JAC Class 9 Science Solutions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Solutions Chapter 3 परमाणु एवं अणु Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Solutions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

Jharkhand Board Class 9 Science परमाणु एवं अणु Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
0.24 g ऑक्सीजन एवं बोरॉन युक्त यौगिक के नमूने में विश्लेषण द्वारा यह पाया गया कि उसमें 0.096g बोरॉन एवं 0.144g ऑक्सीजन है। उस यौगिक के प्रतिशत संघटन का भारात्मक रूप में परिकलन कीजिए।
हल:
0.24 ग्राम यौगिक में बोरॉन = 0.096 ग्राम
∴ 100 ग्राम यौगिक में बोरॉन
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 1

प्रश्न 2.
3.0g कार्बन 8.00g ऑक्सीजन में जलकर 11.00g कार्बन डाइऑक्साइड निर्मित करता है। जब 3.00g कार्बन को 50.00g ऑक्सीजन में जलाएँगे तो कितने ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण होगा? आपका उत्तर रासायनिक संयोजन के किस नियम पर आधारित होगा?
उत्तर:
C + O2 → CO2
कार्बन का द्रव्यमान = 3g
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 8g
अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = 3 + 8 = 11g
उत्पाद (CO2) का द्रव्यमान = 11 g
अतः अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = उत्पाद का कुल द्रव्यमान
प्रश्नानुसार, कार्बन का द्रव्यमान = 3g
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 50g
अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = 3 + 50 = 53 g
द्रव्यमान संरक्षण के नियमानुसार
अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = उत्पाद का कुल द्रव्यमान
∴ उत्पाद का कुल द्रव्यमान = 53 g
यह रासायनिक संयोग ‘द्रव्यमान संरक्षण नियम’ पर आधारित है।

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प्रश्न 3.
बहु परमाणुक आयन क्या होते हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
परमाणुओं के समूह जिन पर नेट आवेश विद्यमान है उसे बहुपरमाणुक आयन कहते हैं। जैसे अमोनियम (NH4)+ सल्फेट (SO4)2- आदि।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित के रासायनिक सूत्र लिखिए-
(a) मैग्नीशियम क्लोराइड
(b) कैल्सियम क्लोराइड
(c) कॉपर नाइट्रेट
(d) ऐलुमिनियम क्लोराइड
(e) कैल्सियम कार्बोनेट
उत्तर:
(a) मैग्नीशियम क्लोराइड का सूत्र
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मैग्नीशियम क्लोराइड MgCl2

(b) कैल्सियम क्लोराइड का सूत्र
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 3
कैल्सियम क्लोराइड = CaCl2

(c) कॉपर नाइट्रेट का सूत्र कॉपर
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 4
कॉपर नाइट्रेट = Cu(NO3)2

(d) एलुमिनियम क्लोराइड का सूत्र ऐलुमिनियम
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एलुमिनियम क्लोराइड AlCl3

(e) कैल्सियम कार्बोनेट का सूत्र
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कैल्सियम कार्बोनेट = CaCO3

प्रश्न 5.
निम्नलिखित यौगिकों में विद्यमान तत्वों का नाम लिखिए-
(a) बुझा हुआ चूना
(b) हाइड्रोजन ब्रोमाइड
(c) बेकिंग पाउडर (खाने वाला सोडा)
(d) पोटैशियम सल्फेट
उत्तर:

यौगिक का नाम रासायनिक उपस्थित तत्व
(a) बुझा हुआ चूना Ca(OH)2 कैल्सियम, ऑक्सीजन व हाइड्रोजन
(d) हाइड्रोजन ब्रोमाइड HBr हाइड्रोजन, ब्रोमीन
(c) बेकिंग पाउडर NaHCO3 सोडियम, हाइड्रोजन, कार्बन, ऑक्सीजन
(d) पोटैशियम K2SO4 पोटैशियम, सल्फर, ऑक्सीजन

प्रश्न 6.
निम्नलिखित पदार्थों में मोलर द्रव्यमान का परिकलन कीजिए-
(a) एथाइन, C2H2
(b) सल्फर अणु, S8
(c) फॉस्फोरस अणु, P4 (फॉस्फोरस का परमाणु द्रव्यमान – 31)
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, HCl
(e) नाइट्रिक अम्ल HNO3
उत्तर:
किसी पदार्थ के एक मोल अणु के द्रव्यमान को उसका मोलर द्रव्यमान कहते हैं।
(a) कार्बन का परमाणु द्रव्यमान = 12 u
हाइड्रोजन का परमाणु द्रव्यमान = 1 u
C2H2 का
अणु द्रव्यमान = 2 × C का
परमाणु द्रव्यमान (परमाणु द्रव्यमान ) + 2 × H का परमाणु द्रव्यमान = 2 × 12 + 2 + 1
= 24 + 2
= 26u.
∴ C2H2 का मोलर द्रव्यमान = 26g

(b) सल्फर का परमाणु द्रव्यमान = 32
S8 का अणु द्रव्यमान = 8 x 32
= 256 g
∴ S8 का मोलर द्रव्यमान = 256 g

(c) फास्फोरस का परमाणु द्रव्यमान = 31 u
P4 का अणु द्रव्यमान = 4 × 31 = 124 u
∴ P4 का मोलर द्रव्यमान = 124 g

(d) हाइड्रोजन का परमाणु द्रव्यमान = 1 u
क्लोरीन का परमाणु द्रव्यमान = 35.5u
HCl का अणु द्रव्यमान = H का परमाणु द्रव्यमान + Cl का परमाणु द्रव्यमान
∴ HCI का मोलर द्रव्यमान = 36.5 g

(e) हाइड्रोजन का परमाणु द्रव्यमान = 1 u
नाइट्रोजन का परमाणु द्रव्यमान = 14u
ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान = 16u
HNO3 का अणु द्रव्यमान H का परमाणु द्रव्यमान + N का परमाणु द्रव्यमान + 3 x O का परमाणु द्रव्यमान
= 1 + 14 + 3 × 16
= 1 + 14 + 48
= 63 g
∴ HNO3 का मोलर द्रव्यमान = 63g

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प्रश्न 7.
निम्न का द्रव्यमान क्या होगा?
(a) 1 मोल नाइट्रोजन परमाणु
(b) 4 मोल ऐलुमिनियम का परमाणु (ऐलुमिनियम का परमाणु द्रव्यमान = 27 )
(c) 10 मोल सोडियम सल्फाइट (Na2 SO3)
उत्तर:
मोलर द्रव्यमान आयन के परमाणु द्रव्यमान के बराबर होता है।
(a) मोल संख्या (n) = 1
N परमाणुओं का मोलर द्रव्यमान (M) = 14g
द्रव्यमान = मोलर द्रव्यमान मोल संख्या
द्रव्यमान = 14 × 1 = 14 g

(b) मोल संख्या (n) = 4
ऐलुमिनियम आयनों का मोलर द्रव्यमान (M) = 27 ग्रा.
(समान तत्व के एक आयन का द्रव्यमान उसके परमाणु के द्रव्यमान के बराबर होता है।)
द्रव्यमान = मोलर द्रव्यमान x मोल संख्या
m = 27 x 4 = 108 g

(c) मोल संख्या (n) = 10
Na2SO3 का मोलर द्रव्यमान (M)
= 2 × 23 + 32 + 3 × 16
= 46 + 32 + 48 = 126
द्रव्यमान मोलर द्रव्यमान मोल संख्या
m = 126 × 10 = 1260 g

प्रश्न 8.
मोल में परिवर्तित कीजिए-
(a) 12 g ऑक्सीजन गैस
(b) 20g जल
(c) 22 g कार्बन डाइऑक्साइड
उत्तर:
(a) ऑक्सीजन गैस का परमाणु द्रव्यमान = 32 u
∴ O2 का मोलर द्रव्यमान (m) = 32 g
ऑक्सीजन का दिया गया द्रव्यमान (m) = 12 g
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मोलों की संख्या = \(\frac { 12 }{ 32 }\) = 0.375 मोल

(b) जल का अणु द्रव्यमान = 18 u
जल का मोलर द्रव्यमन = 18 u
जल का दिया गया द्रव्यमान = 20 g
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मोलों की संख्या = \(\frac { 20 }{ 18 }\) = 1.11 मोल

(c) 22 ग्राम CO2 में मोलों की संख्या = \(\frac { 22 }{ 44 }\)
= 0.5 मोल

प्रश्न 9.
निम्न का द्रव्यमान क्या होगा?
(a) 0.2 मोल ऑक्सीजन परमाणु
(b) 0.5 मोल जल अणु
उत्तर:
(a) मोल ऑक्सीजन संख्या (n) = 0.2
ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान = 16u
ऑक्सीजन का मोलर द्रव्यमान (M) = 16g
द्रव्यमान = मोलर द्रव्यमान x मोल संख्या
द्रव्यमान = 16 x 0.2 = 3.2 g

(b) मोल जल अणु (n) = 0.5
जल का अणु द्रव्यमान = 18 u
जल का मोलर द्रव्यमान = 18 u
द्रव्यमान = मोलर द्रव्यमान × मोल संख्या
द्रव्यमान = 18 x 0.5 = 9 g

प्रश्न 10.
16 g ठोस सल्फर में सल्फर (S8) के अणुओं की संख्या का परिकलन कीजिए।
उत्तर:
सल्फर का परमाणु द्रव्यमान = 32 u
S8 अणु का मोलर द्रव्यमान = 32 x 8 = 256 u
S8 अणु का प्रदत्त द्रव्यमान (m) = 16 g
आवोगाद्रो स्थिरांक (NA) = 6.022 × 1023
कणों (अणुओं) की संख्या
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प्रश्न 11.
0.051g ऐलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) में ऐलुमिनियम आयन की संख्या का परिकलन कीजिए।
संकेत-किसी आयन का द्रव्यमान उतना ही होता है जितना कि उस तत्व के परमाणु का द्रव्यमान होता है। ऐलुमिनियम का परमाणु द्रव्यमान 27 u है।
उत्तर:
ऐलुमिनियम ऑक्साइड (Al2 O3) का अणु द्रव्यमान
= 2 × 27 + 3 x 16
= 54 + 48 = 102 u
Al2O3 का मोलर द्रव्यमान (M) = 102 g
Al2O3 का प्रदत्त द्रव्यमान (m) = 0.051 g
आवोगाद्रो स्थिरांक (NA) = 6.022 × 1023
कणों (आयनों) की संख्या (N)
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N = \(\frac { m }{ M }\) × NA
N = \(\frac { 0.051 }{ 102 }\) × 6.022 × 1023
N = 0.003011 × 1023
चूँकि Al2 O3 का प्रत्येक अणु दो ऐलुमिनियम आयन धारण किए हुए है,
अतः ऐलुमिनियम तत्वों की संख्या
= 2 x 0.003011 × 1023
= 0.006022 × 1023
= 6.022 × 1020

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क्रियाकलाप 1.
निम्न X तथा Y रसायनों का एक युगल लीजिए-

X Y
(i) कॉपर सल्फेट सोडियम कार्बोनेट
(ii) बेरियम क्लोराइड सोडियम सल्फेट
(iii) लेड नाइट्रेट सोडियम क्लोराइड

X तथा Y युगलों की सूची में से किसी एक युगल के रसायनों के अलग-अलग 5% विलयन जल में तैयार करंके Y के विलयन की कुछ मात्रा को एक शंक्वाकार फ्लास्क में लेकर X के विलयन की कुछ मात्रा को एक ज्वलन नली में लीजिए।

ज्वलन नली को विलेय युक्त फ्लास्क में इस प्रकार लटकाना है कि दोनों विलयन आपस में मिश्रित न हों तथा फ्लास्क के मुख पर कॉर्क चित्र की भाँति लगाइए-
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  • अन्दर समाहित वस्तु सहित फ्लास्क को सावधानी पूर्वक तोला।
  • अब फ्लास्क को झुकाकर इस प्रकार घुमायें कि X व Y के विलयन परस्पर मिश्रित हो जाएँ।
  • इस फ्लास्क को पुनः तौलकर देखें कि क्या कोई रासायनिक अभिक्रिया हुई?
  • क्या फ्लास्क के द्रव्यमान एवं अंतर्वस्तुओं में कोई परिवर्तन हुआ?

द्रव्यमान संरक्षण के नियमानुसार “किसी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो सृजन किया जा सकता है और न ही विनाश। ”

खंड 3.1 पर आधारित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पा. पु. पू. सं. 36)

प्रश्न 1.
एक अभिक्रिया में 5.3g सोडियम कार्बोनेट एवं 6.0g एसीटिक अम्ल अभिकृत होते हैं। 2.2g कार्बन डाइऑक्साइड, 8.2g सोडियम एसीटेट एवं 0.9g जल उत्पाद के रूप में प्राप्त होते हैं। इस अभिक्रिया द्वारा दिखाइए कि यह परीक्षण द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुरूप है।
सोडियम कार्बोनेट + एसीटिक अम्ल → सोडियम एसीटेट + कार्बन डाइऑक्साइड + जल
उत्तर:
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अभिकारकों का द्रव्यमान = 5.3 + 6.0 = 11.3 g
उत्पादों का द्रव्यमान = 8.2g + 2.2g + 0.9g = 11.3 g
इस अभिक्रया में अभिकारकों तथा उत्पादों का द्रव्यमान समान है अतः यह द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुसार है।

प्रश्न 2.
हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन द्रव्यमान के अनुसार 18 के अनुपात में संयोग करके जल निर्मित करते हैं। 3g हाइड्रोजन गैस के साथ पूर्ण रूप से संयोग करने के लिए कितने ऑक्सीजन गैस के द्रव्यमान की आवश्यकता होगी?
उत्तर:
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1g हाइड्रोजन 8g ऑक्सीजन के साथ संयोग करके 9gm जल बनाती है।
∵ 1g हाइड्रोजन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन 8g
∴ 3g हाइड्रोजन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन
= \(\frac { 1 }{ 8 }\) x 3 = 24g
अतः 3g हाइड्रोजन गैस के साथ पूर्ण रूप से संयोग करने के लिए 24g ऑक्सीजन गैस की आवश्यकता होगी।
अतः द्रव्यमान अनुपात = 3 : 24 ⇒ 18
अत: यह अभिक्रिया स्थिर अनुपात के नियम का अनुसरण करती है।

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प्रश्न 3.
डाल्टन के परमाणु सिद्धान्त का कौन-सा अभिग्रहीत द्रव्यमान के संरक्षण के नियम का परिणाम है?
उत्तर:
डाल्टन के सिद्धान्त का दूसरा अभिग्रहीत “परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक क्रिया में न तो सृजित होते हैं और न ही उनका विनाश होता है।”

प्रश्न 4.
डाल्टन के परमाणु सिद्धान्त का कौन-सा अभिग्रहीत निश्चित अनुपात के नियम की व्याख्या करता है?
उत्तर:
भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर छोटी पूर्ण संख्या के अनुपात में संयोग कर यौगिक निर्मित करते हैं तथा किसी भी यौगिक में परमाणु की सापेक्ष संख्या एवं प्रकार निश्चित होते हैं। परमाणु सिद्धान्त का यह अभिग्रहीत निश्चित अनुपात नियम की व्याख्या करता है।

खण्ड-3 पर आधारित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पा. पु. पृ. सं. – 40)

प्रश्न 1.
परमाणु द्रव्यमान इकाई को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:

  1. कार्बन – 12 समस्थानिक को मानक सन्दर्भ के रूप में सार्वभौमिक रूप से स्वीकार किया गया था।
  2. कार्बन – 12 समस्थानिक के एक परमाणु द्रव्यमान के 1/12 वें भाग को मानक परमाणु द्रव्यमान इकाई कहते हैं।

प्रश्न 2.
एक परमाणु को आँखों द्वारा देखना क्यों सम्भव नहीं होता है?
उत्तर:
परमाणु का आकार अत्यन्त सूक्ष्म होता है। अतः परमाणु का आँखों द्वारा देखना संभव नहीं होता है।

क्रियाकलाप 2.
सारणी 3.5 अणुओं में विद्यमान परमाणुओं के द्रव्यमान अनुपातों तथा सारणी 3.3 को परमाणु द्रव्यमान के लिए देखें।
सारणी 3.5 में दिए गए यौगिकों के अणुओं में प्रयुक्त तत्वों के परमाणुओं की संख्या के अनुपातों को ज्ञात कीजिए। जल के अणु में प्रयुक्त परमाणुओं की संख्याओं का अनुपात निम्न प्रकार से प्राप्त किया जा सकता है।

तत्व द्रव्यमान अनुपात परमाणु द्रव्यमान (u) द्रव्यमान अनुपात/ परमाणु द्रव्यमान सरलतम अनुपात
H 1 1 \(\frac { 1 }{ 1 }\) = 1 2
O 8 16 \(\frac { 8 }{ 16 }\) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) 1

अतः जल के अणु में प्रयुक्त परमाणुओं की संख्याओं का अनुपात H : O = 2 : 1 है।

खण्ड 3.4 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पा. पु. पृ. सं. -44)

प्रश्न 1.
निम्न के सूत्र लिखिए-
(i) सोडियम ऑक्साइड
(ii) ऐलुमिनियम क्लोराइड
(iii) सोडियम सल्फाइड
(iv) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड
उत्तर:
(i) सोडियम ऑक्साइड
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सूत्र Na2O

(ii) ऐलुमिनियम क्लोराइड
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सूत्र AlCl3

(iii) सोडियम सल्फाइड
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सूत्र Na2S

(iv) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड
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सूत्र Mg(OH)2

प्रश्न 2.
निम्नलिखित सूत्रों द्वारा प्रदर्शित यौगिकों के नाम लिखिए-

  1. Al2(SO4)3
  2. CaCl2
  3. K2SO4
  4. KNO3
  5. CaCO3

उत्तर:

  1. ऐलुमिनियम सल्फेट
  2. कैल्सियम क्लोराइड
  3. पोटैशियम सल्फेट
  4. पोटैशियम नाइट्रेट
  5. कैल्सियम कार्बोनेट

प्रश्न 3.
रासायनिक सूत्र का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी यौगिक के संघटक तत्वों तथा संयोग करने वाले सभी तत्वों की परमाणु संख्या के प्रतीकात्मक निरूपण को रासायनिक सूत्र कहते हैं।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित में कितने परमाणु विद्यमान हैं?
(i) H2S अणु एवं
(ii) PO43- आयन?
उत्तर:
(i) H2S अणु-इसमें तीन परमाणु (दो परमाणु हाइड्रोजन तथा एक परमाणु सल्फर) विद्यमान हैं।
(ii) PO43- आयन-इसमें पाँच परमाणु (एक परमाणु फॉस्फोरस तथा चार परमाणु ऑक्सीजन के विद्यमान हैं।

खण्ड 3.5 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पा. पु. पृ. सं. -46)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित यौगिकों के आण्विक द्रव्यमान का परिकलन कीजिए-H2, O2, Cl2, CO2, CH4, C2H6, C2H4, NH3 एवं CH3OH
हल:

  • H2 का आण्विक द्रव्यमान = 2 x 1 = 2 u
  • O2 का आण्विक द्रव्यमान = 2 x 16 = 32 u
  • Cl2 का आण्विक द्रव्यमान = 2 x 35.5 = 71 u
  • CO2 का आण्विक द्रव्यमान = 1 x 12 + 2 x 16 = 44 u
  • CH4 का आण्विक द्रव्यमान = 1 x 12 + 4 x 1 = 16 u
  • C2H6 का आण्विक द्रव्यमान = 2 x 12 + 6 + 1 = 30 u
  • NH3 का आण्विक द्रव्यमान = 2 x 12 + 4 x 1 = 28 u
  • CH3OH का आण्विक द्रव्यमान = 1 x 12 + 3 x 1 + 1 x 16 + 1 x 1 = 32 u

प्रश्न 2.
निम्नलिखित यौगिकों के सूत्र इकाई द्रव्यमान का परिकलन कीजिए- ZnO, Na2O एवं K2CO3 दिया गया है-
Zn का परमाणु द्रव्यमान = 65 u,
Na का परमाणु द्रव्यमान = 23 u
K का परमाणु द्रव्यमान = 39 u,
C का परमाणु द्रव्यमान = 12 u एवं
O का परमाणु द्रव्यमान = 16 u है।
हल:
(i) ZnO का सूत्र इकाई द्रव्यमान =(1 × 65 + 1 × 16) u
= (65 + 16) u
= 81u

(ii) Na2O का सूत्र इकाई द्रव्यमान
=(2 × 23 + 1 × 16) u
= (46 + 16) u = 62 u

(iii) K2CO3 का सूत्र इकाई द्रव्यमान
= (2 × 39 + 1 × 12 + 3 x 16 ) u
= (78 + 12 + 48) u
= 138 u

खण्ड 3.5 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पा. पु. पृ. सं. -48)

प्रश्न 1.
यदि कार्बन परमाणुओं के एक मोल का द्रव्यमान 12 ग्राम है तो कार्बन के एक परमाणु का द्रव्यमान क्या होगा?
हल:
कार्बन के एक मोल परमाणुओं अर्थात् 6.022 x 1023 परमाणुओं का द्रव्यमान = 12 ग्राम
अतः कार्बन के 1 परमाणु का द्रव्यमान होगा
= \(\frac{12}{6.022 \times 10^{23}}\) ग्राम
= 1.99 x 10-23 ग्राम

प्रश्न 2.
किसमें अधिक परमाणु होंगे – 100g सोडियम अथवा 100g लोहा (Fe)? (Na का परमाणु द्रव्यमान = 23 u Fe का परमाणु द्रव्यमान = 56 u)
हल:
सोडियम (Na) का परमाणु द्रव्यमान = 23 u
सोडियम (Na) का मोलर द्रव्यमान = 23 ग्राम
मोलों की संख्या n = \(\frac { n }{ M }\) = \(\frac { 100 g }{ 23 g }\) = 4.35 मोल
इसी प्रकार Fe के मोलों की संख्या = \(\frac { 100 }{ 56 }\) = 1.78 मोल
चूँकि सोडियम के मोलों की संख्या, Fe से अधिक है;
अत: Na के 100 ग्राम में अधिक परमाणु हैं।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

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JAC Board Class 9 Science Notes Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

→ फसल के लिए कुल 16 पोषक आवश्यक हैं। हवा से कार्बन तथा ऑक्सीजन, पानी से हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन एवं मिट्टी से शेष 13 पोषक प्राप्त होते हैं। इन 13 पोषकों में से 6 पोषकों की मात्रा अधिक होनी चाहिए, इसलिए इन्हें वृहत्-पोषक कहते हैं। शेष 7 पोषक कम मात्रा में चाहिए, इसलिए इन्हें सूक्ष्म-पोषक कहते हैं।

→ फसल के लिए पोषकों के मुख्य स्रोत खाद तथा उर्वरक हैं।

→ कार्बनिक कृषि प्रणालियों में उर्वरकों, पीड़कनाशकों तथा शाकनाशकों का निम्नतम या बिल्कुल प्रयोग नहीं किया जाता है। इन प्रणालियों में स्वस्थ फसल तन्त्र के साथ कार्बनिक खादों, पुनर्चक्रित अपशिष्टों तथा जैव-कारकों का अधिकतम उपयोग होता है।

→ एक विशेष फार्म में फसल उत्पादन तथा पशुपालन आदि में बढ़ावा देने वाली खेती को मिश्रित खेती तन्त्र कहते हैं।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

→ मिश्रित फसल में दो अथवा दो से अधिक फसलों को एक ही खेत में एक साथ उगाते हैं।

→ दो या दो से अधिक फसलों को निश्चित कतार पैटर्न में उगाने को अंतराफसलीकरण कहते हैं।

→ एक ही खेत में विभिन्न फसलों को पूर्व नियोजित अनुक्रम में उगाएँ तो उसे फसल चक्र कहते हैं।

→ उच्च उत्पादन, अच्छी गुणवत्ता, जैविक व अजैविक कारकों के प्रति प्रतिरोधता, अल्प परिपक्वन काल तथा बदलती परिस्थितियों के लिए अनुकूल तथा ऐच्छिक सस्य विज्ञान गुण के लिए नस्ल सुधार की आवश्यकता है।

→ फार्म पशुओं के लिए उचित देखभाल तथा प्रबन्धन जैसे कि आवास, आहार, जनन तथा रोगों पर नियंत्रण की आवश्यकता होती है। इसे पशुपालन कहते हैं।

→ कुक्कुट पालन घरेलू मुर्गियों की संख्या को बढ़ाने के लिए करते हैं। कुक्कुट पालन के अन्तर्गत अण्डों का उत्पादन तथा मुर्गों के माँस के लिए ब्रौलर उत्पादन है।

→ कुक्कुट पालन में उत्पादन को बढ़ाने तथा उन्नत किस्म की नस्लों के लिए भारतीय (देशी) तथा बाह्य नस्लों में संकरण कराते हैं।

→ समुद्र तथा अंतःस्थलीय स्रोतों से मछलियाँ प्राप्त कर सकते हैं।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

→ मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए उनका संवर्धन समुद्र तथा अन्तः स्थली पारिस्थितिक प्रणालियों में कर सकते हैं।

→ समुद्री मछलियों को पकड़ने के लिए प्रतिध्वनि ध्वनित्र तथा उपग्रह द्वारा निर्देशित मछली पकड़ने के जाल का प्रयोग करते हैं।

→ मिश्रित मछली संवर्धन तन्त्र प्रायः मत्स्य पालन के लिए अपनाते हैं।

→ मधुमक्खी पालन मधु तथा मोम को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

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JAC Board Class 9 Science Notes Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

→ पृथ्वी पर जीवन मृदा, वायु, जल तथा सूर्य से प्राप्त ऊर्जा जैसी सम्पदाओं पर निर्भर करता है।

→ स्थल और जलाशयों के ऊपर विषम रूप में वायु के गर्म होने के कारण पवनें उत्पन्न होती हैं।

→ जलाशयों से होने वाले जल का वाष्पीकरण तथा संघनन हमें वर्षा प्रदान करता है।

→ किसी क्षेत्र में पहले से विद्यमान वायु के रूप पर होने वाली वर्षा का पैटर्न निर्भर करता है।

→ विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व चक्रीय रूपों में पुनः उपयोग किये जाते हैं जिसके कारण जैवमण्डल के विभिन्न घटकों में एक निश्चित सन्तुलन स्थापित होता है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

→ वायु, जल तथा मृदा का प्रदूषण जीवन की गुणवत्ता और जैव विविधताओं को हानि पहुँचाता है।

→ हमें अपनी प्राकृतिक सम्पदाओं को सुरक्षित रखने की आवश्यकता है और उन्हें संपोषणीय रूपों में उपयोग करने की आवश्यकता है।

→ पृथ्वी की सबसे बाहरी परत को स्थलमण्डल कहते हैं।

→ पृथ्वी के 75% भाग पर जल है। इसे जलमण्डल कहते हैं।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

→ वायु जो पूरी पृथ्वी को कम्बल के समान ढके रहती है, उसे वायुमण्डल कहते हैं।

→ जीवन को आश्रय देने वाला पृथ्वी का वायुमण्डल, स्थलमण्डल तथा जलमण्डल एक-दूसरे से मिलकर जीवन को सम्भव बनाते हैं, उसे जीवमण्डल कहते हैं।

→ सजीव जीवमण्डल के जैविक घटक को बनाते हैं तथा वायु, जल और मृदा जीवमण्डल के निर्जीव घटक हैं।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

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JAC Board Class 9 Science Notes Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

→ स्वास्थ्य व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक जीवन की एक समग्र समन्वयित अवस्था है।

→ किसी का स्वास्थ्य उसके भौतिक पर्यावरण तथा आर्थिक अवस्था पर निर्भर करता है।

→ रोगों की अवधि के आधार पर इसे तीव्र तथा दीर्घकालिक दो वर्गों में विभाजित कर सकते हैं।

→ रोगों के कारक संक्रामक अथवा असंक्रामक हो सकते हैं।

→ संक्रामक कारक जीवों के विभिन्न वर्ग से हो सकते हैं। ये एककोशिकीय सूक्ष्म जीव अथवा बहुकोशिकीय हो सकते हैं।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

→ रोग का उपचार उसके कारक रोगाणु के वर्ग के आधार पर किया जाता है।

→ संक्रामक कारक वायु, जल, शारीरिक सम्पर्क अथवा रोगवाहक द्वारा फैलते हैं।

→ रोगों का निवारण सफल उपचार की अपेक्षा अच्छा है।

→ संक्रामक रोगों का निवारण जन स्वास्थ्य स्वच्छता विधियों द्वारा किया जा सकता है जिससे संक्रामक कारक कम हो जाते हैं।

→ टीकाकरण द्वारा संक्रामक रोगों का निवारण किया जा सकता है।

→ संक्रामक रोगों के निवारण को प्रभावशाली बनाने के लिए आवश्यक है कि सार्वजनिक स्वच्छता तथा टीकाकरण की सुविधा सभी को उपलब्ध हो।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 12 ध्वनि

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JAC Board Class 9 Science Notes Chapter 12 ध्वनि

→ किसी कण की वह गति जो एक निश्चित समय के बाद बार-बार दोहराई जाती है, आवर्ती गति कहलाती है।

→ किसी कण द्वारा सरल रेखा में एक निश्चित बिन्दु के इधर-उधर आवर्ती गति हो रही हो तो यह गति काम्पनिक गति या दोलनी गति कहलाती है।

→ माध्यम में कणों के कम्पनों के अनुसार तरंगें दो प्रकार की होती हैं-

  • अनुप्रस्थ तरंगें
  • अनुदैध्र्य तरंगें।

→ ध्वनि विभिन्न वस्तुओं के कंपन करने के कारण उत्पन्न होती है तथा ध्वनि तरंगें, अनुदैध्र्य तरंगें होती हैं।

→ ध्वनि माध्यम में क्रमागत संपीडनों तथा विरलनों के रूप में संचरित होती है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 12 ध्वनि

→ ध्वनि तरंगों में दो क्रमागत संपीडनों या दो क्रमागत विरलनों के बीच की दूरी तरंगदैर्ध्य कहलाती है। इसे λ से प्रदर्शित करते हैं।

→ तरंग द्वारा माध्यम के घनत्व के एक संपूर्ण दोलन में लिए गए समय को आवर्तकाल T कहते हैं।

→ एकांक समय में दोलनों की कुल संख्या को आवृत्ति (v) कहते हैं। v = \(\frac { 1 }{ T }\)

→ तरंग की चाल, उसकी आवृत्ति तथा तरंगदैर्ध्य के गुणनफल के बराबर होती है, अर्थात् v = v λ

→ किसी एकांक क्षेत्रफल से 1 सेकंड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा को ध्वनि की तीव्रता कहते हैं।

→ ध्वनि की चाल मुख्यतः संचरित होने वाले माध्यम की प्रकृति तथा ताप पर निर्भर करती है।

→ ध्वनि के आपतित होने की दिशा तथा परावर्तित होने की दिशा, परावर्तक सतह पर खींचे गए अभिलंब से समान कोण बनाते हैं और तीनों एक ही तल में होते हैं।

→ स्पष्ट प्रतिध्वनि सुनने के लिए मूल ध्वनि एवं परावर्तित ध्वनि के बीच कम से कम 0.1 s का समय अंतराल अवश्य होना चाहिए।

→ ध्वनि के तीन अभिलक्षण होते हैं-

  • तारत्व
  • प्रबलता
  • गुणता।

→ मानव में ध्वनि की श्रव्यता की आवृत्तियों का औसत परास 20 हर्ट्ज से 20 किलो हर्ट्ज होता है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 12 ध्वनि

→ 20 हर्ट्ज से कम आवृत्ति की ध्वनियों को अवश्रव्य ध्वनि तथा 20 किलोहर्ट्ज से अधिक आवृत्ति की ध्वनि को पराश्रव्य ध्वनि कहते हैं।

→ पराध्वनि के चिकित्सा तथा प्रौद्योगिक क्षेत्रों में अनेक उपयोग हैं।

→ सोनार एक ऐसी युक्ति है जिसका प्रयोग समुद्र की गहराई नापने, समुद्र की गहराई में किसी अदृश्य वस्तु की उपस्थिति का पता लगाने में किया जाता है।

→ सोनार में पराश्रव्य तरंगों का प्रयोग किया जाता है।

→ एकल आवृत्ति की ध्वनि को टोन कहते हैं तथा अनेक आवृत्तियों के मिश्रण से उत्पन्न ध्वनि को स्वर (Node) कहते हैं।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

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JAC Board Class 9th Science Notes Chapter 11  कार्य तथा ऊर्जा

→ यदि किसी वस्तु पर बल लगाने पर वह बल की दिशा में विस्थापित हो जाये, तो यह बल द्वारा वस्तु पर कार्य कहा जाता है।

→ यदि बल लगाने पर वस्तु में विस्थापन न हो तो बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा।

→ किसी पिण्ड पर किया गया कार्य, उस पर लगाये गये बल के परिमाण तथा बल की दिशा में उसके द्वारा तय की गई। दूरी के गुणन के बराबर होता है। कार्य धनात्मक तथा ऋणात्मक दो प्रकार का हो सकता है।

→ यदि वस्तु के विस्थापन s की दिशा, बल F की दिशा से 6 कोण बनाती है तो बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य निम्नलिखित सूत्र द्वारा प्राप्त होता है-
W = Fs cosθ

JAC Class 9 Science Notes Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

→ कार्य का मात्रक जूल है।

→ किसी वस्तु के कार्य करने की कुल क्षमता को उसकी ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा दो प्रकार की होती है- (i) गतिज ऊर्जा। (ii) स्थितिज ऊर्जा।

→ किसी गतिमान वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं। यदि m द्रव्यमान की वस्तु v वेग से गतिमान हो तब गतिज ऊर्जा E = mv2

→ किसी गतिमान वस्तु की गतिज ऊर्जा, उसे विरामावस्था से गति की वर्तमान अवस्था तक लाने में किए गए कार्य के बराबर होती है।

→ यदि mm द्रव्यमान की वस्तु पर F बल लगाकर उसे बल की दिशा में दूरी विस्थापित करने में वस्तु का वेग u से बदलकर हो जाता है तब
\(\frac { 1 }{ 2 }\)m (v² – u² ) = F x s

→ किसी वस्तु की स्थिति विशेष के कारण उसके पास जो ऊर्जा होती है, उसे वस्तु की स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।

→ गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा U = mgh सूत्र से दी जाती है।

→ सभी प्रकार की ऊर्जाओं का मात्रक जूल है।

→ ऊर्जा संरक्षण के नियमानुसार “ऊर्जा न तो उत्पन्न की जा सकतं है और न ही नष्ट की जा सकती है। ऊर्जा केवल एक रूप से दूसरे रूप में रूपान्तरित होती रहती है। ऊर्जा रूपान्तरण के दौरान निकाय की कुल ऊर्जा नियत रहती है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

→ गुरुत्वीय त्वरण के अन्तर्गत गिरती हुई वस्तु की गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का योग पथ के प्रत्येक बिन्दु पर नियत रहता है।

→ किसी वस्तु के कार्य करने की समय दर को उसकी शक्ति कहते हैं। इसे P से प्रदर्शित करते हैं। इसका मात्रक जूल / सेकण्ड अथवा वाट है।
P = \(\frac { W }{ t }\) जहाँ W = किया गया कार्य तथा समय है।

→ यदि कोई कर्ता (एजेंट) एक जूल प्रति सेकण्ड की दर से कार्य करता है तो उसकी शक्ति 1 वाट होती है।

→ शक्ति के अन्य मात्रक किलोवाट तथा अश्वशक्ति हैं।

  • 1 किलोवाट – 1000 वाट
  • 1 अश्वशक्ति – 746 वाट

→ ऊर्जा का व्यावसायिक मात्रक किलोवॉट घण्टा (kWh ) है जिसे सामान्य बोलचाल की भाषा में यूनिट कहते हैं।

→ 1 kW की दर से एक घंटे में व्यय हुई ऊर्जा एक किलोवाट घंटा (1 kWh ) के बराबर होती है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

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JAC Board Class 9 Science Notes Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

→ जब कोई पिण्ड एकसमान चाल से वृत्तीय पथ पर गति करता है तो उसकी गति की दिशा लगातार बदलती रहती है, अतः वृत्तीय पथ पर गति करते हुए पिण्ड की गति में त्वरण होता है। इस त्वरण की दिशा सदैव वृत्त के केन्द्र की ओर होती है; अतः इस त्वरण को अभिकेन्द्रीय त्वरण कहते हैं।

→ एकसमान वृत्तीय गति करते पिण्ड पर, केन्द्र की ओर सदैव ही एक बल कार्य करता है जिसे अभिकेन्द्र बल कहते हैं।

→ विश्व का प्रत्येक पिण्ड, प्रत्येक अन्य पिण्ड को अपनी ओर एक बल से आकर्षित करता है। इस बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं।

→ दो पिण्डों के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल, पिण्डों के द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
F ∝ m1 m2 तथा F ∝ \(\frac { 1 }{ d² }\) अत: F ∝ \(\frac{m_1 m_2}{d^2}\)
∴ F = \(\frac{G m_1 m_2}{d^2}\)
इस नियम को न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम कहते हैं।

→ सार्वत्रिक गुरुजाकर्षण नियतांक G का मान 6.673 x 10-11 न्यूटन मी²/किम्र² है।

→ गुरुचाकर्षण बल के कारण ही चृथ्वी प्रत्रेक घनुदु को अपने केन्यू की और आकर्षित करती है। पृष्दी द्वारा किती बस्तु पर लगाए गए बल को गुणनीय बल काजे है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

→ पृथ्नी की ओर मुक्त रूप से गिरती हुई वस्तु के त्वरण को गुरुपीय त्वरण करते हैं तथा इसे ‘g’ से प्रदर्शित करते हैं।

→ पृथ्वी के केन्द्र से d दूरी पर गुरुचीय त्वरण का मान निम्नलिखित सूत्र द्वारा प्राप्त होता है-
g = \(\frac{\mathrm{GM}}{d^2}\)

→ जहाँ पृथ्वी का द्रव्यमान M तथा दूरी d पृथ्वी की त्रिज्या से अधिक या उसके बराबर है।

→ गुरुत्वीय त्वरण g का मान विषुवत् रेखा पर सबसे कम तथा ध्रुवों पर सबसे अधिक होता है।

→ पृथ्वी द्वारा किसी वस्तु पर आरोपित गुरुत्वीय बल को उस वस्तु के भार के रूप में भी जाना जाता है।

→ m द्रव्यमान की किसी वस्तु का पृथ्वी तल पर भार W = m g होता है।

→ किसी वस्तु का भार विषुवत रेखा पर सबसे कम तथा ध्रुवों पर सबसे अधिक होता है।

→ किसी पृष्ठ के लम्बवत् लगने वाले बल को ‘प्रणोद’ कहते हैं।

→ किसी पृष्ठ के एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले प्रणोद को ‘दाब’ कहते हैं।
JAC Class 9 Science Notes Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 1

→ दाब का S.I. मात्रक न्यूटन/मीटर² है जिसे पास्कल भी कहते हैं तथा Pa से प्रदर्शित करते हैं।

→ जब किसी ठोस वस्तु को द्रव में छोड़ा जाता है तो द्रव उस वस्तु पर ऊपर की ओर एक बल लगाता है जिसे द्रव का उक्षेप या उत्प्लावन बल कहते हैं।

→ किसी वस्तु पर कार्य करने वाला द्रव का उत्प्लावन बल, वस्तु द्वारा हटाये गए द्रव के भार के बराबर होता है।

→ यदि वस्तु का घनत्व, द्रव के घनत्व से अधिक है तो वह उस द्रव में डूब जाती है। इसके विपरीत यदि वस्तु का घनत्व, द्रव के घनत्व से कम होता है तो वस्तु द्रव पर तैरती है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

→ जब किसी वस्तु को द्रव में डुबाया जाता है तो वस्तु के भार में कमी हो जाती है। वस्तु के भार में होने वाली कमी, वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होती है। इस सिद्धान्त को आर्किमिडीज के सिद्धान्त के नाम से जाना जाता है।

→ किसी पदार्थ के घनत्व का मात्रक किग्रा/मीटर³ है।

→ किसी पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व, उस पदार्थ के घनत्व तथा जल के घनत्व के अनुपात के बराबर होता है।
JAC Class 9 Science Notes Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 2
आपेक्षिक घनत्व का कोई मात्रक नहीं होता।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 9 बल तथा गति के नियम

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JAC Board Class 9 Science Notes Chapter 9 बल तथा गति के नियम

→ बल वह बाह्य कारक है जो किसी वस्तु में गति उत्पन्न कर सकता है, अथवा गति उत्पन्न करने का प्रयास करता है।

→ बल किसी वस्तु की गति की अवस्था में परिवर्तन उत्पन्न कर सकता है, उसकी गति को धीमा या तेज कर सकता है।

→ बल किसी वस्तु के रूप अथवा आकार को बदल सकता है।

→ बल दो प्रकार के होते हैं-(i) सन्तुलित बल (ii) असन्तुलित बल।

→ वस्तु पर असन्तुलित बल लगा होने पर वस्तु में अवश्य ही गति उत्पन्न हो जाती है।

→ किसी वस्तु पर लगे सन्तुलित बल वस्तु में गति उत्पन्न नहीं कर सकते।

→ S.I. पद्धति में बल का मात्रक किग्रा मी./से² है। इसे न्यूटन के नाम से भी जाना जाता है।

→ एक न्यूटन का बल किसी एक किग्रा की वस्तु में एक मीटर प्रति सेकण्ड² का त्वरण उत्पन्न करता है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 9 बल तथा गति के नियम

→ बल के प्रभाव से वस्तुओं में होने वाली गति के लिए न्यूटन ने तीन मौलिक नियम दिए-प्रथम नियम-प्रत्येक वस्तु अपनी वर्तमान अवस्था (विराम की अवस्था या एकसमान गति की अवस्था) को बनाए रखती है, जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल न लगाया जाए। इस नियम को ‘जड़त्व का नियम’ भी कहते हैं।

→ द्वितीय नियम-किसी वस्तु के संवेग परिवर्तन की दर उस पर लगाए गए असन्तुलित बल की दिशा में तथा उस बल के समानुपाती होती है।

→ तृतीय नियम-जब एक वस्तु दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर बल लगाती है। ये दोनों बल परिमाण में बराबर तथा दिशा में विपरीत होते हैं। इस नियम को ‘क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम’ भी कहते हैं।

→ वस्तुओं में उनकी वर्तमान अवस्था को बनाए रखने की प्रवृत्ति को ‘जड़त्व’ कहते हैं।

→ किसी वस्तु का द्रव्यमान ही उसंके जड़त्व की माप है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 9 बल तथा गति के नियम

→ किसी वस्तु के द्रव्यमान m तथा वेग v के गुणनफल को संवेग कहते हैं। इसे p से प्रदर्शित करते हैं। p = m v

→ संवेग एक सदिश राशि है। संवेग की दिशा वही होती है जो वस्तु के वेग की होती है। इसका मात्रक किग्रा-मीटर/सेकण्ड है।

→ गति के दूसरे नियम का गणितीय रूप F = m a है, वहाँ F वस्तु पर लगा बल, m वस्तु का द्रव्यमान तथा a वस्तु का त्वरण है।

→ एक विलग निकाय में कुल संवेग संरक्षित रहता है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 8 गति

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JAC Board Class 9 Science Notes Chapter 8 गति

→ यदि किसी वस्तु की स्थिति अपने पास स्थित वस्तुओं से परिवर्तित होती है तो वस्तु को गति की अवस्था में कहा जाता है।

→ किसी वस्तु की स्थिति तथा उसकी गति का वर्णन करने के लिए एक निर्देश बिन्दु की आवश्यकता होती है।

→ किसी गतिमान वस्तु द्वारा अपने यात्रा के समय में तय किए गए पथ की कुल लम्बाई को वस्तु द्वारा तय की गई दूरी कहते हैं।

→ किसी गतिमान वस्तु के यात्राकाल में उसकी प्रारम्भिक स्थिति व अन्तिम स्थिति तक के बीच की न्यूनतम दूरी को वस्तु का विस्थापन कहते हैं।

→ एक समान गति में वस्तु सरल रेखा में गतिमान होती हुई समान समय अन्तरालों में समान दूरी तय करती है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 8 गति

→ यदि गतिमान वस्तु द्वारा समान समय अन्तरालों में असमान दूरियाँ तय की जाती हैं तब वस्तु की गति को असमान गति कहते हैं।

→ किसी वस्तु की गति दर अथवा वस्तु द्वारा दूरी तय करने की समय दर को वस्तु की चाल कहते हैं। चाल के मात्रक मीटर/सेकण्ड; सेमी/सेकण्ड तथा किमी/घन्टा हैं।

→ वस्तु की चाल तथा उसकी गति की दिशा दोनों को एक साथ व्यक्त करने के लिए वेग राशि का प्रयोग किया जाता है।

→ किसी गतिमान वस्तु के वेग परिवर्तन की दर को उस वस्तु का त्वरण कहते हैं।

→ एक समान त्वरण से चल रही किसी वस्तु की गति की व्याख्या निम्न तीन समीकरणों के माध्यम से की जा सकती है-

  • v = u + a t
  • s = u t + \(\frac { 1 }{ 2 }\) a t²
  • v² = u² + 2 a s

जहाँ u वस्तु का प्रारम्भिक वेग, v वस्तु का अन्तिम वेग तथा वस्तु t समय के लिए एक समान त्वरण a से गति करती है तथा t समय में तय की गई दूरी s है।

→ किसी वस्तु के दूरी-समय ग्राफ का ढाल उस वस्तु की चाल को व्यक्त करता है।

→ किसी वस्तु के वेग-समय ग्राफ तथा समय अक्ष के बीच घिरा क्षेत्रफल किसी समयान्तराल में वस्तु द्वारा तय की गई दूरी को व्यक्त करता है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 8 गति

→ वेग-समय ग्राफ का ढाल वस्तु के त्वरण को व्यक्त करता है।

→ एकसमान चाल से गतिमान वस्तु का दूरी-समय ग्राफ एक सरल रेखा होता है।

→ एकंसमान वेग से गतिमान वंस्तु का वेग-समय ग्राफ, समय अक्ष के समान्तर सरल रेखा होता है।

→ एकसमान त्वरण से गतिमान वस्तु का वेग-समय ग्राफ एक सरल रेखा होता है।

→ एकसमान चाल से किसी वृत्तीय पथ पर गतिमान वस्तु की गति एकसमान वृत्तीय गति कहलाती है।

→ वेग को किमी/घण्टा से मीटर/सेकण्ड में बदलने के लिए \(\frac { 5 }{ 18 }\) से गुणा करना चाहिए तथा मीटर/सेकण्ड को किमी/घण्टा में बदलने के लिए \(\frac { 18 }{ 5 }\) से गुणा करना चाहिए।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 7 जीवों में विविधता

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JAC Board Class 9 Science Notes Chapter 7 जीवों में विविधता

→ वर्गीकरण जीवों की विविधता को स्पष्ट करने में सहायक होता है।

→ जीवों को पाँच जगत् में वर्गीकृत करने के लिए निम्न विशेषताओं को ध्यान में रखा जाता है-

  • कोशिकीय संरचना-प्रौकेरियोटी अथवा यूकेरियोटी।
  • जीव का शरीर एककोशिक अथवा बहुकोशिक है। बहुकोशिक जीवों की संरचना जटिल होती है।
  • कोशिका भित्ति की उपस्थिति या स्वपोषण की क्षमता।

→ उपरोक्त आधार पर सभी जीवों को पाँच जगत् में बाँटा गया है-मोनेरा, प्रोटिस्टा, कवक (फंजाई), प्लांटी और एनीमेलिया।

→ जीवों का वर्गीकरण उनके विकास से सम्बन्धित है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 7 जीवों में विविधता

→ प्लांटी और एनीमेलिया को उनकी क्रमिक शारीरिक जटिलता के आधार पर वर्गीकृत किया गया है।

→ पौधों को पाँच वर्गों में बाँटा गया है-शैवाल, ब्रायोफाइटा, टेरिडोफाइटा, जिम्नोस्पर्म और एंजियोस्पर्म

→ जन्तुओं को दस फाइलम में बाँटा गया है-पोरीफेरा, सीलेंटरेटा, प्लेटिहेल्मिन्थीज, निमेटोडा, एनीलिडा, आर्थ्रोपोडा, मोलस्का, इकाइनोडर्मेटा, प्रोटोकॉर्डेटा और कॉर्डेटा।

→ द्विपद- नाम पद्धति जीवों की सही पहचान में सहायता करती है।

→ द्विपद- नाम पद्धति में पहला नाम जीनस और दूसरा स्पीशीज का होता है।
हमारे चारों ओर अनेक प्रकार के जीव समूह पाये जाते हैं। सभी जीवधारी एक दूसरे से किसी न किसी रूप में भिन्न हैं। हम मनुष्य तथा बन्दर की आपस में तुलना करें तो निश्चय ही मनुष्य और बन्दर में अधिक समानताएँ हैं। किन्तु गाय और बन्दर में काफी अन्तर है।

जैव विविधता रंगहीन जीवधारियों, पारदर्शी कीटों और विभिन्न रंगों वाले पक्षियों और फूलों में भी पायी जाती है। इन समस्त जीवधारियों को जानने व समझने के लिए जीवों को उनकी समानता एवं भिन्नता के आधार पर विभिन्न वर्गों व समूहों में वर्गीकृत किया गया है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 6 ऊतक

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JAC Board Class 9 Science Notes Chapter 6 ऊतक

→ ऊतक कोशिकाओं का समूह होता है जिसमें कोशिकाओं की संरचना तथा कार्य एक समान होते हैं।

→ पादप ऊतक दो प्रकार के होते हैं-विभज्योतक तथा स्थायी ऊतक।

→ विभज्योतक (मेरिस्टेमेटिक) ऊतक एक विभाज्य ऊतक है तथा यह पौधों के वृद्धि वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

→ स्थायी ऊतक विभज्योतक से बनते हैं जो एक बार विभाजित होने की क्षमता को खो देते हैं। इनको सरल तथा जटिल ऊतकों में वर्गीकृत किया जाता है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 6 ऊतक

→ पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा तथा स्कलेरेनकाइमा सरल ऊतकों के तीन प्रकार हैं। जाइलम और फ्लोएम जटिल ऊतकों के प्रकार हैं।

→ एपीथीलियमी, पेशीय, संयोजी तथा तन्त्रिका ऊतक जन्तु ऊतक हैं।

→ आकृति और कार्य के आधार पर एपीथीलियमी ऊतकों को शल्की, घनाकार, स्तम्भाकार, रोमीय तथा ग्रंथिल श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है।

→ हमारे शरीर में विद्यमान संयोजी ऊतकों के विभिन्न प्रकार हैं-एरिओलर ऊतक, एडीपोज (वसामय)ऊतक, अस्थि, कंडरा, स्नायु, उपास्थि तथा रक्त (रुधिर)।

→ पेशीय ऊतक तीन प्रकार के होते हैं-रेखित, अरेखित और कार्डियक (हृदयक पेशी)।

→ तन्त्रिका ऊतक न्यूरॉन का बना होता है, जो संवेदना को प्राप्त और संचालित करता है।