Jharkhand Board JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 1 भूगोल एक विषय के रूप में Important Questions and Answers.
JAC Board Class 11 Geography Important Questions Chapter 1 भूगोल एक विषय के रूप में
बहु-विकल्पी प्रश्न (Multiple Choice Questions)
दिए गए प्रश्नों के चार वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर चुनकर लिखो
1. “भूगोल वह विज्ञान है जिसमें पृथ्वी का मानव के घर के रूप में अध्ययन किया जाता है।” यह परिभाषा कौन-से भूगोलवेत्ता द्वारा प्रस्तुत की गई है?
(A) हार्टशोर्न
(B) डडले स्टैम्प
(C) काण्ट तथा रिटर
(D) वूल्डरिज तथा ईर।
उत्तर:
डडले स्टैम्प।
2. “भूगोल का उद्देश्य पृथ्वी का मानव के संसार के रूप में वैज्ञानिक वर्णन है।’ भूगोल की यह परिभाषा किस ने प्रस्तुत की?
(A) एफ० जे० मोंकहाउस
(B) हार्टशोर्न
(C) फेयरग्रीव
(D) विडाल डी ला ब्लाश।
उत्तर:
विडाल डी ला ब्लाश।
3. “प्रकृति मंच प्रदान करती है और मनुष्य पर निर्भर है कि वह इस पर कार्य करें।” ये शब्द किस भूगोलशास्त्री ने कहे थे?
(A) रिचथोफेन
(B) एडवर्ड एकरमैन
(C) विडाल डी ला ब्लाश
(D) हार्टशोर्न। उत्तर-विडाल डी ला ब्लाश।
4. निम्नलिखित में से कौन-से अमेरिकन भूगोलशास्त्री थे?
(A) काण्ट तथा रिटर
(B) डडले स्टैम्प तथा एफ० जे० मोंकहाउस
(C) वूल्डरिज तथा ईस्ट
(D) हार्टशोर्न तथा एडवर्ड एकरमैन ।
उत्तर:
(D) हार्टशोर्न तथा एडवर्ड एकरमैन।
5. वातावरण में कौन-से दो तत्त्वों का समावेश होता है?
(A) प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक
(B) प्राकृतिक तथा भौतिक
(C) जैविक तथा प्राकृतिक
(D) भौतिक तथा जैविक।
उत्तर:
प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक।
6. स्थलमण्डल, जलमण्डल, वायुमण्डल और जैवमण्डल के पारस्परिक कार्यों का कौन-सा प्रतिफल है
(A) सामाजिक वातावरण
(B) प्राकृतिक वातावरण
(C) सांस्कृतिक वातावरण
(D) जैविक वातावरण।
उत्तर:
(B) प्राकृतिक वातावरण।
7. निम्नलिखित में से कौन-सा प्राकृतिक लक्षण नहीं है?
(A) पर्वत
(B) नदियां
(C) सड़कें
(D) मैदान।
उत्तर:
(C) सड़कें।
8. निम्नलिखित में से कौन-सा सांस्कृतिक लक्षण नहीं है?
(A) भवन
(B) सड़कें
(C) फ़सलें
(D) महाद्वीप।
उत्तर:
महाद्वीप।
9. निम्नलिखित में से कौन-सा तत्त्व संस्कृति में नहीं है?
(A) मूल्य
(B) विश्वास
(C) विचारधारा
(D) उद्योग।
उत्तर:
(D) उद्योग।
10. निम्नलिखित में से कौन-सा तत्त्व सभ्यता में नहीं है?
(A) गांव
(B) नगर
(C) पर्वत
(D) यातायात।
उत्तर:
(C) पर्वत।
11. भूगोल शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया?
(A) विडाल डी ला ब्लाश
(B) एरेटा स्थिनीज़
(C) काण्ट
(D) हार्टशोर्न।
उत्तर:
(B) एरेटा स्थिनीज़
12. कौन-सा तत्त्व भौतिक भूगोल से सम्बन्धित नहीं है?
(A) जलवायु
(B) भौमिकी
(C) वनस्पति
(D) मानवीय क्रियाएं।
उत्तर:
(D) मानवीय क्रियाएं।
13. क्रमबद्ध भूगोल किसने प्रचलित किया?
(A) हम्बोलट
(B) रिटर
(C) स्टैम्प
(D) हार्टशोर्न।
उत्तर:
हम्बोलट।
14. मानचित्र बनाने की कला का ज्ञान किसने दिया?
(A) टॉलेमी
(B) रिटर
(C) काण्ट
(D) थेल्स।
उत्तर:
टॉलेमी।
15. ब्रह्माण्ड को समझने का प्रयत्न किस विद्वान् ने सर्वप्रथम किया?
(A) काण्ट
(B) आर्यभट्ट
(C) थेल्स
(D) स्ट्रेबो।
उत्तर:
आर्यभट्ट।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
18वीं शताब्दी में जर्मनी के दो प्रसिद्ध भूगोल-वेत्ताओं के नाम लिखो।
उत्तर:
हम्बोलट तथा रिटर।
प्रश्न 2.
भूगोल के दो स्पष्ट क्षेत्र कौन-से हैं?
उत्तर:
भौतिक भूगोल तथा मानव भूगोल।
प्रश्न 3.
भौतिक भूगोल के दो उपक्षेत्र बताओ।
उत्तर:
भू-आकृतिक विज्ञान, जलवायु विज्ञान।
प्रश्न 4.
मानवीय भूगोल के दो उप-क्षेत्र बताओ।
उत्तर:
आर्थिक भूगोल, सांस्कृतिक भूगोल।
प्रश्न 5.
वायुमण्डल दशाओं का अध्ययन करने वाले दो विज्ञान बताओ।
उत्तर:
जलवायु विज्ञान, मौसम विज्ञान।
प्रश्न 6.
“मनुष्य के कार्य प्रकृति द्वारा निर्धारित होते हैं।” यह किस भूगोलवेत्ता का कथन है?
उत्तर:
रैत्सेल (Ratzel) का।
प्रश्न 7.
किन विषयों के अध्ययन ने भूगोल को गणितीय चरित्र दिया?
उत्तर:
सौरमण्डल, पृथ्वी का आकार, अक्षांश तथा देशान्तर।
प्रश्न 8.
अठारहवीं शताब्दी में विद्यालयों में भूगोल को लोकप्रियता क्यों मिली?
उत्तर:
भूगोल का विद्यालयों में एक लोकप्रिय विषय बनने का मुख्य कारण यह है कि इसके अध्ययन से पृथ्वी के निवासियों तथा स्थानों के विषय में जानकारी प्राप्त होती है। इससे प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक तथ्यों का ज्ञान होता है। इस अध्ययन से मनुष्य तथा पर्यावरण के सम्बन्धों का अनुमान होता है।
प्रश्न 9.
उस भूगोलवेत्ता का नाम बताइए जिन्होंने ‘भौतिक तथा मानव भूगोल के संश्लेषण का समर्थन किया था’।
उत्तर:
एच० जे० मैकिंडर (H.J. Mackinder)।
प्रश्न 10.
भूगोल में कौन-सा आधुनिकतम विकास हुआ है?
उत्तर:
भूगोल में सांख्यिकीय विश्लेषण का उपयोग निरन्तर बढ़ता जा रहा है।
प्रश्न 11.
प्राकृतिक भूदृश्य के मुख्य लक्ष्य बताओ।
उत्तर:
पर्वत, नदियां, वनस्पति आदि।
प्रश्न 12.
वातावरण को कौन-से दो मुख्य भागों में बांटा जाता है?
उत्तर:
प्राकृतिक, मानवीय।
प्रश्न 13.
भौतिक भूगोल के चार मुख्य उपक्षेत्र बताओ।
उत्तर:
- भू-आकृति विज्ञान
- जलवायु विज्ञान
- जल विज्ञान
- मृदा विज्ञान।
प्रश्न 14.
मानव भूगोल के चार मुख्य उपक्षेत्र बताओ।
उत्तर:
- सांस्कृतिक भूगोल
- आर्थिक भूगोल
- जनसंख्या भूगोल
- ऐतिहासिक भूगोल।
प्रश्न 15.
भूगोल किन तीन प्रमुख विषयों का अध्ययन है?
उत्तर:
- भौतिक वातावरण
- मानवीय क्रियाएं
- दोनों का अंतर्प्रक्रियात्मक सम्बन्ध।
प्रश्न 16.
भूगोल के दो दृष्टिकोण क्या हैं?
उत्तर:
प्राचीन दृष्टिकोण, आधुनिक दृष्टिकोण।
प्रश्न 17.
किन्हीं दो भारतीय वैज्ञानिकों के नाम बताइए जिन्होंने सबसे पहले पृथ्वी के आकार का वर्णन किया था?
उत्तर:
आर्यभट्ट, भास्कराचार्य।
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
हमें भूगोल क्यों पढ़ना चाहिए?
उत्तर:
पृथ्वी मनुष्य का घर है। यहां हमारा जीवन अनेक रूपों से प्रभावित होता है। हम आसपास के संसाधनों पर निर्भर करते हैं। हम तकनीकों द्वारा प्राकृतिक संसाधन भूमि, मृदा, जल का उपयोग करते हुए अपना आहार प्राप्त करते हैं। हम मौसमी दशाओं के अनुसार अपना जीवन समायोजित करते हैं। इसलिए भूगोल का अध्ययन आवश्यक है।
प्रश्न 2.
भूगोल विषय में पृथ्वी के किन चार परिमण्डलों का अध्ययन होता है?
उत्तर:
- स्थलमण्डल
- जलमण्डल
- वायु मण्डल
- जैवमण्डल।
प्रश्न 3.
“भौतिक पर्यावरण एक मंच प्रदान करता है जिस पर मानव कार्य करे।” स्पष्ट करो।
उत्तर:
भूगोल पृथ्वी पर भौतिक पर्यावरण तथा सांस्कृतिक लक्षणों के मध्य सम्बन्धों का अध्ययन है। अनेक तत्त्वों में समानता तथा कई तत्वों में असमानता पाई जाती है। भूगोल भौतिक वातावरण तथा मानव के अन्योन्यक्रिया का अध्ययन है। एक लेखक के अनुसार “भौतिक पर्यावरण एक मंच प्रस्तुत करता है जिस पर मानव समाज अपने सृजनात्मक क्रिया कलापों का ड्रामा अपने तकनीकी विकास से मंचित करता है।” भू-आकृतियां आधार प्रदान करती हैं जिस पर मानवीय क्रियाएं होती हैं। मैदानों पर कृषि, पठारों पर खनन, पशु पालन, पर्वतों से नदियां निकलती हैं। जलवायु मानव के घरों के प्रकार, वस्त्र, भोजन, वनस्पति को प्रभावित करता है।
प्रश्न 4.
भूगोल बहु-आयामी पृथ्वी का अध्ययन किस प्रकार करता है?
उत्तर:
भूगोल यथार्थता का अध्ययन करता है। पृथ्वी भी यथार्थता की भान्ति बहु-आयामी है। इसलिए इस अध्ययन में अनेक प्राकृतिक विज्ञान जैसे-भौमिकी मृदा विज्ञान, समुद्र विज्ञान वनस्पति शास्त्र, जीवन विज्ञान, मौसम विज्ञान सहायक हैं। अन्य सामाजिक विज्ञान, अर्थशास्त्र, इतिहास, समाज शास्त्र, राजनीतिक विज्ञान, नृ-विज्ञान भी धरातल की यथार्थता का अध्ययन करते हैं। भूगोल सभी प्राकृतिक तथा सामाजिक विषयों से सूचनाधार प्राप्त करके संश्लेषण करता है।
प्रश्न 5.
भौतिक भूगोल किस प्रकार प्राकृतिक संसाधनों के मूल्यांकन में सहायक है?
उत्तर:
भौतिक भूगोल प्राकृतिक संसाधनों के मूल्यांकन एवं प्रबंधन से सम्बन्धित विषय के रूप में विकसित हो रहा है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु भौतिक पर्यावरण एवं मानव के मध्य सम्बन्धों को समझना आवश्यक है। भौतिक पर्यावरण संसाधन प्रदान करता है एवं मानव इन संसाधनों का उपयोग करते हुए अपना आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास सुनिश्चित करता है। तकनीकी की सहायता से संसाधनों के बढ़ते उपयोग ने विश्व में पारिस्थैतिक असन्तुलन उत्पन्न कर दिया है। अतएव सतत् विकास (Sustainable development) के लिए भौतिक वातावरण का ज्ञान नितान्त आवश्यक है जो भौतिक भूगोल के महत्त्व को रेखांकित करता है।
प्रश्न 6.
विश्व एक परस्पर निर्भर तन्त्र है। व्याख्या करो।
उत्तर:
विश्व के एक प्रदेश दूसरे प्रदेश से जुड़े हुए हैं तथा एक-दूसरे पर निर्भर हैं। वर्तमान विश्व को एक वैश्विक ग्राम (Global Village) की संज्ञा दी जा सकती है। परिवहन के तीव्र साधनों ने बढ़ती दूरियां कम की हैं। श्रव्य-दृश्य माध्यमों (Audio-visual media) एवं सूचना तकनीकी ने आंकड़ों को बहुत समृद्ध बना दिया है। प्राकृतिक विज्ञान तथा सामाजिक विज्ञान एक-दूसरे पर निर्भर हैं।
प्रश्न 7.
भूगोल की परिभाषा लिखो।
उत्तर:
भूगोल की परिभाषा (Definition of Geography)
भूगोल पृथ्वी का विज्ञान है (Geography is the science of the Earth)। भूगोल को अंग्रेज़ी भाषा में ‘ज्योग्राफी’ कहा जाता है। ज्योग्राफी शब्द यूनानी भाषा के जी (Ge) तथा ‘ग्राफो’ (Grapho) शब्दों से मिलकर बना है। (Geography = Ge + Grapho)। ‘जी’ (Ge) का अर्थ है पृथ्वी और ग्राफो (Grapho) शब्द का अर्थ है ‘वर्णन करना’। इस प्रकार ज्योग्राफी का अर्थ है-‘पृथ्वी का वर्णन करना’।
जिस प्रकार अर्थशास्त्र का मूल मंत्र मूल्य है, भूगर्भ विज्ञान चट्टानों का अध्ययन है, वनस्पति विज्ञान पेड़-पौधों से तथा इतिहास समय से सम्बन्धित है, भूगोल ‘स्थान’ से सम्बन्धित है। पृथ्वी मानव का निवास स्थान है। भूगोल एक प्रकार से ‘पृथ्वी-तल’ या ‘भूतल’ का अध्ययन है। भूगोल पृथ्वी को मानव का निवास स्थान मान कर इसका अध्ययन करता है। (Geography studies the Earth as home of man.)
प्रश्न 8.
भूगोल को ज्ञान का भण्डार क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
प्राचीन काल में भूगोल के अध्ययन का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी के बारे में सामान्य ज्ञान प्राप्त करना ही था। यह ज्ञान यात्रियों, व्यापारियों, गवेषकों तथा विजेताओं की कथाओं पर आधारित था। कई विद्वानों ने पृथ्वी के आकार, अक्षांश तथा देशान्तर, सौर मण्डल आदि की जानकारी का समावेश भूगोल विषय के अन्तर्गत किया। पृथ्वी के बारे में जानकारी अधिकतर अन्य विषयों से प्राप्त हुई। इसलिए भूगोल को ज्ञान का भण्डार कहा जाता है।
प्रश्न 9.
भूगोल के अध्ययन में द्वैतवाद का महत्त्व बताओ।
उत्तर:
‘भूगोल का अध्ययन दो उपागमों के आधार पर किया जाता है
1. विषय वस्तुगत उपागम (Systematic Approach):
इस उपागम में एक तथ्य का पूरे विश्व स्तर पर अध्ययन किया जाता है। इसके पश्चात् क्षेत्रीय स्वरूप के वर्गीकृत प्रकारों की पहचान की जाती है। उदाहरणार्थ यदि कोई प्राकृतिक वनस्पति के अध्ययन में रुचि रखता है, तो सर्वप्रथम विश्व स्तर पर उसका अध्ययन किया जायेगा, फिर प्रकारात्मक वर्गीकरण, जैसे विषुवत् रेखीय सदाबहार वन, नरम लकड़ी वाले कोणधारी वन अथवा मानसूनी वन इत्यादि की पहचान, उनका विवेचन तथा सीमांकन करना होगा।
2. प्रादेशिक उपागम (Regional Approach):
प्रादेशिक उपागम में विश्व को विभिन्न पदानुक्रमिक स्तर के प्रदेशों में विभक्त किया जाता है और फिर एक विशेष प्रदेश में सभी भौगोलिक तथ्यों का अध्ययन किया जाता है। ये प्रदेश प्राकृतिक, राजनीतिक या निर्दिष्ट (नामित) प्रदेश हो सकते हैं। एक प्रदेश में तथ्यों का अध्ययन समग्रता से विविधता में एकता की खोज करते हुए किया जाता है।
प्रश्न 10.
“भूगोल को समाकलन एवं संश्लेषण का विज्ञान कहा जाता है।” इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
भूगोल का विज्ञान की कई शाखाओं से निकट का सम्बन्ध है। विभिन्न शाखाओं के कई तत्त्वों का अध्ययन भूगोल में उपयोगी होता है। केवल उन्हीं घटकों का अध्ययन किया जाता है जो हमारे उद्देश्य के लिए प्रासंगिक हों। विभिन्न घटकों को आपस में संयुक्त रूप में अध्ययन करने की क्रिया को समाकलन कहते हैं। इन विभिन्न घटकों को संयुक्त (Composite) तथा संश्लिष्ट रूप (Synthetic form) में समझना अधिक उपयोगी तथा महत्त्वपूर्ण होता है।
भूगोल को समाकलन एवं संश्लेषण का विज्ञान (Science of Integration or Synthesis) कहा जाता है। विभिन्न शाखाओं के अंश भौगोलिक अध्ययन में सहायक होते हैं। यह घटक अलग-अलग पहचाने जाते हैं। इन घटकों को आपस में संयुक्त करने को ही समाकलन कहा जाता है। किसी भी प्रदेश के धरातल, कृषि, यातायात, जलवायु आदि के अलग-अलग मानचित्रों में सम्बन्ध स्थापित करने से कई उपयोगी परिणाम निकल पाते हैं।
प्रश्न 11.
“मानव प्रकृति का दास है।” इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य तथा प्रकृति में घनिष्ठ सम्बन्ध है। प्रकृति के विभिन्न लक्षण जैसे भूमि की बनावट, जलवायु, मिट्टी, पदार्थ, जल तथा वनस्पति मनुष्य के रहन-सहन तथा आर्थिक, सामाजिक क्रियाओं पर प्रभाव डालते हैं। ‘प्रकृति मनुष्य के कार्य एवं जीवन को निश्चित या निर्धारित करती है।’ इस विचारधारा को नियतिवाद (Determinism) कहा जाता है।
जैसे रैत्सेल के अनुसार “मानव अपने वातावरण की उपज है।” (Man is the product of environment.) दूसरे शब्दों में, यह कहा जा सकता है कि मानव प्रकृति का दास है। मानव जीवन प्राकृतिक साधनों पर ही आधारित है। मानव वातावरण को एक सीमा तक ही बदल सकता है। उसे वातावरण के साथ समायोजन करना आवश्यक है। इस प्रकार मनुष्य तथा प्रकृति एक-दूसरे के सहयोगी के रूप में कार्य करते हैं। इस प्रतिक्रिया द्वारा ही सम्पूर्ण जीवन प्रभावित होता है।
इस प्रकार मनुष्य तथा प्रकृति के सम्बन्धों को देखकर ‘प्रकृति में मनुष्य’ (Man in Nature) कहना ही उचित है। जैसे कि विख्यात भूगोलवेत्ता विडाल-डि-ला-ब्लाश (Vidal-de-la-Blach) ने कहा है’ ‘प्रकृति मानव को मंच प्रदान करती है और यह मनुष्य पर निर्भर है कि वह इस पर कार्य करें।’ (Nature provides the stage and it is for man to act on it.)
प्रश्न 12.
क्रमबद्ध भूगोल से क्या अभिप्राय है? इसकी उप-शाखाओं के नाम लिखो।
उत्तर:
भूगोल में भू-पृष्ठ का अध्ययन दो विधियों द्वारा किया जाता है:
(क) क्रमबद्ध भूगोल
(ख) क्षेत्रीय भूगोल।
क्रमबद्ध भूगोल (Systematic Geography):
विशिष्ट प्राकृतिक अथवा सामाजिक घटनाओं से भू-पृष्ठ पर उत्पन्न होने वाले क्षेत्रीय प्रतिरूपों तथा संरचनाओं का अध्ययन क्रमबद्ध भूगोल कहलाता है। इस संदर्भ में किसी एक भौगोलिक कारक को चुन कर जैसे जलवायु, अध्ययन किया जाता है। भूगोल के उस कारक के क्षेत्रीय वितरण के कारण तथा प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। मुख्य उद्देश्य जलवायु तथा जलवायु के प्रकार होते हैं। कृषि का अध्ययन कृषि प्रदेशों द्वारा किया जाता है। इस प्रकार यह किसी एक घटक का विस्तृत अध्ययन होता है।
साधारणत: क्रमबद्ध भूगोल को चार प्रमुख शाखाओं में बांटा गया है:
- भू-आकृतिक भूगोल-परम्परा अनुसार इसे भौतिक भूगोल भी कहते हैं।
- मानव-भूगोल-इसे सांस्कृतिक भूगोल भी कहते हैं।
- जैव-भूगोल-इसमें पर्यावरण भूगोल शामिल है।
- भौगोलिक विधियां और तकनीकें-ये विधियां मानचित्र बनाने में प्रयोग की जाती हैं।
प्रश्न 13.
भौतिक भूगोल की विषय वस्तु का वर्णन करें।
उत्तर:
यहां भूगोल की इस शाखा के महत्त्व को बताना युक्ति संगत होगा। भौतिक भूगोल में भूमण्डल (भूआकृतियां, प्रवाह, उच्चावच), वायुमण्डल (इसकी बनावट, संरचना, तत्त्व एवं मौसम तथा जलवायु, तापक्रम, वायुदाब, वायु, वर्षा, जलवायु के प्रकार इत्यादि), जलमण्डल (समुद्र, सागर, झीलें तथा जल परिमण्डल से संबद्ध तत्त्व), जैव मण्डल (जीव के स्वरूप-मानव तथा वृहद् जीव एवं उनके पोषक प्रक्रम, जैसे-खाद्य श्रृंखला, पारिस्थैतिक प्राचल (Ecological parametres) एवं पारिस्थैतिक सन्तुलन का अध्ययन सम्मिलित होता है। मिट्टियां मृदा-निर्माण प्रक्रिया के माध्यम से निर्मित होती हैं तथा वे मूल चट्टान, जलवायु, जैविक प्रक्रिया एवं कालावधि पर निर्भर करती हैं। कालावधि मिट्टियों को परिपक्वता प्रदान करती है तथा मृदा पाश्विका (Profile) के विकास में सहायक होती है। मानव के लिए प्रत्येक तत्त्व महत्त्वपूर्ण है।
प्रश्न 14.
भौतिक भूगोल के महत्त्व का वर्णन करो।
उत्तर:
भौतिक भूगोल का महत्त्व भौतिक भूगोल में उन सभी तत्त्वों को सम्मिलित किया गया है जो प्राकृतिक हैं-स्थलमण्डल, वायुमण्डल, जलमण्डल एवं जैवमण्डल। स्थलमण्डल में भू-आकृति शामिल है। वायुमण्डल का सम्बन्ध जलवायु से है। जलमण्डल जल लक्षणों का अध्ययन है और जैवमण्डल का सम्बन्ध सभी जीवन्त वस्तुओं जैसे पेड़-पौधे, पशुओं, सूक्ष्म जीवों और मनुष्यों के अध्ययन से है। मृदा, भौतिक भूगोल में अध्ययन किए जाने वाले इन चारों तत्त्वों या मण्डलों का उत्पाद है।
तुलनात्मक प्रश्न (Comparison Type Questions)
प्रश्न 1.
क्रमबद्ध भूगोल तथा प्रादेशिक भूगोल में अन्तर स्पष्ट करो। उत्तरप्रादेशिक भूगोल
प्रादेशिक भूगोल (Regional Geography) |
क्रमबद्ध भूगोल (Systematic Geography) |
(1) इस भूगोल में किसी प्रदेश के सभी भौगोलिक तत्त्वों का एक इकाई के रूप में अध्ययन होता है। |
(1) इस भूगोल में किसी प्रदेश के एक विशिष्ट भौगोलिक तत्व का अध्ययन होता है। |
(2) यह अध्ययन समाकलित होता है। |
(2) यह अध्ययन एकाकी रूप में होता है। |
(3) यह अध्ययन भौगोलिक इकाइयों पर आधारित होता है। |
(3) यह अध्ययन राजनीतिक इकाइयों पर आधारित होता है। |
(4) यह किसी प्रदेश के भौतिक वातावरण तथा मानव के बीच सम्बन्ध प्रकट करता है। |
(4) यह अध्ययन खोज व तथ्यों को प्रस्तुत करता है। |
(5) इस अध्ययन में प्रदेशों का सीमांकन सम्मिलित है, जिसे प्रादेशीकरण कहते हैं। |
(5) इस अध्ययन में एक घटक, जैसे जलवायु के आधार पर विभिन्न प्रकार तथा उप-प्रकार निश्चित किए जाते हैं। |
प्रश्न 2.
प्राकृतिक वातावरण तथा समग्र वातावरण में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
प्राकृतिक वातावरण (Natural Environment) |
समग्र वातावरण (Total Environment) |
(1) इस वातावरण की रचना प्राकृतिक तत्त्वों द्वारा होती है। |
(1) इस वातावरण की रचना प्राकृतिक तथा मानवीय तत्तों से मिलकर होती है। |
(2) इसमें भूमि, वायु वनस्पति, जल, मिट्टी आदि तत्त्व शामिल हैं। |
(2) इसमें भौतिक, जैविक और सांस्कृतिक वातावरण सम्मिलित होते हैं। |
(3) इसमें स्थलमण्डल, जलमण्डल तथा वायुमण्डल शामिल होते हैं। |
(3) इसमें जैव-मण्डल की भूमिका महत्तपूर्ण होती है। |
प्रश्न 3.
भौतिक भूगोल तथा जैव भूगोल में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
भौतिक भूगोल (Physical Geography) |
जैव-भूगोल (Bio-Geography) |
1. भौतिक भूगोल महाद्वीपों, पर्वतों, पठारों, मैदानों, नदी घाटियों और अन्य भू-लक्षणों का अध्ययन है। |
1. जैव भूगोल में विभिन्न प्रकार के वनों तथा जीव जन्तुओं के वितरण का अध्ययन किया जाता है। |
2. इसकी चार उप-शाखाएँ है-भू-आकृति विज्ञान, जलवायु विज्ञान, जल विज्ञान तथा मृदा भूगोल। |
2. इसकी चार उप-शाखाएं हैं- वनस्पति भूगोल, प्राणी भूगोल, मानव पारिस्थितिकी तथा पर्यावरण भूगोल। |
प्रश्न 4.
भूगोल में आगमन तथा निगमन पद्धतियों में अन्तर स्पष्ट करें।
आगमन पद्धति |
निगमन पद्धति |
1. इसमें पाई जाने वाली समानताओं के आधार पर कोई सिद्धान्त अथवा नियम बनाये जाते हैं। |
1. इसमें बनाये गये नियमों से निष्कर्ष निकाले जाते हैं। |
2. आगमन पद्धति तथ्यों से सिद्धान्त (From facts to theory) की विधि है। |
2. यह पद्धति सामान्य से विशेष (General to Specific) के सिद्धांत की विधि है। |
3. इसमें नियमों एवं परिणामों का अनुभव के आधार पर परीक्षण किया जाता है। |
3. इस पद्धति में कुछ अनुभवों के आधार पर निष्कर्ष निकाले जाते हैं। |
निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)
प्रश्न 1.
भूगोल की विभिन्न शाखाओं के नाम बताओ।
उत्तर:
भूगोल की शाखाएँ-भूगोल अध्ययन का एक अंतशिक्षण (Interdisciplinary) विषय है। प्रत्येक विषय का अध्ययन कुछ उपागमों के अनुसार किया जाता है। इस दृष्टि से भूगोल के अध्ययन के दो प्रमुख उपागम हैं
1. विषय वस्तुगत (क्रमबद्ध) एवं
2. प्रादेशिक। विषय वस्तुगत भूगोल का उपागम वही है जो सामान्य भूगोल का होता है।
यह उपागम एक जर्मन भूगोलवेत्ता, अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट (1769-1859) द्वारा प्रवर्तित किया गया, जबकि प्रादेशिक भूगोल का विकास हम्बोल्ट के समकालीन एक-दूसरे जर्मन भूगोलवेत्ता कार्ल रिटर (1779-1859) द्वारा किया गया है।
(अ) भौतिक भूगोल-किसी क्षेत्र के प्राकृतिक या भौतिक लक्षणों के अध्ययन को भौतिक भूगोल कहते हैं। यह लक्षण प्रकृति द्वारा निर्मित होते हैं, जैसे-पर्वत, नदियां, वनस्पति, मिट्टी आदि। यह लक्षण मनुष्य के क्रिया-कलापों को प्रभावित करते हैं। भौतिक भूगोल को चार शाखाओं में बांटा जाता है
1. भू-आकृति विज्ञान (Geomorphology):
इस शाखा में पृथ्वी की विभिन्न प्रकार की स्थलाकृतियों (landforms) का अध्ययन किया जाता है। भू-आकृति विज्ञान भूगोल के आधार का निर्माण करती है। स्थलाकृतियां भू-गर्भ विज्ञान, भूगोल तथा विज्ञान पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं।
2. जलवायु विज्ञान (Climatology):
यह एक स्वतन्त्र शाखा है। इसमें पृथ्वी के चारों ओर फैले हुए वायुमण्डल की विभिन्न क्रियाओं को समझने का प्रयास किया जाता है। यह वायुमण्डल के तत्त्वों, जैसे-तापमान, वर्षा, पवनें, वायुदाब तथा नमी आदि का अध्ययन करता है।
3. जल विज्ञान (Hydrology):
इस विज्ञान द्वारा महासागरों, नदियों तथा हिम नदियों द्वारा होने वाली प्रक्रियाओं की जानकारी प्राप्त होती है। इस विज्ञान से जल चक्र तथा जल के विभिन्न रूपों, गतियों, तापमान तथा महासागरों के धरातल का ज्ञान होता है।
4. मृदा विज्ञान (Soil Geography):
यह भौतिक भूगोल की एक शाखा है जिसके द्वारा मिट्टी के प्रकार, विकास, वितरण तथा भूमि उपयोग की जानकारी प्राप्त होती है।
(ब) मानव भूगोल-किसी क्षेत्र के मानव निर्मित लक्षणों (Man made features):
के अध्ययन को मानवीय भूगोल कहते हैं। यह लक्षण मानवीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। जैसे कृषि, गांव, कारखाने, सड़कें, रेलें, पुल आदि। इन्हें सांस्कृतिक लक्षण (Cultural features) भी कहते हैं। मानवीय भूगोल प्राकृतिक लक्षणों का मानवीय जीवन पर प्रभाव का अध्ययन करता है। मानव भूगोल के निम्नलिखित उप-क्षेत्र हैं
1. सामाजिक/सांस्कृतिक भूगोल (Socia/Cultural Geography):
इसका सम्बन्ध मानव समूहों की संस्कृति से है। इसमें मनुष्य का घर, वस्त्र, भोजन, सुरक्षा, कुशलता, साधन, भाषा, धर्म आदि पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। कुछ भूगोलवेत्ता इस उप-क्षेत्र को सामाजिक भूगोल भी कहते हैं। इसमें समाज के योगदान से निर्मित सांस्कृतिक तत्त्वों का अध्ययन किया जाता है।
2. आर्थिक भूगोल (Economic Geography):
इस क्षेत्र के अन्तर्गत मानवीय क्रियाकलापों में विभिन्नता का अध्ययन किया जाता है तथा इन क्रियाओं द्वारा वस्तुओं के उत्पादन (Production), वितरण (Distribution) तथा विनिमय (Exchange) का अध्ययन किया जाता है। इस प्रकार प्राकृतिक साधनों के वितरण तथा उपयोग का अध्ययन किया जाता है। इसमें कृषि, उद्योग, पर्यटन, व्यापार, परिवहन, आधार ढांचे तथा सेवाओं का अध्ययन किया जाता है।
3. जनसंख्या भूगोल एवं अधिवास भूगोल (Population Geography):
इस क्षेत्र में मानवीय समूहों के विभिन्न रूपों तथा वितरण का अध्ययन किया जाता है। इस क्षेत्र के अन्तर्गत जनसंख्या का वितरण, निरपेक्ष संख्या, जन्म एवं मृत्यु दर, जनसंख्या वृद्धि, प्रवास, व्यावसायिक संरचना आदि विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है। अधिवास भूगोल में ग्रामीण तथा नगरीय अधिवासों के वितरण का अध्ययन होता है।
4. ऐतिहासिक भूगोल (Historical Geography):
मानव भूगोल के इस क्षेत्र में किसी भी प्रदेश के विभिन्न समयों में विकास का अध्ययन किया जाता है। यह हमें किसी भी देश के वर्तमान को समझने में एक सूत्र प्रदान करता है। प्रत्येक प्रदेश में कुछ ऐतिहासिक परिवर्तन होते हैं। उन कालिक परिवर्तनों का अध्ययन भी ऐतिहासिक भूगोल से होता है।
5. राजनीतिक भूगोल (Political Geography):
इस क्षेत्र में राजनीतिक तथा प्रशासकीय निर्णयों का विश्लेषण किया जाता है। मानव समूहों से सम्बन्धित स्थानीय प्रशासन, प्रादेशिक नियोजन, देशों के आपसी सम्बन्ध, सीमा विवाद आदि इसके मुख्य विषय हैं। इसमें राजनीतिक घटनाओं, चुनावी हलकों का सीमांकन, चुनाव आदि का भी अध्ययन होता है। लोगों के राजनीतिक व्यवहार का भी अध्ययन किया जाता है।
(स) जीव भूगोल (Bio-Geography):
भौतिक भूगोल एवं मानव भूगोल के अंतरापृष्ठ के फलस्वरूप जीव भूगोल का अभ्युदय हुआ। इसके अन्तर्गत निम्नलिखित शाखाएँ आती हैं
- जीव-भूगोल (Bio Geography): इसमें पशुओं एवं उनके निवास क्षेत्र के स्थानिक स्वरूप एवं भौगोलिक विशेषताओं का अध्ययन होता है।
- वनस्पति भूगोल (Geography of Vegatation): यह प्राकृतिक वनस्पति का उसके निवास क्षेत्र (Habitat) में स्थानिक प्रारूप का अध्ययन करता है।
- पारिस्थतिक विज्ञान (Ecological Science): इसमें प्रजातियों (Species) के निवास/स्थिति क्षेत्र का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है।
- पर्यावरण भूगोल (Environment Geography): सम्पूर्ण विश्व में पर्यावरणीय प्रतिबोधन के फलस्वरूप पर्यावरणीय समस्याओं, जैसे-भूमि-ह्रास, प्रदूषण, संरक्षण की चिन्ता आदि का अनुभव किया गया, जिसके अध्ययन हेतु इस शाखा का विकास हुआ।
(द) प्रादेशिक उपागम पर आधारित भूगोल की शाखाएँ
- वृहद्, मध्यम, लघुस्तरीय प्रादेशिक/क्षेत्रीय अध्ययन
- ग्रामीण/इलाका नियोजन तथा शहर एवं नगर नियोजन सहित प्रादेशिक नियोजन
- प्रादेशिक विकास
- प्रादेशिक विवेचना/विश्लेषण दो ऐसे पक्ष हैं जो सभी विषयों के लिए उभयनिष्ठ/सर्वनिष्ठ हैं। ये हैं
- (क) दर्शन
- भौगोलिक चिन्तन
- भूमि एवं मानव अन्तर्प्रक्रिया/मानव पारिस्थितिकी
- (ख) विधितन्त्र एवं तकनीक
- सामान्य एवं संगणक आधारित मानचित्रण
- परिमाणात्मक तकनीक/सांख्यिकी तकनीक
- क्षेत्र सर्वेक्षण विधियां
- भू-सूचना विज्ञान तकनीक (Geoinformatics) जैसे-दूर संवेदन तकनीक, भौगोलिक सूचना तन्त्र (G.I.S.), वैश्विक स्थितीय तन्त्र (G.P.S.)
प्रश्न 2.
“भूगोल के अनेक उप-विषय विज्ञान पर आधारित हैं।” इस कथन की व्याख्या कीजिए।
अथवा
भूगोल का अन्य विषयों से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
मानवीय विकास भौतिक तत्त्वों के सदुपयोग पर आधारित है। इसलिए भूगोल भौतिक वातावरण तथा सामाजिक वातावरण के विभिन्न तत्त्वों का अध्ययन करता है। भूगोल काफ़ी हद तक प्राकृतिक विज्ञान तथा सामाजिक विज्ञान दोनों पर निर्भर है। कई उप-विषयों (Allied Sciences) में भूगोल अन्य विज्ञान शाखाओं के निकट है।
प्राकृतिक विज्ञान के अन्तर्गत भूगोल तथा अन्य विषयों का निम्नलिखित सम्बन्ध है
1. जीव-भू विस्तार विज्ञान (Chrological Science):
इस विज्ञान का मुख्य सम्बन्ध क्षेत्रीय अध्ययन (Study of an area) या प्रादेशिक अध्ययन से होता है। नक्षत्र विज्ञान (Astronomy) तथा भूगोल मिलकर जीव भू-विस्तार विज्ञान की रचना करते हैं। नक्षत्र विज्ञान में कई विषय, जैसे-सौरमण्डल, पृथ्वी का आकार, अक्षांश-देशान्तर भूगोल को एक विज्ञान का रूप देते हैं।
2. कालानुक्रमिक विज्ञान (Chronological Science):
इतिहास में समय का तत्त्व महत्त्वपूर्ण होता है। इतिहास, भूगोल के समय के साथ सम्बन्ध स्थापित करता है। इससे प्राचीन काल से लेकर वर्तमान तक मानवीय विकास को समझने में सहायता मिलती है। इस विज्ञान से भू-संघटनाओं का क्रमानुसार अध्ययन किया जाता है। जैसे-प्राचीन काल, मध्यकाल तथा वर्तमान में भारत के स्वरूप का विकास कैसे हुआ।
3. क्रमबद्ध विज्ञान (Systematic Science):
इसके द्वारा पृथ्वी की घटनाओं का क्रमबद्ध अध्ययन किया जाता है। भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान तथा प्राणी विज्ञान किसी प्रदेश के मानव एवं वातावरण के सम्बन्धों को स्पष्ट रूप में समझने में सहायता करते हैं। यह अध्ययन वर्गीकरण (Classification System) के आधार पर किया जाता है।
4. अर्थशास्त्र से सम्बन्ध (Relation with Economics):
मनुष्य के आर्थिक कल्याण तथा प्रादेशिक विकास सम्बन्धी समस्याओं के अध्ययन के लिए भूगोल का सम्बन्ध अर्थशास्त्र से निकटतम तथा उपयोगी होता जा रहा है।
5. अन्य विज्ञानों से सम्बन्ध (Relationship with other Sciences):
भूगोल के कई उप-विषय अन्य विज्ञानों के निकट हैं, जैसे-भू-आकृति विज्ञान का भूगर्भ विज्ञान से निकट का सम्बन्ध है। ऐतिहासिक भूगोल का इतिहास से सम्बन्ध है, आर्थिक भूगोल का अर्थशास्त्र से सम्बन्ध है, जैव भूगोल का प्राणी विज्ञान से गहरा सम्बन्ध है तथा राजनीतिक भूगोल का राजनीति विज्ञान से सम्बन्ध है।