JAC Class 10 Science Notes Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

→ चुम्बक – वह पदार्थ जो चुम्बकीय वस्तुओं (जैसे- लोहा, कोबाल्ट तथा निकिल ) को आकर्षित करता है, चुम्बक कहलाता है।

→ चुम्बक के गुण- चुम्बक में निम्नलिखित गुण पाये जाते

  • दिक्सूचक का गुण
  • ध्रुवों में परस्पर प्रतिकर्षण एवं आकर्षण का गुण
  • प्रेरक का गुण
  • चुम्बकीय पदार्थों को सदैव आकर्षित करने का गुण।

→ चुम्बक के ध्रुव – चुम्बक के सिरों के जिन बिन्दुओं पर आकर्षण शक्ति तथा चुम्बकत्व सबसे अधिक होता है, चुम्बक के ध्रुव कहलाते हैं। प्रत्येक चुम्बक के दो ध्रुव होते हैं-

  • उत्तरी ध्रुव
  • दक्षिणी ध्रुव।

→ चुम्बकीय प्रेरण- चुम्बक की उपस्थिति में किसी चुम्बकीय पदार्थ में चुम्बकत्व उत्पन्न होने की घटना को चुम्बकीय प्रेरण कहते हैं। चुम्बक के ध्रुव के पास वाले सिरे पर विजातीय ध्रुव तथा दूर वाले सिरे पर सजातीय ध्रुव बनता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

→ विद्युत चुम्बक जब किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो यह चुम्बक की भाँति व्यवहार करने लगता है। इसे विद्युत चुम्बक कहते हैं।

→ एकांक ध्रुव – एकांक ध्रुव वह ध्रुव है जो वायु या निर्वात में 1 मीटर की दूरी पर रखे समान ध्रुव को 10 7 न्यूटन बल से प्रतिकर्षित करता है।

→ चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता- चुम्बकीय क्षेत्र के किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता उस बिन्दु पर रखे एक काल्पनिक एकांक उत्तरी ध्रुव पर लगने वाले बल के बराबर होती है। जबकि यह मान लिया जाता है कि उस एकांक ध्रुव की उपस्थिति में मूल चुम्बकीय क्षेत्र में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

→ चुम्बकीय बल रेखा – चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय बल रेखा वह वक्र है जिस पर काल्पनिक स्वतन्त्र एकांक उत्तरीय ध्रुव गमन कर सकता है। दो बल रेखाएँ एक-दूसरे को कभी नहीं काटती हैं।

→ उदासीन बिन्दु – वे बिन्दु जहाँ किसी चुम्बक का चुम्बकीय क्षेत्र, पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक के बराबर व विपरीत होता है, उदासीन बिन्दु कहलाते हैं उदासीन बिन्दु पर कम्पास सूई रखने पर सूई किसी भी स्थिति में ठहर जाती है।

→ दिक्पात का कोण- किसी स्थान पर भौगोलिक याम्योत्तर और चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच का कोण उस स्थान का दिक्पात का कोण कहलाता है।

→ नमन कोण – किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की परिणामी तीव्रता क्षैतिज से जो कोण बनाती है उसे उस स्थान का नमन कोण (नति कोण) कहते हैं।

→ चुम्बकीय क्षेत्र का मान –

  • चालक में प्रवाहित धारा के मान पर
  • चालक से बिंदु की दूरी पर
  • कुण्डली के लपेटों (फेरों) की संख्या पर निर्भर करता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

→ चुम्बकीय क्षेत्र में किसी धारावाही चालक पर बल – हँस ऑस्टैंड ने प्रयोग द्वारा सिद्ध किया था कि विद्युत धाराएँ चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करती हैं और चुम्बकों पर बल आरोपित करती हैं तथा चुम्बकीय सूई से होने वाले विक्षेपण से इसके पास चुम्बकीय क्षेत्र की उपस्थिति प्रदर्शित होती है।

→ किसी विद्युत धारावाही धातु के तार से एक चुम्बकीय क्षेत्र संबद्ध होता है। तार के चारों ओर क्षेत्र रेखाएँ अनेक संकेन्द्री वृत्तों के रूप में होती हैं जिनकी दिशा दक्षिण- हस्त अंगुष्ठ नियम द्वारा ज्ञात की जाती है।

→ विद्युत चुम्बक में नर्म लौह-क्रोड होता है जिसके चारों ओर विद्युतरोधी ताँबे के तार की कुण्डली लिपटी रहती है।

→ कोई विद्युत धारावाही चालक चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर बल का अनुभव करता है। यदि चुम्बकीय क्षेत्र तथा विद्युत धारा की दिशाएँ परस्पर एक-दूसरे के लम्बवत् हैं तब चालक पर आरोपित बल की दिशा इन दोनों दिशाओं के लम्बवत होती है, जिसे फ्लेमिंग के वामहस्त नियम द्वारा प्राप्त किया जाता है। विद्युत मोटर एक ऐसी युक्ति है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरित करती है।

→ वैद्युत चुम्बकीय प्रेरण एक ऐसी परिघटना है जिसमें किसी कुण्डली में, जो किसी ऐसे क्षेत्र में स्थित है जहाँ समय के साथ चुम्बकीय क्षेत्र परिवर्तित होता है, एक प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न होती है। चुम्बकीय क्षेत्र में परिवर्तन किसी चुम्बक तथा उसके पास स्थित किसी कुंडली के बीच आपेक्षित गति के कारण हो सकता है। यदि कुण्डली किसी विद्युत धारावाही चालक के निकट रखी है तब कुण्डली से संबद्ध चुम्बकीय क्षेत्र या तो चालक से प्रवाहित विद्युत धारा में अंतर के कारण हो सकता है अथवा चालक तथा कुण्डली के बीच आपेक्षित गति के कारण हो सकता है। प्रेरित विद्युत धारा की दिशा फ्लेमिंग के दक्षिण- हस्त नियम द्वारा प्राप्त की जाती है।

→ विद्युत जनित्र यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है। यह वैद्युत चुम्बकीय प्रेरण के आधार पर कार्य करता है।

→ फ्यूज का तार फ्यूज ऐसे पदार्थ के तार का छोटा टुकड़ा होता है जिसका गलनांक बहुत कम होता है तथा लघुपथन अथवा अतिभारण के कारण परिपथ में उच्च धारा प्रवाहित के कारण फ्यूज तार गर्म होकर पिघल जाता है और परिपथ टूट जाता है अतः इसे सुरक्षा उपकरण भी कहते हैं। फ्यूज तार शुद्ध टिन अथवा कॉपर व टिन की मिश्रधातु का बना होता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 12 विद्युत

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 12 विद्युत

→ विद्युत धारा – दो आवेशित चालकों को सुचालक तार द्वारा जोड़े जाने पर आवेश उच्च विभव वाले चालक से निम्न विभव वाले चालक की ओर प्रवाहित होने लगता है। इस प्रकार के आवेश प्रवाह को विद्युत धारा कहते हैं।

→ एकांक आवेश – एक कूलॉम वह आवेश है जो अपने ही बराबर एवं सजातीय आवेश से हवा या निर्वात् में 1 मीटर की दूरी पर रखने पर उस पर 9 x 109 न्यूटन प्रतिकर्षण बल आरोपित करता है।

→ विद्युत क्षेत्र – किसी विद्युत आवेश अथवा आवेश समुदाय के चारों ओर का वह क्षेत्र जहाँ विद्युत प्रभाव अनुभव किया जा सके, विद्युत क्षेत्र कहलाता है।

→ विद्युत विभव- किसी आवेशित वस्तु का विद्युत विभव उसकी वह विद्युतीय अवस्था है जो यह दर्शाती है कि उस वस्तु को अन्य वस्तुओं के विद्युतीय सम्पर्क में रखने पर आवेशों के प्रवाह की दिशा कौन-सी होगी।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 12 विद्युत

→ विभव के मात्रक – C.G.S. में स्थैत वोल्ट (e.s.u.) तथा S. I. में वोल्ट है।

→ विभवान्तर- दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर एकांक धन आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक लाने में किये गये कार्य के बराबर होता है।

→ विभवान्तर के मात्रक – विभवान्तर के मात्रक जूल / कूलॉम या वोल्ट है।

→ विद्युत धारा सामर्थ्य- एक सेकण्ड में प्रवाहित विद्युत आवेश की मात्रा को विद्युत धारा की सामर्थ्य कहते हैं। इसकी इकाई ऐम्पियर है।

→ ऐम्पियर- यदि किसी विद्युत परिपथ में किसी बिन्दु से एक सेकण्ड में प्रवाहित इलेक्ट्रॉन की संख्या 6.25 x 1018 होती है तब परिपथ में विद्युत धारा की सामर्थ्य एक ऐम्पियर कहलाती है।

→ विद्युत प्रतिरोध – किसी चालक का विद्युत प्रतिरोध उसके सिरों पर आरोपित विभवान्तर V तथा उसमें बहने वाली धारा I के अनुपात के बराबर होता है अर्थात्
R = \(\frac { V }{ I }\) ओम

→ प्रतिरोध का मात्रक – इसका S.I. मात्रक ओम है, इसे संकेत ‘Ω’ से दर्शाते हैं।

→ ओम – यदि किसी चालक के सिरों पर 1 वोल्ट विभवान्तर लगाने पर चालक में 1 ऐम्पियर धारा बहने लगे तो उसका प्रतिरोध 1 ओम होता है।

→ ओम का नियम- किसी बन्द परिपथ में संयोजित चालक जिसकी भौतिक परिस्थितियाँ अपरिवर्तित रहती हों, में विद्युत् धारा प्रवाहित की जाये तो उसके सिरों के मध्य विभवान्तर और प्रवाहित विद्युत धारा की सामर्थ्य में एक निश्चित अनुपात होता है, जिसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं। यदि चालक में सिरों के मध्य विभवान्तर V और प्रवाहित विद्युत धारा की सामर्थ्य I हो तो \(\frac { V }{ I }\) = नियंताक होता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 12 विद्युत

→ विद्युत धारा के प्रभाव-विद्युत धारा के मुख्यत: तीन प्रभाव होते हैं-

  • ऊष्मीय प्रभाव
  • रासायनिक प्रभाव
  • चुम्बकीय प्रभाव।

→ विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव के अनुप्रयोग – इस प्रभाव का अनुप्रयोग हीटर, प्रेस, गीजर, ओवन आदि में किया जाता है।

→ विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव के अनुप्रयोग – इस प्रभाव का अनुप्रयोग मुख्यतः विद्युत अपघटन में संचायक सेल के आवेशन, विद्युत लेपन, धातु निष्कर्षण व धातु शोधन में किया जाता है।

→ विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव के अनुप्रयोग- इस प्रभाव का अनुप्रयोग, पंखा, आटा चक्की, रेल इंजन, मिक्सी, विद्युत घण्टी, टेलीफोन एवं बड़ी-बड़ी मशीनों को चलाने में होता है।

→ घरेलू विद्युतघरों में 220V की प्रत्यावर्ती धारा जिसकी आवृत्ति 50 हर्ट्ज होती है, का प्रयोग होता है।

→ प्रतिरोधों का श्रेणीक्रम संयोजन इस प्रकार के संयोजन में सभी प्रतिरोधों की बहने वाली धारा एक समान होती है लेकिन अलग-अलग प्रतिरोधों के सिरों पर विभवान्तर अलग-अलग होता है। संयोजन का तुल्य प्रतिरोध, सभी जोड़े गये प्रतिरोधों के योग के बराबर होता है अर्थात् R = R1 R2 R3 + ….

→ प्रतिरोधों का समान्तर क्रम संयोजन – इस प्रकार के संयोजन में प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर समान होता है लेकिन अलग-अलग प्रतिरोधों से प्रवाहित धारा अलग-अलग होती है। किसी प्रतिरोध से प्रवाहित धारा, उसके प्रतिरोध के व्युत्क्रमानुपाती होती है। संयोजन के तुल्य प्रतिरोध का व्युत्क्रम, पृथक्-पृथक् प्रतिरोधों के व्युत्क्रमों के योग के बराबर होता है, अर्थात्
\(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_1}+\frac{1}{R_2}+\frac{1}{R_3}\) + ….

→ सुरक्षा युक्ति-विद्युत फ्यूज- यह ताँबा, टिन तथा सीसा के मिश्र धातु से बने तार होते हैं जिसका गलनांक कम होता है। इसे विद्युत परिपथ में लाइव तार के साथ श्रेणीक्रम में लगाया जाता है जिससे परिपथ के तारों के लघुपथित हो जाने अथवा वोल्टेज के उतार-चढ़ाव के कारण सीमा से अधिक धारा बहने पर वह पिघलकर टूट जाता है जिससे परिपथ में लगे उपकरण सुरक्षित रहते हैं।

→ किसी प्रतिरोधक में क्षयित अथवा उपमुक्त ऊर्जा को इस प्रकार व्यक्त किया जाता है-
W = V x I x T

→ विद्युत शक्ति का मात्रक वाट (W) है जब 1 A विद्युत धारा 1V विभवान्तर पर प्रवाहित होती है तो परिपथ में उपमुक्त शक्ति 1 वाट होती है।

→ विद्युत ऊर्जा का व्यापारिक मात्रक किलोवाट घंटा (kWh) है।
1 kWh = 3,600,000 J = 3.6 x 106 J.

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

प्रश्न 1.
यदि किसी समलम्ब की समान्तर भुजाएँ a व b हैं तथा उनके बीच की लम्बवत दूरी h है तो उसके क्षेत्रफल का सूत्र होगा :
(A) 2h(\(\frac {a}{b}\))
(B) 2h(a + b) h
(C) a.b.h
(D) \(\frac {1}{2}\)(a + b)h.
हल :
विकल्प ‘D’ सही है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

प्रश्न 2.
किसी त्रिभुज का क्षेत्रफल उसकी भुजा और संगत शीर्षलम्ब के गुणन का होता है।
(A) दो गुना
(B) बराबर का
(C) एक तिहाई
(D) आधा
हल :
विकल्प ‘D’ सही है।

प्रश्न 3.
समान्तर चतुर्भुज का प्रत्येक विकर्ण उसको समान क्षेत्रफल वाले जिन दो प्रान्तों में विभाजित करता हैं, उनका आकार होता है :
(A) समचतुर्भुजाकार
(B) त्रिभुजाकार
(C) समान्तर चतुर्भुजाकार
(D) विषमबाहु चतुर्भुजाकार
हल :
विकल्प ‘B’ सही है।

प्रश्न 4.
एक त्रिभुज का आधार 6 सेमी और ऊँचाई 5 सेमी है, तो क्षेत्रफल होगा :
(A) 15 सेमी²
(B) 25 सेमी²
(C) 30 सेमी²
(D) 36 सेमी²
हल :
Δ का क्षेत्रफल = \(\frac {1}{2}\) × आधार × ऊँचाई
= \(\frac {1}{2}\) × 6 × 5 सेमी²
= 3 × 5 सेमी² = 15 सेमी²
सही विकल्प ‘A’ है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

प्रश्न 5.
एक समान्तर चतुर्भुज का आधार 5 सेमी और ऊंचाई 4 सेमी है, तो क्षेत्रफल होगा :
(A) 10 वर्ग सेमी
(B) 20 वर्ग सेमी
(C) 18 वर्ग सेमी
(D) 40 वर्ग सेमी।
हल :
समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल आधार × ऊंचाई
= 5 × 4 सेमी² = 20 सेमी²
सही विकल्प ‘B’ है।

प्रश्न 6.
एक समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुज क्षेत्रफल में समान हैं और एक ही आधार पर स्थित हैं। यदि समान्तर चतुर्भुज की ऊंचाई 2 सेमी हो, तो त्रिभुज की ऊँचाई है:
(A) 4 सेमी
(B) 1 सेमी
(C) 2 सेमी
(D) 3 सेमी।
हल :
Δ का क्षेत्रफल = समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल (दिया है)
\(\frac {1}{2}\) × आ. × ॐ. = आ. × स. च. की ऊँचाई
∴ त्रिभुज की ऊँ. = 2 × स. च. की ऊँचाई
= 2 × 2 = 4 सेमी
अतः विकल्प ‘A’ सही है।

प्रश्न 7.
ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है, जिसमें AB = 10 सेमी है। AB और AD भुजाओं के शीर्षलम्ब 7 सेमी व 8 सेमी है। AD की लम्बाई है:
(A) 8.75 सेमी
(B) 8.25 सेमी
(C) 7.75 सेमी
(D) 9 सेमी
हल :
समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार × संगत शीर्षलम्ब
पुन:
= AB × DM
= 10 × 7 = 70 सेमी² …….(i)
ar (|| ABCD) = AD × BN
= AD × 8 …….(ii)
(i) और (ii) से
AD × 8 = 70
AD = \(\frac {70}{8}\) = 8.75 सेमी
अतः विकल्प ‘A’ सही है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

प्रश्न 8.
चित्र में ABCD का क्षेत्रफल होगा :
(A) 12 सेमी²
(B) 8 सेमी²
(C) 10 सेमी²
(D) 9 सेमी²
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 1
हल :
☐ABCD का क्षेत्रफल
= ar (ΔABC) + ar (ΔADC)
= \(\frac {1}{2}\) × 4 × 3 + \(\frac {1}{2}\) × 4 × 2
= 6 + 4 = 10 सेमी²
अतः विकल्प ‘C’ सही है।

प्रश्न 9.
एक समान्तर चतुर्भुज की दो क्रमागत लम्बाई 15 सेमी तथा 12 सेमी है। यदि 15 सेमी भुजाकी भुजाओं की भुजाओं के दूरी 6 सेमी हो तो 12 सेमी भुजाओं की दूरी होगी :
(A) 8 सेमी
(B) 7.5 सेमी
(C) 12 सेमी
(D) 6 सेमी.
हल :
समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार × संगत शीर्ष लम्ब
= 15 × 6 = 90 सेमी²
पुनः माना 12 सेमी भुजाओं के मध्य की दूरी = x
∴ 12 × x = 90
x = \(\frac {90}{12}\) = 7.5 सेमी
अतः विकल्प ‘B’ सही है।

प्रश्न 10.
यदि किसी Δ की तीनों भुजाएँ क्रमशः a, b तथा c हैं तो उसकी अर्द्धमाप होगी :
(A) abc
(B) \(\frac {a + b + c}{2}\)
(C) \(\frac {abc}{2}\)
(D) a + b + c
हल :
त्रिभुज का परिमाप = a + b + c
त्रिभुज का अर्द्धमाप = \(\frac {a + b + c}{2}\)
अतः विकल्प ‘B’ सही है।

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11. रिक्त स्थानों की पूर्ति करो :

प्रश्न (i)
त्रिभुज का क्षेत्रफल समान्तर चतुर्भुज के क्षेत्रफल का ………………. कल होता है।
हल :
आधा

प्रश्न (ii)
किसी आकृति का तलीय क्षेत्र का परिमाण या माप उस आकृति का ………. कहलाता है।
हल :
क्षेत्रफल ।

प्रश्न (iii)
एक ही आधार और बराबर क्षेत्रफल वाले त्रिभुज समान ………… के बीच स्थित होते हैं।
हल :
समान्तर रेखाओं ।

प्रश्न (iv)
त्रिभुज की माध्यिका, त्रिभुज को ………………………. वाले दो त्रिभुजों में विभाजित करती है।
हल :
बराबर क्षेत्रफल ।

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प्रश्न (v)
समातर चतुर्भुज की कोई भी भुजा इसका ……………….. हो सकती है।
हल :
आधार।

प्रश्न (vi)
4 सेमी भुजा वाले वर्ग का क्षेत्रफल ………………….. भुजाओं वाले आयत के क्षेत्रफल के बराबर होता है।
हल :
8 सेमी तथा 2 सेमी।

प्रश्न (vii)
किसी समबाहु त्रिभुज की भुजाओं के मध्य-बिन्दुओं को मिलाने से बने त्रिभुज का क्षेत्रफल मूल त्रिभुज के क्षेत्रफल का …………. होता है।
हल :
एक चौथाई।

प्रश्न (viii)
ऐसी आकृति जिसकी चारों भुजाएँ तो बराबर होती हैं किन्तु कोण नहीं ………………… कहलाता है।
हल :
समचतुर्भुज ।

प्रश्न (ix)
किसी समकोण त्रिभुज का परिगत केन्द्र, उसके …………… भुजा पर स्थित होता है।
हल :
कर्ण।

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प्रश्न (x)
समान आधार तथा समान समान्तर रेखाओं के मध्य बने समचतुर्भुज तथा आयत के क्षेत्रफलों में आयत का क्षेत्रफल ………………….. होता है।
हल :
कम।

प्रश्न 12.
सिद्ध करो कि यदि एक त्रिभुज और एक समान्तर चतुर्भुज, एक ही आधार पर और उन्हीं दो समान्तर रेखाओं के बीच में हों, तो त्रिभुज का क्षेत्रफल, समान्तर चतुर्भुज के क्षेत्रफल का आधा होता है।
हल :
दिया है ΔVAB और ||gm ABCD, इस प्रकार हैं कि V, D और C संरेख हैं।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 2
सिद्ध करना है : ar (ΔVAB) = \(\frac {1}{2}\)ar (||gm ABCD).
रचना : CL ⊥ AB खींचा जो बढ़ी हुई रेखा AB के बिन्दु L पर मिलती है, और VM ⊥ AB, जो रेखा AB को M बिन्दु पर मिलती है।
उपपत्ति : V, D और C संरेख हैं और DC || AB,
∴ VM = CL, …….(1)
(समान्तर रेखाओं के बीच की दूरी )
अब ar (ΔVAB) = \(\frac {1}{2}\)VM × AB …….. (2)
ar (||gm ABCD) = CL × AB ………..(3)
समीकरण (2) से,
ar (ΔVAB) = \(\frac {1}{2}\) × VM × AB
ar (ΔVAB) = \(\frac {1}{2}\) × CL × AB …………(4) [∵ VM = CL]
समीकरण (3) एवं (4) से,
ar (ΔVAB) = \(\frac {1}{2}\)ar (||gm ABCD).
इति सिद्धम् ।

प्रश्न 13.
सिद्ध करो कि समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल, उसकी समान्तर भुजाओं के मध्य लम्बवत दूरी और समान्तर भुजाओं के योगफल के गुणनफल का आधा होता है।
हल :
दिया है समलम्ब चतुर्भुज ABCD, जिसमें AB || CD
AL ⊥ DC और CN ⊥ AB है।
AB = a, DC = b, AL = CN = h (माना)
सिद्ध करना है :
ar (समलम्ब चतुर्भुज ABCD) = \(\frac {1}{2}\)h × (a + b).
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रचना : A और C को मिलाया।
उपपत्ति : AC, चतुर्भुज ABCD का विकर्ण है।
∴ ar (समलम्ब चतुर्भुज ABCD)
= ar (ΔABC) + ar (ΔACD)
अब, ar (ΔABC) = \(\frac {1}{2}\)h × a …….(i)
ar (ΔACD) = \(\frac {1}{2}\)h × b ………….(ii)
समीकरण (i) और (ii) को जोड़ने पर,
∵ ar (ΔABC) + ar (ΔACD)
= \(\frac {1}{2}\)h × a + \(\frac {1}{2}\)h × b
= \(\frac {1}{2}\)h × (a + b)
इति सिद्धम् ।

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प्रश्न 14.
एक समबाहु त्रिभुज के शीर्षलम्ब की लम्बाई और क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसकी भुजा की लम्बाई a है।
हल :
एक समबाहु त्रिभुज जिसकी भुजा की लम्बाई a है।
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अतः
AB = BC = CA = a
त्रिभुज का शीर्षलम्ब AD है।
BD = \(\frac {1}{2}\)BC
[समबाहु Δ में प्रत्येक शीर्षलम्ब सम्मुख भुजा को समद्विभाजित करता है।]
∴ BD = \(\frac {1}{2}\) × a = \(\frac {a}{2}\)
ΔABD में, ∠D समकोण है, अत: पाइथागोरस प्रमेय से,
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प्रश्न 15.
चित्र में यदि ΔABC एवं ΔDBC एक ही आधार BC पर स्थित हैं, तो सिद्ध कीजिए कि
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हल :
दिया है ΔABC और ΔDBC का आधार BC है।
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रचना : A तथा D से AL ⊥ BC तथा DM ⊥ BC डालें।
ΔALO और ΔDMO में,
∠ALO = ∠DMO (प्रत्येक 90°)
∠AOL = ∠DOM (शीर्षाभिमुख कोण)
ΔALO ~ ΔDMO (AAA नियम)
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प्रश्न 16.
सिद्ध कीजिए कि दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफल संगत माध्यिकाओं के वर्गों के अनुपात में होते हैं।
हल :
दिया है : समरूप त्रिभुज ABC और DEF में AP और DQ माध्यिकाएँ हैं।
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उपपत्ति: हम जानते हैं कि दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात उनकी संगत भुजाओं के वर्गों के अनुपात के समान होता है (मूलभूत समानुपातिक प्रमेय)
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प्रश्न 17.
दो त्रिभुज के आधार क्रमशः 8 सेमी व 6 सेमी हैं। यदि उनकी ऊंचाई क्रमशः 6 सेमी व 8 सेमी हो, तो उनके क्षेत्रफल का अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल :
पहले त्रिभुज का क्षेत्रफल = \(\frac {1}{2}\)आधार × ऊँचाई
= \(\frac {1}{2}\) × 8 × 6
= 24 वर्ग सेमी
दूसरे त्रिभुज का क्षेत्रफल = \(\frac {1}{2}\) × 6 × 8
= 24 वर्ग सेमी
अतः अनुपात = पहले त्रिभुज का क्षेत्रफल / दूसरे त्रिभुज का क्षेत्रफल
= \(\frac{24}{24}=\frac{1}{1}\)
अतः दोनों त्रिभुजों के क्षेत्रफल का अनुपात = 1 : 1

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प्रश्न 18.
दो त्रिभुज एक ही आधार पर एवं समान समान्तर रेखाओं के बीच स्थित हैं। एक त्रिभुज की ऊंचाई 5 सेमी तथा क्षेत्रफल 18 वर्ग सेमी. है। दूसरे त्रिभुज की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
दो त्रिभुज ABC तथा त्रिभुज DBC एक ही आधार BC पर तथा एक ही समान्तर रेखाओं BR तथा PQ के मध्य स्थित हैं। अतः दोनों त्रिभुजों का क्षेत्रफल समान होगा।
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अत: त्रिभुज ABC का क्षे. = \(\frac {1}{2}\) × आधार × ऊँचाई
18 = \(\frac {1}{2}\) × आधार × 5
∴ आधार = \(\frac{2 \times 18}{5}=\frac{36}{5}\)
∴ आधार (y) = 7.2 सेमी
दूसरे त्रिभुज का क्षे. = \(\frac {1}{2}\) × आधार × ऊँचाई
18 = \(\frac {1}{2}\) × y × x
18 = \(\frac {1}{2}\) × 7.2 × x
∴ x = \(\frac{18 \times 2}{7.2}\)
= \(\frac{18 \times 20}{72}\) = 5
∴ दूसरे त्रिभुज DBC की ऊँचाई (x) = 5 सेमी
अतः ऊंचाई: = 5 सेमी।

प्रश्न 19.
एक समचतुर्भुज का एक विकर्ण दूसरे विकर्ण से दोगुना है। यदि उस समचतुर्भुज का क्षेत्रफल 80 वर्ग सेमी हो तो उसकी भुजा की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
हल :
माना, सम चतुर्भुज ABCD की प्रत्येक भुजा की लम्बाई = a सेमी
माना, समचतुर्भुज के एक विकर्ण की लम्बाई = x सेमी
समचतुर्भुज का क्षेत्रफल = \(\frac {1}{2}\) × (x × 2x)
= x2 वर्ग सेमी
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 12
चूंकि समचतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को समकोण पर समद्विभाजिक करते हैं। अतः ∠AOD एक समकोण त्रिभुज है, जिसका ΔAOD = 90°
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 13
अतः समचतुर्भुज की भुजा की लम्बाई = 10 सेमी

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

प्रश्न 20.
एक नहर की अनुप्रस्थ काट का आकार समलम्ब है। यदि नहर के ऊपरी सिरे की चौड़ाई 10 मी, तली की 6 मी तथा अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल 72 वर्ग मीटर हो तो उसकी गहराई ज्ञात कीजिए। समलम्ब की अन्य भुजाओं की लम्बाई भी बताइए।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 14
हल :
माना अनुप्रस्थ काट की गहराई = d मीटर की दूरी = d मीटर समलम्ब ABCD का क्षेत्रफल = \(\frac {1}{2}\)(AB + BC) × d
72 = \(\frac {1}{2}\)(10 + 6) × d
72 × 2 = 16 d
d = \(\frac{72 \times 2}{16}\) = 9
नहर की गहराई = 9 मीटर
समलम्ब की अन्य दो भुजाएँ AD = BC
ΔAFD में, ∠AFD = 90°
AF = \(\frac{10-6}{2}\) = 2, DF = d = 9
AD = \(\sqrt{2^2+9^2}=\sqrt{4+81}=\sqrt{85}\)मीटर

JAC Class 10 Science Notes Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

→ आनुर्वंशिकता-जीवधारियों की एक पीढ़ी से अगली पीड़ी में उनके विभिन्न लक्षणों के प्रेषण अथवा संचरण को आनुवंशिकता कहते हैं।

→ जीन-जीवों में आनुवंशिकता की इकाई को जीन कहते हैं।

→ समयुग्मजी-इसमें जीन के दोनों एलील समान होते है, जैसे-TT।

→ विषमयुग्मजी-इसमें जीन में दोनों एलील असमान होते हैं जैसे-Tt।

→ संकर-किसी प्रजाति के दो परस्पर विरोधी लक्षणों के जीवों के निषेचन से उत्पन्न जीव को संकर (hybrid) कहते हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

→ एलील-एक ही गुण के विभिन्न विपयाययी रूपों को प्रकट करने वाले कारकों को एक-दूसरे का एलील कहते हैं।

→ मेण्डल का प्रभाविता का नियम-विपरीत लक्षणों की जोड़ी में से केवल एक लक्षण ही फीनोटाइप में प्रकट हो सकता है। दूसरा लक्षण पहले लक्षण की उपस्थिति में दबा-छिपा रहता है। व्यक्त करने वाले लक्षण को प्रभावी लक्षण तथा जो लक्षण छिपे रहते हैं, उन्हें अप्रभावी लक्षण कहते हैं।

→ विसंयोजन का सिद्धांत-विसंयोजन के सिद्धांत के अनुसार गैमीटों के बनने के दौरान कारकों की जोड़ी के दो सदस्य सम्मिश्रित नहीं होते, वरन् विभिन्न गैमीटों में विसंयोजित हो जाते हैं। जाइगोट निर्माण के समय यादृच्छिक समेकन के अनुसार गैमीट पुन: परस्पर संयोजित हो जाते हैं। इसे गैमीटों की शुद्धता का नियम भी कहा जाता है।

→ एकसंकर प्रसंकरण-जिस प्रसंकरण में केवल एक ही जोड़ी लक्षण को लिया जाता है, उन्हें एकसंकर प्रसंकरण कहते हैं।

→ द्विसंकर प्रसंकरण-इस प्रकार के संकरण में दो जोड़ी विपरीत लक्षणों वाले पौधों में प्रसंकरण कराया जाता है।

→ जैव विकास-सरल जीवों से सम्भिश्र प्रकार के जीवों के विकास को जैव विकास कहते हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

→ समयुग्मनज-जब युग्मनज में किसी लक्षण के दोनों कारक एक ही प्रकार के हों, तो ऐसे युग्मनज को समयुग्मनज कहते हैं।

→ विषमयुग्मनज-जब युग्मनज में किसी लक्षण के दोनों कारक एक-दूसरे से भिन रूप के हों, तो ऐसा युग्मन विषमयुग्मनज कहलाता है।

→ फीनोटाइप-किसी जीव्धारी की बाहा संरचना का वर्णन फीनोटाइप कहलाता है।

→ जीनोटाइप-इसके विपरीत जीवधारी की कोशिकाओं की आनुवंशिक संरचना अर्थात् उसकी कोशिका में उपस्थित जीनों का वर्णन, जीनोटाइप कहलाता है।

→ कोमोसोम-क्रोमोसोम केन्द्रक के भीतर पाये जाने वाले सूत्राकार पिण्ड होते हैं। ये क्रोमेटिन सामग्री अर्थात् DNA के बने होते हैं।

→ स्पीशीज में विभिन्नताएँ उसे उत्तरजीविता के योग्य बना सकती हैं अथवा केवल आनुवंशिक विचलन में योगदान देती हैं।

→ जैव-विकास को समझने के लिए केवल वर्तमान स्पीशीज का अध्ययन पर्याप्त नही है, वरन् जीवाश्म अध्ययन भी आवश्यक है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

→ जैव-विकास के समय अंग अथवा आकृति नए प्रकायों के लिए अनुकूलित होते हैं। उदाहरण के लिए, जो प्रारंभ में उष्पता प्रदान करने के लिए विकसित हुए थे, कालांतर में उड़ने के लिए अनुकूलित हो गए।

→ विकास को ‘निम्न’ अभिरूप से ‘उच्यतर ‘ अभिरूप की ‘प्रगति’ नहीं कहा जा सकता है, बलिक यह प्रतीत होता है कि विकास ने अधिक जटिल शारीरिक अभिकल्प उत्पन्न किए है जबकि सरलतम शारीरिक अभिकल्प भूलीभांति अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं।

→ मानव के विकास के अध्ययन के आधार पर कहा जा सकता है कि हम सभी एक ही स्पीशीज के सदस्य हैं जिसका उदय अफ्रीका में हुआ था और चरणों में विश्व के विभिन्न भागों में फैला।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

→ मानव नेत्र-यह मांसपेशियों की बनी लगभग 2.5 सेमी उ्यास वाले नेत्र गोलक की सहायता से संचालित होती है।

→ मानव नेत्र के भाग-मानव नेत्र के प्रमुख भाग दृढ़ पटल, कॉर्निया, आइरिस, पुतली, नेत्र लेन्स कोरोइड, रेटिना, जलीय द्रव तथा काँचाभ द्रव हैं।

→ रेटिना-यह प्रकाश सुग्राही झिल्लीनुमा संरचना होती है। इसमें शंकु एवं शलाका तंत्रिकाएँ उपस्थित होती हैं। इसमें शंकु प्रकाश के रंग के प्रति तथा शलाका प्रकाश की तीव्रता के लिए सुग्राही होती है।

→ नेत्र की समंजन क्षमता-मानव नेत्र द्वारा विभिन्न दुरियों पर स्थित वस्तुओं के प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनाने की क्षमता को नेत्र की समंजन क्षमता कहते हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

→ स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी-स्वस्थ नेत्र के लिए स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी 25 सेमी होती है।

→ समंजन-अभिनेत्र लेंस की वह क्षमता जिसके कारण वह अपनी फोकस दूरी को समायोजित कर लेता है, समंजन कहलाती है।

→ पक्ष्माभी पेशियों के शिथिल होने पर लेंस पतला हो जाता है व फोकस दूरी बढ़ जाती है और हम दूर की वस्तुओं को स्पष्ट देखने में समर्थ हो पाते हैं।

→ जब हम निकट की वस्तु को देखते हैं तब पक्ष्माभी पेशियाँ सिकुड़ जाती हैं और लेंस मोटा हो जाता है तथा इसकी फोकस दूरी घट जाती है।

→ मोतियाबिंद-कभी-कभी अधिक आयु के कुछ व्यक्तियों के नेत्र का क्रिस्टलीय लें स दुधिया तथा धुँधला हो जाता है। इस स्थिति को मोतियाबिंद कहते हैं। इसके कारण नेत्र की दृष्टि में कमी या पूर्ण रूप से दृष्टि क्ष्य हो जाता है। मोतियाबिंद की शल्य चिकित्सा के बाद दृष्टि का वापस लौटना संभव होता है।

→ निकट बिन्दु-वह न्यूनतम दूरी जिस पर रखी कोई वस्तु बिना किसी तनाव के अत्यधिक स्पष्ट देखी जा सकती है, उसे सुस्पष्ट दर्शन की अल्पतम दूरी कहते हैं। इसे नेत्र का निकट बिन्दु भी कहते हैं।

→ किसी सामान्य दृष्टि के तरुण वयस्क के लिए निकट बिन्दु की औँख से दूरी लगभग 25 cm होती है।

→ दूर बिन्दु-वह दूरतम बिन्दु जिस तक कोई नेत्र वस्तुओं को सुस्पष्ट देख सकता है, नेत्र का दूर बिन्दु कहलाता है। सामान्य नेत्र के लिए यह अनंत दूरी पर होता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

→ निकट दृष्टि दोष-जब व्यक्ति निकट की वस्तुएँ देख सकता है परन्तु दूर की वस्तु स्पष्ट नहीं देख सकता है ऐसे दोष को निकट दृष्टि दोष कहते हैं।

→ दूर दृष्टि दोष-जब व्यक्ति दूर की वस्तुएँ देख सकता है, परन्तु निकट की वस्तुएँ स्पष्ट नहीं देख सकता है ऐसे दोष को दूर दुष्टि दोष कहते हैं।

→ जरा दृष्टि दोष-जब व्यक्ति निकट एवं दूर दोनों की वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख पाता है तो ऐसे दोष को जरा दृष्टि दोष कहते हैं। यह वृद्ध व्यक्तियों में पाया जाता है।

→ दुष्टि वैषम्य-जब व्यक्ति सामान्य दूरी पर स्थित क्षैतिज तथा ऊर्ध्वाधर रेखाओं को एक साथ स्पष्ट नहीं देख सकता है तो ऐसे दोष को दृष्टि वैषम्य कहते हैं।

→ दृष्टि परास-किसी नेत्र के लिए निकट एवं दूर बिन्दु के मध्य दूरी को दृष्टि परास कहते हैं।

→ फोटोग्राफिक कैमरा-वह प्रकाशिक यन्त्र जिसके द्वारा किसी वस्तु का स्थायी प्रतिबिम्ब फोटोग्राफिक फिल्म पर प्राप्त किया जाता है।

→ कैमरे के भाग-कैमरे के प्रमुख भाग-प्रकाशरोधी बॉक्स, लेंस, डायाफ्राम, फोटोग्राफिक फिल्म, शटर हैं।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

Jharkhand Board JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

Jharkhand Board Class 10 Science अम्ल, क्षारक एवं लवण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH संभवतः क्या होगा?
(a) 1
(b) 4
(c) 5
(d) 10
उत्तर:
(d) 10

प्रश्न 2.
कोई विलयन अंडे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न करता है जो चूने के पानी को दुधिया कर देती है। इस विलयन में क्या होगा?
(a) NaCl
(b) HCl
(c) LiCl
(d) KCl
उत्तर:
(b) HCl

प्रश्न 3.
NaOH का 10 mL विलयन HCl के 8 mL विलयन से पूर्णतः उदासीन हो जाता है। यदि हम NaOH के उसी विलयन का 20 ml लें तो इसे उदासीन करने के लिए HCI के उसी विलयन की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी?
(a) 4 mL
(c) 12 mL
(b) 8 mL
(d) 16 mL
उत्तर:
(d) 16m

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 4.
अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस ओषधि का उपयोग होता है?
(a) एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक)
(b) ऐनालजेसिक (पीड़ाहारी)
(c) ऐन्टैसिड
(d) एंटीसेप्टिक (प्रतिरोधी)
उत्तर:
(c) ऐन्टैसिड

प्रश्न 5.
निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द- समीकरण लिखिए तथा उसके बाद संतुलित समीकरण लिखिए-
(a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
(c) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह के रेतन के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर:
(a) दानेदार जिंक + तनु सल्फ्यूरिक अम्ल → जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
Zn(s) + H2SO4(aq) → ZnSO4(aq) + H2(g)

(b) मैग्नीशियम पट्टी + तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → मैग्नीशियम क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
Mg(s) + 2HCl → MgCl2(aq) + H2

(c) ऐलुमिनियम चूर्ण + तनु सल्फ्यूरिक अम्ल → ऐलुमिनियम सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
2Al(s) + 3H2SO4 → Al2(SO4)3(aq) + 3H2(g)

(d) लौह के रेतन + तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → आयरन क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
Fe (s) + 2HCl(aq) → FeCl2(aq) + H2(g)

प्रश्न 6.
ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों में भी हाइड्रोजन होते हैं, लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है। एक क्रिया-कलाप द्वारा इसे सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिक आयनीकृत होकर H+ आयन नहीं देते, यही कारण है कि इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता।

क्रिया-कलाप-

  • ग्लूकोज, ऐल्कोहॉल, हाइड्रो- क्लोरिक अम्ल आदि का विलयन लेते हैं।
  • इनकी विद्युत चालकता का परीक्षण करते हैं इसके लिए चित्र के अनुसार उपकरण व्यवस्थित करते हैं।
  • अम्ल की उपस्थिति में बल्ब जलने लगता है परन्तु ग्लूकोज और ऐल्कोहॉल की उपस्थिति में बल्ब नहीं जलता है। विलयन में विद्युत प्रवाह आयनों द्वारा होता है।
  • चूँकि अम्ल में उपस्थित धनायन H+ है, इससे ज्ञात होता है कि अम्ल विलयन में हाइड्रोजन आयन H+ (aq) उत्पन्न करता है तथा इसी कारण उनका गुणधर्म अम्लीय होता है।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 1

प्रश्न 7.
आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है?
उत्तर:
आसवित जल आयनों में विघटित नहीं होता है। अतः यह विद्युत का चालन नहीं करता है। वर्षा जल में कार्बन डाइऑक्साइड घुली हुई होती है जो कार्बोनिक अम्ल बनाती है।
CO2 + H2O → H2CO3
यह कार्बोनिक अम्ल अम्लों में विघटित हो जाता है।
H2CO3 + 2H2O → (H3O+)2 + CO32-
ये आयन वर्षा जल द्वारा विद्युत का चालन कर पाने के लिए उत्तरदायी हैं।

प्रश्न 8.
जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है?
उत्तर:
जल की अनुपस्थिति में अम्ल विघटित नहीं होता है। अतः यह अम्लीय व्यवहार प्रदर्शित नहीं करता है।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 9.
पाँच विलयनों A, B, C, D व E की जब सार्वत्रिक सूचक से जाँच की जाती है तो pH के मान क्रमश: 4, 1, 11, 7 एवं 9 प्राप्त होते हैं। कौन-सा विलयन-
(a) उदासीन है?
(b) प्रबल क्षारीय है?
(e) प्रबल अम्लीय है?
(d) दुर्बल अम्लीय है?
(e) दुर्बल क्षारीय है?
PH के मानों को हाइड्रोजन आयन की सांद्रता के आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
(a) pH 7 वाला विलयन D उदासीन है।
(b) pH 11 वाला विलयन C प्रबल क्षारीय है।
(c) pH 1 वाला विलयन B प्रबल अम्लीय है।
(d) pH 4 वाला विलयन A दुर्बल अम्लीय है।
(e) pH 9 वाला विलयन E दुर्बल क्षारीय है।
हाइड्रोजन आयन सांद्रता का बढ़ता क्रम-
11 > 9 > 7 > 4 > 1.

प्रश्न 10.
परखनली ‘A’ एवं ‘B’ में समान लंबाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए। परखनली ‘A’ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCI) तथा परखनली ‘B’ में ऐसिटिक अम्ल (CH COOH) डालिए। दोनों अम्लों की मात्रा तथा सांद्रता समान हैं। किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी तथा क्यों?
उत्तर:
परखनली A में बुदबुदाहट अधिक तेजी से होती है, क्योंकि HCl एक प्रबल अम्ल है, जो पूर्णत: वियोजित होकर H+ और Cl आयन अधिक मात्रा में बनाता है जबकि CH COOH एक दुर्बल अम्ल है, जो कम मात्रा में H+ आयन बनाता है क्योंकि यह कम विघटित हो पाता है।

प्रश्न 11.
ताजे दूध के pH का मान 6 होता है। दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन होगा? अपना उत्तर समझाइए।
उत्तर:
दूध से दही बनने की प्रक्रिया में लैक्टिक अम्ल का निर्माण होता है, जिसके कारण इसका pH 6 से कम हो जायेगा।

प्रश्न 12.
एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है।
(a) ताजा दूध के pH के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है?
(b) इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है?
उत्तर:
(a) दूध का pH 6 बदलकर क्षारीय बना देने से दूध से दही बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है अतः दूध अधिक समय तक ठीक रह सकता है।

(b) क्षारीय दूध से दही बनने में अधिक समय इसलिए लगता है क्योंकि यह बढ़ी हुई क्षारीयता दूध में लैक्टिक अम्ल बनने के प्रभाव का प्रतिरोध करती है?

प्रश्न 13.
प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए? इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
प्लास्टर ऑफ पेरिस आसानी से जल को अवशोषित कर लेता है तथा कठोर जिप्सम का निर्माण करता है, अतः यदि प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में नहीं रखा जाता है तो इसकी पूरी मात्रा जिप्सम में बदल जाएगी।

प्रश्न 14.
उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
किसी अम्ल तथा क्षार की अभिक्रिया, जिसमें लवण तथा जल प्राप्त होते हैं, उसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
NaOH(aq) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H2O(l) Ca(OH)2(aq) + H2SO4 (aq) → CaSO4 + 2H2O

प्रश्न 15.
धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के दो-दो प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर:
धोने के सोडे के उपयोग-

  • सोडियम कार्बोनेट (धोने का सोडा) का उपयोग काँच, साबुन तथा कागज उद्योग में किया जाता है।
  • इसका उपयोग सोडियम यौगिकों, जैसे बोरेक्स, के निर्माण में किया जाता है।

बेकिंग सोडे का उपयोग-

  • सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट का उपयोग ऐन्टैसिड के संघटक के रूप में किया जाता है। क्षारीय होने के कारण यह उदर में अम्ल की आधिक्य मात्रा को उदासीन बनाकर राहत पहुँचाता है।
  • इसका उपयोग सोडा-अम्ल अग्निशामक में भी किया जाता है।

Jharkhand Board Class 10 Science अम्ल, क्षारक एवं लवण InText Questions and Answers

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 20)

प्रश्न 1.
आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं। इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर:
सबसे पहले प्रत्येक परखनली में हम लाल लिटमस पत्र की पट्टी डालते हैं। किसी एक परखनली में लिटमस पत्र का रंग नीला हो जाएगा। इससे यह सिद्ध होता है कि उस परखनली में क्षारकीय विलयन है। शेष दोनों बची हुई परखनलियों में एक में आसवित जल है तथा एक में अम्लीय विलयन है। इन दोनों ही परखनलियों के लिटमस पत्र का रंग लाल ही रहता है।

अब हम पहचानी गई परखनली से क्षारीय विलयन को बाहर निकालते हैं ताकि इसमें विलयन की थोड़ी-सी मात्रा ही बची रह जाए। अब इस परखनली में शेष बची हुई परखनलियों में से किसी एक के विलयन को डालते हैं। दो स्थितियाँ हो सकती हैं-

  • लिटमस पुनः लाल हो जाता है-इससे यह मालूम होता है कि इस परखनली में अम्लीय विलयन था तथा अन्तिम परखनली में आसवित जल है।
  • लिटमस नीला ही रह सकता है- इससे यह मालूम होता है कि डाला गया विलयन आसवित जल था तथा अन्तिम परखनली में अम्लीय विलयन है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 24)

प्रश्न 1.
पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?
उत्तर:
पीतल तथा ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ इसलिए नहीं रखे जाते हैं, क्योंकि इसमें अम्ल मौजूद होते हैं, जो इससे अभिक्रिया करके हानिकारक यौगिक बनाते हैं जिसके कारणवश ये खाने योग्य नहीं रह जाते। अम्ल की अभिक्रिया से धातु के बर्तन भी संक्षारित हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन-सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर:
धातु साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यत: हाइड्रोजन गैस निकलती है।

उदाहरण- जब जिंक की क्रिया तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ होती है तो जिंक सल्फेट और हाइड्रोजन गैस बनते हैं।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 9
हाइड्रोजन गैस रंगहीन होती है और जलती हुई मोमबत्ती इसके सम्पर्क में लाने पर फट फट की आवाज के साथ जलती है।

प्रश्न 3.
कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक से कैल्सियम क्लोराइड है, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 10

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 27 )

प्रश्न 1.
HCl, HNO3 आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?
उत्तर:
HCl, HNO3 आदि में उत्सर्जन योग्य H+ होते हैं। जब इन्हें जल में घुलाया जाता है तो H+ आयन अलग हो जाते हैं तथा अम्लीय अभिलक्षण प्रदर्शित करते हैं। ऐल्कोहॉल तथा ग्लूकोज में ऐसा कोई उत्सर्जन योग्य H+ आयन नहीं होता।

प्रश्न 2.
अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?
उत्तर:
जल में घुलने पर अम्ल वियोजित होकर आयनों का निर्माण करते हैं, उदाहरण के लिए,
HCl + H2O → Cl+ + H3O+
ये आयन विद्युत के चालन के लिए उत्तरदायी होते हैं।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 3.
शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं बदलती है?
उत्तर:
हम जानते हैं शुष्क दशाओं में अम्ल आयनित नहीं होते इसलिए H+ आयन भी नहीं देते। परिणामस्वरूप वे अम्लीय गुण भी प्रदर्शित नहीं करते। यही कारण है कि शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को नहीं बदलती है।

प्रश्न 4.
अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में?
उत्तर:
जल में अम्ल या क्षारक के घुलने की प्रक्रिया अत्यंत ऊष्माक्षेपी होती है। सांद्र अम्ल में जल मिलाने पर उत्पन्न हुई ऊष्मा के कारण मिश्रण आस्फलित होकर बाहर आ सकता है तथा हम जल सकते हैं। अतः अम्ल को तनुकृत करते समय अम्ल में जल को मिलाना चाहिए वह भी धीरे-धीरे तथा जल को लगातार हिलाते हुए।

प्रश्न 5.
अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3O+) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?
उत्तर:
अम्ल को तनुकृत करने पर उसमें उपस्थित अनआयनित जल की मात्रा तो बढ़ती है परन्तु H3O+ की मात्रा वही रहती है। परिणामस्वरूप H3O+ की सांद्रता लगातार घटती जाती है।

प्रश्न 6.
जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है?
उत्तर:
हाइड्रॉक्सिल (OH) समूह की सांद्रता बढ़ जाती है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 31)

प्रश्न 1.
आपके पास दो विलयन ‘A’ एवं ‘B’ हैं। विलयन ‘A’ के pH का मान 6 है एवं विलयन ‘B’ के pH का मान 8 है। किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक है? इनमें से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय?
उत्तर:
विलयन ‘A’ में ‘H+‘ आयन का अधिक सांद्रण है। अतः विलयन ‘A’ अम्लीय है तथा विलयन ‘B’ क्षारकीय है।

प्रश्न 2.
H+ (aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
जैसे-जैसे H+ आयन का सांद्रण बढ़ता जाता है, विलयन और अधिक अम्लीय होता जाता है।

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प्रश्न 3.
क्या क्षारकीय विलयन में H+ (aq) आयन होते हैं? अगर हाँ, तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं?
उत्तर:
ये H+ आयन जल से आते हैं।

प्रश्न 4.
कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड), बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चॉक (कैल्सियम कार्बोनेट) का उपयोग करेगा?
उत्तर:
जब खेत की मृदा अम्लीय होती है तभी किसान इसमें कैल्सियम ऑक्साइड (CaO), कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड [Ca(OH)2] तथा कैल्सियम कार्बोनेट (CaCO3) मिलाते हैं ताकि मिट्टी उदासीन हो जाए या इसका pH परास खेती के लिए उपयुक्त हो जाए।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 36)

प्रश्न 1.
CaOCl2 यौगिक का प्रचलित नाम क्या है?
उत्तर:
विरंजक चूर्ण।

प्रश्न 2.
उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है।
उत्तर:
शुष्क बुझा हुआ चूना [Ca(OH)2]।

प्रश्न 3.
कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
धोने का सोडा, अर्थात् सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3)।

प्रश्न 4.
सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर:
सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट को गर्म करने पर निम्नलिखित अभिक्रिया होती है-
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प्रश्न 5.
प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर:
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 12

क्रिया-कलाप – 2.1
(i) विज्ञान की प्रयोगशाला से हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl), सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4), नाइट्रिक अम्ल (HNO3), ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH), सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH), कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड [Ca(OH)2] पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड [Mg(OH)2] एवं अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH4OH) के नमूने एकत्र कीजिए।

(ii) ऊपर दिए गए प्रत्येक विलयन की एक बूँद वाच ग्लास में रखिए एवं सारणी 2.1 के अनुसार निम्नलिखित सूचकों से उसकी जाँच कीजिए।

(iii) लाल लिटमस, नीले लिटमस, फिनॉल्पथैलिन एवं मेथिल ऑरेंज विलयन के साथ लिए गए विलयन के रंग में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं?

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अपने प्रेक्षण को सारणी 2.1 में लिखिए।
उत्तर:
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 2

क्रिया-कलाप – 2.2
(i) बारीक कटी हुई प्याज तथा स्वच्छ कपड़े के टुकड़े को एक प्लास्टिक के थैले में लीजिए। थैले को कसकर बाँध दीजिए तथा पूरी रात फ्रिज में रहने दीजिए। अब इस कपड़े के टुकड़े का उपयोग अम्ल एवं क्षारक की जाँच के लिए किया जा सकता है।

(ii) इन्हें स्वच्छ सतह पर रखकर उनमें से एक टुकड़े पर तनु HCl विलयन की कुछ बूँदें एवं दूसरे पर तनु NaOH विलयन की कुछ बूँदें डालिए।

(iii) अब थोड़ा तनु वैनिला एवं लौंग का तेल लीजिए तथा इनकी गंधों की जाँच कीजिए।

(iv) एक परखनली में तनु HCl विलयन एवं दूसरी NaOH का विलयन लीजिए। दोनों में तनु वैनिला एसेंस की कुछ बूँदें डालकर उसे हिलाइए। उसकी गंध की पुनः जाँच कीजिए। यदि गंध में कोई बदलाव है तो उसे दर्ज कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
इनमें से दो टुकड़े लीजिए एवं उनकी गंध की जाँच कीजिए।
उत्तर:
कपड़े के टुकड़ों से प्याज की गंध नहीं आ रही है।

प्रश्न 2.
दोनों टुकड़ों को जल से धोकर उनकी गंध की पुनः जाँच कीजिए।
उत्तर:
कपड़े के टुकड़े + तनु HCl का घोल → प्याज की गंध मौजूद है तथा इसका लाल रंग हल्का लाल हो गया।
कपड़े के टुकड़े + तनु NaOH का घोल → प्याज की गंध खत्म हो जाती है तथा इसका लाल रंग बदलकर हरा हो गया।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 3.
अब, आइए कपड़े के दोनों टुकड़ों को धोकर इसमें से एक में तनु वैनिला एवं दूसरे में लौंग के तेल की कुछ बूँदें डालकर इनकी गंधों की जाँच करते हैं।
उत्तर:
गंध की जाँच-
(i) तनु वैनिला + तनु NaOH → कोई गंध नहीं है अर्थात् गंध खत्म हो गई।
तनु वैनिला + तनु HCl → वैनिला की गंध मौजूद है।

(ii) लौंग का तेल + HCl → गंध में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
लौंग का तेल + NaOH → गंध में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।

क्रिया-कलाप – 2.3

  • चित्र के अनुसार उपकरण व्यवस्थित कीजिए।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 3
  • एक परखनली में लगभग 5 mL तनु सल्फ्यूरिक अम्ल लीजिए एवं इसमें दानेदार जिंक के टुकड़े डालिए।
  • उत्सर्जित गैस को साबुन के विलयन से प्रवाहित कीजिए।
  • जलती हुई मोमबत्ती को गैस वाले बुलबुले के पास ले जाइए।
  • कुछ अन्य अम्ल जैसे- HCl, HNO3 एवं CH3COOH के साथ यह क्रिया-कलाप दोहरायें।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
दानेदार जिंक के टुकड़ों की सतह पर आप क्या देखते हैं?
उत्तर:
गैस के बुलबुले।

प्रश्न 2.
साबुन के विलयन में बुलबुले क्यों बनते हैं?
उत्तर:
जिंक एवं सल्फ्यूरिक अम्ल के बीच अभिक्रिया के दौरान निर्मित गैस प्रवाह नली से होकर साबुन के विलयन में पहुँचती है। इस कारण से बुलबुले बनते हैं।

प्रश्न 3.
आप क्या प्रेक्षण करते हैं?
उत्तर:
बुलबुलों के फूटने पर उनके अन्दर की गैस फट फट की ध्वनि के साथ जलने लगती है।

प्रश्न 4.
प्रत्येक स्थिति में प्रेक्षण समान है या भिन्न?
उत्तर:
हाँ, सभी अम्लों के साथ प्रेक्षण समान है।

क्रिया-कलाप – 2.4

  • एक परखनली में जिंक के कुछ दानेदार टुकड़े रखिए।
  • उसमें 2 mL सोडियम हाइड्रॉक्साइड का घोल मिलाकर उसे गर्म कीजिए।
  • तत्पश्चात्, क्रिया-कलाप 2.3 के अनुसार क्रियाओं को दोहराइए एवं अपने प्रेक्षण को लिखिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्या जिंक NaOH के घोल से अभिक्रिया करती है?
उत्तर:
हाँ, दानेदार जिंक में 2 mL NaOH मिलाकर गर्म करने पर क्रिया-कलाप 2.3 की तरह H2 गैस उत्सर्जित होती है।

प्रश्न 2.
जिंक तथा NaOH के बीच होने वाली अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 4

क्रिया-कलाप – 2.5

  • दो परखनलियाँ लीजिए। उन्हें ‘A’ एवं ‘B’ से नामांकित कीजिए।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 5
  • परखनली ‘A’ में लगभग 0.5 g सोडियम कार्बोनेट (Nal2CO3) लीजिए एवं परखनली ‘B’ में 0.5 g सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (NaHCO3) लीजिए।
  • दोनों परखनलियों में लगभग 2 mL तनु HCl मिलाइए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आपने क्या निरीक्षण किया?
उत्तर:
एक गैस का निर्माण होता है।

प्रश्न 2.
चित्र के अनुसार प्रत्येक स्थिति में उत्पादित गैस को चूने के पानी (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन) से प्रवाहित कीजिए एवं अपने निरीक्षणों को अभिलिखित कीजिए।
उत्तर:
चूने का पानी दूधिया हो जाता है। उपर्युक्त क्रिया-कलाप में होने वाली अभिक्रियाओं को इस प्रकार लिखा जाता है-
परखनली ‘A’ : Nal2CO3(s) + 2HCl(aq) → 2NaCl(aq) + H2O(l) + CO2(g)
परखनली ‘B’ : NaHCO3 ( s) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H2O(l) + CO2(g)
उत्पादित कार्बन डाइऑक्साइड गैस को चूने के पानी से प्रवाहित करने पर,
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 6
अत्यधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड प्रवाहित करने पर निम्न अभिक्रिया होती है-
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 7

क्रिया-कलाप – 2.6
(i) परखनली में लगभग 2 mL NaOH का धोल लीजिए एवं उसमें दो बँदे फीनॉल्फथेलिन विलयन डालिए।

क्रिया-कलाप प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
विलयन का रंग क्या है?
उत्तर:

  • गुलाबी
  • इस विलयन में एक-एक बूँद तनु HCI विलयन मिलाइए।

प्रश्न 2.
क्या अभिक्रिया मिश्रण रंग में कोई परिवर्तन आया?
उत्तर:
हाँ यह धीरे-धीरे रंगहीन हो जाता है।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 3.
अम्ल मिलाने के बाद फीनॉल्फथैलिन का रंग क्यों बदल गया?
उत्तर:
अम्ल, क्षारक के प्रभाव को खत्म कर देता है।
(iii) अब उपर्युक्त मिश्रण में NaOH की कुछ बूँदें मिलाइए।

प्रश्न 4.
क्या फीनॉल्फशैलिन पुनः गुलाबी रंग का हो गया?
उत्तर:
हाँ।

प्रश्न 5.
आपके विचार से ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
NaOH मिलाने के बाद विलयन पुनः क्षारीय हो जाता है।

क्रिया-कलाप – 2.7
बीकर में कॉपर ऑक्साइड की अल्प मात्रा लीजिए एवं हिलाते हुए उसमें धीरे-धीरे तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाइए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न-
विलयन के रंग पर ध्यान दीजिए। कॉपर ऑक्साइड का क्या हुआ?
उत्तर:
कॉपर ऑक्साइड HCl के साथ अभिक्रिया करके CuCl2 बनाता है।

क्रिया-कलाप – 2.8

  • ग्लूकोज, ऐल्कोहॉल, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल आदि का विलयन लीजिए।
  • एक कॉर्क पर दो कीलें लगाकर कॉर्क को 100 mL के बीकर में रख दीजिए।
  • चित्र के अनुसार कीलों को 6 वोल्ट की एक बैटरी के दोनों टर्मिनलों के साथ एक बल्ब तथा स्विच के माध्यम से जोड़ दीजिए।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 8a
  • अब बीकर में थोड़ा तनु HCl डालकर विद्युत धारा प्रवाहित कीजिए।
  • इसी क्रिया को तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ दोहराइए।

क्रियाकलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आपने क्या प्रेक्षण किया?
उत्तर:
तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा तनु सल्फ्यूरिक अम्ल विद्युत चालन करते हैं।

प्रश्न 2.
इन परीक्षणों को ग्लूकोज एवं ऐल्कोहॉल के विलयनों के साथ अलग-अलग दोहराइए अब आपने क्या प्रेक्षण किया?
उत्तर:
ग्लूकोज विद्युत चालन नहीं करता है। ऐल्कोहॉल भी विद्युत चालन नहीं करता है।

प्रश्न 3.
बल्ब क्या प्रत्येक स्थिति में जलता है।
उत्तर:
बल्ब प्रत्येक स्थिति में नहीं जलता है।

क्रिया-कलाप – 2.9

  • एक स्वच्छ एवं शुष्क परखनली लगभग 1g ठोस NaCl लीजिए के अनुसार उपकरण व्यवस्थित कीजिए।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 8
  • परखनली में कुछ मात्रा में सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल डालिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आपने क्या प्रेक्षण किया? क्या निकास नली से कोई गैस बाहर आ रही है?
उत्तर:
जब सल्फ्यूरिक अम्ल मिलाया जाता है तो बुलबुलों निर्माण होता है। हाँ, एक गैस निकास नली से बाहर आ रही है।
(iii) इस प्रकार उत्सर्जित गैस की सूखे तथा नम नीले लिटमस पत्र द्वारा जाँच कीजिए।

प्रश्न 2.
किस स्थिति में लिटमस पत्र का रंग परिवर्तित होता है?
उत्तर:
आई लिटमस अपना रंग बदल लेता है (नीला से लाल)।

प्रश्न 3.
उपर्युक्त क्रिया-कलाप के आधार पर आप निम्न के अम्लीय गुण के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
(i) शुष्क HCI गैस
(ii) HCI विलयन?
उत्तर:
(i) शुष्क HCI गैस अम्लीय गुण प्रदर्शित नहीं करती है।
(ii) HCl विलयन अम्लीय गुण प्रदर्शित करता है।

क्रिया-कलाप – 2.10

  • एक बीकर में 10 ml जल लीजिए।
  • इसमें कुछ बूँदें सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) की डालकर बीकर धीरे-धीरे घुमाइए।
  • बीकर के आधार को स्पर्श कीजिए।
  • उपर्युक्त क्रिया-कलाप को सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ दोहराइए एवं अपने प्रेक्षण को लिखिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्या तापमान में कोई परिवर्तन आया?
उत्तर:
हाँ।

प्रश्न 2.
यह प्रक्रिया क्या ऊष्माक्षेपी अथवा ऊष्माशोषी है?
उत्तर:
यह प्रक्रिया ऊष्माक्षेपी है।

क्रिया-कलाप – 2.11
(i) दी गई सारणी 2.2 में विलयन के pH मानों की जाँच कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अपने प्रेक्षणों को लिखिए।
उत्तर:

विलयन pH पत्र का रंग लगभग pH-मान पदार्थ की प्रकृति
1. लार (खाना खाने के पहले) हल्का हरा 7.4 क्षारक
2. लार (खाना खाने के बाद) हल्का पीला 5.8 अम्लीय
3. नींबू का रस गुलाबी लाल 2.5 अम्लीय
4. रंगरहित वातित पेय हल्का पीला 6 अम्लीय
5. गाजर का रस हल्का नारंगी 4 अम्लीय
6. कॉफी नारंगी-पीला 5 अम्लीय
7. टमाटर का रस गहरा नारंगी 4.1 अम्लीय
8. नल का जल हरा 7 उदासीन
9. 1M NaOH गहरा नीला बैंगनी 13-14 क्षारक
10. 1M HCl लाल 1 अम्लीय

प्रश्न 2.
आपके प्रेक्षणों के आधार पर प्रत्येक पदार्थ की प्रकृति क्या है?
उत्तर:

विलयन pH पत्र का रंग लगभग pH-मान पदार्थ की प्रकृति
1. लार (खाना खाने के पहले) हल्का हरा 7.4 क्षारक
2. लार (खाना खाने के बाद) हल्का पीला 5.8 अम्लीय
3. नींबू का रस गुलाबी लाल 2.5 अम्लीय
4. रंगरहित वातित पेय हल्का पीला 6 अम्लीय
5. गाजर का रस हल्का नारंगी 4 अम्लीय
6. कॉफी नारंगी-पीला 5 अम्लीय
7. टमाटर का रस गहरा नारंगी 4.1 अम्लीय
8. नल का जल हरा 7 उदासीन
9. 1M NaOH गहरा नीला बैंगनी 13-14 क्षारक
10. 1M HCl लाल 1 अम्लीय

क्रिया-कलाप – 2.12

  • एक परखनली में लगभग 28 मिट्टी रखिए एवं उसमें 5 mL जल मिलाइए।
  • परखनली की सामग्री को हिलाइए।
  • सामग्रियों को छानिए एवं परखनली में निस्यंद एकत्र कीजिए।
  • सार्वत्रिक सूचक पत्र की सहायता से इस निस्यंद के pH की जाँच कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अपने क्षेत्र में पौधों के उपयुक्त विकास के लिए आदर्श मिट्टी के pH के सम्बन्ध में आपने क्या निष्कर्ष निकाला?
उत्तर:
आदर्श मिट्टी के लिए आदर्श pH परास 7 से 7.6 है।

क्रिया-कलाप – 2.13

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए लवण के सूत्र लिखिए- पोटैशियम सल्फेट, सोडियम सल्फेट, कैल्सियम सल्फेट, मैग्नीशियम सल्फेट, कॉपर सल्फेट, सोडियम क्लोराइड, सोडियम नाइट्रेट, सोडियम कार्बोनेट एवं अमोनियम क्लोराइड।
उत्तर:

लवण K2SO4
1. पोटैशियम सल्फेट Na2SO4
2. सोडियम सल्फेट CaSO4
3. कैल्सियम सल्फेट MgSO4
4. मैग्नीशियम सल्फेट CuSO4
5. कॉपर सल्फेट NaCl
6. सोडियम क्लोराइड NaNO3
7. सोडियम नाइट्रेट Nal2CO3
8. सोडियम कार्बोनेट NH4Cl
9. अमोनियम क्लोराइड K2SO4

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 2.
उन अम्ल एवं क्षारक की पहचान कीजिए जिससे उपर्युक्त (क्रिया कलाप – 2.13 के प्रश्न 1) लवण प्राप्त किए जा सकते हैं।
उत्तर:

लवण अम्ल क्षारक
1. पोटैशियम सल्फेट H2SO4 KOH
2. सोडियम सल्फेट H2SO4 NaOH
3. कैल्सियम सल्फेट H2SO4 Ca(OH)2
4. मैग्नीशियम सल्फेट H2SO4 Mg(OH)2
5. कॉपर सल्फेट H2SO4 Cu(OH)2
6. सोडियम क्लोराइड HCl NaOH
7. सोडियम नाइट्रेट HNO3 NaOH
8. सोडियम कार्बोनेट H2CO3 NaOH
9. अमोनियम क्लोराइड HCl NH4OH

प्रश्न 3.
समान धन या ऋण मूलक वाले लवणों को एक ही परिवार का कहा जाता है। जैसे, NaCl एवं Na2SO4, सोडियम लवण के परिवार का है। इसी प्रकार NaCl एवं KCl क्लोराइड लवण के परिवार के हैं। इस क्रिया-कलाप में दिए गए लवणों में आप कितने परिवारों की पहचान कर सकते हैं?
उत्तर:

  • सल्फेट लवण – K2SO4, N2SO4, CaSO4, MgSO4, CuSO4
  • क्लोराइड लवण – NaCl, NH CI
  • सोडियम लवण – Nal2SO4, NaCl, Nal2CO3, NaNO3

क्रिया-कलाप – 2.14

  • निम्नलिखित लवर्णों के नमूने एकत्र कीजिए- सोडियम क्लोराइड, पोटैशियम नाइट्रेट, ऐलुमिनियम क्लोराइड, जिंक सल्फेट, कॉपर सल्फेट, सोडियम ऐसीटेट, सोडियम कार्बोनेट एवं सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट (कुछ अन्य लवण जो उपलब्ध हों)।
  • जल में इनकी विलेयता की जाँच कीजिए (केवल आसवित जल का उपयोग कीजिए)।
  • लिटमस पर इन विलयनों की क्रिया की जाँच कीजिए एवं pH पेपर का उपयोग कर इनके pH के मान का पता लगाइए।
  • लवण बनाने के लिए उपयोग होने वाले अम्ल या क्षारक की पहचान कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कौन-से लवण अम्लीय क्षारकीय या उदासीन हैं?
उत्तर:

लवण pH प्रयुक्त अम्ल प्रयुक्त क्षारक
Nacl 7 HCl NaOH
NaNO3 6.5 HNO3 NaOH
NH4Cl 4.7 HCl NH4OH
KCN 11.4 HCN KOH
KBr 7 HBr KOH

प्रश्न 2.
अपने प्रेक्षणों को सारणी 2.4 में लिखिए।
उत्तर:

लवण pH प्रयुक्त अम्ल प्रयुक्त क्षारक
Nacl 7 HCl NaOH
NaNO3 6.5 HNO3 NaOH
NH4Cl 4.7 HCl NH4OH
KCN 11.4 HCN KOH
KBr 7 HBr KOH

क्रिया-कलाप – 2.15
(i) कॉपर सल्फेट के कुछ क्रिस्टल को शुष्क क्वथन नली में गर्म कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
गर्म करने के बाद कॉपर सल्फेट का रंग क्या है?
उत्तर:
श्वेत।

प्रश्न 2.
क्वथन नली में क्या जल की बूँदें नजर आती हैं? ये कहाँ से आई?
उत्तर:
हाँ, ये कॉपर सल्फेट क्रिस्टल से आई।
(ii) गर्म करने के बाद प्राप्त कॉपर सल्फेट के नमूने में जल की 2-3 बूँदें डालिए।

प्रश्न 3.
आप क्या प्रेक्षण करते हैं? क्या कॉपर सल्फेट का नीला रंग वापस आ जाता है?
उत्तर:
जल मिलाने पर कॉपर सल्फेट का नीला रंग वापस आ जाता है।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

Jharkhand Board JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण Important Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित के आयनिक सूत्र लिखिए-
(a) हाइड्रोजन आयन
(b) हाइड्रॉक्सिल आयन
(c) हाइड्रोनियम आयन।
उत्तर:
(a) हाइड्रोजन आयन H+
(b) हाइड्रॉक्सिल आयन OH
(c) हाइड्रोनियम आयन H3O+

प्रश्न 2.
उदासीनीकरण क्रिया का आयनिक स्वरूप लिखिए।
उत्तर:
H+ + OH → H2O

प्रश्न 3.
किसी विलयन का POH मान कितना होगा यदि pH मान 9 हो?
उत्तर:
POH मान = 14 – pH मान
= 14 – 95
= 5

प्रश्न 4.
शुद्ध आसुत जल का pH मान कितना होता है?
उत्तर:
शुद्ध आसुत जल का pH मान = 7

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प्रश्न 5.
pH मान को देखकर आप कैसे बता सकते हैं कि कोई विलयन उदासीन / अम्लीय / क्षारीय है?
उत्तर:
यदि pH < 7, विलयन अम्लीय है।
pH = 7, विलयन उदासीन है।
pH > 7 विलयन क्षारीय है।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित सूचकों का रंग कैसा होता है
(i) अम्लीय, (ii) क्षारीय विलयन में-
(a) मेथिल ऑरेन्ज
(b) फिनॉल्फथैलीन
(c) लिटमस पत्र।
उत्तर:
(a) मेथिल ऑरिन्ज- अम्लीय में लाल, क्षारीय में नारंगी – पीला।
(b) फिनॉल्फथैलीन-अम्लीय में रंगहीन, क्षारीय में गुलाबी।
(c) लिटमस पेपर-अम्लीय में नीला, क्षारीय में गुलाबी।

प्रश्न 7.
एक क्रिस्टलीय पदार्थ वायु में खुला रखने पर अपना क्रिस्टल जल छोड़ देता है और सफेद अपारदर्शक पाउडर में परिवर्तित हो जाता है। यह अपारदर्शक पाउडर धोने के काम में आता है। क्रिस्टलीय पदार्थ की पहचान कीजिए।
उत्तर:
वासिंग सोडा (Na2CO3.10H2O)।

प्रश्न 8.
दो प्रबल क्षारकों के नाम बताइए।
उत्तर:
NaOH और KOH।

प्रश्न 9.
दो दुर्बल क्षारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH4OH) और कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड (Ca(OH)2]।

प्रश्न 10.
मिल्क ऑफ मैग्नीशियम क्या है?
उत्तर:
यह एक दुर्बल क्षारक है, जिसका रासायनिक नाम मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड [Mg(OH)2] है।

प्रश्न 11.
टूथपेस्ट एवं दंत मंजन की प्रकृति क्या होती है?
उत्तर:
इसकी प्रकृति क्षारकीय होती है।

प्रश्न 12.
सोडियम के किसी यौगिक का नाम लिखिए जो ऐन्टैसिड का एक संघटक हो।
उत्तर:
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (NaHCO3)।

प्रश्न 13.
धोने के सोडे के दो उपयोग बताइए।
उत्तर:

  • काँच, साबुन एवं कागज उद्योगों में।
  • जल की स्थायी कठोरता को हटाने में।

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प्रश्न 14.
एक पदार्थ जिसे 373K पर जिप्सम को गर्म करने पर प्राप्त होता है। उस पदार्थ का नाम एवं रासायनिक सूत्र लिखिए।
उत्तर:
कैल्सियम सल्फेट हेमिहाइड्रेट (CaSO4. 1/2H2O)।

प्रश्न 15.
अम्ल एवं धातु कार्बोनेट की अभिक्रिया से कौन-सी गैस उत्सर्जित होती है?
उत्तर:
CO2 गैस।

प्रश्न 16.
धीरे-धीरे कॉपर ऑक्साइड पाउडर में तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाने पर प्राप्त घोल का रंग नीला हरा हो जाता है। घोल को नीला हरा रंग प्रदान करने वाले यौगिक का नाम बताइए।
उत्तर:
कॉपर क्लोराइड (CuCl2)।

प्रश्न 17.
दो प्रबल अम्लों का नाम बताइए।
उत्तर:
HCl एवं H2SO4.

प्रश्न 18.
अम्लों तथा क्षारकों की प्रबलता किस पर निर्भर करती है?
उत्तर:
अम्लों की प्रबलता H+ आयनों की सांद्रता तथा क्षारकों की सांद्रता OH आयनों की सांद्रता पर निर्भर करती है।

प्रश्न 19.
धावन सोडा का जलीय विलयन अम्लीय है अथवा क्षारीय बताइए।
उत्तर:
क्षारीय।

प्रश्न 20.
शुद्ध जल का pH मान क्या है?
उत्तर:
शुद्ध जल का pH मान 7 है।

प्रश्न 21.
शुद्ध जल के pH मान पर क्या प्रभाव होता है जब उसमें और तेजाब मिलाते हैं?
उत्तर:
जल का pH मान 7 से कम होता जाएगा जैसे-जैसे उसमें तेजाब डाला जाता है।

प्रश्न 22.
22. pH की गणितीय परिभाषा क्या है?
उत्तर:
घोल की हाइड्रोजन आयन की सांद्रता की ऋणात्मक लघुगणक को pH कहते हैं जिसे निम्न समीकरण में प्रकट करते हैं-
pH = – log10[H+] = 10-PH.

प्रश्न 23.
घोल की हाइड्रोजन आयन सांद्रता क्या होगी जब इसका pH मान 4 होगा?
उत्तर:
जब pH मान 4 होगा तो हाइड्रोजन आयन [H+] = 10-4 होगा।

प्रश्न 24.
बेकिंग सोडा का रासायनिक सूत्र लिखिए।
उत्तर:
NaHCO3.

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प्रश्न 25.
क्या होता है जब बुझे हुए चूने पर क्लोरीन गैस प्रवाहित की जाती है?
उत्तर:
विरंजक चूर्ण बनता है।
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प्रश्न 26.
प्लास्टर ऑफ पेरिस के दो महत्त्वपूर्ण उपयोग लिखिए।
उत्तर:

  • शल्य चिकित्सा में टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए।
  • खिलौने, मूर्तियाँ आदि बनाने में।

प्रश्न 27.
घावन सोडा का रासायनिक सूत्र लिखें।
उत्तर:
Na2CO3.10H2O.

प्रश्न 28.
सोडियम कार्बोनेट तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के बीच अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
Na2CO3(s) + 2HCl(aq) → 2NaCl(aq) + CO2(g) + H2O(l)

प्रश्न 29.
अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?
उत्तर:
अम्ल का जलीय विलयन हाइड्रोजन आयन (H+ (aq)) उत्पन्न करता है जिसके कारण विद्युत का चालन होता है।

प्रश्न 30.
जिप्सम (CaSO4.2H2O) पर ऊष्मा का प्रभाव दिखाते हुए रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 2

प्रश्न 31.
बेकिंग चूर्ण (पाउडर) के अवयवों के नाम लिखिए।
उत्तर:
बेकिंग पाउडर के दो घटक सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट और टारटरिक अम्ल या सिट्रिक अम्ल हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित की आधुनिक परिभाषा लिखिए-
(a) अम्ल
(b) क्षार तथा क्षारक
(c) लवण।
उत्तर:
(a) अम्ल (Acids) – ये ऐसे यौगिक हैं जिनके जलीय विलयन में हाड्रोनियम आयन (H3O+) उपस्थित रहते हैं।

(b) क्षार (Base)- ये ऐसे यौगिक हैं जो जलीय विलयन में उपस्थित H+ आयन से संयोग करके लवण तथा जल (H2O) बनाते हैं।
क्षारक (Alkalis) – ये ऐसे क्षार होते हैं जिनके जलीय विलयन में OH आयन उपलब्ध होते हैं।

(c) लवण (Salt) – ये ऐसे यौगिक होते हैं जो जलीय विलयन में अथवा पिघली हुई अवस्था में धनात्मक आयन (H+ के अतिरिक्त) तथा ऋणात्मक आयन [(OH) के अतिरिक्त] में वियोजित हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
हाइड्रोनियम (H3O+) आयन कैसे बनता है? आयनिक समीकरण देकर बताइए।
उत्तर:
किसी अम्ल के अणु से मुक्त H+ आयन, जल के अणु से संयोग करके H3O+ आयन बनाता है।
उदाहरणत:
HCl → H+ + cl
H2O + H+ → H3O+

प्रश्न 3.
‘क्षार’ तथा ‘क्षारक’ में क्या अन्तर है? Na2O क्षारक है परन्तु CuO क्षारक नहीं है। क्यों?
उत्तर:
लघु उत्तरीय प्रश्न संख्या 1 को देखें।
Na2O क्षारक है, क्योंकि जलीय विलयन में यह OH आयन देता है।
Na2O + H2O → 2Na+ + 2(OH)
CuO जल में अविलेय है अर्थात् OH आयन नहीं देता। अतः यह क्षारक नहीं है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित के आयनीकरण की क्रियाएँ लिखिए-
(a) CuSO4, (b) NH4Cl, (c) Ca(OH)2, (d) H3PO4.
उत्तर:
(a) CuSO4 ⇌ Cu2+ + SO42-
(b) NH4Cl ⇌ NH4+ + Cl
(c) Ca(OH)2 ⇌ Ca++ + 2(OH)
(d) H3PO4 ⇌ 3H+ + (PO4)3-

प्रश्न 5.
निम्नलिखित की उदासीनीकरण क्रियाओं के समीकरण लिखिए-
(a) Ca(OH)2 तथा HNO3
(b) NH4OH तथा H2SO4
(c) CaO तथा HCl
उत्तर:
(a) Ca(OH)2 + 2HNO3 → Ca(NO3)2 + 2H2O
(b) 2NHOH + H2SO4 → (NH4)2SO4 + 2H2O
(c) CaO + 2HCl → CaCl2 + H2O

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 6.
pH पैमाना क्या नापता है? उदासीन, अम्लीय तथा क्षारीय विलयनों के pH मानों में क्या गुणात्मक अन्तर होता है?
अथवा
हाइड्रोजन आयन सान्द्रण से क्या तात्पर्य है?
उदासीन विलयन में हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मान कितना होता है?
अथवा
PH पैमाना क्या नापता है? उदासीन, अम्लीय तथा क्षारीय विलयनों के pH मान का परास बताइए।
उत्तर:
pH पैमाना किसी अम्ल, क्षार या लवण के विलयन में H+ आयनों की सान्द्रता (मोल / लीटर में) नापता है।
उदाहरणतः यदि विलयन का pH मान 5 है, तो उसमें H+ आयनों की सान्द्रता 1.0 x 10-5 मोल / लीटर होगी।
उदासीन विलयन का pH मान = 7
अम्लीय विलयन का pH < 7 क्षारीय विलयन का pH मान > 7
उदासीन विलयन में H आयन सान्द्रण का मान 1 x 10-7 मोल / लीटर होता है।

प्रश्न 7.
यदि किसी विलयन में [H+] सान्द्रता 1.0 x 10-3 हो तो इसका pH मान कितना होगा तथा विलयन की प्रकृति कैसी (अम्लीय / क्षारीय / उदासीन)
होगी?
उत्तर:
H+ की सान्द्रता = 1.0 x 10-3 मोल/लीटर
∴ pH = [log10 1.0 x 10-3]
= [log10 1.0 + log10 10-3]
= – [0 + (-3)]
= 3
∵ pH का मान 7 से कम है अतः विलयन अम्लीय है।

प्रश्न 8.
एक विलयन का pH मान 5 है। इसमें कितने pH मान का विलयन का समान आयतन मिलाने से विलयन उदासीन हो जायेगा?
उत्तर:
दो विलयनों के मिश्रण के उदासीन होने पर उनका सम्पूर्ण pH मान 7 + 7 = 14 होना चाहिए। अतः यदि एक विलयन का pH मान 5 है तो उसे उदासीन करने के लिए दूसरे विलयन का
pH मान = 14 – 5 = 9

प्रश्न 9.
किन्हीं दो अम्ल-क्षार सूचकों के नाम तथा अम्लीय एवं क्षारीय माध्यम में उनके रंग बताइए।
उत्तर:

  • फिनाल्फथैलीन (Phenolpthalein)-अम्ल में रंगहीन, क्षार में गुलाबी।
  • मेथिल ऑरेन्ज (Methyl Orange)-अम्ल में लाल, क्षार में नारंगी पीला।

प्रश्न 10.
अम्लों की (a) धातुओं (b) धात्वीय ऑक्साइडों, (c) धात्वीय कार्बोनेटों, (d) धात्वीय सल्फाइटों एवं (e) धात्वीय सल्फाइडों से क्रिया के दो-दो उदाहरण समीकरण सहित दीजिए।
उत्तर:
(a) Zn + 2HCl → ZnCl2 + H2
Fe + H2SO4 → FeSO4 + H2

(b) CaO + H2SO4 → CaSO4 + H2O
ZnO + 2HCl → ZnCl2 + H2O

(c) CaCO3 + H2SO4 → CaSO4 + H2O
Na2CO3 + 2HCl → 2NaCl + H2O + CO2

(d) Na2SO3 + 2HCl → 2NaCl + H2O + SO2
CaSO3 + H2SO4 → CaSO4 + H2O + SO2

(e) FeS + H2SO4 → FeSO4 + H2S
BaS + 2HCl → BaCl2 + H2S

प्रश्न 11.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं को संतुलन सहित पूरा कीजिए-
(a) Ca(OH)2 + HCl = ………..
(b) Fe + H2SO4 = ………….
(c) Ca(HCO3)2 + HNO3 = ………..
(d) NH4Cl + Ca(OH)2 = ………..
(e) Cus + H2SO4 = …………
उत्तर:
(a) Ca(OH)2 + 2HCl = CaCl2 + 2H2 O
(b) Fe + H2SO4 = FeSO4 + H2
(c) Ca(HCO3)2 + 2HNO3 = Ca(NO3)2 + 2H2O + 2CO2
(d) 2NH4Cl + Ca(OH)2 = CaCl2 + 2H2O + 2NH3
(e) CuS + H2SO4 = CuSO4 + H2S

प्रश्न 12.
निम्नलिखित लवणों को वर्गीकृत कीजिए-
NaHCO3; CaS; Cu(OH)NO3;
Na2SO4. Al2(SO4)3
Na3[Fe(CN)6]; Na2HPO4; NaK2PO4
उत्तर:

  1. NaHCO3 – अम्लीय लवण;
  2. CaS – सामान्य लवण
  3. Cu(OH)NO3 – क्षारीय लवणः
  4. Na2SO4. Al2(SO4)3 – द्विक लवण
  5. Na3[Fe(CN)6] – जटिल लवण;
  6. Na2HPO4 – अम्लीय लवण
  7. NaK2PO4 – मिश्रित लवण।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित का अम्ल, क्षार, क्षारक तथा लवण में वर्गीकरण कीजिए-
NH4OH, BaCl2, H3PO4, CaO, Zn(OH)2
उत्तर:

  1. NH4OH – क्षारक
  2. BaCl2 – लवण
  3. H3PO4 – अम्ल
  4. CaO – क्षार
  5. Zn(OH)2 – क्षार

प्रश्न 14.
आयनन है? यह ताप तथा विलयन की सान्द्रता से किस प्रकार प्रभावित होता है?
उत्तर:
लवण का जलीय विलयन में आयनों में वियोजित होना आयनन कहलाता है। ताप बढ़ाने एवं सान्द्रता घटाने पर आयनन बढ़ जाता है।

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प्रश्न 15.
हाइड्रोजन आयन सान्द्रण क्या है? उदासीन विलयन में हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मान कितना होगा?
उत्तर:
pH पैमाना किसी अम्ल, क्षार या लवण के विलयन में H+ आयनों की सान्द्रता (मोल / लीटर में) नापता है।
उदाहरणतः यदि विलयन का pH मान 5 है, तो उसमें H+ आयनों की सान्द्रता 1.0 x 10-5 मोल / लीटर होगी।
उदासीन विलयन का pH मान = 7
अम्लीय विलयन का pH < 7 क्षारीय विलयन का pH मान > 7
उदासीन विलयन में H आयन सान्द्रण का मान 1 x 10-7 मोल / लीटर होता है।

प्रश्न 16.
अम्ल व क्षार की आधुनिक धारणा स्पष्ट करें।
अथवा
अम्ल तथा क्षार की आधुनिक परिभाषा लिखिए तथा प्रत्येक को एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अम्ल-ये ऐसे यौगिक होते हैं जिनके जलीय विलयन में हाइड्रोनियम आयन (H3O+) उपस्थित होते हैं।
HCl → H+ + Cl
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क्षार- क्षार ऐसे यौगिक हैं जो जलीय विलयन में H+ आयन से संयोग करके लवण तथा जल बनाते हैं।
NaOH → Na+ + OH
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प्रश्न 17.
pH की परिभाषा दीजिए। इसका हाइड्रोजन आयन से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
किसी अम्ल, क्षार या लवण के विलयन में उपस्थित H+ आयनों की सान्द्रता के ऋणात्मक लघुगणक को pH कहते हैं।
PH व हाइड्रोजन आयन में सम्बन्ध किसी विलयन का pH मान विलयन में उपस्थित
pH = log [H+]
किसी विलयन का pH मान विलयन में उपस्थित H+ आयनों के सान्द्रता के ऋणात्मक लघुगणक के बराबर होता है।

प्रश्न 18.
जल का आयनिक गुणनफल क्या है? स्पष्ट करें।
उत्तर:
जल का आयनिक गुणनफल 1 x 10-14 (मोल / लीटर)² होता है।
स्पष्टीकरण – जल का वियोजन निम्नवत् होता है-
H2O ⇌ H++ OH
जल का आयनिक गुणनफल Kw = [H+][OH]
जल में [H+] = 1 x 10-7 मोल / लीटर
[OH] = 1 × 10-7 मोल / लीटर
अतः Kw = 1 x 10-7 x 1 x 10-7
= 1 x 10-14 (मोल / लीटर)²

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘उदासीनीकरण क्रिया को उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए। किसी धातु द्वारा अम्ल से लवण बनाने तथा धात्वीय ऑक्साइड द्वारा अम्ल से लवण बनाने में कौन-सी क्रिया उदासीनीकरण है और कौन-सी नहीं? कारण देकर समझाइए।
उत्तर:
किसी अम्ल एवं क्षार के संयोग से लवण एवं जल बनने की रासायनिक क्रिया को उदासीनीकरण कहते हैं।
उदाहरणतः
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वास्तव में अम्ल एवं क्षार के संयोग से H+ तथा OH आयनों के संयोग से H2O अणु का बनना ही उदासीनीकरण का प्रमुख लक्षण है।
किसी धातु की अम्ल से क्रिया होने पर लवण का बनना उदासीनीकरण नहीं है क्योंकि इस क्रिया में H+ तथा OH के संयोग से जल H2O नहीं बनता।

उदाहरणतः
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परन्तु धात्वीय ऑक्साइड एवं अम्ल के संयोग से लवण बनना उदासीनीकरण है क्योंकि इस क्रिया में H2O अणु बनता है।

उदाहरणत:
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प्रश्न 2.
रसोईघर में उपयोग होने वाला बेकिंग सोडा का निर्माण कैसे किया जाता है? खाना पकाते समय इसे गर्म करने पर होने वाली अभिक्रिया का समीकरण दीजिए।
उत्तर:
सोडा का उपयोग रसोईघर में स्वादिष्ट खस्ता पकौड़े बनाने के लिए किया जाता है। कभी-कभी इसका उपयोग खाने को शीघ्रता से पकाने के लिए भी किया जाता है। इस यौगिक का रासायनिक नाम सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (NaHCO3) है। कच्चे पदार्थों में सोडियम क्लोराइड का उपयोग कर इसका निर्माण किया जाता है।
NaCl + H2O + CO2 + NH3
सोडियम क्लोराइड जल कार्बन डाई ऑक्साइड अमोनिया
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खाना पकाते समय इसे गर्म करने पर निम्न अभिक्रिया होती है-
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प्रश्न 3.
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर:
(i) बेकिंग पाउडर बनाने में जो बेकिंग सोडा (सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट) एवं टार्टरिक अम्ल जैसा एक मंद खाद्य अम्ल का मिश्रण है जब बेकिंग पाउडर को गर्म किया जाता है या जल में मिलाया जाता है तो निम्न अभिक्रिया होती है-
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 10
इस अभिक्रिया से उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड के कारण पावरोटी या केक में खमीर उठ (फूल / उभर) जाता है तथा इससे यह मुलायम एवं स्पंजी हो जाती है।

(ii) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट भी ऐन्टैसिड का एक संघटक है। क्षारीय होने के कारण यह पेट में अम्ल की अधिकता को उदासीन करके राहत पहुँचाता है।

(iii) इसका उपयोग सोडा-अम्ल अग्निशामक में भी किया जाता है।

प्रश्न 4.
विरंजक चूर्ण का निर्माण कैसे किया जाता है? इसके कोई दो उपयोग लिखिए।
उत्तर:
जलीय सोडियम क्लोराइड के विद्युत अपघटन से क्लोरीन का निर्माण होता है। इस क्लोरीन गैस का उपयोग विरंजक चूर्ण के उत्पादन के लिए किया जाता है। शुष्क बुझा हुआ चूना [Ca(OH)2] पर क्लोरीन की क्रिया से विरंजक चूर्ण का निर्माण होता है। विरंजक चूर्ण को CaOCl2 से दर्शाया जाता है यद्यपि वास्तविक संगठन काफी जटिल होता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 11

विरंजक चूर्ण का उपयोग-

  • वस्त्र उद्योग में सूती एवं लिनेन के विरंजन के लिए, कागज की फैक्ट्री में लकड़ी के मज्जा एवं लाउंड्री में साफ कपड़ों के विरंजन के लिए।
  • कई रासायनिक उद्योगों में एक उपचायक के रूप में।
  • पीने वाले जल को जीवाणुओं से मुक्त करने और जल की स्थायी कठोरता को हटाने के लिए उपयोग होता है।

प्रश्न 5.
जलीय विलयन में अम्ल या क्षारक किस रूप में रहते हैं? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
जलीय विलयन में अम्ल एवं क्षारक आयनित रूप में रहते हैं। उदाहरण के लिए जल की उपस्थिति में HCl में हाइड्रोजन आयन उत्पन्न होते हैं। जल की अनुपस्थिति में HCl अणुओं से H+ आयन अलग नहीं हो सकते हैं।
HCl + H2O → H3O+ + Cl
हाइड्रोजन आयन स्वतंत्र रूप में नहीं रह सकते लेकिन ये जल के अणुओं के साथ मिलकर रह सकते हैं। इसलिए
हाइड्रोजन आयन को सदैव H + (aq) या हाइड्रोनियम आयन (HgO+) से दर्शाना चाहिए।
H+ + H2O → H3O+
स्पष्ट है कि अम्ल जल में H3O+ अथवा H+ (aq) आयन प्रदान करता है।
इसी प्रकार क्षार भी जल में (OH) आयन उत्पन्न करते हैं।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 12

प्रश्न 6.
अम्लों के सामान्य गुणों का विवरण उदाहरण (रासायनिक समीकरणों) सहित कीजिए।
उत्तर:
अम्लों के सामान्य गुण (General Prop-erties of Acids)-
1. सक्रिय धातुओं से क्रिया करके तनु खनिज अम्ल बनाते हैं तथा हाइड्रोजन मुक्त होती है-
Zn + 2HCl → ZnCl2 + H2
Fe + H2SO4 → FeSO4 + H2
HNO3 से क्रिया होने में लवण तो बनता है परन्तु उससे मुक्त हाइड्रोजन HNO3 के तीव्र ऑक्सीकारक होने के कारण, ऑक्सीकृत होकर H2O बनाती है तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड बनते हैं।

2. धात्वीय ऑक्साइडों तथा हाइड्रॉक्साइडों से क्रिया होने पर उदासीनीकरण द्वारा लवण एवं जल बनते हैं-
2NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + 2H2O
CuO + 2HCl → CuCl2 + H2O

3. धात्वीय कार्बोनेटों एवं हाइड्रोजन कार्बोनेटों से क्रिया होने पर लवण, जल तथा CO2 गैस बनते हैं-
CaCO3 + H2SO4 → CaSO4 + H2O + CO2 NaHCO3 + HCl → NaCl + H2O + CO2

4. धात्त्वीय सल्फाइटों, हाइड्रोजन सल्फाइटों, सल्फाइडों एवं हाइड्रोसल्फाइडों से क्रिया होने पर लवण, जल, SO2 अथवा H2S गैस बनती है।
K2SO3 + 2HCl → 2KCl + H2O + SO2
2NaHSO3 + H2SO4 → Na2SO4 + 2H2O + SO2
ZnS + 2HCl → ZnCl2 + H2S
2KHS + 2HCl → 2KCl + H2S

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 7.
क्षारों के सामान्य गुणों का विवरण उदाहरण (रासायनिक समीकरण) सहित कीजिए।
उत्तर:
क्षारों के सामान्य गुण (General Prop-erties of Base) –
1. अम्लों से क्रिया करके लवण तथा जल बनाते है-
CaO + H2SO4 → CaSO4 + H2O
NaOH + HCl → NaCl + H2O
Cu(OH)2 + 2HNO3 → Cu(NO3)2 + 2H2O
2NH4OH + H2SO4 → (NH4)2SO4 + 2H2O

2. अमोनियम लवणों से क्रिया होने पर लवण, जल तथा अमोनिया गैस बनाती है-
2NH4Cl + Ca(OH)2 → CaCl2 + 2H2O + 2NH3
(NH4)2SO4 + 2NaOH → Na2SO4 + 2H2O + 2NH3

3. सोडियम, पोटैशियम, कैल्सियम तथा अमोनियम हाइड्रॉक्साइडों से अन्य धातुओं के लवणों की क्रिया होने पर धात्वीय हाइड्रॉक्साइडों का प्रक्षेप बनता है।
FeCl3 + 3NaOH → 3NaCl + Fe(OH)3
CuSO4 + 2KOH → K2SO4 + Cu(OH)2
ZnCl2 + 2NH4OH → 2NH4Cl + Zn(OH)2

प्रश्न 8.
(i) क्षारकों की परिभाषा दीजिए।
(ii) इसके तीन गुणधर्म बताइए।
(iii) क्या सभी क्षारक, क्षार होते हैं? आयनिक समीकरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
(i) धातुओं के हाइड्रॉक्साइड को क्षारक कहते हैं। ये जलीय विलयन में (OH) आयन उत्पन्न करते हैं।

(ii) क्षारकों के गुणधर्म-

  • इसका स्वाद कड़वा होता है।
  • ये लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते हैं।
  • ये अम्ल से अभिक्रिया करके लवण तथा जल बनाते हैं, जिसे उदासीनीकरण कहा जाता है।
    HCl + NaOH → NaCl + H2O

(iii) नहीं, केवल जल में घुलनशील क्षारक (Base) को क्षार (Alkali) कहते हैं।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 13
उदाहरण के लिए – Al(OH)3 क्षारक है, परन्तु क्षार नहीं क्योंकि यह जल में अविलेय है।

प्रश्न 9.
(a) केवल जलीय विलयनों से ही विद्युत धारा प्रवाहित होती है। ऐसा क्यों?
(b) अम्लों के तनुकरण पर हाइड्रोनियम आयनों (H3O+) की सांद्रता किस प्रकार परिवर्तित होती है?
(c) विलयनों या तनुकृत विलयनों में से सांद्रित किसका pH मान अधिक होगा?
(d) आप क्या अवलोकन करेंगे?
(i) जब तनु HCl को Na2CO3 में मिलाया जाएगा।
(ii) जब तनु HCl को एक परखनली में रखें Zn पर डाला जाएगा।
उत्तर:
(a) क्योंकि अम्लों के जलीय विलयन में आयन पृथक होते हैं, जो विद्युत धारा के चालन के लिए उत्तरदायी होता है।
(b) तनुकृत करने पर (H3O+) आयनों की सांद्रता घटती है।
(c) तनुकृत अम्लों का pH मान अधिक होगा।
(d) (i) बुदबुदाहट के साथ CO2 गैस निकलती है।
Na2CO3 + 2HCl (dil) → 2NaCl + CO2 + H2O

(ii) रंगहीन एवं गंधहीन H2 गैस के बुलबुले निकलते हैं।
Zn(s) + 2HCl (dil) → ZnCl2 + H2(g)

प्रश्न 10.
उदाहरण देते हुए लवणों का वर्गीकरण समझाइए।
उत्तर:
1. सामान्य लवण (Normal Salt) – इन लवणों के अणु में H+ या (OH) आयन नहीं होते। ये किसी अम्ल के अणु से H+ आयनों के पूर्ण विस्थापन से बनते हैं, जैसे
CaO + H2SO4 → CaSO4 + H2O
Zn + 2HCl → ZnCl2 + H2

2. अम्लीय लवण (Acidic Salts) – किसी अम्ल के अणु से H+ आयनों के आंशिक विस्थापन से बने लवणों को अम्लीय लवण कहते हैं। इनके अणु में H+ के एकाधिक आयन रहते हैं, जैसे KHSO4, Na2HPO4, KH2PO4 आदि

3. क्षारीय लवण (Basic Salt) – किसी क्षारक (हाइड्रॉक्साइड) के अणु से (OH) आयनों के आंशिक विस्थापन से क्षारीय लवण बनते हैं। इनके अणु में एकाधिक (OH) आयन रहते हैं जैसे
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 14

4. द्विक् लवण (Double Salt) – इनके अणु में एक ही प्रकार के अम्लीय आयनों के साथ दो भिन्न क्षारीय आयनों के संयोग से बने अणु होते हैं, जिनमें प्रत्येक अणु एक स्वतन्त्र लवण हो सकता है।
उदाहरणतः
K2SO4Al2(SO4)3.24H2O
(Potassium Ammonium Sulphate or Common Alum)
FeSO4.(NH4)2SO4.6H2O
(Ferrous Ammonium Sulphate or Mohr’s Salt)
ये लवण दो भिन्न लवणों के विलयनों के मिश्रण से क्रिस्टलीकरण करने पर बनते हैं।

5. मिश्रित लवण (Mixed Salt) – ऐसे लवणों के अणु में एक ही अम्लीय या क्षारीय मूलक से दो या दो से अधिक क्षारीय या अम्लीय मूलक संयोग करते हैं।
उदहारणतः
NaKSO4 (Sodium Potassium Sulphate)
Na2KPO4 (Disodium potassium phos-phate)
Ca(OCl) Cl (Calcium chloro hypochlorite or Bleaching powder)

6. जटिल लवण (Complex Salt) – ये द्विक् लवण होते हैं तथा दो सरल लवणों के विलयनों के मिश्रण के क्रिस्टलीकरण से बनते हैं परन्तु विलयन में आयनीकृत होकर एक सरल आयन तथा एक जटिल आयन देते हैं।
उदहारणतः

  • K4 [Fe(CN)6] ⇌ 4K+ + [Fe(CN)g]4-
  • Na[Ag(CN)2] ⇌ Na+ + [Ag (CN)2]
    सोडियम अर्जेण्टोसायनाइड अर्जेण्टोसायनाइड आयन

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक विलयन में हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता 10-6 M है। इस विलयन का pH मान बताइए। विलयन अम्लीय होगा या क्षारीय।
उत्तर:
हाइड्रोजन आयन सान्द्रता [H+] = 10-6 M
pH = – log [H+]
= – log 10-6
= -(- 6 log 10)
pH = 6
चूँकि pH 7 से कम है अतः विलयन अम्लीय होगा।

प्रश्न 2.
एक विलयन में हाइड्रॉक्साइड आयन सान्द्रण 1 x 108 मोल प्रति लीटर है। इस विलयन का pH मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
हाइड्रॉक्साइड आयन सान्द्रण [OH] = 10-8 मोल/लीटर
चूँकि [H+] [OH] = 10-14
∴ [H+] = \(\frac{10^{-14}}{\left[\mathrm{OH}^{-}\right]}=\frac{10^{-14}}{1 \times 10^{-8}}\) = 10-6
pH = – log H+
= – log 10-6
= (- 6 log 10) = 6
pH = 6

प्रश्न 3.
एक विलयन में हाइड्रॉक्सिल आयन का सान्द्रण 10-11 मोल / लीटर है। विलयन का pH मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया है [OH] = 10-11 मोल/लीटर
तो [H+] = 10-3 मोल / लीटर
pH = – log [H+]
= – log 10-3
= 3
pH = 3

प्रश्न 4.
एक विलयन में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता 10-8 M है। इस विलयन का pH मान बताइए। विलयन अम्लीय है या क्षारीय।
उत्तर:
विलयन में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता = 10-8 M
pH = – log (H+)
= – log 10-8
चूँकि pH 7 से अधिक है अतः विलयन क्षारीय होगा।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 5.
एक विलयन में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता 10-9 है। इस विलयन का pH मान परिकलित कीजिए तथा बताइए कि विलयन अम्लीय है या क्षारीय है।
उत्तर:
विलयन में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता = 10-9 M
pH = – log [H+]
= – log 10-9
= 9
विलयन क्षारीय होगा।

प्रश्न 6.
पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड विलयन की सान्द्रता 1 x 10-5 मोल / लीटर है तो इस विलयन का pH मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड आयन सान्द्रण
[OH] = 1 x 10-5 मोल/लीटर
परन्तु [H+] x [ OH] = 1 x 10-14
H+ = \(\frac{1 \times 10^{-14}}{1 \times 10^{-5}}\)
= 1 x 10-9

बहुविकल्पीय प्रश्न

निर्देश- प्रत्येक प्रश्न में दिये गये वैकल्पिक उत्तरों में से सही विकल्प चुनिए-

1. उदासीन विलयन के लिए कौन-सा कथन असत्य है-
(a) हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मानं 10-7 मोल / लीटर होता है
(b) हाइड्रॉक्साइड आयन सान्द्रण का मान 10-7 मोल / लीटर होता है।
(c) pH मान 0 होता है
(d) pH मान 7 होता है
उत्तर:
(c) pH मान 0 होता है

2. ऐसीटिक अम्ल में अम्लीय हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या है-
(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) 4
उत्तर:
(a) 1

3. प्रबल अम्ल के जलीय विलयन में किसका आधिक्य होता है?
(a) H+ आयनों का
(b) OH आयनों का
(c) Cl आयनों का
(d) Na+ आयनों का
उत्तर:
(a) H+ आयनों का

4. कॉपर सल्फेट विलयन का pH मान होगा-
(a) < 7
(b) 7
(c) > 7
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) < 7

5. निम्न में अम्लीय लवण है-
(a) NaCl
(b) NaHSO4
(c) Na2SO4
(d) KCN
उत्तर:
(b) NaHSO4

6. 10-6 M HCl विलयन का pH मान होगा-
(a) 7
(b) 6
(c) 0
(d) – 6
उत्तर:
(b) 6

7. H2S विलयन का pH मान है-
(a) 0
(b) 7
(c) 7 से कम
(d) 7 से अधिक
उत्तर:
(c) 7 से कम

8. शुद्ध जल का pH मान है-
(a) 0
(b) 1
(c) 7
(d) 14
उत्तर:
(c) 7

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

9. क्षार जल में विलेय क्षारक होते हैं जो परिवर्तित कर देते हैं-
(a) नीला लिटमस लाल
(b) लाल लिटमस नीला
(c) नीला लिटमस गुलाबी
(d) लाल लिटमस नारंगी
उत्तर:
(b) लाल लिटमस नीला

10. अम्ल तथा क्षारक की परस्पर क्रिया से लवण तथा पानी बनता है। यह क्रिया है-
(a) जल अपघटन
(b) संयोजन
(c) उदासीनीकरण
(d) वैद्युत अपघटन
उत्तर:
(c) उदासीनीकरण

11. किसी विलयन की pH किसकी माप है?
(a) हाइड्रोजन आयन सांद्रता
(b) हाइड्रोनियम आयन सांद्रता
(c) दोनों (a) व (b)
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) दोनों (a) व (b)

12. pH के लिए कौन-सा कथन असत्य है?
(a) pH हाइड्रोजन आयन सांद्रता का मापदंड है
(b) अम्लीय विलयन की pH 7 से कम होती है
(c) pH स्केल में 0-14 तक pH मापी जाती है
(d) क्षारीय विलयन की pH 0-14 होती है।
उत्तर:
(d) क्षारीय विलयन की pH 0-14 होती है।

13. आसुत जल का आयनिक उत्पादक क्या है?
(a) 10-12 मोल / लीटर
(b) 10-7 मोल/लीटर
(c) 10-14 मोल / लीटर
(d) 0.
उत्तर:
(c) 10-14 मोल / लीटर

14. आसुत जल में H + आयन की सांद्रता है-
(a) 10-7 मोल / लीटर
(b) 10-6 मोल/लीटर
(c) 10-4 मोल / लीटर
(d) 100 मोल / लीटर
उत्तर:
(a) 10-7 मोल / लीटर

15. एक घोल का pH मान 4 है तो घोल होगा-
(a) उदासीन
(b) क्षारीय
(c) अम्लीय
(d) आयनिक
उत्तर:
(c) अम्लीय

16. किसी विलयन का pH मान 4 है। इसमें उपस्थित हाइड्रोजन आयन सान्द्रण है-
(a) 1 x 10-4 मोल प्रति लीटर
(b) 1 x 10-7 मोल प्रति लीटर
(c) 1 x 10-14 मोल प्रति लीटर
(d) 1 x 10-8 मोल प्रति लीटर
उत्तर:
(a) 1 x 10-4 मोल प्रति लीटर

17. क्षारीय विलयन में फिनॉल्फ्थलीन / सूचक का रंग होता है-
(a) लाल
(b) पीला
(c) नीला
(d) रंगीन
उत्तर:
(a) लाल

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

18. अम्लीय विलयन का pH मान है-
(a) 7
(b) 7 से कम
(c) 7 से अधिक
(d) शून्य
उत्तर:
(b) 7 से कम

19. एक विलयन का pH मान 5 है। यह विलयन है-
(a) अम्लीय
(b) क्षारीय
(c) उदासीन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) अम्लीय

20. निम्नलिखित में दुर्बल अम्ल है-
(a) HCl
(b) HCN
(c) HNO3
(d) H2SO4
उत्तर:
(b) HCN

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

  1. जब अम्ल किसी धातु कार्बोनेट या धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट से अभिक्रिया करता है तो यह संगत गैस ………………… एवं ………………… उत्पन्न करता है।
  2. जल में अम्लीय एवं क्षारकीय विलयन विद्युत का चालन करते हैं क्योंकि ये क्रमश: ………………… एवं ………………… आयन का निर्माण करते हैं।
  3. अम्ल या क्षारक की प्रबलता की जाँच ………………… स्केल के उपयोग से की जा सकती है जो विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता की माप होता है।
  4. विलयन में H+ (aq) आयन के निर्माण के कारण ही पदार्थ की प्रकृति ………………… होती है। विलयन में OH (aq) आयन के निर्माण से पदार्थ की प्रकृति होती है।
  5. जब कोई अम्ल किसी धातु के साथ अभिक्रिया करता है तो ……………….. गैस का उत्सर्जन होता है। साथ ही संगत ………………… का निर्माण होता है।
  6. जब क्षारक किसी धातु से अभिक्रिया करता है तो ………………… गैस के उत्सर्जन के साथ एक ………………… का निर्माण होता है जिसका ऋण आयन एक धातु एवं ऑक्सीजन के परमाणुओं से संयुक्त रूप से निर्मित होता है।

उत्तर:

  1. लवण, कार्बन डाइऑक्साइड, जल
  2. हाइड्रोजन, हाइड्रॉक्साइड
  3. pH
  4. अम्लीय क्षारीय
  5. हाइड्रोजन, लवण
  6. हाइड्रोजन, लवण।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज

प्रश्न 1.
यदि किसी चतुर्भुज की चारों भुजाएँ और कोण परस्पर बराबर हों, तब चतुर्भुज होगा :
(A) आयत
(B) समचतुर्भुज
(C) वर्ग
(D) समान्तर चतुर्भुज ।
हल :
विकल्प (C) सही है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज

प्रश्न 2.
यदि समान्तर चतुर्भुज के दो विकर्ण समान हों, तो यह होगा :
(A) चतुर्भुज
(B) आयत
(C) समचतुर्भुज
(D) समलम्ब चतुर्भुज ।
हल :
विकल्प (B) सही है।

प्रश्न 3.
चित्र में ABCD एक समचतुर्भुज है। यदि AC = 8 सेमी और DB = 6 सेमी हो, तो BC का मान होगा :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 1
(A) 5 सेमी
(B) 4 सेमी
(C) 7 सेमी
(D) 3.5 सेमी
हल :
हम जानते हैं कि समचतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को 90° पर समद्विभाजित करते हैं, तब ΔOBC में,
OC = \(\frac {1}{2}\)AC = \(\frac {1}{2}\) × 8 = 4 सेमी
OB = \(\frac {1}{2}\) × BD = \(\frac {1}{2}\) × 6 = 3 सेमी
पाइथागोरस प्रमेय से,
BC2 = OB2 + OC2 = 32 + 42
= 9 + 16 = 25
BC = 5 सेमी।
अतः विकल्प ‘A’ सही है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज

प्रश्न 4.
त्रिभुज की दो भुजाओं के मध्य बिन्दुओं को मिलाने वाला रेखाखण्ड तीसरी भुजा के समान्तर तथा लम्बाई में उसका होता है
(A) आधा
(B) बराबर
(C) एक-तिहाई
(D) एक-चौथाई
हल :
विकल्प (A) सही है।

प्रश्न 5.
किसी चतुर्भुज में सम्मुख भुजाओं का एक युग्म परस्पर समान्तर है, चतुर्भुज होगा :
(A) समलम्ब
(B) आयत
(C) वर्ग
(D) समचतुर्भुज
हल :
विकल्प (B) सही है।

प्रश्न 6.
यदि किसी चतुर्भुज के विकर्ण बराबर हो तथा एक दूसरे को समकोण पर प्रतिच्छेदित करते हों, तो वह होगा :
(A) आयत
(B) वर्ग
(C) समचतुर्भुज
(D) समान्तर चतुर्भुज
हल :
विकल्प (B) सही है।

प्रश्न 7.
यदि किसी चतुर्भुज के विकर्ण असमान हैं तथा एक-दूसरे को समकोण पर समद्विभाजित करते हों तो वह होगा :
(A) आयत
(B) वर्ग
(C) समचतुर्भुज
(D) समान्तर चतुर्भुज
हल :
विकल्प (C) सही है।

प्रश्न 8.
समान्तर चतुर्भुज ABCD में ∠A = 75° हो, तो ∠B का मान है :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 2
(A) 105°
(B) 110°
(C) 90°
(D) 75°.
हल :
∠A + ∠B = 180° (अन्तः कोण)
⇒ 75° + ∠B = 180°
∴ ∠B = 180° – 75° = 105°.
अतः विकल्प ‘A’ सही है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज

प्रश्न 9.
वर्ग की भुजा एवं उसके विकर्ण की लम्बाइयों का अनुपात है:
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 3
(A) 1 : \(\sqrt{2}\)
(B) 3 : \(\sqrt{2}\)
(C) \(\sqrt{2}\) : 1
(D) \(\sqrt{2}\) : 3
हल :
AC2 = AB2 + BC2
= x2 + x2 = 2x2
∴ AC = \(\sqrt{2}\)x
∴ AB : AC = x : \(\sqrt{2}\)x
= 1 : \(\sqrt{2}\)
अतः विकल्प ‘A’ सही है।

प्रश्न 10.
चित्र में, ABCD समान्तर चतुर्भुज है, तो x का मान होगा:
(A) 25°
(B) 60°
(C) 75°
(D) 45°.
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 4
हम जानते हैं कि
∠A = ∠C
3x – 20° = x + 70°
या 2x = 90°
∴ x = 45°
(3x-20)
अतः विकल्प ‘D’ सही है।

प्रश्न 11.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करो :
(i) किसी ||gm के विकर्ण एक दूसरे को ……………………. करते हैं।
(ii) समान्तर चतुर्भुज के संलग्न कोण होते हैं।
(iii) किसी ||gm के सम्मुख कोण ………………. होते हैं।
(iv) किसी ||gm की सम्मुख भुजाएँ …………………… होती हैं।
(v) किसी चतुर्भुज की भुजाओं के मध्य बिन्दुओं को एक क्रम से मिलाने वाले रेखाखण्डों द्वारा बना चतुर्भुज ………………. होता है।
(vi) किसी समान्तर चतुर्भुज का एक कोण समकोण हो तो वह ………………….. कहलाता है।
(vii) किसी त्रिभुज की दो भुजाओं के मध्य-बिन्दुओं को मिलाने वाली रेखा तीसरी भुजा के …………………. होती है।
(viii) पतंग एक ……………….. चतुर्भुज नहीं है।
संलग्न चित्र को ध्यान से देखिए
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 5
(ix) …………. समान्तर रेखाएँ हैं।
(x) …………. समान रेखाएँ हैं।
(xi) समान कोणों के नाम हैं ………………।
(xii) सम्पूरक कोणों के नाम है ………………।
हल :
(i) समद्विभाजित,
(ii) सम्पूरक,
(iii) बराबर,
(iv) समान,
(v) समान्तर चतुर्भुज,
(vi) आयत,
(vii) समान्तर तथा आधी,
(viii) समान्तर
(ix) AB || DC तथा AD || BC,
(x) AB = DC तथा AD = BC,
(xi) ∠A = ∠C तथा ∠B = ∠D
(xii) ∠A व ∠B, ∠B व ∠C, ∠C व ∠D, तथा ∠D व ∠A.

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज

प्रश्न 12.
ΔABC में, D, E, F क्रमश: भुजाओं AB, BC और CA के मध्य बिन्दु हैं। सिद्ध कीजिए कि बिन्दुओं D, E,F को मिलाने पर ABC चार सर्वांगसम त्रिभुजों में विभाजित हो जाता है।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 6
हल :
ΔABC में, बिन्दु D, E तथा F क्रमश: भुजाओं AB, AC तथा BC के मध्य बिन्दु ।
रचना: DE, EF तथा DF को मिलाया।
सिद्ध करना है ΔADE ≅ ΔDBF ≅ ΔEFC ≅ ΔDEF
∵ D और E क्रमश: भुजा AB व BC के मध्य बिन्दु है।
∴ DE || BC
इसी प्रकार DF || AC
और EF || AB है।
∴ ADEF, BDFE और DFCE समान्तर चतुर्भुज
∵ समान्तर चतुर्भुज BDFE में DF विकर्ण है।
∴ ΔBDF ≅ ΔFED
(∵ समान्तर चतुर्भुज को विकर्ण दो बराबर सर्वांगसम त्रिभुजों में बाँटता है)
इसी प्रकार ΔDAE ≅ ΔFED
और ΔEFC ≅ ΔFED
ΔADE ≅ ΔDBF ≅ ΔEFC ≅ ΔDEF इति सिद्धम् ।

प्रश्न 13.
D, E व F एक ΔABC की भुजा BC, AC AB के मध्य बिन्दु है। सिद्ध कीजिए कि AD, भुजा EF का समद्विभाजक है।
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 7
दिया है ΔABC
में, D, E व F क्रमश: BC, AC व AB के मध्य बिन्दु हैं।
सिद्ध करना है AD, EF को समद्विभाजित करता है।
रचना: DE, EF तथा DF को मिलाया ।
उपपत्ति: D व E क्रमश: BC व AC के मध्य बिन्दु (दिया है)
∴ DE || AB अथवा DE || AF ……..(i)
इसी प्रकार D व F क्रमश: BC व AB के मध्य बिन्दु (दिया है)
∴ DF || AC अथवा DF || AE ……….(ii)
(i) व (ii) से,
AEDF एक समान्तर चतुर्भुज है।
∵ समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण परस्पर समद्विभाजित करते हैं और AD व EF समान्तर चतुर्भुज AEDF के विकर्ण हैं।
∴ AD, EF को समद्विभाजित करता है। इति सिद्धम् ।

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प्रश्न 14.
ABCD एक समचतुर्भुज है और P, Q, R, S क्रमश: AB, BC, CD तथा DA के मध्य बिन्दु हैं। सिद्ध कीजिए कि PQRS एक आयत है।
हल :
दिया है : समचतुर्भुज ABCD में P, Q, R, व S क्रमश: AB, BC, CD व DA के मध्य बिन्दु हैं।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 8
सिद्ध करना है : PQRS एक आयत हैं।
रचना : विकर्ण AC तथा BD खींचे।
उपपत्ति: ΔABC में P एवं Q क्रमश: AB तथा BC के मध्य बिन्दु हैं। (दिया है)
∴ PQ || AC ……..(i)
तथा PQ = \(\frac {1}{2}\)AC ……..(ii)
इसी प्रकार ΔADC में,
SR || AC ……..(iii)
तथा SR = \(\frac {1}{2}\)AC ……..(iv)
∴ समीकरण (i) एवं (iii) से.
PQ || SR ……..(v)
पुन: समीकरण (ii) तथा (iv) सं.
PQ = SR ……..(vi)
∴ समीकरण (v) व (vi) से,
PQRS एक समान्तर चतुर्भुज हैं। ………(vii)
पुनः SR || AC ….(iii) से
∴ SG = MN …..(viii)
इसी प्रकार ΔABP में,
∴ SP || DB
SN || GM ……..(ix)
समीकरण (viii) तथा (ix) से,
SNMG एक समान्तर चतुर्भुज है
∴ ∠GMN = ∠GSN
(||gm के सम्मुख कोण) … (x)
किन्तु समचतुर्भुज के विकर्ण समकोण पर काटते हैं
∴ ∠GMN = 90° ……….. (xi)
समीकरण (x) व (xi) से,
∠GSN = ∠RSP = 90° ………. (xii)
∴ समीकरण (vii) व (xii) से,
PQRS एक आयत है। इति सिद्धम् ।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज

प्रश्न 15.
चित्र में ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है। P और Q क्रमशः सम्मुख भुजाओं AB और CD के मध्य- बिन्दु हैं। सिद्ध कीजिए कि PRQS एक समान्तर चतुर्भुज है।
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 9
दिया है : समान्तर चतुर्भुज ABCD में AB और CD के मध्य बिन्दु क्रमश: P और Q हैं।
सिद्ध करना है :
PQRS एक समान्तर चतुर्भुज है।
उपपत्ति: चूँकि P और Q क्रमश: AB और CD के मध्य- बिन्दु हैं।
∴ AP = \(\frac {1}{2}\)AB
और CQ = \(\frac {1}{2}\)CD ……….(i)
लेकिन AB = CD
[समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ]
⇒ \(\frac {1}{2}\)AB = \(\frac {1}{2}\)CD
⇒ AP = CQ ……….(ii)
और AB || DC
[समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ]
⇒ AP || CQ ……….(iii)
इस प्रकार चतुर्भुज APCQ में,
AP || CQ और APCQ [समीकरण (ii) और (iii) से]
⇒ APCQ एक समान्तर चतुर्भुज है। ………..(iv)
इसी प्रकार BPDQ एक समान्तर चतुर्भुज है। ……..(v)
अब समीकरण (iv) से,
AQ || PC ⇒ SQ || RP ……. (vi)
समीकरण (v) से,
BQ || PD ⇒ RQ || PS … (vii)
समी. (vi) व (vii) से,
SPRQ एक समान्तर चतुर्भुज है। इति सिद्धम् ।

प्रश्न 16.
ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है, जिसमें AB = AC । AD, बहिष्कोण PAC को समद्विभाजित करता है और CD || BA दर्शाइए कि :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 10
(i) ∠DAC = ∠BCA
(ii) ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
हल :
दिया है : समद्विबाहु ΔABC में AB = AC, तथा बहिष्कोण PAC का समद्विभाजक AD.
रचना : AD = BC काटी DC को मिलाया
सिद्ध करना है : (i) ∠DAC = ∠BCA
(ii) ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
उपपत्ति:
(i) ABC समद्विबाहु त्रिभुज है, जिसमें
AB = AC (दिया है)
∴ ∠ABC = ∠ACB ……..(1)
(समान भुजाओं के सम्मुख कोण)
बहिष्कोण ∠PAC = ∠ABC + ∠ACB ……….(2)
समीकरण (1) और (2) से,
∠PAC = 2∠ACB ………..(3)
∵ AD, कोण ∠PAC को समद्विभाजित करती है।
∴ ∠PAC = 2∠DAC …….(4)
समीकरण (3) व (4) से,
2∠DAC = 2∠ACB
∠DAC = ∠ACB. इति सिद्धम् ।

(ii) ∠DAC = ∠ACB (एकान्तर कोण)
रेखाखण्ड BC और AD को तिर्यक रेखा AC काटती है।
∴ BC || AD
और BA || CD (दिया है)
अत: ABCD समान्तर चतुर्भुज है। इति सिद्धम् ।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज

प्रश्न 17.
एक चतुर्भुज ABCD के विकर्ण परस्पर लम्ब हैं। सिद्ध कीजिए कि इनकी भुजाओं के मध्य बिन्दुओं को मिलाने वाले रेखाखण्डों से एक आयत बनता है।
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 11
दिया है चतुर्भुज ABCD के विकर्ण AC व BD इस प्रकार है कि AC ⊥ BD तथा E, F, G H क्रमश: AB, BC, CD व AD के मध्य बिन्दु हैं। P तथा Q क्रमश: भुजाओं GH व GF के मध्य बिन्दु हैं।
सिद्ध करना है : EFGH एक आयत है।
उपपत्ति: ΔADC में, G व H क्रमश: CD तथा AD के मध्य बिन्दु है। (दिया है)
∴ GH || AC व GH = \(\frac {1}{2}\)AC ……(i)
पुन: ΔABC में,
E व F क्रमश: AB तथा BC के मध्य बिन्दु हैं। (दिया है)
∴ EF || AC एवं EF = \(\frac {1}{2}\)AC ……(ii)
समीकरण (i) व (ii) से,
GH || EF तथा GH = EF … (iii)
चतुर्भुज EFGH की सम्मुख भुजाएँ बराबर व परस्पर समान्तर हैं।
∴ EFGH एक समान्तर चतुर्भुज है।
इसी प्रकार GF || DB
तथा GH || AC
∴ ORGP एक समान्तर चतुर्भुज है, जिसका ∠POR = 90°
∴ ∠PGR = ∠POR = 90° (||gm के सम्मुख कोण)
∴ GHEF एक आयत है। इति सिद्धम् ।

प्रश्न 18.
समान्तर चतुर्भुज ABCD में विकर्ण BD पर दो बिन्दु P और Q इस प्रकार स्थित हैं कि DP = BQ । सिद्ध कीजिए कि APCQ एक समान्तर चतुर्भुज है।
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 12
दिया है समान्तर चतुर्भुज ABCD के विकर्ण BD पर दो बिन्दु P और Q इस प्रकार हैं कि
DP = BQ
सिद्ध करना है: APCQ एक समान्तर चतुर्भुज है।
उपपत्ति: ΔAPD और ΔCQB में,
AD = BC
(समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ)
∠ADP = ∠CBQ (एकान्तर कोण)
DP = BQ. (दिया है)
ΔAPD ≅ ΔCQB
अर्थात् (SAS नियम)
AP = CQ ……….(1)
इसी प्रकार ΔCPD और ΔAQB में, हम सिद्ध कर सकते हैं कि
CP = AQ ……….(2)
समीकरण (1) और (2) से,
APCQ एक समान्तर चतुर्भुज है। इति सिद्धम् ।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज

प्रश्न 19.
सिद्ध कीजिए कि त्रिभुज की एक भुजा के मध्य- बिन्दु से, एक अन्य भुजा के समान्तर खींची गई रेखा, तीसरी भुजा को उसके मध्य बिन्दु पर प्रतिच्छेदित करती है।
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 13
दिया है त्रिभुज ABC में, AB का मध्य बिन्दु D है। D से BC के समान्तर खींची गई रेखा त्रिभुज की भुजा AC
को बिन्दु E पर प्रतिच्छेदित करती है।
सिद्ध करना है E, AC का मध्य- बिन्दु है। रचना AE पर कोई बिन्दु E किया तथा D और E को मिलाया ।
उपपत्ति : मान लीजिए E, भुजा AC का मध्य-बिन्दु नहीं है, और मान लीजिए कि E, भुजा AC का मध्य- बिन्दु है।
अब त्रिभुज ABC में, D, AB का मध्यबिन्दु है, और E’, AC का मध्य-बिन्दु है।
∴ DE’ || BC ……..(1)
परन्तु DE || BC (दिया है) …….. (2)
समीकरण (1) और (2) से स्पष्ट है कि दो प्रतिच्छेदी रेखाएँ DE और DE’ दोनों रेखा BC के समान्तर हैं।
परन्तु यह तो अंतर्विरोध है।
इस प्रकार हमारी कल्पना गलत है।
अतः AE = EC
अर्थात् E, AC का मध्य बिन्दु है। इति सिद्धम् ।

प्रश्न 20.
समान्तर चतुर्भुज ABCD के विकर्ण BD पर A और C से डाले गये लम्ब क्रमश: AP तथा CQ हैं।
सिद्ध कीजिए कि AP = CQ.
हल :
सिद्ध करना है:
AP = CQ
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 14
उपपत्ति: विकर्ण समान्तर चतुर्भुज को दो समान क्षेत्रफल वाले त्रिभुजों में बाँटता है।
∴ ΔABD का क्षेत्रफल = ΔBDC का क्षेत्रफल
त्रिभुज का क्षे. = \(\frac {1}{2}\) × आधार × ऊँचाई
∴ \(\frac {1}{2}\)BD × AP = \(\frac {1}{2}\)BD × CQ
∴ AP = CQ.

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज

प्रश्न 21.
दी गई आकृति में, D, E और F क्रमशः भुजाओं BC, CA तथा AB के मध्य बिन्दु हैं। यदि, AB = 4.3 सेमी, BC = 5.6 सेमी, और AC = 3.9 सेमी हैं तो निम्नलिखित का परिमाप ज्ञात कीजिए: (i) ΔDEF और (ii) चतुर्भुज BDEF
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 15
हल :
(i) त्रिभुज की किन्ही दो भुजाओं के मध्य-बिन्दुओं को मिलाने वाला रेखाखण्ड सम्मुख भुजा का आधा होता है।
अतः ΔDEF में,
DE = \(\frac {1}{2}\)AB
EF = \(\frac {1}{2}\)BC
DF = \(\frac {1}{2}\)AC
∴ ΔDEF का परिमाप = DE + EF + DF
= \(\frac {1}{2}\)AB + \(\frac {1}{2}\)BC + \(\frac {1}{2}\)AC
= \(\frac {1}{2}\)(AB + BC + AC)
= \(\frac {1}{2}\)(4.3 + 5.6 + 3.9)
= \(\frac {1}{2}\)(13.8)
= 6.9 सेमी।

(ii) चतुर्भुज BDEF का परिमाप
= BD + DE + EF + BF
= \(\frac {1}{2}\)BC + \(\frac {1}{2}\)AB + \(\frac {1}{2}\)BC + \(\frac {1}{2}\)AB
= AB + BC
= 4.3 + 5.6
= 9.9 सेमी।

प्रश्न 22.
ΔABC का ∠B समकोण है और P, भुजा AC का मध्य बिन्दु है। सिद्ध कीजिए कि PB = PA = \(\frac {1}{2}\)AC
हल :
दिया है ΔABC में, ∠B = 90° व P, AC का मध्य बिन्दु है।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 16
सिद्ध करना है PB = PA = \(\frac {1}{2}\)AC
रचना: PC पर एक ΔPDC बनाया जिसमें PB = PD
उपपत्ति : ΔAPB व ΔCPD में,
PA = PC (दिया है)
∠1 = ∠2 (शीर्षभिमुख कोण)
PB = PD (रचना से)
∴ ΔAPB ≅ ΔCPD (SAS नियम)
∴ AB = CD ……(i)
तथा ∠BAP = ∠DCP
किन्तु ये एकान्तर कोण हैं
∴ AB || CD ………..(i)
पुन: ∠ABC + ∠DCB = 180°
किन्तु ∠ABC = 90°
∴ ∠DCB = 90° ………..(ii)
पुन: ΔMBC व ΔDCB में,
BC = BC (उभयनिष्ठ)
∠ABC = ∠DCB (प्रत्येक 90°)
AB = CD ((i) से)
∴ ΔABC ≅ ΔDCB (SAS नियम)
तब AC = BD
⇒ \(\frac {1}{2}\)AC = \(\frac {1}{2}\)BD
किन्तु \(\frac {1}{2}\)AC = AP
तथा \(\frac {1}{2}\)BD = BP
∴ PB = PA = \(\frac {1}{2}\)AC.
इति सिद्धम् ।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज

प्रश्न 23.
त्रिभुज ABC में, भुजा AB को M और N तीन बराबर भागों में बाँटते हैं। दोनों रेखाखण्ड MP और NQ भुजा BC के समान्तर हैं और AC को क्रमश: P और Q पर मिलते हैं। सिद्ध कीजिए कि P और Q भुजा AC को भी तीन बराबर भागों में बाँटते हैं।
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 17
दिया है ΔABC में,
AM = MN = NB
उपपत्ति: क्योंकि MP || BC व NQ || BC
∴ MP || NQ || BC …(i)
AB व AC, MP, NO एवं BC को क्रमश: M, N
तथा P व O पर इस प्रकार काटती है कि
MN = NB (दिया है)
PQ = QC …(ii)
पुन: M, AN का मध्य बिन्दु है,
तथा MP || NQ [(i) से]
∴ AP = NQ ….(iii)
अब (ii) तथा (iii) से
AP = PQ = QC इति सिद्धम् ।

प्रश्न 24.
सिद्ध कीजिए कि त्रिभुज की माध्यिका उसको समान क्षेत्रफल वाले दो त्रिभुजों में विभाजित करती है।
हल :
दिया है त्रिभुज ABC में AD भुजा BC की माध्यिका है।
सिद्ध करना है:
ΔABD का क्षेत्रफल = ΔACD का क्षेत्रफल
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 8 चतुर्भुज - 18
रचना: शीर्ष A से सम्मुख भुजा BC पर AM लम्ब को डाला।
उपपत्ति: ΔABC में AD माध्यिका है।
∵ BD = CD ……(i)
∴ त्रिभुज ABD तथा त्रिभुज ADC के आधार एक ही रेखा BC (CD) पर होने और दोनों त्रिभुजों के एक ही शीर्ष A होने से AM दोनों त्रिभुजों की ऊँचाई है।
∴ ΔABD का क्षेत्रफल | क्षेत्रफल = \(\frac {1}{2}\)BD × AM
ΔACD का क्षेत्रफल = \(\frac {1}{2}\)CD × AM
परन्तु, BD = CD [समीकरण (i) से]
∴ ΔABD का क्षेत्रफल = ΔACD का क्षेत्रफल
इति सिद्धम्

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

Jharkhand Board JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु Important Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
संक्षारण क्या है?
उत्तर:
संक्षारण – वायु या रासायनिक पदार्थों द्वारा धातुओं का धीरे-धीरे क्षय होना संक्षारण कहलाता है।

प्रश्न 2.
गालक किसे कहते हैं?
उत्तर:
अयस्क का प्रगलन करते समय अयस्क में उपस्थित गलनीय अपद्रव्यों को दूर करने के लिए मिलाये जाने वाले पदार्थ को गालक कहते हैं।

प्रश्न 3.
निस्तापन को परिभाषित करो।
उत्तर:
सान्द्रित अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में पिघलने से पूर्व तक गर्म करना निस्तापन कहलाता है।

प्रश्न 4.
मिश्रधातु क्या है?
उत्तर:
दो या दो से अधिक धातुओं को पिघलाकर ठण्डा करने से जो समांग धातु मिश्रण मिलता है, उसे मिश्रधातु कहते हैं।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 5.
आयरन के प्रमुख अयस्क का सूत्र लिखो।
उत्तर:
आयरन का प्रमुख अयस्क है-
हेमेटाइट – Fe2O3

प्रश्न 6.
ऐलुमिनियम के प्रमुख अयस्क का सूत्र लिखिए-
उत्तर:
एल्युमिनियम के प्रमुख अयस्क हैं-
बॉक्साइट-Al2O3.2H2O

प्रश्न 7.
धातुकर्म क्या है?
उत्तर:
अयस्क से शुद्ध धातु प्राप्त करने की क्रिया को धातुकर्म कहते हैं।

प्रश्न 8.
भर्जन से क्या समझते हो?
उत्तर:
सान्द्रित अयस्क को वायु या ऑक्सीजन की उपस्थिति में भट्टी में गलनांक से नीचे गर्म किया जाता है। इस क्रिया को भर्जन कहते हैं।

प्रश्न 9.
धातु संक्षारण क्या है?
उत्तर:
धातु संक्षारण – धातुओं की नष्ट होने की एक ऐसी धीमी प्रक्रिया जिसमें वायुमण्डल की नमी की उपस्थिति में धातुएँ ऑक्सीजन से क्रिया करके भंगुर ऑक्साइड तथा हाइड्रॉक्साइड बना देती हैं। इसमें धातु की सतह परत के रूप में उखड़ती रहती है। यही धातु संक्षारण है।

प्रश्न 10.
धातुमल क्या है?
उत्तर:
प्रगलन की प्रक्रिया में गालक पदार्थ अशुद्धियों से मिलकर कम गलनांक वाले जो गलनीय पदार्थ बनाते हैं वे धातुमल कहलाते हैं। लोहे के प्रगलन में कैल्सियम सिलिकेट (CaSiO3) नामक धातुमल बनते हैं।

प्रश्न 11.
किसी एक धातुमल का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
लोहे के धातुकर्म में प्राप्त धातुमल हैं- कैल्सियम सिलिकेट – (CaSiO3)।

प्रश्न 12.
आघातवर्ध्यता ‘क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी पदार्थ के हथौड़े से पीटने पर पतली चादर में परिवर्तित हो जाने के गुण को आघातवर्ध्यता कहते हैं। धातुएँ आघातवर्ध्य होती हैं।

प्रश्न 13.
दो अत्यधिक आघातवर्ध्य धातुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
सोना तथा चाँदी अत्यधिक आघातवर्ध्य धातुएँ हैं।

प्रश्न 14.
प्राचीन काल में मानव को ज्ञात धातुओं के नाम बताइए।
उत्तर:
प्राचीन काल में मानव को सोना, चाँदी, ताँबा, टिन, लोहा, सीसा, पारा तथा एंटीमनी का ज्ञान था।

प्रश्न 15.
कौन-सी धातु सामान्य ताप पर तरल (द्रव्य) होती है?
उत्तर:
पारा (Hg)।

प्रश्न 16.
विद्युत अपघटनी परिष्करण द्वारा किये जाने वाले तीन धातुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. ताँबा (Cu)
  2. चाँदी (Ag)
  3. टिन (Sn)।

प्रश्न 17.
कौन सी धातु सल्फाइड अपने ऑक्साइड के साथ संयुक्त होकर धातु बनाता है? अभिक्रियाएँ लिखिए।
उत्तर:
ताँबा,
Cu2S + 2Cu2O → 6Cu + SO2

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 18.
उन धातु- ऑक्साइडों के नाम बताइए जो कार्बन के साथ गर्म किए जाने पर धात्विक अवस्था में अपचयित नहीं होते हैं।
उत्तर:
Cr2O3, Mn3O4.

प्रश्न 19.
निस्तापन और भर्जन में अंतर बताइए।
उत्तर:
हवा की सीमित सप्लाई में अयस्क को गलन से ताप तक गर्म करके उसमें से नमी और वाष्पशील पदार्थों को अलग करना निस्तापन कहलाता है। हवा की मुक्त सप्लाई में अयस्क को गलन से कम ताप पर गर्म करके ऑक्सीकृत करना भर्जन कहलाता है।

प्रश्न 20.
एक-एक ऐसी धातुओं के उदाहरण-

  1. कक्ष के ताप पर द्रव होती है
  2. चाकू द्वारा सुगमतापूर्वक काटी जा सकती है,
  3. ऊष्मा की सर्वोत्तम चालक होती है,
  4. ऊष्मा की अल्पतम चालक होती है।

उत्तर:

  1. मरकरी (Hg)
  2. सोडियम (Na)
  3. सिल्वर (Ag)
  4. लेड (Ph)।

प्रश्न 21.
शुद्ध सोना कितने कैरट का होता है?
उत्तर:
24 कैरेट का।

प्रश्न 22.
सिनाबार क्या है?
उत्तर:
सिनाबार लैड (सीसा) का एक अयस्क होता है, जिसका सूत्र HgS है।

प्रश्न 23.
एक द्रव धातु तथा अधातु का नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. द्रव धातु-पारा (Hg)।
  2. द्रव अधातु – ब्रोमीन (Br)।

प्रश्न 24.
किन्हीं ऐसी दो अधातुओं के नाम लिखिए जिनमें भंगुरता तथा तन्यता दोनों गुण हों।
उत्तर:
कार्बन तथा फॉस्फोरस।

प्रश्न 25.
गैल्वनीकरण का क्या अर्थ है?
उत्तर:
लोहे से बनी वस्तुओं पर जिंक की एक पतली परत चढ़ाने की प्रक्रिया को गैल्वनीकरण कहते हैं।

प्रश्न 26.
मूर्तियाँ बनाने के लिए सामान्यतः किस धातु का उपयो ‘उपयोग होता है?
उत्तर:
काँसा (ताँबा टिन)।

प्रश्न 27.
एक ऐसी अधातु का नाम बताइए जो विद्युत की सुचालक है।
उत्तर:
कार्बन (ग्रेफाइट) एक ऐसी अधातु है जो विद्युत की सुचालक है।

प्रश्न 28.
अधातुओं के ऑक्साइडों की प्रकृति अम्लीय होती है या क्षारीय?
उत्तर:
अधातुओं के ऑक्साइड सामान्यतः अम्लीय प्रकृति के होते हैं।

प्रश्न 29.
अधातुएँ सामान्यतः कैसे आयन बनाती हैं?
उत्तर:
अधातुएँ सामान्यत: इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके ऋण आवेशित ऋणायन (Anion) बनाती हैं। जैसे-
Cl + e → Cl

प्रश्न 30.
धातु अपचायक तथा अधातु उपचायक क्यों हैं?
उत्तर:
धातु अपचायक होती हैं क्योंकि यह इलेक्ट्रॉन खोकर धनात्मक आयन बनाती हैं। अधातु उपचायक होती हैं। क्योंकि यह इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर ऋणात्मक आयन बनाती हैं।

प्रश्न 31.
पानी संग्रहण के लिए सीसे या लेड के उपयुक्त हैं?
उत्तर:
वायु की उपस्थिति में सीसा (Pb) तथा पानी की क्रिया से एक विषैला पदार्थ लेड हाइड्रॉक्साइड [Pb(OH)2) बनता है इसलिए सीसे या लेड के पात्र पानी संग्रहण के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

प्रश्न 32.
ताँबे की छड़ को सिल्वर नाइट्रेट (AgNO3) के घोल में डुबाने पर क्या होगा?
उत्तर:
विलयन का रंग नीला हो जाएगा। ताँबा सिल्वर नाइट्रेट विलयन में से सिल्वर को विस्थापित कर देता है अतः ताँबा सिल्वर से अधिक सक्रिय है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ऐलुमिनियम का शोधन करने की किसी एक विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ऐलुमिनियम का शोधन ( Refining of Aluminium) – ऐलुमिनियम धातु का शोधन हूप प्रक्रम (Hoope’s Process) द्वारा किया जाता है।

ऐलुमिनियम धातु का शोधन करने के लिए लोहे का पात्र लेते हैं, जिसकी पेंदी ( bottom) पर Cu तथा Al की का अस्तर (coating) लगा होता है, जो ऐनोड मिश्रधातु का का कार्य करता है। ग्रेफाइट की प्लेटें कैथोड का कार्य करती हैं। विद्युत अपघट्य (electrolyte) के स रूप में पिघले हुए पदार्थों की तीन परतें (layers) होती हैं। सबसे नीचे वाली परत में अशुद्ध ऐलुमिनियम होता है जिसमें सिलिका आदि की अशुद्धियाँ रहती हैं। बीच वाले भाग ऐलुमिनियम, सोडियम तथा बेरियम के फ्लोराइडों तथा ऐलुमिना (AlgOg) का मिश्रण होता है। सबसे ऊपर की परत (layer) में शुद्ध ऐलुमिनियम होता है जो कैथोड के सम्पर्क में रहता है।

विद्युत धारा प्रवाहित करने पर बीच वाली परत (layer) का शुद्ध ऐलुमिनियम सबसे ऊपर वाली परत में आ जाता है तथा सबसे नीचे वाली परत (layer) से उतना ही ऐलुमिनियम बीच वाली परत में चला जाता है। यह क्रम चलता रहता है और शुद्ध ऐलुमिनियम सबसे ऊपरी भाग में एकत्रित होता रहता है, जिसे निकास द्वार से निकाला जाता है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 1
उपर्युक्त विधि से 99.9% शुद्ध ऐलुमिनियम धातु प्राप्त होती है।

प्रश्न 2.
खनिज, अयस्क मिश्रधातु तथा गालक को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
गालक से आप क्या समझते हैं? किसी एक अम्लीय गालक की क्रिया को केवल रासायनिक समीकरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
खनिज – धातुओं के ये यौगिक पृथ्वी की ऊपरी पर्त में बालू मिट्टी तथा अन्य अशुद्धियों से मिश्रित रूप में प्राप्त होते हैं। इन्हें खनिज कहते हैं जिनमें कुछ वाले तथा अन्य विविध संघटन वाले समांगी ठोस होते हैं।

अयस्क – अयस्क वह खनिज पदार्थ होता है जिससे धातु का निष्कर्षण सरलता से कम खर्च में एवं अधिक मात्रा में होता है। प्रायः ऑक्साइड, सल्फाइड तथा कार्बोनेट खनिज अयस्क होते हैं।

मिश्रधातु – दो या दो से अधिक धातुओं को पिघलाकर एक निश्चित अनुपात मिलाने पर एक समांगी मिश्रण प्राप्त होता है जिसे मिश्रधातु कहते हैं।

गालक – ये वे पदार्थ हैं जो धातु में विद्यमान अगलनीय अशुद्धियों को पृथक करने में प्रयुक्त होते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं-
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 3

  • अम्लीय गालक जैसे SiO2
  • क्षारीय गालक जैसे CaO।

प्रश्न 3.
शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है, परंतु आभूषण बनाने के लिए इसमें प्रायः 2 भाग ताँबा या चाँदी क्यों मिलाया जाता है?
उत्तर:
क्योंकि 24 कैरेट का सोना काफी नर्म होता है इसलिए है। इसे कठोर बनाने के लिए इसमें 2 भाग Cu या Ag आभूषण बनाने के लिए यह उपयुक्त नहीं होता मिलाया जाता है। इसलिए भारत में ज्यादातर 22 कैरेट के निर्माण में सोने का उपयोग आभूषण बनाने में होता है।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 4.
खाना पकाने वाले बर्तनों कॉपर की अपेक्षा ऐलुमिनियम के मिश्र धातु उपयोग में लाए जाते हैं। ऐसा क्यों? दो कारण बताइए।
उत्तर:
निम्नलिखित दो कारणों से ऐलुमिनियम के मिश्र धातुओं के बर्तनों का उपयोग खाना बनाने वाले बर्तनों के लिए होता है-

  • यह खाद्य पदार्थों में मौजूद अम्लों से अभिक्रिया नहीं करता है।
  • यह कॉपर की अपेक्षा हल्का होता है।

प्रश्न 5.
क्या होता है जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोकर रखा जाता है?
उत्तर:
कॉपर सल्फेट का नीला रंग हल्का हो जाता है, क्योंकि कॉपर धातु को आयरन (Fe) विस्थापित कर FeSO4 बनाता है। लोहे की कील पर लाल भूरे रंग की कॉपर की परत दिखाई देती है।
CuSO4(aq) + Fe(s) → FeSO4(aq) + Cu(s)

प्रश्न 6.
अधिकांश धातुएँ क्षारकों से अभिक्रिया नहीं करती हैं, पर जिंक क्षारकों से अभिक्रिया करती है। इसका एक कारण लिखिए।
उत्तर:
जिंक क्षारकों से अभिक्रिया इसलिए करती है क्योंकि यह एक उभयधर्मी प्रकृति के तत्त्व हैं।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 2

प्रश्न 7.
ताँबे के चार उपयोग लिखो।
उत्तर:

  • यह विद्युत ‘सुचालक है। अतः विद्युत संघनित्र बनाने में उपयोग किया जाता है।
  • विद्युत लेपन में इसका उपयोग किया जाता है।
  • कैलोरीमीटर तथा निवांत पात्र बनाने के काम आता है।
  • ताँबे की मिश्रधातुओं का सिक्के, बर्तन, फूलदान, लॅप तथा अन्य सजावटी सामान बनाने में उपयोग होता है

प्रश्न 8.
उस रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण लिखिए जो सोडियम के टुकड़े को पानी में डालने पर होती है। लाल लिटमस कागज का रंग कैसा हो जाएगा यदि उसे उपर्युक्त अभिक्रिया से प्राप्त विलयन में डाला
जाए?
उत्तर:
अभिक्रिया का समीकरण – 2Na + 2H2O → 2NaOH + H2
अभिक्रिया प्रचंड होती है। इससे प्राप्त विलयन, सोडियम हाइड्रॉक्साइड के कारण क्षारीय (Alkaline) होता है। अतः इसमें डाला गया लाल लिटमस कागज नीला हो जाएगा।

प्रश्न 9.
क्या होता है जब- (i) कॉपर ऑक्साइड को मैग्नीशियम के साथ गर्म किया जाता है?
(ii) ऐलुमिनियम की तार को उबलते पानी में डुबोया जाता है?
(iii) गर्म लोहे पर से भाप गुजारी जाती है?
उत्तर:
(i) मैग्नीशियम के साथ गर्म करने पर कॉपर ऑक्साइड, कॉपर धातु में अपचयित हो जाता है।
CuO + Mg → MgO + Cu

(ii) उबलते हुए पानी में ऐलुमिनियम की तार को डालने से ऐलुमिनियम, हाइड्रोजन मुक्त करता है तथा ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड बन जाता है।
2Al + 3H2O(g) → Al2O3 (s) + 3H2

(iii) 3Fe(s) + 4H2O(g) → Fe3O4 (s) + 4H2(g)

प्रश्न 10.
अति चालकता से क्या तात्पर्य है? यह गुण कितनी धातुओं में पाया जाता है?
उत्तर:
एच. कामरलिंग ओनेस के अनुसार निम्न ताप (- 269°C) पर पारे का प्रतिरोध खत्म हो जाता है। इस कारण धातुओं की चालकता बढ़ जाती है। धातुओं के इस गुण को अति चालकता कहते हैं।

प्रश्न 11.
निम्न अभिक्रियाओं की रासायनिक समीकरण लिखिए-
(a) आयरन की भाप के साथ,
(b) कैल्सियम की जल के साथ,
(c) पोटैशियम की जल के साथ,
(d) जिंक की HCl के साथ,
(e) आयरन की HCI के साथ।
उत्तर:
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 4

प्रश्न 12.
धातुओं की (i) ऑक्सीजन तथा (ii) तनु अम्लों से क्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
(i) ऑक्सीजन से अभिक्रिया – बहुत-सी धातुएँ ऑक्सीजन या वायु से अभिक्रिया करती हैं तथा उनके ऑक्साइड बनते हैं। ये ऑक्साइड स्वभाव से क्षारीय होते हैं तथा पानी में में घुलकर क्षार बनाते हैं जैसे- सोडियम ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके सोडियम ऑक्साइड (Na2O) बनाती है। यह एक क्षारीय ऑक्साइड है तथा
पानी में घुलकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनाता है।
4Na + O2 → 2Na2O
Na2O + H2O → 2NaOH
मैग्नीशियम को जब वायु में उसके ज्वलन ताप तक गर्म किया जाता है, तो वह जलने लगता है तथा जलकर मैग्नीशियम ऑक्साइड बनाता है।
2Mg + O2 → 2MgO
लोहा (Fe) तथा ताँबा (Cu) कम क्रियाशील हैं तथा अधिक देर तक ऑक्सीजन में गर्म करने पर अभिक्रिया करते हैं।
4Fe + 3O2 → 2FeO3
2Cu + Og → 2CuO

(ii) तनु अम्लों से अभिक्रिया – बहुत सी धातुएँ तनु अम्लों से अभिक्रिया करके धात्विक लवण तथा हाइड्रोजन बनाती हैं। हाइड्रोजन के बुदबुदाहट (Effervescence) की दर धातु की अभिक्रियाशीलता पर निर्भर करती है। बुदबुदाहट की उच्च दर का अर्थ है- धातु की उच्च क्रियाशीलता।
2Na + 2HCl → 2NaCl + H2
Mg + 2HCl → MgCl2 + H2
Zn + 2HCl → ZnClgs + H2
Fe + 2HCl → FeCl2 + H2

प्रश्न 13.
धातु संक्षारण से आप क्या समझते हैं? इससे किस प्रकार हानि होती है?
उत्तर:
अधिकांश धातुएँ जो क्रियाशील होती हैं वे सभी वायुमण्डल में खुले छोड़ने पर वायु (ऑक्सीजन), नमी (जल), CO2, SO2 आदि से अभिक्रिया कर यौगिकों में बदल जाती हैं। ये प्राप्त यौगिक भंगुर होते हैं और धातु की सतह से अलग होते रहते हैं। इस प्रकार धातु का वायुमंडल के अभिकर्मकों द्वारा यौगिकों में बदलकर नष्ट होना संक्षारण कहलाता है। लोहे की वस्तुओं में जो यौगिक बनता है, उसका रंग लाल या नारंगी होता है, इसे जंग कहते हैं। इसका सूत्र Fe2O3. x H2O है।

हानि-संक्षारण की अभिक्रिया के दौरान प्राप्त भंगुर यौगिक की धातु पर परत बन जाती है जो धीरे-धीरे धातु सतह से अलग हो जाता है।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 14.
उपधातु किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे पदार्थ जो धातुओं और अधातुओं दोनों के गुण प्रदर्शित करते हैं, उपधातु कहलाते हैं। उपलब्ध सात उपधातु निम्नलिखित हैं-
एंटीमनी (Sb), पोलोनियम (Po), सिलिकॉन (Si), बोरॉन (B), जर्मेनियम (Ge), टेलुरियम (Te), आर्सेनिक (As)।

प्रश्न 15.
प्रकृति में धातुएँ किस अवस्था पायी जाती हैं?
उत्तर:
प्रकृति में धातुएँ निम्न दो अवस्थाओं में पायी जाती हैं-
(1) मुक्त अवस्था में कम अभिक्रियाशील धातुएँ प्रकृति में धात्विक या स्वतंत्र अवस्था में पायी जाती हैं। जैसे सोना, चाँदी, प्लेटिनम आदि।

(2) संयुक्त अवस्था में सामान्य रूप से अभिक्रियाशील धातुएँ प्रकृति में संयुक्त अवस्था में विभिन्न यौगिकों के रूप में पायी जाती हैं। धातुओं के ये यौगिक निम्न प्रकार हैं-

  • सल्फाइड
  • ऑक्साइड
  • कार्बोनेट
  • हैलाइड।

प्रश्न 16.
जब कॉपर (II) सल्फेट के दानों को सांद्र H2SO4 में रखा जाता है तो क्या होता है? आपने क्या देखा व्याख्या करें।
उत्तर:
एक परखनली में कॉपर (II) सल्फेट के कुछ दाने डालो और उसमें सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की कुछ बूँदें डालो। आप देखेंगे कि कॉपर (II) सल्फेट का नीला रंग धीरे-धीरे सफेद हो जाता ऐसा सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा जल के अणु निकालने से होता है। एनहाइड्स लवण सफेद रंग का होता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 5

प्रश्न 17.
कारण बताओ-
(i) धातु तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देती है जबकि अधातुएँ नहीं।
(ii) कार्बोनेट और सल्फाइड अयस्कों को आमतौर पर ऑक्साइड में परिवर्तित कर दिया जाता है।
उत्तर:
(i) क्योंकि धातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं। धातुएँ हाइड्रोजन को आसानी से इलेक्ट्रॉन दे सकती हैं जबकि अधातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते। ये हाइड्रोजन ‘नहीं दे सकतीं।

(ii) कुछ धातुओं को उनके सल्फाइडों या कार्बोनिटों की तुलना में उनके ऑक्साइडों से प्राप्त करना अधिक सरल है। इसलिए सल्फाइड एवं कार्बोनेट अयस्कों को वायु में भर्जित करके ऑक्साइडों में परिवर्तित कर दिया जाता है।

प्रश्न 18.
विद्युत रासायनिक श्रेणी की सहायता से धातुओं द्वारा अम्लों से विस्थापित करने की क्षमता किस प्रकार ज्ञात करते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विद्युत रासायनिक श्रेणी में हाइड्रोजन के ऊपर की धातुएँ अम्लों से H2 विस्थापित करती हैं। जैसे- सोडियम (Na), मैग्नीशियम (Mg) आदि।

प्रश्न 19.
रासायनिक दृष्टिकोण से धातु तथा अधातु में मुख्य अन्तर क्या हैं?
उत्तर:
भौतिक एवं रासायनिक दृष्टिकोण से धातु तथा अधातु में प्रमुख अन्तर निम्नलिखित हैं-
भौतिक गुण (Physical Properties):

धातु (Metal) अधातु (Non-metal)
1. अवस्था-धातु सामान्यतया ठोस होते हैं, जैसे-लोहा, ताँबा, सोडियम (पारे को छोड़कर) । उनमें आघातवर्ध्यता और तार में खिंचने के गुण होते हैं। 1. अधातु ठोस, द्रव और गैस तीनों अवस्थाओं में होते हैं। जैसे-गंधक ठोस, ब्रोमीन द्रव और ऑक्सीजन गैस है। अधातु ठोस भंगुर होते हैं।
2. पारदर्शिता-धातु अपारदर्शी होते हैं। 2. कुछ अधातु पारदर्शी (जैसे गैसें), कुछ अपारदर्शी तथा कुछ पारभासी होते हैं।
3. घनत्व तथा गलनांक-धातु (सोडियम एवं पोटैशियम को छोड़कर) अधिक घनत्व एवं उच्च गलनांक के होते हैं। 3. अधातुओं का घनत्व तथा गलनांक प्राय: कम होता है।
4. चमक-धातुओं में विशेष चमक होती है जिसे धात्वीय चमक (metallic lustre) कहते हैं। 4. ग्रेफाइट, हीरा और आयोडीन के अतिरिक्त अन्य अधातुओं में कोई विशेष चमक नही होती है।
5. चालकता-सभी धातु ऊष्मा एवं विद्युत के सुचालक होते हैं। 5. ग्रेफाइट तथा गैस कार्बन के अतिरिक्त अधातु ऊष्मा और विद्युत के कुचालक होते हैं।
6. ध्वनि-किसी कठोर वस्तु से टकराने पर धातुओं से धात्विक ध्वनि (metallic sound) उत्पन्न होती है। 6. अधातु कोई विशेष ध्वनि उत्पन्न नहीं करते।

रासायनिक गुण (Chemical Properties):

 धातु (Metal) अधातु (Non-metal)
1. क्षारीय प्रकृति-धातुओं के ऑक्साइड क्षारीय (basic) होते हैं। परन्तु ऐलुमिनियम, जिंक तथा टिन के ऑक्साइड उभयधर्मी होते हैं। 1. अधातुओं के ऑक्साइड अम्लीय (acidic) होते हैं-परन्तु हाइड्रोजन के ऑक्साइड एवं कार्बन मोनो ऑक्साइड उदासीन होते हैं।
2. अम्लों से क्रिया-कुछ धातुएँ अम्लों से क्रिया करके हाइड्रोजन को विस्थापित करती हैं तथा लवण बनाती है। 2. अधातुएँ अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करती एवं लवण नहीं बनाती।
3. हाइड्रोजन से संयोग-अधिकांश धातुएँ हाइड्रोजन से संयोग नहीं करतीं। कुछ धातुएँ (जैसे लीधियम, सोडियम तथा पोटैशियम, हाइड्रोजन से संयोग करके अस्थायी यौगिक बनाती हैं। 3. अधातुएँ हाइड्रोजन से संयोग करके स्थायी यौगिक बनाती हैं, जैसे मेथेन (CH<sub>4</sub>), अमोनिया (NH<sub>3</sub>), फॉस्फीन (PH<sub>3</sub>), हाइड्रोजन क्लोराइड (HCl) आदि।
4. विद्युतीय प्रकृति-धातुएँ धन-विद्युती होने के कारण विद्युत्-अपघटन करने पर कैथोड पर एकत्र होती हैं। 4. अधातुएँ हाइड्रोजन के अतिरिक्त ऋण-विद्युती होने के कारण विद्युत् अपघटन करने पर ऐनोड पर एकत्र होती हैं।
5. मिश्रधातु-कुछ धातुएँ अन्य धातुओं से मिलकर मिश्र धातु (alloys) बनाती हैं। जैसे-पीतल, काँसा आदि। 5. अधातुएँ मिश्र धातु नहीं बनार्ती।

प्रश्न 20.
निम्नलिखित में अन्तर कीजिए-
(i) खनिज तथा अयस्क
(ii) निस्तापन तथा भर्जन।
उत्तर:
खनिज तथा अयस्क एवं निस्तापन तथा भर्जन में मुख्य अन्तर निम्नलिखित हैं-

खनिज अयस्क
1. इसमें धातु की प्रतिशत मात्रा कम होती है। कुछ खनिजों को छोड़कर। 1. सभी अयस्कों में धातु की प्रतिशत मात्रा पर्याप्त होती है।
2. कुछ खनिजों में कुछ ऐसी अशुद्धियाँ होती हैं जो धातु के निष्कर्षण में बाधा डालती हैं। 2. अयस्कों में ऐसी किसी भी प्रकार की अशुद्धियाँ नहीं होती हैं।
निस्तापन भर्जन
निस्तापन के अन्तर्गत सान्द्रित अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में उच्च ताप पर गर्म किया जाता है। भर्जन के अन्तर्गत सान्द्रित अयस्क को वायु की नियन्त्रित मात्रा के साथ गर्म किया जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अयस्क सान्द्रण की झाग प्लवन विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अयस्क सान्द्रण की झाग प्लवन विधि – पानी के एक बड़े आयताकार बर्तन अयस्क को बारीक पीसकर डाल दिया जाता है। इसमें तारपीन या चीड़ का तेल मिला देते हैं। साथ ही अल्प मात्रा में प्लवन कारक पदार्थ मिला देते हैं और फिर हवा की तेज धारा भेजते हैं। शुद्ध सल्फाइड अयस्क झाग के साथ ऊपर तैरने लगता है। इसे वहाँ से अलग कर देते हैं। अशुद्धियाँ बर्तन के नीचे तली में बैठ जाती हैं।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 6

प्रश्न 2.
क्रायोलाइट का रासायनिक सूत्र दीजिए एवं हाल विधि में मिलाने का कारण बताइये। अथवा बॉक्साइट से ऐलुमिनियम प्राप्त करने की विधि में ऐलुमिना के शोधन के समय क्रायोलाइट क्यों मिलाया जाता है, कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
क्रायोलाइट का रासायनिक सूत्र है- Na3AlF6। हाल की विधि में इसे मिलाने का प्रमुख कारण यह है कि शुद्ध ऐलुमिना विद्युत् का कुचालक है और 2050°C ताप पर पिघलता है। इस ताप पर ऐलुमिनियम वाष्प में बदल जाता है क्योंकि इसका क्वथनांक 1800°C है।

ऐलुमिना के विद्युत् अपघटन में क्रायोलाइट मिला देने पर क्रायोलाइट पिघलकर ऐलुमिना को अपने में घोल लेता है। अब विद्युत् धारा प्रवाहित करने पर 900°C से 950°C ताप पर ही ऐलुमिना गलित अवस्था में आ जाता और उसका अपघटन हो जाता है।

प्रश्न 3.
गालक क्या होते हैं? उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर:
गालक – अयस्क में उपस्थित गलनीय अपद्रव्यों को दूर करने के लिए प्रगलन करते समय मिलाये जाने वाले पदार्थों को गालक कहते हैं। ये दो प्रकार के होते
(1) अम्लीय गालक ऐसे गालक जो क्षारकीय अपद्रव्यों को दूर करने के लिए प्रयुक्त किये जाते हैं, अम्लीय गालक कहलाते हैं।
उदाहरण – सिलिका (SiO2)
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 7

(2) क्षारीय गालक – ऐसे गालक जो अम्लीय अपद्रव्यों को दूर करने के लिए प्रयुक्त किये जाते हैं, क्षारीय गालक कहलाते हैं।
उदाहरण – कैल्सियम ऑक्साइड (CaO)
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 8

प्रश्न 4.
मिश्रधातु क्या है? एक मिश्रधातु का नाम, संघटन व उपयोग लिखिए।
उत्तर:
मिश्रधातु-दो या दो से अधिक धातुओं को पिघलाकर ठण्डा करने से जो समांग धातु मिश्रण मिलता है, उसे मिश्रधातु कहते हैं।

मिश्र धातु संघटन उपयोग
स्टेनलेस स्टील Cr = 11.5 %
Ni = 2.5 %
Fe = 86.5 %
घर गृहस्थी के बर्तन, छुरी-काँट, वाल्व और मशीनों के पुर्जे बनाने में

प्रश्न 5.
निस्तापन क्या है? बॉक्साइट तथा हेमेटाइट के निस्तापन को समझाइए।
उत्तर:
निस्तापन – सान्द्रित अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में पिघलने से पूर्व ताप तक गर्म करने पर उसमें उपस्थित नमी, CO2, SO2 तथा अन्य वाष्पशील कार्बनिक अपद्रव्य निष्कासित हो जाते हैं यह क्रिया निस्तापन कहलाती है।

बॉक्साइट का निस्तापन- बॉक्साइट (AlgO3. 3H2O) का निस्तापन करने पर निर्जलीय Al2O3 प्राप्त होता है-
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 9

हेमेटाइट का निस्तापन- हेमेटाइट (Fe2O32H2O) का निस्तापन करने पर Fe2O3 प्राप्त होता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 10

प्रश्न 6.
भर्जन क्या है? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
भर्जन – सान्द्रित अयस्क को वायु या ऑक्सीजन की उपस्थिति में भट्टी में गलनांक से नीचे ताप पर गर्म करने की क्रिया भर्जन कहलाती है। यह मुख्यतः सल्फाइड अयस्कों में की जाती है।

उदाहरण – सल्फाइड अयस्क का भर्जन करने पर 8, As आदि की अशुद्धियाँ ऑक्साइड के रूप में निकल जाती हैं तथा अयस्क ऑक्साइड में बदल जाता है।
S + O2 → SO2
4As + 3O2 → 2As2O3
2PbS + 3O2 → 2PbO + 2SO2

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 7.
प्रगलन क्या है? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
प्रगलन – अयस्क में उचित गालक तथा कोक मिलाकर मिश्रण को उच्च ताप पर गलाने की क्रिया को प्रगलन कहते हैं।
इस क्रिया में गालक अशुद्धियों से मिलकर कम गलनांक का धातुमल बनाते हैं जो हल्का होने के कारण पिघली धातु की सतह पर आ जाता जिसे आसानी से पृथक किया जा सकता है।

उदाहरण – लोहे के धातुकर्म में सिलिका (SiO2) अपद्रव्य के रूप में उपस्थित होते हैं। इसमें गालक CaO मिलाकर प्रगलन करने पर कैल्सियम सिलिकेट नामक धातुमल बनाता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 10a

प्रश्न 8.
निस्तापन की क्रिया में अयस्क में होने वाले परिवर्तनों को लिखिए।
उत्तर:
निस्तापन की ‘क्रिया अयस्क में निम्नलिखित परिवर्तन होते हैं-

  • अयस्क की भौतिक दशा बदल जाती है और वह सरन्ध्र हो जाता है जिससे वह अपचयन योग्य हो जाता है।
  • नमी, क्रिस्टलन जल पृथक हो जाते हैं तथा अयस्क शुष्क हो जाता है।
  • वाष्पशील अशुद्धियाँ सल्फर, फॉस्फोरस, ऑक्सीजन आदि पृथक हो जाती हैं।
  • कार्बोनेट अयस्क ऑक्साइड में बदल जाते हैं।

प्रश्न 9.
भर्जन की क्रिया के दौरान अयस्क में होने वाले परिवर्तनों को लिखिए।
उत्तर:
भर्जन की क्रिया के दौरान अयस्क में निम्नलिखित परिवर्तन होते हैं-

  • नमी पृथक हो और अयस्क शुष्क हो जाती जाता है।
  • वाष्पशील अशुद्धियाँ जैसे- सल्फर, आर्सेनिक आदि वाष्पीकृत अथवा ऑक्सीकृत होकर अलग हो जाती हैं।
  • सल्फाइड अयस्क ऑक्सीकृत होकर ऑक्साइड या सल्फेट में बदल जाता है।
  • अयस्क सरन्ध्र हो जाता है जिससे आगे अपचयन सरलता होती है।

प्रश्न 10.
धातु के निष्कर्षण की ऐलुमिनो-तापी विधि का सचित्र वर्णन कीजिए एवं अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण दीजिए।
उत्तर:
धातु के निष्कर्षण की इस विधि में धातु के ऑक्साइड और ऐलुमिनियम चूर्ण को मिलाकर एक क्रूसिबल में रखकर मैग्नीशियम के एक फीते, जिसके सिरे पर मैग्नीशियम चूर्ण और बेरियम परॉक्साइड मिश्रण की पोटली बँधी होती है, के द्वारा आग लगा देते हैं। ऊष्माक्षेपी क्रिया होने के कारण ताप लगभग 3000°C तक पहुँच जाता है। ऐलुमिनियम ऑक्साइड बनता है। धातु पिघलकर क्रूसिबल की तली में एकत्रित होने लगती है।

क्रोमियम और मैंगनीज के निष्कर्षण में इसी विधि का उपयोग होता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 11
इसमें होने वाली रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण निम्नलिखित है-
Cr2O3 + 2Al → Al2O3 + 2Cr + ऊष्मा
3MnO2 + 4Al → 3Mn + 2Al2O3 + ऊष्मा
धातु के अपद्रव्य को दूर करने के लिए गालक डाल दिया जाता है और धातुमल को अलग कर दिया जाता है।

प्रश्न 11.
लोहे पर जंग लगने की क्रिया को समझाइए।
अथवा
जंग का विद्युत रासायनिक सिद्धान्त लिखिए।
उत्तर:
जंग का विद्युत रासायनिक सिद्धान्त – इस सिद्धान्त के अनुसार अशुद्ध लोहे की सतह एक विद्युत रासायनिक सेल की भाँति व्यवहार करती है। ऐसे सेल को गैल्वनी सेल कहते हैं। इन सेलों में शुद्ध लोहा ऐनोड तथा अशुद्ध लोहा कैथोड की भाँति कार्य करता है। नमी, जिसमें ऑक्सीजन अथवा कार्बन डाइ ऑक्साइड विलेय है विद्युत अपघट्य का कार्य करती है। एनोड पर आयरन का फेरस आयनों में ऑक्सीकरण होता है और कैथोड पर जल का अपचयन होने से हाइड्रोजन गैस निकलती है।
एनोड पर अभिक्रिया-
Fe → Fe2+ + 2e (ऑक्सीकरण)

कैथोड पर अभिक्रिया-
2H2O + 2e → H2 + 2OH (अपचयन)
फेरस आयनों (Fe2+) और हाइड्रॉक्साइड आयनों (OH) के संयोग से फेरस हाइड्रॉक्साइड Fe (OH)2 बनता है, जिसे वायु फेरिक हाइड्रॉक्साइड में ऑक्सीकृत कर देती है। फेरिक हाइड्रॉक्साइड, हाइड्रेटेड फेरिक ऑक्साइड Fe2O3.xH2O में बदल जाता है जिसे जंग कहते हैं।

प्रश्न 12.
अयस्क सांद्रण की चुम्बकीय पृथक्करण विधि को सचित्र समझाइए।
उत्तर:
विद्युत चुम्बकीय पृथक्करण – अयस्क या अशुद्धि में से किसी एक का स्वभाव चुम्बकीय हो तो इस विधि का उपयोग करते हैं। इस विधि में बारीक अयस्क पट्टे पर विद्युत चुम्बकों के बीच, धीरे-धीरे खिसकाया जाता है जिससे चुम्बकीय पदार्थ थोड़ा खींचकर के नीचे तथा गैर-चुम्बकीय पदार्थ पट्टे से गिरकर थोड़ा आगे पृथक ढेर बनाते हैं। इस विधि से टिन स्टोन (SnO2)
से Fe3O4 और FeO4 आदि से सिलिकीय अशुद्धि हटाई जाती है
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 12

प्रश्न 13.
वात्याभट्ठी का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वात्या भट्ठी – यह लोहे की बनी हुई भट्ठी होती है। इसके अन्दर अग्नि सह मिट्टी की ईंटों का अस्तर लगा होता है। इसके ऊपर चार्ज द्वार होता है जिसमें अयस्क,
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 13
कोक तथा गालक का मिश्रण (चार्ज) गिराया जाता है। इसके बीच में हवायें भेजने के लिए ट्वायर लगे होते है। इसके बीच में हवायें भेजने के लिए ट्वायर लगे होते हैं। इसका ताप ऊपर से नीचे बढ़ता जाता है। धातु पिघलकर नीचे एकत्रित हो जाती है तथा उस पर धातुमल की परत रहती है। इन दोनों को अलग-अलग द्वारों से बाहर निकाल लिया जाता है। इसका उपयोग मुख्यतः लोहे के धातुकर्म में तथा इसके छोटे रूप में ताँबे के धातुकर्म में होता है।

प्रश्न 14.
खुली भट्टी प्रक्रम की विशेषताएँ तथा दोष लिखिए।
उत्तर:
खुली भट्टी प्रक्रम की विशेषताएँ-

  • इस प्रक्रम से प्राप्त इस्पात उत्कृष्ट होता है।
  • यह प्रक्रम अविरत है।
  • इस प्रक्रम में ताप पर नियंत्रण किया जा सकता है।

खुली भट्टी प्रक्रम के दोष-

  • यह प्रक्रम धीरे-धीरे सम्पन्न होता है। इसमें 10 घंटे लगते हैं।
  • इस प्रक्रम में ज्वाला की गैसों से लोहे का ऑक्सीकरण रोकना कठिन है।

प्रश्न 15.
मफल भट्टी का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मफल भट्ठी – इस भट्ठी में चूल्हा पूरी तरह ढका रहता है। गर्म गैसों से बाहर चारों ओर से प्रवाहित कर अयस्क को गर्म किया जाता है। इस प्रकार इस भट्ठी में न तो ईंधन और न ही ज्वाला अयस्क के सीधे सम्पर्क में आ पाते हैं यह उच्च ताप ईंटों के कक्ष में रहता है जिसे मफल कहते हैं। इस भट्टी का उपयोग प्रायः जिंक के निष्कर्षण होता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 13a

प्रश्न 16.
बॉक्साइट से शुद्ध ऐलुमिना प्राप्त करने की हाल का प्रक्रम का वर्णन कीजिए।
अथवा
बॉक्साइट से शुद्ध ऐलुमिना प्राप्त करने की किसी एक विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रकृति से प्राप्त बॉक्साइट में Fe2O3, SiO2 आदि की अशुद्धियाँ होती हैं। अतः इसका शोधन आवश्यक हो जाता है। इसके शोधन से शुद्ध ऐलुमिना (Al2O3) प्राप्त होता है।

बॉक्साइट में उपस्थित अशुद्धियों के स्वभाव के आधार पर शोधन की निम्नलिखित तीन विधियाँ हैं-

  • हाल का प्रक्रम
  • बायर का प्रक्रम
  • सर्पेक प्रक्रम।

हाल का प्रक्रम- जब बॉक्साइट में लोहे के ऑक्साइड (Fe2O3) तथा सिलिका (SiO2) की अशुद्धियाँ होती हैं तो यह प्रक्रम प्रयुक्त किया जाता है।

इस प्रक्रम में बॉक्साइट को बारीक पीसकर सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) के साथ प्रगलन करते हैं जिससे बॉक्साइट, सोडियम मेटाऐलुमिनेट (NaAlO2) में परिवर्तित हो जाता है। Fe2O3 व SiO2 अप्रभावित रहते हैं। Al2O3.2H2O + Na2CO3 → 2NaAlO2 + CO2 ↑ + 2H2O
प्राप्त गलित जल में उबालने पर सोडियम मेटा ऐलुमिनेट जल में घुल जाता तथा अशुद्धियाँ छानकर पृथक कर दी जाती हैं। प्राप्त छनित का ताप 50°-60°C करके इसमें CO2 गैस प्रवाहित की जाती है। इससे ऐलुमीनियम हाइड्रॉक्साइड अवक्षेपित हो जाता है।
2NaAlO2 + 3H2O + CO2 → Na2CO3 + 2Al(OH)3
प्राप्त अवक्षेप को छानकर जल से कई बार धो लेते हैं। तत्पश्चात् सुखा करके 1500°C पर निस्तापन करके निर्जल ऐलुमिना प्राप्त कर लेते हैं।
2Al(OH)3 → Al2O3 + 3H2O

प्रश्न 17.
धातुकर्म में प्रयुक्त होने वाली विद्युत भट्ठी का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विद्युत भट्ठी (Electric Furnace) – जहाँ विद्युत सस्ती होती है वहाँ इस प्रकार की भट्टियों का प्रयोग किया जाता है। ये मुख्यत: उच्च ताप पैदा करने तथा ऑक्सीकरण के लिए उपयोगी हैं। इनकी तीन किस्म होती हैं-
(i) प्रेरण भट्टी (Induction Furnace) – इस प्रकार की भट्टियों में क्रूसिबल, जिसमें घान (Charge) रहता है, द्वितीयक (Secondary) कुण्डली की तरह कार्य करती है। प्राथमिक परिपथ (Primary circuit) के टूटने तथा जुड़ने से उत्पन्न होने वाली प्रेरण धाराओं से पदार्थ गर्म होते हैं।

(ii) प्रतिरोधक भट्ठी (Resistance Fur nace) – इस प्रकार की भट्ठियों में विद्युत चक्र में प्रतिरोध (Resistance) के कारण उत्पन्न ऊष्मा का प्रयोग किया जाता हैं। अयस्क स्वयं ही प्रतिरोधक का कार्य कर सकता है।

(iii) आर्क भट्ठी (Are Furnace ) – इन भट्ठियों में ऊष्मा आर्को की सहायता से उत्पादित होती है। इसमें 3000°C तक ताप उत्पन्न किया जा सकता है। इसमें कार्बन इलेक्ट्रोडों का उपयोग किया जाता है। आर्क इलेक्ट्रोडों और अयस्क के मध्य उत्पन्न होता है।

(iv) अन्य जब कभी भट्टियों में चिमनियों से निकलने वाली गैसों की ऊष्मा का पुनः प्रयोग किया जाता है तो उन्हें पुनर्योजी भट्टी (Regenerative furnace) कहा जाता है। इसी प्रकार, यदि किसी भट्ठी में घूमता हुआ चूल्हा (Hearth) लगा हो तो वह परिक्रामी भट्टी (Revolving furnace) कहलाती है।

प्रश्न 18.
संक्षारण क्या है? इसको प्रभावित करने वाले कारक तथा संक्षारण से बचने के उपाय लिखिए।
अथवा
धातुओं के संक्षारण को प्रभावित करने वाले कारकों तथा उसके बचाव तरीकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
संक्षारण – वायु अथवा रासायनिक पदार्थों [CO2, SO2, NO2 आदि] द्वारा धातुओं का धीरे-धीरे क्षय होना संक्षारण है। लौह पर जंग लगना एक प्रकार की संक्षारण प्रक्रिया है।

संक्षारण को प्रभावित करने वाले कारक-

  • धातु की प्रकृति- किसी धातु की क्रियाशीलता जितनी अधिक होती है वह धातु उतनी ही अधिक शीघ्रता से संक्षारित होती है।
  • अशुद्धियों की उपस्थिति – धातुओं में अशुद्धियों की उपस्थिति में छोटे-छोटे संक्षारण की दर बढ़ जाती है।
  • वायुमण्डल की प्रकृति – वातावरण में यदि नमी, खारापन, CO2, SO2 SO3 आदि अशुद्धि के रूप में हैं तो संक्षारण की दर बढ़ जाती है।
  • धातुओं में विकृति – धातुओं में विकृति जैसे खुरदरी सतह या मुड़ी हुई हों तो उन स्थानों पर उपस्थित परमाणुओं पर अणुओं में तनाव होता है। फलस्वरूप संक्षारण अधिक होता है।
  • विद्युत अपघट्य की उपस्थिति-धातु वाले स्थान पर अम्ल, क्षार या लवणयुक्त जल जैसे विद्युत अपघट्य की उपस्थिति में संक्षारण की दर बढ़ जाती है।

संक्षारण से बचने के उपाय-

  • धातु की सतह में पेंट लगाना चाहिए।
  • धातु की सतह पर ग्रीस या तेल की पर्त लगानी चाहिए।
  • धातु पर दूसरे धातु की पर्त चढ़ा देनी चाहिए।

प्रश्न 19.
अयस्क सान्द्रण के फेन प्लवन विधि का सिद्धान्त एवं विधि का विवरण लिखिए।
उत्तर:
अयस्क सान्द्रण की फेन प्लवन विधि का सिद्धान्त – यह विधि सल्फाइडों के सान्द्रण के लिए प्रयुक्त होती है। यह विधि इस सिद्धान्त पर आधारित है कि धात्विक सल्फाइड तेल द्वारा अपेक्षाकृत तेजी से आर्द्र (Wet) हो जाते हैं जबकि सिलिकेट अपद्रव्य जल द्वारा तेजी से आर्द्र होते हैं। जल-तेज मिश्रण में बने सल्फाइड अयस्क के (Suspension) में वायु धोंकने से तैलीय झाग बनता है जो धात्विक सल्फाइड अयस्क के कणों को अपने साथ तल पर ले आता है और मिट्टी, कंकड़, पत्थर आदि निलम्बन गैंग अपद्रव्य नीचे तली में चले जाते हैं। इस विधि द्वारा 1% अयस्क को 95% तक सान्द्रित किया जा सकता है।

फेन प्लवन विधि में प्रायः दो प्रकार के पदार्थ काम में आते हैं-

  • फेन कारक (Frothing Agents) और
  • प्लवन कारक (Floatation Agents)।

(a) फेन कारक (Frothing Agents ) – ये पदार्थ वायु- बुलबुलों के स्थायी फेन बनाने में सहायक होते हैं। चीड़ का तेल (Pine oil) और नीलगिरी तेल (Eucalyp- tus oil) अच्छे फेन कारक हैं।

(b) प्लवन कारक (Floatation Agents) – ये पदार्थ सल्फाइड अयस्क के कणों को जल प्रत्यकर्षी (Wa-ter repellent) बना देते हैं ताकि वे जल पर तैर सकें। किन्तु कैसे? आओ समझें-
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 14

प्लवन कारक दो भागों मिलकर बने होते हैं-

  • ध्रुवीय सिरा (Polar head) और
  • हाइड्रोकार्बन पुच्छ (Hydrocarbon tail)।

इनके ध्रुवीय सिरे सल्फाइड अयस्क के कणों से चिपक जाते हैं तथा हाइड्रोकार्बन पुच्छ बाहर को फैल जाती है। इसके फलस्वरूप सल्फाइड कण तेल की बूँदों की भाँति व्यवहार करते हैं। अतः वायु के बुलबुलों द्वारा वे तल पर पहुँचते हैं और तैलीय झाग से जा मिलते हैं। प्लवन कारकों में सोडियम एथिल जैन्थेट या सोडियम ऐमिल जैन्थेट प्रमुख हैं।

इन्हें सूत्रJAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 15द्वारा व्यक्त कर सकते। यहाँ R-एथिल या ऐमिल समूह है। इन यौगिकों की अतिसूक्ष्म मात्रा (अयस्क के भार के लगभग 0.1%) ही काफी होती है।

फेन – प्लवन विधि का विवरण- पानी के एक बड़े आयताकार बर्तन में अयस्क को बारीक पीसकर डाल दिया जाता है। इसमें तारपीन, चीड़ या नीलगिरी का तेल मिल
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 16
देते हैं। साथ ही अल्प मात्रा में प्लवन कारक पदार्थ मिलाते हैं और फिर हवा की प्रबल धारा भेजते हैं। शुद्ध सल्फाइड अयस्क झाग के साथ ऊपर तैरने लगता है। इसे वहाँ से अलग कर लेते हैं। मिट्टी, कंकड़, पत्थर आदि अपद्रव्य नीचे बैठ जाते हैं।

प्रश्न 20.
धातु क्या है? धातुओं के कोई चार सामान्य गुण समझाइये।
उत्तर:
धातु धातु वे तत्त्व हैं जिनमें स्वतंत्र इलेक्ट्रॉन होते हैं तथा जो अपने इलेक्ट्रॉन त्यागकर धनायन बनाते हैं।
Fe → Fe3+ + 3e
Al → Al3+ + 3

धातुओं के सामान्य गुण – धातुओं के सामान्य गुण निम्नलिखित हैं-

  • संयोजी इलेक्ट्रॉन धातु परमाणु के बाह्यतम कोश में सामान्यतः 1, 2 अथवा 3 इलेक्ट्रॉन होते हैं। संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या जितनी कम होगी क्रियाशीलता उतनी ही अधिक होगी।
  • अवस्था – सामान्य ताप पर सभी धातुएँ ठोस होती हैं। (Hg अपवाद है)
  • पृष्ठीय चमक – सामान्यतः धातुओं की सतह पर पृष्ठीय चमक होती है।
  • विद्युत धनी प्रकृति – जलीय विलयन में धातुएँ सहजता ‘इलेक्ट्रॉन त्यागकर धनायन बनाते हैं अतः ये इलेक्ट्रॉन धनी प्रकृति के होते हैं।
    Na → Na+ + e
    Mg → Mg2+ + 2e
    Al → Al3 + 3e
  • ऑक्साइड की प्रकृति-अधिकांश धातुओं के ऑक्साइडों की प्रकृति क्षारकीय होती है। ZnO, Al2 O3, तथा PbO की प्रकृति उभयधर्मी होती है।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 21.
बॉक्साइट से ऐलुमिनियम प्राप्त करने की सर्पेक विधि का निम्न बिन्दुओं के आधार पर वर्णन कीजिए-
(1) अयस्क का सूत्र
(2) समीकरण
(3) प्राप्त उत्पादों के नाम।
उत्तर:
(1) अयस्क का सूत्र- बॉक्साइट – Al2O3.2H2O

(2) समीकरण –
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 17

(3) प्राप्त उत्पादों के नाम-

  • सिलिकन
  • कार्बन मोनो ऑक्साइड
  • ऐलुमिनियम नाइट्राइड
  • ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड
  • अमोनिया

प्रश्न 22.
(i) कॉपर को उसके अयस्क से निष्कर्षण हेतु पद नीचे दिए गए हैं। सम्बन्धित अभिक्रियाएँ लिखिए।
(a) कॉपर (I) सल्फाइड का भंजन
(b) कॉपर (I) ऑक्साइड के साथ कॉपर (I) सल्फाइड का अपचयन
(c) विद्युत अपघटनी परिष्करण
(ii) कॉपर के विद्युत अपघटनी परिष्करण के लिए एक स्वच्छ एवं नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
(i) (a) कॉपर (I) सल्फाइड का भंजन- केवल वायु में गर्म करके इसे अयस्क से अलग किया जा सकता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 18

(b) पुन: CugO को CugS के साथ गर्म करने पर यह स्वतः अपचयित होकर कॉपर देता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 19

(c) विद्युत अपघटनी परिष्करण- इस प्रक्रिया में अशुद्ध धातु को एनोड तथा शुद्ध धातु की पतली परत को कैथोड बनाया जाता है जब विद्युत अपघट्य अम्लीकृत CuSO4 से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तब एनोड पर स्थित अशुद्ध धातु धीरे-धीरे विद्युत अपघट्य में विलेय, हो जाती है तथा उतनी ही मात्रा में शुद्ध धातु विद्युत अपघट्य से कैथोड पर निक्षेपित हो जाती है। विलेय अशुद्धियाँ विलयन में चली जाती हैं तथा अविलेय अशुद्धियाँ एनोड तली पर निक्षेपित हो जाती हैं, जिसे एनोड पंक कहते हैं।- अभिक्रिया इस प्रकार होती है-
कैथोड पर-
Cu2+(aq) + 2e → Cu(s);
ऐनोड पर – Cu(s) → Cu2+ (aq) + 2e

(ii) कॉपर के विद्युत अपघटनी परिष्करण के लिए
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 20

बहुविकल्पीय प्रश्न

निर्देश: प्रत्येक प्रश्न में दिये गये वैकल्पिक उत्तरों में से सही विकल्प चुनिए-

1. ताँबे का अयस्क है-
(a) बॉक्साइट
(b) Cu2S
(c) CugO
(d) CuCO3.Cu (OH)2
उत्तर:
(b) Cu2S

2. कॉपर पाइराइट का सूत्र है-
(a) CuFeS2
(b) Cu2S
(c) Cus
(d) CuF
उत्तर:
(a) CuFeS2

3. मैट में मुख्यतः होता है-
(a) Fes
(b) Cu2S
(c) Cu2S तथा FeS
(d) Cu2S तथा Fe2S3
उत्तर:
(a) Fes

4. धातुओं का वह गुणधर्म जिसके कारण इससे पतले तार बनाए जाते हैं-
(a) ध्वनिक
(b) आघातवर्ध्यता
(c) तन्यता
(d) चालकता
उत्तर:
(c) तन्यता

5. Hgs का निष्कर्षण होता है-
(a) Hgs को गर्म कर, मर्क्यूरिक ऑक्साइड (HgO) प्राप्त कर और अधिक गर्म करने पर
(b) कार्बन द्वारा अपचयन से
(c) निस्तापन द्वारा
(d) थर्मिट अभिक्रिया द्वारा
उत्तर:
(a) Hgs को गर्म कर, मर्क्यूरिक ऑक्साइड (HgO) प्राप्त कर और अधिक गर्म करने पर

6. निम्नलिखित में से कौन-सी मिश्रधातु में मर्करी, उसके एक अवयव के रूप में होता है?
(a) स्टेनलेस स्टील
(b) ऐल्निको
(c) सोल्डर
(d) जिंक अमलगम
उत्तर:
(d) जिंक अमलगम

7. सामान्यतः अधातु विद्युत के चालक नहीं होते हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा विद्युत का अच्छा चालक है?
(a) हीरा
(b) ग्रेफाइट
(c) सल्फर
(d) फुलेरीन
उत्तर:
(b) ग्रेफाइट

8. विद्युत तारों पर विद्युतरोधी पदार्थ की एक परत होती है। सामान्यतः उपयोग में लिए जाने वाला यह पदार्थ है-
(a) सल्फर
(b) ग्रेफाइट
(c) PVC
(d) सभी को प्रयोग में लिया जा सकता
उत्तर:
(c) PVC

9. धातुएँ सामान्यतः ठोस प्रकृति की होती हैं। निम्नलिखित में से कौन-सी धातु कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में पायी जाती है?
(a) Na
(b) Fe
(c) Cr
(d) Hg
उत्तर:
(d) Hg

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

10. खाना पकाने के बर्तन बनाने में ऐलुमिनियम काम आता है। ऐलुमिनियम के कौन-से गुणधर्म इसके लिए उत्तरदायी हैं?
(i) उच्च ऊष्मीय चालकता
(ii) उच्च विद्युत चालकता
(iii) तन्यता
(iv) उच्च गलनांक
(a) (i) तथा (ii)
(b) (i) तथा (iii)
(c) (ii) तथा (iii)
(d) (i) तथा (iv)
उत्तर:
(d) (i) तथा (iv)

11. धातुएँ सामान्यतः क्षारीय ऑक्साइड बनाती हैं। निम्नलिखित में से कौन-सी धातु एक उभयधर्मी ऑक्साइड बनाती है?
(a) Na
(b) Ca
(c) Al
(d) Cu
उत्तर:
(c) Al

12. निम्नलिखित में से कौन-सी रासायनिक अभिक्रिया संपन्न होगी?
(a) MgSO4 + Fe
(b) ZnSO4 + Fe
(c) MgSO4 + Pb
(d) CuSO4 + Fe
उत्तर:
(d) CuSO4 + Fe

13. प्रगलन लिए Cu-अयस्क में सिलिका हटाता हैं।
(a) Cu2S
(b) Fe.S
(c) Fe2O3
(d) Cu2O
उत्तर:
(c) Fe2O3

14. कॉपर के प्रगलन में बेसेमर परिवर्तक का अस्तर होता है-
(a) सिलिका
(b) चूना
(c) लोहा
(d) कॉपर
उत्तर:
(b) चूना

15. फफोलेदार कॉपर है :
(a) कॉपर की एक मिश्रधातु
(b) कॉपर का एक यौगिक
(c) शुद्ध कॉपर
(d) लगभग 2% अशुद्ध कॉपर
उत्तर:
(d) लगभग 2% अशुद्ध कॉपर

16. मुद्रा धातु है-
(a) Zr
(b) Sn
(c) Ph
(d) Cu
उत्तर:
(d) Cu

17. अमलगम होते हैं-
(a) उपधात
(b) मिश्रधातु
(c) यौगिक
(d) विषमांगी मिश्रण
उत्तर:
(b) मिश्रधातु

18. निम्न में कौन-सी धातु अम्ल से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करती है-
(a) Fe
(b) Zn
(c) Cu
(d) Mg
उत्तर:
(c) Cu

19. क्लोराइड अयस्क का उदाहरण है-
(a) बॉक्साइट
(b) मैलेकाइट
(c) सीडेराइट
(d) हार्न सिल्वर
उत्तर:
(d) हार्न सिल्वर

20. निम्न में से कौन-सी धातु ठंडे जल से हाइड्रोजन गैस निकालती है-
(a) ताँबा
(b) सोना
(c) पोटैशियम
(d) ऐलुमिनियम
उत्तर:
(c) पोटैशियम

21. निम्न में से कौन-सी धातु अम्ल में से हाइड्रोजन विस्थापित करती है-
(a) Mg
(b) Cu
(c) Pt
(d) Hg
या
(a) Zn
(b) Cn
(c) Ag
(d) Hg
उत्तर:
(a) Mg

22. मुद्रा धातु है-
(a) Zn
(b) Ag
(c) Mg
(d) Na
उत्तर:
(b) Ag

23. जर्मन सिल्वर में कौन-सी धातु नहीं होती?
(a) Cu
(b) Zn
(c) Ag
(d) Ni
उत्तर:
(c) Ag

24. एण्टिमनी है-
(a) धातु
(b) अधातु
(c) उपधातु
(d) अक्रिय गैस
उत्तर:
(a) धातु

25. फफोलेदार ताँबे में कॉपर की प्रतिशत मात्रा है-
(a) 98
(b) 2
(c) 70
(d) 80
उत्तर:
(a) 98

26. ताम्र ग्लान्स का रासायनिक सूत्र है-
(a) Cu2S
(b) Cu2O
(c) CuFeS2
(d) CuCO3
उत्तर:
(a) Cu2S

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

  1. मिश्रधातु ………………… होते हैं।
  2. विद्युत अपघटनी परिष्करण में कैथोड ………………… बनाया जाता है।
  3. सबसे अभिक्रियाशील धातु ………………… है।
  4. ठंडे जल के साथ ………………… धातु तेज अभिक्रिया करती है
  5. सोने और प्लैटिनम को गलाने वाला अम्ल ………………… है

उत्तर:

  1. एक समांगी मिश्रण
  2. शुद्ध धातु की पतली पट्टी का
  3. सोडियम
  4. पोटैशियम
  5. ऐक्वारेजिया।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति

वस्तुनिष्ठ प्रश्न :

प्रश्न 1.
\(2^{\frac{2}{3}} \cdot 2^{\frac{1}{2}}\) का मान होगा :
(A) 26
(B) 4
(C) 6
(D) – 2
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति - 1
अतः सही विकल्प ‘A’ है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति

प्रश्न 2.
(\(\sqrt{m}\) – \(\sqrt{m}\))(\(\sqrt{11}\) + \(\sqrt{7}\)) का मान होगा :
(A) 172
(B) 18
(C) 4
(D) 77
हल:
(\(\sqrt{m}\) – \(\sqrt{m}\))(\(\sqrt{11}\) + \(\sqrt{7}\))
= (\(\sqrt{11}\))2 – (\(\sqrt{7}\))2
= 11 – 7 = 4
अतः सही विकल्प ‘C’ है।

प्रश्न 3.
अपरिमेय संख्या होगी :
(A) \(\frac {2}{4}\)
(B) \(\sqrt{3}\)
(C) \(\sqrt{9}\)
(D) \(\frac {3}{4}\)
हल :
अपरिमेय संख्या \(\sqrt{3}\) है।
अतः सही विकल्प ‘B’ है।

प्रश्न 4.
अनवसानी आवर्ती संख्या होगी :
(A) \(\frac {1}{3}\)
(B) \(\frac {1}{2}\)
(C) \(\frac {7}{8}\)
(D) \(\frac {3}{2}\)
हल :
अनवसानी आवर्ती में अंश में हर का भाग देने पर शेषफल आता है अर्थात् शेषफल 0 (शून्य) नहीं आता है तथा भागफल की पुनरावृत्ति होती रहती है। \(\frac {1}{3}\) = 0.333…
अत: सही विकल्प ‘A’ है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति

प्रश्न 5.
समस्त परिमेय और अपरिमेय संख्याओं का संग्रह कहलाता है:
(A) पूर्णांक संख्याएँ
(B) वास्तविक संख्याएँ
(C) प्राकृत संख्याएँ
(D) सांत परिमेय संख्याएँ
हल :
परिमेय और अपरिमेय संख्याओं के संग्रह को वास्तविक संख्याएँ कहते हैं।
अतः सही विकल्प ‘B’ है।

प्रश्न 6.
\(\frac{1}{\sqrt{3}}\) किस प्रकार की संख्या है ?
(A) परिमेय
(B) अपरिमेय
(C) प्राकृत संख्या
(D) पूर्णांक संख्या
हल:
\(\frac{1}{\sqrt{3}}\) में अंश (1) परिमेय संख्या है और हर (\(\sqrt{3}\)) अपरिमेय संख्या है।
परिमेय संख्या / अपरिमेय संख्या = अपरिमेय संख्या
अतः सही विकल्प ‘B’ है।

प्रश्न 7.
यदि किसी संख्या के अंश में हर का भाग देने पर शेषफल शून्य प्राप्त होता है, तो वह होगा :
(A) असांत दशमलव
(B) असांत अनावर्ती
(C) सांत एवं असांत दोनों
(D) सांत दशमलव ।
हल :
जब किसी भिन्न के अंश में हर का भाग देने पर शेषफल शून्य प्राप्त होता है, वह भिन्न परिमेय सांत दशमलव भिन्न कहलाती है।
अतः सही विकल्प ‘D’ है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति

प्रश्न 8.
0.333…. को \(\frac {p}{q}\) के रूप में लिखा जा सकता है:
(A) \(\frac {1}{0.3}\)
(B) \(\frac {3}{10}\)
(C) \(\frac {1}{3}\)
(D) इनमें से कोई नहीं।
हल:
0.333… = \(0 . \overline{3}\)
माना x = \(0 . 3\overline{3}\)
10x = \(3 . \overline{3}\)
9x = 3 (घटाने पर)
x = \(\frac{3}{9}=\frac{1}{3}\)
सही विकल्प ‘C’ है।

प्रश्न 9.
किसी परिमेय और अपरिमेय संख्या का अन्तर होगा :
(A) परिमेय
(B) अपरिमेय
(C) सांत दशमलव
(D) इनमें से कोई नहीं
हल :
परिमेय तथा अपरिमेय संख्याओं का अन्तर सदैव अपरिमेय होता है।
अतः विकल्प ‘B’ सही है।

प्रश्न 10.
(\(\sqrt{3}\))6 का मान होगा :
(A) 3\(\sqrt{3}\)
(B) 3
(C) 9
(D) 27.
हल :
(\(\sqrt{3}\))6 = \(\sqrt{3}\) × \(\sqrt{3}\) × \(\sqrt{3}\) × \(\sqrt{3}\) × \(\sqrt{3}\) × \(\sqrt{3}\)
= 3 × 3 × 3
= 27
अत: सही विकल्प ‘D’ है।

लघु उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 11.
– 2 और 5 के बीच तीन परिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए।
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति - 2

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति

प्रश्न 12.
निम्नलिखित संख्याओं को दशमलव संख्या में व्यक्त कीजिए तथा दशमलव प्रसार का प्रकार बताइए :
(i) \(\frac {3}{11}\)
(ii) \(\frac {1}{7}\)
(iii) \(\frac {1}{16}\)
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति - 3
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति - 4

प्रश्न 13.
\(0 . \overline{361}\) को परिमेय संख्या में बदलिए ।
हल :
माना कि x = \(0 . \overline{361}\)
x = 0.361361361 …….(1)
समी. (1) में 1000 से गुणा करने पर,
1000x = 361.361361 …….(2)
समी (2) में से समी (1) घटाने पर
999x = 361
∴ x = \(\frac {361}{999}\)
⇒ अतः \(0 . \overline{361}\) = \(\frac {361}{999}\)

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति

प्रश्न 14.
निम्नलिखित को सरल कीजिए:
(i) x2 × x-2 × x-3
(ii) 2x3 ÷ 2x-3
(iii) \(\frac{x}{\sqrt{5}+1}\) = \(\frac{\sqrt{5}-1}{x}\)
(iv) (2\(\sqrt{5}\) + 1) + (1 – 2\(\sqrt{5}\)) – 2.
हल :
(i) x2 × x-2 × x-3 = x2-2-3
= x2-5
= x-3 = \(\frac{1}{x^3}\)

(ii) 2x3 ÷ 2x-3 = \(\frac {2}{2}\) x3-(-3)
= x3+3 = x6

(iii) \(\frac{x}{\sqrt{5}+1}\) = \(\frac{\sqrt{5}-1}{x}\)
x × x = (\(\sqrt{5}\) – 1)(\(\sqrt{5}\) + 1)
x2 = (\(\sqrt{5}\))2 – (1)2 = 5 – 1
x2 = 4
x = ±2.

(iv) (2\(\sqrt{5}\) + 1)+(1 – 2\(\sqrt{5}\)) – 2
= (2\(\sqrt{5}\) – 2\(\sqrt{5}\)) + (1 + 1) – 2
= 0 + 2 – 2 = 0

प्रश्न 15.
वास्तविक संख्या रेखा पर \(\sqrt{3}\) का स्थान निर्धारित कीजिए।
हल :
सबसे पहले XY रेखा खींची। रेखा पर बिन्दु O पर 0 (शून्य) से इकाई लम्बाई (1 इकाई) पर बिन्दु 4 लिया। बिन्दु 4 पर लम्ब AB = 1 इकाई खींचा। O और B को मिलाया है।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति - 5
अब OB के B बिन्दु पर एकांक लम्बाई का लम्ब BD खींचा तथा O और D को मिलाया। OD = \(\sqrt{(\sqrt{2})^2+(1)^2}\) = \(\sqrt{3}\) प्राप्त होता है। O को केन्द्र मानकर OD त्रिज्या का चाप खींचा, जो संख्या रेखा को बिन्दु पर काटता है। अत: बिन्दु Q अपरिमेय संख्या \(\sqrt{3}\) को निरूपित करता है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति

प्रश्न 16.
सिद्ध कीजिए कि \(\sqrt{3}\) अपरिमेय संख्या है।
हल :
भाग विधि से वर्गमूल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति - 6
∴ \(\sqrt{3}\) = 1.732050807…………
अतः असांत अनावर्ती अपरिमेय संख्या है। इति सिद्धम्

प्रश्न 17.
\(\frac{\sqrt{3}-1}{\sqrt{3}+1}\) = a + b\(\sqrt{3}\)
तब a तथा b के मान ज्ञात कीजिए।
हल :
दी हुई संख्या में (\(\sqrt{3}\) – 1) का अंश और हर में गुणा करने पर,
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति - 7

प्रश्न 18.
[(1)3 + (2)3 + (3)3]\(\frac {-5}{2}\) का मान ज्ञात कीजिए ।
हल :
[(1)3 + (2)3 + (3)3]\(\frac {-5}{2}\)
⇒ [1 + 8 + 27]\(\frac {-5}{2}\)
⇒ (36)\(\frac {-5}{2}\)
⇒ [(6)2]-5/2
⇒ (6)2×\(\frac {-5}{2}\)
⇒ \(\frac{1}{(6)^5}\)
⇒ \(\frac {1}{7776}\)

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति

प्रश्न 19.
यदि धनात्मक संख्याएँ हैं, तो का मान ज्ञात कीजिए।
\(\sqrt{x^{-1} y} \cdot \sqrt{y^{-1} z} \cdot \sqrt{z^{-1} x}\)
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति - 8

प्रश्न 20.
6\(\sqrt{5}\) को 3\(\sqrt{5}\) से गुणा कीजिए।
हल :
6\(\sqrt{5}\) × 3\(\sqrt{5}\) = 6 × 3 × \(\sqrt{5}\) × \(\sqrt{5}\)
= 18 × 5 = 90.

प्रश्न 21.
\(\frac{3}{\sqrt{8}}\) का परिमेयकरण कीजिए।
हल :
\(\sqrt{8}\) का अंश और हर में गुणा करने पर,
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति - 9

प्रश्न 22.
यदि b = \(\sqrt[5]{243}\) हो, तो b का मान ज्ञात कीजिए।
हल :
b = \(\sqrt[5]{243}\)
⇒ b = (243)1/5
= (3 × 3 × 3 × 3 × 3)1/5
= [(3)5]1/5
= 35×1/5
∴ b = 3

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति

प्रश्न 23.
\(\frac{3}{\sqrt{48}-\sqrt{75}}\) का मान क्या होगा ?
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 1 संख्या पद्धति - 10

प्रश्न 24.
\(\frac{1}{3+\sqrt{2}}\) के हर का परिमेयकरण कीजिए।
हल :
अंश और हर में (3 – \(\sqrt{2}\)) का गुणा करने पर,
\(\frac{3-\sqrt{2}}{(3+\sqrt{2}) \times(3-\sqrt{2})}\) ⇒ \(\frac{3-\sqrt{2}}{(9-2)}\)
{∵ a2 – b2 = (a+b) (a – b)}
⇒ \(\frac{3-\sqrt{2}}{7}\)

प्रश्न 25.
यदि (x)y = 128, तो x तथा y का मान ज्ञात कीजिए ।
हल :
(x)y = 128 = (2)7
xy = 27
आधार तथा घातकी तुलना करने पर,
x = 2
y = 7.

JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

Students must go through these JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन to get a clear insight into all the important concepts.

JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

→ प्रकाश प्रकाश ऊर्जा का वह रूप है जो हमारी आँख में दृष्टि की संवेदना उत्पन्न करती है, पृथ्वी के विभिन्न घटकों को गर्म कर देती है।

→ प्रकाश का परावर्तन प्रकाश का किसी चिकने व चमकदार पृष्ठ से टकराकर उसी माध्यम में वापस लौट आना प्रकाश का परावर्तन कहलाता है।

→ परावर्तन के नियम- परावर्तन के निम्नलिखित दो नियम हैं-

  • आपतन कोण और परावर्तन कोण सदैव बराबर होते हैं।
  • आपतित किरण परावर्तित किरण व अभिलम्ब तीनों एक तल में स्थित होते हैं।

→ दर्पण – यदि किसी चिकने तल पर कलई (पॉलिश) करके चमकदार बना दिया जाये तो वह परावर्तन तल दर्पण कहलाता है।

→ गोलीय दर्पण- जब कोई दर्पण किसी गोलीय कोश का भाग होता है तो उसे गोलीय दर्पण कहते हैं।

→ गोलीय दर्पण के प्रकार- गोलीय दर्पण दो प्रकार होते हैं-

  • अवतल दर्पण तथा
  • उत्तल दर्पण।

→ अवतल दर्पण – यदि खोखले गोले के कटे हुए एक भाग में से उसके उभरे (उत्तल) हुए भाग पर कलई कर दी जाती है।

→ उत्तल दर्पण – यदि खोखले गोले के कटे हुए एक भाग से उसके धँसे (अवतल) हुए भाग पर कलई कर दी जाती है तो उसे उत्तल दर्पण कहते हैं।

→ गोलीय दर्पण से सम्बन्धित प्रमुख पद हैं- वक्रता केन्द्र (C), ध्रुव (P), मुख्य अक्ष, वक्रता त्रिज्या (R), मुख्य फोकस, फोकस दूरी (f), फोकस तल।

→ गोलीय दर्पण की फोकस दूरी- चिन्ह परिपाटी के अनुसार उत्तल दर्पण की फोकस दूरी सदैव धनात्मक तथा अवतल दर्पण की फोकस दूरी सदैव ऋणात्मक ली जाती है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

→ फोकस दूरी व वक्रता त्रिज्या में सम्बन्ध- दर्पण की फोकस दूरी उसकी वक्रता त्रिज्या की आधी होती है
अर्थात्
f = \(\frac { 1 }{ 2 }\) R

→ गोलीय दर्पण में u, v तथा f में सम्बन्ध – गोलीय
दर्पण में \(\frac { 1 }{ u }\) + \(\frac { 1 }{ v }\) = \(\frac { 1 }{ f }\) होता है।
इसे दर्पण सूत्र कहते हैं। चिन्ह परिपाटी के अनुसार अवतल दर्पण में u तथा f सदैव ऋणात्मक होते हैं। वास्तविक प्रतिबिम्ब के लिए v ऋणात्मक तथा आभासी प्रतिबिम्ब के लिए v धनात्मक होता है। उत्तल दर्पण में u ऋणात्मक तथा v तथा f सदैव धनात्मक होते हैं।

→ रेखीय आवर्धन प्रतिबिम्ब की लम्बाई तथा वस्तु की लम्बाई के अनुपात को रेखीय आवर्धन कहते हैं।
अतः
JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 1
यदि आवर्धन m ऋणात्मक है तो प्रतिबिम्ब वास्तविक होगा तथा m धनात्मक है तो प्रतिबिम्ब आभासी होगा।

→ u-v विधि से अवतल दर्पण की फोकस दूरी की गणना हेतु सूत्र : f = \(\frac { uv }{ v+u }\) से अवतल दर्पण की
फोकस दूरी की गणना करते हैं जहाँ
u = दर्पण से वस्तु की दूरी
v = दर्पण से प्रतिबिम्ब की दूरी
f = दर्पण की फोकस दूरी

→ संयुग्मी फोकस – गोलीय दर्पण के मुख्य अक्ष पर स्थित ऐसे दो बिन्दु जिसमें से एक बिन्दु पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब इसके बिन्दु पर बनता है तथा इसके बिन्दु पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब पहले बिन्दु पर बनता है, संयुग्मी फोकस कहलाते हैं।

→ प्रतिबिम्ब- – जब वस्तु के किसी एक बिन्दु से निकलने वाली बहुत सारी किरणें, परावर्तन के पश्चात् एक अन्य बिन्दु पर मिलती हैं तो इसका बिन्दु, पहले बिन्दु का प्रतिबिम्ब कहलाता है।

→ वास्तविक प्रतिबिम्ब-जब प्रकाश की किरणें परावर्तन के पश्चात् प्रतिबिम्ब बिन्दु पर वास्तव में मिलती हैं तो बनने वाला प्रतिबिम्ब वास्तविक होता है। यह अधिकतर उलटा बनता है और पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है।

→ आभासी प्रतिबिम्ब- जब प्रकाश की किरणें परावर्तन के पश्चात् मिलती प्रतीत होती हैं (वे वास्तव में नहीं मिलतीं) तो बनने वाला प्रतिबिम्ब आभासी होता है। यह अधिकतर सीधा बनता है और पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

→ वक्रता त्रिज्या उस खोखले गोले की त्रिज्या जिसका दर्पण स्वयं एक भाग है, वक्रता त्रिज्या कहलाती है।

→ मुख्य अक्ष- दर्पण के वक्रता केन्द्र व ध्रुव को मिलाने वाली रेखा मुख्य अक्ष कहलाती है।

→ फोकस बिन्दु – मुख्य अक्ष के समान्तर आने वाली सभी प्रकाश किरणें परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के किसी एक बिन्दु पर मिलती है अथवा किसी एक बिन्दु से निकलती हुई प्रतीत होती हैं। इस बिन्दु को फोकस कहते हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

→ फोकस दूरी – दर्पण के ध्रुव व मुख्य फोकस के बीच की दूरी को फोकस दूरी कहते हैं। इसे से दर्शाते हैं।

→ अपवर्तन- जब प्रकाश किरणें एक समांगी माध्यम से दूसरे समांगी माध्यम में प्रवेश करने पर अपने मार्ग से विचलित होकर गमन करने लगती हैं, प्रकाश का अपवर्तन कहलाती हैं।

→ अपवर्तन के नियम- अपवर्तन के दो नियम हैं-

  • आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा अभिलम्ब तीनों एक ही तल में स्थित होते हैं।
  • किसी एकवर्णीय प्रकाश किरण के लिए आपतन कोण की ज्या और अपवर्तन कोण की ज्या का अनुपात एक नियतांक होता है जिसे पहले के सापेक्ष दूसरे माध्यम का अपवर्तनांक कहते हैं। अर्थात् \(\frac{\sin i}{\sin r}={ }_1 \mu_2\)

→ स्नेल का नियम (या sine नियम)- किसी एकवर्णीय प्रकाश किरण के लिए आपतन कोण की ज्या (sine) और अपवर्तन कोण की ज्या (sine) में एक निश्चित अनुपात होता है।
JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 2
जहाँ 1μ2 दूसरे माध्यम का पहले माध्यम के सापेक्ष अपवर्तनांक है।

→ अपवर्तनांक- आपतन कोण की ज्या एवं अपवर्तन कोण की ज्या के अनुपात को अपवर्तनांक कहते हैं।
इसे μ से प्रदर्शित करते हैं।
μ = \(\frac { sin i }{ sin r }\)
अपवर्तनांक का कोई मात्रक नहीं होता।

→ प्रकाश किरणों की उत्क्रमणीयता- प्रकाश की किरणें जिस मार्ग से जाती हैं स्थिति पलट जाने पर वे उसी मार्ग से वापस लौट जाती हैं। इसके अनुसार,
\({ }_a \mu_g=\frac{1}{{ }_g \mu_a}\)

→ समान्तर पार्श्व वाले कई माध्यमों से गुजरने पर प्राकश का अपवर्तन-
\({ }_a \boldsymbol{\mu}_w \times{ }_w \boldsymbol{\mu}_{g \times g} \mu_a\) = 1

→ काँच के गुटके का अपवर्तनांक ज्ञात करने की प्रायोगिक विधि-
JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 3

→ पूर्ण आन्तरिक परावर्तन- सघन माध्यम में आपतन कोण का मान क्रान्तिक कोण से अधिक हो जाने पर प्रकाश अपवर्तन न होकर प्रकाश का पूर्ण परावर्तन सघन माध्यम में ही हो जाता है, इस घटना को पूर्ण आन्तरिक परावर्तन कहते हैं। 31. पूर्ण आन्तरिक परावर्तन की शर्तें-

  • प्रकाश किरणें सघन माध्यम से विरल माध्यम में जानी चाहिए।
  • आपतन कोण का मान क्रान्तिक कोण से अधिक होना चाहिए।

→ पूर्ण परावर्तक प्रिज्म एक ऐसा काँच का प्रिज्म जो समकोण समद्विबाहु त्रिभुजाकार होता है, पूर्ण परावर्तक प्रिज्म कहलाता है।
इसका उपयोग –

  • 90° विचलन के लिए (पेरिस्कोप में)
  • 180° विचलन के लिए (बायनोकुलर में)
  • ऊर्ध्वशीर्षकारी प्रिज्म की भाँति (बायनोकुलर में) किया जाता है।

→ प्रकाशिक तन्तु एक ऐसी युक्ति जो प्रकाशीय संकेत को बिना क्षय हुए एक स्थान दूसरे स्थान तक वक्रीय मार्ग में स्थानान्तरित किया जा सकता है। यह पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के सिद्धान्त पर कार्य करता है।

→ लेंस – दो वक्रीय तलों से घिरे पारदर्शी माध्यम को लेंस कहते हैं जिसका एक तल गोलीय व दूसरा तल गोलीय या समतल होता है।

→ लेंस के प्रकार-लेंस दो प्रकार के होते हैं-

  • उत्तल लेंस (अभिसारी लेंस)
  • अवतल लेंस (अपसारी लेंस)

→ उत्तल लेंस- यह बीच में मोटा तथा किनारों पर पतला होता है, यह प्रकाश किरणों को अभिसरित करता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

→ अवतल लेंस यह बीच में पतला तथा किनारों पर मोटा होता है, यह प्रकाश किरणों को अपसरित करता है।

→ लेंस की फोकस दूरी लेंस के मुख्य फोकस तथा प्रकाश केन्द्र के बीच की दूरी को फोकस दूरी कहते हैं।

→ लेंस की मुख्य अक्ष-लेंस के दोनों गोलीय तलों के वक्रता केन्द्रों को मिलाने वाली रेखा लेंस की मुख्य अक्ष कहलाती है।

→ लेंस का प्रकाशिक केन्द्र – लेंस के मुख्य अक्ष पर स्थित बिन्दु जिससे गुजरने वाली प्रकाश किरणें अपवर्तन के पश्चात् आपतित किरण की दिशा में ही निर्गमित होती हैं, लेंस का प्रकाशिक केन्द्र कहलाता है।

→ लेंस का फोकस लेंस दो वक्रीय तलों से बना होता है अतः लेंस के दो फोकस होते हैं।

→ लेंस सूत्र – u, v व f में निम्न सम्बन्ध को लेंस सूत्र कहते हैं। उत्तल या अवतल लेंस के अपवर्तन के लिए-
\(\frac { 1 }{ v }\) – \(\frac { 1 }{ u }\) = \(\frac { 1 }{ f }\)

→ अपवर्तन के उदाहरण- जल में डूबी सीधी छड़ मुड़ी हुई दिखाई देना, पानी में पड़ा सिक्का सतह से उठा दिखाई देना, तालाब का कम गहरा दिखाई देना, तारों का टिमटिमाना।

→ पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के उदाहरण हीरे का चमकना, मरीचिका जल में बने वायु के बुलबुले का चमकना, जल मरीचिका।

  • समान्तर आपतित किरण उत्तल लेंस से अपवर्तित होकर फोकस से गुजरती है तथा अवतल लेंस से अपवर्तित होकर फोकस से आती प्रतीत होती है।
  • प्रकाशिक केन्द्र से गुजरने वाली प्रकाश किरण लेंस से अपवर्तन के पश्चात् उठी दिशा में बिना किसी विचलन के चली जाती है।
  • उत्तल लेंस के फोकस से आती किरण या अवतल लेंस के फोकस पर एकत्रित प्रतीत होने वाली किरण अपतर्वन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समान्तर हो जाती है।