JAC Class 10 Social Science Important Questions Civics Chapter 7 लोकतंत्र के परिणाम

JAC Board Class 10th Social Science Important Questions Civics Chapter 7 लोकतंत्र के परिणाम

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
लोकतन्त्र शासन की अन्य व्यवस्थाओं से बेहतर है क्योंकि यह
(क) नागरिकों में समानता को बढ़ावा देता है
(ख) व्यक्ति की गरिमा को बढ़ाता है
(ग) इसमें गलतियों को सुधारने की गुंजाइश होती है
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी

2. नीचे दिए गए प्रश्न दो कथनों-दृढ़ कथन (A) और कारण (R) के रूप में दिए गए हैं। कथनों को पढ़िए और सही विकल्प का चयन कीजिए
दृढ़ कथन (A) : लोकतन्त्र एक वैध शासन है।
कारण (R) : नियमित, स्वतन्त्र और स्वच्छ चुनावों का होना लोकतन्त्र की भावना है।
विकल्प:
(क) (A) और (R) दोनों सही हैं। (R) सही स्पष्टीकरण है.(A) का।
(ख) (A) और (R) दोनों गलत हैं।
(ग) (A) सही है, परन्तु (R) सही नहीं है।
(घ) (A) सही नहीं है, परन्तु (R) सही है।
उत्तर:
(क) (A) और (R) दोनों सही हैं। (R) सही स्पष्टीकरण है (A) का।

3. वैध शासन व्यवस्था के मामले में ……. शासन व्यवस्था निश्चित रूप से अन्य शासनों से बेहतर है।
(क) तानाशाही
(ख) भ्रष्टाचारी
(ग) लोकतान्त्रिक
(घ) ये सभी
उत्तर:
(ग) लोकतान्त्रिक

4. निम्न में से किस सन्दर्भ में तानाशाही ने लोकतान्त्रिक सरकारों से बेहतर परिणाम प्राप्त किए हैं?
(क) स्वास्थ्य सेवाएँ
(ख) उच्च आर्थिक विकास दर
(ग) जनसंख्या में कमी
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) उच्च आर्थिक विकास दर

5. निम्नलिखित में से कौन, तानाशाही की विशेषता नहीं है?
(क) यह तत्काल निर्णय को सुनिश्चित करता है
(ख) इसे सभी के लिए न्याय तथा समानता की परवाह नहीं है
(ग) यह व्यवस्थापिकाओं में सहभागिता सुनिश्चित करता है।
(घ) यह कार्यकुशलता सुनिश्चित करता है
उत्तर:
(ग) यह व्यवस्थापिकाओं में सहभागिता सुनिश्चित करता है।

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6. लोकतान्त्रिक व्यवस्था आधारित होती है
(क) राजनीतिक समानता पर
(ख) राजनीतिक विषमता पर
(ग) न्यायपूर्ण वितरण पर
(घ) ये सभी
उत्तर:
(क) राजनीतिक समानता पर

7. निम्नलिखित में से कौन, लोकतन्त्र का राजनीतिक पक्ष है?
(क) अमीर और गरीब में कोई समानता नहीं होनी चाहिए
(ख) जाति, वंश. अथवा धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए
(ग) नियमित चुनाव होने चाहिए और सत्ता जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों के हाथों में होनी चाहिए
(घ) सरकार संवैधानिक तरीकों से विवादों को सुलझाने का प्रयास करती है।
उत्तर:
(ग) नियमित चुनाव होने चाहिए और सत्ता जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों के हाथों में होनी चाहिए

8. दुनिया के अधिकांश समाज रहे हैं
(क) महिला प्रधान
(ख) पुरुष प्रधान
(ग) लोकतान्त्रिक
(घ) बहुसंख्यक
उत्तर:
(ख) पुरुष प्रधान

रिक्त स्थान पूर्ति सम्बन्धी प्रश्न

निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. लोकतंत्र में शासन को अन्तिम शक्ति …………. के हाथों में रहती है।
उत्तर:
जनता,

2. शासन की वह व्यवस्था जिसमें शासन में शक्ति सही व्यक्ति के हाथों में हो……..शासन व्यवस्था कहलाती है।
उत्तर:
तानाशाही,

3. आर्थिक समृद्धि के मामले में तानाशाही शासन व्यवस्था वाले देशों का रिकॉर्ड………….है।
उत्तर:
अच्छा,

4. …………के अधिकार के तहत् सरकारी कामकाज के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
उत्तर:
सूचना।

अति लयूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किस शासन प्रणाली में ‘व्यक्ति की गरिमा’ सर्वाधिक सुरक्षित रहती है? शासन की किस व्यवस्था में गलतियों को सुधारने की गुंजाइश होती है ?
उत्तर:
लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था में गलतियों को सुधारने की गुंजाइश होती है।

प्रश्न 2.
कौन-सी शासन व्यवस्था अपनी कुछ कमियों के बावजूद पूरे विश्व में स्वीकार्य है?
उत्तर:
लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था।

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प्रश्न 3.
वैध शासन किस शासन व्यवस्था में देखने को मिलता है?
उत्तर:
लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था में वैध शासन देखने को मिलता है।

प्रश्न 4.
लोकतन्न्र में निर्णय निर्माण में समय अधिक क्यों लगता है?
उत्तर:
क्योंकि लोकतन्त्र विचार-विमर्श एवं समझौते के विचारों पर आधारित होता है।

प्रश्न 5.
लोकतन्त्र का क्या परिणाम होना चाहिए?
उत्तर:
लोकतान्त्रिक व्यवस्था में ऐसी सरकार का गठन हो जो नियम कानून को माने एवं लोगों के प्रति जवाबदेह हो।

प्रश्न 6.
आर्थिक संवृद्धि के मामले में किस प्रकार की शासन व्यवस्था का रिकॉर्ड लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था के मुकाबले ठीक-ठाक है?
उत्तर:
तानाशाही शासन व्यवस्था का।

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प्रश्म 7.
लोकतान्त्रिक शासन की कौन-सी अक्षमता हमारे लिए चिन्ता का विषय है?
उत्तर:
उच्चतर आर्थिक संवृद्धि प्राप्त करने की।

प्रश्न 8.
कौन-सी शासन व्यवस्था राजनीतिक समानता पर आधारित होती है?
उत्तर:
लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था राजनीतिक समानता पर आधारित होती है।

प्रश्न 9.
आप यह कैसे कह सकते हैं कि लोकतान्त्रिक व्यवस्थाएँ राजनीतिक समानता पर आधारित होती हैं?
उत्तर:
क्योंकि जन प्रतिनिधियों के चुनाव में प्रत्येक व्यक्ति को बराबर महत्व प्रदान किया जाता है।

प्रश्न 10.
लोकतन्त्र की एक प्रमुख खासियत बताइए।
उत्तर:
लोकतन्त्र की जाँच-परख तथा परीक्षा कभी खत्म नहीं होती।

लयूत्तरात्मक प्रश्न (SA1)

प्रश्न 1.
पारदर्शिता क्या है? लोकतन्त्र में पारदर्शिता के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
पारदर्शिता:
लोकतंत्र में इस बात की पक्की व्यवस्था होती है कि फैसले कुछ नियम-कानूनों के अनुसार होंगे। यदि कोई नागरिक यह जानना चाहे कि फैसले लेने में नियमों का पालन हुआ है या नहीं तो वह इसका पता लगा सकता है। उसे न सिर्फ यह जानने का अधिकार है बल्कि उसके पास इसके साधन भी उपलब्ध हैं। इसे ही पारदर्शिता कहते हैं। लोकतन्त्र में पारदर्शिता के लाभ-लोकतन्त्र में पारदर्शिता के निम्नलिखित लाभ हैं

  1. पारदर्शिता से लोगों के प्रति सरकार की जवाबदेही बढ़ती है तथा इस व्यवस्था में लोगों का विश्वास दृढ़ होता है।
  2. इससे सरकार द्वारा गलत फैसले लिए जाने की सम्भावना अथवा उसके लिए गलत प्रक्रिया को अपनाए जाने की सम्भावना कम होती है जिससे निष्पक्षता बढ़ती है।
  3. पारदर्शिता से लोगों को विश्वास होता है कि उनके साथ न्याय हुआ है। यदि ऐसा नहीं होता है तो उन्हें इसके विरुद्ध कदम उठाने का अवसर उपलब्ध होता है।

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प्रश्न 2.
लोकतंत्र का वास्तविक प्रदर्शन कैसा रहा है? संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
लोकतंत्र का वास्तविक प्रदर्शन एक मिला-जुला रिकॉर्ड प्रस्तुत करता है। लोकतंत्र ने उपलब्धियाँ भी प्राप्त की हैं, वहीं दूसरी ओर इसे असफलताएँ भी प्राप्त हुई हैं, जिनका विवरण निम्नलिखित है लोकतंत्र की उपलब्धियाँ

  1. लोकतंत्र को नियमित एवं निष्पक्ष चुनाव कराने में पर्याप्त सफलता प्राप्त हुई है।
  2. यह प्रमुख नीतियों व नए कानूनों पर खुली सार्वजनिक चर्चा कराने में सफल रहा है।
  3. यह सामान्यतः नागरिकों के साथ सूचनाओं की साझेदारी करता है।
  4. लोकतांत्रिक सरकार जनता के प्रति अधिक संवेदनशील होती है। लोकतंत्र की असफलताएँ:
    • लोकतांत्रिक सरकार प्रायः जनता की आवश्यकताओं की उपेक्षा कर देती है।
    • लोकतंत्र में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता है।
    • लोकतंत्र ऐसे चुनाव कराने में जिसमें सबको समान अवसर मिले अथवा प्रत्येक फैसले पर सार्वजनिक बहस कराने के मामले में इनका रिकॉर्ड अधिक अच्छा नहीं रहा है।
    • नागरिकों के साथ सूचनाओं की साझेदारी के मामले में भी लोकतांत्रिक सरकारों का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं रहा है।

प्रश्न 3.
“वास्तविक जीवन में लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ आर्थिक असमानताओं को कम करने में अधिक सफल नहीं हो पाई हैं।” उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
विश्व में अधिकांश लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं वाले देशों में कुछ धनवान लोग आय और सम्पत्ति में अपने अनुपात से बहुत अधिक हिस्सा प्राप्त करते हैं। देश की कुल आय में इनका हिस्सा बढ़ता ही जा रहा है जबकि समाज में सबसे निचले स्तर के लोगों का जीवन-यापन करने के लिए बहुत कम साधन मिलते हैं। भारत में भी निर्धन मतदाताओं की संख्या बहुत अधिक है इसलिए कोई भी राजनीतिक दल उनके मतों से हाथ धोना नहीं चाहता।

इसके बावजूद लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित सरकार निर्धनता के प्रश्न पर अपना ध्यान देने को तत्पर नहीं जान पड़ती है जितनी कि हम उससे उम्मीद करते हैं। विश्व के कुछ अन्य देशों में भी हालत इससे भी अधिक खराब हैं। बांग्लादेश में आधी से अधिक जनसंख्या निर्धनता में जीवन-यापन करती है। अनेक निर्धन देशों के लोग अपनी खाद्य आपूर्ति के लिए भी अब धनिक देशों पर निर्भर हैं।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लोकतंत्र सरकार के अन्य रूपों से बेहतर क्यों है? लोकतंत्र का आर्थिक विकास एवं आर्थिक असमानताओं से क्या सम्बन्ध है?
अथवा
लोकतंत्र को हम सबसे अच्छी शासन व्यवस्था क्यों कह सकते हैं?
अथवा
‘लोकतंत्र’ शासन की अन्य व्यवस्थाओं से बेहतर क्यों है? समझाइए।
अथवा
“लोकतान्त्रिक शासन किसी अन्य शासन प्रणाली से बेहतर है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
रलोकतंत्र शासन की वह व्यवस्था है जिसमें शासन की अन्तिम शक्ति जनता के हाथों में रहती है। लोकतंत्र ऐसी शासन पद्धति है जो नागरिकों का सर्वांगीण विकास करना चाहती है। यह व्यक्तियों में अन्तर्निहित शक्तियों का विकास करने के साथ-साथ उनकी स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की क्षमताओं को भी विकसित करती है। समकालीन विश्व में लोकतंत्र शासन का एक प्रमुख रूप है।

  • लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था निम्नलिखित कारणों से अन्य शासन व्यवस्थाओं से बेहतर है
    1. यह नागरिकों के मध्य समानता को बढ़ावा देती है।
    2. यह व्यक्ति के आत्म-सम्मान को बढ़ाती है।
    3. यह नागरिकों को राज्यों के मध्य संघर्ष को सुलझाने का तरीका उपलब्ध कराती है।
    4. इससे निर्णय निर्माण प्रक्रिया की गुणवत्ता में सुधार आता है।
    5. इसमें गलतियों को सुधारने की पर्याप्त सम्भावनाएँ होती हैं।
  • लोकतंत्र का आर्थिक विकास एवं आर्थिक असमानताओं से सम्बन्ध को निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है
    1. आर्थिक विकास के मामले में लोकतांत्रिक देशों की तुलना में तानाशाही शासन व्यवस्था वाले देशों का रिकॉर्ड थोड़ा ठीक है। किन्तु जब हम केवल गरीबन्देशों की तुलना करते हैं तो इनकी आर्थिक संवृद्धि की दरों में कोई विशेष अन्तर नहीं दिखता है।
    2. लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था वाले देशों के मध्य भारी आर्थिक असमानताएँ हो सकती हैं। उदाहरण के लिए; दक्षिण अफ्रीका एवं ब्राजील जैसे लोकतांत्रिक देशों में ऊपरी 20 प्रतिशत जनसंख्या का ही राष्ट्रीय आय में हिस्सा 60 प्रतिशत से अधिक है जबकि सबसे नीचे की 20 प्रतिशत जनसंख्या राष्ट्रीय आय के मात्र 3 प्रतिशत भाग पर जीवन-यापन करती है।
    3. लोकतांत्रिक देशों में निर्धन वर्गों में सदैव अवसरों की असमानता पायी जाती है।

प्रश्न 2.
लोकतंत्र के अपेक्षित परिणाम क्या होने चाहिए? क्या लोकतांत्रिक सरकार कुशल या प्रभावी होती है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर:

  • लोकतंत्र के अपेक्षित परिणाम-लोकतंत्र को निम्नलिखित अपेक्षाएँ पूरी करनी चाहिए:
    1. जनता को न केवल अपना शासक चुमने का अधिकार होना चाहिए बल्कि इन शासकों पर नियंत्रण भी इन्हीं का होना चाहिए।
    2. लोकतंत्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निर्णय, निर्माण निर्धारित मानकों एवं प्रक्रियाओं पर आधारित हो।
    3. निर्णय निर्माण की प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए। जनता के पास निर्णय निर्माण की प्रक्रिया की छानबीन करने के अधिकार एवं साधन होने चाहिए।
    4. जनता को उन निर्णय निर्माण की प्रक्रिया में भागीदारी हेतु सक्षम होना चाहिए जो निर्णय उन्हें प्रभावित करते हैं। अर्थात् लोकतांत्रिक सरकार को जनता की आवश्यकताओं एवं अपेक्षाओं के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए। क्या लोकतांत्रिक सरकार कुशल या प्रभावी होती है
  • नि:सन्देह लोकतांत्रिक सरकार कुशल या प्रभावी होती है, इसके निम्नलिखित कारण हैं:
    1. लोकतंत्र विवेचन एवं समझौते के विचार पर आधारित होता है इसलिए इसमें कुछ विलम्ब हो सकता है। गैर-लोकतांत्रिक शासक जनमत की परवाह नहीं करते, इसलिए वे शीघ्रता से निर्णय लेने एवं उन्हें लागू करने में कुशल होते हैं।
    2. लोकतंत्र में निर्णय निर्माण की प्रक्रिया पारदर्शी होती है, जबकि गैर-लोकतांत्रिक सरकार में यह पारदर्शी नहीं होती है।
    3. चूँकि लोकतंत्र में प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है। इससे प्राप्त निर्णय अधिक स्वीकार्य एवं प्रभावी होता है, जबकि गैर-लोकतांत्रिक सरकार में निर्णय एकतरफा हो सकते हैं और उनसे समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं।

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प्रश्न 3.
किन्हीं चार परिणामों का उल्लेख कीजिए, जहाँ लोकतंत्र असफल रहा है?
उत्तर:
निम्नलिखित चार परिणामों में लोकतंत्र असफल रहा है
1. भ्रष्टाचार:
लोकतंत्र के अभिलेख यह दर्शाते हैं कि अधिकांश देशों के लोकतंत्र भ्रष्टाचार को दूर करने में अथवा कम करने में असफल रहे हैं। देश में लोकतांत्रिक सरकार होने के बावजूद भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर रहा है। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है परन्तु भ्रष्टाचार के मुद्दे पर यहाँ लोकतंत्र असफल रहा है।

2. लोगों की आवश्यकताओं को और कम ध्यान देना:
लोकतांत्रिक सरकारें अक्सर लोगों को उनकी जरूरतों के लिए तरसाती हैं तथा जनसंख्या के एक बड़े हिस्से की माँर्गों की उपेक्षा की जाती है।

3. असमानता एवं गरीबी में बौद्धि:
लोकतांत्रिक देशों में सरकार से आर्थिक असमानता को कम करने की अपेक्षा की जाती है लेकिन विश्व के सभी लोकतंत्र इस मामले में असफल रहे हैं। अधिकांश लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में मुट्ठीभर- “को हो नवान लोग आय और सम्पत्ति में अपने अनुपात से बहुत ज्यादा हिस्सा पाते हैं, जबकि गरीबो को कुछ भी नहीं मिल पाता है। देश की कुल आय में धनवान लोगों का हिस्सा बढ़ता जाता है, लेकिन समाज के सबसे निचले हिस्से के लोगों को जीवनयापन के लिए बहुत कम साधन मिलते हैं।

4. आर्थिक संवृद्धि एवं विकास की कभी:
लोकतांत्रिक सरकार को शासन के सभी अन्य रूपों से बेहतर माना जाता है। इसलिए इससे बेहतर आर्थिक संवृद्धि एवं विकास की उम्मीद की जाती है। परन्तु दुर्भाग्यवश लोकतंत्र इस मामले में असफल रहा है। यदि हम 1950 से 2000 के बीच के सभी लोकतांत्रिक एवं तानाशाही शासन व्यवस्था के काम-काज की तुलना करें तो इस मामले में तानाशाही व्यवस्था का रिकॉर्ड थोड़ा अच्छा दिखाई देता है।

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प्रश्न 4.
लोकतंत्र तथा आर्थिक विकास के मध्य अन्तर्सम्बन्ध स्पष्ट करो।
अथवा
लोकतन्त्र तथा आर्थिक संवृद्धि और विकास के मध्य सम्बन्धों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
लोकतंत्र-लोकतंत्र वह शासन प्रणाली है जिसमें सत्ता जनता के हाथों में होती है। देश का शासन वयस्क मताधिकार द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा चलाया जाता है जो जनता के प्रति उत्तरदायी होते हैं। आर्थिक विकास-आर्थिक विकास एक प्रक्रिया है जिसमें प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होने के साथ-साथ असमानता, निर्धनता व निरक्षता में कमी भी हो अर्थात् लोगों के आर्थिक जीवन में सुधार हो तथा उनका जीवन स्तर ऊँचा हो।

लोकतंत्र व आर्थिक विकास में अन्तर्सम्बन्ध-किसी भी देश का आर्थिक विकास कई कारकों; जैसे-देश की जनसंख्या का आकार, वैश्विक स्थिति, अन्य देशों के साथ सहयोग एवं देश द्वारा तय की गयी आर्थिक प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है। लोकतंत्र में लोगों को राजनीतिक क्षेत्र में परस्पर समानता का दर्जा तो मिल जाता है किन्तु आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ आर्थिक असमानता भी बढ़ती जाती है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था वाले देशों में तानाशाही देशों की तुलना में आर्थिक विकास में कमी पायी जाती है, जिसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं

1. लोकतंत्र में सरकार लोक:
कल्याणकारी कार्यों पर अधिक धन खर्च करती है। अतः उसकी आय का एक बड़ा भाग निर्धनों की देख-रेख पर खर्च हो जाता है और विकास के लिए धन कम रह जाता है।

2. लोकतांत्रिक:
व्यवस्था में निर्णय की प्रक्रिया काफी लम्बी होती है। इसमें कई स्तर पर लोग भाग लेते हैं, फलतः इसमें देरी होने के कारण यह लगभग निरर्थक हो जाती है। कभी-कभी तो फैसले लिए ही नहीं जा पाते हैं।

3. लोकतांत्रिक व्यवस्था:
सामंजस्य पर आधारित होती है। इसमें सभी के हितों का ध्यान रखा जाता है। फलस्वरूप प्रभावी फैसले नहीं लिए जाते। निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि लोकतंत्र से देश का आर्थिक विकास तो होता है, लेकिन यह आर्थिक असमानता को दूर करने में अधिक सफल नहीं हो पाता है।

प्रश्न 5.
क्या लोकतांत्रिक शासन किसी देश की जनता को शांतिपूर्ण एवं सद्भाव का जीवन व्यतीत करने में सहायता प्रदान करता है? यदि हाँ, तो इस कथन की पुष्टि हेतु प्रमाण दीजिए।
अथवा
लोकतांत्रिक सरकारें कितनी प्रभावशाली तथा कार्यकुशल होती हैं?
अथवा
“लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्थाएं शांति और सद्भाव का जीवन जीने में नागरिकों के लिए मददगार साबित होती हैं।” इस कथन को न्यायसंगत ठहराइए।
अथवा
“लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्थाएं शांति और सद्भाव का जीवन जीने में नागरिकों के लिए मददगार साबित होती हैं।” इस कथन की उपयुक्त उदाहरणों सहित पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
हाँ, मैं इस कथन से सहमत हूँ कि लोकतांत्रिक शासन किसी देश की जनता को शांतिपूर्ण व सद्भाव का जीवन व्यतीत करने में सहायता प्रदान करता है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था सरकार में भागीदारी का अवसर प्रदान करती है जिससे कि नागरिकों के प्रतिनिधि उनकी आवश्यकताओं व माँगों की पूर्ति कर सकें। इसके अतिरिक्त यह शासन व्यवस्था समाज के विभिन्न जातीय समूहों के मध्य टकरावों की सम्भावना को कम करती है।

कथन की पुष्टि हेतु प्रमाण:
1. लोकतंत्र किसी भी प्रकार की सरकार से बेहतर होता है क्योंकि यह लोगों की आवश्यकताओं का प्रतिनिधित्व करता है। दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि लोकतंत्र लोगों के लिए होता है। यह लोगों के प्रति जवाबदेह सरकार होती है।

2. लोकतंत्र परामर्शों एवं विचारों पर आधारित होता है। इसमें समय के साथ-साथ अनेक गलतियों को सुधारा जा सकता है। इस प्रकार लोकतंत्र निर्णय लेने की गुणवत्ता में सुधार करता है।

3. लोकतंत्र राजनीतिक समानता पर आधारित होता है जो श्रमिकों, निर्धनों, अशिक्षित एवं शिक्षितों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करता है। इस प्रकार लोकतंत्र प्रत्येक नागरिक की गरिमा में वृद्धि करता है।

4. लोकतंत्र प्रत्येक समस्या का शांतिपूर्ण समाधान प्रदान करता है। यह विभाजनों एवं टकरावों से निपटने के बेहतर तरीके प्रदान करता है। यह भारत जैसे अनेक देशों में जहाँ रंग, जाति, भाषा, धर्म आदि की विविधता होते हुए भी उनमें सामंजस्य पैदा करता है। विचार-विमर्श से प्रत्येक समस्या का समाधान ढूँढ़ा जा सकता है। इस प्रकार यह हमारे देश को संगठित रखता है।

5. केवल लोकतंत्र ही ऐसी शासन व्यवस्था है जो अपनी गलतियों को स्वीकार करता है एवं इसमें समस्त गलतियों को सुधारने का प्रयास किया जाता है।

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प्रश्न 6.
क्या लोकतंत्र आने से अवसरों एवं वस्तुओं का न्यायपूर्ण वितरण होता है? सामाजिक विभिन्नताओं में सामंजस्य लाने के लिए लोतंकत्र की किन-किन मूलभूत शर्तों को पूरा करना पड़ता है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
उत्तर:
नहीं, लोकतंत्र आने से अवसरों तथा वस्तुओं का न्यायपूर्ण वितरण नहीं हो पाता है। जनसंख्या के अधिकांश भाग को भोजन, वस्त्र, शिक्षा, आवास एवं चिकित्सा जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में भी कठिनाई आती है। लोकतंत्र में आर्थिक असमानता भी तेजी से बढ़ती है। धनिक लोग अधिक धनी होते जाते हैं, गरीबी की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। अवसरों व वस्तुओं के न्यायपूर्ण वितरण की असमानता बढ़ती ही जा रही है।

मूलभूत शर्ते:
इस पर ध्यान देना जरूरी है कि लोकतंत्र का सीधा सादा अर्थ बहुमत के समर्थन से शासन करना नहीं है। बहुमत को सदैव ही अल्पमत का ध्यान रखना पड़ता है। उसको साथ काम करने की जरूरत होती है। तभी सरकार जन सामान्य की इच्छा का निदान कर पाती है। बहुमत और अल्पमत की राय कोई स्थायी वस्तु नहीं होती है। यह भी जानना जरूरी है कि बहुमत के शासन का अर्थ नस्ल, धर्म, जाति अथवा भाषायी आधार पर बहुसंख्यक समूह का शासन नहीं होता है।

बहुमत के शासन का आशय होता है कि प्रत्येक फैसले या चुनाव में अलग-अलग लोग और समूह बहुमत का निर्माण कर सकते हैं या बहुमत में हो सकते हैं। लोकतंत्र तभी तक तंत्र रहता है तब तक प्रत्येक नागरिक को किसी-न-किसी अवसर या बहुमत का हिस्सा बनने का मौका मिलता है। यदि किसी को जन्म के आधार पर बहुसंख्यक समुदाय का हिस्सा बनने से रोका जाता है, तब लोकतांत्रिक शासन उस व्यक्ति अथवा समूह के लिए समावेशी नहीं रह पाता है।

प्रश्न 7.
“व्यक्ति की गरिमा और आजादी के मामले में लोकतांत्रिक व्यवस्था किसी भी अन्य शासन व्यवस्थाओं से काफी आगे है।” इस कथन को न्याससंगत ठहराइए।
अथवा
लोकतंत्र में नागरिक गरिमा के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
“नागरिक की गरिमा और आजादी को सुरक्षित रखने के लिए लोकतन्त्र अति महत्त्वपूर्ण है।” तर्क देकर कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
“व्यक्ति की गरिमा और आजादी के विषय में लोकतांत्रिक व्यवस्था किसी भी अन्य शासन व्यवस्थाओं से बहुत आगे है।” इस कथन की व्याख्या निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत की जा सकती है
1. महिलाओं की गरिमा व स्वतन्त्रता:
विश्व के अधिकांश समाज पुरुष समाज रहे हैं इसलिए उन ढाँचों को आसानी से परिवर्तित करना लोकतंत्र के लिए सम्भव नहीं था। इसके बावजूद लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था ने महिलाओं के लिए समानता के अवसर प्रदान किये हैं। आज विश्व के अधिकांश लोकतंत्र महिलाओं के साथ समानता का व्यवहार करते हैं तथा उन्हें सभी अधिकार प्रदान करते हैं।

एक बार जब सिद्धान्त के रूप में महिलाओं के साथ समानता के व्यवहार को स्वीकार कर लिया गया हो तो अब महिलाओं के लिए वैधानिक और नैतिक रूप से अपने प्रति गलत मान्यताओं और व्यवहारों के विरुद्ध संघर्ष करना आसान हो गया है। अलोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाओं में यह सब सम्भव न था क्योंकि वहाँ व्यक्तिगत स्वतन्त्रता एवं गरिमा को न तो वैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त है और न ही नैतिक रूप से।

2. जातिगत असमानता:
भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था ने कमजोर और भेदभाव की शिकार हुई जातियों के लोगों को समान दर्जे व समान अवसर के दावे को बल दिया है। आज भी जातिगत भेदभाव और दमन के उदाहरण देखने को मिलते हैं, पर उनके पक्ष में कानूनी या नैतिक बल नहीं होता है। सम्भवतः इसी एहसास के चलते लोग अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति अधिक सतर्क हुए हैं।

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प्रश्न 8.
शिकायतों का बना रहना लोकतंत्र की सफलता की गवाही किस प्रकार देते हैं। विस्तारपूर्वक बताइए।
अथवा
“शिकायतों का बने रहना लोकतन्त्र की सफलता की गवाही देता है।” उदाहरणों सहित कथन की पुष्टि कीजिए।
अथवा
“शिकायतों का बने रहना लोकतन्त्र की सफलता की गवाही है।” इस कथन को न्यायसंगत ठहराइए।
उत्तर:
लोकतंत्र शासन की वह व्यवस्था है जिसमें शासन की अन्तिम शक्ति जनता के हाथों में रहती है। लोकतंत्र शासन की अन्य व्यवस्थाओं से बेहतर है। सैद्धान्तिक रूप में लोकतंत्र, को अच्छा माना जाता है। शिकायतों का बने रहना लोकतंत्र की सफलता की गवाही देता है, जो निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट है।
1. लोकतंत्र की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसकी जाँच-परख और परीक्षा कभी भी समाप्त नहीं होती है।

2. ज्यों ही लोकतंत्र एक जाँच पर खरा उतरता है तो अगली जाँच आ जाती है। लोकतंत्र की सकारात्मक विशेषता यह है कि लोग प्रत्येक स्तर पर लोकतंत्र को अच्छा बनाना चाहते हैं। जैसे ही लोगों को लोकतंत्र के लाभ मिलते हैं वे और लाभों की माँग करने लगते हैं।

यही कारण है कि जब हम लोगों से लोकतंत्र के कामकाज के बारे में पूछते हैं तो हमेशा लोकतंत्र से जुड़ी अपनी अन्य अपेक्षाओं का पिटारा खोल देते हैं और शिकायतों का अंबार लगा देते हैं। शिकायतों का बने रहना लोकतंत्र की सफलता की गवाही देता है।

3. लोकतंत्र ने लोगों को एक मौका दिया है कि वे सत्ता में बैठे हुए लोगों के कामकाज का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें, लोकतंत्र के कामकाज में लोगों का असन्तोष जताना लोकतंत्र की सफलता तो बताता ही है साथ ही वह लोगों के प्रजा से नागरिक बनने की गवाही भी देता है।

4. वर्तमान में अधिकांश लोग यह मानकर चलते हैं कि सरकार की चाल-ढाल पर उनके वोट से असर पड़ता है और यह उनके अपने हित पर प्रभाव डालता है।

JAC Class 10 Social Science Important Questions

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