JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

Jharkhand Board JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु Important Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
संक्षारण क्या है?
उत्तर:
संक्षारण – वायु या रासायनिक पदार्थों द्वारा धातुओं का धीरे-धीरे क्षय होना संक्षारण कहलाता है।

प्रश्न 2.
गालक किसे कहते हैं?
उत्तर:
अयस्क का प्रगलन करते समय अयस्क में उपस्थित गलनीय अपद्रव्यों को दूर करने के लिए मिलाये जाने वाले पदार्थ को गालक कहते हैं।

प्रश्न 3.
निस्तापन को परिभाषित करो।
उत्तर:
सान्द्रित अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में पिघलने से पूर्व तक गर्म करना निस्तापन कहलाता है।

प्रश्न 4.
मिश्रधातु क्या है?
उत्तर:
दो या दो से अधिक धातुओं को पिघलाकर ठण्डा करने से जो समांग धातु मिश्रण मिलता है, उसे मिश्रधातु कहते हैं।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 5.
आयरन के प्रमुख अयस्क का सूत्र लिखो।
उत्तर:
आयरन का प्रमुख अयस्क है-
हेमेटाइट – Fe2O3

प्रश्न 6.
ऐलुमिनियम के प्रमुख अयस्क का सूत्र लिखिए-
उत्तर:
एल्युमिनियम के प्रमुख अयस्क हैं-
बॉक्साइट-Al2O3.2H2O

प्रश्न 7.
धातुकर्म क्या है?
उत्तर:
अयस्क से शुद्ध धातु प्राप्त करने की क्रिया को धातुकर्म कहते हैं।

प्रश्न 8.
भर्जन से क्या समझते हो?
उत्तर:
सान्द्रित अयस्क को वायु या ऑक्सीजन की उपस्थिति में भट्टी में गलनांक से नीचे गर्म किया जाता है। इस क्रिया को भर्जन कहते हैं।

प्रश्न 9.
धातु संक्षारण क्या है?
उत्तर:
धातु संक्षारण – धातुओं की नष्ट होने की एक ऐसी धीमी प्रक्रिया जिसमें वायुमण्डल की नमी की उपस्थिति में धातुएँ ऑक्सीजन से क्रिया करके भंगुर ऑक्साइड तथा हाइड्रॉक्साइड बना देती हैं। इसमें धातु की सतह परत के रूप में उखड़ती रहती है। यही धातु संक्षारण है।

प्रश्न 10.
धातुमल क्या है?
उत्तर:
प्रगलन की प्रक्रिया में गालक पदार्थ अशुद्धियों से मिलकर कम गलनांक वाले जो गलनीय पदार्थ बनाते हैं वे धातुमल कहलाते हैं। लोहे के प्रगलन में कैल्सियम सिलिकेट (CaSiO3) नामक धातुमल बनते हैं।

प्रश्न 11.
किसी एक धातुमल का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
लोहे के धातुकर्म में प्राप्त धातुमल हैं- कैल्सियम सिलिकेट – (CaSiO3)।

प्रश्न 12.
आघातवर्ध्यता ‘क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी पदार्थ के हथौड़े से पीटने पर पतली चादर में परिवर्तित हो जाने के गुण को आघातवर्ध्यता कहते हैं। धातुएँ आघातवर्ध्य होती हैं।

प्रश्न 13.
दो अत्यधिक आघातवर्ध्य धातुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
सोना तथा चाँदी अत्यधिक आघातवर्ध्य धातुएँ हैं।

प्रश्न 14.
प्राचीन काल में मानव को ज्ञात धातुओं के नाम बताइए।
उत्तर:
प्राचीन काल में मानव को सोना, चाँदी, ताँबा, टिन, लोहा, सीसा, पारा तथा एंटीमनी का ज्ञान था।

प्रश्न 15.
कौन-सी धातु सामान्य ताप पर तरल (द्रव्य) होती है?
उत्तर:
पारा (Hg)।

प्रश्न 16.
विद्युत अपघटनी परिष्करण द्वारा किये जाने वाले तीन धातुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. ताँबा (Cu)
  2. चाँदी (Ag)
  3. टिन (Sn)।

प्रश्न 17.
कौन सी धातु सल्फाइड अपने ऑक्साइड के साथ संयुक्त होकर धातु बनाता है? अभिक्रियाएँ लिखिए।
उत्तर:
ताँबा,
Cu2S + 2Cu2O → 6Cu + SO2

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प्रश्न 18.
उन धातु- ऑक्साइडों के नाम बताइए जो कार्बन के साथ गर्म किए जाने पर धात्विक अवस्था में अपचयित नहीं होते हैं।
उत्तर:
Cr2O3, Mn3O4.

प्रश्न 19.
निस्तापन और भर्जन में अंतर बताइए।
उत्तर:
हवा की सीमित सप्लाई में अयस्क को गलन से ताप तक गर्म करके उसमें से नमी और वाष्पशील पदार्थों को अलग करना निस्तापन कहलाता है। हवा की मुक्त सप्लाई में अयस्क को गलन से कम ताप पर गर्म करके ऑक्सीकृत करना भर्जन कहलाता है।

प्रश्न 20.
एक-एक ऐसी धातुओं के उदाहरण-

  1. कक्ष के ताप पर द्रव होती है
  2. चाकू द्वारा सुगमतापूर्वक काटी जा सकती है,
  3. ऊष्मा की सर्वोत्तम चालक होती है,
  4. ऊष्मा की अल्पतम चालक होती है।

उत्तर:

  1. मरकरी (Hg)
  2. सोडियम (Na)
  3. सिल्वर (Ag)
  4. लेड (Ph)।

प्रश्न 21.
शुद्ध सोना कितने कैरट का होता है?
उत्तर:
24 कैरेट का।

प्रश्न 22.
सिनाबार क्या है?
उत्तर:
सिनाबार लैड (सीसा) का एक अयस्क होता है, जिसका सूत्र HgS है।

प्रश्न 23.
एक द्रव धातु तथा अधातु का नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. द्रव धातु-पारा (Hg)।
  2. द्रव अधातु – ब्रोमीन (Br)।

प्रश्न 24.
किन्हीं ऐसी दो अधातुओं के नाम लिखिए जिनमें भंगुरता तथा तन्यता दोनों गुण हों।
उत्तर:
कार्बन तथा फॉस्फोरस।

प्रश्न 25.
गैल्वनीकरण का क्या अर्थ है?
उत्तर:
लोहे से बनी वस्तुओं पर जिंक की एक पतली परत चढ़ाने की प्रक्रिया को गैल्वनीकरण कहते हैं।

प्रश्न 26.
मूर्तियाँ बनाने के लिए सामान्यतः किस धातु का उपयो ‘उपयोग होता है?
उत्तर:
काँसा (ताँबा टिन)।

प्रश्न 27.
एक ऐसी अधातु का नाम बताइए जो विद्युत की सुचालक है।
उत्तर:
कार्बन (ग्रेफाइट) एक ऐसी अधातु है जो विद्युत की सुचालक है।

प्रश्न 28.
अधातुओं के ऑक्साइडों की प्रकृति अम्लीय होती है या क्षारीय?
उत्तर:
अधातुओं के ऑक्साइड सामान्यतः अम्लीय प्रकृति के होते हैं।

प्रश्न 29.
अधातुएँ सामान्यतः कैसे आयन बनाती हैं?
उत्तर:
अधातुएँ सामान्यत: इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके ऋण आवेशित ऋणायन (Anion) बनाती हैं। जैसे-
Cl + e → Cl

प्रश्न 30.
धातु अपचायक तथा अधातु उपचायक क्यों हैं?
उत्तर:
धातु अपचायक होती हैं क्योंकि यह इलेक्ट्रॉन खोकर धनात्मक आयन बनाती हैं। अधातु उपचायक होती हैं। क्योंकि यह इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर ऋणात्मक आयन बनाती हैं।

प्रश्न 31.
पानी संग्रहण के लिए सीसे या लेड के उपयुक्त हैं?
उत्तर:
वायु की उपस्थिति में सीसा (Pb) तथा पानी की क्रिया से एक विषैला पदार्थ लेड हाइड्रॉक्साइड [Pb(OH)2) बनता है इसलिए सीसे या लेड के पात्र पानी संग्रहण के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

प्रश्न 32.
ताँबे की छड़ को सिल्वर नाइट्रेट (AgNO3) के घोल में डुबाने पर क्या होगा?
उत्तर:
विलयन का रंग नीला हो जाएगा। ताँबा सिल्वर नाइट्रेट विलयन में से सिल्वर को विस्थापित कर देता है अतः ताँबा सिल्वर से अधिक सक्रिय है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ऐलुमिनियम का शोधन करने की किसी एक विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ऐलुमिनियम का शोधन ( Refining of Aluminium) – ऐलुमिनियम धातु का शोधन हूप प्रक्रम (Hoope’s Process) द्वारा किया जाता है।

ऐलुमिनियम धातु का शोधन करने के लिए लोहे का पात्र लेते हैं, जिसकी पेंदी ( bottom) पर Cu तथा Al की का अस्तर (coating) लगा होता है, जो ऐनोड मिश्रधातु का का कार्य करता है। ग्रेफाइट की प्लेटें कैथोड का कार्य करती हैं। विद्युत अपघट्य (electrolyte) के स रूप में पिघले हुए पदार्थों की तीन परतें (layers) होती हैं। सबसे नीचे वाली परत में अशुद्ध ऐलुमिनियम होता है जिसमें सिलिका आदि की अशुद्धियाँ रहती हैं। बीच वाले भाग ऐलुमिनियम, सोडियम तथा बेरियम के फ्लोराइडों तथा ऐलुमिना (AlgOg) का मिश्रण होता है। सबसे ऊपर की परत (layer) में शुद्ध ऐलुमिनियम होता है जो कैथोड के सम्पर्क में रहता है।

विद्युत धारा प्रवाहित करने पर बीच वाली परत (layer) का शुद्ध ऐलुमिनियम सबसे ऊपर वाली परत में आ जाता है तथा सबसे नीचे वाली परत (layer) से उतना ही ऐलुमिनियम बीच वाली परत में चला जाता है। यह क्रम चलता रहता है और शुद्ध ऐलुमिनियम सबसे ऊपरी भाग में एकत्रित होता रहता है, जिसे निकास द्वार से निकाला जाता है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
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उपर्युक्त विधि से 99.9% शुद्ध ऐलुमिनियम धातु प्राप्त होती है।

प्रश्न 2.
खनिज, अयस्क मिश्रधातु तथा गालक को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
गालक से आप क्या समझते हैं? किसी एक अम्लीय गालक की क्रिया को केवल रासायनिक समीकरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
खनिज – धातुओं के ये यौगिक पृथ्वी की ऊपरी पर्त में बालू मिट्टी तथा अन्य अशुद्धियों से मिश्रित रूप में प्राप्त होते हैं। इन्हें खनिज कहते हैं जिनमें कुछ वाले तथा अन्य विविध संघटन वाले समांगी ठोस होते हैं।

अयस्क – अयस्क वह खनिज पदार्थ होता है जिससे धातु का निष्कर्षण सरलता से कम खर्च में एवं अधिक मात्रा में होता है। प्रायः ऑक्साइड, सल्फाइड तथा कार्बोनेट खनिज अयस्क होते हैं।

मिश्रधातु – दो या दो से अधिक धातुओं को पिघलाकर एक निश्चित अनुपात मिलाने पर एक समांगी मिश्रण प्राप्त होता है जिसे मिश्रधातु कहते हैं।

गालक – ये वे पदार्थ हैं जो धातु में विद्यमान अगलनीय अशुद्धियों को पृथक करने में प्रयुक्त होते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं-
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 3

  • अम्लीय गालक जैसे SiO2
  • क्षारीय गालक जैसे CaO।

प्रश्न 3.
शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है, परंतु आभूषण बनाने के लिए इसमें प्रायः 2 भाग ताँबा या चाँदी क्यों मिलाया जाता है?
उत्तर:
क्योंकि 24 कैरेट का सोना काफी नर्म होता है इसलिए है। इसे कठोर बनाने के लिए इसमें 2 भाग Cu या Ag आभूषण बनाने के लिए यह उपयुक्त नहीं होता मिलाया जाता है। इसलिए भारत में ज्यादातर 22 कैरेट के निर्माण में सोने का उपयोग आभूषण बनाने में होता है।

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प्रश्न 4.
खाना पकाने वाले बर्तनों कॉपर की अपेक्षा ऐलुमिनियम के मिश्र धातु उपयोग में लाए जाते हैं। ऐसा क्यों? दो कारण बताइए।
उत्तर:
निम्नलिखित दो कारणों से ऐलुमिनियम के मिश्र धातुओं के बर्तनों का उपयोग खाना बनाने वाले बर्तनों के लिए होता है-

  • यह खाद्य पदार्थों में मौजूद अम्लों से अभिक्रिया नहीं करता है।
  • यह कॉपर की अपेक्षा हल्का होता है।

प्रश्न 5.
क्या होता है जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोकर रखा जाता है?
उत्तर:
कॉपर सल्फेट का नीला रंग हल्का हो जाता है, क्योंकि कॉपर धातु को आयरन (Fe) विस्थापित कर FeSO4 बनाता है। लोहे की कील पर लाल भूरे रंग की कॉपर की परत दिखाई देती है।
CuSO4(aq) + Fe(s) → FeSO4(aq) + Cu(s)

प्रश्न 6.
अधिकांश धातुएँ क्षारकों से अभिक्रिया नहीं करती हैं, पर जिंक क्षारकों से अभिक्रिया करती है। इसका एक कारण लिखिए।
उत्तर:
जिंक क्षारकों से अभिक्रिया इसलिए करती है क्योंकि यह एक उभयधर्मी प्रकृति के तत्त्व हैं।
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प्रश्न 7.
ताँबे के चार उपयोग लिखो।
उत्तर:

  • यह विद्युत ‘सुचालक है। अतः विद्युत संघनित्र बनाने में उपयोग किया जाता है।
  • विद्युत लेपन में इसका उपयोग किया जाता है।
  • कैलोरीमीटर तथा निवांत पात्र बनाने के काम आता है।
  • ताँबे की मिश्रधातुओं का सिक्के, बर्तन, फूलदान, लॅप तथा अन्य सजावटी सामान बनाने में उपयोग होता है

प्रश्न 8.
उस रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण लिखिए जो सोडियम के टुकड़े को पानी में डालने पर होती है। लाल लिटमस कागज का रंग कैसा हो जाएगा यदि उसे उपर्युक्त अभिक्रिया से प्राप्त विलयन में डाला
जाए?
उत्तर:
अभिक्रिया का समीकरण – 2Na + 2H2O → 2NaOH + H2
अभिक्रिया प्रचंड होती है। इससे प्राप्त विलयन, सोडियम हाइड्रॉक्साइड के कारण क्षारीय (Alkaline) होता है। अतः इसमें डाला गया लाल लिटमस कागज नीला हो जाएगा।

प्रश्न 9.
क्या होता है जब- (i) कॉपर ऑक्साइड को मैग्नीशियम के साथ गर्म किया जाता है?
(ii) ऐलुमिनियम की तार को उबलते पानी में डुबोया जाता है?
(iii) गर्म लोहे पर से भाप गुजारी जाती है?
उत्तर:
(i) मैग्नीशियम के साथ गर्म करने पर कॉपर ऑक्साइड, कॉपर धातु में अपचयित हो जाता है।
CuO + Mg → MgO + Cu

(ii) उबलते हुए पानी में ऐलुमिनियम की तार को डालने से ऐलुमिनियम, हाइड्रोजन मुक्त करता है तथा ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड बन जाता है।
2Al + 3H2O(g) → Al2O3 (s) + 3H2

(iii) 3Fe(s) + 4H2O(g) → Fe3O4 (s) + 4H2(g)

प्रश्न 10.
अति चालकता से क्या तात्पर्य है? यह गुण कितनी धातुओं में पाया जाता है?
उत्तर:
एच. कामरलिंग ओनेस के अनुसार निम्न ताप (- 269°C) पर पारे का प्रतिरोध खत्म हो जाता है। इस कारण धातुओं की चालकता बढ़ जाती है। धातुओं के इस गुण को अति चालकता कहते हैं।

प्रश्न 11.
निम्न अभिक्रियाओं की रासायनिक समीकरण लिखिए-
(a) आयरन की भाप के साथ,
(b) कैल्सियम की जल के साथ,
(c) पोटैशियम की जल के साथ,
(d) जिंक की HCl के साथ,
(e) आयरन की HCI के साथ।
उत्तर:
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प्रश्न 12.
धातुओं की (i) ऑक्सीजन तथा (ii) तनु अम्लों से क्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
(i) ऑक्सीजन से अभिक्रिया – बहुत-सी धातुएँ ऑक्सीजन या वायु से अभिक्रिया करती हैं तथा उनके ऑक्साइड बनते हैं। ये ऑक्साइड स्वभाव से क्षारीय होते हैं तथा पानी में में घुलकर क्षार बनाते हैं जैसे- सोडियम ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके सोडियम ऑक्साइड (Na2O) बनाती है। यह एक क्षारीय ऑक्साइड है तथा
पानी में घुलकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनाता है।
4Na + O2 → 2Na2O
Na2O + H2O → 2NaOH
मैग्नीशियम को जब वायु में उसके ज्वलन ताप तक गर्म किया जाता है, तो वह जलने लगता है तथा जलकर मैग्नीशियम ऑक्साइड बनाता है।
2Mg + O2 → 2MgO
लोहा (Fe) तथा ताँबा (Cu) कम क्रियाशील हैं तथा अधिक देर तक ऑक्सीजन में गर्म करने पर अभिक्रिया करते हैं।
4Fe + 3O2 → 2FeO3
2Cu + Og → 2CuO

(ii) तनु अम्लों से अभिक्रिया – बहुत सी धातुएँ तनु अम्लों से अभिक्रिया करके धात्विक लवण तथा हाइड्रोजन बनाती हैं। हाइड्रोजन के बुदबुदाहट (Effervescence) की दर धातु की अभिक्रियाशीलता पर निर्भर करती है। बुदबुदाहट की उच्च दर का अर्थ है- धातु की उच्च क्रियाशीलता।
2Na + 2HCl → 2NaCl + H2
Mg + 2HCl → MgCl2 + H2
Zn + 2HCl → ZnClgs + H2
Fe + 2HCl → FeCl2 + H2

प्रश्न 13.
धातु संक्षारण से आप क्या समझते हैं? इससे किस प्रकार हानि होती है?
उत्तर:
अधिकांश धातुएँ जो क्रियाशील होती हैं वे सभी वायुमण्डल में खुले छोड़ने पर वायु (ऑक्सीजन), नमी (जल), CO2, SO2 आदि से अभिक्रिया कर यौगिकों में बदल जाती हैं। ये प्राप्त यौगिक भंगुर होते हैं और धातु की सतह से अलग होते रहते हैं। इस प्रकार धातु का वायुमंडल के अभिकर्मकों द्वारा यौगिकों में बदलकर नष्ट होना संक्षारण कहलाता है। लोहे की वस्तुओं में जो यौगिक बनता है, उसका रंग लाल या नारंगी होता है, इसे जंग कहते हैं। इसका सूत्र Fe2O3. x H2O है।

हानि-संक्षारण की अभिक्रिया के दौरान प्राप्त भंगुर यौगिक की धातु पर परत बन जाती है जो धीरे-धीरे धातु सतह से अलग हो जाता है।

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प्रश्न 14.
उपधातु किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे पदार्थ जो धातुओं और अधातुओं दोनों के गुण प्रदर्शित करते हैं, उपधातु कहलाते हैं। उपलब्ध सात उपधातु निम्नलिखित हैं-
एंटीमनी (Sb), पोलोनियम (Po), सिलिकॉन (Si), बोरॉन (B), जर्मेनियम (Ge), टेलुरियम (Te), आर्सेनिक (As)।

प्रश्न 15.
प्रकृति में धातुएँ किस अवस्था पायी जाती हैं?
उत्तर:
प्रकृति में धातुएँ निम्न दो अवस्थाओं में पायी जाती हैं-
(1) मुक्त अवस्था में कम अभिक्रियाशील धातुएँ प्रकृति में धात्विक या स्वतंत्र अवस्था में पायी जाती हैं। जैसे सोना, चाँदी, प्लेटिनम आदि।

(2) संयुक्त अवस्था में सामान्य रूप से अभिक्रियाशील धातुएँ प्रकृति में संयुक्त अवस्था में विभिन्न यौगिकों के रूप में पायी जाती हैं। धातुओं के ये यौगिक निम्न प्रकार हैं-

  • सल्फाइड
  • ऑक्साइड
  • कार्बोनेट
  • हैलाइड।

प्रश्न 16.
जब कॉपर (II) सल्फेट के दानों को सांद्र H2SO4 में रखा जाता है तो क्या होता है? आपने क्या देखा व्याख्या करें।
उत्तर:
एक परखनली में कॉपर (II) सल्फेट के कुछ दाने डालो और उसमें सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की कुछ बूँदें डालो। आप देखेंगे कि कॉपर (II) सल्फेट का नीला रंग धीरे-धीरे सफेद हो जाता ऐसा सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा जल के अणु निकालने से होता है। एनहाइड्स लवण सफेद रंग का होता है।
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प्रश्न 17.
कारण बताओ-
(i) धातु तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देती है जबकि अधातुएँ नहीं।
(ii) कार्बोनेट और सल्फाइड अयस्कों को आमतौर पर ऑक्साइड में परिवर्तित कर दिया जाता है।
उत्तर:
(i) क्योंकि धातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं। धातुएँ हाइड्रोजन को आसानी से इलेक्ट्रॉन दे सकती हैं जबकि अधातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते। ये हाइड्रोजन ‘नहीं दे सकतीं।

(ii) कुछ धातुओं को उनके सल्फाइडों या कार्बोनिटों की तुलना में उनके ऑक्साइडों से प्राप्त करना अधिक सरल है। इसलिए सल्फाइड एवं कार्बोनेट अयस्कों को वायु में भर्जित करके ऑक्साइडों में परिवर्तित कर दिया जाता है।

प्रश्न 18.
विद्युत रासायनिक श्रेणी की सहायता से धातुओं द्वारा अम्लों से विस्थापित करने की क्षमता किस प्रकार ज्ञात करते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विद्युत रासायनिक श्रेणी में हाइड्रोजन के ऊपर की धातुएँ अम्लों से H2 विस्थापित करती हैं। जैसे- सोडियम (Na), मैग्नीशियम (Mg) आदि।

प्रश्न 19.
रासायनिक दृष्टिकोण से धातु तथा अधातु में मुख्य अन्तर क्या हैं?
उत्तर:
भौतिक एवं रासायनिक दृष्टिकोण से धातु तथा अधातु में प्रमुख अन्तर निम्नलिखित हैं-
भौतिक गुण (Physical Properties):

धातु (Metal) अधातु (Non-metal)
1. अवस्था-धातु सामान्यतया ठोस होते हैं, जैसे-लोहा, ताँबा, सोडियम (पारे को छोड़कर) । उनमें आघातवर्ध्यता और तार में खिंचने के गुण होते हैं। 1. अधातु ठोस, द्रव और गैस तीनों अवस्थाओं में होते हैं। जैसे-गंधक ठोस, ब्रोमीन द्रव और ऑक्सीजन गैस है। अधातु ठोस भंगुर होते हैं।
2. पारदर्शिता-धातु अपारदर्शी होते हैं। 2. कुछ अधातु पारदर्शी (जैसे गैसें), कुछ अपारदर्शी तथा कुछ पारभासी होते हैं।
3. घनत्व तथा गलनांक-धातु (सोडियम एवं पोटैशियम को छोड़कर) अधिक घनत्व एवं उच्च गलनांक के होते हैं। 3. अधातुओं का घनत्व तथा गलनांक प्राय: कम होता है।
4. चमक-धातुओं में विशेष चमक होती है जिसे धात्वीय चमक (metallic lustre) कहते हैं। 4. ग्रेफाइट, हीरा और आयोडीन के अतिरिक्त अन्य अधातुओं में कोई विशेष चमक नही होती है।
5. चालकता-सभी धातु ऊष्मा एवं विद्युत के सुचालक होते हैं। 5. ग्रेफाइट तथा गैस कार्बन के अतिरिक्त अधातु ऊष्मा और विद्युत के कुचालक होते हैं।
6. ध्वनि-किसी कठोर वस्तु से टकराने पर धातुओं से धात्विक ध्वनि (metallic sound) उत्पन्न होती है। 6. अधातु कोई विशेष ध्वनि उत्पन्न नहीं करते।

रासायनिक गुण (Chemical Properties):

 धातु (Metal) अधातु (Non-metal)
1. क्षारीय प्रकृति-धातुओं के ऑक्साइड क्षारीय (basic) होते हैं। परन्तु ऐलुमिनियम, जिंक तथा टिन के ऑक्साइड उभयधर्मी होते हैं। 1. अधातुओं के ऑक्साइड अम्लीय (acidic) होते हैं-परन्तु हाइड्रोजन के ऑक्साइड एवं कार्बन मोनो ऑक्साइड उदासीन होते हैं।
2. अम्लों से क्रिया-कुछ धातुएँ अम्लों से क्रिया करके हाइड्रोजन को विस्थापित करती हैं तथा लवण बनाती है। 2. अधातुएँ अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करती एवं लवण नहीं बनाती।
3. हाइड्रोजन से संयोग-अधिकांश धातुएँ हाइड्रोजन से संयोग नहीं करतीं। कुछ धातुएँ (जैसे लीधियम, सोडियम तथा पोटैशियम, हाइड्रोजन से संयोग करके अस्थायी यौगिक बनाती हैं। 3. अधातुएँ हाइड्रोजन से संयोग करके स्थायी यौगिक बनाती हैं, जैसे मेथेन (CH<sub>4</sub>), अमोनिया (NH<sub>3</sub>), फॉस्फीन (PH<sub>3</sub>), हाइड्रोजन क्लोराइड (HCl) आदि।
4. विद्युतीय प्रकृति-धातुएँ धन-विद्युती होने के कारण विद्युत्-अपघटन करने पर कैथोड पर एकत्र होती हैं। 4. अधातुएँ हाइड्रोजन के अतिरिक्त ऋण-विद्युती होने के कारण विद्युत् अपघटन करने पर ऐनोड पर एकत्र होती हैं।
5. मिश्रधातु-कुछ धातुएँ अन्य धातुओं से मिलकर मिश्र धातु (alloys) बनाती हैं। जैसे-पीतल, काँसा आदि। 5. अधातुएँ मिश्र धातु नहीं बनार्ती।

प्रश्न 20.
निम्नलिखित में अन्तर कीजिए-
(i) खनिज तथा अयस्क
(ii) निस्तापन तथा भर्जन।
उत्तर:
खनिज तथा अयस्क एवं निस्तापन तथा भर्जन में मुख्य अन्तर निम्नलिखित हैं-

खनिज अयस्क
1. इसमें धातु की प्रतिशत मात्रा कम होती है। कुछ खनिजों को छोड़कर। 1. सभी अयस्कों में धातु की प्रतिशत मात्रा पर्याप्त होती है।
2. कुछ खनिजों में कुछ ऐसी अशुद्धियाँ होती हैं जो धातु के निष्कर्षण में बाधा डालती हैं। 2. अयस्कों में ऐसी किसी भी प्रकार की अशुद्धियाँ नहीं होती हैं।
निस्तापन भर्जन
निस्तापन के अन्तर्गत सान्द्रित अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में उच्च ताप पर गर्म किया जाता है। भर्जन के अन्तर्गत सान्द्रित अयस्क को वायु की नियन्त्रित मात्रा के साथ गर्म किया जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अयस्क सान्द्रण की झाग प्लवन विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अयस्क सान्द्रण की झाग प्लवन विधि – पानी के एक बड़े आयताकार बर्तन अयस्क को बारीक पीसकर डाल दिया जाता है। इसमें तारपीन या चीड़ का तेल मिला देते हैं। साथ ही अल्प मात्रा में प्लवन कारक पदार्थ मिला देते हैं और फिर हवा की तेज धारा भेजते हैं। शुद्ध सल्फाइड अयस्क झाग के साथ ऊपर तैरने लगता है। इसे वहाँ से अलग कर देते हैं। अशुद्धियाँ बर्तन के नीचे तली में बैठ जाती हैं।
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प्रश्न 2.
क्रायोलाइट का रासायनिक सूत्र दीजिए एवं हाल विधि में मिलाने का कारण बताइये। अथवा बॉक्साइट से ऐलुमिनियम प्राप्त करने की विधि में ऐलुमिना के शोधन के समय क्रायोलाइट क्यों मिलाया जाता है, कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
क्रायोलाइट का रासायनिक सूत्र है- Na3AlF6। हाल की विधि में इसे मिलाने का प्रमुख कारण यह है कि शुद्ध ऐलुमिना विद्युत् का कुचालक है और 2050°C ताप पर पिघलता है। इस ताप पर ऐलुमिनियम वाष्प में बदल जाता है क्योंकि इसका क्वथनांक 1800°C है।

ऐलुमिना के विद्युत् अपघटन में क्रायोलाइट मिला देने पर क्रायोलाइट पिघलकर ऐलुमिना को अपने में घोल लेता है। अब विद्युत् धारा प्रवाहित करने पर 900°C से 950°C ताप पर ही ऐलुमिना गलित अवस्था में आ जाता और उसका अपघटन हो जाता है।

प्रश्न 3.
गालक क्या होते हैं? उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर:
गालक – अयस्क में उपस्थित गलनीय अपद्रव्यों को दूर करने के लिए प्रगलन करते समय मिलाये जाने वाले पदार्थों को गालक कहते हैं। ये दो प्रकार के होते
(1) अम्लीय गालक ऐसे गालक जो क्षारकीय अपद्रव्यों को दूर करने के लिए प्रयुक्त किये जाते हैं, अम्लीय गालक कहलाते हैं।
उदाहरण – सिलिका (SiO2)
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(2) क्षारीय गालक – ऐसे गालक जो अम्लीय अपद्रव्यों को दूर करने के लिए प्रयुक्त किये जाते हैं, क्षारीय गालक कहलाते हैं।
उदाहरण – कैल्सियम ऑक्साइड (CaO)
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 8

प्रश्न 4.
मिश्रधातु क्या है? एक मिश्रधातु का नाम, संघटन व उपयोग लिखिए।
उत्तर:
मिश्रधातु-दो या दो से अधिक धातुओं को पिघलाकर ठण्डा करने से जो समांग धातु मिश्रण मिलता है, उसे मिश्रधातु कहते हैं।

मिश्र धातु संघटन उपयोग
स्टेनलेस स्टील Cr = 11.5 %
Ni = 2.5 %
Fe = 86.5 %
घर गृहस्थी के बर्तन, छुरी-काँट, वाल्व और मशीनों के पुर्जे बनाने में

प्रश्न 5.
निस्तापन क्या है? बॉक्साइट तथा हेमेटाइट के निस्तापन को समझाइए।
उत्तर:
निस्तापन – सान्द्रित अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में पिघलने से पूर्व ताप तक गर्म करने पर उसमें उपस्थित नमी, CO2, SO2 तथा अन्य वाष्पशील कार्बनिक अपद्रव्य निष्कासित हो जाते हैं यह क्रिया निस्तापन कहलाती है।

बॉक्साइट का निस्तापन- बॉक्साइट (AlgO3. 3H2O) का निस्तापन करने पर निर्जलीय Al2O3 प्राप्त होता है-
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 9

हेमेटाइट का निस्तापन- हेमेटाइट (Fe2O32H2O) का निस्तापन करने पर Fe2O3 प्राप्त होता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 10

प्रश्न 6.
भर्जन क्या है? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
भर्जन – सान्द्रित अयस्क को वायु या ऑक्सीजन की उपस्थिति में भट्टी में गलनांक से नीचे ताप पर गर्म करने की क्रिया भर्जन कहलाती है। यह मुख्यतः सल्फाइड अयस्कों में की जाती है।

उदाहरण – सल्फाइड अयस्क का भर्जन करने पर 8, As आदि की अशुद्धियाँ ऑक्साइड के रूप में निकल जाती हैं तथा अयस्क ऑक्साइड में बदल जाता है।
S + O2 → SO2
4As + 3O2 → 2As2O3
2PbS + 3O2 → 2PbO + 2SO2

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 7.
प्रगलन क्या है? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
प्रगलन – अयस्क में उचित गालक तथा कोक मिलाकर मिश्रण को उच्च ताप पर गलाने की क्रिया को प्रगलन कहते हैं।
इस क्रिया में गालक अशुद्धियों से मिलकर कम गलनांक का धातुमल बनाते हैं जो हल्का होने के कारण पिघली धातु की सतह पर आ जाता जिसे आसानी से पृथक किया जा सकता है।

उदाहरण – लोहे के धातुकर्म में सिलिका (SiO2) अपद्रव्य के रूप में उपस्थित होते हैं। इसमें गालक CaO मिलाकर प्रगलन करने पर कैल्सियम सिलिकेट नामक धातुमल बनाता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 10a

प्रश्न 8.
निस्तापन की क्रिया में अयस्क में होने वाले परिवर्तनों को लिखिए।
उत्तर:
निस्तापन की ‘क्रिया अयस्क में निम्नलिखित परिवर्तन होते हैं-

  • अयस्क की भौतिक दशा बदल जाती है और वह सरन्ध्र हो जाता है जिससे वह अपचयन योग्य हो जाता है।
  • नमी, क्रिस्टलन जल पृथक हो जाते हैं तथा अयस्क शुष्क हो जाता है।
  • वाष्पशील अशुद्धियाँ सल्फर, फॉस्फोरस, ऑक्सीजन आदि पृथक हो जाती हैं।
  • कार्बोनेट अयस्क ऑक्साइड में बदल जाते हैं।

प्रश्न 9.
भर्जन की क्रिया के दौरान अयस्क में होने वाले परिवर्तनों को लिखिए।
उत्तर:
भर्जन की क्रिया के दौरान अयस्क में निम्नलिखित परिवर्तन होते हैं-

  • नमी पृथक हो और अयस्क शुष्क हो जाती जाता है।
  • वाष्पशील अशुद्धियाँ जैसे- सल्फर, आर्सेनिक आदि वाष्पीकृत अथवा ऑक्सीकृत होकर अलग हो जाती हैं।
  • सल्फाइड अयस्क ऑक्सीकृत होकर ऑक्साइड या सल्फेट में बदल जाता है।
  • अयस्क सरन्ध्र हो जाता है जिससे आगे अपचयन सरलता होती है।

प्रश्न 10.
धातु के निष्कर्षण की ऐलुमिनो-तापी विधि का सचित्र वर्णन कीजिए एवं अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण दीजिए।
उत्तर:
धातु के निष्कर्षण की इस विधि में धातु के ऑक्साइड और ऐलुमिनियम चूर्ण को मिलाकर एक क्रूसिबल में रखकर मैग्नीशियम के एक फीते, जिसके सिरे पर मैग्नीशियम चूर्ण और बेरियम परॉक्साइड मिश्रण की पोटली बँधी होती है, के द्वारा आग लगा देते हैं। ऊष्माक्षेपी क्रिया होने के कारण ताप लगभग 3000°C तक पहुँच जाता है। ऐलुमिनियम ऑक्साइड बनता है। धातु पिघलकर क्रूसिबल की तली में एकत्रित होने लगती है।

क्रोमियम और मैंगनीज के निष्कर्षण में इसी विधि का उपयोग होता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 11
इसमें होने वाली रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण निम्नलिखित है-
Cr2O3 + 2Al → Al2O3 + 2Cr + ऊष्मा
3MnO2 + 4Al → 3Mn + 2Al2O3 + ऊष्मा
धातु के अपद्रव्य को दूर करने के लिए गालक डाल दिया जाता है और धातुमल को अलग कर दिया जाता है।

प्रश्न 11.
लोहे पर जंग लगने की क्रिया को समझाइए।
अथवा
जंग का विद्युत रासायनिक सिद्धान्त लिखिए।
उत्तर:
जंग का विद्युत रासायनिक सिद्धान्त – इस सिद्धान्त के अनुसार अशुद्ध लोहे की सतह एक विद्युत रासायनिक सेल की भाँति व्यवहार करती है। ऐसे सेल को गैल्वनी सेल कहते हैं। इन सेलों में शुद्ध लोहा ऐनोड तथा अशुद्ध लोहा कैथोड की भाँति कार्य करता है। नमी, जिसमें ऑक्सीजन अथवा कार्बन डाइ ऑक्साइड विलेय है विद्युत अपघट्य का कार्य करती है। एनोड पर आयरन का फेरस आयनों में ऑक्सीकरण होता है और कैथोड पर जल का अपचयन होने से हाइड्रोजन गैस निकलती है।
एनोड पर अभिक्रिया-
Fe → Fe2+ + 2e (ऑक्सीकरण)

कैथोड पर अभिक्रिया-
2H2O + 2e → H2 + 2OH (अपचयन)
फेरस आयनों (Fe2+) और हाइड्रॉक्साइड आयनों (OH) के संयोग से फेरस हाइड्रॉक्साइड Fe (OH)2 बनता है, जिसे वायु फेरिक हाइड्रॉक्साइड में ऑक्सीकृत कर देती है। फेरिक हाइड्रॉक्साइड, हाइड्रेटेड फेरिक ऑक्साइड Fe2O3.xH2O में बदल जाता है जिसे जंग कहते हैं।

प्रश्न 12.
अयस्क सांद्रण की चुम्बकीय पृथक्करण विधि को सचित्र समझाइए।
उत्तर:
विद्युत चुम्बकीय पृथक्करण – अयस्क या अशुद्धि में से किसी एक का स्वभाव चुम्बकीय हो तो इस विधि का उपयोग करते हैं। इस विधि में बारीक अयस्क पट्टे पर विद्युत चुम्बकों के बीच, धीरे-धीरे खिसकाया जाता है जिससे चुम्बकीय पदार्थ थोड़ा खींचकर के नीचे तथा गैर-चुम्बकीय पदार्थ पट्टे से गिरकर थोड़ा आगे पृथक ढेर बनाते हैं। इस विधि से टिन स्टोन (SnO2)
से Fe3O4 और FeO4 आदि से सिलिकीय अशुद्धि हटाई जाती है
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 12

प्रश्न 13.
वात्याभट्ठी का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वात्या भट्ठी – यह लोहे की बनी हुई भट्ठी होती है। इसके अन्दर अग्नि सह मिट्टी की ईंटों का अस्तर लगा होता है। इसके ऊपर चार्ज द्वार होता है जिसमें अयस्क,
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 13
कोक तथा गालक का मिश्रण (चार्ज) गिराया जाता है। इसके बीच में हवायें भेजने के लिए ट्वायर लगे होते है। इसके बीच में हवायें भेजने के लिए ट्वायर लगे होते हैं। इसका ताप ऊपर से नीचे बढ़ता जाता है। धातु पिघलकर नीचे एकत्रित हो जाती है तथा उस पर धातुमल की परत रहती है। इन दोनों को अलग-अलग द्वारों से बाहर निकाल लिया जाता है। इसका उपयोग मुख्यतः लोहे के धातुकर्म में तथा इसके छोटे रूप में ताँबे के धातुकर्म में होता है।

प्रश्न 14.
खुली भट्टी प्रक्रम की विशेषताएँ तथा दोष लिखिए।
उत्तर:
खुली भट्टी प्रक्रम की विशेषताएँ-

  • इस प्रक्रम से प्राप्त इस्पात उत्कृष्ट होता है।
  • यह प्रक्रम अविरत है।
  • इस प्रक्रम में ताप पर नियंत्रण किया जा सकता है।

खुली भट्टी प्रक्रम के दोष-

  • यह प्रक्रम धीरे-धीरे सम्पन्न होता है। इसमें 10 घंटे लगते हैं।
  • इस प्रक्रम में ज्वाला की गैसों से लोहे का ऑक्सीकरण रोकना कठिन है।

प्रश्न 15.
मफल भट्टी का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मफल भट्ठी – इस भट्ठी में चूल्हा पूरी तरह ढका रहता है। गर्म गैसों से बाहर चारों ओर से प्रवाहित कर अयस्क को गर्म किया जाता है। इस प्रकार इस भट्ठी में न तो ईंधन और न ही ज्वाला अयस्क के सीधे सम्पर्क में आ पाते हैं यह उच्च ताप ईंटों के कक्ष में रहता है जिसे मफल कहते हैं। इस भट्टी का उपयोग प्रायः जिंक के निष्कर्षण होता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 13a

प्रश्न 16.
बॉक्साइट से शुद्ध ऐलुमिना प्राप्त करने की हाल का प्रक्रम का वर्णन कीजिए।
अथवा
बॉक्साइट से शुद्ध ऐलुमिना प्राप्त करने की किसी एक विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रकृति से प्राप्त बॉक्साइट में Fe2O3, SiO2 आदि की अशुद्धियाँ होती हैं। अतः इसका शोधन आवश्यक हो जाता है। इसके शोधन से शुद्ध ऐलुमिना (Al2O3) प्राप्त होता है।

बॉक्साइट में उपस्थित अशुद्धियों के स्वभाव के आधार पर शोधन की निम्नलिखित तीन विधियाँ हैं-

  • हाल का प्रक्रम
  • बायर का प्रक्रम
  • सर्पेक प्रक्रम।

हाल का प्रक्रम- जब बॉक्साइट में लोहे के ऑक्साइड (Fe2O3) तथा सिलिका (SiO2) की अशुद्धियाँ होती हैं तो यह प्रक्रम प्रयुक्त किया जाता है।

इस प्रक्रम में बॉक्साइट को बारीक पीसकर सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) के साथ प्रगलन करते हैं जिससे बॉक्साइट, सोडियम मेटाऐलुमिनेट (NaAlO2) में परिवर्तित हो जाता है। Fe2O3 व SiO2 अप्रभावित रहते हैं। Al2O3.2H2O + Na2CO3 → 2NaAlO2 + CO2 ↑ + 2H2O
प्राप्त गलित जल में उबालने पर सोडियम मेटा ऐलुमिनेट जल में घुल जाता तथा अशुद्धियाँ छानकर पृथक कर दी जाती हैं। प्राप्त छनित का ताप 50°-60°C करके इसमें CO2 गैस प्रवाहित की जाती है। इससे ऐलुमीनियम हाइड्रॉक्साइड अवक्षेपित हो जाता है।
2NaAlO2 + 3H2O + CO2 → Na2CO3 + 2Al(OH)3
प्राप्त अवक्षेप को छानकर जल से कई बार धो लेते हैं। तत्पश्चात् सुखा करके 1500°C पर निस्तापन करके निर्जल ऐलुमिना प्राप्त कर लेते हैं।
2Al(OH)3 → Al2O3 + 3H2O

प्रश्न 17.
धातुकर्म में प्रयुक्त होने वाली विद्युत भट्ठी का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विद्युत भट्ठी (Electric Furnace) – जहाँ विद्युत सस्ती होती है वहाँ इस प्रकार की भट्टियों का प्रयोग किया जाता है। ये मुख्यत: उच्च ताप पैदा करने तथा ऑक्सीकरण के लिए उपयोगी हैं। इनकी तीन किस्म होती हैं-
(i) प्रेरण भट्टी (Induction Furnace) – इस प्रकार की भट्टियों में क्रूसिबल, जिसमें घान (Charge) रहता है, द्वितीयक (Secondary) कुण्डली की तरह कार्य करती है। प्राथमिक परिपथ (Primary circuit) के टूटने तथा जुड़ने से उत्पन्न होने वाली प्रेरण धाराओं से पदार्थ गर्म होते हैं।

(ii) प्रतिरोधक भट्ठी (Resistance Fur nace) – इस प्रकार की भट्ठियों में विद्युत चक्र में प्रतिरोध (Resistance) के कारण उत्पन्न ऊष्मा का प्रयोग किया जाता हैं। अयस्क स्वयं ही प्रतिरोधक का कार्य कर सकता है।

(iii) आर्क भट्ठी (Are Furnace ) – इन भट्ठियों में ऊष्मा आर्को की सहायता से उत्पादित होती है। इसमें 3000°C तक ताप उत्पन्न किया जा सकता है। इसमें कार्बन इलेक्ट्रोडों का उपयोग किया जाता है। आर्क इलेक्ट्रोडों और अयस्क के मध्य उत्पन्न होता है।

(iv) अन्य जब कभी भट्टियों में चिमनियों से निकलने वाली गैसों की ऊष्मा का पुनः प्रयोग किया जाता है तो उन्हें पुनर्योजी भट्टी (Regenerative furnace) कहा जाता है। इसी प्रकार, यदि किसी भट्ठी में घूमता हुआ चूल्हा (Hearth) लगा हो तो वह परिक्रामी भट्टी (Revolving furnace) कहलाती है।

प्रश्न 18.
संक्षारण क्या है? इसको प्रभावित करने वाले कारक तथा संक्षारण से बचने के उपाय लिखिए।
अथवा
धातुओं के संक्षारण को प्रभावित करने वाले कारकों तथा उसके बचाव तरीकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
संक्षारण – वायु अथवा रासायनिक पदार्थों [CO2, SO2, NO2 आदि] द्वारा धातुओं का धीरे-धीरे क्षय होना संक्षारण है। लौह पर जंग लगना एक प्रकार की संक्षारण प्रक्रिया है।

संक्षारण को प्रभावित करने वाले कारक-

  • धातु की प्रकृति- किसी धातु की क्रियाशीलता जितनी अधिक होती है वह धातु उतनी ही अधिक शीघ्रता से संक्षारित होती है।
  • अशुद्धियों की उपस्थिति – धातुओं में अशुद्धियों की उपस्थिति में छोटे-छोटे संक्षारण की दर बढ़ जाती है।
  • वायुमण्डल की प्रकृति – वातावरण में यदि नमी, खारापन, CO2, SO2 SO3 आदि अशुद्धि के रूप में हैं तो संक्षारण की दर बढ़ जाती है।
  • धातुओं में विकृति – धातुओं में विकृति जैसे खुरदरी सतह या मुड़ी हुई हों तो उन स्थानों पर उपस्थित परमाणुओं पर अणुओं में तनाव होता है। फलस्वरूप संक्षारण अधिक होता है।
  • विद्युत अपघट्य की उपस्थिति-धातु वाले स्थान पर अम्ल, क्षार या लवणयुक्त जल जैसे विद्युत अपघट्य की उपस्थिति में संक्षारण की दर बढ़ जाती है।

संक्षारण से बचने के उपाय-

  • धातु की सतह में पेंट लगाना चाहिए।
  • धातु की सतह पर ग्रीस या तेल की पर्त लगानी चाहिए।
  • धातु पर दूसरे धातु की पर्त चढ़ा देनी चाहिए।

प्रश्न 19.
अयस्क सान्द्रण के फेन प्लवन विधि का सिद्धान्त एवं विधि का विवरण लिखिए।
उत्तर:
अयस्क सान्द्रण की फेन प्लवन विधि का सिद्धान्त – यह विधि सल्फाइडों के सान्द्रण के लिए प्रयुक्त होती है। यह विधि इस सिद्धान्त पर आधारित है कि धात्विक सल्फाइड तेल द्वारा अपेक्षाकृत तेजी से आर्द्र (Wet) हो जाते हैं जबकि सिलिकेट अपद्रव्य जल द्वारा तेजी से आर्द्र होते हैं। जल-तेज मिश्रण में बने सल्फाइड अयस्क के (Suspension) में वायु धोंकने से तैलीय झाग बनता है जो धात्विक सल्फाइड अयस्क के कणों को अपने साथ तल पर ले आता है और मिट्टी, कंकड़, पत्थर आदि निलम्बन गैंग अपद्रव्य नीचे तली में चले जाते हैं। इस विधि द्वारा 1% अयस्क को 95% तक सान्द्रित किया जा सकता है।

फेन प्लवन विधि में प्रायः दो प्रकार के पदार्थ काम में आते हैं-

  • फेन कारक (Frothing Agents) और
  • प्लवन कारक (Floatation Agents)।

(a) फेन कारक (Frothing Agents ) – ये पदार्थ वायु- बुलबुलों के स्थायी फेन बनाने में सहायक होते हैं। चीड़ का तेल (Pine oil) और नीलगिरी तेल (Eucalyp- tus oil) अच्छे फेन कारक हैं।

(b) प्लवन कारक (Floatation Agents) – ये पदार्थ सल्फाइड अयस्क के कणों को जल प्रत्यकर्षी (Wa-ter repellent) बना देते हैं ताकि वे जल पर तैर सकें। किन्तु कैसे? आओ समझें-
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 14

प्लवन कारक दो भागों मिलकर बने होते हैं-

  • ध्रुवीय सिरा (Polar head) और
  • हाइड्रोकार्बन पुच्छ (Hydrocarbon tail)।

इनके ध्रुवीय सिरे सल्फाइड अयस्क के कणों से चिपक जाते हैं तथा हाइड्रोकार्बन पुच्छ बाहर को फैल जाती है। इसके फलस्वरूप सल्फाइड कण तेल की बूँदों की भाँति व्यवहार करते हैं। अतः वायु के बुलबुलों द्वारा वे तल पर पहुँचते हैं और तैलीय झाग से जा मिलते हैं। प्लवन कारकों में सोडियम एथिल जैन्थेट या सोडियम ऐमिल जैन्थेट प्रमुख हैं।

इन्हें सूत्रJAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 15द्वारा व्यक्त कर सकते। यहाँ R-एथिल या ऐमिल समूह है। इन यौगिकों की अतिसूक्ष्म मात्रा (अयस्क के भार के लगभग 0.1%) ही काफी होती है।

फेन – प्लवन विधि का विवरण- पानी के एक बड़े आयताकार बर्तन में अयस्क को बारीक पीसकर डाल दिया जाता है। इसमें तारपीन, चीड़ या नीलगिरी का तेल मिल
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 16
देते हैं। साथ ही अल्प मात्रा में प्लवन कारक पदार्थ मिलाते हैं और फिर हवा की प्रबल धारा भेजते हैं। शुद्ध सल्फाइड अयस्क झाग के साथ ऊपर तैरने लगता है। इसे वहाँ से अलग कर लेते हैं। मिट्टी, कंकड़, पत्थर आदि अपद्रव्य नीचे बैठ जाते हैं।

प्रश्न 20.
धातु क्या है? धातुओं के कोई चार सामान्य गुण समझाइये।
उत्तर:
धातु धातु वे तत्त्व हैं जिनमें स्वतंत्र इलेक्ट्रॉन होते हैं तथा जो अपने इलेक्ट्रॉन त्यागकर धनायन बनाते हैं।
Fe → Fe3+ + 3e
Al → Al3+ + 3

धातुओं के सामान्य गुण – धातुओं के सामान्य गुण निम्नलिखित हैं-

  • संयोजी इलेक्ट्रॉन धातु परमाणु के बाह्यतम कोश में सामान्यतः 1, 2 अथवा 3 इलेक्ट्रॉन होते हैं। संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या जितनी कम होगी क्रियाशीलता उतनी ही अधिक होगी।
  • अवस्था – सामान्य ताप पर सभी धातुएँ ठोस होती हैं। (Hg अपवाद है)
  • पृष्ठीय चमक – सामान्यतः धातुओं की सतह पर पृष्ठीय चमक होती है।
  • विद्युत धनी प्रकृति – जलीय विलयन में धातुएँ सहजता ‘इलेक्ट्रॉन त्यागकर धनायन बनाते हैं अतः ये इलेक्ट्रॉन धनी प्रकृति के होते हैं।
    Na → Na+ + e
    Mg → Mg2+ + 2e
    Al → Al3 + 3e
  • ऑक्साइड की प्रकृति-अधिकांश धातुओं के ऑक्साइडों की प्रकृति क्षारकीय होती है। ZnO, Al2 O3, तथा PbO की प्रकृति उभयधर्मी होती है।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 21.
बॉक्साइट से ऐलुमिनियम प्राप्त करने की सर्पेक विधि का निम्न बिन्दुओं के आधार पर वर्णन कीजिए-
(1) अयस्क का सूत्र
(2) समीकरण
(3) प्राप्त उत्पादों के नाम।
उत्तर:
(1) अयस्क का सूत्र- बॉक्साइट – Al2O3.2H2O

(2) समीकरण –
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 17

(3) प्राप्त उत्पादों के नाम-

  • सिलिकन
  • कार्बन मोनो ऑक्साइड
  • ऐलुमिनियम नाइट्राइड
  • ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड
  • अमोनिया

प्रश्न 22.
(i) कॉपर को उसके अयस्क से निष्कर्षण हेतु पद नीचे दिए गए हैं। सम्बन्धित अभिक्रियाएँ लिखिए।
(a) कॉपर (I) सल्फाइड का भंजन
(b) कॉपर (I) ऑक्साइड के साथ कॉपर (I) सल्फाइड का अपचयन
(c) विद्युत अपघटनी परिष्करण
(ii) कॉपर के विद्युत अपघटनी परिष्करण के लिए एक स्वच्छ एवं नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
(i) (a) कॉपर (I) सल्फाइड का भंजन- केवल वायु में गर्म करके इसे अयस्क से अलग किया जा सकता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 18

(b) पुन: CugO को CugS के साथ गर्म करने पर यह स्वतः अपचयित होकर कॉपर देता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 19

(c) विद्युत अपघटनी परिष्करण- इस प्रक्रिया में अशुद्ध धातु को एनोड तथा शुद्ध धातु की पतली परत को कैथोड बनाया जाता है जब विद्युत अपघट्य अम्लीकृत CuSO4 से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तब एनोड पर स्थित अशुद्ध धातु धीरे-धीरे विद्युत अपघट्य में विलेय, हो जाती है तथा उतनी ही मात्रा में शुद्ध धातु विद्युत अपघट्य से कैथोड पर निक्षेपित हो जाती है। विलेय अशुद्धियाँ विलयन में चली जाती हैं तथा अविलेय अशुद्धियाँ एनोड तली पर निक्षेपित हो जाती हैं, जिसे एनोड पंक कहते हैं।- अभिक्रिया इस प्रकार होती है-
कैथोड पर-
Cu2+(aq) + 2e → Cu(s);
ऐनोड पर – Cu(s) → Cu2+ (aq) + 2e

(ii) कॉपर के विद्युत अपघटनी परिष्करण के लिए
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु 20

बहुविकल्पीय प्रश्न

निर्देश: प्रत्येक प्रश्न में दिये गये वैकल्पिक उत्तरों में से सही विकल्प चुनिए-

1. ताँबे का अयस्क है-
(a) बॉक्साइट
(b) Cu2S
(c) CugO
(d) CuCO3.Cu (OH)2
उत्तर:
(b) Cu2S

2. कॉपर पाइराइट का सूत्र है-
(a) CuFeS2
(b) Cu2S
(c) Cus
(d) CuF
उत्तर:
(a) CuFeS2

3. मैट में मुख्यतः होता है-
(a) Fes
(b) Cu2S
(c) Cu2S तथा FeS
(d) Cu2S तथा Fe2S3
उत्तर:
(a) Fes

4. धातुओं का वह गुणधर्म जिसके कारण इससे पतले तार बनाए जाते हैं-
(a) ध्वनिक
(b) आघातवर्ध्यता
(c) तन्यता
(d) चालकता
उत्तर:
(c) तन्यता

5. Hgs का निष्कर्षण होता है-
(a) Hgs को गर्म कर, मर्क्यूरिक ऑक्साइड (HgO) प्राप्त कर और अधिक गर्म करने पर
(b) कार्बन द्वारा अपचयन से
(c) निस्तापन द्वारा
(d) थर्मिट अभिक्रिया द्वारा
उत्तर:
(a) Hgs को गर्म कर, मर्क्यूरिक ऑक्साइड (HgO) प्राप्त कर और अधिक गर्म करने पर

6. निम्नलिखित में से कौन-सी मिश्रधातु में मर्करी, उसके एक अवयव के रूप में होता है?
(a) स्टेनलेस स्टील
(b) ऐल्निको
(c) सोल्डर
(d) जिंक अमलगम
उत्तर:
(d) जिंक अमलगम

7. सामान्यतः अधातु विद्युत के चालक नहीं होते हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा विद्युत का अच्छा चालक है?
(a) हीरा
(b) ग्रेफाइट
(c) सल्फर
(d) फुलेरीन
उत्तर:
(b) ग्रेफाइट

8. विद्युत तारों पर विद्युतरोधी पदार्थ की एक परत होती है। सामान्यतः उपयोग में लिए जाने वाला यह पदार्थ है-
(a) सल्फर
(b) ग्रेफाइट
(c) PVC
(d) सभी को प्रयोग में लिया जा सकता
उत्तर:
(c) PVC

9. धातुएँ सामान्यतः ठोस प्रकृति की होती हैं। निम्नलिखित में से कौन-सी धातु कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में पायी जाती है?
(a) Na
(b) Fe
(c) Cr
(d) Hg
उत्तर:
(d) Hg

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

10. खाना पकाने के बर्तन बनाने में ऐलुमिनियम काम आता है। ऐलुमिनियम के कौन-से गुणधर्म इसके लिए उत्तरदायी हैं?
(i) उच्च ऊष्मीय चालकता
(ii) उच्च विद्युत चालकता
(iii) तन्यता
(iv) उच्च गलनांक
(a) (i) तथा (ii)
(b) (i) तथा (iii)
(c) (ii) तथा (iii)
(d) (i) तथा (iv)
उत्तर:
(d) (i) तथा (iv)

11. धातुएँ सामान्यतः क्षारीय ऑक्साइड बनाती हैं। निम्नलिखित में से कौन-सी धातु एक उभयधर्मी ऑक्साइड बनाती है?
(a) Na
(b) Ca
(c) Al
(d) Cu
उत्तर:
(c) Al

12. निम्नलिखित में से कौन-सी रासायनिक अभिक्रिया संपन्न होगी?
(a) MgSO4 + Fe
(b) ZnSO4 + Fe
(c) MgSO4 + Pb
(d) CuSO4 + Fe
उत्तर:
(d) CuSO4 + Fe

13. प्रगलन लिए Cu-अयस्क में सिलिका हटाता हैं।
(a) Cu2S
(b) Fe.S
(c) Fe2O3
(d) Cu2O
उत्तर:
(c) Fe2O3

14. कॉपर के प्रगलन में बेसेमर परिवर्तक का अस्तर होता है-
(a) सिलिका
(b) चूना
(c) लोहा
(d) कॉपर
उत्तर:
(b) चूना

15. फफोलेदार कॉपर है :
(a) कॉपर की एक मिश्रधातु
(b) कॉपर का एक यौगिक
(c) शुद्ध कॉपर
(d) लगभग 2% अशुद्ध कॉपर
उत्तर:
(d) लगभग 2% अशुद्ध कॉपर

16. मुद्रा धातु है-
(a) Zr
(b) Sn
(c) Ph
(d) Cu
उत्तर:
(d) Cu

17. अमलगम होते हैं-
(a) उपधात
(b) मिश्रधातु
(c) यौगिक
(d) विषमांगी मिश्रण
उत्तर:
(b) मिश्रधातु

18. निम्न में कौन-सी धातु अम्ल से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करती है-
(a) Fe
(b) Zn
(c) Cu
(d) Mg
उत्तर:
(c) Cu

19. क्लोराइड अयस्क का उदाहरण है-
(a) बॉक्साइट
(b) मैलेकाइट
(c) सीडेराइट
(d) हार्न सिल्वर
उत्तर:
(d) हार्न सिल्वर

20. निम्न में से कौन-सी धातु ठंडे जल से हाइड्रोजन गैस निकालती है-
(a) ताँबा
(b) सोना
(c) पोटैशियम
(d) ऐलुमिनियम
उत्तर:
(c) पोटैशियम

21. निम्न में से कौन-सी धातु अम्ल में से हाइड्रोजन विस्थापित करती है-
(a) Mg
(b) Cu
(c) Pt
(d) Hg
या
(a) Zn
(b) Cn
(c) Ag
(d) Hg
उत्तर:
(a) Mg

22. मुद्रा धातु है-
(a) Zn
(b) Ag
(c) Mg
(d) Na
उत्तर:
(b) Ag

23. जर्मन सिल्वर में कौन-सी धातु नहीं होती?
(a) Cu
(b) Zn
(c) Ag
(d) Ni
उत्तर:
(c) Ag

24. एण्टिमनी है-
(a) धातु
(b) अधातु
(c) उपधातु
(d) अक्रिय गैस
उत्तर:
(a) धातु

25. फफोलेदार ताँबे में कॉपर की प्रतिशत मात्रा है-
(a) 98
(b) 2
(c) 70
(d) 80
उत्तर:
(a) 98

26. ताम्र ग्लान्स का रासायनिक सूत्र है-
(a) Cu2S
(b) Cu2O
(c) CuFeS2
(d) CuCO3
उत्तर:
(a) Cu2S

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

  1. मिश्रधातु ………………… होते हैं।
  2. विद्युत अपघटनी परिष्करण में कैथोड ………………… बनाया जाता है।
  3. सबसे अभिक्रियाशील धातु ………………… है।
  4. ठंडे जल के साथ ………………… धातु तेज अभिक्रिया करती है
  5. सोने और प्लैटिनम को गलाने वाला अम्ल ………………… है

उत्तर:

  1. एक समांगी मिश्रण
  2. शुद्ध धातु की पतली पट्टी का
  3. सोडियम
  4. पोटैशियम
  5. ऐक्वारेजिया।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

Jharkhand Board JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

Jharkhand Board Class 10 Science धातु एवं अधातु Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्न में कौन-सा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है-
(a) NaCl विलयन एवं कॉपर धातु
(b) MgCl2 विलयन एवं ऐलुमिनियम धातु
(c) FeSO4 विलयन एवं सिल्वर धातु
(d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु
उत्तर:
(d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु।

प्रश्न 2.
लोहे के फ्राइंग पैन (frying pan) को जंग से बचाने के लिए निम्न में से कौन-सी विधि उपयुक्त है?
(a) ग्रीज लगाकर
(b) पेंट लगाकर
(c) जिंक की परत चढ़ाकर
(d) ये सभी
उत्तर:
(c) जिंक की परत चढ़ाकर।

प्रश्न 3.
कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है यह यौगिक जल में विलेय है। यह तत्त्व क्या हो सकता है?
(a) कैल्सियम
(b) कार्बन
(c) सिलिकन
(d) लोहा
उत्तर:
(a) कैल्सियम

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प्रश्न 4.
खाद्य पदार्थ के डिब्बों पर जिंक की बजाय टिन की परत होती है क्योंकि-
(a) टिन की अपेक्षा जिंक मँहगा है।
(b) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है
(d) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है
उत्तर:
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभि-क्रियाशील है।

प्रश्न 5.
आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया है-
(a) इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों को कैसे अलग कर सकते हैं?
(b) धातुओं एवं अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिताओं का आकलन कीजिए।
उत्तर:
(a) नीचे दिए गए चित्र के अनुरूप हम एक परिपथ बनाएँगे।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 1
यदि नमूने को विद्युत परिपथ में लगाने पर स्विच ऑन करने पर बल्ब जलता है, तो दिया गया नमूना एक धातु है।

(b) यह विधि धातु एवं अधातु की जाँच के लिए बहुत ही उपयोगी है, किन्तु ग्रेफाइट एक अपवाद है क्योंकि यह अधातु होते हुए भी विद्युत का चालक है।

प्रश्न 6.
उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं? दो उभयधर्मी ऑक्साइडों का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वे ऑक्साइड जो अम्ल तथा क्षार दोनों से अभिक्रिया कर लवण प्रदान करते हैं, उभयधर्मी ऑक्साइड कहलाते हैं। उदाहरण के लिए ऐलुमिनियम ऑक्साइड निम्नलिखित तरीके से अम्लों तथा क्षारों के साथ अभिक्रिया करता है
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 2
जिंक ऑक्साइड एक अन्य उभयधर्मी ऑक्साइड है।

प्रश्न 7.
दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगे तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं।
उत्तर:
हाइड्रोजन को विस्थापित करने वाली धातुएँ – मैग्नीशियम, जिंक हाइड्रोजन को विस्थापित नहीं कर सकने वाली धातुएँ – कॉपर, सोना।

प्रश्न 8.
किसी धातु M के विद्युत अपघटनी परिष्करण में आप ऐनोड, कैथोड एवं विद्युत अपघट्य किसे बनाएँगे?
उत्तर:
इस प्रक्रिया में अशुद्ध धातु को ऐनोड बनाया जाता है तथा शुद्ध धातु की एक पतली पट्टी को कैथोड बनाया जाता है। धात्विक लवण का उपयोग विद्युत अपघट्य के रूप में किया जाता है। उपकरणों को दिए गए चित्र के अनुसार व्यवस्थित किया जाता है। विद्युत अपघट्य से विद्युत प्रवाहित करने पर ऐनोड पर स्थित शुद्ध
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 3
ताँबे का विद्युत अपघटनी परिष्करण अम्लीकृत कॉपर सल्फेट का विलयन विद्युत अपघट्य है। अशुद्ध ताँबा ऐनोड है जबकि शुद्ध ताँबे की पट्टी कैथोड का कार्य करती है। विद्युत धारा प्रवाहित करने पर शुद्ध ताँबा कैथोड पर निक्षेपित हो जाता है।

धातु विद्युत अपघट्य में घुल जाता है। शुद्ध धातु की इतनी ही मात्रा कैथोड पर जमा हो जाती है। विलयशील अशुद्धियाँ विलयन में पहुँच जाती हैं जबकि अविलयशील अशुद्धियाँ ऐनोड के नीचे जम जाती हैं, जिन्हें ऐनोड पंक कहा जाता है।

प्रश्न 9.
प्रत्यूष ने सल्फर चूर्ण को स्पैचुला में लेकर उसे गर्म किया। चित्र के अनुसार एक परखनली को उल्टा करके उसने उत्सर्जित गैस को एकत्र किया।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 4
(a) गैस की क्रिया क्या होगी
(i) सूखे लिटमस पत्र पर?
(ii) आर्द्र लिटमस पत्र पर?

(b) ऊपर की अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
(a) (i) सूखे लिटमस पत्र पर कोई क्रिया नहीं होती।
(ii) यह गैस आर्द्र नीले लिटमस पत्र को लाल कर देती है।

(b) S + O2 → SO2

प्रश्न 10.
लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके बताइए।
उत्तर:

  1. यशदलेपन – इस प्रक्रिया में लोहे की वस्तुओं के ऊपर जिंक की एक परत चढ़ाई जाती है।
  2. पेंटिंग – इस प्रक्रिया में लोहे की वस्तुओं पर पेंट किया जाता है।

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प्रश्न 11.
ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ कैसा ऑक्साइड बनाती हैं?
उत्तर:
क्षारीय तथा उभयधर्मी ऑक्साइड।

प्रश्न 12.
कारण बताइए-
(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अंदर संगृहीत किया जाता है।
(c) ऐलुमिनियम अत्यधिक अभिक्रियाशील धातु है। फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए किया जाता है।
(d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
उत्तर:
(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी बहुत कम अभिक्रियाशील हैं तथा संक्षारित भी नहीं होते। उनकी चमक भी तेज होती है। इन्हीं कारणों से इनका उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।

(b) सोडियम एवं पोटैशियम जैसी धातुएँ इतनी अभिक्रियाशील हैं कि खुले में रखने पर तत्काल आग पकड़ लेती हैं। अर्थात् उन्हें बचाने तथा आग लगने से रोकने के लिए उन्हें किरोसीन तेल के अंदर संगृहीत किया जाता है।

(c) ऐलुमिनियम संक्षारित नहीं होता, साथ ही यह ऊष्मा का सुचालक है।

(d) किसी धातु को उसके सल्फाइड और कार्बोनेट की अपेक्षा उसके ऑक्साइड से प्राप्त करना अधिक आसान है। इसलिए अपचयन से पहले धातु सल्फाइड एवं कार्बोनेट को धातु ऑक्साइड में बदल लेना चाहिए।

प्रश्न 13.
आपने ताँबे के मलीन बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ करते अवश्य देखा होगा। यह खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ करने में क्यों प्रभावी हैं?
उत्तर:
ताँबे के ऊपर आर्द्र वायु तथा CO2 के कारण कॉपर कार्बोनेट की एक हरी-सी परत बन जाती है, जो क्षारकीय प्रकृति की होती है। इसलिए जब इसे नींबू या इमली के रस से साफ करते हैं, तो इसमें मौजूद अम्ल क्षारक को उदासीन कर देता है और बर्तन साफ हो जाता है।
कॉपर कार्बोनेट + साइट्रिक अम्ल → कॉपर साइट्रेट + CO2 + H2O

प्रश्न 14.
रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद कीजिए।
उत्तर:
धातुओं एवं अधातुओं में निम्न प्रकार से विभेद किया जा सकता है-

धातु अधातु
1. धातुएँ क्षारकीय ऑक्साइड बनाती हैं। 1. अधातुएँ अम्लीय या उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं।
2. धातुएँ तनु HCl या तनु H2SO4 से अभिक्रिया कर H2 गैस मुक्त करती हैं, क्योंकि हाइड्रोजन को विस्थापित कर देती हैं। 2. अधातुएँ तनु HCl या तनु H2SO4 से अभिक्रिया नहीं करती हैं क्योंक हाइड्रोजन को विस्थापित नहीं करती हैं।
3. धातुएँ अपचायक होती हैं। 3. अधातुएँ उपचायक होती हैं।
4. धातुएँ इलेक्ट्रॉन त्यागकर धनात्मक आयन बनाती हैं। 4. अधातुएँ इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर ऋणात्मक आयन बनाती है।
5. धातुएँ जल (या भाप) से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देती हैं। 5. अधातुएँ जल से या भाप से अभिक्रिया नहीं करती हैं। अतः हाइड्रोजन को जल से विस्थापित नहीं करती हैं।
6. सभी धातुएँ H2 से संयोग कर हाइड्राइड नहीं बनाती हैं (केवल Na, K, Ca जैसे क्रियाशील तत्त्व बनाती हैं)। 6. सभी अधातुएँ H2 से संयोग कर हाइड्राइड बनाती हैं।

प्रश्न 15.
एक व्यक्ति प्रत्येक घर में सुनार बनकर जाता है। उसने पुराने एवं मलीन सोने के आभूषणों में पहले जैसी चमक पैदा करने का ढोंग रचाया। कोई संदेह किये बिना ही एक महिला अपने सोने के कंगन उसे देती है जिसे वह एक विशेष विलयन में डाल देता है। कंगन नए की तरह चमकने लगते हैं लेकिन उनका वजन अत्यन्त कम हो जाता है। वह महिला बहुत दुखी होती है तथा तर्क-वितर्क के पश्चात् उस व्यक्ति को झुकना पड़ता है। एक जासूस की तरह क्या आप उस विलयन की प्रकृति के बारे में बता सकते हैं?
उत्तर:
उस सुनार द्वारा ऐक्वारेजिया विलयन का उपयोग किया गया।

प्रश्न 16.
गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबे का उपयोग होता है परंतु इस्पात (लोहे की मिश्रधातु) का नहीं। इसका कारण बताइए।
उत्तर:
गर्म लोहा उबलते पानी से उत्पन्न भाप के साथ अभिक्रिया करता है, किंतु ताँबा जल के साथ अभिक्रिया नहीं करता है।

Jharkhand Board Class 10 Science धातु एवं अधातु InText Questions and Answers

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-45)

प्रश्न 1.
ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो-
(i) कमरे के ताप पर द्रव होती है।
(ii) चाकू से आसानी से काटा जा सकता है।
(iii) ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है।
(iv) ऊष्मा की कुचालक होती है।
उत्तर:
(i) मर्करी (Hg)।
(ii) सोडियम (Na) लीथियम (Li) और पोटैशियम (K)।
(iii) सिल्वर (Ag) तथा कॉपर (Cu)।
(iv) लेड (Pb) तथा मर्करी (Hg )।

प्रश्न 2.
आघातवर्ध्य तथा तन्य का अर्थ बताइए।
उत्तर:
कुछ धातुओं को पीटकर पतली चादर बनाया जा सकता है। इस गुणधर्म को आघातवर्ध्यता कहते हैं। सोना तथा चाँदी सबसे अधिक आघातवर्ध्य धातुएँ हैं। धातु के पतले तार के रूप में खींचने की क्षमता को तन्यता कहा जाता है। सोना सबसे अधिक तन्य धातु है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 51)

प्रश्न 1.
सोडियम को किरोसीन तेल में डुबो कर क्यों रखा जाता है?
उत्तर:
सोडियम सामान्य ताप पर भी नमी तथा ऑक्सीजन के साथ तेजी से अभिक्रिया करती है। किन्तु यह किरोसीन के साथ न तो कोई अभिक्रिया करती है और न ही इसमें घुलती है। अतः सोडियम को किरोसीन तेल में डुबो कर रखा जाता है।

प्रश्न 2.
इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए:
(i) भाप के साथ आयरन।
(ii) जल के साथ कैल्सियम तथा पोटैशियम।
उत्तर:
(i) 2Fe + 3H2O → Fe2O3 + 3H2

(ii) Ca + 2H2O → Ca(OH)2 + H2
2K + 2H2O → 2KOH + H2 + ऊष्मा

प्रश्न 3.
A, B, C एवं D चार धातुओं के नमूनों को लेकर एक-एक करके निम्न विलयन में डाला गया। इससे प्राप्त परिणाम को निम्न प्रकार से सारणीबद्ध किया गया है:

धातु आयरन (II) सल्फेट कॉपर (II) सल्फेट जिंक सल्फेट सिल्वर नाइट्रेट
A कोई अभिक्रिया नहीं विस्थापन
B विस्थापन कोई अभिक्रिया नहीं
C कोई अभिक्रिया नहीं कोई अभिक्रिया नहीं कोई अभिक्रिया नहीं विस्थापन
D कोई अभिक्रिया नहीं कोई अभिक्रिया नहीं कोई अभिक्रिया नहीं कोई अभिक्रिया नहीं

इस सारणी का उपयोग कर धातु A, B, C एवं D के सम्बन्ध में निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(i) सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु कौन-सी है?
(ii) धातु B को कॉपर (II) सल्फेट के विलयन में डाला जाए तो क्या होगा?
(iii) धातु A, B, C एवं D को अभिक्रियाशीलता के घटते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
(i) धातु B सर्वाधिक अभिक्रियाशील धातु है।
(ii) विस्थापन अभिक्रिया घटित होगी।
(iii) धातु B > धातु A धातु C धातु D

प्रश्न 4.
अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो कौन-सी गैस निकलती है? आयरन के साथ तनु H2SO4 की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
धातु के लवण के साथ हाइड्रोजन गैस निकलती है।
Fe + H2SO4 → FeSO4 + H2

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 5.
जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से क्या होता है? इसकी रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
जिंक आयरन (II) सल्फेट विलयन से आयरन को विस्थापित कर देता है।
Zn + FeSO4 → ZnSO4 + Fe

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 54)

प्रश्न 1.
(i) सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम के लिए इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना लिखिए।
(ii) इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण के द्वारा Na20 एवं MgO का निर्माण दर्शाइए।
(iii) इन यौगिकों में कौन-से आयन उपस्थित हैं?
उत्तर:
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(iii) Na2O यौगिक में उपस्थित आयन-धन आयन (Na+) तथा ऋण आयन (O2-)।
MgO में उपस्थित आयन-धन आयन (Mg2+) तथा ऋण आयन (O2-)।

प्रश्न 2.
आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है?
उत्तर:
आयनिक यौगिक ठोस एवं कठोर होते हैं। ऐसा आयनों के बीच मजबूत अन्तर- आयनिक आकर्षण बल के कारण होता है। इस आकर्षण बल को कम करने के लिए अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च होता है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 59)

प्रश्न 1.
निम्न पदों की परिभाषा दीजिए- (1) खनिज, (2) अयस्क, (3) गैंग.
उत्तर:

  1. खनिज – वे तत्त्व या यौगिक जो भू-पर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं, उन्हें खनिज कहते हैं।
  2. अयस्क-कुछ स्थानों पर खनिजों में कई विशेष धातुएँ अत्यधिक मात्रा में होती हैं जिन्हें आसानी से निकाला जा सकता है। इन खनिजों को अयस्क कहते हैं।
  3. गैंग – पृथ्वी से प्राप्त खनिज अयस्कों में मिट्टी, रेत, आदि जैसी कई अशुद्धियाँ होती हैं जिन्हें गैंग कहा जाता है।

प्रश्न 2.
दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं।
उत्तर:
सोना एवं प्लैटिनम।

प्रश्न 3.
धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
कार्बन द्वारा अपचयन की प्रक्रिया।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 61)

प्रश्न 1.
जिंक, मैग्नीशियम एवं कॉपर के धात्विक ऑक्साइडों को निम्न धातुओं के साथ गर्म किया गया-

धातु जिंक मैग्नीशियम कॉपर
जिंक ऑक्साइड
मैग्नीशियम ऑक्साइड
कॉपर ऑक्साइड

किस स्थिति में विस्थापन अभिक्रिया घटित होगी?
उत्तर:
(i) जब जिंक ऑक्साइड को मैग्नीशियम के साथ गर्म किया जाता है तो जिंक ऑक्साइड मैग्नीशियम के साथ द्विविस्थापन अभिक्रिया करके निम्न प्रकार से उत्पाद बनाएगा-
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 6

(ii) और (iii) जब मैग्नीशियम ऑक्साइड और कॉपर ऑक्साइड को जिंक के साथ गर्म किया जाता है तो कोई भी अभिक्रिया उत्पन्न नहीं होती है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 7

प्रश्न 2.
कौन सी धातु आसानी से संक्षारित नहीं होती है?
उत्तर:
सोना, चाँदी और कॉपर आदि धातुएँ आसानी से संक्षारित नहीं होतीं।

प्रश्न 3.
मिश्रधातु क्या होते हैं?
उत्तर:
दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैं। इसे तैयार करने के लिए पहले मूल धातु को गलित किया है और फिर दूसरे तत्त्वों को एक निश्चित अनुपात में इसमें विलीन किया जाता है। फिर इसे कमरे के तापमान पर ठंडा किया जाता है।

क्रिया-कलाप – 3.1

प्रश्न 1.
आयरन, कॉपर, ऐलुमिनियम और मैग्नीशियम के नमूने लीजिए। प्रत्येक नमूना कैसा दिखाई देता है उस पर ध्यान दीजिए।
उत्तर:
आयरन, कॉपर, ऐलुमिनियम और मैग्नीशियम के नमूने हल्के चमकदार दिखाई देते हैं।

प्रश्न 2.
रेगमाल से रगड़कर प्रत्येक नमूने की सतह को साफ करके उसके स्वरूप पर फिर से ध्यान दीजिए।
उत्तर:
रेगमाल से रगड़ने पर प्रत्येक नमूने की सतह को साफ करने पर इन नमूनों की चमक बढ़ जाती है। धातु के इस गुणधर्म को धात्विक चमक कहते हैं।

क्रिया-कलाप – 3.2

प्रश्न 1.
आयरन, कॉपर, ऐलुमिनियम तथा मैग्नीशियम धातुओं को तेज धार वाले चाकू से काटने का प्रयास करें तथा अपने प्रेक्षणों को दर्ज करें।
उत्तर:
ये धातुएँ काटने में बहुत कठोर हैं।

प्रश्न 2.
सोडियम को चाकू से काटिए। आपने क्या देखा?
उत्तर:
सोडियम को चाकू की सहायता से आसानी से काटा जा सकता है।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

क्रिया-कलाप – 3.3

  • आयरन, जिंक, लेड तथा कॉपर के टुकड़े लीजिए।
  • किसी एक धातु को लोहे के ब्लॉक (खंड) पर रखकर चार-पाँच बार हथौड़े से प्रहार कीजिए। आपने क्या देखा?
  • अन्य धातुओं के साथ भी यही क्रिया कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
इन धातुओं के आकार में हुए परिवर्तन को लिखिए।
उत्तर:
ये धातुएँ पीटने पर पतली चादर में बदल जाती हैं।

क्रिया-कलाप – 3.4
(i) अधातुओं की सूची बनाइए जिसके तार आप अपने दैनिक जीवन में देखते हैं।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
इनमें कौन-सी धातुएँ तार के रूप में भी उपलब्ध हैं?
उत्तर:
आयरन, कॉपर, ऐलुमिनियम तार के रूप में भी उपलब्ध हैं।

क्रिया-कलाप – 3.5

  • ऐलुमिनियम या कॉपर का तार लीजिए। क्लैंप की मदद से इस तार को स्टैंड से कंस दीजिए जैसा चित्र में दिखाया गया है।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 8
  • तार के खुले सिर पर मोम का उपयोग कर एक पिन चिपका दीजिए।
  • स्पिरिट लैंप, मोमबत्ती या बर्नर से क्लैंप के निकट तार को गर्म कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
थोड़ी देर बाद आप क्या देखते हैं?
उत्तर:
मोम पिघल जाता है तथा सारे पिन नीचे गिर जाती हैं।

प्रश्न 2.
क्या धातु का तार द्रवित होता है?
उत्तर:
धातु का तार द्रवित नहीं होता है।

क्रिया-कलाप – 3.6

  • चित्र की तरह एक विद्युत सर्किट (परिपथ) तैयार कीजिए।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 9
  • जिस धातु की जाँच करनी है उसे परिपथ में टर्मिनल (A) तथा टर्मिनल (B) के बीच उसी प्रकार रखिए जैसा चित्र में दिखाया गया है।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्या बल्ब जलता है? इससे क्या पता चलता है?
उत्तर:
हाँ, बल्ब जलता है। इससे यह पता चलता है कि धातुएँ विद्युत की सुचालक होती हैं।

क्रिया-कलाप – 3.7

  • कार्बन (कोल या ग्रेफाइट), सल्फर तथा आयोडीन के नमूने एकत्र कीजिए।
  • इन अधातुओं से 3.1 से 3.6 तक के क्रिया-कलापों को दोहराइए तथा अपने प्रेक्षणों को लिखिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
धातुओं एवं अधातुओं से सम्बन्धित अपने प्रेक्षणों को सारणी 3.1 में संकलित कीजिए।
उत्तर:
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 10

क्रिया-कलाप – 3.8

  • मैग्नीशियम की एक पट्टी तथा थोड़ा सल्फर चूर्ण लीजिए।
  • मैग्नीशियम की पट्टी का दहन कीजिए। उसकी राख को इकट्ठा करके उसे पानी में घोल दीजिए।
  • लाल तथा नीले लिटमस पेपर से प्राप्त विलयन की जाँच कीजिए।
  • अब सल्फर के चूर्ण का दहन कीजिए। दहन से उत्पन्न धुएँ को एकत्र करने के लिए उसके ऊपर एक परखनली रख दीजिए।
  • इस परखनली में जल डालकर उसे अच्छी तरह मिला दीजिए।
  • नीले तथा लाल लिटमस पेपर से इस विलयन की जाँच कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
मैग्नीशियम के दहन से जो उत्पाद मिला है वह अम्लीय है या क्षारकीय?
उत्तर:
क्षारकीय।

प्रश्न 2.
सल्फर के दहन से उत्पन्न पदार्थ अम्लीय है या क्षारकीय।
उत्तर:
सल्फर के दहन से उत्पन्न पदार्थ अम्लीय है।

प्रश्न 3.
क्या आप इन अभिक्रियाओं के समीकरण लिख सकते हैं?
उत्तर:

  1. 2Mg + O2 → 2MgO
  2. S + O2 → SO2
  3. MgO + H2O → 1 Mg (OH) 2
  4. SO2 + H2O → H2SO3 सल्फ्यूरस अम्ल (एक अम्ल)

क्रिया-कलाप – 3.9

  • एकत्र की गई किसी धातु को चिमटे से पकड़कर ज्वाला पर उसका दहन कीजिए।
  • अन्य धातुओं के साथ भी यही क्रिया दोहराइए।
  • इससे उत्पन्न पदार्थ को एकत्र कीजिए।
  • उत्पाद तथा धातु की सतह को ठंडा होने दीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
किस धातु का दहन आसानी से होता है?
उत्तर:
सोडियम (Na) तथा मैग्नीशियम (Mg) का।

प्रश्न 2.
जब धातु का दहन हो रहा था, तो ज्वाला का रंग क्या था?
उत्तर:
Mg के दहन पर चमकदार श्वेत (सफेद) ज्वाला तथा Na के दहन पर पीले रंग की ज्वाला निकल रही थी।

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प्रश्न 3.
दहन के पश्चात् धातु की सतह कैसी प्रतीत होती है?
उत्तर:
चाँदी की तरह श्वेत।

प्रश्न 4.
धातुओं को ऑक्सीजन के साथ अभि-क्रियाशीलता के आधार पर घटते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
Na > Mg > Al > Zn > Fe > Pb > Cu.

प्रश्न 5.
क्या इनके उत्पाद जल में घुलनशील हैं?
उत्तर:
Mg, Al, Cu Fe Pb और Zn के उत्पाद घुलनशील नहीं हैं जबकि सोडियम के उत्पाद घुलनशील हैं।

क्रिया-कलाप – 3.10

  • क्रिया-कलाप 3.9 की तरह समान धातुओं के नमूने एकत्र दीजिए।
  • ठंडे जल से आधे भरे बीकर में नमूने के छोटे टुकड़ों को अलग-अलग डालिए।
  • जो धातुएँ ठंडे जल के साथ अभिक्रिया नहीं करती हैं उन्हें ऐसे बीकरों में डालिए जो गर्म जल से आधे भरे हुए हों।
  • जो धातुएँ गर्म जल के साथ अभिक्रिया नहीं करती उसके लिए चित्र की तरह उपकरण व्यवस्थित कीजिए तथा भाप के साथ उसकी अभिक्रिया को प्रेक्षित कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कौन-सी धातु ठंडे जल से अभिक्रिया करती है? ठंडे पानी के साथ अभिक्रियाशीलता के आधार पर उन्हें आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
सोडियम, पोटैशियम तथा कैल्सियम जल के साथ अभिक्रिया करते हैं। उनकी अभिक्रियाशीलता का आरोही क्रम निम्न है-
कैल्सियम < पोटैशियम < सोडियम

प्रश्न 2.
क्या कोई धातु जल में आग उत्पन्न करती है?
उत्तर:
हाँ, सोडियम एवं पोटैशियम।

प्रश्न 3.
क्या कोई धातु थोड़ी देर बाद जल में तैरने लगती है?
उत्तर:
हाँ, कैल्सियम तथा मैग्नीशियम।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 11

प्रश्न 4.
कौन-सी धातुएँ भाप के साथ भी अभिक्रिया नहीं करती हैं?
उत्तर:
सीसा, कॉपर, चाँदी तथा सोना।

प्रश्न 5.
जल के साथ अभिक्रियाशीलता के आधार पर धातुओं को अवरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
सोडियम > पोटैशियम > कैल्सियम > मैग्नीशियम > ऐलुमिनियम लोहा सीसा > कॉपर > चाँदी > पारा।

क्रिया-कलाप – 3.11

  • सोडियम तथा पोटैशियम के अतिरिक्त बाकी सभी धातुओं के नमूने एकत्र कीजिए। यदि नमूने मलीन हैं तो रेगमाल से रगड़कर उन्हें साफ कर लीजिए।
  • सावधानी – सोडियम तथा पोटैशियम को नहीं लीजिए क्योंकि वे ठंडे जल के साथ भी तेजी से अभिक्रिया करते हैं।
  • नमूनों को अलग-अलग तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल युक्त परखनलियों में डालिए।
  • थर्मामीटर को परखनलियों में इस प्रकार लटका दें कि उसका बल्ब अम्ल में डूब जाए।
  • बुलबुले बनने की दर का सावधानीपूर्वक प्रेक्षण कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कौन-सी धातुएँ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ तेजी से अभिक्रिया करती हैं?
उत्तर:
मैग्नीशियम।

प्रश्न 2.
आपने किस धातु के साथ सबसे अधिक ताप रिकॉर्ड किया?
उत्तर:
मैग्नीशियम।

प्रश्न 3.
तनु अम्ल के साथ अभिक्रियाशीलता के आधार पर धातुओं को अवरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
Mg > Al > Zn > Fe.

क्रिया-कलाप – 3.12

  • कॉपर का एक स्वच्छ तार एवं आयरन की एक कील लीजिए।
  • कॉपर के तार को परखनली में रखे आयरन सल्फेट के विलयन तथा आयरन की कील को दूसरी परखनली में रखे कॉपर सल्फेट के विलयन में डाल दीजिए।
  • 20 मिनट के बाद अपने प्रेक्षणों को रिकॉर्ड कीजिए।
  • आपको किस परखनली में कोई अभिक्रिया हुई है, इसका पता चलता है?
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 12

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
किस परखनली में कोई अभिक्रिया हुई है?
उत्तर:
उस परखनली में जिसमें लोहे की कील को CuSO4 विलयन में डुबोया गया है।

प्रश्न 2.
किस आधार पर आप कह सकते हैं कि वास्तव में कोई अभिक्रिया हुई है?
उत्तर:
विलयन के रंग में परिवर्तन तथा कॉपर के जमा होने के आधारों पर हम कह सकते हैं कि कोई अभिक्रिया हुई है।

प्रश्न 3.
क्या आप अपने प्रेक्षणों को क्रिया-कलाप 3.9, 3.10 तथा 8.11 से कोई सम्बन्ध स्थापित कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, लोहा, कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

प्रश्न 4.
इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
Fe + CuSO4 → FeSO4 + Cu.

प्रश्न 5.
यह किस प्रकार की अभिक्रिया है?
उत्तर:
यह विस्थापन अभिक्रिया है।

क्रिया-कलाप – 3.13

  • विज्ञान की प्रयोगशाला से सोडियम क्लोराइड, पोटैशियम आयोडाइड, बेरियम क्लोराइड या किसी अन्य लवण का नमूना लीजिए।
  • धातु के स्पैचुला पर छोटी मात्रा में नमूने को लीजिए तथा इसे ज्वाला पर गर्म कीजिए। अन्य नमूनों के साथ भी यही क्रिया दोहराइए।
  • आप क्या देखते हैं? क्या ये नमूने ज्वाला को रंग प्रदान करते हैं? क्या यौगिक पिघलते हैं?
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 13
  • नमूने को जल, पेट्रोल एवं किरोसिन में घोलने का प्रयास कीजिए। क्या ये घुलनशील हैं?

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
इन लवणों की भौतिक अवस्था क्या है?
उत्तर:
इन लवणों की भौतिक अवस्था ठोस है।

प्रश्न 2.
चित्र की तरह एक परिपथ बनाइए और किसी एक लवण के विलयन में इलैक्ट्रोड डाल दीजिए। आप क्या देखते हैं? इसी प्रकार अन्य लवण नमूनों की भी जाँच कीजिए।
उत्तर:
बल्ब जलने लगता है। इससे यह प्रदर्शित होता है कि लवण का विलयन विद्युत का सुचालक है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 14

प्रश्न 3.
इन यौगिकों की प्रकृति के सम्बन्ध में आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं?
उत्तर:

  1. आयनिक यौगिक ठोस एवं कठोर होते हैं।
  2. आयनिक यौगिकों के द्रवणांक एवं क्वथनांक उच्च होते हैं।
  3. ये जल में विलयशील हैं किन्तु किरोसीन एवं पेट्रोल जैसे कार्बनिक विलायकों में अविलयशील हैं।
  4. ठोस अवस्था में आयनिक यौगिक विद्युत के सुचालक नहीं होते क्योंकि दृढ़ संरचना के कारण आयन गति नहीं कर पाते किंतु पिघली अवस्था में आयनिक यौगिक विद्युत के सुचालक होते हैं।

क्रिया-कलाप – 3.14
(i) तीन परखनली लीजिए एवं प्रत्येक में स्वच्छ लोहे की कीलें डाल दीजिए।

(ii) इन परखनलियों को A, B तथा C नाम दीजिए। परखनली A में थोड़ा जल डालकर एवं कॉर्क से बंद कर दीजिए।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 15
परखनली A में वायु एवं जल दोनों उपस्थित हैं। परखनली B में जल में विलीन वायु नहीं है। परखनली C में शुष्क वायु है।

(iii) परखनली B में उबलता हुआ आसवित जल डालकर उसमें 1 mL तेल मिलाइए एवं कॉर्क से बंद कर दीजिए। तेल जल पर तैरने लगेगा एवं वायु को जल में विलीन होने से रोक देगा।

(iv) परखनली C में थोड़ा निर्जल कैल्सियम क्लोराइड डालकर उसे कॉर्क से बंद कर दीजिए। निर्जल कैल्सियम क्लोराइड वायु की नमी को सोख लेगा। इन परखनलियों को कुछ दिन छोड़ने के बाद उनका प्रेक्षण कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

प्रश्न 1.
यदि किसी समलम्ब की समान्तर भुजाएँ a व b हैं तथा उनके बीच की लम्बवत दूरी h है तो उसके क्षेत्रफल का सूत्र होगा :
(A) 2h(\(\frac {a}{b}\))
(B) 2h(a + b) h
(C) a.b.h
(D) \(\frac {1}{2}\)(a + b)h.
हल :
विकल्प ‘D’ सही है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

प्रश्न 2.
किसी त्रिभुज का क्षेत्रफल उसकी भुजा और संगत शीर्षलम्ब के गुणन का होता है।
(A) दो गुना
(B) बराबर का
(C) एक तिहाई
(D) आधा
हल :
विकल्प ‘D’ सही है।

प्रश्न 3.
समान्तर चतुर्भुज का प्रत्येक विकर्ण उसको समान क्षेत्रफल वाले जिन दो प्रान्तों में विभाजित करता हैं, उनका आकार होता है :
(A) समचतुर्भुजाकार
(B) त्रिभुजाकार
(C) समान्तर चतुर्भुजाकार
(D) विषमबाहु चतुर्भुजाकार
हल :
विकल्प ‘B’ सही है।

प्रश्न 4.
एक त्रिभुज का आधार 6 सेमी और ऊँचाई 5 सेमी है, तो क्षेत्रफल होगा :
(A) 15 सेमी²
(B) 25 सेमी²
(C) 30 सेमी²
(D) 36 सेमी²
हल :
Δ का क्षेत्रफल = \(\frac {1}{2}\) × आधार × ऊँचाई
= \(\frac {1}{2}\) × 6 × 5 सेमी²
= 3 × 5 सेमी² = 15 सेमी²
सही विकल्प ‘A’ है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

प्रश्न 5.
एक समान्तर चतुर्भुज का आधार 5 सेमी और ऊंचाई 4 सेमी है, तो क्षेत्रफल होगा :
(A) 10 वर्ग सेमी
(B) 20 वर्ग सेमी
(C) 18 वर्ग सेमी
(D) 40 वर्ग सेमी।
हल :
समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल आधार × ऊंचाई
= 5 × 4 सेमी² = 20 सेमी²
सही विकल्प ‘B’ है।

प्रश्न 6.
एक समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुज क्षेत्रफल में समान हैं और एक ही आधार पर स्थित हैं। यदि समान्तर चतुर्भुज की ऊंचाई 2 सेमी हो, तो त्रिभुज की ऊँचाई है:
(A) 4 सेमी
(B) 1 सेमी
(C) 2 सेमी
(D) 3 सेमी।
हल :
Δ का क्षेत्रफल = समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल (दिया है)
\(\frac {1}{2}\) × आ. × ॐ. = आ. × स. च. की ऊँचाई
∴ त्रिभुज की ऊँ. = 2 × स. च. की ऊँचाई
= 2 × 2 = 4 सेमी
अतः विकल्प ‘A’ सही है।

प्रश्न 7.
ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है, जिसमें AB = 10 सेमी है। AB और AD भुजाओं के शीर्षलम्ब 7 सेमी व 8 सेमी है। AD की लम्बाई है:
(A) 8.75 सेमी
(B) 8.25 सेमी
(C) 7.75 सेमी
(D) 9 सेमी
हल :
समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार × संगत शीर्षलम्ब
पुन:
= AB × DM
= 10 × 7 = 70 सेमी² …….(i)
ar (|| ABCD) = AD × BN
= AD × 8 …….(ii)
(i) और (ii) से
AD × 8 = 70
AD = \(\frac {70}{8}\) = 8.75 सेमी
अतः विकल्प ‘A’ सही है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

प्रश्न 8.
चित्र में ABCD का क्षेत्रफल होगा :
(A) 12 सेमी²
(B) 8 सेमी²
(C) 10 सेमी²
(D) 9 सेमी²
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 1
हल :
☐ABCD का क्षेत्रफल
= ar (ΔABC) + ar (ΔADC)
= \(\frac {1}{2}\) × 4 × 3 + \(\frac {1}{2}\) × 4 × 2
= 6 + 4 = 10 सेमी²
अतः विकल्प ‘C’ सही है।

प्रश्न 9.
एक समान्तर चतुर्भुज की दो क्रमागत लम्बाई 15 सेमी तथा 12 सेमी है। यदि 15 सेमी भुजाकी भुजाओं की भुजाओं के दूरी 6 सेमी हो तो 12 सेमी भुजाओं की दूरी होगी :
(A) 8 सेमी
(B) 7.5 सेमी
(C) 12 सेमी
(D) 6 सेमी.
हल :
समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार × संगत शीर्ष लम्ब
= 15 × 6 = 90 सेमी²
पुनः माना 12 सेमी भुजाओं के मध्य की दूरी = x
∴ 12 × x = 90
x = \(\frac {90}{12}\) = 7.5 सेमी
अतः विकल्प ‘B’ सही है।

प्रश्न 10.
यदि किसी Δ की तीनों भुजाएँ क्रमशः a, b तथा c हैं तो उसकी अर्द्धमाप होगी :
(A) abc
(B) \(\frac {a + b + c}{2}\)
(C) \(\frac {abc}{2}\)
(D) a + b + c
हल :
त्रिभुज का परिमाप = a + b + c
त्रिभुज का अर्द्धमाप = \(\frac {a + b + c}{2}\)
अतः विकल्प ‘B’ सही है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

11. रिक्त स्थानों की पूर्ति करो :

प्रश्न (i)
त्रिभुज का क्षेत्रफल समान्तर चतुर्भुज के क्षेत्रफल का ………………. कल होता है।
हल :
आधा

प्रश्न (ii)
किसी आकृति का तलीय क्षेत्र का परिमाण या माप उस आकृति का ………. कहलाता है।
हल :
क्षेत्रफल ।

प्रश्न (iii)
एक ही आधार और बराबर क्षेत्रफल वाले त्रिभुज समान ………… के बीच स्थित होते हैं।
हल :
समान्तर रेखाओं ।

प्रश्न (iv)
त्रिभुज की माध्यिका, त्रिभुज को ………………………. वाले दो त्रिभुजों में विभाजित करती है।
हल :
बराबर क्षेत्रफल ।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

प्रश्न (v)
समातर चतुर्भुज की कोई भी भुजा इसका ……………….. हो सकती है।
हल :
आधार।

प्रश्न (vi)
4 सेमी भुजा वाले वर्ग का क्षेत्रफल ………………….. भुजाओं वाले आयत के क्षेत्रफल के बराबर होता है।
हल :
8 सेमी तथा 2 सेमी।

प्रश्न (vii)
किसी समबाहु त्रिभुज की भुजाओं के मध्य-बिन्दुओं को मिलाने से बने त्रिभुज का क्षेत्रफल मूल त्रिभुज के क्षेत्रफल का …………. होता है।
हल :
एक चौथाई।

प्रश्न (viii)
ऐसी आकृति जिसकी चारों भुजाएँ तो बराबर होती हैं किन्तु कोण नहीं ………………… कहलाता है।
हल :
समचतुर्भुज ।

प्रश्न (ix)
किसी समकोण त्रिभुज का परिगत केन्द्र, उसके …………… भुजा पर स्थित होता है।
हल :
कर्ण।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

प्रश्न (x)
समान आधार तथा समान समान्तर रेखाओं के मध्य बने समचतुर्भुज तथा आयत के क्षेत्रफलों में आयत का क्षेत्रफल ………………….. होता है।
हल :
कम।

प्रश्न 12.
सिद्ध करो कि यदि एक त्रिभुज और एक समान्तर चतुर्भुज, एक ही आधार पर और उन्हीं दो समान्तर रेखाओं के बीच में हों, तो त्रिभुज का क्षेत्रफल, समान्तर चतुर्भुज के क्षेत्रफल का आधा होता है।
हल :
दिया है ΔVAB और ||gm ABCD, इस प्रकार हैं कि V, D और C संरेख हैं।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 2
सिद्ध करना है : ar (ΔVAB) = \(\frac {1}{2}\)ar (||gm ABCD).
रचना : CL ⊥ AB खींचा जो बढ़ी हुई रेखा AB के बिन्दु L पर मिलती है, और VM ⊥ AB, जो रेखा AB को M बिन्दु पर मिलती है।
उपपत्ति : V, D और C संरेख हैं और DC || AB,
∴ VM = CL, …….(1)
(समान्तर रेखाओं के बीच की दूरी )
अब ar (ΔVAB) = \(\frac {1}{2}\)VM × AB …….. (2)
ar (||gm ABCD) = CL × AB ………..(3)
समीकरण (2) से,
ar (ΔVAB) = \(\frac {1}{2}\) × VM × AB
ar (ΔVAB) = \(\frac {1}{2}\) × CL × AB …………(4) [∵ VM = CL]
समीकरण (3) एवं (4) से,
ar (ΔVAB) = \(\frac {1}{2}\)ar (||gm ABCD).
इति सिद्धम् ।

प्रश्न 13.
सिद्ध करो कि समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल, उसकी समान्तर भुजाओं के मध्य लम्बवत दूरी और समान्तर भुजाओं के योगफल के गुणनफल का आधा होता है।
हल :
दिया है समलम्ब चतुर्भुज ABCD, जिसमें AB || CD
AL ⊥ DC और CN ⊥ AB है।
AB = a, DC = b, AL = CN = h (माना)
सिद्ध करना है :
ar (समलम्ब चतुर्भुज ABCD) = \(\frac {1}{2}\)h × (a + b).
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 3
रचना : A और C को मिलाया।
उपपत्ति : AC, चतुर्भुज ABCD का विकर्ण है।
∴ ar (समलम्ब चतुर्भुज ABCD)
= ar (ΔABC) + ar (ΔACD)
अब, ar (ΔABC) = \(\frac {1}{2}\)h × a …….(i)
ar (ΔACD) = \(\frac {1}{2}\)h × b ………….(ii)
समीकरण (i) और (ii) को जोड़ने पर,
∵ ar (ΔABC) + ar (ΔACD)
= \(\frac {1}{2}\)h × a + \(\frac {1}{2}\)h × b
= \(\frac {1}{2}\)h × (a + b)
इति सिद्धम् ।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

प्रश्न 14.
एक समबाहु त्रिभुज के शीर्षलम्ब की लम्बाई और क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसकी भुजा की लम्बाई a है।
हल :
एक समबाहु त्रिभुज जिसकी भुजा की लम्बाई a है।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 4
अतः
AB = BC = CA = a
त्रिभुज का शीर्षलम्ब AD है।
BD = \(\frac {1}{2}\)BC
[समबाहु Δ में प्रत्येक शीर्षलम्ब सम्मुख भुजा को समद्विभाजित करता है।]
∴ BD = \(\frac {1}{2}\) × a = \(\frac {a}{2}\)
ΔABD में, ∠D समकोण है, अत: पाइथागोरस प्रमेय से,
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 5

प्रश्न 15.
चित्र में यदि ΔABC एवं ΔDBC एक ही आधार BC पर स्थित हैं, तो सिद्ध कीजिए कि
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हल :
दिया है ΔABC और ΔDBC का आधार BC है।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 7
रचना : A तथा D से AL ⊥ BC तथा DM ⊥ BC डालें।
ΔALO और ΔDMO में,
∠ALO = ∠DMO (प्रत्येक 90°)
∠AOL = ∠DOM (शीर्षाभिमुख कोण)
ΔALO ~ ΔDMO (AAA नियम)
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JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

प्रश्न 16.
सिद्ध कीजिए कि दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफल संगत माध्यिकाओं के वर्गों के अनुपात में होते हैं।
हल :
दिया है : समरूप त्रिभुज ABC और DEF में AP और DQ माध्यिकाएँ हैं।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 9
उपपत्ति: हम जानते हैं कि दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात उनकी संगत भुजाओं के वर्गों के अनुपात के समान होता है (मूलभूत समानुपातिक प्रमेय)
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 10

प्रश्न 17.
दो त्रिभुज के आधार क्रमशः 8 सेमी व 6 सेमी हैं। यदि उनकी ऊंचाई क्रमशः 6 सेमी व 8 सेमी हो, तो उनके क्षेत्रफल का अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल :
पहले त्रिभुज का क्षेत्रफल = \(\frac {1}{2}\)आधार × ऊँचाई
= \(\frac {1}{2}\) × 8 × 6
= 24 वर्ग सेमी
दूसरे त्रिभुज का क्षेत्रफल = \(\frac {1}{2}\) × 6 × 8
= 24 वर्ग सेमी
अतः अनुपात = पहले त्रिभुज का क्षेत्रफल / दूसरे त्रिभुज का क्षेत्रफल
= \(\frac{24}{24}=\frac{1}{1}\)
अतः दोनों त्रिभुजों के क्षेत्रफल का अनुपात = 1 : 1

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

प्रश्न 18.
दो त्रिभुज एक ही आधार पर एवं समान समान्तर रेखाओं के बीच स्थित हैं। एक त्रिभुज की ऊंचाई 5 सेमी तथा क्षेत्रफल 18 वर्ग सेमी. है। दूसरे त्रिभुज की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
दो त्रिभुज ABC तथा त्रिभुज DBC एक ही आधार BC पर तथा एक ही समान्तर रेखाओं BR तथा PQ के मध्य स्थित हैं। अतः दोनों त्रिभुजों का क्षेत्रफल समान होगा।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 11
अत: त्रिभुज ABC का क्षे. = \(\frac {1}{2}\) × आधार × ऊँचाई
18 = \(\frac {1}{2}\) × आधार × 5
∴ आधार = \(\frac{2 \times 18}{5}=\frac{36}{5}\)
∴ आधार (y) = 7.2 सेमी
दूसरे त्रिभुज का क्षे. = \(\frac {1}{2}\) × आधार × ऊँचाई
18 = \(\frac {1}{2}\) × y × x
18 = \(\frac {1}{2}\) × 7.2 × x
∴ x = \(\frac{18 \times 2}{7.2}\)
= \(\frac{18 \times 20}{72}\) = 5
∴ दूसरे त्रिभुज DBC की ऊँचाई (x) = 5 सेमी
अतः ऊंचाई: = 5 सेमी।

प्रश्न 19.
एक समचतुर्भुज का एक विकर्ण दूसरे विकर्ण से दोगुना है। यदि उस समचतुर्भुज का क्षेत्रफल 80 वर्ग सेमी हो तो उसकी भुजा की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
हल :
माना, सम चतुर्भुज ABCD की प्रत्येक भुजा की लम्बाई = a सेमी
माना, समचतुर्भुज के एक विकर्ण की लम्बाई = x सेमी
समचतुर्भुज का क्षेत्रफल = \(\frac {1}{2}\) × (x × 2x)
= x2 वर्ग सेमी
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 12
चूंकि समचतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को समकोण पर समद्विभाजिक करते हैं। अतः ∠AOD एक समकोण त्रिभुज है, जिसका ΔAOD = 90°
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 13
अतः समचतुर्भुज की भुजा की लम्बाई = 10 सेमी

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

प्रश्न 20.
एक नहर की अनुप्रस्थ काट का आकार समलम्ब है। यदि नहर के ऊपरी सिरे की चौड़ाई 10 मी, तली की 6 मी तथा अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल 72 वर्ग मीटर हो तो उसकी गहराई ज्ञात कीजिए। समलम्ब की अन्य भुजाओं की लम्बाई भी बताइए।
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल - 14
हल :
माना अनुप्रस्थ काट की गहराई = d मीटर की दूरी = d मीटर समलम्ब ABCD का क्षेत्रफल = \(\frac {1}{2}\)(AB + BC) × d
72 = \(\frac {1}{2}\)(10 + 6) × d
72 × 2 = 16 d
d = \(\frac{72 \times 2}{16}\) = 9
नहर की गहराई = 9 मीटर
समलम्ब की अन्य दो भुजाएँ AD = BC
ΔAFD में, ∠AFD = 90°
AF = \(\frac{10-6}{2}\) = 2, DF = d = 9
AD = \(\sqrt{2^2+9^2}=\sqrt{4+81}=\sqrt{85}\)मीटर

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.3

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Exercise 3.3

प्रश्न 1.
निम्न रैखिक समीकरण युग्म को प्रतिस्थापन विधि से हल कीजिए :
(i) x + y = 14
x – y = 4
(ii) s – t = 3
\(\frac{s}{3}+\frac{t}{2}=6\)
(iii) 3x – y = 3
9x – 3y = 9
(iv) 0.2x + 0.3y = 1.3
0.4x + 0.5y = 2.3
(v) \(\sqrt{2}\)x + \(\sqrt{2}\)y = 0
\(\sqrt{2}\)x – \(\sqrt{8}\)y = 0
(vi) \(\frac{3 x}{2}-\frac{5 y}{3}=-2\)
\(\frac{x}{3}+\frac{y}{2}=\frac{13}{6}\)
हल:
(i) दिया गया रैखिक समीकरण युग्म
x + y = 14 …..(i)
x – y = 4 …..(ii)
समीकरण (i) से,
⇒ x = 14 – y
x का यह मान समीकरण (ii) में प्रतिस्थापित करने पर,
(14 – y) – y = 4
14 – y – y = 4.
-2y = 4 – 14
-2y = -10
∴ y = \(\frac{-10}{-2}\) = 5
y का मान समीकरण (i) में रखने पर,
x + 5 = 14
⇒ x = 14 – 5
∴ x = 9
अतः रैखिक समीकरण युग्म का हल x = 9 तथा y = 5
(ii) दिया गया रैखिक समीकरण युग्म
s – t = 3 …..(i)
\(\frac{s}{3}+\frac{t}{2}=6\)
समीकरण (i) से,
5 = 3 + t
s का यह मान समीकरण (ii) में प्रतिस्थापित करने पर
\(\frac{3+t}{3}+\frac{t}{2}=6\)
⇒ \(\frac{2(3+t)+3 t}{6}=6\)
⇒ \(\frac{6+2 t+3 t}{6}=6\)
⇒ 5t + 6 = 36
⇒ 5t = 36 – 6
⇒ 5t = 30
∴ t = \(\frac{30}{5}\) = 6
समीकरण (i) मैं का मान रखने पर,
s – 6 = 3
∴ s = 3 + 6 = 9
अंतः रैखिक समीकरण युग्म का हल s = 9 और t = 6

(iii) दिया गया रैखिक समीकरण युग्म
3x – y = 3 …..(i)
9x – 3y = 9 …..(ii)
समीकरण (i) से,
y = 3x – 3
y का यह मान समीकरण (ii) में प्रतिस्थापित करने पर,
9x – 3 (3x – 3) = 9
⇒ 9x – 9x + 9 = 9
⇒ 9 = 9
यह कथन x के सभी मानों के लिए सत्य है। फिर भी हम x का कोई विशेष मान हल के रूप में प्राप्त नहीं करते। इसलिए y का भी कोई मान प्राप्त नहीं कर सकते हैं।
इस प्रकार की स्थिति तभी पैदा होती है जब दोनों समीकरण एक जैसे हों।
अत: समीकरण (i) व (ii) के अपरिमित रूप से अनेक हल हैं।

(iv) दिया गया रैखिक समीकरण युग्म :
0.2x + 0.3y = 1.3 …..(i)
और 0.4x + 0.5y = 2.3 …..(ii)
समीकरण (i) से,
\(\frac{2}{10} x+\frac{3}{10} y=\frac{13}{10}\)
⇒ 2x + 3y = 13 …..(iii)
समीकरण (ii) से,
\(\frac{4}{10} x+\frac{5}{10} y=\frac{23}{10}\)
⇒ 4x + 5y = 23 ….(iv)
समीकरण (iii) से,
2x = 13 – 3y
x = \(\frac{13-3 y}{2}\)
x का यह मान समीकरण (iv) में प्रतिस्थापित करने पर,
\(\frac{13-3 y}{2}\) + 5y = 23
⇒ 2(13 – 3y) + 5y = 23
⇒ 26 – 6y + 5y = 23
⇒ – y =23 – 26 = -3
∴ y = 3
y का यह मान समीकरण (iii) में प्रतिस्थापित करने पर,
2x + 3 × 3 = 13
⇒ 2x + 9 = 13
⇒ 2x = 13 – 9
⇒ 2x = 4 ⇒ x = \(\frac{4}{2}\) = 2
अत: दिये गये रैखिक समीकरण युग्म का हल x = 2 और y = 3

(v) दिया गया रैखिक समीकरण युग्म
\(\sqrt{2}\)x + \(\sqrt{3}\)y =0 …..(i)
\(\sqrt{3}\)x – \(\sqrt{8}\)y = 0 ….. (ii)
समीकरण (i) से,
\(\sqrt{2}\)x = –\(\sqrt{3}\)y
⇒ x = \(\frac{-\sqrt{3}}{\sqrt{2}} y\) ….. (iii)
x का मान समीकरण (ii) में रखने पर,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.3 1
y का मान समीकरण (iii) में रखने पर,
∵ x = \(-\frac{\sqrt{3}}{\sqrt{2}} y\)
∴ x = \(-\frac{\sqrt{3}}{\sqrt{2}} \times 0=0\)
⇒ x = 0
अत: दिये गये रैखिक समीकरण युग्म का हल
x = 0 तथा y = 0

(vi) दिया गया रैखिक समीकरण युग्म
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.3 2
x का यह मान समीकरण (ii) में प्रतिस्थापित करने पर,
\(2\left[\frac{10 y-12}{9}\right]\) + 3y = 13
\(\frac{20 y-24}{9}\) + 3y = 13
\(\frac{20 y-24+27 y}{9}\) = 13
⇒ 20y – 24 + 27y = 13 × 9
⇒ 47y = 117 + 24
⇒ 47y = 141
∴ y = \(\frac{141}{47}\) = 3
समीकरण (i) मैं y = 3 रखने पर,
9x – 10 × 3 = – 12
9x – 30 = – 12
9x = – 12 + 30 = 18
x = \(\frac{18}{9}\) = 2
अतः दिए गये रैखिक समीकरण युग्म का हल x = 2 और y = 3 हैं।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.3

प्रश्न 2.
2x + 3y = 11 और 2x – 4y = -24 को हल कीजिए और इससे ‘m’ का वह मान ज्ञात कीजिए जिसके लिए y = mx + 3 हो।
हल:
दिया गया रैखिक समीकरण युग्म :
2x + 3y = 11 …..(i)
2x – 4y = -24 …..(ii)
समीकरण (i) से,
2x = 11 – 3y ⇒ x = \(\frac{11-3 y}{2}\) …..(iii)
x का यह मान समीकरण (ii) में प्रतिस्थापित करने पर,
\(2\left(\frac{11-3 y}{2}\right)\) – 4y = -24
⇒ 11 – 3y – 4y = -24
– 7y = – 24 – 11
– 7y = – 35
∴ y = \(\frac{-35}{-7}\) = 5
y का यह मान समीकरण (iii) में रखने पर,
x = \(\frac{11-3 \times 5}{2}\)
= \(\frac{11-15}{2}\)
= \(\frac{-4}{2}\) = -2
∴ x = -2
x और y के मान दिये गये समीकरण y = mx + 3 में रखने पर,
5 = m × -2 + 3
या 5 = -2m + 3
या 2m = 3 – 5
या 2m = – 2
या m = \(\frac{-2}{2}\)
∴ m = -1
अतः दिए गए रैखिक समीकरण का हल
x = -2, y = 5 और m = -1

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.3

प्रश्न 3.
निम्न समस्याओं में रैखिक समीकरण युग्म बनाइए और उनके हल प्रतिस्थापन विधि द्वारा ज्ञात कीजिए:
(i) दो संख्याओं का अन्तर 26 है और एक संख्या दूसरी संख्या की तीन गुनी है। उन्हें ज्ञात कीजिए।
(ii) दो संपूरक कोणों में बड़ा कोण छोटे कोण से 18° अधिक है। उन्हें ज्ञात कीजिए।
(iii) एक क्रिकेट टीम के कोच ने 7 बल्ले तथा 6 गेंदें ₹ 3,800 में खरीदीं। बाद में उसने 3 बल्ले तथा 5 गेंदें ₹ 1,750 में खरीदीं। प्रत्येक बल्ले और प्रत्येक गेंद का मूल्य ज्ञात कीजिए।
(iv) एक नगर में टैक्सी के भाड़े में एक नियत भाड़े के अतिरिक्त चली गई दूरी पर प्रति किमी के हिसाब से भाड़ा सम्मिलित किया जाता है। 10 किमी दूरी के लिए भाड़ा ₹ 105 है तथा 15 किमी के लिए भाड़ा ₹ 155 है। नियत भाड़ा तथा प्रति किमी भाड़ा क्या है? एक व्यक्ति को 25 किमी यात्रा करने के लिए कितना भाड़ा देना होगा ?
(v) यदि किसी भिन्न के अंश और हर दोनों में 2 जोड़ दिया जाए, तो वह \(\frac{9}{11}\) हो जाती है। यदि अंश और हर दोनों में 3 जोड़ दिया जाए, तो वह \(\frac{5}{6}\) हो जाती है। वह भिन्न ज्ञात कीजिए।
(vi) पाँच वर्ष बाद जैकब की आयु उसके पुत्र की आयु से तीन गुनी हो जाएगी। पाँच वर्ष पूर्व जैकब की आयु उसके पुत्र की आयु की सात गुनी थी उनकी वर्तमान आयु क्या है?
हल:
(i) माना एक संख्या x तथा दूसरी संख्या y है।
∵ एक संख्या दूसरी संख्या की 3 गुनी है।
⇒ x = 3y …..(i)
यहाँ x, y से बड़ा है।
दोनों संख्याओं का अन्तर 26 है।
∴ x – y = 26 …..(ii)
समीकरण (i) से x का मान समीकरण (ii) में प्रतिस्थापित करने पर,
3y – y = 26 ⇒ 2y = 26 ⇒ y = \(\frac{26}{2}\) ⇒ y = 13
समीकरणं (i) में y = 13 रखने पर,
x = 3 × 13 = 39
अत: अभीष्ट संख्याएँ x = 39 और y = 13

(ii) माना बड़ा कोण x° तथा छोटा कोण y° है।
कोण x° और y° एक-दूसरे के संपूरक हैं।
∴ x + y = 180° …..(i)
बड़ा कोण छोटे कोण से 18° अधिक है।
∴ x = y + 18° …..(ii)
समीकरण (ii) से x का मान समीकरण (i) में प्रतिस्थापित करने पर,
⇒ y + 18° + y = 180°
⇒ 2y +18° = 180°
⇒ 2y = 180° – 18° = 162°
∴ y = \(\frac{162}{2}\) = 81°
y का यह मान समीकरण (ii) में रखने पर,
x = 81° + 18° = 99°
अतः बड़ा कोण 99° और छोटा कोण 81° है।

(iii) माना एक बल्ले का मूल्य ₹ x तथा एक गेंद का मूल्य ₹ y है।
∴ 7 बल्लों का मूल्य = ₹ 7x
और 6 गेंदों का मूल्य = ₹ 6y
प्रश्नानुसार,
7x + 6y = 3800 …..(i)
पुनः 3 बल्लों का मूल्य = ₹ 3x
और 5 गेंदों का मूल्य = ₹ 5y
प्रश्नानुसार,
3x + 5y = 1750 …..(ii)
समीकरण (i) से,
7x = 3800 – 6y
⇒ x = \(\frac{3800-6 y}{7}\) …..(iii)
x का यह मान समीकरण (ii) में प्रतिस्थापित करने पर
\(3\left[\frac{3800-6 y}{7}\right]\) + 5y = 1750
⇒ \(\frac{11400-18 y+35 y}{7}\) = 1750
⇒ 11400 – 18y + 35y = 1750 × 7
⇒ 11400 + 17y = 12250
⇒ 17y = 12250 – 11400
⇒ 17y = 850
∴ y = \(\frac{850}{17}\) = 50
y का यह मान समीकरण (iii) में प्रतिस्थापित करने पर
x = \(\frac{3800-6 \times 50}{7}=\frac{3800-300}{7}\)
x = \(\frac{3500}{7}\)
∴ x = 500
अतः एक बल्ले का मूल्य = ₹ 500
और एक गेंद का मूल्य = ₹ 50

(iv) मान लीजिए टैक्सी का निश्चित किराया = ₹ x
और एक किमी यात्रा का किराया = ₹ y
पहली शर्त के अनुसार,
x + 10y = 105 …..(i)
दूसरी शर्त के अनुसार,
x + 15y = 155 …..(ii)
समीकरण (i) से,
x = 105 – 10y ….. (iii)
x का यह मान समीकरण (ii) में प्रतिस्थापित करने पर,
105 – 10y + 15y = 155
⇒ 5y = 155 – 105
⇒ 5y = 50
∴ y = \(\frac{50}{5}\) = 10
y का यह मान समीकरण (iii) में रखने पर,
x = 105 – 10 × 10
⇒ x = 105 – 100
∴ x = 5
अतः टैक्सी का निश्चित किराया = ₹ 5
और प्रति किमी यात्रा का किराया = ₹ 10
साथ ही 25 किमी यात्रा का किराया = x + 25y = 5 + 25 × 10
= 5 + 250
= 255 रुपये।

(v) माना भिन्न का अंश x तथा हर y है।
तब भिन्न = \(\frac{x}{y}\)
भिन्न के अंश व हर में 2 जोड़ने पर भिन्न \(\frac{x+2}{y+2}\) होगी।
प्रशनानुसार, \(\frac{x+2}{y+2}=\frac{9}{11}\)
⇒ 11(x + 2) = 9 (y + 2)
⇒ 11x + 22 = 9y + 18
⇒ 11x = 9y + 18 – 22
⇒ 11x = 9y – 4
⇒ x = \(\frac{(9 y-4)}{11}\) …..(i)
भिन्न के अंश व हर में 3 जोड़ने पर भिन्न \(\frac{x+3}{y+3}\) होगी।
प्रश्नानुसार, \(\frac{x+3}{y+3}=\frac{5}{6}\)
⇒ 6(x + 3 ) = 5(y + 3)
⇒ 6x + 18 = 5y + 15
⇒ 6x – 5y = 15 – 18
⇒ 6x – 5y = – 3 …..(ii)
समीकरण (i) से x का मान समीकरण (ii) में प्रतिस्थापित करने पर,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.3 3
⇒ – y – 24 = – 3 × 11
⇒ – y = – 33 + 24
⇒ -y = -9
⇒ y = 9.
y का मान समीकरण (i) में रखने पर,
⇒ \(\frac{9 \times 9-4}{11}\)
⇒ \(\frac{81-4}{11}=\frac{77}{11}\)
∴ x = 7
∴ रैखिक समीकरण युग्म का हल : x = 7, y = 9
अतः भिन्न = \(\frac{7}{9}\)

(vi) माना जैकब की वर्तमान आयु x वर्ष है।
और उसके पुत्र की वर्तमान आयु y वर्ष है।
5 वर्ष बाद जैकब की आयु = (x + 5) वर्ष तथा 5 बाद पुत्र की आयु = (y + 5) वर्ष
प्रश्नानुसार,
5 वर्ष के बाद जैकब की आयु = 3 × (5 वर्ष बाद उसक पुत्र की आयु)
x + 5 = 3 × (y + 5)
⇒ x + 5 = 3y + 15
⇒ x = 3y + 15 – 5
⇒ x = 3y + 10
5 वर्ष पूर्व जैकब की आयु (x – 5) वर्ष और 5 वर्ष पूर्व उसके पुत्र की आयु = (y – 5) वर्ष
प्रश्नानुसार,
5 वर्ष पूर्व जैकब की आयु = 7 × (5 वर्ष पूर्व उसके पुत्र की आयु)
x – 5 = 7 × (y – 5)
x – 5 = 7y – 35
x – 7y = -35 + 5
x – 7y = – 30 ….(ii)
समीकरण (i) से x का मान समीकरण (ii) में प्रतिस्थापित करने पर,
(3 y + 10) – 7y = 30
⇒ 3y + 10 – 7y = -30
⇒ – 4y = -30 – 10
⇒ – 4y = – 40
∴ y = \(\frac{-40}{-4}\) = 10
y का यह मान समीकरण (i) में प्रतिस्थापित करने पर,
x = 3 × 10 + 10
⇒ x = 30 + 10
∴ x = 40
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.3 4

JAC Class 10 Science Notes Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

→ प्राकृतिक संसाधन-प्राकृतिक रूप से प्राप्त वस्तुएँ जिनका उपयोग मानव द्वारा होता है, प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। जल, मृदा, वायु, खनिज, वन एवं वन्य पशु, सौर ऊर्जा आदि प्राकृतिक संसाधन हैं।

→ अनवीनीकृत संसाधन-वे संसाधन जिनमें पुनः स्थापना फी सहज क्षमता नहीं होती है। कोयला, पेट्रोलियम, लोहा, खनिज पदार्थ इसके अन्तर्गत आते हैं।

→ नवीनीकृत संसाधन-वे संसाधन जिनमें पुनःस्थापना की एक सहज क्षमता होती है। मृदा, जल, वन, वायु एवं वन्य जीव इसके अन्तर्गत आते हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

→ प्राकृतिक संसाधन का संरक्षण-प्राकृतिक संसाधनों का ऐसा सुनियोजित उपयोग जिसमें ये अनन्तकाल तक चलता रहे।

→ पुनः चक्रीकरण-इस प्रक्रिया से अनवीनीकरण संसाधनों को संरक्षित किया जा सकता है।

→ प्राकृतिक संसाधनों को दो वर्गों में रखा जा सकता है-

  • नवीनीकरण योग्य
  • अनवीनीकरण योग्य।

→ वन-सम्पदा का प्रबन्ध सभी पक्षों के हितों को ध्यान में रखकर करना चाहिए।

→ जीवाश्म ईंधन, जैसे कोयला एवं पेट्रोलियम, अंतत: समाप्त हो जायेंगे। इनकी मात्रा सीमित होती है और इनके दहन से पर्यावरण प्रदूषित होता है, अतः इन संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग की आवश्यकता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 15 हमारा पर्यावरण

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 15 हमारा पर्यावरण

→ पारिस्थितिक तंत्र-जीवित तथा अजीवित वातावरण की इस परस्पर निर्भरता को ही पारिस्थितिक तंत्र कहते हैं।

→ बायोम-कई पारिस्थितिक तंत्र मिलकर बायोम बनाते है।

→ जीवमण्डल-कई बायोम मिलकर जीवमण्डल बनाते है।

→ जलमण्डल-पृथ्वी का जो भाग जल से बना है।

→ स्थलमण्डल-पृथ्वी के स्थलीय सतह पर तथा सागर जल के अंदर भी मृदा एवं चट्टानें हैं। इस भाग को स्थलमण्डल कहते हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 15 हमारा पर्यावरण

→ पारिस्थितिक तंत्र के घटक-सभी पारिस्थितिक तंत्र दो घटकों से बने होते है-

  • अजैविक एवं
  • जैविक घटक।

→ अजैविक घटक-निर्जीव पदार्थों जैसे कार्बनिक पदार्थ, अकार्बनिक पदार्थ एवं जलवायुवीय से मिलकर बने हैं।

→ जैविक घटक-जैविक घटक के अन्तर्गत पौधे तथा जन्तु होते हैं।

→ उत्पादक-हरे पौधे (जो प्रकाश संश्लेषण करके अपना भोजन स्वयं बनाते हैं) को उत्पादक कहते हैं।

→ उपभोक्ता-ये वे जीव होते हैं जो हरे पौधों (उत्पादक) द्वारा एकत्रित भोजन का उपयोग करते हैं।

→ अपघटक-वे जीव जो मरे हुए उत्पादक्रों तथा उपभोक्ता को सड़ाकर उपयोग करते हुए साधारण भौतिक तत्त्वों में बदल देते हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 15 हमारा पर्यावरण

→ खाद्य-श्रृंखला-जीवों की वह शृंखला जो भोजन के आधार पर एक-दूसरे से सम्बन्धित रहते हैं खाद्य श्रृंखला कहलाती है।

→ खाद्य-जाल-विभिन्न खाद्य भृंखलाएँ आड़े-तिरछे जुड़कर खाद्य-जाल बनाते हैं।

→ जीवमण्डल में ऊर्जा स्थानान्तरण-

  • ऊर्जा एक रूप से दूसरे रूप में रूपांतरित हो जाती है।
  • आहार शृंखला में किसी पोषण रीति से अगली पोषण रीति तक ऊर्जा का निरंतर स्थानान्तरण होता रहता है।
  • प्रत्येक स्थानांतरण में ऊर्जा की हानि होती है।

→ भू-रसायन चक्र-पदार्थों के चक्रीकरण को भू-रसायन चक्र कहते हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 15 हमारा पर्यावरण

→ विभिन्न चक्र-

  • जल चक्र
  • नाइट्रोजन चक्र
  • कार्बन चक्र
  • ऑक्सीजन चक्र।

→ जीवमण्डल में ऊर्जा प्रवाह-जीवमण्डल में ऊर्जा का प्रवाह सदैव एक दिशा में होता है।

→ ऊर्जा स्थानान्तरण का नियम-खाद्य- शृंखला में पोषण स्तरों पर ऊर्जा स्थानान्तरण 10% होता है। इसे 10% नियम कहते हैं।

→ आदर्श चक्र-नाइट्रोजन चक्र को आदर्श चक्र माना गया।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 15 हमारा पर्यावरण

→ असूक्ष्म पोषक तत्त्व- H, N, O, C, P तथा K जैसे पोषक तत्त्वों की जैव जीवों को अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है, इन्हें असूक्ष्म तत्च कहते हैं।

→ ओजोन परत-

  • वायुमण्डल की ऊपरी सतह पर उपस्थित ओजोन, सूर्य से आने वाले पराबैंगनी विकिरण से पृथ्वी को सुरक्षा प्रदान करती है।
  • 1980 से ओजोन परत का तीव्रता से क्षय हो रहा है।
  • क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFCs) जैसे रसायनों को इसका मुख्य कारक माना जाता है।

→ हमारे द्वारा उत्पादित कचरे का निपटान एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत

Students must go through these JAC Class 10 Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत to get a clear insight into all the important concepts.

JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत

→ सूर्य – पृथ्वी के लिए ऊर्जा का सबसे अधिक प्रत्यक्ष एवं विशाल स्रोत सूर्य है। सूर्य ऊर्जा के सभी रूपों का आदि स्रोत है। इसका भार 1029 टन है तथा यह पृथ्वी से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर हैं।

→ सौर ऊर्जा सूर्य द्वारा विमोचित प्रकाश और ऊष्मीय ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते हैं। यह विद्युत चुम्बकीय तरंगें हैं।

→ सौर ऊर्जा का स्त्रोत- सूर्य की ऊर्जा का स्रोत इसके नाभिक में उपस्थित हाइड्रोजन नाभिकों का उच्च दाब व ताप (लगभग 107K) पर संलयित होकर हीलियम नाभिक का बनना है।

→ सूर्य प्रकाश का संघटन सूर्य का प्रकाश तीन प्रकार की विद्युत चुम्बकीय तरंगों से मिलकर बना है –

  • पराबैंगनी तरंगें
  • दृश्य प्रकाश तरंगें (बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी तथा लाल)
  • अवरक्त तरंगें।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत

→ सौर ऊर्जा का पृथ्वी द्वारा अवशोषण – पृथ्वी के वायुमण्डल की ऊपरी सतह का प्रत्येक वर्ग मीटर लगभग 136 जूल ऊर्जा प्रति सेकण्ड प्राप्त करता है, परन्तु इसका केवल 47% भाग ही पृथ्वी के धरातल पर पहुँचता है।

→ प्रकाश संश्लेषण- हरे पौधों द्वारा सौर ऊर्जा को ग्रहण कर संग्रह करने की यान्त्रिक प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण कहलाती है।

→ सौर तापन युक्तियाँ- सौर ऊर्जा का दोहन करने वाली युक्तियों को सौर ऊर्जा युक्तियाँ कहते हैं।

→ सोलर कुकर सौर ऊर्जा द्वारा खाना पकाने की युक्ति है।

→ सौर ऊष्मक-सौर ऊर्जा द्वारा पानी गर्म करने की युक्ति है।

→ परावर्तक- परावर्तक सौर ऊर्जा को इकट्ठा करके बक्से के अन्दर संकेन्द्रित करता है।

→ सोलर सेल – सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपान्तरित करने वाली युक्ति है।

→ पवन ऊर्जा बहती पवन की गतिज ऊर्जा को पवन ऊर्जा कहते हैं। इससे पवन चक्की चलाकर पवन ऊर्जा का उपयोग अनाज पीसने तथा जमीन से पानी निकालने में किया जाता है। इससे पाल नाव को भी जलाया जाता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत

→ जल ऊर्जा नदियों में बहते हुए जल की गतिज ऊर्जा एवं बाँधों में भण्डारित जल की स्थितिज ऊर्जा को जल ऊर्जा कहते हैं।

→ जल विद्युत बाँध बनाकर जल एकत्रित करके जल को ऊँचाई से टरबाइन पर गिराया जाता है जिससे टरबाइन जनरेटर को चलाकर विद्युत उत्पन्न की जाती है।

→ सागरीय तापीय ऊर्जा-म – महासागर की सतह के जल तथा गहराई के जल के ताप में अन्तर के कारण उपलब्ध ऊर्जा को ‘सागरीय तापीय ऊर्जा’ कहते हैं।

→ जैव द्रव्यमान ऊर्जा वनस्पतियों तथा जन्तुओं के शरीर में स्थित पदार्थों को जैव द्रव्यमान कहते हैं। यह ईंधन की तरह कार्य करता है।

→ ऊर्जा स्त्रोत- नवीकरणीय व अनवीकरणीय।

  • ऊर्जा के वे स्रोत जिन्हें हम बार-बार उपयोग में ला सकते हैं, जैसे- जल, पवन और सूर्य का प्रकाश आदि नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत कहलाते हैं।
  • ऊर्जा के वे स्रोत जिनका उपयोग बार-बार नहीं हो सकता, जैसे- कोयला, पेट्रोल और प्राकृतिक गैस आदि अनवीकरणीय स्रोत कहलाते हैं।

→ ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। इसको केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत

→ ऊर्जा स्रोतों का खत्म होना ऊर्जा संकट कहलाता है। जैसे – तेल और गैस के स्रोत कुछ ही वर्षों के लिए उपलब्ध हैं।

→ बायोगैस — बायोगैस का मुख्य अवयव मेथेन गैस (CH4) है।

→ बायोमास – सजीव वस्तुओं के मृत भाग व अपशिष्ट पदार्थ इसमें कूड़ा करकट, औद्योगिक अपशिष्ट, फसलों के अपशिष्ट व मल आदि सभी बायोमास के अवयव हैं।

→ सौर कुकर व सौर ऊष्मक – (Solar Cell and Solar Heater) – सौर कुकर व सौर ऊष्मक (Heater) ऐसी साधारण युक्तियाँ होती हैं जिनका उपयोग धूप में 5 से 7 घंटे की अवधि तक, सौर ऊर्जा को ऊष्मा के रूप में एकत्र करने के लिए किया जाता है। यह प्रयोगों द्वारा ज्ञात हो चुका है कि काला पृष्ठ, किसी श्वेत या चमकीले पृष्ठ की तुलना में अधिक ऊष्मा का अवशोषण करता है। काली सतहों का यह गुण सौर कुकर और सौर- ऊष्मक बनाने में प्रयुक्त किया जाता है।

→ ग्रीन हाउस प्रभाव – ग्रीन हाउस काँच से बना एक छोटा घर होता है, इसकी काँच की छत व दीवारें प्रकाश व ऊष्मा को भीतर तो जाने देती हैं लेकिन बाहर नहीं निकलने देती हैं। अतः ग्रीन हाउस के भीतर रखे पौधे बाहर की ठंड (सामान्यत: ठंडी जलवायु वाले स्थानों में) से बचे रहते हैं।

इसी प्रकार इस प्रभाव को ग्रीन हाउस प्रभाव कहते हैं। धूप में खड़ी बंद खिड़की वाली कार भी ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण अंदर से गर्म हो जाती है। वातावरण में वाहनों के धुएँ में निकली CO2 गैस (कार्बन डाइऑक्साइड) भी पृथ्वी से परावर्तित सूर्य के प्रकाश को ग्रहण करके (ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण) वातावरण का तापक्रम बढ़ा देती है।

→ नाभिकीय संलयन द्वारा सूर्य में ऊर्जा उत्पन्न होती है। 25. गामा किरणें उच्चभेदन क्षमता वाली विद्युत चुम्बकीय तरंगें हैं।

→ नाभिकीय रिएक्टर एक ऐसी युक्ति है, जिसमें नाभिकीय विखण्डन क्रिया करायी जाती है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 14 उर्जा के स्रोत

→ नाभिकीय विखण्डन क्रिया में ईंधन के रूप में यूरेनियम अथवा थोरियम तथा मंदक के रूप में भारी जल (D2O) प्रयोग होता है।

→ यूरेनियम के एक नाभिक के टूटने पर अन्य यूरेनियम के नाभिकों का श्रृंखलाबद्ध टूटना, श्रृंखला अभिक्रिया कहलाती है।

→ प्रकृति से प्राप्त होने वाले यूरेनियम के दो समस्थानिक \({ }_{92} \mathrm{U}^{235}\) तथा \({ }_{92} \mathrm{U}^{238}\) हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

→ चुम्बक – वह पदार्थ जो चुम्बकीय वस्तुओं (जैसे- लोहा, कोबाल्ट तथा निकिल ) को आकर्षित करता है, चुम्बक कहलाता है।

→ चुम्बक के गुण- चुम्बक में निम्नलिखित गुण पाये जाते

  • दिक्सूचक का गुण
  • ध्रुवों में परस्पर प्रतिकर्षण एवं आकर्षण का गुण
  • प्रेरक का गुण
  • चुम्बकीय पदार्थों को सदैव आकर्षित करने का गुण।

→ चुम्बक के ध्रुव – चुम्बक के सिरों के जिन बिन्दुओं पर आकर्षण शक्ति तथा चुम्बकत्व सबसे अधिक होता है, चुम्बक के ध्रुव कहलाते हैं। प्रत्येक चुम्बक के दो ध्रुव होते हैं-

  • उत्तरी ध्रुव
  • दक्षिणी ध्रुव।

→ चुम्बकीय प्रेरण- चुम्बक की उपस्थिति में किसी चुम्बकीय पदार्थ में चुम्बकत्व उत्पन्न होने की घटना को चुम्बकीय प्रेरण कहते हैं। चुम्बक के ध्रुव के पास वाले सिरे पर विजातीय ध्रुव तथा दूर वाले सिरे पर सजातीय ध्रुव बनता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

→ विद्युत चुम्बक जब किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो यह चुम्बक की भाँति व्यवहार करने लगता है। इसे विद्युत चुम्बक कहते हैं।

→ एकांक ध्रुव – एकांक ध्रुव वह ध्रुव है जो वायु या निर्वात में 1 मीटर की दूरी पर रखे समान ध्रुव को 10 7 न्यूटन बल से प्रतिकर्षित करता है।

→ चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता- चुम्बकीय क्षेत्र के किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता उस बिन्दु पर रखे एक काल्पनिक एकांक उत्तरी ध्रुव पर लगने वाले बल के बराबर होती है। जबकि यह मान लिया जाता है कि उस एकांक ध्रुव की उपस्थिति में मूल चुम्बकीय क्षेत्र में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

→ चुम्बकीय बल रेखा – चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय बल रेखा वह वक्र है जिस पर काल्पनिक स्वतन्त्र एकांक उत्तरीय ध्रुव गमन कर सकता है। दो बल रेखाएँ एक-दूसरे को कभी नहीं काटती हैं।

→ उदासीन बिन्दु – वे बिन्दु जहाँ किसी चुम्बक का चुम्बकीय क्षेत्र, पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक के बराबर व विपरीत होता है, उदासीन बिन्दु कहलाते हैं उदासीन बिन्दु पर कम्पास सूई रखने पर सूई किसी भी स्थिति में ठहर जाती है।

→ दिक्पात का कोण- किसी स्थान पर भौगोलिक याम्योत्तर और चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच का कोण उस स्थान का दिक्पात का कोण कहलाता है।

→ नमन कोण – किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की परिणामी तीव्रता क्षैतिज से जो कोण बनाती है उसे उस स्थान का नमन कोण (नति कोण) कहते हैं।

→ चुम्बकीय क्षेत्र का मान –

  • चालक में प्रवाहित धारा के मान पर
  • चालक से बिंदु की दूरी पर
  • कुण्डली के लपेटों (फेरों) की संख्या पर निर्भर करता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 13 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

→ चुम्बकीय क्षेत्र में किसी धारावाही चालक पर बल – हँस ऑस्टैंड ने प्रयोग द्वारा सिद्ध किया था कि विद्युत धाराएँ चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करती हैं और चुम्बकों पर बल आरोपित करती हैं तथा चुम्बकीय सूई से होने वाले विक्षेपण से इसके पास चुम्बकीय क्षेत्र की उपस्थिति प्रदर्शित होती है।

→ किसी विद्युत धारावाही धातु के तार से एक चुम्बकीय क्षेत्र संबद्ध होता है। तार के चारों ओर क्षेत्र रेखाएँ अनेक संकेन्द्री वृत्तों के रूप में होती हैं जिनकी दिशा दक्षिण- हस्त अंगुष्ठ नियम द्वारा ज्ञात की जाती है।

→ विद्युत चुम्बक में नर्म लौह-क्रोड होता है जिसके चारों ओर विद्युतरोधी ताँबे के तार की कुण्डली लिपटी रहती है।

→ कोई विद्युत धारावाही चालक चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर बल का अनुभव करता है। यदि चुम्बकीय क्षेत्र तथा विद्युत धारा की दिशाएँ परस्पर एक-दूसरे के लम्बवत् हैं तब चालक पर आरोपित बल की दिशा इन दोनों दिशाओं के लम्बवत होती है, जिसे फ्लेमिंग के वामहस्त नियम द्वारा प्राप्त किया जाता है। विद्युत मोटर एक ऐसी युक्ति है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरित करती है।

→ वैद्युत चुम्बकीय प्रेरण एक ऐसी परिघटना है जिसमें किसी कुण्डली में, जो किसी ऐसे क्षेत्र में स्थित है जहाँ समय के साथ चुम्बकीय क्षेत्र परिवर्तित होता है, एक प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न होती है। चुम्बकीय क्षेत्र में परिवर्तन किसी चुम्बक तथा उसके पास स्थित किसी कुंडली के बीच आपेक्षित गति के कारण हो सकता है। यदि कुण्डली किसी विद्युत धारावाही चालक के निकट रखी है तब कुण्डली से संबद्ध चुम्बकीय क्षेत्र या तो चालक से प्रवाहित विद्युत धारा में अंतर के कारण हो सकता है अथवा चालक तथा कुण्डली के बीच आपेक्षित गति के कारण हो सकता है। प्रेरित विद्युत धारा की दिशा फ्लेमिंग के दक्षिण- हस्त नियम द्वारा प्राप्त की जाती है।

→ विद्युत जनित्र यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है। यह वैद्युत चुम्बकीय प्रेरण के आधार पर कार्य करता है।

→ फ्यूज का तार फ्यूज ऐसे पदार्थ के तार का छोटा टुकड़ा होता है जिसका गलनांक बहुत कम होता है तथा लघुपथन अथवा अतिभारण के कारण परिपथ में उच्च धारा प्रवाहित के कारण फ्यूज तार गर्म होकर पिघल जाता है और परिपथ टूट जाता है अतः इसे सुरक्षा उपकरण भी कहते हैं। फ्यूज तार शुद्ध टिन अथवा कॉपर व टिन की मिश्रधातु का बना होता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 12 विद्युत

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 12 विद्युत

→ विद्युत धारा – दो आवेशित चालकों को सुचालक तार द्वारा जोड़े जाने पर आवेश उच्च विभव वाले चालक से निम्न विभव वाले चालक की ओर प्रवाहित होने लगता है। इस प्रकार के आवेश प्रवाह को विद्युत धारा कहते हैं।

→ एकांक आवेश – एक कूलॉम वह आवेश है जो अपने ही बराबर एवं सजातीय आवेश से हवा या निर्वात् में 1 मीटर की दूरी पर रखने पर उस पर 9 x 109 न्यूटन प्रतिकर्षण बल आरोपित करता है।

→ विद्युत क्षेत्र – किसी विद्युत आवेश अथवा आवेश समुदाय के चारों ओर का वह क्षेत्र जहाँ विद्युत प्रभाव अनुभव किया जा सके, विद्युत क्षेत्र कहलाता है।

→ विद्युत विभव- किसी आवेशित वस्तु का विद्युत विभव उसकी वह विद्युतीय अवस्था है जो यह दर्शाती है कि उस वस्तु को अन्य वस्तुओं के विद्युतीय सम्पर्क में रखने पर आवेशों के प्रवाह की दिशा कौन-सी होगी।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 12 विद्युत

→ विभव के मात्रक – C.G.S. में स्थैत वोल्ट (e.s.u.) तथा S. I. में वोल्ट है।

→ विभवान्तर- दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर एकांक धन आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक लाने में किये गये कार्य के बराबर होता है।

→ विभवान्तर के मात्रक – विभवान्तर के मात्रक जूल / कूलॉम या वोल्ट है।

→ विद्युत धारा सामर्थ्य- एक सेकण्ड में प्रवाहित विद्युत आवेश की मात्रा को विद्युत धारा की सामर्थ्य कहते हैं। इसकी इकाई ऐम्पियर है।

→ ऐम्पियर- यदि किसी विद्युत परिपथ में किसी बिन्दु से एक सेकण्ड में प्रवाहित इलेक्ट्रॉन की संख्या 6.25 x 1018 होती है तब परिपथ में विद्युत धारा की सामर्थ्य एक ऐम्पियर कहलाती है।

→ विद्युत प्रतिरोध – किसी चालक का विद्युत प्रतिरोध उसके सिरों पर आरोपित विभवान्तर V तथा उसमें बहने वाली धारा I के अनुपात के बराबर होता है अर्थात्
R = \(\frac { V }{ I }\) ओम

→ प्रतिरोध का मात्रक – इसका S.I. मात्रक ओम है, इसे संकेत ‘Ω’ से दर्शाते हैं।

→ ओम – यदि किसी चालक के सिरों पर 1 वोल्ट विभवान्तर लगाने पर चालक में 1 ऐम्पियर धारा बहने लगे तो उसका प्रतिरोध 1 ओम होता है।

→ ओम का नियम- किसी बन्द परिपथ में संयोजित चालक जिसकी भौतिक परिस्थितियाँ अपरिवर्तित रहती हों, में विद्युत् धारा प्रवाहित की जाये तो उसके सिरों के मध्य विभवान्तर और प्रवाहित विद्युत धारा की सामर्थ्य में एक निश्चित अनुपात होता है, जिसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं। यदि चालक में सिरों के मध्य विभवान्तर V और प्रवाहित विद्युत धारा की सामर्थ्य I हो तो \(\frac { V }{ I }\) = नियंताक होता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 12 विद्युत

→ विद्युत धारा के प्रभाव-विद्युत धारा के मुख्यत: तीन प्रभाव होते हैं-

  • ऊष्मीय प्रभाव
  • रासायनिक प्रभाव
  • चुम्बकीय प्रभाव।

→ विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव के अनुप्रयोग – इस प्रभाव का अनुप्रयोग हीटर, प्रेस, गीजर, ओवन आदि में किया जाता है।

→ विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव के अनुप्रयोग – इस प्रभाव का अनुप्रयोग मुख्यतः विद्युत अपघटन में संचायक सेल के आवेशन, विद्युत लेपन, धातु निष्कर्षण व धातु शोधन में किया जाता है।

→ विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव के अनुप्रयोग- इस प्रभाव का अनुप्रयोग, पंखा, आटा चक्की, रेल इंजन, मिक्सी, विद्युत घण्टी, टेलीफोन एवं बड़ी-बड़ी मशीनों को चलाने में होता है।

→ घरेलू विद्युतघरों में 220V की प्रत्यावर्ती धारा जिसकी आवृत्ति 50 हर्ट्ज होती है, का प्रयोग होता है।

→ प्रतिरोधों का श्रेणीक्रम संयोजन इस प्रकार के संयोजन में सभी प्रतिरोधों की बहने वाली धारा एक समान होती है लेकिन अलग-अलग प्रतिरोधों के सिरों पर विभवान्तर अलग-अलग होता है। संयोजन का तुल्य प्रतिरोध, सभी जोड़े गये प्रतिरोधों के योग के बराबर होता है अर्थात् R = R1 R2 R3 + ….

→ प्रतिरोधों का समान्तर क्रम संयोजन – इस प्रकार के संयोजन में प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर समान होता है लेकिन अलग-अलग प्रतिरोधों से प्रवाहित धारा अलग-अलग होती है। किसी प्रतिरोध से प्रवाहित धारा, उसके प्रतिरोध के व्युत्क्रमानुपाती होती है। संयोजन के तुल्य प्रतिरोध का व्युत्क्रम, पृथक्-पृथक् प्रतिरोधों के व्युत्क्रमों के योग के बराबर होता है, अर्थात्
\(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_1}+\frac{1}{R_2}+\frac{1}{R_3}\) + ….

→ सुरक्षा युक्ति-विद्युत फ्यूज- यह ताँबा, टिन तथा सीसा के मिश्र धातु से बने तार होते हैं जिसका गलनांक कम होता है। इसे विद्युत परिपथ में लाइव तार के साथ श्रेणीक्रम में लगाया जाता है जिससे परिपथ के तारों के लघुपथित हो जाने अथवा वोल्टेज के उतार-चढ़ाव के कारण सीमा से अधिक धारा बहने पर वह पिघलकर टूट जाता है जिससे परिपथ में लगे उपकरण सुरक्षित रहते हैं।

→ किसी प्रतिरोधक में क्षयित अथवा उपमुक्त ऊर्जा को इस प्रकार व्यक्त किया जाता है-
W = V x I x T

→ विद्युत शक्ति का मात्रक वाट (W) है जब 1 A विद्युत धारा 1V विभवान्तर पर प्रवाहित होती है तो परिपथ में उपमुक्त शक्ति 1 वाट होती है।

→ विद्युत ऊर्जा का व्यापारिक मात्रक किलोवाट घंटा (kWh) है।
1 kWh = 3,600,000 J = 3.6 x 106 J.

JAC Class 10 Science Notes Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

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JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

→ मानव नेत्र-यह मांसपेशियों की बनी लगभग 2.5 सेमी उ्यास वाले नेत्र गोलक की सहायता से संचालित होती है।

→ मानव नेत्र के भाग-मानव नेत्र के प्रमुख भाग दृढ़ पटल, कॉर्निया, आइरिस, पुतली, नेत्र लेन्स कोरोइड, रेटिना, जलीय द्रव तथा काँचाभ द्रव हैं।

→ रेटिना-यह प्रकाश सुग्राही झिल्लीनुमा संरचना होती है। इसमें शंकु एवं शलाका तंत्रिकाएँ उपस्थित होती हैं। इसमें शंकु प्रकाश के रंग के प्रति तथा शलाका प्रकाश की तीव्रता के लिए सुग्राही होती है।

→ नेत्र की समंजन क्षमता-मानव नेत्र द्वारा विभिन्न दुरियों पर स्थित वस्तुओं के प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनाने की क्षमता को नेत्र की समंजन क्षमता कहते हैं।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

→ स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी-स्वस्थ नेत्र के लिए स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी 25 सेमी होती है।

→ समंजन-अभिनेत्र लेंस की वह क्षमता जिसके कारण वह अपनी फोकस दूरी को समायोजित कर लेता है, समंजन कहलाती है।

→ पक्ष्माभी पेशियों के शिथिल होने पर लेंस पतला हो जाता है व फोकस दूरी बढ़ जाती है और हम दूर की वस्तुओं को स्पष्ट देखने में समर्थ हो पाते हैं।

→ जब हम निकट की वस्तु को देखते हैं तब पक्ष्माभी पेशियाँ सिकुड़ जाती हैं और लेंस मोटा हो जाता है तथा इसकी फोकस दूरी घट जाती है।

→ मोतियाबिंद-कभी-कभी अधिक आयु के कुछ व्यक्तियों के नेत्र का क्रिस्टलीय लें स दुधिया तथा धुँधला हो जाता है। इस स्थिति को मोतियाबिंद कहते हैं। इसके कारण नेत्र की दृष्टि में कमी या पूर्ण रूप से दृष्टि क्ष्य हो जाता है। मोतियाबिंद की शल्य चिकित्सा के बाद दृष्टि का वापस लौटना संभव होता है।

→ निकट बिन्दु-वह न्यूनतम दूरी जिस पर रखी कोई वस्तु बिना किसी तनाव के अत्यधिक स्पष्ट देखी जा सकती है, उसे सुस्पष्ट दर्शन की अल्पतम दूरी कहते हैं। इसे नेत्र का निकट बिन्दु भी कहते हैं।

→ किसी सामान्य दृष्टि के तरुण वयस्क के लिए निकट बिन्दु की औँख से दूरी लगभग 25 cm होती है।

→ दूर बिन्दु-वह दूरतम बिन्दु जिस तक कोई नेत्र वस्तुओं को सुस्पष्ट देख सकता है, नेत्र का दूर बिन्दु कहलाता है। सामान्य नेत्र के लिए यह अनंत दूरी पर होता है।

JAC Class 10 Science Notes Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

→ निकट दृष्टि दोष-जब व्यक्ति निकट की वस्तुएँ देख सकता है परन्तु दूर की वस्तु स्पष्ट नहीं देख सकता है ऐसे दोष को निकट दृष्टि दोष कहते हैं।

→ दूर दृष्टि दोष-जब व्यक्ति दूर की वस्तुएँ देख सकता है, परन्तु निकट की वस्तुएँ स्पष्ट नहीं देख सकता है ऐसे दोष को दूर दुष्टि दोष कहते हैं।

→ जरा दृष्टि दोष-जब व्यक्ति निकट एवं दूर दोनों की वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख पाता है तो ऐसे दोष को जरा दृष्टि दोष कहते हैं। यह वृद्ध व्यक्तियों में पाया जाता है।

→ दुष्टि वैषम्य-जब व्यक्ति सामान्य दूरी पर स्थित क्षैतिज तथा ऊर्ध्वाधर रेखाओं को एक साथ स्पष्ट नहीं देख सकता है तो ऐसे दोष को दृष्टि वैषम्य कहते हैं।

→ दृष्टि परास-किसी नेत्र के लिए निकट एवं दूर बिन्दु के मध्य दूरी को दृष्टि परास कहते हैं।

→ फोटोग्राफिक कैमरा-वह प्रकाशिक यन्त्र जिसके द्वारा किसी वस्तु का स्थायी प्रतिबिम्ब फोटोग्राफिक फिल्म पर प्राप्त किया जाता है।

→ कैमरे के भाग-कैमरे के प्रमुख भाग-प्रकाशरोधी बॉक्स, लेंस, डायाफ्राम, फोटोग्राफिक फिल्म, शटर हैं।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

Jharkhand Board JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण Important Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित के आयनिक सूत्र लिखिए-
(a) हाइड्रोजन आयन
(b) हाइड्रॉक्सिल आयन
(c) हाइड्रोनियम आयन।
उत्तर:
(a) हाइड्रोजन आयन H+
(b) हाइड्रॉक्सिल आयन OH
(c) हाइड्रोनियम आयन H3O+

प्रश्न 2.
उदासीनीकरण क्रिया का आयनिक स्वरूप लिखिए।
उत्तर:
H+ + OH → H2O

प्रश्न 3.
किसी विलयन का POH मान कितना होगा यदि pH मान 9 हो?
उत्तर:
POH मान = 14 – pH मान
= 14 – 95
= 5

प्रश्न 4.
शुद्ध आसुत जल का pH मान कितना होता है?
उत्तर:
शुद्ध आसुत जल का pH मान = 7

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 5.
pH मान को देखकर आप कैसे बता सकते हैं कि कोई विलयन उदासीन / अम्लीय / क्षारीय है?
उत्तर:
यदि pH < 7, विलयन अम्लीय है।
pH = 7, विलयन उदासीन है।
pH > 7 विलयन क्षारीय है।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित सूचकों का रंग कैसा होता है
(i) अम्लीय, (ii) क्षारीय विलयन में-
(a) मेथिल ऑरेन्ज
(b) फिनॉल्फथैलीन
(c) लिटमस पत्र।
उत्तर:
(a) मेथिल ऑरिन्ज- अम्लीय में लाल, क्षारीय में नारंगी – पीला।
(b) फिनॉल्फथैलीन-अम्लीय में रंगहीन, क्षारीय में गुलाबी।
(c) लिटमस पेपर-अम्लीय में नीला, क्षारीय में गुलाबी।

प्रश्न 7.
एक क्रिस्टलीय पदार्थ वायु में खुला रखने पर अपना क्रिस्टल जल छोड़ देता है और सफेद अपारदर्शक पाउडर में परिवर्तित हो जाता है। यह अपारदर्शक पाउडर धोने के काम में आता है। क्रिस्टलीय पदार्थ की पहचान कीजिए।
उत्तर:
वासिंग सोडा (Na2CO3.10H2O)।

प्रश्न 8.
दो प्रबल क्षारकों के नाम बताइए।
उत्तर:
NaOH और KOH।

प्रश्न 9.
दो दुर्बल क्षारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH4OH) और कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड (Ca(OH)2]।

प्रश्न 10.
मिल्क ऑफ मैग्नीशियम क्या है?
उत्तर:
यह एक दुर्बल क्षारक है, जिसका रासायनिक नाम मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड [Mg(OH)2] है।

प्रश्न 11.
टूथपेस्ट एवं दंत मंजन की प्रकृति क्या होती है?
उत्तर:
इसकी प्रकृति क्षारकीय होती है।

प्रश्न 12.
सोडियम के किसी यौगिक का नाम लिखिए जो ऐन्टैसिड का एक संघटक हो।
उत्तर:
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (NaHCO3)।

प्रश्न 13.
धोने के सोडे के दो उपयोग बताइए।
उत्तर:

  • काँच, साबुन एवं कागज उद्योगों में।
  • जल की स्थायी कठोरता को हटाने में।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 14.
एक पदार्थ जिसे 373K पर जिप्सम को गर्म करने पर प्राप्त होता है। उस पदार्थ का नाम एवं रासायनिक सूत्र लिखिए।
उत्तर:
कैल्सियम सल्फेट हेमिहाइड्रेट (CaSO4. 1/2H2O)।

प्रश्न 15.
अम्ल एवं धातु कार्बोनेट की अभिक्रिया से कौन-सी गैस उत्सर्जित होती है?
उत्तर:
CO2 गैस।

प्रश्न 16.
धीरे-धीरे कॉपर ऑक्साइड पाउडर में तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाने पर प्राप्त घोल का रंग नीला हरा हो जाता है। घोल को नीला हरा रंग प्रदान करने वाले यौगिक का नाम बताइए।
उत्तर:
कॉपर क्लोराइड (CuCl2)।

प्रश्न 17.
दो प्रबल अम्लों का नाम बताइए।
उत्तर:
HCl एवं H2SO4.

प्रश्न 18.
अम्लों तथा क्षारकों की प्रबलता किस पर निर्भर करती है?
उत्तर:
अम्लों की प्रबलता H+ आयनों की सांद्रता तथा क्षारकों की सांद्रता OH आयनों की सांद्रता पर निर्भर करती है।

प्रश्न 19.
धावन सोडा का जलीय विलयन अम्लीय है अथवा क्षारीय बताइए।
उत्तर:
क्षारीय।

प्रश्न 20.
शुद्ध जल का pH मान क्या है?
उत्तर:
शुद्ध जल का pH मान 7 है।

प्रश्न 21.
शुद्ध जल के pH मान पर क्या प्रभाव होता है जब उसमें और तेजाब मिलाते हैं?
उत्तर:
जल का pH मान 7 से कम होता जाएगा जैसे-जैसे उसमें तेजाब डाला जाता है।

प्रश्न 22.
22. pH की गणितीय परिभाषा क्या है?
उत्तर:
घोल की हाइड्रोजन आयन की सांद्रता की ऋणात्मक लघुगणक को pH कहते हैं जिसे निम्न समीकरण में प्रकट करते हैं-
pH = – log10[H+] = 10-PH.

प्रश्न 23.
घोल की हाइड्रोजन आयन सांद्रता क्या होगी जब इसका pH मान 4 होगा?
उत्तर:
जब pH मान 4 होगा तो हाइड्रोजन आयन [H+] = 10-4 होगा।

प्रश्न 24.
बेकिंग सोडा का रासायनिक सूत्र लिखिए।
उत्तर:
NaHCO3.

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 25.
क्या होता है जब बुझे हुए चूने पर क्लोरीन गैस प्रवाहित की जाती है?
उत्तर:
विरंजक चूर्ण बनता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 1

प्रश्न 26.
प्लास्टर ऑफ पेरिस के दो महत्त्वपूर्ण उपयोग लिखिए।
उत्तर:

  • शल्य चिकित्सा में टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए।
  • खिलौने, मूर्तियाँ आदि बनाने में।

प्रश्न 27.
घावन सोडा का रासायनिक सूत्र लिखें।
उत्तर:
Na2CO3.10H2O.

प्रश्न 28.
सोडियम कार्बोनेट तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के बीच अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
Na2CO3(s) + 2HCl(aq) → 2NaCl(aq) + CO2(g) + H2O(l)

प्रश्न 29.
अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?
उत्तर:
अम्ल का जलीय विलयन हाइड्रोजन आयन (H+ (aq)) उत्पन्न करता है जिसके कारण विद्युत का चालन होता है।

प्रश्न 30.
जिप्सम (CaSO4.2H2O) पर ऊष्मा का प्रभाव दिखाते हुए रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 2

प्रश्न 31.
बेकिंग चूर्ण (पाउडर) के अवयवों के नाम लिखिए।
उत्तर:
बेकिंग पाउडर के दो घटक सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट और टारटरिक अम्ल या सिट्रिक अम्ल हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित की आधुनिक परिभाषा लिखिए-
(a) अम्ल
(b) क्षार तथा क्षारक
(c) लवण।
उत्तर:
(a) अम्ल (Acids) – ये ऐसे यौगिक हैं जिनके जलीय विलयन में हाड्रोनियम आयन (H3O+) उपस्थित रहते हैं।

(b) क्षार (Base)- ये ऐसे यौगिक हैं जो जलीय विलयन में उपस्थित H+ आयन से संयोग करके लवण तथा जल (H2O) बनाते हैं।
क्षारक (Alkalis) – ये ऐसे क्षार होते हैं जिनके जलीय विलयन में OH आयन उपलब्ध होते हैं।

(c) लवण (Salt) – ये ऐसे यौगिक होते हैं जो जलीय विलयन में अथवा पिघली हुई अवस्था में धनात्मक आयन (H+ के अतिरिक्त) तथा ऋणात्मक आयन [(OH) के अतिरिक्त] में वियोजित हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
हाइड्रोनियम (H3O+) आयन कैसे बनता है? आयनिक समीकरण देकर बताइए।
उत्तर:
किसी अम्ल के अणु से मुक्त H+ आयन, जल के अणु से संयोग करके H3O+ आयन बनाता है।
उदाहरणत:
HCl → H+ + cl
H2O + H+ → H3O+

प्रश्न 3.
‘क्षार’ तथा ‘क्षारक’ में क्या अन्तर है? Na2O क्षारक है परन्तु CuO क्षारक नहीं है। क्यों?
उत्तर:
लघु उत्तरीय प्रश्न संख्या 1 को देखें।
Na2O क्षारक है, क्योंकि जलीय विलयन में यह OH आयन देता है।
Na2O + H2O → 2Na+ + 2(OH)
CuO जल में अविलेय है अर्थात् OH आयन नहीं देता। अतः यह क्षारक नहीं है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित के आयनीकरण की क्रियाएँ लिखिए-
(a) CuSO4, (b) NH4Cl, (c) Ca(OH)2, (d) H3PO4.
उत्तर:
(a) CuSO4 ⇌ Cu2+ + SO42-
(b) NH4Cl ⇌ NH4+ + Cl
(c) Ca(OH)2 ⇌ Ca++ + 2(OH)
(d) H3PO4 ⇌ 3H+ + (PO4)3-

प्रश्न 5.
निम्नलिखित की उदासीनीकरण क्रियाओं के समीकरण लिखिए-
(a) Ca(OH)2 तथा HNO3
(b) NH4OH तथा H2SO4
(c) CaO तथा HCl
उत्तर:
(a) Ca(OH)2 + 2HNO3 → Ca(NO3)2 + 2H2O
(b) 2NHOH + H2SO4 → (NH4)2SO4 + 2H2O
(c) CaO + 2HCl → CaCl2 + H2O

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 6.
pH पैमाना क्या नापता है? उदासीन, अम्लीय तथा क्षारीय विलयनों के pH मानों में क्या गुणात्मक अन्तर होता है?
अथवा
हाइड्रोजन आयन सान्द्रण से क्या तात्पर्य है?
उदासीन विलयन में हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मान कितना होता है?
अथवा
PH पैमाना क्या नापता है? उदासीन, अम्लीय तथा क्षारीय विलयनों के pH मान का परास बताइए।
उत्तर:
pH पैमाना किसी अम्ल, क्षार या लवण के विलयन में H+ आयनों की सान्द्रता (मोल / लीटर में) नापता है।
उदाहरणतः यदि विलयन का pH मान 5 है, तो उसमें H+ आयनों की सान्द्रता 1.0 x 10-5 मोल / लीटर होगी।
उदासीन विलयन का pH मान = 7
अम्लीय विलयन का pH < 7 क्षारीय विलयन का pH मान > 7
उदासीन विलयन में H आयन सान्द्रण का मान 1 x 10-7 मोल / लीटर होता है।

प्रश्न 7.
यदि किसी विलयन में [H+] सान्द्रता 1.0 x 10-3 हो तो इसका pH मान कितना होगा तथा विलयन की प्रकृति कैसी (अम्लीय / क्षारीय / उदासीन)
होगी?
उत्तर:
H+ की सान्द्रता = 1.0 x 10-3 मोल/लीटर
∴ pH = [log10 1.0 x 10-3]
= [log10 1.0 + log10 10-3]
= – [0 + (-3)]
= 3
∵ pH का मान 7 से कम है अतः विलयन अम्लीय है।

प्रश्न 8.
एक विलयन का pH मान 5 है। इसमें कितने pH मान का विलयन का समान आयतन मिलाने से विलयन उदासीन हो जायेगा?
उत्तर:
दो विलयनों के मिश्रण के उदासीन होने पर उनका सम्पूर्ण pH मान 7 + 7 = 14 होना चाहिए। अतः यदि एक विलयन का pH मान 5 है तो उसे उदासीन करने के लिए दूसरे विलयन का
pH मान = 14 – 5 = 9

प्रश्न 9.
किन्हीं दो अम्ल-क्षार सूचकों के नाम तथा अम्लीय एवं क्षारीय माध्यम में उनके रंग बताइए।
उत्तर:

  • फिनाल्फथैलीन (Phenolpthalein)-अम्ल में रंगहीन, क्षार में गुलाबी।
  • मेथिल ऑरेन्ज (Methyl Orange)-अम्ल में लाल, क्षार में नारंगी पीला।

प्रश्न 10.
अम्लों की (a) धातुओं (b) धात्वीय ऑक्साइडों, (c) धात्वीय कार्बोनेटों, (d) धात्वीय सल्फाइटों एवं (e) धात्वीय सल्फाइडों से क्रिया के दो-दो उदाहरण समीकरण सहित दीजिए।
उत्तर:
(a) Zn + 2HCl → ZnCl2 + H2
Fe + H2SO4 → FeSO4 + H2

(b) CaO + H2SO4 → CaSO4 + H2O
ZnO + 2HCl → ZnCl2 + H2O

(c) CaCO3 + H2SO4 → CaSO4 + H2O
Na2CO3 + 2HCl → 2NaCl + H2O + CO2

(d) Na2SO3 + 2HCl → 2NaCl + H2O + SO2
CaSO3 + H2SO4 → CaSO4 + H2O + SO2

(e) FeS + H2SO4 → FeSO4 + H2S
BaS + 2HCl → BaCl2 + H2S

प्रश्न 11.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं को संतुलन सहित पूरा कीजिए-
(a) Ca(OH)2 + HCl = ………..
(b) Fe + H2SO4 = ………….
(c) Ca(HCO3)2 + HNO3 = ………..
(d) NH4Cl + Ca(OH)2 = ………..
(e) Cus + H2SO4 = …………
उत्तर:
(a) Ca(OH)2 + 2HCl = CaCl2 + 2H2 O
(b) Fe + H2SO4 = FeSO4 + H2
(c) Ca(HCO3)2 + 2HNO3 = Ca(NO3)2 + 2H2O + 2CO2
(d) 2NH4Cl + Ca(OH)2 = CaCl2 + 2H2O + 2NH3
(e) CuS + H2SO4 = CuSO4 + H2S

प्रश्न 12.
निम्नलिखित लवणों को वर्गीकृत कीजिए-
NaHCO3; CaS; Cu(OH)NO3;
Na2SO4. Al2(SO4)3
Na3[Fe(CN)6]; Na2HPO4; NaK2PO4
उत्तर:

  1. NaHCO3 – अम्लीय लवण;
  2. CaS – सामान्य लवण
  3. Cu(OH)NO3 – क्षारीय लवणः
  4. Na2SO4. Al2(SO4)3 – द्विक लवण
  5. Na3[Fe(CN)6] – जटिल लवण;
  6. Na2HPO4 – अम्लीय लवण
  7. NaK2PO4 – मिश्रित लवण।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित का अम्ल, क्षार, क्षारक तथा लवण में वर्गीकरण कीजिए-
NH4OH, BaCl2, H3PO4, CaO, Zn(OH)2
उत्तर:

  1. NH4OH – क्षारक
  2. BaCl2 – लवण
  3. H3PO4 – अम्ल
  4. CaO – क्षार
  5. Zn(OH)2 – क्षार

प्रश्न 14.
आयनन है? यह ताप तथा विलयन की सान्द्रता से किस प्रकार प्रभावित होता है?
उत्तर:
लवण का जलीय विलयन में आयनों में वियोजित होना आयनन कहलाता है। ताप बढ़ाने एवं सान्द्रता घटाने पर आयनन बढ़ जाता है।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 15.
हाइड्रोजन आयन सान्द्रण क्या है? उदासीन विलयन में हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मान कितना होगा?
उत्तर:
pH पैमाना किसी अम्ल, क्षार या लवण के विलयन में H+ आयनों की सान्द्रता (मोल / लीटर में) नापता है।
उदाहरणतः यदि विलयन का pH मान 5 है, तो उसमें H+ आयनों की सान्द्रता 1.0 x 10-5 मोल / लीटर होगी।
उदासीन विलयन का pH मान = 7
अम्लीय विलयन का pH < 7 क्षारीय विलयन का pH मान > 7
उदासीन विलयन में H आयन सान्द्रण का मान 1 x 10-7 मोल / लीटर होता है।

प्रश्न 16.
अम्ल व क्षार की आधुनिक धारणा स्पष्ट करें।
अथवा
अम्ल तथा क्षार की आधुनिक परिभाषा लिखिए तथा प्रत्येक को एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अम्ल-ये ऐसे यौगिक होते हैं जिनके जलीय विलयन में हाइड्रोनियम आयन (H3O+) उपस्थित होते हैं।
HCl → H+ + Cl
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 3
क्षार- क्षार ऐसे यौगिक हैं जो जलीय विलयन में H+ आयन से संयोग करके लवण तथा जल बनाते हैं।
NaOH → Na+ + OH
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प्रश्न 17.
pH की परिभाषा दीजिए। इसका हाइड्रोजन आयन से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
किसी अम्ल, क्षार या लवण के विलयन में उपस्थित H+ आयनों की सान्द्रता के ऋणात्मक लघुगणक को pH कहते हैं।
PH व हाइड्रोजन आयन में सम्बन्ध किसी विलयन का pH मान विलयन में उपस्थित
pH = log [H+]
किसी विलयन का pH मान विलयन में उपस्थित H+ आयनों के सान्द्रता के ऋणात्मक लघुगणक के बराबर होता है।

प्रश्न 18.
जल का आयनिक गुणनफल क्या है? स्पष्ट करें।
उत्तर:
जल का आयनिक गुणनफल 1 x 10-14 (मोल / लीटर)² होता है।
स्पष्टीकरण – जल का वियोजन निम्नवत् होता है-
H2O ⇌ H++ OH
जल का आयनिक गुणनफल Kw = [H+][OH]
जल में [H+] = 1 x 10-7 मोल / लीटर
[OH] = 1 × 10-7 मोल / लीटर
अतः Kw = 1 x 10-7 x 1 x 10-7
= 1 x 10-14 (मोल / लीटर)²

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘उदासीनीकरण क्रिया को उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए। किसी धातु द्वारा अम्ल से लवण बनाने तथा धात्वीय ऑक्साइड द्वारा अम्ल से लवण बनाने में कौन-सी क्रिया उदासीनीकरण है और कौन-सी नहीं? कारण देकर समझाइए।
उत्तर:
किसी अम्ल एवं क्षार के संयोग से लवण एवं जल बनने की रासायनिक क्रिया को उदासीनीकरण कहते हैं।
उदाहरणतः
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वास्तव में अम्ल एवं क्षार के संयोग से H+ तथा OH आयनों के संयोग से H2O अणु का बनना ही उदासीनीकरण का प्रमुख लक्षण है।
किसी धातु की अम्ल से क्रिया होने पर लवण का बनना उदासीनीकरण नहीं है क्योंकि इस क्रिया में H+ तथा OH के संयोग से जल H2O नहीं बनता।

उदाहरणतः
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परन्तु धात्वीय ऑक्साइड एवं अम्ल के संयोग से लवण बनना उदासीनीकरण है क्योंकि इस क्रिया में H2O अणु बनता है।

उदाहरणत:
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प्रश्न 2.
रसोईघर में उपयोग होने वाला बेकिंग सोडा का निर्माण कैसे किया जाता है? खाना पकाते समय इसे गर्म करने पर होने वाली अभिक्रिया का समीकरण दीजिए।
उत्तर:
सोडा का उपयोग रसोईघर में स्वादिष्ट खस्ता पकौड़े बनाने के लिए किया जाता है। कभी-कभी इसका उपयोग खाने को शीघ्रता से पकाने के लिए भी किया जाता है। इस यौगिक का रासायनिक नाम सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (NaHCO3) है। कच्चे पदार्थों में सोडियम क्लोराइड का उपयोग कर इसका निर्माण किया जाता है।
NaCl + H2O + CO2 + NH3
सोडियम क्लोराइड जल कार्बन डाई ऑक्साइड अमोनिया
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खाना पकाते समय इसे गर्म करने पर निम्न अभिक्रिया होती है-
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प्रश्न 3.
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर:
(i) बेकिंग पाउडर बनाने में जो बेकिंग सोडा (सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट) एवं टार्टरिक अम्ल जैसा एक मंद खाद्य अम्ल का मिश्रण है जब बेकिंग पाउडर को गर्म किया जाता है या जल में मिलाया जाता है तो निम्न अभिक्रिया होती है-
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 10
इस अभिक्रिया से उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड के कारण पावरोटी या केक में खमीर उठ (फूल / उभर) जाता है तथा इससे यह मुलायम एवं स्पंजी हो जाती है।

(ii) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट भी ऐन्टैसिड का एक संघटक है। क्षारीय होने के कारण यह पेट में अम्ल की अधिकता को उदासीन करके राहत पहुँचाता है।

(iii) इसका उपयोग सोडा-अम्ल अग्निशामक में भी किया जाता है।

प्रश्न 4.
विरंजक चूर्ण का निर्माण कैसे किया जाता है? इसके कोई दो उपयोग लिखिए।
उत्तर:
जलीय सोडियम क्लोराइड के विद्युत अपघटन से क्लोरीन का निर्माण होता है। इस क्लोरीन गैस का उपयोग विरंजक चूर्ण के उत्पादन के लिए किया जाता है। शुष्क बुझा हुआ चूना [Ca(OH)2] पर क्लोरीन की क्रिया से विरंजक चूर्ण का निर्माण होता है। विरंजक चूर्ण को CaOCl2 से दर्शाया जाता है यद्यपि वास्तविक संगठन काफी जटिल होता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 11

विरंजक चूर्ण का उपयोग-

  • वस्त्र उद्योग में सूती एवं लिनेन के विरंजन के लिए, कागज की फैक्ट्री में लकड़ी के मज्जा एवं लाउंड्री में साफ कपड़ों के विरंजन के लिए।
  • कई रासायनिक उद्योगों में एक उपचायक के रूप में।
  • पीने वाले जल को जीवाणुओं से मुक्त करने और जल की स्थायी कठोरता को हटाने के लिए उपयोग होता है।

प्रश्न 5.
जलीय विलयन में अम्ल या क्षारक किस रूप में रहते हैं? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
जलीय विलयन में अम्ल एवं क्षारक आयनित रूप में रहते हैं। उदाहरण के लिए जल की उपस्थिति में HCl में हाइड्रोजन आयन उत्पन्न होते हैं। जल की अनुपस्थिति में HCl अणुओं से H+ आयन अलग नहीं हो सकते हैं।
HCl + H2O → H3O+ + Cl
हाइड्रोजन आयन स्वतंत्र रूप में नहीं रह सकते लेकिन ये जल के अणुओं के साथ मिलकर रह सकते हैं। इसलिए
हाइड्रोजन आयन को सदैव H + (aq) या हाइड्रोनियम आयन (HgO+) से दर्शाना चाहिए।
H+ + H2O → H3O+
स्पष्ट है कि अम्ल जल में H3O+ अथवा H+ (aq) आयन प्रदान करता है।
इसी प्रकार क्षार भी जल में (OH) आयन उत्पन्न करते हैं।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 12

प्रश्न 6.
अम्लों के सामान्य गुणों का विवरण उदाहरण (रासायनिक समीकरणों) सहित कीजिए।
उत्तर:
अम्लों के सामान्य गुण (General Prop-erties of Acids)-
1. सक्रिय धातुओं से क्रिया करके तनु खनिज अम्ल बनाते हैं तथा हाइड्रोजन मुक्त होती है-
Zn + 2HCl → ZnCl2 + H2
Fe + H2SO4 → FeSO4 + H2
HNO3 से क्रिया होने में लवण तो बनता है परन्तु उससे मुक्त हाइड्रोजन HNO3 के तीव्र ऑक्सीकारक होने के कारण, ऑक्सीकृत होकर H2O बनाती है तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड बनते हैं।

2. धात्वीय ऑक्साइडों तथा हाइड्रॉक्साइडों से क्रिया होने पर उदासीनीकरण द्वारा लवण एवं जल बनते हैं-
2NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + 2H2O
CuO + 2HCl → CuCl2 + H2O

3. धात्वीय कार्बोनेटों एवं हाइड्रोजन कार्बोनेटों से क्रिया होने पर लवण, जल तथा CO2 गैस बनते हैं-
CaCO3 + H2SO4 → CaSO4 + H2O + CO2 NaHCO3 + HCl → NaCl + H2O + CO2

4. धात्त्वीय सल्फाइटों, हाइड्रोजन सल्फाइटों, सल्फाइडों एवं हाइड्रोसल्फाइडों से क्रिया होने पर लवण, जल, SO2 अथवा H2S गैस बनती है।
K2SO3 + 2HCl → 2KCl + H2O + SO2
2NaHSO3 + H2SO4 → Na2SO4 + 2H2O + SO2
ZnS + 2HCl → ZnCl2 + H2S
2KHS + 2HCl → 2KCl + H2S

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 7.
क्षारों के सामान्य गुणों का विवरण उदाहरण (रासायनिक समीकरण) सहित कीजिए।
उत्तर:
क्षारों के सामान्य गुण (General Prop-erties of Base) –
1. अम्लों से क्रिया करके लवण तथा जल बनाते है-
CaO + H2SO4 → CaSO4 + H2O
NaOH + HCl → NaCl + H2O
Cu(OH)2 + 2HNO3 → Cu(NO3)2 + 2H2O
2NH4OH + H2SO4 → (NH4)2SO4 + 2H2O

2. अमोनियम लवणों से क्रिया होने पर लवण, जल तथा अमोनिया गैस बनाती है-
2NH4Cl + Ca(OH)2 → CaCl2 + 2H2O + 2NH3
(NH4)2SO4 + 2NaOH → Na2SO4 + 2H2O + 2NH3

3. सोडियम, पोटैशियम, कैल्सियम तथा अमोनियम हाइड्रॉक्साइडों से अन्य धातुओं के लवणों की क्रिया होने पर धात्वीय हाइड्रॉक्साइडों का प्रक्षेप बनता है।
FeCl3 + 3NaOH → 3NaCl + Fe(OH)3
CuSO4 + 2KOH → K2SO4 + Cu(OH)2
ZnCl2 + 2NH4OH → 2NH4Cl + Zn(OH)2

प्रश्न 8.
(i) क्षारकों की परिभाषा दीजिए।
(ii) इसके तीन गुणधर्म बताइए।
(iii) क्या सभी क्षारक, क्षार होते हैं? आयनिक समीकरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
(i) धातुओं के हाइड्रॉक्साइड को क्षारक कहते हैं। ये जलीय विलयन में (OH) आयन उत्पन्न करते हैं।

(ii) क्षारकों के गुणधर्म-

  • इसका स्वाद कड़वा होता है।
  • ये लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते हैं।
  • ये अम्ल से अभिक्रिया करके लवण तथा जल बनाते हैं, जिसे उदासीनीकरण कहा जाता है।
    HCl + NaOH → NaCl + H2O

(iii) नहीं, केवल जल में घुलनशील क्षारक (Base) को क्षार (Alkali) कहते हैं।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 13
उदाहरण के लिए – Al(OH)3 क्षारक है, परन्तु क्षार नहीं क्योंकि यह जल में अविलेय है।

प्रश्न 9.
(a) केवल जलीय विलयनों से ही विद्युत धारा प्रवाहित होती है। ऐसा क्यों?
(b) अम्लों के तनुकरण पर हाइड्रोनियम आयनों (H3O+) की सांद्रता किस प्रकार परिवर्तित होती है?
(c) विलयनों या तनुकृत विलयनों में से सांद्रित किसका pH मान अधिक होगा?
(d) आप क्या अवलोकन करेंगे?
(i) जब तनु HCl को Na2CO3 में मिलाया जाएगा।
(ii) जब तनु HCl को एक परखनली में रखें Zn पर डाला जाएगा।
उत्तर:
(a) क्योंकि अम्लों के जलीय विलयन में आयन पृथक होते हैं, जो विद्युत धारा के चालन के लिए उत्तरदायी होता है।
(b) तनुकृत करने पर (H3O+) आयनों की सांद्रता घटती है।
(c) तनुकृत अम्लों का pH मान अधिक होगा।
(d) (i) बुदबुदाहट के साथ CO2 गैस निकलती है।
Na2CO3 + 2HCl (dil) → 2NaCl + CO2 + H2O

(ii) रंगहीन एवं गंधहीन H2 गैस के बुलबुले निकलते हैं।
Zn(s) + 2HCl (dil) → ZnCl2 + H2(g)

प्रश्न 10.
उदाहरण देते हुए लवणों का वर्गीकरण समझाइए।
उत्तर:
1. सामान्य लवण (Normal Salt) – इन लवणों के अणु में H+ या (OH) आयन नहीं होते। ये किसी अम्ल के अणु से H+ आयनों के पूर्ण विस्थापन से बनते हैं, जैसे
CaO + H2SO4 → CaSO4 + H2O
Zn + 2HCl → ZnCl2 + H2

2. अम्लीय लवण (Acidic Salts) – किसी अम्ल के अणु से H+ आयनों के आंशिक विस्थापन से बने लवणों को अम्लीय लवण कहते हैं। इनके अणु में H+ के एकाधिक आयन रहते हैं, जैसे KHSO4, Na2HPO4, KH2PO4 आदि

3. क्षारीय लवण (Basic Salt) – किसी क्षारक (हाइड्रॉक्साइड) के अणु से (OH) आयनों के आंशिक विस्थापन से क्षारीय लवण बनते हैं। इनके अणु में एकाधिक (OH) आयन रहते हैं जैसे
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 14

4. द्विक् लवण (Double Salt) – इनके अणु में एक ही प्रकार के अम्लीय आयनों के साथ दो भिन्न क्षारीय आयनों के संयोग से बने अणु होते हैं, जिनमें प्रत्येक अणु एक स्वतन्त्र लवण हो सकता है।
उदाहरणतः
K2SO4Al2(SO4)3.24H2O
(Potassium Ammonium Sulphate or Common Alum)
FeSO4.(NH4)2SO4.6H2O
(Ferrous Ammonium Sulphate or Mohr’s Salt)
ये लवण दो भिन्न लवणों के विलयनों के मिश्रण से क्रिस्टलीकरण करने पर बनते हैं।

5. मिश्रित लवण (Mixed Salt) – ऐसे लवणों के अणु में एक ही अम्लीय या क्षारीय मूलक से दो या दो से अधिक क्षारीय या अम्लीय मूलक संयोग करते हैं।
उदहारणतः
NaKSO4 (Sodium Potassium Sulphate)
Na2KPO4 (Disodium potassium phos-phate)
Ca(OCl) Cl (Calcium chloro hypochlorite or Bleaching powder)

6. जटिल लवण (Complex Salt) – ये द्विक् लवण होते हैं तथा दो सरल लवणों के विलयनों के मिश्रण के क्रिस्टलीकरण से बनते हैं परन्तु विलयन में आयनीकृत होकर एक सरल आयन तथा एक जटिल आयन देते हैं।
उदहारणतः

  • K4 [Fe(CN)6] ⇌ 4K+ + [Fe(CN)g]4-
  • Na[Ag(CN)2] ⇌ Na+ + [Ag (CN)2]
    सोडियम अर्जेण्टोसायनाइड अर्जेण्टोसायनाइड आयन

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक विलयन में हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता 10-6 M है। इस विलयन का pH मान बताइए। विलयन अम्लीय होगा या क्षारीय।
उत्तर:
हाइड्रोजन आयन सान्द्रता [H+] = 10-6 M
pH = – log [H+]
= – log 10-6
= -(- 6 log 10)
pH = 6
चूँकि pH 7 से कम है अतः विलयन अम्लीय होगा।

प्रश्न 2.
एक विलयन में हाइड्रॉक्साइड आयन सान्द्रण 1 x 108 मोल प्रति लीटर है। इस विलयन का pH मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
हाइड्रॉक्साइड आयन सान्द्रण [OH] = 10-8 मोल/लीटर
चूँकि [H+] [OH] = 10-14
∴ [H+] = \(\frac{10^{-14}}{\left[\mathrm{OH}^{-}\right]}=\frac{10^{-14}}{1 \times 10^{-8}}\) = 10-6
pH = – log H+
= – log 10-6
= (- 6 log 10) = 6
pH = 6

प्रश्न 3.
एक विलयन में हाइड्रॉक्सिल आयन का सान्द्रण 10-11 मोल / लीटर है। विलयन का pH मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया है [OH] = 10-11 मोल/लीटर
तो [H+] = 10-3 मोल / लीटर
pH = – log [H+]
= – log 10-3
= 3
pH = 3

प्रश्न 4.
एक विलयन में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता 10-8 M है। इस विलयन का pH मान बताइए। विलयन अम्लीय है या क्षारीय।
उत्तर:
विलयन में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता = 10-8 M
pH = – log (H+)
= – log 10-8
चूँकि pH 7 से अधिक है अतः विलयन क्षारीय होगा।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 5.
एक विलयन में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता 10-9 है। इस विलयन का pH मान परिकलित कीजिए तथा बताइए कि विलयन अम्लीय है या क्षारीय है।
उत्तर:
विलयन में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता = 10-9 M
pH = – log [H+]
= – log 10-9
= 9
विलयन क्षारीय होगा।

प्रश्न 6.
पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड विलयन की सान्द्रता 1 x 10-5 मोल / लीटर है तो इस विलयन का pH मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड आयन सान्द्रण
[OH] = 1 x 10-5 मोल/लीटर
परन्तु [H+] x [ OH] = 1 x 10-14
H+ = \(\frac{1 \times 10^{-14}}{1 \times 10^{-5}}\)
= 1 x 10-9

बहुविकल्पीय प्रश्न

निर्देश- प्रत्येक प्रश्न में दिये गये वैकल्पिक उत्तरों में से सही विकल्प चुनिए-

1. उदासीन विलयन के लिए कौन-सा कथन असत्य है-
(a) हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मानं 10-7 मोल / लीटर होता है
(b) हाइड्रॉक्साइड आयन सान्द्रण का मान 10-7 मोल / लीटर होता है।
(c) pH मान 0 होता है
(d) pH मान 7 होता है
उत्तर:
(c) pH मान 0 होता है

2. ऐसीटिक अम्ल में अम्लीय हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या है-
(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) 4
उत्तर:
(a) 1

3. प्रबल अम्ल के जलीय विलयन में किसका आधिक्य होता है?
(a) H+ आयनों का
(b) OH आयनों का
(c) Cl आयनों का
(d) Na+ आयनों का
उत्तर:
(a) H+ आयनों का

4. कॉपर सल्फेट विलयन का pH मान होगा-
(a) < 7
(b) 7
(c) > 7
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) < 7

5. निम्न में अम्लीय लवण है-
(a) NaCl
(b) NaHSO4
(c) Na2SO4
(d) KCN
उत्तर:
(b) NaHSO4

6. 10-6 M HCl विलयन का pH मान होगा-
(a) 7
(b) 6
(c) 0
(d) – 6
उत्तर:
(b) 6

7. H2S विलयन का pH मान है-
(a) 0
(b) 7
(c) 7 से कम
(d) 7 से अधिक
उत्तर:
(c) 7 से कम

8. शुद्ध जल का pH मान है-
(a) 0
(b) 1
(c) 7
(d) 14
उत्तर:
(c) 7

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

9. क्षार जल में विलेय क्षारक होते हैं जो परिवर्तित कर देते हैं-
(a) नीला लिटमस लाल
(b) लाल लिटमस नीला
(c) नीला लिटमस गुलाबी
(d) लाल लिटमस नारंगी
उत्तर:
(b) लाल लिटमस नीला

10. अम्ल तथा क्षारक की परस्पर क्रिया से लवण तथा पानी बनता है। यह क्रिया है-
(a) जल अपघटन
(b) संयोजन
(c) उदासीनीकरण
(d) वैद्युत अपघटन
उत्तर:
(c) उदासीनीकरण

11. किसी विलयन की pH किसकी माप है?
(a) हाइड्रोजन आयन सांद्रता
(b) हाइड्रोनियम आयन सांद्रता
(c) दोनों (a) व (b)
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) दोनों (a) व (b)

12. pH के लिए कौन-सा कथन असत्य है?
(a) pH हाइड्रोजन आयन सांद्रता का मापदंड है
(b) अम्लीय विलयन की pH 7 से कम होती है
(c) pH स्केल में 0-14 तक pH मापी जाती है
(d) क्षारीय विलयन की pH 0-14 होती है।
उत्तर:
(d) क्षारीय विलयन की pH 0-14 होती है।

13. आसुत जल का आयनिक उत्पादक क्या है?
(a) 10-12 मोल / लीटर
(b) 10-7 मोल/लीटर
(c) 10-14 मोल / लीटर
(d) 0.
उत्तर:
(c) 10-14 मोल / लीटर

14. आसुत जल में H + आयन की सांद्रता है-
(a) 10-7 मोल / लीटर
(b) 10-6 मोल/लीटर
(c) 10-4 मोल / लीटर
(d) 100 मोल / लीटर
उत्तर:
(a) 10-7 मोल / लीटर

15. एक घोल का pH मान 4 है तो घोल होगा-
(a) उदासीन
(b) क्षारीय
(c) अम्लीय
(d) आयनिक
उत्तर:
(c) अम्लीय

16. किसी विलयन का pH मान 4 है। इसमें उपस्थित हाइड्रोजन आयन सान्द्रण है-
(a) 1 x 10-4 मोल प्रति लीटर
(b) 1 x 10-7 मोल प्रति लीटर
(c) 1 x 10-14 मोल प्रति लीटर
(d) 1 x 10-8 मोल प्रति लीटर
उत्तर:
(a) 1 x 10-4 मोल प्रति लीटर

17. क्षारीय विलयन में फिनॉल्फ्थलीन / सूचक का रंग होता है-
(a) लाल
(b) पीला
(c) नीला
(d) रंगीन
उत्तर:
(a) लाल

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18. अम्लीय विलयन का pH मान है-
(a) 7
(b) 7 से कम
(c) 7 से अधिक
(d) शून्य
उत्तर:
(b) 7 से कम

19. एक विलयन का pH मान 5 है। यह विलयन है-
(a) अम्लीय
(b) क्षारीय
(c) उदासीन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) अम्लीय

20. निम्नलिखित में दुर्बल अम्ल है-
(a) HCl
(b) HCN
(c) HNO3
(d) H2SO4
उत्तर:
(b) HCN

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

  1. जब अम्ल किसी धातु कार्बोनेट या धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट से अभिक्रिया करता है तो यह संगत गैस ………………… एवं ………………… उत्पन्न करता है।
  2. जल में अम्लीय एवं क्षारकीय विलयन विद्युत का चालन करते हैं क्योंकि ये क्रमश: ………………… एवं ………………… आयन का निर्माण करते हैं।
  3. अम्ल या क्षारक की प्रबलता की जाँच ………………… स्केल के उपयोग से की जा सकती है जो विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता की माप होता है।
  4. विलयन में H+ (aq) आयन के निर्माण के कारण ही पदार्थ की प्रकृति ………………… होती है। विलयन में OH (aq) आयन के निर्माण से पदार्थ की प्रकृति होती है।
  5. जब कोई अम्ल किसी धातु के साथ अभिक्रिया करता है तो ……………….. गैस का उत्सर्जन होता है। साथ ही संगत ………………… का निर्माण होता है।
  6. जब क्षारक किसी धातु से अभिक्रिया करता है तो ………………… गैस के उत्सर्जन के साथ एक ………………… का निर्माण होता है जिसका ऋण आयन एक धातु एवं ऑक्सीजन के परमाणुओं से संयुक्त रूप से निर्मित होता है।

उत्तर:

  1. लवण, कार्बन डाइऑक्साइड, जल
  2. हाइड्रोजन, हाइड्रॉक्साइड
  3. pH
  4. अम्लीय क्षारीय
  5. हाइड्रोजन, लवण
  6. हाइड्रोजन, लवण।