JAC Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

Jharkhand Board Class 9 Science कार्य तथा ऊर्जा Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्न सूचीबद्ध क्रियाकलापों को ध्यान से देखिए। अपनी कार्य शब्द की व्याख्या के आधार पर तर्क दीजिए कि इनमें कार्य हो रहा है अथवा नहीं।

  1. सूमा एक तालाब में तैर रही है।
  2. एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझा उठा रखा है।
  3. एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है।
  4. एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है।
  5. एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है।
  6. अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं।
  7. एक पाल नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है।

उत्तर:

  1. हाँ, इस स्थिति में कार्य हो रहा है, किन्तु किया जा रहा कार्य ऋणात्मक है, क्योंकि बल पीछे की ओर लगाया जा रहा है, जबकि विस्थापन आगे की दिशा में हो रहा है।
  2. इस स्थिति में कोई कार्य नहीं हो पा रहा है, क्योंकि बल नीचे की ओर लग रहा है, परंतु कोई विस्थापन नहीं हो रहा है।
  3. हाँ, इस स्थिति में कार्य हो रहा है, क्योंकि बल ऊपर की ओर आरोपित किया जा रहा है तथा पानी भी ऊपर की ओर उठाया जा रहा है।
  4. इस स्थिति में कोई कार्य नहीं हो रहा है, क्योंकि न तो कोई बल आरोपित किया जा रहा है और न ही वस्तु विस्थापित हो रही है।
  5. हाँ, इस स्थिति में कार्य हो रहा है, क्योंकि इंजन द्वारा रेलगाड़ी पर बल आरोपित किया जा रहा है तथा रेलगाड़ी आरोपित बल की दिशा में विस्थापित हो रही है।
  6. नहीं, इसमें कोई कार्य नहीं हो रहा है, क्योंकि यहाँ न तो कोई बल आरोपित हो रहा है और न कोई विस्थापन उत्पन्न हो रहा है।
  7. हाँ, इस स्थिति में कार्य हो रहा है, क्योंकि पवन ऊर्जा द्वारा नाव पर बल आरोपित हो रहा है तथा नाव भी आरोपित बल की दिशा में गति कर रही है।

प्रश्न 2.
एक पिण्ड को धरती से किसी कोण पर फेंका जाता है। यह एक वक्र पथ पर चलता है और वापस धरती पर आ गिरता है। पिण्ड के पथ के प्रारम्भिक तथा अंतिम बिन्दु एक ही क्षैतिज रेखा पर स्थित हैं। पिण्ड पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया?
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा वस्तु पर किए गए कार्य की मात्रा शून्य होगी, क्योंकि गुरुत्व बल के विरुद्ध किया गया कार्य mgh वस्तु का द्रव्यमान तथा गुरुत्वीय त्वरण तो स्थिर रहते हैं, किन्तु उसकी ऊँचाई शून्य हो जाती है। ऐसा पथ के आरंभिक तथा अंतिम बिन्दुओं के एक ही क्षैतिज तल में स्थित होने के कारण होता है।

प्रश्न 3.
एक बैटरी बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
बैटरी की रासायनिक ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होती है। विद्युत ऊर्जा, ताप एवं प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित होती है।

प्रश्न 4.
20 kg द्रव्यमान पर लगने वाला कोई बल इसके वेग को 5ms-1 से 2ms-1 में परिवर्तित कर देता है। बल द्वारा किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
हल:
वस्तु का द्रव्यमान m = 20 kg
आरंभिक वेग u = 5 m/s
अंतिम वेग v = 2m/s
समय t = 1 s
गति के पहले समीकरण से v = u + at
या, a = \(\frac{v-u}{t}=\frac{2 \mathrm{~m} / \mathrm{s}-5 \mathrm{~m} / \mathrm{s}}{1 \mathrm{~s}}\)
या, a = – 3 m/s²
गति के तीसरे समीकरण से,
v² – u² = 2as
(2m/s)² – (5m/s)² = 2 × (-3m/s²) x s
– 21 m²/s² = – 6m/s².s
s = \(\frac { -21 }{ -6 }\) = \(\frac { 7 }{ 2 }\) m
किया गया कार्य = F x s
W = m x a x s
= 20 kg × (- 3m/s²) x \(\frac { 7 }{ 2 }\)
= – 210 J

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 5.
10 kg द्रव्यमान का एक पिण्ड मेज पर A बिन्दु पर रखा है। इसे B बिन्दु तक लाया जाता है। यदि A तथा B को मिलाने वाली रेखा क्षैतिज है तो पिण्ड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा। अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
द्रव्यमान m = 10 kg
गुरुत्वीय त्वरण g = 10m/s²
गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा किया गया कार्य = m x g x h
इस स्थिति में, गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा वस्तु पर किए गए कार्य की मात्रा शून्य होगी, क्योंकि बिन्दु A तथा B को जोड़ने वाली रेखा एक ही क्षैतिज तल अर्थात् वस्तु द्वारा प्राप्त ऊँचाई शून्य है। साथ ही, गुरुत्वाकर्षण बल का कोई भी घटक वस्तु के विस्थापन की दिशा में कार्य नहीं करता है।

प्रश्न 6.
मुक्त रूप से गिरते एक पिण्ड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है। क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करती है? कारण बताओ।
उत्तर:
यह ऊर्जा संरक्षण सिद्धान्त की उल्लंघन नहीं करती है, क्योंकि जिस अनुपात में वस्तु की स्थितिज ऊर्जा में कमी आती है, उसी अनुपात में उसकी गतिज ऊर्जा में वृद्धि भी होती है अर्थात्, वस्तु की कुल ऊर्जा हमेशा संरक्षित रहती है।

प्रश्न 7.
जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन से ऊर्जा रूपांतरण होते हैं?
उत्तर:
स्थितिज ऊर्जा से पेशीय ऊर्जा तथा पेशीय ऊर्जा से यान्त्रिक ऊर्जा में ऊर्जा का रूपान्तरण होता है।

प्रश्न 8.
जब आप अपनी सारी शक्ति लगाकर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है? आपके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा कहाँ चली जाती है?
उत्तर:
नहीं, जब हम अपनी पूरी शक्ति से बड़ी चट्टान को धकेलने पर उसे हिला नहीं पाते हैं, तो ऊर्जा का स्थानांतरण नहीं होता है। जब हम चट्टान को धक्का लगाते हैं तो हमारी पेशियाँ तन जाती हैं तथा इन पेशियों की ओर रक्त बहुत तेजी से विस्थापित होता है और ऊष्मीय ऊर्जा उत्पन्न होती है। इन परिवर्तनों में ऊर्जा खपत होती है तथा हम थका हुआ अनुभव करते हैं।

प्रश्न 9.
किसी घर में एक महीने में ऊर्जा की 250 यूनिटें व्यय हुई। यह ऊर्जा जूल में कितनी होगी?
हल:
पूरे महीने के दौरान कुल ऊर्जा खपत = 250 यूनिट
1 यूनिट = 1 kWh
∴ 250 यूनिट = 250kWh
पुन:, 1kWh = 36,00,0003
∴ 250kWh = 250 × 36,00,000 J
= 90,00,00,000 J
= 9 x 108 J

प्रश्न 10.
40 kg द्रव्यमान का एक पिण्ड धरती से 5 m की ऊँचाई तक उठाया जाता है। इसकी स्थितिज ऊर्जा कितनी है? यदि पिण्ड मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो जब पिण्ड ठीक आधे रास्ते पर है, उस समय इसकी गतिज ऊर्जा का परिकलन कीजिए। (g = 10ms-2)
हल:
वस्तु का द्रव्यमान m = 40 kg
ऊँचाई h = 5m
गुरुत्वीय त्वरण g = 10 ms-2
स्थितिज ऊर्जा = m x g x h
= 40kg x 10ms-2 x 5m
= 2000 J
जब वस्तु आधी ऊँचाई पर होती है
वस्तु का द्रव्यमान = 40kg
ऊँचाई h = 2.5m
गुरुत्वीय त्वरण g = 10ms-2
आरंभिक वेग u = 0 m/s
तृतीय समीकरण के अनुसार,
v² – u² = 2as
v² = u² + 2as
v² = 0 + 2 × 10 ms-2 x s = 20.s
गतिज ऊर्जा = \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv²
= \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 40 kg x 20 x 2.5 m²/s²
= 1000 J

प्रश्न 11.
पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया जाएगा? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर:
पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए उपग्रह पर किये जाने वाले कार्य की मात्रा शून्य है।
उपग्रह अपनी वृत्तीय कक्षा में घूमता है, तो उसकी कक्षा की त्रिज्या के केन्द्र की ओर एक अभिकेन्द्रीय बल बल कार्य करता है तथा उपग्रह की दिशा कक्षा के लंबवत् होती है। इस तरह, बल तथा विस्थापन की दिशा एक-दूसरे के लंबवत् होती है।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 1
किया गया कार्य = F x s x cos θ
W = Fs cos 90° = 0
एकसमान वृत्तीय गति की स्थिति में किया गया कुल कार्य शून्य होगा।

प्रश्न 12.
क्या किसी पिण्ड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में इसका विस्थापन हो सकता है? सोचिए। इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से विचार-विमर्श कीजिए।
उत्तर:
जब वस्तु विरामावस्था में होती है, तो न्यूटन के गति के नियम के अनुसार, यह तब तक विरामावस्था में रहती है जब तक कि उस पर लगा बल उसकी इस अवस्था में परिवर्तन न ला दे। जब वस्तु गति अवस्था में होती है, जैसे चलती हुई बस, तो इसे रोकने के लिए बल की आवश्यकता होती है। अतः इस स्थिति में किसी कार्यकारी बल की अनुपस्थिति में भी बस में विस्थापन संभव है।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 13.
कोई मनुष्य भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता है और थक जाता है। क्या उसने कुछ कार्य किया या नहीं? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर:
नहीं, व्यक्ति ने भूसे के गट्ठर पर कोई कार्य नहीं किया, क्योंकि गट्ठर में कोई विस्थापन नहीं होता है।

प्रश्न 14.
एक विद्युत्-हीटर (उष्मक) की घोषित शक्ति 1500 W है। 10 घंटे में यह कितनी ऊर्जा उपयोग करेगा?
हल:
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 2

प्रश्न 15.
जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा संरक्षण के नियम को स्पष्ट कीजिए। गोलक कुछ समय पश्चात् विराम अवस्था में क्यों आ जाता है? अंततः इसकी ऊर्जा का क्या होता है? क्या यह ऊर्जा संरक्षण के नियम का उल्लंघन है?
उत्तर:
(i) लोलक के गोलक की स्थितिज ऊर्जा उस समय सर्वाधिक होती है जब इसे एक तरफ खींचा जाता है। जब इसे दोलन के लिए छोड़ा जाता है, तो प्रत्येक अधिकतम विस्थापन की स्थिति में स्थितिज ऊर्जा अधिकतम तथा गतिज ऊर्जा शून्य होती है और माध्य की स्थिति में गतिज ऊर्जा अधिकतम हो जाती है जबकि स्थितिज ऊर्जा शून्य होती है। किन्तु कुल ऊर्जा हमेशा संरक्षित रहती है।

(ii) लोलक का गोलक अंत में रुक जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि लोलक जिस बिन्दु से बंधा रहता है, उसके साथ घर्षण के कारण तथा दोलन करते हुए गोलक का हवा के साथ घर्षण के कारण होता है। इस घर्षण के कारण दोलन करते हुए गोलक की यांत्रिक ऊर्जा धीरे-धीरे ऊष्मा या ताप ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।

(iii) अंत में यह ताप ऊर्जा वातावरण में खो जाती है।

(iv) नहीं, यह ऊर्जा संरक्षण के सिद्धान्त का उल्लंघन नहीं है।

प्रश्न 16.
m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग से गतिशील है। पिण्ड पर कितना कार्य करना चाहिए कि वह विराम अवस्था में आ जाए?
हल:
द्रव्यमान = m, स्थिर वेग = v
वस्तु की ऊर्जा = \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv² (चूँकि वस्तु गति में है)
अतः वस्तु को विराम में लाने के लिए समान मात्रा में कार्य करने की आवश्यकता होगी।
अतः वस्तु पर किया जाने वाला कार्य = \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv²

प्रश्न 17.
1500 kg द्रव्यमान की कार को जो 60 km/b के वेग से चल रही है, रोकने के लिए किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
हल:
द्रव्यमान m = 1500 kg
वेग v = 60 km/h
= \(\frac { 60×1000m }{ 3600s }\) = 16.67 m/s
गतिज ऊर्जा = \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv²
= \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 1500 kg x (16.67m/s)²
= 208416.67 J

प्रश्न 18.
निम्न में से प्रत्येक स्थिति में m द्रव्यमान के एक पिण्ड पर एक बल F लग रहा है। विस्थापन की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर है जो एक लंबे तीर से प्रदर्शित की गई है। चित्रों को ध्यानपूर्वक देखिए और बताइए कि किया गया कार्य ऋणात्मक है, धनात्मक है या शून्य है।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 3
उत्तर:
स्थिति (i) में किए गए कार्य की मात्रा शून्य है, क्योंकि बल विस्थापन के लम्बवत् कार्य कर रहा है।
θ कोण पर किया गया कार्य = F x s x cos θ
W = F x s x cos 90°
W = F × s × 0 = 0 J

स्थिति (ii) में किया गया कार्य धनात्मक है, क्योंकि वस्तु का विस्थापन आरोपित बल की दिशा में हो रहा है।

स्थिति (iii) में किया गया कार्य ऋणात्मक है, क्योंकि आरोपित बल की विपरीत दिशा में वस्तु का विस्थापन हो रहा है।

प्रश्न 19.
सोनी कहती है कि किसी वस्तु का त्वरण शून्य हो सकता है चाहे उस पर कई बल कार्य कर रहे हों। क्या आप उससे सहमत हैं? बताइए क्यों?
उत्तर:
हाँ, सोनी का कहना ठीक है, क्योंकि जब कोई वस्तु विरामावस्था में होती है तथा उसकी गति शून्य होती है, तब उसमें त्वरण भी शून्य होता है जब किसी वस्तु में एक साथ कई बल लगते हैं, तो वे एक-दूसरे को अप्रभावी कर देते हैं। जब वस्तु एकसमान वेग से गति में होती है, उसका त्वरण शून्य होता है। हाँ, क्योंकि इस स्थिति में भी वस्तु पर एक साथ कई संतुलनकारी बल कार्य कर सकते हैं।

प्रश्न 20.
चार युक्तियाँ, जिनमें प्रत्येक की शक्ति 500 W है 10 घंटे तक उपयोग में लाई जाती हैं इनके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा kWh में परिकलित कीजिए।
हल:
कुल युक्तियाँ = 5
1 युक्ति की शक्ति = 500W
समय = 10 घंटे
कुल शक्ति = कुल युक्तियाँ – युक्ति की शक्ति
= 4 x 500 वाट = 2000 वाट 2kW
व्यय ऊर्जा = शक्ति x समय
= 2kW x 10 घंटे
= 20 kWh

प्रश्न 21.
मुक्त रूप से गिरता एक पिण्ड अंतत: धरती तक पहुँचने पर रुक जाता है इसकी गतिज ऊर्जा का क्या होती है?
उत्तर:
मुक्त रूप से गिरते हुए पिण्ड की स्थितिज ऊर्जा धीरे-धीरे गतिज ऊर्जा में बदलने लगती है। लेकिन जैसे ही पिण्ड पृथ्वी पर पहुँचता है तो यह रुक जाता है, जिससे इसका वेग शून्य हो जाता है।
अत: सूत्र गतिज ऊर्जा = \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv² के अनुसार वेग शून्य हो जाने पर गतिज ऊर्जा भी शून्य हो जाएगी।
K.E. = \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv²
= \(\frac { 1 }{ 2 }\) x m x 0² = 0
यह गतिज ऊर्जा ऊष्मीय ऊर्जा, ध्वनि ऊर्जा आदि में रूपान्तरित हो जाती है।

Jharkhand Board Class 9 Science कार्य तथा ऊर्जा InText Questions and Answers

क्रियाकलाप 11.1. (पा. प. पृ. सं. 163)
उपर्युक्त उदाहरणों में दैनिक जीवन के क्रियाकलाप पर चर्चा हुई है। इनमें से प्रत्येक कार्यकलाप के लिए निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दें-
(i) किस वस्तु पर कार्य किया गया?
(ii) वस्तु पर क्या घटित हो रहा है?
(iii) कार्य कौन (क्या) कर रहा है?
नोट: छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

क्रियाकलाप 11.2. (पा. पु. पृ. सं. 163 )
अपने दैनिक जीवन की कुछ स्थितियों पर विचार करके उन्हें सूचीबद्ध कीजिए जिनमें कार्य सम्मिलित हो। अपने मित्रों से विचार-विमर्श करके किए गए कार्य के बारे में जानिए।

क्रियाकलाप 11.3. (पा. पु. पृ. सं, 164)
कुछ ऐसी स्थितियों पर विचार करें जब वस्तु पर बल लगने के बावजूद भी उसमें विस्थापन न हो। इसी प्रकार ऐसी स्थिति पर भी विचार करें जब कोई वस्तु बल लगे बिना ही विस्थापित हो जाए। इन स्थितियों को सूचीबद्ध करें तथा मित्रों से विचार-विमर्श करें कि कार्य हुआ या नहीं।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

क्रियाकलाप 11.4. (पा. पु. पृ. सं. 165)
किसी वस्तु को ऊपर उठाइए। आपके द्वारा वस्तु पर लगाए गए बल के द्वारा कार्य किया गया तथा आपके द्वारा आरोपित बल, विस्थापन की दिशा में है। इसके अतिरिक्त वस्तु पर गुरुत्वीय बल भी कार्यरत है। इनमें से कौन सा बल धनात्मक तथा कौन सा ऋणात्मक है? कारण सहित बताइए।

उदाहरण 11.2.
एक कुली 15k g का बोझ धरती से 1.5 m ऊपर उठाकर अपने सिर पर रखता है। उसके द्वारा बोझे पर किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
हल:
बोझ का द्रव्यमान m = 15kg तथा
विस्थापन s = 1.5 m
किया गया कार्य W = F x s = mg x s
∵ F = mg
= 15 × 10 × 1.5
= 225 N m
= 225 J
कुली द्वारा बोझे पर किया गया कार्य 225 J है।

खण्ड 11.1 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा.पु. पृ. सं. 165)

प्रश्न 1.
हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है?
उत्तर:
किसी वस्तु पर बल लगाने पर वस्तु विस्थापित हो जाती है तो कहा जाता है कि कार्य किया गया है।

प्रश्न 2
जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो किए गए कार्य का व्यंजक लिखिए।
उत्तर:
जब बल विस्थापन की दिशा में ही लगता है तो कार्य = बल x बल की दिशा में विस्थापन।

प्रश्न 3.
1 J कार्य को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
जब किसी वस्तु पर एक न्यूटन का बल लगाने पर वस्तु में बल की दिशा में 1 मीटर का विस्थापन हो जाता है तो किया गया कार्य 1 J कहलाता है।
1 J = 1 N × 1 m

प्रश्न 4.
बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140 न्यूटन का बल लगाती है। जोता गया खेत 15 m लंबा है। खेत की लंबाई को जोतने में कितना कार्य किया गया?
हल:
बैलों द्वारा लगाया गया बल = 140 N
जोता गया खेत = 15 m
किया गया कार्य = बल x विस्थापन
= 140 N x 15 m
= 21000 N m या 2100 जूल

क्रियाकलाप 11.5. (पा. पु. पृ. सं. 166)
ऊर्जा के कुछ स्रोतों की सूची बनाइए। छोटे समूह में विचार-विमर्श कीजिए कि किस प्रकार ऊर्जा के कुछ स्रोत सूर्य के कारण हैं।

क्रियाकलाप 11.6. (पा.पु. पृ. सं. 167)
एक भारी गेंद लेकर इसे गीले रेत की मोटी परत पर गिराइए। गेंद को लगभग 30 सेमी की ऊँचाई से गिराकर हम पाते हैं कि रेत में एक गड्ढा हो जाता है । इसी क्रियाकलाप को 50 cm, 1 m तथा 1.5 m की ऊँचाइयों से गिराकर बने गड्ढों की तुलना करके सूचीबद्ध करें तथा देखें कि किसके कारण बड़ा गड्ढा बना।

अब उत्तर दें-

प्रश्न-
कौन सा गड्ढा सबसे अधिक गहरा है, क्यों?
उत्तर:
सबसे अधिक ऊँचाई (1.5 m) से गिरने पर बना गड्ढा सबसे अधिक गहरा होगा, क्योंकि अधिक ऊँचाई से गिरने के कारण उस गेंद में गतिज ऊर्जा अधिक होगी।

क्रियाकलाप 11.7. (पा.पु. पृ. सं. 167)
चित्र 11.4 के अनुसार एक ज्ञात द्रव्यमान के लकड़ी के गुटके को ट्रॉली के सामने किसी सुविधाजनक निश्चित दूरी पर रखकर पलड़े पर एक साथ ज्ञात द्रव्यमान रखा जिससे कि ट्राली गतिमान हो जाए। गतिमान ट्रॉली लकड़ी के गुटके से टकराती है। मेज पर एक अवरोधक इस प्रकार लगाया जाए कि गुटके से टकराकर ट्राली वहीं रुक जाए, गुटका विस्थापित हो जाता है तथा गुटके के विस्थापन को मापकर सारणी में लिखिए। पलड़े के द्रव्यमान को बढ़ाकर इस प्रयोग को दोहराकर विस्थापन का मापन किया तथा उसे सारणीबद्ध किया।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 6

अब उत्तर दें-

प्रश्न 1.
गतिशील ट्राली किस प्रकार कार्य करती है?
उत्तर:
गतिशील ट्राली में गतिज ऊर्जा निहित होती है जो कि लकड़ी के गुटके से टकराने पर उसमें स्थानान्तरित हो जाती है जिससे गुटका विस्थापित हो जाता है। ट्राली से बँधे पलड़े पर अधिक द्रव्यमान लटकाने पर उसमें अधिक गतिज ऊर्जा संचित हो जाती है जिसके कारण गुटका और अधिक विस्थापित हो जाता है।

अतः किसी वस्तु में उसकी गति के कारण जो ऊर्जा निहित रहती है उसे उस वस्तु की गतिज ऊर्जा कहते हैं। उदाहरण के लिए चलती हुई कार, फेंकी हुई गेंद, गिरता हुआ कोई पिण्ड तथा बन्दूक से निकली गोली इन सभी में गतिज ऊर्जा निहित रहती है।.

गतिज ऊर्जा की माप (Measurement of Kinetic Energy) – किसी गतिमान पिण्ड की गतिज ऊर्जा की माप कार्य की उस मात्रा से की जाती है, जो वह पिण्ड उसकी वर्तमान अवस्था से विरामावस्था तक लाए जाने में कर सकता है।
यदि m द्रव्यमान की किसी वस्तु पर जो कि विरामावस्था में है, एक बल F लगाया जाता है तब न्यूटन के गति विषयक द्वितीय नियम से
F = ma अत: a = \(\frac { F }{ m }\) … (i)
यदि वस्तु द्वारा चली गई दूरी हो तब वस्तु पर कृत
कार्य W = F x s … (ii)
गति के तृतीय समीकरण के अनुसार
v² = u² + 2 as [∵ u = 0)
v² = 0 + 2 as … (iii)
समीकरण (i) व (iii) से
v² = 2 x (\(\frac { F }{ m }\)) x s
या mv² = 2Fs या Fs = \(\frac { F }{ m }\) mv² … (iv)
समीकरण (ii) व (iv) की तुलना करने पर
W = Fs = \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv²
यदि गतिज ऊर्जा को EK से प्रदर्शित करें तब
वस्तु की गतिज ऊर्जा
W = EK = Fs = \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv²
अतः वस्तु की गतिज ऊर्जा
EK = \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv² x द्रव्यमान x (वेग)²
अतः वस्तु की गतिज ऊर्जा वस्तु के द्रव्यमान समानुपाती व वस्तु के वेग के वर्ग के समानुपाती होती है।

खंड 11.2 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पू. सं. 169)

प्रश्न 1.
किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा क्या होती है?
उत्तर:
गतिज ऊर्जा- किसी वस्तु में उसकी गति के कारण जो ऊर्जा निहित होती है, उसे वस्तु की गतिज ऊर्जा कहते हैं। किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा, उसे विरामावस्था से वर्तमान गति की अवस्था तक लाने में वस्तु पर किए गए कार्य के बराबर होती है।

प्रश्न 2.
किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक लिखिए।
उत्तर:
यदि द्रव्यमान की कोई वस्तु वेग से गतिमान है तो वस्तु की गतिज ऊर्जा EK = \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv² होगी।

प्रश्न 3.
5 मीटर प्रति सेकण्ड के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25 जूल है। यदि इसके वेग को दोगुना कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी? यदि इसके वेग को तीन गुना बढ़ा दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी?
हल:
प्रश्नानुसार, वेग v = 5 मीटर / सेकण्ड,
EK = 25 जूल
सूत्र ∴ EK = \(\frac { 1 }{ 2 }\) से
25 = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x (5)² या 2 x 25 = m x 25
∵ वस्तु का द्रव्यमान m = 2 किग्रा
प्रथम दशा – जबकि वेग दुगना अर्थात् v2 = 2 × 5 = 10
मीटर / सेकण्ड कर दिया जाता है तो
गतिज ऊर्जा EK = \(\frac { 1 }{ 2 }\)mvv²
= \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 2 x (10)²
= 100 जूल।
दूसरी दशा- जबकि वेग तीन गुना अर्थात् v3 = 3 x 5 = 15 मीटर / सेकण्ड कर दिया जाता है तो
गतिज ऊर्जा Ek = \(\frac { 1 }{ 2 }\)mv3²
= \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 2 किग्रा (15 मीटर / सेकण्ड )²
= 225 जूल

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

क्रियाकलाप 11.8. (पा.पु. पू. सं. 169)
एक रबड़ बैंड लेकर इसके एक सिरे को पकड़कर दूसरे सिरे से खींचने पर छल्ला खिंच जाता है तथा सिरे को छोड़ देने पर यह अपनी प्रारम्भिक लम्बाई को प्राप्त करने का प्रयत्न करता है। स्पष्ट है कि स्थिति विशेष के कारण रबड़ के छल्ले ने ऊर्जा संचित कर ली थी।

क्रियाकलाप 11.9. (पा.पु. पू. सं. 169)
चित्र 11.5 के अनुसार एक स्लिंकी (स्प्रिंग) लेकर इसके एक सिरे को पकड़िए तथा दूसरे सिरे को अपने मित्र से पकड़वाकर थोड़ा सा खींचिए। अब स्लिंकी को छोड़ दीजिए।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 4
स्लिंकी ने किस प्रकार की ऊर्जा उपार्जित की तथा संपीडित करने पर भी क्या स्लिंकी ऊर्जा उपार्जित करेगी?

क्रियाकलाप 11.10. (पा.पु. पू. सं. 169)
एक खिलौना कार लेकर उसमें चाबी भरकर कार को जमीन पर रखिए यह चलने लगेगी। इसमें ऊर्जा कहाँ से आयी, सोचिए।

क्रियाकलाप 11.11. (पा.पु. पू. सं. 169)
किसी वस्तु को एक निश्चित ऊँचाई तक उठाकर इसे छोड़ने पर यह नीचे गिरने लगती है, और अधिक ऊँचा उठाने पर यह और अधिक कार्य कर सकती है। इसमें ऊर्जा कहाँ से आई? सोचिए तथा विचार-विमर्श कीजिए।

क्रियाकलाप 11.12. (पा.पु. पृ. सं. 170)
बाँस की खपच्ची लेकर इसका धनुष बनाकर एक हल्की डंडी लेकर इसका तीर बनाइए, डोरी को चित्रानुसार खींचिए और तीर को मुक्त कीजिए। तीर को धनुष दूर जाते देखिए।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 5
धनुष की आकृति में परिवर्तन को नोट कीजिए धनुष की आकृति में परिवर्तन के से कारण उसमें संचित स्थितिज ऊर्जा तीर को गतिज ऊर्जा प्रदान करती है जिससे तीर गतिमान होकर दूर तक जाता है।

अब उत्तर दें-

प्रश्न 1.
क्रियाकलाप 11.8 में रबड़ का छल्ला खींचने पर ऊर्जा किस प्रकार उपार्जित करता है?
उत्तर:
रबर बैंड में स्थितिज ऊर्जा संचित हो जाती है।

प्रश्न 2.
खींचने पर स्लिंकी ऊर्जा उपार्जित करती है। क्या संपीड़ित करने पर भी स्लिंकी ऊर्जा उपार्जित करेगी?
उत्तर:
छोड़ने पर स्लिंकी अपनी मूल अवस्था प्राप्त कर लेती है। खींचने के दौरान किए गए कार्य के कारण स्लिंकी ऊर्जा उपार्जित करती है। हाँ, स्लिंकी संपीडित करने पर भी स्थितिज ऊर्जा उपार्जित करेगी।

प्रश्न 3.
फर्श पर चाबी भरकर खिलौने को रखने पर यह चलता है। क्या उपार्जित ऊर्जा, चाबी द्वारा भरे गए लपेटनों की संख्या पर निर्भर है?
उत्तर:
कृत कार्य लपेटनों में, स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित होती है। उपार्जित ऊर्जा, चाबी द्वारा भरे गए लपेटनों पर निर्भर करती है। लपेटनों की संख्या अधिक होने पर अधिक ऊर्जा संचित हो जाती है।

प्रश्न 4.
किसी वस्तु को अधिक ऊँचाई तक उठाने पर उसमें अधिक ऊर्जा समाहित हो जाती है। यह ऊर्जा कहाँ से प्राप्त होती है? विचार विमर्श कीजिए।
उत्तर:
निश्चित ऊँचाई तक उठाने में किसी वस्तु को गुरुत्वीय बल के विरुद्ध कार्य करना पड़ता है। यह कार्य वस्तु में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित रहता है। वस्तु की पृथ्वी तल से ऊँचाई बढ़ने पर उसमें समाहित ऊर्जा बढ़ती जाती है।

प्रश्न 5.
बाँस की एक खपच्ची से बने धनुष और हल्की डंडी से बने तीर को धनुष की डोरी पर रखकर और डोरी को खींचकर तीर को छोड़िए तीर धनुष से दूर क्यों जा गिरता है?
उत्तर:
धनुष की आकृति में परिवर्तन के कारण उसमें संचित स्थितिज ऊर्जा तीर की गतिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है जिससे तीर गतिशील होकर दूर तक जाता है।

क्रियाकलाप 11.13.
छोटे समूहों में बैठकर प्रकृति में ऊर्जा रूपान्तरण की विभिन्न विधियों पर विचार करें तथा निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार-विमर्श करें –

  • हरे पौधे खाना कैसे बनाते हैं?
  • उन्हें ऊर्जा कहाँ से मिलती है?
  • वायु एक स्थान से दूसरे स्थान को क्यों बहती है?
  • कोयला तथा पेट्रोलियम कैसे बने?
  • किस प्रकार के ऊर्जा रूपान्तरण जल चक्र को बनाए रखते हैं?

नोट:

  • जब हमने गमले में लगे पौधे को अंधेरे कमरे में रखकर उसे पानी नहीं दिया तो वह सूख गया। इससे निष्कर्ष निकलता है कि हरे पौधे अपना भोजन प्रकाश एवं जल से बनाते हैं।
  • उन्हें ऊर्जा सूर्य के प्रकाश (सौर ऊर्जा) से मिलती है।
  • वायुदाब में अन्तर के कारण वायु के कणों पर बल आरोपित होता है जिससे वायु एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर बहती है।
  • करोड़ों वर्ष पूर्व पृथ्वी की गहराई में हरे पेड़-पौधे एवं जीव-जन्तुओं हलचल के कारण दब गए जो कालान्तर में आज  कोयला तथा पैट्रोलियम में बदल गए।
  • रासायनिक ऊर्जा का ऊष्मीय ऊर्जा में रूपान्तरण।

क्रियाकलाप 11.14. (पा.पु. पृ. सं. 172)
अनेक मानव क्रियाकलापों तथा हमारे द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले जुगतों में ऊर्जा रूपान्तरण सम्मिलित है। इस प्रकार के क्रियाकलापों तथा जुगतों की एक सूची बनाइए तथा पहचानिए कि किस प्रकार का ऊर्जा रूपान्तरण हो रहा है।

क्रियाकलाप 11.15. (पा.पु. पृ. सं. 172)
20 kg द्रव्यमान का कोई पिण्ड 4m की ऊँचाई से मुक्त रूप से गिराया जाता है। दी गई सारणी के अनुसार प्रत्येक स्थिति में स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा की गणना करके, सारणी में रिक्त स्थानों को भरिए। (g = 10ms-2)
सारणी 11.2

ऊँचाई जहाँ पर पिण्ड स्थित है स्थितिज ऊर्जा Ep = mgh (जूल में) गतिज ऊर्जा (जूल में) Ep + Ek
Ek = \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv² (जूल में)
4m
3m
2m
1m
भूमि से ठीक ऊपर

संकेत-
h = 4m पर, Ep = mgh = 20 x 10 x 4800 J
v = 0, Ek = \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv² = 0
h = 3m पर, Ep = 20 x 10 x 3 = 600 J
तय की गई दूरी s = 4 – 3 = 1m
v² = u² + 2gs = 0 + 2gs = 2gs
Ek = \(\frac { 1 }{ 2 }\)mv² = \(\frac { 1 }{ 2 }\) m x 2gs = mgs
= 20 x 10 x 1 = 200 J
h = 2m पर, s = 4 – 2 = 2m
Ep = mgh = 20 × 10 × 2 = 400 J
Ep = mgs = 20 x 10 × 2 = 400 J
h = 1 m पर, h = 1 m, s = 4 -1 = 3 m
Ep = mgh = 20 x 10 × 1 = 200 J
Ek= mgs = 20 x 10 × 3 = 600 J
भूमि से ठीक ऊपर,
h = 0, s = 4 – 0 = 4m
Ep = mg x 0 = 0
Ek= 20 x 10 × 4800 J

सारणी 11.3

ऊँचाई जहाँ पर पिण्ड स्थित है स्थितिज ऊर्जा Ep = mgh गतिज ऊर्जा (जूल में)
Ek  = \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv²
Ep + Ek
4m 800 J 0 800 J
3m 600 J 200 J 800 J
2m 400 J 400 J 800 J
1m 200 J 600 J 800 J
भूमि से ठीक ऊपर 0 800 J 800 J

इससे स्पष्ट है कि प्रत्येक ऊँचाई पर कुल यान्त्रिक ऊर्जा अचर रहती है, अर्थात् ऊर्जा संरक्षित है।

क्रियाकलाप 11.16. (पा. पु. पू. सं. 173)
A तथा B दो बच्चों का द्रव्यमान समान है। दोनों रस्से पर अलग-अलग चढ़ना प्रारंभ करते हैं। दोनों 8 m की ऊँचाई तक पहुँचते हैं। मान लीजिए इस कार्य को करने में A 15s तथा B 20s लेता है।
प्रत्येक बच्चे द्वारा किया गया कार्य कितना है ? किया गया कार्य समान है तथापि A ने कार्य करने के लिए B की अपेक्षा कम समय लिया।
किस बच्चे ने दिए हुए समय मान लो 1 में अधिक कार्य किया ?
संकेत माना कि प्रत्येक बच्चे का भार mg प्रत्येक बच्चे द्वारा किया गया कार्यmgh
किया गया कार्य समान है। परन्तु A 15s लेता है जबकि B 20s लेता है
समान कार्य करने के लिए इसलिए 1s में A ने अधिक कार्य किया। हम कहते हैं कि B से A ने अधिक काम किया।

खंड 11.3 से सम्बन्धित पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा.पु. पू. सं. 174)

प्रश्न 1.
शक्ति क्या है?
उत्तर:
किसी कारक के कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। यदि कोई कारक W कार्य करने में t समय लगाता हैं तो,
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 7

प्रश्न 2.
1 बाट शक्ति को
उत्तर:
जब 1 सेकण्ड में कार्य करने की दर को 1 वाट कहते हैं।

प्रश्न 3.
एक लैंप 1000 J विद्युत ऊर्जा 10 में व्यय करता है। इसकी शक्ति कितनी है?
उत्तर:
दिया है:
W = 1000 J, t = 10s, P = ?
P = \(\frac { W }{ t }\) = \(\frac { 1000 }{ 10 }\)
= 100 वॉट

प्रश्न 4.
औसत शक्ति को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
कुल उपयोग की गई ऊर्जा को कुल लिए गए समय से भाग देकर निकाली गई शक्ति को औसत शक्ति कहते हैं।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 8

क्रियाकलाप 11.17. (पा.पु. पू. सं. 175)
अपने घर में विद्युत मीटर में प्रतिदिन प्रातः तथा सायं 6:00 बजे मीटर का पाठ्यांक नोट करें।
दिन के समय कितनी ‘यूनिट’ व्यय होती है?
रात के समय कितनी ‘यूनिट’ व्यय होती है?
इस क्रिया को लगभग एक सप्ताह तक कीजिए।
अपने प्रेक्षणों को सारणीबद्ध कीजिए।
अपने आँकड़ों से निष्कर्ष निकालिए।
अपने प्रेक्षणों की तुलना विद्युत् के मासिक बिल में दिए गए विवरणों से कीजिए।
संकेत-
हम मीटर का पाठ्यांक महीने के शुरू में तथा अंत में ले सकते हैं। दोनों पाठ्यांकों का अंतर हमें कुल व्यय हुई विद्युत के बारे में बताता है। इसकी हम मासिक बिल में दी गई यूनिटों से तुलना कर सकते हैं।

Leave a Comment