JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए

1. निम्न में से कौन-सा कथन असत्य है?
(क) हुगली के सारे जूट के कारखाने सस्ती जल यातायात की सुविधा के कारण स्थापित हुए।
(ख) चीनी. सूती वस्त्र एवं वनस्पति तेल उद्योग स्वच्छंद उद्योग है।
(ग) खनिज तेल एवं जलविद्युत् शक्ति के विकास ने उद्योगों की अवस्थिति कारक के रूप में कोयला शक्ति के महत्व को कम किया है।
(घ) पत्तन नगरों ने भारत में उद्योगों को आकर्षित किया है। उत्तर-(ख) चीनी. सती वस्त्र, एवं वनस्पति तेल उद्योग स्वच्छंद उद्योग है।

2. निम्न में से कौन-सी एक अर्थव्यवस्था में उत्पादन का स्वामित्व व्यक्तिगत होता है?
(क) पूंजीवाद
(ख) मिश्रित
(ग) समाजवाद
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर:
(क) पंजीवाद

3. निम्न में से कौन-सा एक प्रकार का उद्योग अन्य उद्योगों के लिए कच्चे माल का उत्पादन करता है?
(क) कुटीर उद्योग
(ख) छोटे पैमाने के उद्योग
(ग) आधारभूत उद्योग
(घ) स्वच्छंद उद्योग
उत्तर:
(ग) आधारभूत

4. निम्नलिखित में से कौन-सा एक जोड़ा सही मेल खाता है?
(क) स्वचालित वाहन उद्योग – लॉस एंजिल्स
(ख) पोत निर्माण उद्योग – लुसाका
(ग) वायुयान निर्माण उद्योग – फलोरेंस
(घ) लौह-इस्पात उद्योग – पिर्ट्सबर्ग।
उत्तर:
(क) लौह-इस्पात उद्योग-पिर्ट्सबर्ग। |

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग (High Tech. Industries) क्या है?
उत्तर:
उच्च प्रौद्योगिकी उद्योगों का विकास उन्नत वैज्ञानिक एवं इंजीनियरिंग उत्पादकों का निर्माण गहन शोध एवं विकास (Research and Development) के प्रयोग द्वारा किया जाता है। इसे (R & D) भी कहते हैं। उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग में यन्त्र मानव, कम्प्यूटर आधारित डिज़ाईन (CAD), धातु पिघलाने एवं शोधन के इलेक्ट्रोनिक नियन्त्रण एवं नए रासायनिक उत्पाद प्रमुख स्थान रखते हैं।

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प्रश्न 2.
निर्माण (Manufacturing) किसे कहते हैं?
उत्तर:
कच्चे माल (Raw Material) का मशीनों की सहायता के रूप बदल कर अधिक उपयोगी तैयार माल प्राप्त करने की क्रिया को निर्माण उद्योग कहते हैं। यह मनुष्य का एक सहायक या गौण या द्वितीयक (Secondary) व्यवसाय है। इसलिए निर्माण उद्योग में जिस वस्तु का रूप बदल जाता है, वह वस्तु अधिक उपयोगी हो जाती है तथा निर्माण द्वारा उस पदार्थ की मूल्य-वृद्धि हो जाती है। जैसे लकड़ी से लुगदी तथा कागज़ बनाया जाता है। कपास से धागा और कपड़ा बनाया जाता है। खनिज लोहे से इस्पात तथा कल-पुर्जे बनाए जाते हैं।

प्रश्न 3.
स्वछन्द उद्योग (Foot loose Industries) किसे कहते हैं?
उत्तर:
विगत कुछ दशकों में उच्च प्रौद्योगिक क्रियाओं का तीव्रता से विस्तार हो रहा है। अत्यन्त परिष्कृत उत्पादों को विकसित करने में वैज्ञानिक शोध व विकास का बहुत योगदान होता है। ये उद्योग अपने उत्पादों को बाजार की मांग के अनुरूप बड़ी तेजी से सुधारते रहते हैं तथा उच्च कुशलता प्राप्त श्रमिकों की भर्ती करते हैं। ऐसे उद्योगों को स्वच्छंद उद्योग कहते हैं क्योंकि ये उद्योग अवस्थित का चुनाव करने में अपेक्षाकृत स्वतन्त्र होते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों का 150 शब्दों में उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
प्राथमिक एवं द्वितीयक क्रियाकलापों में क्या अन्तर है?
उत्तर:
प्राथमिक क्रियाकलाप (Primary activities):
जब प्राकृतिक साधनों से प्रयोग की जाने वाली वस्तुएं सीधे रूप से पर्यावरण से प्राप्त हो जाएं तो उन क्रियाओं को प्राथमिक क्रियाएं कहते हैं। इनमें संग्रहण, आखेट, मत्स्यन, वानिकी, खनन, पशुपालन तथा कृषि शामिल है। द्वितीयक गतिविधियां (Secondary activities)-जब किसी प्राकृतिक पदार्थ का रूप या स्थान बदल दिया जाए तो उसका मूल्य बढ़ जाता है। इन्हें द्वितीयक क्रियाएं कहते हैं। इनसे पदार्थों का मूल्य तथा उपयोगिता बढ़ जाती है जैसे विनिर्माण, डेयरी उद्योग तथा व्यापारिक मत्स्यन शामिल हैं।

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प्रश्न 2.
विश्व के विकसित देशों के उद्योगों के सन्दर्भ में आधुनिक औद्योगिक क्रियाओं की मुख्य प्रवृत्तियों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
विकसित देशों में औद्योगिक विकास में निम्नलिखित प्रवृत्तियां अनुभव की जा रही हैं

  1. उच्च तकनीकी उद्योगों का विकास हो रहा है जब निम्न तकनीकी तथा श्रम-गहन उद्योग विकासशील देशों में विकसित हो रहे हैं।
  2. बड़े-बड़े कारखानों का स्थान छोटे पैमाने के कारखाने ले रहे हैं।
  3. डिज़ाइन तथा उत्पादन में बड़ी तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं।
  4. बड़े पैमाने पर उत्पादन तथा उच्च स्तरीय उत्पादन की विचारधारा पर अत्यधिक बल दिया जा रहा है।
  5. अवस्थितिक कारकों के महत्त्व में निरन्तर कमी आ रही है।
  6. अवशिष्ट पदार्थों में कमी, पुनः-चक्रण, प्रतिस्थापन तथा विकल्पों का योगदान अधिक है।

प्रश्न 3.
अधिकतर देशों में उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग प्रमुख महानगरों के परिधि क्षेत्रों में ही क्यों विकसित हो रहे हैं? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
उच्च तकनीकी औद्योगिक एस्टेट एवं प्रौद्योगिकी पार्क-स्वच्छंद उद्योग की प्रवृत्ति उद्देश्य आधारित औद्योगिक क्षेत्र अथवा प्रौद्योगिकी पार्कों के रूप में कस्बों व नगरों को सीमाओं पर स्थापित होने की होती है जैसा लन्दन और टोकियो में है। ये स्थान, नगर के आन्तरिक भागों की तुलना में कई प्रकार के लाभ प्रदान करते हैं

  1. एक मंज़िले कारखानों तथा भविष्य में विस्तार के लिए स्थान।
  2. नगर-परिधि पर सस्ता भू-मूल्य,
  3. मुख्य सड़कों तथा वाहन मार्गों तक सभ्यता।
  4. सुखद पर्यावरण (बहुधा एक हरितक्षेत्र पर अवस्थित)
  5. निकटवर्ती आवासीय क्षेत्रों एवं पड़ोसी ग्रामों से प्रतिदिन आने जाने वाले लोगों से श्रम की आपूर्ति।

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प्रश्न 4.
अफ्रीका के अपरिमित प्राकृतिक संसाधन है फिर भी औद्योगिक दृष्टि से यह बहुत पिछड़ा महाद्वीप है। समीक्षा कीजिए।
उत्तर:
अफ्रीका महाद्वीप संभाव्य, जल विद्युत् तथा खनिज संसाधनों में बहुत धनी हैं। यहां विश्व की संभाव्य जल विद्युत् शक्ति का 40% भाग है परन्तु केवल 1% ही विकसित है। इसका मुख्य कारण प्रौद्योगिकी की कमी तथा लोगों की निम्न क्रय शक्ति है। अफ्रीका में खनिज भण्डार अपरिमित हैं, परन्तु इनका प्रयोग नहीं हो रहा है क्योंकि यहां उद्योगों की कमी है। किसी भी संसाधन का जब तक प्रयोग न हो, वह संसाधन नहीं कहलाता। इसलिए अफ्रीका अभी तक एक पिछड़ा हुआ महाद्वीप है।

द्वितीयक क्रियाएँ JAC Class 12 Geography Notes

→ द्वितीयक क्रियाएँ (Secondary Activities): मशीनों एवं प्रौद्योगिकी की सहायता से कच्चे माल का रूप बदल कर उपयोगी वस्तुएं तैयार करने की क्रिया को द्वितीयक क्रियाएँ कहते हैं।

→ निर्माण उद्योग (Manufacturing): यान्त्रिक अथवा रासायनिक विधियों द्वारा जैविक तथा अजैविक तत्त्वों से नए उत्पाद तैयार करने की क्रिया को निर्माण उद्योग कहते हैं।

→ उद्योगों का वर्गीकरण (Classification of Industries):

  • कुटीर उद्योग तथा बड़े पैमाने के उद्योग
  • भारी तथा हल्के उद्योग
  • आधारभूत उद्योग तथा वस्तु निर्माण उद्योग
  • कृषि आधारित उद्योग तथा खनिज आधारित उद्योग
  • सार्वजनिक क्षेत्र तथा निजी क्षेत्र।

→ उद्योगों का स्थानीयकरण (Location of Industries): उद्योगों का स्थानीयकरण निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है

  • कच्चे माल,
  • ऊर्जा संसाधन,
  • जल,
  • श्रमिक,
  • मांग,
  • पूंजी,
  • वातावरण।

→ स्वच्छंद उद्योग (Foot-loose Industries): उच्च कुशलता प्राप्त उद्योगों को स्वच्छंद उद्योग कहते हैं।

→ प्रौद्योगिक ध्रुव (Technopoles): ये उच्च तकनीक औद्योगिक संकल है। ये उद्योग अपनी अवस्थिति का चुनाव करने में अन्य उद्योगों की अपेक्षा स्वतन्त्र होते हैं।

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