JAC Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज

JAC Board Class 9th Social Science Solutions Civics Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज

JAC Class 9th Civics संस्थाओं का कामकाज InText Questions and Answers

विद्यार्थियों हेतु आवश्यक निर्देश:
पाठ्य-पुस्तक के इस अध्याय में विभिन्न पृष्ठों पर लड़का/लड़की के कार्टून चित्रों के नीचे अथवा ‘खुद करें, खुद सीखें’ शीर्षक से बॉक्स में अथवा कार्टून बूझें, शीर्षक के नीचे अथवा कहाँ पहुँचे? क्या समझे ? शीर्षक से बॉक्स में प्रश्न दिए हुए हैं। इन प्रश्नों के क्रमानुसार उत्तर निम्न प्रकार से हैं

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 62

प्रश्न 1.
ऊपर बतायी गयी बातों के अलावा इन संस्थाओं के बारे में पिछली कक्षाओं की और कौन-सी बातें आपको याद हैं? कक्षा में उस पर चर्चा करें। क्या आप अपनी राज्य सरकार द्वारा लिए गए किसी बड़े फैसले को याद कर सकते हैं? राज्यपाल, मन्त्रिमण्डल, राज्य विधानसभा और न्यायालय किस तरह इस निर्णय में शामिल थे?
उत्तर:
छात्र, इस प्रश्न को अध्यापक की सहायता से स्वयं हल करें।

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प्रश्न 2.
क्या हर सरकारी आदेश एक बड़ा राजनीतिक फैसला होता है? इस सरकारी आदेश में खास बात है।
उत्तर:
नहीं, हर आदेश एक बड़ा राजनीतिक फैसला नहीं होता है। इस सरकारी आदेश में खास बात यह है कि इस आदेश के द्वारा सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों को 27% आरक्षण भारत सरकार की सरकारी प्रशासनिक रिक्तियों में प्रदान किया गया। जिससे समाज के कुछ वर्गों को लाभ होगा तथा कुछ को मौके कम मिलेंगे।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 63

प्रश्न 3.
सन् 1990-91 में आरक्षण पर बहस का मुद्दा इतना महत्वपूर्ण था कि विज्ञापनकर्ताओं ने अपने उत्पाद को बेचने के लिए इस विषय का उपयोग किया। क्या आप अमूल के इन होर्डिंग में राजनीतिक घटनाओं और बहसों की ओर कोई इशारा ढूँढ़ सकते हैं ?
उत्तर:
अमूल के इन होर्डिंग में आरक्षण विरोधी उपद्रवों का हवाला है, जिनमें सैकड़ों विद्यार्थियों की जाने गईं और कई लोगों ने आत्मदाह की कोशिश की। आरक्षण को समाप्त किया जाए जैसी बहस प्रारम्भ हो गई।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 64

प्रश्न 4.
आरक्षण के मामले में किसने क्या किया?
उत्तर:

किसने क्या किया
सर्वोच्च न्यायालय ने – आरक्षण को वैध करार दिया।
कैबिनेट ने – 27 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया।
राष्ट्रपति ने – मण्डल आयोग की सिफारिशों को लागू करने की औपचारिक घोषणा की।
सरकारी अधिकारी ने – आदेश जारी करके घोषणा को लागू किया।


पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 65

प्रश्न 5.
आपके स्कूल को चलाने के लिए कौन-सी संस्थाएँ काम करती हैं? क्या यह अच्छा होता कि स्कूल के कामकाज के बारे में सिर्फ एक व्यक्ति सभी फैसले लेता?
उत्तर:
विद्यालय की प्रबन्धन समिति, शिक्षक और अभिभावक संघ जैसी संस्थाएँ हमारे विद्यालय को ठीक से चलाने के लिए कार्य करती हैं। कोई एक व्यक्ति सभी विषयों में सही निर्णय नहीं ले सकता है। बड़े निर्णयों के सम्बन्ध में विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों, अध्यापक एवं अभिभावक संगठन के सदस्यों के बीच आपसी चर्चा होनी चाहिए।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 66

प्रश्न 6.
जब हमें मालूम है कि जिस पार्टी की सरकार है उसके विचार ही प्रभावी होंगे तो संसद में इतनी बहस और चर्चा करने का क्या मतलब है?
उत्तर:
संसद में इतनी बहस और चर्चा की आवश्यकता है क्योंकि बहस और चर्चा के समय विषयों से जुड़े हुए कई सकारात्मक तथा नकारात्मक बिन्दुओं को उठाया जाता है। इसके बाद ही निर्णय लिया जाता है। इसके अतिरिक्त इससे लोगों को उस विषय से सम्बन्धित जानकारी मिलती है जिस पर फैसला लिया जाना होता है और आम जनता को भी अपने विचार अथवा आपत्तियाँ सत्ताधारी पार्टी को पहुँचाने का मौका मिलता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 67

प्रश्न 7.
संसद सत्र के दौरान दूरदर्शन पर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाहियों पर रोजाना एक विशेष कार्यक्रम आता है। कार्यवाहियों को देखकर या अखबारों में उसके बारे में पढ़कर निम्नलिखित चीजों की सूची बनाएँ।
(क) संसद के दोनों सदनों के अधिकार
(ख) अध्यक्ष की भूमिका
(ग) विपक्ष की भूमिका।
उत्तर:
(क) संसद के दोनों सदनों के अधिकार-द्वितीय सदन अर्थात् लोकसभा के सदस्यों का चुनाव सीधे जनता द्वारा किया जाता है और यह सदन जनता की ओर से वास्तविक अधिकारों का उपयोग करता है। प्रथम सदन अर्थात् राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है तथा यह विभिन्न राज्यों तथा संघीय क्षेत्रों के हितों का ध्यान रखता है।

(ख) अध्यक्ष की भूमिका अध्यक्ष सदन में विभिन्न भूमिकाएँ अदा करता है

  1. लोकसभा की कार्यवाही का संचालन करता है।
  2. सदन को अनुशासित रखता है।
  3. सदन को सम्बोधित याचिकाएँ तथा अन्य कागजात प्राप्त करने के अतिरिक्त अन्य प्रशासनिक कार्य भी करता
  4. संसदीय समितियों की देखभाल करता है।
  5. दल-बदल विरोधी कानून के अन्तर्गत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करता है।
  6. सदन में किसी प्रस्ताव पर मतदान के समय पक्ष तथा विपक्ष के बराबर मत होने की स्थिति में निर्णायक मत देता है।

(ग) विपक्ष की भूमिका-एक लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली में विपक्ष विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं निभाता है

  1. लोगों को शासन हेतु विकल्प उपलब्ध कराता है।
  2. सत्ताधारी दल अथवा लोगों पर नियन्त्रण रखने का कार्य करता है। यह सरकार द्वारा किये जा रहे गलत कार्यों को जनता के सामने रखता है।
  3. यह लोगों को सरकार के कार्यकलापों के बारे में जानकारी देता है और उन्हें जागरूक बनाता है।
  4. यह एक वैकल्पिक मन्त्रिमण्डल के रूप में सरकार का स्थान लेने के लिए हर समय तैयार रहता है, यदि जनता ऐसा चाहती हो तो।

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प्रश्न 8.
मन्त्री बनने की होड़ नई नहीं है। यह कार्टून 1962 के बाद नेहरू मन्त्रिमण्डल में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों की बेचैनी दर्शाता है। राजनेता मन्त्री बनने के लिए इतने बेचैन क्यों रहते हैं? आप क्या सोचते हैं?
उत्तर:
राजनेता मन्त्री बनने के लिए इतने उत्साहित इसलिए रहते हैं, क्योंकि

  1. जब राजनेता चुनाव के दौरान मतदाताओं से मिलते हैं तो कुछ वायदे करते हैं और इन्हीं वायदों को पूरा करने की इच्छा रखने के कारण वे मन्त्री बनना चाहते हैं।
  2. जब ये राजनेता राजनीति में प्रवेश करते हैं तो उनकी इच्छा होती है कि वे मन्त्री बनें। मंत्री पद के साथ जुड़ी हुई प्रतिष्ठा तथा शक्तियाँ वे प्राप्त करना चाहते हैं।
  3. वे देश की सेवा करना चाहते हैं और लोगों की आवश्यकताओं तथा समस्याओं को अपने तरीके से हल करना चाहते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 71

प्रश्न 9.
केन्द्र और अपनी राज्य सरकार के पाँच कैबिनेट मन्त्रियों और उनके मन्त्रालयों के नाम लिखें।
उत्तर:
विद्यार्थी इस प्रश्न को अपने शिक्षकों की सहायता से स्वयं हल करें।

प्रश्न 10.
अपने शहर के नगर निगम/पालिका प्रमुख या अपने जिले के जिला परिषद् के अध्यक्ष से मिलें और उनसे पूछे कि वे अपने शहर या जिले का प्रशासन किस तरह चलाते हैं?
उत्तर:
छात्र, इस प्रश्न को अध्यापक की सहायता से स्वयं हल करें।

प्रश्न 11.
इस कार्टून में अपनी लोकप्रियता के उफान वाले 1970 के दशक के शुरुआती दिनों में इन्दिरा गाँधी को कैबिनेट की बैठक करते दिखाया गया है। क्या आपको लगता है कि उनके बाद बने किसी प्रधानमन्त्री को इसी आकार या रूप में दिखाते हुए कार्टून बनाया जा सकता है?
उत्तर:
हाँ, क्यों नहीं? जो भी प्रधानमन्त्री अच्छे व्यक्तित्व अथवा कृतित्व वाला होगा उसी का कार्टून बनाया जा सकता है। नोट-विद्यार्थी इस कार्टून को पाठ्य-पुस्तक के इसी अध्याय के ‘कार्टून बूझें’ शीर्षक के अन्तर्गत पृष्ठ सं. 71 पर देखें।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 72

प्रश्न 12.
प्रधानमन्त्री और राष्ट्रपति के लिए हमेशा पुल्लिग का इस्तेमाल क्यों होता है?
उत्तर:
प्रधानमन्त्री और राष्ट्रपति के लिए हमेशा पुल्लिग का इस्तेमाल इसलिए होता है क्योंकि हमारा समाज पुरुष प्रधान है, लेकिन यहाँ प्रधानमन्त्री या राष्ट्रपति स्त्री या पुरुष कोई भी हो सकता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 73

प्रश्न 13.
लोकतन्त्र के लिए कैसा प्रधानमन्त्री होता है? ऐसा जो केवल अपनी मर्जी से काम करता है या ऐसा जो दूसरी पार्टियों और व्यक्तियों से भी सलाह लेता है?
उत्तर:
किसी लोकतन्त्र के लिए यह आवश्यक है कि उसका प्रधानमन्त्री कोई भी फैसला अन्य पार्टियों एवं अन्य नेताओं से सलाह करके ही ले।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 74

प्रश्न 14.
इलियम्मा, अन्नाकुट्टी और मेरीमॉल राष्ट्रपति के विषय वाले हिस्से को पढ़ती हैं। वे तीनों एक-एक सवाल का जवाब जानना चाहती हैं। क्या आप उन्हें उनके सवालों के जवाब दे सकते हैं? इलियम्मा-अगर राष्ट्रपति और प्रधानमन्त्री किसी नीति पर असहमत हों तो क्या होगा? क्या प्रधानमन्त्री का विचार हमेशा प्रभावी होगा?
उत्तर:

  1. किसी नीति को लेकर राष्ट्रपति तथा प्रधानमन्त्री के बीच सहमति न होने की स्थिति में प्रधानमन्त्री का विचार ही हमेशा प्रभावशाली होगा, लेकिन उसे इस पर बहुमत का समर्थन प्राप्त होना चाहिए।
  2.  यदि प्रधानमन्त्री संसद में बहुमत का समर्थन खो देता है तो ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति अपने विवेक से फैसला लेने के लिए स्वतन्त्र है। राष्ट्रपति चाहे तो सरकार को बर्खास्त भी कर सकता है।

1. अन्नाकुट्टी: मुझे यह बेतुका लगता है कि सशस्त्र बलों का सुप्रीम कमाण्डर राष्ट्रपति हो।वह तो एक भारी बंदूक भी नहीं उठा सकता। उसे कमाण्डर बनाने में क्या तुक है ?
उत्तर:
राष्ट्रपति के पास हथियार की नहीं कलम की ताकत होती है जिससे वह आदेश देता है, जबकि सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के पास हथियार हैं, जिनकी सहायता से वे आदेश का पालन करते हैं। हथियार में कलम से कम ताकत होती है। राष्ट्रपति को सुरक्षा से सम्बन्धित अधिकांश जानकारी मन्त्री परिषद् के द्वारा प्राप्त हो जाती है। अतः राष्ट्रपति को सेना का कमाण्डर बनाना उचित ही है। इससे सेना पर जनता का अप्रत्यक्ष रूप से नियन्त्रण होता है।

2. मेरीमॉल: मेरा सवाल यह है कि अगर असली अधिकार प्रधानमन्त्री के पास ही हैं तो राष्ट्रपति की जरूरत ही क्या है?
उत्तर:
राष्ट्रपति देश की सर्वोच्च शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। कई बार गम्भीर परिस्थितियों में राष्ट्रपति द्वारा स्वयं ही वास्तविक शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रहित में फैसला लिया जाता है। आवश्यकता पड़ने पर वह अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकता है, जैसे-जब कोई प्रधानमन्त्री संसद में अपना बहुमत खो देता है तो कार्यपालिका की वास्तविक शक्तियों का प्रयोग राष्ट्रपति द्वारा ही किया जाता है। ऐसी स्थिति में इस पद के नहीं होने से देश में अराजकता फैलने की सम्भावना पैदा हो सकती है।

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प्रश्न 15.
उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के किसी बड़े फैसले से जुड़ी खबरों पर गौर करें। मूल फैसला क्या था? क्या अदालत ने उसमें बदलाव कर दिया? इसका कारण क्या दिया गया?
उत्तर:
छात्र, इस प्रश्न को अध्यापक की सहायता से स्वयं हल करें।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 75

प्रश्न 16.
संयुक्त राज्य अमेरिका में न्यायाधीशों को उनके राजनीतिक विचार और दलीय जुड़ाव के आधार पर नियुक्त करना एक आम बात है। यह काल्पनिक विज्ञापन वहाँ सन् 2005 में एक कार्टून के रूप में छपा। उस समय राष्ट्रपति बुश अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय में मनोनयन के लिए विभिन्न उम्मीदवारों के नाम पर विचार कर रहे
1. यह कार्टून न्यायालय की स्वतन्त्रता के बारे में क्या कहता है?
उत्तर:
दिया गया कार्टून यह प्रदर्शित करता है कि अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति में उनके राजनीतिक विचार तथा पार्टी के प्रति उनकी सोच को आधार बनाया जाता है। यदि कोई न्यायाधीश राष्ट्रपति से जुड़ा हुआ है, चाहे उसके पास अपेक्षित योग्यता एवं अनुभव हो या न हो, उसे न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। अतः यह कहा जा सकता है कि अमेरिका में न्यायपालिका निष्पक्ष रूप से कार्य नहीं करती।

2. हमारे देश में इस तरह के कार्टून क्यों नहीं छपते?
उत्तर:
हमारे देश में इस तरह के कार्टून नहीं छपते, क्योंकि भारतीय न्यायपालिका, दुनिया की सर्वाधिक स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिकाओं में से एक है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय आदि के न्यायाधीश कभी भी सत्तासीन या अन्य राजनीतिक पार्टियों की प्रशंसा में अथवा प्रधानमन्त्री या राष्ट्रपति की प्रशंसा में एक शब्द भी नहीं बोलते हैं। उन्हें राजनीतिक विचारधाराओं से कोई मतलब नहीं होता है।

3. क्या यह हमारी न्यायपालिका की स्वतन्त्रता को दर्शाता है?
उत्तर:
हाँ, यह हमारी स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका को दर्शाता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 76

प्रश्न 17.
निम्नलिखित सन्दर्भो में एक कारण देकर समझाएँ कि भारतीय न्यायपालिका किस तरह स्वतन्त्र है
1. न्यायाधीशों की नियुक्ति
2. न्यायाधीशों को पद से हटाना
3. न्यायपालिका के अधिकार।
उत्तर:
1. न्यायाधीशों की नियुक्ति:
सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा प्रधानमन्त्री की सलाह पर, राष्ट्रपति करता है। मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय का वरिष्ठतम न्यायाधीश होता है। वरिष्ठता तथा योग्यता ही न्यायाधीशों की नियुक्ति के मुख्य आधार होते हैं और इसी आधार पर न्यायाधीश को चुना जाता है।

2. न्यायाधीशों को पद से हटाना:
एक बार किसी व्यक्ति को सर्वोच्च या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति हो जाने पर उसे अपने पद से हटाना आसान नहीं है।
किसी न्यायाधीश को संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव पारित करके ही हटाया जा सकता है, अन्यथा नहीं।

3. न्यायपालिका:
के अधिकार सर्वोच्च न्यायालय विधायिका द्वारा पारित किसी भी विधेयक को असंवैधानिक घोषित कर सकती है यदि वह संविधान के किसी उपबन्ध या मूल भावना के विपरीत हो। न्यायपालिका अपने सामने लाये जाने पर कार्यपालिका की किसी कार्यवाही की उसकी संवैधानिकता के सम्बन्ध में जाँच कर सकती है।

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प्रश्न 1.
अगर आपको भारत का राष्ट्रपति चुना जाए तो आप निम्नलिखित में से कौन-सा फैसला खुद कर सकते हैं
(क) अपनी पसन्द के व्यक्ति को प्रधानमन्त्री चुन सकते हैं।
(ख) लोकसभा में बहुमत वाले प्रधानमन्त्री को उसके पद से हटा सकते हैं।
(ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनर्विचार के लिए कह सकते हैं।
(घ) मन्त्रिपरिषद् में अपनी पसन्द के नेताओं का चयन कर सकते हैं।
उत्तर:
(ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनर्विचार के लिए कह सकते हैं।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित में कौन राजनीतिक कार्यपालिका का हिस्सा होता है
(क) जिलाधीश
(ख) गृह मन्त्रालय का सचिव
(ग) गृह मन्त्री
(घ) पुलिस महानिदेशक।
उत्तर:
(ग) गृह मन्त्री।

प्रश्न 3.
न्यायपालिका के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा बयान गलत है
(क) संसद द्वारा पारित कानून को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की जरूरत होती है।
(ख) अगर कोई कानून संविधान की भावना के खिलाफ है तो न्यायपालिका उसे अमान्य घोषित कर सकती है।
(ग) न्यायपालिका कार्यपालिका से स्वतन्त्र होती है।
(घ) अगर किसी नागरिक के अधिकारों का हनन होता है तो वह अदालत में जा सकता है।
उत्तर:
(क) संसद द्वारा पारित कानून को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की जरूरत होती है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित राजनीतिक संस्थाओं में से कौन-सी संस्था देश के मौजूदा कानून में संशोधन कर सकती
(क) सर्वोच्च न्यायालय
(ख) राष्ट्रपति
(ग) प्रधानमन्त्री
(घ) संसद।
उत्तर:
(घ) संसद।

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प्रश्न 5.
उस मन्त्रालय की पहचान करें जिसने निम्नलिखित समाचार जारी किया होगा

(क) देश से जूट का निर्यात बढ़ाने के लिए एक नई 1. रक्षा मन्त्रालय। नीति बनाई जा रही है।
(ख) ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सेवाएँ सुलभ 2. कृषि, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण करायी जाएंगी। मन्त्रालय।
(ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले चावल और गेहूँ की कीमतें कम की 3. स्वास्थ्य मन्त्रालय।
(घ) जाएँगी। 4. वाणिज्य और उद्योग मन्त्रालय।
(ङ) पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा। ऊँची पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों के भत्ते बढ़ाए जाएंगे। 5. संचार और सूचना-प्रौद्योगिकी मन्त्रालय।

उत्तर:

(क) देश से जूट का निर्यात बढ़ाने के लिए एक नई 4. वाणिज्य और उद्योग मन्त्रालय।
(ख) ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सेवाएँ सुलभ 5. संचार और सूचना-प्रौद्योगिकी मन्त्रालय।
(ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले चावल और गेहूँ की कीमतें कम की 2. कृषि, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण करायी जाएंगी। मन्त्रालय।
(घ) जाएँगी। 3. स्वास्थ्य मन्त्रालय।
(ङ) पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा। ऊँची पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों के भत्ते बढ़ाए जाएंगे। 1. रक्षा मन्त्रालय। नीति बनाई जा रही है।

प्रश्न 6.
देश की विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में से उस राजनीतिक संस्था का नाम बताइए जो निम्नलिखित मामलों में अधिकारों का इस्तेमाल करती है
(क)सड़क, सिंचाई जैसे बुनियादी ढाँचों के विकास और नागरिकों की विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों पर कितना पैसा खर्च किया जाएगा।

(ख) स्टॉक एक्सचेंज को नियमित करने सम्बन्धी कानून बनाने की कमेटी के सुझाव पर विचार-विमर्श करती है।

(ग) दो राज्य सरकारों के बीच कानूनी विवाद पर निर्णय लेती है।

(घ) भूकम्प पीड़ितों की राहत के प्रयासों के बारे में सूचना माँगती है।
उत्तर:
(क) विधायिका (संसद)
(ख) विधायिका (संसद)
(ग) न्यायपालिका (सर्वोच्च न्यायालय)
(घ) स्थायी कार्यपालिका।

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प्रश्न 7.
भारत का प्रधानमन्त्री सीधे जनता द्वारा क्यों नहीं चुना जाता? निम्नलिखित चार जवाबों में सबसे सही को चुनकर अपनी पसन्द के पक्ष में कारण दीजिए
(क) संसदीय लोकतन्त्र में लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी का नेता ही प्रधानमन्त्री बन सकता है।
(ख) लोकसभा, प्रधानमन्त्री और मन्त्रि परिषद का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें हटा सकती है।
(ग) चूँकि प्रधानमन्त्री को राष्ट्रपति नियुक्त करता है लिहाजा उसे जनता द्वारा चुने जाने की जरूरत नहीं है।
(घ) प्रधानमन्त्री के सीधे चुनाव में बहुत ज्यादा खर्च आएगा।
उत्तर:
(क) संसदीय लोकतन्त्र में लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी का नेता ही प्रधानमन्त्री बन सकता है। कारण-भारतीय संविधान में संसदीय लोकतन्त्र की व्यवस्था की गई है जिसमें यह व्यवस्था है कि प्रधानमन्त्री का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से न होकर लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमन्त्री के रूप में मनोनीत किया जायेगा।

प्रश्न 8.
तीन दोस्त एक ऐसी फिल्म देखने गये जिसमें हीरो एक दिन के लिए मुख्यमन्त्री बनता है और राज्य में बहुत से बदलाव लाता है। इमरान ने कहा कि देश को इसी चीज की जरूरत है। रिजवान ने कहा कि इस तरह का, बिना संस्थाओं वाला एक व्यक्ति का राज खतरनाक है।शंकर ने कहा कि यह तो एक कल्पना है। कोई भी मन्त्री एक दिन में कुछ भी नहीं कर सकता। ऐसी फिल्मों के बारे में आपकी क्या राय है?
उत्तर:
यह फिल्म आदर्शवाद तथा वास्तविक स्थिति दोनों ही पर आधारित फिल्म है। फिल्म में दिखाई गई समस्याएँ तो वास्तविक हैं, लेकिन जो हल बताए गये हैं वे आदर्श पर आधारित हैं, किन्तु मुख्यमन्त्री की भूमिका निभा रहे नायक द्वारा किये गये सभी कार्य संस्था की सीमा के अन्तर्गत हैं। मुख्यमन्त्री के रूप में नायक को अव्यावहारिक रूप से कार्य करते हुए दिखाया गया है। लेकिन, यदि ऐसा वास्तव में हो सकता है तो सही है कि इस समय हमारे देश को ऐसे ही नेताओं की आवश्यकता है।

प्रश्न 9.
एक शिक्षिका छात्रों की संसद के आयोजन की तैयारी कर रही थी। उसने दो छात्राओं से अलग-अलग पार्टियों के नेताओं की भूमिका करने को कहा। उसने उन्हें विकल्प भी दिया। यदि वे चाहें तो राज्य सभा में बहुमत प्राप्त दल की नेता हो सकती थीं और अगर चाहें तो लोकसभा के बहुमत प्राप्त दल की। अगर आपको यह विकल्प दिया गया तो आप क्या चुनेंगे और क्यों?
उत्तर:
यदि ऐसा विकल्प मेरे सामने प्रस्तुत किया जाएगा तो मैं लोकसभा के बहुमत प्राप्त दल के नेता के विकल्प को स्वीकार करूँगा क्योंकि लोकसभा, राज्यसभा से अधिक शक्तिशाली है। सभी निर्णय लोकसभा के द्वारा लिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त लोकसभा के सदस्यों द्वारा ही अपने सदन के नेता का चुनाव किया जाता है तथा जिस व्यक्ति को बहुमत प्राप्त होता है, उसे प्रधानमन्त्री नियुक्त किया जाता है और उसी की सरकार बनती है।

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प्रश्न 10.
आरक्षण पर आदेश का उदाहरण पढ़कर तीन विद्यार्थियों की न्यायपालिका की भूमिका पर अलग-अलग प्रतिक्रिया थी। इनमें से कौन-सी प्रतिक्रिया, न्यायपालिका की भूमिका को सही तरह से समझती है?
(क) श्रीनिवास का तर्क है कि सर्वोच्च न्यायालय सरकार के साथ सहमत हो गई है लिहाजा वह स्वतन्त्र नहीं

(ख) अंजैया का कहना है कि न्यायपालिका स्वतन्त्र है क्योंकि वह सरकार के आदेश के खिलाफ फैसला सुना सकती थी। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को उसमें संशोधन का निर्देश दिया।

(ग) विजया का मानना है कि न्यायपालिका न तो स्वतन्त्र है न ही किसी के अनुसार चलने वाली है, बल्कि वह विरोधी समूहों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाती है। न्यायालय ने इस आदेश के समर्थकों और विरोधियों के बीच बढ़िया सन्तुलन बनाया। आपकी राय में कौन-सा विचार सबसे सही है ?
उत्तर:
इन तीनों प्रतिक्रियाओं में से अंजैया (ख) का विचार न्यायपालिका की भूमिका को सही रूप में प्रकट करता है। क्योंकि देश का सर्वोच्च न्यायालय सरकार के निर्णय को भी रद्द कर सकता है अथवा उसे बदलने का आदेश भी दे सकता है। आइए, अखबार पढ़ें इस अध्याय में हमने देश की चार विभिन्न संस्थाओं के बारे में चर्चा की।

आप कम-से-कम एक हफ्ते के समाचारों को इकट्ठा करके उन्हें चार समूहों में वर्गीकृत कीजिएविधायिका की कार्यशैली। राजनीतिक कार्यपालिका की कार्यशैली। नौकरशाही की कार्यशैली। न्यायपालिका की कार्यशैली। उत्तर-छात्र, इस प्रश्न को अध्यापक की सहायता से स्वयं हल करें।

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