JAC Class 10 Sanskrit Solutions Shemushi Bhag 2 Jharkhand Board

JAC Jharkhand Board Class 10th Sanskrit Solutions शेमुषी भाग 2

JAC Class 10 Sanskrit अपठित-अवबोधनम्

JAC Class 10 Sanskrit अनुप्रयुक्त-व्याकरणम्

JAC Class 10 Sanskrit रचनात्मक कार्यम्

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Shemushi Chapter 8 विचित्रः साक्षी

Jharkhand Board JAC Class 10 Sanskrit Solutions Shemushi Chapter 8 विचित्रः साक्षी Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10th Sanskrit Solutions Shemushi Chapter 8 विचित्रः साक्षी

JAC Class 10th Sanskrit विचित्रः साक्षी Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरं लिखत। (एक शब्द में उत्तर लिखिये)
(क) कीदृशे प्रदेशे पदयात्रा न सुखावहा?
(कैसे प्रदेश में पदयात्रा सुखद नहीं होती?)
(ख) अतिथिः केन प्रबुद्धः?
(अतिथि किससे जाग गया?)
(ग) कृशकायः कः आसीत्?
(कृशकाय कौन था?)
(घ) न्यायाधीश: कस्मै कारागार दण्डम् आदिष्टवान् ?
(न्यायाधीश ने किसके लिये कारागार दण्ड का आदेश दिया)
(ङ) कं निकषा मृत शरीरेण आसीत्?
(किसके निकट मृत शरीर था?)
उत्तराणि :
(क)विजने प्रदेश
(ख) चौरस्य पादध्वनिना
(ग) अभियुक्तः
(घ) आरक्षिणे
(ङ) राजमार्गम्।

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प्रश्न 2.
अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत –
(निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संस्कृत भाषा में लिखिए)
(क) निर्धनः जनः कथं वित्तम् उपार्जितवान् ?
(निर्धन व्यक्ति ने कैसे धन कमाया?)
उत्तरम् :
निर्धनः जनः भूरि परिश्रम्य वित्तम् उपार्जितवान्।
(निर्धन व्यक्ति ने पर्याप्त परिश्रम करके धन अर्जित किया।)

(ख) जनः किमर्थं पदातिः गच्छति ?
(व्यक्ति किसलिए पैदल चलता है ?)
उत्तरम् :
जनः परमर्थकार्येन पीडितः बसयानं विहाय पदातिरेव गच्छति।
(व्यक्ति अत्यधिक.धनाभाव से पीड़ित हुआ बस को छोड़कर पैदल ही जाता है।)

(ग) प्रसते निशान्धकारे सः किम अचिन्तयत?
(रात का अँधेरा फैल जाने पर उसने क्या सोचा ?)
उत्तरम् :
सोऽचिन्तयत् यत् निशान्धकारे प्रसृते विजने प्रदेशे पदयात्रा न शुभावहा।
(उसने सोचा कि रात्रि का अन्धकार फैल जाने पर निर्जन प्रदेश में पैदल यात्रा कल्याणकारी नहीं होती।)

(घ) वस्तुतः चौरः कः आसीत् ?
(वास्तव में चोर कौन था ?)
उत्तरम् :
वस्तुतः चौरः आरक्षी आसीत्।
(वास्तव में चोर चौकीदार था।)

(ङ) जनस्य क्रन्दनं निशम्य आरक्षी किमुक्तवान् ?
(व्यक्ति के रुदन को सुनकर चौकीदार ने क्या कहा?)
उत्तरम् :
‘रे दुष्ट! तस्मिन् दिने त्वयाऽहम् चोरितायाः मञ्जूषायाः ग्रहणात् वारितः। इदानीं निज कृत्यस्य फलं भुव। अस्मिन् चौर्याभियोगे त्वं वर्षत्रयस्य कारादण्डं लप्स्यसे।’
(‘अरे दुष्ट! उस दिन तूने मुझे चुराई गई पेटी ले जाने से रोका था। अब अपने किये हुए का फल भोग। इस चोरी के आरोप में तीन वर्ष का कारावास भोगेगा।’)

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(च) मतिवैभवशालिनः दुष्कराणि कार्याणि कथं साधयन्ति ?
(बुद्धिमान् लोग कठिन कार्यों को कैसे साधते हैं ?)
उत्तरम् :
मतिवैभवशालिनः दुष्कराणि कार्याणि नीतिं युक्तिं समालम्ब्य लीलयैव साधयन्ति।
(बुद्धिमान् लोग कठोर कर्मों को भी नीति और युक्ति का सहारा लेकर खेल ही खेल में साध लेते हैं।)

प्रश्न 3.
रेखांकितपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत –
(रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्न-निर्माण कीजिए -)
(क) पुत्रं द्रष्टुं सः प्रस्थितः।
(पुत्र को देखने के लिए वह प्रस्थान कर गया।)
उत्तरम् :
कं द्रष्टुं सः प्रस्थितः ?
(किसको देखने के लिए वह प्रस्थान कर गया ?)

(ख) करुणापरो गृही तस्मै आश्रयं प्रायच्छत्।
(दया गृहस्वामी ने उसके लिए आश्रय प्रदान किया।)
उत्तरम् :
करुणापरो गृही कस्मै आश्रयं प्रायच्छत् ?
(दया गृहस्वामी ने किसके लिए आश्रय प्रदान किया ?)

(ग) चौरस्य पादध्वनिना अतिथिः प्रबुद्धः।
(चोर की पदचाप से अतिथि जागा।)
उत्तरम् :
कस्य पादध्वनिना अतिथिः प्रबुद्धः ?
(किसके पदचाप से अतिथि जागा ?)

(घ) न्यायाधीश: बंकिमचन्द्रः आसीत्।
(न्यायाधीश बंकिमचन्द्र था।)
उत्तरम् :
न्यायाधीशः कः आसीत् ?
(न्यायाधीश कौन था ?)

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(ङ) सः भारवेदनया क्रन्दति स्म।
(वह वजन की पीड़ा से रोने लगा।)
उत्तरम् :
सः कया क्रन्दति स्म ?
(वह किससे रोने लगा ?)

(च) उभौ शवं चत्वरे स्थापितवन्तौ।
(दोनों ने शव चौराहे पर रख दिया।)
उत्तरम् :
उभौ शवं कुत्र स्थापितवन्तौ ?
(दोनों ने शव कहाँ रख दिया ?)

प्रश्न 4.
यथानिर्देशमुत्तरत –
(निर्देशानुसार उत्तर दीजिए)
(क) आदेशं प्राप्य उभौ अचलताम्’ अत्र किं कर्तृपदम्?
(यहाँ कर्तृपद क्या है?)
उत्तरम् :
उभौ (दोनों)।

(ख) एतेन आरक्षिणा अध्वनि यदुक्तं तदवर्णयामि? अत्र ‘मार्गे’ इत्यर्थे किं पदं प्रयुक्तम्?
उत्तरम् :
अध्वनि (मार्ग में)।

(ग) ‘करुणापरो गृही तस्मै आश्रय प्रायच्छत्’ अत्र ‘तस्मै ‘ इति सर्वनाम पदं कस्मै प्रयुक्तम्?
(यहाँ ‘तस्मै’ सर्वनाम किसके लिये प्रयोग किया गया है? यहाँ ‘मार्गे ‘अर्थ में किस पद का प्रयोग किया गया है?)
उत्तरम् :
अतिथये (अतिथि के लिए)।

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(घ) ‘ततोऽसौ तौ अग्रिमे दिने उपस्थातुम् आदिष्टवान्’ अस्मिन् वाक्ये किं क्रियापदम्?
(इस वाक्य में क्रियापद क्या है?)
उत्तरम् :
आदिष्टवान् (आदेश दिया)।

(ङ) ‘दुष्कराण्यपि कर्माणि मतिवैभवशालिना?’ अत्र विशेष्य पदं किम्? (यहाँ विशेष्य पद क्या है?)
उत्तरम् :
कर्माणि (कर्म विशेष्य है)।

प्रश्न 5.
सन्धि/सन्धिविच्छेदं च कुरुत (सन्धि/सन्धि-विच्छेद कीजिए) –
(क) पदातिरेव = ………….. + ……………
(ख) निशान्धकारे = …………. + …………
(ग) अभि + आगतम् = ……………………
(घ) भोजन + अन्ते = ………………………
(ङ) चौरोऽयम् = …………….. + …………
(च) गृह + अभ्यन्तरे = ………………….
(छ) लीलयैव = ………….. + ………..
(ज) यदुक्तम् = ………….. + ………..
(झ) प्रबुद्धः + अतिथिः = …………………।
उत्तरम् :
(क) पदातिरेव = पदातिः + एव
(ख) निशान्धकारे = निशा + अन्धकारे
(ग) अभि + आगतम् = अभ्यागतम्
(घ) भोजन + अन्ते = भोजनान्ते
(ङ) चौरोऽयम् = चौरः + अयम्
(च) गृह + अभ्यन्तरे = गृहाभ्यन्तरे
(छ) लीलयैव = लीलया + एव
(ज) यदुक्तम् = यत् + उक्तम्
(झ) प्रबुद्धः + अतिथिः = प्रबुद्धोऽतिथिः।

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प्रश्न 6.
अधोलिखितानि पदानि भिन्न-भिन्नप्रत्ययान्तानि सन्ति। तानि पृथक् कृत्वा निर्दिष्टानां प्रत्ययानामधः लिखत –
(निम्नलिखित पद भिन्न-भिन्न प्रत्ययान्त हैं, उन्हें अलग-अलग करके निर्दिष्ट प्रत्ययों के नीचे लिखिए-)
[परिश्रम्य, उपार्जितवान्, दापयितुम्, प्रस्थितः, द्रष्टुम्, विहाय, पृष्टवान्, प्रविष्टः, आदाय, क्रोशितुम्, नियुक्तः, नीतवान्, निर्णेतुम्, आदिष्टवान्, समागत्य, मुदितः।]
उत्तरम् :
JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 8 विचित्रः साक्षी 1

प्रश्न 7.
(अ) अधोलिखितानि वाक्यानि बहुवचने परिवर्तयत –
(निम्नलिखित वाक्यों को बहुवचन में बदलिए)
(क) स बसयानं विहाय पदातिरेव गन्तुं निश्चयं कृतवान्।
(उसने बस छोड़कर पैदल ही जाने का निश्चय किया।)
उत्तरम् :
ते बसयानं विहाय पदातिरेव गन्तुं निश्चयं कृतवन्तः।
(उन्होंने बस छोड़कर पैदल ही जाने का निश्चय किया।)

(ख) चौरः ग्रामे नियुक्तः राजपुरुषः आसीत्।
(चोर गाँव में नियुक्त राजपुरुष था।)
उत्तरम् :
चौरा: ग्रामे नियुक्ताः राजपुरुषाः आसन्।
(चोर ग्राम में नियुक्त सिपाही थे।)

(ग) कश्चन चौरः गृहाभ्यन्तरं प्रविष्टः।
(कोई चोर घर के अन्दर घुस गया।)
उत्तरम् :
केचन चौराः गृहाभ्यन्तरं प्रविष्टाः।
(कुछ चोर घर के अन्दर घुस गए।)

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(घ) अन्येयुः तौ न्यायालये स्व-स्व-पक्षं स्थापितवन्तौ।
(दूसरे दिन उन दोनों ने न्यायालय में अपने-अपने पक्ष को रखा।)
उत्तरम् :
अन्येयुः ते न्यायालये स्व-स्व-पक्षं स्थापितवन्तः।
(दूसरे दिन उन्होंने न्यायालय में अपने-अपने पक्ष को रखा।)

(आ) कोष्ठकेषु दत्तेषु पदेषु यथानिर्दिष्टां विभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत –
(कोष्ठक में दिए गए पदों में निर्देशानुसार विभक्ति का प्रयोग करके रिक्तस्थानों की पूर्ति कीजिए)

(क) सः …………. निष्क्रम्य बहिरगच्छत्। (गृहंशब्दे पंचमी)
(ख) गृहस्थः ……… आश्रयं प्रायच्छत्। (अतिथिशब्दे चतुर्थी)
(ग) तौ …………… प्रति प्रस्थितौ। (न्यायाधीशशब्दे द्वितीया)
(घ) ……………. चायाभियाग त्व वषत्रयस्य कारादण्ड लस्यय। (इदम् शब्दे सप्तमी)
चौरस्य ……………… प्रबुद्धः अतिथिः। (पादध्वनि शब्दे तृतीया)
उत्तरम् :
(क) सः गृहात् निष्क्रम्य बहिरगच्छत्।
(वह घर से निकलकर बाहर आ गया।)

(ख) गृहस्थः अतिथये आश्रयं प्रायच्छत्।
(गृहस्थ ने अतिथि के लिए सहारा दे दिया।)

(ग) तौ न्यायाधीशं प्रति प्रस्थितौ।
(वे दोनों न्यायाधीश की ओर प्रस्थान कर गए।)

(घ) अस्मिन् चौर्याभियोगे त्वं वर्षत्रयस्य कारादण्डं लप्स्यसे।
(इस चोरी के आरोप में तुम तीन वर्ष के कारावास का दण्ड भोगोगे।

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(ङ) चौरस्य पादध्वनिना प्रबुद्धः अतिथिः।
(चौर के पैरों की ध्वनि से जागा हुआ अतिथि।)

भाषिकविस्तार:

उपार्जितवान् – उप +। ✓अर्ज + तवतु
दापयितुम् – ✓दा + णिच् + तुमुन्

अदस् (यह) पुँल्लिग सर्वनाम शब्द

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अध्वन् (मार्ग) नकारान्त पुंल्लिङ्ग

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JAC Class 10th Sanskrit विचित्रः साक्षी Important Questions and Answers

शब्दार्थ चयनम् –

अधोलिखित वाक्येषु रेखांकित पदानां प्रसङ्गानुकूलम् उचितार्थ चित्वा लिखत – 

प्रश्न 1.
कश्चन निर्धनो जनः भूरि परिश्रम्य किञ्चिद् वित्तमुपार्जितवान्।
(अ) महत्
(ब) निर्धनः
(स) किञ्चित्
(द) स्वपुत्रम्
चतुर्थी
उत्तरम् :
(अ) महत्

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प्रश्न 2.
विजने प्रदेशे पदयात्रा न शुभावहा।
(अ) प्रवेशं
(ब) निर्जने
(स) तत्रैव
(द) निवसन्
उत्तरम् :
(ब) निर्जने

प्रश्न 3.
रात्रौ तस्मिन् गृहे कश्चन चौरः गृहाभ्यन्तरं प्रविष्ट:
(अ) तस्यामेव
(ब) निहिता
(स) भवने
(द) पलायितः
उत्तरम् :
(स) भवने

प्रश्न 4.
यद्यपि ग्रामस्य आरक्षी एव चौर आसीत्
(अ) ध्वनिना
(ब) धावत्
(स) आरभत
(द) रक्षापुरुषः
उत्तरम् :
(द) रक्षापुरुषः

प्रश्न 5.
अग्रिमे दिने स आरक्षी चौर्याभियोगे तं न्यायालयं नीतवान्।
(अ) अमुम्
(ब) अन्येधुः
(स) लयम्
(द) श्रुतवान्
उत्तरम् :
(अ) अमुम्

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प्रश्न 6.
तस्य मृतशरीरं राजमार्ग निकषा वर्तते –
(अ) वृत्तमवगल्य
(ब) समया
(स) उपस्थातुम्
(द) समागत्य
उत्तरम् :
(ब) समया

प्रश्न 7.
आदेशं प्राप्य उभौ प्राचलताम् –
(अ) चलताम्
(ब) काष्ठपटले
(स) द्वावेव
(द) अभियुक्तश्च
उत्तरम् :
(स) द्वावेव

प्रश्न 8.
इदानीं निजकृत्यस्य फलं भुव –
(अ) आसीत्
(ब) चोरितायाः
(स) चौर्याभियोगे
(द) परिणामम्
उत्तरम् :
(द) परिणामम्

प्रश्न 9.
न्यायाधीशेन पुनस्तौ घटनायाः विषये वक्तुमादिष्टौ –
(अ) कथयितुम्
(ब) प्रस्तुतवति
(स) आश्चर्यमघटत्
(द) मान्यवर
उत्तरम् :
(अ) कथयितुम्

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प्रश्न 10.
न्यायाधीशः आरक्षिणे कारादण्डमादिश्य तं जनं ससम्मानं मुक्तवान् –
(अ) अध्वनि
(ब) अत्यजत्
(स) रक्षिणे
(घ) अपमानं
उत्तरम् :
(ब) अत्यजत्

संस्कृतमाध्यमेन प्रश्नोत्तराणि –

एकपदेन उत्तरत (एक शब्द में उत्तर दीजिए)

प्रश्न 1.
उच्चैः क्रोशितुं कः आरभत ?
(जोर-जोर से कौन चीखने लगा ?)
उत्तरम् :
चौरः (चोर)।

प्रश्न 2.
स्वगृहात् निष्क्रम्य तत्र के आगच्छन् ?
(अपने घर से निकलकर वहाँ कौन आ नये ?)
उत्तरम् :
ग्रामवासिनः (ग्रामवासी)।

प्रश्न 3.
चौरः काम् आदाय पलायितः ?
(चोर किसको लेकर भागा ?)
उत्तरम् :
मञ्जूषाम्। (पेटी को)

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प्रश्न 4.
न्यायाधीशः कं निर्दोषम् अमन्यत ?
(न्यायाधीश ने किसको निर्दोष माना ?)
उत्तरम् :
अतिथिम् (अतिथि को)।

प्रश्न 5.
शवं न्यायालये आनेतुं कः आदिष्टवान् ?
(शव को न्यायालय में लाने का आदेश किसने दिया ?)
उत्तरम् :
न्यायाधीशः (न्याय करने वाले अधिकारी ने)।

प्रश्न 6.
भारवेदनया कः क्रन्दति स्म ?
(भार के कष्ट से कौन चीखा ?)
उत्तरम् :
अभियुक्तः (अपराधी)।

प्रश्न 7.
उच्चैः कः अहसत् ?
(जोर से कौन हँसा ?)
उत्तरम् :
आरक्षी (चौकीदार)।

प्रश्न 8.
तम् अतिथिं ससम्मानं कः मुक्तवान् ?
(उस अतिथि को ससम्मान किसने मुक्त किया ?)
उत्तरम् :
न्यायाधीशः (न्यायाधिकारी ने)।

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प्रश्न 9.
किं समालम्ब्य दुष्कराण्यपि कर्माणि कुर्वते ?
(किसका सहारा लेकर कठिन कार्य भी कर लेते हैं ?)
उत्तरम् :
नीतियुक्तिम् (नीति से पूर्ण)।

प्रश्न 10.
निशान्धकारे प्रसृते कुत्र पदयात्रा न शुभावहा ?
(रात का अँधेरा फैलने पर कहाँ पैदल यात्रा हितकारी नहीं ?)
उत्तरम् :
विजनेप्रदेशे (एकान्त प्रदेश में)।

प्रश्न 11.
भूरिपरिश्रम्य कः किञ्चिद् वित्तमुपार्जितवान् ?
(बहुत परिश्रम करके किसने कुछ धन कमाया ?)
उत्तरम् :
कश्चन निर्धनोजनः (किसी गरीब ने)।

प्रश्न 12.
रात्रौ तस्मिन् गृहे कः प्रविष्टः ?
(रात्रि में उस घर में कौन प्रविष्ट हो गया ?)
उत्तरम् :
चौरः (चोर)।

प्रश्न 13.
चौरस्य पादध्वनिना कः प्रबुद्धः ?
(चोर के पैरों की ध्वनि से कौन जाग गया ?)
उत्तरम् :
अतिथिः (आया हुआ व्यक्ति)।

प्रश्न 14.
चौर्याभियोगे तं न्यायालयं कः नीतवान् ?
(चोरी के मुकदमे में उसको न्यायालय कौन ले गया ?)
उत्तरम् :
आरक्षी (चौकीदार)।

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प्रश्न 15.
न्यायाधीशो नाम किम् आसीत् ?
(न्यायाधीश का नाम क्या था ?)
उत्तरम् :
बंकिमचन्द्रः (बंकिमचन्द्र चटर्जी)।

प्रश्न 16.
आदेशं प्राप्य उभौ किम् अकुरुताम् ?
(आदेश पाकर दोनों ने क्या किया ?)
उत्तरम् :
प्राचलताम् (चल दिए)।

प्रश्न 17.
सुपुष्टदेह कः आसीत् ?
(हष्ट-पुष्ट शरीर वाला कौन था ?)
उत्तरम् :
आरक्षी (चौकीदार)।

प्रश्न 18.
न्यायाधीशेन पुनस्तौ कस्य विषये वक्तुमादिष्टौ?
(न्यायाधीश ने फिर से उन दोनों को किसके विषय में बोलने
का आदेश दिया ?)
उत्तरम् :
घटनायाः (घटना के)।

प्रश्न 19.
न्यायाधीशः कस्मै कारादण्डमादिष्टवान्।
(न्यायाधीश ने किसके लिए कारावास (कैद) के दण्ड का आदेश दिया ?)
उत्तरम् :
आरक्षिणे (चौकीदार के लिए)।
पूर्णवाक्येन उत्तरत (पूरे वाक्य में उत्तर दीजिए)

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प्रश्न 20.
पुत्रं द्रष्टुं कः प्रस्थितः ?
(पुत्र को देखने के लिए किसने प्रस्थान किया ?)
उत्तरम् :
निर्धन: पिता (गरीब पिता ने)।

प्रश्न 21.
कः तस्मै आश्रयं प्रायच्छत् ?
(किसने उसे आश्रय प्रदान किया ?)
उत्तरम् :
करुणापरो गृही तस्मै आश्रयं प्रायच्छत्।
(दयालु गृहस्थ ने उसे सहारा प्रदान किया।)

प्रश्न 22.
पिता कस्मात् व्याकुलोऽजायत ?
(पिता किसलिए व्याकुल हो गया ?)
उत्तरम् :
एकदा पिता तनूजस्य (पुत्रस्य) रुग्णावस्थाम् आकर्ण्य व्याकुलोऽजायत।
(एक दिन पिता पुत्र के बीमार होने की सूचना पाकर व्याकुल हो गया।)

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प्रश्न 23.
सर्ववृत्तम् अवगम्य न्यायाधीशः किम् अमन्यत ?
(सारा वृत्तान्त जानकर न्यायाधीश ने क्या माना ?)
उत्तरम् :
सर्वं वृत्तम् अवगम्य न्यायाधीशः तम् अतिथिं निर्दोषम् अमन्यत आरक्षिणं च दोषभाजनम्।।
(सारा वृत्तान्त जानकर न्यायाधीश ने उस अतिथि को निर्दोष माना और चौकीदार को दोष का पात्र।)

प्रश्न 24.
अभियुक्तस्य कृते किं दुष्करम् आसीत् ?
(अभियुक्त के लिए क्या मुश्किल था ?)
उत्तरम् :
भारवतः शवस्य स्कन्धेन वहनम् अभियुक्तस्य कृते दुष्करम् आसीत्।।
(बोझिल लाश का कन्धे पर ढोना अभियुक्त के लिए मुश्किल था।)

प्रश्न 25.
शवः उत्थाय किमवदत् ?
(लाश ने उठकर क्या कहा ?)
उत्तरम् :
मान्यवर ! एतेन आरक्षिणा अध्वनि यदुक्तं तद् वर्णयामि – ‘त्वया अहं चोरितायाः मञ्जूषायाः ग्रहणात् वारितः, अतः निजकृत्यस्य फलं भुव’। (मान्यवर ! इस चौकीदार ने रास्ते में जो कहा उसका मैं वर्णन करता हूँ- ‘तुमने मुझे चुराई गई पेटी को ले जाने से रोका अतः अपने कृत्य का फल भोगो’।)

प्रश्न 26.
निर्धनजनस्य पुत्रः कुत्र निवसन् अध्ययने संलग्नः समभूत्।
(गरीब का बेटा कहाँ रहकर अध्ययन में लग गया?)
उत्तरम् :
निर्धनजनस्य पुत्रः छात्रावासे निवसन् अध्ययने संलग्नः समभूत्।
(गरीब का बेटा छात्रावास में रहते हुए अध्ययन में लग गया।)

प्रश्न 27.
चौरः उच्चैः क्रोशितुं किम् आरभत?
(चोर ने जोर-जोर से क्या चीखना प्रारंभ किया ?)
उत्तरम् :
चौरः उच्चैः क्रोशितुमारभत् “चौरोऽयं चौरोऽयम्” इति।
(चोर ने जोर से चीखना प्रारंभ किया-यह चोर है, यह चोर है।

प्रश्न 28.
अग्रिमे दिने स आरक्षी किम् अकरोत् ?
(अगले दिन चौकीदार ने क्या किया ?)
उत्तरम् :
अग्रिमे दिने स आरक्षी तं अतिथिं चौर्याभियोगे न्यायालयं नीतवान्।
(अगले दिन वह चौकीदार उस अतिथि को चोरी के मुकदमे में न्यायालय ले गया।)

प्रश्न 29.
आरक्षी अभियुक्तश्च कीदृशौ आस्ताम् ?
(चौकीदार और अभियुक्त कैसे थे ?)
उत्तरम् :
आरक्षी सुपुष्टदेहः आसीत् अभियुक्तश्च अतीव कृषकायः आसीत्।
(चौकीदार हृष्टपुष्ट था और अभियुक्त अत्यन्त दुबला-पतला था।)

प्रश्न 30.
न्यायालये किमाश्चर्यम् अघटत् ?
(न्यायालय में क्या आश्चर्य घटा ?)
उत्तरम् :
सः शवः प्रावारकमपसार्य उतिष्ठत् ?
(वह शव चादर हटाकर उठ खड़ा हुआ।)

अन्वय-लेखनम् –

अधोलिखितश्लोकस्यान्वयमाश्रित्य रिक्तस्थानानि मञ्जूषातः समुचितपदानि चित्वा पूरयत।
(नीचे लिखे श्लोक के अन्वय के आधार पर रिक्तस्थानों की पूर्ति मंजूषा से उचित पद चुनकर कीजिए।)

दुष्कराण्यपि कर्माणि ………………… लीलयैव प्रकुर्वते।।

मञ्जूषा – नीतियुक्तिम्, लीलया दुष्कराणि, अपि।

‘मति वैभवशालिनः (i) ……… समालम्ब्य (ii) ……… कर्माणि (iii) ………. (iv) ……… एव प्रकुर्वते।’ उत्तरम् : (i) नीतियुक्तिम् (ii) दुष्कराणि (ii) अपि (iv) लीलया।

प्रश्ननिर्माणम् –

अधोलिखित वाक्येषु स्थूलपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत –

1. निर्धनः भूरि परिश्रम्य किञ्चिद्वित्तमुपार्जितवान्।
(निर्धन ने बहुत परिश्रम करके कुछ धन उपार्जित किया।)

2. तस्य तनयः छात्रावासे निवसन् अध्ययने संलग्नः समभूत्।
(उसका बेटा छात्रावास में रहता हुआ अध्ययन में लग गया।)

3. व्याकुलो निर्धनः पत्रं द्रष्टुं प्रस्थितः।
(व्याकुल निर्धन पुत्र को देखने प्रस्थान कर गया।)

4. परमर्थकार्येन पीडितः सः बसयानं विहाय पदातिरेव प्राचलत्।
(अत्यधिक आर्थिक कमजोरी से पीड़ित वह बस को छोड़कर पैदल ही चल पड़ा।)

5. सायं समयेऽसौ गन्तव्याद् दूरे आसीत्।
(शाम के समय वह गन्तव्य से दूर था।)

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6. करुणापरो गृही अतिथये आश्रयं प्रायच्छत्।
(दयालु गृहस्वामी ने अतिथि के लिए आश्रय दे दिया।)

7. विचित्रा दैवगतिः।
(भाग्य की गति विचित्र है।)

8. कश्चन चौरः गृहाभ्यन्तरं प्रविष्टः।
(कोई चोर घर के अन्दर घुस गया।)

9. अतिथिमेव चौरं मत्वाऽभर्त्सयन्।
(अतिथि को ही चोर मानकर निन्दा की।)

10. अग्रिमे दिने तौ न्यायालये उपस्थातुम् आदिष्टवान्। – (अगले दिन उन दोनों को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया।)
उत्तराणि :
1. निर्धन: भूरि परिश्रम्य किम् उपार्जितवान् ?
2. तस्य तनयः छात्रावासे निवसन् कस्मिन् संलग्नः समभूत्?
3. व्याकुलो निर्धनः कं द्रष्टुं प्रस्थितः ?
4. केन पीडितः सः बसयानं विहाय पदातिरेव प्राचलत् ?
5. सायं समयेऽसौकस्मात् दूरे आसीत् ?
6. करुणापरो गृही कस्मै आश्रयं प्रायच्छत् ?
7. कीदृशा दैवगतिः ?
8. कश्चन चौरः कुत्र प्रविष्टः ?
9. कम् एव चौरं मत्वाऽभर्स्यन् ?
10. अग्रिमे दिने तौ किं कर्तुम् आदिष्टवान् ?

भावार्थ-लेखनम् –

अधोलिखित पद्यांश संस्कृते भावार्थं लिखत –
दुष्कराण्यपि ………………………… लीलयैव प्रकुर्वते।।

भावार्थ – बुद्धिमन्तः नीत्याः युक्तयाः च आश्रयं गृहीत्वा कष्टकराणि अपि करणीयानि कार्याणि कौतुकेन सुगमतया वा सम्पादयन्ति।

अधोलिखितानां सूक्तीनां भावबोधनं सरलसंस्कृतभाषया लिखत –
(निम्नलिखित सूक्तियों का भावार्थ सरल संस्कृत भाषा में लिखिए-)

(i) निशान्धकारे प्रसृते विजने प्रदेशे पदयात्रा न शुभावहा।
भावार्थः – रात्रिकाले विस्तृते अन्धकारे निर्जने भूभागे मार्गे वा पदयात्रा शोभनीया सुखदा वा न भवति यतः अन्धकारे किमपि अशोभनीयं घटितुं शक्नोति।
(रात के समय विस्तृत अँधेरे में सुनसान प्रदेश में अथवा मार्ग में पैदल यात्रा शोभनीय या सुखद नहीं होती क्योंकि अन्धकार में कुछ भी अशोभनीय घटना घट सकती है।)

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 8 विचित्रः साक्षी

(ii) विचित्रा दैवगतिः।
भावार्थ: – भाग्यस्य गतिः अद्भुत आश्चर्यकरा च भवति। दैवात् अकस्मात् एव शुभमशुभम् वा किमपि घटितुं शक्नोति। (भाग्य की गति अद्भुत और आश्चर्य करने वाली होती है। भाग्यवश अचानक ही शुभ या अशुभ कुछ भी घट सकता है।)

(iii) दुष्कराण्यपि कर्माणि मतिवैभवशालिनः।।
भावार्थ: – बुद्धिमन्तः जनाः नीतिगतां युक्तिम् आश्रित्य दुर्लभकार्याणि अपि सुगमतया सम्पादयन्ति।
(बुद्धिमान् लोग नीतियुक्त तरीके का सहारा लेकर कठिन कार्य को भी सम्पन्न कर सकते हैं।)

पाठ-सार –

प्रश्न – ‘विचित्र साक्षी’ इति पाठस्य सारांशः हिन्दी भाषायां।
उत्तर :
किसी धनहीन मनुष्य ने पर्याप्त मेहनत करके कुछ धन अर्जित किया। इससे वह अपने बेटे को महाविद्यालय में प्रवेश दिलाने के योग्य हो गया। एक दिन वह पिता पुत्र की अस्वस्थता के बारे में सुनकर उद्विग्न हो गया। बेटे को देखने के लिये उसने बस की सवारी छोड़कर पैदल ही चल दिया रात के अंधकार के फैलने पर समीप के गाँव में किसी दयालु गृहस्थ के यहाँ उसने आश्रय लिया। भाग्य की गति अनोखी होती है।

उसी रात उस घर में चोर घुस गया। उस घर में रखी हुई पेटी को लेकर भाग गया। आगन्तुक ने चोर को पकड़ लिया परन्तु वह चोर ही चिल्लाने लगा – “यह चोर है यह चोर है।” इस प्रकार चोर जो कि वहाँ का चौकीदार था, उसने उस आगन्तुक को चोर है, ऐसा प्रचार करके आगन्तुक को ही जेल में डाल दिया। आगामी दिन वह रक्षापुरुष उस (अतिथि) को न्यायालय ले गया। न्यायाधिकारी बंकिम चन्द्र ने अलग-अलग दोनों का स्पष्टीकरण सुना।

उसी समय कोई वहीं का निवासी कर्मचारी निवेदन करने लगा कि यहाँ से दो कोस दूर पर कोई मनुष्य किसी द्वारा मारा हुआ है। उसका शव सड़क के समीप है। आदेश दीजिये क्या किया जाये? न्यायाधिकारी ने रक्षापुरुष और अभियुक्त को उस शव को न्यायालय के अन्दर लाने का आदेश दिया। आज्ञा प्राप्त करके दोनों प्रस्थान कर गये। उस स्थान पर समीप ही एक काठ के तख्ते पर रखे हुये चादर से ढंके हुये शरीर को कंधे पर उठाकर न्यायालय की ओर प्रस्थान कर गये।

रक्षापुरुष (चौकीदार) हृष्ट-पुष्ट शरीर था और अभियोगी दुर्बल शरीर वाला था। भारयुक्त लाश को कंधे पर ढोना उसके लिये कष्टदायक था। वह वजन के कष्ट से चिल्ला उठा। उसकी चीख को सुनकर प्रसन्न हुआ चौकीदार उससे बोला “अरे दुष्ट! उस दिन मुझे तुमने चोरी की पेटी को ले जाने से रोका था, अब भोग अपने कर्म का फल। इस चोरी के मुकदमे में तुम तीन साल तक कारावास का दण्ड प्राप्त करोगे। ऐसा कहकर वह उच्च स्वर से हँसा। जैसे-तैसे दोनों ने लाश को लाकर एक चबूतरे पर रख दिया।

न्यायाधीश ने पुनः उन दोनों को घटना के विषय में कहने की आज्ञा दी। रक्षापुरुष द्वारा अपना बयान करने पर अर्थात् जब रक्षापुरुष अपना बयान कर रहा था तभी एक अनोखी घटना घटी, उस लाश ने (जो कि जीवित था) चादर को हटाकर न्यायाधीश महोदय को प्रणाम करके रास्ते का सारा वृत्तांत सुना दिया। न्यायाधीश ने रक्षापुरुष (चौकीदार) को अपराधी मानकर जेल में डालने की आज्ञा दी तथा उस व्यक्ति (अतिथि) को सम्मान सहित मुक्त कर दिया। अतएव कहा गया है-बुद्धिमान नीति का सहारा लेकर कठिनाई से किए जाने वाले कार्य को सरलता से अथवा खेल-खेल में पूरा करते हैं।

विचित्रः साक्षी Summary and Translation in Hindi

पाठ-परिचय – प्रस्तुत कथा बंगला के सुप्रसिद्ध साहित्यकार बंकिमचन्द्र चटर्जी द्वारा न्यायाधीश के रूप में दिये गये एक फैसले पर आधारित है। इसके रचयिता श्री ओमप्रकाश ठाकुर हैं। चटर्जी जितने महान् साहित्यकार थे, उतने ही प्रसिद्ध न्यायाधीश भी रहे। नीर-क्षीर विभागार्थ वे कभी-कभी ऐसी युक्तियों का प्रयोग करते थे कि गवाह के अभाव में भी न्याय हो सके। इस कथा में भी विद्वान न्यायाधीश ने एक ऐसी ही युक्ति का प्रयोग करके न्याय करने में सफलता पायी है।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 8 विचित्रः साक्षी

मूलपाठः,शब्दार्थाः,सप्रसंग हिन्दी-अनुवादः

1 कश्चन निर्धनो जनः भूरि परिश्रम्य किञ्चिद् वित्तमुपार्जितवान्। तेन स्वपुत्रं एकस्मिन् महाविद्यालये प्रवेशं दापयितुं सफलो जातः। तत्तनयः तत्रैव छात्रावासे निवसन् अध्ययने संलग्नः समभूत्। एकदा स पिता तनूजस्य रुग्णतामाकर्ण्य व्याकुलो जातः पुत्रं द्रष्टुं च प्रस्थितः। परमर्थकार्येन पीडितः स बसयानं विहाय पदातिरेव प्राचलत्।

पदातिक्रमेण संचलन् सायं समयेऽप्यसौ गन्तव्याद् दूरे आसीत्। निशान्धकारे प्रसृते विजने प्रदेशे पदयात्रा न शुभावहा। एवं विचार्य स पावस्थिते ग्रामे रात्रिनिवासं कर्तुं कञ्चिद् गृहस्थमुपागतः। करुणापरो गृही तस्मै आश्रयं प्रायच्छत्।

शब्दार्थाः – कश्चन = कश्चित् (किसी), निर्धनः = धनहीनः, दरिद्रः (गरीब), जनः = मनुष्यः (व्यक्ति ने). भूरि = महत्, पर्याप्तम् (बहुत, पर्याप्त), परिश्रम्य = श्रमं कृत्वा (मेहनत करके), किञ्चित् = कतिपयं (कुछ), वित्तम् : धनम् (धन), उपार्जितवान् = अर्जितवान्, (कमाया), तेन = अमुना (उससे), [सः = वह], स्वपुत्रम् = स्वकीयम् आत्मजम्, सुतम् (अपने बेटे को), एकस्मिन् महाविद्यालये = (एक महाविद्यालय में), प्रवेशं दापयितुम् = प्रवेशं कारयितुम्, प्रापयितुम् (प्रवेश दिलाने में), सफलो जातः = समर्थः अभवत् (सफल हो गया), तत्तनयः = तस्य पुत्रः, आत्मजः (उसका बेटा),

तत्रैव = तस्मिन्नेव (उसी, वही), छात्रावासे = विद्यार्थिनिवासे (छात्रावास में), निवसन् = निवासं कुर्वन् (रहता हुआ), अध्ययने = पठने (अध्ययन करने में), संलग्नः = निरत (संलग्न हो गया) समभूत् = अजायत (हो गया), एकदा = एकस्मिन् दिवसे (एक दिन), स पिता = असौ जनकः (वह पिता), तनूजस्य = पुत्रस्य (बेटे की), रुग्णताम् = अस्वस्थताम् (बीमारी को), आकर्ण्य = श्रुत्वा (सुनकर), व्याकुलो = व्यग्रः, उद्विग्नः (व्याकुल), जातः = अजायत, अभवत् (हो गया, हुआ), पुत्रम् च = सुतम् च आत्मजम् (और बेटे को), द्रष्टुम् = ईक्षितुम्, अवलोकयितुम् (देखने के लिए), प्रस्थितः = प्रस्थानम् अकरोत् (प्रस्थान कर गया), परमर्थकार्येन = परञ्च धनस्य अत्यधिक अभावेन (परन्तु धन के अत्यधिक अभाव से), पीडितः = क्लेशयुक्तः, दुःखितः (खिन्न), स = असौ (वह), बसयानं (बस-गाड़ी को), विहाय = त्यक्त्वा (छोड़कर), पदातिरेव = पादाभ्याम् एव (पैदल ही), प्राचलत् = प्रस्थितः (चला गया)।

पदातिक्रमेण = पादाभ्याम् एव सतत् (पैदल ही लगातार), सञ्चलन् = चलन्नेव (चलते हुए), सायं समये अपि = संध्याकाले अपि (सायंकाल भी), असौ = सः (वह), गन्तव्याद् दूरे = गन्तव्यस्थानात् दूरे (गन्तव्य स्थान से दूर), आसीत् = अवर्तत (था), निशान्धकारे = रात्रेः तमसि (रात के अंधेरे के), प्रसृते = विस्तृते (फैलने पर), विजने प्रदेशे = निर्जन प्रदेशे (निर्जन प्रदेश में), पदयात्रा = पदातियात्रा, पादाभ्याम् प्रयाणम् (पदयात्रा), न शुभावहा = न. कल्याणकर: (कल्याणकारी नहीं), एवं विचार्य = इत्थं विचिन्त्य (इस प्रकार सोचकर), सः = असौ (वह),

पाशवस्थिते ग्रामे = समीपस्थे ग्रामे, समीपे विद्यमाने ग्रामे (पास में बसे गाँव में), रात्रिनिवासम् = निशावासम् (रैन बसेरा), कर्तुम् = विधातुम् (करने के लिए), कञ्चिद् = कञ्चन (किसी), गृहस्थमुपागतः = दम्पत्योः समीपम् आगच्छत् (दम्पती के पास आया), करुणापरो = करुणोपेतः, दयार्द्रः (करुणामय), गही = गृहस्वामी (घर के मालिक ने), तस्मै = अमुष्मै (उसके लिए), आश्रयम् = शरणम् (सहारा), प्रायच्छत् =प्राददात् (दे दिया)।

सन्दर्भ-प्रसङ्गश्च – यह गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक शेमुषी के ‘विचित्र साक्षी’ पाठ से लिया गया है। यह पाठ मूलतः श्रीमान् ओम प्रकाश ठक्कुर द्वारा रचित कथा का सम्पादित अंश है। इस कथा में न्यायाधीश श्री वंकिम चन्द्र चटर्जी महोदय द्वारा एक ऐसी युक्ति का प्रयोग किया गया है जिसे बिना गवाह के भी न्याय किया जा सकता है। इस गद्यांश में कथानायककी आर्थिक स्थिति का चित्रण किया गया है, जिससे बाध्य होकर वह एक किसी गृहस्थ में आश्रय लेता है।

हिन्दी-अनुवादः – किसी गरीब व्यक्ति ने बहुत परिश्रम करके कुछ धन कमाया। उससे वह अपने बेटे को एक महाविद्यालय में प्रवेश दिलाने में समर्थ हो गया। उसका बेटा वहीं छात्रावास में रहता हुआ अध्ययन में संलग्न हो गया। एक दिन वह पिता बेटे की बीमारी (की बात) सुनकर व्याकुल हुआ और बेटे को देखने के लिए चल दिया, परन्तु धन के अत्यधिक अभाव के कारण खिन्न हुआ वह बस को छोड़कर पैदल ही चल पड़ा।

पैदल ही लगातार चलते हुए सायंकाल को भी वह अपने गन्तव्य से दूर रहा (था) रात का अँधेरा फैलने पर ‘एकान्त प्रदेश में पैदल यात्रा हितकारी (कल्याणकारी) नहीं’ इस प्रकार सोचकर वह पास में बसे गाँव में रैन-बसेरा करने के लिए किसी गृहस्थ के पास आया। करुणामय घर के मालिक ने उसे सहारा (आश्रय) प्रदान किया।

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2 विचित्रा दैवगतिः। तस्यामेव रात्रौ तस्मिन् गृहे कश्चन चौरः गृहाभ्यन्तरं प्रविष्टः। तत्र निहितामेकां मञ्जूषाम् आदाय पलायितः। चौरस्य पादध्वनिना प्रबुद्धोऽतिथि: चौरशङ्कया तमन्वधावत् अगृह्णाच्च, परं विचित्रमघटत। शितुमारभत “चौरोऽयं चौरोऽयम्” इति। तस्य तारस्वरेण प्रबुद्धाः ग्रामवासिनः स्वगृहाद् निष्क्रम्य तत्रागच्छन् वराकमतिथिमेव च चौरं मत्वाऽभसंयन्। यद्यपि ग्रामस्य आरक्षी.एव चौर आसीत्। तत्क्षणमेव रक्षापुरुषः तम् अतिथिं चौरोऽयम् इति प्रख्याप्य कारागृहे प्राक्षिपत्।

शब्दार्थाः – दैवगतिः = दैवस्य भाग्यस्य, गतिः स्थितिः, विधेर्विधानम् (भाग्य की गति, लीला), विचित्रा = अद्भुता (अनोखी), [भवति = होती है], तस्यामेव रात्रौ = अमुष्याम् एव निशायाम् (उसी रात में), तस्मिन् गृहे = अमुष्मिन् भवने (उस घर में), कश्चन चौरः = कश्चित् तस्करः (कोई चोर), गृहाभ्यान्तरं प्रविष्टः = भवनस्य मध्ये प्रवेशमकरोत् (घर के अन्दर घुस गया), तत्र = तस्मिन् गृहे (वहाँ), निहितामेकाम् = विद्यमानां, स्थितामेकां (रखी हुई एक), मञ्जूषाम् = पेटिकाम् (पेटी को), आदाय = नीत्वा, गृहीत्वा (लेकर), पलायितः = अधावत्, (भाग गया), चौरस्य = तस्करस्य (चोर की), पादध्वनिना = चरणपातशब्देन (पदचाप से),

प्रबुद्धो = जागृतः (जागा हुआ), अतिथिः = आगन्तुकः, अभ्यागतः (अतिथि), चौरशङ्कया = तस्करस्य संशयेन (चोर की आशङ्का से), तमन्वधावत् = अमुमन्वसरत् अन्वगच्छत् (उसके पीछे दौड़ा), अगृहणाच्च = प्राप्तवान् च (और पकड़ लिया), परम् = परञ्च (लेकिन), विचित्रमघटत = अद्भुतमजायत घटितवान् (अनोखी घटना घटी), चौरः एव = तस्करः एव (चोर ही), उच्चैः = उच्चस्वरेण (जोर-जोर से), क्रोशितुम् = क्रन्दितुम्, चीत्कर्तुम् (चिल्लाना/चीखना), आरभत = आरम्भमकरोत्, आरब्धवान् (आरम्भ कर दिया), ‘चौरोऽयं चौरोऽयम्’ = एषः चौरः, एषः चौरः (यह चोर है, यह चोर है ), इति = एवं (इस प्रकार), तस्य = अमुष्य (उसके), तारस्वरेण = उच्चस्वरेण (उच्चस्वर से), प्रबुद्धाः = जागृताः (जागे हुए), ग्रामवासिनः = ग्राम्याः, ग्रामीणजनाः (गाँव में रहने वाले लोग),

स्वगृहाद् = स्व स्व भवनात् (अपने-अपने घर से), निष्क्रम्य = निर्गत्य (निकलकर), तत्रागच्छन् = तस्मिन् स्थाने आयाताः, आगतवन्तः (वहाँ आ गये), वराकमतिथिमेव च = दीनमागन्तुकमेक च (और उस बेचारे अतिथि को ही), चोरं मत्वा = तस्करं मत्वा (चोर मानकर), अभर्स्यन् = भर्त्सना, निन्दामकुर्वन् (निन्दा की), यद्यपि = वस्तुतः (वास्तव में), ग्रामस्य आरक्षी = ग्रामस्य रक्षापुरुषः (गाँव का पुलिस कर्मचारी, चौकीदार), एव चौरः आसीत् = एव तस्करोऽवर्तत (ही चोर था), तत्क्षणमेव = तत्कालमेव (तत्काल ही), रक्षापुरुषः = आरक्षी (रक्षापुरुष ने), तमतिथिम् = तमागन्तुकम् (उस अतिथि को), चौरोऽयम् = एषः तस्करः (यह चोर है), इति प्रख्याप्य = इति प्रचार्य (इस प्रकार प्रचार करके), (तम्) कारागारे = बन्दीगृहे (जेल में), प्राक्षिपत् = न्यगृणीत (डाल दिया)।

सन्दर्भ-प्रसङ्गश्च – यह गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक शेमुषी के ‘विचित्रः साक्षी’ पाठ से लिया गया है। मूलतः यह पाठ श्रीमान् ओम प्रकाश ठक्कुर महोदय रचित कथा का सम्पादित अंश है। इस अंश में कथा-नायक का दुर्भाग्य वर्णित है कि उसकी उपस्थिति में ही घर में कोई चोर प्रवेश करता है तथा अतिथि द्वारा किया गया हित भी अहित हो गया।

हिन्दी-अनुवादः – भाग्य की लीला बड़ी अनोखी होती है। उसी रात में उस घर में कोई चोर घर के अन्दर घुस गया। वहाँ रखी एक पेटी को लेकर वह भाग गया। चोर की पदचाप से जागा हुआ अतिथि चोर की आशंका से चोर के पीछे दौड़ा और पकड़ लिया। लेकिन एक अनोखी घटना घटी कि उस चोर ने ही जोर-जोर से चीखना आरम्भ कर दिया। ‘यह चोर है, यह चोर है’। उसके उच्च स्वर से जागे हुए गाँव में रहने वाले लोग अपने-अपने घर से निकलकर वहाँ आ गये और उस बेचारे अतिथि को ही चोर मानकर निन्दा करने लगे। वास्तव में गाँव का चौकीदार ही चोर था। तत्काल ही उस आरक्षी (रखवाले, पुलिसवाले) ने ‘यह चोर है’ ऐसा प्रचार करके उसे बंदीगृह अर्थात् जेल में डाल दिया।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 8 विचित्रः साक्षी

3 अनिमे दिने स आरक्षी चौर्याभियोगे तं न्यायालयं नीतवान्। न्यायाधीशो बंकिमचन्द्रः उभाभ्यां पृथक्-पृथक् विवरणं श्रुतवान्। सर्वं वृत्तमवगत्य स तं निर्दोषम् अमन्यत आरक्षिणं च दोषभाजनम्। किन्तु प्रमाणाभावात् स निर्णेतुं नाशक्नोत्। ततोऽसौ तौ अग्रिमे दिने उपस्थातुम् आदिष्टवान्। अन्येद्यः तौ न्यायालये स्व-स्व-पक्षं पुनः स्थापितवन्तौ। तदैव कश्चिद् तत्रत्यः कर्मचारी समागत्य न्यवेदयत् यत् इतः क्रोशद्वयान्तराले कश्चिज्जनः केनापि हतः। तस्य मृतशरीरं राजमार्ग निकषा वर्तते। आदिश्यतां किं करणीयमिति। न्यायाधीशः आरक्षिणम् अभियुक्तं च तं शवं न्यायालये आनेतुमादिष्टवान्।

शब्दार्थाः – अग्रिमे दिने = आगामिदिवसे, अन्येधुः (अगले दिन), स आरक्षी = असौ रक्षापुरुषः (वह चौकीदार), चौर्याभियोगे = स्तेयस्यप्रकरणे (चोरी के मुकदमे में), तम् = अमुम् (उसको), न्यायालयम् = न्यायाधिकरणम् (न्यायालय को), नीतवान् = अनयत् (ले गया), न्यायाधीशः बंकिमचन्द्रः = न्यायाधिकारी बंकिमचन्द्रः (न्यायाधीश बंकिमचन्द्र ने), पृथक-पृथक् = भिन्नभिन्नम् (अलग-अलग), विवरणम् = स्पष्टीकरणम् (विवरण को), श्रुतवान् = अशृणोत् (सुना), सर्वम् = सम्पूर्णम् (पूरे), वृत्तमवगत्य = विवरणं, वृत्तान्तम् ज्ञात्वा (वृत्तान्त को जानकर),

स तं = असौ अमुम् (उसने उसे), निर्दोषम् = निरपराद्धम् (निरपराध), अमन्यत = मतघान् (माना), आरक्षिणं च = रक्षापुरुषं च सैनिकं (और रखवाले या चौकीदार को), दोषभाजनम् = अपराधस्य पात्रम् (दोष का भागीदार), किन्तु = परञ्च (लेकिन), प्रमाणाभावात् = प्रमाणस्य साक्षिणः अभावात् (गवाह के अभाव में, गवाह न होने के कारण), सः = असौ (वह), निर्णेतुम् नाशक्नोत् = निर्णयं कर्तुम् न अशक्नोत् (निर्णय नहीं कर सका), ततोऽसौ = ततः सः (तब उसने), तौ = अमू (उन दोनों को), अग्रिमे दिने = आगामिदिवसे, अपरेधुः (अगले दिन), उपस्थातुम् = उपस्थापयितुम् (उपस्थित होने के लिए), आदिष्टवान् = आज्ञप्तवान्, आज्ञां दत्तवान् (आदेश प्रदान किया), अन्येयुः = अपरे दिवसे (दूसरे दिन), तौ = अमू उभौ (उन दोनों ने),

न्यायालये = न्यायाधिकरणे (न्यायालय में), स्व- स्व-पक्षम् = आत्मनः कथनं, मन्तव्यम् (अपने-अपने पक्ष को), पुनः = द्वि-वारम् (फिर से), स्थापितवन्तौ = अस्थापयताम् (स्थापित किया), तदैव = तस्मिन्नेव काले (उसी समय, तभी), कश्चित् = कश्चन, कोऽपि (किसी), तत्रत्यः = तत्रभवः, तत्र निवसन् तत्रैव वास्तव्यः (वहाँ के निवासी), कर्मचारी = कर्मकारः, कार्यकर्ता, सेवकः, भृत्यः (कर्मचारी ने), समागत्य = प्राप्य, आगम्य (आकर), न्यवेदयत् = निवेदितवान् (निवेदन किया), यत् = कि, इतः = अत्रतः (यहाँ से), कोशद्वयान्तराले = द्वयोः क्रोशयोः मध्ये (दो कोस के मध्य, दो कोस की दूरी पर),

कश्चिज्जनः = कोऽपि मनुष्यः (कोई आदमी), केनापि = केनचित् (किसी के द्वारा), हतः = मारितः व्यापदितः (मारा गया), तस्य = अमुष्य (उसकी), मृतशरीरम् = शवः (लाश), राजमार्गम् = राज्ञः पथम्, जनपथस्य (राजमार्ग के, सड़क के), निकषा = समया, समीपं (समीप), वर्तते = अस्ति (है), आदिश्यताम् = आदेशं दीयताम् (आदेश दिया जाय, दीजिए), किं करणीयमिति = किं कर्त्तव्यमिति (क्या करना चाहिए), न्यायाधीशः = न्यायाधिकारी (न्यायाधीश ने), आरक्षिणम् = रक्षापुरुषम् (सैनिक को), अभियुक्तम् च = अपराधिनम् च अभियोगारोपितम् (और अभियुक्त को), तं शवम् = अमुम् मृतशरीरम् (उस लाश को), न्यायालये = न्यायाधिकरणे (न्यायालय में), आनेतुम् = आनयनाय (लाने के लिए), आदिष्टवान् = आज्ञां दत्तवान्, आज्ञप्तवान् (आदेश दिया)।।

सन्दर्भ-प्रसङ्गश्च – यह गद्यांश हमारी शेमुषी पाठ्यपुस्तक के विचित्र साक्षी’ पाठ से लिया गया है। यह पाठ मूलतः श्री ओम प्रकाश ठक्कुर रचित कथा का संपादित अंश है। इस गद्यांश में एक शव लाया जाता है, जो न्यायालय में साक्षी बनेगा।

हिन्दी-अनुवादः – अगले दिन वह चौकीदार (रक्षापुरुष) चोरी के मुकदमे में उस (अतिथि) को न्यायालय ले गया। न्यायाधीश बंकिमचन्द्र ने अलग-अलग विवरण (बयान) सुना। पूरे वृत्तान्त को जानकर उस (न्यायाधीश) ने उस (अतिथि) को निरपराध माना और रक्षापुरुष को अपराधी (माना) लेकिन प्रमाण के अभाव में वह (न्यायाधीश) निर्णय नहीं कर सका। तब उस (न्यायाधीश) ने उन दोनों (अतिथि एवं राजपुरुष) को अगले दिन उपस्थित होने के लिए आदेश प्रदान किया। दूसरे दिन उन दोनों ने न्यायालय में अपने-अपने पक्ष को फिर से स्थापित किया। तभी वहाँ के किसी रहने वाले ने आकर निवेदन किया कि यहाँ से दो कोस की दूरी पर कोई आदमी किसी के द्वारा मार दिया गया है, उसकी लाश सड़क के पास (समीप) है। आदेश दीजिए, क्या करना चाहिए। न्यायाधीश ने रक्षा पुरुष (सैनिक) और अभियुक्त को, उस शव को न्यायालय में लाने के लिए आदेश दिया।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 8 विचित्रः साक्षी

4 आदेशं प्राप्य उभौ प्राचलताम्। तत्रोपेत्य काष्ठपटले निहितं पटाच्छादितं देहं स्कन्धेन वहन्तौ न्यायाधिकरणं प्रति प्रस्थितौ। आरक्षी सुपुष्टदेह आसीत्, अभियुक्तश्च अतीव कृशकायः। भारवतः शवस्य स्कन्धेन वहनं तत्कृते दुष्करम् आसीत्। स भारवेदनया क्रन्दति स्म। तस्य क्रन्दनं निशम्य मुदित आरक्षी तमुवाच- ‘रे दुष्ट ! तस्मिन् दिने त्वयाऽहं चोरिताया मञ्जूषाया ग्रहणाद्वारितः। इदानीं निजकृत्यस्य फलं भुक्ष्व। अस्मिन् चौर्याभियोगे त्वं वर्षत्रयस्य कारादण्डं लप्स्यसे’ इति प्रोच्य उच्चैः अहसत्। यथाकथञ्चिद् उभौ शवमानीय एकस्मिन् चत्वरे स्थापितवन्तौ।

शब्दार्थाः – आदेशम् = आज्ञाम् (आदेश को), प्राप्य = लब्ध्वा (पाकर), उभौ = द्वावेव (दोनों ही), प्राचलताम् = प्रस्थितौ (चल पड़े), तत्रोपेत्य = तस्मिन् स्थाने समीपं गत्वा (वहाँ पास जाकर), काष्ठपटले = काष्ठस्य पटले (लकड़ी के तख्ते पर), निहितं = स्थापितम् (रखे), पटाच्छादितम् = वस्त्रेण आवृतम् (कपड़े से ढके हुए), देहम् = शरीरम् (मृत शरीर को), स्कन्धेन = कन्धे से, वहन्तौ = वहनं कुर्वन्तौ, वहमानौ (ढोते हुए), न्यायाधिकरणम् प्रति + न्यायालयं प्रति (न्यायालय की ओर), प्रस्थितौ = प्रस्थानं कृतवन्तौ (प्रस्थान कर गये/किया), आरक्षी = रक्षापुरुषः (सैनिक, चौकीदार), सुपुष्टदेहः = सुपोषितशरीरः (हृष्ट-पुष्ट शरीर वाला), आसीत् = अवर्तत (था), अभियुक्तश्च = अभियोगोपेतः च (अपराधी), कृशकायः = दुर्बल शरीरः (कमजोर शरीर वाला), (आसीत् = था), भारवतः = भारयुक्तस्य भारवाहिनः (भारी),

शवस्य = मृतशरीरस्य (लाश को), (स्कन्धेन = कन्धे पर), वहनं = वोढुम् (ढोना), तत्कृते = तस्मै (उसके लिए), दुष्करम् = कष्टकरम् (मुश्किल), आसीत् = अवर्तत (था), सः = असौ (वह), भारवेदनया = भारस्य वेदनया, भारपीडया (वजन की पीड़ा से), क्रन्दति स्म = चीत्करोति स्म, रोदिति स्म (चीख रहा था), तस्य = अमुष्य (उसके), क्रन्दनं = चीत्कारं (चीत्कार को), निशम्य = श्रुत्वा (सुनकर), मुदितः = प्रसन्न, आरक्षी = रक्षापुरुषः (चौकीदार), तमुवाच = अमुम् अवदत् (उससे बोला), रे दुष्ट ! = अरे दुर्जन! (अरे दुष्ट !), तस्मिन् = अमुष्मिन् (उस), दिने = दिवसे (दिन), त्वयाऽहं = भवता अहम् त्वया (तुमने मुझे), चोरितायाः = चौर्यस्य (चोरी की), मञ्जूषायाः = पेटिकायाः (पेटी को), ग्रहणात् = नयनात् (ले जाने से),

वारितः = वारितवान् (रोका), इदानीम् = अधुना (अब), निजकृत्यस्य = स्वकर्मणः (अपने कर्म का, करनी का), फलम् = परिणामम् (परिणाम), भुक्ष्व = भवान् अनुभवतु (भोगो, अनुभव करो), अस्मिन् = एतस्मिन् (इस), चौर्याभियोगे = स्तेयाभियोगे, प्रकरणे (चोरी के मुकदमे में), त्वम् = भवान् (तुम), वर्षत्रयस्य = त्रयाणाम् अब्दानाम् (तीन वर्ष का), कारादण्डम् = कारावासस्य दण्डम् (कैद, जेल का दण्ड), लप्स्यसे = प्राप्स्यसि (पाओगे, भोगोगे), इति प्रोच्य = एवं उक्त्वा (ऐसा कहकर), उच्चैः = उच्चस्वरेण (जोर से), अहसत् = हसितवान् (हँसा), यथाकथंचित् = येन-केन-प्रकारेण (जैसे-तैसे), उभौ = द्वावेव (दोनों), शवमानीय = मृतशरीरम् नीत्वा (लाश को लेकर), एकस्मिन् चत्वरे = एकस्मिन् चतुर्मार्गे, चतुस्थे (एक चौराहे पर), स्थापितवन्तौ = अस्थापयताम् (रख दिया)।

सन्दर्भ-प्रसङ्गश्च – यह गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ के ‘विचित्र साक्षी’ पाठ से लिया गया है। मूलतः यह पाठ श्री ओम प्रकाश ठक्कुर रचित कथा का सम्पादित अंश है। इस गद्यांश में आरक्षी और अतिथि का संवाद प्रस्तुत किया गया है, जो संवाद न्यायालय में प्रमाण होगा।

हिन्दी-अनुवादः – आदेश पाकर दोनों (अभियुक्त और आरक्षी) ही चल पड़े। वहाँ पास जाकर लकड़ी के तख्ने पर रखे हुए कपड़े से ढके हुए (मृत) शरीर को कन्धे पर ढोते हुए न्यायालय की ओर प्रस्थान किया। चौकीदार हृष्ट-पुष्ट शरीर वाला था (और) अपराधी कमजोर (दुबले-पतले) शरीर वाला (था)। भारी लाश का कन्धे पर ढोना उसके लिए मुश्किल (कठिन कार्य) था। वह वजन की पीड़ा से चीख रहा था। उसके चीत्कार (रुदन) को सुनकर प्रसन्न हुआ चौकीदार उससे बोला -‘अरे दुष्ट! उस दिन तूने मुझे चोरी की पेटी को ले जाने से रोका था। अब अपनी करनी का फल भोग। इस चोरी के मुकदमे में तुम तीन वर्ष की कैद भोगोगे’ ऐसा कहकर वह जोर से हँसा। जैसे-तैसे दोनों ने लाश को लाकर चौराहे पर रख दिया।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 8 विचित्रः साक्षी

5. न्यायाधीशेन पुनस्तौ घटनायाः विषये वक्तुमादिष्टौ। आरक्षिणि निजपक्षं प्रस्तुतवति आश्चर्यमघटत् स शवः प्रावारकमपसार्य न्यायाधीशमभिवाद्य निवेदितवान्- मान्यवर ! एतेन आरक्षिणा अध्वनि यदुक्तं तद् वर्णयामि ‘त्वयाऽहंचोरितायाः मञ्जूषायाः ग्रहणाद्वारितः, अतः निजकृत्यस्य फलं भुक्ष्व। अस्मिन् चौर्याभियोगे त्वं वर्षत्रयस्य
कारादण्ड लप्स्यसे’ इति।
न्यायाधीशः आरक्षिणे कारादण्डमादिश्य तं जनं ससम्मानं मुक्तवान्।
अतएवोच्यते-दुष्कराण्यपि कर्माणि मतिवैभवशालिनः।
नीतिं युक्ति समालम्ब्य लीलयैव प्रकुर्वते।।

शब्दार्थाः – न्यायाधीशेन = न्यायाधिकारिणा (न्यायाधीश ने), पुनस्तौ = पुनः अमू उभौ (फिर से उन दोनों को), घटनायाः विषये = घटितस्य विषये (घटना के विषय में), वक्तुमादिष्टौ = कथयितुम् आज्ञप्तौ (कहने/बोलने का आदेश दिया), आरक्षिणि = रक्षापुरुषे (रक्षापुरुष के), निजपक्षम् = आत्मकथ्यम् (अपने पक्ष को), प्रस्तुतवति = उक्तवति (कह देने पर), अर्थात् जब रक्षापुरुष (चौकीदार) अपना पक्ष प्रस्तुत कर रहा था (तब), आश्चर्यमघटत् = अद्भुतमजायत (आश्चर्यजनक घटना घटी), सः = असौ (वह), शवः = मृतकायः (लाश), प्रावारकम् = उत्तरीय वस्त्रम् (लबादे को), अपसार्य = अपवार्य (दूर करके), न्यायाधीशमभिवाद्य = न्यायाधिकारिणम् प्रणम्य अभिवादनं कृत्वा (जज को प्रणाम करके),

निवेदितवान् = न्यवेदयत् (निवेदन किया), मान्यवर ! = मान्येषु श्रेष्ठ ! (हे माननीय!), एतेन = अनेन (इस), आरक्षिणा = रक्षापुरुषेण (चौकीदार ने), अध्वनि = मार्गे (मार्ग में), यदुक्तम् = यत् कथितम् (जो कहा था), तद् वर्णयामि = तस्य वर्णनं करोमि, तत् वदामि (उसका वर्णन करता हूँ), त्वयाहम् = त्वं माम् (तुमने मुझे), चोरितायाः = चौर्यस्य (चोरी की), मञ्जूषायाः = पेटिकायाः (पेटी को), ग्रहणात् = नयनात् (ले जाने से), वारितः = अवरोधितः, निवारितः, न्यवारयः (रोका था), अत: निजकृत्यस्य = अतः स्वकर्मणः, कृतस्य (अपनी करनी का), फलम् = परिणाम (परिणाम), भुक्ष्व = अनुभव (भोगो), अस्मिन् = एतस्मिन् (इस),

चौर्याभियोगे = स्तेयप्रकरणे (चोरी के मुकदमे में, आरोप में), त्वं वर्षत्रयस्य = त्वं त्रयाणां अब्दानां (तीन वर्ष का), कारादण्डम् = कारागृह निग्रहस्य दण्डं (कैद/जेल का दण्ड), लप्स्यसे = प्राप्स्यसि (प्राप्त करोगे, पाओगे), न्यायाधीशः = न्यायाधिकारी (जज ने), आरक्षिणे = रक्षापुरुषाय (चौकीदार को), कारादण्डमादिश्य = कारागृहनिग्रहदण्डम् आज्ञाप्य (कैद के दण्ड की आज्ञा देकर), तम् जनं = अमुम् पुरुषम् (उस मनुष्य को), ससम्मानम् – सम्मानेन सहितम् (सम्मान/इज्जत के साथ), मुक्तवान् = अत्यजत् (छोड़ दिया), अत एवोच्यते = अतः एव कथ्यते (इसलिए कहा जाता है)।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 8 विचित्रः साक्षी

दुष्कराण्यपि ……………………………………… प्रकुर्वते।।

अन्वयः – मतिवैभवशालिनः नीतिं युक्तिं समालम्ब्य दुष्कराणि कर्माणि अपि लीलया एव प्रकुर्वते।

शब्दार्थाः – मतिवैभवशालिनः = बुद्धिमन्तः (बुद्धिमान् लोग), नीतियुक्तिम् = नीतिगतयुक्तिम् (नैतिक तरीके का), समालम्ब्य = आश्रयं गृहीत्वा, आश्रित्य (सहारा लेकर), दुष्कराणि = कष्टेन करणीयानि (कठिनाई से किए जाने योग्य), कार्याणि अपि = कर्माणि अपि (कार्यों को भी), लीलयैव = कौतुकेन, सुगमतया (खेल ही खेल में, सरलता से), प्रकुर्वते = कुर्वन्ति, सम्पादयन्ति (कर लेते हैं )।

सन्दर्भ-प्रसङ्गश्च – यह गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक शेमुषी के ‘विचित्र साक्षी’ पाठ से लिया गया है। यह पाठ मूलतः श्री ओम प्रकाश ठक्कुर रचित कथा का सम्पादित अंश है। इस गद्यांश में न्यायालय में शव को साक्षी के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, क्योंकि वह जीवित था। उसने पूरे संवाद को सुना था। यही संवाद यहाँ प्रमाण है।

हिन्दी-अनुवादः – न्यायाधीश ने फिर से उन दोनों को घटना के विषय में बोलने का आदेश दिया। रक्षापुरुष (चौकीदार) के अपने पक्ष को प्रस्तुत करने पर अर्थात् जब चौकीदार अपना पक्ष प्रस्तुत कर रहा था, तब एक आश्चर्यजनक घटना घटी। वह लाश लबादे चादर को दूर करके (फेंककर) [उठ खडी हुई तथा] न्यायाधिकारी (जज) को अभिवादन करके (पुरुष रूप से) निवेदन करने लगी- “माननीय! इस चौकीदार ने मार्ग में जो कहा था (मैं) उसका वर्णन करता हूँ तुमने मुझे चोरी की पेटी को ले जाने से रोका था। अतः अब अपने किये हुए (करनी) का फल भोगो। इस चोरी के आरोप में तुम तीन वर्ष का कैद का दण्ड पाओगे।” न्यायाधीश ने चौकीदार सिपाही को कैद के दण्ड का आदेश (आज्ञा) देकर उस व्यक्ति (अतिथि) को ससम्मान (सम्मान के साथ) मुक्त कर दिया। इसलिए कहा जाता है बुद्धिमान् लोग नैतिक तरीके का सहारा लेकर कठिनाई से किये जाने योग्य कार्यों को भी खेल ही खेल में कर लेते हैं।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Shemushi Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

Jharkhand Board JAC Class 10 Sanskrit Solutions Shemushi Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10th Sanskrit Solutions Shemushi Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

JAC Class 10th Sanskrit व्यायामः सर्वदा पथ्यः Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरं लिखत- (एक शब्द में उत्तर लिखिए-)
(क) परमम् आरोग्यं कस्मात् उपजायते ? (परमारोग्य किससे होता है?)
(ख) कस्य मासं स्थिरीभवति? (किसका मांस स्थिर होता है?)
(ग) सदा कः पथ्य? (सदा क्या अनुकूल है?)
(घ) कै पुभिः सर्वेषु ऋतुषु व्यायामः कर्त्तव्यः? (किन लोगों को सभी ऋतुओं में व्यायाम करना चाहिए?)
(ङ) व्यायामस्विन्नगात्रस्य समीपं के न उपसर्पन्ति? (व्यायाम से उत्पन्न पसीना वाले शरीर के समीप कौन नहीं आते?)
उत्तरम्म् :
(क) व्यायामात् (व्यायाम से)।
(ख) व्यायामाभिरतस्य (व्यायाम में लगे हुए का)
(ग) व्यायामः (कसरत)।
(घ) पुम्भिरात्महितैषिभिः (अपना हित चाहने वालों को)।
(ङ) व्याधयः (रोग)।

प्रश्न 2.
अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत –
(निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संस्कृत भाषा में लिखिए)
(क) कीदृशं कर्म व्यायामसंज्ञितं कथ्यते ?
(कैसा कर्म व्यायाम नाम से पुकारा जाता है ?)
उत्तरम् :
शरीरायासजननं कर्म व्यायामसंज्ञितं कथ्यते।
(शरीर को थकाने वाला कर्म व्यायाम कहलाता है।)

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

(ख) व्यायामात् किं किमुपजायते ?
(व्यायाम से क्या पैदा होता है ?)
उत्तरम् :
शरीरोपचयः, कान्तिः, गात्राणां सुविभक्तता, दीप्ताग्नित्वम्, अनालस्यं, स्थिरत्वं, लाघवं, मृजा, श्रमक्लमपिपासा, उष्ण-शीतादीनां सहिष्णुता परमं च आरोग्यम् व्यायामात् उपजायते।
(शरीर की वृद्धि, चमक, सुडौलता, दीप्ति, पाचनशक्ति की वृद्धि, आलस्यहीनता, स्थिरता, फुर्ती, स्वच्छता, परिश्रम, थकान, प्यास, गर्मी-सर्दी आदि को सहन करने की क्षमता और महान स्वस्थता व्यायाम से उत्पन्न होती है। )

(ग) जरा कस्य सकाशं सहसा न समधिरोहति ?
(बुढ़ापा अचानक किस पर हावी नहीं होता ?)
उत्तरम् :
व्यायामाभिरतस्य सकाशं जरा सहसा न समधिरोहति।
(व्यायाम में संलग्न के पास बुढ़ापा अचानक नहीं आता।)

(घ) कस्य विरुद्धमपि भोजनं परिपच्यते?
(किसका विरुद्ध भोजन भी पचता है?)
उत्तरम् :
व्यायामम् कुर्वतः नित्यं विरुद्धमपि भोजनं परिपच्यते।
(व्यायाम करते हुए का विरुद्ध भोजन भी पचता है।)

(ङ) कियता बलेन व्यायामः कर्त्तव्यः ?
(कितने बल से व्यायाम करना चाहिए ?)
उत्तरम् :
अर्धनबलेन व्यायामः कर्त्तव्यः।
(आधे बल से व्यायाम करना चाहिए।)

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

(च) अर्धबलस्य लक्षणं किम् ?
(आधे बल का लक्षण क्या है ?)
उत्तरम् :
यदा व्यायामं कुर्वतः हृदिस्थानस्थितो वायुः वक्त्रं प्रपद्यते, तद् बलार्धस्य लक्षणम्।
(जब व्यायाम करने वाले के हृदय में स्थित वायु मुख की ओर प्रवृत्त हो जाती है वह आधे बल का लक्षण है।)

प्रश्न 3.
उदाहरणमनुसृत्य कोष्ठकगतेषु पदेषु तृतीयाविभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत –
(उदाहरण के अनुसार कोष्ठक में दिए शब्दों में तृतीया विभक्ति लगाकर प्रयोग कीजिए)
यथा – व्यायामः ……….. हीनमपि सुदर्शनं करोति। (गुण)
व्यायामः गुणैः हीनमपि सुदर्शनं करोति।

(क) ……….. व्यायामः कर्त्तव्यः। (बलस्यार्ध)
उत्तरम् :
बलस्यार्धेन व्यायामः कर्त्तव्यः।
(आधे बल से व्यायाम करना चाहिए।)

(ख) ……….. सदृशं किञ्चित् स्थौल्यापकर्षणं नास्ति। (व्यायाम)।
उत्तरम् :
व्यायामेन सदृशं किञ्चित् स्थौल्यापकर्षणं नास्ति।
(व्यायाम के समान कुछ भी मोटापा दूर करने वाला नहीं है।)

(ग) ……….. विना जीवनं नास्ति। (विद्या)
उत्तरम् :
विद्यया विना जीवनं नास्ति।
(विद्या के बिना जीवन नहीं है।)

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

(घ) सः ……….. खञ्जः अस्ति। (चरण)
उत्तरम् :
सः चरणेन खञ्जः अस्ति।
(वह पैर से लँगडा है।)

(ङ) सूपकारः ……….. भोजनं जिघ्रति। (नासिका)
उत्तरम् :
सूपकारः नासिकया भोजनं जिघ्रति।
(रसोइया नाक से भोजन सूंघता है।)

प्रश्न 4.
(अ) स्थूलपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत (मोटे शब्दों के आधार पर प्रश्नों का निर्माण कीजिए)
(क) शरीरस्य आयासजननं कर्म व्यायामः इति कथ्यते। (शरीर को थकाने वाला कर्म व्यायाम कहलाता है।)
(ख) अरयः व्यायामिनं न अर्दयन्ति। (शत्रु व्यायामी को नहीं कुचलते।)
(ग) आत्महितैषिभिः सर्वदा व्यायामः कर्त्तव्यः। (आत्महितैषियों द्वारा हमेशा व्यायाम करना चाहिए।)
(घ) व्यायाम कुर्वतः विरुद्धं भोजनम् अपि परिपच्यते। (व्यायाम करने वाले को विपरीत भोजन भी पच जाता है।)
(ङ) गात्राणां सुविभक्तता व्यायामेन संभवति। (अंगों का अच्छा विभाजन व्यायाम से संभव होता है।)
उत्तरम् :
(क) कस्य आयासजननं कर्म व्यायाम इति कथ्यते ? (किसको थकाने वाला कर्म व्यायाम कहलाता है ?)
(ख) के व्यायामिनं न अर्दयन्ति ? (कौन व्यायामी को नहीं कुचलते ?)
(ग) कैः सर्वदा व्यायामः कर्त्तव्यः ? (किन्हें हमेशा व्यायाम करना चाहिए ?)
(घ) व्यायाम कुर्वतः कीदृशं भोजनम् अपि परिपच्यते ? (व्यायाम करने वाले को कैसा भोजन भी पच जाता है ?)
(ङ) केषां सुविभक्तता व्यायामेन सम्भवति ? (किनकी सुविभक्तता व्यायाम से सम्भव होती है ?)

(आ) षष्ठश्लोकस्य भावमाश्रित्य रिक्तस्थानानि पूरयत – (छठे श्लोक के भाव पर आश्रित रिक्तस्थानों की पूर्ति कीजिए)
यथा : ………. समीपे उरगाः न ………. एवमेव व्यायामिनः जनस्य समीपं ……………………. न गच्छन्ति। व्यायामः वयोरूपगुणहीनम् अपि जनम् ………. करोति।
उत्तरम् :
यथा – वैनतेयसमीपे उरगाः न उपसर्पन्ति एवमेव व्यायामिनः जनस्य समीपे व्याधयो न गच्छन्ति। व्यायामः वयोरूपगुणहीनम् अपि जनम् सुदर्शनम् करोति। (जैसे गरुड़ के समीप साँप नहीं आते वैसे ही व्यायामी व्यक्ति के समीप रोग नहीं आते हैं। व्यायाम उम्र, रूप और गुणहीन को भी सुन्दर कर (बना) देता है।)

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

प्रश्न 5.
(अ) ‘व्यायामस्य लाभाः’ इति विषयम् अधिकृत्य पञ्चवाक्येषु ‘संस्कृतभाषया’ एकम् अनुच्छेदं लिखत।
(‘व्यायाम के लाभ’ इस विषय पर पाँच वाक्यों में संस्कृत भाषा में एक अनुच्छेद लिखिए।)
उत्तरम् :
व्यायामात् शरीरोपचयः, कान्तिः, अङ्गानां सुविभाजनं, दीप्तिः, जठराग्निवृद्धिः, आलस्यहीनता, स्थिरता, स्फूर्तिः, स्वच्छता, पिपासा, उष्ण-शीतादीनां सहिष्णुता आरोग्यं च उपजायते। व्यायामः मनुष्यस्य पीनत्वं दूरं करोति, जरागमनं अवरोधयति। व्यायामिनः व्याधयो नोपसर्पन्ति। तस्य गरिष्ठभोजनमपि पचति। व्यायामेन मनुष्यः गुणहीनः अपि सुदर्शनः भवति। (व्यायाम से शरीर की वृद्धि, चमक, अंग-विभाजन, भूख-वृद्धि, आलस्यहीनता, स्थिरता, फुर्ती, स्वच्छता, प्यास, सर्दी-गर्मी को सहन करने की सामर्थ्य और नीरोगता होती है। व्यायाम मनुष्य के मोटापे को दूर करता है, बुढ़ापे को आने से रोकता है। व्यायाम करने वाले के पास रोग नहीं आते। उसको गरिष्ठ भोजन भी पचता है। व्यायाम से मनुष्य गुणहीन होते हुए भी सुन्दर होता है।)

(आ) यथा निर्देशमुत्तरत (निर्देशानुसार उत्तर दीजिए)
(क) ‘तत्कृत्वा तु सुखं देहम्’ अत्र विशेषण पदं किम्?
(‘उसे करके सुखी शरीर होता है’ यहाँ विशेषण पद क्या है?)
(ख) ‘व्याधयोः नोपसर्पन्ति वैनतेयमिवोरगाः।’ अस्मिन् वाक्ये क्रियापदं किम्?’
(‘रोग ऐसे समीप नहीं आते जैसे गरुड़ के पास सर्प’ इस वाक्य में क्रियापद क्या है?)
(ग) ‘पुम्भिरात्महितैषिभिः’ अत्र ‘पुरुषैः’ इत्यर्थे किं पदं प्रयुक्तम्?
(‘हित चाहने वाले पुरुषों द्वारा’ यहाँ ‘पुरुषैः’ अर्थ में कौन-सा पद प्रयोग हुआ है?)
(घ) ‘दीप्ताग्नित्वमनालस्यं स्थिरत्वं लाघं मृजा’ इति वाक्यात् ‘गौरवम्’ इति पदस्य विपरीतार्थकं पदं चित्वा लिखत।’
(जठराग्निदीपन, अनालस्य, स्थिरता, हलकापन, सफाई इस वाक्य से गौरवम् पद का विलोम चुनकर लिखिए)
(ङ) ‘न चास्ति सदृशं तेन किञ्चित् स्थौल्यापकर्षणम्’ अस्मिन् वाक्ये ‘तेन’ इति सर्वनाम पदं कस्मै प्रयुक्तम्?
(‘उसके समान मुटापे को दूर करने वाला और कुछ नहीं’ इस वाक्य में ‘तेन’ सर्वनाम पद किसके लिए प्रयोग हुआ है?)
उत्तराणि :
(क) सुखम् (देहं का विशेषण)
(ख) उपसर्पन्ति (पास आती है)
(ग) पुम्भिः (पुमान् शब्द का तृतीया विभक्ति बहुवचन)
(घ) लाघवम् (हल्कापन)
(ङ) व्यायामेन (व्यायाम के समान)।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

प्रश्न 6.
(अ) निम्नलिखितानाम् अव्ययानां रिक्तस्थानेषु प्रयोगं कुरुत – (निम्नलिखित अव्ययों को रिक्तस्थानों में प्रयोग कीजिए)
सहसा, अपि, सदृशं, सर्वदा, यदा, सदा, अन्यथा।
(क) …………. व्यायामः कर्त्तव्यः।
(ख) ………….. मनुष्यः सम्यक्पे ण व्यायामं करोति तदा सः ………. स्वस्थः तिष्ठति।
(ग) व्यायामेन असुन्दराः ………. सुन्दराः भवन्ति।
(घ) व्यायामिनः जनस्य सकाशं वार्धक्यं ………. नायाति।
(ङ) व्यायामेन ………. किञ्चित् स्थौल्यापकर्षणं नास्ति।
(च) व्यायाम समीक्ष्य एव कर्तव्यम् ………. व्याधयः आयान्ति।
उत्तरम् :
(क) सदा
(ख) यदा, सर्वदा
(ग) अपि
(घ) सहसा
(ङ) सदृशम्
(च) अन्यथा।

(आ) उदाहरणमनुसृत्य वाच्यपरिवर्तनं कुरुत (उदाहरण के अनुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए)

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः 1

प्रश्न 7.
अधोलिखितेषु तद्धितपदेषु प्रकृति/प्रत्ययं च पृथक् कृत्वा लिखत –
(निम्नलिखित तद्धित पदों में प्रकृति/प्रत्यय अलग-अलग करके लिखिए) –
उत्तरम् :
JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः 2

योग्यताविस्तार यह पाठ आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रन्थ ‘सुश्रुतसंहिता’ के चिकित्सा स्थान में वर्णित 24वें अध्याय से संकलित है। इसमें आचार्य सुश्रुत ने व्यायाम की परिभाषा बताते हुए उससे होने वाले लाभों की चर्चा की है। शरीर में सुगठन, कान्ति, स्फूर्ति, सहिष्णुता, नीरोगता आदि व्यायाम के प्रमुख लाभ है।

(क) सुश्रुत: आयुर्वेदस्य, सुश्रुतसंहिताश इत्याख्यस्य ग्रन्थस्य रचयिता। अस्मिन् ग्रन्थे शल्यचिकित्सायाः प्राधान्यमस्ति। सुश्रुतः शल्याशास्त्रज्ञय दिवोदासस्य शिष्यः आसीत्। दिवोदासः सुश्रुतं वाराणस्याम् आयुर्वेदम् अपाठयत्। सुश्रुतः दिवोदासस्य उपदेशान् स्वग्रन्थेऽलिखत्।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

(ख) उपलब्धासु आयुर्वेदीय-संहितासु ‘सुश्रुतसंहिता’ सर्वश्रेष्ठः शल्यचिकित्साप्रधानो ग्रन्थः। अस्मिन् ग्रन्थे 120 अध्यायेषु क्रमेण सुत्रस्थाने मौलिकसिद्धान्तानां शल्यकर्मोपयोगि-यन्त्रादीनां, निदानस्थाने प्रमुखाणां रोगाणां, शरीरस्थाने शरीरशास्त्रस्य चिकित्सास्थाने, शल्यचिकित्साया: कल्पस्थाने च विषाणां प्रकरणानि वर्णितानि। अस्य उत्तरमतंत्रे 66 अध्यायाः सन्ति।

(ग) वैनतेयमिवोरगा: – कश्यप ऋषि की दो पत्नियाँ थीं-कट्ठ और विनता। विनता का पुत्र गरुड़ और कट्ठ का पुत्र सर्प थे। विनता का पुत्र होने के कारण गरुड़ को वैनतेय कहा जाता है। (विनतायाः अयम् वैनतेयः ढक (एय) प्रत्यये कृते)। गरुड़ सर्प से अधिक ताकतवर होता है, भयवश साँप गरुड़ के पास जाने का साहस नहीं करता। यहाँ व्यायाम करने वाले मनुष्य की तुलना गरुड़ से तथा व्याधियों की तुलना साँप से की गई है। जिस प्रकार गरुड़ के समक्ष साँप नहीं जाते। उसी प्रकार व्यायाम करने वाले व्यक्ति के पास रोग नहीं फटकते।

भाषिकविस्तार: गुणवाचक शब्दों से भाव अर्थ में ष्यज् अर्थात् य प्रत्यय लगाकर भाववाची पदों का निर्माण किया जाता है। शब्द के प्रथम स्वर में वृद्धि होती है और अन्तिम अ का लोप होता है।

(क) शूरस्य भावः शौर्यम् – शूर + ष्यज्
(ख) सुन्दरस्य भावः सौन्दर्यम् – सुन्दर + ष्यज्
(ग) सुखंस्य भावः सौख्यम् – सुख + ष्य
(घ) विदुषः भावः वैदुष्यम् – विद्वस् + ष्यज्
(ड) मधुरस्य भावः माधुर्यम् – मधुर + ष्यज्
(च) स्थूलस्य भावः स्थौल्यम् – स्थूल + ष्यज्
(छ) अरोगस्य भावः आरोग्यम् – अरोग + ष्यज्
(ज) सहितस्य भावः साहित्यम् – सहित + ष्यज्

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

थाल्-प्रत्यय – ‘प्रकार’ अर्थ में थाल प्रत्यय का प्रयोग होता है।
जैसे – तेन प्रकारेण – तथा
येन प्रकारेण – यथा
अन्येन प्रकारेण – अन्यथा
सर्वप्रकारेण – सर्वथा
उभयकारेण – उभयथा

भावविस्तार:

(क) शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्।
(ख) लाघवं कर्मसामर्थ्य स्थैर्य क्लेशसहिष्णुता।
दोषक्षयोऽग्निवृद्धिश्च व्यायामदुपजायते।

(ग) यथा शरीरस्य रक्षायै उचितं भोजनम्, उचितश्च व्यवहारः आवश्यकोऽस्ति तथैव शरीरस्य स्वास्थाय व्यायामः अपि आवश्यक।

(घ) युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु।
युक्तस्वप्नावबोधस्य योगो भवति दुःखहा।

(ड) पक्षिण: आकाशे उड्डीयन्तं तेषाम् उड़यनमेव तेषां व्यायामः। पशवोऽपि इतस्तत: पलायन्ते पलायनमेव तेषां व्यायामः।
शैशवे शिशुः स्वहस्तपादौ चालयति, अयमेव तस्य व्यामामः।
वि + आ + यम् धातोः घञ् प्रत्ययात् निष्पन्नः ‘व्यायाम’ शब्दः विस्तारस्य विकासस्य च वाचकः। यतो हि व्यायामेन अङ्गानां विकासः भवति। अतः सुखपूर्वकं जीवनं यापयितुं मनुष्यैः नित्यं व्यायामः करणीयः।

JAC Class 10th Sanskrit व्यायामः सर्वदा पथ्यः Important Questions and Answers

शब्दार्थ चयनम् –

अधोलिखित वाक्येषु रेखांकित पदानां प्रसङ्गानुकूलम् उचितार्थ चित्वा लिखत –

प्रश्न 1.
शरीरायासजननं कर्म व्यायामसंज्ञितम्।
(अ) कार्यम्
(ब) व्यायाम
(स) संज्ञितम्
(द) सुखम्
उत्तर :
(अ) कार्यम्

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

प्रश्न 2.
शरीरोपचयः कान्तिर्गात्राणां सुविभक्तता –
(अ) सुविभक्तता
(ब) दीप्ताग्नित्वम्
(स) अङ्गगानाम्
(द) लाघवं
उत्तर :
(स) अङ्गगानाम्

प्रश्न 3.
श्रमक्लमपिपासोष्ण-शीतादीनां सहिष्णुता –
(अ) सहत्वं
(ब) श्रमक्लमः
(स) सहिष्णुता
(द) उपजायते
उत्तर :
(अ) सहत्वं

प्रश्न 4.
न चास्ति सदृशं तेन किञ्चित्स्थौल्यापकर्षणम् –
(अ) सदृशं
(ब) तुल्यं
(स) व्यायामिनम्
(द) मर्त्यम्
उत्तर :
(ब) तुल्यं

प्रश्न 5.
व्याधयो नोपसर्पन्ति वैनतेयमिवोरगा: –
(अ) च पद्भ्याम्
(ब) वैनतेयम्
(स) कुर्यात्
(द) समीपं न आयान्ति
उत्तर :
(द) समीपं न आयान्ति

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प्रश्न 6.
व्यायामं कुर्वतो नित्यं विरुद्धमपि भोजनम् –
(अ) अशनम्
(ब) कुर्वतः
(स) विरुद्धम्
(द) परिपच्यते
उत्तर :
(अ) अशनम्

प्रश्न 7.
व्यायामो हि सदा पथ्यो बलिनां स्निग्धभोजिनाम् –
(अ) बलिनाम्
(ब) बलवतां
(स) व्यायामो हि
(द) स्मृतः
उत्तर :
(ब) बलवतां

प्रश्न 8.
बलस्यार्धन कर्त्तव्यो व्यायामो हन्त्यतोऽन्यथा –
(अ) ऋतुषु
(ब) नाशयति
(स) पुम्भिः
(द) अतोऽन्यथाः
उत्तर :
(ब) नाशयति

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प्रश्न 9.
व्यायामं कुर्वतो जन्तोस्तबलार्धस्य लक्षणम् –
(अ) प्रपद्यते
(ब) वक्त्रम्
(स) संकेतम्
(द) लक्षणम्
उत्तर :
(स) संकेतम्

प्रश्न 10.
समीक्ष्य कुर्याद् व्यायाममन्यथा रोगमाप्नुयात्
(अ) च देश
(ब) अशनानि
(स) परीक्ष्य
(घ) कुर्यात्
उत्तर :
(स) परीक्ष्य

संस्कृतमाध्यमेन प्रश्नोत्तराणि –

एकपदेन उत्तरत (एक शब्द में उत्तर दीजिए)

प्रश्न 1.
देहं कथं विमृद्नीयात्?
(देह की कैसे मालिश करनी चाहिए ?)
उत्तरम् :
सुखम् (सुखपूर्वक)।

प्रश्न 2.
कीदृशं कर्म व्यायामसंज्ञितम् ?
(कैसा कर्म व्यायाम संज्ञक है ?)
उत्तरम् :
शरीरायासजननम् (शरीर को थकाने वाला)।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

प्रश्न 3.
व्यायामेन गात्राणां का स्थितिः भवति ?
(व्यायाम से अंगों की क्या स्थिति होती है ?)
उत्तरम् :
सुविभक्तता (सम्यक् विभाजन)।

प्रश्न 4.
अग्नि: केन प्रदीप्तः भवति ?
(जठराग्नि किससे प्रदीप्त होती है ?)
उत्तरम् :
व्यायामेन (व्यायाम से)।

प्रश्न 5.
लाघवं केन भवति ?
(हलकापन किससे होता है ?)
उत्तरम् :
व्यायामेन (व्यायाम से)।

प्रश्न 6.
शीतोष्णसहिष्णुता कस्मात् उपजायते?
(सर्दी-गर्मी की सहन-क्षमता किससे होती है ?)
उत्तरम् :
व्यायामेन (व्यायाम से)।

प्रश्न 7.
व्यायामात् कीदृशम् आरोग्यम् उपजायते ?
(व्यायाम से कैसा आरोग्य पैदा होता है ?)
उत्तरम् :
परमम् (महान्)।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

प्रश्न 8.
व्यायामेन शरीरे का परिणतिः भवति ?
(व्यायाम से शरीर में क्या परिवर्तन होता है ?)
उत्तरम् :
स्थौल्यापकर्षणम्
(मोटापा कम करना)।

प्रश्न 9.
व्यायामिनं केन अर्दयन्ति ?
(व्यायाम करने वाले को कौन नहीं पीड़ित करते ?)
उत्तरम् :
अरयः (शत्रु)।

प्रश्न 10.
उरगाः कस्मात् बिभ्यति ?
(साँप किससे डरते हैं ?)
उत्तरम् :
गरुडात् (गरुड़ से)।

प्रश्न 11.
बलिनां सदा पथ्यः कः ?
(बलवानों के लिए सदा पथ्य क्या है ?)
उत्तरम् :
व्यायामः।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

प्रश्न 12.
पूर्णबलेन कृतः व्यायामः किं करोति?
(पूर्ण बल से किया व्यायाम क्या करता है ?)
उत्तरम् :
हन्ति (नष्ट कर देता है)।

प्रश्न 13.
हृदिस्थानं स्थितः वायुः कदा वक्त्रं प्रपद्यते ?
(हृदय में स्थित वायु कब मुँह तक पहुँचती है ?)
उत्तरम् :
बलार्द्धप्रयोगेन
(आधे बल के प्रयोग में)।

प्रश्न 14.
शरीरायासजननं किं कुर्यात् ?
(शरीर को थकाने के लिए क्या करना चाहिए?).
उत्तरम् :
व्यायामः (व्यायाम)।

प्रश्न 15.
देहं समन्ततः किं कुर्यात् ?
(शरीर का चारों ओर से क्या करना चाहिए ?)
उत्तरम् :
विमर्दनम् (मालिश)।

प्रश्न 16.
व्यायामेन कस्योपचयः भवति ?
(व्यायाम से किसकी वृद्धि होती है?)
उत्तरम् :
शरीरस्य (शरीर की)

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प्रश्न 17.
व्यायामेन केषां सुविभक्तता भवति ?
(व्यायाम से किनका सुविभाजन होता है ?)
उत्तरम् :
गात्राणाम् (अंगों का)।

प्रश्न 18.
आरोग्य केनोपजायते ?
(आरोग्य किससे पैदा होता है ?)
उत्तरम् :
व्यायामेन (व्यायाम से)।

प्रश्न 19.
शीतादीनां व्यायामात् का उपजायते ?
(शीत आदि का व्यायाम से क्या पैदा होता है ?)
उत्तरम् :
सहिष्णुता (सहनशीलता)।

प्रश्न 20.
स्थौल्यापकर्षणं केन भवति ?
(मोटापा किससे दूर होता है ?)
उत्तरम् :
व्यायामेन (व्यायाम से)।

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प्रश्न 21.
कं मनुष्यम् अरयः न अर्दयन्ति ?
(किस मनुष्य को शत्रु पीड़ित नहीं करते ?)
उत्तरम् :
व्यायामिनम्
(व्यायाम करने वाले को)।

प्रश्न 22.
जरा कं न समधिरोहति ?
(बुढ़ापा किसे नहीं घेरता ?)
उत्तरम् :
व्यायामिनम् (व्यायाम करने वाले को)।

प्रश्न 23.
व्यायामरतस्य किं स्थिरी भवति ?
(व्यायामरत का क्या स्थिर होता है ?)
उत्तरम् :
मासम्।

प्रश्न 24.
उगाः कं नोपसर्पन्ति ?
(साँप किसके पास नहीं जाते ?)
उत्तरम् :
वैनतेयस्य (गरुड़ के)।

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प्रश्न 25.
व्यायामः वयोरूपगुणैीनमपि किं करोति ?
(व्यायाम आयु, रूप और गुणहीन को भी क्या करता है?)
उत्तरम् :
सुदर्शनम् (सुन्दर)।

प्रश्न 26.
किं कुर्वतः नित्यं विरुद्धमपि भोजनं परिपच्यते ?
(क्या करते हुए का विरुद्ध भोजन भी पचता है।)
उत्तरम् :
व्यायामम् (व्यायाम को)।

प्रश्न 27.
विरुद्धम् अपि भोजनं कस्य पचति ?
(विरुद्ध भोजन भी किसका पच जाता है ?)
उत्तरम् :
व्यायामिनः
(व्यायाम करने वाले का)।

प्रश्न 28.
कीदृशां बलिनां व्यायामः सदा पथ्यः ?
(कैसे बलवानों का व्यायाम सदा पथ्य है ?)
उत्तरम् :
स्निग्धभोजिनाम् (चिकना खाने वाले का)।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

प्रश्न 29.
शीते वसन्ते च बलिनां व्यायामः कीदृशः स्मृतः ?।
(सर्दी और वसन्त में बलवानों का व्यायाम कैसा कहा गया है ?)
उत्तरम् :
पथ्यतमः (अधिक हितकर)।

प्रश्न 30.
कीदृशैः पुरुषैः व्यायामः करणीयः?
(कैसे मनुष्यों को व्यायाम करना चाहिए ?)
उत्तरम् :
आत्महितैषिभिः (अपना हित चाहने वालों को)।

प्रश्न 31.
कियत् बलेन व्यायामः करणीयः ?
(कितनी शक्ति से व्यायाम करना चाहिए ?)
उत्तरम् :
बलस्यार्द्धन (आधे बल से)।

प्रश्न 32.
वायुः कुत्र स्थितः भवति ?
(वायु कहाँ स्थित होती है ?)
उत्तरम् :
हृदिस्थाने (हृदय में)।

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प्रश्न 33.
श्लोके कस्य लक्षणं कृतम् ?
(श्लोक में किसका लक्षण किया है ?)
उत्तरम् :
बलार्धस्य (आधे बल का)।

प्रश्न 34.
यः असमीक्ष्य व्यायामं करोति सः किं प्राप्नोति ?
(जो बिना सोचे-समझे व्यायाम करता है वह क्या प्राप्त करता
उत्तरम् :
रोगम् (बीमारी)।

प्रश्न 35.
अशनानि समीक्ष्य किं कुर्यात् ?
(भोजन की परख करके क्या करना चाहिए ?)
उत्तरम् :
व्यायामम्।

पूर्णवाक्येन उत्तरत –
(पूरे वाक्य में उत्तर दीजिए)

प्रश्न 36.
कीदृशं कर्म व्यायाम इति कथ्यते ?
(कैसा कर्म व्यायाम कहलाता है ?)
उत्तरम् :
शरीरायासजननं कर्म व्यायाम इति कथ्यते।
(शरीर थकाने वाला कर्म व्यायाम कहलाता है।)

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

प्रश्न 37.
व्यायामात् किम् उपजायते ?
(व्यायाम से क्या पैदा होता है?)
उत्तरम् :
व्यायामात् परमारोग्यमुपजायते।
(व्यायाम से महान् आरोग्य पैदा होता है।)

प्रश्न 38.
व्याधयः कमिव नोपसर्पन्ति व्यायामिनम् ?
(रोग किसकी तरह व्यायामी के पास नहीं आते ?)
उत्तरम् :
व्याघयः उरगाः इव नोपसर्पन्ति व्यायामिनम्।
(साँप की तरह रोग व्यायामी के पास नहीं आते)।

प्रश्न 39.
व्यायामः कं सुदर्शनं करोति ?
(व्यायाम किसको सुन्दर बनाता है ?)
उत्तरम् :
व्यायामः वयौरूपगुणै नमपि सुदर्शनं करोति।।
(व्यायाम आयु, रूप और गुणों से हीन व्यक्ति को भी सुन्दर बनाता है।)

प्रश्न 40.
केषां व्यायामः पथ्यः ?
(कैसों का व्यायाम पथ्य है ?)
उत्तरम् :
व्यायामः सदा बलिनां स्निग्धभोजिनां च पथ्यः।
(व्यायाम शक्तिशालियों और स्निग्ध भोजन करने वालों के लिए पथ्य है।)

प्रश्न 41.
व्यायामः कदा कं हन्ति ?
(व्यायाम कब और किसे मारता है ?)
उत्तरम् :
यः मनुष्यः पूर्णबलेन व्यायामं करोति तदा व्यायामः तं हन्ति।
(जो मनुष्य पूर्ण बल से जब व्यायाम करता है तब व्यायाम उसे नष्ट करता है।)

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

प्रश्न 42.
कस्य जन्तोः हृदि स्थितः वायुः वक्त्रं प्रवर्तते ?
(किस प्राणी के हृदय में स्थित वायु मुँह की ओर बढ़ती है ?)
उत्तरम् :
व्यायाम कुर्वतो जन्तोः हृदिस्थित: वायुः वक्त्रं प्रवर्तते।
(व्यायाम करते हुए प्राणी के हृदय में स्थित वायु मुख की ओर बढ़ती है।)

प्रश्न 43.
कति वस्तूनि समीक्ष्य व्यायाम कुर्यात् ?
(कितनी वस्तुओं को परखकर व्यायाम करना चाहिए ?)
उत्तरम् :
षड् वस्तूनि समीक्ष्य व्यायाम कुर्यात्।
(छः वस्तुएँ को परखकर व्यायाम करना चाहिए।)

प्रश्न 44.
पुरुषः रोगं कथं प्राप्नोति ? (मनुष्य रोग क्यों प्राप्त करता है ?)
उत्तरम् :
यः पुरुषः वयः आदि असमीक्ष्य व्यायामं करोति सः रोगम् आप्नोति।
(जो मनुष्य उम्र आदि का विचार किए बिना व्यायाम करता है वह रोग प्राप्त करता है।)

प्रश्न 45.
व्यायामं कृत्वा किं कुर्यात् ?
(व्यायाम करके क्या करना चाहिए ?)
उत्तरम् :
व्यायामं कृत्वा समन्ततः देहं सुखं विमृदूनीयात्।
(व्यायाम करके सभी ओर से शरीर की सुखपूर्वक मालिश करनी चाहिए।)

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

प्रश्न 46.
लाघवं केनोपजायते ?
(फुर्ती किससे होती है ?)
उत्तरम् :
व्यायामेन लाघवं जायते।
(व्यायाम से फुर्ती पैदा होती है।)

प्रश्न 47.
व्यायामेन केषां सहिष्णुतोपजायते ?
(व्यायाम से किसकी सहने की क्षमता होती है ?)
उत्तरम् :
व्यायामेन श्रमक्लमपिपासोष्ण-शीतादीनां सहिष्णुतोपजायते।
(व्यायाम से श्रम, थकावट, प्यास, गर्मी और सर्दी आदि की सहन क्षमता पैदा होती है।)

प्रश्न 48.
व्यायामेन सदृशं किञ्चित् अन्यत् कस्मात् न भवति ?
(व्यायाम के समान और कुछ क्यों नहीं होता ?)
उत्तरम् :
यत: व्यायामेन स्थौल्यापकर्षणं भवति।
(क्योंकि व्यायाम से मोटापा कम होता है।)

प्रश्न 49.
व्यायामिनं जरा कथं न समधिरोहति ?
(व्यायामी को बुढ़ापा कैसे नहीं घेरता ?)
उत्तरम् :
व्यायामिनं जरा सहसा आक्रम्य न समधिगच्छति।।
(व्यायामी को बुढ़ापा अचानक आक्रमण करके नहीं घेरता है।)

प्रश्न 50.
व्याधयः कस्य समीपं नोपसर्पन्ति ?
(व्याधियाँ किसके समीप नहीं आती ?)
उत्तरम् :
व्याधयः व्यायामस्विन्नगात्रस्य पद्भ्यामुवर्तितस्य च नोपसर्पन्ति।
(व्याधियाँ व्यायाम के कारण पसीने से भीगे और पैरों से मर्दित के पास नहीं आती।)

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

प्रश्न 51.
व्यायाम कुर्वतः भोजनं कथं परिपच्यते ?
(व्यायाम करते हुए का भोजन कैसे पचता है ?)
उत्तरम् :
व्यायाम कुर्वतः भोजनं निर्दोषं परिपच्यते।
(व्यायाम करने वाले का भोजन बिना दोष के पच जाता है।)

प्रश्न 52.
बलिनां व्यायामः कदा पथ्यतमः स्मृतः ?
(बलियों का व्यायाम कब हितकर अथवा लाभकारी कहा गया
उत्तरम् :
बलिनां व्यायामः शीते वसन्ते च पथ्यतमः स्मृतः।
(बलियों का व्यायाम सर्दी और वसन्त में पथ्यतम होता है।)

प्रश्न 53.
आत्महितैषिभिः व्यायामः कदा करणीयः ?
(अपना हित चाहने वालों को व्यायाम कब करना चाहिए ?)
उत्तरम् :
आत्महितैषिभिः पुरुषैः सर्वेषु ऋतुषु प्रतिदिनं व्यायामः करणीयः।
(अपना हित चाहने वाले पुरुषों को सभी ऋतुओं में प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए।)

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प्रश्न 54.
कानि समीक्ष्य व्यायाम कुर्यात् ? (क्या परखकर व्यायाम करना चाहिए ?)
उत्तरम् :
वयोबलशरीराणि देशकाल-अशनानि च समीक्ष्य व्यायाम कुर्यात्।।
(आयु-बल-शरीर-देश-काल और भोजन की समीक्षा करके व्यायाम करना चाहिए।)

अन्वय-लेखनम –

अधोलिखितश्लोकस्यान्वयमाश्रित्य रिक्तस्थानानि मञ्जूषातः समुचितपदानि चित्वा पूरयत।
(नीचे लिखे श्लोक के अन्वय के आधार पर रिक्तस्थानों की उचित पद चुनकर कीजिए।)

1. शरीरायासजननं …………………………… विमृद्नीयात् समन्ततः।।
मञ्जूषा – समन्ततः, संज्ञितम्, कर्म, देहं।
शरीर-आयास-जननं (i) …………. व्यायाम-(i) ……………., तत् कृत्वा तु (iii) …………… सुखं (iv) ………….. विमृद्नीयात्।
उत्तरम् :
(i) कर्म (ii) संज्ञितम् (iii) देहं (iv) समन्ततः।

2. शरीरोपचयः कान्तिर्गात्राणां ………………………. स्थिरत्वं लाघवं मृजा।।
मञ्जूषा – अनालस्यं, कान्तिः, शरीरोपचयः, लाघवं।

सुविभक्तता (i) ……………… गात्राणां (ii) ……………… दीप्ताग्नित्वम् (iii) ………………. स्थिरत्वं (iv) …………….. मृजा।
उत्तरम् :
(i) शरीरोपचयः (ii) कान्तिः (iii) अनालस्यं (iv) लाघवं।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

3. श्रमक्लमपिपासोष्ण-शीतादीनां ……………………. व्यायामादुपजायते।।
मञ्जूषा – अपि, शीतादीनां, क्लम, परमं।

श्रम (i) …………………, पिपासा, उष्ण, (ii) ………………. सहिष्णुता (iii) ……………… च आरोग्यम् (iv) ……………… व्यायामादुपजायते।
उत्तरम् :
(i) क्लम (ii) शीतादीनां (iii) परमं (iv) अपि।

4. न चास्ति सदृशं तेन …………………………….. मर्त्यमर्दयन्त्यरयो बलात्।।
मञ्जूषा – मर्त्यम्, सदृशं, अर्दयन्ति, अपकर्षम्।

तेन च (i) ……………….. किञ्चित् स्थौल्य-(ii) …………… नास्ति व्यायामिनं (iii) ……………… अरयः बलात् न (iv) ……………… च।
उत्तरम् :
(i) सदृशं (ii) अपकर्षम् (iii) मर्त्यम् (iv) अर्दयन्ति।

5. न चैनं सहसाक्रम्य ………………… व्यायामाभिरतस्य च।।
मञ्जूषा – सहसा, स्थिरी, च, समधिरोहति।

च एनं (i) ………………. आक्रम्य जरा न (ii) ……………….. व्यायामाभिरतस्य (iii) ……………… मांसं (iv) ………….. भवति।
उत्तरम् :
(i) सहसा (ii) समधिरोहति (iii) च (iv) स्थिरी।

6. व्यायामस्विन्नगात्रस्य ……………………… कुर्यात्सुदर्शनम्।।
मञ्जूषा – सुदर्शनं, इव, पद्भ्यामुवर्तितस्य, नोपसर्पन्ति।

व्यायामस्विन्नगात्रस्य च (i) ………………. वैनतेयम् उरगाः (ii) ……………….. व्याधयो (iii) …………………। वयोरूपगुणहीनमपि (iv) ………………… कुर्यात्।
उत्तरम् :
(i) पद्भ्यामुवर्तितस्य (ii) इव (iii) नोपसर्पन्ति (iv) सुदर्शन।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

7. व्यायाम कुर्वता …………………………… निर्दोषं परिपच्यते।।
मञ्जूषा – व्यायाम, निर्दोष, अविदग्धम्, विरुद्धम्।

नित्यं (i) ……………….. कुर्वतो भोजनं (ii) ……………… अपि विदग्धम् (iii) ……………….. वा (iii)……. परिपच्यते।
उत्तरम् :
(i) व्यायाम (ii) विरुद्धम् (iii) अविदग्धम् (iv) निर्दोषं।

8. व्यायामो हि सदा ……………………………………………. पथ्यतमः स्मृतः।।
मञ्जूषा – पथ्यतमः पथ्यः, बलिनां, शीते।

स्निग्धभोजिनाम् (i)……. व्यायामो हि सदा (ii)……. सः च तेषां (iii)……. वसन्ते च (iv)……. स्मृतः।
उत्तरम् :
(i) बलिनां (ii) पथ्यः (iii) शीते (iv) पथ्यतमः

9. सर्वेष्वृतुष्वहरहः ………………………………………………. हन्त्यतोऽन्यथा।।
मञ्जूषा-कर्त्तव्यः, बलस्यार्थेन, अहरहः, अन्यथा।

सर्वेषु ऋतुषु (i)…… पुम्भिः आत्महितैषिभिः, (ii)….. व्यायामः (i)….. अत: (iii)……, (व्यायाम:) हन्ति।
उत्तरम् :
(i) अहरहः (ii) बलस्यार्धेन (iii) कर्त्तव्यः (iv) अन्यथा।

10. हृदिस्थानास्थितो वायुर्यदा ……………………………………… लक्षणम्।।
मञ्जूषा – व्यायामकुर्वतः, प्रपद्यते, बलार्धस्य, हृदिस्थानास्थितो। यदा (i)……. वायुः वक्त्रं (ii)……. तद् (iii)……. जन्तोः (iii)……. लक्षणम्।
उत्तरम् :
(i) हृदिस्थानास्थितो (ii) प्रपद्यते (iii) व्यायामकुर्वतः (iv) बलार्धस्य।

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11. वयोबलशरीराणि ……………………………. रोगमाप्नुयात्।।
मञ्जूषा – शरीराणि, अन्यथा, व्यायाम, अशनानि।

वय:-बल-(i)……. च देश-काल-(ii)……. समीक्ष्य (iii)……. कुर्यात् (iii)…….रोगमाप्नुयात्।
उत्तरम् :
(i) शरीराणि (ii) अशनानि (iii) व्यायाम (iv) अन्यथा।

प्रश्ननिर्माणम् –

अधोलिखित वाक्येषु स्थूलपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत –

1. शरीरायासजननं कर्म व्यायामसंज्ञितम्।
(शरीर के श्रम से उत्पन्न कर्म व्यायाम संज्ञक है।)
2. व्यायामं कृत्वा सुखेन देहं समन्ततः विमृद्नीयात्।।
(व्यायाम करके सुखपूर्वक देह का सभी ओर से मर्दन करना चाहिए।)
3. व्यायामिनं मर्त्यम् अरयः बलात् न अर्दयन्ति।
(व्यायामी मनुष्य को शत्रु बलपूर्वक नहीं कुचल डालते हैं।)
4. व्यायामिनं सहसाक्रम्य जरा न समधिरोहति।
(व्यायामी व्यक्ति को अचानक आक्रमण करके बुढ़ापा आरूढ़ नहीं होता।)
5. व्यायामरतस्य मांसं स्थिरीभवति।
(व्यायामरत (मनुष्य) का मांस स्थिर रहता है।)
6. व्यायामस्विन्नगात्रस्य व्याधयो नोपसर्पन्ति।
(व्यायाम के कारण पसीने से लथपथ शरीर वालों के व्याधियाँ पास नहीं आती।)
7. वैनतेयम् उरगाः नोपसर्पन्ति ?
(गरुड़ के पास सर्प नहीं आते हैं।)
8. व्यायाम कुर्वतः विरुद्धमपि भोजनं निर्दोषं परिपच्यते।
(व्यायाम करते हुए व्यक्ति को विरुद्ध भोजन भी निर्दोष पचता है।)
9. व्यायामो हि सदा पथ्यो बलिनां स्निग्धभोजिनाम्।
(बलवान् और स्नेहयुक्त भोजन करने वालों के लिए व्यायाम सदा पथ्य होता है।)
10. आरोग्यम् चापि व्यायामाद् उजायते।
(आरोग्य आदि व्यायाम से प्राप्त होते है।)
उत्तराणि :
1. कीदृशं कर्म व्यायामसंज्ञितम् ?
2. किं कृत्वा सुखं देहं समन्ततः विमृद्नीयात् ?
3. कं मर्त्यम् अरयः बलात् न अर्दयन्ति ?
4. व्यायामिनं सहसाक्रम्य का न समधिरोहति ?
5. कस्य मांसं स्थिरी भवति ?
6. कस्य व्याधयः नोपसर्पन्ति ?
7. कम् उरगाः नोपसर्पन्ति ?
8. कस्य विरुद्धमपि भोजनं निर्दोषं परिपच्यते ?
9. व्यायामो हि सदा कस्य पथ्यः ?
10. आरोग्यम् चापि कस्मात् उपजायते?

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भावार्थ-लेखनम् –

अधोलिखित पद्यांशानां संस्कृते भावार्थं लिखत –

1. शरीरायासजननं कर्म ………………………….. विमृद्नीयात् समन्ततः ॥

भावार्थ – वपुसः उद्यमेन या श्रान्ति भवति तत् कर्म व्यायाम इति नाम्ना ज्ञायते। तत्कर्म व्यायाम वा विधाय तु मानवस्य शरीरं सुखी भवति। व्यायामं कृत्वा सर्वतः शरीरस्य अभ्यजनं कुर्यात्।

2. शरीरोपचयः ……………………. लाघवं मृजा ॥

भावार्थ – अनेन व्यायामेन मानवशरीरस्य सुविभक्तता शारीरिक सौष्ठवम् वा, अङ्गानां विकास: जठराग्ने: प्रवर्धने, आलस्य प्रमाद हीनता वा स्थैर्यम् शरीरे स्फूर्तिः स्वच्छीकरणं च भवति।

3. श्रमक्लमपिपासोष्ण-शीतादीनां …………………….. व्यायामादुपजायते ॥

भावार्थ – श्रमजनित शैथिल्यं, जलपातुमिच्छा, तापः, शैत्यादीनां सो, क्षमता सामर्थ्य वा अत्यधिकं नैरोग्यं अपि व्यायामात् सम्भवति।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

4. न चास्ति सदृशं तेन ………………………… मर्त्यमर्दयन्त्यरयो बलात् ॥

भावार्थ – अमुना (व्यायामेन) तुल्यं किमपि नास्ति यः स्थूलतां पीवरतां वा दूरीकर्तुं शक्नोति। अर्थात् व्यायामात् पीनत्वं दूरीकरणं तनुता सम्भवति। श्रमरतं मानवं शत्रवोऽपि बलपूर्वकं न पीडयन्ति।

5. न चैनं सहसाक्रम्य …………………….. व्यायामाभिरतस्य च ॥

भावार्थ – च इमं व्यायामिनं अकस्मादेव वार्धक्यमपि आरूढं न भवति। परिश्रमे संलग्नस्य पिशितमपि शान्तं जायते।

6. व्यायामस्विन्नगात्रस्य ……………………………………. कुर्यात्सुदर्शनम् ॥

भावार्थ – परिश्रमजनित श्रम जलेन क्लिन्न शरीरस्य पादाभ्यां च उन्नमितस्य समीपे व्याधय रोगाः वा न आयान्ति। यथा गरुडस्य समीपे सर्पाः न आयान्ति। सौन्दर्यरहितं गुणविशेष रहितमपि व्यायामः सुदर्शनीयं करोति।

7. व्यायाम कुर्वतो नित्यं …………………………………. निर्दोषं परिपच्यते ॥

भावार्थ – यः मनुष्य सदैव प्रतिदिनं उद्यमं करोति तस्य प्रतिकूलम् अपि, सुपक्वम् अपक्वम् वापि भोजनं दोषं विनैव पचति।

8. व्यायामो हि सदा पथ्यो …………………….. तेषां पथ्यतमः स्मृतः ॥

भावार्थ-तैलघृतादि स्नेहयुक्त अशनानि भुञ्जानानां शक्तिशालिनां परिश्रमः सर्वदा सर्वाधिक हितकरः कथ्यते।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

शेमुषी-द्वितीयो भागः

9. सर्वेष्वृतुष्वहरहः ………………………………………. व्यायामो हन्त्यतोऽन्यथा ॥

संस्कृत व्याख्या: – अखिलेषु कालेषु प्रतिदिनं स्वकीयं हिताभिलाषुकैः पुरुषैः आत्मनः शरीरस्य शक्तेः अर्धांशेन एव परिश्रमः करणीयः। अस्मात् अधिक: व्यायामः मानवं नाशयति। पूर्ण सामर्थ्येन विहितः व्यायामः व्याधिमामन्ययति।

10. हृदिस्थानास्थितो …………………………………………. लक्षणम् ॥

भावार्थ – यस्मिन् काले हृदयस्थले विद्यमानः वातः मुखं प्रवर्तते तत् व्यायामिनः प्राणिनः अर्ध बलस्य सङ्केत भवति।

11. वयोबलशरीराणि ……………………………… रोगमाप्नुयात् ॥

भावार्थ – आयुः बलं (शक्ति) गात्राणि, स्थानं समयं भोजनं च सम्यक् परीक्ष्य एव परिश्रमं (व्यायाम) कुर्वीत् नोचेत् रुग्णताम् आप्नोति।

अधोलिखितसूक्तीनां भावबोधं हिन्दी-अंग्रेजी-संस्कृतभाषया वा लिखत।
(निम्नलिखित सूक्तियों का भावार्थ हिन्दी, अंग्रेजी अथवा संस्कृत भाषा में लिखिए।)

(i) शरीरायासजननं कर्म व्यायामसंज्ञितम्।
भावार्थ – येन कार्येण श्रान्तिः श्रमं वा भवति तत् कर्म व्यायाम इति नाम्ना ज्ञायते।
(जिस कार्य से थकावट अथवा श्रम होता है वह काम व्यायाम के नाम से जाना जाता है।)

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

(ii) आरोग्यं चापि परमं व्यायामादुपजायते।
भावार्थ – व्यायामः तु नीरोगतां स्वस्थतां वा अपि करोति।
(व्यायाम तो रोगरहित अथवा स्वस्थ भी करता है।)

(iii) न चास्ति सदृशं तेन किञ्चित्स्थौल्यापकर्षणम्।
भावार्थ – अतः व्यायामेन तुल्यः न अन्यत् किञ्चित् कार्यं यत् शरीरस्य स्थूलतां गुरुतां वा अपकर्षेत्।
(अतः व्यायाम के समान अन्य कोई कार्य नहीं जो शरीर का मोटापा दूर करे।)

(iv) व्यायामो हि सदा पथ्यः।
भावार्थ – व्यायामः श्रमः वा सदैव मानवस्य हितकारकः भवति।
(व्यायाम अथवा श्रम सदैव मानव का हितकारक होता है।)

(v) बलस्यार्धन कर्तव्यो व्यायामः।
भावार्थ – मानवेन स्वस्य अर्द्धसामर्थ्येन व्यायामः करणीयः न तु पूर्ण बलेन।
(मनुष्य को अपनी आधी क्षमता से ही व्यायाम करना चाहिए न कि पूरे बल से।)

व्यायामः सर्वदा पथ्यः Summary and Translation in Hindi

पाठ-परिचय – संस्कृत में आयुर्विज्ञान विषय पर प्रभूत साहित्य की रचना हुई है। इसी क्रम में तीसरी शताब्दी में आचार्य सुश्रुत ने ‘सुश्रुतसंहिता’ की रचना की। ‘सुश्रुतसंहिता’ में शल्य-चिकित्सा की प्रधानता है। इस ग्रन्थ में रोगों की चिकित्सा के साथ-साथ उनके पथ्यों का भी उल्लेख किया गया है। ‘सुश्रुतसंहिता’ छः खण्डों में विभक्त है, जिन्हें ‘स्थान’ कहा गया है।

प्रस्तुत पाठ आयुर्वेद के इसी प्रसिद्ध ग्रन्थ के चिकित्सास्थान के 24वें अध्याय से संकलित है। इसमें आचार्य सुश्रुत ने व्यायाम की परिभाषा बताते हुए उससे होने वाले लाभों की चर्चा की है। शरीर में सुगठन, कान्ति, स्फूर्ति, सहिष्णुता, नीरोगता आदि व्यायाम के प्रमुख लाभ हैं।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

मूलपाठः, अन्वयः, शब्दार्थाः, सप्रसंग हिन्दी-अनुवादः

1. शरीरायासजननं कर्म व्यायामसंज्ञितम्।
तत्कृत्वा तु सुखं देहं विमृद्नीयात् समन्ततः ।।1।।

अन्वयः – शरीर-आयास-जननं कर्म व्यायाम-संज्ञितम्, तत् कृत्वा तु देहं सुखं समन्ततः विमृद्नीयात्।

शब्दार्थाः – शरीर = गात्रे (शरीर में), आयास = श्रमम् (थकावट), जननम् = उत्पादकम् (पैदा करने वाला), कर्म = कार्यम् (कार्य), व्यायाम = (कसरत), संज्ञितम् = नामधेयम् (नामवाला है), तत् = तं व्यायामम् (उस व्यायाम को), कृत्वा = सम्पाद्य, विधाय (करके), तु = तदा (तब), देहम् = गात्रम् (शरीर को), सखम् = सुखपूर्वकम, सहजभावेन (सुखपूर्वक), समन्ततः = सर्वतः (पूरी तरह से, सभी ओर से), विमृदुनीयात् = मर्दयेत् (मालिश करनी चाहिए।

सन्दर्भ-प्रसङ्गश्च – यह श्लोक हमारी शेमुषी पाठ्यपुस्तक के ‘व्यायामः सर्वदा पथ्यः’ पाठ से उद्धृत है। यह पाठ आचार्य सुश्रुत रचित ‘सुश्रुत-संहिता’ से सङ्कलित है। इस श्लोक में आचार्य व्यायाम की परिभाषा प्रस्तुत करते हैं। वे कहते हैं –

हिन्दी-अनुवादः – शरीर में थकावट पैदा करने वाला कार्य व्यायाम नाम वाला है अर्थात् व्यायाम कहलाता है। उस व्यायाम को करके तो (तब) सुखपूर्वक (सहज रूप से) पूरी तरह (सभी ओर से शरीर के अंगों की) मालिश करनी चाहिए।

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2. शरीरोपचयः कान्तिर्गात्राणां सुविभक्तता।
दीप्ताग्नित्वमनालस्यं स्थिरत्वं लाघवं मृजा ।।2।।

अन्वयः – सुविभक्तता शरीरोपचयः गात्राणां कान्तिः दीप्ताग्नित्वम् अनालस्यं स्थिरत्वं लाघवं मृजा।

शब्दार्थाः – (व्यायामेन) सुविभक्तता = शारीरिकं सौष्ठवम् (शारीरिक सौन्दर्य), (सम्यक विभक्तस्य) शरीरोपचयः = गात्रस्य अभिवृद्धिः, अंगानां विकासः (शरीर की वृद्धि), गात्राणाम् = अङ्गानाम् (अंगों की), कान्तिः = आभा (चमक), दीप्ताग्नित्वम् = जठराग्नेः प्रवर्धनम् (जठराग्नि का प्रदीप्त होना अर्थात् भूख लगना), अनालस्यम् = आलस्यहीनता (आलस्यहीनता), स्थिरत्वम् = स्थिरता (स्थिरता), लाघवं = स्फूर्तिः (फुर्ती), मृजा = स्वच्छीकरणम् (स्वच्छता), (भवन्ति = होती हैं)।।

सन्दर्भ – प्रसङ्गश्च – यह श्लोक हमारी ‘शेमुषी’ पाठ्य पुस्तक के ‘व्यायामः सर्वदा पथ्यः’ पाठ से लिया गया है। यह पाठ आचार्य सुश्रुत द्वारा रचे गये ग्रन्थ ‘सुश्रुत संहिता’ से संकलित है। इस श्लोक में आचार्य व्यायाम के लाभों को बताकर उसका महत्व प्रदर्शित करते हैं।

हिन्दी-अनुवादः – (व्यायाम से) शारीरिक सौन्दर्य, शरीर की वृद्धि, अंगों की चमक, जठराग्नि का प्रदीप्त होना अर्थात् भूख लगना, आलस्यहीनता, स्थिरता, फुर्ती एवं स्वच्छता (होती हैं)।

3. श्रमक्लमपिपासोष्ण-शीतादीनां सहिष्णुता।।
आरोग्यं चापि परमं व्यायामादुपजायते ।।3।।

अन्वयः – श्रम क्लम, पिपासा, उष्ण, शीतादीनां सहिष्णुता परमं च आरोग्यम् अपि व्यायामादुपजायते।

शब्दार्थाः – श्रमक्लमः = श्रमजनितं शैथिल्यम् (थकान), पिपासा = पातुम् इच्छा (प्यास), उष्णः = तापः (गर्मी), शीतादीनाम् = शैत्यादीनाम् (ठण्ड आदि की), सहिष्णुता = सहत्वं/सोढुं क्षमता (सहन करने की शक्ति/सामर्थ्य), च = (और), परमम् = अत्यधिकम् (महान्), आरोग्यम् अपि = स्वस्थता/नीरोगिता अपि (रोगहीनता भी), व्यायामाद् = श्रमाद् (कसरत करने से), उपजायते = सम्भवति (होता है)।

सन्दर्भ-प्रसङ्गश्च – यह श्लोक हमारी पाठ्य पुस्तक शेमुषी के ‘व्यायाम सर्वदा पथ्यः’ पाठ से उद्धृत है। यह पाठ आचार्य सुश्रुत रचित ‘सुश्रुत संहिता’ ग्रन्थ से संकलित है। इस श्लोक में आचार्य व्यायाम से होने वाले गुणों का प्रतिपादन करते हुए कहते हैं।

हिन्दी-अनुवादः – थकान, प्यास, गर्मी, ठण्ड आदि को सहन करने की शक्ति और महान् स्वस्थता (नीरोगता) अर्थात् रोग-हीनता व्यायाम से होती है।

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4. न चास्ति सदृशं तेन किञ्चित्स्थौल्यापकर्षणम्।
न च व्यायामिनं मर्त्यमर्दयन्त्यरयो बलात् ।।4।।

अन्वयः – तेन च सदशं किञ्चित स्थौल्य-अपकर्षम नास्ति व्यायामिनं मर्त्यम अरयः बलात न अर्दयन्ति च।

शब्दार्थाः – तेन च = अमुना च (और इसके), सदृशं = समानं, तुल्यम् (समान), किञ्चित् = (कुछ), स्थौल्यापकर्षणम् = अतिमांसलत्वम्, पीनताम् दूरीकरणम् (मोटापा दूर करना, कम करना), नास्ति = न वर्तते (नहीं है), व्यायामिनम् = श्रमरतं, व्यायामनिरतम् (व्यायाम करने वाले व्यक्ति को), मर्त्यम् = मनुष्यम् (मानव को), अरयः = शत्रवः (शत्रुगण), बलात् = बलपूर्वकम् (जबरदस्ती), न अर्दयन्ति = अर्दनं न कुर्वन्ति, न पीडयन्ति (नहीं कुचल डालते हैं)।

सन्दर्भ-प्रसङ्गश्च – प्रस्तुत श्लोक हमारी संस्कृत की पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ (द्वितीयो भागः) के ‘व्यायामः सर्वदा पथ्यः’ शीर्षक पाठ से उद्धृत किया गया है। मूलतः यह पाठ आचार्य सुश्रुत द्वारा विरचित आयुर्वेद के सुप्रसिद्ध ग्रन्थ ‘सुश्रुतसंहिता’ के चिकित्सास्थान में वर्णन किये गये 24वें अध्याय से संकलित किया गया है। इस श्लोक में व्यायाम करने से मोटापा दूर किये जाने का लाभ वर्णित करते हुए कहा गया है कि व्यायाम करने वाले को शत्रु भी पराजित नहीं कर पाते हैं।

हिन्दी-अनुवादः – और उस व्यायाम के समान मोटापा दूर (कम) करने वाला कोई (साधन) नहीं है। व्यायाम करने वाले व्यक्ति को शत्रुगण जबर्दस्ती नहीं कुचल सकते हैं। (या पीड़ा नहीं देते।)

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5. न चैनं सहसाक्रम्य जरा समधिरोहति।
स्थिरीभवति मांसं च व्यायामाभिरतस्य च।। 5।।

अन्वयः – च एनं सहसा आक्रम्य जरा न समधिरोहति व्यायामाभिरतस्य च मांसं स्थिरी भवति।

शब्दार्थाः – च एनम् = च इमं व्यायामिनम् (और इस व्यायाम करने वाले को), सहसा = अकस्मात् (अचानक), जरा = वृद्धत्वं, वार्धक्यम् (बुढ़ापा), न समधिरोहति = न आरूढं भवति (सवार नहीं होता है, नहीं दबोचता), व्यायामाभिरतस्य च = व्यायामे/परिश्रमे संलग्नस्य च (और व्यायाम/परिश्रम में संलग्न/लगे हुए व्यक्ति का), मांसं = आमिषम्, पिशितम् (मांस), स्थिरी = शान्तः (स्थिर), भवति = जायते (होता है)।

सन्दर्भ-प्रसङ्गश्च – यह श्लोक हमारी शेमुषी पाठ्य पुस्तक के ‘व्यायाम सर्वदा पथ्यः’ पाठ से लिया गया है। यह पाठ आचार्य सुश्रुत-विरचित ‘सुश्रुत संहिता’ आयुर्वेद ग्रन्थ से सङ्कलित है। इस श्लोक में आचार्य सुश्रुत कहते हैं कि व्यायाम करने वाले व्यक्ति का मांस स्थिर हो जाता है तथा उसे अकस्मात् बुढ़ापा भी नहीं घेरता है।

हिन्दी-अनुवादः- और इस व्यायाम (परिश्रम) करने वाले को बुढ़ापा अचानक नहीं दबोचता (आरूढ़ होता) है। व्यायाम (परिश्रम) में संलग्न (लगे हुए) व्यक्ति का मांस स्थिर (शान्त) रहता है।

6. व्यायामस्विन्नगात्रस्य पद्भ्यामुवर्तितस्य च।
व्याधयो नोपसर्पन्ति वैनतेयमिवोरगाः
वयोरूपगुणैीनमपि कुर्यात्सुदर्शनम्।।6।।

अन्वयः – व्यायामस्विन्नगात्रस्य च पद्भ्यामुवर्तितस्य वैनतेयम् उरगाः इव व्याधयो नोपसर्पन्ति। वयोरूपगुणहीनमपि सुदर्शनं कुर्यात्।

शब्दार्थाः – व्यायाम = व्यायामेन, परिश्रमेण (व्यायाम या परिश्रम से), स्विन्नगात्रस्य = श्रमजलेन, स्वेदेन सिक्तस्य शरीरस्य (पसीने से लथपथ शरीर वाले का), च पद्भ्याम् = च पादाभ्याम् (और पैरों से), उद्वर्तितस्य = उन्नमितस्य (ऊपर उठने वाले, पैरों से रौंधने वाले, व्यायाम करने वाले के), वैनतेयम् = गरुड़ (गरुड़ के), उरगाः इव = सर्पाः इव (साँपों के समान) व्याधयः = रोगाः (बीमारियाँ), नोपसर्पन्ति = समीपं न आयान्ति (पास नहीं आती हैं), वयो = आयुसं (आयु), रूप = सौन्दर्य (सुन्दर रूप), गुण = गुण विशेष (गुण विशेष), हीनम् अपि = रहितमपि (रहित को भी). सुदर्शनम् = शोभनीयं (सुन्दर दिखाई देने वाला), कुर्यात् = करोति (बना देता है)।

सन्दर्भ-प्रसङ्गश्च – प्रस्तुत श्लोक हमारी संस्कृत की पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ के ‘व्यायामः सर्वदा पथ्यः’ शीर्षक पाठ से उद्धृत किया गया है। मूलतः यह पाठ आचार्य सुश्रुत द्वारा विरचित आयुर्वेद के सुप्रसिद्ध ग्रन्थ ‘सुश्रुतसंहिता’ के चिकित्सास्थान में वर्णन किये गये 24वें अध्याय से संकलित किया गया है। इस श्लोक में व्यायाम के महत्त्व को प्रदर्शित करते हुए कहा गया है कि व्यायाम करने वाला कभी रोगी नहीं बनता है।

हिन्दी-अनुवादः- व्यायाम या परिश्रम के कारण पसीने से लथपथ शरीर वाले तथा पैरों से रौंधे हुए शरीर वाले व्यक्ति के पास व्याधियाँ गरुड़ के पास साँपों की तरह नहीं आती हैं। (व्यायाम) आयु, रूप और गुणरहित व्यक्ति को भी दर्शनीय बना देता है।

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7 व्यायाम कुर्वतो नित्यं विरुद्धमपि भोजनम्।
विदग्धमविदग्धं वा निर्दोषं परिपच्यते ।।7।।

अन्वयः – नित्यं व्यायामं कुर्वतो भोजनं विरुद्धम् अपि विदग्धम् अविदग्धम् वा निर्दोषं परिपच्यते।।

शब्दार्थाः – नित्यम् = सदैव, प्रतिदिनम् (हमेशा, रोजाना), व्यायामम् = श्रमम् (व्यायाम), कुर्वतः = कुर्वाणस्य (करने वाले के), भोजनम् = खाद्यम्, अशनम् (भोजन के), विरुद्धम् = प्रतिकूलम् (विपरीत होने पर भी), वा = अथवा (भोजनम् = खाना), विदग्धम् = सुपक्वम् (भली-भाँति पका हुआ), अविदग्धम् = अपक्वम् (न पका हुआ), निर्दोषं = दोषं विना (बिना किसी दोष के), परिपच्यते = जीर्यते (आसानी से पच जाता है)।

सन्दर्भ-प्रसङ्गश्च – यह श्लोक हमारी शेमुषी पाठ्य पुस्तक के व्यायामः सर्वदा पथ्यः पाठ से लिया गया है। यह पाठ आचार्य सुश्रुत-रचित सुश्रुत-संहिता आयुर्वेद ग्रन्थ से सङ्कलित है। इस श्लोक में आचार्य प्रतिपादित करते हैं कि व्यायाम से सब प्रकार का भोजन अच्छी तरह पचता है।

हिन्दी-अनुवादः – रोजाना व्यायाम करने वाले मनुष्य को विपरीत होते हुए भी भली-भाँति पके हुए तथा कम पके हुए भोजन आसानी से बिना परेशानी के पच जाते हैं।

8 व्यायामो हि सदा पथ्यो बलिनां स्निग्धभोजिनाम्।
स च शीते वसन्ते च तेषां पथ्यतमः स्मृतः।।8।।

अन्वयः – स्निग्धभोजिनाम् बलिनां व्यायामो हि सदा पथ्यः सः च तेषां शीते वसन्ते च पथ्यतमः स्मृतः।

शब्दार्थाः – स्निग्धभोजिनाम् = स्नेहयुक्त अशनानि खादताम् (चिकना भोजन खाने वालों), बलिनाम् = बलवताम्, शक्तिशालिनाम् (बलवान् व्यक्तियों के लिए), व्यायामो हि = व्यायामः, परिश्रमः (व्यायाम), सदा = सर्वदा (हमेशा), पथ्यतमः = सर्वाधिकः हितकरः (सबसे अधिक हितकर), स्मृतः = कथ्यते (कहा जाता है)। . सन्दर्भ-प्रसङ्गश्च-यह श्लोक हमारी शेमुषी पाठ्यपुस्तक के व्यायामः सर्वदा पथ्यः पाठ से लिया गया है। यह पाठ आचार्य सुश्रुत-रचित सुश्रुत-संहिता आयुर्वेद ग्रन्थ से सङ्कलित है। इस श्लोक में आचार्य व्यायाम का उचित काल बताते हैं। शीतकाल और बसन्त काल में व्यायाम करना सबसे अधिक लाभदायक होता है।

हिन्दी-अनुवादः – चिकना भोजन खाने वालों और बलवान् व्यक्तियों का व्यायाम शीत और वसंत में सदैव सबसे . अधिक हितकर कहलाता है।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

9. सर्वेष्वृतुष्वहरहः पुम्भिरात्महितैषिभिः।
बलस्यार्धेन कर्त्तव्यो व्यायामो हन्त्यतोऽन्यथा।।9।।

अन्वयः – सर्वेषु ऋतुषु अहरहः पुम्भिः आत्महितैषिभिः, बलस्यार्धेन व्यायामः कर्त्तव्यः अतः अन्यथा, (व्यायामः) हन्ति।

शब्दार्थाः – सर्वेषु = अखिलेषु (सभी), ऋतुषु = कालेषु (ऋतुओं में), अहरहः = प्रतिदिनम् (हर रोज), पुम्भिः = पुरुषैः (मनुष्यों द्वारा, मनुष्यों को), आत्महितैषिभिः = स्वकीयं हितं आत्मनः हितं अभिलाषुकैः (अपना हित चाहने वालों द्वारा, या अपना हित चाहने वालों को), (आत्मनः शरीरस्य = अपने शरीर के), बलस्यार्धेन = अर्द्ध बलेन, शक्तेः अर्धांशेन (आधे बल से ही), व्यायामः कर्तव्यः = परिश्रमः करणीयः (व्यायाम करना चाहिए), अतोऽन्यथा = अस्मात् अधिकतरः व्यायामः (इससे अधिक व्यायाम मनुष्य को), हन्ति = मारयति, नाशयति (मार देता है)।

सन्दर्भ-प्रसङ्गश्च – यह श्लोक हमारी शेमुषी पाठ्य पुस्तक के ‘व्यायामः सर्वदा पथ्यः’ पाठ से लिया गया है। यह पाठ आचार्य सुश्रुत-रचित सुश्रुत-संहिता आयुर्वेद ग्रन्थ से सङ्कलित है। इस श्लोक में आचार्य व्यायाम की मात्रा का वर्णन करते। कहते हैं कि अपना भला चाहने वालों द्वारा व्यायाम आधे बल से ही करना चाहिए अन्यथा हानिकारक होता है।

हिन्दी-अनुवादः – सभी ऋतुओं में हर रोज अपने हित के अभिलाषी (चाहने वाले) मनुष्यों को अपने शरीर के आधे बल से व्यायाम करना चाहिए। इससे अधिक व्यायाम मनुष्य को मार देता है।

10. हृदिस्थानास्थितो वायुर्यदा वक्त्रं प्रपद्यते।
व्यायाम कुर्वतो जन्तोस्तबलार्धस्य लक्षणम् ।।10।।

अन्वयः – यदा हृदिस्थानास्थितो वायुः वक्त्रं प्रपद्यते तद् व्यायामकुर्वतः जन्तोः बलार्धस्य लक्षणम्।

शब्दार्थाः – यदा = यस्मिन् काले (जिस समय), हृदिस्थानास्थितः = हृदयस्थले विद्यमानः (हृदय स्थल में विद्यमान), वायुः = वातः (हवा, वात), वकाम् = मुखम् (मुँह पर), प्रपद्यते = प्रवर्तते (प्रवर्तित होती है), तद् = असौ (वह), व्यायामकुर्वतः = व्यायामिनः (व्यायाम करने वाले का), जन्तोः = प्राणिनः (प्राणी के), बलार्धस्य = अर्धबलस्य, शक्तेः अर्धांशस्य (आधे सामर्थ्य, बल), लक्षणम् = सङ्केतम्, लक्षणस्य प्रतीतिः (लक्षण की प्रतीति है)।

सन्दर्भ-प्रसङ्गश्च – यह श्लोक हमारी शेमुषी पाठ्य पुस्तक के ‘व्यायामः सर्वदा पथ्यः’ पाठ से लिया गया है। यह पाठ आचार्य सुश्रुत-रचित सुश्रुत-संहिता आयुर्वेद ग्रन्थ से सङ्कलित है। इस श्लोक में आचार्य अर्धबल का लक्षण कहते हैं।

हिन्दी-अनुवादः – जिस समय (जब) हृदयस्थल में विद्यमान वात (हवा) मुख की ओर प्रवृत्त होती है तब व्यायाम करने वाले प्राणी के आधे बल (सामर्थ्य) का लक्षण (संकेत) प्रतीत होता है।

JAC Class 10 Sanskrit Solutions Chapter 3 व्यायामः सर्वदा पथ्यः

11. वयोबलशरीराणि देशकालाशनानि च।
समीक्ष्य कुर्याद् व्यायाममन्यथा रोगमाप्नुयात् ।।11।।

अन्वयः – वयः-बल-शरीराणि च देश-काल-अशनानि समीक्ष्य व्यायाम कुर्यात् अन्यथा रोगमाप्नुयात्।

शब्दार्थाः – वयः = आयुः, अवस्थाम् (उम्र), बल = शक्ति (ताकत), शरीराणि = गात्राणि (शरीर), च देश = स्थानम् (स्थान), काल = समय (समय), अशनानि = आहाराः, भोजनानि (भोजन को), समीक्ष्य = परीक्ष्य (परीक्षण करके/परख करके), व्यायाम = परिश्रमं (कसरत), कुर्यात् = कुर्वीत (करना चाहिए), अन्यथा = नोचेत् (नहीं तो, अन्यथा), रोगम् = रुग्णताम् (रोग), आप्नुयात् = लभते (प्राप्त करता है)।

सन्दर्भ-प्रसङ्गश्च-यह श्लोक हमारी शेमुषी पाठ्य पुस्तक के व्यायामः सर्वदा पथ्यः पाठ से लिया गया है। मूलतः यह पाठ आचार्य सुश्रुत-रचित ‘सुश्रुत-संहिता’ आयुर्वेद ग्रन्थ से संकलित है। इसमें आचार्य कहते हैं कि मनुष्य को व्यायाम अपनी आयु, बल, शारीरिक क्षमता, स्थान व उचित समय देख कर ही करना चाहिए।

हिन्दी-अनुवादः- (मनुष्य) आयु, बल, शरीर, स्थान, समय और भोजन का परीक्षण करके व्यायाम करे अन्यथा (नहीं तो) रुग्णता को प्राप्त होता है अर्थात् बीमार हो जाता है।

JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Important Questions and Answers.

JAC Board Class 10th Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

लघुत्तरात्मक / निबन्धात्मक प्रश्न :

प्रश्न 1.
एक अर्धगोलाकार टैंक पानी से भरा है, जिसका पानी एक पाइप द्वारा \(\frac{25}{7}\) लीटर प्रति सेकण्ड की दर से खाली किया जा रहा है। ज्ञात कीजिए कि इस टैंक को आधा खाली करने में कितना समय लगेगा, यदि टैंक के आधार का व्यास 3 मी. है।
हल:
दिया है,
अर्धगोलाकार टैंक का व्यास = 3 मी
∴ अर्धगोलाकार टैंक की त्रिज्या (r) = \(\frac{3}{2}\) मी
अर्धगोलाकार टैंक का आयतन = \(\frac{2}{3}\) πr3
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 1
∵ \(\frac{25}{7}\) लीटर पानी को खाली करने में लगा समय
= 1 सेकण्ड
∴ \(\frac{99000}{28}\) लीटर पानी को खाली करने में लगा समय
= \(\frac{7}{25} \times \frac{99000}{28}\)
= 990 सेकण्ड
= \(\frac{990}{60}\) मिनट
= 16.5 मिनट
अतः आधे टैंक को खाली करने में लगा समय = 16.5 मिनट।

JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

प्रश्न 2.
10 सेमी भुजा वाले एक घनाकार ब्लॉक के ऊपर एक अर्धगोला रखा हुआ है। अर्धगोले का अधिकतम व्यास क्या हो सकता है ? इस प्रकार बने ठोस के संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्र को पेंट करवाने का ₹ 5 प्रति 100 वर्ग सेमी की दर से व्यय ज्ञात कीजिए। [π = 3.14 लीजिए]
हल:
अर्द्धगोले का अधिकतम व्यास:
= घन के एक किनारे की ल. (a) = 10 सेमी
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 2
∴ अर्द्धगोले की त्रिज्या, r = \(\frac{10}{2}\) = 5 सेमी
अब ठोस का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षे. = घन का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल + अर्द्धगोलीय का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल – अर्द्धगोले के आधार का क्षेत्रफल
= 6a2 + 2πr2 – πr2
= 6 × 102 + 2 × 3.14 × (5)2 – 3.14 × (5)2 सेमी2
= 600 + 157 – 78.5 cm2
= 678.5 cm2
पेंट करवाने का खर्चा = ₹ 5 प्रति 100 सेमी2
∴ ठोस को पेंट करवाने का खर्चा
= 678.5 × \(\frac{5}{100}\)
= ₹ 33.90 (लगभग)
अतः पेंट करवाने का व्यय = ₹ 33.90 (लगभग)।

प्रश्न 3.
एक ठोस धातु के बेलन के दोनों किनारों से उसी व्यास के अर्द्धगोले के रूप में धातु निकाली गई। बेलन की ऊँचाई 10 सेमी तथा इसके आधार की त्रिज्या 4.2 सेमी है। शेष बेलन को पिघलाकर 1.4 सेमी मोटी बेलनाकार तार बनाई गई तार की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
हल:
ठोस धातु के बेलन की ऊँचाई = 10 सेमी
ठोस धातु के बेलन की त्रिज्या = 4.2 सेमी
∴ सभी अर्द्धगोले की त्रिज्या = ठोस धातु के बेलन की त्रिज्या; r = 4.2 सेमी
अब शेष बचे हुए बेलन का आयतन = बेलन का आयतन – 2 × अर्द्धगोले का आयतन
= πr2h – 2 × \(\frac{2}{3}\)πr3
= πr2\(\left(h-\frac{4}{3} r\right)\) = π × (4.2)2 \(\left(10-\frac{4}{3} \times 4.2\right)\)
= π(4.2)2 × 4.4 सेमी3
बेलनाकार तार की मोटाई = 1.4 सेमी
बेलनाकार तार की त्रिज्या = \(\frac{2}{3}\) = 7 सेमी
माना तार की लम्बाई = H सेमी
प्रश्नानुसार-
बेलनाकार तार का आयतन = शेष बचे हुए बेलन का आयतन
⇒ π × .7 × .7 × H = π × (4.2)2.4.4
⇒ H = \(\frac{4.2 \times 4.2 \times 4.4}{.7 \times .7}\)
= 158.4
अतः तार की लम्बाई = 138.4 सेमी

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प्रश्न 4.
पानी से भरी हुई अर्द्धगोलाकार टंकी को एक पाइप द्वारा 5 लीटर प्रति सेकण्ड की दर से खाली किया जाता है। यदि टंकी का व्यास 3.5 मीटर है तो कितने समय में आधी खाली हो जायेगी।
हल:
दिया है,
अर्द्धगोलाकार टैंकी का व्यास = 13.5 मीटर
∴ त्रिज्या r = \(\frac{3.5}{2}\) मीटर
अर्द्धगोलाकार टंकी की आयतन
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 3
…….5 लीटर पानी को खाली करने में लगा समय = 1 सेकण्ड
∴ \(\frac{67375}{21}\) लीटर पानी को खाली करने में लगा समय
= \(\left(\frac{1}{5} \times \frac{67375}{21}\right)\)
\(\left(\frac{1}{5} \times \frac{67375}{21}\right)\) से. = 641.66 से. = 10.69 मिनट
अतः आधी टंकी को खाली करने में लगभग = 10.69 मिनट।

प्रश्न 5.
आकृति में, PQRS एक वर्गाकार लॉन है जिसकी भुजा PQ = 42 मीटर है। दो वृत्ताकार फूलों की क्यारियाँ भुजा PS तथा QR पर हैं जिनका केन्द्र इस वर्ग के विकणों का प्रतिच्छेन बिन्दु O है। दोनों फूलों की क्यारियों (छायांकित भाग) का कुल क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 4
हल:
वर्गाकार लॉन का क्षेत्रफल PQRS = 42 मी × 42 मी
माना OP = OS = x मी
इसलिए x2 + x2 = (42)2
⇒ 2x2 = 42 × 42
x2 = 21 × 42 …..(1)
अब भाग POS का क्षेत्रफल = \(\frac{90}{360}\) πx2 = \(\frac{1}{4}\) πx2
= \(\frac{1}{4} \times \frac{22}{7}\) × 21 × 42 मी2 …..(2)
पुन: ΔPOS का क्षे. = \(\frac{1}{4}\) × वर्गाकार लॉन PQRS का क्षे.
= \(\frac{1}{4}\) × 42 × 42 मी2 …..(3)
∠POQ = 90°
∴ फूलों की क्यारियों PSP का क्षे. = खण्ड POS भाग का क्षे. – ΔPOS का क्षे.
= \(\frac{1}{4} \times \frac{22}{7}\) × 21 × 42 – \(\frac{1}{4}\) × 42 × 42
= 33 × 21 – 441 = 693 – 441 = 252
दोनों फूलों की क्यारियों का कुल = 2 × 252 = 504 मी2
अतः दोनों फूलों की क्यारियाँ का कुल क्षे. 504 मी2 है।

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प्रश्न 6.
3.5 सेमी व्यास तथा 3 सेमी ऊँचे 504 शंकुओं को पिघलाकर एक धात्विक गोला बनाया गया। गोले का व्यास ज्ञात कीजिए। अतः इसका पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। [π = \(\frac{22}{7}\) लीजिए]
हल:
शंकु का व्यास = 3.5 सेमी
(r) = \(\frac{3.5}{2}\) सेमी
ऊँचाई (h) = 3 सेमी
अब प्रत्येक शंकु का आयतन = \(\frac{1}{3}\) πr2h
= \(\frac{1}{3} \times \frac{22}{7} \times\left(\frac{3.5}{2}\right)^2 \times 3\) = 9.625 सेमी3
∴ 504 शंकुओं का आयतन = 504 × 9.625 = 4851 सेमी3
माना धात्विक गोले की त्रिज्या = R
प्रश्नानुसार,
गोले का आयतन = 504 × (शंकु का आयतन)
\(\frac{4}{3}\) πR3 = 4851
R3 = \(\frac{4851 \times 3}{4 \times 3.14}\) = 1157.625
R = 10.5 सेमी
गोले का व्यास = 2R = 2 × 10.5 = 21 सेमी
∴ गोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 4πR2 = 4 × \(\frac{22}{7}\) × (10.5)2
= 1386 सेमी2

प्रश्न 7.
दो घनों, जिनमें से प्रत्येक का आयतन 27 सेमी3 है, तो संलग्न फलकों को मिलाकर एक ठोस बनाया जाता है। प्राप्त घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
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माना
धन की भुजा = a
घन का आयतन = 27 सेमी3
घन का आयतन = 27 भुजा3
27 सेमी3 = a3
a3 = 27
a = 3 सेमी
∴ घनाभ का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षे.
= 2 (ल. × चौ. + चौ. x ऊँ. + ऊँ. x ल.)
= 2 ( 3 × 3 + 3 × 6 + 6 × 3)
= 3(9 + 18 + 18)
= 3(45) = 135 सेमी2

प्रश्न 8.
एक ठोस अर्धगोले का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल 462 वर्ग सेमी है। इसकी त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
हल:
माना अर्धगोले की त्रिज्या r सेमी है।
प्रश्नानुसार,
अर्धगोले का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 462 वर्ग सेमी
⇒ 3πR2 = 462
⇒ 3 × \(\frac{22}{7}\) × r2 = 462
⇒ r2 = \(\frac{462 \times 7}{3 \times 22}\) = 49
⇒ r = \(\sqrt{49}\) = 7 सेमी
अतः अर्धगोले की त्रिज्या = 7 सेमी

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प्रश्न 9.
एक चाँदी के घनाभ, जिसकी विमाएँ 8 सेमी × 9 सेमी × 11 सेमी है, को पिघलाकर समान त्रिज्या के सात गोले बनाए गए है। एक चाँदी के गोले की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
हल:
माना गोले की त्रिज्या = r सेमी
घनाभ का आयतन = लम्बाई × चौड़ाई × ऊँचाई
= 8 × 9 × 11 घन सेमी
∵ घनाभ को पिघलाकर सात गोले बनाए गए हैं,
∴ घनाभ का आयतन = 7 गोलों का आयतन
⇒ 8 × 9 × 11 = 7 × \(\frac{4}{3}\) πR3
⇒ 8 × 9 × 11 = \(7 \times \frac{4}{3} \times \frac{22}{7} \times r^3\)
⇒ r3 = \(\frac{8 \times 9 \times 11 \times 3}{4 \times 22}\) = 27
⇒ r3 = (3)3
⇒ r = 3 सेमी
अतः एक गोले की त्रिज्या = 3 सेमी

प्रश्न 10.
कोई बर्तन एक खोखले अर्धगोले के आकार का है। अर्धगोले का व्यास 14 सेमी है। इस बर्तन का आन्तरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है, अर्धगोले का व्यास = 14 सेमी
∴ त्रिज्या = 7 सेमी
∵ गोला खोखला है,
∴ अर्धगोले का आन्तरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πr2
= 2 × \(\frac{22}{7}\) × (7)2 वर्ग सेमी
= 308 वर्ग सेमी

प्रश्न 11.
7 मी व्यास वाला एक कुआँ खोदा जाता है और खोदने से निकली हुई मिट्टी को समान रूप से फैलाकर 22 मी × 14 मी × 2.5 मी वाला एक चबूतरा बनाया गया है। कुएं की गहराई ज्ञात कीजिए।
हल:
कुआँ बेलनाकार होता है।
माना कुएँ की गहराई h मी है।
∴ कुएँ से निकली मिट्टी का आयतन = बेलनाकार कुएँ का आयतन
= πr2h
= \(\frac{22}{7}\) × (7)2 × घन मी
घनाभाकार चबूतरे का आयतन = 22 × 14 × 2.5 घन मी
प्रश्नानुसार,
\(\frac{22}{7}\) × (7)2 × h = 22 × 14 × 2.5
⇒ h = \(\frac{22 \times 14 \times 2.5}{22 \times 7}\)
⇒ h = 17.5 मी
अतः कुएँ की गहराई = 17.5 मी

JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

प्रश्न 12.
एक ठोस बेलन के आकार का है जिसके दोनों सिरे अर्धगोलाकार है। ठोस की कुल लम्बाई 20 सेमी है तथा बेलन का व्यास 7 सेमी है। ठोस का कुल आयतन ज्ञात कीजिए। (π = \(\frac{22}{7}\) प्रयोग कीजिए)
हल:
माना ABCD एक ठोस बेलन है जिसके दोनों सिरों पर दो एक-समान अर्धगोले हैं।
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 6
दिया है, पूरे ठोस की लम्बाई = 20 सेमी हैं, 2r = 7
∴ AB की लम्बाई = 20 – 2r
= 20 – 2 × \(\frac{7}{2}\)
h = 13 सेमी
अब, बेलन ABCD का आयतन = πr2h
= \(\frac{22}{7} \times \frac{7}{2} \times \frac{7}{2} \times 13\)
= 500.5 सेमी3
दोनों अर्धगोलों का आयतन = 2 × एक अर्धगोले का आयतन
= 2 × \(\frac{2}{3}\)πr3
= \(2 \times \frac{2}{3} \times \frac{22}{7} \times \frac{7}{2} \times \frac{7}{2} \times \frac{7}{2}\)
= 179.67 सेमी3
ठोस का कुल आयतन = बेलन ABCD का आयतन + दोनों अर्धगोलों का आयतन
= 179.67 + 500.5
= 680.17 सेमी3

प्रश्न 13.
एक ही धातु के दो गोलों का भार 1 किलोग्राम तथा 7 किलोग्राम है। छोटे गोले की त्रिज्या 3 सेमी है। दोनों गोलों को पिघलाकर एक बड़ा गोला बनाया गया। नए गोले का व्यास ज्ञात कीजिए।
हल:
माना छोटे गोले की त्रिज्या r1 तथा बड़े गोले की त्रिज्या r2 है और माना इनसे मिलकर बनने वाले नए गोले की त्रिज्या R है।
छोटे गोले का आयतन = \(\frac{4}{3}\)πr13 [∵ r1 = 3 ( दिया है)]
= \(\frac{4}{3}\)π(3)3 = 36π घन सेमी
अब,
छोटे गोले के पदार्थ का घनत्व = गोले का द्रव्यमान / गोले का आयतन
छोटे गोले के पदार्थ का आयतन = \(\frac{1}{36 \pi}\)
दोनों गोले एक ही पदार्थ से बने हैं, अतः इनके पदार्थ का घनत्व भी समान होगा।
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 18
अतः छोटे गोले का आयतन + बड़े गोले का आयतन = नए गोले का आयतन
⇒ \(\frac{4}{3} \pi r_1^3+\frac{4}{3} \pi r_2^3=\frac{4}{3} \pi R^3\)
⇒ r13 + r23 = R3
⇒ 27 + 189 = R3
⇒ R3 = 216
R = 6 ⇒ D = 12 सेमी
अतः नए गोले का व्यास 12 सेमी है।

JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

प्रश्न 14.
त्रिज्या 6 सेमी और ऊँचाई 15 सेमी वाले एक लंबवृत्तीय बेलन के आकार का बर्तन आइसक्रीम से पूरा भरा हुआ है। इस आइसक्रीम को 10 बच्चों में बाँटने के लिए बराबर-बराबर शंकुओं में भरा जाना है, जिनका ऊपरी सिरा अर्धगोले के आकार का है। यदि शंक्वाकार भाग की ऊँचाई इसके आधार की त्रिज्या का 4 गुना है, तो आइसक्रीम शंकु की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
हल:
माना R तथा H क्रमशः लंबवृत्तीय बेलन की त्रिज्या तथा ऊँचाई है।
दिया है, R = 6 सेमी तथा H = 15 सेमी
लंब वृत्तीय बेलन में आइसक्रीम का आयतन
= πR2H
= π × 36 × 15
= 540π सेमी3
अब माना कि शंकु के आधार की त्रिज्या r सेमी हैं. तब इसकी ऊँचाई (h) = 4r
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 19
शंकु में आइसक्रीम का आयतन = शंकु का आयतन + अर्द्धगोले का आयतन
= \(\frac{1}{3}\)πr2h + \(\frac{2}{3}\)πr3
= \(\frac{1}{3}\)πr2(h + 2r)
= \(\frac{1}{3}\)πr2(4r + 2r) (∵ h = 4r)
= \(\frac{1}{3}\)πr2 × 6r
= 2πr3
अब, 10 × शंकु में आइसक्रीम का आयतन = बेलन में आइसक्रीम का आयतन
⇒ 10 × 2πr3 = 540π
⇒ r3 = 27
⇒ r = 3 सेमी
अतः आइसक्रीम शंकु की त्रिज्या 3 सेमी है।

प्रश्न 15.
6 मी चौड़ी और 1.5 मी गहरी एक नहर में पानी 10 किमी/घंटा की चाल से बह रहा है। 30 मिनट में, यह नहर कितने क्षेत्रफल की सिंचाई कर पाएगी, जबकि सिंचाई के लिए 8 सेमी गहरे पानी की आवश्यकता होती है।
हल:
दिया है, नहर की चौड़ाई = 6 मी तथा गहराई 1.5 मी है व नहर में बहने वाले पानी की चाल 10 किमी/घंटा है, तो नहर में बहने वाला पानी घण्टे में 10 किमी या 10000 मी दूरी तय करेगा।
तथा माना सिंचाई हेतु क्षेत्रफल x मी है।
तब 30 मिनट में पानी का आयतन = 6 × 1.5 × 10000 × \(\frac{30}{60}\)
= 45000 मी3
अब, सिंचाई क्षेत्र का आयतन = नहर के पानी का आयतन
x × \(\frac{8}{100}\) = 45000
x = \(\frac{45000 \times 100}{8}\)
x = 562500 मी2 या 56.25 हेक्टेयर

JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

प्रश्न 16.
शंकु के छिन्नक के आकार की ऊपर से खुली एक बाल्डी का आयतन 12308.8 घन सेमी है। इसके ऊपरी तथा निचले वृत्तीय सिरों की त्रिज्याएँ क्रमशः 20 सेमी तथा 12 सेमी हैं। बाल्टी की ऊंचाई तथा इसके बनाने में लगी धातु की चादर का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। [π = 1.732 लीजिए]
हल:
दिया है, r1 = 20 सेमी, r2 = 12 सेमी तथा छिन्नक का आयतन 12308.8 सेमी3 है।
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 7
अब,
छिन्नक का आयतन = \(\frac{1}{3}\) × π × h (r12 + r22 + r1r2)
12308.8 = \(\frac{1}{3}\) × 3.14 × (202 + 122 + 20 × 12)
= \(\frac{1}{3}\) × 3.14 × h(400 + 144 + 240)
12308.8 = \(\frac{1}{3}\) × 3.14(784) × h
h = \(\frac{12308.8 \times 3}{3.14 \times 784}\)
h = 15 सेमी
धातु का क्षेत्रफल = πl(r1 + r3) + πr22
यहाँ l = \(\sqrt{\left(r_1-r_2\right)^2+h^2}\)
= \(\sqrt{(20-12)^2+15^2}\)
= \(\sqrt{289}\)
= 17 सेमी
धातु का क्षेत्रफल = 3.14 × 17 (20 + 12) + 3.14 × 122
= 1708.16 + 452.16
= 2160.32 सेमी2

प्रश्न 17.
लकड़ी के एक ठोस बेलन के प्रत्येक सिरे पर एक अर्थ गोला खोद कर निकालते हुए, एक वस्तु बनाई गई, जैसा कि दी गई आकृति में दर्शाया गया है। यदि बेलन की ऊँचाई 10 सेमी है और आधार की त्रिज्या 3.5 सेमी है, तो इस वस्तु का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 8
हल:
वस्तु का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल + 2 × अर्द्धगोले का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 9
= 2πrh + 2 × 2πr2
= 2πr[h + 2r]
= 2 × \(\frac{22}{7} \times \frac{35}{10}\)[10 + 2 × 3.5]
= 22[17]
= 374 सेमी2

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प्रश्न 18.
चावल की एक ढेरी शंकु के आकार की है जिसके आधार का व्यास 24 मी तथा ऊँचाई 3.5 मी है। चावलों का आयतन ज्ञात कीजिए इस ढेरी को पूरा-पूरा ढकने के लिए कितने कैनवस की आवश्यकता हैं?
हल:
शंक्वाकार ढेरी का व्यास = 24 मी
त्रिज्या, r = 12 मी
ऊँचाई, h = 35 मी
तिर्यक ऊँचाई, l = \(\sqrt{h^2+r^2}\)
= \(\sqrt{(3.5)^2+(12)^2}\)
= \(\sqrt{12.25+144}\)
= \(\sqrt{156.25}\)
= 12.5 मी
चावलों का आयतन = \(\frac{1}{3}\) πr2h
= \(\frac{1}{3} \times \frac{22}{7} \times(12)^2 \times(3.5)\)
= \(\frac{11}{3}\) × 144
= \(\frac{1584}{3}\)
= 528 मी3
ढेरी को ढकने के लिए कैनवास की आवश्यकता = शंकु का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल
= πrl
= \(\frac{22}{7}\) × 12 × 12.5
= \(\frac{3300}{7}\)
= 471 \(\frac{3}{7}\) मी2

प्रश्न 19.
शंकु के छिन्नक के आकार की एक बाल्टी के निचले तथा ऊपरी किनारों के व्यास क्रमशः 10 सेमी तथा 30 सेमी हैं। यदि बाल्टी की ऊँचाई 24 सेमी है, तो ज्ञात कीजिए :
(i) बाल्टी को बनाने में लगने वाली धातु की शीट का क्षेत्रफल।
(ii) बाल्टी बनाने में सामान्य प्लास्टिक को क्यों नहीं लगाना चाहिए? [π = 3.14 लीजिए]
हल:
बाल्टी के ऊपरी सिरे का व्यास = 30 सेमी
बाल्टी के ऊपरी सिरे की त्रिज्या R = 15 सेमी
बाल्टी के निचले सिरे का व्यास = 10 सेमी
बाल्टी के निचले सिरे की त्रिज्या, r = 5 सेमी
बाल्टी की ऊँचाई, h = 24 सेमी
तिर्यक ऊँचाई, l = \(\sqrt{h^2+(R-r)^2}\)
= \(\sqrt{(24)^2+(15-5)^2}\)
= \(\sqrt{576+100}\)
= \(\sqrt{676}\)
= 26 सेमी

(i) बाल्टी बनाने में लगी धातु की शीट का क्षेत्रफल = छिन्नक का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल + आधार का क्षेत्रफल
= πl(R + r) + πr2
= π[l(R + r) + r2]
= 3.14[26(15 + 5) + 52]
= 3.14[520 + 25]
= 3.44(545)
= 1711.3 सेमी2
(ii) बाल्टी बनाने में सामान्य प्लास्टिक इसलिए नहीं लगानीं चाहिये, क्योंकि उसकी शक्ति तथा गलनांक बहुत कम होता है और प्लास्टिक वातावरण के लिए हानिकारक है।

प्रश्न 20.
5.4 मी चौड़ी और 1.8 मी गहरी एक नहर में पानी 25 किमी / घण्टा की गति से बह रहा है। इससे 40 मिनट में कितने प्रतिशत क्षेत्रफल की सिंचाई हो सकती है, यदि सिंचाई के लिए 10 सेमी गहरे पानी की आवश्यकता है।
हल:
नहर की चौड़ाई = 5.4 मी
नहर की गहराई = 1.8 मी
नहर में 1 घण्टे में बहे पानी की लम्बाई = 25 किमी = 25000 मी
नहर में 1 घण्टे में बहे पानी का आयतन
= l × b × h
= 5.4 × 1.8 × 25000
= 243000 मी3
40 मिनट में पानी का आयतन = 243000 × \(\frac{40}{60}\)
= 162000 मी3
10 सेमी ऊँचाई के सींचे जाने वाले खेत का का क्षेत्रफल
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 10
= 162000 मी2
= 162 हेक्टेयर

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प्रश्न 21.
एक शंकु के छिन्नक की तिर्यक ऊँचाई 4 सेमी है तथा इसके वृत्तीय सिरों की परिमाप 18 सेमी और 6 सेमी है। इस छिन्नक का व्रक पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
छिन्नक को तिर्यक ऊँचाई = 4 सेमी
ऊपरी हिस्से का परिमाप = 18 सेमी
⇒ 2πR = 18 सेमी
⇒ R = \(\frac{9}{4}\) सेमी
निचले हिस्से का परिमाप = 6 सेमी
2πr = 6 ⇒ r = \(\frac{3}{8}\) सेमी
छिन्नक का वक्रपृष्ठ = πl[R + r]
= π × 4 × \(\left[\frac{9}{\pi}+\frac{3}{\pi}\right]\)
= π × 4 × \(\frac{12}{\pi}\) = 48 सेमी2

प्रश्न 22.
एक ठोस लोहे के घनाभ की विमाएँ 4.4 मी × 2.6 मी × 2.0 मी है। इसे पिघलाकर 30 सेमी आन्तरिक त्रिज्या और 5 सेमी मोटाई का एक खोखला बेलनाकार पाइप बनाया गया है। पाइप की लंबाई ज्ञात कीजिए।
हल:
पाइप की आन्तरिक त्रिज्या, r = 30 सेमी
पाइप की मोटाई = 5 सेमी
पाइप की बाहरी त्रिज्या = 30 + 5
R = 35 सेमी
माना, पाइप की लम्बाई = h सेमी
खोखले पाइप की आयतन = घनाभ की आयतन
πrh[R2 – r2] = l × b × h
\(\frac{22}{7}\) × h[352 – 302] = 4.4 × 2.6 × 1 × 100 × 100 × 100
\(\frac{22}{7}\) × h × 65 × 5 = 44 × 26 × 1 × 100 × 100
h = \(\frac{44 \times 26 \times 100 \times 100 \times 7}{22 \times 65 \times 5}\)
= 11200 सेमी
⇒ h = 112 मीटर

प्रश्न 23.
किसी वर्षा जल संग्रहण तन्त्र में, 22 मी × 20 मी की छत से वर्षा जल बहकर 2 मी आधार के व्यास तथा 3.5 मी ऊँचाई के एक बेलनाकार टैंक में आता है। यदि टैंक भर गया हो, तो ज्ञात कीजिए कि सेमी में कितनी वर्षा हुई। जल संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
हल:
एकत्रित पानी का आयतन = बेलनाकार टैंक का आयतन
L × B × H = πr2h
20 × 20× H = \(\frac{22}{7}\) × 1 × 1 × 3.5
22 × 20 × H = 11
H = \(\frac{11}{22 \times 20}=\frac{1}{40}\) मीटर
= \(\frac{1}{40} \times 100\)
= \(\frac{5}{2}\) = 2.5 सेमी
अतः 2.5 सेमी वर्षा हुई।
जल संरक्षण अति आवश्यक है, वह सूखे कि स्थिति के समय में कारगर सिद्ध होता है।

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प्रश्न 24.
5 सेमी आंतरिक त्रिज्या तथा 24 सेमी ऊँचाई के एक शंक्वाकार बर्तन का \(\frac{3}{4}\) भाग पानी से भरा है। इस पानी को 10 सेमी आंतरिक त्रिज्या के बेलनाकार बर्तन में खाली किया जाता है। बेलनाकार बर्तन में पानी की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल:
प्रश्नानुसार,
शंक्वाकार बर्तन में \(\frac{3}{4}\) भाग का आयतन = बेलनाकार बर्तन का आयतन
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 11
अतः बेलनाकार बर्तन में पानी की ऊँचाई 1.5 सेमी है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न :

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

प्रश्न (क).
1. ऐसी वस्तुओं को जो स्थान घेरती हैं ………….. आकृतियाँ लाती हैं।
2. ठोस आकृति की सीमा बनाने वाली समतल आकृतियों का क्षेत्रफल ……………. क्षेत्रफल कहलाता है।
3. कोई वस्तु जितना स्थान घेरती है, उसे उस वस्तु का ……………… कहते है।
4. एक …………… के आयताकार समतल फलक होते हैं।
5. किसी आयत के उसकी एक स्थिर भुजा के परितः घुमाने से प्राप्त आकृति लम्बवृत्तीय ………….. कहलाती हैं।
उत्तर:
1. ठोस,
2. पृष्ठीय,
3. आयतन,
4. घनाभ,
5. बेलन।

निम्न में सत्य / असत्य बताइए :

प्रश्न (ख).
1. बेलन का आयतन 2πrh वर्ग इकाई होता है।
2. खोखले बेलन में लगे पदार्थ का आयतन दोनों बेलनों के आयतनों के योग के बराबर होता है।
3. गोले का आयतन 4πr2 घन इकाई होता है।
4. अर्द्धगोले का सम्पूर्ण पृष्ठ = 3πr2 वर्ग इकाई ।
5. शंकु का आयतन = πrl घन इकाई
उत्तर:
1. असत्य,
2. असत्य,
3. असत्य,
4. सत्य,
5. असत्य।

JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

(ग) बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
12π घन सेमी आयतन वाले गोले की त्रिज्या (सेमी में) है :
(A) 3
(B) 3\(\sqrt{3}\)
(C) 32/3
(D) 31/2
हल:
गोले का आयतन = \(\frac{4}{3}\)πr3
12π = \(\frac{4}{3}\)πr3
r3 = \(\frac{12 \pi \times 3}{4 \pi}\) = 9
r3 = 32
⇒ r = 32/3
अत: सही विकल्प (C) है।

प्रश्न 2.
एक ठोस अर्धगोले का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल हैं:
(A) 3πr2
(B) 2πr2
(C) 4πr2
(D) \(\frac{2}{3}\)πr3
हल:
कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πr2 + πr2 = 3πr2
अत: सही विकल्प (A) है।

प्रश्न 3.
एक 22 सेमी. आंतरिक किनारे वाले खोखले घन को 0.5 सेमी व्यास वाले गोलाकार कंचो से भरा जाता है तथा यह कल्पना की जाती है कि घन का भाग भरा नहीं जा सकता है। तब घन में समावेशित होने वाले कंचों की संख्या है :
(A) 142296
(B) 142396
(C) 142496
(D) 142596
हल:
दिया है,
घन की आन्तरिक भुजा = 22 सेमी.
तथा गोलाकार कंचे का व्यास = 0.5 सेमी.
∴ गोलाकार कंचे की त्रिज्या (r) = \(\frac{0.5}{2}\) सेमी.
= \(\left(\frac{5}{20}\right)\) सेमी.
∴ 1 गोलाकार कंचे का आयतन = \(\frac{4}{3}\)πr3
= \(\frac{4}{3} \times \frac{22}{7} \times\left(\frac{5}{20}\right)^3\)
= \(\frac{4}{3} \times \frac{22}{7} \times \frac{5 \times 5 \times 5}{20 \times 20 \times 20}\)
माना घन में समावेशित होने वाले कंचों की संख्या x है।
तब x कंचों का आयतन = \(x \times \frac{4}{3} \times \frac{22}{7} \times \frac{5 \times 5 \times 5}{20 \times 20 \times 20}\)
= \(\frac{x \times 55}{21 \times 40}\) घन सेमी. ……….(1)
घन का आन्तरिक आयतन = 22 × 22 × 22 घन सेमी.
……. खोखले घन को कंचों से भरा जाता है, तो पन का \(\frac{1}{8}\) भाग भरा नहीं जा सकता है।
∴ खोखले घन का कंचों से भरा गया भाग = 1 – \(\frac{1}{8}\) = \(\frac{7}{8}\)
खोखले घन का कंचों से भरे भाग का आयतन = \(\frac{7}{8}\) × 22 × 22 × 22 घन सेमी. …..(2)
समीकरण (1) तथा (2) से
\(\frac{x \times 55}{21 \times 40}\) = \(\frac{7}{8}\) × 22 × 22 × 22
⇒ x = \(\frac{7 \times 22 \times 22 \times 22 \times 21 \times 40}{55 \times 8}\)
= 14 × 22 × 22 × 21 = 142296
अत: सही विकल्प (A) है।

JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

प्रश्न 4.
यदि दो शंकुओं की त्रिज्याओं में अनुपात 3 : 1 और ऊँचाइयों में अनुपात 1 : 3 है, तो उनके आयतनों में अनुपात होगा :
(A) 2 : 1
(B) 3 : 1
(C) 1 : 3
(D) 1 : 2
हल:
माना दो शंकुओं की त्रिज्याएँ क्रमशः r1 और r2 ऊँचाइयाँ h1 और h2 हैं।
प्रश्नानुसार, \(\frac{r_1}{r_2}=\frac{3}{1}\) और \(\frac{h_1}{h_2}=\frac{1}{3}\)
दोनों शंकुओं के आयतनों का अनुपात
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 12
दोनों शंकुओं के आयतनों का अनुपात = 3 : 1
अत: सही विकल्प (B) है।

प्रश्न 5.
14 सेमी भुजा के एक घन से एक बड़े से बड़ा शंकु काटा जाता है। शंकु का आयतन है:
(A) 766.18 घन सेमी
(B) 817.54 घन सेमी
(C) 1232 घन सेमी
(D) 718.66 घन सेमी।
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 13
हल:
14 सेमी भुजा के घन से बड़े से बड़ा शंकु काटा जाता है।
अतः शंकु की ऊँचाई (h) = 14 सेमी
शंकु के आधार का व्यास = 14 सेमी
अत: शंकु के आधार की त्रिज्या = व्यास / 2 = \(\frac{14}{2}\)
= 7 सेमी
शंकु का आयतन = \(\frac{1}{3}\)πr2
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 14
अत: सही विकल्प (D) है।

प्रश्न 6.
दो गोलों के आयतनों का अनुपात 64 : 27 है। उनके पृष्ठीय क्षेत्रफलों का अनुपात है :
(A) 3 : 4
(B) 4 : 3
(C) 9 : 16
(D) 16 : 9
हल दिया है,
माना कि दो गोलों की त्रिज्याएँ क्रमशः r1 तथा r2 है। पहले गोले का आयतन : दूसरे गोले का आयतन = 64 : 27
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 15
अत: सही विकल्प (B) है।

JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

प्रश्न 7.
क्रमशः आन्तरिक और बाहरी व्यास 4 सेमी और 8 सेमी वाले धातु के गोलाकार खोल को पिघलाकर आधार व्यास 8 सेमी. के एक शंकु के आकार में ढाला जाता है। इस शंकु की ऊँचाई है:
(A) 12 सेमी
(B) 14 सेमी
(C) 15 सेमी
(D) 18 सेमी
हल:
दिया है,
गोलाकार खोल की आन्तरिक व्यास = 4 सेमी
∴ गोलाकार खोल की आन्तरिक त्रिज्या
(r1) = \(\frac{4}{2}\) = 2 सेमी
गोलाकार खोल की बाहरी व्यास = 8 सेमी
∴ गोलाकार खोल की बाहरी त्रिज्या
(r2) = \(\frac{8}{2}\) = 4 सेमी
∴ शंकु का व्यास (r) = \(\frac{8}{2}\) = 4 सेमी
माना शंकु की ऊँचाई h सेमी है।
……. गोलाकार खोल को पिघलाकार शंकु के आकार में ढाला जाता है।
∴ गोलाकार खोल का आयतन = शंकु का आयतन
⇒ \(\frac{4}{3}\)π[r23 – r13] = \(\frac{1}{3}\)πr2h
⇒ 4[43 – 23] = 42 × h
⇒ 4 × [64 – 8] = 16 × h
⇒ 4 × 56 = 16 × h
⇒ h = \(\frac{4 \times 56}{16}\) = 14 सेमी
अत: सही विकल्प (B) है।

प्रश्न 8.
आधार व्यास 2 सेमी. और ऊँचाई 16 सेमी. वाले धातु के एक ठोस बेलन को पिघलाकर समान माप के बारह ठोस गोले बनाए जाते हैं। प्रत्येक गोले का व्यास है:
(a) 4 सेमी
(b) 3 सेमी
(c) 2 सेमी
(d) 6 सेमी
हल:
दिया है,
धातु के ठोस बेलन की ऊंचाई (h) = 16 सेमी
और धातु के ठोस बेलन का व्यास = 2 सेमी
∴ धातु के ठोस बेलन की त्रिज्या (r1) = \(\frac{2}{2}\) = 1 सेमी
माना कि पिघलाकर समान माप के प्रत्येक ठोस गोले की त्रिज्या r2 सेमी है।
….. ठोस बेलन को पिघलाकर समान माप के 12 ठोस गोले बनाए जाते हैं।
∴ ठोस बेलन का आयतन = 12 ठोस गोलों का आयतन
⇒ πr12h = 12 × \(\frac{4}{3}\)πr23
⇒ r12h = 16r23
⇒ 12 × 16 = 16r23
⇒ \(\frac{16}{16}\) = r23
⇒ r23 = 1 सेमी.
⇒ r2 = \(\sqrt[3]{1}\) = 1 सेमी
∴ ठोस गोले का व्यास = 2 × 1 = 2 सेमी.
अंत: सही विकल्प (C) है।

प्रश्न 9.
यदि 11 सेमी × 3.5 सेमी × 2.4 सेमी मोम के एक घनाभ से 2.8 सेमी व्यास की एक मोमबत्ती बनाई जाती है। मोमबत्ती की लम्बाई होगी:
(A) 14 सेमी
(B) 15 सेमी
(C) 25 सेमी
(D) 12 सेमी
हल:
दिया है,
घनाभ की विमाएँ = 11 सेमी. × 3.5 सेमी × 2.4 सेमी.
∴ घनाभ का आयतन = 11 × 3.5 × 2.4
= 92.4 घन सेमी
माना मोमबत्ती की ऊँचाई h सेमी है।
मोमबत्ती का व्यास = 2.8 सेमी
मोमबत्ती की त्रिज्या (r) = \(\frac{2.8}{2}\) = 1.4 सेमी
प्रश्नानुसार,
मोमबत्ती का आयतन = घनाभ का आयतन
⇒ πr2h = 92.4
⇒ \(\frac{22}{7}\) × (1.4)2 × h = 92.4
⇒ \(\frac{22}{7}\) × 1.4 × 14 × h = 92.4
⇒ h = \(\frac{92.4 \times 7}{22 \times 1.4 \times 1.4}\)
⇒ h = \(\frac{4.2}{0.2 \times 1.4}\) = 15 सेमी
मोमबत्ती की ऊँचाई = 15 सेमी
अत: सही विकल्प (B) है।

JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

प्रश्न 10.
एक जलाशय लम्बवृत्तीय शंकु के छिन्नक के आकार में है। इसका ऊपरी सिरा 8 मीटर तथा पेंदी वाला सिरा 4 मीटर चौड़ा है। यदि यह 6 मीटर गहरा हो, तो इसकी क्षमता है:
(A) 176 मीटर3
(B) 196 मीटर3
(C) 200 मीटर3
(D) 110 मीटर3
हल:
दिया है,
छिन्नक के ऊपरी सिरे का व्यास = 8 मीटर
छिन्नक के ऊपरी सिरे की त्रिज्या (r1) = \(\frac{8}{2}\) = 4 मीटर
छिन्नक के निचले सिरे का व्यास = 4 मीटर
छिन्नक के निचले सिरे की त्रिज्या (r2) = \(\frac{4}{2}\) = 2 मीटर
छिन्नक की ऊँचाई (h) = 6 मीटर
छिन्नक का आयतन = \(\frac{1}{3}\)π × (r12 + r22 + r1r2)h
= \(\frac{1}{3} \times \frac{22}{7}\)(42 + 22 + 4 × 2) × 6
= \(\frac{22}{7}\) × (16 + 4 + 8) × 2
= \(\frac{22 \times 56}{7}\) = 22 × 8 = 176 घन मीटर
अत: सही विकल्प (A) है।

प्रश्न 11.
एक तेल की कुप्पी शंकु के छिन्नक को बेलन से जोड़ने पर बनी है। कुप्पी की ऊँचाई 12 सेमी है। बेलनाकार भाग की त्रिज्या 4 सेमी है और कुप्पी के. ऊपरी सिरे की त्रिज्या 9 सेमी है, तो शंकु के छिन्नक की तिर्यक ऊंचाई होगी:
(A) 13 सेमी
(B) 23 सेमी
(C) 26 सेमी
(D) 13.5 सेमी
हल:
कुप्पी के ऊपरी सिरे की त्रिज्या (r1) = 9 सेमी
कुप्पी के निचले सिरे की त्रिज्या (r2) = 4 सेमी
कुप्पी की ऊँचाई (h) = 12 सेमी
शंकु के छिनक की तिर्यक ऊँचाई (l) = \(\sqrt{h^2+\left(r_1-r_2\right)^2}\)
= \(\sqrt{(12)^2+(9-4)^2}\)
= \(\sqrt{(12)^2+(5)^2}\)
= \(\sqrt{144+25}\)
= \(\sqrt{169}\)
= 13 सेमी
अतः सही विकल्प (A) है।

प्रश्न 12.
9 सेमी त्रिज्या के धातु के गोले को पिघलाकर 3 सेमी त्रिज्या और 6 सेमी ऊँचाई के शंकु बनाये जा सकने वाले शंकुओं की संख्या है:
(A) 54
(B) 45
(C) 55
(D) 44
हल:
दिया है,
धातु के गोले की त्रिज्या (R) = 9 सेमी
शंकु की त्रिज्या (r) = 3 सेमी
तथा शंकु की ऊँचाई (h) = 6 सेमी
9 सेमी त्रिज्या वाले गोले का आयतन
\(\frac{4}{3}\)πR2 = \(\frac{4}{3}\) × π × (9)2
= \(\frac{4}{3}\) × π × 9 × 9 × 9
= 4 × π × 3 × 81
= 972π घन सेमी
अब 3 सेमी त्रिज्या और 6 सेमी ऊँचाई वाले शंकु का आयतन
\(\frac{1}{3}\)πr2h = \(\frac{1}{3}\) × π × (3)2 × 6
= \(\frac{1}{3}\) × π × 9 × 6
= π × 3 × 6 = 18π घन सेमी
गोले का आयतन शंकुओं की संख्या
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 16
अत: सही विकल्प (A) है।

JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

प्रश्न 13.
एक ठोस लम्ब वृत्तीय शंकु को उसकी ऊँचाई के बीचों बीच से होकर जाते, शंकु के आधार के समान्तर एक तल द्वारा दो भागों में काटा गया है। इस प्रकार छोटे शंकु के आयतन का पूरे शंकु के आयतन से अनुपात है:
(A) 1 : 2
(B) 1 : 4
(C) 1 : 6
(D) 1 : 8
हल:
माना OAB एक शंकु है जिसकी ऊँचाई h तथा त्रिज्या R है। शंकु को बीचों बीच से आधार के समान्तर काटा गया है। अतः छोठे शंकु की ऊँचाई (h’) = \(\frac{h}{3}\)
माना कि छोटे शंकु की त्रिज्या r है।
JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन 17
LD || MB
⇒ ∠OLD = ∠OMB (संगत कोण)
ΔOLD तथा ΔOMB में,
∠OLD = ∠OMB
∠LOD = ∠MOB (उभयनिष्ठ कोण)
ΔOLD ~ ΔOMB (AA समरूपता गुणधर्म से)
⇒ \(\frac{O L}{O M}=\frac{L D}{M B}\)
[समरूप त्रिभुजों की भुजाएँ समानुपाती होती हैं]
⇒ \(\frac{\frac{h}{2}}{h}=\frac{r}{R}\)
⇒ \(\frac{h}{2 h}=\frac{r}{R}\)
⇒ \(\frac{1}{2}=\frac{r}{R}\)
⇒ R = 2r
छोटे शंकु का आयतन : पूरे शंकु का आयतन
= πr2h’ : πR2h
= \(\frac{\pi \times r^2 \times \frac{h}{2}}{\pi \times(2 r)^2 \times h}\)
= \(\frac{r^2 \times h}{2 \times 4 r^2 \times h}=\frac{1}{8}\) = 1 : 8
अतः विकल्प (D) सही है।

प्रश्न 14.
तीनों घनों की कोर क्रमशः 3 सेमी, 4 सेमी और सेमी हैं। इनसे बनने वाले एक घन की भुजा है:
(A) 6 सेमी
(B) 5 सेमी
(C) 7 सेमी
(D) 4 सेमी
हल:
पहले घन का आयतन = (3)3 = 27 घन सेमी
दूसरे घन का आयतन = (4)3 = 64 घन सेमी
तीसरे घन का आयतन = (5)3 = 125 घन सेमी
इन तीनों घनों का कुल आयतन = 27 + 64 + 125
= 216 घन सेमी
∵ तीनों घनों से एक नया घन बनता है।
नये घन का आयतन = तीनों घनों का कुल आयतन
(भुजा)3 = 216
भुजा = \(\sqrt[3]{216}\)
= \(\sqrt[3]{6 \times 6 \times 6}\) = 6 सेमी
अतः सही विकल्प (A) है।

JAC Class 10 Maths Important Questions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

प्रश्न 15.
एक घनाभ की माप 18 सेमी × 12 सेमी × 9 सेमी है। इस घनाभ को पिघलाकार 3 सेमी भुजा वाले कितने घन बनाये जा सकते हैं ?
(A) 60
(B) 55
(C) 69
(D) 72
हल:
दिया है,
घनाभ की माप = 18 सेमी × 12 सेमी × 9 सेमी
दिये गये घनाभ का आयतन = 18 × 12 × 9
= 18 × 108
= 1944 घन सेमी
3 सेमी भुजा वाले घन का आयतन = (भुजा)3
= (3)3 = 27 घन सेमी
घनाभ को पिघलाकर बनाये गये घनों की संख्या = घनाभ का आयतन / 1 घन का आयतन
= \(\frac{1944}{27}\) = 72
अतः सही विकल्प (D) है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.3

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Exercise 5.3

Question 1.
Find the sum of following APs:
1. 2, 7, 12, ……, to 10 terms.
2. -37, -33, -29, ……, to 12 terms.
3. 0.6, 1.7, 2.8, ……, to 100 terms.
4. \(\frac{1}{15}, \frac{1}{12}, \frac{1}{10}, \ldots\) to 11 terms.
Solution:
1. For the given AP 2, 7, 12, ……., a = 2.
d = 7 – 2 = 5, n = 10 and Sn is to be found.
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
S10 = \(\frac{10}{2}\)[4 + (10 – 1) 5]
= 5(49) = 245
Thus, the sum of first 10 terms of the given AP is 245.

2. For the given AP -37, -33, -29, a = -37, d = (-33) – (-37) = 4, n = 12 and Sn is to be found.
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
S12 = \(\frac{12}{2}\)[-74 + (12 – 1)4]
= 6(-30) = – 180
Thus, the sum of first 12 terms of the given AP is -180.

3. For the given AP 0.6, 1.7, 2.8,…… a = 0.6, d = 1.7 – 0.6 = 1.1, n = 100 and Sn is to be found.
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1) d]
∴ S100 = \(\frac{100}{2}\)[1.2 + (100 – 1) (1.1)]
= 50[1.2 + 108.9]
= 50 × 110.1 = 5505
Thus, the sum of first 100 terms of the given AP is 5505.

4.
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.3 1
Thus, the sum of first 11 terms of the given AP is \(\frac{33}{20}\).

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.3

Question 2.
Find the sums given below:
1. 7 + 10\(\frac{1}{2}\) + 14 + … + 84
2. 34 + 32 + 30 + … + 10
3. (-5) + (-8) + (-11) + … + (-230)
Solution:
1. 7 + 10\(\frac{1}{2}\) + 14 + …… + 84
Here, a = 7; d = 10\(\frac{1}{2}\) – 7 = 3\(\frac{1}{2}\); last term l = 84.
Let the last term be nth term.
an = a + (n – 1)d
∴ 84 = 7 + (n – 1) (3\(\frac{1}{2}\))
∴ 77 = \(\frac{7}{2}\)(n – 1)
∴ (n – 1) = 22
∴ n = 23
Now,
Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l), where l is the last term.
= \(\frac{23}{2}\)(7 + 84)
= \(\frac{23}{2}\) × 91 = 1046\(\frac{1}{2}\)
Thus, the required sum is 1046\(\frac{1}{2}\).

2. 34 + 32 + 30 + … + 10
Here, a = 34; d = 32 – 34 = (-2); last term l = 10.
Let the last term be nth term.
an = a + (n – 1)d
∴ 10 = 34 + (n – 1)(-2)
∴ -24 = -2(n – 1)
∴ (n – 1) = 12
∴ n = 13
Now,
Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l), where l is the last term.
= \(\frac{13}{2}\)(34 + 10)
= 13 × 22 = 286
Thus, the required sum is 286.

3. (-5) + (-8) + (-11) + … + (-230)
Here, a = (-5); d = (-8) – (-5) = (-3):
last term l = (-230).
Let the last term be nth term.
an = a + (n – 1)d
∴ -230 = -5 + (n – 1)(-3)
∴ -225 = -3 (n – 1)
∴ n – 1 = 75
∴ n = 76
Now,
Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l), where l is the last term.
= \(\frac{76}{2}\)[(-5) + (-230)]
= 38(-235) = -8930
Thus, the required sum is -8930.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.3

Question 3.
In an AP:
1. Given a = 5, d = 3, an = 50, find n and Sn.
2. Given a = 7, a13 = 35, find d and S13.
3. Given a12 = 37, d = 3, find a and S12.
4. Given a3 = 15, S10 = 125, find d and a10.
5. Given d = 5, S9 = 75, find a and a9.
6. Given a = 2, d = 8, Sn = 90, find n and an.
7. Given a = 8, an = 62, Sn = 210, find n and d.
8. Given an = 4, d = 2, Sn = -14, find n and a.
9. Given a = 3, n = 8, Sn = 192, find d.
10. Given l = 28, Sn = 144, and there are total 9 terms. Find a.
Solution:
1. a = 5, d = 3, an = 50, n = ? Sn = ?
an = a + (n – 1)d
∴ 50 = 5 + (n – 1)3
∴ 45 = 3(n – 1)
∴ 15 = n – 1
∴ n = 16
Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l)
∴ S16 = \(\frac{16}{2}\)(5 + 50)
∴ S16 = 8 × 55
∴ S16 = 440

2. a = 7, a13 = 35, d = ?, S13 = ?
an = a + (n – 1)d
a13 = a + (13 – 1) d
∴ 35 = 7 + 12d
∴ 28 = 12d
∴ d = \(\frac{28}{12}\)
∴ d = \(\frac{7}{3}\)
Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l)
∴ S13 = \(\frac{13}{2}\)(17 + 35)
∴ S13 = 13 × 21
∴ S13 = 273

3. a12 = 37, d = 3, a = ?, S12 = ?
an = a + (n – 1)d
∴ a12 = a + 11d
∴ 37 = a + 11 (3)
∴ a = 4
Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l)
∴ S12 = \(\frac{12}{2}\)(4 + 37)
∴ S12 = 246

4. a3 = 15, S10 = 125, d = ?, a10 = ?
an = a + (n – 1)d
∴ a3 = a + 2d
∴ a + 2d = 15 …….(1)
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1) d]
∴ S10 = \(\frac{10}{2}\)[2a + 9d]
∴ S125 = 5(2a + 9d)
∴ 2a + 9d = 25 …….(2)
Solving equations (1) and (2), we get
d = -1 and a = 17.
an = a + (n – 1)d
∴ a10 = a + 9d
∴ a10 = 17 + 9(-1)
∴ a10 = 8

5. d = 5, S9 = 75, a = ?, a9 = ?
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1) d]
∴ S9 = \(\frac{9}{2}\)[2a + (9 – 1) d]
∴ 75 = \(\frac{9}{2}\)[2a + 8(5)]
∴ 75 = 9(a + 20)
∴ \(\frac{25}{3}\) = a + 20
∴ a = \(\frac{25}{3}\) – 20
∴ a = –\(\frac{35}{3}\)
an = a + (n – 1) d
∴ a9 = a + 8d
∴ a9 = (-\(\frac{35}{3}\)) + 8(5)
∴ a9 = –\(\frac{35}{3}\) + 40
∴ a9 = \(\frac{85}{3}\)

6. a = 2, d = 8, Sn = 90, n = ?, an = ?
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1) d]
∴ 90 = \(\frac{n}{2}\)[4 + (n – 1)8]
∴ 90 = \(\frac{n}{2}\)[8n – 4]
∴ 90 = n (4n – 2)
∴ 4n2 – 2n – 90 = 0
∴ 2n2 – n – 45 = 0
∴ 2n2 – 10n + 9n – 45 = 0
∴ 2n (n – 5) + 9 (n – 5) = 0
∴ (n – 5) (2n + 9) = 0
∴ n – 5 = 0 or 2n + 9 = 0
∴ n = 5 or n = –\(\frac{9}{2}\)
Since n is a positive integer, n ≠ –\(\frac{9}{2}\)
∴ n = 5
an = a + (n – 1)d
∴ a5 = a + 4d
∴ a5 = 2 + 4(8)
∴ a5 = 34

7. a = 8, an = 62, Sn = 210, n = ? d = ?
Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l)
∴ Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + an)
∴ 210 = \(\frac{n}{2}\)(8 + 62)
∴ 420 = n (70)
∴ n = 6
an = a + (n – 1)d
∴ a6 = a + 5d
∴ 62 = 8 + 5d
∴ 54 = 5d
∴ d = \(\frac{54}{5}\)

8. an = 4, d = 2, Sn = -14, n = ?, a = ?
an = a + (n – 1)d
∴ 4 = a + (n – 1) (2)
∴ 4 = a + 2n – 2
∴ a = 6 – 2n
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1) d]
∴ -14 = \(\frac{n}{2}\)[2 (6 – 2n) + (n – 1) (2)] (by (1))
∴ -14 = \(\frac{n}{2}\)[12 – 4n + 2n – 2]
∴ -14 = \(\frac{n}{2}\)[-2n + 10]
∴ -14 = n(-n + 5)
∴ -14 = -n2 + 5n
∴ n2 – 5n – 14 = 0
∴ (n – 7)(n + 2) = 0
∴ n – 7 = 0 or n + 2 = 0
∴ n = 7 or n = -2
Since n is a positive integer, n ≠ -2.
∴ n = 7
By (1), a = 6 – 2n
∴ a = 6 – 2(7)
∴ a = -8

9. a = 3, n = 8, Sn = 192, d = ?
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1) d]
∴ 192 = \(\frac{8}{2}\)[6 + (8 – 1) d]
∴ 192 = 4[6 + 7d]
∴ 48 = 6 + 7d
∴ 42 = 7d
∴ d = 6

10. l = 28, Sn = 144, n = 9, a = ?
Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l)
∴ 144 = \(\frac{9}{2}\)(a + 28)
∴ 32 = (a + 28)
∴ a = 4

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.3

Question 4.
How many terms of the AP 9, 17, 25, … must be taken to give a sum of 636?
Solution:
Here, a = 9; d = 17 – 9 = 8; Sn = 636, n = ?
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1) d]
∴ 636 = \(\frac{n}{2}\)[18 + (n – 1)8]
∴ 636 = \(\frac{n}{2}\)[10 + 8n]
∴ 636 = n[4n + 5]
∴ 4n2 + 5n – 636 = 0
Here, a = 4; b = 5; c = -636
b2 – 4ac = (5)2 – 4(4)(-636)
= 25 + 10176
= 10201
∴ \(\sqrt{b^2-4 a c}=\sqrt{10201}=101\)
Then, n = \(\frac{-b \pm \sqrt{b^2-4 a c}}{2 a}\)
∴ n = \(\frac{-5 \pm 101}{8}\)
∴ n = \(\frac{96}{2}\) or n = \(\frac{-106}{8}\)
∴ n = 12 or n = \(-\frac{53}{4}\)
As n denotes the numbers of terms, it is a positive integer.
∴ n = \(-\frac{53}{4}\) is not possible.
∴ n = 12
Thus, 12 terms of the AP 9, 17, 25,… must be taken to give a sum of 636.

Question 5.
The first term of an AP is 5, the last term is 45 and the sum is 400. Find the number of terms and the common difference.
Solution:
Here, a = 5; l = 45; Sn = 400; n = ?; d = ?
Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l)
∴ 400 = \(\frac{n}{2}\)(5 + 45)
∴ 800 = n (50)
∴ n = 16
l = an = a + (n – 1)d
∴ a16 = a + 15d
∴ 45 = 5 + 15d
∴ 40 = 15d
∴ d = \(\frac{40}{15}\)
∴ d = \(\frac{8}{3}\)
Thus, the number of terms is 16 and the common difference is \(\frac{8}{3}\).

Question 6.
The first and the last terms of an AP are 17 and 350 respectively. If the common difference is 9, how many terms are there and what is their sum?
Solution:
Here, a = 17; l = an = 350; d = 9; n = ?; Sn = ?
an = a + (n – 1)d
∴ 350 = 17 + (n – 1)9
∴ 333 = 9 (n – 1)
∴ n – 1 = 37 ∴ n = 38
Again, Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l)
∴ S38 = \(\frac{38}{2}\)(17 + 350)
∴ S38 = 19 × 367
∴ S38 = 6973
Thus, there are 38 terms and their sum is 6973.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.3

Question 7.
Find the sum of first 22 terms of an AP in which d = 7 and 22nd term is 149.
Solution:
Here, a22 = 149; d = 7; S22 = ?
an = a + (n – 1) d
∴ a22 = a + 21d
∴ 149 = a + 21 × 7
∴ a = 149 – 147
∴ a = 2
Now, Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l)
∴ S22 = \(\frac{22}{2}\)(2 + 149)
∴ S22 = 11 × 151
∴ S22 = 1661
Thus, the sum of first 22 terms of the given AP is 1661.

Question 8.
Find the sum of first 51 terms of an AP whose second and third terms are 14 and 18 respectively.
Solution:
Here, a2 = 14; a3 = 18; S51 = ?
an = a + (n – 1)d
∴ a2 = a + d = 14 ……..(1)
∴ a3 = a + 2d = 18 ……..(2)
Solving equations (1) and (2), we get
d = 4 and a = 10.
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
∴ S51 = \(\frac{51}{2}\)[20 + 50 × 4]
∴ S51 = 51 × 110
∴ S51 = 5610
Thus, the sum of first 51 terms of the given AP is 5610.

Question 9.
If the sum of first 7 terms of an AP is 49 and that of 17 terms is 289, find the sum of first n terms.
Solution:
Here, S7 = 49; S17 = 289: Sn = ?
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
∴ S7 = \(\frac{7}{2}\)[2a + 6d]
∴ 49 = 7(a + 3d)
∴ a + 3d = 7 ……..(1)
Again S17 = \(\frac{17}{2}\)[2a + 16d]
∴ 289 = 17(a + 8d)
∴ a + 8d = 17 ……..(2)
Solving equations (1) and (2), we get d = 2 and a = 1.
∴ Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1) d]
∴ Sn = \(\frac{n}{2}\)[2 + (n – 1)2]
∴ Sn = \(\frac{n}{2}\)[2 + 2n – 2]
∴ Sn = \(\frac{n}{2}\)(2n)
∴ Sn = n2
Thus, the sum of first n terms of the given AP is n2.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.3

Question 10.
Show that a1, a2, ……., an, ……. form an AP where a is defined as below:
1. an = 3 + 4n
2. an = 9 – 5n
Also find the sum of the first 15 terms in each case.
Solution:
1. an = 3 + 4n
a1 = 3 + 4(1) = 7,
a2 = 3 + 4(2) = 11,
a3 = 3 + 4(3) = 15,
a4 = 3 + 4(4) = 19 and so on.
Here, a4 – a3 = a3 – a2 = a2 – a1 = 4.
Hence, ak+1 – ak remains the everywhere.
Hence, a1, a2, a3, ….. defined as an = 3 + 4n form an AP in which a = 7 and d = 4.
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
∴ S15 = \(\frac{15}{2}\)[14 + 14 × 4]
∴ S15 = 15 × 35
∴ S15 = 525
The sum of first 15 terms of the given AP is 525.

2. an = 9 – 5n
a1 = 9 – 5(1) = 4,
a2 = 9 – 5(2) = -1,
a3 = 9 – 5(3) = -6,
a4 = 9 – 5(4) = -11 and so on.
Here, a4 – a3 = a3 – a2 = a2 – a1 = -5.
Hence, ak+1 – ak remains the same everywhere.
Hence, a1, a2, a3, ….. defined as an = 9 – 5n form an AP in which a = 4 and d = -5.
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1) d]
∴ S15 = \(\frac{15}{2}\)[8 + 14 (-5)]
∴ S15 = \(\frac{15}{2}\)(-62)
∴ S15 = 15 × (-31)
∴ S15 = -465
The sum of first 15 terms of the given AP is -465.

Question 11.
If the sum of the first n terms of an AP is 4n – n2, what is the first term (that is S1)? What is the sum of first two terms? What is the second term? Similarly, find the 3rd, the 10th and the nth terms.
Solution:
For the given AP
Sn = 4n – n2
∴ S1 = 4(1) – (1)2 = 4 – 1 = 3,
S2 = 4 (2) – (2)2 = 8 – 4 = 4,
S3 = 4(3) – (3)2 = 12 – 9 = 3,
S9 = 4 (9) – (9)2 = 36 – 81 = -45,
S10 = 4 (10) – (10)2 = 40 – 100 = -60
Now, the first term = a – a1 = S1 = 3
The sum of first two terms S2 = 4
The second term a2 = S2 – S1 = 4 – 3 = 1
The third term a3 = S3 – S2 = 3 – 4 = -1
The tenth term a10 = S10 – S9
= -60 – (-45) = -15
Now, Sn = 4n – n2
∴ Sn-1 = 4(n – 1) – (n – 1)2
= 4n – 4 – n2 + 2n – 1
= -n2 + 6n – 5
Now nth term an = Sn – Sn-1
∴ an = (4n – n2) – (-n2 + 6n – 5)
∴ an = 4n – n2 + n2 – 6n + 5
∴ an = -2n + 5

Question 12.
Find the sum of the first 40 positive integers divisible by 6.
Solution:
The first 40 positive integers divisible by 6 form the AP 6, 12, 18, ……, 240.
Here, a = 6; d = 12 – 6 = 6; n = 40 and l = 240.
Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l)
∴ S40 = \(\frac{40}{2}\)(6 + 240)
∴ S40 = 20 × 246
∴ S40 = 4920
Thus, the required sum is 4920.

Alternate method:
Required sum
= 6 + 12 + 18 + … + 240
= 6(1 + 2 + 3 + … + 40)
= 6 × \(\frac{40 \times 41}{2}\) (1 + 2 + 3 + …. + n = \(\frac{n(n+1)}{2}\))
= 4920

Question 13.
Find the sum of the first 15 multiples of 8.
Solution:
The first 15 multiples of 8 form the AP 8, 16, 24, ….., 120.
Here, a = 8, d = 16 – 8 = 8, n = 15 and l = 120.
Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l)
∴ S15 = \(\frac{15}{2}\)(8 + 120)
∴ S15 = 15 × 64
∴ S15 = 960
Thus, the required sum is 960.

Alternate method:
Required sum
= 8 + 16 + 24 + … + 120
= 8(1 + 2 + 3 + … + 15)
= 8 × \(\frac{15 \times 16}{2}\) (1 + 2 + 3 + … + n = \(\frac{n(n+1)}{2}\))
= 960.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.3

Question 14.
Find the sum of the odd numbers between 0 and 50.
Solution:
The odd numbers between 0 and 50 form the AP 1, 3, 5, ….., 49.
Here, a = 1, d = 3 – 1 = -2, l = 49.
Let the last term be the nth term.
an = a + (n – 1) d
49 = 1 + (n – 1)2
2(n – 1) = 48
n – 1 = 24
n = 25
Now, Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l)
∴ S25 = \(\frac{25}{2}\)(1 + 49)
∴ S25 = 25 × 25
∴ S25 = 625
Thus, the required sum is 625.

Question 15.
A contract on construction job specifies a penalty for delay of completion beyond a certain date as follows: ₹ 200 for the first day, ₹ 250 for the second day, ₹ 300 for the third day, etc.. the penalty for each succeeding day being ₹ 50 more than for the preceding day. How much money the contractor has to pay as penalty, if he has delayed the work by 30 days?
Solution:
The sums (in rupees) of penalty for delay of completion form the AP 200, 250, 300, …..
Here, a = 200; d = 250 – 200 = 50; n = 30 as the contractor has delayed the work by 30 days. The total penalty amount (in rupees) to be paid by the contractor will be given by S30.
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
∴ S30 = \(\frac{30}{2}\)[400 + (30 – 1)50]
∴ S30 = 15 × 1850
∴ S30 = 27750
Thus, the contractor has to pay a penalty of ₹ 27,750.

Question 16.
A sum of ₹ 700 is to be used to give seven cash prizes to students of a school for their overall academic performance. If cach prize is 20 less than its preceding prize, find the value of each of the prizes.
Solution:
₹ 700 is to be distributed as seven prizes such that each prize is ₹ 20 less than its preceding prize. Let the highest prize, i.e., the first prize be ₹ a. Then, the second prize will be of ₹ a – 20, the third prize will be of ₹ a – 40 and so on up to seven prizes. Hence, the amount (in rupees) of these prizes form a finite AP with seven terms as a, a – 20, a – 40, a – 60, a – 80, a – 100 and a – 120.
Here, the first term = a; d = (a – 20) – a = -20;
n = 7 and the sum of all the terms = S7 = 700.
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1) d]
∴ 700 = \(\frac{7}{2}\)[2a + (7 – 1) (-20)]
∴ 200 = 2a + 6(-20)
∴ 200 = 2a – 120
∴ 2a = 320
∴ a = 160
Then, a – 20 = 140; a – 40 = 120; a – 60 = 100; a – 80 = 80; a – 100 = 60 and a – 120 = 40.
Thus, the values (in rupees) of those seven prizes are 160, 140, 120, 100, 80, 60 and 40.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.3

Question 17.
In a school, students thought of planting trees in and around the school to reduce air pollution. It was decided that the number of trees, that each section of each class. will plant, will be the same as the class, in which they are studying, e.g.. a section of Class I will plant 1 tree, a section of Class II will plant 2 trees and so on till Class XII. There are three sections of each class. How many trees will be planted by the students?
Solution:
The number of trees that the three sections of Class I will plant = 1 + 1 + 1 = 3.
The number of trees that the three sections of Class II will plant = 2 + 2 + 2 = 6.
This system will continue till Class XII.
The number of trees that the three sections of Class XII will plant = 12 + 12 + 12 = 36.
Thus, the number of trees that will be planted will form a finite AP with 12 terms as 3, 6, 9, ….., 36.
Here, a = 3, d = 6 – 3 = 3, n = 12 and S12 will give the total number of trees that will be planted.
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1) d]
∴ S12 = \(\frac{12}{2}\)[6 + (12 – 1)3]
∴ S12 = 6 × 39
∴ S12 = 234
Thus, 234 trees will be planted by the students.

Question 18.
A spiral is made up of successive semicircles, with centres alternately at A and B, starting with centre at A, of radii 0.5 cm, 1.0 cm, 1.5 cm, 2.0 cm, as shown in the given figure. What is the total length of such a spiral made up of thirteen consecutive semicircles? (Take π = \(\frac{22}{7}\))
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.3 2
Hint: Length of successive semicircles is l1, l2, l3, l4, …with centres at A, B, A, B, ….., respectively.]
Solution:
We know that the length of a semicircle = πr, where r is the radius.
Length of 1st semicircle with centre A and radius 0.5 cm = l1 = π × 0.5 cm.
Length of 2nd semicircle with centre B and radius 1 cm = l2 = π × 1 cm.
Length of 3rd semicircle with centre A and radius 1.5 cm = l3 = π × 1.5 cm.
This system continues till 13 semicircles are drawn.
Then, the 13th semicircle will be drawn with centre A and radius 6.5 cm. Length of 13th semicircle with centre A and radius 6.5 cm = l13 = π × 6.5 cm.
Now, the total length of the spiral
= l1 + l2 + l3 + … + l13
= (π × 0.5) + (π × 1) + (π × 1.5) + … + (π × 6.5)
= π(0.5 + 1 + 1.5 + … + 6.5)
The sum inside the brackets is the sum of all the 13 terms of the finite AP 0.5, 1, 1.5, ….., 6.5.
For this AP a = 0.5; d = 1 – 0.5 = 0.5 and n = 13.
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
∴ Sn = [1 + (13 – 1) (0.5)]
∴ Sn = \(\frac{13}{2}\) × 7
Hence, the total length of the spiral
= π\(\left(\frac{13}{2} \times 7\right)\)
= \(\frac{22}{7} \times \frac{13}{2} \times 7\)
= 143 cm
Thus, the total length of the spiral made up of thirteen consecutive semicircles is 143 cm.

Question 19.
200 logs are stacked in the following manner: 20 logs in the bottom row, 19 in the next row, 18 in the row next to it and so on (see the given figure). In how many rows are the 200 logs placed and how many logs are in the top row?
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.3 3
Solution:
The number of logs stacked in the first row from the bottom = 20.
The number of logs stacked in the second row from the bottom = 19.
The number of logs stacked in the third row from the bottom = 18.
This system continues till all the 200 logs are stacked.
Thus, the number of logs stacked in the rows form the finite AP 20, 19, 18,….. up ton-terms and the sum of those n terms is 200. Here, a = 20 and d = 19 – 20 = -1.
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1) d]
∴ 200 = \(\frac{n}{2}\)[40 + (n – 1) (-1)]
∴ 400 = n(40 – n + 1)
∴ 400 = n(41 – n)
∴ 400 = 41n – n2
∴ n2 – 41n + 400 = 0
∴ n2 – 16n – 25n + 400 = 0
∴ n (n – 16) – 25 (n – 16) = 0
∴ (n – 16) (n – 25) = 0
n – 16 = 0 or n – 25 = 0
n = 16 or n = 25
Here, both the answers are admissible. Hence, we verify by the value of 16th term and 25th term.
an = a + (n – 1) d
∴ a16 = 20 + 15(-1) = 5
∴ a25 = 20 + 24(-1) = -4
Thus, for the 25th row, the number of logs in the row becomes negative. This is inadmissible.
Hence, n ≠ 25.
∴ n = 16 and a16 = 5.
Thus, the 200 logs are placed in 16 rows and in the top row there are 5 logs.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.3

Question 20.
In a potato race, a bucket is placed at the starting point, which is 5 m from the first potato, and the other potatoes are placed 3 m apart in a straight line. There are ten potatoes in the line (see the given figure).
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 Arithmetic Progressions Ex 5.3 4
A competitor starts from the bucket, picks up the nearest potato, runs back with it, drops it in the bucket, runs back to pick up the next potato, runs to the bucket to drop it in, and she continues in the same way until all the potatoes are in the bucket. What is the total distance the competitor has to run?
[Hint: To pick up the first potato and the second potato, the total distance (in metres) run by a competitor is 2 × 5 + 2 × (5 + 3)].
Solution:
The distance (in metres) to be covered to pick up first potato = 2 × 5 = 10.
The distance (in metres) to be covered to pick up second potato = 2 × (5 + 3) = 16.
The distance (in metres) to be covered to pick up third potato = 2 × (5 + 3 + 3) = 22.
Thus, the distances to be covered to pick up 10 potatoes form the finite AP 10, 16, 22, …. up to 10 terms.
Here, a = 10, d = 16 – 10 = 6, n = 10 and Sn will give the total distance (in metres) that the competitor has to run.
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1) d]
∴ S10 = \(\frac{10}{2}\)[20 + (10 – 1)6]
∴ S10 = 5 × 74
∴ S10 = 370
Thus, the total distance that the competitor has to run is 370 metres.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Ex 14.2

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Ex 14.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Exercise 14.2

Question 1.
The following table shows the ages of the patients admitted in a hospital during a year:
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Ex 14.2 1
Find the mode and the mean of the data given above. Compare and interpret the two measures of central tendency.
Solution:
The class interval having the maximum frequencies is 35 – 45.
f1 = 23, l = 35, h = 10, f0 = 21, f2 = 14
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Ex 14.2 2
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Ex 14.2 3
Maximum number of patients admitted in the hospital are of the age 36.8 years. The average age of the patient admitted to the hospital is 35.37 years.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Ex 14.2

Question 2.
The following data gives the information on the observed lifetimes (in hours) of 225 electrical
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Ex 14.2 4
Determine the modal lifetimes of the components.
Class interval having the maximum frequency is 60 – 80.
f1 = 61, f0 = 52, f2 = 38, l = 60, h = 20.
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Ex 14.2 5

Question 3.
The following data gives the distribution of total monthly household expenditure of 200 families of a village. Find the modal monthly expenditure of the families. Also, find the mean monthly expenditure:

Expenditure (in Rs.) No. of families
1000 – 1500 24
1500 – 2000 40
2000 – 2500 33
2500 – 3000 28
3000 – 3500 30
3500 – 4000 22
4000 – 4500 16
4500 – 5000 7

Solution:
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Ex 14.2 6
Step deviation method: \(\bar{x}\) = a + \(\left[\frac{\sum f_i u_i}{\sum f_i}\right]\)h
= 3250 + \(\left[\frac{-235}{200}\right]\) × 500
= 3250 – \(\left[-\frac{1175}{2}\right]\)
= 3250 – 587.5
= 2662.5.
Mean expenditure Rs. 2662.50.
l = 1500, f1 = 40, f2 = 33, f0 = 24, h = 500
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Ex 14.2 7
Modal monthly expenditure = 1847.83.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Ex 14.2

Question 4.
The following distribution gives the state-wise teacher-student ratio in higher secondary schools of India. Find the mode and mean of this data. Interpret the two measures.

Number of students per teacher No. of states/U.T.
15 – 20 3
20 – 25 8
25 – 30 9
30 – 35 10
35 – 40 3
40 – 45 0
45 – 50 0
50 – 55 2

Solution:
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Ex 14.2 8
l = lower limit of the CI = 30, f1 = 10, f0 = 9, f2 = 3, h = 5
Mode = \(l+\left[\frac{\mathrm{f}_1-\mathrm{f}_0}{2 \mathrm{f}_1-\mathrm{f}_0-\mathrm{f}_2}\right] \times \mathrm{h}\)
= \(=30+\left[\frac{10-9}{20-9-3}\right] \times 5\)
= \(30+\left[\frac{1}{8} \times 5\right]=30+\frac{5}{8}\)
= 30 + 0.625 = 30.625.
Most states/UT’s have a student-teacher ratio of 30.6. On an average this ratio is 29.2.

Question 5.
The given distribution shows the number of runs scored by some top batsmen of the world in one-day international cricket matches.

Runs scored Number of batsmen
3000 – 4000 4
4000 – 5000 18
5000 – 6000 9
6000 – 7000 7
7000 – 8000 6
8000 – 9000 3
9000 – 10000 1
10000 – 11000 1

Find the mode of the data.
Solution:
l = 4000, f1 = 18, f0 = 4, f2 = 9, h = 1000
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Ex 14.2 9

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Ex 14.2

Question 6.
A student noted the number of cars passing through a spot on a road for 100 periods each of 3 minutes and summarised it in the table given below. Find the mode of the data.
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Ex 14.2 10
Solution:
Class interval having the maximum frequency is 40 – 50. f1 = 20, f0 = 12, f2 = 11, l = 40, h = 10.
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 Statistics Ex 14.2 11

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 12 Areas Related to Circles Ex 12.1

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 12 Areas Related to Circles Ex 12.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 12 Areas Related to Circles Ex 12.1

Unless stated otherwise, use π = \(\frac{22}{7}\)

Question 1.
The radii of two circles are 19 cm and 9 cm respectively. Find the radius of the circle which has circumference equal to the sum of the circumferences of the two circles.
Solution :
Circumference of circle 1 = 2πr
= 2 × π × 19 cm = 2π × 19
Circumference of circle 2 = 2 × π × 9 cm = 2π × 9
Sum of the circumferences = (2π × 19) + (2π × 9)
= 2π(19 + 9)
= 2π 28
= 56 π.
Circumference of circle 3 = 56π.
2πr = 56π
r = \(\frac{56π}{2π}\)
= 28 cm.

Alternative Method:
r1 = 19 cm, r2 = 9 cm, R = ?
2πr1 + 2πr2 = 2πR (given)
2π(г1 + r2) = 2πR
(19 + 9) = R
∴ R = 28 cm.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 12 Areas Related to Circles Ex 12.1

Question 2.
The radii of two circles are 8 cm and 6 cm respectively. Find the radius of the circle having area equal to the sum of the areas of the two circles.
Solution :
Area of circle 1 = π × 8² cm²
Area of circle 2 = π × r² = π × 6²
Sum of the areas = π(8² + 6²)
= π(64 + 36)
= 100π
Area of circle 3 = 100 π
πr² = 100 π
r² = \(\frac{100π}{π}\) = 100
∴ r = 10 cm.

Alternative Method:
πr12 + πr22 = πR²
π(r12 + r22) = πR²
8² + 6² = R²
64 + 36 = R²
\(\sqrt{100}\) = R
∴ R = 10 cm.

Question 3.
The figure depicts an archery target marked with its five scoring regions from the centre outwards as Gold, Red, Blue, Black and White. The diameter of the region representing Gold score is 21 cm and each of the other bands is 10.5 cm wide. Find the area of each of the five scoring regions.
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 12 Areas Related to Circles Ex 12.1 - 1
KG = GE = EC = CA = AO = OB = 10.5 cm
Area of the gold band = πr²
= \(\frac{22}{7} \times \frac{21}{2} \times \frac{21}{2}\)
r = \(\frac{AB}{2 }=\frac{21}{2}\) = 10.5
= \(\frac{33 \times 21}{2}=\frac{693}{2}\)
= 346.5 cm².

Area of the red band d = 21 + 10.5 + 10.5 = 42 cm.
= (\(\frac{22}{7} \times \frac{42}{2} \times \frac{42}{2}\)) – 346.5(area of the gold circle)
= (66 × 21) – 346.5
= 1386 – 346.5 = 1039.5 cm².

Area of the blue band d = 6 × 10.5 = 63
= (\(\frac{22}{7} \times \frac{63}{2} \times \frac{63}{2}\)) – area of the red circle
= \(\frac{99 \times 63}{2}\) – (66 × 21)
= \(\frac{6237}{2}\) – 1386
= 3118.5 – 1386.0 = 1732.5 cm²

Area of the black band = d = GH = 8 × 10.5 = 84
= (\(\frac{22}{7} \times \frac{84}{2} \times \frac{84}{2}\)) – area of the blue circle
= \(\frac{22}{7} \times \frac{84}{2} \times \frac{84}{2}\) – (\(\frac{22}{7} \times \frac{63}{2} \times \frac{63}{2}\))
= (132 × 42) – \(\frac{99 \times 63}{2}\)
= 5544.0 – 3118.5 = 2425.5 cm²

Area of the white band = d = KL = 10 × 10.5 = 105
= (\(\frac{22}{7} \times \frac{105}{2} \times \frac{105}{2}\)) – (132 × 42) (area of black circle)
= \(\frac{165 \times 105}{2}\) – (132 × 42)
= \(\frac{17325}{2}\) – 5544
= 8662.5 – 5544.0 = 3118.5 cm².

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 12 Areas Related to Circles Ex 12.1

Question 4.
The wheels of a car are of diameter 80 cm each. How many complete revolutions does each wheel make in 10 minutes when the car is travelling at a speed of 66 km per hour?
Solution :
Distance travelled in one revolution = Circumference of the wheel
= 2πr d = 80
= 2 × \(\frac{22}{7} \times \frac{80}{2}=\frac{22 \times 80}{7}\) cm
Distance travelled by the car in 10 min — ?
Speed of the car = 66 km/hr.
Speed of the car = \(\frac{66}{60}\) × 10 = 11 km/min.
= 11 × 1000 mts./min.
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 12 Areas Related to Circles Ex 12.1 - 2

Question 5.
Tick the correct answer in the following and justify your choice: If the perimeter and the area of a circle are numerically equal, then the radius of the circle is
(A) 2 units
(B) π units
(C) 4 units
(D) 7 units.
Solution :
2πr = πr²
2r = r²
Solution :
(A). r = 2 units.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 8 Introduction to Trigonometry Ex 8.3

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 8 Introduction to Trigonometry Ex 8.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 8 Introduction to Trigonometry Exercise 8.3

Question 1.
Evaluate:
(i) \(\frac{\sin 18^{\circ}}{\cos 72^{\circ}}\)
(ii) \(\frac{\tan 26^{\circ}}{\cot 64^{\circ}}\)
(iii) cos 48° – sin 42°
(iv) cosec 31° – sec 59°.
Solution :
\(\frac{\sin 18^{\circ}}{\cos 72^{\circ}}\) sin θ = cos (90° – θ)
sin 18° = cos (90° – 18°) = cos 72°
∴ \(\frac{sin 18}{cos 72}\) = \(\frac{cos 72°}{cos 72°}\) = 1

(ii) \(\frac{\tan 26^{\circ}}{\cot 64^{\circ}}\) tan θ = cot (90 – θ)
tan 26 = cot (90 – 26) = cot 64°.
∴ \(\frac{tan 26°}{cot 64°}\) = \(\frac{cot 64}{cot 64}\) = 1

(iii) cos 48° – sin 42° = cos (90° – 42°) – sin 42°
= sin 42° – sin 42° = 0.

(iv) cosec 31° – sec 59° . cosec θ = sec (90 – θ)
cosec 31 = sec (90 – 31) = sec 59°.
cosec 31° – sec 59° = sec 59° – sec 59° = 0.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 8 Introduction to Trigonometry Ex 8.3

Question 2.
Show that:
(i) tan 48° tan 23° tan 42° tan 67° = 1.
(ii) cos 38° cos 52° – sin 38° sin 52° = 0.
Solution :
(i) tan 48° tan 23° tan 42° tan 67° = 1.
LHS = tan 48° tan 23° tan 42° tan 67°
= tan 48° . tan 23° tan (90° – 48°) . tan (90° – 23°)
= tan 48° . tan 23° . cot 48° . cot 23° [∵ tan (90° – θ) = cot θ]
= tan 48° . tan 23° . \(\frac{1}{tan 48°}\) . \(\frac{1}{tan 23°}\) [∵ cot θ = \(\frac{1}{tan θ}\)]
= 1 = RHS.

(ii) cos 38° cos 52° – sin 38° sin 52° = 0.
LHS = cos 38° . cos 52° – sin 38° sin 52°
= cos (90° – 52°) cos (90° – 38°) – sin 38°. sin 52°
= sin 52° . sin 38° – sin 38° . sin 52° [∵ cos (90° – θ) = sin θ]
= 0 = RHS.

Question 3.
If tan 2A = cot (A – 18°), where 2A is an acute angle, find the value of A.
Solution :
tan θ = cot (90° – θ)
tan 2A = cot (90° – 2A)
tan 2A = cot (A – 18°) ∵ cot (90° – 2A) = cot (A – 18°)
90° – 2A = A – 18
– 2A – A = – 18 – 90
– 3A = – 108
A = \(\frac{-108}{-3}\) = 36°.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 8 Introduction to Trigonometry Ex 8.3

Question 4.
If tan A = cot B, prove that A + B = 90°.
Solution :
tan A = cot B (90° – A)
tan A = cot B
∴ cot (90° – A) = cot B
∴ 90° – A = B
90° = B + A
A + B = 90°.

Question 5.
If sec 4A = cosec (A – 20°), where 4A is an acute angle, find the value of A.
Solution :
sec 4A = cosec (A – 20°)
cosec (90° – 4A) = cosec (A – 20°)
90° – 4A = A – 20°
– 4A – A = – 110°
– 5A = – 110°
A = 22°.

Question 6.
If A, B and C are interior angles of a triangle ABC, then show that
Solution :
sin (\(\frac{B+C}{2}\)) = cos \(\frac{A}{2}\)
sin θ = cos (90° – θ)
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 8 Introduction to Trigonometry Ex 8.3 - 1

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 8 Introduction to Trigonometry Ex 8.3

Question 7.
Express sin 67° + cos 75° in terms of trigonometric ratios of angles between 0° and 45°.
Solution :
sin 67° + cos 75°
= sin (90° – 23°) + cos (90° – 15°)
= cos 23° + sin 15°. (Since cos (90° – θ) = sin θ and sin (90° – θ) = cos θ)

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Exercise 10.2

Question 1.
From a point Q, the length of the tangent to a circle is 24 cm and the distance of Q from the centre is 25 cm. The radius of the circle is
(A) 7 cm
(B) 12 cm
(C) 15 cm
(D) 24.5 cm
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2 - 1
OQ² = TO² – TQ²
= 25² – 24²
= (25 + 24) (25 – 24)
= 49 × 1 = 49
OQ = \(\sqrt{49}\) = 7 cm.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2

Question 2.
In the figure, if TP and TQ are the two tangents to a circle with centre O so that ∠POQ = 110°, then ∠PTQ is equal to
(A) 60°
(B) 70°
(C) 80°
(D) 90°
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2 - 2
POQT is a cyclic quadrilateral because \(\hat{\mathbf{P}}\) + \(\hat{\mathbf{O}}\) = 180°.
∴ \(\hat{\mathbf{O}}\) + \(\hat{\mathbf{T}}\) = 180°
latex]\hat{\mathbf{O}}[/latex] = 110°.
latex]\hat{\mathbf{T}}[/latex] = 180° – 110° = 70°.

Question 3.
If tangents PA and PB from a point P to a circle with centre O are inclined to each other at an angle of 80°, then ∠POA is equal to
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2 - 3
A) 50°
B) 60°
C) 70°
D) 80°
Solution :
In ΔPAO, P\(\hat{A}\)O = 90° A\(\hat{P}\)O = 40°
∴ A\(\hat{O}\)P = 180° – 90° – 40° = 50°.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2

Question 4.
Prove that the tangents drawn at the ends of a diameter of a circle are parallel.
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2 - 4
Data: O is the centre of the circle.
AB is a diameter. CD and EF are tangents drawn at A and B.
To prove: CD || EF.
Proof: O\(\hat{A}\)C = 90°
O\(\hat{B}\)E = 90°
B\(\hat{A}\)C + A\(\hat{B}\)E = 180°
These are co-interior angles.
Radius is ⊥ to the tangent at the point of contact

Question 5.
Prove that the perpendicular at the point of contact to the tangent to a circle passes through the centre.
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2 - 5
Let us consider a circle with centre O.
Let AB be a tangent which touches the circle at P.
We have to prove that the line perpendicular to AB at P passes through the centre O.
We shall prove this by contradiction method.
Let us assume that the perpendicular to AB at P does not pass through centre O.
Let it pass through another point O’. Join OP and O’P.
As the perpendicular to AB at P passes through O’, therefore,
∠O’PB = 90° ……..(1)
O is the centre of the circle and P is the point of contact. We know that the line joining the centre and the point of contact to the tangent of the circle are perpendicular to each other.
∴ ∠OPB = 90° ……..(2)
Comparing equations (1) and (2), we obtain
∠O’PB = ∠OPB ….(3)
From the figure, it can be observed that,
∠O’PB < ∠OPB ………..(4)
Therefore, ∠O’PB = ∠OPB is not possible. It is only possible when the line O’P coincides with OP. Therefore, the perpendicular to AB at P passes through the centre O.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2

Question 6.
The length of a tangent from a point A at a distance 5 cm from the centre of the circle is 4 cm. Find the radius of the circle.
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2 - 6
Solution :
A\(\hat{B}\)O = 90° (The radius is perpendicular to the tangent at the point of contact)
BO² + AB² = AO²
BO² = AO² – AB²
= 5² – 4²
= 25 – 16 = 9
BO = \(\sqrt{9}\) = 3 cm.
Hence, radius of the circle is 3 cm.

Question 7.
Two concentric circles are of radii 5 cm and 3 cm. Find the length of the chord of the larger circle which touches the smaller circle.
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2 - 7
O is the centre of the concentric circles C1 and C2.
AB is a chord of the bigger circle C1.
AB is a tangent to circle C2.
OC = 3 cm, OB = 5 cm.
To find AB.
Proof: In ΔOCB,
O\(\hat{C}\)B = 90° (The tangent AB to C2 is ⊥ to the radius CO drawn from the point of contact C)
In ΔOCB, O\(\hat{C}\)B = 90°
OC² + CB² = OB²
3² + CB² = 5²
CB² = 5² – 3²
= 25 – 9 = 16
CB = 4 cm.
In circle C1 AB is a chord. OC ⊥ AB.
∴ AC = CB = 4 cm. The ⊥ drawn to a chord from the centre bisects the chord.
AB = AC + CB
= 4 + 4 = 8 cm.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2

Question 8.
A quadrilateral ABCD is drawn to circumscribe a circle. Prove that AB + CD = AD + BC.
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2 - 8
A, B, C and D are external points. Tangents drawn to the circle from these points are equal.
AP = AS ….(1) (Tangents from A)
BP = BQ ….(2) (Tangents from B)
CR = CQ ….(3) (Tangents from C)
DR = DS ….(4) (Tangents from D)
Adding the results
AP + BP + CR + DR = AS + BQ+CQ + DS
AB + CD = AS + DS + BQ +CQ
∴ AB + CD = AD + BC.

Question 9.
In the figure, XY and X’Y’ are two parallel tangents to a circle with centre O and another tangent AB with point of contact C intersecting XY at A and X’Y’ at B. Prove that ∠AOB = 90°.
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2 - 9
Given: XY || X’Y’.
XPA, X’QY’ and AB are the tangents.
To prove: ∠AOB = 90°
Construction: Join OC.
Proof: In ΔOAP and ΔOAC
AP = AC (Theorem 4.2)
OA = OA (Common)
OP = OC (Radii of circle)
AOAP AOAC (S.S.S. congruency)
Since XY || X’Y’
∠PAB + ∠QBA = 180° (Co-interior angles)
\(\frac{1}{2}\)∠PAB + \(\frac{1}{2}\)∠QBA = 90°
∴ ∠OAB + ∠OBA = 90°
In ΔAOB, ∠AOB = 180° – (∠OAB + ∠OBA)
= 180° – 90° = 90°
∴ ∠AOB = 90°.
The line joining the external point to the centre, bisects the angle between the tangents.

Question 10.
Prove that the angle between the two tangents drawn from an external point to a circle is supplementary to the angle subtended by the line-segment joining the points of contact at the centre.
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2 - 10
Data: O is the centre of the circle.
AB and AC are tangents drawn from A.
To prove: B\(\hat{\mathbf{A}}\)C + B\(\hat{\mathbf{O}}\)C = 180°.
Proof: AB is a tangent. BO is the radius drawn from the point of contact B.
∴ O\(\hat{\mathbf{B}}\)A = 90°
AC is a tangent. CO is the radius drawn from the point of contact C.
∴ O\(\hat{\mathbf{C}}\)A = 90°
∴ O\(\hat{\mathbf{B}}\)A + O\(\hat{\mathbf{C}}\)A = 90°.
∴ B\(\hat{\mathbf{O}}\)C + B\(\hat{\mathbf{A}}\)C = 180° [Sum of angles of a quadrilateral is 360°]

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2

Question 11.
Prove that the parallelogram circumscribing a circle is a rhombus.
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2 - 11
Data: ABCD is a circumscribed parallelogram.
AB = CD, AD = BC
To prove: ABCD is a rhombus.
AB = BC – CD – DA
Proof: ABCD is a circumscribed quadrilateral.
∴ AB + CD = AD + BC (Proved in problem 8)
AB = DC, AD = BC (Opposite sides of the parallelogram)
AB + AB = AD + AD
2AB = 2AD
AB = AD
AB = CD, AD = BC
AB = BC = CD = DA. [Since adjacent sides of a parallelogram are equal]
∴ ABCD is a rhombus.

Question 12.
A triangle ABC is drawn to circumscribe a circle of radius 4 cm such that the segments BD and DC into which BC is divided by the point of contact D are of lengths 8 cm and 6 cm respectively. Find the sides AB and AC.
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2 - 12
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2 - 13
In the adjoining figure, the circle touches AB at F, BC at D, CA at E.
AE = AF = x. (Tangents to the circle from A)
Tangent BF = Tangent BD = 8 cm
Tangent CE = Tangent CD = 6 cm
AB = AF + FB = (x + 8) cm
AC = AE + EC = (x + 6) cm
CB = CD + DB = 6 + 8 = 14 cm.
2S(perimeter of AABC) = AB + BC + CA
= (x + 8) + (6 + 8) + (x + 6).
= 2x + 28
S = x + 14
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2 - 14
Area of ΔABC = \(\frac{1}{2}\) × base × altitude
= \(\frac{1}{2}\) × 14 × 4 = 28 cm².
Area of ΔOAB = \(\frac{1}{2}\) × 4(x + 8) = 2(x + 8)
Area of ΔOAC = \(\frac{1}{2}\) × 4(x + 6) = 2(x + 6)
Area of ΔOBC = \(\frac{1}{2}\) × 4 × 14 = 28 cm.
Total area = Area of ΔOBC + Area of ΔOAB + Area of ΔOAC
= 28 + 2x + 12 + 2x + 16
∴ 4x + 56 = 4(x + 14)
∴ 4\(\sqrt{3 x^2+42 x}\) = 4(x + 14)
\(\sqrt{3 x^2+42 x}\) = x + 14
Squaring both sides 3x² + 42x = (x + 14)² = x² + 28x + 196
= 2x² + 145 – 196 = 0 x² + 7x – 98 = 0
∴ (x + 14) (x – 7) = 0 x = – 14 or x = 7
AC = x + 8
= 7 + 8
= 15 cm.

AC = x + 6
= 7 + 6
= 13 cm.

BC = 6 + 8
= 14 cm.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2

Question 13.
Prove that opposite sides of a quadrilateral circumscribing a circle subtend supplementary angles at the centre of the circle.
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 10 Circles Ex 10.2 - 15
Construction: Join OP, OQ, OR and OS.
Proof: The two tangents drawn from an external point to a circle subtend equal angles at the centre.
∴ ∠1 = ∠2, ∠3 = ∠4, ∠5 = ∠6 and ∠7 = ∠8.
Now, ∠1 + ∠2 + ∠3 + ∠4 + ∠5 + ∠6 + ∠7 + ∠8 = 360° (Sum of angles subtended at a point)
2(∠2 + ∠3 + ∠6 + ∠7) = 360° and
2(∠1 + ∠8 + ∠4 + ∠5) = 360°
⇒ (∠2 + ∠3) + (∠6 + ∠7) = 180°
(∠1 + ∠8) + (∠4 + ∠5) = 180°
∴ ∠AOB + ∠COD = 180° and ∠AOD + ∠BOC = 180°.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Exercise 13.2

Unless stated otherwise, take π = \(\frac{22}{7}\)

Question 1.
A solid is in the shape of a cone standing on a hemisphere with both their radii being equal to 1 cm and the height of the cone equal to its radius. Find the volume of the solid in terms οf π.
Solution:
The given solid is a combination of a cone and a hemisphere.
We have radius of the cone r = Radius of the hemisphere = 1 cm and height of the cone h = 1 cm.
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 1
∴ Volume of the solid = Volume of the cone + Volume of the hemisphere
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 2

Question 2.
Rachel, an engineering student, was asked to make a model shaped like a cylinder with two cones attached at its two ends by using a thin aluminium sheet. The diameter of the model is 3 cm and its length is 12 cm. If each cone has a height of 2 cm, find the volume of air contained in the model that Rachel made. (Assume the outer and inner dimensions of the model to be nearly the same.)
Solution:
d = 3 cm, AF = 8 cm = H, Ax = Fy = 2 cm = h, r = \(\frac{3}{2}\)
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 3
Volume of the model = Volume of the cone ABC + Volume of the cylinder BCED + Volume of the cone DEF
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 4

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2

Question 3.
A gulab jamun contains sugar syrup up to about 30% of its volume. Find approximately how much syrup would be found in 45 gulab jamuns, each shaped like a cylinder with two hemispherical ends with length 5 cm and diameter 2.8 cm.
Solution:
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 5
Volume of 1 jamun = Volume of the cylinder + 2 × Volume of the hemisphere
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 6

Question 4.
A pen stand made of wood is in the shape of a cuboid with four conical depressions to hold pens. The dimensions of the cuboid are 15 cm by 10 cm by 3.5 cm. The radius of each of the depressions is 0.5 cm and the depth is 1.4 cm. Find the volume of wood in the entire stand.
Solution:
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 7
Volume of wood in the stand = Volume of the cuboid – Volume of wood lost in making four conical depressions
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 8

Question 5.
A vessel is in the form of an inverted cone. Its height is 8 cm and the radius of its top, which is open, is 5 cm. It is filled with water up to the brim. When lead shots, each of which is a sphere of radius 0.5 cm are dropped into the vessel, one-fourth of the water flows out. Find the number of lead shots dropped in the vessel.
Solution:
Volume of water in the cone = \(\frac{\pi r^2 h}{3}\)
= \(\frac{1}{3} \times \frac{22}{7}\) × 5 × 5 × 8 cc.
= \(\frac{22 \times 25 \times 8}{21}\) c.c.
When some lead shots are dropped into the vessel, volume of the water that flows out
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 9
= \(\frac{1}{4} \times \frac{22 \times 25 \times 8}{21}\)
= \(\frac{22 \times 25 \times 2}{21}\) cc
This is equal to the volume of the lead shots dropped.
Volume of a lead shot = \(\frac{4}{3}\)πr3
Let the no. of lead shots dropped be x.
The volume of x lead shots = Volume of water overflown
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 10
Number of lead shots dropped = 100.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2

Question 6.
A solid iron pole consists of a cylinder of height 220 cm and base diameter 24 cm, which is surrounded by another cylinder of height 60 cm and radius 8 cm. Find the mass of the pole, given that 1 cm3 of iron has approximately 8 g mass. (Use π = 3.14).
Solution:
R = 12, r = 4.
Common factor of 144 and 64 is 16 (HCF)
HCF of 220 and 60 is 20.
1 kg = 1000 gms.
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 11
Volume of the given solid = Volume of the bigger cylinder + Volume of the surmounted cylinder
= πR2H + πr2h
= 3.14 × 122 × 220 + 3.14 × 82 × 60
= 3.14 × 144 × 220 + 3.14 × 64 × 60
= 3.14 × 16 × 20(9 × 11 + 4 × 3)
= 3.14 × 320(99 + 12)
= 3.14 × 320 × 111 c.c.
Mass of the solid = Volume × density
= 3.14 × 320 × 111 × 8 gm
= \(\frac{3.14 \times 320 \times 111 \times 8}{1000}\)kg.
= \(\frac{3.14 \times 32 \times 888}{100}\)
= 3.14 × 32 × 8.88
= 892.26 kg.

Question 7.
A solid consisting of a right circular cone of height 120 cm and radius 60 cm standing on a hemisphere of radius 60 cm is placed upright in a right circular cylinder full of water such that it touches the bottom. Find the volume of water left in the cylinder, if the radius of the cylinder is 60 cm and its height is 180 cm.
Solution:
h = 180 (cylinder), H = 120 (Cone).
Volume of the solid given = Volume of the cone + Volume of the hemisphere
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 12
Volume of water left in the cylinder = Volume of water in the cylinder – Volume of the solid immersed
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 13
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 14

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2

Question 8.
A spherical glass vessel has a cylindrical neck 8 cm long, 2 cm in diameter; the diameter of the spherical part is 8.5 cm. By measuring the amount of water it holds, a child finds its volume to be 345 cm3. Check whether she is correct, taking the above as the inside measurements, and π = 3.14.
Solution:
r = \(\frac{8.5}{2}\), R = \(\frac{2}{2}\) = 1
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 15
Volume of water in the vessel = Volume of water in the spherical part + Volume of water in the cylindrical neck.
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.2 16
= 3.14 × 110.354 = 346.51 cm3.
The child’s answer is wrong.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 11 Constructions Ex 11.2

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 11 Constructions Ex 11.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 11 Constructions Exercise 11.2

In each of the following, give also the justification of the construction:

Question 1.
Draw a circle of radius 6 cm. From a point 10 cm away from its centre, construct the pair of tangents to the circle and measure their lengths.
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 11 Constructions Ex 11.2 - 1
Steps of construction:
1. Draw a line segment OP = 10 cm.
2. With O as centre and 6 cm as radius draw a circle C1.
3. Draw the perpendicular bisector of OP. Let x be the midpoint of OP.
4. With x as centre and xO or XP as radius draw circle C2 to cut circle C1 at A and B.
5. Join PA and PB.
PA and PB are the tangents to the circle from P.
P\(\hat{A}\)O = 90° (Angle in a semicircle)
∴ PA ⊥ radius OA.
∴ PA is a tangent to the circle.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 11 Constructions Ex 11.2

Question 2.
Construct a tangent to a circle of radius 4 cm from a point on the concentric circle of radius 6 cm and measure its length. Also verify the measurement by actual calculation.
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 11 Constructions Ex 11.2 - 2
Steps of construction:
1. With O as centre and 4 cm as radius draw circle C1.
2. With O as centre and 6 cm as radius draw circle C2.
3. Take a point P on circle C2.
4. Draw the perpendicular bisector of OP. Let x be the midpoint of OP.
5. With x as centre and xO or xP as radius draw circle C3 to cut circle C1 at A and B.
Join PA. PA is the tangent to circle C1 from P.
O\(\hat{A}\)P = 90° (Angle in the semicircle)
∴ Radius OA ⊥ AP.
Hence PA is a tangent ∴ PA = 4.5 cm.
Verification by calculation:
In ΔOAP, O\(\hat{A}\)P = 90°. OA = 4 cm, OP = 6 cm.
OA² + AP² = OP²
4² + AP² = 6²
AP² = 6² – 4²
= (6 + 4) (6 – 4)
= 10 × 2 = 20
AP = \(\sqrt{20}\)
= \(\sqrt{4 \times 5}\) = 2\(\sqrt{5}\)
= 2 × 2.3 = 4.6 cm.

Question 3.
Draw a circle of radius 3 cm. Take two points P and Q on one of its extended diameters each at a distance of 7 cm from its centre. Draw tangents to the circle from these two points P and Q.
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 11 Constructions Ex 11.2 - 3
Steps of construction:
1. Draw circle C1 with centre O and radius = 3 cm.
2. Take a diameter LM in the circle.
3. Take a point P to the left of O at a distance of 7 cm.
4. Take a point Q to the right of O at a distance of 7 cm.
5. From P draw a tangent PS to C1.
6. From Q draw a tangent RQ to C2.
PS and RQ are tangents drawn to the circle from points P and Q respectively.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 11 Constructions Ex 11.2

Question 4.
Draw a pair of tangents to a circle of radius 5 cm which are inclined to each other at an angle of 60°.
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 11 Constructions Ex 11.2 - 4
B\(\hat{A}\)O = 60°
∴ B\(\hat{A}\)C = 180° – 60° = 120°
Steps of construction:
1. Draw a circle of radius 5 cm with centre O.
2. At O make an angle BC = 120°.
3. At B and C draw perpendiculars to the radii OB and OC.
4. Let the perpendiculars meet at A.
AB and AC are tangents drawn to the circle from A such that the angle between them is 60°.

Question 5.
Draw a line segment AB of length 8 cm. Taking A as centre, draw a circle of radius 4 cm and taking B as centre, draw another circle of radius 3 cm. Construct tangents to each circle from the centre of the other circle.
Solution :
AC and AD are tangents, drawn from centre A to C2.
BE and BF are tangents drawn from centre B to C1.
AC = AD = 7.2 cm, BE = BF = 6.8 cm.
Steps of construction:
1. Draw a line segment AB – 8 cm.
2. With A as centre and radius 4 cm draw circle C1.
3. With B as centre and radius 3 cm draw circle C2.
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 11 Constructions Ex 11.2 - 5
4. Draw the perpendicular bisector of AB. Let x be the midpoint of AB.
5. With x as centre and radius xA or xB draw circle C3.
6. Let it cut C, at E and F and cut C2 at C and D.
7. Join AC, AD, BE, BF.
AC and AD are tangents drawn from A, the centre of circle C1 to circle C2.
BE and BF are tangents drawn from B, the centre of circle C2 to circle C1.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 11 Constructions Ex 11.2

Question 6.
Let ABC be a right triangle in which AB = 6 cm, BC = 8 cm and ∠B = 90°. BD is the perpendicular from B on AC. The circle through B, C, D is drawn. Construct the tangents from A to this circle.
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 11 Constructions Ex 11.2 - 6
Steps of construction:
1. Construct ΔABC given AB = 6 cm, BC = 8 cm, A\(\hat{B}\)C = 90°.
2. From B draw perpendicular BD to AC.
3. Let O be the midpoint of BC.
4. With O as centre and OB or OC as radius, draw C1 to pass through B, D and C.
5. Join AO.
6. Draw its perpendicular bisector. Let x be the midpoint of AO.
7. With x as centre and xA or xO as radius, draw circle C2. Let it cut C1 at E and B.
8. Join AE. AB is already joined.
AB and AE are tangents to circle C1 from A.
AE = AB = 6 cm.

Question 7.
Draw a circle with the help of a bangle. Take a point outside the circle. Construct the pair of tangents from this point to the circle.
Solution :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 11 Constructions Ex 11.2 - 7
A circle is drawn keeping the bangle on the paper. We have to find its centre.
Draw any two chords AB and CD in it.
Draw their perpendicular bisectors. The point of intersection O of these bisectors gives the centre of the circle.
(The perpendicular bisector of a chord passes through the centre).
Let P be the external point. Join PO. Draw the perpendicular bisector of PO. Let x be the midpoint.
With x as centre and xO or xP as radius draw circle C2. Let it cut circle C1 at Q and R.
Join PQ and PR. These are the tangents to the circle C1.