JAC Class 10 Science Notes Chapter 15 हमारा पर्यावरण

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 15 हमारा पर्यावरण

→ पारिस्थितिक तंत्र-जीवित तथा अजीवित वातावरण की इस परस्पर निर्भरता को ही पारिस्थितिक तंत्र कहते हैं।

→ बायोम-कई पारिस्थितिक तंत्र मिलकर बायोम बनाते है।

→ जीवमण्डल-कई बायोम मिलकर जीवमण्डल बनाते है।

→ जलमण्डल-पृथ्वी का जो भाग जल से बना है।

→ स्थलमण्डल-पृथ्वी के स्थलीय सतह पर तथा सागर जल के अंदर भी मृदा एवं चट्टानें हैं। इस भाग को स्थलमण्डल कहते हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 15 हमारा पर्यावरण

→ पारिस्थितिक तंत्र के घटक-सभी पारिस्थितिक तंत्र दो घटकों से बने होते है-

  • अजैविक एवं
  • जैविक घटक।

→ अजैविक घटक-निर्जीव पदार्थों जैसे कार्बनिक पदार्थ, अकार्बनिक पदार्थ एवं जलवायुवीय से मिलकर बने हैं।

→ जैविक घटक-जैविक घटक के अन्तर्गत पौधे तथा जन्तु होते हैं।

→ उत्पादक-हरे पौधे (जो प्रकाश संश्लेषण करके अपना भोजन स्वयं बनाते हैं) को उत्पादक कहते हैं।

→ उपभोक्ता-ये वे जीव होते हैं जो हरे पौधों (उत्पादक) द्वारा एकत्रित भोजन का उपयोग करते हैं।

→ अपघटक-वे जीव जो मरे हुए उत्पादक्रों तथा उपभोक्ता को सड़ाकर उपयोग करते हुए साधारण भौतिक तत्त्वों में बदल देते हैं।

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→ खाद्य-श्रृंखला-जीवों की वह शृंखला जो भोजन के आधार पर एक-दूसरे से सम्बन्धित रहते हैं खाद्य श्रृंखला कहलाती है।

→ खाद्य-जाल-विभिन्न खाद्य भृंखलाएँ आड़े-तिरछे जुड़कर खाद्य-जाल बनाते हैं।

→ जीवमण्डल में ऊर्जा स्थानान्तरण-

  • ऊर्जा एक रूप से दूसरे रूप में रूपांतरित हो जाती है।
  • आहार शृंखला में किसी पोषण रीति से अगली पोषण रीति तक ऊर्जा का निरंतर स्थानान्तरण होता रहता है।
  • प्रत्येक स्थानांतरण में ऊर्जा की हानि होती है।

→ भू-रसायन चक्र-पदार्थों के चक्रीकरण को भू-रसायन चक्र कहते हैं।

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→ विभिन्न चक्र-

  • जल चक्र
  • नाइट्रोजन चक्र
  • कार्बन चक्र
  • ऑक्सीजन चक्र।

→ जीवमण्डल में ऊर्जा प्रवाह-जीवमण्डल में ऊर्जा का प्रवाह सदैव एक दिशा में होता है।

→ ऊर्जा स्थानान्तरण का नियम-खाद्य- शृंखला में पोषण स्तरों पर ऊर्जा स्थानान्तरण 10% होता है। इसे 10% नियम कहते हैं।

→ आदर्श चक्र-नाइट्रोजन चक्र को आदर्श चक्र माना गया।

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→ असूक्ष्म पोषक तत्त्व- H, N, O, C, P तथा K जैसे पोषक तत्त्वों की जैव जीवों को अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है, इन्हें असूक्ष्म तत्च कहते हैं।

→ ओजोन परत-

  • वायुमण्डल की ऊपरी सतह पर उपस्थित ओजोन, सूर्य से आने वाले पराबैंगनी विकिरण से पृथ्वी को सुरक्षा प्रदान करती है।
  • 1980 से ओजोन परत का तीव्रता से क्षय हो रहा है।
  • क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFCs) जैसे रसायनों को इसका मुख्य कारक माना जाता है।

→ हमारे द्वारा उत्पादित कचरे का निपटान एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत

→ सूर्य – पृथ्वी के लिए ऊर्जा का सबसे अधिक प्रत्यक्ष एवं विशाल स्रोत सूर्य है। सूर्य ऊर्जा के सभी रूपों का आदि स्रोत है। इसका भार 1029 टन है तथा यह पृथ्वी से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर हैं।

→ सौर ऊर्जा सूर्य द्वारा विमोचित प्रकाश और ऊष्मीय ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते हैं। यह विद्युत चुम्बकीय तरंगें हैं।

→ सौर ऊर्जा का स्त्रोत- सूर्य की ऊर्जा का स्रोत इसके नाभिक में उपस्थित हाइड्रोजन नाभिकों का उच्च दाब व ताप (लगभग 107K) पर संलयित होकर हीलियम नाभिक का बनना है।

→ सूर्य प्रकाश का संघटन सूर्य का प्रकाश तीन प्रकार की विद्युत चुम्बकीय तरंगों से मिलकर बना है –

  • पराबैंगनी तरंगें
  • दृश्य प्रकाश तरंगें (बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी तथा लाल)
  • अवरक्त तरंगें।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत

→ सौर ऊर्जा का पृथ्वी द्वारा अवशोषण – पृथ्वी के वायुमण्डल की ऊपरी सतह का प्रत्येक वर्ग मीटर लगभग 136 जूल ऊर्जा प्रति सेकण्ड प्राप्त करता है, परन्तु इसका केवल 47% भाग ही पृथ्वी के धरातल पर पहुँचता है।

→ प्रकाश संश्लेषण- हरे पौधों द्वारा सौर ऊर्जा को ग्रहण कर संग्रह करने की यान्त्रिक प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण कहलाती है।

→ सौर तापन युक्तियाँ- सौर ऊर्जा का दोहन करने वाली युक्तियों को सौर ऊर्जा युक्तियाँ कहते हैं।

→ सोलर कुकर सौर ऊर्जा द्वारा खाना पकाने की युक्ति है।

→ सौर ऊष्मक-सौर ऊर्जा द्वारा पानी गर्म करने की युक्ति है।

→ परावर्तक- परावर्तक सौर ऊर्जा को इकट्ठा करके बक्से के अन्दर संकेन्द्रित करता है।

→ सोलर सेल – सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपान्तरित करने वाली युक्ति है।

→ पवन ऊर्जा बहती पवन की गतिज ऊर्जा को पवन ऊर्जा कहते हैं। इससे पवन चक्की चलाकर पवन ऊर्जा का उपयोग अनाज पीसने तथा जमीन से पानी निकालने में किया जाता है। इससे पाल नाव को भी जलाया जाता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत

→ जल ऊर्जा नदियों में बहते हुए जल की गतिज ऊर्जा एवं बाँधों में भण्डारित जल की स्थितिज ऊर्जा को जल ऊर्जा कहते हैं।

→ जल विद्युत बाँध बनाकर जल एकत्रित करके जल को ऊँचाई से टरबाइन पर गिराया जाता है जिससे टरबाइन जनरेटर को चलाकर विद्युत उत्पन्न की जाती है।

→ सागरीय तापीय ऊर्जा-म – महासागर की सतह के जल तथा गहराई के जल के ताप में अन्तर के कारण उपलब्ध ऊर्जा को ‘सागरीय तापीय ऊर्जा’ कहते हैं।

→ जैव द्रव्यमान ऊर्जा वनस्पतियों तथा जन्तुओं के शरीर में स्थित पदार्थों को जैव द्रव्यमान कहते हैं। यह ईंधन की तरह कार्य करता है।

→ ऊर्जा स्त्रोत- नवीकरणीय व अनवीकरणीय।

  • ऊर्जा के वे स्रोत जिन्हें हम बार-बार उपयोग में ला सकते हैं, जैसे- जल, पवन और सूर्य का प्रकाश आदि नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत कहलाते हैं।
  • ऊर्जा के वे स्रोत जिनका उपयोग बार-बार नहीं हो सकता, जैसे- कोयला, पेट्रोल और प्राकृतिक गैस आदि अनवीकरणीय स्रोत कहलाते हैं।

→ ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। इसको केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत

→ ऊर्जा स्रोतों का खत्म होना ऊर्जा संकट कहलाता है। जैसे – तेल और गैस के स्रोत कुछ ही वर्षों के लिए उपलब्ध हैं।

→ बायोगैस — बायोगैस का मुख्य अवयव मेथेन गैस (CH4) है।

→ बायोमास – सजीव वस्तुओं के मृत भाग व अपशिष्ट पदार्थ इसमें कूड़ा करकट, औद्योगिक अपशिष्ट, फसलों के अपशिष्ट व मल आदि सभी बायोमास के अवयव हैं।

→ सौर कुकर व सौर ऊष्मक – (Solar Cell and Solar Heater) – सौर कुकर व सौर ऊष्मक (Heater) ऐसी साधारण युक्तियाँ होती हैं जिनका उपयोग धूप में 5 से 7 घंटे की अवधि तक, सौर ऊर्जा को ऊष्मा के रूप में एकत्र करने के लिए किया जाता है। यह प्रयोगों द्वारा ज्ञात हो चुका है कि काला पृष्ठ, किसी श्वेत या चमकीले पृष्ठ की तुलना में अधिक ऊष्मा का अवशोषण करता है। काली सतहों का यह गुण सौर कुकर और सौर- ऊष्मक बनाने में प्रयुक्त किया जाता है।

→ ग्रीन हाउस प्रभाव – ग्रीन हाउस काँच से बना एक छोटा घर होता है, इसकी काँच की छत व दीवारें प्रकाश व ऊष्मा को भीतर तो जाने देती हैं लेकिन बाहर नहीं निकलने देती हैं। अतः ग्रीन हाउस के भीतर रखे पौधे बाहर की ठंड (सामान्यत: ठंडी जलवायु वाले स्थानों में) से बचे रहते हैं।

इसी प्रकार इस प्रभाव को ग्रीन हाउस प्रभाव कहते हैं। धूप में खड़ी बंद खिड़की वाली कार भी ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण अंदर से गर्म हो जाती है। वातावरण में वाहनों के धुएँ में निकली CO2 गैस (कार्बन डाइऑक्साइड) भी पृथ्वी से परावर्तित सूर्य के प्रकाश को ग्रहण करके (ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण) वातावरण का तापक्रम बढ़ा देती है।

→ नाभिकीय संलयन द्वारा सूर्य में ऊर्जा उत्पन्न होती है। 25. गामा किरणें उच्चभेदन क्षमता वाली विद्युत चुम्बकीय तरंगें हैं।

→ नाभिकीय रिएक्टर एक ऐसी युक्ति है, जिसमें नाभिकीय विखण्डन क्रिया करायी जाती है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत

→ नाभिकीय विखण्डन क्रिया में ईंधन के रूप में यूरेनियम अथवा थोरियम तथा मंदक के रूप में भारी जल (D2O) प्रयोग होता है।

→ यूरेनियम के एक नाभिक के टूटने पर अन्य यूरेनियम के नाभिकों का श्रृंखलाबद्ध टूटना, श्रृंखला अभिक्रिया कहलाती है।

→ प्रकृति से प्राप्त होने वाले यूरेनियम के दो समस्थानिक \({ }_{92} \mathrm{U}^{235}\) तथा \({ }_{92} \mathrm{U}^{238}\) हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

→ चुम्बक – वह पदार्थ जो चुम्बकीय वस्तुओं (जैसे- लोहा, कोबाल्ट तथा निकिल ) को आकर्षित करता है, चुम्बक कहलाता है।

→ चुम्बक के गुण- चुम्बक में निम्नलिखित गुण पाये जाते

  • दिक्सूचक का गुण
  • ध्रुवों में परस्पर प्रतिकर्षण एवं आकर्षण का गुण
  • प्रेरक का गुण
  • चुम्बकीय पदार्थों को सदैव आकर्षित करने का गुण।

→ चुम्बक के ध्रुव – चुम्बक के सिरों के जिन बिन्दुओं पर आकर्षण शक्ति तथा चुम्बकत्व सबसे अधिक होता है, चुम्बक के ध्रुव कहलाते हैं। प्रत्येक चुम्बक के दो ध्रुव होते हैं-

  • उत्तरी ध्रुव
  • दक्षिणी ध्रुव।

→ चुम्बकीय प्रेरण- चुम्बक की उपस्थिति में किसी चुम्बकीय पदार्थ में चुम्बकत्व उत्पन्न होने की घटना को चुम्बकीय प्रेरण कहते हैं। चुम्बक के ध्रुव के पास वाले सिरे पर विजातीय ध्रुव तथा दूर वाले सिरे पर सजातीय ध्रुव बनता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

→ विद्युत चुम्बक जब किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो यह चुम्बक की भाँति व्यवहार करने लगता है। इसे विद्युत चुम्बक कहते हैं।

→ एकांक ध्रुव – एकांक ध्रुव वह ध्रुव है जो वायु या निर्वात में 1 मीटर की दूरी पर रखे समान ध्रुव को 10 7 न्यूटन बल से प्रतिकर्षित करता है।

→ चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता- चुम्बकीय क्षेत्र के किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता उस बिन्दु पर रखे एक काल्पनिक एकांक उत्तरी ध्रुव पर लगने वाले बल के बराबर होती है। जबकि यह मान लिया जाता है कि उस एकांक ध्रुव की उपस्थिति में मूल चुम्बकीय क्षेत्र में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

→ चुम्बकीय बल रेखा – चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय बल रेखा वह वक्र है जिस पर काल्पनिक स्वतन्त्र एकांक उत्तरीय ध्रुव गमन कर सकता है। दो बल रेखाएँ एक-दूसरे को कभी नहीं काटती हैं।

→ उदासीन बिन्दु – वे बिन्दु जहाँ किसी चुम्बक का चुम्बकीय क्षेत्र, पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक के बराबर व विपरीत होता है, उदासीन बिन्दु कहलाते हैं उदासीन बिन्दु पर कम्पास सूई रखने पर सूई किसी भी स्थिति में ठहर जाती है।

→ दिक्पात का कोण- किसी स्थान पर भौगोलिक याम्योत्तर और चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच का कोण उस स्थान का दिक्पात का कोण कहलाता है।

→ नमन कोण – किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की परिणामी तीव्रता क्षैतिज से जो कोण बनाती है उसे उस स्थान का नमन कोण (नति कोण) कहते हैं।

→ चुम्बकीय क्षेत्र का मान –

  • चालक में प्रवाहित धारा के मान पर
  • चालक से बिंदु की दूरी पर
  • कुण्डली के लपेटों (फेरों) की संख्या पर निर्भर करता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

→ चुम्बकीय क्षेत्र में किसी धारावाही चालक पर बल – हँस ऑस्टैंड ने प्रयोग द्वारा सिद्ध किया था कि विद्युत धाराएँ चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करती हैं और चुम्बकों पर बल आरोपित करती हैं तथा चुम्बकीय सूई से होने वाले विक्षेपण से इसके पास चुम्बकीय क्षेत्र की उपस्थिति प्रदर्शित होती है।

→ किसी विद्युत धारावाही धातु के तार से एक चुम्बकीय क्षेत्र संबद्ध होता है। तार के चारों ओर क्षेत्र रेखाएँ अनेक संकेन्द्री वृत्तों के रूप में होती हैं जिनकी दिशा दक्षिण- हस्त अंगुष्ठ नियम द्वारा ज्ञात की जाती है।

→ विद्युत चुम्बक में नर्म लौह-क्रोड होता है जिसके चारों ओर विद्युतरोधी ताँबे के तार की कुण्डली लिपटी रहती है।

→ कोई विद्युत धारावाही चालक चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर बल का अनुभव करता है। यदि चुम्बकीय क्षेत्र तथा विद्युत धारा की दिशाएँ परस्पर एक-दूसरे के लम्बवत् हैं तब चालक पर आरोपित बल की दिशा इन दोनों दिशाओं के लम्बवत होती है, जिसे फ्लेमिंग के वामहस्त नियम द्वारा प्राप्त किया जाता है। विद्युत मोटर एक ऐसी युक्ति है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरित करती है।

→ वैद्युत चुम्बकीय प्रेरण एक ऐसी परिघटना है जिसमें किसी कुण्डली में, जो किसी ऐसे क्षेत्र में स्थित है जहाँ समय के साथ चुम्बकीय क्षेत्र परिवर्तित होता है, एक प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न होती है। चुम्बकीय क्षेत्र में परिवर्तन किसी चुम्बक तथा उसके पास स्थित किसी कुंडली के बीच आपेक्षित गति के कारण हो सकता है। यदि कुण्डली किसी विद्युत धारावाही चालक के निकट रखी है तब कुण्डली से संबद्ध चुम्बकीय क्षेत्र या तो चालक से प्रवाहित विद्युत धारा में अंतर के कारण हो सकता है अथवा चालक तथा कुण्डली के बीच आपेक्षित गति के कारण हो सकता है। प्रेरित विद्युत धारा की दिशा फ्लेमिंग के दक्षिण- हस्त नियम द्वारा प्राप्त की जाती है।

→ विद्युत जनित्र यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है। यह वैद्युत चुम्बकीय प्रेरण के आधार पर कार्य करता है।

→ फ्यूज का तार फ्यूज ऐसे पदार्थ के तार का छोटा टुकड़ा होता है जिसका गलनांक बहुत कम होता है तथा लघुपथन अथवा अतिभारण के कारण परिपथ में उच्च धारा प्रवाहित के कारण फ्यूज तार गर्म होकर पिघल जाता है और परिपथ टूट जाता है अतः इसे सुरक्षा उपकरण भी कहते हैं। फ्यूज तार शुद्ध टिन अथवा कॉपर व टिन की मिश्रधातु का बना होता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 12 विद्युत

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 12 विद्युत

→ विद्युत धारा – दो आवेशित चालकों को सुचालक तार द्वारा जोड़े जाने पर आवेश उच्च विभव वाले चालक से निम्न विभव वाले चालक की ओर प्रवाहित होने लगता है। इस प्रकार के आवेश प्रवाह को विद्युत धारा कहते हैं।

→ एकांक आवेश – एक कूलॉम वह आवेश है जो अपने ही बराबर एवं सजातीय आवेश से हवा या निर्वात् में 1 मीटर की दूरी पर रखने पर उस पर 9 x 109 न्यूटन प्रतिकर्षण बल आरोपित करता है।

→ विद्युत क्षेत्र – किसी विद्युत आवेश अथवा आवेश समुदाय के चारों ओर का वह क्षेत्र जहाँ विद्युत प्रभाव अनुभव किया जा सके, विद्युत क्षेत्र कहलाता है।

→ विद्युत विभव- किसी आवेशित वस्तु का विद्युत विभव उसकी वह विद्युतीय अवस्था है जो यह दर्शाती है कि उस वस्तु को अन्य वस्तुओं के विद्युतीय सम्पर्क में रखने पर आवेशों के प्रवाह की दिशा कौन-सी होगी।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 12 विद्युत

→ विभव के मात्रक – C.G.S. में स्थैत वोल्ट (e.s.u.) तथा S. I. में वोल्ट है।

→ विभवान्तर- दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर एकांक धन आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक लाने में किये गये कार्य के बराबर होता है।

→ विभवान्तर के मात्रक – विभवान्तर के मात्रक जूल / कूलॉम या वोल्ट है।

→ विद्युत धारा सामर्थ्य- एक सेकण्ड में प्रवाहित विद्युत आवेश की मात्रा को विद्युत धारा की सामर्थ्य कहते हैं। इसकी इकाई ऐम्पियर है।

→ ऐम्पियर- यदि किसी विद्युत परिपथ में किसी बिन्दु से एक सेकण्ड में प्रवाहित इलेक्ट्रॉन की संख्या 6.25 x 1018 होती है तब परिपथ में विद्युत धारा की सामर्थ्य एक ऐम्पियर कहलाती है।

→ विद्युत प्रतिरोध – किसी चालक का विद्युत प्रतिरोध उसके सिरों पर आरोपित विभवान्तर V तथा उसमें बहने वाली धारा I के अनुपात के बराबर होता है अर्थात्
R = \(\frac { V }{ I }\) ओम

→ प्रतिरोध का मात्रक – इसका S.I. मात्रक ओम है, इसे संकेत ‘Ω’ से दर्शाते हैं।

→ ओम – यदि किसी चालक के सिरों पर 1 वोल्ट विभवान्तर लगाने पर चालक में 1 ऐम्पियर धारा बहने लगे तो उसका प्रतिरोध 1 ओम होता है।

→ ओम का नियम- किसी बन्द परिपथ में संयोजित चालक जिसकी भौतिक परिस्थितियाँ अपरिवर्तित रहती हों, में विद्युत् धारा प्रवाहित की जाये तो उसके सिरों के मध्य विभवान्तर और प्रवाहित विद्युत धारा की सामर्थ्य में एक निश्चित अनुपात होता है, जिसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं। यदि चालक में सिरों के मध्य विभवान्तर V और प्रवाहित विद्युत धारा की सामर्थ्य I हो तो \(\frac { V }{ I }\) = नियंताक होता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 12 विद्युत

→ विद्युत धारा के प्रभाव-विद्युत धारा के मुख्यत: तीन प्रभाव होते हैं-

  • ऊष्मीय प्रभाव
  • रासायनिक प्रभाव
  • चुम्बकीय प्रभाव।

→ विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव के अनुप्रयोग – इस प्रभाव का अनुप्रयोग हीटर, प्रेस, गीजर, ओवन आदि में किया जाता है।

→ विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव के अनुप्रयोग – इस प्रभाव का अनुप्रयोग मुख्यतः विद्युत अपघटन में संचायक सेल के आवेशन, विद्युत लेपन, धातु निष्कर्षण व धातु शोधन में किया जाता है।

→ विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव के अनुप्रयोग- इस प्रभाव का अनुप्रयोग, पंखा, आटा चक्की, रेल इंजन, मिक्सी, विद्युत घण्टी, टेलीफोन एवं बड़ी-बड़ी मशीनों को चलाने में होता है।

→ घरेलू विद्युतघरों में 220V की प्रत्यावर्ती धारा जिसकी आवृत्ति 50 हर्ट्ज होती है, का प्रयोग होता है।

→ प्रतिरोधों का श्रेणीक्रम संयोजन इस प्रकार के संयोजन में सभी प्रतिरोधों की बहने वाली धारा एक समान होती है लेकिन अलग-अलग प्रतिरोधों के सिरों पर विभवान्तर अलग-अलग होता है। संयोजन का तुल्य प्रतिरोध, सभी जोड़े गये प्रतिरोधों के योग के बराबर होता है अर्थात् R = R1 R2 R3 + ….

→ प्रतिरोधों का समान्तर क्रम संयोजन – इस प्रकार के संयोजन में प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर समान होता है लेकिन अलग-अलग प्रतिरोधों से प्रवाहित धारा अलग-अलग होती है। किसी प्रतिरोध से प्रवाहित धारा, उसके प्रतिरोध के व्युत्क्रमानुपाती होती है। संयोजन के तुल्य प्रतिरोध का व्युत्क्रम, पृथक्-पृथक् प्रतिरोधों के व्युत्क्रमों के योग के बराबर होता है, अर्थात्
\(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_1}+\frac{1}{R_2}+\frac{1}{R_3}\) + ….

→ सुरक्षा युक्ति-विद्युत फ्यूज- यह ताँबा, टिन तथा सीसा के मिश्र धातु से बने तार होते हैं जिसका गलनांक कम होता है। इसे विद्युत परिपथ में लाइव तार के साथ श्रेणीक्रम में लगाया जाता है जिससे परिपथ के तारों के लघुपथित हो जाने अथवा वोल्टेज के उतार-चढ़ाव के कारण सीमा से अधिक धारा बहने पर वह पिघलकर टूट जाता है जिससे परिपथ में लगे उपकरण सुरक्षित रहते हैं।

→ किसी प्रतिरोधक में क्षयित अथवा उपमुक्त ऊर्जा को इस प्रकार व्यक्त किया जाता है-
W = V x I x T

→ विद्युत शक्ति का मात्रक वाट (W) है जब 1 A विद्युत धारा 1V विभवान्तर पर प्रवाहित होती है तो परिपथ में उपमुक्त शक्ति 1 वाट होती है।

→ विद्युत ऊर्जा का व्यापारिक मात्रक किलोवाट घंटा (kWh) है।
1 kWh = 3,600,000 J = 3.6 x 106 J.

JAC Class 10 Science Notes Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

→ मानव नेत्र-यह मांसपेशियों की बनी लगभग 2.5 सेमी उ्यास वाले नेत्र गोलक की सहायता से संचालित होती है।

→ मानव नेत्र के भाग-मानव नेत्र के प्रमुख भाग दृढ़ पटल, कॉर्निया, आइरिस, पुतली, नेत्र लेन्स कोरोइड, रेटिना, जलीय द्रव तथा काँचाभ द्रव हैं।

→ रेटिना-यह प्रकाश सुग्राही झिल्लीनुमा संरचना होती है। इसमें शंकु एवं शलाका तंत्रिकाएँ उपस्थित होती हैं। इसमें शंकु प्रकाश के रंग के प्रति तथा शलाका प्रकाश की तीव्रता के लिए सुग्राही होती है।

→ नेत्र की समंजन क्षमता-मानव नेत्र द्वारा विभिन्न दुरियों पर स्थित वस्तुओं के प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनाने की क्षमता को नेत्र की समंजन क्षमता कहते हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

→ स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी-स्वस्थ नेत्र के लिए स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी 25 सेमी होती है।

→ समंजन-अभिनेत्र लेंस की वह क्षमता जिसके कारण वह अपनी फोकस दूरी को समायोजित कर लेता है, समंजन कहलाती है।

→ पक्ष्माभी पेशियों के शिथिल होने पर लेंस पतला हो जाता है व फोकस दूरी बढ़ जाती है और हम दूर की वस्तुओं को स्पष्ट देखने में समर्थ हो पाते हैं।

→ जब हम निकट की वस्तु को देखते हैं तब पक्ष्माभी पेशियाँ सिकुड़ जाती हैं और लेंस मोटा हो जाता है तथा इसकी फोकस दूरी घट जाती है।

→ मोतियाबिंद-कभी-कभी अधिक आयु के कुछ व्यक्तियों के नेत्र का क्रिस्टलीय लें स दुधिया तथा धुँधला हो जाता है। इस स्थिति को मोतियाबिंद कहते हैं। इसके कारण नेत्र की दृष्टि में कमी या पूर्ण रूप से दृष्टि क्ष्य हो जाता है। मोतियाबिंद की शल्य चिकित्सा के बाद दृष्टि का वापस लौटना संभव होता है।

→ निकट बिन्दु-वह न्यूनतम दूरी जिस पर रखी कोई वस्तु बिना किसी तनाव के अत्यधिक स्पष्ट देखी जा सकती है, उसे सुस्पष्ट दर्शन की अल्पतम दूरी कहते हैं। इसे नेत्र का निकट बिन्दु भी कहते हैं।

→ किसी सामान्य दृष्टि के तरुण वयस्क के लिए निकट बिन्दु की औँख से दूरी लगभग 25 cm होती है।

→ दूर बिन्दु-वह दूरतम बिन्दु जिस तक कोई नेत्र वस्तुओं को सुस्पष्ट देख सकता है, नेत्र का दूर बिन्दु कहलाता है। सामान्य नेत्र के लिए यह अनंत दूरी पर होता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

→ निकट दृष्टि दोष-जब व्यक्ति निकट की वस्तुएँ देख सकता है परन्तु दूर की वस्तु स्पष्ट नहीं देख सकता है ऐसे दोष को निकट दृष्टि दोष कहते हैं।

→ दूर दृष्टि दोष-जब व्यक्ति दूर की वस्तुएँ देख सकता है, परन्तु निकट की वस्तुएँ स्पष्ट नहीं देख सकता है ऐसे दोष को दूर दुष्टि दोष कहते हैं।

→ जरा दृष्टि दोष-जब व्यक्ति निकट एवं दूर दोनों की वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख पाता है तो ऐसे दोष को जरा दृष्टि दोष कहते हैं। यह वृद्ध व्यक्तियों में पाया जाता है।

→ दुष्टि वैषम्य-जब व्यक्ति सामान्य दूरी पर स्थित क्षैतिज तथा ऊर्ध्वाधर रेखाओं को एक साथ स्पष्ट नहीं देख सकता है तो ऐसे दोष को दृष्टि वैषम्य कहते हैं।

→ दृष्टि परास-किसी नेत्र के लिए निकट एवं दूर बिन्दु के मध्य दूरी को दृष्टि परास कहते हैं।

→ फोटोग्राफिक कैमरा-वह प्रकाशिक यन्त्र जिसके द्वारा किसी वस्तु का स्थायी प्रतिबिम्ब फोटोग्राफिक फिल्म पर प्राप्त किया जाता है।

→ कैमरे के भाग-कैमरे के प्रमुख भाग-प्रकाशरोधी बॉक्स, लेंस, डायाफ्राम, फोटोग्राफिक फिल्म, शटर हैं।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

Jharkhand Board JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण Important Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित के आयनिक सूत्र लिखिए-
(a) हाइड्रोजन आयन
(b) हाइड्रॉक्सिल आयन
(c) हाइड्रोनियम आयन।
उत्तर:
(a) हाइड्रोजन आयन H+
(b) हाइड्रॉक्सिल आयन OH
(c) हाइड्रोनियम आयन H3O+

प्रश्न 2.
उदासीनीकरण क्रिया का आयनिक स्वरूप लिखिए।
उत्तर:
H+ + OH → H2O

प्रश्न 3.
किसी विलयन का POH मान कितना होगा यदि pH मान 9 हो?
उत्तर:
POH मान = 14 – pH मान
= 14 – 95
= 5

प्रश्न 4.
शुद्ध आसुत जल का pH मान कितना होता है?
उत्तर:
शुद्ध आसुत जल का pH मान = 7

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 5.
pH मान को देखकर आप कैसे बता सकते हैं कि कोई विलयन उदासीन / अम्लीय / क्षारीय है?
उत्तर:
यदि pH < 7, विलयन अम्लीय है।
pH = 7, विलयन उदासीन है।
pH > 7 विलयन क्षारीय है।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित सूचकों का रंग कैसा होता है
(i) अम्लीय, (ii) क्षारीय विलयन में-
(a) मेथिल ऑरेन्ज
(b) फिनॉल्फथैलीन
(c) लिटमस पत्र।
उत्तर:
(a) मेथिल ऑरिन्ज- अम्लीय में लाल, क्षारीय में नारंगी – पीला।
(b) फिनॉल्फथैलीन-अम्लीय में रंगहीन, क्षारीय में गुलाबी।
(c) लिटमस पेपर-अम्लीय में नीला, क्षारीय में गुलाबी।

प्रश्न 7.
एक क्रिस्टलीय पदार्थ वायु में खुला रखने पर अपना क्रिस्टल जल छोड़ देता है और सफेद अपारदर्शक पाउडर में परिवर्तित हो जाता है। यह अपारदर्शक पाउडर धोने के काम में आता है। क्रिस्टलीय पदार्थ की पहचान कीजिए।
उत्तर:
वासिंग सोडा (Na2CO3.10H2O)।

प्रश्न 8.
दो प्रबल क्षारकों के नाम बताइए।
उत्तर:
NaOH और KOH।

प्रश्न 9.
दो दुर्बल क्षारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH4OH) और कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड (Ca(OH)2]।

प्रश्न 10.
मिल्क ऑफ मैग्नीशियम क्या है?
उत्तर:
यह एक दुर्बल क्षारक है, जिसका रासायनिक नाम मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड [Mg(OH)2] है।

प्रश्न 11.
टूथपेस्ट एवं दंत मंजन की प्रकृति क्या होती है?
उत्तर:
इसकी प्रकृति क्षारकीय होती है।

प्रश्न 12.
सोडियम के किसी यौगिक का नाम लिखिए जो ऐन्टैसिड का एक संघटक हो।
उत्तर:
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (NaHCO3)।

प्रश्न 13.
धोने के सोडे के दो उपयोग बताइए।
उत्तर:

  • काँच, साबुन एवं कागज उद्योगों में।
  • जल की स्थायी कठोरता को हटाने में।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 14.
एक पदार्थ जिसे 373K पर जिप्सम को गर्म करने पर प्राप्त होता है। उस पदार्थ का नाम एवं रासायनिक सूत्र लिखिए।
उत्तर:
कैल्सियम सल्फेट हेमिहाइड्रेट (CaSO4. 1/2H2O)।

प्रश्न 15.
अम्ल एवं धातु कार्बोनेट की अभिक्रिया से कौन-सी गैस उत्सर्जित होती है?
उत्तर:
CO2 गैस।

प्रश्न 16.
धीरे-धीरे कॉपर ऑक्साइड पाउडर में तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाने पर प्राप्त घोल का रंग नीला हरा हो जाता है। घोल को नीला हरा रंग प्रदान करने वाले यौगिक का नाम बताइए।
उत्तर:
कॉपर क्लोराइड (CuCl2)।

प्रश्न 17.
दो प्रबल अम्लों का नाम बताइए।
उत्तर:
HCl एवं H2SO4.

प्रश्न 18.
अम्लों तथा क्षारकों की प्रबलता किस पर निर्भर करती है?
उत्तर:
अम्लों की प्रबलता H+ आयनों की सांद्रता तथा क्षारकों की सांद्रता OH आयनों की सांद्रता पर निर्भर करती है।

प्रश्न 19.
धावन सोडा का जलीय विलयन अम्लीय है अथवा क्षारीय बताइए।
उत्तर:
क्षारीय।

प्रश्न 20.
शुद्ध जल का pH मान क्या है?
उत्तर:
शुद्ध जल का pH मान 7 है।

प्रश्न 21.
शुद्ध जल के pH मान पर क्या प्रभाव होता है जब उसमें और तेजाब मिलाते हैं?
उत्तर:
जल का pH मान 7 से कम होता जाएगा जैसे-जैसे उसमें तेजाब डाला जाता है।

प्रश्न 22.
22. pH की गणितीय परिभाषा क्या है?
उत्तर:
घोल की हाइड्रोजन आयन की सांद्रता की ऋणात्मक लघुगणक को pH कहते हैं जिसे निम्न समीकरण में प्रकट करते हैं-
pH = – log10[H+] = 10-PH.

प्रश्न 23.
घोल की हाइड्रोजन आयन सांद्रता क्या होगी जब इसका pH मान 4 होगा?
उत्तर:
जब pH मान 4 होगा तो हाइड्रोजन आयन [H+] = 10-4 होगा।

प्रश्न 24.
बेकिंग सोडा का रासायनिक सूत्र लिखिए।
उत्तर:
NaHCO3.

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 25.
क्या होता है जब बुझे हुए चूने पर क्लोरीन गैस प्रवाहित की जाती है?
उत्तर:
विरंजक चूर्ण बनता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 1

प्रश्न 26.
प्लास्टर ऑफ पेरिस के दो महत्त्वपूर्ण उपयोग लिखिए।
उत्तर:

  • शल्य चिकित्सा में टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए।
  • खिलौने, मूर्तियाँ आदि बनाने में।

प्रश्न 27.
घावन सोडा का रासायनिक सूत्र लिखें।
उत्तर:
Na2CO3.10H2O.

प्रश्न 28.
सोडियम कार्बोनेट तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के बीच अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
Na2CO3(s) + 2HCl(aq) → 2NaCl(aq) + CO2(g) + H2O(l)

प्रश्न 29.
अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?
उत्तर:
अम्ल का जलीय विलयन हाइड्रोजन आयन (H+ (aq)) उत्पन्न करता है जिसके कारण विद्युत का चालन होता है।

प्रश्न 30.
जिप्सम (CaSO4.2H2O) पर ऊष्मा का प्रभाव दिखाते हुए रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 2

प्रश्न 31.
बेकिंग चूर्ण (पाउडर) के अवयवों के नाम लिखिए।
उत्तर:
बेकिंग पाउडर के दो घटक सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट और टारटरिक अम्ल या सिट्रिक अम्ल हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित की आधुनिक परिभाषा लिखिए-
(a) अम्ल
(b) क्षार तथा क्षारक
(c) लवण।
उत्तर:
(a) अम्ल (Acids) – ये ऐसे यौगिक हैं जिनके जलीय विलयन में हाड्रोनियम आयन (H3O+) उपस्थित रहते हैं।

(b) क्षार (Base)- ये ऐसे यौगिक हैं जो जलीय विलयन में उपस्थित H+ आयन से संयोग करके लवण तथा जल (H2O) बनाते हैं।
क्षारक (Alkalis) – ये ऐसे क्षार होते हैं जिनके जलीय विलयन में OH आयन उपलब्ध होते हैं।

(c) लवण (Salt) – ये ऐसे यौगिक होते हैं जो जलीय विलयन में अथवा पिघली हुई अवस्था में धनात्मक आयन (H+ के अतिरिक्त) तथा ऋणात्मक आयन [(OH) के अतिरिक्त] में वियोजित हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
हाइड्रोनियम (H3O+) आयन कैसे बनता है? आयनिक समीकरण देकर बताइए।
उत्तर:
किसी अम्ल के अणु से मुक्त H+ आयन, जल के अणु से संयोग करके H3O+ आयन बनाता है।
उदाहरणत:
HCl → H+ + cl
H2O + H+ → H3O+

प्रश्न 3.
‘क्षार’ तथा ‘क्षारक’ में क्या अन्तर है? Na2O क्षारक है परन्तु CuO क्षारक नहीं है। क्यों?
उत्तर:
लघु उत्तरीय प्रश्न संख्या 1 को देखें।
Na2O क्षारक है, क्योंकि जलीय विलयन में यह OH आयन देता है।
Na2O + H2O → 2Na+ + 2(OH)
CuO जल में अविलेय है अर्थात् OH आयन नहीं देता। अतः यह क्षारक नहीं है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित के आयनीकरण की क्रियाएँ लिखिए-
(a) CuSO4, (b) NH4Cl, (c) Ca(OH)2, (d) H3PO4.
उत्तर:
(a) CuSO4 ⇌ Cu2+ + SO42-
(b) NH4Cl ⇌ NH4+ + Cl
(c) Ca(OH)2 ⇌ Ca++ + 2(OH)
(d) H3PO4 ⇌ 3H+ + (PO4)3-

प्रश्न 5.
निम्नलिखित की उदासीनीकरण क्रियाओं के समीकरण लिखिए-
(a) Ca(OH)2 तथा HNO3
(b) NH4OH तथा H2SO4
(c) CaO तथा HCl
उत्तर:
(a) Ca(OH)2 + 2HNO3 → Ca(NO3)2 + 2H2O
(b) 2NHOH + H2SO4 → (NH4)2SO4 + 2H2O
(c) CaO + 2HCl → CaCl2 + H2O

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 6.
pH पैमाना क्या नापता है? उदासीन, अम्लीय तथा क्षारीय विलयनों के pH मानों में क्या गुणात्मक अन्तर होता है?
अथवा
हाइड्रोजन आयन सान्द्रण से क्या तात्पर्य है?
उदासीन विलयन में हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मान कितना होता है?
अथवा
PH पैमाना क्या नापता है? उदासीन, अम्लीय तथा क्षारीय विलयनों के pH मान का परास बताइए।
उत्तर:
pH पैमाना किसी अम्ल, क्षार या लवण के विलयन में H+ आयनों की सान्द्रता (मोल / लीटर में) नापता है।
उदाहरणतः यदि विलयन का pH मान 5 है, तो उसमें H+ आयनों की सान्द्रता 1.0 x 10-5 मोल / लीटर होगी।
उदासीन विलयन का pH मान = 7
अम्लीय विलयन का pH < 7 क्षारीय विलयन का pH मान > 7
उदासीन विलयन में H आयन सान्द्रण का मान 1 x 10-7 मोल / लीटर होता है।

प्रश्न 7.
यदि किसी विलयन में [H+] सान्द्रता 1.0 x 10-3 हो तो इसका pH मान कितना होगा तथा विलयन की प्रकृति कैसी (अम्लीय / क्षारीय / उदासीन)
होगी?
उत्तर:
H+ की सान्द्रता = 1.0 x 10-3 मोल/लीटर
∴ pH = [log10 1.0 x 10-3]
= [log10 1.0 + log10 10-3]
= – [0 + (-3)]
= 3
∵ pH का मान 7 से कम है अतः विलयन अम्लीय है।

प्रश्न 8.
एक विलयन का pH मान 5 है। इसमें कितने pH मान का विलयन का समान आयतन मिलाने से विलयन उदासीन हो जायेगा?
उत्तर:
दो विलयनों के मिश्रण के उदासीन होने पर उनका सम्पूर्ण pH मान 7 + 7 = 14 होना चाहिए। अतः यदि एक विलयन का pH मान 5 है तो उसे उदासीन करने के लिए दूसरे विलयन का
pH मान = 14 – 5 = 9

प्रश्न 9.
किन्हीं दो अम्ल-क्षार सूचकों के नाम तथा अम्लीय एवं क्षारीय माध्यम में उनके रंग बताइए।
उत्तर:

  • फिनाल्फथैलीन (Phenolpthalein)-अम्ल में रंगहीन, क्षार में गुलाबी।
  • मेथिल ऑरेन्ज (Methyl Orange)-अम्ल में लाल, क्षार में नारंगी पीला।

प्रश्न 10.
अम्लों की (a) धातुओं (b) धात्वीय ऑक्साइडों, (c) धात्वीय कार्बोनेटों, (d) धात्वीय सल्फाइटों एवं (e) धात्वीय सल्फाइडों से क्रिया के दो-दो उदाहरण समीकरण सहित दीजिए।
उत्तर:
(a) Zn + 2HCl → ZnCl2 + H2
Fe + H2SO4 → FeSO4 + H2

(b) CaO + H2SO4 → CaSO4 + H2O
ZnO + 2HCl → ZnCl2 + H2O

(c) CaCO3 + H2SO4 → CaSO4 + H2O
Na2CO3 + 2HCl → 2NaCl + H2O + CO2

(d) Na2SO3 + 2HCl → 2NaCl + H2O + SO2
CaSO3 + H2SO4 → CaSO4 + H2O + SO2

(e) FeS + H2SO4 → FeSO4 + H2S
BaS + 2HCl → BaCl2 + H2S

प्रश्न 11.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं को संतुलन सहित पूरा कीजिए-
(a) Ca(OH)2 + HCl = ………..
(b) Fe + H2SO4 = ………….
(c) Ca(HCO3)2 + HNO3 = ………..
(d) NH4Cl + Ca(OH)2 = ………..
(e) Cus + H2SO4 = …………
उत्तर:
(a) Ca(OH)2 + 2HCl = CaCl2 + 2H2 O
(b) Fe + H2SO4 = FeSO4 + H2
(c) Ca(HCO3)2 + 2HNO3 = Ca(NO3)2 + 2H2O + 2CO2
(d) 2NH4Cl + Ca(OH)2 = CaCl2 + 2H2O + 2NH3
(e) CuS + H2SO4 = CuSO4 + H2S

प्रश्न 12.
निम्नलिखित लवणों को वर्गीकृत कीजिए-
NaHCO3; CaS; Cu(OH)NO3;
Na2SO4. Al2(SO4)3
Na3[Fe(CN)6]; Na2HPO4; NaK2PO4
उत्तर:

  1. NaHCO3 – अम्लीय लवण;
  2. CaS – सामान्य लवण
  3. Cu(OH)NO3 – क्षारीय लवणः
  4. Na2SO4. Al2(SO4)3 – द्विक लवण
  5. Na3[Fe(CN)6] – जटिल लवण;
  6. Na2HPO4 – अम्लीय लवण
  7. NaK2PO4 – मिश्रित लवण।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित का अम्ल, क्षार, क्षारक तथा लवण में वर्गीकरण कीजिए-
NH4OH, BaCl2, H3PO4, CaO, Zn(OH)2
उत्तर:

  1. NH4OH – क्षारक
  2. BaCl2 – लवण
  3. H3PO4 – अम्ल
  4. CaO – क्षार
  5. Zn(OH)2 – क्षार

प्रश्न 14.
आयनन है? यह ताप तथा विलयन की सान्द्रता से किस प्रकार प्रभावित होता है?
उत्तर:
लवण का जलीय विलयन में आयनों में वियोजित होना आयनन कहलाता है। ताप बढ़ाने एवं सान्द्रता घटाने पर आयनन बढ़ जाता है।

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प्रश्न 15.
हाइड्रोजन आयन सान्द्रण क्या है? उदासीन विलयन में हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मान कितना होगा?
उत्तर:
pH पैमाना किसी अम्ल, क्षार या लवण के विलयन में H+ आयनों की सान्द्रता (मोल / लीटर में) नापता है।
उदाहरणतः यदि विलयन का pH मान 5 है, तो उसमें H+ आयनों की सान्द्रता 1.0 x 10-5 मोल / लीटर होगी।
उदासीन विलयन का pH मान = 7
अम्लीय विलयन का pH < 7 क्षारीय विलयन का pH मान > 7
उदासीन विलयन में H आयन सान्द्रण का मान 1 x 10-7 मोल / लीटर होता है।

प्रश्न 16.
अम्ल व क्षार की आधुनिक धारणा स्पष्ट करें।
अथवा
अम्ल तथा क्षार की आधुनिक परिभाषा लिखिए तथा प्रत्येक को एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अम्ल-ये ऐसे यौगिक होते हैं जिनके जलीय विलयन में हाइड्रोनियम आयन (H3O+) उपस्थित होते हैं।
HCl → H+ + Cl
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क्षार- क्षार ऐसे यौगिक हैं जो जलीय विलयन में H+ आयन से संयोग करके लवण तथा जल बनाते हैं।
NaOH → Na+ + OH
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प्रश्न 17.
pH की परिभाषा दीजिए। इसका हाइड्रोजन आयन से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
किसी अम्ल, क्षार या लवण के विलयन में उपस्थित H+ आयनों की सान्द्रता के ऋणात्मक लघुगणक को pH कहते हैं।
PH व हाइड्रोजन आयन में सम्बन्ध किसी विलयन का pH मान विलयन में उपस्थित
pH = log [H+]
किसी विलयन का pH मान विलयन में उपस्थित H+ आयनों के सान्द्रता के ऋणात्मक लघुगणक के बराबर होता है।

प्रश्न 18.
जल का आयनिक गुणनफल क्या है? स्पष्ट करें।
उत्तर:
जल का आयनिक गुणनफल 1 x 10-14 (मोल / लीटर)² होता है।
स्पष्टीकरण – जल का वियोजन निम्नवत् होता है-
H2O ⇌ H++ OH
जल का आयनिक गुणनफल Kw = [H+][OH]
जल में [H+] = 1 x 10-7 मोल / लीटर
[OH] = 1 × 10-7 मोल / लीटर
अतः Kw = 1 x 10-7 x 1 x 10-7
= 1 x 10-14 (मोल / लीटर)²

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘उदासीनीकरण क्रिया को उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए। किसी धातु द्वारा अम्ल से लवण बनाने तथा धात्वीय ऑक्साइड द्वारा अम्ल से लवण बनाने में कौन-सी क्रिया उदासीनीकरण है और कौन-सी नहीं? कारण देकर समझाइए।
उत्तर:
किसी अम्ल एवं क्षार के संयोग से लवण एवं जल बनने की रासायनिक क्रिया को उदासीनीकरण कहते हैं।
उदाहरणतः
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 5
वास्तव में अम्ल एवं क्षार के संयोग से H+ तथा OH आयनों के संयोग से H2O अणु का बनना ही उदासीनीकरण का प्रमुख लक्षण है।
किसी धातु की अम्ल से क्रिया होने पर लवण का बनना उदासीनीकरण नहीं है क्योंकि इस क्रिया में H+ तथा OH के संयोग से जल H2O नहीं बनता।

उदाहरणतः
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 6
परन्तु धात्वीय ऑक्साइड एवं अम्ल के संयोग से लवण बनना उदासीनीकरण है क्योंकि इस क्रिया में H2O अणु बनता है।

उदाहरणत:
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प्रश्न 2.
रसोईघर में उपयोग होने वाला बेकिंग सोडा का निर्माण कैसे किया जाता है? खाना पकाते समय इसे गर्म करने पर होने वाली अभिक्रिया का समीकरण दीजिए।
उत्तर:
सोडा का उपयोग रसोईघर में स्वादिष्ट खस्ता पकौड़े बनाने के लिए किया जाता है। कभी-कभी इसका उपयोग खाने को शीघ्रता से पकाने के लिए भी किया जाता है। इस यौगिक का रासायनिक नाम सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (NaHCO3) है। कच्चे पदार्थों में सोडियम क्लोराइड का उपयोग कर इसका निर्माण किया जाता है।
NaCl + H2O + CO2 + NH3
सोडियम क्लोराइड जल कार्बन डाई ऑक्साइड अमोनिया
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 8
खाना पकाते समय इसे गर्म करने पर निम्न अभिक्रिया होती है-
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प्रश्न 3.
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर:
(i) बेकिंग पाउडर बनाने में जो बेकिंग सोडा (सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट) एवं टार्टरिक अम्ल जैसा एक मंद खाद्य अम्ल का मिश्रण है जब बेकिंग पाउडर को गर्म किया जाता है या जल में मिलाया जाता है तो निम्न अभिक्रिया होती है-
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 10
इस अभिक्रिया से उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड के कारण पावरोटी या केक में खमीर उठ (फूल / उभर) जाता है तथा इससे यह मुलायम एवं स्पंजी हो जाती है।

(ii) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट भी ऐन्टैसिड का एक संघटक है। क्षारीय होने के कारण यह पेट में अम्ल की अधिकता को उदासीन करके राहत पहुँचाता है।

(iii) इसका उपयोग सोडा-अम्ल अग्निशामक में भी किया जाता है।

प्रश्न 4.
विरंजक चूर्ण का निर्माण कैसे किया जाता है? इसके कोई दो उपयोग लिखिए।
उत्तर:
जलीय सोडियम क्लोराइड के विद्युत अपघटन से क्लोरीन का निर्माण होता है। इस क्लोरीन गैस का उपयोग विरंजक चूर्ण के उत्पादन के लिए किया जाता है। शुष्क बुझा हुआ चूना [Ca(OH)2] पर क्लोरीन की क्रिया से विरंजक चूर्ण का निर्माण होता है। विरंजक चूर्ण को CaOCl2 से दर्शाया जाता है यद्यपि वास्तविक संगठन काफी जटिल होता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 11

विरंजक चूर्ण का उपयोग-

  • वस्त्र उद्योग में सूती एवं लिनेन के विरंजन के लिए, कागज की फैक्ट्री में लकड़ी के मज्जा एवं लाउंड्री में साफ कपड़ों के विरंजन के लिए।
  • कई रासायनिक उद्योगों में एक उपचायक के रूप में।
  • पीने वाले जल को जीवाणुओं से मुक्त करने और जल की स्थायी कठोरता को हटाने के लिए उपयोग होता है।

प्रश्न 5.
जलीय विलयन में अम्ल या क्षारक किस रूप में रहते हैं? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
जलीय विलयन में अम्ल एवं क्षारक आयनित रूप में रहते हैं। उदाहरण के लिए जल की उपस्थिति में HCl में हाइड्रोजन आयन उत्पन्न होते हैं। जल की अनुपस्थिति में HCl अणुओं से H+ आयन अलग नहीं हो सकते हैं।
HCl + H2O → H3O+ + Cl
हाइड्रोजन आयन स्वतंत्र रूप में नहीं रह सकते लेकिन ये जल के अणुओं के साथ मिलकर रह सकते हैं। इसलिए
हाइड्रोजन आयन को सदैव H + (aq) या हाइड्रोनियम आयन (HgO+) से दर्शाना चाहिए।
H+ + H2O → H3O+
स्पष्ट है कि अम्ल जल में H3O+ अथवा H+ (aq) आयन प्रदान करता है।
इसी प्रकार क्षार भी जल में (OH) आयन उत्पन्न करते हैं।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 12

प्रश्न 6.
अम्लों के सामान्य गुणों का विवरण उदाहरण (रासायनिक समीकरणों) सहित कीजिए।
उत्तर:
अम्लों के सामान्य गुण (General Prop-erties of Acids)-
1. सक्रिय धातुओं से क्रिया करके तनु खनिज अम्ल बनाते हैं तथा हाइड्रोजन मुक्त होती है-
Zn + 2HCl → ZnCl2 + H2
Fe + H2SO4 → FeSO4 + H2
HNO3 से क्रिया होने में लवण तो बनता है परन्तु उससे मुक्त हाइड्रोजन HNO3 के तीव्र ऑक्सीकारक होने के कारण, ऑक्सीकृत होकर H2O बनाती है तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड बनते हैं।

2. धात्वीय ऑक्साइडों तथा हाइड्रॉक्साइडों से क्रिया होने पर उदासीनीकरण द्वारा लवण एवं जल बनते हैं-
2NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + 2H2O
CuO + 2HCl → CuCl2 + H2O

3. धात्वीय कार्बोनेटों एवं हाइड्रोजन कार्बोनेटों से क्रिया होने पर लवण, जल तथा CO2 गैस बनते हैं-
CaCO3 + H2SO4 → CaSO4 + H2O + CO2 NaHCO3 + HCl → NaCl + H2O + CO2

4. धात्त्वीय सल्फाइटों, हाइड्रोजन सल्फाइटों, सल्फाइडों एवं हाइड्रोसल्फाइडों से क्रिया होने पर लवण, जल, SO2 अथवा H2S गैस बनती है।
K2SO3 + 2HCl → 2KCl + H2O + SO2
2NaHSO3 + H2SO4 → Na2SO4 + 2H2O + SO2
ZnS + 2HCl → ZnCl2 + H2S
2KHS + 2HCl → 2KCl + H2S

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 7.
क्षारों के सामान्य गुणों का विवरण उदाहरण (रासायनिक समीकरण) सहित कीजिए।
उत्तर:
क्षारों के सामान्य गुण (General Prop-erties of Base) –
1. अम्लों से क्रिया करके लवण तथा जल बनाते है-
CaO + H2SO4 → CaSO4 + H2O
NaOH + HCl → NaCl + H2O
Cu(OH)2 + 2HNO3 → Cu(NO3)2 + 2H2O
2NH4OH + H2SO4 → (NH4)2SO4 + 2H2O

2. अमोनियम लवणों से क्रिया होने पर लवण, जल तथा अमोनिया गैस बनाती है-
2NH4Cl + Ca(OH)2 → CaCl2 + 2H2O + 2NH3
(NH4)2SO4 + 2NaOH → Na2SO4 + 2H2O + 2NH3

3. सोडियम, पोटैशियम, कैल्सियम तथा अमोनियम हाइड्रॉक्साइडों से अन्य धातुओं के लवणों की क्रिया होने पर धात्वीय हाइड्रॉक्साइडों का प्रक्षेप बनता है।
FeCl3 + 3NaOH → 3NaCl + Fe(OH)3
CuSO4 + 2KOH → K2SO4 + Cu(OH)2
ZnCl2 + 2NH4OH → 2NH4Cl + Zn(OH)2

प्रश्न 8.
(i) क्षारकों की परिभाषा दीजिए।
(ii) इसके तीन गुणधर्म बताइए।
(iii) क्या सभी क्षारक, क्षार होते हैं? आयनिक समीकरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
(i) धातुओं के हाइड्रॉक्साइड को क्षारक कहते हैं। ये जलीय विलयन में (OH) आयन उत्पन्न करते हैं।

(ii) क्षारकों के गुणधर्म-

  • इसका स्वाद कड़वा होता है।
  • ये लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते हैं।
  • ये अम्ल से अभिक्रिया करके लवण तथा जल बनाते हैं, जिसे उदासीनीकरण कहा जाता है।
    HCl + NaOH → NaCl + H2O

(iii) नहीं, केवल जल में घुलनशील क्षारक (Base) को क्षार (Alkali) कहते हैं।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 13
उदाहरण के लिए – Al(OH)3 क्षारक है, परन्तु क्षार नहीं क्योंकि यह जल में अविलेय है।

प्रश्न 9.
(a) केवल जलीय विलयनों से ही विद्युत धारा प्रवाहित होती है। ऐसा क्यों?
(b) अम्लों के तनुकरण पर हाइड्रोनियम आयनों (H3O+) की सांद्रता किस प्रकार परिवर्तित होती है?
(c) विलयनों या तनुकृत विलयनों में से सांद्रित किसका pH मान अधिक होगा?
(d) आप क्या अवलोकन करेंगे?
(i) जब तनु HCl को Na2CO3 में मिलाया जाएगा।
(ii) जब तनु HCl को एक परखनली में रखें Zn पर डाला जाएगा।
उत्तर:
(a) क्योंकि अम्लों के जलीय विलयन में आयन पृथक होते हैं, जो विद्युत धारा के चालन के लिए उत्तरदायी होता है।
(b) तनुकृत करने पर (H3O+) आयनों की सांद्रता घटती है।
(c) तनुकृत अम्लों का pH मान अधिक होगा।
(d) (i) बुदबुदाहट के साथ CO2 गैस निकलती है।
Na2CO3 + 2HCl (dil) → 2NaCl + CO2 + H2O

(ii) रंगहीन एवं गंधहीन H2 गैस के बुलबुले निकलते हैं।
Zn(s) + 2HCl (dil) → ZnCl2 + H2(g)

प्रश्न 10.
उदाहरण देते हुए लवणों का वर्गीकरण समझाइए।
उत्तर:
1. सामान्य लवण (Normal Salt) – इन लवणों के अणु में H+ या (OH) आयन नहीं होते। ये किसी अम्ल के अणु से H+ आयनों के पूर्ण विस्थापन से बनते हैं, जैसे
CaO + H2SO4 → CaSO4 + H2O
Zn + 2HCl → ZnCl2 + H2

2. अम्लीय लवण (Acidic Salts) – किसी अम्ल के अणु से H+ आयनों के आंशिक विस्थापन से बने लवणों को अम्लीय लवण कहते हैं। इनके अणु में H+ के एकाधिक आयन रहते हैं, जैसे KHSO4, Na2HPO4, KH2PO4 आदि

3. क्षारीय लवण (Basic Salt) – किसी क्षारक (हाइड्रॉक्साइड) के अणु से (OH) आयनों के आंशिक विस्थापन से क्षारीय लवण बनते हैं। इनके अणु में एकाधिक (OH) आयन रहते हैं जैसे
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4. द्विक् लवण (Double Salt) – इनके अणु में एक ही प्रकार के अम्लीय आयनों के साथ दो भिन्न क्षारीय आयनों के संयोग से बने अणु होते हैं, जिनमें प्रत्येक अणु एक स्वतन्त्र लवण हो सकता है।
उदाहरणतः
K2SO4Al2(SO4)3.24H2O
(Potassium Ammonium Sulphate or Common Alum)
FeSO4.(NH4)2SO4.6H2O
(Ferrous Ammonium Sulphate or Mohr’s Salt)
ये लवण दो भिन्न लवणों के विलयनों के मिश्रण से क्रिस्टलीकरण करने पर बनते हैं।

5. मिश्रित लवण (Mixed Salt) – ऐसे लवणों के अणु में एक ही अम्लीय या क्षारीय मूलक से दो या दो से अधिक क्षारीय या अम्लीय मूलक संयोग करते हैं।
उदहारणतः
NaKSO4 (Sodium Potassium Sulphate)
Na2KPO4 (Disodium potassium phos-phate)
Ca(OCl) Cl (Calcium chloro hypochlorite or Bleaching powder)

6. जटिल लवण (Complex Salt) – ये द्विक् लवण होते हैं तथा दो सरल लवणों के विलयनों के मिश्रण के क्रिस्टलीकरण से बनते हैं परन्तु विलयन में आयनीकृत होकर एक सरल आयन तथा एक जटिल आयन देते हैं।
उदहारणतः

  • K4 [Fe(CN)6] ⇌ 4K+ + [Fe(CN)g]4-
  • Na[Ag(CN)2] ⇌ Na+ + [Ag (CN)2]
    सोडियम अर्जेण्टोसायनाइड अर्जेण्टोसायनाइड आयन

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक विलयन में हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता 10-6 M है। इस विलयन का pH मान बताइए। विलयन अम्लीय होगा या क्षारीय।
उत्तर:
हाइड्रोजन आयन सान्द्रता [H+] = 10-6 M
pH = – log [H+]
= – log 10-6
= -(- 6 log 10)
pH = 6
चूँकि pH 7 से कम है अतः विलयन अम्लीय होगा।

प्रश्न 2.
एक विलयन में हाइड्रॉक्साइड आयन सान्द्रण 1 x 108 मोल प्रति लीटर है। इस विलयन का pH मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
हाइड्रॉक्साइड आयन सान्द्रण [OH] = 10-8 मोल/लीटर
चूँकि [H+] [OH] = 10-14
∴ [H+] = \(\frac{10^{-14}}{\left[\mathrm{OH}^{-}\right]}=\frac{10^{-14}}{1 \times 10^{-8}}\) = 10-6
pH = – log H+
= – log 10-6
= (- 6 log 10) = 6
pH = 6

प्रश्न 3.
एक विलयन में हाइड्रॉक्सिल आयन का सान्द्रण 10-11 मोल / लीटर है। विलयन का pH मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया है [OH] = 10-11 मोल/लीटर
तो [H+] = 10-3 मोल / लीटर
pH = – log [H+]
= – log 10-3
= 3
pH = 3

प्रश्न 4.
एक विलयन में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता 10-8 M है। इस विलयन का pH मान बताइए। विलयन अम्लीय है या क्षारीय।
उत्तर:
विलयन में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता = 10-8 M
pH = – log (H+)
= – log 10-8
चूँकि pH 7 से अधिक है अतः विलयन क्षारीय होगा।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 5.
एक विलयन में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता 10-9 है। इस विलयन का pH मान परिकलित कीजिए तथा बताइए कि विलयन अम्लीय है या क्षारीय है।
उत्तर:
विलयन में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता = 10-9 M
pH = – log [H+]
= – log 10-9
= 9
विलयन क्षारीय होगा।

प्रश्न 6.
पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड विलयन की सान्द्रता 1 x 10-5 मोल / लीटर है तो इस विलयन का pH मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड आयन सान्द्रण
[OH] = 1 x 10-5 मोल/लीटर
परन्तु [H+] x [ OH] = 1 x 10-14
H+ = \(\frac{1 \times 10^{-14}}{1 \times 10^{-5}}\)
= 1 x 10-9

बहुविकल्पीय प्रश्न

निर्देश- प्रत्येक प्रश्न में दिये गये वैकल्पिक उत्तरों में से सही विकल्प चुनिए-

1. उदासीन विलयन के लिए कौन-सा कथन असत्य है-
(a) हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मानं 10-7 मोल / लीटर होता है
(b) हाइड्रॉक्साइड आयन सान्द्रण का मान 10-7 मोल / लीटर होता है।
(c) pH मान 0 होता है
(d) pH मान 7 होता है
उत्तर:
(c) pH मान 0 होता है

2. ऐसीटिक अम्ल में अम्लीय हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या है-
(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) 4
उत्तर:
(a) 1

3. प्रबल अम्ल के जलीय विलयन में किसका आधिक्य होता है?
(a) H+ आयनों का
(b) OH आयनों का
(c) Cl आयनों का
(d) Na+ आयनों का
उत्तर:
(a) H+ आयनों का

4. कॉपर सल्फेट विलयन का pH मान होगा-
(a) < 7
(b) 7
(c) > 7
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) < 7

5. निम्न में अम्लीय लवण है-
(a) NaCl
(b) NaHSO4
(c) Na2SO4
(d) KCN
उत्तर:
(b) NaHSO4

6. 10-6 M HCl विलयन का pH मान होगा-
(a) 7
(b) 6
(c) 0
(d) – 6
उत्तर:
(b) 6

7. H2S विलयन का pH मान है-
(a) 0
(b) 7
(c) 7 से कम
(d) 7 से अधिक
उत्तर:
(c) 7 से कम

8. शुद्ध जल का pH मान है-
(a) 0
(b) 1
(c) 7
(d) 14
उत्तर:
(c) 7

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9. क्षार जल में विलेय क्षारक होते हैं जो परिवर्तित कर देते हैं-
(a) नीला लिटमस लाल
(b) लाल लिटमस नीला
(c) नीला लिटमस गुलाबी
(d) लाल लिटमस नारंगी
उत्तर:
(b) लाल लिटमस नीला

10. अम्ल तथा क्षारक की परस्पर क्रिया से लवण तथा पानी बनता है। यह क्रिया है-
(a) जल अपघटन
(b) संयोजन
(c) उदासीनीकरण
(d) वैद्युत अपघटन
उत्तर:
(c) उदासीनीकरण

11. किसी विलयन की pH किसकी माप है?
(a) हाइड्रोजन आयन सांद्रता
(b) हाइड्रोनियम आयन सांद्रता
(c) दोनों (a) व (b)
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) दोनों (a) व (b)

12. pH के लिए कौन-सा कथन असत्य है?
(a) pH हाइड्रोजन आयन सांद्रता का मापदंड है
(b) अम्लीय विलयन की pH 7 से कम होती है
(c) pH स्केल में 0-14 तक pH मापी जाती है
(d) क्षारीय विलयन की pH 0-14 होती है।
उत्तर:
(d) क्षारीय विलयन की pH 0-14 होती है।

13. आसुत जल का आयनिक उत्पादक क्या है?
(a) 10-12 मोल / लीटर
(b) 10-7 मोल/लीटर
(c) 10-14 मोल / लीटर
(d) 0.
उत्तर:
(c) 10-14 मोल / लीटर

14. आसुत जल में H + आयन की सांद्रता है-
(a) 10-7 मोल / लीटर
(b) 10-6 मोल/लीटर
(c) 10-4 मोल / लीटर
(d) 100 मोल / लीटर
उत्तर:
(a) 10-7 मोल / लीटर

15. एक घोल का pH मान 4 है तो घोल होगा-
(a) उदासीन
(b) क्षारीय
(c) अम्लीय
(d) आयनिक
उत्तर:
(c) अम्लीय

16. किसी विलयन का pH मान 4 है। इसमें उपस्थित हाइड्रोजन आयन सान्द्रण है-
(a) 1 x 10-4 मोल प्रति लीटर
(b) 1 x 10-7 मोल प्रति लीटर
(c) 1 x 10-14 मोल प्रति लीटर
(d) 1 x 10-8 मोल प्रति लीटर
उत्तर:
(a) 1 x 10-4 मोल प्रति लीटर

17. क्षारीय विलयन में फिनॉल्फ्थलीन / सूचक का रंग होता है-
(a) लाल
(b) पीला
(c) नीला
(d) रंगीन
उत्तर:
(a) लाल

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18. अम्लीय विलयन का pH मान है-
(a) 7
(b) 7 से कम
(c) 7 से अधिक
(d) शून्य
उत्तर:
(b) 7 से कम

19. एक विलयन का pH मान 5 है। यह विलयन है-
(a) अम्लीय
(b) क्षारीय
(c) उदासीन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) अम्लीय

20. निम्नलिखित में दुर्बल अम्ल है-
(a) HCl
(b) HCN
(c) HNO3
(d) H2SO4
उत्तर:
(b) HCN

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

  1. जब अम्ल किसी धातु कार्बोनेट या धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट से अभिक्रिया करता है तो यह संगत गैस ………………… एवं ………………… उत्पन्न करता है।
  2. जल में अम्लीय एवं क्षारकीय विलयन विद्युत का चालन करते हैं क्योंकि ये क्रमश: ………………… एवं ………………… आयन का निर्माण करते हैं।
  3. अम्ल या क्षारक की प्रबलता की जाँच ………………… स्केल के उपयोग से की जा सकती है जो विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता की माप होता है।
  4. विलयन में H+ (aq) आयन के निर्माण के कारण ही पदार्थ की प्रकृति ………………… होती है। विलयन में OH (aq) आयन के निर्माण से पदार्थ की प्रकृति होती है।
  5. जब कोई अम्ल किसी धातु के साथ अभिक्रिया करता है तो ……………….. गैस का उत्सर्जन होता है। साथ ही संगत ………………… का निर्माण होता है।
  6. जब क्षारक किसी धातु से अभिक्रिया करता है तो ………………… गैस के उत्सर्जन के साथ एक ………………… का निर्माण होता है जिसका ऋण आयन एक धातु एवं ऑक्सीजन के परमाणुओं से संयुक्त रूप से निर्मित होता है।

उत्तर:

  1. लवण, कार्बन डाइऑक्साइड, जल
  2. हाइड्रोजन, हाइड्रॉक्साइड
  3. pH
  4. अम्लीय क्षारीय
  5. हाइड्रोजन, लवण
  6. हाइड्रोजन, लवण।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Exercise 3.2

प्रश्न 1.
निम्नलिखित समस्याओं में रैखिक समीकरण युग्मों का निर्माण कीजिए और उनके ग्राफीय विधि से हल ज्ञात कीजिए :
(i) कक्षा X के 10 विद्यार्थियों ने एक गणित की पहेली प्रतियोगिता में भाग लिया। यदि लड़कियों की संख्या लड़कों की संख्या से 4 अधिक हो, तो प्रतियोगिता में भाग लेने वाले लड़के और लड़कियों की संख्या ज्ञात कीजिए।
(ii) 5 पेंसिलों और 7 कलमों का कुल मूल्य ₹ 50 है, जबकि 7 पेंसिलों और 5 कलमों का कुल मूल्य ₹ 46 है। एक पेंसिल और एक कलम का मूल्य ज्ञात कीजिए।
हल:
(i) माना लड़कियों की संख्या x तथा लड़कों की संख्या y है।
∴ कुल संख्या = x + y
प्रश्नानुसार, x + y = 10.
∵ लड़कियों की संख्या लड़कों की संख्या से 4 अधिक है।
∴ x = y + 4 ⇒ x – y = 4
∴ रैखिक समीकरण युग्म :
x + y = 10 …(i)
x – y = 4 …(ii)
ज्यामितीय निरूपण :
समीकरण x + y = 10 से,
⇒ y = 10 – x
x = 3 रखने पर, y = 10 – 3 = 7
x = 7 रखने पर, y = 10 – 7 = 3
x = 8 रखने पर, y = 10 – 8 = 2
सारणी-I

x 3 7 8
y 7 3 2

पुन: समीकरण x – y = 4 से
⇒ y = x – 4
x = 2 रखने पर, y = 2 – 4 = -2
y = 7 रखने पर, y = 7 – 4 = 3
y = 4 रखने पर, y = 4 – 4 = 0
सारणी-II

x 2 7 4
y -2 3 0

बिन्दुओं (3, 7), (7, 3) तथा (8, 2) का आलेखन कर मिलाने से समीकरण x + y = 10 का आलेख रेखा AB प्राप्त होती है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 1
पुन: बिन्दुओं (2, -2) (7, 3) तथा (4, 0) का आलेखन कर मिलाने से समीकरण x – y = 4 का आलेख रेखा CD प्राप्त होती है।
आलेख से स्पष्ट है कि दोनों रैखिक समीकरणों से प्राप्त सरल रेखाएँ बिन्दु P(7, 3) पर प्रतिच्छेदित होती हैं।
∴ बिन्दु P(7, 3) आलेखीय स्थिति है।
अतः लड़कियों की संख्या (x) = 7
तथा लड़कों की संख्या (y) = 3
(ii) माना कि 1 पेंसिल का मूल्य ₹ x तथा 1 कलम का मूल्य ₹ y है।
प्रश्नानुसार, 5 पेंसिलों तथा 7 कलमों का मूल्य ₹ 50 है।
5x + 7y = 50
प्रश्नानुसार, 7 पेंसिलों तथा 5 कलमों का मूल्य ₹ 46 है।
7x + 5y = 46
∴ रैखिक समीकरण युग्म
5x + 7y = 50
7x + 5y = 46
ज्यामितीय निरूपण :
समीकरण 5x + 7y = 50 से,
7y = 50 – 5x
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 2
सारणी-I

x -4 3 10
y 10 5 0

पुन: समीकरण 7x + 5y = 46 से
⇒ 5y = 46 – 7x
y = \(\frac{46-7 x}{5}\)
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 3
सारणी-II

x -2 3 8
y 12 5 -2

बिन्दुओं (-4, 10) (3, 5) तथा (10, 0) का आलेखन कर मिलाने से समीकरण 5x + 7y = 50 का आलेख रेखा AB प्राप्त होती हैं। पुनः बिन्दुओं (-2, 12), (3, 5) तथा (8, -2) का आलेखन कर मिलाने से समीकरण 7x + 5y = 46 का आलेख रेखा CD प्राप्त होती है।
आलेख से स्पष्ट है कि दोनों रैखिक समीकरणों से प्राप्त सरल रेखाएँ बिन्दु P(3, 5) पर कांटती हैं।
दिए हुए समीकरण-युग्म का अद्वितीय सार्व हल x = 3, y = 5 है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 4
अत: एक पेन्सिल का मूल्य ₹ 3 और एक कलम का मूल्य ₹ 5 है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2

प्रश्न 2.
अनुपातों \(\frac{a_1}{a_2}, \frac{b_1}{b_2}\) और \(\frac{c_1}{c_2}\) की तुलना कर ज्ञात कीजिए कि निम्न समीकरण युग्म द्वारा निरूपित रेखाएँ एक बिन्दु पर प्रतिच्छेद करती हैं, समान्तर हैं अथवा संपाती हैं :
(i) 5x – 4y + 8 = 0
7x + 6y – 9 = 0
(ii) 9x + 3y + 12 = 0
18x + 6y + 24 = 0
(iii) 6x – 3y + 10 = 0
2x – y + 9 = 0
हल:
(i) दिए गए समीकरण युग्म :
5x – 4y + 8 = 0 …(1)
7x + 6y – 9 = 0 …(2)
उक्त समीकरण युग्म की तुलना व्यापक रैखिक समीकरण युग्म् a1x + b1y + c1 = 0 तथा a2x + b2y + c2 = 0 से करने पर,
a1 = 5, b1 = -4, c1 = 8
a2 = 7, b2 = 6, c2 = -9
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 5
अतः दिए गए रैखिक समीकरण युग्म द्वारा निरूपित रेखाएँ एक बिन्दु पर प्रतिच्छेद करती हैं।
(ii) दिया गया रैखिक समीकरण युग्म है :
9x + 3y + 12 = 0
और 18x + 6y + 24 = 0
उक्त समीकरणों की तुलना a1x + b1y + c1 = 0 तथा a2x + b2y + c2 = 0 से करने पर,
a1 = 9, b1 = 3, c1 = 12
a2 = 18, b2 = 6, c2 = 24
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 6
अतः दिए गए रैखिक समीकरण युग्म द्वारा निरूपित रेखाएँ सम्पाती हैं।

(iii) दिया गया रैखिक समीकरण युग्म है :
6x – 3y +10 = 0
और 2x – y + 9 = 0
उक्त समीकरणों की तुलना a1x + b1y + c1 = 0 तथा a2x + b2y + c2 = 0 से करने पर,
a1 = 6, b1 = -3, c1 = 10
a2 = 2, b2 = 3, c2 = 9
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 7
अतः दिए गए रैखिक समीकरण युग्म द्वारा निरूपित रेखाएँ एक-दूसरे के समान्तर हैं।

प्रश्न 3.
अनुपातों \(\frac{a_1}{a_2}, \frac{b_1}{b_2}\) और \(\frac{c_1}{c_2}\) की तुलना कर ज्ञात कीजिए कि निम्न रैखिक समीकरण के युग्म संगत हैं या असंगत हैं :
(i) 3x + 2y = 5; 2x – 3y = 7
(ii) 2x – 3y = 8; 4x – 6y = 9
(iii) \(\frac{3}{2}\)x + \(\frac{5}{3}\)y = 7; 9x – 10y = 14
(iv) 5x – 3y = 11; -10x + 6y = -22
(v) \(\frac{4}{3}\)x + 2y = 8; 2x + 3y = 12
हल:
(i) दिया गया रैखिक समीकरण-युग्म है:
3x + 2y = 5 या 3x + 2y – 5 = 0
और 2x – 3y = 7 या 2x – 3y – 7 = 0
उक्त समीकरणों की तुलना व्यापक रैखिक समीकरण युग्म् a1x + b1y + c1 = 0 तथा a2x + b2y + c2 = 0 से करने पर,
a1 = 3, b1 = 2, c1 = 5
a2 = 2, b2 = -3, c2 = -7
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 8
∴ रैखिक समीकरण युग्म का एक अद्वितीय हल।
अतः दिया हुआ रैखिक समीकरण युग्म संगत है।

(ii) दिया गया समीकरण युग्म
2x – 3y = 8
या 2x – 3y – 8 = 0…(i)
और 4x – 6y = 9
या 4x – 6y – 9 = 0 …(ii)
उक्त समीकरण युग्म की तुलना व्यापक रैखिक समीकरण युग्म a1x + b1y + c1 = 0 तथा a2x + b2y + c2 = 0 से करने पर
a1 = 2, b1 = – 3, c1 = – 8
a2 = 4, b2 = – 6, c2 = – 9
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 9
∴ दिए गए समीकरण युग्म का कोई हल नहीं है।
अतः दिया गया रैखिक समीकरण युग्म असंगत है।

(iii) दिया गया समीकरण युग्म :
\(\frac{3}{2}\)x + \(\frac{5}{3}\)y = 7
या \(\frac{3}{2}\)x + \(\frac{5}{3}\)y – 7 = 0 …(i)
और 9x – 10y = 14
या 9x – 10y – 14 = 0 …(ii)
उक्त समीकरण युग्म की तुलना व्यापक रैखिक समीकरण युग्म a1x + b1y + c1 = 0 तथा a2x + b2y + c2 = 0 से करने पर,
a1 = \(\frac{3}{2}\), b1 = \(\frac{5}{3}\), c1 = -7
a2 = 9, b2 = – 10, c2 = -14
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 10
समीकरण युग्म का एक अद्वितीय हल है।
अतः दिया गया समीकरण युग्म संगत है।

(iv) दिया गया समीकरणं युग्म :
5x – 3y = 11
या 5x – 3y – 11 = 0 ….(i)
और -10x + 6y = -22
या -10x + 6y + 22 = 0 ….(ii)
उक्त समीकरण युग्म की तुलना व्यापक रैखिक समीकरण युग्म् a1x + b1y + c1 = 0 तथा a2x + b2y + c2 = 0 से करने पर,
a1 = 5, b1 = – 3, c1 = -11
a2 = -10, b2 = 6, c2 = 22
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 11
समीकरण युग्म सम्पाती है।
दिए गए समीकरण युग्म के अनन्त हल है।
अतः दिया गया रैखिक समीकरण युग्म संगत है।

(v) दिया गया रैखिक समीकरण युग्म है:
\(\frac{4}{3}\)x + 2y = 8
या \(\frac{4}{3}\)x + 2y – 8 = 0 …..(i)
और 2x + 3y = 12
और 2x + 3y – 12 = 0 ….(ii)
उक्त समीकरणों की तुलना व्यापक रैखिक युग्म a1x + b1y + c = 0 तथा a2x + b2y + c2 = 0 से करने पर,
यहाँ a1 = \(\frac{4}{3}\), b1 = 2, c1 = -8
a2 = 2, b2 = 3, c2 = -12
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 12
∴ समीकरण युग्म द्वारा निरूपित रेखाएँ सम्पाती होंगी।
अतः दिया गया रैखिक समीकरण युग्म संगत है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौन-से रैखिक समीकरणों के युग्म संगत/असंगत हैं ? यदि संगत हैं, तो उनके हल आलेखीय विधि से ज्ञात कीजिए :
(i) x + y = 5, 2x + 2y = 10
(ii) x – y = 8, 3x – 3y = 16
(iii) 2x + y – 6 = 0, 4x – 2y – 4 = 0
(iv) 2x – 2y – 20, 4x – 4y – 5 = 0
हल:
(i) दिया गया रैखिक समीकरण युग्म :
x + y = 5 या x + y – 5 = 0 …(1)
2x + 2y = 10 या 2x + 2y – 10 = 0 … (2)
उक्त समीकरण युग्म की तुलना व्यापक रैखिक समीकरण युग्म् a1x + b1y + c1 = 0 तथा a2x + b2y + c2 = 0 से करने पर,
a1 = 1, b1 = 1, c1 =-5
a2 = 2, b2 = 2, c2 = -10
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 13
∴ समीकरण युग्म द्वारा निरूपित रेखाएँ सम्पाती होंगी।
अतः दिया गया रैखिक समीकरण युग्म संगत है।
आलेखीय विधि:
समीकरण (1) से,
x + y = 5
⇒ y = 5 – x
x = 5 रखने पर, y = 5 – 5 = 0
x = 2 रखने पर, y = 5 – 2 = 3
x = 0 रखने पर, y = 5 – 0 = 5
सारणी-I

x 5 2 0
y 0 3 5

बिन्दुओं A (5, 0) B (2, 3) और C(0, 5) को ग्राफ पेपर पर आलेखित कर उनको मिलाने से हमें एक सीधी रेखा प्राप्त होती है जो कि समीकरण x + y = 5 को इंगित करती है।
समीकरण (2) से,
2x + 2y = 10
⇒ 2 (x + y) = 10
⇒ x + y = 5
⇒ y = 5 – x
x = 5 रखने पर, y = 5 – 5 = 0
x = 3 रखने पर, y = 5 – 3 = 2
x = 0 रखने पर, y = 5 – 0 = 5
सारणी-II

x 5 3 0
y 0 2 5

बिन्दुओं A(5, 0), B (3, 2) और C(0, 5) को ग्राफ पेपर पर आलेखित कर उनको मिलाने से हमें एक सीधी रेखा प्राप्त होती है जो कि समीकरण 2x + 2y = 10 को इंगित करती है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 14
आलेख से यह स्पष्ट है कि दिया गया रैखिक समीकरण युग्म सम्पाती रेखाएँ हैं। अतः इनके अपरिमित रूप से अनेकों हल हैं।

(ii) दिया गया रैखिक समीकरण युग्म :
x – y = 8
या x – y – 8 = 0 …(1)
3x – 3y = 16
या 3x – 3y – 16 = 0 …(2)
उक्त समीकरण युग्म की तुलना व्यापक रैखिक समीकरण युग्म् a1x + b1y + c1 = 0 तथा a2x + b2y + c2 = 0 से करने पर,
a1 = 1, b1 = -1, c1 = – 8
a2 = 3, b2 = – 3, c2 = – 16
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 15
∵ \(\frac{a_1}{a_2}=\frac{b_1}{b_2} \neq \frac{c_1}{c_2}\)
∴ दिये गये समीकरण युग्म का कोई हल नहीं होगा।
अतः दिया गया रैखिक समीकरण युग्म असंगत है।

(iii) दिया गया रैखिक समीकरण युग्म
2x + y – 6 = 0 …(1)
4x – 2y – 4 = 0 …(2)
उक्त समीकरणों की तुलना व्यापक रैखिक समीकरण युग्म a1x + b1y + c1 = 0 तथा a2x + b2y + c2 = 0 से करने पर,
a1 = 2, b1 = 1, c1 = – 6
a2 = 4, b2 = – 2, c2 = -4
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 16
∴ दिए गए समीकरण युग्म का एक अद्वितीय हल होगा।
अतः समीकरण युग्म संगत है।
आलेखीय विधि : समीकरण (1) से,
2x + y – 6 = 0
⇒ y = 6 – 2x
x = 3 रखने पर, y = 6 – 2 × 3 = 6 – 6 = 0
x = 2 रखने पर, y = 6 – 2 × 2 = 6 – 4 = 2
x = 4 रखने पर, y = 6 – 2 × 4= 6 – 8 = -2
सारणी-I

x 3 2 4
y 0 2 -2

बिन्दुओं A(3, 0), B(2, 2), C(4, -2) को ग्राफ पेपर पर आलेखित कर और उनको मिलाते हुए रेखा खींचने पर हमें समीकरण 2x + y – 6 = 0 का आलेख प्राप्त होता है।
पुन: समीकरण 4x – 2y – 4 = 0
⇒ 2y = 4x – 4
⇒ y = \(\frac{4 x-4}{2}\) = 2x – 2
x = 1 रखने पर, y = 2 × 1 – 2 = 0
x = 2 रखने पर, y = 2 × 2 – 2 = 4 – 2 = 2
x = 0 रखने पर, y = 2 × 0 – 2 = 0 – 2 = -2
सारणी-II

x 1 2 0
y 0 2 -2

पुन: बिन्दुओं D(1, 0), B(2, 2), E(0, -2) को ग्राफ पेपर पर आलेखित कर और उनको मिलाते हुए रेखा खींचने पर हमें समीकरण 4x – 2y – 4 = 0 का आलेख प्राप्त होता है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 17
आलेख से स्पष्ट है कि दिए गए समीकरण युग्म की दो सरल रेखाएँ बिन्दु B(2, 2) पर काटती हैं।
x = 2, y = 2
अतः दिए गए समीकरण युग्म के अद्वितीय हल हैं।

(iv) दिया गया रैखिक समीकरण युग्म हैं:
2x – 2y – 2 = 0
और 4x – 4y – 5 = 0
दिए गए समीकरण युग्म की तुलना व्यापक रैखिक समीकरण युग्म a1x + b1y + c1 = 0 तथा a2x + b2y + c2 = 0 से करने पर,
a1 = 2, b1 = -2, c1 = – 2
a2 = 4, b2 = -4, c2 = -5
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 18
∴ दिए गये समीकरण युग्म का कोई हल नहीं है।
अतः दिया गया रैखिक समीकरण युग्म असंगत है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2

प्रश्न 5.
एक आयताकार बाग, जिसकी लम्बाई चौड़ाई से 4 मीटर अधिक है, का अर्द्धपरिमाप 36 मीटर है बाग की विमाएँ ज्ञात कीजिए।
हल:
माना आयताकार बाग की लम्बाई x मीटर
और चौड़ाई y मीटर हैं।
दिया है, लम्बाई, चौड़ाई से 4 मीटर अधिक है।
x = y + 4 या x – y = 4
आयताकार बाग का परिमाप = 2 (x + 1) मीटर
आयताकार बांग का अर्द्धपरिमाप = \(\frac{1}{2}\) × परिमाप
= \(\frac{1}{2}\)× 2 (x + y)
= (x + y) मीटर
परन्तु दिया है अर्द्ध परिमाप = 36 मीटर
∴ x + y = 36
∴ रैखिक समीकरण युग्म
x – y = 4
और x + y = 36
ज्यामितीय विधि द्वारा हल :
समीकरण x – y = 4
⇒ y = x – 4
x = 0 रखने पर, y = 0 – 4 = -4
x = 4 रखने पर, y = 4 – 4 = 0
x = 20 रखने पर, y = 20 – 4 = 16
सारणी-I

x 0 4 20
y -4 0 16

पुन: समीकरण x + y = 36 से
⇒ y = 36 – x
x = 30 रखने पर, y = 36 – 30 = 6
x = 20 रखने पर, y = 36 – 20 = 16
x = 10 रखने पर, y = 36 – 10 = 26
सारणी-II

x 30 20 10
y 6 16 26

बिन्दुओं A(0, -4), B(4, 0) और P(20, 16) का आलेखन कर मिलाने से समीकरण x – y = 4 का आलेख प्राप्त होता है। पुनः बिन्दुओं C(30, 6) P(20, 16 ) तथा D(10, 26) का आलेखन कर मिलाने से समीकरण x + y = 36 का आलेख प्राप्त होता है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 19
आलेख से स्पष्ट है कि रैखिक समीकरणों का युग्म बिन्दु P(20, 16) पर काटता है।
∴ x = 20, y = 16
अतः बाग की लम्बाई = 20 मीटर
बाग का चौड़ाई = 16 मीटर

प्रश्न 6.
एक रैखिक समीकरण 2x + 3y – 8 = 0 दी गई है। दो चरों में एक ऐसी और रैखिक समीकरण लिखिए ताकि प्राप्त युग्म का ज्यामितीय निरूपण जैसा कि :
(i) प्रतिच्छेदी रेखाएँ हों।
(ii) समान्तर रेखाएँ हों।
(iii) सम्पाती रेखाएँ हों।
हल:
दिया गया रैखिक समीकरण
2x + 3y – 8 = 0
व्यापक रैखिक समीकरण a1x + b1y + c1 = 0 से तुलना करने पर,
a1 = 2, b1 = 3, c1 = – 8
(i) जब समीकरण युग्म प्रतिच्छेद करती हुई रेखाएँ निरूपित करता है तो शर्त-
\(\frac{a_1}{a_2} \neq \frac{b_1}{b_2} \Rightarrow \frac{2}{a_2} \neq \frac{3}{b_2}\)
अर्थात् a2 का मान 2 अथवा 0 नहीं होना चाहिए और b2 का मान 3 अथवा 0 नहीं होना चाहिए।
जहाँ a2 ≠ 2 तथा b2 ≠ 3 और a2 ≠ 0, b2 ≠ 0 है।
अतः सम्भावित रैखिक समीकरण 3x + 2y – 7 = 0 है।

(ii) जब समीकरण युग्म समान्तर रेखाएँ निरूपित करता है, तो शर्त
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 20
अर्थात् a2 और b2 का मान 2 : 3 में होना चाहिए।
माना a2 = 2k तथा b2 = 3k, जहाँ k एक स्थिरांक है।
∵ \(\frac{3}{b_2} \neq \frac{-8}{c_2}\)
⇒ \(\frac{3}{3 k} \neq \frac{-8}{c_2}\)
⇒ c2 ≠ -8k
अतः अभीष्ट समीकरण 2kx + 3ky – mk = 0; m ≠ -8
अतः सम्भावित रैखिक समीकरण 2x + 3y – 12 = 0 है।

(iii) जब समीकरण युग्म सम्पाती रेखाएँ निरूपित करता है तो शर्त
\(\frac{a_1}{a_2}=\frac{b_1}{b_2}=\frac{c_1}{c_2}\)
⇒ \(\frac{2}{a_2}=\frac{3}{b_2}=\frac{-8}{c_2}=\frac{1}{k}\)
⇒ a2 = 2k, b2 = 3k और c2 = -8k
अतः अभीष्ट समीकरण 2kx + 3ky – 8k = 0, जहाँ k एक आनुपातिक स्थिरांक है।
अतः सम्भावित रैखिक समीकरण 4x + 6y – 16 = 0 है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2

प्रश्न 7.
समीकरणों x – y + 1 = 0 और 3x + 2y – 12 = 0 का ग्राफ खींचिए X-अक्ष और इन रेखाओं से बने त्रिभुज के शीर्षो के निर्देशांक ज्ञात कीजिए और त्रिभुजाकार पटल को छायांकित कीजिए।
हल:
दिया गया समीकरण युग्म है :
x – y + 1 = 0 ….(1)
3x + 2y – 12 = 0 ….(2)
समीकरण x – y + 1 = 0 के ग्राफ के लिए
⇒ y = x + 1
x = – 1 रखने पर, y = -1 + 1 = 0
x = 2 रखने पर, y = 2 + 1 = 3
x = 0 रखने पर, y = 0 + 1 = 1
सारणी-I

x -1 2 0
y 0 3 1

बिन्दुओं A(-1, 0), B (2, 3), C(0, 1) को ग्राफ पेपर पर आलेखित कर और उनको मिलाकर रेखा खींचने पर हमें समीकरण x – y + 1 = 0 का आलेख प्राप्त होता है।
पुन: समीकरण 3x + 2y – 12 = 0 से
⇒ 2y = 12 – 3x
⇒ y = \(\frac{12-3 x}{2}\)
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 21

x 4 2 0
y 0 3 6

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2 22
बिन्दुओं D(4, 0), B(2, 3) और E(0, 6) को आलेखित कर समीकरण 3x + 2y – 12 = 0 को निरूपित करने वाली रेखा प्राप्त होती है। दोनों रेखाएँ बिन्दु B(2, 3) पर काटती हैं।
X-अक्ष पर ΔBAD छायांकित भाग प्राप्त होता है। जिसके शीर्ष B(2, 3), A(-1, 0) तथा D(4, 0) प्राप्त होते हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

Students must go through these JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन to get a clear insight into all the important concepts.

JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

→ प्रकाश प्रकाश ऊर्जा का वह रूप है जो हमारी आँख में दृष्टि की संवेदना उत्पन्न करती है, पृथ्वी के विभिन्न घटकों को गर्म कर देती है।

→ प्रकाश का परावर्तन प्रकाश का किसी चिकने व चमकदार पृष्ठ से टकराकर उसी माध्यम में वापस लौट आना प्रकाश का परावर्तन कहलाता है।

→ परावर्तन के नियम- परावर्तन के निम्नलिखित दो नियम हैं-

  • आपतन कोण और परावर्तन कोण सदैव बराबर होते हैं।
  • आपतित किरण परावर्तित किरण व अभिलम्ब तीनों एक तल में स्थित होते हैं।

→ दर्पण – यदि किसी चिकने तल पर कलई (पॉलिश) करके चमकदार बना दिया जाये तो वह परावर्तन तल दर्पण कहलाता है।

→ गोलीय दर्पण- जब कोई दर्पण किसी गोलीय कोश का भाग होता है तो उसे गोलीय दर्पण कहते हैं।

→ गोलीय दर्पण के प्रकार- गोलीय दर्पण दो प्रकार होते हैं-

  • अवतल दर्पण तथा
  • उत्तल दर्पण।

→ अवतल दर्पण – यदि खोखले गोले के कटे हुए एक भाग में से उसके उभरे (उत्तल) हुए भाग पर कलई कर दी जाती है।

→ उत्तल दर्पण – यदि खोखले गोले के कटे हुए एक भाग से उसके धँसे (अवतल) हुए भाग पर कलई कर दी जाती है तो उसे उत्तल दर्पण कहते हैं।

→ गोलीय दर्पण से सम्बन्धित प्रमुख पद हैं- वक्रता केन्द्र (C), ध्रुव (P), मुख्य अक्ष, वक्रता त्रिज्या (R), मुख्य फोकस, फोकस दूरी (f), फोकस तल।

→ गोलीय दर्पण की फोकस दूरी- चिन्ह परिपाटी के अनुसार उत्तल दर्पण की फोकस दूरी सदैव धनात्मक तथा अवतल दर्पण की फोकस दूरी सदैव ऋणात्मक ली जाती है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

→ फोकस दूरी व वक्रता त्रिज्या में सम्बन्ध- दर्पण की फोकस दूरी उसकी वक्रता त्रिज्या की आधी होती है
अर्थात्
f = \(\frac { 1 }{ 2 }\) R

→ गोलीय दर्पण में u, v तथा f में सम्बन्ध – गोलीय
दर्पण में \(\frac { 1 }{ u }\) + \(\frac { 1 }{ v }\) = \(\frac { 1 }{ f }\) होता है।
इसे दर्पण सूत्र कहते हैं। चिन्ह परिपाटी के अनुसार अवतल दर्पण में u तथा f सदैव ऋणात्मक होते हैं। वास्तविक प्रतिबिम्ब के लिए v ऋणात्मक तथा आभासी प्रतिबिम्ब के लिए v धनात्मक होता है। उत्तल दर्पण में u ऋणात्मक तथा v तथा f सदैव धनात्मक होते हैं।

→ रेखीय आवर्धन प्रतिबिम्ब की लम्बाई तथा वस्तु की लम्बाई के अनुपात को रेखीय आवर्धन कहते हैं।
अतः
JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 1
यदि आवर्धन m ऋणात्मक है तो प्रतिबिम्ब वास्तविक होगा तथा m धनात्मक है तो प्रतिबिम्ब आभासी होगा।

→ u-v विधि से अवतल दर्पण की फोकस दूरी की गणना हेतु सूत्र : f = \(\frac { uv }{ v+u }\) से अवतल दर्पण की
फोकस दूरी की गणना करते हैं जहाँ
u = दर्पण से वस्तु की दूरी
v = दर्पण से प्रतिबिम्ब की दूरी
f = दर्पण की फोकस दूरी

→ संयुग्मी फोकस – गोलीय दर्पण के मुख्य अक्ष पर स्थित ऐसे दो बिन्दु जिसमें से एक बिन्दु पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब इसके बिन्दु पर बनता है तथा इसके बिन्दु पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब पहले बिन्दु पर बनता है, संयुग्मी फोकस कहलाते हैं।

→ प्रतिबिम्ब- – जब वस्तु के किसी एक बिन्दु से निकलने वाली बहुत सारी किरणें, परावर्तन के पश्चात् एक अन्य बिन्दु पर मिलती हैं तो इसका बिन्दु, पहले बिन्दु का प्रतिबिम्ब कहलाता है।

→ वास्तविक प्रतिबिम्ब-जब प्रकाश की किरणें परावर्तन के पश्चात् प्रतिबिम्ब बिन्दु पर वास्तव में मिलती हैं तो बनने वाला प्रतिबिम्ब वास्तविक होता है। यह अधिकतर उलटा बनता है और पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है।

→ आभासी प्रतिबिम्ब- जब प्रकाश की किरणें परावर्तन के पश्चात् मिलती प्रतीत होती हैं (वे वास्तव में नहीं मिलतीं) तो बनने वाला प्रतिबिम्ब आभासी होता है। यह अधिकतर सीधा बनता है और पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

→ वक्रता त्रिज्या उस खोखले गोले की त्रिज्या जिसका दर्पण स्वयं एक भाग है, वक्रता त्रिज्या कहलाती है।

→ मुख्य अक्ष- दर्पण के वक्रता केन्द्र व ध्रुव को मिलाने वाली रेखा मुख्य अक्ष कहलाती है।

→ फोकस बिन्दु – मुख्य अक्ष के समान्तर आने वाली सभी प्रकाश किरणें परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के किसी एक बिन्दु पर मिलती है अथवा किसी एक बिन्दु से निकलती हुई प्रतीत होती हैं। इस बिन्दु को फोकस कहते हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

→ फोकस दूरी – दर्पण के ध्रुव व मुख्य फोकस के बीच की दूरी को फोकस दूरी कहते हैं। इसे से दर्शाते हैं।

→ अपवर्तन- जब प्रकाश किरणें एक समांगी माध्यम से दूसरे समांगी माध्यम में प्रवेश करने पर अपने मार्ग से विचलित होकर गमन करने लगती हैं, प्रकाश का अपवर्तन कहलाती हैं।

→ अपवर्तन के नियम- अपवर्तन के दो नियम हैं-

  • आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा अभिलम्ब तीनों एक ही तल में स्थित होते हैं।
  • किसी एकवर्णीय प्रकाश किरण के लिए आपतन कोण की ज्या और अपवर्तन कोण की ज्या का अनुपात एक नियतांक होता है जिसे पहले के सापेक्ष दूसरे माध्यम का अपवर्तनांक कहते हैं। अर्थात् \(\frac{\sin i}{\sin r}={ }_1 \mu_2\)

→ स्नेल का नियम (या sine नियम)- किसी एकवर्णीय प्रकाश किरण के लिए आपतन कोण की ज्या (sine) और अपवर्तन कोण की ज्या (sine) में एक निश्चित अनुपात होता है।
JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 2
जहाँ 1μ2 दूसरे माध्यम का पहले माध्यम के सापेक्ष अपवर्तनांक है।

→ अपवर्तनांक- आपतन कोण की ज्या एवं अपवर्तन कोण की ज्या के अनुपात को अपवर्तनांक कहते हैं।
इसे μ से प्रदर्शित करते हैं।
μ = \(\frac { sin i }{ sin r }\)
अपवर्तनांक का कोई मात्रक नहीं होता।

→ प्रकाश किरणों की उत्क्रमणीयता- प्रकाश की किरणें जिस मार्ग से जाती हैं स्थिति पलट जाने पर वे उसी मार्ग से वापस लौट जाती हैं। इसके अनुसार,
\({ }_a \mu_g=\frac{1}{{ }_g \mu_a}\)

→ समान्तर पार्श्व वाले कई माध्यमों से गुजरने पर प्राकश का अपवर्तन-
\({ }_a \boldsymbol{\mu}_w \times{ }_w \boldsymbol{\mu}_{g \times g} \mu_a\) = 1

→ काँच के गुटके का अपवर्तनांक ज्ञात करने की प्रायोगिक विधि-
JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 3

→ पूर्ण आन्तरिक परावर्तन- सघन माध्यम में आपतन कोण का मान क्रान्तिक कोण से अधिक हो जाने पर प्रकाश अपवर्तन न होकर प्रकाश का पूर्ण परावर्तन सघन माध्यम में ही हो जाता है, इस घटना को पूर्ण आन्तरिक परावर्तन कहते हैं। 31. पूर्ण आन्तरिक परावर्तन की शर्तें-

  • प्रकाश किरणें सघन माध्यम से विरल माध्यम में जानी चाहिए।
  • आपतन कोण का मान क्रान्तिक कोण से अधिक होना चाहिए।

→ पूर्ण परावर्तक प्रिज्म एक ऐसा काँच का प्रिज्म जो समकोण समद्विबाहु त्रिभुजाकार होता है, पूर्ण परावर्तक प्रिज्म कहलाता है।
इसका उपयोग –

  • 90° विचलन के लिए (पेरिस्कोप में)
  • 180° विचलन के लिए (बायनोकुलर में)
  • ऊर्ध्वशीर्षकारी प्रिज्म की भाँति (बायनोकुलर में) किया जाता है।

→ प्रकाशिक तन्तु एक ऐसी युक्ति जो प्रकाशीय संकेत को बिना क्षय हुए एक स्थान दूसरे स्थान तक वक्रीय मार्ग में स्थानान्तरित किया जा सकता है। यह पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के सिद्धान्त पर कार्य करता है।

→ लेंस – दो वक्रीय तलों से घिरे पारदर्शी माध्यम को लेंस कहते हैं जिसका एक तल गोलीय व दूसरा तल गोलीय या समतल होता है।

→ लेंस के प्रकार-लेंस दो प्रकार के होते हैं-

  • उत्तल लेंस (अभिसारी लेंस)
  • अवतल लेंस (अपसारी लेंस)

→ उत्तल लेंस- यह बीच में मोटा तथा किनारों पर पतला होता है, यह प्रकाश किरणों को अभिसरित करता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

→ अवतल लेंस यह बीच में पतला तथा किनारों पर मोटा होता है, यह प्रकाश किरणों को अपसरित करता है।

→ लेंस की फोकस दूरी लेंस के मुख्य फोकस तथा प्रकाश केन्द्र के बीच की दूरी को फोकस दूरी कहते हैं।

→ लेंस की मुख्य अक्ष-लेंस के दोनों गोलीय तलों के वक्रता केन्द्रों को मिलाने वाली रेखा लेंस की मुख्य अक्ष कहलाती है।

→ लेंस का प्रकाशिक केन्द्र – लेंस के मुख्य अक्ष पर स्थित बिन्दु जिससे गुजरने वाली प्रकाश किरणें अपवर्तन के पश्चात् आपतित किरण की दिशा में ही निर्गमित होती हैं, लेंस का प्रकाशिक केन्द्र कहलाता है।

→ लेंस का फोकस लेंस दो वक्रीय तलों से बना होता है अतः लेंस के दो फोकस होते हैं।

→ लेंस सूत्र – u, v व f में निम्न सम्बन्ध को लेंस सूत्र कहते हैं। उत्तल या अवतल लेंस के अपवर्तन के लिए-
\(\frac { 1 }{ v }\) – \(\frac { 1 }{ u }\) = \(\frac { 1 }{ f }\)

→ अपवर्तन के उदाहरण- जल में डूबी सीधी छड़ मुड़ी हुई दिखाई देना, पानी में पड़ा सिक्का सतह से उठा दिखाई देना, तालाब का कम गहरा दिखाई देना, तारों का टिमटिमाना।

→ पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के उदाहरण हीरे का चमकना, मरीचिका जल में बने वायु के बुलबुले का चमकना, जल मरीचिका।

  • समान्तर आपतित किरण उत्तल लेंस से अपवर्तित होकर फोकस से गुजरती है तथा अवतल लेंस से अपवर्तित होकर फोकस से आती प्रतीत होती है।
  • प्रकाशिक केन्द्र से गुजरने वाली प्रकाश किरण लेंस से अपवर्तन के पश्चात् उठी दिशा में बिना किसी विचलन के चली जाती है।
  • उत्तल लेंस के फोकस से आती किरण या अवतल लेंस के फोकस पर एकत्रित प्रतीत होने वाली किरण अपतर्वन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समान्तर हो जाती है।

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JAC Class 10 Science Notes Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

Students must go through these JAC Class 10 Science Notes Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास to get a clear insight into all the important concepts.

JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

→ आनुर्वंशिकता-जीवधारियों की एक पीढ़ी से अगली पीड़ी में उनके विभिन्न लक्षणों के प्रेषण अथवा संचरण को आनुवंशिकता कहते हैं।

→ जीन-जीवों में आनुवंशिकता की इकाई को जीन कहते हैं।

→ समयुग्मजी-इसमें जीन के दोनों एलील समान होते है, जैसे-TT।

→ विषमयुग्मजी-इसमें जीन में दोनों एलील असमान होते हैं जैसे-Tt।

→ संकर-किसी प्रजाति के दो परस्पर विरोधी लक्षणों के जीवों के निषेचन से उत्पन्न जीव को संकर (hybrid) कहते हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

→ एलील-एक ही गुण के विभिन्न विपयाययी रूपों को प्रकट करने वाले कारकों को एक-दूसरे का एलील कहते हैं।

→ मेण्डल का प्रभाविता का नियम-विपरीत लक्षणों की जोड़ी में से केवल एक लक्षण ही फीनोटाइप में प्रकट हो सकता है। दूसरा लक्षण पहले लक्षण की उपस्थिति में दबा-छिपा रहता है। व्यक्त करने वाले लक्षण को प्रभावी लक्षण तथा जो लक्षण छिपे रहते हैं, उन्हें अप्रभावी लक्षण कहते हैं।

→ विसंयोजन का सिद्धांत-विसंयोजन के सिद्धांत के अनुसार गैमीटों के बनने के दौरान कारकों की जोड़ी के दो सदस्य सम्मिश्रित नहीं होते, वरन् विभिन्न गैमीटों में विसंयोजित हो जाते हैं। जाइगोट निर्माण के समय यादृच्छिक समेकन के अनुसार गैमीट पुन: परस्पर संयोजित हो जाते हैं। इसे गैमीटों की शुद्धता का नियम भी कहा जाता है।

→ एकसंकर प्रसंकरण-जिस प्रसंकरण में केवल एक ही जोड़ी लक्षण को लिया जाता है, उन्हें एकसंकर प्रसंकरण कहते हैं।

→ द्विसंकर प्रसंकरण-इस प्रकार के संकरण में दो जोड़ी विपरीत लक्षणों वाले पौधों में प्रसंकरण कराया जाता है।

→ जैव विकास-सरल जीवों से सम्भिश्र प्रकार के जीवों के विकास को जैव विकास कहते हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

→ समयुग्मनज-जब युग्मनज में किसी लक्षण के दोनों कारक एक ही प्रकार के हों, तो ऐसे युग्मनज को समयुग्मनज कहते हैं।

→ विषमयुग्मनज-जब युग्मनज में किसी लक्षण के दोनों कारक एक-दूसरे से भिन रूप के हों, तो ऐसा युग्मन विषमयुग्मनज कहलाता है।

→ फीनोटाइप-किसी जीव्धारी की बाहा संरचना का वर्णन फीनोटाइप कहलाता है।

→ जीनोटाइप-इसके विपरीत जीवधारी की कोशिकाओं की आनुवंशिक संरचना अर्थात् उसकी कोशिका में उपस्थित जीनों का वर्णन, जीनोटाइप कहलाता है।

→ कोमोसोम-क्रोमोसोम केन्द्रक के भीतर पाये जाने वाले सूत्राकार पिण्ड होते हैं। ये क्रोमेटिन सामग्री अर्थात् DNA के बने होते हैं।

→ स्पीशीज में विभिन्नताएँ उसे उत्तरजीविता के योग्य बना सकती हैं अथवा केवल आनुवंशिक विचलन में योगदान देती हैं।

→ जैव-विकास को समझने के लिए केवल वर्तमान स्पीशीज का अध्ययन पर्याप्त नही है, वरन् जीवाश्म अध्ययन भी आवश्यक है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

→ जैव-विकास के समय अंग अथवा आकृति नए प्रकायों के लिए अनुकूलित होते हैं। उदाहरण के लिए, जो प्रारंभ में उष्पता प्रदान करने के लिए विकसित हुए थे, कालांतर में उड़ने के लिए अनुकूलित हो गए।

→ विकास को ‘निम्न’ अभिरूप से ‘उच्यतर ‘ अभिरूप की ‘प्रगति’ नहीं कहा जा सकता है, बलिक यह प्रतीत होता है कि विकास ने अधिक जटिल शारीरिक अभिकल्प उत्पन्न किए है जबकि सरलतम शारीरिक अभिकल्प भूलीभांति अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं।

→ मानव के विकास के अध्ययन के आधार पर कहा जा सकता है कि हम सभी एक ही स्पीशीज के सदस्य हैं जिसका उदय अफ्रीका में हुआ था और चरणों में विश्व के विभिन्न भागों में फैला।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

Jharkhand Board JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

Jharkhand Board Class 10 Science अम्ल, क्षारक एवं लवण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH संभवतः क्या होगा?
(a) 1
(b) 4
(c) 5
(d) 10
उत्तर:
(d) 10

प्रश्न 2.
कोई विलयन अंडे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न करता है जो चूने के पानी को दुधिया कर देती है। इस विलयन में क्या होगा?
(a) NaCl
(b) HCl
(c) LiCl
(d) KCl
उत्तर:
(b) HCl

प्रश्न 3.
NaOH का 10 mL विलयन HCl के 8 mL विलयन से पूर्णतः उदासीन हो जाता है। यदि हम NaOH के उसी विलयन का 20 ml लें तो इसे उदासीन करने के लिए HCI के उसी विलयन की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी?
(a) 4 mL
(c) 12 mL
(b) 8 mL
(d) 16 mL
उत्तर:
(d) 16m

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 4.
अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस ओषधि का उपयोग होता है?
(a) एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक)
(b) ऐनालजेसिक (पीड़ाहारी)
(c) ऐन्टैसिड
(d) एंटीसेप्टिक (प्रतिरोधी)
उत्तर:
(c) ऐन्टैसिड

प्रश्न 5.
निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द- समीकरण लिखिए तथा उसके बाद संतुलित समीकरण लिखिए-
(a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
(c) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह के रेतन के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर:
(a) दानेदार जिंक + तनु सल्फ्यूरिक अम्ल → जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
Zn(s) + H2SO4(aq) → ZnSO4(aq) + H2(g)

(b) मैग्नीशियम पट्टी + तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → मैग्नीशियम क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
Mg(s) + 2HCl → MgCl2(aq) + H2

(c) ऐलुमिनियम चूर्ण + तनु सल्फ्यूरिक अम्ल → ऐलुमिनियम सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
2Al(s) + 3H2SO4 → Al2(SO4)3(aq) + 3H2(g)

(d) लौह के रेतन + तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → आयरन क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
Fe (s) + 2HCl(aq) → FeCl2(aq) + H2(g)

प्रश्न 6.
ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों में भी हाइड्रोजन होते हैं, लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है। एक क्रिया-कलाप द्वारा इसे सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिक आयनीकृत होकर H+ आयन नहीं देते, यही कारण है कि इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता।

क्रिया-कलाप-

  • ग्लूकोज, ऐल्कोहॉल, हाइड्रो- क्लोरिक अम्ल आदि का विलयन लेते हैं।
  • इनकी विद्युत चालकता का परीक्षण करते हैं इसके लिए चित्र के अनुसार उपकरण व्यवस्थित करते हैं।
  • अम्ल की उपस्थिति में बल्ब जलने लगता है परन्तु ग्लूकोज और ऐल्कोहॉल की उपस्थिति में बल्ब नहीं जलता है। विलयन में विद्युत प्रवाह आयनों द्वारा होता है।
  • चूँकि अम्ल में उपस्थित धनायन H+ है, इससे ज्ञात होता है कि अम्ल विलयन में हाइड्रोजन आयन H+ (aq) उत्पन्न करता है तथा इसी कारण उनका गुणधर्म अम्लीय होता है।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 1

प्रश्न 7.
आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है?
उत्तर:
आसवित जल आयनों में विघटित नहीं होता है। अतः यह विद्युत का चालन नहीं करता है। वर्षा जल में कार्बन डाइऑक्साइड घुली हुई होती है जो कार्बोनिक अम्ल बनाती है।
CO2 + H2O → H2CO3
यह कार्बोनिक अम्ल अम्लों में विघटित हो जाता है।
H2CO3 + 2H2O → (H3O+)2 + CO32-
ये आयन वर्षा जल द्वारा विद्युत का चालन कर पाने के लिए उत्तरदायी हैं।

प्रश्न 8.
जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है?
उत्तर:
जल की अनुपस्थिति में अम्ल विघटित नहीं होता है। अतः यह अम्लीय व्यवहार प्रदर्शित नहीं करता है।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 9.
पाँच विलयनों A, B, C, D व E की जब सार्वत्रिक सूचक से जाँच की जाती है तो pH के मान क्रमश: 4, 1, 11, 7 एवं 9 प्राप्त होते हैं। कौन-सा विलयन-
(a) उदासीन है?
(b) प्रबल क्षारीय है?
(e) प्रबल अम्लीय है?
(d) दुर्बल अम्लीय है?
(e) दुर्बल क्षारीय है?
PH के मानों को हाइड्रोजन आयन की सांद्रता के आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
(a) pH 7 वाला विलयन D उदासीन है।
(b) pH 11 वाला विलयन C प्रबल क्षारीय है।
(c) pH 1 वाला विलयन B प्रबल अम्लीय है।
(d) pH 4 वाला विलयन A दुर्बल अम्लीय है।
(e) pH 9 वाला विलयन E दुर्बल क्षारीय है।
हाइड्रोजन आयन सांद्रता का बढ़ता क्रम-
11 > 9 > 7 > 4 > 1.

प्रश्न 10.
परखनली ‘A’ एवं ‘B’ में समान लंबाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए। परखनली ‘A’ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCI) तथा परखनली ‘B’ में ऐसिटिक अम्ल (CH COOH) डालिए। दोनों अम्लों की मात्रा तथा सांद्रता समान हैं। किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी तथा क्यों?
उत्तर:
परखनली A में बुदबुदाहट अधिक तेजी से होती है, क्योंकि HCl एक प्रबल अम्ल है, जो पूर्णत: वियोजित होकर H+ और Cl आयन अधिक मात्रा में बनाता है जबकि CH COOH एक दुर्बल अम्ल है, जो कम मात्रा में H+ आयन बनाता है क्योंकि यह कम विघटित हो पाता है।

प्रश्न 11.
ताजे दूध के pH का मान 6 होता है। दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन होगा? अपना उत्तर समझाइए।
उत्तर:
दूध से दही बनने की प्रक्रिया में लैक्टिक अम्ल का निर्माण होता है, जिसके कारण इसका pH 6 से कम हो जायेगा।

प्रश्न 12.
एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है।
(a) ताजा दूध के pH के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है?
(b) इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है?
उत्तर:
(a) दूध का pH 6 बदलकर क्षारीय बना देने से दूध से दही बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है अतः दूध अधिक समय तक ठीक रह सकता है।

(b) क्षारीय दूध से दही बनने में अधिक समय इसलिए लगता है क्योंकि यह बढ़ी हुई क्षारीयता दूध में लैक्टिक अम्ल बनने के प्रभाव का प्रतिरोध करती है?

प्रश्न 13.
प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए? इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
प्लास्टर ऑफ पेरिस आसानी से जल को अवशोषित कर लेता है तथा कठोर जिप्सम का निर्माण करता है, अतः यदि प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में नहीं रखा जाता है तो इसकी पूरी मात्रा जिप्सम में बदल जाएगी।

प्रश्न 14.
उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
किसी अम्ल तथा क्षार की अभिक्रिया, जिसमें लवण तथा जल प्राप्त होते हैं, उसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
NaOH(aq) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H2O(l) Ca(OH)2(aq) + H2SO4 (aq) → CaSO4 + 2H2O

प्रश्न 15.
धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के दो-दो प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर:
धोने के सोडे के उपयोग-

  • सोडियम कार्बोनेट (धोने का सोडा) का उपयोग काँच, साबुन तथा कागज उद्योग में किया जाता है।
  • इसका उपयोग सोडियम यौगिकों, जैसे बोरेक्स, के निर्माण में किया जाता है।

बेकिंग सोडे का उपयोग-

  • सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट का उपयोग ऐन्टैसिड के संघटक के रूप में किया जाता है। क्षारीय होने के कारण यह उदर में अम्ल की आधिक्य मात्रा को उदासीन बनाकर राहत पहुँचाता है।
  • इसका उपयोग सोडा-अम्ल अग्निशामक में भी किया जाता है।

Jharkhand Board Class 10 Science अम्ल, क्षारक एवं लवण InText Questions and Answers

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 20)

प्रश्न 1.
आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं। इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर:
सबसे पहले प्रत्येक परखनली में हम लाल लिटमस पत्र की पट्टी डालते हैं। किसी एक परखनली में लिटमस पत्र का रंग नीला हो जाएगा। इससे यह सिद्ध होता है कि उस परखनली में क्षारकीय विलयन है। शेष दोनों बची हुई परखनलियों में एक में आसवित जल है तथा एक में अम्लीय विलयन है। इन दोनों ही परखनलियों के लिटमस पत्र का रंग लाल ही रहता है।

अब हम पहचानी गई परखनली से क्षारीय विलयन को बाहर निकालते हैं ताकि इसमें विलयन की थोड़ी-सी मात्रा ही बची रह जाए। अब इस परखनली में शेष बची हुई परखनलियों में से किसी एक के विलयन को डालते हैं। दो स्थितियाँ हो सकती हैं-

  • लिटमस पुनः लाल हो जाता है-इससे यह मालूम होता है कि इस परखनली में अम्लीय विलयन था तथा अन्तिम परखनली में आसवित जल है।
  • लिटमस नीला ही रह सकता है- इससे यह मालूम होता है कि डाला गया विलयन आसवित जल था तथा अन्तिम परखनली में अम्लीय विलयन है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 24)

प्रश्न 1.
पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?
उत्तर:
पीतल तथा ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ इसलिए नहीं रखे जाते हैं, क्योंकि इसमें अम्ल मौजूद होते हैं, जो इससे अभिक्रिया करके हानिकारक यौगिक बनाते हैं जिसके कारणवश ये खाने योग्य नहीं रह जाते। अम्ल की अभिक्रिया से धातु के बर्तन भी संक्षारित हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन-सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर:
धातु साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यत: हाइड्रोजन गैस निकलती है।

उदाहरण- जब जिंक की क्रिया तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ होती है तो जिंक सल्फेट और हाइड्रोजन गैस बनते हैं।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 9
हाइड्रोजन गैस रंगहीन होती है और जलती हुई मोमबत्ती इसके सम्पर्क में लाने पर फट फट की आवाज के साथ जलती है।

प्रश्न 3.
कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक से कैल्सियम क्लोराइड है, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 10

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 27 )

प्रश्न 1.
HCl, HNO3 आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?
उत्तर:
HCl, HNO3 आदि में उत्सर्जन योग्य H+ होते हैं। जब इन्हें जल में घुलाया जाता है तो H+ आयन अलग हो जाते हैं तथा अम्लीय अभिलक्षण प्रदर्शित करते हैं। ऐल्कोहॉल तथा ग्लूकोज में ऐसा कोई उत्सर्जन योग्य H+ आयन नहीं होता।

प्रश्न 2.
अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?
उत्तर:
जल में घुलने पर अम्ल वियोजित होकर आयनों का निर्माण करते हैं, उदाहरण के लिए,
HCl + H2O → Cl+ + H3O+
ये आयन विद्युत के चालन के लिए उत्तरदायी होते हैं।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 3.
शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं बदलती है?
उत्तर:
हम जानते हैं शुष्क दशाओं में अम्ल आयनित नहीं होते इसलिए H+ आयन भी नहीं देते। परिणामस्वरूप वे अम्लीय गुण भी प्रदर्शित नहीं करते। यही कारण है कि शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को नहीं बदलती है।

प्रश्न 4.
अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में?
उत्तर:
जल में अम्ल या क्षारक के घुलने की प्रक्रिया अत्यंत ऊष्माक्षेपी होती है। सांद्र अम्ल में जल मिलाने पर उत्पन्न हुई ऊष्मा के कारण मिश्रण आस्फलित होकर बाहर आ सकता है तथा हम जल सकते हैं। अतः अम्ल को तनुकृत करते समय अम्ल में जल को मिलाना चाहिए वह भी धीरे-धीरे तथा जल को लगातार हिलाते हुए।

प्रश्न 5.
अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3O+) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?
उत्तर:
अम्ल को तनुकृत करने पर उसमें उपस्थित अनआयनित जल की मात्रा तो बढ़ती है परन्तु H3O+ की मात्रा वही रहती है। परिणामस्वरूप H3O+ की सांद्रता लगातार घटती जाती है।

प्रश्न 6.
जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है?
उत्तर:
हाइड्रॉक्सिल (OH) समूह की सांद्रता बढ़ जाती है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 31)

प्रश्न 1.
आपके पास दो विलयन ‘A’ एवं ‘B’ हैं। विलयन ‘A’ के pH का मान 6 है एवं विलयन ‘B’ के pH का मान 8 है। किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक है? इनमें से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय?
उत्तर:
विलयन ‘A’ में ‘H+‘ आयन का अधिक सांद्रण है। अतः विलयन ‘A’ अम्लीय है तथा विलयन ‘B’ क्षारकीय है।

प्रश्न 2.
H+ (aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
जैसे-जैसे H+ आयन का सांद्रण बढ़ता जाता है, विलयन और अधिक अम्लीय होता जाता है।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 3.
क्या क्षारकीय विलयन में H+ (aq) आयन होते हैं? अगर हाँ, तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं?
उत्तर:
ये H+ आयन जल से आते हैं।

प्रश्न 4.
कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड), बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चॉक (कैल्सियम कार्बोनेट) का उपयोग करेगा?
उत्तर:
जब खेत की मृदा अम्लीय होती है तभी किसान इसमें कैल्सियम ऑक्साइड (CaO), कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड [Ca(OH)2] तथा कैल्सियम कार्बोनेट (CaCO3) मिलाते हैं ताकि मिट्टी उदासीन हो जाए या इसका pH परास खेती के लिए उपयुक्त हो जाए।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 36)

प्रश्न 1.
CaOCl2 यौगिक का प्रचलित नाम क्या है?
उत्तर:
विरंजक चूर्ण।

प्रश्न 2.
उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है।
उत्तर:
शुष्क बुझा हुआ चूना [Ca(OH)2]।

प्रश्न 3.
कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
धोने का सोडा, अर्थात् सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3)।

प्रश्न 4.
सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर:
सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट को गर्म करने पर निम्नलिखित अभिक्रिया होती है-
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 11

प्रश्न 5.
प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर:
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 12

क्रिया-कलाप – 2.1
(i) विज्ञान की प्रयोगशाला से हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl), सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4), नाइट्रिक अम्ल (HNO3), ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH), सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH), कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड [Ca(OH)2] पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड [Mg(OH)2] एवं अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH4OH) के नमूने एकत्र कीजिए।

(ii) ऊपर दिए गए प्रत्येक विलयन की एक बूँद वाच ग्लास में रखिए एवं सारणी 2.1 के अनुसार निम्नलिखित सूचकों से उसकी जाँच कीजिए।

(iii) लाल लिटमस, नीले लिटमस, फिनॉल्पथैलिन एवं मेथिल ऑरेंज विलयन के साथ लिए गए विलयन के रंग में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं?

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अपने प्रेक्षण को सारणी 2.1 में लिखिए।
उत्तर:
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 2

क्रिया-कलाप – 2.2
(i) बारीक कटी हुई प्याज तथा स्वच्छ कपड़े के टुकड़े को एक प्लास्टिक के थैले में लीजिए। थैले को कसकर बाँध दीजिए तथा पूरी रात फ्रिज में रहने दीजिए। अब इस कपड़े के टुकड़े का उपयोग अम्ल एवं क्षारक की जाँच के लिए किया जा सकता है।

(ii) इन्हें स्वच्छ सतह पर रखकर उनमें से एक टुकड़े पर तनु HCl विलयन की कुछ बूँदें एवं दूसरे पर तनु NaOH विलयन की कुछ बूँदें डालिए।

(iii) अब थोड़ा तनु वैनिला एवं लौंग का तेल लीजिए तथा इनकी गंधों की जाँच कीजिए।

(iv) एक परखनली में तनु HCl विलयन एवं दूसरी NaOH का विलयन लीजिए। दोनों में तनु वैनिला एसेंस की कुछ बूँदें डालकर उसे हिलाइए। उसकी गंध की पुनः जाँच कीजिए। यदि गंध में कोई बदलाव है तो उसे दर्ज कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
इनमें से दो टुकड़े लीजिए एवं उनकी गंध की जाँच कीजिए।
उत्तर:
कपड़े के टुकड़ों से प्याज की गंध नहीं आ रही है।

प्रश्न 2.
दोनों टुकड़ों को जल से धोकर उनकी गंध की पुनः जाँच कीजिए।
उत्तर:
कपड़े के टुकड़े + तनु HCl का घोल → प्याज की गंध मौजूद है तथा इसका लाल रंग हल्का लाल हो गया।
कपड़े के टुकड़े + तनु NaOH का घोल → प्याज की गंध खत्म हो जाती है तथा इसका लाल रंग बदलकर हरा हो गया।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 3.
अब, आइए कपड़े के दोनों टुकड़ों को धोकर इसमें से एक में तनु वैनिला एवं दूसरे में लौंग के तेल की कुछ बूँदें डालकर इनकी गंधों की जाँच करते हैं।
उत्तर:
गंध की जाँच-
(i) तनु वैनिला + तनु NaOH → कोई गंध नहीं है अर्थात् गंध खत्म हो गई।
तनु वैनिला + तनु HCl → वैनिला की गंध मौजूद है।

(ii) लौंग का तेल + HCl → गंध में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
लौंग का तेल + NaOH → गंध में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।

क्रिया-कलाप – 2.3

  • चित्र के अनुसार उपकरण व्यवस्थित कीजिए।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 3
  • एक परखनली में लगभग 5 mL तनु सल्फ्यूरिक अम्ल लीजिए एवं इसमें दानेदार जिंक के टुकड़े डालिए।
  • उत्सर्जित गैस को साबुन के विलयन से प्रवाहित कीजिए।
  • जलती हुई मोमबत्ती को गैस वाले बुलबुले के पास ले जाइए।
  • कुछ अन्य अम्ल जैसे- HCl, HNO3 एवं CH3COOH के साथ यह क्रिया-कलाप दोहरायें।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
दानेदार जिंक के टुकड़ों की सतह पर आप क्या देखते हैं?
उत्तर:
गैस के बुलबुले।

प्रश्न 2.
साबुन के विलयन में बुलबुले क्यों बनते हैं?
उत्तर:
जिंक एवं सल्फ्यूरिक अम्ल के बीच अभिक्रिया के दौरान निर्मित गैस प्रवाह नली से होकर साबुन के विलयन में पहुँचती है। इस कारण से बुलबुले बनते हैं।

प्रश्न 3.
आप क्या प्रेक्षण करते हैं?
उत्तर:
बुलबुलों के फूटने पर उनके अन्दर की गैस फट फट की ध्वनि के साथ जलने लगती है।

प्रश्न 4.
प्रत्येक स्थिति में प्रेक्षण समान है या भिन्न?
उत्तर:
हाँ, सभी अम्लों के साथ प्रेक्षण समान है।

क्रिया-कलाप – 2.4

  • एक परखनली में जिंक के कुछ दानेदार टुकड़े रखिए।
  • उसमें 2 mL सोडियम हाइड्रॉक्साइड का घोल मिलाकर उसे गर्म कीजिए।
  • तत्पश्चात्, क्रिया-कलाप 2.3 के अनुसार क्रियाओं को दोहराइए एवं अपने प्रेक्षण को लिखिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्या जिंक NaOH के घोल से अभिक्रिया करती है?
उत्तर:
हाँ, दानेदार जिंक में 2 mL NaOH मिलाकर गर्म करने पर क्रिया-कलाप 2.3 की तरह H2 गैस उत्सर्जित होती है।

प्रश्न 2.
जिंक तथा NaOH के बीच होने वाली अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 4

क्रिया-कलाप – 2.5

  • दो परखनलियाँ लीजिए। उन्हें ‘A’ एवं ‘B’ से नामांकित कीजिए।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 5
  • परखनली ‘A’ में लगभग 0.5 g सोडियम कार्बोनेट (Nal2CO3) लीजिए एवं परखनली ‘B’ में 0.5 g सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (NaHCO3) लीजिए।
  • दोनों परखनलियों में लगभग 2 mL तनु HCl मिलाइए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आपने क्या निरीक्षण किया?
उत्तर:
एक गैस का निर्माण होता है।

प्रश्न 2.
चित्र के अनुसार प्रत्येक स्थिति में उत्पादित गैस को चूने के पानी (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन) से प्रवाहित कीजिए एवं अपने निरीक्षणों को अभिलिखित कीजिए।
उत्तर:
चूने का पानी दूधिया हो जाता है। उपर्युक्त क्रिया-कलाप में होने वाली अभिक्रियाओं को इस प्रकार लिखा जाता है-
परखनली ‘A’ : Nal2CO3(s) + 2HCl(aq) → 2NaCl(aq) + H2O(l) + CO2(g)
परखनली ‘B’ : NaHCO3 ( s) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H2O(l) + CO2(g)
उत्पादित कार्बन डाइऑक्साइड गैस को चूने के पानी से प्रवाहित करने पर,
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 6
अत्यधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड प्रवाहित करने पर निम्न अभिक्रिया होती है-
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 7

क्रिया-कलाप – 2.6
(i) परखनली में लगभग 2 mL NaOH का धोल लीजिए एवं उसमें दो बँदे फीनॉल्फथेलिन विलयन डालिए।

क्रिया-कलाप प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
विलयन का रंग क्या है?
उत्तर:

  • गुलाबी
  • इस विलयन में एक-एक बूँद तनु HCI विलयन मिलाइए।

प्रश्न 2.
क्या अभिक्रिया मिश्रण रंग में कोई परिवर्तन आया?
उत्तर:
हाँ यह धीरे-धीरे रंगहीन हो जाता है।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 3.
अम्ल मिलाने के बाद फीनॉल्फथैलिन का रंग क्यों बदल गया?
उत्तर:
अम्ल, क्षारक के प्रभाव को खत्म कर देता है।
(iii) अब उपर्युक्त मिश्रण में NaOH की कुछ बूँदें मिलाइए।

प्रश्न 4.
क्या फीनॉल्फशैलिन पुनः गुलाबी रंग का हो गया?
उत्तर:
हाँ।

प्रश्न 5.
आपके विचार से ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
NaOH मिलाने के बाद विलयन पुनः क्षारीय हो जाता है।

क्रिया-कलाप – 2.7
बीकर में कॉपर ऑक्साइड की अल्प मात्रा लीजिए एवं हिलाते हुए उसमें धीरे-धीरे तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाइए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न-
विलयन के रंग पर ध्यान दीजिए। कॉपर ऑक्साइड का क्या हुआ?
उत्तर:
कॉपर ऑक्साइड HCl के साथ अभिक्रिया करके CuCl2 बनाता है।

क्रिया-कलाप – 2.8

  • ग्लूकोज, ऐल्कोहॉल, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल आदि का विलयन लीजिए।
  • एक कॉर्क पर दो कीलें लगाकर कॉर्क को 100 mL के बीकर में रख दीजिए।
  • चित्र के अनुसार कीलों को 6 वोल्ट की एक बैटरी के दोनों टर्मिनलों के साथ एक बल्ब तथा स्विच के माध्यम से जोड़ दीजिए।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 8a
  • अब बीकर में थोड़ा तनु HCl डालकर विद्युत धारा प्रवाहित कीजिए।
  • इसी क्रिया को तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ दोहराइए।

क्रियाकलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आपने क्या प्रेक्षण किया?
उत्तर:
तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा तनु सल्फ्यूरिक अम्ल विद्युत चालन करते हैं।

प्रश्न 2.
इन परीक्षणों को ग्लूकोज एवं ऐल्कोहॉल के विलयनों के साथ अलग-अलग दोहराइए अब आपने क्या प्रेक्षण किया?
उत्तर:
ग्लूकोज विद्युत चालन नहीं करता है। ऐल्कोहॉल भी विद्युत चालन नहीं करता है।

प्रश्न 3.
बल्ब क्या प्रत्येक स्थिति में जलता है।
उत्तर:
बल्ब प्रत्येक स्थिति में नहीं जलता है।

क्रिया-कलाप – 2.9

  • एक स्वच्छ एवं शुष्क परखनली लगभग 1g ठोस NaCl लीजिए के अनुसार उपकरण व्यवस्थित कीजिए।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 8
  • परखनली में कुछ मात्रा में सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल डालिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आपने क्या प्रेक्षण किया? क्या निकास नली से कोई गैस बाहर आ रही है?
उत्तर:
जब सल्फ्यूरिक अम्ल मिलाया जाता है तो बुलबुलों निर्माण होता है। हाँ, एक गैस निकास नली से बाहर आ रही है।
(iii) इस प्रकार उत्सर्जित गैस की सूखे तथा नम नीले लिटमस पत्र द्वारा जाँच कीजिए।

प्रश्न 2.
किस स्थिति में लिटमस पत्र का रंग परिवर्तित होता है?
उत्तर:
आई लिटमस अपना रंग बदल लेता है (नीला से लाल)।

प्रश्न 3.
उपर्युक्त क्रिया-कलाप के आधार पर आप निम्न के अम्लीय गुण के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
(i) शुष्क HCI गैस
(ii) HCI विलयन?
उत्तर:
(i) शुष्क HCI गैस अम्लीय गुण प्रदर्शित नहीं करती है।
(ii) HCl विलयन अम्लीय गुण प्रदर्शित करता है।

क्रिया-कलाप – 2.10

  • एक बीकर में 10 ml जल लीजिए।
  • इसमें कुछ बूँदें सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) की डालकर बीकर धीरे-धीरे घुमाइए।
  • बीकर के आधार को स्पर्श कीजिए।
  • उपर्युक्त क्रिया-कलाप को सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ दोहराइए एवं अपने प्रेक्षण को लिखिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्या तापमान में कोई परिवर्तन आया?
उत्तर:
हाँ।

प्रश्न 2.
यह प्रक्रिया क्या ऊष्माक्षेपी अथवा ऊष्माशोषी है?
उत्तर:
यह प्रक्रिया ऊष्माक्षेपी है।

क्रिया-कलाप – 2.11
(i) दी गई सारणी 2.2 में विलयन के pH मानों की जाँच कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अपने प्रेक्षणों को लिखिए।
उत्तर:

विलयन pH पत्र का रंग लगभग pH-मान पदार्थ की प्रकृति
1. लार (खाना खाने के पहले) हल्का हरा 7.4 क्षारक
2. लार (खाना खाने के बाद) हल्का पीला 5.8 अम्लीय
3. नींबू का रस गुलाबी लाल 2.5 अम्लीय
4. रंगरहित वातित पेय हल्का पीला 6 अम्लीय
5. गाजर का रस हल्का नारंगी 4 अम्लीय
6. कॉफी नारंगी-पीला 5 अम्लीय
7. टमाटर का रस गहरा नारंगी 4.1 अम्लीय
8. नल का जल हरा 7 उदासीन
9. 1M NaOH गहरा नीला बैंगनी 13-14 क्षारक
10. 1M HCl लाल 1 अम्लीय

प्रश्न 2.
आपके प्रेक्षणों के आधार पर प्रत्येक पदार्थ की प्रकृति क्या है?
उत्तर:

विलयन pH पत्र का रंग लगभग pH-मान पदार्थ की प्रकृति
1. लार (खाना खाने के पहले) हल्का हरा 7.4 क्षारक
2. लार (खाना खाने के बाद) हल्का पीला 5.8 अम्लीय
3. नींबू का रस गुलाबी लाल 2.5 अम्लीय
4. रंगरहित वातित पेय हल्का पीला 6 अम्लीय
5. गाजर का रस हल्का नारंगी 4 अम्लीय
6. कॉफी नारंगी-पीला 5 अम्लीय
7. टमाटर का रस गहरा नारंगी 4.1 अम्लीय
8. नल का जल हरा 7 उदासीन
9. 1M NaOH गहरा नीला बैंगनी 13-14 क्षारक
10. 1M HCl लाल 1 अम्लीय

क्रिया-कलाप – 2.12

  • एक परखनली में लगभग 28 मिट्टी रखिए एवं उसमें 5 mL जल मिलाइए।
  • परखनली की सामग्री को हिलाइए।
  • सामग्रियों को छानिए एवं परखनली में निस्यंद एकत्र कीजिए।
  • सार्वत्रिक सूचक पत्र की सहायता से इस निस्यंद के pH की जाँच कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अपने क्षेत्र में पौधों के उपयुक्त विकास के लिए आदर्श मिट्टी के pH के सम्बन्ध में आपने क्या निष्कर्ष निकाला?
उत्तर:
आदर्श मिट्टी के लिए आदर्श pH परास 7 से 7.6 है।

क्रिया-कलाप – 2.13

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए लवण के सूत्र लिखिए- पोटैशियम सल्फेट, सोडियम सल्फेट, कैल्सियम सल्फेट, मैग्नीशियम सल्फेट, कॉपर सल्फेट, सोडियम क्लोराइड, सोडियम नाइट्रेट, सोडियम कार्बोनेट एवं अमोनियम क्लोराइड।
उत्तर:

लवण K2SO4
1. पोटैशियम सल्फेट Na2SO4
2. सोडियम सल्फेट CaSO4
3. कैल्सियम सल्फेट MgSO4
4. मैग्नीशियम सल्फेट CuSO4
5. कॉपर सल्फेट NaCl
6. सोडियम क्लोराइड NaNO3
7. सोडियम नाइट्रेट Nal2CO3
8. सोडियम कार्बोनेट NH4Cl
9. अमोनियम क्लोराइड K2SO4

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 2.
उन अम्ल एवं क्षारक की पहचान कीजिए जिससे उपर्युक्त (क्रिया कलाप – 2.13 के प्रश्न 1) लवण प्राप्त किए जा सकते हैं।
उत्तर:

लवण अम्ल क्षारक
1. पोटैशियम सल्फेट H2SO4 KOH
2. सोडियम सल्फेट H2SO4 NaOH
3. कैल्सियम सल्फेट H2SO4 Ca(OH)2
4. मैग्नीशियम सल्फेट H2SO4 Mg(OH)2
5. कॉपर सल्फेट H2SO4 Cu(OH)2
6. सोडियम क्लोराइड HCl NaOH
7. सोडियम नाइट्रेट HNO3 NaOH
8. सोडियम कार्बोनेट H2CO3 NaOH
9. अमोनियम क्लोराइड HCl NH4OH

प्रश्न 3.
समान धन या ऋण मूलक वाले लवणों को एक ही परिवार का कहा जाता है। जैसे, NaCl एवं Na2SO4, सोडियम लवण के परिवार का है। इसी प्रकार NaCl एवं KCl क्लोराइड लवण के परिवार के हैं। इस क्रिया-कलाप में दिए गए लवणों में आप कितने परिवारों की पहचान कर सकते हैं?
उत्तर:

  • सल्फेट लवण – K2SO4, N2SO4, CaSO4, MgSO4, CuSO4
  • क्लोराइड लवण – NaCl, NH CI
  • सोडियम लवण – Nal2SO4, NaCl, Nal2CO3, NaNO3

क्रिया-कलाप – 2.14

  • निम्नलिखित लवर्णों के नमूने एकत्र कीजिए- सोडियम क्लोराइड, पोटैशियम नाइट्रेट, ऐलुमिनियम क्लोराइड, जिंक सल्फेट, कॉपर सल्फेट, सोडियम ऐसीटेट, सोडियम कार्बोनेट एवं सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट (कुछ अन्य लवण जो उपलब्ध हों)।
  • जल में इनकी विलेयता की जाँच कीजिए (केवल आसवित जल का उपयोग कीजिए)।
  • लिटमस पर इन विलयनों की क्रिया की जाँच कीजिए एवं pH पेपर का उपयोग कर इनके pH के मान का पता लगाइए।
  • लवण बनाने के लिए उपयोग होने वाले अम्ल या क्षारक की पहचान कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कौन-से लवण अम्लीय क्षारकीय या उदासीन हैं?
उत्तर:

लवण pH प्रयुक्त अम्ल प्रयुक्त क्षारक
Nacl 7 HCl NaOH
NaNO3 6.5 HNO3 NaOH
NH4Cl 4.7 HCl NH4OH
KCN 11.4 HCN KOH
KBr 7 HBr KOH

प्रश्न 2.
अपने प्रेक्षणों को सारणी 2.4 में लिखिए।
उत्तर:

लवण pH प्रयुक्त अम्ल प्रयुक्त क्षारक
Nacl 7 HCl NaOH
NaNO3 6.5 HNO3 NaOH
NH4Cl 4.7 HCl NH4OH
KCN 11.4 HCN KOH
KBr 7 HBr KOH

क्रिया-कलाप – 2.15
(i) कॉपर सल्फेट के कुछ क्रिस्टल को शुष्क क्वथन नली में गर्म कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
गर्म करने के बाद कॉपर सल्फेट का रंग क्या है?
उत्तर:
श्वेत।

प्रश्न 2.
क्वथन नली में क्या जल की बूँदें नजर आती हैं? ये कहाँ से आई?
उत्तर:
हाँ, ये कॉपर सल्फेट क्रिस्टल से आई।
(ii) गर्म करने के बाद प्राप्त कॉपर सल्फेट के नमूने में जल की 2-3 बूँदें डालिए।

प्रश्न 3.
आप क्या प्रेक्षण करते हैं? क्या कॉपर सल्फेट का नीला रंग वापस आ जाता है?
उत्तर:
जल मिलाने पर कॉपर सल्फेट का नीला रंग वापस आ जाता है।