JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

→ प्रकाश प्रकाश ऊर्जा का वह रूप है जो हमारी आँख में दृष्टि की संवेदना उत्पन्न करती है, पृथ्वी के विभिन्न घटकों को गर्म कर देती है।

→ प्रकाश का परावर्तन प्रकाश का किसी चिकने व चमकदार पृष्ठ से टकराकर उसी माध्यम में वापस लौट आना प्रकाश का परावर्तन कहलाता है।

→ परावर्तन के नियम- परावर्तन के निम्नलिखित दो नियम हैं-

  • आपतन कोण और परावर्तन कोण सदैव बराबर होते हैं।
  • आपतित किरण परावर्तित किरण व अभिलम्ब तीनों एक तल में स्थित होते हैं।

→ दर्पण – यदि किसी चिकने तल पर कलई (पॉलिश) करके चमकदार बना दिया जाये तो वह परावर्तन तल दर्पण कहलाता है।

→ गोलीय दर्पण- जब कोई दर्पण किसी गोलीय कोश का भाग होता है तो उसे गोलीय दर्पण कहते हैं।

→ गोलीय दर्पण के प्रकार- गोलीय दर्पण दो प्रकार होते हैं-

  • अवतल दर्पण तथा
  • उत्तल दर्पण।

→ अवतल दर्पण – यदि खोखले गोले के कटे हुए एक भाग में से उसके उभरे (उत्तल) हुए भाग पर कलई कर दी जाती है।

→ उत्तल दर्पण – यदि खोखले गोले के कटे हुए एक भाग से उसके धँसे (अवतल) हुए भाग पर कलई कर दी जाती है तो उसे उत्तल दर्पण कहते हैं।

→ गोलीय दर्पण से सम्बन्धित प्रमुख पद हैं- वक्रता केन्द्र (C), ध्रुव (P), मुख्य अक्ष, वक्रता त्रिज्या (R), मुख्य फोकस, फोकस दूरी (f), फोकस तल।

→ गोलीय दर्पण की फोकस दूरी- चिन्ह परिपाटी के अनुसार उत्तल दर्पण की फोकस दूरी सदैव धनात्मक तथा अवतल दर्पण की फोकस दूरी सदैव ऋणात्मक ली जाती है।

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→ फोकस दूरी व वक्रता त्रिज्या में सम्बन्ध- दर्पण की फोकस दूरी उसकी वक्रता त्रिज्या की आधी होती है
अर्थात्
f = \(\frac { 1 }{ 2 }\) R

→ गोलीय दर्पण में u, v तथा f में सम्बन्ध – गोलीय
दर्पण में \(\frac { 1 }{ u }\) + \(\frac { 1 }{ v }\) = \(\frac { 1 }{ f }\) होता है।
इसे दर्पण सूत्र कहते हैं। चिन्ह परिपाटी के अनुसार अवतल दर्पण में u तथा f सदैव ऋणात्मक होते हैं। वास्तविक प्रतिबिम्ब के लिए v ऋणात्मक तथा आभासी प्रतिबिम्ब के लिए v धनात्मक होता है। उत्तल दर्पण में u ऋणात्मक तथा v तथा f सदैव धनात्मक होते हैं।

→ रेखीय आवर्धन प्रतिबिम्ब की लम्बाई तथा वस्तु की लम्बाई के अनुपात को रेखीय आवर्धन कहते हैं।
अतः
JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 1
यदि आवर्धन m ऋणात्मक है तो प्रतिबिम्ब वास्तविक होगा तथा m धनात्मक है तो प्रतिबिम्ब आभासी होगा।

→ u-v विधि से अवतल दर्पण की फोकस दूरी की गणना हेतु सूत्र : f = \(\frac { uv }{ v+u }\) से अवतल दर्पण की
फोकस दूरी की गणना करते हैं जहाँ
u = दर्पण से वस्तु की दूरी
v = दर्पण से प्रतिबिम्ब की दूरी
f = दर्पण की फोकस दूरी

→ संयुग्मी फोकस – गोलीय दर्पण के मुख्य अक्ष पर स्थित ऐसे दो बिन्दु जिसमें से एक बिन्दु पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब इसके बिन्दु पर बनता है तथा इसके बिन्दु पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब पहले बिन्दु पर बनता है, संयुग्मी फोकस कहलाते हैं।

→ प्रतिबिम्ब- – जब वस्तु के किसी एक बिन्दु से निकलने वाली बहुत सारी किरणें, परावर्तन के पश्चात् एक अन्य बिन्दु पर मिलती हैं तो इसका बिन्दु, पहले बिन्दु का प्रतिबिम्ब कहलाता है।

→ वास्तविक प्रतिबिम्ब-जब प्रकाश की किरणें परावर्तन के पश्चात् प्रतिबिम्ब बिन्दु पर वास्तव में मिलती हैं तो बनने वाला प्रतिबिम्ब वास्तविक होता है। यह अधिकतर उलटा बनता है और पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है।

→ आभासी प्रतिबिम्ब- जब प्रकाश की किरणें परावर्तन के पश्चात् मिलती प्रतीत होती हैं (वे वास्तव में नहीं मिलतीं) तो बनने वाला प्रतिबिम्ब आभासी होता है। यह अधिकतर सीधा बनता है और पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

→ वक्रता त्रिज्या उस खोखले गोले की त्रिज्या जिसका दर्पण स्वयं एक भाग है, वक्रता त्रिज्या कहलाती है।

→ मुख्य अक्ष- दर्पण के वक्रता केन्द्र व ध्रुव को मिलाने वाली रेखा मुख्य अक्ष कहलाती है।

→ फोकस बिन्दु – मुख्य अक्ष के समान्तर आने वाली सभी प्रकाश किरणें परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के किसी एक बिन्दु पर मिलती है अथवा किसी एक बिन्दु से निकलती हुई प्रतीत होती हैं। इस बिन्दु को फोकस कहते हैं।

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→ फोकस दूरी – दर्पण के ध्रुव व मुख्य फोकस के बीच की दूरी को फोकस दूरी कहते हैं। इसे से दर्शाते हैं।

→ अपवर्तन- जब प्रकाश किरणें एक समांगी माध्यम से दूसरे समांगी माध्यम में प्रवेश करने पर अपने मार्ग से विचलित होकर गमन करने लगती हैं, प्रकाश का अपवर्तन कहलाती हैं।

→ अपवर्तन के नियम- अपवर्तन के दो नियम हैं-

  • आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा अभिलम्ब तीनों एक ही तल में स्थित होते हैं।
  • किसी एकवर्णीय प्रकाश किरण के लिए आपतन कोण की ज्या और अपवर्तन कोण की ज्या का अनुपात एक नियतांक होता है जिसे पहले के सापेक्ष दूसरे माध्यम का अपवर्तनांक कहते हैं। अर्थात् \(\frac{\sin i}{\sin r}={ }_1 \mu_2\)

→ स्नेल का नियम (या sine नियम)- किसी एकवर्णीय प्रकाश किरण के लिए आपतन कोण की ज्या (sine) और अपवर्तन कोण की ज्या (sine) में एक निश्चित अनुपात होता है।
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जहाँ 1μ2 दूसरे माध्यम का पहले माध्यम के सापेक्ष अपवर्तनांक है।

→ अपवर्तनांक- आपतन कोण की ज्या एवं अपवर्तन कोण की ज्या के अनुपात को अपवर्तनांक कहते हैं।
इसे μ से प्रदर्शित करते हैं।
μ = \(\frac { sin i }{ sin r }\)
अपवर्तनांक का कोई मात्रक नहीं होता।

→ प्रकाश किरणों की उत्क्रमणीयता- प्रकाश की किरणें जिस मार्ग से जाती हैं स्थिति पलट जाने पर वे उसी मार्ग से वापस लौट जाती हैं। इसके अनुसार,
\({ }_a \mu_g=\frac{1}{{ }_g \mu_a}\)

→ समान्तर पार्श्व वाले कई माध्यमों से गुजरने पर प्राकश का अपवर्तन-
\({ }_a \boldsymbol{\mu}_w \times{ }_w \boldsymbol{\mu}_{g \times g} \mu_a\) = 1

→ काँच के गुटके का अपवर्तनांक ज्ञात करने की प्रायोगिक विधि-
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→ पूर्ण आन्तरिक परावर्तन- सघन माध्यम में आपतन कोण का मान क्रान्तिक कोण से अधिक हो जाने पर प्रकाश अपवर्तन न होकर प्रकाश का पूर्ण परावर्तन सघन माध्यम में ही हो जाता है, इस घटना को पूर्ण आन्तरिक परावर्तन कहते हैं। 31. पूर्ण आन्तरिक परावर्तन की शर्तें-

  • प्रकाश किरणें सघन माध्यम से विरल माध्यम में जानी चाहिए।
  • आपतन कोण का मान क्रान्तिक कोण से अधिक होना चाहिए।

→ पूर्ण परावर्तक प्रिज्म एक ऐसा काँच का प्रिज्म जो समकोण समद्विबाहु त्रिभुजाकार होता है, पूर्ण परावर्तक प्रिज्म कहलाता है।
इसका उपयोग –

  • 90° विचलन के लिए (पेरिस्कोप में)
  • 180° विचलन के लिए (बायनोकुलर में)
  • ऊर्ध्वशीर्षकारी प्रिज्म की भाँति (बायनोकुलर में) किया जाता है।

→ प्रकाशिक तन्तु एक ऐसी युक्ति जो प्रकाशीय संकेत को बिना क्षय हुए एक स्थान दूसरे स्थान तक वक्रीय मार्ग में स्थानान्तरित किया जा सकता है। यह पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के सिद्धान्त पर कार्य करता है।

→ लेंस – दो वक्रीय तलों से घिरे पारदर्शी माध्यम को लेंस कहते हैं जिसका एक तल गोलीय व दूसरा तल गोलीय या समतल होता है।

→ लेंस के प्रकार-लेंस दो प्रकार के होते हैं-

  • उत्तल लेंस (अभिसारी लेंस)
  • अवतल लेंस (अपसारी लेंस)

→ उत्तल लेंस- यह बीच में मोटा तथा किनारों पर पतला होता है, यह प्रकाश किरणों को अभिसरित करता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

→ अवतल लेंस यह बीच में पतला तथा किनारों पर मोटा होता है, यह प्रकाश किरणों को अपसरित करता है।

→ लेंस की फोकस दूरी लेंस के मुख्य फोकस तथा प्रकाश केन्द्र के बीच की दूरी को फोकस दूरी कहते हैं।

→ लेंस की मुख्य अक्ष-लेंस के दोनों गोलीय तलों के वक्रता केन्द्रों को मिलाने वाली रेखा लेंस की मुख्य अक्ष कहलाती है।

→ लेंस का प्रकाशिक केन्द्र – लेंस के मुख्य अक्ष पर स्थित बिन्दु जिससे गुजरने वाली प्रकाश किरणें अपवर्तन के पश्चात् आपतित किरण की दिशा में ही निर्गमित होती हैं, लेंस का प्रकाशिक केन्द्र कहलाता है।

→ लेंस का फोकस लेंस दो वक्रीय तलों से बना होता है अतः लेंस के दो फोकस होते हैं।

→ लेंस सूत्र – u, v व f में निम्न सम्बन्ध को लेंस सूत्र कहते हैं। उत्तल या अवतल लेंस के अपवर्तन के लिए-
\(\frac { 1 }{ v }\) – \(\frac { 1 }{ u }\) = \(\frac { 1 }{ f }\)

→ अपवर्तन के उदाहरण- जल में डूबी सीधी छड़ मुड़ी हुई दिखाई देना, पानी में पड़ा सिक्का सतह से उठा दिखाई देना, तालाब का कम गहरा दिखाई देना, तारों का टिमटिमाना।

→ पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के उदाहरण हीरे का चमकना, मरीचिका जल में बने वायु के बुलबुले का चमकना, जल मरीचिका।

  • समान्तर आपतित किरण उत्तल लेंस से अपवर्तित होकर फोकस से गुजरती है तथा अवतल लेंस से अपवर्तित होकर फोकस से आती प्रतीत होती है।
  • प्रकाशिक केन्द्र से गुजरने वाली प्रकाश किरण लेंस से अपवर्तन के पश्चात् उठी दिशा में बिना किसी विचलन के चली जाती है।
  • उत्तल लेंस के फोकस से आती किरण या अवतल लेंस के फोकस पर एकत्रित प्रतीत होने वाली किरण अपतर्वन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समान्तर हो जाती है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 3 धातु एवं अधातु

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 3 धातु एवं अधातु

→ धातुओं का स्त्रोत- धातुएँ मुक्त व संयुक्त दोनों अवस्थाओं में पायी जाती हैं। पृथ्वी में सबसे अधिक पायी जाने वाली धातु A1 है।

→ धातुएँ – वे तत्त्व जो अपने स्वतन्त्र इलेक्ट्रॉन त्यागकर धनायन बनाते हैं।

→ खनिज – पृथ्वी में पाये जाने वाले धातुओं के ऐसे यौगिक जिनमें रेत आदि की अशुद्धियाँ पाई जाती हैं।

→ अयस्क – वे खनिज जिससे धातु का निष्कर्षण, सुविधाजनक व लाभदायक हो।

→ अधात्री – अयस्क में उपस्थित मिट्टी, कंकड़, पत्थर आदि की अशुद्धियाँ।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 3 धातु एवं अधातु

→ भर्जन – वायु की उपस्थिति में अयस्क को गर्म करने की प्रक्रिया को भर्जन कहते हैं।

→ प्रगलन – धातु ऑक्साइडों को उच्च ताप पर अपचयित करके धातु प्राप्त करने की प्रक्रिया जिसमें धातु पिघली हुई अवस्था में प्राप्त होती है।

→ गालक – धातुकर्म की प्रक्रिया में प्रयुक्त होने वाला वह पदार्थ है जो अयस्क में उपस्थित अगलनीय अशुद्धियों से संयोग करके एक गलनीय धातुमल बनाता है जो हल्का होने के कारण उस पर तैरता है जिसे आसानी से अलग कर लिया जाता है।

→ धातुमल – अधात्री और गालक के साथ बना हुआ वह गलनीय पदार्थ जो धातु के ऊपर एक पृथक सतह बनाता है।

→ अम्लीय गालक- अम्लीय ऑक्साइड जैसे SiO2 जो क्षारीय अधात्री, जैसे- FeO, CaO आदि से क्रिया करके धातुमल (FeSiOg) बनाता है।

→ क्षारीय गालक – क्षारीय ऑक्साइड जैसे CaO जो अम्लीय अधात्री, जैसे- SiO2 आदि से संयोग करके धातुमल (CaSiO3) बनाता है।

→ ऐलुमिनोतापी विधि – Al का अपचायक के रूप में प्रयोग करके धात्विक ऑक्साइड के अपचयन से धातु प्राप्त करना।

→ धातुओं का शोधन – अशुद्ध धातु से शुद्ध धातु प्राप्त करना।

→ बेसमरीकरण – पिघले हुए अशुद्ध लोहे में वायु तेज प्रवाह से अशुद्धियों का ऑक्सीकरण।
अमलगमन – अशुद्ध धातु को पारे के साथ घोंटकर पारे का मिश्रधातु (अमलगम) बनाकर उसमें से शुद्ध धातु को पृथक करना। अमलगम का वाष्पन करने पर शुद्ध पारा दूर हो जाता है और अशुद्ध धातु शेष रह जाती है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 3 धातु एवं अधातु

→ विद्युत अपघटनी शोधन – अशुद्ध धातु का एनोड तथा शुद्ध धातु का कैथोड लेकर इन्हें इसी धातु आयन के विलयन में डुबोकर विद्युत अपघटन करना, जिसमें एनोड में से शुद्ध धातु घुलकर विलयन में जाती है और विलयन से शुद्ध धातु कैथोड पर एकत्रित होती है।

→ एलुमिनियम के प्रमुख अयस्क – बॉक्साइट (Al2O3.2H2O), क्रायोलाइट (Na2AlF6
आयरन के प्रमुख अयस्क – मैग्नेटाइट (Fe3O4 हेमेटाइट (Fe2O3), सिडेराइट (FeCO3), आयरन पाइराइट (FeS2)।

→ Al का धातुकर्म-
JAC Class 10 Science Notes Chapter 3 धातु एवं अधातु 1

→ Fe का धातुकर्म
JAC Class 10 Science Notes Chapter 3 धातु एवं अधातु 2

→ उभयधर्मी ऑक्साइड-
ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर धातुएँ क्षारकीय ऑक्साइड बनाती हैं। ऐलुमिनियम ऑक्साइड एवं जिंक ऑक्साइड, क्षारकीय ऑक्साइड तथा अम्लीय ऑक्साइड, दोनों के गुणधर्म प्रदर्शित करती हैं। इन ऑक्साइड को उभयधर्मी ऑक्साइड कहते हैं।

→ जल एवं तनु अम्लों के साथ विभिन्न धातुओं की अभिक्रियाशीलता भिन्न-भिन्न होती है।

→ सक्रियता श्रेणी- अभिक्रियाशीलता के आधार पर अवरोही क्रम में व्यवस्थित सामान्य धातुओं की सूची को सक्रियता श्रेणी कहते हैं।

→ सक्रियता श्रेणी में हाइड्रोजन के ऊपर स्थित धातुएँ तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर सकती हैं।

→ अधिक अभिक्रियाशील धातुएँ अपने से कम अभिक्रिया- शील धातुओं को उसके लवण विलयन से विस्थापित कर सकती हैं।

→ प्रकृति में धातुएँ स्वतंत्र अवस्था में या अपने यौगिकों के रूप में पाई जाती हैं।

→ धातुकर्म – अयस्क से धातु का निष्कर्षण तथा उसका परिष्करण कर उपयोगी बनाने के प्रक्रम को धातुकर्म कहते हैं।

→ मिश्रधातु – दो या दो से अधिक धातुओं अथवा एक धातु या एक अधातु के समांगी मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैं।

→ संक्षारण-लंबे समय तक आई वायु के संपर्क में रखने से लोहा जैसे कुछ धातुओं की सतह संक्षारित हो जाती है। इस परिघटना को संक्षारण कहते हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 3 धातु एवं अधातु

→ अधातुओं के गुणधर्म धातुओं के विपरीत होते हैं। यह न तो आघातवर्ध्य तथा न ही तन्य होते हैं। ग्रैफाइट के अलावा सभी अधातुएँ ऊष्मा एवं विद्युत की कुचालक होती हैं। ग्रेफाइट विद्युत का चालक होता है।

→ अधातुएँ विद्युत ऋणात्मक तत्त्व होती हैं क्योंकि धातुओं के साथ अभिक्रिया में इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर ऋण आवेशित आयन बनाती हैं।

→ अधातुएँ ऑक्साइड बनाती हैं जो अम्लीय या उदासीन होती हैं।

→ अधातुएँ तनु अम्लों में से हाइड्रोजन का विस्थापन नहीं करती हैं। यह हाइड्रोजन के साथ अभिक्रिया कर हाइड्राइड बनाती हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

→ अम्ल-वह यौगिक जो अत्यधिक क्रियाशील धातु से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस बनाते हों, उन्हें अम्ल कहते हैं।

→ क्षार-जल में घुलनशील क्षारक को क्षार कहते हैं। इनका स्पर्श साबुन की तरह, स्वाद कड़वा तथा प्रकृति संक्षारक होती है।

→ लवण-जब अम्लों से हाइड्रोजन धातु द्वारा विस्थापित होते हैं, तब लवण बनता है। दूसरे शब्दों में, जब अम्ल एवं क्षारक उदासीनीकरण अभिक्रिया करते हैं, तब लवण एवं जल बनता है।
JAC Class 10 Science Notes Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 1

→ अम्ल-क्षारक सूचक रंजक या रंजकों के मिश्रण होते हैं जिनका उपयोग अम्ल एवं क्षारक की उपस्थिति को सूचित करने के लिए किया जाता है।

→ विलयन में H+(aq) आयन के निर्माण के कारण ही पदार्थ की प्रकृति अम्लीय होती है। विलयन में OH आयन के निर्माण से पदार्थ की प्रकृति क्षारकीय होती है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

→ जब कोई अम्ल किसी धातु के साथ अभिक्रिया करता है तो हाइड्रोजन गैस का उत्सर्जन होता है। साथ ही संगत लवण का निर्माण होता है।

→ जब क्षारक किसी धातु से अभिक्रिया करता है तो हाइड्रोजन गैस के उत्सर्जन के साथ एक लवण का निर्माण होता है जिसका ऋणआयन एक धातु एवं ऑक्सीजन के परमाणुओं से संयुक्त रूप से
निर्मित होता है।

→ जय अम्ल किसी धातु कार्बोनेट या धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट से अभिक्रिया करता है तो यह संगत लवण उसके यौगिक में से हटाकर स्वयं उसका स्थान ले लेता है, विस्थापन अभिक्रिया कहलाती है।

→ द्विविस्थापन अभिक्रिया में दो अलग-अलग परमाणु या परमाणुओं के समूह (आयन) का आपस में आदान-प्रदान होता है।

→ अवक्षेपण अभिक्रिया से अविलेय लवण प्राप्त होता है।

→ सह-संयोजक अभिक्रिया जब रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारकों एवं क्रियाफलों के मध्य सह-संयोजक बन्ध टूटकर नये सह-संयोजक बन्ध बनाते हैं तो इसे सह-संयोजक अभिक्रिया कहते हैं।

→ उत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ ऐसी अभिक्रियाएँ जो समान परिस्थितियों में अग्र एवं पश्च दोनों दिशाओं में होती हैं और किसी भी दिशा में पूर्णता को नहीं पहुँचतीं उत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।

→ अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ-वे अभिक्रियाएँ जो केवल एक ही दिशा में चलती हैं तथा पूर्णता को प्राप्त होती हैं, अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।

→ अभिक्रिया दर- अभिकारकों की वह मात्रा जो इकाई समय में उत्पादों में परिवर्तित होती हैं, उस अभिक्रिया की दर कहलाती है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

→ मंद अभिक्रियाएँ वे अभिक्रियाएँ जो धीरे-धीरे होती हैं व जिनके पूर्ण होने में अत्यधिक समय लगता है, मंद अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।

→ तीव्र अभिक्रियाएँ वे अभिक्रियाएँ जो अतिशीघ्रता (लगभग 10 सेकण्ड) में पूर्ण होती हैं तीव्र अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।

→ रासायनिक साम्यावस्था किसी उत्क्रमणीय अभिक्रिया की वह अवस्था जिसमें अग्र व विपरीत दोनों अभिक्रियाओं के वेग बराबर हो जाते हैं, रासायनिक साम्यावस्था कहलाती हैं।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.2

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Exercise 2.2

प्रश्न 1.
निम्न द्विघात बहुपदों के शून्यक ज्ञात कीजिए और शून्यकों तथा गुणांकों के बीच के सम्बन्ध की सत्यता की जाँच कीजिए:
(i) x2 – 2x – 8
(ii) 4s2 – 4s + 1
(iii) 6x2 – 3 – 7x.
(iv) 4u2 + 8u
(v) t2 – 15
(vi) 3x2 – x – 4
हल:
(i) दिया गया बहुपद f(x) = x2 – 2x – 8
= x2 – (4 – 2) x – 8 = x2 – 4x + 2x – 8
= x(x – 4) + 2(x – 4) = (x – 4) (x + 2)
∴ x2 – 2x – 8 = (x – 4) (x + 2)
बहुपद f(x) के शून्यक ज्ञात करने के लिए f(x) शून्य होगा।
⇒ f(x) = 0
अतः यदि x – 4 = 0 हो, तो x = 4
या फिर x + 2 = 0 हो, तो x = -2
अत: बहुपद x2 – 2x – 8 के शून्यक = 4 और -2
बहुपद के गुणांकों और शून्यकों में सम्बन्ध :
शून्यकों का योग = 4 + (-2) = 2
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.2 1
अत: बहुपद के गुणांकों और शून्यकों के बीच सम्बन्ध सत्य है।

(ii) दिया हुआ बहुपद = 4s2 – 4s + 1
= (28)2 – 2 (2s). 1 + (1)2
= (2s – 1)2
बहुपद f(x) के शून्यक ज्ञात करने के लिए f(x) शून्य होगा।
⇒ (2s – 1)2 = 0
यदि (2s – 1)2 = 0 ⇒ 2s – 1 = 0 ⇒ s = \(\frac{1}{2}\)
यहाँ बहुपद के शून्यक समान हैं।
अतः बहुपद के शून्यक \(\frac{1}{2}\) और \(\frac{1}{2}\) हैं।

बहुपद के शून्यकों तथा गुणांकों में सम्बन्ध :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.2 2
अतः बहुपद के शून्यकों और गुणांकों के मध्य सम्बन्ध सही है।

(iii) दिया गया बहुपद f(x)
= 6x2 – 3 – 7x = 6x2 – 7x – 3
= 6x2 – (9 – 2) x – 3
= 6x2 – 9x + 2x – 3
= 3x (2x – 3) + 1(2x – 3)
= (2x – 3) (3x + 1)
∴ बहुपद 6x2 – 3 – 7x = (2x – 3 ) (3x + 1)
बहुपद 6x2 – 7x – 3 के शून्यक ज्ञात करने के लिए f(x) शून्य होगा।
⇒ f(x) = 0
यदि 2x – 3 = 0 हो, तो 2x = 3 ⇒ x = \(\frac{3}{2}\)
और यदि 3x + 1 = 0 हो, तो 3x = -1 ⇒ x = –\(\frac{1}{3}\)
अत: बहुपद के शून्यक \(\frac{3}{2},-\frac{1}{3}\)

बहुपद के शून्यकों तथा गुणांकों में सम्बन्ध :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.2 3
अतः बहुपद के गुणांकों और के बीच सम्बन्ध सत्य है।

(iv) दिया गया बहुपद f(u) = 4u2 + 8u
⇒ f(u) = 4u(u + 2)
बहुपद f(u) के शून्यक ज्ञात करने के लिए f(u) शून्य होगा।
∴ f(u) = 0 ⇒ 4u(u + 2) = 0
u = 0 या u + 2 = 0 ⇒ u = 0 या u = -2
अतः f(u) के शून्यक 0 और -2 है।

बहुपद के शून्यकों तथा गुणांकों में सम्बन्ध :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.2 4
अतः बहुपद के गुणांकों और शून्यकों के बीच सम्बन्ध सत्य है।

(v) दिया गया बहुपद f(t) = t2 – 15 है।
बहुपद f(t) के शून्यक ज्ञात करने के लिए f(x) शून्य होगा।
t2 = 15 या t = ±\(\sqrt{15}\)
अत: बहुपद t2 – 15 के शून्यक = +\(\sqrt{15}\), –\(\sqrt{15}\)

बहुपद के गुणांकों और शून्यकों के मध्य सम्बन्ध :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.2 5
अतः बहुपद के गुणांकों और शून्यकों के मध्य सम्बन्ध सत्य है।

(vi) दिया गया बहुपद f(x) = 3x2 – x – 4
= 3x2 – (4 – 3)x – 4
= 3x2 – 4x + 3x – 4
= x(3x – 4) + 1 (3x – 4)
= (3x – 4) (x + 1)
∴ 3x2 – x – 4 = (3x – 4) (x + 1)
बहुपद f(x) के शून्यक ज्ञात करने के लिए f(x) शून्य होगा।
⇒ f(x) = 0
(3x – 4 ) (x + 1) = 0
यदि 3x – 4 = 0 हो, तो 3x = 4 ⇒ x = \(\frac{4}{3}\)
या फिर x + 1 = 0 हो, तो x = -1
अत: बहुपद के शून्यक \(\frac{4}{3}\) और -1 हैं।

बहुपद के शून्यकों तथा गुणांकों में सम्बन्ध :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.2 6
अतः बहुपद के गुणांकों और शून्यकों के बीच सम्बन्ध सत्य है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.2

प्रश्न 2.
एक द्विघात बहुपद ज्ञात कीजिए, जिसके शून्यकों का योग तथा गुणनफल क्रमश: हैं:
(i) \(\frac{1}{4}\) और -1
(ii) \(\sqrt{2}\) और \(\frac{1}{3}\)
(iii) 0 और \(\sqrt{5}\)
(iv) 1 और 1
(v) –\(\frac{1}{4}\) और \(\frac{1}{4}\)
(vi) 4 और 1
हल:
यदि द्विघात बहुपद f(x) के शून्यक ज्ञात हो तो निम्न सूत्र द्वारा अभीष्ट बहुपद ज्ञात करते है
f(x) = k{x2 – (शून्यकों का योग) x + शून्यकों का गुणनफल},
जहाँ k = एक वास्तविक संख्या
(i) माना f(x) वह बहुपद है जिसके शून्यकों का योग \(\frac{1}{4}\) और गुणनफल – 1 हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.2 7
अतः अभीष्ट बहुपद 4x2 – x – 4 या K(4x2 – x – 4) हैं।

(ii) माना f(x) वह द्विघात बहुपद है, जिसके शून्यकों का योग \(\sqrt{2}\) और गुणनफल \(\frac{1}{3}\) हैं।
f(x) = \(k\left(x^2-\sqrt{2} x+\frac{1}{3}\right)\)
= \(k\left(\frac{3 x^2-3 \sqrt{2} x+1}{3}\right)\)
= \(\frac{k}{3}\left(3 x^2-3 \sqrt{2} x+1\right)\)
= K(3x2 – 3\(\sqrt{2}\)x + 1)
जहाँ \(\frac{k}{3}\) एक अचर पद है/ वास्तविक संख्या है।
अत: अभीष्ट बहुपद 3x2 – 3\(\sqrt{2}\)x + 1
या K (3x2 – 3\(\sqrt{2}\)x + 1 ) है।

(iii) माना f(x) वह द्विघात बहुपद है जिसके शून्यकों का योग 0 और गुणनफल \(\sqrt{5}\) हैं।
∴ f(x) = k[x2 – 0, x + \(\sqrt{5}\) = k[x2 + \(\sqrt{5}\)]
(जहाँ k अचर पद है)
अतः अभीष्ट बहुपद x2 + \(\sqrt{5}\) है।

(iv) माना f(x) वह द्विघात बहुपद है जिसके शून्यकों का योगफल 1 और गुणनफल 1 हैं।
∴ f(x) = k (x2 – 1x + 1)
= k(x2 – x + 1), जहाँ k अचर पद है।
अतः अभीष्ट बहुपद x2 – x + 1 है।

(v) माना f(x) वह द्विघात बहुपद है जिसके शून्यकों का योग –\(\frac{1}{4}\) औरगुणनफल \(\frac{1}{4}\) हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.2 8
(जहाँ \(\frac{k}{4}\) एक अचर पद है)
अतः अभीष्ट बहुपद 4x2 + x + 1 है।

(vi) माना f(x) वह द्विघात बहुपद है जिसके शून्यक का योग 4 और गुणनफल 1 हैं।
∴ f(x) = k[x2 – 4x + 1], (जहाँ k अचर पद है)
अत: अभीष्ट बहुपद x2 – 4x + 1 है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

Students must go through these JAC Class 10 Science Notes Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण to get a clear insight into all the important concepts.

JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

→ रासायनिक अभिक्रिया – जब एक या एक से अधिक पदार्थ आपस में क्रिया करके नये पदार्थ का निर्माण करते हैं तो ऐसी अभिक्रिया रासायनिक अभिक्रिया कहलाती है।

→ आयनिक अभिक्रिया – जब अभिकारकों एवं क्रियाफलों के मध्य आयनिक बन्ध टूटकर नये आयनिक बन्ध बनाते हैं तो आयनिक अभिक्रिया होती है। ये मुख्यत: तीन प्रकार की होती हैं- संयोजन, वियोजन एवं विस्थापन अभिक्रिया।

→ विद्युत या आयनिक वियोजन अभिक्रिया- कुछ यौगिक जल में घोलने पर या विद्युत धारा प्रवाहित करने पर अपने ऋण एवं धन आयनों में टूट जाते हैं तो इसे विद्युत अथवा आयनिक वियोजन कहते हैं।

→ रासायनिक समीकरण – किसी रासायनिक अभिक्रिया को अभिकारकों तथा उत्पादों के प्रतीक व रासायनिक सूत्रों का प्रयोग करके प्रदर्शित करना, रासायनिक समीकरण कहलाता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

→ संयोजन अभिक्रिया जब दो या दो से अधिक पदार्थ मिलकर एक नया पदार्थ बनाते हैं, उसे संयोजन अभिक्रिया कहते हैं।

→ वियोजन अभिक्रिया – वियोजन अभिक्रिया संयोजन अभिक्रिया के विपरीत होती है। वियोजन अभिक्रिया में एकल पदार्थ वियोजित होकर दो या दो से अधिक पदार्थ बनते हैं।

→ ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ-वे अभिक्रियाएँ जिसमें ऊष्मा उत्पन्न होती है, ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।

→ ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ – वे अभिक्रियाएँ जिनमें ऊष्मा अवशोषित होती है, ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।

→ विस्थापन अभिक्रिया- वह अभिक्रिया जिसमें एक तत्त्व (या पदार्थ) किसी दूसरे तत्त्व (या पदार्थ) को उसके यौगिक में से हटाकर स्वयं उसका स्थान ले लेता है, विस्थापन अभिक्रिया कहलाती है।

→ द्विविस्थापन अभिक्रिया में दो अलग-अलग परमाणु या परमाणुओं के समूह (आयन) का आपस में आदान-प्रदान होता है।

→ अवक्षेपण अभिक्रिया से अविलेय लवण प्राप्त होता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

→ सह-संयोजक अभिक्रिया जब रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारकों एवं क्रियाफलों के मध्य सह-संयोजक बन्ध टूटकर नये सह-संयोजक बन्ध बनाते हैं तो इसे सह-संयोजक अभिक्रिया कहते हैं।

→ उत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ ऐसी अभिक्रियाएँ जो समान परिस्थितियों में अग्र एवं पश्च दोनों दिशाओं में होती हैं और किसी भी दिशा में पूर्णता को नहीं पहुँचतीं उत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।

→ अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ-वे अभिक्रियाएँ जो केवल एक ही दिशा में चलती हैं तथा पूर्णता को प्राप्त होती हैं, अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।

→ अभिक्रिया दर- अभिकारकों की वह मात्रा जो इकाई समय में उत्पादों में परिवर्तित होती हैं, उस अभिक्रिया की दर कहलाती है।

→ मंद अभिक्रियाएँ वे अभिक्रियाएँ जो धीरे-धीरे होती हैं व जिनके पूर्ण होने में अत्यधिक समय लगता है, मंद अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।

→ तीव्र अभिक्रियाएँ वे अभिक्रियाएँ जो अतिशीघ्रता (लगभग 10 सेकण्ड ) में पूर्ण होती हैं तीव्र अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।

→ रासायनिक साम्यावस्था किसी उत्क्रमणीय अभिक्रिया की वह अवस्था जिसमें अग्र व विपरीत दोनों अभिक्रियाओं के वेग बराबर हो जाते हैं, रासायनिक साम्यावस्था कहलाती हैं।

→ आयनिक साम्य-आयनिक अभिक्रियाओं की वह अवस्था जिसमें आयनिक क्रियाकारकों तथा उत्पादों का सान्द्रण परिवर्तित नहीं होता, आयनिक साम्य कहलाता है।

→ विकृतगंधिता-ऐसी प्रक्रिया जिसमें वसायुक्त सामग्री खराब होने लगती है तथा स्वाद व गंध में परिवर्तन होने लगता है, खाद्य पदार्थों का ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके ऑक्सीकरण कर देते हैं विकृतगंधिता कहलाती है।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

Jharkhand Board JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

Jharkhand Board Class 10 Science रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
नीचे दी गयी अभिक्रिया के सम्बन्ध में कौन-सा कथन असत्य है?
2PbO (s) + C (s) → 2Pb ( s) + CO2(s)
(a) सीसा अपचयित हो रहा है।
(b) कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रहा है।
(c) कार्बन उपचयित हो रहा है।
(d) लेड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है।
(i) (a) एवं (b)
(ii) (a) एवं (c)
(iii) (a) (b) एवं (c)
(iv) सभी
उत्तर:
(i) (a) एवं (b).

प्रश्न 2.
Fe2O3 + 2Al → Al2O3 + 2Fe
ऊपर दी गयी अभिक्रिया किस प्रकार की है?
(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) द्विविस्थापन अभिक्रिया
(c) वियोजन अभिक्रिया
(d) विस्थापन अभिक्रिया
उत्तर:
(d) विस्थापन अभिक्रिया।

प्रश्न 3.
लौह-चूर्ण पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालने से क्या होता है? सही उत्तर पर निशान लगाइए।
(a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है।
(b) क्लोरीन गैस एवं आयरन हाइड्रॉक्साइड बनता है।
(c) कोई अभिक्रिया नहीं होती है।
(d) आयरन लवण एवं जल बनता है।
उत्तर:
(a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है।

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प्रश्न 4.
संतुलित रासायनिक समीकरण क्या है? रासायनिक समीकरण को संतुलित करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
जब किसी रासायनिक समीकरण में विभिन्न तत्त्वों के परमाणुओं की संख्या दोनों तरफ बराबर होती है तो उसे संतुलित रासायनिक समीकरण कहते हैं रासायनिक समीकरण को संतुलित करना इसलिए आवश्यक है क्योंकि इसके द्वारा हम न केवल समीकरण की वास्तविक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं बल्कि अभिकारकों एवं उत्पादों की वास्तविक संख्या की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 5.
निम्न कथनों को रासायनिक समीकरण के रूप में परिवर्तित कर उन्हें संतुलित कीजिए-
(a) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से संयोग करके अमोनिया बनाती है।
(b) हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का वायु पर जल एवं सल्फर डाइऑक्साइड बनता है।
(c) ऐलुमिनियम सल्फेट के साथ अभिक्रिया करके बेरियम क्लोराइड, ऐलुमिनियम क्लोराइड एवं बेरियम सल्फेट का अवक्षेप प्रदान देता है।
(d) पोटैशियम धातु जल के साथ अभिक्रिया करके पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस देती है।
उत्तर:
(a) N2(g) + 3H2 (g) → 2NH3(g)
(b) 2H2S(g) + 3O2 (g) → 2H2O(l) + 2SO2(g)
(c) 3BaCl2 + Al2(SO4)3 → 3BaSO4 + 2AlCl3
(d) 2K + 2H2O → 2KOH + H2(g)

प्रश्न 6.
निम्न रासायनिक समीकरणों को संतुलित कीजिए-
(a) HNO3 + Ca(OH)2 → Ca(NO3)2 + H2O
(b) NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + H2O
(c) NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3
(d) BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + HCl
उत्तर:
(a) 2HNO3 + Ca(OH)2 → Ca(NO3)2 + 2H2O
(b) 2NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + 2H2O
(c) NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3
(d) BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + 2HCl

प्रश्न 7.
निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए-
(a) कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड + कार्बन डाइ ऑक्साइड → कैल्सियम कार्बोनेट + जल
(b) जिंक + सिल्वर नाइट्रेट → जिंक नाइट्रेट सिल्वर
(c) ऐलुमिनियम + कॉपर क्लोराइड → ऐलुमिनियम क्लोराइड + कॉपर
(d) बेरियम क्लोराइड + पोटैशियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइड
उत्तर:
(a) Ca(OH)2 + CO2 → CaCO3 + H2O
(b) Zn + 2AgNO3 → Zn (NO3)2 + 2Ag
(c) 2Al + 3Cucl2 → 2Alcl3 + 3Cu
(d) BaCl2 + K2SO4 → BaSO4 + 2KCl

प्रश्न 8.
निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए एवं प्रत्येक अभिक्रिया का प्रकार बताइए।
(a) पोटैशियम ब्रोमाइड (aq) + बेरियम आयोडाइड (aq) → पोटैशियम आयोडाइड (aq) + बेरियम ब्रोमाइड (aq)
(b) जिंक कार्बोनेट (s) → जिंक ऑक्साइड (s) + कार्बन डाइऑक्साइड (g)
(c) हाइड्रोजन (g) + क्लोरीन (g) → हाइड्रोजन क्लोराइड (g)
(d) मैग्नीशियम (s) + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (aq) → मैग्नीशियम क्लोराइड (aq) + हाइड्रोजन (g)
उत्तर:
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प्रश्न 9.
ऊष्माक्षेपी एवं ऊष्माशोषी अभिक्रिया का क्या अर्थ है? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ – ऐसी अभिक्रियाएँ जिनमें ऊर्जा का उत्सर्जन होता है, ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ (Exothermic Reaction) कहलाती हैं।
उदाहरण-
(i) मेथेन गैस का वायु में जलना-
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(ii) थर्माइट अभिक्रिया-लौह ऑक्साइड Fe2O3 का ऐलुमिनियम धातु से अपचयन। इस अभिक्रिया का उपयोग रेल की बेल्डिंग में होता है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 3
ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ ऐसी अभिक्रियाएँ जिनमें ऊर्जा का अवशोषण होता है, ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ (En- dothermic Reaction) कहलाती हैं।
उदाहरण-
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प्रश्न 10.
श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
यह स्पष्ट है कि चावल, आलू तथा ब्रेड में कार्बोहाइड्रेट होता है जो पाचन क्रिया के समय छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाते हैं, इस प्रकार के टूटने से ग्लूकोज प्राप्त होता है। यह ग्लूकोज हमारे शरीर की कोशिकाओं में उपस्थित ऑक्सीजन से मिलकर हमें ऊर्जा प्रदान करता है। इस अभिक्रिया का विशेष नाम श्वसन होता है।
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प्रश्न 11.
वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत क्यों कहा जाता है? इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर:
वियोजन अभिक्रियाएँ वे अभिक्रियाएँ हैं जिनमें कोई यौगिक दो या अधिक नये यौगिकों में विघटित हो जाता है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 6
संयोजन अभिक्रियाएँ वे अभिक्रियाएँ हैं जिनमें दो पदार्थ आपस में संयोग करके एक नए पदार्थ का निर्माण करते हैं।
CaO + CO2 → CaCO3
उपर्युक्त उदाहरणों में दोनों अभिक्रियाएँ समान हैं किन्तु विपरीत स्थितियाँ दिखा रही हैं। अतः वियोजन अभिक्रियाओं को संयोजन अभिक्रियाओं के विपरीत कहा जाता है।

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प्रश्न 12.
उन वियोजन अभिक्रियाओं के एक-एक समीकरण लिखें जिनमें ऊष्मा, प्रकाश एवं विद्युत के रूप में ऊर्जा प्रदान की जाती है।
उत्तर:
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प्रश्न 13.
विस्थापन एवं द्विविस्थापन अभिक्रिया में क्या अन्तर है? इन अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए।
उत्तर:
विस्थापन अभिक्रिया – जब अधिक क्रियाशील तत्त्व, कम क्रियाशील तत्त्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है तो विस्थापन अभिक्रिया होती है।
Zn(s) + CuCl2(aq) → ZnClg (aq) + Cu (s)
यहाँ, Zn, Cu से अधिक क्रियाशील है जो CuCl2 से Cu को विस्थापित कर देता है।
द्विविस्थापन अभिक्रिया – अभिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है।
जैसे – AB + CD → AC + BD
NaOH + HCl → NaCl + H2O

प्रश्न 14.
सिल्वर के शोधन में, सिल्वर नाइट के विलयन से सिल्वर प्राप्त करने के लिए कॉपर धातु द्वारा विस्थापन किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
Cu(s) + 2AgNO3 → Cu(NO3)2(aq) + 2Ag(s)

प्रश्न 15.
अवक्षेपण अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें अविलेय लवण बनता है, जो विलयन से पृथक हो जाता है, अवक्षेपण अभिक्रिया कहलाती है।
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प्रश्न 16.
ऑक्सीजन के योग या ह्रास के आधार पर निम्न पदों की व्याख्या करें। प्रत्येक के लिए दो उदाहरण दें- (a) उपचयन (b) अपचयन
उत्तर:
(a) उपचयन वे अभिक्रियाएँ जिनमें ऑक्सीजन का योग होता है, उन्हें उपचयन कहते हैं।
उदाहरण :

  • 2Cu + O2 → 2CuO
  • 2H2 + O2 → 2H2O

(b) अपचयन – वे अभिक्रियाएँ जिनमें ऑक्सीजन का ह्रास होता है उन्हें अपचयन कहते हैं।
उदाहरण :

  • ZnO + C → Zn + CO
  • CuO + H2 → Cu + H2O

प्रश्न 17.
एक भूरे रंग का चमकदार तत्त्व ‘X’ को वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर वह काले रंग का हो जाता है। इस तत्त्व ‘X’ एवं उस काले रंग के यौगिक के नाम बताइए।
उत्तर:
चमकदार भूरे रंग का तत्त्व ‘X’ कॉपर है। जब इसे हवा में गर्म किया जाता है तो यह कॉपर ऑक्साइड के जमा होने के कारण काला पड़ जाता है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 9

प्रश्न 18.
लोहे की वस्तुओं को हम पेन्ट क्यों करते हैं?
उत्तर:
लोहे की वस्तुओं को संक्षारण से बचाने के लिए हम पेन्ट करते हैं। पेन्ट, वस्तु की सतह तथा हवा या नमी के बीच प्रत्यक्ष सम्पर्क को समाप्त कर देता है।

प्रश्न 19.
तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित क्यों किया जाता है?
उत्तर:
क्योंकि तेल व वसायुक्त खाद्य पदार्थ ऑक्सीजन के साथ मिलकर विकृतगंधिता उत्पन्न करते हैं जबकि नाइट्रोजन ऐसा नहीं कर पाता। अतः चिप्स आदि बनाने वाले, चिप्स की थैली में नाइट्रोजन गैस भरकर वायुरोधी कर देते हैं ताकि थैली में कोई भी ऑक्सीजन न हो और खाद्य सामग्री का ऑक्सीकरण न हो सके।

प्रश्न 20.
निम्न पदों का वर्णन कीजिए तथा प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए-
(a) संक्षारण
(b) विकृतगंधिता।
उत्तर:
(a) संक्षारण – धातु का अभिकारकों द्वारा यौगिकों में बदलकर नष्ट होने की प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं। जैसे – आयरन को नम वायु में डाल देने से, वह नम वायु से क्रिया करके आयरन ऑक्साइड बनाता है। यह आयरन ऑक्साइड ही आयरन पर जंग के रूप में पर्त बना लेता है। इस आयरन ऑक्साइड के गुण, आयरन के गुणों से भिन्न होते हैं।

(b) विकृतगंधिता – ऐसी प्रक्रिया जिसमें वसायुक्त अथवा तैलीय खाद्य सामग्री खराब होने लगती है तथा स्वाद व गंध में परिवर्तन होने लगता है। खाद्य पदार्थों का ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके ऑक्सीकरण कर देते हैं।

Jharkhand Board Class 10 Science रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण InText Questions and Answers

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 6)

प्रश्न 1.
वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है?
उत्तर:
वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को इसलिए साफ किया जाता है कि इसकी ऊपरी सतह हट जाए, साथ ही धूलकण आदि भी साफ हो जाएँ ताकि मैग्नीशियम की सतह हवा के प्रत्यक्ष सम्पर्क में आ सके।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए संतुलित समीकरण लिखिए-
(i) हाइड्रोजन + क्लोरीन → हाइड्रोजन क्लोराइड
(ii) बेरियम क्लोराइड + ऐलुमिनियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + ऐलुमिनियम क्लोराइड
(iii) सोडियम + जल → सोडियम हाइड्रॉक्साइड + हाइड्रोजन
उत्तर:
(i) H2 + Cl2 → 2HCl
(ii) 3BaCl2 + Al2(SO4)3 → 3BaSO4 + 2AlCl3
(iii) 2Na + 2H2O → 2NaOH + H2

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए उनकी अवस्था के संकेतों के साथ संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए-
(i) जल में बेरियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फेट के विलयन अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा अघुलनशील बेरियम सल्फेट का अवक्षेप बनाते हैं।
(ii) सोडियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन (जल में) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के विलयन (जल में) से अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा जल बनाते हैं।
उत्तर:
(i) BaCl2(l) + Na2SO4 (aq) → BaSO4 (8) + 2NaCl(l)
(ii) NaOH (aq) + HCl(aq) → NaCl (l) + H2O(l)

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 11)

प्रश्न 1.
किसी पदार्थ ‘X’ के विलयन का उपयोग सफेदी करने के लिए होता है।
(i) पदार्थ ‘X’ का नाम तथा इसका सूत्र लिखिए।
(ii) ऊपर (i) में लिखे पदार्थ ‘X’ की जल के साथ अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
(i) पदार्थ ‘X’ बिना बुझा चूना (कैल्सियम ऑक्साइड) है इसका सूत्र CaO होता है।

(ii) CaO की जल के साथ अभिक्रिया निम्न प्रकार है-
CaO(s) + H2O(l) → Ca(OH)2
कैल्सियम ऑक्साइड जल कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड

प्रश्न 2.
क्रिया-कलाप 1.7 (पाठ्य-पुस्तक देखें) एक परखनली में एकत्रित गैस की मात्रा दूसरी से दोगुनी क्यों है? उस गैस का नाम बताइए।
उत्तर:
जल के विद्युत अपघटन करने पर, हाइड्रोजन व ऑक्सीजन गैस प्राप्त होती है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 26
दिए गए संतुलित रासायनिक समीकरण से प्रतीत होता है कि जल के 2 आयतन से हाइड्रोजन के 2 आयतन तथा ऑक्सीजन का एक आयतन प्राप्त होता है। इसीलिए एक परखनली में गैस का आयतन दूसरी परखनली में गैस के आयतन का दुगना है। अतः यह गैस हाइड्रोजन है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 15)

प्रश्न 1.
जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है?
उत्तर:
जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है, तो लोहा कॉपर को कॉपर सल्फेट के विलयन से विस्थापित कर देता है और आयरन सल्फेट बनाता है क्योंकि आयरन, कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील होता है जिस कारण आयरन, कॉपर सल्फेट से कॉपर को विस्थापित कर देता है जो हल्के हरे रंग का है। इसलिए कॉपर सल्फेट विलयन जो नीले रंग का है, का रंग बदल जाता है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 27

प्रश्न 2.
क्रिया-कलाप 1.10 से भिन्न द्विविस्थापन अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 3.
निम्न अभिक्रियाओं में उपचयित तथा अपचयित पदार्थों की पहचान कीजिए-
(i) 4Na(s) + O2(g) → 2Na2O(s)
(ii) CuO(s) + H2(g) → Cu(s) + H2O(l)
उत्तर:
(i) इस अभिक्रिया में सोडियम (Na) Nago में उपचयित होता है, क्योंकि Na का O2 से संयोग हो रहा है और O2 अपचयित होने वाला पदार्थ है। अत: उपचयित एवं अपचयित होने वाले पदार्थ क्रमश: Na और O2 हैं।
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(ii) CuO + H2 → Cu + H2O(l)
अपचयन (ऑक्सीजन का ह्रस)
अत: उपचयित होने वाला पदार्थ-H2
और अपचयित होने वाला पदार्थ-CuO

क्रिया-कलाप – 1.1
सावधानी – इस क्रिया-कलाप में शिक्षक के सहयोग की आवश्यकता है। सुरक्षा के लिए छात्र आँखों पर चश्मा पहन लें तो उचित होगा।
(i) लगभग 2 cm लंबे मैग्नीशियम रिबन को रेगमाल से रगड़कर साफ कर लीजिए।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 10

(ii) इसे चिमटे से पकड़कर स्पिरिट लैंप या बर्नर से इसका दहन करिए तथा इससे बनी राख को वॉच ग्लास में इकट्ठा कर लीजिए जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। मैग्नीशियम रिबन का दहन करते समय इसे अपनी आँखों से यथासंभव दूर रखिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आपने क्या प्रेक्षण किया?
उत्तर:
हम प्रेक्षण करते हैं कि मैग्नीशियम रिबन एक चमकदार श्वेत लौ के साथ जलती है तथा श्वेत चूर्ण में परिवर्तित हो जाती है। यह सफेद चूर्ण मैग्नीशियम ऑक्साइड है। यह वायु में उपस्थित ऑक्सीजन तथा मैग्नीशियम के बीच होने वाली अभिक्रिया के कारण बनता है।

क्रिया-कलाप – 1.2

  • एक परखनली में लेड (सीसा) नाइट्रेट का घोल लीजिए।
  • इसमें पोटैशियम आयोडाइड का घोल मिला दीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आपने क्या प्रेक्षण किया?
उत्तर:
हम प्रेक्षण करते हैं कि दोनों ही पदार्थ आपस में अभिक्रिया करते हैं तथा निम्नलिखित अभिक्रिया संपादित होती है-
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 11

क्रिया-कलाप – 1.3

  • एक शंक्वाकार फ्लास्क या परखनली में कुछ दानेदार जिंक लीजिए।
  • इसमें तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल या सल्फ्यूरिक अम्ल मिला दीजिए।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 12

सावधानी – अम्ल का इस्तेमाल सावधानी से कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्या जस्ते के दानों के आस-पास कुछ होता दिखाई दे रहा है?
उत्तर:
हाँ, जस्ते के दानों का आकार धीरे-धीरे घटता जा रहा है तथा एक गैस का निर्माण हो रहा है जो हाइड्रोजन है।

प्रश्न 2.
शंक्वाकार फ्लास्क या परखनली को स्पर्श कीजिए। क्या इसके तापमान में कोई परिवर्तन हुआ है?
उत्तर:
हाँ, इसका तापमान थोड़ा-सा बढ़ गया है।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

क्रिया-कलाप – 1.4

  • एक बीकर में थोड़ा कैल्सियम ऑक्साइड तथा बुझा हुआ चूना लीजिए।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 13
  • इसमें धीरे-धीरे जल मिलाइए।
  • अब बीकर को स्पर्श कीजिए जैसा चित्र में दिखाया गया है।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्या इसके ताप में कोई परिवर्तन हुआ?
उत्तर:
हाँ, कैल्सियम ऑक्साइड जल के साथ तीव्रता से अभिक्रिया करके बुझे हुए चूने (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) का निर्माण करके अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करता है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 14

क्रिया-कलाप – 1.5

  • एक शुष्क क्वथन नली में 2 g फेरस सल्फेट के क्रिस्टल लीजिए।
  • फेरस सल्फेट के क्रिस्टल के रंग पर ध्यान दीजिए।
  • क्वथन नली को बर्नर या स्पिरिट लैंप की ज्वाला पर गर्म कीजिए, जैसा चित्र में दिखाया गया है।
  • गर्म करने के पश्चात् क्रिस्टल के रंग को देखिए।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 15

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
गर्म करने से पहले फेरस सल्फेट के क्रिस्टल के रंग पर ध्यान दीजिए। गर्म करने के बाद फेरस सल्फेट के क्रिस्टल के रंग का निरीक्षण कीजिए।
उत्तर:
गर्म करने से पहले फेरस सल्फेट के क्रिस्टल का रंग हरा होता है जबकि गर्म करने पर इसका रंग गायब हो जाता है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 16

क्रिया-कलाप – 1.6

  • एक क्वथन ली में 2g लेड नाइट्रेट का चूर्ण लीजिए।
  • चिमटे से वथन नली को पकड़कर ज्वाला के ऊपर रखकर इसे गर्म कीजिए जैसा चित्र में दिखाया गया है।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 17

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आपने क्या देखा? यदि कोई परिवर्तन है तो उसे नोट कर लीजिए।
उत्तर:
हम देखते हैं कि भूरे रंग का धुआँ उत्सर्जित होता है। यह धुआँ नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड (NO2) का है। निम्नलिखित अभिक्रिया घटित होती है-
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 18

क्रिया-कलाप – 1.7

  • एक प्लास्टिक का मग लीजिए। इसकी तली में दो छिद्र करके उनमें रबड़ का डॉट लगा दीजिए। इन छिद्रों में कार्बन इलेक्ट्रोड डाल दीजिए जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
  • इन इलेक्ट्रोडों को 6 वोल्ट की बैटरी से जोड़ दीजिए।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 19
  • मग में इतना जल डालिए कि इलेक्ट्रोड उसमें डूब जाए। जल में तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की कुछ बूँदें डाल दीजिए।
  • जल से भरी दो अंशांकित परखनलियों को दोनों कार्बन इलेक्ट्रोडों के ऊपर उलटा करके रख दीजिए।
  • अब विद्युत धारा प्रवाहित करके इस उपकरण को थोड़ी देर के लिए छोड़ दीजिए।
  • दोनों इलेक्ट्रोडों पर आप बुलबुले बनते हुए देखेंगे। ये बुलबुले अंशांकित नली से जल को विस्थापित कर देते हैं।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्या दोनों परखनलियों में एकत्रित गैस का आयतन समान है?
उत्तर:
नहीं, दोनों परखनलियों में एकत्रित गैस का आयतन समान नहीं है।

  • जब दोनों परखनलियाँ गैस से भर जाएँ तब उन्हें सावधानीपूर्वक हटा लीजिए।
  • एक जलती हुई मोमबत्ती को दोनों परखनलियों के मुँह के ऊपर लाकर इन गैसों की जाँच कीजिए।

प्रश्न 2.
दोनों स्थितियों में क्या होता है?
उत्तर:
दोनों स्थितियों में एक परखनली में गैस का आयतन, दूसरी परखनली में गैस के आयतन का दो गुना है।

प्रश्न 3.
दोनों परखनलियों में कौन-सी गैस उपस्थित है?
उत्तर:
एक परखनली में हाइड्रोजन गैस उपस्थित है जबकि दूसरी परखनली में ऑक्सीजन गैस उपस्थित है।

क्रिया-कलाप – 1.8

  • चायना डिश में 2g सिल्वर क्लोराइड लीजिए।
  • इस चायना डिश को थोड़ी देर के लिए सूर्य के प्रकाश में रख दीजिए (चित्र)।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 20

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
इसका रंग क्या है?
उत्तर:
इसका रंग उजले (सफेद) रंग का है।

प्रश्न 2.
थोड़ी देर पश्चात् सिल्वर क्लोराइड के रंग को देखिए।
उत्तर:
सूर्य के प्रकाश में श्वेत रंग का सिल्वर क्लोराइड धूसर रंग का हो जाता है। प्रकाश की उपस्थिति में सिल्वर क्लोराइड का सिल्वर तथा क्लोरीन में वियोजन के कारण से ऐसा होता है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 21

क्रिया-कलाप – 1.9

  • लोहे की तीन कील लीजिए और उन्हें रेगमाल रगड़कर साफ कीजिए।
  • (A) तथा (B) से चिन्हित की हुई दो परखनलियाँ लीजिए। प्रत्येक परखनली में 10 mL कॉपर सल्फेट का विलयन लीजिए।
  • दो कीलों को धागे से बाँधकर सावधानीपूर्वक परखनली (B) के कॉपर सल्फेट विलयन में लगभग 20 मिनट तक डुबो कर रखिए चित्र (a) तुलना करने के लिए एक कील को अलग रखिए।
  • 20 मिनट बाद दोनों कीलों को कॉपर सल्फेट के विलयन से बाहर निकाल लीजिए।
  • परखनली (A) तथा (B) में कॉपर सल्फेट के विलयन के नीले रंग की तीव्रता की तुलना कीजिए चित्र (b)।
  • कॉपर सल्फेट के विलयन में डूबी कीलों के रंग की तुलना बाहर रखी कील से कीजिए चित्र (b)।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 22

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
परखनली (A) में रखे कॉपर सल्फेट विलयन का रंग क्या है?
उत्तर:
परखनली (A) में रखे कॉपर सल्फेट विलयन का रंग नीला हो जाता है।

प्रश्न 2.
परखनली (B) में रखे कॉपर सल्फेट विलयन का रंग क्या है?
उत्तर:
परखनली (B) में रखे कॉपर सल्फेट विलयन का नीला रंग बहुत हल्का हो जाता है।

प्रश्न 3.
कॉपर सल्फेट विलयन का रंग क्यों बहुत हल्का है?
उत्तर:
विलयन से कॉपर के विस्थापन के कारण कॉपर सल्फेट विलयन का रंग बहुत हल्का है।

प्रश्न 4.
परखनली (B) में रखी लोहे की कील का रंग क्या है?
उत्तर:
लोहे की कील का रंग भूरा है।

प्रश्न 5.
लोहे की कील का रंग भूरा क्यों हो जाता है?
उत्तर:
लोहे की कील का रंग लोहे के ऊपर कॉपर के जमा होने के कारण भूरा हो जाता है।
CuSO4 + Fe → FeSO4 + Cu

क्रिया-कलाप – 1.10

  • एक परखनली में 3mL सोडियम सल्फेट का विलयन लीजिए।
  • एक अन्य परखनली में 3 mL बेरियम क्लोराइड लीजिए।
  • दोनों विलयनों को मिला लीजिए (चित्र)।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 23

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आपने क्या देखा?
उत्तर:
हम देखते हैं कि उजले रंग का एक पदार्थ (BaSO4) बनता है जो जल में अघुलनशील है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 24

क्रिया-कलाप – 1.11
चायना डिश में 1g कॉपर चूर्ण लेकर उसे गर्म कीजिए (चित्र)।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आपने क्या देखा?
उत्तर:
हम देखते हैं कि कॉपर चूर्ण की सतह कॉपर (II) ऑक्साइड की परत जमने के कारण काली पड़ जाती है। यह कॉपर चूर्ण का ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया के कारण बनता है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 25

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Exercise 2.3

प्रश्न 1.
विभाजन एल्गोरिथ्म का प्रयोग करके, निम्न में p(x) को g(x) से भाग देने पर भागफल तथा शेषफल ज्ञात कीजिए :
(i) p(x) = x3 – 3x2 + 5x – 3, g(x) = x2 – 2
(ii) p(x) = x4 – 3x2 + 4x + 5, g(x) = x2 + 1 – x
(iii) p(x) = x4 – 5x + 6, g(x) = 2 – x2
हल:
(i) p(x) = x3 – 3x2 + 5x – 3 तथा
g(x) = x2 – 2
माना भागफल q(x) और शेषफल r(x) है।
यूक्लिड की विभाजन एल्गोरिथ्यम से,
p(x) = g(x).q(x) + r(x)
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3 1
अर्थात
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3 2
अत: भागफल q(x) = x – 3
शेषफल r(x) = 7x – 9
(ii) p(x) = x4 – 3x2 + 4x + 5
g(x) = x2 + 1 – x ⇒ x2 – x + 1
माना भागफल q(x) तथा शेषफल r(x) है।
यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म से,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3 3
अत: भागफल q(x) = x2 + x – 3
तथा शेषफल r(x) = 8
(iii) p(x) = x4 – 5x + 6
g(x) = 2 – x2
माना भागफल q(x) तथा शेषफल r(x) है।
यूक्लिड की विभाजन एल्गोरिथ्म से,
p(x) = g(x).q(x) + r(x)
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3 4
अत: भागफल q(x) = – x2 – 2
तथा शेषफल r(x) = -5x + 10

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3

प्रश्न 2.
प्रथम बहुपद से द्वितीय बहुपद को भाग करके, जाँच कीजिए कि क्या प्रथम बहुपद, द्वितीय बहुपद का एक गुणनखण्ड है:
(i) t2 – 3, 2t4 + 3t3 – 2t2 – 9t – 12
(ii) x2 + 3x + 1, 3x4 + 5x3 – 7x2 + 2x + 2
(iii) x3 – 3x + 1, x5 – 4x3 + x2 + 3x + 1
हल:
(i)
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3 5
∵ शेषफल शून्य है।
∴ विभाजन एल्गोरिथ्म से,
2t4 + 3t3 – 2t2 – 9t – 12 = (t2 – 3) (2t2 + 3t + 4) + 0
अतः t2 – 3, 2t4 + 3t3 – 2t2 – 9t – 12 का एक गुणनखण्ड है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3 6
∵ शेषफल शून्य है।
∴ विभाजन एल्गोरिथ्म प्रमेय से,
3x4 + 5x3 – 7x2 + 2x + 2 = (x2 + 3x + 1) (3x2 – 4x + 2) + 0
अत: x2 + 3x + 1, 3x4 + 5x3 – 7x2 + 2x + 2 का एक गुणनखण्ड है।

(iii) माना g(x) = x3 – 3x + 1
p(x) = x5 – 4x3 + x2 + 3x + 1
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3 7
∴ शेषफल r(x) = 2
भागफल q(x) = x2 – 1
∵ शेषफल शून्य नहीं है।
अत: g(x), p(x) का गुणनखण्ड नहीं है।

प्रश्न 3.
3x4 + 6x3 – 2x2 – 10x – 5 के अन्य सभी शून्यक ज्ञात कीजिए, यदि इसके दो शून्यक \(\sqrt{\frac{5}{3}}\) और –\(\sqrt{\frac{5}{3}}\) है।
हल:
∵ \(\sqrt{\frac{5}{3}}\) और –\(\sqrt{\frac{5}{3}}\) दिए गए बहुपद के शून्यक है।
∴ \(\left(x-\sqrt{\frac{5}{3}}\right)\left(x+\sqrt{\frac{5}{3}}\right)=\left(x^2-\frac{5}{3}\right)\)
दिए गए बहुपद का एक गुणनखण्ड होगा।
∴ बहुपद 3x4 + 6x3 – 2x2 – 10x – 5 को x2 – \(\frac{5}{3}\) से भाग देने पर,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3 8
∴ बहुपद के दिये गये शून्यक के अलावा अन्य शून्यक निम्न होंगे :
x + 1 = 0 या x + 1 = 0
⇒ x = -1 या x = -1
अतः दिए गए बहुपद के अन्य शून्यक -1 और -1 हैं।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3

प्रश्न 4.
यदि x3 – 3x2 + x + 2 को एक बहुपद g(x) से भाग देने पर भागफल और शेषफल क्रमश: x – 2 और -2x + 4 हैं, तो g(x) ज्ञात कीजिए।
हल:
भाज्य p(x) = x3 – 3x2 + x + 2
भाजक g(x) = ज्ञात करना है
भागफल q(x) = x – 2
शेषफल r(x) = -2x + 4
∴ यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका से,
p(x) = g(x).q(x) + r(x)
g(x) = \(\frac{p(x)-r(x)}{q(x)}\)
p(x), q(x) और r(x) के मान रखने पर,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3 9
अत: g(x) = x2 – x + 1

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3

प्रश्न 5.
बहुपदों p(x), g(x), q(x) और (x) के ऐसे उदाहरण दीजिए जो विभाजन एल्गोरिथ्म को सन्तुष्ट करते हों तथा
(i) घात p(x) = घात q(x)
(ii) घात q(x) = घात (x)
(iii) घात r(x) = 0.
हल:
(i) हमें p(x) व q(x) ऐसा चाहिए कि
p(x) की घात = q(x) की घात
तब p(x) की घात = g(x) की घात · q(x) की घात
⇒ g(x) की घात शून्य होनी चाहिए।
माना कि p(x) = 4x2 + 8x + 12 तथा g(x) = 4
p(x) को g(x) से विभाजित करने पर
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3 10
अतः q(x) = x2 + 2x + 3 तथा r(x) = 0
विभाजन एल्गोरिथ्म से
4x2 + 8x + 12 = 4(x2 + 2x + 3) + 0
अथवा p(x) = g(x) · q(x) + r(x)
∴ p(x) की घात = q(x) की घात = 2
अतः p(x) = 4x2 + 8x + 12
q(x) = x2 + 2x + 3
g(x) = 4
r(x) = 0

(ii) q(x) की घात = r(x) की घात
p(x) = g(x).q(x) + r(x)
माना कि p(x) = x3 – x2 + 4x + 1
तथा g(x) = x2 + 1
p(x) को g(x) से विभाजित करने पर
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3 11
∴ q(x) = x – 1 तथा r(x) = 3x + 2
विभाजन एल्गोरिथ्म से
x3 – x2 + 4x + 1 = (x2 + 1) (x – 1) + 3x + 2
अथवा p(x) = g(x) · q(x) + r(x)
∴ q(x) की घात = r(x) की घात = 1
अतः p(x) = x3 – x2 + 4x + 1
g(x) = x2 + 1, q(x) = x – 1 तथा
r(x) = 3x + 2

(iii) घात (x) = 0
माना कि p(x) = x3 + x2 – x + 2
तथा g(x) = x2 – 1
p(x) को g(x) से विभाजित करने पर
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3 12
अतः q(x) = x + 1 तथा r(x) = 3
विभाजन एल्गोरिथ्म से
x3 + x2 – x + 2 = (x2 – 1 ) (x + 1) + 3
अथवा p(x) = g(x) · q(x) + r(x)
r(x) की घात = 0
अतः p(x) = x3 + x2 – x + 2
g(x) = x2 – 1
q(x) = x + 1 तथा
अतः r(x) = 3.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.1

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Exercise 2.1

प्रश्न 1.
किसी बहुपद p(x) के लिए, y = p(x) का ग्राफ नीचे आकृति में दिया है। प्रत्येक स्थिति में, p(x) के शून्यकों की संख्या ज्ञात कीजिए।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.1 1
हल:
(i) आकृति (i) से स्पष्ट है कि बहुपद का ग्राफ x-अक्ष को किसी भी बिन्दु पर नहीं काटता है।
अत: बहुपद का कोई भी शून्यक नहीं है।
(ii) आकृति (ii) से स्पष्ट है कि बहुपद का ग्राफ x-अक्ष को एक बिन्दु पर काटता है।
अतः इसका 1 शून्यक होगा।
(iii) आकृति (iii) से स्पष्ट है कि बहुपद का ग्राफ x-अक्ष को तीन बिन्दुओं पर काटता है।
अतः बहुपद के 3 शून्यक होंगे।
(iv) आकृति (iv) से स्पष्ट है कि बहुपद का ग्राफ x-अक्ष को दो बिन्दुओं पर काटता है।
अत: बहुपद के 2 शून्यक होंगे।
(v) आकृति (v) से स्पष्ट है कि बहुपद का ग्राफ x-अक्ष को 4 बिन्दुओं पर काटता है।
अतः बहुपद के शून्यकों की संख्या 4 होगी।
(vi) आकृति (vi) से स्पष्ट है कि बहुपद का ग्राफ x-अक्ष को 3 बिन्दुओं पर काटता है।
अतः बहुपद के शून्यकों की संख्या 3 होगी।

JAC Class 10 Maths Notes in Hindi & English Jharkhand Board

JAC Jharkhand Board Class 10th Maths Notes in Hindi & English Medium

JAC Board Class 10th Maths Notes in English Medium

  • Chapter 1 Real Numbers Notes
  • Chapter 2 Polynomials Notes
  • Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Notes
  • Chapter 4 Quadratic Equations Notes
  • Chapter 5 Arithmetic Progressions Notes
  • Chapter 6 Triangles Notes
  • Chapter 7 Coordinate Geometry Notes
  • Chapter 8 Introduction to Trigonometry Notes
  • Chapter 9 Some Applications of Trigonometry Notes
  • Chapter 10 Circles Notes
  • Chapter 11 Constructions Notes
  • Chapter 12 Areas Related to Circles Notes
  • Chapter 13 Surface Areas and Volumes Notes
  • Chapter 14 Statistics Notes
  • Chapter 15 Probability Notes

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