JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् शब्दरूप प्रकरणम्

Jharkhand Board JAC Class 10 Sanskrit Solutions व्याकरणम् शब्दरूप प्रकरणम् Questions and Answers, Notes Pdf.

JAC Board Class 10th Sanskrit व्याकरणम् शब्दरूप प्रकरणम्

संस्कृत भाषा में प्रयोग करने के लिए इन शब्दों को ‘पद’ बनाया जाता है। संज्ञा, सर्वनाम आदि शब्दों को पद बनाने हेतु इनमें प्रथमा, द्वितीया आदि विभक्तियाँ लगाई जाती हैं। इन शब्दरूपों (पदों) का प्रयोग (पुंल्लिङ्ग, स्त्रीलिङ्ग और नपुंसकलिङ्ग तथा एकवचन, द्विवचन और बहुवचन में भिन्न-भिन्न रूपों में) होता है। इन्हें सामान्यतया शब्दरूप कहा जाता हैं।

संज्ञा आदि शब्दों में जुड़ने वाली विभक्तियाँ सात होती हैं। इन विभक्तियों के तीनों वचनों (एक, द्वि, बहु) में बनने वाले रूपों के लिए जिन विभक्ति-प्रत्ययों की पाणिनि द्वारा कल्पना की गई है, वे ‘सुप्’ कहलाते हैं। इनका परिचय इस प्रकार है –

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संज्ञा शब्दरूप-प्रकरणम्

1. अकारान्त पुल्लिंग छात्र’ शब्द

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नोट – इसी प्रकार ह्रस्व ‘अ’ पर समाप्त होने वाले पुल्लिंग संज्ञा शब्द- मोहन, शिव, नृप (राजा), राम, सुत (बेटा), गज (हाथी), पुत्र, कृष्ण, जनक (पिता), पाठ, ग्राम, विद्यालय, अश्व (घोड़ा), ईश्वर (ईश या स्वामी), बुद्ध, मेघ (बादल), नर (मनुष्य), युवक (जवान), जन (मनुष्य), पुरुष, वृक्ष, सूर्य, चन्द्र (चन्द्रमा), सज्जन, विप्र (ब्राह्मण), क्षत्रिय, दुर्जन (दुष्ट पुरुष), प्राज्ञ (विद्वान्), लोक (संसार), उपाध्याय (गुरु), वृद्ध (बूढा), शिष्य, प्रश्न, सिंह (शेर), वेद, क्रोश (कोस), भर्प ,सागर (समुद्र), कृषक (किसान), छात्र (बालक), मानव, भ्रमर, सेवक, समीर (हवा), सरोवर और यज्ञ आदि के रूप चलते हैं।

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् शब्दरूप प्रकरणम्

विशेष – जिस शब्द में र्, ऋ अथवा ष् होता है, उसके तृतीया एकवचन के तथा षष्ठी बहुवचन के रूप में ‘न्’ के स्था- ‘ण’ हो जाता है। जैसे-‘राम’ शब्द में ‘र’ है। अतः तृतीया एकवचन में रामेण और षष्ठी बहुवचन में ‘रामाणाम्’ रूप बने हैं, किन्तु ‘बालक’ शब्द में र, ऋ अथवा ष् न होने से ‘बालकेन’ व ‘बालकानाम्’ रूप बनते

2. इकारान्त पुल्लिंग ‘हरि’ शब्द

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नोट – इस प्रकार ह्रस्व ‘इ’ पर समाप्त होने वाले सभी पुल्लिंग संज्ञा शब्द-‘कवि’, बह्नि (आग), यति, (संन्यासी), नृपति (राजा), भूपति (राजा), गणपति (गणेश), प्रजापति (ब्रह्मा), रवि (सूर्य), कपि (बन्दर), अग्नि (आग), मुनि, जलधि (समुद्र), ऋषि, गिरि (पहाड़), विधि (ब्रह्मा), मरीचि (किरण), सेनापति, धनपति (सेठ), विद्यापति (विद्वान्), असि (तलवार), शिवि (शिवि नाम का राजा), ययाति (ययाति नाम का राजा) और अरि (शत्रु) आदि के रूप चलते हैं।

विशेष – जिन शब्दों में र, ऋ अथवा ष् होता है, उनमें तृतीया एकवचन में व षष्ठी बहुवचन में ‘न्’ के स्थान पर ‘ण’ हो जाता है। जैसे-हरि शब्द (रि में र होने के कारण)तृतीया एकवचन में हरिणा’ होगा तथा षष्ठी बहुवचन में ‘हरीणाम्’ होगा किन्तु ‘कवि’ में र, ऋ अथवा ए नहीं होने के कारण ‘कविना’ तथा कवीनाम्’ ही हुए हैं।

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3. ऋकारान्त पुंल्लिग ‘पितृ’ (पिता) शब्द

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नोट – इसी प्रकार ह्रस्व (छेटी) ‘ऋ’ से अन्त होने वाले अन्य पुल्लिग शब्दों-भ्रातृ (भाई) और जामातृ (जमाई, दामाद) आदि के रूप चलेंगे।

4. गो (धेनुः) (ओकारान्तः पुल्लिंगः स्त्रीलिङ्गश्च) शब्दः

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5. उकारान्त पुल्लिग’गुरु’ शब्द

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नोट – इसी प्रकार भानु, साधु, शिशु, इन्दु, रिपु, शत्रु, शम्भु, विष्णु आदि शब्दों के रूप चलते हैं।

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6. ईकारान्त स्त्रीलिंग ‘नदी’ शब्द

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नोट – इसी प्रकार दीर्घ (बड़ी) ‘ई’ से अन्त होने वाले स्त्रीलिंग शब्दों-देवी, भगवती, सरस्वती, श्रीमती, कुमारी (अविवाहिता), गौरी (पार्वती), मही (पृथ्वी), पुत्री (बेटी), पत्नी, राज्ञी (रानी), सखी (सहेली), दासी (सेविका), रजनी (रात्रि), महिषी (रानी, भैंस), सती, वाणी, नगरी, पुरी, जानकी और पार्वती आदि शब्दों के रूप चलते हैं।

7. वधू (बहू) शब्द (ऊकारान्त) स्त्रीलिंग

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8. मातृ (माता) ऋकारान्त स्त्रीलिंग शब्द

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इसी प्रकार ह्रस्व (छोटी) ‘ऋ’ से अन्त होने वाले अन्य सभी स्त्रीलिंग शब्दों-दुहितु (पुत्री) और यातृ (देवरानी) आदि के रूप चलेंगे।

नोट – ‘मातृ’ शब्द के द्वितीया विभक्ति के बहुवचन के ‘मातः’ इस रूप को छोड़कर शेष सभी रूप ‘पितृ’ शब्द के समान ही चलते हैं।

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9. उकारान्त स्त्रीलिंग’धेनु’ (गाय) शब्द

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् शब्दरूप प्रकरणम् 10

नोट – इस प्रकार ह्रस्व ‘उ’ से अन्त होने वाले स्त्रीलिंग शब्दों-तनु (शरीर), रेणु (धूल), रज्जु (रस्सी), कामधेनु, चञ्चु (चोंच) और हनु (ठोड़ी) आदि के रूप चलते हैं।

विशेष-धेनु शब्द के चतुर्थी, पञ्चमी, षष्ठी और सप्तमी विभक्ति के एकवचन के दो-दो रूप बनते हैं। इनमें से प्रथम रूप नदी शब्द के समान बनता है तथा द्वितीय रूप भान शब्द के समान बनता है। इन दो रूपों में से किसी भी एक रूप को प्रयोग में लाया जा सकता है।

सर्वनाम शब्दरूप-प्रकरणम्

10. अस्मद् (मैं) शब्द

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नोट – ‘अस्मद्’ शब्द के रूप तीनों लिंगों में समान होते

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11. युष्मद् (तुम) शब्द

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नोट – ‘युष्मद्’ शब्द के रूप तीनों लिंगों में समान होते

12. सर्व (सब) पुल्लिंग शब्द

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13. सर्व (सब) स्त्रीलिंग शब्द

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14. सर्व (सब) नपुंसकलिंग शब्द

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नोट – शेष विभक्तियों के रूप पुल्लिंग ‘सर्व’ की तरह चलेंगे।

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15. तत्/तद् (वह) पुल्लिंग शब्द

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नोट – प्रथमा विभक्ति एकवचन को छोड़कर सभी रूपों का आधार ‘त’ अक्षर है तथा ‘सर्व’ शब्द के समान रूप हैं।

16. तत् / तद् (वह) स्त्रीलिंग शब्द

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17. तत् / तद (वह) नपुंसकलिंग

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नोट – ‘तद्’ नपुंसकलिंग के तृतीया विभक्ति से सप्तमी विभक्ति तक के ये सभी रूप तद्’ पुल्लिंग के समान चलते

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18. यत् (जो) पुंल्लिग शब्द

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नोट – इस ‘यत्’ शब्द का सभी लिंगों में, सभी विभक्तियों के रूप में ‘य’ आधार रहेगा तथा इसके ‘सर्व’ के समान ही रूप चलेंगे।

19. यत् (जो) स्त्रीलिंग शब्द

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20. यत् (जो) नपुंसकलिंग शब्द

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नोट – ‘यत्’ नपुंसकलिंग के तृतीया विभक्ति से सप्तमी विभक्ति तक के सम्पूर्ण रूप ‘यत्’ पुंल्लिंग के समान ही चलेंगे।

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21. किम् (कौन) पुंल्लिंग शब्द

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नोट – ‘किम्’ शब्द के रूपों का मूल आधार सभी लिंगों एवं विभक्तियों में ‘क’ होता है तथा इसके रूप ‘सर्व’ शब्द के समान ही चलते हैं।

22. किम् (कौन) स्त्रीलिंग शब्द

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23. किम् (कौन) नपुंसकलिंग शब्द

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नोट – ‘किम्’ शब्द के नपुंसकलिंग के तृतीया विभक्ति से सप्तमी विभक्ति तक के सभी रूप ‘किम्’ पुल्लिंग के समान ही चलते हैं।

अभ्यासः

प्रश्न 1.
अधोलिखित प्रश्नेषु सम्यक् विकल्प चिनुत –
1. ‘बालक’ तृतीया विभक्ति एकवचन –
(अ) बालक
(ब) बालकेन
(स) बालकस्य
(द) बालकः
उत्तरम् :
(ब) बालकेन

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2. ‘पति’ (स्वामी) षष्ठी द्विवचन –
(अ) पती
(ब) पत्युः
(स) पत्यौ
(द) पतिभ्यः
उत्तरम् :
(स) पत्यौ

3. ‘गुरु’ चतुर्थी विभक्ति बहुवचन –
(अ) गुरूणा
(ब) गुरौ
(स) गुरुभिः
(द) गुरुभ्यः
उत्तरम् :
(द) गुरुभ्यः

4. ‘सखि’ द्वितीया विभक्ति एकवचन –
(अ) सख्यौ
(ब) सखीनाम्
(स) सखायम्
(द) सख्युः
उत्तरम् :
(स) सखायम्

5. ‘स्त्री’ प्रथमा विभक्ति बहुवचन –
(अ) स्त्रियः
(ब) स्त्रीभ्यः
(स) स्त्रीभ्याम्
(द) स्त्रयाः
उत्तरम् :
(अ) स्त्रियः

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6. ‘विभा’ सप्तमी विभक्ति एकवचन –
(अ) विभासु
(ब) विभाभ्यः
(स) विभायाम्
(द) हे विभाः
उत्तरम् :
(स) विभायाम्

7. ‘पुस्तक’ पञ्चमी विभक्ति द्विवचन –
(अ) पुस्तकम्
(ब) पुस्तकाभ्याम्
(स) पुस्तकाय
(द) पुस्तकयोः
उत्तरम् :
(ब) पुस्तकाभ्याम्

8. ‘आत्मन्’ सप्तमी द्विवचन –
(अ) आत्मनः
(ब) आत्मभ्याम्
(स) आत्मानौ
(द) आत्मनोः
उत्तरम् :
(द) आत्मनोः

9. ‘पितृ’ प्रथमा बहुवचन –
(अ) पितरि
(ब) पित्रोः
(स) पितरः
(द) पित्रा
उत्तरम् :
(स) पितरः

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10. ‘भगवत्’ तृतीया विभक्ति बहुवचन –
(अ) भगवद्भिः
(ब) भगवत्सु
(स) भगवन्तः
(द) भगवते
उत्तरम् :
(अ) भगवद्भिः

11. ‘सर्व’ पुल्लिंग सप्तमी विभक्ति एकवचन –
(अ) सर्वेषु
(ब) सर्वयोः
(स) सर्वस्मिन्
(द) सर्वैः
उत्तरम् :
(स) सर्वस्मिन्

12. अस्मद् (मैं) तृतीया विभक्ति बहुवचन –
(अ) मह्यम्
(ब) अस्माकम्
(स) आवयोः
(द) अस्माभिः
उत्तरम् :
(द) अस्माभिः

13. किम् (कौन) स्त्रीलिंग,पंचमी विभक्ति, द्विवचन –
(अ) कयोः
(ब) काभ्याम्
(स) कासाम्
(द) के
उत्तरम् :
(ब) काभ्याम्

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14. अस्मिन् वाक्ये सर्वनाम पदं किम्? ‘सा विद्यालये संस्कृत पठति।’
(अ) विद्यालये
(ब) पठति
(स) सा
(द) संस्कृतं
उत्तरम् :
(स) सा

15. इदम् मनीषस्य पुस्तकं अस्ति। अस्मिन् वाक्ये सर्वनाम पदं किम्?
(अ) पुस्तकं
(ब) अस्ति
(स) इदम्
(द) मनीषस्य
उत्तरम् :
(स) इदम्

16. भवत्याः गृहं अति शोभनं अस्ति। अस्मिन् वाक्ये सर्वनाम पदं किम् –
(अ) गृहं
(ब) अति
(स) शोभनं
(द) भवत्याः
उत्तरम् :
(द) भवत्याः

17. …………… प्रभावेन सिंहः सजीवः अभवत? रिक्त स्थाने उचितं सर्वनाम पदं किम् –
(अ) केन
(ब) कस्मात्
(स) के
(द) कस्य
उत्तरम् :
(अ) केन

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18. अस्मिन् वाक्ये सर्वनाम पदः नास्ति-अहं तव तस्य च मित्र।
(अ) तव
(ब) तस्य
(स) अहं
(द) मित्रं
उत्तरम् :
(ब) तस्य

19. अस्मिन् वाक्ये सर्वनाम पदः अस्ति-तस्य भ्राता ग्रामं गच्छति।
(अ) तस्य
(ब) ग्रामं
(स) भ्राता
(द) गच्छति
उत्तरम् :
(अ) तस्य

20. युष्मद् (तुम) शब्दस्य पंचमी बहुवचने रूपं भवति –
(अ) युष्माकम्
(ब) युष्मत्
(स) युष्मानम्
(द) युष्मासु
उत्तरम् :
(स) युष्मानम्

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प्रश्न 2.
कोष्ठके प्रदत्तं निर्देशानुसारम् उचित विभक्तिपदेन रिक्तस्थानानि पूर्ति कुरुत –
(कोष्ठक में दिये निर्देशानुसार उचित विभक्ति पद से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-)
(i) ……………. पत्रं पतति।’ (वृक्ष-पञ्चमी)
(ii) ……………… हरीशः विनम्रः।(छात्र-सप्तमी)
(iii) भो ………………. पत्रं पठ। (महेश-सम्बोधन)
(iv) ………………. किं हसन्ति ? (भवान्-प्रथम)
(v) ………………. शनैः शनैः लिखति (केशव-प्रथमा)
(vi) गोपालः जलेन…………………. प्रक्षालयति। (मुख-द्वितीया)
(vii) सेवकः स्कन्धेन………………. वहति। (भार-द्वितीया)
(viii) सः ………………. कोमलः। (स्वभाव-तृतीया)
(ix) कोऽर्थः ………………. यो न विद्वान् न धार्मिकः। (पुत्र-तृतीया)
(x) भक्तः ………………. हरि भजति। (मुक्ति-चतुर्थी)
(xi) क्रीडनकं रोचते। …………….(शिशु-चतुर्थी)
(xii) ज्ञानं गुरुतरम्। (धन-पंचमी)
(xiii) ……………… गङ्गा प्रभवति। (हिमालय-पंचमी)
(xiv) …………….. हेतोः वाराणस्यां तिष्ठति। (अध्ययन-षष्ठी)
(xv) ………………. ओदनं पचति।। (स्थाली-सप्तमी)
उत्तरम्:
(i) वृक्षात्
(ii) छात्रेषु
(iii) महेश !
(iv) भवन्तः
(v) केशवः
(vi) मुखं
(vii) भारं
(viii) स्वभावेन
(ix) पुत्रेण
(x) मुक्तये
(xi) शिशवे
(xii) धनात्
(xili) हिमालयात्
(xiv) अध्ययनस्य
(xv) स्थाल्याम्।

प्रश्न 3.
कोष्ठकात् उचितविभक्तियुक्तं पदं चित्वा वाक्यपूर्तिः क्रियताम् –
(कोष्ठक से उचित विभक्तियुक्त पद को चुनकर वाक्य-पूर्ति कीजिए-)
(i) ………………. पुरोहितः अकथयत्। (शुद्धोदनाय, शुद्धोदनस्य, शुद्धोदने)
(ii) मम ………………. स्वां दुहितरं यच्छ। (पिता, पित्रा, पित्रे)
(iii) शान्तनुः ……………….. वरम् अयच्छत्। (भीष्माय, भीष्मे, भीष्मात्)
(iv) अयि ………………. मम मित्रं भविष्यति।(चटकपोत!, चटकपोतं, चटकपोतैः)
(v) अस्मिन् ………………. प्रत्येकं स्व-स्वकृत्ये निमग्नो भवति। (जगत. जगता, जगति)
(vi) कस्मिंश्चिद् ………………. एका निर्धना वृद्धा स्त्री न्यवसत्। (ग्रामेन, ग्रामे, ग्रामस्य)
(vii) सा ………………. बहिः आगन्तव्यम्। (ग्रामात्, ग्रामे, ग्रामान्)
(vii) लुब्धया ………………. लोभस्य फलं प्राप्तम्। (बालिका, बालिकया, बालिकाया:)
(ix) इन्दुः ……………… प्रकाशं लभते। (भानुना, भानोः, भानवे)
(x) ……………. गङ्गा सर्वश्रेष्ठा। (नद्याम्, नद्याः नदीषु)
(xi) भो भगवन् ! ………………… दयस्व।(मयि, माम्, अहं)
(xii) ………………. सर्वत्र पूज्यते। (विद्वान्, विद्वांसः विद्वांसी)
(xiii) रविः प्रतिदिनं ………………. नमति। (ईश्वराय, ईश्वरे, ईश्वरम्)
(xiv) सः ……………… पश्यति। (राजानम्, राज्ञाम्, राज्ञा)
(xv) रामः ………………. पटुतरः। (मोहनेन, मोहनस्य, मोहनात्)
उत्तरम्-
(i) शुद्धोदनस्य
(ii) पित्रे
(iii) भीष्माय
(iv) चटकपोत!
(v) जगति
(vi) ग्रामे
(vil) ग्रामात्
(viii) बालिकया
(ix) भानुना
(x) नदीषु
(xi) मयि
(xii) विद्वान्
(xiii) ईश्वरम्
(xiv) राजानम्
(xv) मोहनात्।

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प्रश्न 4.
समुचितं विभक्तिप्रयोगं कृत्वा रिक्तस्थानानि पूरयत –
(उचित विभक्ति का प्रयोग करके रिक्त-स्थानों की पूर्ति कीजिए-)
1. …………….. कुत्र गच्छति? (भवत्)
2. ……………. मोदकं रोचते। (बालक)
3. …………… अभितः वनं अस्ति। (ग्राम)
4. कर्णः ………………. सह नगरं गच्छति। (पिता)
5. गङ्गा ……………. उद्भवति। (हिमालय)
6. ………………. कक्षायां बालकाः पठन्ति। (इदम्)
7. सः………………. अधितिष्ठति। (आसन)
8. मुनिः ………………. लोकं जयति। (सत्य)
9. नृपः ………………. क्रुध्यति। (दुर्जन)
10. बालकः…………….. बिभेति। (चोर)
उत्तरम् :
(1) भवान्
(ii) बालकाय
(iii) ग्रामम्
(iv) पित्रा
(v) हिमालयात्
(vi) अस्याम्
(vii) आसनम्
(viii) सत्येन
(ix) दुर्जनेभ्यः
(x) चोरात्।

प्रश्न 5.
कोष्ठके प्रदत्तं निर्देशानुसारम् उचितविभक्तिपदेन रिक्तस्थानानां पूर्ति कुरुत –
(कोष्ठक में दिये निर्देशानुसार उचित विभक्ति पद से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-)
(i) …………… च एका दुहिता आसीत्। (तत्-स्त्रीलिंग षष्ठी)
(ii) …………….. विस्मयं गता। (तत्-स्त्रीलिंग प्रथमा)
(iii) ………………….. मम श्वश्रूः सदैव मर्मघातिभिः कटुवचनैराक्षिपति माम्। (इदम्-स्त्रीलिंग प्रथम)
(iv) …………………… काकिणी अपि न दत्ता। (यत्-पुल्लिग तृतीया)
(v) …………… तदेव वक्तव्यं वचने का दरिद्रता। (तत्-पुल्लिंग पंचमी)
(vi) ………………. मरालैः सह विप्रयोगः। (यत्-पुंल्लिग षष्ठी)
(vii) ………………. अनुकूले स्थिते शक्रोऽपि नास्मान् बाधितुं शक्नुयात्। (इदम्-ऍल्लिंग सप्तमी)
(viii) तत् ……………. अस्मात् मनोरथमभीष्टं साधयामि। (अस्मद्-प्रथमा)
(ix) किन्तु …………………. सह केलिभिः कोऽपि न उपलभ्यमानः आसीत्।। (तत्-पुंल्लिंग तृतीया)
(x) अयि चटकपोत ! ……….. मित्रं भविष्यसि। (अस्मद्-षष्ठी)
(xi) अपूर्वः इव ते हर्षो ब्रूहि ……….. असि विस्मितः। (किम्-पुंल्लिंग तृतीया)
(xii) …………………. कुले आत्मस्तवं कर्तुमनुचितम्। (अस्मद्-षष्ठी)
(xiii) तां च …………… चित् श्रेष्ठिनो गृहे निक्षेपभूतां कृत्वा देशान्तरं प्रस्थितः। (किम्-पुल्लिंग षष्ठी)
(xiv) वत्स! पितृव्योऽयं ………….. (युष्मद्-षष्ठी)
(xv) ……………….. अस्मि तपोदत्तः। (अस्मद्-प्रथमा)
(xvi) गुरुगृहं गत्वैव विद्याभ्यासो ……………. करणीयः। (अस्मद्-तृतीया)
(xvii) …………………. शब्दमवसुप्तस्तु जटायुरथ शुश्रुवे। (तत्-पुल्लिंग द्वितीया)
(xviii) वृद्धोऽहं ………………. युवा धन्वी सरथः कवची शरी। (युष्मद्-प्रथमा)
(xix) यतः ……………….. स्थलमलापनोदिनी जलमलापहारिणश्च। (तत्-पुल्लिंग प्रथमा)
(xx) ………………. सर्वान् पुष्णाति विविधैः प्रकारैः। (इदम्-स्त्रीलिंग प्रथमा)
उत्तरम् :
(i) तस्याः
(ii) सा
(iii) इयम्
(iv) येन
(v) तस्मात्
(vi) येषाम्
(vii) अस्मिन्
(viii) अहम्
(ix) तेन
(x) मम
(i) केन
(xii) अस्माकं
(xiii) कस्य
(xiv) तव
(xv) अहम्
(xvi) मया
(xvii) तम्
(xviii) त्वम्
(xix) स:
(xx) इयम्।

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प्रश्न 6.
कोष्ठकात् उचितविभक्तियुक्तं पदं चित्वा वाक्यपूर्तिः क्रियताम् –
(कोष्ठक से उचित विभक्ति युक्त पद को चुनकर वाक्य की पूर्ति कीजिए-)
(i) नाऽहं जाने ……………… कोऽस्ति भवान्। (यत्, याभ्याम्, याः)
(ii) सिकता: जलप्रवाहे स्थास्यन्ति ……………….? (किम्, कानि, काषु)
(ii) त्वया ………………. पूर्वेषाम् अभीष्टाः कामाः पूरिताः। (आवाभ्याम्, अस्मत्, अहम्)
(iv) प्रकृतिरेव ………………. विनाशकी सजाता। (तस्य, तयोः, तेषां)
(v) ………………. सर्वमिदानी चिन्तनीयं प्रतिभाति। (तत्, ते, तानि)
(vi) भगवन्। प्रष्टुमिच्छामि किम् …………………. मनः ? (इयं, अयं, इदम्)
(vii) अशितस्यान्नस्य योऽणिष्ठः ………………. मनः। (तत्, तम्, तासाम्)
(viii) बालिका ………………. निवारयन्ती। (तस्मै, ताभ्याम्, तम्)
(ix) परं ………………. माता एकाकिनी वर्तते। (तव, तयोः, तेषु)
(x) ………………. अपि चायपेयस्य नास्ति। (इदम्, इदानीम्, अयम्)
(xi) यत् …………….. अपि कथनीयं यां प्रत्येव कथय। (किम्, कौ, कानि)
(xii) ……………….. नृशंसाः। (मह्यम्, अस्मत्, वयम्)
(xiii) ………………. इदानी कुत्र गताः ? (ते, ताभ्याम्, तेभ्यः)
(xiv) कल्पतरु: ……………….. उद्याने तिष्ठति स तव सदा पूज्य:। (तव, तेभ्यः, तस्मै)
(xv) विषाक्तं जलं नद्यां निपात्यते ………………. मत्स्यादीनां जलचराणां च नाशो जायते। (येन, याभ्यां, याषु)
उत्तरम् :
(i) यत्
(ii) किम्
(iii) अस्मत्
(iv) तेषां
(v) तत्
(vi) इदम्
(vii) तत्
(viii) तम्
(ix) तव
(x) इदानीम्
(xi) किम्
(xii) वयम्
(xiii) ते
(xiv) तव
(xv) येन।

प्रश्न 7.
अधोलिखितानां शब्दरूपाणां वाक्येषु प्रयोगं कुरुत-
(निम्नलिखित शब्दरूपों का वाक्यों में प्रयोग करो-)
पूर्वस्या, द्वितीयम्, सखा, रमायै, पूर्वे, हरिः, पितृभ्यः, सखिषु, स्वसुः, राज्ञाम्, भवान्, भवती, विद्वांसः, अमूः, दिक्षु, सरितः, कर्मणा, नव, वाक्, पञ्च।
उत्तराणि :
1. सूर्यः पूर्वस्याम् दिशि उदेति।
2. कक्षायां मम द्वितीय स्थानमस्ति।
3. रमेशः मम सखा अस्ति।
4. फलानि रमायै सन्ति।
5. मोहनः पूर्वे कर्णपुरनगरे निवसति स्म।
6. हरिः विद्यालयं गच्छति।
7. राकेशः पितृभ्यः जलं समर्पयति।
8. सखिषु रमा सुन्दरतमा अस्ति।
9. रामः श्वः स्वसुः गृहं गमिष्यति।
10. राज्ञाम् आचारः शोभनः भवति।
11. भवान् कुत्र निवसति ?
12. भवती किं पठति ?
13. स्वदेशे पूज्यते राजा, विद्वांसः सर्वत्र पूज्यन्ते।
14. अमूः कुत्र वसन्ति ?
15. दिक्षु कृष्णाः वारिदाः सन्ति।
16. सरितः जलं शीतलं भवति।
17. कर्मणा विना जीवनं न अस्ति।
18. तत्र विद्यालये नव छात्राः सन्ति।
19. जनस्य वाक् मधुरं भवेत।
20. पञ्च पाण्डवाः विज्ञाः आसन्।

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् शब्दरूप प्रकरणम्

प्रश्न 8.
निर्देशानुसार सर्वनाम शब्दानां रूपं लिखत –
(निर्देशानुसार सर्वनाम शब्दों के रूप लिखिए-)
1. (i) सर्व – (पुल्लिंग प्रथमा विभक्ति बहुवचन)
(ii) तत् – (नपुंसकलिंग सप्तमी विभक्ति एकवचन)
2. (i) भवती – (तृतीया विभक्ति एकवचन)
(ii) यत् – (पुल्लिंग षष्ठी विभक्ति बहुवचन)
3. (i) इदम् – (स्त्रीलिंग द्वितीया विभक्ति बहुवचन)
(ii) एतत् – (पुल्लिंग पंचमी विभक्ति एकवचन)
4. (i) भवत् – (तृतीया विभक्ति द्विवचन)
(ii) किम् – (पुल्लिंग षष्ठी विभक्ति एकवचन)
5. (i) सर्व – (स्त्रीलिंग चतुर्थी विभक्ति एकवचन)
(ii) किम् – (नपुंसकलिंग सप्तमी विभक्ति बहुवचन)
6. (i) युष्मद् – (द्वितीया विभक्ति बहुवचन)
(ii) एतत् – (नपुंसकलिंग सप्तमी विभक्ति द्विवचन)
7. (i) सर्व – (नपुंसकलिंग चतुर्थी विभक्ति द्विवचन)
(ii) किम् – (स्त्रीलिंग पंचमी विभक्ति बहुवचन)
8. (i) इदम् – (पुल्लिग प्रथमा विभक्ति बहुवचन)
(ii) यत् – (स्त्रीलिंग पंचमी विभक्ति बहुवचन)
9. (i) इदम् – (नपुंसकलिंग तृतीया विभक्ति बहुवचन)
(ii) तत् – (पुल्लिंग षष्ठी विभक्ति एकवचन)
10. (i) अस्मद् – (चतुर्थी विभक्ति एकवचन)
(ii) एतत् – (स्त्रीलिंग सप्तमी विभक्ति बहुवचन)
11. (i) सर्व – (पुल्लिंग प्रथमा विभक्ति एकवचन)
(ii) तत् – (नपुंसकलिंग सप्तमी विभक्ति बहुवचन)
12. (i) भवती – (प्रथमा विभक्ति द्विवचन)
(ii) यत् – (पुल्लिग सप्तमी विभक्ति एकवचन)
13. (i) इदम् – (स्त्रीलिंग प्रथमा विभक्ति बहुवचन)
(i) एतत् – (पुल्लिंग सप्तमी विभक्ति द्विवचन)
14. (i) भवत् – (द्वितीया विभक्ति एकवचन)
(ii) किम् – (पुल्लिंग षष्ठी विभक्ति बहुवचन)
15. (i) सर्व – (स्त्रीलिंग द्वितीया विभक्ति द्विवचन)
(ii) किम् – (नपुंसकलिंग षष्ठी विभक्ति एकवचन)
16. (i) युष्मद् – (द्वितीया विभक्ति द्विवचन)
(ii) एतत् – (नपुंसकलिंग षष्ठी विभक्ति द्विवचन)
17. (i) सर्व – (नपुंसकलिंग तृतीया विभक्ति एकवचन)
(ii) किम् – (स्त्रीलिंग पंचमी विभक्ति एकवचन)
18. (i) इदम् – (पुल्लिंग तृतीया विभक्ति द्विवचन)
(ii) यत् – (स्त्रीलिंग पंचमी विभक्ति एकवचन)
19. (i) इदम् – (नपुंसकलिंग तृतीया विभक्ति बहुवचन)
(ii) तत् – (पुल्लिंग पंचमी विभक्ति द्विवचन)
20. (i) अस्मद् – (चतुर्थी विभक्ति बहुवचन)
(ii) एतत् – (स्त्रीलिंग सप्तमी विभक्ति एकवचन)
उत्तराणि :
1. (i) सर्वे (ii) तस्मिन्
2. (i) भवत्या (i) येषाम्
3. (i) इमाः (ii) एतस्मात्
4. (i) भवद्भ्याम् (ii) कस्य
5. (i) सर्वस्यैः (ii) केषु
6. (i) युष्मान् (ii) एतयोः
7. (i) सर्वाभ्याम् (ii) काभ्यः
8. (i) इमे (ii) याभ्यः
9. (i) एभिः (ii) तस्य
10. (i) मह्यम् (ii) एतासु
11. (i) सर्वः (ii) तेषु
12. (i) भवत्यौ (ii) यस्मिन्
13. (i) इमाः (ii) एतयोः
14. (i) भवन्तम् (ii) केषाम्
15. (i) सर्वे (ii) कस्य
16. (i) युवाम् (ii) एतयोः
17. (i) सर्वेण (ii) कस्याः
18. (i) आभ्याम् (ii) यस्याः
19. (i) एभिः (ii) ताभ्याम्
20.(i) अस्मभ्यम् (ii) एतस्याम्।

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् शब्दरूप प्रकरणम्

प्रश्न 9.
निर्देशानुसारं शब्द-रूपं लिखत – (निर्देशानुसार शब्द-रूप लिखिए-)
1. (i) धेनु – (तृतीया विभक्ति बहुवचन)
(ii) प्रासाद – (सप्तमी विभक्ति एकवचन)
2. (i) स्वसृ – (चतुर्थी विभक्ति एकवचन)
(ii) विधातृ – (पुल्लिंग सप्तमी विभक्ति बहुवचन)
3. (i) पितृ – (षष्ठी विभक्ति बहुवचन)
(ii) तनु – (प्रथमा विभक्ति बहुवचन)
4. (i) फलम् – (सप्तमी विभक्ति बहुवचन)
(ii) रमा – (तृतीया विभक्ति एकवचन)
5. (i) जगत् – (षष्ठी विभक्ति बहुवचन)
(ii) धेनु – (प्रथमा विभक्ति बहुवचन)
6. (i) नदी – (प्रथमा विभक्ति बहुवचन)
(ii) मातृ – (तृतीया विभक्ति एकवचन)
7. (i) भ्रातृ – (पंचमी विभक्ति द्विवचन)
(ii) आशु – (सप्तमी विभक्ति एकवचन)
8. (i) प्रासाद – (द्वितीया विभक्ति एकवचन)
(ii) पितृ – (तृतीया विभक्ति बहुवचन)
9. (i) वेदना – (पंचमी विभक्ति एकवचन)
(ii) धातृ – (द्वितीया विभक्ति द्विवचन)
10. (i) शान्तनु – (षष्ठी विभक्ति एकवचन)
(ii) दातृ – (चतुर्थी विभक्ति एकवचन)
11. (i) गंगा – (पंचमी विभक्ति बहुवचन)
(ii) कर्तृ – (तृतीया विभक्ति बहुवचन)
12. (i) धीवर – (षष्ठी विभक्ति द्विवचन)
(ii) हर्तृ – (सप्तमी विभक्ति बहुवचन)
13. (i) कन्या – (सप्तमी विभक्ति द्विवचन)
(ii) भ्रातृ – (द्वितीया विभक्ति एकवचन)
14. (i) गृहम् – (द्वितीया विभक्ति बहुवचन)।
(ii) दुहितृ – (सप्तमी विभक्ति एकवचन)
15. (i) सेवा – (प्रथमा विभक्ति बहुवचन)
(ii) स्वसू – (षष्ठी विभक्ति एकवचन)
16. (i) भानु – (चतुर्थी विभक्ति एकवचन)
(ii) ननान्दृ – (पंचमी विभक्ति बहुवचन)
17. (i) रज्जु – (द्वितीया विभक्ति द्विवचन)
(ii) भ्रातृ – (सप्तमी विभक्ति एकवचन)
18. (i) पशु – (प्रथमा विभक्ति बहुवचन)
(ii) विधातृ – (षष्ठी विभक्ति बहुवचन)
19. (i) धेनु – (द्वितीया विभक्ति एकवचन)
(ii) भगवत् – (पंचमी विभक्ति एकवचन)
20. (i) तनु – (तृतीया विभक्ति एकवचन)
(ii) जगत् – (सप्तमी विभक्ति बहुवचन)
उत्तराणि :
1. (i) धेनुभिः (ii) प्रासादे
2. (i) स्वस्रे (ii) विधातृषु
3. (i) पितृणाम् (i) तनवः
4. (i) फलेषु (ii) रमया
5. (i) जगताम् (ii) धेनवः
6. (i) नद्यः (ii) मात्रा
7. (i) भ्रातुः (ii) आशौ
8. (i) प्रासादम् (ii) पितृभिः
9. (i) वेदनायाः (ii) धातरौ
10. (i) शान्तनो: (ii) दात्रे
11. (i) गंगाभ्यः (ii) कर्तृभि
12. (i) धीवरयोः (ii) हर्तृषु,
13. (i) कन्ययोः (ii) भ्रातरम्
14. (i) गृहाणि (ii) दुहितरि
15. (i) सेवाः (ii) स्वसुः
16. (i) भानवे (ii) ननान्दृभ्यः
17. (i) रज्जू (ii) भ्रातरि
18. (i) पशव: (ii) विधातृणाम्
19. (i) धेनुम् (ii) भगवतः
20. (i) तन्वा (ii) जगत्सु।

JAC Class 10 Sanskrit व्याकरणम् शब्दरूप प्रकरणम्

प्रश्न 10.
अधोलिखितेषु शब्देषु विभक्तिः वचनं च निर्देशनं कुरुत-
(निम्नलिखित शब्दों में विभक्ति और वचन को निर्देशित कीजिए-)
(i) गुरुणा
(ii) विद्यालयेषु
(iii) देवानाम्
(iv) लतायाम्
(v) मुनीन्
(vi) वारिणि
(vii) त्वाम्
(viii) कैः
(ix) यस्मै
(x) एतस्मात्।
उत्तरम् :
(i) तृतीया विभक्तिः एकवचनम्
(ii) सप्तमी विभक्तिः बहुवचनम्
(iv) षष्ठी विभक्तिः बहुवचनम्
(iv) सप्तमी विभक्तिः एकवचनम्
(v) द्वितीया विभक्तिः बहुवचनम्
(vi) द्वितीया विभक्तिः बहुवचनम्
(vii) द्वितीया विभक्तिः एकवचनम्
(viii) तृतीया विभक्ति: बहुवचनम्
(ix) चतुर्थी विभक्तिः एकवचनम्
(x) पञ्चमी विभक्तिः एकवचनम्।

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