JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 10 विकास 

Jharkhand Board JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 10 विकास Important Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Political Science Important Questions Chapter 10 विकास

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. विकास का व्यापकतम अर्थ है।
(अ) समाज का आधुनिकीरण
(ब) समाज का पश्चिमीकरण
(स) आर्थिक विकास की दर में वृद्धि
(द) सभी लोगों के जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करना।
उत्तर:
(द) सभी लोगों के जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करना।

2. विकास की कीमत जो पर्यावरण को चुकानी पड़ी है।
(अ) वायुमण्डल में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन
(ब) बड़ी संख्या में लोगों का उनके घरों से विस्थापन
(स) संस्कृति का विनाश
(द) गरीबी में वृद्धि
उत्तर:
(अ) वायुमण्डल में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन

3. सरदार सरोवर परियोजना के तहत बनने वाले बांधों के निर्माण के खिलाफ आंदोलन चल रहा है।
(अ) चिपको आंदोलन
(ब) नर्मदा बचाओ आन्दोलन
(स) गंगा बचाओ आंदोलन
(द) यमुना बचाओ आंदोलन
उत्तर:
(ब) नर्मदा बचाओ आन्दोलन

4. किसी देश के अविकसित होने का सूचक नहीं है।
(अ) लोग भोजन के अभाव में भूख से मरते हैं।
(ब) लोग आश्रय के अभाव में ठंड से मरते हैं।
(स) अभाव और वंचनाओं की मुक्ति।
(द) बच्चे विद्यालय जाने के बजाय काम कर रहे हैं।
उत्तर:
(स) अभाव और वंचनाओं की मुक्ति।

5. विकास का मॉडल सर्वाधिक निर्भर है।
(अ) वायु पर
(ब) नदियों पर
(स) ऊर्जा पर
(द) वर्षा पर
उत्तर:
(स) ऊर्जा पर

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 10 विकास

6. ‘नर्मदा बचाओ आन्दोलन’ सम्बन्धित है।
(अ) टिहरी बाँध परियोजना से
(ब) सरदार सरोवर से
(स) मनेरी झाली परियोजना से
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) सरदार सरोवर से

7. निम्न में से विस्थापन का परिणाम नहीं होता है।
(अ) संस्कृति का विनाश
(ब) दरिद्रता में वृद्धि
(स) आजीविका का खोना
(द) जीवन – स्तर का उन्नत होना
उत्तर:
(द) जीवन – स्तर का उन्नत होना

8. औद्योगीकरण व्याख्या करता है।
(अ) विकास के व्यापक अर्थ की
(ब) विकास के संकीर्ण अर्थ की
(स) विकास के वास्तविक अर्थ की
(द) विकास के गलत अर्थ की
उत्तर:
(ब) विकास के संकीर्ण अर्थ की

9. अधिकांश निवासियों के निम्न जीवन स्तर वाला देश कहा जायेगा।
(अ) विकसित
(ब) अतिविकसित
(स) विकासशील
(द) अविकसित
उत्तर:
(द) अविकसित

10. विकास के कारण निम्न में से किसे नुकसान नहीं पहुँचा है।
(अ) पर्यावरण को
(ब) विस्थापितों को
(स) धनी वर्ग को
(द) वन्य जीवों को
उत्तर:
(द) वन्य जीवों को

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

1. विकास शब्द अपने व्यापकतम अर्थ में उन्नति, प्रगति, कल्याण और बेहतर जीवन की अभिलाषा के विचारों का ………………… है।
उत्तर:
वाहक

2. 20वीं सदी के उत्तरार्द्ध में एशिया और अफ्रीका के नव स्वतंत्रता प्राप्त देशों को अक्सर अविकसित या ………………….. देश कहा जाता था।
उत्तर:
विकासशील

3. आरंभिक वर्षों में विकास की अवधारणा में जोर आर्थिक उन्नति और समाज को आधुनिकीकरण के रूप में …………………. देशों के स्तर पर पहुँचने का था।
उत्तर:
पश्चिमी

4. विकास की वजह से अनेक देशों में ………………… को बहुत ज्यादा नुकसान पहुँचा है।
उत्तर:
पर्यावरण

5. विगत वर्षों में दुनिया में अमीर और गरीब के बीच की दूरी …………………. ही गई है।
उत्तर:
बढ़ती।

निम्नलिखित में से सत्य / असत्य कथन छाँटिये

1. विकास को अब व्यापक अर्थ में ऐसी प्रक्रिया के रूप में देखा जा रहा है, जो सभी लोगों के जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करे।
उत्तर:
सत्य

2. पर्यावरणवाद की जड़ें औद्योगीकरण के खिलाफ 19वीं सदी में विकसित हुए विद्रोह में देखी जा सकती हैं।
उत्तर:
सत्य

3. जिन लोगों के जीवन पर विकास योजनाओं का तत्काल असर पड़ता है, प्रायः उनसे पूर्ण सलाह ली जाती है तथा उनके हितों का ध्यान रखा जाता है।
उत्तर:
असत्य

4. संसाधनों के अविवेकशील उपयोग का अमीरों पर तात्कालिक और तीखा प्रभाव पड़ता है।
उत्तर:
असत्य

5. विकास का काम समाज के व्यापक नजरिये के अनुसार ही होता है।
उत्तर:
असत्य

निम्नलिखित स्तंभों के सही जोड़े बनाइये

1. अविकसित या विकासशील देश (अ) विकास के लिए पंचवर्षीय योजनाओं की एक श्रृंखला
2. भारत (ब) बड़ी संख्या में लोगों का अपने घरों व क्षेत्रों से विस्थापन
3. बड़े बाँधों का निर्माण तथा औद्योगिक गतिविधियाँ (स) ओगोनी लोगों के अस्तित्व के लिए आंदोलन
4. केन सारो वीवा (द) संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम
5. मानव विकास प्रतिवेदन (य) एशियाई व अफ्रीका के नव-स्वतंत्र देश

उत्तर:

1. अविकसित या विकासशील देश (य) एशियाई व अफ्रीका के नव-स्वतंत्र देश
2. भारत (अ) विकास के लिए पंचवर्षीय योजनाओं की एक श्रृंखला
3. बड़े बाँधों का निर्माण तथा औद्योगिक गतिविधियाँ (ब) बड़ी संख्या में लोगों का अपने घरों व क्षेत्रों से विस्थापन
4. केन सारो वीवा (स) ओगोनी लोगों के अस्तित्व के लिए आंदोलन
5. मानव विकास प्रतिवेदन (द) संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विकास किसे कहते हैं?
उत्तर:
विकास को एक ऐसी प्रक्रिया के रूप में देखा जा रहा है, जो सभी लोगों के जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करे।

प्रश्न 2.
अविकसित या विकासशील देशों से क्या आशय है?
उत्तर:
20वीं सदी के उत्तरार्द्ध में एशिया- अफ्रीका के नव स्वतंत्र देशों को अक्सर अविकसित या विकासशील देश कहा जाता है। क्योंकि यहाँ के लोगों का जीवनस्तर निम्न तथा शिक्षा, चिकित्सा व अन्य सुविधाओं का अभाव है।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 10 विकास

प्रश्न 3.
विकासशील देशों के किस बोध ने उन्हें विकास परियोजनाएँ शुरू करने की प्रेरणा दी?
उत्तर:
अपने संसाधनों का उपयोग राष्ट्रीय हित में करने के बोध ने विकासशील देशों को विकास परियोजनाएँ शुरू करने की प्रेरणा दी।

प्रश्न 4.
आरंभिक वर्षों में विकास की अवधारणा में किस बात पर जोर दिया गया?
उत्तर:
आरंभिक वर्षों में विकास की अवधारणा में जोर आर्थिक उन्नति और समाज के आधुनिकीकरण के रूप में पश्चिमी देशों के स्तर तक पहुँचने पर था।

प्रश्न 5.
विकास के कोई दो नकारात्मक प्रभाव बताइये।
उत्तर:

  1. विकासशील जगत में गरीबी एक समस्या बनकर उभरी
  2. दुनिया में अमीर और गरीब के बीच की दूरी बढ़ी है।

प्रश्न 6.
पर्यावरण संगठन क्या प्रयास करते हैं?
उत्तर:
पर्यावरण संगठन पर्यावरण को बिगड़ने से बचाने के उद्देश्यों की रोशनी में सरकार की औद्योगिक एवं विकास नीतियों को बदलने के लिए दबाव डालने का प्रयास करते हैं।

प्रश्न 7.
विकास की कीमत किन लोगों को चुकानी पड़ती है?
उत्तर:
विकास की कीमत अति दरिद्रों और आबादी के असुरक्षित हिस्से को चुकानी पड़ती है।

प्रश्न 8.
विकास के प्रारंभिक मॉडल का कोई एक दोष बताइए।
उत्तर:
विकास का प्रारंभिक मॉडल पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाला है।

प्रश्न 9.
विकासशील देशों ने अपना विकास कार्य आरम्भ कैसे किया?
उत्तर:
विकासशील देशों ने अपना विकास कार्य विकसित देशों की मदद और कर्ज के जरिये प्रारम्भ किया।

प्रश्न 10.
भारत में विकास का क्या मॉडल चुना गया?
उत्तर:
भारत में विकास के लिए पंचवर्षीय योजनाओं में विविध क्षेत्रों में बड़ी परियोजनाओं का मॉडल चुना गया।

प्रश्न 11.
आर्कटिक और अंटार्कटिक ध्रुवों पर बर्फ क्यों पिघल रही है?
उत्तर:
वायुमण्डल में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 10 विकास

प्रश्न 12.
आर्कटिक और अंटार्कटिक ध्रुवों पर बर्फ के पिघलने का क्या परिणाम हो सकता है?
उत्तर:
इन ध्रुवों पर बर्फ के पिघलने से समुद्र तटीय क्षेत्र डूब सकते हैं।

प्रश्न 13.
विकास की रणनीतियों का चयन किनके द्वारा किया जाता है?
उत्तर:
राजनीतिक नेता तथा उच्च पदासीन नौकरशाहों के द्वारा।

प्रश्न 14.
विकास के कोई दो पक्ष लिखिए।
उत्तर:

  1. आर्थिक विकास
  2. सामाजिक विकास।

प्रश्न 15
बड़ी परियोजनाओं के फलस्वरूप किस वर्ग के लोग विस्थापित होते हैं?
उत्तर:
बड़ी परियोजनाओं के फलस्वरूप प्रायः गरीब, आदिवासी व दलित लोग विस्थापित होते हैं।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विकासशील देश किसे कहा जाता है?
अथवा
अविकसित या विकासशील देश किन देशों को कहा गया और क्यों ?
उत्तर:
1950 और 1960 के दशक में एशिया और अफ्रीका के बहुत से देशों ने राजनीतिक आजादी हासिल की थी। औपनिवेशिक शासन में इनके संसाधनों का उपयोग उपनिवेशवादियों के फायदे के लिए किये जाने के कारण अधिकतर देश निर्धन बना दिये गए थे। उनके निवासियों का जीवन स्तर निम्न था। शिक्षा, चिकित्सा और अन्य सुविधाएँ कम थीं। इसीलिए इन देशों को प्रायः ‘अविकसित’ या ‘विकासशील’ कहा जाता था।

प्रश्न 2.
औपनिवेशिक शासन के अधीन राष्ट्र पिछड़े हुए क्यों रह गये?
उत्तर:
औपनिवेशिक शासन के दौरान शासक राष्ट्रों ने शासित राष्ट्रों के संसाधनों का उपयोग अपने लाभ के लिए किया तथा उन्होंने शासित राष्ट्रों के हितों की कोई परवाह नहीं की। इस कारण औनिवेशिक शासन के अधीन शासित राष्ट्र पिछड़े हुए रह गये।

प्रश्न 3.
नव स्वतंत्र हुए अविकसित या विकासशील देशों की सबसे महत्त्व चुनौती क्या थी?
उत्तर:
नव स्वतंत्र हुए एशिया व अफ्रीका के अविकसित या विकासशील देशों के सामने सबसे महत्त्वपूर्ण चुनौती गरीबी, कुपोषण, बेरोजगारी, निरक्षरता और बुनियादी सुविधाओं के अभाव की निहायत जरूरी समस्याओं का समाधान करना था जिसे उनकी बहुसंख्यक आबादी भुगत रही थी।

प्रश्न 4.
अविकसित या विकासशील देशों को विकास परियोजनाएँ बनाने की प्रेरणा किससे मिली?
उत्तर:
अविकसित या विकासशील देशों के नेताओं का मानना था कि वे पिछड़े इसलिए हैं कि औपनिवेशिक शासन में उनके संसाधनों का उपयोग उनके फायदे के लिए नहीं उपनिवेशवादियों के फायदे के लिए होता था । स्वतंत्रता के द्वारा वे अपने संसाधनों का उपयोग अपने राष्ट्रीय हित में सर्वश्रेष्ठ तरीके से करके पिछड़ेपन को दूर कर सकते हैं। इस बोध ने इन देशों को विकास परियोजनाएँ शुरू करने की प्रेरणा दी।

प्रश्न 5.
विकासशील देशों ने विकास का कौनसा मॉडल अपनाया?
उत्तर:
विकासशील देशों ने औद्योगीकरण, कृषि और शिक्षा के आधुनिकीकरण एवं विस्तार के जरिए तेज आर्थिक उन्नति का लक्ष्य निर्धारित किया था। उनका मानना था कि इस तरह के सामाजिक और आर्थिक बदलाव को शुरू करने में केवल राज्य सत्ता ही सक्षम माध्यम है। विकसित देशों की मदद और कर्ज के जरिये अनेक देशों ने विकास की महत्वाकांक्षी योजनाओं का सूत्रपात किया।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 10 विकास

प्रश्न 6.
लोगों के विस्थापित होने से संस्कृति का विनाश कैसे होता है?
उत्तर:
जब लोग विस्थापित किये जाते हैं तो वे अपनी पूरी सामुदायिक जीवन-पद्धति खो बैठते हैं। लम्बी अवधि में उनकी जीवन-पद्धति बदल जाती है। इस प्रकार लोगों के विस्थापित होने से संस्कृति का विनाश होता है।

प्रश्न 7.
पारिस्थितिकीय संकट क्या है?
उत्तर:
हमारे चारों ओर पारिस्थितिकी का निर्माण करने वाले घटक, जैसे- जल, वायु, वन, वन्यजीव आदि का विनाश जब मानवजनित या अन्य किसी कारण से होता है, तो यह विनाश होना ही पारिस्थितिकीय संकट कहलाता है।

प्रश्न 8.
भारत में विकास परियोजनाओं के क्या लक्ष्य रखे गये थे?
उत्तर:
भारत में विकास के लिए पंचवर्षीय योजनाओं के अन्तर्गत जो अनेक वृहद् परियोजनाएँ लागू की गईं, उनके निम्नलिखित लक्ष्य रखे गये थे

  1. यह बहुआयामी रणनीति आर्थिक रूप से प्रभावकारी होगी तथा देश की सम्पदा में महत्त्वपूर्ण वृद्धि होगी।
  2. सम्पन्नता की वृद्धि धीरे-धीरे रिसकर समाज के सबसे गरीब तबके तक रिसकर पहुँचेगी और असमानता को कम करने में सहायक होगी।
  3. विकास की प्रक्रिया समाज को अधिक आधुनिक और प्रगतिशील बनायेगी और उसे उन्नति के पथ पर ले जाएगी।

प्रश्न 9.
विकास के परिप्रेक्ष्य में क्या महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर:
विकास के परिप्रेक्ष्य में निम्न बातों को देखना महत्त्वपूर्ण है।

  1. विकास के क्रम में लोगों के अधिकारों का सम्मान होना चाहिए।
  2. विकास के लाभ का उचित वितरण होना चाहिए।
  3. विकास की प्राथमिकताओं के बारे में निर्णय सहमति से लिये जाएं।

प्रश्न 10.
नर्मदा पर सरदार सरोवर परियोजना के तहत बनने वाले बड़े बांधों के समर्थकों के क्या तर्क हैं? उत्तर- बड़े बांधों के समर्थकों के तर्क ये हैं।

  1. बड़े बाँधों से बिजली पैदा होगी।
  2. इससे काफी बड़े क्षेत्र में जमीन की सिंचाई में मदद मिलेगी।
  3. इससे सौराष्ट्र व कच्छ के रेगिस्तानी क्षेत्र को पेयजल भी उपलब्ध होगा।

प्रश्न 11.
नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर परियोजना के तहत बनने वाले बड़े बाँधों के विरोध में नर्मदा बचाओ आन्दोलन के नेताओं के क्या तर्क हैं?
उत्तर:
नर्मदा बचाओ आन्दोलन के नेता बड़े बांधों के विरोध में निम्न तर्क देते हैं।

  1. इन बांधों के बनने से अपनी जमीन के डूबने और उसके कारण अपनी आजीविका के छिनने से दस लाख से अधिक लोगों के विस्थापन की समस्या पैदा हो गई है।
  2. इन बांधों से विशाल जंगली भू-भाग बांध में डूब जायेगा जिससे पारिस्थितिकीय संतुलन बिगड़ेगा।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 10 विकास

प्रश्न 12.
विकास के मॉडल की प्रमुख आलोचनाओं का उल्लेख कीजिए।
अथवा
विकास की ‘ऊपर से नीचे’ की रणनीति के महत्त्वपूर्ण प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
विकास के मॉडल की आलोचनाएँ या विकास की ‘ऊपर से नीचे की रणनीति के महत्त्वपूर्ण

  1. महँगा विकास: विकास का यह मॉडल विकासशील देशों के लिए काफी मँहगा साबित हुआ है। इसमें वित्तीय लागत बहुत अधिक रही और अनेक देश दीर्घकालीन कर्ज से दब गए। विकास की उपलब्धि लिए गए कर्ज के अनुरूप नहीं रही।
  2. विस्थापन जनित सामाजिक समस्याओं का उदय-बड़े बांधों के निर्माण, औद्योगिक गतिविधियों और खनन कार्यों की वजह से बड़ी संख्या में लोगों का उनके घरों और क्षेत्रों से विस्थापन हुआ। विस्थापन का परिणाम आजीविका खोने और दरिद्रता में वृद्धि के रूप में सामने आया। इससे परम्परागत कौशल नष्ट हुआ तथा संस्कृति का भी विनाश हुआ। ऐसे विस्थापनों ने अनेक देशों में संघर्षों को जन्म दिया है।
  3. धीमी गति: विकास की गति धीमी रही। दरिद्रता, बेकारी, अज्ञानता या शिक्षा की कमी, रोगों का फैलना जैसी समस्यायें आज भी एशिया और अफ्रीका के देशों में विद्यमान हैं।
  4. पर्यावरण पर दुष्प्रभाव: विकास की वजह से अनेक देशों में पर्यावरण को बहुत अधिक नुकसान पहुँचा है। वायुमण्डल में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन, वायु प्रदूषण में वृद्धि, ऊर्जा का उत्तरोत्तर बढ़ता उपयोग आदि ने अनेक समस्यायें पैदा की हैं।

प्रश्न 13.
वर्तमान में विकास की व्यापक अवधारणा को अपनाने की क्यों आवश्यकता महसूस की गई है?
उत्तर:
वर्तमान में निम्नलिखित कारणों से विकास की व्यापक अवधारणा को अपनाने की आवश्यकता महसूस की गई है।

  1. विकास के संकीर्ण अवधारणा वाले मॉडल का आर्थिक उन्नति पर अत्यधिक ध्यान होने से अनेक प्रकार की समस्यायें बढ़ीं, जैसे गरीब और अमीर की खाई में वृद्धि हुई, पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ा, अनेक लोगों को विस्थापनजनित अनेक सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
  2. विकास के संकीर्ण अवधारणा वाले मॉडल को अपनाने से आर्थिक उन्नति भी हमेशा सन्तोषजनक नहीं रही है।
  3. असमानताओं में गंभीर कमी नहीं आई है।
  4. गरीबी लगातार एक समस्या बनी हुई है।

उक्त कारणों से विकास को अब व्यापक अर्थ में एक ऐसी प्रक्रिया के रूप में देखा जा रहा है जो सभी लोगों के जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करे।

प्रश्न 14.
विकास को मापने के किसी एक वैकल्पिक तरीके को स्पष्ट कीजिये।
अथवा
‘मानव विकास प्रतिवेदन’ और ‘मानव विकास सूचकांक’ को समझाइये।
उत्तर:
मानव विकास प्रतिवेदन: विकास को मापने के लिए अब ‘आर्थिक उन्नति के सूचकांक की दर’ के स्थान पर वैकल्पिक तरीके खोजे जा रहे हैं। इसी तरह का एक प्रयास ‘मानव विकास प्रतिवेदन’ है, जिसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यू.एन.डी.पी.) वार्षिक तौर पर प्रकाशित करता है। इस प्रतिवेदन में साक्षरता और शैक्षिक स्तर, आयु संभाविता और मातृ- मृत्यु दर जैसे विभिन्न सामाजिक संकेतकों के आधार पर देशों का दर्जा निर्धारित किया जाता है। इस उपाय को मानव विकास सूचकांक कहा गया है। इस अवधारणा के अनुसार विकास को ऐसी प्रक्रिया होना चाहिए, जो अधिकाधिक लोगों को उनके जीवन में अर्थपूर्ण तरीके से विकल्पों को चुनने की अनुमति दे तथा सभी लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करे।

प्रश्न 15.
विस्थापन क्या है? इसका क्या परिणाम होता है?
उत्तर:
विस्थापन से आशय: बड़े बांधों के निर्माण, औद्योगिक गतिविधियों, खनन कार्य आदि के कारण जब लोगों को अपना घर व क्षेत्र छोड़ना पड़ता है, तो यह उनका विस्थापन कहलाता है। आता है। विस्थापन के परिणाम – विस्थापन के प्रमुख परिणाम निम्नलिखित हैं।

  1. विस्थापन का परिणाम विस्थापित लोगों की आजीविका खोने और उनकी दरिद्रता में वृद्धि के रूप में सामने
  2. विस्थापन के कारण लोगों का परम्परागत कौशल नष्ट हो जाता है क्योंकि विस्थापन के कारण ग्रामीण खेतिहर समुदाय अपने परम्परागत पेशे और क्षेत्र से विस्थापित होकर शहरी और ग्रामीण गरीबों की विशाल आबादी का हिस्सा बन जाते हैं और लंबी अवधि में अर्जित उनका परम्परागत कौशल नष्ट हो जाता है।
  3. विस्थापन के कारण उनकी संस्कृति का भी विनाश होता है क्योंकि जब लोग नई जगह पर जाते हैं तो वे अपनी पूरी सामुदायिक जीवन-पद्धति खो बैठते हैं।
  4. ऐसे विस्थापनों ने अनेक देशों में संघर्षों को जन्म दिया है।

प्रश्न 16.
विकास के संकुचित अर्थ पर आधारित विकास के मॉडल की सीमाओं का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
विकास के संकुचित अर्थ पर आधारित विकास के मॉडल की सीमाएँ – विकास के संकुचित अर्थ पर आधारित विकास के मॉडल की प्रमुख सीमाएँ निम्नलिखित हैं।

  1. इस मॉडल से मानव और पर्यावरण दोनों के लिहाज से भारी कीमत चुकानी पड़ी है।
  2. विकास नीतियों के कारण जो कीमत चुकानी पड़ी है उसका और विकास के फायदों का वितरण लोगों के. बीच असमान रूप से हुआ है।
  3. अधिकतर देशों में विकास की ‘ऊपर से नीचे’ की रणनीतियाँ अपनायी गयी हैं अर्थात् नीतियों के निर्धारण और उनके क्रियान्वयन के सभी फैसले राजनीतिक नेतृत्व और नौकरशाही के उच्चतर स्तरों पर होते हैं।
  4. जिन लोगों के जीवन पर विकास योजनाओं का तत्काल प्रभाव पड़ता है, उनसे सलाह नहीं ली जाती है।
  5. न तो सदियों से हासिल लोगों के अनुभवों और ज्ञान व कौशल का उपयोग किया जाता है और न ही उनके हितों का ध्यान रखा जाता है।

प्रश्न 17.
स्वतंत्रता के बाद भारत ने विकास का क्या मॉडल चुना?
उत्तर:
स्वतंत्रता के बाद भारत ने विकास के लिए पंचवर्षीय योजनाओं की एक श्रृंखला बनायी। इनमें निम्न प्रयास किये गये

  1. इन योजनाओं में भाखड़ा नांगल बांध, देश के विभिन्न हिस्सों में इस्पात संयंत्रों की स्थापना, खनन, उर्वरक उत्पादन, कृषि तकनीकों में सुधार जैसी अनेक परियोजनाएँ चलायी गईं।
  2. इन पंचवर्षीय योजनाओं के द्वारा देश की सम्पदा में वृद्धि और लोगों की दशा सुधारने के प्रयत्न किये गये।
  3. विज्ञान तथा तकनीकी को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जैसे नये शैक्षणिक संस्थान स्थापित किये गये। इन सबके माध्यम से समाज की प्रगति की उम्मीद की गई।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 10 विकास

प्रश्न 18.
विकास की विकेन्द्रित पद्धति के क्या लाभ होते हैं?
उत्तर:
विकास की विकेन्द्रित पद्धति के लाभ;

  1. विकास की विकेन्द्रित पद्धति के अन्तर्गत लोगों को अत्यधिक प्रभावित करने वाले मसलों पर लोगों से परामर्श किया जाता है। इससे समुदाय को हानि पहुँचा सकने वाली परियोजनाओं को रद्द करना संभव होता है।
  2. योजना बनाने और नीतियों के निर्धारण में लोगों के लिए अपनी जरूरतों के मुताबिक संसाधनों के उपयोग की भी गुंजाइश बनती है। जैसे सड़क कहाँ बने, बसों या मेट्रों का मार्ग कौनसा हो, मैदान व विद्यालय कहाँ पर हो आदि।
  3. विकास की विकेन्द्रित पद्धति में लोगों के पीढ़ियों से संग्रहित ज्ञान व अनुभवों की अनदेखी नहीं होती है, बल्कि यह परम्परागत और आधुनिक स्रोतों से मिलने वाली तमाम तरह की तकनीकों के रचनात्मक तरीके से इस्तेमाल को संभव बनाती है।

प्रश्न 19.
विकास से होने वाली हानि को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है?
उत्तर:
विकास से होने वाली हानि को कम करने के लिए निम्न प्रयास किये जा सकते हैं।

  1. प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित रखने और ऊर्जा के फिर से प्राप्त हो सकने वाले स्रोतों का यथासंभव उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए। वर्षा जल संचयन, सौर एवं जैव गैस संयंत्र, लघु पनबिजली परियोजना, जैव कचरे से खाद बनाने हेतु कंपोस्ट – गड्ढे बनाना आदि इस दिशा में संभव प्रयासों के कुछ उदाहरण हैं। इन गतिविधियों को स्थानीय स्तर पर लागू करें क्योंकि इनके लिए जन सहभागिता की अधिक आवश्यकता होगी।
  2. बड़े बांधों के स्थान पर छोटे बांध बनाए जाएं, जिनमें कम निवेश की आवश्यकता होती है और विस्थापन भी मामूली होता है। ऐसे छोटे बांध स्थानीय जनसंख्या के लिए अधिक लाभकारी हो सकते हैं।
  3. विकास लक्ष्यों को तय करने में लोकतांत्रिक तरीका अपनाया जाये तथा जनता की इन्हें तय करने में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाये।

प्रश्न 20.
पर्यावरणवाद से आप क्या समझते हैं? समझाइये।
उत्तर:
पर्यावरणवाद: पर्यावरणविदों द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए वे जो तर्क दिये जा रहे हैं, उन्हें सम्मिलित रूप से पर्यावरणवाद कहा जाता है।
पर्यावरणविदों के तर्क: पर्यावरणविदों का कहना है कि मानव को पारिस्थितिकी के सुर में सुर मिलाते हुए जीना सीखना चाहिए और पर्यावरण में अपने तात्कालिक हितों के लिए छेड़छाड़ बंद करनी चाहिए। उनका मानना है कि पृथ्वी का जिस सीमा तक उपभोग हो रहा है और प्राकृतिक साधनों को जिस तरह नष्ट किया जा रहा है, उससे हम आने वाली पीढ़ियों के लिए केवल उजाड़ धरती, जहरीली नदियाँ और प्रदूषित हवा ही छोड़कर जायेंगे।

  1. पर्यावरण आन्दोलन: पर्यावरणवाद या पर्यावरण आन्दोलन की जड़ें औद्योगीकरण के खिलाफ 19वीं सदी में विकसित हुए विद्रोह में देखी जा सकती हैं।
  2. पर्यावरण आन्दोलन के संगठन: वर्तमान में पर्यावरण आन्दोलन एक विश्वव्यापी मामला बन गया है। विश्व भर में इसके हजारों गैर सरकारी संगठन तथा ‘ग्रीन पार्टियाँ’ इसके गवाह हैं। कुछ पर्यावरण संगठनों में ग्रीन पीस और वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड शामिल हैं।
  3. पर्यावरण संगठनों के कार्य: ये पर्यावरण समूह पर्यावरण उद्देश्यों की रोशनी में सरकार की औद्योगिक एवं विकास नीतियों को बदलने के लिए दबाव डालने का प्रयास करते हैं।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विकास की अवधारणा से आप क्या समझते हैं? समझाइये।
उत्तर:
विकास की अवधारणा से आशय: औद्योगिक क्रांति तथा औद्योगीकरण के बाद से विकास के विचार ने महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया। अधिकांश यूरोपीय राष्ट्रों ने विकास प्रक्रिया प्रारंभ की तथा 20वीं शताब्दी में ‘विकसित इटली राष्ट्रों’ का दर्जा प्राप्त किया। इस प्रकार 20वीं सदी में अमेरिका, इंग्लैण्ड, फ्रांस, जर्मनी, रूस, इजरायल, जापान, तथा कनाडा आदि को विकसित राष्ट्र माना गया। भारत सहित एशिया और अफ्रीका के अनेक राष्ट्र जो द्वितीय महायुद्ध के बाद औपनिवेशिक दासता से स्वतंत्र हुए थे, उन्हें अविकसित या विकासशील राष्ट्र कहा गया।

इनमें अधिकतर देश कंगाल बना दिये गए थे और उनके निवासियों का जीवन स्तर निम्न था । शिक्षा, चिकित्सा और अन्य सुविधाएँ कम थीं। इस प्रकार ये देश गरीबी, कुपोषण, बेरोजगारी, निरक्षरता, अशिक्षा, कमजोर स्वास्थ्य आदि बुनियादी सुविधाओं के अभाव की गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे थे। इन राष्ट्रों ने अपने संसाधनों का उपयोग अपने राष्ट्रीय हित में सर्वश्रेष्ठ तरीके से करने की दृष्टि से विकास परियोजनाएँ बनाना प्रारंभ कर दिया। इस प्रकार विकास की कोई एक सार्वजनिक परिभाषा नहीं दी जा सकती है।

व्यापक अर्थ में विकास की अवधारणा: व्यापकतम अर्थ में विकास उन्नति, प्रगति, कल्याण और बेहतर जीवन की अभिलाषा के विचारों का वाहक है।
संकीर्ण अर्थ में विकास की अवधारणा: विकास शब्द का प्रयोग प्रायः आर्थिक विकास की दर में वृद्धि और समाज का आधुनिकीकरण जैसे संकीर्ण अर्थों में भी होता रहता है। विकास की अवधारणा विगत वर्षों में काफी बदली है।

(अ) प्रारंभिक वर्षों में अपनायी गयी विकास की अवधारणा: प्रारंभिक वर्षों में विकास की जो अवधारणा अपनायी गई उससे आशय रहा है। आर्थिक उन्नति और समाज का आधुनिकीकरणं। इस अर्थ में विकास सामान्यतः एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य है। परम्परागत समाज का आधुनिक समाज में रूपान्तरण। साथ ही इसका सम्बन्ध आर्थिक उन्नति से है क्योंकि आर्थिक विकास ही विकास की वह प्रथम शर्त है जिससे समाज में बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। इसके अन्तर्गत शैक्षिक विकास, नागरिक स्वतंत्रताएँ तथा राजनीतिक भागीदारी भी सन्निहित हैं।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए एशिया और अफ्रीका के देशों ने विकास की इस अवधारणा को अपनाते हुए विकास का जो मॉडल अपनाया, वह विकास सम्बन्धी उद्देश्यों को पूरा करने में पूर्णतः सफल नहीं रहा। इसकी सीमाओं को देखते हुए अब विकास की व्यापक अवधारणा को अपनाने की आवश्यकता महसूस की गई है।

(ब) विकास की व्यापक अवधारणा- विकास को अब व्यापक अर्थ में एक ऐसी प्रक्रिया के रूप में देखा जा रहा है, जो सभी लोगों के जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करे। विकास की व्यापक अवधारणा की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं।

  1. इसमें मानव विकास प्रतिवेदन तथा मानव विकास सूचकांक के द्वारा विकास का मापन किया जाता है। इसके अन्तर्गत साक्षरता और शैक्षिक स्तर, आयु संभाविता और मातृ- मृत्यु दर जैसे विभिन्न सामाजिक संकेतकों के आधार पर देशों का दर्जा निर्धारित किया जाता है।
  2. इस अवधारणा के अन्तर्गत विकास एक ऐसी प्रक्रिया है, जो अधिकाधिक लोगों को उनके जीवन में अर्थपूर्ण तरीके से विकल्पों को चुनने की अनुमति देती है।
  3. इसकी पूर्ण शर्त है। बुनियादी जरूरतों की पूर्ति । इनकी पूर्ति के वगैर किसी व्यक्ति के लिए गरिमामय जीवन गुजारना और अपनी इच्छाओं की पूर्ति करना असंभव है।
  4. इस प्रक्रिया में विकास से प्रभावित लोगों के अनेक अधिकारों की मांग की गई हैं।
  5. इसमें विकास सम्बन्धी निर्णय लेने और उसके क्रियान्वयन में जनता की सहभागिता पर विशेष बल दिया गया है।
  6. यह एक स्तर पर प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षित रखने और ऊर्जा के फिर से प्राप्त हो सकने वाले स्रोतों के यथासंभव उपयोग करने के प्रयासों पर बल देती है।

प्रश्न 2.
एशिया और अफ्रीका के नव स्वतंत्र राष्ट्रों ने विकास के जिस मॉडल को अपनाया उसे स्पष्ट कीजिए। उसकी सीमाओं का विवेचन कीजिए।
उत्तर:
एशिया व अफ्रीका के नव-स्वतंत्र राष्ट्रों के विकास का मॉडल
1950 और 1960 के दशक में, जब अधिकतर एशियाई व अफ्रीकी देशों ने औपनिवेशिक शासन से आजादी हासिल की तब उनके सामने प्रमुख चुनौती गरीबी, कुपोषण, बेरोजगारी, निरक्षरता और बुनियादी सुविधाओं के अभाव की समस्याओं का समाधान करना था जिसे उनकी बहुसंख्यक आबादी भुगत रही थी। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए इन देशों ने अपने संसाधनों का उपयोग अपने राष्ट्रीय हित में सर्वश्रेष्ठ तरीके से करने के लिए विकास परियोजनाएँ क्रियान्वित कीं।

एशिया: अफ्रीकी देशों का विकास का मॉडल एशिया तथा अफ्रीका के नव-स्वतंत्र राष्ट्रों ने विकास के मॉडल में आर्थिक उन्नति और समाज के आधुनिकीकरण पर बल दिया। विकासशील देशों ने औद्योगीकरण, कृषि और शिक्षा के आधुनिकीकरण और विस्तार के माध्यम से तेज आर्थिक उन्नति का लक्ष्य निर्धारित किया था। दूसरे, इस मॉडल में राज्य सत्ता या सरकार के माध्यम से सामाजिक तथा आर्थिक बदलाव के लिए विकास की महत्वाकांक्षीय योजनाओं का सूत्रपात किया गया। तीसरे, विकास की महत्वाकांक्षी योजनाएँ विकसित देशों की मदद और कर्ज के माध्यम से चालू की गईं। लक्ष्य – विकास की इन योजनाओं के प्रमुख लक्ष्य थे

  1. बहुआयामी विकास की रणनीति आर्थिक रूप से प्रभावकारी होगी और देश की सम्पदा में वृद्धि होगी।
  2. सम्पदा में वृद्धि से आने वाली सम्पन्नता धीरे-धीरे समाज के गरीब तबके तक पहुँच जायेगी और असमानता को कम करने में सहायक होगी।
  3. यह विश्वास किया गया कि विकास की प्रक्रिया समाज को अधिक आधुनिक और प्रगतिशील बनाएगी और उसे उन्नति के पथ पर ले जाएगी। विकास के मॉडल की आलोचनाएँ (सीमाएँ ) विकास का जो मॉडल भारत तथा अन्य एशिया- अफ्रीका के राष्ट्रों द्वारा अपनाया गया उसकी निम्नलिखित प्रमुख आलोचनाएँ की गई हैं।

1. अत्यधिक महंगा विकास:
विकासशील देशों में जिस तरीके से विकास मॉडल को अपनाया गया है, वह इनके लिए काफी मंहगा साबित हुआ है। इसमें वित्तीय लागत बहुत अधिक रही और अनेक देश दीर्घकालीन कर्ज से दब गए। अफ्रीका अभी तक अमीर देशों से लिए गए भारी कर्ज तले कराह रहा है। विकास के रूप में उपलब्धि, लिए गए कर्ज के अनुरूप नहीं रही।

2. मानव और समाज को हानि:
विकास के इस मॉडल के कारण बहुत बड़ी मानवीय व सामाजिक कीमत भी चुकानी पड़ी है। इस विकास के अन्तर्गत हुए बड़े बांधों के निर्माण, औद्योगिक गतिविधियों और खनन कार्यों की वजह से बड़ी संख्या में लोगों का उनके घरों और क्षेत्रों से विस्थापन हुआ। विस्थापन का परिणाम आजीविका खोने और गरीबी में वृद्धि के रूप में सामने आया। विस्थापित ग्रामीण लोग गरीबों की विशाल आबादी में शामिल हो गए और लम्बी अवधि में अर्जित ‘परम्परागत कौशल नष्ट होते गए। विस्थापन से संस्कृति का भी विनाश हुआ क्योंकि विस्थापित लोग नई जगह पर जाकर रहने लग गए और वहाँ जाकर अपनी सामुदायिक जीवन-पद्धति को खो बैठे। ऐसे विस्थापनों ने अनेक देशों में संघर्षों को भी जन्म दिया है।

3. पर्यावरण को हानि:
विकास की वजह से अनेक देशों में पर्यावरण को भी काफी ज्यादा नुकसान पहुँचा है। विकास के कारण तटीय वनों के नष्ट होने से और समुद्रतट के निकट वाणिज्यिक उद्यमों के स्थापित होने के कारण दक्षिणी और दक्षिणी – पूर्वी एशिया के तटों पर सुनामी ने कहर ढाया। विकास के कारण ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन की वजह से आर्कटिक और अंटार्कटिक ध्रुवों पर बर्फ पिघल रही है जिससे समुद्र जल की सतह उठ रही है। इससे तटीय क्षेत्रों के डूब जाने का खतरा पैदा हो रहा है।

विकास के कारण वायु प्रदूषण बढ़ रहा है जिसके कारण अनेक रोगों का विस्तार हो रहा है:
विकास के कारण संसाधनों का अविवेकपूर्ण उपयोग किया गया जिसका वंचितों पर तात्कालिक और अधिक तीखा प्रभाव पड़ा। जलावन, जड़ी-बूटी और आहार आदि के रूप में जंगल के संसाधनों का अपने गुजारे के लिए विविध प्रकार से उपयोग करने वाले गरीबों पर जंगलों के नष्ट होने का बुरा असर पड़ा।
विकास के इस मॉडल में ऊर्जा के लिए कोयला और पैट्रोलियम के उपयोग पर बल दिया गया। इनके स्रोतों का पुनः प्राप्त करना संभव नहीं है। इनके समाप्त हो जाने पर आगामी पीढ़ियाँ प्रभावित होंगी।

4. विकास के लाभ का असमान वितरण:
विकास की नीतियों के कारण जो कीमत चुकानी पड़ी है उसका; और विकास के लाभों का वितरण भी लोगों के बीच असमान रूप से हुआ है। इसके कारण असमानता में कमी नहीं आई है तथा गरीब और अमीर की खाई और बढ़ गई है।

5. ऊपर से नीचे की रणनीतियाँ:
अधिकतर देशों में विकास की ‘ऊपर से नीचे’ की रणनीतियाँ अपनाई गई हैं अर्थात् विकास की प्राथमिकताओं व रणनीतियों का चयन और परियोजनाओं के वास्तविक क्रियान्वयन के सभी फैसले आम तौर पर राजनीतिक नेतृत्व और नौकरशाही के उच्चतर स्तरों पर होते हैं। जिन लोगों के जीवन पर विकास योजनाओं का तत्काल असर होता है, उनसे तनिक भी सलाह नहीं ली जाती है। इससे न तो सदियों से हासिल उनके अनुभवों और ज्ञान का उपयोग हो पाता है और न उनके हितों का ध्यान रखा जाता है।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 10 विकास

प्रश्न 3.
विकास की व्यापक अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विकास की व्यापक अवधारणा: विकास की आर्थिक उन्नति और समाज के आधुनिकीकरण के अर्थ से सम्बद्ध संकुचित अवधारणा की आलोचनाओं व सीमाओं को देखते हुए अब इस बात को उत्तरोत्तर स्वीकृति मिल रही है कि विकास की व्यापक अवधारणा को अपनाया जाये।

विकास की व्यापक अवधारणा से आशय: इस अवधारणा के अन्तर्गत विकास को व्यापक अर्थ में एक ऐसी प्रक्रिया के रूप में देखा जा रहा है, जो सभी लोगों के जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करे और अधिकाधिक लोगों को उनके जीवन में अर्थपूर्ण तरीके से विकल्पों को चुनने की अनुमति दे।

विकास की व्यापक अवधारणा को मापने के वैकल्पिक तरीके: मानव विकास सूचकांक अब विकास को केवल आर्थिक उन्नति के सूचकांक की दर के जरिये मापना अपर्याप्त माना जा रहा है और इसके मापने के वैकल्पिक तरीके खोजे जा रहे हैं। इसी तरह का एक प्रयास ‘मानव विकास प्रतिवेदन’ है, जिसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यू.एन.डी.पी.) वार्षिक तौर पर प्रकाशित करता है। इस प्रतिवेदन में साक्षरता और शैक्षिक स्तर, आयु संभाविता और मातृ-मृत्यु दर जैसे विभिन्न सामाजिक संकेतकों के आधार पर देश का दर्जा निर्धारित किया जाता है। इस उपाय को मानव विकास सूचकांक कहा गया।

बुनियादी आवश्यकता पर आधारित दृष्टिकोण: विकास की पूर्व शर्त है कि आहार, शिक्षा, स्वास्थ्य; आश्रय कपड़ा ‘जैसी बुनियादी जरूरतों की पूर्ति हो। बुनियादी जरूरतों की पूर्ति के बगैर किसी व्यक्ति के लिए गरिमामय जीवन गुजारना और अपनी इच्छाओं की पूर्ति करना असंभव है। अभाव अथवा वंचनाओं से मुक्ति ही किसी व्यक्ति की पसंदगी और इच्छाओं की पूर्ति की कुंजी है।

न्यायपूर्ण और टिकाऊ विकास हेतु वैकल्पिक तरीकों पर बल: विकास के पुरातन मॉडल तथा संकीर्ण अवधारणा की सीमाओं तथा ‘ऊपर से नीचे’ की अपनायी गयी रणनीतियों के कारण विकास, परियोजनाओं से लाभ उठाने वाले सत्ताधारी तबकों द्वारा तैयार और लागू की जाने वाली प्रक्रिया बन गया है। इस स्थिति ने न्यायपूर्ण और टिकाऊ विकास के बारे में वैकल्पिक तरीके से सोचने और उसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। यथा

1. अधिकारों के दावे: विकास की संकीर्ण अवधारणा के अन्तर्गत विकास के अधिकांश लाभों को तो ताकतवर लोगों ने हथिया लिया है और विकास की कीमत अति दरिद्र और आबादी के असुरक्षित हिस्से को चुकानी पड़ी है। चाहे यह कीमत पारिस्थितिकी तंत्र में हानि के कारण से हो या विस्थापन और आजीविका खोने के कारण। इस स्थिति से निजात पाने के लिए विकास की वैकल्पिक व्यापक अवधारणा के अन्तर्गत नए अधिकारों के दावों को जन्म दिया है। ये दावे निम्नलिखित हैं।

  1. लोकतंत्र में लोगों को यह अधिकार है कि उनके जीवन को प्रभावित करने वाले निर्णयों में उनसे सलाह ली जाए।
  2. लोगों को आजीविका का अधिकार है जिसका दावा वे सरकार से अपनी आजीविका के स्रोत पर खतरा पैदा होने पर कर सकते हैं।
  3. आदिवासी और आदिम समुदाय, जिनका सामुदायिक जीवन और पर्यावरण के साथ सम्बन्ध विशेष प्रकार का होता है, को नैसर्गिक संसाधनों पर अधिकार होना चाहिए। यह समुदाय संसाधनों के उपयोग के परम्परागत अधिकारों का दावा कर सकते हैं।
  4. लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का यह कर्तव्य है कि वे जनसमूह के विभिन्न तबकों की प्रतिस्पर्द्धात्मक मांगों को पूरा करने के साथ-साथ वर्तमान और भविष्य की दावेदारियों के बीच संतुलन कायम करें।

2. लोकतांत्रिक सहभागिता:
लोकतंत्र में संसाधनों को लेकर विरोध या बेहतर जीवन के बारे में विभिन्न विचारों के द्वन्द्व का हल विचार-विमर्श और सभी के अधिकारों के प्रति सम्मान के जरिए होता है। इन्हें ऊपर से थोपा नहीं जा सकता। इस दृष्टि से यदि बेहतर जीवन हासिल करने में समाज का हर व्यक्ति साझीदार है, तो विकास की योजनाएँ बनाने और उसके कार्यान्वयन के तरीके ढूँढ़ने में भी हरेक व्यक्ति को शामिल करने की आवश्यकता है। इसके दो लाभ हैं प्रथमतः, आपको योजना बनाते समय विशेष जरूरतों का ज्ञान होगा और दूसरे, निर्णय प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी से सभी तबके अधिकार सम्पन्न बनेंगे। निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी सुनिश्चित करने का एक प्रस्तावित रास्ता विकास योजनाओं के बारे में निर्णय स्थानीय निर्णयकारी संस्थाओं को लेने देना है।

इससे निम्नलिखित दो बांतें सुनिश्चित होंगी:

  1. अत्यधिक प्रभावित करने वाले मसलों पर लोगों से परामर्श होगा और समुदाय को हानि पहुँचा सकने वाली परियोजनाओं को रद्द करना संभव होगा।
  2. योजना बनाने और नीतियों के निर्धारण में संलग्नता से लोगों के लिए अपनी जरूरतों के मुताबिक संसाधनों के उपयोग की भी संभावना बनती है। सड़क कहाँ बने, स्थानीय बसों या मेट्रो का मार्ग कौनसा हो, मैदान या विद्यालय कहाँ पर हो। किसी गाँव को चेक डैम की जरूरत है या इंटरनेट कैफे की, इस तरह के निर्णय उन्हीं लोगों द्वारा लिए जाने चाहिए। इस प्रकार विकास की विकेन्द्रित पद्धति परम्परागत और आधुनिक स्रोतों से मिलने वाली तमाम तरह की तकनीकों के रचनात्मक तरीके के प्रयोग को संभव बनाती है।

3. विकास और जीवन शैली:
विकास का वैकल्पिक मॉडल विकास की मंहगी, पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाली प्रौद्योगिकी से संचालित सोच से दूर होने की कोशिश करता है। इसका मानना है कि विकास को लोगों के जीवन की गुणवत्ता से नापा जाना चाहिए, जो उनकी प्रसन्नता, सुख-शांति और बुनियादी जरूरतों के पूरा होने में झलकती है। इस हेतु निम्नलिखित प्रयास किये जाने चाहिए

  1. एक स्तर पर प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित रखने और ऊर्जा के फिर से प्राप्त हो सकने वाले स्रोतों का यथासंभव उपयोग करने के प्रयास किए जाने चाहिए। वर्षा जल संचयन, सौर एवं जैव गैस संयंत्र, लघु पन बिजली परियोजना, जैव कचरे से खाद बनाने हेतु कंपोस्ट – गड्ढे बनाना आदि इस दिशा में संभव प्रयासों के कुछ उदाहरण हैं। इन गतिविधियों को स्थानीय स्तर पर लागू करना और इसलिए लोगों की अधिक संलग्नता आवश्यक होगी।
  2. बड़े सुधार को प्रभावी बनाने के लिए बड़ी परियोजनाएँ ही एकमात्र तरीका नहीं हैं। उदाहरण के लिए-बड़े बांधों के स्थान पर छोटे बांध बनाए जा सकते हैं, जिनमें बहुत कम निवेश की जरूरत होती है तथा विस्थापन बहुत कम होता है। ऐसे छोटे बांध आबादी के लिए भी अधिक फायदेमंद हो सकते हैं।
  3. हमें अपने जीवन स्तर को बदलकर उन साधनों की आवश्यकताओं को भी कम करने की जरूरत है, जिनका नवीकरण नहीं हो सकता।

Leave a Comment