Jharkhand Board JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक Important Questions and Answers.
JAC Board Class 10 Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित यौगिकों के संरचना सूत्र लिखिए-
(i) मेथेन
(iii) एथिलीन
(v) बेन्जीन
(vii) ऐसीटिक एसिड।
उत्तर:
प्रश्न 2.
(i) एथेनॉल (ii) ऐसीटिक एसिड के के हाइड्रोकार्बन भाग तथा क्रियात्मक समूह भाग के संरचना सूत्र अलग-अलग लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 3.
(i) एथिलीन (ii) एथिल ऐल्कोहॉल (iii) ऐसीटिक एसिड के आई. यू. पी. ए. सी. नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 4.
एथिलीन की सजातीय श्रेणी का नाम तथा सामान्य सूत्र लिखिए।
उत्तर:
एल्कीन श्रेणी: CnH2n
प्रश्न 5.
एथिलीन में कार्बन परमाणुओं के बीच कैसा बंध होता है: एकल, द्विक् अथवा त्रिक्?
उत्तर:
द्विक् – बंध (double bond), – C = C –
प्रश्न 6.
C2H6O तथा C2H4O2 अणुसूत्रों में से कौन-सा सूत्र ऐल्कोहॉल का है तथा कौन-सा कार्बोक्सिलिक एसिड का?
उत्तर:
C2H6O – ऐल्कोहॉल (C2H5OH)
C2H4O2 – कार्बोक्सिलिक अम्ल (CH3COOH)।
प्रश्न 7.
कैसे प्राप्त कीजियेगा-
(i) एथिलीन से एथेन
(ii) ऐसीटिलीन से एथिलीन
(iii) मेथिल आयोडाइड से मेथेन
(iv) एथिल ऐल्कोहॉल से एथिलीन
(v) एथिलीन से एथेनॉल
(vi) एथिलीन से फॉर्मेल्डिहाइड
(vii) मेथेन से एथेन
(viii) मेथेन से फॉर्मेल्डिहाइड या मेथेनॉल
(ix) एथिलीन से एथिलीन ग्लायकॉल
(x) ऐसीटिक अम्ल से मेथेन
(xi) एथिलीन से एथिल ब्रोमाइड
(xii) एथेनॉल से डाईएथिल ईथर
(xiii) एथेनॉल से एसिटल्डिहाइड
(xiv) ऐसीटिक एसिड से एथिल ऐसीटेट
(xv) तेल या वसा से साबुन
(xvi) ऐसीटिक अम्ल से एथेनॉल
(xvii) एथिल ऐल्कोहॉल से क्लोरोफॉर्म
(xviii) एथिलीन से मस्टर्ड गैस
उत्तर:
(i) एथिलीन से एथेन- एथिलीन को
निकिल की उपस्थिति में 200-300°C पर हाइड्रोजन में प्रवाहित करने पर एथेन गैस प्राप्त होती है।
(ii) ऐसीटिलीन को 200°C ताप पर निकिल की उपस्थिति में हाइड्रोजन से संयोग कराने पर एथिलीन तथा बाद में एथेन मिलता है।
(iii) मेथिल आयोडाइड के Zn-Cu युग्म तथा एथिल ऐल्कोहॉल की अभिक्रिया से प्राप्त नवजात हाइड्रोजन द्वारा उपचयन से प्राप्त करते हैं।
2C2H5OH + Zn → (C2H5O)2 Zn+ 2H
C3I + 2H → CH4 + HI
(iv) एथिल ऐल्कोहॉल की वाष्प को गर्म एलुमिना पर 350°C 380°C पर प्रवाहित करने पर एथिलीन प्राप्त होती है।
(v) एथिलीन की सान्द्र H2SO4 से क्रिया कराने पर एथिल हाइड्रोजन सल्फेट बनता है जिसमें जल मिलाने पर एथिल ऐल्कोहॉल प्राप्त होती है।
एथिलीन ओजोनाइड की जल से क्रिया कराने पर यह विच्छेदित होकर फॉर्मेल्डिहाइड देता है।
(viii) मेथेन, ओजोन के साथ क्रिया कर फॉर्मेल्डिहाइड बनाता है।
(x) CH3COOH + NaOH → CH3COON a + H2O
(xi) एथिलीन एवं हाड्रो ब्रोमिक एसिड की योगात्मक क्रिया द्वारा :
C2H4 + Br → C2H5Br
(xii) सान्द्र H2SO4 द्वारा 140°C पर निर्जलीकरण से-
(xiii) 300°C पर गर्म किये गये क्यूप्रिक ऑक्साइड पर एथेनॉल वाष्प प्रवाहित करने से।
(xiv) सान्द्र H2SO4 की उपस्थिति में एथेनॉल से क्रिया द्वारा
(xv) तेल या वसा को क्षार (NaOH / KOH) के साथ गर्म करने से।
प्रश्न 8.
केवल समीकरण देकर बताइए, क्या होता है जब-
(i) एथिलीन तथा हाइड्रोजन को उच्च ताप पर निकिल पर प्रवाहित किया जाता है।
(ii) मेथेन का ओजोन से ऑक्सीकरण किया जाता है।
(iii) एथिलीन की क्रिया क्षारीय पोटैशियम परमैगनेट से होती है।
(iv) एथिलीन की क्रिया HOCI से होती है।
(v) एथिलीन की क्रिया ओजोन से होती है।
(vi) मेथेन की क्रिया सान्द्र नाइट्रिक एसिड से होती है।
(vii) मेथेन को वायु में जलाया जाता है।
(viii) (a) एथिलीन (b) एथेनॉल को वायु में जलाया जाता है।
(ix) सोडियम ऐसीटेट को कॉस्टिक सोडा तथा चूना के मिश्रण के साथ गर्म किया जाता है।
(x) एथिल ऐल्कोहॉल को सोडियम धातु के साथ क्रिया करते हैं।
उत्तर:
प्रश्न 9.
एल्कीनों का सामान्य सूत्र क्या है?
उत्तर:
CnH2n.
प्रश्न 10.
एक कार्बनिक यौगिक कालिख ज्वाला के साथ जलता है। क्या यह संतृप्त है अथवा असंतृप्त?
उत्तर:
असंतृप्त।
प्रश्न 11.
एथेनॉल की सोडियम से अभिक्रिया लिखो।
उत्तर:
प्रश्न 12.
किन्हीं दो ऑक्सीकरण कारक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
- क्षारीय पोटैशियम परमँगनेट (KMnO4)।
- अम्लीकृत पोटैशियम डाइक्रोमेट (K2Cr2O7)
प्रश्न 13.
निम्न अभिक्रिया से क्या प्राप्त होता है?
उत्तर:
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन बनाने के लिए अभिक्रिया: 443 केल्विन (K) तापमान पर एथेनॉल को अत्यधिक सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म करने पर एथेनॉल का निर्जलीकरण होकर एथीन बनता है।
इस अभिक्रिया में सल्फ्यूरिक अम्ल निर्जलीकारक के रूप में काम करता है जो एथेनॉल से जल को अलग कर देता है।
प्रश्न 14.
कार्बनिक यौगिकों में (i) योगात्मक, (ii) प्रतिस्थापन क्रिया का एक उदाहरण समीकरण द्वारा दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 15.
किन्हीं दो असंतृप्त हाइड्रोकार्बन के संरचना सूत्र तथा उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 16.
किसी ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बन का नाम तथा संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 17.
एथिलीन से मस्टर्ड गैस के निर्माण का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 18.
‘बहुलीकरण’ क्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 19.
कच्चे फलों को पकाने के लिए किस गैस का उपयोग किया जाता है? नाम तथा संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर:
एथिलीन C2H4।
प्रश्न 20.
एन्जाइम क्रिया से ग्लूकोस से एथेनॉल बनने की क्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 21.
‘सिरका’ में कौन-सा एसिड होता है? नाम तथा सूत्र लिखिए।
उत्तर:
ऐसीटिक एसिड: CH3COOH।
प्रश्न 22.
ऐसीटिक एसिड के अणु में कितने हाइड्रोजन परमाणु होते हैं? इसमें से कितने परमाणु इसकी अम्लीय क्रिया भाग लेते हैं?
उत्तर:
4 हाइड्रोजन परमाणु केवल एक।
प्रश्न 23.
ऐसीटिक एसिड की क्षारकता कितनी है?
उत्तर:
एक।
प्रश्न 24.
एथेनॉल (C2H5OH) में (-OH) समूह होता है। क्या यह क्षारक (Alkali) है? कारण देकर बताइए।
उत्तर:
किसी क्षारक जैसे NaOH का -OH समूह आयन (OH–) के रूप में होता है जो किसी अम्ल के H+ आयन से क्रिया करके H2O बनाता है। परन्तु एथेनॉल, C2H5OH का आयनीकरण नहीं होता- अतः इसकी किसी अम्ल से क्रिया H+ से नहीं होती। अतः यह क्षारक नहीं है।
[टिप्पणी : C2H5OH की CH3COOH से क्रिया में एथेनॉल का H परमाणु CH3COOH के -OH समूह क्रिया करके जल बनाता है।]
प्रश्न 25.
ऐसीटिक एसिड के आयनीकरण का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
CH3COOH → H+ + CH3COO–
प्रश्न 26.
अणुसूत्र लिखिए-
- सोडियम पामिटेट
- सोडियम स्टियरेट
- सोडियम ओलिएट
उत्तर:
- C15H31COONa
- C17H35COONa
- C17H31COONa
प्रश्न 27.
‘साबुनीकरण’ क्रिया के अभिकर्मकों तथा उत्पादों के नाम लिखिए।
अथवा
साबुन के निर्माण की रासायनिक अभिक्रिया समीकरण द्वारा दर्शाएँ। इस अभिक्रिया का नाम भी लिखिए।
उत्तर:
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
उन यौगिकों के नाम लिखिए जिन पर जिंक (Zn) की अभिक्रिया से एथिलीन प्राप्त की जा सकती है।
उत्तर:
एथिलीन डाईहैलाइड / क्लोराइड / ब्रोमाइड / आयोडाइड अथवा 1, 2 – डाई हैलोएथेन
प्रश्न 2.
आवश्यक समीकरण देकर मेथेन तथा एथिलीन पर ओजोन की अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 3.
मेथेन तथा एथिलीन के दहन की अभिक्रियाएँ लिखिए।
उत्तर:
- CH4 + 2O2 → CO2 + 2H2O
- C2H4 + 3O2 → 2CO2 + 2H2O
प्रश्न 4.
दहन अभिक्रिया किसे कहते हैं? क्या ये ऑक्सीकरण अभिक्रियाएँ भी होती हैं?
उत्तर:
कार्बन या कार्बनिक यौगिकों को वायु में जलाने से CO2, ऊष्मा एवं प्रकाश मुक्त होती है, जिसे दहन कहा जाता है।
जैसे-
C + O2 → CO2 + ऊष्मा एवं प्रकाश
CH4 + 2O2 → CO2 + 2H2O ऊष्मा एवं प्रकाश हाँ, ये ऑक्सीकरण अभिक्रियाएँ भी हैं।
प्रश्न 5.
संकलन अभिक्रिया किसे कहते हैं? एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पैलेडियम अथवा निकिल जैसे उत्प्रेरकों की उपस्थिति में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन का हाइड्रोजन के योग द्वारा संतृप्त हाइड्रोकार्बन में बदलना संकलन अभिक्रिया कहलाती है।
प्रश्न 6.
प्रतिस्थापन अभिक्रिया किसे कहते हैं? एक उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जब
संतृप्त हाइड्रोकार्बन के हाइड्रोजन परमाणुओं को एक-एक करके क्लोरीन के परमाणुओं द्वारा प्रतिस्थापित ( हटाते) हैं, तो इसे प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
इसी प्रकार आगे भी Cl2 से अभिक्रिया होती है, तथा CCl4 (कार्बन टेट्राक्लोराइड) बनता है।
प्रश्न 7.
एथेनॉल के ऑक्सीकरण की अभिक्रिया लिखिए। क्षारीय KMnO4 को ऑक्सीकारक क्यों कहते हैं।
उत्तर:
क्योंकि क्षारीय KMnO4 एथाइल ऐल्कोहॉल (एथेनॉल) में ऑक्सीकरण जोड़कर उसे एथेनॉइक अम्ल में आक्सीकृत कर देते हैं, इसलिए उसे ऑक्सीकारक कहा जाता है।
प्रश्न 8.
एथिलीन की बहुलीकरण क्रियाएँ लिखिऐ।
उत्तर:
प्रश्न 9.
‘असंतृप्त’ तथा ‘संतृप्त’ प्रइड्रोकार्बनों का अन्तर एक-एक उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों में C पर माणुओं के बीच द्विक् (double) अथवा त्रिक् (triple) बंध होते हैं, जैसे
एथीन (H2C = CH2) ऐसीटिलीन (HC ≡CH) संतृप्त हाइड्रोकार्बन में C परमाणुओं के बीच केवल एकल बंध होता है जैसे एथेन (H3C – CH3)।
प्रश्न 10.
‘डायास्टेस’, ‘माल्टेस’ तथा ‘जाथमेज’ क्या होते हैं? एथिल ऐल्कोहॉल के औद्योगिक निर्माण में इनका क्या कार्य है? रासायनिक समीकरण देकर बताइए।
उत्तर:
डायास्टेस, माल्टेस तथा जायमेज, एन्जाइम (विशेष प्रकार के नाइट्रोजनी कार्बनिक यौगिक) होते हैं जिनका उपयोग स्टार्च तथा शर्करा से ऐल्कोहॉल बनाने में किया जाता है-
एथिल ऐल्कोहॉल के निर्माण की औद्योगिक faferat (Industrial Methods of Forma- tion of Ethyl Alcohol)-
1. एथीन के जल अपघटन से-एथीन गैस को लगभग 80°C ताप एवं 30 वायुमण्डल दाब पर सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) में अवशोषित किया जाता है। इसमें एथिल हाइड्रोजन सल्फेट बनता है।
एथिल हाइड्रोजन सल्फेट को जल के साथ गर्म करने से एथेनॉल बनता है।
2. स्टार्च या शीरा (Molasses) से स्टार्च [C6H10O5)n]को माल्ट निष्कर्ष (malt extract), जिसमें डायास्टेस (rliastase) एन्जाइम होता है के साथ 60°C पर गर्म किया जाता है। इससे स्टार्च का परिवर्तन माल्टोज शर्करा (raaltose sugar) में हो जाता है।
अब माल्टोज विलयन अथवा शीरा का 20% विलयन यीस्ट (yeast) के साथ मिलाकर 30°C पर 4 दिनों तक रखा जाता है यीस्ट में उपस्थित एन्जाइम माल्टेज (Maltase) तथा जायमेज (zymase), माल्टोज शर्करा को पहले ग्लूकोस (glucose) में, तत्पश्चात् एथेनॉल में बदल देते हैं।
प्रश्न 11.
सोडियम की एथेनॉल से क्रिया का आवश्यक समीकरण लिखिए। यह क्रिया, सोडियम की जल से अभिक्रिया से क्या समानता है? समीकरण देकर समझाइए।
उत्तर:
दोनों अभिक्रियाओं में सोडियम परमाणु -OH समूह से H को विस्थापित कर देता है तथा -O. Na समूह बनाता है।
प्रश्न 12.
एथेनॉल की सान्द्र सल्फ्यूरिक एसिड से अभिक्रिया के समीकरण लिखिए, जब अभिक्रिया में (i) एथेनॉल का, (ii) सल्फ्यूरिक एसिड का आधिक्य हो।
उत्तर:
प्रश्न 13.
‘एस्टरीकरण’ (esterification) अभिक्रिया एक उदाहरण देकर समझाइए। यह क्रिया ‘उदासीनीकरण’ से समान प्रतीत होते हुए भी किस प्रकार भिन्न होती है। एस्टरीकरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। उत्तर:
एस्टरीकरण में किसी ऐल्कोहॉल (जैसे एथेनॉल) तथा किसी अम्ल (जैसे ऐसीटिक एसिड) की पारस्परिक क्रिया से एस्टर तथा जल बनता है।
उदाहरण-
उदासीनीकरण में कोई एसिड किसी क्षार से क्रिया करके लवण तथा जल बनाता है :
उदाहरण-
दोनों अभिक्रियाओं में जल का अणु बनता है परन्तु एस्टरीकरण में एसिड के -OH समूह से ऐल्कोहॉल के H– परमाणु का निर्माण होता हैं तथा एस्टर में (CH3COO)– तथा (C2H5)+ आयन नहीं होते हैं।
इसके विपरीत उदासीनीकरण में ऐसिड के H+ आयन का संयोग क्षार के OH– आयन से होकर जल बनता है तथा लवण में (CH3COO)– तथा Na+ आयन होते हैं।
प्रश्न 14.
एथेनॉल से ऐसीटिक एसिड का सीधा निर्माण कैसे किया जाता है? आवश्यक समीकरण देकर बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 15.
‘साबुन’ की रासायनिक प्रकृति, उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘साबुन’ (soap ) उच्च अणुभार के वसीय अम्लों के सोडियम अथवा पोटैशियम लवण होते हैं।
जैसे-
- C15H31COO.Na ( सोडियम पामिटेट)
- C17H33COO.K (पोटैशियम स्टियरेट)
- C17H31COO.Na (सोडियम ओलिएट)
प्रश्न 16.
उदाहरण देकर ‘साबुनीकरण’ का अर्थ समझाइए।
अथवा
साबुनीकरण पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
साबुनीकरण- तेल अथवा वसा (जो उच्च अणुभार के कार्बोक्सिलिक एसिडों के ग्लिसरॉल से संयोग से बने एस्टर होते हैं) पर क्षार की अभिक्रिया (जल अपघटन) से साबुन (उच्च अणुभार के एवं कार्बोक्सिलिक एसिडों के सोडियम / पोटैशियम बनने की अभिक्रिया को ‘साबुनीकरण’ कहते हैं।
सामान्यीकृत रूप से किसी एस्टर के क्षार द्वारा जल-अपघटन को ही साबुनीकरण कहते हैं।
जैसे-
प्रश्न 17.
श्रेष्ठ साबुन के क्या गुण होने चाहिए?
उत्तर:
श्रेष्ठ साबुन के निम्नलिखित गुण होने चाहिए-
- साबुन में किसी प्रकार का स्वतन्त्र क्षार नहीं होना चाहिए।
- साबुन चिकना (खुरदुरा नहीं) होना चाहिए।
- साबुन भंगुर (Brittle) नहीं होना चाहिए।
- साबुन ऐल्कोहॉल (एथेनॉल) में विलेय होना चाहिए।
प्रश्न 18.
साबुन घोलने पर जल के पृष्ठ तनाव पर क्या प्रभाव पड़ता है? यह कपड़े की सफाई करने में किस प्रकार सहायक होता है?
उत्तर:
साबुन घोलने पर जल का पृष्ठ तनाव कम हो जाता है पृष्ठ तनाव कम हो जाने से साबुन युक्त जल, कपड़े के तन्तुओं के भीतर आसानी से प्रवेश करके तेल/ वसा का कोलॉइडी विलयन बना लेता है तथा जल में मिश्रित मैल/ धूल के कण जल के साथ बह कर कपड़े से निकल जाते हैं।
प्रश्न 19.
साबुन क्या है? किसी एक साबुन का सूत्र व नाम लिखिए।
अथवा
साबुन पर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
साबुन- उच्च अणुभार के कार्बनिक एसिडों (जिन्हें वसीय एसिड भी कहते हैं) के सोडियम अथवा पोटैशियम लवणों को साबुन (soap) कहते हैं।
जैसे-
- सोडियम पामिटेट – C15H31. COO Na
- सोडियम स्टियरेट – C17H33.COO.Na
- सोडियम ओलिएट – C17H31.COO.Na
- पोटैशियम पामिटेट – C15H31.COO.K
- पोटैशियम स्टियरेट – C17H33.COO.K
- पोटैशियम ओलिएट – C17H31.COO.K
प्रश्न 20.
क्या होता है, जब-
(i) मेथिल सायनाइड का तनु अम्ल से जल अपघटन किया जाता है।
(ii) एसिटामाइड की नाइट्स अम्ल से क्रिया होती है।
(iii) एथिल एल्कोहाल को सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ 160°C – 170°C तक गर्म किया जाता है।
उत्तर:
प्रश्न 21.
क्या होता है जबकि –
(i) ऐसीटिक अम्ल को P2O5 के साथ गर्म किया जाता है।
(ii) एथिलीन सल्फर मोनो क्लोराइड के साथ
(iii) एथिल एल्कोहॉल की अधिक मात्रा को सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म किया जाता है।
उत्तर:
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
एथिलीन से एथिल ऐल्कोहॉल बनाने की विधि का रासायनिक समीकरण दीजिए। एथिल ऐल्कोहॉल की निम्न अभिक्रियाओं को स्पष्ट कीजिए-
(i) अमोनिया से
(ii) फॉस्फोरस पेण्टाक्लोराइड से
(iii) हैलोफॉर्म अभिक्रिया।
उत्तर:
एथिलीन से एथिल एल्कोहॉल – एथिलीन की क्रिया सान्द्र H2SO4 से 80°C ताप व 30 वायुमण्डल दाब पर कराने पर प्राप्त यौगिक को जल के साथ गर्म करने पर एथिल ऐल्कोहॉल बनता है-
प्रश्न 2.
मृदु एवं कठोर साबुन क्या होते हैं? इसकी स्वच्छीकारक क्रिया को समझाइए।
अथवा
मृदु साबुन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
कठोर साबुन सोडियम साबुन कठोर साबुन कहलाते हैं। जैसे – C17H35COONa (सोडियम स्टियरेट)
मृदु साबुन – पोटैशियम साबुन मुलायम या मृदा साबुन कहलाते हैं।
जैसे – C12H35COOK (पोटैशियम स्टियरेट)
साबुन की सफाई प्रक्रिया – साबुन के अणु के दो भिन्न भाग होते हैं। एक भाग हाइड्रोकार्बन शृंखला का होता हैं जो अध्रुवीय (non-polar) होता है तथा तेल या वसा में विलेय होता है तथा दूसरा भाग कार्बोक्सिलेट आयन होता है जो ध्रुवीय (polar) तथा जल में विलेय होता है।
उदाहरणत:
एक साबुन सोडियम के दो भाग निम्नवत् हैं-
जब साबुन को जल में डाला जाता है तो साबुन के बना लेते हैं कि उनका कार्बोक्सिल समूह जल के भीतर अणु जल के बाह्य तल पर एक अणु मोटी ऐसी पर्त समाया रहता है तथा हाइड्रोकार्बन श्रृंखला जल के तल के ऊपर हाइड्रोकार्बन की पर्त बना लेती है।
अब जब किसी मैले कपड़े को जाता है तो कपड़े धूल, धुआँ आदि के सूक्ष्म कणों से युक्त तेल / वसा के कणों को अपने में घोल लेता है। इस डुबोया क्रिया में मैल युक्त तेल की बूँद एक गोले के रूप में होती है जिसमें तेल में विलेय हाइड्रोकार्बन शृंखलाएँ फँसी रहती हैं तथा जल में विलेय कार्बोक्सिलेट आयन इस बूँद के पृष्ठ के चारों ओर एक जल स्नेही (hydrophilic ) पर्त बना लेते हैं। (चित्र B) इससे तेल की सूक्ष्म बूँदों का यह समूह (micelles) जल में घुलकर उसके साथ कपड़े से अलग होकर बह जाता है। यदि जल में साबुन न धुला हो तो मैल युक्त तैलीय बूँदें जलरोधी (hydrophobic) होने के कारण कपड़े से ही चिपकी रहती हैं तथा जल में नहीं घुलतीं।
ऐसा पाया गया है, कि साबुन के अणु जल के बाह्य पृष्ठ पर ही एकत्र होने के कारण उसके पृष्ठ तनाव (surface tension) को घटा देते हैं, जिससे जल में झाग (सूक्ष्म बूँदों का समूह ) बनता है पृष्ठ तनाव कम हो जाने के कारण साबुन युक्त जल का झाग कपड़े के तन्तुओं के भीतर आसानी से प्रवेश करके तेल / वसा का कोलॉइडी विलयन (emulsion) बना लेता है। जल में धुली हुई मैल युक्त ये तेल-बूँदें जल के साथ बहकर कपड़े से निकल जाती है।
प्रश्न 3.
स्टार्च से एथिल ऐल्कोहॉल के निर्माण में होने वाली अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए। इससे केवल समीकरण दीजिए। आयोडोफॉर्म तथा डाइएथिल ईथर कैसे प्राप्त करेंगे?
उत्तर:
स्टार्च से एथिल ऐल्कोहॉल-
(i) एथिल ऐल्कोहॉल से आयोडोफॉर्म-
(ii) एथिल ऐल्कोहॉल से डाईएथिल ईथर-
प्रश्न 4.
परिशुद्ध ऐल्कोहॉल, परिशोधित स्पिरिट तथा विकृत स्पिरिट क्या होते हैं? एथिल ऐल्कोहॉल के चार मुख्य उपयोग लिखिए।
उत्तर:
- परिशुद्ध ऐल्कोहॉल – 100 प्रतिशत शुद्ध ऐल्कोहॉल परिशुद्ध ऐल्कोहॉल कहलाता है।
- परिशोधित स्पिरिट – 93-95 प्रतिशत शुद्ध ऐल्कोहॉल परिशोधित स्पिरिट कहलाता है।
- विकृत स्पिरिट – परिशोधित स्पिरिट जिसमें मेथिल एल्कोहॉल और अन्य विषैले पदार्थ मिले होते हैं विकृत स्पिरिट कहलाता है।
एथिल ऐल्कोहॉल के उपयोग (Uses of Ethyl Alcohol) इसके निम्नलिखित उपयोग हैं-
- विलायक के रूप में,
- ऐसीटिक अम्ल, क्लोरोफॉर्म आदि के निर्माण में,
- पूतिनाशक के रूप में,
- मादक पेय के रूप में।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित परीक्षणों के आधारभूत कारण सुझाइए।
(a) कार्बन से बने यौगिकों की संख्या अत्यंत अधिक है।
(b) जब ज्वाला पर खाना बनाने वाले बर्तन काले पड़ने लगें तो गैस बर्नरों के वायु छिद्रों में समयोजन करना पड़ता है।
(c) संश्लेषित अपमार्जकों के उपयोग से जल प्रदूषित हो जाता है।
उत्तर:
(a) कार्बन से बने यौगिकों की संख्या अत्यंत अधिक चतु: संयोजकता, शृंखलन तथा समावयवता के कारण होते हैं। चतुःसंयोजकता का तात्पर्य है इसकी संयोजकता 4 है, जिसके कारण बड़ी संख्या में अन्य चार परमाणु जुड़ सकते हैं। कार्बन परमाणु का कार्बन के साथ जुड़ना श्रृंखलन तथा समान अणुसूत्र परंतु भिन्न-भिन्न संरचना के कारण भी इसके यौगिकों की संख्या अधिक होती है, जिन्हें समावयवता कहते हैं।
(b) वायु छिद्र अवरुद्ध होने के कारण ईंधन को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती है तथा पूर्ण दहन नहीं होता है, जिससे धुआँ निकलता है और ईंधन व्यर्थ होता है। अतः गैस बर्नरों के छिद्रों को समायोजित करना पड़ता है ताकि पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन समृद्ध मिश्रण का दहन हो सकें।
(c) डिटरजेंट (संश्लेषित अपमार्जक) अजैव-विघटनीय (Non-biodegradable) होते हैं, जिसके कारण जल प्रदूषित होता है तथा जलीय जीव-जन्तु एवं जलीय परितंत्र प्रभावित होता है।
प्रश्न 6.
(a) सिरका क्या होता है? (b) एक रासायनिक समीकरण लिखकर वर्णन कार्बोनेट, एथेनॉइक अम्ल से अभिक्रिया करता है। कीजिए कि क्या होता है, जब सोडियम हाइड्रोजन
उत्तर:
(a) एसीटिक अम्ल का 5 8% विलयन सिरका कहलाता है।
(b) एथेनॉइक अम्ल, सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट से अभिक्रिया करके, सोडियम एसीटेट, कार्बन डाइऑक्साइड और जल बनाता है।
प्रश्न 7.
संतृप्त और असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में क्या अन्तर है? प्रत्येक के लिए एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
संतृप्त और असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में निम्नलिखित अन्तर पाये जाते हैं-
संतृप्त हाइड्रोकार्बन |
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन |
1. इसमें दो कार्बन परमाणुओं के बीच एकल आबंध या बंध (Single bond) होता है। |
1. इसमें कार्बन-कार्बन के बीच द्वि-आबंध या त्रि-आबंध होते हैं। |
2. यह नीली जवाला के साथ जलती है। |
2. एक कज्जली धुएँ के साथ (Sooty flame) जलती है। |
3. इसमें प्रतिस्थापन अभिक्रिया होती है। |
3. इसमें संकलन अभिक्रिया होती है। |
4. यह अपेक्षाकृत कम अभिक्रियाशील होते हैं।
जैसे-मेथेन (Methane): CH4
एथेन (Ethane): C2H6 |
4. यह अधिक अभिक्रियाशील होते हैं।
जैसे-एथीन (Ethene): C2H4 या
एथाइन (Ethyne): C2H2
या H – C ≡ C – H |
प्रश्न 8.
समावयवता की व्याख्या कीजिए। समावयवियों की कोई चार विशेषताएँ लिखिए। ब्यूटेन के संभव समावयवियों की संरचना चित्रित कीजिए।
उत्तर:
समावयवता – समावयव एक ऐसा गुण है, जिसमें दो या दो से अधिक कार्बनिक यौगिकों के अणुसूत्र हैं। ऐसे समान होते हैं परन्तु संरचना भिन्न-भिन्न होती कार्बनिक यौगिकों को समावयव कहते हैं तथा इस परिघटना को समावयवता कहते हैं।
समावयवियों की चार विशेषताएँ:
- समावयवियों के अणुसूत्र समान होते हैं।
- समावयवियों के संरचना सूत्र भिन्न-भिन्न होते हैं।
- समावयवियों के भौतिक गुण भिन्न होते हैं।
- समावयवियों के रासायनिक गुण भिन्न होते हैं।
ब्यूटेन (C4H10) के दो समावयव होते हैं:
प्रश्न 9.
हाइड्रोकार्बन क्या हैं? (a) संतृप्त सामान्य सूत्र लिखिए तथा प्रत्येक प्रकार के एक हाइड्रोकार्बन (b) असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों का नाम तथा हाइड्रोकार्बन की संरचना को दर्शाइए। किसी असंतृप्त हाइड्रोकार्बन को किस प्रकार संतृप्त बनाया जा सकता है?
उत्तर:
केवल कार्बन और हाइड्रोजन वाले कार्बनिक यौगिकों को हाइड्रोकार्बन कहते हैं।
(a) संतृप्त हाइड्रोकार्बन-वे कार्बनिक यौगिक जिनमें कार्बन कार्बन के बीच एकल आबंध (-) हो संतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं, इसे एल्केन कहते हैं।
सामान्य सूत्र – CnH2n + 2
जहाँ n = 1, 2, 3, ….
जब n = 1, तो CH4 मेथेन, जब = 2
जब C2H6 एथेन
जब n = 3, तो C3H8 प्रोपेन
इसी प्रकार, ब्यूटेन, पेन्टेन, हेक्सेन, ऑक्टेन इत्यादि।
(b) असंतृप्त हाइड्रोकार्बन-
(i) एल्कीन-वे असंतृप्त हाइड्रोकार्बन जिसमें एक या एक से अधिक द्वि-आबंध (=) हो।
सामान्य सूत्र – CnH2n
जहाँ n = 2, 3, 4,
जब = 2 तो C2H4 एथीन
सामान्य नाम – एथिलीन
IUPAC नाम एथीन
(ii) एल्काइन – ऐसे असंतृप्त हाइड्रोकार्बन जिसमें या एक से अधिक त्रि-आबंध कार्बन कार्बन के बीच हो।
सामान्य सूत्र – CnH2n-2 जहाँ, n = 2, 3, 4 है।
जब n = 2, C2H2
सामान्य नाम एसीटिलीन
IUPAC नाम एथाइन
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन को संतृप्त हाइड्रोकार्बन में संकलन अभिक्रिया द्वारा बदला जाता है। इसमें पैलेडियम, Ni जैसे उत्प्रेरकों की उपस्थिति भी अनिवार्य होती है।
यह अभिक्रिया हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया भी कहलाती है।
प्रश्न 10.
रासायनिक दृष्टि से अपमार्जक क्या हैं? सफाई के लिए अपमार्जकों के उपयोग के दो लाभ एवं दो हानियों की सूची बनाइए। उन स्थानों पर भी, जहाँ जल में कैल्सियम आयन होते हैं, घुलाई के लिए
उत्तर:
अपमार्जकों के उपयुक्त होने का कारण लिखिए। कार्बोक्सिलिक अम्ल श्रृंखला के अमोनियम एवं रासायनिक दृष्टि से अपमार्जक लंबी सल्फोनेट लवण होते हैं।
लाभ-
- अपमार्जक कठोर जल के साथ भी कार्य करते हैं तथा झाग उत्पन्न करता है जबकि साबुन कठोर जल के साथ ठीक से कार्य नहीं करता है।
- अपमार्जक साबुन की तुलना में अच्छे सफाई एजेंट हैं।
हानियाँ-
- कुछ अपमार्जक जैवविघटनीय (biodegradable) नहीं होते अर्थात् बैक्टीरिया द्वारा इनका विघटन नहीं हो पाता है जिससे जल प्रदूषण बढ़ता है।
- जलीय पौधे जैसे एलगे ( algae) की वृद्धि हो जाती है, जिससे जल में ऑक्सीजन की कमी (deoxy-genation of water) होती है और जलीय जीव मर जाते हैं। कैल्सियम तथा मैग्नीशियम आयन वाले जल में भी अपमार्जक धुलाई के लिए उपयुक्त होते हैं, क्योंकि अपमार्जक के आवेशित सिरा कैल्सियम और मैग्नीशियम आयनों के साथ अघुलनशील पदार्थ (Scum) नहीं बनाते हैं। इस तरह अपमार्जक कठोर जल के साथ भी प्रभावी (effective) बने रहते हैं।
प्रश्न 11.
किण्वन विधि द्वारा एथिल ऐल्कोहॉल कैसे प्राप्त करोगे? सम्बन्धित अभिक्रिया लिखिए एवं इसके चार रासायनिक गुणधर्म लिखिए। अथवा किण्वन विधि द्वारा एथिल एल्कोहॉल से ऐसीटिक अम्ल बनाने की विधि का रासायनिक समीकरण सहित वर्णन कीजिए। इसकी निम्न के साथ रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
(i) PCl5
(ii) CH3OH
(iii) NaOH
(iv) NH3
(v) Cl2
उत्तर:
किण्वन विधि द्वारा एथिल ऐल्कोहॉल (Ethyl Method)- Alcohal by Fermentation-
सुक्रोज में यीस्ट (Yeast) मिलाकर विलयन को 30-35° के बीच ताप पर रख दिया जाता है तो यीस्ट में उपस्थित इन्वर्टेस एन्जाइम शर्करा को ग्लूकोज और फ्रक्टोज में परिवर्तित कर देता है।
यीस्ट में उपस्थित दूसरा एन्जाइम जाइमेज ग्लूकोज और फ्रक्टोज मिश्रण को एथेनॉल में परिवर्तित कर देता है।
किण्वन विधि द्वारा एथिल एल्कोहॉल से एसीटिक अम्ल (Acetic Acid by Ethyl Alcohol) –
अम्लीकृत पोटैशियम डाइक्रोमेट से एथेनाल को अम्लीकृत पोटैशियम डाइक्रोमेट विलयन से साथ क्रिया कराने पर, एथेनॉल का ऑक्सीकरण होकर एसीटिक अम्ल बनता है।
रासायनिक गुण (Chemical Properties) –
1. PCl5 से अभिक्रिया :
C2H5-OH + PCl5 → C2H5Cl+ POCl3 + HCl
2. CH3OH से अभिक्रिया :
CH3CH2OH + O → CH3CHO + H2O
3. NaOH से अभिक्रियाः
4. NH3 से अभिक्रिया :
5. Cl2 से अभिक्रिया :
C2H5OH + Cl2 → CH3CHO + 2HCl
प्रश्न 12.
साबुन क्या है? एक साबुन का सूत्र लिखिए। इसके निर्माण में प्रयुक्त होने वाले पदार्थों के नाम लिखिए। साबुन के निर्माण की किसी एक विधि का वर्णन कीजिए। अच्छे साबुन में कौन-से गुण होने चाहिए?
अथवा
साबुनीकरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
साबुन तथा साबुनीकरण (Soaps and Saponification) – उच्च अणुभार के कार्बनिक एसिडों (जिन्हें वसीय एसिड (fatty acids) भी कहते हैं) के सोडियम अथवा पोटैशियम लवणों को साबुन (soap) कहते हैं। ये एसिड मुख्यतः
- पामीटिक एसिड (C15H31COOH)
- स्टियरिक एसिड (C17H33COOH) तथा
- ओलिक एसिड (C17H31COOH) हैं।
इनके सोडियम तथा पोटैशियम लवण निम्नवत् होते हैं-
सोडियम पामीटेट (Sodium Palmitate) |
C15H31COONa |
सोडियम स्टियरेट (Sodium Stearate) |
C17H33COONa |
सोडियम ओलिएट (Sodium Oleate) |
C17H31COONa |
पोटैशियम पामीटेट (Potassium Palmitate) |
C15H31 COO.K |
पोटैशियम स्टियटेट (Potassium Stearate) |
C17H33COO.K |
पोटैशियम ओलिएट (Potassium Oleate) |
C17H31COO.K |
सोडियम लवणों को कठोर साबुन (Hard soap ) तथा पोटैशियम लवणों को मृदु साबुन (Soft soap ) कहते हैं।
साबुन का निर्माण तेलों (oils) अथवा वसाओं (fats) पर कास्टिक सोडा (NaOH) अथवा कास्टिक पोटाश (KOH) की क्रिया से होता है तेल (जैसे नारियल का तेल, तिल का तेल, मछुआ का तेल आदि) तथा वसा (जैसे जानवरों की चर्बी ) उपर्युक्त वसीय एसिडों तथा ग्लिसरॉल ( ग्लिसरीन ) के संयोग से बने यौगिक होते हैं. जिन्हें ग्लिसराइड (glycerides) कहते हैं। तेलों तथा अभिक्रिया को निम्नवत् लिखा जा सकता है-
तेल या वसा पर क्षार की अभिक्रिया से साबुन बनने की क्रिया की साबुनीकरण (soaponification) कहते हैं। हमारे प्रयोग में आने वाले कपड़ा धोने के साबुन
(4) द्रव साबुन (Liquid soap)- कठोर साबुन होते हैं। नहाने, दाढ़ी बनाने आदि के साबुन मृदु साबुन होते हैं।
श्रेष्ठ साबुन के गुण (Properties of Quality Soap):
- साबुन खुरदरा नहीं वरन चिकना होना चाहिए।
- साबुन में किसी प्रकार का अप्रयुक्त (स्वतन्त्र) क्षार नहीं होना चाहिए।
- साबुन ऐल्कोहॉल में विलेय होना चाहिए।
- साबुन भंगुर (Brittle) नहीं होना चाहिए अर्थात् प्रयोग करते समय चटखना या टूटना नहीं चाहिए।
विशेष प्रकार के साबुन (Soap of Special Type) :
(1) पारदर्शी साबुन (Transparent Soap ) – वास्तव में ये प्रकाश के लिए पारभासी (transluscent) होते हैं, इनमें कुछ ग्लिसरॉल तथा ऐल्कोहॉल मिला रहता है जो इन्हें पारभासी बनाता है।
(विज्ञापनों में बहुधा पारभासिता को साबुन की शुद्धता का सूचक कहा जाता है, जो भ्रामक तथा निरर्थक प्रचार है।)
(2) औषधियुक्त साबुन (Medicated Soap ) – इनमें त्वचा के रोगों के उपचार अथवा निवारण हेतु कोई कीटनाशक पदार्थ जैसे नीम का तेल, 0.5% फिनॉल (कार्बोलिक साबुन में) मिला रहता है।
(3) शेविंग साबुन (Shaving soap ) – इनमें ग्लिसरॉल तथा गोंद (gum) मिला रहता है जो झाग को शीघ्र सूखने से रोकता है। इनमें 70 से 85% तक जल होता है। इन्हें नारियल के तेल पर कास्टिक पोटाश की क्रिया से बनाया जाता है।
कपड़ा धोने के साबुन तथा नहाने के साबुन में अन्तर
(Differences between Bath Soap and Wash Soap)
कपड़ा धोने का साबुन |
नहाने का साबुन |
1. घटिया किस्म के तेल या वसा से बनाये जाते हैं। |
1. उच्च कोटि का तेल (लाई) का प्रयोग किया जाता है। |
2. कपड़ा धोने के साबुन में पूरक पदार्थ जैसे-स्टार्च, सोडियम सिलिकेट आदि मिलाये जाते हैं। |
2. नहाने के साबुन में पूरक पदार्थ नहीं मिलाये जाते हैं। |
3. प्रायः अरुचिकर गन्ध को दबाने के लिए सामान्य प्रकार की सुगन्ध मिलाते हैं। |
3. इसमें अच्छे प्रकार की सुगन्ध (Perfumes) मिलाये जाते हैं। |
4. कपड़ा धोने के साबुन में हानिकारक क्षार मिला होता है। |
4. नहाने के साबुन में हानिकारक क्षार की मात्रा नहीं होती। |
5. यह प्रायः कठोर होता है, क्योंकि इसे कास्टिक सोडा से बनाते हैं। |
5. यह प्रायः मृदु होता है, क्योंकि इसे कास्टिक पोटाश से बनाते हैं। |
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. एथीन की हाइड्रोजन ब्रोमाइड के साथ अभिक्रिया है-
(a) योगात्मक
(b) बहुलीकरण
(c) संघनन
(d) प्रतिस्थापन
उत्तर:
(a) योगात्मक
2. C2H5OH का नाम है-
(a) मेथेनॉल
(b) एथनॉल
(c) मेथेनल
(d) एथेनल
उत्तर:
(b) एथनॉल
3. निम्न में से मेथेनाइक अम्ल है-
(a) CH3OH
(b) C2H5COOH
(c) C2H5OH
(d) HCOOH
उत्तर:
(d) HCOOH
4. एल्कोहॉल में क्रियात्मक समूह है-
(a) – OH
(b) – CHO
(c) – COOH
(d) > C = 0
उत्तर:
(a) – OH
5. एल्कोहॉल निम्न के साथ हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं-
(a) Zn के साथ
(b) Fe के साथ
(c) Al के साथ
(d) Na के साथ
उत्तर:
(d) Na के साथ
6. कार्बनिक अम्लों में उपस्थित क्रियात्मक समूह है-
(a) – OH
(b) – CHO
(c) – COOH
(d) > C = 0
उत्तर:
(c) – COOH
7. एथनॉल को एसीटिक अमल के साथ सान्द्र सल्फ्यूरिक अमल की उपस्थिति में गर्म किया जाता है, उत्पाद होगा-
(a) एल्डीहाइड
(b) मिथाइल एसीटेट
(c) एथायल एसीटेट
(d) एसीटिक एनहाइड्राइड
उत्तर:
(c) एथायल एसीटेट
8. कौन-सा कथन असत्य है-
(a) अपमार्जक प्रदूषण की दृष्टि से सुरक्षित है।
(b) साबुन प्रदूषण की दृष्टि से सुरक्षित है।
(c) अपमार्जक कठोर जल में प्रभावशाली है
(d) साबुन कठोर जल में प्रभावशाली नहीं है।
उत्तर:
(a) अपमार्जक प्रदूषण की दृष्टि से सुरक्षित है।
9. साबुन है-
(a) सल्फोनिक अम्लों के सोडियम लवण जिनमें 10 से 16 कार्बन हैं
(b) वसा अम्लों के सोडियम लवण जिनमें 16 से 18 कार्बन हैं
(c) ट्राइहाइड्रॉक्सी ऐल्कोहॉल के सोडियम लवण
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(b) वसा अम्लों के सोडियम लवण जिनमें 16 से 18 कार्बन हैं
10. ऐसीटिक एसिड में क्रियात्मक समूह है-
(a) > C = 0
(b) – OH
(c) – COOH
(d) – CHO
उत्तर:
(c) – COOH
11. C2H5.HSO4 को 160°C 170°C ताप तक गर्म करने पर बनता है-
(a) CH4
(b) C2H6
(c) C2H4
(d) (C2H5)2O
उत्तर:
(c) C2H4
12. ठण्डे जल से क्रिया करके मेथेन बनाता है-
(a) कैल्सियम कार्बोनेट
(b) कैल्सियम कार्बाइड
(c) एलुमिनियम कार्बोनेट
(d) एलुमिनियम कार्बाइड
उत्तर:
(d) एलुमिनियम कार्बाइड
13. डीजल तेल में कार्बन परमाणुओं की संख्या है-
(a) C3-C5
(b) C16-C18
(c) C11-C16
(d) C4-C11
उत्तर:
(b) C16-C18
14. किसी एल्कीन का सूत्र है-
(a) C4H10
(b) C4H6
(c) C4H8
(d) C4H12
उत्तर:
(c) C4H8
15. एथेनोइक एसिड (आई. यू. पी. ए. सी. प्रणाली में) का साधारण नाम है-
(a) फॉर्मिक एसिड
(b) ऐसीटिक एसिड
(c) प्रोपियोनिक एसिड
(d) ऐसीटोन
उत्तर:
(b) ऐसीटिक एसिड
16. ब्यूटेनोन में क्रियात्मक समूह है-
(a) > C = 0
(b) CHO
(c) – OH
(d) – COOH
उत्तर:
(a) > C = 0
17. पैलेडियम अथवा निकिल उत्प्रेरक की उपस्थिति में तेल, हाइड्रोजन से अभिकृत कराने पर बसा देते हैं।
यह उदाहरण है, एक-
(a) संकलन अभिक्रिया
(b) प्रतिस्थापन अभिक्रिया का
(c) विस्थापन अभिक्रिया का
(d) ऑक्सीकरण अभिक्रिया का
उत्तर:
(a) संकलन अभिक्रिया
18. निम्नलिखित यौगिकों में से किसमें – OH एक क्रियात्मक समूह है।
(a) ब्यूटेनोन
(b) ब्यूटेनॉल
(c) ब्यूटेनोइक अम्ल
(d) ब्यूटेनल
उत्तर:
(b) ब्यूटेनॉल
19. साबुन के अणु में होता है-
(a) जलरागी शीर्ष तथा जलविरागी पूँछ
(b) जलविरागी शीर्ष तथा जलरागी पूँछ
(c) जलविरागी शीर्ष तथा जलविरागी पूँछ
(d) जलरागी शीर्ष तथा जलरागी पूँछ
उत्तर:
(b) जलविरागी शीर्ष तथा जलरागी पूँछ
20. अपमार्जक के बारे में क्या सत्य है?
(a) लंबी कार्बोक्सिलिक अम्ल श्रंखला के अमोनियम एवं सल्फेट लवण होते हैं।
(b) कार्बोनिक अम्ल का सोडियम लवण है।
(c) ये जैवविघटनीय होते हैं।
(d) इसमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) लंबी कार्बोक्सिलिक अम्ल श्रंखला के अमोनियम एवं सल्फेट लवण होते हैं।
21. सिरका एक विलयन है-
(a) एल्कोहॉल में 40%-50% ऐसीटिक अम्ल
(b) एल्कोहॉल में 5%-50% ऐसीटिक अम्ल
(c) जल 5%-8% ऐसीटिक अम्ल
(d) जल में 40%-50% ऐसीटिक अम्ल
उत्तर:
(c) जल 5%-8% ऐसीटिक अम्ल
22. निम्नलिखित में से कौन एक समजातीय श्रेणी से संबंधित नहीं है?
(a) CH4
(b) C2H6
(c) C3H8
(d) C4H8
उत्तर:
(d) C4H8
23. यौगिक CH3 – CH2 – CHO का नाम है-
(a) प्रोपेनल
(b) प्रोपेनोल
(c) एथेनॉल
(d) एथेनल
उत्तर:
(a) प्रोपेनल
24. CH2 – CH2 – O – CH2 – CH2Cl में
उपस्थित विषम परमाणु है-
(i) ऑक्सीजन
(ii) कार्बन
(iii) हाइड्रोजन
(iv) क्लोरीन
(a) (i) तथा (ii)
(b) (ii) तथा (iii)
(c) (iii) तथा (iv)
(d) (i) तथा (iv)
उत्तर:
(d) (i) तथा (iv)
25. सामान्य सूत्र CnH2n+2 वाले हाइड्रोकार्बन हैं-
(a) एल्केन
(b) एल्कीन
(c) एल्काइन
(d) एल्काइल
उत्तर:
(a) एल्केन
26. निम्नलिखित में से कौन सहसंयोजक आबंध को परिभाषित करता है?
(a) इलेक्ट्रॉनों का स्थानान्तरण होता है।
(b) इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी होती है।
(c) कुछ इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी होती है तथा कुछ का स्थानान्तरण होता है।
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी होती है।
27. कार्बोक्सिल अम्ल के सोडियम लवण हैं-
(a) अपमार्जक
(b) साबुन
(c) डिटरजेंट
(d) शैम्पू
उत्तर:
(b) साबुन
28. वायुमंडल में कार्बन निम्नलिखित में से किस रूप में रहता है?
(a) केवल कार्बन मोनोक्साइड
(b) अल्प मात्रा में कार्बन मोनोक्साइड तथा कार्बन
(c) केवल कार्बन डाइऑक्साइड
(d) कोयला
उत्तर:
(b) अल्प मात्रा में कार्बन मोनोक्साइड तथा कार्बन
29.
उपर्युक्त अभिक्रिया में क्षारीय KMnO4 किस रूप में कार्य करता है?
(a) अपचायक
(b) ऑक्सीकारक
(c) उत्प्रेरक
(d) निर्जलीकारक
उत्तर:
(a) अपचायक
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- उच्च अणुभार वाले हाइड्रोकार्बनों को गर्म करके निम्नतर हाइड्रोकार्बनों में तोड़ने की प्रक्रिया ……………….. कहलाती है।
- एक कार्बनिक यौगिक का वह भाग जो उसके गुणों को निर्धारित करता है ……………….. कहलाता है।
- ……………….. की उपस्थिति में एक असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में हाइड्रोजन के योग की क्रिया हाइड्रोजनीकरण कहलाती है।
- – COOH ऐसे यौगिक जिनके अणुसूत्र तो समा होते हैं लेकिन संरचना सूत्र भिन्न होते हैं ……………… कहलाते हैं।
- क्रियात्मक समूह वाले कार्बनिक यौगिक ……………… कहलाते हैं।
- ……………… का सामान्य सूत्र CnH2n+1OH है।
उत्तर:
- भंजन
- क्रियात्मक समूह
- उत्प्रेरक
- समावयव
- कार्बनिक या कार्बोक्सिलिक अम्ल
- ऐल्कोहॉल।