JAC Class 10 Social Science Solutions Civics 4 जाति, धर्म और लैंगिक मसले

JAC Board Class 10th Social Science Solutions Civics Chapter 4 जाति, धर्म और लैंगिक मसले

JAC Class 10th Civics जाति, धर्म और लैंगिक मसले Textbook Questions and Answers

JAC Class 10 Social Science Solutions Civics 4 जाति, धर्म और लैंगिक मसले

प्रश्न 1.
जीवन के उन विभिन्न पहलुओं का जिक्र करें जिनमें भारत में स्त्रियों के साथ भेदभाव होता है या वे कमज़ोर स्थिति में होती हैं।
“भारत में आनदी के बाद से महिलाओं की स्थिति में सुधार तो हुआ है, परन्तु अभी भी स्त्रियाँ पुरुषों से काफी पीछे हैं।” इस कथन का विश्लेषण कीजिए।
अथवा
विभिन्न तरीकों का वर्णन कीजिए, जिनके माध्यम से भारत में महिलाओं के साथ भेदभाव और उनका दमन होता है।
उत्तर:
भारत में स्त्रियों के साथ अभी भी जीवन के निम्नलिखित पहलुओं में भेदभाव होते हैं.
1. शिक्षा के क्षेत्र में भेदभाव-आज भी भारत के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ लड़कियों को शिक्षा के लिए नहीं भेजा जाता है। यदि भेजा भी जाता है तो मात्र औपचारिकता पूरी करने के लिए। देश में स्त्री साक्षरता (54 प्रतिशत) आज भी कम है। यद्यपि विद्यालयी परीक्षाओं के परिणामों में लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों से अच्छा रहता है लेकिन आगे की पढ़ाई के दरवाजे उनके लिए बंद हो जाते हैं क्योंकि उनके माता-पिता अपने संसाधनों को लड़के-लड़की दोनों पर खर्च करने के स्थान पर लड़कों पर अधिक खर्च करना पसंद करते हैं।

2.  उच्च पदों पर स्त्रियों की कम संख्या-आज भी भारत में उच्च वेतन एवं उच्च पदों पर कार्य करने वाली स्त्रियों की संख्या सीमित है। हमारे देश में औसतन एक स्त्री एक पुरुष की तुलना में प्रतिदिन एक घण्टा अधिक कार्य करती है पर उसको ज्यादातर कार्य के लिए पैसे नहीं मिलते इसलिए सामान्यतया उसके कार्य को मूल्यवान नहीं माना जाता।

3. समान कार्य के लिए समान मजदूरी नहीं-हमारे देश के समान मजदूरी से सम्बन्धित अधिनियम में कहा गया है कि समान काम के लिए समान मजदूरी प्रदान की जाएगी लेकिन कार्य के प्रत्येक क्षेत्र में स्त्रियों को पुरुषों की तुलना में कम मजदूरी मिलती है। भले ही दोनों ने समान कार्य किया हो।

4. केवल लड़के की चाह-हमारे देश में संतान के रूप में अधिकांशः दम्पत्ति लड़का ही चाहते हैं, कन्या भ्रूण की हत्या कर दी जाती है।

5. स्त्रियों का उत्पीड़न व शोषण-हमें समाचार-पत्रों में प्रतिदिन ही स्त्रियों के उत्पीड़न, शोषण एवं उन पर होने वाली हिंसा की खबरें पढ़ने को मिलती हैं। शहरी क्षेत्रों में स्त्रियाँ विशेष रूप से असुरक्षित हैं। वे अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं क्योंकि वहाँ भी उन्हें मारपीट एवं अनेक प्रकार की घरेलू हिंसा को सहन करना पड़ता है।

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प्रश्न 2.
विभिन्न तरह की,साम्प्रदायिक राजनीति का ब्यौरा दें और सबके साथ एक-एक उदाहरण भी दें। उत्तर-विभिन्न तरह की साम्प्रदायिक राजनीति का ब्यौरा निम्नलिखित है
1. धार्मिक पूर्वाग्रह:
साम्प्रदायिकता की सबसे आम अभिव्यक्ति दैनिक जीवन में ही देखने को मिलती है। इसमें धार्मिक पूर्वाग्रह, धार्मिक समुदायों के बारे में बनी-बनाई धारणाएँ एवं एक धर्म को दूसरे धर्म से श्रेष्ठ मानने की मान्यताएँ सम्मिलित हैं। ये चीजें इतनी सामान्य हैं कि सामान्यतया हमारा ध्यान इस ओर नहीं जाता है, जबकि ये हमारे अन्दर ही बैठी हर्ट होती हैं।

2. बहुसंख्यकवाद:
साम्प्रदायिक सोच अक्सर अपने धार्मिक समुदाय का राजनैतिक प्रभुत्व स्थापित करने की फिराक में रहती है। जो लोग बहुसंख्यक समुदाय से सम्बन्ध रखते हैं उनकी यह कोशिश बहुसंख्यकवाद का रूप ले लेती है। जो लोग अल्पसंख्यक समुदाय के होते हैं उनमें यह विश्वास अलग राजनीतिक इकाई बनाने की इच्छा का रूप ले लेता है।

3. साम्प्रदायिक आधार पर राजनीतिक गोलबंदी:
इसके अन्तर्गत धर्म के पवित्र प्रतीकों, धर्म-गुरुओं, भावनात्मक अपील एवं अपने ही लोगों के मन में डर बैठाने जैसे तरीके का उपयोग किया जाना एक सामान्य बात है। चुनावी राजनीति में एक धर्म के मतदाताओं की भावनाओं अथवा हितों की बात उठाने जैसे तरीके सामान्यतया अपनाए जाते हैं।

4. साम्प्रदायिक दंगे-कभी:
कभी साम्प्रदायिकता, साम्प्रदायिक हिंसा, दंगा, नरसंहार के रूप में सबसे बुरा रूप अपना लेती है। उदाहरण के लिए, देश विभाजन के समय भारत व पाकिस्तान में भयावह साम्प्रदायिक दंगे हुए थे। स्वतन्त्रता के पश्चात् भी बड़े पैमाने पर साम्प्रदायिक हिंसा हुई थी।

प्रश्न 3.
बताइए कि भारत में किस तरह अभी भी जातिगत असमानताएँ जारी हैं ?
उत्तर:
भारत में आज भी जातिगत असमानताएँ जारी हैं क्योंकि लोग अपनी ही जाति या समुदाय के लोगों के साथ ही विवाह संबंध स्थापित करते हैं। अन्य कार्यक्रमों में भी कुछ जातियाँ ऐसी हैं जो अपनी ही जाति के लोगों को ही बुलाती हैं। चुनाव में अपनी ही जाति के उम्मीदवार को वोट डालते हैं तथा अपनी जाति के अन्य लोगों को वोट डालने के लिए प्रेरित करते हैं। जिन जातियों में पहले से ही शिक्षा का प्रचलन था और जिनकी शिक्षा पर पकड़ थी, आधुनिक शिक्षा व्यवस्था में भी उन्हीं का वर्चस्व है।

जिन जातियों को पहले शिक्षा से वंचित रखा जाता था, उनके सदस्याअभी भी स्वाभाविक रूप से शिक्षा में पिछड़े कि जाति व्यवस्था के अन्तर्गत सदियों से कुछ समूहों को लाभ की स्थिति में दो कुछ समूहों को दबाकर रखा गया है। इसका प्रभाव सदियों पश्चात् आज तक नज़र आता है। अतः यह कहा जा सकता है कि भारत में आज भी जातिगत असमानताएँ विद्यमान हैं।

प्रश्न 4.
दो कारण बताएं कि क्यों सिर्फ जाति के आधार पर भारत में चुनावी नतीज तय नहीं हो सकते?
उत्तर:
भारत में सिर्फ जाति के आधार पर ही चुनावी नतीजे तय नहीं हो सकते क्योंकि
1. देश के किसी भी एक संसदीय चुनावी क्षेत्र में किसी एक जाति के लोगों का बहुमत नहीं है इसलिए प्रत्येक राजनैतिक दल और उम्मीदवार को चुनाव में विजय प्राप्त करने के लिए एक जाति व एक समुदाय से अधिक लोगों का समर्थन प्राप्त करना पड़ता है।

2. कोई भी राजनैतिक दल किसी एक जाति या समुदाय के समस्त लोगों का वोट प्राप्त नहीं कर सकता। किसी जाति विशेष को किसी एक दल का वोट बैंक कहते हैं तो इसका अर्थ यह होता है कि उस जाति के अधिकांश लोग उसी दल को वोट देते हैं।

प्रश्न 5.
भारत की विधायिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की स्थिति क्या है ?
उत्तर:
भारत की विधायिकाओं में महिला प्रतिनिधियों का अनुपात बहुत ही कम है। लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या पहली बार 2019 में ही 14.36 फीसदी तक पहुँची है। राज्यों की विधानसभाओं में उनका प्रतिनिधित्व 5 प्रतिशत से भी कम है। इस मामले में भारत का स्थान विश्व के देशों में बहुत पीछे है। भारत इस मामले में अफ्रीका व लैटिन अमेरिका में कई विकासशील देशों से भी पीछे है। लेकिन वर्तमान में स्थानीय शासन की विधायिकाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई आरक्षण की व्यवस्था किए जाने के कारण इन संस्थाओं में महिलाओं की संख्या 10 लाख से अधिक हो गयी है।

प्रश्न 6.
किन्हीं दो प्रावधानों का जिक्र करें जो भारत को धर्मनिरपेक्ष देश बनाते हैं।
उत्तर:
(अ) संविधान देश में धर्म के आधार पर किसी भी भेदभाव पर प्रतिबंध लगाता है।
(ब) भारत में रहने वाला व्यक्ति किसी भी धर्म को मान सकता है, उसे व्यवहार में ला सकता है या किसी भी धर्म को न मानने के लिए स्वतन्त्र है।

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प्रश्न 7.
जब हम लैंगिक विभाजन की बात करते हैं तो हमारा अभिप्राय होता है
(क) स्त्री और पुरुष के बीच जैविक अन्तर
(ख) समाज द्वारा स्त्री और पुरुष को दी गई असमान भूमिकाएँ
(ग) बालक और बालिकाओं की संख्या का अनुपात
(घ) लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में महिलाओं को मतदान का अधिकार न मिलना
उत्तर:
(ख) समाज द्वारा स्त्री और पुरुष को दी गई असमान भूमिकाएँ।

प्रश्न 8.
भारत में यहाँ औरतों के लिए आरक्षण की व्यवस्था है
(क) लोकसभा
(ख) विधानसभा
(ग) मंत्रिमण्डल
(घ) पंचायतीराज की संस्थाएँ
उत्तर:
(घ) पंचायतीराज की संस्थाएँ।

प्रश्न 9.
साम्प्रदायिक राजनीति के अर्थ सम्बन्धी निम्नलिखित कथनों पर गौर करें। साम्प्रदायिक राजनीति इस धारणा पर आधारित है कि
(अ) एक धर्म दूसरे से श्रेष्ठ है।
(ब) विभिन्न धर्मों के लोग समान नागरिक के रूप में खुशी-खुशी साथ रह सकते हैं।
(स) एक धर्म के अनुयायी एक समुदाय बनाते हैं।
(द) एक धार्मिक समूह का प्रभुत्व बाकी सभी धर्मों पर कायम करने में शासन की शक्ति का प्रयोग नहीं किया जा सकता। इनमें से कौन या कौन सा कथन सही है?
(क) अ, ब, स और द
(ख) अ, ब और द
(ग) अ और स
(घ) ब और द
उत्तर:
(ग) अ और स।

प्रश्न 10.
भारतीय संविधान के बारे में इनमें से कौन-सा कथन गलत है?
(क) यह धर्म के आधार पर भेदभाव की मनाही करता है।
(ख) यह एक धर्म को राजकीय धर्म बताता है।
(ग) सभी लोगों को कोई भी धर्म मानने की आज़ादी देता है।
(घ) किसी धार्मिक समुदाय के सभी नागरिकों को बराबरी का अधिकार देता है।
उत्तर:
(ख) यह एक धर्म को राजकीय धर्म बताता है।

प्रश्न 11.
पर आधारित सामाजिक विभाजन सिर्फ भारत में ही है।
उत्तर:
लिंग, धर्म तथा जाति।

प्रश्न 12.
सूची I और सूची II का मेल करायें और नीचे दिए गये कोड के आधार पर सही जवाब खोजें।

सूची-I सूची-II
1. अधिकारों और अवसरों के मामले में स्त्री और पुरुष की बराबरी मानने वाला व्यक्ति (क) साम्प्रदायिक
2. धर्म को समुदाय का मुख्य आधार मानने वाला व्यक्ति (ख) नारीवाद
3. जाति को समुदाय का मुख्य आधार मानने वाला व्यक्ति (ग) धर्मनिरपेक्ष
4. व्यक्तियों के बीच धार्मिक आस्था के आधार पर भेदभाव (घ) जातिवादी न करने वाला व्यक्ति
1 2 3 4
(सा)
(रे)
(गा)
(मा)

उत्तर:
(रे)-1 (ख), 2 (क) 3. (घ) 4. (ग)।

गतिविधि एवं क्रियाकलाप आधारित प्रश्न

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या 41)

प्रश्न 1.
अपने समाज में आदर्श स्त्री के बारे में प्रचलित इन सारी धारणाओं पर चर्चा करें। क्या आप इन सबसे सहमत हैं ? अगर नहीं तो बताइए कि आदर्श स्त्री के बारे में आपकी धारणा क्या है ?
उत्तर:
चित्रों में आदर्श नारी के रूप को दर्शाया गया है कि इनमें से कोई भी नारी आदर्श नारी नहीं है। आज के हिसाब से आदर्श नारी वह है जो घर और बाहर के काम में सामंजस्य बैठा सके और जहाँ आवश्यक हो, पुरुषों का सहयोग ले।

मानचित्र से (पृष्ठ संख्या 43)

प्रश्न 1.
क्या आप इस मानचित्र में अपने राज्य को पहचान सकते हैं? इस राज्य में स्त्री-पुरुष का अनुपात कितना है? आप इस अनुपात को अलग रंगों में अंकित राज्यों से कितना कम या ज्यादा पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम इस मानचित्र में हमारे राज्य को पहचान सकते हैं। इसका नाम राजस्थान है। इस राज्य में स्त्री-पुरुष (बाल) अनुपात 888 है। यह अपने समीपवर्ती की तुलना में काफी कम है।

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प्रश्न 2.
उन प्रांतों की पहचान करें जहाँ बाल लिंग अनुपात 900 से कम है।
उत्तर:
जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखण्ड, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र आदि प्रांतों में बाल लिंग अनुपात 900 से कम है।

प्रश्न 3.
अगले पृष्ठ पर दिए गए पोस्टर से इस नक्शे की तुलना करें। ये दोनों किस तरह हमें एक ही मुद्दे के बारे में अलग-अलग ढंग से बताते हैं ?
उत्तर:
पोस्टर और मानचित्र अलग-अलग ढंग से बाल लिंग अनुपात व स्त्री लिंगानुपात की घटती हुई दर के बारे में बताते हैं। मानचित्र में घटते हुए बाल लिंग अनुपात को दिखाया गया है जिसमें राष्ट्रीय अनुपात 914 है तथा पोस्टर में दक्षिण एशिया में महिलाओं की संख्या में विभिन्न प्रकार की हिंसा के कारण लगातार होती कमी को दिखाया गया है।

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प्रश्न 4.
मम्मी हरदम बाहर वालों से कहती हैं, “मैं काम नहीं करती। मैं तो हाउसवाइफ हूँ।” पर मैं देखती हूँ कि वह लगातार काम करती रहती हैं। अगर वह जो करती हैं उसे काम नहीं कहते तो फिर काम किसे कहते हैं ?
उत्तर:
समाज उसी कार्य को महत्त्व देता है जिसका पारिश्रमिक मौद्रिक रूप में व्यक्ति को प्राप्त होता है। महिलाओं के घरेलू कामकाज को समाज अधिक मूल्यवान नहीं मानता और उन्हें दिन-रात काम करके भी श्रम का मूल्य नहीं मिलता।

प्लस बॉक्स से (पृष्ठ संख्या 44)

प्रश्न 1.
भारत में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है। क्या आप इसके कुछ कारण बता सकते हैं ? क्या आप मानते हैं कि अमेरिका और यूरोप में महिलाओं का प्रतिनिधित्व इस स्तर तक पहुँच गया है कि उसे संतोषजनक कहा जा सके ?
उत्तर:
भारत में अशिक्षित महिलाओं की संख्या ज्यादा है। जो महिलाएँ शिक्षित हैं वे या तो राजनीति में आना नहीं चाही या फिर राजनीति के बारे में नहीं जानती हैं। भारत की लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या पहली बार 2019 में ही 14.36 फीसदी तक पहुँची है वहीं राज्यों की विधानसभाओं में उनका प्रतिनिधित्व 5 फीसदी से भी कम है। अमेरिका और यूरोप में महिलाओं की स्थिति भारत की महिलाओं से बेहतर है किन्तु संतोषजनक नहीं है। अमेरिका और यूरोप की राष्ट्रीय संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व पहले से अधिक हुआ है परन्तु वह जनसंख्या के अनुपात में कम है।

उन्नी मुन्नी के सवाल (पृष्ठ संख्या 45)

प्रश्न 2.
अगर जातिवाद और संप्रदायवाद खराब चीज है तो नारीवाद क्यों अच्छा है? हम समाज में जाति, धर्म और लिंग के आधार पर बाँटने वाली हर बात का विरोध क्यों नहीं करते? – उत्तर-जातिवाद समाज को जाति के आधार पर बाँटने का कार्य करता है। इसी प्रकार संप्रदायवाद भी धर्म के नाम पर लोगों में विभाजन पैदा करता है। जातिवाद और संप्रदायवाद दोनों ही समाज के लिए ठीक नहीं हैं। जबकि नारीवाद, स्त्रियों को समाज में पुरुषों के समान अधिकार दिलाने के लिए जागरूक करता है। इससे स्त्रियाँ अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होती हैं। अतः नारीवाद खराब नहीं है।

कार्टून से (पृष्ठ संख्या 45)

प्रश्न 1.
यह कार्टून बताता है कि महिला आरक्षण विधेयक संसद में पास क्यों नहीं हो पाया? क्या आप इस नजरिए से सहमत हैं ?
उत्तर:
यह कार्टून बताता है कि यह समाज पुरुष प्रधान है। संसद के अंदर जाने वाले हर द्वार पर पुरुषों का कब्जा है। वे नहीं चाहते कि कोई महिला इसमें प्रवेश करे। उनके द्वारा सिर्फ ऐसा प्रदर्शित किया जाता है कि महिला आरक्षण विधेयक को वे पारित कराना चाहते हैं। कार्टून द्वारा प्रदर्शित इस नजरिए से मैं सहमत हूँ।

उन्नी मुन्नी के सवाल (पृष्ठ संख्या 46)

प्रश्न 2.
मैं धार्मिक नहीं हूँ, मुझे सांप्रदायिकता और धर्मनिरपेक्षता की परवाह क्यों करनी चाहिए ?
उत्तर:
साम्प्रदायिकता कुछ धार्मिक समुदायों की घृणित प्रवृत्ति के कारण समाज में फैलने वाली गंदगी है, जिससे सामाजिक शांति भंग होती है। इसलिए हमें साम्प्रदायिकता का विरोध करना चाहिए, चाहे हम धार्मिक हों या न हों। धर्मनिरपेक्षता का अर्थ यह है कि हमारे देश में किसी भी धर्म पर पाबंदी नहीं है। यहाँ सभी धर्म के लोगों का सम्मान किया जाता है। हम धार्मिक नहीं हैं, तब भी हमें धर्मनिरपेक्षता का ध्यान रखना चाहिए, ताकि किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावना को कोई ठेस न पहुँचे।

उन्नी-मुन्नी के सवाल (पृष्ठ संख्या 47)

प्रश्न 1.
मैं अक्सर दूसरे धर्म के लोगों के बारे में चुटकुले सुनाता हूँ। क्या इससे मैं भी साम्प्रदायिक बन जाता हूँ?
उत्तर:
हमारे देश में विभिन्न जाति और धर्म के लोग रहते हैं, किसी भी धर्म के बारे में हास्यास्पद चुटकुले सुनाना उचित नहीं है। इससे उस धर्म के मानने वाले लोगों की भावना को ठेस पहुँचेगी, इससे साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है।

उन्नी-मुन्नी के सवाल (पृष्ठ संख्या 51)

प्रश्न 1.
मुझे अपनी जाति की परवाह नहीं रहती। हम पाठ्य-पुस्तक में इसकी चर्चा क्यों कर रहे हैं ? क्या हम जाति पर चर्चा करके जातिवाद को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं ?
उत्तर:
भारत में समाज, धर्म एवं जाति पर आधारित है। जाति-पाति संबंधी भेदभाव को दूर करने के लिए तथा जातिवाद को समाप्त करने के लिए जाति पर चर्चा की गई है न कि जातिवाद को बढ़ावा देने के लिए।

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प्रश्न 2.
अब तुम्हें यह पसंद नहीं आ रहा है ! क्या तुम्हीं ने नहीं कहा था कि यहाँ भी प्रभुत्व या वर्चस्व की बात आए तो हमें राजनीति विज्ञान में उसकी चर्चा करनी चाहिए ? क्या हमारे चुप रहने से जाति व्यवस्था समाप्त हो जायेगी ?
उत्तर:
राजनीति विज्ञान में हम उन-सभी विषयों की चर्चा करते हैं, जब एक जाति समुदाय दूसरे जाति समुदाय पर अपना वर्चस्व कायम करता है। यदि समाज जातिवाद के विषय पर चुप रहेगा तो जाति व्यवस्था कभी भी समाप्त नहीं होगी, यह जातिवाद बढ़ता रहेगा, इसलिए जातिवाद पर चर्चा करते हैं।

कार्टून से (पृष्ठ संख्या 53)

प्रश्न 1.
क्या आपको यह बात ठीक लगती है कि राजनेता किसी जाति के लोगों को अपने वोट बैंक के रूप में देखें?
उत्तर:
यह बात बिल्कुल ठीक नहीं है कि राजनेता किसी जाति को अपना वोट-बैंक समझ लेते हैं। राजनीतिक नेता विशेष जाति के पक्ष में सहूलियत की बातें करके अपना वोट-बैंक बनाते हैं तो बहुत गलत है। इससे समाज से जातिवाद समाप्त होने के बजाय इसको बढ़ावा ही मिलेगा और अन्य जातियों के बीच में तनाव बढ़ेगा, आगे चलकर यह एक आन्दोलन का रूप ले सकता है।

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JAC Class 10 Social Science Solutions Civics Chapter 3 लोकतंत्र और विविधता

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JAC Class 10th Civics लोकतंत्र और विविधता Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारकों की चर्चा करें।
अथवा
भारत में सामाजिक विभाजनों की राजनीति का परिणाम किन कारकों पर निर्भर करता है ? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
सामाजिक विभाजनों की राजनीति का परिणाम निर्धारित करने वाले तथ्यों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सामाजिक विभाजनों की राजनीति तय करने वाले तीन कारक निम्नलिखित हैं
1. विभिन्न समुदायों की माँग के प्रति सरकारी रुख-विभिन्न समुदायों के लोगों की माँग पर सरकार कैसा रुख अपनाती है। यदि सरकार उनकी मांगों को दबाने का प्रयास करती है तो इस स्थिति में सामाजिक विभाजन का खतरा रहता है। यदि माँग संविधान की सीमा के अन्तर्गत है तो सरकार को चाहिए कि माँगों पर पुनर्विचार करके उसे मान ले, इस स्थिति में सामाजिक विभाजन का खतरा टल जाता है।

2. लोगों में अपनी पहचान के प्रति आग्रह की भावना-यदि लोग स्वयं को सबसे विशिष्ट एवं अलग मानने लगते हैं तो उनके लिए दूसरों के साथ तालमेल बैठाना बहुत मुश्किल हो जाता है और यदि लोग अपनी बहुस्तरीय पहचान के प्रति सचेत हैं और इसे राष्ट्रीय पहचान का हिस्सा या सहयोगी मानते हैं तब कोई समस्या नहीं होती।

3. राजनीतिक दलों का रवैया-विभिन्न राजनैतिक दलों के नेता सामाजिक मूल्यों के प्रति अपने विचार किस प्रकार व्यक्त करते हैं। यदि वे किसी एक धर्म या समुदाय की माँग का समर्थन करते हैं तो इस प्रकार सामाजिक विभाजन की स्थिति उत्पन्न होती है।

प्रश्न 2.
सामाजिक अन्तर कब और कैसे सामाजिक विभाजनों का रूप ले लेते हैं ?
उत्तर:
सामाजिक अन्तर उस समय सामाजिक विभाजनों का रूप ले लेता है, जब एक सामाजिक अन्तर, दूसरे सामाजिक अन्तर पर हावी हो जाता है। ऐसी स्थिति में सामाजिक अन्तरों के मध्य सामंजस्य की गुंजाइश नहीं रह जाती है। परिणामस्वरूप इस अन्तर को मानने वाले जनसमूहों द्वारा नए सामाजिक वर्ग का निर्माण होता है। तब सामाजिक अन्तर और बढ़ जाता है और अन्त में सामाजिक विभाजन का रूप ग्रहण कर लेता है।

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प्रश्न 3.
सामाजिक विभा न किस तरह से राजनीति को प्रभावित करते हैं ? दो उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर:
सामाजिक विभाजन से राजनीति प्रभावित होती है। यदि सामाजिक विभाजन किसी समूह विशेष द्वारा अपनी पहचान बनाने के लिए होता है तो इस प्रकार के विभाजन में समझौते की गुंजाइश नहीं होती; जैसे-आयरलैंड में लोग अपनी पहचान कैथोलिक या प्रोटेस्टेंट के रूप में बनाना चाहते हैं। दूसरा उदाहरण बेल्जियम का है, जहाँ के लोग अलग-अलग भाषा बोलने वाले हैं किन्तु एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हैं। इन अलग-अलग भाषाओं से दूस समुदाय के लोगों का कोई अहित नहीं होता है।

प्रश्न 4.
सामाजिक अन्तर गहरे सामाजिक विभाजन और तनावों की स्थिति पैदा करते हैं। ..सामाजिक अन्तर सामान्य तौर पर टकराव की स्थिति तक नहीं जाते।
उत्तर:
कुछ, सभी।

प्रश्न 5.
सामाजिक विभाजनों को सँभालने के सन्दर्भ में इनमें से कौन-सा बयान लोकतान्त्रिक व्यवस्था पर लागू नहीं होता?
(क) लोकतन्त्र में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते सामाजिक विभाजनों की छाया राजनीति पर भी पड़ती है।
(ख) लोकतन्त्र में विभिन्न समुदायों के लिए शान्तिपूर्ण ढंग से अपनी शिकायतें जाहिर करना सम्भव है।
(ग) लोकतन्त्र सामाजिक विभाजनों को हल करने का सबसे अच्छा तरीका है।
(घ) लोकतन्त्र सामाजिक विभाजन के आधार पर समाज को विखण्डन की ओर ले जाता है।
उत्तर:
(घ) लोकतन्त्र सामाजिक विभाजनों के आधार पर समाज को विखण्डन की ओर ले जाता है।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित तीन बयानों पर विचार करें
(अ) जहाँ सामाजिक अन्तर एक-दूसरे से टकराते हैं वहाँ सामाजिक विभाजन होता है।
(ब) यह सम्भव है कि एक व्यक्ति की कई पहचान हों।
(स) सिर्फ भारत जैसे बड़े देशों में ही सामाजिक विभाजन होते हैं।
इन बयानों में से कौन-कौन से बयान सही हैं।
(क) अ, ब और स
(ख) अ और ब
(ग) ब और स
(घ) सिर्फ स।
उत्तर:
(ख) अ और ब।

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित बयानों को तार्किक क्रम से लगाएँ और नीचे दिए गए कोड के आधार पर सही जवाब ढूँढ़ें।
(अ) सामाजिक विभाजन की सारी राजनीतिक अभिव्यक्तियाँ खतरनाक ही हों, यह जरूरी नहीं है।
(ब) हर देश में किसी न किसी तरह के सामाजिक विभाजन रहते ही हैं।
(स) राजनीतिक दल सामाजिक विभाजनों के आधार पर राजनीतिक समर्थन जुटाने का प्रयास करते हैं।
(द) कुछ सामाजिक अन्तर सामाजिक विभाजनों का रूप ले सकते हैं।
(क) द, ब, स, अ
(ख) द, ब, अ, स
(ग) द, अ, स, ब
(घ) अ, ब, स, द।
उत्तर:
(क) द, ब, स, अ।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित में किस देश को धार्मिक और जातीय पहचान के आधार पर विखण्डन का सामना करना पड़ा?
(क) बेल्ज़ियम
(ख) भारत
(ग) यूगोस्लाविया
(घ) नीदरलैंड।
उत्तर:
(ग) यूगोस्वालिया।

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प्रश्न 9.
मार्टिन लूथर किंग जूनियर के 1963 के प्रसिद्ध भाषण के निम्नलिखित अंश को पढ़ें। वे किस सामाजिक विभाजन की बात कर रहे हैं? उनकी उम्मीदें और आशंकाएँ क्या-क्या थीं ? क्या आप उनके बयान और मैक्सिको ओलंपिक की उस घटना में कोई सम्बन्ध देखते हैं जिसका जिक्र इस अध्याय में था?

“मेरा एक सपना है कि मेरे चार नन्हें बच्चे एक दिन ऐसे मल्क में रहेंगे जहाँ उन्हें चमड़ी के रंग के आधार पर नहीं, बल्कि उनके चरित्र के असल गुणों के आधार पर परखा जायेगा। स्वतन्त्रता को उसके असली रूप में आने दीजिए। स्वतन्त्रता तभी कैद से बाहर आ पाएगी जब यह हर बस्ती, हर गाँव तक पहुँचेगी, हर राज्य और हर शहर में होगी और हम उस दिन को ला पाएँगे जब ईश्वर की सारी संतानें-अश्वेत स्त्री-पुरुष, गोरे लोग, यहूदी तथा गैर-यहूदी, प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक-हाथ में हाथ डालेंगी और इस पुरानी नीग्रो प्रार्थना को गाएँगी- ‘मिली आज़ादी, मिली आज़ादी! प्रभु बलिहारी, मिली आज़ादी!’ मेरा एक सपना है कि एक दिन यह देश उठ खड़ा होगा और अपने वास्तविक स्वभाव के अनुरूप कहेगा, “हम इस स्पष्ट सत्य को मानते हैं कि सभी लोग समान हैं।”
उत्तर:
1. सन् 1963 में दिए गए अपने इस भाषण में मार्टिन लूथर किंग जूनियर चमड़ी के आधार पर काले एवं गोरों के बीच सामाजिक विभाजन की बात कर रहे हैं।

2. उनकी उम्मीदें एवं आशंकाएँ यह हैं कि उन्होंने अपने चार छोटे बच्चों के लिए एक सपना देखा है जो उनके अनुसार एक ऐसे देश में रहेंगे जिसमें लोग उन्हें उनकी चमड़ी के रंग के आधार पर नहीं बल्कि उनके चरित्र के गुणों के आधार पर परखेंगे। वे उस दिन की कामना कर रहे हैं जब सभी व्यक्ति स्त्री-पुरुष, काले-गोरे, यहूदी-गैर यहूदी, कैथोलिक एवं प्रोटेस्टेंट एक ही प्रकार के अधिकारों तथा स्वतन्त्रता का प्रयोग कर सकेंगे।

3. हाँ, हम मार्टिन लूथर किंग जूनियर के बयान और मैक्सिको ओलंपिक की इस घटना में निश्चित रूप से सम्बन्ध देखते हैं। मार्टिन लूथर किंग का भाषण चमड़ी के रंग को लेकर बनाए गए सामाजिक विभाजन में दर्द को प्रदर्शित करता है। चूँकि ऐसी ही काली चमड़ी वाले एफ्रो-अमरीकन खिलाड़ियों द्वारा मैक्सिको ओलम्पिक के दौरान प्रदर्शन किया गया था। अतः दोनों में स्पष्ट सम्बन्ध दिखता है।

गतिविधि एवं क्रियाकलाप आधारित प्रश्न

बीच बहस में (पृष्ठ संख्या 31)

कुछ दलित समूहों ने 2001 में डरबन में हुए संयुक्त राष्ट्र के नस्लभेद विरोधी सम्मेलन में हिस्सा लेने का फैसला किया और माँग की कि सम्मेलन की कार्यसूची में जातिभेद को भी रखा जाए। इस फैसले पर ये तीन प्रतिक्रियायें सामने आईं:
अमनदीप कौर (सरकारी अधिकारी): हमारे संविधान में जातिगत भेदभाव को गैर-कानूनी करार दिया गया है। अगर कहीं-कहीं जातिगत भेदभाव होता है तो यह हमारा आन्तरिक मामला है और इसे प्रशासनिक अक्षमता के रूप में देखा जाना चाहिए। मैं इसे अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर उठाए जाने के खिलाफ़ हूँ।

ओइनम (समाजशास्त्री):
जाति और नस्ल एक जैसे सामाजिक विभाजन नहीं हैं। इसलिए मैं इसके खिलाफ़ हूँ। जाति का आधार सामाजिक है जबकि नस्ल का आधार जीवशास्त्रीय होता है। नस्लवाद विरोधी सम्मेलन में जाति के मुद्दे को उठाना दोनों को समान मानने जैसा होगा।

अशोक (दलित कार्यकता):
किसी मुद्दे को आन्तरिक मामला कहना दमन और भेदभाव पर खुली चर्चा को रोकना है। नस्ल विशुद्ध रूप से जीवशास्त्रीय नहीं है, यह जाति की तरह ही काफ़ी इद तक समाजशास्त्री और वैधानिक वर्गीकरण है। इस सम्मेलन में जातिगत भेदभाव का मसला ज़रूर उठाना चाहिए। इनमें से किस राय को आप सबसे सही मानते हैं ? कारण बताइए।
उत्तर:
मैं अमनदीप कौर के विचार से सहमत हूँ, क्योंकि हमारे संविधान में जातिगत भेदभाव को गैर-कानूनी करार दिया गया है और यदि फिर भी भेदभाव होता है तो यह हमारे देश का आन्तरिक मामला है, यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जिसे – अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर उठाया जाए।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या 31)

प्रश्न 1.
मैं पाकिस्तानी लड़कियों की एक टोली से मिली और मुझे लगा कि अपने ही देश के दूसरे हिस्सों की लड़कियों की तुलना में वे मुझसे ज्यादा समानता रखती हैं, क्या इसे राष्ट्र-विरोधी मेल कहा जायेगा ?
उत्तर:
नहीं, ऐसा महसूस करना राष्ट्र-विरोधी मेल नहीं कहा जायेगा क्योंकि कोई भी व्यक्ति किसी के समान हो सकता है, किसी भी भाषा को बोल सकता है। भारत में रहने वाली मुस्लिम लड़की और पाकिस्तान में रहने वाली लड़की दोनों ही उर्दू बोलती हैं, तो वे समान हैं।

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कार्टून (पृष्ठ संख्या 32)

प्रश्न 1.
इस कार्टून से हर व्यक्ति अलग अर्थ निकाल सकता है। आपको इस कार्टून का क्या मतलब समझ में आता है ? आपकी कक्षा के अन्य छात्र इससे क्या अर्थ निकालते हैं ?
उत्तर:
इस कार्टून में व्यक्ति अपने ही अंगों को काटकर स्वयं को क्षति पहुँचा रहा है। वह यह बताने की कोशिश कर रहा है कि हम सामाजिक मतभेद और जातिगत भेदभाव की वजह से अपने ही अंगों को काट रहे हैं। कक्षा में अन्य छात्रों के बीच इस कार्टून को लेकर मतभेद हैं, जैसे कुछ मानते हैं कि इसमें धनी और शक्तिशाली लोगों के बारे में बताया गया है जो निर्धन वर्ग के अधिकारों को क्षति पहुँचा रहे हैं।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ 33)

प्रश्न:
दलित कवियों की इन दो कविताओं को पढ़ें-पोस्टर के ऊपर, अप्रकट रंगभेद’ क्यों लिखा गया है ?
उत्तर:
दलित कवियों की कविताओं से यह पता चलता है कि सामाजिक भेदभाव समाप्त हो गया है। सभी एक नल से पानी पी रहे हैं कोई ऊँचा, नीचा नहीं है। दूसरी कविता में गरीबी का भयावह दृश्य दर्शाया गया है। माँ लकड़ी बेचकर आयेगी तब घर में खाना बनेगा, यदि लकड़ी नहीं बिकेगी तो हम भूखे सो जायेंगे, इसमें आमदनी का जरिया सिर्फ लकड़ी बेचना है। यहाँ समानता रूपी दशाएँ दर्शाने का प्रयास तो किया गया है किन्तु वास्तविक रूप से समानता न हो पाने के कारण ही अप्रकट रंगभेद लिखा गया है।

क्या समझा ? क्या जाना ? (पृष्ठ संख्या 34)

प्रश्न 1.
इमराना दसवीं कक्षा के सेक्शन ‘ब’ की छात्रा है। वह बारहवीं कक्षा के छात्रों को विदाई पार्टी देने की तैयारी में अपनी कक्षा के अन्य छात्रों की मदद कर रही है। पिछले महीने उसने अपने सेक्शन की खो-खो टीम की तरफ़ से दसवीं कक्षा के सेक्शन ‘अ’ की टीम के खिलाफ़ मैच खेला था। वह बस से घर जाती है और उसी बस में यमुना पार से आने वाले और भी बच्चे होते हैं जो अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ते हैं। इमराना उनसे भी हिली-मिली है।

इमराना और उसकी बड़ी बहन नईमा की शिकायत है कि उन्हें तो माँ के साथ घर के काम में हाथ बँटाना पड़ता है जबकि उनका भाई कोई काम नहीं करता। इमराना के पिता उसकी बड़ी बहन के लिए लड़का ढूँढ़ रहे हैं। उनकी कोशिश है कि लड़का उन्हीं की हैसियत का हो। क्या आप बता सकते हैं कि इमराना की पहचान किस आधार पर की जा सकती है
घर में वह एक लड़की है।
धर्म के हिसाब से वह
स्कू ल में वह………….
………वह ………..
…………..वह……….
उत्तर:
धर्म के हिसाब से वह एक मुस्लिम है। स्कूल में वह कक्षा-दस की एक छात्रा है। खेल में वह खो-खो टीम की एक सदस्या है। परिवार में वह नईमा की छोटी बहन है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या 35)

प्रश्न 1.
क्या आपको महाश्वेता की बातें सही लगती हैं ? क्या आप अपने इलाके के कुछ ऐसे समुदायों को जानते हैं जिनके साथ रोमानी लोगों जैसा बर्ताव होता है ?
उत्तर:
हाँ, मुझे महाश्वेता की बातें सही लगती हैं। हमारे देश में भी कुछ ऐसी जातियाँ (नट, बंजारा आदि) हैं, जिनके साथ वैसा ही व्यवहार किया जाता है जैसा कि रोमानी लोगों के साथ हो रहा है।

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प्रश्न 2.
क्या आपने कुछ लोगों को वैसी बातें कहते हुए सुना है, जैसी योन्किा और मोद्रजेनी कह रही थीं ? अगर हाँ, तो जरा यह कल्पना करें कि अगर आपको ऐसी बातें उनसे सुनने को मिलतीं तो यह कहानी कैसी होगी ?
उत्तर:
कुछ जाति के लोगों को ऐसी बातें करते सुना है, इन लोगों की इस स्थिति की जिम्मेदार सरकार है, जो इन पर ध्यान नहीं देती है। इस कहानी से हमें नस्लीय भेदभाव की स्थिति का पता चलता है।

प्रश्न 3.
क्या बुल्गारिया की सरकार को यह प्रयास करना चाहिए कि रोमानी लोग भी बुल्गारिया के बाकी लोगों जैसी पोशाक पहनें और वैसा ही आचरण करें ?
उत्तर:
नहीं यह आवश्यक नहीं है कि सभी एक जैसी पोशाक पहनें व समान आचरण करें। हाँ बुल्गारिया की सरकार को चाहिए कि वह रोमानी लोगों की स्थिति में सुधार लाने का प्रयास करे जिससे वे भी बुल्गारिया के लोगों की तरह रह सकें। लोकतन्त्र में सभी लोगों को समान मानना चाहिए, सभी लोगों को समान सुविधाएँ देनी चाहिए।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या 36)

प्रश्न 1.
उत्तरी आयरलैंड के कुछ स्थानों में प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक लोगों के समुदाय दीवार के माध्यम से बँटे हैं। इन दीवारों पर अक्सर कुछ न कुछ लिखा हुआ देखने को मिल जाता है। इस तस्वीर में भी आप यह देख सकते हैं। आयरिश रिपब्लिकन आर्मी और ब्रिटेन की सरकार के बीच 2005 में एक समझौता हुआ था। यहाँ अंकित दीवार-लेखन सामाजिक तनाव के बारे में क्या कहता है ?
उत्तर:
इस दीवार-लेखन से यह स्पष्ट होता है कि सन् 1966 में लन्दन में जातिगत भेदभाव व्याप्त था। लोग काले और आयरिश मूल के लोगों के साथ भेदभाव करते थे। दूसरा चित्र यह बताता है कि 2005 में बेलफास्ट में जातिगत भेदभाव का अन्त हो चुका है और लोग एक-दूसरे के साथ समानता का व्यवहार करते हैं, ताकि वे शान्ति से रह सकें।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या 37)

प्रश्न 1.
क्या आप खेल के मामले में सामाजिक विभाजन या भेदभाव के कुछ उदाहरण सोच सकते हैं ?
उत्तर:
दक्षिण अफ्रीका में कुछ समय पहले क्रिकेट टीम में काले कप्तान नहीं बनाये जाते थे। आज कई खेल ऐसे हैं, जिन्हें सामान्य लोग नहीं खेल सकते हैं, क्योंकि ये काफी खर्चीले हैं। उदाहरण-पोलो, गोल्फ आदि।

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प्रश्न 2.
तो आपके कहने का मतलब है कि एक बड़े विभाजन की जगह अनेक छोटे विभाजन लाभकर होते हैं ? और आपके कहने का यह भी मतलब है कि राजनीति एकता पैदा करने वाली शक्ति है ?
उत्तर:
सामाजिक विभिन्नता ही समाज में विभाजन का कारण होती है। सामाजिक विभिन्नता से मतभेद उत्पन्न होते हैं। उन मतभेदों के कारण विभाजन की स्थिति पैदा होती है। विभाजन का मुद्दा और सरकार का रुख विभाजन की प्रकृति – तय करता है कि विभाजन अच्छा है या बुरा। राजनेताओं की सोच के आधार पर विभाजन का स्वरूप निर्भर करता है। राजनीति कुछ हद तक विभाजन को कम कर सकती है।

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JAC Class 10 Social Science Solutions Civics Chapter 2 संघवाद

JAC Board Class 10th Social Science Solutions Civics Chapter 2 संघवाद

JAC Class 10th Civics संघवाद Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
भारत के खाली राजनीतिक नक्शे पर इन राज्यों की उपस्थिति दर्शाएँ :
मणिपुर, सिक्किम, छत्तीसगढ़ और गोवा।
उत्तर:
JAC Class 10 Social Science Solutions Civics Chapter 2 संघवाद 1

प्रश्न 2.
विश्व के खाली राजनीतिक मानचित्र पर भारत के अलावा संघीय शासन वाले तीन देशों की अवस्थिति बताएँ और उनके नक्शे को रंग से भरें।
JAC Class 10 Social Science Solutions Civics Chapter 2 संघवाद 2

प्रश्न 3.
भारत की संघीय व्यवस्था में बेल्जियम से मिलती-जुलती एक विशेषता और उससे अलग एक विशेषता को बताएँ।
उत्तर:
मिलती: जुलती विशेषता-बेल्जियम तथा भारत दोनों ही संघीय व्यवस्था वाले देश हैं तथा इनमें त्रि-स्तरीय सरकारें हैं।
अलग विशेषता-तीसरे स्तर पर बेल्जियम में सामुदायिक सरकार है। भारत में तीसरे स्तर पर स्थानीय स्वशासन है।

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प्रश्न 4.
शासन के संघीय और एकात्मक स्वरूपों में क्या-क्या मुख्य अन्तर है ? इसे उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट करें।
अथवा
‘एकात्मक शासन’ की किन्हीं तीन विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
शासन के संघीय एवं एकात्मक स्वरूपों में मुख्य अन्तर निम्नलिखित हैं

संघीय शासन व्यवस्था एकात्मक शासन व्यवस्था
1. इस शासन के स्वरूप में दो स्तरों पर सरकारें होती हैं तथा सत्ता के इन दोनों स्तरों की सरकारें अपने-अपने राज्य सरकारें उसके अधीन होकर कार्य करती हैं। 1. इस शासन के स्वरूप में शासन का एक ही स्तर होता है तथा स्तर पर स्वतन्त्र होकर कार्य करती हैं।
2. इस व्यवस्था में राज्य सरकारों को शक्तियाँ संविधान प्राप्त होती हैं। 2. इसमें राज्य सरकारों को अपनी शक्तियाँ केन्द्रीय सरकार से से प्राप्त होती हैं।
3. इस व्यवस्था में संघ और राज्य सरकारों के बीच विषयों का विभाजन होता है। 3. इस व्यवस्था में विषयों का विभाजन नहीं होता है।
4. इस व्यवस्था में राज्य सरकारें अपने कार्यों के लिए केन्द्रीय सरकार के प्रति जिम्मेदार नहीं होती हैं। 4. इस व्यवस्था में राज्य सरकारें अपने कार्यों के लिए केन्द्रीय सरकार के प्रति जिम्मेदार होती हैं।
5. इस व्यवस्था में केन्द्रीय सरकार राज्य सरकारों को कुछ विशेष कार्य करने का आदेश नहीं दे सकती हैं। उदाहरण: भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, बेल्जियम, कनाडा व ऑस्ट्रेलिया ने संघीय शासन व्यवस्था को अपनाया है। 5. इस व्यवस्था में केन्द्रीय सरकार राज्य सरकारों को आदेश दे सकती है। उदाहरण: फ्रांस, हॉलैण्ड, जापान, इटली आदि देशों ने एकात्मक शासन व्यवस्था को अपनाया है।

प्रश्न 5.
1992 के संविधान के पहले और बाद के स्थानीय शासन के दो महत्वपूर्ण अन्तरों को बताएँ।
उत्तर:

स्थानीय शासन (1992 से पूर्व) स्थानीय शासन (1992 के बाद)
1. स्थानीय सरकारों का चुनाव नहीं होता था। 1. स्थानीय सरकारों का नियमित चुनाव होता है।
2. स्थानीय सरकार के पास स्वयं का आय का स्रोत नहीं था। 2. केन्द्र सरकार द्वारा स्थानीय सरकार को सीधे पैसा भेजा जाता है।

प्रश्न 6.
रिक्त स्थानों को भरें चँकि अमरीका……… तरह का संघ है इसलिए वहाँ सभी इकाइयों को समान अधिकार है। संघीय सरकार के मुकाबले प्रान्त……….. हैं। लेकिन भारत की संघीय प्रणाली……… की है और यहाँ कुछ राज्यों को औरों से ज्यादा शक्तियाँ प्राप्त हैं।
उत्तर:
‘साथ आकर संघ बनाने की’, शक्तिशाली एवं ‘सबको साथ लेकर चलने’ की नीति।

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प्रश्न 7.
भारत की भाषा नीति पर नीचे तीन प्रतिक्रियाएँ दी गई हैं। इनमें से आप जिसे ठीक समझते हैं उसके पक्ष में तर्क और उदाहरण दें।
संगीता: प्रमुख भाषाओं को समाहित करने की नीति ने राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया है।
अरमान: भाषा के आधार पर राज्यों के गठन ने हमें बाँट दिया है। हम इसी कारण अपनी भाषा के प्रति सचेत हो गए हैं।
रीश: इस नीति ने अन्य भाषाओं के ऊपर अंग्रेजी के प्रभुत्व को मजबूत करने का काम किया है।
उत्तर:
मुझे संगीता की प्रतिक्रिया ठीक लगती है, क्योंकि यह सच है कि सामंजस्य की नीति ने हमारी राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया है। प्रारम्भ में हिन्दी को आधिकारिक भाषा बनाया गया और अंग्रेजी का प्रयोग आधिकारिक रूप से बन्द कर दिया गया। इस पर तमिलनाडु में लोगों ने आन्दोलन करना प्रारम्भ कर दिया।

हमारे देश में 121 प्रमुख भाषाएँ हैं, हमको इन सभी भाषाओं का आदर करना चाहिए, जिससे ये देश की उन्नति में मदद कर सकें और विकसित हो सकें। हमारे समक्ष श्रीलंका का उदाहरण है, जहाँ भाषायी विवाद ने देश को गृहयुद्ध के कगार पर ला खड़ा किया था।

प्रश्न 8.
संघीय सरकार की एक विशिष्टता है:
(क) राष्ट्रीय सरकार अपने कुछ अधिकार प्रान्तीय सरकारों को देती है।
(ख) अधिकार विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच बँट जाते हैं।
(ग) निर्वाचित पदाधिकारी ही सरकार में सर्वोच्च ताकत का उपयोग करते हैं।
(घ) सरकार की शक्ति शासन के विभिन्न स्तरों के बीच बँट जाती है।
उत्तर:
(घ) सरकार की शक्ति शासन के विभिन्न स्तरों के बीच बँट जाती है।

प्रश्न 9.
भारतीय संविधान की विभिन्न सूचियों में दर्ज कुछ विषय यहाँ दिए गए हैं। इन्हें नीचे दी गई तालिका में संघीय सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची वाले समूहों में लिखें।
(क) रक्षा, (ख) पुलिस, (ग) कृषि, (घ) शिक्षा, (ङ) बैंकिंग, (च) वन, (छ) संचार, (ज) व्यापार, (झ) विवाह।

संघीय सूची (क) रक्षा (ङ) बैंकिंग (छ) संचार
राज्य सूची (ख) पुलिस (ग) कृषि (ज) व्यापार
समवर्ती सूची (घ) शिक्षा (च) वन (झ) विवाह

प्रश्न 10.
नीचे भारत में शासन के विभिन्न स्तरों और उनके कानून बनाने के अधिकार क्षेत्र के जोड़े दिए गए हैं। इनमें से कौन-सा जोड़ा सही मेल वाला नहीं है ?

(क) राज्य सरकार राज्य सूची
(ख) केन्द्र सरकार संघीय सूची
(ग) केन्द्र और राज्य सरकार समवर्ती सूची
(घ) स्थानीय सरकार अवशिष्ट अधिकार

उत्तर: (घ) स्थानीय सरकार-अवशिष्ट अधिकार।

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प्रश्न 11.
सूची I और सूची II में मेल ढूँढें और नीचे दिए गए कोड के आधार पर सही उत्तर चुनें। सूची। ।

सूची I सूची II
1. भारतीय संघ (अ) प्रधानमन्त्री
2. राज्य (ब) सरपंच
3. नगर निगम (स) राज्यपाल
4. ग्राम पंचायत (द) मेयर
1 2 3 4
(सा)
(रे)
(गा)
(मा)

उत्तर:
(गा) 1. (अ), 2. (स), 3. (द), 4. (ब)

प्रश्न 12.
इन बयानों पर गौर करें:
(अ) संघीय व्यवस्था में संघ और प्रान्तीय सरकारों के अधिकार स्पष्ट रूप से तय होते हैं।
(ब) भारत एक संघ है क्योंकि केन्द्र और राज्य सरकारों के अधिकार संविधान में स्पष्ट रूप से दर्ज हैं और अपने-अपने विषयों पर उनका स्पष्ट अधिकार है।
(स) श्रीलंका में संघीय व्यवस्था है क्योंकि उसे प्रान्तों में बाँट दिया गया है।
(द) भारत में संघीय व्यवस्था नहीं रही, क्योंकि राज्यों के कुछ अधिकार स्थानीय शासन की इकाइयों में बाँट दिए गए हैं।

ऊपर दिए गए बयानों में कौन-कौन सही हैं।
(सा) अ, ब और स
(रे) अ, स और द
(गा) अ और ब
(मा) ब और स।
उत्तर:
(गा) अ और ब।

गतिविधि एवं क्रियाकलाप आधारित प्रश्न

उन्नी-मुन्नी के सवाल (पृष्ठ संख्या 14)

प्रश्न 1.
मैं थोड़ी उलझन में हूँ। आखिर, भारत की शासन-व्यवस्था को क्या नाम दिया जाए? यह एकात्मक है, संघात्मक अथवा केन्द्रीकृत?
उत्तर:
भारत राज्यों से मिलकर बना है, अतः भारत की शासन व्यवस्था को संघात्मक शासन व्यवस्था का नाम दिया जा सकता है। लेकिन इसमें राज्य सरकारों की तुलना में केन्द्र सरकार को अधिक शक्तिशाली बनाया गया है।

उन्नी-मुन्नी के सवाल (पृष्ठ संख्या 15)

प्रश्न 1.
संघीय व्यवस्था जब सिर्फ बड़े देशों के अनुकूल है तो बेल्जियम ने इसे क्यों अपनाया ?
उत्तर:
बेल्जियम एक छोटा देश है, लेकिन इसकी जनसंख्या में विविधता है। बेल्जियम में कई भाषा वाले लोग रहते हैं और उनमें अपने लाभ को लेकर आपसी संघर्ष हो सकता है। अतः सम्भावित संघर्ष तथा राजनैतिक अस्थिरता को रोकने के लिए बेल्जियम ने संघीय व्यवस्था को अपनाया।

क्या समझा? क्या जाना? (पृष्ठ संख्या 16)

प्रश्न 1.
कुछ नेपाली नागरिक अपने संविधान में संघीय व्यवस्था अपनाने की बात कर रहे थे। उनकी चर्चा कुछ इस प्रकार की थी
खगराज मुझे संघीय व्यवस्था पसन्द नहीं है। इससे भारत की तरह हमारे यहाँ भी सीटों को आरक्षित करना पड़ेगा।
मीता हमारा देश तो कोई बड़ा नहीं है। हमें संघ की क्या ज़रूरत है?
बाबूलाल: मुझे लगता है कि अगर तराई क्षेत्र की अपनी अलग राज्य सरकार बने तो क्षेत्र को ज़्यादा स्वायत्तता मिल सकेगी। रामगणेश: मुझे संघीय व्यवस्था पसन्द है क्योंकि इसका मतलब होगा कि पहले राजा जिन शक्तियों का प्रयोग करता था, उनका इस्तेमाल इस व्यवस्था में हमारे निर्वाचित प्रतिनिधि करेंगे। अगर आप इस चर्चा में शामिल होते तो प्रत्येक टिप्पणी पर आपकी क्या प्रतिक्रिया होती ? इनमें से किसने संघीय व्यवस्था को लेकर गलत टिप्पणी की है ?
उत्तर:
1. खगराज को उत्तर:
यह ज़रूरी नहीं है कि भारत की ही तरह नेपाल में भी सीटों को आरक्षित करना पड़े क्योंकि भारत में तो विभिन्न जातीय समूहों को जो भी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, वे उनके अधिकार हैं, जिनसे उन्हें वर्षों तक वंचित रखा गया था। संघीय व्यवस्था अपने उद्देश्य में तभी सफल हो सकती है जब लोगों में आपसी विश्वास की भावना बनी रहे।

2. मीता को उत्तर:
संघीय व्यवस्था के लिए देश का बड़ा होना आवश्यक नहीं है। बेल्जियम जो एक छोटा देश है, उसने भी संघीय व्यवस्था को अपनाया है। संघीय व्यवस्था सत्ता में सभी लोगों का प्रतिनिधित्व बढ़ाती है और उन्हें चुनाव लड़ने, मतदान करने का अधिकार प्रदान करती है।

3. बाबूलाल को उत्तर:
आपका विचार बहुत अच्छा है परन्तु आप यह क्यों चाहते हैं कि यह व्यवस्था केवल तराई क्षेत्र में हो, बल्कि इस व्यवस्था को तो पूरे देश में होना चाहिए जिससे सभी लोगों को उसमें भागीदारी करने का मौका मिल सके।

4. रामगणेश को उत्तर:
मैं आपके विचार से सहमत हूँ। संघीय व्यवस्था में शक्ति जनता के हाथ में निहित होती है। जनता अपना प्रतिनिधि चुनती है। चुना गया प्रतिनिधि जनता का प्रतिनिधित्व करता है।
खगराज और मीता ने संघीय व्यवस्था को लेकर गलत टिप्पणी की है।

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उन्नी-मुन्नी के सवाल (पृष्ठ संख्या 16)

प्रश्न 1.
क्या यह कुछ अजीब बात नहीं है? क्या हमारे संविधान निर्माताओं को मालूम नहीं था कि संघीय व्यवस्था क्या होती है या वे इसके बारे में कहने से बचना चाहते थे ?
उत्तर:
यह कुछ अजीब बात नहीं है। संविधान निर्माताओं को संघीय व्यवस्था के बारे में मालूम था लेकिन हमारा लोकतन्त्र उस समय अपनी शैशवावस्था में था। उस समय इन राज्यों को संघीय व्यवस्था का अधिकार दिया जाता तो देश के कई टुकड़े हो सकते थे। उन्होंने सोचा कि जैसे-जैसे लोकतन्त्र मजबूत होता जायेगा, वैसे-वैसे संविधान में संशोधन करके · आवश्यक परिवर्तन किए जायेंगे।

उन्नी-मुन्नी के सवाल (पृष्ठ संख्या17)

प्रश्न 1.
अगर कृषि और वाणिज्य राज्य के विषय हैं तो केन्द्र में कृषि और वाणिज्य मन्त्री क्यों बनाए जाते हैं ?
उत्तर:
केन्द्र में कृषि और वाणिज्य मन्त्री इसलिए बनाये जाते हैं ताकि सभी राज्य नियन्त्रण में रहें। राज्यों को वाणिज्य और कृषि सम्बन्धी व्यवहार आपस में करने होते हैं। कई बार एक राज्य मूल्य आदि पर मनमाना रवैया अपनाता है तो केन्द्र द्वारा उस पर नियन्त्रण किया जाता है। कई बार एक देश को दूसरे देशों के साथ वाणिज्य अथवा कृषि सम्बन्धी व्यवहार करना पड़ता है। उस स्थिति में केन्द्र की भूमिका प्रमुख होती है। इसके लिए कृषि एवं वाणिज्य मन्त्रालय में मन्त्रियों की आवश्यकता होती है।

क्या समझा? क्या जाना? (पृष्ठ संख्या 18)

प्रश्न 1.
पोखरण, जहाँ भारत ने अपने परमाणु परीक्षण किए, राजस्थान में पड़ता है। मान लें कि अगर राजस्थान की सरकार केन्द्र सरकार की परमाणु-नीति की विरोधी होती तो क्या वह केन्द्र सरकार को परमाणु परीक्षण करने से रोक सकती थी?
उत्तर:
नहीं, राजस्थान सरकार, भारत सरकार को परमाणु परीक्षण करने से नहीं रोक सकती थी क्योंकि देश की सुरक्षा केन्द्रीय सूची का विषय है, जिससे सम्बन्धित प्रत्येक फैसला लेने का अधिकार केन्द्र सरकार को प्राप्त है।

प्रश्न 2.
मान लें कि सिक्किम की सरकार अपने स्कूलों में नई पाठ्य-पुस्तकें लागू करना चाहती है। मान लें कि केन्द्र सरकार को पाठ्य-पुस्तकों की विषय-वस्तु और शैली पसन्द नहीं है। ऐसी स्थिति में क्या राज्य सरकार को नई पाठ्य-पुस्तकें लागू करने के लिए केन्द्र सरकार से अनुमति लेना जरूरी है ?
उत्तर:
ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से अनुमति लेना आवश्यक है, क्योंकि शिक्षा सम्बन्धी विषयों पर राज्य तथा केन्द्र दोनों ही सरकार कानून बना सकती हैं, किन्तु विवाद की अवस्था में केवल केन्द्र सरकार का कानून ही मान्य होगा।

प्रश्न 3.
मान लें कि नक्सलियों से निपटने की नीतियों के बारे में आन्ध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के मुख्यमन्त्रियों की राय अलग-अलग है। क्या ऐसे मामले में भारत के प्रधानमन्त्री दखल दे सकते हैं और क्या ऐसा आदेश जारी कर सकते हैं जिसे सभी मुख्यमन्त्री मानें ?
उत्तर:
नहीं, पुलिस विभाग राज्य सरकार के अधीन आता है। पुलिस विभाग सम्बन्धी विषय पर केवल राज्य सरकार ही कानून बना सकती है। इसमें केन्द्र सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता।

मानचित्र आधारित (पृष्ठ संख्या 19)

प्रश्न 1.
क्या आपका गाँव या शहर आजादी के बाद से एक ही प्रान्त के अन्तर्गत रहा है? अगर नहीं तो इससे पहले के राज्य का क्या नाम था ?
उत्तर:
हाँ, हमारा गाँव या शहर आजादी के बाद से राजस्थान प्रान्त के अन्तर्गत रहा है।

प्रश्न 2.
क्या आप सन् 1947 के तीन राज्यों के ऐसे नामों को याद कर सकते हैं, जो आज बदल गए हैं ?
उत्तर:

  1. राजस्थान ‘राजपूताना’ का अंग था।
  2. पंजाब ‘उत्तरी-पूर्वी प्रान्त’ का भाग था।
  3. मध्य प्रदेश को ‘केन्द्रीय प्रान्त’ कहा जाता था।

प्रश्न 3.
तीन ऐसे राज्यों की पहचान करें जिन्हें बड़े राज्यों को काटकर बनाया गया है।
उत्तर:

  1. बिहार से अलग होकर ‘झारखण्ड’ बना है।
  2. मध्य प्रदेश से अलग होकर ‘छत्तीसगढ़’ बना है।
  3. उत्तर प्रदेश से अलग होकर ‘उत्तराखण्ड’ बना है।

उन्नी-मुन्नी के सवाल (पृष्ठ संख्या 20)

प्रश्न 1.
हिन्दी ही क्यों ? बांग्ला या तेलुगु क्यों नहीं ?
उत्तर:
हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा को भारत सरकार ने अपने संविधान में आधिकारिक भाषाएँ घोषित किया है किन्तु सरकार उन राज्यों को जो हिन्दी भाषी नहीं हैं हिन्दी बोलने पर मजबूर नहीं करती है। उन लोगों को अपनी आधिकारिक भाषा चयन करने का अधिकार प्राप्त है। सभी लोग एक-दूसरे की भाषा तथा संस्कृति का सम्मान करते हैं। केन्द्र सरकार की यह नीति संघ के उन राज्यों की इच्छा के अनुसार है, जिन्होंने हिन्दी के साथ अंग्रेजी को भी आधिकारिक भाषा बनाए रखने की माँग की थी।

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उन्नी-मुन्नी के सवाल (पृष्ठ संख्या 21)

प्रश्न 1.
आप यह कह रहे हैं कि क्षेत्रवाद लोकतन्त्र के लिए अच्छा है, क्या आप गम्भीरता से ऐसा कह रहे हैं ?
उत्तर:
नहीं, मैं ऐसा गम्भीरता से नहीं कह रहा हूँ क्योंकि क्षेत्रवाद लोकतन्त्र के लिए अच्छा नहीं है। हमारे देश में लोग विभिन्न भाषा, रंग-रूप, संस्कृति, परम्परा को मानते हैं। इन सभी से मिलकर यह देश बना हैं। किसी एक क्षेत्र को किसी भी मायने में समर्थन देना उचित नहीं है। देश की उन्नति तभी सम्भव है जब सभी क्षेत्र साथ-साथ वृद्धि एवं विकास करें।

एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहें। (पृष्ठ संख्या 22)

प्रश्न 1.
ऐसी तीन भाषाएँ ढूँढें जिनको भारत में बोला तो जाता है, पर जो इस सूची में नहीं हैं।
उत्तर:
बुन्देलखण्डी, राजस्थानी, भोजपुरी।

क्या समझा? क्या जाना? (पृष्ठ संख्या 23)

प्रश्न 1.
प्रसिद्ध इतिहासकार रामचन्द्र गुहा के आलेख से उद्धृत निम्नलिखित उद्धरणों को पढ़ें। यह आलेख ‘टाइम्स ऑफ इण्डिया’ में 1 नवम्बर, 2006 को छपा था।
अपने राज्य या अन्य किसी ऐसे राज्य का उदाहरण लें, जो भाषावार पुनर्गठन से प्रभावित हुआ। यहाँ जो तर्क दिया गया है उसके पक्ष या विपक्ष में उदाहरणों के साथ टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
श्रीलंका में लोगों के बीच में भाषा के विवाद के कारण सामाजिक संघर्ष उत्पन्न हुआ और इस संघर्ष ने। गृह-युद्ध का रूप ले लिया। भारत में 121 भाषाएँ हैं। इतनी भाषाएँ होते हुए भी सभी भाषायी समुदाय साथ-साथ और प्रेम और सद्भावना से रहते हैं। तमिलनाडु में अंग्रेजी पर रोक लगाने से आन्दोलन होने लगा, भाषा के आधार पर राज्यों के निर्माण से हमारे देश की एकता और अखण्डता और मजबूत हुई है।

उन्नी-मुन्नी के सवाल (पृष्ठ संख्या 25)

प्रश्न 1.
प्रधानमन्त्री देश चलाता है। मुख्यमन्त्री राज्यों को चलाते हैं। इसी तर्क से जिला परिषद् के प्रधान को जिले का शासन चलाना चाहिए। फिर जिलों का शासन कलक्टर या जिलाधीश क्यों चलाते हैं ?
उत्तर:
जिले का शासन चलाने का अधिकार जिला परिषद् के प्रधान अर्थात् जिला प्रमुख को नहीं दिया जा सकता क्योंकि यदि उन्हें यह अधिकार दिया जाता है तो प्रत्येक जिले में अलग-अलग कानून व अलग-अलग नीतियाँ होंगी जिससे राज्य में अव्यवस्था फैल सकती है। अत: इस प्रशासनिक अव्यवस्था को रोकने के लिए वर्तमान व्यवस्था में राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नीति के अनुसार समस्त जिलों का प्रशासन कलक्टर या जिलाधीश चलाते हैं जिससे शासन में एकरूपता एवं व्यवस्था बनी रहती है।

प्रश्न 2.
भारत में हुए विकेन्द्रीकरण के प्रयासों के बारे में अखबार की इन कतरनों में क्या कहा गया है ?
उत्तर:

  1. अखबार की इन कतरनों में पंचायतों से सम्बन्धित समाचार हैं।
  2. यह कतरनें पंचायतों में महिला प्रतिनिधियों की वृद्धि के बारे में बताती हैं अर्थात् राजनीति में महिलाओं की साझेदारी में वृद्धि हुई है।
  3. न्याय सभी को सुलभ हो गया है तथा सस्ता है।
  4. विकास हेतु पंचायतों को पैसा सीधे केन्द्र सरकार द्वारा दिया जाता है।”

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JAC Board Solutions Class 9 in Hindi & English Jharkhand Board

JAC Jharkhand Board Class 9th Solutions in Hindi & English Medium

JAC Board Solutions Class 10 in Hindi & English Jharkhand Board

JAC Jharkhand Board Class 10th Solutions in Hindi & English Medium

JAC Class 10 Social Science Solutions Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी

JAC Board Class 10th Social Science Solutions Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी

JAC Class 10th Civics सत्ता की साझेदारी Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
आधुनिक लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं ? इनमें से प्रत्येक का एक उदाहरण भी दें।
अथवा
सत्ता की साझेदारी के किन्हीं तीन रूपों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
आधुनिक लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अनेक रूप हो सकते हैं:

1. शासन के विभिन्न अंग; जैसे-विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका के बीच सत्ता का बँटवारा रहता है। न्यायपालिका, कार्यपालिका पर तथा विधायिका द्वारा बने कानून पर अंकुश रखती है।

2.सरकारों के बीच विभिन्न स्तरों पर सत्ता का बँटवारा हो सकता है। जैसे पूरे देश के लिए एक सामान्य सरकार हो और फिर राज्य या क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग सरकार रहे।

3. सत्ता का बँटवारा विभिन्न सामाजिक समूहों, मसलन भाषायी और धार्मिक समूहों के बीच हो सकता है। बेल्जियम में सामुदायिक सरकार इस व्यवस्था का एक अच्छा उदाहरण है।

4. सत्ता के बँटवारे का एक रूप हम विभिन्न प्रकार के दबाव-समूह और आन्दोलनों द्वारा शासन को प्रभावित और नियन्त्रित करने के तरीके में भी लक्ष्य कर सकते हैं। लोकतन्त्र में लोगों के समक्ष सत्ता के दावेदारों के बीच चुनाव का विकल्प रहता है। इसमें विभिन्न राजनीतिक दल सत्ता के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करते हैं। दलों की यह प्रतिद्वन्द्विता ही इस बात को सुनिश्चित करती है कि सत्ता एक व्यक्ति या समूह के हाथ में न रहे। सत्ता विभिन्न दलों के मध्य आती-जाती रहती है।

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प्रश्न 2.
भारतीय सन्दर्भ में सत्ता की हिस्सेदारी का एक उदाहरण देते हुए इसका एक युक्तिपरक और एक नैतिक कारण बताएँ।
उत्तर:
भारत जनसांख्यिक विविधता वाला देश है, जहाँ समाज में एक जाति व्यवस्था कायम है। प्रत्येक जाति का अपना हित है। अतः किसी संघर्ष तथा राजनीतिक अस्थिरता को कम करने के लिए सत्ता में भागीदारी समान रूप से रखी गयी है। भारत में लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था अपनायी गयी है।

पिछड़े वर्गों को प्राचीनकाल से ही राजनीतिक अधिकारों से वंचित रखा गया है। जनसंख्या अधिक होने पर भी उनकी राजनीतिक भागीदारी संख्या के आधार पर कम है। अब उन्हें सत्ता में भागीदारी करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। सत्ता की हिस्सेदारी का यह दृष्टिकोण नैतिक दृष्टिकोण कहलाता है।

प्रश्न 3.
इस अध्याय को पढ़ने के बाद तीन छात्रों ने अलग-अलग निष्कर्ष निकाले। आप इनमें से किससे सहमत हैं और क्यों ? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में दें। थम्मन-जिन समाजों में क्षेत्रीय, भाषायी और जातीय आधार पर विभाजन हो, सिर्फ वहीं सत्ता की साझेदारी ज़रूरी है। मथाई सत्ता की साझेदारी सिर्फ ऐसे बड़े देशों के लिए उपयुक्त है, जहाँ क्षेत्रीय विभाजन मौजूद होते हैं। औसेफ-हर समाज में सत्ता की साझेदारी की ज़रूरत होती है, भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हों।
उत्तर:
औसेफ का निष्कर्ष उत्तम है। मैं औसेफ के निष्कर्ष से सहमत हूँ, जिसमें प्रत्येक समाज की सत्ता में साझेदारी आवश्यक होती है। चाहे वह समाज छोटा हो या बड़ा, उसमें सामाजिक विभाजन हो या न हो, क्योंकि यह लोकतन्त्र का मौलिक सिद्धान्त है। इसमें लोग अपने प्रतिनिधियों द्वारा स्वयं शासन करते हैं। समाज छोटा हो या बड़ा या उसमें विभाजन हो अथवा न हो। इससे किसी भी प्रकार की राजनीतिक अस्थिरता को रोका जा सकता है तथा संघर्ष की सम्भावना नहीं रहती इसलिए सभी को सत्ता में भागीदारी का अवसर प्रदान करना चाहिए।

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प्रश्न 4.
बेल्जियम में ब्रूसेल्स के निकट स्थित शहर मर्चटेम के मेयर ने अपने यहाँ के स्कूलों में फ्रेंच बोलने पर लगी रोक को सही बताया है। उन्होंने कहा कि इससे डच भाषा न बोलने वाले लोगों को इस फ्लेमिश शहर के लोगों से जुड़ने में मदद मिलेगी। क्या आपको लगता है कि यह फैसला बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था की मूल भावना से मेल खाता है ? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में लिखें।
उत्तर:
नहीं, यह प्रतिबन्ध बेल्जियम में सत्ता में भागीदारी की व्यवस्था से मेल नहीं खाता है, क्योंकि बेल्जियम में विभिन्न भाषा-भाषी लोग रहते हैं। यहाँ डच बोलने वाले लोग रहते हैं, जो फ्लेमिश क्षेत्र में निवास करते हैं तथा वेलोनिया क्षेत्र में रहने वाले लोग फ्रेंच बोलते हैं।

यदि एक क्षेत्र में एक भाषा पर प्रतिबन्ध लगाया जाता है तो दूसरे क्षेत्र में रहने वाले लोग दूसरी भाषा पर प्रतिबन्ध लगाने की माँग करेंगे, इससे राजनीतिक अस्थिरता और संघर्ष प्रारम्भ हो जायेगा और देश में अशान्ति फैल जायेगी। अतः यह फैसला सत्ता की भागीदारी की व्यवस्था की मूल भावना से मेल नहीं खाता है।

प्रश्न 5.
नीचे दिए गए उद्धरण को गौर से पढ़ें और इसमें सत्ता की साझेदारी के जो युक्तिपरक कारण बताए गए हैं, उसमें से किसी एक का चुनाव करें।
“महात्मा गाँधी के सपनों को साकार करने और अपने संविधान निर्माताओं की उम्मीदों को पूरा करने के लिए हमें पंचायतों को अधिकार देने की ज़रूरत है। पंचायती राज ही वास्तविक लोकतन्त्र की स्थापना करता है। यह सत्ता उन लोगों के हाथों में सौंपता है, जिनके हाथों में इसे होना चाहिए। भ्रष्टाचार कम करने और प्रशासनिक कुशलता को बढ़ाने का एक उपाय पंचायतों को अधिकार देना भी है। जब विकास की योजनाओं को बनाने और लागू करने में लोगों की भागीदारी होगी तो इन योजनाओं पर उनका नियन्त्रण बढ़ेगा। इससे भ्रष्ट बिचौलियों को खत्म किया जा सकेगा। इस प्रकार पंचायती राज लोकतन्त्र की नींव को मज़बूत करेगा।”
उत्तर:
साझेदारी का युक्तिपरक कारण-पंचायतों को शक्ति देना भ्रष्टाचार को कम करने तथा प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने का भी एक तरीका है।

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प्रश्न 6.
सत्ता के बँटवारे के पक्ष और विपक्ष में कई तरह के तर्क दिए जाते हैं। इनमें से जो तर्क सत्ता के बँटवारे के पक्ष में हैं, उनकी पहचान करें और नीचे दिए गए कोड से अपने उत्तर का चुनाव करें। सत्ता की साझेदारी
(क) विभिन्न समुदायों के बीच टकराव को कम करती है।
(ख) पक्षपात का अंदेशा कम करती है।
(ग) निर्णय लेने की प्रक्रिया को अटका देती है।
(घ) विविधताओं को अपने में समेट लेती है।
(ङ) अस्थिरता और आपसी फूट को बढ़ाती है।
(च) सत्ता में लोगों की भागीदारी बढ़ाती है।
(छ) देश की एकता को कमज़ोर करती है।

JAC Class 10 Social Science Solutions Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी 1

उत्तर:
(सा) क, ख, घ, च

प्रश्न 7.
बेल्जियम और श्रीलंका की सत्ता में साझेदारी की व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित बयानों पर विचार करें:
(क) बेल्जियम में डच-भाषी बहुसंख्यकों ने फ्रेंच-भाषी अल्पसंख्यकों पर अपना प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया।
(ख) सरकार की नीतियों ने सिंहली-भाषी बहुसंख्यकों का प्रभुत्व बनाए रखने का प्रयास किया।
(ग) अपनी संस्कृति और भाषा को बचाने तथा शिक्षा तथा रोजगार में समानता के अवसर के लिए श्रीलंका के तमिलों ने सत्ता को संघीय ढाँचे पर बाँटने की माँग की।
(घ) बेल्जियम में एकात्मक सरकार की जगह संघीय शासन व्यवस्था लाकर मुल्क को भाषा के आधार पर टूटने से बचा लिया गया।
ऊपर दिए गए बयानों में से कौन-से सही हैं ?
(सा) क. ख, ग और घ
(रे) क, ख और घ
(गा) ग घ और ख
(मा) ख, ग और घ
उत्तर:
(२) क, ख, ग और घ।

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प्रश्न 8.
सूची 1 (सत्ता के बँटवारे के स्वरूप) और सूची 2 (शासन के स्वरूप) में मेल कराएँ और नीचे दिए गए कोड का उपयोग करते हुए सही जवाब दें

सूची 1 सूची 2
1. सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा (क) सामुदायिक सरकार
2. विभिन्न स्तर की सरकारों के बीच अधिकारों का बँटवारा (ख) अधिकारों का वितरण
3. विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी (ग) गठबन्धन सरकार
4. दो या अधिक दलों के बीच सत्ता की साझेदारी (घ) संघीय सरकार

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उत्तर:
(गा) 1. ख, 2. घ, 3. क, 4. ग।

प्रश्न 9.
सत्ता की साझेदारी के बारे में निम्नलिखित दो बयानों पर गौर करें और नीचे दिए गए कोड के आधार पर जवाब दें
(अ) सत्ता की साझेदारी लोकतन्त्र के लिए लाभकर है।
(ब) इससे सामाजिक समूहों में टकराव का अंदेशा घटता है। इन बयानों में कौन सही है और कौन गलत?
(क) अ सही है लेकिन ब गलत है।
(ख) अ और ब दोनों सही हैं।
(ग) अ और ब दोनों गलत हैं।
(घ) अ गलत है लेकिन ब सही है।
उत्तर:
(ख) अ और ब दोनों सही हैं।

गतिविधि एवं क्रियाकलाप आधारित प्रश्न

उन्नी-मुन्नी के सवाल (पृष्ठ संख्या 2)

प्रश्न 1.
मेरे दिमाग में सीधा-सा समीकरण यह है कि सत्ता बँटवारा = सत्ता के टुकड़े करना = देश को कमज़ोर करना। हम इस बात से शुरुआत क्यों कर रहे हैं ?
उत्तर:
ऐसा कुछ भी नहीं है कि सत्ता के बँटवारे या सत्ता के टुकड़े करने से देश कमज़ोर होगा। वास्तविकता यह है कि सत्ता के टुकड़े करने अर्थात् सत्ता की साझेदारी से देश मज़बूत होता है। यूरोप का बेल्जियम नामक देश इसका स्पष्ट उदाहरण है।

मानचित्र (पृष्ठ संख्या 2, 3)

प्रश्न 2.
बेल्जियम और श्रीलंका के मानचित्रों को देखें। इनके किस इलाके में विभिन्न समुदायों की सघन आबादी नज़र आ रही है?
उत्तर:
1. बेल्जियम में फ्रेंच और डच भाषी लोगों के समूह हैं। फ्रेंच भाषी लोग देश के उत्तर में स्थित वेलोनिया में रहते हैं तथा डच भाषी लोग फ्लेमिश इलाके में रहते हैं, जो दक्षिण प्रदेश है। जर्मन बोलने वाले लोग र्वी बेल्जियम में रहते हैं।

2. श्रीलंका में सिंहलियों का समूह प्रमुख है। सिंहली कुछ भागों को छोड़कर सम्पूर्ण श्रीलंका निवास करते हैं। श्रीलंका के तमिल भाषी लोग उत्तरी एवं पूर्वी समुद्रतटीय प्रदेशों में रहते हैं। भारतीय मूल के तमिल भाषी लोग उत्तरी, दक्षिणी तथा केन्द्रीय प्रदेश में निवास करते हैं। मुस्लिम समुदाय भी अल्प मात्रा में श्रीलंका में निवास करता है।

उन्नी-मुन्नी के सवाल (पृष्ठ सं. 4)

प्रश्न 3.
बहुसंख्यक समुदाय के शासन में क्या हर्ज है ? अगर श्रीलंका में सिंहलियों का राज नहीं होगा तो किसका राज होगा?
उत्तर:
जो राजनीतिक दल सबसे अधिक सीटें प्राप्त करता है, वही शासन करता है। चाहे वह अल्पसंख्यक हो या बहुसंख्यक। यदि शासन बहुसंख्यक, समुदाय के प्रतिनिधियों द्वारा चलाया जाता है तो उसे सभी समुदायों के विकास के लिए कार्य करना होगा। यदि सिंहली सर्वाधिक सीटें प्राप्त नहीं करते तो इस स्थिति में जिस दल को सर्वाधिक सीटें प्राप्त होंगी वह शासन करेगा।

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प्रश्न 4.
एनिते बेल्जियम के उत्तरी इलाके के एक डच माध्यम के स्कूल में पढ़ती है। फ्रेंच बोलने वाले उसके अनेक स्कूली साथी चाहते हैं कि पढ़ाई फ्रेंच में ही हो। सेल्वी श्रीलंका की राजधानी कोलंबो के एक स्कूल में पढ़ती है। वह और उसके स्कूल के बहुत-से दोस्त तमिल-भाषी हैं और इनके माता-पिता पढ़ाई का माध्यम तमिल ही रखना चाहते हैं।
कौन-सी सरकार एनिते और सेल्वी के माता-पिता की इच्छा पूरी कर सकती है ? किसे सफलता मिलने की सम्भावना अधिक है और क्यों ?
उत्तर:
बेल्जियम की सरकार एनिते के माता-पिता की इच्छा पूरी कर सकती है। एनिते के माता-पिता को सफलता मिलने की अधिक सम्भावना है क्योंकि बेल्जियम में सामुदायिक सरकार का चुनाव एक ही भाषायी समुदाय द्वारा किया जाता है। इस सरकार को सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं भाषायी समस्याओं के समाधान की शक्ति प्राप्त है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या 7)

प्रश्न 5.
क्या आप बेचारे विक्रम को बेताल के सवाल का जवाब देने में मदद कर सकते हैं ?
उत्तर:
हाँ, मैं विक्रम को बेताल के सवाल का जवाब देने में मदद कर सकता हूँ। विक्रम के लिए बेताल का सवाल

प्रश्न 6.
अगर आपको लेबनान का कानून फिर से लिखने का अधिकार होता तो आप क्या करते ?
उत्तर:
अगर मुझे लेबनान का कानून फिर से लिखने का अधिकार होता तो मैं सभी लोगों के लिए समान कानून बनाता, जिसमें किसी भी समुदाय का व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है।

प्रश्न 7.
क्या आप पुरानी व्यवस्था ही चलने देते या आप कुछ नया करते ?
उत्तर:
नहीं, मैं पुरानी व्यवस्था को हटाकर सभी समुदायों की भागीदारी से सभी पदों पर अच्छे लोगों के चयन की व्यवस्था करता, चाहे वे किसी भी जाति या समुदाय के हों।

कार्टून (पृष्ठ संख्या 8)

प्रश्न 8.
कार्टून के अनुसार लोकतन्त्र और सत्ता के केन्द्रीकरण में क्या सम्बन्ध है? यहाँ जिस चीज की तरफ ध्यान खींचा गया है उसकी पुष्टि में क्या आप कुछ और कार्टून जुटा सकते हैं ?
उत्तर:
कार्टून में दर्शाया गया है लोकतन्त्र को अपने हाथों में रखने के लिए ब्लादिमीर ने ऐसे कानून बनाये जिससे कि वह लोकतन्त्र को अपने इशारों पर नचा सके। लोकतन्त्र मात्र दिखावे के लिए है, इसी बात को इस कार्टून में दिखाया गया है। (कार्टून छात्र स्वयं बनाएँ)

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उन्नी-मुन्नी के सवाल (पृष्ठ संख्या 9)

प्रश्न 9.
मेरे स्कूल में हर महीने क्लास मॉनीटर बदल जाता है। क्या आप इसे ही सत्ता की भागीदारी बता रहे हैं ?
उत्तर:
हर महीने क्लास मॉनीटर का बदला जाना सत्ता की भागीदारी नहीं है। सत्ता में भागीदारी करने वाली पार्टियाँ अपनी शक्तियों का प्रयोग करके एक-दूसरे के कार्यों पर नियन्त्रण रखती व प्रभावित करती हैं। क्या समझा? क्या जाना?

(पृष्ठ संख्या 10)

प्रश्न 10.
सत्ता के बँटवारे के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं। ये सत्ता की साझेदारी की चार श्रेणियों में से किसमें आते हैं? यहाँ सत्ता का साझा कौन किसके साथ कर रहा है ?
मुम्बई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया कि वह तत्काल कार्रवाई करे और मुम्बई के सात अनाथालयों के 2000 बच्चों के रख-रखाव में सुधार करे।
उत्तर:

  1. यह सरकार के विभिन्न अंगों के बीच शक्ति के विभाजन का उदाहरण है।
  2. सरकार न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच में साझेदारी कर रही है।

1. कनाडा के ओंटेरियो प्रान्त की सरकार ने वहाँ के मूलवासी समुदाय के साथ जमीन के दावों का निपटारा करने पर सहमति दे दी। स्थानीय मामलों के लिए जवाबदेह मन्त्री ने घोषणा की कि सरकार मूलवासी समुदाय के साथ पारस्परिक सम्मान और सहयोग की भावना से काम करेगी।
उत्तर:

  1. यह विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की भागीदारी का उदाहरण है।
  2. यहाँ आदिवासियों तथा अन्य सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी हो रही है।

2. रूस की दो प्रभावशाली राजनीतिक पार्टियों-द यूनियन ऑन राइट फोर्सेज और लिबरल याब्लोको मूवमेन्ट ने एक मजबूत दक्षिणपंथी गठबन्धन बनाने के लिए अपने संगठनों के विलय का फैसला किया। इनका प्रस्ताव है कि अगले संसदीय चुनाव में हम उम्मीदवारों की साझा सूची बनाएँगे।
उत्तर:

  1. जिस तरह से राजनीतिक दल, दबाव समूह तथा आन्दोलन सत्ता को नियन्त्रित या प्रभावित करते हैं, सत्ता का यह विभाजन उसी का उदाहरण है।
  2. यहाँ द यूनियन ऑफ राइट फोर्सेज तथा लिबरल याब्लोको मूवमेन्ट के बीच सत्ता की साझेदारी हो रही है।

3. नाइजीरिया के विभिन्न प्रान्तों के वित्तमन्त्रियों ने एकजुट होकर माँग की है कि संघीय सरकार अपनी आमदनी के स्रोतों को घोषित करे। वे यह भी जानना चाहते थे कि विभिन्न प्रान्तों के बीच राजस्व का बँटवारा किस आधार पर होता है ?
उत्तर:

  1. यह विभिन्न स्तरों पर सत्ता में भागीदारी का उदाहरण है।
  2. यहाँ संघीय सरकार तथा राज्य सरकारों के बीच आपस में सत्ता की भागीदारी हो रही है।

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JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

JAC Board Class 10th Social Science Solutions Geography Chapter 7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

JAC Class 10th Geography राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ Textbook Questions and Answers

बहुवैकल्पिक

प्रश्न 1.
(i) निम्नलिखित में कौन-से दो दूरस्थ स्थित स्थान पूर्वी-पश्चिमी गलियारे से जुड़े हैं ?
(क) मुम्बई तथा नागपुर
(ख) मुम्बई और कोलकाता
(ग) सिलचर तथा पोरबन्दर
(घ) नागपुर और सिलिगुड़ी
उत्तर:
(ग) सिलचर तथा पोरबन्दर

(ii) निम्नलिखित में से परिवहन का कौन-सा साधन वहनांतरण हानियों तथा देरी को घटाता है ?
(क) रेल परिवहन
(ख) पाइपलाइन
(ग) सड़क परिवहन
(घ) जल परिवहन
उत्तर:
(ख) पाइपलाइन

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा राज्य हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर पाइपलाइन से नहीं जुड़ा है?
(क) मध्य प्रदेश
(ख) गुजरात
(ग) महाराष्ट्र
(घ) उत्तर
उत्तर:
(ग) महाराष्ट्र

(iv) इनमें से कौन-सा पत्तन पूर्वी तट पर स्थित है जो अन्तःस्थलीय तथा अधिकतम गहराई का पत्तन है तथा पूर्ण सुरक्षित है?
(क) चेन्नई
(ख) तूतीकोरिन
(ग) पारादीप
(घ) विशाखापट्नम
उत्तर:
(घ) विशाखापट्नम

(v) निम्नलिखित में से कौन-सा परिवहन साधन भारत में प्रमुख साधन है ?
(क) पाइपलाइन
(ख) सड़क परिवहन
(ग) रेल परिवहन
(घ) वायु परिवहन
उत्तर:
(ख) सड़क परिवहन

(vi) निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द दो या तक देशों के व्यापार को दर्शाता है ?
(क) आन्तरिक व्यापार
(ख) बाहरी व्यापार
(ग) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार
(घ) स्थानीय व्यापार
उत्तर:
(ग) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार

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2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
(i) सड़क परिवहन के तीन गुण बताएँ।
उत्तर:
सड़क परिवहन के तीन गुण निम्नलिखित हैं

  1. सड़कों की निर्माण लागत बहुत कम है।
  2. अपेक्षाकृत ऊबड़-खाबड़ व विच्छिन्न भू-भागों पर सड़कें बनायी जा सकती हैं।
  3. सड़क परिवहन अन्य परिवहन साधनों के उपयोग में एक कड़ी के रूप में भी कार्य करता है।

(ii) रेल परिवहन कहाँ पर अत्यधिक सुविधाजनक परिवहन का साधन है तथा क्यों ?
उत्तर:
रेल परिवहन मैदानी भागों में अत्यधिक सुविधाजनक परिवहन साधन है, क्योंकि मैदानों की समतल भूमि पर रेलमार्ग बनाना आसान होता है तथा लागत भी कम आती है। इसके अतिरिक्त मैदानी भागों में जनसंख्या की सघनता के कारण यात्रियों की संख्या अधिक होने से आय भी अधिक होती है।

(iii) सीमांत सड़कों का महत्व बताएँ।
उत्तर:
देश के सीमांत क्षेत्रों में सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित सड़कें सामरिक महत्व की सड़कें हैं। इन सड़कों के विकास से दुर्गम क्षेत्रों में अभिगम्यता बढ़ी है तथा उत्तरी-पूर्वी क्षेत्रों के आर्थिक विकास में वृद्धि हुई है। इन सड़कों ने सेनाओं की आवाजाही को सुगम बना दिया है।

(iv) व्यापार से आप क्या समझते हैं ? स्थानीय व अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में अन्तर स्पष्ट करें।
अथवा
स्थानीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में क्या अन्तर है?
उत्तर:
व्यापार-राज्यों व देशों में व्यक्तियों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान व्यापार कहलाता है। जब व्यापार शहरों, कस्बों व गाँवों में होता है तो वह स्थानीय व्यापार कहलाता है, किन्तु जब एक देश का दूसरे देश से वस्तुओं या मुद्रा के माध्यम से आदान-प्रदान होता है तो उसे अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कहते हैं।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगान 120 शब्दों में दीजिए
(i) परिवहन तथा संचार के साधन किसी देश की जीवन रेखा तथा अर्थव्यवस्था क्यों कहे जाते हैं ?
अथवा
“परिवहन तथा संचार” के विभिन्न साधनों को किसी राष्ट्र की जीवन रेखाएँ क्यों कहा जाता है ?
अथवा
हमारे जीवन को समृद्ध तथा आरामदायक बनाने में परिवहन एवं संचार के साधनों की भूमिका की उदाहरण सहित परख कीजिए।
उत्तर:
परिवहन तथा संचार के साधन किसी देश की जीवनरेखा तथा अर्थव्यवस्था निम्नलिखित कारणों से कहे जाते

1. प्रत्येक व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में विभिन्न सामग्रियों एवं सेवाओं का प्रयोग करता है। इनमें से कुछ तो उसके आस-पास उपलब्ध होती हैं जबकि कुछ अन्य वस्तुओं की जरूरतें दूसरे स्थान से लाकर पूरी की जाती हैं।

2. वस्तुएँ एवं सेवाएँ माँग स्थल से आपूर्ति स्थल पर अपने आप नहीं पहुँची. उनको आपूर्ति स्थलों से माँग स्थानों तक ले जाने के लिए परिवहन की आवश्यकता होती है।

3. एक देश के विकास की गति वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन के साथ-साथ उनके एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की सुविधा पर निर्भर है। इसलिए सक्षम परिवहन के साधन तीव्र विकास के लिए अत्यन्त आवश्यक हैं।

4. सक्षम एवं तीव्र गति वाले परिवहन से आज सम्पूर्ण विश्व एक बड़े गाँव में परिवर्तित हो गया है।

5. परिवहन का यह विकास संचार साधनों के विकास की सहायता से ही संभव हो सका है। इसलिए परिवहन, संचार और व्यापार एक-दूसरे के पूरक हैं।

6. आज भारत अपने विशाल आकार, विविधताओं, भाषायी एव सामाजिक व सांस्कृतिक बहुलताओं के बावजूद विश्व के समस्त क्षेत्रों से परिवहन और संचार के साधनों के माध्यम से जुड़ा हुआ है।

7. रेल, वायु एवं जल परिवहन, समाचारपत्र, रेडियो, दूरदर्शन, सिनेमा व इंटरनेट आदि भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में अनेक प्रकार से सहायक हैं।

8. परिवहन और संचार ने हमारे जीवन को समृद्ध किया है तथा आरामदायक जीवन के लिए सुविधाओं व साधनों में वृद्धि की है।

9. आधुनिक संचार एवं परिवहन के साधन हमारे देश व इसकी आधुनिक अर्थव्यवस्था को संचालित करते हैं इसलिए साधन व परिवहन का जाल व संचार के साधन आज सम्पूर्ण विश्व. राष्ट्र व स्थानीय व्यापार हेतु पूर्व-अपेक्षित हैं। अत: परिवहन व संचार के साधनों को देश की जीवन रेखा तथा अर्थव्यवस्था कहा जाता है।

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(ii) पिछले पन्द्रह वर्षों में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रवृत्ति पर एक लेख लिखें।
उत्तर:
भारत के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में पिछले पन्द्रह वर्षों में भारी बदलाव आया है। परिवर्तन की इस प्रवृत्ति को निम्नलिखित रूप में देखा जा सकता है:

  1. पहले भारत वस्तुओं का ही आदान-प्रदान करता था परन्तु अब सूचनाओं, ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान में वृद्धि हुई है।
  2. आज भारत अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक सॉफ्टवेयर महाशक्ति के रूप में उभरकर सामने आया है।
  3. वर्तमान में भारत सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से अत्यधिक मात्रा में विदेशी मुद्रा का अर्जन कर रहा है।
  4. पूर्व में भारत कच्चे माल का निर्यात अधिक करता था परन्तु अब औद्योगीकरण में प्रगति होने के कारण विदेशों को तैयार माल अधिक भेजा जाने लगा है।
  5. आज भारत कृषि उत्पादों का आवश्यकता से अधिक उत्पादन करने के कारण इसका निर्यात कर रहा है।
  6. पिछले कुछ वर्षों में भारत के निर्यात व्यापार में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। विगत वर्षों में जिन वस्तुओं का निर्यात लगातार बढ़ रहा है उनमें कृषि उत्पाद, खनिज व अयस्क. रत्न व जवाहरात, रसायन व सम्बन्धित उत्पाद, इंजीनियरिंग सामान व पेट्रोलियम उत्पाद आदि प्रमुख हैं।
  7. भारत में पेट्रोलियम की माँग निरन्तर बढ़ते जाने के कारण आयातित पेट्रोलियम एवं पेट्रोलियम उत्पादों की मात्रा भी लगातार बढ़ती जा रही है। अन्य आयातित वस्तुओं में- मोती व बहुमूल्य रत्न, अकार्बनिक रसायन, कोयला, कोक व कोयले का गोला, मशीनरी आदि सम्मिलित हैं।
  8. उर्वरकों, खाद्यान्न, वनस्पति तेल एवं छपाई मशीनों के आयात में भी वृद्धि हुई है।
  9. भारत सरकार ने निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए करों में अनेक रियायतों का प्रावधान किया है तथा निजी क्षेत्र को प्राथमिकता दी है।
  10. भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण व आर्थिक सुधारों को अपनाया गया है। इसके अन्तर्गत अल्पकालीन व दीर्घकालीन उपाय करके मूल्य स्थिरता, उद्योग, विदेशी व्यापार, राजकोषीय प्रबन्धन, बैंकिंग, बीमा वित्तीय क्षेत्र, कर प्रणाली आदि क्षेत्रों में आवश्यक परिवर्तन किये गये तथा वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति बढ़ाने का प्रयास किया गया।
  11. विश्व व्यापार संगठन से किए गए वायदे के अनुरूप भारत ने आयात शुल्क में कमी कर अनेक वस्तुओं पर मात्रात्मक प्रतिबन्ध हटा दिये हैं।

प्रश्न पहेली

1. उत्तरी-दक्षिणी गलियारे (Corridor) का उत्तरी छोर।
2. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 का नाम।
3. दक्षिण रेलवे खंड का मुख्यालय।
4. 1.676 मीटर चौड़ाई वाले रेल मार्ग का नाम।
5. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 7 का दक्षिणतम किनारा।
6. एक नदीय पत्तन।
7. उत्तरी भारत का व्यस्ततम रेलवे जंक्शन। क्षैतिज, ऊर्ध्वाधर तथा विकर्ण रूप से शुरू करते हुए देश के विभिन्न गंतव्यों को चिह्नित करें।
नोट: पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं।
JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ 1
उत्तर:

  1. SRINAGAR,
  2. SHER SHAH SURI MARG,
  3. CHENNAI,
  4. BROAD GAUGE,
  5. KANYAKUMARI,
  6. KOLKATA,
  7. MUGHAL SARAI.

क्रियाकलाप आधारित एवं अन्य सम्बन्धित प्रश्न

पृष्ठ संख्या 87

प्रश्न 1.
वर्तमान रेल प्रखंड व उनके मुख्यालय बताएँ । भारत के मानचित्र पर रेल प्रखंडों के मुख्यालयों को प्रदर्शित करें।
उत्तर:

वर्तमान रेल प्रखण्ड मुख्यालय
1. उत्तरी-पूर्वी सीमान्त रेल मण्डल माले गाँव – (गुवाहाटी)
2. उत्तरी-पूर्वी रेल मण्डल गोरखपुर
3. पूर्वी रेल मण्डल कोलकाता
4. दक्षिणी-पूर्वी रेल मण्डल कोलकाता
5. पूर्वी तटीय रेल मण्डल भुवनेश्वर
6. पूर्वी-मध्य रेल मण्डल हाजीपुर
7. उत्तर-मध्य रेल मण्डल बिलासपुर
8. दक्षिणी-पूर्वी मध्य रेल मण्डल इलाहाबाद
9. पश्चिम-मध्य रेल मण्डल जबलपुर
10. उत्तरी रेल मण्डल नई-दिल्ली
11. उत्तरी-पश्चिमी रेल मण्डल जयपुर
12. पश्चिमी रेल मण्डल मुम्बई (चर्च गेट)
13. मध्य रेल मण्डल सिकन्दराबाद
14. दक्षिणी-पश्चिमी रेल मण्डल मुम्बई (टर्मिनल)
15. दक्षिणी रेल मण्डल हुबली
16. मेट्रो रेल मण्डल चेन्नई
17. दक्षिण तटीय रेल मण्डल पार्कस्ट्रीट कोलकाता

नोट: उपरोक्त तालिका में दिए गए रेल मुख्यालयों को पाठ्य पुस्तक पृष्ठ सं. 89 पर दिए मानचित्र के अनुसार भारत के मानचित्र पर चिह्नित करें।

JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

पृष्ठ संख्या 91

प्रश्न 1.
उत्तर पूर्वी राज्यों में वायु परिवहन अधिक महत्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर:
उत्तरी पूर्वी राज्यों में वायु परिवहन महत्वपूर्ण होने के निम्नलिखित कारण हैं

  1. बड़ी-बड़ी नदियों की उपस्थिति,
  2. विच्छिन्न धरातल,
  3. सघन वन,
  4. बाढ़ का लगातार आना,
  5. आस-पास अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं का होना।

पृष्ठ संख्या 93

प्रश्न 1.
इंडिया एयर इंडिया से जुड़े देशों के नाम बताएँ। उत्तर-इंडिया एयर इंडिया से जुड़े देशों के नाम निम्नलिखित हैं:
नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, पाकिस्तान, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया, थाइलैंड, कुवैत, सऊदी अरब, कतर आदि।

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JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 6 विनिर्माण उद्योग

JAC Board Class 10th Social Science Solutions Geography Chapter 6 विनिर्माण उद्योग

JAC Class 10th Geography  विनिर्माण उद्योग Textbook Questions and Answers

बहुवैकल्पिक

प्रश्न 1.
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा उद्योग चूना पत्थर को कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त करता है?
(क) एल्यूमिनियम
(ख) प्लास्टिक
(ग) सीमेंट
(घ) मोटरगांड़ी
उत्तर:
(ग) सीमेंट

(ii) निम्नलिखित से कौन-सी एजेंसी सार्वजनिक क्षेत्र में स्टील को बाजार में उपलब्ध कराती है?
(क) हेल (HAIL)
(ख) सेल (SAIL)
(ग) टाटा स्टील
(घ) एम एन सी सी (MNCC)
उत्तर:
(ख) सेल (SAIL)

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा उद्योग बॉक्साइट का कच्चे माल के रूप में प्रयोग करता है?
(क) एल्यूमिनियम प्रगलन
(ख) सीमेंट
(ग) कागज
(घ) स्टील
उत्तर:
(क) एल्यूमिनियम प्रगलन

(iv) निम्नलिखित में कौन-सा उद्योग दूरभाष, कम्प्यूटर आदि संयन्त्र निर्मित करता है?
(क) स्टील
(ख) एल्यूमिनियम
(ग) इलेक्ट्रॉनिक
(घ) सूचना प्रौद्योगिकी
उत्तर:
(ग) इलेक्ट्रॉनिक

JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 6 विनिर्माण उद्योग

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
(i) विनिर्माण क्या है?
उत्तर:
कच्चे माल को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित कर अधिक मात्रा में वस्तुओं के उत्पादन को विनिर्माण या वस्तु निर्माण कहा जाता है। उदाहरण के लिए; गन्ने से चीनी, कपास से सूती वस्त्र, लौह अयस्क से लौह इस्पात तथा बॉक्साइट से एल्यूमिनियम निर्माण इसी प्रक्रिया के उदाहरण हैं।

(ii) उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन भौतिक कारक बताएँ।
उत्तर:
उद्योगों की स्थापना स्वभावतः जटिल है। उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन प्रमुख भौतिक कारक निम्नलिखित हैं
1. कच्चे माल की उपलब्धता
2. अनुकूल जलवायु
3. शक्ति के साधन।

(iii) औद्योगिक अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन मानवीय कारक बताएँ।
उत्तर:
औद्योगिक अवस्थिति को भौतिक कारकों के साथ-साथ मानवीय कारक भी प्रभावित करते हैं। औद्योगिक अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन प्रमुख मानवीय कारक निम्नलिखित हैं

  1. मानवीय श्रम की उपलब्धता
  2. पूँजी की उपलब्धता
  3. बाजार।

(iv) आधारभूत उद्योग क्या है? उदाहरण देकर बताएँ।
उत्तर:
ऐसे उद्योग जिनके उत्पादन पर अन्य उद्योग निर्भर करते हैं, आधारभूत उद्योग कहलाते हैं। आधारभूत उद्योगों द्वारा उत्पादित माल अन्य उद्योगों के लिए कच्चे माल के रूप में उपयोग किया जाता है। उदाहरण-लोहा-इस्पात उद्योग्र. ताँबा प्रगलन, ऐल्यूमिनियम प्रगलन उद्योग आदि।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए:
(i) समन्वित इस्पात उद्योग, मिनी इस्पात उद्योगों से कैसे भिन्न है? इस उद्योग की क्या समस्याएँ हैं? किन सुधारों के अन्तर्गत इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ी है ?
उत्तर:
समन्वित इस्पात उद्योग में एक बड़ा संयंत्र होता है, जिसमें कच्चे माल को एक स्थान पर एकत्रित करने से लेकर, इस्पात बनाने, उसे ढालने एवं विभिन्न आकार देने तक की प्रत्येक क्रिया की जाती है। इनमें भारी इस्पात बनाया जाता है जबकि मिनी इस्पात उद्योग छोटे संयंत्र होते हैं जिनमें विद्युत भट्टी, रद्दी इस्पात एवं स्पंज आयरन का प्रयोग किया जाता है।

ये संयंत्र हल्के स्टील अथवा निर्धारित अनुपात में मृदु एवं मिश्रित इस्पात का उत्पादन करते हैं। लौह इस्पात उद्योग की समस्याएँ-1950 के दशक में भारत और चीन ने एक समान मात्रा में इस्पात उत्पादित किया था। आज चीन विश्व में इस्पात का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। यद्यपि भारत आज भी विश्व का एक महत्वपूर्ण इस्पात उत्पादक देश है तथापि हम अपनी पूर्ण क्षमता का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।

  • इसके लिए निम्नलिखित समस्याएँ उत्तरदायी हैं:
    1. लौह इस्पात उद्योग में निर्मित लौह इस्पात की लागत अन्य देशों की तुलना में अधिक आना,
    2. देश में कोकिंग कोयले की सीमित उपलब्धता,
    3. लौह इस्पात उद्योग में कार्यरत श्रमिकों की न्यून श्रमिक उत्पादकता,
    4. ऊर्जा की अनियमित आपूर्ति,
    5. देश में लौह इस्पात उद्योग की अविकसित अवसंरचना आदि।
  • लौह इस्पात उद्योग की उत्पादन क्षमता में वृद्धि लाने वाले सुधार:
    1. निजी क्षेत्र के उद्यमियों के प्रयत्न।
    2. उदारीकरण की प्रक्रिया अपनाना।
    3. इस्पात उद्योग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि करना।

(ii) उद्योग पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते हैं ?
अथवा
उद्योग-कितने प्रकार के प्रदूषणं के लिए उत्तरदायी हैं? विस्तारपूर्वक बताइए।
उत्तर:
उद्योग चार प्रकार से पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं
1. वायु प्रदूषण:
वायु प्रदूषण मुख्यतः गैसीय, ठोस एवं तरल पदार्थों द्वारा उत्पन्न होता है। रसायन व कागज उद्योग, ईंटों के भट्टे, तेलशोधन शालाएँ, प्रगलन उद्योग, जीवाश्म ईंधन दहन एवं छोटे-बड़े कारखाने से निकलने वाले धुएँ से पर्यावरण प्रदूषित होता है। जहरीली गैसों का रिसाव बहुत भयानक एवं दूरगामी प्रभाव डालता है। वायु प्रदूषण, मानव स्वास्थ्य के अतिरिक्त पशुओं, पेड़-पौधों, इमारतों एवं सम्पूर्ण पर्यावरण पर दुष्प्रभाव डालता है।

2. जल प्रदूषण:
विभिन्न उद्योगों द्वारा कार्बनिक एवं अकार्बनिक अपशिष्ट पदार्थों की नदी व तालाबों में छोड़ने से जल प्रदूषण फैलता है। जल प्रदूषण के प्रमुख कारक कागज, लुगदी, रसायन, वस्त्र रँगाई उद्योग, तेलशोधन शालाएँ, चमड़ा उद्योग, इलेक्ट्रोप्लेटिंग उद्योग हैं जो रंग, अपमार्जक, अम्ल, लवण एवं भारी धातुएँ; जैसे-सीसा, पारा, कीटनाशक, उर्वरक, प्लास्टिक, कार्बन, रबर एवं कृत्रिम रसायन आदि जल में बहा देते हैं। ये अशुद्धियाँ जल को प्रदूषित करने के साथ-साथ पर्यावरण को भी प्रदूषित कर देती हैं।

3. तापीय प्रदूषण:
कारखानों तथा तापघरों से निकला गर्म पानी नदियों एवं तालाबों के जल को गर्म कर देता है। इसे तापीय प्रदूषण कहते हैं। तापीय प्रदूषण का जलीय जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। जल में रहने वाली मछलियाँ व अन्य जीव मर जाते हैं!

4. ध्वनि प्रदूषण:
ध्वनि प्रदपण औद्योगिक एवं निर्माण-कार्य, कारखानों के उपकरणं, जेनरेटर. लकड़ी चीग्ने के कारखाने, गैस यांत्रिकः विकि आणि प्रारा होता है। ध्वनि प्रदूपण से मानसिक चिन्ता उन श्रम अक्षमता, रक्तचाप म न मा. वि लाती है।

(iii) उद्योगों द्वारा पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के लिए उठाए गए विभिन्न उपायों की चर्चा करें।
उत्तर:
उद्योगों द्वारा पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के लिए अंग्रलिखित उपाय किये जा सकते हैं

  1. जल की आवश्यकता पूर्ति हेतु वर्षाजल का संग्रहण करना।
  2. विभिन्न प्रक्रियाओं में जल का न्यूनतम उपयोग करना।
  3. जल का दो या अधिक उत्तरोत्तर अवस्थाओं में पुनर्चक्रण द्वारा पुनः उपयोग करना।
  4. नदियों एवं तालाबों में गर्म जल व अपशिष्ट पदार्थों को प्रवाहित करने से पहले उनका शोधन करना।औद्योगिक अपशिष्ट का शोधन तीन चरणों में किया जा सकता है
    • यांत्रिक साधनों द्वारा प्राथमिक शोधन के अन्तर्गत अपशिष्ट पदार्थों की छंटाई, उनके छोटे-छोटे टुकड़े करना, ढकना एवं तलछट जमाव आदि को सम्मिलित किया जाता है,
    • जैविक प्रक्रियाओं द्वारा द्वितीयक शोधन,
    • जैविक, रासायनिक एवं भौतिक प्रक्रियाओं द्वारा तृतीयक शोधन अर्थात् प्रदूषित जल को पुनः चक्रीय प्रक्रिया द्वारा प्रदूषण मुक्त किया जाता है।
  5. भूमिगत जल स्तर कम होने वाले क्षेत्रों में उद्योगों द्वारा अधिक जल निष्कासन पर कानूनी प्रतिबन्ध लगाया जाए।
  6. वायु में निलंबित प्रदूषण को कम करने के लिए कारखानों में ऊँची चिमनियाँ, चिमनियों में इलेक्ट्रॉस्टेटिक अवक्षेपण, स्क्रबर उपकरण एवं गैसीय प्रदूषक पदार्थों को जड़त्वीय रूप से पृथक् करने के लिए उपकरण लगाया जाना चाहिए।
  7. कारखानों में कोयले की अपेक्षा तेल व गैस के प्रयोग से धुएँ के निष्कासन में कमी लाई जा सकती है।
  8. मशीनों एवं उपकरणों का उपयोग किया जाना चाहिए एवं जेनरेटरों में साइलेंसर लगाया जा सकता है।
  9. ऐसी मशीनरी का प्रयोग किया जाए जो ऊर्जा सक्षम हों एवं कम ध्वनि प्रदूषण करती हों।
  10. ध्वनि अवशोषण करने वाले उपकरणों के उपयोग के साथ-साथ कानों पर शोर नियंत्रक उपकरण भी पहनने चाहिए।

क्रियाकलाप

प्रश्न 1.
उद्योगों के संदर्भ में प्रत्येक के लिए एक शब्द दें (संकेतिक अक्षर संख्या कोष्ठक में दी गई है तथा उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में है।

1. मशीनरी चलाने में प्रयुक्त (5) P …………
2. कारखानों में काम करने वाले व्यक्ति (6) W ………..
3. उत्पाद को जहाँ बेचा जाता है (6) M ………..
4. वह व्यक्ति जो सामान बेचता है (8) R ………….
5. वस्तु उत्पादन (7) P ………….
6. निर्माण या उत्पादन (11) M ………..
7. भूमि जल तथा वायु अवनयन (9) P ……….

उत्तर:

1. मशीनरी चलाने में प्रयुक्त (i) POWER,
2. कारखानों में काम करने वाले व्यक्ति (ii) WORKER,
3. उत्पाद को जहाँ बेचा जाता है (iii) MARKET,
4. वह व्यक्ति जो सामान बेचता है (iv) RETAILOR,
5. वस्तु उत्पादन (v) PRODUCT,
6. निर्माण या उत्पादन (vi) MANUFACTURE,
7. भूमि जल तथा वायु अवनयन (vii) POLLUTION.

प्रोजेक्ट कार्य

प्रश्न 1.
अपने क्षेत्र के एक कृषि आधारित तथा एक खनिज आधारित उद्योग को चुनें।
(i) ये कच्चे माल के रूप में क्या प्रयोग करते हैं?
(ii) विनिर्माण प्रक्रिया में अन्य निवेश क्या हैं जिनसे परिवहन लागत बढ़ती है?
(iii) क्या ये कारखाने पर्यावरण नियमों का पालन करते हैं ?
उत्तर:

  • कृषि आधारित उद्योग: चीनी उद्योग
    1. गन्ना।
    2. पूंजौ, श्रम, विद्युत, जल एवं परिवहन आदि।
    3. ही, कारखाना पर्यावरण नियमों का पालन करता है।
  • खनिज आधारित उद्योग: सीमेंट उद्योग
    1. चूना पत्थर, डोलोमाइट, मैंगनीज व कोयला।
    2. पूँजी, श्रम, विद्युत, जल एवं परिवहन आदि।
    3. हाँ, यह कारखाना पर्यावरण नियमों का पालन करता है।

JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 6 विनिर्माण उद्योग

प्रश्न 2.
निम्न वर्ग पहेली में क्षैतिज अथवा ऊर्ध्वाधर अक्षरों को जोड़ते हुए निम्न प्रश्नों के उत्तर दें
नोट: पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं।
JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 6 विनिर्माण उद्योग 1

(i) वस्त्र, चीनी, वनस्पति तेल तथा रोपण उद्योग में कृषि से कच्चा माल प्राप्त करते हैं, उन्हें कहते हैं
उत्तर:
AGRO BASED,

(ii) चीनी उद्योग में प्रयुक्त होने वाला कच्चा पदार्थः
उत्तर:
SUGARCANE,

(iii) इस रेशे को गोल्डन फाइबर भो कहते हैं।
उत्तर:
JUTE,

(iv) लौह अयस्क, कोकिंग कोयला तथा चूना पत्थर इस उद्योग के प्रमुख कच्चे माल हैं।
उत्तर:
IRONSTEEL,

(v) छत्तीसगढ़ में स्थित सार्वजनिक क्षेत्र का लोहा-इस्पात उद्योग।
उत्तर:
BHILAI,

(vi) उत्तर प्रदेश में इस स्थान पर डीजल रेलवे इंजन बनाए जाते हैं।
उत्तर:
VARANASI.

क्रियाकलाप आधारित एवं अन्य सम्बन्धित प्रश्न

पृष्ठ संख्या 67

दीवाली के अवसर पर हरीश अपने माता-पिता के साथ बाजार गया। उन्होंने उसके लिये कपड़े तथा जूते खरीदे। उसकी माता ने बर्तन, चीनी, चाय व मृदा के दीप खरीदे । हरीश ने देखा कि दुकानें अत्यधिक सामान से भरी थीं। चीनी को इतनी अधिक मात्रा में देखकर हैरान था। उसके पिता ने समझाया कि जूते, कपड़े, चीनी आदि बड़े उद्योगों में मशीनों द्वारा बनाये जाते हैं, छोटे उद्योगों में बर्तन बनाये जाते हैं तथा दीप जैसी चीजें व्यक्तिगत तौर पर कारीगरों द्वारा घरेलू उद्योगों में बनायी जाती हैं।

प्रश्न 1.
क्या आप इन उद्योगों के विषय में जानते हैं?
उत्तर:
हाँ, उद्योग उत्पादन की मात्रा के आधार पर तीन प्रकार के होते हैं

  1. वृहत उद्योग – कपड़ा, चीनी आदि।
  2. लघु उद्योग – जूते, बर्तन आदि।
  3. घरेलू व कुटीर उद्योग – मृदा के दीप आदि।

पृष्ठ संख्या 69

प्रश्न 1.
कच्चा माल और तैयार माल की मात्रा और भार के आधार पर निम्न को दो वर्गों में विभाजित करें तेल, सिलाई मशीन, बुनने की सलाई, पोत निर्माण, पीतल के बर्तन, विद्युत बल्व, फ्यूज तार, पेंट के बुश, घड़ियाँ, मोटरगाड़ी।
उत्तर:
कच्चा माल और तैयार माल की मात्रा और भार के आधार पर उद्योगों को दो भागों में विभाजित किया जाता है

  1. भारी उद्योग :- पोत निर्माण, मोटरगाड़ी
  2. हल्के उद्योग :- तेल, बुनने की सलाई, पीतल के बर्तन, फ्यूज तार, घड़ियाँ, सिलाई मशीन, विद्युत बल्ब, पेंट करने के ब्रुश।

पृष्ठ संख्या 70

प्रश्न 1.
महात्मा गाँधी ने सूत कातने तथा खादी बुनने पर क्यों बल दिया ?
उत्तर:
महात्मा गाँधी के निम्न कारणों से सूत कातने तथा खादी बुनने पर बल दिया:

  1. अधिकांश लोगों को रोजगार प्रदान करने हेतु,
  2. कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने हेतु,
  3. राष्ट्रीयता की भावना का विकास करने हेतु,
  4. विदेशी वस्त्रों पर निर्भरता कम करने के लिए,
  5. विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार करने के लिए।

JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 6 विनिर्माण उद्योग

प्रश्न 2.
हमारे देश में विद्युतचालित करघों तथा हथकरघों द्वारा निर्मित लूमेज की अपेक्षा कारखानों द्वारा निर्मित लूमेज (Loomage) को कम रखना क्यों महत्त्वपूर्ण है ?
उत्तर:
विद्युतचालित करघों तथा हथकरघों द्वारा निर्मित लूमेज की अपेक्षा कारखानों द्वारा निर्मित लूमेज को कम रखना इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इनमें लोगों को अधिक संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं।

प्रश्न 3.
हमारे लिए अधिक मात्रा में धागे के निर्यात की अपेक्षा अपने बुनाई क्षेत्र को सुधारना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर:
हमारे लिए अधिक मात्रा में धागे के निर्यात की अपेक्षा अपने बुनाई क्षेत्र को सुधारना इसलिए आवश्यक है क्योंकि.

  1. बुनाई क्षेत्र में सुधार होने से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
  2. बुनाई क्षेत्र में सुधार होने से वस्त्र उत्पादन बढ़ेगा।
  3. उत्तम किस्म के सूती उत्पाद व वस्त्र तैयार किये जा सकते हैं।
  4. अतिरिक्त कपड़े अथवा वस्त्रों का निर्यात किया जायेगा जिससे अधिकाधिक विदेशी मुद्रा कमाई जा सकती है।
  5. रेशे से धागा, धागे से कपड़ा और कपड़े से परिधान बनाने के प्रत्येक चरण पर मूल्य में वृद्धि होगी।

पृष्ठ संख्या 72

प्रश्न 1.
इस्पात से बनी उन सभी पदार्थों की सूची बनाएँ जिन्हें आप सोच सकते हैं।
उत्तर:
चारपाई, मेज़, कुर्सी, दरवाजे, बर्तन, बक्सा, विद्युत उपकरण, चिकित्सा उपकरण, मोटर गाड़ियाँ, साइकिल, रेल का पुत, खिड़कियाँ, सरिया आदि ।

पृष्ठ संख्या 73

प्रश्न 1.
भारत में प्रतिव्यक्ति इस्पात की खपत इतनी कम क्यों है?
उत्तर:
भारत में प्रतिव्यक्ति इस्पात की खपत कम होने के निम्न कारण हैं

  1. भारत में प्रतिव्यक्ति आय कम है।
  2. निम्न जीवन स्तर।
  3. इस्पात के विकल्पों का कम कीमत पर उपलब्ध होना, अधिक समय तक चलना तथा वजन में हल्का होना।

पृष्ठ संख्या 76

प्रश्न 2.
क्या आपने कलिंग नगर विवाद के विषय में पढ़ा है ?
उत्तर:
हाँ, कलिंग नगर ओडिशा में स्थित है, जहाँ कोरिया की सहायता से पेस्को द्वारा लौह-इस्पात कारखाना स्थापित किया जाना था। ओडिशा सरकार ने इसकी मंजूरी भी दे दी थी परन्तु जनजातियों के लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया और अंत में यह परियोजना क्रियान्वित नहीं हो पायी।

पृष्ठ संख्या 77

प्रश्न 1.
एक कारखाना प्लास्टिक हैंडल वाले एल्यूमिनियम के बर्तन (Sauce Pan) निर्मित करता है। यह प्रगलकों से एल्यूमिनियम प्राप्त करता है तथा किसी अन्य फैक्ट्री से प्लास्टिक का सामान लेता है। सभी निर्मित बर्तन एक मालगोदाम में भेज दिये जाते हैं
(क) कौन: सा कच्चा माल परिवहन लागत में सबसे अधिक लागत वाला है तथा क्यों ?
उत्तर:
एल्यूमिनियम परिवहन लागत में सबसे अधिक लागत वाला कच्चा माल है, क्योंकि यह वजन में प्लास्टिक की तुलना में अधिक भारी होता है।

(ख) परिवहन के लिए सबसे सस्ता कच्चा माल कौन सा है और क्यों?
उत्तर:
परिवहन के लिए सबसे सस्ता कच्चा माल प्लास्टिक है, क्योंकि यह वजन में हल्का होता है।

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प्रश्न 2.
क्या आप समझते हैं कि पैकिंग के बाद तैयार माल की परिवहन लागत कम होगी अथवा एल्यूमिनियम और प्लास्टिक की परिवहन लागत अपेक्षाकृत अधिक होगी? क्यों?
उत्तर:
पैकिंग के पश्चात् तैयार माल की परिवहन लागत एल्यूमिनियम और प्लास्टिक की परिवहन लागत से अपेक्षाकृत कम होगी क्योंकि:

  1. तैयार माल का वजन कम होगा।
  2. तैयार माल व्यवस्थित होने के कारण कम जगह घेरता है। इसलिए परिवहन लागत कम आती है।
  3. तैयार माल का वितरण किसी विशेष उद्योग अथवा औद्योगिक क्षेत्र में न होकर सम्पूर्ण देश अथवा विदेश में होना होता है, अतः परिवहन लागत कम आती है।
  4. तैयार माल को रास्ते में पड़ने वाले विभिन्न स्थानों पर पहुँचाया या उतारा जा सकता है, जो परिवहन लागत को कम करता है।

प्रश्न 3.
सीमेंट विनिर्माण इकाइयों की स्थापना कहाँ पर आर्थिक रूप से व्यावहारिक होगी ?
उत्तर:
सीमेंट विनिर्माण इकाइयों की स्थापना कच्चे माल की उपलब्धता के स्रोतों के निकट होने पर आर्थिक रूप से व्यावहारिक होगी, क्योंकि इस उद्योग को भारी कच्चा माल (चूना पत्थर) की आवश्यकता होती है। अन्य स्थान पर सीमेंट विनिर्माण इकाई स्थापित करने पर परिवहन लागत बढ़ जायेगी।

प्रश्न 4.
भारत में यह (सीमेंट) उद्योग अन्य किन राज्यों में स्थित है? उनके नाम बताइए।
उत्तर:
भारत में सीमेंट उद्योग अन्य निम्न राज्यों में स्थित है

  1. मध्य प्रदेश: कटनी, सतना, दमोह, ग्वालियर, नीमच आदि।
  2. आन्ध्र प्रदेश: पनायम, माछरेला, मछलीपट्टनम, विजयवाड़ा।
  3. राजस्थान: चित्तौड़गढ़, निम्बाहेड़ा, सवाईमाधोपुर, लाखेरी, आबूरोड, गोटन आदि।
  4. तमिलनाडु: तिरुनेलवेली, राजमलयालम, दुर्ग, डालमिया नगर।
  5. कर्नाटक-बागल कोट, बीजापुर, गुलबर्गा, तुमकुर, उत्तरी कनारा।
  6. झारखण्ड: सिन्दरी, जापला, झीकायानी, कल्याणपुर, डालमिया नगर।
  7. तेलंगाना: नलगोण्डा।

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JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

JAC Board Class 10th Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

JAC Class 10th Geography खनिज और ऊर्जा संसाधन Textbook Questions and Answers

बहुवैकल्पिक

प्रश्न 1.
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज अपक्षयित पदार्थ के अवशिष्ट भार को त्यागता हुआ चट्टानों के अपघटन से बनता है ?
(क)कोयला
(ख) बॉक्साइट
(ग) सोना
(घ) जस्ता
उत्तर:
(ख) बॉक्साइट

(ii) झारखण्ड में स्थित कोडरमा निम्नलिखित में से किस खनिज का अग्रणी उत्पादक है?
(क) बॉक्साइट
(ख) अभ्रक
(ग) लौह अयस्क
(घ) ताँबा
उत्तर:
(ख) अभ्रक

(iii) निम्नलिखित चट्टानों में से किस चट्टान के स्तरों में खनिजों का निक्षेपण और संचर्यन होता है ?
(क) तलछटी चट्टानें
(ख) आग्नेय चट्टानें
(ग) कायान्तरित चट्टानें
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) तलछटी चट्टानें

(iv) मोनाजाइट रेत में निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज पाया जाता है?
(क) खनिज तेल
(ख) यूरेनियम
(ग) थोरियम
(घ) कोयला
उत्तर:
(ग) थोरियम

JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
(i) निम्नलिखित में अन्तर 30 शब्दों से अधिक न दें:
(क) लौह और अलौह खनिज,
(ख) परम्परागत तथा गैर परम्परागत ऊर्जा साधन।
उत्तर:

लौह खनिज, अलौह खनिज,
1. ऐसे खनिज अयस्क जिनमें लोहे का अंश होता 1. ऐसे खनिज अयस्क जिनमें लोहे का अंश नहीं होता है, है, लौह खनिज कहलाते हैं। अलौह खनिज कहलाते हैं।
2. लौह खनिजों में लौह अयस्क, निकिल, टंगस्टन, 2. अलौह खनिजों में ताँबा अयस्क, जस्ता, सोना, चाँदी, क्रोमियम, कोबाल्ट व मैंगनीज़ अयस्क सम्मिलित सीसा, जस्ता आदि सम्मिलित हैं।

(ख) परम्परागत तथा गैर-परम्परागत ऊर्जा साधन

परम्परागत ऊर्जा साधन गैर-परम्परागत ऊर्जा साधन
1. ऊर्जा प्राप्ति के वे साधन जिनका उपयोग मनुष्य साधन कहलाते हैं। 1. ऊर्जा प्राप्ति के वे साधन जिनका उपयोग मनुष्य ने कुछ प्राचीनकाल से करता आ रहा है, परम्परागत ऊर्जा वर्षों पूर्व ही प्रारम्भ किया है, गैर-परम्परागत ऊर्जा साधन कहलाते हैं।
2. कोयला, पेट्रोलियम, जलशक्ति आदि परम्परागत 2. सौर ऊर्जा, आणविक ऊर्जा व पवन ऊर्जा आदि गैर ऊर्जा के साधनों की श्रेणी में आते हैं। परम्परागत ऊर्जा साधनों की श्रेणी में आते हैं।
3. इनके अधिकाधिक उपयोग से पर्यावरण प्रदूषण में 3. ये साधन पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करते हैं। वृद्धि होती है।

(ii) खनिज क्या है?
उत्तर:
खनिज प्राकृतिक रूप से उत्पन्न ऐसा तत्व है जिसकी अपनी भौतिक विशेषताएँ होती हैं तथा जिसकी बनावट को रासायनिक गुणों द्वारा व्यक्त किया जा सकता है। खनिज प्रकृति में अनेक रूपों में पाये जाते हैं। ये कठोर हीरे से नरम चूने तक के अनेक रूपों में मिलते हैं।

(iii) आग्नेय तथा कायान्तरित चट्टानों में खनिजों का निर्माण कैसे होता है ?
उत्तर:
आग्नेय तथा कायान्तरित चट्टानों में खनिजों का निर्माण दबाव एवं ताप वृद्धि का परिणाम है। ताप, द्रव एवं गैसीय प्रभाव से चट्टानों में विद्यमान खनिज तत्व जब तरल या गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं तो यह दरारों के सहारे भू-पृष्ठ की ओर आ जाते हैं तथा ऊपर आकर ठण्डे होकर जम जाते हैं।

(iv) हमें खनिजों के संरक्षण की क्यों आवश्यकता है?
अथवा
खनिज संसाधनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है ? समझाइए।
उत्तर:
हमें निम्न कारणों से खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता है:

  1. खनिजों का निर्माण लाखों वर्षों में होता है।
  2. खनिज निर्माण की भू-गर्भिक प्रक्रिया इतनी धीमी है कि उनके वर्तमान उपयोग दर की तुलना में इनके पुनर्भरण की दर अपरिमित रूप से थोड़ी है।
  3. खनिज संसाधन सीमित एवं अनवीकरण योग्य हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए.
(i) भारत में कोयले के वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में कोयला बहुतायत में पाया जाने वाला जीवाश्म ईंधन है। लेकिन देश में कोयले का वितरण बहुत ही असमान है। भारत में कोयला दो प्रमुख भू-गर्भिक चट्टानी क्रम में पाया जाता है:

  1. गोंडवाना क्रम की चट्टानें
  2. टरशियरी क्रम की चट्टानें।

1. गोंडवाना क्रम की चट्टानों से सम्पूर्ण भारत का अधिकांश कोयला प्राप्त होता है। गोंडवाना क्षेत्र मुख्यरूप से प्रायद्वीपीय पठारी भागों में स्थित है। इस क्षेत्र में पश्चिमी बंगाल, झारखण्ड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश व महाराष्ट्र राज्य आते हैं। भारत में गोंडवाना काल का कोयला चार नदी घाटियों-दामोदर घाटी, सोन घाटी, महानदी घाटी एवं गोदावरी-वर्धा घाटी में मिलता है। गोंडवाना क्रम का कोयला धातुशोधन कोयला है। गोंडवाना क्रम की आयु 200 लाख वर्ष से अधिक है।

2. टरशियरी क्रम की चट्टानों से भी कोयला प्राप्त होता है। टरशियरी कोयला क्षेत्र में मेघालय, असम, अरुणाचल, नागालैण्ड, तमिलनाडु एवं राजस्थान राज्य सम्मिलित हैं। लिग्नाइट के भण्डार तमिलनाडु के नैवेली में मिलते हैं। इसके अतिरिक्त गुजरात में भी टरशियरी क्रम का कोयला मिलता है। इस क्रम की चट्टानों में लिग्नाइट कोयला अधिकांशतः मिलता है जो एक घटिया किस्म का कोयला होता है। इन चट्टानों में मिलने वाला कोयला नवीन युग का है। टरशियरी कोयले के निक्षेप लगभग 55 लाख वर्ष पुराने हैं।

(ii) भारत में सौर-ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है। क्यों?
अथवा
निकट भविष्य में सौर ऊर्जा किस प्रकार हमारा ऊर्जा संकट हल करेगी ?
अथवा
भारत में ऊर्जा की समस्या को सौर ऊर्जा कैसे कुछ हद तक हल कर सकती है? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
सूर्य, ऊर्जा का अक्षय स्रोत है। इससे ऊर्जा की मात्रा विपुल रूप में अनवरत प्राप्त की जा सकती है। उष्ण कटिबन्धीय देश होने के कारण भारत में सौर-ऊर्जा की उत्पादन क्षमता तथा उपयोग की अधिक सम्भावना है। भारत में सौर-ऊर्जा के विकास के लिए भौगोलिक परिस्थितियाँ बहुत अनुकूल हैं। वर्तमान समय में भारत में सौर-ऊर्जा की दो विधियाँ प्रचलित हैं

1. सौर तापीय विधि,
सौर ऊर्जा को फोटोवोल्टाइक प्रौद्योगिकी द्वारा सीधे विद्युत में परिवर्तित किया जा सकता है। भारत में परम्परागत ऊर्जा संसाधनों की बढ़ती कीमतों तथा इनकी संभाव्य कमी ने भविष्य की ऊर्जा आपूर्ति के लिए अनिश्चितताएँ पैदा कर दी हैं। भारत में वर्षपर्यन्त सौर-ऊर्जा प्राप्त होती है। हमारे देश में सौर-ऊर्जा के उत्पादन की क्षमता में वृद्धि हुई है।

2. फोटोवोल्टिक विधि।
सौर-ऊर्जा का नव्यकरणीय एवं प्रदूषणरहित स्रोत होने के कारण भारत में सौर-ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है। भारत में कई स्थानों पर सौर-ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गये हैं। आज देश में सौर-ऊर्जा धीरे-धीरे काफी लोकप्रियता प्राप्त कर रही है। सौर ऊर्जा का प्रयोग खाना पकाने, पम्प द्वारा पानी निकालने, पानी गर्म करने, प्रशीतन तथा सड़कों की रोशनी करने में किया जाता है। सर्दी में घरों को गर्म करने में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। इस तरह कहा जा सकता है कि भारत में सौर-ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल हैं।

क्रियाकलाप

नीचे दी गई वर्ग पहेली में उपयुक्त खनिजों का नाम भरें
नोट: पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं।
JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन 1

क्षैतिज ऊर्ध्वाधर
1. एक लौह खनिज (9) 1. प्लेसर निक्षेपों से प्राप्त होता है।
2. सीमेंट उद्योग में प्रयुक्त कच्चा माल (9) 2. बेलाडिला में खनन किया जाने वाला लौह-अयस्क (8)
3. चुंबकीय. गुणों वाला सर्वश्रेष्ठ लोहा (10) 3. विद्युत उद्योग में अपरिहार्य (4)
4. उत्कृष्ट कोटि का कठोर कोयला (10) 4. उत्तरी-पूर्वी भारत में मिलने वाले कोयले की भूगर्भिक आयु (8)
5. इस अयस्क से एल्युमिनियम प्राप्त किया जाता है। (7) 5. शिराओं तथा शिरानिक्षेपों में निर्मित (3)
6. इस खनिज के लिए खेतड़ी की खदानें प्रसिद्ध हैं। (6)
7. वाष्पीकरण से निर्मित (6)

JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन 2

क्रियाकलाप आधारित एवं अन्य सम्बन्धित प्रश्न

पृष्ठ संख्या 51

प्रश्न 1.
रोशनी देने वाले बल्ब में कितने खनिज प्रयुक्त होते हैं?
उत्तर:

  1. काँच
  2. टंगस्टन
  3. ताँबा
  4. एल्युमिनियम
  5. डोलोमाइट।

JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 2.
भोज्य पदार्थों पर अंकित ‘पोषक तथ्यों को इकट्ठा करें।
उत्तर:
भोज्य पदार्थ – बिस्कुट (SunFeast 100 gram)

  1. कार्बोहाइड्रेट्स = 76.2 ग्राम
  2. प्रोटीन = 8.7 ग्राम
  3. वसा = 12.1 ग्राम

पृष्ठ संख्या 53

प्रश्न 1.
एक खुली खदान (Open pit mine), उत्खनन व एक शैफ्टयुक्त भूमिगत खदान में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
खुली खदान: यह पृथ्वी पर खनिजों अथवा चट्टानों का खनन करने की एक प्रमुख विधि है। इस विधि में पृथ्वी की ऊपरी परत को हटाकर मशीनों अथवा संयंत्रों की सहायता से खनन कार्य किया जाता है।

उत्खनन: जब खनिजों को धरातल के समीप से ही खोदकर निकाला जाता है तो उस विधि को उत्खनन कहते हैं। उत्खनन खुली खदान की अपेक्षा उथला होता है। शैफ्टयुक्त भूमिगत खदान: कई सौ मीटर गहराई पर गलीयुक्त खदान को शैफ्टयुक्त खदान कहते हैं।

पृष्ठ संख्या 57

प्रश्न 1.
भारत के भौतिक मानचित्र पर बॉक्साइट की खानें चिह्नित करें
उत्तर:
JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन 3

प्रश्न 2.
मानचित्र का अध्ययन करें तथा बताएँ कि छोटा नागपुर क्षेत्र खनिजों का भण्डार क्यों है?
उत्तर:
छोटा नागपुर का पठार झारखण्ड एवं प. बंगाल राज्यों में फैला हुआ है। यह पठार आर्कियन ग्रेनाइट, कोलाराइट, बेसाल्ट एवं नीस चट्टानों से निर्मित है। उत्तरी व दक्षिणी सीमावर्ती भागों पर कहीं-कहीं धारवाड़ चट्टानें भी मिलती हैं। यह पठार भूगर्भिक दृष्टि से बहुत अधिक विभिन्नता रखता है। जिस कारण यहाँ चट्टानों की नसों में खनिजों की पर्याप्तता व विभिन्नता देखने को मिलती है। यहाँ मिलने वाले खनिजों में कोयला, ताँबा, अभ्रक, बॉक्साइट, चीनी मिट्टी, लौह अयस्क, चूना पत्थर, एस्बेस्टस, यूरेनियम, डोलोमाइट, मैंगनीज़ एवं सोना आदि प्रमुख हैं। इस प्रदेश की खनिज पदार्थों की सम्पन्नता ने उद्योगों एवं विद्युत उत्पादन को प्रोत्साहन प्रदान किया है।

पृष्ठ संख्या 59

प्रश्न 1.
उन पदार्थों की सूची बनाएँ जहाँ खनिजों की अपेक्षा उनके प्रतिस्थापनों का प्रयोग हो रहा है। ये प्रतिस्थापन क्या हैं और कहाँ से प्राप्त होते हैं?
उत्तर:

पदार्थ प्रतिस्थापन प्रतिस्थापन जहाँ से प्राप्त होते हैं
1. पेट्रोलियम सी.एन.जी. (कॉम्प्रेस्ड नेचुरल गैस) भूगर्भ
2. तापीय ऊर्जा (कोयला से प्राप्त होती है) जल विद्युत वर्षा का जल, नदियाँ
3. धातुओं से बने बिजली के उपकरण प्लास्टिक रसायन
4. धातु से बनी कुर्सियाँ प्लास्टिक रसायन
5. काँच की बोतल प्लास्टिक रसायन
6. पदार्थ प्रतिस्थापन प्रतिस्थापन जहाँ से प्राप्त होते हैं

पृष्ठ संख्या 63

प्रश्न 1.
कुछ नदी घाटी परियोजनाओं के नाम बताएँ तथा इन नदियों पर बने बाँधों का नाम लिखिए।
उत्तर:

नदी घाटी परियोजना नदी का नाम बाँधों के नाम
1. चम्बल घाटी परियोजना चम्बल नदी गाँधी सागर बाँध, राणा प्रताप सागर बाँध,
2. भाखड़ा नाँगल परियोजना सतलुज नदी जवाहर सागर बाँध, कोटा बैराज
3. दामोदर घाटी परियोजना दामोदर, बराकर व भाखड़ा-नाँगल बाँध
4. हीराकुड बाँध परियोजना कोनार नदी पंचेत पहाड़ी बाँध, बर्मी बाँध,
5. टिहरी बाँध परियोजना महानदी तिलेया बाँध, मेथान बाँध, कोनार बाँध
6. कोसी परियोजना भीलंगाना व हीराकुड बाँध
7. कोयना परियोजना भागीरथी नदी टिहरी बाँध
8. सरदार सरोवर परियोजना कोसी नदी कोसी बाँध
9. शिव समुद्रम् परियोजना कोयना नदी कोयना बाँध
10. नागार्जुन सागर परियोजना नर्मदा नदी सरदार सरोवर बाँध

JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 2.
अपने राज्य के ताप विद्युत गृह की जानकारी एकत्र कीजिए तथा उसमें प्रयुक्त ईंधन का नाम भी लिखिए?
उत्तर:
राजस्थान का ताप विद्युत गृह-सूरतगढ़ सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन-यह राजस्थान का सुपर थर्मल पावर प्लांट है। यह श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में स्थित है। इस ताप विद्युत गृह में लिग्नाइट कोयले का प्रयोग होता है। लिग्नाइट कोयला आधारित यह राजस्थान का सबसे बड़ा विद्युत संयंत्र है । इसकी कुल उत्पादन क्षमता 1,250 मैगावॉट है

प्रश्न 3.
भारत के मानचित्र पर 6 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की अवस्थिति दिखाएँ तथा उनके राज्यों के नाम ज्ञात करें जिनमें ये अवस्थित हैं।
उत्तर:

भारत परमाणु ऊर्जा संयंत्र राज्य का नाम
1. रावतभाटा राजस्थान
2. नरोरा उत्तर प्रदेश
3. काकरापारा गुजरात
4. तारापुर महाराष्ट्र
5. कैगा कर्नाटक
6. कलपक्कम तमिलनाडु

JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन 5+

JAC Class 10 Social Science Solutions

JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

JAC Board Class 10th Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

JAC Class 10th Geography कृषि Textbook Questions and Answers

बहुवैकल्पिक

प्रश्न 1.
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा उस कृषि प्रणाली को दर्शाता है जिसमें एक ही फसल लम्बे-चौड़े क्षेत्र में उगाई जाती है ?
(क) स्थानान्तरी कृषि
(ख) रोपण कृषि
(ग) बागवानी
(घ) गहन कृषि
उत्तर:
(ख) रोपण कृषि

(ii) इनमें से कौन-सी रबी फसल है?
(क) चावल
(ख) मोटे अनाज
(ग) चना
(घ) कपास
उत्तर:
(ग) चना

(iii) इनमें से कौन-सी एक फलीदार फसल है?
(क) दालें
(ख) मोटे अनाज
(ग) ज्वार
(घ) तिल
उत्तर:
(क) दालें

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
(i) एक पेय फसल का नाम बताएँ तथा उसको उगाने के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों का विवरण दें।
उत्तर:
चाय एक प्रमुख पेय फसल है। चाय उत्पादन के लिए उपोष्ण कटिबन्धीय जलवायु, ह्यूमस एवं जीवाश्मयुक्त गहरी मिट्टी एवं सुगम जल निकास वाले ढलवा क्षेत्र अनुकूल माने जाते हैं। वर्षभर समान रूप से होने वाली वर्षा की बौछारें चाय की कोमल पत्तियों के विकास में सहायक होती हैं।

(ii) भारत की एक खाद्य फसल का नाम बताएँ और जहाँ यह पैदा की जाती है उन क्षेत्रों का विवरण दें।
उत्तर:
चावल भारत की एक प्रमुख खरीफ खाद्य फसल है। चीन के पश्चात् भारत चावल का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। पश्चिम बंगाल भारत का सबसे बड़ा चावल उत्पादक राज्य है। भारत में चावल मुख्यतः उत्तरी-पूर्वी मैदानों, तटीय क्षेत्रों एवं डेल्टाई प्रदेशों में उत्पादित किया जाता है। इसके अतिरिक्त पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान में भी चावल उगाया जाता है।

(iii) सरकार द्वारा किसानों के हित में किये गये संस्थागत सुधार कार्यक्रमों की सूची बनाएँ।
उत्तर:
स्वतन्त्रता के पश्चात् भारत में किसानों के हित में कई संस्थागत सुधार कार्यक्रमों को शुरू किया गया है जिनमें खेतों की चकबन्दी, जमींदारी प्रथा की समाप्ति, फसल बीमा योजना, ग्रामीण बैंक व सहकारी समितियों की स्थापना, किसान क्रेडिट कार्ड, व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना, कृषि कार्यक्रमों का प्रसारण, न्यूनतम सहायता मूल्य एवं खरीद मूल्यों की घोषणा आदि मुख्य हैं।

(iv) दिन-प्रतिदिन कृषि के अन्तर्गत भूमि कम हो रही है। क्या आप इसके परिणामों की कल्पना कर सकते हैं?
उत्तर:
भारत में तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या के कारण दिन-प्रतिदिन कृषि के अन्तर्गत भूमि कम हो रही है। इसके परिणाम निम्नलिखित हो सकते हैं

  1. खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ना।
  2. उद्योगों को कच्चे माल की प्राप्ति न होना।
  3. खाद्यान्नों का आयात करना।
  4. बेरोजगारी में वृद्धि।
  5. उर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग से मृदा का लवणीय व पोषक तत्व रहित हो जाना।
  6. भूमि का निम्नीकरण होना।

JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए:
(i) कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय सुझाइए।
अथवा
स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत सरकार के प्रयत्नों द्वारा भारतीय कृषि में लाए गए किन्हीं चार सुधारों को विस्तार से बताइए।
अथवा
“1980 व 1990 के दशक में भारत सरकार ने कृषि सुधार के लिए अनेक संस्थागत तथा प्रौद्योगिकीय सुधारों की शुरुआत की।” इस कथन की उदाहरणों सहित पुष्टि कीजिए।
अथवा
सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए किन्हीं पाँच संस्थागत सुधार कार्यक्रमों की सूची बनाइए।
उत्तर:
कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किये गए उपाय/सुधार निम्नलिखित हैं:
1. संस्थागत सुधार:
स्वतन्त्रता के पश्चात् भारत सरकार द्वारा कृषि में उत्पादन वृद्धि के लिए कुछ संस्थागत सुधार किये गये हैं जिनमें जोतों की चकबन्दी व सहकारिता का विकास करना तथा जमींदारी प्रथा की समाप्ति करना आदि प्रमुख हैं। जमींदारी प्रथा की समाप्ति से खेती करने वाले किसानों को जमीन का मालिकाना अधिकार मिल गया जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई। .

2. व्यापक भूमि सुधार कार्यक्रम:
भारत सरकार द्वारा सन् 1980 तथा 1990 के दशकों में व्यापक भूमि सुधार कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया जो संस्थागत एवं तकनीकी सुधारों पर आधारित था। इस दिशा में उठाये गये महत्वपूर्ण कदमों में बाढ़, सूखा, चक्रवात, आग एवं बीमारी के लिए फसल बीमा का प्रावधान तथा किसान को बहुत कम दर पर ऋण सुविधाएँ प्रदान करने के लिए ग्रामीण बैंकों, सहकारी समितियों एवं सहकारी बैंकों की स्थापना आदि सम्मिलित हैं।

3. कृषि शिक्षा का प्रचार एवं प्रसार:
सरकार द्वारा विद्यालय, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय स्तर पर कृषि सम्बन्धी शिक्षा का देश के विभिन्न भागों में विस्तार किया गया। आकाशवाणी व दूरदर्शन पर किसानों के लिए मौसम की जानकारी सम्बन्धी बुलेटिन एवं कृषि कार्यक्रम प्रसारित किये जाते हैं जिनमें उन्नत बीजों, कीटनाशक दवाओं, नवीन कृषि यंत्रों एवं मृदा आदि की जानकारी दी जाती है।

4. न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा:
किसानों को बिचौलियों और दलालों के शोषण से बचाने के लिए तथा किसानों को अपनी कृषि उपजों का उचित मूल्य सीधे व समय पर मिले, इसके लिए कृषि उपजों की खरीद का दायित्व सरकार ने ले लिया है। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं कुछ महत्वपूर्ण फसलों के लाभदायक खरीद मूल्यों की घोषणा भी करती है।

5. भारतीय खाद्य निगम की स्थापना:
खाद्यान्नों की अधिक प्राप्ति एवं भण्डारण की व्यवस्था हेतु भारतीय खाद्य निगम की स्थापना की गयी है। भारतीय खाद्य निगम सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खाद्यान्न खरीदता है।

6. कृषि हेतु सब्सिडी उपलब्ध कराना:
सरकार कृषि को बढ़ावा देने हेतु किसानों के लिए उर्वरक, ऊर्जा एवं जल जैसे कृषि निवेशों पर सहायिकी (सब्सिडी) उपलब्ध कराती है।

(ii) भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव पर टिप्पणी लिखें।
अथवा
वैश्वीकरण का कृषि पर प्रभाव लिखिए।
उत्तर:
भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसकी अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। देश की एवं विश्व की अर्थव्यवस्था को जोड़ने की दिशा में किया गया प्रयास वैश्वीकरण कहलाता है। इसे भूमण्डलीकरण अथवा विश्वव्यापीकरण के नाम से भी जाना जाता है। वैश्वीकरण द्विपक्षीय अथवा बहुपक्षीय व्यापार एवं वित्तीय समझौते से भिन्न वह प्रक्रिया है जिसमें देश की अर्थव्यवस्था द्वारा विश्व स्तर पर उपलब्ध आर्थिक अवसरों से लाभान्वित होने का विचार अन्तर्निहित होता है।

भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण का प्रभाव-भारत में वैश्वीकरण कोई नवीन घटना नहीं है। यह उपनिवेश काल में भी मौजूद थी। सन् 1990 के पश्चात् वैश्वीकरण के इस दौर में भारतीय किसानों को कई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत चावल, कपास, चाय, कॉफी, रबड़, जूट एवं मसालों का मुख्य उत्पादक देश होने के बावजूद विकसित देशों से प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रहा है, क्योंकि विकसित देश कृषि को अधिकाधिक सहायता एवं अनुदान प्रदान कर रहे हैं।

इस बदलते हुए परिवेश में भारतीय कृषि दोराहे पर खड़ी हुई है। यदि कृषि व किसानों की हालत में सुधार करना है तो हमें अपनी प्राकृतिक क्षमता के साथ-साथ मानवीय श्रम की कार्यकुशलता में वृद्धि करने का प्रयास करना चाहिए। भारतीय कृषि को जबतक नवीन औजारों, उपकरणों, मशीनों एवं तकनीक से सुसज्जित नहीं किया जायेगा तब तक हमें वैश्वीकरण का लाभ प्राप्त होना कठिन है।

अतः हमें विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए अपनी विशाल क्षमता का सही योजनाबद्ध तरीकों से उपयोग करना होगा। सीमान्त व छोटे किसानों की स्थिति सुधारने पर भी जोर देना होगा, संस्थागत सुधार करने होंगे, कृषि-पद्धति में भी सुधार करना होगा तभी भारतीय कृषि वैश्वीकरण का लाभ उठा पायेगी।

(iii) चावल की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियों का वर्णन करें।
अथवा
चावल उत्पादन के लिए तापमान एवं वर्षा सम्बन्धी आवश्यक दशाएँ लिखिए।
अथवा
भारत में चावल की कृषि के लिए भौगोलिक दशाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में चावल की कृषि अति प्राचीनकाल से हो रही है। भारत के अधिकांश लोगों का मुख्य खाद्यान्न चावल है। चीन के पश्चात् भारत चावल का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। यह एक खरीफ की फसल है। चावल की खेती के लिए आवश्यक भौगोलिक परिस्थितियाँ/दशाएँ निम्नलिखित हैं-

  1. तापमान: चावल की खेती के लिए बोने से लेकर काटने तक की अवधि में तापमान 25° सेल्सियस से ऊपर होना चाहिए।
  2. वर्षा: चावल की कृषि के लिए 100 सेमी. से अधिक वर्षा उपयुक्त रहती है। अतः इसके लिए पर्याप्त जल की आवश्यकता होती है।
  3. मिट्टियाँ: इसकी कृषि के लिए चिकनी व दोमट मिट्टियाँ अधिक अनुकूल रहती हैं क्योंकि इन मिट्टियों में जलधारण करने की क्षमता अधिक होती है। चावल भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट करता है। अतः इसकी फसल के लिए खाद दिया जाना आवश्यक हो जाता है।
  4. धरातल: चावल की फंसल के लिए धीमी ढाल वाली समतल भूमि अत्यन्त उपयोगी रहती है। कई क्षेत्रों में चावल पर्वतीय भागों में भी उगाया जाता है।
  5. सस्ता मानवीय श्रम: चावल की कृषि में बोने, निराने, सिंचाई करने, काटने, ओसने व कूटने आदि के लिए अधिक श्रमिकों की आवश्यकता होती है। अतः चावल अधिकतर उन घने बसे क्षेत्रों में अधिक पैदा किया जाता है, जहाँ सस्ते श्रमिकों की उपलब्धता होती है।

परियोजना कार्य

प्रश्न 1.
किसानों की साक्षरता विषय पर एक सामूहिक वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन करें। उत्तर-विद्यार्थी अपने विषय के शिक्षक की देखरेख में दो समूह बनायें तथा निम्न बिन्दुओं पर चर्चा करें।

  1. भारत में साक्षरता दर-कुलं पुरुष एवं महिला साक्षरता,
  2. किसानों में साक्षरता दर,
  3. न्यून साक्षरता के कारण,
  4. न्यून साक्षरता का कृषि पर प्रभाव,
  5. साक्षरता से लाभ आदि।

प्रश्न 2.
भारत के मानचित्र में गेहूँ उत्पादन क्षेत्र दर्शाइए।
उत्तर:
JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि 1

प्रश्न 3.
ऊपर-नीचे और दायें-बायें चलते हुए वर्ग पहेली को सुलझाएँ और छिपे उत्तर नोट-पहेली के उत्तर अंग्रेजी भाषा के शब्दों में हैं।
उत्तर:
JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि 2

1. भारत की दो प्रमुख खाद्य फसलें।
उत्तर:
1. गेहूँ (Wheat)
2. चावल (Rice)

2. यह भारत की ग्रीष्म-ऋतु फसल है।
उत्तर:
खरीफ (Kharif)

3. अरहर, मूंग, चना व उड़द जैसी दालों से ……..” मिलता है।
उत्तर:
प्रोटीन (Protein)

4. यह एक मोटा अनाज है।
उत्तर:
ज्वार (Jowar)

5. भारत की दो महत्वपूर्ण पेय फसलें हैं।
उत्तर;
1. चाय (Tea)
2. कॉफी (Coffee)

6. काली मिट्टी पर उगाई जाने वाली चार रेशेदार फसलों में से एक।
उत्तर:
कपास (Cotton)

क्रियाकलाप आधारित एवं अन्य सम्बन्धित प्रश्न

पृष्ठ संख्या 36

प्रश्न 1.
क्या आप कृषिगत कच्चे माल पर आधारित कुछ उद्योगों के नाम बता सकते हैं ?
उत्तर:

  1. सूती वस्त्र उद्योग
  2. चाय उद्योग
  3. रबड़ उद्योग
  4. इत्र उद्योग
  5. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
  6. चीनी उद्योग
  7. तेल उद्योग
  8. गलीचा उद्योग।

पृष्ठ संख्या 37

प्रश्न 1.
क्या आप बता सकते हैं कि रिंझा का परिवार किस प्रकार की कृषि कर रहा है ?
उत्तर:
कर्तन दहन कृषि।

प्रश्न 2.
क्या आप उन फसलों के नाम बता सकते हैं जो कर्तन दहन कृषि में उगायी जाती हैं?
उत्तर:
चावल, ज्वार, बाजरा, सब्जियाँ, रतालू, आलू आदि।

JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

प्रश्न 3.
क्या आप भारत के कुछ राज्यों के नाम बता सकते हैं जहाँ गहन जीविका कषि की जाती है?
उत्तर:

  1. पंजाब,
  2. हरियाणा,
  3. उत्तर प्रदेश,
  4. बिहार,
  5. असम,
  6. पश्चिम बंगाल आदि।

प्रश्न 4.
क्या आप उन फसलों के कुछ और उदाहरण दे सकते हैं जो एक प्रदेश में वाणिज्यिक फसल के रूप में और दूसरे प्रदेश में जीविका फसल के रूप में उगाई जाती हैं ?
उत्तर:
गेहूँ-पंजाब व हरियाणा राज्य में वाणिज्यिक फसल के रूप में, जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में जीविका फसल के रूप में उगाया जाता है।

पृष्ठ संख्या 44

प्रश्न 1.
उन वस्तुओं की सूची बनाइए जो रबड़ से बनती हैं और हम इनका प्रयोग करते हैं। उत्तर-हम रबड़ से बनी निम्नलिखित वस्तुओं का प्रयोग करते हैं

  1. टायर और ट्यूब
  2. बैल्ट
  3. जूते
  4. दस्ताने
  5. खिलौने
  6. गेंद
  7. विभिन्न यंत्र
  8. मिटाने वाली रबड़ आदि।

पृष्ठ संख्या 46

प्रश्न 1.
ज्ञात करें कि भारतीय किसान अपने बेटे को किसान क्यों नहीं बनाना चाहता ?
उत्तर:
भारतीय किसान निम्नलिखित कारणों से अपने बेटे को किसान नहीं बनाना चाहता

  1. भूमि की उत्पादकता की घटती स्थितिए
  2. कृषि उत्पादों का उचित मूल्य न मिल पाना,
  3. सिंचाई सुविधाओं का अभाव,
  4. मिट्टी के निम्नीकरण की समस्या,
  5. रासायनिक उर्वरकों पर सहायिकी राशि (सब्सिड) कम करने से उत्पादन लागत का बढ़ना,
  6. कृषि उत्पादों पर आयात कर घटाने से कृषि पर हानिकारक प्रभाव पड़ना।

पृष्ठ संख्या 47

प्रश्न 1.
देश के अनेक राज्यों में किसान आत्महत्याएँ क्यों कर रहे हैं ?
उत्तर:
निम्नलिखित कारणों से देश के अनेक राज्यों में किसान आत्महत्याएँ कर रहे हैं

  1. बढ़ती छिपी हुई बेरोजगारी
  2. भुखमरी
  3. दयनीय आर्थिक स्थिति
  4. सरकार व समाज द्वारा उपेक्षा
  5. खराब आर्थिक स्थिति के कारण बढ़ती हुई पारिवारिक समस्याएँ
  6. परिवार के आकार का बढ़ना
  7. वैकल्पिक रोजगार का अभाव
  8.  प्राकृतिक प्रकोप के कारण फसलों का नष्ट होना।

JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

प्रश्न 2.
किसान अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं और कृषि भूमि घट रही है तो क्या हम रोजगार के वैकल्पिक अवसरों के बारे में सोच सकते हैं ?
उत्तर:
हाँ, हम रोजगार के वैकल्पिक अवसरों के बारे में सोच सकते हैं। प्रमुख वैकल्पिक रोजगार निम्नलिखित हैं

  1. पशुपालन
  2. मत्स्य पालन
  3. बागवानी
  4. कुक्कुट पालन
  5. मधुमक्खी पालन व
  6. रानकीय व निजी क्षेत्र में नौकरी आदि।

प्रश्न 3.
भारत की खाद्य सुरक्षा, इसकी आवश्यकता और प्रयास विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित कीजिये।
संकेत:
विद्यार्थी सामाजिक विज्ञान के अर्न्तगत भूगोल विषय पढ़ाने वाले शिक्षक की देखरेख में दो समूह बनायें एवं इस विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कर अपेक्षित निष्कर्ष पर पहुँचे । वाद-विवाद के प्रमुख बिन्दु निम्नलिखित हैं

1. भारत.की खाद्य सुरक्षा:
इस बिन्दु के अन्तर्गत भारत की जनसंख्या, वर्तमान खाद्यान्न उत्पादन एवं वितरण पर बहस की जा सकती है। इसके अतिरिक्त भारत में खाद्य-सुरक्षा की वर्तमान स्थिति का आकलन किया जा सकता है। .

2. खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता:
इस विवाद के बिन्दु के अन्तर्गत भारत में खाद्य सुरक्षा की वर्तमान स्थिति एवं। तीव्र गति से बढ़ती हुई जनसंख्या की स्थिति को देखते हुए भविष्य की आवश्यकताओं के आकलन पर विचार-विमर्श किया जा सकता है।

3. खाद्य सुरक्षा के प्रयास:
वाद-विवाद के इस बिन्दु के अन्तर्गत उन प्रयासों पर चर्चा की जानी चाहिए जिनकी सहायता से कृषि उत्पादन बढ़ाकर भविष्य में तीव्र गति से बढ़ती हुई जनसंख्या की खाद्य आवश्यकताओं को पूर्ण किया जा सकता है । वाद-विवाद प्रतियोगिता को उपयुक्त समस्त बिन्दुओं पर चर्चा के पश्चात् अपेक्षित निष्कर्ष की प्राप्ति पर समाप्त कर दिया जाना चाहिए।

पृष्ठ संख्या 48

प्रश्न 1.
क्या आप भारत में व्यापक रूप से प्रयुक्त जीन संशोधित बीज का नाम बता सकते हैं?
उत्तर:
1. बी.टी. कॉटन
2. बी.टी. बैंगन

JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

प्रश्न 2.
अनाज के स्थान पर ऊँचे मूल्य की फसलों को उगाकर शस्य प्रारूप में परिवर्तन का अर्थ होगा कि भारत को खाद्य पदार्थों का आयात करना पड़ेगा। 1960 के दशक में इसे एक आपदा के रूप में देखा गया होता। परन्तु यदि हम कीमती फसलों के उत्पाद निर्यात करके खाद्यान्न आयात करते हैं तो हम भी चिली, इजराइल और इटली की अर्थव्यवस्थाओं का अनुकरण करेंगे जो विभिन्न कृषि-उत्पाद (फल, शराब, जैतून, विशेषकर बीज) निर्यात करके खाद्य पदार्थों का आयात करते हैं।क्या हम यह खतरा मोल लेने को तैयार हैं ? इस विषय पर वाद-विवाद कीजिए।

संकेत: विद्यार्थी सामाजिक विज्ञान विषय के अन्तर्गत भूगोल का शिक्षण करने वाले अध्यापक की देखरेख में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कर सकते हैं। वाद-विवाद हेतु विद्यार्थियों के दो समूहों का गठन करें तथा निम्नलिखित बिन्दुओं पर बहस करें

  1. क्या भारत में शस्य परिवर्तन हेतु उपयुक्त भौगोलिक दशाएँ उपलब्ध हैं ?
  2. क्या कीमती फसलों का निर्यात तथा खाद्यान्नों का आयात भारत जैसे देशं की विशाल जनसंख्या के लिए उचित प्रतीत होता है ?
  3. क्या खाद्यान्नों का पर्याप्त मात्रा में आयात स्थायी रूप से हो सकेगा ?
  4. क्या हमारे देश के खाद्यान्न निर्यातक देशों से मधुर संबंध बने रहेंगे ? संबंधों में कटुता की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था क्या होगी ?
  5. क्या भारतीय किसान पारम्परिक कृषि को छोड़ देंगे ? ऐसा करने के लिए उन्हें किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा ?
  6. क्या यह व्यवस्था भारत के अधिकांश छोटे कृषकों के हित में होगी? इस तरह के अनेक बिन्दुओं पर विचार-विमर्श करके अपेक्षित निष्कर्ष पर पहुँचा जा सकता है।

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JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 3 जल संसाधन

JAC Board Class 10th Social Science Solutions Geography Chapter 3 जल संसाधन

JAC Class 10th Geography जल संसाधन Textbook Questions and Answers

बहुवैकल्पिक

प्रश्न 1.
(i) नीचे दी गई सूचना के आधार पर स्थितियों को ‘जल की कमी से प्रभावित’ या ‘जल की कमी से अप्रभावित’ में वर्गीकृत कीजिए:
(क) अधिक वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्र
(ख) अधिक वर्षा और अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र
(ग) अधिक वर्षा वाले परन्तु अत्यधिक प्रदूषित जल क्षेत्र
(घ) कम वर्षा और कम जनसंख्या वाले क्षेत्र
उत्तर:
(क) अधिक वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्र – जल की कमी से अप्रभावित
(ख) अधिक वर्षा और अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र – जल की कमी से अप्रभावित
(ग) अधिक वर्षा वाले परन्तु अत्यधिक प्रदूषित जल क्षेत्र – जल की कमी से प्रभावित
(घ) कम वर्षा और कम जनसंख्या वाले क्षेत्र – जल की कमी से प्रभावित

(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा वक्तव्य बहुउद्देशीय नदी परियोजनाओं के पक्ष में दिया गया तर्के नहीं है
(क) बहुउद्देशीय परियोजनाएँ उन क्षेत्रों में जल लाती हैं जहाँ जल की कमी होती है।
(ख) बहुउद्देशीय परियोजनाएं जल बहाव को नियन्त्रित करके बाढ़ पर काबू पाती हैं।
(ग) बहुउद्देशीय परियोजनाओं से वृहत स्तर पर विस्थापन होता है और आजीविका खत्म होती है।
(घ) बहुउद्देशीय परियोजनाएँ हमारे उद्योग और घरों के लिए विद्युत पैदा करती हैं।
उत्तर:
(ग) बहुउद्देशीय परियोजनाओं से वृहत स्तर पर विस्थापन होता है और आजीविका खत्म होती है।

(iii) यहाँ कुछ गलत वक्तव्य दिए गए हैं। इनमें गलती पहचानें और दोबारा लिखें
(क) शहरों की बढ़ती संख्या, उनकी विशालता और सघन जनसंख्या तथा शहरी जीवन शैली ने जल संसाधनों के सही उपयोग में मदद की है।
(ख) नदियों पर बाँध बनाने और उनको नियन्त्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव और तलछट बहाव प्रभावित नहीं होता।
(ग) गुजरात में साबरमती बेसिन में सूखे के दौरान शहरी क्षेत्रों में अधिक जल आपूर्ति करने पर भी किसान नहीं भड़के।
(घ) आज राजस्थान में इन्दिरा गाँधी नहर से उपलब्ध पेयजल के कारण छत वर्षाजल संग्रहण लोकप्रिय हो रहा है।
उत्तर:
(क) शहरों की बढ़ती जनसंख्या, उनकी विशालता और सघन जनसंख्या तथा शहरी जीवन-शैली ने जल संसाधनों के सही उपयोग में अवरोध उत्पन्न किया है।
(ख) नदियों पर बाँध बनाने और उनको नियन्त्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव और तलछट बहाव बुरे तरीके से प्रभावित होता है।
(ग) गुजरात में साबरमती बेसिन में सूखे के दौरान शहरी क्षेत्रों में अधिक जल आपूर्ति करने पर किसान भड़क गये।
(घ) आज राजस्थान में इन्दिरा गांधी नहर से उपलब्ध पेयजल के कारण छत वर्षाजल संग्रहण की लोकप्रियता घट रही है।

JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 3 जल संसाधन

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
(i) व्याख्या करें कि जल किस प्रकार नवीकरण योग्य संसाधन है ?
उत्तर:
नवीकरण योग्य संसाधन वे संसाधन होते हैं जिनका बार-बार प्रयोग किया जा सकता है। इस परिभाषा के अनुसार जल एक नवीकरण योग्य संसाधन है। जल समुद्रों, नदियों, झीलों, तालाबों आदि से वाष्प बनकर उड़ता रहता है। जलवाष्प हवा में संघनित होकर बादलों में बदल जाती है। यह संघनित जलवाष्प पुनः वर्षा के रूप में धरती पर आ जाती है। धरती से जल पुनः सागरों आदि में पहुँचकर फिर वाष्पीकृत होता है। इस प्रकार यह सदैव गतिशील जलीय-चक्र, जल को एक नवीकरण योग्य संसाधन बना देता है, जिसका प्रयोग बार-बार किया जा सकता है।

(ii) जल दुर्लभता क्या है और इसके मुख्य कारण क्या हैं ?
उत्तर:
किसी स्थान पर माँग की तुलना में जल की कमी होना जल दुर्लभता कहलाता है। जल दुर्लभता के कारण

  1. निरन्तर बढ़ रही जनसंख्या के कारण प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता में निरन्तर कमी होना।
  2. जल का अतिदोहन।
  3. जल का अत्यधिक प्रयोग।
  4. समाज में जल संसाधनों का असमान वितरण
  5. जल का प्रदूषित होना।

(iii) बहुउद्देशीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ और हानियों की तुलना करें।
उत्तर:

तुलना बहुउद्देशीय परियोजनाओं से लाभ बहुउद्देशीय परियोजनाओं से हानियाँ
(i) बाँधों में एकत्रित जल का प्रयोग सिंचाई के लिए (i) नदियों का प्राकृतिक बहाव अवरुद्ध होने से तलछट किया जाता है। बहाव कम हो जाता है।
(ii) ये जल-विद्युत ऊर्जा प्राप्ति का प्रमुख साधन है। (ii) अत्यधिक तलछट जलाशय की तली पर जमा हो जाता है।
(iii) जल उपलब्धता के कारण जल की कमी वाले क्षेत्रों (iii) इनसे भूमि का निम्नीकरण होता है। में फसलें उगायी जा सकती हैं।
(iv) घरेलू और औद्योगिक उपयोग हेतु जल की प्राप्ति। (iv) भूकम्प की सम्भावना का बढ़ना।
(v) बाढ़ नियन्त्रण, मनोरंजन, आन्तरिक नौकायन, मत्स्य (v) किसी कारणवश बाँध के टूटने पर बाढ़ आ जाना। पालन व मृदा संरक्षण। जलजनित बीमारियाँ, प्रदूषण, वनों की कटाई, मृदा व वनस्पति का अपघटन।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए
(i) राजस्थान के अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है ? व्याख्या कीजिए।
अथवा
राजस्थान के अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में जल संग्रहण की विधियों के बारे में बताइए।
उत्तर:
राजस्थान जैसे अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण निम्नलिखित विधियों से किया जाता है:

  1. राजस्थान जैसे अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में रहने वाले लोग पीने का पानी एकत्रित करने के लिए ‘छत वर्षा-जल संग्रहण’, तकनीक का प्रयोग करते हैं।
  2. शुष्क व अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में वर्षाजल एकत्रित करने के लिए गड्ढे बनाये जाते हैं ताकि मृदा को सिंचित किया जा सके; जैसे-जैसलमेर में ‘खादीन’ (खडीन) एवं अन्य क्षेत्रों में ‘जोहड़’।
  3. राजस्थान में शुष्क व अर्द्धशुष्क क्षेत्रों विशेषकर बीकानेर, फलौदी और बाड़मेर में लगभग प्रत्येक घर में पीने का पानी एकत्रित करने के लिए भूमिगत टैंक अथवा टाँका होते हैं।
  4. इन क्षेत्रों में छत वर्षा जल संग्रहण तंत्र का प्रयोग पानी को एकत्रित करने के लिए होता है एवं ये टैंक सुविकसित छत वर्षा जल संग्रहण तंत्र का एक अभिन्न हिस्सा होते हैं। जिसे मुख्य घर या आँगन में बनाया जाता है। ये टैंक घरों की ढलवाँ छतों से पाइप द्वारा जुड़े होते हैं।
  5. छत से वर्षा का पानी इन पाइपों से होकर भूमिगत टाँका तक पहुँचता है जहाँ इसे एकत्रित किया जाता है। वर्षा का पहला जल छतों, पाइपों व नलों को साफ करने में प्रयोग होता है और इसे संग्रहीत नहीं किया जाता है। इसके बाद होने वाली वर्षा का जल संग्रहीत किया जाता है।
  6. टाँका में वर्षा जल जल संसाधन 151 अगली वर्षा ऋतु तक संग्रहीत किया जाता है तथा जल की कमी वाले दिनों में इस जल का उपयोग किया जाता है। यह वर्षा जल (पालर पानी) प्राकृतिक जल का शुद्धतम रूप माना जाता है। कुछ घरों में तो टाँकों के साथ भूमिगत कमरे भी बनाये जाते हैं, क्योंकि जल का यह स्रोत इन कमरों को भी ठण्डा रखता है, जिससे ग्रीष्म ऋतु में गर्मी से राहत मिलती है।

(ii) परम्परागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों को आधुनिक काल में अपनाकर जल संग्रहण एवं भण्डारण किस प्रकार किया जा रहा है?
अथवा
“पारम्परिक वर्षा जल संग्रहण प्रणाली जल संरक्षण और जल भण्डारण के लिए उपयोगी है।” इस प्रणाली की महत्ता को दो उदाहरणों सहित उजागर कीजिए।
अथवा
वर्षा जल संग्रहण की पारम्परिक विधियाँ विभिन्न प्रदेशों में जल संसाधनों के संरक्षण के लिए किस प्रकार चलाई जाती रही हैं? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परम्परागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों को आधुनिक काल में अपनाकर निम्न प्रकार से जल संग्रहण एवं भण्डारण किया जा रहा है

  1. प्राचीन भारत में उत्कृष्ट जल संरचनाओं के साथ-साथ जल संग्रहण टैंक भी बनाये जाते थे। लोगों को वर्षा पद्धति एवं मृदा के गुणों के बारे में पूर्ण जानकारी थी। उन्होंने स्थानीय पारिस्थितिकीय स्थितियों और उनकी जल आवश्यकतानुसार वर्षाजल भौम-जल, नदी-जल एवं बाढ़-जल संग्रहण की अनेक विधियाँ विकसित कर ली थीं।
  2. पहाड़ी एवं पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों ने ‘गुल’ अथवा ‘कुल’ (पश्चिमी हिमालय क्षेत्र) जैसी वाहिकाएँ, नदी की – धारा का रास्ता बदलकर खेतों में सिंचाई के लिए बनाई हैं।
  3.  पश्चिमी राजस्थान में पीने का पानी एकत्रित करने के लिए ‘छत वर्षाजल संग्रहण’ की विधि एक सामान्य प्रचलित विधि है।
  4. पश्चिमी बंगाल में बाढ़ के मैदान में लोग अपने खेतों की सिंचाई करने के लिए बाढ़ जल वाहिकाएँ बनाते हैं।
  5. शुष्क व अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में वर्षाजल एकत्रित करने के लिए गड्ढे बनाये जाते हैं ताकि मृदा को सिंचित किया जा सके तथा संरक्षित जल को खेती के लिए प्रयोग में लाया जा सके। उदाहरण-जैसलमेर (राजस्थान) में ‘खादीन (खडीन) एवं अन्य क्षेत्रों में ‘जोहड़’ बनाये जाते हैं।
  6. राजस्थान के अर्द्ध शुष्क एवं शुष्क क्षेत्रों विशेषकर फलौदी, बीकानेर व बाड़मेर आदि में लगभग प्रत्येक घर में पीने का पानी संग्रहण के लिए भूमिगत टैंक अथवा टाँका बने हुए हैं।
  7.  कर्नाटक के मैसूर जिले के गंडाथूर गाँव में ग्रामीणों ने अपने घर में जल की आवश्यकता-पूर्ति हेतु छत वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था की हुई है। शिलांग (मेघालय) में भी यह विधि प्रचलित है।
  8. मेघालय में नदियों एवं झरनों के जल को बाँस से बने पाइपों द्वारा एकत्रित करने वाली लगभग 200 वर्ष पुरानी सिंचाई विधि प्रचलन में है। इसे बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली कहा जाता है।

क्रियाकलाप आधारित एवं अन्य सम्बन्धित प्रश्न

पृष्ठ संख्या 27

प्रश्न 1.
अपने दिन-प्रतिदिन के अनुभव के आधार पर जल संरक्षण के लिए एक संक्षिप्त प्रस्ताव लिखें।
उत्तर:
मेरे अनुभव के आधार पर जल संरक्षण के लिए एक संक्षिप्त प्रस्ताव निम्न प्रकार से है:

  1. जल संरक्षण के प्रति जागरूक लोगों के एक समूह का निर्माण करें।
  2. इस समूह में अपने पड़ौसियों, मित्रों, परिवारीजनों एवं रिश्तेदारों को सम्मिलित किया जाना चाहिए।
  3. जल संरक्षण का समाज में पर्चे बाँटकर अथवा बुलेटिन बोर्ड में नोटिस लगाकर प्रचार-प्रसार करें।
  4. दाँत साफ करते समय नल खुला रखने की अपेक्षा मग का उपयोग किया जाना चाहिए।
  5. स्नान करने में शॉवर अथवा ब्राथटब का उपयोग करने की अपेक्षा बाल्टी व मग का प्रयोग करना चाहिए।
  6. हाथ साफ करते समय नल को लगातार खुला न रखें।
  7. मग में पानी लेकर शेव बनानी चाहिए।
  8. शौचालय में प्रतिदिन फ्लश का प्रयोग करने की अपेक्षा बाल्टी को काम लिया में जाना चाहिए।
  9. वाहन को पाइप की अपेक्षा बाल्टी में पानी लेकर धोना चाहिए तथा वाहन को प्रतिदिन नहीं धोना चाहिए।
  10. पानी पीते समय गिलास को झूठा न करें बल्कि ऊपर से पानी पियें जिससे बार-बार धोने में लगने वाला पानी बचेगा।
  11. बर्तनों को साफ करते समय लगातार नल न चलायें। बल्कि पानी से भरे बड़े बर्तन (बेसिन) में बर्तनों को साफ किया जाना चाहिए।
  12. घर के बगीचे में कम पानी की जरूरत वाले पौधे लगाये जाने चाहिए।
  13. रसोईघर व स्नानागार से निकलने वाले पानी को पुनः बगीचे में काम में लिया जाना चाहिए।
  14. घास को पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है। अत: लॉन संस्कृति को नहीं अपनाना चाहिए।
  15. सब्जियों को सीधे नल के नीचे साफ करने की अपेक्षा किसी बर्तन में साफ किया जाना चाहिए।
  16. वर्षा के समय छत पर एकत्रित पानी को टैंक में एकत्रित किया जाना चाहिए अथवा इसे भूमि पर उतारना चाहिए।
  17. उपयोग में लेने के पश्चात् नल को अच्छी तरह बन्द किया जाना चाहिए। नल से पानी का रिसाव होने पर नल को तुरन्त ठीक कराना चाहिए।

JAC Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 3 जल संसाधन

पृष्ठ संख्या 29

प्रश्न 2.
अन्तर्राज्यीय जल विवादों की सूची तैयार करें।
उत्तर:
प्रमुख अन्तर्राज्यीय जल विवादों की सूची इस प्रकार से है
1. कृष्णा-गोदावरी जल विवाद,
2. रावी-व्यास जल विवाद।

पृष्ठ संख्या 33

प्रश्न 3.
अपने क्षेत्र में पाये जाने वाले अन्य वर्षा जल संग्रहण तंत्रों के बारे में पता लगाएँ।.
उत्तर:
हमारे क्षेत्र में पाये जाने वाले अन्य वर्षा जल संग्रहण तन्त्र निम्नलिखित हैं

  1. तालाब
  2. पोखर
  3. बावड़ी
  4. छत पर पानी संग्रहण
  5. चेक बाँध
  6. कुई
  7. कुंडी
  8. एनिकट।

पृष्ठ संख्या 35

प्रश्न 4.
सूचना एकत्रित करें कि उद्योग किस प्रकार हमारे जल-संसाधनों को प्रदूषित कर रहे हैं ?
उत्तर:
अधिकांश उत्पादन जल के उपयोग पर निर्भर हैं तथा उत्पादन प्रक्रिया के अन्त में उद्योगों से निकलने वाला बहिस्राव हानिकारक अपशिष्ट पदार्थों से युक्त रहता है जिनका निस्तारण अति आवश्यक होता है। सदा से ही उद्योगों को जल की माँग की पूर्ति के लिए तथा अपशिष्ट पदार्थों के सुगम निस्तारण के उद्देश्य से अधिकांशत: बड़ी नदियों तथा तालाबों के किनारे स्थापित किया जाता रहा है।

उद्योगों को यह आर्थिक सुरक्षा एवं सुविधा की दृष्टि से लाभप्रद भी होता है कि जो भी अनुपचारित बहिःस्राव हो तो उसे निकटतम जलाशय में सन्निक्षेपित कर दिया जाये। प्रारम्भ में तो इसके दुष्परिणाम परिलिक्षित नहीं होते, पर जैसे-जैसे औद्योगीकरण बढ़ता है, नदी तथा तालाब औद्योगिक अपशिष्टों की मात्रा में वद्धि के कारण अधिकाधिक प्रदूषित होते जाते हैं। यही कारण है कि औद्योगिक रूप से विकसित देशों के तो अधिकांश बड़े जलस्रोत गंभीर रूप से सन्दूषित होकर नष्ट होने की स्थिति में पहुँच गये हैं।

प्रत्येक उद्योग में उत्पादन प्रक्रिया के उपरान्त अनेक अनुपयोगी पदार्थ शेष बचे रहते हैं। अधिकांश उद्योगों के बहिःस्राव में अनेक धात्विक तत्व तथा अम्ल, क्षार, लवण, तेल, वसा आदि रासायनिक पदार्थ उपस्थित रहते हैं, जिनसे गम्भीर जल प्रदूषण की सम्भावना रहती है। लुगदी कागज उद्योग, शक्कर उद्योग, कपड़ा उद्योग, चमड़ा उद्योग, शराब उद्योग, औषधि निर्माण उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं रासायनिक उद्योगों द्वारा विशाल मात्रा में विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट बहिःस्राव रूप में जलमार्गों में बहाये जाते हैं।

विभिन्न धातुओं के खनन के पश्चात् खुली खदानों में वर्षा-काल में जल के साथ बहकर बहुत-सी खनिज मृदा भी जलाशयों में जा मिलती है। इस मृदा में अनेक धातु अयस्क पर्याप्त मात्रा में होते हैं जो जलस्रोतों में प्रदूषणकारी परिवर्तन ला देते हैं। इनके अतिरिक्त पारा, ताँबा, केडमियम भी प्रमुख विपैली धातुएँ हैं जो औद्योगिक स्रोतों से जल में जा मिलती हैं। जिससे जल-संसाधन अत्यधिक प्रदूषित हो जाते हैं।

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