JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग

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JAC Class 9th Economics संसाधन के रूप में लोग InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या 17

प्रश्न 1.
चित्र 2.1 को देखकर क्या आप बता सकते हैं कि डॉक्टर, अध्यापक, इंजीनियर तथा दर्जी अर्थव्यवस्था के लिए किस प्रकार परिसम्पत्ति हैं?
उत्तर:
इस चित्र में डॉक्टर एक महिला को स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान कर रहा है, इन सेवाओं से व्यक्ति के स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। अध्यापक पढ़ाकर लोगों को शिक्षित करने का कार्य करके उनके मानसिक कौशल में वृद्धि करता है। स्वस्थ व शिक्षित व्यक्ति कुल उत्पादकता की वृद्धि में सहयोग करता है। इंजीनियर विभिन्न प्रकार की मशीनों, इंजनों, सड़क एवं पुलों का निर्माण करता है जो अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देते हैं। दर्जी कपड़ों की सिलाई करते हैं एवं मरम्मत करते हैं। अतः ये चारों देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में अपना पूर्ण सहयोग देते हैं इसीलिए इन्हें परिसम्पत्ति कहा जाता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या 18

प्रश्न 2.
क्या दोनों मित्रों के बीच आप कोई अन्तर पाते हैं? वे कौन-से अन्तर हैं ?
उत्तर:
हाँ, हम दोनों मित्रों सकल और विलास के मध्य अन्तर पाते हैं। ये अन्तर प्रमुख रूप से उनकी शिक्षा पर आधारित हैं। सकल के माता-पिता ने सकल को अच्छी शिक्षा दिलाई जिससे वह कम्प्यूटर इंजीनियर बना और कुल उत्पादकता में वृद्धि करके देश की संवृद्धि में योगदान दिया।

इसके विपरीत विलास को शिक्षा प्राप्त न होने के कारण तथा पारिवारिक स्थिति अच्छी न होने से वह गठिया से पीड़ित हुआ और वह कुछ न बन पाया और अपना पारम्परिक कार्य करने के लिए बाध्य हुआ। सकल हृष्ट-पुष्ट और स्वस्थ था जबकि विकल रोगी था। सकल नौकरी करता था जबकि विकल अपनी माँ की तरह मछलियाँ बेचकर अपना परिवार का भरण-पोषण बहुत कठिनाई से करता था।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या 21

प्रश्न 3.
आरेख 2.1 का अध्ययन करें तथा निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दें
1. क्या 1951 से जनसंख्या की साक्षरता-दर बढ़ी है?
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उत्तर:
हाँ, 1951 से भारत में जनसंख्या की साक्षरता दर में वृद्धि हुई है।

2. किस वर्ष भारत में साक्षरता-दर सर्वाधिक रही?
उत्तर:
सन् 2011 में भारत की साक्षरता-दर सर्वाधिक रही।

3. भारत में पुरुषों की साक्षरता-दर अधिक क्यों है?
उत्तर:
भारत में पुरुष प्रधान समाज होने के कारण पुरुषों को महिलाओं की अपेक्षा अधिक सुविधाएँ दी जाती हैं एवं लिंग भेद के कारण पुरुषों की साक्षरता दर अधिक है।

4. पुरुषों की अपेक्षा महिलाएँ कम शिक्षित क्यों हैं?
उत्तर:
पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की साक्षरता कम होने का प्रमुख कारण लिंग भेद और भारतीय समाज का पुरुष प्रधान होना है।

5. आप भारत में लोगों की साक्षरता दर का परिकलन कैसे करेंगे?
उत्तर:
भारत में लोगों की साक्षरता दर का परिकलन जनगणना के आँकड़ों से किया जाता है जो प्रति 10 वर्ष के अन्तराल पर होती है। इस हेतु निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है। साक्षरता दर =
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पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या 22

प्रश्न 4.
सारणी 2.1 की कक्षा में चर्चा करें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें
सारणी 2.1-उच्च शिक्षा के संस्थानों की संख्या, नामांकन तथा संकाय

वर्ष महाविद्यालयों की संख्या विश्वविद्यालयों की संख्या विद्यार्थी शिक्षाक
1950 – 50 750 30 2,63,000 24,000
1990-91 7,346 177 49,25,000 2,72,000
1998-99 11,089 238 74,70,000 3,42,000
2010-11 33,023 523 1,86,70,050 8,16,966
2012-13 37,204 628 2,23,02,938 9,25,396
2014-15 40,760 711 2,65,85,437 12,61,350
2015-16 41,338 753 2,84,84,746 14,38,000
2016-17 42,338 795 2,94,47,158 14,70,190
2017-18 41,012 851 3,66,42,378 12,84,957
2018-19 _ 911 _ _

1. क्या विद्यार्थियों की बढ़ती हुई संख्या को प्रवेश देने के लिए कॉलेजों की संख्या में वृद्धि पर्याप्त है?
उत्तर:
नहीं, विद्यार्थियों की बढ़ती हुई संख्या को प्रवेश देने के लिए कॉलेजों की संख्या में वृद्धि पर्याप्त नहीं है।

2. क्या आप सोचते हैं कि हमें विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ानी चाहिए?
उत्तर:
हाँ, हम सोचते हैं कि भारत में उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ानी चाहिए।

3. वर्ष 1950-51 से वर्ष 1998-99 तक शिक्षकों की संख्या में कितनी वृद्धि हुई है?
उत्तर:
वर्ष 1950-51 से वर्ष 1998-99 तक शिक्षकों की संख्या में 3,18,000 की वृद्धि हुई है।

4. भावी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के बारे में आपका क्या विचार है?
उत्तर:
भावी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में जहाँ छात्रों को बहुत-सी सुविधाएँ प्राप्त नहीं हैं वहाँ उन सुविधाओं को उपलब्ध कराया जाए तथा व्यावसायिक महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ाने की अति आवश्यकता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 24

प्रश्न 5.
दी गयी सारणी 2.2 को पढ़ें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें सारणी 2.2 सम्बन्धित वर्षों की स्वास्थ्य आधारिक संरचना विवरण
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ए. एन. एम. ऑक्लरी नर्स हाईड्राइड्स आर. एन. एण्ड आर. एम. रजिस्टर्ड नर्सेस एंड रजिस्टर्ड मिडवाइव्स एल. एच. वी. लेडी हेल्थ विजीटर्स। स्रोत : राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल 2013, 2014, 2015, 2016, 2017, 2018 केन्द्रीय स्वास्थ्य गुप्तचर ब्यूरो, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय।

प्रश्न 1.
2013 से 2017 तक औषधालयों की संख्या में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई है?
उत्तर:
2013 से 2017 तक औषधालयों की संख्या में 8.09% की वृद्धि हुई है।

प्रश्न 2.
2013 से 2017 तक डॉक्टरों और नर्सिंगकर्मियों में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई है ?
उत्तर:
2013 से 2017 तक भारतीय चिकित्सा परिषद में पंजीकृत डॉक्टरों में सारणी के अनुसार 60.13% की कमी आयी है तथा नर्सिंगकर्मियों की संख्या में 22.78% की वृद्धि हुई है। |

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या 25

प्रश्न 3.
क्या आपको लगता है कि डॉक्टरों और नौं की संख्या में वृद्धि पर्याप्त है? यदि नहीं, तो क्यों?
उत्तर:
हमें यह नहीं लगता कि डॉक्टरों और नर्सिंगकर्मियों की संख्या में हुई वृद्धि पर्याप्त है क्योंकि आज भी अस्पतालों औषधालयों में मरीजों की भीड़ लगी रहती है जिन्हें डॉक्टरों व नर्सिंगकर्मियों की अनुपलब्धता के कारण स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पाता है।

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प्रश्न 4.
किसी अस्पताल में आप और कौन-सी सुविधाएँ उपलब्ध कराना चाहेंगे?
उत्तर:
देश के प्रत्येक अस्पताल में समस्त बीमारियों से सम्बन्धित डॉक्टरों की उपस्थिति हो जो नागरिकों को स्वस्थ करने में मदद करें तथा प्रत्येक अस्पताल में सभी बुनियादी चिकित्सा उपकरण होने चाहिए ताकि किसी मरीज को डॉक्टर यह कहकर अन्यत्र भेजने की कोशिश न करें कि उक्त सुविधा यहाँ उपलब्ध नहीं है।

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प्रश्न 1.
‘संसाधन के रूप में लोग’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
‘संसाधन के रूप में लोग’ से तात्पर्य देश की कार्यशील जनसंख्या के कौशल एवं योग्यताओं से है। संसाधन के रूप में लोग सकल राष्ट्रीय उत्पाद के विकास में अपना सर्वोत्तम योगदान देते हैं। किसी भी देश का आर्थिक विकास जनसंख्या के आकार पर उतना निर्भर नहीं करता जितना कि वहाँ रहने वाले निवासियों के कौशल, तकनीकी दक्षता एवं स्वास्थ्य आदि पर निर्भर करता है। इस संसाधन को मानव संसाधन कहा जाता है।

प्रश्न 2.
मानव संसाधन भूमि और भौतिक पूँजी जैसे अन्य संसाधनों से कैसे भिन्न है?
उत्तर:
मानव संसाधन भूमि और भौतिक पूँजी जैसे अन्य संसाधनों से भिन्न है क्योंकि मानवीय संसाधन ही उत्पादन के अन्य संसाधनों का उपयोग करके उत्पादन की क्रिया को सरल बनाते हैं। मानवीय संसाधन के अभाव में उत्पादन के दूसरे संसाधन अनुपयोगी हैं।

प्रश्न 3.
मानव पूँजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है?
उत्तर:
शिक्षा के द्वारा मनुष्य की कुल उत्पादक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे उसकी आय बढ़ती है। जब लोगों की आय में वृद्धि होती है तो मानव पूँजी निर्माण में वृद्धि होती है जिससे न केवल जनसंख्या के जीवन स्तर में सुधार आता है बल्कि देश की कुल आय में भी वृद्धि होती है। इससे स्पष्ट होता है कि मानव पूँजी निर्माण में शिक्षा की अहम् भूमिका है।

प्रश्न 4.
मानव पूँजी निर्माण में स्वास्थ्य की क्या भूमिका है?
उत्तर:
जिस प्रकार शिक्षा के द्वारा जनसंख्या की उत्पादकता में वृद्धि होती है, ठीक उसी प्रकार स्वास्थ्य सेवाओं के द्वारा जनसंख्या की उत्पादकता में वृद्धि होती है क्योंकि एक स्वस्थ व्यक्ति ही अपने पूर्ण मनोयोग से उत्पादन कार्यों को रुचि के साथ पूरा कर सकता है। यदि व्यक्ति अस्वस्थ है तो उसका मन कार्य में नहीं लग पाता है और इसके कारण उत्पादन प्रभावित होता है।

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प्रश्न 5.
किसी व्यक्ति के कामयाब जीवन में स्वास्थ्य की क्या भूमिका है?
उत्तर:
किसी व्यक्ति के कामयाब जीवन में स्वास्थ्य की बहुत बड़ी भूमिका होती है क्योंकि व्यक्ति अपने स्वास्थ्य व ज्ञान के आधार पर ही सफलता प्राप्त करता है। वह किसी क्षेत्र का विशेषज्ञ है लेकिन स्वस्थ नहीं है तो उसे सफलता नहीं मिल सकती। क्योंकि हर नियोक्ता अपने यहाँ स्वस्थ लोगों की ही नियुक्ति करता है, अस्वस्थ व्यक्ति की नहीं और कहा भी जाता है कि “एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है।”

प्रश्न 6.
प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रकों में किस तरह की विभिन्न आर्थिक क्रियाएँ संचालित की जाती हैं?
उत्तर:
मानवीय क्रियाकलापों को प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रकों में विभाजित किया गया है, इन क्षेत्रकों में निम्नलिखित आर्थिक क्रियाएँ संचालित की जाती हैं

  1. प्राथमिक क्षेत्रक के अन्तर्गत वानिकी, कृषि, मत्स्य-पालन, पशुपालन, मुर्गीपालन और खनन जैसी आर्थिक क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है।
  2. द्वितीयक क्षेत्रक के अन्तर्गत उत्खनन और विनिर्माण से सम्बन्धित क्रियाएँ होती हैं।
  3. तृतीयक क्षेत्रक के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की सेवाओं, जैसे-व्यापार, संचार, परिवहन, बीमा, बैंकिंग, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन को शामिल किया गया है।

प्रश्न 7.
आर्थिक और गैर-आर्थिक क्रियाओं में क्या अन्तर है?
उत्तर:
आर्थिक क्रियाओं में मानव द्वारा लाभ या वेतन के उद्देश्य से की गई समस्त क्रियाओं को शामिल किया जाता है, जैसे मानव द्वारा पारिश्रमिक भुगतान के लिए सरकारी या प्राइवेट सेवाएँ प्रदान करना अथवा उत्पादन से सम्बन्धित क्रियाएँ करना। जबकि गैर आर्थिक क्रियाओं में मानव की वे समस्त क्रियाएँ शामिल होती हैं जिन्हें वह स्व-उपभोग के लिए करता है अथवा जिनका उद्देश्य लाभ अर्जित करना नहीं होता है, जैसे-एक गृहिणी द्वारा घर में सभी कार्यों को पूरा करना।

प्रश्न 8.
महिलाएँ क्यों निम्न वेतन वाले कार्यों में नियोजित होती हैं?
उत्तर:
महिलाएँ समाज में आज भी उपेक्षित हैं उन्हें न तो पुरुष वर्ग की भाँति शिक्षा और प्रशिक्षण और न ही स्वास्थ्य सुविधाएँ प्राप्त हैं तथा नियोक्ताओं का भी यह मानना है कि महिलाएँ शारीरिक रूप से पुरुषों की अपेक्षा कमजोर होती हैं। अतः वे उत्पादन में पुरुषों की बराबरी नहीं कर पातीं इसीलिए उन्हें निम्न वेतन वाले कार्यों में नियोजन प्राप्त होता है, लेकिन जैसे-जैसे महिलाएँ शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं उन्हें उच्च वेतन वाले कार्यों पर भी नियोजन प्राप्त होने लगा है।

प्रश्न 9.
‘बेरोजगारी’ शब्द की आप कैसे व्याख्या करेंगे?
उत्तर;
‘बेरोजगारी’ का आशय उस स्थिति से है जब व्यक्ति प्रचलित पारिश्रमिक पर काम करने को तैयार होता है लेकिन उसे कार्य नहीं मिलता है। अर्थात् वह निठल्ला (बेरोजगार) रहता है या उसके द्वारा किए गए कार्य से उत्पादन में कोई वृद्धि नहीं होती है।

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प्रश्न 10.
प्रच्छन्न और मौसमी बेरोजगारी में क्या अन्तर है?
उत्तर:
प्रच्छन्न बेरोजगारी वह स्थिति है जबकि व्यक्ति काम में लगा हुआ तो प्रतीत होता है लेकिन उसके कार्य से उत्पादन में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं होती अर्थात् आय में कोई बढ़ोत्तरी नहीं होती। ऐसी बेरोजगारी कृषि क्षेत्रों में अधिक पायी जाती है। इसके विपरीत मौसमी बेरोजगारी वह होती है जब लोगों को वर्ष के कुछ महीनों में तो काम मिलता है और शेष महीनों में वे कोई कार्य नहीं करते। इस प्रकार की बेरोजगारी कृषि क्षेत्रों व मौसम के आधार पर व्यापार करने वाले लोगों में अधिक दिखाई देती है।

प्रश्न 11.
शिक्षित बेरोजगारी भारत के लिए एक विशेष समस्या क्यों है?
उत्तर:
शिक्षित बेरोजगारी आज भारत के लिए एक विशेष समस्या बन गई है क्योंकि शिक्षा पूरी करने के बाद या तो लोग प्रशिक्षण प्राप्त नहीं कर पाने के कारण बेरोजगार हैं या फिर किसी क्षेत्र में आवश्यकता से अधिक लोग शिक्षित और प्रशिक्षित हैं तथा दूसरे क्षेत्रों में प्रशिक्षित लोगों की कमी है। शिक्षित बेरोजगारी बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण भी एक समस्या है क्योंकि जिस तेजी से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है उस तेजी से रोजगार के अवसर सृजित नहीं हो पा रहे हैं।

प्रश्न 12.
आपके विचार से भारत किस क्षेत्रक में रोजगार के सर्वाधिक अवसर सृजित कर सकता है?
उत्तर:
हमारे विचार से भारत में तृतीयक क्षेत्र जिसमें विभिन्न प्रकार की सेवाएँ लोगों को प्रदान की जाती हैं, उसमें रोजगार के सर्वाधिक अवसर सृजित कर सकता है।

प्रश्न 13.
क्या आप शिक्षा प्रणाली में शिक्षित बेरोजगारों की समस्या दूर करने के लिए कुछ उपाय सुझा सकते हैं?
उत्तर:
शिक्षित बेरोजगारों की समस्या दूर करने के लिए विभिन्न व्यवसायों के संचालन और कुछ उत्पादन प्रणालियों की जानकारी को पाठ्यक्रमों में शामिल करके इस समस्या का कुछ समाधान हो सकता है। दूसरे, एक निश्चित शिक्षा प्राप्त कर लेने के बाद इस प्रकार की व्यवस्था हो जहाँ से जिन क्षेत्रों में प्रशिक्षित लोगों की कमी या अधिकता है इसकी जानकारी लोगों को प्राप्त हो तब शिक्षित लोग कमी वाले क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करें तब ही इस समस्या से कुछ हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।

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प्रश्न 14.
क्या आप कुछ ऐसे गाँवों की कल्पना कर सकते हैं जहाँ पहले रोजगार का कोई अवसर नहीं था लेकिन बाद में बहुतायत में हो गया?
उत्तर:
हाँ, ऐसे एक नहीं बहुत से गाँव भारत में देखने को मिल जायेंगे जहाँ पहले रोजगार के कोई अवसर नहीं थे लेकिन सरकार द्वारा शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के प्रयासों से कुछ ने अपने बच्चों को शिक्षा और प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाएँ दिलायीं और इन शिक्षित-प्रशिक्षित व हृष्ट-पुष्ट नौजवानों ने अपने गाँव की काया पलट करने के लिए गाँव में ही अपने प्रशिक्षण का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर सृजित किए। जैसे कम्प्यूटर केन्द्र में विभिन्न लोगों को रोजगार मिला, सिलाई कार्य, शिक्षा के क्षेत्र में व एग्रो-इंजीनियरिंग क्षेत्रों के तहत नये-नये रोजगार के अवसर सृजित हुए।

प्रश्न 15.
किस पूँजी को आप सबसे अच्छा मानते हैं-भूमि, श्रम, भौतिक पूँजी और मानव पूँजी? क्यों?
उत्तर:
मानव पूँजी को हम सबसे अच्छा मानते हैं क्योंकि मानव पूँजी के माध्यम से ही भूमि, श्रम एवं भौतिक पूँजी का कुशलतम उपयोग किया जाता है। परन्तु भूमि और भौतिक पूँजी स्वयं कुछ नहीं कर सकती।

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JAC Class 10 Social Science Important Questions Economics Chapter 1 विकास

JAC Board Class 10th Social Science Important Questions Economics Chapter 1 विकास

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
निम्न में से सही विकल्प को चुनिएस्तम्भ A स्तम्भ B

A B
(क) पंजाब के समृद्ध किसान (i) काम करने के अधिक दिन तथा बेहतर मजदूरी
(ख) भूमिहीन ग्रामीण मजदूर (ii) सिंचाई के लिए अतिरिक्त साधनों की उपलब्धता
(ग) किसान जो खेती के लिए केवल वर्षा पर निर्भर हैं। (iii) किसानों को उनकी उपज के लिए ज्यादा समर्थन मूल्य
(घ) शहर के अमीर परिवार की एक लड़की (iv) उसे अपने भाई के समान आजादी मिलती है।

उत्तर:
(घ) शहर के अमीर परिवार की एक लड़की – (iv) उसे अपने भाई के समान आजादी मिलती है।

2. अगर आपको कहीं दूर-दराज के इलाके में नौकरी मिलती है, तो उसे स्वीकार करने से पहले आप आय के अतिरिक्त कौन से कारक पर विचार करेंगे
(क) परिवार के लिए सुविधाएँ
(ख) काम करने का वातावरण
(ग) सीखने के अवसर
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी

3. देशों की तुलना करने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण विशिष्टता समझी जाती है
(क) आय
(ख) व्यय
(ग) व्यवहार
(घ) अनैतिकता
उत्तर:
(क) आय

4. औसत आय को कहा जाता है
(क) प्रतिव्यक्ति आय
(ख) राष्ट्रीय आय
(ग) सकल राष्ट्रीय उत्पाद
(घ) सकल राष्ट्रीय आय
उत्तर:
(क) प्रतिव्यक्ति आय

5. निम्न में से कौन-सा कथन तीन स्तरों के लिए सकल नामांकन अनुपात दर्शाता है
(क) प्राथमिक स्कूल, माध्यमिक स्कूल और उससे आगे उच्च शिक्षा के नामांकन अनुपात का कुल योग
(ख) 10-14 वर्ष के बच्चों की साक्षरता दर।
(ग) 10-14 वर्ष की आयु के स्कूल जाने वाले ग्रामीण बच्चों का प्रतिशत
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(क) प्राथमिक स्कूल, माध्यमिक स्कूल और उससे आगे उच्च शिक्षा के नामांकन अनुपात का कुल योग

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6. निम्न में से कौन-सा संगठन मानव विकास रिपोर्ट तैयार करता है
(क) सार्क
(ख) विश्व बैंक
(ग) यू. एन. डी. पी.
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) सार्क

रिक्त स्थान

निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. इच्छाओं और आकांक्षाओं की पूर्ति ही ……….. आकांक्षाओं की पूर्ति ही…………………के लक्ष्य है।
उत्तर:
विकास,

2. विभिन्न देशों की तुलना करने का प्रमुख आधार उन देशों की…………….से होती है।
उत्तर:
आय,

3. देशों का विकास के आधार पर वर्गीकरण करते समय……………मापदण्ड का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर:
प्रतिव्यक्ति आय,

4. सात वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में साक्षर जनसंख्या का अनुपात…………..कहलाता है।
उत्तर:
साक्षारता दर।

अतिलयूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
आज के विश्व में हम अपनी आशाओं एवं सम्भावनाओं को वास्तविक जीवन में किस प्रकार प्राप्त कर सकते हैं?
उत्तर:
लोकतान्त्रिक राजनीतिक प्रक्रिया द्वारा हम अपनी आशाओं को वास्तविक जीवन में प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 2.
भूमिहीन ग्रामीण मजदूरों के किन्हीं दो विकास के लक्ष्य एवं आकांक्षाओं को बताइए।
उत्तर:

  1. काम करने के अंधिक दिन
  2. बेहतर मजदूरी।

प्रश्न 3.
लोगों द्वारा इच्छित आर्थिक लक्ष्य कौन-कौन से हैं?
उत्तर:

  1. नियमित काम
  2. बेहतर मजदूरी
  3. अपनी उपज एवं अन्य उत्पादों के लिए अच्छी कीमतें।

प्रश्न 4.
लोगों द्वारा इच्छित सामाजिक लक्ष्य कौन-कौन से हैं?
उत्तर:

  1. समान व्यवहार
  2. स्वतन्त्रता,
  3. सुरक्षा
  4. अन्य लोगों द्वारा सम्मान।

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प्रश्न 5.
विकास किसे कहते हैं?
उत्तर:
विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि होने के साथ-साथ असमानता, निर्धनता एवं निरक्षरता में कमी भी हो अर्थात् लोगों के आर्थिक जीवन में सुधार हो एवं उनका जीवन स्तर ऊँचा हो।

प्रश्न 6.
राष्ट्रीय आय को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी समयावधि में एक अर्थव्यवस्था में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं में कुल प्रवाह का मौद्रिक मूल्य राष्ट्रीय आय कहलाता है।

प्रश्न 7.
प्रतिव्यक्ति आय को परिभाषित कीजिए।
अथवा
औसत आय क्या है?
अथवा
प्रतिव्यक्ति आय का तात्पर्य लिखिए।
उत्तर:
जब देश की कुल आय को कुल जनसंख्या से भाग देकर निकाला जाता है तो उसे प्रतिव्यक्ति आय या औसत आय कहते हैं।
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प्रश्न 8.
जिन देशों की आय अधिक है उन्हें कम आय वाले देशों से अधिक विकसित क्यों समझा जाता है ?
उत्तर:
क्योंकि अधिक आय का अर्थ है- मानवीय आवश्यकता की सभी वस्तुओं का अधिक होना।

प्रश्न 9.
कौन-सा विकास का अधिक उपयुक्त मापदण्ड है?
अथवा
दो या अधिक देशों के विकास की तुलना का उपयुक्त माप क्या है?
उत्तर:
प्रतिव्यक्ति आय विकास का अधिक उपयुक्त मापदण्ड है।

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प्रश्न 10.
औसत आय के अतिरिक्त विकास के अन्य दो प्रमुख मापदण्ड क्या हैं?
उत्तर:

  1. शिशु मृत्यु दर
  2. साक्षरता।

प्रश्न 11.
अधिक आय को अपने आप में जीवन का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य क्यों समझा जाता है?
उत्तर:
क्योंकि आय (मुद्रा) से ही लोग अपनी अधि कांश आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते हैं।

प्रश्न 12.
आय के अतिरिक्त विकास को जानने के और कौन-कौन से मापदण्ड हैं?
उत्तर:

  1. अच्छा व्यवहार
  2. समानता
  3. स्वतन्त्रता
  4. सुरक्षा।

प्रश्न 13.
‘भारत में शिशु मृत्यु-दर’ को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी वर्ष में पैदा हुए 1000 जीवित बंच्चों में से एक वर्ष की आयु से पहले मर जाने वाले बच्च्वों का अनुपात शिशु मृत्यु दर कहलाता है।

प्रश्न 14.
साक्षरता दर शब्द को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
7 वर्ष और उससे ज्यादा आयु के व्यक्तियों में साक्षर जनसंख्या के अनुपात को साक्षरता दर कहते हैं।

प्रश्न 15.
केरल में शिशु मृत्यु दर कम क्यों है?
अथवा
केरल में शिशु मृत्यु दर कम होने के कारण बताइए।
उत्तर:
क्योंकि केरल में स्वास्थ्य और शिक्षा की भौतिक सुविधाएँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

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प्रश्न 16.
“यह आवश्यक नहीं कि जेब में रखा रुपया वे सब वस्तुएँ एवं सेवाएँ खरीद सके, जिनकी आपको एक बेहतर जीवन के लिए आवश्यकता हो सकती है।” ऐसी दो आवश्यकताएँ बताइए जो रुपयों से खरीदी नहीं जा सकती हैं।
उत्तर:

  1. प्रदूषण रहित वातावरण एवं
  2. बिना मिलावट वाले खाद्य पदार्थ

प्रश्न 17.
निम्नलिखित के पूरे नाम लिखिए-
1. एच. डी. आर. (H.D.R.),
2. बी. प्म. आई. (B.M.I.),
3. यू. एन. डी. पी. (U.N.D.P.)
4. एच. डी. आई. (H.D.I.)
उत्तर:

  1. मानव विकास रिपोर्ट (Human Development Report),
  2. शरीर द्रव्यमान सूचकांक (Body Mass Index),
  3. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United National Development Programme)
  4. मानव विकास सूचकांक (Human Development Index)

प्रश्न 18.
शरीर द्रव्यमान सूचकांक को कैसे माप सकते हैं?
उत्तर:
व्यक्ति के भार को उसकी लम्बाई के वर्ग से भाग देकर शरीर द्रव्यमान सूचकांक निकाला जाता है।

प्रश्न 19.
मानव विकास सूचकांक के किन्हीं दो सूचकों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. स्वास्थ्य स्थिति
  2. शिक्षा का स्तर।

प्रश्न 20.
भारत में 2017 में जन्म के समय सम्भावित आयु क्या है? आयु क्या है?
उत्तर:
68.8वर्ष

प्रश्न 21.
जन्म के समय सम्भावित आयु क्या दर्शाती है?
उत्तर:
जन्म के समय सम्भावित आयु व्यक्ति की जन्म के समय औसत आयु की सम्भावना को दर्शाती है।

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प्रश्न 22.
मानव विकास सूचकांक में भारत की कौन-सी स्थिति है?
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक में भारत 130 वें स्थान पर है।

प्रश्न 23.
धारणीय आर्थिक विकास क्या है?
उत्तर:
बिना पर्यावरण को नुकसान पहुँचाये आर्थिक विकास को आगे बढ़ना धारणीय आर्थिक विकास कहलाता है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA1)

प्रश्न 1.
विकास की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
विकास की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. अलग-अलग लोगों के विकास के लक्ष्य अलग-अलग हो सकते हैं।
  2. एक व्यक्ति के लिए जो विकास है, हो सकता है वह दूसरे व्यक्ति के लिए विकास न हो। दूसरे के लिए वह विनाशकारी भी हो सकता है।
  3. विकास के लिए सब लोग मिले-जुले लक्ष्यों को देखते हैं।
  4. विकास का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग है-आय, परन्तु ज़्यादा आय चाहने के अतिरिक्त लोग बराबरी का व्यवहार, स्वतन्त्रता, सुरक्षा एवं दूसरों से आदर मिलने की इच्छा भी रखते हैं।

प्रश्न 2.
विकास के अन्तर्गत सामान्यतः सभी व्यक्ति किन-किन लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहते हैं?
अथवा
आय के अतिरिक्त विकास के किन्हीं दो लक्ष्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
विकास के अन्तर्गत सामान्यतः सभी व्यक्ति अपनी आय को अधिक से अधिक करना चाहते हैं। साथ ही लोग समानता का व्यवहार, स्वतंत्रता, सुरक्षा एवं दूसरों से आदर मिलने की इच्छा भी रखते हैं। हमारा बेहतर जीवन कई भौतिक एवं अभौतिक वस्तुओं पर निर्भर करता है।

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प्रश्न 3.
देशों के बीच तुलना करने के लिए कुल आय अधिक उपयुक्त माप नहीं है। क्यों?
उत्तर:
देशों के बीच तुलना करने के लिए कुल आय अधिक उपयुक्त माप नहीं है क्योंकि देशों की जनसंख्या अलग-अलग होती है। कुल आय की तुलना करने से हमें यह ज्ञात नहीं होता है कि औसत व्यक्ति क्या कमा सकता है? क्या एक देश के लोग दूसरे देश के लोगों से बेहतर हैं? इसलिए हम औसत आय की तुलना करते हैं जो कि देश की कुल आय में कुल जनसंख्या का भाग देकर निकाली जाती है।

प्रश्न 4.
“धन उन सभी वस्तुओं और सेवाओं को नहीं खरीद सकता जिससे व्यक्ति बेहतर जीवन बिता सके।” उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यह सत्य है कि धन उन सभी वस्तुओं और सेवाओं को नहीं खरीद सकता जिससे व्यक्ति बेहतर जीवन बिता सके। उदाहरण के रूप में; धन प्रदूषण मुक्त वातावरण नहीं खरीद सकता, धन बिना मिलावट की वस्तुएँ नहीं दिला सकता, धन संक्रामक बीमारियों से नहीं बचा सकता। इसके अतिरिक्त धन शांति नहीं खरीद सकता।

लयूत्तरात्मक प्रश्न (SA2)

प्रश्न 1.
“एक के लिए जो विकास है वह दूसरे के लिए विकास न भी हो।” उक्त कथन को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यह कथन सत्य है कि एक के लिए जो विकास है वह दूसरे के लिए विकास नहीं भी हो सकता है। यह निम्न उदाहरणों से स्पष्ट है

  1. अधिक मजदूरी अर्थात् एक श्रमिक के लिए विकास परन्तु यह एक उद्योगपति के लिए ठीक नहीं हो सकता।
  2. एक धनिक किसान अथवा व्यापारी अपने खाद्यान्न ऊँची कीमतों पर बेचना चाहता है परन्तु एक गरीब किसान उसे कम कीमत पर खरीदना चाहता है।
  3. बिजली अधिक प्राप्त करने के लिए उद्योगपति अधिक बाँधों का निर्माण चाह सकते हैं परन्तु इससे कृषि भूमि में कमी आ सकती है जिससे लोगों के जीवन में संकट आ सकता है।
  4. बाँध के निर्माण से सस्ती एवं अधिक ऊर्जा मिलती है। परन्तु जिन लोगों को इसके निर्माण से बेघर होना पड़ता है वे विद्रोह पर उतारू हो जाते हैं, जैसे आदिवासी।

प्रश्न 2.
“विकास के लिए लोग मिले-जुले लक्ष्यों को देखते हैं।” कथन को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विकास एक प्रक्रिया है जिसमें प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि होने के साथ-साथ समानता, निर्धनता एवं निरक्षरता में कमी भी हो अर्थात् लोगों के आर्थिक जीवन में सुधार हो एवं उनका जीवन-स्तर ऊँचा हो। विकास के लिए लोग मिले-जुले लक्ष्यों को देखते हैं। यह सत्य है कि यदि महिलाएँ वेतनभोगी कार्य करती हैं तो घर एवं समाज में उनके आदर व सम्मान में वृद्धि होती है।

यद्यपि यह भी सत्य है कि यदि महिलाओं के लिए आदर है तो घर में उनके कामकाज में अधिक से अधिक हाथ बँटाया जाएगा तथा घर से बाहर कार्य करने वाली महिलाओं को अधिक स्वीकार किया जाएगा। सुरक्षित एवं संरक्षित वातावरण के कारण अधिकाधिक महिलाएँ विभिन्न प्रकार की नौकरियाँ अथवा व्यापार कर सकती हैं इसलिए लोगों के विकास के लक्ष्य केवल अच्छी आमदनी से ही नहीं होते बल्कि जीवन में अन्य महत्त्वपूर्ण वस्तुओं के बारे में भी होते हैं।

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प्रश्न 3.
राष्ट्रीय विकास क्या है? राष्ट्रीय विकास के अन्तर्गत किन-किन पक्षों को सम्मिलित किया गया है ?
उत्तर:
राष्ट्रीय विकास-किसी राष्ट्र के आर्थिक, सामाजिक एवं राजनैतिक विकास को राष्ट्रीय विकास के नाम से जाना जाता है।
राष्ट्रीय विकास के अन्तर्गत सम्मिलित विभिन्न पक्ष राष्ट्रीय विकास के अन्तर्गत निम्नलिखित पक्ष सम्मिलित हैं

  1. राष्ट्रीय विकास के अन्तर्गत सरकार यह निर्णय लेती है कि विकास का कौन-सा मार्ग न्यायसंगत व सही है।
  2. राष्ट्रीय विकास के अन्तर्गत केवल उन्हीं कार्यक्रमों एवं नीतियों को लागू किया जाता है, जिनसे अधिकतम लोगों को लाभ हो।
  3. राष्ट्रीय विकास के अन्तर्गत विचारों की भिन्नता एवं उनके समाधान के बारे में निर्णय लेना बहुत महत्त्वपूर्ण है।
  4. राष्ट्रीय विकास के अन्तर्गत हमें यह भी सोचना होगा कि विकास का अन्य कोई बेहतर तरीका है।

प्रश्न 4.
“औसत आय अधिक होने पर भी हरियाणा का मानव विकास क्रमांक केरल से नीचे है। इसलिए मानव विकास के लिए प्रतिव्यक्ति आय एक उपयोगी मापदण्ड बिल्कुल नहीं है।” इस कथन के पक्ष में कोई तीन तर्क दीजिए।
उत्तर:
मानव विकास के लिए प्रतिव्यक्ति आय एक उपयोगी मापदण्ड बिल्कुल नहीं हैं। इस कथन के पक्ष में निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत हैं
1. प्रायः
राज्यों की तुलना प्रतिव्यक्ति आय के आधार पर की जाती है लेकिन प्रतिव्यक्ति आय के आधार पर मानव विकास का सही माप नहीं किया जा सकता क्योंकि केवल प्रतिव्यक्ति आय के आधार पर ही मानव विकास को ज्ञात नहीं किया जा सकता। इसके अतिरिक्त शिक्षा, स्वास्थ्य, निर्धनता व सामाजिक सुविधाएँ आदि भी मानव विकास के अन्य महत्त्वपूर्ण निर्धारक हैं।

2. मानव विकास क्रमांक और औसत आय के बीच सम्बन्ध किसी समरूपता को नहीं दर्शाता है।

3. आय अपने आप में उन भौतिक वस्तुओं व सेवाओं का एक पूर्ण व पर्याप्त सूचक नहीं है जो, नागरिक प्रयोग करने के लिए सक्षम होते हैं।

4. मुद्रा से वे समस्त वस्तुएँ व सेवाएँ नहीं खरीदी जा सकतीं जो अच्छे रहन सहन के लिए आवश्यक हो सकती हैं।

उदाहरणस्वरूप: आपके पास उपलब्ध मुद्रा से आप प्रदूषण मुक्त वातावरण नहीं खरीद सकते। अतः औसत आय अधिक होने पर भी हरियाणा का मानव विकास क्रमांक केरल से नीचे है क्योंकि केरल के पास हरियाणा की तुलना में अन्य सुविधाएँ, जैसे-अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ, अधिक साक्षरता आदि उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त हरियाणा की तुलना में केरल में प्राथमिक कक्षाओं में विद्यार्थियों की निवल उपस्थिति अनुपात अधिक है।

प्रश्न 5.
औसत आय किस प्रकार ज्ञात की जाती है? तथा उन सूचकों को सूचीबद्ध कीजिए जिनके आधार पर मानव विकास सूचकांक बनाया जाता है।
अथवा
‘मानव विकास सूचकांक’ के तीन घटकों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
औसत आय: किसी देश की कुल आय में उसकी कुल जनसंख्या का भाग देकर औसत आय प्राप्त की जाती है। मानव विकास के सूचकों की सूची जनसंख्या का सम्बन्ध उपलब्ध संसाधनों के साथ-साथ प्राथमिक सुविधाओं, जैसे-स्वास्थ्य व शिक्षा, सामाजिक, आर्थिक, औद्योगिक एवं राजनैतिक दशाओं से भी होता है। ये सभी स्थितियाँ जनसंख्या तथा जीवनयापन के साधनों के बीच संतुलन बनाये रखने के लिए महत्त्वपूर्ण होते हैं। इस संतुलन को बनाये रखने एवं जीवन-स्तर में प्रगति ही मानव विकास है। मानव विकास के सूचक निम्नलिखित हैं

  1. जीवन काल: जिसकी माप जन्म के समय जीवन की प्रत्याशा से की जाती है। इसका अर्थ यह हुआ कि एक बच्चा अपने जन्म से कितने वर्ष तक जीवित रहेगा।
  2. शैक्षिक स्तर: जिसे प्रौढ़ साक्षर और प्राथमिक, माध्यमिक एवं उससे आगे की उच्च शिक्षा के सकल नामांक-अनुपात दोनों को जोड़कर मापा जाता है।
  3. प्रतिव्यक्ति आय: इसका उपयोग जीवन-स्तर को मापने में किया जाता है। प्रतिव्यक्ति आय की गणना सभी देशों के लिए डॉलर में की जाती है ताकि उसकी तुलना की जा सके।

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प्रश्न 6.
मानव विकास क्या है? मानव विकास सूचकांक का महत्व बताइए।
उत्तर:
मानव विकास स्वस्थ भौतिक पर्यावरण से लेकर आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक स्वतंत्रता तक समस्त प्रकार के मानव विकल्पों को सम्मिलित करते हुए लोगों के विकल्पों में विस्तार और उनके शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तथा सशक्तीकरण के अवसरों में वृद्धि की प्रक्रिया मानव विकास कहलाती है।

दूसरे शब्दों में कहा जाये, तो मानव विकास लोगों की इच्छाओं एवं उनके जीवन स्तर में वृद्धि लाने की प्रक्रिया है ताकि वे एक उद्देश्यपूर्ण एवं सक्रिय जीवन जी सकें। मानव विकास सूचकांक मानव विकास के विविध आयामों के मापन के लिए संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा निर्धारित विभिन्न संकेतकों को मानव विकास सूचकांक कहा जाता है। इसका महत्त्व निम्नलिखित है

  1. यह देश के विकास के स्तर का संकेत देता है।
  2. इसके माध्यम से आर्थिक विकास के महत्त्वपूर्ण घटकों यथा-जीवन प्रत्याशा, शिक्षा-प्राप्ति का स्तर एवं वास्तविक प्रतिव्यक्ति आय की जानकारी मिलती है।
  3. यह विभिन्न देशों को संकेत देता है कि वे मानव विकास की दिशा में कितने अग्रसर हो चुके हैं एवं उन्हें कितना और आगे बढ़ना है।

प्रश्न 7.
आर्थिक विकास एवं मानव विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आर्थिक विकास एवं मानव विकास में निम्नलिखित अन्तर हैं आर्थिक विकास एक साधन है।

आर्थिक विकास मानव विकास
1. आर्थिक विकास, विकास का एक संकीर्ण पक्ष है क्योंकि इसमें केवल वित्तीय पक्ष को ही लिया जाता है। 1. मानव विकास, विकास का व्यापक पक्ष है क्योंकि इसमें वित्तीय पक्ष के साथ-साथ गैर वित्तीय पक्षों को भी सम्मिलित किया जाता है।
2. इसके अन्तर्गत केवल मात्रात्मक विकास सम्मिलित होता है। 2. इसके अन्तर्गत मात्रात्मक विकास के साथ-साथ गुणात्मक पक्ष भी सम्मिलित होता है।
3. आर्थिक विकास, मानव विकास को प्राप्त करने का एक साधन है। 3. मानव विकास समस्त विकासों का अंतिम लक्ष्य है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विकास क्या है? विकास के विभिन्न लक्ष्यों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
अथवा
आपकी दृष्टि में, विकास की धारणीयता के सन्दर्भ में हमारे लक्ष्य क्या होने चाहिए? समझाइए।
अथवा
आर्थिक विकास के कोई तीन लक्ष्य समझाइए।
उत्तर:
विकास-विकास एक प्रक्रिया है जिसमें प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि होने के साथ-साथ निर्धनता, असमानता, अशिक्षा एवं बीमारी में कमी भी हो अर्थात् लोगों के आर्थिक स्तर में सुधार हो एवं उनका जीवन-स्तर उच्च हो। विकास के विभिन्न लक्ष्य विकास के विभिन्न लक्ष्य निम्नलिखित हैं

1. आय में वृद्धि करना:
यह विकास का सबसे प्रमुख लक्ष्य है। आय में वृद्धि के फलस्वरूप लोग पहले की तुलना में अधिक अच्छे तरीके से अपना जीवनयापन कर सकते हैं। इसके अन्तर्गत राष्ट्रीय आय एवं प्रतिव्यक्ति आय दोनों में वृद्धि के लक्ष्य को सम्मिलित किया जाता है। आय में वृद्धि से लोगों के जीवन-स्तर में सुधार होता है।

2. काम करने के अधिक दिन एवं बेहतर मजदूरी विकास का एक अन्य महत्त्वपूर्ण:
लक्ष्य यह है कि लोगों को काम करने के अधिक दिन उपलब्ध हों अर्थात् नियमित रूप से रोजगार की प्राप्ति हो। उन्हें नियमित रोजगार के साथ-साथ बेहतर मजदूरी भी प्राप्त हो ताकि वे अपना जीवनयापन अच्छे ढंग से कर सकें। लोगों को उनकी उपज का अधिक समर्थन मूल्य मिले।

3. शैक्षिक विकास विकास:
में शिक्षा की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षित व्यक्ति अधिक कार्यकुशल एवं उत्पादक होता है। शिक्षा से व्यक्ति न केवल अपना विकास करता है वरन् राष्ट्र का भी विकास करता है। अतः विकास के अन्तर्गत देश में शैक्षिक सुविधाओं का विकास किया जाना भी एक महत्त्वपूर्ण लक्ष्य है।

4. समानता का व्यवहार:
विकास के अन्तर्गत सभी लोगों के साथ समानता का व्यवहार किया जाना चाहिए। समानता के अन्तर्गत आर्थिक समानता के साथ-साथ सामाजिक व राजनैतिक समानता को भी सम्मिलित किया जाना चाहिए।

5. सुरक्षा:
किसी भी राष्ट्र का विकास इस प्रकार होना चाहिए कि उसमें निवास करने वाले समस्त समुदायों के लोग अपने आपको सुरक्षित समझें।

6. स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार:
विकास का एक अन्य महत्त्वपूर्ण लक्ष्य यह है कि देश में स्वास्थ्य सुविधाओं का पर्याप्त विकास एवं विस्तार किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार से देश में उत्पादन एवं आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

7. सार्वजनिक सुविधाओं का विस्तार:
किसी भी देश के विकास का एक अन्य महत्त्वपूर्ण लक्ष्य यह होता हैं कि देश में सार्वजनिक सुविधाओं का पर्याप्त विस्तार होना चाहिए, जिससे कि लोगों की सामूहिक आवश्यकताओं को पूरा किया जाना सुनिश्चित हो सके।

JAC Class 10 Social Science Important Questions

JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 1 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

JAC Board Class 9th Social Science Solutions Civics Chapter 1 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

JAC Class 9th Civics लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों? InText Questions and Answers 

विद्यार्थियों हेतु आवश्यक निर्देश:
पाठ्य-पुस्तक के इस अध्याय में विभिन्न पृष्ठों पर लड़के/लड़की के कार्टून चित्रों के नीचे अथवा ‘खुद करें-खुद सीखें’ शीर्षक से बॉक्स में अथवा ‘कार्टून बूझे’ शीर्षक के नीचे अथवा ‘कहाँ पहुँचे? क्या समझे?’ शीर्षक से बॉक्स में प्रश्न दिए हुए हैं। इन प्रश्नों के क्रमानुसार उत्तर निम्न प्रकार से हैं

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 3

प्रश्न 1.
आइए लिंगदोह मैडम की बात को गंभीरता से लें और कलम, बारिश और प्रेम जैसे सदा प्रयोग होने वाले साधारण शब्दों की ठीक-ठीक परिभाषा लिखने की कोशिश करें। जैसे, क्या कलम की कोई स्पष्ट परिभाषा है जो उसे पेंसिल, बुश, हाइलाइटर या मार्कर से अलग बताती हो ?
उत्तर:
पेन स्याही से चलने वाला एक ऐसा उपकरण है जिसके निब या प्वांइट के निर्माण में किसी-न-किसी धातु का प्रयोग किया जाता है, किन्तु अन्य दिए गए उपकरणों पर यह बात लागू नहीं होती है।

JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 1 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

प्रश्न 2.
इस प्रयोग से आपने क्या सीखा?
उत्तर:
इस प्रयोग से हमने सीखा कि प्रत्येक वस्तु की अपनी खास विशेषता और पहचान होती है, जिसके आधार पर उसे अन्य दूसरी वस्तुओं से अलग किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
लोकतन्त्र का अर्थ समझने में इस अनुभव ने हमें क्या-क्या सिखाया?
उत्तर:
लोकतन्त्र को समझने में इस अनुभव से हमें शिक्षा मिलती है कि उसे उसके खास लक्षण या विशेषताओं के आधार पर सरकार के अन्य रूपों से अलग किया जा सकता है। यही लक्षण लोकतन्त्र की पहचान है।

प्रश्न 4.
मैंने तो यह भी सुना है कि लोकतन्त्र एक ऐसी व्यवस्था है जहाँ लोक पर तंत्र हावी रहता है। इसके बारे में आपकी क्या राय है?
उत्तर:
वास्तव में लोकतन्त्र जनता का, जनता द्वारा तथा जनता के लिए एक शासन पद्धति है। क्योंकि यह जनता की इच्छाओं का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए यह कहना गलत है कि लोकतन्त्र एक ऐसी व्यवस्था है जहाँ लोक पर तंत्र हावी रहता है।

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प्रश्न 5.
रिबियांग स्कूल से घर गई और उसने लोकतन्त्र के बारे में कुछ अन्य प्रसिद्ध व्यक्तियों के कथनों को जमा किया। इस बार उसने इन उक्तियों को कहने या लिखने वाले के नाम का उपयोग नहीं किया। वह चाहती है कि आप भी इन्हें पढ़ें और बताएँ कि ये उक्तियाँ कितनी अच्छी या उपयोगी हैं?
1. लोकतन्त्र हर व्यक्ति को अपना शोषक आप बन जाने का अधिकार देता है।
2. लोकतन्त्र का मतलब है अपने तानाशाहों का चुनाव करना पर उनके मुँह से अपनी इच्छा की बातें सुनने के बाद।
3. व्यक्ति की न्यायप्रियता लोकतंत्र को सम्भव बनाती है, लेकिन अन्याय के प्रति व्यक्ति का रुझान लोकतन्त्र को जरूरी बनाता है।
4. लोकतन्त्र शासन का ऐसा तरीका है जो सुनिश्चित करता है कि हम जैसी सरकार के लायक हैं वैसी सरकार ही हम पर शासन करे।
5. लोकतन्त्र की सारी बुराइयों को और अधिक लोकतन्त्र से ही दूर किया जा सकता है।
उत्तर:
1. यह विचार एक सीमा तक सही भी है कि हम जिस प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं वही हमारा शोषण करता है, किन्तु इसमें लोकतन्त्र का दोष नहीं है, व्यक्ति का दोष होता है जो लोगों की उन भावनाओं की कद्र नहीं करते हैं जिसके कारण लोगों ने उनका चुनाव किया है। यह वास्तव में लोकतांत्रिक पद्धति का दुरुपयोग है।

2. यदि हम वर्तमान संदर्भ में देखें तो यह विचार हमारी व्यवस्था पर व्यावहारिक रूप से लागू हो रहा है। जिन लोगों को हम चुनकर प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजते हैं, वे हमारी समस्या को भूलकर अपने लाभ की सोचते हैं लेकिन यह लोकतान्त्रिक सिद्धान्तों के विपरीत है। ऐसे विचारों की लोकतन्त्र अथवा समाज में कोई उपयोगिता नहीं है। हमें अपने प्रतिनिधि सोच-समझ कर चुनने चाहिए।

3. लोकतन्त्र की माँग है कि शासक वर्ग में न्याय करने की क्षमता हो। यदि जनप्रतिनिधि लोगों की समस्याओं के साथ न्याय नहीं कर पाएँ तो लोकतन्त्र का कोई अर्थ नहीं रह जाता। अन्याय को रोकना लोकतन्त्र की जरूरत है। सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक अन्याय को लोकतान्त्रिक ढाँचे के तहत प्रभावी रूप से दूर किया जा सकता है। अतः इस विचार की उपयोगिता बहुत अधिक है।

4. यह विचार कुछ हद तक ठीक है कि जनता जैसी होती है सरकार भी वैसी ही होती है। हम जैसे होते हैं हमारे विचार भी वैसे होते हैं। किन्तु लोकतन्त्र एक ऐसी पद्धति है जिसमें यदि विकल्प उपलब्ध हों तो हम अपने से बेहतर लोगों को अपने प्रतिनिधित्व का मौका दे सकते हैं। वर्तमान संदर्भ में इस विचार की उपयोगिता बहुत अधिक है।

5. हम जितने अधिक लोकतान्त्रिक होते हैं, लोगों की सहभागिता तथा शासन की पारदर्शिता उतनी ही अधिक होती जाती है। लोगों की बढ़ती सहमति से संघर्ष की संभावना उतनी ही कम होती जाती है तथा देश में शांति आ जाती है। यह शांति और समृद्धि की ओर ले जाती है। अत: इस विचार की बहुत अधिक उपयोगिता है। |

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 4

प्रश्न 6.
इराक में अमेरिका और अन्य विदेशी शक्तियों की उपस्थिति में हुए चुनाव के समय यह कार्टून बना था। यह कार्टून क्या कहता है? इसमें डेमोक्रेसी’ को इस तरह क्यों लिखा गया है?
उत्तर:
इस कार्टून के द्वारा यह बताने की कोशिश की गई है कि अमेरिकी सैनिक, इराकी शासन व्यवस्था को सुधारकर वहाँ लोकतन्त्र स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें ‘डेमोक्रेसी’ को इस तरह से इसलिए लिखा गया है क्योंकि कार्टून के द्वारा यह बताया जा रहा है कि इराक में अभी पूरी तरह से लोकतन्त्र मजबूत नहीं हुआ है। अब इसे उठाया जा रहा है एवं उसे खड़ा होने में अभी समय लगेगा।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 5

प्रश्न 7.
सीरिया पश्चिम एशिया का एक छोटा-सा देश है। शासक बाथ पार्टी और उसकी कुछ सहयोगी पार्टियों को ही देश में राजनीतिक गतिविधियों की अनुमति है। क्या इस कार्टून को चीन और मैक्सिको पर भी लाग किया जा सकता है? लोकतन्त्र के माथे पर पत्तों से बने ताज का क्या महत्व है?
उत्तर:
हाँ, इस कार्टून को चीन तथा मैक्सिको जैसे देशों पर भी लागू किया जा सकता है क्योंकि इन देशों में भी एक दल की सरकार है। केवल एक विशेष राजनीतिक पार्टी ही यहाँ शासन करती है।
अन्य दलों को राजनीतिक स्वीकृति प्राप्त नहीं है। पत्तों से बने ताज से यह पता चलता है कि जिस तरह एक ही शाखा में कई पत्तियाँ हैं, उसी तरह एक ही राजनीतिक दल अपने कई सहयोगी दलों की सहायता से सत्ता पर कब्जा बनाए हुए है। किसी दूसरी शाखा का न होना अन्य राजनीतिक दलों के न होने का संकेत देता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 6 

प्रश्न 8.
यह कार्टून लातिनी अमेरिका के सन्दर्भ में बना था। क्या आपको लगता है कि यह पाकिस्तान पर भी फिट बैठता है।कुछ अन्य देशों के बारे में सोधिए जिन पर यह कार्टून लागू हो सकता है। क्या ऐसा कई बार हमारे देश में भी होता है?
उत्तर:
यह कार्टून हथियारों के बल पर बूथ लूटने के दृश्य को प्रदर्शित करता है। यह लोकतन्त्र के अपहरण की ओर इशारा करता है। हाँ, यह पाकिस्तानी परिस्थितियों पर भी ठीक बैठता है, क्योंकि वहाँ सैनिक शासन ने लोकतन्त्र का अपहरण कर रखा था। यह चीन, म्यांमार आदि देशों पर भी लागू हो सकता है। हाँ, कभी-कभी इस तरह की छोटी-मोटी घटनाएँ हमारे देश में भी घटित होती रहती हैं। जब कुछ लोगों द्वारा इस तरह का गलत कार्य किया जाता है।

प्रश्न 9.
जाने कहाँ-कहाँ की बातें हो रही हैं! क्या लोकतन्त्र का मतलब सिर्फ सरकारों और शासनों से ही है? क्या हम अपनी कक्षा में लोकतांत्रिक व्यवस्था की बात कर सकते हैं? क्या हम अपने परिवार में लोकतन्त्र की बात कर सकते हैं? क्या हम एक लोकतान्त्रिक परिवार की बात कर सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, लोकतन्त्र का मतलब केवल शासन और सरकार से ही नहीं होता है। जनता के बिना शासन और सरकार का कोई अर्थ नहीं होता है। लोकतन्त्र, सरकार और शासन में जनता की सहभागिता से सम्बन्धित होता है। लोकतन्त्र आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय से सम्बन्धित है। हाँ, निश्चय ही हम अपने परिवार में लोकतन्त्र की बात कर सकते हैं। हाँ, जब हम अपनी कक्षा में मॉनीटर का चुनाव करते हैं तो यह लोकतांत्रिक पद्धति का उदाहरण होता है। परिवार के सदस्यों में विचार-विमर्श करके कोई निर्णय लेते हैं, तो यह लोकतान्त्रिक परिवार का उदाहरण होता है।
हाँ, हम एक लोकतान्त्रिक परिवार की बात कर सकते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 7

प्रश्न 10.
यह कार्टून लातिनी अमेरिका के लोकतन्त्र के कामकाज से सम्बन्धित है। इसमें सिक्कों की थैलियों का क्या मतलब है? राजनीति में थैलीशाहों की भूमिका के बारे में कार्टून बनाने वाला क्या कहना चाहता है ? क्या इस कार्टून को भारत पर भी लागू किया जा सकता है?
उत्तर:
इसमें सिक्कों की थैलियों का मतलब है कि लोकतन्त्र का निर्माण एवं विकास काफी खर्चीला होता है। चुनाव के समय उसके स्वतंत्र तथा निष्पक्ष आयोजन पर सरकार द्वारा बहुत अधिक मात्रा में पैसा खर्च किया जाता है। साथ ही, उम्मीदवारों तथा सम्बन्धित दलों द्वारा भी बहुत पैसा खर्च किया जाता है। राजनीति में थैलीशाही की भूमिका के बारे में कार्टून बनाने वाला यह कहना चाहता है कि राजनीति में धनकुबेरों की भूमिका निरन्तर बढ़ती ही जा रही है। हाँ, इस कार्टून को भारत पर भी लागू किया जा सकता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 8

प्रश्न 11.
यह कार्टून सद्दाम हुसैन के शासन को उखाड़ फेंकने के बाद हुए चुनावों से सम्बन्धित है। उन्हें जेल में बंद दिखाया गया है। यहाँ कार्टूनिस्ट क्या कहना चाहता है ? इस कार्टून के संदेश और अध्याय में आए पहले कार्टून के संदेश की तुलना कीजिए।
उत्तर:
यह कार्टून दिखाता है कि वोट डालने का अधिकार सबको एक समान होना चाहिए। इराकी लोगों को वोट देने का अधिकार प्राप्त हुआ। यह समानता के अधिकारों के आधार पर तानाशाही के ऊपर लोकतन्त्र की विजय को दर्शाता है। इस अध्याय के पहले कार्टून में यह संदेश दिया गया है कि पहले लोकतन्त्र को खड़ा करने और बाद में मजबूत बनाने की आवश्यकता है, किन्तु यहाँ कार्टूनिस्ट वोट देने के समान अधिकार की बात कर रहा है जो लोकतांत्रिक मूल्यों की मजबूती का प्रतीक है। अत: पहला कार्टून इस कार्टून का आगे आने वाला परिणाम है।

JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 1 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

प्रश्न 12.
जिम्बाब्वे की बात क्यों करें ? मैं तो अपने देश में भी इस तरह की घटनाओं की खबर अखबारों में पढ़ती रहती हूँ। हम इसकी चर्चा क्यों नहीं करते?
उत्तर:

  1. हमारे देश में कई ऐसे राज्य हैं जहाँ एक ही राजनीतिक पार्टी कई वर्ष तक शासन कर रही है; जैसे–पश्चिम बंगाल में कम्युनिस्ट पार्टी।
  2. हमारे देश में एक राष्ट्रीय पार्टी, जिसने देश के स्वतंत्रता आन्दोलन में हिस्सा लिया था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस केन्द्र में सन् 1947 से 1977 तक लगातार शासन करती रही। उसने आपातकाल लागू कर वैसा ही किया था, जैसा कि जिम्बाब्वे में जानु-पीएफ पार्टी ने किया था। अतः किसी पार्टी को लम्बे समय तक शासन में नहीं रहना चाहिए।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 9

प्रश्न 13.
चीनी सरकार ने ‘गूगल’ और ‘याहू’ जैसी लोकप्रिय वेबसाइटों पर बंदिशें लगाकर इंटरनेट पर सूचना के मुक्त प्रवाह को रोक दिया। इस कार्टून में इसी पर टिप्पणी की गई है। टैंक और निहत्थे छात्र की तस्वीर पाठक को चीन के हाल के इतिहास की एक अन्य बड़ी घटना की याद दिलाती है। वह घटना क्या थी? उसके बारे में अन्य ब्यौरेजुटाओ।
उत्तर:
यह घटना टियानन मेन चौक में सन् 1989 ई. में किये गये जनसंहार की थी। यह घटना एक खूनी सैनिक अभियान के समय चीनी सैनिकों द्वारा अपने ही सैकड़ों निहत्थे नागरिकों की गोलियों तथा तोपों द्वारा हत्या किए जाने की घटना है। यह अभियान बीजिंग के टियानन मेन चौक पर लोकतंत्र समर्थक लोगों की आवाज को दबाने के लिए किया गया था।

अचानक विभिन्न दिशाओं से टैंकों ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों व छात्रों पर गोलियाँ चलाना शुरू कर दिया। छात्र पिछले सात सप्ताहों से अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन कर रहे थे। उनका कहना था कि जब तक उनके लोकतान्त्रिक सुधारों की माँग मानी नहीं जाएगी, तब तक वे चौक में डटे रहेंगे। सम्पूर्ण विश्व ने इस घटना की कठोर शब्दों में निन्दा की।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 10

प्रश्न 14.
लोकतन्त्र के कामकाज या उसकी अनुपस्थिति के इन पाँच उदाहरणों को पढ़िए। इनका मेल लोकतन्त्र की उन प्रासंगिक विशेषताओं से कराएँ, जिनकी चर्चा ऊपर की गई है। उत्तरउदाहरण

उदाहरण विशेषताएँ
1. भूटान नरेश ने यह घोषणा की है कि आगे से वे चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा दी गई सलाह पर काम करेंगे। चुने हुए नेताओं द्वारा प्रमुख फैसले करना।
2. भारत से गए अनेक तमिल मजदूरों को श्रीलंका में वोट डालने का अधिकार नहीं दिया गया। एक व्यक्ति, एक वोट, एक मोल।
3. नेपाल नरेश ने राजनीतिक जमावड़ों, प्रदर्शनों और रैलियों पर रोक लगा दी। अधिकारों का सम्मान।
4. भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार विधानसभा भंग करने को असंवैधानिक ठहराया। कानून का शासन।
5. बांग्लादेश की राजनीतिक पार्टियाँ इस बात पर सहमत हुई कि चुनाव के समय किसी पार्टी की सरकार न रहे। स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष चुनावी मुकाबला।

प्रश्न 15.
मैं लिंगदोह मैडम की कक्षा में बैठना चाहती हूँ! यही सही अर्थों में लोकतान्त्रिक कक्षा लगती है। ठीक है न?
उत्तर:
लिंगदोह मैडम की कक्षा सही अर्थों में लोकतान्त्रिक कक्षा लगती है। यह ठीक है, क्योंकि यहाँ लोकतन्त्र पर हुई चर्चा में सभी ने भाग लिया और अपने-अपने विचार प्रकट किए।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 12

प्रश्न 16.
यह कार्टून ब्राजील का है जिसे तानाशाही के लम्बे दौर का अनुभव है। इसका शीर्षक है ‘तानाशाही का छुपा पक्ष’। इस कार्टून में किस छुपे पहलू को उजागर किया गया है? क्या हर तानाशाही का एक पक्ष छुपा रहे यह जरूरी है? पहले अध्याय में जिन तानाशाहों का जिक्र हुआ है, उनके बारे में ऐसी जानकारियाँ जुटाएँ। अगर संभव हो तो उनके साथ नाइजीरिया के अबाचा और फिलीपींस के मार्कोस के बारे में भी ऐसी जानकारियाँ इकट्ठी करें।
उत्तर:
इस कार्टून में एक तानाशाह दिखता तो सामान्य आदमी की तरह ही है, किन्तु उसके कार्य बहुत भयानक हैं। वह कहता कुछ है और करता कुछ है। उसके मनमाने फैसलों को कोई रोकने वाला नहीं होता है। प्रायः लोगों के सामने वह अपना लोकप्रिय चेहरा पेश करता है, किन्तु उसके पीछे उसके नजदीकी तथा पारिवारिक आदमियों की एक सेना होती है जो लोगों पर अत्याचार करती है तथा उनका शोषण करती है।

प्रत्येक तानाशाह के लिए यह आवश्यक नहीं है कि उसका एक पक्ष छुपा रहे। यदि वह अपनी क्षमता का जनता की भलाई के लिए उपयोग करना चाहता है, तो उसे किसी छुपे चेहरे की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही, कई ऐसे तानाशाह हुए हैं जिन्होंने सरेआम अत्याचार किया है, जैसे-हिटलर।

ऐसे लोगों को किसी छुपे चेहरे की आवश्यकता नहीं पड़ती। ये अपनी नीतियों को सैन्य बल की सहायता से लागू करते हैं। 1973 ई. में जनरल ऑगस्तो पिनोशे ने चिले में तख्ता पलट द्वारा सत्ता प्राप्त की। तत्कालीन रक्षा मंत्री को गिरफ्तार कर लिया तथा राष्ट्रपति सल्वाडोर आयेंदे को इस्तीफा देने के लिए कहा गया किन्तु उसने मना कर दिया।

सेना द्वारा उसके निवास पर बमबारी शुरू कर दी गई, इस फौजी हमले में आयेंदे मारे गये। पिनोशे की सरकार ने लोकतंत्र की माँग करने वाले जनरल अल्बटों बैशेले की हत्या कराई और उसकी पत्नी और बेटी को कैद कर लिया तथा विरोध करने और प्रजातंत्र पुनर्स्थापित करने के लिए कहने पर उन्हें प्रताड़ना दी।

इस घटना से हम अनुमान लगा सकते हैं कि लोकतन्त्र समर्थक सामान्य जनता के साथ क्या हुआ होगा। 3,000 से अधिक लोगों की हत्या की गई तथा हजारों लोग लापता हो गए। हम देख सकते हैं कि किस तरह अच्छे शासन के नाम पर सत्ता पर अधिकार करने के बाद पिनोशे द्वारा अत्याचार किए गए। वह बिना किसी छुपे चेहरे के लोगों पर अत्याचार करता रहा।

अबाचा कई मानवाधिकारों के उल्लंघन का दोषी था। उसने प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता तथा कवि केन सार को फाँसी पर लटका दिया था। उसने अपने विरोधियों की सामूहिक रूप से हत्या करवाईं तथा उन्हें सामूहिक रूप से कब्रों में दफना दिया। देश में चुनाव नहीं कराए गए तथा लोगों के विभिन्न मौलिक अधिकारों पर पाबन्दी लगा दी गयी।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 13

प्रश्न 17.
अगर भारत लोकतन्त्र नहीं अपनाता तो क्या हुआ होता ? क्या ऐसी स्थिति में हम एक राष्ट्र बने रह सकते थे?
उत्तर:
यदि भारत लोकतन्त्र नहीं अपनाता तो यहाँ तानाशाही होती या सैनिक शासन होता या फिर कई छोटे-छोटे राजतंत्रों में विभाजित हो जाता। ऐसी स्थिति में यह देश विभिन्न हिस्सों में बँट जाता, क्योंकि हमारे देश में सांस्कृतिक, भाषायी, धार्मिक आदि भिन्नताएँ अधिक पायी जाती हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 14

प्रश्न 18.
यह कार्टून कनाडा के 2004 संसदीय चुनावों के ठीक पहले प्रकाशित हुआ था। इस कार्टूनिस्ट समेत सभी लोगों का मानना था कि लिबरल पार्टी ही एक बार फिर चुनाव जीत जाएगी। पर जब नतीजे आए तो लिबरल पार्टी चुनाव हार गई। यह कार्टून लोकतंत्र के खिलाफ तर्क देता है या लोकतंत्र के पक्ष में ?
उत्तर:

  1. यह कार्टून लोकतंत्र के पक्ष में तर्क देता है। क्योंकि लोकतंत्र में मतदाता ही यह फैसला करता है कि शासक पार्टी फिर से सत्ता प्राप्त करेगी या सत्ता छोड़ देगी।
  2. दिखाए गए कार्टून से यह पता चलता है कि मतदाता शासक लिबरल पार्टी के प्रति गुस्से में हैं। अतः उन्होंने लिबरल पार्टी के खिलाफ वोट दिया तथा वह चुनाव हार गई।

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प्रश्न 19.
राजेश और मुजफ्फर ने एक लेख पढ़ा। इसमें बताया गया था कि किसी भी लोकतान्त्रिक देश ने दूसरे लोकतान्त्रिक देश के साथ कभी लड़ाई नहीं छेड़ी है। लड़ाई तभी होती है जब कम से कम एक देश में गैर-लोकतान्त्रिक सरकार होती है। पर लेख पढ़ने के बाद राजेश ने कहा कि यह लोकतन्त्र के पक्ष में कोई अच्छा तर्क नहीं है। ऐसा सिर्फ संयोग से हुआ होगा। यह संभव है कि भविष्य में लोकतान्त्रिक देशों के बीच भी युद्ध हो। मुजफ्फर का कहना था कि ऐसा सिर्फ संयोग नहीं हो सकता। लोकतन्त्र में जिस तरह से फैसले लिए जाते हैं उसमें युद्ध होने का अंदेशा काफी कम हो जाता है। प्रश्न-इन दोनों विचारों में आपकी सहमति किसकी तरफ है और क्यों?
उत्तर:

  1. यद्यपि मुजफ्फर का विचार ज्यादा तर्कसंगत है, किन्तु पूरी तरह से ठीक नहीं है। क्योंकि, जब कारगिल युद्ध हुआ उस समय पाकिस्तान में भी लोकतन्त्र था और भारत तो एक लोकतांत्रिक देश है ही।
  2. यह तर्क ज्यादा ठीक है कि जनता के दबाव, चर्चा एवं बहस द्वारा लोकतंत्र में फैसले लिए जाते हैं जिससे लोकतान्त्रिक देशों के बीच युद्ध होने का अंदेशा काफी हद तक कम हो जाता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 15

प्रश्न 20.
प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मण का यह चर्चित कार्टून देश की आजादी की स्वर्ण जयंती पर टिप्पणी करता है। दीवार पर बने चित्रों में से आप किन-किन को पहचानते हैं? क्या देश के बहुत-से आम आदमी इस कार्टून के आम आदमी की तरह सोचते हैं?
उत्तर:
दीवार पर बने चित्रों में से सभी को पहचाना जा सकता है। ये चित्र हैं-पं. जवाहरलाल नेहरू, गुलजारी लाल नंदा, लाल बहादुर शास्त्री, मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चन्द्रशेखर, नरसिम्हा राव, देवेगौड़ा तथा अटल बिहारी वाजपेयी। भारत की अधिकांश आबादी शहरों में नहीं रहती, भारत एक कृषि प्रधान देश है।

यहाँ अधिकांश लोग गाँवों में रहते हैं। जैसा कार्टून में दावा किया गया है, पिछले त्रेसठ वर्षों में, भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में वैसा कुछ भी विकास नहीं हुआ है। अत: अधिकांश लोग वैसा महसूस नहीं करते हैं जैसा कि कार्टून में आम लोगों को महसूस करता हुआ दिखाया गया है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 16

प्रश्न 21.
मेरे गाँव में ग्राम सभा की बैठक कभी नहीं होती। यह कैसा लोकतंत्र है?
उत्तर:
नहीं, यह लोकतन्त्र नहीं है। क्योंकि लोकतान्त्रिक प्रक्रिया के अनुसार ग्राम सभा की बैठक, उसके कार्यों पर चर्चा के लिए एक निश्चित समयान्तर पर होना अति आवश्यक है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 17

प्रश्न 22.
अपने विधानसभा और संसदीय क्षेत्र के सभी मतदाताओं की संख्या का पता लगाएँ। फिर यह पता करें कि आपके आसपास के सबसे बड़े स्टेडियम या हॉल में कितने लोग बैठ सकते हैं। फिर सोचें कि क्या एक विधानसभा या संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं का एक साथ बैठना, सार्थक चर्चा करना और लोकतान्त्रिक फैसले करना सम्भव है?
उत्तर:
विद्यार्थी इस प्रश्न को अपने शिक्षकों की मदद से हल करें।

JAC Class 9th Civics लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों? Textbook Questions and Answers 

प्रश्न 1.
यहाँ चार देशों के बारे में कुछ सूचनाएँ हैं। इन सूचनाओं के आधार पर आप इन देशों का वर्गीकरण किस तरह करेंगे? इनके सामने ‘लोकतान्त्रिक’, ‘अलोकतान्त्रिक’ और ‘पक्का नहीं लिखें।
(क) देश क-जो लोग देश के आधिकारिक धर्म को नहीं मानते, उन्हें वोट डालने का अधिकार नहीं है।
(ख) देश ख-एक ही पार्टी बीते बीस वर्षों से चुनाव जीतती आ रही है।
(ग) देश ग-पिछले तीन चुनावों में शासक दल को पराजय का मुंह देखना पड़ा।
(घ) देश घ-यहाँ स्वतंत्र चुनाव आयोग नहीं है।
उत्तर:

सूचना वर्गीकरण
(क) जो लोग देश के आधिकारिक धर्म को नहीं मानते, उन्हें वोट डालने का अधिकार नहीं है। अलोकतान्त्रिक
(ख) एक ही पार्टी बीते बीस वर्षो से चुनाव जीतती आ रही है। पक्का नहीं
(ग) पिछले तीन चुनावों में शासक दल को पराजय का मुँह देखना पड़ा। लोकतान्त्रिक
(घ) यहाँ स्वतन्त्र चुनाव आयोग नहीं है। अलोकतान्त्रिक

प्रश्न 2.
यहाँ चार अन्य देशों के बारे में कुछ सूचनाएँ दी गई हैं, इन सूचनाओं के आधार पर इन देशों का वर्गीकरण आप किस तरह करेंगे? इनके आगे लोकतान्त्रिक’, ‘अलोकतान्त्रिक’ और ‘पक्का नहीं लिखें।
(क) देश च-संसद सेना प्रमुख की मंजूरी के बिना सेना के बारे में कोई कानून नहीं बना सकती।
(ख) देश छ-संसद न्यायपालिका के अधिकारों में कटौती का कानून नहीं बना सकती।
(ग) देश ज-देश के नेता बिना पड़ोसी देश की अनुमति के किसी और देश से सन्धि नहीं कर सकते।
(घ) देश झ-देश के सारे आर्थिक फैसले केन्द्रीय बैंक के अधिकारी करते हैं, जिसे मंत्री भी नहीं बदल सकते।

सूचना वर्गीकरण
(क) संसद सेना प्रमुख की मंजूरी के बिना सेना के बारे में कोई कानून नहीं बना सकती। अलोकतान्त्रिक
(ख) संसद न्यायपालिका के अधिकारों में कटौती का कानून नहीं बना सकती। अलोकतान्त्रिक
(ग) देश के नेता बिना पड़ोसी देश की अनुमति के किसी और देश से संधि नहीं कर सकते। पक्का नहीं
(घ) देश के सारे आर्थिक फैसले केन्द्रीय बैंक के अधिकारी करते हैं जिसे मंत्री भी नहीं बदल सकते। अलोकतान्त्रिक

प्रश्न 3.
इनमें से कौन-सा तर्क लोकतन्त्र के पक्ष में अच्छा नहीं है और क्यों?
(क) लोकतन्त्र में लोग खुद को स्वतंत्र और समान मानते हैं।
(ख) लोकतान्त्रिक व्यवस्थाएँ दूसरों की तुलना में टकरावों को ज्यादा अच्छी तरह सुलझाती हैं।
(ग)लोकतान्त्रिक सरकारें लोगों के प्रति ज्यादा उत्तरदायी होती हैं।
(घ)लोकतान्त्रिक देश दूसरों की तुलना में ज्यादा समृद्ध होते हैं।
उत्तर:
इनमें से (क), (ख) तथा (ग) लोकतन्त्र के पक्ष में अच्छे तर्क माने जा सकते हैं, क्योंकि ये लोकतन्त्र की विशेषताओं से सम्बन्धित हैं, लेकिन तर्क (घ) लोकतन्त्र के पक्ष में उचित तर्क नहीं है। क्योंकि जरूरी नहीं है कि लोकतान्त्रिक देश दूसरों से समृद्ध हो। किसी देश का समृद्ध होना उसके संसाधनों पर निर्भर होता है। जो देश आर्थिक रूप से जितना सम्पन्न होता है उतना ही समृद्ध माना जाता है।

एक अलोकतान्त्रिक देश भी समृद्ध हो सकता है। चीन एक अलोकतान्त्रिक देश है, किन्तु अपने संसाधनों तथा नीतियों के बल पर वह विश्व के समृद्ध देशों में गिना जाता है। लोकतान्त्रिक देश गरीब भी हो सकते हैं, यदि उनके पास संसाधनों की कमी है; जैसे-बांग्लादेश। यह देश संसाधनों की कमी तथा गलत आर्थिक नीतियों के कारण आज भी गरीब है।

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प्रश्न 4.
इन सभी कथनों में कुछ चीजें लोकतान्त्रिक हैं तो कुछ अलोकतान्त्रिक। हर कथन में इन चीजों को अलग-अलग करके लिखें।
(क) एक मंत्री ने कहा कि संसद को कुछ कानून पास करने होंगे, जिससे विश्व व्यापार संगठन द्वारा तय नियमों की पुष्टि हो सके।
उत्तर:
लोकतान्त्रिक-संसद द्वारा कानून पास किया जाना। अलोकतान्त्रिक-विश्व-व्यापार संगठन द्वारा तय नियमों के अनुसार कानून पास किया जाना।

(ख)चुनाव आयोग ने एक चुनाव क्षेत्र के सभी मतदान केन्द्रों पर दुबारा मतदान का आदेश दिया जहाँ बड़े पैमाने पर मतदान में गड़बड़ी की गई थी।
उत्तर:
लोकतान्त्रिक तत्व-गड़बड़ी की स्थिति में निष्पक्ष चुनाव के लिए दुबारा मतदान का आदेश देना। अलोकतान्त्रिक तत्व-चुनाव में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी किया जाना।

(ग) संसद में औरतों का प्रतिनिधित्व कभी भी 10 प्रतिशत तक नहीं पहुंचा है। इसी के कारण महिला संगठनों ने संसद में एक-तिहाई आरक्षण की माँग की है।
उत्तर:
अलोकतान्त्रिक-संसद में औरतों का प्रतिनिधित्व कभी भी 10 प्रतिशत नहीं पहुंचा है। लोकतान्त्रिक-इसी कारण महिला संगठनों ने एक-तिहाई आरक्षण की माँग की है।

प्रश्न 5.
लोकतन्त्र में अकाल और भुखमरी की संभावना कम होती है। यह तर्क देने का इनमें से कौन-सा कारण सही नहीं है?
(क) विपक्षी दल भूख और भुखमरी की ओर सरकार का ध्यान दिला सकते हैं।
(ख) स्वतन्त्र अखबार देश के विभिन्न हिस्सों में अकाल की स्थिति के बारे में खबरें दे सकते हैं।
(ग) सरकार को अगले चुनाव में अपनी पराजय का डर होता है।
(घ) लोगों को कोई भी तर्क मानने और उस पर आचरण करने की स्वतन्त्रता है।
उत्तर:
(घ) लोगों को कोई भी तर्क मानने और उस पर आचरण करने की स्वतन्त्रता है।

प्रश्न 6.
किसी जिले में 40 ऐसे गाँव हैं जहाँ सरकार ने पेयजल उपलब्ध कराने का कोई इंतजाम नहीं किया है। इन गाँवों के लोगों ने एक बैठक की और अपनी जरूरतों की ओर सरकार का ध्यान दिलाने के लिए कई तरीकों पर विचार किया। इनमें से कौन-सा तरीका लोकतान्त्रिक नहीं है?
(क) अदालत में पानी को अपनी जीवन के अधिकार का हिस्सा बताते हुए मुकदमा दायर करना।
(ख) अगले चुनाव का बहिष्कार करके सभी पार्टियों को संदेश देना।
(ग) सरकारी नीतियों के खिलाफ जनसभाएँ करना।
(घ) सरकारी अधिकारियों को पानी के लिए रिश्वत देना।
उत्तर:
(घ) सरकारी अधिकारियों को पानी के लिए रिश्वत देना।

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प्रश्न 7.
लोकतन्त्र के खिलाफ दिए जाने वाले इन तर्कों का जवाब दीजिए
(क) सेना देश का सबसे अनुशासित और भ्रष्टाचार मुक्त संगठन है। इसलिए सेना को देश का शासन करना चाहिए।
उत्तर:
अनुशासित तथा भ्रष्टाचार मुक्त होने पर भी सेना को देश का शासन नहीं करना चाहिए, क्योंकि वह देश की जनता की इच्छा का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती।

(ख) बहुमत के शासन का मतलब है मूर्तों और अशिक्षितों का राजा हमें तो होशियारों के शासन की जरूरत है, भले ही उनकी संख्या कम क्यों न हो?
उत्तर:
लोकतन्त्रात्मक शासन व्यवस्था का सम्बन्ध केवल होशियारों से नहीं होता। लोकतन्त्र का महत्वपूर्ण सिद्धान्त है-समानता का सिद्धान्त। इस शासन व्यवस्था में सभी निर्णय बहुमत से लिये जाते हैं। बहुमत के विरुद्ध थोड़े से होशियार लोगों को सत्ता सौंपना लोकतन्त्र के विरुद्ध है।

(ग) अगर आध्यात्मिक मामलों में मार्गदर्शन के लिए हमें धर्म-गुरुओं की जरूरत होती है तो उन्हीं को राजनीतिक मामलों में मार्गदर्शन का काम क्यों नहीं सौंपा जाए ? देश पर धर्म-गुरुओं का शासन होना चाहिए।
उत्तर:
धर्म लोगों का व्यक्तिगत विषय है इसे राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। लोकतन्त्र का हमारी भौतिक समस्याओं से सम्बन्ध है जो सभी लोगों की लगभग समान होती हैं। धर्म-गुरु अपने धर्म विशेष से प्रभावित हो सकते हैं अत: वे किसी वर्ग के साथ न्याय नहीं कर सकेंगे। उनके बीच हमेशा एक वैचारिक संघर्ष की स्थिति बनी रहेगी, जो धर्म तथा आस्था से प्रेरित होती है। धर्म और राजनीति दो अलग-अलग बातें हैं। अतः धर्म-गुरुओं को राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

प्रश्न 8.
इनमें से किन कथनों को आप लोकतान्त्रिक समझते हैं? क्यों?
(क) बेटी से बाप-मैं शादी के बारे में तुम्हारी राय सुनना नहीं चाहता। हमारे परिवार में बच्चे वहीं शादी करते हैं जहाँ माँ-बाप तय कर देते हैं।
उत्तर:
इस कथन में लोकतान्त्रिक मूल्यों का विरोध प्रकट किया गया है क्योंकि, इसमें दूसरों के विचारों की अभिव्यक्ति नहीं है जो लोकतन्त्र की एक प्रमुख विशेषता है।

(ख) छात्र से शिक्षक-कक्षा में सवाल पूछकर मेरा ध्यान मत बँटाओ।
उत्तर:
शिक्षक का इस प्रकार कहना लोकतान्त्रिक मूल्यों के अनुसार नहीं है क्योंकि, छात्रों का यह अधिकार है कि वे अपनी समस्याओं को शिक्षकों के सामने रखें तथा शिक्षकों का यह कर्तव्य है कि वे छात्रों के प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी समस्याओं का समाधान करें।

(ग) अधिकारी से कर्मचारी-हमारे काम करने के घंटे कानून के अनुसार कम किए जाने चाहिए।
उत्तर:
निश्चित अधिक घंटों तक काम लेना कानून का उल्लंघन तथा शोषण है। शोषण के विरुद्ध आवाज उठाना लोकतान्त्रिक मौलिक अधिकार होता है। अतः यह माँग लोकतन्त्र के अनुसार उचित है।

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प्रश्न 9.
एक देश के बारे में निम्नलिखित तथ्यों पर गौर करें और फैसला करें कि आप इसे लोकतन्त्र कहेंगे या नहीं? अपने फैसले के पीछे तर्क भी बताएँ।
(क) देश के सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार है और चुनाव नियमित रूप से होते हैं।

(ख) देश ने अन्तर्राष्ट्रीय एजेंसियों से ऋण लिया। ऋण के साथ यह एक शर्त जुड़ी थी कि सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर अपने खचों में कमी करेगी।

(ग) लोग सात से ज्यादा भाषाएं बोलते हैं पर शिक्षा का माध्यम सिर्फ एक भाषा है जिसे देश के 52 फीसदी लोग बोलते हैं।

(घ) सरकारी नीतियों का विरोध करने के लिए अनेक संगठनों ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन करने और देश भर में हड़ताल करने का आह्वान किया है। सरकार ने उनके नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है।

(ङ) देश के रेडियो और टेलीविजन चैनल सरकारी हैं। सरकारी नीतियों और विरोध के बारे में खबर छापने के लिए अखबारों को सरकार से अनुमति लेनी होती है।
उत्तर:
(घ) तथा
(ङ) सरकार के अलोकतान्त्रिक व्यवहार को दर्शाते हैं।
(ख) सरकार की आर्थिक कमजोरी के कारण मजबूरी में उठाए गए एक गलत फैसले की ओर संकेत करता है। किंतु,
(क) तथा
(ग) सरकार के मौलिक रूप से लोकतान्त्रिक होने को दिखाते हैं। ये विशेषताएँ लोकतान्त्रिक मूल्यों में विश्वास के प्रतीक हैं। अत: कहा जा सकता है कि यह देश एक लोकतान्त्रिक देश है।

प्रश्न 10.
अमेरिका के बारे में 2004 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार वहाँ के समाज में असमानता बढ़ती जा रही है। आमदनी की असमानता लोकतान्त्रिक प्रक्रिया में विभिन्न वर्गों की भागीदारी घटने-बढ़ने के रूप में भी सामने आई। इन समूहों की सरकार के फैसलों पर असर डालने की क्षमता भी इससे प्रभावित हुई है। इस रिपोर्ट की मुख्य बातें थीं

1. सन् 2004 में एक औसत अश्वेत परिवार की आमदनी 100 डॉलर थी, जबकि गोरे परिवार की आमदनी 162 डॉलर। औसत गोरे परिवार के पास अश्वेत परिवार से 12 गुना ज्यादा संपत्ति थी।

2. राष्ट्रपति चुनाव में 75,000 डॉलर से ज्यादा आमदनी वाले परिवारों के प्रत्येक 10 में से 9 लोगों ने वोट डाले थे। यही लोग आमदनी के हिसाब से समाज के ऊपरी 20 फीसदी में आते हैं। दूसरी ओर 15,000 डॉलर से कम आमदनी वाले परिवारों के प्रत्येक 10 में से सिर्फ 5 लोगों ने ही वोट डाले। आमदनी के हिसाब से ये लोग सबसे निचले 20 फीसदी हिस्से में आते हैं।

3. राजनीतिक दलों का करीब 95 फीसदी चंदा अमीर परिवारों से ही आता है। इससे उन्हें अपनी राय और चिंताओं से नेताओं को अवगत कराने का अवसर मिलता है। यह सुविधा देश के अधिकांश नागरिकों को उपलब्ध नहीं है।

4. जब गरीब लोग राजनीति में कम भागीदारी करते हैं तो सरकार भी उनकी चिन्ताओं पर कम ध्यान देती है-गरीबी दूर करना, रोजगार देना, उनके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास की व्यवस्था करने पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना दिया जाना चाहिए।राजनेता अक्सर अमीरों और व्यापारियों की चिन्ताओं पर ही नियमित रूप से गौर करते हैं।

इस रिपोर्ट की सूचनाओं को आधार बनाकर भारत का उदाहरण देते हुए लोकतन्त्र और गरीबी’ पर एक लेख लिखें।
उत्तर:

लोकतन्त्र और गरीबी

सामान्य लोगों की भलाई के लिए लोकतन्त्र लोगों के बहुमत का शासन है। किन्तु, आजकल इसका उपयोग कुछ मुट्ठी भर लोगों के फायदे के लिए किया जा रहा है, जिनके पास धन, संसाधन एवं शिक्षा है। भारत में अमीरों तथा गरीबों के बीच का अंतर बढ़ता ही जा रहा है। गरीब और गरीब होते जा रहे हैं जबकि अमीर और तेजी से अमीर होते जा रहे हैं। सक्षम लोगों द्वारा सभी प्रकार की सरकारी सुविधाओं का फायदा उठाया जा रहा है तथा गरीब इनसे वंचित होते जा रहे हैं।

हमारे देश में लोकतान्त्रिक मूल्यों में तेजी से गिरावट आ रही है। आज लोगों ने राजनीति को व्यापार बना लिया है। लोग अब जनता की समस्याओं का हल निकालने के लिए राजनीति में नहीं जाते, बल्कि अपने व्यक्तिगत स्वार्थों को पूरा करने के लिए राजनीति में आते हैं। राजनीति में धन तथा बल के उपयोग ने इसके लोकतान्त्रिक स्वरूप को बिगाड़ दिया है।

भारत की आबादी गाँवों में बसती है। उनके लिए कागजों पर बड़ी-बड़ी योजनाएँ बनाई जाती हैं तथा आए दिन होने वाले घोटालों के द्वारा विकास की राशि को नेताओं, व्यापारियों, ठेकेदारों तथा अन्य सक्षम वर्गों द्वारा आपस में बाँट लिया जाता है। इस कारण गरीबी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

आज हमें जनप्रतिनिधियों से जवाब माँगने की आवश्यकता है। जनता के पास यह शक्ति होनी चाहिए कि वह जब चाहे अपने प्रतिनिधि को वापस बुला ले। यह उन्हें जवाबदेह बना देगा, साथ ही चुनावों में धन के अत्यधिक प्रयोग पर रोक लगानी चाहिए। तभी लोकतन्त्र का सही रूप सामने आएगा तथा आम जनता की समस्या की ओर ध्यान दिया जा सकेगा।
आइए, अखबार पढ़ें प्रश्न-अधिकांश अखबारों में एक संपादकीय पृष्ठ होता है।

इस पन्ने पर अखबार समकालीन घटनाओं पर अपनी राय प्रकाशित करता है। अखबार दूसरे बुद्धिजीवियों और लेखकों के लेख और विचारों को छापता है। इसी पन्ने पर पाठकों की राय और टिप्पणियाँ भी पत्रों के रूप में छपती हैं। किसी अखबार को एक महीने तक पढ़ें और उसके उन संपादकीय टिप्पणियों, लेखों और पाठकों के पत्रों को काटकर जमा करें जिनका रिश्ता लोकतन्त्र से है।

इनको निम्नलिखित श्रेणियों में बाँटकर रखो। लोकतन्त्र का संवैधानिक और कानूनी पहलू -नागरिक अधिकार -चुनावी और पार्टियों की राजनीति -लोकतन्त्र की आलोचना उत्तर-विद्यार्थी इस प्रश्न को अपने शिक्षकों की सहायता से हल करें।

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JAC Class 9 Social Science Solutions Geography Chapter 6 जनसंख्या

JAC Board Class 9th Social Science Solutions Geography Chapter 6 जनसंख्या

JAC Class 9th Geography जनसंख्या InText Questions and Answers

प्रश्न 1.
भारत में जनसंख्या के असमान वितरण का क्या कारण है ? उत्तर-भारत में जनसंख्या के असमान वितरण के निम्नलिखित कारण हैं
1. उच्चावच: पर्वतीय व पठारी क्षेत्रों में धरातल काफी असमतल होता है। यहाँ कृषि के लिए भूमि उपलब्ध नहीं होती है, यातायात की भी समस्या रहती है अत: विरल जनसंख्या मिलती है। जबकि मैदानी क्षेत्रों में धरातल समतल होता है। खेती के लिए पर्याप्त भूमि होती है और यातायात के साधन भी सरलता से उपलब्ध होते हैं। फलस्वरूप सघन जनसंख्या मिलती है, जैसे हिमालय पर्वतीय क्षेत्र एवं उत्तरी मैदान।

2. मृदा: जलोढ़ एवं काली मृदा वाले क्षेत्र कृषि के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होते हैं अतः ऐसे क्षेत्रों में घनी जनसंख्या मिलती है। उत्तरी मैदान एवं डेल्टा क्षेत्रों की मिट्टी उपजाऊ है।

3. जलवायु: अति विषम जलवायु वाले क्षेत्र लोगों के निवास के योग्य नहीं होते। बहुत कम एवं बहुत अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में सामान्यतया विरल जनसंख्या पाई जाती है।

4. वन: उत्तरी पूर्वी भारत एवं देश के अन्य भागों में घने वनों वाले क्षेत्रों में विरल जनसंख्या पायी जाती है।

5. औद्योगिक क्षेत्र: औद्योगिक क्षेत्रों में जनसंख्या अधिक मिलती है।

JAC Class 9 Social Science Solutions Geography Chapter 6 जनसंख्या

प्रश्न 2.
वृद्धि दर में कमी के बावजूद प्रत्येक दशक लोगों की संख्या में नियमित से वृद्धि हो रही है। ऐसा क्यों?
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि दर में कमी के बावजूद लोगों की संख्या में नियमित वृद्धि के प्रमुख कारण निम्नलिखित

  1. जन्मदर में कमी हुई है लेकिन अभी जन्मदर सापेक्षिक बनी हुई है।
  2. स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के कारण मृत्युदर में कमी आयी है अत: जनसंख्या वृद्धि जारी है।
  3. तीसरा प्रमुख कारण अन्य देशों; जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान आदि से भारत में प्रवास का होना है इससे भी जनसंख्या वृद्धि में सहायता मिल रही है।

प्रश्न 3.
सबसे अधिक महिला साक्षरता दर कौन-से राज्य की है और क्यों?
उत्तर:
सबसे अधिक महिला साक्षरता दर केरल राज्य की है क्योंकि यहाँ लड़के और लड़की में कोई भेद नहीं समझा जाता है। दोनों को शिक्षा के समान अवसर दिये जाते हैं।

‘क्या आप जानते हैं?’ आधारित प्रश्न

प्रश्न 1.
दो देशों के नाम बताइए जिनका जनसंख्या घनत्व भारत से अधिक है?
उत्तर:
बांग्लादेश, जापान।

प्रश्न 2.
केरल, पुडुच्चेरी, दिल्ली तथा हरियाणा में प्रति एक हजार पुरुषों पर कितनी महिलाएँ हैं?
उत्तर:
केरल, पुडुच्चेरी, दिल्ली तथा हरियाणा में प्रति 1000 पुरुषों पर क्रमश: 1084, 1038, 866 तथा 877. महिलाएँ हैं।

JAC Class 9th Geography जनसंख्या Textbook Questions and Answers 

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए:
1. निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में प्रवास, आबादी की संख्या, वितरण एवं संरचना में परिवर्तन लाता
(क) प्रस्थान करने वाले क्षेत्र में
(ख) आगमन वाले क्षेत्र में
(ग) प्रस्थान एवं आगमन दोनों क्षेत्रों में
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) प्रस्थान एवं आगमन दोनों क्षेत्रों में।

2. जनसंख्या में बच्चों का एक बहुत बड़ा अनुपात निम्नलिखित में से किसका परिणाम है
(क) उच्च जन्म-दर
(ख) उच्च मृत्यु-दर
(ग) उच्च जीवन-दर
(घ) अधिक विवाहित जोड़े।
उत्तर:
(क) उच्च जन्म-दर।

3. निम्नलिखित में से कौन-सा एक जनसंख्या वृद्धि का परिमाण दर्शाता है
(क) एक क्षेत्र की कुल जनसंख्या
(ख) प्रत्येक वर्ष लोगों की संख्या में होने वाली वृद्धि
(ग) जनसंख्या वृद्धि की दर
(घ) प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या।
उत्तर:
(ख) प्रत्येक वर्ष लोगों की संख्या में होने वाली वृद्धि।

4. 2011 की जनगणना के अनुसार एक साक्षर’ व्यक्ति वह है
(क) जो अपने नाम को पढ़ एवं लिख सकता है
(ख) जो किसी भी भाषा में पढ़ एवं लिख सकता है।
(ग) जिसकी उम्र 7 वर्ष है तथा वह किसी भी भाषा को समझने के साथ पढ़ एवं लिख सकता है
(घ) जो पढ़ना-लिखना एवं अंकगणित, तीनों जानता है।
उत्तर:
(ग) जिसकी उम्र 7 वर्ष है तथा वह किसी भी भाषा को समझने के साथ पढ़ एवं लिख सकता है।

JAC Class 9 Social Science Solutions Geography Chapter 6 जनसंख्या

प्रश्न 2.
निम्नलिखित के उत्तर संक्षेप में दें:
1. जनसंख्या वृद्धि के महत्वपूर्ण घटकों की व्याख्या करें। उत्तर-जनसंख्या वृद्धि के महत्वपूर्ण घटक तीन हैं
(क) जन्म-दर,
(ख) मृत्यु-दर और
(ग) प्रवास।

(क) जन्म-दर: एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों पर जन्मे जीवित बच्चों की संख्या जन्म-दर कहलाती है। यह जनसंख्या वृद्धि का महत्वपूर्ण घटक है क्योंकि भारत में जन्म-दर हमेशा मृत्यु-दर से अधिक रही है।

(ख) मृत्यु-दर: एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों में मरने वालों की संख्या को मृत्यु-दर कहा जाता है। मृत्यु-दर में तीव्र गिरावट भारत की जनसंख्या में वृद्धि का मुख्य कारण है।

(ग) प्रवास: लोगों के एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में चले जाने को प्रवास कहते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करता है।

2. 1981 से भारत में जनसंख्या की वृद्धि दर क्यों घट रही है?
उत्तर:
1981 से जनसंख्या वृद्धि की दर निम्नलिखित कारणों से घट रही है:

  1. जन्मदर नियंत्रण:
    सन् 1981 से जनसंख्या वृद्धि दर लगातार घट रही है इसका प्रमुख कारण जन्मदर में कमी आना है। सामाजिक जागरूकता के कारण जन्म दर नियन्त्रित हुई है।
  2. परिवार नियोजन:
    परिवार नियोजन कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार के कारण भी जनसंख्या वृद्धि दर में कमी आयी
  3. साक्षरता:
    शिक्षा के प्रसार के कारण लोग अब समझने लगे हैं कि अधिक जनसंख्या देश एवं समाज के विकास में बाधक है।
  4. स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार:
    स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के कारण लोगों में अच्छे भविष्य के प्रति विश्वास बना है जिससे जन्मदर में कमी आयी है। ।

3. आयु संरचना, जन्म-दर एवं मृत्यु-दर को परिभाषित करें।
उत्तर:
आयु संरचना-आयु संरचना से तात्पर्य किसी देश के लोगों के विभिन्न वर्गों के अनुसार जनसंख्या को कई आयु समूहों में बाँटना। भारत की जनसंख्या को तीन आयु वर्गों में बाँटा जाता है
(क) बच्चे (15 वर्ष से कम),
(ख) वयस्क (15-59 वर्ष),
(ग) वृद्ध (59 वर्ष से अधिक)।
जन्म दर: प्रति वर्ष प्रति एक हजार जनसंख्या पर जन्म लेने वाले जीवित बच्चों की संख्या को जन्म दर कहते हैं। मृत्यु दर प्रति वर्ष प्रति एक हजार जनसंख्या पर मरने वाले लोगों की संख्या को मृत्यु दर कहते हैं।

4. प्रवास, जनसंख्या परिवर्तन का एक कारक है।
उत्तर:
प्रवास जनसंख्या परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण कारक है। प्रवास का अर्थ है लोगों का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में चले जाना। प्रवास दो प्रकार का होता है (क) आन्तरिक प्रवास, (ख) अन्तर्देशीय प्रवास।

आन्तरिक प्रवास जनसंख्या के आकार में कोई परिवर्तन नहीं लाता है किन्तु यह एक देश के भीतर जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करता है। वास्तव में प्रवास जनसंख्या परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण घटक माना जाता है। यह केवल जनसंख्या के आकार को ही प्रभावित नहीं करता, अपितु उम्र एवं लिंग के दृष्टिकोण से नगरीय एवं ग्रामीण जनसंख्या की संरचना को भी परिवर्तित करता है। प्रवास की इस प्रक्रिया के कारण भारत के नगरों की जनसंख्या स्थायी रूप से बढ़ती रहती है।

भारत में लोग रोजगार के अवसरों एवं बेहतर सुविधाओं से आकर्षित होकर नगरों की ओर स्थानान्तरित होते रहते हैं। भारत में इसी प्रवृत्ति के कारण शहरों की जनसंख्या में नियमित रूप से वृद्धि हुई है। सन् 1951 में कुल जनसंख्या की 17.29 प्रतिशत नगरीय जनसंख्या थी जो 2011 में बढ़कर 31.80 प्रतिशत हो गई। सन् 2001 से 2011 के मध्य दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों की संख्या भी बढ़कर 35 से 53 हो गई। इस प्रकार स्पष्ट होता है कि प्रवास के कारण नगरों पर जनसंख्या का दबाव बढ़ता जा रहा है।

प्रश्न 3.
जनसंख्या वृद्धि एवं जनसंख्या परिवर्तन के बीच अन्तर स्पष्ट करें। उत्तर-जनसंख्या वृद्धि एवं जनसंख्या परिवर्तन

जनसंख्या वृद्धि जनसंख्या परिवर्तन
1. दो समय बिन्दुओं के मध्य किसी देश अथवा राज्य की जनसंख्या में होने वाले शुद्ध परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहते हैं। 1. जनसंख्या परिवर्तन से अभिप्राय जनसंख्या के स्वरूप में परिवर्तन से है।
2. इस प्रकार के परिवर्तन को दो प्रकार से व्यक्त किया जाता है: सापेक्ष वृद्धि, प्रतिवर्ष होने वाले प्रतिशत परिवर्तन के द्वारा। 2. जनसंख्या परिवर्तन को तीन कारक निर्धारित करते हैं: जन्म-दर, मृत्यु-दर, प्रवास।
3. इस प्रक्रिया में जनसंख्या के आकार में परिवर्तन आता है। 3. इस प्रक्रिया में जनसंख्या वितरण एवं व्यावसायिक संरचना में परिवर्तन आता है।

प्रश्न 4.
व्यावसायिक संरचना एवं विकास के बीच क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
व्यावसायिक संरचना एवं विकास के बीच गहरा सम्बन्ध होता है। व्यवसायों को मुख्य रूप से तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है-प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक। प्राथमिक व्यवसाय कृषि, पशुपालन, मछली पालन एवं खनन आदि से, द्वितीयक व्यवसाय निर्माण उद्योगों से एवं तृतीयक व्यवसाय परिवहन, संचार, वाणिज्य, प्रशासन एवं सेवाओं से सम्बन्धित होते हैं।

जिस देश के अधिक लोग प्राथमिक व्यवसायों में लगे होते हैं वह देश अपनी जनसंख्या के विकास के निम्न स्तर पर होता है और विकासशील देश कहलाता है, जैसे-भारत। इसके विपरीत जिस देश के लोग द्वितीयक एवं तृतीयक व्यवसायों में लगे होते हैं तो उनकी आय का स्तर भी अधिक होता है एवं विकास का स्तर भी ऊँचा होता है।

ऐसे देश विकसित देश कहलाते हैं, जैसे-संयुक्त राज्य अमेरिका एवं जापान आदि। भारत में कुल जनसंख्या का 64 प्रतिशत भाग कृषि कार्य में लगा हुआ है। द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्र में क्रमशः 13 एवं 20 प्रतिशत लोग लगे हुए हैं। अतः स्पष्ट है कि हमारी जनसंख्या का लगभग 2/3 भाग कृषि में लगा होने के कारण हमारी जनसंख्या का विकास का स्तर नीचा है। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि व्यावसायिक संरचना का विकास से घनिष्ठ सम्बन्ध होता है।

JAC Class 9 Social Science Solutions Geography Chapter 6 जनसंख्या

प्रश्न 5.
स्वस्थ जनसंख्या कैसे लाभकारी है?
उत्तर:
किसी भी देश के विकास में स्वस्थ जनसंख्या, मानव शक्ति के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। स्वस्थ जनसंख्या के निम्नलिखित लाभ हैं

  1. स्वस्थ जनसंख्या की कार्यक्षमता अधिक होती है। फलस्वरूप देश का उत्पादन बढ़ता है जिससे राष्ट्रीय आय में स्वतः ही वृद्धि हो जायेगी।
  2. स्वस्थ जनसंख्या से उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ती है।
  3. स्वस्थ जनसंख्या से देश का आर्थिक एवं सामाजिक विकास तीव्र गति से होने लगता है।
  4. स्वस्थ जनसंख्या से देश के प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग होता है।
  5. स्वस्थ जनसंख्या स्वयं में किसी भी देश का एक महत्वपूर्ण संसाधन है।
  6. स्वस्थ जनसंख्या आश्रित अनुपात को कम करके राष्ट्रीय आय की वृद्धि में सहायक होती है।

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प्रश्न 6.
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं? उत्तर-राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
उत्तर:

  1. 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करना।
  2. शिशु मृत्यु-दर को प्रति 1000 में 30 से कम करना।
  3. व्यापक स्तर पर टीकारोधी बीमारियों से बच्चों को छुटकारा दिलाना।
  4. लड़कियों के विवाह की उम्र को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  5. परिवार नियोजन कार्यक्रम को एक जनकेन्द्रित कार्यक्रम बनाने के लिए नीतिगत ढाँचा प्रदान करना।

परियोजना कार्य

प्रश्न 1.
एक प्रश्नावली बनाकर कक्षा की जनगणना कीजिए। प्रश्नावली में कम से कम पाँच प्रश्न होने चाहिए। ये प्रश्न विद्यार्थियों के परिवार जनों, कक्षा में उनकी उपलब्धि, उनके स्वास्थ्य आदि से सम्बन्धित हों। प्रत्येक विद्यार्थी को वह प्रश्नावली भरनी चाहिए। बाद में सूचनाओं को संख्याओं में (प्रतिशत में) संग्रहीत कीजिए। इस सूचना को वृत्त रेखा, दंड आरेख या अन्य किसी प्रकार से प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी इस प्रश्न को शिक्षक की सहायता से स्वयं हल करें।

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JAC Class 9 Social Science Solutions Geography Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन

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JAC Class 9th Geography प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन InText Questions and Answers 

प्रश्न 1.
हिमालय पर्वत की दक्षिणी ढलानों पर उत्तरी ढलानों की अपेक्षा ज्यादा सघन वनस्पति क्यों है?
उत्तर:
हिमालय पर्वत की दक्षिणी ढलानों पर उत्तरी ढलानों की अपेक्षा ज्यादा सघन वनस्पति है, क्योंकि

  1. हिमालय पर्वत की दक्षिणी ढलानों पर मानसूनी वर्षा अत्यधिक मात्रा में होती है जो प्राकृतिक वनस्पति के बढ़ने में सहायक होती है जबकि उत्तरी ढलानों पर वर्षा बिल्कुल न के बराबर होती है।
  2. हिमालय पर्वत के दक्षिणी ढलानों पर सूर्य का प्रकाश पर्याप्त मिलता है जो पेड़-पौधों के बढ़ने में सहायक होता है, जबकि उत्तरी ढलानों पर सूर्य का प्रकाश अपेक्षाकृत कम मात्रा में प्राप्त होता है।

प्रश्न 2.
पश्चिमी घाट के पश्चिमी ढलानों पर पूर्वी ढलानों की अपेक्षा अधिक सघन वनस्पति क्यों है?
उत्तर:
पश्चिमी घाट के पश्चिमी ढलानों पर अरब सागर से उठने वाली मानसूनी हवाएँ जो आर्द्रता से भरपूर होती हैं, भारी मात्रा में वर्षा करती हैं। भारी वर्षा घने वनस्पति के स्थायित्व एवं विकास में सहायक होती है। इसके विपरीत पूर्वी ढलानों पर पहुँचते-पहुँचते मानसूनी हवाएँ शुष्क हो जाती हैं अत: वर्षा के अभाव में यहाँ वनस्पति कम है। यही कारण है कि पश्चिमी ढलानों पर सघन वनस्पति है, जबकि पूर्वी ढलानों पर कम है।

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प्रश्न 3.
चित्र 5.1(पुस्तक में )में दिए गए दण्ड आरेख का अध्ययन कीजिए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
1. किस राज्य में वनों का क्षेत्रफल सबसे अधिक है?
उत्तर:
मिजोरम में।

2. किस केन्द्र-शासित प्रदेश में वनों का क्षेत्रफल सबसे कम है और ऐसा क्यों है?
उत्तर:
दमन व दीव में वनों का क्षेत्रफल सबसे कम है क्योंकि यहाँ की मृदा अत्यन्त लवणीय है।

प्रश्न 4.
आओ विचार करें : क्या होगा यदि वनस्पति और जानवर धरती से अदृश्य हो जाएँ? क्या मनुष्य उन अवस्थाओं में जीवित रह पाएगा? जैव विविधता क्यों अनिवार्य है और इसका संरक्षण क्यों आवश्यक है?
उत्तर:

  1. यदि वनस्पति और जानवर धरती से अदृश्य हो जायें तो यह एक बंजर भूमि बन जायेगी। आहार श्रृंखला टूट जायेगी अथवा बिगड़ जायेगी और मानव जाति का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर आ जाएगा।
  2. मनुष्य उन अवस्थाओं में जीवित नहीं रह पाएगा।
  3. जैव विविधता निम्न कारणों से अनिवार्य है
    • यह पारिस्थितिक तन्त्र के सुचारु रूप से संचालन के लिए आवश्यक है।
    • यह पारिस्थितिक सन्तुलन बनाए रखने में सहायक है।
    • यह हमारी आहार श्रृंखला की महत्वपूर्ण कड़ी है।
    • यह स्वस्थ जैवमण्डल का एक आवश्यक लक्षण है।
  4. जैव विविधता का संरक्षण आवश्यक है, क्योंकि
    • पारिस्थितिक तन्त्र के सुचारु संचालन के लिए प्रजातियों की विविधता आवश्यक है।
    • जीव एवं वनस्पति जगत हमारी राष्ट्रीय धरोहर हैं तथा ये स्वस्थ जैवमण्डल के अनिवार्य अभिलक्षण हैं।

‘क्या आप जानते हैं ?’ आधारित प्रश्न

प्रश्न 1.
देशज एवं विदेशज पौधों से क्या आशय है?
उत्तर:
वे पौधे जो मूल रूप से भारतीय हैं उन्हें देशज पौधे कहते हैं तथा जो पौधे भारत के बाहर से आये हैं उन्हें विदेशज पौधे कहते हैं?

प्रश्न 2.
सन् 2011 के आँकड़ों के अनुसार भारत में वनों का क्षेत्रफल कितने प्रतिशत है?
उत्तर:
भारत में वनों का क्षेत्रफल भारत के क्षेत्रफल का 21.05 प्रतिशत है।

प्रश्न 3.
भारत में जीव सुरक्षा अधिनियम कब लागू किया गया।
उत्तर:
भारत में जीव सुरक्षा अधिनियम सन् 1972 में लागू किया गया।

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वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
1. रबड़ का सम्बन्ध किस प्रकार की वनस्पति से है(क) टुंड्रा
(ख) हिमालय
(ग) मैंग्रोव
(घ) उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन।
उत्तर:
(घ) उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन।

2. सिनकोना के वृक्ष कितनी वर्षा वाले क्षेत्र में पाए जाते हैं
(क) 100 सेमी.
(ख) 70 सेमी.
(ग) 50 सेमी.
(घ) 50 सेमी. से कम वर्षा।
उत्तर:
(क) 100 सेमी।

3. सिमलीपाल जीवमंडल निचय कौन-से राज्य में स्थित है
(क) पंजाब
(ख) दिल्ली
(ग) उड़ीसा
(घ) पश्चिमी बंगाल।
उत्तर:
(ग) उड़ीसा।

4. भारत के कौन-से जीवमंडल निचय विश्व के जीवमंडल निचयों में लिए गए हैं
(क) मानस
(ख) मन्नार की खाड़ी
(ग) नीलगिरी
(घ) नंदादेवी।
उत्तर:
(ख) मन्नार की खाड़ी।

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प्रश्न 2.
1. भारत में पादपों और जीवों का वितरण किन तत्वों द्वारा निर्धारित होता है?
उत्तर:
भारत में पादपों और जीवों का वितरण निम्नलिखित तत्वों के द्वारा निर्धारित होता है
(क) भू-आकृति,
(ख) मृदा,
(ग) तापमान,
(घ) सूर्य का प्रकाश,
(ङ) वर्षण।

2. जीवमंडल निचय से क्या अभिप्राय है? कोई दो उदाहरण दो।
उत्तर:
जीवमंडल निचय एक बहुउद्देशीय संरक्षित क्षेत्र होता है जहाँ प्रत्येक पादप एवं जीव प्रजातियों के प्राकृतिक वातावरण में संरक्षण प्रदान किया जाता है। उदाहरण: (क) मन्नार की खाड़ी (तमिलनाडु), (ख) नंदादेवी (उत्तराखण्ड)।

3. कोई दो वन्य प्राणियों के नाम बताइए जो कि उष्ण कटिबन्धीय वर्षा और पर्वतीय वनस्पति में मिलते हैं।
उत्तर:
वनस्पति वन्य प्राणी:

  1. उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वाले वन हाथी, लंगूर
  2. पर्वतीय वन याक, हिम तेंदुआ

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में अन्तर कीजिए:
1. वनस्पति जगत तथा प्राणी जगत,
2. सदाबहार और पर्णपाती वन।
उत्तर:
1. वनस्पति जगत तथा प्राणी जगत वनस्पति जगत

नस्पति जगत प्राणी जगत
1. वनस्पति शब्द किसी विशेष क्षेत्र के पादपों का बोध 1. प्राणी जगत शब्द किसी क्षेत्र विशेष के जीव-जन्तुओं कराता है।
2. प्राकृतिक वनस्पति के आवरण में वन, झाड़ियों एवं घास भूमियों को सम्मिलित किया जाता है। 2. प्राणी जगत को तीन वर्गों- (अ) थलचर, (ब) जलचर, (स) नभचर में बाँटा गया है।
3. भारत में लगभग 47,000 प्रकार की विभिन्न जातियों के पौधे पाये जाते हैं। 3. भारत में लगभग 90,000 प्रकार के विभिन्न जातियों के प्राणी पाये जाते हैं।
4. हमारे देश में विभिन्न प्रकार की वनस्पति पायी जाती है। 4. हमारे देश में कुछ वन्य प्राणी विलुप्त होने की स्थिति में हैं। इनके संरक्षण के लिए निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं।
5. वनस्पति स्थैतिक पदार्थ हैं। 5. प्राणी गतिशील होते हैं।
6. वनस्पति का पृथ्वी पर सर्वप्रथम आगमन हुआ। 6. परपोषी होने के कारण ये पृथ्वी पर वनस्पतियों के विकसित होने के बाद उत्पन्न हुए।

2. सदाबहार और पर्णपाती वनसदाबहार वन

सदाबहार वन पर्णपाती वन
1. सदाबहार वन उन क्षेत्रों में पाये जाते हैं जहाँ वार्षिक वर्षा 200 सेमी. या उससे अधिक होती है। 1. पर्णपाती वन उन क्षेत्रों में पाये जाते हैं जहाँ वर्षा 70 से 200 सेमी. के मध्य होती है।
2. ये वन सदैव हरे भरे रहते हैं। इन वनों के वृक्ष किसी ऋतु विशेष में अपनी पत्तियाँ नहीं गिराते हैं। 2. इन वनों के वृक्ष शुष्क ग्रीष्म ऋतु में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं।
3. इन वनों के वृक्षों की ऊँचाई बहुत अधिक होती है। ये सामान्यतया 60 मीटर ऊँचे होते हैं। 3. इन वनों के वृक्षों की ऊँचाई अधिकतम 30 मीटर तक होती है।
4. ये वन पश्चिमी घाट के अधिक वर्षा वाले क्षेत्रो, लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, असम के ऊपरी भागों एवं तमिलनाडु के तट पर मिलते हैं। 4. ये वन देश के पृर्वी भागों, उत्तरी-पूर्वी राज्यों, हिमालय के गिरिपद प्रदेशों, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, पश्चिमी उड़ीसा एवं पश्चिमी घाटों के पूर्वी ढालों पर मिलते हैं।
5. इन वनों के प्रमुख वृक्षों में आबनूस, महोगनी, रोजवुड, रबड़ और सिनकोना आदि हैं। 5. इन वनों के प्रमुख वृक्षों में सागोन, बाँस, शीशम, चंदन, साल, खैर, कुसुम, अर्जुन एवं शहतूत आदि हैं।
6. इन वनों में हाथी, बन्दर, लंगूर, हिरण, चमगादड़ एवं एक सींग वाले गैंडे आदि मिलते हैं। 6. इन वनों में सिह, शेर, सूअर, हिरण, छिपकली, साँप और कछुए आदि मिलते हैं।

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प्रश्न 4.
भारत में विभिन्न प्रकार की पाई जाने वाली वनस्पति के नाम बताइए और अधिक ऊँचाई पर पाई जाने वाली वनस्पति का ब्यौरा दीजिए।
उत्तर:
भारत में निम्नलिखित प्रकार की प्राकृतिक वनस्पति पायी जाती हैं:

  1. उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन,
  2. उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन,
  3. उष्ण कटिबन्धीय कंटीले वन एवं झाड़ियाँ,
  4. पर्वतीय वन,
  5. मैंग्रोव वन (ज्वारीय वन)।

अधिक ऊँचाई पर पाई जाने वाली वनस्पति:
अधिक ऊँचाई पर पाई जाने वाली वनस्पति को पर्वतीय वन या पर्वतीय वनस्पति के नाम से जाना जाता है। पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान की कमी एवं ऊँचाई बढ़ने के साथ-साथ प्राकृतिक वनस्पति में भी अन्तर दिखाई देता है। अतः ऊँचाई के आधार पर पर्वतीय भाग में निम्न प्रकार की वनस्पति पाई जाती है

  1. 1000 से 2000 मीटर की ऊँचाई पर आर्द्र शीतोष्ण कटिबन्धीय वन मिलते हैं। इन वनों में ओक एवं चेस्टनट आदि वृक्ष मिलते हैं।
  2. 1500 से 3000 मीटर की ऊँचाई वाले भागों में शंकुधारी वृक्ष; जैसे चीड़, देवदार, सिल्वर-फर, स्प्रूस एवं सीडर आदि मिलते हैं।
  3. 3600 मीटर से अधिक ऊँचाई पर शीतोष्ण कटिबन्धीय वनों एवं घास के मैदानों का स्थान अल्पाइन वनस्पति ले लेती है। सिल्वर-फर, जुनिपर, पाइन एवं बर्च इन वनों के प्रमुख वृक्ष हैं। जैसे-जैसे हम हिम रेखा के नजदीक पहुँचते हैं

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(घ) पश्चिमी भाग में-पंचमढ़ी।
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परियोजना कार्य

1. अपने पड़ोस में पाये जाने वाले कुछ औषधि पादपों का पता लगाइए।
उत्तर:
जामुन, नीम, बबूल, आँवला, तुलसी, बहेड़ा, सर्पगंधा आदि।

2. किन्हीं दस व्यवसायों के नाम ज्ञात कीजिए जिन्हें जंगल और जंगली जानवरों से कच्चा माल प्राप्त होता है।
उत्तर:
फर्नीचर उद्योग, औषधि निर्माण उद्योग, भवन निर्माण उद्योग, चमड़ा उद्योग, माँस उद्योग, दुग्ध व्यवसाय, पशुपालन व्यवसाय, लाख उद्योग, आखेटक संग्राहक एवं रसायन उद्योग आदि।

3. वन्य प्राणियों का महत्व बताते हुए एक पद्यांश या गद्यांश लिखिए।
उत्तर:
विद्यार्थी इस प्रश्न को शिक्षक की सहायता से स्वयं हल करें।

4. वृक्षों का महत्व बताते हुए एक नुक्कड़ नाटक की रचना कीजिए और उसका अपने गली-मुहल्ले में मंचन करो।
उत्तर:
विद्यार्थी इस प्रश्न को स्वयं हल करें।

5. अपने या अपने परिवार के किसी भी सदस्य के जन्मदिन पर किसी भी पौधे को लगाइए और देखिए कि वह कैसे बड़ा होता है और किस मौसम में जल्दी बढ़ता है?
उत्तर:
इस प्रश्न का उत्तर विद्यार्थी स्वयं के अनुभव के आधार पर दें।

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JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

JAC Board Class 9th Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

JAC Class 9th Economics पालमपुर गाँव की कहानी InText Questions and Answers 

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या-  3

प्रश्न 1.
सारणी 1.1 में 10 लाख ( मिलीयन) हेक्टेयर की इकाइयों में भारत में कृषि क्षेत्र को दिखाया गया है। सारणी के नीचे दिए गए आरेख में इसे चित्रित करें।आरेख क्या दिखाता है ? कक्षा में चर्चा करें।

वर्ष जुताई क्षेत्र ( मिलीयन हेक्टेयर)
1950 – 51 129
1999 – 91 157
2000 – 01 156
2010 – 11 (p) 156
2011 – 12 (p) 156
2012 – 13 (p) 157
2013 – 14 (p) 156
2014 – 15 (p) 155

(P)-अनंतिम गणना स्त्रोत-पॉकेट बुक ऑफ एग्रीकल्चरल स्टैटिस्टिक्स 2017, आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय, कृषि निगम और किसानों के कल्याण विभाग पाठ्य पुस्तक अर्थशास्त्र पेज नं. 4
JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी 1
उत्तर:
उपर्युक्त सारणी व आरेख का अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकलता है कि जब तक हमारे पास भूमि उपलब्ध है तब तक कृषि क्षेत्र में वृद्धि की जा सकती है जैसा कि सारणी से स्पष्ट है कि सन् 1950-51 जुताई क्षेत्र 129 मिलीयन हेक्टेयर था जो 1990-91 के आते-आते बढ़कर 157 मिलीयन हेक्टेयर हो गया लेकिन इसके बाद 2014-15 तक कोई वृद्धि नहीं हुई। यह कम हुआ या फिर स्थिर बना हुआ है।

प्रश्न 2.
क्या सिंचाई के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्र को बढ़ाना आवश्यक है? क्यों?
उत्तर:
हाँ, सिंचाई के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्र को बढ़ाना आवश्यक है क्योंकि भूमि सीमित है जिसे चाहकर भी नहीं बढ़ाया जा सकता, लेकिन सिंचित क्षेत्र में वृद्धि की जा सकती है ताकि जिस क्षेत्र में केवल वर्ष में एक फसल पैदा की जाती है वहाँ सिंचाई के द्वारा वर्ष में दो या तीन फसलें पैदा करके कृषि उत्पादन में वृद्धि की जा सके। जिससे कि तीव्रगति से बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए खाद्यानों की आपूर्ति की हो सके।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या- 4

प्रश्न 3.
आप पालमपुर में पैदा की जाने वाली फसलों के बारे में पढ़ चुके हैं। अपने क्षेत्र में पैदा की जाने वाली फसलों की सूचना के आधार पर निम्न सारणी को भरिए नोट-सभी विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अपने क्षेत्र के किसानों से फसलों के बारे में सारणी में चाही गयी सूचनाओं के बारे में चर्चा करें और इस सारणी को भरकर अध्यापक जी से जाँच कराएँ।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या- 5

प्रश्न 4.
बहुविधि फसल प्रणाली और खेती की आधुनिक विधियों में क्या अन्तर है?
उत्तर:
बहुविधि फसल प्रणाली और खेती की आधुनिक विधियों में निम्नलिखित अन्तर हैबहुविधि फसल प्रणाली खेती की आधुनिक विधियाँ

बहुविधि फसल प्रणाली खेती की आधुनिक विधियाँ
1. इसके अन्तर्गत एक ही भूमि पर वर्षभर में एक से अधिक फसलें पैदा की जाती हैं, जैसे-खरीफ में मक्का, ज्वार, बाजरा; रबी में गेहूँ, जौ; जायद में तरबूजा, खरबूजा, ककड़ी आदि। 1. इसके अन्तर्गत एक ही फसल से अधिक मात्रा में अनाज पैदा होता है।
2. इस प्रणाली में खेती की परम्परागत या आधुनिक किसी भी विधि का प्रयोग हो सकता है। 2. यह उन्नत बीजों वाली खेती की आधुनिक विधि है जिसमें आधुनिक कृषि यंत्र, रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक दवाइयाँ एवं अधिक पानी का प्रयोग होता है।

JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

प्रश्न 5.
सारणी 1.2 में भारत में हरित क्रान्ति के बाद गेहूँ और दालों के उत्पादन को करोड़ टन इकाइयों में दर्शाया गया है। इसे एक आरेख बनाकर दिखाइए। क्या हरित क्रान्ति दोनों ही फसलों के लिए समान रही?

सारणी 1.2 : दालों तथा गेहूँ का उत्पादन

वर्ष दाल का उत्पादन गेहूँ का उत्पादन
1965 – 66 10 10
1970  – 71 12 24
1980 – 81 11 36
1990 – 91 14 55
2000 – 01 11 70
2010 – 11 18 87
2012 – 13 18 94
2013 – 14 19 96
2014 – 15 17 87
2015 – 16 17 94
2016 – 17 23 99
2017 – 18 24 97


JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी 2

जहाँ हरित क्रान्ति से पूर्व देश में दालों व गेहूँ का उत्पादन समान था। लेकिन हरित क्रान्ति के पश्चात् दालों के उत्पादन में कभी वृद्धि तो कभी कमी का पता लगता है। परन्तु गेहूँ के उत्पादन में लगातार साल-दर-साल वृद्धि दृष्टिगोचर होती है। निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि हरित क्रान्ति गेहूँ उत्पादकता में वृद्धि करने में सफल रही है।

JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

प्रश्न 6.
आधुनिक कृषि विधियों को अपनाने वाले किसान के लिए आवश्यक कार्यशील पूँजी क्या है?
उत्तर:
आधुनिक कृषि विधियों को अपनाने वाले किसानों के लिए उत्पादन के दौरान भुगतान करने एवं जरूरी माल खरीदने के लिए कुछ पैसों की भी आवश्यकता पड़ती है, जैसे-बीज, रासायनिक खाद, कीटनाशक दवाइयाँ आदि। कच्चा माल तथा नकद पैसों को कार्यशील पूँजी कहते हैं।

प्रश्न 7.
पहले की तुलना में कृषि की आधुनिक विधियों के लिए किसानों को अधिक नकद (पैसे )की जरूरत पड़ती है। क्यों?
उत्तर:
पहले की तुलना में कृषि में आधुनिक विधियों को अपनाने के लिए किसान को अधिक नकद (पैसे) की आवश्यकता होती है, क्योंकि पारम्परिक कृषि पद्धति में न तो नए बीज, न ही खाद और न कीटनाशक खरीदने की आवश्यकता पड़ती थी। उक्त सभी वस्तुएँ उसे परिवार से ही प्राप्त हो जाती थीं, जैसे-बीज वह बचाकर रखता था; गोबर या दूसरी प्राकृतिक खादों का प्रयोग करता था लेकिन कृषि की आधुनिक विधियों में उसे सभी वस्तुएँ, जैसे-एच.वाई.वी.

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या- 7

प्रश्न 8.
किसानों के इतने अधिक परिवार भूमि के इतने छोटे प्लॉटों पर क्यों खेती करते हैं?
उत्तर:
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि भूमि का आकार तो नहीं बढ़ता लेकिन किसानों के परिवार बढ़ जाते हैं, जिसके कारण भारतीय उत्तराधिकार कानून के अनुसार व्यक्ति विशेष की भूमि उसके बेटों, फिर बेटों के बेटों में बँटती जाती है। फलस्वरूप, भूमि के छोटे-छोटे खेत बनते जाते हैं। जैसे पालमपुर गाँव की कहानी में 1960 में कृषक गोविन्द के पास 2.25 हेक्टेयर भूमि थी जो उसकी मृत्यु के पश्चात् उसके तीन पुत्रों में बँट गई। अब प्रत्येक के पास केवल 0.75 हेक्टेयर भूमि ही रह गई।

प्रश्न 9.
आरेख 1.1 में भारत में किसानों और उनके द्वारा खेती में प्रयुक्त भूमि का वितरण दिया गया है। इसकी कक्षा में चर्चा करें।
JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी 3
चित्र-कृषि क्षेत्र और कृषकों का वितरण उत्तर-संलग्न वृत आरेख से निम्नलिखित बातें स्पष्ट होती हैं

  1. भारत में 85% छोटे किसान हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है और वह कुल कृषि योग्य भूमि के 44.6% भाग पर खेती करते हैं।
  2. दूसरी ओर भारत में कुल कृषकों की संख्या का मात्र 15% मझोले और बड़े कृषक हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि है। वे सम्पूर्ण कृषि क्षेत्र के 55.4% भाग पर खेती करते हैं।

JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

प्रश्न 10.
क्या आप इस बात से सहमत हैं कि पालमपुर में कृषि भूमि का वितरण असमान है? क्या भारत में भी ऐसी ही स्थिति है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
हाँ, हम इस बात से सहमत हैं कि पालमपुर में कृषि भूमि का वितरण असमान है क्योंकि पालमपुर में कुल 450 परिवार हैं जिनमें से 150 परिवार ऐसे हैं जिनके पास कृषि भूमि नहीं है तथा 240 परिवारों के पास 2 हेक्टेयर से भी कम कृषि योग्य भूमि है। इसके अतिरिक्त इस गाँव के 60 परिवारों के पास 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि है।

इनमें से कुछ परिवारों के पास तो 10 हेक्टेयर या उससे भी अधिक भूमि है। भारत में भी ऐसी ही स्थिति है। भारत में छोटे किसानों की संख्या कुल किसानों की संख्या का 85% है जिनके पास कुल कृषि योग्य भूमि का केवल 44.6% भूमि है जबकि 15% किसानों के पास कुल कृषि योग्यभूमि का 55.4% है।

पाठ्य पुस्तक पृष्ठ संख्या- 9

प्रश्न 11.
डाला तथा रामकली जैसे खेतिहर श्रमिक गरीब क्यों हैं?
उत्तर:
डाला और रामकली जैसे खेतिहर श्रमिक गरीब हैं क्योंकि एक तो ये भूमिहीन श्रमिक हैं तथा दूसरे इन्हें सम्पूर्ण वर्ष कार्य भी नहीं मिलता है। ऐसे लोग हमेशा मजदूरी की तलाश में रहते हैं। गाँवों में काम करने वाले लोगों की ज्यादा संख्या तथा काम की कमी के कारण न्यूनतम मजदूरी 300 रु. से भी कम 160 रु. में काम करने को सहमत हो जाते

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या- 11

प्रश्न 12.
(वैकल्पिक अभ्यास) हम तीन किसानों के उदाहरण लेते हैं। प्रत्येक ने अपने खेतों में गेहूँ बोया है, यद्यपि उनका उत्पादन भिन्न-भिन्न हैं ( देखिए स्तम्भ 2, ‘दूसरा किसान’)। प्रत्येक किसान के परिवार द्वारा गेहूँ का उपभोग समान है ( देखिए स्तम्भ 3, ‘तीसरा किसान’)। इस वर्ष के समस्त अधिशेष गेहूँ का उपयोग अगले वर्ष के उत्पादन के लिए पूँजी के रूप में किया जाता है। यह भी मान लीजिए कि उत्पादन, इसमें प्रयुक्त होने वाली पूँजी का दो गुना होता है। सारणियों को पूरा करें
उत्तर:
नोट-सारणियों को गहरी काली स्याही से पूर्णतः भरा गया है।
पहला किसान

उत्पादन उपभोग अधिशेष-उत्पादन
उपभोग
अगले वर्ष के लिए
पूँजी
 वर्ष 1 100 40 60 60
 वर्ष 2 120 40 80 80
 वर्ष 3 160 40 120 120

दूसरा किसान

उत्पादन उपभोग अधिशेष-उत्पादन
उपभोग
अगले वर्ष के लिए
पूँजी
वर्ष 1 80 40 40 40
वर्ष 2 80 40 40 40
वर्ष 3 80 40 40 40

तीसरा किसान

उत्पादन उपभोग अधिशेष-उत्पादन
उपभोग
अगले वर्ष के लिए
पूँजी
वर्ष 1 60 40 20 20
वर्ष 2 40 40 0 0
वर्ष 3 0 40

प्रश्न 13.
तीनों किसानों के गेहूँ के तीनों वर्षों के उत्पादन की तुलना कीजिए।
उत्तर:
तीनों किसानों के गेहूँ के तीन वर्षों के उत्पादन की तुलना करने पर हम पाते हैं कि प्रथम किसान के गेहूँ के उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है। दूसरे किसान के उत्पादन में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं हो रहा है, जबकि तीसरे किसान का गेहूँ का उत्पादन निरन्तर घट रहा है।

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प्रश्न 14.
तीसरे वर्ष, तीसरे किसान के साथ क्या हुआ? क्या वह उत्पादन जारी रख सकता है? उत्पादन जारी रखने के लिए उसे क्या करना होगा?
उत्तर:
तीसरे वर्ष तीसरा किसान उत्पादन नहीं कर पाया। हाँ, तीसरा किसान, उत्पादन जारी रख सकता है, लेकिन उत्पादन जारी रखने के लिए उसे ऋण के रूप में पूँजी की व्यवस्था स्थानीय साहूकार, जमींदार या अन्य किसी सरकारी या अर्द्ध सरकारी संस्था से करनी होगी।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या- 12

प्रश्न 15.
मिश्रीलाल को गुड़ बनाने की उत्पादन इकाई लगाने में कितनी पूँजी की जरूरत पड़ी?
उत्तर:
मिश्रीलाल को गुड़ बनाने की उत्पादन इकाई लगाने में गन्ना पेरने की बिजली से चलने वाली मशीन खरीदने तथा दूसरे किसानों से गन्ना खरीदने के लिए लगभग 25,000 रु. की पूँजी की जरूरत पड़ी होगी।

प्रश्न 16.
इस कार्य में श्रम कौन उपलब्ध कराता है?
उत्तर:
इस कार्य में श्रम प्रायः परिवार के सदस्य ही उपलब्ध कराते हैं।

प्रश्न 17.
क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि मिश्रीलाल क्यों अपना लाभ नहीं बढ़ा पा रहा है?
उत्तर:
मिश्रीलाल अपना लाभ नहीं बढ़ा पा रहा है क्योंकि हो सकता है कि वह उत्पादन के लिए नवीन तकनीक नहीं अपनाने के कारण अच्छी गुणवत्ता का गुड़ उत्पादित नहीं कर पा रहा हो तथा कम पूँजी के कारण उत्पादित गुड़ की मात्रा कम होने की वजह से अपना उत्पादन बड़े व्यापारियों के बेचने के स्थान पर आस-पास के छोटे व्यापारियों को बेचने के लिए मजबूर हो। हमारी समझ में तो यही दो कारण हो सकते हैं जो मिश्रीलाल के लाभ-वृद्धि में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।

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प्रश्न 18.
क्या आप ऐसे कारणों के बारे में सोच सकते हैं जिनसे उसे हानि भी हो सकती है?
उत्तर:
बिजली से चलने वाली मशीन के खराब हो जाने पर, गन्ना न मिलने पर अथवा गुड़ की कीमतें घट जाने पर उसे हानि भी हो सकती है।

प्रश्न 19.
मिश्रीलाल अपना गुड़ गाँव में न बेचकर शाहपुर के व्यापारियों को क्यों बेचता है?
उत्तर:
मिश्रीलाल अपना गुड़ शाहपुर के व्यापारियों को इसलिए बेचता है क्योंकि उसके गाँव में गुड़ की माँग कम

प्रश्न 20.
करीम की पूँजी और श्रम किस रूप से मिश्रीलाल की पूँजी और श्रम से भिन्न है?
उत्तर:
करीम मानसिक श्रम करा रहा है जबकि मिश्रीलाल शारीरिक श्रम कर रहा है। करीम ने कम्प्यूटर केन्द्र चलाने के लिए एक बार अधिक पूँजी लगाई है लेकिन मिश्रीलाल पूँजी से मशीन लगाता है तथा गन्ना खरीदता है एवं गुड़ बनाकर बेचकर जो पैसे आते हैं उनसे फिर गन्ना खरीदता है। इस प्रकार लाभ कमाता है।

प्रश्न 21.
इससे पहले किसी और ने कम्प्यूटर केन्द्र क्यों नहीं शुरू किया? सम्भावित कारणों की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
करीम से पहले पालमपुर ग्राम में किसी और ने कम्प्यूटर केन्द्र इसलिए शुरू नहीं किया होगा कि इससे पहले गाँव के छात्र कॉलेज नहीं जाते होंगे और शहर की कम्प्यूटर कक्षाओं में भी नहीं जाते होंगे। दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि इससे पहले पालमपुर में कोई प्रशिक्षित कम्प्यूटर सिखाने वाला नहीं होगा।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या- 13

प्रश्न 22.
किशोर की स्थायी पँजी क्या है?
उत्तर:
किशोर की स्थायी पूँजी के रूप में उसके द्वारा खरीदी गयी भैंस और भैंसागाड़ी हैं।

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प्रश्न 23.
क्या आप सोच सकते हैं कि उसकी कार्यशील पूँजी कितनी होगी?
उत्तर:
किशोर की कार्यशील पूँजी के अन्तर्गत केवल भैंस के लिए चारा, चुनी, अनाज हेतु लगभग एक-डेढ़ हजार और भैंसागाड़ी हेतु भी लगभग दो-ढाई हजार रुपये। इस प्रकार कुल मिलाकर किशोर के पास तीन-चार हजार रुपये की कार्यशील पूँजी होगी।

प्रश्न 24.
किशोर कितनी उत्पादन क्रियाओं में लगा हुआ है?
उत्तर:
किशोर कृषि उत्पादन के साथ-साथ दुग्ध उत्पादन और परिवहन सेवाओं में भी लगा हुआ है।

प्रश्न 25.
क्या आप कह सकते हैं कि किशोर को पालमपुर की अच्छी सड़कों से लाभ हआ है?
उत्तर:
हाँ, हम कह सकते हैं कि किशोर को पालमपुर की अच्छी सड़कों से लाभ हुआ है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या 15

प्रश्न 1.
आधुनिक या परम्परागत या मिश्रित-खेती की इन विधियों में से किसान किसका प्रयोग करते हैं? एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
हमारे क्षेत्र के अधिकांश किसान खेती की मिश्रित विधियों का प्रयोग करते हैं। वे अपने खेतों को हल-बैल से जोतते हैं। सिंचाई मुख्यतः नलकूप और फव्वारा पद्धति से करते हैं। वे अपने खेतों में गाय-भैंस के गोबर की खाद एवं रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करते हैं। यहाँ कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया जाता है। फसल की कटाई परम्परागत विधियों से की जाती है।

प्रश्न 2.
सिंचाई के क्या स्त्रोत हैं?
उत्तर:
सिंचाई के प्रमुख साधन वर्षा के अलावा नहर, नलकूप आदि हैं।

प्रश्न 3.
कृषि भूमि के कितने भाग में सिंचाई होती है? (बहुत कम/लगभग आधी/अधिकांश/समस्त)
उत्तर:
वर्तमान में कृषि भूमि के लगभग आधे क्षेत्र में ही सिंचाई के साधन उपलब्ध होने के कारण सिंचाई की व्यवस्था हो पाती है। शेष भूमि पर साधनों की अनुपलब्धता के कारण वर्षा पर ही कृषि निर्भर है।

प्रश्न 4.
किसान अपने लिए आवश्यक आगत कहाँ से प्राप्त करते हैं?
उत्तर:
किसान अपने लिए आवश्यक आगत अर्थात् कार्यशील पूँजी की व्यवस्था स्थानीय साहूकार, लाला या जमींदार से करते हैं। कुछ शिक्षा का प्रचार-प्रसार होने से भारतीय कृषकों में चेतना उत्पन्न हुई है और अब वे विभिन्न सरकारी योजनाओं के अन्तर्गत सरकारी संस्थानों से भी अपनी आवश्यक आगत की व्यवस्था करने लगे हैं। सरकार द्वारा ग्रीन कार्ड की व्यवस्था से किसानों को बैंकों के द्वारा आसानी से फसली ऋण उपलब्ध होने लगा है।

JAC Class 9th Economics पालमपुर गाँव की कहानी Textbook Questions and Answers 

प्रश्न 1.
भारत में जनगणना के दौरान दस वर्ष में एक बार प्रत्येक गाँव का सर्वेक्षण किया जाता है। पालमपुर से सम्बन्धित सूचनाओं के आधार पर निम्न तालिका को भरिए
उत्तर:
(क) अवस्थिति क्षेत्र: पालमपुर, रायगंज से तीन किमी. की दूरी पर सड़क से जुड़ा हुआ गाँव है।
(ख) गाँव का कुल क्षेत्र-226 हेक्टेयर।
(ग) भूमि का उपयोग (हेक्टेयर में) कृषि भूमि

कृषि भूमि भूमि जो कृषि के लिए उपलब्ध नहीं है
(निवास स्थानों, सड़कों तालाबों, चारागाहों आदि का क्षेत्र)
सिंचित असिंचित
200 हेक्टेयर 26 हेक्टेयर

(घ) सुविधाएँ

शैक्षिक दो प्राथमिक विद्यालय व एक हाईस्कूल है।
चिकित्सा एक राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व एक निजी औषधालय है।
बाजार रायगंज और शाहपुर के बाजार।
बिजली पूर्ति अधिकांश घरों में उपलब्ध।
संचार उपलबध नहीं।
निकटतम शाहपुर।
कस्बा दो प्राथमिक विद्यालय व एक हाईस्कूल है।

प्रश्न 2.
खेती की आधुनिक विधियों के लिए ऐसे अधिक आगतों की आवश्यकता होती है जिन्हें उद्योगों में विनिर्मित किया जाता है। क्या आप सहमत हैं ?
उत्तर:
हम इस बात से पूर्णतः सहमत हैं क्योंकि खेती की आधुनिक विधियों में उन्नतशील बीज, रासायनिक खाद (उर्वरक), कीटनाशक, खरपतवारनाशक आदि उद्योगों (फैक्ट्रियों) में विनिर्मित किए जाते हैं तथा सिंचाई में काम आने वाले पम्पसैट, जुताई के काम आने वाला ट्रैक्टर तथा उपजों से खाद्यान्न व दूसरे उत्पाद प्राप्त करने के लिए जो भी यन्त्र काम आते हैं, सभी किसी न किसी उद्योग में विनिर्मित होते हैं।

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प्रश्न 3.
पालमपुर में बिजली के प्रसार ने किसानों की किस प्रकार मदद की?
उत्तर:
पालमपुर में बिजली के प्रसार ने किसानों की बहुत अधिक मदद की। वर्तमान में पालमपुर में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जो कि असिंचित क्षेत्र के अन्तर्गत आता हो। बिजली के प्रसार से न केवल सम्पूर्ण क्षेत्र सिंचित है, बल्कि बहुत कम समय में एक बड़े क्षेत्र की सिंचाई आसानी से पूर्ण हो जाती है।

प्रश्न 4.
क्या सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना महत्वपूर्ण है? क्यों?
उत्तर:
सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना महत्वपूर्ण ही नहीं बल्कि देश की बढ़ती जनसंख्या और बढ़ती खाद्यान्न की माँग को पूरा करने के लिए आवश्यक भी है। क्योंकि जितना ज्यादा सिंचित क्षेत्र उपलब्ध होगा, हम उतना ही अधिक कृषि उत्पादन कर सकते हैं।

प्रश्न 5.
पालमपुर के 450 परिवारों में भूमि के वितरण की एक सारणी बनाइए।
उत्तर:
पालमपुर के कुल 450 परिवारों में भूमि का वितरण इस प्रकार हैक्र. सं. परिवारों की संख्या

प्रश्न 6.
पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों की मजदूरी, न्यूनतम मजदूरी से कम क्यों है?
उत्तर:
पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों की मजदूरी, न्यूनतम मजदूरी से भी कम है क्योंकि पालमपुर में लगभग आधे परिवार ऐसे हैं जो या तो भूमिहीन हैं या बहुत छोटे क्षेत्र पर कृषि कार्य करते हैं। ये लोग हमेशा ही कोई न कोई कार्य ढूँढ़ते रहते हैं। पालमपुर में काम करने वाले ज्यादा तथा काम कम है। इस कारण वे सरकार द्वारा निर्धारित 300 रु. दैनिक मजदूरी से भी कम 160 रु. दैनिक मजदूरी पर काम करने को तैयार हो जाते हैं।

प्रश्न 7.
अपने क्षेत्र में दो श्रमिकों से बात कीजिए।खेतों में काम करने वाले या विनिर्माण कार्य में लगे मजदूरों में से किसी को चनें। उन्हें कितनी मजदूरी मिलती है? क्या उन्हें नकद पैसा मिलता है या वस्तु-रूप में? क्या उन्हें नियमित रूप से काम मिलता है? क्या वे कर्ज में हैं?
उत्तर:
मैंने अपने क्षेत्र के दो श्रमिकों ‘रामसिंह’ और ‘भगवत’ से बात की- ये दोनों खेतिहर श्रमिक हैं। इन्हें 100 रु. दैनिक मजदूरी के रूप में मिलते हैं। इन्हें मजदूरी के रूप में नकद पैसा ही मिलता है न कि वस्तु रूप में। इनको नियमित रूप से कार्य नहीं मिल पाता है और ये आस-पास के गाँवों या छोटे कस्बों में भी काम तलाशते रहते हैं। काम पर्याप्त न मिल पाने की वजह से ये दोनों कर्ज में हैं।

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प्रश्न 8.
एक ही भूमि पर उत्पादन बढ़ाने के अलग-अलग कौन से तरीके हैं ? समझाने के लिए उदाहरणों का प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
एक ही भूमि पर उत्पादन बढ़ाने के अलग-अलग तरीकों में बहुविधि फसल प्रणाली और आधुनिक फसल प्रणालियाँ हैं। बहुविधि फसल प्रणाली के अन्तर्गत किसान सिंचाई की उपलब्धता के आधार पर एक वर्ष में एक फसल के स्थान पर दो या तीन फसलें प्राप्त करके उत्पादन में वृद्धि का प्रयास करता है, जैसे खरीफ के मौसम में ज्वार, बाजरा, मक्का; रबी के मौसम में गेहूँ, चना, मटर एवं जायद के मौसम में तरबूजा, खरबूजा, ककड़ी आदि उगाए जाते हैं।

जबकि आधुनिक फसल प्रणाली के अन्तर्गत किसान सिंचाई के लिए नलकूपों, एच.वाई.वी. बीजों, कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से उत्पादन में बढ़ोत्तरी करने लगे हैं। कृषि में हुए इन आधुनिक प्रयोगों का ही परिणाम है कि अब हमें अपनी भूख मिटाने के लिए किसी दूसरे देश का मुँह ताकने की आवश्यकता नहीं है। यहाँ तक कि हरित क्रान्ति को लोग गेहूँ की क्रान्ति भी कहने लग गए हैं।

प्रश्न 9.
एक हेक्टेयर भूमि के मालिक किसान के कार्य का ब्यौरा दीजिए।
उत्तर:
एक हेक्टेयर भूमि के मालिक किसान को अपनी भूमि के समस्त कार्यों के साथ-साथ दूसरे बड़े किसानों की भूमि में खेतिहर मजदूर के रूप में मजदूरी करने की विवशता है और जब खेतों में काम नहीं होता तब वे आस-पास के गाँवों, कस्बों में काम तलाश कर उस पर लग जाते हैं ताकि उनके परिवार का भरण-पोषण होता रहे। कई बार इतना करने के बाद भी ये किसान कर्ज में डूब जाते हैं।

प्रश्न 10.
मझोले और बड़े किसान कृषि से कैसे पूँजी प्राप्त करते हैं ? वे छोटे किसानों से कैसे भिन्न हैं?
उत्तर:
मझोले और बड़े किसान परिवार के उपभोग हेतु कुछ उपज रख लेने के बाद अधिशेष गेहूँ को बाजार में बेचकर पूँजी प्राप्त कर लेते हैं। ये छोटे किसानों से इसलिए भिन्न हैं क्योंकि छोटे किसान के पास बहुत कम उत्पादन होता है। इस उत्पादन से उनकी घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति भी बहुत मुश्किल से होती है। अधिशेष के बारे में ये छोटे किसान सोच भी नहीं पाते हैं। अतः इनके पास कृषि उत्पादन से किसी प्रकार की पूँजी एकत्रित नहीं होती है।

JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

प्रश्न 11.
सविता को किन शर्तों पर तेजपाल सिंह से ऋण मिला है? क्या ब्याज की कम दर पर बैंक से कर्ज मिलने पर सविता की स्थिति अलग होती?
उत्तर:
सविता को तेजपाल सिंह से चार महीने के लिए 24% वार्षिक की ब्याज दर पर कर्ज मिला है। साथ में सविता को फसल कटाई के समय में 35 रु. प्रतिदिन की मजदूरी पर उसके खेत में काम करने का वचन भी देना पड़ा है। यदि सविता को कम ब्याज दर पर बैंक से कर्ज मिल जाता तो सविता को अधिक ब्याज व कम मजदूरी में व्यस्त दिनों में काम करने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

प्रश्न 12.
अपने क्षेत्र के कुछ पुराने निवासियों से बात कीजिए और पिछले 40-50 वर्षों में सिंचाई और उत्पादन के तरीकों में हुए परिवर्तनों पर एक संक्षिप्त (वैकल्पिक )रिपोर्ट लिखिए।
उत्तर:
हम यहाँ पर पालमपुर ग्राम में हुए परिवर्तनों की वैकल्पिक रिपोर्ट लिख रहे हैं। (विद्यार्थियों से आग्रह है कि वे अपने-अपने क्षेत्र की इसी प्रकार रिपोर्ट बनाकर विषयाध्यापक जी से जाँच कराएँ।) हमें पालमपुर में कुछ बुजुर्ग कृषकों से बात करने पर ज्ञात हुआ कि आज से लगभग 40-50 वर्ष पहले सिंचाई वर्तमान की भाँति नलकूपों से नहीं होती थी बल्कि कुछ कच्चे और कुछ पक्के कुओं पर परम्परागत सिंचाई के साधनों जैसे-चरस, रहट, ढेकुली आदि से बहुत परिश्रम करके फसलों की सिंचाई की जाती थी।

इसी प्रकार कृषि उत्पादन हेतु खेतों को हल और बैलों के माध्यम से पाटा फेर कर, जोत कर तैयार किया जाता था। उसके बाद घर के सदस्य बीज बोते थे वह भी पिछली फसल का अधिशेष होता था। खाद भी वर्तमान की जैसी नहीं थी, गोबर की प्राकृतिक खाद दी जाती थी। फसल तैयार होने पर हाथों से कटाई करके बैलों के माध्यम से उपज को प्राप्त किया जाता था। सब कुछ जानने के बाद निष्कर्ष यह निकला कि पुराने समय में कृषि कार्य में मानवीय श्रम की अधिकता थी जबकि वर्तमान समय में यांत्रिक श्रम अधिक काम आता है।

प्रश्न 13.
आपके क्षेत्र में कौन से गैर-कृषि उत्पादन कार्य हो रहे हैं? इनकी एक संक्षिप्त सूची बनाइए।
उत्तर:
हमारे क्षेत्र में निम्नलिखित गैर-कृषि उत्पादन कार्य हो रहे हैं

  1. डेयरी कार्य।
  2. गुड़ बनाने का कार्य।
  3. वस्तु विनिमय से सम्बन्धित कार्य।
  4. कम्प्यूटर केन्द्र खोलकर प्रशिक्षण का कार्य।
  5. परिवहन सेवाएँ उपलब्ध कराने के कार्य।
  6. मिट्टी के बर्तन बनाने सम्बन्धी कार्य।
  7. बान, रस्सी, ढकोले आदि विनिर्माण सम्बन्धी कार्य।

नोट: उक्त सारणी में ज्यादातर पालमपुर ग्राम में होने वाले गैर-कृषि कार्यों को लिया गया है विद्यार्थियों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने क्षेत्रीय कार्यों की सूची बनायें।

JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

प्रश्न 14.
गाँवों में और अधिक गैर-कृषि कार्य प्रारम्भ करने के लिए क्या किया जा सकता है?
उत्तर:
गाँव में आज भी लगभग 25% लोग ऐसे हैं जो गैर-कृषि कार्यों में लगे रहते हैं चाहे इन कार्यों से इनके परिवार का भरण-पोषण हो या न हो। अगर गाँव के लोगों को गैर-कृषि कार्यों की आधुनिक माँग के अनुरूप करने के लिए प्रशिक्षित किया जाये तो इन लोगों के जीवन स्तर में बदलाव लाया जा सकता है। अतः लोगों में जागरूकता पैदा करके शिक्षण व प्रशिक्षण के लिए उन्हें तैयार किया जाये और वर्तमान माँग के अनुरूप कुटीर उद्योग-धन्धों की शुरुआत करने के लिये लोगों को तैयार किया जाये।

अगर किसी कार्य में पूँजी की आवश्यकता पड़े तो हमें ग्रामीण या व्यापारिक बैंकों से ऋण दिलाने की व्यवस्था भी करनी होगी, तभी गाँवों की स्थिति में बदलाव लाया जा सकता है। इन कुटीर उद्योगों के लिए कच्चे माल की प्राप्ति के स्रोतों व निर्मित माल के उपयुक्त बाजारों की जानकारी भी उस प्रशिक्षण का हिस्सा होना आवश्यक है ताकि ग्रामीण परिवेश के लोगों को यह विश्वास हो सके कि हम इस प्रशिक्षण के बाद अपने उद्योग को आसानी से चला पायेंगे।

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JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 5 लोकतांत्रिक अधिकार

JAC Board Class 9th Social Science Solutions Civics Chapter 5 लोकतांत्रिक अधिकार

JAC Class 9th Civics  लोकतांत्रिक अधिकार InText Questions and Answers

विद्यार्थियों हेतु आवश्यक निर्देश:
पाठ्य-पुस्तक के इस अध्याय में विभिन्न पृष्ठों पर लड़के/लड़की के कार्टून चित्रों के नीचे अथवा ‘खुद करें, खुद सीखें’ शीर्षक से बॉक्स में अथवा ‘कार्टून बूझें’ शीर्षक के नीचे अथवा कहाँ पहुँचे? क्या समझे? शीर्षक से बॉक्स में प्रश्न दिए हुए हैं। इन प्रश्नों के क्रमानुसार उत्तर निम्न प्रकार से हैं|

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 82

प्रश्न 1.
अगर आप सर्ब होते तो कोसोवो में मिलोशेविक ने जो कुछ किया, क्या उसका समर्थन करते? सर्ब लोगों का प्रभुत्व कायम करने की उनकी योजना क्या सर्ब लोगों के वास्तविक हित में थी?
उत्तर:
यदि मैं एक सर्ब होता तो मिलोशेविक के कार्यों का बिल्कुल समर्थन नहीं करता। सर्ब लोगों का प्रभुत्व कायम करने की उसकी योजना किसी भी रूप में सर्ब लोगों के वास्तविक हित में नहीं थी।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 83

प्रश्न 2.
कोसोवो की बतीसा की तरफ से 1984 के सिख विरोधी दंगों या 2002 के गुजरात दंगों में वैसी ही स्थिति झेलने वाली किसी महिला के नाम एक पत्र लिखिए।
उत्तर:

13 नवम्बर,
कोसोवो,
यूगोस्लाविया

प्रिय अनीता,
अखबारों के माध्यम से सिख विरोधी दंगों का पता चला, दंगे से तुम्हें भी बहुत हानि हुई, यह जानकर दुःख हुआ। इस तरह की घटनाओं को सुनकर हृदय को बहुत दुःख होता है। मैं समझ नहीं पा रही हूँ कि कैसे मनुष्य एक-दूसरे पर अत्याचार करते हैं। हर जुल्म की एक सीमा होती है। हम सबको मिलकर इन अत्याचारों के विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए।

सदैव तुम्हारी
बतीसा

JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 5 लोकतांत्रिक अधिकार

प्रश्न 3.
सऊदी अरब की महिलाओं की तरफ से संयुक्त राष्ट्र महासचिव के नाम एक ज्ञापन लिखिए।
उत्तर:
महाशय, मैं आपको सऊदी अरब में महिलाओं के लिए निम्न व्यवस्था हेतु आग्रह करना चाहती हूँ

  1. महिलाओं को विधायिका तथा कार्यपालिका के चुनाव में भाग लेने की अनुमति होनी चाहिए।
  2. महिलाओं पर लगाये गये सभी सार्वजनिक प्रतिबन्ध नहीं होने चाहिए। इन प्रतिबन्धों को हटाया जाना चाहिए।
  3. महिलाओं को भी पुरुषों के समान सामाजिक स्तर उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
  4. महिलाओं को अपने शासकों को चुनने अथवा बदलने का अधिकार भी दिया जाना चाहिए।

प्रश्न 4.
अधिकारविहीन जीवन के इन तीनों मामलों से मिलते-जुलते उदाहरण भारत से भी दें। ये उदाहरण निम्नलिखित में से हो सकते हैं
पुलिस हिरासत में हिंसा की अखबारी खबरें।
1. भूख हड़ताल पर जाने वाले कैदियों को जबरदस्ती खाना खिलाने की अखबारी रपट।
2. हमारे देश के किसी हिस्से में जातीय हिंसा।
3. महिलाओं के साथ गैर-बराबरी वाले व्यवहार की खबरें।
4. फिर इन मामलों और भारतीय मामलों के बीच समानता और अन्तरों की सूची बनाएँ। यह जरूरी नहीं है कि प्रत्येक मामले के लिए आप ठीक उसी तरह का भारतीय उदाहरण दें।
उत्तर:
छात्र, इस प्रश्न को अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं हल करें।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 84

प्रश्न 5.
चुनी हुई सरकारों द्वारा अपने नागरिक के अधिकार की रक्षा न करने या इन अधिकारों पर हमला करने के उदाहरण कौन से हैं? सरकार ऐसा क्यों करती है?
उत्तर:
चुनी हुई सरकारों द्वारा अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा न कर पाना तथा उन पर आक्रमण होने के उदाहरण हैं-तानाशाही सरकार, औपनिवेशिक सरकार और सैनिक सरकार। ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे सरकार का सत्ता पर कब्जा बना रहे।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 86

प्रश्न 6.
हर आदमी जानता है कि अमीर आदमी मुकदमे के समय अच्छे वकीलों की मदद ले सकता है। फिर कानून के समक्ष समानता की बात का क्या महत्व रह जाता है?
उत्तर:
यह सत्य है कि अमीर लोग धन की ताकत पर न्यायालय में अच्छे से अच्छा वकील कर सकते हैं। लेकिन संविधान के अनुसार सरकार प्रत्येक व्यक्ति को, उसके माँगने पर, मुफ्त न्यायिक सेवा उपलब्ध करायेगी, ऐसा कानून के समक्ष समानता या कानून की एक समान सुरक्षा के नाम पर किया जाता है।

इसका अर्थ यह है कि कानून अमीर-गरीब में कोई भेद नहीं करता, उसकी दृष्टि में सभी एक समान हैं। धनी लोग चाहे अच्छे वकीलों को एकत्रित कर लें, लेकिन लोकतान्त्रिक व्यवस्था में दोषी पाये जाने पर उन्हें भी वही सजा मिलेगी जो किसी सामान्य नागरिक को मिलती। अतः कानून के सामने समानता का बहुत ही व्यापक अर्थ होता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 87

प्रश्न 7.
किसी भी स्कूल के खेल के दौरान या किसी स्टेडियम में जाकर 400 मीटर दौड़ वाली पट्टी को गौर से देखिए। वहाँ बाहरी लेन में दौड़ने वाले खिलाड़ी को अन्दर वाली लेन के खिलाड़ी रेआगे के स्थान से दौड़ शुरू करने क्यों दिया जाता है? अगर सभी दौड़ने वाले एक ही लाइन पर से दौड़ प्रारम्भ करें तो क्या होगा? इन दोनों स्थितियों में से कौन-कौन सी स्थिति दौड़ के मुकाबले को समान बनाती है? नौकरियों में प्रतिद्वन्द्विता के मामले में भी इसी चीज को लागू कीजिए।
उत्तर:
खेल की शुरुआत के समय लाइन में अपनी दौड़ की शुरुआत करने वाले प्रतियोगियों को अन्दर की लाइन में दौड़ने वाले प्रतियोगियों के आगे रखा गया क्योंकि अन्दर के लाइन की परिधि बाहर के लाइन की परिधि से कम है। अतः प्रतियोगिता के समय न्याय नहीं हो सकेगा। इस हेतु बाहरी लाइन वालों को आगे रखने से दोनों को समान दूरी तय करनी होगी तभी प्रतियोगियों के साथ न्याय हो सकेगा।

यदि सभी प्रतियोगियों को एक ही लेन से दौड़ की शुरुआत करने को कहा जाए तो बाहरी लेन में दौड़ने वालों को अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी तथा वे लक्ष्य तक स्वाभाविक रूप से देर में पहुंचेंगे जो कि न्याय के विरुद्ध होगा। प्रथम स्थिति उचित है जिसमें बाहरी लाइन वालों को अन्दर की लाइन वालों से आगे रखा गया था। इस उदाहरण को नौकरी के क्षेत्र में भी लागू किया जा सकता है। प्रतियोगिता में समान योग्यता वाले विद्यार्थियों को एक साथ रखा जाना चाहिए।

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प्रश्न 8.
किसी भी बड़ी सार्वजनिक इमारत को गौर से देखिए। क्या वहाँ विकलांगों के आने-जाने के लिए अलग से विशेष व्यवस्था है ? विकलांग लोग उस जगह का उपयोग किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह ही कर सकें क्या इसका कोई और विशेष इंतजाम वहाँ है? ज्यादा खर्च होने पर भी क्या वे विशेष इंतजाम किए जाने चाहिए? क्या ये विशेष इंतजाम समानता के सिद्धान्त का उल्लंघन करते हैं?
उत्तर:
हमारे शहर में जय नारायण मेमोरियल ट्रस्ट का एक बड़ा सार्वजनिक भवन है, जहाँ शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए रैम्प बनाए गए हैं। वहाँ पर कई अन्य सुविधाएँ हैं जिनका उपयोग विकलांग लोग आसानी से कर सकते हैं। इस कारण से उस भवन की उपयोगिता विकलांग लोगों के लिए भी उतनी ही है जितनी कि आम लोगों के लिए।

यह सुविधा उपलब्ध कराना आवश्यक है, विकलांग भी हमारे समाज के सदस्य होते हैं तथा इस देश के सम्मानित नागरिक हैं, जिन्हें सार्वजनिक भवनों के बराबर उपयोग का अधिकार है। हाँ, ज्यादा खर्च होने पर भी विशेष इंतजाम किये जाने चाहिए, इस तरह के विशेष इंतजाम समानता के सिद्धान्त का उल्लंघन नहीं करते हैं।

प्रश्न 9.
1999 में प्रसिद्ध पत्रकार पी.साईंनाथ ने दलितों या अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ अभी तक छुआछूत के व्यवहार पर अंग्रेजी अखबार ‘हिन्दू’ में एक लेखमाला लिखी। वे देश के अनेक स्थानों पर गये और पाया कि अनेक स्थानों पर
1. चाय की दुकानों पर दो तरह के कप रखे जाते हैं-एक दलितों के लिए, दूसरा बाकी लोगों के लिए।
2. हजाम दलितों के बाल नहीं काटते, दाढ़ी नहीं बनाते।
3. दलित छात्रों को कक्षा में अलग बैठना होता है और अलग रखे घड़े से पानी पीना होता है।
4. दलित दूल्हों को बारात में घोड़ी पर नहीं चढ़ने दिया जाता। दलितों को सार्वजनिक हैण्डपम्प से पानी नहीं लेने दिया जाता या उनके पानी भर लेने के बाद हैण्डपम्प को धो दिया जाता है। ये सभी काम छुआछूत की परिभाषा के दायरे में आते हैं। क्या आप अपने इलाके से कुछ ऐसे ही उदाहरण सोच सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, हमने अपने क्षेत्र में लोगों को इस तरह का व्यवहार करते हुए कभी नहीं देखा है। किसी भी रूप में छुआछूत को व्यवहार में लाना एक दंडनीय अपराध है। हमारा संविधान भी इस बात की इजाजत नहीं देता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 88

प्रश्न 10.
क्या गलत और संकीर्ण विचारों का प्रचार करने वालों को भी अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता मिलनी चाहिए? क्या उन्हें लोगों को भ्रमित करने की अनुमति दी जानी चाहिए?
उत्तर:
नहीं, ऐसे लोग जो संकीर्ण तथा गलत विचारों को जनता में फैलाते हैं वे एक दंडनीय अपराध कर रहे हैं। उनकी अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पर समाज के हित में रोक लगानी चाहिए। ऐसे लोगों को कोई हक नहीं है कि वे अपने गलत और संकीर्ण विचारों से दूसरों को भ्रमित करें।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 90

प्रश्न 11.
क्या निम्नांकित उदाहरण स्वतन्त्रता के अधिकार के उल्लंघन के हैं? अगर हाँ, तो प्रत्येक में संविधान के कौन-से प्रावधान का उल्लंघन हुआ है?
1. भारत सरकार ने सलमान रुश्दी की किताब ‘सैटेनिक वर्सेज’को इस आधार पर प्रतिबन्धित कर दिया कि इसमें पैगम्बर मोहम्मद के प्रति अनादर का भाव दिखाया गया और इससे मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुँच सकती है।
उत्तर:
नहीं, क्योंकि यदि किसी के विचारों से जनमानस की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती है तो उसे प्रतिबन्धित किया जा सकता है।

2. हर फिल्म को सार्वजनिक प्रदर्शन पूर्व भारत सरकार के सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र लेना होता है। पर वही कहानी किताब या पात्रिका में छपे तो उस पर ऐसी पाबंदी नहीं है।
उत्तर:
हाँ, यह मामला स्वतन्त्रता के अधिकार के उल्लंघन का उदाहरण है। क्योंकि एक फिल्म का प्रभाव तो शिक्षित अथवा अशिक्षित दोनों ही लोगों पर पड़ सकता है, किन्तु किसी किताब को एक शिक्षित व्यक्ति ही पढ़ता है जिसके पास एक मजबूत विचार होता है। अतः इस तरह की पाबन्दी नहीं लगानी चाहिए।

3. सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि कुछ खास औद्योगिक क्षेत्रों या अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों में काम करने वालों को यूनियन बनाने और हड़ताल पर जाने का अधिकार नहीं होगा।
उत्तर:
यह व्यक्ति की स्वतन्त्रता के अधिकार के उल्लंघन का मामला है। संविधान द्वारा संगठन बनाने का अधिकार प्रत्येक व्यक्ति को प्राप्त है।

4. नगर प्रशासन ने माध्यमिक परीक्षाओं के मद्देनजर शहर में रात 10 बजे के बाद सार्वजनिक लाउडस्पीकर के प्रयोग पर पाबन्दी लगा दी है।
उत्तर:
यह मामला स्वतन्त्रता के अधिकार के हनन का मामला नहीं है, हमें अपने अधिकारों का उसी सीमा तक प्रयोग करने का अधिकार है जिस सीमा तक वे किसी दूसरे के अधिकार का उल्लंघन नहीं करते हों। बच्चों की परीक्षा को देखते हुए प्रशासन द्वारा लिया गया यह सही फैसला है। हमें इसका पालन करना चाहिए।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 91

प्रश्न 12.
इन खबरों के आधार पर सम्पादक के नाम एक लम्बा पत्र या शोषण के खिलाफ अधिकार के उल्लंघन की बात उजागर करते हुए अदालत के लिए अर्जी लिखिए :
मद्रास हाईकोर्ट में एक अर्जी दायर की गई। अर्जी दायर करने वाले ने कहा कि सालेम जिले के गाँवों के 7 से 12 वर्ष के उम्र के अनेक बच्चों को ले जाकर केरल के त्रिचूर जिले के ओलुर में बेचा गया है। आवेदनकर्ता ने अदालत से माँग की कि वह सरकार को इस मामले से जुड़े हुए तथ्यों की जाँच कराने का आदेश दे। (मार्च 2005)

कर्नाटक के होमपेट, मांडुर और इकाल इलाके में लौह अयस्क खदानों में पाँच वर्ष और उससे अधिक उम्र के बच्चों से काम कराया जा रहा है। बच्चों से खुदाई, अयस्क तोड़ने,लादने, गिराने, ढुलाई और कटाई का काम लिया जा रहा है। उनको न तो सुरक्षा के उपकरण दिये जाते हैं न तय मजदूरी और न ही उनके काम का समय तय है। वे बहुत ही जहरीले कचरे को ढोते हैं और खदान की धूल, जो मानक स्तर से काफी अधिक है, भी उनके आँख, नाक, कान में जाती रहती है। इस इलाके में स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ने की दर काफी ऊँची है। (मई 2005)

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन के नवीनतम वार्षिक सर्वेक्षण में पाया गया कि ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में लड़कियों से काम कराने का क्रम बढ़ता जा रहा है और अब, ज्यादा बच्चियों से काम कराया जा रहा है। सर्वेक्षण में यह बात सामने आई कि पहले जहाँ प्रति हजार कामगारों में बच्चियों की संख्या 34 थी वहीं अब 41 हो गयी है। लड़कों की संख्या का अनुपात 31 बना हुआ है। (अप्रैल, 2005)
उत्तर:
नोट-विद्यार्थी ऊपर लिखे हुए तथ्यों का प्रयोग करते हुए स्वयं पत्र लिखें। इन न्यूज रिपोर्ट्स के विश्लेषण से यह ज्ञात होता है कि बच्चों से सम्बन्धित तीनों ही मामलों में बिना किसी सुरक्षा या उपयुक्त माहौल के उनसे खतरनाक काम लिये जा रहे हैं और उन्हें व्यापार की वस्तु बना दिया गया है। सर्वेक्षण रिपोर्ट भी बाल मजदूरों, खासकर महिला बाल मजदूरों की तेजी से बढ़ती संख्या की ओर इशारा कर रही है।

हमारे संविधान में बाल मजदूरी पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। किसी भी व्यक्ति को 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी खतरनाक उद्योग में नियोजित करने का अधिकार नहीं है। यह बच्चों के ऊपर किया जा रहा अत्याचार है। इस सम्बन्ध में माननीय न्यायालय द्वारा आवश्यक कदम उठाते हुए सरकार से तथ्यों की जाँच करने हेतु कहा जाए तथा इसको सही पाये जाने पर आवश्यक कार्यवाही की जाए।

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प्रश्न 13.
क्या आपको अपने प्रदेश में लागू न्यूनतम मजदूरी का पता है? अगर नहीं, तो क्या आप यह पता कर सकते हैं? अपने मुहल्ले में अलग-अलग काम करने वालों से बात करके यह जानने की कोशिश कीजिए कि क्या उनको न्यूनतम मजदूरी मिल रही है। उनसे पूछिए कि क्या उनको न्यूनतम मजदूरी का पता है? उनसे यह भी पूछिए कि उसी काम के लिए क्या मर्द और औरत को समान मजदूरी मिलती है?
उत्तर:
छात्र, इस प्रश्न को अपने शिक्षकों की सहायता से स्वयं हल करें।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 92

प्रश्न 14.
संविधान लोगों का धर्म नहीं तय करता। पर लोगों को अपने धार्मिक कामकाज करने का अधिकार इसे क्यों देना पड़ा?
उत्तर:
एक धर्मनिरपेक्ष प्रजातन्त्र में लोग अपनी पसंद के धर्म का चुनाव करने तथा उसको मानने के लिए स्वतन्त्र हैं। संविधान यह अधिकार देकर धर्म को वैयक्तिक विषय बनाता है। स्वतन्त्रता स्वयं में सबसे बड़ा धर्म है। यदि किसी को धर्म के अनुपालन से कानून द्वारा रोका जाए और किसी खास धर्म को सरकार द्वारा आश्रय दिया जाए, तो वह देश एक धार्मिक देश होगा जबकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष (पंथ निरपेक्ष) देश है।

हमारे संविधान की प्रस्तावना में इस देश का स्वरूप धर्मनिरपेक्ष बताया गया है। अर्थात् धर्म के आधार पर यहाँ किसी भी तरह के भेदभाव की सम्भावना नहीं है। अतः व्यक्ति की धार्मिक स्वतन्त्रता की घोषणा आवश्यक है, जो हमारा संविधान करता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 93

प्रश्न 15.
इन खबरों को पढ़िए और प्रत्येक में जिस अधिकार की चर्चा है, उसकी पहचान कीजिए। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी की आपात बैठक में हरियाणा के सिख धार्मिक स्थलों के प्रबन्धन के लिए अलग संगठन बनाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया। सरकार को यह चेतावनी दी गई कि सिख समुदाय अपने धार्मिक मामलों में किसी भी किस्म की दखलंदाजी बरदाश्त नहीं करेगा। (जून 2005)

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक दर्जा देने वाले केन्द्रीय कानून को रद्द कर दिया और मेडिकल स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स में सीटों के आरक्षण को गैर-कानूनी करार दिया। (जनवरी 2005)

राजस्थान सरकार ने धर्म परिवर्तन विरोधी कानून बनाने का फैसला किया है। ईसाई नेताओं का कहना है कि इस विधेयक से अल्पसंख्यकों में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ेगी।
(मार्च 2005)
उत्तर:
पहले कथन में धर्म की स्वतन्त्रता सम्बन्धी अधिकार की चर्चा की गई है। दूसरे कथन में समानता के अधिकार की चर्चा की गई है। तीसरे कथन में धार्मिक स्वतन्त्रता सम्बन्धी अधिकार की चर्चा की गई है।

प्रश्न 16.
क्या आपको अपने मौलिक अधिकारों के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाने से राष्ट्रपति भी रोक सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, भारत के राष्ट्रपति मुझे अपने मौलिक अधिकार प्राप्त करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाने से नहीं रोक सकते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 95

प्रश्न 17.
क्या आपके राज्य में मानवाधिकार आयोग है? इसकी गतिविधियों के बारे में जानकारियाँ इकट्ठी कीजिए।
उत्तर:
छात्र, इस प्रश्न को अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं हल करें।

प्रश्न 18.
इस अध्याय में आए मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों या आपको ज्ञात किसी भी ऐसे मामले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक आवेदन लिखें।
उत्तर:
छात्र इस प्रश्न को अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं हल करें।

प्रश्न 19.
जरा सोचिए : क्या ये अधिकार सिर्फ वयस्क के लिए हैं? बच्चों के लिए कौन-कौन से अधिकार
उत्तर:
नहीं, ये अधिकार केवल वयस्कों के लिए ही नहीं हैं, ये बच्चों को भी प्राप्त हैं, जैसे-जीवन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, धर्म की स्वतन्त्रता का अधिकार, समानता का अधिकार आदि।

JAC Class 9th Civics लोकतांत्रिक अधिकार Textbook Questions and Answers 

प्रश्न 1.
इनमें से कौन-सा मौलिक अधिकारों के उपयोग का उदाहरण नहीं है
(क) बिहार के मजदूरों का पंजाब के खेतों में काम करने जाना।
(ख) ईसाई मिशनों द्वारा मिशनरी स्कूलों की श्रृंखला चलाना।
(ग) सरकारी नौकरी में औरत और मर्द को समान वेतन मिलना।
(घ) बच्चों द्वारा माँ-बाप की सम्पत्ति विरासत में पाना।
उत्तर:
(घ) बच्चों द्वारा माँ-बाप की सम्पत्ति विरासत में पाना।

प्रश्न 2.
इनमें से कौन-सी स्वतन्त्रता भारतीय नागरिकों को नहीं है
(क) सरकार की आलोचना की स्वतन्त्रता।
(ख) सशस्त्र विद्रोह में भाग लेने की स्वतन्त्रता।
(ग) सरकार बदलने के लिए आन्दोलन शुरू करने की स्वतन्त्रता।
(घ) संविधान के केन्द्रीय मूल्यों का विरोध करने की स्वतन्त्रता।
उत्तर:
(ख) सशस्त्र विद्रोह में भाग लेने की स्वतन्त्रता।

प्रश्न 3.
भारतीय संविधान इनमें से कौन-सा अधिकार देता है
(क) काम का अधिकार।
(ख) पर्याप्त जीविका का अधिकार।
(ग) अपनी संस्कृति की रक्षा का अधिकार।
(घ) निजता का अधिकार।
उत्तर:
(ग) अपनी संस्कृति की रक्षा का अधिकार।

प्रश्न 4.
उस मौलिक अधिकार का नाम बताएँ जिसके तहत निम्नलिखित स्वतन्त्रताएँ आती हैं
(क) अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतन्त्रता।
(ख) जीवन का अधिकार।
(ग) छुआछूत की समाप्ति।
(घ) बेगार पर प्रतिबन्ध।
उत्तर:
(क) धर्म की स्वतन्त्रता का अधिकार।
(ख) स्वतन्त्रता का अधिकार।
(ग) समानता का अधिकार।
(घ) शोषण के विरुद्ध अधिकार।

प्रश्न 5.
लोकतन्त्र और अधिकारों के बीच सम्बन्धों के बारे में इनमें से कौन-सा बयान ज्यादा उचित है? अपनी पसंद के पक्ष में कारण बताएँ।
(क) हर लोकतान्त्रिक देश अपने नागरिकों को अधिकार देता है।
(ख) अपने नागरिकों को अधिकार देने वाला हर देश लोकतान्त्रिक है।
(ग) अधिकार देना अच्छा है, पर यह लोकतन्त्र के लिए जरूरी नहीं है।
उत्तर:
(क) यह कथन सर्वाधिक उपयुक्त है, क्योंकि लोकतान्त्रिक देश में वहाँ के नागरिकों को उनके कुछ अधिकारों की गारण्टी दी जाती है। कई बार लोगों के पास गैर-लोकतान्त्रिक देश में भी कुछ अधिकार हो सकते हैं। अतः इस आधार पर उन्हें लोकतान्त्रिक नहीं कहा जा सकता है।

प्रश्न 6.
स्वतन्त्रता के अधिकार प्रर ये पाबन्दियाँ उचित हैं? अपने जवाब के पक्ष में कारण बताएँ।
(क) भारतीय नागरिकों को सुरक्षा कारणों से कुछ सीमावर्ती इलाकों में जाने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है।
(ख) स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए कुछ इलाकों में बाहरी लोगों को सम्पत्ति खरीदने की अनुमति नहीं है।
(ग ) शासक दल को अगले चुनाव में नुकसान पहुँचा सकने वाली किताब पर सरकार प्रतिबन्ध लगाती है।
उत्तर:
(क) यदि सरकार कुछ संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों के घूमने पर प्रतिबन्ध लगाती है तो यह सर्वथा उचित है क्योंकि, इससे न केवल सम्बन्धित व्यक्ति/व्यक्तियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है, बल्कि इसका फायदा उठाकर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल लोग दुश्मनों से सूचनाओं का आदान-प्रदान भी कर सकते हैं। साथ ही, इस तरह की स्वतन्त्रता से सीमा के आर-पार अवैध व्यापार तथा घुसपैठ को बढ़ावा मिल सकता है।

(ख) नागरिकों को संविधान द्वारा दी गई स्वतन्त्रता के अन्तर्गत देश में कहीं भी बस जाने की स्वतन्त्रता भी है किन्तु, यदि सरकार स्थानीय लोगों के हित में यह फैसला लेती है कि कोई बाहरी व्यक्ति किसी विशेष क्षेत्र में सम्पत्ति नहीं खरीद सकता, तो यह उचित ही है। ऐसा वह वहाँ के लोगों की विशेष सांस्कृतिक पहचान बनाये रखने के लिए करती है।

(ग) लोगों को संविधान के अन्तर्गत अपने विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता प्राप्त है और किताब विचार व्यक्त करने का एक माध्यम है। शर्त यह है कि ऐसे विचार समाज विरोधी अथवा राष्ट्रविरोधी न हों। किन्तु, यदि सरकार सिर्फ इस कारण से किताब के प्रकाशन पर प्रतिबन्ध लगाती है कि यह उसकी पार्टी के विरोध में है अथवा आगामी चुनाव में उसकी पार्टी पर इसका प्रभाव पड़ सकता है, तो यह गलत है। इससे व्यक्ति के स्वतन्त्रता के अधिकार का हनन होता है।

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प्रश्न 7.
मनोज एक सरकारी दफ्तर में मैनेजर के पद के लिए आवेदन देने गया। वहाँ के किरानी (लिपिक)ने उसका आवेदन लेने से मना कर दिया और कहा, ‘झाडू लगाने वाले का बेटा होकर तुम मैनेजर बनना चाहते हो। तुम्हारी जाति का कोई कभी इस पद पर आया है? नगरपालिका के दफ्तर जाओ और सफाई कर्मचारी के लिए अर्जी दो।’ इस मामले में मनोज के किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है ? मनोज की तरफ से जिला अधिकारी के नाम लिखे एक पत्र में इसका उल्लेख करो।
उत्तर:

दिनांक-05-5-2020

सेवा में,
श्रीमान जिला अधिकारी महोदय,
भरतपुर (राज.)

विषय : मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के सम्बन्ध में।
महाशय,
नम्र निवेदन है कि मैं मनोज पुत्र श्री भगवानदास, निवासी नगर (भरतपुर) ने दिनांक 03-5-2020 को परिवहन डिपो के सरकारी दफ्तर में मैनेजर पद के लिए आवेदन किया था। वहाँ सम्बन्धित क्लर्क ने आवेदन लेने से मना कर दिया। जबकि मैं उक्त पद हेतु समस्त योग्यताओं को पूरा करता हूँ। उक्त कार्यालय में मुझे जातिसूचक शब्दों से भी सम्बोधित किया गया।

श्रीमान् हमारे संविधान में नागरिक को विभिन्न मौलिक अधिकार दिये गए हैं। इस घटना में हमारे ‘अवसर की समानता’ के अधिकार का उल्लंघन हुआ है। अतः श्रीमान् से मेरा नम्र निवेदन है कि आप उपरोक्त विषय में उचित कार्यवाही करके सम्बन्धित अधिकारी को इस पद के लिए मेरा आवेदन स्वीकार करने का आदेश दें। इसके लिए मैं हमेशा श्रीमान् जी का आभारी रहूँगा।

प्रार्थी
मनोज

प्रश्न 8.
जब मधुरिमा सम्पत्ति के पंजीकरण वाले दफ्तर में गई तो रजिस्ट्रार ने कहा, ”आप अपना नाम मधुरिमा बनर्जी,बेटी ए.के. बनर्जी”नहीं लिख सकतीं। आप शादीशुदा हैं और आपको अपने पति का ही नाम देना होगा। फिर आपके पति का उपनाम तो राव है। इसलिए आपका नाम भी बदलकर मधुरिमा राव हो जाना चाहिए। मधुरिमा इस बात से सहमत नहीं हुई। उसने कहा, ‘अगर शादी के बाद मेरे पति का नाम नहीं बदला तो मेरा नाम क्यों बदलना चाहिए? अगर वह अपने नाम के साथ पिता का नाम लिखते रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं लिख सकती?” आपकी राय में इस विवाद में किसका पक्ष सही है? और क्यों?
उत्तर:
मेरे विचार में रजिस्ट्रार की सलाह पूर्वाग्रह से प्रभावित तथा अनुचित है। मधुरिमा का कहना बिल्कुल ठीक है कि यदि विवाह के बाद उसके पति का नाम नहीं बदला तो उसका नाम क्यों बदला जाएगा? वास्तव में, इस तरह का रिवाज पुरुष प्रधानता का सूचक है। यह महिला-पुरुष समानता के विचार का विरोध करता है। यह महिला-स्वतन्त्रता की भावना के विरुद्ध है। अतः मधुरिमा को अपना नाम नहीं बदलना चाहिए।

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प्रश्न 9.
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के पिपरिया में हजारों आदिवासी और जंगल में रहने वाले लोग सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क, बोरी वन्यजीव अभयारण्य और पंचमढ़ी वन्यजीव अभयारण्य से अपनी प्रस्तावित विस्थापन का विरोध करने के लिए जमा हुए। उनका कहना था कि यह विस्थापन उनकी जीविका और उनके विश्वासों पर हमला है। सरकार का दावा है कि इलाके के विकास और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए उनका विस्थापन जरूरी है। जंगल पर आधारित जीवन जीने वाले की तरफ से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक पत्र, इस मसले पर सरकार द्वारा दिया जा सकने वाला सम्भावित जवाब और इस मामले पर मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट तैयार करो।
उत्तर:
सेवा में,

दिनांक-05-5-2020

श्रीमान् अध्यक्ष, महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली
महोदय,
निवेदन यह है कि हम वनवासी लोग सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, बोरी वन्यजीव अभ्यारण्य तथा पंचमढ़ी वन्यजीव अभ्यारण्य क्षेत्रों में सैकड़ों वर्षों से रहते आ रहे हैं। हम वनवासियों की प्रत्येक गतिविधि वन से जुड़ी हुई है। हमारी जीविका का मुख्य स्रोत वन हैं। आज मध्य प्रदेश सरकार विकास तथा वन्यजीवों की सुरक्षा के नाम पर हमें यहाँ से हटाना चाहती है इससे हमारा जीवन प्रभावित होगा। अतः, श्रीमान् जी से निवेदन है कि हमारी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हमें न्याय दिलाएँ। इसके लिए हम वनवासी सदैव आपके आभारी रहेंगे।

प्रार्थी
समस्त वनवासी
होशंगाबाद (मध्य प्रदेश)

सरकार द्वारा दिया जा सकने वाला सम्भावित जवाब:
क्षेत्र के विकास तथा वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह फैसला किया है कि सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, बोरी वन्यजीव अभ्यारण्य तथा पंचमढ़ी अभ्यारण्य क्षेत्रों से वनवासियों का कहीं दूसरे स्थान पर पुनर्वास किया जाए। इससे वन्यजीवों को सुरक्षा मिलेगी। वहाँ वनवासियों के लिए स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा, शिक्षा, आवास आदि जैसी मौलिक सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जा सकेंगी।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट:
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान तथा बोरी एवं पंचमढ़ी वन्यजीव अभ्यारण्य क्षेत्रों से लोगों के विस्थापन से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को देखते हुए आयोग ने सरकार के इस कदम पर असहमति व्यक्त की है। आयोग का कहना है कि सरकार पहले उनकी जीविका तथा पुनर्वास की व्यवस्था करे फिर उन्हें विस्थापित करने जैसा कदम उठाये। इन लोगों की जीविका वनों से चलती है। विस्थापन की स्थिति में हजारों परिवार अपनी रोजी-रोटी खो देंगे अतः, सरकार एक समिति बनाकर पहले इससे जुड़ी सभी समस्याओं की जानकारी ले, फिर अन्य कदम उठाए, ताकि उनके मानवीय अधिकारों की रक्षा हो सके।

प्रश्न 10.
इस अध्याय में पढ़े विभिन्न अधिकारों को आपस में जोड़ने वाला एक मकड़जाल बनाएँ। जैसे आने-जाने की स्वतन्त्रता का अधिकार तथा पेशा चुनने की स्वतन्त्रता का अधिकार आपस में एक-दूसरे से जुड़े हैं। इसका कारण है कि आने-जाने की स्वतन्त्रता के चलते व्यक्ति अपने गाँव या शहर के अन्दर ही नहीं, दूसरे गाँव, दूसरे शहर और दूसरे राज्य तक में जाकर काम कर सकता है। इसी प्रकार इस अधिकार को तीर्थाटन से जोड़ा जा सकता है जो किसी व्यक्ति द्वारा अपने धर्म का अनुसरण करने की आजादी से जुड़ा है। आप इस मकड़जाल को बनाएँ और तीर के निशानों से बताएं कि कौन-से अधिकार आपस में जुड़े हैं। हर तीर के साथ सम्बन्ध बताने वाला एक उदाहरण भी दें।
उत्तर:
JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 5 लोकतांत्रिक अधिकार 1

आइए, अखबार पढ़ें

प्रश्न 1.
अभी तक के सभी अध्यायों में हमने अखबार पढ़ने वाला अभ्यास रखा है। आइए, अब अखबारों के लिए लिखने का प्रयास करें। इस अध्याय में आई रिपोर्टों या अपने आसपास के उदाहरणों के आधार पर इन चीजों को लिखने का प्रयास करें
1. मानवाधिकारों का उल्लंघन के मामले पर सम्पादक के नाम पत्र।
2. मानवाधिकार संगठन की तरफ से एक प्रेस विज्ञप्ति।
3. मौलिक अधिकार सम्बन्धित सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से सम्बन्धित समाचार और उसका शीर्षक।
4. पुलिस हिरासत में मौत की बढ़ती घटनाओं पर संपादकीय टिप्पणी। इन सबको मिलाकर अपने स्कूल के नोटिस बोर्ड के लिए अखबार तैयार करो।
उत्तर:
छात्र, इस प्रश्न को अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं हल करें।

JAC Class 9 Social Science Solutions

JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज

JAC Board Class 9th Social Science Solutions Civics Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज

JAC Class 9th Civics संस्थाओं का कामकाज InText Questions and Answers

विद्यार्थियों हेतु आवश्यक निर्देश:
पाठ्य-पुस्तक के इस अध्याय में विभिन्न पृष्ठों पर लड़का/लड़की के कार्टून चित्रों के नीचे अथवा ‘खुद करें, खुद सीखें’ शीर्षक से बॉक्स में अथवा कार्टून बूझें, शीर्षक के नीचे अथवा कहाँ पहुँचे? क्या समझे ? शीर्षक से बॉक्स में प्रश्न दिए हुए हैं। इन प्रश्नों के क्रमानुसार उत्तर निम्न प्रकार से हैं

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 62

प्रश्न 1.
ऊपर बतायी गयी बातों के अलावा इन संस्थाओं के बारे में पिछली कक्षाओं की और कौन-सी बातें आपको याद हैं? कक्षा में उस पर चर्चा करें। क्या आप अपनी राज्य सरकार द्वारा लिए गए किसी बड़े फैसले को याद कर सकते हैं? राज्यपाल, मन्त्रिमण्डल, राज्य विधानसभा और न्यायालय किस तरह इस निर्णय में शामिल थे?
उत्तर:
छात्र, इस प्रश्न को अध्यापक की सहायता से स्वयं हल करें।

JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज

प्रश्न 2.
क्या हर सरकारी आदेश एक बड़ा राजनीतिक फैसला होता है? इस सरकारी आदेश में खास बात है।
उत्तर:
नहीं, हर आदेश एक बड़ा राजनीतिक फैसला नहीं होता है। इस सरकारी आदेश में खास बात यह है कि इस आदेश के द्वारा सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों को 27% आरक्षण भारत सरकार की सरकारी प्रशासनिक रिक्तियों में प्रदान किया गया। जिससे समाज के कुछ वर्गों को लाभ होगा तथा कुछ को मौके कम मिलेंगे।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 63

प्रश्न 3.
सन् 1990-91 में आरक्षण पर बहस का मुद्दा इतना महत्वपूर्ण था कि विज्ञापनकर्ताओं ने अपने उत्पाद को बेचने के लिए इस विषय का उपयोग किया। क्या आप अमूल के इन होर्डिंग में राजनीतिक घटनाओं और बहसों की ओर कोई इशारा ढूँढ़ सकते हैं ?
उत्तर:
अमूल के इन होर्डिंग में आरक्षण विरोधी उपद्रवों का हवाला है, जिनमें सैकड़ों विद्यार्थियों की जाने गईं और कई लोगों ने आत्मदाह की कोशिश की। आरक्षण को समाप्त किया जाए जैसी बहस प्रारम्भ हो गई।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 64

प्रश्न 4.
आरक्षण के मामले में किसने क्या किया?
उत्तर:

किसने क्या किया
सर्वोच्च न्यायालय ने – आरक्षण को वैध करार दिया।
कैबिनेट ने – 27 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया।
राष्ट्रपति ने – मण्डल आयोग की सिफारिशों को लागू करने की औपचारिक घोषणा की।
सरकारी अधिकारी ने – आदेश जारी करके घोषणा को लागू किया।


पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 65

प्रश्न 5.
आपके स्कूल को चलाने के लिए कौन-सी संस्थाएँ काम करती हैं? क्या यह अच्छा होता कि स्कूल के कामकाज के बारे में सिर्फ एक व्यक्ति सभी फैसले लेता?
उत्तर:
विद्यालय की प्रबन्धन समिति, शिक्षक और अभिभावक संघ जैसी संस्थाएँ हमारे विद्यालय को ठीक से चलाने के लिए कार्य करती हैं। कोई एक व्यक्ति सभी विषयों में सही निर्णय नहीं ले सकता है। बड़े निर्णयों के सम्बन्ध में विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों, अध्यापक एवं अभिभावक संगठन के सदस्यों के बीच आपसी चर्चा होनी चाहिए।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 66

प्रश्न 6.
जब हमें मालूम है कि जिस पार्टी की सरकार है उसके विचार ही प्रभावी होंगे तो संसद में इतनी बहस और चर्चा करने का क्या मतलब है?
उत्तर:
संसद में इतनी बहस और चर्चा की आवश्यकता है क्योंकि बहस और चर्चा के समय विषयों से जुड़े हुए कई सकारात्मक तथा नकारात्मक बिन्दुओं को उठाया जाता है। इसके बाद ही निर्णय लिया जाता है। इसके अतिरिक्त इससे लोगों को उस विषय से सम्बन्धित जानकारी मिलती है जिस पर फैसला लिया जाना होता है और आम जनता को भी अपने विचार अथवा आपत्तियाँ सत्ताधारी पार्टी को पहुँचाने का मौका मिलता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 67

प्रश्न 7.
संसद सत्र के दौरान दूरदर्शन पर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाहियों पर रोजाना एक विशेष कार्यक्रम आता है। कार्यवाहियों को देखकर या अखबारों में उसके बारे में पढ़कर निम्नलिखित चीजों की सूची बनाएँ।
(क) संसद के दोनों सदनों के अधिकार
(ख) अध्यक्ष की भूमिका
(ग) विपक्ष की भूमिका।
उत्तर:
(क) संसद के दोनों सदनों के अधिकार-द्वितीय सदन अर्थात् लोकसभा के सदस्यों का चुनाव सीधे जनता द्वारा किया जाता है और यह सदन जनता की ओर से वास्तविक अधिकारों का उपयोग करता है। प्रथम सदन अर्थात् राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है तथा यह विभिन्न राज्यों तथा संघीय क्षेत्रों के हितों का ध्यान रखता है।

(ख) अध्यक्ष की भूमिका अध्यक्ष सदन में विभिन्न भूमिकाएँ अदा करता है

  1. लोकसभा की कार्यवाही का संचालन करता है।
  2. सदन को अनुशासित रखता है।
  3. सदन को सम्बोधित याचिकाएँ तथा अन्य कागजात प्राप्त करने के अतिरिक्त अन्य प्रशासनिक कार्य भी करता
  4. संसदीय समितियों की देखभाल करता है।
  5. दल-बदल विरोधी कानून के अन्तर्गत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करता है।
  6. सदन में किसी प्रस्ताव पर मतदान के समय पक्ष तथा विपक्ष के बराबर मत होने की स्थिति में निर्णायक मत देता है।

(ग) विपक्ष की भूमिका-एक लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली में विपक्ष विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं निभाता है

  1. लोगों को शासन हेतु विकल्प उपलब्ध कराता है।
  2. सत्ताधारी दल अथवा लोगों पर नियन्त्रण रखने का कार्य करता है। यह सरकार द्वारा किये जा रहे गलत कार्यों को जनता के सामने रखता है।
  3. यह लोगों को सरकार के कार्यकलापों के बारे में जानकारी देता है और उन्हें जागरूक बनाता है।
  4. यह एक वैकल्पिक मन्त्रिमण्डल के रूप में सरकार का स्थान लेने के लिए हर समय तैयार रहता है, यदि जनता ऐसा चाहती हो तो।

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प्रश्न 8.
मन्त्री बनने की होड़ नई नहीं है। यह कार्टून 1962 के बाद नेहरू मन्त्रिमण्डल में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों की बेचैनी दर्शाता है। राजनेता मन्त्री बनने के लिए इतने बेचैन क्यों रहते हैं? आप क्या सोचते हैं?
उत्तर:
राजनेता मन्त्री बनने के लिए इतने उत्साहित इसलिए रहते हैं, क्योंकि

  1. जब राजनेता चुनाव के दौरान मतदाताओं से मिलते हैं तो कुछ वायदे करते हैं और इन्हीं वायदों को पूरा करने की इच्छा रखने के कारण वे मन्त्री बनना चाहते हैं।
  2. जब ये राजनेता राजनीति में प्रवेश करते हैं तो उनकी इच्छा होती है कि वे मन्त्री बनें। मंत्री पद के साथ जुड़ी हुई प्रतिष्ठा तथा शक्तियाँ वे प्राप्त करना चाहते हैं।
  3. वे देश की सेवा करना चाहते हैं और लोगों की आवश्यकताओं तथा समस्याओं को अपने तरीके से हल करना चाहते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 71

प्रश्न 9.
केन्द्र और अपनी राज्य सरकार के पाँच कैबिनेट मन्त्रियों और उनके मन्त्रालयों के नाम लिखें।
उत्तर:
विद्यार्थी इस प्रश्न को अपने शिक्षकों की सहायता से स्वयं हल करें।

प्रश्न 10.
अपने शहर के नगर निगम/पालिका प्रमुख या अपने जिले के जिला परिषद् के अध्यक्ष से मिलें और उनसे पूछे कि वे अपने शहर या जिले का प्रशासन किस तरह चलाते हैं?
उत्तर:
छात्र, इस प्रश्न को अध्यापक की सहायता से स्वयं हल करें।

प्रश्न 11.
इस कार्टून में अपनी लोकप्रियता के उफान वाले 1970 के दशक के शुरुआती दिनों में इन्दिरा गाँधी को कैबिनेट की बैठक करते दिखाया गया है। क्या आपको लगता है कि उनके बाद बने किसी प्रधानमन्त्री को इसी आकार या रूप में दिखाते हुए कार्टून बनाया जा सकता है?
उत्तर:
हाँ, क्यों नहीं? जो भी प्रधानमन्त्री अच्छे व्यक्तित्व अथवा कृतित्व वाला होगा उसी का कार्टून बनाया जा सकता है। नोट-विद्यार्थी इस कार्टून को पाठ्य-पुस्तक के इसी अध्याय के ‘कार्टून बूझें’ शीर्षक के अन्तर्गत पृष्ठ सं. 71 पर देखें।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 72

प्रश्न 12.
प्रधानमन्त्री और राष्ट्रपति के लिए हमेशा पुल्लिग का इस्तेमाल क्यों होता है?
उत्तर:
प्रधानमन्त्री और राष्ट्रपति के लिए हमेशा पुल्लिग का इस्तेमाल इसलिए होता है क्योंकि हमारा समाज पुरुष प्रधान है, लेकिन यहाँ प्रधानमन्त्री या राष्ट्रपति स्त्री या पुरुष कोई भी हो सकता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 73

प्रश्न 13.
लोकतन्त्र के लिए कैसा प्रधानमन्त्री होता है? ऐसा जो केवल अपनी मर्जी से काम करता है या ऐसा जो दूसरी पार्टियों और व्यक्तियों से भी सलाह लेता है?
उत्तर:
किसी लोकतन्त्र के लिए यह आवश्यक है कि उसका प्रधानमन्त्री कोई भी फैसला अन्य पार्टियों एवं अन्य नेताओं से सलाह करके ही ले।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 74

प्रश्न 14.
इलियम्मा, अन्नाकुट्टी और मेरीमॉल राष्ट्रपति के विषय वाले हिस्से को पढ़ती हैं। वे तीनों एक-एक सवाल का जवाब जानना चाहती हैं। क्या आप उन्हें उनके सवालों के जवाब दे सकते हैं? इलियम्मा-अगर राष्ट्रपति और प्रधानमन्त्री किसी नीति पर असहमत हों तो क्या होगा? क्या प्रधानमन्त्री का विचार हमेशा प्रभावी होगा?
उत्तर:

  1. किसी नीति को लेकर राष्ट्रपति तथा प्रधानमन्त्री के बीच सहमति न होने की स्थिति में प्रधानमन्त्री का विचार ही हमेशा प्रभावशाली होगा, लेकिन उसे इस पर बहुमत का समर्थन प्राप्त होना चाहिए।
  2.  यदि प्रधानमन्त्री संसद में बहुमत का समर्थन खो देता है तो ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति अपने विवेक से फैसला लेने के लिए स्वतन्त्र है। राष्ट्रपति चाहे तो सरकार को बर्खास्त भी कर सकता है।

1. अन्नाकुट्टी: मुझे यह बेतुका लगता है कि सशस्त्र बलों का सुप्रीम कमाण्डर राष्ट्रपति हो।वह तो एक भारी बंदूक भी नहीं उठा सकता। उसे कमाण्डर बनाने में क्या तुक है ?
उत्तर:
राष्ट्रपति के पास हथियार की नहीं कलम की ताकत होती है जिससे वह आदेश देता है, जबकि सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के पास हथियार हैं, जिनकी सहायता से वे आदेश का पालन करते हैं। हथियार में कलम से कम ताकत होती है। राष्ट्रपति को सुरक्षा से सम्बन्धित अधिकांश जानकारी मन्त्री परिषद् के द्वारा प्राप्त हो जाती है। अतः राष्ट्रपति को सेना का कमाण्डर बनाना उचित ही है। इससे सेना पर जनता का अप्रत्यक्ष रूप से नियन्त्रण होता है।

2. मेरीमॉल: मेरा सवाल यह है कि अगर असली अधिकार प्रधानमन्त्री के पास ही हैं तो राष्ट्रपति की जरूरत ही क्या है?
उत्तर:
राष्ट्रपति देश की सर्वोच्च शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। कई बार गम्भीर परिस्थितियों में राष्ट्रपति द्वारा स्वयं ही वास्तविक शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रहित में फैसला लिया जाता है। आवश्यकता पड़ने पर वह अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकता है, जैसे-जब कोई प्रधानमन्त्री संसद में अपना बहुमत खो देता है तो कार्यपालिका की वास्तविक शक्तियों का प्रयोग राष्ट्रपति द्वारा ही किया जाता है। ऐसी स्थिति में इस पद के नहीं होने से देश में अराजकता फैलने की सम्भावना पैदा हो सकती है।

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प्रश्न 15.
उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के किसी बड़े फैसले से जुड़ी खबरों पर गौर करें। मूल फैसला क्या था? क्या अदालत ने उसमें बदलाव कर दिया? इसका कारण क्या दिया गया?
उत्तर:
छात्र, इस प्रश्न को अध्यापक की सहायता से स्वयं हल करें।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 75

प्रश्न 16.
संयुक्त राज्य अमेरिका में न्यायाधीशों को उनके राजनीतिक विचार और दलीय जुड़ाव के आधार पर नियुक्त करना एक आम बात है। यह काल्पनिक विज्ञापन वहाँ सन् 2005 में एक कार्टून के रूप में छपा। उस समय राष्ट्रपति बुश अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय में मनोनयन के लिए विभिन्न उम्मीदवारों के नाम पर विचार कर रहे
1. यह कार्टून न्यायालय की स्वतन्त्रता के बारे में क्या कहता है?
उत्तर:
दिया गया कार्टून यह प्रदर्शित करता है कि अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति में उनके राजनीतिक विचार तथा पार्टी के प्रति उनकी सोच को आधार बनाया जाता है। यदि कोई न्यायाधीश राष्ट्रपति से जुड़ा हुआ है, चाहे उसके पास अपेक्षित योग्यता एवं अनुभव हो या न हो, उसे न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। अतः यह कहा जा सकता है कि अमेरिका में न्यायपालिका निष्पक्ष रूप से कार्य नहीं करती।

2. हमारे देश में इस तरह के कार्टून क्यों नहीं छपते?
उत्तर:
हमारे देश में इस तरह के कार्टून नहीं छपते, क्योंकि भारतीय न्यायपालिका, दुनिया की सर्वाधिक स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिकाओं में से एक है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय आदि के न्यायाधीश कभी भी सत्तासीन या अन्य राजनीतिक पार्टियों की प्रशंसा में अथवा प्रधानमन्त्री या राष्ट्रपति की प्रशंसा में एक शब्द भी नहीं बोलते हैं। उन्हें राजनीतिक विचारधाराओं से कोई मतलब नहीं होता है।

3. क्या यह हमारी न्यायपालिका की स्वतन्त्रता को दर्शाता है?
उत्तर:
हाँ, यह हमारी स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका को दर्शाता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 76

प्रश्न 17.
निम्नलिखित सन्दर्भो में एक कारण देकर समझाएँ कि भारतीय न्यायपालिका किस तरह स्वतन्त्र है
1. न्यायाधीशों की नियुक्ति
2. न्यायाधीशों को पद से हटाना
3. न्यायपालिका के अधिकार।
उत्तर:
1. न्यायाधीशों की नियुक्ति:
सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा प्रधानमन्त्री की सलाह पर, राष्ट्रपति करता है। मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय का वरिष्ठतम न्यायाधीश होता है। वरिष्ठता तथा योग्यता ही न्यायाधीशों की नियुक्ति के मुख्य आधार होते हैं और इसी आधार पर न्यायाधीश को चुना जाता है।

2. न्यायाधीशों को पद से हटाना:
एक बार किसी व्यक्ति को सर्वोच्च या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति हो जाने पर उसे अपने पद से हटाना आसान नहीं है।
किसी न्यायाधीश को संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव पारित करके ही हटाया जा सकता है, अन्यथा नहीं।

3. न्यायपालिका:
के अधिकार सर्वोच्च न्यायालय विधायिका द्वारा पारित किसी भी विधेयक को असंवैधानिक घोषित कर सकती है यदि वह संविधान के किसी उपबन्ध या मूल भावना के विपरीत हो। न्यायपालिका अपने सामने लाये जाने पर कार्यपालिका की किसी कार्यवाही की उसकी संवैधानिकता के सम्बन्ध में जाँच कर सकती है।

JAC Class 9th Civics संस्थाओं का कामकाज Textbook Questions and Answers 

प्रश्न 1.
अगर आपको भारत का राष्ट्रपति चुना जाए तो आप निम्नलिखित में से कौन-सा फैसला खुद कर सकते हैं
(क) अपनी पसन्द के व्यक्ति को प्रधानमन्त्री चुन सकते हैं।
(ख) लोकसभा में बहुमत वाले प्रधानमन्त्री को उसके पद से हटा सकते हैं।
(ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनर्विचार के लिए कह सकते हैं।
(घ) मन्त्रिपरिषद् में अपनी पसन्द के नेताओं का चयन कर सकते हैं।
उत्तर:
(ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनर्विचार के लिए कह सकते हैं।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित में कौन राजनीतिक कार्यपालिका का हिस्सा होता है
(क) जिलाधीश
(ख) गृह मन्त्रालय का सचिव
(ग) गृह मन्त्री
(घ) पुलिस महानिदेशक।
उत्तर:
(ग) गृह मन्त्री।

प्रश्न 3.
न्यायपालिका के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा बयान गलत है
(क) संसद द्वारा पारित कानून को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की जरूरत होती है।
(ख) अगर कोई कानून संविधान की भावना के खिलाफ है तो न्यायपालिका उसे अमान्य घोषित कर सकती है।
(ग) न्यायपालिका कार्यपालिका से स्वतन्त्र होती है।
(घ) अगर किसी नागरिक के अधिकारों का हनन होता है तो वह अदालत में जा सकता है।
उत्तर:
(क) संसद द्वारा पारित कानून को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की जरूरत होती है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित राजनीतिक संस्थाओं में से कौन-सी संस्था देश के मौजूदा कानून में संशोधन कर सकती
(क) सर्वोच्च न्यायालय
(ख) राष्ट्रपति
(ग) प्रधानमन्त्री
(घ) संसद।
उत्तर:
(घ) संसद।

JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज

प्रश्न 5.
उस मन्त्रालय की पहचान करें जिसने निम्नलिखित समाचार जारी किया होगा

(क) देश से जूट का निर्यात बढ़ाने के लिए एक नई 1. रक्षा मन्त्रालय। नीति बनाई जा रही है।
(ख) ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सेवाएँ सुलभ 2. कृषि, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण करायी जाएंगी। मन्त्रालय।
(ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले चावल और गेहूँ की कीमतें कम की 3. स्वास्थ्य मन्त्रालय।
(घ) जाएँगी। 4. वाणिज्य और उद्योग मन्त्रालय।
(ङ) पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा। ऊँची पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों के भत्ते बढ़ाए जाएंगे। 5. संचार और सूचना-प्रौद्योगिकी मन्त्रालय।

उत्तर:

(क) देश से जूट का निर्यात बढ़ाने के लिए एक नई 4. वाणिज्य और उद्योग मन्त्रालय।
(ख) ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सेवाएँ सुलभ 5. संचार और सूचना-प्रौद्योगिकी मन्त्रालय।
(ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले चावल और गेहूँ की कीमतें कम की 2. कृषि, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण करायी जाएंगी। मन्त्रालय।
(घ) जाएँगी। 3. स्वास्थ्य मन्त्रालय।
(ङ) पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा। ऊँची पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों के भत्ते बढ़ाए जाएंगे। 1. रक्षा मन्त्रालय। नीति बनाई जा रही है।

प्रश्न 6.
देश की विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में से उस राजनीतिक संस्था का नाम बताइए जो निम्नलिखित मामलों में अधिकारों का इस्तेमाल करती है
(क)सड़क, सिंचाई जैसे बुनियादी ढाँचों के विकास और नागरिकों की विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों पर कितना पैसा खर्च किया जाएगा।

(ख) स्टॉक एक्सचेंज को नियमित करने सम्बन्धी कानून बनाने की कमेटी के सुझाव पर विचार-विमर्श करती है।

(ग) दो राज्य सरकारों के बीच कानूनी विवाद पर निर्णय लेती है।

(घ) भूकम्प पीड़ितों की राहत के प्रयासों के बारे में सूचना माँगती है।
उत्तर:
(क) विधायिका (संसद)
(ख) विधायिका (संसद)
(ग) न्यायपालिका (सर्वोच्च न्यायालय)
(घ) स्थायी कार्यपालिका।

JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज

प्रश्न 7.
भारत का प्रधानमन्त्री सीधे जनता द्वारा क्यों नहीं चुना जाता? निम्नलिखित चार जवाबों में सबसे सही को चुनकर अपनी पसन्द के पक्ष में कारण दीजिए
(क) संसदीय लोकतन्त्र में लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी का नेता ही प्रधानमन्त्री बन सकता है।
(ख) लोकसभा, प्रधानमन्त्री और मन्त्रि परिषद का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें हटा सकती है।
(ग) चूँकि प्रधानमन्त्री को राष्ट्रपति नियुक्त करता है लिहाजा उसे जनता द्वारा चुने जाने की जरूरत नहीं है।
(घ) प्रधानमन्त्री के सीधे चुनाव में बहुत ज्यादा खर्च आएगा।
उत्तर:
(क) संसदीय लोकतन्त्र में लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी का नेता ही प्रधानमन्त्री बन सकता है। कारण-भारतीय संविधान में संसदीय लोकतन्त्र की व्यवस्था की गई है जिसमें यह व्यवस्था है कि प्रधानमन्त्री का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से न होकर लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमन्त्री के रूप में मनोनीत किया जायेगा।

प्रश्न 8.
तीन दोस्त एक ऐसी फिल्म देखने गये जिसमें हीरो एक दिन के लिए मुख्यमन्त्री बनता है और राज्य में बहुत से बदलाव लाता है। इमरान ने कहा कि देश को इसी चीज की जरूरत है। रिजवान ने कहा कि इस तरह का, बिना संस्थाओं वाला एक व्यक्ति का राज खतरनाक है।शंकर ने कहा कि यह तो एक कल्पना है। कोई भी मन्त्री एक दिन में कुछ भी नहीं कर सकता। ऐसी फिल्मों के बारे में आपकी क्या राय है?
उत्तर:
यह फिल्म आदर्शवाद तथा वास्तविक स्थिति दोनों ही पर आधारित फिल्म है। फिल्म में दिखाई गई समस्याएँ तो वास्तविक हैं, लेकिन जो हल बताए गये हैं वे आदर्श पर आधारित हैं, किन्तु मुख्यमन्त्री की भूमिका निभा रहे नायक द्वारा किये गये सभी कार्य संस्था की सीमा के अन्तर्गत हैं। मुख्यमन्त्री के रूप में नायक को अव्यावहारिक रूप से कार्य करते हुए दिखाया गया है। लेकिन, यदि ऐसा वास्तव में हो सकता है तो सही है कि इस समय हमारे देश को ऐसे ही नेताओं की आवश्यकता है।

प्रश्न 9.
एक शिक्षिका छात्रों की संसद के आयोजन की तैयारी कर रही थी। उसने दो छात्राओं से अलग-अलग पार्टियों के नेताओं की भूमिका करने को कहा। उसने उन्हें विकल्प भी दिया। यदि वे चाहें तो राज्य सभा में बहुमत प्राप्त दल की नेता हो सकती थीं और अगर चाहें तो लोकसभा के बहुमत प्राप्त दल की। अगर आपको यह विकल्प दिया गया तो आप क्या चुनेंगे और क्यों?
उत्तर:
यदि ऐसा विकल्प मेरे सामने प्रस्तुत किया जाएगा तो मैं लोकसभा के बहुमत प्राप्त दल के नेता के विकल्प को स्वीकार करूँगा क्योंकि लोकसभा, राज्यसभा से अधिक शक्तिशाली है। सभी निर्णय लोकसभा के द्वारा लिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त लोकसभा के सदस्यों द्वारा ही अपने सदन के नेता का चुनाव किया जाता है तथा जिस व्यक्ति को बहुमत प्राप्त होता है, उसे प्रधानमन्त्री नियुक्त किया जाता है और उसी की सरकार बनती है।

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प्रश्न 10.
आरक्षण पर आदेश का उदाहरण पढ़कर तीन विद्यार्थियों की न्यायपालिका की भूमिका पर अलग-अलग प्रतिक्रिया थी। इनमें से कौन-सी प्रतिक्रिया, न्यायपालिका की भूमिका को सही तरह से समझती है?
(क) श्रीनिवास का तर्क है कि सर्वोच्च न्यायालय सरकार के साथ सहमत हो गई है लिहाजा वह स्वतन्त्र नहीं

(ख) अंजैया का कहना है कि न्यायपालिका स्वतन्त्र है क्योंकि वह सरकार के आदेश के खिलाफ फैसला सुना सकती थी। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को उसमें संशोधन का निर्देश दिया।

(ग) विजया का मानना है कि न्यायपालिका न तो स्वतन्त्र है न ही किसी के अनुसार चलने वाली है, बल्कि वह विरोधी समूहों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाती है। न्यायालय ने इस आदेश के समर्थकों और विरोधियों के बीच बढ़िया सन्तुलन बनाया। आपकी राय में कौन-सा विचार सबसे सही है ?
उत्तर:
इन तीनों प्रतिक्रियाओं में से अंजैया (ख) का विचार न्यायपालिका की भूमिका को सही रूप में प्रकट करता है। क्योंकि देश का सर्वोच्च न्यायालय सरकार के निर्णय को भी रद्द कर सकता है अथवा उसे बदलने का आदेश भी दे सकता है। आइए, अखबार पढ़ें इस अध्याय में हमने देश की चार विभिन्न संस्थाओं के बारे में चर्चा की।

आप कम-से-कम एक हफ्ते के समाचारों को इकट्ठा करके उन्हें चार समूहों में वर्गीकृत कीजिएविधायिका की कार्यशैली। राजनीतिक कार्यपालिका की कार्यशैली। नौकरशाही की कार्यशैली। न्यायपालिका की कार्यशैली। उत्तर-छात्र, इस प्रश्न को अध्यापक की सहायता से स्वयं हल करें।

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JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 3 चुनावी राजनीति

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JAC Class 9th Civics चुनावी राजनीति InText Questions and Answers 

विद्यार्थियों हेतु आवश्यक निर्देश:
पाठ्य-पुस्तक के इस अध्याय में विभिन्न पृष्ठों पर लड़के/लड़की के कार्टून चित्रों के नीचे अथवा खुद करें, खुद सीखें शीर्षक से बॉक्स में अथवा ‘कार्टून बूझें’ शीर्षक के नीचे अथवा कहाँ पहुँचे? क्या समझे? शीर्षक से बॉक्स में प्रश्न दिए हुए हैं। इन प्रश्नों के क्रमानुसार उत्तर निम्न प्रकार से हैं

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 37

प्रश्न 1.
क्या अधिकांश नेता अपने चुनावी वायदे पूरा करते हैं?
उत्तर:
अधिकांश नेता चुनाव में जीत जाने के बाद सत्ता की राजनीति में लगे रहते हैं। कुछ हद तक सत्ता में आने वाली पार्टियाँ अपने घोषणा-पत्र में किए गये वायदों पर अमल करती हैं। विजयी नेता, जनता द्वारा पूछे जाने पर सरकार द्वारा (यदि नेता सत्ताधारी पार्टी का है) किये गये कार्यों को अपने द्वारा करवाया जाना बताकर मुक्ति पा लेते हैं और अपनी जेबें भरने में लगे रहते हैं।

प्रश्न 2.
क्या आपको मालूम है आपके राज्य में विधानसभा के पिछले चुनाव कब हुए ? आपके इलाके में पिछले पाँच वर्षों में और कौन-से चुनाव हुए हैं? इन चुनावों के स्तर ( राष्ट्रीय, विधानसभा, पंचायत वगैरह), उनके होने का समय और उसमें आपके क्षेत्र से चुने गए व्यक्ति के पद (सांसद, विधायक, पार्षद वगैरह) को भी दर्ज करें।
उत्तर:
छात्र, इस प्रश्न को अध्यापक की सहायता से स्वयं हल करें।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 38

प्रश्न 3.
जगदीप और नवप्रीत ने इस कथा को पढ़ा और निम्नलिखित निष्कर्ष निकाले।क्या आप बता सकते हैं कि इनमें से कौन-से निष्कर्ष सही हैं और कौन-से गलत। ( या फिर इस कथा में दी गई सूचनाओं के आधार पर सही-गलत का फैसला नहीं हो सकता)
1. चुनाव से सरकारी नीतियों में बदलाव हो सकता है।
2. राज्यपाल ने देवीलाल के भाषणों से प्रभावित होकर उन्हें मुख्यमन्त्री बनने का न्यौता दिया।
3. लोग हर शासक दल से नाराज रहते हैं और हर अगले चुनाव में उसके खिलाफ वोट देते हैं।
4. चुनाव जीतने वाली पार्टी सरकार बनाती है।
5. इस चुनाव से हरियाणा के आर्थिक विकास में काफी मदद मिली।
6. अपनी पार्टी के चुनाव हारने के बाद कांग्रेसी मुख्यमन्त्री को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं थी।
उत्तर:

  1. सही,
  2. गलत,
  3. अपर्याप्त सूचना,
  4. सही,
  5. अपर्याप्त सूचना,
  6. गलत।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 36

प्रश्न 4.
हमने देखा कि लोकतन्त्र के लिए चुनाव क्यों जरूरी हैं, पर गैर-लोकतान्त्रिक देशों के शासकों को भी चुनाव कराने की जरूरत क्यों पड़ती है?
उत्तर:
गैर-लोकतान्त्रिक देशों में अपने शासन तथा विधायिका की वैधानिकता का जनता द्वारा अनुमोदन करवाने के लिए शासकों को चुनाव कराने की आवश्यकता होती है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 38

प्रश्न 5.
यहाँ दिए दोनों कार्टूनों को ध्यान से देखें। प्रत्येक कार्टून क्या संदेश देता है, इसे अपने शब्दों में लिखें। अपनी कक्षा में चर्चा करें कि इनमें कौन-सा कार्टून आपके अपने इलाके की असलियत के करीब है। मतदाता और उम्मीदवार के सम्बन्धों पर चुनाव का असर बताने वाला एक कार्टून खुद बनाएँ।
उत्तर:
बायीं तरफ वाले कार्टून से यह संदेश प्राप्त होता है कि नेताओं के ज्ञान, विचार, वायदा, योजना आदि सभी निरर्थक हैं, यदि उन्हें जीत के लिए पर्याप्त वोट प्राप्त नहीं होते हैं। दाहिनी तरफ दिखाए गये कार्टून से यह संदेश मिलता है कि चुनाव अभियानों के दौरान राजनेताओं द्वारा कई वायदे किये जाते हैं। किन्तु, चुनाव जीतने के बाद जब उन्हें पद प्राप्त हो जाता है, तो उनके पास अपने किये वायदों को पूरा करने के लिए समय नहीं होता। नोट-चर्चा तथा कार्टून बनाने का कार्य छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 39

प्रश्न 6.
गुलबर्गा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की सीमा और गुलबर्गा जिले की सीमा में अन्तर क्यों है?
उत्तर:
गुलबर्गा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र तथा जिले की सीमा में अन्तर है क्योंकि सम्पूर्ण कर्नाटक राज्य जनसंख्या के अनुसार समान लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित है। सम्पूर्ण गुलबर्गा जिले की जनसंख्या राज्य के प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र के लिए निर्धारित जनसंख्या से अधिक है।

JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 3 चुनावी राजनीति

प्रश्न 7.
अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का ऐसा ही नक्शा बनाइए।
उत्तर:
छात्र, अध्यापक की सहायता से स्वयं बनाएँ।

प्रश्न 8.
गुलबर्गा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में विधानसभा के कितने क्षेत्र हैं?
उत्तर:
गुलबर्गा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 8 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं।

प्रश्न 9.
क्या आपके लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की इतनी ही सीटें हैं?
उत्तर:
छात्र, इस प्रश्न को अध्यापक की सहायता से स्वयं हल करें।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 40

प्रश्न 10.
पंचायतों की तरह क्या हम संसद और विधानसभाओं की एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं कर सकते?
उत्तर:
समाज की लगभग आधी जनसंख्या महिलाओं की है। उन्हें राज्य विधान सभा की सीटों अथवा संसदीय सीटों में एक-तिहाई सीटों पर आरक्षण देना चाहिए। जिससे वे संसदीय मंच से अपनी समस्याओं के लिए आवाज उठाने तथा उनका समाधान ढूँढ़ने का पूरा-पूरा प्रयत्न करें।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 41

प्रश्न 11.
ऊपर दिए नक्शे को देखिए और निम्नलिखित सवालों का जवाब दीजिएनोट-विद्यार्थी नक्शे को पाठ्य-पुस्तक के इस अध्याय में पृष्ठ संख्या 67 पर देखें।
1. आपके राज्य और इसके दो पड़ोसी राज्यों में लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या कितनी है?
उत्तर:
राजस्थान = 25, उत्तर प्रदेश = 80, मध्य प्रदेश = 29, उत्तराखण्ड = 5.

2. किन-किन राज्यों में लोकसभा के 30 से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्र हैं?
उत्तर:
वे राज्य जिनमें लोकसभा सीटों की संख्या 30 से अधिक है-उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु एवं पश्चिमी बंगाल हैं।

3. कुछ राज्यों में निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या ज्यादा क्यों है?
उत्तर:
इन राज्यों में जनसंख्या अधिक है। इस कारण मतदाताओं की संख्या बहुत ज्यादा है। अतः इनके लिए आवंटित सीटों की संख्या ज्यादा है।

4. कुछ निर्वाचन क्षेत्र इलाके के हिसाब से छोटे और कुछ बहुत बड़े क्यों हैं?
उत्तर:
मतदाताओं की संख्या के आधार पर प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के क्षेत्रफल को निर्धारित किया जाता है। ऐसा इसलिए है कि समान आबादी के लिए प्रतिनिधि की संख्या समान हो। यहाँ क्षेत्रफल का कोई महत्व नहीं होता। सम्भव है कि एक छोटे से क्षेत्र की जनसंख्या एक बड़े क्षेत्र की जनसंख्या के बराबर हो। यही कारण है कि कुछ निर्वाचन क्षेत्र बहुत छोटे होते हैं, कुछ बहुत बड़े होते हैं।

5. अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र पूरे देश में बिखरे हैं या कुछ इलाकों में इनकी संख्या ज्यादा है?
उत्तर:
अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए निर्वाचन क्षेत्र उनकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षित किये जाते हैं। अतः इनके लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र पूरे देश में समान रूप से वितरित नहीं हैं, बल्कि कुछ क्षेत्रों में इनके निर्वाचन क्षेत्र अधिक हैं तो कुछ में निर्वाचन क्षेत्र कम हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 42

प्रश्न 12.
उम्मीदवारों को अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा देने की जरूरत क्यों होती है?
उत्तर:
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार प्रत्येक मतदाता को अपने प्रतिनिधि के बारे में निम्नलिखित सूचनाएँ प्राप्त करने का अधिकार है

  1. चल तथा अचल सम्पत्ति का विवरण
  2. सरकारी ऋण
  3. शैक्षिक योग्यता
  4. कर की स्थिति
  5. आपराधिक पृष्ठभूमि
  6. आमदनी।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 44

प्रश्न 13.
भारत की चुनाव प्रणाली की कुछ विशेषताएँ और कुछ सिद्धान्त दिये गये हैं। इनके सही जोड़े बनाएँ।

सिद्धान्त चुनाव प्रणाली की विशेषता
1. सार्वभौम वयस्क मताधिकार हर चुनाव क्षेत्र में लगभग बराबर मतदाता
2. कमजोर वर्गों को प्रतिनिधित्व 18 वर्ष और उससे ऊपर के सभी को मताधिकार
3. खुली राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता सभी को पार्टी बनाने या चुनाव लड़ने की आजादी
4. एक मत, एक मोल अनुसूचित जातियों/जनजातियों के लिए सीटों का आरक्षण।

प्रश्न 14.
पिछले लोकसभा चुनाव में आपके चुनाव क्षेत्र में चुनाव अभियान कैसा चला था? उम्मीदवारों और पार्टियों ने क्या-क्या कहा और क्या-क्या किया, इसकी सूची तैयार कीजिए।
उत्तर:
छात्र, इस प्रश्न को अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं हल करें।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 46

प्रश्न 15.
मतदान केन्द्रों और मतगणना केन्द्रों पर पार्टी या उम्मीदवार के एजेंट क्यों मौजूद होते हैं?
उत्तर:
क्योंकि किसी पार्टी अथवा मतदाता द्वारा मतदान के दौरान किए जाने वाली किसी प्रकार की धाँधली को रोका जा सके। मतगणना के दौरान मतगणना केन्द्र पर होने वाली किसी भी प्रकार की अनियमितता पर नजर रखना एवं अनियमितता या गड़बड़ी होने पर उसे सम्बन्धित अधिकारियों के सामने लाया जा सके। (पाठ्य-पुस्तक के पृ. सं. 49 पर दी गयी सारणी को देखकर प्र. नं. 17, 18 के उत्तर दीजिए।)

JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 3 चुनावी राजनीति

प्रश्न 16.
अपना मत डालने वाले मतदाताओं का प्रतिशत कितना था?
उत्तर:
कुल 57.54 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना मतदान किया।

प्रश्न 17.
क्या चुनाव जीतने के लिए यह जरूरी है कि किसी व्यक्ति को डाले गये मतों में से आधे से अधिक मत मिलें?
उत्तर:
नहीं, जो उम्मीदवार सम्बन्धित क्षेत्र में सर्वाधिक मत प्राप्त करता है, उसे ही विजयी घोषित किया जाता है। चाहे उसने एक ही मत अधिक प्राप्त किया हो।

प्रश्न 18.
इनमें कौन-सा काम आदर्श चुनाव संहिता का उल्लंघन है, कौन-सा नहीं?
1. मतदान की तारीख से पहले मन्त्री द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए नई रेलगाड़ी को हरी झण्डी दिखाकर रवाना करना।
2. एक उम्मीदवार ने वायदा किया कि चुने जाने पर वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में नई रेलगाड़ी चलवायेगा।
3. एक उम्मीदवार के समर्थकों द्वारा मतदाताओं को एक मन्दिर में ले जाकर उनसे उसी उम्मीदवार को वोट देने की शपथ दिलाना।
4. किसी उम्मीदवार के समर्थकों द्वारा झुग्गी बस्ती में वोट के वायदे लेकर कंबल बाँटना।
उत्तर:

  1. आदर्श चुनाव संहिता का उल्लंघन है।
  2. आदर्श चुनाव संहिता का उल्लंघन नहीं है।
  3. आदर्श चुनाव संहिता का उल्लंघन है।
  4. आदर्श चुनाव संहिता का उल्लंघन है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 47

प्रश्न 19.
चुनाव आयोग के पास इतनी शक्ति क्यों है ? क्या यह लोकतन्त्र के लिए अच्छा है?
उत्तर:
चुनाव को स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष कराने के लिए ही चुनाव आयोग को इतनी शक्ति दी गई है। यह लोकतन्त्र के लिए अच्छा है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 48

प्रश्न 20.
इन सुर्खियों को ध्यान से पढ़िए और पहचानिए कि स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग किन शक्तियों का प्रयोग कर रहा है।
1. चुनाव आयोग ने 14वीं लोकसभा के गठन की अधिसूचना जारी की।
उत्तर:
14वीं लोकसभा के चुनाव सम्बन्धी सभी तारीखों तथा सीमाओं की घोषणा कर दी गई है। अतः विभिन्न राजनीतिक दल अपनी चुनावी तैयारी प्रारम्भ कर दें।

2. बिहार के चुनाव में मतदान के लिए फोटो पहचान-पत्र अनिवार्य।
उत्तर:
कोई मतदाता जब मतदान के लिए जाता है तो मतदाताओं का मतदान के लिए मतदाता पहचान-पत्र दिखाना जरूरी है अतः बिहार चुनाव में मतदाता को अपना पहचान-पत्र दिखाना अनिवार्य है। इस घोषणा द्वारा आयोग ने चुनाव हित में फैसला लेने सम्बन्धी शक्ति का प्रयोग किया है।

3. चुनाव आयोग ने चुनाव खर्च पर नकेल कसी।
उत्तर:
चुनाव आयोग ने प्रत्येक संसदीय तथा विधान सभा सीट के लिए उम्मीदवारों द्वारा खर्च की जाने वाली राशि की सीमा तय कर दी है, क्योकि कुछ राजनीतिक दल या उम्मीदवार जिसके पास अधिक संसाधन हैं, इसका फायदा उठा सकते हैं। आयोग ने निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अपने अधिकार का प्रयोग किया है।

4. चुनाव आयोग का एक और गुजरात दौरा, चुनावी तैयारियों का जायजा लिया।
उत्तर:
गुजरात में मतदान केन्द्रों पर कब्जा तथा धाँधली होने की सम्भावना सम्बन्धी खबरों के कारण वहाँ की चुनावी व्यवस्था की समीक्षा के लिए आयोग ने एक और दौरा किया। आयोग, निष्पक्ष एवं स्वतन्त्र चुनाव कराने की अपनी शक्ति का प्रयोग कर रहा है।

5. चुनाव आयोग ने गृह मन्त्रालय के चुनाव सुधार सम्बन्धी सुझाव नकारे।
उत्तर:
चुनाव आयोग स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है। इस सम्बन्ध में सारे अन्तिम फैसले वही लेता है। वह किसी भी सुझाव को न मानने के लिए स्वतन्त्र है। इसलिए उसने गृह मन्त्रालय का चुनाव सुधार सम्बन्धी सुझाव नहीं माना।

6. चुनाव के गुप्त खर्च पर चुनाव आयोग की नजर।
उत्तर:
चुनाव आयोग चाहता है कि देश में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति चाहे अमीर हो या गरीब, चुनाव लड़ सके, इसलिए चुनाव में खर्च करने की एक सीमा निर्धारित कर दी गई है। उससे अधिक खर्च करने पर उम्मीदवार को चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जायेगा।

7. उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग से अपराधी नेताओं पर रोक लगाने को कहा।
उत्तर:
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को चुनाव लड़ने की आज्ञा नहीं दी जानी चाहिए। प्रत्येक ऐसे उम्मीदवार को उसके खिलाफ चल रहे गम्भीर आपराधिक मुकदमों का ब्यौरा वैधानिक रूप से घोषित करना पड़ेगा।

8. चुनाव आयोग को हरियाणा के नए पुलिस प्रमुख की नियुक्ति स्वीकार।
उत्तर:
सरकार ने आयोग के निर्देशानुसार वर्तमान पुलिस प्रमुख को स्थानान्तरित किया है। आयोग ने यहाँ निष्पक्ष चुनाव के लिए निष्पक्ष अधिकारी के स्थानान्तरण या नियुक्ति सम्बन्धी अपनी शक्ति का उपयोग किया है।

9. चुनाव आयोग ने 398 मतदान केन्द्रों पर फिर से वोट डालने के आदेश दिए।
उत्तर:
अगर किसी मतदान केन्द्र पर बूथ कब्जा या लूट अथवा धन या शक्ति के प्रयोग की पुष्टि होती है तो चुनाव आयोग का अधिकार है कि वह वहाँ से रिपोर्ट मँगवाए तथा आरोप की पुष्टि होने पर पूर्व मतदान को खारिज कर पुनर्मतदान का आदेश जारी करे। इसलिए आयोग ने 398 मतदान केन्द्रों पर फिर से वोट डालने के आदेश दिए।

10. राजनीतिक विज्ञापनों पर सेंसर का अधिकार हो-चुनाव आयोग।
उत्तर:
चुनाव के समय राजनीतिक पार्टियाँ एक-दूसरे को बदनाम करने के लिए राजनीतिक विज्ञापनों का सहारा लेती हैं, इसलिए आयोग ने स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने की अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए केवल उन्हीं विज्ञापनों को लगाने की अनुमति दी, जो दूसरों पर आरोप नहीं लगाते।

11. ‘एक्जिट पोल’ पर प्रतिबन्ध लगाने की फिलहाल कोई योजना नहीं-चुनाव आयोग।
उत्तर:
चुनाव के दौरान टी. वी. तथा रेडियो के संवाददाताओं द्वारा सर्वे करके यह अनुमान लगाया जाता है कि मतदाता किस पार्टी को अधिक मत दे रहे हैं इसे ही एक्जिट पोल कहा जाता है। चूँकि चुनाव कई चरणों में होता है अतः अन्य चरणों के मतदान पर इस प्रकार के प्रसारण से असर पड़ सकता है, चुनाव आयोग के पास एक्जिट पोल पर प्रतिबन्ध लगाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 49

प्रश्न 21.
अपने परिवार के जो सदस्य मतदाता हैं उनसे पूछे कि उन्होंने पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में वोट दिया था या नहीं? अगर उन्होंने वोट नहीं दिया हो तो उनसे इसका कारण पूछिए।अगर उन्होंने मतदान किया हो तो उनसे पूछिए कि उन्होंने किस पार्टी और किस उम्मीदवार को वोट दिया और क्यों दिया। उनसे यह भी पूछिए कि क्या चुनाव सभा या रैली में शामिल होने जैसी किसी चुनावी गतिविधि में भी उन्होंने हिस्सा लिया था।
उत्तर:
छात्र इस प्रश्न को अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं हल करें।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 50

प्रश्न 22.
इस कार्टून में एक नेताजी को संवाददाता सम्मेलन से बाहर आते हुए दिखाया गया है और वे भाई-भतीजावाद के पक्ष में बोल रहे हैं। क्या भाई-भतीजावाद कुछ राज्यों और पार्टियों तक ही सीमित है?
उत्तर:
नहीं, भाई-भतीजावाद केवल कुछ राज्यों अथवा पार्टियों तक सीमित नहीं है। यह प्रवृत्ति प्रत्येक राजनीतिक दल, चाहे वह राष्ट्रीय स्तर के हों या राज्य स्तर के, सभी में देखी जा सकती है।

JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 3 चुनावी राजनीति

प्रश्न 23.
चुनावी अभियान शीर्षक वाला यह कार्टून लातिनी अमेरिका के सन्दर्भ में बना था। क्या यह भारत और अन्य लोकतान्त्रिक देशों पर भी लागू होता है?
उत्तर:
हाँ, प्रदर्शित कार्टून भारत सहित दुनिया के दूसरे अन्य लोकतान्त्रिक देशों पर भी लागू होता है, क्योंकि प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव अभियान के दौरान एक निश्चित राशि ही खर्च करने की अनुमति है। लेकिन वे उससे ज्यादा खर्च करते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं.- 51

प्रश्न 24.
क्या यह कार्टून वोट के पहले और बाद में मतदाता की सही स्थिति को दिखाता है? क्या किसी लोकतन्त्र में ऐसा हमेशा ही होगा? क्या आप कुछ ऐसे उदाहरण सोच सकते हैं जब ऐसा नहीं हुआ हो?
उत्तर:
हाँ, यह चुनाव के पहले तथा बाद में मतदाताओं के साथ बीतने वाली स्थितियों का बिल्कुल सही चित्रण है ! हाँ, अधिकतर इस तरह की बातें एक लोकतन्त्र में होती हैं। नहीं, ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जब ऐसा न हुआ हो !

प्रश्न 25.
ये भारतीय चुनावों के बारे में कुछ तथ्य हैं। इनमें से प्रत्येक पर टिप्पणी करके यह बताइए कि ये चीजें हमारी चुनाव प्रणाली की शक्ति को बढ़ाती हैं या कमजोरी को।
1. सोलहवीं लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या 12 फीसदी ही है।
2. चुनाव कब हों इस बारे में अक्सर चुनाव आयोग सरकार की नहीं सुनता।
3. सोलहवीं लोकसभा के 440 से अधिक सदस्यों की सम्पत्ति एक करोड़ से भी अधिक है।
4. चुनाव हारने के बाद एक मुख्यमन्त्री ने कहा, ‘मुझे जनादेश मंजूर है।’
उत्तर:

  1. लगभग आधी जनसंख्या होने पर भी लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या 12 फीसदी ही है। यह हमारी चुनाव प्रणाली की कमजोरी है।
  2. चुनाव आयोग को चुनाव के हित में सरकार की सलाह न मानने की स्वतन्त्रता है। अर्थात् चुनाव आयोग निष्पक्ष निर्णय लेने के लिए स्वतन्त्र है। चुनाव आयोग की यह स्वतन्त्रता हमारी चुनाव प्रणाली की शक्ति को बढ़ाती है।
  3. यह हमारी चुनाव प्रणाली की कमजोरी है कि यह हमारे देश में अमीरों तथा गरीबों को चुनाव जीतने का बराबर अवसर प्राप्त नहीं होता। अमीर लोग धन बल से चुनाव को प्रभावित कर लेते हैं और जीत जाते हैं।
  4. यह हमारी चुनाव प्रणाली की मजबूती है कि चुनाव हारने तथा जीतने वाले दोनों ही चुनाव परिणाम से अपनी सहमति व्यक्त करते हैं। यह स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष चुनाव का प्रतीक है। जिसमें हारने वाले को अपनी हार सहर्ष स्वीकार करनी चाहिए।

JAC Class 9th Civics  चुनावी राजनीति Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
चुनाव क्यों होते हैं, इस बारे में इनमें से कौन-सा वाक्य ठीक नहीं है?
(क) चुनाव लोगों को सरकार के कामकाज का फैसला करने का अवसर देते हैं।
(ख) लोग चुनाव में अपनी पसन्द के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं।
(ग) चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर देते हैं।
(घ) लोग चुनाव से अपनी पसन्द की नीतियाँ बना सकते हैं।
उत्तर:
(ग) चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर देते हैं।

प्रश्न 2.
भारत के चुनाव लोकतान्त्रिक हैं, यह बताने के लिए उनमें कौन-सा वाक्य सही कारण नहीं देता?
(क) भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मतदाता हैं।
(ख) भारत में चुनाव आयोग काफी शक्तिशाली है।
(ग) भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र का हर व्यक्ति मतदाता है।
(घ) भारत में चुनाव हारने वाली पार्टियाँ जनादेश स्वीकार कर लेती हैं।
उत्तर:
(क) भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मतदाता हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में मेल ढूँढ़ें

(क) समय-समय पर मतदाता सूची का नवीनीकरण आवश्यक है ताकि 1. समाज के हर तबके का समुचित प्रतिनिधित्व हो सके।
(ख) कुछ निर्वाचन-क्षेत्र अनु. जाति और अनु. जनजाति के लिए आरक्षित हैं ताकि 2. हर एक को अपना प्रतिनिधि चुनने का समान अवसर मिले।
(ग) प्रत्येक को सिर्फ एक वोट डालने का हक है ताकि 3. हर उम्मीदवार को चुनावों में लड़ने का समान अवसर मिले।
(घ) सत्ताधारी दल को सरकारी वाहन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं क्योंकि 4. सम्भव है कि कुछ लोग उस जगह से अलग चले गये हों जहाँ उन्होंने पिछले चुनाव में मतदान किया था।

उत्तर:

(क) समय-समय पर मतदाता सूची का नवीनीकरण आवश्यक है ताकि 4. सम्भव है कि कुछ लोग उस जगह से अलग चले गये हों जहाँ उन्होंने पिछले चुनाव में मतदान किया था।
(ख) कुछ निर्वाचन-क्षेत्र अनु. जाति और अनु. जनजाति के लिए आरक्षित हैं ताकि 1. समाज के हर तबके का समुचित प्रतिनिधित्व हो सके।
(ग) प्रत्येक को सिर्फ एक वोट डालने का हक है ताकि 2. हर एक को अपना प्रतिनिधि चुनने का समान अवसर मिले।
(घ) सत्ताधारी दल को सरकारी वाहन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं क्योंकि 3. हर उम्मीदवार को चुनावों में लड़ने का समान अवसर मिले।
(क) समय-समय पर मतदाता सूची का नवीनीकरण आवश्यक है ताकि 4. सम्भव है कि कुछ लोग उस जगह से अलग चले गये हों जहाँ उन्होंने पिछले चुनाव में मतदान किया था।

प्रश्न 4.
इस अध्याय में वर्णित चुनाव सम्बन्धी सभी गतिविधियों की सूची बनाएँ और इन्हें चुनाव में सबसे पहले किये जाने वाले काम से लेकर आखिर तक के क्रम में सजाएँ। इनमें से कुछ मामले हैं चुनाव घोषणा-पत्र जारी करना, वोटों की गिनती, मतदाता सूची बनाना, चुनाव अभियान, चुनाव नतीजों की घोषणा, मतदान, पुनर्मतदान के आदेश, चुनाव प्रक्रिया की घोषणा, नामांकन दाखिल करना।
उत्तर:

  1. मतदाता सूची बनाना
  2. चुनाव प्रक्रिया की घोषणा
  3. नामांकन दाखिल करना
  4. चुनाव घोषणा-पत्र जारी करना
  5. चुनाव अभियान
  6. मतदान
  7. पुनर्मतदान के आदेश
  8. वोटों की गिनती
  9. चुनाव नतीजों की घोषणा।

JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 3 चुनावी राजनीति

प्रश्न 5.
सुरेखा एक राज्य विधानसभा क्षेत्र में स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनाव कराने वाली अधिकारी है। चुनाव के इन चरणों में उसे किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?
(क)चुनाव प्रचार
(ख) मतदान के दिन
(ग) मतगणना के दिन
उत्तर:
(क) चुनाव प्रचार:
एक प्रभारी अधिकारी के रूप में सुरेखा को चाहिए कि स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष चुनाव को ध्यान में रखते हुए वह सुनिश्चित करे कि कोई भी उम्मीदवार अथवा अन्य व्यक्ति मतदाताओं को बहका अथवा धमका तो नहीं रहा है अथवा उन्हें किसी तरह का प्रलोभन देकर अपने पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित तो नहीं कर रहा है। उम्मीदवारों द्वारा धर्म अथवा जाति के नाम पर मतदाताओं से समर्थन तो नहीं माँगा जा रहा है। सरकारी मशीनरियों का दुरुपयोग तो नहीं किया जा रहा है। ये सभी उम्मीदवार चुनाव अभियान के दौरान तय सीमा में खर्च कर रहे हैं या इनका खर्च निर्धारित सीमा से अधिक है।

(ख) मतदान के दिन:
सुरेखा को चाहिए कि वह इस बात का ध्यान रखे कि मतदाताओं को किसी भी तरह से मतदान करने से रोका तो नहीं जा रहा है। किसी तरह की धाँधली तो नहीं की जा रही है ? उसे मतपेटियाँ छीनने, जबरन बूथ पर कब्जा करने जैसी घटना की रिपोर्ट तुरन्त आयोग को करनी चाहिए। कहीं कोई अवैध मतदान तो नहीं कर/करा रहा

(ग) मतगणना के दिन:
मतों की स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष गिनती के लिए उसे पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए। मतगणना में किसी भी प्रकार की धांधली न हो एवं जो उम्मीदवार जीता हो उसी को विजयी घोषित किया जाए। पार्टियों के समर्थकों द्वारा कोई भी घटना हो सकती है। उसके लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखनी चाहिए।

प्रश्न 6.
नीचे दी गई तालिका बताती है कि अमेरिकी कांग्रेस के चुनावों के विजयी उम्मीदवारों में अमेरिकी समाज के विभिन्न समुदाय के सदस्यों का क्या अनुपात था। ये किस अनुपात में जीते? इसकी तुलना अमेरिकी समाज में इन समुदायों की आबादी के अनुपात से कीजिए। इसके आधार पर क्या आप अमेरिकी संसद के चुनाव में भी आरक्षण का सुझाव देंगे? अगर हाँ, तो क्यों और किस समुदाय के लिए? अगर नहीं, तो क्यों?

समुदाय का प्रतिनिधित्व (प्रतिशत में)

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में अमेरिकी समाज में
अश्वेत 8 13
हिस्पैनिक 5 13
श्वेत 86 70

उत्तर:
हाँ, अमेरिकी कांग्रेस में प्रतिनिधित्व पद्धति लागू की जानी चाहिए, क्योंकि इसके द्वारा प्रत्येक समुदाय को उसकी जनसंख्या के अनुसार प्रतिनिधि सभा में बराबर का प्रतिनिधित्व मिल सकेगा। जनसंख्या में अश्वेत लोगों तथा हिस्पैनिक का कुल प्रतिशत 26 होने के बावजूद, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में केवल उन्हें 13 प्रतिशत प्रतिनिधित्व प्राप्त है और श्वेत लोगों को उनकी जनसंख्या से 16 प्रतिशत अधिक प्रतिनिधित्व प्राप्त है।

प्रश्न 7.
क्या हम इस अध्याय में दी गई सूचनाओं के आधार पर निम्नलिखित निष्कर्ष निकाल सकते हैं? इनमें से सभी पर अपनी राय के पक्ष में दो तथ्य प्रस्तुत कीजिए।
(क) भारत के चुनाव आयोग को देश में स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनाव करा सकने लायक पर्याप्त अधिकार नहीं हैं।
उत्तर:
भारत में स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को पर्याप्त अधिकार दिये गये हैं-चुनाव सम्बन्धी सरकार की किसी भी सलाह को मानने के लिए आयोग बाध्य नहीं है। आयोग सत्ताधारी पार्टी को सरकारी मशीनरियों के दुरुपयोग से रोक सकता है। यदि वे इसका दुरुपयोग करते हुए पाये जाते हैं।

(ख) हमारे देश के चुनाव में लोगों की जबर्दस्त भागीदारी होती है।
उत्तर:
यह स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष चुनाव का प्रतीक है। यदि चुनावों में धाँधली होती तो मतदाताओं की संख्या निरन्तर घटती जाती।

(ग) सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनाव जीतना बहुत आसान होता है।
उत्तर:
नहीं, सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनाव जीतना अपेक्षाकृत कठिन है। पिछले 50 वर्ष में सत्ताधारी पार्टी प्रत्येक 3 में से 2 चुनाव हारी हैं। मतदाता चुनाव के दौरान किये गये वादों को पूरा नहीं किये जाने के कारण प्रायः इनसे नाराज रहते हैं। विरोधी पार्टियों द्वारा नये तथा आकर्षक वादे करने के कारण माहौल उनके पक्ष में चला जाता है।

(घ) अपने चुनावों को पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतन्त्र बनाने के लिए कई कदम उठाने जरूरी हैं।
उत्तर:

  1. भारत की 16वीं लोकसभा के 440 से अधिक सदस्य करोड़पति हैं। इससे पता चलता है कि चुनाव धन से प्रभावित किये जाते हैं। अतः सुधार की आवश्यकता है जिससे कि आम आदमी भी चुनकर आ सके।
  2. 16वीं लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व मात्र 12 फीसदी ही है। इससे सिद्ध होता है कि यहाँ महिलायें चुनाव लड़ने के लिए स्वतन्त्र एवं सक्षम नहीं है। अत: उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाने की आवश्यकता है।

प्रश्न 8.
चिनप्पा को दहेज के लिए अपनी पत्नी को परेशान करने के जुर्म में सजा मिली थी। सतबीर को छुआछूत मामले का दोषी माना गया था। दोनों को अदालत ने चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी। क्या यह फैसला लोकतान्त्रिक चुनावों के बुनियादी सिद्धान्तों के खिलाफ जाता है ? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर:
न्यायालय का यह निर्णय लोकतान्त्रिक सिद्धान्तों के विरुद्ध नहीं है। आयोग के निर्देशानुसार गम्भीर आपराधिक मामले जिन व्यक्तियों पर साबित हुए हैं, उन्हें वह चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दे सकता। दूसरा, संवैधानिक प्रावधान के तहत छुआछूत का व्यवहार एक दण्डनीय अपराध है। इसलिए न्यायालय का चिनप्पा और सतबीर के मामले में फैसला बिल्कुल सही है।

JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 3 चुनावी राजनीति

प्रश्न 9.
यहाँ दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चुनावी गड़बड़ियों की कुछ रिपोर्ट दी गई हैं। क्या ये देश अपने यहाँ के चुनावों में सुधार के लिए भारत से कुछ बातें सीख सकते हैं ? प्रत्येक मामले में आप क्या सुझाव देंगे?
(क) नाइजीरिया के एक चुनाव में मतगणना अधिकारी ने जान-बूझकर एक उम्मीदवार को मिले वोटों की संख्या बढ़ा दी और उसे जीता हुआ घोषित कर दिया। बाद में अदालत ने पाया कि दूसरे उम्मीदवार को मिले पाँच लाख वोटों को उस उम्मीदवार के पक्ष में दर्ज कर लिया गया था।
उत्तर:
हाँ, यह देश भारतीय मतगणना पद्धति से सीख ले सकता है। नाइजीरिया को मतगणना का भारतीय तरीका अपनाना चाहिए। हमारे यहाँ मतगणना के समय चुनाव में भाग लेने वाले सभी प्रतिनिधियों के एजेंट उपस्थित होते हैं तथा उनके सामने मतों की गणना की जाती है। जिससे किसी भी तरह का संदेह होने पर मतगणना दुबारा करायी जा सके। इसके अतिरिक्त नाइजीरिया सरकार को मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का प्रयोग भी करना चाहिए।

(ख) फिजी में चुनाव से ठीक पहले एक परचा बाँटा गया जिसमें धमकी दी गई थी कि अगर पूर्व प्रधानमन्त्री महेन्द्र चौधरी के पक्ष में वोट दिया गया तो खून-खराबा हो जायेगा। यह धमकी भारतीय मूल के मतदाताओं को दी गई थी।
उत्तर:
हाँ, फिजी के लोग भारतीय चुनाव पद्धति से सीख ले सकते हैं, इस तरह की धमकियों से निबटने के लिए ऐसी शक्तिशाली एजेंसी होनी चाहिए जो तत्काल दण्डात्मक कार्यवाई कर सके और मतदाता निष्पक्ष मतदान कर सकें। यह प्रावधान भी होना चाहिए कि जो कोई पार्टी इस तरह के कार्यों में लिप्त पाई जायेगी, उसको चुनाव लड़ने से वंचित कर दिया जायेगा।

(ग) अमेरिका के हर प्रान्त में मतदान, मतगणना और चुनाव संचालन की अपनी-अपनी प्रणालियाँ हैं। सन् 2000 के चुनाव में फ्लोरिडा प्रान्त के अधिकारियों ने जॉर्ज बुश के पक्ष में अनेक विवादास्पद फैसले लिए पर उनके फैसले को कोई भी नहीं बदल सका।
उत्तर:
अमेरिका, भारतीय चुनाव पद्धति से सीख ले सकता है। चुनाव में आयोजन के लिए भारत में एकीकृत व्यवस्था है जो राष्ट्रीय चुनाव आयोग के रूप में काम करती है। इसके नियम और आदेश का सम्पूर्ण देश में समान रूप से पालन होता है। यह संस्था स्वतन्त्र तथा सरकारी प्रभाव से मुक्त होती है। यह चुनाव के समय सरकार के फैसलों पर रोक लगा सकती है, यदि वे स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनाव के हित में न हों।

प्रश्न 10.
भारत में चुनावी गड़बड़ियों से सम्बन्धी कुछ रिपोर्ट यहाँ दी गई हैं। प्रत्येक मामले में समस्या की पहचान कीजिए। इन्हें दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है?
(क) चुनाव की घोषणा होते ही मन्त्री महोदय ने बंद पड़ी चीनी मिल को दोबारा खोलने के लिए वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
उत्तर:
चुनाव की घोषणा के बाद मन्त्री द्वारा की गई यह घोषणा जनमत को प्रभावित करने वाला कदम है जो निष्पक्ष चुनाव में बाधा डाल सकता है। यह आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। इसके लिए चुनाव आयोग मन्त्री को कारण बताओ नोटिस जारी करे तथा अपेक्षित जवाब नहीं मिलने पर उसकी इस घोषणा को अवैध घोषित करके उसके विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करे।

(ख) विपक्षी दलों का आरोप था कि दूरदर्शन और आकाशवाणी पर उनके बयानों और चुनाव अभियान को उचित जगह नहीं मिली।
उत्तर:
विपक्षी दलों का यह आरोप कि दूरदर्शन और आकाशवाणी पर उनके बयानों और चुनाव अभियान को उचित जगह नहीं मिली, यह निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न करने में बाधक है। इससे उन पार्टियों को जनता तक अपनी बात पहुँचाने का समान अवसर प्राप्त नहीं हुआ है। अतः मतदान प्रभावित हो सकता है।
चुनाव आयोग इसकी जाँच करवाए तथा सही पाये जाने पर उन पार्टियों की भी दूरदर्शन तथा रेडियो तक बात पहुँचाने की व्यवस्था करे।

(ग) चुनाव आयोग की जाँच से एक राज्य की मतदान सूची में 20 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम मिले।
उत्तर:
इस तरह से स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं होगा, क्योंकि ये सभी मतदाता किसी एक पार्टी के पक्ष में मत डाल सकते हैं। इससे चुनाव परिणाम प्रभावित होंगे।
चुनाव आयोग इस मतदाता सूची को खारिज करके सही मतदाता सूची तैयार करने का आदेश जारी करे। इस कार्य में लगे हुए अधिकारियों को दण्डित करने के आदेश भी जारी किये जाएँ।

(घ) एक राजनीतिक दल के गुण्डे बंदूकों के साथ घूम रहे थे, दूसरी पार्टियों के लोगों को मतदान में भाग लेने से रोक रहे थे और दूसरी पार्टी की चुनावी सभाओं पर हमले कर रहे थे।
उत्तर:
राजनीति के इस अपराधीकरण से स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते। लोग इनके डर से चुनाव में भाग लेने के लिए नहीं जाएँगे और ये अवैध मतदान करके विजयी हो जाएँगे। आयोग को चाहिए कि ऐसे लोगों तथा सम्बन्धित पार्टी का पता लगाकर उन पर उचित कार्यवाई करे। सभी उम्मीदवारों को समुचित सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए एवं जनता को निडर होकर मतदान में भाग लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 3 चुनावी राजनीति

प्रश्न 11.
जब यह अध्याय पढ़ाया जा रहा था तो रमेश कक्षा में नहीं आ पाया था। अगले दिन कक्षा में आने के बाद उसने अपने पिताजी से सुनी बातों को दोहराया। क्या आप रमेश को बता सकते हैं कि इसके इन बयानों में क्या गड़बड़ी है ?
(क) औरतें उसी तरह वोट देती हैं जैसा पुरुष उनसे कहते हैं इसलिए उनको मताधिकार देने का कोई मतलब नहीं है।
उत्तर:
मतदान के अधिकार का सम्बन्ध इस बात से बिल्कुल नहीं होता है कि व्यक्ति अपने उस अधिकार का किस प्रकार प्रयोग करता है। अतः इस बात का विचार किये बिना कि कोई पुरुष है या स्त्री प्रत्येक व्यक्ति को वोट का अधिकार होना चाहिए। वे जिसे चाहे उसे वोट दें।

(ख) पार्टी-पॉलिटिक्स से समाज में तनाव पैदा होता है। चुनाव में सबकी सहमति वाला फैसला होना चाहिए, प्रतिद्वन्द्विता नहीं होनी चाहिए।
उत्तर:
पार्टी-पॉलिटिक्स से समाज में तनाव पैदा होता है, लेकिन चुनावों में प्रायः सहमति सम्भव नहीं है, क्योंकि प्रत्येक उम्मीदवार विजयी होना चाहता है तथा इस मुद्दे पर सहमति बनने की कोई सम्भावना ही नहीं है।

(ग) सिर्फ स्नातकों को ही चुनाव लड़ने की इजाजत होनी चाहिए।
उत्तर:
नहीं, यह लोकतान्त्रिक सिद्धान्तों के खिलाफ है। खासकर हमारे देश में, जहाँ अशिक्षा बहुत अधिक है, यह लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन होगा और अधिकांश लोग चुनाव लड़ने से वंचित रह जाएँगे। आइए, अखबार पढ़ें प्रश्न-राज्य धानसभाओं के चुनाव अब किसी-न-किसी राज्य में हर वर्ष होते ही रहते हैं। तुम्हारी पढ़ाई के इस वर्ष में जिस राज्य में चुनाव हो रहे हैं उससे सम्बन्धित सूचनाएँ इकट्ठा करो। सूचनाएँ जमा करते हुए उन्हें तीन हिस्सों में बाँटते चलो।
(क) चुनाव के पहले क्या: क्या मुख्य घटनाएँ हुई-राजनीतिक दलों का मुख्य एजेंडा, लोगों की माँगों के बारे में सूचनाएँ, चुनाव आयोग की भूमिका।

(ख) मतदान और मतगणना के दिन क्या मुख्य घटनाएँ थीं: चुनाव में भाग लेने वालों का प्रतिशत क्या था, क्या चुनावी गड़बड़ी भी हुई, क्या पुनर्मतदान हुए, किस तरह की भविष्यवाणियाँ की गई थीं।

(ग) चुनाव के बाद क्या हुआ चुनाव जीतने या हारने वाली पार्टियों ने क्या दावे किए, कौन पार्टी सफल हुई ? मुख्यमन्त्री का चुनाव किस प्रकार हुआ।
उत्तर:
छात्र स्वयं इस प्रश्न को अध्यापक की सहायता से हल करें।

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JAC Class 9 Social Science Solutions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

JAC Board Class 9th Social Science Solutions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

JAC Class 9th Geography भारत का भौतिक स्वरूप  InText Questions and Answers 

‘ज्ञात कीजिए’ आधारित प्रश्न

प्रश्न 1.
महान हिमालय में पायी जाने वाली हिमानियों तथा दरों के नाम।
उत्तर:

  1. महान हिमालय में पायी जाने वाली हिमानियाँ: सियाचिन, मिलाम, गंगोत्री, जेमू, बाल्टोरो, बिआफो।
  2. महान हिमालय में पाये जाने वाले दर्रे”: बुर्जिल, जोजीला, शिपकी ला, बारालाचा ला. जेलेप ला, बोमडी ला, थागा ला, लोपूलेख ला।

प्रश्न 2.
भारत के उन राज्यों के नाम जहाँ ऊपर दिए गए ऊँचे शिखर स्थित हैं।
उत्तर:

पर्वत शिखर राज्य
कंचनजंघा सिक्किम
नंगा पर्वत जम्मू और कश्मीर
नन्दा देवी उत्तराखण्ड
कामेट उत्तराखण्ड
नामचा बरुआ अरुणाचल प्रदेश।

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प्रश्न 3.
एटलस से मसूरी, नैनीताल एवं रानीखेत की स्थिति देखें तथा उन राज्यों के नाम लिखें जहाँ वे स्थित
उत्तर:

स्थान राज्य
मसूरी उत्तराखण्ड
नैनीताल उत्तराखण्ड
रानीखेत उत्तराखण्ड

‘क्या आप जानते हैं’ से सम्बन्धित प्रश्न

प्रश्न 1.
विश्व का सबसे बड़ा नदीयद्वीप, जिस पर लोग निवास करते हैं, कौन-सा है?
उत्तर:
ब्रह्मपुत्र नदी में स्थित माजोली नदीय द्वीप।

प्रश्न 2.
‘दोआब’ का क्या अर्थ है?
उत्तर:
‘दोआब’ का अर्थ है दो नदियों के बीच का भाग। यह दो शब्दों से मिलकर बना है-दो तथा आब अर्थात् पानी।

प्रश्न 3.
‘पंजाब’ किन दो शब्दों से मिलकर बना है?
उत्तर:
‘पंज’ तथा ‘आब’ इन दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें पंज का अर्थ है पाँच तथा आब का अर्थ है पानी।

प्रश्न 4.
भारत में खारे पानी की सबसे बड़ी झील कौन-सी है?
उत्तर:
चिल्का झील।

प्रश्न 5.
चिल्का झील कहाँ स्थित है?
उत्तर:
चिल्का झील उड़ीसा में महानदी डेल्टा के दक्षिण में स्थित है।

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प्रश्न 6.
भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी कहाँ स्थित है?
उत्तर:
अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह के बैरेन द्वीप पर।

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प्रश्न 1.
निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए:
1. एक स्थलीय भाग जो तीन ओर से समुद्र से घिरा हो
(क) तट
(ख) प्रायद्वीप
(ग) द्वीप
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) प्रायद्वीप।

2. भारत के पूर्वी भाग में म्यांमार की सीमा का निर्धारण करने वाले पर्वतों का संयुक्त नाम
(क) हिमाचल
(ख) पूर्वांचल
(ग) उत्तराखण्ड
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) पूर्वांचल।

3. गोवा के दक्षिण में स्थित पश्चिम तटीय पट्टी
(क) कोरोमण्डल
(ख) कन्नड़
(ग) कोंकण
(घ) उत्तरी सरकार।
उत्तर:
(ग) कोंकण।

4. पूर्वी घाट का सर्वोच्च शिखर
(क) अनाईमुडी
(ख) महेन्द्रगिरि
(ग) कंचनजंघा
(घ) खासी।
उत्तर:
(ख) महेन्द्रगिरि।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर दीजिए:
1. भाबर क्या है?
उत्तर:
नदियाँ पर्वतों से नीचे उतरते समय शिवालिक के ढाल पर 8 से 16 किमी. की चौड़ी पट्टी में गुटिका का निक्षेपण करती हैं। इसे भाबर के नाम से जाना जाता है।

2. हिमालय के तीन प्रमुख विभागों के नाम उत्तर से दक्षिण के क्रम में बताइए।
उत्तर:

  1. हिमाद्रि,
  2. हिमाचल,
  3. शिवालिक।

3. अरावली और विन्ध्याचल की पहाड़ियों में कौन-सा पठार स्थित है?
उत्तर:
मालवा का पठार।

4. भारत के उन द्वीपों के नाम बताइए जो प्रवाल भित्ति के हैं।
उत्तर:
लकादीव, मिनीकाय एवं एमीनदीव। इन्हें आजकल लक्षद्वीप द्वीप समूह के नाम से जाना जाता है।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित में अन्तर स्पष्ट कीजिए:
1. बांगर और खादर:

बांगर खादर
1. उत्तरी मैदान के पुराने जलोढ़ को बांगर कहते हैं। 1. बाढ़ के मैदानों के नवीन जलोढ़ को खादर कहते हैं।
2. ये नदियों के बाढ़ वाले मैदान के ऊपर स्थित हैं। यहाँ बाढ़ का पानी नहीं पहुँच पाता है। 2. इन क्षेत्रों में बाढ़ के समय नदी का पानी सम्पूर्ण क्षेत्र में फैल जाता है तथा नयी जलोढ़ की परत जम जाती है।
3. इनका प्रत्येक वर्ष पुर्नर्निर्माण नहीं होता है। 3. इनका प्रत्येक वर्ष पुनर्निर्माण होता है।
4. यह कम उपजाऊ होते हैं। 4. यह अधिक उपजाऊ होते हैं।

2. पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट पूर्वी घाट:

पूर्वी घाट पशिचमी घाट
1. दक्षिणी पठार के पूर्वी सिरे पर पूर्वी घाट स्थित है। 1. दक्षिणी पठार के पश्चिमी सिरे पर पश्चिमी घाट स्थित है।
2. ये शृंग पर्वतमाला है जो पूर्वी तट के समानान्तर फैली हुई है। 2. यह सतत् पर्वतमाला है जो पश्चिमी तट के समानान्तर स्थित है।
3. पूर्वी घाट कम ऊँचे हैं। इन घाटों की औसत ऊँचाई 600 मीटर है। 3. पश्चमी घाट अधिक ऊँचे हैं। इन घाटों की औसत ऊँचाई 900 से 1600 मीटर है।
4. पूर्वी घाट को बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों ने काट दिया है। 4. पश्चिमी घाट निरन्तरता लिए हुए हैं और इन्हें दर्रों से होकर ही पार किया जा सकता है।
5. महेन्द्रगिरि ( 1,500 मी.) पूर्वी घाट का सबसे ऊँचा पर्वत शिखर है। 5. अनाईमुडी (2,695 मी.) पश्चिमी घाट का सबसे ऊँचा पर्वत शिखर है।

प्रश्न 4.
भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग कौन-से हैं ? हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीपीय पठार के उच्चावच लक्षणों में क्या अन्तर है?
उत्तर:
भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग निम्नलिखित हैं

  1. हिमालय पर्वत श्रृंखला,
  2. उत्तरी मैदान,
  3. प्रायद्वीपीय पठार,
  4. भारतीय मरुस्थल,
  5. तटीय मैदान,
  6. द्वीप समूह।

हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीप पठार के उच्चावच लक्षणों में अन्तर निम्न प्रकार से हैंहिमालय क्षेत्र

हिमालय क्षेत्र प्रायद्वीपीय पठार
1. यह नवीन वलित पर्वतीय क्षेत्र है। 1. यह पठारी क्षेत्र अति प्राचीन भूखण्ड है।
2. हिमालय पर्वतीय क्षेत्र की तीन वलित श्रेणियाँ हैं: हिमाद्रि, निम्न हिमालय, शिवालिक। 2. प्रायद्वीपीय पठार के दो भाग हैं: मध्यवर्ती भूमि, दक्कन (दक्षिण) का पठार।
3. हिमालय क्षेत्र में ऊँचे पर्वत शिखर एवं गहरी घाटियाँ हैं। 3. इस पठारी भाग में चौड़ी तथा छिछली घाटियाँ एवं गोलाकार पहाड़ियाँ हैं।
4. हिमालय क्षेत्र में अधिक हिमनद एवं दरे पाये जाते हैं। 4. पठारी भूमि होने के कारण हिमनद नहीं पाये जाते हैं। केवल सीमित मात्रा में दर्रे पाये जाते हैं।
5. इस पर्वतीय क्षेत्र का निर्माण मुख्य रूप से अत्यधिक संपीडित तथा परिवर्तित शैलों से हुआ है। 5. इस पठारी क्षेत्र का निर्माण पुराने क्रिस्टलीय, आग्नेय एवं रूपान्तरित शैलों से हुआ है।

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प्रश्न 5.
भारत के उत्तरी मैदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत के उत्तरी मैदान का वर्णन निम्न प्रकार से है

  1. उत्तरी मैदान हिमालय पर्वतीय प्रदेश एवं प्रायद्वीपीय पठार के मध्य में स्थित है।
  2. इस मैदानी क्षेत्र का विस्तार 7 लाख वर्ग किमी. क्षेत्र में है। यह मैदान लगभग 2400 किमी. लम्बा एवं 240 से 320 किमी. चौड़ा है।
  3. यह मैदान उत्तर में हिमालय से आने वाली नदियों द्वारा लाये गये महीन जलोढ़कों द्वारा निर्मित है।
  4. उच्चावच में बहुत कम विषमताओं वाला यह लगभग समतल भू-भाग है।
  5. यह मैदान तीन प्रमुख नदी प्रणालियों सिन्धु, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र तथा इनकी सहायक नदियों से निर्मित हुआ है।
  6. इस मैदानी क्षेत्र की उपजाऊ मृदा, पर्याप्त जलापूर्ति एवं अनुकूल जलवायु इसे कृषि के लिए आदर्श बनाती है।
  7. आकृतिक भिन्नता के आधार पर उत्तरी मैदानों को चार भागों में विभाजित किया जा सकता है:
    • भाबर,
    • तराई,
    • भांगर (बांगर),
    • खादर।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए
1. मध्य हिमालय,
2. मध्य उच्च भूमि,
3. भारत के द्वीप समूह।
उत्तर:
(i) मध्य हिमालय:

  1. मध्य हिमालय पर्वत श्रृंखला हिमालय पर्वत की सर्वोच्च श्रेणी हिमाद्रि के दक्षिण में समानान्तर रूप में फैली हुई है। इसे हिमाचल या निम्न हिमालय के नाम से भी जाना जाता है।
  2. इसकी औसत ऊँचाई 3700 से 4500 मीटर है तथा औसत चौड़ाई लगभग 50 किलोमीटर है।
  3. यह हिमालय की मध्यवर्ती श्रेणी है।
  4. इसका सर्वाधिक भाग असम राज्य में है।
  5. इसमें पीरपंजाल श्रृंखला सबसे लम्बी एवं सबसे महत्वपूर्ण श्रृंखला है। धौलाधर एवं महाभारत श्रृंखलाएँ भी महत्वपूर्ण हैं।
  6. इसी पर्वत श्रृंखला में कश्मीर की घाटी एवं हिमाचल के कांगड़ा एवं कुल्लू की घाटियाँ स्थित हैं।
  7. धर्मशाला, शिमला, मसूरी, नैनीताल एवं दार्जिलिंग यहाँ के प्रमुख स्वास्थ्यवर्द्धक पर्वतीय स्थल हैं।

(ii) मध्य उच्च भूमि:

  1. नर्मदा नदी के उत्तर में प्रायद्वीपीय पठार का वह भाग जो मालवा के पठार के अधिकांश भागों पर फैला है, मध्य उच्च भूमि के नाम से जाना जाता है।
  2. इस क्षेत्र में बहने वाली नदियाँ-चम्बल, सिंध, बेतवा एवं केन दक्षिण-पश्चिम से उत्तर पूर्व की तरफ बहती हैं।
  3. मध्यवर्ती उच्च भूमि पश्चिम में चौड़ी एवं पूर्व में सँकरी है।
  4. इस पठार के पूर्वी विस्तार को स्थानीय रूप में बुन्देलखंड एवं बघेलखंड के नाम से जाना जाता है।
  5. सोन नदी के पूर्व में छोटा नागपुर का पठार स्थित है। यह पठारी भाग लावा के निक्षेपों की परतों से बना है।

(iii) भारत के द्वीप समूह भारत के द्वीप समूह को दो वर्गों में बाँटा जाता है लक्षद्वीप द्वीप समूह:

  1. केरल के मालाबार तट के समीप स्थित छोटे-छोटे द्वीपों के समूह को लक्षद्वीप कहते हैं।
  2. द्वीपों का यह समूह छोटे प्रवाल द्वीपों से मिलकर बना है।
  3. इन द्वीपों को पहले लकादीव, मीनीकाय एवं एमीनदीव के नाम से जाना जाता था।
  4. यह द्वीप समूह 32 किमी. के छोटे से क्षेत्र में फैला हुआ है।
  5. कावारत्ती द्वीप लक्षद्वीप का प्रशासनिक मुख्यालय है।
  6. इस द्वीप समूह पर वनस्पति एवं जन्तुओं के अनेक प्रकार पाये जाते हैं।
  7. पिटली द्वीप पर मनुष्यों का निवास नहीं है। यहाँ एक पक्षी अभयारण्य स्थित है।

(iv) अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह:

  1. ये द्वीप बंगाल की खाड़ी में उत्तर से दक्षिण की ओर फैले हुए हैं।
  2. ये द्वीप समूह आकार में बड़े, संख्या में बहुल एवं बिखरे हुए हैं।
  3. इन द्वीप समूहों को मुख्यत: दो भागों में बाँटा गया है-उत्तर में अण्डमान तथा दक्षिण में निकोबार।
  4. यह माना जाता है कि यह द्वीप समूह निमज्जित पर्वत श्रेणियों के ऊपर उठे हुए भाग हैं।
  5. यह द्वीप समूह देश की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस द्वीप समूह का मुख्यालय पोर्ट ब्लेयर में है।
  6. इन द्वीप समूह में पाये जाने वाले पादप और जन्तुओं में बहुत अधिक विविधता पायी जाती है।
  7. ये द्वीप विषुवत् वृत्त के समीप स्थित हैं।
  8. इन द्वीपों की जलवायु विषुवतीय है।
  9. ये द्वीप घने वनों से आच्छादित हैं।

मानचित्र कार्य

प्रश्न 1.
भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाइए:
1. पर्वत शिखर-के-2, कंचनजंघा, नंगा पर्वत, अनाईमुडी।
2. पठार-शिलांग, छोटा नागपुर, मालवा तथा बुन्देलखंड।
3. थार मरुस्थल, पश्चिमी घाट, लक्षद्वीप समूह, गंगा-यमुना दोआब तथा कोरोमण्डल तट।
उत्तर:
JAC Class 9 Social Science Solutions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप 2

क्रियाकलाप

प्रश्न 1.
दी गई वर्ग पहेली में कुछ शिखरों, दरों, श्रेणियों, पठारों, पहाड़ियों एवं घाटियों के नाम छपे हैं। उन्हें ढूंढ़िए। ज्ञात कीजिए कि ये आकृतियाँ कहाँ स्थित हैं? आप अपनी खोज क्षैतिज, ऊर्ध्वाधर या विकर्णीय दिशा में कर सकते नोट-पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं।
JAC Class 9 Social Science Solutions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप 1
उत्तर:

  1. शिखर-कंचनजंघा (हिमालय पर्वत), एवरेस्ट (हिमालय पर्वत), अनाईमुडी (पश्चिमी घाट)
  2. दरे-नाथू-ला (हिमालय पर्वत), शिपकी-ला (हिमालय पर्वत), बोमडी-ला (हिमालय पर्वत)
  3. पर्वत श्रेणियाँ-मैकाल, सह्याद्रि, विन्ध्यन (प्रायद्वीपीय पठार)
  4. पठार–छोटा नागपुर, मालवा (प्रायद्वीपीय पठार)
  5. पहाड़ियाँ-जयंतिया (पूर्वांचल), कैमूर (प्रायद्वीपीय पठार), गारो (पूर्वांचल), नीलगिरी (प्रायद्वीपीय पठार)
  6. घाटियाँ-भोरघाट, पालघाट (पश्चिमी घाट)।

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JAC Class 9 Social Science Solutions Geography Chapter 1 भारत-आकार वे स्थिति

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JAC Class 9th Geography भारत-आकार वे स्थिति  InText Questions and Answers 

प्रश्न 1.
82°30 पूर्व देशान्तर को भारत की मानक याम्योत्तर क्यों माना गया है?
उत्तर:
सम्पूर्ण देश में एक ही समय को स्वीकार करने के लिए भारत में 82°30′ पूर्व देशान्तर रेखा को मानक याम्योत्तर रेखा माना गया है। यह रेखा भारत के लगभग मध्य से होकर गुजरती है। इसके अतिरिक्त दूसरा कारण 75° पूर्व देशान्तर से 90° पूर्व देशान्तर का अन्तर्राष्ट्रीय समय क्षेत्र भारत के मध्य में पड़ता है। अत: 75° पूर्व एवं 90° पूर्व देशान्तरों के बीच की संख्या 82°30′ पूर्व देशान्तर होती है। अत: इसी देशान्तर रेखा को भारत की मानक याम्यात्तर रेखा निर्धारित किया गया है।

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प्रश्न 2.
कन्याकुमारी और कश्मीर में दिन-रात की अवधि में अन्तर क्यों है?
उत्तर:
कन्याकुमारी भूमध्य रेखा के समीप एवं कश्मीर भूमध्य रेखा से दूर स्थित है। भूमध्य रेखा के समीप दिन और रात की अवधि लगभग समान रहती है। कश्मीर भूमध्य रेखा से बहुत दूर स्थित है अत: दोनों स्थानों की दिन-रात की अवधि में लगभग 5 घण्टे का अन्तर रहता है।

प्रश्न 3.
पश्चिमी और पूर्वी तटों पर केन्द्र-शासित क्षेत्रों की संख्या ज्ञात कीजिए।
उत्तर:

  • पश्चिमी तट पर स्थित केन्द्र-शासित प्रदेश:
    1. दादरा नगर हवेली और दमन-दीव,
    2. लक्षद्वीप समूह।
  • पूर्वी तट पर स्थित केन्द्र-शासित क्षेत्र:
    1. पाण्डिचेरी (पुडुचेरी),
    2. अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह।

प्रश्न 4.
क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा एवं सबसे छोटा राज्य कौन-सा है?
उत्तर:
क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य राजस्थान एवं सबसे छोटा राज्य गोवा है।

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प्रश्न 5.
कौन से राज्य अन्तर्राष्ट्रीय सीमा तथा समुद्र तट को स्पर्श नहीं करते हैं?
उत्तर:
हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं झारखण्ड राज्य अन्तर्राष्ट्रीय सीमा एवं समुद्र तट को स्पर्श नहीं करते

प्रश्न 6.
1. पाकिस्तान,
2. चीन,
3. म्यांमार, और
4. बांग्लादेश की सीमाओं को छूने वाले राज्यों को चार वर्गों में विभाजित कीजिए।
उदाहरणार्थ: उन राज्यों को एक वर्ग में रखिए, जिनकी सीमाएँ पाकिस्तान से मिलती हैं। इसी तरह अन्य शेष वर्ग बनाइए।
उत्तर:

  1. पाकिस्तान की सीमा को छूने वाले राज्य: राजस्थान, गुजरात, पंजाब एवं जम्मू और कश्मीर।
  2. चीन की सीमा को छूने वाले राज्य: जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश।
  3. म्यांमार की सीमा को छूने वाले राज्य: नागालैण्ड, असम, मणिपुर, मिजोरम एवं अरुणाचल प्रदेश।
  4. बांग्लादेश की सीमा को छूने वाले राज्य: पश्चिमी बंगाल, मेघालय, त्रिपुरा, असम और मिजोरम।

‘क्या आप जानते हैं” से सम्बन्धित प्रश्न

प्रश्न 1.
सन् 2004 से पूर्व भारतीय संघ राज्य का सबसे दक्षिणी बिन्दु कौन-सा था?
उत्तर:
सन् 2004 से पूर्व भारतीय संघ राज्य का सबसे दक्षिणी बिन्दु ‘इन्दिरा बिन्दु’ था जो अब सुनामी लहरों के कारण समुद्र में डूब चुका है।

प्रश्न 2.
सन् 1869 में स्वेज नहर के खुलने से भारत और यूरोप के बीच की दूरी कितने किमी कम हो गई।
उत्तर:
7,000 किमी।

प्रश्न 3.
सन् 1947 से पूर्व भारत में कितने प्रकार के राज्य थे?
उत्तर:
दो प्रकार के-प्रान्त और रियासत।

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प्रश्न 4.
सन् 1947 से पूर्व प्रान्त और रियासतों की शासन व्यवस्था कैसे चली थी?
उत्तर:
प्रान्तों में वायसराय द्वारा नियुक्त अंग्रेज अधिकारी शासन करते थे तथा रियासतों का शासन स्थानीय शासकों द्वारा पैतृकता के आधार पर अंग्रेजी शासकों की प्रभुत्ता मानकर स्वायत्तता से किया जाता था।

JAC Class 9th Geography  भारत-आकार वे स्थिति Textbook Questions and Answers 

प्रश्न 1.
निम्नलिखित घार उत्तरों में से उपयुक्त उत्तर चुनिए:
1. कर्क रेखा किस राज्य से नहीं गुजरती है?
(क) राजस्थान
(ख) उड़ीसा
(ग) छत्तीसगढ़
(घ) त्रिपुरा।
उत्तर:
(ख) उड़ीसा।

2. भारत का सबसे पूर्वी देशान्तर कौन-सा है?
(क) 97°25′ पू.
(ख) 77°6′ पू.
(ग) 68°7′ पू.
(घ) 82°32′ पू.।
उत्तर:
(क) 97°25′ पू.।

3. उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिमी बंगाल और सिक्किम की सीमाएँ किस देश को छूती हैं?
(क) चीन
(ख) भूटान
(ग) नेपाल
(घ) म्यांमार।
उत्तर:
(ग) नेपाल।

4. ग्रीष्मावकाश में आप यदि कावारत्ती जाना चाहते हैं तो किस केन्द्र-शासित क्षेत्र में जाएँगे?
(क) पुडुचेरी
(ख) लक्षद्वीप
(ग) अण्डमान और निकोबार
(घ) दीव और दमन।
उत्तर:
(ख) लक्षद्वीप।

5. मेरे मित्र एक ऐसे देश के निवासी हैं जिस देश की सीमा भारत के साथ नहीं लगती है। आप बताइए, वह कौन-सा देश है?
(क) भूटान
(ख) ताजिकिस्तान
(ग) बांग्लादेश
(घ) नेपाल।
उत्तर:
(ख) ताजिकिस्तान।

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प्रश्न 2.
निम्न प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए
1. अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूह के नाम बताइए।दक्षिण में कौन-कौन से द्वीपीय देश हमारे पड़ोसी हैं?
उत्तर:
अरब सागर में लक्षद्वीप समूह एवं बंगाल की खाड़ी में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह स्थित हैं। दक्षिण में हमारे पड़ोसी द्वीपीय देश श्रीलंका और मालदीव हैं।

2. उन देशों के नाम बताइए जो क्षेत्रफल में भारत से बड़े हैं ?
उत्तर:
क्षेत्रफल में भारत से बड़े देश:

  1. रूस,
  2. कनाडा,
  3. संयुक्त राज्य अमेरिका,
  4. चीन,
  5. ब्राजील,
  6. ऑस्ट्रेलिया हैं।

3. हमारे उत्तर पश्चिमी,उत्तरी तथा उत्तर-पूर्वी पड़ोसी देशों के नाम बताइए।
उत्तर:
हमारे उत्तर पश्चिमी पड़ोसी देश-पाकिस्तान, अफगानिस्तान। उत्तरी पड़ौसी देश-चीन, नेपाल, भूटान। उत्तरी पूर्वी पड़ौसी देश-बांग्लादेश, म्यांमार।

4. भारत में किन-किन राज्यों से कर्क रेखा गुजरती है, उनके नाम बताइए।
उत्तर:
भारत के निम्नलिखित 8 राज्यों से कर्क रेखा गुजरती है

  1. गुजरात,
  2. राजस्थान,
  3. मध्य प्रदेश,
  4. छत्तीसगढ़,
  5. झारखण्ड,
  6. पश्चिमी बंगाल,
  7. त्रिपुरा,
  8. मिजोरम।

प्रश्न 3.
सूर्योदय अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग में गुजरात के पश्चिमी भाग की अपेक्षा 2 घण्टे पहले क्यों होता है, जबकि दोनों राज्यों में घड़ी एक ही समय दर्शाती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत का देशान्तरीय विस्तार 6807′ पूर्व से लेकर 97°25′ पूर्व तक है अर्थात् सर्वाधिक पूर्वी और पश्चिमी बिन्दुओं का अन्तर लगभग 30° का है। पृथ्वी अपने अक्ष पर एक बार घूर्णन करने में (360°) 24 घण्टे का समय लेती है। इसका अर्थ यह हुआ कि पृथ्वी से 1° देशान्तर पार करने में 4 मिनट का समय लगता है अत: 30° देशान्तरों को पार करने में कुल मिनट अर्थात् 2 घण्टे लगते हैं।

पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है इसलिए अरुणाचल प्रदेश में जो कि 97°25′ पूर्व पर स्थित है, सूर्य पहले दिखता है, जबकि गुजरात में, जो कि 68°07′ पूर्व पर स्थित है, सूर्य दो घण्टे बाद दिखता है। दोनों राज्यों में घड़ी एक ही समय दर्शाती हैं क्योंकि भारतीय मानक समय 82°30′ पूर्वी देशान्तर रेखा से मिर्धारित किया जाता है। इस देशान्तर का स्थानीय समय सम्पूर्ण भारत का मानक समय माना जाता है जिससे सम्पूर्ण भारत का समय एक समान रहता है।

JAC Class 9 Social Science Solutions Geography Chapter 1 भारत-आकार वे स्थिति

प्रश्न 4.
हिन्द महासागर में भारत की केन्द्रीय स्थिति से इसे किस प्रकार लाभ प्राप्त हआ है?
उत्तर:
हिन्द महासागर में भारत की केन्द्रीय स्थिति से इसे निम्नलिखित रूप में लाभ प्राप्त हुआ है
1. हिन्द महासागर में भारत की स्थिति बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमारे देश के अतिरिक्त संसार के किसी भी देश की इतनी लम्बी तट रेखा इस समुद्र के साथ नहीं है। इससे पश्चिम एशिया, अफ्रीका एवं यूरोप आदि के साथ समुद्री व्यापार सम्भव हुआ है।

2. स्वेज नहर के खुलने से भूमध्य सागर को हिन्द महासागर से जोड़ दिया गया है। इससे दक्षिण यूरोप और उत्तरी अफ्रीका भी हिन्द महासागर के प्रभाव क्षेत्र में आ गये हैं।

3. भारत ने अपनी केन्द्रीय स्थिति के कारण ही प्राचीन समय में अपने पड़ौसी देशों से मधुर व्यापारिक एवं सांस्कृतिक सम्बन्ध स्थापित किए हैं।

मानचित्र कौशल:  निम्नलिखित की मानचित्र की सहायता से पहचान कीजिए:
1. अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूह।
2. भारतीय उपमहाद्वीप किन देशों से मिलकर बनता है?
3. कर्क रेखा कौन-कौन से राज्यों से गुजरती है?
4. भारत के मुख्य भू-भाग का दक्षिणी शीर्ष बिन्दु।
5. भारत का सबसे उत्तरी अक्षांश।
6. अंशों में भारत के मुख्य भू-भाग का दक्षिणी अक्षांश।
7. भारत का सबसे पूर्वी और पश्चिमी देशान्तर।
8. सबसे लम्बी तट रेखा वाला राज्य।
9. भारत और श्रीलंका को अलग करने वाली जल सन्धि।
10. भारत के केन्द्र-शासित क्षेत्र।
JAC Class 9 Social Science Solutions Geography Chapter 1 भारत-आकार वे स्थिति 1
उत्तर:

  1. संकेत: अरब सागर में लक्षद्वीप और बंगाल की खाड़ी में अण्डमान निकोबार द्वीप समूह।
  2. भारतीय उपमहाद्वीप भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार, श्रीलंका से मिलकर बना है।
  3. कर्क रेखा गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिमी बंगाल, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों से होकर गुजरती है।
  4. कन्याकुमारी,
  5. 37°6′,
  6. 8°4,
  7. भारत का सबसे पूर्वी देशान्तर 97°25′, पश्चिमी देशान्तर 68°7’।
  8. गुजरात।
  9. पाक जलसन्धि।
  10. भारत के केन्द्र- शासित क्षेत्र:
    • 1. अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह,
    • 2. चण्डीगढ़,
    • 3. दिल्ली,
    • 4. दमन-दीव और दादरा-नागर हवेली,
    • 5. पुडुचेरी (पाण्डिचेरी),
    • 6. लक्षद्वीप,
    • 7. जम्मू और कश्मीर
    • 8. लद्दाख।

परियोजना कार्य

प्रश्न 1. अपने राज्य का विस्तार अक्षांश और देशान्तर में ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
किसी भी राज्य या स्थान का अक्षांश और देशान्तर रेखाओं का विस्तार जानने के लिए मानचित्र पर उस स्थान की सही जानकारी मालूम होनी चाहिए। प्रत्येक मानचित्र पर अक्षांश और देशान्तर की डिग्रियाँ (अंश) लिखे रहते हैं। अपने राज्य के अक्षांश को जानने के लिए उत्तर दक्षिण दिशा में एवं देशान्तर को जानने के लिए पूर्व-पश्चिम दिशा में भारत के मानचित्र पर समान्तर रेखाएँ खींचिए।

इनमें से कोई रेखा निश्चित रूप से आपके राज्य को स्पर्श करते हुए निकलेगी। जो रेखा उत्तर-दक्षिण दिशा में आपके राज्य को स्पर्श करे उसका मूल्य (अंश) ज्ञात कर लें। इसी प्रकार जो रेखा पूर्व-पश्चिम दिशा में आपके राज्य को स्पर्श करे उसका मूल्य (अंश) ज्ञात कर लें। यही मूल्य (अंश) आपके राज्य के अक्षांश एवं देशान्तर होंगे।

1. राजस्थान राज्य का अक्षांशीय विस्तार 23°3′ उत्तरी अक्षांश से 30°12′ उत्तरी अक्षांश एवं देशान्तरीय विस्तार 69°30′ पूर्वी देशान्तर से 78°17′ पूर्वी देशान्तर तक है।

2. मध्य प्रदेश का अक्षांशीय विस्तार 21°6 उत्तरी अक्षांश से 26°30′ उत्तरी अक्षांश एवं देशान्तरीय विस्तार 74° पूर्वी देशान्तर से 81°48′ पूर्वी देशान्तर तक है।

3. बिहार राज्य का अक्षांशीय विस्तार 21°28′ उत्तरी अक्षांश से 26°30 उत्तरी अक्षांश एवं देशान्तरीय विस्तार 80°15′ पूर्वी देशान्तर से 7817′ पूर्वी देशान्तर तक है।

4. छत्तीसगढ़ राज्य का अक्षांशीय विस्तार 17°46′ से 24°6′ उत्तरी अक्षांश से एवं देशान्तरीय विस्तार 80°15′ पूर्वी देशान्तर से 7817′ पूर्वी देशान्तर तक है।

5. उत्तराखण्ड राज्य का अक्षांशीय विस्तार 28°43′ से 31°27′ उत्तरी अक्षांश एवं देशान्तरीय विस्तार 69°30′ पूर्वी देशान्तर से 78°17′ पूर्वी देशान्तर तक है।

6. झारखण्ड राज्य का अक्षांशीय विस्तार 23°3′ उत्तरी अक्षांश से 30°12′ उत्तरी अक्षांश एवं देशान्तरीय विस्तार 69°30′ पूर्वी देशान्तर से 78°17′ पूर्वी देशान्तर तक है।

7. हरियाणा राज्य का अक्षांशीय विस्तार 23°3′ उत्तरी अक्षांश से 30°12′ उत्तरी अक्षांश एवं देशान्तरीय विस्तार 69°30′ पूर्वी देशान्तर से 78°17′ पूर्वी देशान्तर तक है।

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प्रश्न 2.
‘रेशम मार्ग’ के बारे में सूचना एकत्र कीजिए। यह भी ज्ञात कीजिए कि किन नई विकास योजनाओं द्वारा उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में आवागमन के मार्ग विकसित किये गये हैं?
उत्तर:
रेशम मार्ग भारत, चीन, अफगानिस्तान और मध्य एशिया के देशों के मध्य पर्वतीय दरों से होकर जाने वाला प्राचीन मार्ग था। इस मार्ग के द्वारा व्यापारी चीन निर्मित रेशमी कपड़ा, रेशम एवं अन्य सामग्री याकों एवं खच्चरों की सहायता से भारत तथा अन्य देशों को पहुँचाया करते थे।

भारत से गर्म मसाले, रबड़, तम्बाकू, ऊनी वस्त्र, सूती वस्त्र एवं अन्य वस्तुएँ इसी मार्ग से उत्तरी पश्चिमी चीन, पश्चिमी एवं मध्य पूर्वी एशिया के देशों को भेजी जाती थीं। नई विकास योजनाओं द्वारा उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में आवागमन का विकास-प्राचीन काल में उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में मानव के लिए एक-दूसरे से सम्पर्क स्थापित करने में बहुत अधिक बाधाएँ थीं।

वर्तमान समय में नई विकास योजनाओं के माध्यम से पर्वतों को काटकर आवागमन के नये मार्गों को विकसित किया गया है। वायु परिवहन के साधनों का भी तीव्र गति से पर्वतीय क्षेत्रों में विकास होने से दुर्गम क्षेत्रों में भी लोगों को आसानी से पहुँचाया एवं संकटपूर्ण परिस्थितियों में पाल उनको वहाँ से निकाला भी जा सकता है।

आज अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में सड़क मार्गों का जाल बन गया है। कहीं-कहीं रेलमार्गों का भी विकास किया गया है। उच्च पर्वतीय क्षेत्र के लोगों के अधिक विकास हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इस प्रकार नई-नई विकास योजनाओं द्वारा उच्च पर्वतीय क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है।

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