JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Exercise 1.1

प्रश्न 1.
निम्नलिखित संख्याओं का H. C. F. ज्ञात करने के लिए यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म का प्रयोग कीजिए:
(i) 135 और 225
(ii) 196 और 38220
(iii) 867 और 255
हल:
(i) चरण 1. क्योंकि, संख्याएँ 135 और 225 इस प्रकार हैं कि
225 > 135
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 1
अत: 225 और 135 के लिए यूक्लिड
विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर
225 = 135 × 1 + 90
चरण 2. ∵ शेषफल शून्य नहीं है।
∴ 135 और 90 पर यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका प्रयोग करने पर,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 2
135 = 90 × 1 + 45

चरण 3. 90 और 45 पर यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 3
90 = 45 × 2 + 0
∵ शेषफल 0 प्राप्त हो गया।
∴ चरण 3 में भाजक 45 है।
अतः 135 और 225 का H.C.F. = 45

(ii) चरण 1. क्योंकि संख्याएँ 196 और 38220 इस प्रकार हैं कि
38220 > 196
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 4
अत: 38220 और 196 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर
38220 = 196 × 195 + 0
∵ शेषफल शून्य प्राप्त हो गया है। इस स्थिति में भाजक 196 है।
∴ 38220 और 196 का H.C.F. = 196

(iii) चरण 1. ∵ संख्याएँ 867 और 255 इस प्रकार हैं कि
867 > 255
अत: 867 और 255 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 5
867 = 255 × 3 + 102

चरण 2. ∵ शेषफल 0 नहीं है।
∴ 102 और 255 पर पुन: यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर,
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255 = 102 × 2 + 51

चरण 3. 51 और 102 पर पुनः यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 7
102 = 51 × 2 +0
∵ शेषफल 0 प्राप्त हो गया है।
∴ चरण 3 का भाजक 51 है।
अत: 867 और 255 का H.C.F = 51.

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प्रश्न 2.
दर्शाइए कि कोई भी धनात्मक विषम पूर्णांक 6q + 1 या 6q + 3 या 6q + 5 के रूप का होता है, जहाँ 9 कोई पूणांक है।
हल:
माना कि a एक धनात्मक विषम पूर्णांक है। और (b = 6) के लिए यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म का प्रयोग करने पर,
a = 6q + r, जहाँ 0 ≤ r < 6
∵ 0 ≤ r < 6 के लिए सम्भावित शेषफल 0, 1, 2, 3, 4 और 5 हैं।
∴ a = 6q + 0 या a = 6q + 1
या a = 6q + 2 या a = 6q + 3
या a = 6q + 4 या a= 6q + 5
के रूप का हो सकता है।
जहाँ q = भागफल है तथा a = विषम पूर्णांक हैं।
∴ यह 6q, 6q + 2, 6q + 4 के रूप का नहीं हो सकता है। [सभी 2 से विभाज्य हैं।]
अतः कोई भी धनात्मक विषम पूर्णांक 6q + 1 या 6q + 3 या 6q + 5 के रूप का हो सकता है।

प्रश्न 3.
किसी परेड में 616 सदस्यों वाली एक सेना (आर्मी) की टुकड़ी को 32 सदस्यों वाले एक आर्मी बैंड के पीछे मार्च करना है। दोनों समूहों को समान संख्या वाले स्तम्भों में मार्च करना है। उन स्तम्भों की अधिकतम संख्या क्या है, जिसमें वे मार्च कर सकते हैं ?
हल:
सेना के दो समूहों वाले बैण्ड की कुल संख्या 616 और 32 है।
∵ हमें स्तम्भों की अधिकतम संख्या ज्ञात करनी है।
∴ अधिकतम संख्या के लिए HCF निकालेंगे।
चरण 1. ∵ 616 > 32, ∴ 616 और 32 पर यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर,
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616 = 32 × 19 + 8

चरण 2. ∵ शेषफल 0 नहीं है।
∴ 8 और 32 पर पुन: यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर,
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32 = 8 × 4 + 0
यहाँ शेषफल 0 है।
∵ चरण 2 में भाजक 8 है।
∴ 616 और 32 का H.C.F. = 8
अतः मार्च करने के लिए अधिकतम स्तम्भों की संख्या = 8.

प्रश्न 4.
यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करके दर्शाइए कि किसी धनात्मक पूर्णांक का वर्ग, किसी पूर्णांक m के लिए 3m या 3m + 1 के रूप का होता है।
हल:
माना a कोई धनात्मक पूर्णांक है तब यह 3q या 3q + 1 या 3q + 2 के रूप का होता है।
अतः इसकी तीन स्थितियाँ सम्भव हैं।
स्थिति I: जब a = 3q
⇒ (a)2 = (3q)2 = 9q2 = 3(3q2) = 3m (जहाँ 3q2 = m है)
स्थिति II : a = 3q + 1
⇒ (a)2 = (3q + 1)2 = 9q2 + 6q + 1
= 3q (3q + 2) + 1 = 3m + 1 [जहाँ m = q(3q + 2) है]
स्थिति III: 3q + 2
⇒ (a)2 = 3q + 2
(a)2 = (3q + 2)2
= 9q2 + 12q + 4
= (9q2 + 12q + 3) + 1
= 3 (q2 + 4q + 1) + 1
= 3m + 1
[जहाँ m = q2 + 4q + 1 है]
a2 के सभी विस्तारों से स्पष्ट है कि a2, 3 से विभाजित होता है और शेषफल या तो शून्य बचता है या 1 बचता है।
अतः किसी धन पूर्णांक का वर्ग किसी पूर्णांक m के लिए 3m या 3m + 1 के रूप का होता है।

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प्रश्न 5.
यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करके दर्शाइए कि किसी धनात्मक पूर्णांक का घन 9m, 9m + 1 या 9m + 8 के रूप का होता है।
हल:
माना a कोई धनात्मक पूर्णांक है। तब यह 3b या 3b + 1 या 3b + 2 के रूप का होता है।
अतः इसकी तीन स्थितियाँ सम्भव हैं।
स्थिति I: जब a = 3b तो
(a)3 = (3b)3 = 27b3 = 9(3b3) = 9m ……(1)
[जहाँ m = 3b3 है।]
स्थिति II: जब a = 3b + 1 तो
a3 = (3b + 1)3
⇒ a3 = (3b)3 + 3.3b.1 (3b + 1) + (1)3
⇒ a3 = (27b3 + 27b2 + 9b) + 1
⇒ a3 = 9[3b3 + 3b2 + b] + 1.
a3 = 9m + 1 ……(2)
[जहाँ m = 3b3 + 3b2 + b]
स्थिति III: जब a = 3b + 2 तो a3 = (3b + 2)3
⇒ a3 (3b)3 + 3.3b.2(3b+2) + (2)3
⇒ a3 = [27b3 + 18b(3b + 2)] + 8
⇒ a3 = 9[3b3 + 6b2 + 4b] + 8
⇒ a3 = 9m + 8
[जहाँ m= 3b3 + 6b2 + 4b] … (3)
समीकरण (1), (2) व (3) को देखने पर हम पाते हैं कि a3, 9 से भाग्य है।
तब इन्हें क्रमश: a3 = 9m
या a3 = 9m + 1
या a3 = 9m + 8 लिखा जा सकता है।
अतः किसी धन पूर्णांक का घन 9m, 9m + 1 या 9m + 8 के रूप का होता है।

JAC Class 9 English Grammar Determiners Exercises

Jharkhand Board JAC Class 9 English Solutions Grammar Determiners Exercises Questions and Answers.

JAC Board Class 9 English Grammar Determiners Exercises

What is a Determiner?
Determiners वे शब्द हैं जो किसी Noun के पूर्व आकर उस Noun की पहचान सुनिश्चित करते हैं। Determiner के प्रयोग के तुरन्त बाद Noun का प्रयोग आवश्यक हो जाता है । कभी-कभी Determiner तथा Noun के बीच कोई qualifying word भी आ सकता है ।
JAC Class 9 English Grammar Determiners Exercises 1

Determiners की परिभाषा के अनुसार चूँकि ये शब्द Noun से पूर्व प्रयुक्त होकर उसकी विशेषता बताते हैं अथवा उसका सुनिश्चयन करते हैं । अतः इनका सही प्रयोग करने के लिए Noun के विषय में निम्नलिखित बातों का ज्ञान होना आवश्यक है|

  • वाक्य में दिया गया Noun Countable है या Uncountable.
  • यदि दिया गया Noun Countable है तो वह Singular Number है अथवा Plural Number.

गिनती की दृष्टि से Nouns दो प्रकार के होते हैं –

  • Countable Nouns तथा
  • Uncountable Nouns

Countable Noun:
जिस Noun ( संज्ञा ) को गिना जा सके उसे Countable Noun कहते हैं, जैसे – apple, bag, boy, chair, dog, goat, horse, school, आदि । इन्हें भी Number ( वचन) की दृष्टि से
(A) Singular Countable Nouns तथा
(B) Plural Countable Nouns में विभाजित किया जा सकता है।

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

(A) Singular Nouns (एकवचन संज्ञा) – ये Nouns एक व्यक्ति, वस्तु अथवा स्थान के लिए प्रंक्त होते हैं।
(B) Plural Nouns (बहुवचन संज्ञा) – ये Nouns एक से अधिक व्यक्तियों, वस्तुओं अथवा स्थानों के लिए प्रयुक्त होते हैं, जैसे-
JAC Class 9 English Grammar Determiners Exercises 2

Uncountable Noun
जिन Nouns को गिना नहीं जा सके अथवा जिनको गिना जाना सामान्य परिस्थितियों में अत्यन्त कठिन एवं कष्टसाध्य हो, उन्हें Uncountable Nouns कहते हैं, जैसे -milk, sugar, tea, oil, air, wind, fire, आदि। Uncountable Nouns का Plural नहीं होता है ।
Countable तथा Uncountable Nouns के कुछ उदाहरण नीचे दिये जा रहे हैं, जिससे कि आप इनके पूर्व उचित Determiners का प्रयोग कर सकें ।JAC Class 9 English Grammar Determiners Exercises 3

प्रमुख Determiners हैं – a, an, the, some, any, little, a little, the little, few, a few, the few, many, much, each, every, none, no/not any, this, that, these, there, both, all, either, neither, various, several, such, such a, less, fewer, enough, not enough, lots of, a lot of, a great, a good deal of, plenty of, a large number of.

1.  Use of ‘A’ and ‘An’ – Indefinite Articles

‘A’ तथा ‘An’ का प्रयोग मूलतः शब्दों के उच्चारण के समय होने वाली ध्वनियों (sounds) से सम्बन्ध रखता है।का प्रयोग ऐसे शब्दों के पूर्व होता है, जिनका उच्चारण करते समय प्रारम्भ में व्यंजन-ध्वनि (Consonant sound) निकलती हो, चाहे शब्द का प्रथम अक्षर Vowel (स्वर) हो या Consonant (व्यक्जन); जैसे –

(b) ‘Hour’ में ‘h’ silent है । उसके बाद ‘o’ आता है जो Vowel (स्वर) की ध्वनि देता है इसलिए इस शब्द के पहले ‘an’ लगेगा ।

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

Note : a तथा a तंग्रेजी के ‘one’ शब्द के कमजोर रूप (weak forms) हैं । इनका प्रयोग Countable Singular I.ouns ( गिनने योग्य एकवचन संज्ञाओं) के पहले किया जाता है । बहुवचन संज्ञाओं (Plural Nouns) तथा अगणनंय संज्ञाओं (Uncountable Nouns) कें पहले इनका प्रयोग नहीं होता है । पदार्थवाचक एवं भाववाचक संज्ञाएँ (Material Nouns and Abstract Nouns) अगणनीय संज्ञाओं (Uncountable Nouns) में ही गिनी जाती हैं । इनके पहले तव एक a या a n प्रयुक्त नहीं होता है, जव तक वे Countable Nouns क रूप में प्रयुक्त नहीं होते ।

A नथा An का प्रयोग निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर समझा एवं उनका प्रयोग किया जा सकता है :

(1) प्रथम बार प्रयुक्त होने बाले Singular Countable Nouns (एकवचन गिनने योग्य संज्ञाओं) के पहले :

  • I have a book.
  • She lives in a hut.
  • He saw an old man.
  • Mr Sharma is an umpire in this match.

(2) ऐसी एकवचन पूरक संज्ञाओं (Noun Complements) से पूर्व जो किसी पेशे या व्यवसाय (profession) से सम्बन्धित हों:

  • She is a nurse.
  • He is an engineer.
  • Neeraj is a doctor.
  • She is an actress.

(3) Adjective + Noun की स्थिति में a अथवा an का प्रयोग Adjective (विशेषण) से पूर्व उसकी प्रारम्भिक ध्वनि के अनुसार होता है ।

  • a big elephant.
  • an old woman.
  • an ugly child.
  • a useful book.

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(4) ऐसी अभिव्यक्तियों के लिए जो मूल्य, गति, अनुपात आदि का बोध कराती हों : two rupees a kilo, six times a day, eighty rupees a dozen, 20km an hour, ten rupees a meter इत्यादि।

(5) संख्यात्मक/ मात्रात्मक अभिव्यक्तियों से पूर्व :
a pair, a couple, a dozen, half a dozen, a hundred, a thousand, a lot, a great deal, a great man, a quarter, a million इत्यादि ।

(6) few और little के साथ :

  • He borrowed a few books from the library.
  • Please take a little more tea.

Note –
(i) a few का अर्थ a small number (थोड़ी संख्या) से होता है, जितने से वक्ता का तात्पर्य हो । इसी प्रकार, a little का अर्थ a small amount (थोड़ी मात्रा) से होता है ।
(ii) few और little का प्रयोग बिना a के भी होता है, लेकिन ये ‘लगभग नहीं’ का अर्थ ले लेते हैं, जैसे:

  • Few people know this fact. (The fact is almost unknown.)
  • She had little time to attend the meeting. (She had almost no time

(7) विभिम्न भार्वों को व्यक्त करने वाले Exclamatory Sentences में एकबचन संज्ञा (Singular Noun) के पहले आने बाले विशेषण-शब्द (Adjective) के पूर्व :

  • What a beautiful flower !
  • What a pretty colour !
  • What an old fellow!
  • What a cold day !

(8) Such का प्रयोग किसी Countable Noun के साथ होने पर Such के बाद a अथवा an का प्रयोग किया जाता है :

  • It was such a good deed.
  • He was such a helpful friend.
  • It was such an interesting story.

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(9) विभिज्र उपाधियों या पदों (degrees or posts) के संक्षिप्त रूर्पों (abbreviated forms) के पहले निम्न प्रकार से a अथवा an का प्रयोग होता है । उदाहरण : an M.A., an M.Sc., an M. Com., an S.P., an S. D. M., an L. L. B., a U. D. C., an L.D.C इत्यादि ।

(10) ‘ a ‘ तथा ‘an’ का प्रयोग ‘एक-से’ (the same) के अर्थ में भी होता है :

  • Birds of a feather flock together.
  • These are but two sides of a coin.
  • Men of a mind always group together.
  • Take two at a time.

(11) Mr/Mrs/Miss + surname के पहले वक्ता से उनका परिचय न होने का भाव दर्शाने के लिए a का प्रयोग होता है :
a Mr Sharma, a Mrs Mathur, a Miss Gupta इत्यादि । a Mr Sharma से आशय ऐसे व्यक्ति से है, जो Mr Sharma के नाम से पुकारा जाता है परन्तु वक्ता से अपरिचित है; परिचित अवस्था में केवल Mr Sharma या Mrs Mathur ….. लिखते हैं ।)

Test Exercise 1.

Fill in the following blanks with ‘a’ or ‘an’:

‘ a ‘ अथवा ‘ an ‘ से रिक्त स्थानों -की पूर्ति कीजिए –
1. He was ………….. wise teacher.
2. The meeting was held in …………… big hall.
3. ………….. burnt child dreads the fire.
4. She spent…………..few months in Mumbai last year.
5. Now cricket has become. international game.
6. They will be back in…………. week.
7. I will finish this work within …………. hour.
8. …………. man of regular habits is sure to succeed in life.
9. We are to play …………. one-day match next week.
10. Ashoka …………. was very kind king.
Answers:
1. a
2. a
3. A
4. a
5. an
6. a
7. an
8. A
9. a
10. a.

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

Test Exercise 2.

Fill in the blanks in the following sentences with ‘a’ or ‘an’:

‘a’ अथवा ‘a ‘ ‘ से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
1. He is honest man of our city.
2. Let us rest here for while.
3. Can you give example of a cruel king ?
4. We shall go for walk now.
5. She often tells lie.
6. Certainly, it is very interesting story.
7. She bought electric iron for ₹ 350.
8. My father is M.L.A.
9. My friend’s father is U.D.C.
10. The boy had taken identity card.
Answers:
1. an
2. a
3. an
4. a
5. a
6. a
7. an
8. an
9. a
10. an.

2. Use of the – Definite Article

The एक definite article है और इसका प्रयोग Singular व Plural Nouns के पूर्व निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है-

(1) ऐसे Noun के पहले जिसका पूर्व में उल्लेख किया जा चुका हो :

  • I saw a lion. The lion was sleeping under a tree.
    पहले वाक्य में मैंने एक शेर देखा । (दूसरे वाक्य में वही) शेर पेड़ के नीचे सो रहा था ।
  • We heard a noise. The noise came from a neighbour’s house.
  • I have lost the pen which I bought yesterday.

(2) Adjectives की Superlative Degree के पढले :

  • Ravi is the best singer in the school.
  • My uncle is the richest man in the town.

अपक्हिद : किसी सम्बन्धवाचक विशेषण (Possessive Adjective) जैसे : my, his, her, their, your, our के बाद Adjective की Superlative Degree का प्रयोग होने पर the का प्रयोग नहीं होता, जैसे :

  • He is my best friend.
  • Mr Dixit is our best teacher.

(3) किसी शब्द-समूह (Phrase) या उपवाक्य (Clause) से सुनिश्चित होने वाले Noun के पहले :

  • The girl in the blue skirt is my sister.
  • The man with a little nose is our Principal.
  • The cars made in our factory are the strongest ones.
  • The book on the table belongs to the library.
  • The man who went out is an excellent singer.

(4) ऐसे singular noun के पहले जो अपनी सम्पूर्ण जाति (the whole class or race) का बोध कराता है :

  • The dog is a faithful animal. (यहाँ अर्थ ‘समस्त कुत्ता जाति’) से है।
  • The elephant has a long trunk.
  • The cat likes milk.

(5) नदियों, सागरों, महासागरों, खाड़ियों, मरुस्थलों, द्वीप-समूहों, पर्वत-शृंखलाओं, नहरों, जंगलों तथा छोटे-छोटे देशों से मिलकर बने (संयुक्त) देश्शों के बहुवचनीय नामों के साथः
The Ganga, The Yamuna (rivers)
The Bay of Bengal (बंगाल की खाड़ी), The Arabian Sea (अरब सागर)
The Gulf of Maxico ( मेक्सिको की खाड़ी), The Thar, The Sahara (सहारा मरुस्थल)
The Himalayas, The UK (इंग्लैण्ड का नाम), The West Indies, The USA (संयुक्त राज्य अमेरिका)

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

Note : झीलों के नाम के पूर्व Lake, पर्वत या चोटी के नाम के पूर्व Mount व किसी अन्तरीप के नाम से पूर्व Cape शब्द का प्रयोग होने की स्थिति में The का प्रयोग नहीं होता है, जैसे :
Cape Camorin, Mount Everest, Lake Mansarovar इत्यादि ।

(6) संज्ञा (Noun) की तरह प्रयुक्त होने वाले विशेषण (Adjective) शब्दो के पूर्व the का प्रयोग होता

  • The brave always rule over the earth. (बहादुर लोग)
  • The rich should help the poor. (अमीर लोग)
  • The weak can never do anything. (कमजोर लोग)

(7) विश्व में अपने ढंग की अनोखी अथवा एकमात्र वस्तुओं के लिए :
The sun, the moon, the sky, the earth, the world, the Taj, the wall of China.

(8) दिशाओं के नाम के पहले :
The east, the west, the south, the north.

(9) ऐसे नार्मों के पहले जो Adjective + Noun या adjective + of + noun रूप में हों :
The National Highway, the New South Coast, the Gold Coast, the Bay of Bengal.

(10) धार्मिक पुस्तकों, वाघ-यन्त्रों एवं निश्चित संख्यार्ओं (ordinals) से पूर्व :
The Geeta, the Bible, the Quran, the Ramayana, the violin, the flute, the first, the fourth, the eleventh, the last, the next इत्यादि ।

(11) एक ही वाक्य में Comparative Degree के दो बार प्रयोग होने की स्थिति में :

  • The more you have, the more you want.
  • The sooner, the better.
  • The higher you go, the cooler you feel.
  • The better I know her, the more I admire her.

(12) जब किसी Proper Noun (व्यक्तिवाचक संज्ञा) की तुलना किसी अन्य प्रसिद्ध व्यक्ति, स्थान या वस्तु से की जाती है : (जातिवाचक संज्ञा की तरह से प्रयुक्त होने पर)

  • Kalidas is the Shakespeare of India.
  • Kashmir is the Switzerland of India.

(13) धर्म, समुदाय, जाति, राष्ट्रीयता, राजनीतिक दलों, जहार्जों, रेलगाड़ियों, हवाई जहाजों, जलपोतों आदि के नाम के पढले :
The Hindus, the Sikhs, the Jats, the Sanatanees, the Vaishnavas, the English, the Indians, the Americans, the Congress, the B.J.P., the Nilgiri, the Kanishka, the Vikrant, the Chetak Express.

(14) Plural Surnames के पहले जब वे पूरे परिवार का अर्थ देते हैं : The Guptas, the Sharmas, the Mathurs (माथुर परिवार) इत्यादि ।

(15) शरीर के अंगों के नाम के पहले जब इनके पूर्व कोई possessive न दिया हो :

  • He caught her by the hair.
  • She grabbed him by the neck.

(16) तारीखों एबं राष्ट्रीय महत्व के दिनों के पहले : The 25th July, the 15th August, the 26th January, the Independence Day, the Republic Day इत्यादि ।

(17) Same, only, opposite, front, end, beginning जैसे शब्दों के पूर्व : The same scene, the only son, the opposite party, the front page, the end of the play, the beginning of the story.

(18) All, some of (Plural Noun), one of (Plural Noun), each of (Plural Noun) के साथ : All the boys, some of the students, one of the girls, each of the winners.

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

The Omission of the Definite Article ‘the’

निम्नलिखित स्थितियों में Definite Article ‘the’ का प्रयोग नहीं होता है :

(1) Proper Noun (प्यक्तिमाचक संज्ञा), Material Noun (पदार्थवाचक संज्ञा) तथा Abstract Noun (भाववाचक संज्ञा) के पूर्व :

  • Arjun was a great archer.
  • Gold is more costly than silver.
  • Wisdom is greater than wealth.

(2) जब किसी Common Noun का व्यापक अर्थ में प्रयोग होता हो :

  • Man is mortal.
  • Man is a social animal.

(3) भाषार्ओं, अध्ययन के विषर्यों, सार्वजनिक स्थलों, खेलों, बीमारियों तथा निश्चित समय पर किये जाने बाले साधारण भोजर्नों के नाम के पढले :

  • I am learning French.
  • She doesn’t like physics.
  • We go to hospital when we are ill.
  • They go to school regularly.
  • We play hockey every day.
  • I have lunch at noon.
  • She is suffering from pneumonia. ( निमोनिया)
  • He goes to temple daily.

(4) राष्ट्रों, रंगों, त्यौहारों के नाम के पछले :

  • India has a very old and rich culture.
  • The leaves of this plant have turned yellow.
  • Diwali is celebrated with pomp and show.

(5) महीनों, दिनों तथा ॠतुओं के नाम के पहले :

  • January is the first month of the year.
  • Sunday comes before Monday.
  • Spring is the first season of the year. (also The spring)

(6) God शब्द के पहले इसका प्रयोग नहीं होता (जब ‘G’ बके अक्षर में लिखा गया हो और इसका अर्थ ‘ईश्वर’ हो) :

(7) ‘kind of’ तथा ‘sort of’ के बाद Definite Article नहीं आता, जैसे :

  • What kind of man is he ?
  • He is a right sort of man.

(8) Church, market, school, college, hospital, prison, bed के पूर्व Definite Article नहीं लगाते, यदि इनका प्रयोग उनके मुख्य कायौं के लिए किया गया हो । Church में प्रार्थना के लिए जाते हैं; market में खरीदारी करने के लिए जाते है;; school, college में पफ्ने के लिए जाते हैं; hospital में इलाज के लिए; prison में सजा भोगने के लिए तथा bed पर सोने के लिए जाते हैं-अतः यदि इसी अर्थ में इन शब्दों का प्रयोग होता है, तो इन शब्दों के पूर्व Definite Article नहीं लगता, जेसे:

  • My son goes to school. (पढ़ने के लिए)
  • Father is going to hospital. (इलाज के लिए)
  • The thief has been sent to prison. (सजा काटने के लिए)
  • You will have to go to court. (वाद-विवाद या झगड़ा निबटाने के लिए)
  • I go to bed late at night. (सोने के लिए)
  • He goes to church every Sunday. (प्रार्थना के लिए)

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

लेकिन यदि इनका प्रयोग दूसरे रूप में हो तो Definite Article लगाते हैं, जैसे :

  • I am going to the school to enquire about the progress of my son.
  • Father is going to the hospital to see his friend.
  • Shall we go to the prison to know the prisoner’s condition?
  • I am going to the court to see the dacoits.
  • The school is at the next crossing.
  • The market is closed today.
  • The church of Ajmer is very grand.

(9) Proper Noun + ‘s + Noun से पहले Definite Article नहीं आता, जैसे : This is Mohan’s house. (यहाँ the Mohan’s house नहीं लिखना चाहिए ।) This is Hari’s book. (यहाँ the Hari’s book नहीं लिखना चाहिए ।) परन्तु यदि Common Noun के साथ ‘s आता है, तो इसके पहले Article लगाते, औैं, जैसे –

(a) That is an old man’s room.
(b) This is a priest’s hut.

(10) Possessive Adjective के बाद Definite Article नहीं लगेगा, जैसे :
This is my house. I know his address.

(11) शरीर के अंगों के पूर्व कोई Article नहीं लगाते जब उनके पूर्व Possessive Adjective/Noun दिया हो, जैसे : his right hand. her left eye.

Test Exercise 3.

Fill in the following blanks with ‘ a ‘, ‘an’ or ‘the’ and cross (x) where none of them is needed

1. We study in …………… same school.
2. We shall be in Delhi on ………….. Republic Day this year.
3. He has suffered ………….. lot.
4. …………. Chetak Express is late today.
5. Somu is ………… tallest boy in his class.
6. A fox is cleverer than …………. crow.
7. ………….. condition of the boy is serious.
8. …………. rich are not always kind.
9. Gold is …………. precious metal.
10. We are going to Kolkata next week.
Answers:
1. the
2. the
3. a
4. The
5. the
6. a
7. The
8. The
9. a
10. x

Test Exercise 4.

Use ‘a ‘, ‘an’ or ‘the’ in the following blanks and put cross (x) where none of them is needed:

‘a’,’ an’ अथवा ‘the’ से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए और वहाँ (x) लगाइए जहाँ इसकी जरूरत नहीं हो-

1. He should set …………. example before others.
2. The Himalayas lie in …………. north of our country.
3. She is in …………. hurry.
4. He needs an hour and half to complete this work.
5. The police have arrested ………….. thief.
6. What kind of …………. man you are !
7. She demanded a cup of …………. coffee.
8. …………. honesty is the best policy.
9. Please don’t make …………. noise.
10. What is ………….. object of this plan ?
Answers:
1. an
2. the
3. a
4. a
5. the
6. a
7. x
8. x
9. a
10. the.

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

3. Some का प्रयोग

Some का अर्थ है- ‘कुछ’ (an unknown and indefinite number or quantity) अर्थात् अज्ञात या अनिश्चित संख्या या मात्रा । Some का प्रयोग Uncountable (न गिनने योग्य) तथा Countable (गिनने योग्य) दोनों ही Nouns के पूर्व होता है । इसका प्रयोग Singular (एकवचन) तथा Plural (बहुवचन) दोनों ही प्रकार की संज्ञाओं से पूर्व किया जा सकता है ।

(A) Some का प्रयोग Affirmative sentences ( सकारात्मक वाक्यों ) में किया जाता है। जैसे –
1. There is some milk in the pot. — (Uncountable Noun – ‘milk’)
2. There is some one on the road. — (Singular Countable Noun – ‘one’)
3. Some boys are playing there. — (Plural Countable Noun – ‘boys’) —

नोट : उपरोक्त तीनों वाक्य Affirmative (सकारात्मक) हैं ‘

(B) Some का प्रयोग Request ( निवेदन ) में भी किया जाता है । जैसे –

1. Will you please lend me some money?
क्या आप मुझे कुछ धन देने की कृपा करेंगे ?
(Don’t use ‘any’ here.)

2. Will you spare some time for me?
क्या आप मेरे लिए कुछ समय निकालेंगे ?
(Don’t use ‘any’ here.)

नोट : उपरोक्त दोनों वाक्य Request ( निवेदन) का बोध कराते हैं। अतः इन वाक्यों के अन्त में प्रश्नवाचक चिह्न (?) होने के बावजूद भी इनमें some का ही प्रयोग होगा ।

(C) Some का प्रयोग Command (आदेश ) बोधक वाक्यों में भी किया जाता है । जैसे-

1. Why don’t you give him some oranges?
(Don’t use ‘any’ here.)
आप उसे कुछ संन्तरे क्यों नहीं देते ?

2. Why don’t you help someone in trouble ? (Don’t use’ ‘any’ here.)
आप किसी की कठिनाई में सहायता क्यों नहीं करते ?

नोट : उपरोक्त दोनों वाक्य Command (आदेश) का बोध कराते हैं । अतः इनके अन्त में प्रश्नवाचक चिह्न (?) होने के बावजूद इन वाक्यों में some का प्रयोग होगा ।

(D) Some का प्रयोग उन प्रश्नों में भी किया जा सकता है जो Invitation ( निमन्रण) का बोध कराते हैं । जैसे –

Will you please visit us some day? क्या आप किसी दिन हमारे यहाँ पधारेंगे ?
नोट : उपरोक्त वाक्य Invitation (निमन्त्रण) का बोध कराता है । अतः अन्त में प्रश्नवाचक चिह्न होने के बावजूद इस वाक्य में some का प्रयोग हुआ है ।

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

4. Any का प्रयोग

Any का अर्थ है – ‘कुछ’ या ‘कोई’ (an indefinite number or quantity) – अनिश्चित संख्या या मात्रा)। Any का प्रयोग भी Uncountable (नहीं गिनने योग्य) तथा Countable (गिनने योग्य) दोनों ही Nouns के पूर्व होता है । इसका प्रयोग भी Singular (एकवचन) तथा Plural (बहुवचन) दोनों ही प्रकार की संज्ञाओं के पूर्व किया जा सकता है ।

(A) Any का प्रयोग Negative ( नकारात्मक ) तथा Interrogative ( प्रश्नवाचक) वाक्यों में किया जाता है । जैसे –
1. He did not do any work. — (Uncountable Noun ‘work’)
2. I don’t want any money. — (Uncountable Noun ‘money’)
3. Have you any book ? — (Singular Countable Noun ‘book’)
4. Are there any pens in the drawer?–  (Plural Countable Noun ‘pens’)

(B) वाक्य में if, whether, hardly, scarcely, never, rarely, seldom, deny, fail, forbid, prohibit, impossible, unlikely तथा barely के पश्चात् any का प्रयोग होता है, चाहे वाक्य Affirmative ही क्यों न हो । जैसे –

  • He has hardly any money.
  • There is scarcely any garden in a desert.
  • The teacher asked if we had any questions.
  • I wonder whether there is any milk in this jug.

(C) Any का प्रयोग ‘one of a number of things or people’ ( वस्तुओं या व्यक्तियों में से ‘कोई एक’) के अर्थ में Affirmative Sentences में किया जाता है । जैसे –

1. Take any book you like. — (पुस्तकों में से कोई ‘एक’)
2. Any policeman will tell you the way. — (सिपाहियों में से कोई ‘एक’)
3. Any colour will do. — (रंगों में से कोई ‘एक’)

SOME और ANY में अन्तर

Some का प्रयोग अक्सर Affirmative Sentences में तथा any का प्रयोग Negative तथा Interrogative Sentences में होता है । यह मुख्य अन्तर हमेशा याद रखें ।

Test Exercise 5.

Fill in the blanks with ‘Some’ or ‘Any’ as required –

आवश्यकतानुसार ‘some’ अथवा ‘any’ से रिक्त स्थान भरिये –
1. There are …………….. trees behind our school.
2. Is there …………….. letter for me?
3. There is …………….. sugar in this pot.
4. Take …………….. book you need.
5. There are …………….. monkeys on the roof.
6. There was …………….. petrol in my bike but there isn’t ………… now
7. I bought vegetables but I didn’t buy ……………… fruits.
8. I’m going to a book-seller. I need …………….. books.
9. Don’t buy …………….. vegetabls. We don’t need ……………..
10. I want to take bath. Is there …………….. soap ?
Answers:
1. some
2. any
3. some
4. any
5. some
6. some, any
7. some, any
8. some
9. any, any
10. any.

5. Many/Much का र्वाय

1. Many Many से संख्या (number) का बोध होता है । अतः इसका प्रयोग सदा ही बहुवचन गिनने योग्य संज्ञाओं (Plural Countable Nouns) के पूर्व होता है ।

उदाहरण :
1. Hari has many story books.
2. I have many friends.
3. I don’t have many cars.

2. Much : Much से मात्रा (quantity) का बोध होता है । अतः इसका प्रयोग एकवचन न गिनने योग्य संज्ञाओं (Singular Uncountable Nouns) के पूर्व किया जाता है । उदाहरण :
1. He has not much gold and silver.
2. I don’t have much milk.
3. Did you buy much food?

Many/Much से सम्बन्धित कुछ नियम

नियम 1. much/many का प्रयोग object के रूप में केवल interrogative/negative sentences के साथ ही होता है । इनका प्रयोंग affirmative sentence में object के रूप में नहीं किया जा सकता है । जैसे –

Negative :
1. Mohan hasn’t much money.
2. I haven’t many friends.
3. They haven’t got much luggage.
4. I don’t know many people.
5. I don’t drink much coffee.
6. I didn’t take many photographs.

Interrogative :
1. Did she buy much sugar?
2. Did she buy many books?
3. How much money do you want?
4. How many photographs did you take?
5. Do you drink much tea?
6. Did you teach many boys in the class ?

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

नियम 2. much/many का प्रयोग affirmative sentences में subject के साथ बहुत / कई के अर्थ में हो सकता है। जैसे

  • Many men attended the function.
  • Much money was wasted to improve the condition of the poor.

नियम 3. much/many का प्रयोग subject/object दोनों ही रूपों में affirmative sentences के साथ सम्भव है यदि इनके साथ so/as/too का प्रयोग किया जाये । जैसे –

  • There are too many cars on the road.
  • I have got so much work to do.
  • He had so much money as you.

नियम 4. केवल many का प्रयोग एक affirmative sentence में subject/object के साथ किया जा सकता है यदि इसके पहले a good/a great शब्द दिया हो तो । जैसे-
Her son made a good many friends in the village.

Many Much
Negative/Interrogative के साथ ।
Plural Countable Nouns के साथ ।
Subject के साथ Affirmative Sentences में
so/as/too/a good/a great के साथ ।
Negative/Interrogative के साथ ।
Uncountable Nouns के साथ ।
Subject के साथ Affirmative Sentences में
so/as/too के साथ ।


Test Exercise 6.

Fill in the blanks with ‘many’ or ‘much’: ‘many’ अथवा ‘much’ से रिक्त स्थान भरिए –

1. She hasn’t learnt…………lessons yet.
2. How…………friends are coming to the party ?
3. How w………milk do you want in your tea?
4. Did you like………….sugar in coffee ?
5. …………students attended the function.
6. There are not………….temples in our town.
7. I haven’t got…………petrol in my motorcycle.
8. Hurry up ! We haven’t…………time.
9. Not ………… trees were planted.
10. It is not good to take ………… tea.
Answers:
1. many
2. many
3. much
4. much
5. Many
6. many
7. much
8. much
9. many
10. much.

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

6. Little, A little तंथा The little का प्रयोग

1. Little का प्रयोग
Little का अर्थ है – ‘अत्यल्प’, ‘कुछ नहीं’ या ‘न के बराबर’ (hardly any or not much) ‘Little’ का प्रयोग Uncountable Nouns ( न गिनने योग्य संज्ञाओं) से पूर्व होता है । यह Negative meaning प्रदान करता है । जैसे –

  • I am very busy. I have little time for playing. — मेरे पास खेलने के लिए समय ‘बहुत कम’ है अर्थात् समय नहीं है
  • He has little money. He is very poor. — उसके पास धन ‘जरा भी नहीं’ है ।
  • There is little milk in the jug. It is nearly empty. — जग में ‘जरा -भी दूध नहीं’ है ।
  • He is very serious. There is little hope of his recovery. — उसके ठीक होने की आशा ‘नहीं'(ने के बराबर) है

2. A little का प्रयोग
A little का अर्थ है – ‘अल्प’, ‘थोड़ा’ (Some quantity though not much)
A little का प्रंयोग भी Uncountable Nouns (नहीं गिनने योग्य संज्ञाओं) से पूर्व होता है । यह Positive meaning प्रदान करेता है । जैसे –

  • A little knowledge is a dangerous thing. — ‘थोड़ा’ ज्ञान खतरनाक होता है ।
  • There is a little milk in the jug. — जग में थाड़ा-सी दूध है ।
  • He has a little money. — उसके पास ‘थोड़ा’ धन है ।
  • I took a little food in the morning. मैंने सुबह ‘थोड़ा’ भोजन किया ।

3. The little का प्रयोग

The little का अर्थ है -‘जो भी थोड़ा-सा’ ‘कुछ किन्तु सब’ (not much, but all that is)
The little का प्रयोग भी Uncountable Nouns (न गिनने योग्य संज्ञाओं ) से पूर्व होता है । यह समग्रता (all that is) का बोध कराता है, जैसे –

1. He wasted the little time he had.
उसके पास ‘जो थोड़ा-सा’ समय था उसने उसे बर्बाद कर दिया ।

2. I gave the beggar the little money I had.
मेरे पास ‘जो थोड़ा-सा’ धन था वह मैंने एक भिखारी को दे दिया ।

3. I ate the little food you gave me.
तुमने मुझे ‘जो थोड़ा-सा’ भोजन दिया वह मैंने खा लिया ।

4. Do not waste the little energy you possess.
तुम्हारे पास ‘जो थोड़ी-सी’ ऊर्जा है उसे बर्बाद मत करो ।

नोट – इसमें Noun की मात्रा को बताने के लिए Noun के ठीक बाद एक Clause दिया रहता है ।
Little, A little तथा The little का तुलनात्मक विवरण
Little = Hardly any or not much. ( न के बराबर) .. (Negative)
A Little = Some quantity though not much. (थोड़ा)  (Positive)
The Little Not much but all that is. (कुछ किन्तु सब) (Positive)

There is little milk in the glass. गिलास में न के बराबर दूध है ।
There is a little milk in the glass. गिलास में थोड़ा दूध है ।

He drank the little milk that was in the glass.
गिलास में ‘जितना भी थोड़ा-सा’ दूध था वह सब उसने पी लिया ।

7. Few, A few तथा The few का प्रयोग

1. Few का प्रयोग
Few का अर्थ है ‘नगण्य’ ‘न के बराबर’ (not many, hardly any) ‘मुश्किल से कोई या कुछ’। Few का प्रयोग Plural Countable Nouns (बहुवचन गिनने योग्य संज्ञाओं) से पूर्व किया जाता है । यह Negative meaning प्रदान करता है । जैंसै –

1. There were few people at the meeting.
सभा में ‘बहुत कम’ लोग थे ।

2. He has read few books.
(अर्थात् ‘न के बराबर’)
उसने ‘बहुत कम’ पुस्तकें पढ़ीं हैं।
(अर्थात् ‘न के बराबर’) .

3. He has few friends so he often feels lonely. (अर्थात् ‘न के बराबर’)
उसके ‘मुश्किल से कुछ ही’ मित्र हैं इसलिए वह अक्सर अकेलापन महसूस करता है ।

2. A few का प्रयोग
A few का अर्थ है – ‘कुछ’ या ‘कम से कम कुछ’ । (some; if not many or some at least.)
A few का प्रयोग Plural Countable Nouns (बहुवचन गिनने योग्य संज्ञाओं) से पूर्व किया जाता है । यह Positive meaning प्रदान करता है । जैसे –

1. We received a few letters today. हमने आज ‘कुछ’ पत्र प्राप्त किये । (Positive)
2. Only a few boys passed in English. (Positive)
अंग्रेजी में केवल ‘कुछ ही’ छात्र उत्तीर्ण हुए ।
3. A few persons were invited to tea. (Positive)
‘कुछ’ व्यक्ति ही चाय पर आमन्त्रित किये गये ।

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

3. The few का प्रयोग
The few का अर्थ है – ‘जो भी थोड़’ या ‘कुछ किन्तु जो भी हों सब’ । (not many but all that are)
The few का प्रयोग Plural Countable Nouns (बहुवचन, गिनने योग्य संज्ञाओं) से पूर्व होता है । यह Positive meaning प्रदान करता है । जैसे –

1. The few friends he had deserted him when he was in trouble.
‘जो भी थोड़े-से’ उसके मित्र थे वे उसे विपत्ति में छोड़कर चले गये ।

2. The few oranges which were lying in the basket were rotten.
जो भी थोड़े-से’ सन्तरे टोकरी में पड़े थे वे सबके सब सड़े हुए थे’ ।

3. I have already read the few books I had.
मेरे पास ‘जो भी थोड़ी-सी’ पुस्तकें थीं वे सब मैंने पहले ही पढ़ ली हैं ।

4. I gave the beggar the few rupees I had.
‘जो भी थोड़े-से’ रुपये मेरे पास थे वे सब मैंने भिखारी को दे दिये ।
नोट – इसमें Noun की संख्या को बताने के लिए Noun Clause के बाद एक Clause दिया रहता है ।
Few, few तथा The few का तुलनात्मक विवरण
Few = not many (नगण्य) (Negative)
few = some (कुछ) (Positive)
The few = not many but all that are (जो भी थोड़े वे सब) (Positive)

1. I have few books on English. (पुस्तकें ‘नहीं के बराबर ही’ हैं ।)
2. I have a few books on English. (‘ कुछ’ पुस्तकें हैं ।)
3. I have read the few books I have on English. (‘जो भी कुछ’ पुस्तकें हैं वे ‘सब’)

Few तथा Little में अन्तर

Few, a few, the few
1. Countable Nouns से पूर्व आते हैं ।
2.Plural Nouns से पूर्व ही इनका प्रयोग होता है
3. वाक्य में ‘Plural’ Verb का प्रयोग होता है ।
Little, a little, the little
1. Uncountable Nouns से पूर्व आते हैं ।
2. Singular Uncountable Nouns से पूर्व ही इनका प्रयोग होता है ।
3. वाक्य में ‘Singular’ Verb का प्रयोग होता है ।


Test Exercise 7

Fill in the blanks with little, a little, the little, few, a few or the few :

रिक्त स्थानों की पूर्ति little, a little, the little, few, a few या the few से कीजिये :

1. There is ………. food in the fridge. It is nearly empty.
2. Last night I sent ………. messages to my friends.
3. Can I have ………. sugar in my milk, please ?
4. I can’t tell you at this time. I need ……….. time.
5. There was ………. traffic so we didn’t get late.
6. Bus service in our area is not very good. There are buses after 10. p.m.
7. “Would you like ……… biscuits ?” “Yes, please.”
8. ………. people live upto 100 years.
9. They still have ………. money left in the bank.
10. ………. milk which was in the pot turned sour.
11. ………. knowledge is a dungerous thing.
12. I am very busy. I have ……… time to waste.
13. Only ……… men can afford to own cars.
14. ……… information he had was not enough.
15. ……… friends he had left him.
Answers:
1. little
2. a few
3. a little
4. a little
5. little
6. few
7. a few
8. Few
9. a little
10. The little
11. Little
12. little
13. a few
14. The little
15. The few.

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

Test Exercise 8

Fill in the blanks with appropriate determiner much, many, some, any, a little, the little:

‘much’, ‘many’, ‘some’, ‘any’, ‘a little’, ‘the little’ का उचित प्रयोग करके रिक्त स्थान भरिए:
1. Mary hasn’t got. ………….work to do.
2. She did not invite people to the party.
3. She wasted………….
4. I haven’t got…………money.
5. He hasn’t drunk…………wine.
6. I haven’t met her…………..times.
7. How ………….soldiers were killed during the war ?
8. Don’t eat…………more snacks. Leave………….snacks for your sister.
9. Please pay…………attention to what your teacher says.
10. ………..people are very kind and helpful.
Answers:
1. any
2. many
3. the little,
4. any
5. much
6. many
7. many
8. any, some
9. a little
10. A few.

8. Use of Each, Bavery

Each का प्रयोग दो या दो से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं के समूह में से प्रत्येक इकाई के लिए किया जाता है जब आप उनके बारे में अलग-अलग सोच रहे होते हैं जबकि Every का प्रयोग वस्तुओं अथवा व्यक्तियों के समूह में से प्रत्येक के लिए बिना अलग-अलग सोचे किया जाता है, जैसे-

  • Each of the two girls was present.
  • My father will punish each of you.
  • Every word of this letter is correct.
  • He knows every boy of the class.
  • Each question carries equal marks.
  • Each student was given a paper sheet.
  • Every student is supposed to work hard.

सामान्यतया कम संख्या के साथ each व अधिक के साथ every का प्रयोग किया जाता है ।

9. Use of None

None का तात्पर्य है व्यक्तियों या वस्तुओं के समूह में से ‘कोई नहीं’। None का प्रयोग Affirmative Sentence में किया जाता है। इसके पश्चात् noun का प्रयोग नहीं किया जाता है । यह अकेला ही आता है ।
सिवाय none + of + noun/pronoun के, जैसे-

None का तात्पर्य है व्यक्तियों या वस्तुओं के समूह में से ‘कोई नहीं’। None का प्रयोग Affirmative Sentence में किया जाता है। इसके पश्चात् noun का प्रयोग नहीं किया जाता है । यह अकेला ही आता है। सिवाय none +of + noun/pronoun के, जैसे-

  • None was sleeping in the room.
  • None of the girls failed in the school.
  • We visited several places but none fascinated us.

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

10. Use of IN Not any

No का प्रयोग Adjective की तरह किसी Noun के पहले किया जाता है। इसका प्रयोग not any के स्थान पर भी कर सकते हैं । No…….. = not any or not  a; जैसे-

  • I have no work these days. Or I have not any work these days.
  • She has no children. Or She has not any children.
  • There is no garden Or There isn’t a garden.

11. Use of This, That, These, Those

This तथा That का प्रयोग Singular Countable Noun (एक वस्तु, स्थान या प्राणी) के पहले होता है । These तथा Those का प्रयोग Plural Countable Noun (एक से अधिक वस्तु, स्थान या प्राणी) के पहले होता है । This तथा These का प्रयोग नजदीक में स्थित Noun के लिए होता है और That तथा Those का प्रयोग दूर स्थित Nouns के लिए होता है, जैसे-

  • This student is my brother.
  • That cow is mine.
  • These books are ours.
  • Those flowers are beautiful.

नोट – This का प्रयोग दो बार नहीं किया जाता है । अतः What is this ? का उत्तर That/It is ही होगा । What is this ? It/That is a pen.

That का प्रयोग किसी घटना के लिये भी होता है । यह किसी व्यक्ति द्वारा कही गई बात को भी व्यक्त करता
(i) A: I’m sorry, I am late.
B: That’s all right.

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

(ii) A: You are lazy.
B: That’s true!

12. Use of Both, All, Most

Both का प्रयोग of + Noun/Pronoun के पहले होता है। Both संख्या में दो होने का बोध कराता है। All का तात्पर्य ‘सभी’ (वस्तु, स्थान या प्राणी) से है । Most का प्रयोग अधिकांश के अर्थ में होता है । जैसे-

  • Both of them were wise.
  • All of us were tired.
  • Most children like playing.
  • All countries have a national flag.
  • All the students were watching the match.

13. Use of Either, Neither

Either का अर्थ होता है ‘दोनों में से कोई एक’ । इसी प्रकार neither का अर्थ है ‘दोनों में से कोई नहीं’ । दोनों के साथ ही Singular noun का प्रयोग होता है । जैसे-

  • Either room is good.
  • Either road leads to Jaipur.
  • My brother lost either his purse or pen.
  • Either you or Ram was sleeping on the bench.
  • Neither fan is satisfactory.
  • Neither hotel is very good.
  • You can keep either of these books.

नोट – (1) All/most/some/any/none/both/either/neither के ठीक बाद of का प्रयोग होता है, यदि इनके पश्चात् Objective Pronoun दिया हो, जैसे-
(i) Most of them like playing.
(ii) All of us are going out tonight.

(2) Both/either/neither के बाद of का प्रयोग होता है यदि इसके बाद आने वाले nouns के पूर्व कोई determiner दिया हो । यदि कोई determiner नहीं दिया हो तो of का प्रयोग नहीं होगा, जैसे-
(i) Neither boy was present.
(ii) Neither of the boys was present.

14. Use of Various, Several

Various विभिन्न वर्ग के काफी व्यक्तियों / वस्तुओं के संदर्भ में प्रयुक्त होता है।
Various के बाद संदा Plural noun का प्रयोग होता है, जैसे-
Various books were lying on the table. अनेक विषयों की अनेक पुस्तकें टेबिल पर पड़ी थीं। Several के बाद सदा Plural noun का प्रयोग होता है।

  • He sold serveral fans.
  • Several girls are playing in the field.
  • Several books were lying on the table.

एक ही विषय की अनेक पुस्तकें टेबिल पर पड़ी थीं ।
Comparative use of many, various, several
Many एक ही श्रेणी की ढेर सारी मात्रा को तथा Several एक ही श्रेणी की संतुलित मात्रा को प्रदर्शित करता है।

15. Use of Such, Such a

Such या Such a का तात्पर्य होता है ‘ऐसा’ ।
Such के बाद Plural countable noun या uncountable noun का प्रयोग होता है जबकि Such a के साथ Singular countable noun का प्रयोग होता है ।
1. He does not like such things. वाह ऐसी चीजें पसन्द नहीं करता है
2. Such a girl is not fit for the role. ऐसी लड़की उस भूमिका के लिएि उप्युक्त नहीं है ।

16. Use of Less, Fewer

Less शब्द मात्रासूचक है । इसका प्रयोग Uncountable noun से पूर्व होता है। Fewer संख्यासूचक है। इसका प्रयोग Plural noun से पूर्व होता है ।

  • We have less time for this work. ( मात्रासूचक)
  • We have fewer books to read. (संख्यासूचक)
  • She has less money today. (मात्रासूचक)
  • She had fewer lessons to do. (संख्यासूचक)

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

17. Use of Enough, Not enough

Enough का अर्थ है ‘पर्याप्त’। इससे किसी चीज की मात्रा और संख्या की जानकारी होती है। इसके पश्चात Uncountable noun या Plural countable noun का प्रयोग होता है। ‘Not enough’ का अर्थ होता है ‘पर्याप्त मात्रा का अभाव’।

  • I have enough money.
  • She has enough books on English grammar.
  • She does not have enough money.

18. Use of Lots of, A great deal of, A good deal of, Plenty of

A large number of इन सभी का अर्थ होता है- ‘बहुत’ । इनका प्रयोग समान रूप से Singular uncountable nouns व Plural countable nouns के पूर्व किया जा सकता है, जैसे –

  • I have a lot of friends.
  • There are a good deal of students in the class.
  • Sita does not take lots of milk.
  • Ravi puts a great deal of sugar in milk.
  • Plenty of people are coming to attend the function.
  • A large number of students were present on the annual day.

Test Exercise 9

Fill in the blanks with no, any or none.

रिक्त स्थानों की पूर्ति no, any या none से करो :
1. There is ……… milk in this tea.
2. I haven’t got ……….. money. Will you lend me some ?
3. It is a public holiday, so there are ………. offices open.
4. There aren’t ………. furniture in the hall.
5. How much money have you got ?’ ‘ ………….’
6. ‘How much money have you got ?’ ‘ I haven’t got
7. ‘Do you know this person’ ‘No. I haven’t got ………… idea.’
8. I’m afraid there’s ………. milk. Would you like some juice ?’
9. I couldn’t make tea because there wasn’t milk.
10. I couldn’t make tea because there was ………. milk.
Answers:
1. no
2. any
3. no
4. any
5. None
6. any
7. any
8. any
9. any
10. no

Test Exercise 10

Fill in the blanks with each/every.

each/every से रिक्त स्थानों की पूर्ति करो ।

1. The Olympic games are held ………. four years.
2. In a game of tennis there are two or four players.
3. Sheetal plays volleyball ……….. Thursday morning.
4. I tried to phone her two or three times, but …… time there was no reply.
5. Katerina has read:……………… book in the library.
6. Our football team is playing well. We’ve won ……………..game this season.
7. There are six apartments in this building……………. one has a balcony.
8. I understood most of what they said but not ………. word.
9. The book is divided in five parts and … of these has three sections.
10. There’s a train to London ……….. hour.
Answers:
1. every
2. Each
3. every
4. each
5. every
6. every
7. Each
8. every
9. each
10. every.

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

Test Exercise 11

Fill in the blanks with suitable determiner given in the brackets :

रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिये गये उपयुक्त determiner से करो ।

1. I have three winter coats, but ………. of them is new. (neither, none)
2. There are two umbrellas here, but ………. of them is mine. (neither, none)
3. He owns twelve cows. ………. of them are Jerseys. (All,Both)
4. She has painted dozens of pictures. Have you seen ………. of them ? (any, either)
5. Any and Beth are twins. They ……… play the guitar. (all, both)
6. My wife and I enjoy classical music…………… (all, both)
7. I found all of the questions difficult. Did you answer of them correctly?
8. My friends and I would like to thank you for your hospitality. We ………..(any, either) selves very much.
9. My aunt and uncle are ………..coming for a visit. (all, both)
10. George and Tom like playing chess together, but ……….. (all, both) of them likes to lose a game.
(neither, none)
Answers:
1. none
2. neither
3. All
4. any
5. both
6. both
7. any
8. all
9. both
10. neither.

Test Exercise 12

Fill in the blanks with both (of) / either (of) / neither (of) :

रिक्त स्थानों की पूर्ति both (of) / either (of) / neither (of) से करो :

1. Last year I went to. Paris and Rome. I liked……….cities very much.
2. There were two pictures on the wall. I didn’t like ……….them.
3. It was a good football match. the teams played well.
4. It wasn’t a good football match …………… team played well.
5. Which jacket do you prefer, this one or that one ? I don’t like
6. I bought two newspapers. Which one do you want ? ……… it doesin’t matter which one.
7. Amina has got two sisters and a brother. I’ve met her brother but I haven’t met her sisters.
8. ‘Is your friend Algerian or English ?’ ‘……………. of them.’
9. Samira and I didn’t know the time because us had a watch.
10. Amina has got two sisters and a brother ……………. sisters are married.
Answers:
1. both
2. either of
3. Both
4. Neither
5. either of
6. Either
7. either of
8. Neither
9. neither of
10. Both.

JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises

Test Exercise 13

Fill in the blanks with appropriate determiners :

उचित determine of रिक्त स्थान भरिए :

1. They had a special building and …….. the kids went there.[all/both]
2. She wanted to rid about …… funny schools.[these/those]
3. They could help …….. another with the homework. [both/one]
4. It pours in through ……. part of my body.[each/every]
5. Bismillah Khan has given …….. memorable performances both in India and abroad.[many/ much
6. On the bed-table she discovered a great ……. sheets of fine paper.[many/much]
7. His head seemed ……. too large.[much/many]
8. But ……. years later, the marriage faltered. [few/a few/the few]
9. Has a snake ever coiled itself round …… part of your body?[some/any]
10. There was …….. ceiling.[no/not/none]
11. I got up and went out to the veranda for ……. air.[little/a little/the little]
12. I would get married to a woman doctor who had money.[plenty of/some/none]
13. There was no time to do …….. such thing.[some/any]
14. There was ……. pain in my left arm:[some/any]
15. My father had neither much formal education nor …….. wealth.[many/much]
16. I would say mine was a very secure childhood, materially and emotionally.[either/ both]
17. His wife watched us from behind …….. kitchen door. [a/an/the]
18. ……. would grudge her the riches she is now reaping.[Few/A few/The few]
19. He could do …….. tricks, too.[few/a few/the few]
20. Baba and I are ……. fretting for each other. [either/both]
21. In …….. days the coolies hoisted the cage onto the island and Baba was released.[few/a few/the few]
22. But who can say now that a sloth bear has …….. sense of affection.[no/none]
23. We offer …….. flowers.[few/a few/the few]
24. There are so …….. worshippers. [many/much]
25. I want to know things.[few/a few/the few]
Answers:
1. all
2. those
3. one
4. every
5. many
6. many
7. many
8. a few
9. any
10. no
11. a little
JAC Class 9 English Grammar Active and Passive Voice Exercises
12. plenty of
13. any
14. some
15. much
16. both
17. the
18. Few
19. a few
20. both
21. a few
22. no
23. a few
24. many
25. a few.

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Exercise 10.2

प्रश्न 1.
याद कीजिए कि दो वृत्त सर्वांगसम होते हैं, यदि उनकी त्रिज्याएँ बराबर हों । सिद्ध कीजिए कि सर्वांगसम वृत्तों की बराबर जीवाएँ उनके केन्द्रों पर बराबर कोण अन्तरित करती हैं।
हल:
दिया है : वृत्त C (O, r) ≅ वृत्त C'(O’ r) में जीवा AB = CD द्वारा केन्द्र पर अन्तरित कोण क्रमश: AOB तथा CO’D हैं।
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 1
सिद्ध करना है: ∠AOB = ∠CO’D.
रचना: बिन्दुओं OA, OB, O’C तथा O’D को मिलाया।
उपपत्ति: ΔAOB तथा ΔCO’D में,
AB = CD (दिया है)
OA = O’C (सर्वांगसम वृत्तों की त्रिज्याएँ)
OB = O’D (सर्वांगसम वृत्तों की त्रिज्याएँ)
∴ ΔAOB ≅ ΔCO’D (SSS नियम से)
अत: ∠AOB = ∠CO’D. इति सिद्धम्।

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2

प्रश्न 2.
सिद्ध कीजिए कि यदि सर्वांगसम वृत्तों की जीवाएँ उनके केन्द्रों से बराबर कोण अन्तरित करें, तो जीवाएँ बराबर होती हैं।
हल:
दिया है : वृत्त C’ (Or) = वृत्त C’ (O’r) में जीवा AB = CD द्वारा केन्द्र पर अन्तरित ∠AOB = ∠CO’D है।
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 2
सिद्ध करना है : जीवा AB = जीवा CD.
उपपत्ति: ΔAOB व ΔCO’D में,
OA = O’C (सर्वांगसम वृत्तों की त्रिज्याएँ)
OB = O’D (सर्वांगसम वृत्तों की त्रिज्याएँ)
∠AOB = ∠CO’D (दिया है)
∴ ΔAOB ≅ ΔCO’D (SAS नियम से)
∴ AB = CD इति सिद्धम्।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 1 The Lost Child

Jharkhand Board JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 1 The Lost Child Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 English Solutions Moments Chapter 1 The Lost Child

JAC Class 9 English The Lost Child Textbook Questions and Answers

Think About It

Question 1.
What are the things the child sees on his way to the fair ? Why does he lag behind ?
बच्चा मेले में जाते हुए रास्ते में कौन-कौन सी वस्तुएँ देखता है ? वह पीछे क्यों छूट जाता है ?
Answer:
The child sees toys in the shops, a flowering mustard field, a group of dragon-flies, a bumble bee, a butterfly, insects, worms, young flowers, a dove and a banyan tree, etc. He lags behind because –

  • First of all he is fascinated by the toys in the shops.
  • He tries to catch dragon-flies in the mustard field.
  • He is attracted by the insects and worms.

बच्चा मेले में जाते समय दुकानों में रखे खिलौने, पुष्पित सरसों के खेत, ड्रैगन मक्खियों का एक झुण्ड, काला भँवरा मधुमक्खी, तितली, कीड़े-मकोड़े, नये फूल, फाख्ता तथा एक बरगद का पेड़ देखता है। वह पीछे छूट जाता है क्योंकि-

  • सर्वप्रथम वह दुकानों में रखे खिलौनों से सम्मोहित हो जाता है।
  • वह ड्रैगन-मक्खियों को पकड़ने का प्रयास करता है ।
  • वह कीड़े-मकोड़ों की ओर आकर्षित हो जाता है ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 1 The Lost Child

Question 2.
In the fair he wants many things. What are they? Why does he move on without waiting for an answer?
मेले में वह बहुत-सी वस्तुएँ लेना चाहता है । वे कौन-सी वस्तुएँ हैं ? वह उत्तर की प्रतीक्षा किये बिना आगे क्यों बढ़ जाता है ?
Answer:
In the beginning, the child asks his parents to have a toy but his father’s refusal diaappoints him. Still he insists to have burfi, a garland of gulmohur and colourful balloons. He wants to watch the snake dance and to ride on the roundabout too. He moves on without waiting for his parents’ answer because he knows that they will not buy anything for him.

शुरुआत में बच्चा अपने माता-पिता से एक खिलौना दिलवाने के लिए कहता है लेकिन उसके पिता की इन्कार उसे हतोत्साहित करता है। फिर भी वह बर्फी, गुलमोहर के फूलों की एक माला और रंग बिरंगे गुब्बारे लेने के लिए कहता है । वह साँप का नाच देखना चाहता है इसके अलावा वह झूले पर भी झूलना चाहता है । वह अपने माता-पिता के उत्तर की प्रतीक्षा किये बिना आगे बढ़ जाता है क्योंकि वह जानता है कि वे उसे कोई भी वस्तु नहीं दिलवाएँगे।

Question 3.
When does he realise that he has lost his way? How have his anxiety and insecurity been described?
उसे कब अनुभव होता है कि वह अपना रास्ता भटक गया है ? उसकी चिन्ता और असुरक्षा की भावना का किस प्रकार वर्णन किया गया है ?
Answer:
The child in the fair wants to go on the roundabout. He gathers courage and requests his parents to allow him to ride on it. But he gets no reply. At this he turns behind at once but doen not see them there. He looks for them in all the directions but finds them nowhere. Now he feels that he has lost his way. His anxiety and insecurity have been described by some of his activities such as-weeping, sobbing and crying ‘Mother, Father.’ His untied turban, muddy clothes and constant running to and fro also describe his anxiety and insecurity.

बच्चा, मेले में झूले पर चढ़ना चाहता है । वह अपने माता-पिता से आग्रह करता है कि वे उसे झूले पर चढ़ने की अनुमति दें । परन्तु उसे कोई उत्तर नहीं मिलता । इस पर वह तुरन्त पीछे मुड़ता है किन्तु अपने माता-पिता को वहाँ नहीं देखता । तब वह आगे-पीछे, उधर – इधर चारों ओर देखता है परन्तु वे उसे कहीं दिखाई नहीं पड़ते । अब उसे अनुभव होता है कि वह अपना रास्ता भटक गया है ।उसकी चिन्ता व असुरक्षा की भावना का वर्णन उसकी कुछ गतिविधियों जैसे रोने, सिसकने तथा ‘माँ, पिताजी’ को बार-बार पुकारने द्वारा किया गया है । उसकी पगड़ी का खुलना, धूल-धूसरित वस्त्र व निरन्तर इधर-उधर दौड़ना भी उसकी चिन्ता व असुरक्षा को वर्णित करता है ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 1 The Lost Child

Question 4.
Why does the lost child lose interest in the things that he had wanted earlier?
बिछुड़े हुए बच्चे की उन सब चीजों में रुचि क्यों समाप्त हो जाती है जिन्हें वह पहले लेना चाहता था ?
Answer:
The lost child feels very anxious and insecure when he is unable to find his parents. In the absence of his parents, nothing seems attractive to him. Finding his parents is his only concern at this time. He is anxious for them and feels insecure. He feels that nothing is more dear to him than his parents. So he loses interest in all the things that he wanted earlier.

जब माता-पिता नहीं मिलते तो बिछुड़ा हुआ बच्चा बहुत स्वयं को चिन्तित व असुरक्षित अनुभव करता है । माता-पिता की अनुपस्थिति में उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता । इस समय वह केवल अपने माता-पिता को ढूँढ़ने के विषय में सोचता है । वह उनके बारे में चिंतित है और खुद को असुरक्षित महसूस करता है। उसे अनुभव होता है कि उसे अपने माता-पिता से अधिक प्रिय और कुछ भी नहीं है । इसलिए उन सभी चीजों में उसकी रुचि समाप्त हो जाती है जिन्हें वह पहले चाहता था ।

Question 5.
What do you think happens in the end ? Does the child find his parents ?
आपके विचार से अन्त में क्या होता है ? क्या बच्चे को उसके माता-पिता मिल जाते हैं ?
Answer:
According to the story a kind-hearted man takes up the boy. He saves him from being trampled in the crowd. As far as I think, this man helps and holding the child in his arms succeeds in finding his parents and hands him over to them,

एक पाठ के अनुसार बच्चे को एक दयालु व्यक्ति अपनी गोद में उठा लेता है वह उसे भीड़ में कुचलने से बचाता है । जहाँ तक मेरा विचार है, यह व्यक्ति बच्चे को उसके माता-पिता को खोजने तथा उनसे मिलाने में सहायता करता है और अन्त में सफल होता है ।

Talk About It

How to ensure not to get lost
Answer:
It is very common for children to be lost in fairs and festivals and at other public places. The parents should be careful about it. They should always hold their hands while visiting a crowded place. Small children should be tagged with their names and addresses on their shirts. The children should also be taught to learn their parents’ name, address as well phone numbers. In every incident of losing their child, the parents should contact the police immediately. An announcement should also be made on loudspeakers.

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 1 The Lost Child

बिछुड़ने से बचने को कैसे सुनिश्चित करें ?
मेलों, त्योहारों व सार्वजनिक स्थलों पर बच्चों का बिछुड़ना आम बात है। माता-पिता को इस बारे में सावधान रहना चाहिए। किसी भी भीड़ भरे स्थान पर भ्रमण करते समय उन्हें अपने बच्चों को अपने हाथ से पकड़े रहना चाहिए । छोटे बच्चों की शर्टों पर नाम व पते के टैग लगा देने चाहिए। बच्चों को यह भी सिखाना चाहिये कि वे अपने माता-पिता के नाम, पते व फोन नम्बर याद रखें । बच्चे के खोने की किसी भी आकस्मिक घटना के समय माता-पिता को तुरन्त पुलिस से सम्पर्क करना चाहिए। लाउडस्पीकर पर भी घोषणा कराना चाहिए ।

JAC Class 9 English The Lost Child Important Questions and Answers

Answer the following questions in about 30 words each:

निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 30

Question 1.
How were the people going to the fair ?
शब्दों में दीजिये : लोग मेले में कैसे जा रहे थे ?
Answer:
Some people were going to the fair on foot while some were riding on horses. Some other people were going to the fair in bamboo carts and bullock-carts.

कुछ लोग पैदल चल रहे थे जबकि कुछ घोड़ों पर चढ़कर जा रहे थे । कुछ अन्य लोग बाँस की बनी हुई गाड़ियों तथा बैलगाड़ियों में जा रहे थे ।

Question 2.
What happened when the boy saw the toys in the shops ?
जब बच्चे ने दुकानों में खिलौने देखें तो क्या हुआ ?
Answer:
The child was fascinated by the toys. He was so lost in them that he lagged behind his parents. He pleaded with his parents to buy one of those toys for him. But his father angrily refused his request to buy the toy

बच्चा खिलौनों पर मोहित हो गया । वह उनमें इतना खो गया कि वह अपने माता-पिता से पीछे रह गया । उसने अपने माता-पिता से एक खिलौना दिलवाने का आग्रह किया । किन्तु उसके पिताजी ने क्रोधपूर्वक खिलौना खरीदने के उसके आग्रह को ठुकरा दिया ।

Question 3.
How did his parents react to his demand for the toy ?
उसकी खिलौनों की माँग पर उसके माता-पिता ने कैसे प्रतिक्रिया की ?
Answer:
When the child pleaded to have a toy, his father looked at him with an anger. He looked at him red-eyed in his familiar way like a tyrant. But his mother showed tenderness.

जब बच्चे ने खिलौने के लिए आग्रह किया तो उसके पिता ने उसे गुस्से से देखा । उन्होंने उसे आँखें लाल करके अपने चिर-परिचित एक तानाशाह के अन्दाज में देखा । लेकिन उसकी माँ ने कोमलता दिखाई।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 1 The Lost Child

Question 4.
Describe the mustard-field.
सरसों के खेत का वर्णन कीजिए ।
Answer:
It was a flowering mustard-field. It swept across miles and miles of even land. It was pale like melting gold because of the blooming mustard flowers.

सरसों के खेत में फूल खिले हुए थे । यह समतल भूमि पर मीलों तक फैला हुआ था। यह खिले हुए सरसों के फूलों के कारण पिघले हुए सोने के समान पीला था ।

Question 5.
What attracted the child along the footpath? –
पगडंडी के किनारे किस वस्तु ने बच्चे को आकर्षित किया ?
Answer:
Little insects and worms had come out of their hiding places to enjoy sunshine along the footpath. These insects and worms attracted the child so much that he lagged behind his parents again.

छोटे-छोटे कीट-पतंगे तथा कीड़े धूप का आनन्द लेने के लिए अपने छिपने के स्थानों से बाहर निकलकर पगडंडी के किनारे आ गये थे । इन कीट-पतंगों तथा कीड़ों ने बच्चे को इतना अधिक आकर्षित किया कि वह अपने माता-पिता से फिर पीछे रह गया ।

Question 6.
What did the child see as they neared the village ?
जब वे गाँव के निकट पहुँचे तो बच्चे ने क्या देखा ?
Answer:
As they neared the village, the child saw many other footpaths full of crowd. Men, women and children in a large number were going to the fair. As it was spring festival so all of them were in yellow clothes.

जब वे गाँव के नजदीक पहुँचे तो बच्चे ने भीड़ से भरी अन्य बहुत-सी पगडंडियाँ देखीं । बहुत बड़ी संख्या में महिलाएँ, पुरुष व बच्चे मेले में जा रहे थे । क्योंकि यह बसंत का त्योहार था, इसलिए वे सभी चमकीले पीले कपड़े पहने हुए थे ।

Question 7.
How did the boy feel on seeing the flowers being sold?
फूल बिकते हुए देखकर बच्चे ने कैसा अनुभव किया ?
Answer:
On seeing the flowers, the child felt attracted towards them. He went to the basket where heaps of flowers and garlands were kept. He wished to have a garland of gulmohur.

फूलों को देखकर बच्चा स्वयं उनकी तरफ आकर्षित महसूस किया । वह उस टोकरी के पास गया जिसमें फूलों व मालाओं का ढेर रखा हुआ था । वह एक गुलमोहर की माला लेना चाहता था ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 1 The Lost Child

Question 8.
How was the child saved from being trampled in the crowd ?
बच्चा भीड़ में कुचले जाने से कैसे बचा ?
Answer:
When the child was going be trampled in the crowd, he shrieked loudly saying ‘Father, Mother’. A gentle-hearted man in the crowd heard his cry. He at once stooped and lifted him up.

जब बच्चा भीड़ में कुचला ही जाने वाला था, वह बहुत जोर से ‘माता-पिता’ कहता हुआ चीखा । भीड़ में से एक दयालु व्यक्ति ने उसकी चीख सुनी । वह तुरंत नीचे झुका और उसने बच्चे को ऊपर उठा लिया।

Question 9.
Why does the lost child not accept anything in the fair ?
बच्चा मेले में से कुछ भी क्यों नहीं लेना चाहता है?
Answer:
The lost child does not accept anything that he wanted to have earlier, because nothing is more dear to a child than his parents. It shows the deep attachment of a child towards his parents.

बिछुड़ा हुआ बच्चा ऐसी कोई भी वस्तु नहीं लेता है जिसे वह बिछड़ने से पूर्व लेना चाहता था । क्योंकि एक बच्चे को अपने माता-पिता से अधिक प्रिय कुछ भी नहीं होता है । यह किसी बच्चे का उसके माता-पिता के प्रति गहरे लगाव को दर्शाता है।

Question 10.
Why was everybody in the fair dressed in yellow ?
मेले में सभी लोगों ने पीले वस्त्र क्यों पहने हुए थे ?
Answer:
It was the festival of spring. Spring is associated with yellow colour. So everybody in the fair was dressed in yellow.
यह बसन्त का उत्सव था । बसन्त का सम्बन्ध पीले रंग से है । इसलिए मेले में सभी लोगों ने पीले वस्त्र पहने हुए थे ।

Question 11.
How did the child’s mother behave with him when his father became angry ?
जब बच्चे के पिता उस पर गुस्सा हो गये तो उसकी माँ ने उसके साथ कैसा व्यवहार किया ?
Answer:
His mother was in a very good mood because of the spring festival. She behaved with him very softly. She gave him her finger to hold and tried to soothe him by showing him a beautiful mustard-field.

उसकी माँ बसंतोत्सव होने के कारण बहुत अच्छी मनःस्थिति में थी । उन्होंने उसके प्रति अत्यधिक स्नेहपूर्ण व्यवहार किया । उन्होंने बच्चे से अपनी उँगली पकड़ने को कहा और एक सरसों का खेत दिखाकर उसका मन बहलाने की कोशिश की ।

Question 12.
Describe the scene of the sweet shop.
मिठाई की दुकान के दृश्य का वर्णन कीजिए ।
Answer:
There were many coloured sweets decorated with leaves of silver and gold in the sweet shop. They were kept well-arranged at the counter. Some of the sweets were -gulab-jamuns, rasgullas and burfi, etc. There was a crowd of sweet-meet buyers at the shop.

मिठाई की दुकान के काउण्टर पर सोने-चाँदी के वर्कों से सजी रंग-बिरंगी मिठाईयाँ व्यवस्थित तरीके से रखी हुई थीं। उनमें से कुछ मिठाइयाँ हैं: गुलाब जामुन, रसगुल्ले, बर्फी, आदि। दुकान पर मिठाई खरीदने वालों की भीड़ लगी थी।

Question 13.
What were the child’s feelings at the sweet shop?
मिठाई की दुकान पर बच्चे की क्या भावनाएँ थीं ?
Answer:
The coloured sweet, kept in the sweetmeat shop attracted the child at once. His favourite sweet is Burfi. So seing Burfi his mouth filled with water. He wanted to have the Burfi but he knew well that his father would not accept his request. So he just moved on without waiting for their answer.

दुकान में रखी रंग-बिरंगी मिठाइयों ने बालक को तुरंत अपनी और आकर्षित कर लिया। उसकी सर्वप्रिय मिठाई बर्फी थी। अतः बफी को देखकर उसके मुँह में पानी आ गया। वह बर्फी खाना चाहता था किन्तु, उसे पता था कि उसके पिता उसका अनुरोध नहीं मानेंगे। इसलिए वह उनके उत्तर की प्रतीक्षा किये बिना आगे बढ़ गया ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 1 The Lost Child

Question 14.
What did the child do when he was separated from his parents ?
अपने माता-पिता से बिछुड़कर बच्चे ने क्या किया ?
Answer:
When the child felt that his parents were not with him he panicked and a full, deep cry rose from depth of his dry throat, and with a sudden jerk of his body he ran to and tro, crying in real fear, “Mother, Father. ”

जब बच्चे को पता चला कि उसके माता-पिता उसके साथ नहीं हैं तो वह घबरा गया और उसके वह भयभीत होकर सूखे गले के अन्दर से तीव्र रुदन फूट पड़ा और अचानक उसने शरीर को झटका सा लगा, वह ‘माँ, पिताजी’ चिल्लाते हुए इधर-उधर दौड़ पड़ा ।

Question 15.
How did the man try to soothe the weeping and sobbing child ?
उस व्यक्ति ने रोते और सुबकते हुए बच्चे को कैसे बहलाने (शांत करने) का प्रयास किया ?
Answer:
The man asked the child about his parents. In order to soothe him, he took him to the roundabout and to the snake-charmer. He offered the child balloons, a garland, and sweets too, but the child kept on sobbing and crying !”

उस व्यक्ति ने बच्चे से उसके माता-पिता के विषय में पूछा । उसे बहलाने के लिए वह उसे झूले और सपेरे के पास ले गया । उसने बच्चे को गुब्बारे, माला, और मिठाईयाँ भी दिलानी चाहीं परन्तु बच्चा सुबकता रहा और रोता रहा ।

Answer the following questions in about 60 words each:

निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिये :

Question 1.
Describe the condition of the child when he was separated from his parents in the fair.
माता-पिता से बिछुड़ने के पश्चात् बालक की दशा का वर्णन कीजिए ।
Or.
What were the feelings of the child after being lost in the fair?
मेले में खो जाने के पश्चात बच्चे की भावनाएँ कैसी थीं ?
Answer:
In the beginning, the child was attracted towards many things available in the fair including the roundabout. He requested his parentc to let him to ride on it, but found himself alone as he was lost now. His turban came untied and clothes became muddy. His face was wet with tears. He ran towards a shrine where people were gathered. He was nearly trampled when a kind man picked him up. The man tried his best to soothe the child but all in vain. The child did not want to take anything. Now, he only wanted his parents.

शुरुआत में बच्चा मेले की कई वस्तुओं में जिसमें झूला भी शामिल है, की ओर आकर्षित हुआ । उसने झूलने की इच्छा जाहिर की पर उसने खुद को अकेला पाया वह खो चुका था । उसकी पगड़ी खुल गई और कपड़े धूल में सन गये । उसका चेहरा आँसुओं से भीग गया था । वह मन्दिर की तरफ दौड़ा जहाँ लोग इकट्ठे थे। वह वहाँ भीड़ के पैरों तले कुचल ही जाता कि उसे एक दयालु आदमी ने बचा लिया । उसने बच्चे को सांत्वना देने का हर सम्भव प्रयास किया, पर सब कुछ व्यर्थ ‘रहा । बच्चा अब कुछ भी नहीं लेना चाहता था । अब उसकी एकमात्र चाहत अपने माता-पिता के लिए ही थी ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 1 The Lost Child

Question 2.
What attracted the child on his way to the fair ?
मेले में जाते हुए बच्चे को किसने आकर्षित किया ?
Or
What did the child want to possess in the fair ?
बच्चा मेले में क्या-क्या लेना चाहता था ?
Answer:
On his way to the fair, the child was attracted towards many things. He jumped around the banyan tree and gathered the raining petals. He enjoyed the cooing of the dove and tried to catch the dragon-fly. Besides, he followed the teeming worms in the fields. He wanted to buy a toy, a balloon and a garland. When he saw his favourite sweet the ‘burfi’ his mouth watered. The of the snake-charmer’s flute playing and the swinging of this roundabout also attracted him.

मेले में जाते हुए बच्चा कई वस्तुओं की ओर आकृष्ट हुआ । वह बरगद के पेड़ के चारों ओर उछला कूदा पंखुड़ियों और उसने गिरती हुई फूलों की पत्तियों को इकट्ठा किया। उसने फाख्ता की कूक का आनन्द लिया और ड्रैगन फ्लाई को पकड़ने की कोशिश की । इसके अतिरिक्त उसने खेतों में झुण्ड बनाकर जाते कीड़ों का भी पीछा किया । वह खिलौना, गुब्बारा व फूलों की माला खरीदना चाहता था । अपनी पसंदीदा ‘बर्फी’ देखकर उसके मुँह में पानी आ गया । बच्चा सपेरे के बीन बजाने तथा झूले के प्रति भी बहुत आकर्षित हुआ था।

Question 3.
Describe the child’s reaction when he did not see his parents with him.
जब बच्चे ने अपने माता-पिता को नहीं देखा तो अपनी प्रतिक्रिया का वर्णन कीजिए ।
Answer:
The moment when the child felt that his parents were not there with him, he cried as loud as he could. He was really afraid and so cried ‘Mother, Father!’ Tears rolled down his eyes very sad and hopeless he started running here and there looking for his parents. At last, tired, stood and started sobbing. He looked for his parents every where but nothing seemed interesting to this child separated from his parents.

जैसे ही बच्चे ने अनुभव किया कि उसके माता-पिता उसके साथ नहीं हैं, वह बहुत तेज चिल्लाया । उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे । वह अपने माता-पिता को ढूँढता हुआ इधर-उधर भागने लगा । बहुत उदास और निराश वह “माँ, पिताजी ” पुकारते और रोते हुए चारों ओर दौड़ा। अन्त में वह थक गया अतः रुक गया और सुबकना शुरू कर दिया । उसने अपने माता-पिता को बहुत ढूँढा परन्तु अपने माता-पिता से बिछुड़े हुए इस बच्चे को किसी किसी चीज में कोई रुचि नहीं थी ।

Question 4.
Where did the child look for his parents ?
बच्चे ने अपने माता-पिता को कहाँ-कहाँ ढूँढा ?
Answer:
On not finding his parents with him, the child started running about looking for them.Panic-stricken, he ran to one side first and then to the other. He saw a group of people laughing and talking together. He looked among them for his parents. After that, he saw a large crowd going to a shrine and thought that his parents might be there. He joined the crowd but did not find his parents there too.

अपने माता-पिता को अपने साथ न पाकर बच्चा अचानक उन्हें ढूँढने हेतु इधर-उधर दौड़ने लगा। भयाक्रांत वह पहले एक दिशा में दौड़ा, और फिर दूसरी में । उसने लोगों के एक झुण्ड को हँस-हँसकर बातें करते हुए देखा । उसने उनके बीच में अपने माता-पिता को तलाश किया। फिर उसने लोगों की एक बड़ी भीड़ को एक मन्दिर की ओर जाते हुए देखा और सोचा कि शायद उसके माता-पिता वहाँ हों । वह भीड़ में घुस गया परन्तु उसके माता-पिता उसे वहाँ भी नहीं मिले।

Question 5.
How was the child going to be trampled ? How was he saved ?
बच्चा कैसे कुंचला जाने वाला था ? वह कैसे बच गया ?
Answer:
After looking for his parents here and there, the child saw a crowd going to a shrine. He thought his parents could be there. Near the entrance of the temple, the crowd became all the more dense. The child struggled to make a way between their legs. But their brutal movements knocked him down. Now as he was about to be trampled under their feet, he shrieked very loudly. A man heard his cry and lifted him up.

अपने माता-पिता को इधर-उधर ढूँढने के बाद बच्चे ने एक मन्दिर की ओर जाती हुई भीड़ देखी । उसे लगा कि शायद उसके माता-पिता वहाँ हों । मन्दिर के प्रवेश-द्वार के निकट भीड़ और भी बढ़ गई । बच्चे ने उनके पैरों के बीच से रास्ता बनाने की कोशिश की। लेकिन उनके निर्दयी धक्कों से वह नीचे गिर गया। अब वह उनके पैरों के नीचे बस कुचला ही जाने वाला था कि वह बहुत ज़ोर से चीखा । एक व्यक्ति ने उसकी चीख सुनी और उसे उठा लिया।

The Lost Child Summary and Translation in Hindi

About the Story

एक बच्चा अपने माता-पिता के साथ मेले में जाता है। वह प्रसन्न है और उमंग से भरा है तथा मेले में बिकने वाली मिठाईयाँ व खिलौने लेना चाहता है । किन्तु उसके माता-पिता उसके लिए उन वस्तुओं को नहीं खरीदते हैं । परन्तु किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उसके लिए की गयी उन सभी वस्तुओं को लेने के प्रस्ताव को वह क्यों ठुकरा देता है ? यह जानने के लिए पूरी कहानी पढ़िये ।

Word-Meanings And Hindi Translation

It was the ……….. laughter. (Page 1)

Meanings: festival (फेस्टिवल) उत्सव, त्यौहार | spring (स्प्रिंग) = बसन्त ऋतु । wintry shades (विन्ट्रि शेड्ज़) = a little bit of cold, हल्की सर्दी | narrow (नैरां) सँकरी । lanes (लेन्ज़) गलियाँ । alleys (ऐलीज़) = streets, गलियाँ, पथ | emerged (इमज्ड) = came out, बाहर निकले। gaily (गेलि) भड़कीले व चमकीले वस्त्र । clad ( क्लैड) = dressed, कपड़े पहने हुए । humanity (ह्यूमेनिटि ) = crowd of people, लोगों की भीड़ । rode (रोड) = सवार थे । bamboo (बैम्बू) = बाँस । brimming over (ब्रिमिंग ओबॅ(र)) = overflowing, पूरी तरह भरा हुआ, लबालब | life and laughter (लाइफ एण्ड लॉफ्ट (र)) = जीवन्तता व. हँसी ।

हिन्दी अनुवाद – बसन्त का उत्सव मनाया जा रहा था । हल्की सर्दी में सँकरी गलियों में से भड़कीले व चमकीले वस्त्र पहने हुए (सजे-धजे हुए) लोगों की भीड़ बाहर निकल रही थी । कुछ लोग पैदल चल रहे थे, कुछ घोड़ों की सवारी कर रहे थे, कुछ बाँस की बनी हुई गाड़ियों और बैल – गाड़ियों में बैठकर जा रहे थे । जीवन्तता और हास्य से भरपूर एक छोटा लड़का अपने पिता की टाँगों के बीच में से निकलकर भाग गया।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 1 The Lost Child

“Come, child, come,” ………………. before you!” (Page 2)

Meanings: called (कॉल्ड) = पुकारा । lagged behind ( लैग्ड बिहाइण्ड ) = was left behind, पीछे रह गया था । fascinated (फेसिनेटिड ) = charmed, मोहित, आकर्षित, आकर्षक । lined (लाइन्ड) = were arranged in lines, कतारों में लगी हुई । hurried (हरीड) = तेजी से ( जल्दी-जल्दी ) चला । obedient (ओबीड्यन्ट) आज्ञाकारी । still (स्टिल्) = even now, अभी तक । lingering ( लिंगरिंग) = staying, ठहरी हुई, टिकी हुई । receding (रिसीडिंग ) = sight, ओझल होते हुए ।

suppress (सप्रेस) : prevent, रोकना, दबाना | desire (डिज़ायर ) = wish, इच्छा । stare (स्टेॲ(र)) = fixed look, घूरना । refusal (रिफ्यूजल ) = denial, अस्वीकृति, मनाही | pleaded (प्लीडिङ) requested, आग्रह किया । familiar ( फैमिल्यॅ (र)) = well-known, परिचित, जाने-पहचाने । tyrant ( टायरॅन्ट ) = तानाशाह | melted (मेल्टिङ) = द्रवित, दया से युक्त । free spirit ( फ्री स्पिरिट ) = उन्मुक्त भावना, उल्लसित वातावरण । tender (टेन्डॅ (र)) = soft, कोमल । to hold = पकड़ने के लिए।

हिन्दी अनुवाद – रास्ते में कतारों में लगी हुई खिलौनों की दुकानों से आकर्षित होकर जब वह पीछे रह गया तो उसके माता-पिता ने पुकारा, “आओ, बच्चे, आओ ।” वह तेजी से अपने माता-पिता की ओर चला मानो कि उसके पैर उनकी पुकार के आज्ञाकारी हों, परन्तु उसकी दृष्टि अभी तक दृष्टि से ओझल होते हुए खिलौनों पर ही टिकी हुई थी ।

जब वह उस स्थान पर आया जहाँ वे उसकी प्रतीक्षा करने हेतु रुके हुए थे तो वह अपने मन की इच्छा को दबा नहीं सका, यद्यपि वह उनकी आँखों में अस्वीकृति के घूरने के चिर-परिचित भाव को भली-भाँति समझता था । उसने आग्रह किया, “मुझे वह खिलौना चाहिए ।” उसके पिता ने अपने सुपरिचित तानाशाही रवैये से आँखें लाल करके ( गुस्से से ) उसे घूरा । उस दिन के उल्लसित वातावरण से द्रवित उसकी माँ कोमलता से व्यवहार कर रही थी और उसे पकड़ने के लिए अपनी उँगली देती हुई बोली, “देखो, बच्चे, तुम्हारे सामने क्या है !”

It was a ……….. towards them. (Page 2)

Meanings:flowering = फूलों से खिला हुआ । mustard (मस्टर्ड) = सरसों । pale (पेल) = yellowish, पीले रंग का । melting (मेल्टिंग ) = पिघलता हुआ । swept (स्वेप्ट) spread, फैला हुआ । even (ईवन) समतल । a group of dragon flies = ड्रैगन मक्खियों (काला भौरा ) का झुण्ड । bustling about (बसलिंग अबाउट) = moving busily with energy, हलचल के साथ चलना | gaudy (गॉडि) = shiny, चमकीले । purple (पॅ:पल) = बैंगनी। wings (विंग्ज) = पंख | intercepting (इन्टॅ:सेप्टिंग) = posing hindrance, बाधा डालते हुए। flight (फ्लाइट्) = उड़ान | lone (लोन्) = अकेली | butterfly (बट : फ्लाइ ) = तितली । sweetness (स्वीटनस्) = मधु । followed (फॉलोड) = went after, पीछे चला । gaze (गेज़) = sight, दृष्टि । would still (वुड स्टिल) = stopped from moving, रोक लिया ।

fluttering (फ़्लटरिंग) = state of panic, हड़बड़ाते हुए या घबराते हुए । flapping (फ्लैपिंग) = फड़फड़ाते हुए । cautionary (कॉशनरी) = सचेतक, सावधान करने वाली | gaily (गेलि ) = with delight, प्रसन्नतापूर्वक | abreast (अब्रेस्ट) = side by side, साथ-साथ ( चलना) कदम से कदम मिलाकर । attracted (अट्रैक्टिड) = charmed, आकर्षित । insects ( इनसेक्ट्स) कीट-पतंगे । worms (वॉ: म्ज़्) = कीड़े। teeming out (टीमिंग आउट) coming out in a large number, बड़ी संख्या में बाहर आते हुए। hiding (हाइडिंग ) = छिपने का स्थान | grove (ग्रोव ) = a cluster of trees, कुंज । edge (एज) किनारा ।

हिन्दी अनुवाद – यह एक सरसों का खेत था जिसमें फूल खिले हुए थे, मीलों तक समतल भूमि पर फैला हुआ यह (खेत) पिघलते हुए सोने के समान पीले रंग का था । ड्रैगन – मक्खियों (काले भौरों) का एक झुण्ड अपने चमकीले बैंगनी पंखों से हलचल करता हुआ चल रहा था (उड़ रहा था), यह झुण्ड फूलों के मधु को खोजती हुई किसी अकेली काली मधुमक्खी या तितली की उड़ान में बाधा डाल रहा था । बच्चा हवा में अपनी दृष्टि टिकाये हुए उनके पीछे तब तक चलता रहता जब तक कि उनमें से कोई अपने पंखों को रोककर आराम न करने लगती और वह उसे पकड़ने की कोशिश करता ।

किन्तु जब वह उसे अपने हाथों में लगभग पकड़ चुका होता तो वह घबराते हुए व फड़फड़ाते हुए ऊपर हवा में चली जाती । तब उसकी माँ उसे सावधान करते हुए पुकारती, “आओ, बच्चे, आओ, पगडंडी पर आओ ।” वह प्रसन्नतापूर्वक अपने माता-पिता की ओर दौड़ जाता और कुछ देर उनके साथ-साथ चलता, हालाँकि, शीघ्र ही वह फुटपाथ के किनारे-किनारे धूप का आनन्द लेने के लिए अपने छिपने के स्थानों से बड़ी संख्या में बाहर आते हुए छोटे-छोटे कीट-पतंगों तथा कीड़ों से आकर्षित होकर पीछे छूट जाता। ता-पिता ने पुकारा, “आओ, बच्चे, आओ !” वह उनकी वृक्षों के कुंज में एक कुएँ के किनारे बैठे हुए उसके माता -1 ओर दौड़ा ।

A shower of ………………. was entering. (Pages 2-3)

Meanings: shower (शावॅ (र)) = a large number of things that fall altogether, बौछार । gather (गैर्दै(र)) = collect, इकट्ठा करना । raining (रेनिंग ) = falling in large number, बरसती हुई, बड़ी संख्या में गिरती हुई । petals ( पेट्ल्ज़) = फूलों की पंखुड़ियाँ | lo (लो) = देखो, अरे । cooing (कूइंग) = singing sound of a dove, कूजना । doves (डव्ज़) = फाख्ताएँ । dropped (ड्रॉप्ड् ) = गिर पड़ीं। forgotten (फॅ:गॉटन) = भूले हुए । wild (वाइल्ड) = जंगली । capers (केपर्ज़) = jumping about, उछल कूद, कूद – फाँद । banyan ( बैन्यन) – बरगद। gathering him up ( गैदरिंग हिम अप) = holding him in their arms, उसे पकड़कर |

narrow (नैरो) – सँकरी | winding (वाइन्डिंग) = with several bends and turns, घुमावदार । neared (नियर्ड) reached near समीप पहुँचे । throngs (थ्रॉग्ज़) = crowd of people, लोगों की भीड़ । converging (कॉनवर्जिंग ) becoming a part of something by meeting it, अभिमुख होते हुए, हिस्सा बनते हुए । whirlpool (व्हर्लपूल) (here) movement of people in a circle, लोगों का भँवर । repelled ( रिपेल्ड) = driven away, प्रतिकर्षित, विकर्षित | fascinated (फेसिनेटिड ) = attracted, आकर्षित । confusion ( कनफ्यू‍ज़न) = state of uncertainty, भ्रम

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 1 The Lost Child

हिन्दी अनुवाद – जैसे ही बच्चे ने कुंज में प्रवेश किया, ताजे फूलों की बौछार उस पर हुई, और अपने माता-पिता को भूलकर वह गिरती हुई फूलों की पंखुड़ियों को अपने हाथों में इकट्ठा करने लगा । लेकिन अरे ! तभी उसे फाख्ताओं के कूजने की आवाज सुनाई दी और वह ‘फाख्ता ! फाख्ता !” चिल्लाता हुआ अपने माता – पिता की ओर दौड़ा अपने हाथों को तो वह मानो भूल ही गया और बरसती हुई पंखुड़ियाँ उसके हाथों से गिर पड़ीं

अब जबकि वह जंगलीपन से कूद – फाँद करता हुआ बरगद के पेड़ तक चला गया था, उसके माता-पिता ने उसे पुकारा, “आओ, बच्चे, आओ !” और उसे पकड़कर वे उस सँकरी व घुमावदार पगडंडी पर चल पड़े जो सरसों के खेतों से होकर मेले की ओर जाती थी । जब वे गाँव के समीप पहुँचे, बच्चे ने भीड़ से भरी बहुत-सी अन्य पगडंडियाँ देखीं जो मेले के भँवर की ओर अग्रसर थीं, और जिस संसार में वह प्रवेश कर रहा था, वह कल्पित संसार उसे एक साथ आकर्षक भी लगा और विकर्षक भी।

A sweetmeat seller ………….. moved on. (Page 3)

Meanings: sweetmeat (स्वीटमीट) मिठाई । seller ( सैलर) विक्रेता । hawked (हॉक्ट) shouted, आवाज लगाकर माल बेचना ( यहाँ) चिल्लाया | entrance (इन्ट्रेन्स) = प्रवेशद्वार । pressed (प्रेस्ट) gathered, इकट्ठी हो गई थी । at the foot of (ऐट द फुट ऑव ) = just near, बिल्कुल पास । architecture (आर्किटेक्चर) = well built shape, संरचना, सुव्यवस्थित । decorated ( डेकोरेटिड ) = beautified, सजी हुई । leaves of silver and gold = चाँदी व सोने के वर्क । stared (स्टेअर्ड) = kept looking, देखता रह गया । favourite (फेवॅरिट) = प्रिय | slowly (स्लोलि ) = धीरे से | murmured (म: मड) = spoke in very low voice, बुदबुदाया । begged (बेग्ड) = pleaded, आग्रह किया, माँगा ।

plea (प्ली) = request, निवेदन, आग्रह | heeded (हीडिs) = to Be paid attention to, ध्यान दिया जाना । greedy (ग्रीडि) = लालची । moved on ( मूव्ड ऑन) = आगे बढ़ गया । garland (गारलेण्ड ) = माला । seemed ( सीम्ड ) प्रतीत हुआ, लगा । irresistibly (इरेज़िस्टिब्लि) = अप्रतिरोधक ढंग से, बरबस । drawn (ड्रॉन) = attracted, आकर्षित किया । lay (ले) = were kept, रखे हुए थे । heaped (हीप्ट ) = in the form of a pile, ढेर के रूप में । refuse (रिफ्यूज़) = deny, मना करना । cheap (चीप) = not good enough, घटिया तुच्छ ।

हिन्दी अनुवाद- प्रवेश द्वार के कोने पर एक मिठाई विक्रेता चिल्लाया ” गुलाब जामुन, रसगुल्ला, बर्फी, जलेबी, ” और उसके काउण्टर पर सोने व चाँदी के वर्कों से सजी हुयी बहुत-सी रंग-बिरंगी, सुव्यवस्थित मिठाईयों के निकट भीड़ इकट्ठी हो गई थी । बच्चा आँखें फैलाये देखता रह गया और अपनी मनपसंद मिठाई बर्फी के लिए उसके मुँह में पानी भर आया । वह धीरे से बुदबुदाया, “मुझे वह बर्फी चाहिए ।” परन्तु यह माँग रखते समय वह भली भाँति जानता था कि उसके इस आग्रह पर ध्यान नहीं दिया जायेगा क्योंकि उसके माता-पिता कहेंगे कि वह लालची है।

इसलिए उत्तर की प्रतीक्षा किये बिना वह आगे बढ़ गया । एक फूल – विक्रेता चिल्लाया, “गुलमोहर की माला, गुलमोहर की माला !” बच्चा उन फूलों के प्रति बरबस ही आकर्षित हो गया । वह उस टोकरी की ओर गया जिसमें फूलों का ढेर रखा हुआ था और हल्के से बुदबुदाया, “मुझे वह माला चाहिए ।” परन्तु वह अच्छी तरह जानता था कि उसके माता-पिता उसके लिए वे फूल खरीदने से मना कर देंगे और वे कहेंगे कि वे फूल घटिया हैं । इसलिए उत्तर की प्रतीक्षा किये बिना वह फिर आगे बढ़ गया ।

A man stood …………… proceeded farther. (Page 3)

Meaning: stood (स्टुड) = खड़ा हुआ था । holding (होल्डिंग) = keeping in hands, पकड़े हुए । pole (पोल) = डंडा । carried away (कैरीड अवे ) = impressed, attracted, प्रभावित, आकर्षित । rainbow (रेनबो) = of multiple colours, रंग-बिरंगी, इन्द्रधनुषी । glory (ग्लोरि ) = beauty, छटा । silken (सिल्केन) like silk, रेशमी । overwhelming (ओव(र) व्हेमिंग) = too much, अत्यधिक, जबरदस्त | desire (डिज़ायर ) = wish, इच्छा । possess (पजेस) = have, अधिकार में लेना, पाना । farther (फा:दः) = आगे । snake charmer ( स्नेक चा:म:) : सपेरा । was playing (प्लेइंग) = बजा रहा था । flute ( फ़्ल्यूट) = a musical instrument, बांसुरी, बीन ।

coiled) (कॉइल्ड) ‘= sat in the form of a coil, कुंडली बनाकर बैठा हुआ था | raised (रेज़्ड) उठा हुआ था । graceful (ग्रेसफुल) = beautiful, सुन्दर | bend (बेन्ड) घुमाव | stole (स्टोल) = fell stealthily, चुपके से पड़ा था। invisible (इनविज़ब्ल ) = that could not be seen, अदृश्य । gentle (जेन्ट्ल) = soft, हल्की, मन्द मन्द | rippling ( रिपलिंग) = sound of the flowing water, कल-कल की ध्वनि । waterfall (वॉटरफॉल) = brook, झरना । forbidden (फॉ: बिडिन) = said no, मना किया रोका । coarse (कॉ:स) = rough, भद्दा, कर्कश | proceeded (प्रॅसीडिड) = went on, बढ़ गया, चल पड़ा ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 1 The Lost Child

हिन्दी अनुवाद – एक व्यक्ति हाथ में डंडा लिए हुए खड़ा था जिस पर पीले, लाल, हरे और बैंगनी गुब्बारे उड़ रहे थे। बच्चा स्वाभाविक रूप से उनके रेशमी रंगों की इन्द्रधनुषी छटा से अत्यधिक प्रभावित हो गया और वह उन सबको पाने की तीव्र इच्छा से भर गया । लेकिन वह अच्छी तरह जानता था कि उसके माता-पिता उसे कभी गुब्बारे खरीदकर नहीं देंगे क्योंकि वे कहेंगे कि वह ऐसे खिलौनों से खेलने के लिए बहुत बड़ा है । इसलिए वह आगे चल पड़ा ।

एक सपेरा एक टोकरी में कुंडली मारकर बैठे हुए एक साँप के सामने बीन बजा रहा था । जब वह संगीत, साँप के अदृश्य कानों में किसी अदृश्य झरने की कल-कल की मन्द ध्वनि के समान पड़ रहा था तब उसने अपना सिर एक हंस की गर्दन के सुन्दर घुमाव की भाँति उठा रखा था । बच्चा सपेरे की ओर गया । किन्तु यह जानते हुए कि उसके माता-पिता ने सपेरे द्वारा बजाये जाने वाले इस प्रकार के कर्कश संगीत को सुनने से मना किया है, वह आगे बढ़ गया ।

There was a ……….. became muddy. (Pages 3-4 )

Meaning: roundabout (राउण्डबॉउट ) = चक्करदार झूला । in full swing (इन फुल स्विंग) = at full speed, पूरी तेजी में । carried away (कैरीड अवे ) = ले जाये जाते हुए। whirling(व्हर्लिंग) = circular, घुमावदार । motion (मोशन) = speed, गति । shrieked ( श्रीक्ट ) = shouted, चीखते हुए | cried ( क्राइड) = चिल्लाते हुए। dizzy (डिज़ी) = चक्कर खाकर, | laughter ( लाफ्टर) = हँसी | watched ( वाच्ट) = looked, देखा | intently (इन्टेन्ट्ल) = keenly, बहुत ध्यान से | bold (बोल्ड) = full of courage, साहसपूर्ण । reply ( रिप्लाइ ) = answer, उत्तर। turned (टॅन्ड्) = मुड़ा । ahead of (अहेड ऑव ) = in front of, के सामने | either side ( ईद (र) साइड) = इधर-उधर, अपने दोनों ओर । behind (बिहाइण्ड ) = पीछे | sign (साइन) = संकेत, निशान |

rose (रोज़) = got up उठी । throat (थ्रॉट) = गला । sudden (सडन) = not planned, अचानक । jerk ( जर्क) = झटका। real (रियल) वास्तविक | fear (फिअर) = डर । fierce (फिअर्स) = तेजी से बहते हुए, डरावना flushed (फ्लश्ट) = लाल । convulsed (कन्वल्स्ट) = कंपायमान, हिल रहा था । panic stricken (पैनिक-स्ट्रिकन) = very much anxious, अत्यधिक घबराया हुआ । hither and thither (हिदर एन्ड दिदर ) = here and there, यहाँ-वहाँ, इधर- उधरं । directions (डिरेक्शन्ज़) = दिशाएँ । wailed (वेल्ड) = रोया, विलाप किया । turban ( टर्बन) = पगड़ी | came untied (केम अनटाइड ) = खुल गई । became muddy ( बिकेम मडि) = धूल से भर गये ।

हिन्दी अनुवाद – एक चक्करदार झूला पूरी तेजी से घूम रहा था । गोल-गोल घूमते हुए झूले पर पुरुष, स्त्री और बच्चे झूलते हुए हँस रहे थे और चीख – चिल्ला रहे थे । बच्चे ने बहुत ध्यान से उन्हें देखा और फिर उसने एक साहसपूर्ण निवेदन किया, “माँ, पिताजी, मैं झूले पर झूलना चाहता हूँ कृपया ।”

(किन्तु उसे) कोई उत्तर नहीं मिला । वह अपने माता-पिता को देखने के लिए पीछे घूमा । वे वहाँ उसके सामने नहीं थे । वह उन्हें इधर-उधर देखने के लिए मुड़ा । वे वहाँ भी नहीं थे । उसने पीछे देखा, उनका कोई अता-पता नहीं था। उसके सूखे हुए गले से अत्यधिक तीव्र व गहरी चीख निकल पड़ी और अचानक एक झटके से वास्तविक डर से “माँ, पिताजी ” चिल्लाते हुए अपने स्थान से दौड़ पड़ा। उसकी आँखों से गर्म और अविरल आँसू बह रहे थे, उसका लाल चेहरा भय के कारण काँप रहा था । अत्यधिक घबराहट के कारण यह न जानते हुए कि उसे कहाँ जाना है, वह पहले एक ओर दौड़ पड़ा और फिर दूसरी दिशा में दौड़ पड़ा । वह इधर-उधर सब दिशाओं में दौड़ा । वह रोते-रोते पुकार रहा था, “माँ, पिताजी!” उसकी पीली पगड़ी खुल गई थी और उसके कपड़े धूल से भर गये थे।

Having run ……………….. up in his arms. (Page 4)

Meanings: to and fro (टु एंड फ्रो) = here and there, इधर-उधर । rage (रेज) = भावावेश, धुन । for a while (फॉर अ व्हाइल ) = for some moments, कुछ क्षण के लिए । defeated (डिफीटिङ) = पराजित । cries (क्राइज़) = चीख-पुकार | suppressed (सप्रेस्ट) = to put an end, दब गईं। sobs (सॉब्ज़) = सिसकियाँ | at little soft, हल्की, मन्द मन्द | rippling ( रिपलिंग) = sound of the flowing water, कल-कल की ध्वनि । waterfall (वॉटरफॉल) = brook, झरना । forbidden (फॉ: बिडिन) = said no, मना किया रोका । coarse (कॉ:स) = rough, भद्दा, कर्कश | proceeded (प्रॅसीडिड) = went on, बढ़ गया, चल पड़ा ।

हिन्दी अनुवाद – एक व्यक्ति हाथ में डंडा लिए हुए खड़ा था जिस पर पीले, लाल, हरे और बैंगनी गुब्बारे उड़ रहे थे। बच्चा स्वाभाविक रूप से उनके रेशमी रंगों की इन्द्रधनुषी छटा से अत्यधिक प्रभावित हो गया और वह उन सबको पाने की तीव्र इच्छा से भर गया । लेकिन वह अच्छी तरह जानता था कि उसके माता-पिता उसे कभी गुब्बारे खरीदकर नहीं देंगे क्योंकि वे कहेंगे कि वह ऐसे खिलौनों से खेलने के लिए बहुत बड़ा है । इसलिए वह आगे चल पड़ा ।

एक सपेरा एक टोकरी में कुंडली मारकर बैठे हुए एक साँप के सामने बीन बजा रहा था । जब वह संगीत, साँप के अदृश्य कानों में किसी अदृश्य झरने की कल-कल की मन्द ध्वनि के समान पड़ रहा था तब उसने अपना सिर एक हंस की गर्दन के सुन्दर घुमाव की भाँति उठा रखा था । बच्चा सपेरे की ओर गया । किन्तु यह जानते हुए कि उसके माता-पिता ने सपेरे द्वारा बजाये जाने वाले इस प्रकार के कर्कश संगीत को सुनने से मना किया है, वह आगे बढ़ गया ।

There was a ………. became muddy. (Pages 3-4 )

Meaning: roundabout (राउण्डबॉउट ) = चक्करदार झूला । in full swing (इन फुल स्विंग) = at full speed, पूरी तेजी में । carried away (कैरीड अवे ) = ले जाये जाते हुए। whirling(व्हर्लिंग) = circular, घुमावदार । motion (मोशन) = speed, गति । shrieked ( श्रीक्ट ) = shouted, चीखते हुए | cried ( क्राइड) = चिल्लाते हुए। dizzy (डिज़ी) = चक्कर खाकर, | laughter ( लाफ्टर) = हँसी | watched ( वाच्ट) = looked, देखा | intently (इन्टेन्ट्ल) = keenly, बहुत ध्यान से | bold (बोल्ड) = full of courage, साहसपूर्ण । reply ( रिप्लाइ ) = answer, उत्तर। turned (टॅन्ड्) = मुड़ा । ahead of (अहेड ऑव ) = in front of, के सामने | either side ( ईद (र) साइड) = इधर-उधर, अपने दोनों ओर । behind (बिहाइण्ड ) = पीछे |

sign (साइन) = संकेत, निशान | rose (रोज़) = got up उठी । throat (थ्रॉट) = गला । sudden (सडन) = not planned, अचानक । jerk ( जर्क) = झटका। real (रियल) वास्तविक | fear (फिअर) = डर । fierce (फिअर्स) = तेजी से बहते हुए, डरावना flushed (फ्लश्ट) = लाल । convulsed (कन्वल्स्ट) = कंपायमान, हिल रहा था । panic stricken (पैनिक-स्ट्रिकन) = very much anxious, अत्यधिक घबराया हुआ । hither and thither (हिदर एन्ड दिदर ) = here and there, यहाँ-वहाँ, इधर- उधरं । directions (डिरेक्शन्ज़) = दिशाएँ । wailed (वेल्ड) = रोया, विलाप किया । turban ( टर्बन) = पगड़ी | came untied (केम अनटाइड ) = खुल गई । became muddy ( बिकेम मडि) = धूल से भर गये ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 1 The Lost Child

हिन्दी अनुवाद – एक चक्करदार झूला पूरी तेजी से घूम रहा था । गोल-गोल घूमते हुए झूले पर पुरुष, स्त्री और बच्चे झूलते हुए हँस रहे थे और चीख – चिल्ला रहे थे । बच्चे ने बहुत ध्यान से उन्हें देखा और फिर उसने एक साहसपूर्ण निवेदन किया, “माँ, पिताजी, मैं झूले पर झूलना चाहता हूँ कृपया ।” (किन्तु उसे) कोई उत्तर नहीं मिला । वह अपने माता-पिता को देखने के लिए पीछे घूमा । वे वहाँ उसके सामने नहीं थे । वह उन्हें इधर-उधर देखने के लिए मुड़ा । वे वहाँ भी नहीं थे । उसने पीछे देखा, उनका कोई अता-पता नहीं – था।

उसके सूखे हुए गले से अत्यधिक तीव्र व गहरी चीख निकल पड़ी और अचानक एक झटके से वास्तविक डर से “माँ, पिताजी ” चिल्लाते हुए अपने स्थान से दौड़ पड़ा। उसकी आँखों से गर्म और अविरल आँसू बह रहे थे, उसका लाल चेहरा भय के कारण काँप रहा था । अत्यधिक घबराहट के कारण यह न जानते हुए कि उसे कहाँ जाना है, वह पहले एक ओर दौड़ पड़ा और फिर दूसरी दिशा में दौड़ पड़ा । वह इधर-उधर सब दिशाओं में दौड़ा । वह रोते-रोते पुकार रहा था, “माँ, पिताजी!” उसकी पीली पगड़ी खुल गई थी और उसके कपड़े धूल से भर गये थे।

Having run ……………………… up in his arms. (Page 4)

Meanings: to and fro (टु एंड फ्रो) = here and there, इधर-उधर । rage (रेज) = भावावेश, धुन । for a while (फॉर अ व्हाइल ) = for some moments, कुछ क्षण के लिए । defeated (डिफीटिङ) = पराजित । cries (क्राइज़) = चीख-पुकार | suppressed (सप्रेस्ट) = to put an end, दब गईं। sobs (सॉब्ज़) = सिसकियाँ | at little distances (ऐट लिट्ल डिस्टैन्सिज़) = very close, अत्यधिक निकट | filmy ( फिल्मी) = dull with tears, आँसुओं से धुँधली । patches (पैचिज़) = पैबन्द | seemed ( सीम्ड ) – looked प्रतीत हुए ।

quickly (क्विक्लि) = at great speed, तेजी से | again (अगेन) = फिर से | shrine ( श्राइन) = temple, मन्दिर । space (स्पेस) = स्थान । congested (कॉन्जेस्टिड) = filled with crowd भीड़ से भरा हुआ । lingering ( लिंगरिंग) = staying, अब भी बनी हुई । thick (थिक) = घनी । jostled (जॉसल्ड) = pushed roughly, धक्का- -मुक्की की । heavy (हैवि) = fat, मोटे । flashing ( फ़्लैशिंग ) = shining with anger, गुस्से में लाल । murderous (मर्डरस) = that would kill, खूनी ।

hefty (हैफ़्टि) = strong, माँसल, तगड़े । shoulders (शोल्डर्ज़) = कन्धे । poor (पुरों(र)) helpless, बेचारा। struggled ( स्ट्रगल्ड) = संघर्ष किया । thrust a way ( थ्रस्ट अ वे ) = find a way somehow, किसी तरह रास्ता बनाया । knocked (नॉक्ट) = fallen, गिरकर | brutal ( ब्रूटल) = cruel, निर्दयी | movements (मूवमॅन्ट्स) = (यहाँ) धक्के | trampled ( ट्रेंम्पल्ड) = कुचला । at the highest pitch of his voice (ऐट द हाइएस्ट पिच ऑव हिज़ वॉइस ) = in a loud voice, बहुत ऊँची आवाज में | surging (सर्जिंग) = growing, उमड़ती हुई | stooping (स्टूपिंग ) : bending down, नीचे झुककर | lifted ( लिफ्टिड) = उठा लिया | arms (आम्ज़) – बाहें|

हिन्दी अनुवाद – भावावेश में उत्तेजना की धुन में कुछ समय तक इधर-उधर दौड़ कर वह थक गया और मानकर एक स्थान पर खड़ा हो गया, उसकी चीख-पुकार अब दबकर सिसकियों में बदल गई थी । अपनी आँसुओं से भरी धुँधली आँखों से वह कुछ दूरी पर हरी घास पर स्त्री-पुरुषों को बातें करते हुए देख सकता था । उसने चमकीले पीले वस्त्र पहने हुए लोगों के बीच ध्यान से देखने की कोशिश की परन्तु उन लोगों में उसे अपने माता-पिता का कोई चिह्न तक नहीं मिला, वे लोग उसे व्यर्थ ही हँस-हँस कर बातें करते हुए प्रतीत हुए ।

वह पुन: तेजी से दौड़ा, इस बार वह एक मन्दिर की ओर गया जिसकी ओर लोगों की भीड़ बढ़ती हुई प्रतीत हो रही थी । उस स्थान की एक-एक इंच जगह लोगों से खचाखच भरी हुई थी, परन्तु वह लोगों की टाँगों के बीच में होकर दौड़ता रहा । ‘माँ-पिताजी !’ बोलते हुए उसके मुँह से अब भी सिसकियाँ उठ रही थी। परन्तु, मन्दिर के प्रवेश-द्वार के निकट भीड़ बहुत बढ़ गई: लोग एक-दूसरे के साथ धक्का-मुक्की कर रहे थे, हृष्ट-पुष्ट लोग क्रोध में लाल हो रहे थे और शक्तिशाली धक्का-मुक्की कर रहे थे । बेचारे बच्चे ने उनके पैरों के बीच से रास्ता बनाने का बहुत प्रयास किया परन्तु उनके निर्दयी धक्कों से इधर-उधर गिरकर वह उनके पैरों के नीचे कुचल ही गया होता, यदि वह बहुत ऊँची आवाज में ‘माँ – पिताजी !’ नहीं चीखा होता । उस उमड़ती हुई भीड़ में एक व्यक्ति ने उसकी चीख सुनी और बड़ी मुश्किल से नीचे झुककर उसने उसे अपनी गोद में उठा लिया ।

“How did you ………….. my father!” (Page 4)

Meaning: steered clear (स्टीयर्ड क्लियॅ (र)) = came out, बाहर आये | mass (मास) = crowd, भीड़। bitterly (बिटॅ:लि) = very loudly, फूट-फूटकर । soothe (सूद) = cause comfort, सान्त्वना देना, राहत देना । gently (जेट्लि) = softly, कोमलता से । approached (अप्रोच्ट) = reached, पहुँचा । ring (रिंग) = घेरा ( झूले का) । throat tore into a thousand shrill sobs = गले से हजारों तीखी सिसकियाँ फूट पड़ीं I shouted (शाउटिड) = चिल्लाया |

हिन्दी अनुवाद – भीड़ से बाहर निकलकर उस व्यक्ति ने पूछा, “तुम यहाँ कैसे पहुँचे, बच्चे ? तुम किसके बच्चे हो ?” बच्चा अब पहले से भी अधिक फूट-फूटकर रो पड़ा और केवल यही चिल्लाया, “मुझे मेरी माँ चाहिए, मुझे मेरे पिताजी चाहिए !” उस व्यक्ति ने उसे झूले के पास ले जाकर सान्त्वना देने की कोशिश की । जब वह झूले के घेरे के पास पहुँचा, उस व्यक्ति ने कोमलता से बच्चे से पूछा, “क्या तुम घोड़े की सवारी करोगे ?” बच्चे के गले से हजारों तीखी (जोर की) सिसकियाँ फूट पड़ीं और वह केवल यही चिल्लाता रहा, “मुझे मेरी माँ चाहिए, मुझे मेरे पिताजी चाहिए !”

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 1 The Lost Child

The man headed …………….. my father! (Page 5)

Meanings : headed ( हैडिड) = moved, बढ़ा | swaying ( स्वेइंग) = dancing, झूमते हुए । pleaded (प्लीडिड ) तर्क दिया (यहाँ ) कहा | shut (शट) = बन्द कर लिये । double-pitched strain ( डबल पिच्ट स्ट्रेन) = दोगुनी, ऊँची आवाज़ | distract (डिस्ट्रैक्ट) = (ध्यान) बँटाना । attention (अटेन्शन) = heed, ध्यान । quieten (क्वाइटन ) make quiet, चुप कराना | rainbow-coloured ( रेनबो कलर्ड ) colours, रंग-बिरंगा । persuasively (पॅ:स्युएशिवलि) = फुसलाते हुए । turned (टर्ल्ड) दूसरी ओर घुमा लीं।

हिन्दी अनुवाद – वह व्यक्ति उस स्थान की ओर बढ़ा जहाँ सपेरा अब भी झूमते हुए कोबरा के सामने बीन बजा रहा था । उसने कहा, ” बच्चे, यह मधुर संगीत सुनो !” परन्तु बच्चे ने अपनी उँगलियों से अपने कान बन्द कर लिये और दोगुनी ऊँची आवाज़ में चीखा, “मुझे मेरी माँ चाहिए, मुझे मेरे पिताजी चाहिए ।” वह व्यक्ति उसे गुब्बारों के पास ले गया, उसने सोचा कि गुब्बारों के चमकीले रंगों से उसका ध्यान बँट जायेगा और वह चुप हो जायेगा । उसने फुसलाते हुए पूछा, “क्या तुम एक रंग-बिरंगा गुब्बारा लेना पसंद करोगे ?” बच्चे ने उड़ते हुए गुब्बारों की ओर से अपनी आँखें घुमा लीं और बस यह कहते हुए सुबकता रहा, “मुझे मेरी माँ चाहिए, मुझे मेरे पिताजी चाहिए ।”

The man, still trying… my father!”. (Pages 5-6 )

Meanings: still (स्टिल ) = till now, अब भी । bore (बोर) = (here) took in his lap, गोद में ले कर गया । smell (स्मेल) = सूँघना । garland (गारलैण्ड) = माला । neck (नेक) = गर्दन | reiterated ( रीटरेटिड ) = repeated, said again, फिर से कहा । humour (ह्यूमर) = please, प्रसन्न करना, बहलाना । disconsolate (डिस्कन्सोलेट). . = not being soothed, अधीर । charge (चार्ज ) जिम्मेदारी ( यहाँ) बच्चा।

हिन्दी अनुवाद – वह व्यक्ति अब भी बच्चे को खुश करने की कोशिश करता हुआ उसे गोद में लेकर दरवाजे के पास बैठे हुए फूल – विक्रेता के पास गया । वह बोला, “देखो, बच्चे ! क्या तुम उन सुन्दर फूलों की सुगन्ध अनुभव कर सकते हो ? क्या तुम अपने गले में पहनने के लिए एक माला लेना पसन्द करोगे ?” बच्चे ने टोकरी की ओर से अपनी नाक घुमा ली और फिर से सुबकते हुए बोला, “मुझे मेरी माँ चाहिए, मुझे मेरे पिताजी चाहिए ! ”

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 1 The Lost Child

उस बहुत दुखी और निराश बच्चे को मिठाईयों के उपहार द्वारा प्रसन्न करने की सोचकर वह व्यक्ति उसे मिठाई की दुकान के काउण्टर पर ले गया । उसने पूछा, “बच्चे ! तुम कौन-सी मिठाई पसंद करोगे ?” बच्चे ने मिठाई की दुकान की ओर से मुँह फेर लिया और केवल सुबकता रहा, “मुझे मेरी माँ चाहिए, मुझे मेरे पिताजी चाहिए ।”

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.1

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Exercise 10.1

प्रश्न 1.
खाली स्थान भरिए:
(i) वृत्त का केन्द्र वृत्त के ……………… में स्थित है। (बहिर्भाग/अभ्यंतर)
(ii) एक बिन्दु जिसकी वृत्त के केन्द्र से दूरी त्रिज्या से अधिक हो, वृत्त के ……………… में स्थित होता है। (बहिर्भाग/अभ्यंतर)
(iii) वृत्त की सबसे बड़ी जीवा वृत्त का ……………… होती है।
(iv) एक चाप ……………… होता है, जब इसके सिरे एक व्यास के सिरे हों।
(v) वृत्तखण्ड एक चाप तथा …………… के बीच का भाग होता है।
(vi) एक वृत्त, जिस तल पर स्थित है, उसे …………… भागों में विभाजित करता है।
उत्तर:
(i) अभ्यंतर,
(ii) बहिर्भाग,
(iii) व्यास,
(iv) अर्द्धवृत्त,
(v) एक जीवा,
(vi) दो

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.1=

प्रश्न 2.
लिखिए, सत्य या असत्य। अपने उत्तर के कारण भी दीजिए:
(i) केन्द्र को वृत्त पर किसी बिन्दु से मिलाने वाला रेखाखण्ड वृत्त की त्रिज्या होती है।
(ii) एक वृत्त में समान लम्बाई की परिमित जीवाएँ होती हैं।
(iii) यदि एक वृत्त को तीन बराबर चापों में बाँट दिया जाए, तो प्रत्येक भाग दीर्घ चाप होता है।
(iv) वृत्त की एक जीवा, जिसकी लम्बाई त्रिज्या से दोगुनी हो, वृत्त का व्यास है।
(v) त्रिज्यखण्ड, जीवा एवं संगत चाप के बीच का क्षेत्र होता है।
(vi) वृत्त एक समतल आकृति है।
हल:
(i) सत्य-(त्रिज्या की परिभाषा से)
(ii) असत्य-वृत्त की परिधि पर स्थित अपरिमित बिन्दुओं में किन्हीं दो बिन्दुओं को मिलाने वाली सरल जीवा होती है।
(iii) असत्य-चूँकि ये चाप लम्बाई में बराबर हैं; इसलिए ये बराबर चाप कहलाते हैं।
(iv) सत्य-वृत्त के केन्द्र से होकर जाने वाली तथा परिधि को मिलाने वाली रेखा व्यास होती है। इसमें केन्द्र के दोनों ओर दो त्रिज्याएँ सम्मिलित होती हैं।
(v) असत्य-जीवा तथा संगत चाप के मध्य का क्षेत्र वृत्तखण्ड कहलाता है।
(vi) सत्य-समतल में स्थित किसी नियत बिन्दु के परितः सदैव नियत दूरी पर गतिमान बिन्दु का पथ, कहलाता वृत्त है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(i) दो आसन्न कोण एक रेखीय युग्म बनाते हैं, यदि वे ……………… हों ।
(ii) यदि एक किरण एक रेखा पर खड़ी है तो इस प्रकार बने दो आसन्न कोणों का योग ………………….. होता है।
(iii) यदि दो आसन्न कोणों का योग 180° हो तो वे एक ………………. बनाते हैं।
(iv) दो आसन्न कोणों का शीर्ष बिन्दु …………. ही होता है।
(v) यदि दो शीर्षाभिमुख कोणों में से एक x° हो तो दूसरा कोण …………….. होगा।
(vi) यदि दो रेखाऐं एक दूसरे पर लम्ब हों तो वे परस्पर ……………. होती हैं।
(vii) यदि दो रेखाओं को एक तियक रेखा काटे और इस प्रकार बने संगत कोण बराबर हों, तो वे रेखाएँ परस्पर ……………… होती हैं।
(viii) यदि दो समान्तर रेखाओं को एक तिर्यक रेखा काटे तो इस प्रकार बने एकान्तर कोण ……………….. होते हैं।
(ix) दो आसन्न सम्पूरक कोणों के समद्विभाजक एक दूसरे पर ……………….. होते हैं।
(x) त्रिभुज की किसी भुजा को बढ़ाने पर ………………. बनता है, जो के मानों के योग के बराबर होता है।
हल :
(i) सम्पूरक कोण
(ii) 180°
(iii) रेखीय युग्म,
(iv) एक
(v) x°
(vi) समान्तर
(vii) समान्तर,
(viii) समान,
(ix) लम्ब
(x) शीर्षाभिमुख कोण, अंत: अभिमुख कोणों ।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण

प्रश्न 2.
चित्र में प्रतिवर्ती कोण ∠POQ बराबर है :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 1
(A) 60°
(B) 120°
(C) 300°
(D) 360°.
हल :
∵ किसी बिन्दु पर समस्त कोणों का योग = 360°
∴ दीर्घ ∠POQ = 360° – लघु ∠POQ = 360° – 60° = 300°
अत: विकल्प (C) सही है।

प्रश्न 3.
चित्र में दो समान्तर रेखाओं l तथा m को एक तिर्यक् रेखा n, बिन्दुओं G तथा H पर काट रही है। इस प्रकार बनने वाले कोण चित्र में अंकित हैं। यदि ∠1 न्यूनकोण हो, तो बताइए निम्न में से कौन-सा कथन असत्य है :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 2
(A) ∠1 + ∠2 = 180°
(B) ∠2 + ∠5 = 180°
(C) ∠3 + ∠8 = 180°
(D) ∠2 + ∠6 = 180°
हल :
∠1 + ∠2 = 180° (रैखिक कोण युग्म)
∠2 + ∠5 = 180° (संगत अन्तः कोणों का योग)
∠3 + ∠8 = 180° (संगत अन्तः कोणों का योग)
∠1 + ∠2 = 180°
न्यूनकोण + ∠2 = 180°
⇒ ∠2 = 180° – न्यूनकोण
⇒ ∠2 = अधिक कोण
⇒ ∠2 = ∠6 (संगतकोण)
अतः अधिक कोण अधिक कोण > 180°

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण

प्रश्न 4.
चित्र में दो समान्तर रेखाओं a तथा b को एक तिर्यक रेखा c बिन्दुओं A तथा B पर काटती है। A तथा B पर बनने वाले कोण चित्र में अंकित हैं। चित्र में बताइए कि निम्न में से कौन-से कोण युग्म का समान होना आवश्यक नहीं है:
(A) ∠1, ∠2
(B) ∠1, ∠3
(C) ∠1, ∠5
(D) ∠2, ∠8
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 3
हल :
∠1 और ∠2 तब तक बराबर नहीं हो सकते जब तक कि तिर्यक रेखा c, भुजाओं a तथा b पर लम्ब न हो।
∠1 = ∠3 (शीर्षाभिमुख कोण)
∠1 = ∠5 (संगत कोण)
∠2 = ∠8 (एकान्तर कोण)
∵ ∠1 व ∠2 का समान होना आवश्यक नहीं है।
अतः विकल्प (A) सही है।

प्रश्न 5.
निम्न में पूरक कोण युग्म नहीं है:
(A) 60°, 30°
(B) 56°, 34°
(C) 0°, 90°
(D) 150°, 30°.
हल :
पूरक कोण युग्म का योग 90° होता है।
अतः विकल्प (D) सही है।

प्रश्न 6.
निम्न में सम्पूरक कोण युग्म नहीं है:
(A) 90°, 90°
(B) 32°, 58°
(C) 0°, 180°
(D) 76°, 104°
हल :
सम्पूरक कोण युग्म का योग 180° होता है।
अतः विकल्प (B) सही हैं।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण

प्रश्न 7.
चित्र में दर्शाए कोण ∠AOB तथा ∠BOC हैं:
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 4
(A) पूरक कोण
(B) सम्पूरक कोण
(C) आसन्न कोण
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
हल :
किरण AOB के बिन्दु पर दो आसन्न कोण ∠AOB तथा ∠BOC हैं।
अत: विकल्प (D) सही है।

प्रश्न 8.
चित्र में दो सरल रेखाएँ AB तथा CD एक-दूसरे को O बिन्दु पर प्रतिच्छेद कर रही हैं और इस प्रकार बिन्दु O पर बने कोण अंकित हैं। यहाँ ∠x – ∠y का मान है :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 5
(A) 56°
(B) 118°
(C) 620
(D) 180°.
हल :
∠BOC + ∠BOD = 180° (रैखिक युग्म कोण)
x + 62° = 180°
x = 180° – 62° = 118°
अत: विकल्प (A) सही है।
[∵ ∠x – ∠y = 118° – 62° = 56°]

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण

प्रश्न 9.
चित्र से बताइए कि निम्न में कौन-सा युग्म, संगत कोण नहीं हैं:
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 6
(A) ∠1, ∠5
(B) ∠2, ∠6
(C) ∠3, ∠7
(D) ∠3, ∠5
हल :
∠3 और ∠5 एकान्तर कोण हैं। अन्त तीन संगत कोण हैं। अतः विकल्प (D) सही है।

प्रश्न 10.
चित्र में रेखाएँ l तथा m समान्तर हैं, तो ∠x का मानज्ञात कीजिए । कारण भी स्पष्ट कीजिए।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 7
हल :
∠y = 68° (एकान्तर कोण)
∠y + ∠x + ∠x = 180° (रेखिक कोण युग्म)
⇒ 68° + 2∠x = 180°
⇒ 2∠x = 180° – 68°
⇒ 2∠x = 112°
⇒ ∠x = \(\frac {112°}{2}\)
∴ ∠x = 56°

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण

प्रश्न 11.
चित्र में, ∠AOB, ∠COD एवं ∠EOF ज्ञात कीजिए ।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 8
हल :
दिया है, CF और BE, दो रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेद कर रही हैं,
∴ ∠COB = ∠EOF (शीर्षाभिमुख कोण)
5x° = ∠EOF
∴ ∠EOF = 5x°
अत: ∠AOF + ∠EOF + ∠DOE = 180°
[∵ DOA एक सरल रेखा है]
4x° + 5x° + 3x° = 180°
⇒ 12x° = 180°
⇒ x° = \(\frac {180°}{12}\)
∴ x° = 15°
अतः
∠AOB = ∠DOE (शीर्षाभिमुख कोण)
= 3x° = 3 × 15° = 45°
∠COD = ∠AOF (शीर्षाभिमुख कोण)
= 4x° = 4 × 15° = 60°
∠EOF = ∠COB (शीर्षाभिमुख कोण)
= 5x° = 5 × 15° = 75°
अत: ∠AOB, ∠COD और ∠EOF क्रमश: 45°, 60° और 75° हैं।

प्रश्न 12.
चित्र में, ∠POR और ∠QOR एक रैखिक कोण युग्म बनाते हैं। यदि a – b = 80°, तो a और b का मान ज्ञात कीजिए।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 9
हल :
दिया है, ∠a तथा ∠b रैखिक युग्म हैं
अतः a + b = 180° …………..(i)
एवं a – b = 80° …………..(ii) (दिया है)
समीकरण (i) और (ii) को जोड़ने पर,
2a = 260°
∴ a = \(\frac {260°}{2}\) = 130°
a का मान समीकरण (i) में रखने पर,
⇒ 130° + b = 180°
⇒ b = 180° – 130°
∴ b = 50°
अतः a = 130°, b = 50°

प्रश्न 13.
आकृति में रेखाएँ PQ और RS परस्पर बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करती हैं यदि ∠POR : ∠ROQ = 5 : 7 हो, तो सभी कोण ज्ञात करो ।
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 10
∠POR + ∠ROQ = 180° (रैखिक कोण युग्म)
∵ ∠POR : ∠ROQ = 5 : 7 (दिया है)
माना ∠POR = 5x, तथा ∠ROQ = 7x
∴ 5x + 7x = 180°
12x = 180°
x = \(\frac {180°}{2}\) = 15°
∴ ∠POR = 5 × 15 = 75°
तथा ∠ROQ = 7 × 15 = 105°
अत: ∠POS = ∠ROQ = 105° (शीर्षाभिमुख कोण)
और ∠SOQ = ∠POR = 75° (शीर्षाभिमुख कोण)

प्रश्न 14.
आकृति में, OP, OQ, OR और OS चार किरणें हैं। सिद्ध कीजिए कि
∠POQ + ∠QOR + ∠SOR + ∠POS = 360° है।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 11
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 12
किरण QO को T बिन्दु तक आगे बढ़ाया। TOQ सरल रेखा हैं।
∴ ∠TOP + ∠POQ = 180° ……….(1)
(रैखिक कोण युग्म)
इसी प्रकार, किरण OS, रेखा TOQ पर खड़ी है।
⇒ ∠TOS +∠SOQ= 180° (रैखिक कोण युग्म)
परन्तु ∠SOQ = ∠SOR + ∠QOR है।
⇒ ∠TOS + ∠SOR + ∠QOR = 180° … (2)
अब (1) और (2) को जोड़ने पर,
∠TOP + ∠POQ + ∠TOS + ∠SOR + ∠QOR
= 180° + 180°
[∵ ∠TOP + ∠TOS = ∠POS]
= ∠POQ + ∠QOR + ∠SOR + ∠POS
= 360°. इति सिद्धम् ।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण

प्रश्न 15.
आकृति में AB || CD और CD || EF है। साथ ही EA ⊥ AB है। यदि ∠BEF = 55° है, तो x, y और z के मान ज्ञात कीजिए।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 13
हल :
y + 55° = 180°
(CD || EF, तिर्यक रेखा ED के एक ही ओर के अन्त:कोण)
⇒ y = 180° – 55° = 125°
x = y (संगत कोण)
∴ x = 125°
∵ AB || CD और CD || EF
∴ AB || EF होगी।
⇒ ∠EAB + ∠FEA = 180° (अन्तःकोण)
⇒ 90° + z + 55° = 180°
∴ z = 180° – 90° – 55°
= 35°
अतः x y और z के मान क्रमशः 125°, 125° और 350° हैं।

प्रश्न 16.
यदि दो समान्तर रेखाओं को एक तिर्यक रेखा प्रतिच्छेदित करती है, तो सिद्ध कीजिए कि अन्तः कोणों के समद्विभाजकों से एक आयत बनता है।
हल :
दिया है AB || CD तथा तिर्यक रेखा EF || AB व CD को क्रमश: P तथा Q पर काटती है अन्तः कोणों के समद्विभाजक क्रमश: PR व QR बिन्दु R पर तथा ∠BPQ एवं ∠PQD के समद्विभाजक PS व QS बिन्दु S पर काटते हैं।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 14
उपपत्ति: AB || CD, व तिर्यक रेखा EF उन्हें P तथा Q पर काटती है।
∴ ∠APQ = ∠PQD (एकान्तर कोण )
⇒ \(\frac {1}{2}\)∠APQ = \(\frac {1}{2}\)∠PQD
⇒ ∠2 = ∠4
परन्तु ∠2 व ∠4 एकान्तर कोण युग्म है।
∴ RP || QS ………..(i)
इसी प्रकार ∠1 = ∠3
∴ PS || QR …….(ii)
(i) व (ii) से
PSQR एक समान्तर चतुर्भुज है ….(iii)
परन्तु ∠APQ + ∠BPQ = 180°
⇒ \(\frac {1}{2}\)∠APQ + \(\frac {1}{2}\)∠BPQ = \(\frac {1}{2}\) × 180°
⇒ ∠2 = ∠1 = 90°
⇒ ∠RPS = 90°
∴ PS QR एक आयत हैं। इति सिद्धम्

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण

प्रश्न 17.
चित्र में AB || DC हो, तो दिए गए कोणों से ∠x, ∠y तथा ∠z ज्ञात कीजिए।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 15
हल :
AB || DC
∴ x = 102° (एकान्तर कोण)
और 88° = 22° + z (CBE का बहिष्कोण)
z° = 88° – 22° = 66°
और ∵ AB || DC
∴ y + 88° = 180°
(एक ही ओर के अन्तः कोणों का योग)
∴ ∠y = 180° – 88°
∴ ∠y = 92°
अतः ∠x = 102°, y = 92°, z = 66°

प्रश्न 18.
दिए गए चित्र से ∠x तथा ∠y के माप ज्ञात कीजिए। यदि ∠x – ∠y = 10° हो ।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 16
हल :
∠x – ∠y = 10° (दिया है) … (i)
और ∠x + ∠y = 120°
(बहिष्कोण = दोनों अन्तराभिमुख अन्तः कोणों का योगफल) … (ii)
(i) व (ii) को जोड़ने पर
⇒ 2∠x = 130° ⇒ ∠x = 65°
समी. (ii) से,
65° + ∠y = 120°
∴ ∠y = 120° – 65° = 55°.
अतः ∠x = 65° तथा ∠y = 55°

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण

प्रश्न 19.
आकृति में, ΔABC की भुजाओं AB और AC को क्रमशः E और D तक बढ़ाया गया है। यदि ∠CBE और ∠BCD के समद्विभाजक क्रमश: BO और CO बिन्दु O पर मिलते हैं, तो सिद्ध कीजिए कि
∠BOC = 90° – \(\frac {1}{2}\)∠BAC
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 17
किरण BO, ∠CBE की समद्विभाजक है।
∴ ∠CBO = \(\frac {1}{2}\)∠CBE
= \(\frac {1}{2}\)(180° – y)
= 90° – \(\frac {z}{2}\) ………….(1)
इसी प्रकार, किरण CO, ∠BCD की समद्विभाजक
∠BCO = \(\frac {1}{2}\)∠BCD = \(\frac {1}{2}\)(180° – z)
= 90° – \(\frac {z}{2}\) ……….(2)
ΔBOC में,
∠BOC + ∠BCO + ∠CBO = 180° ……….(3)
समीकरण (1) व (2) के मान (3) में रखने पर,
∠BOC + 90° – \(\frac {z}{2}\) + 90° – \(\frac {y}{2}\) = 180°
∠BOC = \(\frac{z}{2}+\frac{y}{2}\)
∠BOC = \(\frac {1}{2}\)(y + z)
[∵ त्रिभुज के तीनों कोणों का योग (x + y + z) = 180°]
y + z = 180° – x
\(\frac {1}{2}\)(y + z) = \(\frac {1}{2}\)(180 – x)
∠BOC = \(\frac {1}{2}\)(180° – x)
= \(\frac {1}{2}\) × 180° – \(\frac {x}{2}\)
अतः ∠BOC = 90° – \(\frac {1}{2}\)∠BAC. इति सिद्धम् ।

प्रश्न 20.
निम्न चित्र में m और n दो समतल दर्पण हैं जो परस्पर लम्बवत है। दिखाइए कि आपतित किरण CA, परावर्तित किरण BD के समान्तर है।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 18
हल :
दिया है: m ⊥ n तथा
आ CA, n पर आपतित व BD, m पर परावर्तित किरणें हैं।
सिद्ध करना है : CA || BD
रचना : AE ⊥ n तथा BF ⊥ Lin खींचे
उपपत्ति : AE ⊥ n तथा BF ⊥ m एवं m ⊥ n
∴ BF ⊥ AE या BG ⊥ GA
ΔBGA = 90°
एवं ∠GAB + ∠GBA + ∠BGA = 180°
(त्रिभुज के अन्त कोणों का योग)
⇒ ∠GAB + ∠GBA + 90° = 180°
⇒ ∠GAB + ∠GBA = 90° ……………..(i)
∵ आपतन कोण परावर्तन कोण
∴ ∠CAG = ∠GAB ……(i)
⇒ ∠GBA = \(\frac {1}{2}\)∠CAB … (ii)
इसी प्रकार ∠CAG = \(\frac {1}{2}\)∠ABD … (iii)
(i), (ii) तथा (iii) से
⇒ \(\frac {1}{2}\)∠CAB + \(\frac {1}{2}\)∠ABD = 90°
⇒ ∠CAB + ∠ABD = 180°
किन्तु में तिर्यक रेखा के एक ही ओर के कोण हैं
अत: CA || BD इति सिद्धम्

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण

प्रश्न 21.
यदि एक तिर्यक रेखा दो रेखाओं को इस प्रकार प्रतिच्छेद करे कि संगत कोणों के एक युग्म के समद्विभाजक परस्पर समान्तर हों, तो सिद्ध करो कि दोनों रेखाएँ भी परस्पर समान्तर होती हैं।
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 19
दिया है : एक तिर्यक रेखा AD दो रेखाओं PQ और RS को B व C बिन्दु पर प्रतिच्छेद करती है। किरण BE, ∠ABQ की समद्विभाजक और किरण CG, ∠BCS की समद्विभाजक है तथा BE || CG है।
सिद्ध करना है : PQ || RS
उपपत्ति: किरण BE, ∠ABQ की समद्विभाजक है।
∴ ∠ABE = \(\frac {1}{2}\)∠ABQ ……. (1)
इसी प्रकार, किरण CG, ∠BCS की समद्विभाजक है।
∴ ∠BCG = \(\frac {1}{2}\)∠BCS …….. (2)
∵ BE || CG है और AD तिर्यक काटती है।
∴ ∠ABE = ∠BCG (संगत कोण)
समी (1) और (2) से मान रखने पर,
\(\frac {1}{2}\)∠ABQ = \(\frac {1}{2}\)∠BCS (संगत कोण)
⇒ ∠ABQ = ∠BCS
∴ PQ || RS. इति सिद्धम् ।

प्रश्न 22.
निम्न आकृति में, ∠ABC और ∠BCA के कोण समद्विभाजक बिन्दु O पर परस्पर प्रतिच्छेद करते हैं। सिद्ध कीजिए कि ∠BOC = 90° + \(\frac {1}{2}\)∠A.
हल :
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 20
दिया है ΔABC में ZABC तथा ∠BCA के समद्विभाजक BO तथा CO बिन्दु पर एक-दूसरे को काटते हैं।
सिद्ध करना है: ∠BOC = 90° + \(\frac {1}{2}\)∠A
उपपत्ति : ∵BO, ∠ABC की समद्विभाजक है।
∴ ∠OBC = \(\frac {1}{2}\)∠ABC
इसी प्रकार CO, ∠BCA की समद्विभाजक है।
∴ ∠OCB = \(\frac {1}{2}\)∠BCA
⇒ ∠OBC + ∠OCB = \(\frac {1}{2}\)∠ABC + \(\frac {1}{2}\)∠BCA … (1)
ΔABC से, ∵ ∠ABC + ∠BCA + ∠A = 180°
⇒ \(\frac {1}{2}\)∠ABC + \(\frac {1}{2}\)∠BCA + \(\frac {1}{2}\)∠A = \(\frac {1}{2}\) × 180°
⇒ \(\frac {1}{2}\)∠ABC + \(\frac {1}{2}\)∠BCA = 90° – \(\frac {1}{2}\)∠A …..(2)
समी (2) में समी. (1) का मान रखने पर,
∠BOC + ∠OCB = 90° – \(\frac {1}{2}\)∠A …………..(3)
ΔOBC से, ∠OBC + ∠OCB + ∠BOC = 180°
समीकरण (3) से मान रखने पर
90° – \(\frac {1}{2}\)∠A + ∠BOC = 180°
∴ ∠BOC = 90° + \(\frac {1}{2}\)∠A इति सिद्धम् ।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण

प्रश्न 23.
सिद्ध करो कि किसी चतुर्भुज के चारों कोणों का योगफल चार समकोण के बराबर होता है।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 21
हल :
दिया है
चतुर्भुज PQRS
रचना : PR को मिलाया, अत: रेखा PR, चतुर्भुज PQRS को दो त्रिभुओं PQR तथा SPR में बाँटती है।
ΔPQR में, ∠1 + ∠2 + ∠3 = 180° … (i)
एवं ΔPSR में ∠4 + ∠5 + ∠6 = 180° …(ii)
समीकरण (i) तथा (ii) से,
∠1 + ∠2 + ∠3 + ∠4 + ∠5 + ∠6 = 360°
या (∠1 + ∠4) + ∠2 + (∠3 + ∠5) + ∠6 = 360°
या ∠P + ∠Q + ∠R + ∠S = 360°
या ∠P + ∠Q + ∠R + ∠S = 4 × 90°
या ∠P + ∠Q + ∠R + ∠S = 4 समकोण । इति सिद्धम् ।

प्रश्न 24.
दिये गये चित्र में AB और CD दो समान्तर रेखाओं के बीच विन्दु P इस प्रकार है किं ∠PAB 45° तथा ∠PCD = 30° तो बृहत कोण APC का मान ज्ञात कीजिए।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 22
हल :
बिन्दु P से AB रेखा के समान्तर RS रेखा खींची।
अतः
∠BAP = ∠APR = 45° (एकान्तर कोण)
इसी प्रकार, ∠SPC = ∠PCD = 30° (एकान्तर कोण)
अव ∠RPC = 180° – 30° = 150°
∴ ∠APC = ∠APR + ∠RPC
= 45° + 150°
∴ ∠APC = 195°.

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण

प्रश्न 25.
दिये गये चित्र में AB || CD तथा PQ || EF तो ∠x का मान ज्ञात कीजिए।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 23
हल :
∠DEF = 60° + 52° = 112°
∠EMQ = ∠DEF (संगत कोण)
परन्तु
∠PMC = ∠EMQ
= 112° (शीर्षाभिमुख कोण)
∴ ∠x = ∠PMC (संगत कोण)
∴ ∠x = 112°

प्रश्न 26.
दी गई आकृति में AB || CD हैं तो ∠x तथा के मान ज्ञात कीजिए।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 24
हल :
(i) ∠ABC = ∠BCD (एकान्तर कोण)
∵ ∠x + 80° = 116
∴ ∠x = 116° – 80°
= 36°

(ii) परन्तु
∠y + ∠x + 80° = 180°,
(सरल रेखा पर बने कोण)
⇒ ∠y + 80° + 36° = 180°
⇒ ∠y = 180 – 80 – 36 = 180° – 116°
∴ ∠y = 64°

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण

प्रश्न 27.
दिये गये चित्र में यदि, QT ⊥ PR, ∠TQR = 40°, ∠SPR = 30° है तो x तथा y के मान ज्ञात कीजिए।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 6 रेखाएँ और कोण - 25
हल :
(i) ΔTQR में, ∠T = 90° (∵ OT⊥PR)
∴ 90° + 40° + x = 180°
(त्रिभुज के अन्तःकोणों का योग )
⇒ ∠x = 180° – 40° – 90° = 180° – 130°
∴ ∠x = 50°.

(ii) ΔPSR में,
∠y, ΔPSR का बहिष्कोण है।
∴ ∠y = 30° + x = 30° + 50°
∴ ∠y = 80°.

JAC Class 11 History Important Questions Chapter 5 यायावर साम्राज्य

Jharkhand Board JAC Class 11 History Important Questions Chapter 5 यायावर साम्राज्य Important Questions and Answers.

JAC Board Class 11 History Important Questions Chapter 5 यायावर साम्राज्य

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

1. मंगोल यायावर थे –
(अ) चीन के
(ब) रूस के
(स) मध्य एशिया के स्टेपी क्षेत्र के
(द) सीरिया के।
उत्तर:
(स) मध्य एशिया के स्टेपी क्षेत्र के

2. मंगोलों को व्यापार के लिए किस देश के स्थायी निवासियों के पास जाना पड़ता था –
(अ) ईरान
(ब) तूरान
(स) भारत
(द) चीन।
उत्तर:
(द) चीन।

3. चंगेजखान का प्रारम्भिक नाम था –
(अ) जमूका
(ब) नेमन
(स) तेमुजिन
(द) अब्दुल्ला खान।
उत्तर:
(स) तेमुजिन

4. चंगेज खाँ की मृत्यु हुई-
(अ) 1226 ई.
(ब) 1227 ई.
(स) 1326 ई.
(द) 1327 ई.।
उत्तर:
(ब) 1227 ई.

5. कृषकों और नगरों के रक्षक के रूप में कौन प्रसिद्ध था?
(अ) चंगेजखान
(ब) चघताई
(स) ओगोदेई
(द) कुबलई खान।
उत्तर:
(द) कुबलई खान।

6. किस मंगोल शासक ने अपने सेनापतियों को आदेश दिया था कि वे किसानों को न लूटें और उनकी रक्षा करें?
(अ) चंगेज खान
(ब) कुबलई खान
(स) गजन खान
(द) जोची।
उत्तर:
(स) गजन खान

JAC Class 11 History Important Questions Chapter 5 यायावर साम्राज्य

7. चंगेजखान की विधि-संहिता कहलाता है –
(अ) उलुस
(ब) तामा
(स) किरिलताई
(द) यास।
उत्तर:
(द) यास।

8. चंगेज खान के तीसरे पुत्र ओगोदेई ने अपनी राजधानी प्रतिष्ठित की –
(अ) चीन में
(ब) कराकोरम में
(स) ईरान में
(द) अफगानिस्तान में।
उत्तर:
(ब) कराकोरम में

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

1. कुछ मंगोल पशुपालक थे और कुछ ………………
2. मंगोलों के स्टेपी क्षेत्रों में कोई …………… नहीं उभर पाया।
3. समय – समय पर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मंगोल समुदायों में ……………. होता था।
4. चंगेज खां उन विभिन्न जनजातीय समूहों को जो उसके महासंघ के सदस्य थे, की पहचान को योजनाबद्ध रूप से …………… को कृत-संकल्प था।
5. चंगेज खां ने प्राचीन जनजातीय समूहों को …………….. कर उनके सदस्यों को नवीन सैनिक इकाइयों में विभक्त कर दिया।
उत्तर:
1. शिकारी संग्राहक
2. नगर
3. संघर्ष
4. मिटाने
5. विभाजित।

निम्न में से सत्य / असत्य कथन छाँटिये –

1. चंगेज खां के चार पुत्रों के अधीन नयी सैनिक टुकड़ियों को आंडा कहा जाता था।
2. चंगेज खां के कर्त्तव्यनिष्ठ अनुयायियों के समूह को नोयान कहा जाता था।
3. आंडा ने निम्न श्रेणी के कर्त्तव्यनिष्ठ अनुयायी को ‘स्वतंत्र व्यक्ति’ कहा जाता था।
4. चंगेज खां ने अपने नव – विजित लोगों पर शासन करने का उत्तरदायित्व चार पुत्रों को सौंपा। इससे उलूस का गठन हुआ।
5. परिवार के सदस्यों में राज्य की भागीदारी का बोध किरिलताई में होता था।
उत्तर:
1. असत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. सत्य
5. सत्य

निम्नलिखित स्तंभों के सही जोड़े बनाइये –

1. कुरिलताई (क) चंगेज खां के चार पुत्रों के अधीन नई सैनिक टुकड़ियां
2. नोयान (ख) चंगेज खां के कर्त्तव्यनिष्ठ अनुयायी
3. आंडा (ग) ऐसा क्षेत्र जिसकी दूरस्थ सीमा निर्धारित नहीं थी।
4. उलूस (घ) सुरक्षित यात्रा हेतु यात्रियों को जारी किए गए पास।
5. जेरेज (च) मंगोल कबीले के सरदारों की एक सभा

उत्तर:

1. कुरिलताई (च) मंगोल कबीले के सरदारों की एक सभां
2. नोयान (क) चंगेज खां के चार पुत्रों के अधीन नई सैनिक टुकड़ियाँ
3. आंडा (ख) चंगेज खां के कर्त्तव्यनिष्ठ अनुयायी
4. उलूस (ग) ऐसा क्षेत्र जिसकी दूरस्थ सीमा निर्धारित नहीं थीं।
5. जेरेज (घ) सुरक्षित यात्रा हेतु यात्रियों को जारी किए गए पास।

 

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
किस मंगोल शासक ने फ्रांस के शासक लुई नौवें को चेतावनी दी थी ?
उत्तर:
चंगेजखान के पौत्र मोन्के ने।

प्रश्न 2.
बाटू कौन था ?
उत्तर:
बाटू चंगेज खान का पौत्र था ?

प्रश्न 3.
मंगोल साम्राज्य का संस्थापक कौन था?
उत्तर:
चंगेज खाँ।

प्रश्न 4.
चंगेज खाँ का जन्म कब हुआ था और कहाँ हुआ था ?
उत्तर:
1162 ई. के आस-पास, आधुनिक मंगोलिया में।

प्रश्न 5.
चंगेज खां का प्रारम्भिक नाम क्या था ?
उत्तर:
मुजिन।

प्रश्न 6.
मंगोलों का महानायक किसे घोषित किया गया और किसके द्वारा घोषित किया गया ?
उत्तर:
(1) चंगेज खान को
(2) मंगोल सरदारों की सभा कुरिलताई द्वारा।

प्रश्न 7.
निशापुर में कत्ले-आम का आदेश किसने दिया?
उत्तर:
चंगेज खान ने।

प्रश्न 8.
‘उलुस’ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
‘उलुस’ शब्द का मूल अर्थ निश्चित भू-भाग नहीं था।

प्रश्न 9.
चंगेजखाँ के तीसरे और चौथे पुत्रों को शासन करने के लिए कौन से प्रदेश प्राप्त हुए?
उत्तर:
चंगेजखाँ के तीसरे पुत्र ओगोदेई को कराकोरम तथा चौथे पुत्र तोलोए को मंगोलिया प्राप्त हुआ।

प्रश्न 10.
गजन खान कौन था ?
उत्तर:
गजन खान चंगेज खाँ के सबसे छोटे पुत्र तोलुई का वंशज था।

प्रश्न 11.
यायावर कौन थे ?
उत्तर:
यायावर घुमक्कड़ लोग थे जो अनेक परिवारों के समूह में संगठित होते थे।

JAC Class 11 History Important Questions Chapter 5 यायावर साम्राज्य

प्रश्न 12.
चीन की महान दीवार क्यों बनवाई गई थी ?
उत्तर:
मंगोलों के आक्रमणों से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए।.

प्रश्न 13.
मंगोलों के प्रमुख नेता का नाम लिखिए।
उत्तर:
चंगेज खान।

प्रश्न 14.
चंगेज खान का सैन्य संगठन किस पद्धति पर आधारित था ?
उत्तर:
स्टेपी क्षेत्र की पुरानी दशमलव पद्धति पर।

प्रश्न 15.
चीनी शासकों द्वारा मंगोलों के आक्रमणों से अपनी प्रजा की रक्षा के लिए किए गए दो उपायों का उल्लेख कीजिये ।
उत्तर:
(1) किलेबन्दी करना
(2) चीन की महान दीवार का निर्माण करवाना।

प्रश्न 16.
चीन की विशाल दीवार के निर्माण का कार्य कब से प्रारम्भ हुआ?
उत्तर:
तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से।

प्रश्न 17.
मंगोलिया में चंगेज खाँ की छवि का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
मंगोलों के लिए चंगेज खाँ एक आराध्य व्यक्ति था।

प्रश्न 18.
यास या यसाक से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
यास्क का अर्थ था-विधि, आज्ञप्ति व आदेश। यह चंगेज खाँ की विधि-संहिता थी। यसाक का सम्बन्ध प्रशासनिक विनियमों से है जैसे आखेट, सैन्य और डाक प्रणाली का संगठन।

प्रश्न 19.
चंगेज खाँ ने बुखारा पर कब विजय प्राप्त की ?
उत्तर:
1220 ई. में।

प्रश्न 20.
चंगेज खाँ का कौनसा पोता किसानों और नगरों का रक्षक था ?
उत्तर:
कुबलई खान।

प्रश्न 21.
‘बर्बर’ शब्द का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘बर्बर’ शब्द यूनानी भाषा के ‘बारबरोस’ शब्द से उत्पन्न हुआ है जिसका तात्पर्य गैर-यूनानी लोगों से है। ये लोग क्रूर एवं निर्दयी होते थे।

प्रश्न 22.
मंगोल शासक मोन्के ने फ्रांस के शासक लुई नौवें को क्या चेतावनी दी थी ?
उत्तर:
“स्वर्ग में केवल एक शाश्वत आकाश है और पृथ्वी का केवल एक अधिपति चंगेज खान है। अतः वह मंगोलों पर आक्रमण न करे।”

प्रश्न 23.
बाटू की दो सैनिक उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(1) उसने अपने 1236-1241 के अभियानों में रूस की भूमि को मास्को तक रौंद डाला।
(2) उसने पोलैण्ड, हंगरी तथा आस्ट्रिया पर विजय प्राप्त की।

JAC Class 11 History Important Questions Chapter 5 यायावर साम्राज्य

प्रश्न 24.
चंगेजखान ने 1220 में बुखारा को जीत कर वहाँ के व्यापारियों को क्या चेतावनी दी थी ?
उत्तर:
चंगेजखान ने बुखारा के व्यापारियों से कहा था कि “तुमने अनेक पाप किए हैं। ईश्वर ने मुझे तुम्हें दण्ड देने के लिए तुम्हारे पास भेजा है। ”

प्रश्न 25.
मंगोल कौन थे ?
उत्तर:
मंगोल विविध जन-समुदाय का एक निकाय था । ये लोग पूर्व के तातार, खितान तथा मंचू लोगों से सम्बन्धित थे।

प्रश्न 26.
मंगोलों का निवास स्थान क्या था ?
उत्तर:
मंगोल मध्य एशिया के स्टेपी क्षेत्र में रहते थे, जो कि आज के आधुनिक मंगोलिया राज्य का भू-भाग है।

प्रश्न 27.
मंगोलों ने कृषि कार्य को क्यों नहीं अपनाया?
उत्तर:
चारण क्षेत्र में वर्ष की सीमित अवधियों में ही कृषि करना सम्भव था इसलिए मंगोलों ने कृषि कार्य को नहीं अपनाया।

प्रश्न 28.
मंगोल प्रदेशों में नगर विकसित क्यों नहीं हो पाए ?
उत्तर:
मंगोलों ने कृषि कार्य नहीं अपनाया। पशुपालकों और शिकारी संग्राहकों की अर्थव्यवस्था भी घनी आबादी वाले क्षेत्रों का भरण-पोषण करने में समर्थ नहीं थी।

प्रश्न 29.
मंगोल परिवारों के समूह परिसंघ का निर्माण क्यों करते थे?
उत्तर:
मंगोल परिवारों के समूह आक्रमण करने तथा अपनी रक्षा करने के लिए शक्तिशाली कुलों से मिलकर परिसंघ बनाते थे।

प्रश्न 30.
चंगेज खान द्वारा बनाये गए परिसंघ की तुलना किसके परिसंघ से की गई है ?
उत्तर:
चंगेज खान द्वारा बनाया गया परिसंघ पाँचवीं शताब्दी के अट्टीला द्वारा बनाए गए परिसंघ के बराबर था।

प्रश्न 31.
चंगेज खान द्वारा स्थापित राजनीतिक व्यवस्था के स्थायी होने का क्या कारण था ?
उत्तर:
यह व्यवस्था चीन, ईरान और पूर्वी यूरोपीय देशों की उन्नत शस्त्रों से सुसज्जित विशाल सेनाओं का मुकाबला करने में सक्षम थी।

प्रश्न 32.
मंगोलों को व्यापार और वस्तु-विनिमय के लिए किस देश के लोगों के पास जाना पड़ता था और क्यों?
उत्तर:
स्टेपी क्षेत्र में संसाधनों की कमी के कारण मंगोलों को व्यापार और वस्तु विनिमय के लिए चीन के लोगों के पास जाना पड़ता था।

प्रश्न 33.
चीन के साथ किन वस्तुओं का व्यापार किया जाता था?
उत्तर:
मंगोल कबीले खेती से प्राप्त उत्पादों तथा लोहे के उपकरणों को चीन से लाते थे तथा घोड़े, फर और स्टेपी में पकड़े गए शिकार का विनिमय करते थे

प्रश्न 34.
वाणिज्यिक क्रिया-कलापों में मंगोलों को चीनियों के साथ तनाव का सामना क्यों करना पड़ता था ?
उत्तर:
क्योंकि मंगोल और चीनी दोनों ही अधिक लाभ प्राप्त करने की होड़ में निडरतापूर्वक सैनिक कार्यवाही कर बैठते थे।

JAC Class 11 History Important Questions Chapter 5 यायावर साम्राज्य

प्रश्न 35.
चंगेज खान कौन था ?
उत्तर:
चंगेज खान मंगोलों का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक था।

प्रश्न 36.
चंगेज खान स्टेपी क्षेत्र की राजनीति में सबसे प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में क्यों उभरा और कंब ?
उत्तर:
1206 में चंगेज खान अपने शक्तिशाली प्रतिद्वन्द्वी जमूका तथा नेमन लोगों को निर्णायक रूप से पराजित करने के बाद सबसे प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में उभरा।

प्रश्न 37.
1206 में अपने प्रतिद्वन्द्वियों को पराजित करने के कारण तेमुजिन को किन उपाधियों से विभूषित किया गया?
उत्तर:
तेमुजिन को ‘चंगेज खान’, ‘समुद्री खान’ या ‘सार्वभौम शासक’ की उपाधियों से विभूषित किया गया और उसे मंगोलों का महानायक घोषित किया गया।

प्रश्न 38.
चंगेज खान की चीन – विजय का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
1209 में चंगेज खान ने चीन के उत्तर-पश्चिमी प्रान्तों के सी – सिआ लोगों को पराजित किया और 1215 में पेकिंग नगर को खूब लूटा

प्रश्न 39.
1219 और 1221 तक चंगेज खान के सैनिक अभियानों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
1219 और 1221 तक चंगेज खान ने अपने सैनिक अभियान किये और ओट्रार, बुखारा, समरकन्द, बल्ख, गंज, मर्व, निशापुर तथा हेरात पर विजय प्राप्त की।

प्रश्न 40.
चंगेज खान ने निशापुर में कत्ले-आम का आदेश क्यों दिया?
उत्तर:
निशापुर में घेरा डालने के दौरान एक मंगोल राजकुमार की हत्या कर दिये जाने के कारण ।

प्रश्न 41.
निशापुर नगर को ध्वस्त किये जाने के चंगेज खान के आदेश का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर:
चंगेज खान ने आदेश दिया कि “नगर को इस तरह विध्वंस किया जाए कि सम्पूर्ण नगर में हल चलाया जा सके। ”

प्रश्न 42.
चंगेज खान किसका पीछा करता हुआ सिन्ध प्रदेश तक पहुँच गया था और क्यों ?
उत्तर:
ख्वारिज्म के शासक मोहम्मद के पुत्र जलालखाँ का पीछा करते हुए चंगेजखाँ सिन्ध नदी के तट तक पहुँचा।

प्रश्न 43.
किन कारणों से चंगेज खान ने सिन्धु नदी के तट पर उत्तरी भारत तथा असम मार्ग से मंगोलिया वापस लौटने का विचार बदल दिया ?
उत्तर:
(1) भारत में गर्मी असहनीय थी।
(2) प्राकृतिक आवास की कठिनाइयाँ थीं।
(3) चंगेज खान के शमन निमितज्ञ ने अशुभ संकेत दिए थे।

प्रश्न 44.
अपने शत्रुओं के विरुद्ध चंगेज खान को प्राप्त हुई सैनिक सफलताओं के दो कारण लिखिए।
उत्तर:
(1) मंगोलों और तुर्कों के घुड़सवारी कौशल ने चंगेज खान की सेना को गतिशीलता प्रदान की थी।
(2) मंगोल सैनिक कुशल तीरंदाज थे।

JAC Class 11 History Important Questions Chapter 5 यायावर साम्राज्य

प्रश्न 45.
चंगेज खान की मृत्यु के बाद मंगोल साम्राज्य को किन दो चरणों में विभाजित किया जा सकता है ?
उत्तर:
(1) पहला चरण 1236-1242 तक।
(2) दूसरा चरण 1255-1300 तक।

प्रश्न 46.
1260 के दशक के बाद मंगोलों की राजनीति में नई राजनीतिक प्रवृत्तियों के उदय होने के क्या संकेत थे?
उत्तर:
(1) मंगोलों को हंगरी के स्टेपी- क्षेत्र से पीछे हटना पड़ा।
(2) मंगोलों को मिस्र की सेनाओं ने पराजित कर दिया था।

प्रश्न 47.
पश्चिम में मंगोलों का विस्तार क्यों रुक गया था ? दो कारण बताइए।
उत्तर:
(1) मंगोलों को मिस्र की सेना के हाथों पराजित होना पड़ा।
(2) मंगोलों के तोलूई परिवार की चीन के प्रति रुचि निरन्तर बढ़ रही थी।.

प्रश्न 48.
मंगोलों को मिस्र की सेना के हाथों क्यों पराजित होना पड़ा ?
उत्तर:
मंगोलों ने मिस्र की सेना का मुकाबला करने के लिए एक छोटी और अपर्याप्त सेना भेजी थी।

प्रश्न 49.
चंगेजखान के सैनिक संगठन का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
चंगेजखान ने स्टेपी क्षेत्र की पुरानी दशमलव पद्धति के अनुसार अपनी सेना का गठन किया जो दस, सौ, हजार और दस हजार सैनिकों की इकाई में विभाजित थी।

प्रश्न 50.
नवीन सैनिक टुकड़ियाँ किसके अधीन थीं? उन्हें क्या कहा जाता था ?
उत्तर:
नवीन सैनिक टुकड़ियाँ चंगेज खान के चार पुत्रों के अधीन थीं और विशेष रूप से चयनित कप्तानों के अधीन कार्य करती थीं। इन्हें ‘नोयान’ कहा जाता था।

प्रश्न 51.
उलुस का गठन किस प्रकार हुआ ?
उत्तर:
चंगेज खान ने अपने नव-विजित प्रदेशों पर शासन करने का भार अपने चार पुत्रों को सौंप दिया। इससे उलुस का गठन हुआ।

प्रश्न 52.
चंगेज खान के पुत्रों को शासन करने के लिए कौन-कौनसे प्रदेश प्राप्त हुए? दो का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
(1) चंगेज खान के सबसे ज्येष्ठ पुत्र जोची को रूसी स्टेपी प्रदेश तथा
(2) उसके दूसरे पुत्र चघताई को तूरान का स्टेपी- प्रदेश तथा पामीर के पहाड़ का उत्तरी क्षेत्र प्राप्त हुआ।

प्रश्न 53.
चंगेज खान की हरकारा पद्धति से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
चंगेज खान ने एक चुस्त हरकारा पद्धति अपना रखी थी जिससे राज्य के दूरदराज के स्थानों में परस्पर सम्पर्क रखा जाता था।

प्रश्न 54.
‘कुकुर कर’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
चंगेज खान की हरकारा पद्धति की संचार पद्धति की व्यवस्था करने के लिए मंगोल अपने पशुओं का दसवाँ भाग प्रदान करते थे। इसे ‘कुबकुर कर’ कहते थे।

प्रश्न 55.
हरकारा पद्धति मंगोल शासकों के लिए किस प्रकार उपयोगी सिद्ध हुई ?
उत्तर:
हरकारा पद्धति से मंगोल शासकों को अपने विस्तृत महाद्वीपीय साम्राज्य के सुदूर स्थानों में होने वाली घटनाओं की जानकारी मिलती रहती थी।

प्रश्न 56.
विजित लोगों को अपने नवीन यायावर शासकों से कोई लगाव नहीं था। इसके दो कारण बताइये।
उत्तर:
(1) मंगोलों द्वारा किये गए आक्रमणों के फलस्वरूप नव- – विजित क्षेत्रों में अनेक नगर नष्ट कर दिए गए थे।
(2) कृषि भूमि को भारी हानि हुई थी।

प्रश्न 57.
यायावर शासकों के विरुद्ध ईरान में असन्तोष क्यों था ?
उत्तर:
यायावर शासकों के निरन्तर आक्रमणों के फलस्वरूप ईरान में अस्थिरता उत्पन्न हुई जिससे वहाँ नहरों की नियमित रूप से मरम्मत नहीं करवाई जा सकी।

JAC Class 11 History Important Questions Chapter 5 यायावर साम्राज्य

प्रश्न 58.
मंगोलों के सैनिक अभियानों में विराम आने से व्यापार की उन्नति क्यों हुई ?
उत्तर:
मंगोलों के सैनिक अभियानों में विराम आने और शान्ति स्थापित होने से यूरोप और चीन के व्यापारिक सम्बन्ध घनिष्ठ हो गए।

प्रश्न 59.
मंगोलों ने अपने साम्राज्य में यात्रियों की सुरक्षित यात्रा के लिए क्या व्यवस्था की थी ?
उत्तर:
मंगोल अपने साम्राज्य में सुरक्षित यात्रा के लिए यात्रियों को पास देते थे। इस सुविधा के लिए यात्री ‘बाज’ नाम कर देते थे।

प्रश्न 60.
उन दो मंगोल शासकों के नाम लिखिए जिन्होंने कृषकों की भलाई एवं रक्षा करने पर बल दिया था।
उत्तर:
(1) चंगेजखान का पौत्र कुबलई ख़ान
(2) चंगेजखान के सबसे छोटे पुत्र तोलूई का वंशज गजेन खान।

प्रश्न 61.
गजन खान ने कृषकों के बारे में अपने मंगोल – तुर्की यायावर सेनापतियों को क्या आदेश दिया था ?
उत्तर:
गजन खान ने अपने सेनापतियों को आदेश दिया था कि वे कृषकों का अपमान न करें और उनसे अनाज तथा बीज न छीनें।

प्रश्न 62.
मंगोलों द्वारा विजित राज्यों से नागरिक प्रशासकों को अपने यहाँ भर्ती करने से क्या लाभ हुए?
उत्तर:
इन नागरिक प्रशासकों ने दूरस्थ राज्यों को संगठित करने में सहायता दी और इनके प्रभाव से मंगोलों की लूटमार की घटनाओं में कमी आई।

प्रश्न 63.
मंगोलों की सामाजिक स्थिति कैसी थी ?
उत्तर:
मंगोलों का समाज अनेक पितृपक्षीय वंशों में बंटा हुआ था। धनी परिवार विशाल होते थे तथा उनके पास अधिक पशु और चारण भूमि होती थी।

प्रश्न 64.
चंगेज खान की दो उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(1) चंगेज खान ने स्थापना की। मंगोलों को संगठित किया।
(2) उसने एक शानदार पारमहाद्वीपीय साम्राज्य की

प्रश्न 65.
मंगोलों पर सबसे बहुमूल्य शोध कार्य किस देश के विद्वानों ने किया ?
उत्तर:
मंगोलों पर सबसे बहुमूल्य शोध कार्य अठारहवीं और उन्नीसवीं शताब्दी में रूस के विद्वानों ने किया।

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
यायावर साम्राज्य से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
यायावर साम्राज्य – यायावर साम्राज्य की अवधारणा विरोधात्मक प्रतीत होती है। यह तर्क दिया जा सकता है कि यायावर लोग मूलतः घुमक्कड़ होते हैं तथा ये सापेक्षिक तौर पर एक अविभेदित आर्थिक जीवन और प्रारंभिक राजनीतिक संगठन के साथ परिवारों के समूहों में संगठित होते हैं। दूसरी ओर, साम्राज्य शब्द भौतिक अवस्थितियों को दर्शाता है। साम्राज्य ने जटिल सामाजिक-आर्थिक ढाँचे में स्थिरता प्रदान करने की और एक सुपरिष्कृत प्रशासनिक व्यवस्था के द्वारा एक व्यापक भू-भागीय प्रदेश में सुचारु रूप से शासन प्रदान किया गया। यहाँ यायावर साम्राज्य से आशय मध्य एशिया के मगोल यायावर लोगों द्वारा 13वीं तथा 14वीं शताब्दी में चंगेज खां के नेतृत्व में स्थापित पारद्वीपीय साम्राज्य से है।

JAC Class 11 History Important Questions Chapter 5 यायावर साम्राज्य

प्रश्न 2.
‘बर्बर’ शब्द की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
‘बर्बर’ शब्द यूनानी भाषा के ‘बारबरोस’ शब्द से उत्पन्न हुआ है। जिसका तात्पर्य गैर-यूनानी लोगों से है जिनकी भाषा यूनानियों को बेतरतीब शोर ‘बर-बर’ के समान लगती थी। यूनानी पुस्तकों में बर्बरों को बच्चों की भाँति प्रदर्शित किया गया है जो अच्छी तरह से बोलने या सोचने में असमर्थ, कायर, विलासी, क्रूर, आलसी, लालची, स्त्री- लोलुप तथा स्व-शासन का संचालन करने में असमर्थ थे। यह रूढ़िगत धारणाएँ रोमवासियों को प्राप्त हुईं। रोमवासियों ने बर्बर शब्द का प्रयोग, जर्मन जनजातियों गाल और हूण जैसे लोगों के लिए किया। चीनियों ने स्टेपी क्षेत्र के बर्बरों के लिए दूसरे शब्दों का प्रयोग किया, परन्तु उनमें से किसी भी शब्द के सकारात्मक अर्थ नहीं थे।

प्रश्न 3.
“चंगेजख़ान की राजनैतिक दूरदर्शिता मध्य- एशिया के स्टेपी- प्रदेश मंगोल जातियों का एक महासंघ मात्र बनाने से कहीं अधिक दूरगामी थी। ” स्पष्ट कीजिए। उसके वंशजों ने चंगेजखान के स्वप्न को कैसे साकार किया?
उत्तर:
चंगेजखान का विश्वास था कि उसे ईश्वर से विश्व पर शासन करने का आदेश मिला था। यद्यपि उसका अपना जीवन मंगोल जातियों पर अधिकार करने तथा साम्राज्य से लगे हुए क्षेत्र जैसे उत्तरी चीन, तूरान, अफगानिस्तान, पूर्वी ईरान, रूसी स्टेपी प्रदेशों के विरुद्ध सैनिक अभियानों का संचालन करने में व्यतीत हुआ, फिर भी उसके वंशजों ने इस क्षेत्र से आगे बढ़कर चंगेज खान के स्वप्न को पूरा किया एवं विश्व के सबसे विशाल साम्राज्य की स्थापना की। चंगेजखान की महत्त्वाकांक्षा को पूरा करने के उद्देश्य से उसके एक दूसरे पौत्र बाटू ने 1236-1241 की अवधि में सैनिक अभियान करते हुए रूस की भूमि को मास्को तक रौंद डाला और पोलैण्ड, हंगरी पर विजय प्राप्त करता हुआ वियना तक पहुँच गया। चीन के अधिकांश भाग, मध्य-पूर्व एशिया तथा यूरोप यह मानने लगे कि चंगेजखान की विश्व पर विजय ‘ईश्वर का क्रोध’ है और यह कयामत के दिन की शुरुआत है।

प्रश्न 4.
1220 में चंगेजखान की बुखारा – विजय का फारसी इतिहासकार जुवैनी ने क्या विवरण प्रस्तुत किया है?
उत्तर:
परवर्ती तेरहवीं शताब्दी के ईरान के मंगोल शासकों के एक फारसी इतिहासकार जुनैनी ने 1220 ई. में चंगेज खाँ की बुखारा – विजय का वृत्तान्त दिया है। उसने लिखा है कि बुखारा नगर की विजय के बाद चंगेजखान उत्सव मैदान में गया और वहाँ पर एकत्रित धनी व्यापारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि, ” अरे लोगो ! तुम्हें यह ज्ञात होना चाहिए कि तुम लोगों ने अनेक पाप किए हैं और तुम में से जो अधिक सम्पन्न लोग हैं, उन्होंने सबसे अधिक पाप किए हैं।

यदि तुम मुझसे पूछो कि इसका मेरे पास क्या प्रमाण है, तो इसके लिए मैं कहूँगा कि मैं ईश्वर का दण्ड हूँ । यदि तुमने पाप न किए होते, तो ईश्वर ने मुझे दण्ड हेतु तुम्हारे पास न भेजा होता।” जुवैनी के अनुसार बुखारा पर अधिकार होने के बाद कोई व्यक्ति खुरासान भाग गया था। जब वहाँ के लोगों ने उस व्यक्ति से बुखारा नगर के भाग्य के विषय में पूछा तो उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, “वे (मंगोल) नगर में आए, दीवारों को ध्वस्त कर दिया, जला दिया, लोगों की हत्या की, उन्हें लूटा और चल दिए।”

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प्रश्न 5.
मंगोल कौन थे?
उत्तर:
मंगोल – मंगोल विविध जनसमुदाय का एक निकाय था। ये लोग पूर्व में तातार, खितान और मंचू लोगों से और पश्चिम में तुर्की कबीलों से भाषागत समानता के कारण परस्पर सम्बद्ध थे। कुछ मंगोल पशुपालक थे और कुछ शिकारी संग्राहक थे। ये लोग यायावर लोग थे। उनका यायावरीकरण मध्य एशिया की चारण भूमि (स्टेपीज) में हुआ और शिकारी- संग्राहक लोग पशुपालकों के आवास क्षेत्र के उत्तर में साइबेरियायी वनों में रहते थे।

प्रश्न 6.
मंगोल कबीलों की मुख्य विशेषताएँ लिखिये।
उत्तर:
मंगोल कबीलों की मुख्य विशेषताएँ –
(i) मंगोल कबीले नृजातीय और भाषायी संबंधों के कारण परस्पर. जुड़े हुए थे। परन्तु उपलब्ध आर्थिक संसाधनों के अभाव के कारण उनका समाज अनेक पितृवंशीय वंशों में विभाजित था।
(ii) मंगोल कबीलों में धनी परिवार विशाल होते थे। उनके पास अधिक संख्या में पशु और चारण भूमि होती थी। स्थानीय राजनीति में उनका दबदबा था। इसलिए उनके अनेक अनुयायी होते थे।
(iii) समय-समय पर आने वाली आपदाओं- भीषण शीत ऋतु या वर्षा का न होना आदि-के कारण इन्हें. चरागाहों की खोज में भटकाना पड़ता था। इस दौरान उनमें संघर्ष होता था और वे पशुधन प्राप्त करने हेतु लूटपाट भी करते थे।
(iv) प्रायः परिवारों के समूह आक्रमण करने और अपनी रक्षा करने हेतु अधिक शक्तिशाली और सम्पन्न कुलों से मित्रता कर लेते थे और परिसंघ बना लेते थे।
(v) मंगोल कबीलों में कुछ पशुपालक थे और कुछ शिकारी-संग्राहक। इन्होंने कृषि कार्य नहीं अपनाया था।

प्रश्न 7.
मंगोल परिसंघ पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
मंगोल परिसंघ – मंगोलों ने अपने परिसंघ बना लिए थे। प्रायः ये परिसंघ बहुत छोटे तथा अल्पकालिक होते थे। चंगेज खान ने मंगोल तथा तुर्की कबीलों को मिलाकर एक परिसंघ बनाया था जो पाँचवीं शताब्दी के अट्टीला द्वारा बनाए गए परिसंघ के बराबर था। अट्टीला द्वारा बनाए गए परिसंघ के विपरीत चंगेजखान की राजनीतिक व्यवस्था बहुत अधिक स्थायी रही और चंगेजखान की मृत्यु के बाद भी यह व्यवस्था बनी रही। यह परिसंघ व्यवस्था इतनी सुदृढ़ और स्थायी थी कि यह चीन, ईरान और पूर्वी यूरोपीय देशों की उन्नत शस्त्रों से सुसज्जित विशाल सेनाओं का मुकाबला करने में सक्षम थी। मंगोलों ने इन क्षेत्रों में नियन्त्रण स्थापित किया तथा जटिल कृषि अर्थव्यवस्थाओं एवं नगरीय आवासों वाले स्थानबद्ध समाजों का कुशलतापूर्वक प्रशासन किया। मंगोलों के अपने सामाजिक अनुभव तथा रहन-सहन के तरीके इनसे बिल्कुल ही अलग थे।

प्रश्न 8.
मंगोलों के काल में स्टेपी क्षेत्रों में कोई नगर क्यों नहीं स्थापित हो पाया?
उत्तर:
मंगोल विविध प्रकार के लोगों का जनसमुदाय था। ये लोग मूलतः घुमक्कड़ थे। मंगोलों में कुछ लोग पशुपालक थे, तो कुछ लोग शिकारी-संग्राहक थे। इन्होंने कृषि व्यवस्था को नहीं अपनाया था। इनकी पशुपालन और शिकार – संग्राहक अर्थव्यवस्थाएँ भी घनी आबादी के भरण-पोषण में असमर्थ थीं। यही कारण था कि उनके काल में कोई भी नगर स्थापित नहीं हो सका।

प्रश्न 9.
मंगोलों के चीन के साथ व्यापारिक सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
मंगोलों के चीन के साथ व्यापारिक सम्बन्ध-स्टेपी क्षेत्र में संसाधनों की कमी के कारण मंगोलों को व्यापार एवं वस्तु-विनिमय के लिए चीन के लोगों के पास जाना पड़ता था । यह व्यवस्था दोनों पक्षों के लिए लाभदायक थी। मंगोल खेती से प्राप्त उत्पादों तथा लोहे के उपकरणों को चीन से लाते थे और घोड़े, फर और शिकार का विनिमय करते थे।

व्यापारिक गतिविधियों के कारण दोनों पक्षों में तनावपूर्ण वातावरण बना रहता था, क्योंकि दोनों पक्ष अधिकाधिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से एक-दूसरे के विरुद्ध सैनिक कार्यवाही कर बैठते थे। व्यापार करते समय मंगोल, चीनी लोगों को व्यापार में उत्तम शर्तें रखने के लिए विवश कर देते थे। कभी-कभी ये लोग व्यापारिक सम्बन्धों की परवाह न करते हुए केवल लूटपाट करने लगते थे। मंगोल लूटपाट कर संघर्ष – क्षेत्र से दूर भाग जाते थे जिससे उन्हें बहुत कम हानि होती थी।

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प्रश्न 10.
चंगेजखान की सैनिक सफलताओं के कारणों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
(1) मंगोलों और तुर्कों के घुड़सवारी कौशल ने चंगेजखान की सेना को गति प्रदान की थी।
(2) घोड़े पर सवार होकर मंगोल सैनिकों की तीरन्दाजी का कौशल अद्भुत था। उनकी इस तीरन्दाजी ने उनकी सैनिक गति को बहुत तेज़ कर दिया था।
(3) स्टेपी- क्षेत्र के घुड़सवार सदैव फुर्तीले रहते थे तथा बड़ी तीव्र गति से यात्रा करते थे।
(4) मंगोलों को अपने आसपास के क्षेत्रों तथा मौसम की जानकारी हो गई थी । इसने उन्हें सफल सैनिक अभियान करने की क्षमता प्रदान की क्योंकि मंगोल अपने अभियान शीत ऋतु में प्रारंभ करते थे। वे शत्रु के शिविरों और नगरों में प्रवेश करने के लिए बर्फ से जमी हुई नदियों का प्रयोग राजमार्गों की तरह करते थे।
(5) चंगेज खान को पता था कि घेराबंदी – यंत्र और नेफ्था बमबारी के अभाव में प्राचीरों से आरक्षित किलों पर विजय प्राप्त करना दुष्कर था। अतः उसने अपनी सैन्य टुकड़ियों को इनके प्रयोग में कुशल बनाया।
(6) चंगेजखान के इन्जीनियरों ने उसके शत्रुओं के विरुद्ध अभियानों में प्रयोग के लिए हल्के चल-उपस्करों का निर्माण किया। ये चल – उपस्कर शत्रुओं के लिए घातक सिद्ध हुए।

प्रश्न 11.
‘उलुस’ से क्या तात्पर्य है? उलुस का गठन किस प्रकार हुआ ?
उत्तर:
उलुस से तात्पर्य – उलुस शब्द का मूल अर्थ निश्चित भू-भाग नहीं था। इस भू-भाग में परिवर्तन होता रहता था। चंगेजखान अभी भी निरन्तर विजय प्राप्त करने तथा साम्राज्य का अधिक से अधिक विस्तार करने के लिए प्रयत्नशील था। इस साम्राज्य की सीमाएँ अत्यन्त परिवर्तनशील थीं।
चार उलुस – चंगेजखान ने अपने नव – विजित लोगों पर शासन करने का उत्तरदायित्व अपने चार पुत्रों को सौंप दिया। इससे ‘उलुस’ का गठन हुआ। ये चार उलुस थे-
(1) चंगेजखान के सबसे बड़े पुत्र जोची को रूसी स्टेपी- प्रदेश प्राप्त हुआ। परन्तु उसकी दूरस्थ सीमा अर्थात् उलुस निर्धारित नहीं थी।
(2) चंगेजखान के दूसरे पुत्र चघताई को तूरान का स्टेपी- क्षेत्र तथा पामीर के पहाड़ का उत्तरी क्षेत्र प्राप्त हुआ था।
(3) चंगेजखान ने संकेत दिया था कि उसका तीसरा पुत्र ओगोदेई उसका उत्तराधिकारी होगा और उसे ‘महान खान’ की उपाधि प्रदान की जाएगी। ओगोदेई ने अपने राज्याभिषेक के बाद अपनी राजधानी कराकोरम में स्थापित की था।
(4) चंगेजखान के सबसे छोटे पुत्र तोलोए ने अपनी पैतृक भूमि मंगोलिया को प्राप्त किया।
चंगेजखान चाहता था कि उसके पुत्र परस्पर मिलजुल कर साम्राज्य का शासन करें। अतः उसने राजकुमारों के लिए अलग-अलग सैनिक टुकड़ियाँ नियुक्त कर दीं जो प्रत्येक उलुस में तैनात रहती थीं।

प्रश्न 12.
चंगेजखान की हरकारा पद्धति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
चंगेजखान की हरकारा पद्धति – चंगेजखान ने एक फुर्तीली हरकारा पद्धति (संचार पद्धति) अपना रखी थी जिससे राज्य के दूर-दूर के स्थानों में परस्पर सम्पर्क बना रहता था। हरकारा पद्धति के सफल संचालन के लिए अपेक्षित दूरी पर सैनिक चौकियाँ स्थापित की गई थीं। इन चौकियों में स्वस्थ और शक्तिशाली घोड़े तथा घुड़सवार सन्देशवाहक नियुक्त रहते थे। इस संचार पद्धति के संचालन के लिए मंगोल यायावर अपने पशु-समूहों से घोड़े अथवा अन्य पशुओं का दसवाँ भाग देते थे। इसे ‘कुबकुर कर’ कहते थे। यायांवर लोग इस कर को अपनी इच्छा से देते थे जिससे उन्हें अनेक लाभ मिलते थे। चंगेजखान की मृत्यु के बाद इस हरकारा पद्धति में और भी सुधार किये गए। इस संचार पद्धति से महान खानों को अपने विस्तृत महाद्वीपीय साम्राज्य के सुदूर स्थानों में होने वाली घटनाओं की जानकारी प्राप्त हो जाती थी।

प्रश्न 13.
विजित लोगों को अपने नवीन यायावर शासकों से लगाव क्यों नहीं था? इसके क्या परिणाम हुए?
उत्तर:
विजित लोगों का अपने नवीन यायावर शासकों से लगाव न होना – विजित लोगों को अपने नवीन मंगोल यायावर शासकों से कोई लगाव नहीं था। इसके निम्नलिखित कारण थे –
(1) मंगोलों ने विजित क्षेत्रों में लूटमार तथा विध्वंस की नीति अपनाई थी।
(2) तेरहवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में हुए युद्धों में अनेक नगर नष्ट कर दिए थे।
(3) कृषि भूमि को काफी हानि हुई, फसलें नष्ट हो गईं।
(4) व्यापार चौपट हो गया तथा शिल्प उद्योगों को प्रबल आघात पहुँचा।
(5) इन युद्धों में हजारों लोग मारे गये और इससे भी अधिक लोग दास बना लिए गए।
इस प्रकार मंगोलों की लूटमार तथा विध्वंस की नीति से संभ्रान्त लोगों से लेकर कृषक वर्ग तक समस्त लोगों को भारी कष्टों का सामना करना पड़ा।

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परिणाम –
(1) मंगोलों के निरन्तर धावों तथा लूटमार की नीति से राज्य में अस्थिरता फैल गई। इस अस्थिरता से ईरान के शुष्क पठार में भूमिगत नहरों का मरम्मत का कार्य नियमित रूप से न हो सका।
(2) नहरों की मरम्मत न होने से मरुस्थल फैलने लगा जिससे बहुत बड़ा पारिस्थितिक विनाश हुआ।

प्रश्न 14.
तेरहवीं शताब्दी में मंगोल साम्राज्य में यायावरों और स्थानबद्ध समुदायों में संघर्ष कम होने से क्या परिणाम हुए?
उत्तर:
तेरहवीं शताब्दी में मंगोल साम्राज्य में यायावरों और स्थानबद्ध समुदायों में संघर्ष कम होते गए। इससे कृषि को प्रोत्साहन मिला। उदाहरण के लिए, 1230 ई. के दशक में जब मंगोलों ने उत्तरी चीन के चिन वंश के विरुद्ध युद्ध में विजय प्राप्त की, तो मंगोल नेताओं के एक क्रुद्ध वर्ग ने यह विचार प्रकट किया कि समस्त कृषकों का वध कर दिया जा तथा उनकी कृषि भूमि को चरागाह में बदल दिया जाए । परन्तु 1270 के दशक के आते-आते शुंग वंश को पराजित करने के बाद दक्षिण चीन को मंगोल – साम्राज्य में सम्मिलित कर लिया गया। इस अवसर पर चंगेजखान का पौत्र कुबलई खान कृषकों और नगरों के रक्षक के रूप में प्रकट हुआ। चंगेज़खान के सबसे छोटे पुत्र तोलूई के वंशज गज़नखान ने अपने परिवार के सदस्यों और अन्य सेनापतियों को आदेश दिया था कि वे कृषकों को न लूटें। एक बार अपने भाषण के दौरान उसने कहा था कि कृषकों को सताने और लूटने से राज्य में स्थायित्व और समृद्धि नहीं आती। मंगोलों के इस नवीन दृष्टिकोण से कृषि की उन्नति को प्रोत्साहन मिला।

प्रश्न 15.
मंगोल वंश पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
मंगोल वंश-चंगेजखान के अनेक बच्चे थे। उनकी पटरानी बोरेत ने चार पुत्रों को जन्म दिया जिन्होंने उनके वंश को आगे बढ़ाया।
(1) उनके ज्येष्ठ पुत्र जोची के परिवार में कोई भी शूरवीर (प्रसिद्ध खान) उत्पन्न नहीं हुआ, परन्तु उस परिवार के पास अपार शक्ति थी।
(2) गोमुक की मृत्यु के बाद जोची के पुत्र बातू ने ओगोदेई के वंश को समर्थन देने से इनकार कर दिया। इसके परिणामस्वरूप शक्ति तोलुई परिवार के हाथों में आ गई जिससे मोन्के और कुबलई के लिए सत्ता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हो गया।

प्रश्न 16.
अपने यायावर सेनापतियों को गजन खान द्वारा दिए गए भाषण का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
गजनखान का भाषण – गजनखान (1295-1304) चंगेजखान के सबसे छोटे पुत्र तोलुई का वंश था। उसने अपने मंगोल-तुर्की यायावर सेनापतियों के सामने निम्न भाषण दिया “मैं फारस के कृषक वर्ग के पक्ष में नहीं हूँ। यदि उन सबको लूटने का कोई उद्देश्य है, तो ऐसा करने के लिए मेरे से अधिक शक्तिशाली और कोई नहीं है। चलो हम सब मिलकर उन्हें लूटते हैं। परन्तु यदि आप निश्चित रूप से भविष्य में अपने भोजन के लिए अनाज और भोज्य सामग्री इकट्ठा करना चाहते हैं, तो मुझे आपके साथ कठोर होना पड़ेगा। आपको तर्क और बुद्धि से काम लेना सिखाना पड़ेगा। यदि आप कृषकों का अपमान करेंगे, उनसे उनके बैल और अनाज के बीज छीन लेंगे और उनकी फसलों को कुचल डालेंगे, तो आप भविष्य में क्या करेंगे? एक आज्ञाकारी कृषक वर्ग तथा एक विद्रोही कृषक वर्ग में अन्तर समझना आवश्यक है। ”

प्रश्न 17.
मंगोलों के विजित राज्यों से भर्ती किए गए नागरिक प्रशासकों की भूमिका की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
चंगेजखान के शासन काल से ही मंगोलों ने विजित राज्यों से नागरिक प्रशासकों को अपने यहाँ भर्ती करना शुरू कर दिया था। इन प्रशासकों की भूमिका इस प्रकार रही –
(i) इन्होंने दूरस्थ राज्यों को संगठित करने में सहायता की।
(ii) इन नागरिक प्रशासकों के प्रभाव से खानाबदोश लोगों की स्थानबद्ध क्षेत्र में की जाने वाली लूटमार में भी कमी आई।
(iii) इनमें से कुछ प्रशासक काफी प्रभावशाली थे और अपने प्रभाव का उपयोग मंगोल खानों पर भी करते रहते थे । उदाहरण के लिए, 1230 के दौरान चीनी मन्त्री ये-लू – चुत्साई ने ओगोदेई की लूटमार की प्रवृत्ति को बदल दिया था। जुवैनी परिवार ने भी ईरान में तेरहवीं शताब्दी में और उसके अन्त में इसी प्रकार की भूमिका निभाई थी। ईरान के वजीर रशीदुद्दीन ने मंगोल – शासक गजनखान के लिए वह भाषण लिखा था जो उसने अपने मंगोल सेनापतियों के सामने दिया था । इस भाषण में गजनखान ने कृषक वर्ग को सताने की बजाय, उनकी रक्षा करने की सलाह दी थी।

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प्रश्न 18.
13वीं सदी में चंगेजखान के वंशज पृथक्-पृथक् वंश समूहों में किस प्रकार बँट गए?
उत्तर:
तेरहवीं शताब्दी के मध्य तक भाइयों द्वारा पिता के धन को मिल-बाँट कर उपयोग करने की बजाय व्यक्तिगत राजवंश बनाने की भावना प्रबल हो गई। प्रत्येक राजवंश अपने ‘उलुस’ (अधिकृत क्षेत्र) का स्वामी हो गया । यह कुछ अंशों तक उत्तराधिकार के लिए संघर्ष का परिणाम था जिसमें चंगेजखान के वंशजों के बीच ‘महान’ पद के लिए तथा श्रेष्ठ चरागाही भूमि प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्द्धा होती थी। चीन और ईरान दोनों पर शासन करने के लिए आए तोलुई के वंशजों ने युआन तथा इल- खानी वंशों की स्थापना की। जोची ने ‘सुनहरा गिरोह’ का गठन किया और रूस के स्टेपी क्षेत्रों पर शासन किया। चघताई के उत्तराधिकारियों ने तूरान के स्टेपी- क्षेत्रों पर राज किया। इसे आजकल तुर्किस्तान कहा जाता है।

प्रश्न 19.
चंगेज खाँ के वंशजों का धीरे-धीरे अलग होकर पृथक्-पृथक् वंश-समूहों में बँट जाना किस बात का प्रतीक था ?
उत्तर:
चंगेज खान के वंशजों का धीरे-धीरे अलग होकर पृथक्-पृथक् वंश – समूहों में बँट जाने का मतलब था कि उनका अपने पिछले परिवार से जुड़ी स्मृतियों और परम्पराओं के सामंजस्य में परिवर्तन आना। यह सब एक कुल के सदस्यों में परस्पर होड़ के परिणामस्वरूप हुआ था। यह सब चीन और ईरान पर उनके प्रभुत्व का तथा उनके परिवार के सदस्यों द्वारा विद्वानों को अपने दरबार में संरक्षण देने का परिणाम था। अतीत से अलग होने का कारण यह था कि चंगेज खान के वंशज महान खानों की अपेक्षा अपने गुणों का प्रदर्शन करना चाहते थे।

इल-खानी ईरान में तेरहवीं शताब्दी के अन्त में फारसी इतिहासवृत्त में महान खानों द्वारा की गईं रक्तरंजित हत्याओं का विस्तृत विवरण मिलता है। इसमें मृतकों की संख्या बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई है। चंगेज खान के वंशजों को उत्तराधिकार में जो कुछ मिला, वह महत्त्वपूर्ण था परन्तु उनके सामने एक समस्या यह थी कि एक स्थानबद्ध समाज में अपनी धाक किस प्रकार स्थापित की जाए। इस बदली हुई परिस्थिति में वे वीरता का वह चित्र प्रस्तुत नहीं कर सकते थे, जैसा चंगेजखान ने किया था।

प्रश्न 20.
‘नोयान’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
चंगेज खान एक महान योद्धा एवं कुशल सेनापति था। उसकी सेना पुरानी दशमलव पद्धति के अनुसार गठित की गई थी जो दस सौ हजार और लगभग दस हजार सैनिकों की इक़ाई में विभाजित थी। चंगेजखान ने इस पद्धति को समाप्त करके मंगोलों को नई सैनिक इकाइयों में बाँट दिया। इन नई सैनिक टुकड़ियों को, जो उसके चार पुत्रों के अधीन थीं और विशेष रूप से चयनित कप्तानों के अधीन कार्य करती थी, ‘नोयान’ कहा जाता था। इस नई व्यवस्था में चंगेज खाँ के अनुयायियों का वह समूह भी सम्मिलित था, जिन्होंने संकटपूर्ण परिस्थितियों में भी निष्ठापूर्वक चंगेज खाँ का साथ दिया था।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मंगोलों के इतिहास की जानकारी के विभिन्न स्रोतों की विवेचना कीजिए।
अथवा
मंगोलों पर हुए शोध कार्यों का विवरण दीजिए।
उत्तर-
मंगोलों के इतिहास की जानकारी के स्रोत –
मंगोलों ने प्रायः अपना कोई साहित्य नहीं रचा। इसीलिए मंगोलों के बारे में इतिवृत्तों, यात्रा-वृत्तान्तों तथा नगरीय साहित्यकारों के दस्तावेजों से जानकारी मिलती है। इन लेखकों की मंगोल – यायावरों के जीवन सम्बन्धी सूचनाएँ अपर्याप्त, दोषपूर्ण और पक्षपातपूर्ण हैं। मंगोलों की साम्राज्यिक उपलब्धियों से प्रभावित होकर कुछ विद्वानों ने अपने अनुभवों के यात्रावृत्तान्त लिखे।

कुछ मंगोल शासकों के राज्याश्रय में यद्यपि इन लोगों को मंगोल रीति-रिवाजों का ज्ञान नहीं था, फिर भी इनमें से अनेक विद्वानों ने मंगोलों के विषय में सहानुभूतिपरक विवरण लिखा। कुछ ने उनकी प्रशस्तियाँ भी लिखीं। इन्होंने ऐसे विवरणों का खण्डन किया जिनमें मंगोलों को स्टेपी- क्षेत्र का लुटेरा कहा गया था। अतः मंगोलों का इतिहास हमें ऐसे तथ्य उपलब्ध कराता है जिससे यह प्रकट होता है कि मंगोल यायावरों को आदिम बर्बर के रूप में प्रस्तुत करना न्यायसंगत नहीं है।

JAC Class 11 History Important Questions Chapter 5 यायावर साम्राज्य

मंगोलों पर शोध कार्य – मंगोलों पर सबसे बहुमूल्य शोध कार्य अठारहवीं तथा उन्नीसवीं शताब्दी में रूसी विद्वानों ने उस काल में किया जब रूस के शासक मध्य एशियाई क्षेत्रों में अपनी शक्ति को सुदृढ़ कर रहे थे। ये शोधकार्य प्रायः सर्वेक्षण-टिप्पणियों के रूप में मिलते हैं जिन्हें यात्रियों, सैनिकों, व्यापारियों तथा पुराविदों ने तैयार किया था । मार्क्सवादी इतिहास-लेखन ने चंगेजखान तथा उभरते हुए मंगोल – साम्राज्य को मानव विकास की उस संक्रमण व्यवस्था के अन्तर्गत रखा जिसमें जनजातीय उत्पादन प्रणाली से सामन्ती उत्पादन प्रणाली की ओर परिवर्तन हो रहा था।

मंगोल भाषाओं और उनके समाज और संस्कृति पर वोरिस याकोवालेवित्र व्लाडिमीरस्टाव नामक विद्वान ने उच्च कोटि का शोध कार्य किया है। रूस के एक अन्य विद्वान वैसिली व्लाडिमिरोविच बारटोल्ड ने चंगेजखान और उसके वंशजों के अधीन मंगोलों का जीवन और उनकी उपलब्धियों का सकारात्मक और सहानुभूतिपरक विवरण प्रस्तुत किया । यद्यपि रूसी सरकार ने उसकी रचनाओं के प्रकाशन पर प्रतिबन्ध लगा दिया, परन्तु 1960 के दशक में उदारवादी ख्रुश्चेव युग के दौरान और उसके बाद ही उसकी रचनाओं को 9 खण्डों में प्रकाशित किया गया।

शोध के स्रोतों की अनेक भाषाओं में रचना – जो शोध के स्रोत विद्वानों को उपलब्ध हैं, वे अनेक भाषाओं में रचे गए हैं। इनमें सबसे निर्णायक स्रोत चीनी, मंगोली, फारसी और अरबी भाषा में उपलब्ध हैं, परन्तु महत्त्वपूर्ण सामग्रियाँ हमें इतालवी, लातिनी, फ्रांसीसी तथा रूसी भाषा में मिलती हैं। चंगेजखान के विषय में सबसे प्राचीन विवरण मंगकोल-उन-न्यूतोबिअन (मंगोलों के गोपनीय इतिहास), मंगोल और चीनी भाषा में मिलते हैं, परन्तु ये एक-दूसरे से अलग हैं। इसी प्रकार मार्कोपोलो द्वारा मंगोल राजदरबार का यात्रा – वृत्तान्त इतालवी तथा लातिनी भाषा में उपलब्ध है, परन्तु एक-दूसरे से मेल नहीं खाते।

प्रश्न 2.
मंगोलों और मध्य एशिया के यायावरों के चीन के साथ व्यापारिक सम्बन्धों की विवेचना कीजिए। इसके चीन पर क्या प्रभाव हुए?
उत्तर:
मंगोलों और मध्य एशिया के यायावरों के चीन के साथ व्यापारिक सम्बन्ध स्टेपी-क्षेत्र में वर्ष में थोड़े समय के लिए ही कृषि करना सम्भव था। इसलिए मंगोल यायावरों ने कृषि कार्य को नहीं अपनाया। स्टेपी-क्षेत्र में संसाधनों की कमी थी। अतः मंगोलों और मध्य एशिया के यायावरों को अपने पड़ोसी देश चीन के साथ व्यापार करना पड़ता था। यायावर कबीले चीन से कृषि उत्पाद तथा लोहे के उपकरण लाते थे तथा घोड़े, फर और स्टेपी- क्षेत्र में पकड़े गए शिकार (पशु) चीनियों को देते थे। यह व्यवस्था दोनों पक्षों के लिए लाभदायक थी। परन्तु वाणिज्यिक गतिविधियों में उन्हें प्रायः तनाव का सामना भी करना पड़ता था। इसका कारण यह था कि दोनों पक्ष अधिकाधिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से एक-दूसरे के विरुद्ध सैनिक कार्यवाही कर बैठते थे।

चीन पर प्रभाव – जब मंगोल कबीलों के लोग साथ मिलकर व्यापार करते थे, तो वे अपने चीनी पड़ोसियों को व्यापार में उत्तम शर्तें रखने के लिए विवश कर देते थे। कभी-कभी ये लोग व्यापारिक सम्बन्धों की परवाह न करते हुए केवल लूटपाट करने लगते थे। मंगोलों का जीवन अस्त-व्यस्त होने पर ही इन सम्बन्धों में परिवर्तन होता था । ऐसी स्थिति में चीनी लोग स्टेपी क्षेत्र में अपने प्रभाव का प्रयोग बड़े आत्मविश्वास के साथ करते थे। इन सीमावर्ती झड़पों से चीन के स्थायी समाज कमजोर पड़ने लगे। मंगोलों ने कृषि को अस्त-व्यस्त कर दिया और नगरों को खूब लूटा।

दूसरी ओर मंगोल यायावर लूटपाट कर दूर भाग जाते थे, जिससे उन्हें बहुत कम हानि होती थी। दीर्घकाल तक चीनियों को इन मंगोल यायावरों से विभिन्न शासन कालों में बहुत अधिक हानि उठानी पड़ी। अतः आठवीं शताब्दी ई. पूर्व से ही अपनी प्रजा की रक्षा के लिए चीन के शासकों ने किलेबन्दी करना शुरू कर दिया था। तीसरी शताब्दी ई. पूर्व से इन किलाबन्दियों का एकीकरण करके ‘चीन की महान दीवार’ का निर्माण किया गया। उत्तरी चीन के किसानों पर यायावरों द्वारा निरन्तर किये गए आक्रमणों और उनसे उत्पन्न आतंक एवं अस्थिरता का यह एक ठोस प्रमाण है।

प्रश्न 3.
चंगेजखान के जीवन-वृत्त तथा उसकी विजयों का वर्णन कीजिए।
अथवा
चंगेजखान की सैनिक उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
(1) चंगेजखान का जीवन-वृत्त – चंगेजखान का जन्म लगभग 1162 ई. में आधुनिक मंगोलिया के उत्तरी भाग में ओनोन नदी के निकट हुआ था। उसका प्रारम्भिक नाम तेमुजिन था। उसके पिता का नाम येसूजेई था जो कियात कबीले का मुखिया था। उसके पिता की अल्पायु में ही हत्या कर दी गई थी। अतः उसकी माता ओलुन-इके ने तेमुजिन तथा उसके सगे और सौतेले भाइयों का पालन-पोषण बड़ी कठिनाई से किया था। 1170 के दशक में तेमुजिन का अपहरण कर उसे दास बना लिया गया और उसकी पत्नी बोरटे का भी विवाह के बाद अपहरण कर लिया गया। अतः उसे अपनी धर्म पत्नी को मुक्त कराने के लिए लड़ाई लड़नी पड़ी।

(2) मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध स्थापित करना – विपत्ति के इन वर्षों में भी वह अनेक मित्र बनाने में सफल रहा। नवयुवक बोघूरचू उसका पहला मित्र था जो हमेशा एक विश्वस्त साथी के रूप में उसके साथ रहा। उसका सगा भाई जमूका भी उसका एक अन्य विश्वसनीय मित्र था।

(3) प्रतिद्वन्द्वियों का दमन करना – तेमुजिन का सगा भाई जमूका कालान्तर में उसका शत्रु बन गया। 1180 तथा 1190 के दशकों में तेमुजिन ने ओंग खान की सहायता से अपने प्रबल प्रतिद्वन्द्वी जमूका को पराजित कर दिया। इसके बाद मुजिन ने अपने पिता के हत्यारे शक्तिशाली तातार कैराईट तथा ओंगखान के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया । 1206 ई. में उसने शक्तिशाली जेमूका तथा नेमन लोगों को निर्णायक रूप से पराजित कर दिया।

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(4) कुरिलताई द्वारा चंगेजखान को मान्यता प्रदान करना – 1206 ई. में अपने शक्तिशाली शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के बाद स्टेपी- क्षेत्र की राजनीति में तेमुजिन सबसे प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में प्रकट हुआ । उसकी इस प्रतिष्ठा को मंगोल कबीले के सरदारों की एक सभा ‘कुरिलताई’ में मान्यता दी गई। इस सभा में तेमुजिन को ‘चंगेजखान’, ‘समुद्री खान’ या ‘सार्वभौम शासक’ की उपाधि से विभूषित किया गया और ‘मंगोलों का महानायक’ घोषित किया गया।

(5) चंगेजखान की सैनिक उपलब्धियाँ – 1206 में कुरिलताई से मान्यता प्राप्त करने से पूर्व चंगेजखान ने मंगोलों की एक शक्तिशाली एवं अनुशासित सेना का गठन किया। उसने सर्वप्रथम चीन पर विजय प्राप्त करने का निश्चय किया। उसकी प्रमुख विजयें निम्नलिखित थीं –
(1) चीन – विजय –
(1) 1209 ई. में चंगेजखान ने सी – सिआ लोगों को पराजित किया।
(2) 1213 ई. में मंगोलों ने चीन की महान दीवार का अतिक्रमण किया।
(3) 1215 ई. में मंगोलों ने पेकिंग नगर को खूब लूटा। चंगेजखान अपने सैनिक अभियानों की सफलता से पूर्णतया सन्तुष्ट था । इसलिए उस क्षेत्र के सैनिक मामले अपने अधीनस्थ अधिकारियों की देखरेख में छोड़कर 1216 में मंगोलिया स्थित अपनी मातृभूमि में लौट आया।
(4) 1218 ई. में मंगोलों ने कराखिता जाति को पराजित कर दिया जो चीन के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित तियेन- शान की पहाड़ियों को नियन्त्रित करती थी । अब मंगोलों का साम्राज्य अमूदरिया, तूरान और ख्वारिज्म राज्यों तक विस्तृत हो गया।
(2) अन्य विजयें – चंगेजखान ने अपने सैनिक अभियान जारी रखे। उसने 1219 -1221 ई. तक के अभियानों में बड़े-बड़े नगरों- ओट्रार, बुखारा, समरकन्द, बल्ख, गुरगंज, मर्व, निशापुर तथा हेरात ने मंगोल सेनाओं के सामने आत्म-समर्पण कर दिया। जिन नगरों ने मंगोल सेनाओं का प्रतिरोध किया, उनका विध्वंस कर दिया गया । निशापुर के घेरे के दौरान जब एक मंगोल राजकुमार की हत्या कर दी गई, तो चंगेजखान ने निशापुर के लोगों का कत्ले-आम करवा दिया। चंगेजखान ने अपने सैनिकों को आदेश दिया कि – ” नगर का इस तरह विध्वंस किया जाए कि सम्पूर्ण नगर में हल चलाया जा सके। ऐसा संहार किया जाए कि नगर के समस्त बिल्ली और कुत्तों को भी जीवित न रहने दिया जाए।” मध्यकालीन इतिहासकारों के अनुसार निशापुर पर अधिकार करने में 17,47,000 लोगों का वध कर दिया गया था।

(3) ख्वारिज्म पर आक्रमण – चंगेजखान ने ख्वारिज्म पर भी आक्रमण किया। मंगोल सेनाएँ ख्वारिज्म के सुल्तान मोहम्मद का पीछा करती हुई अजरबैजान तक आ पहुँचीं। उन्होंने क्रीमिया में रूसी सेनाओं को पराजित कर दिया और कैस्पियन सागर को घेर लिया। सेना की एक अन्य टुकड़ी ने सुल्तान मोहम्मद के पुत्र जलालुद्दीन का अफगानिस्तान तथा सिन्ध तक पीछा किया। सिन्धु नदी के तट पर चंगेजखान ने उत्तरी भारत तथा असम मार्ग होते हुए वापस मंगोलिया लौटने का विचार किया। परन्तु भीषण गर्मी, प्राकृतिक आवास की कठिनाइयों तथा कुछ अशुभ संकेतों ने उसे अपने विचार बदलने पर विवश कर दिया। चंगेजखान की मृत्यु – चंगेजखान को अपने जीवन का अधिकांश भाग युद्धों में व्यतीत करना पड़ा। अन्त में 1227 ई. में उसका देहान्त हो गया। उसकी सैनिक उपलब्धियाँ आश्चर्यजनक थीं।

प्रश्न 4.
चंगेजखान के बाद मंगोल साम्राज्य की राजनीतिक स्थिति की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
चंगेजखान के बाद मंगोल साम्राज्य की राजनीतिक स्थिति
चंगेजखान के बाद मंगोल साम्राज्य की राजनीतिक स्थिति की विवेचना निम्नानुसार है –
(1) मंगोल साम्राज्य का दो चरणों में विभाजन – चंगेजखान की मृत्यु के पश्चात् मंगोल साम्राज्य को दो चरणों में विभाजित किया जा सकता है –
(i) पहला चरण – पहला चरण 1236-1242 ई. तक था जिसके दौरान रूस के स्टेपी- क्षेत्र, बुलधार, कीव, पोलैण्ड तथा हंगरी में भारी सफलता प्राप्त की गई।
(ii) दूसरा चरण – दूसरा चरण 1255-1300 ई. तक था। इसमें मंगोलों ने समस्त चीन, ईरान, इराक तथा सीरिया पर विजय प्राप्त की।

(2) नवीन राजनीतिक प्रवृत्तियों का उदय – 1230 के बाद के दशकों में मंगोलों को महत्त्वपूर्ण सफलताएँ प्राप्त हुईं परन्तु उनके लिए 1260 के दशक के बाद पश्चिम के सैन्य अभियानों के प्रारम्भिक आवेग को जारी रखना सम्भव नहीं रहा। यद्यपि वियना तथा उससे परे पश्चिमी यूरोप एवं मिस्र पर मंगोलों का आधिपत्य बना रहा, परन्तु उनके हंगरी के स्टेपी- क्षेत्र से पीछे हट जाने तथा मिस्र की सेनाओं के हाथों पराजित होने से नई राजनीतिक प्रवृत्तियों के उदय होने के संकेत मिलते हैं।

(3) राजनीतिक प्रवृत्ति के दो पहलू – इस प्रवृत्ति के दो पहलू थे – पहला था – मंगोल परिवार में उत्तराधिकार को लेकर आन्तरिक राजनीति थी। इसमें जोची और ओगोदेई के उत्तराधिकारी महान् खान के राज्य पर नियन्त्रण स्थापित करने के लिए संगठित हो गए। अब वे यूरोप में अभियान करने की अपेक्षा अपने हितों की रक्षा करना अधिक महत्त्वपूर्ण मानते थे।

दूसरी स्थिति तब उत्पन्न हुई जब चंगेजखान के वंश की तोलूयिद शाखा के उत्तराधिकारियों ने जोची और ओगोदेई वंशों को कमजोर कर दिया। चंगेजखान के सबसे छोटे पुत्र तोलूई के वंशज मोंके के राज्याभिषेक के बाद 1250 ई. के दशक में ईरान में सैनिक अभियान किए गए। परन्तु 1260 के दशक में तोलूई के वंशज चीन में अपना प्रभाव बढ़ाने लगे। इसलिए उस समय सैनिकों और रसद – सामग्रियों को मंगोल साम्राज्य के मुख्य भागों की ओर भेज दिया गया।

परिणामस्वरूप मिस्र की सेना का सामना करने के लिए मंगोलों ने एक छोटी-सी सैनिक टुकड़ी भेज दी। इस स्थिति में मंगोलों को पराजय का सामना करना पड़ा मिस्र में मंगोलों की पराजय तथा तोलूई परिवार की चीन में निरन्तर बढ़ती हुई रुचि के कारण मंगोलों का पश्चिम की ओर विस्तार रुक गया। इसी दौरान रूस और चीन की सीमा पर जोची तथा तोलूई वंशों के आन्तरिक झगड़ों ने जोची वंशजों का ध्यान उनके सम्भावित यूरोपीय अभियानों से हटा दिया।

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(4) चीन में मंगोलों के अभियानों का जारी रहना – यद्यपि पश्चिम में मंगोलों का विस्तार रुक गया, परन्तु इसके बावजूद मंगोलों ने चीन में अपने अभियान जारी रखे । वस्तुतः उन्होंने चीन को एकीकृत किया।

प्रश्न 5.
चंगेजखान के सैनिक संगठन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चंगेजखान का सैनिक संगठन चंगेज खान के सैनिक संगठन की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित थीं –
(1) विशाल विषमजातीय सेना का गठन – मंगोलों और अन्य अनेक यायावर समाजों में प्रत्येक स्वस्थ वयस्क व्यक्ति के लिए शस्त्र धारण करना अनिवार्य था। आवश्यकता पड़ने पर इन्हीं लोगों से सशस्त्र सेना का गठन किया जाता था। विभिन्न मंगोल जनजातियों के एकीकरण तथा उसके विभिन्न लोगों के विरुद्ध अभियानों से चंगेजखान की सेना में नये सदस्य सम्मिलित हुए। इससे मंगोल सेना जो पहले काफी छोटी थी, अब एक विशाल विषमजातीय संगठन में बदल गई। इस सेना में मंगोलों की सत्ता को स्वेच्छा से स्वीकार करने वाले तुर्की मूल के उइगर समुदाय के लोग भी शामिल थे। इसके अतिरिक्त इस सेना में केराइट जैसे पराजित लोग भी शामिल थे जिन्हें अपनी पुरानी शत्रुता के बावजूद महासंघ में सम्मिलित कर लिया गया था।

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(2) दशमलव पद्धति पर सेना का गठन- चंगेजखान की सेना स्टेपी- क्षेत्रों की पुरानी दशमलव पद्धति के अनुसार गठित की गई थी जो दस, सौ, हजार और ( अनुमानित) दस हजार सैनिकों की इकाई में विभाजित थी । पुरानी पद्धति में कुल, कबीले और सैनिक दशमलव इकाइयाँ एकसाथ अस्तित्व में थीं। चंगेजखान ने इस प्रथा को समाप्त कर दिया। उसने प्राचीन जनजातीय समूहों को विभाजित कर उनके सदस्यों को नवीन सैनिक इकाइयों में विभक्त कर दिया।

(3) कठोर अनुशासन – चंगेजखान अनुशासन पर विशेष जोर देता था। जो सैनिक अपने अधिकारी से अनुमति लिए बिना बाहर जाने की चेष्टा करता था, उसे कठोर दण्ड दिया जाता था।

(4) सैनिकों की सबसे बड़ी इकाई – सैनिकों की सबसे बड़ी इकाई लगभग दस हजार सैनिकों (तुमन) की थी, जिसमें अनेक कबीलों और कुलों के सैनिक सम्मिलित थे।

(5) नवीन सैनिक टुकड़ियाँ – नवीन सैनिक टुकड़ियाँ चंगेजखान के चार पुत्रों के अधीन थीं तथा विशेष रूप से चयनित कप्तानों के अधीन कार्य करती थीं। ये सैनिक टुकड़ियाँ ‘नोयान’ कहलाती थीं । इस नई व्यवस्था में चंगेजखान के अनुयायियों का वह समूह भी शामिल था, जिन्होंने संकटपूर्ण तथा प्रतिकूल परिस्थितियों में भी निष्ठापूर्वक चंगेजखान का साथ दिया था। चंगेजखान ने सार्वजनिक रूप से अनेक ऐसे व्यक्तियों को आंडा (सगा भाई) कहकर सम्मानित किया था। आंडा से निम्न श्रेणी के अनेक स्वतन्त्र व्यक्ति थे, जिन्हें चंगेजखान ने अपने विशेष नौकर के पद पर रखा। नौकर का पद इन लोगों तथा इनके स्वामी के बीच घनिष्ठ सम्बन्ध का प्रतीक था। इस नए वर्गीकरण से पुराने सरदारों के अधिकार सुरक्षित नहीं रहे। दूसरी ओर एक नवीन अभिजात वर्ग उभरकर सामने आया जिसने अपनी प्रतिष्ठा मंगोलों के महानायक के साथ स्थापित कर ली।

प्रश्न 6.
‘यास’ से क्या अभिप्राय है? यास ने मंगोलों की पहचान और विशिष्टता की रक्षा में क्या योगदान दिया?
उत्तर:
‘यास’ से अभिप्राय-अपने प्रारम्भिक स्वरूप में ‘यास’ को ‘यसाक’ लिखा जाता था जिसका अर्थ या विधि, आज्ञप्ति व आदेश। यसाक का सम्बन्ध प्रशासनिक विनियमों से है, जैसे आखेट, सैन्य और डाक प्रणाली का संगठन तेरहवीं शताब्दी के मध्य तक, मंगोलों ने ‘यास’ शब्द का प्रयोग अधिक सामान्य रूप में करना शुरू कर दिया। – चंगेजखान की विधि – संहिता इससे तात्पर्य था अपनी पहचान और विशिष्टता की रक्षा का उपाय – तेरहवीं शताब्दी के मध्य तक मंगोल एक संगठित जन- समूह के रूप में प्रकट हुए। उन्होंने एक ऐसे विशाल साम्राज्य की स्थापना की जिसे विश्व में पहले नहीं देखा गया था।

मंगोलों ने अत्यन्त जटिल शहरी समाजों पर शासन किया जिनके अपने- अपने इतिहास, संस्कृतियाँ और नियम थे। यद्यपि मंगोलों का अपने साम्राज्य के क्षेत्रों पर राजनैतिक प्रभुत्व रहा, फिर भी संख्या की दृष्टि से वे अल्पसंख्यक ही थे। उनके लिए अपनी पहचान और विशिष्टता की रक्षा का एकमात्र उपाय उस पवित्र नियम के अधिकार के दावे के द्वारा हो सकता था, जो उन्हें अपने पूर्वजों से प्राप्त हुआ था। वास्तव में यास मंगोल जनजाति की ही प्रथागत परम्पराओं का एक संकलन था, परन्तु उसे चंगेजखान की विधि – संहिता घोषित कर मंगोलों ने भी मूसा और सुलेमान की भाँति अपने को एक स्मृतिकार के होने का दावा किया जिसकी प्रामाणिक संहिता प्रजा पर लागू की जा सकती थी।

यास का योगदान-यास मंगोलों को समान आस्था रखने वालों के आधार पर एकजुट करने में सफल हुआ। उसने चंगेजखान तथा उनके वंशजों से मंगोलों की निकटता को स्वीकार किया। यद्यपि मंगोलों ने भी स्थान – बद्ध जीवन-प्रणाली के कुछ तत्त्वों को अपना लिया था, फिर भी यास ने उनको अपनी कबीलाई पहचान बनाए रखने तथा अपने नियमों को उन पराजित लोगों पर लागू करने का साहस प्रदान किया। यास एक बहुत ही शक्तिशाली विचारधारा थी। सम्भव है कि चंगेजखान ने इस प्रकार की विधि-संहिता की कोई योजना पहले से न बनाई हो, परन्तु यह निश्चित रूप से उसकी कल्पना – शक्ति से प्रेरित था, जिसने विश्वव्यापी मंगोल साम्राज्य की संरचना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रश्न 7.
चंगेजखान और मंगोलों का विश्व इतिहास में स्थान निर्धारित कीजिए।
अथवा
चंगेजखान और मंगोलों की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
चंगेजखान और मंगोलों का विश्व इतिहास में स्थान (चंगेजखान तथा मंगोलों की उपलब्धियाँ) – आज हमारे सामने चंगेजखान एक ऐसे व्यक्ति के रूप में उभर कर सामने आता है जो महान विजेता, नगरों को ध्वस्त करने वाला, लूटमार करने वाला और हजारों लोगों की हत्या करने वाला था । इसलिए तेरहवीं शताब्दी के चीन, ईरान और पूर्वी यूरोप के नगरवासी, स्टेपी- क्षेत्रों के मंगोलों को क्रोध, भय और घृणा की दृष्टि से देखते थे। इसके बावजूद चंगेजखान की उपलब्धियों की उपेक्षा नहीं की जा सकती।

उसकी तथा मंगोलों की उपलब्धियाँ निम्नलिखित थीं –
(1) मंगोलों के लिए चंगेज़खान अब तक का सबसे महान शासक था। उसने मंगोलों को संगठित किया, दीर्घकाल से चली आ रही कबीलाई लड़ाइयों और चीनियों द्वारा शोषण से मुक्ति दिलाई।

(2) उसने मंगोलों को शक्तिशाली, गौरवशाली और समृद्ध बनाया।

(3) उसने एक विशाल एवं शानदार पारमहाद्वीपीय मंगोल साम्राज्य की स्थापना की।

(4) उसने व्यापार के मार्गों तथा बाजारों को पुनर्स्थापित किया जिनसे वेनिस के मार्कोपोलो की भाँति दूर के यात्री आकृष्ट हुए।

(5) चंगेजखान और मंगोलों ने अपने राज्य में विविध मतों और आस्था वाले लोगों को सम्मिलित किया।

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(6) यद्यपि मंगोल शासक स्वयं भी विभिन्न धर्मों तथा आस्थाओं से सम्बन्ध रखने वाले थे अर्थात् वे शमन, बौद्ध, ईसाई और इस्लाम से सम्बन्ध रखने वाले थे, परन्तु उन्होंने सार्वजनिक नीतियों पर अपने वैयक्तिक मत थोपने का प्रयास नहीं किया।

(7) मंगोल शासकों ने सब जातियों तथा धर्मों के लोगों को अपने यहाँ प्रशासकों तथा सैनिकों के पद पर नियुक्त किया।

(8) मंगोलों का शासन बहु-जातीय, बहु-भाषी, बहु- धार्मिक था। यह तत्कालीन युग में एक असामान्य बात थी। मंगोल अपने बाद में आने वाली शासन-प्रणालियों के लिए एक आदर्श प्रस्तुत कर सके। यह उनकी एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि थी।

(9) यद्यपि मंगोल अनेक समुदायों में विभाजित थे, फिर भी वे एक परिसंघ बनाने में सफल रहे। प्रायः ये परिसंघ बहुत छोटे तथा अल्पकालिक होते थे। चंगेजखान ने मंगोल तथा तुर्की कबीलों को मिला कर एक परिसंघ बनाया था जो पाँचवीं शताब्दी के अट्टीला द्वारा बनाए गए परिसंघ के बराबर था। अट्टीला द्वारा बनाए गए परिसंघ के विपरीत चंगेज खान की राजनीतिक व्यवस्था बहुत अधिक स्थायी रही और चंगेज खाँ की मृत्यु के बाद भी यह व्यवस्था बनी रही। यह परिसंघ व्यवस्था इतनी सुदृढ़ और स्थायी थी कि यह चीन, ईरान और पूर्वी यूरोपीय देशों की उन्नत शस्त्रों से सुसज्जित विशाल सेनाओं का मुकाबला करने में सक्षम थी।

(10) आज दशकों के रूसी नियन्त्रण के बाद, मंगोलिया एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। उसने चंगेजखान को एक महान राष्ट्र नायक के रूप में लिया है जिसका सार्वजनिक रूप से सम्मान किया जाता है और जिसकी उपलब्धियों का वर्णन गर्व के साथ किया जाता है।

(11) मंगोलिया के इतिहास में इस निर्णायक समय पर चंगेजखान एक बार फिर मंगोलों के लिए एक आराध्य व्यक्ति के रूप में उभर कर सामने आया है, जो महान अतीत की यादों को जागृत कर राष्ट्र की पहचान बनाने की दिशा में शक्ति प्रदान करेगा।

मंहत्त्वपूर्ण तिथियाँ एवं घटनाएँ

तिथि घटना
लगभग 1167 तेमुजिन का जन्म
1160 और 1170 दासता और संघर्ष के वर्ष
के दशक 1180 और 90 सन्धि सम्बन्धों का काल
के दशक 1203-1227 विस्तार और विजय
1206 तेमुजिन को चंगेजखान यानी मंगोलों का ‘सार्वभौम शासक’ घोषित किया गया।
1227 चंगेजखान की मृत्यु।
1227-1241 चंगेजखान के पुत्र ओगोदेई का शासन-काल।
1227-1260 तीन महान खानों का शासन और मंगोल-एकता की स्थापना।
1236-1242 बाटू के अधीन रूस, हंगरी, पोलैण्ड और आस्ट्रिया पर आक्रमण। बाटू चंगेजखान के सबसे बड़े पुत्र जोची का पुत्र था।
1246-1249 ओगोदेई के पुत्र गुयूक का काल।
1251-1260 मोंके, चंगेजखान के पौत्र और तुलू के पुत्र का काल।
1253-1255 मोंके के अधीन ईरान और चीन में पुनः आक्रमण।
1257-1267 बाटू के पुत्र बर्के का राज्य-काल। सुनहरा गिरोह का नेस्टोरियन ईसाई-धर्म से इस्लाम धर्म की ओर पुनः प्रवृत्त होना। 1350 के दशक में उनका इस्लाम में निश्चयात्मक रूप से धर्मांतरण हुआ। इल-खान के विरुद्ध गोल्डन होर्ड और मिस्र देश की मैत्री का प्रारम्भ।
1258 बगदाद पर अधिकार और अब्बासी खिलाफत का अन्त। मोंके के छोटे भाई हुलेगु के अधीन ईरान में इल-खानी राज्य की स्थापना। जोचिद और इल-खान के बीच संघर्ष की शुरुआत।
1260 पेकिंग में ‘महान खान’ के रूप में कुबलई खान का राज्यारोहण। चंगेजखान के उत्तराधिकारियों में संघर्ष। मंगोल-राज्य का अनेक स्वतन्त्र भागों में अनेक वंशों में विभाजन-तोलुई, चघताई और जोची (ओगोदेई का वंश पराजित हो गया और तोलूयिद में मिल गए।)

तोलूयिद : चीन का यूआन वंश और ईरान का इल-खानी राज्य।

चघताई : उत्तरी तूरान के स्टेपी-क्षेत्र और तुर्किस्तान में रूसी स्टेपी-क्षेत्र में जोचिद वंश थे। उन्हें पर्यवेक्षक ‘गोल्डनहोर्ड’ के नाम से वर्णन करते थे।

1295-1304 ईरान में इल-खानी शासक गजन खान का शासन काल। उसके बौद्ध-धर्म से इस्लाम में धर्मान्तरण के बाद धीरे-धीरे अन्य इल-खानी सरदारों का भी धर्मान्तरण होने लगा।
1368 चीन में यू-आन राजवंश का अन्त।
1370-1405 तैमूर का शासन। बरलास तुर्क होते हुए उसने चघताई वंश के आधार पर अपने को चंगेजखान का वंशज बताया। उसने स्टेपी-साम्राज्य की स्थापना की। टोलू राज्य चघताई और जोची राज्यों के कुछ हिस्सों (चीन को छोड़कर). को सम्मिलित करते हुए उसने स्टेपी-क्षेत्र में एक साम्राज्य का गठन किया। उसने अपने को ‘गुरेगेन’, ‘शाही-दामाद’ की उपाधि से विभूषित किया और चंगेजखान के कुल की एक राजकुमारी से विवाह किया।
1495-1530 जहीरूद्दीन बाबर जो तैमूर और चंगेजखान का वंशज था, फरगना और समरकन्द के तैमूरी क्षेत्र का उत्तराधिकारी बना। वहाँ से खदेड़ा गया। काबुल पर अधिकार किया और 1526 में दिल्ली और आगरा पर अधिकार स्थापित किया। उसने भारत में मुगल-साम्राज्य की नींव रखी।
1500 जोची के कनिष्ठ पुत्र शिबान का दंशज शयबानी खान द्वारा तूरान पर आधिपत्य। तूरान में शयबानी सत्ता (शयबानियों को उज़्बेग भी कहा जाता था जिनके नाम से ही वर्तमान उज्बेकिस्तान का नाम पड़ा) को सुदृढ़ किया और इस क्षेत्र से बाबर तथा तैमूर के वंशजों को खदेड़ दिया।
1759 चीन के मंचुओं ने मंगोलिया पर विजय प्राप्त कर ली।
1921 मंगोलिया का गणराज्य।

JAC Class 11 History Important Questions Chapter 4 इस्लाम का उदय और विस्तार-लगभग 570-1200 ई.

Jharkhand Board JAC Class 11 History Important Questions Chapter 4 इस्लाम का उदय और विस्तार-लगभग 570-1200 ई. Important Questions and Answers.

JAC Board Class 11 History Important Questions Chapter 4 इस्लाम का उदय और विस्तार-लगभग 570-1200 ई.

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

1. मुस्लिम कैलेंडर (हिजरी) की शुरुआत हुई-
(अ) 612 ई.
(ब) 642 ई.
(स) 632 ई.
(द) 622 ई.।
उत्तर:
(द) 622 ई.।

2. पैगम्बर मुहम्मद साहब की मृत्यु के बाद प्रथम खलीफा बने-
(अ) हुसैन
(ब) अली
(स) अबू बकर
(द) अब्बास।
उत्तर:
(स) अबू बकर

3. उमय्यद वंश की स्थापना की थी –
(अ) अबू बकर
(ब) उथमान
(स) अली
(द) मुआविया।
उत्तर:
(द) मुआविया।

4. उमय्यद वंश की समाप्ति के बाद किस वंश की स्थापना हुई?
(अ) सुन्नी
(ब) अब्बासी
(स) फातिमी
(द) गजनवी।
उत्तर:
(ब) अब्बासी

JAC Class 11 History Important Questions Chapter 4 इस्लाम का उदय और विस्तार-लगभग 570-1200 ई.

5. प्रथम धर्म-युद्ध लड़ा गया –
(अ) 1095 ई. में
(ब) 1195 ई. में
(स) 995 ई. में
(द) 1098-99 ई. में।
उत्तर:
(द) 1098-99 ई. में।

6. कुरान शरीफ कितने अध्यायों में विभाजित है –
(अ) 140
(ब) 120
(स) 114
(द) 214
उत्तर:
(स) 114

7. अब्द-अल-लतीफ कौन थे?
(अ) बगदाद के सम्राट
(ब) बगदाद के कानून और चिकित्सा के विद्वान
(स) प्रसिद्ध सूफी सन्त
(द) अन्तिम खलीफा।
उत्तर:
(ब) बगदाद के कानून और चिकित्सा के विद्वान

8. ‘चिकित्सा के सिद्धान्त’ (अल़-कानून फिल तिब) का रचयिता था-
(अ) मसूद
(ब) टालेमी
(स) अब्द-अल-लतीफ
(द) इबसिना।
उत्तर:
(द) इबसिना।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

1. पैगम्बर मुहम्मद का अपना कबीला ………………. मक्का में रहता था और उसका वहाँ के मुख्य धर्मस्थल पर नियंत्रण था।
2. जो लोग पैगम्बर मुहम्मद के धर्म-सिद्धान्त को स्वीकार कर लेते थे, उन्हें ………………. कहा जाता था।
3. जिस वर्ष पैगम्बर मुहम्मद का आगमन ……………….. में हुआ उस वर्ष से हिजरी सन् की शुरुआत हुई।
4. पैगम्बर मुहम्मद के देहान्त के बाद उनकी सत्ता ………………. को अंतरित कर दी गई।
5. ………………. ने 661 ई. में अपने आपको अगला खलीफा घोषित कर उमय्यद वंश की स्थापना की।
उत्तर:
1. कुरैश
2. मुसलमान
3. मदीना
4. उम्मा
5. मुआविया

निम्न में से सत्य/असत्य कथन छाँटिये –

1. पहले खलीफा अली ने अनेक अभियानों द्वारा विद्रोहों का दमन किया।
2. पहले उमय्यद खलीफा मुआविया ने दमिश्क को अपनी राजधानी बनाया।
3. अरब, तुर्किस्तान के मध्य एशियायी घास के मैदानों के खानाबदोश कबाइली लोग थे।
4. गजनी सल्तनत की स्थापना अल्पनितिन ( 961 ई.) द्वारा की गई थी।
5. प्रथम धर्मयुद्ध (1098-1099 ई.) में अरब सैनिकों ने सीरिया में एंटीओक और जेरूसलम पर कब्जा कर लिया।
उत्तर:
1. असत्य
2 . सत्य
3 . असत्य
4 . सत्य
5 . असत्य

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निम्नलिखित स्तंभों के सही जोड़े बनाइये –

1. बेदुइन (अ) खुदा का संदेशवाहक
2. कुरैश (ब) पैगम्बर मुहम्मद का संदेशवाहक
3. रसूल (स) पैगम्बर मुहम्मद का कबीला
4. जिबरील (द) पहला उमय्यद खलीफा
5. मुआविया (य) खानाबदोश अरबी कबीले

उत्तर:

1. बेदुइन (य) खानाबदोश अरबी कबीले
2. कुरैश (स) पैगम्बर मुहम्मद का कबीला
3. रसूल (अ) खुदा का संदेशवाहक
4. जिबरील (ब) पैगम्बर मुहम्मद का संदेशवाहक
5. मुआविया (द) पहला उमय्यद खलीफा

 

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कबीले का अर्थ स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
कबीले रक्त सम्बन्धों पर संगठित समाज होते हैं।

प्रश्न 2.
इस्लाम धर्म के संस्थापक कौन थे ?
उत्तर:
पैगम्बर मुहम्मद साहब।

प्रश्न 3.
पैगम्बर मुहम्मद ने अपने आपको खुदा का सन्देशवाहक ( रसूल ) कब घोषित किया ?
उत्तर:
612 ई. के आस-पास।

प्रश्न 4.
कुरान शब्द किससे बना है ?
उत्तर:
इकरा (पाठ करो) से।

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प्रश्न 5.
इस्लामी ब्रह्माण्ड विज्ञान में सृष्टि जीवन के तीन बौद्धिक रूपों का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:

  • दूत
  • इन्सान तथा
  • जिन्न।

प्रश्न 6.
पैगम्बर मुहम्मद के धर्म – सिद्धान्त को स्वीकार करने वाले लोग क्या कहलाये ?
उत्तर:
मुसलमान।

प्रश्न 7.
प्रथम चार खलीफाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • अबूबकर
  • उमर
  • उथमान
  • अली।

प्रश्न 8.
इस्लाम का किन दो सम्प्रदायों में विभाजन हुआ?
उत्तर:
(1) सुन्नी तथा
(2) शिया।

प्रश्न 9.
अली के बाद कौन खलीफा बना और कब बना?
उत्तर:
661 ई. में अली के बाद मुआविया खलीफा बना।

प्रश्न 10.
चट्टान के गुम्बद (डोम ऑफ रॉक) का निर्माण किसने करवाया ?
उत्तर:
उमय्यद वंश के शासक अब्द-अल-मलिक ने।

प्रश्न 11.
अब्बासी कौन थे ?
उत्तर:
अब्बासी पैगम्बर मुहम्मद के चाचा अब्बास के वंशज थे।

प्रश्न 12.
अब्बासी वंश की सत्ता को समाप्त कर किस वंश ने अपनी सत्ता स्थापित की और कब ?
उत्तर:
945 ई. में ईरान के बुवाही शिया वंश ने।

प्रश्न 13.
फातिमी राजवंश के लोग कौन थे ?
उत्तर:
ये लोग पैगम्बर साहब की पुत्री फातिमा के वंशज थे।

प्रश्न 14.
निशापुर को किसने अपनी राजधानी बनाया था ?
उत्तर:
सल्जुक तुर्कों ने।

प्रश्न 15.
तुगरिल बेग कौन था ?
उत्तर:
तुगरिल बेग सल्जुक तुर्कों का प्रसिद्ध नेता था।

प्रश्न 16.
धर्म – युद्ध कब हुए?
उत्तर:
धर्म – युद्ध 1095 और 1291 ई. के बीच हुए।

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प्रश्न 17.
धर्म – युद्ध किन – किनके बीच हुए ?
उत्तर:
पश्चिमी यूरोप के ईसाइयों और मुसलमानों के बीच

प्रश्न 18.
ईसाइयों तथा मुसलमानों में प्रथम धर्म – युद्ध कब हुआ ?
उत्तर:
1098-99 ई. में।

प्रश्न 19.
जजिया कर क्या था ?
उत्तर:
गैर-मुसलमानों से लिया जाने वाला कर जजिया कर कहलाता था।

प्रश्न 20.
इस्लामी राज्य में जिन चार नई फसलों की खेती की गई, उनके नाम लिखो।
उत्तर:

  • कपास
  • संतरा
  • केला
  • तरबूजा।

प्रश्न 21.
इस्लामी राज्य के चार फौजी शहरों के नाम लिखिए –
उत्तर:

  • कुफा (इराक)
  • बसरा (इराक)
  • फुस्तात (मिस्र)
  • काहिरा (मिस्र)।

प्रश्न 22.
आठवीं तथा नौवीं शताब्दियों में कानून की चार शाखाएँ कौनसी थीं?
उत्तर:

  • मलिकी
  • हनफी
  • शफोई
  • हनबली।

प्रश्न 23.
कुरान शरीफ कितने अध्यायों (सूराओं) में विभाजित है ? यह किस भाषा में रचित है ?
उत्तर:
(1) 114 अध्यायों (सूराओं) में
(2) अरबी भाषा में।

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प्रश्न 24.
सूफी मत के दो सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
(1) संसार का त्याग करना
(2) केवल खुदा पर भरोसा करना।

प्रश्न 25.
रुबाई से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
रुबाई चार पंक्तियों वाला छन्द होता है।

प्रश्न 26.
‘शाहनामा’ का रचयिता कौन था ?
उत्तर:
फिरदौसी।

प्रश्न 27.
इस्लामी जगत के पाठकों की नैतिक शिक्षा और उनके मनोरंजन के लिए चार पुस्तकों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • कलीला व दिमना
  • अलसिकन्दर
  • सिन्दबाद
  • एक हजार एक रातें।

प्रश्न 28.
मध्यकालीन मुस्लिम समाज की तस्वीर किस ग्रन्थ में मिलती है ?
उत्तर:
एक हजार एक रातें में।

प्रश्न 29.
‘तहकीक मा लिल-हिंद’ (भारत का इतिहास) नामक पुस्तक का रचयिता कौन था ?
उत्तर:
अल्बरुनी।

प्रश्न 30.
इस्लामी जगत की मस्जिदों का बुनियादी नमूना क्या था ?
उत्तर:
मेहराब, गुम्बद, मीनार और खुला आंगन।

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प्रश्न 31.
उमय्यदों द्वारा नखलिस्तानों में बनाये गए ‘मरुस्थली महलों’ का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
(1) फिलिस्तीन में खिरबत – उल – मफजर महल
(2) जार्डन में कुसाईर अमरा महल।

प्रश्न 32.
इस्लामी धार्मिक कला में कला के किन दो रूपों को बढ़ावा मिला ?
उत्तर:
(1) खुशनवीसी (सुन्दर लिखने की कला)
(2) अरबेस्क (ज्यामितीय तथा वनस्पतीय डिजाइन )।

प्रश्न 33.
622 ई. में हज़रत मुहम्मद साहब द्वारा मक्का से मदीना की ओर प्रस्थान से कौनसे संवत् की शुरुआत
उत्तर:
हिजरी सन् की।

प्रश्न 34.
हिजरी वर्ष सौर वर्ष से कितने दिन कम होता है ?
उत्तर:
11 दिन।

प्रश्न 35.
इस्लामी क्षेत्रों के सन् 600 से 1200 तक के इतिहास की जानकारी के प्रमुख स्रोतों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
इतिवृत्त अथवा तवारीख और अर्द्ध – ऐतिहासिक कृतियाँ, जैसे जीवन चरित, पैगम्बर साहब के कथनों और कृत्यों के अभिलेख, कुरान की टीकाएँ।

प्रश्न 36.
अधिकतर ऐतिहासिक और अर्द्ध – ऐतिहासिक रचनाएँ किस भाषा में हैं? इनमें सर्वोत्तम रचना का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(1) अधिकतर ऐतिहासिक और अर्द्ध – ऐतिहासिक रचनाएँ अरबी भाषा में हैं।
(2) इनमें सर्वोत्तम रचना ‘तबरी की तारीख’ है।

प्रश्न 37.
इतिवृत्तों के अतिरिक्त किन स्रोतों से इस्लाम के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त होती है ?
उत्तर:
कानूनी पुस्तकों, भूगोल, यात्रा – वृत्तान्त और साहित्यिक रचनाओं से इस्लाम के इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है।

प्रश्न 38.
दस्तावेजी साक्ष्य इतिहास-लेखन के लिए सर्वाधिक बहुमूल्य क्यों हैं ?
उत्तर:
दस्तावेजी साक्ष्य इतिहास-लेखन के लिए सर्वाधिक बहुमूल्य हैं क्योंकि इनमें पूर्व चिन्तन कर घटनाओं और व्यक्तियों का उल्लेख नहीं होता ।

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प्रश्न 39.
इग्नाज गोल्डजिहर कौन था?-
उत्तर:
इग्नाज गोल्जजिहर हंगरी का एक यहूदी था, जिसने जर्मन भाषा में इस्लामी कानून और धर्म – विज्ञान के बारे में नई राह दिखाने वाली पुस्तकें लिखीं।

प्रश्न 40.
अरबी कबीलों के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
अरबी कबीले वंशों से बने हुए होते थे अथवा बड़े परिवारों के समूह होते थे । प्रत्येक कबीले का नेतृत्व एक शेख द्वारा किया जाता था।

प्रश्न 41.
बेदूइन कौन थे ?
उत्तर:
बेदूइन खानाबदोश होते थे, जो खजूर आदि खाद्य तथा अपने ऊँटों के लिए चारे की तलाश में रेगिस्तान के सूखे क्षेत्रों से हरे-भरे क्षेत्रों की ओर जाते रहते थे।

प्रश्न 42.
पैगम्बर मुहम्मद कौन थे? वे किस कबीले से सम्बन्धित थे?
उत्तर:
पैगम्बर मुहम्मद सौदागर थे और मक्का में रहने वाले कुरैश कबीले से सम्बन्धित थे। वे इस्लाम धर्म के संस्थापक थे।

प्रश्न 43.
इस्लाम का मूल क्या था ?
उत्तर:
पैगम्बर मुहम्मद ने एक ईश्वर अर्थात् अल्लाह की पूजा करने का और आस्तिकों के एक ही समाज की सदस्यता का प्रचार किया। यह इस्लाम का मूल था।

प्रश्न 44.
‘काबा’ से क्या अभिप्राय है? काबा के बारे में संक्षेप में बताइये।
अथवा
उत्तर:
मक्का के मुख्य धर्म-स्थल का ढाँचा घनाकार था और उसे ‘काबा’ कहा जाता था। इसमें बुत रखे

प्रश्न 45.
‘काबा’ की दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
‘काबा’ को एक ऐसा पवित्र स्थान (हरम) माना जाता था, जहाँ हिंसा वर्जित थी तथा सभी दर्शनार्थियों को सुरक्षा प्रदान की जाती थी।

प्रश्न 46.
मक्का का क्या महत्त्व था?
उत्तर:
मक्का यमन और सीरिया के बीच के व्यापारी मार्गों के एक चौराहे पर स्थित था। यह अरबों का एक प्रमुख धार्मिक केन्द्र था।

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प्रश्न 47.
जिबरील कौन था?
उत्तर:
जिबरील एक महादूत था जो पैगम्बर मुहम्मद के लिए सन्देश लाया करता था।

प्रश्न 48.
पैगम्बर मुहम्मद की तीन शिक्षाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
पैगम्बर मुहम्मदं की तीन शिक्षाएँ थीं –

  • केवल अल्लाह की ही आराधना करना
  • नैतिक सिद्धान्त जैसे खैरात बाँटना तथा
  • चोरी न करना।

प्रश्न 49.
पैगम्बर मुहम्मद ने अपना क्या उद्देश्य बताया ?
उत्तर:
आस्तिकों (उम्मा) के एक ऐसे समाज की स्थापना करना, जो सामान्य धार्मिक विश्वासों के द्वारा आपस में जुड़े हुए हों।

प्रश्न 50.
पैगम्बर मुहम्मद को मक्का के लोगों के विरोध का सामना क्यों करना पड़ा?
उत्तर:
लोग मक्का के देवी-देवताओं के ठुकराए जाने से नाराज थे और वे नये धर्म को मक्का की प्रतिष्ठा तथा समृद्धि के लिए खतरा समझते थे।

प्रश्न 51.
‘हिजरा’ से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
पैगम्बर मुहम्मद की मक्का से मदीना जाने की यात्रा क्या कहलाती है ?
उत्तर:
मक्का के लोगों के विरोध के कारण 622 ई. में पैगम्बर मुहम्मद को मक्का छोड़कर मदीना के लिए प्रस्थान करना पड़ा। इस यात्रा को ‘हिजरा’ कहते हैं।

प्रश्न 52.
मुस्लिम कैलेण्डर या हिजरी सन् की शुरुआत कब हुई ?
उत्तर:
जिस वर्ष पैगम्बर मुहम्मद मदीना पहुँचे, उसी वर्ष से मुस्लिम कैलेण्डर या हिजरी सन् की शुरुआत हुई।

प्रश्न 53.
पैगम्बर मुहम्मद ने किन तरीकों से मदीना में एक राजनीतिक व्यवस्था की स्थापना की ? दो का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
(1) पैगम्बर मुहम्मद ने मुसलमानों के समुदाय को आन्तरिक रूप से सुदृढ़ बनाया।
(2) उन्हें बाहरी खतरों से सुरक्षा प्रदान की।

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प्रश्न 54.
खिलाफत की संस्था का निर्माण किस प्रकार हुआ ?
उत्तर:
उत्तराधिकार के किसी निश्चित नियम के अभाव में इस्लामी राजसत्ता उम्मा को सौंप दी गई जिसके फलस्वरूप खिलाफत संस्था का निर्माण हुआ।

प्रश्न 55.
खिलाफत के दो प्रमुख उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
(1) कबीलों पर नियन्त्रण स्थापित करना, जिनसे मिलकर उम्मा का गठन हुआ था।
(2) राज्य के लिए संसाधन जुटाना।

प्रश्न 56.
प्रथम दो खलीफाओं की उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(1) प्रथम खलीफा अबूबकर ने अनेक अभियानों द्वारा विद्रोहों का दमन किया।
(2) द्वितीय खलीफा ने ‘उम्मा की सत्ता का विस्तार किया।

प्रश्न 57.
बाइजेन्टाइन तथा ससानी साम्राज्यों के विरुद्ध अभियानों में अरबों की सफलता के क्या कारण थे?
उत्तर:
(1) अरबों की उत्तम सामरिक नीति
(2) अरबों में धार्मिक जोश,
(3) विरोधियों की कमजोरियाँ।

प्रश्न 58.
इस्लाम का दो सम्प्रदायों में विभाजन क्यों हुआ ?
उत्तर:
खलीफा अली द्वारा मक्का के अभिजात वर्ग के लोगों के विरुद्ध दो युद्ध लड़े जाने के पश्चात् इस्लाम दो सम्प्रदायों में विभाजित हो गया।

प्रश्न 59.
उमय्यद वंश की स्थापना किसने की और कब की ? इस वंश ने कब तक शासन किया?
उत्तर:

  • 661 ई. में मुआविया ने उमय्यद वंश की स्थापना की।
  • उमय्यद वंश ने 750 ई. तक शासन किया।

प्रश्न 60.
अब्द-अल-मलिक ने अरब और इस्लाम दोनों पहचानों को सुदृढ़ बनाने के लिए क्या उपाय किये ?
उत्तर:
(1) अब्द अल मलिक ने अरबी को प्रशासन की भाषा बनाया।
(2) उसने इस्लामी सिक्के जारी किये जिन पर अरबी भाषा में लिखा होता था।

प्रश्न 61.
चट्टान का गुम्बद (डोम ऑफ रॉक) का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
यह इस्लामी वास्तुकला का पहला बड़ा नमूना है। यह जेरुस्लम नगर की मुस्लिम संस्कृति का प्रतीक था।

प्रश्न 62.
‘अब्बासी क्रान्ति’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
750 ई. में उमय्यद वंश का स्थान अब्बासियों ने ले लिया। इस घटना को ‘अब्बासी क्रान्ति’ कहते हैं।

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प्रश्न 63.
अब्बासियों ने किस प्रकार सत्ता प्राप्त की ?
उत्तर:
उन्होंने लोगों को यह वचन दिया कि पैगम्बर के परिवार का कोई मसीहा उन्हें उमय्यदों के दमनकारी शासन से मुक्त करायेगा ।

प्रश्न 64.
अब्बासियों ने उमय्यद वंश के किस अन्तिम खलीफा को पराजित कर सत्ता प्राप्त की?
उत्तर:
अब्बासियों की सेना का नेतृत्व एक ईरानी गुलाम अबू मुस्लिम ने किया तथा अन्तिम उमय्यद खलीफा मारवान को ज़ब नदी पर हुई लड़ाई में पराजित किया ।

प्रश्न 65.
नौवीं शताब्दी में अब्बासी राज्य के कमजोर होने के दो कारण लिखिए।
उत्तर:
(1) दूर के प्रान्तों पर बग़दाद का नियन्त्रण कम हो गया था।
(2) सेना और नौकरशाही में अरब – समर्थक और ईरान समर्थक गुटों में आपस में झगड़ा हो गया था।

प्रश्न 66.
बुवाही वंश के शासकों की दो उपलब्धियाँ बताइए।
उत्तर:
(1) बुवाही वंश के शासकों ने बगदाद पर अधिकार कर लिया।
(2) उन्होंने विभिन्न उपाधियाँ धारण कीं, जिनमें ‘शहंशाह’ भी शामिल थी।

प्रश्न 67.
फातिमी राजवंश के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
फातिमी राजवंश का सम्बन्ध इस्माइली सम्प्रदाय इस्माइली से था तथा ये लोग अपने आप को पैगम्बर साहब की पुत्री फातिमा का वंशज मानते थे।

प्रश्न 68.
फातिमी खिलाफत की दो उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(1) 969 ई. में फातिमी लोगों ने मिस्र पर विजय प्राप्त की।
(2) उन्होंने शिया कवियों और विद्वानों को आश्रय प्रदान किया।

प्रश्न 69.
तुर्क लोग कौन थे ?
उत्तर:
तुर्क, तुर्किस्तान के मध्य एशियाई घास के मैदानों के खानाबदोश कबाइली लोग थे। वे कुशल घुड़सवार और वीर योद्धा थे।

प्रश्न 70.
गजनी सल्तनत की स्थापना किसने और कब की थी और उसे किसने सुदृढ़ किया?
उत्तर:
गजनी सल्तनत की स्थापना अल्पतिगिन ने 961 ई. में की थी और उसे महमूद गजनवी ने सुदृढ़ किया था।

प्रश्न 71.
गजनवी वंश के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
गजनवी वंश एक सैनिक वंश था जिसके पास तुर्कों और भारतीयों जैसी व्यावसायिक सेना थी । उसकी सत्ता और शक्ति का केन्द्र खुरासान और अफगानिस्तान थे।

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प्रश्न 72.
सल्जुक तुर्क कौन थे ?
उत्तर:
सल्जुक तुर्क समानियों और काराखानियों की सेनाओं में सैनिकों के रूप में तूरान में पहुँच गए। तुगरिल तथा छागरी बेग इनके प्रसिद्ध नेता थे।

प्रश्न 73.
सल्जुक तुर्कों की दो उपलब्धियाँ बताइये।
उत्तर:
(1) 1037 में सल्जुकों ने खुरासान पर विजय प्राप्त की और
(2) निशापुर को अपनी प्रथम राजधानी बनाया। 1055 में उन्होंने बगदाद पर भी अधिकार कर लिया।

प्रश्न 74.
निशापुर किसलिए प्रसिद्ध था ?
उत्तर:
निशापुर सल्जुक तुर्कों की राजधानी थी। यह शिक्षा का एक महत्त्वपूर्ण फारसी – इस्लामी केन्द्र था। यह प्रसिद्ध विद्वान उमर खय्याम का जन्म स्थान भी था।

प्रश्न 75.
तुगरिल बेग की दो उपलब्धियों का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
(1) तुगरिल बेग के नेतृत्व में सल्जुक तुर्कों ने गजनी को जीत लिया और
( 2) 1055 में बगदाद पर अधिकार कर लिया।

प्रश्न 76.
धर्म – युद्ध से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
1095 और 1291 के बीच पश्चिमी यूरोप के ईसाइयों ने मुसलमानों से अपने पवित्र धर्म – स्थान को मुक्त कराने के लिए अनेक युद्ध लड़े। जिन्हें धर्म- युद्ध कहा जाता है

प्रश्न 77.
धर्म- युद्धों के दो कारण लिखिए।
उत्तर:
(1) मुसलमानों ने ईसाइयों के पवित्र स्थान जेरुस्लम पर अधिकार कर लिया था।
(2) ईसाइयों और मुसलमानों के बीच शत्रुता विद्यमान थी ।

प्रश्न 78.
‘ईश्वरीय शान्ति आन्दोलन’ क्या था ?
उत्तर:
इस आन्दोलन ने सामन्ती समाज की आक्रमणकारी प्रवृत्तियों को ईसाई जगत से हटा कर ईश्वर के शत्रुओं की ओर मोड़ दिया था।

प्रश्न 79.
प्रथम धर्म – युद्ध के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
इस युद्ध में फ्रांस और इटली के सैनिकों ने सीरिया में एंटीओक तथा जेरुस्लम पर अधिकार कर लिया।

प्रश्न 80.
‘आउटरैमर’ से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
प्रथम धर्म – युद्ध के दौरान ईसाइयों ने सीरिया – फिलिस्तीन के क्षेत्र में जीते गए चार राज्य स्थापित कर लिए। इन्हें ‘आउटरैमर’ कहा जाता था।

प्रश्न 81.
दूसरा धर्म – युद्ध कब हुआ ? इसका क्या कारण था ?
उत्तर:
जब तुर्कों ने 1144 में एडेस्सा पर अधिकार कर लिया, तो पोप ने एक दूसरे धर्म – युद्ध के लिए अपील की। परिणामस्वरूप 1145-49 में द्वितीय धर्म – युद्ध शुरू हो गये।

प्रश्न 82.
तीसरा धर्म – युद्ध कब हुआ ? इसका क्या कारण था ?
उत्तर:
जब मुसलमानों ने जेरुस्लम पर अधिकार कर लिया, तो 1189 ई. में तीसरे धर्म – युद्ध का सूत्रपात हुआ।

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प्रश्न 83.
धर्म – युद्धों के ईसाई – मुस्लिम सम्बन्धों पर क्या स्थायी प्रभाव हुए?
उत्तर:
(1) मुस्लिम राज्यों ने अपनी ईसाई प्रजा के प्रति कठोर नीति अपनाना शुरू कर दिया।
(2) पूर्व और पश्चिम के बीच व्यापार में इटली के व्यापारी समुदायों का प्रभाव बढ़ गया।

प्रश्न 84.
फ्रैंक कौन थे ?
उत्तर:
फ्रैंक धर्म- युद्धों में विजय पाने वाले पश्चिमी देशों के नागरिक थे। ये सीरिया तथा फिलिस्तीन में बस गए

प्रश्न 85.
‘खराज’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
अरबों द्वारा जोती गई भूमि पर ‘खराज’ कर लगता था जो खेती की स्थिति के अनुसार उसके आधे से लेकर उसके पाँचवें हिस्से के बराबर होता था।

प्रश्न 86.
इस्लामी राज्य में नये शहरों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या था ?:
उत्तर:
इस्लामी राज्य में नये शहरों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य मुख्य रूप से अरब सैनिकों को बसाना था, जो स्थानीय प्रशासन की रीढ़ थे।

प्रश्न 87.
मध्यकालीन आर्थिक जीवन में मुस्लिम जगत का सबसे बड़ा योगदान क्या था ?
उत्तर:
मध्यकालीन आर्थिक जीवन में मुस्लिम जगत का सबसे बड़ा योगदान यह था कि उन्होंने अदायगी और व्यापार सम्बन्ध के श्रेष्ठ तरीकों का विकास किया।

प्रश्न 88.
इस्लामी राज्य में साख-पत्रों तथा हुण्डियों का किस प्रकार उपयोग किया जाता था ?
उत्तर:
साख-पत्रों तथा हुण्डियों का उपयोग व्यापारियों, साहूकारों द्वारा धन को एक स्थान से दूसरे स्थान और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को अन्तरित करने के लिए किया जाता था।

प्रश्न 89.
वाणिज्यिक पत्रों के उपयोग से व्यापारी वर्ग को क्या लाभ हुआ?
उत्तर:
वाणिज्यिक पत्रों के उपयोग से व्यापारी वर्ग को हर स्थान पर नकद मुद्रा अपने साथ ले जाने से मुक्ति मिल गई तथा इससे उनकी यात्राएँ भी अधिक सुरक्षित हो गईं।

प्रश्न 90.
‘मुज़र्बा’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
‘मुज़र्बा’ जैसे औपचारिक व्यापारिक प्रबन्धों में निष्क्रिय साझेदार अपनी पूँजी देश-विदेश में जाने वाले सक्रिय सौदागरों को सौंप देते थे।

प्रश्न 91.
कुरान शरीफ के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
मुस्लिम परम्पराओं के अनुसार कुरान शरीफ उन सन्देशों का संग्रह है, 610 और 632 के बीच की अवधि में दिए थे।

प्रश्न 92.
सूफ़ी कौन थे ? जो खुदा ने पैगम्बर मुहम्मद को
उत्तर:
मध्यकालीन इस्लाम के धार्मिक विचारों वाले लोगों का समूह ‘सूफी’ कहलाता था। ये लोग तपश्चर्या और रहस्यवाद के द्वारा खुदा का ज्ञान प्राप्त करना चाहते थे।

प्रश्न 93.
सूफी मत के सर्वेश्वरवाद से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
सर्वेश्वरवाद ईश्वर और उसकी सृष्टि के एक होने का विचार है। इससे अभिप्राय यह है कि मनुष्य की आत्मा को परमात्मा के साथ मिलाना चाहिए।

प्रश्न 94.
अब्द-अल-लतीफ कौन थे ?
उत्तर:
अब्द-अल-लतीफ बारहवीं शताब्दी के बगदाद के कानून और चिकित्सा के विषयों के विद्वान थे।

प्रश्न 95.
अब्द-अल-लतीफ के अनुसार एक आदर्श विद्यार्थी को किन दो शिक्षाओं को ग्रहण करना चाहिए?
उत्तर:
(1) प्रत्येक विषय के ज्ञान के लिए अध्यापकों का ही सहारा लेना चाहिए।
(2) अपने अध्यापकों का आदर करना चाहिए।

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प्रश्न 96.
इब्नसिना के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
इब्नसिना (980-1037) एक प्रसिद्ध चिकित्सक तथा दार्शनिक था । उसने ‘चिकित्सा के सिद्धान्त’ नामक पुस्तक की रचना की थी ।

प्रश्न 97.
‘अदब’ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
‘अदब’ का अर्थ है – साहित्यिक और सांस्कृतिक परिष्कार । अदब रूपी अभिव्यक्तियों में पद्य और गद्य शामिल थे।

प्रश्न 98.
नई फारसी कविता क्या थी? इसका जनक कौन था ?
उत्तर:
(1) नई फारसी कविता में छोटे गीत-काव्य (गज़ल) और चतुष्पदी ( रुबाई) जैसे नये रूप शामिल थे । (2) नई फारसी कविता का जनक रुदकी था ।

प्रश्न 99.
उमर खय्याम कौन था ?
उत्तर:
उमर खय्याम एक प्रसिद्ध कवि, खगोल वैज्ञानिक तथा गणितज्ञ था। उसने रुबाई को अत्यधिक लोकप्रिय बना दिया था।

प्रश्न 100.
‘शाहनामा’ की दो प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(1) शाहनामा में 50,000 पद हैं। यह इस्लामी साहित्य की एक श्रेष्ठ रचना मानी जाती है।
(2) इसमें प्रारम्भ से लेकर अरबों की विजय तक ईरान का चित्रण है।

प्रश्न 101.
मस्जिद के आवश्यक तत्त्वों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
मस्जिद में एक खुला प्रांगण होता था, जहाँ पर एक फव्वारा अथवा जलाशय होता था और यह प्रांगण एक बड़े कमरे की ओर खुलता था।

प्रश्न 102.
मस्जिद के बड़े कमरे की दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
(1) दीवार में एक मेहराब होती है।
(2) एक मंच होता है जहाँ से शुक्रवार को दोपहर की नमाज के समय प्रवचन दिए जाते हैं।

प्रश्न 103.
हदीथ की विषय-वस्तु क्या है?
उत्तर:
हदीथ में पैगम्बर मुहम्मद साहब के कथनों और कृत्यों के अभिलेख हैं।

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प्रश्न 104.
‘कलीला व दिमना’ किस भारतीय ग्रन्थ का अरबी अनुवाद है ?
उत्तर:
‘पंचतन्त्र’ का।

प्रश्न 105.
657 ई. में हुई ‘ऊँट की लड़ाई’ में अली ने किसे पराजित किया?
उत्तर:
657 ई. में हुई ‘ऊँट की लड़ाई’ में अली ने मुहम्मद की पत्नी आयशा की सेना को पराजित किया।

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अरब में इस्लाम के उदय के पूर्व अरबों की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
अरब में इस्लाम के उदय के पूर्व अरबों की स्थिति –
(1) इस्लाम धर्म के उदय के पूर्व अरब लोग कबीलों में बँटे हुए थे। प्रत्येक कबीले का नेतृत्व एक शेख द्वारा किया जाता था। उसका चुनाव कुछ हद तक पारिवारिक सम्बन्धों के आधार किया जाता था, परन्तु वह अधिकतर व्यक्तिगत साहस, बुद्धिमत्ता और उदारता के आधार पर चुना जाता था। कबीले रक्त सम्बन्धों पर संगठित समाज होते थे।
(2) प्रत्येक कबीले के अपने स्वयं के देवी-देवता होते थे, जो बुतों के रूप में मस्जिदों में पूजे जाते थे
(3) बहुत से अरब कबीले खानाबदोश होते थे। ये लोग खजूर आदि खाद्य तथा अपने ऊँटों के लिए चारे कीतलाश में रेगिस्तान में सूखे – क्षेत्रों से हरे-भरे क्षेत्रों की ओर जाते रहते थे।
(4) कुछ कबीले शहरों में बस गए थे और व्यापार अथवा खेती का काम करने लगे थे।

प्रश्न 2.
कबीले से क्या अभिप्राय है? कबीले की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कबीले रक्त-सम्बन्धों पर संगठित समाज होते थे। अरबी कबीले वंशों से बने हुए होते थे अथवा बड़े परिवारों के समूह होते थे। गैर- अरब व्यक्ति कबीलों के प्रमुखों के संरक्षण में सदस्य बन जाते थे। लेकिन इनके साथ अरब व्यक्तियों (मुसलमानों) द्वारा समानता का व्यवहार नहीं किया जाता था। गैर – रिश्तेदार वंशों का तैयार किए गए वंश – -क्रम के आधार पर इस आशा के साथ विलय होता था कि नया कबीला शक्तिशाली होगा।

प्रश्न 3.
ब्रददू या बेदूइन के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
बहुत से अरब कबीले खानाबदोश होते थे, जो बद्दू या बेदूइन कहलाते थे। ये लोग ऊँट पशुचारी थे। ये लोग खाद्य और ऊँटों के लिए चारे की तलाश में रेगिस्तान में सूखे क्षेत्रों से हरे-भरे क्षेत्रों (नखलिस्तान) की ओर भ्रमण रहते थे। खजूर इन लोगों का प्रमुख भोजन था और इसे प्राप्त करने के लिए हरे-भरे क्षेत्रों (नखलिस्तान) की तलाश में रहते थे। कुछ लोग शहरों में बस गए थे और व्यापार अथवा खेती का काम करने लग गए थे।

प्रश्न 4.
पैगम्बर मुहम्मद के प्रादुर्भाव के पूर्व मक्का के धार्मिक महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
अथवा
काबा पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
‘मक्का का धार्मिक महत्त्व – पैगम्बर मुहम्मद साहब के प्रादुर्भाव के पूर्व मक्का अरबों का एक प्रमुख धार्मिक केन्द्र था। पैगम्बर मुहम्मद का कबीला कुरैश भी मक्का में रहता था जिसका वहाँ के मुख्य धर्म-स्थल पर नियन्त्रण था। इस धर्म-स्थल का ढाँचा घनाकार था और उसे ‘काबा’ के नाम से पुकारा जाता था। इसमें बुत रखे हुए थे। मक्का के बाहर के कबीले भी काबा को पवित्र मानते थे। वे इसमें बुत रखते थे और प्रतिवर्ष इस स्थान की धार्मिक यात्रा (हज) करते थे।

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मक्का, यमन और सीरिया के बीच के व्यापारी मार्गों के एक चौराहे पर स्थित था, जिससे शहर का महत्त्व और बढ़ गया था। काबा को एक ऐसा पवित्र स्थान माना जाता था, जहाँ हिंसा का निषेध था और सभी दर्शनार्थियों को सुरक्षा प्रदान की जाती थी। तीर्थयात्रा और व्यापार ने खानाबदोश तथा बसे हुए कबीलों को एक-दूसरे से सम्पर्क स्थापित करने तथा अपने विश्वासों और रीति-रिवाजों को आपस में बाँटने का अवसर दिया। बहुदेववादी अरब लोगों को अल्लाह की धारणा के बारे में अस्पष्ट-सी ही जानकारी थी, परन्तु उनका मूर्तियों तथा इबादतगाहों के साथ लगाव सीधा और सुदृढ़ था।

प्रश्न 5.
जिबरील के बारे आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
जिबरील – जिबरील एक महादूत थे जो पैगम्बर मुहम्मद साहब के लिए सन्देश लाया करते थे। यह माना जाता है कि जो शब्द उन्होंने सबसे पहले बोला, वह इकरा था। इकरा का अर्थ है – बयान करो। कुरान शब्द इकरा से बना है। इस्लामी ब्रह्माण्ड विज्ञान में दूतों को सृष्टि- जीवन के तीन बौद्धिक रूपों में से एक माना जाता है।

अन्य दो रूप हैं –
(1) इन्सान और
(2) जिन्न।

प्रश्न 6.
इस्लाम धर्म के सुदृढ़ीकरण और उसके प्रचार-प्रसार के लिए पैगम्बर मुहम्मद साहब के द्वारा किये गए कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
इस्लाम धर्म के सुदृढ़ीकरण और उसके प्रचार-प्रसार के लिए पैगम्बर मुहम्मद साहब के कार्य –
(1) मदीना में राजनीतिक व्यवस्था की स्थापना – पैगम्बर मुहम्मद साहब ने मदीना में एक राजनीतिक व्यवस्था की स्थापना की, जिसने उनके अनुयायियों को सुरक्षा प्रदान की और इसके साथ-साथ शहर में चल रही कलह को सुलझाया।

(2) उम्मा को एक बड़े समुदाय के रूप में बदलना – उन्होंने उम्मा को एक बड़े समुदाय के में बदल दिया गया ताकि मदीना के बहुदेववादियों तथा यहूदियों को पैगम्बर मुहम्मद के राजनीतिक नेतृत्व के अन्तर्गत लाया जा सके।

(3) कर्मकाण्डों और नैतिक सिद्धान्तों में वृद्धि एवं सुधार करना – पैगम्बर मुहम्मद साहब ने कर्मकाण्डों जैसे उपवास आदि और नैतिक सिद्धान्तों में वृद्धि तथा सुधार करके इस्लाम धर्म को अपने अनुयायियों के लिए सुदृढ़ बनाया।

(4) मक्का पर अधिकार – पैगम्बर मुहम्मद ने मक्का पर भी अधिकार कर लिया । इसके परिणामस्वरूप एक धार्मिक प्रचारक तथा राजनीतिक नेता के रूप में पैगम्बर मुहम्मद साहब की प्रतिष्ठा दूर-दूर तक फैल गई।

(5) अनेक कबीलों द्वारा इस्लाम धर्म ग्रहण करना – पैगम्बर मुहम्मद की शिक्षाओं और उपलब्धियों से प्रभावित होकर बहुत से कबीलों ने अधिकांशतः बद्दुओं ने, इस्लाम धर्म को ग्रहण कर लिया और उस समाज में शामिल हो गए।

(6) प्रशासनिक राजधानी एवं धार्मिक केन्द्र की स्थापना – शीघ्र ही पैगम्बर मुहम्मद द्वारा संरचित गठजोड़ का प्रसार सम्पूर्ण अरब देश में हो गया । मदीना इस्लामी राज्य की प्रशासनिक राजधानी तथा मक्का उसका धार्मिक केन्द्र बन गया।

प्रश्न 7.
खिलाफत की संस्था का निर्माण किस प्रकार हुआ ? इसके क्या उद्देश्य थे?
उत्तर:
खिलाफत की संस्था का निर्माण- सन् 632 में पैगम्बर मुहम्मद साहब की मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु के बाद कोई भी व्यक्ति वैध रूप से इस्लाम का अगला पैगम्बर होने का दावा नहीं कर सकता था। अतः उनकी राजसत्ता उम्मा को सौंप दी गई। इससे मुसलमानों में गहरे मतभेद उत्पन्न हो गए। सबसे बड़ा नव-परिवर्तन यह हुआ कि खिलाफत की संस्था का निर्माण हुआ। इसमें समुदाय का नेता अर्थात् अमीर अल-मोमिनिन पैगम्बर का प्रतिनिधि (खलीफा) बन गया। पहले चार खलीफाओं ( 632-661 ई.) ने पैगम्बर के साथ अपने गहरे और निकटतम सम्बन्धों के आधार पर अपनी शक्तियों तथा अधिकारों का औचित्य स्थापित किया।
खिलाफत के उद्देश्य –
(1) उम्मा के कबीलों पर नियन्त्रण स्थापित करना।
(2) राज्य के लिए संसाधन जुटाना।

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प्रश्न 8.
खलीफाओं के शासन काल में इस्लामी राज्य के विस्तार का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
खलीफाओं के शासन काल में इस्लामी राज्य का विस्तार –
(1) प्रथम खलीफा – पैगम्बर मुहम्मद के देहावसान के बाद बहुल से कबीले इस्लामी राज्य से टूट कर अलग हो गए। कुछ कबीलों ने स्वयं अपने समाजों की स्थापना हेतु अपने स्वयं के पैगम्बर बना लिए थे। इस स्थिति में प्रथम खलीफा अबूबकर ने अनेक अभियानों द्वारा विद्रोहों का दमन किया।

(2) द्वितीय खलीफा – दूसरे खलीफा उमर और उसके सेनापतियों ने पश्चिम में बाइजेन्टाइन समुदाय और पूर्व में ‘ससानी साम्राज्य के विरुद्ध अभियान किये। तीन सफल अभियानों (637-642 ई.) में अरबों ने सीरिया, इराक ईरान और मिस्र पर अधिकार कर लिया।

(3) तृतीय खलीफा -तृतीय खलीफा, उथमान (644-656) ने अपना नियन्त्रण मध्य एशिया तक बढ़ाने के लिए और अभियान चलाए। इस प्रकार पैगम्बर मुहम्मद की मृत्यु के एक दशक के अन्दर अरब-इस्लामी राज्य ने नील और आक्सस के बीच के विशाल क्षेत्र पर अपना प्रभुत्व एवं नियन्त्रण स्थापित कर लिये।

प्रश्न 9.
विजित प्रान्तों में खलीफाओं द्वारा स्थापित प्रशासनिक ढाँचे का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विजित प्रान्तों में खलीफाओं द्वारा नया प्रशासनिक ढाँचा स्थापित किया गया। इसकी प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार थीं-
(1) नये प्रशासनिक ढाँचे के अध्यक्ष गवर्नर (अमीर) तथा कबीलों के मुखिया (अशरफ) थे।
(2) केन्द्रीय राजकोष के दो प्रमुख स्रोत थे –

  • मुसलमानों द्वारा अदा किये जाने वाले कर तथा
  • सैनिक अभियानों. द्वारा मिलने वाली लूट में से प्राप्त हिस्सा।

(3) खलीफा के सैनिक रेगिस्तान के किनारों पर बसे शहरों जैसे कुफा तथा बसरा में शिविरों में रहते थे ताकि वे अपने प्राकृतिक आवास स्थलों के निकट तथा खलीफा की कमान के अन्तर्गत बने रहें।

(4) शासक वर्ग और सैनिकों को लूट में हिस्सा मिलता था और मासिक अदायगियाँ प्राप्त होती थीं।

(5) गैर – मुस्लिम लोगों को खराज और जजिया नामक कर देने पड़ते थे । इन करों के अदा करने पर ही उनका सम्पत्ति का तथा धार्मिक कार्यों को सम्पन्न करने का अधिकार बना रहता था।

(6) यहूदी और ईसाई मुस्लिम- – राज्य के संरक्षित लोग (धिम्मीस) घोषित किये गए और अपने सामुदायिक कार्यों को करने के लिए उन्हें काफी अधिक स्वायत्तता दी गई थी।

प्रश्न 10.
तृतीय खलीफा उथमान की हत्या के लिए उत्तरदायी परिस्थितियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
तृतीय खलीफा उथमान की हत्या के लिए उत्तरदायी परिस्थितियाँ-
(1) अरब कबीले राजनैतिक विस्तार तथा एकीकरण का कार्य सरलता से नहीं कर पाये। इस्लामी राज्य के विस्तार से तथा संसाधनों और पदों के वितरण के सम्बन्ध में उत्पन्न हुए झगड़ों से उम्मा की एकता खतरे में पड़ गई।

(2) प्रारम्भिक इस्लामी राज्य के शासन में मक्का के कुरैश लोगों का ही बोलबाला था। तृतीय खलीफा उथमान (644- 656 ) भी एक कुरैश था। उसने सत्ता पर अधिक नियन्त्रण प्राप्त करने के लिए प्रशासन में अपने ही व्यक्ति नियुक्त कर दिए। ‘परिणामस्वरूप अन्य कबीलों में असन्तोष उत्पन्न हुआ और वे उथमान का विरोध करने लगे।

(3) तृतीय खलीफा उथमान की नीतियों से इराक तथा मिस्र में तो पहले से ही विरोध था। अब मदीना में भी विरोध उत्पन्न हो जाने से 656 ई. में उथमान की हत्या कर दी गई।

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प्रश्न 11.
चतुर्थ खलीफा अली के शासन काल की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
चतुर्थ खलीफा अली के शासन काल की प्रमुख घटनाएँ – चतुर्थ खलीफा अली के शासन काल की प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित थीं-
(1) 656 में अली को चतुर्थ खलीफा नियुक्त किया गया। उसने मक्का के अभिजात – तन्त्र का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों के विरुद्ध दो युद्ध लड़े। इसके फलस्वरूप मुसलमानों में कटुता और बढ़ गई। अली के समर्थकों और शत्रुओं ने बाद में इस्लाम के दो मुख्य सम्प्रदाय शिया और सुन्नी बना लिए।

(2) अली ने अपनी सत्ता कुफा में स्थापित कर ली। उसने पैगम्बर मुहम्मद की पत्नी आयशा के नेतृत्व में लड़ने वाली सेना को 657 ई. में ‘ऊँट की लड़ाई’ में पराजित कर दिया। लेकिन, वह उथमान (तृतीय खलीफा) के नातेदार और सीरिया के गवर्नर मुआविया के नेतृत्व वाले गुट का दमन नहीं कर सका।

(3) अली को सिफ्फिन (उत्तरी मेसोपोटामिया ) में दूसरा युद्ध लड़ना पड़ा जो सन्धि के रूप में समाप्त हुआ। इसके परिणामस्वरूप उसके अनुयायी दो गुटों में बँट गए, कुछ उसके वफादार बने रहे, जबकि अन्य लोगों ने उसका साथ छोड़ दिया और वे खरजी कहलाने लगे।

(4) इसके शीघ्र बाद, कुफा में एक खरजी ने एक मस्जिद में अली की हत्या कर दी।

प्रश्न 12.
अब्द-अल-मलिक द्वारा सिक्कों में क्या सुधार किए गए ?
उत्तर:
(1) अब्द-अल-मलिक के पहले जो सिक्के चल रहे थे, वे रोमन और ईरानी अनुकृतियाँ थे जिन पर सलीब और अग्नि – वेदी के चिह्न बने होते थे और यूनानी तथा पहलवी भाषा में लेख अंकित होते थे। अब्द अल-मलिक ने इन चिह्नों को हटवा दिया और सिक्कों पर अरबी भाषा में लेख अंकित कर दिया।
(2) अब्द-अल-मलिक द्वारा सिक्कों में किए गए सुधार उसके राज्य – वित्त के पुनर्गठन से जुड़े हुए थे।
(3) अब्द-अल-मलिक की सिक्के ढालने की प्रक्रिया इतनी सफल थी कि उसके सिक्कों के प्रारूप व वजन के अनुसार ही कई शताब्दियों तक सिक्के ढाले जाते रहे।

प्रश्न 13.
उमय्यद खलीफा शब्द अल-मलिक द्वारा अपनायी गयी नीतियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
शब्द अल-मलिक द्वारा अपनायी गयी नीतियाँ –
(1) शब्द अल-मलिक और उसके उत्तराधिकारियों के शासन काल में अरब और इस्लाम दोनों पहचानों पर मजबूती से बल दिया जाता रहा।
(2) शब्द अल-मलिक ने अरबी को प्रशासन की भाषा के रूप में अपनाया।
(3) उसने सिक्कों से रोमन तथा ईरानी चिन्हों को हटाकर उन पर अरबी भाषा में लिखा गया। इस प्रकार उसने इस्लामी सिक्कों को जारी किया।
(4) उसने जेरूसलम में डोम ऑफ रॉक बनवाकर अरब-इस्लामी पहचान को विकसित किया।

प्रश्न 14.
उमय्यदों के किन राजनैतिक उपायों से उम्मा के भीतर उनका नेतृत्व सुदृढ़ हुआ?
उत्तर:
उमय्यदों ने ऐसे बहुत से राजनैतिक उपाय किए जिनसे उम्मा के भीतर उनका नेतृत्व सुदृढ़ हो गया –
(1) प्रथम उमय्यद खलीफा मुआविया ने दमिश्क को अपनी राजधानी बनाया।
(2) उसने बाइजेंटाइन साम्राज्य की राजदरबारी रस्मों और प्रशासनिक संस्थाओं को अपना लिया।
(3) उसने वंशगत उत्तराधिकार की परम्परा भी प्रारंभ की और प्रमुख मुसलमानों को मना लिया कि वे उसके पुत्रों को उसका वारिस स्वीकार करें।
(4) बाद वाले खलीफाओं ने भी ये नवीन परिवर्तन अपना लिए।
इन राजनैतिक परिवर्तनों के फलस्वरूप उमय्यद राज्य एक साम्राज्यीय शक्ति बन गया। वह सीधे इस्लाम पर आधारित न होकर शासन – कला और सैनिकों की वफादारी के बल पर चल रहा था तथा इस्लाम उसे वैधता प्रदान करता रहा।

प्रश्न 15.
सन् 950 से 1200 तक की अवधि में इस्लामी समाज की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
सन् 950 से 1200 तक की अवधि में इस्लामी समाज किसी एकल राजनीतिक व्यवस्था अथवा किसी संस्कृति की एकल भाषा अरबी से नहीं, बल्कि सामान्य आर्थिक और सांस्कृतिक प्रतिरूपों से एकजुट बना रहा। इस एकता को बनाए रखने के लिए राज्य और समाज को अलग माना गया। इसके अतिरिक्त इस्लामी उच्च संस्कृति की भाषा के रूप में फारसी का विकास किया गया। इस एकता के निर्माण में विद्वानों, कलाकारों, व्यापारियों आदि ने भी योगदान दिया। विद्वान, कलाकार, व्यापारी आदि इस्लामी राज्य में घूमते रहते थे । इससे लोगों में विचारों तथा तौर-तरीकों का आदान-प्रदान होता रहता था । इसके फलस्वरूप अनेक लोग इस्लाम धर्म ग्रहण कर लेते थे। परिणामस्वरूप मुसलमानों की जनसंख्या आगे चलकर बहुत अधिक बढ़ गई। इस्लाम ने एक अलग धर्म तथा सांस्कृतिक प्रणाली के रूप में अपनी पहचान बना ली।

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प्रश्न 16.
दसवीं तथा ग्यारहवीं शताब्दियों में तुर्की सल्तनत का उदय किस प्रकार हुआ ?
उत्तर:
दसवीं तथा ग्यारहवीं शताब्दियों में तुर्की सल्तनत का उदय हुआ। तुर्क, तुर्किस्तान के मध्य एशियाई घास के मैदानों के खानाबदोश कबाइली लोग थे जिन्होंने धीरे-धीरे इस्लाम धर्म अपना लिया था। तुर्क कुशल घुड़सवार तथा वीर योद्धा थे। वे गुलामों और सैनिकों के रूप में अब्बासी, समानी तथा बुवाही शासकों के अधीन कार्य करने लगे। 961 ई. में अल्पतिगिन ने गजनी सल्तनत की स्थापना की। गजनी सल्तनत को मजबूत बनाने में महमूद गजनवी (998-1030 ई.) ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।

गजनवी वंश एक सैनिक वंश था जिसके पास तुर्कों और भारतीयों जैसी पेशेवर सेना थी । उनकी सत्ता और शक्ति का केन्द्र खुरासान ओर अफगानिस्तान था। इसलिए उनके लिए अब्बासी प्रतिद्वन्द्वी नहीं थे, बल्कि उनकी वैधता के स्रोत थे। महमूद गजनवी जानता था कि वह एक गुलाम का पुत्र था और इस कारण वह खलीफा से सुल्तान की उपाधि प्राप्त करने के लिए लालायित था। दूसरी और खलीफा भी गजनवी जो सुन्नी था, को समर्थन देने के लिए सहमत हो गया था।

प्रश्न 17.
सलजुक तुर्कों द्वारा तुर्क – साम्राज्य के विस्तार के लिए किये गए प्रयासों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सलजुक तुर्क समानियों और काराखानियों की सेनाओं में सैनिकों के रूप में तूरान में प्रविष्ट हो गए। उन्होंने बाद में दो भाइयों तुगरिल और छागरी बेग के नेतृत्व में एक शक्तिशाली समूह का रूप धारण कर लिया। महमूद गजनवी की मृत्यु के बाद सलजुक तुर्कों ने 1037 ई. में खुरासान पर अधिकार कर लिया और निशापुर को अपनी राजधानी बनाया। कुछ समय बाद उन्होंने 1055 में बगदाद को पुनः सुन्नी शासन के अधीन कर दिया।

खलीफा अल- कायम ने तुगरिल बेग को सुल्तान की उपाधि प्रदान की जिसके फलस्वरूप धार्मिक सत्ता राजनीतिक सत्ता से अलग हो गई। दोनों सलजुक भाइयों ने इकट्ठे मिलकर शासन का संचालन किया। इसके बाद उनका भतीजा अल्प अरसलन गद्दी पर बैठा। उसके शासन काल में सलजुक साम्राज्य का विस्तार अनातोलिया ( आधुनिक तुर्की) तक हो गया।

प्रश्न 18.
इस्लामी राज्य में कृषि की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
इस्लामी राज्य में कृषि की स्थिति – अरबों द्वारा नए जीते गए क्षेत्रों में बसे हुए लोगों का प्रमुख व्यवसाय कृषि था। इस्लामी राज्य ने इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया। जमीन के स्वामी बड़े और छोटे किसान थे। कहीं-कहीं राज्य का स्वामित्व भी था। इराक और ईरान में जमीन काफी बड़ी इकाइयों में बँटी हुई थी, जिसकी खेती कृषकों द्वारा की जाती थी। ससानी और इस्लामी कालों में भूमि के स्वामी राज्य की ओर से कर इकट्ठा करते थे।

उन प्रदेशों में, जो पशुचारण की अवस्था से आगे बढ़ कर स्थिर कृषि व्यवस्था तक पहुँच गए थे, जमीन गाँव की सांझी सम्पत्ति थी। जो भूमि- सम्पत्तियाँ इस्लामी विजय के पश्चात् स्वामियों द्वारा छोड़ दी गई थीं, उन्हें राज्य ने अपने हाथ में ले लिया था । इसे साम्राज्य के विशिष्ट वर्ग के मुसलमानों को दे दी गई थी, विशेष रूप से खलीफा के परिवार के सदस्यों को।

प्रश्न 19.
इस्लामी राज्य में कृषि भूमि के नियन्त्रण एवं भू-राजस्व व्यवस्था की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
इस्लामी राज्य में कृषि भूमि का सर्वोपरि नियन्त्रण राज्य के हाथों में था। राज्य अपनी अधिकांश आय भू- राजस्व से प्राप्त करता था । अरबों द्वारा जीती गई भूमि पर जो मालिकों के हाथों में रहती थी, कर (खराज ) लगता था। खराज खेती की स्थिति के अनुसार उपज के आधे हिस्से से लेकर उसके पाँचवें हिस्से के बराबर होता था । जिस भूमि पर मुसलमानों का स्वामित्व था अथवा जिसमें उनके द्वारा खेती की जाती थी, उस पर उपज के दसवें हिस्से के बराबर कर लगता था।

जब गैर-मुसलमान कम कर देने के उद्देश्य से मुसलमान बनने लगे, तो उससे राज्य की आय कम हो गई। इस पर खलीफाओं ने पहले तो धर्मान्तरण को निरुत्साहित किया और बाद में कराधान की एकसमान नीति अपनाई। दसवीं शताब्दी से राज्य ने अधिकारियों को उनका वेतन भूमियों के राजस्व से देना शुरू किया। इसे ‘इक्का’ कहा जाता था, जिसका अर्थ है- ‘राजस्व का हिस्सा’।

प्रश्न 20.
इस्लामी राज्य में खेती में समृद्धि राजनीतिक स्थिरता के साथ-साथ कैसे आई? इस सम्बन्ध में राज्य द्वारा क्या उपाय किये गए ?
उत्तर:
इस्लामी राज्य में खेती में समृद्धि – इस्लामी राज्य में खेती में समृद्धि राजनीतिक स्थिरता के साथ-साथ आई। इस सम्बन्ध में राज्य ने निम्नलिखित उपाय किये–
(1) नीलघाटी सहित अनेक क्षेत्रों में राज्य ने सिंचाई प्रणालियों का विकास किया। राज्य ने अनेक बाँधों तथा नहरों का निर्माण करवाया और अनेक कुएँ खुदवाये।
(2) अपनी भूमि पर पहली बार खेती करने वाले कृषकों को कर में छूट दी गई।
(3) खेती – योग्य भूमि का विस्तार किया गया। इन उपायों के परिणामस्वरूप उत्पादकता में वृद्धि हुई।
(4) कुछ नई फसलों, जैसे कपास, संतरा, केला, तरबूज, पालक और बैंगन की खेती की गई और इन फसलों का यूरोप को निर्यात किया गया।

प्रश्न 21.
“मध्यकालीन आर्थिक जीवन में मुस्लिम जगत का सबसे बड़ा योगदान यह था कि उन्होंने अदायगी और व्यापार व्यवस्था के उत्तम तरीकों को विकसित किया।” विवेचना कीजिए।
अथवा
मध्यकालीन इस्लामी राज्य में साख-पत्रों तथा हुण्डियों का उपयोग किस प्रकार किया जाता था ?
उत्तर:
साख-पत्रों तथा हुण्डियों का उपयोग – मध्यकालीन आर्थिक जीवन में मुस्लिम जगत का सबसे बड़ा योगदान यह था कि उन्होंने अदायगी और व्यापार व्यवस्था के उत्तम तरीकों को विकसित किया। व्यापारियों तथा साहूकारों द्वारा धन को एक स्थान से दूसरे स्थान तथा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए साख-पत्रों ( सक्क) तथा हुण्डियों (बिल ऑफ एक्सचेंज – सुफतजा ) का उपयोग किया जाता था। वाणिज्यिक पत्रों के व्यापक उपयोग से व्यापारियों को प्रत्येक स्थान पर नकद मुद्रा अपने साथ ले जाने से मुक्ति मिल गई और इससे उनकी यात्राएँ पहले की तुलना में अधिक सुरक्षित हो गईं। खलीफा भी वेतन देने अथवा कवियों और चारणों को इनाम देने के लिए साख-पत्रों (सक्क) का प्रयोग करते थे।

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प्रश्न 22.
उलमा कौन थे? उनके क्या कार्य थे?
उत्तर:
उलमा इस्लाम के धार्मिक विद्वान थे। वे कुरान से प्राप्त ज्ञान (इल्म) और पैगम्बर के आदर्श व्यवहार (सुन्ना) का मार्गदर्शन करते थे। मध्यकाल में उलमा अपना समय कुरान पर टीका (तफसीर) लिखने और पैगम्बर मुहम्मद की प्रामाणिक उक्तियों और कार्यों को लेखबद्ध (हदीथ) करने में लगाते थे। कुछ उलेमाओं ने कर्मकाण्डों (इबादत) के द्वारा ईश्वर के साथ मुसलमानों के सम्बन्धों को नियन्त्रित करने और सामाजिक कार्यों (मुआमलात) के द्वारा अन्य व्यक्तियों के साथ मुसलमानों के सम्बन्धों को नियन्त्रित करने के लिए कानून अथवा शरीआ तैयार करने का काम किया। इस्लामी कानून तैयार करने के लिए विधिवेत्ताओं ने तर्क और अनुमान (कियास) का प्रयोग भी किया। आठवीं तथा नौवीं शताब्दी में कानून की चार शाखाएँ (मजहब) बन गईं। ये शाखाएँ थीं –

  • मलिकी
  • हनफी
  • शफीई
  • हनबली।

प्रश्न 23.
‘कुरान शरीफ’ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
कुरान शरीफ- अरबी भाषा में रचित कुरान शरीफ 114 अध्यायों (सूराओं) में विभाजित है। मुस्लिम परम्परा के अनुसार, कुरान उन सन्देशों (रहस्योद्घाटन) का संग्रह है, जो खुदा ने पैगम्बर मुहम्मद साहब को 610 तथा 632 के बीच की अवधि में पहले मक्का में और फिर मदीना में दिए थे। इन रहस्योद्घाटनों को संकलित करने का कार्य 650 में पूरा किया गया था। वर्तमान में जो सबसे प्राचीन सम्पूर्ण कुरान उपलब्ध है, वह नौवीं शताब्दी की है। कुरान शरीफ मुसलमानों का पवित्र ग्रन्थ है। कुरान शरीफ के अध्याय 31, पद 27 में कहा गया है कि “यदि संसार के सभी पेड़ कलम होते और समुद्र स्याही होते और इस तरह सात समुद्र स्याही की पूर्ति करने के लिए होते, तो भी लिखते-लिखते अल्लाह के शब्द समाप्त न होते। ”

प्रश्न 24.
प्रारम्भिक इस्लाम के इतिहास के लिए स्रोत सामग्री के रूप में कुरान के उपयोग ने कौनसी समस्याएँ प्रस्तुत की हैं?
अथवा
मध्यकालीन इस्लामी राज्य में उलमा वर्ग कुरान पर टीकाएँ लिखने के लिए क्यों प्रेरित हुआ?
उत्तर:
(1) कुरान एक धर्म-ग्रन्थ है- पहली समस्या यह है कि कुरान शरीफ एक धर्म-ग्रन्थ है। यह एक ऐसा मूल पाठ है, जिसमें धार्मिक सत्ता निहित है। प्रायः मुसलमान यह मानते हैं कि खुदा की वाणी (कलाम अल्लाह) होने के कारण कुरान को शब्दश: समझा जाना चाहिए। परन्तु बुद्धिवादी धर्म विज्ञानी अधिक उदार विचारों वाले व्यक्ति थे। उन्होंने कुरान की व्याख्या अधिक उदारता से की। 833 ई. में अब्बासी खलीफा अल – मामून मत लागू किया कि कुरान खुदा की वाणी की बजाय उसकी रचना है।

(2) कुरान प्रायः रूपकों में बात करता है – दूसरी समस्या यह है कि कुरान प्रायः रूपकों में बात करता है। ओल्ड टेस्टामेन्ट के विपरीत, यह घटनाओं का वर्णन नहीं करता, बल्कि केवल उनका उल्लेख करता है। इसलिए मध्यकाल के मुस्लिम विद्वानों को पैगम्बर मुहम्मद के वचनों के अभिलेखों (हदीथ) की सहायता से कई टीकाएँ लिखनी पड़ी थीं। कुरान को पढ़ने-समझने के लिए कई हदीथ लिखे गए।

प्रश्न 25.
सूफियों के धार्मिक सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
अथवा
‘सूफीवाद’ पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
अथवा
मध्यकालीन इस्लाम में सूफियों के धार्मिक विचार बताइये।
उत्तर:
मध्यकालीन इस्लाम के धार्मिक विचारों वाले लोगों का एक समूह बन गया था, जिन्हें सूफी कहा जाता है। उनके धार्मिक सिद्धान्त निम्नलिखित हैं –
(1) सूफी लोग तपश्चर्या (रहबनिया) तथा रहस्यवाद के द्वारा खुदा का अधिक गहन और अधिक वैयक्तिक ज्ञान प्राप्त करना चाहते थे।

(2) सूफियों की भौतिक पदार्थों तथा सांसारिक सुखों में रुचि नहीं थी। ये लोग संसार का त्याग करना चाहते थे और केवल खुदा पर भरोसा करते थे

(3) सर्वेश्वरवाद ईश्वर और उसकी सृष्टि के एक होने का विचार है जिसका अभिप्राय यह है कि मनुष्य की आत्मा को परमात्मा के साथ मिलाना चाहिए।

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(4) सूफीवाद के अनुसार ईश्वर से मिलना, ईश्वर के साथ तीव्र प्रेम (इश्क) के द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है। इस इश्क का उपदेश एक महिला सन्त बसरा की राबिया द्वारा अपनी शायरी में दिया गया था। ईरानी सूफी बयाजिद बिस्तामी प्रथम व्यक्ति था जिसने अपने आप को खुदा में लीन या फना करने का उपदेश दिया था।

(5) सूफी लोग आनन्द उत्पन्न करने तथा प्रेम और भावावेश को तीव्र करने के लिए संगीत समारोहों (सभा) का उपयोग करते हैं।

(6) सूफीवाद का द्वार सबके लिए खुला है

प्रश्न 26.
इब्नसिना के साहित्यिक योगदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
इब्नसिना (980-1037 ई.) एक प्रसिद्ध चिकित्सक और दार्शनिक था । वह इस बात को नहीं मानता था कि कयामत के दिन व्यक्ति पुनः जीवित हो जाता है। उन्होंने ‘चिकित्सा के सिद्धान्त’ (अल-कानून फिलतिब) नामक प्रसिद्ध पुस्तक लिखी, जो दस लाख शब्दों वाली पाण्डुलिपि थी। इस पुस्तक में तत्कालीन औषधशास्त्रियों द्वारा बेची जाने वाली 760 औषधियों का उल्लेख है। इसमें इब्नसिना द्वारा अस्पतालों में किये गए प्रयोगों तथा अनुभवों की जानकारी भी दी गई है।

इस पुस्तक में आहार – विज्ञान के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया है। इसमें यह बताया गया है कि जलवायु और पर्यावरण का स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त कुछ रोगों के संक्रामक स्वरूप की जानकारी भी दी गई है । इस पुस्तक का महत्त्व इस बात से प्रकट हो जाता है कि इस पुस्तक का उपयोग यूरोप में एक पाठ्यपुस्तक के रूप में किया जाता था।

प्रश्न 27.
मध्यकालीन इस्लामी राज्य में भाषा और साहित्य के विकास की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
मध्यकालीन इस्लामी राज्य में श्रेष्ठ भाषा और सृजनात्मक कल्पना को व्यक्ति के सर्वाधिक प्रशंसनीय गुणों में शामिल किया जाता था । ये गुण किसी भी व्यक्ति की विचार – अभिव्यक्ति को अदब के स्तर तक ऊँचा उठा देते थे। इस्लाम – पूर्व काल की सर्वाधिक लोकप्रिय रचना संबोधन गीत ( कसीदा ) था।

अब्बासी – काल के कवियों ने अपने आश्रयदाताओं की उपलब्धियों का गुणगान करने के लिए संबोधन गीत नामक विधा का विकास किया। फारसी मूल के कवियों ने अरबी कविता में नये प्राण फूँके । फारसी मूल के एक कवि अबुनुवास ने इस्लाम द्वारा वर्जित आनन्द मनाने के उद्देश्य से शराब और पुरुष – प्रेम जैसे नये विषयों पर श्रेष्ठ कविताओं की रचना की । सूफियों ने रहस्यवादी प्रेम की सुरा द्वारा उत्पन्न मस्ती का गुणगान किया।

प्रश्न 28.
मध्यकालीन इस्लामी राज्य में नई फारसी के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
मध्यकालीन इस्लामी राज्य में अरबों की ईरान- विजय के बाद नई फारसी का पर्याप्त विकास हुआ। इसमें अरबी शब्दों की संख्या बहुत अधिक थी । खुरासानी और तूरानी राज्यों की स्थापना से नई फारसी सांस्कृतिक ऊँचाइयों पर पहुँच गई। समानी राज दरबार के कवि रुदकी को नई फारसी कविता का जनक माना जाता था।

इस कविता में छोटे गीत-काव्य (गज़ल) तथा चतुष्पदी ( रुबाई) जैसे नये रूप शामिल थे। रुबाई चार पंक्तियों वाला छन्द होता है। इसका प्रयोग प्रियतम अथवा प्रेयसी के सौन्दर्य का वर्णन करने, संरक्षक की प्रशंसा करने अथवा दार्शनिक विचारों की अभिव्यक्ति करने के लिए किया जाता है। उमर खय्याम ने रुबाई को पराकाष्ठा पर पहुँचा दिया उमर खय्याम ( 1048-1131 ई.) एक प्रसिद्ध कवि, खगोल वैज्ञानिक तथा गणितज्ञ था।

प्रश्न 29. गजनी साम्राज्य में हुए फारसी साहित्य के विकास का वर्णन कीजिए।
अथवा
फारसी भाषा के विकास में फिरदौसी के योगदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ग्यारहवीं शताब्दी के प्रारम्भ में गजनी फारसी साहित्यिक गतिविधियों का केन्द्र बन गया था। गजनी के शासक विद्या – प्रेमी थे। उन्होंने अनेक विद्वानों, कवियों तथा कलाकारों को संरक्षण प्रदान किया। गजनी के शासक महमूद गजनवी के दरबार में अनेक कवि और विद्वान आश्रित थे। उसके शासन काल में अनेक काव्य-संग्रहों (दीवानों) तथा महाकाव्यों (मथनवी) की रचना की गई। महमूद गजनवी के दरबार के विद्वानों में सबसे अधिक प्रसिद्ध फिरदौसी थे।

फिरदौसी ने ‘शाहनामा’ नामक प्रसिद्ध ग्रन्थ की रचना की थी । इसे पूरा करने में 30 वर्ष लगे थे । इस ग्रन्थ में 50,000 पद हैं और यह इस्लामी साहित्य की एक उत्कृष्ट रचना मानी जाती है। शाहनामा परम्पराओं और आख्यानों का संग्रह है। इनमें सबसे अधिक लोकप्रिय आख्यान रुस्तम का है। ‘शाहनामा’ में प्रारम्भ से लेकर अरबों की विजय तक ईरान का वर्णन काव्यात्मक शैली में किया गया है।

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प्रश्न 30.
बगदाद के पुस्तक-विक्रेता इब्ननदीम की पुस्तक-सूची का उल्लेख कीजिए। इन पुस्तकों की विषय-वस्तु क्या थी?
उत्तर:
बगदाद के पुस्तक विक्रेता इब्ननदीम की पुस्तक सूची (किताब अल – फिहरिस्त ) में ऐसी अनेक पुस्तकों का उल्लेख है, जो पाठकों की नैतिक शिक्षा और उनके मनोरंजन के लिए लिखी गई थीं। इनमें सबसे प्राचीन पुस्तक ‘कलीला व दिमना’ (दो गीदड़ों के नाम, जो पुस्तक के मुख्य पात्र थे ) है। यह जानवरों की कहानियों का संग्रह है।

यह पुस्तक ‘पंचतन्त्र’ के पहलवी संस्करण का अरबी अनुवाद है। सबसे अधिक प्रचलित और लोकप्रिय रचनाएँ वीरों – साहसियों की कहानियाँ हैं जैसे अल- सिकन्दर तथा सिन्दबाद और दुःखी प्रेमियों जैसे कायस की कहानियाँ। ‘एक हजार एक रातें’ कहानियों का एक अन्य संग्रह है। इन कहानियों में विभिन्न प्रकार के मनुष्यों- उदार, मूर्ख, भोले-भाले और धूर्त मनुष्यों का चित्रण किया गया है। इनको शिक्षा प्रदान करने तथा मनोरंजन के लिए सुनाया जाता है। बसरा के जहीज ने ‘किताब-अल-बुखाला’ (कंजूसों की पुस्तक) नामक पुस्तक लिखी जिसमें कंजूसों के बारे में अनेक कहानियाँ हैं।

प्रश्न 31.
इस्लामी धार्मिक कला में प्राणियों के चित्रण की मनाही से कला के किन दो रूपों को बढ़ावा मिला?
उत्तर:
इस्लामी धार्मिक कला में प्राणियों के चित्रण की मनाही से कला के निम्नलिखित दो रूपों को बढ़ावा मिला –
(1) खुशनवीसी
(2) अरबेस्क। इमारतों को सुसज्जित करने के लिए प्रायः धार्मिक उद्धरणों का छोटे और बड़े शिलालेखों में उपयोग किया जाता था। कुरान शरीफ की आठवीं तथा नौवीं शताब्दियों की पाण्डुलिपियों में खुशनवीसी की कला को सर्वोत्तम रूप में सुरक्षित रखा गया है। ‘किताब – अल-अघानी’ (गीत पुस्तक), ‘कलीला व दिमना’, ‘हरिरी की मकामात’ जैसी साहित्यिक रचनाओं को लघु चित्रों से सुसज्जित किया गया था। इसके अतिरिक्त पुस्तक का सौन्दर्य बढ़ाने के लिए चित्रावली की अनेक प्रकार की तकनीकें शुरू की गई थीं। इमारतों तथा पुस्तकों के चित्रण में उद्यान की कल्पना पर आधारित पौधों और फूलों के नमूनों का उपयोग किया जाता था।

प्रश्न 32.
कई शताब्दियों तक दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद के रूप में विख्यात अल-मुतव्वकिल मस्जिद का रेखांकन कीजिये।
उत्तर:
‘अल-मुतव्वकिल’ मस्जिद दूसरी अब्बासी राजधानी समारा में स्थित थी। इसका निर्माण 850 ई. में किया गया था। यह एक विशाल मस्जिद थी। इसकी ईंटों की बनी हुई मीनार 50 मीटर ऊँची है। मेसोपोटामिया की वास्तुकला की परम्पराओं से प्रेरित यह कई शताब्दियों तक विश्व की सबसे बड़ी मस्जिद थी।

निबन्धात्मक प्रश्न 

प्रश्न 1.
इस्लामी राज्य के सन् 600 से 1200 तक के इतिहास की जानकारी के प्रमुख स्रोतों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
इस्लामी राज्य के इतिहास की जानकारी के स्रोत प्रमुख इस्लामी राज्य के सन् 600 से 1200 तक के इतिहास की जानकारी के प्रमुख स्रोतों का विवेचन निम्नानुसार है –

1. इतिवृत्त अथवा तवारीख-इस्लामी राज्य के सन् 600 से 1200 तक के इतिहास की जानकारी के प्रमुख स्रोतों में इतिवृत्त अथवा तवारीख तथा अर्द्ध- ऐतिहासिक रचनाएँ उल्लेखनीय हैं। इनमें जीवन-चरित, के पैगम्बर मुहम्मद कथनों और कार्यों के अभिलेख (हदीथ) तथा कुरान के बारे में टीकाएँ सम्मिलित हैं। इन कृतियों का निर्माण प्रत्यक्षदर्शी वृत्तान्तों से किया गया था।

प्रत्येक सूचना की प्रामाणिकता की जाँच एक आलोचनात्मक विधि से की जाती थी जिसमें सूचना भेजने की श्रृंखला की जानकारी प्राप्त की जाती थी और वर्णन करने वाले की विश्वसनीयता का पता लगाया जाता था। मध्यकालीन मुस्लिम लेखकों ने सूचना का चयन करने तथा अपने सूचना देने वालों के अभिप्राय को समझने में अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक सतर्कता दिखाई है। उनका वर्णन अधिक सुनियोजित तथा विश्लेषणात्मक है।

2. प्रमुख ऐतिहासिक और अर्द्ध- ऐतिहासिक रचनाएँ – अधिकतर ऐतिहासिक और अर्द्ध- ऐतिहासिक रचनाएँ अरबी भाषा में हैं। इनमें सर्वश्रेष्ठ रचना ‘तबरी की तारीख’ है। इसका 38 खण्डों में अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है। फारसी भाषा में लिखित इतिवृत्तों में ईरान और मध्य एशिया के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है। ईसाई इतिवृत्तों से प्रारम्भिक इस्लाम के इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है।

3. दस्तावेजी साक्ष्य – दस्तावेजी साक्ष्य इस्लामी राज्य के इतिहास के निर्माण के लिए सर्वाधिक उपयोगी हैं क्योंकि इनमें पूर्व चिन्तन कर घटनाओं और व्यक्तियों का वर्णन नहीं होता है। दस्तावेजी साहित्य में सरकारी आदेश अथवा निजी पत्राचार सम्मिलित हैं। दस्तावेजी साक्ष्य यूनानी और अरबी पैपाइरस तथा गेनिजा अभिलेखों से प्राप्त होता है।

4. पुरातत्वीय और अन्य साक्ष्य – पुरातत्वीय (उजड़े महलों में की गई खुदाई), मुद्राशास्त्रीय (सिक्कों के अध्ययन) और पुरालेखीय (शिलालेखों का अध्ययन), साक्ष्य आर्थिक इतिहास, कला इतिहास, नामों और तवारीखों के प्रमाणीकरण के लिए बड़े उपयोगी हैं।

5. पाश्चात्य विद्वानों द्वारा इतिहास लेखन – सही अर्थों में इस्लाम के इतिहास ग्रन्थ लिखे जाने का कार्य उन्नीसवीं शताब्दी में जर्मनी तथा नीदरलैण्ड के विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों द्वारा किया गया। कुछ ईसाई पादरियों ने भी इस्लाम के इतिहास से सम्बन्धित कुछ ग्रन्थ लिखे। प्राच्यविद् नामक विद्वान अरबी और फारसी के ज्ञान के लिए तथा मूल ग्रन्थों के आलोचनात्मक विश्लेषण के लिए प्रसिद्ध है।

JAC Class 11 History Important Questions Chapter 4 इस्लाम का उदय और विस्तार-लगभग 570-1200 ई.

इग्नाज गोल्डजिहर नामक यहूदी ने जर्मन भाषा में इस्लामी कानून और धर्म – विज्ञान के बारे में पुस्तकें लिखीं। इस्लाम के बीसवीं शताब्दी के इतिहासकारों ने अधिकतर प्राच्यविदों के तरीकों का ही अनुसरण किया है। उन्होंने नये विषयों को सम्मिलित कर इस्लाम के इतिहास के क्षेत्रों का विस्तार किया है और अर्थशास्त्र, मानव-विज्ञान और सांख्यिकी जैसे सम्बद्ध विषयों का प्रयोग करके प्राच्य अध्ययन के अनेक पहलुओं को स्पष्ट किया है।

प्रश्न 2.
पैगम्बर मुहम्मद साहब की जीवनी का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पैगम्बर मुहम्मद साहब की जीवनी पैगम्बर मुहम्मद साहब का जन्म 570 ई. में मक्का में हुआ था। वे कुरैश कबीले से सम्बन्धित थे तथा भाषा और संस्कृति की दृष्टि से अरबी थे। उन्होंने खदीजा नामक एक विधवा स्त्री से विवाह किया था। खुदा का सन्देशवाहक घोषित करना – सन् 612 के आसपास पैगम्बर मुहम्मद ने अपने आप को खुदा का सन्देशवाहक घोषित किया। उन्होंने यह प्रचार किया कि अल्लाह एक है तथा केवल अल्लाह की ही इबादत ( आराधना) की जानी चाहिए। मक्का के निवासियों द्वारा पैगम्बर मुहम्मद का विरोध – पैगम्बर मुहम्मद ने धार्मिक पाखण्डों तथा अन्धविश्वासों का विरोध किया।

मक्का के व्यापारियों तथा पुजारियों को पैगम्बर मुहम्मद के विचार पसन्द नहीं आए क्योंकि वे अपने आप को व्यापार तथा धर्म के लाभों से वंचित अनुभव करते थे । अतः मक्का के धनी लोगों ने पैगम्बर मुहम्मद का विरोध करना शुरू कर दिया, क्योंकि उन्हें देवी-देवताओं की उपेक्षा किया जाना बुरा लगा था तथा उन्होंने नये इस्लाम धर्म को मक्का की प्रतिष्ठा तथा समृद्धि के लिए खतरा समझा था।

मक्का छोड़कर मदीना जाना – पैगम्बर मुहम्मद के विरोधियों ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। अतः विवश होकर 622 ई. में पैगम्बर मुहम्मद साहब को मक्का छोड़कर मदीना जाना पड़ा। पैगम्बर मुहम्मद की इस यात्रा को ‘हिजरा’ कहते हैं। सन् 622 से मुस्लिम कलैण्डर अर्थात् हिजरी सन् की शुरुआत हुई। मदीना पहुँचने पर मुहम्मद साहब का भव्य स्वागत किया गया। मदीना में पैगम्बर मुहम्मद ने इस्लाम का प्रचार किया।

पैगम्बर मुहम्मद ने मदीना में एक राजनैतिक व्यवस्था स्थापित की, जिसने उनके अनुयायियों को सुरक्षा प्रदान की। इसके साथ-साथ उन्होंने शहर में चल रही कलह को सुलझाया। अब उम्मा को एक बड़े राजनैतिक समुदाय में बदला गया। इसमें मदीना के बहुदेववादियों तथा यहूदियों को पैगम्बर मुहम्मद के नेतृत्व में लाया गया। मक्का पर विजय – पैगम्बर मुहम्मद ने मक्का परं आक्रमण किया। मक्कावासियों की पराजय हुई और उन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया। मक्का इस्लाम का तीर्थ-स्थान तथा धार्मिक केन्द्र बन गया।

इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार – मक्का पर अधिकार कर लेने के बाद एक धार्मिक प्रचारक और राजनैतिक नेता के रूप में पैगम्बर मुहम्मद की प्रतिष्ठा दूर-दूर तक फैल गई। पैगम्बर मुहम्मद ने कर्मकाण्डों जैसे उपवास आदि और नैतिक सिद्धान्तों को बढ़ाकर और उनमें सुधार करके इस्लाम धर्म को अपने अनुयायियों के लिए मजबूत बनाया।

उन्होंने अब समुदाय की सदस्यता के लिए धर्मान्तरण को एकमात्र कसौटी माना। पैगम्बर मुहम्मद की उपलब्धियों से प्रभावित होकर हजारों अरब लोगों ने इस्लाम धर्म को ग्रहण कर लिया। शीघ्र ही इस्लाम धर्म का प्रसार सम्पूर्ण अरब देश में हो गया। मदीना इस्लामी राज्य की प्रशासनिक राजधानी और मक्का उसका धार्मिक केन्द्र बन गया। काबा से बुतों को हटा दिया गया। 632 ई. में पैगम्बर मुहम्मद साहब की मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु के समय तक लगभग सम्पूर्ण अरब देश ने इस्लाम धर्म को स्वीकार कर लिया था।

प्रश्न 3.
पैगम्बर मुहम्मद साहब की शिक्षाओं का वर्णन कीजिये।
अथवा
इस्लाम धर्म के प्रमुख सिद्धान्तों की विवेचना कीजिये।
उत्तर- पैगम्बर मुहम्मद साहब की शिक्षाएँ (इस्लाम धर्म के प्रमुख सिद्धान्त) पैगम्बर मुहम्मद साहब की प्रमुख शिक्षाएँ मुसलमानों के पवित्र ग्रन्थ ‘कुरान शरीफ’ में संकलित हैं । इनका वर्णन निम्नानुसार है –
(1) एक अल्लाह की उपासना – पैगम्बर मुहम्मद के अनुसार केवल एक अल्लाह की ही उपासना की जानी चाहिए।
(2) इस्लाम धर्म के पाँच प्रमुख सिद्धान्त – प्रत्येक मुसलमान को इस्लाम धर्म के पाँच प्रमुख सिद्धान्तों का पालना करना चाहिए –

  • अल्लाह ही एकमात्र ईश्वर है और मुहम्मद साहब उसके पैगम्बर हैं।
  • उसे प्रतिदिन पाँच बार नमाज पढ़नी चाहिए।
  • उसे रमज़ान के महीने में रोज़े रखने चाहिए।
  • उसे अपनी आय का 40वाँ भाग गरीबों को दान में देना चाहिए।
  • उसे जीवन में एक बार हज के लिए मक्का की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।

(3) नैतिक गुणों पर बल – मुसलमानों को झूठ नहीं बोलना चाहिए। उन्हें चोरी नहीं करनी चाहिए। उन्हें खैरात बाँटना चाहिए।
(4) सामाजिक समानता – पैगम्बर मुहम्मद साहब के अनुसार सब मुसलमान समान हैं और भाई-भाई हैं।
(5) मूर्ति – पूजा का विरोध – पैगम्बर मुहम्मद ने मूर्ति-पूजा का घोर विरोध किया। उन्होंने मूर्ति-पूजा को इस्लाम धर्म के विरुद्ध बतलाया।
(6) कर्मवाद तथा परलोक में विश्वास – पैगम्बर मुहम्मद साहब के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्मों का फल भोगना पड़ता है। कयामत के दिन सभी प्राणी अल्लाह के सामने लाए जाते हैं, जहाँ उनके कर्मों के अनुसार न्याय होता है।
(7) आत्मा की अमरता में विश्वास – इस्लाम धर्म के अनुसार आत्मा अजर तथा अमर है। शरीर नश्वर है, परन्तु आत्मा अमर है।
(8) आस्तिकों के समाज की स्थापना – पैगम्बर मुहम्मद ने आस्तिकों (उम्मा) के ऐसे समाज की स्थापना पर बल दिया, जो सामान्य धार्मिक विश्वासों के द्वारा आपस में जुड़े हों।

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प्रश्न 4.
प्रथम चार खलीफाओं के शासन काल में इस्लामी राज्य के विस्तार की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
प्रथम चार खलीफाओं के शासन काल में इस्लामी राज्य का विस्ता प्रथम चार खलीफाओं के शासन काल में इस्लामी राज्य के विस्तार की विवेचना निम्नानुसार है –
(1) प्रथम खलीफा – प्रथम खलीफा अबूबकर ने अनेक अभियानों द्वारा विद्रोहों का दमन किया।
(2) द्वितीय खलीफा – द्वितीय खलीफा उमर ने उम्मा की सत्ता का विस्तार करने का निश्चय किया।

खलीफा जानता था कि उम्मा को व्यापार और करों से होने वाली साधारण आमदनी के बल पर नहीं चलाया जा सकता। इसके लिए बहुत बड़ी धन – राशि की जरूरत पड़ेगी। यह धन-सम्पत्ति सैनिक अभियानों के द्वारा प्राप्त की जा सकती थी। अतः खलीफा तथा उसके सेनापतियों ने पश्चिम में बाइजेन्टाइन साम्राज्य तथा पूर्व में ससानी साम्राज्य के विरुद्ध सैनिक अभियानों की योजना बनाई। अरबों के समय इन साम्राज्यों की शक्ति धार्मिक संघर्षों तथा अभिजात वर्गों के विद्रोहों . के कारण क्षीण हो चुकी थी । इस कारण युद्धों और सन्धियों के माध्यम से इन साम्राज्यों को अपने अधीन लाना सरल हो गया था। अतः तीन सफल अभियानों (637-642 ई.) में अरबों ने सीरिया, इराक, ईरान तथा मिस्र पर अधिकार कर लिया। सामरिक नीति, धार्मिक जोश तथा विरोधियों की दुर्बलताओं के कारण अरबों की विजय हुई

(3) तृतीय खलीफा – तृतीय खलीफा उथमान ( 644-656 ई.) ने अपना नियन्त्रण मध्य एशिया तक बढ़ाने के लिए और अभियान चलाए। इस प्रकार पैगम्बर मुहम्मद साहब की मृत्यु के एक दशक के अन्दर अरब-इस्लामी राज्य ने नील तथा ऑक्सस के बीच के विशाल क्षेत्र पर अपना प्रभुत्व तथा नियन्त्रण स्थापित कर लिया। ये प्रदेश आज तक मुस्लिम शासन के अन्तर्गत हैं। लेकिन उसने अपने शासन में मक्का के कुरैश समुदाय के लोगों को भर दिया। इससे इराक, मिस्र तथा मदीना में विरोध उत्पन्न हो जाने के परिणामस्वरूप 656 ई. में उथमान की हत्या कर दी गई।

(4) चतुर्थ खलीफा – चतुर्थ खलीफा अली ने मक्का के अभिजात तन्त्र का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों के विरुद्ध दो युद्ध लड़े, जिनसे मुसलमानों में दरार और गहरी हो गई । अली ने मुहम्मद की पत्नी आयशा की सेना को ‘ऊँट की लड़ाई’ में पराजित कर दिया परन्तु वह उथमान के नातेदार तथा सीरिया के गवर्नर मुआविया के नेतृत्व वाले गुट का दमन नहीं कर सका। अली ने सिफ्फिन में दूसरा युद्ध लड़ा, जो सन्धि के रूप में समाप्त हुआ। 661 में अली की हत्या कर दी गई।

प्रश्न 5.
उमय्यद वंश के खलीफाओं की उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
अथना
अब्द-अल-मलिक तथा उसके उत्तराधिकारियों के शासन काल में अरब और इस्लाम दोनों पहचानों पर मजबूती से बल दिया जाता रहा ।” विवेचना कीजिए।
उत्तर:
उमय्यद वंश के खलीफाओं की उपलब्धियाँ –
661 ई. में मुआविया ने अपने आप को खलीफा घोषित कर दिया तथा उसने उमय्यद वंश की स्थापना की, जो 750 ई. तक चलता रहा। उमय्यद वंश के खलीफाओं की उपलब्धियाँ निम्नलिखित थीं –
(1) उमय्यदों ने ऐसे अनेक राजनीतिक उपाय किये, जिनसे उम्मा के भीतर उनका नेतृत्व मजबूत हो गया।

(2) प्रथम उमय्यद खलीफा मुआविया ने दमिश्क को अपनी राजधानी बनाया और फिर बाइजेन्टाइन साम्राज्य की राजदरबारी प्रथाओं और प्रशासनिक संस्थाओं को अपना लिया।

(3) मुआविया ने वंशगत उत्तराधिकार की परम्परा भी शुरू की और प्रमुख मुसलमानों को इस बात पर राजी कर ‘लिया कि वे उसके पुत्र को उसका उत्तराधिकारी स्वीकार करें। उसके पश्चात् आने वाले खलीफाओं ने भी इस नीति का अनुसरण किया, जिसके परिणामस्वरूप उमय्यद वंश के खलीफा 90 वर्ष तक और अब्बासी खलीफा दो शताब्दियों तक सत्ता में बने रहे।

(4) उमय्यद – राज्य अब एक साम्राज्यिक शक्ति बन चुका था। अब यह राज्य सीधे इस्लाम पर आधारित नहीं था। अब यह शासन – कला तथा सीरियाई सैनिकों की वफादारी के बल पर चल रहा था।

(5) प्रशासन में ईसाई सलाहकार तथा जरतुश्त लिपिक और अधिकारी भी सम्मिलित थें। इसके बावजूद इस्लाम उमय्यद शासन को वैधता प्रदान करता रहा। उमय्यद सदैव एकता के लिए प्रयत्नशील रहे तथा विद्रोहों का इस्लाम के नाम पर दमन करते रहे।

(6) उमय्यदों ने अपनी अरबी सामाजिक पहचान बनाए रखी। अब्द-अल-मलिक और उसके उत्तराधिकारियों के शासन काल में अरब और इस्लाम दोनों पहचानों पर दृढ़तापूर्वक बल दिया जाता रहा।

यथा –
(i) अब्द-अल-मलिक ने अरबी को प्रशासन की भाषा बनाया।

(ii) अब्द-अल-मलिक ने इस्लामी सिक्के जारी किये। इस्लामी राज्य में जो सोने के दीनार तथा चाँदी के दिरहम चल रहे थे, वे रोमन तथा ईरान सिक्कों की नकल थे। इन सिक्कों पर सलीब और अग्नि-वेदी के चिन्ह बने होते थे। अब्द-अल-मलिक ने इन चिन्हों को हटवा दिया और सिक्कों पर अरबी भाषा में लिखा गया।

(iii) अब्द-अल-मलिक ने जेरुस्लम में डोम ऑफ रॉक का निर्माण करवाकर अरब-इस्लामी पहचान के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। ‘डोम ऑफ रॉक’ इस्लामी वास्तुकला का पहला उत्कृष्ट नमूना है। जेरुस्लम नगर की मुस्लिम संस्कृति के प्रतीक के रूप में इस इमारत का निर्माण किया गया। पैगम्बर मुहम्मद साहब की स्वर्ग की ओर की रात्रि- (मिराज) से यह इमारत जुड़ गई। यह इसका रहस्यमय महत्त्व है।

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प्रश्न 6.
अब्बासी क्रान्ति के लिए कौनसी परिस्थितियाँ उत्तरदायी थीं?
अथवा
अब्बासी क्रान्ति के महत्त्व की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
अब्बासी क्रान्ति – उमय्यद वंश को मुस्लिम राजनैतिक व्यवस्था के केन्द्रीकरण के लिए भारी मूल्य चुकाना पड़ा। ‘दवा’ नामक एक सुसंगठित आन्दोलन ने उमय्यद वंश की सत्ता को नष्ट कर दिया। 750 में उमय्यद वंश के स्थान पर अब्बासियों की सत्ता स्थापित हुई। अब्बासियों ने उमय्यद – शासन को दुष्ट बताया और यह दावा किया कि वे पैगम्बर मुहम्मद साहब के मूल इस्लाम की पुनर्स्थापना करेंगे।

अब्बासी क्रान्ति के लिए उत्तरदायी परिस्थितियाँ अब्बासी क्रान्ति के लिए निम्नलिखित परिस्थितियाँ उत्तरदायी थीं –
(1) खुरासान के अरब नागरिकों में असन्तोष – अब्बासियों का विद्रोह पूर्वी ईरान में स्थित खुरासान में हुआ। खुरासान में अरब – ईरानियों की मिली-जुली आबादी थी। खुरासान में अरब सैनिक अधिकांशतः इराक से आए थे। ये लोग सीरियाई लोगों के प्रभुत्व से नाराज थे। खुरासान के अरब नागरिक उमय्यद शासन से इसलिए घृणा करते थे कि उमय्यद शासकों ने करों में छूट देने तथा विशेषाधिकार देने के जो वचन दिए थे, वे पूरे नहीं किये थे।

(2) ईरानी मुसलमानों में असन्तोष-खुरासान के ईरानी मुसलमानों को अपनी जातीय चेतना से ग्रस्त अरबों के तिरस्कार का शिकार होना पड़ा था। अतः वे भी उमय्यदों से नाराज थे तथा उनकी सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए किसी भी अभियान में सम्मिलित होने के इच्छुक थे।

अब्बासी क्रान्ति की सफलता – अब्बासी पैगम्बर मुहम्मद के चाचा अब्बास के वंशज थे। अब्बासियों ने विभिन्न समूहों का समर्थन प्राप्त कर लिया। उन्होंने लोगों को यह आश्वासन दिया कि पैगम्बर मुहम्मद के परिवार का कोई मसीहा (महदी) उन्हें उमय्यदों के दमनकारी शासन से मुक्ति दिलाएगा। इस प्रकार उन्होंने शासन-सत्ता प्राप्त करने के अपने प्रयत्न को वैध ठहराया। अब्बासियों की सेना का नेतृत्व एक ईरानी गुलाम अबू मुस्लिम ने किया। उसने अन्तिम उमय्यदं खलीफा मारवान को जब नदी पर हुई लड़ाई में पराजित कर दिया। इस प्रकार उमय्यद वंश के स्थान पर अब्बासी वंश की सत्ता स्थापित हुई। इस घटना को ‘अब्बासी क्रान्ति’ कहते हैं।

‘अब्बासी क्रान्ति’ का महत्त्व –
(1) अब्बासी क्रान्ति से केवल वंश का ही परिवर्तन नहीं हुआ, बल्कि इस्लाम के राजनीतिक ढाँचे और उसकी संस्कृति में भी परिवर्तन आए।
(2) अब्बासी क्रान्ति के अन्तर्गत अरबों के प्रभाव में कमी आई, जबकि ईरानी संस्कृति के महत्त्व में वृद्धि हुई।
(3) अब्बासियों ने अपनी राजधानी बगदाद में स्थापित की।
(4) अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अब्बासी शासन में सेना और नौकरशाही का पुनर्गठन गैर- कबीलाई आधार पर किया गया।
(5) अब्बासी शासकों ने खिलाफत की धार्मिक स्थिति और कार्यों को सुदृढ़ बनाया और इस्लामी संस्थाओं तथा विद्वानों को संरक्षण प्रदान किया।
(6) अब्बासियों ने उमय्यदों की उत्कृष्ट शाही वास्तुकला और राजदरबार के व्यापक समारोहों की परम्पराओं को बनाए रखा।

प्रश्न 7.
खिलाफत के विघटन पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
उत्तर:
खिलाफत का विघटन – अब्बासी राज्य नौवीं शताब्दी से कमजोर होता गया और अब्बासियों की सत्ता सीमित होती गई।
अब्बासी राज्य की कमजोरी के कारण – अब्बासी राज्य की कमजोरी के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे –
(1) अब्बासी राज्य की कमजोरी का एक कारण यह था कि दूर के प्रान्तों पर उनका नियन्त्रण कम हो गया था।
(2) सेना और नौकरशाही में अरब – समर्थक और ईरान समर्थक गुटों में आपस में झगड़ा हो गया था।
(3) सन् 810 में खलीफा हारुन- अल रशीद के पुत्रों, अमीन और मामुन के समर्थकों के बीच गृह-युद्ध छिड़ गया जिससे गुटबन्दी और अधिक गहरी हो गई और तुर्की गुलाम अधिकारियों का एक नया शक्ति – गुट बन गया। शियाओं और सुन्नियों में सत्ता प्राप्ति के लिए प्रतिस्पर्द्धा शुरू हो गई थी।
(4) अनेक नए छोटे राजवंश स्थापित हो गए। खुरासान और ट्रांसोक्सियाना अर्थात् तूरान अथवा ऑक्सस के पार वाले क्षेत्रों में ताहिरी तथा समानी वंश और मिस्र तथा सीरिया में तुलुनी वंश स्थापित हुए। अब्बासियों की सत्ता शीघ्र ही मध्य इराक तथा पश्चिमी ईरान तक सीमित रह गई।
(5) सन् 945 में ईरान के कैस्पियन क्षेत्र में बुवाही नामक शिया वंश ने बगदाद पर अधिकार कर लिया। इस प्रकार अब्बासियों की सत्ता समाप्त हो गई। बुवाही शासकों ने अनेक उपाधियाँ धारण कीं जिनमें ‘शहंशाह’ (राजाओं का राजा) नामक उपाधि भी शामिल थी। परन्तु उन्होंने ‘खलीफा’ की पदवी धारण नहीं की।

उन्होंने अब्बासी खलीफा को अपनी सुन्नी प्रजा के प्रतीकात्मक मुखिया के रूप में बनाए रखा। इस प्रकार खिलाफत का विघटन हो गया। फातिमी खिलाफत की स्थापना -बुवाही शासकों द्वारा खिलाफत को समाप्त न करने का निर्णय चतुराईपूर्ण था, क्योंकि फातिमी नामक एक अन्य शिया राजवंश इस्लामी जगत पर शासन करना चाहता था।

फातिमी का सम्बन्ध शिया सम्प्रदाय के एक उप-सम्प्रदाय इस्माइली से था और वे अपने आप को पैगम्बर की पुत्री फातिमा का वंशज मानते थे। इस आधार पर वे दावा करते थे कि वे इस्लाम के एकमात्र न्याय संगत शासक हैं। उन्होंने 969 ई. में मिस्र पर विजय प्राप्त की और फातिमी खिलाफत की स्थापना की। उन्होंने मिस्र की पुरानी राजधानी फुस्तात के स्थान पर काहिरा को राजधानी बनाया। दोनों प्रतिस्पर्द्धा राजवंशों ने शिया प्रशासकों, कवियों और विद्वानों को संरक्षण प्रदान किया।

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प्रश्न 8.
धर्म-युद्ध से क्या अभिप्राय है? धर्म – युद्धों के प्रमुख कारणों की विवेचना कीजिए।
उत्तर- धर्म – युद्ध – 1095 से 1291 ई. के बीच यूरोपीय ईसाइयों तथा मुसलमानों के बीच अनेक युद्ध लड़े गए। इन युद्धों को ‘ धर्म – युद्ध’ के नाम से पुकारा जाता है।
धर्म- युद्धों के कारण
धर्म- युद्धों के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे –
(1) मुसलमानों द्वारा जेरुस्लम पर अधिकार करना – 638 में अरबों ने जेरुस्लम पर अधिकार कर लिया था। जेरुस्लम ईसाइयों का पवित्र स्थान था। ईसाई लोग जेरुस्लम को ईसा के क्रूसारोपण तथा पुनरुज्जीवन के स्थान के रूप में हमेशा याद करते थे। अतः ईसाई लोग जेरुस्लम पर पुनः अधिकार करने के लिए लालायित थे।

(2) मुसलमानों के प्रति शत्रुता – ग्यारहवीं शताब्दी में ईसाइयों की मुसलमानों के प्रति शत्रुता और अधिक स्पष्ट हो गई। इस समय तक नार्मनों, हंगरीवासियों तथा अनेक स्लाव लोगों को ईसाई बना लिया गया था। अब केवल मुसलमान मुख्य शत्रु रह गए थे।

(3) पश्चिमी यूरोप के सामाजिक और आर्थिक संगठनों में परिवर्तन – ग्यारहवीं शताब्दी में पश्चिमी यूरोप के सामाजिक और आर्थिक संगठनों में भी परिवर्तन हो गया था जिससे ईसाइयों तथा मुसलमानों के बीच शत्रुता और अधिक बढ़ गई।

(4) ईश्वरीय शान्ति आन्दोलन – पादरी और योद्धा वर्ग के लोग राजनीतिक स्थिरता तथा आर्थिक विकास के लिए प्रयत्नशील थे। ‘ईश्वरीय शान्ति आन्दोलन’ ने सामन्ती राज्यों के बीच सैनिक मुठभेड़ की सम्भावनाओं और लूटमार की प्रवृत्तियों को समाप्त कर दिया था। अब ईश्वरीय शान्ति आन्दोलन ने सामन्ती समाज की आक्रमणकारी प्रवृत्तियों को ईसाई – जगत से हटाकर ईश्वर के शत्रुओं अर्थात् मुसलमानों की ओर मोड़ दिया था। इसके फलस्वरूप ईसाइयों और मुसलमानों में संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गई। ईसाइयों के लिए यह संघर्ष न केवल उचित, बल्कि प्रशंसनीय समझा जाने लगा।

(5) सलजुक-साम्राज्य का विघटन – 1092 ई. में बगदाद के सलजुक सुल्तान मलिक शाह का देहान्त हो गया। उसकी मृत्यु के बाद उसके साम्राज्य का विघटन हो गया। इसके परिणामस्वरूप बाइजेन्टाइन सम्राट एलेक्सियस प्रथम को एशिया माइनर तथा उत्तरी सीरिया पर पुनः आधिपत्य स्थापित करने का अवसर मिल गया।

पोप अबर्न द्वितीय भी ईसाई धर्म के पुनरुत्थान के लिए लालायित था। अतः 1095 में पोप अर्बन द्वितीय ने बाइजेन्टाइन-सम्राट के साथ मिलकर ‘पवित्र भूमि’ (होली लैण्ड) को मुक्त कराने के लिए ईश्वर के नाम पर युद्ध के लिए आह्वान किया। उपर्युक्त कारणों में 1095 तथा 1291 के बीच पश्चिमी यूरोपीय ईसाइयों तथा मुसलमानों में अनेक युद्ध लड़े गए जिन्हें ‘धर्म-युद्ध’ के नाम से पुकारा जाता है।

प्रश्न 9.
धर्म – युद्धों की घटनाओं का वर्णन कीजिए। इन धर्म- युद्धों के क्या प्रभाव हुए?
उत्तर:
धर्म – युद्धों की घटनाएँ 1095 से 1291 ई. के बीच ईसाइयों तथा मुसलमानों के बीच अनेक धर्म – युद्ध लड़े गए। इनका वर्णन निम्नानुसार –
(1) प्रथम धर्म – युद्ध (1098-99 ई.)-ईसाइयों और मुसलमानों के बीच प्रथम धर्म – युद्ध 1098-99 ई. में शुरू हुआ। इस युद्ध में फ्रांस और इटली के सैनिकों ने सीरिया में एंटीओक और जेरुस्लम पर अधिकार कर लिया जेरुस्लम में मुसलमानों और यहूदियों की बड़ी संख्या में निर्ममतापूर्ण हत्याएँ की गईं। शीघ्र ही ईसाइयों ने सीरिया- फिलिस्तीन के क्षेत्र में धर्म- युद्ध द्वारा जीते गए चार राज्य स्थापित कर लिए। इन क्षेत्रों को सामूहिक रूप से ‘आउटरैमर’ कहा जाता था। बाद के धर्म – युद्ध आउटरैमर की रक्षा तथा विस्तार के लिए किए गए।

(2) द्वितीय धर्म – युद्ध (1145-1149 ई.)-ईसाइयों द्वारा स्थापित ‘आउटरैमर क्षेत्र’ कुछ समय तक भली- भांति स्थापित रहा। परन्तु जब 1144 ई. में तुर्कों ने एड्रेस्सा पर अधिकार कर लिया तो पोप ने ईसाई राजाओं तथा सामन्तों से एक अन्य धर्म – युद्ध (1145-1149 ई.) के लिए अपील की। पोप की अपील पर एक जर्मन तथा फ्रांसीसी सेना ने दमिश्क पर अधिकार करने का प्रयास किया, परन्तु उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा और घर लौटना पड़ा। इसके पश्चात् ‘आउटरैमर’ की शक्ति धीरे-धीरे क्षीण होती गई। अब ईसाइयों में धर्म- युद्धों के प्रति जोश समाप्त हो गया तथा ईसाई शासकों ने विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करना और नये-नये प्रदेशों के लिए लड़ाई करना शुरू कर दिया।

इस युद्ध के दौरान सलाह अल-दीन ने एक मिस्री – सीरियाई साम्राज्य स्थापित किया और ईसाइयों के विरुद्ध धर्म – युद्ध शुरू कर दिया। 1187 ई. में उसने ईसाइयों को पराजित कर दिया। उसने प्रथम धर्म – -युद्ध . के लगभग एक शताब्दी बाद, जेरुस्लम पर पुनः अधिकार कर लिया। सलाह अल-दीन ने ईसाइयों के प्रति दयामय व्यवहार किया । यद्यपि उसने ‘दि चर्च ऑफ दि होली सेपलकर’ नामक गिरजाघर की देखभाल का काम ईसाइयों को सौंप दिया था, परन्तु अनेक गिरजाघरों को मस्जिदों में बदल दिया गया और जेरुस्लम एक बार फिर मुस्लिम शहर बन गया।

(3) तृतीय धर्म – युद्ध (1189 ई.) – जेरुस्लम शहर के छिन जाने से ईसाइयों में तीव्र आक्रोश उत्पन्न हुआ और इसके फलस्वरूप 1189 ई. में तृतीय धर्म- युद्ध छिड़ गया । परन्तु धर्म- युद्ध करने वाले फिलिस्तीन में कुछ तटवर्ती शहरों और ईसाई तीर्थयात्रियों के लिए जेरुस्लम में मुक्त रूप से प्रवेश के सिवाय और कुछ प्राप्त नहीं कर सके । अन्ततः मिस्र के शासकों तथा मामलूकों ने 1291 में धर्म-युद्ध करने वाले सभी ईसाइयों को सम्पूर्ण फिलिस्तीन से बाहर निकाल दिया। धीरे-धीरे यूरोप की इस्लाम में सैनिक दिलचस्पी समाप्त हो गई और उसका ध्यान अपने आन्तरिक राजनैतिक और सांस्कृतिक विकास की ओर केन्द्रित हो गया।
धर्म- युद्धों के प्रभाव – धर्म – युद्धों ने ईसाई – मुस्लिम सम्बन्धों के निम्नलिखित दो पहलुओं पर स्थायी प्रभाव छोड़ा –

(1) मुस्लिम राज्यों ने अपनी ईसाई प्रजा के प्रति कठोर नीति अपनाना शुरू किया जो लड़ाइयों की कड़वी यादों और मिली-जुली आबादी वाले इलाकों में सुरक्षा की जरूरतों का परिणाम था।

(2) मुस्लिम सत्ता की पुनर्स्थापना के पश्चात् भी पूर्व और पश्चिम के बीच व्यापार में इटली के व्यापारिक समुदायों का प्रभाव बढ़ गया।

प्रश्न 10.
इस्लामी राज्य में शहरों के विकास तथा शहरी विशेषताओं पर एक निबन्ध लिखिए।
अथवा
इस्लामी राज्य में शहरीकरण की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
इस्लामी राज्य में शहरों का विकास – इस्लामी राज्य में शहरों की संख्या में तीव्र गति से वृद्धि हुई जिसके फलस्वरूप इस्लामी सभ्यता का विकास हुआ। अनेक नये शहरों की स्थापना की गई जिनका उद्देश्य मुख्य रूप से अरब सैनिकों को बसाना था। ये स्थानीय प्रशासन की रीढ़ थे। इस श्रेणी के फौजी शहरों में इराक में कुफा तथा बसरा और मिस्र में फुस्तात तथा काहिरा थे। इन शहरों के अतिरिक्त बगदाद, इस्फहान, दमिश्क तथा समरकन्द आदि कुछ पुराने शहर थे जिन्हें नया जीवन मिल गया था।

बगदाद अब्बासी खलीफाओं की राजधानी थी तथा अपनी स्थापना के बाद आधी शताब्दी के अन्दर बगदाद की आबादी बढ़ कर लगभग दस लाख तक पहुँच गई थी। खाद्यान्नों तथा शहरी विनिर्माताओं के लिए कपास और चीनी के उत्पादन में वृद्धि की गई जिससे इन शहरों के आकार और इनकी आबादी में वृद्धि हुई। इस प्रकार इस्लामी राज्य में शहरों का एक विशाल जाल विकसित हो गया। एक शहर दूसरे शहर से जुड़ गया जिससे परस्पर सम्पर्क तथा व्यापार वाणिज्य में वृद्धि हुई।

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शहरों की विशेषताएँ – शहर की विशेषताओं को दो भागों में विभाजित किया गया है-
(अ) शहर के आंतरिक क्षेत्र की विशेषताएँ और
(ब) शहर के बाह्य क्षेत्र की विशेषताएँ।

यथा –
(अ) शहर के आंतरिक क्षेत्र की विशेषताएँ – शहर के आंतरिक क्षेत्र की विशेषताओं को निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया गया है –
(1) दो भवन समूह-शहर के केन्द्र में दो भवन – समूह होते थे, जहाँ से सांस्कृतिक तथा आर्थिक गतिविधियों का संचालन होता था।

  • मस्जिद – दो भवन – समूहों में एक मस्जिद (मस्जिद अल- जामी) होती थी। इसमें सामूहिक नमाज पढ़ी जाती थी। यह मस्जिद इतनी बड़ी होती थी कि दूर से दिखाई देती थी
  • केन्द्रीय मण्डी (सुक ) – दूसरा भवन – समूह केन्द्रीय मण्डी (सुक) होता था। इसमें दुकानों की पंक्तियाँ, व्यापारियों के आवास (फंदुक) और सर्राफ का कार्यालय होता था। इसमें प्रशासकों, विद्वानों और व्यापारियों के लिए घर होते थे, जो केन्द्र के निकट बने होते थे।

(2) आंतरिक क्षेत्र का बाहरी घेरा – सामान्य नागरिकों तथा सैनिकों के रहने के क्वार्टर बाहरी घेरे में होते थे। प्रत्येक इकाई की अपनी मस्जिद, गिरजाघर अथवा सिनेगोग, (यहूदी प्रार्थना – घर), छोटी मण्डी, सार्वजनिक स्नान-घर (हमाम) और एक महत्त्वपूर्ण सभा स्थल होता था।
(ब) शहर के बाह्य क्षेत्र की विशेषताएँ –

  • शहर के बाहरी क्षेत्रों में शहरी गरीबों के मकान, हरी सब्जियों और फलों के बाजार, काफिलों के ठिकाने, चमड़ा साफ करने या रंगने की दुकानें और कसाई की दुकानें होती थीं।
  • शहर की चारदीवारी के बाहर कब्रिस्तान और सरायें होते थे। सराय में लोग उस समय आराम कर सकते थे, जब शहर के दरवाजे बन्द कर दिये जाते थे। सभी शहरों के मानचित्र एक जैसे नहीं होते थे। इस मानचित्र में परिदृश्य, राजनीतिक परम्पराओं और ऐतिहासिक घटनाओं के आधार पर परिवर्तन किये जा सकते थे।

प्रश्न 11.
इस्लामी राज्य में व्यापार-वाणिज्य के विकास का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
इस्लामी राज्य में व्यापार वाणिज्य का विकास राजनीतिक एकीकरण और खाद्य पदार्थों और विलास – वस्तुओं की शहरी मांग ने विनिमय के दायरे का विस्तार कर दिया था । भूगोल ने मुस्लिम साम्राज्य की सहायता की, जो हिन्द महासागर और भूमध्य सागर के व्यापारिक क्षेत्रों के बीच फैल गया। पाँच शताब्दियों तक अरब और ईरानी व्यापारियों का चीन, भारत तथा यूरोप के बीच के समुद्री व्यापार पर. एकाधिकार रहा।

(1) व्यापार – मार्ग – यह व्यापार दो मुख्य मार्गों – लाल सागर तथा फारस की खाड़ी से होता था। लम्बी दूरी के व्यापार के लिए मसालों, कपड़ों, चीनी मिट्टी की वस्तुओं तथा बारूद को भारत और चीन से लाल सागर के पत्तनों (अदन और एधाब तक) और फारस की खाड़ी के पत्तनों (सिराफ तथा बसरा) तक जहाजों द्वारा लाया जाता था । यहाँ से माल को जमीन पर ऊँटों के काफिलों द्वारा बगदाद, दमिश्क और एलेप्पो के भण्डार-‍ -गृहों तक स्थानीय खपत हेतु अथवा आगे भेजने हेतु ले जाया जाता था । हज की यात्रा के समय मक्का के रास्ते से गुजरने वाले काफिले बड़े हो जाते थे।

इन व्यापारिक मार्गों के भूमध्य सागर के सिरे पर सिकन्दरिया के पत्तन से यूरोप को किए जाने वाले निर्यात को यहूदी व्यापारियों द्वारा नियन्त्रित किया जाता था। उनमें से कुछ भारत से सीधे व्यापार करते थे। चौथी शताब्दी से व्यापार एवं शक्ति केन्द्र के रूप में काहिरा के उभरने के कारण तथा इटली के व्यापारिक शहरों से पूर्वी माल की बढ़ती हुई माँग के कारण लाल सागर के मार्ग ने अधिक महत्त्व प्राप्त कर लिया।

पूर्वी सिरे का जहाँ तक सम्बन्ध है, ईरानी व्यापारी मध्य एशियाई और चीनी वस्तुएँ लाने के लिए बगदाद से बुखारा और समरकन्द (तूरान) होते हुए रेशम मार्ग से चीन जाते थे। तूरान भी वाणिज्यिक तन्त्र में एक महत्त्वपूर्ण कड़ी था। यह तन्त्र फर और स्लाव गुलामों के व्यापार के लिए उत्तर में रूस तथा स्केंडीनेविया तक फैला हुआ था । इन बाजारों में तुर्क गुलाम (दास और दासियाँ) भी खलीफाओं तथा सुल्तानों के दरबारों के लिए खरीदे जाते थे।

(2) सिक्के – राजकोषीय प्रणाली (राज्य की आय और व्यय) और बाजार के लेन-देन ने इस्लामी राज्यों में धन का महत्त्व बढ़ा दिया था। इस्लामी राज्यों में सोने, चाँदी तथा ताँबे (फुलस) के सिक्के बनाए जाते थे। वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य चुकाने के लिए प्राय: ये सिक्के सर्राफों द्वारा सीलबन्द किए गए थैलों में भेजे जाते थे। सोना अफ्रीका (सूडान) से तथा चाँदी मध्य एशिया से आती थी।

बहुमूल्य धातुएँ तथा सिक्के यूरोप से भी आते थे। पूर्वी व्यापार की वस्तुओं को खरीदने के लिए यूरोप इन सिक्कों की अदायगी करता था । धन की बढ़ती हुई माँग ने लोगों को अपने संचित भण्डारों तथा निरर्थक पड़ी सम्पत्ति का उपयोग करने के लिए बाध्य कर दिया। उधार का कारोबार भी मुद्राओं के साथ जुड़ गया जिससे वाणिज्य गतिशील हो गया।

(3) साख-पत्रों तथा हुण्डियों का उपयोग – मध्यकालीन आर्थिक जीवन में मुस्लिम जगत का सबसे बड़ा योगदान यह था कि उन्होंने अदायगी और व्यापार व्यवस्था के उत्तम तरीकों को विकसित किया। व्यापारियों तथा साहूकारों द्वारा धन को एक स्थान से दूसरे स्थान और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए साख-पत्रों (सक्क) तथा हुण्डियों (बिल ऑफ एक्सचेंज – सुफतजा ) का उपयोग किया जाता था। वाणिज्यिक पत्रों के व्यापक उपयोग से व्यापारियों को प्रत्येक स्थान पर नकद मुद्रा अपने साथ ले जाने से मुक्ति मिल गई और इससे उनकी यात्राएँ पहले की तुलना में अधिक सुरक्षित हो गईं। खलीफा भी वेतन देने अथवा कवियों और चारणों को इनाम देने के लिए साख-पत्रों (सक्क) का प्रयोग करते थे।

प्रश्न 12.
कागज और गेनिजा अभिलेख इतिहास-लेखन में किस प्रकार उपयोगी सिद्ध हुए?
उत्तर:
(1) कागज की इतिहास-लेखन में उपयोगिता – कागज के आविष्कार के पश्चात् इस्लामी जगत में लिखित रचनाओं का व्यापक रूप से प्रसार होने लगा। कागज का आविष्कार चीनियों ने किया था, जहाँ कागज बनाने की प्रक्रिया को गुप्त रखा गया था। 751 ई. में समरकन्द के मुसलमान प्रशासक ने 20 हजार चीनी आक्रमणकारियों को बन्दी बना लिया, जिनमें से कुछ कागज बनाने में अत्यन्त निपुण थे।

अतः अगले सौ वर्षों के लिए, समरकन्द का कागज निर्यात की एक महत्त्वपूर्ण वस्तु बन गया। समरकन्द के अतिरिक्त अन्य मुस्लिम राज्यों में भी कागज का निर्माण किया जाने लगा। धीरे-धीरे कागज की माँग बढ़ती गई । प्रसिद्ध विद्वान और चिकित्सक अब्द-अल-लतीफ ने लिखा है कि मिस्र के किसानों ने ममियों के ऊपर लपेटे गए लिनन से बने हुए आवरण प्राप्त करने के लिए कब्रों को बुरी तरह लूटा था, ताकि वे लिनन से बने हुए इन आवरणों को कागज के कारखानों को बेच सकें।

(2) गेनिजा अभिलेखों की इतिहास-लेखन में उपयोगिता – जब कागज बड़ी मात्रा में उपलब्ध हो गया, तो सभी प्रकार के वाणिज्यिक और निजी दस्तावेजों को लिखना भी सुविधाजनक हो गया। 1896 में फुस्तात ( पुराना काहिरा) में बेन एजरा के यहूदी प्रार्थना – भवन के एक सीलबन्द कमरे (गेनिजा ) में मध्यकालीन यहूदी दस्तावेजों का एक विशाल संग्रह प्राप्त हुआ। गेनिजा में लगभग ढाई लाख पाण्डुलिपियाँ तथा उनके टुकड़े थे, जिनमें कई आठवीं शताब्दी मध्यकाल की भी थीं।

अधिकांश सामग्री दसवीं से तेरहवीं शताब्दी तक की थी अर्थात् फातिमी, अयूबी तथा प्रारम्भिक मामलुक काल की थी। निजा अभिलेखों में व्यापारियों, परिवार के सदस्यों और मित्रों के बीच लिखे गए पत्र, संविदा, बिक्री – दस्तावेज आदि शामिल थे। अधिकतर दस्तावेज यहूदी – अरबी भाषा में लिखे गए थे, जो हिब्रू अक्षरों में लिखी जाने वाली अरबी भाषा का ही रूप था, जिसका उपयोग सम्पूर्ण मध्यकालीन भूमध्यसागरीय क्षेत्र में यहूदी समुदायों द्वारा सामान्यतया किया जाता था।

गेनिजा दस्तावेज निजी और आर्थिक अनुभवों से भरे हुए हैं और वे भूमध्यसागरीय और इस्लामी संस्कृति की आन्तरिक जानकारी प्रस्तुत करते हैं । इन दस्तावेजों से यह भी ज्ञात होता है कि मध्यकालीन इस्लामी जगत के व्यापारियों के व्यापारिक कौशल तथा वाणिज्यिक तकनीकें उनके यूरोपीय प्रतिद्वन्द्वियों की तुलना में बहुत अधिक उन्नत थीं । गेटिन निजा अभिलेखों का प्रयोग करते हुए ‘भूमध्य सागर का इतिहास’ कई संग्रहों में लिखा। गेनिजा के एक पत्र से प्रेरित होकर अमिताभ घोष ने अपनी पुस्तक ‘इन एन एंटीक लैण्ड’ में एक भारतीय गुलाम की कहानी का वर्णन किया है।

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प्रश्न 13.
बगदाद के कानून और चिकित्सा के विद्वान अब्द-अल-लतीफ द्वारा बताए गए आदर्श विद्यार्थी के गुणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
आदर्श विद्यार्थी के गुण बगदाद के कानून और चिकित्सा के विद्वान अब्द-अल-लतीफ द्वारा बताए गए आदर्श विद्यार्थी के गुणों का वर्णन निम्नानुसार है –

(1) ज्ञान प्राप्त करने के लिए अध्यापकों का सहारा लेना- अब्द-अल-लतीफ के अनुसार एक आदर्श विद्यार्थी को बिना किसी की सहायता के, केवल पुस्तकों से ही विज्ञान न सीखना चाहिए, चाहे उसको समझने की अपनी योग्यता पर विश्वास हो। उसे प्रत्येक विषय के लिए, जिसका ज्ञान वह प्राप्त करना चाहता हो, अध्यापकों का सहारा लेना चाहिए। यदि उसके अध्यापकों का ज्ञान सीमित हो, तो जो कुछ वह दे सकता है, उसे प्राप्त कर लेना चाहिए। जब तक उसको उससे अधिक योग्य अध्यापक न मिल जाए उसे अपने अध्यापक का आदर और सम्मान करना चाहिए।

(2) पुस्तक को कण्ठस्थ करना – अब्द-अल-लतीफ के अनुसार आदर्श विद्यार्थी जब कोई पुस्तक पढ़े, तो उसे कण्ठस्थ करने और उसके अर्थ पर पूर्ण अधिकार कर लेना चाहिए। पुस्तक खोने की अवस्था में पुस्तक कण्ठस्थ होने पर उसे कुछ भी हानि नहीं होगी।

(3) इतिहास की पुस्तकों का अध्ययन करना – अब्द-अल-लतीफ के अनुसार आदर्श विद्यार्थी को इतिहास की पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए। उसे जीवनियों तथा राष्ट्रों के अनुभवों का अध्ययन करना चाहिए।

(4) पैगम्बर की जीवनी का अध्ययन करना – अब्द-अल-लतीफ का कहना है कि आदर्श विद्यार्थी को अपना आचरण प्रारम्भिक मुसलमानों के आचरण के अनुरूप बनाना चाहिए। इसलिए, उसे पैगम्बर मुहम्मद साहब की जीवनी का अध्ययन करना चाहिए तथा उनके पद चिन्हों पर चलना चाहिए।

(5) अपने स्वभाव पर अविश्वास करना – आदर्श विद्यार्थी को अपने स्वभाव के बारे में अच्छी राय रखने की बजाय, उस पर बार-बार अविश्वास करना चाहिए। उसे अपना ध्यान विद्वान लोगों और उनकी रचनाओं पर लगाना चाहिए। उसे बहुत सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए और कभी भी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।

(6) अल्लाह का गुणगान करना – अब्द-अल-लतीफ के अनुसार जब आदर्श व्यक्ति ने अपना अध्ययन तथा चिन्तन-मनन पूरा कर लिया हो, तो अपनी जीभ को अल्लाह का नाम लेने के कार्य में व्यस्त रखना चाहिए और अल्लाह का गुणगान करना चाहिए।

(7) ज्ञान कभी समाप्त नहीं होता – अब्द-अल-लतीफ के अनुसार ज्ञान कभी समाप्त नहीं होता, वह अपने पीछे अपनी सुगन्ध छोड़ जाता है, जो उसके मालिक का पता बता देती है। ज्ञान प्रकाश और कान्ति की किरण ज्ञानी पर चमकती रहती है और उसकी ओर संकेत करती रहती है।

प्रश्न 14.
मध्यकालीन इस्लामी राज्य में साहित्य के क्षेत्र में हुई उन्नति का वर्णन कीजिए।
अथवा
“नौवीं शताब्दी से अदब के दायरे का विस्तार किया गया और उसमें जीवनियों, आचार-संहिताओं, राजकुमारों की शासन कला की शिक्षा देने वाली पुस्तकों और सबसे ऊपर इतिहास और भूगोल को शामिल किया गया। ” विवेचना कीजिए –
उत्तर:
अदब से आशय – अदब का अर्थ है – साहित्यिक और सांस्कृतिक परिष्कार। अदब रूपी अभिव्यक्तियों में पद्य और गद्य दोनों शामिल थे। इस्लाम पूर्व काल की सबसे अधिक लोकप्रिय विधा, ‘कसीदा’ थी जिसे अब्बासी काल के कवियों ने विकसित किया था। फारस के मूल कवियों ने अरबी कविता का पुनः आविष्कार किया। समानी राजदरबार के कवि रुदकी ने गजल, रुबाई जैसे नए रूप शामिल किए। उमर खय्याम ने रुबाई को उच्चता प्रदान की। गजनी के महमूद के काल में काव्यसंग्रहों और महाकाव्यों की रचना हुई। इस काल में फिरदौसी ने ‘शाहनामा’ की रचना की। इसके अतिरिक्त अनेक किस्से-कहानियों की रचनाएँ भी हुईं।

अदब के दायरे का विस्तार –
(1) इतिहास का अध्ययन – इस्लामी राज्य में नौवीं शताब्दी में अदब के दायरे का विस्तार हुआ और अनेक जीवनियों, आचार-संहिताओं, शासन कला से सम्बन्धित पुस्तकों, ऐतिहासिक ग्रन्थों आदि की रचना की गई। शिक्षित मुस्लिम समाजों में इतिहास लिखने की परम्परा स्थापित थी। विद्यार्थी, विद्वान तथा सुशिक्षित लोग इतिहास की पुस्तकों का अध्ययन करते थे। इतिहास शासकों तथा अधिकारियों के लिए किसी वंश की प्रतिष्ठा में वृद्धि करने वाले कार्यों तथा उपलब्धियों का विवरण तथा प्रशासन की तकनीकों के उदाहरण प्रस्तुत करता था।

बालाधुरी कृत ‘अनसब अल – अशरफ’ (सामन्तों की वंशावलियाँ) तथा ताबरी कृत तारीख ‘अल- मुलुक’ (पैगम्बरों और राजाओं का इतिहास ) इतिहास के दो प्रमुख ग्रन्थ थे, जिनमें सम्पूर्ण मानव – इतिहास का वर्णन किया गया है। इनमें इस्लामी काल केन्द्र – बिन्दु है। स्थानीय इतिहास लेखन की परम्परा का विकास खिलाफत के विघटन के पश्चात् हुआ। इस्लामी राज्यों की एकता तथा विविधता की खोज के लिए फारसी में वंशों, नगरों और प्रदेशों के सम्बन्ध में अनेक पुस्तकें लिखी गईं।

(2) भूगोल और यात्रा – वृत्तान्त – भूगोल और यात्रावृत्तान्त (रिहला) अदब की एक विशेष विधा थे। इनमें यूनानी, ईरानी तथा भारतीय पुस्तकों के ज्ञान और व्यापारियों तथा यात्रियों के विचार और कथन शामिल थे। गणितीय भूगोल में संसार को भूमध्य रेखा के समानान्तर हमारे तीन महाद्वीपों के अनुरूप, सात प्रकार की जलवायु में विभाजित किया गया। प्रत्येक शहर की यथार्थ स्थिति का वर्णन खगोल वैज्ञानिक तरीके से किया गया।

मुकदसी ने अपने ग्रन्थ ‘अहसान – अल- तकसीम’ अथवा ‘सर्वोत्तम विभाजन’ में विश्व के सभी देशों के लोगों का तुलनात्मक अध्ययन किया है और विदेशों के बारे में वांछित जिज्ञासाओं को शान्त करने का प्रयास किया है। मसूदी ने अपनी पुस्तक ‘मुरुज अल – धाहाब’ में विश्व की संस्कृतियों की व्यापक विविधता दिखाने के लिए भूगोल और सामान्य इतिहास को मिला दिया था। अल्बरुनी ने ‘तहकीक मा लिल – हिंद’ ( भारत का इतिहास ) नामक पुस्तक लिखी जिसमें 11वीं शताब्दी के एक मुस्लिम लेखक का इस्लाम की दुनिया से बाहर देखने और यह जानकारी प्राप्त करने का सबसे बड़ा प्रयास था कि एक अन्य सांस्कृतिक परम्परा में क्या चीज बहुमूल्य है।

प्रश्न 15.
मध्यकालीन इस्लामी वास्तुकला की विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
‘मध्यकालीन इस्लामी राज्य में वास्तुकला के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण उन्नति हुई। इस काल में अनेक मस्जिदों, राजमहलों, मकबरों आदि का निर्माण किया गया। मध्यकालीन इस्लामी वास्तुकला की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन निम्नानुसार है –
(1) मस्जिद – धार्मिक इमारतें इस्लामी जगत् की सबसे बड़ी बाहरी प्रतीक थीं। स्पेन से लेकर मध्य एशिया तक फैली मस्जिदों, इबादतगाहों और मकबरों का आधारभूत नमूना एक जैसा था। इसकी विशेषताएँ थीं-मेहराबें, गुम्बद, मीनार और खुले सहन। ये इमारतें मुसलमानों की आध्यात्मिक और व्यावहारिक आवश्यकताओं को प्रकट करती थीं

(i) इस्लाम की पहली शताब्दी में मस्जिद ने एक विशिष्ट वास्तुशिल्प का रूप (खम्भों के सहारे वाली छत ) धारण कर लिया था। मस्जिद में एक खुला प्रांगण होता था। इस प्रांगण में एक फव्वारा अथवा जलाशय बनाया जाता था। यह प्रांगण एक बड़े कमरे की ओर खुलता था, जिसमें प्रार्थना करने वाले लोगों और प्रार्थना ( नमाज) का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति (इमाम) के लिए काफी स्थान होता था।

(ii) बड़े कमरे की दो विशेषताएँ थीं- दीवार में एक मेहराब जो मक्का (काबा) की दिशा का संकेत देती थी तथा एक मंच (मिम्बर) जहाँ से शुक्रवार की दोपहर की नमाज के समय प्रवचन दिए जाते थे। इमारत में एक मीनार जुड़ी होती थी जिसका उपयोग नियत समय पर नमाज के लिए लोगों को बुलाने के लिए किया जाता था। मीनार नए धर्म के अस्तित्व का प्रतीक थी। शहरों और गाँवों में लोग समय का अनुमान पाँच दैनिक नमाजों की सहायता से लगाते थे । वर्तमान समय में भी मस्जिद की ये विशेषताएँ दिखाई देती हैं।

(iii) केन्द्रीय प्रांगण (इवान) के चारों ओर बनी इमारतों के निर्माण का स्वरूप न केवल मस्जिदों और मकबरों में बल्कि सरायों, अस्पतालों और महलों में भी पाया जाता था।

JAC Class 11 History Important Questions Chapter 4 इस्लाम का उदय और विस्तार-लगभग 570-1200 ई.

(2) महल –
(i) उमय्यदों ने नखलिस्तानों में ‘मरुस्थलीय महल’ बनाए। इनमें फिलिस्तीन में ‘खिरबत अल-मफजर’ और जोर्डन में ‘कुसाईर अमरा’ उल्लेखनीय थे। ये महल ऐश्वर्यपूर्ण निवास-स्थानों और शिकार तथा मनोरंजन के लिए विश्रामस्थलों के रूप में काम आते थे। महलों को चित्रों, प्रतिमाओं तथा पच्चीकारी से सजाया जाता था।

(ii) अब्बासियों ने समरा में बागों और बहते हुए पानी के बीच एक नया शाही शहर बनाया जिसका उल्लेख खलीफा हारुन-अल- रशीद से जुड़ी कहानियों और आख्यानों में मिलता है।

(iii) अब्बासियों ने बगदाद में तथा फातिमियों ने काहिरा में विशाल महल बनवाये, परन्तु अब इनका अस्तित्व नहीं –

(3) कला के दो रूपों को बढ़ावा मिलना- इस्लामी धार्मिक कला में प्राणियों के चित्रण की मनाही से कला के दो रूपों को बढ़ावा मिला-खुशनवीसी (सुन्दर लिखने की कला) तथा अरेबस्क (ज्यामितीय तथा वनस्पतीय डिजाइन)। इमारतों को सुसज्जित करने हेतु प्रायः धार्मिक उद्धरणों का शिलालेखों में उपयोग किया जाता था। कुरान की आठवीं तथा नौवीं शताब्दियों की पाण्डुलिपियों में खुशनवीसी की कला को सुरक्षित रखा गया है। ‘किताब-अल- अधानी’ (गीत-पुस्तक), ‘कलीला व दिमना’, ‘हरिरी की मकामात’ जैसी साहित्यिक रचनाओं को लघु चित्रों से सजाया गया था। इसके अतिरिक्त पुस्तकों के सौन्दर्य में वृद्धि हेतु चित्रावली की अनेक तकनीकें शुरू की गई थीं। इमारतों और पुस्तकों के चित्रण में पौधों और फूलों के नमूनों का उपयोग किया जाता था।

JAC Class 11 Political Science Important Questions in Hindi & English Jharkhand Board

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JAC Board Class 11th Political Science Important Questions in Hindi Medium

Jharkhand Board Class 11th Political Science Important Questions: भारत का संविधान-सिद्धांत और व्यवहार

Jharkhand Board Class 11th Political Science Important Questions: राजनीतिक-सिद्धान्त

JAC Board Class 11th Political Science Important Questions in English Medium

JAC Board Class 11th Political Science Important Questions: Indian Constitution at Work

  • Chapter 1 Constitution: Why and How? Important Questions
  • Chapter 2 Rights in the Indian Constitution Important Questions
  • Chapter 3 Election and Representation Important Questions
  • Chapter 4 Executive Important Questions
  • Chapter 5 Legislature Important Questions
  • Chapter 6 Judiciary Important Questions
  • Chapter 7 Federalism Important Questions
  • Chapter 8 Local Governments Important Questions
  • Chapter 9 Constitution as a Living Document Important Questions
  • Chapter 10 The Philosophy of the Constitution Important Questions

JAC Board Class 11th Political Science Important Questions: Political Theory

  • Chapter 1 Political Theory: An Introduction Important Questions
  • Chapter 2 Freedom Important Questions
  • Chapter 3 Equality Important Questions
  • Chapter 4 Social Justice Important Questions
  • Chapter 5 Rights Important Questions
  • Chapter 6 Citizenship Important Questions
  • Chapter 7 Nationalism Important Questions
  • Chapter 8 Secularism Important Questions
  • Chapter 9 Peace Important Questions
  • Chapter 10 Development Important Questions

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 6 नागरिकता

Jharkhand Board JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 6 नागरिकता Important Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Political Science Important Questions Chapter 6 नागरिकता

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्नलिखित में से कौन भारत में बाहरी व्यक्ति है ?
(अ) रीता जो भारत में जन्मे अपने पिता और ब्रिटिश माँ के साथ रहती है।
(ब) जानकी जो भारत में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए मारीशस से आई है।
(स) जयपुर का रहने वाला एक लड़का रहीम जो आस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रहा है।
(द) शांति भूषण जो अमेरिका में भारतीय उच्चायोग में भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी हैं।
उत्तर:
(ब) जानकी जो भारत में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए मारीशस से आई है।

2. निम्न में किस आधार पर भारत की नागरिकता ग्रहण नहीं की जा सकती
(अ) वह व्यक्ति जिसका जन्म भारत में हुआ है।
(ब) भारत में निवास कर रहा वह व्यक्ति जिसके माता-पिता का जन्म भारत
(स) वह व्यक्ति जिसके माता-पिता संविधान लागू होने से कम से कम पांच
(द) वह विदेशी व्यक्ति जो शिक्षा प्राप्त करने के लिए भारत में रह रहा है।
उत्तर:
(द) वह विदेशी व्यक्ति जो शिक्षा प्राप्त करने के लिए भारत में रह रहा है।

3. निम्नलिखित में से किसे अपनी भारतीय नागरिकता छोड़नी पड़ेगी
(अ) जगन सिंह, जिसे डकैती डालते हुए पकड़ा गया।
(ब) मनोरमा, जिसे ब्रिटेन में अध्ययन के लिए शोधवृत्ति मिली है।
(स) सुरेश, जो छुट्टियाँ मनाने स्विट्जरलैंड गया है।
(द) अशोक मेहता, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति का सलाहकार नियुक्त किया गया है।
उत्तर:
(द) अशोक मेहता, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति का सलाहकार नियुक्त किया गया है।

4. टी. एच. मार्शल नागरिकता में कितने प्रकार के अधिकारों को शामिल मानते हैं-
(अ) चार
(ब) तीन
(स) दो
(द) पाँच
उत्तर:
(ब) तीन

5. टी. एच. मार्शल की नागरिकता सम्बन्धी धारणा मिलती-जुलती है-
(अ) उदारवाद से
(ब) मार्क्सवाद से
(स) राष्ट्रवाद से
(द) आदर्शवाद से
उत्तर:
(अ) उदारवाद से

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6. भारतीय नागरिकता अधिनियम कब बनाया गया
(अ) 1955 में
(ब) 1951 में
(स) 1954 में
(द) 1952 में
उत्तर:
(अ) 1955 में

7. आदर्श नागरिकता के मार्ग में प्रमुख बाधा है-
(अ) संकीर्णता
(ब) उग्र राष्ट्रीयता
(स) अज्ञानता
(द) उक्त सभी
उत्तर:
(द) उक्त सभी

8. ‘नागरिकता और सामाजिक वर्ग’ के लेखक हैं-
(अ) टी. एच. मार्शल
(ब) डेविड हेल्ड
(स) रिची
(द) जॉन लॉक
उत्तर:
(अ) टी. एच. मार्शल

9. मार्शल टी. एच. ने नागरिकता में निम्न में से किस प्रकार के अधिकारों को शामिल नहीं किया
(अ) नागरिक अधिकार
(ब) संवैधानिक उपचारों का अधिकार
(स) राजनीतिक अधिकार
(द) सामाजिक अधिकार
उत्तर:
(ब) संवैधानिक उपचारों का अधिकार

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10. संयुक्त राज्य अमेरिका के अनेक दक्षिणी राज्यों में काले और गोरे लोगों के भेदभावपूर्ण कानूनों के खिलाफ आंदोलन के प्रमुख ‘नेता थे-
(अ) मार्टिन लूथर किंग जूनियर
(ब) टी. एच. मार्शल
(स) ओल्गाटेलिस
(द) रॉबर्ट मुगावे।
उत्तर:
(अ) मार्टिन लूथर किंग जूनियर

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

1. नागरिकता की परिभाषा किसी राजनीतिक समुदाय की ……………… और ……………… सदस्यता के रूप में की गई है।
उत्तर:
पूर्ण, समान

2. शरणार्थी और …………………… प्रवासियों को कोई राष्ट्र पूर्ण सदस्यता देने के लिए तैयार नहीं है।
उत्तर:
अवैध

3. नागरिकता सिर्फ राज्यसत्ता और उसके सदस्यों के बीच के संबंधों का निरूपण नहीं बल्कि यह ………………….. आपसी संबंधों के बारे में भी ह।
उत्तर:
नागरिकों

4. किसी राष्ट्र की संपूर्ण और समान सदस्यता का अर्थ है कि सभी अमीर-गरीब नागरिकों को कुछ ……………….. अधिकार और सुविधाएँ मिलें।
उत्तर:
बुनियादी

5. देश के सभी नागरिकों को ‘पूर्ण और समान सदस्यता’ से संबंधित विवादों का समाधान बल प्रयोग के बजाय …………………. और ……………….. से हो।
उत्तर:
संधि-वार्ता, विचार-विमर्श

निम्नलिखित में से सत्य / असत्य कथन छाँटिये-

1. अवांछित आगन्तुकों को नागरिकता से बाहर रखने के लिए राज्य सत्ताएँ ताकत का प्रयोग करती हैं।
उत्तर:
सत्य

2. नागरिकता के नए आवेदकों को अनुमति देने की कसौटी हर देश में समान होती है।
उत्तर:
असत्य

3. नागरिकता प्रदान करने में फ्रांस में धर्म या जातीय मूल जैसे तत्त्व को वरीयता दी जाती है।
उत्तर:
असत्य

4. इजरायल ऐसा देश है जो धर्मनिरपेक्ष और समावेशी होने का दावा करता है।
उत्तर:
असत्य

5. समान नागरिकता की अवधारणा का अर्थ यही है कि सभी नागरिकों को समान अधिकार और सुरक्षा प्रदान करना सरकारी नीतियों का मार्गदर्शक सिद्धान्त हो।
उत्तर:
सत्य

निम्नलिखित स्तंभों के सही जोड़े बनाइये

1. ‘नागरिकता और सामाजिक वर्ग’ पुस्तक (अ) सर्वोच्च न्यायालय का 1985 का एक निर्णय
2. संविधान के अनु. 21 में जीने के अधिकार में आजीविका का अधिकार भी शामिल है। (ब) भारत
3. एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश (स) राज्यविहीन शरणार्थी लोग
4. शिविरों में या अवैध प्रवासी के रूप में रहने को मजबूर लोग (द) इजरायल
5. नागरिकता देने में धर्म या जातीय मूल तत्त्व को वरीयता देने वाला देश (य) टी. एच. मार्शल

उत्तर:

1. ‘नागरिकता और सामाजिक वर्ग’ पुस्तक (य) टी. एच. मार्शल
2. संविधान के अनु. 21 में जीने के अधिकार में आजीविका का अधिकार भी शामिल है। (अ) सर्वोच्च न्यायालय का 1985 का एक निर्णय
3. एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश (ब) भारत
4. शिविरों में या अवैध प्रवासी के रूप में रहने को मजबूर लोग (स) राज्यविहीन शरणार्थी लोग
5. नागरिकता देने में धर्म या जातीय मूल तत्त्व को वरीयता देने वाला देश (द) इजरायल

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
नागरिकता की परिभाषा किस रूप में की गई है?
उत्तर:
नागरिकता की परिभाषा किसी राजनीतिक समुदाय की पूर्ण और समान सदस्यता के रूप में की गई है।

प्रश्न 2.
भारत में नागरिकता कैसे हासिल की जा सकती है?
उत्तर:
भारत में जन्म, वंश-परम्परा, पंजीकरण, देशीकरण या किसी भू-क्षेत्र के राजक्षेत्र में शामिल होने से नागरिकता हासिल की जा सकती है।

प्रश्न 3.
लोगों के विस्थापित होने या शरणार्थी होने के मुख्य कारणों का उल्लेख कीजिए गए हैं।
उत्तर:
युद्ध, उत्पीड़न तथा अकाल।

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प्रश्न 4.
ऐसे लोगों का उदाहरण दीजिए जो अपने ही देश या पड़ौसी देश में शरणार्थी बनने के लिए विवश किए
उत्तर:
सूडान के डरफर क्षेत्र के शरणार्थी, फिलिस्तीनी, बर्मी तथा बांग्लादेशी शरणार्थी।

प्रश्न 5.
शरणार्थियों की जांच करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने क्या कदम उठाया है?
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ ने शरणार्थियों की जांच करने एवं उनकी मदद करने हेतु उच्चायुक्त नियुक्त किया है।

प्रश्न 6.
एक देश में भ्रमण हेतु आया हुआ अन्य देश का नागरिक क्या कहलाता है?
उत्तर:
विदेशी।

प्रश्न 7.
भारत में किस प्रकार की नागरिकता है?
उत्तर:
इकहरी नागरिकता।

प्रश्न 8.
नागरिकता में समाज के प्रति क्या दायित्व है?
उत्तर:
नागरिकता में समाज के सहजीवन में भागीदार होने और योगदान करने का नैतिक दायित्व शामिल है।

प्रश्न 9.
शहरों की गंदी बस्तियों की कोई दो समस्यायें लिखिये।
उत्तर:

  1. शौचालय, जलापूर्ति और सफाई की समस्या
  2. जीवन और सम्पत्ति की सुरक्षा की समस्या।

प्रश्न 10.
झोंपड़पट्टियों के निवासी किस प्रकार अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं?
उत्तर:
झोंपड़पट्टियों के निवासी अपने श्रम से अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान करते हैं।

प्रश्न 11.
भारतीय संविधान में नागरिकता की कौनसी धारणा को अपनाया है?
उत्तर:
भारतीय संविधान में नागरिकता की लोकतांत्रिक और समावेशी धारणा को अपनाया गया है।

प्रश्न 12.
नागरिक अधिकारों को प्राप्त करने के लिए हुए किसी एक संघर्ष का नाम लिखिये।
उत्तर:
1789 की फ्रांसीसी क्रांति।

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प्रश्न 13.
शरणार्थियों के किन्हीं दो रूपों को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:

  1. युद्ध या अकाल से विस्थापित लोग।
  2. यूरोप या अमेरिका में चोरी-छिपे घुसने के प्रयास में तत्पर लोग।

प्रश्न 14.
मार्शल ने नागरिकता में कौन-कौनसे तीन अधिकार शामिल किये थे?
उत्तर:
मार्शल नागरिकता में तीन प्रकार के अधिकारों को शामिल करते हैं, वे हैं

  1. नागरिक अधिकार
  2. राजनैतिक अधिकार
  3. सामाजिक अधिकार।

प्रश्न 15.
उन दो परिस्थितियों का उल्लेख कीजिये जिनमें नागरिकता समाप्त हो जाती है।
उत्तर:

  1. दूसरे देश की नागरिकता स्वीकार करने पर।
  2. वह उस देश से बाहर लगातार निश्चित वर्षों तक, जैसे सात वर्ष तक निवास करता रहा हो।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में नागरिकता किन-किन आधारों पर प्राप्त की जा सकती है?
अथवा
भारत में नागरिकता किस प्रकार हासिल की जा सकती है?
उत्तर:
भारत में जन्म, वंश-परम्परा, पंजीकरण, देशीयकरण या किसी भू-क्षेत्र के राज क्षेत्र में शामिल होने से नागरिकता हासिल की जा सकती है।

प्रश्न 2.
किसी राज्य की नागरिकता हेतु दो शर्तें बताइये।
उत्तर:
किसी राज्य की नागरिकता हेतु निम्न दो शर्तों का होना आवश्यक होता है।

  1. यदि कोई विदेशी एक निश्चित अवधि तक विदेश में रहता है तो उसका देशीयकरण कर उसे उस देश की नागरिकता प्राप्त हो जाती है।
  2. यदि कोई स्त्री अन्य देश के नागरिक से विवाह कर लेती है तो उसे अपने पति के देश की नागरिकता प्राप्त हो जाती है।

प्रश्न 3.
कोई नागरिक अपनी नागरिकता का स्वेच्छा से त्याग किस प्रकार कर सकता है?
उत्तर:
अनेक देश अपने नागरिकों को यह अधिकार प्रदान करते हैं कि यदि वे अपनी इच्छा के अनुसार वहाँ नागरिकता छोड़कर किसी दूसरे अन्य देश की नागरिकता ग्रहण करना चाहें तो वे सरकार की अनुमति लेकर ऐसा कर सकते हैं। इसके लिये नागरिकों को सरकार के पास आवेदन करना होता है। जर्मनी में नागरिकता की समाप्ति के लिये इस प्रकार का नियम प्रचलित है।

प्रश्न 4.
नागरिकों के प्रमुख राजनीतिक अधिकार कौन-कौनसे हैं? उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
नागरिकों के प्रमुख राजनीतिक अधिकार ये हैं।

  1. मत देने का अधिकार।
  2. विधायिका की सदस्यता हेतु प्रत्याशी बनने का अधिकार।
  3. राजकीय पद धारण करने का अधिकार।
  4. कानून के समक्ष समानता का अधिकार।

प्रश्न 5.
नागरिकों की स्वतंत्रता को बनाये रखने में राज्य की क्या भूमिका है?
उत्तर:
नागरिकों की स्वतन्त्रता को बनाये रखने के लिए राज्य को केवल धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग, जन्म-स्थान या इनमें से किसी भी आधार पर नागरिकों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिये।

प्रश्न 6.
एक आदर्श नागरिक लोकतंत्र को किस प्रकार मजबूती प्रदान कर सकता है?
उत्तर:
एक आदर्श नागरिक निम्न उपायों से लोकतंत्र को मजबूती प्रदान कर सकता है।

  1. प्रत्येक नागरिक को अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य ही करना चाहिये।
  2. प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है कि वह देश एवं सरकार के प्रति आस्था रखे एवं वफादार रहे और किसी भी तरह का देशद्रोहिता का कार्य न करे।

प्रश्न 7.
नागरिक और बाहरी व्यक्ति में क्या अन्तर है?
उत्तर:
नागरिक और बाहरी व्यक्ति में अन्तर: नागरिक वह व्यक्ति है जो किसी देश या राज्य का सदस्य होता है, वह उसके प्रति निष्ठावान होता है तथा नागरिक और राजनैतिक अधिकारों का उपभोग करता है। वह देश के शासन में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेता है। बाहरी व्यक्ति वह व्यक्ति होता है जो किसी देश में अस्थाई रूप से निवास करता है। उसे उस देश के राजनैतिक व नागरिक अधिकार प्राप्त नहीं होते हैं। वह देश के शासन में भाग नहीं लेता।

प्रश्न 8.
जन्मजात और देशीयकृत नागरिक में क्या अन्तर है?
उत्तर:
जन्मजात और देशीयकृत नागरिक में अन्तर: जन्मजात नागरिक वह व्यक्ति कहलाता है जो उस देश में पैदा होता है या उसके माता-पिता उस देश के नागरिक होते हैं, जिसमें वह निवास कर रहा है। देशीयकृत नागरिक वह व्यक्ति होता है जो किसी अन्य देश की नागरिकता कुछ आवश्यक शर्तों को प्राप्त करता है।

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प्रश्न 9.
राज्य प्रदत्त नागरिकता कैसे प्राप्त की जाती है?
उत्तर:
नागरिकता सामान्यतः जन्म के आधार पर प्रदान की जाती है और जब यह राज्य द्वारा प्रदान की जाती है तो उसे देशीयकरण नागरिकता कहा जाता है। राज्य द्वारा नागरिकता अनेक तरीकों से प्राप्त की जा सकती है। यथा

  1. एक स्त्री विवाह के बाद अपने पति की नागरिकता प्राप्त कर लेती है।
  2. एक गोद लिया बच्चा, गोद लेने के बाद अपने नये माता-पिता की नागरिकता प्राप्त कर लेता है।
  3. यदि कोई विदेशी एक राज्य में लम्बी अवधि से रह रहा है तथा अपने मूल राज्य में लौटने का उसका कोई इरादा नहीं है, तो वह नागरिकता के लिए प्रार्थना पत्र दे सकता है। उस विदेशी को कुछ निश्चित औपचारिकताओं के बाद तथा कुछ शर्तों को पूरा करने के बाद नागरिकता प्रदान की जा सकती है।
  4. सरकारी नौकरी करने या सम्पत्ति खरीदने के आधार पर भी किसी बाहरी व्यक्ति को राज्य नागरिकता प्रदान कर सकता है।
  5. कुछ क्षेत्र के हस्तांतरण के बाद भी प्रकृतिस्थ नागरिकता प्राप्त की जा सकती है।

प्रश्न 10.
दोहरी नागरिकता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
दोहरी नागरिकता: सामान्यतः एक व्यक्ति एक समय में केवल एक ही राज्य का नागरिक हो सकता है। लेकिन एक नागरिक को दोहरी नागरिकता की आवश्यकता होती है। जब एक व्यक्ति रक्त सम्बन्ध के सिद्धान्त के आधार पर एक राज्य की प्रकृतिस्थ नागरिकता प्राप्त करता है और क्षेत्र के सिद्धान्त के आधार पर दूसरे राज्य की नागरिकता प्राप्त करता है। इस प्रकार वह जन्म से दोहरी नागरिकता प्राप्त करता है। ऐसी स्थिति में जब वह व्यक्ति वयस्क होता है तो उसे उन दो नागरिकताओं में किसी एक को चुनना पड़ता है। इसके बाद उसकी दोहरी नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाती है।

प्रश्न 11.
सार्वभौमिक नागरिकता से क्या आशय है?
उत्तर:
सार्वभौमिक नागरिकता: सार्वभौमिक नागरिकता की धारणा का आशय यह है कि सभी व्यक्ति, जो किसी राज्य में रहते हैं, राज्य द्वारा स्वीकार किये जाने चाहिए और उन्हें उस राज्य का नागरिक घोषित किया जाना चाहिए तथा सभी व्यक्ति समाज के पूर्ण तथा समान सदस्य के रूप में होने चाहिए तथा उन्हें समान अधिकार प्राप्त होने चाहिए। दूसरे शब्दों में, प्रत्येक व्यक्ति जो राज्य में रह रहा है, चाहे वह वहाँ जन्म से रह रहा हो या दूसरे राज्य का आप्रवासी हो, चाहे वह यहाँ विधिक और आधिकारिक तौर पर आया आप्रवासी हो, चाहे गैर-कानूनी रूप से आया घुसपैठिया हो, वह नागरिकता के अधिकार और स्तर का अधिकारी होना चाहिए। तब विश्व में कहीं भी कोई भी व्यक्ति शरणार्थी या राज्यविहीन नहीं होगा। लेकिन यह व्यावहारिक नहीं है।

प्रश्न 12.
वैश्विक नागरिकता से क्या आशय है?
उत्तर:
वैश्विक नागरिकता: वैश्वीकरण की अवधारणा के विकास के साथ-साथ वैश्विक नागरिकता की अवधारणा का विकास हो रहा है। वैश्विक नागरिकता की अवधारणा में राज्य की सीमाओं तथा पासपोर्ट की आवश्यकता की बाधायें नहीं रहेंगी। विश्व के सभी भागों के लोग संचार के इंटरनेट, टेलीविजन और सेलफोन के साधनों के कारण परस्पर अन्तर्सम्बन्धित महसूस करते हैं। इस प्रकार एक व्यक्ति अपने आपको न केवल एक विशेष समाज का सदस्य महसूस करता है, बल्कि वह सम्पूर्ण विश्व का सदस्य भी महसूस करता है। इस प्रकार किसी विशेष राज्य की नागरिकता विश्व की नागरिकता में बदल दी जानी चाहिए। वैश्विक नागकिरता पूरे विश्व की सदस्यता के रूप में मिलनी चाहिए।

लेकिन यह अवधारणा अव्यावहारिक है क्योंकि कोई भी राज्य अपनी संप्रभुता को त्यागना नहीं चाहता। वैश्विक नागरिकता की अवधारण को व्यावहारिक बनाने के लिए यह आवश्यक है कि राष्ट्रीय नागरिकता को वैश्विक नागरिकता के साथ इस समझ के साथ जोड़ा जाये कि हम आज अन्तर्सम्बद्ध विश्व में रहते हैं। साथ ही हमें विश्व के विभिन्न हिस्सों के लोगों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करना चाहिए तथा राष्ट्रीय सीमाओं के पार के लोगों और सरकारों के साथ काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

प्रश्न 13.
एक आदर्श नागरिक के लिये कौनसे गुण आपकी दृष्टि में आवश्यक हैं?
अथवा
एक आदर्श नागरिक के गुणों का संक्षिप्त विवेचन कीजिये।
उत्तर:
आदर्श नागरिक के गुण-एक आदर्श नागरिक में निम्नलिखित गुण होने आवश्यक हैं।

  1. एक अच्छे नागरिक को शिक्षित होना चाहिए ताकि उसे अपने अधिकारों व कर्तव्यों का ज्ञान हो सके।
  2. एक अच्छे नागरिक में समाज सेवा, दूसरों की सहायता, परस्पर प्रेम तथा सहनशीलता आदि गुण होने चाहिए।
  3. अच्छे नागरिक को दूसरे नागरिकों, समाज तथा राज्य के प्रति अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना चाहिए।
  4. एक अच्छा नागरिक अपने देश के प्रति वफादार, देशभक्त व निष्ठावान होता है।

प्रश्न 14.
एक नागरिक और एक विदेशी में चार अन्तर लिखिये।
उत्तर:
एक नागरिक और एक विदेशी में अन्तर: एक नागरिक और एक विदेशी में प्रमुख अन्तर निम्नलिखित

  1. एक नागरिक उस राज्य का स्थायी निवासी होता है जिसमें वह रह रहा है, जबकि विदेशी दूसरे राज्य का स्थायी निवासी होता है।
  2. नागरिकों को राजनैतिक, नागरिक व सामाजिक अधिकार प्राप्त होते हैं, विदेशियों को नहीं।
  3. नागरिक अपने राज्य के प्रति भक्तिभाव रखता है, जबकि विदेशी उस राज्य के प्रति वफादार होता है जिसका कि वह नागरिक है।
  4. युद्ध के समय विदेशियों को राज्य की सीमा से बाहर जाने के लिए कहा जा सकता है, परन्तु नागरिकों को नहीं।

प्रश्न 15.
” लोकतंत्र के सफल संचालन के लिये नागरिकों का जागरूक होना जरूरी है। ” संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
उत्तर:
लोकतंत्र के सफल संचालन के लिए नागरिकों का जागरूक होना जरूरी है। उदाहरण के लिए प्रतिवाद करने का अधिकार हमारे संविधान में नागरिकों के लिए सुनिश्चित की गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का एक पक्ष है, बशर्ते कि वह प्रतिवाद दूसरे लोगों या राज्य के जीवन या सम्पत्ति को हानि न पहुँचाये। यदि नागरिक इस सम्बन्ध में जागरूक होंगे तो वे समूह बनाकर, प्रदर्शन कर, मीडिया का उपयोग कर, राजनीतिक दलों से अपील कर या अदालत में जाकर जनमत और सरकारी नीतियों को प्रभावित कर सकते हैं। अदालतें उस पर निर्णय दे सकती हैं या समाधान के लिए सरकार से आग्रह कर सकती हैं। इससे समाज में समय-समय पर उत्पन्न होने वाली समस्याओं का सर्वमान्य समाधान निकल सकता है।

प्रश्न 16.
“नागरिकता राज्य सत्ता और उसके सदस्यों के बीच विधिक संबंधों का निरूपण है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
नागरिकों के विधिक कर्तव्यों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
नागरिकों के विधिक कर्तव्य: नागरिकों के विधिक कर्तव्य हैं जो राज्य द्वारा पारिभाषित, मान्य तथा लागू किये जाते हैं तथा जिनका उल्लंघन करने पर नागरिक दंड का भागी बनता है। नागरिकों के प्रमुख विधिक कर्तव्य निम्नलिखित हैं।
1. कानूनों का पालन करना: राज्य शांति व्यवस्था तथा जीवन की सुरक्षा हेतु कानून बनाता है जो कि व्यक्तित्व के विकास के लिए आवश्यक हैं। नागरिक का यह पहला कर्तव्य है कि वह राज्य द्वारा निर्मित कानूनों का पालन करे। वे व्यक्ति जो कानूनों का उल्लंघन करेंगे, उन्हें राज्य द्वारा दंडित किया जा सकता है। कानूनों का पालन करके नागरिक राज्य को उसके उद्देश्यों को पूरा करने में सहयोग करते हैं।

2. करों का भुगतान करना:
सरकार को अपने कार्यों को सुचारु रूप से चलाने के लिए धन की आवश्यकता होती है। सरकार धन की प्राप्ति हेतु कर लगाती है। अत: नागरिकों का यह कानूनी कर्तव्य है कि वे अपने हिस्से के करों का भुगतान ईमानदारी से करें। करों को ईमानदारी से न चुकाने पर राज्य द्वारा दण्ड भी दिया जा सकता है।

3. राज्य के प्रति वफादारी:\
राज्य प्रत्येक नागरिक को अनेक प्रकार के अधिकार प्रदान करता है; कई प्रकार की सुख-सुविधाएँ प्रदान करता है तथा बाहरी आक्रमणों व प्राकृतिक विपदाओं से उनकी रक्षा करता है। अतः प्रत्येकं नागरिक से राज्य के प्रति निष्ठा व भक्ति की आशा की जाती है। प्रत्येक नागरिक का यह कानूनी कर्तव्य है कि वह देशद्रोह न करे तथा देश की रक्षा हेतु हर संभव प्रयत्न करे।

4. सैनिक सेवा में भाग लेना:
नागरिकों का यह भी कर्तव्य है कि आवश्यकता पड़ने पर देश की सुरक्षा हेतु सेना में भर्ती हो । राज्य की रक्षा हेतु नागरिकों से यह आशा की जाती है कि वे प्रत्येक चीज का त्याग करने, यहाँ तक कि अपने जीवन को न्यौछावर करने के लिए तैयार रहें।

5. राजनीतिक अधिकारों का उचित प्रयोग:
प्रत्येक नागरिक का यह कानूनी कर्तव्य है कि वह अपने मत देने के अधिकार का सदुपयोग करे। यदि इस अधिकार का प्रयोग करके बुरे व्यक्तियों का चुनाव किया जायेगा तो वे शक्ति का दुरुपयोग करेंगे तथा पूरा समाज इसे भुगतेगा |

6. संविधान का आदर करना:
प्रशासन संविधान के अनुसार कार्य करता है। निर्वाचित व्यक्ति व मंत्रीगण संविधान की शपथ लेते हैं। इसलिए सभी नागरिकों को भी संविधान के प्रति आदर प्रदर्शित करना चाहिए।

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प्रश्न 17.
आधुनिक लोकतांत्रिक राज्य अपने नागरिकों को कौन-कौन से राजनैतिक अधिकार प्रदान करते
उत्तर:
आधुनिक लोकतांत्रिक राज्य अपने नागरिकों को निम्नलिखित राजनैतिक अधिकार प्रदान करते हैं।

  1. मतदान का अधिकार: लोकतांत्रिक राज्यों में प्रत्येक वयस्क नागरिक को मत देने का अधिकार प्रदान किया जाता है। इसके द्वारा वे समय-समय पर होने वाले चुनावों के द्वारा अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं। ये प्रतिनिधि ही सरकार का निर्माण करते हैं तथा शासन को चलाते हैं।
  2. चुनाव लड़ने का अधिकार: लोकतांत्रिक राज्यों में प्रत्येक नागरिक को निर्वाचन में खड़ा होने का भी अधिकार है। निर्वाचित होने के बाद व्यक्ति नागरिकों के प्रतिनिधि के रूप में सरकार का निर्माण करते हैं।
  3. सरकारी नौकरी प्राप्त करने का अधिकार: आधुनिक लोकतांत्रिक राज्यों में नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियाँ पाने का अधिकार है।
  4. कानून के समक्ष समानता का अधिकार: आधुनिक लोकतांत्रिक राज्यों में नागरिकों को कानून के समक्ष समानता का अधिकार प्रदान किया जाता है।
  5. अभिव्यक्ति या धार्मिक आस्था की स्वतंत्रता: आधुनिक लोकतांत्रिक राज्यों में नागरिकों को अभिव्यक्ति तथा धार्मिक आस्था की स्वतंत्रता का अधिकार भी प्रदान किया जाता है।

प्रश्न 18.
“नागरिकता राज्यसत्ता और उसके सदस्यों के बीच विधिक सम्बन्धों के निरूपण के साथ-साथ नागरिकों के आपसी सम्बन्धों का भी निरूपण है ।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नागरिकता एक तरफ जहाँ राज्य सत्ता और उसके सदस्यों के बीच विधिक सम्बन्धों, जैसे कानूनों का पालन करने, करों का भुगतान करने, राज्य के प्रति वफादारी, सैनिक सेवा में भाग लेना, राजनीतिक अधिकारों के प्रयोग तथा संविधान के आदर, आदि का निरूपण है। लेकिन इसके साथ ही साथ यह नागरिकों के आपसी सम्बन्धों के बारे में भी है। यथा

  1. इसमें नागरिकों के एक-दूसरे के प्रति और समाज के प्रति निश्चित दायित्व शामिल हैं।
  2. इसमें समुदाय के सहजीवन में भागीदार होने और योगदान करने का नैतिक दायित्व भी शामिल होता है।
  3. नागरिकों को देश के सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधनों का उत्तराधिकारी और न्यासी भी माना जाता है।

प्रश्न 19.
भारत में नागिरकता किस प्रकार मिलती है? स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
भारत में जन्म, वंश-परम्परा, पंजीकरण, देशीयकरण या किसी भू-क्षेत्र के राजक्षेत्र में शामिल होने से नागरिकता प्राप्त की जा सकती है। यथा

  • संविधान लागू होने के पश्चात् भारत में पैदा होने वाला प्रत्येक व्यक्ति भारत का नागरिक होगा।
  • संविधान लागू होने के पश्चात् भारत के बाहर पैदा हुआ वह व्यक्ति भारत का नागरिक होगा, यदि जन्म के समय उसका पिता वंशक्रम से भारत का नागरिक रहा हो।
  • पंजीकरण के द्वारा निम्नलिखित व्यक्ति भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं।
    1. भारत में उत्पन्न व्यक्ति जो पंजीकरण के लिए आवेदन पत्र देने के छ: महीने पहले से भारत में आमतौर पर निवास करते रहे हों।
    2. भारत में पैदा हुए व्यक्ति जो भारत के बाहर किसी अन्य देश में आमतौर पर निवास करते रहे हों।
    3. भारतीय नागरिकों की पत्नियाँ।
    4. भारतीय नागरिकों के नाबालिग बच्चे।
  •  कोई भी विदेशी व्यक्ति भारतीय सरकार को कुछ निर्धारित शर्तों का पालन करके आवेदन करके भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकता है। इसे देशीयकरण द्वारा नागरिकता की प्राप्ति कहा जाता है।

प्रश्न 20.
नागरिकता किन-किन कारणों से खो जाती है? कोई चार कारण लिखिये।
अथवा
किसी नागरिक की नागरिकता कैसे समाप्त हो सकती है?
उत्तर:
नागरिकता की समाप्ति के कारण: किसी नागरिक की नागरिकता की समाप्ति के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं।

  1. देशद्रोह या निरंतर विद्रोही गतिविधियाँ: यदि कोई नागरिक देश के साथ गद्दारी करते हुए संविधान का अनादर करे तथा देश की शांति व्यवस्था को लगातार भंग करे तो उसे देश की नागरिकता से वंचित किया जा सकता है।
  2. किसी भू-भाग के पृथक् होने पर: यदि किसी देश का कोई भाग किसी समझौते या संधि द्वारा अलग हो जाए, तो वहाँ के सभी नागरिक दूसरे देश की नागरिकता प्राप्त करेंगे व उन्हें पहले देश की नागरिकता छोड़नी होगी।
  3. विदेश में सरकारी अधिकारी के रूप में नियुक्ति: जब कोई व्यक्ति किसी विदेशी सरकार की सेवा में पद ग्रहण करता है, तो उसकी मूल नागरिकता समाप्त हो सकती है।
  4. विदेशी से विवाह: यदि कोई भारतीय स्त्री किसी विदेशी से विवाह करती है, तो वह भारतीय नागरिकता छोड़कर अपने पति के देश की नागरिकता ग्रहण कर सकती है।
  5. विदेश में स्थायी निवास: यदि कोई भारतीय नागरिक विदेश में स्थायी रूप में जाकर रहने लगे, तब वह अपने देश की नागरिकता खो देता है।

प्रश्न 21.
“नागरिक आज जिन अधिकारों का प्रयोग करते हैं, उन सभी को संघर्ष के बाद हासिल किया गया है।” ऐसे कुछ संघर्षों का उदाहरण दीजिए। यथा
उत्तर:
नागरिक आज जिन अधिकारों का प्रयोग करते हैं, उन सभी को संघर्ष के बाद हासिल किया गया है।

  1. यूरोप में राजतंत्रों के विरुद्ध संघर्ष:
    अनेक यूरोपीय देशों में जनता ने अपनी स्वतंत्रता और अधिकारों के लिए कुछ प्रारंभिक संघर्ष शक्तिशाली राजतंत्रों के खिलाफ छेड़े थे। उनमें कुछ हिंसक संघर्ष भी थे, जैसे – 1789 की फ्रांसीसी क्रांति।
  2. एशिया व अफ्रीका में संघर्ष:
    एशिया और अफ्रीका के अनेक उपनिवेशों में समान नागरिकता की माँग औपनिवेशिक शासकों से स्वतंत्रता हासिल करने के संघर्ष का भाग रही। दक्षिण अफ्रीका में समान नागरिकता पाने के लिए अफ्रीका की अश्वेत आबादी को सत्तारूढ़ गोरे अल्पसंख्यकों के खिलाफ लम्बा संघर्ष करना पड़ा जो 1990 के दशक के आरंभ तक जारी रहा।
  3. महिला व दलित आंदोलन:
    वर्तमान में विश्व के अनेक हिस्सों में महिला और दलित आंदोलन भी इस संघर्ष का एक भाग हैं।

प्रश्न 22.
आदर्श नागरिकता के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने के उपाय लिखिये।
उत्तर:
आदर्श नागरिकता के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने के उपाय: आदर्श नागरिकता के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए अग्रलिखित उपाय किये जा सकते हैं।

  1. उचित शिक्षा: आदर्श नागरिकता के मार्ग की प्रमुख बाधा अज्ञानता है। इस बाधा को दूर करने के लिए नागरिकों को मानवीय मूल्य पर आधारित उचित शिक्षा दिलाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उचित शिक्षा से उनके विचारों में परिपक्वता आयेगी तथा अधिकारों एवं कर्त्तव्यों का ज्ञान होगा।
  2. आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति: आदर्श नागरिकता के मार्ग की एक अन्य बाधा व्यक्ति की अनिवार्य आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं हो पाना है। इसलिए देश में ऐसी आर्थिक व्यवस्था होनी चाहिए जिससे नागरिकों की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति सुचारु रूप से हो सके।
  3. राष्ट्रीय चरित्र का विकास: किसी भी राष्ट्र के व्यक्ति आदर्श नागरिक तभी बन सकते हैं जबकि उस राष्ट्र का राष्ट्रीय चरित्र उच्च कोटि का हो। अर्थात् लोग राष्ट्र को अपने स्वार्थों से ऊँचा स्थान दें तथा सभी प्रकार की संकीर्णताओं से ऊपर उठकर सोचें।
  4. विश्व बंधुत्व की भावना: आदर्श नागरिकता के मार्ग की एक अन्य बाधा उग्र राष्ट्रीयता की भावना है। यह नागरिकों की मनोवृत्ति संकीर्ण बनाती है। इस बाधा को दूर करने के लिए आवश्यक है कि वसुधैव कुटुम्बकम् एवं विश्व बंधुत्व की भावना को स्वीकार कर लिया जाये।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
‘नागरिक’ कौन होता है? भारतीय संविधान नागरिक के बारे में क्या कहता है? भारत में नागरिकता ग्रहण करने की पद्धतियों का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
‘नागरिक’ से आशय: नागरिक वह व्यक्ति है जो किसी राज्य का सदस्य होता है, उसके प्रति निष्ठावान होता है, उसे नागरिक एवं राजनीतिक अधिकार प्राप्त होते हैं और वह देश के शासन में, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी न किसी रूप में, भागीदार होता है।

भारत का संविधान एवं नागरिक: भारत के संविधान का भाग 2 केवल उन वर्गों के लोगों के बारे में उल्लेख करता है जो संविधान के लागू होने के समय अर्थात् 26 जनवरी, 1950 को भारतीय नागरिक माने गये। नागरिकता से संबंधित शेष बातों की व्यवस्था भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 में की गई है।

1. संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता: संविधान के प्रारंभ पर निम्नलिखित व्यक्तियों को अधिवास द्वारा नागरिकता प्रदान की गई।
संविधान के अनुच्छेद 5 के अनुसार इस संविधान के आरंभ पर प्रत्येक व्यक्ति, जिसका भारत में अधिवास (Domicile) है, भारत का नागरिक होगा, यदि

  • वह भारत में जन्मा हो। अथवा
  • उसके माता-पिता में से कोई भी भारत में जन्मा हो ।
  • जो संविधान के प्रारंभ होने से ठीक पहले कम से कम पांच वर्षों तक भारत का साधारण तौर से निवासी रहा हो।

इस प्रकार भारत में अधिवास (निवास) द्वारा नागरिकता प्राप्त करने के लिए दो शर्तें पूरी होनी चाहिए – प्रथम, यह कि व्यक्ति का भारत में अधिवास हो; और दूसरा, यह कि वह व्यक्ति उक्त वर्णित तीन शर्तों में से एक शर्त पूरी कर रहा. हो।

2. भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार नागरिकता प्राप्त करने की विधियाँ:
भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार भारत में निम्नलिखित पांच प्रकार से नागरिकता प्राप्त की जा सकती है।

  • जन्म से नागरिकता:
    संविधान लागू होने के पश्चात् भारत में पैदा होने वाला प्रत्येक व्यक्ति भारत का नागरिक होगा। लेकिन यदि उसके जन्म के समय उसके पिता को ऐसे मुकदमों या कानूनी प्रक्रियाओं से विमुक्ति प्राप्त थी, जो भारत में कूटनीतिक राजदूतों को प्रदान की जाती है या उसका पिता एक विदेशी शत्रु है और उसका जन्म ऐसे स्थान में होता है, जो उस समय शत्रु के कब्जे में है, तो ऐसा व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं होगा।
  • वंश क्रम द्वारा नागरिकता की प्राप्ति;
    कोई ऐसा व्यक्ति जो 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद भारत के बाहर पैदा हुआ हो, भारत का नागरिक होगा, यदि उसके जन्म के समय में उसका पिता वंशक्रम से भारत का नागरिक रहा हो।

3. पंजीकरण द्वारा नागरिकता की प्राप्ति-व्यक्तियों के कुछ वर्ग जिन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त नहीं है, निर्धारित अधिकारियों के समक्ष पंजीकरण करवा कर उसे ग्रहण कर सकते हैं। पंजीकरण द्वारा निम्नलिखित व्यक्ति नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं।

  • भारत में उत्पन्न व्यक्ति जो रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन पत्र देने के छः महीने पहले से भारत में आमतौर से निवास करते रहे हों।
  • भारत में पैदा हुए व्यक्ति जो भारत के बाहर किसी अन्य देश में आमतौर से निवास करते रहे हों।
  • भारतीय नागरिकों की पत्नियाँ।
  • भारतीय नागरिकों के नाबालिग बच्चे।

4. देशीयकरण द्वारा नागरिकता की प्राप्ति:
कोई भी विदेशी व्यक्ति भारतीय सरकार को देशीयकरण के लिए आवेदन करके भारत की नागरिकता ग्रहण कर सकता है। देशीयकरण का अर्थ है। कुछ शर्तों का पालन करके किसी देश की नागरिकता लेना। हो। देशीयकरण द्वारा भारतीय नागरिकता प्राप्ति के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना आवश्यक है।

  • वह किसी ऐसे देश का नागरिक न हो जहाँ भारतीय देशीयकरण द्वारा नागरिक बनने से रोक दिये जाते हों।
  • उसने अपने देश की नागरिकता का परित्याग कर दिया हो और केन्द्रीय सरकार को इस बात की सूचना दे दी
  • वह देशीयकरण के लिए आवेदन करने की तिथि से पहले 12 वर्ष तक या तो भारत में रहा हो या भारत सरकार की सेवा में रहा हो।
  • उपर्युक्त 12 वर्षों के पहले के कुल 7 वर्षों में से कम-से-कम 4 वर्ष तक उसने भारत में निवास किया हो या भारत सरकार की नौकरी में रहा हो।
  • वह अच्छे चरित्र का व्यक्ति हो।
  • वह राज्यनिष्ठा की शपथ ग्रहण करे।
  • उसे भारतीय संविधान द्वारा मान्य भाषा का सम्यक् ज्ञान हो।
  • देशीयकरण के प्रमाणपत्र की प्राप्ति के उपरान्त उसका भारत में निवास करने या भारत सरकार की नौकरी में रहने का इरादा हो।

5. क्षेत्र के समावेशन के आधार पर नागरिकता: यदि कोई नया क्षेत्र भारत का भाग बन जाता है, तो भारत सरकार उस क्षेत्र के लोगों को नागरिकता दे देगी।

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प्रश्न 2.
भारतीय नागरिकता की समाप्ति कितने प्रकार से हो सकती है?
उत्तर:
भारतीय नागरिकता की समाप्ति: भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार भारतीय नागरिकता की समाप्ति निम्नलिखित तीन प्रकार से हो सकती है।
1. नागरिकता का परित्याग: कोई भी वयस्क भारतीय नागरिक, जो किसी दूसरे देश का भी नागरिक है, भारतीय नागरिकता को त्याग सकता है। इसके लिए उसे एक घोषणा करनी होगी और इस घोषणा के पंजीकृत हो जाने पर वह भारत का नागरिक नहीं रह जायेगा।

2. दूसरे देश की नागरिकता स्वीकार करने पर यदि भारत का कोई भी नागरिक अपनी इच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता को स्वीकार कर लेता है तो उसकी भारतीय नागरिकता समाप्त हो जाती है।

3. नागरिकता से वंचित किया जाना: भारत की केन्द्र सरकार किसी भी भारतीय नागरिक को उसकी नागरिकता से वंचित कर सकती है। देशीयकरण, पंजीकरण, अधिवास और निवास के आधार पर बने हुए किसी भी नागरिक को भारत सरकार एक आदेश जारी करके उसको नागरिकता से वंचित कर सकती है, बशर्ते कि उसे यह समाधान हो जाये कि लोकहित के लिए यह उचित नहीं है कि उसे भारत का नागरिक बने रहने दिया जाये। था। केन्द्र सरकार इस प्रकार का आदेश तभी जारी करेगी जब उसे इस बात का समाधान हो जाये कि

  • पंजीकरण या देशीयकरण कपट से, मिथ्या निरूपण से या किसी सारवान तथ्य को छिपाकर प्राप्त किया गया
  • उस व्यक्ति ने व्यवहार या भाषण द्वारा अपने को भारतीय संविधान के प्रति निष्ठाहीन दिखाया है।
  • किसी ऐसे युद्ध में, जिसमें भारत युद्धरत रहा हो, अवैध रूप से दुश्मन से व्यापार या संचार किया हो।
  • वह अपने पंजीकरण या देशीयकरण से पांच वर्ष की अवधि के अन्दर कम से कम दो वर्ष के लिए दण्डित किया गया हो।
  • यदि वह भारत से बाहर लगातार 7 वर्षों तक सामान्यतयां निवास करता रहा हो।

प्रश्न 3.
नागरिकता का अर्थ स्पष्ट करते हुये बताइये कि जन्मजात नागरिकता किन स्थितियों में प्राप्त होती
अथवा
नागरिकता से क्या आशय है? नागरिकता प्राप्त करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
नागरिकता का अर्थ: नागरिकता वह वैज्ञानिक व्यवस्था है जिसके द्वारा नागरिक को राज्य की ओर से सामाजिक और राजनीतिक और नागरिक अधिकार प्राप्त होते हैं तथा उसे राज्य तथा दूसरे नागरिकों के प्रति अपने कर्त्तव्यों का पालन करना पड़ता है। इस प्रकार नागरिकता एक कानून सम्मत पद है। गैटिल के अनुसार, “नागरिकता किसी व्यक्ति की उस स्थिति को कहते हैं जिसके अनुसार वह अपने राज्य में साधारण और राजनीतिक अधिकारों का भोग करता है तथा अपने कर्त्तव्यों का पालन करने के लिए तैयार रहता है।” नागरिकता प्राप्त करने की विधियाँ किसी भी राज्य में नागरिकता प्राप्त करने की दो विधियाँ होती हैं।
(अ) जन्मजात नागरिकता
(ब) देशीयकरण द्वारा प्राप्त नागरिकता

(अ) जन्मजात नागरिकता: जन्मजात नागरिकता निम्नलिखित स्थितियों में प्राप्त होती है।

  1. रक्त या वंश के आधार पर:
    रक्त या वंश के आधार पर बच्चा जन्म लेते ही उस देश का नागरिक समझा जाता है, जिस देश के उसके माता-पिता नागरिक होते हैं, चाहे बच्चे का जन्म उसके माता-पिता के देश में हुआ हो या विदेश में । जर्मनी, फ्रांस आदि अनेक देशों में यही नियम मान्य है।
  2. जन्म स्थान के आधार पर:
    जन्म स्थान के आधार पर बच्चा उस देश का नागरिक समझा जाता है जहाँ उसका जन्म होता है, चाहे उसके माता-पिता किसी अन्य देश के नागरिक हों। अर्जेंटाइना में इसी नियम का पालन किया जाता है।
  3. मिश्रित नियम: इस नियम के अनुसार यदि किसी देश के नागरिकों की सन्तान का जन्म विदेश में होता है। अथवा विदेश के नागरिकों का जन्म उस देश में होता है, जहाँ उस देश के माता-पिता उस समय निवास कर रहे हैं तो दोनों ही स्थितियों में वह बच्चा उस देश का नागरिक होता है जहाँ उसका जन्म होता है। इंग्लैण्ड, अमेरिका तथा भारत में इसी नियम को अपनाया गया है।

(ब) देशीयकरण द्वारा प्राप्त नागरिकता: देशीयकरण द्वारा निम्नलिखित उपायों से नागरिकता प्राप्त की जा सकती है।

  1. निवास: यदि कोई विदेशी एक निश्चित अवधि तक विदेश में रहता है तो उसका देशीयकरण कर उस देश की नागरिकता प्राप्त हो जाती है। निवास की अवधि भिन्न-भिन्न देशों में भिन्न-भिन्न रखी गई है। भारत में यह 10 वर्ष रखी गयी है।
  2. विवाह: यदि कोई स्त्री अन्य देश के नागरिक से विवाह कर लेती है तो उसे अपने पति के देश की नागरिकता प्राप्त हो जाती है। अधिकांश देशों में यह विधि प्रचलित है।
  3. गोद लेने पर: यदि किसी देश का नागरिक किसी अन्य देश में उत्पन्न बालक को गोद ले लेता है तो वह बालक अपने देश की नागरिकता खोकर नये देश की नागरिकता प्राप्त कर लेता है।
  4. सरकारी पद: यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य देश में कोई सरकारी पद प्राप्त कर लेता है तो वह उस राज्य की नागरिकता प्राप्त कर सकता है। रूस में यह नियम प्रचलित है।
  5. सम्पत्ति क्रय द्वारा: यदि कोई व्यक्ति किसी देश में भूमि आदि अचल सम्पत्ति खरीद लेता है तो उसे उस देश की नागरिकता प्राप्त हो जाती है।
  6. विजय द्वारा: जब कोई देश युद्ध में अन्य देश पर विजय प्राप्त करके उसे अपने में मिला लेता है तो उस देश के नागरिकों को विजेता देश की नागरिकता प्राप्त हो जाती है।
  7. वैधता: यदि किसी नागरिक के किसी विदेशी महिला से अवैध सन्तान उत्पन्न हो जाये तो माता-पिता के आपस में नियमानुसार विवाह कर लेने पर सन्तान को पिता के देश की नागरिकता प्राप्त हो जाती है।
  8. योग्यता या विद्वता: कुछ देशों में कुछ प्रमुख विद्वानों को अपने देश की नागरिकता प्रदान कर दी जाती है अथवा उनके निवास की अवधि में रियायत कर दी जाती है, जैसे – 10 वर्ष के स्थान पर 1 वर्ष।

प्रश्न 4.
सार्वभौमिक नागरिकता की अवधारणा की व्याख्या कीजिये।
उत्तर:
सार्वभौमिक नागरिकता: सार्वभौमिक नागरिकता से आशय यह है कि किसी देश की पूर्ण एवं समान सदस्यता उन सबको उपलब्ध होनी चाहिए, जो सामान्यतः उस देश में रहते या काम करते हैं या जो नागरिकता के लिए आवेदन करते हैं। किसी देश में रहने वाले सभी व्यक्तयों से यहाँ आशय यह है कि वे व्यक्ति उस देश में चाहे शरणार्थियों के रूप में रहे हों या अवैध आप्रवासियों के रूप में, यदि वे उस देश की नागरिकता के लिए आवेदन करते हैं, तो उन्हें उस देश की नागरिकता प्रदान करने से वंचित नहीं रखा जाना चाहिए। दूसरे शब्दों में, प्रत्येक व्यक्ति जो किसी राज्य में रह रहा है, उसे उस राज्य की नागरिकता के लिए मान्यता देनी चाहिए।

लेकिन किसी भी राज्य द्वारा सार्वभौमिक नागरिकता प्रदान नहीं की जा रही है। सूडान के डरफन क्षेत्र के शरणार्थी, फिलिस्तीनी, बर्मी या बंगलादेशी शरणार्थी जैसे अनेक उदाहरण हैं जो अपने ही देश या पड़ौसी देश में शरणार्थी बनने के लिए मजबूर किये गये हैं और ये राज्यविहीन हैं, जिन्हें किसी देश की नागरिकता प्राप्त नहीं है। वे शिविरों या अवैध प्रवासियों के रूप में रहने को मजबूर हैं। प्रायः वे कानूनी रूप से कार्य नहीं कर सकते, संपत्ति अर्जित नहीं कर सकते। ऐसे लोगों की समस्याओं को सुलझाने के लिए कुछ विद्वानों ने सार्वभौमिक नागरिकता की अवधारणा प्रतिपादित की। सार्वभौमिक नागरिकता की अवधारणा की अव्यावहारिकता – यद्यपि सार्वभौमिक नागरिकता की अवधारणा एक प्रभावित करने वाला विचार है, लेकिन निम्नलिखित कारणों से यह व्यावहारिक नहीं है।

  1. प्रत्येक राज्य यह निर्धारित करता है कि उसकी जनसंख्या, क्षेत्र, रोजगार के अवसरों, व्यापार तथा व्यवसाय को ध्यान में रखते हुए कितने लोगों को राज्य में प्रवेश दिया जाना चाहिए। कोई भी राज्य लोगों की अनियंत्रित भीड़ को देश की अर्थव्यवस्था व आर्थिक विकास की दृष्टि से स्वीकार नहीं कर सकता।
  2. प्रत्येक राज्य को यह निर्धारित करना पड़ता है कि किस प्रकार को आप्रवासी उसकी अर्थव्यवस्था, सामाजिक वातावरण तथा संस्कृति के विकास के लिए उचित होंगे। कोई भी राज्य प्रत्येक प्रकार के आप्रवासियों – शिक्षित, अशिक्षित, कुशल और अकुशल- को आने की अनुमति देकर राज्य स्वयं की सामाजिक व्यवस्था को बिगाड़ना नहीं चाहता।
  3. राज्य को कानून और व्यवस्था को भी ध्यान में रखना पड़ता है। यदि वह अनियंत्रित शरणार्थियों को प्रवेश देने की स्वीकृति दे देगा तो उसके यहाँ कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है।
  4. आप्रवासियों का अनियंत्रित प्रवेश और उनको नागरिकता प्रदान करना सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक पहचान तथा आर्थिक विकास पर दुष्प्रभाव डाल सकता है।

अनेक देश यद्यपि वैश्विक और समावेशी नागरिकता का समर्थन करते हैं लेकिन वे नागरिकता देने की शर्तें भी निर्धारित करते हैं। ये शर्तें आमतौर पर देश के संविधान और कानूनों में लिखी होती हैं और अवांछित आगंतुकों को नागरिकता से बाहर रखने के लिए राज्य सत्ताएँ ताकत का प्रयोग करती हैं। राज्यकृत नागरिकता सभी अवैध लोगों को नागरिकता प्रदान करने में असमर्थ रहती है। इसलिए सार्वभौमिक नागरिकता की अवधारणा प्रभावित करती है और इस समस्या का हल भी सुझाती है, लेकिन संप्रभु राज्य की अवधारणा से मिलने वाली नागरिकता के चलते यह अवधारणा अव्यावहारिक है।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 6 नागरिकता

प्रश्न 5.
शरणार्थियों द्वारा कौन-कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है? वैश्विक नागरिकता की अवधारणा किस प्रकार इनकी समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती है?
अथवा
वैश्विक नागरिकता की अवधारणा की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
वैश्विक नागरिकता की अवधारणा: आज हम एक ऐसे विश्व में रहते हैं जो आपस में जुड़ा हुआ है। संचार के इंटरनेट, टेलीविजन और सेलफोन जैसे नये साधनों ने विश्व के विभिन्न हिस्सों की हलचलों को हमारे तत्काल सम्पर्क के दायरे में ला दिया है। टेलीविजन के पर्दे पर विनाश और युद्धों को देखने से विश्व के विभिन्न देशों के लोगों में साझे सरोकार और सहानुभूति विकसित होने में मदद मिली है। विश्व नागरिकता के समर्थकों का मत है कि चाहे विश्व- कुटुम्ब और वैश्विक समाज अभी विद्यमान नहीं है, लेकिन राष्ट्रीय सीमाओं के आर-पार लोग आज एक-दूसरे से जुड़ा महसूस करते हैं।

इसलिए विश्व नागरिकता की अवधारणा की दिशा में सक्रिय हुआ जा सकता है। विश्व नागरिकता में विश्व के सभी व्यक्ति एक परिवार के सदस्य की तरह होते हैं। राज्यों की सीमाओं की बाधाएँ वैश्विक नागरिकता के अन्तर्गत समाप्त हो जायेंगी और विभिन्न राज्यों में व्यक्तियों तथा वस्तुओं का स्वतंत्र आवागमन होगा। अतः एक राज्य की नागरिकता पूरे विश्व में आने-जाने तथा सभी जगह समान अधिकारों की प्राप्ति के लिए पर्याप्त होगी। लोग यह महसूस करेंगे कि वे किसी व्यक्तिगत समाजों के सदस्य नहीं हैं, बल्कि एक वैश्विक समाज के सदस्य हैं।

शरणार्थियों से आशय: शरणार्थी वे व्यक्ति हैं जिन्हें किसी भी देश की नागरिकता प्राप्त नहीं है या वे राज्यविहीन व्यक्ति हैं। युद्ध, उत्पीड़न, अकाल या अन्य कारणों से लोग विस्थापित होते हैं। अगर कोई देश उन्हें स्वीकार करने के लिए राजी नहीं होता और वे अपने घर नहीं लौट सकते तो वे राज्यविहीन और शरणार्थी हो जाते हैं। अनेक देशों में युद्ध या उत्पीड़न से पलायन करने वाले लोगों को अंगीकार करने की नीति है। लेकिन वे भी लोगों की अनियंत्रित भीड़ को स्वीकार करना सुरक्षा के संदर्भ में देश को जोखिम में डालना नहीं चाहेंगे। भारत में यद्यपि उत्पीड़ित लोगों को आश्रय उपलब्ध कराने की नीति अपनायी गयी है, लेकिन भारत राष्ट्र की सभी सीमाओं से पड़ौसी देशों के लोगों का प्रवेश हुआ है और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। इनमें से अनेक लोग वर्षों या पीढ़ियों तक राज्यहीन व्यक्तियों के रूप में पड़े रहते हैं। शिविरों या अवैध प्रवासी के रूप में। ये हैं।

शरणार्थियों या राज्यविहीन व्यक्तियों की समस्यायें: राज्यविहीन व्यक्तियों या शरणार्थियों की प्रमुख समस्यायें

  1. वे शिविरों में या अवैध प्रवासी के रूप में रहने को मजबूर किये जाते हैं।
  2. उन्हें कोई भी सामाजिक-राजनैतिक अधिकार नहीं मिले होते।
  3. प्राय: वे कानूनी तौर पर काम नहीं कर सकते या अपने बच्चों को पढ़ा-लिखा नहीं सकते या सम्पत्ति अर्जित नहीं कर सकते।

वैश्विक नागरिकता की अवधारणा और शरणार्थियों की समस्याओं का समाधान यद्यपि अभी तक वैश्विक नागरिकता की अवधारणा का विचार अन्तर्राष्ट्रीय जगत में स्वीकार नहीं किया जा सका है, लेकिन यदि यह स्वीकार कर लिया जाता है तो यह शरणार्थियों की अनेक समस्याओं का समाधान कर देगा तथा उनके लिए लाभकारी रहेगा। यथा

  1. वैश्विक नागरिकता की अवधारणा के कारण संसार का कोई भी व्यक्ति राज्यविहीन या शरणार्थी नहीं रहेगा।
  2. शरणार्थी अधिकारों के वंचन से पीड़ित नहीं होंगे।
  3. पूरे विश्व के लोगों में राज्य की सीमाओं के आर-पार मानव जाति की सहायता करने का भाव विकसित होगा।
  4. वैश्विक नागरिकता अनेक वैश्विक समस्याओं, जैसे- आतंकवाद, पर्यावरण को खतरा, कुछ राज्यों में जनाधिक्य की समस्या तथा कुछ राज्यों में भोजन तथा स्वास्थ्य की समस्यायें आदि को हल करने में लाभप्रद होगी।

 

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 5 अधिकार

Jharkhand Board JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 5 अधिकार Important Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Political Science Important Questions Chapter 5 अधिकार

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. व्यक्ति के उच्चतम विकास हेतु परमावश्यक है।
(अ) अधिकार
(ब) सम्पत्ति
(स) न्याय व्यवस्था
(द) कानून
उत्तर:
(अ) अधिकार

2. राज्य द्वारा मान्य और कानून द्वारा रक्षित अधिकार कहे जाते हैं।
(अ) प्राकृतिक अधिकार
(ब) वैधानिक अधिकार
(स) नैतिक अधिकार
(द) परम्परागत अधिकार
उत्तर:
(ब) वैधानिक अधिकार

3. निर्वाचित होने का अधिकार निम्नांकित में से किस श्रेणी के अन्तर्गत आता है।
(अ) सामाजिक अधिकार
(ब) आर्थिक अधिकार
(स) राजनैतिक अधिकार
(द) धार्मिक अधिकार
उत्तर:
(स) राजनैतिक अधिकार

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 5 अधिकार

4. ‘अधिकार वह माँग है जिसे समाज स्वीकार करता है तथा राज्य लागू करता है।” यह कथन किसका है।
(अ) लास्की
(ब) ग्रीन
(स) बोसांके
(द) वाइल्ड
उत्तर:
(स) बोसांके

5. प्राकृतिक अधिकारों की अवधारणा के अन्तर्गत निम्न में से कौनसा अधिकार प्राकृतिक नहीं माना गया है।
(अ) काम का अधिकार
(ब) जीवन का अधिकार
(स) स्वतंत्रता का अधिकार
(द) संपत्ति का अधिकार
उत्तर:
(अ) काम का अधिकार

6. मानव अधिकारों के पीछे मूल मान्यता यह है कि-
(अ) अधिकार प्रकृति प्रदत्त हैं।
(ब) अधिकार ईश्वर प्रदत्त हैं।
(स) अधिकार जन्मजात हैं।
(द) मनुष्य होने के नाते सभी मनुष्य अधिकारों को पाने के अधिकारी हैं।
उत्तर:
(द) मनुष्य होने के नाते सभी मनुष्य अधिकारों को पाने के अधिकारी हैं।

7. आज प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा की जरूरत के प्रति चेतना ने कौनसे अधिकारों की मांग पैदा की है?
(अ) स्वच्छ हवा तथा शुद्ध जल जैसे अधिकारों की मांग
(ब) आजीविका के अधिकार तथा बच्चों के अधिकारों की मांग
(स) स्वतंत्रता व समानता के अधिकारों की मांग
(द) सम्पत्ति व सांस्कृतिक अधिकारों की मांग
उत्तर:
(अ) स्वच्छ हवा तथा शुद्ध जल जैसे अधिकारों की मांग

8. निम्नलिखित में कौनसा अधिकार राजनैतिक अधिकारों की श्रेणी में नहीं आता है?
(अ) वोट देने का अधिकार
(ब) काम पाने का अधिकार
(स) चुनाव लड़ने का अधिकार
(द) राजनैतिक दल बनाने का अधिकार
उत्तर:
(ब) काम पाने का अधिकार

9. निम्नलिखित में कौनसा अधिकार आर्थिक अधिकार है?
(अ) स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायिक जांच का अधिकार
(ब) विचारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार
(स) असहमति प्रकट करने का अधिकार
(द) बुनियादी जरूरतों की पूर्ति हेतु पर्याप्त मजदूरी का अधिकार
उत्तर:
(द) बुनियादी जरूरतों की पूर्ति हेतु पर्याप्त मजदूरी का अधिकार

10. नागरिकों का सांस्कृतिक अधिकार है।
(अ) काम पाने का अधिकार
(ब) स्वतंत्रता का अधिकार
(स) अपनी मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा पाने का अधिकार
(द) चुनाव लड़ने का अधिकार
उत्तर:
(स) अपनी मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा पाने का अधिकार

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 5 अधिकार

11. निम्न में कौनसा अधिकार हमें सृजनात्मक और मौलिक होने का मौका देता है।
(अ) आजीविका का अधिकार
(ब) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार
(स) समानता का अधिकार
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(ब) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

1. अधिकार उन बातों का द्योतक है जिन्हें मैं और अन्य लोग सम्मान और गरिमा का जीवन बसर करने के लिए ……………….. समझते हैं।
उत्तर:
आवश्यक

2. ……………… हमारी बेहतरी के लिए आवश्यक हैं।
उत्तर:
अधिकार

3. विविध समाजों में ज्यों-ज्यों नए खतरे और चुनौतियाँ उभरती आयी हैं, त्यों-त्यों उन ………………… लगातार बढ़ती गई है, जिनका लोगों ने दावा किया है।
उत्तर:
मानवाधिकारों

4. हाल के वर्षों में प्राकृतिक अधिकार शब्द से ज्यादा …………………. शब्द का प्रयोग हो रहा है।
उत्तर:
मानवाधिकार

5. ………………… में उन अधिकारों का उल्लेख रहता है, जो बुनियादी महत्त्व के माने जाते हैं।
उत्तर:
संविधान।

निम्नलिखित में से सत्य/असत्य कथन छाँटिये

1. अधिकार सिर्फ यह ही नहीं बताते कि राज्य को क्या करना है, वे यह भी बताते हैं कि राज्य को क्या कुछ नहीं करना है।
उत्तर:
सत्य

2. हमारे अधिकार यह सुनिश्चित करते हैं कि राज्य की सत्ता वैयक्तिक जीवन और स्वतंत्रता की मर्यादा का उल्लंघन किये बगैर काम करे।
उत्तर:
सत्य

3. धार्मिक अधिकार नागरिकों को कानून के समक्ष बराबरी और राजनीतिक प्रक्रिया में भागीदारी का हक देते हैं।
उत्तर:
असत्य

4. लोकतांत्रिक समाज वोट देने तथा प्रतिनिधि चुनने के दायित्वों को पूरा करने के लिए आर्थिक अधिकार मुहैया करा रहे हैं।
उत्तर:
असत्य

5. अपनी मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा पाने का अधिकार राजनैतिक अधिकार के अन्तर्गत आता है।
उत्तर:
असत्य

निम्नलिखित स्तंभों के सही जोड़े बनाइये

1. मत देने का अधिकार (अ) सांस्कृतिक अधिकार
2. रोजगार पाने का अधिकार (ब) संयुक्त राष्ट्र संघ
3. अपनी भाषा और संस्कृति के शिक्षण के लिए (स) आर्थिक अधिकार संस्थाएँ बनाने का अधिकार
4. मानवाधिकारों की विश्वव्यापी घोषणा (द) प्राकृतिक अधिकार
5. अधिकार ईश्वर प्रदत्त हैं। (य) राजनैतिक अधिकार

उत्तर:

1. मत देने का अधिकार (य) राजनैतिक अधिकार
2. रोजगार पाने का अधिकार (स) आर्थिक अधिकार
3. अपनी भाषा और संस्कृति के शिक्षण के लिए (अ) सांस्कृतिक अधिकार
4. मानवाधिकारों की विश्वव्यापी घोषणा (ब) संयुक्त राष्ट्र संघ
5. अधिकार ईश्वर प्रदत्त हैं। (द) प्राकृतिक अधिकार

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मानव अधिकारों के घोषणा पत्र से क्या आशय है ?
उत्तर:
मानव अधिकारों का संयुक्त राष्ट्र घोषणा-पत्र अधिकारों के उन दावों को मान्यता देने का प्रयास है। विश्व समुदाय गरिमा और आत्मसम्मानपूर्ण जीवन के लिए आवश्यक मानता है।

प्रश्न 2.
अधिकार किस सत्ता को सीमित करते हैं?
उत्तर:
अधिकार राज्य की सत्ता को सीमित करते हैं।

प्रश्न 3.
राजनीतिक अधिकार किन्हें प्राप्त होते हैं?
उत्तर:
राजनीतिक अधिकार नागरिकों को प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 4.
किन्हीं दो राजनीतिक अधिकारों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
दो प्रमुख राजनीतिक अधिकार हैं।

  1. मतदान करने एवं उम्मीदवार बनने का अधिकार
  2. सरकारी पद ग्रहण करने व सरकार की आलोचना का अधिकार।

प्रश्न 5.
मत देने और प्रतिनिधि चुनने का अधिकार किन अधिकारों के अन्तर्गत आता है?
उत्तर:
राजनीतिक अधिकारों के अन्तर्गत।

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प्रश्न 6.
एक आर्थिक और एक सामाजिक अधिकार का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
काम प्राप्त करने का अधिकार एक आर्थिक अधिकार है जबकि शिक्षा का अधिकार एक सामाजिक अधिकार

प्रश्न 7.
वयस्क मताधिकार से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
एक निश्चित उम्र के पश्चात् मत देने के लिए प्रदत्त अधिकार को वयस्क मताधिकार कहा जाता है।

प्रश्न 8.
संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को कब स्वीकार और लागू
उत्तर:
10 दिसम्बर, 1948 को।

प्रश्न 9.
संविधान में कौनसे अधिकारों का उल्लेख रहता है?
उत्तर:
संविधान में बुनियादी महत्व के अधिकारों का उल्लेख रहता है।

प्रश्न 10.
मानवाधिकारों की अवधारणा का प्रयोग किसलिए किया जाता रहा है?
उत्तर:
नस्ल, जाति, धर्म और लिंग पर आधारित असमानताओं को चुनौती देने के लिए।

प्रश्न 11.
भारत में संविधान में वर्णित अधिकारों को क्या कहा जाता है?
उत्तर:
मूल अधिकार।

प्रश्न 12.
मानव अधिकार का आशय स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
मानव अधिकार वे अधिकार हैं जो लोगों के चहुँमुखी विकास एवं कल्याण के लिए अति आवश्यक होते

प्रश्न 13.
उस सिद्धान्त का नाम लिखिये जो अधिकारों को रीति-रिवाज एवं परम्पराओं की उपज मानता है।
उत्तर:
ऐतिहासिक सिद्धान्त।

प्रश्न 14.
किस सिद्धान्त के अनुसार अधिकार कानून का परिणाम है?
उत्तर:
वैधानिक सिद्धान्त के अनुसार।

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प्रश्न 15.
अधिकारों के आदर्शवादी सिद्धान्त की क्या मान्यता है?
उत्तर:
एक आदर्श व्यक्तित्व के विकास हेतु अधिकारों की आवश्यकता है।

प्रश्न 16.
काम के अधिकार से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
काम के अधिकार से तात्पर्य है। प्रत्येक व्यक्ति को उचित पारिश्रमिक पर आजीविका के साधन उपलब्ध

प्रश्न 17.
मानवाधिकारों के दावों की सफलता किस कारक पर सर्वाधिक निर्भर करती है?
उत्तर:
मानवाधिकारों के दावों की सफलता सरकारों और कानून के समर्थन पर सर्वाधिक निर्भर करती है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अधिकार क्या हैं?
उत्तर:
अधिकार व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास के लिए व्यक्ति द्वारा समाज से किये जाने वाले वे दावे ( माँगें) हैं, जिन्हें समाज सामाजिक हित की दृष्टि से मान्यता प्रदान कर देता है और राज्य उनके संरक्षण की मान्यता दे देता है।

प्रश्न 2.
अधिकार क्यों महत्त्वपूर्ण हैं?
उत्तर:

  1. अधिकार व्यक्तियों को सम्मान और गरिमापूर्ण जीवन व्यतीत करने की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं।
  2. अधिकार हमारी बेहतरी के लिए आवश्यक हैं क्योंकि ये लोगों की प्रतिभा और दक्षता को विकसित करने में सहयोग देते हैं।

प्रश्न 3.
प्राकृतिक अधिकारों की अवधारणा क्या है?
उत्तर:
प्राकृतिक अधिकारों की अवधारणा के अनुसार व्यक्ति के अधिकार प्रकृति या ईश्वर प्रदत्त हैं। वे व्यक्ति को जन्म से ही प्राप्त हैं। परिणामतः कोई व्यक्ति या शासक उन्हें हमसे छीन नहीं सकता।

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प्रश्न 4.
प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धान्तकारों ने कौनसे अधिकार प्राकृतिक बताए हैं?
उत्तर:
प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धान्त के अनुसार मनुष्य के तीन प्राकृतिक अधिकार थे।

  1. जीवन का अधिकार,
  2. स्वतंत्रता का अधिकार
  3. सम्पत्ति का अधिकार।

प्रश्न 5.
प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धान्त का प्रयोग किस उद्देश्य के लिए किया जाता था?
उत्तर:
प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धान्त का प्रयोग राज्यों या सरकारों के द्वारा स्वेच्छाचारी शक्तियों के प्रयोग का विरोध करने और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए किया जाता था।

प्रश्न 6.
मानवाधिकारों की अवधारणा के पीछे मूल मान्यता क्या है?
उत्तर:
मानवाधिकारों की अवधारणा के पीछे मूल मान्यता यह है कि सभी लोग मनुष्य होने मात्र से कुछ चीजों को पाने के अधिकारी हैं। एक मानव के रूप में हर मनुष्य विशिष्ट और समान महत्त्व का है तथा सभी मनुष्य समान हैं, इसलिए सबको स्वतंत्र रहने तथा अपने व्यक्तित्व के विकास हेतु समान अवसर मिलने चाहिए।

प्रश्न 7.
” विविध समाजों में ज्यों-ज्यों नए खतरे और चुनौतियाँ उभरती आई हैं, त्यों-त्यों मानवाधिकारों की सूची लगातार बढ़ती गई है जिनका लोगों ने दावा किया है?” इस कथन को कोई एक उदाहरण देते हुए स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
आज हम प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा की चुनौती का सामना कर रहे हैं, इस चुनौती के प्रति सजगता के चलते हमने जिन नये मानवाधिकारों की मांगें पैदा की हैं, वे हैं – स्वच्छ हवा, शुद्ध जल और टिकाऊ विकास के अधिकारों की मांग। इससे स्पष्ट होता है कि समाज में बढ़ते खतरों के प्रति सजगता ने मानवाधिकारों की सूची में वृद्धि की है।

प्रश्न 8.
मानवाधिकारों का क्या महत्व है?
उत्तर:
मानव अधिकारों के पीछे मूल मान्यता यह है कि सब लोग, मनुष्य होने मात्र से कुछ चीजों को पाने के अधिकारी हैं। संयुक्त राष्ट्र का मानव अधिकारों का सार्वभौम घोषणा-पत्र उन दावों को मानव-अधिकारों के रूप में मान्यता प्रदान करता है, जिन्हें विश्व समुदाय सामूहिक रूप से गरिमा और आत्म- – सम्मानपूर्ण जीवन जीने के लिए आवश्यक मानता है। पूरे विश्व के उत्पीड़ित लोग मानवाधिकारों की अवधारणा का प्रयोग उन कानूनों को चुनौती देने का कार्य कर रहे हैं, जो उन्हें समान अवसरों और अधिकारों से वंचित करते हैं। इस प्रकार मानव अधिकार मनुष्य के अच्छे जीवन जीने के लिए एक गारन्टी प्रदान करते हैं।

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प्रश्न 9.
“मेरा अधिकार राजसत्ता को खास तरीके से काम करने के कुछ वैधानिक दायित्व सौंपता है ।” इस कथन को एक उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यदि कोई समाज यह महसूस करता है कि जीने के अधिकार का अर्थ अच्छे स्तर के जीवन का अधिकार है, तो वह राजसत्ता से ऐसी नीतियों के अनुपालन की अपेक्षा करता है कि वह स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ पर्यावरण और अन्य आवश्यक निर्धारकों का प्रावधान करे। इससे स्पष्ट होता है कि मेरा अधिकार यहाँ राजसत्ता को खास तरीके से काम करने के लिए कुछ वैधानिक दायित्व सौंपता है।

प्रश्न 10.
नागरिकों के प्रमुख राजनैतिक अधिकार कौन-कौनसे हैं ? उल्लेख करो।
उत्तर:
नागरिकों के प्रमुख राजनीतिक अधिकार ये हैं।

  1. मत देने तथा प्रतिनिधि चुनने का अधिकार,
  2. चुनाव लड़ने का अधिकार,
  3. राजनैतिक दल बनाने का अधिकार तथा
  4. किसी भी राजनैतिक दल का सदस्य बनने का अधिकार।

प्रश्नं 11.
चार ऐसे अधिकारों का उल्लेख कीजिए जो बुनियादी अधिकार के रूप में मान्य हैं।
उत्तर:

  1. जीवन का अधिकार,
  2. स्वतंत्रता का अधिकार,
  3. समान व्यवहार का अधिकार और
  4. राजनीतिक भागीदारी का अधिकार बुनियादी अधिकारों के रूप में मान्य हैं।

प्रश्न 12.
“अधिकार हमारे सम्मान और गरिमामय जीवन बसर करने के लिए आवश्यक हैं। ” स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
अधिकार उन बातों का द्योतक है जिन्हें लोग सम्मान और गरिमा का जीवन बसर करने के लिए आवश्यक समझते हैं। उदाहरण के लिए, आजीविका का अधिकार सम्मानजनक जीवन जीने के लिए जरूरी है क्योंकि यह व्यक्ति को आर्थिक स्वतंत्रता देता है। इसी प्रकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार हमें सृजनात्मक और मौलिक होने का मौका देता है। चाहे यह लेखन के क्षेत्र में हो अथवा नृत्य, संगीत या किसी अन्य रचनात्मक क्रियाकलाप में

प्रश्न 13.
स्पष्ट कीजिये कि अधिकार हमारी बेहतरी के लिए आवश्यक हैं?
उत्तर:
अधिकार हमारी बेहतरी के लिए आवश्यक हैं क्योंकि ये लोगों को उनकी दक्षता और प्रतिभा को विकसित करने में सहयोग देते हैं। उदाहरण के लिए, शिक्षा का अधिकार हमारी तर्क शक्ति विकसित करने में मदद करता है, हमें उपयोगी कौशल प्रदान करता है और जीवन में सूझ-बूझ के साथ चयन करने में सक्षम बनाता है। यदि कोई कार्यकलाप हमारे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए हानिकारक है तो उसे अधिकार नहीं माना जा सकता। उदाहरण के लिए, नशीली दवाएँ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं तथा धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसलिए इनके सेवन के अधिकार को मान्य नहीं किया जा सकता। अतः स्पष्ट है कि अधिकार वे दावे ही हो सकते हैं जो हमारी दक्षता और प्रतिभा को विकसित करने में सहयोग देते हैं।

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प्रश्न 14.
अधिकारों के प्राकृतिक सिद्धान्त का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
अथवा
प्राकृतिक अधिकारों की अवधारणा क्या है?
उत्तर:
अधिकारों का प्राकृतिक सिद्धान्त: प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धान्तकारों के अनुसार अधिकार प्रकृति या ईश्वर प्रदत्त हैं। हमें ये अधिकार जन्म से प्राप्त हैं। परिणामतः कोई व्यक्ति या शासक उन्हें हमसे छीन नहीं सकता। उन्होंने मनुष्य के तीन प्राकृतिक अधिकार चिन्हित किये थे

  1. जीवन का अधिकार,
  2. स्वतंत्रता का अधिकार और
  3. संपत्ति का अधिकार। हम इन अधिकारों का दावा करें या न करें, व्यक्ति होने के नाते हमें ये प्राप्त हैं।

प्राकृतिक अधिकारों की अवधारणा का प्रयोग राज्यों अथवा सरकारों के द्वारा स्वेच्छाचारी शक्ति के प्रयोग का विरोध करने तथा व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए किया जाता था।

प्रश्न 15.
मानवीय गरिमा के बारे में कांट के विचारों को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
मानवीय गरिमा- कांट का कहना है कि अन्य प्राणियों से अलग प्रत्येक मनुष्य की एक गरिमा होती है और मनुष्य होने के नाते उसके साथ इसी के अनुकूल बर्ताव किया जाना चाहिए। कांट के लिए, लोगों के साथ गरिमामय बर्ताव करने का अर्थ था- उनके साथ नैतिकता से पेश आना। यह विचार उन लोगों के लिए संबल था जो लोग सामाजिक ऊँच- नीच के खिलाफ और मानवाधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे थे।

प्रश्न 16.
कांट के मानवीय गरिमा के विचार ने अधिकार की कौनसी अवधारणा प्रस्तुत की?
उत्तर:
कांट के मानवीय गरिमा के विचार ने अधिकार की एक नैतिक अवधारणा प्रस्तुत की। इस अवधारणा में निम्न बातों पर बल दिया गया है।

  1. हमें दूसरों के साथ वैसा ही बर्ताव करना चाहिए, जैसा हम अपने लिए दूसरों से अपेक्षा करते हैं।
  2. हमें यह निश्चित करना चाहिए कि हम दूसरों को अपनी स्वार्थसिद्धि का साधन नहीं बनायेंगे।
  3. हमें लोगों के साथ उस तरह का बर्ताव नहीं करना चाहिए जैसा कि हम निर्जीव वस्तुओं के साथ करते हैं।
  4. हमें लोगों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि वे मनुष्य हैं।

प्रश्न 17.
प्राकृतिक अधिकारों तथा मौलिक अधिकारों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्राकृतिक अधिकारों तथा मौलिक अधिकारों में निम्नलिखित अन्तर पाए जाते हैं।

  1. मौलिक अधिकारों का वर्णन प्रत्येक देश के संविधान में होता है, लेकिन प्राकृतिक अधिकारों का नहीं।
  2. मौलिक अधिकार वाद योग्य हैं जबकि प्राकृतिक अधिकार नहीं।
  3. मौलिक अधिकार राज्य में उपलब्ध होते हैं, लेकिन प्राकृतिक अधिकार प्राकृतिक अवस्था में ही संभव हो सकते हैं।

प्रश्न 18.
विविध समाजों में बढ़ते खतरों और चुनौतियों के कारण मानवाधिकारों के नए दावे किये जा रहे हैं। ये दावे किस बात की अभिव्यक्ति करते हैं?
उत्तर:
विविध समाजों में ज्यों-ज्यों नये खतरे व चुनौतियाँ उभरती हैं, त्यों-त्यों लोगों ने नवीन मानवाधिकारों की मांग की है। उदाहरण के लिए आज प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा की आवश्यकता व उसके प्रति बढ़ती जागरूकता ने स्वच्छ हवा, शुद्ध जल और टिकाऊ विकास जैसे अधिकारों की मांगें पैदा की हैं। ये दावे मानव गरिमा के अतिक्रमण के प्रति नैतिक आक्रोश के भाव को अभिव्यक्त करते हैं और वे समस्त मानव समुदाय हेतु अधिकारों के प्रयोग और विस्तार के लिए एकजुट होने का आह्वान करते हैं।

प्रश्न 19.
क्या कानूनी मान्यता के आधार पर किसी अधिकार का दावा किया जा सकता है?
उत्तर:
मानवाधिकारों की सफलता बहुत कुछ सरकारों और कानून के समर्थन पर निर्भर करती है। इसी कारण अधिकारों की कानूनी मान्यता को इतना महत्त्व दिया गया है। और इस महत्त्व को देखते हुए कुछ विद्वानों ने ‘अधिकार को ऐसे दावों के रूप में परिभाषित किया है, जिन्हें राज्य मान्यता दे। ‘ कानूनी मान्यता से यद्यपि हमारे अधिकारों को समाज में एक दर्जा मिलता है; तथापि कानूनी मान्यता के आधार पर किसी अधिकार का दावा नहीं किया जा सकता ।

प्रश्न 20.
अधिकारों के चार प्रमुख लक्षण लिखिये।
उत्तर:
अधिकारों के चार प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं।

  1. अधिकार एक विवेकसंगत और न्यायसंगत दावा है अधिकार समाज में कुछ कार्य करने के लिए मनुष्य या मनुष्य समूह द्वारा किया गया वह विवेकसंगत और न्यायसंगत दावा है जिसे समाज द्वारा अधिकार के रूप में मान्य किया जाता है।
  2. अधिकार केवल समाज में ही संभव है-अधिकार केवल समाज में ही संभव है। समाज से बाहर कोई अधिकार संभव नहीं है।
  3. अधिकार समाज द्वारा प्रदत्त- मनुष्य का कोई दावा या माँग तभी अधिकार बनता है जब उसे समाज मान्यता प्रदान कर देता है। समाज की स्वीकृति के बिना कोई माँग (दावा) अधिकार का रूप नहीं ले सकती।
  4. अधिकार में सबका हित निहित है-समाज व्यक्ति के किसी दावे को सामाजिक हित की दृष्टि से ही स्वीकार कर उसे अधिकार का रूप प्रदान करता है। अतः प्रत्येक अधिकार में समाज का हित निहित होता है।

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प्रश्न 21.
आधुनिक राज्य अपने नागिरकों को कौन-कौनसे राजनैतिक अधिकार प्रदान करते हैं?
उत्तर:
आधुनिक राज्य अपने नागरिकों को निम्न राजनैतिक अधिकार प्रदान करते हैं।

  1. मत देने का अधिकार: आधुनिक प्रजातांत्रिक राज्यों में अपने नागिरकों को वयस्क मताधिकार प्रदान किया गया है जिसके माध्यम से वे अपने प्रतिनिधियों का निर्वाचन करते हैं और उन प्रतिनिधियों द्वारा शासन-कार्य किया जाता है।
  2. निर्वाचित होने का अधिकार: आधुनिक लोकतांत्रिक राज्य सभी नागरिकों को कुछ निश्चित अर्हताएँ पूरी करने के बाद निर्वाचित होने का अधिकार प्रदान करते हैं। इसी अधिकार के माध्यम से व्यक्ति देश की उन्नति में सक्रिय रूप से भाग ले सकता है।
  3. सरकारी पद प्राप्त करने का अधिकार: आधुनिक राज्य अपने नागरिकों को योग्यता के आधार पर सरकारी पद प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करते हैं।
  4. राजनैतिक दल बनाने व उसका सदस्य बनने का अधिकार: आधुनिक उदारवादी लोकतांत्रिक राज्य अपने नागिरकों को राजनैतिक दल बनाने या किसी राजनैतिक दल का सदस्य बनने का अधिकार भी प्रदान करते हैं।

प्रश्न 22.
राजनीतिक अधिकारों की दो विशेषताएँ बताइये तथा प्रमुख राजनीतिक अधिकारों का उल्लेख कीजिये हैं।
उत्तर:
राजनीतिक अधिकारों की विशेषताएँ।

  1. राजनीतिक अधिकार नागरिकों को कानून के समक्ष बराबरी तथा राजनीतिक प्रक्रिया में भागीदारी का हक देते
  2. राजनीतिक अधिकार नागरिक स्वतंत्रताओं से जुड़े होते हैं।
  3. राजनीतिक अधिकार व नागरिक स्वतंत्रताएँ मिलकर लोकतांत्रिक प्रणाली की नींव का निर्माण करते हैं।

प्रमुख राजनैतिक अधिकार: प्रमुख राजनैतिक अधिकार तथा नागरिक स्वतंत्रताएँ ये हैं-मत देने तथा प्रतिनिधि चुनने का अधिकार, चुनाव लड़ने का अधिकार, राजनीतिक पार्टियाँ बनाने या उनमें शामिल होने का अधिकार । प्रमुख नागरिक स्वतंत्रताएँ हैं। विचारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार, स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायिक जांच का अधिकार, प्रतिवाद करने तथा असहमति प्रकट करने का अधिकार।

प्रश्न 23.
आर्थिक अधिकार किसे कहते हैं? लोकतांत्रिक देश आर्थिक अधिकारों को किस तरह से मुहैया करा रहे हैं?
उत्तर:
आर्थिक अधिकार: आर्थिक अधिकार वे अधिकार हैं जिनके द्वारा व्यक्ति भोजन, वस्त्र, आवास तथा स्वास्थ्य जैसी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करते हैं। इन बुनियादी जरूरतों को पूरा किये बिना राजनीतिक अधिकारों का कोई मूल्य नहीं है। करते हैं। लोकतांत्रिक समाज विभिन्न तरीकों से लोगों की इन आवश्यकताओं व अधिकारों को पूरा कर रहे हैं। यथा

  1. कुछ देशों में नागरिक, खासकर निम्न आय वाले नागरिक, आवास और चिकित्सा जैसी सुविधाएँ राज्य से प्राप्त।
  2. कुछ अन्य देशों में बेरोजगार व्यक्ति कुछ न्यूनतम भत्ता पाते हैं; ताकि वे अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी कर सकें।
  3. भारत में सरकार ने अन्य कार्यवाहियों के साथ-साथ ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की शुरूआत की है।

प्रश्न 24.
अधिकार हमारे ऊपर क्या जिम्मेदारियाँ डालते हैं?
उत्तर:
अधिकार हम सब पर निम्नलिखित जिम्मेदारियाँ डालतें हैं।

  1. अधिकार हमें बाध्य करते हैं कि हम अपनी निजी जरूरतों और हितों की ही न सोचें, बल्कि कुछ ऐसी चीजों की भी रक्षा करें, जो हम सबके लिए हितकर हैं।
  2. अधिकार मुझसे यह अपेक्षा करते हैं कि मैं अन्य लोगों के अधिकारों का सम्मान करूँ।
  3. टकराव की स्थिति में हमें अपने अधिकारों को संतुलित करना होता है।
  4. नागरिकों को अपने अधिकारों पर लगाए जाने वाले नियंत्रणों के बारे में सतर्क तथा जागरूक रहना चाहिए।

प्रश्न 25.
नागरिक अधिकार तथा राजनीतिक अधिकार में अन्तर बताइये प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिये।
उत्तर:
नागरिक अधिकार: नागरिक अधिकार वे अधिकार हैं जो कि व्यक्ति की निजी स्वतंत्रता से संबंधित हैं वे व्यक्ति के सामाजिक विकास या समाज से व्यक्ति के सम्बन्धों से भी संबंधित होते हैं। ये मूलभूत तथा आवश्यक अधिकार हैं तथा गैर-लोकतांत्रिक राज्यों में भी ये नागरिकों को प्राप्त होते हैं। नागरिक अधिकारों के उदाहरण हैं। जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार, स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायिक जांच का अधिकार तथा प्रतिवाद करने तथा असहमति व्यक्त करने का अधिकार आदि।

राजनीतिक अधिकार: राजनीतिक अधिकार नागरिकों को कानून के समक्ष बराबरी तथा राजनीतिक प्रक्रिया में भागीदारी का हक देते हैं। ये अधिकार सामान्यतः लोकतांत्रिक राज्यों में ही नागरिकों को प्रदान किये जाते हैं। राजनीतिक अधिकारों के उदाहरण हैं- मत देने का अधिकार, प्रतिनिधि चुनने का अधिकार, चुनाव लड़ने का अधिकार, राजनैतिक दल बनाने का अधिकार आदि।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अधिकार हमारे ऊपर क्या जिम्मेदारियाँ डालते हैं? उदाहरण सहित विवेचन कीजिये।
उत्तर:
अधिकार और जिम्मेदारियाँ
अधिकार न केवल राज्य पर यह जिम्मेदारी डालते हैं कि वह खास तरीके से काम करे, बल्कि हम सब पर भी यह जिम्मेदारी डालते हैं। इनका विवेचन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है।

1. सबके हित सम्बन्धी चीजों की रक्षा करना:
अधिकार हमें बाध्य करते हैं कि हम अपनी निजी जरूरतों और हितों की ही न सोचें, बल्कि कुछ ऐसी चीजों की भी रक्षा करें, जो हम सबके लिए हितकर हैं। उदाहरण के लिए, ओजोन परत की हिफाजत करना, वायु और जल प्रदूषण कम से कम करना, नए वृक्ष लगाकर और जंगलों की कटाई रोक कर हरियाली बरकरार रखना, पारिस्थितिकीय संतुलन कायम रखना आदि ऐसी चीजें हैं, जो हम सबके लिए अनिवार्य हैं। ये सबके हित की बातें हैं, जिनका पालन हमें अपनी और भावी पीढ़ियों की हिफाजत की दृष्टि से अवश्य करना चाहिए।

2. अन्य लोगों के अधिकारों का सम्मान करना:
अधिकार यह अपेक्षा करते हैं कि मैं अन्य लोगों के अधिकारों का सम्मान करूँ अगर मैं यह कहता हूँ कि मुझे अपने विचारों को अभिव्यक्त करने का अधिकार मिलना ही चाहिए तो मुझे दूसरों को भी यही अधिकार देना होगा। अगर मैं अपनी पसंद के कपड़े पहनने में, संगीत सुनने में दूसरों का हस्तक्षेप नहीं चाहता, तो मुझे भी दूसरों की पसंदगी में दखलंदाजी से बचना होगा। मेरे अधिकार में मेरा यह कर्त्तव्य निहित है कि मैं दूसरों को इसी तरह के अधिकार का उपभोग करने दूँ।

अपने अधिकारों का प्रयोग करने के लिए मैं दूसरों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं कर सकता। मैं स्वतंत्र भाषण देने के अधिकार का प्रयोग अपने पड़ोसी की हत्या के लिए भीड़ को उकसाने के लिए नहीं कर सकता। इससे उसके जीवन के अधिकार में बाधा पहुँचेगी और मेरा यह दायित्व है कि मैं अपने अधिकार का प्रयोग अन्य लोगों के अधिकारों का सम्मान करते हुए ही कर सकता हूँ। दूसरे शब्दों में, मेरे अधिकार सबके लिए बराबर और एक ही अधिकार के सिद्धान्त से सीमाबद्ध हैं।

3. टकराव की स्थिति में अपने अधिकारों को संतुलित करना:
मेरे अधिकार में ही मेरा यह दायित्व निहित है कि टकराव की स्थिति में मैं अपने अधिकारों को संतुलित करूँ। उदाहरण के लिए, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मेरा अधिकार मुझे तस्वीर लेने की अनुमति देता है, लेकिन अगर मैं अपने घर में नहाते हुए किसी व्यक्ति की उसकी इजाजत के बिना तस्वीर ले लूँ और उसे इंटरनेट पर डाल दूँ, तो यह उसकी गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन होगा। इसलिए मुझे मेरे अधिकार को उस स्थिति में सीमित कर लेना चाहिए जब वह किसी दूसरे के अधिकार में दखलंदाजी करता हो।

4. अधिकारों पर लगाए जाने वाले नियंत्रणों के प्रति जागरूक रहना:
नागरिकों का यह दायित्व है कि वे अपने अधिकारों पर लगाए जाने वाले नियंत्रणों के प्रति जागरूक रहें। आजकल कई सरकारें राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर लोगों की स्वतंत्रताओं पर प्रतिबंध लगा रही हैं। नागरिकों के अधिकारों और भलाई की रक्षा के लिए जरूरी मान कर राष्ट्रीय सुरक्षा का समर्थन किया जा सकता है। लेकिन किसी बिंदु पर सुरक्षा के लिए आवश्यक मान कर थोपे गए प्रतिबंध अपने आप में लोगों के अधिकारों के लिए खतरा बन जायें तो ? क्या उसे लोगों की चिट्ठियाँ देखने या फोन टेप करने की इजाजत दी जा सकती है? क्या सच कबूल करवाने के लिए उसे यातना का सहारा लेने दिया जाना चाहिए?

ऐसी स्थितियों में यह प्रश्न उठता है कि संबद्ध व्यक्ति समाज के लिए खतरा तो नहीं पैदा कर रहा है? गिरफ्तार लोगों को भी कानूनी सलाह की इजाजत या न्यायालय के सामने अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर मिलना चाहिए। इसलिए लोगों की नागरिक स्वतंत्रता में कटौती करते समय हमें अत्यन्त सावधान होने की आवश्यकता है क्योंकि इनका आसानी से दुरुपयोग किया जा सकता है। सरकारें निरंकुश हो सकती हैं, वे लोगों के कल्याण की जड़ खोद सकती हैं। इसलिए हमें अपने और दूसरों के अधिकारों की रक्षा करने में सतर्क तथा जागरूक रहना चाहिए क्योंकि यह जागरूकता ही लोकतांत्रिक समाज की नींव का निर्माण करती है।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 5 अधिकार

प्रश्न 2.
अधिकार किसे कहते हैं? इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अधिकार का अर्थ तथा परिभाषा: व्यक्ति की उन मांगों को अधिकार कहते हैं जो उसने अपने व्यक्तित्व के विकास के लिए समाज के समक्ष रखीं और समाज ने उन्हें समाज के हित की दृष्टि से उचित मानते हुए मान्यता दे दी। कुछ विद्वान अधिकारों के लिए सामाजिक मान्यता के साथ-साथ राज्य की मान्यता को भी आवश्यक मानते हैं। क्योंकि अधिकारों की सफलता के लिए राज्य का संरक्षण अर्थात् कानूनी संरक्षण अति आवश्यक है।

इसलिए वे अधिकार को ऐसे दावों के रूप में परिभाषित करते हैं, जिन्हें राज्य ने मान्य किया हो। लेकिन कानूनी मान्यता के आधार पर किसी अधिकार का दावा नहीं किया जा सकता। कभी-कभी राज्य द्वारा असंरक्षित लेकिन समाज द्वारा मान्य मांगें भी अधिकार कहलाती हैं। जैसे काम पाने का अधिकार राज्य ने भले ही स्वीकार न किया हो, परन्तु समाज द्वारा मान्य होने पर वह अधिकार कहलायेगा। है।” अधिकार की कुछ प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं।

  1. बोसांके के अनुसार, “एक अधिकार समाज द्वारा मान्यता प्राप्त तथा राज्य द्वारा प्रवर्तित व्यक्ति का एक दावा
  2. लास्की के अनुसार, ” अधिकार सामाजिक जीवन की वे दशाएँ हैं जिनके बिना कोई व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का सर्वोत्तम विकास नहीं कर सकता।”

उपर्युक्त परिभाषाओं से स्पष्ट होता है कि अधिकारों का अर्थ उन सुविधाओं, स्वतंत्रताओं तथा अवसरों का होना है जो कि एक व्यक्ति के विकास के लिए आवश्यक हैं तथा जो समाज द्वारा मान्य तथा राज्य द्वारा संरक्षित हैं।

अधिकारों की विशेषताएँ अधिकारों की निम्नलिखित विशेषताएँ बताई जा सकती हैं।
1. अधिकार एक दावा है:
अधिकार समाज में कुछ कार्य करने के लिए मनुष्य या मनुष्य समूह द्वारा किया गया एक दावा है। यह दावा समाज के प्रति किया जाता है। मनुष्य समाज के समक्ष अपनी आवश्यकताओं तथा आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए अपनी मांगें प्रस्तुत करता है।

2. अधिकार केवल समाज में ही संभव हैं: समाज से बाहर कोई अधिकार संभव नहीं है। अधिकार केवल समाज में ही संभव हैं।

3. अधिकार समाज द्वारा प्रदत्त होते हैं: मनुष्य की कोई मांग या दावा तभी अधिकार बनता है जब उसे समाज मान्यता प्रदान कर देता है। कोई दावा या मांग जो समाज द्वारा स्वीकृत नहीं की जाती है, अधिकार नहीं बन सकती।

4. अधिकार विवेकसंगत और न्यायसंगत दावा है:
व्यक्ति का केवल वही दावा समाज द्वारा अधिकार के रूप में मान्य होता है जो न्यायसंगत तथा विवेकसंगत होता है। यदि समाज इस बात से सहमत हो जाता है कि व्यक्ति द्वारा किया गया दावा व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास तथा समाज के हित के लिए आवश्यक हैं या समाज के लिए हानिकारक नहीं है, तभी समाज उस दावे को अधिकार के रूप में मान्यता प्रदान करता है। कोई भी अन्यायपरक तथा अविवेकीय दावा समाज द्वारा अधिकार के रूप में मान्य नहीं किया जा सकता।

5. अधिकार में सबका हित निहित है:
अधिकार में सबका कल्याण निहित है। समाज किसी दावे को सबके हित की दृष्टि से ही स्वीकार करता है और अधिकार का उपभोग समाज के हित में ही करना होता है। ऐसा कोई भी अधिकार व्यक्ति को प्रदान नहीं किया जा सकता जो कि समाज के लिए हानिकारक हो या लोगों के कल्याण के विरुद्ध हो । एक अधिकार का उपभोग सामाजिक हित पर प्रतिबन्ध लगाकर नहीं किया जा सकता।

6. अधिकार सीमित हैं:
समाज में किसी व्यक्ति को निरपेक्ष अधिकार (Absolute right) नहीं दिया जा सकता। उस पर युक्तियुक्त सीमाएँ समाज के हित में हमेशा लगी होती हैं। किसी व्यक्ति को अधिकारों के दुरुपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती। किसी व्यक्ति को यह अनुमति भी नहीं दी जा सकती कि वह अपने अधिकार का उपभोग करने में दूसरों को हानि पहुँचाये।

7. अधिकार सबको समान रूप से प्रदान किये जाते हैं:
अधिकार सार्वभौमिक हैं तथा वे समाज के सभी लोगों को समानता के आधार पर प्रदान किये जाते हैं। जो स्वतंत्रताएँ एक को प्रदान की जाती हैं, वे ही स्वतंत्रताएँ अन्य लोगों को भी प्रदान की जाती हैं। अधिकारों के प्रदान करने में जाति, रंग, वंश, जन्म तथा लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता।

8. अधिकार विकासशील हैं:
अधिकार हमेशा के लिए समान रूप में नहीं रहते। वे देश, काल और परिस्थिति के अनुसार बदलते रहते हैं। समाज व्यक्ति के दावों को लोगों के विचार, समय और परिस्थितियों की आवश्यकताओं के अनुरूप मान्यता प्रदान करता है। इसलिए अधिकारों की कोई निश्चित और स्थायी सूची नहीं बनाई जा सकती है। विविध समाजों में ज्यों-ज्यों नयी चुनौतियाँ तथा आवश्यकताएँ उभरती हैं, त्यों-त्यों उनका सामना करने के लिए लोगों द्वारा समाज के समक्ष नये दावे प्रस्तुत किये जाते हैं। इस प्रकार अधिकारों की सूची वर्तमान काल में निरन्तर बढ़ती जा रही है।

9. अधिकारों में कर्त्तव्य निहित हैं:
अधिकार और कर्त्तव्य एक सिक्के के दो पहलू हैं। प्रत्येक मेरे अधिकार में मेरा कर्त्तव्य भी निहित है, उसके प्रति अन्य लोगों के कर्त्तव्य तथा राज्य के कर्त्तव्य भी निहित हैं।

10. अधिकार राज्य द्वारा संरक्षित हैं:
एक अधिकार तभी सफल हो सकता है जब राज्य के कानूनों द्वारा उसकी सुरक्षा की जाये। अधिकारों की सफलता में राज्य व उसके कानून के महत्त्व को देखते हुए यह भी कहा जाता है कि एक अधिकार वह दावा है जिसे राज्य संरक्षित करे तथा लागू करे। राज्य ही अधिकारों को मान्यता देता है, परिभाषित करता है, लागू करता है तथा उनकी सुरक्षा करता है। राज्य उन व्यक्तियों को दंडित करता है जो दूसरों के अधिकारों के विरुद्ध कार्य करते हैं। राज्य के बाहर अधिकारों का प्रवर्तन संभव नहीं है। अतः स्पष्ट है कि अधिकार वे सुविधाएँ, स्वतंत्रताएँ और अवसर हैं जो व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास तथा समाज हित के लिए समाज द्वारा व्यक्ति को प्रदान किये गए हैं तथा वे राज्य द्वारा संरक्षित हैं।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 5 अधिकार

प्रश्न 3.
अधिकार का अर्थ एवं परिभाषा बताते हुए उसके विभिन्न स्वरूपों/प्रकारों की व्याख्या कीजिये।
उत्तर:
अधिकार का अर्थ एवं परिभाषा: अधिकार का अर्थ एवं परिभाषा के लिए पूर्व प्रश्न का उत्तर देखें । अधिकार के विभिन्न स्वरूप ( प्रकार ) अधिकार के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं।
1. राजनैतिक तथा नागरिक अधिकार:
अधिकांशतः लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ राजनैतिक अधिकारों का घोषणा- पत्र बनाने से अपनी शुरुआत करती हैं। राजनैतिक अधिकार नागरिकों को कानून के समक्ष बराबरी तथा राजनीतिक प्रक्रिया में भागीदारी का हक देते हैं। इनमें वोट देने और प्रतिनिधि चुनने, चुनाव लड़ने, राजनीतिक पार्टियाँ बनाने या उनमें शामिल होने जैसे अधिकार शामिल हैं। राजनीतिक अधिकार नागरिक स्वतंत्रताओं या नागरिक अधिकारों से जुड़े होते हैं। नागरिक स्वतंत्रता का अर्थ है। स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायिक जाँच का अधिकार, विचारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार, प्रतिवाद करने तथा असहमति प्रकट करने का अधिकार। इस प्रकार नागरिक स्वतंत्रता और राजनीतिक अधिकार मिलकर किसी सरकार की लोकतांत्रिक प्रणाली की बुनियाद का निर्माण करते हैं।

2. आर्थिक अधिकार:
राजनीतिक भागीदारी का अपना अधिकार पूरी तरह से हम तभी अमल में ला सकते हैं जब भोजन, वस्त्र, आवास, स्वास्थ्य जैसी हमारी बुनियादी जरूरतें पूरी हों। इसीलिये लोकतांत्रिक समाज इन दायित्वों को स्वीकार कर रहे हैं और आर्थिक अधिकार मुहैया कर रहे हैं। कुछ देशों में नागरिक, खासकर निम्न आय वाले नागरिक, आवास और चिकित्सा जैसी सुविधायें राज्य से प्राप्त करते हैं। कुछ अन्य देशों में बेरोजगार व्यक्ति कुछ न्यूनतम भत्ता पाते हैं, ताकि वे अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी कर सकें। भारत में, सरकार ने ग्रामीण और शहरी गरीबों की मदद के लिये अन्य कार्यवाहियों के साथ हाल में ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की शुरूआत की है।

3. सांस्कृतिक अधिकार:
अधिकाधिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ राजनीतिक और आर्थिक अधिकारों के साथ नागरिकों के सांस्कृतिक दावों को भी मान्यता दे रही हैं। अपनी मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा पाने का अधिकार अपनी भाषा और संस्कृति के शिक्षण के लिये संस्थाएँ बनाने के अधिकार को बेहतर जिन्दगी जीने के लिये आवश्यक माना जा। इस प्रकार लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में अधिकारों की सूची लगातार बढ़ती गई है रहा है।

4. बुनियादी अधिकार:
कुछ मूल अधिकार जैसे- जीने का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, समान व्यवहार का अधिकार और राजनीतिक भागीदारी का अधिकार, ऐसे बुनियादी अधिकार के रूप में मान्य हैं, जिन्हें प्राथमिकता देनी ही है।