JAC Class 9 Sanskrit Solutions Shemushi Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

Jharkhand Board JAC Class 9 Sanskrit Solutions Shemushi Chapter 10 जटायोः शौर्यम् Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Sanskrit Solutions Shemushi Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

JAC Class 9th Sanskrit जटायोः शौर्यम् Textbook Questions and Answers

1. एकपदेन उत्तरं लिखत-(एक शब्द में उत्तर लिखिए-)
(क) आयतलोचना का अस्ति? (विशाल नयनों वाली कौन है?)
उत्तरम् :
सीता। (जानकी।)

(ख) सा कं ददर्श? (उसने किसे देखा?)
उत्तरम् :
जटायुम्। (जटायु को।)

(ग) खगोत्तमः कीदृशीं गिरं ब्याजहारः? (पक्षिराज ने कैसी वाणी बोली?)
उत्तरम् :
शुभां गिरम्। (शुभवाणी।)

(घ) जटायुः काभ्यां रावणस्य मात्रे व्रणं चकार? (जटायु ने किनसे रावण के शरीर पर घाव कर दिए?)
उत्तरम् :
तीक्ष्णनखाभ्याम् (तीखे नाखूनों से)।

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(ङ) अरिन्दमः खगाधिपः रावणस्य कति बाहून व्यपाहरत्? (शत्रुनाशक जटायु ने रावण की कितनी भुजाएँ काट दी?)
उत्तरम् :
दश (दश भुजाओं को।)

2. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत –
(निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संस्कृत भाषा में लिखिए-)
(क) “जटायो! पश्य” इति का वदति? (‘जटायु ! देखो’ ऐसा कौन कहती है?)
उत्तरम् :
“जटायो! पश्य” इति सीता वदति। (‘जटायु! देखो’ ऐसा सीता कहती है।)

(ख) जटायुः रावणं किं कथयति? (जटायु रावण से क्या कहता है?)
उत्तरम् :
जटायुः रावणं कथयति-“परदाराभिमर्शनात् नीचां मतिं निवर्तय, धीरः तत् न समाचरेत् यत् परः अस्य विगर्हयेत्।”
(जटायु रावण से कहता है-“पराई स्त्री के स्पर्श से नीच बनी मति को दूर कर दो (क्योंकि) धीर पुरुष वह आचरण नहीं करे जिससे दूसरे इसकी निन्दा करें।”)

(ग) क्रोधवशात् रावणः किं कर्तुम् उद्यतः अभवत्? (क्रोध के कारण से रावण क्या करने के लिए उद्यत हो गया?)
उत्तरम् :
क्रोधवशात् रावण: जटायुं हन्तुम् उद्यतः अभवत् । (क्रोध के कारण से रावण जटायु को मारने के लिए तैयार हो गया।)

(घ) पतगेश्वरः रावणस्य कीदृशं चापं सशरं बभञ्ज? (पक्षिराज ने रावण के कैसे धनुष को बाणसहित तोड़ दिया?)
उत्तरम् :
पतगेश्वरः रावणस्य मुक्तामणिविभूषितं सशरं चापं बभञ्ज। (पक्षिराज ने रावण के मोती-मणियों से सुशोभित बाणसहित धनुष को तोड़ दिया।)

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(ङ) जटायुः केन वामबाहुं दंशति? (जटायु किससे बायीं भुजाओं को उखाड़ता या काटता है?)
उत्तरम् :
जटायुः तुण्डेन (चञ्चुना) वामबाहुं दंशति। (जटायु चोंच से बायीं भुजाओं को उखाड़ता है।)

3. (अ) उदाहरणमनुसृत्य णिनि-प्रत्ययप्रयोगं कृत्वा पदानि रचयत –
(उदाहरण का अनुसरण करके णिनि-प्रत्यय का प्रयोग करके पदों की रचना करो-)
यथा – गुण + णिनि = गुणिन् (गुणी)
दान + णिनि = दानिन् (दानी)
(क) कवच + णिनि = ………..
(ख) शर + णिनि = ………..
(ग) कुशल + णिनि = ………..
(घ) धन + णिनि = ………..
(ङ) दण्ड + णिनि = ………..
उत्तरम् :
(क) कवचिन् (कवची)
(ख) शरिन् (शरी)
(ग) कुशलिन् (कुशली)
(घ) धनिन् (धनी)
(ङ) दण्डिन् (दण्डी)

(आ) रावणस्य जटायोश्च विशेषणानि सम्मिलितरूपेण लिखितानि तानि पृथक्-पृथक् कृत्वा लिखत।
(रावण और जटायु के विशेषण सम्मिलित रूप से लिखे गये हैं, उन्हें अलग-अलग करके लिखिये।)
युवा, सशरः, वृद्धः, हताश्वः, महाबलः, पतगसत्तमः, भग्नधन्वा, महागृध्रः, खगाधिपः, क्रोधमूछितः, पतगेश्वरः, सरथः, कवची, शरी।

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4. ‘क’ स्तम्भे लिखितानां पदानां पर्यायाः ‘ख’ स्तम्भे लिखिताः। तान् यथासमक्षं योजयत
(‘क’ स्तम्भ में लिखे हुए पदों के पर्यायवाची ‘ख’ स्तम्भ में लिखे गये हैं। उन्हें उचित पदं के सामने लिखिये-) ..
क – ख
कवची – अपतत्
आशु – पक्षिश्रेष्ठः
विरथः – पृथिव्याम्
पपात – कवचधारी
भुवि – शीघ्रम्
पतगसत्तमः – रथविहीनः
उत्तरम् :
क – ख
कवची – कवचधारी
आशु – शीघ्रम्
विरथः – रथविहीनः
पपात – अपतत्
भुवि – पृथिव्याम्
पतगसत्तमः – पक्षिश्रेष्ठः

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5. अधोलिखितानां पदानां विलोमपदानि मञ्जूषायां दत्तेषु पदेषु चित्वा यथासमक्षं लिखत –
(निम्नलिखित पदों के विलोम पदों को मंजूषा में दिये हुए पदों में से चुनकर उचित पद के सामने लिखिए-
मन्दम्, पुण्यकर्मणा, हसन्ती, अनार्य, अनतिक्रम्य, देवेन्द्रेण, प्रशंसेत्, दक्षिणेन, युवा।

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6. (अ) अधोलिखितानि विशेषणपदानि प्रयुज्य संस्कृतवाक्यानि रचयत –
(निम्नलिखित विशेषण पदों का प्रयोग करके संस्कृत-वाक्यों की रचना कीजिए)
(क) शुभाम्…………
(ख) खगाधिपः…………
(ग) हतसारथिः ………
(घ) वामेन…………..
(ङ) कवची………..
उत्तरम् :
(क) सा शुभां वाणीम् अवदत्। (उस (स्त्री) ने शुभ वाणी (वचन) बोली।)
(ख) जटायुः खगाधिपः आसीत्। (जटायु पक्षियों का स्वामी था।)
(ग) हतसारथिः रावणः भूमौ अपतत्। (मरे हुए सारथी वाला रावण पृथ्वी पर गिर पड़ा।)
(घ) अहं वामेन हस्तेन लिखामि। (मैं बायें हाथ से लिखता हूँ।)
(ङ) कवची अपि रावणः जटायुं पराजेतुं समर्थः न अभवत्। (कवच धारण करने वाला भी रावण जटायु को हराने में समर्थ नहीं हुआ।) (आ) उदाहरणमनुसत्य समस्तपदं रचयत- (उदाहरण का अनुसरण करके समस्त पद की रचना कीजिये-)
यथा-त्रयाणां लोकानां समाहार:= त्रिलोकी
(i) पञ्चानां वटानां समाहारः = ………….
(ii) सप्तानां पदानां समाहारः = ………….
(iii) अष्टानां भुजानां समाहारः = …………..
(iv) चतुर्णा मुखानां समाहारः = …………
उत्तर :
(i) पञ्चवटी
(ii) सप्तपदी
(iii) अष्टभुजी
(iv) चतुर्मुखी।

JAC Class 9th Sanskrit जटायोः शौर्यम् Important Questions and Answers

प्रश्न: 1.
कीदृशी सीता गृधम् अपश्यत्? (कैसी सीता ने गिद्ध को देखा?)
उत्तरम् :
सुदु:खिता आयतलोचना च सीता गध्रम् अपश्यत्। (दुःखी और विशाल नेत्रों वाली सीता ने गिद्ध को देखा।)

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प्रश्नः 2.
सीता गृधं कुत्र अपश्यत्? (सीता ने गिद्ध को कहाँ पर देखा?)
उत्तरम् :
सीता गृधं वृक्षे स्थितम् अपश्यत्। (सीता ने गिद्ध को पेड़ पर बैठे देखा।)

प्रश्न: 3.
सीता जटायुं किम् अकथयत्? (सीता ने जटायु से क्या कहा?)
उत्तरम् :
सीता जटायुम् अकथयत्-“आर्य जटायो! पापकर्मणा अनेन राक्षसेन्द्रेण अनाथवत् ह्रियमाणां मां करुणं पश्य।” ”(सीता ने जटायु से कहा-“आर्य जटायु! इस पापी राक्षसराज के द्वारा अनाथ की तरह हरण की जाती हुई मुझ . करुणामयी को देखिये।)

प्रश्न: 4.
अवसुप्तः जटायुः किम् अशृणोत्? (उनींदे जटायु ने क्या सुना?)
उत्तरम् :
अवसुप्तः जटायुः सीतायाः करुणशब्दं अशृणोत्। (उनींदे जटायु ने सीता के करुण स्वर को सुना।)

प्रश्न: 5.
रावणं निरीक्ष्य जटायुः किम् अपश्यत्? (रावण को देखकर जटायु ने क्या देखा?)
उत्तरम् :
रावणं निरीक्ष्य जटायुः वैदेहीम् अपश्यत्। (रावण को देखकर जटायु ने सीता को देखा।)

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प्रश्न: 6.
जटायुः कीदृशः आसीत्? (जटायु कैसा था?)
उत्तरम् :
जटायुः खगोत्तमः, पर्वतशृङ्गाभः, तीक्ष्णतुण्डः च आसीत्।
(जटायु पक्षिश्रेष्ठ, पर्वतशिखर की कान्ति वाला और तेज चोंच वाला था।)

प्रश्न: 7.
धीरः किं न समाचरेत्? (धीर पुरुष को क्या आचरण नहीं करना चाहिए?)
उत्तरम् :
धीरः तत् न समाचरेत् यत् परः अस्य विगर्हयेत्। (धीर को वह (आचरण) नहीं करना चाहिए जिससे दूसरे इसकी निन्दा करें।)

प्रश्नः 8.
जटायुः रावणं किम् उपदिशति? (जटायु रावण को क्या उपदेश देता है?)
उत्तरम् :
जटायुः रावणं परदाराभिमर्शनात् नीचां मतिं निवर्तयितुम् उपदिशति। (जटायु रावण को पराई स्त्री के स्पर्श से नीच बनी बुद्धि को त्यागने का उपदेश देता है।)

प्रश्न: 9.
‘जटायोः शौर्यम्’ पाठे रावणः कीदृशः वर्णितः? (‘जटायोः शौर्यम्’ पाठ में रावण कैसा वर्णित है?)
उत्तरम् :
रावणः युवा, धन्वी, सरथः, कवची शरी च वर्णितः। (रावण जवान, धनुषधारी, रथयुक्त, कवचधारी और बाणधारी वर्णित है।)

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प्रश्न: 10.
जटायुः केन प्रकारेण रावणस्य गात्रे बहुधा व्रणान् अकरोत्?
(जटायु ने किस प्रकार से रावण के शरीर पर बहुत से घाव किये?)
उत्तरम् :
जटायुः तीक्ष्णनखाभ्यां रावणस्य गात्रे बहुधा व्रणान् अकरोत्।
(जटायु ने तीखे नाखूनों से रावण के शरीर पर अनेक घाव कर दिए।)

प्रश्न: 11.
भग्नधन्वा रावणः किम् अकरोत् ? (टूटे धनुष वाले रावण ने क्या किया?)
उत्तरम् :
भग्नधन्वा रावण: वैदेहीम् अङ्केन आदाय भुवि अपतत्। (टूटे धनुष वाला रावण सीता को गोद में लेकर धरती पर गिर पड़ा।)

प्रश्न: 12.
सीतायाः निवेदनं श्रुत्वा जटायु प्रथम किमकरोत्? (सीता के निवेदन को सुनकर जटायु ने पहले क्या किया?)
उत्तरम् :
सीतायाः निवेदनं श्रुत्वा जटायुः रावणमपश्यत। (सीता के निवेदन को सुनकर जटायु ने रावण को देखा।)

प्रश्न: 13.
रावणः कथं जटायुम् अहन् ? (रावण ने किस प्रकार जटायु को मारा?)
उत्तरम् :
रावण: वैदेहीं वामेनाङ्केन संपरिष्वज्य जटायुं तलेन अभिजघान। (रावण ने वैदेही को बायीं गोद में लेकर जटायु को थप्पड़ से मारा।)

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प्रश्न: 14.
कीदृशः जटायुः रावणम् अतिक्रमति? (कैसा जटायु रावण पर आक्रमण करता है।)
उत्तरम् :
खगाधिपः अरिन्दमः जटायुः रावणम् अतिक्रमति। (पक्षिराज शत्रु-विनाशक जटायु रावण पर आक्रमण करता है।)

प्रश्न: 15.
जटायुः कथं रावणस्य बाहून व्यपाहरत्? (जटायु ने कैसे रावण की भुजाओं को उखाड़ दिया?)
उत्तर :
जटायुः तुण्डेन रावणस्य दशान् अपि वामबाहून् व्यपाहरत्। (जटायु ने चोंच से रावण की दसों बायीं भुजाओं को उखाड़ दिया।)

प्रश्न: 16.
वृक्षरूढः जटायुः कीदृशीं वाणीम् अवदत्? (वृक्ष पर बैठा जटायु कैसी वाणी बोला?)
उत्तर :
वृक्षारूढ़ः जटायुः शुभां गिरम अवदत्। (वृक्ष पर बैठा जटायु शुभ वाणी बोला।)

प्रश्न: 17.
जटायुः रावणं कथम् अभिगृहीतयाम्? (जटायु ने रावण को कैसे ललकारा?) ।
उत्तर :
रावण! त्वं मे कुशली वैदेही आदाय न गमिष्यसि। (रावण तुम मेरे सकुशल रहते हुए जानकी को लेकर नहीं जाओगे।)

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प्रश्न: 18.
पाठेऽस्मिन् ‘पतगसत्तमः’ इति पदं कस्मै प्रयुक्तम्? (इस पाठ में पतगसत्तमः किसके लिए प्रयोग हुआ है?)
उत्तर :
पाठेऽस्मिन् जटायवे पतगसत्तमः प्रयुक्तम्। (इस पाठ में पतगसत्तमः जटायु के लिए प्रयुक्त हुआ है।)

प्रश्न: 19.
रावणस्य महद्धनुः महातेजां जटायुना कस्य बभञ्ज? (रावण का महान् धनुष महान तेजस्वी जटायु ने किससे से तोड़ा?)
उत्तर :
णस्य महद्धनः महातेजा जटायुना चरणाभ्यां बभञ्ज। (रावण का महान् धनुष जटायु ने चरणों से तोड़ दिया।)

रेखांकितपदान्याधुत्य प्रश्न निर्माणं कुरुत-(रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्न निर्माण कीजिए-)

प्रश्न: 1.
गृधं ददर्शायतलोचना। (विशाल नेत्रों वाली ने गृध्र को देखा।)
उत्तर :
गृधं का ददर्श? (जटायु को किसने देखा?)

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प्रश्न: 2.
वनस्पतिगतं गृधं ददर्शायत लोचना। (विशाल नयनों वाली ने वृक्ष पर बैठे गृध्र को देखा।)
उत्तर :
कीदृशं गृधं ददर्शायत लोचना? (विशाल नेत्रों वाली ने कैसे गृध्र को देखा?)

प्रश्न: 3.
अनेन राक्षसेन्द्रेण हियमाणां माम् पश्य। (इस राक्षसराज द्वारा हरण की जाती हुई मुझे देखो।)
उत्तर :
अनेन राक्षसेन्द्रेण कीदृशी माम् पश्य? (इस राक्षसराज द्वारा कैसी मुझको देखे?)

प्रश्न: 4.
श्रीमान्व्याजहारः शुभां गिरिम्। (श्रीमान् ने सुन्दर वाणी बोली।)
उत्तर :
श्रीमान् कीदृशीम् गिरम् व्याजहार? (श्रीमान् ने कैसी वाणी बोली?)

प्रश्न: 5.
महाबलः चरणाभ्यां गात्रे व्रणान् चकार। (महान् बलवान् ने पैरों से शरीर में घाव कर दिये।)
उत्तर :
महाबलः कास्याम् गात्रे व्रणान् चकार? (महाबली ने किनसे शरीर में घाव कर दिए?)

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प्रश्नः 6.
मुक्तामणिविभूषितं सशरं चापं बभञ्ज। (मुक्ता-मणियों से विभूषित बाण समेत धनुष को तोड़ दिया।)
उत्तर :
कीदृशं चापं बभञ्ज? (कैसे धनुष को तोड़ा?)

प्रश्न: 7.
शब्दम् अवसुप्तः जटायुः शुश्रुवे। (उनींदे जटायु ने शब्द सुने।)
उत्तर :
कीदृशः जटायुः शब्दं शुश्रुवे? (कैसे जटायु ने शब्द सुना?)

प्रश्न: 8.
पुनः अतिशय प्रहारैः रावणः मूर्छितो भवति। (फिर बहुत से प्रहारों से रावण मूर्छित हो गया।)
उत्तर :
पुन: कैः रावणः मूच्छितोऽभवत् ? (फिर किनसे रावण मूर्छित हो गया?)
कथाक्रम-संयोजनम अधोलिखितानि वाक्यानि क्रमशः लिखित्वा कथाक्रम-संयोजनं कुरुत (निम्नलिखित वाक्यों को क्रमश: लिखकर कथन के क्रम में जोड़ो-)
1. भग्नधन्वा, विरथः, हताश्वः हतसारथिः च रावणः वैदेहीमङ्केनादाय भुवि पपात।
2. जटायुः च तुण्डेन रावणस्य दशानपि वामबाहून् व्यपाहरत्।
3. रावण: जटायुं तलेनाभिजघान।
4. जटायुः नखाभ्यां रावणस्य गात्रे व्रणान् चकार मुक्तामणिविभूषितं सशरं च चापं चरणाभ्यां बभञ्ज।
5. रावणः सीताम् अपहत्य रथेन लङ्कापुरौं नेतुमैच्छत्।
6. जटायुः रावणमभयित् परदाराभिमर्शनाच्चावारयत्।
7. सुसुप्तोऽसौ जटायुः वैदेहीं रावणं च अपश्यत्।
8. विलपन्ती दुःखिता सीता वनस्पतिगतं गृध्रमपश्यत्।
उत्तरम् :
1. रावणः सीताम् अपहत्य रथेन लङ्कापुरी नेतुमैच्छत्।
2. विलपन्ती दुःखिता सीता वनस्पतिगतं गृध्रमपश्यत्।
3. सुसुप्तोऽसौ जटायुः वैदेहीं रावणं च अपश्यत्।
4. जटायुः रावणमभर्त्सयत् परदाराभिमर्शनाच्चावारयत्।
5. जटायुः नखाभ्यां रावणस्य गात्रे व्रणान् चकार मुक्तामणिविभूषितं सशरं च चापं चरणाभ्यां बभञ्ज।
6. भग्नधन्वा, विरथः, हताश्वः हतसारथिः च रावणः वैदेहीमङ्केनादाय भुवि पपात।
7. रावणः जटायुं तलेनाभिजघान।
8. जटायुः तुण्डेन रावणस्य दशानपि वामबाहून् व्यपाहरत्।

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योग्यताविस्तारः

(क) कवि-परिचयं-महर्षि वाल्मीकि आदिकाव्य रामायण के रचयिता हैं। कहा जाता है कि वाल्मीकि का हृदय, एक व्याध द्वारा क्रीडारत क्रौञ्चयुगल (पक्षियों के जोड़े) में से एक के मार दिये जाने पर उसकी सहचरी के विलाप को सुनकर द्रवित हो गया तथा उनके मुख से शाप के रूप में जो वाणी निकली वह श्लोक के रूप में थी। वही श्लोक लौकिक संस्कृत
का आदिश्लोक माना जाता है

मा निषाद प्रतिष्ठां त्वमगमः शाश्वतीः समाः।
यत्क्रौञ्चमिथुनादेकमवधीः काममोहितम्॥

(हे व्याध! तुम आने वाले वर्षों में कभी प्रतिष्ठा (सम्मान) को प्राप्त नहीं होगे क्योंकि (तुमने) क्रौञ्च पक्षी के जोड़े में से पत्नी-प्रेम से मोहित होने वाले एक क्रौञ्च नरपक्षी का वध कर दिया है।)

(ख) भाव-विस्तार

जटायु-सूर्य के सारथी अरुण के दो पुत्र थे-सम्पाती और जटायु। जटायु पञ्चवटी वन के पक्षियों का राजा था, जहाँ वह अपने पराक्रम एवं बुद्धिकौशल से शासन करता था। पञ्चवटी में रावण द्वारा अपहरण की गयी सीता के विलाप को सुनकर जटायु ने सीता की रक्षा के लिए रावण के साथ युद्ध किया और वीरगति पाई। इस प्रकार राज-धर्म की रक्षा में अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले जटायु को भारतीय संस्कृति का महान् नायक माना जाता है।

(ग) सीता-विषयक सूचना देते हुए जटायु ने राम से जो वचन कहे, वे इस प्रकार हैं –

यामोषधीमिवायुष्मन्नन्वेषसि महावने।
सा च देवी मम प्राणाः रावणेनोभयं हृतम्॥

(हे आयुष्मन् (राम!) जिस (सीता) को (तुम) महान् वन में औषधि के समान ढूँढ़ रहे हो, उस देवी (सीता) और मेरे (मुझ जटायु के) प्राणों, दोनों का रावण ने हरण किया है।)

भाषिकविस्तारः

(घ) वाक्य प्रयोग –
गिरम् – छात्रः मधुरां गिरम् उवाच। (छात्र मीठी वाणी बोला।)
पतगेश्वरः – पक्षिराजः जटायुः पतगेश्वरः अपि कथ्यते। (पक्षियों का राजा जटायु ‘पतगेश्वर’ भी कहलाता है।)
शरी – शरी रावण: निःशस्त्रेण जटायुना आक्रान्तः। (बाणधारी रावण पर शस्त्रहीन जटायु ने आक्रमण किया।)
विध्य – वीरः शत्रप्रहारान विधय अग्रे अगच्छत। (वीर शत्रुओं पर प्रहार करके आगे चला गया।)
व्रणान् – चिकित्सकः औषधेन व्रणान् विरोपितान् अकरोत्। (चिकित्सक ने औषधि से घावों को भर दिया।)
व्यपाहरत् – जटायुः रावणस्य बाहून व्यपाहरत्। (जटायु ने रावण की भुजाओं को उखाड़ दिया।)
आशु – स्वकार्यम् आशु सम्पादय। (अपने कार्य को शीघ्र पूरा करो।)

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(ङ) स्त्री प्रत्यय –
टाप् प्रत्यय – करुणा, दुखिता, शुभा, निम्ना, रक्षणीया।
ङीप् प्रत्यय – विलपन्ती, यशस्विनी, वैदेही, कमलपत्राक्षी।
ति प्रत्यय – युवतिः
पुल्लिङ्ग शब्दों से स्त्रीलिङ्ग पद निर्माण में टाप्-ङीप्-ति प्रत्यय होते हैं। टाप् प्रत्यय का ‘आ’ तथा ङीप् प्रत्यय का ‘ई’ शेष रहता है।
यथा –
मूषक + टाप् = मूषिका
बालक + टाप् = बालिका
अश्व + टाप् = अश्वा
वत्स + टाप् = वत्सा
हसन् + ङीप = हसन्ती
विद्वस् + ङीप् = विदुषी
मानिन् + ङीप् = मानिनी
श्रीमत् + ङीप् = श्रीमती
युवन् + ङीप् = युवतिः

योग्यताविस्तार पर आधारित प्रश्नोत्तर – 

प्रश्न: 1.
कः रामायणस्य रचयिता अस्ति? (रामायण का रचयिता कौन है?)
उत्तरम् :
आदिकवि: वाल्मीकि रामायणस्य रचयिता अस्ति। (आदिकवि वाल्मीकि रामायण के रचयिता हैं।)

प्रश्न: 2.
वाल्मीकिः निषादं किं शप्तवान् ? (वाल्मीकि ने व्याध को क्या शाप दिया?)
उत्तरम् :
मा निषाद प्रतिष्ठां त्वमगमः शाश्वती: समाः, इति वाल्मीकिः तं शप्तवान्।
(अरे व्याध! तुम आने वाले वर्षों में कभी प्रतिष्ठा को प्राप्त नहीं होगे, ऐसा वाल्मीकि ने उसे शाप दिया।)

प्रश्न: 3.
जटायुः रामाय सीताविषयकवृत्तं कथमसूचयत्?
(जटायु ने राम को सीता विषयक समाचार कैसे सूचित किया?)
उत्तरम् :
हे राम! यां त्वं महावने वृक्षेषु अन्वेषसि सा देवी मम प्राणा: च, उभयं रावणेन हतम्। (हे राम ! जिसको तुम महावन में वृक्षों में ढूँढ़ रहे हो, उस देवी और मेरे प्राणों, दोनों का रावण ने हरण किया है।)

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भाषिक विस्तार –

प्रश्न 1.
निम्नपदानि आधृत्य वाक्यानि रचयत- (निम्न शब्दों को आधार मानकर वाक्य-रचना कीजिए-)
गिरम्, विधूय, आशु, तुण्डेन, व्रणान्। उत्तर :
गिरम् – सा मधुरां गिरम् उवाच। (उसने मधुर वाणी बोली।)
विधूय – वीरः शत्रुप्रहारान् विधूय अग्रे अगच्छत् । (वीर शत्रुओं पर प्रहार करके आगे चला गया।)
आशु – स्वकार्यम् आशु सम्पादय। (अपने कार्य को शीघ्र पूरा करो।)
तुण्डेन – काक: तुण्डेन आमिषं खादति। (कौवा चोंच से मांस खाता है।)
व्रणान् – व्रणान् औषधेन उपचारय। (औषधि से घावों का उपचार (इलाज) करो।)

प्रश्न 2.
निम्न शब्दों में टाप् प्रत्यय जोड़कर स्त्रीलिंग बनाइये मूषक, बालक, अश्व, मूर्ख, शुभ।
उत्तर :
मूषक + टाप् (आ) = मूषिका
बालक + टाप् (आ) = बालिका
अश्व + टाप् (आ) = अश्वा
मूर्ख + टाप् (आ) = मूर्खा
शुभ + टाप् (आ) = शुभा

प्रश्न 3.
निम्न शब्दों में ङीप् प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग बनाइये –
लिखत्, राजन्, कामिन्, देव, मानुष
उत्तर :
लिखत् + ङीप् (ई) = लिखन्ती
राजन् + ङीप् (ई) = राज्ञी
कामिन् + ङीप् (ई) = कामिनी
देव + ङोप् (ई) = देवी
मानुष + डीप् (ई) = मानुषी

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प्रश्न 4.
प्रकृति-प्रत्यय बताइये –
करुणा, विलपन्ती, दुःखिता, यशस्विनी, शुभा, वैदेही, रक्षणीया, युवति, मानिनी, वत्सा
उत्तर :
पद प्रकृति प्रत्यय
करुणा = करुण + टाप्
विलपन्ती = विलपत् + डींप्
दु:खिता = दुःखित् + टाप्
यशस्विनी = यशस्विन् + डींप्
शुभा = शुभ + टाप्
वैदेही = वैदेह + डींप्
रक्षणीया = रक्षणीय + टाप्
युवतिः = युवन् + ति
मानिनी = मानिन् + डींप्
वत्सा = वत्स + टाप्

जटायोः शौर्यम् Summary and Translation in Hindi

पाठ-परिचय – प्रस्तुत पाठ आदिकवि वाल्मीकि-प्रणीत ‘रामायणम्’ महाकाव्य के अरण्यकाण्ड से संकलित है। रामायण को संस्कृत का आदिकाव्य तथा उसके प्रणेता महर्षि वाल्मीकि को आदिकवि कहा जाता है। रामायण में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन का काव्यात्मक वर्णन है। यह सात काण्डों में विभक्त है। ये काण्ड हैं –

  1. बालकाण्ड।
  2. अयोध्याकाण्ड
  3. अरण्यकाण्ड
  4. किष्किन्धाकाण्ड
  5. सुन्दरकाण्ड
  6. युद्धकाण्ड तथा
  7. उत्तरकाण्ड।

पाठ का सारांश – इस पाठ में जटायु और रावण के युद्ध का वर्णन है। पञ्चवटी वन में जनक-नन्दिनी सीता का करुण विलाप सुनकर गिद्ध पक्षिराज जटायु उनकी रक्षा के लिए दौड़े। समीप आकर उन्होंने लंकापति रावण को परस्त्री स्पर्शरूप निन्दनीय दुष्कर्म से विरत होने के लिए कहा। रावण की हठी मनोवृत्ति को देखकर जटायु ने उस पर भयावह आक्रमण किया। महाबली जटायु ने अपने तीखे नाखूनों वाले पंजों से रावण के शरीर पर अनेक घाव कर दिये तथा पंजों से उसके विशाल धनुष को तोड़ दिया। टूटे हुए धनुष वाला और मारे गये घोड़ों और सारथी वाला रथहीन रावण मूर्च्छित होकर पृथ्वी पर गिर पड़ा।

परन्तु कुछ ही क्षणों बाद वह क्रोधान्ध रावण जटायु पर टूट पड़ा और निहत्थे जटायु पर प्राणघातक प्रहार करने लगा। परन्तु पक्षियों में श्रेष्ठ जटायु अपना बचाव करते हुए चोंच और पंजों से प्रहार करते रहे! इस प्रकार से जटायु ने रावण के बायें भाग की दसों भुजाओं को क्षत-विक्षत कर दिया।

प्रस्तुत पाठ में एक ओर सीता के क्रन्दन से करुणरस की अजस्त्र धारा प्रवाहित हो रही है तो दूसरी ओर महाबली . पक्षिश्रेष्ठ जटायु के वीरतापूर्ण युद्ध से वीररस की सरिता प्रवाहित हो रही है।

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

1. सा तदा करुणा वाचो विलपन्ती सुदुःखिता ।
वनस्पतिगतं गृधं ददर्शायतलोचना॥

अन्वय-तदा सुदुःखिता करुणा वाचः विलपन्ती, आयतलोचना सा (सीता) वनस्पतिगतं गृधं (जटायु) ददर्श।

शब्दार्थाः – तदा = तदानीम् (तब/उस समय), सुदुःखिता = आपद्ग्रस्ता (अत्यन्त दु:खी ), करुणा वाचः = करुणार्द्रवाण्या। (करुणाजनक वाणी से), विलपन्ती = क्रन्दन्ती/रुदन्ती (विलाप करती हुई), आयतलोचना सा (सीता) = विशालनयना असौ सीता (विशाल नेत्रों वाली उस सीता ने), वनस्पतिगतम् = वृक्षे स्थितम् (वृक्ष पर बैठे हुए), गृधम् (जटायु) = (गिद्ध जटायु को), ददर्श = अपश्यत् (देखा)।

हिन्दी अनुवादः

सन्दर्भ – प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ के ‘जटायोः शौर्यम्’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है, जो आदिकवि वाल्मीकिकृत ‘रामायण’ के अरण्यकाण्ड से संकलित है।

प्रसंग – प्रस्तुत श्लोक में जनकनन्दिनी सीता की भयाक्रान्त दयनीय दशा का सजीव चित्रण किया गया है। लंकापति राक्षसराज रावण द्वारा अपहत सीता इधर-उधर देखती हुई अपनी रक्षार्थ विलाप करती है।

अनुवाद – उस समय अत्यन्त दुःखी, करुणाजनक वाणी से विलाप करती हुई, विशाल नेत्रों वाली उस (सीता) ने वृक्ष पर बैठे हुए गिद्ध (जटायु) को देखा।

संस्कत व्यारव्याः

सन्दर्भ: – श्लोकोऽयम् अस्माकं ‘शेमुषी’ इति पाठ्यपुस्तकस्य ‘जटायोः शौर्यम्’ इति पाठात् उद्धृतः। पाठोऽयं मूलतः आदिकवि: वाल्मीकि रचितस्य रामायण महाकाव्यस्य अरण्यकाण्डात् सङ्कलितः। (यह श्लोक हमारी ‘शेमुषी’ पाठ्यपुस्तक के ‘जटायोः शौर्यम्’ पाठ से उद्धृत है। मूलत: यह पाठ आदिकवि वाल्मीकि-रचित रामायण महाकाव्य के अरण्यकाण्ड से संकलित है।

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

प्रसंग: – श्लोकेऽस्मिन् रावणेन अपहृतायाः सीतायाः भयाक्रान्तायाः दयनीयायाः च मार्मिकं चित्रणं महाकविना प्रस्तुतम्। (इस श्लोक में रावण द्वारा अपहरण की गई भयभीत और दयनीया सीता का मार्मिक चित्रण महाकवि द्वारा किया गया है।)

व्याख्या: – तदा अत्यन्त दु:खिता करुणापूर्ण विलापं कुर्वन्ती विशालनयना सीता वृक्षेस्थितं पक्षिराज जटायुम् अपश्यत्। (तब अत्यन्त दुखी करुणापूर्ण विलाप करती हुई विशाल नेत्रों वाली सीता ने वृक्ष पर बैठे पक्षीराज जटायु को देखा।)

अवबोधन कार्यम्

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत – (एक शब्द में उत्तर दीजिए-)
(क) सीता किं कुर्वन्ती गृध्रम् अपश्यत् ? (सीता ने क्या करती हुई ने गृध्र को देखा?)
(ख) गृध्रः कुत्र स्थितः आसीत् ? (गिद्ध कहाँ बैठा था?)

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत- (पूरे वाक्य में उत्तर दीजिए-)
(क) सीता कुत्र स्थितं गृधं अपश्यत् ? (सीता ने कहाँ बैठे गृध्र को देखा?)
(ख) सीता कीदृशी आसीत् ? (सीता कैसी थी?)

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

प्रश्न 3.
यथानिर्देशम् उत्तरत-(निर्देशानुसार उत्तर दीजिए-)
(क), ‘वृक्ष’ शब्दस्य स्थाने श्लोके किम् पदं प्रयुक्तम्?
(‘वृक्ष’ शब्द के स्थान पर श्लोक में क्या शब्द प्रयोग किया है?)

(ख) ‘सा’ इति सर्वनामपदं कस्य स्थाने प्रयुक्तम् श्लोकेऽस्मिन्?
(‘इस श्लोक में ‘सा’ सर्वनाम पद किसके स्थान पर प्रयोग किया गया है?).
उत्तराणि-
(1) (क) विलपन्ती (विलाप करती हुई)।
(ख) वनस्पतिगत (पेड़ पर बैठा)।

(2) (क) सीता वनस्पति गतं गृध्रम् अपश्यत्। (सीता ने पेड़ पर बैठे गिद्ध को देखा।)
(ख) सीता आयतलोचना दु:खिता विलपन्ती आसीत्। (सीता विशाल नेत्रों वाली दुखी और विलाप करती हुई थी।)

(3) (क) वनस्पति (वृक्ष)। (ख) सीता (सीता)।

2. जटायो पश्य मामार्य ह्रियमाणामनाथवत् ।
अनेन राक्षसेन्द्रेण करुणं पापकर्मणा ॥

अन्वय-आर्य ! जटायो! पापकर्मणा अनेन राक्षसेन्द्रेण अनाथवत् करुणं ह्रियमाणां मां (सीताम्) पश्य।

शब्दार्था: – आर्य! = हे श्रेष्ठ ! (उत्तम!)। जटायो! = हे पक्षिराज जटायो! (हे जटायु!)। पापकर्मणा = अघकर्मणा (पापकर्म करने वाले/पापाचारी)। अनेन = एतेन (इस)। राक्षसेन्द्रेण = दानवपतिना (राक्षसों के राजा (रावण) द्वारा)। करुणम् = करुणोपेताम् (करुणा से युक्त)। ह्रियमाणाम् = नीयमानाम् (अपहरण की जाती हुई)। माम् = मा (मुझको)। पश्य = ईक्षस्व (देखो)। हिन्दी अनुवादः

सन्दर्भ – प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ के ‘जटायोः शौर्यम्’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है जो आदिकवि वाल्मीकिकृत ‘रामायण’ के अरण्यकाण्ड से संकलित है।

प्रसंग – राक्षसराज रावण द्वारा अपहरण किये जाने पर जनक-नन्दिनी सीता करुण विलाप करती हुई अपनी सहायतार्थ खगश्रेष्ठ जटायु का आह्वान करते हुए कहती है।

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

अनुवाद – हे आर्य! जटायु! पापकर्म करने वाले इस राक्षसों के राजा रावण द्वारा करुणा से युक्त, अपहरण की जाती हुई मुझ (सीता) को देखो।

संस्कत व्यारव्याः

सन्दर्भ: – श्लोकोऽयम् अस्माकं ‘शेमुषी’ इति पाठ्यपुस्तकस्य ‘जटायोः शौर्यम्’ इति पाठात् उद्धृतः। पाठोऽयं मूलतः आदिकवि: वाल्मीकि रचितस्य रामायण महाकाव्यस्य अरण्यकाण्डात् सङ्कलितऽस्ति। (यह श्लोक हमारी ‘शेमुषी’ पाठ्यपुस्तक के ‘जटायोः शौर्यम्’ पाठ से उद्धृत है। यह पाठ मूलतः आदिकवि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण महाकाव्य के अरण्यकाण्ड से संकलित है।)

सङ्कलितऽस्ति र यह श्लाक हमारी शभुषा पाठ्यपुस्तक

प्रसंग: – श्लोकेऽस्मिन् राक्षसराजरावणेनापहता सीता जनकनन्दिनी करुणं विलपति। सा स्व सहायतार्थं वृक्षस्थं जटायुम् आह्वयन्ती कथयति। (इस श्लोक में राक्षसराज रावण द्वारा अपहरण की गई सीता जनक नन्दिनी करुण विलाप करती है। वह अपनी सहायता के लिए वृक्ष पर स्थित जटायु को बुलाती हुई कहती है)।

व्याख्या: – हे आर्य! जटायेत्वम् अनेन पापिष्ठेन राक्षसानां राजा अपहृता करुणां माम् पीडितां पश्य। (हे आर्य जटायु! तुम इस पापी, राक्षसों के राजा द्वारा अपहृत करुणा से युक्त पीड़िता की ओर देखो।)

अवबोधन कार्यम्

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत- (एक शब्द में उत्तर दीजिए-)
(क) सीता आत्मानं किंवत् वदति? (सीता अपने को किस की तरह कहती है?)
(ख) सीता केन अपहता? (सीता का अपहरण किसने किया?)

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत- (पूरे वाक्य में उत्तर दीजिए-)
(क) सीता जटायु किं निवेदयत् ? (सीता ने जटायु से क्या निवेदन किया?)
(ख) सीता कीदृशेन राक्षसेन अपहृता? (सीता कैसे राक्षस ने हरण की?)

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

प्रश्न 3.
यथानिर्देशम् उत्तरत-(निर्देशानुसार उत्तर दीजिए-)
(क) ‘पुण्यः’ इति पदस्य विलोमपदं श्लोकात् चित्वा लिखत।
(‘पुण्य’ शब्द का विलोम पद श्लोक से चुनकर लिखिये।)
(ख) श्लोके ‘अनेन’ इति सर्वनामपदं कस्य संज्ञापदस्य स्थाने प्रयुक्तम्?
(श्लोक में ‘अनेन’ सर्वनाम पद किस संज्ञा पद के स्थान पर प्रयुक्त हुआ है?)
उत्तराणि :
(1) (क) अनाथवत् (अनाथ की तरह)।
(ख) राक्षसेन्द्रेण (राक्षसराज द्वारा)।

(2) (क) सीता निवेदयत्-जटायो! अनाथवतु यां पापकर्मणा राक्षसेन्द्र ह्रियमाणां पश्य। (सीता ने नि
अनाथ की तरह मुझको पापी रावण द्वारा अपहरण की जाती हुई को देखो।)
सीता पापकर्मणा राक्षसेन्द्रेण अपहृता। (सीता पापी राक्षसराज द्वारा हरी गई।)

(3) (क) पाप।
(ख) रावणेन (रावणे के)।

3. तं शब्दमवसुप्तस्तु जटायुरथ शुश्रुवे।
निरीक्ष्य रावणं क्षिप्रं वैदेहीं च ददर्श सः ॥

अन्वय-अथ अवसुप्तः तु जटायुः तं शब्दं शुश्रुवे। सः (जटायुः) रावणं निरीक्ष्य क्षिप्रं च वैदेहीं ददर्श।

शब्दार्था: – अथ = ततः (इसके बाद), अवसुप्तस्तु = सुसुप्तावस्थातु (सोती हुई अवस्था वाले तो), जटायुः = गृध्रराज: (जटायु ने), तम् = सीतायाः विलापस्य (उस सीता-विलाप के), शब्दं = स्वरम् (स्वर को), शुश्रुवे = अशृणोत् (सुना), सः = असौ जटायुः (उस जटायु ने), रावणं निरीक्ष्य = लंकापतिम् अवलोक्य (रावण को अच्छी प्रकार देखकर), च = और, क्षिप्रम् = शीघ्रम् (शीघ्र ही), वैदेहीं = विदेहनन्दिनीम् (सीता को), ददर्श = अपश्यत् (देखा)।

हिन्दी अनुवादः

सन्दर्भ – प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ के ‘जटायोः शौर्यम्’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है जो आदिकवि वाल्मीकिकृत ‘रामायण’ के अरण्यकाण्ड से संकलित है।

प्रसंग – प्रस्तुत श्लोक में कवि कहता है कि सीता के करुण विलाप को सुनकर सोता हुआ गृद्धराज जटायु जागता है तथा सामने आकाश में रावण और सीता को देखता है।

अनुवाद – इसके बाद सोती हुई अवस्था वाले तो जटायु ने उस (सीता के विलाप) के स्वर को सुना। उस (जटायु) ने रावण को अच्छी प्रकार देखकर और शीघ्र ही विदेहनन्दिनी सीता को देखा।

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

संस्कत व्यारव्याः

सन्दर्भ: – श्लोकोऽयम् अस्माकं ‘शेमुषी’ इति पाठ्यपुस्तकस्य ‘जटायोः शौर्यम्’ इति पाठात् उद्धृतः। पाठोऽयं मूलतः आदिकवि: वाल्मीकि रचितस्य रामायण महाकाव्यस्य अरण्यकाण्डात् सङ्कलितः। (यह श्लोक हमारी ‘शेमुषी’ पाठ्यपुस्तक (1489 संस्कृत प्रभा, कक्षा-1) के ‘जटायोः शौर्यम्’ पाठ से उद्धृत है। मूलतः यह पाठ आदिकवि वाल्मीकि विरचित रामायण महाकाव्य के अरण्यकाण्ड से संकलित है।) .

प्रसंग: – प्रस्तुत श्लोके कवि: वर्णयति यत् जनकनन्दिन्या करुणविलापं श्रुत्वा गृध्रराजः जटायुः जागृतवान् गगने च रावणं सीतां च पश्यति। (प्रस्तुत श्लोक में कवि वर्णन करता है कि जनकनन्दिनी के करुण विलाप को सुनकर गृध्रराज जटायु जाग गये और आकाश से रावण तथा सीता को देखा।)

व्याख्या-ततः सुसुप्त: गृध्रराजो जटायुः सीतायाः विलापस्य स्वनं अशृणोत्। असौ जटायुः लंकापतिमवलोक्य शीघ्रमेव च विदेहनन्दिनीम् अपश्यत्। (तब उनींदी अवस्था में गृध्रराज जटायु ने सीता के विलाप का स्वर सुना। उस जटायु ने लंकापति रावण को देखकर और फिर शीघ्र ही अपहरण की गई सीता को देखा।

अवबोधन कार्यम्

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत- (एक शब्द में उत्तर दीजिए-)
(क) सीतायाः विलापं कः अश्रृणोत्? (सीता के विलाप को किसने सुना?)
(ख) जटायुः तदा कस्यां स्थितौ आसीत् ? (जटायु तब किस स्थिति में था?)

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत- (पूरे वाक्य में उत्तर दीजिए-)
(क) यदा सीता विलापं करोति स्म तदा जटायुः किं करोति स्म?
(जब सीता विलाप कर रही थी तब जटायु क्या कर रहा था?)
(ख) सीतायाः करुणं क्रन्दनं श्रुत्वा जटायुः किम् अपश्यत्?
(सीता के करुण क्रन्दन को सुनकर जटायु ने क्या किया?)

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

प्रश्न 3.
यथानिर्देशम् उत्तरत-(निर्देशानुसार उत्तर दीजिए-)
(क) शीघ्रम्’ इति पदस्य पर्यायवाचि पदं श्लोकात् चित्वा लिखत।
(‘शीघ्रम्’ पद का पर्यायवाची पद श्लोक से चुनकर लिखिए।)
(ख) ददर्श सः अत्र ‘सः’ इति सर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम्?
(‘ददर्श सः’ यहाँ ‘सः’ सर्वनाम पद किसके लिये प्रयुक्त किया गया है?)
उत्तराणि :
(1) (क) जटायुः।
(ख) सुसुप्त स्थितौ (सुसुप्तावस्था)।

(2) (क) यदा सीता विलपति स्म तदा जटायुः स्वपिति स्म। (जब सीता विलाप कर रही थी तो जटायु सो रहा था।)
(ख) सीताया क्रन्दनं श्रुत्वासौ रावणं निरीक्ष्य वैदेही सीताम् अपश्यत्। (सीता के क्रन्दन को सुनकर रावण को देखकर जटायु (उसने) ने सीता को देखा।)

(3) (क) क्षिप्रम् (जल्दी ही)।
(ख) जटायुः (जटायु के लिए)।

4. ततः पर्वतशृङ्गाभस्तीक्ष्णतुण्डः खगोत्तमः ।
वनस्पतिगतः श्रीमान्व्याजहार शुभां गिरम् ॥

अन्वय – ततः खगोत्तमः श्रीमान् पर्वतशृङ्गाभः, तीक्ष्णतुण्ड: वनस्पतिगतः (एव) शुभां गिरं व्याजहार।

शब्दार्थाः – ततः = तदा (तब/इसके बाद), खगोत्तमः = पक्षिश्रेष्ठः (पक्षियों में श्रेष्ठ), श्रीमान् = शोभायुक्तः (सुन्दर), पर्वतशृङ्गाभः = गिरिशिखरकान्तः (पर्वत के शिखर के समान कान्ति वाले), तीक्ष्णतुण्डः = तीक्ष्णचञ्चुयुक्तः (तीखी चोंच वाले जटायु), वनस्पतिगतः = वृक्षे स्थितः (पेड़ पर बैठे हुए), एव = ही, शुभाम् = मंगलां (शुभ), गिरम् = वाणी (वचन), व्याजहार = प्रकाशितवान्/अकथयत् (व्यक्त की/बोले)।

हिन्दी अनुवादः

सन्दर्भ – प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ के ‘जटायोः शौर्यम्’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है जो आदिकवि वाल्मीकिकृत ‘रामायण’ के अरण्यकाण्ड से संकलित है।

प्रसंग – प्रस्तुत श्लोक में गृध्रराज जटायु की शारीरिक विशेषताओं एवं क्षमताओं का चित्रण किया गया है।

अनुवाद – तब पक्षिराज शोभायुक्त, पर्वत के शिखर के समान कान्ति वाले, तीखी चोंच वाले (जटायु) वृक्ष पर बैठे हुए (ही) शुभ वचन बोले।

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

संस्कत व्याख्याः

सन्दर्भः – श्लोकोऽयम् अस्माकं ‘शेमुषी’ इति पाठ्यपुस्तकस्य ‘जटायोः शौर्यम्’ इति पाठात् उद्धृतः। पाठोऽयं मूलतः आदिकवि: वाल्मीकि रचितस्य रामायण महाकाव्यस्य अरण्यकाण्डात् सङ्कलितः। (यह श्लोक हमारी ‘शेमुषी’ पाठ्यपुस्तक के ‘जटायोः शौर्यम्’ पाठ से उद्धृत है। यह पाठ मूलतः आदिकवि वाल्मीकि द्वारा विरचित रामायण महाकाव्य के अरण्यकाण्ड से संकलित है।)

प्रसंग: – श्लोकेऽस्मिन् कवि वाल्मीकिः गृध्रराज जटायोः शारीरिक वैशिष्ट्यम् अन्याषां क्षमतानां च वर्णनं करोति। सः कथयति। (इस श्लोक में कवि वाल्मीकि गृध्रराज जटायु की शारीरिक विशेषताओं तथा अन्य क्षमताओं का वर्णन करता है। वह कहता है-)

व्याख्याः – पक्षिराजोऽयम् शोभासम्पन्नः, गिरि-शिखर इव कान्तिमय, सुतीक्ष्णचञ्चुः च वृक्षे विराजमानः अस्ति। (शोभायुक्त यह पक्षिराज (जटायु) पर्वत की चोटी की शोभा की तरह तीखी चोंच वाला वृक्ष पर विराज रहा है।)

अवबोधन कार्यम्

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत- (एक शब्द में उत्तर दीजिए-)
(क) पर्वतशृङ्गाभः कः उक्तः? (पर्वत शिखर के समान किसे कहा गया है?).
(ख) जटायुः कीदृशीं वाणीम् व्याजहार? (जटायु कैसी वाणी बोला?)

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत- (पूरे वाक्य में उत्तर दीजिए-)
(क) खगोत्तमः जटायुः कीदृशः आसीत् ? (खगराज जटायु कैसा था?)
(ख) जटायुः कुत्र स्थितः कीदृशी वाचामवदत् ? (जटायु ने कहाँ बैठे हुए कैसी वाणी बोली?)

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

प्रश्न 3.
यथानिर्देशम् उत्तरत-(निर्देशानुसार उत्तर दीजिए-)
(क) ‘अशुभाम्’ इति पदस्य विलोमपदं श्लोकात् चित्वा लिखत।
(‘अशुभाम्’ पद का विलोम पद श्लोक से लिखिए।)
(ख) ‘शुभां गिरम्’ इत्यनयोः किं विशेष्यपदम्?
(‘शुभां गिरम्’ इन शब्दों में विशेषण पद क्या है?)
उत्तराणि-
(1) (क) जटायुः।
(ख) शुभाम् (अच्छी)।

(2) (क) खगोत्तमः जटायुः पर्वतशृङ्गाभस्तीक्ष्णतुण्डः आसीत्। (खगोत्तम जटायु पर्वतशिखर के समान व तीक्ष्ण चोंच वाला था।)
(ख) जटायुः वनस्पतौ स्थितः आसीत् । (जटायु पेड़ पर बैठा था।)

(3) (क) शुभाम् (शुभ)।
(ख) गिरम् (वाणी)।

5. निवर्तय मतिं नीचां परदाराभिमर्शनात् ।।
न तत्समाचारेद्धीरो यत्परोऽस्य विगर्हयेत् ॥

अन्वय – परदार अभिमर्शनात् नीचां मतिं निवर्तय (यतः) धीरः तत् (कर्म) न समाचरेत् यत् (कर्मणा) परः अस्य विगर्हयेत्।

शब्दार्था: – परदार = परस्त्री (परायी स्त्री के), अभिमर्शनात् = स्पर्शात् (स्पर्श से), नीचाम् = निम्नां (नीच बनी), मतिम् = बुद्धिम् (बुद्धि को), निवर्तय = अपसारय (दूर कर दो), (यतः = क्योंकि), धीरः = धैर्ययुक्तः (बुद्धिमान्, धैर्यशील व्यक्ति), तत् = वह कर्म/उस कर्म का), न समाचरेत् = नाचरेत् (आचरण न करे) , यत् = येन (जिस कर्म से), परः = अन्यः (दूसरे लोग), अस्य = एतस्य (इसकी), विगर्हयेत् = निन्द्यात् (निन्दा करें)।

हिन्दी अनुवादः

सन्दर्भ – प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ के ‘जटायोः शौर्यम्’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है जो आदिकवि वाल्मीकिकृत ‘रामायण’ के अरण्यकाण्ड से संकलित है।

प्रसंग – प्रस्तुत श्लोक में गृध्रराज जटायु, रावण को नैतिक उपदेश देता है।

अनुवाद – पराई स्त्री के स्पर्श से नीच बनी बुद्धि को दूर कर (अर्थात् मन में उत्पन्न नीच विचारों को त्याग दो) (क्योंकि) बुद्धिमान् व्यक्ति उस कर्म का आचरण न करे, जिस कर्म से (लोग) इसकी निन्दा करें।

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संस्कत व्यारव्याः

सन्दर्भ: – आलोच्योऽयम् श्लोकोऽस्माकम् इति पाठ्यपुस्तकस्य ‘जटायोः शौर्यम्’ इति पाठात् उद्धृतः। पाठोऽयं मूलतः आदिकविः वाल्मीकि रचितस्य रामायण महाकाव्यस्य अरण्यकाण्डात् सङ्कलितः। (आलोच्य यह श्लोक हमारी ‘शेमुषी’ पाठ्य पुस्तक के ‘जटायोः शौर्यम्’ पाठ से उद्धृत है। यह पाठ मूलतः आदिकवि वाल्मीकि द्वारा विरचित रामायण महाकाव्य के अरण्यकाण्ड से संकलित है।)

प्रसंग: – श्लोकेऽस्मिन् गृध्रराजः जटायुः राक्षसराज रावणं नीतिं ब्रूते। (इस श्लोक में गृध्रराज जटायु राक्षसों के राजा रावण को नीति का उपदेश देता है।)

व्याख्या – रे मूर्ख! त्वं परदारं प्रपीडनात् विरम। तस्याः स्पर्शात् स्वकीयाम् अधर्मा बुद्धि निवर्तय अर्थात् त्वं मनसि : आगतान् निम्न विचारान् त्यज। यतो बुद्धिमन्तः जना तत् कर्म न आचरन्ति यस्मात् जनैः निन्दितो भवेत्। (अरे मूर्ख! तू पराई स्त्री को पीड़ित करने से रुक जा। उसको स्पर्श करने से अपनी नीच बुद्धि को लौटा लो अर्थात् तुम अपने मन में आये निम्न विचारों को त्याग दो। क्योंकि बुद्धिमान लोग उस कार्य का आचरण नहीं करते हैं, जो लोगों द्वारा निन्दित हो।

अवबोधन कार्यम्

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत- (एक शब्द में उत्तर दीजिए-)
(क) रावणस्य मतिः कीदृशी आसीत् ? (रावण की मति कैसी थी?)
(ख) निन्दनीयम् आचरणं केन न आचरणीयम् ? (निन्दनीय व्यवहार किसे नहीं करना चाहिए?)

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत- (पूरे वाक्य में उत्तर दीजिए-)
(क) जटायुः रावणं किम् अवदत् ? (जटायु ने रावण से क्या कहा?)
(ख) धीरः किं न आचरेत् ? (धीर पुरुष को क्या आचरण नहीं करना चाहिए?)

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

प्रश्न 3.
यथानिर्देशम् उत्तरत-(निर्देशानुसार उत्तर दीजिए-).
(क) ‘निन्देत्’ इति क्रियापदस्य समानार्थी पदं श्लोक चित्वा लिखत।
(‘निन्देत्’ क्रियापद का पर्याय श्लोक से लिखिए।)
(ख) ‘मतिं नीचां’ इत्यनयोः विशेषण पदं चिनुत।
(‘मति नीचां’ इनमें से विशेषण पद चुनिये।)
उत्तराणि :
(1) (क) नीचा (निम्न) ।
(ख) धीरेण (धीर पुरुष द्वारा)।

(2) (क) जटायुः अवदत्-“परदाराभिमर्शनात् नीचां मतिं निवर्तय।”
(जटायु ने कहा-“पराई स्त्री को पीड़ित करने से हुई नीच मति को त्याग दो।”)
(ख) धीरः तत् न आचरेत् यत् परः विगहेंयेत्।
(धीर को वह आचरण नहीं करना चाहिए जिसकी दूसरा निन्दा करे।)

(3) (क) ‘विगर्हयेत्’ (निन्दा करें)।
(ख) नीचाम् इति विशेषण पदम्।

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

6. वृद्धोऽहं त्वं युवा धन्वी सरथः कवची शरी।
न चाप्यादाय कुशली वैदेहीं मे गमिष्यसि ॥

अन्वय-अहं वृद्धः, त्वं युवा, सरथः, कवची, शरी (च असि) (तथापि त्वं) मे वैदेहीम् आदाय कुशली न गमिष्यसि।

शब्दार्थाः – अहम् = मैं, वृद्धः = जरठः (बूढ़ा हो गया हूँ), त्वं च = भवान् च (और तुम), युवा = युवकः (जवान हो), धन्वी = धनुर्धारी (धनुर्धारी), सरथः = रथेन युक्तः (रथयुक्त), कवची = कवचधारी (कवच धारण करने वाले), शरी = बाणधारी, (बाण धारण करने वाले हो), तथापि = पुनरपि (फिर भी), त्वम् = भवान् (तुम), मे = मम (मेरे रहते/मेरे होते हुए), वैदेहीम् = विदेहनन्दिनी (सीता को), आदाय = नीत्वा (लेकर), कुशली = सकुशलं (कुशलपूर्वक), न गमिष्यसि = न यास्यसि (नहीं जा सकोगे)। हिन्दी अनुवादः

सन्दर्भ – प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ के ‘जटायोः शौर्यम्’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है, जो आदिकवि वाल्मीकिकृत ‘रामायण’ के अरण्यकाण्ड से संकलित है।

प्रसंग – खगराज जटायु अपने को निहत्था तथा रावण को सशस्त्र एवं सरथ बताते हुए चुनौती देता है कि मेरे होते हुए तू सीता को कुशलतापूर्वक नहीं ले जा सकेगा।

अनुवाद – (अरे रावण!) मैं बूढ़ा हो गया हूँ और तू युवक है, (मैं निहत्था हूँ) और तू धनुषवाला, रथवाला, कवच वाला और बाणों वाला है। (फिर भी तू) मेरे होते हुए सीता को लेकर कुशलतापूर्वक नहीं जा सकेगा। संस्कत व्यारव्याः

सन्दर्भ: – श्लोकोऽयम् अस्माकं ‘शेमुषी’ इति पाठ्यपुस्तकस्य ‘जटायोः शौर्यम्’ इति पाठात् उद्धृतः। पाठोऽयं मूलतः आदिकवि: वाल्मीकि रचितस्य रामायण महाकाव्यस्य अरण्यकाण्डात् सङ्कलितः। (प्रस्तुत श्लोक हमारी ‘शेमुषी’ पाठ्यपुस्तक के ‘जटायोः शौर्यम्’ पाठ से उद्धृत है। मूलतः यह पाठ आदि कवि वाल्मीकि-विरचित रामायण महाकाव्य के अरण्यकाण्ड से संकलित है। __ प्रसंग:-खगराजो जटायुः आत्मानं शस्त्रविहीनं रावणं च स शायकं, रथयुक्तं कवचावृतं सशरं च मनुते तथापि रावणम् आह्वयति यत् यावत् अहम् कुशली तावत् त्वं जनकनन्दिनी सीता अपहत्य न गन्तु शक्ष्यामि। (पक्षिराज जटायु अपने को शस्त्रहीन तथा रावण को धनुष-बाण युक्त, रथ युक्त, कवच से ढका हुआ तथा बाण युक्त मानता है फिर भी रावण को ललकारता है कि जब तक मैं हूँ तब तक तुम जनक पुत्री सीता का अपहरण कुशलता से नहीं कर सकोगे।)

व्याख्या: – रे रावण! अहं जीर्ण जातोऽस्मि त्वम् च यौवनारूढः। अहम् शस्त्रहीनोऽस्मि त्वं च धनुर्धारी, रथेन युक्तः, कवचधारी (वक्त्रयुक्त) बाणधारी च असि तथापि मपि जीविते त्वं जानकीम् अपहत्य न गन्तु राक्ष्यामि। (अरे रावण! मैं वृद्ध हो गया हूँ और तुम जवानी पर आरूढ़ हो। मैं शस्त्रहीन हूँ और तुम धनुष धारण करने वाले, रथ से युक्त, कवच धारण किए हुए हो, फिर भी मेरे जीते-जी तुम जानकी को अपहरण कर नहीं ले जा सकते।)

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

अवबोधन कार्यम्

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत – (एक शब्द में उत्तर दीजिए-)
(क) कः आत्मानं वृद्धः इति कथयति? (स्वयं को वृद्ध कौन कहता है?)
(ख) धन्वी, सरथः, कवची शरी च कः आसीत् ? (धनुष, रथ, कवच और बाण वाला कौन था?)

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत – (पूरे वाक्य में उत्तर दीजिए-)
(क) जटायुना रावणः कीदृशः वर्णितः? (जटायु द्वारा रावण का कैसा वर्णन किया गया है?)
(ख) जटायुः रावणं किम् उक्तवान्? (जटायु ने रावण से क्या कहा?)

प्रश्न 3.
यथानिर्देशम् उत्तरत-(निर्देशानुसार उत्तर दीजिए-)
(क) श्लोके सीतायै किं पदं प्रयुक्तम्? (श्लोक में सीता के लिए किस पद का प्रयोग किया गया है?)
(ख) ‘दत्वा’ इति पदस्य विलोमपदं श्लोकात् चित्वा लिखत। .
(‘दत्वा’ पद का विलोमार्थी पद श्लोक से लिखिए।)
उत्तराणि :
(1) (क) जटायुः।
(ख) रावणः।

(2) (क) रावणः धन्वी सरथः कवची शरी च जटायुना वर्णितः। (रावण धनुष, रथ, कवच और बाण से युक्त जटायु द्वारा वर्णित है।)
(ख) यद्यपि अहं वृद्धः त्वं च धन्वी सरथः कवची शरीति तथापि त्वं जानकी नीत्वा सकुशलं न गन्तु शक्नोषि। (यद्यपि मैं वृद्ध हूँ, तुम धनुष, कवच, वाण वाले हो फिर भी सीता को सरलता (कुशलता) से नहीं ले जा सकते।)

(3) (क) वैदेही (सीता)।
(ख) आदाय (लेकर)।

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

7. तस्य तीक्ष्णनखाभ्यां तु चरणाभ्यां महाबलः।
चकार बहुधा गात्रे व्रणान्पतगसत्तमः॥

अन्वय-महाबलः पतगसत्तमः तीक्ष्णनखाभ्यां चरणाभ्यां तु तस्य गात्रे बहुधा व्रणान् चकार।

शब्दार्थाः – महाबलः = शक्तिपुञ्जः (महान् बलवान्), पतगसत्तमः = पक्षिशिरोमणिः (पक्षियों में शिरोमणि जटायु ने), तीक्ष्ण = तीखे, नखाभ्याम् = नखयुक्ताभ्याम् (नाखूनों वाले), चरणाभ्याम् = प्रपदाभ्याम् (पैरों से/पंजों से), तु = तो , तस्य = अमुष्य (उसके), गाने = शरीरे (शरीर पर), बहुधा = विविधान् (अनेक), व्रणान् = क्षतान्/स्फोटान् (घाव), चकार = अकरोत् (कर दिए)। . हिन्दी अनुवादः

सन्दर्भ – प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ के ‘जटायोः शौर्यम्’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है जो आदिकवि वाल्मीकिकृत ‘रामायण’ के अरण्यकाण्ड से संकलित है।
प्रसंग-कवि महर्षि वाल्मीकि ने इस श्लोक में महाबली जटायु की वीरता का चित्रण किया है।

अनुवाद – उस महान् बलवान् पक्षिशिरोमणि जटायु ने अपने तीखे नाखूनों वाले पंजों से तो उस (रावण) के शरीर पर अनेक घाव कर दिये। संस्कत व्यारव्याः

सन्दर्भ: – श्लोकोऽयम् अस्माकं ‘शेमुषी’ इति पाठ्यपुस्तकस्य ‘जटायोः शौर्यम्’ इति पाठात् उद्धृतः। पाठोऽयं मूलतः आदिकवि: वाल्मीकि रचितस्य रामायण महाकाव्यस्य अरण्यकाण्डात् सङ्कलितः। (आलोच्य श्लोक हमारी ‘शेमुषी’ पाठ्यपुस्तक के. ‘जटायोः शौर्यम्’ पाठ से उद्धृत है। मूलतः यह पाठ वाल्मीकि-विरचित रामायण महाकाव्य के अरण्यकाण्ड से संकलित है।)

प्रसंग: – महाकविः वाल्मीकिः अस्मिन् श्लोके पक्षिराज जटायोः वीरतां साहसं च चित्रयति। (महाकवि वाल्मीकि इस श्लोक में पक्षिराज जटायु की वीरता और साहस का चित्रण करते हैं।)

व्याख्या: – असौ महान् शक्तिपुञ्जः पक्षिशिरोमणि: तीक्षण नखयुक्ताभ्याम् पादाभ्यम् तु तस्य रावणस्य शरीरे विविधान् क्षतान् अकरोत्। (उस महान् शक्तिशाली पक्षियों के शिरोमणि ने तीखे नाखूनों से युक्त पंजों से उस रावण के शरीर में अनेक घाव कर दिये।)

अवबोधन कार्यम्

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत- (एक शब्द में उत्तर दीजिए-)
(क) रावणस्य गात्रे कैः व्रणान् चकार जटायु:?
(रावण के शरीर में जटायु ने किनसे घाव कर दिए?)
(ख) जटायोः किमपि एक विशेषण अस्मात् श्लोकात् लिखत्।
(जटायु का कोई एक विशेषण इस श्लोक से लिखिए।)

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत- (पूरे वाक्य में उत्तर दीजिए-) …
(क) जटायोः चरणौ कीदृशौ आस्ताम्? (जटायु के पैर कैसे थे?)
(ख) जटायुः रावण कथं क्षतमकरोत?
(जटायु ने रावण को कैसे क्षत कर दिया?)

प्रश्न 3.
यथानिर्देशम् उत्तरत-(निर्देशानुसार उत्तर दीजिए-)
(क) ‘महाबलः’ इत्यस्य विशेषणस्य विशेष्यपदं श्लोकात् चित्वा लिखत।
(‘महाबलः’ इस विशेषण का विशेष्य पद श्लोक से लिखिए।)
(ख) ‘तस्य’ इति सर्वनामपदं कस्य संज्ञापदस्य स्थाने प्रयुक्तम्?
(‘तस्य’ सर्वनाम किस संज्ञा पद के स्थान पर प्रयोग किया गया है?)
उत्तराणि :
(1) (क) तीक्ष्ण नखैः (तीखे नाखूनों से)।
(ख) महाबलः (महा बलवान)।

(2) (क) जटायो: चरणौ तीक्ष्णनखौ आस्ताम्। (जटायु के पैर तीखे नाखूनों वाले थे।)
(ख) जटायुः रावणं तीक्ष्ण नखाभ्यां चरणाभ्यां बहुधा व्रणान् चकार। (जटायु ने रावण को तीखे नाखूनों वाले पैरों (पंजों) से अनेक घाव कर दिए।)

(3) (क) जटायुः।
(ख) रावणस्य (रावण का)।

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

8. तोऽस्य सशरं चापं मुक्तामणिविभूषितम् ।
चरणाभ्यां महातेजा बभजास्य महद्धनुः ॥

अन्वय-ततः महातेजा (जटायुः) अस्य (रावणस्य) मुक्तामणिविभूषितं सशरं चापं महद् धनुः चरणाभ्यां बभञ्ज।

शब्दार्थाः – ततः = तदा (तब), महातेजा = महान् तेजस्वी (अत्यधिक तेज वाले), जटायुः = जटायु ने, अस्य = एतस्य (इस (रावण) के), मुक्तामणिविभूषितम् = मुक्ताभिः मणिभिः सज्जितम् (मोतियों और रत्नों से विभूषित/सुशोभित/सजे. हुए), सशरम् = बाणधारिणं (बाण सहित), महद् धनुः = विशालचापम् (महान् धनुष को) बभञ्ज = भग्नं कृतवान् (तोड़ दिया)।

हिन्दी अनुवादः

सन्दर्भ – प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ के ‘जटायोः शौर्यम्’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है जो आदिकवि वाल्मीकिकृत ‘रामायण’ के अरण्यकाण्ड से संकलित है।

प्रसंग – कवि महर्षि वाल्मीकि इस श्लोक में महाबली जटायु की वीरता का चित्रण करते हैं। – अनुवाद-तब महान् तेजस्वी (पक्षिशिरोमणि जटायु) ने इस रावण के मोतियों और रत्नों से विभूषित बाणों सहित महान धनुष को तोड़ दिया।

संस्कत व्यारव्याः

सन्दर्भ: – श्लोकोऽयम् अस्माकं ‘शेमुषी’ इति पाठ्यपुस्तकस्य ‘जटायोः शौर्यम्’ इति पाठात् उद्धृतः। पाठोऽयं मूलतः आदिकवि: वाल्मीकि रचितस्य रामायण महाकाव्यस्य अरण्यकाण्डात् सङ्कलितः। (प्रस्तुत श्लोक हमारी ‘शेमुषी’ पाठ्यपुस्तक के ‘जटायोः शौर्यम्’ पाठ से उद्धृत है। यह पाठ महाकवि वाल्मीकि-रचित रामायण के अरण्यकाण्ड से संकलित है।)

प्रसंग: – महर्षि वाल्मीकिः अस्मिन् श्लोके रावण-जटायोः युद्धं दर्शयन् महावीरस्य गृध्रराजस्य जटायोः वीरतां सामर्थ्य च . वर्णयति। (महर्षि वाल्मीकि इस श्लोक में रावण और जटायु का युद्ध दिखाते हुए महान वीर गृध्रराज जटायु की वीरता और सामर्थ्य का वर्णन करते हैं।)

व्याख्या: – तदा महान् पक्षिशिरोमणिः जटायुः एतस्य रावणस्य मुक्ताभि: मणिभिः विभूषितं शोभितं वा शरैः संयुक्त महत् शरासनं बाणधारिणं वा भग्नं कृतवान्। (तब महान् तथा पक्षियों में सर्वोपरि जटायु ने इस रावण के मुक्ता-मणियों से विरचित अर्थात् शोभित, बाणों से युक्त महान् अथवा बाणों को धारण किए धनुष को तोड़ दिया।)

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

अवबोधन कार्यम

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत- (एक शब्द में उत्तर दीजिए-)
(क) रावणस्य चापः कीदृशः आसीत्? (रावण का धनुष कैसा था?)
(ख) जटायुः चापं कैः अभनक्? (जटायु ने चाप को किससे तोड़ा?)

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत- (पूरे वाक्य में उत्तर दीजिए-)
(क) रावणस्य चापं कीदशं वर्णितम? (रावण का चाप कैसा वर्णित है?)
(ख) महातेजा जटायुना रावणस्य महत् धनुः कथं बभञ्ज?
(महान तेजस्वी जटायु ने रावण के धनुष को कैसे तोड़ दिया?)

प्रश्न 3.
यथानिर्देशम् उत्तरत-(निर्देशानुसार उत्तर दीजिए-)
(क) ‘महद्धनुः’ इत्यस्मात् पदात् विशेषणपदं पृथक् कृत्वा लिखत।
(महद्धनुः’ इस पद से विशेषण पद अलग कर लिखिए।)
(ख) ‘ततोऽस्य’ अत्र अस्य इति सर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम्?
(‘ततोऽस्य’ यहाँ ‘अस्य’ सर्वनाम पद किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?)
उत्तराणि :
(1) (क) मुक्तामणिविभूषितम् (मोती-मणियों से विभूषित था)।
(ख) चरणाभ्याम् (पंजों से)।

(2) (क) रावणस्य चापं सशरं मुक्तामणिविभूषितम् आसीत्। (रावण का धनुष बाण सहित मोती आदि मणियों से सुसज्जित था।)
(ख) महातेजा जटायुना रावणस्य महद्धनुः चरणाभ्यां बभञ्ज। (महान् तेजवाले जटायु ने रावण का महान् धनुष पंजों से तोड़ दिया।)

(3) (क) महत् (महान) ।
(ख) रावणस्य (रावण का)।

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

9. स भग्नधन्वा विरथो हताश्वो हतसारथिः।
तलेनाभिजधानाशु जटायुं क्रोधमूर्छितः ॥

अन्वय-सः भग्नधन्वा हताश्वः हतसारथिः विरथः क्रोधामूच्छितः (रावण:) आशु तलेन जटायुम् अभिजघान।

शब्दार्थाः – सः = असौ (वह), रावणः = लङ्कापतिः रावणः (लंकापति रावण), भग्नधन्वा = खण्डितधनुः (जिसका धनुष टूट गया है/टूटे हुए धनुष वाला), विरथः = रथविहीनः (रथरहित), हताश्वः = हतहयः (मरे हुए घोड़ों वाला/जिसके घोड़े मर चुके हैं), हतसारथिः = हतरथचालकः (मरे हुए सारथी वाला/जिसका सारथी मर चुका है), कोपाविष्ट (क्रुद्ध हुआ), आशु = शीघ्रम् (तत्काल), जटायुम् = खगेन्द्रम् (पक्षीराज गृद्ध की), अभिजघान = आक्रान्तवान् (हमला किया), तलेन = चपेताम् (थप्पड़)।

हिन्दी अनुवादः

सन्दर्भ – प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ के ‘जटायोः शौर्यम्’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है जो आदिकवि वाल्मीकिकृत ‘रामायण’ के अरण्यकाण्ड से संकलित है।

प्रसङ्ग – प्रस्तुत श्लोक में आदिकवि वाल्मीकि ने रावण द्वारा जटायु पर आक्रमण का वर्णन है।

अनुवाद – टूटे हुए धनुष वाला, रथहीन, जिसके घोड़े मर चुके हैं तथा जिसका सारथी मर चुका है, (ऐसा) उस रावण पर क्रोधित पक्षिराज जटायु ने थप्पड़ देकर हमला किया।

संस्कत व्यारव्याः

सन्दर्भ: – श्लोकोऽयम् अस्माकं ‘शेमुषी’ इति पाठ्यपुस्तकस्य ‘जटायोः शौर्यम्’ इति पाठात उदधतः। पाठोऽयं मलतः आदिकवि: वाल्मीकि रचितस्य रामायण महाकाव्यस्य अरण्यकाण्डात् सङ्कलितः। (यह श्लोक हमारी ‘शेमुषी’ पाठ्यपुस्तक के ‘जटायोः शौर्यम्’ पाठ से उद्धृत है। यह पाठ महर्षि वाल्मीकि विरचित रामायण महाकाव्य के अरण्यकाण्ड से संकलित है।)

प्रसंग: – अस्मिन् श्लोके कवि वाल्मीकिना जटायोः उपरि रावणस्य आक्रमण: वर्णितः। (इस श्लोक में कवि वाल्मीकि ने जटायु पर रावण के आक्रमण का वर्णन किया है।)

व्याख्या: – असौ लङ्कापतिः रावणः खण्डितधनुः, हतहयः, रथविहीनः हतरथचालकः, क्रुद्धः सन् शीघ्रमेव तलाघातेन पक्षिराज जटायुम् आक्रान्तवान्। (लंकापति रावण जिसका धनुष टूट गया था, घोड़े मर गये थे, रथ के बिना हो गया था, जिसके य का चालक मर गया थे, ने क्रुद्ध होकर शीघ्र ही जटायु पर थप्पड़ से आक्रमण कर दिया।)

अवबोधन कार्यम्

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत- (एक शब्द में उत्तर दीजिए-)
(क). ‘भग्नधन्वा इति कस्य विशेषणम् ? (‘भग्नधन्वा’ किसका विशेषण है?)
(ख) क्रोधमूञ्छितः कः आसीत् ? (क्रोध से मूच्छित कौन था?)

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत- (पूरे वाक्य में उत्तर दीजिए-)
(क) रावणः कीदृशः अभवत् ? (रावण कैसा हो गया?)
(ख) रावण जटायुं कथं जघान? (रावण ने जटायु को कैसे मारा?)

प्रश्न 3.
यथानिर्देशम उत्तरत-(निर्देशानसार उत्तर दीजिए-)
(क) ‘शीघ्रम् तत्कालं वा’ इति पदस्य समानार्थी पदं श्लोकात् चित्वा लिखत।
(‘शीघ्रं तत्कालं वा’ पद का समानार्थी पद श्लोक से चुनकर लिखिए)
(ख) ‘स भग्नधन्वा’ अत्र ‘सः’ इति सर्वनामपदं कस्य संज्ञास्थाने प्रयुक्तम् ?
(‘स भग्नधन्वा’ यहाँ ‘सः’ सर्वनाम पद किस संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त हुआ है?)
उत्तराणि :
(1) (क) रावणस्य (रावण का)।
(ख) रावणः (रावण)।

(2) (क) रावणः भग्नधन्वा, विरथः हताश्वो हतसारथिः च अभवत्।
(रावण टूटे धनुष वाला, बिना रथ, अश्वरहित, हत सारथी हो गया ।)
(ख) क्रोधमूछितः रावण जटायुं तलेनाभिजघान् (क्रोधित रावण ने थप्पड़ से जटायु पर हमला किया।)

(3) (क) आशु (तत्काल)।
(ख) रावणः।

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

10. जटायुस्तमतिक्रम्य तुण्डेनास्य खगाधिपः।
वामबाहून्दश तदा व्यपाहरदरिन्दमः ॥

अन्वय-तदा तम् (वारम्) अतिक्रम्य अरिन्दमः खगाधिपः तुण्डेन अस्य वाम दश बाहून् व्यपाहरत्।

शब्दार्थ – तदा = तदानीम् (तब), तम् वारम् = तं तलाघातम् (उस थप्पड़ के वार को), अतिक्रम्य = उल्लङ्घ्य (बचाव करके),अरिन्दमः = शत्रुदमनः/शत्रुनाशकः (शत्रुओं का विनाश करने वाला),खगाधिपः = पक्षिराजः (खगराज/पक्षियों = मुखेन/चञ्चुना (चोच से), अस्य = एतस्य रावणस्य (इस रावण की), वाम = वामभागे स्थितान् (बायी), दश बाहून् = दशभुजाः (दसों भुजाओं को), व्यपाहरत् = व्यनश्यत् (उखाड़ दिया/नष्ट कर दिया)।

हिन्दी अनुवादः

सन्दर्भ – प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ के ‘जटायोः शौर्यम्’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है जो आदिकवि वाल्मीकिकृत ‘रामायण’ के अरण्यकाण्ड से संकलित है।

प्रसङ्ग – प्रस्तुत श्लोक में रावण से युद्ध के समय जटायु की वीरता का वर्णन किया गया है।

अनुवाद – तब उस (थप्पड़ के वार) को बचा करके शत्रुओं का विनाश करने वाले पक्षियों के राजा जटायु ने अपनी चोंच से इस (रावण की) बायीं ओर की दसों भुजाओं को उखाड़ दिया।

संस्कत व्याख्याः

सन्दर्भ: – श्लोकोऽयम् अस्माकं ‘शेमुषी’ इति पाठ्यपुस्तकस्य ‘जटायोः शौर्यम्’ इति पाठात् उद्धृतः। पाठोऽयं मूलतः आदिकविः वाल्मीकि रचितस्य रामायण महाकाव्यस्य अरण्यकाण्डात् सङ्कलितः। (यह श्लोक हमारी ‘शेमुषी’ पाठ्यपुस्तक के ‘जटायोः शौर्यम्’ पाठ से उद्धृत है। यह पाठ वाल्मीकि रचित रामायण महाकाव्य के अरण्यकाण्ड से संकिलत है।)

प्रसंग: – अत्र कवि रावणेन सह प्रवृत्ते समरे जटायोः वीरतायाः वर्णनमस्ति। (यहाँ कवि रावण के साथ होने वाले युद्ध में जटायु की वीरता का वर्णन करता है।)

व्याख्या – तदा असौ जटायुः तम् चपेटाम् उललङ्हय शत्रुनाशकः पक्षिराज: जटायुः स्वकीयेन तीक्ष्णेन चञ्चुना एतस्य रावणस्य वामभागे स्थितान् दशभुजाः व्यनश्यत्। (तब वह जटायु उस थप्पड़ के वार को बचाकर, शत्रुविनाशक खगराज जटायु ने अपनी तेज चोंच से इस रावण के वाम भाग में स्थित दस भुजाओं को विनष्ट कर दिया अर्थात् काट दिया।)

अवबोधन कार्यम्

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत- (एक शब्द में उत्तर दीजिए-)
(क) जटायु केन रावणम् आक्रान्तवत्? (जटायु ने किससे रावण पर आक्रमण किया?)
(ख) जटायुः रावणस्य कान् अदशत्? (जटायु ने रावण के किनको डसा?)

JAC Class 9 Sanskrit Solutions Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत- (पूरे वाक्य में उत्तर दीजिए-)
(क) जटायुः रावणं कथम् आक्रान्तवत्? (जटायु ने रावण को कैसे आक्रमण किया?)
(ख) जटायुः रावणस्य कान् व्यपाहरत्? (जटायु ने रावण के किनको नष्ट कर दिया?)

प्रश्न 3. यथानिर्देशम् उत्तरत-(निर्देशानुसार उत्तर दीजिए-) ।
(क) ‘चञ्चुना’ इति पदस्य स्थाने श्लोके किं समानार्थी पदं प्रयुक्तम्?
(‘चञ्चुना’ पद के स्थान पर श्लोक में क्या समानार्थी पद प्रयोग हुआ है?)
(ख) ‘बामवाहून्दश’ अत्र विशेषणपदं चिनुत। (‘बामबाहून्दश’ यहाँ विशेषण पद को चुनिये।)
उत्तराणि :
(1) (क) तुण्डेन (चोंच से)।
(ख) वामबाहून् (बायीं भुजाओं को)।

(2) (क) खगाधिपः जटायुः रावणम् तुण्डेन आक्रम्य वामवाहून् अदशत्। (खगेश जटायु ने रावण पर चोंच से आक्रमण कर बायीं भुजायें काट दी।)
(ख) जटायुः रावणस्य दशवामबाहून् तुण्डेन अदशत्। (जटायु ने रावण की दश भुजाओं को चोंच से काट दिया।)

(3) (क) तुण्डेन (चोंच से)।
(ख) वाम विशेषणपदम्।

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.3

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.3

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Question 1.
In Fig, sides QP and RQ of ΔPQR are produced to points S and T respectively. If ∠SPR = 135° and ∠PQT = 110°, find ∠PRQ.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.3 - 1
Answer:
Given, ∠SPR = 135° and ∠PQT = 110°
∠SPR + ∠QPR = 180° (SQ is a straight line)
⇒ 135° + ∠QPR = 180°
⇒ ∠QPR = 45°
Also, ∠PQT +∠PQR = 180° (TR is a straight line)
⇒ 110° + ∠PQR= 180°
⇒ ∠PQR = 70°
Now, ∠PQR + ∠QPR + ∠PRQ = 180°
(Sum of the interior angles of the triangle)
⇒ 70° + 45° + ∠PRQ = 180°
⇒ 115° + ∠PRQ = 180°
⇒ ∠PRQ = 65°

Question 2.
In Fig, ∠X = 62°, ∠XYZ = 54°. If YO and ZO are the bisectors of ∠XYZ and ∠XZY respectively of ΔXYZ, find ∠OZY and ∠YOZ.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.3 - 2
Answer:
Given ∠X = 62°, ∠XYZ = 54°
YO and ZO are the bisectors of ∠XYZ and ∠XZY respectively.
∠X + ∠XYZ + ∠XZY = 180° (Sum of the interior angles of the triangle)
⇒ 62° + 54° + ∠XZY = 180°
⇒ 116° + ∠XZY = 180°
⇒ ∠XZY = 64°

Now, ∠OZY = \(\frac {1}{2}\) ∠XZY (ZO bisector.)
⇒ ∠OZY = 32°
also, ∠OYZ = \(\frac {1}{2}\) ∠XYZ (YO is the bisector.)
⇒ ∠OYZ = 27°
Now, ∠OZY + ∠OYZ + ∠YOZ = 180° (Sum of the interior angles of the triangle)
⇒ 32° + 27° + ∠YOZ = 180°
⇒ 59° + ∠YOZ = 180°
⇒ ∠YOZ = 121°

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.3

Question 3.
In, Fig , if AB || DE, ∠BAC = 35° and ∠CDE = 53° and ∠DCE.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.3 - 3
Answer:
Given, AB || DE, ∠BAC = 35° and ∠CDE = 53°
∠BAC = ∠CED (Alternate interior angles.)
∴ ∠CED = 35°
Now, ∠DCE + ∠CED + ∠CDE = 180° (Sum of the interior angles of the triangle)
⇒ ∠DCE + 35° + 53° = 180°
⇒ ∠DCE + 88° = 180°
⇒ ∠DCE = 92°

Question 4.
In Fig, if lines PQ and RS intersect at point T, such that ∠PRT = 40°, ∠RPT = 95° and ∠TSQ = 75°, find ∠SQT.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.3 - 4
Answer:
Given, ∠PRT = 40°, ∠RPT = 95° and ∠TSQ = 75°
∠PRT + ∠RPT + ∠PTR = 180° (Sum of the interior angles of the triangle)
⇒ 40° + 95° + ∠PTR = 180°
⇒ 135° + ∠PTR = 180°
⇒ ∠PTR = 45°
∠STQ = ∠PTR = 45° (Vertically opposite angles)
Now, ∠TSQ + ∠STQ + ∠SQT = 180° (Sum of the interior angles of the triangle)
⇒ 75° + 45° + ∠SQT = 180°
⇒ 120° + ∠SQT = 180°
⇒ ∠SQT = 60°

Page-108

Question 5.
In Fig, if PQ || PS, PQ || SR, ∠SQR = 28° and ∠QRT = 65°, then find the values of x and y.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.3 - 5
Answer:
Given, PQ || PS, PQ || SR, ∠SQR = 28° and ∠QRT = 65°
x + ∠SQR = ∠QRT (Alternate angles as QR is transversal)
⇒ x + 28° = 65°
⇒ x = 37°
also, ∠QSR = x (Alternate angles)
⇒ ∠QSR = 37°
also, ∠QRS+∠QRT=180°(Linear pair)
⇒ ∠QRS + 65° = 180°
⇒ ∠QRS =115°
Now, ∠P + ∠Q+ ∠R + ∠S = 360°
(Sum of the angles in a quadrilateral)
⇒ 90° + 65° + 115° + ∠S = 360°
⇒ 270° + y + ∠QSR = 360°
⇒ 270° + y + 37° = 360°
⇒ 307° + y = 360°
⇒ y = 53°

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.3

Question 6.
In Fig, the side QR of APQR is produced to a point S. If the bisectors of ∠PQR and ∠PRS meet at point T, then prove that ∠QTR = \(\frac{1}{2}\) ∠QPR.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.3 - 6
Answer:
Given: Bisectors of ∠PQR and ∠PRS meet at point T.
To prove: ∠QTR = \(\frac{1}{2}\) ∠QPR.
Proof: ∠TRS = ∠TQR + ∠QTR (Exterior angle of a triangle equals the sum of its interior opposite angles.)
⇒ ∠QTR = ∠TRS – ∠TQR …………(i) also,
∠SRP = ∠QPR + ∠PQR
∵ 2 ∠TRS = ∠QPR + 2 ∠TQR
⇒ ∠SRP = 2∠TRS and ∠PQR = 2∠TQR
⇒ ∠QPR = 2 ∠TRS – 2 ∠TQR
⇒ \(\frac{1}{2}\) QPR = ∠TRS – ∠TQR …………(ii)
Equating (i) and (ii)
∠QTR = \(\frac{1}{2}\) ∠QPR
∴ Hence, proved.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.2

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.2

Page-103

Question 1.
Fig, find the values of x and y and then show that AB || CD.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.2 - 1
Answer:
x + 50°=180° (Linear pair)
⇒ x = 130°
Also, y = 130° (Vertically opposite angle)
Now, x = y = 130°
Alternate interior angles are equal. Therefore, AB || CD.

Page-104

Question 2.
In Fig, if AB || CD, CD || EF and y : z = 3 : 7, find x.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.2 - 2
Answer:
Given, AB || CD end CD || EF y : z = 3 : 7
Now, x + y = 180°
(Angles on the same side of transversal.)
also, p = z (Corresponding angles)
and, y + p = 180° (Linear pair)
⇒ y + z = 180°
Let y = 3w and z = 7w
3w + 7w = 180°
⇒ 10 w = 180°
⇒ w = 18°
∴ y = 3×18° = 54° and, z = 7 × 18° = 126°
Now, x + y = 180°
⇒ x + 54° = 180°
⇒ x = 126°

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.2

Question 3.
In Fig, if AB || CD, EF || CD and ∠GED = 126°, find ∠AGE, ∠GEF and ∠FGE.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.2 - 3
Answer:
Given, AB || CD EF || CD ∠GED = 126°
∠FED = 90° (v EF || CD)
Now, ∠AGE = ∠GED
(Since, AB || CD and GE is transversal.
∴ ∠AGE = 126°
(Alternate interior angles.)
Also, ∠GEF = ∠GED – ∠FED
⇒ ∠GEF = 126° – 90°
⇒ ∠GEF = 36°
Now, ∠FGE + ∠AGE = 180°
⇒ ∠FGE = 180° – 126°
⇒ ∠FGE = 54°

Question 4.
In Fig, if PQ || ST, ∠PQR = 110° and ∠RST = 130°, find ∠QRS.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.2 - 4
[Hint: Draw a line parallel to ST through point R.]
Answer:
Given, PQ 11 ST, ∠PQR =110° and ∠RST = 130°
Construct, a line XY parallel to PQ and ST
∠PQR + ∠QRX= 180°
(Angles on the same side of transversal.)
⇒ 110° + ∠QRX = 180°
⇒ ∠QRX = 70°
Also, ∠RST + ∠SRY = 180°
(Angles on the same side of transversal.)
⇒ 130° + ∠SRY = 180°
⇒ ∠SRY = 50°
Now, ∠QRX + ∠SRY + ∠QRS = 180°
⇒ 70° + 50° + ∠QRS = 180°
⇒ ∠QRS = 60°

Question 5.
In Fig, if AB || CD, ∠APQ = 50° and ∠PRD = 127°, find x and y.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.2 - 5
Answer:
Given, AB || CD, ∠APQ = 50° and ∠PRD = 127°
∠PQR = ∠APQ
∴ x = 50° (Alternate interior angles)
∠PRD + ∠RPB = 180°
(Angles on the same side of transversal)
⇒ 127° + ∠RPB = 180°
⇒ ∠RPB = 53°
Now, y + 50° + ∠RPB = 180°
(AB is a straight line.)
⇒ y+50°+ 53°= 180°
⇒ y+ 103° = 180°
⇒ y = 77°

Question 6.
In Fig, PQ and RS are two mirrors placed parallel to each other. An incident ray AB strikes the mirror PQ at B, the reflected ray moves along the path BC and strikes the mirror RS at C and again reflects back along CD. Prove that AB || CD.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 6 Lines and Angles Ex 6.2 - 6
Answer:
Let us draw BE ⊥ PQ and CF ⊥ RS.
As PQ || RS
So, BE || CF
By laws of reflection we know that,
Angle of incidence = Angle of reflection
Thus, ∠1 = ∠2 and ∠3 = ∠4 ……….. (i)
also, ∠2 = ∠3 …………. (ii)
(alternate interior angles because BE || CF and a transversal BC cuts them at B and C)
From (i) and (ii),
∠1 + ∠2 = ∠3 + ∠4
⇒ ∠ABC = ∠DCB
AB || CD
(Alternate interior angles are equal)

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.2

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.2

Page – 34

Question 1.
Find the value of the polynomial 5x + 4x2 + 3 at
(i) x = 0
(ii) x = – 1
(iii) x = 2 ,
Answer:
(i) p(x) = 5x + 4x2 + 3
p(0) = 5(0) + 4(0)2 + 3 = 3

(ii) p(x) = 5x + 4x2 + 3
P(-1) = 5(-1) + 4(-1)2 + 3
= -5 + 4(1) + 3 = 2

(iii) p(x) = 5x + 4x2 + 3
p(2) = 5(2) + 4(2)2 + 3
= 10 + 16 + 3 = 29

Question 2.
Find p(0), p(1) and p(2) for each of the following polynomials:
(i) p(y) = y2 – y + 1
(ii) p(x) = x3
(iii) p(t) = 2 + t + 2t2 – t3
(iv) p(x) = (x – 1) (x + 1)
Answer:
(i) p(y) = y2 – y + 1
P(0) = (0)2 – (0) + 1 = 1
p(1) = (1)2 – (1) + 1 = 1
p(2) = (2)2 – (2) + 1 = 3

(ii) p(x) = x3
P(0) = (0)3 = 0
p(1) = (1)3 = 1
p(2) = (2)3 = 8

(iii) p(t) = 2 + t + 2t2 – t3
p(0) = 2 + 0 + 2 (0)2 – (0)3 = 2
P(1) = 2 + (1) + 2(1)2 – (1)3
= 2 + 1 + 2 – 1 = 4
p(2) = 2 + 2 + 2(2)2 – (2)3
= 2 + 2 + 8 – 8 = 4

(iv) p(x) = (x – 1) (x + 1)
P(0) = (0 – 1) (0 + 1) = (-1) (1) = – 1
p(1) = (1 – 1) (1 + 1) = 0(2) = 0
p(2) = (2 – 1) (2 + 1) = 1(3) = 3

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.2

Page – 35

Question 3.
Verify whether the following are zeroes of the polynomial, indicated against them.
(i) p(x) = 3x + 1, x = \(– \frac{1}{3}\)
(ii) p(x) = 5x – π, x = \(\frac{4}{5}\)
(iii) p(x) = x2 – 1, x = 1, – 1
(iv) p(x) = (x + 1) (x – 2), x = – 1, 2
(v) p(x) = x2, x = 0
(vi) p(x) = lx + m, x = \(– \frac{m}{l}\)
(vii) p(x) = 3x2 – 1, x = \(-\frac{1}{\sqrt{3}}, \frac{2}{\sqrt{3}}\)
(viii) p(x) = 2x + 1, x = \(\frac{1}{2}\)
Answer:
(i) If x = \(– \frac{1}{3}\) is a zero of polynomial p(x) then p(\(– \frac{1}{3}\)) = 0
p(\(– \frac{1}{3}\)) = 3(\(– \frac{1}{3}\)) + 1 = -1 + 1 = 0
Therefore, x = \(– \frac{1}{3}\) is a zero of polynomial p(x) = 3x + 1.

(ii) If x = \(\frac{4}{5}\) is a zero of polynomial
p(x) = 5x – π then p(\(\frac{4}{5}\)) should be 0.
p(\(\frac{4}{5}\)) = 5(\(\frac{4}{5}\)) – π = 4 – π ≠ 0
Therefore, x = \(\frac{4}{5}\) is not a zero of given polynomial p(x) = 5x – π.

(iii) If x = 1 and x = – 1 are zeroes of polynomial p(x) = x2 – 1, then p(1) and p(-1) each should be 0.
p(1) = (1)2 – 1 = 0 and
P(-1) = (-1)2 – 1 = 0
Hence, x = 1 and – 1 are zeroes of the polynomial p(x) = x2 – 1.

(iv) If x = -1 and x = 2 are zeroes of polynomial p(x) = (x + 1) (x – 2), then p( -1) and p(2) each should be 0.
p(-1) = (-1 + 1) (-1 – 2) = 0 (-3) = 0, and
p(2) = (2 + 1) (2 – 2) = 3 (0) = 0
Therefore, x = – 1 and x = 2 are zeroes of the polynomial p(x) = (x+1) (x – 2).

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.2

(v) If x = 0 is a zero of polynomial p(x) = x2, then p(0) should be zero.
Here, p(0) = (0)2 = 0
Hence, x = 0 is a zero of the polynomial p(x) = x2.

(vi) If x = \(– \frac{m}{l}\) is a zero of polynomial p(x) = lx + m, then p(\(– \frac{m}{l}\))= 0 should be 0.
p(\(– \frac{m}{l}\)) = l(\(– \frac{m}{l}\)) + m = -m + m = 0
Therefore x = (\(– \frac{m}{l}\)) is a zero of polynomial p(x) = lx + m

(vii) If x = \(-\frac{1}{\sqrt{3}}\) and x = \( \frac{2}{\sqrt{3}}\) are zeros of polynomial p(x) = 3x2 – 1, then p(\(-\frac{1}{\sqrt{3}}\)) and p(\( \frac{2}{\sqrt{3}}\))should be 0.
p(\( \frac{-1}{\sqrt{3}}\)) = \(3\left(\frac{-1}{\sqrt{3}}\right)^2\) – 1 = 3(\(\frac{1}{3}\))-1 = 1 – 1 = 0
p(\( \frac{2}{\sqrt{3}}\)) = \(3\left(\frac{2}{\sqrt{3}}\right)^2\) – 1 = 3(\(\frac{4}{3}\)) – 1 = 4 – 1 = 3 ≠ 0
Therefore, x = \( \frac{-1}{\sqrt{3}}\) is a zero of polynomial p(x) = 3x2 – 1 but, x = \( \frac{2}{\sqrt{3}}\) is not a zero of this polynomial.

(viii) If x = \(\frac{1}{2}\) is a zero of polynomial p(x) = 2x + 1then p(\(\frac{1}{2}\)) should be 0.
p(\(\frac{1}{2}\)) = 2(\(\frac{1}{2}\)) + 1 = 1 + 1 = 2 ≠ 0
Therefore, x = \( \frac{1}{2}\) is not a zero of given polynomial p(x) = 2x + 1

Question 4.
Find the zero of the polynomial in each of the following cases:
(i) p(x) = x + 5
(ii) p(x) = x – 5
(iii) p(x) = 2x + 5
(iv) p(x) = 3x – 2
(v) p(x) = 3x
(vi) p(x) = ax, a ≠ 0
(vii) p(x) = cx + d, c ≠ 0, d, are real numbers.
Answer:
(i) p(x) = x + 5
p(x) = 0
x + 5 = 0
x = – 5
Therefore, x = – 5 is a zero of polynomial p(x) = x + 5 .

(ii) p(x) = x – 5
p(x) =0
x – 5 = 0
x = 5
Therefore, x = 5 is a zero of polynomial p(x) = x – 5.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.2

(iii) p(x) = 2x + 5
p(x) = 0
2x + 5 = 0
2x = – 5
x = \(– \frac{5}{2}\)
Therefore, x = \(– \frac{5}{2}\) is a zero of polynomial p(x) = 2x + 5.

(iv) p(x) = 3x – 2
p(x) = 0
3x – 2 = 0
x = \( \frac{2}{3}\)
Therefore, x = \( \frac{2}{3}\) is a zero of polynomial p(x) = 3x – 2.

(v) p(x) = 3x
p(x) = 0
3x = 0
x = 0
Therefore, x = 0 is a zero of polynomial p(x) = 3x.

(vi) p(x) = ax, a ≠ 0
p(x) = 0
ax = 0
x = 0
Therefore, x = 0 is a zero of polynomial p(x) = ax.

(vii) p(x) = cx + d, c ≠ 0
p(x) = 0
cx + d = 0
x = \(– \frac{d}{c}\)
Therefore, x = \(– \frac{d}{c}\) is a zero of polynomial p(x) = cx + d.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 3 Coordinate Geometry Ex 3.1

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 3 Coordinate Geometry Ex 3.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Solutions Chapter 3 Coordinate Geometry Ex 3.1

Page – 54

Question 1.
How will you describe the position of a table lamp on your study table to another person?
Answer:
To describe the position of a table lamp on the study table, we have to take two lines, a perpendicular and other horizontal. Considering the table as a plane and taking perpendicular line as y-axis and horizontal as x-axis. Take one corner of table as origin where both x and y axes intersect each other. Now, the length of table is y axis and breadth is x axis. From the origin, join the line to the lamp and mark a point. Calculate the distance of this point from both x and y axes and then write it in terms of coordinates.

Let the distance of point from y-axis is x and from x-axis is y then the the position of the table lamp in terms of coordinates is (x, y).

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 3 Coordinate Geometry Ex 3.1

Question 2.
(Street Plan): A city has two main roads which cross each other at the centre of the city. These two roads are along the North-South direction and East-West direction.

All the other streets of the city run parallel to these roads and are 200 m apart. There are 5 streets in each direction. Using 1cm = 200 m, draw a model of the city on your notebook. Represent the roads/streets by single lines. There are many cross-streets in your model. A particular cross-street is made by two streets, one running in the North – South direction and another in the East – West direction. Each cross street is referred to in the following manner: If the 2nd street running in the North – South direction and 5th in the East – West direction meet at some crossing, then we will call this cross-street (2, 5). Using this convention, find:
(i) how many cross – streets can be referred to as (4, 3).
(ii) how many cross – streets can be referred to as (3, 4)
Answer:
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 3 Coordinate Geometry Ex 3.1 - 1
(i) Only one cross-street can be referred to as (4, 3) as we see from the figure.
(ii) Only one cross-street can be referred to as (3, 4) as we see from the figure.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.1

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.1

Page-155

Question 1.
Which of the following figures lie on the same base and between the same parallels. In such a case, write the common base and the two parallels.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 9 Areas of Parallelograms and Triangles Ex 9.1 - 1
Answer:
(i) Trapezium ABCD and ΔPDC lie on the same base DC and between the same parallel lines AB and DC.
(ii) Parallelogram PQRS and trapezium SMNR lie on the same base SR but not between the same parallel lines.
(iii) Parallelogram PQRS and ΔRTQ lie on the same base QR and between the same parallel lines QR and PS.
(iv) Parallelogram ABCD and ΔPQR do not lie on the same base but between the same parallel lines BC and AD.
(v) Quadrilateral ABQD and trapezium APCD lie on the same base AD and between the same parallel lines AD and BQ.
(vi) Parallelogram PQRS and parallelogram ABCD do not lie on the same base but between the same parallel lines SR and PQ.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.1

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.1

Question 1.
Which of the following expressions are polynomials in one variable and which are not? State reasons for your answer.
(i) 4x2 – 3x + 7
(ii) y2 + \( \sqrt{2} \)
(iii) 3\( \sqrt{t} \) + t\( \sqrt{2} \)
(iv) y + \(\frac{2}{y}\)
(v) x10 + y3 + t50
Answer:
(i) 4x2 – 3x + 7
There is only one variable x with whole number powers so this is a polynomial in one variable.

(ii) y2 + \( \sqrt{2} \)
There is only one variable y with whole number powers so this is a polynomial in one variable.

(iii) 3\( \sqrt{t} \) + t\( \sqrt{2} \)
There is only one variable t but in 3\( \sqrt{t} \) power of t is \(\frac{1}{2}\) which is not a whole number. So, 3\( \sqrt{t} \) + t\( \sqrt{2} \) is not a polynomial.

(iv) y + \(\frac{2}{y}\)
There is only one variable y but \(\frac{2}{y}\) = 2y-1 So, the power of y is not a whole number in the second term. Hence, y + \(\frac{2}{y}\) is not a polynomial.

(v) x10 + y3 + t50
There are three variables x, y and t. So, this is not a polynomial in one variable.

Question 2.
Write the coefficients of x2 in each of the following:
(i) 2 + x2 + x
(ii) 2 – x2 + x3
(iii) \(\frac{π}{2}\)x2 + x
(iv) \( \sqrt{2} \) – 1
Answer:
(i) Coefficient of x2 = 1
(ii) Coefficient of x2 = -1
(iii) Coefficient of x2 = \(\frac{π}{2}\)
(iv) Coefficient of x2 = 0

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.1

Question 3.
Give one example each of a binomial of degree 35, and of a monomial of degree 100.
Answer:
3x35 + 7 and 4x100 are binomials of degree 35 and monomial of degree 100 respectively.

Question 4.
Write the degree of each of the following polynomials:
(i) 5x3 + 4x2 + 7x
(ii) 4 – y2
(iii) 5t – \( \sqrt{7} \)
(iv) 3
Answer:
(i) 5x3 has highest power in the given polynomial, which is 3. Therefore, degree of polynomial is 3.
(ii) -y2 has highest power in the given polynomial, which is 2. Therefore, degree of polynomial is 2.
(iii) 5t has highest power in the given polynomial, which is 1. Therefore, degree of polynomial is 1.
(iv) There is no variable in the given polynomial. Therefore, degree of polynomial is 0.

Question 5.
Classify the following as linear, quadratic and cubic polynomials:
(i) x2 + x
(ii) x – x3
(iii) y + y2 + 4
(iv) 1 + x
(v) 3t
(vi) r2
(vii) 7x3
Answer:
(i) x2 + x Quadratic Polynomial
(ii) x – x3 Cubic Polynomial
(iii) y + y2 + 4 Quadratic Polynomial
(iv) 1 + x Linear Polynomial
(v) 3t Linear Polynomial
(vi) r2 Quadratic Polynomial
(vii) 7x3 Cubic Polynomial

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.2

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.2

Page-123

Question 1.
In an isosceles triangle ABC, with AB = AC, the bisectors of ∠B and ∠C intersect each other at O. Join A to O. Show that:
(i) OB = OC
(ii) AO bisects ∠A
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.2 - 1
Answer:
Given: AB = AC, the bisectors of ∠B and ∠C intersect each other at O.
Proof:
(i) Since ABC is an isosceles with AB = AC,
∴ ∠B = ∠C (Angles opposite to equal sides are equal)
⇒ \(\frac{1}{2}\)∠B = \(\frac{1}{2}\)∠C (As OB and OC bisects ∠B and ∠C)
⇒ ∠OBC = ∠OCB (Angle bisectors)
⇒ OB = OC (Sides opposite to the equal angles are equal)

(ii) In ΔABO and ΔAOC,
AB = AC (Given)
AO = AO (Common)
OB = OC (Proved above)
Therefore, ΔABO ≅ ΔACO by SSS congruence criterion.
∠BAO = ∠CAO (by CPCT)
Thus, AO bisects ∠A.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.2

Question 2.
In ΔABC, AD is the perpendicular bisector of BC (see Fig). Show that ΔABC is an isosceles triangle in which AB = AC.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.2 - 2
Answer:
Given: AD is the perpendicular bisector of BC
To prove: AB = AC
Proof: In ΔADB and ΔADC,
AD = AD (Common)
∠ADB = ∠ADC = 90° (AD ⊥ BC)
BD = CD (AD bisects BC)
Therefore, ΔADB ≅ ΔADC by SAS congruence criterion.
AB = AC (by CPCT)
∴ AABC is an isosceles triangle.

Page-124

Question 3.
ABC is an isosceles triangle in which altitudes BE and CF are drawn to equal sides AC and AB respectively (see Fig). Show that these altitudes are equal.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.2 - 3
Answer:
Given BE and CF are altitudes.
To prove: BE = CF
Proof: In ΔAEB and ΔAFC,
∠A = ∠A (Common)
∠AEB = ∠AFC (Right angles)
AB = AC (Given)
Therefore, ΔAEB ≅ ΔAFC by AAS congruence criterion.
Thus, BE = CF (CPCT)

Question 4.
ABC is a triangle in which altitudes BE and CF to sides AC and AB are equal (see Fig). Show that
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.2 - 4
(i) ΔABE ≅ ΔACF
(ii) AB = AC, i.e., ABC is an isosceles triangle.
Answer:
Given: BE = CF
Proof: (i) In ΔABE and ΔACF,
∠A = ∠A (Common)
∠AEB = ∠AFC (Right angles)
BE = CF (Given)
Therefore, ΔABE ≅ ΔACF by AAS congruence criterion.

(ii) Thus, AB = AC by CPCT and therefore, ABC is an isosceles triangle.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.2

Question 5.
ABC and DBC are two isosceles triangles on the same base BC (see Fig). Show that ∠ABD = ∠ACD.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.2 - 5
Answer:
Given: ABC and DBC are two isosceles triangles.
To prove: ∠ABD = ∠ACD
Proof: In ΔABD and ΔACD,
AD = AD (Common)
AB = AC (ABC is an isosceles triangle)
BD = CD (BCD is an isosceles triangle)
Therefore, ΔABD ≅ ΔACD by SSS congruence criterion.
Thus, ∠ABD = ∠ACD (CPCT)

Question 6.
ΔABC is an isosceles triangle in which AB = AC. Side BA is produced to D such that AD = AB (see Fig). Show that ∠BCD is a right angle.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.2 - 6
Answer:
Given: AB = AC and AD = AB
To prove: ∠BCD is a right angle.
Proof: In ΔABC,
AB = AC (Given)
AB = AD (Given)
∴ AC = AD …(i)
AB = AC (Given)
⇒ ∠ACB = ∠ABC (Angles opposite to the equal sides are equal.)

In ΔACD,
AD = AC (From (i))
⇒ ∠ADC = ∠ACD (Angles opposite to the equal sides are equal.)
In ΔBCD, ∠B + ∠C + ∠D = 180°
⇒ ∠B + (∠BCA + ∠DCA) + ∠D = 180°
⇒ 2 ∠BCA + 2 ∠ACD = 180°
(∵∠ACB = ∠ABC and ∠ADC = ∠ACD)
⇒ ∠BCA + ∠ACD = 90°
⇒ ∠BCD = 90°.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.2

Question 7.
ABC is a right angled triangle in which ∠A = 90° and AB = AC. Find ∠B and ∠C.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.2 - 7
Answer:
Given: ∠A = 90° and AB = AC
Proof: AB = AC
⇒ ∠C = ∠B (Angles opposite to the equal sides are equal)
Now, ∠A + ∠B + ∠C = 180° (Sum of the interior angles of the triangle)
⇒ 90° + 2∠B = 180° (∵∠B = ∠C)
⇒ 2∠B = 90°
⇒ ∠B = 45°
Thus, ∠B = ∠C = 45°

Question 8.
Show that the angles of an equilateral triangle are 60° each.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.2 - 8
Answer:
Let ABC be an equilateral triangle.
BC = AC = AB (Length of all sides in an equilateral triangle is same)
⇒ ∠A = ∠B = ∠C (Sides opposite to the equal angles are equal)
Also, ∠A + ∠B + ∠C = 180°
⇒ 3∠A = 180°
⇒ ∠A = 60°
Therefore, ∠A = ∠B = ∠C = 60°
Thus, the angles of an equilateral triangle are 60° each.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.1

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.1

Page-118

Question 1.
In quadrilateral ACBD, AC = AD and AB bisects ∠A (see Fig). Show that ΔABC ≅ ΔABD. What can you say about BC and BD?
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.1 - 1
Answer:
Given: AC = AD and AB bisects ∠A
To prove: ΔABC ≅ ΔABD
Proof: In AABC and AABD,
AB = AB (Common)
AC = AD (Given)
∠CAB = ∠DAB (AB is bisector)
Therefore, ΔABC ≅ ΔABD by SAS congruence criterion.
BC = BD (By CPCT).

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.1

Page-119

Question 2.
ABCD is a quadrilateral in which AD = BC and ∠DAB = ∠CBA (see Fig). Prove that
(i) ΔABD ≅ ΔBAC
(ii) BD = AC
(iii) ∠ABD = ∠BAC.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.1 - 2
Answer:
Given: AD = BC and ∠DAB = ∠CBA
Proof:
(i) In ΔABD and ΔBAC,
AB = BA (Common)
∠DAB = ∠CBA (Given)
AD = BC (Given)
Therefore, ΔABD ≅ ΔBAC by SAS
congruence criterion.

(ii) Since, ΔABD ≅ ΔBAC Therefore, BD = AC (by CPCT)

(iii) Since, ΔABD ≅ ΔBAC Therefore, ∠ABD = ∠BAC (by CPCT)

Question 3.
AD and BC are equal perpendiculars to a line segment AB (see Fig). Show that CD bisects AB.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.1 - 3
Answer:
Given: AD and BC are perpendiculars to AB.
To prove: CD bisects AB i.e. OA = OB
Proof: In ΔAOD and ΔBOC,
∠A = ∠B = 90° (Perpendicular)
∠AOD = ∠BOC (Vertically opposite angles)
AD = BC (Given)
Therefore, ΔAOD ≅ ΔBOC by AAS congruence criterion.
Now, AO = OB (CPCT) i.e. CD bisects AB.

Question 4.
l and m are two parallel lines intersected by another pair of parallel lines p and q (see Fig). Show that ΔABC ≅ ΔCDA.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.1 - 4
Answer:
Given: l || m and p || q
To prove: ΔABC ≅ ΔCDA
Proof: In ΔABC and ΔCDA,
As l || m
∴ ∠BCA = ∠DAC
(Alternate interior angles) AC = CA (Common)
As p 11q
∴ ∠BAC = ∠DCA (Alternate interior angles)
Therefore, ΔABC ≅ ΔCDA by ASA congruence criterion.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.1

Question 5.
Line l is the bisector of an angle ∠A and B is any point on P. BP and BQ are perpendiculars from B to the arms of ∠A (See Fig.) Show that
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.1 - 5
(i) ΔAPB ≅ ΔAQB
(ii) BP = BQ or B is equidistant from the arms of ∠A.
Answer:
Given: l is the bisector of an angle ∠A.
BP and BQ are perpendiculars.
Proof:
(i) In AAPB and AAQB,
∠P = ∠Q (Right angles)
∠BAP = ∠BAQ (l is bisector)
AB = AB (Common)
Therefore, ΔAPB ≅ ΔAQB by AAS congruence criterion.

(ii) BP = BQ by CPCT.
(∵ ΔAPB ≅ ΔAQB)
Therefore, B is equidistant from the arms of ∠A.

Page-120

Question 6.
In Fig, AC = AE, AB = AD and ∠BAD = ∠EAC. Show that BC = DE.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.1 - 6
Answer:
Given: AC = AE, AB = AD and ∠BAD = ∠EAC
To prove: BC = DE
Proof: ∠BAD = ∠EAC
∠BAD + ∠DAC = ∠EAC + ∠DAC (Adding ∠DAC both sides)
⇒ ∠BAC = ∠EAD
In AABC and AADE,
AC = AE (Given)
∠BAC = ∠EAD AB = AD (Given)
Therefore, ΔABC ≅ ΔADE by SAS congruence criterion.
BC = DE (by CPCT).

Question 7.
AB is a line segment and P is its mid¬point. D and E are points on the same side of AB such that ∠BAD = ∠ABE and ∠EPA = ∠DPB (see Fig). Show that
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.1 - 7
(i) ΔDAP ≅ ΔEBP
(ii) AD = BE
Answer:
Given: P is mid-point of AB.
∠BAD = ∠ABE and ∠EPA = ∠DPB
Proof:
(i) ∠EPA = ∠DPB
∠EPA + ∠DPE = ∠DPB + ∠DPE (Adding ∠DPE both sides)
⇒ ∠DPA = ∠EPB
In ΔDAP and ΔEBP,
∠DPA = ∠EPB
AP = BP (P is mid-point of AB)
∠BAD = ∠ABE (Given)
Therefore, ΔDAP ≅ ΔEBP by ASA congruence criterion.

(ii) AD = BE (by CPCT)

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.1

Question 8.
In right triangle ABC, right angled at C, M is the mid-point of hypotenuse AB. C is joined to M and produced to a point D such that DM = CM. Point D is joined to point B (see Fig). Show that:
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 7 Triangles Ex 7.1 - 8
(i) ΔAMC ≅ ΔBMD
(ii) ∠DRC is a right angle.
(iii) ΔDBC ≅ ΔACB
(iv) CM = \(\frac{1}{2}\)AB
Answer:
Given: ∠C = 90°, M is the mid-point of AB and DM = CM
Proof:
(i) In ΔAMC and ΔBMD,
AM = BM (M is the mid-point of AB)
∠CMA = ∠DMB (Vertically opposite angles)
CM = DM (Given)
Therefore, ΔAMC ≅ ΔBMD by SAS congruence criterion.

(ii) ∠ACM = ∠BDM (by CPCT)
Therefore, AC || BD as alternate interior angles are equal.
Now, ∠ACB + ∠DBC = 180° (co-interior angles)
⇒ 90° + ∠DBC = 180°
⇒ ∠DBC – 90°

(iii) In ΔDBC and ΔACB,
BC = CB (Common)
∠ACB = ∠DBC (Right angles)
DB = AC (by CPCT)
Therefore, ΔDBC ≅ ΔACB by SAS congruence criterion.

(iv) DC = AB (CPCT)
DM + CM = AB
⇒ CM + CM = AB (∵ DM = CM)
⇒ CM = AB
⇒ CM = \(\frac{1}{2}\) AB

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.4

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.4

Question 1.
Determine which of the following polynomials has (x + 1) a factor:
(i) x3 + x2 + x + 1
(ii) x4 + x3 + x2 + x + 1
(iii) x4 + 3x3 + 3x2 + x + 1
(iv) x3 – x2 – (2 + \( \sqrt{2} \))x + \( \sqrt{2} \)
Answer:
(i) If (x + 1) is a factor of p(x)
=x3 + x2 + x + 1, p(-1) must be zero.
p(-1) = (-1)3 + (-1)2 + (-1) + 1
= – 1 + 1 – 1 + 1 = 0
Therefore, x + 1 is a factor of this polynomial.

(ii) If (x+ 1) is a factor of p(x)
= x4 + x3 + x2 + x + 1, p(-1) must be zero.
∴ p(-1) = (-1)4 + (-1)3 + (-1)2 + (-1) + 1
= 1 – 1 + 1 – 1 + 1 = 1 ≠ 0
Therefore, x + 1 is not a factor of this polynomial.

(iii) If (x + 1) is a factor of polynomial
x4 + 3x3 + 3x2 + x + 1, p(-1) must be 0.
P(-1) = (-1)4 + 3(-1)3 + 3(-1)2 + (-1) + 1
= 1 – 3 + 3 – 1 + 1 = 1 ≠ 0
Therefore, x + 1 is not a factor of this polynomial.

(iv) If (x + 1) is a factor of polynomial
p(x) = x3 – x2 – (2 + \( \sqrt{2} \))x + \( \sqrt{2} \) , p(-1) must be 0.
p(-1) = (-1)3 – (-1)2 – (2 + \( \sqrt{2} \))(-1) + \( \sqrt{2} \)
= -1 – 1 + 2 + \( \sqrt{2} \) + \( \sqrt{2} \)
= 2\( \sqrt{2} \) ≠ 0
Therefore, x + 1 is not a factor of this polynomial.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.4

Question 2.
Use the Factor Theorem to determine whether g(x) is a factor of p(x) in each of the following cases:
(i) p(x) = 2x3 + x2 – 2x – 1, g(x) = x + 1
(ii) p(x) = x3 + 3x2 + 3x + 1, g(x) = x + 2
(iii) p(x) = x3 – 4x2 + x + 6, g(x) = x – 3
Answer:
(i) If g(x) = x + 1 is a factor of given polynomial p(x), then p(- 1) must be zero.
P(-1) = 2(-1)3 + (-1)2 – 2(-1) – 1
= 2(-1) + 1 + 2 – 1 = 0
Hence, g(x) = x + 1 is a factor of p(x).

(ii) If g(x) = x + 2 is a factor of given polynomial p(x),then p(-2) must be 0.
p(-2) = (-2)3 + 3(-2)2 + 3(-2) + 1
= – 8 + 12 – 6 + 1 = -1 ≠ 0
Hence g(x) = x + 2 is not a factor of p(x).

(iii) If g(x) = x – 3 is a factor of given polynomial p(x), then p(3) must be 0.
p(3) = (3)3 – 4(3)2 + 3 + 6 = 27 – 36 + 9 = 0

Therefore, g(x) = x – 3 is a factor of p(x).

Page – 44

Question 3.
Find the value of k, if x – 1 is a factor of p(x) in each of the following cases:
(i) p(x) = x2 + x + k
(ii) p(x) = 2x2 + kx + \( \sqrt{2} \)
(iii) p(x) = kx2 – \( \sqrt{2} \) x + 1
(iv) p(x) = kx2 – 3x + k
Answer:
(i) If x – 1 is a factor of polynomial p(x)
= x2 + x + k, then p(1) = 0
⇒ (1)2+ 1 + k = 0
⇒ 2 + k = 0
⇒ k = – 2
Therefore, value of k is – 2.

(ii) If x – 1 is a factor of polynomial p(x) = 2x2 + kx + \( \sqrt{2} \) , then p(1) = 0
⇒ 2(1)2 + k(1) + = 0
⇒ 2 + k + \( \sqrt{2} \) = 0
⇒ k = – 2 – \( \sqrt{2} \) = – (2 + \( \sqrt{2} \))
Therefore, value of k is – (2 + \( \sqrt{2} \) ).

(iii) If x – 1 is a factor of polynomial p(x) = kx2 – \( \sqrt{2} \) x + 1, then p(1) = 0
⇒ k(1)2 – \( \sqrt{2} \) (1) + 1 = 0
⇒ k – \( \sqrt{2} \) +1 = 0
⇒ k = \( \sqrt{2} \) – 1
Therefore, value of k is \( \sqrt{2} \) – 1.

(iv) If x – 1 is a factor of polynomial p(x) = kx2 – 3x + k, then p(1) = 0
⇒ k(1)2 – 3(1) + k = 0
⇒ k – 3 + k= 0
⇒ 2k – 3 = 0
Therefore, value of k is \(\frac{3}{2}\)

Question 4.
Factorise:
(i) 12x2 – 7x + 1
(ii) 2x2 + 7x + 3
(iii) 6x2 + 5x – 6
(iv) 3x2 – x – 4
Answer:
(i) 12x2 – 7x + 1
= 12x2 – 4x – 3x+ 1
= 4x (3x – 1) – 1 (3x – 1)
= (3x – 1) (4x – 1)

(ii) 2x2 + 7x + 3
= 2x2 + 6x + x + 3
= 2x (x + 3) + 1 (x + 3)
= (x + 3) (2x + 1)

(iii) 6x2 + 5x – 6
= 6x2 + 9x – 4x – 6
= 3x (2x + 3) – 2 (2x + 3)
= (2x + 3) (3x – 2)

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.4

(iv) 3x2 – x – 4
= 3x2 – 4x + 3x – 4
= x (3x – 4) + 1 (3x – 4)
= (3x – 4) (x + 1)

Question 5.
Factorise:
(i) x3 – 2x2 – x + 2
(ii) x3 – 3x2 – 9x – 5
(iii) x3 + 13x2 + 32x + 20
(iv) 2y3 + y2 – 2y – 1
Answer:
(i) Let p(x) = x3 – 2x2 – x + 2
Factors of 2 are ±1 and ± 2
By trial method, we find that p(-1) = 0
So, (x + 1) is factor of p(x)
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.4 - 1
Now, Dividend = Divisor × Quotient + Remainder
= (x + 1) (x2 – 3x + 2)
= (x + 1) (x2 – x – 2x + 2)
= (x+ 1) {x(x – 1) – 2(x – 1)}
= (x + 1) (x – 1) (x – 2)

(ii) Let p(x) = x3 – 3x2 – 9x – 5
Factors of 5 are ±1 and ±5
By trial method, we find that
p(5) = 0
So, (x – 5) is factor of p(x)
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.4 - 2
Now, Dividend = Divisor × Quotient + Remainder
= (x – 5) (x2 + 2x + 1)
= (x – 5) (x2 + x + x + 1)
= (x – 5) {x(x + 1) +l(x + 1)}
= (x – 5) (x + 1) (x + 1)

(iii) Let p(x) = x3 + 13x2 + 32x + 20
Factors of 20 are ±1, ±2, ±4, ±5, ±10 and ±20
By trial method, we find that
P(-1) = 0
So, (x+1) is factor ofp(x)
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.4 - 3
Now, Dividend = Divisor × Quotient + Remainder
= (x + 1) (x2 + 12x + 20)
= (x + 1) (x2 + 2x + 10x + 20)
= (x + 1) {x(x+2) +10(x+2)}
= (x + 1) (x+2) (x+10)

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.4

(iv) Let p(y) = 2y3 + y2 – 2y – 1
Factors of ab = 2 × (-1) = – 2 are ±1 and ±2
By trial method, we find that p(1) = 0
So, (y – 1) is factor of p(y)
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 2 Polynomials Ex 2.4 - 4
Now, Dividend = Divisor × Quotient + Remainder
= (y – 1) (2y2 + 3y + 1)
= (y – 1) (2y2 + 2y + y + 1)
= (y – 1) {2y(y + 1) + 1(y + 1)}
= (y – 1 )(2y + 1) (y + 1)

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 Number Systems Ex 1.5

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 Number Systems Ex 1.5 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Solutions Chapter 1 Number Systems Exercise 1.5

Question 1.
Classify the following numbers as rational or irrational:
(i) 2 – \(\sqrt{5}\)
(ii) (3 + \( \sqrt{23}\)) – \(\sqrt{23}\)
(iii) \(\frac{2 \sqrt{7}}{7 \sqrt{7}}\)
(iv) \(\frac{1}{\sqrt{2}}\)
(v) 2π
Answer:
(i) 2 – \(\sqrt{5}\) = 2 – 2.2360679…
= -0.2360679…
Since the number is non-terminating non-recurring therefore, it is an irrational number.

(ii) (3 + \(\sqrt{23}\)) – \(\sqrt{23}\)
3 + \( \sqrt{23}\) – \(\sqrt{23}\)
= 3 = \(\frac{3}{1}\)
The number is rational number as it can represented in \(\frac{p}{q}\) form, where p, q ∈ Z, q ≠ 0

(iii) \(\frac{2 \sqrt{7}}{7 \sqrt{7}}\)
The number is rational number as it can represented in \(\frac{p}{q}\) form, where p, q ∈ Z, q ≠ 0

(iv) \(\frac{1}{\sqrt{2}}\)
= 0.7071067811…
Since the number is non-terminating non-recurring therefore, it is an irrational number.

(v) 2π = 2 × 3.1415… = 6.2830…
Since the number is non-terminating non-recurring therefore, it is an irrational number.

Question 2.
Simplify each of the following expressions:
(i) (3 + \(\sqrt{3}\)) (2 + \(\sqrt{2}\))
(ii) (3 + \(\sqrt{3}\)) (3 – \(\sqrt{3}\))
(iii) (\(\sqrt{5}\) + \(\sqrt{2}\))2
(iv) (\(\sqrt{5}\) – \(\sqrt{2}\))(\(\sqrt{5}\) + \(\sqrt{2}\))
Answer:
(i) (3 + \(\sqrt{3}\)) (2 + \(\sqrt{2}\))
= 3 × 2 + 2\(\sqrt{3}\) + 3\(\sqrt{2}\) + \(\sqrt{3}\) ×\(\sqrt{2}\)
= 6 + 2\(\sqrt{3}\) + 3\(\sqrt{2}\) + \(\sqrt{6}\)

(ii) (3 + \(\sqrt{3}\)) (3 – \(\sqrt{3}\))
= 32– (\(\sqrt{3}\))2 = 9 – 3 = 6
[∵ (a + b) (a – b) = a2 – b2]

(iii) (\(\sqrt{5}\) + \(\sqrt{2}\))2
= (\(\sqrt{5}\))2 + (\(\sqrt{2}\))2 + 2 × \(\sqrt{5}\) × \(\sqrt{2}\)
[∵ (a + b)2 = a2 + b2 + 2ab]
= 5 + 2 + 2 × \(\sqrt{5}\) ×\(\sqrt{2}\)
= 7 + 2\(\sqrt{10}\)

(iv) (\(\sqrt{5}\) – \(\sqrt{2}\))(\(\sqrt{5}\) + \(\sqrt{2}\))
= (\(\sqrt{5}\))2 – (\(\sqrt{2}\))2
= 5 – 2 = 3
[∵ (a + b) (a – b) = a2 – b2]

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 Number Systems Ex 1.5

Question 3.
Recall, 7t is defined as the ratio of the circumference (say c) of a circle to its diameter (say d). That is, n = c/d. This seems to contradict the fact that n is irrational. How will you resolve this contradiction?
Answer:
There is no contradiction. When we measure a value with a scale, we only obtain an approximate value. We never obtain an exact value. Therefore, we may not realise that either c or d is irrational. The value of n is almost equal to 22/7 or 3.14159…

Question 4.
Represent \(\sqrt{9.3}\) on the number line.
Answer:
Step 1: Draw a line segment AB of 9.3 units. Extend it to C so that BC is of 1 unit.
Step 2: Now, AC = 10.3 units. Find the midpoint of AC and name it as O.
Step 3: Draw a semicircle with radius OC and centre O.
Step 4: Draw a perpendicular line segment BD to AC at point B which intersects the semicircle at D. Also, Join OD.
Step 5: Now, OBD is a right angled triangle.
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 Number Systems Ex 1.5 - 1
Here, OD = 10.3/2 (radius of semicircle),
OC = \(\frac{10.3}{2}\), BC = 1
OB = OC – BC = (\(\frac{10.3}{2}\)) – 1 = \(\frac{8.3}{2}\)
Using Pythagoras theorem
OD2 = BD2 + OB2
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 Number Systems Ex 1.5 - 2
Thus, the length of BD is \(\sqrt{9.3}\) units.

Step 6: Taking BD as radius and B as centre draw an arc which touches the line segment AC extended at the point E. The point E is at a distance of \(\sqrt{9.3}\) from B as shown in the figure.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 Number Systems Ex 1.5

Question 5.
Rationalise the denominators of the following:
(i) \(\frac{1}{\sqrt{7}}\)
(ii) \(\frac{1}{\sqrt{7}-\sqrt{6}}\)
(iii) \(\frac{1}{\sqrt{5}+\sqrt{2}}\)
(iv) \(\frac{1}{\sqrt{7}-2}\)
Answer:
(i) \(\frac{1}{\sqrt{7}}\) = \(\frac{1 \times \sqrt{7}}{\sqrt{7} \times \sqrt{7}}\) = \(\frac{\sqrt{7}}{7}\)

(ii) \(\frac{1}{\sqrt{7}-\sqrt{6}}\)
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 Number Systems Ex 1.5 - 3

(iii) \(\frac{1}{\sqrt{5}+\sqrt{2}}\)
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 Number Systems Ex 1.5 - 4

(iv) \(\frac{1}{\sqrt{7}-2}\)
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 Number Systems Ex 1.5 - 5