। वे लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और उदारवाद जैसे मूल्यों और सिद्धान्तों को स्वीकार करते हैं । इन शर्तों के आधार पर वे साथ-साथ रहना चाहते हैं। इस प्रकार साझे राजनीतिक आदर्श राष्ट्र के रूप में उनकी राजनीतिक पहचान को बनाते हैं।

5. साझी राजनीतिक पहचान:
राष्ट्रवादी भावनाओं को प्रेरित करने वाला एक अन्य कारक ‘साझी राजनैतिक ‘पहचान’ का होना है। राष्ट्र की कल्पना राजनीतिक शब्दावली में की जानी चाहिए अर्थात् लोकतंत्र में किसी खास धर्म, नस्ल या भाषा से संबद्धता की जगह एक मूल्य – समूह के प्रति निष्ठा की जरूरत होती है। इस मूल्य-समूह को देश के संविधान में भी दर्ज किया जा सकता है।

प्रश्न 6.
संघर्षरत राष्ट्रवादी आकांक्षाओं के साथ बर्ताव करने में तानाशाही की अपेक्षा लोकतंत्र अधिक समर्थ होता है। कैसे?
उत्तर:
संघर्षरत राष्ट्रवादी आकांक्षाओं के साथ बर्ताव करने में तानाशाही की अपेक्षा लोकतंत्र अधिक समर्थ होता है क्योंकि संघर्षरत राष्ट्रवादी समूहों की आकांक्षाओं का समाधान नए राज्यों के गठन में नहीं बल्कि वर्तमान राज्यों को अधिक लोकतांत्रिक और समतामूलक बनाने में है। इसका समाधान यह सुनिश्चित करने में है कि अलग-अलग सांस्कृतिक और नस्लीय पहचानों के लोग देश में समान नागरिक और साथियों की तरह सह-अस्तित्वपूर्वक रह सकें। यह न केवल आत्म-निर्णय के नए दावों के उभार से पैदा होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए वरन् मजबूत और एकताबद्ध राज्य बनाने के लिए जरूरी होगा। यथा-

  1. लोकतांत्रिक शासन ‘समान व्यवहार और सबके लिए स्वतंत्रता’ के आदर्श को लेकर चलता है लेकिन तानाशाही शासन में यह आदर्श नहीं अपनाया जाता। इसका अभिप्राय यह है कि लोकतंत्र में किसी खास धर्म, नस्ल या भाषा की सम्बद्धता की जगह एक मूल्य समूह के प्रति निष्ठा की जरूरत होती है। इस मूल्य समूह को देश के संविधा में दर्ज कर संघर्षरत राष्ट्रवादी आकांक्षाओं को संतुष्ट किया जा सकता है। लोकतांत्रिक राज्य अपनी सामूहिक राष्ट्रीय पहचान को साझे राजनैतिक आदर्शों के आधार पर गढ़कर सभी समूहों को एक राष्ट्र के रूप में निरूपित कर सकते हैं ।
  2. लोकतांत्रिक देश सांस्कृतिक रूप से अल्पसंख्यक समुदायों की पहचान को स्वीकार करने और संरक्षित करने के उपाय कर सकता है। इस हेतु प्रायः सभी लोकतांत्रिक देशों ने अल्पसंख्यक समूहों एवं उनके सदस्यों की भाषा, संस्कृति एवं धर्म के लिए संवैधानिक संरक्षा का अधिकार प्रदान कर दिया है।
  3. लोकतांत्रिक देशों में इन समूहों को विधायी संस्थाओं और अन्य राजकीय संस्थाओं में प्रतिनिधित्व का अधिकार देकर कानून द्वारा समान व्यवहार एवं सुरक्षा का अधिकार भी प्रदान किया जा सकता है।
  4. लोकतंत्र में राष्ट्रीय पहचान को समावेशी रीति से परिभाषित किया जाता है ताकि संघर्षरत राष्ट्रवादी सदस्यों की महत्ता और अद्वितीय योगदान को मान्यता मिल सके।
  5. संघर्षरत समूहों की मांगों से निपटने के लिए उदारता और दक्षता की आवश्यकता होती है। लोकतांत्रिक देश संघर्षरत समूहों को राष्ट्रीय समुदाय के एक अंग के रूप में मान्यता देकर अत्यन्त उदारता एवं दक्षता के साथ व्यवहार बर्ताव कर उनकी समस्याओं का समाधान कर सकता है।

JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 7 राष्ट्रवाद

प्रश्न 7.
आपकी राय में राष्ट्रवाद की सीमाएँ क्या हैं?
उत्तर:
राष्ट्रवाद की सीमाएँ: हमारी दृष्टि में राष्ट्रवाद की प्रमुख सीमाएँ या राष्ट्रवाद के प्रमुख दोष निम्नलिखित हैं।
1. राष्ट्रवाद शीघ्र ही उग्र राष्ट्रवाद में परिवर्तित हो जाता है:
राष्ट्रवाद की एक प्रमुख सीमा यह है कि राष्ट्रवाद दूसरे राष्ट्रों के प्रति घृणा की जड़ों से प्रेरित होता है। इसलिए यह शीघ्र ही उग्र राष्ट्रवाद में परिवर्तित हो जाता है और उस के लोग अन्य राष्ट्रों के साथ दुश्मनी का व्यवहार करना प्रारंभ कर देते हैं। वे अपने राष्ट्र को विश्व में सर्वाधिक विकसित और शक्तिशाली बनाने के प्रयास शुरू कर देते हैं। इस प्रकार राष्ट्रों के बीच में प्रजातियाँ उभारी जाती हैं। प्रजाति की अवधारणा इसलिए हानिप्रद होती है क्योंकि प्रत्येक राष्ट्र इसके लिए प्रत्येक उचित – अनुचित साधनों को अपनाता है। प्रत्येक राष्ट्र दूसरे राष्ट्रों को नीचा दिखाने का प्रयास करता है।

2. राष्ट्रवाद बड़े राष्ट्रों को छोटे राष्ट्रों में विभाजित करने की प्रेरणा देता है:
राष्ट्रवाद लोगों को राष्ट्रीय आत्म- निर्णय के आधार पर बड़े राष्ट्रों को भंग कर छोटे-छोटे राष्ट्रों के निर्माण की मांग की प्रेरणा देता है । प्रायः सभी समाज बहुलवादी हैं जिनमें विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों, भाषाओं के लोग निवास करते हैं। एक राष्ट्र के अन्तर्गत एक भू-क्षेत्र के लोगों में अपनी किसी विशेष पहचान के आधार पर एक पृथक् राष्ट्र की भावना विकसित हो जाती है और वे अपने लिए पृथक् स्वतंत्र राष्ट्र के लिए संघर्ष शुरू कर देते हैं। यूरोप में 20वीं सदी के प्रारंभ में आस्ट्रियाई – हंगेरियाई और रूसी साम्राज्य और इनके साथ एशिया और अफ्रीका में ब्रिटिश, फ्रांसीसी, डच और पुर्तगाली साम्राज्य के विघटन के मूल्य में राष्ट्रवाद ही था।

3. राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने की समस्या:
यदि किसी राज्य में दो या दो से अधिक राष्ट्रीयताओं के लोग निवास करते हैं तो उस राज्य में राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने की समस्या बनी रहती है। लोगों के अन्दर राष्ट्रवाद की चेतना उन्हें विभाजित रखती है और वे पृथक् राज्यों के लिए संघर्ष करते रहते हैं। इस प्रकार किसी राज्य में दो या दो से अधिक राष्ट्रीयताओं के लोग एक राष्ट्र के सदस्यों के रूप में कार्य नहीं कर पाते हैं।

4. व्यक्तियों के अधिकारों और स्वतंत्रताओं में कटौती:
राष्ट्रवाद प्रायः लोगों के अधिकारों में कटौती कर देता है। शासक राष्ट्रवाद के नाम लोगों की भावनाओं को प्रेरित कर उनके अधिकारों और स्वतंत्रताओं में कटौती करने की कोशिश करता है और लोग राष्ट्र के आदर तथा महत्त्व के लिए अपने अधिकारों व स्वतंत्रताओं की चिन्ता नहीं करते और तानाशाह या महत्त्वाकांक्षी शासक इन भावनाओं का अनुचित लाभ उठाते हैं।

5. राष्ट्रवाद साम्राज्यवाद को बढ़ावा देता है:
राष्ट्रवाद शीघ्र ही उग्र राष्ट्रवाद में परिवर्तित हो जाता है और उग्र राष्ट्रवाद राष्ट्रवाद के विस्तार की प्रेरणा देता है और अपने पड़ौसी कमजोर राष्ट्रों पर अधिकार करने की प्रक्रिया जारी हो `जाती है। यह प्रक्रिया युद्ध और सैनिक आक्रमण की धमकियों के रूप में जारी रहती है। इस प्रकार यह साम्राज्यवाद तथा उपनिवेशवाद का समर्थन करता है। उदाहरण के लिए हिटलर के शासनकाल में जर्मनी ने आर्य प्रजाति की उच्चता की वकालत की और इसके तहत जर्मन लोग सोचते थे कि आर्य जाति संसार की अन्य सभी प्रजातियों पर शासन करने के लिए है। इस धारणा के तहत हिटलर ने अन्य राष्ट्रों पर आक्रमण की नीति को अपनाया और उसका परिणाम द्वितीय विश्वयुद्ध के रूप में सामने आया।

6. राष्ट्रवाद अलगाववादी आंदोलनों को प्रेरित करता है:
राष्ट्रवाद राष्ट्रीय आत्मनिर्णय की अवधारणा के तहत भारत तथा अन्य राष्ट्रों में पृथकतावादी राष्ट्रीय आंदोलनों को प्रेरित कर रहा है। भारत की स्वतंत्रता के समय मुस्लिम लीग ने मुस्लिम भारतीयों के लिए पृथक् राष्ट्र-राज्य की मांग की जिसके परिणामस्वरूप भारत और पाकिस्तान नामक दो राष्ट्रों का उदय हुआ। आज दुनिया के अनेक भागों में हम ऐसे राष्ट्रवादी संघर्षों को देख सकते हैं जो मौजूदा राष्ट्रों के अस्तित्व के लिए खतरे पैदा कर रहे हैं। ऐसे पृथकतावादी आंदोलन अन्य जगहों के साथ-साथ कनाडा के क्यूबेकवासियों, उत्तरी स्पेन के बास्कवासियों, तुर्की और ईरान के कुर्दों और श्रीलंका के तमिलों द्वारा भी चलाए जा रहे हैं। इन अलगाववादी आंदोलनों के प्रमुख कारक रहे हैं। साम्प्रदायिकता, जातीयता, प्रान्तीयता, भाषावाद तथा संकीर्ण व्यक्तिवाद।

 राष्ट्रवाद JAC Class 11 Political Science Notes

→ राष्ट्रवाद का परिचय:
आम राय में राष्ट्रवाद शब्द को कुछ प्रतीकों के साथ स्पष्ट किया जाता है, जैसे- राष्ट्रीय ध्वज, देशभक्ति, देश के लिए बलिदान, सत्ता और शक्ति के साथ विविधता की भावना। दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड भारतीय राष्ट्रवाद का बेजोड़ प्रतीक है।

→ राष्ट्रवाद एक सम्मोहक राजनीतिक सिद्धान्त या एक प्रभावी शक्ति के रूप में पिछली दो शताब्दियों के दौरान निम्नलिखित प्रभावों के कारण राष्ट्रवाद एक ऐसे सम्मोहक राजनीतिक सिद्धान्त के रूप में उभरा है जिसने इतिहास रचने में योगदान दिया है। यथा

  • इसने उत्कट निष्ठाओं के साथ-साथ गहरे विद्वेषों को प्रेरित किया है।
  • जनता को जोड़ने के साथ-साथ विभाजित भी किया है।
  • इसने अत्याचारी शासन से मुक्ति दिलाने में मदद की है।
  • यह विरोध, कटुता और युद्धों का कारण भी रहा है।
  • यह साम्राज्यों और राष्ट्रों के ध्वस्त होने का भी एक कारण रहा है तथा राष्ट्रवादी संघर्षों ने राष्ट्रों और साम्राज्यों की सीमाओं के निर्धारण – पुनर्निर्धारण में योगदान किया है। वर्तमान विश्व विभिन्न राष्ट्र-राज्यों में विभाजित है और राष्ट्रों की सीमाओं के पुनर्संयोजन की प्रक्रिया अभी भी जारी है।

→ राष्ट्रवाद के चरण-राष्ट्रवाद कई चरणों से होकर गुजरा है। यथा

  • 19वीं सदी में यूरोप में इसने कई छोटी: छोटी रियासतों के एकीकरण और सुदृढ़ीकरण से वृहत्तर राष्ट्र-राज्यों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया। जैसे जर्मनी और इटली का एकीकरण तथा लातिनी अमेरिका में नए राज्यों की स्थापना आदि।
  • राज्य की सीमाओं के सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ स्थानीय निष्ठाएँ और बोलियाँ भी उत्तरोत्तर राष्ट्रीय निष्ठाओं एवं सर्वमान्य जनभाषाओं के रूप में विकसित हुईं।
  • राष्ट्र-राज्य की सदस्यता पर आधारित लोगों ने एक नई राजनीतिक पहचान अर्जित की।
  • राष्ट्रवाद बड़े-बड़े साम्राज्यों के पतन में हिस्सेदार भी रहा। ( 20वीं सदी में आस्ट्रिया, हंगरी, रूसी, एशिया और अफ्रीका में ब्रिटिश, फ्रांसीसी, पुर्तगाली साम्राज्यों के विघटन के रूप में राष्ट्रवाद ही था।)
  • राष्ट्रों की सीमाओं के पुनर्निर्धारण की प्रक्रिया अभी जारी है।

राष्ट्र से आशय: राष्ट्र बहुत हद तक एक ‘काल्पनिक’ समुदाय होता है, जो अपने सदस्यों के सामूहिक विश्वास, आकांक्षाओं और कल्पनाओं के सहारे एक सूत्र में बंधा होता है। यह कुछ खास मान्यताओं पर आधारित होता है जिन्हें लोग उस समग्र समुदाय के लिए गढ़ते हैं, जिससे वे अपनी पहचान कायम करते हैं।

राष्ट्र के सम्बन्ध में प्रमुख मान्यताएँ:
→  साझे विश्वास: राष्ट्र विश्वास के जरिए बनता है। यह समूह के भविष्य के लिए सामूहिक पहचान और सामूहिक दृष्टि का प्रमाण है, जो स्वतंत्र राजनीतिक अस्तित्व का आकांक्षी है। अतः एक राष्ट्र का अस्तित्व तभी क़ायम रहता है जब उसके सदस्यों को यह विश्वास हो कि वे एक-दूसरे के साथ हैं।

→ इतिहास: जो लोग अपने को एक राष्ट्र मानते हैं उनके भीतर अपने बारे में बहुधा स्थायी ऐतिहासिक पहचान की भावना होती है। इस सम्बन्ध में वे साझी स्मृतियों, किंवदंतियों और ऐतिहासिक अभिलेखों की रचना के जरिये अपने लिए इतिहास बोध निर्मित करते हैं ।

→  भू-क्षेत्र: बहुत सारे राष्ट्रों की पहचान एक खास भौगोलिक क्षेत्र से जुड़ी हुई है। किसी खास भू-क्षेत्र पर लम्बे समय तक साथ-साथ रहना और उससे जुड़ी अतीत की यादें लोगों को एक सामूहिक पहचान का बोध देती हैं। ये उन्हें एक होने का एहसास भी देती हैं। राष्ट्र अपनी गृह – भूमि का विभिन्न तरीकों से बखान करते हैं, जैसे मातृभूमि, पितृभूमि, पवित्र भूमि आदि।

→ साझे राजनीतिक आदर्श:
राष्ट्र के सदस्यों की इस बारे में एक साझा दृष्टि होती है कि वे किस तरह का राज्य बनाना चाहते हैं। इस हेतु वे प्रायः लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और उदारवाद जैसे मूल्यों और सिद्धान्तों को स्वीकार करते हैं। लोकतंत्र में कुछ राजनीतिक मूल्यों और आदर्शों के लिए साझी प्रतिबद्धता ही किसी राष्ट्र का सर्वाधिक वांछित आधार है। इसके अन्तर्गत राष्ट्र के सदस्य कुछ दायित्वों से बंधे होते हैं । ये दायित्व सभी लोगों के नागरिकों के रूप में अधिकारों को पहचान लेने से पैदा होते हैं। इससे उनकी राजनीतिक पहचान बनती है तथा राष्ट्र मजबूत होता है।

JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 7 राष्ट्रवाद

→ साझी राजनीतिक पहचान:
लोकतंत्र में साझी राजनीतिक समझ के लिए किसी खास नस्ल, धर्म, भाषा से सम्बद्धता की जगह एक मूल्य समूह के प्रति निष्ठा की आवश्यकता होती है। इस मूल्य समूह को देश के संविधान में भी दर्ज किया जा सकता है। अतः राष्ट्र के लिए एक साझी राजनैतिक पहचान का होना भी आवश्यक है।

→ राष्ट्रीय आत्म-निर्णय अर्थात् लोग स्वयं को एक राष्ट्र के रूप में क्यों निरूपित करते हैं? राष्ट्र अपना आत्म-निर्णय का अधिकार मांगते हैं। आत्म-निर्णय के दावे में राष्ट्र अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय से मांग करता है कि उसकी संस्कृति की रक्षा हेतु एक पृथक् राजनीतिक इकाई या राज्य के दर्जे को मान्यता दी जाये। प्रायः ऐसी मांगें उन लोगों की ओर से आती हैं जो एक लम्बे समय से किसी निश्चित भू-भाग पर साथ-साथ रहते आए हों और जिनमें साझी पहचान का बोध हो।
कुछ मामलों में आत्म-निर्णय के ऐसे दावे एक स्वतंत्र राज्य बनाने की इच्छा से भी जुड़े होते हैं। इन दावों का सम्बन्ध किसी समूह की संस्कृति की रक्षा से होता है।

दूसरी तरह के दावे 19वीं सदी के यूरोप में सामने आए। उस समय ‘एक संस्कृति – एक राज्य’ की मान्यता ने जोर पकड़ा। अलग-अलग सांस्कृतिक समुदायों को अलग-अलग राष्ट्र-राज्य मिले- इसे ध्यान में रखकर सीमाओं को बदला गया। लेकिन फिर भी नवगठित राष्ट्र-राज्यों की सीमाओं के अन्दर एक से अधिक नस्ल और संस्कृति के लोग रहते थे। ऐसे राज्यों में अल्पसंख्यक हानिप्रद स्थितियों में रहते थे। ऐसे बहुत सारे समूहों को राजनीतिक मान्यता प्रदान की गई जो स्वयं को एक अलग राष्ट्र के रूप में देखना चाहते थे और अपने भविष्य को तय करने तथा अपना शासन स्वयं चलाना चाहते थे। लेकिन इन राष्ट्र-राज्यों के भीतर अल्पसंख्यक समुदायों की समस्या ज्यों की त्यों बनी रही।

एशिया: अफ्रीका में औपनिवेशिक प्रभुत्व के खिलाफ राष्ट्रीय मुक्ति आन्दोलनों ने राष्ट्रीय आत्म-निर्णय के अधिकार की घोषणा की। इन्होंने राजनैतिक स्वाधीनता के साथ-साथ राष्ट्र की मान्यता भी प्राप्त की अब वे राष्ट्र-राज्य अपने को विरोधाभासी स्थिति में पाते हैं जिन्होंने संघर्षों की बदौलत स्वाधीनता प्राप्त की, लेकिन अब वे अपने भू-क्षेत्रों में राष्ट्रीय आत्म-निर्णय के अधिकार की मांग करने वाले अल्पसंख्यक समूहों का विरोध कर रहे हैं।

→ राष्ट्र-राज्यों में वर्तमान में उठे आत्म-निर्णय के आन्दोलनों से निपटने के लिए विद्वानों ने निम्न सुझाव दिये हैं।

  • राज्यों को अधिक लोकतांत्रिक और समतामूलक बनाया जाये।
  • अल्पसंख्यक समूहों के अधिकारों और सांस्कृतिक पहचान की कद्र की जाये।

→ राष्ट्रवाद और बहुलवाद: विभिन्न संस्कृतियाँ और समुदाय एक ही देश में फल-फूल सकें इसके लिए अनेक लोकतांत्रिक देशों ने सांस्कृतिक रूप से अल्पसंख्यक समुदायों की पहचान को स्वीकार करने और संरक्षित करने के उपायों को शुरू किया है।

  • विभिन्न देशों में अल्पसंख्यक समूहों एवं अनेक सदस्यों को भाषा, संस्कृति एवं धर्म के लिए संवैधानिक संरक्षा के अधिकार दिये गये हैं।
  • कुछ मामलों में इन समूहों को विधायी संस्थाओं और अन्य राजकीय संस्थाओं में प्रतिनिधित्व का अधिकार दिया गया है। ये अधिकार इन समूहों के सदस्यों के लिए कानून द्वारा समान व्यवहार एवं सुरक्षा के साथ ही समूह की सांस्कृतिक पहचान के लिए भीं सुरक्षा का प्रावधान करते हैं।
  • इन समूहों को राष्ट्रीय समुदाय के एक अंग के बतौर भी मान्यता दी गई है।
  • इसके बावजूद यह हो सकता है कि कुछ समूह पृथक् राज्य की मांग पर अडिग रहें। ऐसी मांगों को अत्यन्त उदारता एवं दक्षता के साथ निपटाना आवश्यक है।

→ निष्कर्ष: यद्यपि राष्ट्रीय आत्म निर्णय के अधिकार में राष्ट्रीयताओं के लिए स्वतंत्र राज्य का अधिकार भी सम्मिलित है, तथापि प्रत्येक राष्ट्रीय समूह को स्वतंत्र राज्य प्रदान करना न तो मुमकिन है और न वांछनीय। यह आर्थिक और राजनैतिक क्षमता की दृष्टि से बेहद छोटे राज्यों के गठन की ओर ले सकता है जिसमें अल्पसंख्यक समूहों की समस्यायें और बढ़ेंगी।
अतः राष्ट्रीय आत्म-निर्णय के अधिकार की पुनः यह व्याख्या की जाती है कि राज्य के भीतर किसी राष्ट्रीयता के लिए कुछ लोकतांत्रिक अधिकारों की स्वीकृति।

JAC Class 9 English Solutions Beehive Chapter 9 The Bond of Love

Jharkhand Board JAC Class 9 English Solutions Beehive Chapter 9 The Bond of Love Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 English Solutions Beehive Chapter 9 The Bond of Love

JAC Class 9 English The Bond of Love Textbook Questions and Answers

Thinking About the Text

I. Given in the box are some headings. Find the relevant paragraphs in the text to match the headings:

बॉक्स में कुछ शीर्षक दिये गये हैं । इन शीर्षकों से मिलते-जुलते अनुच्छेद पाठ में से छाँटियेः
An Orphaned Cub; Bruno’s Food-chart; An Accidental Case of Poisoning; Playful Baba; Pain of Separation; Joy of Reunion; A Request to the Zoo; An Island in the Courtyard
Answer:
An Orphaned Cub — As we watched …………. a pitiful noise. (Para 3)
Bruno’s Food-chart — Bruno soon …………….. with relish. (Para 6)
An Accidental Case of Poisoning — One day ………… what to do? (Para 8)
PlayfulBaba—The months ……………. most of the time. (Para 12)
Pain of Separation—We all missed ……… refuses food too. (Para 14)
Joy of bunion — Friends had ……… in delight. (Para 16)
A Request to the Zoo — “Oh please, ……… have him back. (Para 18)
Anisland in the Courtyard — Once home ……… to play with. (Para 21)

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II. Answer the following questions :

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये :

1. “I got him for her by accident.

” मुझे वह संयोगवश उसके लिए मिला ।

(i) Who says this ?
यह कौन कहता है ?
Answer:
The author says it.
यह लेखक कहता है

(ii) Who do ‘him’ and ‘her’ refer to ?
‘him’ और ‘her’ किनके लिए प्रयुक्त हुए हैं ?
Answer:
‘Him’ refers to the baby bear and ‘her’ to the author’s wife.
‘Him’ रीछ के बच्चे के लिए और ‘her’ लेखक की पत्नी के लिए प्रयुक्त हुआ है ।

(iii) What is the incident referred to here?
यहाँ किस घटना का उल्लेख किया गया है ?
Answer:
The incident in which a bear was shot dead and its cub was orphaned, is referred here.
यहाँ उस घटना का उल्लेख किया गया है जिसमें एक रीछ को गोली मार दी गई थी और उसका बच्चा अनाथ.. हो गया था ।

2. “He stood on his head in delight. “

” वह प्रसन्नता के कारण अपने सिर के बल खड़ा हो गया ।”

(i) Who does ‘he’ refer to ?’
‘He’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ?
Answer:
‘He’ refers to Baba.
‘He’ बाबा के लिए प्रयुक्त हुआ है ।

(ii) Why was he delighted ?
वह प्रसन्न क्यों था ?
Answer:
He was delighted to see his beloved mistress.
वह अपनी प्रिय मालकिन को देखकर प्रसन्न था ।

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3. “We all missed him greatly : but in a sense we were relieved.”

“हम सबको उसकी कमी अत्यधिक महसूस हो रही थी परन्तु एक तरह से हमें राहत मिली थी।”:

(i) Who does we all’ stand for ?
‘हम सब’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ?
Answer:
‘We all’ stands for the author’s family including himself.
‘हम सब’ लेखक के परिवार व उसके स्वयं के लिए प्रयुक्त हुआ है

(ii) Who did they miss ?
उन्हें किसकी कमी महसूस हो रही थी ?
Answer:
They missed Baba, their pet bear.
उनको अपने पालतू रीछ, बाबा, की कमी महसूस हो रही थी ।

(iii) Why did they nevertheless feel relieved?
फिर भी उन्हें राहत क्यों महसूस हुई ?
Answer:
They felt relieved because Baba had grown up. He was now too big to be kept at home so they sent him off to a zoo.

उन्हें इसलिए राहत महसूस हुई क्योंकि बाबा बड़ा हो गया था। वह अब इतना बड़ा हो गया था कि उसे घर पर नहीं रखा जा सकता था इसलिए उन्होंने उसे चिड़ियाघर में भेज दिया ।

III. Answer the following questions in about 30 words each:

निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिये :

Question 1.
On two occasions Bruno ate/drank something that should not be eaten/drunk. What happened to him on these occasions ?
ब्रूनो ने दो अवसरों पर ऐसी चीजें खा पी लीं जो उसे नहीं खानी पीनी चाहिये थीं । इन अवसरों पर उसे क्या हुआ ?
Answer:
On one occasion, Bruno ate poison. It was is barium carbonate. He got paralysed after eating the poison. He was saved by the promptness of the author and the doctor. On another occasion, he drank nearly a gallon of old engine oil. It had no ill effect on him.

एक बार ब्रूनो ने बैरियम कार्बोनेट जहर खा लिया । यह बेरियम कार्बोनेट था । जहर खाकर उसे लकवा हो गया । लेखक व डॉक्टर की तत्परता से उसे बचा लिया गया । एक अन्य अवसर पर उसने लगभग एक गैलन पुराना इंजिन ऑयल पी लिया । इसका उस पर कोई दुष्प्रभाव ( बुरा प्रभाव ) नहीं हुआ ।

Question 2.
Was Bruno a loving and playful pet ? Why, then, did he have to be sent away ?
क्या ब्रूनो एक प्यारा-सा व चंचल पालतू पशु था ? फिर उसे दूर क्यों भेजना पड़ा ?
Answer:
Yes, Bruno was a loving and playful pet. But, after all, he was a sloth bear. He was now too big to be kept at home. There was always a possibility of danger from him. So he had to be sent away.

हाँ, ब्रूनो एक प्यारा-सा व चंचल पालतू पशु था । लेकिन, अन्ततः वह एक रीछ था । वह इतना बड़ा हो गया था कि उसे घर पर नहीं रखा जा सकता था। उससे खतरे की सम्भावना हमेशा बनी रहती थी । इसलिए उसे दूर भेजना पड़ा ।

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Question 3.
How was the problem of what to do with Bruno finally solved ?
ब्रूनो का क्या किया जाये, यह समस्या अन्ततः किस प्रकार सुलझी ?
Answer:
When Bruno grew up, there was always a possibility of danger from him. It was not wise to keep him at home. Finally the problem was solved by sending him to the zoo.

ब्रूनो के बड़ा होने पर, उससे हमेशा खतरे की सम्भावना बनी रहती थी । उसे घर में रखना बुद्धिमानी नहीं थी । अंततः यह समस्या उसे चिड़ियाघर भेजकर हल हुई ।
Or
Bruno was not happy at the zoo. At the same time the narrator’s wife was also not feeling happy without him. So, Bruno was allowed to go back to Bangalore from the zoo. At the narrator’s home, an island was made for the bear keeping all its needs in mind. And thus this problem was solved.

ब्रूनो चिड़ियाघर में खुश नहीं था । उसके बिना वर्णनकर्त्ता की पत्नी भी खुशी महसूस नहीं कर रही थी। इसलिए ब्रूनो को चिड़ियाघर से बंगलौर वापस जाने की अनुमति मिल गयी। और घर पर रीछ की सभी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उसके रहने के लिए एक द्वीप बना दिया गया। इस प्रकार यह समस्या हल हुई।

Thinking About Language

1. Find these words in the lesson. They all have ‘ie’ or ‘ei’ in them.

पाठ में इन शब्दों को ढूँढिये । इन सबमें ‘ie’ या ‘ei’ है :

f _ _ld
ingred_ _nts
h _ _ ght
misch_ _vous
fr _ _ nds
_ _ ghty _ seven
rel _ _ ved
p _ _ ce
Answer:
field
ingredients
height
mischievous
friends
eighty-seven
relieved
piece

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2. Now here are some more words. Complete them with ‘ei’ or ‘ie’. Consult a dictionary if necessary.

अब यहाँ कुछ और शब्द दिये जा रहे हैं । उन्हें ‘ei’ या ‘ie’ लगाकर पूरा कीजिए । आवश्यक हो, तो शब्दकोष की सहायता लीजिए ।

bel_ _ve
rec _ _ ve
w _ _ rd
l _ _ sure
w _ _ ght
r _ _ gn
f_ _ gn
gr _ _ f
Answer:
believe
receive
weird
leisure
seize
weight
reign
feign
grief
pierce

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III. How to look at an index:

परिशिष्ट कैसे देखी जाये :

परिशिष्ट नामों या शीर्षकों की सूची होती है जो किसी पुस्तक में पाए जाते हैं। यह पुस्तक के अन्त में; वर्णक्रम में व्यवस्थित होती है ।
Note: इसे देखने की विधि अपने अध्यापक की सहायता से समझें ।

IV. 1. The Narrative Present : वर्णनात्मक वर्तमान :

Notice the incomplete sentences in the following paragraphs. Here the writer is using incomplete sentences in the narration to make the incident more dramatic or immediate. Can you rewrite the paragraph in complete sentences?
निम्नलिखित गद्यांशों में अपूर्ण वाक्यों पर ध्यान दीजिए । यहाँ लेखक घटना को अधिक नाटकीय व त्वरित बनाने के लिए वर्णन में अपूर्ण वाक्यों का प्रयोग कर रहा है । क्या आप दिये गये गद्यांश को पूरे वाक्यों में लिख सकते हैं ?
आप इस प्रकार प्रारम्भ कर सकते हैं :

(The vet and I made a dash back to the car. Bruno was still floundering…….)

(I) A dash back to the car. Bruno still floundering about on his stumps, but clearly weakening rapidly; some vomiting, heavy breathing, with heaving flanks and gaping mouth. Hold him, everybody! In goes the hypodermic – Bruno squeals – 10 c.c. of the antidote enters his system without a drop being wasted. Ten minutes later: condition unchanged ! Another 10 c.c. injected ! Ten minutes later breathing less stertorous Bruno can move his arms and legs a little although he cannot stand yet.

Thirty minutes later : Bruno gets up and has a great feed! He looks at us disdainfully, as much as to say, ‘what’s barium carbonate to a big black bear like me ? – Bruno is still eating. Answer:The vet and I made a dash back to the car. Bruno was still floundering about on his stumps, but he was clearly weakening rapidly; he was vomiting and breathing heavily, his flanks were heaving and his mouth was gaping.
Answer:
The vet asked everybody there to hold him. The hypodermic medicine went in – Bruno squealed – 10 c.c. of the antidote entered his system without a drop being wasted. Ten minute passed.Bruno’s condition was still unchanged. Another 10 c.c. was injected into his body. Ten minutes passed again. His breathing became less stertorous. Bruno could move his arms and legs a little although he could not stand yet. Thirty minutes later, Bruno got up and had a great feed. He looked at us disdainfully, as much as to say, ‘What’s barium carbonate to a big black bear like me?’ Bruno was still eating.

(II) उपर्युक्त गद्यांशों में verb, Present Tense में हैं (जैसे – hold, goes आदि) । इससे पढ़ने वाले को कार्य के तुरन्त होने का आभास होता है । किसी खेल (क्रिकेट, फुटबॉल आदि) पर कमेन्ट्री करते ( आँखों देखा हाल सुनाते) समय या कहानी को इस तरह सुनाते समय मानो वह अभी घटित हो रही है, अक्सर Present Tense का प्रयोग किया जाता है । इसलिए इसे ‘Narrative Present’ ( वर्णनात्मक वर्तमान) कहा जाता है। आप Unit-10 में Present Tense के बारे में और पढ़ेंगे ।

2. Adverbs (क्रिया-विशेषण)

Adverb वे शब्द होते हैं जो किसी adjective या verb की विशेषता बताते हैं; जैसे- a very old man ran fast. यहाँ ‘very’ ‘old’ की विशेषता बता रहा है जो कि एक adjective है और ‘fast’ ‘ran’ की विशेषता बता रहा है जो कि एक verb है । अतः इस वाक्य में ‘very’ और ‘fast’ adverb हैं । Find the adverbs in the passage below:
नीचे दिये गये गद्यांश में से Adverbs छाँटिये : (आप Unit-1 में Adverbs के बारे में पढ़ चुके है।) We thought that everything was over when suddenly a black sloth bear came out panting in the hot sun. Now I will not shoot a sloth-bear wantonly but, unfortunately. for the poor beast, one of my companions did not feel that way about it, and promptly shot the bear on the spot.
Answer:
over, out, now, suddenly, now, wantonly, unfortunately, promptly.

(i) Complete the following sentences, using a suitable adverb ending in -ly.
‘ly’ से समाप्त होने वाले उपयुक्त adverb का प्रयोग करते हुए नीचे दिये गये वाक्यों को पूरा कीजिए:

(a) Rana does her homework …………
(b) It rains…………… in Mumbai in June.
(c) He does his work ……
(d) The dog serves his master …………
Answer:
regularly, heavily, neatly, faithfully.

(ii) Choose the most suitable adverbs or adverbial phrases and complete the following sentences:

नीचे दिये वाक्यों को पूरा करने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त adverbs या adverbial phrases चुनिये :
(a) We should get down from a moving train. (never, sometimes, often)
(b) I was …………. in need of support after my poor performance. (badly, occasionally, sometimes)
(c) Rita met with an accident. The doctor examined her……….. (suddenly, seriously, immediately)
Answer:
(a) never
(b) badly
(c) immediately.

JAC Class 9 English Solutions Beehive Chapter 9 The Bond of Love

3. Take down the following scrambled version of a story, that your teacher will dictate to you, with appropriate punctuation marks. Then, read the scrambled story carefully and try to rewrite it rearranging the incidents.

नीचे अव्यवस्थित क्रम में लिखी कहानी को देखिये, जिसे आपके अध्यापक उचित विराम-चिह्नों के साथ आपको बोलकर लिखवायेंगे । फिर अव्यवस्थित क्रम में लिखी इस कहानी को ध्यान से पढ़िये और घटनाओं को व्यवस्थित करते हुए इसे पुनः लिखने का प्रयास कीजिए :

A grasshopper, who was very hungry, saw her and said,” When did you get the corn? I am dying of hunger.” She wanted to dry them. It was a cold winter’s day, and an ant was bringing out some grains of corn from her home. She had gathered the corn in summer.
“I was singing all day.” answered the grasshopper.
“If you sang all summer,” said the ant, “you can dance all winter.”
“What were you doing?” asked the ant again.
The grasshopper replied,” I was too busy.”
“I collected it in summer,” said the ant. “What were you doing in summer? Why did you not store some corn?”
Answer:It was a cold winter’s day and an ant was bringing out some grains of corn from her home. She had gathered the corn in summer. She wanted to dry them. A grasshopper, who was hungry, saw her and said, “When did you get the corn? I am dying of hunger.” “I collected it in summer,” said the ant. “What were you doing in summer? Why did you not store some corn?”
The grasshopper replied, “I was too busy.”
“What were you doing?” asked the ant again.
“I was’ singing all day,” answered the grasshopper.
“If you sang all summer,” said the ant, “you can dance all winter.
”Note: Speaking व Writing वाले अंश को छात्र अपने विषय अध्यापक की सहायता से स्वयं करने का प्रयास करें ।

JAC Class 9 English The Bond of Love Important Questions and Answers

Short Answer Type Questions

Answer the following questions in about 30 words each:

निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिये :

Question 1.
What was the reaction of the author’s wife to see the baby bear ? रीछ के बच्चे को देखकर लेखक की पत्नी की क्या प्रतिक्रिया हुई ?
Answer:
When the author presented the baby bear to his wife, she became very happy. She at once put a coloured ribbon around its neck. On knowing that it was a (male cub), she named it as Bruno.

जब लेखक ने रीछ का बच्चा अपनी पत्नी को उपहारस्वरूप दिया तो वह बहुत प्रसन्न हुई । उसने तुरन्त उसकी गर्दन में एक रंगीन रिबन (फीता) बाँध दिया । यह जानकर कि वह एक नर बच्चा है, उसने इसका नाम ब्रूनो रख दिया ।

Question 2.
How did Bruno pass his time when he was quite young ?
जब ब्रूनो बहुत छोटा था तो वह अपना समय कैसे व्यतीत करता था ?
Answer:
When Bruno was quite young, he was left free. He spent his time in playing and running into the kitchen. He would go to sleep in the beds of the family members since he was very much attached to them..

जब ब्रूने बहुत छोटा था तब उसे खुला छोड़ दिया जाता था । वह खेलने में और दौड़कर रसोईघर में जाने में अपना समय बिताता था । वह सोने के लिए परिवार के सदस्यों के पलंगों पर चला जाता था क्योंकि वह उनसे काफी हिल मिल गया था।

Question 3.
How was Baba missed by the author’s family ?
लेखक के परिवार की बाबा की कमी कैसे महसूस हुई ?
Answer:
They all missed him greatly. Author’s wife was very sad. She wept and fretted. For a few days, she did not eat anything. She wrote a number of letters to the curator to know about Baba.

उन सभी को उसकी बहुत अधिक याद आई । लेखक की पत्नी बहुत अधिक दुखी थी । वह रोती रहती और चिन्तित होती थी । कुछ दिनों तक उसने कुछ भी नहीं खाया। उसने बाबा के बारे में जानने के लिए चिड़ियाघर के अध्यक्ष को कई पत्र लिखे ।

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Question 4.
How did Baba miss the author’s family ?
बाबा ने लेखक के परिवार की कमी कैसे महसूस की ?
Answer:
When Baba was sent to the zoo, he missed the author’s family very much. All the time, he kept worrying. He even refused to take food. He became very weak and looked very sad.

जब बाबा को चिड़ियाघर भेज दिया गया तो उसे लेखक के परिवार की कमी बहुत महसूस हुई । वह हर समय चिन्तित रहता था । वह खाना खाने से भी मना कर देता था । वह बहुत दुबला हो गया और बहुत दुखी दिखता था ।

Question 5.
What was Baba’s reaction to see his mistress in the zoo ?
चिड़ियाघर में अपनी मालकिन को देखकर बाबा ने क्या प्रतिक्रिया की ?
Or
What shows Baba’s deep love for his mistress?
बाबा का उसकी मालकिन के लिए गहरा प्रेम किस बात से प्रदर्शित होता है ?
Answer:
While his mistress was yet some yards from his cage, Baba saw her and recognised her. He howled with happiness and when she patted him through the bar, he stood on his head in delight.

जबकि बाबा की मालकिन अभी उसके पिंजरे से कुछ गज दूर ही थी कि बाबा ने उसे देख लिया और पहचान लिया । वह प्रसन्नता के कारण जोर से गुर्राया और जब उसने सलाखों के बीच से हाथ डालकर उसे थपथपाया तो प्रसन्नता से वह अपने सिर के बल खड़ा हो गया ।

Question 6.
Describe the meeting between Baba and his mistress in the zoo.
चिड़ियाघर में बाबा और उसकी मालकिन की भेंट का वर्णन कीजिए ।
Answer:
Seeing his mistress, Baba howled with happiness. His mistress ran up to him and patted him through the bars. He stood on his head in delight. The mistress gave him cakes, ice-cream, tea, lemonade and many other things.

अपनी मालकिन को देखकर, बाबा प्रसन्नता के कारण जोर से हूँकने लगा । उसकी मालकिन दौड़कर उसके पास आयी और पिंजरे की सलाखों के बीच से हाथ डालकर उसे थपथपाया। वह प्रसन्नता से अपने सिर के बल खड़ा हो गया । उसकी मालकिन ने उसे केक, आइसक्रीम, चाय, शिकंजी ( नीबू शर्बत) और कई अन्य वस्तुएँ दी।

Question 7.
How did the author’s wife get Baba back from the zoo ?
लेखक की पत्नी को बाबा चिड़ियाघर से वापिस कैसे मिला ?
Answer:
The author’s wife requested the curator to give Baba back to them. He told her to ask for the permission from the superintendent. Seeing her love for Baba, the superintendent allowed Baba to be given back to her.

लेखक की पत्नी ने चिड़ियाघर के अध्यक्ष से निवेदन किया कि वह बाबा को उन्हें वापिस दे दें । अध्यक्ष ने उससे अधीक्षक से अनुमति लेने को कहा । बाबा के प्रति उसका प्रेम देखकर अधीक्षक ने बाबा को वापिस उसे दिये जाने की अनुमति दे दी ।

Question 8.
What kind of a person was the superintendent ?
अधीक्षक किस प्रकार का व्यक्ति था ?
Answer:
The superintendent was a kind-hearted man, Seeing the mutual love between Baba and his mistress, he allowed their reunion. He arranged for Baba’s transporting back to Bangalore with the help of the curator.

अधीक्षक एक दयालु हृदय व्यक्ति था । बाबा और उसकी मालकिन का एक-दूसरे के प्रति प्रेम देखकर उसने उनको पुन: साथ रहने की अनुमति दे दी । उसने चिड़ियाघर के अध्यक्ष की सहायता से बाबा को वापस बंगलौर ले जाये जाने की भी व्यवस्था की ।

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Question 9.
How was Baba taken back home ?
बाबा को घर वापिस कैसे लाया गया ?
Answer:
Baba was put in a small cage. That cage was hoisted on top of the car. The cage was tied securely. The car was driven slowly and carefully to the author’s house which was located in Bangalore.

बाबा को एक छोटे पिंजरे में रखा गया । उस पिंजरे को कार की छत पर चढ़ा दिया गया। पिंजरे को कसकर बाँध दिया गया । कार को धीमी गति और सावधानी से चलाकर बंगलौर स्थित लेखक के घर ले जाया गया ।

Question 10.
What is the moral of the story ?
इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है ?
Answer:
The story teaches us to love all living beings. It also teaches us that love is not only limited to human beings but it is found among the animals also. They, too, understand the language of love and respond accordingly as we see in the case of Baba.

यह कहानी हमें प्राणीमात्र से प्रेम करना सिखाती है । यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि प्रेम की भावना मात्र मनुष्यों तक की सीमित नहीं है बल्कि यह भावना जानवरों में भी होती है। वे भी प्रेम की भाषा समझते, हैं और उसी के अनुसार व्यवहार करते हैं जैसा कि हम बाबा के मामले में देखते हैं ।

Long Answer Type Questions

Answer the following questions in about 60 words each:

निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिये :

Question 1.
Give an account of the accident that befell on Bruno.
ब्रूनों के साथ हुई दुर्घटना का वर्णन कीजिए ।
Or
How did Bruno survive a fatal accident?
ब्रूनो एक घातक दुर्घटना से कैसे बचा ?
Answer:
Once when the author put barium carbonate to kill the rats in his library, Bruno entered the library and ate it up. He got paralysed. The author immediately took him to a veterinary doctor. The doctor showed great promptness and injected him antidote twice. Thirty minutes later, Bruno got up and had a great feed.

एक बार जब लेखक ने अपने पुस्तकालय में चूहों को मारने के लिए बेरियम कार्बोनेट रखा तब ब्रूनो पुस्तकालय घुसा और इसे खा गया । उसे लकवा हो गया । लेखक तुरन्त ब्रूनों को एक पशु-चिकित्सक के पास लेकर गया । चिकित्सक ने अत्यधिक तत्परता दिखाई और उसे दो बार विषमारक का इंजेक्शन लगाया । तीस मिनट बाद ब्रूनो उठ खड़ा हुआ और उसने जमकर खाया ।

Question 2.
Describe Baba as a playful kid.
बाबा का एक चंचल बच्चे के रूप में वर्णन कीजिए।
Or
What games did Baba play ?
बाबा कौन-कौन से खेल खेलता था ?
Answer:
Baba was just like a kid in the author’s house. When he was commanded to wrestle or to box, he vigorously tackled anyone who came forward. If he had a stick and was commanded to hold gun, he pointed the stick at the person before him. He kept a stump of wood in his bed and considered it as a baby. On being asked about the baby, he cradled it.

बाबा लेखक के घर में बिल्कुल एक बच्चे की तरह था । जब उसे कुश्ती लड़ने या बॉक्सिंग करने का आदेश दिया जाता तो पर वह पूरे जोश से सामने वाले व्यक्ति से भिड़ जाता था । यदि उसके हाथ में कोई छड़ी होती थी और उसे बन्दूक उठाने का आदेश दिया जाता तो वह सामने वाले व्यक्ति पर वह छड़ी तान लेता था । वह अपने बिस्तर में एक लकड़ी का टुकड़ा रखता था जिसे वह एक छोटा बच्चा समझता था । बच्चे के बारे में पूछे जाने पर वह इसे गोद में ले लेता था ।

Question 3.
How did Bruno come to the author’s house ?
ब्रूनो लेखक के घर कैसे आया ?
Answer:
Once the author, with some of his companions, was passing through sugarcane fields. Suddenly a black sloth bear came out. One of the author’s companions shot the bear without any reason. The bear fell down dead. Its baby who was riding its back moved and left the body. The author tried to catch it. The author followed it and took hold of it. He gifted it to his wife. She named it Bruno.

एक बार लेखक अपने कुछ साथियों के साथ गन्ने के खेतों से होकर गुजर रहा था । अचानक एक काला रीछ बाहर आया । लेखक के एक साथी ने अकारण ही रीछ को गोली मार दी । रीछ मरकर गिर गया । उसका बच्चा जो उसकी पीठ पर सवार था, हट गया और ( अपनी माँ के ) शरीर से अलग हो गया । लेखक ने उसे पकड़ने की कोशिश की । लेखक उसके पीछे भागा और उसे पकड़ लिया । उसने इसे अपनी पत्नी को उपहारस्वरूप दे दिया । उसने इसका नाम ब्रूनो रखा ।

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Question 4.
Why was Baba sent to the zoo and how?
बाबा को चिड़ियाघर क्यों और कैसे भेजा गया ?
Answer:
The author’s wife loved Baba. But he was getting too big to keep at home. So the author, his son and his friends advised the author’s wife to give him to the zoo at Mysore. After some weeks of such advice, she at last consented. Then the author wrote a letter to the curator of the zoo at Mysore. In the letter he was asked if they, wanted a tame bear for their collection. The curator replied in affirmative. The zoo sent a cage in a lorry and Baba was packed off to the zoo.

लेखक की पत्नी बाबा को बहुत प्यार करती थी। लेकिन वह घर में रखने के हिसाब से बहुत बड़ा हो गया था। अतः लेखक ने, उसके पुत्र ने और उसके मित्र ने लेखक की पत्नी को सलाह दी कि उसे मैसूर स्थित चिड़ियाघर को दे दिया जाय। ऐसी सलाह के कुछ सप्ताहों ने बाद अंत में वह सहमत हो गई। फिर लेखक ने मैसूर स्थित चिड़ियाघर के अध्यक्ष को एक पत्र लिखा । पत्र में उससे पूछा गया था कि क्या उन्हें अपने संग्रह के लिए एक पालतू रीछ चाहिए । उसने ‘हाँ’ में उत्तर दिया। चिड़ियाघर ने एक ट्रक में एक पिंजरा भेजा और बाबा को चिड़ियाघर भेज दिया गया ।

Question 5.
What arrangements were made for Baba when he came back home from the zoo ?
चिड़ियाघर से घर वापिस आने पर बाबा के लिए क्या व्यवस्था की गई ?
Answer:
When Baba came back home from the zoo, an island was made for him in the compound. It was surrounded by a dry pit six feet wide and seven feet deep. A wooden box was put on the island for Baba to sleep in. Straw was placed inside to keep him warm. His toys, a gnarled stump and a piece of bamboo were put there for him to play with.

जब बाबा चिड़ियाघर से वापिस आया, उसके लिए अहाते में एक द्वीप बनाया गया। यह चारों ओर से छह फीट चौड़े और सात फीट गहरे एक सूखे गड्ढे से घिरा हुआ था । द्वीप पर बाबा के सोने के लिए एक लकड़ी का सन्दूक रखा गया। इसके अन्दर बाबा को गर्म रखने के लिए पुआल (भूसा) रखा गया। उसके खिलौने जिसमें एक ऐंठा हुआ लकड़ी का टुकड़ा और एक बाँस का टुकड़ा था उसके खेलने के लिए वहाँ रख दिये गये

Seen Passages

Read the following passages carefully and answer the questions given below them :

निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़िये तथा उनके नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिये:

Passage – 1.

As we watched the fallen animal, we were surprised to see that the black fur on its back moved and left the prostrate body. Then we saw, it was a baby bear that had been riding on its mother’s back when the sudden shot had killed her. The little creature ran around its prostrate parent making a pitiful noise. I ran up to it to attempt a capture. It scooted into the sugarcane field. Following it with my companions, I was at last able to grab it by the scruff of its neck while it snapped and tried to scratch me with its long, hooked claws.

We put it in one of the gunny bags we had brought and when I got back to Bangalore, I duly presented it to my wife. She was delighted! She at once put a coloured ribbon around its neck, and after discovering the cub was a ‘boy’ she christened it Bruno.

Bruno soon took to drinking milk from a bottle. It was but a step further and within a very few days he started eating and drinking everything else. And everything is the right word, for he ate porridge made from any ingredients, vegetables, fruits, nuts, meat (especially pork), curry and rice regardless of condiments and chillies, bread, eggs, chocolates, sweets, pudding, ice-cream etc., etc., etc. As for drink: milk, tea, coffee, lime-juice, aerated water, buttermilk, beer, alcoholic liquor and, in fact, anything liquid. It all went down with relish.

1. What happened to the black fur of the animal’s back?
पशु की पीठ पर स्थित काली फर (लोम ) को क्या हुआ ?

2. What was the black fur that moved from the animal’s body?
पशु के शरीर से जो काली फर (लोम) हट गई थी वह क्या था ?

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3. What did the baby bear do to see its prostrate parent?
अपनी माँ को जमीन पर दण्डवत् पड़ा हुआ देखकर रीछ के बच्चे ने क्या किया ?

4. How did the author catch the baby bear?
लेखक ने रीछ के बच्चे को कैसे पकड़ा ?

5. What shows that Bruno was an infant?
किस बात से पता चलता है कि ब्रूनो एक शिशु था ?

6. What did Bruno not care for while eating curry and rice?
कढ़ी – चावल खाते समय ब्रूनो किस बात की परवाह नहीं करता था ?

7. How do you know that Bruno was a glutton?
आपको कैसे पता चलता है कि ब्रूनो पेटू था ?

8. What did the author’s wife do with the cub?
लेखक की पत्नी ने रीछ के बच्चे का क्या किया ?

9. Pick out the word from the passage which is the opposite of ‘wrong’.

10. Find the word from the passage which means: ‘lying with its face downward’
Answer:
1. The fur on the animal’s back moved and left the body of the animal.
जानवर की पीठ पर से काली फर (लोम ) हट गई और उस जानवर के शरीर से अलग हो गई ।

2. This black fur was nothing but a baby bear riding on its mother’s back.
यह काली फर (लोम) कुछ और नहीं बल्कि एक रीछ का बच्चा था जो अपनी माँ की पीठ पर सवार था।

3. The baby bear ran around its parent making a pitiful sound.
वह रीछ का बच्चा दया का भाव जगाने वाली आवाज करता हुआ अपनी माँ के चारों ओर चक्कर काटने लगा।

4. The author caught it by the scruff of its neck.
लेखक ने रीछ के बच्चे को उसकी गर्दन के पिछले भाग से पकड़ा ।

5. Bruno’s drinking milk with a bottle shows that he was an infant.
ब्रूनो के बोतल से दूध पीने से पता चलता है कि वह एक शिशु था !

6. While eating curry and rice, he did not care for condiments and chillies.
कढ़ी – चावल खाते समय वह मसालों और मिर्च की परवाह नहीं करता था ।

7. We know it by the fact that he ate and drank everything he got.
हमें यह इस बात से पता चलता है कि उसे जो कुछ मिलता था वह सब खा-पी जाता था।

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8. The author’s wife put a coloured ribbon around its neck and christened him ‘Bruno’.
लेखक की पत्नी ने उसके गले में एक रंगीन रिबन ( फीता ) बाँध दिया व उसका नाम ब्रूनो रख दिया ।

9. right

10. prostrate

Passage – 2.

One day an accident befell him. I put down poison (barium carbonate) to kill the rats and mice that had got into my library. Bruno entered the library as he often did, and he ate some of the poison. Paralysis set in to the extent that he could not stand on his feet. But he dragged himself on his stumps to my wife, who called me. I guessed what had happened. Off I rushed in the car to the vet’s residence. A case of poisoning! Tame Bear-barium carbonate-what to do?

Out came his medical books, and a feverish reference to index began: “What poison did you say, sir ?” Barium carbonate”. “Ah yes-B-Ba-Barium Salts-Ah! Barium carbonate! Symptoms-paralysis-treatment-injections of …….., Just a minute, sir, I’ll bring my syringe and the medicine.”

A dash back to the car. Bruno still floundering about on his stumps, but clearly weakening rapidly; some vomiting, heavy breathing, with heaving flanks and gaping mouth. Hold him, everybody! In goes the hypodermic-Bruno squeals-10 c.c. of the antidote enters his system without a drop being wasted. Ten minutes later: condition unchanged! Another 10 c.c. injected!

1. ‘One day an accident befell him.’ Whom does ‘him’ indicate?
‘एक दिन उसके साथ एक दुर्घटना हो गई ।’ यहाँ ‘him’ किसे इंगित करता है ?

2. Which poison did Bruno eat ?
ब्रूनो ने कौन-सा जहर खा लिया ?

3. What happened to Bruno after eating poison?
जहर खा लेने पर ब्रूनो को क्या हुआ ?

4. What did the author guess ?
लेखक ने क्या अनुमान लगाया ?

5. Where did Bruno eat the poison?
ब्रूनो ने जहर कहाँ पर खाया ?

6. Where did the author take Bruno to?
लेखक ब्रूनो को कहाँ ले गया ?

7. Who dashed back to the car ?
झपटकर वापिस कार तक कौन-कौन गया ?

8. What quantity of the hypodermic healed Bruno ?
विषमारक की कितनी मात्रा से ब्रूनो ठीक हुआ ?

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9. Find the word from the passage which is the opposite of ‘slowly’

10. Find the word from the passage which means: ‘disease in which one is unable to move the body’
Answer:
1. ‘Him’ indicates Bruno.
‘Him’ ब्रूनो का सूचक है 1

2. Bruno ate barium carbonate.
ब्रूनो ने बेरियम कार्बोनेट खा लिया ।

3. He got paralysed.
उसे लकवा मार गया ।

4. He guessed that Bruno had eaten poison.
उसने अनुमान लगाया कि ब्रूनो ने जहर खा लिया है ।

5. Bruno ate poison in the library of the author.
ब्रूनो ने लेखक के पुस्तकालय में जहर खाया ।

6. The writer took Bruno to a veterinary doctor.
लेखक ब्रूनो को एक पशु-चिकित्सक के पास ले गया ।

7. The veterinary doctor and the author dashed back to the car.
पशु-चिकित्सक और लेखक झपटकर वापिस कार तक गये ।

8. He was healed when he was injected 20 c.c. of the hypodermic.
वह तब ठीक हुआ जब उसे 20 c. c. विषमारक दवाई दी गयी ।

9. rapidly.

10. paralysis.

Passage – 3.

We all missed him greatly; but in a sense we were relieved. My wife was inconsolable. She wept and fretted. For the first few days she would not eat a thing. Then she wrote a number of letters to the curator. How was Baba? Back came the replies. “Well, but fretting; he refuses food too.’ After that, friends visiting Mysore were begged to make a point of going to the zoo and seeing how Baba was getting along. They reported that he was well but looked very thin and sad. All the keepers at the zoo said, he was fretting.

For three months I managed to restrain my wife from visiting Mysore. Then she said one day: ‘I must see Baba. Either you take me by car; or I will go myself by bus or train.’ So I took her by car. Friends had conjectured that the bear would not recognize her. I had thought so too. But while she was yet some yards from his cage, Baba saw her and recognized her. He howled with happiness. She ran up to him, patted him through the bars, and he stood on his head in delight. For the next three hours she would not leave that cage. She gave him tea, lemonade, cakes, ice-cream and what not.

1. What had the author’s friends conjectured about the bear?
लेखक के मित्रों ने रीछ के बारे में क्या अनुमान लगाया था ?

2. Why did Baba howl ?
बाबा जोर से क्यों गुर्राया ?

3. Why did the author’s wife and Baba cry?
लेखक की पत्नी और बाबा क्यों रोये ?

4. What did Baba do in delight ?
प्रसन्नता के कारण बाबा ने क्या किया ?

5. Who was in consolable?
अत्यधिक दुखी कौन था?

6. Why was the author’s wife sad?
लेखक की पल्नी दुखी क्यों थी ?

7. What did the author’s wife come to know about Baba?
लेखक की पत्नी को बाबा के बारे में क्या पता चला ?

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8. Why did the author take his wife to Baba?
लेखक अपनी पत्नी को बाबा के पास क्यों ले गया ?

9. Find the word from the passage which is the opposite of ‘accepts’…

10. Find the word from the passage which means: ‘extremely sad’
Answer:
1. Friends had conjectured that the bear would not recognize the author’s wife.
मित्रों ने यह अनुमान लगाया था कि रीछ लेखक की पत्नी को नहीं पहचानेगा ।

2. Baba howled with happiness.
वह खुशी के कारण जोर से गुर्राया ।

3. Author’s wife and Baba both cried because they were parting.
लेखक की पत्नी और बाबा दोनों इसलिए रोये क्योंकि वे एक-दूसरे से बिछुड़ रहे थे ।

4. Baba stood on his head in delight.
बाबा प्रसन्नता के कारण सिर के बल खड़ा हो गया ।

5. Author’s wife was inconsolable.
लेखक की पत्नी अत्यधिक दुखी थी।

6. She was sad because she was missing Baba.
वह इसलिए दुखी थी क्योंकि उसे बाबा की याद आ रही थी ।

7. She came to know that Baba was fretting.
उसे पता लगा कि बाबा चिन्ता में रहता है।

8. The author took his wife to Baba because she threatened him to go herself by bus or train if he did not take her.
लेखक अपनी पत्नी को बाबा के पास इसलिए ले गया क्योंकि उसने उसे धमकी दी थी कि अगर वह उसे नहीं ले जायेगा तो वह स्वयं बस या ट्रेन से चली जायेगी ।

9. refuses

10. inconsolable

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Passage 4.

Back we went to Mysore again, armed with the superintendent’s letter. Baba was driven into a small cage and hoisted on top of the car; the cage was tied securely, and a slow and careful return journey to Bangalore was accomplished.

Once home, a squad of coolies were engaged for special work in our compound. An island was made for Baba. It was twenty feet long and fifteen feet wide, and was surrounded by a dry pit, or moat, six feet wide and seven feet deep. A wooden box that once housed fowls was brought and put on the island for Baba to sleep in at night. Straw was placed inside to keep him warm, and his ‘baby’, the gnarled stump, along with his ‘gun’, the piece of bamboo, both of which had been sentimentally preserved since he had been sent away to the zoo, were put back for him to play with.

In a few days the coolies hoisted the cage on to the island and Baba was released. He was delighted; standing on his hindlegs, he pointed his ‘gun’ and cradled his ‘baby’. My wife spent hours sitting on a chair there while he sat on her lap. He was fifteen months old and pretty heavy too! The way my wife reaches the island and leaves it is interesting. I have tied a rope to the overhanging branch of a mango tree with a loop at its end. Putting one foot in the loop, she kicks off with the other, to bridge the six-foot gap that constitutes the width of the surrounding pit.

1. Who were engaged for special work in the compound?
आँगन में विशेष कार्य के लिए किनको लगाया गया ?

2. What was the age of Baba?
बाबा की आयु क्या थी ?

3. What was placed inside the worden box ?
लकड़ी के बक्से में क्या रखा गया ?

4. Who went to Mysore again?
फिर से मैसूर कौन गये ?

5. How was the journey from Mysore to Banglore?
मैसूर से बंगलौर की यात्रा कैसी थी ?

6. What was made for Baba in the compound?
अहाते में बाबा के लिए क्या बनाया गया ?

7. What was given to Baba to play with?
बाबा को खेलने के लिए क्या-क्या दिया गया ?

8. What was the size of the island prepared for Baba?
बाबा के लिए तैयार किये गये टापू का क्या आकार था ?

9. Find the word from the passage which is the opposite of ‘careless’

10. Find the word from the passage which means: ‘twisted’.
Answer:
1. A squad of coolies were engaged for special work in the compound.
आँगन में विशेष कार्य के लिए कुलियों का एक दल काम पर लगाया गया।

2. Baba was fifteen months old
बाबा की आयु 15 माह थी ।

3. Straw was placed inside the wooden box to keep Bruno warm.
ब्रूनो को गर्म रखने के लिए लकड़ी के बक्से में पुआल (भूसा) रखा गया था।

4. The author and his wife went to Mysore again.
लेखक और उसकी पत्नी फिर से मैसूर गये ।

5. It was a slow and careful journey
यह यात्रा धीमी और सावधानीपूर्ण थी ।

6. An island was made for Baba in the compound.
अहाते में बाबा के लिए एक द्वीप बनाया गया ।

7. Baba was given his ‘gun’, the piece of bamboo and his ‘baby’, the gnarled stump.
बाबा को उसकी ‘बन्दूक’, बाँस का टुकड़ा और उसका ‘बच्चा’, ऐंठा हुआ लकड़ी का टुकड़ा दे दिया गया ।

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8. The island was 20 feet long and 15 feet wide surrounded by a dry pit or moat six feet wide and seven feet deep.
यह 20 फीट लम्बा व 15 फीट चौड़ा था जो 6 फीट चौड़ी व 7 फीट गहरी खाई या सूखे गड्ढे से घिरा हुआ था ।

9. careful

10. gnarled

The Bond of Love Summary and Translation in Hindi

About The Lesson

यह कहानी मनुष्य तथा उस जंगली जानवर के मध्य प्रबल प्रेम ( गहरे लगाव ) के बारे में है जो उनका लाड़ला ( पालतू) बन गया। इस कहानी में लेखक व उसकी पत्नी के द्वारा एक रीछ के बच्चे को पालने का रोचक वर्णन है। कहानी की कुछ घटनायें मानव व जंगली जानवरों के मध्य प्रेम को दर्शाती हैं एवं हमें जंगली जानवरों के प्रति उदार दृष्टिकोण रखने के लिए प्रेरित करती हैं ।

Before You Read ( पढ़ने से पूर्व )

क्या मनुष्यों और जंगली जानवरों के बीच प्रेम व मित्रता हो सकती है ? आइये, एक ऐसे अनाथ आलसी छ की मुग्ध कर देने वाली कहानी पढ़ें जिसे लेखक ने बचाया था। ऐसे रीछ वनाच्छादित क्षेत्रों में रहते हैं जिनमें भारत के उष्ण कटिबन्धीय वर्षा बहुल वन और कम ऊँचाई पर स्थित घास के मैदान भी शामिल हैं । इन रीछों के बाल झबरीले अर्थात बहुत लम्बे, घने और गंदे होते हैं तथा थूथन लम्बी होती है ।

वे अपने पंजों का उपयोग जमीन को खोदने में व होठों का उपयोग एक ट्यूब (नली-सी) के रूप में प्रयोग कर सकते हैं जो जमीन में गहराई तक जा सकती है या भोजन के लिए दुर्गम स्थानों तक पहुँच सकती है। उनका मुख्य भोजन दीमक होती है । आप कई फीट दूर से उन्हें अपना भोजन चूसते हुए सुन सकते हैं । नोट – Sloth bear रीछ को कहते हैं। जो सुस्त चाल वाला होता है । अमरीका में इसे केवल sloth ही कहा जाता है। shaggy = झबरीले | muzzle = थूथन । termites = दीमक । suck = चूसना ।

Word-Meanings And Hindi Translation

1-2. I will begin ………………… bear on the spot. (Page 113)

Word. – Meanings: begin (बिगिन) = start, शुरू करना । pet (पेट) = domestic, पालतू पशु । sloth bear (स्लॉथ बिअर्) = an animal that lives in tropical parts of America and moves very slowly, रीछ, सुस्त चाल वाला भालू । by accident (बाइ एक्सीडेण्ट ) = all of a sudden, अचानक, संयोगवश | ago (अगो): before, पहले । passing (पासिंग) = the process of going on, गुजर रहे । through (थ्रू) = से होकर | sugarcane ( शुगरकेन) = गन्ना | driving away ( ड्राइविंग अवे ) = fleeing away, भगा रहे, खदेड़ रहे । wild ( वाइल्ड) belonging to forest area, जंगली । shooting (शूटिंग) = hitting with bullet, गोली मारकर |

escaped- (इस्केप्ट) = remained unhurt, बच गये । over (ओवर) = finished, समाप्त हो चुका | suddenly (सडन्लि ) = all of a sudden, अचानक | panting (पैन्टिंग) = breathing very fast, हाँफता हुआ । wantonly (वॉन्टन्लि) = . without any reason, बिना किसी कारण के । unfortunately (अनूफॉ:च्यनेट्लि) = due to bad luck, दुर्भाग्यवश । poor (पुॲर) = wretched, helpless, बेचारा | beast ( बीस्ट) = animal, पशु । companions (कम्पैन्यन्ज़) those who accompany, साथी । that way ( दैट वे) = like that, उस तरह । promptly (प्रॉम्प्ट्ल) = at once, तुरन्त। on the spot ( ऑन द स्पॉट्) = at that very place, उसी जगह, वहीं ।

हिन्दी अनुवाद – मैं अपनी पत्नी के ब्रूनो नामक पालतू रीछ के बारे में बताते हुए कहानी शुरू करूँगा । मुझे उसके ( पत्नी के) लिए वह (रीछ) अचानक ( संयोगवश ) मिला । दो साल पहले हम मैसूर के निकट गन्ने के खेतों से होकर गुजर रहे थे । लोग जंगली सुअरों पर गोलियाँ चलाकर उन्हें खेतों से खदेड़ रहे थे । कुछ सुअरों को गोली लगी और कुछ बचकर निकल गये। हमें लगा कि सब कुछ समाप्त हो गया है तभी अचानक एक काला रीछ तपती धूप में हाँकता हुआ बाहर आया । अब मैं एक रीछ पर बिना किसी कारण गोली नहीं चलाऊँगा परन्तु उस बेचारे पशु का दुर्भाग्य था कि मेरे एक साथी ने इस विषय में इस तरह से अर्थात् मेरी तरह महसूस नहीं किया, और उसने तुरन्त वहीं रीछ पर गोली चला दी ।

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3-4-5. As we watched ………….. christened it Bruno. (Pages 113-114)

Word Meanings: watched (वॉच्ट) = saw carefully, ध्यान से देखा । fallen (फॉलन्) = dropped down, गिरे हुए। surprised (सॅ: प्राइज़्ड) = astonished, आश्चर्यचकित | fur (फर् ) = soft thick hair, कुछ पशुओं के शरीर को ढकने वाले कोमल घने बाल । moved (मूव्ड्) = stirred, हिला । left (लेफ्ट ) = remained, छोड़ दिया । prostrate (प्रॉस्ट्रेट) = lying on the ground facing downwards, दण्डवत् पड़ा हुआ, पेट के बल पड़ा हुआ। riding (राइडिंग) = सवारी कर रहा । sudden (सडन् ) = unexpected, अचानक । creature (क्रीचर) = living being, प्राणी । pitiful (पिटिफ़ल) = arousing pity, pitiable, दया का भाव जगाने वाला, दयनीय | attempt (अटेम्प्ट्) = try, कोशिश करना | capture ( कैप्चर) = catch, hold, पकड़ना । scooted ( स्कूटिड्) = ran away, भाग गया । following (फॉलोइंग) = going after, पीछा करते हुए । companions (कम्पैन्यन्ज़) = partners, साथी ।

at last (ऐट लास्ट) = finally, अन्ततः । grab ( ग्रैब) = hold, पकड़ना । by the scruff of its neck (वाइ द स्क्र्फ आव इट्स नेक) = holding the back of an animal’s neck, किसी जानकर की गर्दन का पिछला हिस्सा पकड़ते हुए । snapped ( स्नैप्ट) = tried to bite, दाँत से काटने की कोशिश की। scratch (स्क्रैच) * nails, खरोंच मारना | hooked (हुक्ट) = bent in the shape of a hook, मुड़े हुए व नुकीले । claws (क्लॉज़) paws with sharp nails, पंजे ।

gunny bags (गनी – बैग्ज़) = strong bags made of jute fibre for carrying some items, जूट के बने बोरे । duly (ड्यूलि) = in a ceremonious way, विधिवत् । presented (प्रेज़न्टिड्) gifted, भेंट किया | delighted (डिलाइटिड् ) = happy, प्रसन्न । at once ( एट वन्स) immediately, तुरन्त । discovering (डिस्कवरिंग) = finding out पता लगने । cub (कब ) = a young bear, रीछ का बच्चा । christened (क्रिसन्ड्) = named, नामकरण कर दिया, नाम रख दिया। = to rub the skin with the

हिन्दी अनुवाद – जैसे ही हमने गिरे हुए जानवर को ध्यान से देखा तो हमें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि उसकी पीठ से काले लोम (बाल) हिले और उन्होंने ( बालों ने) दण्डवत् पड़े हुए शरीर को छोड़ दिया। तब हमने देखा कि यह रीछ का बच्चा था जो उस समय अपनी माँ की पीठ पर सवार था और जब अचानक उसे (मादा रीछ को) गोली लगी तो उसकी मृत्यु हो गई थी। वह छोटा प्राणी ( रीछ का बच्चा ) दयनीय शोर करता हुआ, जमीन पर पड़ी हुई अपनी माँ के चारों ओर चक्कर लगाने लगा ।

मैं उसे पकड़ने की कोशिश करने के लिए उसकी ओर भागा । वह गन्ने के खेत में भाग गया । अपने साथियों के साथ उसका पीछा करते हुए मैं अन्ततः उसकी गर्दन के पिछले भाग से उसे पकड़ पाया हालाँकि उसने मुझे दाँतों से काटने की कोशिश की और अपने लम्बे नुकीले पंजों से खरोंच मारने की कोशिश की । हमने उसे अपने साथ लाये हुए एक जूट के बने हुए बोरे में रख लिया और जब मैं बंगलौर वापिस आया तो मैंने उसे अपनी पत्नी को विधिवत् उपहारस्वरूप भेंट किया । वह प्रसन्न हो गई ! उसने ( पत्नी ने ) तुरन्त उसकी (रीछ के बच्चे की ) गर्दन में एक रंगीन फीता बाँध दिया और यह पता लगने के बाद कि रीछ का बच्चा लड़का है, उसने उसका नाम ‘ब्रूनो’ रख दिया ।

6-7. Bruno soon took …………. sleep in our beds. (Page 114)

Word-Meanings: soon (सून) = in a short time, शीघ्र ही । took to (टुक टु) started, शुरू कर दिया | step (स्टेप) = pace, कदम | further (फॅ: दर) = to a greater degree, आगे । porridge (पॉरिज) = a soft thick white food, दलिया । ingredients (इन्ग्रीड्यण्ट्स) = grains, अनाज। vegetables (वेजिटेबल्ज़्) = सब्जियाँ। nuts (नट्स्) small hard fruits, गिरी, काष्ठ फल । curry (कॅरि) = कढ़ी । especially (इस्पेश्यलि ) = for a particular purpose, विशेष रूप से । pork (पोर्क) = unpreserved meat from a pig, सुअर का कच्चा माँस । regardless (रिगार्डलस) = without caring for, परवाह किये बिना ।

condiments (कॉन्डिमन्ट्स) = spices, मसाले। chillies (चिलीज़) = a small green or red vegetable having hot taste, मिर्च ।` pudding (पुडिंग) a cooked sweet dish, पुडिंग या कोई मीठा पकवान जैसे- हलुआ । aerated water (एअरेटिड वॉटर) = water to which air is added, (यहाँ) सोडा वॉटर (वह पेय जल जिसमें गैस भरी हो) । buttermil] (बटॅ:मिल्क) whey, मट्ठा, छाछ । alcoholic liquor (ऐल्कहॉलिक लिक्वर) = wine, शराब, in fact (इन फैक्ट) = in reality, वास्तव मैं। liquid (लिक्विड्) = तरल पदार्थ । relish (रेलिश) = taste, स्वाद | attached (अटच्ट) = got along आसक्त, अनुरक्त। tenants (टेनण्ट्स) = those living on rent, किरायेदार । quite (क्वाइट) = completely, पूर्णत:, बिल्कुल | spent (स्पेण्ट) = passed, बिताता था ।

हिन्दी अनुवाद ब्रूनो ने शीघ्र ही बोतल से दूध पीना शुरू कर दिया । यह तो आगे बढ़ाया गया मात्र एक कदम था और बहुत कम दिनों के अन्दर उसने अन्य सब चीजें खाना-पीना शुरू कर दिया। और ‘सब चीजें’ कहना ही सही शब्द होगा क्योंकि वह किसी भी अनाज से बना दलिया, सब्जियाँ, फल, काष्ठफल (गिरी), माँस (विशेष रूप से सुअर का कच्चा माँस), मसालों और मिर्च की परवाह किये बिना कढ़ी और चावल, ब्रेड, अंडे, चॉकलेट, मिठाईयाँ, हलुआ, आइसक्रीम इत्यादि सभी कुछ खा लेता था ।

पेय के रूप में दूध, चाय, कॉफी, नींबू का रस, सोडा वॉटर, छाछ या मट्ठा, बीयर, शराब और वास्तव में चाहे कोई भी तरल पेय हो, सब-कुछ स्वाद के साथ उसके पेट में जाता था अर्थात् वह हर तरह का पेय पदार्थ पी जाता था। वह भालू हमारे दो अल्सेशियन कुत्तों और हमारे बंगले में रहने वाले किरायेदारों के सभी बच्चों से बहुत हिल – मिल गया था । जब वह छोटा था तो उसे बिल्कुल स्वतन्त्र छोड़ दिया जाता था और उसका समय खेलने में, दौड़कर रसोईघर जाने में और सोने के लिए हमारे बिस्तर में जाने में बीतता था ।

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8. One day an accident ……………….. what to do. (Page 114)

Word Meanings: accident (एक्सीडेण्ट) = an unpleasant event, दुर्घटना । befell (बिफैल) happened, हो गई । poison (पॉइज़न) = a substance that kills you, विष, जहर । paralysis (पैरलसिस) inability to move muscles, लकवा । set in (सेट इन) = began and seemed to continue, हो गया । extent (इक्स्टेण्ट) = limit, हद, सीमा । dragged (ड्रैग्ड) = pulled along forcefully, घसीटा । stumps (स्टम्प्स) (here) legs, टाँगें i guessed (गेस्ड) = made a judgement, अनुमान लगाया । happened (हैपण्ड् ) = took place, घटित हुआ । rushed off (रश्ट ऑफ) = went in haste, बहुत जल्दी में गया । vet’s (वेट्स) = of a veterinary doctor, एक पशु-चिकित्सक के । residence (रेज़िडन्स्) = place of living, निवास-स्थान । poisoning (पॉइज़निंग) = swallowing poison, जहर खा लेना । tame (टेम) = pet, पालतू ।

हिन्दी अनुवाद एक दिन उसके साथ एक दुर्घटना हो गई । मैंने उन चूहों को मारने के लिए बेरियम कार्बोनेट जहर रख दिया था जो मेरे पुस्तकालय में घुस आए थे। ब्रूनो पुस्तकालय में घुसा जैसे कि वह अक्सर वहाँ घुस जाया करता था और उसने कुछ जहर खा लिया । उसे इस हद (सीमा) तक लकवा हो गया कि वह अपने पैरों पर खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। लेकिन वह अपने पैरों पर घिसटता हुआ मेरी पत्नी के पास आया जिसने मुझे बुलाया । मैंने अनुमान लगा लिया कि क्या हुआ था । मैं तुरन्त कार में सवार हुआ और पशु चिकित्सक के निवास स्थान की ओर चल दिया। जहर खा लेने का मामला! पालतू रीछ बेरियम कार्बोनेट

9. Out came ………… gaping mouth. (Page 115)

Word Meanings: feverish (फीवरिश) = quick and worried, तेजी से और चिन्ता भरा, ज्वरप्रद । a reference (रेफरन्स) = a written or spoken comment, सन्दर्भ | index (इनडेक्स) = विषय-सूची | symptoms (सिम्प्टम्ज़) = signs, लक्षण । treatment (ट्रीटमण्ट ) = the use of medicine to cure an illness, उपचार । syringe’ (सिरिंज) = a plastic tube with a needle, सिरिंज, सुई । dash (डैश) = going rashly, झटपट जाना । floundering (फ्लाउण्डरिंग) = struggling to move, हिलने की कोशिश कर रहा । weakening (वीकनिंग) = getting weak, कमजोर हो रहा । rapidly (रैपिड्ल) = fast, तेजी से । vomiting (वॉमिटिंग) = bring food up from the stomach, वमन, उल्टी । heavy breathing (हैवि ब्रीदिंग ) = difficulty in breathing, साँस लेने में कठिनाई | heaving (हीविंग) = lifting something heavy, कोई भारी चीज ऊपर उठाना । flanks (फ्लैंक्स) = the r, side of an animal’s body, बाजू । gaping (गेपिंग) = open, खुला हुआ ।

हिन्दी अनुवाद- उसने (चिकित्सक ने) अपनी चिकित्सा सम्बन्धी पुस्तकें निकालीं और विषय-सूची का ज्वरप्रद सन्दर्भ शुरू हुआ : “श्रीमान् ! आपने कौन-सा जहर बताया ?” “बेरियम कार्बोनेट ।” “आह हाँ ब बे- बेरियम सॉल्ट्स – ओह ! बेरियम कार्बोनेट ! लक्षण- लकवा उपचार इंजेक्शन….. बस एक मिनट, श्रीमान् ! मैं अपनी सिरिंज (सुई), और दवा लेकर आता हूँ। डॉक्टर और मैं झपटकर वापिस कार तक गये । ब्रूनो अब भी अपने पैरों पर हिलने की कोशिश कर रहा था परन्तु 1, स्पष्ट रूप से उसकी कमजोरी तेजी से बढ़ रही थी; उसे कुछ उल्टी हो रही थी और उसको साँस लेने में कठिनाई हो रही थी. साथ में बाजू वाला हिस्सा बहुत तेजी से ऊपर-नीचे हो रहा था और उसका मुँह खुला हुआ था ।

10-11. Hold him, everybody …………………… ill effects whatever. (Page 115)

Word-Meanings : hold (होल्ड) = catch, पकड़िये । hypodermic (हाइपोड : मिक्) = along needle used to give an injection under the skin, इन्जेक्शन देने वाली लम्बी सिरिंज । squeals (स्क्वील्ज़) = makes a long loud sound, जोर से चीखता है। antidote (एन्टिडोट). = medicine that works against poison, विषमारक । system (सिस्टम) = body of a person / animal, शरीर (किसी मानव या पशु का ) 1 without a drop being wasted=without misusing even a drop, बिना एक भी बूँद बर्बाद हुए। condition (कॅन्डिशन) = state, freifal unchanged (अनचेन्ज्ड) | = same, वैसी की वैसी । less (लेस) = to a smaller extent, कम | stertorous breathing, (स्टर्टरस ब्रीदिंग ) = noisy breathing as in snoring, खर्राटों की सी आवाज |

move (मूव) = stir, हिलाना । a little (अ लिट्ल) = small in size, थोड़ा-सा | feed ( फीड) food, भोजन । disdainfully (डिस्डेन्फलि) = with contempt, तिरस्कारपूर्वक, मजाक सा उड़ाते हुए । gallon (गैलन् ) = 41⁄2 litre, 41⁄2 लिटर ( या अमेरिकी गैलन में 3.8 लिटर ) । nearly (निअर्लि ) = about, लगभग | drained (ड्रेन्ड) = took out, निकाला। sump (सम्प) = a hollow in which liquid collects, हौज | Studebaker (स्ट्यूडबेकर) = an old American car, एक पुरानी अमेरिकन कार |

weapon (वेपन) = a thing for physical damage, हथियार | against (अगेन्स्ट्) विरुद्धं । inroads (इनरोड्ज़) = coming in, आना, लगना । termites (टॅ: माइट्स) = white ants, दीमक 1 promptly (प्रॉम्प्ट्ल) = immediately, तुरन्त । the lot ( द लॉट) = all the contents, सारा का सारा | ill effects (इल इफ़ेक्ट्स) = a bad result, दुष्प्रभाव, बुरा प्रभाव | whatever (व्हॉटएवर) = at all, कुछ भी हो ।

हिन्दी अनुवाद – प्रत्येक व्यक्ति उसे पकड़ो ! इन्जेक्शन देने वाली लम्बी सुई अन्दर जाती है ब्रूनो जोर से चीखता है – विषमारक की 10 c.c. मात्रा उसके शरीर में एक भी बूँद बिना बर्बाद हुए प्रवेश करती है। दस मिनट बाद : उसकी स्थिति वैसी की वैसी रहती है ! 10 cc का एक इन्जेक्शन और दिया जाता है ! दस मिनट बाद : साँस के साथ खर्राटों की सी आवाज़ कम होती है – ब्रूनो अपने हाथ-पैर थोड़ा-सा हिला सकता है यद्यपि वह अभी भी खड़ा नहीं हो सकता है । तीस मिनट बाद : ब्रूनो उठता है और खूब खाता है ! वह हमारा मजाक – सा उड़ाते हुए हमें ऐसे देखता है जैसे कि वह यह कहता हो, ‘मुझ जैसे बड़े काले रीछ के लिए बेरियम कार्बोनेट क्या चीज है ?’ ब्रूनो का खाना अब भी जारी है। एक अन्य अवसर पर, उसे लगभग एक गैलन पुराना इंजिन ऑयल मिल गया जो मैंने कार के हौज में से निकालकर दीमक के विरुद्ध अर्थात् दीमक मारने के लिए हथियार के रूप में रखा हुआ था । उसने तुरन्त वह सारा का सारा तेल पी लिया । कुछ भी हो इसका कोई दुष्प्रभाव ( बुरा प्रभाव ) नहीं हुआ।

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12. The months rolled ….. most of the time. (Pages 115-116)

Word-Meanings : rolled on (रॉल्ड ऑन) = passed, गुजर गये । grown (ग्रोन) = बड़ा हो गया। many times (मेनि टाइम्ज़) = almost entirely, कई गुना । equalled (इक्वल्ड) = became similar, बराबर हो गया। outgrown (आउटग्रोन) = grown bigger, अधिक बड़ा हो गया । sweet (स्वीट) = (here) lovely, प्यारा-सा । mischievous (मिस्चिवस् ) = naughty, शरारती, नटखट । playful (प्लेफ्ल्) = jolly, चुलबुला, चंचल । fond of (फॉण्ड ऑव) = full of love, प्रेम करने वाला । above all (अबॅव ऑल ) = more than all others, सबसे बढ़कर । signifying ( सिग्निफाइंग) = meaning, जिसका अर्थ होता है । tricks (ट्रिक्स्) feats, करतब । command (कमाण्ड ) = order, आदेश | wrestle (रेसल) कुश्ती लड़ो। box (बॉक्स) vigorously (विगॅरस्लि) = with enthusiasm and courage, जोश और साहस के साथ |

tackled (टैकल्ड) to make an effort to deal with a difficult situation, भिड़ जाता था, मुकाबला करता था । forward (फॉ: वर्ड) = ahead, सामने । rough and tumble (Idiom ) (रफ़ एण्ड टम्बल) = noisy and energetic behaviour when children or animals are playing, बच्चों या जानवरों का शोरगुल या उथल-पुथल (करने के लिए) । immediately (इमीडिअट्लि) = at once, तुरन्त । produced (प्रॅड्यूस्ट ) = presented, सामने ला देता था । cradled (क्रेडल्ड) ‘= held gently by supporting with the arms, पालने की तरह झुलाता था, गोद में रख लेता था। affectionately (अफ़ेक्शनट्लि) = with love, स्नेहपूर्वक stump (स्टम्प्) = piece of wood left after tree has been cut down, लकड़ी का टुकड़ा ठूंठ | ‘concealed (कन्सील्ड) = hidden, छिपाया हुआ । straw (स्ट्रॉ) = पुआल, भूसा | terrants (टेनण्ट्स) = those who live on rent, किरायेदार । poor (पुअर) = wretched, helpless, बेचारा, chained (चेन्ड) = जंजीर से बँधा हुआ

हिन्दी अनुवाद – महीनों गुजर गये और ब्रूनो जब वह आया था उससे कई गुना बड़ा हो गया। उसकी ऊँचाई अल्सेशियन कुत्तों के बराबर हो गई थी और यहाँ तक कि वह उनसे भी बड़ा हो गया था। लेकिन वह पहले जितना ही प्यारा था, उतना ही शरारती और उतना ही चुलबुला ( चंचल ) था । और वह हम सबसे बहुत प्रेम करता था । सबसे बढ़कर वह मेरी पत्नी को प्रेम करता था और वह भी उसे प्रेम करती थी ! उसने उसका नाम ‘ब्रूनो’ से बदलकर ‘बाबा’ रख दिया था जो एक हिन्दुस्तानी शब्द है जिसका अर्थ होता है ‘छोटा बच्चा’।और वह कुछ करतब भी दिखा सकता था

जब उसे आदेश दिया जाता था ‘बाबा, कुश्ती लड़ो’ या ‘बाबा, बॉक्सिंग करो’, वह पूरे जोश और साहस के साथ उससे भिड़ जाता था जो उथल-पुथल करने के लिए सामने आता था । उसे एक छड़ी देकर कहिये – ‘बाबा, बन्दूक पकड़ो’ और वह आपके सामने छड़ी तान देता था । उससे कहिये – ‘बाबा, बच्चा कहाँ है ? और वह तुरन्त अपने पुआल (भूसा) के बिस्तर में सावधानीपूर्वक छिपाये हुए लकड़ी के टुकड़े (ठूंठ) को सामने ला देता था और उसे स्नेहपूर्वक गोद में रख पालने की तरह झुलाता था । । परन्तु किरायेदारों के बच्चों के कारण ब्रूनो या बाबा को अधिकांश समय जंजीर से बाँधकर रखना पड़ता था।

13. Then my son ………… was packed off. (Page 116)

Word Meanings: advised (अडवाइज़्ड) = suggested, सलाह दी । at last (ऐट लास्ट् ) = in the end, अन्ततः। consented ( कॅन्सेन्टिड) agreed, सहमत हो गई । hastily ( हेस्टिलि ) = in a hurry, जल्दी से, आनन-फानन में । curator (क्यूरेटर ) = (here) incharge of the zoo, चिड़ियाघर का अध्यक्ष, संग्रहाध्यक्ष । collection (कलेक्शन) = a group of objects of a particular type, संग्रह | replied (रिप्लाइड) = answered, उत्तर दिया । = a box made of bars and wires, पिंजरा | lorry (लॉरी) = a large vehicle for (केज) cage carrying heavy loads, भार ढोने वाली एक बड़ी-सी गाड़ी, ट्रक । distance (डिस्टन्स) = amount of space between two places, दूरी । was packed off (वाज पैक्ट ऑफ) = sent away to a different place, भेज दिया गया या रवाना कर दिया गया ।

हिन्दी अनुवाद – तब मेरे पुत्र ने और मैंने अपनी पत्नी को सलाह दी और मित्रों ने भी उसे सलाह दी कि बाबा को मैसूर स्थित चिड़ियाघर को दे दिया जाये । वह घर में रखने के हिसाब से बहुत बड़ा हो गया था । कुछ हफ्तों की ऐसी सलाह के बाद, अन्ततः वह सहमत हो गई। आनन- फानन में अर्थात् शीघ्र ही इससे पहले कि वह अपना इरादा बदल दे, चिड़ियाघर के संग्रहाध्यक्ष को एक पत्र लिखा गया । क्या वह ( संग्रहाध्यक्ष ) पालतू भालू को अपने संग्रहालय में रखना चाहते थे ? उनका उत्तर ‘हाँ’ में आया। चिड़ियाघर ने सतासी मील दूर मैसूर से एक ट्रक में एक पिंजरा भेजा और बाबा को रवाना कर दिया गया ।

14-15. We all missed …………… I took her by car. (Page 116)

Word Meanings: missed (मिस्ट) = felt absence, कमी महसूस की, याद किया | greatly (ग्रेट्लि) = very much, अत्यधिक । in a sense ( इन अ सेन्स) = in a particular way, एक तरह से । were relieved (वॅर् रिलीव्ड) = pleased, राहत महसूस कर रहे थे । inconsolable (इन्कॅन्सोलब्ल) = that cannot be comforted, अत्यधिक दुखी | wept (वेप्ट) = shed tears, रोई । fretted (फ्रेटिड ) = became worried and unhappy, दुःखी और चिंतित हुई | replies (रिप्लाइज़) = to say something as an answer, उत्तर। refuses (रिफ्यूज़िज़् ) = denies, मना कर देता है। a number of (अ नम्बर ऑव ) = several, कई । begged (बेग्ड) = requested, निवेदन किया, प्रार्थना की । make a point (मेक अ पॉइण्ट ) keep in mind, ध्यान में रखना । reported (रिपॉर्टिड) informed, सूचना देते, सूचित करते । managed (मैनिज्ड) = succeeded, सफल हुआ। restrain (रिस्ट्रेन) keep in control, stop, रोके रखना ।

हिन्दी अनुवाद – हम सबको उसकी अत्यधिक कमी महसूस हुई; पर एक तरह से हम राहत महसूस कर रहे थे। मेरी पत्नी अत्यधिक दुखी थी। वह रोती रहती और दुःखी रहती। पहले कुछ दिनों तक उसने कुछ नहीं खाया । फिर उसने चिड़ियाघर के अध्यक्ष को कई पत्र लिखे, (यह पूछते हुए कि) बाबा कैसा है ? वापिस उत्तर प्राप्त हुए ” अच्छा है. लेकिन दुःखी हो रहा है; वह भोजन के लिए भी मना कर रहा है ।” उसके बाद मैसूर जाने वाले मित्रों से निवेदन किया गया कि वे चिड़ियाघर जाने का ध्यान रखें और देखें कि बाबा कैसा है। उन्होंने सूचित किया कि वह ठीक है परन्तु दुबला और दुखी दिखाई देता है। चिड़ियाघर के सभी रखवालों ने बताया कि वह दु:खी हो रहा है। तीन महीने तक मैंने किसी तरह अपनी पत्नी को मैसूर जाने से रोके रखा । फिर एक दिन वह बोली, “मुझे बाबा से मिलना ही है। या तो तुम मुझे कार से लेकर चलो; नहीं तो मैं स्वयं बस या ट्रेन से चली जाऊँगी ।” इसलिए मैं उसे कार से लेकर गया ।

16-17.Friends had conjectured ……….. to happen next. (Pages 116-117)

Word Meanings: conjectured (कॅन्जेक्चर्ड) = formed an opinion by guessing, अनुमान लगाया था । recognised ( रेकग्नाइज़्ड) = identified, पहचान लिया। yard ( यार्ड) = a distance of three feet, गजः । howled (हाउल्ड) = roared, जोर से गुर्राया हूंकने की आवाज की । petted (पैटिड) = थपथपाया। bars (बॉर्ज़) rods, सलाखें, लोहे की छड़ें। delight (डिलाइट) = happiness, प्रसन्नता । lemonade (लेम्नेड) = a drink made from lemon, नींबू शर्बत । cried (क्राईड) = wept, रोई । bitterly (बिटॅ: लि) = sharply, फूट-फूट कर hardened (हाडन्ड) = hard-hearted कठोर हृदय । keepers ( कीपॅज़) = people who cares for others, देखभाल करने वाले, रखवाले । felt depressed ( फैल्ट डिप्रेस्ट) became sad, दुखी हुए। reconciled (रेकन्साइल्ड) = settled, समझा लिया, तैयार कर लिया । happen (हैपन् ) = take place, होना ।

हिन्दी अनुवाद – मित्रों ने यह अनुमान लगाया था कि रीछ उसे (मेरी पत्नी को ) नहीं पहचानेगा । मैंने भी ऐसा ही सोचा था । परन्तु जबकि वह अभी पिंजरे से कुछ गज की दूरी पर ही थी तभी बाबा ने उसे देख लिया और पहचान लिया । वह खुशी से हूँकने लगा । वह दौड़कर उसके पास गयी, पिंजरे की सलाखों के बीच से हाथ डालकर उसे थपथपाया और वह प्रसन्नता के कारण अपने सिर के बल खड़ा हो गया । अगले तीन घण्टे तक वह पिंजरे के सामने से नहीं हटी । उसने उसे चाय, शिकंजी (नींबू शर्बत), केक, आइसक्रीम, और क्या-क्या नहीं दिया, अर्थात् बहुत सी चीजें खिलाई । फिर चिड़ियाघर के बन्द होने का समय हो गया और हमें वहाँ से जाना पड़ा । मेरी पत्नी फूट-फूट कर रोई; बाबा फूट-फूट कर रोया; यहाँ तक कि चिड़ियाघर के कठोर हृदय वाले संग्रहाध्यक्ष और रखवाले भी दुखी हो गये । जहाँ तक मेरी बात है मैंने अपने आपको उस बात के लिए तैयार कर लिया था जो मैं जानता था कि अब होने वाला है ।

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18-19-20. “Oh please, sir, ” was accomplished. (Pages 117-118)

Word Meanings : hesitantly (हेजिटेट्लि) = with hesitation, हिचकिचाते हुए, संकोच के साथ। belongs (बिलॉग्ज़) : be a member of, सम्बन्धित है । property (प्रॉप : टि) = possession, सम्पत्ति । superintendent (सूपरिन्टेण्डण्ट ) = an officer with high position, अधीक्षक | agrees ( अग्रीज़) = gives consent, सहमत हो जाता है । certainly (सॅटन्लि) = for sure, निश्चित रूप से । followed (फॉलोड) happened after that, उसके बाद हुआ | return ( रिटर्न) = coming back, वापसी । journey (ज:नि) travelling, यात्रा। visit (विज़िट्) = to meet, मुलाकात | tearful (टियरफुल ) full of tears, आँसुओं भरा ।

pleading (प्लीडिंग) = request, निवेदन । fretting (फ्रेटिंग) worrying and unpleasant, दुखी, परेशान । kind-hearted (काइण्ड – हाटिड) = generous, दयालु । consented ( कॅन्सेन्टिड) = gave permission, अनुमति दे दी । lend (लेन्ड) = to give something for a short time, उधारस्वरूप देना । transporting (ट्रैन्स्पॉटिंग) taking ले जाना । armed with (आम्ड विद ) equipped with, लैस, सुसज्जित । driven (ड्रिवन) = conveying, ले जाया गया । hoisted (हॉइस्टिड) = raised by means of ropes or pulleys, चढ़ा दिया गया । tied (टाइड) = roped, बाँधा गया I securely ( सिक्युअर्लि ) = tightly, कसकर । slow (स्लो) = steady, धीमी । careful (केॲ: फल) = giving a lot of attention, सावधानीपूर्ण । accomplished ( अकम्पप्लिश्ट) = completed, सम्पन्न हुई, पूरी हुई ।

हिन्दी अनुवाद – उसने संग्रहाध्यक्ष से कहा, “ ओह, श्रीमान्, कृपया, क्या मैं अपने बाबा को वापिस ले सकती ?” संग्रहाध्यक्ष ने हिचकिचाहट के साथ उत्तर दिया, “मैडम, वह अब चिड़ियाघर का है और अब सरकार की सम्पत्ति मैं सरकार की सम्पत्ति (किसी को) नहीं दे सकता हूँ। लेकिन मेरा बॉस जो बंगलौर में अधीक्षक है, यदि सहमत हो जाता है तो निश्चित रूप से आप उसे ( बाबा को) वापिस ले जा सकती हैं ।” उसके बाद हम लोग वापिस बंगलौर आये और अधीक्षक के बंगले पर गये।

मेरी पत्नी ने उससे आँसुओं भरा निवेदन किया, ” बाबा और मैं, दोनों एक-दूसरे के लिए चिंतित हैं। क्या आप कृपा करके उसे मुझे वापिस दे देंगें ?” वह एक दयालु व्यक्ति था और उसने अनुमति दे दी । न केवल इतना, बल्कि उसने चिड़ियाघर के संग्रहाध्यक्ष को यह आदेश देते हुए एक पत्र भी लिखा कि वह हमें रीछ को बंगलौर ले जाने के लिए एक पिंजरा भी उधार दे दे । अधीक्षक के पत्र को लेकर हम वापिस मैसूर गये । बाबा को एक छोटे पिंजरे में ले जाया गया और कार की छत पर चढ़ा दिया गया; पिंजरे को कसकर बाँध दिया गया और वापिस बंगलौर की एक धीमी व सावधानीपूर्ण यात्रा सम्पन्न हुई ।

21. Once home, ………… to play with. (Page 118)

Word Meaning: squad ( स्क्वैड) = group, दल । engaged ( इंगेज्ड ) = put to work, काम में लगाया गया। compound (कॅम्पाउण्ड) = courtyard, आँगन, अहाता । island (आइलैण्ड) = a piece of land surrounded by water, द्वीप। surrounded ( सराउण्डिड ) = encircled, घिरा हुआ । dry (ड्राई) = not wet, सूखा! pit (पिट) = a large hole that is made in the ground, गड्ढा | moat (मोट) = a long wide channel, खाई | wide (वाइड) = measuring a lot from one side to the other, चौड़ा । deep (डीप) = extending far down from the top, गहरा । housed (हाउस्ट) = was the house, घर था । fowls (फ़ाउल्ज़) = hens, मुर्गियाँ । was brought (वॉज़ ब्रॉट) = carried to a place, लाया गया |

straw (स्ट्रॉ) = the long straight central parts of plants, पुआल (भूसा) I was placed (वॉज़ प्लेस्ट) = was kept, रखा गया | inside ( इनसाइड) = अन्दर | warm (वॉ:म) गर्म । gnarled (नाल्ड) = rough and twisted, गंठीला I stump ( स्टम्प) = a piece of wood, लकड़ी का टुकड़ा । bamboo (बैम्बू) = बाँस । sentimentally (सेन्टिमेन्टॅलि) with deep feelings, भावुकतावश । preserved भेजा गया । = (प्रिज़र्व्ह) = kept carefully, सुरक्षित रखे गये । ( had been sent away, (सेन्ट अवे)

हिन्दी अनुवाद – घर पहुँचते ही कुलियों का एक दल हमारे आँगन में विशेष कार्य पर लगाया गया । बाबा के लिए एक द्वीप बनाया गया । यह बीस फीट लम्बा और पन्द्रह फीट चौड़ा था; और चारों ओर से छ: फीट चौड़े और सात फीट गहरे एक सूखे गड्ढे या खाई से घिरा हुआ था । कभी मुर्गियों का घर रह चुका एक लकड़ी का सन्दूक, बाबा को रात में सोने के लिए द्वीप पर रख दिया गया । इसके अन्दर उसे गर्म रखने के लिए पुआल (भूसा) रखा गया और उसका ‘बच्चा’, अर्थात् लकड़ी का गंठीला टुकड़ा, और उसकी ‘बन्दूक’ यानि कि बाँस का टुकड़ा जो दोनों ही उसे चिड़ियाघर भेजे जाने के बाद से भावुकतावश सुरक्षित रखे गये थे, वापिस उसके खेलने के लिए ( द्वीप पर ) रख दिये गये ।

22-23. In a few days ……………. characteristics (Page 118)

Word Meanings : hoisted (हॉइस्टिड) = raised by means of ropes and pulleys, चढ़ा दिया, ऊपर ले गये । released ( रिलीज़्ड) = freed, मुक्त कर दिया गया । delighted (डिलाइटिड् ) = happy, प्रसन्नः । hindlegs (हिण्डलैग्ज़) = back legs, पीछे के दोनों पैर | pointed (पॉइण्टिड) = aimed at, तानी । gun (गन) = (here) a piece of bamboo बन्दूक, (परन्तु यहाँ ) बाँस का टुकड़ा | cradled ( क्रेडल्डं) = held carefully and gently in the arms, गोद में लिया। baby (बेबी) = ( यहाँ) लकड़ी का ऐंठा हुआ टुकड़ा । spent (स्पेण्ट) passed, बिताये  lap (लैप) = the flat area between the waist and knees of a seated person, गोद | pretty (प्रिंटि) = (here) enough, काफी

heavy (हैवि) = weighing a lot, भारी । way (वे) = manner, तरीका | interesting (इन्ट्रस्टिंग) = fascinating, रोचक | tied (टाईड) = bound, बाँध दी । rope (रोप) = cord, रस्सी । overhanging (ओăहैंगिंग) = ऊपर लटकती हुई । branch (ब्रांच) = टहनी | loop (लूप) = shape like a curve, फन्दा | end ( एण्ड ) = last part of something, छोर । putting ( पुटिंग) = रखकर । kicks off (किक्स ऑफ) = hit somebody with your foot, ठोकर मारती है | bridge (ब्रिज) = cross, पार करना । gap (गैप) = distance, दूरी | constitutes ( कॉन्स्टट्यूट्स) = makes, बनाता है। width (विड्थ ) = चौड़ाई | surrounding (सराउण्डिंग) = around something, चारों ओर स्थित | sense (सेन्स) = feeling, भाव । affection ( अफेक्शन) = love, स्नेह । memory (मेमेरि) = power to remember, स्मृति | individual (इन्डिविजुअल) = personal, व्यक्तिगत । characteristics (कैरक्टरिस्टिक्स) = features, विशेषताएँ ।

हिन्दी अनुवाद कुछ दिन में कुलियों ने पिंजरे को द्वीप पर चढ़ा दिया और बाबा को मुक्त कर दिया गया । वह प्रसन्न था; अपने पीछे के दोनों पैरों पर खड़े होकर अपनी ‘बन्दूक’ (बाँस के टुकड़े) को तानता था और अपने ‘बच्चे’ ( लकड़ी के गंठीले टुकड़े) को गोद में ले लेता था । मेरी पत्नी ने वहाँ एक कुर्सी पर बैठकर घण्टों बिताये जबकि वह (बाबा) उसकी गोद में बैठा रहा । वह पन्द्रह महीने का था और काफी भारी भी था !…
जिस तरीके से मेरी पत्नी द्वीप पर आती-जाती है, बह रोचक है ।

JAC Class 9 English Solutions Beehive Chapter 9 The Bond of Love

मैंने आम के एक पेड़ के ऊपर लटकती हुई डाली से एक रस्सी बाँध दी है जिसके छोर पर एक फंदा है। एक पैर फंदे में रखकर वह दूसरे पैर से जमीन पर ठोकर मारती है ताकि वह छः फीट की उस दूरी को पार कर पाये जो चारों ओर के गड्ढे की चौड़ाई से बनी है । इसी प्रकार वह द्वीप से वापिस भी आती है। लेकिन अब कौन कह सकता है कि एक रीछ में स्नेह का कोई भाव नहीं होता, कोई स्मृति नहीं होती और कोई व्यक्तिगत विशेषताएँ नहीं होतीं ।

JAC Class 12 Political Science Important Questions Chapter 2 एक दल के प्रभुत्व का दौर

Jharkhand Board JAC Class 12 Political Science Important Questions Chapter 2 एक दल के प्रभुत्व का दौर Important Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Political Science Important Questions Chapter 2 एक दल के प्रभुत्व का दौर

बहुचयनात्मक प्रश्न

1. 1952 के चुनावों में कुल मतदाताओं में केवल साक्षर मतदाताओं का प्रतिशत था
(क) 35 प्रतिशत
(ख) 25 प्रतिशत
(ग) 15 प्रतिशत
(घ) 75 प्रतिशत
उत्तर:
(ग) 15 प्रतिशत

2. कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक थे
(क) श्यामा प्रसाद मुखर्जी
(ख) आचार्य नरेन्द्र देव
(ग) ए.वी. वर्धन
(घ) कु. मायावती
उत्तर:
(ख) आचार्य नरेन्द्र देव

3. 1948 में भारत के गवर्नर जनरल पद की शपथ किसने ली-
(क) लार्ड लिटन
(ख) लार्ड माउंटबेटन
(ग) लार्ड रिपन
(घ) चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
उत्तर:
(घ) चक्रवर्ती राजगोपालाचारी

4. भारत का संविधान तैयार हुआ-
(क) 26 जनवरी, 1950
(ख) 26 नवम्बर, 1949
(ग) 15 अगस्त, 1947
(घ) 30 जनवरी, 1948
उत्तर:
(ख) 26 नवम्बर, 1949

5. भारत में दलितों का मसीहा किसे कहा जाता है?
(क) राजा राममोहन राय
(ख) दयानन्द सरस्वती
(ग) बी. आर. अम्बेडकर
(घ) गोपाल कृष्ण गोखले
उत्तर:
(ग) बी. आर. अम्बेडकर

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6. स्वतन्त्र पार्टी का गठन किया-
(क) सी. राजगोपालाचारी
(ख) श्यामा प्रसाद मुखर्जी
(ग) पं. दीनदयाल उपाध्याय
(घ) रफी अहमद किदवई
उत्तर:
(क) सी. राजगोपालाचारी

7. भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे-
(क) मोरारजी देसाई
(ख) मीनू मसानी
(ग) अटल बिहारी वाजपेयी
(घ) श्यामा प्रसाद मुखर्जी
उत्तर:
(घ) श्यामा प्रसाद मुखर्जी

8. भारत के संविधान पर हस्ताक्षर हुए-
(क) 15 अगस्त, 1947
(ख) 30 जनवरी, 1948
(ग) 24 जनवरी, 1950
(घ) 26 नवम्बर, 1949
उत्तर:
(ग) 24 जनवरी, 1950

9. भारत के पहले चुनाव आयुक्त बने
(क) सुकुमार सेन
(ख) सी. राजगोपालाचारी
(ग) ए. के. गोपालन
(घ) पी.सी. जोशी
उत्तर:

10. स्वतंत्र भारत में बने पहले मंत्रिमंडल में शिक्षामंत्री
(क) कामराज नाडार
(ख) जगजीवन राम
(ग) पी. डी. टंडन
(घ) मौलाना अबुल कलाम आजाद
उत्तर:
(क) कामराज नाडार

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11. स्वतंत्र भारत में पहला आम चुनाव कब हुआ?
(क) 1951
(ख) 1952
(ग) 1953
(घ) 1949
उत्तर:
(ख) 1952

12. स्वतंत्र भारत के पहले मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री थे-
(क) राजकुमारी अमृतकौर
(ख) पी.सी.
(ग) सुकुमार सेन
(घ) जगजीवन राम
उत्तर:
(क) राजकुमारी अमृतकौर

13. 1959 में कांग्रेस सरकार ने संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत केरल की कम्युनिस्ट सरकार को बर्खास्त कर दिया?
(क) अनुच्छेद 370
(ख) अनुच्छेद 354
(ग) अनुच्छेद 356
(घ) अनुच्छेद 352
उत्तर:
(ग) अनुच्छेद 356

14. काँग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन कब हुआ था?
(क) 1934
(ख) 1955
(ग) 1948
(घ) 1942
उत्तर:
(क) 1934

15. इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी के संस्थापक कौन थे?
(क) कामराज नाडार
(ख) पी. सी. जोशी
(ग) मोरारजी देसाई
(घ) भीमराव अंबेडकर
उत्तर:
(घ) भीमराव अंबेडकर

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. पीआरआई के शासन को ………………………… कहा जाता है।
उत्तर:
परिपूर्ण तानाशाही

2. ………………………… स्वतंत्र भारत के पहले मंत्रिमंडल में संचार मंत्री थे।
उत्तर:
रफी अहमद किदवई

3. सिंहासन मूलतः ………………………… भाषा में बनाई गई थी।
उत्तर:
मराठी

4. ए. के. गोपालन, ……………………. राज्य के प्रमुख कम्युनिस्ट नेता थे।
उत्तर:
केरल

5. पार्टी के अंदर मौजूद विभिन्न समूह ……………………. कहे जाते हैं।
उत्तर:
गुट

6. ………………….. 1942 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक कार्यकर्ता थे।
उत्तर:
दीन दयाल उपाध्याय

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
समग्र मानवतावाद सिद्धान्त के प्रणेता का नाम लिखिए दीनदयाल उपाध्याय।

प्रश्न 2.
भारत में एक दल प्रधानता के युग में किस दल को सबसे अधिक प्रभावशाली माना गया?
उत्तर:
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस।

प्रश्न 3.
भारत में एक दल की प्रधानता का युग कब समाप्त हुआ?
उत्तर:
1977।

प्रश्न 4.
एक दल प्रधानता का युग किस वर्ष से शुरू हुआ था?
उत्तर:
सन् 1952 के प्रथम आम चुनावों से।

प्रश्न 5.
1977 के लोकसभा चुनावों में किस पार्टी को सत्ता प्राप्त हुई?
उत्तर:
जनता पार्टी को।

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प्रश्न 6.
प्रथम तीन आम चुनावों में किस राजनीतिक दल को नेतृत्व प्रदान किया गया?
उत्तर:
कांग्रेस पार्टी।

प्रश्न 7.
प्रथम आम चुनावों में कांग्रेस पार्टी को कितनी सीटें प्राप्त हुईं?
उत्तर:
प्रथम आम चुनावों में कांग्रेस पार्टी को 489 सीटों में से 364 सीटें प्राप्त हुईं।

प्रश्न 8.
“एकदल व्यवस्था से अधिक ठीक-ठीक भारतीय दलीय व्यवस्था को एक दल प्रधानता कहना उचित होगा।” किसने कहा था?
उत्तर:
रजनी कोठारी ने।

प्रश्न 9.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना किस वर्ष हुई?
उत्तर:
सन् 1885 में।

प्रश्न 10.
भारत में समाजवादी दल का गठन कब हुआ?
उत्तर:
भारत में समाजवादी दल का गठन 1934 में हुआ।

प्रश्न 11.
प्रथम चुनाव आयुक्त कौन बना?
उत्तर:
सुकुमार सेन।

प्रश्न 12.
भारत रत्न से सम्मानित पहले भारतीय थे।
उत्तर:
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी।

प्रश्न 13.
भारतीय जनसंघ की स्थापना कब हुई?
उत्तर:
सन् 1951 में।

प्रश्न 14.
भारत में निर्वाचन आयोग का गठन कब हुआ?
उत्तर:
सन् 1950 में।

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प्रश्न 15.
भारत का संविधान कब से अमल में आया?
उत्तर:
भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 से अमल में आया।

प्रश्न 16.
भारत में तीसरे आम चुनाव कब हुए? लिखिये।
उत्तर:
सन् 1962 में।

प्रश्न 17.
पहले तीन आम चुनावों में लोकसभा में दूसरे स्थान पर रहने वाली ( सबसे बड़ी पार्टी) का नाम
उत्तर:
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी।

प्रश्न 18.
कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक थे।
उत्तर:
आचार्य नरेन्द्र देव।

प्रश्न 19.
संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे?
उत्तर:
डॉ. भीमराव अम्बेडकर।

प्रश्न 20.
भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष कौन थे?
उत्तर:
श्यामा प्रसाद मुखर्जी।

प्रश्न 21.
1957 में कांग्रेस पार्टी किस राज्य में पराजित हुई?
उत्तर:
केरल।

प्रश्न 22.
किस विद्वान ने कांग्रेस की तुलना सराय से की है?
उत्तर:
डॉ. अम्बेडकर ने।

प्रश्न 23.
स्वतंत्रता के बाद भारत में एक पार्टी के प्रभुत्व का दौर क्यों रहा था?
उत्तर:
स्वतंत्रता के बाद भारत में कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी थी जिसका संगठन पूरे देश में गांव-गांव तक फैला हुआ था। इसीलिए एकदलीय प्रभुत्व का दौर रहा।

प्रश्न 24.
भारतीय दलीय व्यवस्था की कोई एक विशेषता बताइए।
उत्तर:
भारत में बहुदलीय प्रणाली है और राजनीतिक दल विभिन्न हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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प्रश्न 25.
प्रथम तीन आम चुनावों में कांग्रेस को कितनी सीटें प्राप्त हुईं?
उत्तर:
प्रथम आम चुनाव में 364, दूसरे आम चुनाव में 371 और तीसरे आम चुनाव में 361 सीटें प्राप्त हुईं।

प्रश्न 26.
किन दो राज्यों में कांग्रेस 1952-67 के दौरान सत्ता में नहीं थी?
उत्तर:
कांग्रेस 1952-67 के दौरान केरल एवं जम्मू-कश्मीर में सत्ता में नहीं थी।

प्रश्न 27.
स्वतंन्त्र पार्टी कब अस्तित्व में आई और इसका नेतृत्व किसने किया?
उत्तर:
स्वतन्त्र पार्टी की स्थापना 1959 में की गई और इस पार्टी का नेतृत्व सी. राजगोपालाचारी, ए. एम. मुंशी, एन. जी. रंगा आदि ने किय ।

प्रश्न 28.
उत्तरी राज्यों जम्मू-कश्मीर तथा पंजाब के दो क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के नाम बताइए।
उत्तर:
जम्मू-कश्मीर का महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय दल नेशनल कान्फ्रेंस है, जबकि पंजाब का महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय दल अकाली दल है।

प्रश्न 29.
किस दशक के अंत में चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल शुरू किया?
उत्तर:
सन् 1990

प्रश्न 30.
किस पत्रिका ने यह लिखा था कि जवाहर लाल नेहरू ” अपने जीवित रहते ही यह देख लेंगे और पछताएँगे कि भारत में सार्वभौम मताधिकार असफल रहा।”
उत्तर:
ऑर्गनाइजर।

प्रश्न 31.
कांग्रेस दल किस सन् में राष्ट्रीय चरित्र वाले जनसभा के रूप में अस्तित्व में आया?
उत्तर:
कांग्रेस दल 1905 से 1918 तक के काल में राष्ट्रीय चरित्र वाले एक जनसभा के रूप में अस्तित्व में आया।

प्रश्न 32.
राष्ट्रीय मंच पर किस नेता के आगमन से कांग्रेस पार्टी एक जन आन्दोलन में बदल गई।
उत्तर:
राष्ट्रीय मंच पर महात्मा गांधी के आगमन ने कांग्रेस पार्टी को एक आंदोलन में बदल दिया।

प्रश्न 33.
प्रथम आम चुनावों के समय कितने राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय दल विद्यमान थे?
उत्तर:
प्रथम आम चुनावों में 14 राष्ट्रीय स्तर एवं 52 राज्य स्तर के दल विद्यमान थे।

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प्रश्न 34.
भारत में किस चुनाव प्रणाली को अपनाया गया है?
उत्तर:
भारत में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर ‘सर्वाधिक मत प्राप्त करने वाले की जीत’ प्रणाली को अपनाया गया है।

प्रश्न 35.
भारत में 1967 के आम चुनावों में कौन-कौन से राज्यों में कांग्रेस को बहुमत मिला?
उत्तर:
भारत में 1967 के आम चुनावों में जम्मू-कश्मीर, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मैसूर (कर्नाटक), आंध्रप्रदेश तथा असम राज्यों में बहुमत मिला।

प्रश्न 36.
जनसंघ ने किस विचार पर जोर दिया?
उत्तर:
जनसंघ ने ‘एक देश, एक संस्कृति और एक राष्ट्र’ के विचार पर जोर दिया।

प्रश्न 37.
समाजवादी पार्टी किन-किन पार्टियों में विभाजित हुई?
उत्तर:
समाजवादी पार्टी ‘किसान मजदूर प्रजा पार्टी’, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी तथा संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी में विभाजित हुई।

प्रश्न 38.
स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय कांग्रेस के प्रभावशाली नेताओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में पं. नेहरू, सरदार पटेल, मोरारजी देसाई, जगजीवन राम, डॉ. अम्बेडकर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद तथा सी. राजगोपालाचारी शामिल थे।

प्रश्न 39.
विश्व के किन्हीं चार ऐसे देशों के नाम लिखिए जो अपनी लोकतान्त्रिक व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध हैं।
उत्तर:
ये देश हैं। इंग्लैण्ड , भारत, अमेरिका, फ्रांस।

प्रश्न 40
भारतीय संविधान का निर्माण कब हुआ?
उत्तर:
भारत के संविधान का निर्माण 26 नवम्बर, 1949 को हुआ।

प्रश्न 41.
संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे?
उत्तर:
डॉ. भीमराव अम्बेडकर।

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प्रश्न 42.
स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय भारतीय साम्यवादी पार्टी के मुख्य नेताओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय भारतीय साम्यवादी पार्टी के मुख्य नेताओं में ए. के. गोपालन, नम्बूदरीपाद, एस. ए. डांगे, अजय घोष तथा जी. सी. जोशी शामिल थे।

प्रश्न 43.
जनसंघ पार्टी के तीन नेताओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय और बलराज मधोक

प्रश्न 44.
एक पार्टी के लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध किन्हीं चार राष्ट्रों के नाम बताइए।
उत्तर:
ये राष्ट्र हैं। भूतपूर्व सोवियत संघ, चीन, क्यूबा, सीरिया।

प्रश्न 45.
तानाशाही और सैन्य आधिपत्य वाले किन्हीं चार राष्ट्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
ये राष्ट्र हैं। म्यांमार, बेलारूस, इंरीट्रिया, अधिकांश समय पाकिस्तान भी ऐसी सरकारों के अधीन रहा।

प्रश्न 46.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का विभाजन कब हुआ?
उत्तर:
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का विभाजन 1964 में सी. पी. एम. या भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और सी.पी.आई. अथवा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के रूप में हुआ।

प्रश्न 47.
रूस की बोल्शेविक क्रान्ति कब हुई?
उत्तर:
रूस में बोल्शेविक क्रान्ति अक्टूबर सन् 1917 में हुई।

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प्रश्न 48.
भारत में अनुच्छेद 356 का तथाकथित दुरुपयोग सर्वप्रथम कब हुआ?
उत्तर:
केन्द्र की कांग्रेस सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 का प्रथम दुरुपयोग 1959 में केरल की वैधानिक रूप से चुनी गई कम्युनिस्ट सरकार को बर्खास्त करके किया गया।

प्रश्न 49.
स्वतंत्र पार्टी किस वजह के कारण दूसरी पार्टियों से अलग थी?
उत्तर:
स्वतंत्र पार्टी आर्थिक मसलों पर अपनी खास किस्म की पक्षधरता के कारण दूसरी पार्टियों से अलग थ ।

प्रश्न 50.
1952 के चुनाव में वोट हासिल करने के लिहाज से कौन सी पार्टी दूसरे नंबर पर रही?
उत्तर:
सोशलिस्ट पार्टी।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय दलीय व्यवस्था की कोई दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:

  1. भारत में बहुदलीय व्यवस्था है और राजनीतिक दल विभिन्न हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  2. भारतीय दलीय व्यवस्था में राष्ट्रीय दलों के साथ-साथ क्षेत्रीय दलों का भी अस्तित्व है।

प्रश्न 2.
उपनिवेशवाद से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
उपनिवेशवाद वह विचारधारा जिससे प्रेरित होकर प्राय: एक शक्तिशाली राष्ट्र अन्य राष्ट्र या किसी राष्ट्र विशेष के किसी भाग पर अपना वर्चस्व स्थापित कर, उसके आर्थिक एवं प्राकृतिक संसाधनों का शोषण अपने हित के लिए करता है उसे उपनिवेशवाद कहते हैं।

प्रश्न 3.
आपके मतानुसार ‘एकल पार्टी प्रभुत्व’ से क्या अभिप्राय है? भारत में इस स्थिति का कालखण्ड बताइये।
उत्तर:
एकल पार्टी प्रभुत्व ‘एकल पार्टी प्रभुत्व’ से आशय है। राजनीतिक व्यवस्था पर अन्य दलों के होते हुए भी किसी एक दल का वर्चस्व स्थापित होना। भारत में 1952 से लेकर 1967 तक कांग्रेस दल का प्रभुत्व रहा।

प्रश्न 4.
प्रथम तीन आम चुनावों में एक दल के प्रभुत्व के कारणों को इंगित कीजिए।
अथवा
भारत के पहले तीन चुनावों में कांग्रेस के प्रभुत्व के दो कारण बताइये।
अथवा
आपके मतानुसार आजादी के बाद 20 वर्षों तक भारतीय राजनीति में कांग्रेस के प्रभुत्व के क्या कारण रहे? किन्हीं दो को बताइये।
अथवा
भारत में लम्बे समय तक कांग्रेस के दलीय प्रभुत्व के लिए उत्तरदायी किन्हीं दो कारणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्रथम तीन चुनावों में कांग्रेस के प्रभुत्व के कारण थे।

  1. राष्ट्रीय संघर्ष में कांग्रेसी नेताओं का जनता में अधिक लोकप्रिय होना।
  2. कांग्रेस के पास ही राष्ट्र के कोने-कोने व ग्रामीण स्तर तक संगठन होना तथा
  3. पंडित नेहरू का करिश्माई व्यक्तित्व का होना।

प्रश्न 5.
मतदान के किन्हीं दो तरीकों का वर्णन करो।
उत्तर:

  1. मतपत्र के द्वारा मतदान: मतपत्र पर हर उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिन्ह अंकित होता है। मतदाता को मतपत्र पर अपने पसंद के उम्मीदवार के नाम पर मोहर लगानी होती है।
  2. ई. वी. एम. द्वारा मतदान: ई.वी.एम. मशीन में मतदाता को अपनी पसंद के नाम के आगे की बटन दबानी होती है।

JAC Class 12 Political Science Important Questions Chapter 2 एक दल के प्रभुत्व का दौर

प्रश्न 6.
काँग्रेस पार्टी के प्रभुत्व ने पहले तीन चुनावों में भारत में लोकतंत्र स्थापित करने में किस प्रकार मदद की?
उत्तर:
पहला आम चुनाव एक गरीब और अनपढ़ देश में लोकतंत्र की पहली परीक्षा थी। उस समय तक लोकतंत्र केवल समृद्ध देशों में मौजूद था। उस समय तक यूरोप के कई देशों ने महिलाओं को मतदान का अधिकार नहीं दिया था। इस संदर्भ में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के साथ भारत का प्रयोग एक साहसिक और जोखिम भरा कदम था। 1952 में भारत का आम चुनाव पूरी दुनिया में लोकतंत्र के इतिहास के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। अब यह तर्क दे पाना संभव नहीं रहा कि गरीबी या शिक्षा की कमी की स्थितियों में लोकतांत्रिक चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। यह साबित हुआ कि दुनिया में कहीं भी लोकतंत्र का अभ्यास किया जा सकता है। अगले दो आम चुनावों ने भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत किया।

प्रश्न 7.
” सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के साथ भारत का प्रयोग बहुत साहसिक और जोखिम भरा दिखाई दिया।” बयान को सही ठहराते हुए तर्क दीजिए।
उत्तर:
सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के साथ भारत का प्रयोग बहुत साहसिक और जोखिम भरा दिखाई दिया। इसके तर्क निम्न हैं।

  1. देश के विशाल आकार और जनसंख्या ने इन चुनावों को असामान्य बना दिया।
  2. 1952 का चुनाव भारत जैसे गरीब और अनपढ़ देश के लिए एक बड़ी परीक्षा थी।
  3. इसके पहले लोकतंत्र मुख्यतया यूरोप और उत्तरी अमेरिका जैसे विकासशील देशों में हुआ करता था जहाँ की जनसंख्या साक्षर थी।

प्रश्न 8.
दल-बदल से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
दल-बदल का साधारण अर्थ एक दल से दूसरे दल में सम्मिलित होना है। इसमें निम्नलिखित स्थितियाँ सम्मिलित हैं।

  1. किसी विधायक का किसी दल के टिकट पर निर्वाचित होकर उसे छोड़ देना और अन्य किसी दल में शामिल हो जाना।
  2. मौलिक सिद्धान्तों पर विधायक का अपनी पार्टी की नीति के विरुद्ध योगदान करना।
  3. किसी दल को छोड़ने के बाद विधायक का निर्दलीय रहना।

प्रश्न 9.
1952 के चुनाव ने यह साबित कर दिया कि भारतीय जनता ने विश्व के इतिहास में लोकतंत्र के सबसे बड़े प्रयोग को बखूबी अंजाम दिया। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
1952 में देश के अधिकांश हिस्सों में मतदान हुआ। लोगों ने इस चुनाव में बढ़-चढ़कर उत्साहपूर्वक भाग लिया। कुल मतदाताओं में से आधे से अधिक ने मतदान के दिन अपना मत डाला। चुनावों के परिणाम घोषित हुए तो हारने वाले उम्मीदवारों ने भी इस परिणाम को निष्पक्ष बताया। सार्वभौम मताधिकार के इस प्रयोग ने आलोचकों का मुँह बंद कर दिया। अत: हर जगह यह बात मानी जाने लगी कि भारतीय जनता ने विश्व के इतिहास में लोकतंत्र के सबसे बड़े प्रयोग को बखूबी अंजाम दिया।

प्रश्न 10.
भारत के किन्हीं दो ऐसे क्षेत्रीय दलों के नाम लिखिए जो किसी क्षेत्र विशेष से जुड़े हुए हैं।
उत्तर:

  1. द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK): द्रविड़ मुनेत्र कड़गम तमिलनाडु में एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय दल है।
  2. बीजू जनता दल – बीजू जनता दल उड़ीसा में एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय दल है।

प्रश्न 11.
भारतीय जनसंघ की दो विचारधाराएँ बताइये।
उत्तर:

  1. भारतीय जनसंघ ने एक देश, एक संस्कृति और एक राष्ट्र के विचार पर जोर दिया।
  2. जनसंघ का विचार था कि भारतीय संस्कृति और परम्परा के आधार पर भारत आधुनिक, प्रगतिशील और ताकतवर बन सकता है।

प्रश्न 12.
आलोचक ऐसा क्यों सोचते थे कि भारत में चुनाव सफलतापूर्वक नहीं कराए जा सकेंगे? किन्हीं दो कारणों का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
भारत चुनाव सफलतापूर्वक सम्पन्न नहीं कराये जा सकने के सम्बन्ध में आलोचकों के तर्क ये थे।

  1. भारत क्षेत्रफल तथा जनसंख्या की दृष्टि से बहुत बड़ा देश है तथा शुरू से ही नागरिकों को सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार प्रदान कर दिया गया है। इतने बड़े निर्वाचक मण्डल के लिए व्यवस्था करना बहुत कठिन होगा।
  2. भारत के अधिकांश मतदाता अशिक्षित थे। वे स्वतंत्र व समझदारी से मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे, इस पर उन्हें संदेह था।

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प्रश्न 13.
आचार्य नरेन्द्र देव कौन थे?
उत्तर:
आचार्य नरेन्द्र देव प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी एवं कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक थे। वे बौद्ध धर्म के प्रसिद्ध विद्वान् थे तथा किसान आन्दोलन के सक्रिय नेता थे। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद उन्होंने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का नेतृत्व किया।

प्रश्न 14.
डॉ. अम्बेडकर ने कांग्रेस पार्टी को एक सराय की संज्ञा क्यों दी?
उत्तर:
डॉ. अम्बेडकर ने कांग्रेस पार्टी को एक सराय कहा क्योंकि कांग्रेस पार्टी के द्वार समाज के सभी लोगों के लिए खुले हुए थे। डॉ. अम्बेडकर के अनुसार कांग्रेस पार्टी के द्वार मित्रों, दुश्मनों, चालाक व्यक्तियों, मूर्खों तथा यहाँ तक कि सम्प्रदायवादियों के लिए भी खुले हुए
थे।

प्रश्न 15.
हमारे देश की चुनाव प्रणाली के कारण काँग्रेस पार्टी की जीत को अलग से बढ़ावा मिला। उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हमारे देश की चुनाव:
प्रणाली में ‘सर्वाधिक वोट पाने वाले की जीत’ के तरीके को अपनाया गया है। इस ‘प्रणाली के अनुसार अगर कोई पार्टी बाकियों की अपेक्षा थोड़े ज्यादा वोट हासिल करती है तो दूसरी पार्टियों को प्राप्त वोटों के अनुपात की ‘ तुलना में उसे कहीं ज्यादा सीटें हासिल होती हैं। इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि कांग्रेस पार्टी की जीत का आँकड़ा और दायरा हमारी चुनाव – प्रणाली के कारण बढ़ा-चढ़ा दिखता है ।

उदाहरण: 1952 में कांग्रेस पार्टी को कुल वोटों में से मात्र 45 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे लेकिन कांग्रेस को 74 फीसदी सीटें हासिल हुईं। सोशलिस्ट पार्टी वोट हासिल करने के लिहाज से दूसरे नंबर पर रही। उसे 1952 के चुनाव में पूरे देश में कुल 10 प्रतिशत वोट मिले थे लेकिन यह पार्टी 3 प्रतिशत सीटें भी नहीं जीत पायी।

प्रश्न 16.
साझा सरकारों के हुए परिणामों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
साझा सरकारों के दुष्परिणाम निम्न हैं।

  1. विभाजन व विघटन की प्रवृत्ति
  2. वसरवादिता की प्रवृत्ति
  3. उत्तरदायित्व की प्रवृत्ति
  4. राजनीतिक दलों की नीतियों और कार्यक्रमों में अनिश्चितता और अस्पष्टता।

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प्रश्न 17.
निर्दलियों की बढ़ती संख्या एक चुनौती है, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
चुनाव में किसी राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त न होने की स्थिति में निर्दलीय उम्मीदवारों की भूमिका बढ़ जाती है। परिणामस्वरूप निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि हो रही है। ये निर्दलीय उम्मीदवार भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति को बढ़ावा देते हैं। यह भारतीय दलीय व्यवस्था के हित में नहीं है।

प्रश्न 18.
भारत ही एकमात्र ऐसा देश नहीं है जो एक पार्टी के प्रभुत्व के दौर से गुजरा हो। संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत ही एकमात्र ऐसा देश नहीं है जो एक पार्टी के प्रभुत्व के दौर से गुजरा हो। दुनिया के बाकी देशों को ‘देखने पर हमें एक पार्टी के प्रभुत्व के बहुत से उदाहरण मिलेंगे। हालाँकि बाकी मुल्कों में एक पार्टी के प्रभुत्व और भारत में ‘एक पार्टी के प्रभुत्व के बीच एक अंतर है। बाकी के देशों में एक पार्टी का प्रभुत्व लोकतंत्र की कीमत पर कायम हुआ है।
उदाहरण

  1. कुछ देशों जैसे चीन, क्यूबा और सीरिया के संविधान में सिर्फ एक ही पार्टी को देश के शासन की अनुमति दी गई है।
  2. कुछ अन्य देशों जैसे म्यांमार, बेलारूस और इरीट्रिया में एक पार्टी का प्रभुत्व कानूनी और सैन्य उपायों के चलते कायम हुआ है।
  3. अब से कुछ साल पहले तक मैक्सिको, दक्षिण कोरिया और ताईवान भी एक पार्टी के प्रभुत्व वाले देश थे।

प्रश्न 19.
भीमराव रामजी अंबेडकर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
आपका पूरा नाम बाबा साहब भीमराव रामजी अंबेडकर है। आप जाति विरोधी आंदोलन के नेता और दलितों को न्याय दिलाने के लिए हुए संघर्ष के अगुआ थे। आपने इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी की स्थापना की। बाद में शिड्यूल्ड कास्टस् फेडरेशन की स्थापना की। आप रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के गठन के योजनाकार रहे हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान वायसराय की काउंसिल में सदस्य रहे हैं। आप संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। भारत की आजादी के बाद नेहरू के पहले मंत्रिमंडल में मंत्री की भूमिका अदा की। आपने हिन्दू कोड बिल के मुद्दे पर अपनी असहमति जताते हुए 1951 में इस्तीफा दे दिया। आपने 1956 में हजारों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया

प्रश्न 20.
सी. राजगोपालाचारी के व्यक्तित्व पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
सी. राजगोपालाचारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं प्रसिद्ध साहित्यकार थे। वे संविधान सभा के सदस्य थे तथा भारत के प्रथम गवर्नर जनरल बने वे केंन्द्र सरकार में मंत्री तथा मद्रास के मुख्यमंत्री भी रहे। 1959 में उन्होंने स्वतन्त्र पार्टी की स्थापना की। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित भी किया गया।

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प्रश्न 21.
श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विषय में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
श्यामा प्रसाद मुखर्जी:
श्यामा प्रसाद मुखर्जी संविधान सभा के सदस्य थे। वे हिन्दू महासभा के महत्त्वपूर्ण नेता तथा भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे। वे कश्मीर को स्वायत्तता देने के विरुद्ध थे। कश्मीर नीति पर जनसंघ के प्रदर्शन के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया तथा 1953 में हिरासत में ही उनकी मृत्यु हो गई।

प्रश्न 22.
विपक्षी दल से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जो दल सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों की कमियों को उजागर कर उनकी आलोचना करे उसे विपक्षी दल कहा जाता है। स्वतन्त्रता प्राप्ति से लेकर 1967 तक भारत में संगठित विरोधी दल का अभाव था, परन्तु वर्तमान में संगठित विरोधी दल पाया जाता है।

प्रश्न 23.
भारत की किन्हीं तीन राष्ट्रीय पार्टियों के नाम व चुनाव चिह्न बताइए।
उत्तर:
पार्टी का नाम – चुनाव चिह्न

  1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस – हाथ
  2. भारतीय जनता पार्टी – कमल का फूल
  3. बहुजन समाज पार्टी – हाथी

प्रश्न 24.
भारत में लोकतन्त्र स्थापित करने की चुनौती को समझाइये।
उत्तर:
भारत में लोकतन्त्र स्थापित करने की चुनौती: भारत में लोकतन्त्र स्थापित करने की चुनौती निम्न कारणों से थी।
1. विभिन्न धार्मिक राजनीतिक समूहों में एकता स्थापित करना: भारतीय नेताओं के समक्ष लोकतन्त्र की स्थापना हेतु विभिन्न धार्मिक एवं राजनीतिक समूहों में पारस्परिक एकता की भावना को विकसित करने की चुनौती थी।

2. निष्पक्ष चुनावों की व्यवस्था करना: भारत के विस्तृत आकार को देखते हुए निष्पक्ष चुनावों की व्यवस्था करना भी एक गम्भीर चुनौती थी। चुनाव क्षेत्रों का सीमांकन करना, मताधिकार प्राप्त वयस्क व्यक्तियों की सूची बनाना भी आवश्यक था। मतदाताओं में केवल 15 प्रतिशत ही साक्षर थे। 1952 के चुनाव में 50 प्रतिशत मतदाताओं ने मत डाला। चुनाव निष्पक्ष हुए। इस प्रकार भारत लोकतन्त्र स्थापित करने में सफल रहा।

प्रश्न 25.
प्रारम्भ से ही कांग्रेस पार्टी का भारतीय राजनीति में केन्द्रीय स्थान रहा है । क्यों?
उत्तर:
कांग्रेस भारत का सबसे पुराना राजनीतिक दल रहा है। भारतीय राजनीति के केन्द्र में यह दो दृष्टिकोणों से प्रमुख -प्रथम, अनेक दल तथा गुट कांग्रेस के केन्द्र से विकसित हुए हैं और इसके इर्द-गिर्द अपनी नीतियों तथा अपनी गुटीय रणनीतियों को विकसित किया तथा द्वितीय, भारतीय राजनीति के वैचारिक वर्णक्रम के केन्द्र का अभियोग करते हुए यह एक ऐसे केन्द्रीय दल के रूप में स्थित रहा है, जिसके दोनों ओर अन्य दल तथा गुट नजर आते रहे हैं। भारत में स्वतंत्रता के बाद से केवल एक केन्द्रीय दल उपस्थित रहा है और वह है कांग्रेस पार्टी। लेकिन वर्तमान समय में दलीय व्यवस्था के स्वरूप में व्यापक परिवर्तन आया है जिसमें बहुदलीय व्यवस्था और क्षेत्रीय दलों के विकास ने एकदलीय प्रभुत्व की स्थिति को कमजोर बना दिया है।

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प्रश्न 26.
प्रथम तीन आम चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मजबूत स्थिति के पीछे उत्तरदायी कारणों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कांग्रेस की प्रधानता के लिए उत्तरदायी कारण- प्रथम तीन आम चुनावों में कांग्रेस की मजबूत स्थिति के पीछे निम्नलिखित कारण जिम्मेदार रहे हैं।

  1. कांग्रेस पार्टी को राष्ट्रीय आंदोलन के वारिस के रूप में देखा गया। आजादी के आंदोलन के अग्रणी नेताओं ने अब कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े।
  2. कांग्रेस ही ऐसा दल था जिसके पास राष्ट्र के कोने-कोने व ग्रामीण स्तर तक फैला हुआ एवं संगठित संगठन था।
  3. कांग्रेस एक ऐसा संगठन था जो अपने आपको स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल ढाल सकने में समर्थ था।
  4. कांग्रेस पहले से ही एक सुसंगठित पार्टी थी। बाकी दल अभी अपनी रणनीति सोच ही रहे होते थे कि कांग्रेस अपना अभियान शुरू कर देती इस प्रकार कांग्रेस को ‘अव्वल और इकलौता’ होने का फायदा मिला।
  5. पण्डित नेहरू का करिश्माई व्यक्तित्व भी कांग्रेस के प्रभुत्व को बनाने में सफल रहा।

प्रश्न 27.
पहले तीन आम चुनावों में काँग्रेस के प्रभुत्व का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पहले तीन आम चुनावों में कांग्रेस के प्रभुत्व का वर्णन निम्न कथनों द्वारा किया जा सकता है।

  1. 1952 के चुनाव में कॉंग्रेस 489 सीटों में से 364 सीटों पर विजयी रही।
  2. 16 सीटों के साथ कम्युनिस्ट पार्टी दूसरे स्थान पर रही।
  3. लोकसभा के चुनाव के साथ-साथ विधानसभा के चुनावों में भी कांग्रेस पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की।
  4. त्रावणकोर-कोचीन, मद्रास और उड़ीसा को छोड़कर सभी राज्यों में कांग्रेस ने अधिकतर सीटों पर जीत दर्ज की। आखिरकार इन तीनों राज्यों में भी काँग्रेस की ही सरकार बनी। इस तरह राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर पूरे देश में काँग्रेस पार्टी का शासन कायम हुआ।
  5. 1957 और 1962 में क्रमशः दूसरा और तीसरा चुनाव हुआ। इस चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा में अपनी पुरानी स्थिति कायम रखी, उसका दशांश भी कोई विपक्षी पार्टी नहीं जीत सकी।

प्रश्न 28.
शक्तिशाली विपक्ष पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर:
आठवीं लोकसभा चुनावों तक 1969-70 तथा 1977-79 के काल को छोड़कर भारतीय राजनीति में सामान्यतः विपक्ष कमजोर तथा विभाजित ही रहा, लेकिन 9वीं लोकसभा चुनाव से लेकर 16वीं लोकसभा के चुनावों में संसद तथा भारतीय राजनीति में शक्तिशाली विपक्ष रहा है। 1990 ई. में कांग्रेस (इ) शक्तिशाली विपक्ष की स्थिति में थी, जिसे लोकसभा में 193 स्थान और राज्यसभा में लगभग बहुमत प्राप्त था। 10वीं व 11वीं लोकसभा में भी कांग्रेस को मुख्य विपक्षी दल की स्थिति प्राप्त रही जबकि 14वीं व 15वीं लोकसभा में भाजपा को मुख्य विपक्षी दल की स्थिति प्राप्त रही। 16वीं लोकसभा में कांग्रेस व दूसरे क्षेत्रीय दल, शक्तिशाली विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। इस काल में राज्य स्तर पर भी अधिकांश राज्यों में विपक्ष पर्याप्त शक्तिशाली रहा है।

प्रश्न 29.
भारत में राजनीतिक दलों द्वारा अपने कार्यों का निर्वहन करने में आने वाली तीन कठिनाइयों को बताइये।
उत्तर:
राजनीतिक दलों की समस्याएँ: भारत में राजनीतिक दलों की प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित हैं।

  1. दलीय व्यवस्था में अस्थिरता: भारतीय दलीय व्यवस्था निरन्तर बिखराव और विभाजन का शिकार रही है। सत्ता प्राप्ति की लालसा ने राजनीतिक दलों को अवसरवादी बना दिया है जिससे यह संकट उत्पन्न हुआ है।
  2. राजनीतिक दलों में गुटीय राजनीति: भारत के अधिकांश राजनीतिक दलों में तीव्र आन्तरिक गुटबन्दी विद्यमान है। इन दलों में छोटे-छोटे गुट पाये जाते हैं।
  3. दलों में आन्तरिक लोकतन्त्र का अभाव: भारत के अधिकांश राजनीतिक दलों में आन्तरिक लोकतन्त्र का अभाव है और वे घोर अनुशासनहीनता से पीड़ित हैं। भारत में अधिकांश राजनीतिक दल नेतृत्व की मनमानी प्रवृत्ति और सदस्यों की अनुशासनहीनता से पीड़ित है।

प्रश्न 30.
राजनीतिक दलों के प्रमुख तत्त्वों को संक्षेप में समझाइये।
उत्तर:
राजनीतिक दलों के प्रमुख तत्त्व: किसी भी राजनीतिक दल के निर्माण के लिए निम्न तत्त्वों का होना आवश्यक है।

  1. संगठन: संगठन से तात्पर्य है। कि दल ने अपने कुछ लिखित एवं अलिखित नियम, उपनियम, कार्यालय, पदाधिकारी आदि होने चाहिए। ये दल के सदस्यों को अनुशासित रखते हैं।
  2. मूलभूत सिद्धान्तों में एकता: सिद्धान्तों की एकता ही दल को ठोस आधार प्रदान करती है। सैद्धान्तिक एकता के अभाव में दल की जड़ें हिल जायेंगी।
  3. संवैधानिक साधनों का प्रयोग: राजनीतिक दलों को जाति, धर्म, सम्प्रदाय या वर्ग हित की अपेक्षा राष्ट्रीय हित की अभिवृद्धि हेतु प्रयास करना चाहिए।

प्रश्न 31.
1952 के पहले आम चुनाव से लेकर 2004 के आम चुनाव तक मतदान के तरीके में क्या बदलाव आये हैं?
उत्तर:
1952 से लेकर 2004 के आम चुनाव तक मतदान के तरीकों में निम्न प्रकार बदलाव आये हैं।

  1. 1952 के पहले आम चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार के नाम व चुनाव चिह्न की एक मतपेटी रखी गयी थी। हर मतदाता को एक खाली मत पत्र दिया गया जिसे उसने अपने पसंद के उम्मीदवार की मतपेटी में डाला। शुरूआती दो चुनावों के बाद यह तरीका बदल दिया गया।
  2. बाद के चुनावों में मतपत्र पर हर उम्मीदवार का नाम व चुनाव चिह्न अंकित किया गया। मतदाता को मतपत्र में अपने पसंद के उम्मीदवार के आगे मुहर लगानी होती थी।
  3. सन् 1990 के दशक के अन्त में चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का प्रयोग शुरू कर दिया। इसमें मतदाता अपने पसंद के उम्मीदवार के सामने दिये गये बटन को दबा देता है।

प्रश्न 32.
भारतीय दलीय व्यवस्था की कोई तीन कमियाँ लिखिए जो सरकारों की अस्थिरता के लिए उत्तरदायी हैं।
उत्तर:
भारतीय दलीय व्यवस्था की कमियाँ – भारतीय दलीय व्यवस्था की निम्नलिखित कमियाँ या समस्याएँ सरकार की अस्थिरता के लिए उत्तरदायी हैं।

  1. राजनीतिक दल-बदल: भारतीय राजनीतिक दलों में वैचारिक प्रतिबद्धता का अभाव तीव्र आन्तरिक गुटबन्दी और गहरी सत्ता लिप्सा ने दलीय व्यवस्था में राजनीति दल-बदल को जन्म दिया है जिसने राजनीतिक अस्थिरता को जन्म दिया।
  2. नेतृत्व संकट: भारत में राजनीतिक दलों के समक्ष नेतृत्व का संकट भी है। नेतृत्व का बौना कद दल को एकजुट रखने में असमर्थ रहता है।
  3. वैचारिक प्रतिबद्धता का अभाव: विचारधारा पर आधारित दलों जैसे मार्क्सवादी दल, भारतीय साम्यवादी दल, भाजपा आदि ने भी घोर अवसरवादी राजनीति का परिचय देते हुए येन-केन प्रकारेण सत्ता प्राप्त करने के लिए अपने सिद्धान्तों को तिलांजलि दी है।

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प्रश्न 33.
भारत में स्वतन्त्रता प्राप्ति से पूर्व राजनीतिक दलों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
स्वतंत्रता से पूर्व भारत के राजनीतिक दल इस प्रकार थे।

  1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस: स्वतन्त्रता से पूर्व भारत में राजनीतिक दलों का जन्म विदेशी साम्राज्य के विरुद्ध राष्ट्रीय स्वतन्त्रता आन्दोलन कोचलाने के लिए हुआ था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना सन् 1885 में हुई थी। वास्तव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस उस समय न केवल एक राजनीतिक दल था, बल्कि एक ऐसा मंच था जिसमें हर विचारधारा के लोग शामिल थे, जिनका उद्देश्य छोटे-छोटे सुधार करना था। गई।
  2. मुस्लिम लीग: 1906 में मुस्लिम हितों की रक्षा के लिए अखिल भारतीय मुस्लिम लीग की स्थापना की
  3. भारतीय साम्यवादी दल: 1924 में साम्यवादी दल की स्थापना एम.एन. रॉय ने की।
  4. भारतीय समाजवादी पार्टी1934 में आचार्य नरेन्द्र देव, जयप्रकाश नारायण एवं राममनोहर लोहिया ने भारतीय समाजवादी पार्टी की स्थापना की।

प्रश्न 34.
भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख कार्यक्रमों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भाजपा के प्रमुख कार्यक्रम: भाजपा की जो नीतियाँ, सिद्धान्त एवं कार्यक्रम हैं, वे अपने पूर्ववर्ती जनसंघ की नीतियों, सिद्धान्तों एवं कार्यक्रमों से समानता रखते हैं। जनसंघ गाँधीवाद, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, राष्ट्रीय एकता, लोकतन्त्र, न्याय एवं समानता के आदर्शों पर टिका हुआ था। राष्ट्रीय एकता के सन्दर्भ में इसका नारा था कि अनुच्छेद 370 को समाप्त कर कश्मीर का पूर्णत: भारत में विलय हो तथा वह एक सामान्य राज्य का दर्जा प्राप्त करे।

राष्ट्रीय सुरक्षा के सन्दर्भ में यह कठोर रुख अपनाने का समर्थक था। यह एक ऐसा दल था जो भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को पूर्ण रूप से अपनाये हुए था। परन्तु ज्यों ही जनसंघ भाजपा में परिवर्तित हुआ त्यों ही अपने मूलभूत सिद्धान्तों से धीरे-धीरे दूर होता चला गया।

प्रश्न 35.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कार्यक्रमों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कार्यक्रम: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कार्यक्रमों का संक्षिप्त विवरण निम्न प्रकार है।

  1. स्वतन्त्रता प्राप्ति से पूर्व कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य स्वतन्त्रता प्राप्ति था, उस समय कांग्रेस एक राजनीतिक दल नहीं बल्कि राष्ट्रीय आन्दोलन भी था। स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान इसके आदर्श थे। संसदीय लोकतन्त्र, धर्मनिरपेक्षता तथा समाजवाद।
  2. स्वतन्त्रता प्राप्ति के उपरान्त कांग्रेस 30 वर्षों तक सत्तारूढ़ रही। इन तीस वर्षों में कांग्रेस ने अस्पृश्यता उन्मूलन, दलितों का उत्थान, जमींदारी प्रथा का उन्मूलन, मिश्रित अर्थव्यवस्था पर बल, सार्वजनिक उद्यमों की स्थापना के कार्यक्रम अपनाये।
  3. वर्तमान में कांग्रेस पार्टी अपने समाजवादी सिद्धान्तों से काफी दूर हो चुकी है। चुनाव घोषणा पत्रों के माध्यम से कांग्रेस आर्थिक सुधार, प्रगति, विकास तथा प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार का वचन देती है और उदारवादी अर्थव्यवस्था को अपनाए हुए है।

प्रश्न 36.
भारत में क्षेत्रीय दलों की प्रकृति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। क्षेत्रीय दल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
अथवा
उत्तर:
भारत में क्षेत्रीय दलों की प्रकृति- भारत में क्षेत्रीय दलों की प्रकृति को निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है।

  1. जाति, धर्म, क्षेत्र या समुदाय पर आधारित क्षेत्रीय दल: भारत के कुछ क्षेत्रीय दल या तो किसी जाति विशेष पर आधारित हैं या धर्म – विशेष पर या क्षेत्र विशेष पर या किसी समुदाय विशेष पर आधारित हैं।
  2. राष्ट्रीय दलों से निकले क्षेत्रीय दल: कुछ क्षेत्रीय दल वे हैं जो किसी समस्या विशेष या नेतृत्व के प्रश्न को लेकर राष्ट्रीय दलों विशेषकर कांग्रेस आदि से अलग हुए हैं, जैसे- केरल कांग्रेस, बंगला कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, तमिल मनीला कांग्रेस आदि।
  3. विचारधारा पर आधारित क्षेत्रीय दल: भारत में कुछ राजनीतिक दल विचारधारा पर आधारित हैं, जैसे फारवर्ड ब्लॉक, किसान मजदूर पार्टी आदि।

प्रश्न 37.
आजादी के बाद भारत में अनेक पार्टियों ने मुक्त और निष्पक्ष चुनाव में एक-दूसरे से स्पर्धा की फिर भी काँग्रेस पार्टी ही विजयी होती गई। क्यों?
उत्तर:
काँग्रेस पार्टी की इस असाधारण सफलता की जड़ें स्वाधीनता संग्राम की विरासत में है। कांग्रेस पार्टी को जनता ने तथा सभी ने आंदोलन के वारिस के रूप में देखा। आजादी के आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाने वाले कई नेता अब काँग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे थे। काँग्रेस शुरू से ही एक सुसंगठित पार्टी थी। चुनाव के दौरान जब तक बाकी के दल चुनावी रणनीति सोच रहे होते थे तब तक कांग्रेस अपना चुनावी अभियान शुरू कर चुकी होती थी। अनेक पार्टियों का गठन स्वतंत्रता के समय के आस-पास अथवा उसके बाद में हुआ।

जबकि काँग्रेस पार्टी आजादी के वक्त तक देश में चारों ओर फैल चुकी थी। इस पार्टी के संगठन का नेटवर्क स्थानीय स्तर तक पहुँच चुका था। कांग्रेस पार्टी की सबसे खास बात यह थी कि यह आजादी के आंदोलन की अग्रणी थी और इसकी प्रकृति सबको साथ लेकर चलने की थी। इसी कारण आजादी के बाद भारत में अनेक पार्टियों ने मुक्त और निष्पक्ष चुनाव में एक-दूसरे से स्पर्धा की फिर भी काँग्रेस पार्टी हर बार विजयी होती गई।

JAC Class 12 Political Science Important Questions Chapter 2 एक दल के प्रभुत्व का दौर

प्रश्न 38.
कॉंग्रेस पार्टी के जन्म से लेकर अब तक इस पार्टी में क्या बदलाव आया है? संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
शुरू-शुरू में काँग्रेस में अंग्रेजीदाँ, अगड़ी जाति, उच्च मध्यवर्ग और शहरी अभिजन का वर्चस्व था। परंतु जब भी कॉंग्रेस ने सविनय अवज्ञा जैसे आंदोलन चलाए उसका सामाजिक आधार बढ़ा। काँग्रेस ने परस्पर विरोधी हितों के कई समूहों को एक साथ जोड़ा। समय के साथ-साथ काँग्रेस में किसान और उद्योगपति, गाँव और शहर के रहने वाले, मालिक और मजदूर और उच्च, मध्य एवं निम्न वर्ग सभी जातियों को जगह मिली।

धीरे-धीरे काँग्रेस का नेतृवर्ग विस्तृत हुआ। इसका नेतृवर्ग अब उच्च वर्ग या जाति के पेशेवर लोगों तक ही सीमित नहीं रहा। इसमें खेती-किसानी की बुनियाद वाले तथा गाँव- गिरान की तरफ रुझान रखने वाले नेता भी उभरे। आजादी के समय तक काँग्रेस एक सतरंगे सामाजिक गठबंधन की शक्ल धारण कर चुकी थी और वर्ग, जाति, धर्म, भाषा तथा अन्य हितों के आधार पर इस सामाजिक गठबंधन से भारत की विविधता की नुमाइंदगी हो रही थी।

प्रश्न 39.
किस वजह से काँग्रेस ने एक जनव्यापी राजनीतिक पार्टी का रूप लिया और राजनीतिक- व्यवस्था में इसका दबदबा कायम हुआ?
उत्तर:
काँग्रेस का जन्म 1885 में हुआ था। उस समय यह नवशिक्षित, कामकाजी और व्यापारिक वर्गों का एक हित – समूह भर थी। लेकिन 20वीं सदी में इस पार्टी ने जन आंदोलन का रूप ले लिया । इस वजह से कांग्रेस ने एक जनव्यापी राजनीतिक पार्टी का रूप लिया और राजनीतिक व्यवस्था में इसका दबदबा कायम हुआ।

प्रश्न 40.
ए. के. गोपालन के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
ए. के. गोपालन केरल के कम्युनिस्ट नेता थे। आपके राजनीतिक जीवन की शुरुआत काँग्रेस कार्यकर्ता के रूप में हुई। परंतु 1939 में आपने कम्युनिस्ट पार्टी के साथ खुद को जोड़ा। 1964 में कम्युनिस्ट पार्टी के विभाजन के पश्चात् आप कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) में शामिल हुए और इस पार्टी की मजबूती के लिए महत्त्वपूर्ण कार्य किया। आपको सांसद के रूप में विशेष ख्याति प्राप्त हुई।

प्रश्न 41.
कॉंग्रेस पार्टी में गुटों की मौजूदगी की प्रणाली शासक दल के भीतर संतुलन साधने के औजार की तरह काम करती थी। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
काँग्रेस पार्टी की अधिकतर प्रांतीय इकाइयाँ विभिन्न गुटों को मिलाकर बनी थीं। ये गुट अलग-अलग विचारधाराओं वाले थे और इस कारण काँग्रेस एक भारी-भरकम मध्यमार्गी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आती थी। दूसरी पार्टियाँ अक्सर काँग्रेसी गुटों को प्रभावित करने का कार्य करती रहती थीं। इस प्रकार बाकी पार्टियाँ हाशिए पर रहकर ही नीतियों और फैसलों को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर पाती थीं। ये पार्टियाँ सत्ता के वास्तविक इस्तेमाल से कोसों दूर थीं। शासक दल का कोई विकल्प नहीं था। इसके बावजूद विपक्षी पार्टियाँ लगातार काँग्रेस की आलोचना करती थीं, उस पर दबाव डालती थीं और इस क्रम में उसे प्रभावित करती थीं। इस प्रकार गुटों की मौजूदगी की यह प्रणाली शासक दल के भीतर संतुलन साधने के औजार की तरह काम करती थी । इस तरह राजनीतिक होड़ काँग्रेस के भीतर ही चलती थी।

प्रश्न 42.
1950 के दशक में विपक्षी दलों की मौजूदगी ने भारतीय शासन- व्यवस्था के लोकतांत्रिक चरित्र को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की। इस कथन पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
1950 के दशक में विपक्षी दलों को लोकसभा अथवा विधानसभा में मात्र कहने भर को प्रतिनिधित्व मिल पाया फिर भी इन दलों ने भारतीय शासनव्यवस्था के लोकतांत्रिक चरित्र को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कथन की पुष्टि निम्न तथ्यों से की जा सकती है।

  1. इन दलों ने काँग्रेस पार्टी की नीतियों और व्यवहारों की सुचिन्तित आलोचना की। इन आलोचनाओं में सिद्धांतों का बल होता था। बदला।
  2. विपक्षी दलों ने शासक दल पर अंकुश रखा और इन दलों के कारण काँग्रेस पार्टी के भीतर शक्ति-संतुलन
  3. इन दलों ने लोकतांत्रिक राजनीतिक विकल्प की संभावना को जीवंत रखा। ऐसा करके इन दलों ने व्यवस्थाजन्य रोष को लोकतंत्र-विरोधी बनने से रोका।
  4. इन दलों ने ऐसे नेता तैयार किए जिन्होंने आगे के समय में हमारे देश की तस्वीर को संवारने में अहम भूमिका निभाई।

प्रश्न 43.
आजादी के बाद काफी समय तक भारत देश में लोकतांत्रिक राजनीति का पहला दौर एकदम अनूठा था। इस कथन के समर्थन में तर्क दीजिए।
उत्तर:
शुरुआती सालों में काँग्रेस और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच पारस्परिक सम्मान का गहरा भाव था। स्वतंत्रता की घोषणा के बाद अंतरिम सरकार ने देश का शासन सँभाला था। इसके मंत्रिमंडल में डॉ. अंबेडकर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे नेता शामिल थे। नेहरू सोशलिस्ट पार्टी के प्रति काफी लगाव रखते थे। इसलिए उन्होंने जयप्रकाश नारायण जैसे समाजवादी नेताओं को सरकार में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था।

अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी से इस प्रकार की नजदीकी उसके प्रति सम्मान का भाव दलगत प्रतिस्पर्धा के तेज़ होने के बाद लगातार कम होता गया। राष्ट्रीय आंदोलन का चरित्र समावेशी था। इस तरह हम यह कह सकते हैं कि आजादी के बाद लंबे समय तक अपने देश में लोकतांत्रिक राजनीति का पहला दौर अनूठा था।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय राजनीति में 1952 से 1966 के युग को ‘एक दल के प्रभुत्व का दौर’ कहकर पुकारा गया है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? किन्हीं तीन कारकों की व्याख्या कीजिये जिन्होंने इस प्रभुत्व को बनाए रखने में सहायता की।
अथवा
प्रथम तीन आम चुनावों के सन्दर्भ में एक दल की प्रधानता का वर्णन कीजिए तथा इस प्रधानता के कारकों को स्पष्ट कीजिये। संजीव पास बुक्स
उत्तर:
स्वतंत्रता के बाद भारत के राजनैतिक परिदृश्य में कांग्रेस का वर्चस्व लगातार तीन दशकों तक कायम रहा। यह निम्न प्रथम तीन आम चुनावों के परिणामों से स्पष्ट होता है।

  1. प्रथम तीन चुनावों में संसद की 494 सीटों में से कांग्रेस ने 1952 में 364, 1957 में 371 तथा 1962 में 361 सीटें जीतीं।
  2. इस काल में केरल और जम्मू-कश्मीर को छोड़कर शेष सभी राज्यों में भी कांग्रेस की सरकारें बनीं। उपर्युक्त चुनाव परिणाम दर्शाते हैं कि 1952 से 1966 तक भारत में ‘एक दलीय प्रभुत्व’ की स्थिति  ही।

भारत में एक दल की प्रधानता के कारण: भारत में स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् चुनावों में एक दल के प्रभुत्व के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं।

  1. कांग्रेस पार्टी को सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व प्राप्त था: कांग्रेस पार्टी में देश के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व प्राप्त था। कांग्रेस पार्टी उदारवादी, उग्रवादी, दक्षिणपंथी, साम्यवादी तथा मध्यमार्गी नेताओं का एक महान मंच था।
  2. कांग्रेस का चमत्कारिक नेतृत्व: कांग्रेस में जवाहरलाल नेहरू थे जो भारतीय राजनीति के सबसे करिश्माई और लोकप्रिय नेता थे।
  3. राष्ट्रीय आंदोलन की विरासत: कांग्रेस पार्टी को स्वतंत्रता संग्राम के वारिस के रूप में देखा गया। स्वतंत्रता आंदोलन के अनेक अग्रणी नेता अब कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे थे।
  4. गुटों में तालमेल और सहनशीलता: कांग्रेस गठबंधनी स्वभाव के कारण विभिन्न गुटों के प्रति सहनशील थी। इससे कांग्रेस एक भारी-भरकम मध्यमार्गी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आती थी। इस सन्दर्भ में दूसरी पार्टियाँ कांग्रेस का विकल्पं प्रस्तुत नहीं कर पायीं।

प्रश्न 2.
कांग्रेस पार्टी की विचारधारा एवं कार्यक्रमों की विवेचना कीजिए।
अथवा
भारतीय कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रमों व सिद्धान्तों पर एक आलोचनात्मक नोट लिखिए।
उत्तर:
भारतीय कांग्रेस पार्टी स्वतंत्रता के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्रमुख नीतियाँ एवं कार्यक्रम निम्नलिखित हैं।
I. राजनीतिक कार्यक्रम।

  1. कांग्रेस लोकतन्त्र तथा राष्ट्र की एकता व अखण्डता में विश्वास करती है
  2. यह पार्टी राजनीतिक भ्रष्टाचार व राजनीतिक अपराधीकरण का विरोध करती है।
  3. यह लोकपाल की नियुक्ति का समर्थन करती है।
  4. यह आतंकवादियों तथा अन्य राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के विरुद्ध निरन्तर संघर्ष करने के संकल्प पर बल देती है।
  5. यह विदेश नीति के सन्दर्भ में गुटनिरपेक्षता तथा पंचशील अन्तर्राष्ट्रीय शांति के सिद्धान्तों का समर्थन करती है। आर्थिक तथा सामाजिक कार्यक्रम-
  6. यह लोगों को आत्म-निर्भर बनाने तथा भारत जैसे गरीब देश को सम्पन्नता की ओर ले जाने; गरीबी को दूर करने, बेरोजगारी को मिटाने के प्रति वचनबद्ध है।
  7. यह आर्थिक सुधारों की गति को तीव्र करने, घरेलू उत्पादों में वृद्धि करने, कृषि की पैदावार में वृद्धि करने तथा कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने पर बल देती है।
  8. यह आवासीय योजनाओं का विस्तार करने तथा गरीब व कमजोर वर्ग के लोगों को सस्ती दरों पर आवास उपलब्ध कराने, दलितों, आदिवासियों तथा महिला कल्याण, बाल-कल्याण, पर विशेष
  9. योजनाओं एवं कार्यक्रमों पर बल, देती है।
  10. यह संचार के साधनों के तीव्र विकास, शिक्षा व स्वास्थ्य सम्बन्धी योजनाओं के विस्तार पर बल देती है । इस प्रकार ये कुछ नीतियाँ व कार्यक्रम हैं जिनको लेकर यह पार्टी चुनावों में भाग लेती है।

प्रश्न 3.
भारतीय साम्यवादी दल की नीतियों एवं कार्यक्रमों का परीक्षण कीजिए।
उत्तर:
भारतीय साम्यवादी दल की नीतियाँ एवं कार्यक्रम: भारतीय साम्यवादी दल की नीतियाँ एवं कार्यक्रमों का अध्ययन निम्नलिखित शीर्षकों के अन्तर्गत किया जा सकता है।
(क) राजनीतिक कार्यक्रम- पार्टी के राजनीतिक कार्यक्रम एवं नीतियाँ निम्नलिखित हैं।

  1. पार्टी राष्ट्रीय एकता और अखण्डता, साम्प्रदायिक सद्भाव और धर्मनिरपेक्ष लोकतान्त्रिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए वचनबद्ध है।
  2. पार्टी केन्द्र- द- राज्य सम्बन्धों का पुनर्गठन करके राज्यों को आर्थिक शक्तियाँ देने के पक्ष में है।
  3. पार्टी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए लोकपाल विधेयक का समर्थन करती है।
  4. पार्टी अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा चुनाव प्रणाली में व्यापक सुधार करने, अनुच्छेद 356 को समाप्त किये जाने के पक्ष में है।
  5. पंचायती राज संस्थाओं को मजबूती के पक्ष में है।

(ख) आर्थिक कार्यक्रम: भारतीय साम्यवादी दल के आर्थिक कार्यक्रम एवं नीतियाँ निम्न हैं।

  1. सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण रोका जाए। दूर संचार, बिजली आदि की नीतियों को बदला जाए। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को चुस्त-दुरुस्त किया जाए।
  2. मौजूदा औद्योगिक नीति को बदला जाए। अन्धाधुन्ध उदारीकरण की नीतियों को बदला जाए जो देश की सम्प्रभुता को कमजोर कर रही हैं।
  3. बजट का 50 प्रतिशत कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन आदि के विकास के लिए आवण्टित किया जाए और सिंचाई की सुनिश्चित व्यवस्था की जाए।

(ग) सामाजिक कार्यक्रम: भारतीय साम्यवादी दल की सामाजिक नीतियाँ एवं कार्यक्रम निम्नलिखित हैं।

  1. महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की जाए।
  2. लोगों के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की नीतियों को ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाए।
  3. शिक्षा तथा जन साक्षरता का प्रसार किया जाए।
  4. काम के अधिकार को संविधान में मौलिक अधिकार के रूप में प्रदान किया जाए।
  5. स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की जाए।

JAC Class 12 Political Science Important Questions Chapter 2 एक दल के प्रभुत्व का दौर

प्रश्न 4.
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत में लोकतांत्रिक प्रणाली अपनाने के प्रतिकूल कौन-कौनसी चुनौतियाँ थीं? विस्तारपूर्वक लिखिये।
उत्तर:
स्वतन्त्रता के पश्चात् भारत में लोकतान्त्रिक प्रणाली अपनाने के प्रतिकूल परिस्थितियाँ: स्वतन्त्रता के पश्चात् भारत में लोकतान्त्रिक प्रणाली को अपनाने के प्रतिकूल निम्नलिखित प्रमुख चुनौतियाँ थीं।

  • सार्वभौमिक मताधिकार द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष आम चुनाव कराना: भारत के आकार को देखते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष आम चुनाव कराना अत्यन्त कठिन मामला था क्योंकि:
    1. चुनाव कराने के लिए चुनाव क्षेत्रों का सीमांकन आवश्यक था,
    2. मताधिकार प्राप्त वयस्क व्यक्तियों की मतदाता सूची बनाना आवश्यक था। ये दोनों ही काम उस समय अत्यन्त कठिन और समय लेने वाले।
  • निरक्षरता और गरीबी उस वक्त देश के मतदाताओं में महज 15 फीसदी ही साक्षर थे। मतदाताओं की बड़ी संख्या गरीब और अनपढ़ लोगों की थी और ऐसे माहौल में चुनाव लोकतंत्र के लिए परीक्षा की कठिन घड़ी था।
  • जातिवाद, क्षेत्रवाद तथा साम्प्रदायिकता: स्वतंत्रता के समय देश में जातिवाद, क्षेत्रवाद, साम्प्रदारिकता, राजाओं के प्रति भक्ति आदि तत्त्व प्रबल थे, जो निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव में बाधक बने हुए थे। मतदाताओं के अशिक्षित और गरीब होने से उन पर इन तत्त्वों के प्रभाव की पूरी गुंजाइश थी। देश में अनेक दलों, जैसे हिन्दू महासभा, मुस्लिम लीग आदि ने साम्प्रदायिक आधार अपना लिया था। साम्प्रदायिक आधार पर ये मतदाताओं को प्रभावित कर रहे थे। ऐसे में लोकतंत्र की सफलता में ये बाधक हो रहे थे।

प्रश्न 5.
1950 के दशक में भारत में विपक्षी पार्टियों की भूमिका की विवेचना कीजिय।
उत्तर:
1950 के दशक में लोकसभा में विपक्षी दलों का प्रतिनिधित्व: 1950 के दशक में भारत में अनेक राजनैतिक दल थे। यद्यपि कांग्रेस का प्रभुत्व था, तथापि अनेक राजनैतिक दलों ने चुनावों में अपने संजीव पास बुक्स उम्मीदवार उतारे थे। ये दल थे। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय जनसंघ, स्वतंत्र पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी आदि।

इस दशक में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। उसे 16 लोकसभा सीटें मिलीं जबकि जनसंघ को तीन चार सीटें ही मिलीं। अन्य दलों को भी कोई खास कामयाबी नहीं मिली। विपक्ष की भूमिका 1950 के दशक में भारत में यद्यपि विपक्षी दलों को लोकसभा या विधानसभा में कहने भर का प्रतिनिधित्व मिला तथापि उसने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। यथा

  1. कांग्रेस की नीतियों की सैद्धान्तिक आलोचना विपक्षी दलों ने कांग्रेस पार्टी की नीतियों और व्यवहारों की सकारात्मक आलोचना की जिसमें सिद्धान्तों का बल होता था।
  2. शासक दल पर अंकुश लगाना इस काल में विपक्षी दलों ने उसकी नीतियों की सैद्धान्तिक आलोचना करके शासक दल पर अंकुश रखा।
  3. राजनीतिक विकल्प की संभावना को जीवित रखना इन दलों ने लोकतांत्रिक राजनीतिक विकल्प की संभावना को जीवित रखा।
  4. कांग्रेस तथा विपक्षी नेताओं के बीच परस्पर सम्मान भाव इस दौर में कांग्रेस और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच परस्पर सम्मान का गहरा भाव रहा। लेकिन 60 के दशक में यह सम्मान भाव लगातार कम होता गया।

प्रश्न 6.
मतदान के बदलते तरीके पर निबंध लिखिए।
उत्तर:
इन दिनों चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक मशीन का उपयोग किया जाता है। इसके माध्यम से मतदाता उम्मीदवारों के बारे में अपनी पसंद जाहिर करते हैं। परंतु शुरू-शुरू में ऐसी मशीनों का उपयोग नहीं किया जाता था। पहले के चुनावों में प्रत्येक चुनाव केन्द्र में प्रत्येक उम्मीदवार के लिए एक मतपेटी रखी जाती थी और उस मतपेटी पर उम्मीदवार का चुनाव चिह्न अंकित रहता था। प्रत्येक मतदाता को एक खाली मतपत्र दिया जाता था और उस पर वह अपने पसंद के उम्मीदवार की मतपेटी में डाल देता।

इस काम में स्टील के बक्सों का इस्तेमाल होता था। हर एक मतपेटी में भीतर और बाहर की तरफ संबंधित उम्मीदवार का चिह्न अंकित होता था। मतपेटी के बाहर किसी एक तरफ उम्मीदवार का नाम उर्दू, हिन्दी और पंजाबी भाषा में लिखा हुआ होता था। इसके साथ-साथ चुनाव क्षेत्र, चुनाव केन्द्र और मतदान केन्द्र की संख्या भी दर्ज होती थी। उम्मीदवार के आंकिक ब्यौरे वाला एक कागजी मुहरबंद पीठासीन पदाधिकारी के दस्तखत के साथ मतपेटी में लगाया जाता था। तत्पश्चात् मतपेटी के ढक्कन को तार के सहारे बाँधा जाता था और इसी जगह मुहरबंद लगाया जाता था।

यह सारा काम चुनाव की नियत तारीख के एक दिन पहले हो जाता था। चुनाव चिह्न और बाकी ब्यौरों को दर्ज करने के लिए मतपेटी को पहले सरेस कागज या ईंट के टुकड़े से रगड़ा जाता था। यह काम बहुत लंबा चलता था। शुरुआती दो चुनाव के बाद यह तरीका बदल दिया गया। अब मतपत्र पर हर उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिह्न अंकित किया जाने लगा। मतदाता को इस मतपत्र पर अपने पसंद के उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगानी होती थी । यह तरीका अगले चालीस सालों तक चलन में रहा। सन् 1990 के दशक के अंत में चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल शुरू किया और 2004 तक पूरे देश में ईवीएम का उपयोग शुरू हुआ।

प्रश्न 7.
सोशलिस्ट पार्टी के जन्म, विकास, विचारधारा, उपलब्धियाँ और प्रमुख नेताओं को ध्यान में रखकर उस पर निबंध लिखिए।
उत्तर:
सोशलिस्ट पार्टी की जड़ों को आजादी से पहले के उस वक्त में ढूँढ़ा जा सकता है जब भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस जनआंदोलन चला रही थी। काँग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन काँग्रेस के भीतर 1934 में युवा नेताओं की टोली ने किया था। ये नेता कांग्रेस को ज्यादा-से-ज्यादा परिवर्तनकारी और समतावादी बनाना चाहते थे। 1948 में काँग्रेस ने अपने संविधान में परिवर्तन किया। यह परिवर्तन इसलिए किया गया था ताकि काँग्रेस के सदस्य दोहरी सदस्यता न धारण कर सकें। इस वजह से काँग्रेस के समाजवादियों को मजबूरन 1948 में अलग होकर सोशलिस्ट पार्टी बनानी पड़ी। परंतु सोशलिस्ट पार्टी चुनावों में कुछ खास कामयाबी प्राप्त नहीं कर सकी।

इस कारण पार्टी के समर्थकों को बड़ी निराशा हुई। हालाँकि सोशलिस्ट पार्टी की मौजूदगी हिन्दुस्तान के अधिकतर राज्यों में थी लेकिन पार्टी को चुनावों में छिटपुट सफलता ही मिली। समाजवादी लोकतांत्रिक समाजवाद की विचारधारा में विश्वास करते थे और इस आधार पर वे काँग्रेस तथा साम्यवादी दोनों से अलग थे। वे काँग्रेस की आलोचना करते थे। क्योंकि काँग्रेस पूँजीपतियों और जमींदारों का पक्ष लेती थी तथा मजदूरों और किसानों की उपेक्षा करती थी। समाजवादियों को 1955 में दुविधा की स्थिति का सामना करना पड़ा क्योंकि काँग्रेस ने घोषणा कर दी कि उसका लक्ष्य समाजवादी बनावट वाले समाज की रचना है। ऐसे में समाजवादियों के लिए खुद को काँग्रेस का कारगर विकल्प बनाकर पेश करना मुश्किल हो गया।

सोशलिस्ट पार्टी के कई टुकड़े हुए और कुछ मामलों में बहुधा मेल भी हुआ । इस प्रक्रिया में कई समाजवादी दल बने। इन दलों में किसान मजदूर प्रजा पार्टी, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी का नाम लिया जा सकता है। जयप्रकाश नारायण, अच्युत पटवर्धन, अशोक मेहता, आचार्य नरेन्द्र देव, राममनोहर लोहिया और एस. एम. जोशी समाजवादी दलों के नेताओं में प्रमुख थे। मौजूदा हिन्दुस्तान के कई दलों जैसे समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड) और जनता दल (सेक्युलर) पर सोशलिस्ट पार्टी की छाप देखी जा सकती है।

JAC Class 12 Political Science Important Questions Chapter 2 एक दल के प्रभुत्व का दौर

प्रश्न 8.
इंस्टीट्यूशनल रिवोल्यूशनरी पार्टी की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
इंस्टीट्यूशनल रिवोल्यूशनरी पार्टी का मैक्सिको में लगभग साठ सालों तक शासन रहा। स्पेनिश में इसे पीआरआई कहा जाता है। इस पार्टी की स्थापना 1929 में हुई थी। तब इसे नेशनल रिवोल्यूशनरी पार्टी कहा जाता था। इस पार्टी को मैक्सिकन क्रांति की विरासत हासिल थी। मुख्यतः पीआरआई में राजनेता और सैनिक नेता, मजदूर और किसान संगठन तथा अनेक राजनीतिक दलों समेत कई किस्म के हितों का संगठन था।

समय बीतने के साथ पीआरआई के संस्थापक प्लूटार्को इलियास कैलस ने इसके संगठन पर कब्जा जमा लिया और इसके बाद नियमित रूप से होने वाले चुनावों में हर बार पीआरआई ही विजयी होती रही। बाकी पार्टियाँ बस नाम की थीं ताकि शासक दल को वैधता मिलती रहे। चुनाव के नियम इस तरह तय किए गए कि पीआरआई की जीत हर बार पक्की हो सके। पीआरआई के शासन को ‘परिपूर्ण तानाशाही’ कहा जाता है। आखिरकार सन् 2000 में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में यह पार्टी हारी। मैक्सिको अब एक पार्टी के दबदबे वाला देश नहीं रहा। बहरहाल, अपने दबदबे के दौर में पीआरआई ने जो दाँव-पेंच अपनाए थे उनका लोकतंत्र की सेहत पर बड़ा खराब असर पड़ा है।

प्रश्न 9.
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया पर लेख लिखिए।
उत्तर:
1920 के दशक के शुरुआती सालों में भारत के विभिन्न हिस्सों में साम्यवादी – समूह उभरे। ये रूस की बोल्शेविक क्रांति से प्रेरित थे और देश की समस्याओं के समाधान के लिए साम्यवाद की राह अपनाने की तरफदारी कर रहे थे। काँग्रेस से साम्यवादी 1941 के दिसंबर में अलग हुए। इस समय साम्यवादियों ने नाजी जर्मनी के खिलाफ लड़ रहे ब्रिटेन को समर्थन देने का फैसला किया। दूसरी गैर – काँग्रेस पार्टियों के विपरीत कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के पास आजादी के समय एक सुचारू पार्टी मशीनरी और समर्पित कॉडर मौजूद थे।

बहरहाल, आजादी हासिल होने पर इस पार्टी के भीतर कई स्वर उभरे। आजादी के तुरंत बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का विचार था कि 1947 में सत्ता का जो हस्तांतरण हुआ वह सच्ची आजादी नहीं थी। इस विचार के साथ पार्टी ने तेलंगाना में हिंसक विद्रोह को बढ़ावा दिया। साम्यवादी अपनी बात के पक्ष में जनता का समर्थन हासिल नहीं कर सके और इन्हें सशस्त्र सेनाओं द्वारा दबा दिया गया। फलस्वरूप इन्हें अपने पक्ष को लेकर पुनर्विचार करना पड़ा। 1951 में साम्यवादी पार्टी ने हिंसक क्रांति का रास्ता छोड़ दिया और आने वाले आम चुनावों में भाग लेने का फैसला किया।

पहले आम चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने 16 सीटें जीतीं और सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनकर उभरी। इस दल को ज्यादातर समर्थन आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और केरल में मिला। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख नेताओं में ए. के. गोपालन, एस. ए. डांगे, ई. एम. एस. नम्बूदरीपाद, पी. सी. जोशी, अजय घोष और पी. सुंदरैया के नाम लिए जाते हैं। चीन और सोवियत संघ के बीच विचारधारात्मक अंतर आने के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी 1964 में बड़ी टूट का शिकार हुई। सोवियत संघ की विचारधारा को सही मानने वाले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में रहे जबकि इसके विरोध में राय रखने वालों ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) या सीपीआई (एम) नाम से अलग दल बनाया। ये दोनों दल आज तक कायम हैं

JAC Class 12 Political Science Important Questions Chapter 2 एक दल के प्रभुत्व का दौर

प्रश्न 10.
भारतीय जनसंघ पार्टी पर विस्तारपूर्वक लेख लिखिए।
उत्तर:
भारतीय जनसंघ का गठन 1951 में हुआ था। श्यामा प्रसाद मुखर्जी इसके संस्थापक-अध्यक्ष थे। इस दल की जड़ें आजादी के पहले के समय से सक्रिय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और हिन्दू महासभा में खोजी जा सकती हैं। जनसंघ अपनी विचारधारा और कार्यक्रमों के कारण बाकी दलों से भिन्न है। जनसंघ ने ‘एक देश, एक संस्कृति और एक राष्ट्र’ के विचार पर जोर दिया। इसका मानना था कि देश भारतीय संस्कृति और परंपरा के आधार पर आधुनिक, प्रगतिशील और ताकतवर बन सकता है।

जनसंघ ने भारत और पाकिस्तान को एक करके ‘अखंड भारत’ बनाने की बात पर जोर दिया। अंग्रेजी को हटाकर हिन्दी को राजभाषा बनाने के आंदोलन में यह पार्टी अग्रणी थी। इसने धार्मिक और सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों को रियायत देने की बात का विरोध किया। चीन द्वारा 1964 में आण्विक परीक्षण करने पर जनसंघ ने लगातार इस बात की पैरोकारी की कि भारत भी अपने आण्विक हथियार तैयार करे। 1950 के दशक में जनसंघ चुनावी राजनीति के हाशिए पर रहा।

इस पार्टी को 1952 के चुनाव में लोकसभा की तीन सीटों पर सफलता मिली और 1957 के आम चुनावों में इसने लोकसभा की 4 सीटें जीतीं। शुरुआती सालों में इस ‘पार्टी को हिन्दी भाषी राज्यों मसलन राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के शहरी इलाकों में समर्थन मिला। जनसंघ के नेताओं में श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय और बलराज मधोक के नाम शामिल हैं। भारतीय जनता पार्टी की जड़ें इसी जनसंघ में हैं।

प्रश्न 11.
स्वतंत्र पार्टी पर विस्तारपूर्वक लेख लिखि।
उत्तर:
काँग्रेस के नागपुर अधिवेशन में जमीन की हदबंदी, खाद्यान्न के व्यापार, सरकारी अधिग्रहण और सहकारी खेती का प्रस्ताव पास हुआ था। इसी के बाद 1959 के अगस्त में स्वतंत्र पार्टी अस्तित्व में आई। इस पार्टी का नेतृत्व सी. राजगोपालाचारी, के. एम. मुंशी, एन. जी. रंगा और मीनू मसानी जैसे पुराने काँग्रेस नेता कर रहे थे। यह पार्टी आर्थिक मसलों पर अपनी खास किस्म की पक्षधरता के कारण दूसरी पार्टियों से अलग थी स्वतंत्र पार्टी चाहती थी कि सरकार अर्थव्यवस्था में कम हस्तक्षेप करे इसका मानना था कि समृद्धि सिर्फ व्यक्तिगत स्वतंत्रता के जरिए आ सकती है।

स्वतंत्र पार्टी अर्थव्यवस्था में विकास के नजरिए से किए जा रहे राजकीय हस्तक्षेप, केन्द्रीकृत नियोजन, राष्ट्रीयकरण और अर्थव्यवस्था के भीतर सार्वजनिक क्षेत्र की मौजूदगी को आलोचना की निगाह से देखती थी। यह पार्टी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के हित को ध्यान में रखकर किए जा रहे कराधान के भी खिलाफ थी। इस दल ने निजी क्षेत्र को खुली छूट देने की तरफदारी की। स्वतंत्र पार्टी कृषि में जमीन की हदबंदी, सहकारी खेती और खाद्यान्न के व्यापार पर सरकारी नियंत्रण के खिलाफ थी। इस दल ने गुटनिरपेक्षता की नीति और सोवियत संघ से मित्रता के रिश्ते को कायम रखने को भी गलत माना। इसने संयुक्त राज्य अमरीका से मित्रता के रिश्ते बनाने की वकालत की।

अनेक क्षेत्रीय पार्टियों और हितों के साथ मेल करने के कारण स्वतंत्र पार्टी देश के विभिन्न हिस्सों में ताकतवर हुई। स्वतंत्र पार्टी की तरफ जमींदार और राजा-महाराजा आकर्षित हुए। भूमि सुधार के कानूनों से इनकी मिल्कियत और हैसियत को खतरा मँडरा रहा था और इससे बचने के लिए इन लोगों ने स्वतंत्र पार्टी का दामन थामा। उद्योगपति और व्यवसायी वर्ग के लोग राष्ट्रीयकरण और लाइसेंस नीति के खिलाफ थे। इन लोगों ने भी स्वतंत्र पार्टी का समर्थन किया। इस पार्टी का सामाजिक आधार बड़ा संकुचित था और इसके पास पार्टी सदस्य के रूप में समर्पित कॉडर की कमी थी। इस वजह से यह पार्टी अपना मजबूत सांगठनिक नेटवर्क खड़ा नहीं कर पाई।

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.4

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Exercise 1.4

प्रश्न 1.
उत्तरोत्तर आवर्धन करके संख्या रेखा पर 3.765 को देखिए ।
हल:
हम यह जानते हैं कि 3.765, 3 और 4 के बीच में ही स्थित है। अत: 3 और 4 के बीच की दूरी को 10 बराबर भागों में विभाजित करके [3.7, 3.8] को लेंस से देखने पर स्पष्ट हो जाता है कि संख्या 3.765, 3.7 और 3.8 के बीच में स्थित है [ आकृति (A)]। अब हम नये वर्ग [3.1, 3.2], [3.2, 3.3], …, [3.9, 4] की दूरी को 10 बराबर भागों में बाँटेंगे। इससे स्पष्ट है कि 3.765 वर्ग [3.76, 3.77] के बीच में स्थित है। [आकृति (B)]।
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.4 1
अतः निरन्तर उपयुक्त आवर्धन से सांत दशमलव संख्या रेखा पर निरूपित की जा सकती है और अब असांत वास्तविक संख्या, संख्या रेखा पर निरूपण की स्थिति में है।

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.4

प्रश्न 2.
4 दशमलव स्थानों तक संख्या रेखा पर 4.26 को देखिए।
हल:
स्पष्ट है कि संख्या \(4 . \overline{26}\) संख्या रेखा पर 4 और 5 के मध्य स्थित है। इस एकक इकाई को 10 बराबर भागों में विभाजित करने पर 4.1 4.2, 4.3… प्राप्त होता है पुनः \(4 . \overline{26}\), विभाजन से प्राप्त 4.2 तथा 4.3 के मध्य स्थित है। पुनः 4.2 तथा 4.3 के मध्य की एकक इकाई दूरी को 4.21, 4.22, 4.23,…..4.29, भागों में विभाजित करके पुनः आवर्धन तथा वर्ग की दूरी को कम करने पर स्पष्ट होता है कि \(4 . \overline{26}\) संख्या 4.262 की अपेक्षा 4.264 के सन्निकट है।

\(4 . \overline{26}\) वर्ग [4.26, 4.27] जिसकी लम्बाई 0.01 है, में स्थित है। 4.26 को 0.001 की दूरी में दर्शाने के लिए हम दोबारा प्रत्येक वर्ग को 10 बराबर भागों में बाँटेंगे और 0.001 लम्बाई वाले वर्ग [4.262, 4.263] में दर्शायेंगे और हम देखेंगे कि \(4 . \overline{26}\), 4.262 की तुलना में 4.264 के नजदीक है।
इस प्रकार आवर्धन और वर्ग की लम्बाई घटाकर अनन्त तक यह क्रिया दोहराई जा सकती है। जिसमें \(4 . \overline{26}\) स्थित है।
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.4 2

JAC Class 12 Political Science Important Questions Chapter 3 नियोजित विकास की राजनीति

Jharkhand Board JAC Class 12 Political Science Important Questions Chapter 3 नियोजित विकास की राजनीति Important Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Political Science Important Questions Chapter 3 नियोजित विकास की राजनीति

बहुचयनात्मक प्रश्न

1. प्रथम पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल था।
(क) 1951-1956
(ख) 1952-1957
(ग) 1955-1960
(घ) 1947-1952
उत्तर:
(क) 1951-1956

2. स्वतन्त्रता के पश्चात् भारत में किस आर्थिक प्रणाली को अपनाया गया?
(क) पूँजीवादी
(ख) मिश्रित
(ग) समाजवादी
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) मिश्रित

3. योजना आयोग की स्थापना कब की गई?
(क) 1950
(ख) 1952
(ग) 1960
(घ) 1962
उत्तर:
(क) 1950

4. हरित क्रान्ति के दौरान किस फसल का सर्वाधिक उत्पादन हुआ?
(क) गेहूँ
(ख) बाजरा
(ग) सोयाबीन
(घ) चावल
उत्तर:
(क) गेहूँ

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5. लौह-अयस्क का विशाल भंडार था।
(क) उड़ीसा
(ख) पंजाब
(ग) केरल
(घ) उत्तरप्रदेश
उत्तर:
(क) उड़ीसा

6. प्रथम पंचवर्षीय योजना में सर्वाधिक बल किस पर दिया गया।
(क) कृषि
(ख) उद्योग
(ग) पर्यटन
(घ) संचार
उत्तर:
(क) कृषि

7. भारत में नियोजन प्रक्रिया की प्रेरणा किस देश से ली गई।
(क) सोवियत संघ
(ख) चीन
(ग) जापान
(घ) अमेरिका।
उत्तर:
(क) सोवियत संघ

8. दूसरी पंचवर्षीय योजना कब शुरू हुई?
(क) 1951
(ख) 1956
(ग) 1966
(घ) 1957
उत्तर:
(ख) 1956

9. चौथी पंचवर्षीय योजना कब से शुरू होनी थी?
(क) 1961
(ख) 1966
(ग) 1967
(घ) 1962
उत्तर:
(ख) 1966

10. पहली योजना का मूलमंत्र क्या था?
(क) संरचनात्मक बदलाव
(ख) प्रौद्योगिकी
(ग) धीरज
(घ) कृषि
उत्तर:
(ग) धीरज

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

संजीव पास बुक्सं
1. …………………….. ‘से उन लोगों की तरफ संकेत किया जाता है जो गरीब और पिछड़े सामाजिक समूह की तरफदारी करते हैं।
उत्तर:
वामपंथ

2. ……………………… पंचवर्षीय योजना में भारी उद्योगों के विकास पर जोर दिया गया।
उत्तर:
दूसरी

3. पहली पंचवर्षीय योजना का मूलमंत्र था धीरज, लेकिन दूसरी योजना की कोशिश तेज गति से ……………………….बदलाव करने की थी।
उत्तर:
संरचनात्मक

4. केरल में विकास और नियोजन के लिए जो रास्ता चुना उसे …………………… कहा जाता है।
उत्तर:
केरल मॉडल

5. इकॉनोमी ऑफ परमानेंस के लेखक ……………………….. हैं।
उत्तर:
जे.सी. कुमारप्पा

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
स्वतन्त्र भारत के समक्ष विकास के कौन-कौनसे दो मॉडल थे?
उत्तर:
पूँजीवादी मॉडल और समाजवादी मॉडल।

प्रश्न 2.
योजना आयोग की स्थापना कब हुई?
उत्तर:
मार्च, 1950 में।

प्रश्न 3.
1944 में उद्योगपतियों ने देश में नियोजित अर्थव्यवस्था चलाने का एक संयुक्त प्रस्ताव तैयार किया जिसे किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
बॉम्बे प्लान।

प्रश्न 4.
वामपंथ से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
वामपंथ से उन लोगों की तरफ संकेत किया जाता है जो गरीब और पिछड़े सामाजिक समूह की तरफदारी करते हैं और इन तबकों को फायदा पहुँचाने वाली सरकारी नीतियों का समर्थन करते हैं।

प्रश्न 5.
भारत सरकार ने योजना आयोग के स्थान पर किस नई संस्था की स्थापना की?
उत्तर:
नीति आयोग।

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प्रश्न 6.
दूसरी पंचवर्षीय योजना में मुख्यतः किस बात पर जोर दिया गया?
उत्तर:
औद्योगिक विकास पर।

प्रश्न 7.
दक्षिणपंथ से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
दक्षिणपंथ से उन लोगों को इंगित किया जाता है जो यह मानते हैं कि खुली प्रतिस्पर्धा और बाजारमूलंक अर्थव्यवस्था के माध्यम से ही प्रगति हो सकती है।

प्रश्न 8.
” विकासशील देशों को सार्वजनिक उद्यमों का सहारा लेना ही पड़ता है, क्योंकि इनके सहयोग के बिना अर्थव्यवस्था गतिशील हो ही नहीं सकती ।” यह कथन किसका है? हुआ ?
उत्तर:
यह कथन प्रो. हैन्सन का है।

प्रश्न 9.
भारत में अर्थव्यवस्था के कौनसे स्वरूप को स्वीकार किया गया है?
उत्तर:
मिश्रित अर्थव्यवस्था।

प्रश्न 10.
‘मिल्कमैन ऑफ इण्डिया’ किसे कहा जाता है?
उत्तर:
वर्गीज कुरियन को।

प्रश्न 11.
नियोजित विकास क्या है?
उत्तर:
नियोजित विकास, विकास की एक प्रक्रिया है।

प्रश्न 12.
पश्चिमी मुल्कों में किस वजह से पुरानी सामाजिक संरचना टूटी और पूँजीवाद तथा उदारवाद का उदय
उत्तर:
आधुनिकीकरण।

प्रश्न 13.
आधुनिकीकरण किसका पर्यायवाची माना जाता था?
उत्तर:
संवृद्धि, भौतिक प्रगति और वैज्ञानिक तर्कबुद्धि।

प्रश्न 14.
1969 में केन्द्र सरकार ने कितने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया?
उत्तर:
14 बैंकों का।

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प्रश्न 15.
नियोजन की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
नियोजन के द्वारा आर्थिक तथा सामाजिक जीवन के विभिन्न अंगों में समन्वय स्थापित करके समाज की उन्नति की जा सकती है।

प्रश्न 16.
भारत में नियोजन के दो उद्देश्य लिखें।
उत्तर:

  1. देश की राष्ट्रीय आय में वृद्धि करना।
  2. क्षेत्रीय असन्तुलन को कम करना।

प्रश्न 17.
सार्वजनिक क्षेत्र का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
सार्वजनिक क्षेत्र का मुख्य उद्देश्य आर्थिक पूँजी का निर्माण करना, आधारभूत उद्योगों का विकास करना तथा आर्थिक समानता की स्थापना करना है।

प्रश्न 18.
सार्वजनिक क्षेत्र का महत्त्व बताइए।
उत्तर:
सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा निर्यात में वृद्धि, रोजगार के अवसरों में वृद्धि तथा बीमार कारखानों की पुर्नस्थापना होती है।

प्रश्न 19.
सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कमियाँ बताइए।
उत्तर:
सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों में अनुशासनहीनता, कार्यकुशलता में कमी तथा उत्तरदायित्व की कमी पायी जाती है।

प्रश्न 20.
भारत में हरित क्रान्ति की क्या आवश्यकता थी?
उत्तर:
देश में कृषिगत विकास करने तथा खाद्यान्नों का अधिकाधिक उत्पादन करके इस क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने हेतु हरित क्रान्ति की आवश्यकता पड़ी।

प्रश्न 21.
हरित क्रान्ति के मुख्य उद्देश्य कौन – कौनसे हैं?
उत्तर:
हरित क्रान्ति के प्रमुख तत्त्व हैं। कृषि का निरन्तर विस्तार करना, दोहरी फसल का उद्देश्य तथा अच्छे बीजों का प्रयोग करना।

प्रश्न 22.
हरित क्रांति का एक नकारात्मक प्रभाव बताएं।
उत्तर:
हरित क्रांति के प्रभावस्वरूप धनाढ्य वर्गों ने गरीब व भूमिहीन किसानों का शोषण व दमन किया। परिणामतः नक्सलवादी आंदोलन को बल मिला।

प्रश्न 23.
हरित क्रांति के दो सकारात्मक परिणाम लिखिये
उत्तर:

  1. देश में खाद्यान्न की उपलब्धता में बढ़ोतरी हुई।
  2. झोले वर्ग के किसानों का उभार हुआ।

प्रश्न 24.
दूसरी पंचवर्षीय योजना के योजनाकार कौन थे?
उत्तर:
पी. सी. महालनोबिस।

प्रश्न 25.
दूसरी पंचवर्षीय योजना में किसके विकास पर जोर दिया गया?
उत्तर:
दूसरी पंचवर्षीय योजना में भारी उद्योगों के विकास पर जोर दिया गया।

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प्रश्न 26.
बाम्बे प्लान क्या है?
उत्तर:
1944 में भारतीय उद्योगपतियों का एक समूह बॉम्बे में एकत्र हुआ। इस बैठक में इन उद्योगपतियों ने नियोजित अर्थव्यवस्था चलाने का एक संयुक्त प्रस्ताव तैयार किया। इसे ही बाम्बे प्लान के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 27.
भारतीय सांख्यिकीय संस्थान के संस्थापक कौन थे?
उत्तर:
पी. सी. महालनोबिस।

प्रश्न 28.
हरित क्रान्ति का किसानों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
हरित क्रान्ति के कारण किसानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बदलाव आया है। वे राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। विभिन्न राजनीतिक दल अब किसानों को साथ लेकर चलते हैं ।

प्रश्न 29.
जे. सी. कुमारप्पा का असली नाम क्या था?
उत्तर:
जे. सी. कॉर्नेलियस।

प्रश्न 30.
भूमि सुधार से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
भूमि सुधार से आशय है भूमि के स्वामित्व का पुनर्वितरण करना।

प्रश्न 31.
आपकी दृष्टि में अंग्रेजी शासन समाप्त होने पर भूमि सुधार का सबसे महत्त्वपूर्ण प्रयास कौनसा किया गया था?
उत्तर:
जमींदारी प्रथा को समाप्त करना।

प्रश्न 32.
भारत में बैंकों का राष्ट्रीयकरण कब किया गया?
उत्तर:
भारत में बैंकों का राष्ट्रीयकरण जुलाई, 1969 में किया गया।

प्रश्न 33.
भारत में कृषि क्षेत्र में सुधार हेतु क्या-क्या प्रयास किये गये?
उत्तर:
भारत में कृषि सुधार हेतु उन्नत बीजों का प्रयोग किया, भूमि सुधार किए गए तथा सिंचाई के साधनों की उचित व्यवस्था की गई।

प्रश्न 34.
HYV बीजों का प्रयोग किन राज्यों में किया गया ? इसका क्या लाभ हुआ?
उत्तर:
HYV (High Yeilding Variety) बीजों का प्रयोग तमिलनाडु, पंजाब एवं आन्ध्रप्रदेश में किया गया तथा इससे गेहूँ की पैदावार अच्छी हुई।

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प्रश्न 35.
भारत में पंचवर्षीय योजनाओं का मूल उद्देश्य क्या था?
उत्तर:
भारत में पंचवर्षीय योजनाओं का मूल उद्देश्य आर्थिक विकास के साथ-साथ आत्मनिर्भरता, सामाजिक न्याय तथा समाजवाद लागू करना था।

प्रश्न 36.
उड़ीसा के आदिवासियों ने लोहा – इस्पात उद्योग की स्थापना का विरोध क्यों किया?
उत्तर:
उड़ीसा के आदिवासियों को इस बात का डर था कि यदि लोहा – इस्पात के उद्योग की स्थापना होती है, तो वे बेरोजगार हो जायेंगे तथा उन्हें विस्थापित होना पड़ेगा।

प्रश्न 37.
चौधरी चरण सिंह ने काँग्रेस पार्टी से अलग होकर कौन-सी पार्टी बनाई?
उत्तर:
भारतीय लोकदल।

प्रश्न 38.
जमींदारी उन्मूलन से होने वाले दो लाभ बताइये।
उत्तर:

  1. कृषकों का शोषण होना बन्द हो गया।
  2. कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई।

प्रश्न 39.
केरल मॉडल में नव लोकतंत्रात्मक पहल नाम का अभियान कैसे चलाया गया था?
उत्तर:
इस अभियान में लोगों को स्वयंसेवी नागरिक संगठनों के माध्यम से विकास की गतिविधियों में सीधे शामिल करने का प्रयास किया गया।

प्रश्न 40.
योजना आयोग के सदस्य के रूप में आप भारत की प्रथम पंचवर्षीय योजना में किस क्षेत्र पर बल देते?
उत्तर:
योजना आयोग के सदस्य के रूप में मैं भारत की प्रथम पंचवर्षीय योजना में कृषि क्षेत्र पर बल देता।

प्रश्न 41.
ऑपरेशन फ्लड से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
1970 में ऑपरेशन फ्लड के नाम से एक ग्रामीण विकास कार्यक्रम शुरू हुआ था जिसमें सहकारी दूध- उत्पादकों को उत्पादन और वितरण के राष्ट्रव्यापी तंत्र से जोड़ा गया।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
नियोजन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
नियोजन एक बौद्धिक प्रक्रिया है। यह कार्यों को क्रमबद्ध रूप से सम्पादित करने की एक मानसिक पूर्व प्रवृत्ति है, यह कार्य करने से पहले सोचना है तथा अनुमानों के स्थान पर तथ्यों को ध्यान में रखकर काम करना है।

प्रश्न 2.
पर्यावरणविदों के विरोध के क्या कारण थे? उनके विरोध के बावजूद भी केन्द्र सरकार उड़ीसा में इस्पात उद्योग की स्थापना के राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी क्यों देना चाहती थी?
उत्तर:
उड़ीसा में इस्पात प्लांट लगाये जाने से पर्यावरणविदों को इस बात का भय था कि खनन और उद्योग से पर्यावरण प्रदूषित होगा। केन्द्र सरकार को लगता था कि उद्योग लगाने की अनुमति नहीं दी गई, तो इससे एक बुरी मिसाल कायम होगी और देश में पूँजी निवेश को बाधा पहुँचेगी।

प्रश्न 3.
विकास सम्बन्धी निर्णय लेने से पूर्व सरकार को क्या-क्या सावधानियाँ बरतनी पड़ती हैं? लोकतन्त्र में किन-किन विशेषज्ञों की सलाह महत्त्वपूर्ण मानी जाती है?
उत्तर:

  1. सरकार को विकास सम्बन्धी योजना के बारे में निर्णय लेने से पूर्व एक सामाजिक समूह के हितों को दूसरे सामाजिक समूह के हितों की तथा वर्तमान पीढ़ी और भावी पीढ़ी के हितों की तुलना में तोला जाता है।
  2. लोकतन्त्र में विकास सम्बन्धी निर्णयों के सम्बन्ध में विशेषज्ञों की राय लेनी चाहिए, लेकिन अन्तिम निर्णय जनप्रतिनिधियों द्वारा ही लिया जाना चाहिए।

प्रश्न 4.
1940 और 1950 के दशक में नियोजन के पक्ष में दुनियाभर में हवा क्यों बह रही थी?
उत्तर:
अर्थव्यवस्था के पुननिर्माण के लिए नियोजन के विचार को 1940 और 1950 के दशक में पूरे विश्व में जनसमर्थन मिला था क्योंकि यूरोप, जापान और जर्मनी ने युद्ध की विभीषिका झेलने के बाद नियोजन से अपनी अर्थव्यवस्था पुनः खड़ी कर ली थी। सोवियत संघ ने भारी कठिनाई के बीच नियोजन के द्वारा शानदार आर्थिक प्रगति की थी।

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प्रश्न 5.
योजना आयोग के संगठन का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
योजना आयोग की स्थापना 15 मार्च, 1950 को की गई। इसमें एक अध्यक्ष ( प्रधानमन्त्री), एक उपाध्यक्ष, तीन अशंकालीन सदस्य:

  1. केन्द्रीय गृह मन्त्री
  2. केन्द्रीय रक्षामन्त्री
  3. केन्द्रीय वित्तमन्त्री तथा तीन पूर्वकालिक सदस्य होते थे।

प्रश्न 6.
नियोजन के प्रमुख तीन तत्त्व बताइये।
उत्तर:
नियोजन के तीन तत्त्व ये हैं।

  1. उपलब्ध साधनों का सही आकलन
  2. इन साधनों के आर्थिक उपयोग हेतु एक योजना
  3. सभी साधनों का अनुकूलतम प्रयोग।

प्रश्न 7.
स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय भारतीय अर्थव्यवस्था किस प्रकार की थी?
उत्तर:
स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी। इस समय भारतीय अर्थव्यवस्था औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था थी। अंग्रेजों ने भारतीय संसाधनों का इतना बुरी तरह दोहन किया कि भारतीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह खराब हो गई। स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारतीय अर्थव्यवस्था गतिहीन, अर्द्धसामन्ती तथा असन्तुलित अर्थव्यवस्था थी।

प्रश्न 8.
उन कारणों का वर्णन कीजिए जिनकी वजह से सरकार ने उड़ीसा में इस्पात उद्योग स्थापित करने का राजनीतिक निर्णय लेना चाहा।
उत्तर:
इस्पात की विश्वव्यापी माँग बढ़ी तो निवेश के लिहाज से उड़ीसा एक महत्त्वपूर्ण जगह के रूप में उभरा। उड़ीसा में लौह-अयस्क का विशाल भंडार था । उड़ीसा की राज्य सरकार ने लौह-अयस्क की इस अप्रत्याशित माँग को भुनाना चाहा। उसने अंतर्राष्ट्रीय इस्पात निर्माताओं और राष्ट्रीय स्तर के इस्पात – निर्माताओं के साथ सहमति – पत्र पर हस्ताक्षर किए।

प्रश्न 9.
सार्वजनिक क्षेत्र के विस्तार से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
सार्वजनिक क्षेत्रों का निर्माण एवं विस्तार से आशय है। भारी उद्योगों, कोयले तथा तेल की खोज तथा परमाणु ऊर्जा के विकास, अन्य महत्त्वपूर्ण उद्योगों के निर्माण एवं विस्तार का उत्तरदायित्व केन्द्रीय सरकार के पास होना तथा इसके लिए वित्तीय तथा मानव शक्ति संसाधन का प्रबन्ध सरकार द्वारा करना।

प्रश्न 10.
भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की कोई दो समस्याएँ बताइये।
उत्तर:
भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की समस्याएँ हैं।

  1. सार्वजनिक क्षेत्र में लालफीताशाही और नौकरशाही का बोलबाला है, जिस कारण से सार्वजनिक क्षेत्र की कार्यकुशलता निजी क्षेत्र की अपेक्षा बहुत कम है।
  2. भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख समस्या प्रबन्ध व्यवस्था का कुशल न होना है।

प्रश्न 11.
सार्वजनिक क्षेत्र की विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:
सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्न हैं।

  1. सार्वजनिक क्षेत्र में सरकार की समस्त आर्थिक तथा व्यावसायिक गतिविधियाँ शामिल की जाती हैं।
  2. सार्वजनिक क्षेत्र आर्थिक असमानताओं को कम करके आर्थिक समानता की स्थापना का प्रयास करता है।
  3. सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पर पूर्ण रूप से राष्ट्रीय नियन्त्रण होता है। इसमें एकाधिकार की प्रवृत्ति पाई जाती है।

प्रश्न 12.
भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की उत्पत्ति के कोई चार कारण बताइए।
उत्तर:

  1. राज्य ने जनता के कल्याण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की स्थापना की।
  2. बहु-उद्देश्यीय परियोजनाएँ सार्वजनिक क्षेत्र के अन्तर्गत ही स्थापित की जा सकती हैं।
  3. समाजवादी समाज की स्थापना करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र को अपनाना अतिआवश्यक है।
  4. क्षेत्रीय आर्थिक असमानता सार्वजनिक क्षेत्र के उदय का महत्त्वपूर्ण कारण है।

प्रश्न 13.
दक्षिणपंथी विचारधारा क्या है?
उत्तर:
दक्षिणपंथी विचारधारा: इस विचारधारा में उन लोगों या दलों को सम्मिलित किया जाता है जो यह मानते हैं कि खुली प्रतिस्पर्धा और बाजारमूलक अर्थव्यवस्था के द्वारा ही प्रगति हो सकती है अर्थात् सरकार को अर्थव्यवस्था में गैरजरूरी हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए भूतपूर्व स्वतन्त्र पार्टी तथा वर्तमान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को (विशेषकर 1991 की नई आर्थिक नीति के बाद) दक्षिण पंथ की राजनीतिक पार्टियाँ कहा जाता है।

प्रश्न 14.
वामपंथी विचारधारा क्या है?
उत्तर:
वामपंथी विचारधारा प्रायः वामपंथी विचारधारा में उन लोगों व राजनीतिक दलों को सम्मिलित किया जाता है जो साम्यवादी या समाजवादी, माओवादी, लेनिनवादी, नक्सलवादी, प्रजा समाजवादी, फॉरवर्ड ब्लॉक आदि दल स्वयं को इसी विचारधारा के पक्षधर एवं उस पर चलने के लिए कार्यक्रम एवं नीतियाँ बनाते हैं। प्राय: ये गरीब एवं पिछड़े सामाजिक ‘समूह की तरफदारी करते हैं। वे इन्हीं वर्गों को लाभ पहुँचाने वाली सरकारी नीति का समर्थन करते हैं।

JAC Class 12 Political Science Important Questions Chapter 3 नियोजित विकास की राजनीति

प्रश्न 15.
पी. सी. महालनोबिस कौन थे?
उत्तर:
पी. सी. महालनोबिस अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के विख्यात वैज्ञानिक एवं सांख्यिकीविद थे। इन्होंने सन् 1931 में भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना की थी। वे दूसरी पंचवर्षीय योजना के योजनाकार थे तथा तीव्र औद्योगीकरण तथा सार्वजनिक क्षेत्र की सक्रिय भूमिका के समर्थक थे ।

प्रश्न 16.
जे. पी. कुमारप्पा कौन थे?
उत्तर:
जे. पी. कुमारप्पा का जन्म 1892 में हुआ। इनका असली नाम जे. सी. कार्नेलियस था। इन्होंने अमेरिका में अर्थशास्त्र एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट की शिक्षा प्राप्त की। ये महात्मा गाँधी के अनुयायी थे। आजादी के बाद उन्होंने गाँधीवादी आर्थिक नीतियों को लागू करने का प्रयास किया। उनकी कृति ‘इकानॉमी ऑफ परमानैंस’ को बड़ी ख्याति मिली। योजना आयोग के सदस्य के रूप में भी उनको ख्याति प्राप्त हुई।

प्रश्न 17.
हरित क्रान्ति से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
हरित क्रान्ति: हरित क्रान्ति से अभिप्राय कृषि उत्पादन में होने वाली उस भारी वृद्धि से है जो कृषि की नई नीति अपनाने के कारण हुई है। जे. जी. हारर के अनुसार, ” हरित क्रान्ति शब्द 1968 में होने वाले उन आश्चर्यजनक परिवर्तनों के लिए प्रयोग में लाया जाता है, जो भारत के खाद्यान्न उत्पादन में हुआ था तथा अब भी जारी है।”

प्रश्न 18.
भारत में नियोजन की आवश्यकता पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
अथवा
भारत में नियोजित विकास के कारणों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में नियोजन की आवश्यकता मुख्यतः अग्रलिखित कारणों से अनुभव की जाती है।

  1. नियोजन के द्वारा आर्थिक तथा सामाजिक जीवन के विभिन्न अंगों में समन्वय स्थापित करके समाज की उन्नति की जा सकती है।
  2. नियोजन द्वारा सामाजिक एवं आर्थिक न्याय की स्थापना की जा सकती है।
  3. देश में व्याप्त आर्थिक असंतुलन को समाप्त करने तथा राष्ट्रीय आय में वृद्धि करने व लोगों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने की दृष्टि से नियोजन का अत्यधिक महत्त्व समझा गया।
  4. आर्थिक नियोजन का महत्त्व इस दृष्टि से भी था कि समाजवादी लक्ष्यों को प्राप्त किया जाए।
  5. साधनों के उचित प्रयोग, वैज्ञानिक साधनों के प्रयोग तथा राष्ट्रीय पूँजी का सही मात्रा में सदुपयोग की दृष्टि से भी नियोजन की अत्यधिक आवश्यकता थी ।

प्रश्न 19.
भारत में नियोजन के महत्त्व एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में नियोजन का महत्त्व एवं उपयोगिता – भारत में नियोजन के महत्त्व के सम्बन्ध में अग्रलिखित तर्क दिये जा सकते हैं।

  1. नियोजन के अन्तर्गत आर्थिक विकास का दायित्व राज्य ग्रहण कर लेता है तथा एक सामूहिक गतिविधि के रूप में योजनाओं के माध्यम से आर्थिक विकास का प्रारम्भ तथा उसका निर्देशन करता है।
  2. आधुनिक लोककल्याणकारी राज्य में आर्थिक संसाधनों के समानतापूर्ण वितरण में नियोजन की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
  3. नियोजन खुले बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं में अस्थिरता की सम्भावनाओं को दूर करने में सहायक है।
  4. विदेशी व्यापार की दृष्टि से भी नियोजन उपयोगी है। नियोजन से विदेशी व्यापार को अपने देश के हितों की शर्तों पर किया जा सकता है।
  5. प्रभावी नियोजन द्वारा अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।

प्रश्न 20.
भारत में योजना आयोग की स्थापना किस प्रकार हुई? इसके कार्यों के दायरे का उल्लेख कीजिये।
अथवा
योजना आयोग के कार्यों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
योजना आयोग की स्थापना: योजना आयोग की स्थापना सन् 1950 में भारत सरकार ने एक सीधे-सादे प्रस्ताव के द्वारा की। योजना आयोग एक सलाहकारी भूमिका निभाता रहा है। योजना आयोग के कार्य-योजना आयोग के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं।

  1. देश के भौतिक संसाधनों और जनशक्ति का अनुमान लगाना तथा उन संसाधनों की वृद्धि की संभावनाओं का पता लगाना।
  2. देश के संसाधनों के सन्तुलित उपयोग के लिए प्रभावकारी योजना बनाना।
  3. योजना की क्रियान्विति के चरणों का निर्धारण तथा उनके लिए संसाधनों का नियमन करना।
  4. आर्थिक विकास में आने वाली बाधाओं की ओर संकेत करना तथा योजना की सफल क्रियान्विति के लिए उपयुक्त परिस्थिति निर्धारित करना।
  5. योजना की चरणवार प्रगति का अवलोकन करना तथा इस बारे में आवश्यक उपायों की सिफारिश करना।

प्रश्न 21.
राष्ट्रीय विकास परिषद् की रचना तथा उद्देश्य बताएँ।
उत्तर:

  • राष्ट्रीय विकास परिषद् का संगठन: राष्ट्रीय विकास परिषद् के सदस्यों के रूप में निम्नलिखित व्यक्तियों को सम्मिलित किया जाता है।
    1. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय विकास परिषद् का अध्यक्ष होता है।
    2. योजना आयोग के सभी सदस्य।
    3. सभी राज्यों के मुख्यमंत्री तथा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का मुख्यमंत्री या उनका प्रतिनिधि।
  • परिषद् की बैठकों में उन मन्त्रियों को भी बुलाया जाता है, जिनके विभागों के सम्बन्ध में विचार किया जाना है। राष्ट्रीय विकास परिषद् के उद्देश्य
    1. योजना के समर्थन में राष्ट्र के साधनों तथा प्रयत्नों का उपयोग करना और उन्हें शक्तिशाली बनाना।
    2. सभी महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में सामान्य आर्थिक नीतियों की उन्नति करना।
    3. देश के सभी भागों का सन्तुलित विकास सुनिश्चित करना।

प्रश्न 22.
राष्ट्रीय विकास परिषद् के मुख्य कार्य बताइये।
उत्तर:
राष्ट्रीय विकास परिषद् के कार्य: राष्ट्रीय विकास परिषद् के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं।

  1. राष्ट्रीय योजना की प्रगति पर समय-समय पर विचार करना।
  2. राष्ट्रीय विकास को प्रभावित करने वाली आर्थिक तथा सामाजिक नीतियों सम्बन्धी विषयों पर विचार करना।
  3. राष्ट्रीय योजना के निर्धारित लक्ष्यों व उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सुझाव देना।
  4. राष्ट्रीय योजना के निर्माण के लिए तथा इसके साधनों के निर्धारण के लिए पथ-प्रदर्शक सूत्र निश्चित करना।
  5. योजना आयोग द्वारा तैयार की गई राष्ट्रीय योजना पर विचार करना।
  6. राष्ट्रीय विकास को प्रभावित करने वाली सामाजिक तथा आर्थिक नीति के महत्त्वपूर्ण प्रश्नों पर विचार करना।
  7. समय समय पर योजना के कार्यों की समीक्षा करना तथा राष्ट्रीय योजना में प्रतिपादित उद्देश्यों तथा कार्य लक्ष्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक उपायों की सिफारिश करना।

प्रश्न 23.
हरित क्रान्ति की आवश्यकता पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
हरित क्रान्ति की आवश्यकता- 1960 के मध्य भारत को राजनीतिक एवं आर्थिक क्षेत्र में गम्भीर समस्याओं का सामना करना पड़ा। इस काल में चीन तथा पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध, सूखा तथा अकाल, विदेशी मुद्रा संकट तथा खाद्यान्न के भारी संकट का सामना करना पड़ा। खाद्य संकट के कारण सरकार को गेहूँ का आयात करना पड़ा। इन सबने भारतीय नेतृत्व को चिन्ता में डाल दिया कि किस प्रकार इन परिस्थितियों से बाहर निकला जाए।

अतः भारतीय नीति-निर्धारकों ने कृषि उत्पादन में तेजी से वृद्धि करने का निर्णय किया ताकि भारत खाद्यान्न क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन जाए। यहीं से भारत में हरित क्रान्ति की शुरुआत मानी जाती है। हरित क्रान्ति का मुख्य उद्देश्य देश में कृषिगत पैदावार बढ़ाकर भारत को खाद्यान्न क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना था।

प्रश्न 24.
“भारत में स्वतंत्रता से पूर्व ही नियोजन के पक्ष में कुछ उद्योगपति आ गए थे।” इस कथन के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर:
यद्यपि भारत 1947 में आजाद हुआ था परंतु नियोजन के पक्ष में दो या ढाई वर्ष पूर्व ही बातें चलने लगी थीं। 1944 में उद्योगपतियों का एक तबका एकत्र हुआ इस समूह ने देश में नियोजित अर्थव्यवस्था चलाने का एक संयुक्त प्रस्ताव तैयार किया। इसे ‘बॉम्बे प्लान’ की संज्ञा दी गई। ‘बॉम्बे प्लान’ की मंशा थी कि सरकार औद्योगिक तथा अन्य आर्थिक निवेश के क्षेत्र में बड़े कदम उठाए। इस तरह दक्षिणपंथी और वामपंथी दोनों की इच्छा थी कि देश नियोजित अर्थव्यवस्था की राह पर चले। इस कारण भारत के स्वतंत्र होते ही योजना आयोग अस्तित्व में आया। प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष बने। भारत अपने विकास के लिए कौन सा रास्ता और रणनीति अपनाएगा यह फैसला करने में इस संस्था ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा ।

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प्रश्न 25.
प्रथम पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य लिखिए।
उत्तर:
प्रथम पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य – प्रथम पंचवर्षीय योजना के निम्न उद्देश्य हैं।

  1. प्रथम योजना का सर्वप्रथम उद्देश्य द्वितीय विश्वयुद्ध तथा देश के विभाजन के फलस्वरूप देश में जो आर्थिक अव्यवस्था तथा असन्तुलन पैदा हो चुका था उसको ठीक करना था।
  2. दूसरा उद्देश्य देश में सर्वांगीण सन्तुलित विकास प्रारम्भ करना था।
  3. तीसरा उद्देश्य उत्पादन क्षमता में वृद्धि तथा आर्थिक विषमता को यथासम्भव कम करना था।
  4. प्रथम योजना का एक उद्देश्य मुद्रास्फीति के दबाव को भी कम करना था।
  5. यातायात के साधनों में वृद्धि करना।
  6. बड़े पैमाने पर सामाजिक सेवाओं की व्यवस्था पर भी जोर दिया गया था।
  7. राज्यों में कुशल प्रशासकीय मशीनरी की व्यवस्था करना भी इस योजना का मुख्य उद्देश्य था।

प्रश्न 26.
नियोजित विकास के शुरुआती दौर का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
नियोजित विकास के शुरुआती दौर का मूल्यांकन निम्न प्रकार से किया जा सकता है।

  1. भारत के आगामी आर्थिक विकास की बुनियाद इसी दौर में पड़ी।
  2. भारत के इतिहास की कुछ सबसे बड़ी विकास परियोजनाएँ इसी अवधि में शुरू हुईं। इसमें सिंचाई और बिजली  उत्पादन के लिए शुरू की गई। भाखड़ा नांगल और हीराकुंड जैसी विशाल बाँध परियोजनाएँ शामिल हैं।
  3. सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ भारी उद्योग जैसे इस्पात संयंत्र, तेल शोधक कारखाने, विनिर्माता इकाइयाँ, रक्षा उत्पादन आदि इसी अवधि में शुरू हुए।
  4. इस दौर में परिवहन और संचार के आधारभूत ढाँचे में भी काफी वृद्धि हुई।

प्रश्न 27.
नियोजित विकास के शुरुआती दौर के समय भूमि सुधार के लिए किए गए प्रयास का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
नियोजित विकास के शुरुआती दौर में भूमि सुधार के गंभीर प्रयास हुए। इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण और सफल प्रयास जमींदारी प्रथा को समाप्त करने का था। यह प्रथा अंग्रेजी शासन के समय से चली आ रही थी। इस प्रथा को समाप्त करने से जमीन उस वर्ग के हाथ से मुक्त हुई जिसे खेती में कोई दिलचस्पी नहीं थी। इससे राजनीति पर दबदबा कायम रखने की जमींदारों की क्षमता भी घटी। जमीन के छोटे-छोटे टुकड़ों को एक साथ करने के प्रयास किए गए ताकि खेती का काम सुविधाजनक हो सके।

इस बात के लिए भी कानून बनाया गया कि कोई व्यक्ति अधिकतम कितनी भूमि अपने नाम पर रख सकता है। हालाँकि यह कानून सफल नहीं हो पाया। काश्तकारों के लिए भी कानून बना कि जो काश्तकार किसी और की जमीन बटाई पर जोत- बो रहे थे, उन्हें कानूनी सुरक्षा प्रदान की गई। परंतु इस कानून पर शायद ही अमल हुआ।

प्रश्न 28.
पंचवर्षीय योजनाओं के चार प्रमुख उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पंचवर्षीय योजनाओं के उद्देश्य: पंचवर्षीय योजनाओं के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं।

  1. आर्थिक संवृद्धि: आर्थिक संवृद्धि से अभिप्राय निरंतर सकल घरेलू उत्पाद तथा प्रति सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि है। लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए आर्थिक संवृद्धि (अधिक वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन करना) आवश्यक है।
  2. आधुनिकीकरण: उत्पादन में नई तकनीक का प्रयोग तथा सामाजिक दृष्टिकोण में परिवर्तन को आधुनिकीकरण कहते हैं। अतः आधुनिकीकरण लाना पंचवर्षीय योजनाओं का मुख्य उद्देश्य है।
  3. आत्मनिर्भरता: आत्मनिर्भरता से अभिप्राय उन वस्तुओं के आयात से बचना है जिनका उत्पादन देश के अन्दर किया जाता है। पंचवर्षीय योजनाओं में इसी उद्देश्य को पूर्ण करने का प्रयास किया गया है।
  4. न्याय या समानता: सम्पत्ति व आय की विषमता को कम कर प्रत्येक के लिए आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था करना भी पंचवर्षीय योजनाओं के प्रमुख उद्देश्यों में शामिल है।

प्रश्न 29.
हरित क्रांति के विषय में कौन-कौनसी आशंकाएँ थीं? क्या यह आशंकाएँ सच निकलीं?
उत्तर:
सामान्यतः हरित क्रान्ति के विषय में दो भ्रान्तियाँ थीं।

  1. हरित क्रान्ति से अमीरों तथा गरीबों में विषमता बढ़ जायेगी क्योंकि बड़े जमींदार ही इच्छित अनुदानों का क्रय कर सकेंगे और उन्हें ही हरित क्रांति का लाभ मिलेगा और वे और अधिक धनी हो जायेंगे। निर्धनों को हरित क्रान्ति से कोई लाभ प्राप्त नहीं होगा।
  2. उन्नत बीज वाली फसलों पर जीव-जन्तु आक्रमण करेंगे। दोनों भ्रांतियाँ सच नहीं हुईं क्योंकि सरकार ने छोटे किसानों को निम्न ब्याज दर पर ऋणों की व्यवस्था की और रासायनिक खादों पर आर्थिक सहायता दी ताकि वे उन्नत बीज तथा रासायनिक खाद सरलता से खरीद सकें और उनका उपयोग कर सके। जीव-जन्तुओं के आक्रमणों को भारत सरकार द्वारा स्थापित अनुसंधान संस्थाओं की सेवाओं द्वारा कम कर दिया गया।

प्रश्न 30.
मिश्रित अर्थव्यवस्था का अर्थ तथा विशेषताएँ बताइये
उत्तर:
मिश्रित अर्थव्यवस्था का अर्थ भारत ने विकास के लिए पूँजीवादी मॉडल और समाजवादी मॉडल दोनों ही मॉडल की कुछ एक बातों को ले लिया और अपने देश में उन्हें मिले-जुले रूप में लागू किया । इसी कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को मिश्रित अर्थव्यवस्था कहा जाता है। मिश्रित अर्थव्यवस्था की विशेषताएँ।

  1. इसमें खेती, किसानी, व्यापार और उद्योगों का एक बड़ा भाग निजी क्षेत्र के हाथों में रहा।
  2. राज्य ने अपने हाथ में भारी उद्योग रखे और उसने आधारभूत ढाँचा प्रदान किया।
  3. राज्य ने व्यापार का नियमन किया तथा कृषि क्षेत्र में कुछ बड़े हस्तक्षेप किये।

प्रश्न 31.
मिश्रित अर्थव्यवस्था के मॉडल की क्या-क्या आलोचनाएँ की गईं?
उत्तर:
भारत में अपनाये गये विकास के मिश्रित अर्थव्यवस्था के मॉडल की दक्षिणपंथी और वामपंथी दोनों खेमों ने आलोचनाएँ कीं। यथा

  1. योजनाकारों ने निजी क्षेत्र को पर्याप्त जगह नहीं दी है और न ही निजी क्षेत्र के बढ़वार के लिए कोई उपाय किया गया है।
  2. विशाल सार्वजनिक क्षेत्र ने ताकतवर निहित स्वार्थों को खड़ा किया है और इन न्यस्त हितों ने निवेश के लिए लाइसेंस तथा परमिट की प्रणाली खड़ी करके निजी पूँजी की राह में रोड़े अटकाए हैं।
  3. सरकार ने अपने नियंत्रण में जरूरत से ज्यादा चीजें रखीं। इससे भ्रष्टाचार और अकुशलता बढ़ी है।
  4. सरकार ने केवल उन्हीं क्षेत्रों में हस्तक्षेप किया जहाँ निजी क्षेत्र जाने को तैयार नहीं थे । इस तरह सरकार ने निजी क्षेत्र को मुनाफा कमाने में मदद की।

प्रश्न 32.
योजना आयोग का गठन किन कारणों से किया गया था? क्या वह अपने गठन के उद्देश्य में सफल रहा?
उत्तर:
योजना आयोग का गठन:

  • भारत में योजना आयोग का गठन 15 मार्च, 1950 को किया गया। इसका गठन निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया गया था।
    1. पूर्ण रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना,
    2. गरीबी का उन्मूलन करना,
    3. सामाजिक समानता की स्थापना करना,
    4. उपलब्ध संसाधनों का उचित प्रयोग करना,
    5. संतुलित क्षेत्रीय विकास करना तथा
    6. राष्ट्रीय आय और प्रति व्यक्ति आय बढ़ाना। लेकिन योजना आयोग अपने गठन के उद्देश्यों में पूर्णतः सफल नहीं हुआ है।
  • वह अपने उद्देश्यों में आंशिक रूप से भी सफल हुआ है क्योंकि:
    1. बेरोजगारी की समस्या अभी भी बनी हुई है।
    2. देश में गरीबी विद्यमान है।
    3. गरीब और गरीब हुआ है तथा अमीर और अमीर बना है। अतः सामाजिक असमानता कम होने के स्थान पर बढ़ी है।
    4. देश में क्षेत्रीय विकास संतुलित न होकर असंतुलित हुआ है।

प्रश्न 33.
स्वतंत्रता के बाद भूमि सुधार हेतु सरकार द्वारा क्या प्रयास किये गये?
उत्तर:
स्वतंत्रता के बाद भूमि सुधार हेतु निम्नलिखित प्रयास किये गये।

  1. जमींदारी प्रथा की समाप्ति: भूमि सुधार सम्बन्धी सबसे महत्त्वपूर्ण प्रयास जमींदारी प्रथा को समाप्त करने का था। जमींदारी प्रथा को समाप्त करने से जमीन उस वर्ग के हाथ से मुक्त हुई जिसे कृषि में कोई दिलचस्पी नहीं थी।
  2. चकबन्दी: जमीन के छोटे-छोटे टुकड़ों को एक-साथ करने के प्रयास किए गए ताकि खेती का काम सुविधाजनक हो सके।
  3. जोत की अधिकतम सीमा का निर्धारण: भूमि सुधार हेतु इस बात के कानून बनाए गए कि कोई व्यक्ति अधिकतम कितनी भूमि अपने पास रख सकता है। लेकिन जिनके पास सीमा से अधिक जमीन थी, उन्होंने इन कानून से बचने के रास्ते खोज लिये।
  4. बटाईदार/ किरायेदार काश्तकार को सुरक्षा: जो काश्तकार किसी और की जमीन बटाई पर जोत- बो रहे थे, उन्हें भी ज्यादा कानूनी सुरक्षा प्रदान की गई, लेकिन इस पर शायद ही कहीं अमल हुआ।

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प्रश्न 34.
उड़ीसा में किसका भंडार है? इससे संबंधित उद्योग लगाने पर आदिवासी, पर्यावरणविदों तथा केन्द्र सरकार को किस बात का भय था?
उत्तर:
उड़ीसा में लौह-अयस्क का भंडार है। लौह-अयस्क के ज्यादातर भंडार उड़ीसा के सर्वाधिक अविकसित. इलाकों में है। खासकर इस राज्य के आदिवासी बहुल जिलों में। आदिवासियों को डर है अगर यहाँ उद्योग लग गए तो उन्हें अपने घर से बार-बार विस्थापित होना पड़ेगा और आजीविका भी छिन जाएगी। पर्यावरणविदों को इस बात का भय है कि खनन और उद्योग से पर्यावरण प्रदूषित होगा। केन्द्र सरकार को भय है कि यदि उद्योग लगाने की अनुमति नहीं दी गई, तो इससे एक बुरी मिसाल कायम होगी और देश में पूँजी निवेश को बाधा पहुँचेगी।

प्रश्न 35.
योजना आयोग पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखो।
उत्तर:
योजना आयोग संविधान द्वारा स्थापित आयोग है, जो दूसरे निकायों से भिन्न है। योजना आयोग की स्थापना मार्च, 1950 में, भारत सरकार ने एक सीधे-सादे प्रस्ताव के जरिए की। यह आयोग एक सलाहकार की भूमिका निभाता है और इसकी सिफारिशें तभी प्रभावकारी हो पाती हैं जब मंत्रिमंडल उन्हें मंजूर करे।

प्रश्न 36.
आर्थिक नीति किसी समाज की वास्तविक राजनीतिक स्थिति का अंग होती है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नियोजित विकास के शुरुआती दौर के समय भूमि सुधार के लिए कुछ नियम-कायदे बनाए गए। परंतु कृषि की बेहतरी और खेतिहर जनता की भलाई से जुड़ी इन नीतियों को ठीक और कारगर तरीके से अमल में ला पाना इतना आसान नहीं था। यह तभी संभव था जब ग्रामीण भूमिहीन जनता लामबंद हो परन्तु भू-स्वामी बहुत ताकतवर थे। इनका राजनीतिक रसूख भी होता था। इस वजह से भूमि सुधार के अनेक प्रस्ताव या तो कानून का रूप नहीं ले सके या कानून बनने पर मात्र कागज की शोभा बढ़ाते रहे। इस प्रकार हमें यह पता चलता है कि आर्थिक नीति किसी समाज की वास्तविक राजनीतिक स्थिति का अंग होती है।

प्रश्न 37.
श्वेत क्रांति पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
गुजरात एक ‘आणंद’ नामक शहर है। सहकारी दूध उत्पादन का आंदोलन अमूल इसी शहर में कायम है। इसमें गुजरात के 25 लाख दूध उत्पादक जुड़े हैं। ग्रामीण विकास और गरीबी उन्मूलन के लिहाज से ‘अमूल’ अपने आप में एक अनूठा और कारगर मॉडल है। इसी मॉडल के विस्तार को श्वेत क्रांति के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 38.
‘ऑपरेशन फ्लड’ के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
1970 में ‘ऑपरेशन फ्लड’ के नाम से एक ग्रामीण विकास कार्यक्रम शुरू हुआ था। इसके अंतर्गत सहकारी दूध: उत्पादकों को उत्पादन और विपणन के एक राष्ट्रव्यापी तंत्र से जोड़ा गया। हालाँकि यह कार्यक्रम मात्र डेयरी – कार्यक्रम नहीं था। इस कार्यक्रम में डेयरी के काम को विकास के एक माध्यम के रूप में अपनाया गया था ताकि ग्रामीण लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हों, उनकी आमदनी बढ़े और गरीबी दूर हो। इन कार्यक्रमों के कारण सहकारी दूध उत्पादकों की सदस्य संख्या लगातार बढ़ रही है। सदस्यों में महिलाओं की संख्या भी बढ़ी है। महिला सहकारी डेयरी के जमातों में भी इजाफा हुआ है।

प्रश्न 39.
हरित क्रांति के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:

  • हरित क्रांति के सकारात्मक प्रभाव निम्नलिखित हैं।
    1. हरित क्रांति से खेतिहर पैदावार में सामान्य किस्म का इजाफा हुआ।
    2. देश में खाद्यान्न की उपलब्धता में वृद्धि हुई।
    3. हरित क्रांति के कारण देश में मंझोले दर्जे के किसानों यानी मध्यम श्रेणी के भू-स्वामित्व वाले किसानों का उभार हुआ और देश के अनेक हिस्सों में ये प्रभावशाली बनकर उभरे।
  • हरित क्रांति के नकारात्मक प्रभाव निम्नलिखित हैं।
    1. समाज के विभिन्न वर्गों और देश के अलग-अलग इलाकों के बीच ध्रुवीकरण तेज हुआ।
    2. पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे इलाके कृषि के लिहाज से समृद्ध हो गए जबकि बाकी इलाके खेती के लिहाज से पिछड़ गए।
    3. गरीब किसानों और भू-स्वामियों के बीच का अंतर मुखर हो उठा। इससे देश के विभिन्न हिस्सों में वामपंथी संगठनों के लिए गरीब किसानों को लामबंद करने के लिहाज से अनुकूल स्थिति पैदा हुई।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
नियोजन का अर्थ बताइये तथा उसके उद्देश्यों का विवेचन कीजिए।
अथवा
नियोजन से आप क्या समझते हैं? भारत में नियोजन के उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारतीय योजना आयोग ने नियोजन को परिभाषित करते हुए लिखा है कि “नियोजन साधनों के संगठन की एक विधि है जिसके माध्यम से साधनों का अधिकतम लाभप्रद उपयोग निश्चित सामाजिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाता है। ” नियोजन के उद्देश्य
कराना। भारत में नियोजन के उद्देश्य निम्नलिखित हैं।

  1. पूर्ण रोजगार: भारत में बेरोजगारी की समस्या को दूर कर लोगों को पूर्ण रोजगार के अवसर उपलब्ध
  2. गरीबी का उन्मूलन: निर्धनता निवारण हेतु व्यक्ति की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति व जीविकोपार्जन के साधन उपलब्ध कराना।
  3. सामाजिक समानता की स्थापना करना: धन के समान वितरण द्वारा सामाजिक समानता की स्थापना करना।
  4. उपलब्ध संसाधनों का उचित प्रयोग: सामाजिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम लाभप्रद उपयोग निश्चित करना।
  5. सन्तुलित क्षेत्रीय विकास: विकास सम्बन्धी क्षेत्रीय असन्तुलन को दूर कर सन्तुलित क्षेत्रीय विकास करना।
  6. राष्ट्रीय आय व प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोत्तरी करना: राष्ट्रीय आय व प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि करना।
  7. सामाजिक उद्देश्य: वर्ग रहित समाज की स्थापना करना।

इस प्रकार नियोजन आधुनिक युग की नूतन प्रवृत्ति है। इसके अभाव में राष्ट्र सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक क्षेत्र में प्रगति नहीं कर सकता।

प्रश्न 2.
भारत में नियोजन के विकास का प्रारम्भ किस प्रकार हुआ है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
I. भारत में नियोजन के विकास का प्रारम्भ: भारत में नियोजन के प्रारम्भ का विवेचन मोटे रूप से निम्नलिखित दो बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है। स्वतन्त्रता से पूर्व भारत में नियोजन व विकास-

  1. भारत में पहली बार नियोजित विकास का विचार श्री एम. विश्वेश्वरैया ने सन् 1934 में अपनी पुस्तक ‘भारत के लिए नियोजित अर्थव्यवस्था’ में प्रतिपादित किया।
  2. सन् 1938 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पं. जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में भारत में नियोजन व विकास के संदर्भ में एक समिति गठित की। इस समिति ने अनेक प्रस्तावों की रूपरेखा तैयार की।
  3. सन् 1944 में देश के प्रमुख उद्योगपतियों ने देश के आर्थिक विकास के लिए बम्बई योजना नामक एक योजना तैयार की तथा श्री एम. एन. राय ने भी एक दस वर्षीय योजना ‘जनता योजना’ तैयार की।
  4. अगस्त, 1944 में तत्कालीन भारत सरकार ने भारत के पुनर्निर्माण हेतु एक दीर्घावधि की तथा एक अल्पावधि की दो योजनाएँ तैयार कीं।
  5. सन् 1946 में गठित एक आयोग ने भारत के विकास के लिए केन्द्रीय स्तर पर एक योजना आयोग के गठन का सुझाव दिया।

II. स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत में नियोजन व विकास तथा योजना आयोग की स्थापना: स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् 15 मार्च, 1950 को पण्डित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा पारित एक प्रस्ताव के आधार पर योजना आयोग का गठन किया गया।

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प्रश्न 3.
पहले दो दशकों में भारत के नेताओं ने कौनसी रणनीति अपनाई और उन्होंने ऐसा क्यों किया? विकास की रणनीति
उत्तर:
भारत के योजना आयोग ने विकास के लिए पंचवर्षीय योजनाओं का विकल्प चुना। इस योजना के अनुसार केन्द्र सरकार और सभी राज्य सरकारों के बजट को दो हिस्सों में बाँटा गया। एक हिस्सा गैर योजना व्यय का था। इसके अन्तर्गत सालाना आधार पर दैनंदिन मदों पर खर्च करना था। दूसरा हिस्सा योजना- व्यय का था। योजना में तय की गई प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए इसे पांच साल की अवधि में व्यय करना था।

  • प्रथम पंचवर्षीय योजना:
    1. इस योजना में ज्यादा जोर कृषि – क्षेत्र पर था। इसके अंतर्गत बांध और सिंचाई के क्षेत्र में निवेश किया गया। क्योंकि विभाजन के कारण कृषि क्षेत्र को गहरी मार लगी थी।
    2. इस योजना में भूमि सुधार पर भी जोर दिया गया।
    3. योजनाकारों का बुनियादी लक्ष्य राष्ट्रीय आय के स्तर को ऊँचा करने का था। यह तभी संभव था जब लोगों की बचत हो। इसलिए बचत को बढ़ावा देने की कोशिश की गई।
  • द्वितीय पंचवर्षीय योजना:
    1. इस योजना में भारी उद्योगों के विकास पर जोर दिया गया क्योंकि तेज गति से संरचनात्मक बदलाव का लक्ष्य रखा गया था।
    2. बिजली, रेलवे, इस्पात, मशीनरी, संचार आदि उद्योगों को सार्वजनिक क्षेत्र में विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ाया गया।
    3. सरकार ने देशी उद्योगों को संरक्षण देने के लिए आयात पर भारी शुल्क लगाया।

प्रश्न 4.
भारत में प्रारंभिक विकास की रणनीतियों पर उठे किन्हीं दो मुद्दों की विवेचना कीजिये।
उत्तर:
प्रारंभिक दौर के विकास में जो रणनीतियाँ अपनाई गईं उन पर अनेक मुद्दे उठे उनमें से दो प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित थे।

  • कृषि बनाम उद्योग: इस संबंध में मुख्य मुद्दा यह उठा कि भारत जैसी अर्थव्यवस्था में कृषि और उद्योग के बीच किसमें ज्यादा संसाधन लगाये जाने चाहिए। यथा-
    1. कुछ लोगों का कहना था कि दूसरी योजना में उद्योगों पर ज्यादा जोर देने के कारण खेती और ग्रामीण इलाकों को चोट पहुँची। इसलिए उन्होंने ग्रामीण औद्योगीकरण तथा कृषि पर बल दिया।
    2. कुछ का सोचना था कि औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर को तेज किये बगैर गरीबी के मकड़जाल से छुटकारा नहीं मिल सकता।
  • (2) निजी क्षेत्र बनाम सार्वजनिक क्षेत्र – भारत द्वारा विकास के लिये अपनायी गयी मिश्रित अर्थव्यवस्था के सम्बन्ध में निजी व सार्वजनिक क्षेत्र सम्बन्धी ये मुद्दे उठे।
    1. योजनाकारों ने निजी क्षेत्र को पर्याप्त जगह नहीं दी है और न ही निजी क्षेत्र के बढ़वार के लिए कोई उपाय किया गया है।
    2. विशाल सार्वजनिक क्षेत्र ने ताकतवर निहित स्वार्थों के हितों के निवेश के लिए लाइसेंस तथा परमिट की प्रणाली खड़ी करके निजी पूँजी की राह में रोड़े अटकाए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार और अकुशलता भी बढ़ी है।
    3. सरकार ने शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र की उपेक्षा की है तथा निजी क्षेत्र को मुनाफा कमाने में मदद की है।

प्रश्न 5. भारत
में सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका एवं महत्त्व का विवेचन कीजिए।
उत्तर:
भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका एवं महत्त्व: भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका व इसके महत्त्व को निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है।

  1. समाजवादी समाज की स्थापना: आर्थिक असमानता को कम करके समाजवादी समाज की स्थापना के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम महत्त्वपूर्ण हैं ।
  2. सन्तुलित आर्थिक विकास में सहायक: सार्वजनिक उद्यम पिछड़े क्षेत्रों के तीव्र विकास करने व पिछड़े तथा सम्पन्न राज्यों के बीच खाई को पाटने में सहायक हैं।
  3. सामरिक (सुरक्षा) उद्योगों के लिए महत्त्वपूर्ण: नागरिकों की सुरक्षा हेतु विश्वसनीय हथियारों का निर्माण निजी क्षेत्र को न सौंपकर सार्वजनिक क्षेत्र को सौंपना अधिक उपयोगी है।
  4. लोककल्याणकारी योजनाओं को लागू करने की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण कुछ मूलभूत जन उपयोगी सेवाएँ, जैसे पानी, बिजली, परिवहन, स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा तथा कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने की दृष्टि से सार्वजनिक क्षेत्र ही उपयोगी है।
  5. अर्थव्यवस्था पर नियन्त्रण: अर्थव्यवस्था को उतार-चढ़ावों से बचाने के लिए तथा इसको नियमित रखने के लिए सरकारी नियन्त्रण आवश्यक है।
  6.  विदेशी सहायता: विदेशी सहायता की प्राप्ति के लिए भी सार्वजनिक क्षेत्र महत्त्वपूर्ण है।
  7. प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा: सार्वजनिक क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों का जनहित में विवेकपूर्ण ढंग से विदोहन संभव होता है
  8. रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना: ये उद्योग बेरोजगारी को दूर करने में सहायता प्रदान करते हैं।
  9. निर्यात को प्रोत्साहन: सार्वजनिक क्षेत्र देश के निर्यात को बढ़ाने में बहुत सहायक सिद्ध हुआ. है।
  10. सहायक उद्योगों का विकास: सार्वजनिक क्षेत्र ने सहायक उद्योगों के विकास में सहायता प्रदान की है।

प्रश्न 6.
देश की स्वतंत्रता के पश्चात् विकास के स्वरूप में और इससे जुड़े नीतिगत निर्णयों के बारे में किस सीमा तक टकराव था? क्या यह टकराव आज भी जारी है विस्तार से समझाइये।
उत्तर:
भारत 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ। आजादी के बाद अपने देश में ऐसे कई फैसले लिए गए जिससे सामाजिक समूह का हित सधे। इनमें से कोई भी फैसला बाकी फैसलों से मुँह फेरकर नहीं लिया जा सकता था। सारे फैसले आपस में आर्थिक विकास के एक मॉडल या विजन से बँधे हुए थे। लगभग सभी इस बात पर सहमत थे कि भारत के विकास का अर्थ आर्थिक संवृद्धि और आर्थिक-सामाजिक न्याय दोनों ही हैं। इस बात पर भी सहमति थी कि इस मामले को व्यवसायी, उद्योगपति और किसानों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता।

सरकार को इस मसले में प्रमुख भूमिका निभानी थी। यद्यपि आर्थिक संवृद्धि हो और सामाजिक न्याय मिले इसे सुनिश्चित करने के लिए सरकार कौन सी भूमिका निभाए? इस सवाल पर मतभेद थे। क्या कोई ऐसा केन्द्रीय संगठन जरूरी है जो पूरे देश के लिए योजना बनाएं? क्या सरकार को कुछ महत्त्वपूर्ण उद्योग और व्यवसाय खुद चलाने चाहिए? अगर सामाजिक न्याय आर्थिक संवृद्धि की जरूरतों के आड़े आता हो तो ऐसी सूरत में सामाजिक न्याय पर कितना जोर देना उचित होगा?

इनमें से प्रत्येक सवाल पर टकराव हुए जो आज तक जारी है। जो फैसले लिए गए उनके राजनीतिक परिणाम सामने आए। इनमें से अधिकतर मसलों पर राजनीतिक रूप से कोई फैसला लेना ही था और इसके लिए राजनीतिक दलों से सलाह-मशविरा करना जरूरी था, साथ ही जनता की स्वीकृति भी हासिल करनी थी।

प्रश्न 7.
भारत में विकास की प्रारंभिक रणनीति की मुख्य उपलब्धियाँ क्या रहीं और इसकी सीमाएँ क्या थीं? विकास की रणनीति की उपलब्धियाँ नियोजित विकास की प्रारंभिक रणनीतियों की अग्र प्रमुख उपलब्धियाँ रहीं।
उत्तर:

  • आर्थिक विकास की नींव की स्थापना- विकास के इस दौर में भारत के आगामी आर्थिक विकास की नींव पड़ी। यथा
    1. भारत के इतिहास की कुछ सबसे बड़ी विकास परियोजनाएँ इसी अवधि में शुरू हुईं।
    2. सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ भारी उद्योग, जैसे- इस्पात संयंत्र, तेल शोधक कारखाने, विनिर्माता इकाइयाँ, रक्षा- उत्पादन आदि इसी अवधि में शुरू हुए।
    3. इस दौर में परिवहन और संचार के आधारभूत ढाँचे में भी काफी इजाफा हुआ।
  • भूमि सुधार: इस अवधि में जमींदारी प्रथा की समाप्ति, चकबन्दी, अधिकतम भूमि सीमा का निर्धारण आदि भूमि सुधार के गंभीर प्रयास किये गये।
  • हरित क्रांति: सरकार ने खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कृषि की एक नई रणनीति अपनायी इसके अन्तर्गत समृद्ध तथा सिंचाई सुविधा क्षेत्र के किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि अनुदानित मूल्य पर मुहैया कराये तथा उनकी उपज को एक निर्धारित मूल्य पर खरीद लिया। इसे हरित क्रांति कहा गया। इससे उत्पादन में वृद्धि हुई तथा मझोले दर्जे के किसानों का उभार हुआ।

प्रारंभिक रणनीति की सीमाएँ: विकास की इस प्रारंभिक रणनीति की निम्नलिखित सीमाएँ रहीं।

  1. भूमि सुधार के अनेक प्रस्ताव या तो कानून का रूप नहीं ले सके या उनका उचित क्रियान्वयन नहीं हो सका।
  2. हरित क्रांति के दौर में धनी किसानों और बड़े भू-स्वामियों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ और गरीब किसानों बड़े भूस्वामियों के बीच का अन्तर बढ़ा।
  3. इससे पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्र ही समृद्ध हुए।

JAC Class 12 Political Science Important Questions Chapter 3 नियोजित विकास की राजनीति

प्रश्न 8.
हरित क्रांति क्या थी? हरित क्रान्ति के दो सकारात्मक और दो नकारात्मक परिणामों की परीक्षा कीजिए।
अथवा
हरित क्रांति क्या है? हरित क्रान्ति के सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलू बताइये।
अथवा
हरित क्रान्ति से क्या अभिप्राय है? हरित क्रान्ति के प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
अथवा
हरित क्रान्ति किसे कहते हैं? इसकी सफलता के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
हरित क्रान्ति का अर्थ- हरित क्रांति से अभिप्राय कृषिगत उत्पादन की तकनीक को सुधारने तथा कृषि उत्पादन में वृद्धि करने से है। इसके तीन तत्त्व थे।

  1. कृषि का निरन्तर विस्तार
  2. दोहरी फसल लेना तथा
  3. अच्छे बीजों का तथा आधुनिक कृषि पद्धति का प्रयोग।

हरित क्रान्ति के सकारात्मक प्रभाव
अथवा
हरित क्रान्ति की सफलता के विभिन्न पक्ष

  • भारत में हरित क्रान्ति के सकारात्मक परिणाम सामने आये, जो इस प्रकार हैं।
    1. उत्पादन में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई: हरित क्रान्ति के प्रभावस्वरूप कृषिगत उत्पादन में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई जिससे भारत गेहूँ आयात करने के स्थान पर निर्यात करने की स्थिति में आ गया।
    2. औद्योगिक विकास को बढ़ावा: इससे औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिला क्योंकि अच्छे बीजों, अधिक पानी, खाद तथा कृत्रिम यन्त्रों के लिए उद्योग लगाए गए।
    3. बुनियादी ढाँचे का विकास: हरित क्रान्ति के परिणामस्वरूप भारत में बुनियादी ढाँचे में उत्साहजनक विकास देखने को मिला।
    4. जलविद्युत शक्ति को बढ़ावा: बाँधों द्वारा संचित किए गये पानी का जलविद्युत शक्ति के उत्पादन में प्रयोग किया गया।
    5. किसानों में संगठनात्मक एकता जागृत हुई- हरित क्रांति के परिणामस्वरूप भारतीय किसानों में संगठनात्मक एकता जागृत हुई तथा किसानों में राजनैतिक चेतना आई।
  • हरित क्रांति के नकारात्मक प्रभाव।
    1. हरित क्रांति ने निर्धन और छोटे किसानों तथा धनी जमीदारों के बीच की खाई को बहुत गहरा कर दिया।
    2. इससे पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तरप्रदेश जैसे क्षेत्र कृषि की दृष्टि से समृद्ध हो गये जबकि शेष इलाकों में कृषि पिछड़ी रही।

प्रश्न 9.
खाद्य संकट के बारे में विस्तारपूर्वकं लिखिए।
उत्तर:
1960 के दशक में कृषि की दशा बद से बदतर होती गई। 1940 और 1950 के दशक में ही खाद्यान्न के उत्पादन की वृद्धि दर, जनसंख्या की वृद्धि दर से जैसे-तैसे अपने को ऊपर रख पाई थी। 1965 से 1967 के बीच देश अनेक हिस्सों में सूखा पड़ा। इसी समय में भारत ने दो युद्धों का सामना किया और उसे विदेशी मुद्रा के संकट को भी झेलना पड़ा। इन सारी बातों के कारण खाद्यान्न की भारी कमी हो गई।

देश के अनेक भागों में अकाल जैसी स्थिति आन पड़ी। बिहार में खाद्यान्न संकट सबसे ज्यादा विकराल था। यहाँ स्थिति लगभग अकाल जैसी हो गई थी। बिहार के सभी जिलों में खाद्यान्न का अभाव बड़े पैमाने पर था। इस राज्य के 9 जिलों में अनाज की पैदावार सामान्य स्थिति की तुलना में आधी से भी कम थी।

इनमें से पाँच जिले अपनी सामान्य पैदावार की तुलना में महज एक-तिहाई ही अनाज उपजा रहे थे। खाद्यान्न के अभाव में कुपोषण बड़े पैमाने पर फैला और इसने गंभीर रूप धारण किया। 1967 में बिहार की मृत्यु दर पिछले साल की तुलना में 34 प्रतिशत बढ़ गई थी। इन वर्षों के दौरान बिहार में उत्तर भारत के अन्य राज्यों की तुलना में खाद्यान्न की कीमतें भी बढ़ीं। अपेक्षाकृत समृद्ध पंजाब की तुलना में गेहूँ और चावल बिहार में दो गुने अथवा उससे भी ज्यादा दामों में बिक रहे थे। सरकार ने उस वक्त ‘ज़ोनिंग’ या ‘इलाकाबंदी’ की नीति अपना रखी थी। इसी वजह से विभिन्न राज्यों के बीच व्यापार बंद था।

इस नीति के कारण उस वक्त बिहार में खाद्यान्न की उपलब्धता में भारी मात्रा में गिरावट आई। ऐसी दशा में समाज के सबसे गरीब तबके पर सबसे ज्यादा असर पड़ा। खाद्य संकट के कई परिणाम हुए। सरकार को गेहूँ का आयात करना पड़ा और विदेशी मदद भी स्वीकार करनी पड़ी। अब योजनाकारों के सामने पहली प्राथमिकता यह थी कि किसी भी तरह खाद्यान्न के मामले में भारत आत्मनिर्भर बने। पूरी योजना-प्रक्रिया और इससे जुड़ी आशा तथा गर्वबोध को इन बातों से धक्का लगा।

प्रश्न 10.
हरित क्रांति की आवश्यकता क्यों पड़ी? इसके परिणाम लिखिए ।
उत्तर- खाद्यान्न संकट के कारण देश पर बाहरी दबाव पड़ने की आशंका बढ़ गई थी। भारत विदेशी खाद्य सहायता पर निर्भर होने लगा था, खासकर संयुक्त राज्य अमरीका के। संयुक्त राज्य अमरीका ने इसकी एवज में भारत पर अपनी आर्थिक नीतियों को बदलने के लिए दबाव डाला। सरकार ने खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कृषि की नई रणनीति अपनाई। जो इलाके अथवा किसान खेती के मामले में पिछड़े हुए थे, सरकार ने उनको ज्यादा सहायता देने की रणनीति अपनाई। परंतु कुछ समय पश्चात् इस नीति को छोड़ दिया गया।

सरकार ने अब उन इलाकों पर ज्यादा संसाधन लगाने का फैसला किया जहाँ सिंचाई की सुविधा मौजूद थी और जहाँ किसान समृद्ध थे। इस नीति के पक्ष में यह तर्क दिया गया कि जो पहले से ही सक्षम है वह कम समय में उत्पादन की रफ्तार को बढ़ाने में सहायक होंगे। सरकार ने उच्च गुणवत्ता के बीज, उर्वरक, कीटनाशक और बेहतर सिंचाई सुविधा बड़े अनुदानित मूल्य पर उपलब्ध कराना शुरू किया। सरकार ने इस बात का भी आश्वासन दिया कि उपज को एक निर्धारित मूल्य पर खरीदा जाएगा। यही परिघटना ‘हरित क्रांति’ के नाम से जानी गई।

हरित क्रांति के परिणाम: इस प्रक्रिया में धनी किसानों और बड़े भू-स्वामियों को अधिक फायदा हुआ। हरि क्रांति से खेतिहर पैदावार में सामान्य किस्म का इजाफा हुआ और देश में खाद्यान्न की उपलब्धता में वृद्धि हुई। यद्यपि इसके कारण समाज के विभिन्न वर्गों और देश के अलग-अलग इलाकों के बीच ध्रुवीकरण तेज हुआ। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तरप्रदेश जैसे इलाकों के किसान समृद्ध हो गए जबकि बाकी इलाके खेती के मामले में पिछड़ गए।

हरि क्रांति के कारण गरीब किसानों और भू-स्वामियों के बीच का अंतर मुखर हो उठा। इससे देश के विभिन्न हिस्सों में वामपंथी संगठनों के लिए गरीब किसानों को लामबंद करने के लिहाज से अनुकूल स्थिति पैदा हुई। हरित क्रांति की वजह से कृषि में मध्यम दर्जे के किसानों का उभार हुआ । इन्हें बदलावों का फायदा हुआ था और ये देश के अनेक हिस्सों में ताकतवर बनकर उभरे

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JAC Board Class 9 Hindi Rachana संवाद-लेखन

दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच होने वाली आपसी बातचीत को संवाद कहते हैं। संवादों के माध्यम से केवल शब्दों का ही आदानप्रदान नहीं होता बल्कि उनका प्रयोग करने वालों के चेहरे पर तरह – तरह के हाव – भाव भी प्रकट होते हैं, जो संवादों में प्रयुक्त किए जाने वाले शब्दों के आरोह – अवरोह को नाटकीय ढंग से स्वाभाविकता प्रदान करते हैं।

संवादों के बिना दो लोगों के बीच बातचीत गति नहीं पकड़ सकती। संवादहीनता की स्थिति तो जड़ अवस्था को जन्म देती है। सामान्य बातचीत, लड़ाई – झगड़ा, हँसी – मज़ाक, प्रेम – घृणा, वाद – विवाद आदि सभी संवादों के सहारे ही पूरे होते हैं। संवादों में अनेक गुण होने चाहिए ताकि उनसे दूसरों को मनचाहे ढंग से प्रभावित किया जा सके या उन पर वही प्रभाव डाला जा सके जो हम डालना चाहते हैं। संवादों में निम्नलिखित विशेषताएँ होनी चाहिए –

संवाद स्वाभाविक होने चाहिए।
उनकी भाषा अति सरल, सरस, भावपूर्ण और प्रवाहमयी होनी चाहिए।
उनमें जहाँ कहीं संभव हो वहाँ विराम – चिहनों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
उनकी लंबाई अधिक नहीं होनी चाहिए। छोटे संवाद स्वाभाविक और सहज होते हैं। लंबे संवाद भाषण का बोध कराते हैं।
भाषा में भावों के अनुरूप चुटीलापन, पैनापन, स्पष्टता और सहजता होनी चाहिए।
उनमें कही जाने वालो बात निश्चित रूप से स्पष्ट हो जानी चाहिए।

सवाद के दुछ उदाहरण :

प्रश्न 1.
राधिका द्वारा गृहकार्य न कर पाने का कारण स्पष्ट करते हुए अपने अध्यापक से की गई बातचीत लिखिए।
उत्तर :

  • अध्यापक (राधिका के निकट आकर) – तुम अपनी कॉपी दिखाओ।
  • राधिका – सर, मैंने आज होमवर्क नहीं किया। मुझे क्षमा कर दीजिए। मैं आज उसे पूरा कर लूँगी।
  • अध्यापक – पर क्यों नहीं किया ?
  • राधिका – कल दोपहर मेरे पापा बहुत बीमार हो गए थे और मैं अपनी मम्मी के साथ उन्हें नर्सिंग होम ले गई थी। समय ही नहीं मिला।
  • अध्यापक – क्या हुआ था उन्हें ?
  • राधिका – उन्हें तेज़ पेटदर्द और उल्टियाँ हो रही थीं।
  • अध्यापक – नर्सिंग होम से वापस कब लौटे थे ?
  • राधिका – रात के दस बजे।
  • अध्यापक – ठीक है, बैठ जाओ। आज काम पूरा कर लेना।

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प्रश्न 2.
वार्षिक परीक्षा परिणाम के बाद नई कक्षा में प्रवेश पाने वाले दो छात्रों के बीच आपसी बातचीत लिखिए।
उत्तर :

  • राजन (आश्चर्य से) – अरे, राघव तुम यहाँ ?
  • राघव – हाँ, लेकिन इसमें आश्चर्य की क्या बात है ?
  • राजन – पर तुम्हारा सेक्शन तो दूसरा था। तुम हमारे सेक्शन में कैसे ?
  • राघव – ओह ! तुम्हें इस स्कूल का नियम पता नहीं है। हाँ, पता भी कैसे होगा ? तुम इस विद्यालय में अभी नए हो।
  • राजन – कौन – सा नियम ? कैसा नियम ?
  • राघव – हमारे स्कूल में प्रत्येक उस विद्यार्थी को ‘ए’ सेक्शन में भेज दिया जाता है, जिसके अंक पिछली कक्षा में $90 \%$ या उससे अधिक
  • आते हैं। पिछली कक्षा में मेरे इतने अंक आए हैं।
  • राजन – वाह! बधाई हो। तुम तो हर क्षेत्र में आगे हो – खेल में भी और पढ़ाई में भी।

प्रश्न 3.
रेखा और कनुप्रिया के बीच आधी छुट्टी के समय किए जाने वाले आपसी संवाद को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :

  • रेखा – आज तो मुझसे गलती हो गई। मैं अपनी गणित की कॉपी घर ही भूल गई।
  • कनुप्रिया – गणित की अध्यापिका तो हैं भी बहुत गुस्से वाली।
  • रेखा – इसी बात से तो डर लग रहा है।
  • कनुप्रिया – कल तो होमवर्क में बस पाँच ही प्रश्न मिले थे। कुल दस मिनट का काम है।
  • रेखा – हाँ, वह तो है। उन्हें सब बात बता दूँगी।
  • कनुप्रिया – हाँ, शायद सच बोलने पर वे गुस्सा न करें।
  • रेखा – चल जल्दी से खाना खा ले फिर मैं अपना होमवर्क एक कॉपी पर तो कर ही लेती हूँ ताकि अध्यापिका जी कुछ कम नाराज हों।
  • कनुप्रिया – ठीक कह रही हो। चलो खाना खाएँ।

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प्रश्न 4.
स्कूल जाने से पहले अनुष्का और उसकी मम्मी के बीच कुछ संवादों को अपने शब्दों में लिखिए। मम्मी (ज़ोर से) – अनुष्का, तुम्हें आज फिर स्कूल जाने में देर हो जाएगी।
उत्तर :

  • अनुष्का – मम्मी, अभी तो स्कूल बस आने में पाँच मिनट बाकी हैं।
  • मम्मी – वह तो मुझे पता है। तुम तो अभी पूरी तरह तैयार भी नहीं हुई।
  • अनुष्का – बस, जूते पहनने ही रह गए हैं।
  • मम्मी – और नाश्ते का क्या ? मेज़ पर रखा हुआ नाश्ता ठंडा हो गया है।
  • अनुष्का – उसे खाने में दो मिनट भी नहीं लगेंगे, मम्मी। क्यों गुस्सा कर रही हो ?
  • मम्मी – रोज़ कहती हूँ समय से उठा करो पर सुनती ही नहीं हो मेरी बात।
  • अनुष्का – जल्दी तो उठी थी पर….।
  • मम्मी – किसने कहा था कि बैठ जाओ सवेरे – सवेरे टॉम एंड जैरी के सामने।
  • अनुष्का – अच्छा मम्मी। कल से सवेरे – सवेरे टॉम एंड जैरी नहीं देखूँगी।

प्रश्न 5.
लतिका और मनू के बीच सवेरे स्कूल जाने से पहले हुई बातचीत को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :

  • लतिका (हाथ में तौलिया लिए हुए) – जल्दी कर मनू, बाहर निकल बाथरूम से।
  • मनू (भीतर से) – क्यों चीख रही हो दीदी ? क्यों नहीं उठ जाती ज़रा जल्दी ?
  • लतिका – तू बाहर निकल। नहीं तो पापा से कहती हूँ।
  • मनू – अरे, नहाकर ही तो निकलूँगा। अभी आया – बस दो मिनट में।
  • लतिका – तेरे दो मिनट भी तो बीस मिनट के होते हैं। बस आ जाएगी। देर हो रही है।
  • मनू – तू अपना स्कूल बैग तैयार कर। मेरा लंच बॉक्स भी तैयार कर दो। मैं अभी आया।

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प्रश्न 6.
स्कूल के माली और कबीर के बीच हुई बातचीत को अपने शब्दों में लिखिए। माली (हाथ में खुरपा लिए हुए) – तुमने फूल क्यों तोड़ा ?
उत्तर :

  • कबीर – मैंने यहाँ से फूल नहीं तोड़ा।
  • माली – झूठ बोलते हो। यह फूल तो स्कूल के बगीचे का ही है।
  • कबीर – तो क्या ऐसे सारे फूल यहीं लगते हैं ? मैं इसे अपने घर से लाया हूँ। हमारे घर में ऐसे बहुत – से फूल लगे हुए हैं। माली – तुम नहीं मानोगे।
  • कबीर – अरे, मैं सच कह रहा हूँ। मैं यह फूल मैडम के लिए लाया हूँ अपने घर से। आज बाल – दिवस है न।
  • माली – अच्छा। तुम्हारे घर में कौन – सा माली काम करता है ? फूल देखकर तो अच्छा समझदार लगता है।
  • कबीर – हाँ, वह बहुत समझदार और मेहनती है।

प्रश्न 7.
रिक्शा चालक और गोमती के बीच हुए संवादों को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :

  • गोमती (ज़ोर से आवाज़ लगाते हुए) – रिक्शावाले भइया।
  • रिक्शावाला – जी, कहिए। कहाँ चलना है ?
  • गोमती – सदर बांज़ार जाना है। चलोगे ?
  • रिक्शावाला – हमारा तो काम ही यही है। बैठिए।
  • गोमती – कितने पैसे लोगे ?
  • रिक्शावाला – जो आपको ठीक लगे, दे देना बहन जी।
  • गोमती – नहीं, ठीक – ठीक बताओ। बाद में झगड़ा होता है।
  • रिक्शावाला – बहन जी, मैं इस शहर में नया आया हूँ।
  • मुझे ठीक – ठीक पता नहीं कि वहाँ का यहाँ से कितना किराया होता है ?
  • गोमती – तो तुम्हें रास्ता भी पता नहीं होगा ?
  • रिक्शावाला – जी हाँ। मुझे रास्ता भी आप ही बताना।
  • गोमती – (रिक्शा में बैठती हुई) – अच्छा चलो। दस रुपये दूँगी। वहाँ का इतना ही किराया लगता है। रिक्शा तो ठीक चलाते हो न ?
  • रिक्शावाला – जी हाँ। पिछले दस साल से रिक्शा चला रहा हूँ।

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प्रश्न 8.
सब्त्रीवाले से मनीषा की बातचीत अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :

  • मनीषा (पुकारती हुई) – रुकना ज़रा। ओ सब्ज़ीवाले भइया।
  • सब्ज़ीवाला – जी, कहिए, क्या लेना है ?
  • मनीषा – सब्ज़ी लेनी है। क्या – क्या है तुम्हारे पास ?
  • सब्ज़ीवाला – सब कुछ है – आलू, गोभी, मटर, साग, भिंडी, तोरी….।
  • मनीषा – मटर किस भाव दे रहे हो ? ताज़े तो हैं ये ?
  • सब्ज़ीवाला – ताज़े हैं बहन जी। अभी मंडी से ला रहा हूँ। चालीस रुपये किलो हैं।
  • मनीषा – बहुत महँगे लगा रहे हो। कल तो तीस रुपये किलो थे।
  • सब्ज़ीवाला – जी हाँ। आज इसी भाव हैं। कल ट्रकवालों की हड़ताल थी न। मंडी में माल कम आया है आज।
  • मनीषा – कुछ कम करो। दो किलो ले लूँगी।
  • सब्ज़ीवाला – अच्छा बहन जी। पैंतीस रुपये किलो दे दूँगा। इससे कम नहीं।
  • मनीषा – ठीक है। दो किलो तोल दो।
  • ठीक – ठीक तोलना।
  • सब्ज़ीवाला – ठीक ही तोलता हूँ। पिछले कितने वर्षों से यही काम तो कर रहा हूँ।

प्रश्न 9.
पुस्तक – विक्रेता से रजनीश की बातचीत को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :

  • रजनीश – आपके पास शब्दकोश हैं क्या ?
  • पुस्तक – विक्रेता – जी हाँ। आप को कौन – सा शब्दकोश चाहिए ? हिंदी – अंग्रेज़ी या अंग्रेज़ी – हिंदी ?
  • रजनीश – हिंदी – अंग्रेज़ी दिखाना।
  • पुस्तक – विक्रेता – पॉकेट साइज़ चाहिए या बड़े आकार का ?
  • रजनीश – बड़े आकार का। जिसमें अधिक – से – अधिक शब्द हों।
  • पुस्तक – विक्रेता – हाँ एक नया शब्दाकोश कल ही आया है। डेढ़ लाख शब्द हैं इसमें।
  • रजनीश – दिखाओ तो ज़रा।
  • पुस्तक – विक्रेता – (शब्दकोश दिखाते हुए) – इसका कवर भी बहुत सुंदर है और छपाई भी आकर्षक है।
  • रजनीश – महँगा भी उतना ही होगा।
  • पुस्तक – विक्रेता – नहीं, बहुत महाँगा नहीं है। मॉडर्न पब्लिशर्ज़ का है। उन्होंने बड़ी मेहनत से इसे तैयार कराया है।

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प्रश्न 10.
मुकेश और राजेश के बीच आधी छुट्टी के समय आपस में किए गए झगड़े में प्रयुक्त संवादों को अपने शब्दों में लिखिए। मुकेश (कक्षा से बाहर निकलते हुए) – ओ राजेश, तू समझता क्या है अपने आप को ?
उत्तर :

  • राजेश (गुस्से में) – ज़रा ढंग से बोल।
  • मुकेश – तो ढंग मैं तुझ से सीखूँगा। एक तो तेरे कारण मेरी गुप्ता सर से आज पिटाई हो जाती और ऊपर से तू मुझे ढंग सिखाएगा।
  • राजेश – तूने गुप्ता सर की पीठ के पीछे मुझे मुँह क्यों चिढ़ाया था ?
  • मुकेश – अर, मैंने तुझे मुँह नहीं चिढ़ाया था बल्कि अनुराग को चिढ़ाया था। वह तो बोला नहीं और तूने मुझे कागज़ की गोली मार दी।
  • राजेश – आह! तो मुझ से गलती हो गई। मैं समझा था कि तुम बिना किसी कारण मुझे मुँह चिढ़ा रहे हो।
  • मुकेश – तो कान पकड़कर बोल “सॉरी”।
  • राजेश – (धीरे से हँसते हुए) – सॉरी।

प्रश्न 11.
सुबह सैर करने गई दो वृद्ध महिलाओं में हुए संवादों को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :

  • पहली महिला – बहन जी, तुम यहाँ रोज दिखाई देती हो।
  • दूसरी महिला – हाँ, मैं यहाँ रोज़ सुबह सैर करने आती हूँ। यह पार्क बहुत अच्छा है।
  • पहली महिला – क्या तुम्हारा घर पास ही है ?
  • दूसरी महिला – हाँ, पिछली गली में है। और तुम्हारा।
  • पहली महिला – मेरा घर भी पास ही है। डॉक्टर ने कहा है कि रोज़ चार किलोमीटर सैर किया करो। इसलिए पिछले कुछ दिन से सैर करनी शुरू की है।
  • दूसरी महिला – सैर तो बहुत ज़रूरी है। शरीर ठीक रहता है इससे। शरीर के अंग खुल जाते हैं इससे।
  • पहली महिला – मेरा ब्लड प्रेशर ऊँचा रहने लगा था।
  • दूसरी महिला – और अब कैसा है ?
  • पहली महिला – अब तो ठीक है। डॉक्टर कहता है कि ब्लड प्रेशर तो चोर होता है। शरीर का कोई – न – कोई अंग खराब कर देता है।
  • दूसरी महिला – हाँ बहन। रोज़ सैर करती रहो और दवाई लेती रहो। सब ठीक हो जाएगा। ईश्वर दया करेगा।

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प्रश्न 12.
दफ़्तर की सहयोगी नीमा से अपनी बातचीत लिखिए।
उत्तर :

  • नीमा – घर नहीं चलना है क्या ? मुँह लटकाए क्यों बैठे हो ? घर चलो भई।
  • पवन – मुझे कुछ काम है, तुम निकल जाओ।
  • नीमा – मैं रोज़ जो तुम से लिफ़्ट लेती हूँ, अगर नहीं जाना था तो पहले कह देते, मैं किसी और के साथ निकल जाती।
  • पवन – आज बस से चली जाओ, आज मुझे पहले कहीं और जाना है, तुम कहाँ मेरे साथ घूमती.रहोगी।
  • नीमा – यह क्या अजय, आज मुझे समय से घर पहुँचना था।
  • पवन – यह तुम्हारी समस्या है कि आज तुम्हें समय से पहुँचना था। बस आज मुझे सीधे घर नहीं जाना।

प्रश्न 13.
घर आए मेहमान और राकेश की बातचीत संवाद रूप में लिखिए।
उत्तर :

  • राकेश – कौन है बाहर ?
  • मेहमान – मैं हूँ नीरज गुप्ता। मुझे श्रीवास्तव जी से मिलना है। क्या यहीं रहते हैं ?
  • राकेश – जी हाँ। वे यहीं रहते हैं। आप भीतर आइए। इस समय वे घर पर नहीं हैं।
  • मेहमान – आप कौन हैं ? मैं आपको नहीं पहचानता। श्रीवास्तव जी मेरे सहयोगी हैं।
  • राकेश – मैं उनका बड़ा बेटा हूँ। बेंगलुरु रहता हूँ। छुट्टियों में घर आया था। इसलिए मैं भी आप को नहीं पहचानता।
  • मेहमान – क्या करते हो वहाँ ?
  • राकेश – वहाँ एक अस्पताल में डॉक्टर हूँ।
  • मेहमान – नहीं चलता हूँ। जब श्रीवास्तव जी आएँ तो कह देना नीरज गुप्ता आए थे।
  • राकेश – आप उनसे मोबाइल पर बात कर लीजिए।
  • मेहमान – उनका नंबर नहीं लग रहा, मैं दोपहर बाद फिर आ जाऊँगा। मुझे कुछ चर्चा करनी थी उनसे दफ़्तर की किसी समस्या के बारे में।
  • राकेश – ठीक है। जैसा आप उचित समझें।

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प्रश्न 14.
हिंदी की महत्ता को प्रकट करते हुए दो मित्रों की बातचीत लिखिए।
उत्तर :

  • कमल – यह ज्योत्सना तो हर समय अंग्रेज़ी में ही बात करती है। क्या इसे अपनी मातृभाषा नहीं आती ?
  • रजत – आती क्यों नहीं ! बस उसके मन में यही भावना छिपी है कि अंग्रेज़ी बोलने से दूसरों पर प्रभाव अधिक पड़ता है।
  • कमल – भाषा का संबंध अच्छे – बुरे भाव से नहीं होता। अपनी भाषा तो सबसे अच्छी होती है।
  • रजत – हाँ, अपनी भाषा सबसे अच्छी होती है। इसी से तो हमारी पहचान बनती है। मैंने उसे कई बार यह समझाया भी है।
  • कमल – अपनी – अपनी समझ है। हिंदी तो हमारे यहाँ सभी समझते हैं पर अंग्रेज़ी तो सबको समझ भी नहीं आती।
  • रजत – वैसे भी हम जितनी अच्छी तरह अपने भाव अपनी भाषा में व्यक्त कर सकते हैं वे दूसरी भाषा में नहीं कर सकते।
  • कमल – सारे संसार में तो लोग अपनी मातृभाषा का ही प्रयोग करना अच्छा मानते हैं पर हमारे देश में अभी भी कहीं – कहीं विदेशी मानसिकता हावी है।
  • रजत – विदेशी भाषाओं का ज्ञान तो होना चाहिए पर फिर भी महत्त्व तो अपनी मातृभाषा को ही देना चाहिए और फिर हिंदी तो वैज्ञानिक भाषा है।
  • कमल – हाँ, हम इसमें जैसा लिखते हैं वैसा ही बोलते हैं।

प्रश्न 15.
परीक्षा आरंभ होने से पहले मनस्वी और काम्या के बीच बातचीत को लिखिए।
उत्तर :

  • मनस्वी – मुझे तो बहुत डर लग रहा है। पता नहीं क्या होगा ?
  • काम्या – तुझे किस बात का डर है ? तू तो पढ़ाई – लिखाई में तेज़ है।
  • मनस्वी – वह अलग बात है। परीक्षा तो परीक्षा होती है – इससे तो बड़े – बड़े भी डरते हैं।
  • काम्या – क्या तूने सारे पाठ दोहरा लिए ?
  • मनस्वी – नहीं। पिछले दो पाठ दोहराने रह गए। इस बार परीक्षा में एक भी छुट्टी नहीं मिली। इतना बड़ा सिलेबस था।
  • काम्या – मैं तो रात भर पढ़ती रही पर पूरा सिलेबस दोहरा ही नहीं पाई। जो पहले पढ़ा हुआ था उसी से काम चलाना पड़ेगा।
  • मनस्वी – विषय तो पूरी तरह आता है पर दोहराना तो आवश्यक होता है।
  • काम्या – यह बात तो ठीक है। पर अब हम कर क्या सकते हैं ?

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प्रश्न 16.
मनुज और गीतिका में हुई बातचीत में गाँव और नगर की तुलना संवाद रूप में कीजिए।
उत्तर :

  • मनुज – हमारा देश तो गाँवों का देश है। गाँवों से ही तो नगर बने हैं।
  • गीतिका – वह तो ठीक है पर, नगरों के कारण ही गाँवों के सुख हैं।
  • मनुज – नहीं। भौतिक सुख चाहे नगरों में अधिक हैं पर आपसी भाईचारा और सहयोग का भाव जो गाँवों में है वह नगरों में कहाँ है ?
  • गीतिका – ऐसी तो कोई बात नहीं।
  • मनुज – ऐसा ही है। हमारे नगरों में कोई अनजान व्यक्ति हमारे घर आ जाए तो हमारा व्यवहार उसके प्रति कैसा होता है ?
  • गीतिका – हम उन्हें शक की दृष्टि से देखते हैं। कहीं वह चोर – लुटेरा ही न हो।
  • मनुज – पर गाँवों में ऐसा नहीं है। लोग अनजानों को भी मेहमान मानने से डरते नहीं हैं। उन्हें उन पर भरोसा जल्दी हो जाता है।
  • गीतिका – यह अच्छा है।
  • मनुज – रिश्ते – नाते और भाइचारे का भाव तो गाँव में ही है।

प्रश्न 17.
मालविका और सागरिका में पेड़ – पौधों की रक्षा से संबंधित बातचीत को संवाद रूप में लिखिए।
उत्तर :

  • मालविका – कल वन महोत्सव है।
  • सागरिका – तो, कल क्या होगा ?
  • मालविका – हम तो मिलजुल कर अपने स्कूल में नए पौधे लगाएँगे और उनकी देखभाल करने की शपथ लेंगे।
  • सागरिका – उससे क्या लाभ ? इतने पेड़-पौधे तो पहले से ही हैं।
  • मालविका – अरे नहीं। संसार भर में सबसे कम जंगल हमारे देश में बचे हैं और जनसंख्या की दृष्टि से हम संसार में दूसरे नंबर पर आ गए हैं।
  • सागरिका – इससे क्या होता है ?
  • मालविका – इसी से तो होता है। पेड़ – पौधे वे संसाधन हैं जो हमें उपयोगी सामान ही नहीं देते, वे वर्षा भी लाने में सहायक होते हैं।
  • सागरिका – हाँ, जंगलों में जंगली जीव भी सुरक्षा पाते हैं। इनसे भूमि – कटाव भी रुकता है। हवा भी शुद्ध होती है।
  • मालविका – तभी तो कह रही हूँ। हमें और अधिक पेड़ – पौधे लगाने चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए।
  • सागरिका – जो पेड़ लगे हैं उन्हें कटने से रोकना चाहिए। तभी तो हमारा देश हरा – भरा रह सकेगा।

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प्रश्न 18.
वृंदा और मानसी के बीच चिड़ियाघर को देखते समय की गई बातचीत को संवाद रूप में लिखिए।
उत्तर :

  • वृंदा (ऊपर की तरफ़ देखते हुए) – देख ऊपर, पेड़ पर चार लंगूर कैसे बैठे हैं।
  • मानसी – उनका मुँह कितना काला है और पूँछें कितनी लंबी – लंबी।
  • वृंदा – हाँ, उधर देख मोर अपने पंख फैलाकर कैसे नाच रहा है।
  • मानसी – बादल छाए हुए हैं न। पापा ने बताया था कि बादलों को देखकर मोर नाचते हैं। इनके पंख कितने सुंदर हैं। ये तो गोल – गोल घूम भी रहे हैं।
  • वृंदा – उधर देख, कितने बड़े – बड़े दो शेर हैं।
  • मानसी – चलो भागें यहाँ से। कहीं इन्होंने हमें देख लिया तो खा जाएँगे।
  • वृंदा – डर मत। हमारे और इनके बीच गहरी खाई है और चारों तरफ़ जाल भी तो लगा है। ये हम तक नहीं पहुँच सकते।
  • मानसी – वह देख, हिरणों के कितने सुंदर झुंड हैं। उनकी आँखें देख, कितनी सुंदर हैं। हम भी एक हिरण घर में पालेंगे – पापा से कहेंगे कि हमें भी एक हिरण ला दें।
  • वृंदा – नहीं, जंगली जीवों को यहीं रहना चाहिए या जंगल में। इन्हें घर में रखना तो अपराध है।

प्रश्न 19.
छुट्टियों में किसी दर्शनीय स्थल को देखने की योजना पर अपने और अपने भाई के बीच हुई बातचीत को संवाद रूप में लिखो।
उत्तर :

  • सानिया – अगले हफ़्ते से स्कूल में छुट्टियाँ हो जाएँगी। चल अब्बा – अम्मी से कहें कि कहीं बाहर चलें।
  • अज्जू – हाँ। हमें बाहर कहीं भी गए हुए दो साल हो गए हैं।
  • सानिया – उन्हें कहते हैं कि मसूरी ले चलें।
  • अज्जू – हाँ, वह बहुत सुंदर जगह है।
  • सानिया – तुझे कैसे पता ?
  • अज्जू – गुरुप्रीत कह रहा था। वह पिछले वर्ष छुट्टियों में गया था अपनी मम्मी – पापा के साथ।
  • सानिया – वहाँ तो गर्मियों में भी गर्मी नहीं होती। वह तो पर्वतों की रानी है।
  • अज्जू – वहाँ तो सब तरफ पहाड़-ही-पहाड़ हैं। वहाँ तो एक बड़ा और सुंदर प्राकृतिक झरना भी है।
  • सानिया – वह कैंप्टी फॉल है। बहुत ऊँचाई से पानी नीचे गिरता है।
  • अज्जू – तुझे कैसे पता ?
  • सानिया – मैंने एक मैग्जीन में पढ़ा था और उसकी फ़ोटो देखी थी।

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प्रश्न 20.
अपने दक्त्तर के बॉस से श्रीमती देशपांडे की बातचीत को संवाद योजना में लिखिए।
‘उत्तर :
और मैडम देशपांडे, क्या चल रहा है ? सब ठीक तो है घर पर।’
‘यस सर, बेटी का फ़ोन था, दरिंदा शब्द का अर्थ पूछ रही थी।’
‘दरिंदा, क्या माने ?’
‘खतरनाक जंगली जानवर होता है इसका मतलब,’।
‘है न मिसेज देशपांडे, यही तो बताया न आपने अभी ? इंटरेस्टिंग। और क्या पूछ रही थी आपकी बेटी ?’
‘बहुत सवाल करती है सर, पूछ रही थी दरिंदा और दरिद्र दोनों का एक ही मतलब होता है क्या मम्मी ?’
‘तो क्या बताया आपने मैडम ?’
‘उसे क्या बताती, लेकिन जाने तो अभी से जान ले, यही ठीक है।’
‘क्या ?’
‘यही कि एक ही होता है इन दोनों शब्दों का मतलब। दरिद्रता चाहे आर्थिक हो या मानसिक, उसी की एक हद होती है दरिंदगी। क्या मैंने गलत कहा सर ?’

प्रश्न 21.
पिता और बेटी में नाश्ते के समय हुई बातचीत को संवाद योजना में लिखिए।
उत्तर :
“खाओ – खाओ, दूसरा आ रहा है, पिज्जा स्वादिष्ट बना है क्या ? बेटी ने पूछा।”
“बेटे, तुम ने पिण्जा बहुत स्वादिष्ट बनाया है।” पिता बोले।
“सच पापा ?” और लीजिए न पापा ।”
“हाँ, हाँ अवश्य लूँगा ? किससे सीखा है पिज्जा बनाना ?”
“मम्मी से सीखा है।”
“तुम्हारी मम्मी तो पिज्जा बनाने में परफेक्ट है। और तुम भी उससे कुछ कम नहीं।” पापा बोले।
“नहीं, अभी पूरी तरह से नहीं। मम्मी को लंबा समय हो गया यह सब करते हुए पर मैंने तो अभी शुरू किया है,” बेटी ने कहा।
“अरे तुम भी परफेक्ट हो जाओगी, बहुत जल्दी।”

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प्रश्न 22.
बाहर से घर आए किसी मेहमान से राकेश की बातचीत को संवाद योजना में लिखिए।
उत्तर :

  • राकेश – कौन है बाहर ?
  • मेहमान – मैं हूँ गुप्ता। मुझे श्रीवास्तव जी से मिलना है। क्या यहीं रहते हैं ?
  • राकेश – जी हाँ। वे यहीं रहते हैं। इस समय वे घर पर नहीं हैं।
  • मेहमान – आप कौन हैं ? मैं आपको नहीं पहचानता। श्रीवास्तव जी मेंरे सहदोगी हैं।
  • राकेश – मैं उसका बड़ा बेटा हूँ। बेंगलुरु रहता हूँ। छुट्टियों में घर आया था। इसलिए मैं भी आपको नहीं पहचानता। मेहमान – क्या करते हो वहाँ ?
  • राकेश – डॉक्टर हूँ वहाँ एक अस्पताल में। आप भीतर आइए।
  • मेहमान – नहीं चलता हूँ। जब श्रीवास्तव जी आएँ तो कह देना नीलाम गुप्ता आए थे।
  • राकेश – आप उनसे मोबाइल पर बात कर लीजिए।
  • मेहमान – नहीं, मैं दोपहर बाद फिर आ जाऊँगा। मुझे कुछ चर्चा करनी थी उनसे दफ्तर की किसी समस्या के बारे में।
  • राकेश – ठीक है। आपकी इच्छा।

प्रश्न 23.
दो मित्रों के बीच हिंदी की महत्ता को प्रकट करते हुए बातचीत लिखिए।
उत्तर :

  • कमल – यह ज्योत्सना तो हर समय अंग्रेज़ी में ही बात करती है। क्या इसे अपनी मातृभाषा नहीं आती ?
  • रजत – आती क्यों नहीं! बस उसके मन में यही भावना छिपी है कि अंग्रेज़ी बोलने से दूसरों पर प्रभाव अधिक पड़ता है।
  • कमल – भाषा का संबंध अच्छे – बुरे भाव से नहीं होता। अपनी भाषा तो सबसे अच्छी होती है।
  • रजत – हाँ, अपनी भाषा सबसे अच्छी होती है। इसी से तो हमारी पहचान बनती है। मैंने उसे कई बार यह समझाया भी है।
  • कमल – समझ अपनी – अपनी है। हिंदी तो हमारे यहाँ सभी समझते हैं पर अंग्रेज्जी तो सब को समझ भी नहीं आती।
  • रजत – वैसे भी हम अपने जो भाव अपनी भाषा में व्यक्त कर सकते हैं वे दूसरी भाषा में नहीं कर सकते।
  • कमल – सारे संसार में तो लोग अपनी मातृभाषा का ही प्रयोग करना अच्छा मानते हैं पर हमारे देश में अभी भी कही – कहीं विदेशी मानसिकता हावी है।
  • रजत – विदेशी भाषाओं का ज्ञान तो होना चाहिए पर फिर भी महत्त्व तो अपनी मातृभाषा को ही देना चाहिए और फिर हिंदी तो वैज्ञानिक भाषा है।
  • कमल – हाँ, हम इस में जैसा लिखते हैं वैसा ही बोलते हैं।

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प्रश्न 24.
परीक्षा आरंभ होने से पहले मनस्वी और काम्या के बीच बातचीत को लिखिए।
उत्तर :

  • मनस्वी – मुझे तो बहुत डर लग रहा है। पता नहीं क्या होगा ?
  • काम्या – तुझे किस बात का डर है ? तू तो पढ़ाई – लिखाई में तेज़ है।
  • मनस्वी – बहुत अलग बात है। परीक्षा तो परीक्षा होती है-इससे तो बड़े-बड़े भी डरते हैं।
  • काम्या – क्या तूने सारे पाठ दोहरा लिए ?
  • मनस्वी – नहीं। पिछले दो पाठ दोहराने रह गए। इस बार परीक्षा में छुट्टी भी एक नहीं मिली। इतना बड़ा सिलेबस था।
  • काम्या – मैं तो रात भर पढ़ती रही पर पूरा सिलेबस दोहरा ही नहीं पाई। जो पहले पढ़ा हुआ था उसी से काम चलाना पड़ेगा।
  • मनस्वी – विषय तो पूरी तरह आता है पर दोहराना तो आवश्यक होता है।
  • काम्या – यह बात तो ठीक है। पर हम अब क्या कर सकते हैं ?

प्रश्न 25.
मनुज और गीतिका में हुई बातचीत में गाँव और नगर की तुलना संवाद योजना में कीजिए।
उत्तर :

  • मनुज – हमारा देश तो गाँवों का देश है। गाँवों से ही तो नगर बने हैं।
  • गीतिका – वह तो ठीक है पर, नगरों के कारण ही गाँवों के सुख हैं।
  • मनुज – नहीं। भौतिक सुख चाहे नगरों में अधिक हैं पर आपसी भाईचारा और सहयोग का भाव जो गाँवों में है वह नगरों में कहाँ है ?
  • गीतिका – ऐसी तो कोई बात नहीं।
  • ममुज – ऐसा ही है। हमारे नगरों में कोई अनजान व्यक्ति हमारे घर आ जाए तो हमारा व्यवहार उसके प्रति कैसा होता है ?
  • गीतिका – हम उन्हें शक की दृष्टि से देखते हैं। कहीं वह चोर-लुटेरा ही न हो।
  • मनुज – पर गाँवों में ऐसा नहीं है। लोग अनजानों को भी मेहमान मानने से डरते नहीं हैं। उन्हें उन पर भरोसा जल्दी हो जाता है।
  • गीतिका – यह अच्छा है।
  • मनुज – रिश्ते-नाते और भाइचारे का भाव तो गाँव में ही है।

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प्रश्न 26.
मालविका और सागरिका में पेड़-पौधों की रक्षा से संबंधित बातचीत को संवाद योजना के द्वारा प्रकट कीजिए।
उत्तर :

  • मालविका – कल वन महोत्सव है।
  • सागरिका – तो, क्या ?
  • मालविका – हम तो अपने स्कूल में मिल-जुलकर नए पौधे लगाएंगे और उनकी देखभाल करने की शपथ लेंगे।
  • सागरिका – उससे क्या लाभ ? इतने पेड़-पौधे तो पहले से ही हैं।
  • मालविका – अरी नहीं। संसार भर में सबसे कम जंगल हमारे देश में बचे हैं और जनसंख्या की दृष्टि से हम संसार में दूसरे नंबर पर आ गए हैं।
  • सागरिका – इससे क्या होता है ?
  • मालविका – इसी से तो होता है। पेड़-पौधे वे संसाधन हैं जो हमें उपयोगी सामान ही नहीं देते, वे वर्षा भी लाने में सहायक होते हैं।
  • सागरिका – हाँ, जंगलों में जंगली जीव भी सुरक्षा पाते हैं। इनसे भूमि-कटाव भी रुकता है। हवा भी शुद्ध होती है।
  • मालविका – तभी तो कह रही हूँ। हमें और अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए और उसकी रक्षा करनी चाहिए।
  • सागरिका – जो पेड़ लगे हैं उन्हें कटने से रोकना चाहिए। तभी तो हमारा देश हरा-भरा रह सकेगा।

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प्रश्न 27.
नगर की टूटी-फूटी सड़कों से परेशान विनीता और पल्लवी के बीच बातचीत को लिखिए।
उत्तर :

  • विनीता – मैं तो कल बड़े ज़ोर से सड़क पर गिर गई थी। सारी टाँग छिल गई है।
  • पल्लवी – वह कैसे ? फिसल गई थी क्या ?
  • विनीता – नहीं। सारे नगर की सड़कों का हाल तो तुझे पता ही है। चंद्रमा की सतह की तरह गड्ढे हैं हमारी सड़कों पर। मेरी साइकिल उछल गई और में गिर गई।
  • पल्लवी – सारी सड़ें ही खराब हैं। सरकार कुछ करती भी तो नहीं।
  • विनीता – अब बरसातें आने वाली हैं। इनमें पानी भर जाएगा और फिर वहाँ मच्छरों के अंडों की भरमार हो जाएगी।
  • पल्लवी – तभी तो पिछले साल कितना मलेरिया फैला था।
  • विनीता – पता नहीं रोज़ कितने लोग गिरते हैं इनके कारण।
  • पल्लवी – लोगों को कुछ करना चाहिए। यदि हम अपने आस-पास की सड़कों के गड्ढों में खुद मिट्टी भर दें तो…..।
  • विनीता – मिट्टी तो एक दिन में निकल जाएगी। इस काम में पैसा लगता है और वह तो हमारे पास है नहीं।

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Exercise 1.3

प्रश्न 1.
निम्नलिखित भिन्नों को दशमलव के रूप में लिखिए और बताइए कि प्रत्येक का दशमलव प्रसार किस प्रकार का है ?
(i) \(\frac{36}{100}\)
उत्तर:
\(\frac{36}{100}\) = 0.36, सांत।

(ii) \(\frac{1}{11}\)
उत्तर:
भाग विधि द्वारा :
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 1
∴ \(\frac{1}{11}\) = 0.090909…..
= \(0 . \overline{09}\) असांत और आवृत्ति ।

(iii) 4\(\frac{1}{8}\) = \(\frac{33}{8}\)
उत्तर:
भाग विधि द्वारा:
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 2
∴ 4\(\frac{1}{8}\) = 4.125, सांत।

(iv) \(\frac{3}{13}\)
उत्तर:
भाग विधि द्वारा:
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 3
\(\frac{3}{13}\) = 0.23076923….
= \(0 . \overline{230769}\), असांत और आवृत्ति (पुनरावृत्ति)।

(v) \(\frac{2}{11}\)
हल:
भाग विधि द्वारा :
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 4
∴ \(\frac{2}{11}\) = 0.1818 = \(0 . \overline{18}\), असांत और पुनरावृत्ति ।

(vi) \(\frac{329}{400}\)
हल:
भाग विधि द्वारा:
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 5
∴ \(\frac{329}{400}\) = 0.8225, सान्त।

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3

प्रश्न 2.
आप जानते हैं कि \(\frac{1}{7}\) = \(0 . \overline{142857}\) है। वास्तव में, लम्बा भाग दिए बिना क्या आप यह बता सकते हैं कि \(\frac{2}{7}, \frac{3}{7}, \frac{4}{7}, \frac{5}{7}, \frac{6}{7}\) के दशमलव प्रसार क्या हैं? यदि हाँ, तो कैसे ?
हल:
हाँ, उपर्युक्त सभी 1, 4, 2, 8, 5, 7 आवृत्ति (पुनरावृत्ति) दशमलव हैं।
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 6
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प्रश्न 3.
निम्नलिखित को \(\frac{p}{q}\) के रूप में व्यक्त कीजिए, जहाँ p और q पूर्णांक हैं तथा q ≠ 0 है:
(i) \(0 . \overline{6}\), (ii) \(0.4 \overline{7}\), (iii) \(0 . \overline{001}\).
हल:
(i) माना x = \(0 . \overline{6}\)
x = 0.666…. …(1)
∵ यहाँ केवल एक आवृत्ति अंक है। इसलिए समीकरण (1) में 10 से गुणा करने पर,
10x = 10 × 0.666….
या 10x = 6.666…. …(2)
समी. (2) मैं से समी. (1) घटाने पर,
9x = 6
⇒ x = \(\frac{6}{9}\)
या x = \(\frac{2}{3}\)
अतः \(0 . \overline{6}\) = \(\frac{2}{3}\)

(ii) प्रथम विधि : माना x = \(0.4 \overline{7}\) …(1)
∵ दशमलव बिन्दु के दायीं ओर बिना बार (रेखा) के एक अंक है।
∴ अतः दोनों पक्षों में 10 से गुणा करने पर,
10x = 10 × \(0.4 \overline{7}\) ⇒ 10x = \(4 . \overline{7}\) ….. (ii)
पुन: समी. (i) के दोनों पक्षों में 100 से गुणा करने पर
100x = \(47 . \overline{7}\) ……..(iii)
समी. (iii) में से समी. (ii) घटाने पर,
90x = 43
⇒ x = \(\frac{43}{90}\)
अत: \(0.4 \overline{7}\) = \(\frac{43}{90}\)

(iii) \(0 . \overline{001}\)
माना x = \(0 . \overline{001}\)
⇒ x = 0.001001001…. …(1)
यहाँ दशमलव बिन्दु के बाद तीन आवृत्ति अंक हैं।
अत: समी. (1) को (10)3 = 1000 से गुणा करने पर,
1000x = 1.001001…. …(2)
समी. (2) में से समी. (1) को घटाने पर,
1000x – x = (1.001001…) – (0.001001….)
⇒ 999x = 1
⇒ x = \(\frac{1}{999}\)
अतः \(0 . \overline{001}\) = \(\frac{1}{999}\)

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प्रश्न 4.
0.99999…. को \(\frac{p}{q}\) के रूप में व्यक्त कीजिए। क्या आप अपने उत्तर से आश्चर्यचकित हैं ? अपने अध्यापक और कक्षा के सहयोगियों के साथ उत्तर की सार्थकता पर चर्चा कीजिए।
हल:
माना x = 0.99999….. …..(1)
∵ यहाँ केवल एक आवृत्ति अंक है अतः समीकरण (1) में 10 से गुणा करने पर,
10x = 10 × 0.99999….
10x = 9.999…. …(2)
समी. (2) में से सभी (1) को घटाने पर,
⇒ 9x = 9
∴ x = 1
अतः 0.9999…. = 1
क्योंकि 0.9999…. अनन्त तक होगा। अतः 1 और 0.9999…. में कोई अन्तर नहीं है अतः ये लगभग समान हैं।

प्रश्न 5.
\(\frac{1}{17}\) के दशमलव प्रसार में अंकों के पुनरावृत्ति खण्ड में अंकों की अधिकतम संख्या क्या हो सकती है ? अपने उत्तर की जाँच करने के लिए विभाजन क्रिया कीजिए।
हल:
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 8
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 9
अतः \(\frac{1}{17}\) = \(0 . \overline{0588235294117647}\)
\(\frac{1}{17}\) के दशमलव प्रसार में पुनरावृत्ति अंकों की अधिकतम संख्या 16 है।

प्रश्न 6.
\(\frac{p}{q}\)(q ≠ 0) के रूप की परिमेय संख्याओं के अनेक उदाहरण लीजिए, जहाँ p और q पूर्णांक हैं, जिनका 1 के अतिरिक्त अन्य कोई उभयनिष्ठ गुणनखण्ड नहीं है और जिसका सांत दशमलव (निरूपण) प्रसार है। क्या आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि 9 को कौन-सा गुण अवश्य सन्तुष्ट करना चाहिए ?
हल:
\(\frac{p}{q}\)(q ≠ 0) के रूप में कुछ ऐसी परिमेय संख्याएँ लेते हैं जिसमें और पूर्णांक हों तथा जिनके के अतिरिक्त अन्य कोई उभयनिष्ठ गुणनखण्ड न हो और सांत दशमलव हो।
माना \(\frac{1}{2}, \frac{1}{4}, \frac{7}{8}, \frac{37}{25}, \frac{8}{125}, \frac{17}{20}, \frac{31}{16}\) आदि ऐसी परिमेय संख्याएँ हैं।
अब हर में ऐसी प्राकृत संख्या से गुणा करते हैं जिससे हर 10 या 10 की घात का प्राप्त हो।
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 10
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 11
उपरोक्त परिमेय संख्याओं में प्रत्येक के हर का एक गुणनखण्ड 2 अथवा 5 है, तभी हर को 10 या 10 की किसी घात के रूप में प्राप्त किया जा सकता है।
यदि परिमेय संख्या जो मानक रूप में हो और हर में 2 और 5 के अलावा और कोई अभाज्य गुणनखण्ड न हो तब और केवल तब सांत दशमलव निरूपित होता है।

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प्रश्न 7.
ऐसी तीन संख्याएं लिखिए जिनके दशमलव प्रसार अनवसानी अनावर्ती हों।
हल:
हम जानते हैं कि सभी अपरिमेय संख्याओं का दशमलव प्रसार अनवसानी अनावर्ती होता है।
अतः \(\sqrt{2}\), \(\sqrt{3}\), \(\sqrt{5}\)….. इत्यादि का दशमलव प्रसार अनवसानी अनावर्ती है।
ऐसी संख्या को सीधे दशमलव प्रसार के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है।
a = 0.04004000400004…..
b = 0.505005000500005…..
c = 0.007000700007…..

प्रश्न 8.
परिमेय संख्याओं \(\frac{5}{7}\) और \(\frac{9}{11}\) के बीच तीन अलग-अलग अपरिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए।
हल:
\(\frac{5}{7}\) और \(\frac{9}{11}\)
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 12
\(\frac{5}{7}\) और \(\frac{9}{11}\) के मध्य अनन्त अपरिमेय संख्याएँ हो सकती हैं। इसमें से तीन अपरिमेय संख्याएँ निम्नलिखित हैं :
0.75075007500075000075………
0.767076700767000767………
और 0.808008000800008………

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प्रश्न 9.
बताइए कि निम्नलिखित संख्याओं में कौन-कौन संख्याएँ परिमेय और कौन-कौन संख्याएँ अपरिमेय हैं:
(i) \(\sqrt{23}\)
(ii) \(\sqrt{225}\)
(iii) 0.3796
(iv) 7.478478…….
(v) 1·101001000100001………
हल:
(i) संख्या \(\sqrt{23}\) मे 23 पूर्ण वर्ग नहीं है।
\(\sqrt{23}\) अपरिमेय संख्या है।
(ii) \(\sqrt{225}\) = \(\sqrt{3 \times 3 \times 5 \times 5}\)
= 3 × 5 = 15
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.3 13
अतः \(\sqrt{225}\) = 15 एक परिमेय संख्या है।

(iii) 0.3796
सांत दशमलव संख्या है।
∴ 0.3796 एक परिमेय संख्या है।
(iv) 7.478478…..
एक आवृत्ति लेकिन पुनरावृत्ति है।
∴ यह परिमेय संख्या है।

(v) 1.101001000100001…..
यह एक आवृत्ति है लेकिन पुनरावृत्ति नहीं है।
∴ यह अपरिमेय संख्या है।

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.1

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Exercise 2.1

प्रश्न 1.
निम्नलिखित व्यंजकों में कौन-कौन एक चर के बहुपद हैं और कौन-कौन नहीं हैं ? कारण के साथ अपने उत्तर दीजिए:
(i) 4x2 – 3x + 7
(ii) y2 + \(\sqrt{2}\)
(iii) 3\(\sqrt{t}\) + t\(\sqrt{2}\)
(iv) y + \(\frac{2}{y}\)
(v) x10 + y3 + t50.
हल:
(i) व्यंजक 4x2 – 3x +7 में x की सभी घात पूर्ण संख्या हैं। इसलिए यह एक चर का बहुपद है।
(ii) y2 + \(\sqrt{2}\) = y2 + \(\sqrt{2}\)y0 व्यंजक में y की सभी घात पूर्ण संख्या हैं। अतः यह व्यंजक एक चर का बहुपद है।
(iii) 3\(\sqrt{t}\) + t\(\sqrt{2}\) = 3t1/2 + t\(\sqrt{2}\), यहाँ व्यंजक में चर t की घात \(\frac{1}{2}\) है, जो कि पूर्ण संख्या नहीं है। इसलिए व्यंजक एक चर का बहुपद नहीं है।
(iv) y + \(\frac{2}{y}\) = y + 2y-1, यहाँ व्यंजक में दूसरे पद में y की घात -1 है, जो कि पूर्ण संख्या नहीं है। इसलिए व्यंजक एक चर बहुपद नहीं है।
(v) x10 + y3 + t50, यहाँ व्यंजक में x, y, t तीन चर हैं।
अतः यह व्यंजक एक चर का बहुपद नहीं है, बल्कि यह तीन चर का बहुपद है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से प्रत्येक में x2 का गुणांक लिखिए:
(i) 2 + x2 + x
(ii) 2 – x2 + x3
(iii) \(\frac{\pi}{2}\)x2 + x
(iv) \(\sqrt{2}\)x – 1
हल:
(i) 2 + x2 + x में x2 का गुणांक 1 है।
(ii) 2 – x2 + x3 में x2 का गुणांक -1 है।
(iii) \(\frac{\pi}{2}\)x2 + x मैं x2 का गुणांक \(\frac{\pi}{2}\) है।
(iv) \(\sqrt{2}\)x – 1 में x2 का गुणांक 0 है।

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.1

प्रश्न 3.
35 घात के द्विपद का और 100 घात के एकपदी का एक-एक उदाहरण दीजिए।
हल:
(i) 35 घात वाला द्विपदी बहुपद = x35 + 2x.
(ii) 100 घात वाला एकपदी बहुपद = 3x100.

प्रश्न 4.
निम्नलिखित बहुपदों में से प्रत्येक बहुपद की घात लिखिए:
(i) 5x3 + 4x2 + 7x
(ii) 4 – y2
(iii) 5t – \(\sqrt{7}\)
(iv) 3.
हल:
(i) बहुपद 5x3+ 4x2 + 7x मैं x की अधिकतम घात 3 है।
∴ बहुपद की घात = 3
(ii) बहुपद 4 – y2 में y की अधिकतम घात 2 है
∴ बहुपद की घात = 2
(iii) बहुपद 5t – \(\sqrt{7}\) में t की अधिकतम घात 1 है।
अत: व्यंजक की घात = 1
(iv) बहुपद 3 में केवल एक पद है, जिसे 3x0 लिख सकते हैं। अतः इस व्यंजक की घात = 0.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.1

प्रश्न 5.
बताइए कि निम्नलिखित बहुपदों में कौन-कौन बहुपद रैखिक हैं, कौन-कौन द्विघाती हैं और कौन-कौन त्रिपाती हैं
(i) x2 + x
(ii) x – x3
(iii) y + y2 + 4
(iv) 1 + x
(v) 3t
(vi) r2
(vii) 7x3.
हल:
(i) x2 + x, इस बहुपद की अधिकतम घात 2 है।
∴ बहुपद द्विपाती है।
(ii) x – x3 बहुपद की अधिकतम घात 3 है।
∴ बहुपद त्रिघाती है।
(iii) y + y2 + 4 बहुपद की अधिकतम घात 2 है।
∴ द्विघाती बहुपद है।
(iv) 1 + x बहुपद की अधिकतम घात 1 है।
∴ यह रैखिक बहुपद है।
(v) 3t, बहुपद की अधिकतम घात 1 है।
∴ यह रैखिक बहुपद है।
(vi) r2, बहुपद की अधिकतम घात 2 है।
∴ यह द्विघाती बहुपद है।
(vii) 7x3, बहुपद की अधिकतम घात 3 है।
∴ यह त्रिघाती बहुपद है।