JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. वह तरंग, जिसमें संपीडन और विरलन हैं, कहलाती है-
(a) अनुप्रस्थ तरंग
(b) अनुदैर्ध्य तरंग
(c) प्रकाश तरंग
(d) जल तरंग।
उत्तर:
(b) अनुदैर्ध्य तरंग।

2. तरंग के वेग v, तरंगदैर्ध्य (λ) तथा आवृत्ति n के बीच सम्बन्ध है-
(a) v = nλ
(b) λ = vn
(c) n = vλ
(d) n = λ/v।
उत्तर:
(a) v = nλ

3. अनुप्रस्थ तरंगें उत्पन्न की जा सकती हैं-
(a) ठोस व गैस में
(b) ठोस व द्रव में
(c) गैस व द्रव में
(c) ठोस, द्रव व गैस तीनों में।
उत्तर:
(b) ठोस व द्रव में।

4. अनुदैर्ध्य तरंग में माध्यम के कणों का कम्पन्न-
(a) तरंग की दिशा में होता है
(b) तरंग की दिशा के लम्बवत् होता है।
(c) कण कम्पन नहीं करते हैं
(d) तरंग की दिशा में 60° के कोण पर।
उत्तर:
(a) तरंग की दिशा में होता है।

5. ध्वनि की चाल अधिकतम होती है-
(a) वायु में
(b) ठोसों में।
(c) जल में
(d) जल व ठोस दोनों में।
उत्तर:
(b) ठोसों में

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6. घड़ी की सुइयों में घण्टे वाली सुई का आवर्तकाल होता है-
(a) 1 घण्टे
(b) 24 घण्टे
(c) 12 घण्टे
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) 12 घण्टे।

7. एक तरंग की चाल 350 मी/से. तथा तरंगदैर्ध्य 50 सेमी है, तो तरंग की आवृत्ति होगी-
(a) 13500 प्रति सेकण्ड
(b) 700 प्रति सेकण्ड
(c) 400 प्रति सेकण्ड
(d) 300 प्रति सेकण्ड।
उत्तर:
(b) 700 प्रति सेकण्ड।

8. प्रति सेकण्ड समय में पूर्ण किए गए दोलनों की संख्या को कहते हैं-
(a) आयाम
(b) चाल
(c) आवर्तकाल
(d) आवृत्ति।
उत्तर:
(d) आवृत्ति।

9. कम्पन करती एक वस्तु का आवर्तकाल 0.02 सेकण्ड है, वस्तु के कम्पन की आवृत्ति होगी-
(a) 100 सेकण्ड
(b) 20 सेकण्ड1
(c) 50 सेकण्ड
(d) 1 सेकण्ड।
उत्तर:
(c) 50 सेकण्ड

10. घड़ी में सेकण्ड वाली सुई का आवर्तकाल होता है-
(a) 1 मिनट
(b) 1 घण्टा
(c) 12 घण्टे
(d) 24 घण्टे।
उत्तर:
(a) 1 मिनट।

11. श्रव्यता सीमा होती है-
(a) 200 Hz से 20000 Hz तक
(b) 20 Hz से 20000 Hz तक
(c) 2 Hz से 20 Hz तक
(d) 20000 Hz से अधिक।
उत्तर:
(b) 20Hz से 20000 Hz तक।

12. प्रतिध्वनि सुनने के लिए हमारे कान तक ध्वनि कम से कम कितने समय बाद पहुंचनी चाहिए?
(a) 0.1 सेकण्ड
(b) 0.5 सेकण्ड
(c) 1 सेकण्ड
(d) 2 सेकण्ड।
उत्तर:
(c) 1 सेकण्ड

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13. अल्ट्रासोनोग्राफी में प्रयुक्त तरंगों की आवृत्ति है-
(a) 20 हर्ट्ज
(b) 20 हर्ट्ज तक से कम
(c) 20 हर्ट्ज से 20000 हर्ट्ज तक
(d) 20000 हर्ट्ज से अधिक।
उत्तर:
(d) 20000 हर्ट्ज से अधिक।

14. आयाम का मात्रक है-
(a) मीटर
(b) मीटर / सेकण्ड
(c) हर्ट्ज
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) मीटर।

15. ध्वनि की निर्वात में चाल होती है-
(a) 3 x 108 मी/सेकण्ड
(b) 330 मीटर / सेकण्ड
(c) ध्वनि निर्वातु में नहीं चल सकती
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) ध्वनि निर्वात् में नहीं चल सकती।

रिक्त स्थान भरो-

  1. ध्वनि तब उत्पन्न होती है जब वस्तु ……………….. करती है।
  2. ध्वनि तरंगें ……………….. तरंगें होती हैं।
  3. ध्वनि संचरण के लिए ……………….. की आवश्यकता होती है।
  4. एकल आवृत्ति की ध्वनि को ……………….. कहते हैं।

उत्तर:

  1. कम्पन
  2. अनुदैर्ध्य
  3. माध्यम
  4. टोन।

सुमेलन कीजिए-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
1. चाल (क) 20 Hz से कम
2. ध्वनि का वेग (ख) दूरी/समय
3. अपश्रव्य ध्वनि (ग) 20 kHz से अधिक
4. पराश्रव्य ध्वनि (घ) तरंगदैर्ध्य x आवृत्ति

उत्तर:
1. (ख) दूरी/समय
2. (घ) तरंगदैर्ध्य x आवृत्ति
3. (क) 20 Hz से कम
4. (ग) 20 kHz से अधिक

सत्य / असत्य –

  1. शोर सुनने में कर्णप्रिय होता है।
  2. ध्वनि की चाल आर्द्रता बढ़ने पर बढ़ती है।
  3. ध्वनि का आयतन कोण हमेशा ध्वनि के परावर्तन कोण बड़ा होता है।
  4. तरंगदैर्ध्य का SI मात्रक हर्ट्ज होता है।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. असत्य
  4. असत्य।

अति लघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अनुप्रस्थ तरंगें किस प्रकार के माध्यम में उत्पन्न की जा सकती हैं?
उत्तर:
ठोसों में तथा द्रवों की सतह पर, जिनमें दृढ़ता होती है।

प्रश्न 2.
अनुदैर्ध्य तरंगें किस प्रकार के माध्यम में उत्पन्न की जा सकती हैं?
उत्तर:
ठोस, द्रव तथा गैस तीनों माध्यमों में।

प्रश्न 3.
जल में पत्थर फेंकने से जल की सतह पर उत्पन्न तरंगें किस प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
अनुप्रस्थ तरंगें।

प्रश्न 4.
लोहे में उत्पन्न ध्वनि तरंगें किस प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
अनुदैर्ध्य तरंगें।

प्रश्न 5.
वायु में उत्पन्न ध्वनि तरंगें किस प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
अनुदैर्ध्य तरंगें।

प्रश्न 6.
किसी तार को दो खूँटियों के बीच तानकर लम्बाई के लम्बवत् खींचकर छोड़ दिया जाता है तो तार में उत्पन्न तरंग का नाम बताइए।
उत्तर:
अनुप्रस्थ तरंग।

प्रश्न 7.
अनुप्रस्थ तरंग के कारण जिस क्षण तालाब का जल ऊपर को उठता है, उस उठे भाग का क्या कहते हैं?
उत्तर:
श्रृंग (Crest)।

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प्रश्न 8.
अनुप्रस्थ तरंग के कारण जिस क्षण तालाब का जल नीचे की ओर दबा होता है, उस दबे भाग को क्या कहते हैं?
उत्तर:
गर्त (trough)।

प्रश्न 9.
अनुप्रस्थ तरंगों में दो क्रमागत शृंगों (दो क्रमागत गर्तों) के बीच की दूरी कितनी होती है?
उत्तर:
तरंग दैर्ध्य के बराबर।

प्रश्न 10.
तरंगदैर्ध्य का SI मात्रक क्या है?
उत्तर:
तरंगदैर्ध्य का SI मात्रक मीटर है।

प्रश्न 11.
आवृत्ति का SI मात्रक क्या है?
उत्तर:
आवृत्ति का SI मात्रक हर्ट्ज (Hz) है।

प्रश्न 12.
एक स्वतंत्र रूप से लटकी स्लिंकी को खींचकर छोड़ दिया जाए तो किस प्रकार की तरंगें उत्पन्न होंगी?
उत्तर:
अनुदैर्ध्य तरंगें।

प्रश्न 13.
घड़ी की सुइयों की गति किस प्रकार की होती है?
उत्तर:
आवर्ती गति।

प्रश्न 14.
हमारे कान में ध्वनि की संवेदना कितने समय तक बनी रहती है?
उत्तर:
0.1 सेकण्ड तक।

प्रश्न 15.
प्रतिध्वनि सुनाई देने का क्या कारण है?
उत्तर:
प्रतिध्वनि सुनाई देने का कारण ध्वनि का परावर्तन है।

प्रश्न 16.
स्पष्ट प्रतिध्वनि सुनने के लिए अवरोध प्रतिध्वनि से कम-से-कम कितनी दूर होना चाहिए?
उत्तर:
प्रतिध्वनि सुनने के लिए अवरोध कम-से-कम 17.2 मीटर दूर होना चाहिए।

प्रश्न 17.
हम छोटे कमरों में प्रतिध्वनि क्यों नहीं सुन पाते?
उत्तर:
क्योंकि प्रतिध्वनि सुनने के लिए दीवारों के बीच न्यूनतम 17.2 मीटर की दूरी होनी चाहिए।

प्रश्न 18.
पराध्वनिक वस्तु किसे कहते हैं?
उत्तर:
वायु में ध्वनि की चाल की अपेक्षा, अधिक चाल से चलने वाली वस्तु को पराध्वनिक वस्तु कहते हैं।

प्रश्न 19.
पराध्वनिक बूम क्यों सुनाई देता है?
उत्तर:
किसी वस्तु के वायु में ध्वनि की चाल से अधिक चाल से चलने के कारण।

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प्रश्न 20.
SONAR किस वाक्य का संक्षिप्त रूप है? उसे लिखिए।
उत्तर:
SONAR, Sound Navigation And Ranging वाक्य का संक्षिप्त रूप है।

प्रश्न 21.
SONAR में प्रयुक्त होने वाली दो युक्तियों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रेषक तथा ग्राही

प्रश्न 22.
SONAR के दो उपयोग बताइए।
उत्तर:

  1. समुद्र की गहराई ज्ञात करना
  2. शत्रु पनडुब्बी की स्थिति का ज्ञान प्राप्त करना।

प्रश्न 23.
संपीडन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब कोई अनुदैर्ध्य तरंग आगे बढ़ती है तो जिन स्थानों पर माध्यम के कण एक-दूसरे के बहुत समीप आ जाते हैं तो इन्हें संपीडन कहते हैं।

प्रश्न 24.
विरलन किसे कहते हैं?
उत्तर:
अनुदैर्ध्य तरंगों में जिन स्थानों पर माध्यम के कणों की संख्या कम हो जाती है अर्थात् कण दूर-दूर चले जाते हैं, विरलन कहते हैं।

प्रश्न 25.
यदि किसी बिन्दु पर किसी समय संपीडन हो रहा हो तो कितने समय पश्चात्-
(i) उसी स्थान पर विरलन होगा?
(ii) उसी स्थान पर संपीडन होगा?
उत्तर:
(i) T / 2 समय पश्चात् विरलन होगा।
(ii) T समय पश्चात् पुनः संपीडन होगा।

प्रश्न 26.
स्वरित्र द्विभुज की एक भुजा को रबड़ पैड पर मारने से उत्पन्न तरंग स्पंद का उदाहरण है या आवर्ती तरंग का।
उत्तर:
आवर्ती तरंग।

लघुत्तरात्मक एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अनुप्रस्थ तरंगों तथा अनुदैर्ध्य तरंगों में क्या अन्तर
उत्तर:
अनुप्रस्थ तथा अनुदैर्ध्य तरंगों में अन्तर

अनुप्रस्थ तरंग अनुदैर्ध्य तरंग
1. इन तरंगों में माध्यम के कण तरंग के संचरण की दिशा के लम्बवत् कंपन या दोलन करते हैं। 1. इन तरंगों में माध्यम के कण तरंग के संचरण की दिशा के अनुरूप ही कंपन या दोलन करते हैं।
2. इनमें श्रंग (crest) गर्त (trough) बनते हैं जिनकी सहायता से ये तरं गें संचरित होती है। एक भूंग व एक गर्त मिलकर एक तरंग बनाते हैं। 2. इनमें संपीडन तथा विरलन बनते हैं जिनकी सहायता से ये तरंगें संचरित होती हैं। एक संपीडन व एक विरलन मिलकर एक तरंग बनाते है।
3. ये तरंगें ठोस में तथा द्रवों की ऊपरी सतहों पर से संचरित हो सकती हैं। ये वायु या अन्य गैसों में संचरित नहीं हो सकरीं। 3. ये तरंगें ठोस, द्रव तथा गैस तीनों में से संचरित हो सकती हैं।

प्रश्न 2.
अनुदैर्ध्य तरंगों के चलने पर माध्यम में घनत्व व दाब वितरण किस प्रकार होता है?
उत्तर:
अनुदैर्ध्य तरंग के चलने से माध्यम में संपीडन तथा विरलन पैदा हो जाते हैं। संपीडन वाले स्थानों पर माध्यम के कण पास-पास होते हैं। अतः वहाँ माध्यम का घनत्व एवं दाब सामान्य अवस्था की अपेक्षा अधिक रहता है। इसी प्रकार विरलन वाले स्थानों पर माध्यम का घनत्व एवं दाब सामान्य अवस्था की अपेक्षा कम रहता है।

प्रश्न 3.
‘पराध्वनिक’ से क्या तात्पर्य है? क्या यह पराश्रव्य से भिन्न है?
उत्तर:
कई बार पराश्रव्य (Ultrasonic ) तरंग तथा पराध्वनिक तरंगों में भ्रम हो जाता है।
पराश्रव्य तरंगें 20,000 Hz से अधिक आवृत्ति वाली तरंगें हैं जबकि पराध्वनिक (Supersonic) पिंड की चाल से संबंधित है। जब कोई पिण्ड ध्वनि की चाल से अधिक चाल से गति करता है तब उसकी चाल को पराध्वनिक चाल कहते हैं।

प्रश्न 4.
ध्वनि बूम से आप क्या समझते हैं? इसके हानिकारक प्रभाव लिखिए।
उत्तर:
जब पराध्वनिक वायुयान वायु में ध्वनि के वेग से अधिक वेग से उड़ते हैं तो वायु में एक प्रघाती तरंग उत्पन्न हो जाती है। ध्वनि से अधिक तीव्र गति से चलने वाली ये प्रघाती तरंगें ऊर्जा की विशाल मात्रा की वाहक हैं। इन तरंगों के कारण वायु दाब से अत्यधिक परिवर्तन होता है तथा वायु में तीव्र ध्वनि (बादल फटने जैसी) उत्पन्न होती है जिसे ध्वनि बूम (Sonic Boom) कहते हैं।

ध्वनि बूम के हानिकारक प्रभाव –

  • काँच के बर्तन, खिड़कियों के काँच टूट जाते हैं तथा ऊँचे-ऊँचे भवनों को गंभीर हानि हो सकती है।
  • असहनीय शोर होता है जिससे कानों में पीड़ा होती है तथा कर्णपटल को क्षति पहुँच सकती है।

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प्रश्न 5.
ध्वनि के परावर्तन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब कोई ध्वनि तरंग दो माध्यमों के सीमा पृष्ठ पर पहुँचती है तो उसका कुछ भाग पहले माध्यम में वापस आ जाता है। इस प्रक्रिया को ध्वनि का परावर्तन कहते हैं।

जब हम कुएँ पर बोलते हैं या ताली बजाते हैं तो हमें वही किन्तु कुछ धीमी ध्वनि कुएँ के अंदर से आती हुई दोबारा सुनाई देती है। दोबारा सुनाई देने वाली ध्वनि पहली ध्वनि की प्रतिध्वनि (Echo) है जो पहली ध्वनि के कुएँ के जल से परावर्तन के कारण दोबारा सुनाई देती है। इसी प्रकार की प्रतिध्वनि हम एक बड़े हॉल या गुंबद से भी ध्वनि के परावर्तन के कारण सुनते हैं।

प्रश्न 6.
यान्त्रिक तरंगें कितने प्रकार की होती हैं? प्रत्येक को उदाहरण देकर समझाइए तथा इनके प्रमुख गुणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
यान्त्रिक तरंगें-वे तरंगें जो किसी (ठोस, द्रव अथवा गैस) पदार्थ के कणों के दोलनों द्वारा उत्पन्न होती हैं तथा आगे बढ़ती हैं यान्त्रिक तरंगें कहलाती हैं; जैसे – वायु में ध्वनि तरंगें, जल में गिरे पत्थर के कारण उत्पन्न तरंगें रस्सी में दोलनों के द्वारा उत्पन्न तरंगें आदि।
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माध्यम के कणों के कम्पन करने की दिशा के आधार पर यान्त्रिक तरंगें दो प्रकार की होती हैं-
(1) अनुप्रस्थ तरंगें जब किसी तरंग में माध्यम के कण तरंग के चलने की दिशा के लम्बवत् कम्पन करते हैं तो उत्पन्न तरंग अनुप्रस्थं तरंग कहलाती है। यह तरंग श्रृंग तथा गर्त के मिलने से बनती है जब तालाब के जल में पत्थर फेंकते हैं तो अनुप्रस्थ तरंगें उत्पन्न होती हैं तालाब में पत्थर फेंकने से उत्पन्न अनुप्रस्थ तरंग के उठे हुए भाग को शृंग (crest) तथा दबे हुए भाग की गर्त (trough) कहते हैं (चित्र 12.18)।

उदाहरण- वायलिन, सितार आदि की तनी हुई डोरियों में उत्पन्न तरंगें तथा जल की सतह पर उत्पन्न तरंगें ।

गुण- इस प्रकार की तरंगें केवल ठोस तथा द्रव की सतह पर ही उत्पन्न की जा सकती हैं, जिनमें दृढ़ता होती है। ये तरंगें गैसों में उत्पन्न नहीं की जा सकती हैं; क्योंकि गैसों दृढ़ता नहीं होती है।
में

(2) अनुदैर्ध्य तरंगें जब किसी तरंग में माध्यम के कण तरंग के चलने की दिशा में ही कम्पन करते हैं तो उत्पन्न तरंग अनुदैर्ध्य तरंग कहलाती है। यह तरंग संपीडन एवं विरलनों के मिलने से बनती है। जब स्वरित्र को कम्पित कराते हैं और स्वरित्र की भुजाएँ बाहर की ओर जाती हैं तो संपीडन तथा जब भुजाएँ अन्दर की ओर जाती हैं तो विरलन उत्पन्न होता है। (चित्र 12.19 ) ।
उदाहरण – वायु में चलने वाली ध्वनि तरंगें, हुक से लटके एक स्प्रिंग के सिरे से बाँट बाँधकर खींचकर छोड़ने से उत्पन्न तरंगें, जल के अन्दर चलने वाली तरंगें।

गुण – इस प्रकार की तरंगें ठोस, द्रव तथा गैस तीनों ही माध्यमों में उत्पन्न होती हैं। वायु में ध्वनि इन्हीं तरंगों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाती है।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक तरंग की चाल 250 मीटर / सेकण्ड तथा आवृत्ति 500 हर्ट्ज है। तरंग की तरंगदैर्ध्य तथा आवर्तकाल की गणना कीजिए।
हल:
दिया है v = 250 मीटर / सेकण्ड,
v = 500 हर्ट्ज
तरंगदैर्ध्य λ = \(\frac { V }{ v }\)
= \(\frac { 250 }{ 300 }\)
= 0.5 मीटर
तथा आवर्तकाल T = \(\frac { 1 }{ v }\)
= \(\frac { 1 }{ 500 }\)
= 0.002 सेकण्ड

प्रश्न 2.
एक सरल लोलक 20 सेकण्ड में 40 दोलन पूरे करता है। दोलनों की आवृत्ति तथा आवर्तकाल ज्ञात कीजिए।
हल:
20 सेकण्ड में पूरे किए गए दोलन = 40
∴ 1 सेकण्ड में पूरे किए गए दोलन = \(\frac { 40 }{ 20 }\) = 2
अत: दोलनों की आवृत्ति v = 2 हज
तथा दोलनों का आवर्तकाल
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 2

प्रश्न 3.
किसी माध्यम में चलने वाली दो यान्त्रिक तरंगों की आवृत्तियों का अनुपात 3 4 है इन तरंगों के
(i) तरंगदैयों का अनुपात क्या दोष होगा?
(ii) आवर्तकाल का अनुपात क्या होगा?
हल:
(i) दिया है v1 : v2 = 3 : 4
∵ v = vλ अत: v1λ1 = v2λ2
अतः \(\frac{v_1}{v_2}=\frac{\lambda_2}{\lambda_1}\) या \(\frac{\lambda_2}{\lambda_1}=\frac{3}{4}\) [∵ \(\frac{v_1}{v_2}=\frac{3}{4}\) ]
अतः \(\frac{λ_1}{λ_2}=\frac{4}{3}\)
अत: λ1 : λ1 = 4 : 3

(ii) आवर्तकाल का अनुपात
तथा v = \(\frac { 1 }{ T }\) अर्थात् \(\frac{v_1}{v_2}=\frac{T_2}{T_1}\)
परन्तु \(\frac{v_1}{v_2}=\frac{3}{4}\)
\(\frac{\mathrm{T}_2}{\mathrm{~T}_1}=\frac{3}{4}\) या \(\frac{T_1}{T_2}=\frac{4}{3}\)
आवर्तकाल का अनुपात T1 : T2 = 4 : 3

प्रश्न 4.
यदि प्रकाश का वेग 3 x 108 मीटर/सेकण्ड हो तथा आवृत्ति 5 x 1014 प्रति सेकण्ड हो, तो प्रकाश की तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए।
हल:
प्रकाश का वेग v = 3 x 108 मीटर/सेकण्ड
आवृत्ति v = 5 x 1014 प्रति सेकण्ड?
∵ v = vλ अतः λ = \(\frac { υ }{ v }\)
या λ = \(\frac{3 \times 10^8}{5 \times 10^{14}}\) = 6 × 10-7 मीटर

प्रश्न 5.
X किरणों की तरंगदैर्ध्य 1 Å है। यदि X किरणों की चाल 3 x 108 मीटर/सेकण्ड हो, तो इसकी आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है λ = 1 Å = 10-10 मीटर
V = 3 x 108 मीटर/सेकण्ड
v = ?
V = vλ अत: v = \(\frac{v}{\lambda}=\frac{3 \times 10^8}{10^{-10}}\)
v = 3 × 1018 हर्ट्ज

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 6.
एक इलेक्ट्रॉन के दोलन का आवर्तकाल 0.05 माइक्रोसेकण्ड है, इसकी आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है T = 0.05 माइक्रोसेकण्ड 0.05 × 10-6
सेकण्ड v = ?
∴ v = \(\frac { 1 }{ T }\) = \(\frac{1}{0.05 \times 10^{-6}}\)
या v = \(\frac{100 \times 10^6}{5}\) = 20 x 106
या v = 2 x 10-6 हर्ट्ज

प्रश्न 7.
एक स्वरित्र की आवृत्ति 512 हर्ट्ज है। यह स्वरित्र 10 सेकण्ड में कितने दोलन करेगा तथा इसका आवर्तकाल क्या होगा?
हल:
दिया है v = 512 हर्ट्ज
अतः 1 सेकण्ड में स्वरित्र द्वारा किए गए दोलन = 512
10 सेकण्ड में स्वरित्र द्वारा किए गए दोलन = 512 × 10 = 5120 दोलन
तथा आवर्तकाल T = \(\frac { 1 }{ v }\) = \(\frac { 1 }{ 512 }\) सेकण्ड

प्रश्न 8.
एक तरंग की आवृत्ति 120 हर्ट्ज है। यदि तरंग की चाल 480 मीटर / सेकण्ड हो, तो तरंगदैर्ध्य का मान क्या होगा?
हल:
दिया है v = 120 हर्ट्ज, V = 480 मीटर / सेकण्ड,
λ = ?
∵ V = vλ अत: λ = \(\frac { υ }{ v }\) = \(\frac { 480 }{ 120 }\)
या λ = 4 मीटर

प्रश्न 9.
एक रेडियो प्रसारण केन्द्र से 40 मेगाहर्टज आवृत्ति की विद्युत चुम्बकीय तरंगें प्रसारित होती हैं। यदि विद्युत चुम्बकीय तरंग की चाल 3 x 108 मीटर / सेकण्ड हो तो इन तरंगों की तरंगदैर्ध्य क्या होगी?
हल:
दिया है आवृत्ति v = 40 मेगा हर्ट्ज 40 x 106 हर्ट्ज
V = 3 x 108 मीटर / सेकण्ड
λ = ?
υ = vλ अत: λ = \(\frac { υ }{ v }\)
अतः λ = \(\frac{3 \times 10^8}{40 \times 10^6}=\frac{300}{40}\)
या λ = 7.5 मीटर

प्रश्न 10.
जहाज में लगा हुआ एक सोनार उपकरण समुद्र के अन्दर पराश्रव्य तरंगें भेजता है ये तरंगें समुद्र तल से परावर्तित होती हैं। यदि पराश्रव्य तरंगें जहाज से समुद्र तल तक वापस चलने में 2 सेकण्ड लेती हैं; तो समुद्र ‘की गहराई क्या है? (जल में ध्वनि की चाल = 1500 m/s )
हल:
जहाज से समुद्र के तल तक जाने में ध्वनि \(\frac { 2 }{ 2 }\) = 1 सेकण्ड लेती है।
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प्रश्न 11.
सोनार की सहायता से पानी की सतह पर ध्वनि स्पंदन छोड़ा जाता है। पेंदी से टकराकर परावर्तित होने पर इन स्पंदनों को ग्रहण कर लिया जाता है। यदि स्पंदन के छोड़े एवं ग्रहण किये जाने तक लगा कुल समय 4 सेकण्ड हो तो पानी की गहराई ज्ञात करो।
हल:
स्पंदन द्वारा लिया गया कुल समय = 4s
माना कि भूमि की सतह से पानी की गहराई हो, तो स्पंदन द्वारा तय की गई कुल दूरी = 2d
अत: ध्वनि का वेग = \(\frac { 2d }{ 4s }\)
अथवा,
344 m/s = \(\frac { d }{ 2s }\)
अथवा d = 344 m/s x 2s = 688m

प्रश्न 12.
जहाज में लगा हुआ एक सोनार उपकरण समुद्र के अंदर पराश्रव्य तरंगें भेजता है ये तरंगें समुद्र तल से परावर्तित होती हैं। यदि पराश्रव्य तरंगें जहाज से समुद्र तल तक और वापस जहाज तक (प्रतिध्वनि के रूप में) चलने में 4 सेकण्ड लेती हैं, तो समुद्र की गहराई क्या है? (जल में ध्वनि की चाल = 1500m/s)
हल:
पराश्रव्य ध्वनि तरंगों द्वारा जहाज से समुद्र तल और वापस जहाज तक चलने में लिया गया समय 4 सेकण्ड है। इसलिए, पराश्रव्य ध्वनि द्वारा जहाज से समुद्र तल जाने में लिया गया समय इस समय का आधा होगा जो \(\frac { 4 }{ 2 }\) = 2 सेकण्ड है।
अतः जहाज से समुद्र तल तक जाने में ध्वनि 2 सेकण्ड लेती है।
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 4
अत: जहाज के नीचे इस समुद्र की गहराई 3000m है।

प्रश्न 13.
समुद्र के अंदर एक व्हेल 75 किमी. दूर अपने मित्र से कुछ कहती है। उसके मित्र को सुनने में कितना समय लगेगा? (ध्वनि की पानी में चाल 1500m/s)।
हल:
दिया है ध्वनि की चाल = 1500m/s
दूरी = 75 km
= 75 x 1000
= 75,000m
लिया गया समय = ?
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 5
इस प्रकार, व्हेल का मित्र, बात की ध्वनि को 50 सेकण्ड बाद सुनेगा।

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प्रश्न 1.
जीवन के लिए वायुमण्डल क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
जीवन के लिए वायुमण्डल की आवश्यकताजीवों के लिए वायुमण्डल बहुत आवश्यक है। पृथ्वी पर जीवन वायु के घटकों का परिणाम है। स्थलीय जन्तु श्वसन के लिए ऑक्सीजन वायुमण्डल से ही प्राप्त करते हैं। जलीय जीव इसे पानी में घुली हुई अवस्था में प्राप्त करते हैं। यूकैरियोटिक तथा प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं को ग्लूकोज के अणुओं को तोड़ने के लिए तथा उससे ऊर्जा प्राप्त करने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। इसी कारण CO2 उत्पन्न होती है। पौधे इस CO2 को ग्लूकोज में बदलते हैं तथा अपने लिए भोजन के रूप में प्राप्त करते हैं। वायुमण्डल ने पूरी पृथ्वी को कम्बल की तरह ढक रखा है।

वायु ताप की कुचालक है इसलिए वायुमण्डल पृथ्वी के औसत तापमान को पूरे वर्ष भर लगभग नियत रखता है। वायुमण्डल दिन के तापमान को अचानक बढ़ने से रोकता है और रात के समय ऊष्मा को बाहरी अन्तरिक्ष में जाने की दर को कम करता है। मौसम सम्बन्धी सभी क्रियाएँ वायुमण्डल द्वारा निर्मित होती हैं। इसलिए जीवन के लिए वायुमण्डल आवश्यक है।

प्रश्न 2.
जीवन के लिए जल क्यों अनिवार्य है?
उत्तर:
जीवन के लिए जल की अनिवार्यता – जल जीवमण्डल का एक महत्त्वपूर्ण निर्जीव घटक है। जल बहुत से पदार्थों को अपने में घोल लेने में सक्षम है। जीवन की विभिन्न प्रक्रियाओं में स्थलीय जीव-जन्तु और पौधे जल का उपयोग करते हैं। सभी कोशिकीय प्रक्रियाएँ जलीय माध्यम में ही होती हैं। हमारे शरीर में या कोशिकाओं के अन्दर होने वाली सभी प्रक्रियाएँ जल में घुले हुए पदार्थों से ही होती हैं। शरीर के अन्दर पदार्थों का संवहन घुली हुई अवस्था में होता है। इसलिए सजीव प्राणी व पौधे जीवित रहने के लिए अपने शरीर में जल की मात्रा का सन्तुलन बनाये रखते हैं। स्थलीय जीवों को जीवित रहने के लिए शुद्ध जल की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 3.
जीवित प्राणी मृदा पर कैसे निर्भर हैं? क्या जल में रहने वाले जीव सम्पदा के रूप में मृदा से पूरी तरह स्वतन्त्र हैं?
उत्तर:
जीवित प्राणियों की मृदा पर निर्भरता जीवित प्राणी मृदा पर ही निर्भर करते हैं। मृदा में उत्पन्न पेड़-पौधों से अपना भोजन प्राप्त करते हैं जो हमें ऊर्जा प्रदान करता है। जीवनयापन के लिए अन्य बहुत से आवश्यक तत्व मृदा से ही प्राप्त होते हैं। पौधे अनेक प्रकार के खनिज लवण मृदा से ही प्राप्त करते हैं और भोजन के तत्वों के रूप में प्राणियों के जीवन का आधार बनते हैं। जल में रहने वाले जीव सम्पदा के रूप में मुदा से पूरी तरह स्वतन्त्र नहीं हैं।

क्योंकि जलीय जीव भी भोजन और ऊर्जा के लिए जल में उगने वाले पौधों पर आश्रित हैं। जलीय पौधे खनिजों को जल से प्राप्त करते हैं। इस प्रकार जल में रहने वाले जीव सम्पदा के रूप में मृदा से पूरी तरह स्वतन्त्र हैं। परन्तु फिर भी कहीं न कहीं मृदा का उनके साथ सम्बन्ध अवश्य है।

प्रश्न 4.
आपने टेलीविजन पर और समाचार-पत्र में मौसम सम्बन्धी रिपोर्ट को देखा होगा। क्या आप सोचते हैं कि हम मौसम के पूर्वानुमान में सक्षम हैं?
उत्तर:
मौसम का पूर्वानुमान जी हाँ, हम मौसम के पूर्वानुमान के सम्बन्ध में भविष्यवाणी पवनों की दिशाओं का अध्ययन करने के बाद कर सकते हैं। पवनों की दिशाओं द्वारा हमें वर्षा होने या न होने, पवनों की गति, तापमान आदि की जानकारी मिल जाती है। पवनों का पैटर्न हमें बता सकता है कि किस दिशा में गर्म और ठंडी हवाएँ बहेंगी और कम वायु दाब तथा उच्च वायु दाब वाले क्षेत्र कौन-कौन से हैं। भारत के अधिकतर भाग में वर्षा दक्षिणी-पश्चिमी या पूर्वी उत्तरी मानसूनों (मौसमी हवाओं) द्वारा होती है। कम वायु दाब तथा उच्च वायु दाब वाले क्षेत्रों को पहचान कर और मानसून पवनों की दिशा ज्ञात कर हम मौसम सम्बन्धी पूर्वानुमान लगा सकते हैं।

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प्रश्न 5.
हम जानते हैं कि बहुत सी मानवीय गतिविधियाँ वायु, जल एवं मृदा के प्रदूषण स्तर को बढ़ा रही हैं। क्या आप सोचते हैं कि इन गतिविधियों को कुछ विशेष क्षेत्रों में सीमित कर देने से प्रदूषण के स्तर को घटाने में सहायता मिलेगी?
उत्तर:
बहुत से मानवीय क्रियाकलाप वायु, जल एवं मृदा के प्रदूषण स्तर को निरन्तर बढ़ा रहे हैं। यदि इन क्रिया कलापों को कुछ विशेष क्षेत्रों में सीमित कर दिया जाए तो प्रदूषण के स्तर को घटाने में सहायता मिल सकेगी। यातायात के भारी वाहनों का अस्पतालों के आसपास व घनी बस्तियों में आवागमन प्रतिबन्धित कर वातावरण में हानिकारक गैसों पर नियन्त्रण पाया जा सकता है। पेट्रोल और डीजल के स्थान पर वाहनों में CNG का प्रयोग कुछ नगरों में प्रारम्भ किया गया है जिसके अनुकूल प्रभाव दिखाई दिये हैं।

खानों की खनन क्रिया को रोककर वायुमण्डल तथा पेड़-पौधों की रक्षा की गई है। नदियों के जल के शुद्धीकरण के लिए प्रयत्न किये गये हैं। यह ठीक है कि हमारे देश में जनसंख्या बहुत अधिक है, अशिक्षा है, निर्धनता है, परन्तु फिर भी प्रयत्न करने पर सकारात्मक परिणाम अवश्य प्राप्त होंगे। इनसे प्रदूषण तो पूर्णरूपेण समाप्त नहीं होगा परन्तु प्रदूषण के स्तर को घटाने में अवश्य सहायता मिलेगी।

प्रश्न 6.
जंगल वायु, मृदा तथा जलीय स्रोत की गुणवत्ता को कैसे प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
जंगल (वन) तीनों प्राकृतिक स्रोतों वायु, जल तथा मृदा की गुणवत्ता को निम्नलिखित प्रकार से प्रभावित करते हैं-
1. जंगल वायुमण्डल में CO2 तथा O2 के अनुपात को बनाए रखते हैं-वृक्ष हमारे पर्यावरण से CO2 गैस की अवशोषित करके तथा O2 गैस मुक्त करके पर्यावरण को स्वच्छ करने का महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं, जिसके कारण वायुमण्डल में CO2 और O2 की मात्रा का अनुपात ठीक बना रहता है।

2. जंगल मृदा अपरदन को रोकने में सहायक होते हैं- वृक्षों तथा अन्य पौधों एवं वनस्पतियों की जड़ें मिट्टी को जकड़े रहती हैं। यह जल तथा वायु के तेज प्रवाह में अवरोध उत्पन्न करते हैं जिसके कारण मृदा का अपरदन नहीं होने पाता है तथा मृदा की ऊपरी उपजाऊ परत का संरक्षण होता रहता है।

3. जंगल जलस्रोतों के पुनः पूरण में सहायक होते हैंवृक्ष वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया द्वारा अत्यधिक मात्रा में जलवाष्प उत्सर्जित करते हैं। यह जलवाष्प संघनित होकर वर्षा वाले बादलों में परिवर्तित हो जाती है। यदि किसी क्षेत्र में वृक्षों की संख्या कम होगी तो उस क्षेत्र में वर्षा कम होगी, परिणामस्वरूप, उस क्षेत्र में जल की कमी हो जायेगी और एक समय ऐसा आयेगा कि वह क्षेत्र मरुस्थल (रेगिस्तान) बन सकता है। अतः ऐसे स्थानों पर वृक्षारोपण और उनकी सुरक्षा करना बहुत आवश्यक है।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वन वृक्ष वर्षा को आकर्षित करते हैं जिससे हमारे जलस्रोतों का पुनः पूरण होता रहता है। अतः वन (जंगल) हमारे राष्ट्र की अमूल्य निधि हैं।

Jharkhand Board Class 9 Science प्राकृतिक सम्पदा InText Questions and Answers

क्रियाकलाप 14.1. (पा. पु. पृ. सं. 214)
निम्नलिखित का ताप मापिए- (i) जल से भरा एक बीकर, (ii) मृदा या बालू से भरा एक बीकर और (iii) एक बन्द बोतल लें, जिसमें थर्मामीटर लगा हो। इन सभी को सूर्य के प्रकाश में तीन घन्टे तक रखो। अब तीनों बोतलों के तापमान को मापो। इसी समय छाया में भी तापमान को देखिए।
(i) या (ii) में से किसमें तापमान की माप अधिक है?
उत्तर:
(ii) मृदा या बालू से भरे बीकर का तापमान अधिक है।

प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर कौन सब से पहले गर्म होगा – स्थल या समुद्र?
उत्तर:
सबसे पहले स्थल गर्म होगा।

क्या छाया में वायु का तापमान बालू तथा जल के तापमान के समान होगा? आप इसके कारण के बारे में क्या सोचते हैं और तापमान को छाया में क्यों मापा जाता है?
उत्तर:
छाया में वायु का तापमान बालू तथा जल के तापमान से कम होगा, क्योंकि बालू जल्दी गर्म हो जाती है। इसी प्रकार जल भी वायु की अपेक्षा जल्दी गर्म हो जाता है।

तापमान को छाया में इसलिए मापा जाता है कि सूर्य की गर्मी या किरणों के परावर्तन के कारण तापमान में वृद्धि हो जाती है। अतः इसके कारण तापमान सही मापने में अनुमान लगाना कठिन होता है।

क्या बन्द बोतल या शीशे के बर्तन में लिया गया हवा का तापमान और खुले में लिया गया हवा का तापमान समान है? इसके कारण के बारे में आप क्या सोचते हैं? क्या हम प्रायः इस प्रकार की घटनाओं से अवगत होते हैं?
उत्तर:
बन्द बोतल या शीशे के बर्तन में ली गई हवा का तापमान खुले में लिए गए तापमान से कम होगा क्योंकि बाहर की हवा अन्दर की हवा की तुलना में अधिक गर्म होती है और उस पर मौसम का प्रभाव भी बना रहता है। हम इस प्रकार की घटनाओं से प्रतिदिन अवगत होते रहते हैं।

क्रियाकलाप 14.2. (पा.पु. पृ. सं. 214)
चित्र 14.1 के अनुसार एक मोमबत्ती को चौड़े मुँह वाली बोतल या बीकर में रखकर उसे जलाते हैं। अब एक अगरबत्ती को जलाकर उसे बोतल के मुँह के पास ले जाते हैं।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा 1
जब अगरबत्ती को बोतल के मुँह के किनारे पर ले जाया जाता है तब अवलोकन करते हैं कि धुँआ किस ओर जाता है? जब अगरबत्ती को मोमबत्ती के थोड़ा ऊपर रखा जाता है। तब धुँआ किस ओर जाता है?

दूसरे भागों में जब अगरबत्ती को रखा जाता है तब धुँआ किस ओर जाता है?

धुँआ की दिशाओं को देखने से हमें पता चलता है कि किस दिशा में गर्म और ठंडी हवाएँ बहती हैं। इसी प्रकार जब वायु स्थल और जल के विकिरण के कारण गर्म होती है। तब यह ऊपर की ओर प्रवाहित होती है। चूँकि जल की अपेक्षा स्थल शीघ्र गर्म हो जाता है इसलिए स्थल के ऊपर की वायु जल के ऊपर की वायु की अपेक्षा तेजी से गर्म होती है।

दिन में जब हम तटीय क्षेत्रों की ओर देखते हैं तो पाते हैं कि स्थल के ऊपर की वायु तेजी से गर्म होकर ऊपर की और उठना प्रारम्भ कर देती है। जैसे ही यह वायु ऊपर की ओर उठती है, वहाँ कम दबाव का क्षेत्र बन जाता है और समुद्र के ऊपर की वायु कम दाब वाले क्षेत्र की ओर प्रवाहित हो जाती है। एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में वायु की गति पवनों (winds) का निर्माण करती है। दिन के समय हवा की दिशा समुद्र से स्थल की ओर हो जाती है।

रात के समय स्थल और समुद्र दोनों ठंडे होने लगते हैं। चूँकि स्थल की अपेक्षा जल धीरे-धीरे ठंडा होता है। इसलिए जल के ऊपर की वायु स्थल के ऊपर की वायु से गर्म होगी।

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तटीय क्षेत्रों पर कम तथा उच्च दाब के क्षेत्र रात में प्रतीत होते हैं, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि दिन के समय हवा की दिशा समुद्र से स्थल की ओर होती है। दिन के समय स्थल के ऊपर की वायु तेज गति से गर्म होकर ऊपर उठने लगती है। जैसे ही यह वायु ऊपर की ओर उठती है, वहाँ कम दाब का क्षेत्र बन जाता है और समुद्र के ऊपर की वायु कम दाब वाले क्षेत्र की ओर प्रवाहित हो जाती है।

तटीय क्षेत्रों में रात के समय वायु की दिशा क्या होगी?
उत्तर:
रात के समय स्थल और समुद्र दोनों ठण्डे होने लगते हैं। चूँकि स्थल की अपेक्षा जल धीरे-धीरे ठंडा होता है। इसलिए जल के ऊपर की वायु स्थल के ऊपर की वायु से अधिक गर्म होगी तथा वायु का प्रवाह ऊपर की ओर होगा। हवा की गति और दिशाओं को बहुत से अन्य कारक भी प्रभावित करते हैं, जैसे- पृथ्वी की घूर्णन गति तथा पवन के मार्ग में आने वाली पर्वत श्रृंखलाएँ।

क्रियाकलाप 14.3. (पा. पु. पृ. सं. 215)
एक पतली प्लास्टिक की बोतल लेकर इसमें 5 से 10 ml जल भर लेते हैं तथा बोतल को कसकर बन्द कर देते हैं। अब इसे अच्छी तरह से हिलाकर 10 मिनट तक धूप में रख देते हैं। इससे बोतल में मौजूद वायु जलवाष्प से संतृप्त हो जाती है।

अब एक जली हुई अगरबत्ती लेते हैं और बोतल के मुँह को खोलकर अगरबत्ती के धुँए की कुछ मात्रा को बोतल के अन्दर जाने देते हैं। पुनः बोतल को कसकर बन्द कर देते हैं। बोतल को अपनी हथेलियों के बीच में रखकर खूब जोर से दबाते हैं। अब कुछ समय तक प्रतीक्षा करने के बाद बोतल को छोड़ देते हैं। एक बार पुनः बोतल को जितना जोर से सम्भव हो, दबाते हैं।

आपने कब देखा कि बोतल के अन्दर स्थित हवा कुहरे की भाँति हो जाती है?
उत्तर:
बोतल के अन्दर की हवा कुहरे की भाँति तब हो जाती है जब हमने अगरबत्ती के धुँए की कुछ मात्रा को बोतल के अन्दर जाने दिया।

यह कुहासा कब समाप्त होता है?
उत्तर:
यह कुहांसा तब समाप्त होता है जब हम बोतल को हथेलियों के बीच रखकर जोर से दबाते हैं।

बोतल के अन्दर दाब कब अधिक है?
उत्तर:
बोतल के अन्दर अगरबत्ती का धुँआ पहुँचने के बाद बोतल के अन्दर का दाब अधिक हो गया।

कुहासा दिखाई देने की स्थिति में, बोतल के अन्दर का दाब कम है या अधिक।
उत्तर:
कुहासा दिखाई देने की स्थिति में बोतल के अन्दर का दाब अधिक होगा।

इस प्रयोग के लिए बोतल के भीतर धुँए की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:
इस बोतल के भीतर दाब बढ़ाने के लिए और बादल की संरचना प्रदर्शित करने के लिए धुँए की आवश्यकता हैं।

क्या होगा जब हम इस प्रयोग को बिना अगरबत्ती के धुँए के करेंगे? अब ऐसा प्रयत्न करते हैं और देखते हैं कि परिकल्पना सही थी या गलत।
उत्तर:
जब हम इस प्रयोग को बिना अगरबत्ती के धुए के करेंगे तो बोतल में कुहासा की स्थिति नहीं बनेगी। इस स्थिति में प्रयोग करने पर हमें यह मालूम हो जाता है कि परिकल्पना सही थी।

क्या होता है जब जलवाष्प से भरी हुई वायु उच्च दाब वाले क्षेत्र से कम दाब वाले क्षेत्र में या इसके विपरीत प्रवाहित होती है?
उत्तर:
दिन के समय जब जलीय भाग गर्म हो जाते हैं तब बहुत अधिक मात्रा में जलवाष्प बन जाती है और यह वाष्प वायु में प्रवाहित हो जाती है जलवाष्प की कुछ मात्रा विभिन्न जैविक क्रियाओं के कारण वायुमण्डल में चली जाती है। यह वायु भी गर्म हो जाती है। गर्म वायु अपने साथ जलवाष्प को लेकर ऊपर की ओर उठ जाती है।

यह वायु ऊपर पहुँचकर फैलती है तथा ठंडी हो जाती है। ठंडा होने के – कारण हवा में उपस्थित जलवाष्प छोटी-छोटी जल की बूँदों में संघनित हो जाती है जिन्हें बादल कहते हैं। जल का यह संघनन सरलतापूर्वक हो जाता है। कुछ कण नाभिक के समान कार्य करके अपने चारों ओर बूँदों को एकत्र होने देते हैं। सामान्यतः वायु में उपस्थित धूल के कण तथा दूसरे निलम्बित कण नाभिक के रूप में कार्य करते हैं।

एक बार जब जल की बूँदें बन जाती हैं तो वे संघनित होने के कारण बड़ी हो जाती हैं। बड़ी और भारी हो जाने पर ये बूँदें वर्षा के रूप में नीचे की ओर गिरती हैं। कभी-कभी जब वायु का तापमान बहुत कम हो जाता है तब ये हिम वृष्टि अथवा ओलों के रूप में गिरती हैं।

वर्षा का पैटर्न पवनों के पैटर्न पर निर्भर करता है। भारत के बहुत बड़े भू-भाग में अधिकतर वर्षा दक्षिण-पश्चिम या उत्तर पूर्वी मानसून के कारण होती है। ऐसा बंगाल की खाड़ी पर वायु का दाब कम होने के कारण कई क्षेत्रों में वर्षा होती है।

क्रियाकलाप 14.4. (पा.पु. पृ. सं. 216)
पूरे देश में होने वालो वर्षा के पैटर्न के बारे में समाचार पत्र या टेलीविजन के माध्यम से मौसम सम्बन्धी सूचनाओं की जानकारी एकत्र करते हैं। यह भी पता लगाते हैं कि एक वर्षामापक यन्त्र कैसे बनाया जाता है और उसे बनाते हैं। वर्षामापक यन्त्र से सही डाटा (आँकड़े) प्राप्त करने के लिए कौन-कौन से सुरक्षात्मक उपाय करने आवश्यक हैं?

किस महीने में आपके शहर/नगर/ गाँव में सबसे अधिक वर्षा हुई?
उत्तर:
जुलाई और अगस्त के महीने में हमारे शहर / नगर / गाँव में सबसे अधिक (मानसूनी) वर्षा हुई।

किस महीने में आपके राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश में सबसे अधिक वर्षा हुई?
उत्तर:
जुलाई-अगस्त के महीने में हमारे राज्य में सबसे अधिक वर्षा हुई।

क्या वर्षा हमेशा बादल गरजने और बिजली चमकने के साथ होती है? अगर नहीं, तो किस मौसम में सबसे अधिक वर्षा, बादल गरजने और बिजली चमकने के साथ होती है।
उत्तर:
वर्षा हमेशा बादल गरजने और बिजली चमकने के साथ नहीं होती है। जून-जुलाई तथा अगस्त में ग्रीष्मकालीन मौसम में सर्वाधिक वर्षा बादल गरजने एवं बिजली चमकने के साथ होती है।

क्रियाकलाप 14.5. (पा. पु. पू. सं. 216)
पुस्तकालय से मानसून और चक्रवात के बारे में और अधिक जानकारी एकत्र करें। किसी दूसरे देश की वर्षा के पैटर्न का पता लगाएँ क्या पूरे विश्व में वर्षा के लिए मानसून उत्तरदायी होता है?
उत्तर:
मानसून पवनें- वे पवनें हैं जिनकी दिशा मौसम के अनुसार पूर्णरूपेण उल्टी हो जाती है ये पवनें ग्रीष्म ऋतु के 6 महीने समुद्र से स्थल की ओर तथा शीत ऋतु के 6 महीने स्थल से समुद्र की ओर चलती है। ये पवनें मुख्य रूप से भारत, पाकिस्तान, बंग्लादेश, बर्मा, श्रीलंका, अरब सागर, बंगाल की खाड़ी, चीन, जापान, उत्तरी आस्ट्रेलिया एवं अमेरिका में चलती हैं।

क्रियाकलाप 14.6.
लाइकेन नामक जीव वायु में उपस्थित सल्फर डाइऑक्साइड के स्तर के प्रति अधिक संवेदी होते हैं। ये प्रायः वृक्षों की छालों पर पतले हरे और सफेद रंग की परत के रूप में पाए जाते हैं। यदि आप के आस-पास वृक्षों पर लाइकेन है तो आप उसे देख सकते हैं।
व्यस्त सड़क के समीप पेड़ पर स्थित लाइकेन और कुछ दूरी पर स्थित पेड़ पर स्थित लाइकेन की तुलना करें।
सड़क के समीप स्थित पेड़ों पर सड़क की ओर की सतहों पर लगे लाइकेन की तुलना सड़क की विपरीत दिशा की ओर वाली सतहों पर लगे लाइकेन से करें।

खंड 14.1.4 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 217)

प्रश्न 1.
शुक्र और मंगल ग्रहों के वायुमण्डल से हमारा वायुमण्डल कैसे भिन्न है?
उत्तर:
शुक्र और मंगल ग्रहों के वायुमण्डल का मुख्य घटक कार्बन डाइऑक्साइड है। इनके वायुमण्डल में 95 से 97 प्रतिशत तक कार्बन डाइऑक्साइड है। जबकि हमारी पृथ्वी के वायुमण्डल में नाइट्रोजन ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जलवाष्प का मिश्रण है।

प्रश्न 2.
वायुमण्डल एक कम्बल की तरह कैसे कार्य करता है?
उत्तर:
वायु ऊष्मा का कुचालक है वायुमण्डल पृथ्वी के औसत तापमान को दिन के समय और यहाँ तक कि पूरे वर्ष भर लगभग नियत रखता है। वायुमण्डल दिन में तापमान को अचानक बढ़ने से रोकता है और रात के समय ऊष्मा की बाहरी अन्तरिक्ष में जाने की दर को कम करता है। इस तरह वायुमण्डल एक कम्बल की तरह कार्य करता है।

प्रश्न 3.
वायु प्रवाह (पवन) के क्या कारण हैं?
उत्तर:
वायु प्रवाह, हमारे वायुमण्डल में हवा के गर्म होने और जलवाष्प बनने का परिणाम है जलवाष्प जीवित प्राणियों के क्रियाकलापों और जल के गर्म होने के कारण बनती है। स्थलीय भाग या जलीय भाग से होने वाले विकिरण के परावर्तन तथा पुनर्विकिरण के कारण वायुमण्डल गर्म होता है जिससे वायु में संवहन धाराएँ उत्पन्न होती हैं।

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प्रश्न 4.
बादलों का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर:
बादलों का निर्माण क्रियात्मक प्रश्नोत्तर 14.3 के अन्तर्गत प्रश्न (7) का उत्तर देखिए।.

प्रश्न 5.
मनुष्य के तीन क्रियाकलापों का उल्लेख करें, जो वायु प्रदूषण में सहायक हैं।
उत्तर:
वायु प्रदूषण में सहायक मनुष्य के तीन क्रियाकलाप निम्नलिखित हैं-

  • मोटर वाहनों में पेट्रोल और डीजल का उपयोग ईंधन के रूप में करना।
  • कल-कारखानों, इंजनों और थर्मल पावर स्टेशनों में कोयले का ईंधन के रूप में उपयोग किया जाना तथा औद्योगिक विस्तार।
  • अन्य मानवीय क्रियाकलापों से उत्पन्न होने वाला धुँआ, वनों की अबाध कटाई तथा नगरीकरण का विकास आदि।

क्रियाकलाप 14.7. (पा.पु. पू. सं. 218)
बहुत से नगर निगम जल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए जल संग्रहण की तकनीकों पर कार्य कर रहे हैं। पता लगाइये कि ये कौन कौन-सी तकनीक हैं तथा ये उपयोग के लिए उपलब्ध जल की मात्रा बढ़ाने में किस प्रकार सहायक हैं?
उत्तर:
जल की उपलब्धता विभिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न है। गर्मी में अधिकतर स्थानों पर भूमिजल की मात्रा भी कम हो जाती है। शुद्ध जल के भंडार विभिन्न स्थानों पर बिखरे हुए हैं। देश के प्रत्येक व्यक्ति तक शुद्ध पेय जल पहुँचाना सरकार का कार्य है। यह कार्य नगर निगमों के द्वारा जल आपूर्ति करके किया जाता है।

शुद्ध जल हमें प्राकृतिक रूप में वर्षा के द्वारा प्राप्त होता है जो नदियों, तालाबों और झीलों के रूप में मिलता है। इस जल को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाने हेतु नदियों पर बड़े-बड़े बाँध बनाये जाते हैं। फिर इन बाँधों से नहरों के द्वारा इस जल को गाँव-गाँव तक पहुँचाया जाता है। शहर और कस्बों में तालाब या बड़े-बड़े टैंकों में नहर से जल की आपूर्ति होती रहती है। पहले नहर के जल को क्लोरीनीकरण क्रिया या छनन क्रिया द्वारा शुद्ध करके पाइप लाइनों के माध्यम से घर-घर तक पहुँचाया जाता है।

बाँधों में संग्रहित जल से बिजली बनाई जाती है, सिंचाई की जाती है तथा करोड़ों लोगों को समय पर शुद्ध पेय जल मिलता है। जल संग्रहण तकनीक से जल की उपलब्धता की मात्रा कई गुना बढ़ गई है।

जल हमारे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि सभी प्रतिक्रियाएँ जो हमारे शरीर में या कोशिकाओं के अन्दर होती हैं वह जल में घुले हुए पदार्थों में, जलीय माध्यम में होती हैं। शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में पदार्थों का संवहन घुली हुई अवस्था में होता है। स्थलीय जीवों को जीवित रहने के लिए शुद्ध जल की आवश्यकता होती है क्योंकि खारे जल में नमक की अधिक मात्रा होने के कारण जीवों का शरीर उसे सहन नहीं कर पाता है। इसलिए प्राणियों और पौधों को पृथ्वी पर जीवित रहने के लिए सुगमतापूर्वक जल उपलब्धि के स्रोत आवश्यक हैं।

क्रियाकलाप 14.8. (पा.पु. पू. सं. 218)
किसी नदी, तालाब या झील के समीप एक छोटे से स्थान को चुनते हैं। माना कि एक वर्ग मीटर। इस क्षेत्र में पाए जाने वाले विभिन्न पौधों एवं जन्तुओं की संख्या को गिन लें। प्रत्येक स्पीशीज की अलग-अलग गणना करें।
इसकी तुलना सूखे और पथरीले भाग के उतने ही बड़े क्षेत्र में पाए जाने वाले जन्तुओं और पौधों से करें। क्या दोनों क्षेत्रों में पाए जाने वाले पौधे और जन्तु एक प्रकार के हैं?
उत्तर:
क्रियाकलाप के अनुसार हमने चुने हुए दोनों क्षेत्रों के पौधों और जन्तुओं की गणना कर ली।

नदी के पास वाले क्षेत्र की सूखे और पथरीले क्षेत्र से तुलना करने पर हमने पाया कि सूखे व पथरीले क्षेत्र में बहुत ही कम स्पीशीज के थोड़े से पौधे और जन्तु थे जबकि सूखे क्षेत्र की तुलना में नदी के समीप वाले क्षेत्र में कई गुना अधिक विभिन्न प्रकार के सैकड़ों पौधों और जन्तुओं की स्पीशीज पाई गई।

क्रियाकलाप 14.9. (पा.पु. पु. सं. 218)
अपने विद्यालय के समीप या किसी प्रयोग में न आने वाली भूमि को चुनें।
उसी प्रकार उस क्षेत्र में पाए जाने वाले विभिन्न जन्तुओं और पौधों तथा प्रत्येक स्पीशीज के जीवों की संख्याओं की गणना करें।
उसी स्थान की गणना वर्ष में दो बार करें। एक बार गर्मी में या सूखे मौसम में और दूसरी बार बरसात के मौसम के बाद।

अब उत्तर दें

प्रश्न 1.
क्या दोनों बार संख्याएँ समान थीं?
उत्तर:
नहीं, दोनों बार समान संख्या नहीं थीं।

प्रश्न 2.
किस मौसम में आपने विभिन्न प्रकार के पौधों और जन्तुओं की अधिकता पाई?
उत्तर:
बरसात के मौसम के बाद गणना करने पर गर्मी की गणना की अपेक्षा कई गुना अधिक पौधों और जन्तुओं की संख्या हमें प्राप्त हुई।

प्रश्न 3.
प्रत्येक प्रकार के जीवों की संख्या किस मौसम में अधिक थी?
उत्तर:
बरसात के बाद वाले मौसम में प्रत्येक प्रकार के जीवों की संख्या गर्मी वाले मौसम की संख्या से अधिक थी।

इसी प्रकार वर्षा के पैटर्न के अनुसार 200 cm वर्षा वाले क्षेत्र में हम सबसे अधिक प्रकार के जीवों की उपलब्धता पाते हैं।

मानचित्र में वर्षा के पैटर्न को देखकर हम असम तथा उत्तरांचल राज्यों में सबसे अधिक जैव विविधता पाते हैं, जबकि राजस्थान और गुजरात राज्यों में सबसे कम जैव विविधता पाते हैं।

निष्कर्ष के रूप में हम कह सकते हैं कि जल की उपलब्धता प्रत्येक स्पीशीज के वर्ग जो कि एक विशेष क्षेत्र में जीवित रहने में सक्षम हैं, की संख्या को ही निर्धारित नहीं करती, अपितु यह वहाँ के जीवन में विविधता को भी निर्धारित करती है। जीवन की विविधता को निर्धारित करने के लिए जल के अतिरिक्त तापमान और मिट्टी की प्रकृति भी महत्त्वपूर्ण कारक है। किन्तु जल एक महत्त्वपूर्ण संपदा है जो जीवन को स्थल पर निर्धारित करता है।

खंड 14.2.1 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 219)

प्रश्न 1.
जीवों को जल की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
जीवों को जल की आवश्यकता – जीवों की सभी कोशिकीय प्रक्रियाएँ जलीय माध्यम में होती हैं। हमारे शरीर में या कोशिकाओं में होने वाली प्रक्रियाएँ जल में घुलित पदार्थों में होती हैं। शरीर के एक भाग से दूसरे भागों में पदार्थों का संवहन घुली हुई अवस्था में होता है। इसलिए जीवों को जीवित रहने के लिए जल की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 2.
जिस गाँव / शहर / नगर में आप रहते हैं, वहाँ पर उपलब्ध शुद्ध जल का मुख्य स्रोत क्या है?
उत्तर:
हमारे गाँव में उपलब्ध शुद्ध जल का मुख्य स्रोत वर्षा तथा हैण्डपम्प का जल है। शहर / नगर में शुद्ध जल, टंकियों में एकत्रित किये हुए जल को क्लोरीनीकरण क्रिया द्वारा (या छनन क्रिया द्वारा) शुद्ध करके पाइप लाइनों के माध्यम से घर-घर पहुँचाया जाता है।

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प्रश्न 3.
क्या आप किसी ऐसे क्रियाकलाप के बारे में जानते हैं जो इस जल के स्रोत को प्रदूषित कर रहा है?
उत्तर:
हाँ, वें क्रियाकलाप हैं- जलाशयों में अनैच्छिक पदार्थों का डालना जैसे पीड़कनाशी, रासायनिक उर्वरक, कारखानों से निकलने वाले विषैले अपशिष्ट पदार्थ। शहरों की सीवर लाइनों तथा गन्दी नालियों का दूषित पानी, जिसमें अनेक प्रकार के विषाक्त पदार्थ मिले होते हैं।

क्रियाकलाप 14.10. (पा. पु. पृ. सं. 220)
कुछ मृदा लेकर उसे जल से भरे बीकर में डालते हैं। ली गई मृदा की मात्रा का लगभग 5 गुना जल लेते हैं। मृदा और जल को मिलाते हैं और फिर मृदा को नीचे जमने देते हैं। कुछ समय बाद उसका अवलोकन करें।
क्या बीकर के तल में मृदा समांगी है या परतों में विभाजित है?
अगर परतों का निर्माण हुआ है तो किस प्रकार एक परत दूसरे से भिन्न है?
क्या वहाँ जल की सतह पर कुछ तैर रहा है?

क्या आप सोच सकते हैं कि कुछ पदार्थ जल में घुल गए होंगे? आप इसे कैसे रोकेंगे?
उत्तर:
क्रियाकलाप से हमने देखा कि मृदा एक मिश्रण है। इसमें विभिन्न प्रकार के छोटे-छोटे टुकड़े मिले होते हैं। इसमें सड़े-गले जीवों के टुकड़े भी मिले होते हैं जिसे ह्यूमस (Humus) कहा जाता है। इसके अतिरिक्त मिट्टी में विभिन्न प्रकार के जीव भी मिले होते हैं। मृदा के प्रकार का निर्णय उसमें पाये जाने वाले कणों के औसत आकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। मृदा के गुण का निर्धारण उसमें स्थित ह्यूमस की मात्रा और उसमें पाये जाने वाले सूक्ष्म जीवों के आधार पर किया जाता है।

मृदा की संरचना का मुख्य कारक ह्यूमस है, क्योंकि यह मृदा को सरन्ध्र बनाता है और वायु तथा जल को भूमि के अन्दर जाने में सहायक होता है। खनिज पोषक तत्व जो उस मृदा में पाये जाते हैं वह उन पत्थरों पर निर्भर करते हैं जिनसे मृदा बनी है। किस मृदा पर कौन सा पौधा होगा यह इस पर निर्भर करता है कि उस मृदा में पोषक तत्व कितने हैं, हयूमस की मात्रा कितनी है और उसकी गहराई कितनी है। इस प्रकार, मृदा की ऊपरी परत में जिसमें मृदा के कणों के अतिरिक्त हयूमस और सजीव स्थित होते हैं, उसे उपरिमृदा कहा जाता है। उपरिमृदा की गुणवत्ता, जो उस क्षेत्र की जैव विविधता को निर्धारित करती है, एक महत्त्वपूर्ण कारक है।

आधुनिक समय में खेतों में पीड़कनाशकों और उर्वरकों का बहुत बड़ी मात्रा में प्रयोग हो रहा है। लम्बे समय तक इन पदार्थों का उपयोग करने से मृदा के सूक्ष्म जीव मृत हो जाते हैं और मृदा की संरचना को नष्ट कर सकते हैं जो कि मृदा के पोषक तत्वों का पुनर्चक्रण करते हैं। ह्यूमस बनाने में सहायक भूमि में स्थित केंचुओं को भी वे समाप्त कर सकते हैं उपयोगी घटकों का मृदा से हटना और दूसरे हानिकारक पदार्थों का मृदा में मिलना जो कि मृदा की उर्वरता को प्रभावित करते हैं और उसमें स्थित जैविक विविधता को नष्ट कर देते हैं। इसे भूमि प्रदूषण कहते हैं।

क्रियाकलाप 14.11. (पा.पु. पू. सं. 221)
एक ही प्रकार की दो ट्रे लेकर मृदा से भर देते हैं। एक ट्रे में सरसों या मूंग अथवा धान या हरे चने का पौधा रोपते हैं और दोनों ट्रे में तब तक जल देते हैं जब तक कि जिस ट्रे में पौधा रोपा गया है, वह पौधे की वृद्धि से ढक नहीं जाए। यह सुनिश्चित कर लेते हैं कि दोनों ट्रे एक ही कोण पर झुके हों। दोनों ट्रे में समान मात्रा में जल इस प्रकार डालते हैं कि जल बाहर की ओर न निकलने पाए।

  • ट्रे से बाहर जाने वाली मृदा की मात्रा का अध्ययन करें। क्या बहने वाली मृदा की मात्रा दोनों ट्रे में समान है?
  • अब कुछ ऊँचाई से दोनों ट्रे में समान मात्रा में जल डालते हैं जितना कि हमने पहले डाला था उतनी ही मात्रा में जल तीन से चार बार डालते हैं।
  • अब मृदा की मात्रा का अध्ययन करते हैं जो ट्रे से बाहर चली गई है। क्या दोनों ट्रे में मृदा की मात्रा समान है?
    JAC Class 9 Science Solutions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा 2

उत्तर:
उपरोक्त प्रकार से हमने अपनी प्रयोगात्मक व्यवस्था सैट कर ली। फिर इसके कुछ समय बाद जल के साथ बहने वाली मृदा का अध्ययन किया तो पाया कि एक ट्रे जिसमें पौधा नहीं रोपा गया था वह मृदा दूसरे ट्रे की मृदा से बहुत अधिक बढ़ गई थी। फिर कुछ ऊँचाई से 3-4 बार दोनों ट्रे में समान मात्रा में पानी डालने पर फिर मृदा का अध्ययन किया जो ट्रे से बाहर चली गई थी तो हमने पाया कि एक ट्रे में कम और रोपे गए पौधे वाली ट्रे में अधिक मृदा है।

इस क्रियाकलाप से यह स्पष्ट होता है कि पौधों की जड़ें मृदा के अपरदन (erosion) को रोकने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बड़े स्तर पर जंगलों को काटना न केवल जैव विविधता को नष्ट कर रहा है बल्कि मृदा के अपरदन के लिए भी उत्तरदायी है। वनस्पति के लिए सहायक उपरिमृदा अपरदन की प्रक्रिया में तीव्रता से हट सकती है। अतः मृदा अपरदन को रोकना बहुत कठिन है। सतह पर पायी जाने वाली वनस्पति जल को परतों के अन्दर जाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

खंड 14.3 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 222)

प्रश्न 1.
मृदा (मिट्टी) का निर्माण किस प्रकार होता है?
उत्तर:
मृदा (मिट्टी) का निर्माण हजारों और लाखों वर्षों के लम्बे समयान्तराल में पृथ्वी की सतह या उसके समीप पाये जाने वाले पत्थर विभिन्न प्रकार के भौतिक- रासायनिक और कुछ जैव प्रक्रमों के द्वारा टूट जाते हैं। टूटने के बाद सबसे अंत में बचा महीन कण मृदा है। सूर्य, जल, वायु और जीव मृदा निर्माण प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण योगदान करते हैं।

प्रश्न 2.
मृदा अपरदन क्या है?
उत्तर:
मृदा अपरदन – जल तथा वायु के प्रभाव से मृदा की ऊपरी परत बह जाती है जिसे मृदा अपरदन कहते हैं। मृदा अपरदन प्रमुख रूप से वनस्पति हीन, ढालू तथा कम ह्यूमस वाले क्षेत्रों में अधिक होता है। मृदा अपरदन का मुख्य कारण मनुष्य के अवांछित क्रियाकलाप जैसे वनों की अन्धाधुन्ध कटाई, पशुओं द्वारा अनियन्त्रित चराई कराना तथा अवैज्ञानिक ढंग से खेती करना आदि हैं।

प्रश्न 3.
अपरदन को रोकने और कम करने के कौन-कौन से तरीके हैं?
उत्तर:
अपरदन को रोकने के तरीके- हमारे देश में मृदा अपरदन एक बहुत ही गम्भीर समस्या बन गई है। ऐसी परिस्थिति में मृदा का संरक्षण बहुत ही आवश्यक है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय किये जा सकते हैं-
(1) वृक्षारोपण – मृदा अपरदन को रोकने का सबसे कारगार उपाय वृक्षारोपण है। जहाँ अपरदन की समस्या गम्भीर हो गई हो, वहाँ नए वृक्ष लगाए जाने चाहिए। वनों की अन्धाधुन्ध कटाई तथा उनके दुरुपयोग पर रोक लगाई जानी चाहिए।

(2) पशुचारण पर नियन्त्रण – खाली खेतों में पशुओं के बिना रोक-टोक घूमने से उनके खुरों से मिट्टी ढीली हो जाती है। इससे वर्षा के जल और वायु के लिए मृदा अपरदन आसान हो जाता है। अतः पशुचारण पर नियन्त्रण होना चाहिए। नियन्त्रित पशु चराई से मृदा अपरदन रुक सकता है।

(3) कृषि प्रणाली में सुधार – कृषि प्रणाली में सुधार करके मृदा अपरदन को बहुत कुछ रोका जा सकता है। इनमें फसल चक्र अपनाना, सीढ़ीदार खेती करना तथा ढालों पर समोच्च रखी जुताई करना आदि उपाय किये जाने चाहिए।

(4) बाँध बनाना – बरसात के दिनों में जब नदी में बाढ़ आती है तो बहुत सी उपजाऊ मिट्टी जल के साथ बह जाती हैं। इसे रोकने के लिए नदियों पर बाँध बनाये जाने चाहिए। इससे जल के वेग में कमी आती है और मृदा अपरदन रुक जाता है।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

क्रियाकलाप 14.12. (पा. पु. पृ. सं. 225)
(i) वैश्विक ऊष्मीकरण के क्या परिणाम हो सकते हैं?
(ii) कुछ अन्य ग्रीन हाउस गैसों के नामों का भी पता लगाइए।
उत्तर:
(i) वैश्विक ऊष्मीकरण के कारण हमारी पृथ्वी के वायुमण्डल में ऊष्मा (गर्मी) की वृद्धि हो रही है जिसके फलस्वरूप –

  • हिमचोटियों और हिमनदियों के पिघलने से -समुद्र तल की ऊँचाई में वृद्धि हो रही है और तटवर्ती क्षेत्र तथा द्वीप डूबते जा रहे हैं या डूबने की स्थिति में हैं।
  • समय से पहले फसलें पक जाने के कारण अनाज के दानों का आकार छोटा होता जा रहा है।
  • मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इससे उसकी कार्यक्षमता भी प्रभावित हो रही है।

(ii) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के अतिरिक्त वायुमण्डल में ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करने वाली अन्य गैसें मीथेन, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, क्लोरोफ्लोरो कार्बन, SO2 आर्गन, अमोनिया तथा क्रिप्टान आदि हैं।

क्रियाकलाप 14.13: (पा. पु. पृ. सं. 226)
पता लगाएँ कि और कौन से अणु हैं जो ओजोन परत को हानि पहुचाते हैं? समाचार-पत्रों में प्रायः ओजोन परत में होने वाले छिद्र की चर्चा की जाती है। पता लगाएँ कि क्या छिद्र में कोई परिवर्तन हो रहा है ? वैज्ञानिक क्या सोचते हैं कि यह किस प्रकार पृथ्वी पर जीवन को प्रभावित करेगा ?
उत्तर:
क्रियाकलाप के इन प्रश्नों के उत्तर के लिए खण्ड 14.5 के अन्तर्गत ‘ओजोन परत’ को ध्यानपूर्वक पढ़िये।

खंड 14.4 और 14.5 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 226)

प्रश्न 1.
जल चक्र के क्रम में जल की कौन-कौन सी अवस्थाएँ पाई जाती हैं?
उत्तर:
जलचक्र के क्रम में जल पहले वाष्प बनता है। फिर संघनित होकर वर्षा के रूप में पृथ्वी की सतह पर गिरता है और फिर यह जल नदियों के द्वारा समुद्र में पहुँच जाता है।

प्रश्न 2.
जैविक रूप से महत्त्वपूर्ण दो यौगिकों के नाम दीजिए जिनमें ऑक्सीजन और नाइट्रोजन दोनों पाए जाते हों।
उत्तर:
जैविक रूप से महत्त्वपूर्ण यौगिक प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्ल, DNA तथा RNA तथा कुछ विटामिन हैं।

प्रश्न 3.
मनुष्य की किन्हीं तीन गतिविधियों को पहचानें जिनसे वायु में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती है।
उत्तर:
मनुष्य की तीन गतिविधियाँ जिनसे वायु में CO2 की मात्रा बढ़ती है निम्नांकित हैं-

  • दहन की क्रिया जहाँ ईंधन का उपयोग भोजन पकाने व गर्म करने में होता है। होना।
  • यातायात के लिए मोटर वाहनों का उपयोग करना।
  • उद्योगों के द्वारा वायुमण्डल में (CO2) का प्रवेश

प्रश्न 4.
ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है?
उत्तर:
ग्रीन हाउस प्रभाव- कुछ गैसें, जैसे- CO2, मीथेन, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, CFC आदि पृथ्वी से ऊष्मा को पृथ्वी के वायुमण्डल के बाहर जाने से रोकती हैं। वायुमण्डल में विद्यमान इस प्रकार की गैसों में वृद्धि संसार के औसत तापमान को बढ़ा सकती है। इस प्रकार के प्रभाव को फ़ोन हाउस प्रभाव कहते हैं।

प्रश्न 5.
वायुमण्डल में पाए जाने वाले ऑक्सीजन के दो रूप कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
वायुमण्डल में पाये जाने वाले ऑक्सीजन के दो रूप-

  • द्विपरमाण्विक अणु O2, तथा
  • वायुमण्डल के ऊपरी भाग में तीन परमाणु वाले अणु O3 (ओजोन)

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

Jharkhand Board Class 9 Science परमाणु की संरचना Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूटॉन के गुणों की तुलना कीजिए।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के गुणों की तुलना
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 1

प्रश्न 2.
जे. जे. टॉमसन के परमाणु मॉडल की क्या सीमाएँ थीं?
उत्तर:
जे. जे. टॉमसन ने परमाणु का एक मॉडल दिया, जिसमें इलेक्ट्रॉन परमाणु के पूरे आयतन में एक समान रूप से वितरित रहते हैं। जैसा कि नीचे चित्र में दिखाया गय है। यह माना गया कि परमाणु का द्रव्यमान समान रूप से वितरित रहता है। यह स्थापित किया गया कि परमाणु का आकार 10-10 या 1Å होता है।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 2
जे. जे टामसन का परमाणु मॉडल दूसरे वैज्ञानिकों के द्वारा किये गये परिणामों को नहीं समझा सका।

प्रश्न 3.
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की क्या सीमाएँ हैं?
उत्तर:
मैक्सवेल के विद्युत चुम्बकीय सिद्धान्त के अनुसार रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल दोषपूर्ण पाया गया। इस सिद्धान्त के अनुसार गति करता हुआ विद्युत आवेशित कण निरन्तर विद्युत चुम्बकीय तरंगें विकरित करेगा, जिससे उसकी ऊर्जा में कमी होगी। अतः ऊर्जा में इस प्रकार की कमी होने
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 3
के कारण इलेक्ट्रॉन की गति कम होती जायेगी, जिससे उसकी कक्षाएँ छोटी होती जायेंगी और अन्त में इलेक्ट्रॉन नाभिक में गिर जायेगा (चित्र)। इसका अभिप्राय यह होगा कि परमाणु एक अस्थायी यन्त्र है। इसका समाधान रदरफोर्ड के मॉडल द्वारा नहीं किया जा सका।

प्रश्न 4.
बोर के परमाणु मॉडल की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की कमियों को दूर करने के लिए बोर ने सन् 1931 में क्वाण्टम सिद्धान्त पर आधारित नया परमाणु मॉडल प्रस्तुत किया। इसके अनुसार-

  • परमाणु में इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर निश्चित एवं स्थायी वृत्ताकार कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं।
  • प्रत्येक कक्षा में चक्कर लगाने वाले इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा निश्चित होती है। इन कक्षाओं को ऊर्जा स्तर (Energy Levels) भी कहते हैं।
  • इन कक्षाओं में चक्रण करता हुआ इलेक्ट्रॉन न तो ऊर्जा का अवशोषण करता है और न उत्सर्जन।
  • ऊर्जा का अवशोषण करने पर इलेक्ट्रॉन निम्न ऊर्जा स्तर से उच्च ऊर्जा स्तर में तथा ऊर्जा का उत्सर्जन करने पर इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा से निम्न ऊर्जा स्तर में संक्रमित हो जाता है। इन कक्षाओं को 1, 2, 3, 4 या K, L, M, N से प्रदर्शित करते हैं।
    JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 4

प्रश्न 5.
इस अध्याय में दिए गए सभी परमाणु मॉडलों की तुलना कीजिए।
उत्तर:

टॉमसन का परमाणु मॉडल रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल बोर का परमाणु मॉडल
(a) धन आवेश (प्रोटॉन) परमाणु के अन्दर धनावेशित क्षेत्र होता है। धनावेश परमाणु के केन्द्र में इकट्ठा होता है। यह भारी, धनावेशित केन्द्र नाभिक कहलाता है। धनावेश परमाणु के केन्द्र में स्थित नाभिक में इकट्ठा होता है।
(b) ऋण आवेश (इलेक्ट्रॉन) परमाणु के धनावेशित क्षेत्र में इलेक्ट्रॉन यहाँ-वहाँ बिखरे होते हैं। नाभिक को इलेक्ट्रॉन घेरे रहते हैं। नाभिक और इलेक्ट्रॉन, स्थिर वैद्युत आकर्षण बल द्वारा अपनी-अपनी जगह टिके होते हैं। इलेक्ट्रॉन, नाभिक के आस-पास घूमते हैं। प्रत्येक की कक्षा एवं ऊर्जा स्तर भी होता है।

प्रश्न 6.
पहले अठारह तत्वों के विभिन्न कक्षों में इलेक्ट्रॉन वितरण के नियम को लिखिए।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन वितरण का बोर एवं बरी नियम निम्नलिखित हैं-
(1) किसी कक्ष में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या 2n² हो सकती है। जबकि n इलेक्ट्रॉन की कक्ष संख्या है।
प्रथम कक्ष में इलेक्ट्रॉन = 2n² = 2 x (1)² = 2
द्वितीय कक्ष में इलेक्ट्रॉन = 2 x (2)² = 2 x 4 = 8
तृतीय कक्ष में इलेक्ट्रॉन = 2 × (3)² = 2 × 9 = 18

(2) बाह्यतम कक्षा में अधिकतम 8 इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं। और उससे पहले वाले कक्ष में आधे।

(3) किसी परमाणु के दिए गए कोश में इलेक्ट्रॉन तब तक स्थान नहीं लेते हैं। जब तक कि उससे पहले वाले भीतरी कक्ष पूर्ण रूप से भर नहीं जाते। स्पष्ट होता है कि कक्षाएँ क्रमानुसार भरती हैं।

प्रश्न 7.
सिलिकॉन और ऑक्सीजन का उदाहरण लेते हुए संयोजकता की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
कोई परमाणु बाह्यतम कोश को पूर्ण करने के लिए जितने इलेक्ट्रॉन लेता है या देता है, वही उसकी संयोजकता कहलाती है।
क्योंकि यह दो इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर सकता है।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 5
क्योंकि यह दो इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर सकता है।

प्रश्न 8.
उदाहरण के साथ व्याख्या कीजिए-परमाणु संख्या, द्रव्यमान संख्या, समस्थानिक और समभारिक समस्थानिकों के कोई दो उपयोग लिखिए।
उत्तर:
परमाणु संख्या-किसी तत्व के परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन की संख्या को उसकी परमाणु संख्या कहते हैं। जैसे-हाइड्रोजन की परमाणु संख्या 1 क्योंकि इसके नाभिक में 1 प्रोटॉन होता है। कार्बन की परमाणु संख्या 6 है क्योंकि इसके नाभिक में 6 प्रोटॉन होते हैं।

द्रव्यमान संख्या-किसी तत्व के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की कुल संख्या द्रव्यमान संख्या कहलाती है। जैसे-कार्बन की द्रव्यमान संख्या 12 है क्योंकि कार्बन के नाभिक में 6 प्रोटॉन और 6 न्यूट्रॉन होते हैं। ऐलुमिनियम की द्रव्यमान संख्या 27 है क्योंकि इसके नाभिक में 13 प्रोटॉन और 14 न्यूट्रॉन होते हैं।

समस्थानिक- किसी तत्व के ऐसे परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान होती है किन्तु द्रव्यमान संख्या भिन्न-भिन्न होती है वे उस तत्व के समस्थानिक कहलाते हैं। जैसे-
क्लोरीन के दो समस्थानिक हैं।
क्लोरीन \({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}\)
क्लोरीन \({ }_{17}^{37} \mathrm{Cl}\)
समभारिक – तत्वों के ऐसे परमाणु जिनकी द्रव्यमान संख्या समान होती है किन्तु परमाणु संख्या भिन्न-भिन्न होती है, समभारिक कहलाते हैं जैसे कैल्शियम की परमाणु संख्या 20 तथा आर्गन की परमाणु
संख्या 18 है परन्तु दोनों के परमाणु द्रव्यमान समान (40) हैं।

समस्थानिकों के उपयोग:

  • कैंसर के उपचार में कोबाल्ट के समस्थानिक (Co-60) का प्रयोग किया जाता है।
  • घेंघा रोग के उपचार में 1-131 समस्थानिक का प्रयोग किया जाता है।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 9.
Na के पूरी तरह से भरे हुए K व L कोश होते हैं- व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सोडियम (Na) का परमाणु क्रमांक 11 है; अतः इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 1 है। M-कोश के इलेक्ट्रॉन निकल जाने के उपरान्त सोडियम आयन (Na+) प्राप्त होता है जिसके K कोश में 2 तथा L कोश में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं तथा M- कोश विलुप्त हो जाता है। शेष दोनों कोशों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या, इन कोशों में होने वाले इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या के बराबर है अर्थात् K तथा L कोश पूर्णतः भरे हुए हैं।

प्रश्न 10.
अगर ब्रोमीन परमाणु दो समस्थानिकों [ \({ }_{35} \mathbf{B r}^{79}\) (49.7%) तथा \({ }_{35} \mathrm{B} r^{81}\) (50.3%)] के रूप में है तो ब्रोमीन परमाणु के औसत परमाणु द्रव्यमान की गणना कीजिए ।
हल:
ब्रोमीन परमाणु का औसत परमाणु द्रव्यमान
= \(\left(79 \times \frac{49.7}{100}+81 \times \frac{50.3}{100}\right)\)
= 39.263 + 40.743
= 80.006 u

प्रश्न 11.
एक तत्त्व का परमाणु द्रव्यमान 16.2u है तो इसके किसी एक नमूने में समस्थानिक \({ }_8 X^{16}\) और \({ }_8 X^{18}\) का प्रतिशत क्या होगा?
है।
होगी।
उत्तर:
माना नमूने में \({ }_8 X^{16}\) समस्थानिक की प्रतिशतता a है।
अत: \({ }_8 X^{18}\) समस्थानिक की प्रतिशतता (100-a)
अब
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 6

अतः नमूने में, \({ }_8 \mathrm{X}^{16}\) की प्रतिशतता 90% तथा \({ }_8 \mathrm{X}^{16}\) की
प्रतिशतता 10% होगीं।

प्रश्न 12.
यदि तत्व का Z = 3 हो तो तत्व की संयोजकता क्या होगी? तत्व का नाम भी लिखिए।
उत्तर:
Z = 3 वाले तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 1 होगा अर्थात् स्थायी विन्यास प्राप्त करने के लिए यह अपने बाह्यतम कोश में स्थित एक इलेक्ट्रॉन को त्याग सकता है। अतः इसकी संयोजकता 1 होगी तत्व का नाम लीथियम (Li) है।

प्रश्न 13.
दो परमाणु स्पीशीज के केन्द्रकों का संघटन नीचे दिया गया है-

X Y
प्रोटॉन 6 6
न्यूट्रॉन 6 8

X और Y की द्रव्यमान संख्या ज्ञात कीजिए। इन दोनों स्पीशीज में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या
X की द्रव्यमान संख्या = 6 + 6 + 12
Y की द्रव्यमान संख्या = 6 + 8 = 14
X का परमाणु क्रमांक 6 = Y का परमाणु क्रमांक चूँकि दोनों परमाणु स्पीशीज की परमाणु संख्या समान तथा द्रव्यमान संख्या भिन्न-भिन्न है; अतः ये समस्थानिक होंगे। X तथा Y दोनों कार्बन के समस्थानिक \({ }_6 \mathrm{C}^{12}\) तथा \({ }_6 \mathrm{C}^{14}\) हैं।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित वक्तव्यों में गलत के लिए- F और सही के लिए T लिखें।
(a) जे. जे. टामसन ने यह प्रस्तावित किया था कि परमाणु के केन्द्रक में केवल न्यूक्लीयॉन्स होते हैं।
(b) एक इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन मिलकर न्यूट्रॉन का निर्माण करते हैं, इसलिए यह अनावेशित होता है।
(c) इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन से लगभग \(\frac { 1 }{ 2000 }\) गुणा होता है।
(d) आयोडीन के समस्थानिक का इस्तेमाल टिंक्चर आयोडीन बनाने में होता है। इसका उपयोग दवा के रूप में होता है।
उत्तर:
(a) F
(b) F
(c) T
(d) F
प्रश्न संख्या 15, 16 और 17 में सही के सामने (✓) का चिह्न और गलत के सामने (x) का चिह्न लगाइए।

प्रश्न 15.
रदरफोर्ड का अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग किसकी खोज के लिए उत्तरदायी था ?
(a) परमाणु केन्द्रक
(b) इलेक्ट्रॉन
(c) प्रोटॉन
(d) न्यूट्रॉन।
उत्तर:
(a) (✓)
(b) (✗)
(c) (✗)
(d) (✗)।

प्रश्न 16.
एक तत्व के समस्थानिक में होते हैं-
(a) समान भौतिक गुण
(b) भिन्न रासायनिक गुण
(c) न्यूट्रॉनों की अलग-अलग संख्या
(d) भिन्न परमाणु संख्या ।
उत्तर:
(a) (✗)
(b) (✗)
(c) (✓)
(d) (✗)।

प्रश्न 17.
Cl आयन में संयोजकता- इलेक्ट्रॉनों की संख्या है-
(a) 16
(b) 8
(c) 17
(d) 18
उत्तर:
(a) (✗)
(b) (✓)
(c) (✗)
(d) (✗)।

प्रश्न 18.
सोडियम का सही इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न में कौन सा है?
(a) 2,8
(b) 8, 2, 1
(c) 2, 1, 8
(d) 2, 8, 1
उत्तर:
(d) 2, 8, 1.

प्रश्न 19.
निम्नलिखित सारणी को पूरा कीजिए-
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 7
उत्तर:
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 8

Jharkhand Board Class 9 Science परमाणु की संरचना InText Questions and Answers

क्रियाकलाप 1.
(A) सूखे बालों पर कंघी करने के बाद क्या कंघी कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों को आकर्षित करती है?
(B) काँच की एक छड़ को रेशम के कपड़े पर रगड़कर इस छड़ को हवा से भरे गुब्बारे के पास लाइए और होने वाले परिणामों को देखिए।
निष्कर्ष-
(A) सूखे बालों पर कंत्री करने से कंघी आवेशित हो जाती है जिससे कागज के छोटे-छोटे टुकड़े उससे चिपक जाते हैं।
(B) काँच की एक छड़ को रेशम के कपड़े पर रगड़ने से छड़ आवेशित हो जाती है जब हम इस छड़ को हवा से भरे गुब्बारे के पास लाते हैं तो हवा से भरा गुब्बारा छड़ के साथ चिपक जाता है।

इससे यह पता चला कि परमाणु विभाज्य है और आवेशित कणों से मिलकर बना है। परमाणु में उपस्थित आवेशित कर्णों का पता लगाने में कई वैज्ञानिकों ने योगदान दिया। जे. जे. टॉमसन ने बताया कि परमाणु में एक अवपरमाणुक कण इलेक्ट्रॉन विद्यमान होता है। गोल्डस्टीन ने 1886 में एक नए विकिरण की खोज की जिसका नाम कैनाल किरणें रखा। ये किरणें धनावेशित विकिरण थीं, जिसके द्वारा अन्य अवपरमाणुक कणों की खोज हुई। नए कण का द्रव्यमान इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान का लगभग 2000 गुना अधिक होता है, इसे प्रोटॉन नाम दिया गया। इलेक्ट्रॉन को द्वारा तथा प्रोटॉन को द्वारा दर्शाया जाता है। प्रोटॉन का द्रव्यमान 1 इकाई तथा आवेश +1 लिया जाता है। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान नगण्य और आवेश 1 माना जाता है।

ऐसा माना गया कि परमाणु प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन से बने होते हैं तो परस्पर आवेशों को संतुलित करते हैं। यह भी प्रतीत हुआ कि प्रोटॉन परमाणु के सबसे भीतरी भाग में होते हैं। इलेक्ट्रॉन को आसानी से निकाला जा सकता है लेकिन प्रोटॉनों को नहीं।

खंड 4.1 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा.पु. पू. सं. – 53 )

प्रश्न 1.
कैनाल किरणें क्या हैं?
उत्तर:
र- इलेक्ट्रॉन के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त होने के पहले, ई. गोल्डस्टीन ने 1886 में एक नए विकिरण की खोज की, जिसे उन्होंने ‘कैनाल किरणें नाम दिया। ये किरणें धनावेशित विकिरण थीं, जिसके द्वारा अन्तत: दूसरे अवपरमाणुक कण की खोज हुई।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 2.
यदि किसी परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन है, तो इसमें कोई आवेश होगा या नहीं?
उत्तर:
चूँकि एक इलेक्ट्रान और एक प्रोटॉन पर आवेश बराबर होता है, इसलिए एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन पर आवेश नहीं होगा। दूसरे शब्दों में यह एक उदासीन परमाणु वाली स्थिति है।

खंड 4.2 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पू. सं. – 56)

प्रश्न 1.
परमाणु उदासीन है, इस तथ्य को टॉमसन के मॉडल के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:

  • टॉमसन के मॉडल के अनुसार परमाणु एक धनात्मक क्षेत्र से बना है, जिसमें ऋणात्मक कण अर्थात् इलेक्ट्रॉन इधर-उधर बिखरे हैं।
  • परमाणु के धनात्मक तथा ऋणात्मक आवेश एक-दूसरे को सन्तुलित कर देते हैं। इसलिए परमाणु उदासीन होता है।

प्रश्न 2.
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार, परमाणु के नाभिक में कौन-सा अवपरमाणुक कण विद्यमान है?
उत्तर:
परमाणु के नाभिक में धनावेशित कण (प्रोटॉन) होता है।

प्रश्न 3.
तीन कक्षाओं वाले बोर परमाणु मॉडल का चित्र बनाइए।
उत्तर:
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 9

प्रश्न 4.
क्या अल्फा कणों का प्रकीर्णन प्रयोग सोने के अतिरिक्त दूसरी धातु की पन्नी से सम्भव होगा ?
उत्तर:
सोने की अत्यन्त महीन पन्नी ( लगभग 1000 परमाणुओं के बराबर मोटी) प्राप्त करना सम्भव होता है, जो प्रकीर्णन प्रयोग के लिए आवश्यक है। किसी अन्य धातु की इतनी महीन पन्नी प्राप्त करना सम्भव नहीं है। अतः प्रकीर्णन प्रयोग में सोने के अतिरिक्त किसी अन्य धातु की पन्नी का प्रयोग सम्भव नहीं है।

खंड 4.2.4 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पृ. सं.-56)

प्रश्न 1.
परमाणु के तीन अवपरमाणुक कणों के नाम लिखिए।
उत्तर:
परमाणु के तीन अवपरमाणुक कण इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन हैं।

प्रश्न 2.
हीलियम परमाणु का परमाणु द्रव्यमान 4u है और उसके नाभिक में दो प्रोटॉन होते हैं। इसमें कितने न्यूट्रॉन होंगे?
उत्तर:
न्यूट्रॉनों की संख्या = परमाणु द्रव्यमान – प्रोटॉनों की संख्या
= 4 – 2 = 2

खण्ड 4. 3 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पृ. सं. -57)

प्रश्न 1.
कार्बन तथा सोडियम के परमाणुओं के लिए इलेक्ट्रॉन वितरण लिखिए।
उत्तर:
कार्बन का परमाणु क्रमांक = 6
इलेक्ट्रॉन वितरण = 2, 4
सोडियम का परमाणु क्रमांक = 11
इलेक्ट्रॉन वितरण = 2, 8, 1

प्रश्न 2.
अगर किसी परमाणु का K और L कोश भरा है तो उस परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्या होगी ?
उत्तर:
K कोश (n = 1) में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या = 2 (1)2 = 2
L कोश (n = 2) में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या = 2 (2)2 = 8
अत: परमाणु में 2 + 8 = 10 इलेक्ट्रॉन होंगे

खण्ड 4.4 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. प. प. सं. -58)

प्रश्न 1.
क्लोरीन, सल्फर और मैग्नीशियम की परमाणु संख्या से आप इनकी संयोजकता कैसे प्राप्त करेंगे ?
उत्तर:
क्लोरीन (Z = 17 ) – इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 7 है। स्पष्ट है कि क्लोरीन परमाणु को अपना अष्टक अर्थात् बाह्यतम कोश को पूर्ण भरने के लिए केवल एक इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता होती है; अतः इसकी संयोजकता है।

सल्फर (Z = 16 ) – इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8.6 है। स्पष्ट है कि सल्फर परमाणु को अपना बाह्यतम कोश पूर्ण करने के लिए 2 इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है; अतः इसकी संयोजकता 2 है।

मैग्नीशियम (Z = 12 ) – इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 2 है। स्पष्ट है कि मैग्नीशियम परमाणु के बाह्यतम कोश में 2 इलेक्ट्रॉन हैं तथा स्थायी विन्यास प्राप्त करने के लिए यह इन इलेक्ट्रॉनों को त्याग सकता है। अतः इसकी संयोजकता 2 है।

खण्ड 4.5 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. प. प. सं. -59)

प्रश्न 1.
यदि किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 8 है और प्रोटॉनों की संख्या भी 8 है तब,
(a) परमाणु की परमाणुक संख्या क्या है?
(b) परमाणु का क्या आवेश है?
उत्तर:
(a) परमाणु की परमाणु संख्या परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या = 8
(b) चूँकि परमाणुक में इलेक्ट्रॉनों तथा प्रोटॉनों की संख्या समान है; अत: इस पर कोई आवेश नहीं होगा अर्थात् परमाणु विद्युत उदासीन होगा।

प्रश्न 2.
सारणी 4.3 की सहायता से ऑक्सीजन और सल्फर परमाणु की द्रव्यमान संख्या ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
सारणी 4.3 के अनुसार
ऑक्सीजन परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या = 8
तथा ऑक्सीजन परमाणु में न्यूट्रॉनों की संख्या = 8
अब द्रव्यमान संख्या प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या
द्रव्यमान संख्या = 8 + 8 =16
सल्फर परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या = 16
तथा सल्फर परमाणु में न्यूट्रॉनों की संख्या = 16
अतः द्रव्यमान संख्या 16 + 16 = 32

खण्ड 4.6 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. प. प. सं. -60)

प्रश्न 1.
समस्थानिक और समभारिक के किसी एक युग्म का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए।
उत्तर:
समस्थानिक – 6C12 तथा 6C14
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 4
समभारिक – 20C40 तथा 18A40
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, 20Ca40 : 2, 8, 8, 2
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 18A40 : 2, 8, 8

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 2.
चिह्न H, D और T के लिए प्रत्येक में पाए जाने वाले तीन अवपरमाणुक कणों को सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर:

समस्थानिक तीन अवपरमाणुक कण
इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन न्यूट्रॉन
H 1 1 0
D 1 1 1
T 1 1 2

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

Jharkhand Board Class 9 Science बल तथा गति के नियम Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कोई वस्तु शून्य बाह्य असन्तुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना सम्भव है? यदि हाँ, तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख कीजिए। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हाँ, सम्भव है। वास्तव में गति की अवस्था में परिवर्तन के लिए बल की आवश्यकता होती है न कि एकसमान गति की अवस्था को बनाए रखने के लिए। अतः यदि कोई वस्तु पहले से गतिमान है तो वह बाह्य असन्तुलित बल की अनुपस्थिति में भी एकसमान गति की अवस्था को बनाए रखेगी। इस स्थिति में वस्तु के वेग का परिमाण तथा गति की दिशा दोनों नियत रहेंगे।

प्रश्न 2.
जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
दरी (कार्पेट) को छड़ी से पीटने पर धूल के कण निकल आते हैं- इसका कारण यह है कि छड़ी से पीटने पर दरी (कार्पेट) के कण तो गति की अवस्था में आ जाते हैं, परन्तु विराम जड़त्व के कारण धूल के कण विराम में ही बने रहते हैं और दरी (कार्पेट) के कणों से अलग होकर बाहर निकल जाते हैं।

प्रश्न 3.
बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता है?
उत्तर:
जब चलती हुई गाड़ी में अचानक ब्रेक लगाए जाते हैं अथवा एकाएक उसे मोड़ा जाता है तो गति जड़त्व के कारण गाड़ी की छत पर रखा सामान उसी वेग से उसी दिशा में गतिमान रहने का प्रयास करता है। ऐसे में यदि सामान को बाँधा नहीं गया है तो वह छत से नीचे गिर सकता है, इससे सामान के टूटने की सम्भावना रहती है। अतः बस की छत पर रखे सामान को बाँधकर रखा जाता है।

प्रश्न 4.
किसी बल्लेबाज द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद जमीन पर लुढ़कती है। कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रुक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि-
(a) बल्लेबाज ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असन्तुलित बल कार्यरत नहीं है; अतः गेंद विरामावस्था में आने के लिए प्रयासरत है। (सही विकल्प का चयन कीजिए।)
उत्तर:
(c) गेंद पर गति की दिशा में विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।

प्रश्न 5.
एक ट्रक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है। यह 20 सेकण्ड में 400 मीटर की दूरी तय करता है। इसका त्वरण ज्ञात कीजिए। अगर इसका द्रव्यमान 7 टन है तो इस पर लगने वाले बल की गणना कीजिए। (1 टन = 1000 किग्रा)
हल:
प्रश्नानुसार दूरी (s) = 400 मीटर,
प्रारम्भिक वेग (u) = 0 मीटर / सेकण्ड,
समय (t) = 20 सेकण्ड, त्वरण (a) = ?
s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) at² से
400 = (0 × 20) + \(\frac { 1 }{ 2 }\) a × (20)²
अथवा 400 = 200 a
अतः ट्रक का त्वरण (a) = \(\frac { 400 }{ 200 }\) = 2 मीटर/सेकण्ड²।
दिया है त्वरण (a) = 2 मीटर / सेकण्ड², द्रव्यमान (m) = 7 टन 7000 किग्रा, बल (F) = ?
सूत्र
F = m x a से,
बल (F) = 7000 किग्रा x 2 मीटर/सेकण्डर
= 14,000 किग्रा मीटर/सेकण्डर
= 14,000 न्यूटन
अतः ट्रक पर लगा बल = 14,000 न्यूटन।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 6.
1 किग्रा द्रव्यमान के एक पत्थर को 20 मीटर / सेकण्ड के वेग से झील की जमी हुई सतह पर फेंका जाता है। पत्थर 50 मीटर की दूरी तय करने के बाद रुक जाता है। पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना कीजिए।
हल
दिया है द्रव्यमान m = 1 किग्रा, 4 = 20 मीटर / सेकण्ड s = 50 मीटर, v = 0 मीटर / सेकण्ड, बल F = ?
सूत्र,
v² – u² = 2as से,
0² – (20)² = 2a × 50
या a = – \(\frac{20 \times 20}{2 \times 50}\)
= – 4 मीटर / सेकण्डर
ऋणात्मक चिह्न मन्दन को प्रदर्शित करता है।
अत: पत्थर का मन्दन 4 मीटर / सेकण्ड है।
अब सूत्र F = m xa से,
बर्फ द्वारा पत्थर पर लगाया गया बल
F = 1 किग्रा x 4 मीटर / सेकण्ड² = 4 न्यूटन
अतः बर्फ तथा पत्थर के बीच 4 न्यूटन का बल लगता है।

प्रश्न 7.
एक 8,000 किग्रा द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2,000 किग्रा द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है। यदि इंजन 40,000 न्यूटन का बल आरोपित करता है तथा पटरी 5,000 न्यूटन का घर्षण बल लगाती हो तो ज्ञात कीजिए-
(a) नेट त्वरण बल
(b) रेल का त्वरण
हल:
दिया है इंजन द्वारा लगाया गया बल = 40,000 न्यूटन,
इंजन का द्रव्यमान = 8,000 किग्रा,
पटरी द्वारा लगाया गया घर्षण बल = 5,000 न्यूटन,
प्रत्येक डिब्बे का द्रव्यमान = 2,000 किग्रा।
(a) ∵ घर्षण बल एक अवरोधी बल है,
∴ रेलगाड़ी पर नेट त्वरण बल = इंजन का बल – पटरी का घर्षण बल
= 40,000 – 5,000- 35,000 न्यूटन।

(b) पाँच डिब्बों का कुल द्रव्यमान
m = 5 × 2000 = 10,000 किग्रा
जबकि डिब्बों पर नेट त्वरण बल
F = 35,000 न्यूटन
∴ सूत्र F = ma से,
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 9

प्रश्न 8.
एक गाड़ी का द्रव्यमान 1,500 किग्रा है। यदि गाड़ी को 1.7 मीटर / सेकण्ड के ऋणात्मक त्वरण (अव- मन्दन) के साथ विरामावस्था में लाना है तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा?
हल:
दिया है गाड़ी का द्रव्यमान m= 1,500 किग्रा, मन्दन a = 1.7 मीटर/सेकण्डर²
माना कि गाड़ी व सड़क के बीच लगा बल = F
तब यही बल गाड़ी में मन्दन उत्पन्न करेगा; अतः
सूत्र F = m x a से,
बल F = 1,500 किग्रा 1.7 मीटर/सेकण्डर²
= 2,550 न्यूटन।

प्रश्न 9.
किसी द्रव्यमान की वस्तु, जिसका वेग है, का संवेग क्या होगा?
(a) (mv)²
(b) mv²
(c) \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv²
(d) mv
(उपर्युक्त में से सही विकल्प चुनिए)
उत्तर:
(d) mv.

प्रश्न 10.
हम एक लकड़ी के बक्से को 200 न्यूटन बल लगाकर उसे नियत वेग से फर्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा?
हल:
बक्से पर लगाया गया बल F1 = 200 न्यूटन
माना बक्से पर लगा घर्षण बल तब बक्से पर लगा नेट बल = F2 न्यूटन
= F1 – F2 = (200 – F2) न्यूटन
∵ बक्सा नियत वेग से गतिमान है; अतः बक्से पर नेट असन्तुलित बल शून्य होगा।
अत: नेट बल = (200 – F2) = 0
F2 = 200 न्यूटन
अतः बक्से पर लगा घर्षण बल 200 न्यूटन है।

प्रश्न 11.
दो वस्तुएँ, प्रत्येक का द्रव्यमान 1-5 किग्रा है, एक ही सीधी रेखा में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गति कर रही हैं। टकराने के पहले प्रत्येक का वेग 2.5 मीटर / सेकण्ड है। टकराने के बाद यदि दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं, तब उनका सम्मिलित वेग क्या होगा?
हल:
दिया है वस्तुओं के द्रव्यमान m1 = m2 = 1.5 किग्रा
टकराने से पहले इनके वेग u1 = 2.5 मीटर / सेकण्ड
u2 = 22.5 मीटर / सेकण्ड
(ऋण चिह्न विपरीत दिशा के कारण लिया है।)
माना कि टक्कर के बाद दोनों का सम्मिलित वेग v हो जाता है।
दोनों के जुड़ जाने से बनी नई वस्तु का द्रव्यमान (m1 + m2) होगा।
तब टक्कर के पहले दोनों का कुल संवेग
= m1u2 + m2u2
= 1.5 x 2.5 + 15 x (-2.5)
= 3.75 – 3.75 = 0
तथा टक्कर के बाद दोनों का कुल संवेग
= (m1 + m2)v = (1·5 + 1.5) v = 3v
संवेग संरक्षण के नियम से,
टक्कर के बाद कुल संवेग = टक्कर के पहले कुल संवेग
अर्थात्
3v = 0
∴ v = 0
अतः टक्कर के बाद दोनों वस्तुओं का सम्मिलित वेग शून्य होगा अर्थात् वे विरामावस्था में आ जाएँगी।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 12.
गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; सम्भवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर गतिशील नहीं हो पाएगा एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दीजिए और बताइए कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता?
उत्तर:
विद्यार्थी का तर्क गलत है, यह सही है कि क्रिया तथा प्रतिक्रिया के बल विपरीत एवं बराबर होते हैं, परन्तु ये बल कभी भी एक ही वस्तु पर कार्य नहीं करते। जैसे कि उपर्युक्त उदाहरण में, हमारे द्वारा आरोपित बल ट्रक पर लगेगा, जबकि ट्रक का प्रतिक्रिया बल हम पर लगेगा। ट्रक के गतिमान होने का सम्बन्ध केवल ट्रक पर लगने वाले बल से है न कि हमारे द्वारा लगे प्रतिक्रिया बल से अतः क्रिया-प्रतिक्रिया के बलों के निरस्त होने का यहाँ कोई प्रश्न ही नहीं उठता।

हमारे द्वारा ट्रक पर बल आरोपित किए जाने पर भी ट्रक गतिशील नहीं हो पाता, इसका कारण यह है कि ट्रक पर इस बल के अतिरिक्त पृथ्वी द्वारा आरोपित घर्षण बल भी लगा है। जो कि हमारे द्वारा आरोपित बल को सन्तुलित कर देता है।

प्रश्न 13.
200 ग्राम द्रव्यमान की हॉकी की एक गेंद 10 ms-1 से गति कर रही है। यह एक हॉकी स्टिक से इस प्रकार टकराती है कि यह 5ms-1 के वेग से अपने प्रारंभिक मार्ग पर वापस लौटती है। हॉकी स्टिक द्वारा आरोपित बल द्वारा हॉकी की गेंद में आये संवेग परिवर्तन के परिमाप का परिकलन कीजिए।
हल:
दिया है गेंद का द्रव्यमान m = 200 g = 0.2kg
गेंद का प्रारम्भिक वेग, u1 = 10 m/s
गेंद का प्रारंभिक संवेग = mu1 = 0.2 x 10 = 2 kg m/s
गेंद का अंतिम वेग, u2 = – 5 ms-1
गेंद का अंतिम संवेग = mu2 x 0.2 x – 5 = – 1 kg m/s
संवेग परिवर्तन = 1 Ns – 2Ns = – 3 kg m/s

प्रश्न 14.
10 ग्राम द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150 मीटर / सेकण्ड के वेग से चलकर एक लकड़ी के गुटके से टकराती है और 0-03 सेकण्ड के बाद रुक जाती है। गोली लकड़ी को कितनी दूरी तक भेदेगी? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना कीजिए।
हल:
दिया है गोली का द्रव्यमान
m = 10 ग्राम
= \(\frac { 10 }{ 1000 }\)
= 0.01
किग्रा, वेग u = 150 मीटर / सेकण्ड
समय t = 0.03 सेकण्ड, वेग v = 0 मीटर/सेकण्ड s = ?
गोली का त्वरण a = \(\frac { v-u }{ t }\)
= \(\frac { 0-150 }{ 0.03 }\)
= – \(\frac { 150 }{ 0.03 }\)
= – 5000 मीटर / सेकण्ड²
ऋणात्मक चिह्न मन्दन को प्रदर्शित करता है।
अब दूरी s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) at²
s = 150 × 0.03 + \(\frac { 1 }{ 2 }\) (- 5000) x (0.03)²
= 4.5 – 2500 – 0.0009
= 4.5 – 2.25
= 2.25
अतः गोली लकड़ी को 2.25 मीटर दूरी तक भेदेगी।
पुन: सूत्र F = ma से,
लकड़ी द्वारा गोली पर लगाया गया बल
F = 0.01× 5000 = 50 न्यूटन।

प्रश्न 15.
एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 1 किग्रा है, 10 मीटर / सेकण्ड के वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए विरामावस्था में रखे 5 किग्रा द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है। उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं संघट्ट के पहले तथा बाद के कुल संवेगों की गणना कीजिए आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना कीजिए।
हल:
वस्तु का द्रव्यमान m1 = 1 किग्रा, वेग u1 = 10 मीटर/सेकण्ड
गुटके का द्रव्यमान m2 = 5 किग्रा, वेग u2 = 0 (विरामावस्था)
माना संघट्ट के बाद संयुक्त पिण्ड (m1 + m2), वेग v से
गति करता है,
तब संघट्ट के पहले का कुल संवेग
= m1 u1 + m2u2
= 1 × 10 + 5 × 0
= 10 किग्रा मीटर / सेकण्ड
संघट्ट के बाद, संयुक्त पिण्ड का संवेग
= (m1 + m2) v
= (1 + 5) v
= 6 v किग्रा मीटर/सेकण्ड
संवेग संरक्षण के नियम से,
संघट्ट के बाद कुल संवेग = संघट्ट के पहले कुल संवेग
अर्थात् 6 v = 10
या v = \(\frac { 10 }{ 6 }\)
= 1.67 मीटर/सेकण्ड
अतः संघट्ट के पहले तथा बाद में कुल संवेग
= 10 किग्रा मीटर / सेकण्ड।
संघट्ट के बाद संयोजन का वेग
= 1.67 मीटर / सेकण्ड।

प्रश्न 16.
100 किग्रा द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6 सेकण्ड में 5 मीटर/सेकण्ड से 8 मीटर / सेकण्ड हो जाता है। वस्तु के पहले तथा बाद के संवेगों की गणना कीजिए। उस बल के परिमाण की गणना कीजिए जो उस वस्तु पर आरोपित है।
हल:
दिया है वस्तु का द्रव्यमान m = 100 किग्रा, प्रारम्भिक वेग u = 5 मीटर/सेकण्ड, अन्तिम वेग v = 8 मीटर / सेकण्ड समय t = 6 सेकण्ड
वस्तु का प्रारम्भिक संवेग
= mu = 100 किग्रा x 5 मीटर / सेकण्ड
= 500 किग्रा मीटर/सेकण्ड
तथा वस्तु का अन्तिम संवेग
mv = 100 किग्रा x 8 मीटर/सेकण्ड
= 800 किग्रा मीटर / सेकण्ड
∴ वस्तु के संवेग में परिवर्तन = अन्तिम संवेग – प्रारम्भिक संवेग
= 800 – 500 = 300 किग्रा मीटर/सेकण्ड
गति के द्वितीय नियम से,
वस्तु पर आरोपित बल
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 10
अतः वस्तु का प्रारम्भिक संवेग = 500 किग्रा मीटर / सेकण्ड।
वस्तु का अन्तिम संवेग = 800 किग्रा मीटर / सेकण्ड।
वस्तु पर आरोपित बल का परिमाण = 50 न्यूटन।

प्रश्न 17.
अख्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं, अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया। अख्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है (क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है)। अख्तर ने कहा कि चूंकि कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन हुआ। इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दीजिए।
उत्तर:
राहुल का तर्क सही है क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम से दोनों पर समान बल लगेगा तथा दोनों के संवेग में भी समान परिवर्तन होगा। क्योंकि कीड़े का प्रारम्भिक संवेग, कार के संवेग की तुलना में नगण्य है अतः कीड़े का संवेग परिवर्तन स्पष्ट परिलक्षित होगा, जबकि समान संवेग परिवर्तन से कार के संवेग में कोई स्पष्ट अन्तर नहीं दिखाई देता।

प्रश्न 18.
एक 10 किग्रा द्रव्यमान की घण्टी 80 सेमी की ऊँचाई से फर्श पर गिरी। इस अवस्था में घण्टी द्वारा फर्श पर स्थानान्तरित संवेग के मान की गणना कीजिए। परिकलन में सरलता हेतु नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान 10 मीटर / सेकण्ड² लीजिए।
हल:
दिया है घण्टी का द्रव्यमान m = 10 किग्रा, प्रारम्भिक ऊँचाई 880 सेमी 0.8 मीटर, घण्टी का त्वरण = 10 मीटर / सेकण्डर, गिरते समय प्रारम्भिक वेग u = 0
माना फर्श पर पहुँचकर घण्टी वेग से फर्श से टकराती है।
तब समीकरण v² = u² + 2as से,
v² = 0² + 2 x 10 × 0-8
= 16 मीटर/सेकण्ड²
∴ घण्टी का वेग v = \(\sqrt{16}\)
= 4 मीटर / सेकण्ड।
माना कि फर्श से टकराने के बाद घण्टी विरामावस्था में आ जाती है।
फर्श से टकराते समय घण्टी का वेग
v1 = 4 मीटर/सेकण्ड
तथा फर्श से टकराने के बाद घण्टी का वेग v2 = 0
घण्टी के संवेग में परिवर्तन = m (v2 – v1)
= 10 (0 – 4)
= 40 किग्रा – मीटर / सेकण्ड|
क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम से फर्श को स्थानान्तरित – घण्टी का संवेग परिवर्तन
= – (- 40) = 40 किग्रा मीटर / सेकण्ड।

अतिरिक्त अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्न एवं उनके उत्तर (पा.पु. पृ.सं. 144)

प्रश्न 1.
एक वस्तु की गति की अवस्था में दूरी- समय सारणी निम्नवत् है-

समय (सेकण्ड) दूरी (मीटर)
0 0
1 1
2 8
3 27
4 64
5 125
6 216
7 343

(a) त्वरण के बारे में आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? क्या यह नियत है? बढ़ रहा है? घट रहा है? या शून्य है?
(b) आप वस्तु पर लगने वाले बल के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
हल:
त्वरण तथा बल के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए हम प्रत्येक समयान्तराल के लिए वेग तथा त्वरण की गणना करेंगे, जैसा कि निम्नांकित सारणी में दर्शाया गया है।
(a) निम्नलिखित सारणी से स्पष्ट है कि त्वरण नियत नहीं है, अपितु बढ़ रहा है।

(b) सूत्र बल F = m a के अनुसार, चूँकि वस्तु का त्तरण समय के साथ बढ़ रहा है; अतः वस्तु पर लगा बल भी समय के साथ बढ़ेगा।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 11

प्रश्न 2.
1,200 किग्रा द्रव्यमान की एक कार को एक समतल सड़क पर दो व्यक्ति समान वेग से धक्का देते हैं। उसी कार को तीन व्यक्तियों द्वारा धक्का दिलाकर 0-2 मीटर/सेकेण्ड² का त्वरण उत्पन्न किया जाता है। कितने बल के साथ प्रत्येक व्यक्ति कार को धक्का देता है? (मान लीजिए कि सभी व्यक्ति समान पेशीय बल के साथ कार को धक्का देते हैं।)
हल:
दिया है कार का द्रव्यमान m2 = 1,200 किग्रा
प्रथम दो व्यक्तियों के धक्का देने पर त्वरण = शून्य
(∵ कार एकसमान वेग से बढ़ती है।)
तीन व्यक्तियों द्वारा धक्का देने पर त्वरण a = 0.2 मीटर/सेक्ण²
∵ प्रथम दो व्यक्तियों के धक्का देने पर कार समान वेग से ही आगे बढ़ पाती है। इससे स्पष्ट है कि दूसरी दिशा में कार में त्वरण तीसरे व्यक्ति द्वारा लगाए गए बल के कारण उत्पन्न होता है।
∴ तीसरे व्यक्ति द्वारा लगाया बल F = m a
= 1,200 किग्रा x 0.2 मीटर / सेकण्ड² = 240 न्यूटन
अतः प्रत्येक व्यक्ति द्वारा लगाया गया बल = 240 न्यूटन।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 3.
500 ग्राम द्रव्यमान के एक हृौड़े द्वारा 50 मीटर/सेकण्ड के वेग से एक कील पर प्रहार किया जाता है। कील द्वारा हथौड़े को बहुत कम समय 0.01 सेकण्ड में ही रोका जाता है। कील के द्वारा हथौड़े पर लगाए गए बल की गणना कीजिए।
हल:
दिया है हथौड़े का द्रव्यमान m = 500 ग्राम = 0.5
किग्रा, टकराते समय वेग u = 50 मीटर / सेकण्ड,
समय t = 0.01 सेकण्ड अन्तिम वेग v = 0
कील से टकराने पर हथौड़े का त्वरण
a = \(\frac { v-u }{ t }\)
= \(\frac { 0-50 }{ 0.01 }\)
= – 5,000 मीटर / सेकण्डर²
ऋणात्मक चिह्न मन्दन की प्रदर्शित करता है। कील द्वारा हथौड़े पर लगाया गया बल F = ma
= 0.5 किग्रा x 5,000 मीटर / सेकण्ड²
= 2,500 न्यूटन।

प्रश्न 4.
एक 1,200 किग्रा द्रव्यमान की मोटरकार 90 किमी / घण्टा के वेग से एक सीधी रेखा पर चल रही है। उसका वेग बाहरी असन्तुलित बल लगने के कारण 4 सेकण्ड में घटकर 18 किमी / घण्टा रह जाता है। त्वरण और संवेग में परिवर्तन की गणना कीजिए लगने वाले बल के परिमाण की भी गणना कीजिए।
हल:
दिया है कार का द्रव्यमान m = 1,200 किग्रा,
प्रारम्भिक वेग u = 90 किमी / घण्टा
= 90 × \(\frac { 5 }{ 18 }\)
= 25 मीटर/सेकण्ड
समय t = 4 सेकण्ड, अन्तिम वेग v = 18 किमी / घण्टा
= 18 × \(\frac { 5 }{ 18 }\) = 5 मीटर / सेकण्ड
त्वरण a = ?, संवेग में परिवर्तन = ?, बल F = ?
कार का त्वरण a = \(\frac { v-u }{ t }\)
= \(\frac { 5-25 }{ 4 }\)
= – \(\frac { 20 }{ 4 }\)
= 5 मीटर/सेकण्ड
ऋणात्मक चिह्न मन्दन को प्रदर्शित करता है।
कार के संवेग में परिवर्तन अन्तिम संवेग – प्रारम्भिक संवेग
= 1200 × 5-1200 × 25
= 6000-30000
= – 24,000 किग्रा मीटर सेकण्ड
कार पर लगा बल F = ma
= 1200 × 5
= 6,000 न्यूटन
अतः कार का त्वरण = – 5 मीटर / सेकण्ड²
संवेग में परिवर्तन = 24,000 किग्रा-मीटर/सेकण्ड की कमी तथा कार पर लगा बल = 6,000 न्यूटन।

Jharkhand Board Class 9 Science बल तथा गति के नियम InText Questions and Answers

क्रियाकलाप 9.1 (पा. पु. पृ. सं. 130)
चित्रानुसार कैरम की गोटियों को एक के ऊपर एक रखकर ढेरी ननाएँ। स्ट्राइकर को तेजी से झटका देकर ढेरी की सबसे नीचे वाली गोटी पर टकराएँ। आप पायेंगे कि केवल नीचे वाली गोटी ही शीघ्रता से ढेरी से बाहर जाती है, शेष गोटियाँ अपने जड़त्व के कारण लम्वबत् दिशा में नीचे की ओर गिर जाती हैं।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 1

क्रियाकलाप 9.2 (पा. पु. पृ. सं. 130)
काँच के एक खाली गिलास के ऊपर एक कड़े ताश का पत्ता रखकर चित्र के अनुसार उस पर एक पाँच रुपए का सिक्का रखें तथा पत्ते को अंगुलियों से तीव्रता से क्षैतिज झटका दें। आप पायेंगे कि पत्ता आगे खिसक जाता है तथा सिक्का अपने जड़त्व के कारण नीचे की ओर गिलास में गिर जाता है। ऐसा होने का कारण यह है कि सिक्का अपनी विरामावस्था को बनाये रखना चाहता है।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 2

क्रियाकलाप 9.3 (पा. पु. पृ. सं. 130)
ट्रे पर एक पानी से भरा गिलास रखाकर ट्रे को हाथ से पकड़कर तेजी से घूमने पर गिलास लुढ़क जाता है और पानी छलक जाता है।

खण्ड 9.3 से सम्बन्धित पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पृ. सं. 131)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में किसका जड़त्व अधिक है?
(a) रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर,
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी,
(c) पाँच रुपये का सिक्का एवं एक रुपये का सिक्का।
उत्तर:
हम जानते हैं कि किसी वस्तु का द्रव्यमान ही उसके जड़त्व की माप है।

  • चूँकि पत्थर का द्रव्यमान, समान आकार की रबर की गेंद के द्रव्यमान से अधिक होगा; अतः पत्थर का जड़त्व ही अधिक होगा।
  • रेलगाड़ी का द्रव्यमान साइकिल के द्रव्यमान से अधिक है; अत: रेलगाड़ी का जड़त्व ही अधिक होगा।
  • पाँच रुपये के सिक्के का जड़त्व एक रुपये के सिक्के से अधिक होगा।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास की जिए-
“फुटबाल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है। दूसरा खिलाड़ी उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है।”
इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान कीजिए, जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है।
उत्तर:
उपर्युक्त उदाहरण में गेंद का वेग कुल तीन बार बदलता है।

  • पहली बार वेग-परिवर्तन के लिए आवश्यक बल प्रदान करने वाला कारक पहले खिलाड़ी द्वारा लगाई गई किक है।
  • दूसरी बार वेग-परिवर्तन के लिए आवश्यक बल, दूसरे खिलाड़ी द्वारा लगाई गई किक से प्राप्त होता है।
  • तीसरी बार वेग- परिवर्तन के लिए आवश्यक बल विपक्षी टीम के गोलकीपर द्वारा लगाई गई किक से प्राप्त होता है।

प्रश्न 3.
किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं, क्यों?
उत्तर:
जब किसी पेड़ की शाखाओं को जोर-जोर से हिलाया जाता है तो शाखाएँ तुरन्त ही गति की अवस्था में आ जाती हैं, जबकि उनसे जुड़ी पत्तियाँ जड़त्व के कारण, विरामावस्था में ही बनी रहती हैं। अतः इनमें से कुछ पत्तियाँ शाखाओं से अलग होकर गिर जाती हैं।

प्रश्न 4.
जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं, और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो पीछे की ओर हो जाते हैं, क्यों?
उत्तर:
ऐसा जड़त्व के कारण होता है। जब तक गाड़ी चलती रहती है तो हमारा शरीर भी गाड़ी के साथ उसी वेग से गति करता रहता है। गाड़ी के अचानक रुकने पर हमारे पैर गाड़ी के सम्पर्क में होने कारण तुरन्त विराम में आ जाते हैं, परन्तु गति जड़त्व के कारण हमारा ऊपरी शरीर आगे की ओर गति करता रहता है और हम आगे की ओर झुक जाते हैं।

जब रुकी हुई गाड़ी अचानक चलती है तो हमारे पैर तो तुरन्त गति में आ जाते हैं, परन्तु हमारा ऊपरी शरीर विराम जड़त्व के कारण विरामावस्था में बना रहता है; अतः हम पीछे की ओर झुक जाते हैं।

क्रियाकलाप 9.4. (पा. पु. पू. सं. 136)
चित्र 9.15 के अनुसार दो बच्चों को पहिये वाली गाड़ी पर खड़ा होने के लिए कहें। उन्हें बालू से भरा थैला या कोई भारी वस्तु दे दें। उन्हें थैले को लपकने के लिए कहें। गाड़ी के पहिये पर कोई सफेद रेखा खीच दें, ताकि जब वे बच्चे थैले को फेंकें तो गाड़ी की गति का अवलोकन किया जा सके।

थैले को फेंकने (क्रिया) के कारण उसमें से प्रत्येक तात्क्षणिक प्रतिक्रिया का अनुभव करें। अब दो बच्चों को किसी एक गाड़ी पर खड़ा कर दें तथा एक अन्य बच्चे को दूसरी गाड़ी पर। आप यहाँ गति के द्वितीय नियम को देख सकते हैं, क्योंकि इस अवस्था में यह बल अलग-अलग त्वरण उत्पन्न करेगा।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 3

क्रियाकलाप 9.5. (पा. पु. पृ. सं. 137)
एक बड़े आकार का गुब्बारा लेकर इसमें पूरी तरह से हवा भरकर इसके मुँह से धागा बाँधकर किसी चिपकाने वाले टेप की सहायता से चित्र $9.17$ के अनुसार एक स्ट्रॉं लगाएँ। स्ट्रॉ के बीच से एक धागे को पार कराएँ। इसके उपरान्त गुब्बारे के मुँह पर बाँधे धागे को खोल दें।

गुब्बारे में भरी हवा उसके मुख से बाहर की ओर निकलने लगेगी तथा स्ट्रो की गति की दिशा का अवलोकन करें।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 4
निष्कर्ष-स्ट्रॉं की दिशा हवा के निकलने की विपरीत दिशा में होगी।

क्रियाकलाप 9.6. (पा. पु. प.. सं. 138)
एक अच्छे काँच की परखनली लेकर उसमें थोड़ा पानी डालकर परखनली के मुख पर एक स्टॉप कॉर्क लगाएँ। चित्रानुसार परखनली को दो धागों के द्वारा स्टैण्ड पर क्षैतिज दिशा में लटकाएँ। अब बर्नर की सहायता
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 5
से परखनली को तब तक गर्म करें जब तक कि परखनली का पानी वाष्पित न हो जाए तथा कार्क बाहर न आ जाए।
निष्कर्ष – हम यह पाते हैं कि परखनली कार्क की गति की विपरीत दिशा में प्रक्षेपित होती है।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

उदाहरण 9.6.2
kg के एक पिस्टल से 20 g द्रव्यमान की एक गोली 150ms के क्षैतिज वेग से छोड़ी जाती है। पिस्टल के पीछे हटने के वेग का परिकलन करें।
हल:
गोली का द्रव्यमान m1 20 ग्राम = 0.02 किग्रा
पिस्टल का द्रव्यमान m2 = 2 किग्रा
गोली का प्रारम्भिक वेग u1 तथा पिस्टल का प्रारम्भिक वेग u2 क्रमशः शून्य हैं।
अर्थात्
u1 – u2 = 0
गोली का अन्तिम वेग v1 = + 150 ms-1
गोली की दिशा बाएँ से दाएँ परिपाटी के अनुसार धनात्मक (चित्र 9.19 ) ली गई है।
माना कि पिस्टल का प्रतिक्षेपित वेग v है।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 6
गोली छूटने के पहले गोली तथा पिस्टल का कुल संवेग,
= (2 + 0.02) kg x 0 ms-1
= 0kg ms-1
गोली छूटने के बाद कुल संवेग
= 0.02 kg × (+ 150 ms-1) + 2 kg x vm s-1
= (3 + 2v) kg ms-1
संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार,
गोली छूटने के बाद का कुल संवेग = गोली छूटने के पहले का कुल संवेग
3 + 2v = 0
⇒ v = – 1.5 ms-1
ऋणात्मक चिह्न यह दर्शाता है कि पिस्टल गोली के विपरीत दिशा में अर्थात् दाई से बाई ओर प्रतिक्षेपित होगी।

उदाहरण 9.7.
40 kg द्रव्यमान वाली एक लड़की, 5 ms-1 के क्षैतिज वेग से एक 3 kg द्रव्यमान वाली स्थिर गाड़ी पर कूदती है। गाड़ी के पहिये घर्षणरहित हैं। गाड़ी की गति प्रारम्भ करने की अवस्था में लड़की का वेग क्या होगा? मान लें कि क्षैतिज दिशा में कोई असन्तुलित बल कार्य नहीं कर रहा है।
हल:
लड़की और गाड़ी का लड़की के कूदने से पहले
कुल संवेग
= 40kg x 5ms-1 + 3kg x 0 ms-1
= 200 kgms-1
मान लें कि लड़की के गाड़ी पर कूदने के बाद गाड़ी और लड़की का वेग लड़की का कुल संवेग है। इस अवस्था में गाड़ी तथा
= (40 + 3 ) kg x v ms-1
= 43 v kg ms-1
संवेग संरक्षण के नियमानुसार दोनों स्थितियों में कुल संवेग समान होंगे।
अर्थात्, 43 v = 200
⇒ v = 200/43 = + 4.65ms-1
गाड़ी पर संवार लड़की 4-65 ms के वेग से छलाँग लगाने की दिशा में चलेगी (चित्र 9.20 )।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 7

उदाहरण 9.8.
हॉकी की प्रतिद्वन्द्वी टीमों के दो खिलाड़ी गेंद को हिट करने के प्रयास में परस्पर टकरा जाते हैं तथा आपस में उलझ जाते हैं। पहले खिलाड़ी का द्रव्यमान 60 kg है तथा वह 5.0ms-1 के वेग से गति में था, जबकि दूसरा खिलाड़ी जिसका द्रव्यमान 55 kg है तथा वह 6.0ms-1 के वेग से पहले खिलाड़ी की ओर गति कर रहा था। टकराकर उलझने के बाद वे दोनों किस दिशा में किस वेग से गति करेंगे। मान लें कि दोनों खिलाड़ियों के पैर तथा पृथ्वी के बीच कार्यरत घर्षण बल नगण्य है।
हल:
मान लें कि पहला खिलाड़ी बाएँ से दाएँ दौड़ रहा है। परिपाटी के अनुसार, बाएँ से दाएँ गति की दिशा धनात्मक और दाएँ से बाएँ गति की दिशा को ऋणात्मक लेते हैं (चित्र 9. 21)। प्रतीक तथा दोनों खिलाड़ियों के क्रमश: द्रव्यमान और वेग को दर्शाते हैं। इन भौतिक राशियों पर अधोलिखित संख्याएँ तथा 2 क्रमश: प्रथम एवं द्वितीय हॉकी खिलाड़ियों को बताती हैं। अतः
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 8
m1 = 60kg; u1
= + 5ms-1 तथा
m2 = 55 kg: u2
= – 6ms-1
टक्कर से पहले दोनों खिलाड़ियों का कुल संवेग
= 60 kg × (+ 5ms-1) + 55 kg x (- 6ms-1)
= – 30kgms-1
मान लें कि दोनों खिलाड़ियों के टकराने के बाद उलझने पर वेग v है, टक्कर के बाद कुल संवेग
= (m1 + m2) x v
=(60 + 55) kg x v ms-1
= 115 x v kg ms-1
संवेग संरक्षण के नियमानुसार टक्कर से पहले तथा बाद के संवेगों की समानता से,
v = – 30/115 = – 0.26ms-1
अतः उलझने के बाद दोनों खिलाड़ी दाएँ से बाएँ 0.26 ms-1 के वेग से गतिशील होंगे।

खण्ड 9.6 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पा.पु. पृ. सं. 140)

प्रश्न 1.
यदि क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर होती है तो स्पष्ट कीजिए कि घोड़ा गाड़ी को कैसे खींच पाता है?
उत्तर:
घोड़ा गाड़ी की गति- घोड़ा गाड़ी को खींचते समय अपने पैरों से सड़क पर पीछे की ओर बल लगाता है। क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम के अनुसार सड़क भी घोड़े पर समान परिमाण का बल आगे की ओर लगाती है। इसी प्रतिक्रिया बल के कारण घोड़ा तथा उसके पीछे जुड़ी गाड़ी आगे की ओर चल पड़ते हैं। इस प्रकार घोड़ा व गाड़ी घोड़े द्वारा लगाए बल के कारण नहीं बल्कि पृथ्वी के प्रतिक्रिया बल के कारण गतिमान होते हैं।

प्रश्न 2.
एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहुतायत मात्रा में पानी फेंकने वाली रबर की नली को पकड़ने में कठिनाई क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
फायर ब्रिगेड की अत्यधिक मात्रा उच्च वेग से मोटर के पाइप से पानी की निकलती है अर्थात् पाइप से निकलने वाले पानी की संवेग परिवर्तन की दर बहुत अधिक होती है। क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम से, पाइप का संवेग भी इसी दर से विपरीत दिशा में परिवर्तित होता है। इसका अर्थ यह हुआ कि पाइप से निकलने वाला पानी पाइप पर बहुत अधिक बल आरोपित करता है जिसके कारण पाइप को सँभालना कठिन होता है।

प्रश्न 3.
एक 50 ग्राम द्रव्यमान की गोली 4 किग्रा द्रव्यमान की रायफल से 35 मीटर / सेकण्ड के प्रारम्भिक वेग से छोड़ी जाती है। रायफल के प्रारम्भिक प्रतिक्षेपित वेग की गणना कीजिए।
हल:
दिया है गोली का द्रव्यमान m1 = 50 ग्राम = \(\frac { 50 }{ 1000 }\) किग्रा = 0.05 किग्रा।
गोली के छूटने का वेग v1 = 35 मीटर / सेकण्ड
रायफल का द्रव्यमान m2 = 4 किग्रा,
रायफल का प्रतिक्षेपित वेग v2 = ?
∵ गोली में विस्फोट होने से पूर्व गोली तथा रायफल दोनों विरामावस्था में थीं,
∴ विस्फोट से पूर्व दोनों का कुल संवेग
= m1u1 + m2 u2
= m1 x 0 + m2 x 0 = 0 [∴ u1 = 0, u2 = 0]
तथा विस्फोट के बाद दोनों का संवेग
= m v1 + m2 v2
= 0.05 x 35 + 4v2
संवेग संरक्षण के नियम से, दोनों संवेगों को बराबर
रखने पर,
0.05 x 35 + 4v2 = 0
या 4v2 = 0.05 x 35 = – 1.75
या v2 = – \(\frac { 1.75 }{ 4 }\)
= – 0.4375 मीटर/सेकण्ड।
ऋणात्मक चिह्न यह प्रदर्शित करता है कि रायफल गोली के विपरीत दिशा में गति करेगी।
अतः रायफल का प्रतिक्षेपित वेग = 0-4375 मीटर / सेकण्ड पीछे की ओर।

प्रश्न 4.
100 ग्राम तथा 200 ग्राम द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एक ही रेखा के अनुदिश एक ही दिशा में क्रमश: 2 मीटर / सेकण्ड तथा 1 मीटर/सेकण्ड के वेग से गति कर रही हैं। दोनों वस्तुएँ टकरा जाती हैं। टक्कर के पश्चात् प्रथम वस्तु का वेग 1-67 मीटर/सेकण्ड हो जाता है तो दूसरी वस्तु का वेग ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है द्रव्यमान m1 = 100 ग्राम 0.1 किग्रा, m2 = 200 ग्राम 0-2 किग्रा
टक्कर से पूर्व वेग u1 = 2 मीटर/सेकण्ड,
u2 = 1 मीटर/सेकण्ड
टक्कर के बाद वेग v1 = 1.67 मीटर / सेकण्ड, v2 = ?
टक्कर से पूर्व दोनों का संवेग = m1 u1 + m2 u2
= 0.1 × 2 + 0.2 × 1
= 0.4 किग्रा मीटर/सेकण्ड
तथा टक्कर के बाद दोनों का संवेग = m1 v1 + m2 v2
= (0.1 × 1.67 + 0.2 × 12 ) किग्रा – मीटर / सेकण्ड संवेग संरक्षण के नियम से,
टक्कर के बाद संवेग = टक्कर से पूर्व संवेग
अर्थात् 0.1 × 1.67 + 0.2 x v2 = 0.4
या 0.2 x v2 = 0-4 – 0.167
0.2 × v2 = 0.233
या v2 = \(\frac { 0.233 }{ 0.2 }\)
= 1.165 मीटर / सेकण्ड
अतः टक्कर के बाद दूसरी वस्तु का वेग 1.165 मीटर / सेकण्ड होगा।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Important Questions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. हरित क्रांति सम्बन्धित है-
(a) दुग्ध उत्पादन से
(b) फसल उत्पादन में वृद्धि से
(c) मछली उत्पादन से
(d) मधुमक्खी पालन से।
उत्तर:
(b) फसल उत्पादन में वृद्धि से।

2. श्वेत क्रांति सम्बन्धित है-
(a) उर्वरक उत्पादन से
(b) खाद उत्पादन से
(c) दुग्ध उत्पादन से
(d) कृषि उत्पादन से।
उत्तर:
(c) दुग्ध उत्पादन से।

3. निम्न से कौन-से प्राथमिक पोषक तत्व हैं?
(a) नाइट्रोजन, पोटैशियम एवं फॉस्फोरस
(b) सल्फर, लोहा, मैंगनीज
(c) कार्बन, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन
(d) कॉपर, क्लोरीन, बोरॉन
उत्तर:
(a) नाइट्रोजन, पोटैशियम एवं फॉस्फोरस।

4. उर्वरक का प्रयोग कब किया जाता है-
(a) बीज बोने से पहले
(b) बीज बोने के बाद
(c) फसल कटने के बाद
(d) कभी भी।
उत्तर:
(c) फसल कटने के बाद

5. कीटनाशी का प्रयोग किसे मारने के लिए किया जाता है?
(a) कीट
(b) जीवाणु
(c) पौधा
(d) चूहा।
उत्तर:
(a) कीट।

6. दो सामान्य फसलों के बीच दलहनी फसल उगाने की विधि को कहते हैं-
(a) एकल खेती
(b) फसल चक्र
(c) मिश्रित खेती
(d) बहुफसली खेती।
उत्तर:
(d) बहुफसली खेती।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

7. मुर्गियों की संकर नस्ल कौन सी है-
(a) व्हाइट लेगहॉर्न
(b) बसरा
(c) असील
(d) ILS-82
उत्तर:
(d) ILS-82।

8. खरपतवार वाले पौधे हैं-
(a) गोखरू
(b) गाजर घास
(c) मोथा
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

9. पौधों में रोग उत्पन्न करने वाले कारक हैं-
(a) बैक्टीरिया
(b) कवक
(c) वाइरस
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

10. पशुओं की सामान्य बीमारी कौन-सी है?
(a) बुखार
(b) हैजा
(c) पशु महामारी
(d) मुँहपका एवं खुरपका।
उत्तर:
(d) मुँहपका एवं खुरपका।

11. माँस के लिए पाला जाता है-
(a) ब्रौलर
(b) लेयर
(c) बौलर एवं लेयर
(d) कोई भी नहीं।
उत्तर:
(a) ब्रौलर।

12. ऑएस्टर का संवर्धन किया जाता है.
(a) गोश्त प्राप्ति के लिए
(b) अंडे प्राप्ति के लिए
(c) मोतियों को प्राप्त करने के लिए
(d) औषधि निर्माण के लिए।
उत्तर:
(c) मोतियों को प्राप्त करने के लिए।

13. मिश्रित मछली संवर्धन किया जाता है-
(a) समुद्र में
(b) नदियों में
(c) झीलों में
(d) तालाबों में
उत्तर:
(d) तालाबों में।

14. देशी किस्म की मधुमक्खी है-
(a) ऐपिस सेरना इंडिका
(b) ऐपिस डोरसेटा
(c) ऐपिस फ्लोरी
(d) उपर्युक्त तीनों ही।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त तीनों ही।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

15. फसल के लिए कुल कितने पोषक तत्व आवश्यक हैं-
(a) 16
(b) 13
(c) 7
(d) 6
उत्तर:
(a) 16।

16. निम्नलिखित में से कौन-सी फसल मृदा को नाइट्रोजन से समृद्ध करेगी-
(a) सेम
(b) मटर
(c) धान
(d) आलू।
उत्तर:
(b) मटर।

रिक्त स्थान भरो-

  1. ………………….. क्रांति द्वारा फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है।
  2. ………………….. क्रांति द्वारा दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हुई है।
  3. पशुधन के प्रबंधन को ………………….. कहते हैं।
  4. नस्लों की गायों में रोगप्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक होती है।

उत्तर:

  1. हरित
  2. श्वेत
  3. पशुपालन
  4. देशी।

सुमेलन कीजिए-

कॉलम ‘क’ कौलम ‘ख’
1. विदेशी गाय (क) मत्स्य पालन
2. देशी गाय (ख) रेडसिंधी
3. मछली (ग) जर्सी
4. देशी मुर्गी (घ) एसिल

उत्तर:
1. (ग) जर्सी
2. (ख) रेडसिंधी
3. (क) मत्स्य पालन
4. (घ) एसिल

सत्य / असत्य-

  1. माँस के लिए लेयर मुर्गी को पाला जाता है।
  2. मधुमक्खी पालन में बहुत अधिक पूँजी निवेश होता है।
  3. सामान्य भारतीय मधुमक्खी का वैज्ञानिक नाम ऐपिस सेरना इंडिका है।
  4. ग्रास कॉर्प मछली खरपतवार खाती है।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. सत्य।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन से हमें क्या प्राप्त होता है?
उत्तर:
भोजन से हमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन तथा खनिज लवण प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 2.
हमारे भोजन के स्रोत क्या हैं?
उत्तर:
जन्तु तथा पौधे हमारे भोजन के स्रोत हैं।

प्रश्न 3.
हमारे देश की जनसंख्या कितनी है?
उत्तर:
हमारे देश की जनसंख्या 1 बिलियन (1 अरब) से अधिक है।

प्रश्न 4.
किस क्रान्ति से फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है?
उत्तर:
हरित क्रांति से फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है।

प्रश्न 5.
दुग्ध उत्पादन किस प्रकार बढ़ाया गया है?
उत्तर:
दुग्ध उत्पादन श्वेत क्रांति से बढ़ाया गया है।

प्रश्न 6.
कृषि और पशुपालन के लिए किन प्रणालियों को अपनाने की आवश्यकता है?
उत्तर:
कृषि और पशुपालन के लिए संपोषणीय प्रणालियों को अपनाने की आवश्यकता है।

प्रश्न 7.
कृषि क्षेत्र में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए हमें क्या अपनाना होगा?
उत्तर:
कृषि क्षेत्र में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक प्रणालियाँ एवं प्रबन्धन अन्तराफसलीकरण तथा सम्बन्धित कृषि प्रणालियाँ अपनानी होंगी।

प्रश्न 8.
हमें कार्बोहाइड्रेट किन फसलों से प्राप्त होता है?
उत्तर:
हमें कार्बोहाइड्रेट गेहूँ, चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा से प्राप्त होता है।

प्रश्न 9.
प्रोटीन किन-किन फसलों से प्राप्त होता है?
उत्तर:
प्रोटीन चना, मटर, अरहर, उड़द, मूंग और मसूर से प्राप्त होता है।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

प्रश्न 10.
तेल प्रदान करने वाले बीजों के नाम बताइये।
उत्तर:
सरसों, अलसी, सूरजमुखी, अरंड, तिल, सोयाबीन, मूंगफली तेल देने वाले बीज हैं।

प्रश्न 11.
चारा देने वाली फसलों के नाम बताइये।
उत्तर:
बरसीम, जई, सूडान घास, चरी (हरी ज्वार) के पौधे आदि चारा देने वाली फसलें हैं।

प्रश्न 12.
फसलों की उचित वृद्धि के लिए किन-किन परिस्थितियों की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
फसल की उचित वृद्धि के लिए जलवायुवीय परिस्थितियाँ, उचित तापमान और दीप्तिकाल की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 13.
दीप्ति काल किससे सम्बन्धित है?
उत्तर:
दीप्तिकाल सूर्य के प्रकाश काल से सम्बन्धित है।

प्रश्न 14.
पौधों में पुष्पन और वृद्धि किस पर निर्भर है?
उत्तर:
पौधों में पुष्पन और वृद्धि सूर्य के प्रकाश पर निर्भर है।

प्रश्न 15.
पौधे किस प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन निर्माण करते हैं?
उत्तर:
पौधे प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन निर्माण करते हैं।

प्रश्न 16.
वर्षा ऋतु में कौन सी फसलें उगाई जाती हैं?
उत्तर:
वर्षा ऋतु में धान, सोयाबीन, अरहर, मक्का, मूंग तथा उड़द की फसलें उगाई जाती हैं। इन्हें खरीफ फसल कहते हैं।

प्रश्न 17.
खरीफ फसलों का समय बताइये।
उत्तर:
खरीफ फसलों का समय जून से अक्टूबर माह तक है।

प्रश्न 18.
रबी में कौन सी फसलें उगाई जाती हैं?
उत्तर:
रबी में गेहूँ, चना, मटर, सरसों, अलसी की फसलें उगाई जाती हैं। ये शीत ऋतु की फसलें हैं।

प्रश्न 19.
रबी की फसलों का समय क्या है?
उत्तर:
रबी की फसलों का समय नवम्बर से अप्रैल तक का है।

प्रश्न 20.
कृषि प्रणालियों को किन तीन चरणों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:
कृषि प्रणालियों को तीन चरणों में बाँटा जा सकता है-

  • बीज का चुनना
  • फसल की उचित देखभाल
  • खेत में उगी फसल की सुरक्षा तथा कटी हुई फसल को हानि से बचाना।

प्रश्न 21.
फसल की किस्मों में ऐच्छिक गुण किस विधि से डाले जाते हैं?
उत्तर:
फसल की किस्मों में ऐच्छिक गुण संकरण विधि से डाले जाते हैं।

प्रश्न 22.
सस्य विज्ञान वाली किस्में किसमें सहायक हैं?
उत्तर:
सस्य विज्ञान वाली किस्में अधिक उत्पादन में सहायक हैं।

प्रश्न 23.
पौधे अपने पोषण के लिए पोषक तत्व कहाँ से प्राप्त करते हैं?
उत्तर:
पौधे अपने पोषण के लिए हवा से ऑक्सीजन, CO2, पानी से हाइड्रोजन और मिट्टी से 13 पोषक तत्व प्राप्त करते हैं।

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प्रश्न 24.
पौधों को कितने वृहत् और कितने सूक्ष्म पोषकों की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
पौधों को 6 बृहत् और 7 सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 25.
पौधों के लिए वृहत् पोषकों के नाम लिखिये।
उत्तर:
पौधों के लिए बृहत् पोषक हैं- नाइट्रोजन, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम और सल्फर।

प्रश्न 26.
सूक्ष्म पोषक तत्व कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
आयरन, मैंगनीज, जिंक, कॉपर, बोरॉन, मॉलिब्डेनम और क्लोरीन सूक्ष्म पोषक हैं।

प्रश्न 27.
खाद में किन पदार्थों की अधिकता होती है?
उत्तर:
खाद में कार्बनिक पदार्थों की अधिकता होती है।

प्रश्न 28.
खाद की उपयोगिता बताइए।
उत्तर:
खाद मिट्टी को पोषक तथा कार्बनिक पदार्थों को प्रचुर मात्रा में प्रदान कर उसकी उर्वरता को बढ़ाता है।

प्रश्न 29.
रेतीली मिट्टी पर खाद का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
खाद से रेतीली मिट्टी में पानी को रोकने की क्षमता बढ़ जाती है।

प्रश्न 30.
कम्पोस्ट खाद किसे कहते हैं?
उत्तर:
कृषि और जन्तु अपशिष्ट (गोबर), घरेलू कचरे, खरपतवार आदि को गड्ढों में अपघटित करके बनाई जाने वाली खाद को कम्पोस्ट खाद कहते हैं।

प्रश्न 31.
वर्मीकम्पोस्ट क्या है?
उत्तर:
केंचुए के उपयोग से तैयार कम्पोस्ट को वर्मी कम्पोस्ट कहते हैं।

प्रश्न 32.
हरी खाद क्या है?
उत्तर:
खेत में फसल उगाने से पहले पटसन, मूंग, ज्वार, ढेंचा आदि को उगाकर उन्हें खेत की जुताई करके मिट्टी में मिला देनें से हरे पौधे खाद में बदल जाते हैं।

प्रश्न 33.
हरी खाद में कौन-कौन से तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं?
उत्तर:
हरी खाद में नाइट्रोजन और फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में होते हैं।

प्रश्न 34.
उर्वरक क्या हैं?
उत्तर:
उर्वरक व्यावसायिक रूप से तैयार पादप पोषक हैं, जिनमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा पोटैशियम की अधिकता होती है। जैसे यूरिया, डी.ए.पी. आदि।

प्रश्न 35.
उर्वरक के अधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता कम क्यों हो जाती है?
उत्तर:
उर्वरकों के अधिक उपयोग से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की पुनः पूर्ति नहीं होती है तथा सूक्ष्म जीवों का जीवन चक्र अवरुद्ध हो जाता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है।

प्रश्न 36.
मिट्टी की उर्वरता बनाये रखने का प्राकृतिक उपाय क्या है?
उत्तर:
मिट्टी की उर्वरता बनाये रखने का प्राकृतिक उपाय फसल चक्र अपनाया जाना है।

प्रश्न 37.
सिंचाई के चार जल स्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सिंचाई के चार जल स्रोत हैं- कुएँ, नहरें, नदियाँ, तालाब।

प्रश्न 38.
सिंचाई की मात्रा निर्धारित करने वाले कारकों का नाम लिखो।
उत्तर:
सिंचाई की मात्रा निर्धारित करने वाले कारक हैं- मिट्टी की प्रकृति, फसल विशेष की प्रकृति और वर्षा।

प्रश्न 39.
नदी लिफ्ट पम्प क्या है?
उत्तर:
नदियों के किनारे स्थित खेतों में सिंचाई करने के लिए नदियों से सीधे ही पानी निकालना (पम्पिंग सैट द्वारा) ‘नदी लिफ्ट पम्प’ कहलाता है।

प्रश्न 40.
चैक डैम का क्या उपयोग है?
उत्तर:
चैक डैम वर्षा के पानी को बहने से रोकते हैं और मृदा अपरदन को कम करते हैं।

प्रश्न 41.
मिश्रित फसल के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
मिश्रित फसल के उदाहरण मेहूँ सरसों, गेहूँ + चना, मूंगफली + सूरजमुखी।

प्रश्न 42.
अन्तराफसलीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब दो या दो से अधिक फसलों को एक साथ एक ही खोत में निर्दिष्ट पैटर्न पर उगाया जाता है तो इसे अन्तराफसलीकरण कहते हैं। इसमें कुछ पंक्तियों में एक प्रकार की फसल तथा उसके एकान्तर दूसरी पंक्तियों में दूसरी फसल उगाई जाती है।

प्रश्न 43.
अन्तराफसलीकरण के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

  • सोयाबीन + मक्का
  • बाजरा लोबिया।

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प्रश्न 44.
खरपतवार क्या हैं? इनके उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
फसल के पौधों के साथ उगने वाले अवांछित पौधों को खररपतवार कहते हैं, जैसे- गोखरू, गाजर घास, मोथा, जई, चौलाई, बथुआ तथा हिरनखुरी, जंगली मेथी आदि।

प्रश्न 45.
पौधों में रोग किन कारकों से होते हैं?
उत्तर:
पौधों में रोग बैक्टीरिया, वाइरस और कवक द्वारा होते हैं।

प्रश्न 46.
हानिकारक कारक अनाज को क्या हानि पहुँचाते हैं?
उत्तर:
हानिकारक कारक अनाज की गुणवत्ता खराब करते हैं, वजन कम कर देते हैं, अंकुरण करने की क्षमता कम करते हैं और उन्हें बदरंग करते हैं।

प्रश्न 47.
पशुपालन किसे कहते हैं? इसके अन्तर्गत क्या-क्या कार्य किये जाते हैं?
उत्तर:
पशुओं को पालने के प्रबन्धन को पशुपालन कहते हैं। इसके अन्तर्गत पशुओं को भोजन देना, प्रजनन कराना तथा रोगों पर नियन्त्रण करना शामिल हैं।

प्रश्न 48.
दुधारू तथा ड्राफ्ट पशु किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
दूध देने वाली मादाओं को दुधारू पशु तथा बोझा ढोने वाले पशुओं को ड्राफ्ट पशु कहते हैं।

प्रश्न 49.
लम्बे समय तक दुग्ध स्रावणकाल के लिए विदेशी नसलें कौन-सी हैं?
उत्तर:
जर्सी, ब्राउन, स्विस गाय का दुग्ध स्रावण काल लम्बा होता है।

प्रश्न 50.
अधिक रोग प्रतिरोधकता वाली गाय की दो देशी नस्लों के नाम बताओ।
उत्तर:
रेडसिंधी तथा साहीवाल अधिक रोग प्रतिरोधकता वाली नस्ल की गाय हैं।

प्रश्न 51.
पर्णकृमि कहाँ पाया जाता है?
उत्तर:
पर्णकृमि (फ्लूकवर्म) पशुओं के यकृत में पाया जाता है।

प्रश्न 52.
कुक्कुट पालन में किन मुर्गियों का पालन किया जाता है?
उत्तर:
कुक्कुट पालन में अण्डों के लिए लेअर तथा माँस के लिए बौलर का पालन किया जाता है।

प्रश्न 53.
नई किस्मों के लिए किन कुक्कुटों का संकरण कराया जाता है ?
उत्तर:
नई किस्मों के लिए देशी एसिल तथा विदेशी लेगहार्न नस्लों का संकरण कराया जाता है।

प्रश्न 54.
बौलर के आहार में कौन से तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं?
उत्तर:
ब्रॉलर के आहार में प्रोटीन तथा वसा प्रचुर मात्रा में होते हैं।

प्रश्न 55.
मुर्गियों में रोग होने के कारण बताइए।
उत्तर:
मुर्गियों में रोग होने के कारण हैं- जीवाणु, विषाणु, कवक, परजीवी तथा पोषणहीनता।

प्रश्न 56.
प्रोटीन प्राप्ति का अच्छा और सस्ता स्रोत कौन-सा है?
उत्तर:
मछली प्रोटीन प्राप्ति का अच्छा और सस्ता स्रोत है।

प्रश्न 57.
भारत का समुद्री संसाधन क्षेत्र कितना है?
उत्तर:
भारत का समुद्री संसाधन क्षेत्र 7500 किलोमीटर समुद्री तट तथा इसके बाद समुद्र की गहराई तक है।

प्रश्न 58.
सर्वाधिक प्रचलित समुद्री मछलियों के नाम बताइए।
उत्तर:
पॉसफेट, मैकलं, दुना, सारडाइन व कंबेडक सर्वाधिक प्रचलित समुद्री मछलियाँ हैं।

प्रश्न 59.
मछलियों के बड़े समूह का पता कैसे लगाया जाता है?
उत्तर:
मछलियों के बड़े समूह का पता सैटेलाइट तथा प्रतिध्वनि ध्वनित्र से लगाया जाता है।

प्रश्न 60.
समुद्री जल में संवर्द्धित मछलियों के नाम बताओ।
उत्तर:
मुलेट, भेटकी तथा पर्लस्पॉट (पंख युक्त मछलियाँ)।

प्रश्न 61.
मोतियों की प्राप्ति के लिए किसका संवर्धन किया जाता है?
उत्तर:
मोतियों की प्राप्ति के लिए ऑएस्टर का संवर्धन किया जाता है।

प्रश्न 62.
समुद्री संवर्धन (मेरी कल्चर) किसे कहते हैं?
उत्तर:
समुद्री मछलियों का भण्डार (स्टॉक) कम होने की दशा में इन मछलियों की पूर्ति संवर्धन के द्वारा हो सकती है। इस प्रणाली को समुद्री संवर्धन (मेरीकल्चर) कहते हैं।

प्रश्न 63.
एस्चुरी किसे कहते हैं?
उत्तर:
ताजे पानी और समुद्री खारे पानी के मिश्रण को एस्चुरी कहते हैं।

प्रश्न 64.
उस फसल का नाम बताइए जिसके साथ मछली संवर्धन किया जाता है।
उत्तर:
धान की फसल के साथ मछली संवर्धन किया जाता है।

प्रश्न 65.
खारे तथा मीठे पानी की मछलियों की दो किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर:

  • खारे पानी की मछलियाँ हिल्सा, कैट फिश, डॉग फिश, रेड, मुलैट आदि।
  • मीठे पानी की मछलियाँ – कतला, रोहू (लेबियो) मिरिटस, मिल्क फिश।

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प्रश्न 66.
मधुमक्खी क्या बनाती है?
उत्तर:
मधुमक्खी शहद और मोम तैयार करती है।

प्रश्न 67.
व्यावसायिक स्तर पर शहद उत्पादन के लिए किस देशी मधुमक्खी का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
व्यावसायिक स्तर पर शहद उत्पादन के लिए ऐपिस सेरना इण्डिका (सामान्य भारतीय मधुमक्खी), ऐपिस डोरसेटा (एक शैल मधुमक्खी) तथा ऐपिस फ्लोरी (छोटी मधुमक्खी) का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 68.
किसी मधुमक्खी की सहायता से मधु उत्पादन बढ़ाया जा रहा है?
उत्तर:
इटेलियन मधुमक्खी ऐपिस मेलीफेरा की सहायता से मधु उत्पादन बढ़ाया जा रहा है।

प्रश्न 69.
इटेलियन मधुमक्खी की दो विशेषताएँ बताओ।
उत्तर:
इटेलियन मधुमक्खी में-

  • मधु एकत्र करने की क्षमता अधिक होती है
  • यह डंक कम मारती है।

प्रश्न 70.
मधु की गुणवत्ता किस पर निर्भर करती है?
उत्तर:
मधु की गुणवत्ता मधुमक्खियों द्वारा मकरंद एकत्र करने के लिए उपलब्ध फूलों पर निर्भर करती है।

लघूत्तरात्मक एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पौधों के लिए आवश्यक बृहत् और सूक्ष्म तत्व कौन-कौन से हैं? प्रत्येक को उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हरे पौधों की सामान्य वृद्धि के लिए 16 तत्वों की आवश्यकता होती है, जिन्हें वानस्पतिक पोषक तत्व कहते हैं। ये पौधों की आवश्यकता की मात्रा के आधार पर दो प्रकार के होते हैं-

  • बृहत् पोषक तत्व ऐसे पोषक तत्व जिनकी आवश्यकता पौधों को अधिक मात्रा में होती है, वृहत् पोषक तत्व कहलाते हैं। ये पोषक तत्व हैं- नाइट्रोजन, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम ऑक्सीजन और सल्फर।
  • सूक्ष्म पोषक तत्व- वे पोषक तत्व जिनकी आवश्यकता पौधों को सूक्ष्म (अल्प) मात्रा में होती है, सूक्ष्म पोषक तत्व कहलाते हैं। ये पोषक तत्व हैं- आयरन, मैगनीज, बोरॉन, जिंक, कॉपर, मॉलिब्डेनम, क्लोरीन।

प्रश्न 2.
पौधों के लिए पोषक तत्वों के विभिन्न स्त्रोत बताइए।
उत्तर:
पौधों के लिए पोषक तत्व तीन स्रोतों से प्राप्त होते हैं- हवा, पानी तथा मृदा।

स्रोत पोषक
हवा कार्बन, ऑक्सीजन
पानी हाइड्रोजन, ऑक्सीजन
मृदा (i) वृहत् पोषक: नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर
(ii) सूक्ष्म पोषक: आयरन, मैंगनीज, बोरॉन, जिंक, कॉपर, क्लोरीन, मॉलिब्डेनम

प्रश्न 3.
खाद किसे कहते हैं? खाद के प्रयोग करने से क्या लाभ हैं?
उत्तर:
खाद एक कार्बनिक पदार्थ है जो पौधों और जन्तुओं के अपशिष्ट पदार्थों से प्राप्त होता है। खाद पौधों के लिए पोषक तत्वों का स्रोत है। गोबर की खाद, कम्पोस्ट खाद, हरी खाद वर्मीखाद मुख्य प्रकार की खाद हैं।
खाद के प्रयोग से लाभ-

  • मिट्टी में अपघटन के द्वारा कार्बनिक खाद हयूमस में परिवर्तित हो जाती है।
  • खाद से मिट्टी की जलधारण क्षमता बढ़ जाती है।
  • पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त हो जाते हैं।
  • कार्बनिक खादें मृदा की नमी को संरक्षित करने में सहायक होती हैं।
  • खादों के प्रयोग से मृदा प्रदूषण कम होता है।
  • अपशिष्ट पदार्थों का पुनः चक्रीकरण हो जाता है।
  • खाद में उपस्थित कार्बनिक पदार्थ मिट्टी में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवों का भोजन हैं। ये जीव पौधों को पोषक तत्व उपलब्ध कराने में सहायक होते हैं।
  • खादों के प्रयोग से फसल उत्पादन में वृद्धि होती है।

प्रश्न 4.
उर्वरक क्या हैं? ये खाद से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
उर्वरक (फर्टीलाइजर्स) – ये व्यावसायिक रूप से तैयार रासायनिक खाद हैं, जो मृदा में पौधों को पोषक तत्व – नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा पोटैशियम प्रदान करते हैं। इनके उपयोग से पौधों की अच्छी वृद्धि होती है, स्वस्थ पौधों की प्राप्ति होती है और फसल उत्पादन में वृद्धि होती है।

उर्वरक और खाद में अन्तर:

उर्वरक (फर्टीलाइजस) खाद (मैन्योस)
1. ये कृत्रिम रूप से बनाए गये मुख्यतः अकार्बनिक रासायनिक पदार्थ हैं। 1. ये प्राकृतिक पदार्थों से प्राप्त होने वाले कार्बनिक पदार्थ हैं।
2. ये कम स्थान घेरते हैं। 2. ये अधिक स्थान घेरते हैं।
3. इनमें भंडारण, स्थानातरण तथा उपयोग की विधि आसान है। 3. इनका भंडारण तथा स्थानान्तरण, असुविधाजनक है।
4. उर्वरक नमी का अवशोषण करके शीघ्र खराब हो जाते हैं। 4. ये नमी का अवशोषण करके खराब नहीं होते हैं।
5. ये मृदा के संघटन को स्थिर नहीं रखते हैं। 5. ये मृदा के संघटन को स्थिर रखते हैं।
6. इनके उपयोग से मृदा में पानी रोकने तथा वातन की क्षमता कम होती है। 6. इनमें मृदा में पानी रोकने एवं वातन की क्षमता अधिक होती है।
7. इनमें विशिष्ट पोषक तत्व पाया जाता है। 7. इनमें सभी पोषक तत्व उपस्थित होते हैं।

प्रश्न 5.
भंडारण में अनाज की क्षति किन कारणों से होती है?
उत्तर:
भंडारण में अनाज की क्षति दो प्रमुख कारणों से होती है ये कारक निम्नलिखित हैं-

  • जैविक कारक-इनमें चूहे आदि कृंतक, कीट, दीमक, जन्तु, कवक, पक्षी तथा जीवाणु आदि सम्मिलित हैं।
  • अजैविक कारक-इनमें नमी तथा तापमान सम्मिलित हैं ताप, आर्द्रता, नमी आदि अजैविक घटक फलों एवं सब्जियों को प्रभावित करते हैं।

प्रश्न 6.
कम्पोस्ट खाद, वर्मी कम्पोस्ट तथा हरी खाद पर टिप्पणी लिखो।
उत्तर:
खाद मिट्टी को पोषक तथा कार्बनिक पदार्थों से परिपूर्ण करती है और मिट्टी की उर्वरता, को बढ़ाती है। खाद में कार्बनिक पदार्थों की अधिक मात्रा मिट्टी की संरचना में सुधार करती है। जबकि उर्वरक का सतत् प्रयोग मिट्टी की उर्वरता को घटाता है क्योंकि कार्बनिक पदार्थ की पुनः पूर्ति नहीं हो पाती है तथा इससे सूक्ष्म जीवों एवं भूमिगत जीवों का जीवनचक्र अवरुद्ध होता है। उर्वरकों के उपयोग से फसलों का अधिक उत्पादन कम समय में प्राप्त हो सकता है, किन्तु यह मृदा की उर्वरता को कुछ समय बाद हानि पहुँचाते हैं। जबकि खाद के उपयोग के लाभ दीर्घावधि हैं।

कार्बनिक खेती, खेती करने की वह पद्धति है जिसमें रासायनिक उर्वरक, पीड़कनाशी, शाकनाशी आदि का उपयोग बहुत कम या बिल्कुल नहीं होता। इस पद्धति में अधिकाधिक कार्बनिक खाद, कृषि अंपशिष्ट (पुआल तथा पशुधन) का पुनर्चक्रण, जैविक कारक जैसे-नील-हरित शैवाल का संवर्धन, जैविक उर्वरक बनाने में उपयोग किया जाता है। नीम की पत्तियों तथा हल्दी का विशेष रूप से जैव कीटनाशकों के रूप में खाद्य संग्रहण में प्रयोग किया जाता है। कुशल फसलीकरण पद्धति के लिए मिश्रित खोती, अन्तर फसलीकरण तथा फसल चक्र आवश्यक हैं। ये फसल तन्त्र कीट, पीड़क तथा खरपतवार को नियन्त्रित करते हैं और पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं।

प्रश्न 7.
कार्बनिक खेती किसे कहते हैं?
उत्तर:
फसल उत्पादन प्रबन्धन – भारत में कृषि छोटेछोटे खेतों से लेकर बहुत बड़े फार्मों तक में होती है। इसलिए विभिन्न किसानों के पास भूमि, धन, सूचना तथा तकनीकी उपलब्धता कम या अधिक होती है। संक्षेप में धन अथवा आर्थिक परिस्थितियाँ किसान को विभिन्न कृषि प्रणालियों तथा कृषि तकनीकों को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। योगदान, उच्च निवेश तथा फसल उत्पादन में सह-सम्बन्ध है। इस प्रकार किसान की लागत क्षमता फसलतन्त्र तथा उत्पादन प्रणालियों का निर्धारण करती है। बिना लागत उत्पादन, अल्प लागत उत्पादन तथा अधिक लागत उत्पादन प्रणालियौँ इनमें सम्मिलित हैं।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

प्रश्न 8.
सिंचाई के साधनों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
सिंचाई (Itrigation) – भारत में अधिकांश कृषि वर्षा पर आधारित हैं अथथत् अधिकांश क्षेत्रों में फसल की उपज, समय पर मानसून आने तथा वृद्धि काल में वर्षा होने पर निर्भर करती है। इसलिए कम वर्षा होने पर फसल उत्पादन कम हो जाता है। फसल की वृद्धि काल में उचित समय पर सिंचाई करने से सम्भावित फसल उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। इसलिए अधिकाधिक कृषि भूमि को सिचित करने के लिए अनेक उपाय किये जाते हैं।

भारत में पानी के अनेक सोता हैं और विभिन्न प्रकार की जलवायु है। इन परिस्थितियों में विभिन्न प्रकार की सिंचाई की विधियाँ पानी के स्रोत की उपलब्यता के आधार पर अपनायी जाती है। इन स्रोतों के कुछ उदाहरण; कुएँ, नहरें, नदियाँ और तालाब हैं।
(1) कुएँ-कुएँ दो प्रकार के होते हैं- खुदे हुए कुएँ और नलकुप। स्रुदे हुए कुएँ द्वारा भूमिगत जल स्तरों में स्थित पानी को एकत्रित किया जाता है। नलकूप में पानी गहरे जलस्तरों से निकाला जाता है। इन कुओं से सिंचाई के लिए पानी को पम्प द्वारा निकाला जाता है।

(2) नहों-यह सिंचाई का बहुत विस्तृत तथा व्यापक तन्त्र है। इनमें पानी एक या अधिक जलाशयों अथवा नदियों से आता है। मुख्य नहर से शाखाएँ निकलती हैं जो विभाजित होकर खेतों में सिंचाई करती हैं।

(3) नदी जल उठाव प्रणाली-जिन क्षेत्रों में जलाशयों से कम पानी मिलने के कारण नहरों का बहाव अनियमित अथवा अपर्याप्त होता है वहाँ जल उठाव प्रणाली अधिक उपयोगी होती है। नदियों के किनारे स्थित ख्रेतों में सिंचाई करने के लिए नदियों से सीधे ही पानी निकाला जाता है।

(4) तालाब-छोटे जलाशय जो छोटे क्षेत्रों में बहते हुए पानी का संग्रह करते हैं, तालाब का रूप ले लेते हैं।

कृषि में पानी की उपलब्धि बढ़ाने के लिए आधुनिक विधियाँ, जैसे-वर्षां के पानी का संग्रहण तथा जल विभाजन का उचित प्रबन्धन द्वारा उपयोग किया जाता है। इसके लिए छोटे बाँध बनाने होते हैं जिससे कि भूमि के नीचे जलस्तर बढ़ जाए। ये छोटे बाँध वर्षा के पानी को बहने से रोकते हैं तथा मृदा अपरदन को भी कम करते हैं।

प्रश्न 9.
फसल चक्र किसे कहते हैं? इससे क्या लाभ हैं?
उत्तर:
फसल चक्र – एक ही खेत में प्रतिवर्ष अनाज तथा फलीदार पौधों की फसल को अदल-बदल कर एक के बाद एक को उगाने की क्रिया को फसल चक्र कहते हैं।
फसल चक्र के लाभ –

  • मृदा की उर्वरता बनी रहती है।
  • अधिक उपज प्राप्त होती है।
  • खरपतवार नष्ट हो जाते हैं।
  • कीट-पतंगों और रोगों पर नियंत्रण में सहायता मिलती है।

प्रश्न 10.
फसल चक्र के लिए फसलों का चुनाव कैसे किया जाता है?
उत्तर:
फसल चक्र के लिए फसलों का चुनाव-फसल चक्र के लिए फसलों का चुनाव करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  • मृदा में पोषक तत्व गहरी तथा उथली हुई जड़ वाली फसलों को एक के बाद एक करके बौना चाहिए जिससे फसलें मिट्टी की विभिन्न सतहों से पोषक तत्व ग्रहण कर सकें।
  • नमी या जल की उपलब्धता अधिक पानी वाली फसल के बाद कम पानी वाली फसल बोनी चाहिए जिससे मिट्टी में वायु का संचार हो सके।
  • पोषक तत्वों की उपलब्धता अनाज की फसल के बाद दलहनी फसल बोनी चाहिए ताकि दलहनी फसलों की जड़ों में उपस्थित जीवाणु नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके भूमि की उर्वरता को बनाए रखें।

प्रश्न 11.
फसल चक्र का महत्व बताइए।
उत्तर:
फसल चक्र का महत्व –

  • इससे मृदा की उर्वरता में कमी नहीं आती है और वह यथावत बनी रहती है।
  • इससे खेतों में खरपतवार कम पैदा होते हैं।
  • दलहनी फसल उगाने से भूमि में नाइट्रोजन की वृद्धि हो जाती है।
  • फसलें कीटों तथा अन्य व्याधियों से सुरक्षित रहती हैं।
  • इससे मृदा अपरदन कम होता है।

प्रश्न 12.
पादपों में संकरण के लाभ बताइये।
उत्तर:
पादपों में संकरण के लाभ निम्नलिखित हैं-

  • संकरण से प्राप्त पौधे पर्यावरण के प्रति अनुकूलित होते हैं।
  • ये पौधे छोटे होते हैं इसलिए इन पर तेज हवाओं का प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • इन पौधों में वांछित लक्षण पाये जाते हैं।
  • इन पौधों से अधिक उत्पादन प्राप्त किया जाता है अर्थात् ये अच्छी उपज देते हैं।

प्रश्न 13.
कुक्कुट पालन क्यों किया जाता है? किन गुणों की प्राप्ति के लिए इनकी नई किस्में विकसित की जाती हैं?
उत्तर:
कुक्कुट (मुर्गी पालन) (Poultry farming) अंडे व कुक्कुट माँस के उत्पादन को बढ़ाने के लिए मुर्गी पालन किया जाता है। इसलिए कुक्कुट पालन में उन्नत मुर्गी की नस्लें विकसित की जाती हैं। अंडों के लिए अंडे देने वाली ( लेयर) मुर्गी पालन किया जाता है तथा माँस के लिए ब्रौलर को पाला जाता है।

निम्नलिखित गुणों के लिए नई-नई किस्में विकसित की जाती हैं। नई किस्में बनाने के लिए देशी; जैसे-एसिल तथा विदेशी; जैसे-लेगहॉर्न नस्लों का संकरण कराया जाता है-

  • चूजों की संख्या तथा गुणवत्ता;
  • छोटे कद के ब्रोलर माता-पिता द्वारा चूजों के व्यावसायिक उत्पादन हेतु;
  • गर्मी अनुकूलन क्षमता। उच्च तापमान को सहने की क्षमता;
  • देखभाल में कम खर्च की आवश्यकता;
  • अंडे देने वाले तथा ऐसी क्षमता वाले पक्षी जो कृषि के उपोत्पाद (एग्रीकल्चर बाइप्रोडक्ट्स) से प्राप्त सस्ते रेशेदार आहार का उपभोग कर सकें।

प्रश्न 14.
खौलर क्या है? इसकी आवश्यकताएँ क्या हैं?
उत्तर:
ब्रौलर-मांस प्रदान करने वाले कुक्कुटों को बौलर कहते हैं। इनकी आवास, पोषण तथा पर्यावरणीय आवश्यकताएँ अंडे देने वाली मुर्गियों से कुछ भिन्न होती हैं। इनको इनकी तीव्र वृद्धि एवं अल्पमृत्यु दर के अनुकूल परिस्थितियों में रखना आवश्यक है। इनके आहार में प्रोटीन वसा के साथ विटामिन A व K की मात्रा अधिक रखी जाती है।

प्रश्न 15.
हमारे देश में अलवण जलीय मछलियों के स्त्रोत एवं नस्लों के नाम लिखिए।
उत्तर:
हमारे देश में तालाब, पोखर, झील, झरने, नदियाँ आदि अलवण मछलियों के स्रोत हैं कतला, रोहू, मृगल, सिल्वर कार्प तथा ग्रास कार्प आदि अलवण जल प्रदायों की खाद्य मछलियाँ हैं। कतला मछली सबसे तीव्र (शीघ्र) वृद्धि करने वाली मछली है।

प्रश्न 16.
मछली संवर्धन की उपयोगिता बताइए।
उत्तर:
मछली संवर्धन की उपयोगिता-मछली संवर्धन धान की फसल के साथ किया जा सकता है। अधिक मछली संवर्धन मिश्रित मछली संवर्धन तन्त्र से तालाब में किया जाता है। इसमें देशी तथा विदेशी प्रकार की मछलियों का उपयोग किया जाता है ऐसे तन्त्र में अकेले तालाब में 5 या 6 प्रकार की मछलियों की स्पीशीज का उपयोग किया जाता है। इनमें ऐसी मछलियों का चुनाव किया जाता है। जिनमें आहार के लिए प्रतिस्पर्धा न हो तथा उनके आहार की आदत अलग-अलग हो।

इससे तालाब के हर भाग में स्थित उपलब्ध आहार का उपयोग हो जाता है जैसे कटला मछली पानी की सतह से भोजन लेती है, रोहू मछली तालाब के मध्य क्षेत्र से अपना भोजन लेती है। मृगल तथा कॉमन कार्य तालाब की तली से भोजन लेती है। ग्रास कार्प खरपतवार खाती है। इस प्रकार ये मछलियाँ साथ साथ रहते हुए भी स्पर्धा के बिना अपना-अपना आहार लेती हैं। इससे तालाब में मछली उत्पादन में वृद्धि होती है।

प्रश्न 17.
शहद क्या है? इसकी शुद्धता की पहचान कैसे की जा सकती है? शहद के मुख्य गुण व उपयोग बताइये।
उत्तर:
शहद एक गाड़ा, मीठा तरल पदार्थ है जो मधुमक्खियों द्वारा अपने छत्तों में एकत्र किया जाता है। शहद मुख्य संघटक जल, शर्करा, खनिज तथा प्रकिण्व हैं।

शुद्ध शहद की पहचान –

  • काँच के एक गिलास में पानी भरकर उसमें शहद की बूँदें मिलाने पर शुद्ध शहद पानी में एक पतला तार बनाएगा जबकि मिलावटी शहद पानी में घुल जायेगा।
  • सूक्ष्मदर्शी से देखने पर शुद्ध शहद में अनेक परागकण दिखाई देते हैं, अशुद्ध शब्द में नहीं।

शहद के गुण-शहद स्वाद में मीठा और पानी में घुलनशील होता है। शहद को खुला रखने पर वायुमंडल से नमी सोख लेता है तथा इसका किण्वन हो जाता है।

उपयोग – शहद सहज ही पाचक तथा एंटीसेप्टिक होता है इसलिए इसका प्रयोग अनेक प्रकार की औषधियों में किया जाता है।

प्रश्न 18.
मधुमक्खी के छत्ते से शहद किस प्रकार निकाला जाता है?
उत्तर:
मधुमक्खी के छत्ते से शहद निकालना – छते से शहद दो विधियों द्वारा निकाला जाता है-

  • सीधे ही छत्ते से धूम्र विधि से रात के समय मक्खियों को उड़ा दिया जाता है और छत्ते को तोड़कर निचोड़ कर शहद प्राप्त कर लिया जाता है। किन्तु यह विधि अवैज्ञानिक है।
  • मशीन द्वारा – शहद निकालने की मशीन एक खोखले सिलिन्डर से बनी होती है। इसके केन्द्रीय अक्ष पर धातु की जाली का सिलिन्डर के आकार का कक्ष बना होता है और कक्ष की तली में जाली लगी होती है। एक हैन्डिल की सहायता से इस कक्ष को केन्द्रीय अक्ष के चारों ओर घुमाया जाता है।

शहद निकालने के लिए मधुकोषों सहित लकड़ी के फ्रेमों को मशीन में बने जालीदार कक्ष को घुमाया जाता है। जिससे शहद मधुकोषों से निकलकर मशीन के तल में एकत्रित हो जाता है।

JAC Class 9 English Story Writing

Jharkhand Board JAC Class 9 English Solutions Story Writing Questions and Answers.

JAC Board Class 9 English Story Writing

अंग्रेजी के प्रश्न-पत्र में किसी कहानी के hints (संकेत) देकर कहानी को लगभग 50-70 शब्दों में पूर्ण करने के लिए कहा जाता है।
कहानी-लेखन में हमें निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं पर ध्यान देना चाहिए –

  • कहानी की कथावस्तु (plot) को समझने का प्रयास करना चाहिए।
  • घटनाओं के क्रम में कोई परिवर्तन किये बिना कहानी को अपनी भाषा में लिखना चाहिए।
  • कहानी की रूपरेखा के hints वर्तमान काल में दिये जाते हैं। परन्तु. आपको परीक्षा में दिए हुए hints के आधार पर कहानी को भूतकाल (Past Tense) में लिखना चाहिए।
  • कहानी की निरन्तरता बनाये रखने के लिए आपको hints के अतिरिक्त कुछ शब्द एवं वाक्य जोड़ने पड़ सकते हैं।
  • Direct Speech के स्थान पर Indirect Speech का प्रयोग उचित रहता है।
  • Hints में Articles नहीं दिये होते हैं। इसलिए hints को अच्छी तरह पढ़कर उचित Articles का प्रयोग करना चाहिए।
  • कहानी लिख चुकने के बाद उसे दोहरा लेना चाहिए। व्याकरण तथा वर्तनी (spelling) सम्बन्धी अशुद्धियों को ठीक कर देना चाहिए।
  • Moral कहानी का नैतिक सार होता है। अतः इसे अवश्य लिखें।

Some Examples of Story-Writing

Question 1.
Write a story in 50-70 words using the outline given below. Assign a suitable title and a moral to it :
निम्न outline का प्रयोग कर 50-70 शब्दों में एक कहानी लिखिए। शीर्षक तथा इसकी शिक्षा के बारे में भी लिखिए।
Four bulls ……. always together ……. a lion ……. the same forest ……. wants to kill them …….. told one bull……..other bulls jealous of him …….. eat fresh grass ……. leave stale ……. bull believes …….. goes alone …….. kills and eats……..the same trick on others kills them one by one.
Answer:
Union is Strength (Four Bulls)

Once there were four bulls in a forest. They always lived together. A lion lived in the same forest and wanted to kill them but could not succeed. According to his plan, he went to one of them and praised him. He told him that the other three bulls were jealous of him. They always ate fresh grass and left stale one for him.

The foolish bull believed it and the next day he went away to graze alone. The lion killed and ate him up. He repeated the same trick with other bulls. The other bulls, too, did the same foolish act. In this way, the lion killed all of them one by one. Moral : Union is strength.

JAC Class 9 English Story Writing

एकता ही शक्ति है (चार साँड़)

एक बार एक जंगल में चार साँड़ थे। वे हमेशा साथ रहते थे। एक शेर भी उसी जंगल में रहता था तथा उन्हें मारना चाहता था परन्तु सफल नहीं हो सका। अपनी योजना अनुसार वह उनमें से एक के पास गया और उसकी प्रशंसा की। उसने उससे कहा कि दूसरे साँड़ उससे ईर्ष्या करते हैं। वे हमेशा ताजी घास खाते हैं और उसके लिए खराब घास छोड़ देते हैं। मूर्ख साँड़ ने इस पर विश्वास कर लिया और अगले दिन वह अकेला चरने के लिए चला गया। शेर ने उसे मार डाला और खा गया। उसने यही चालाकी दूसरे साँड़ों पर दोहराई। दूसरे साँड़ों ने भी वही मूर्खतापूर्ण कार्य किया। इस प्रकार शेर ने एक-एक करके उन सभी को मार डाला। शिक्षा – एकता ही शक्ति है।

Question 2.
Write a story in 50-70 words using the outline given below. Assign a suitable title and a moral to it :
Two friends …….. travel together ……. promise to help in danger…….pass through a forest ……. see a bear …….. one climbs up a tree……..the other does not know how to climb thinks a plan……..lies down on the ground…….holds breath …….. bear smells him…….. takes him for dead……..leaves……..friend comes down………asks what did bear say……..don’t rely on false friends…….feels ashamed.
Answer:
Two Friends and a Bear

Once there lived two friends in a village. One day they travelled together through a forest. They promised to help each other. They saw a bear coming towards them. They got frightened. One of them climbed up a tree. The other one did not know how to climb a tree. He knew the danger. He thought of a plan.

He lay down on the ground. He held his breath. The bear smelt him. It took him to be dead and left him. The first friend came down and asked what the bear had told him. The second friend replied, “The bear advised me not to rely on false friends.” The other friend felt ashamed. Moral : A friend in need is a friend indeed.

दो मित्र और भालू

एक बार एक गाँव में दो मित्र रहते थे। एक दिन उन्होंने साथ-साथ एक जंगल से.यात्रा की। उन्होंने एक-दूसरे की सहायता करने का वायदा किया। उन्होंने एक भालू अपनी ओर आते हुए देखा। वे भयभीत हो गए। उनमें से एक पेड़ पर चढ़ गया। दूसरा पेड़ पर चढ़ना नहीं जानता था। उसने खतरे को जाना। उसने एक योजना सोची। वह जमीन पर लेट गया।

उसने अपनी साँस रोक ली। भालू ने उसे सूँघा। उसने उसे मृत समझा और चला गया। पहला मित्र नीचे आया और पूछा कि भालू ने उससे क्या कहा था। दूसरे मित्र ने उत्तर दिया, “भालू ने मुझे झूठे दोस्तों पर विश्वास न करने की सलाह् दी।” दूसरा मित्र शर्मिन्दा हुआ। शिक्षा – जो जरूरत में काम आये, वास्तव में वही सच्चा मित्र है।

JAC Class 9 English Story Writing

Question 3.
Write a story in 50 – 70 words using the outline given below. Assign a suitable title and moral to it :
A fox……..hungry…….searches food……. sees a vine of grapes…….bunches of ripe grapes……. goes there……. hanging high …… jumps again and again ……. not reaches the grapes …….. all in vain …….. tired …….. runs away saying, …………. The grapes are sour …………. They are not worth eating.
Answer:
The Fox and the Grapes

Once there was a clever fox. He was very hungry. He went out in search of food. Suddenly he saw a vine of grapes. The sight of the bunches of ripe grapes made his mouth full of water. He went there. They were hanging high above his head. He jumped again and again to get them. But he could not reach the grapes.

He took some rest. He jumped again but it was in vain. He became very tired. He thought for some time, then he ran away saying, “The grapes are sour. They are not worth eating.” Moral: Grapes, out of reach, are said to be sour.

नोट : ‘Fox’ पुल्लिंग (Masculine) है। अत: Fox के लिए Pronoun – He, him, his का प्रयोग होगा। Vixen स्त्रीलिंग है, इसके लिए She, her, hers का प्रयोग होता है। Fox (नर लोमड़ी/लोमड़), Vixen (मादा लोमड़ी)।

लोमड़ी और अंगूर

एक बार एक चालाक लोमड़ी थी। वह बहुत भूखी थी। वह भोजन की तलाश में निकली। अचानक उसने अंगूरों की एक बेल देखी। पके अंगूरों के गुच्छे के दृश्य से उसके मुँह में पानी भर आया। वह वहाँ गयी। वह उसके सिर के ऊपर ऊँचे लटक रहे थे। वह उन्हें प्राप्त करने के लिए बार-बार उछली। लेकिन वह अंगूरों को प्राप्त न कर सकी। उसने कुछ आराम किया। वह दोबारा कूदी लेकिन सब व्यर्थ रहा। वह बहुत थक गयी। उसने कुछ समय सोचा; फिर वह यह कहते हुए चली गयी, “अंगूर खट्टे हैं। वे खाने योग्य नहीं हैं।” शिक्षा – हाथ न आये अंगूर खट्टे बताये जाते हैं।

Question 4.
Write a story in 50 – 70 words using the outline given below. Assign a suitable title and moral to it :
A wolf……..hungry and thirsty……..sees a lamb drinking water in a stream ………. wants to eat ……….. invents an excuse to eat it………..making water dirty ……… the lamb down stream …….. lamb abuses last year ……. lamb six months ……… it must be your parents………kills the ……………… lamb.
Answer:
The Wolf and the Lamb

One day a hungry and thirsty wolf saw a lamb drinking water in a stream. He wanted to eat the lamb, so he went to the lamb and said, “Why are you making water dirty ?” The lamb said, “Sir, the water is running from you to me. How can I make water dirty ?” The wolf invented another pretext and asked, “Why did you abuse me last year ?” The lamb said, “I am only six months old, Sir. How could I abuse you ?” “Then it must be your parents,” saying this he killed the lamb.
Moral: Might is right.

भेड़िया और मेमना

एक दिन एक भूखे-प्यासे भेड़िये ने एक मेमने को एक धारा में पानी पीते हुए देखा। वह उसे खाना चाहता था इसलिये वह मेमने के पास गया और बोला, “तुम पानी गंदा क्यों कर रहे हो ?” मेमने ने कहा; ” श्रीमान् पानी आपकी तरफ से मेरी ओर बह रहा है। मैं पानी कैसे गंदा कर सकता हूँ ?” भेड़िये ने एक अन्य बहाना खोजा और पूछा, “तुमने मुझे पिछले वर्ष गाली क्यों दी थी ?” मेमना बोला, “मैं मात्र छः माह का हूँ, श्रीमान्। मैं आपको गाली कैसे दे सकता था ?” “तब जरूर वे तुम्हारे माता-पिता होंगे,” यह कहते हुए उसने मेमने को मार दिया।. शिक्षा – जिसकी लाठी उसकी भैस।

JAC Class 9 English Story Writing

Question 5.
Write a story in 50 – 70 words using the outline given below. Assign a suitable title and moral to it :
A dog…….hungry……wanders here and there…….searches food…….finds …….bone……. wants…….quiet ……………place……..while crossing the bridge …….sees reflection water…….thinks another dog…….wants…….. other bone…….opens mouth to bark…….bone falls……water……sad.
Answer:
A Greedy Dog

Once there was a hungry dog. It wandered here and there in search of food. By chance, it found a piece of bone at a place. It wanted to enjoy it at a quiet place. It had to pass over a bridge. While crossing the bridge, it saw its reflection in the water. The dog thought it to be another dog with a piece of bone. It wanted to take the other piece of bone too. It opened its mouth to bark. As soon as it opened its mouth, the piece of bone fell into the water. Now the dog was very sad. Moral: Greed is a curse.

एक लालची कुत्ता

एक बार एक भूखा कुत्ता था। वह भोजन की त्लाश में इधर-उधर घूमता रहा। संयोग से, उसे एक स्थान पर एक हड्डी का टुकड़ा मिल गया। वह किसी निर्जन स्थान पर उसका आनन्द लेना चाहता था। उसे एक पुल पर से होकर गुजरना पड़ा।

पुल पार करते हुए उसने पानी में अपना प्रतिबिम्ब देखा। कुत्ते ने इसे (प्रतिबिम्ब को) हड्डी का टुकड़ा लिये हुए एक दूसरा कुत्ता समझ लिया। वह हड्डी के उस दूसरे टुकड़े को भी लेना चाहता था। उसने भौंकने के लिए अपना मुँह खोला। जैसे ही उसने अपना मुँह खोला, हड्डी का‘टुकड़ा पानी में गिर गया। अब कुत्ता बहुत दुखी हुआ। शिक्षा – लालच बुरी बला है।

Question 6.
Write a story in 50 – 70 words using the outline given below. Assign a suitable title and moral to it :
A capseller…….travels…….place to place…….a bag of caps…….. hot afternoon …… sleeps…….a tree…….many monkeys ……. climb down…….take away caps……..awakes…….bag empty…….worried…….thinks…….throws away his own cap……..monkeys do the same…….collects…….goes way.
Answer:
The Capseller and the Monkeys

Once a capseller used to travel from place to place to sell caps. One hot afternoon he slept under a shady tree. There were many monkeys in that tree. They climbed down and took away all his caps.

When the capseller woke up, he found his bundle empty. By chance he looked up that every monkey had a cap on hishead. He thought of a plan. He took off his cap and threw it away on the ground. All the monkeys did the same. The capseller collected his caps and went away. Moral: Wit triumphs where physical strength fails.

टोपी विक्रेता और बन्दर

एक बार एक टोपी बेचने वाला टोपी बेचने के लिए स्थान-स्थान पर जाया करता था। एक गर्मी की दोपहर को वह एक छायादार पेड़ के नीचे सो गया। उस पेड़ पर बहुत-से बन्दर थे। वे नीचे आये और उसकी सारी टोपियों को ले गये। जब टोपी बेचने वाला उठा, उसने अपना गट्ठर खाली पाया। अचानक उसने ऊपर देखा कि प्रत्येक बन्दर के सिर पर टोपी थी। उसने एक तरकीब सोची। उसने अपनी टोपी उतारी और उसे जमीन पर फेंक दिया। सारे बन्दरों ने ऐसा ही किया। टोपी बेचने वाले ने अपनी टोपियाँ इकट्ठी की और चला गया। शिक्षा – जहाँ शारीरिक शक्ति असफल हो जाती है, वहाँ बुद्धि सफल हो जाती है।

JAC Class 9 English Story Writing

Question 7.
Write a story in 50 – 70 words using the outline given below. Assign a suitable title and moral to it :
A hare……proud of his speed…….laughs at the tortoise……. slow speed…….challenges…….run a race…..race begins……hare runs fast …… tortoise left behind …….. thinks to take rest……sleeps under a tree …… tortoise goes on ……. reaches the gọal…….loses the race…….hare wakes up…….runs fast.
Answer:
The Hare and the Tortoise

Once a hare was proud of his speed. One day he laughed at the tortoise for his slow speed. The tortoise challenged the hare to run a race. Next morning the race began. The hare ran fast. The tortoise was left far behind. On the way the hare thought to take some rest under a tree. So he lay down. He soon fell fast asleep.

The tortoise went on slowly and steadily. He reached the goal. After some time the hare woke up and ran. When he reached the goal, he found the tortoise already there. The hare lost the race. He felt much ashamed. Moral: Slow and steady wins the race.

खरगोश और कछुआ

एक बार एक खरगोश को अपनी चाल पर गर्व था। एक दिन उसने कछुए की मन्द चाल के लिए हैंसी उड़ाई। कछुए ने खरगोश को अपने साथ दौड़ने की चुनौती दी। अगली सुबह दौड़ प्रारम्भ हुई। खरगोश तेज दौड़ा। कछुआ बहुत पीछे रह गया। रास्ते में खरगोश ने एक पेड़ के नीचे थोड़ा आराम करने की सोची। इसलिए वह लेट गया। उसे जल्दी ही गहरी नींद आ गई। कछुआ धीरे-धीरे और लगातार चलता रहा। वह लक्ष्य तक पहुँच गया। कुछ समय पश्चात् खरगोश उठा और दौड़ा। जब वह लक्ष्य तक पहुँचा, उसने कछुए को पहले ही वहाँ पाया। खरगोश दौड़ हार गया। वह बहुत लज्जित हुआ। शिक्षा – निरन्तर प्रयत्नशील धीमी गति का धावक दौड़ जीतता है।

Question 8.
Write a story in 50 – 70 words using the outline given below. Assign a suitable title and moral to it :
A crow…….foolish…….a piece of bread……..in a tree……..a fox clever……..hungry notices the crow…….wants to get the piece……..thinks plan……..praises…….beauty …….sweet voice…….requests…….sings a song…….glad……..begins singing……..opens its beak…….falls ground ……..picks up………runs away……..crow………sad.
Answer:
The Fox and the Crow

Once there was a foolish crow sitting in a tree. It had a piece of bread in its beak. A clever fox noticed the crow with a piece of bread. He wanted to get it.

He thought of a plan. He praised the crow, “You are a beautiful bird. Your voice is very sweet. Please sing a song for me.” The silly crow felt flattered. It opened its beak to sing. The piece of bread fell down on the ground. The fox picked it up and ran away. Now the crow was sad. Moral: Beware of flatterers.

लोमड़ी और कौआ

एक बार एक मूर्ख कौआ पेड़ पर बैठा हुआ था। उसकी चोंच में रोटी का टुकड़ा था। एक चालाक लोमड़ी ने कौए को रोटी के टुकड़े के साथ देखा। वह इसे प्राप्त करना चाहती थी। उसने एक तरकीब सोची। उसने कौए की प्रशंसा की, “तुम एक सुन्दर पक्षी हो। तुम्हारी आवाज बड़ी मधुर है। कृप्या मेरे लिए एक गीत गाओ।” मूर्ख कौआ झूठी प्रशंसा में आ गया। उसने गाने के लिए अपनी चोंच खोली। रोटी का टुकड़ा जमीन पर गिर पड़ा। लोमड़ी ने उसे उठाया और भाग गई। अब कौआ दुखी था। शिक्षा – चापलूसों से सावधान रहो।

JAC Class 9 English Story Writing

Question 9.
Write a story in 50 – 70 words using the outline given below. Assign a suitable title and moral to it :
A thick forest…….. lion asleep…….. mouse moving about……..dances on the lion’s body……. the lion awakes…….gets angry……..catches mouse in paw……..ready to kill……..begs mercy…….promises to help him……..lion laughs……..lets go off……..later on……..lion caught in a net……..tries to free himself……..in vain……..roars……..the mouse appears…….cuts the net……..lion is freed……..life saved ……..kindness ……..rewarded.
Answer:
The Lion and the Mouse

Once a lion was sleeping under a tree. A mouse climbed on his body and started moving there. The lion woke up. He got angry. He caught the mouse in his paw. He was ready to kill it. The mouse begged for mercy. The mouse promised to help him in need. The lion laughed at this. He, however, let the mouse go off.

One day the lion was caught in a net. He roared loudly. The mouse heard it and came there. It began to cut the net with its teeth. The lion became free. Thus he was rewarded for his kindness. Moral: Do good, find good.

शेंर और चूहा

एक दिन एक शेर एक पेड़ के नीचे सो रहा था। एक चूहा उसके शरीर पर चढ़ा और वहाँ पर घूमने लगा। शेर जाग गया। वह नाराज हो गया। उसने चूहे को अपने पंजे में पकड़ लिया। वह चूहे को मारने के लिए तैयार था। चूहे ने दया के लिए प्रार्थना की। चूहे ने उसकी आवश्यकता के समय मदद करने का वायदा किया। शेर इस पर हैंसा। फिर भी उसने चूहे को जाने दिया। एक दिन शेर को जाल में पकड़ लिया गया। वह जोर से दहाड़ा। चूहे ने इसे सुना और वहाँ आया। उसने अपने दाँतों से जाल काटंना शुरू किया। शेर मुक्त हो गया। इस प्रकार उसे अपनी दयालुता के लिए पुरस्कार मिल गया। शिक्षा – कर भला, होगा भला।

Question 10.
Write a story in 50 – 70 words using the outline given below. Assign a suitable title and moral to it :
A bee…….falls into water…….drowns…… dove……. in the tree…….feels pity…….plucks leaf……drops…….bee climbs…….flies away…….saved……..later………hunter aims at the dove……dove unaware…….bee attacks in swarm………gun goes off…… misses aim……..dove flies off ………saved ……………. Friend in need………friend indeed.
Answer:
The Bee and the Dove

Once a bee fell into the water of a river. It began to drown. A dove felt pity for the bee. It plucked a leaf and dropped it near the bee. The bee climbed upon the leaf. When its wings got dried, it flew away. A few days later, a hunter came there. He aimed at the dove. The dove was unaware of it. Luckily the bee noticed the hunter. It flew to its hive. All the bees attacked in a swarm on the hunter. The hunter missed his aim and the gun went off. The doye flew away. Thus the bee repaid the dove for its kindness. Moral: Do good, find good. or kindness begets kindnessfs.

मधुमक्खी और फाख्ता

एक बार एक मधुमक्खी एक नदी के जल में गिर गयी। वह डूबने लगी। एक फाख्ता को मधुमक्खी पर दया आ गयी। उसने एक पत्ता तोड़ा और मधुमक्खी के पास गिरा दिया। मधुमक्खी पत्ते पर चढ़ गई। जब उसके पंख सूख गये, वह उड़ गई। कुछ दिनों बाद एक शिकारी वहाँ आया। उसने फाख्ता की तरफ निशाना लगाया। फाख्ता इससे अनभिज्ञ थी। सौभाग्य से मधुमक्खी ने शिकारी को देख लिया। वह उड़कर अपने छत्ते के पास गई। सभी मधुमक्खियों ने झुण्ड में शिकारी पर आक्रमण कर दिया। शिकारी का निशाना चूक गया और बन्दूक चल गई। फाख्ता उड़ गई। इस तरह मधुमक्खी ने फाख्ता की दयालुता का बदला चुका दिया। शिक्षा – कर भला, हो भला। दयालुता के बदले दयालुता मिलती है।

JAC Class 9 English Story Writing

Question 11.
Write a story in 50 – 70 words using the outline given below. Assign a suitable title and moral to it :
A woodcutter…….very honest…….goes to forest…….cutting wood…….tree near bank of a stream……..axe falls…….deep water below …….drowned …….sad…….begins to cry…….water-god appears…….brings, axe of gold……. rufuses to accept…….axe of silver…….refuses…….axe of iron……..readily accepts ……..water-god pleased…….gives away all three axes.
Answer:
River god and the Woodcutter

Once a woodcutter was cutting a tree on the bank of a river. By chance, his axe fell into the water. He began to cry and pray to the river god. The river god appeared there and asked him the reason. The poor woodcutter told him the whole story.

The god dived into the river and brought a”golden axe. The woodcutter refused to take it. Then the god brought a silver axe. The woodcutter refused to take it either. Then the god brought an iron axe. He accepted it happily. The god was pleased with his honesty and gave him all the three axes as a reward. Moral: Honesty is the best policy.

जल-देवता और लकड़हारा

एक बार एक लकड़हारा एक नदी के किनारे एक पेड़ काट रहा था। संयोग से, उसकी कुल्हाड़ी पानी के अन्दर गिर गयी। वह रोने लगा और नदी के देवता से प्रार्थना करने लगा। नदी के देवता वहाँ प्रकट हुए और उससे कारण पूछा। निर्धन लकड़हारे ने उन्हें सारी कहानी सुनाई।
देवता ने नदी में डुबकी लगाई और एक सोने की कुल्हाड़ी लाए। लकड़हारे ने उसे लेने से इन्कार कर दिया।

फिर नदी के देवता एक चँदी की कुल्हाड़ी लेकर आये। लकड़हारे ने उसे भी लेना अस्वीकार कर दिया। तब नदी के देवता एक लोहे की कुल्हाड़ी के साथ आये। उसने इसे प्रसन्नता से ले लिया। देवता उसकी ईमानदारी से प्रसन्न हुए और पुरस्कार के रूप में तीनों कुल्हाड़ियाँ उसे दे दीं। शिक्षा – ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है।

Question 12.
Write a story in 50-70 words using the outline given below. Assign a suitable title and moral to it :
Old farmer……………four sons………….always quarrelling……………. farmer advises…….no effect……….calls his sons………..gives a bundle of sticks ………..none can break………unties the bundle…….gives a stick……..breaks……..teaches lesson …….. realize……..give up quarrelling.
Answer:
The Old Farmer and His Sons
Or
Union is Strength
Answer:
An old farmer had four quarrelling sons. So he was very sad. One day he thought a plan to teach them a lesson. He gave each of them a bundle of sticks and asked them to break it. Each of them tried his best but no one could break it.

Then the farmer untied the bundle. He gave each son a stick to break. Now each of them broke the stick easily. The father taught them to live united like the bundle of sticks. They realized their mistake. Now they gave up quarrelling.
Moral : Union is strength.

वृद्ध कृषक और उसके पुत्र या एकता ही शक्ति है

एक वृद्ध किसान के चार झगड़ालू पुत्र थे। इसलिए किसान बहुत दुखी था। एक दिन उन्हें सबक सिखाने के लिए उसने एक तरकीब सोची। उसने उनमें से प्रत्येक को लकड़ी का एक गट्ठर दिया व उसे तोड़ने को कहा। उनमें से प्रत्येक ने भरसक प्रयास किया लेकिन कोई भी इसे नहीं तोड़ सका। तब किसान ने गट्ठर खोल दिया। उसने प्रत्येक पुत्र को एक लकड़ी तोड़ने के लिए दी। अब उनमें से प्रत्येक ने लकड़ी को आसानी से तोड़ दिया। किसान ने उनको लकड़ियों के गट्ठर की तरह संगठित होकर रहना सिखाया। उन्होंने अपनी गलती मानी। अब उन्होंने झगड़ना छोड़ दिया। शिक्षा – संगठन ही शक्ति है।

JAC Class 9 English Story Writing

Question 13.
Write a story in 50 – 70 words using the outline given below. Assign a suitable title and moral to it :
A shepherd……..grazes sheep………thinks of a mischief……..cries “Wolf  Wolf !”……. villagers run to help………. wolf…….. villagers angry…….. one day a wolf really comes………cries for help………people do not believe………kills many sheep.
Answer:
The Shepherd and the Wolf

Once there was a shepherd. He grazed sheep from morning till evening. One day he thought of a mischief. He climbed a tree. He started crying loudly “Wolf! Wolf! Save me ! Help me !” The villagers ran to help him. But they found no wolf. The boy laughed at them and said that it was only a joke. The villagers became very angry and returnd to their fields.

One day a wolf really came there. The boy began to cry for help. The villagers did not believe him. So nobody came to help him. The wolf killed many sheep. Moral: Once a liar always a liar. Or A liar is never believed.

गड़रिया और भेड़िया

एक बार एक गड़रिया था। वह सुबह से शाम तक भेड़ें चराता था। एक दिन उसे एक शरारत सूझी। वह एक पेड़ पर चढ़ गया। वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा, “भेड़िया ! भेड़िया ! मुझे बचाओ ! मेरी सहायता करो ? ग्रामीण उसकी तरफ मदद के लिए दौड़े। लेकिन उन्हें भेड़िया न मिला। लड़का उन पर हैंसा और बोला कि यह तो केवल मजाक था। ग्रामीण बहुत नाराज हुए और वापस अपने खेतों को लौट गये। एक दिन एक भेड़िया वास्तव में वहाँ आ गया। लड़का सहायता के लिए चिल्लाने लगा। ग्रामीणों ने उसका विश्वास नहीं किया। इसलिए कोई भी उसकी सहायता करने नहीं आया। भेड़िये ने कई भेड़ें मार डालीं। शिक्षा – एक बार का झूठा, सदा के लिए झूठा। या झूठे का कभी कोई विश्वास नहीं करता।

JAC Class 9 English Story Writing

Question 14.
Write a story in 50 – 70 words using the outline given below. Assign a suitable title and moral to it :
Answer:
The Vain Stag

One fine morning a stag was drinking water in a pool. By chance he saw his reflection in the water. He felt proud of his beautiful horns. But he was ashamed of his ugly legs. Suddenly a hunter set his hounds after the stag. The stag ran fast to save his life. But his horns got stuck in the bushes He tried hard to free himself but in vain.

Now the stag realised that his ugly legs could have saved him but his beautiful horns caused his death. In the meantime, the hounds came there and killed him. Moral : All that glitters is not gold.

घमण्डी बारहसिंगा

एक सुहावनी सुबह एक बारहसिंगा एक सरोवर पर पानी पी रहा था। अकस्मात् उसने पानी में अपना प्रतिबिम्ब देखा। उसे अपने सुन्दर सींगों पर गर्व हुआ। लेकिन उसे अपनी भद्दी टाँगों पर लज्जा महसूस हुई। अचानक एक शिकारी ने अपने शिकारी कुत्ते बारहसिंगे के पीछे छोड़ दिये। बारहसिंगा अपना जीवन बचाने के लिए तेज दौड़ा। लेकिन उसके सींग झाड़ी में फँस गये। उसने स्वयं को मुक्त करने के लिए जोर लगाया लेकिन सब व्यर्थ रहा। अब बारहसिंगे ने महसूस किया कि उसकी भद्दी टाँगें उसे बचा लेर्ती परन्तु उसके सुन्दर सींग उसकी मृत्यु का कारण बने। इसी बीच शिकारी कुत्ते वहाँ आ पहुँचे और उसे मार दिया। शिक्षा – हर चमकने वाली वस्तु सोना नर्हीं होती।

Question 15.
Write a story in 50- 70 words using the outline given below. Assign a suitable title and moral to it :
A lion……..very old……..too weak to hunt…….thinks of a plan…….goes……..lives in the den……..pretends to be ill……..animals come to ask about his health……..kills …….. fox comes……..sees footprints of animals…….entering den…. not returning ……. lion invites …….. fox refuses ……..runs away …….. saves life.
Answer:
The Lion and the Fox

Once an old lion became too weak to hunt. He thought of a plan. He pretended to be ill. The animals came to ask about his health in his den. The lion killed and eat up every animal which entered the den. One day a fox came to meet him. He saw the footprints of the animals entering the den but not of returning from there. The lion invited him. But the cunning fox said, “I am too wise for your tricks.” Saying this, the fox ran away. Thus he saved his life from the cruel lion.
Moral : An ounce of wit is better than a pound of strength.

शेर और लोमड़ी

एक बार एक वृद्ध शेर इतना कमजोर हो गया कि वह शिकार नहीं कर सकता था। उसने एक तरकीब सोची। उसने बीमार होने का बहाना किया। जानवर उसकी कुशल-क्षेम पूछने उसकी गुफा में आते थे। शेर उस प्रत्येक जानवर को मारकर खा जाता था जो उसकी गुफा में प्रवेश करता था। एक दिन एक लोमड़ी उससे मिलने आयी। उसने गुफा में प्रवेश करते हुए जानवरों के पद-चिह्न देखे लेकिन वहाँ से लौटने के नहीं। शेर ने उसे निमन्त्रण दिया। लेकिन चालाक लोमड़ी बोली, “मैं इतनी बुद्धिमान हूँ कि तुम्हारी चालाकी समझ सकती हूँ।” यह कहते हुए लोमड़ी भाग गयी। इस तरह उसने अपना जीवन निर्दयी शेर से बचा लिया। शिक्षा -बुद्धि शक्ति से श्रेष्ठतर है।

JAC Class 9 English Story Writing

Question 16.
Write a story in 50 – 70 words using the outline given below. Assign a suitable title and moral to it :
An elephant …… goes to drink water…..passes by tailor’s shop……gives a loaf daily ……… one day his son ………… at shop…… pricks needle in his trunk ….elephant gets angry …… goes to the river ………. fills dirty water ………… throws in tailor’s shop…..spoils all clothes.
Answer:
The Tailor and the Elephant

There was an elephant in a town. He used to go to the river to drink water. On the way he used to pass by a tailor’s shop. The tailor used to give him a loaf of bread daily. One day the tailor was not at the shop. His son was sitting at the shop. He did not give anything to the elephant but pricked a needle in his trunk. The elephant got angry. He went to the river bank. He filled dirty water in his trunk. He came to the tailor’s shop. He sprayed dirty water in the shop. He spoiled all the clothes. Moral : Tit for tat.

दर्जी और हथथी

एक कस्बे में एक हाथी था। वह नदी पर पानी पीने जाया करता था। रास्ते में वह एक दर्जी की दुकान के पास से गुजरता था। दर्जी उसे प्रतिदिन एक रोटी का टुकड़ा दे दिया करता था। एक दिन दर्जी दुकान पर नहीं था। उसका पुत्र दुकान पर बैठा हुआ था। उसने हाथी को कुछ नहीं दिया बल्कि उसकी सूँड में एक सुई चुभो दी। हाथी क्रोधित हो गया। वह नदी के किनारे गया। उसने अपनी सूँड में गन्दा पानी भरा। वह दर्जी की दुकान पर आया। उसने गन्दा पानी दुकान में छिड़क दिया। उसने सारे कपड़े खराब कर दिये। शिक्षा – जैसे को तैसा।

JAC Class 9 English Story Writing

Question 17.
Write a story in 50 – 70 words using the outline given below. Assign a suitable title and moral to it :
Answer:
The Hen That Laid Golden Eggs

Once there was a farmer. He had a wonderful hen that laid a golden egg daily. The farmer was very greedy. One day the farmer thought of a plan to get all the eggs. He wanted to be rich very soon. He thought there must be a lot of eggs in the hen’s body. He took a knife and killed the hen. He cut the stomach of the hen. He opened it. He looked for the eggs in its body, but there were no eggs. The foolish farmer was very sad now. He repented for his folly very much.
Moral : Greed is a curse.

सोने के अण्डे देने वाली मुर्गी

एक किसान था। उसके पास एक अद्भुत मुर्गी थी जो प्रतिदिन सोने का एक अण्डा देती थी। किसान बड़ा लालची था। एक दिन किसान ने सारे अण्डे पाने के लिए एक योजना बनाई। वह बहुत जल्दी अमीर बनना चाहता था। उसने सोचा कि मुर्गी के शरीर में बहुत सारे अण्डे होंगे। उसने एक चाकू लिया और मुर्गी को मार दिया। उसने मुर्गी के पेट को काट दिया। उसने उसको खोला। उसने उसके शरीर में अण्डों को तलाशा किन्तु वहाँ अण्डे नहीं थे। मूर्ख किसान अब बड़ा दुखी हुआ। उसे अपनी मूर्खता पर बड़ा पछतावा हुआ। शिक्षा – लालच बुरी बला है।

Question 18.
Write a story in 50 – 70 words using the outline given below. Assign a suitable title and moral to it :
Two cats ……………. quarrel ………. monkey……offers to act as judge …….. cuts the bigger piece…..more than necessary……… its other piece………pieces become smaller and smaller……….the cats request to return what is left …………. refuses …… says….. reward of his labour.
Answer:
Two Cats and a Monkey

One day two cats found a piece of bread. They divided it into two unequal parts. They started quarrelling. Seeing all this, a monkey offered to act as a judge. The cats agreed to it. He cut the bigger piece more than necessary and ate it. Now the other piece became bigger. Now he cut a piece from the bigger piece as before.

Now it became smaller than other. Thus the pieces became smaller and smaller. The cats understood the monkey’s trick. They demanded their piece back. The cleyer monkey ate the remaining piece saying that it was the reward of his labour. Moral : Beware of a robber in the garb of a saint.

JAC Class 9 English Story Writing

दो बिल्लियाँ और बन्दर

एक बार दो बिल्लियों को एक रोटी का टुकड़ा मिला। उन्होंने इसे दो असमान भागों में बाँटा। वे झगड़ने लर्गी। यह सब देखकर एक बंदर ने एक निर्णायक का कार्य करने का प्रस्ताव रखा। बिल्लियाँ राजी हो गईं। उसने बड़े टुकड़े को जरूरत से ज्यादा बड़ा काटा व उसे खा गया।। अब दूसरा टुकड़ा बड़ा हो गया। अब उसने बड़े टुकड़े में से एक टुकड़ा पहले की तरह. तोड़ा। अब यह दूसरे से छोटा हो गया। इस प्रकार टुकड़े छोटे पर छोटे होते गये। बिल्लियाँ बंदर की चालाकी समझ गयीं। उन्होंने अपना टुकड़ा वापस माँगा। चालाक बंदर बचे हुए टुकड़े को यह कहते हुए खा गया कि यह उसकी मेहनत का ईनाम है। शिक्षा : राम-राम जपना पराया माल अपना वालों से सावधान रहें।

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.1

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Exercise 13.1

प्रश्न 1.
1.5 मीटर लम्बा, 1.25 मीटर चौड़ा और 65 सेमी गहरा प्लास्टिक का एक डिब्बा बनाया जाना है। इसे ऊपर से खुला रखना है। प्लास्टिक शीट की मोटाई को नगण्य मानते हुए निर्धारित कीजिए :
(i) डिब्बा बनाने के लिए आवश्यक प्लास्टिक शीट का क्षेत्रफल।
(ii) इस शीट का मूल्य, यदि 1 वर्ग मीटर शीट का मूल्य 20 रुपये है।
हल:
(i) … डिब्बे की लम्बाई (l)
= 1.5 मीटर
डिब्बे की चौड़ाई (b) = 1.25 मीटर
∴ तथा डिब्बे की ऊँचाई (h) = 65 सेमी = 0.65 मीटर
डिब्बे में लगी प्लास्टिक क्षेत्रफल
= 2(l + b)h × lb
=2(1.5 + 1.25) × 0.65 + 1.5 × 1.25
= 2 × 2.75 × 0.65 + 1.5 × 1.25
= 3.575 + 1.875
= 5.450 वर्ग मीटर

(ii) शीट का मूल्य = शीट का क्षेत्रफल × दर
= 5.45 × 20
= ₹ 109

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प्रश्न 2.
एक कमरे की लम्बाई, चौड़ाई और ऊँचाई क्रमश: 5, 4 और 3 मीटर हैं। ₹7.50 प्रति मीटर2 की दर से इस कमरे की दीवारों और छत पर सफेदी कराने का व्यय ज्ञात कीजिए।
हल:
कमरे की चारों दीवारों का क्षेत्रफल
= 2 (l + b) × h
= 2 (5 + 4 ) × 3 मी2
= 2 × 9 × 3 मी2 = 54 मी2
और छत का क्षेत्रफल = l × b = 5 × 4 मीटर2
= 20 मीटर2
∴ सफेदी करने वाले तल का क्षेत्रफल = (54 + 20 ) मीटर2
= 74 मीटर2
सफेदी कराने का व्यय = क्षेत्रफल × दर
= 74 × ₹ 7,50 = ₹555।

प्रश्न 3.
किसी आयताकार हाल के फर्श का परिमाप 250 मीटर है। यदि ₹ 10 प्रति वर्ग मीटर की दर से चारों दीवारों पर पेंट कराने की लागत 15,000 रुपये है तो इस हाल की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल:
माना हॉल की ऊँचाई h मीटर है।
हाल का परिमाप = 250 मीटर
∴ हाल की चारों दीवारों का क्षेत्रफल = हाल का परिमाप × ऊँचाई
= 250 × h
= 250h वर्ग मीटर
तब हाल की दीवारों पर पेंट कराने का व्यय
= हाल की दीवारों का क्षेत्रफल × पेंट कराने की दर
= 250h × 10
= ₹ 2,500 h
∴ 2,500 h = 15,000
h = \(\frac{15,000{2,500}\) = 6 मीटर
अत: हॉल की ऊँचाई = 6 मीटर।

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प्रश्न 4.
किसी डिब्बे में भरा हुआ पैट 9.375 मीटर2 के क्षेत्रफल पर पेंट करने के लिए पर्याप्त है। इस डिब्बे के पेंट से 22.5 सेमी × 10 सेमी × 7.5 सेमी विमाओं वाली कितनी ईंटें पेंट की जा सकती हैं?
हल:
∵ ईट की विमाएं 22.5 सेमी × 10 सेमी × 7.5 सेमी है।
∴ l = 22.5 सेमी, b = 10 सेमी और h = 7.5 सेमी
∴ प्रत्येक ईंट का पृष्ठीय क्षेत्रफल
∴ 2[lb + bh + hl]
= 2[(22.5 × 10) + (10 × 7.5) + (7.5 × 22.5)]
= 2[(225.0 + 75.0 + 168.75]
= 2 × 468.75 = 937.5 वर्ग सेमी
प्रश्न में दिया है कि पेंट 9.375 वर्ग मीटर क्षेत्रफल पर पेंट करने के लिए पर्याप्त है।
या 9.375 वर्ग मीटर = 9.375 × 10.000 वर्ग सेमी
= 93,750 वर्ग सेमी
(क्योंकि 1 वर्ग मीटर = 10,000 वर्ग सेमी)
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.1 1
अतः ईंटों की अभीष्ट संख्या = 100.

प्रश्न 5.
एक घनाकार डिब्बे का एक किनारा 10 सेमी लम्बाई का है तथा एक अन्य घनाभाकार डिब्बे की लम्बाई, चौड़ाई और ऊँचाई क्रमश: 12.5 सेमी, 10 सेमी और 8 सेमी हैं।
(i) किस डिब्बे का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल अधिक है और कितना अधिक है?
(ii) किस डिब्बे का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल कम है और कितना कम है?
हल:
(i) घनाकार डिब्बे का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल
= 4 × भुजार
= 4 × (10)2 = 400 वर्ग सेमी
घनाभाकार डिब्बे का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल = परिमाप × ऊँचाई
= 2 (12.5 + 10) × 8
= 16 × 22.5
= 360.0 वर्ग सेमी
अतः स्पष्ट है कि घनाकार डिब्बे का पाश्र्व पृष्ठीय क्षेत्रफल घनाभाकार डिब्बे से (400 – 360) = 40 वर्ग सेमी अधिक है।

(ii) घनाकार डिब्बे का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 6x भुजार
= 6 × (10)2 = 600 वर्ग सेमी
घनाभाकार डिब्बे का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल
= 2 (lb + bh + hl)
= 2 [(12.5 × 10) + (10 × 8) + (8 × 12.5)]
= 2[125 + 80 + 100]
= 2 × 305
= 610 वर्ग सेमी
अतः स्पष्ट है कि घनाकार डिब्बे का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल घनाभाकार डिब्बे से (610 – 600) = 10 वर्ग सेमी कम है।

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प्रश्न 6.
एक छोटा पौधा घर (green house) सम्पूर्ण रूप से शीशे की पट्टियों से (आधार भी सम्मिलित है) घर के अन्दर ही बनाया गया है और शीशे की पट्टियों को टेप द्वारा चिपका कर रोका गया है। यह पौधा घर 30 सेमी लम्बा, 25 सेमी चौड़ा और 25 सेमी ऊंचा है।
(i) इसमें प्रयुक्त शीशे की पट्टियों का क्षेत्रफल क्या है ?
(ii) सभी 12 किनारों के लिए कितने टेप की आवश्यकता है ?
हल:
(i) पौधा घर की लम्बाई (l) = 30 सेमी
चौड़ाई (b) = 25 सेमी व ऊँचाई (h) = 25 सेमी।
∴ पौधा घर का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल
= 2 (lb + bh + hl)
= 2 [(30 × 25) + (25 × 25) + (25 × 30)]
= 2[750 + 625 + 750]
= 2 × 2125 = 4250 वर्ग सेमी
अतः पौधा घर बनाने में प्रयुक्त शीशे की पट्टियों का क्षेत्रफल = 4250 वर्ग सेमी।

(ii) ∵ 12 किनारों में 4 लम्बाइयाँ, 4 चौड़ाइयाँ व 4 ऊँचाइयाँ होती हैं।
∴ सभी किनारों की माप = 4 (लम्बाई + चौड़ाई + ऊँचाई)
= 4 (30 + 25 + 25) सेमी
= 4 × 80 सेमी = 320 सेमी
अतः आवश्यक टेप की लम्बाई 320 सेमी।

प्रश्न 7.
शान्ति स्वीट स्टाल अपनी मिठाइयों को पैक करने के लिए गत्ते के डिब्बे बनाने का ऑर्डर दे रहा था। दो मापों के डिब्बों की आवश्यकता थी। बड़े डिब्बों की माप 25 सेमी × 20 सेमी × 5 सेमी और छोटे डिब्बों की माप 15 सेमी × 12 सेमी × 5 सेमी थी। सभी प्रकार की अतिव्यापकता (Overlaps) के लिए कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल के 5% के बराबर अतिरिक्त गत्ता लगेगा। यदि गत्ते की लागत ₹4 प्रति 1000 सेमी है, तो प्रत्येक प्रकार के 250 डिब्बे बनवाने की कितनी लागत आयेगी ?
हल:
बड़े डिब्बे की बिमाएँ 25 सेमी × 20 सेमी × 5 सेमी हैं।
∴ l = 25 सेमी, b = 20 सेमी और h = 5 सेमी
∴ एक बड़े डिब्बे का पृष्ठीय क्षेत्रफल
= 2 (lb + bh + hl)
= 2 (25 × 20 + 20 × 5 + 5 × 25)
= 2(500 + 100 + 125)
= 2 × 725
= 1450 वर्ग सेमी
∴ 250 डिब्बों का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 250 × 1450
= 3,62,500 वर्ग सेमी
∵ छोटे डिब्बे की विमाएँ 15 सेमी × 12 सेमी × 5 सेमी हैं।
∴ एक छोटे डिब्बे का पृष्ठीय क्षेत्रफल
= 2 ( 15 × 12 + 12 × 5 + 5 × 15)
= 2(180 + 60 + 75) = 2 × 315
= 630 वर्ग सेमी
∴ 250 डिब्बों का पृष्ठीय क्षेत्रफल
= 630 × 250
= 1,57,500 वर्ग सेमी
∴ प्रत्येक प्रकार के 2500 डिब्बों का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल
= (3,62,500 + 1,57,500) वर्ग सेमी
= 5,20,000 वर्ग सेमी
∴ अतिव्यापिकता (overlaps) के लिए अतिरिक्त क्षेत्रफल
= 5,20,000 का 5%
= 5,20,000 × \(\frac{5}{100}\)
= 26,000 वर्ग सेमी
∴ डिब्बों के निर्माण में लगे गत्ते का कुल क्षेत्रफल
= (5,20,000 + 26,000) वर्ग सेमी
= 5,46,000 वर्ग सेमी
∴ डिब्बों के निर्माण हेतु लागत = गत्तों का कुल क्षेत्रफल × मूल्य-दर
= 5,46,000 वर्ग सेमी × ₹ 4 प्रति 1000 वर्ग सेमी
= \(\frac{5,46,000 \times 4}{1,000}\) = ₹ 2,184
अत: प्रत्येक प्रकार के 250 डिब्बे को बनवाने की कुल लागत = ₹ 2,1841

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प्रश्न 8.
परवीन अपनी कार खड़ी करने के लिए, एक सन्दूक के प्रकार के ढाँचे जैसा एक अस्थाई स्थान तिरपाल की सहायता से बनाना चाहती है, जो कार को चारों ओर से और ऊपर से ढक ले (सामने वाला फलक लटका हुआ होगा, जिसे घुमाकर ऊपर किया जा सकता है। यह मानते हुए कि सिलाई के समय लगा तिरपाल का अतिरिक्त कपड़ा नगण्य होगा, आधार विमाओं 4 मीटर × 3 मीटर और ऊँचाई 2.5 मीटर वाले इस ढाँचे को बनाने के लिए कितने तिरपाल का आवश्यकता होगी ?
हल:
तिरपाल की लम्बाई 4 मीटर, चौड़ाई 3 मीटर और ऊँचाई 2.5 मीटर।
तिरपाल की चारों दीवारों का क्षेत्रफल = 2(l + b) h
= 2 (4 + 3) 2.5 मीटर2
= 2 × 7 × 2.5 = 35 मीटर2
तिरपाल की ऊपरी सतह का क्षेत्रफल = l × h
= (4 × 3) मीटर2
= 12 मीटर2
कुल आवश्यक तिरपाल = (35 + 12) मीटर2
= 47 मीटर2

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Exercise 13.3

जब तक अन्यथा न कहा जाए = \(\frac{22}{7}\) लीजिए।

प्रश्न 1.
एक शंकु के आधार का व्यास 10.5 सेमी और इसकी तिर्यक ऊँचाई 10 सेमी है। इसका वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
शंकु के आधार का व्यास = 10.5 सेमी
∴ शंकु के आधार की त्रिज्या (r) = \(\frac{10.5}{7}\) सेमी
और शंकु की तिर्यक ऊँचाई (l) = 10 सेमी
शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl
= \(\frac{22}{7} \times \frac{10.5}{2}\) × 10 वर्ग सेमी
= 165 वर्ग सेमी
अतः शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 165 वर्ग सेमी।

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प्रश्न 2.
एक शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए, जिसकी तिर्यक ऊंचाई 21 मीटर और आधार का व्यास 24 मीटर है।
हल:
शंकु के आधार का व्यास = 24 मीटर
∴ शंकु के आधार की त्रिज्या (r) = \(\frac{24}{2}\) = 12 मीटर
और शंकु की तिर्यक ऊँचाई (l) = 21 मीटर
∴ शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + आधार का क्षेत्रफल
= πrl + πr2 = πr (l + r)
= \(\frac{22}{7}\) × 12 × (21 + 12)
= \(\frac{22}{7}\) × 12 × 33 वर्ग मीटर
= \(\frac{8712}{7}\) वर्ग मीटर = 1244.57 वर्ग मीटर
अतः शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 1244.57 वर्ग मीटर।

प्रश्न 3.
एक शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल 308 सेमी2 और इसकी तिर्यक ऊंचाई 14 सेमी है ज्ञात कीजिए:
(i) आधार की त्रिज्या,
(ii) शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल।
हल:
(i) माना शंकु के आधार की त्रिज्या r सेमी है।
शंकु की तिर्यक ऊँचाई (l) = 14 सेमी
∴ शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl
308 = \(\frac{22}{7}\) × r × 14 वर्ग सेमी
= 44 वर्ग सेमी
r = \(\frac{308}{44}\) = 7 सेमी
अतः शंकु के आधार की त्रिज्या = 7 सेमी।

(ii) शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = वक्र पृष्ठ + आधार का क्षेत्रफल
= πrl + πr2 = πr(l + r)
= \(\frac{22}{7}\) × 7 × (14 + 7)
= \(\frac{22}{7}\) × 7 × 21 = 462 वर्ग सेमी।
अतः शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 462 वर्ग सेमी।

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प्रश्न 4.
शंकु के आकार का एक तम्बू 10 मीटर ऊँचा है। और उसके आधार की त्रिज्या 24 मीटर है। ज्ञात कीजिए:
(i) तम्बू की तिर्यक ऊँचाई
(ii) तम्बू में लगे केनवास की लागत, यदि 1 वर्ग मीटर केनवास की लागत ₹ 70 है।
हल:
(i) तम्बू के आधार की त्रिज्या (r) = 24 मीटर तथा ऊँचाई (h) = 10 मीटर है।
∴ तिर्यक् ऊँचाई (l) = \(\sqrt{h^2+r^2}\)
= \(\sqrt{(10)^2+(24)^2}\)
= \(\sqrt{100+576}\)
= \(\sqrt{676}\) = 26 सीटर
अतः तम्बू की तिर्यक ऊँचाई (l) = 26 मीटर।

(ii) तम्बू को बनाने में प्रयुक्त केनवास शंकु के आकार वाले तम्बू का वक्र पृष्ठ = πrl
= \(\frac{22}{7}\) × 24 × 26 वर्ग मीटर
= \(\frac{13,728}{7}\) वर्ग मीटर
∴ तम्बू को बनाने में प्रयुक्त केनवास का क्षेत्रफल = \(\frac{13,728}{7}\) वर्ग मीटर
अतः तम्बू में लगे केनवास की लागत = केनवास का क्षेत्रफल × 1 वर्ग मीटर केनवास की लागत
= \(\frac{13,728}{7}\) × 70 = ₹ 1,37,280

प्रश्न 5.
8 मीटर ऊंचाई और आधार की त्रिज्या 6 मीटर वाले एक शंकु के आकार का तम्बू बनाने में 3 मीटर चौड़े तिरपाल की कितनी लम्बाई लगेगी ? यह मान कर चलिए कि इसकी सिलाई और कटाई में 20 सेमी तिरपाल अतिरिक्त लगेगा। π = 3.14 का प्रयोग कीजिए।
हल:
शंकु के आधार की त्रिज्या (r) = 6 मीटर
शंकु की ऊँचाई (h) = 8 मीटर
∴ शंकु की तिर्यक ऊँचाई (l) = \(\sqrt{h^2+r^2}\)
= \(\sqrt{(8)^2+(6)^2}\)
= \(\sqrt{64+36}\)
= \(\sqrt{100}\) = 10 मीटर
∴ तम्बू का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl
= 3.14 × 6 × 10
= 188.40 वर्ग मीटर
∴ तिरपाल का क्षेत्रफल = 188.40 वर्ग मीटर
तिरपाल की चौड़ाई = 3 मीटर
JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3 1
सिलाई इत्यादि में प्रयुक्त तिरपाल = 20 सेमी
= 0.20 मीटर
अतः तिरपाल की कुल लम्बाई = (62.80 + 0.20) मीटर = 63 मीटर।

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3

प्रश्न 6.
एक शंकु के आकार के एक गुम्बज की तिर्थक ऊँचाई और आधार का व्यास क्रमशः 25 मीटर और 14 मीटर है। इसके वक्र पृष्ठ पर 210 रुपये प्रति 100 मीटर की दर से सफेदी कराने का व्यय ज्ञात कीजिए।
हल:
शंक्वाकार गुम्बज के आधार का व्यास = 14 मीटर
∴ शंक्वाकार गुम्बज के आधार की त्रिज्या (r) = \(\frac{14}{2}\) = 7 मीटर
गुम्बज की तिर्यक ऊँचाई (l) = 25 मीटर
∴ गुम्बज का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl
= \(\frac{22}{7}\) × 7 × 25 = 550 वर्ग मीटर
… 100 वर्ग मीटर पृष्ठ पर सफेदी कराने का व्यय = पृष्ठीय क्षेत्रफल दर × प्रति 100 मी2
= 550 × \(\frac{210}{100}\) = 1,155
अतः गुम्बज के वक्र पृष्ठ पर सफेदी कराने का व्यय = ₹ 1,155

प्रश्न 7.
एक जोकर की टोपी शंकु के आकार की है, जिसके आधार की त्रिज्या 7 सेमी और ऊंचाई 24 सेमी है। इसी प्रकार की 10 टोपियाँ बनाने के लिए आवश्यक गत्ते का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
जोकर की टोपी शंक्वाकार है।
∴ टोपी के आधार की त्रिज्या (r) = 7 सेमी
तथा टोपी की ऊँचाई (h) = 24 सेमी
∴ टोपी की तिर्यक ऊँचाई (l) = \(\sqrt{h^2+r^2}\)
= \(\sqrt{(24)^2+(7)^2}\)
= \(\sqrt{576+49}\)
= \(\sqrt{625}\) = 25 सेमी
∴ टोपी का वक्र पृष्ठ = πrl
= \(\frac{22}{7}\) × 7 × 25
= 550 वर्ग सेमी
∵ 1 टोपी बनाने में लगा गत्ता = 550 वर्ग सेमी
∴ 10 टोपी बनाने में लगा गता = 550 × 10
= 5500 वर्ग सेमी।

JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3

प्रश्न 8.
किसी बस स्टॉप को पुराने गले से बने 50 खोखले शंकुओं द्वारा सड़क से अलग किया हुआ है। प्रत्येक शंकु के आधार का व्यास 40 सेमी और ऊंचाई 1 मीटर है। यदि इन शंकुओं के बाहरी पृष्ठों को पेंट करवाना है और पेंट की दर ₹ 12 प्रति मीटर2 है, तो इनको पेंट कराने में कितनी लागत आयेगी? π = 3.14 और \(\sqrt{\mathbf{1 . 0 4}}\) = 1.02 का प्रयोग कीजिए।
हल:
शंकु के आधार का व्यास = 40 सेमी
∴ शंकु के आधार की त्रिज्या (r) = \(\frac{40}{2}\) = 20 सेमी
= 0.20 मीटर
और शंकु की ऊँचाई (h) = 1 मीटर
∴ शंकु की तिर्यक ऊँचाई (l) = \(\sqrt{h^2+r^2}\)
\(\sqrt{(1)^2+(0.2)^2}=\sqrt{1.04}\) = 1.02 मीटर
शंकु का वक्र पृष्ठ = πrl
= 3.14 × 0.20 × 1.02 वर्ग मीटर
= 0.64056 वर्ग मीटर
∴ 50 शंकुओं का वक्र पृष्ठ = 50 × 0.64056 वर्ग मीटर
= 32.028 वर्ग मीटर
∴ 50 शंकुओं पर सफेदी कराने का व्यय = वक्र पृष्ठ × मूल्य-दर
= 32.028 × 12 = ₹ 384.336
= ₹ 384.34 लगभग।
अतः शंकुओं पर सफेदी कराने में लगभग ₹ 384.34 व्यय होंगे।

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  • Chapter 1 Real Numbers Notes
  • Chapter 2 Polynomials Notes
  • Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables Notes
  • Chapter 4 Quadratic Equations Notes
  • Chapter 5 Arithmetic Progressions Notes
  • Chapter 6 Triangles Notes
  • Chapter 7 Coordinate Geometry Notes
  • Chapter 8 Introduction to Trigonometry Notes
  • Chapter 9 Some Applications of Trigonometry Notes
  • Chapter 10 Circles Notes
  • Chapter 11 Constructions Notes
  • Chapter 12 Areas Related to Circles Notes
  • Chapter 13 Surface Areas and Volumes Notes
  • Chapter 14 Statistics Notes
  • Chapter 15 Probability Notes

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