JAC Class 10 Science Solutions in Hindi & English Jharkhand Board

JAC Jharkhand Board Class 10th Science Solutions in Hindi & English Medium

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JAC Board Class 10th Science Solutions in Hindi Medium

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.3

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Exercise 1.3

प्रश्न 1.
सिद्ध कीजिए कि \(\sqrt{5}\) एक अपरिमेय संख्या है ?
हल:
कल्पना कीजिए कि \(\sqrt{5}\) अपरिमेय न होकर एक परिमेय संख्या है, तब \(\sqrt{5}=\frac{p}{q}\) होना चाहिए जहाँ q ≠ 0 तथा p व q सह अभाज्य पूर्णांक हैं।
अर्थात् p और q में 1 के अतिरिक्त कोई अभाज्य गुणनखण्ड सार्वनिष्ठ नहीं है।
अब \(\sqrt{5}=\frac{p}{q}\)
⇒ p = \(\sqrt{5}\)q
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर,
p2 = 5q2
अतः 5, p2 को विभाजित करता है।
∴ 5, p को विभाजित करेगा। [प्रमेय 1.3 के अनुसार]
माना कि p = 5r (r कोई पूर्णाक है)
p2 = 25r2
5q2 = 25r2 (∵ p2 = 5q2)
q2= 5p2
अत: 5, q2 को विभाजित करता है।
∴ 5, q को विभाजित करता है। [प्रमेय 1.3 के अनुसार]
∵ p 5 से विभाज्य है और q भी 5 से विभाज्य है।
∴ 5, p और q का सार्वनिष्ठ अभाज्य गुणनखण्ड है (जो के अतिरिक्त है)।
यह एक विरोधाभास है क्योंकि हमारी कल्पना के अनुसार p और q में (1 के अतिरिक्त) कोई अभाज्य गुणनखण्ड सार्वनिष्ठ नहीं है।
∴ यह संकेत करता है कि हमारी कल्पना “\(\sqrt{5}\) परिमेय संख्या है” गलत है।
अत: \(\sqrt{5}\) एक अपरिमेय संख्या है। इति सिद्धम्।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.3

प्रश्न 2.
सिद्ध कीजिए कि 3 + 2\(\sqrt{5}\) एक अपरिमेय संख्या है।
हल:
माना कि 3 + 2\(\sqrt{5}\) एक परिमेय संख्या है।
तब 3 + 2\(\sqrt{5}\) = \(\frac{p}{q}\) होना चाहिए जबकि q ≠ 0 और p और q पूर्णांक हैं।
अब \(\frac{p}{q}\) = 3 + 2\(\sqrt{5}\)
⇒ \(\left(\frac{p}{q}-3\right)=2 \sqrt{5}\)
⇒ \(\frac{p-3 q}{2 q}=\sqrt{5}\)
∵ p और q पूर्णांक है अतः
∴ \(\frac{p-3 q}{2 q}\) एक परिमेय संख्या है।
अर्थात् \(\sqrt{5}\) एक परिमेय संख्या होगी।
परन्तु \(\sqrt{5}\) परिमेय नहीं, अपरिमेय संख्या है, तब यहाँ विरोधाभास है।
इस विरोधाभास के कारण हमारी गलत कल्पना है।
अतः दी गई संख्या 3 + 2\(\sqrt{5}\) अपरिमेय संख्या है।
इति सिद्धम्

प्रश्न 3.
सिद्ध कीजिए कि निम्नलिखित संख्याएँ अपरिमेय हैं:
(i) \(\frac{1}{\sqrt{2}}\)
(ii) 7\(\sqrt{5}\)
(iii) 6 + \(\sqrt{2}\)
हल:
(i) माना \(\frac{1}{\sqrt{2}}\) परिमेय संख्या है।
हम ऐसे दो पूर्णांक 4 और b प्राप्त करते हैं कि \(\frac{1}{\sqrt{2}}=\frac{a}{b}\) (a जहाँ और b सहअभाज्य पूर्णांक हैं, b ≠ 0)
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर,
⇒ \(\left(\frac{1}{\sqrt{2}}\right)^2=\left(\frac{a}{b}\right)^2\)
⇒ \(\frac{1}{2}=\frac{a^2}{b^2}\)
⇒ b2 = 2a2
अतः b2, 2 से विभाज्य है।
∴ b भी 2 से विभाज्य होगी। (प्रमेय 1.3 के अनुसार)
तब माना b = 2c [c कोई पूर्णांक है]
⇒ b2 = (2c)2
⇒ b2 = 4c2
⇒ 2a2 = 4c2 (∵ b2 = 2a2)
⇒ a2 = 2c2
अतः a2, 2 से विभाज्य है।
∴ a, 2 से विभाज्य है।
अतः a और b दोनों 2 से विभाज्य हैं। परन्तु यह इस तथ्य का विरोध करता है कि a और 6 मैं के अतिरिक्त 1 कोई उभयनिष्ठ गुणनखण्ड नहीं है। अतः हमारी कल्पना गलत है।
∴ \(\frac{1}{\sqrt{2}}\) एक अपरिमेय संख्या है।
(ii) माना कि 7\(\sqrt{5}\) एक परिमेय संख्या है।
∴ हम ऐसे दो पूर्णांक a और b (b ≠ 0) प्राप्त कर सकते हैं कि:
7\(\sqrt{5}\) = \(\frac{a}{b}\)
⇒ \(\sqrt{5}\) = \(\frac{a}{7 b}\)
∵ a, 7 और b सभी पूर्णांक हैं।
∴ \(\frac{a}{7 b}\) एक परिमेय संख्या है।
∴ \(\sqrt{5}\) भी एक परिमेय संख्या होगी।
जो इसका विरोध करता है कि \(\sqrt{5}\) एक अपरिमेय संख्या है।
∴ हमारी कल्पना गलत है।
अतः 7\(\sqrt{5}\) एक अपरिमेय संख्या है।
(iii) माना कि 6 + \(\sqrt{2}\) एक परिमेय संख्या है।
∴ हम ऐसे दो पूर्णांक a और b (b ≠ 0) प्राप्त कर सकते हैं कि
6 + \(\sqrt{2}\) = \(\frac{a}{b}\)
\(\sqrt{2}\) = \(\frac{a}{b}\) – 6
\(\sqrt{2}\) = \(\frac{a-6 b}{b}\)
∵ a, b और 6 सभी पूर्णांक हैं।
∴ \(\frac{a-6 b}{b}\) एक परिमेय संख्या है।
∴ \(\sqrt{2}\) एक परिमेय संख्या होगी।
इससे इस तथ्य का विरोध होता है कि \(\sqrt{2}\) एक अपरिमेय संख्या है।
∴ हमारी कल्पना गलत है।
अतः 6 + \(\sqrt{2}\) एक अपरिमेय संख्या है।

JAC Class 10 Maths Important Questions and Answers in Hindi & English Jharkhand Board

JAC Jharkhand Board Class 10th Maths Important Questions in Hindi & English Medium

JAC Board Class 10th Maths Important Questions in English Medium

  1. Real Numbers Class 10 Important Questions
  2. Polynomials Class 10 Important Questions
  3. Pair of Linear Equations in Two Variables Class 10 Important Questions
  4. Quadratic Equations Class 10 Important Questions
  5. Arithmetic Progressions Class 10 Important Questions
  6. Triangles Class 10 Important Questions
  7. Coordinate Geometry Class 10 Important Questions
  8. Introduction to Trigonometry Class 10 Important Questions
  9. Some Applications of Trigonometry Class 10 Important Questions
  10. Circles Class 10 Important Questions
  11. Constructions Class 10 Important Questions
  12. Areas related to Circles Class 10 Important Questions
  13. Surface Areas and Volumes Class 10 Important Questions
  14. Statistics Class 10 Important Questions
  15. Probability Class 10 Important Questions

JAC Board Class 10th Maths Important Questions in Hindi Medium

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Exercise 1.2

प्रश्न 1.
निम्नलिखित संख्याओं को अभाज्य गुणनखण्डों के गुणनफल के रूप में व्यक्त कीजिए :
(i) 140 (ii) 156 (iii) 3825 (iv) 5005 (v) 7429
हल:
(i) दी गई पूर्णांक संख्या 140 है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 1
140 = 2 × 2 × 5 × 7
= 22 × 5 × 7

(ii) दी गई संख्या 156 है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 2
156 = 2 × 2 × 3 × 13
= 22 × 3 × 13

(iii) दी गई संख्या 3825 है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 3
∴ 3825 = 3 × 3 × 5 × 5 × 17
= 32 × 52 × 17

(iv) दी गई संख्या 5005 हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 4
∴ 5005 = 5 × 7 × 11 × 13.

(v) दी गई संख्या 7429 है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 5
∴ 7429 = 17 × 19 × 23

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2

प्रश्न 2.
पूर्णांकों के निम्नलिखित युग्मों के महत्तम समापवर्तक (H.C.F) और लघुत्तम समापवर्त्य (L.C.M.) ज्ञात कीजिए तथा इसकी जाँच कीजिए कि दो संख्याओं का गुणनफल = H.C.F × L.C.M. है।
(i) 26 और 91
(ii) 510 और 92
(iii) 336 और 54
हल:
(i) दी गई संख्याएँ 26 और 91 हैं।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 6
26 और 91 के उभयनिष्ठ अभाज्य गुणनखण्डों का (न्यूनतम घातों में) गुणनफल = (13)1 = 13
और 26 और 91 के अधिकतम घातांक में सभी अभाज्य गुणनखण्डों का गुणनफल = 2 × 7 × 13 = 182
अत: महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) = 13
तथा लघुत्तम समापवर्त्य (L.C.M.) = 182
अब संख्याओं का गुणनफल = 26 × 91 = 2366
और H.C.F. × L.C.M = 13 × 182 = 2366
अतः संख्याओं का गुणनफल H.C.F. × L.C.M

(ii) दी गई संख्याएँ 510, 92 हैं।
\(\begin{array}{l|l}
2 & 92 \\
\hline 2 & 46 \\
\hline & 23
\end{array}\)
∴ 92 = 2 × 2 × 23 = (2)2 × (23)1
\(\begin{array}{l|r}
2 & 510 \\
\hline 3 & 255 \\
\hline 5 & 85 \\
\hline & 17
\end{array}\)
510 = 2 × 3 × 5 × 17
= (2)1 × (3)1 × (5)1 × (17)1
92 और 510 के उभयनिष्ठ अभाज्य गुणनखण्डों का (न्यूनतम घाड़ों में) गुणनफल = (2)1 = 2
अतः H.C.F. = 2
तथा 92 और 510 के अधिकतम घातांक में सभी अभाज्य गुणनखण्डों का गुणनफल
= (2)2 × (3)1 × (5)1 × (17)1 × (23)1
= 23460
अत: L.C.M. = 23460
अतः महत्तम समापवर्तक (H.C.F) = 2 तथा लघुत्तम समापवर्त्य (L..C.M.) = 23460
अब संख्याओं का गुणनफल 92 × 510 = 46920
और H.C.F. × L.C.M. = 2 × 23460
= 46920
अतः संख्याओं का गुणनफलं = H.C.F. × L.C.M.

(iii) दी गई संख्याएँ 336 और 54 हैं।
\(\begin{array}{c|c}
2 & 336 \\
\hline 2 & 168 \\
\hline 2 & 84 \\
\hline 2 & 42 \\
\hline 3 & 21 \\
\hline & 7
\end{array}\)
336 = 2 × 2 × 2 × 2 × 3 × 7= 24 × 31 × 71
\(\begin{array}{c|r}
2 & 54 \\
\hline 3 & 27 \\
\hline 3 & 9 \\
\hline & 3
\end{array}\)
54 = 2 × 3 × 3 × 3 = 21 × 33
अब दोनों संख्याओं के उभयनिष्ठ अभाग्य गुणनखण्डों का (न्यूनतम घातों में) गुणनफल 21 × 31 = 6
∴ H.C.F. = 6
और दोनों संख्याओं के अधिकतम घातों में सभी अभाज्य गुणनखण्डों का गुणनफल = 24 × 33 × 7
= 16 × 27 × 7
= 3024
∴ L.C.M. = 3024
अतः महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) = 6
और लघुत्तम समापवर्त्य (L.C.M.) = 3024
∵ संख्याओं का गुणनफल 54 × 336 = 18144
और H.C.F. × L.C.M. = 6 × 3024 = 18144
अतः संख्याओं का गुणनफल = H.C.F. × L.C.M.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2

प्रश्न 3.
अभाज्य गुणनखण्ड विधि द्वारा निम्नलिखित पूर्णांकों के म. स. (H.C.F.) और ल. स. (L..C.M.) ज्ञात कीजिए :
(i) 12, 15 और 21
(ii) 17, 23 और 29
(iii) 8, 9 और 25
हल:
(i) दी गई संख्याएँ 12, 15 और 21 हैं।
इनके अभाज्य गुणनखण्ड करने पर
12 = 2 × 2 × 3 = (2)2 × 3
15 = 3 × 5
तथा 21 = 3 × 7
तीनों संख्याओं के उभयनिष्ठ अभाज्य गुणनखण्डों का (न्यूनतम घातों में) गुणनफल 31 = 3
∴ H.C.F. = 3
तथा तीनों संख्याओं के अभाज्य गुणनखण्डों का (अधिकतम घातों में) गुणनफल = 22 × 3 × 5 × 7
= 4 × 3 × 5 × 7 = 420
∴ L.C.M. = 420
अत: महत्तम समापवर्त (H.C.F) = 3
और लघुत्तम समापवर्त्य (L..C.M.) = 420

(ii) दी गई संख्याएँ 17, 23 और 29 हैं।
इनके अभाज्य गुणनखण्ड करने पर,
17 = 1 × 17, 23 = 1 × 23
तथा 29 = 1 × 29
उभयनिष्ठ अभाज्य गुणनखण्डों का (न्यूनतम घार्तो में) गुणनफल = 1
∴ H.C.F. = 1
अभाग्य गुणनखण्डों का (अधिकतम घातों में) गुणनफल = 17 × 23 × 29
= 11339
∴ L.C.M. = 11339
अत: H.CF. = 1 और L.C.M. = 11339

(iii) दी गई संख्याएँ 8, 9 और 25 के अभाज्य गुणनखण्ड करने पर,
8 = 2 × 2 × 2 = 23
9 = 3 × 3 = 32
25 = 5 × 5 = 52
उभयनिष्ठ अभाज्य गुणनखण्डों का (न्यूनतम घातों में) गुणनफल = 1
∴ H.C.F. = 1
अभाज्य गुणनखण्डों का (अधिकतम घातों में) गुणनफल
= (2)3 × (3)2 × (5)2
= 8 × 9 × 25 = 1800
∴ L.C.M. = 1800
अतः H.C.F. = 1 और L.C.M. = 1800.

प्रश्न 4.
यदि H.C.F. (306, 657) = 9 तो है। LCM (306, 657) ज्ञात कीजिए।
हल:
हम जानते हैं कि
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2 7
= 34 × 657 = 22338
अत: L.C.M. (306, 657) = 22338

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2

प्रश्न 5.
जाँच कीजिए कि क्या किसी प्राकृत संख्या n के लिए, संख्या 6n अंक 0 पर समाप्त हो सकती है।
हल:
माना किसी प्राकृत संख्या n के लिए 6n अंक 0 पर समाप्त होती है।
तब 6n, 5 से विभाज्य होगा।
∴ 6n = (2 × 3)n
अतः स्पष्ट है कि 6n के अभाज्य गुणनखण्डों में 2 या 3 के अतिरिक्त कोई अन्य अभाज्य गुणनखण्ड नहीं है।
∴ 6n का कोई गुणनखण्ड 5 नहीं हो सकता है।
अतः 6n, अंक शून्य पर समाप्त नहीं हो सकती है।

प्रश्न 6.
व्याख्या कीजिए कि 7 × 11 × 13 + 13 और 7 × 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5 भाज्य संख्याएं क्यों हैं ?
हल:
7 × 11 × 13 + 13 = 13[7 × 11 + 1]
= 13(77 + 1)
= 13 × 78
= 13 × 2 × 3 × 13
= 2 × 3 × 13 × 13
∵ 2, 3 और 13 अभाज्य संख्याएँ हैं। अतः अंकगणित की आधारभूत प्रमेय के अनुसार प्रत्येक भाज्य संख्या अभाज्य संख्याओं के एक गुणनफल के रूप में गुणनखंडित की जा सकती है।
अतः यह एक भाज्य संख्या है।
इसी प्रकार
7 × 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5
= 5[7 × 6 × 4 × 3 × 2 × 1 + 1]
= 5(1008 + 1)
= 5 × 1009
∵ 5 और 1009 अभाज्य संख्याएँ हैं। अतः अंकगणित की आधारभूत प्रमेय के अनुसार यह एक भाज्य संख्या है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.2

प्रश्न 7.
किसी खेल के मैदान के चारों ओर एक वृत्ताकार पथ है। इस मैदान का एक चक्कर लगाने में सोनिया को 18 मिनट लगते हैं, जबकि इसी मैदान का एक चक्कर लगाने में रवि को 12 मिनट लगते हैं। मान लीजिए वे दोनों एक ही स्थान और एक ही समय पर चलना प्रारम्भ करके एक ही दिशा में चलते हैं कितने समय बाद वे पुनः प्रारम्भिक स्थान पर मिलेंगे ?
हल:
सोनिया द्वारा मैदान का एक चक्कर लगाने में लगा समय = 18 मिनट
रवि द्वारा मैदान का एक चक्कर लगाने में लगा समय = 12 मिनट
वे पुन: प्रारम्भिक स्थान पर मिलेंगे = L.C.M. (18, 12)
∴ 18 और 12 के अभाज्य गुणनखण्ड हैं:
18 = 2 × 3 × 3
= 2 × (3)2
12 = 2 × 2 × 3
= (2)2 × 3
L.C.M. (18, 12) = (2)2 × (3)2
= 4 × 9 = 36
अतः सोनिया और रवि प्रारम्भिक स्थान पर 36 मिनट बाद मिलेंगे।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.4

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Exercise 1.4

प्रश्न 1.
बिना लम्बी विभाजन प्रक्रिया किए बताइए कि निम्नलिखित परिमेय संख्याओं के दशमलव प्रसार सांत हैं या असांत आवर्ती हैं :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.4 1
हल:
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.4 2
∵ हर में केवल अभाज्य गुणनखण्ड 5 ही है।
अर्थात् 2n × 5m के रूप का है।
अतः \(\frac{13}{3125}\) का दशमलव प्रसार सांत है।

(ii) \(\frac{17}{8}=\frac{17}{2 \times 2 \times 2}=\frac{17}{2^3 \times 5^0}\)
हर 2n × 5m के रूप का है अर्थात् हर में केवल अभाज्य गुणनखण्ड 2 ही है।
अतः \(\frac{17}{8}\) का दशमलव प्रसार सांत है।

(iii) \(\frac{64}{455}=\frac{64}{5 \times 7 \times 13}\)
हर 2n × 5m के रूप का नहीं है।
अर्थात् हर में 2 तथा 5 के अतिरिक्त अभाज्य गुणनखण्ड 7 और 13 भी हैं।
अतः \(\frac{64}{455}\) का दशमलव प्रसार असांत एवं आवर्ती हैं।

(iv) \(\frac{15}{1600}=\frac{15}{2^4 \times 100}\)
= \(\frac{15}{2^4 \times 2^2 \times 5^2}=\frac{15}{2^6 \times 5^2}\)
हर 2n × 5m के रूप का है।
अर्थात् हर में 2 और 5 ही अभाज्य गुणनखण्ड हैं।
अतः \(\frac{15}{1600}\)

(v) \(\frac{29}{343}=\frac{29}{7 \times 7 \times 7}\)
हर 2n × 5m के रूप का नहीं है।
अर्थात् हर के अभाग्य गुणनखण्डों में 2 और 5 नहीं हैं।
अत: \(\frac{29}{343}\) का दशमलव प्रसार असांत एवं आवर्ती है।

(vi) \(\frac{23}{(2)^3 .(5)^2}\) के हर में केवल अभाज्य गुणनखण्ड 2 और 5 ही है अर्थात् 2n × 5m के रूप का है।
अतः \(\frac{23}{2^3 .5^2}\) का दशमलव प्रसार सांत है।

(vii) \(\frac{129}{(2)^2 \cdot(5)^7 \cdot(7)^5}\) के हर में अभाज्य गुणनखण्ड 2, 5 व 7 हैं। गुणनखण्ड 7, (2 या 5) के अतिरिक्त हैं अर्थात् 2n × 5m के रूप का नहीं है।
अतः \(\frac{129}{2^2 \cdot 5^7 \cdot 7^5}\) का दशमलव प्रसार असांत एवं आवर्ती है।

(viii) \(\frac{6}{15}=\frac{3 \times 2}{3 \times 5}=\frac{2}{5}=\frac{2}{5 \times 2^0}\)
∵ हर में अभाज्य गुणनखण्ड केवल 5 है अर्थात् 2n × 5m के रूप का है।
अत: \(\frac{6}{15}\) का दशमलव प्रसार सांत है।

(ix) \(\frac{35}{50}=\frac{5 \times 7}{5 \times 5 \times 2}=\frac{7}{5 \times 2}\)
∵ हर में अभाज्य गुणनखण्ड केवल 5 व 2 हैं अर्थात् 2n × 5m के रूप का है।
अतः \(\frac{35}{50}\) का दशमलव प्रसार सांत है।

(x) \(\frac{77}{210}=\frac{7 \times 11}{7 \times 2 \times 3 \times 5}=\frac{11}{2 \times 3 \times 5}\)
∵ हर में 2 और 5 के अतिरिक्त गुणनखण्ड 3 भी है।
∴ यह 2n × 5m के रूप का नहीं है।
अतः \(\frac{77}{210}\) का दशमलव प्रसार असांत एवं आवर्ती है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.4

प्रश्न 2.
ऊपर दिये गये प्रश्न में उन परिमेय संख्याओं के दशमलव प्रसारों को लिखिए जो सांत हैं।
हल:
(i) \(\frac{13}{3125}=\frac{13}{5 \times 5 \times 5 \times 5 \times 5}\)
= \(\frac{13}{5^5}=\frac{13}{2^0 \times 5^5}\)
∵ हर 2n × 5m के रूप का है।
∴ \(\frac{13}{3125}\) का दशमलव प्रसार सांत है।
दशमलव के रूप में व्यक्त करना :
हर को 10 की घात बनाने के लिए संख्या को (2)5 से गुणा और भाग करने पर:
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.4 3
अतः \(\frac{13}{3125}\) का दशमलव प्रसार 0.00416 है।

(ii) \(\frac{17}{8}=\frac{17}{2 \times 2 \times 2}=\frac{17}{2^3}\)
∵ हर 2n × 5m के रूप का है।
∴ \(\frac{17}{8}\) का दशमलव प्रसार सांत है।
दशमलव के रूप में व्यक्त करना :
हर को 10 की घात बनाने के लिए अंश और हर में 53 से गुणा करने पर-
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.4 4
हर के अभाज्य गुणनखण्ड 2n × 5m के रूप में नहीं हैं।
अर्थात् हर के अभाज्य गुणनखण्डों में 5 के अतिरिक्त 7 और 13 भी हैं।
अत: \(\frac{64}{455}\) का दशमलव प्रसार असांत आवतीं है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.4 5
∵ हर 2n × 5m के रूप का है।
∴ \(\frac{15}{1600}\) का दशमलव प्रसार सांत है।
हर को 10 की घात बनाने के लिए अंश व हर में (5)4 से गुणा करने पर,
\(\frac{15}{1600}=\frac{15 \times 5^4}{2^6 \times 5^2 \times 5^4}\)
= \(\frac{15 \times 625}{2^6 \times 5^6}\)
= \(\frac{9375}{(2 \times 5)^6}=\frac{9375}{10^6}=\frac{9375}{1000000}\)
= 0.009375
अतः \(\frac{15}{1600}\) का दशमलव प्रसार 0.009375 है।

(v) \(\frac{29}{343}=\frac{29}{7 \times 7 \times 7}=\frac{29}{7^3}\)
चूँकि हर के अभाज्य गुणनखण्डों में 2 व 5 नहीं हैं।
अर्थात् 2n × 5m के रूप का नहीं है।
∴ \(\frac{29}{343}\) का दशमलव प्रसार असांत आवर्ती है।

(vi) \(\frac{23}{2^3 \cdot 5^2}\)
∵ हर 2n × 5m के रूप का है।
∴ \(\frac{23}{2^3 \cdot 5^2}\) का दशमलव प्रसार सांत है।
हर को 10 की घात बनाने के लिए अंश व हर में 5 से गुणा करने पर,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.4 6
अतः \(\frac{23}{2^3 \cdot 5^2}\) का दशमलव प्रसार 0.115 है।

(vii) \(\frac{129}{2^2 5^7 7^5}\)
चूँकि हर के अभाज्य गुणनखण्ड में 2, 5 के अतिरिक्त 7 भी हैं।
अर्थात् हर के अभाज्य गुणनखण्ड 2n × 5m के रूप में नहीं हैं।
∴ \(\frac{129}{2^2 5^7 7^5}\) का दशमलव प्रसार असांत आवर्ती है।

(viii) \(\frac{6}{15}=\frac{2 \times 3}{3 \times 5}=\frac{2}{5}\)
∵ हर 2n × 5m के रूप का है।
अतः \(\frac{6}{15}\) का दशमलव प्रसार सांत है।
हर को 10 की घात बनाने के लिए अंश और हर में 2 से गुणा करने पर,
\(\frac{2}{5}=\frac{2 \times 2}{2 \times 5}=\frac{4}{10}=0.4\)
अतः \(\frac{6}{15}\) का दशमलव प्रसार 0.4 है।

(ix) \(\frac{35}{50}=\frac{5 \times 7}{2 \times 5 \times 5}=\frac{7}{2 \times 5}\)
= \(\frac{7}{10}=0.7\)
∵ हर 2n × 5m के रूप का है।
अतः \(\frac{35}{50}\) का दशमलव प्रसार सांत है।
अतः \(\frac{35}{50}\) का सांत दशमलव प्रसार 0.7 है।

(x) \(\frac{77}{210}=\frac{7 \times 11}{7 \times 30}\)
= \(\frac{11}{30}=\frac{11}{3 \times 2 \times 5}\)
चूँकि हर के अभाज्य गुणनखण्डों में 2 व 5 के अतिरिक्त 3 भी है।
अर्थात् हर का अभाज्य गुणनखण्ड 2n × 5m के रूप में नहीं है।
अतः \(\frac{77}{210}\) का दशमलव प्रसार असांत आवतीं है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.4

प्रश्न 3.
कुछ वास्तविक संख्याओं के दशमलव प्रसार नीचे दर्शाए गए हैं। प्रत्येक स्थिति के लिए निर्धारित कीजिए कि यह संख्या परिमेय संख्या है या नहीं। यदि यह परिमेय संख्या है \(\frac{p}{q}\) और के रूप की है तो q के अभाज्य गुणनखण्डों के बारे में आप क्या कह सकते हैं?
(i) 43.123456789
(ii) 0.120120012000120000………
(iii) \(43 . \overline{123456789}\)
हल:
(i) 43.123456789 = \(\frac{43123456789}{1000000000}\)
यह संख्या \(\frac{p}{q}\) के रूप की है।
∴ यह एक परिमेय संख्या है।
q = 1000000000
= (10)9 = (2 × 5)9 = 29 × 59
अत: q के अभाज्य गुणनखण्ड 2 या 5 या दोनों हैं।

(ii) 1.120120012000120000………
इस संख्या का दशमलव प्रसार असांत एवं अनावर्ती है
और इसे \(\frac{p}{q}\) के रूप में नहीं लिखा जा सकता है।
∴ यह संख्या परिमेय नहीं है

(iii) \(43 . \overline{123456789}\)
= 43.123456789 123456789 123456789 …
इस संख्या का दशमलव प्रसार असांत एवं ओती है और इसे \(\frac{p}{q}\) के रूप में लिखना सम्भव है।
∴ यह एक परिमेय संख्या है।
q के अभाज्य गुणनखण्ड 2 और 5 के अतिरिक्त और भी अभाज्य धन पूर्णांक सम्भव हैं।
अतः दी गई संख्या परिमेय है और q के अभाज्य गुणनखण्ड 2 या 5 के अतिरिक्त भी है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Exercise 1.1

प्रश्न 1.
निम्नलिखित संख्याओं का H. C. F. ज्ञात करने के लिए यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म का प्रयोग कीजिए:
(i) 135 और 225
(ii) 196 और 38220
(iii) 867 और 255
हल:
(i) चरण 1. क्योंकि, संख्याएँ 135 और 225 इस प्रकार हैं कि
225 > 135
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 1
अत: 225 और 135 के लिए यूक्लिड
विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर
225 = 135 × 1 + 90
चरण 2. ∵ शेषफल शून्य नहीं है।
∴ 135 और 90 पर यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका प्रयोग करने पर,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 2
135 = 90 × 1 + 45

चरण 3. 90 और 45 पर यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 3
90 = 45 × 2 + 0
∵ शेषफल 0 प्राप्त हो गया।
∴ चरण 3 में भाजक 45 है।
अतः 135 और 225 का H.C.F. = 45

(ii) चरण 1. क्योंकि संख्याएँ 196 और 38220 इस प्रकार हैं कि
38220 > 196
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 4
अत: 38220 और 196 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर
38220 = 196 × 195 + 0
∵ शेषफल शून्य प्राप्त हो गया है। इस स्थिति में भाजक 196 है।
∴ 38220 और 196 का H.C.F. = 196

(iii) चरण 1. ∵ संख्याएँ 867 और 255 इस प्रकार हैं कि
867 > 255
अत: 867 और 255 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 5
867 = 255 × 3 + 102

चरण 2. ∵ शेषफल 0 नहीं है।
∴ 102 और 255 पर पुन: यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 6
255 = 102 × 2 + 51

चरण 3. 51 और 102 पर पुनः यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 7
102 = 51 × 2 +0
∵ शेषफल 0 प्राप्त हो गया है।
∴ चरण 3 का भाजक 51 है।
अत: 867 और 255 का H.C.F = 51.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1

प्रश्न 2.
दर्शाइए कि कोई भी धनात्मक विषम पूर्णांक 6q + 1 या 6q + 3 या 6q + 5 के रूप का होता है, जहाँ 9 कोई पूणांक है।
हल:
माना कि a एक धनात्मक विषम पूर्णांक है। और (b = 6) के लिए यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म का प्रयोग करने पर,
a = 6q + r, जहाँ 0 ≤ r < 6
∵ 0 ≤ r < 6 के लिए सम्भावित शेषफल 0, 1, 2, 3, 4 और 5 हैं।
∴ a = 6q + 0 या a = 6q + 1
या a = 6q + 2 या a = 6q + 3
या a = 6q + 4 या a= 6q + 5
के रूप का हो सकता है।
जहाँ q = भागफल है तथा a = विषम पूर्णांक हैं।
∴ यह 6q, 6q + 2, 6q + 4 के रूप का नहीं हो सकता है। [सभी 2 से विभाज्य हैं।]
अतः कोई भी धनात्मक विषम पूर्णांक 6q + 1 या 6q + 3 या 6q + 5 के रूप का हो सकता है।

प्रश्न 3.
किसी परेड में 616 सदस्यों वाली एक सेना (आर्मी) की टुकड़ी को 32 सदस्यों वाले एक आर्मी बैंड के पीछे मार्च करना है। दोनों समूहों को समान संख्या वाले स्तम्भों में मार्च करना है। उन स्तम्भों की अधिकतम संख्या क्या है, जिसमें वे मार्च कर सकते हैं ?
हल:
सेना के दो समूहों वाले बैण्ड की कुल संख्या 616 और 32 है।
∵ हमें स्तम्भों की अधिकतम संख्या ज्ञात करनी है।
∴ अधिकतम संख्या के लिए HCF निकालेंगे।
चरण 1. ∵ 616 > 32, ∴ 616 और 32 पर यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 8
616 = 32 × 19 + 8

चरण 2. ∵ शेषफल 0 नहीं है।
∴ 8 और 32 पर पुन: यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1 9
32 = 8 × 4 + 0
यहाँ शेषफल 0 है।
∵ चरण 2 में भाजक 8 है।
∴ 616 और 32 का H.C.F. = 8
अतः मार्च करने के लिए अधिकतम स्तम्भों की संख्या = 8.

प्रश्न 4.
यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करके दर्शाइए कि किसी धनात्मक पूर्णांक का वर्ग, किसी पूर्णांक m के लिए 3m या 3m + 1 के रूप का होता है।
हल:
माना a कोई धनात्मक पूर्णांक है तब यह 3q या 3q + 1 या 3q + 2 के रूप का होता है।
अतः इसकी तीन स्थितियाँ सम्भव हैं।
स्थिति I: जब a = 3q
⇒ (a)2 = (3q)2 = 9q2 = 3(3q2) = 3m (जहाँ 3q2 = m है)
स्थिति II : a = 3q + 1
⇒ (a)2 = (3q + 1)2 = 9q2 + 6q + 1
= 3q (3q + 2) + 1 = 3m + 1 [जहाँ m = q(3q + 2) है]
स्थिति III: 3q + 2
⇒ (a)2 = 3q + 2
(a)2 = (3q + 2)2
= 9q2 + 12q + 4
= (9q2 + 12q + 3) + 1
= 3 (q2 + 4q + 1) + 1
= 3m + 1
[जहाँ m = q2 + 4q + 1 है]
a2 के सभी विस्तारों से स्पष्ट है कि a2, 3 से विभाजित होता है और शेषफल या तो शून्य बचता है या 1 बचता है।
अतः किसी धन पूर्णांक का वर्ग किसी पूर्णांक m के लिए 3m या 3m + 1 के रूप का होता है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Ex 1.1

प्रश्न 5.
यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करके दर्शाइए कि किसी धनात्मक पूर्णांक का घन 9m, 9m + 1 या 9m + 8 के रूप का होता है।
हल:
माना a कोई धनात्मक पूर्णांक है। तब यह 3b या 3b + 1 या 3b + 2 के रूप का होता है।
अतः इसकी तीन स्थितियाँ सम्भव हैं।
स्थिति I: जब a = 3b तो
(a)3 = (3b)3 = 27b3 = 9(3b3) = 9m ……(1)
[जहाँ m = 3b3 है।]
स्थिति II: जब a = 3b + 1 तो
a3 = (3b + 1)3
⇒ a3 = (3b)3 + 3.3b.1 (3b + 1) + (1)3
⇒ a3 = (27b3 + 27b2 + 9b) + 1
⇒ a3 = 9[3b3 + 3b2 + b] + 1.
a3 = 9m + 1 ……(2)
[जहाँ m = 3b3 + 3b2 + b]
स्थिति III: जब a = 3b + 2 तो a3 = (3b + 2)3
⇒ a3 (3b)3 + 3.3b.2(3b+2) + (2)3
⇒ a3 = [27b3 + 18b(3b + 2)] + 8
⇒ a3 = 9[3b3 + 6b2 + 4b] + 8
⇒ a3 = 9m + 8
[जहाँ m= 3b3 + 6b2 + 4b] … (3)
समीकरण (1), (2) व (3) को देखने पर हम पाते हैं कि a3, 9 से भाग्य है।
तब इन्हें क्रमश: a3 = 9m
या a3 = 9m + 1
या a3 = 9m + 8 लिखा जा सकता है।
अतः किसी धन पूर्णांक का घन 9m, 9m + 1 या 9m + 8 के रूप का होता है।

JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing

JAC Board Class 10th English Analytical Paragraph Writing

JAC Class 10th English Analytical Paragraph Writing Textbook Questions and Answers

An analytical paragraph is a body paragraph. It presents evidence in order to prove the thesis. In it, specific words, phrases or ideas are found as evidence. There is specific connection between the evidence and the topic sentence. Its main goal is to explain something bit by bit to enhance understanding. Analytical paragraph is written about the analysis of a text, a process or an idea. Map is actually a diagram that displays information visually. It can be created using pen and paper. The rules for creating a map are simple.

  • Write the subject in the centre of paper.
  • Write meaningful keyword to explain them.

JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing

CHART:

You must have seen graphs, charts, etc., in the newspapers, magazines, books, etc. The main purpose of chart is to show numerical facts in visual form so that they can be understood quickly, easily and clearly.

These are actually visual representation of data collected.
There are various methods through which data can be presented quickly.

1. Bar chart: Bar chart is one of the most popular and commonly used methods of presenting data. It makes the comparative study of data easy. It consists of a group of bars which are equi-distance from each other. Bar charts are read by the measurement of the length or the height of the bars. It is used for the clarity of presentation. The example is as follows:
JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing 1
2. Pie chart: Pie chart is used to compare a part of whole. It is used to represent a circular representation of data. Each part is in proportion to its share of the whole data. In circular figure, it is divided into different sectors or segments.
JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing 2
3. Tabular presentation: It is one of the most common forms of data presentation.
Production of steel and sales in rupees

Year (Production) Sales (in Rupees)
2015 1500 tons 3 crore
2016 1650 tons 4.5 crore
2017 1725 tons 5.10 crore
2018 1850 tons 6.3 crore
2019 1990 tons 6.75 crore

JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing

4. X-Y charts: X-Y charts are represented on x-y planes. In this type of charts, the data are represented on x-y planes. In it, one axis represents one or more variable while the other axis represents an another variable. The example is as follows:
JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing 3
5. Histogram: Histogram is a bar graph that shows data in intervals. It can be represented in the following manner.

Weights (kg) 20-30 30-40 40-50 50-60 60-70
No. of persons 0 8 10 16 18

JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing 4
Vertical Bar Diagram: In the table given, the birth rate in India has been given according to census survey of different years. Put the information in the form of a vertical simple bar diagram.

Year 1950-60 1961-70 1971-80 1981-90 1991-2000
Birth Rate 43 33 29 27 25

JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing 5
In the bar diagram discussed above, the birth rate in India has been explained in detail. The birth rate in India in 1950-60 was 43 while in 1961-70, decreased up to 33. As the year advanced, the birth rate of India decreased substantially and in 1971-80, it was 29. While in 1981-90, it decreased up to 27 and in 1991-2000, it came to its lowest, i.e., 25.

JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing

Horizontal Bar Diagram:
JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing 6
In the given diagram, the category of students and the marks obtained by them have been shown. The students of 19 category obtained 250 marks while the category of B obtained 200 marks. The category of students C obtained 150 marks, while the D category of students obtained 100 marks.

Analytical reports: Analytical reports are one of the most important business intelligence components. It is a type of business report that uses qualitative and quantitative company data to analyse as well as evaluate a business strategy or process. Analytical reporting is based on historical data statistics and can also deliver predictive analysis of a specific issue.

Hints for data interpretation:

  • Go through the data carefully. Carefully calculate or interpret things.
  • Draw logical conclusion.
  • Interpret the data in a logical and systematic way.
  • Do not repeat unnecessary details.
  • Do not interpret or calculate things which are not mentioned in the data.
  • Do not exaggerate.
  • Write whatever is depicted or presented in data.

Line Graph

A set of statistical data presented on a graph paper is called a graph. But while presenting the data on a graph paper we get different points. Each point corresponds to a value of statistical series. A line graph has X and Y axis. All line graphs must have a title and a key. All the lines must be connected to the data points. The lines on a line graph can go in upward direction and in downward direction. Line graphs are able to answer the questions pertaining to data. A line graph may also be referred to as a line chart. Line graph can be used to compare different events, situations and information.

There are two axes of a line graph. The x-axis of a graph shows the occurrences and the categories being compared over time and the y-axis represents the scale. All the line graphs must have a title. It provides a general overview of what is being displayed. A line graph represents the event, situation and information being measured in due course of time.

Questions (Solved)

Question 1.
Observe the given graph and analyse the data. Monthly production of an iron factory in(Tons) and sales in (Lakhs) rupees.
JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing 7
Answer:
In the given graph the monthly production and sales of factory are shown. In the month of January, the production of company was 5,000 tons while the sale was 7,50,000 rupees. In February, the production increased more than half and sales also went upto 10,000,00 rupees. But there was a sharp decline in the production and even sales of iron in the month of March. In the month of April, the production and sale of iron increased at a tremendous pace. From April to May the sale and production of the company also increased but from May to June the sale and production increased slightly. So, from the above graph it can be inferred that there was upward and downward trend in both the sale and production of the iron.

JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing

Question 2.

Years

 

Depts. Number of workers
Marketing Production Official Accounts HR
2014 15 125 5 10 4
2015 20 150 10 10 6
2016 25 160 15 12 3
2017 30 125 8 7 8
2018 35 105 12 06 9
2019 40 170 5 4 5
2020 42 180 08 4 14

Study the table carefully and give detailed description of the given data logically.
Answer:
The figures in the data show that maximum number of workers were engaged in production and the minimum number of employees were engaged in Human Resource (HR) dept. The numbers of workers engaged in offices were the same in 2014 and 2019 respectively. The number of workers in production increased substantially except in 2017 and 2018. The number of workers in marketing increased substantially as the year advanced.

Question 3.

Years

 

Production of different types ol bike (in thousands)
Kawasaki Suzuki Yamaha ZF-5
2008 125 130 131 135
2009 140 120 125 120
2010 130 115 119 118
2011 135 113 120 117
2012 145 118 121 112
2013 150 121 120 109

Study the table carefully and answer the following questions.
(i) The production of which type of bike decreased substantially?
Answer:
The production of ZF-5 bike decreased substantially.

(ii) Which type of bike witnessed more production?
Answer:
Kawasaki bike witnessed more production.

(iii) How much production of Kawasaki increased between 2012-13?
Answer:
It increased approximately 3%.

(iv) In which year do you find substantial increase in the production of all types of bike?
Answer:
In 2012, we find substantial increase in the production of all types of bike.

Question 4.
Given below is the turnout of voters including male and female of Maharashtra from 1990 to 2020. Interpret the data.

Election years Voters (%) Male (%) female (%)
1990 48.6 45.2 38.2
1995 50.5 42.5 60.3
2000 47.5 58.2 54.2
2005 55.2 50.3 52.0
2010 55.6 52 49.1
2015 58.5 56.4 53.2
2020 60 62.3 44.2

Answer:
The following details have been discussed through tabular presentation. It shows the details of turnout of voters in Maharashtra from 1990 to 2020. In the year 2020, the turnout of voters was 60%. The percentage of male voters was 62.3%. In the year 2020, and female voters was in maximum in 1995. The turnout of male voters increased subsequently from the year 1990 to 2020. In 2000, the turnout of voters was minimum, i.e., 47.5%. The turnout of female voters was least in 1990. So the data mentioned in the table shows that the voters turnout increased in maximum number of years. But in the case of female voters, it fluctuated; sometimes it increased and sometimes it decreased.

JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing

Question 5.
Observe the given figure carefully. It shows one weeks’ sales figures of cars of different companies in percentage. Also, interpret the data in detail.
JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing 8
Ans: The above details are of number of cars sold by different auto-companies. The total number of cars sold in a particular week is 10,000. the sales is divided and presented on the pie-chart in terms of swept area according to the percentage sale of a respective car manufacturing company. The exact number of different categories of cars is as follows:
(i) The exact number of the cars of Tata Motors is 5,000.
(ii) The number of cars sold by Maruti is 2,000.
(iii) The number of cars sold by Hyundai is 1,500.
(iv) The number of cars sold by Toyota is 1000.
(v) The number of cars sold used by Ferrari is 200.
(vi) The number of cars sold by Lamborghini is 300.

Question 6.
Study the pie-chart showing the % of pass out students of an engineering college from different states. Study the data and highlight the main trends that emerge out of your study in detail.
JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing 9
Answer:
The pie-chart dearly exhibits that the pass out percentage of Delhi students is the highest. The minimum pass% of students is from Maharashtra. After Delhi, the maximum percentage of pass out students is from Uttar Pradesh. Later on the percentage of pass out students is from Bihar. The pass out % of West Bengal and Madhya Pradesh is same. So, it can be said that the students of Delhi are more intelligent and hardworking.

Question 7.
Railway carriage charges for different cities.

Cities Mumbai Pune Bengaluru Bhubaneshwar
Bengaluru 30 35 40 48
Bhubaneshwar 35 33 44 47
Mumbai 43 53 58
Pune 55 53 44 60

Read the given table showing courier charges (₹) for sending 1 kg parcel from one city to the other. Interpret the given details.
Answer:
The above table shows railway carriage charges for sending 1 kg parcel from one city to another. Mumbai, Pune, Bengaluru and Bhubaneshwar are mentioned in the table. The charges for sending parcel from Bengaluru to Mumbai is the least. The highest charges for sending parcel is from Pune to Bhubaneshwar. If the cost per kg is assumed to be directly proportionate to the distance between the cities, then it can be inferred that the distance between Pune and Bhubaneshwar is the most.

JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing

Question 8.
Study the pie-chart and explain it in detail. The ABC Publishers invested crore on all the items.
JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing 10
Answer:
From the above details, it can be inferred that ABC publishers invested a major portion of the amount, i.e., 25 lakh on paper cost. The cost incurred on binding and printing was almost the same, i.e., 20 lakh each on both heads. About 15 lakh was invested on the royalty of authors. The promotion cost and miscellaneous cost was almost the same. It was l0 lakh on each head. So, it can be said tiat the ABC Publishers spent this amount on all the heads concerning to publishing sector.

Question 9.
Study the pie-chart given below and explain it in detail. In the year 2015, Regional Market shares value at 100 crore.
JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing 11
Answer:
In the above pie-chart, the market shares of a region in 2015 have been explained in detail. In the year 2015, on transport sector 50% amount, i.e., ₹50 crore was spent. About 25 crore rupees was spent on industry sector 14% amount i.e., ₹14 crore was spent on household expenditure. In comparison to household sector 9% amount, i.e., ₹9 crore was spent on agriculture. Only 2%, i.e. about 2 crore was spent in miscellaneous expense. So, it can be said that apart from others (Miscellaneous expenses) the market value of agriculture sector was the least.

Question 10.
The chart given below explains the ten causes of deaths in India. It includes the people of all ages due to various diseases. Using the information given in the chart, interpret the data accordingly and rationally. No additional information should be added in the answer.
Ten causes of Death
(People of all age groups)

Causes of Death Male (%) Female (%) Total (%)
1. Heart Disease 18.3 15.9 17.5
2. Respiration Disease 10.1 8.3 9.2
3. Dairrhoeal Disease 7.5 8.9 9.1
4. Fungal Disease 5.4 3.2 4.2
5. Tuberculosis 7.2 5.3 6.4
6. Malignancy 3.9 3.3 3.6
7. Senility 5.0 6.1 5.5
8. Fractures and Injuries 4.0 2.8 3.4
9. Epidemic Disease 8.9 7.5 6.7
10. Unintentional injuries 4.3 4.4 4.3

Answer:
The chart mentioned above shows the data regarding the top ten causes of deaths in India. It is quite evident from the data that most deaths occurred due to heart diseases in India. About 17.5% of men and women died due to heart diseases in India. The males (18.3) and female (15.9) died due to heart diseases. As the data shows, due to respiratory diseases the number of deaths in India was 9.2 in total. Again males dominate over the female in respiration disease, i.e., 10.1% and 8.3% respectively. But the sorry state of affairs is that more female, i.e., 8.9% suffered due to diarrheal diseases. This disease was seen less in male rather thin a females population. Due to fractures and injuries less number of people die. Due to epidemic diseases also, the number of deaths among male was 8.9% while among women it was 7.5%. Unintentional injury was also one of the diseases by which the female were more affected than the males. So, these were the factors that led to the death of the males as well as the females.

JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing

Question 11.
The chart given below shows the Index of Markets of various segments of the Indian industries using the information given in the chart, interpret the data in detail and rationally.

Last year(2019) This year (2020)
Real Estate 15,969.01 17,731.04
IT Sector 7,899.02 8,333.05
FMCG 16,764.02 19,081.39
Print and Technology 6,045.03 5,039.04
Science & Tech 8,361.05 7,089.05
Petroleum 18,079.0 19,069.5
FCI 8,237.0 7,8,32.5
Education 5,433.1 6,339.01
Private Sector 9,971.9 9,999.2

Answer:
The given Index shows a mixed trend. In the Real Estate Sector, there was an upward trend in the year 2020 in comparison to 2019. The main jump was seen in FMCG Sector. But in Print and Technology, there was downward trend. It decreased approximately upto 1000 crore. The mixed trend was shown in the given details. In private sector, there was slight jump in comparison to the last year. In Print Technology, science and technology and FCI, there was downward trend. The upbeat mood was seen only in FMCG sector. So, it can be said that in some sectors, there was a boo but in some sectors there was a drop.

Question 12.
Observe the given line graph and analyse the data.
JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing 12
Answer:
The given graph shows the population of men and women in a village through line graph. In the year 2012, the population of men in a village was 12,000 while the population of women – was 10,000. In 2013, the population of men increased approximately half of the population
and women increased about 3%. But the population decreased in 2014 and increased marginally in 2015. But 2015 onward, the population of men increased substantially in all the three years. In 2015, the population of women decreased substantially. But in the year 2016-2017 and 2018 the population of women also increased substantially. The above graph shows the upward and downward trend in both (the number of men as well as women). In years, the population declined while in others the population increased.

JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing

Question 13.
Study the given histogram that shows the number of workers of a village corresponding to different range of weekly wages. Interpret the data and explain the main features.
JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing 13
Answer:
The histogram given above shows the number of workers of a village and the distribution of weekly wages. 7 workers were given 5-10 weekly wages while 10 workers were given 15-20 weekly wages, 27 workers were given 35-40 weekly wages. 15 workers were given 35-40 weekly wages. 6 workers were given 40-45 weekly wages. 3 workers were given 45¬65 weekly wages and 2 workers were given 70-80 weekly wages. So, this histogram clearly shows the relation between the number of workers and weekly wages.

There is least difference between the weekly wages of 10-15 and 30-40. The least number of people who were given weekly wages are between 70-80. The maximum number of workers who were given weekly wages were between 25-30.

Question 14.
Study the given histogram that shows distribution of social classes and interpret the data rationally. Also highlight its main features.
JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing 14
Answer:
The histogram mentioned above shows distribution of social classes. The categories of social classes mentioned in the given histogram are: Lower-lower, Lower-middle, upper- lower, lower upper and upper-upper. The least difference is between lower-lower and lower middle social classes. But the main and wide difference lies between the upper-lower and lower -upper classes. The upper-category has the minimum and the upper-lower class has the maximum frequency. It distribution hightlights the main features of the categories of social classes and its frequency.

JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing

Question 15.
See the given image and write an analytical report on this.
JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing 15
Answer:
The above data lays emphasis on healthcare matrices. It combines statistics and historical data. It goes deeper into the analysis of trends. It can serve as a fundamental part of generating future decisions. These are important to run and modify a hospital strategy. The data in healthcare are becoming expansive and increasing the variety of information it provides. It also uses reports in the form of a dashboards so that eveiy analytical information generated has its own measurement and quality of evidence. The average waiting time clearly increases the effectiveness of different hospital departments. The number of patients can explain why some divisions have the bigger amount of waiting time. It therefore proposes a solution to reduce it. It also reduces costs that directly affect the department. This metric is important for the finance department. The holistic view of all the analysis created and presented in this dashboard cell help management to make better decisions. This classification can also serve as an analytical report. It can then be used as road map to a successful hospital strategy.

Question 16.
See the given figure and write an analytical graph analysis on it.
JAC Class 10 English Analytical Paragraph Writing 16
Answer:
This picture shows the trend analysis of an examination at upper level. In it, questions from different segments have been asked. Most of the questions were asked from current affairs segment. The second major area of thrust was economics. Later on, 15 questions were asked from history, 14 questions were asked from polity and 8 questions were asked from science and technology. It is the area from which less number of questions were asked. So, this picture denotes that questions have been asked from almost all the Stearns. And the students will have to lay equal emphasis on all the subjects.

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

Jharkhand Board JAC Class 10 Hindi Solutions Vyakaran रस Questions and Answers, Notes Pdf.

JAC Board Class 10 Hindi Vyakaran रस

प्रश्न 1.
साहित्य में रस से क्या अभिप्राय है?
उत्तर :
दैनिक जीवन में हम रस शब्द का उपयोग अनेक अथों में करते हैं। सर्वप्रथ हम विभिन्न पदार्थो के रस की बात करते हैं। खट्य-माठा, नमकीन अथवा कड़वा रस होता है। जिह्वा के द्वारा हम इस प्रकार के छह रसों का आनंद लेते हैं। दूसरी प्रकार के रस जिनसे हमारा। दैनिक जीवन में परिचय रहता है, वे हैं विभिन्न पदार्थों का सार या निचोड़। किसी पदार्थ का निचोड़, तरलता अथवा पारे गंधक से बनी औषधि आदि को भी रस कह दिया जता है। प्रायः यह भी सुनने को गाने में रस है। इसका अभिप्राय कर्णप्रियता या मधुरता है।

साधु महात्मा एक और रस का वर्णन करते हैं, जिसे ब्रह्मानंद कहा जाता है। पहुँचे हुए योगी ब्रह्म के साथ ऐसा संबंध स्थापित कर लेते हैं कि हर क्षण उन्हें ब्रह्म के निकट होने का आभास होता है और वे उससे आनंदित रहते हैं। यह स्थायी आनंद भी रस माना जाता है। साहित्य में रस, ऐसे आनंद को कहते हैं जो कि पाठक, श्रोता या दर्शक को किसी रचना को गढ़ने, सुनने अथवा मंच पर अभिनीत होते देखकर होता है। जब सहदय (पाठक, श्रोता आदि) को अपने व्यक्तित्व का एहसास पहीं रहता, वह आत्म-विभोर हो उदतार अपे पारेवेश को भूलकर आनद विभीर हो उठता है तो कार्य रस या आजंद ब्रहमानंद के समान हो जाता है । रस का संध यु० के भाव जगत से है।

प्रश्न 2.
रस के अंग अथवा कारण सामग्री का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
आचार्य विश्वनाथ ने अपने ग्रंथ ‘साहित्य दर्पण’ में रस के स्वरूप एवं अवयवों पर प्रकाश डाला है। उनके अनुसार ‘विभाव, अनुभाव तथा संचारी भावों से व्यक्त हुआ स्थायी भाव ही रस का रूप धारण करता है। इस प्रकार रस के चार अंग स्पष्ट हो जाते हैं, जो निम्नलिखित हैं –
(i) स्थायी भाव – मनुष्य के मन में जन्म से ही कुछ भाव रहते हैं, जिनका धीरे-धीरे विकास होता है। वे भा या अधिक मात्रा में स्थायी रूप से रहते हैं। प्रेम, क्रोध, शोक, घृणा, भय, विस्मय, हास्य आदि ऐसे ही स्थायी भाव हैं। ये भाव मन में सुप्तावस्था में रहते हैं और अवसर आने पर जाग जाते हैं। कोई व्यक्ति हर समय क्रोधित दिखाई नहीं पड़ता। जब उसे अपना कोई शत्रु दिखाई दे, अपने को हानि पहुँचाने वाला दिखाई दे तो मन में क्रोध का भाव जागता है। स्थायी भावों को जागृत करने वाली सामग्री को विभाव कहते हैं। स्थायी भाव ही अभिव्यक्त होकर रस में बदलता है।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

(ii) विभाव – विभिन्न प्रकार के स्थायी भावों को जगा देने के जो कारण हैं, उन्हें ‘विभाव’ कहते हैं। विभाव शब्द का अर्थ है विशेष रूप से भाव को जगा देने वाला। स्थायी भाव मन में सोए रहते हैं, विभाव उन्हें जागृत या तीव्र करते हैं। विभाव दो होते हैं –
(क) आलंबन विभाव – आलंबन शब्द का अर्थ हैं, सहारा या आधार। जिन पदार्थों का सहारा लेकर स्थायी भाव जागते हैं, उन्हें आलंबन विभाव कहते हैं। उदाहरण के लिए बालकृष्ण को देखकर माता यशोदा के हृदय में वात्सल्य जागता है तो ‘बालकृष्ण’ यहाँ पर आलंबन विभाव है। इनकी संख्या असीम है। माता यशोदा के मन में भाव जागा, वह आश्रय है। बालकृष्ण के लिए जागा, कृष्ण यहाँ पर विषय है।

(ख) उद्दीपन विभाव – उद्दीपन का अर्थ है, उद्दीप्त करना, तेज़ करना। आलंबन विभाव द्वारा जगाए गए भावों को उद्दीप्त करने वाले पदार्थ, चेष्टाएँ अथवा भाव उद्दीपन विभाव कहलाते हैं। उदाहरण के लिए बाल-कृष्ण माता यशोदा के निकट आकर खीझते हुए, तोतली बोली में बड़े भाई की शिकायत करते हैं तो उनकी खीझ और तुतलाहट यहाँ पर माँ के हृदय में और अधिक प्यार का संचार करती है। यह खीझ और तुतलाहट यहाँ पर माँ के वात्सल्य भाव को तीव्र कर रही है। इसलिए इसे उद्दीपन विभाव कहा जा सकता है। जितने प्रकार के आलंबन हैं, उनसे कहीं ज्यादा उद्दीपन विभाव हैं। इसलिए इनकी संख्या भी असीम है। आलंबन की चेष्टाएँ और उसके आसपास का वातावरण भी उद्दीपन में गिना जाता है।

(iii) अनुभाव – अनु का अर्थ है पीछे। अनुभाव का अर्थ हुआ, जो भाव के पश्चात जन्म लेते हैं। जब किसी आश्रय या पात्र में विभावों को देखकर स्थायी भाव जाग उठता है तब वह कुछ चेष्टाएँ करेगा, उन्हीं को अनुभाव कहेंगे। अनुभाव, भावों के जागृत होने का परिचय देते हैं। अनुभाव, भावों के कार्य हैं, ये भावों का अनुभव करवाते हैं। उपर्युक्त उदाहरण को यदि आगे बढ़ाएँ तो कहेंगे कि माता यशोदा, बालकृष्ण की चेष्टाओं को देखकर आनंद विभोर हो उठीं और उन्होंने कृष्ण की बलाएँ लीं, उन्हें चूमा तथा गोद में उठा लिया। यशोदा द्वारा बालकृष्ण को चूमना, गोद में उठाना और बलाएँ लेना इस बात का प्रतीक है कि उसमें प्रेमभाव वात्सल्य जाग गया है। इस प्रकार माता यशोदा की ये चेष्टाएँ अनुभाव कही जाएँगी। आश्रय की चेष्टाओं के अनुभाव तथा विषय की चेष्टाओं को उद्दीपन में गिनते हैं। अनुभाव संख्या में आठ माने गए हैं –
(क) स्तंभ (अंगों की जकड़न) – हर्ष, भय, शोक आदि के कारण अंगों की गति अवरुद्ध हो जाती है।
(ख) स्वेद (पसीना आना) – क्रोध, भय, दुख अथवा श्रम से पसीना आ जाता है।
(ग) रोमांच (रोंगटे खड़े होना) – विस्मय, हर्ष अथवा शीत से रोमांच हो जाता है।
(घ) स्वरभंग (स्वर का गद्गद होना) – यह भय, हर्ष, मद, क्रोध आदि से उत्पन्न होता है।
(ङ) कंप (काँपना) – भय, क्रोध, आनंद आदि से भरकर आश्रय का शरीर काँपने लगता है।
(च) विवर्णता (रंग फीका पड़ना, हवाइयाँ उड़ना) – क्रोध, भय, काम, शीत आदि से यह उत्पन्न होता है।
(छ) अश्रु (आँसू बहाना) – आनंद, शोक, भय आदि में आश्रय आँसू बहाने लगता है।
(ज) मूर्छा प्रलाप (होश खो जाना) – काम, मोह, मद आदि से इसकी उत्पत्ति होती है।

(iv) संचारी भाव – स्थायी भावों के बीच-बीच में प्रकट होने वाले भावों को संचारी या व्यभिचारी भाव कहते हैं। संचारी इन्हें इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये थोड़े समय के लिए जागृत होकर लुप्त हो जाते हैं। यदि माता यशोदा कृष्ण की माखनचोरी से क्रोधित होती हैं, उसे मारने के लिए छड़ी उठाती हैं तो माता यशोदा का यह क्रोध अस्थायी है। बालकृष्ण के प्रति वात्सल्य भाव के कारण ही उन्हें क्रोध आ रहा है। यहाँ पर क्रोध संचारी भाव बनकर आया है। कृष्ण ज्यों ही क्षमा माँग लेगा या दुखी दिखाई पड़ेगा, माँ का वात्सल्य उमड़ आएगा।

क्रोध के रहते हुए भी माँ का कृष्ण के प्रति प्रेम रहता है। इस प्रकार स्थायी भाव को पुष्ट करने के लिए समय-समय पर आश्रय के मन में जो भाव जागते हैं, उन्हें संचारी भाव कहते हैं। संचारी भावों को व्यभिचारी भी कह दिया जाता है क्योंकि ये भाव किसी भी स्थायी भाव के साथ आ सकते हैं। किस स्थायी भाव के साथ कौन-सा संचारी भाव आएगा, यह निश्चित नहीं किया जा सकता। इसलिए संचारी भावों को व्यभिचारी भाव भी कह दिया जाता है। संचारी भावों का उदय केवल स्थायी भावों की पुष्टि के लिए होता है। भावों को अनुभावों द्वारा व्यक्त होना चाहिए। भावों का नाम लेकर उनकी गिनती करवाना काव्य में दोष माना जाता है। संचारी भावों की संख्या 33 मानी जाती है।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

प्रश्न 3.
‘रस’ के बारे में बताते हुए इसके भेदों के नाम लिखिए।
उत्तर :
साहित्य या काव्य से प्राप्त आनंद को रस कहा जाता है। विभाव, अनुभाव एवं संचारी भावों के द्वारा रस की निष्पत्ति होती है। निष्पत्ति का अर्थ है अभिव्यक्ति या प्रकट होना। काव्य, आत्मा के ऊपर पड़े आवरणों को हटाकर हमारे गुप्त भावों को जगा देता है, जिससे आनंद प्राप्त होता है। स्थायी भाव अभिव्यक्त होकर ही आनंद देने योग्य बनते हैं। इस प्रकार परिपक्व एवं अभिव्यक्त स्थायी भाव ही रस बनते हैं। रस की संख्या सामान्यता नौ स्वीकार की जाती है। ये शृंगार, हास्य, करुण, रौद्र, वीर, भयानक, वीभत्स, शांत और अद्भुत रस हैं।

कुछ विद्वानों ने वात्सल्य तथा भक्ति को भी रस की कोटि में रखना चाहा है परंतु सामान्यतः इन्हें भावों की कोटि में ही रखा जाता है। इनका स्थायी भाव भी रति ही है। स्थायी भाव एवं संचारी भाव का अंतर स्पष्ट कीजिए। स्थायी भाव, जैसा कि शब्द से ही स्पष्ट है, वे भाव हैं जोकि स्थायी रूप से हृदय में स्थित रहते हैं। एक बार जागृत होने पर ये नष्ट नहीं होते बल्कि अंत तक बने रहते हैं।

संचारी भाव संचरण करते रहते हैं, चलते रहते हैं। ये स्थायी रूप में मन में नहीं रहते बल्कि किसी भी स्थायी भाव के साथ उत्पन्न हो जाते हैं। प्रत्येक रस का स्थायी भाव निश्चित रहता है परंतु संचारी भाव निश्चित रूप से न तो किसी रस से जुड़ते हैं और न ही किसी स्थायी भाव से। एक ही संचारी भाव अनेक स्थायी भावों तथा रसों से जुड़ सकता है। इसीलिए संचारी भाव को व्यभिचारी भाव भी कहा जाता है। इनका उपयोग स्थायी भाव को पुष्ट करने में है।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

प्रश्न 4.
स्थायी भाव रसों के अनुसार नौ हैं जबकि संचारी भावों की संख्या 33 है।
उत्तर :
स्थायी भाव, जैसा कि शब्द से ही स्पष्ट है, वे भाव हैं जोकि स्थायी रूप से हृदय में स्थित रहते हैं। एक बार जागृत होने पर ये नष्ट नहीं होते बल्कि अंत तक बने रहते हैं। संचारी भाव संचरण करते रहते हैं, चलते रहते हैं। ये स्थायी रूप में मन में नहीं रहते बल्कि किसी भी स्थायी भाव के साथ उत्पन्न हो जाते हैं।

प्रत्येक रस का स्थायी भाव निश्चित रहता है परंतु संचारी भाव निश्चित रूप से न तो किसी रस से जुड़ते हैं और न ही किसी स्थायी भाव से। एक ही संचारी भाव अनेक स्थायी भावों तथा रसों से जुड़ सकता है। इसीलिए संचारी भाव को व्यभिचारी भाव भी कहा जाता है। इसका उपयोग स्थायी भाव को पुष्ट करने में है।

स्थायी भाव – रस
(क) रति – शृंगार
(ख) हास – हास्य
(ग) शोक – करुण
(घ) क्रोध – रौद्र
(ङ) उत्साह – वीर
(च) भय – भयानक
(छ) जुगुप्सा – वीभत्स
(ज) विस्मय – अद्भुत
(झ) निर्वेद – शांत

कुछ विद्वान प्रभुरति (भक्ति) और वात्सल्य को स्थायी भावों में गिनते हैं और इनसे क्रमशः भक्ति रस और वात्सल्य रस की अभिव्यक्ति स्वीकार करते हैं।

संचारी भाव – निर्वेद, ग्लानि, शंका, असूया, मद, श्रम, आलस्य, दैन्य, चिंता, मोह, स्मृति, धृति, लज्जा, चपलता, हर्ष, आवेग, जड़ता, गर्व, विषाद, औत्सूक्य, नीरसता, अपस्मार, स्वप्न, विबोध, अमर्ष, अवहित्य, उग्रता, मति, व्यधि, उन्माद, त्रास, वितर्क और मरण हैं।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

प्रश्न 5.
रस के भेदों का सोदाहरण परिचय दीजिए।
उत्तर :
1. श्रृंगार रस

विभाव, अनुभाव तथा संचारी भावों के संयोग से अभिव्यक्त रति स्थायी भाव शृंगार रस कहलाता है।
रति, प्रेम एक कोमल भाव है। सामाजिक दृष्टि से स्वीकार्य प्रेम ही श्रृंगार का स्थायी भाव बन सकता है। इस रस की रचना में रति का भाव झलकना चाहिए। अश्लील चित्रण इस रस में बाधक ही हैं। ग्राम्य अथवा अशिष्ट व्यवहार का वर्णन श्रृंगार के लिए उपयोगी नहीं। श्रृंगार के दो भेद हैं-संयोग और वियोग शृंगार।

संयोग एवं वियोग शृंगार के उदाहरण निम्नलिखित ढंग से समझे जा सकते हैं –

(क) संयोग श्रृंगार

जब नायक-नायिका एक-दूसरे के निकट होते हैं तब संयोग अवस्था होती है। ऐसे चित्रण में संयोग श्रृंगार रस होता है। संयोग श्रृंगार में नायक-नायिका एक दूसरे की ओर प्रेम से देखते हैं, आपस में बातें करते हैं, साथ-साथ घूमते हैं, तथा वे आपस में प्रेम क्रीड़ा कर सकते हैं।
उदाहरण :

1. “राम को रूप निहारत जानकी, कंकन की नग की परछांही।
यातें सबै सुधि भूलि गई कर टैकि रही पल टारत नाही॥”

(राम के सुंदर रूप पर मुग्ध जानकी लज्जावश सीधे उनकी ओर नहीं देखतीं बल्कि अपने कंगन की परछाईं में राम के सुंदर रूप को देख रही हैं। कंगन जिस बाजू में पहना है उसे बिलकुल भी हिला नहीं रही कि कहीं राम का रूप ओझल न हो जाए। वह निरंतर उस कंगन को देख रही है, जिसमें श्री रामचंद्र जी की परछाईं है।) इस पद्यांश में स्थायी भाव-रति (सीता का राम के प्रति प्रेम)

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 1

उदाहरण 2.

कंकन किंकिन नूपुर धुनि-सुनि।
कहत लखन सन राम हृदय गुनि।
मानहु मदन दुंदुभी दीन्हीं।
मनसा विस्व विजय कह कीन्हीं।
अस कहि फिरि चितये तेहि ओरा।
सीय-मुख ससि भये नयन चकोरा।
भये विलोचन चारु अचंचल।
मनहु सकुचि निमि तजेड दुगंचल।

(श्रीराम अपने हृदय में विचारकर लक्ष्मण से कहते हैं कि कंकण, करधनी और पाजेब के शब्द सुनकर लगता है मानो कामदेव ने विश्व को जीतने का संकल्प कर डंके पर चोट मारी है। ऐसा कहकर राम ने सीता के मुखरूपी चंद्रमा की ओर ऐसे देखा जैसे उनकी आँखें चकोर बन गई हों। सुंदर आँखें स्थिर हो गईं। मानो निमि ने सकुचाकर पलकें छोड़ दी हों।)

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 2

उदाहरण 3.

सुनि सुंदर बैन सुधारस साने सयानी हैं जानकी जानी भली।
तिरछे करि नैन, दे सैन तिन्हैं समुझाई कछू मुसकाइ चली।
तुलसी तेहि ओसर सोहे सबै, अवलोकति लोचन लाहु अली।
अनुराग तड़ाग में मानु उदै विगसी मनो मंजुल कंजकली।

(सीता ने ग्रामवासिनियों के अमृत रस भरे सुंदर वचनों को सुनकर समझ लिया कि वे सब समझदार और चंचल हैं। इसलिए उन्होंने आँखों से कटाक्ष करते हुए संकेत ही में उन्हें समझा दिया और मुसकराकर आगे बढ़ गईं। तुलसीदास कहते हैं कि उस समय मानो उनकी कमल कलियों के समान आँखें प्रेमरूपी तालाब में सूर्य के प्रकाश के कारण खिल गईं।)

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 3

(ख) वियोग श्रृंगार –

उदाहरण 1.

जहाँ नायक-नायिका, एक-दूसरे से अलग, दूर हो जाते हैं। ऐसे चित्रांकन को वियोग श्रृंगार कहते हैं।

निसिदिन बरसत नैन हमारे।
सदा रहत पावस ऋतु हम पै जब तै स्याम सिधारे॥
दृग अंजन लागत नहिं कबहू उर कपोल भये कारे॥

(गोपियाँ उद्धव से कहती हैं कि हे उद्धव यह वर्षा ऋतु हमारे लिए घातक बन गई है। हमारी आँखों से निरंतर आँसुओं की वर्षा होती है। हम पर तो सदा ही पावस, बरसात छाई रहती है, जब से कृष्ण गोकुल को छोड़कर गए हैं। हमारी आँखों में काजल नहीं ठहरता है तथा आँसुओं के साथ बहे काजल से हमारे गाल और छाती काली हो गई है।) इस पद्यांश में रस की दृष्टि से विश्लेषण निम्नलिखित प्रकार से हैं –

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 4

वियोग श्रृंगार के तीन भेद हैं –
(क) पूर्वराग – जब नायक अथवा नायिका वास्तविक रूप में एक-दूसरे से मिलने से पूर्व ही चित्र-दर्शन, गुण कथन अथवा सौंदर्य श्रवण आदि से एक-दूसरे को प्यार करने लगें, तब उस समय के विरह को पूर्वराग का विरह कहेंगे।
(ख) मान – नायक अथवा नायिका रूठकर एक-दूसरे से अलग हो जाएँ तथा अपने अहम के कारण नायक ऊपर से रूठने का नाटक करे तो यह ‘मान’ विरह की स्थिति है।
(ग) प्रवास – मिलने के पश्चात नायक अथवा नायिका का विदेश यात्रा के लिए तैयार होना प्रवास की स्थिति है। वियोग श्रृंगार में वियोगी की दस दशाएँ अभिलाषा, चिंता, स्मृति, गुण कथन, उद्वेग, प्रलाप, उन्माद, व्याधि, जड़ता और मरण स्वीकार की जाती हैं।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

उदाहरण 2.
मधुवन तुम कत रहत हरे।
विरह-वियोग स्थान सुंदर के ठाढ़े क्यों न जरे?
(अरे, मधुवन ! तुम हरे-भरे क्यों हो? तुम श्रीकृष्ण के वियोग में खड़े-खड़े जल क्यों नहीं गए।)
स्थायी भाव-रति।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 5

उदाहरण 3.
कहा लडैते दृग करे, पटे लाल बेहाल।
कहुं मुरली, कहुं पीत पट, कहुं मुकुट वनमाल॥
(राधा के वियोग में श्रीकृष्ण की बाँसुरी कहीं, पीले वस्त्र कहीं और मुकुट कहीं पड़ा है। वे स्वयं निश्चेष्ट दिखाई दे रहे हैं।)

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 6

उदाहरण 4.

खड़ी खड़ी अनमनी तोड़ती हुई कुसुम-पंखुड़ियाँ,
किसी ध्यान में पड़ी गवाँ देती घड़ियाँ की घड़ियाँ।
दृग से झरते हुए अश्रु का ज्ञान नहीं होता है,
आया-गया कौन, इसका कुछ ध्यान नहीं होता है।

(देवलोक की अप्सरा उर्वशी पुरुरवा के प्रेम में डूबी अनमनी-सी खड़ी फूलों की पत्तियाँ तोड़ती रहती है, उसी के ध्यान में घंटों व्यतीत कर देती है, आँखों से बहते आँसुओं का उसे पता ही नहीं लगता, उसके पास कौन आया और कौन गया इससे अनजान रहती है।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 7

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

2. हास्य रस

किसी व्यक्ति या पदार्थ को साधारण से भिन्न अथवा विकृत आकृति में देखकर, विचित्र-रूप में देखकर, विभिन्न प्रकार की चेष्टाएँ देखकर जब पाठक, श्रोता या दर्शक के मन में हास्य विनोद का भाव जागता है, तो उसे हास या हास्य कहते हैं।

उदाहरण –
एक कबूतर देख हाथ में पूछा कहाँ अपर है?
उसने कहा अपर कैसा? वह उड़ गया सपर है।
उत्तेजित हो पूछा उसने, उड़ा? अरे वह कैसे?
‘फड़’ से उड़ा दूसरा बोली, उड़ा देखिए ऐसे।

उपर्युक्त पद्यांश में नूरजहाँ और जहाँगीर में वार्तालाप हो रहा है। रस के आधार पर विश्लेषण आगे दिया गया है –

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 8

उदाहरण 2.

बाबू बनने का यार फार्मूला सुनो।
कीजिए इकन्नी खर्च मूंछ की मुँडाई में।
लीजिए सैकेंड हैंड सूट डेढ़ रुपये में,
देसी रिस्ट वाच चार पैसे की कलाई में॥
गूदड़ी बाज़ार का हो बूट भी अधेली वाला,
करो पूरे खर्च आने तीन नेकटाई में।
अठन्नी में हो कोट और चश्मा दुअन्नी में,
‘मुरली’ बनो न बाबू मुद्रिका अढ़ाई में॥

(बाबू बनने के लिए इकन्नी में अपनी मूंछे मुंडवाओ, डेढ़ रुपये में पुराना सूट लो, चार पैसे वाली नकली घड़ी कलाई पर बाँधो, गूदड़ी बाजार से अधेले का पुराना बूट खरीदो, तीन आने में नेकटाई खरीदो, अठन्नी में कोट और दुअन्नी में चश्मा लो। अढ़ाई रुपये खर्च करके बाबू बन जाओ।)

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 9

उदाहरण 3.
चना बनावे घासी राम। जिनकी झोली में दुकान।
चना चुरमुर चुरमुर बोलै। बाबू खाने को मुख खोले।
xxxxxxx
चना खाते सब बंगाली। जिनकी धोती ढीली ढाली।
चना जोर गर्म।
(चौपट राजा की अँधेर नगरी में घासी राम चने वाला अपने समय का वर्णन व्यंग्यात्मक ढंग से करता है।)

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 10

3. करुण रस

किसी प्रिय पात्र के लंबे वियोग की पीड़ा या उसके न रहने पर होने वाले क्लेश को शोक कहते हैं और इसमें करुण रस का परिपाक होता है। करुण रस में शोक स्थायी भाव रहता है, आश्रय शोक संतप्त व्यक्ति होता है, आलंबन विभाव नष्ट प्रिय वस्तु या व्यक्ति रहता है तथा उद्दीपन विभाव से प्रिय का दाह, विलाप, रात्रि, एकांत, श्मशान तथा उस प्रिय की वस्तुएँ आदि रहती हैं। अनुभाव में रोना, पीटना, पछाड़ खाना, आहे भरना आदि आता है। संचारी भावों में विकलता, मोह, ग्लानि, व्याधि, स्मृति, जड़ता आदि प्रयोग होते हैं। करुण में प्रिय के मिलने की आशा नहीं रहती।

उदाहरण 1.

हाय पुत्र हा ! रोहिताश्व ! कहि रोवन लागे,
विविध गुणवान महामर्म वेधी जिय जागे।
हाय ! भयो हो कहा हमें यह जात न जान्यो,
जो पत्नी और पुत्रादिक लौं नाहिं पिछान्यौ॥

रस की दृष्टि से उपर्युक्त पद्य का विश्लेषण आगे दिया गया है –

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 11

संचारी भाव – हरिश्चंद्र की चिंता, जड़ता तथा शंका व्यक्त करना है।

यहाँ पर करुण रस का आश्रय हरिश्चंद्र है क्योंकि उसके मन का करुण भाव, विभावादि से जागृत होकर अनुभावादि से व्यक्त होता हुआ रस में बदल रहा है। करुण रस किसी प्रिय की मृत्यु पर होता है, विरह या विप्रलंभ श्रृंगार केवल बिछुड़ने पर होता है। करुण में प्रिय से मिलने की आशा शेष नहीं रहती, विप्रलंभ या वियोग श्रृंगार में यह आशा बनी रहती है।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

उदाहरण 2.
मेरे हृदय के हर्ष हा ! अभिमन्यु अब तू है कहाँ।
दृग खोलकर बेटा तनिक तो देख हम सबको यहाँ।
माना खड़े हैं पास तेरे, तू यहीं पर है पड़ा।
निज गुरुजनों के मान का तो, ध्यान था तुझको बड़ा॥

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 12

उदाहरण 3.

फिर पीटकर सिर और छाती अश्रु बरसाती हुई।
कुररी सदृश सकरुण गिरा से दैन्य दरसाती हुई।
बहु विधि विलाप-प्रलाप वह करने लगी उस शोक में।
निजप्रिय वियोग समान दुःख होता न कोई लोक में।
स्थायी भाव – शोक।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 13

4. रौद्र रस

किसी शत्रु, विपक्षी, अहितकारी, बुरा चाहने वाले, अथवा उदंड लोगों की चेष्टाओं और कार्यों को देखकर अपने अपमान, अहित, निंदा, अवहेलना अथवा अपकार का जो भाव मन में जागता है, वही पुष्ट होकर रौद्र रस का रूप धारण कर लेता है। पाठक को रौद्र रस का अनभव किसी अन्यायी, अत्याचारी तथा दष्ट व्यक्ति को कहे जाने वाले वचनों अथवा उसके विरुदध की गई चेष्टाओं से होता है।

रौद्र रस का स्थायी भाव क्रोध है। आश्रय क्रोधी व्यक्ति होता है; आलंबन विभाव के रूप में शत्रु, देशद्रोही, कपटी, दुराचारी व्यक्ति होते हैं; उद्दीपन विभाव के रूप में उनके किए गए अपराध, अपशब्द, कुचेष्टाएँ तथा अपकार लिए जाते हैं। अनुभावों में हथियार दिखाना, आँखों का लाल होना, क्रूरता से देखना, गर्जना, ललकारना आदि क्रियाएँ आती हैं। संचारी भावों में मोह, मद, उग्रता, स्मृति, गर्व आदि आते हैं।

रौद्र रस में आश्रय के शरीर में विकार आते हैं; जैसे-आँखों तथा मुँह का लाल होना, क्रोध से काँपना आदि। वीर रस में आश्रय उत्साह से भरकर कार्य करता है। उसमें किसी प्रकार का विकार नहीं आता। उदाहरण 1. ‘माखे लखन कुटिल भई भौहें, रद पट फरकत नयन रिसौहे।’ (क्रुद्ध लक्ष्मण की भौंहों में बल बढ़ गए हैं। उनके ओंठ फड़क रहे हैं, आँखें लाल हो गई हैं।)

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 14

उदाहरण 2.

रे नृप बालक काल बस बोलत तोहि न संभार।
धनही सम तिपुरारि धनु बिदित सकल संसार॥

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 15

उदाहरण 3.
श्रीकृष्ण के सुन वचन अर्जुन क्षोभ से जलने लगे,
सब शील अपना भूलकर कर तल युगल मलने लगे।
संसार देखे अब हमारे शत्रु रण में मृत पड़े,
करते हुए यह घोषणा वे हो गए उठकर खड़े।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 16

5. वीर रस

शत्रु के घमंड को तोड़ने, दीनों की बुरी दशा तथा धर्म की दुर्गति को मिटाने अथवा किसी कठिन कार्य को करने का निश्चय करते हुए जो तीव्र भाव हृदय में पैदा होता है, वह उत्साह है। यह उत्साह ही विभावों द्वारा जागृत, अनुभावों द्वारा व्यक्त तथा संचारियों द्वारा पुष्ट होकर रस बनता है। वीर रस का स्थायी भाव उत्साह है। शत्रु, दीन, याचक अथवा खलनायक आलंबन बनते हैं। सेना, दुश्मन की ललकार, युद्ध के बाजे अथवा वीर गीत उद्दीपन बनते हैं। आँखों में खून उतरना, शस्त्र सँभालना, गर्जन करना, ताल ठोंकना आदि अनुभाव हैं। स्मृति, ईर्ष्या, हर्ष, गर्व तथा रोमांच आदि संचारी भाव हैं।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

वीर रस के भेद –
जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उत्साह दिखाया जाता है। विभिन्न क्षेत्रों के आधार पर वीरों की विभिन्न कोटियाँ हैं। वीर रस की भी उनके अनुसार चार कोटियाँ बन गई हैं – (1) युद्धवीर (2) दानवीर (3) धर्मवीर (4) दयावीर। कुछ विद्वानों ने कर्मवीर नामक एक अन्य श्रेणी का भी उल्लेख किया है।

उदाहरण 1.
सौमित्र के घननाद का रव अल्प भी न सहा गया।
निज शत्रु को देखे बिना उनसे तनिक न रहा गया।
रघुवीर का आदेश ले युद्धार्थ वे सजने लगे।
रणवाद्य भी निघोष करके धूम से बजने लगे।
सानंद लड़ने के लिए तैयार जल्दी हो गए।
उठने लगे उन के हृदय में भाव नए-नए॥

रस की दृष्टि से विश्लेषण निम्नलिखित प्रकार से होगा –

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 17

उदाहरण 2.
उस काल, जिस ओर वह संग्राम करने को गया।
भागते हुए अरि वृंद से मैदान खाली हो गया।
रथ-पथ कहीं भी रुद्ध उसका दृष्टि में आया नहीं।
सन्मुख हुआ जो वीर वह मारा गया तत्क्षण वहीं॥

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 18

उदाहरण 3.

मुझ कर्ण का कर्तव्य दृढ़ है माँगने आए जिसे,
निज हाथ से झट काट अपना शीश भी देना उसे।
बस क्या हुआ फिर अधिक, घर पर आ गया अतिथि विसे,
हूँ दे रहा, कुंडल तथा तन-प्राण ही अपने इसे।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 19

6. भयानक रस

किसी डरावनी वस्तु या व्यक्ति को देखने से, किसी अपराध का दंड मिलने के भय से मन में जो व्याकुलता उत्पन्न होती है, वही भय है। भय का भाव जब विभावादि द्वारा जागृत होकर, अनुभावों द्वारा व्यक्त होकर तथा संचारियों द्वारा पुष्ट होकर सामने आता है तो वह भयानक रस में बदल जाता है। भयानक रस का स्थायी भाव भय है। इसका आश्रय भयभीत व्यक्ति है। इस रस के आलंबन भयानक दृश्य, भयानक घटनाएँ भयानक जीव, दुर्घटनाएँ अथवा बलवान शत्रु आदि होते हैं। अनुभावों में कंप, स्वेद, रोमांच, स्वरभंग एवं मूर्छा आदि को लिया जा सकता है। संचारी भावों में चिंता, स्मृति, ग्लानि, आवेग, त्रास तथा दैन्य आते हैं।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

उदाहरण 1.

एक ओर अजगरहि लखि एक ओर मृग राय।
विकल बटोही बीच ही पर्यो मूरछा खाय॥

रस की दृष्टि से उपर्युक्त पंक्तियों का विश्लेषण निम्नलिखित ढंग से किया जा सकता है –

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 20

उदाहरण 2

कर्तव्य अपना इस समय होता न मुझको ज्ञात है,
कुरुराज, चिंताग्रस्त मेरा जल रहा सब गात है।
अतएव मुझ को अभय देकर आप रक्षित कीजिए।
या पार्थ-प्रण करने विफल अन्यत्र जाने दीजिए।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

उदाहरण 2.

सिर पर बैठो काग, आंखि दोऊ खात निकारत।
खींचत जीभहिं स्यार, अतिहि आनंद उर धारत॥
गिद्ध जांघ कहँ खोदि खोदि के मांस उचारत।
स्वान आँगुरिन काटि-काटि के खात विदारत॥

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 21

उदाहरण 3.

कहूँ घूम उठत बरति कतहुं है चिता,
कहूँ होत शोर कहूं अरथी धरी है।
कहूं हाड़ परौ कहूं जरो अध जरो बाँस,
कहूं गीध-भीर मांस नोचत अरी अहै॥

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 22

8. अद्भुत रस

किसी आश्चर्यजनक, असाधारण अथवा अलौकिक वस्तु को देखकर हृदय में आश्चर्य का भाव घर कर लेता है। ऐसी अवस्था का जब वर्णन किया जाता है तो अद्भुत रस प्रकट होता है। यह रस चमत्कार से पैदा होता है। किसी विलक्षण वस्तु को देखने से जागृत विस्मय का भाव जब अनुभावों से व्यक्त एवं संचारियों से पुष्ट होकर सामने आता है, तो उसे अद्भुत रस कहते हैं।

इस रस का स्थायी भाव विस्मय है, विस्मित व्यक्ति इसका आश्रय है। अद्भुत वस्तु, विचित्र दृश्य, विलक्षण अनुभव अथवा अलौकिक घटना आदि आलंबन बनते हैं। मुँह खुला रह जाना, दाँतों तले अंगुली दबाना, आँखें फाड़कर देखते रह जाना, स्वरभंग, स्वेद एवं स्तंभ आदि अनुभाव होते हैं। वितर्क, हर्ष, आवेग एवं भ्रांति आदि संचारी भाव हैं।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

उदाहरण 1.

अखिल भुवन चर-अचर सब, हरिमुख में लखि मातु।
चकित भई गद्-गद् वचन, विकसत दृग, पुलकातु॥

(प्रसंग उस समय का है जबकि माता यशोदा कृष्ण को मुँह खोलने के लिए कहती हैं। उन्हें संदेह है कि कृष्ण के मुँह में मिट्टी है और वह मिट्टी खा रहा था। कृष्ण ने ज्यों ही मुँह खोला तो माता यशोदा को उसमें सारा ब्रह्मांड दिखाई दिया। माता के आश्चर्य का ठिकाना न रहा।) रस की दृष्टि से उपर्युक्त पद का विश्लेषण निम्नलिखित प्रकार से है –

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 23

इस पद्य में आश्चर्य का भाव पुष्ट होकर अद्भुत रस में बदल गया है।

उदाहरण 2.

लीन्हों उखारि पहार विसाल
चल्यो तेहि काल विलंब न लायौ।
मारुत नंदन मारुत को मन को
खगराज को वेग लजायो॥

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 24

उदाहरण 3.

गोपों से अपमान जान अपना क्रोधांध होके तभी,
की वर्षा व्रज इंद्र ने सलिल से चाहा, डुबाना सभी।
यों ऐसा गिरिराज आज कर से ऊँचा उठा के अहो।
जाना था किसने कि गोपाशिशु ये रक्षा करेगा कहो।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 25

9. शांत रस

सांसारिक वस्तुओं से विरक्ति, हृदय में तत्व ज्ञान आदि से जो वैराग्य भाव उत्पन्न होता है, उससे चित्त को शांति मिलती है। उस शांति का वर्णन पढ़-सुनकर पाठक के हृदय में ‘शांत रस’ की उद्भावना होती है। शांत रस का स्थायी भाव ‘निर्वेद’ या ‘शम’ है। निर्वेद का अर्थ है-वेदना रहित होना। शम का अर्थ शांत हो जाना है। इस रस का आलंबन प्रिय वस्तु का विनाश, आशा के विरुद्ध वस्तु की प्राप्ति, संसार की नश्वरता, प्रभु चिंतन आदि हैं। यहाँ सत्संग, कथा-श्रवण, तीर्थ-स्नान आदि उद्दीपन होते हैं। अश्रु, रोमांच एवं पुलक आदि अनुभाव बनते हैं तथा धृति, हर्ष, स्मरण और निर्वेद आदि संचारी भाव बनते हैं।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

उदाहरण 1.

तुम तजि और कौन पै जाऊँ
काके द्वार जाय सिर नाऊँ, पर हाथ कहाँ बिकाऊँ॥
ऐसो को दाता है समरथ, जाके दिये अघाऊँ।
अंतकाल तुमरो सुमिरन गति अनत कहूँ नहिं जाऊँ॥

रस की दृष्टि से विश्लेषण निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है –

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 26

उदाहरण 2.
गुरु गोविंद तो एक है, दूजा यह आकार।
आपा मेटि जीवित मरै, तो पावै करतार॥

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 27

उदाहरण 3.
भारतमाता का मंदिर यह, समता का संवाद यहाँ।
सबका शिव कल्याण यहाँ, पावे सभी प्रसाद यहाँ॥

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 28

दो नये रस

प्राचीन ग्रंथों में नौ रसों को ही मान्यता दी जाती थी पर हिंदी-साहित्य के भक्तिकाल में भक्ति रस और वात्सल्य रस को इनमें सम्मिलित कर रसों की संख्या ग्यारह तक बढ़ा दी गई थी।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

10. भक्ति रस

ईश्वर के गुणों के प्रति श्रद्धाभाव से भरकर जब कोई भक्त प्रेम में लीन हो जाता है, तो उसे आनंद देने वाले भक्ति रस का अनुभव होता है। भक्ति राग प्रधान है जबकि ज्ञान विराग प्रधान है। शांत रस में वैराग्य भाव रहता है, भक्ति रस में रागात्मक प्रेम, पूर्ण संबंध रहता है। इसलिए – विद्वानों ने शांत रस से पृथक भक्ति रस को माना। भक्ति का स्थायी भाव देवताओं आदि के प्रति रति है। भक्त के हृदय में रस की उत्पत्ति होने योग्य कोमल तन्मयता का भाव रहता है। भक्ति रस में आश्रय भक्त हृदय होता है। आलंबन प्रभु होता है, उद्दीपन प्रभु का गुण, रूप एवं कार्य होते हैं, भक्त की विह्वलता, आसक्ति आदि से उत्पन्न आँसू अनुभाव होते हैं। हर्ष, औत्सुक्य, चपलता, दैन्य तथा स्मरण आदि संचारी भाव होते हैं। तुलसी, सूर, मीरा आदि की रचनाओं में भक्ति रस को देखा जा सकता है।

उदाहरण 1.
माधव अब न द्रवहु केहि लेखे।
प्रनतपाल पन तोर मोर पन, जिअहुँ कमलपद देखे॥
जब लगि मैं न दीन, दयालु तैं, मैं न दास, तें स्वामी।
तब लगि जो दुख सहेउँ कहेउँ नहिं, जद्यपि अंतरजामी।
तू उदार, मैं कृपन, पतित मैं, तैं पुनीत श्रुति गावै।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 29

उदाहरण 2.
अँखड़ियाँ, झाई पड़ी, पंथ निहारि-निहारि।
जीभड़िया छाला पड़ा, राम पुकारि-पुकारि॥

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 30

उदाहरण 3.
म्हारो परनाम बाँके बिहारी जी।
मोर मुकुट माथाँ तिलक बिराज्याँ, कुँडल, अलकाँ कारी जी,
अधर मधुर घर वंशी बजावाँ, रीझ रिझावाँ ब्रजनारी जी।
या छब देख्याँ मोहयाँ मीराँ मोहण गिरधारी जी॥

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 31

11. वात्सल्य रस

जब बड़ों के हृदय में बच्चों के प्रति स्नेह भाव, विभावादि से पुष्ट होकर अभिव्यक्त होता है तब वहाँ पर वात्सल्य रस होता है। वात्सल्य रस का स्थायी भाव अपत्य स्नेह अथवा संतान स्नेह है, आलंबन बच्चा होता है। उद्दीपन बच्चों की चेष्टाएँ होती हैं। अनुभाव हँसना, पुलकित होना, चूमना आदि आश्रय की चेष्टाएँ होती हैं। हर्ष, आवेग, मोह, चिंता, विषाद, गर्व, उन्माद आदि संचारी भाव हैं।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

उदाहरण 1.

किलक अरे, मैं नेक निहारूँ,
इन दाँतों पर मोती वारूँ।
पानी भर आया फूलों के मुँह में आज सवेरे,
हाँ गोपा का दूध जमा है, राहुल! मुख में तेरे।
लटपट चरण, चाल अटपट सी मन भाई है मेरे,
तू मेरी अंगुली धर अथवा मैं तेरा कर धारूँ
इन दाँतों पर मोती वारूँ।

(माता यशोधरा अपने नन्हे राहुल के नए निकले दाँतों की शोभा को देखकर आनंदित होकर कहती है, अरे राहुल! एक बार फिर से तू किलकारी मार, मैं तुम्हारे दूधिया दाँत देखना चाहती हूँ। वह कल्पना करती है कि राहुल के दाँत फूलों पर अटकी चमकीली ओस की बूंदें हैं अथवा माँ का दूध ही जमकर राहुल के श्वेत दाँतों में बदल गया है। बालक राहुल ने अभी-अभी डगमगाते कदमों से चलना सीखा है। इसलिए माँ उसकी बाँह पकड़कर उसे चलाना चाहती है।)

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

रस की दृष्टि से व्याख्या –

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 32

उदाहरण 2.

मैया मैं नहिं माखन खायो।
भोर भये गैयन के पाछे मधुबन मोहि पठायो।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 33

उदाहरण 3.
सुभग सेज सोभित कौसिल्या रुचिर राम-सिसु गोद लियो।
बार-बार विधु-वदन विलोकति लोचन चारु चकोर किये।
कबहुँ पौढ़ि पय-पान करावति, कबहुंक राखाति लाइ हिये।
बाल केलि गावति हलरावति, फुलकति प्रेम-पियूष जिये।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 34

रस : एक दृष्टि में

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 35

पाठ्यपुस्तक पर अधारित कबिताओं में वर्णित रसों का विश्लेषण –

शांत रस –

रस की दृष्टि से पद्य की पंक्तियों का विश्लेषण निम्न प्रकार से किया जा सकता है –

1. कितना प्रामाणिक था उसका दुख
लड़की को दान में देते वक्त
जैसे वही उसकी अंतिम पूँजी हो
लड़की अभी सयानी नहीं थी
अभी इतनी भोली सरल थी
कि उसे सुख का आभास तो होता था
लेकिन दुख बाँचना नहीं आता था
पाठिका थी वह धुँधले प्रकाश की
कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 36

2. माँ ने कहा पानी में झाँककर
अपने चेहरे पर मत रीझना
आग रोटियाँ सेंकने के लिए है
जलने के लिए नहीं
वस्त्र और आभूषण शाब्दिक भ्रमों की तरह
बंधन हैं स्त्री जीवन के
माँ ने कहा लड़की होना
पर लड़की जैसी दिखाई मत देना।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 37

3. तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
तभी मुख्य गायक को ढाढ़स बँधाता
कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
यह बताने के लिए कि वह अकेला नहीं है
और यह कि फिर से गाया जा सकता है
गाया जा चुका राग

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 38

4. एक के नहीं,
दो के नहीं,
ढेर सारी नदियों के पानी का जादू :
एक के नहीं,
दो के नहीं,
लाख-लाख कोटि-कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमा :
एक की नहीं,
दो की नहीं,
हज़ार-हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण-धर्म :
फ़सल क्या है ?
और तो कुछ नहीं है वह
नदियों के पानी का जादू है वह
हाथों के स्पर्श की महिमा है
भूरी-काली-संदली मिट्टी का गुण-धर्म है
रूपांतर है सूरज की किरणों का
सिमटा हुआ संकोच है हवा का थिरकन का!

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 39

वीर रस

रस की दृष्टि से विश्लेषण –

1. लखन कहा हसि हमरे जाना। सुनहु देव सब धनुष समाना॥
का छति लाभु जून धनु तोरें। देखा राम नयन के भोरें।
छुअत टूट रघुपतिहु न दोसू। मुनि बिनु काज करिअ कत रोसू॥
बोले चितै परसु की ओरा। रे सठ सुनेहि सुभाउ न मोरा॥
बालकु बोलि बधौं नहि तोही। केवल मुनि जड़ जानहि मोही।
बाल ब्रह्मचारी अति कोही। बिस्वबिदित क्षत्रियकुल द्रोही।
भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही। बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्ही॥
सहसबाहु भुज छे दनिहारा। परसु बिलोकु महीपकुमारा॥
मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीसकिसोर।
गर्भन्ह के अर्भक दलन परसु मोर अति घोर॥

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 40

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

2. बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी॥
पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन फूँकि पहारू॥
इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं॥
देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना॥
भृगुसुत समुझि जनेउ बिलोकी। जो कछु कहहु सहौं रिस रोकी॥
सुर महिसुर हरिजन अरु गाई। हमरे कुल इन्ह पर न सुराई।
बधें पापु अपकीरति हारें। मारतहू पा परिअ तुम्हारें॥
कोटि कुलिस सम बचनु तुम्हारा। ब्यर्थ धरहु धनु बान कुठारा॥
जो बिलोकि अनुचित कहेडँ छमहु महामुनि धीर।
सुनि सरोष भृगुबंसमनि बोले गिरा गंभीर॥

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 41

3. कौसिक सुनहु मंद येहु बालकु। कुटिलु कालबस निज कुल घालकु॥
भानुबंस राके स कलंकू। निपट निरंकु सु अबुधु असंकू ॥
कालकवलु होइहि छन माहीं। कहौं पुकारि खोरि मोहि नाहीं॥
तुम्ह हटकहु जौ चहहु उबारा। कहि प्रतापु बलु रोषु हमारा॥
लखन कहेउ मुनि सुजसु तुम्हारा। तुम्हहि अछत को बरनै पारा॥
अपने मुह तुम्ह आपनि करनी। बार अनेक भाँति बहु बरनी॥
नहि संतोषु त पुनि कछु कहहू। जनि रिस रोकि दुसह दुख सहहू॥
बीरबती तुम्ह धीर अछोभा। गारी देत न पावहु सोभा।
सूर समर करनी करहिं कहि न जनावहिं आपु।
विद्यमान रन पाइ रिपु कायर कथहिं प्रतापु।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 42

4. कहेउ लखन मुनि सील तुम्हारा। को नहि जान बिदित संसारा॥
माता पितहि उरिन भये नीकें। गुररिनु रहा सोचु बड़ जी कें॥
सो जनु हमरेहि माथे काढ़ा। दिन चलि गये ब्याज बड़ बाढ़ा॥
अब आनिअ ब्यवहरिआ बोली। तुरत देउँ मैं थैली खोली॥
सुनि कटु बचन कुठार सुधारा। हाय-हाय सब सभा पुकारा॥
भृगुबर परसु देखाबहु मोही। बिप्र बिचारि बचौं नृपद्रोही॥
मिले न कबहूँ सुभट रन गाढ़े। द्विजदेवता घरहि के बाढ़े॥
अनुचित कहि सबु लोगु पुकारे। रघुपति सयनहि लखनु नेवारे॥

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 43

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

वात्सल्य रस

रस की दृष्टि से व्याख्या –

1. डार द्रुम पलना बिछौना नव पल्लव के,
सुमन झिंगूला सोहै तन छबि भारी दै।
पवन झूलावै, केकी-कीर बरतावै, ‘देव’,
कोकिल हलावै-हुलसावै कर तारी दै॥
पूरित पराग सों उतारो करै राई नोन,
कंजकली नायिका लतान सिर सारी दै।
मदन महीप जू को बालक बसंत ताहि,
प्रातहि जगावत गुलाब चटकारी दै॥

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 44

2. तुम्हारी यह दंतुरित मुसकान
मृतक में भी डाल देगी जान
धूलि-धूसर तुम्हारे ये गात….
छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात
परस पाकर तुम्हारा ही प्राण,
पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण
छू गया तुमसे कि झरने लगे पड़े शेफालिका के फूल बाँस था कि बबूल ?
तुम मुझे पाए नहीं पहचान ?
देखते ही रहोगे अनिमेष!
थक गए हो ?
आँख लूँ मैं फेर ?
क्या हुआ यदि हो सके परिचित न पहली बार?

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 45

3. यदि तुम्हारी माँ न माध्यम बनी होती आज
मैं न सकता देख
मैं न पाता जान
तुम्हारी यह दंतुरित मुसकान
धन्य तुम, माँ भी तुम्हारी धन्य!
चिर प्रवासी मैं इतर, मैं अन्य!
इस अतिथि से प्रिय तुम्हारा क्या रहा संपर्क
उँगलियाँ माँ की कराती रही हैं मधुपर्क
देखते तुम इधर कनखी मार
और होतीं जबकि आँखें चार
तब तुम्हारी दंतुरित मुसकान
मुझे लगती बड़ी ही छविमान!

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 46

शंगार टस 

मन की मन ही माँझ रही।
कहिए जाइ कौन पै ऊधौ, नाहीं परत कही।
अवधि अधार आस आवन की, तन मन बिथा सही।
अब इन जोरा सँदेसनि सुनि-सुनि, बिरहिनि बिरह दही।
चाहति हुती गुहारि जितहिं, उत तैं धार बही।
‘सूरदास’ अब धीर धरहिं क्यौं, मरजादा न लही॥

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 47

2. हमारै हरि हारिल की लकरी।
मन क्रम बचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी।
जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्ह-कान्ह जक री।
सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यौं करुई ककरी।
सु तौ ब्याधि हमकौं लै आए, देखी सुनी न करी।
यह तौ ‘सूर’ तिनहिं लै सौंपौ, जिनके मन चकरी॥

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 47

3. फटिक सिलानि सौं सुधार्यो सुधा मंदिर,
उदधि दधि को सो अधिकाइ उमगे अमंद।
बाहर ते भीतर लौं भीति न दिखैए ‘देव’
दूध को सो फेन फैल्यो आँगन फरसबंद।
तारा सी तरुनि तामें ठाढ़ी झिलमिली होति,
मोतिन की जोति मिल्यो मल्लिका को मकरंद।
आरसी से अंबर में आभा सी उजारी लगै,
प्यारी राधिका को प्रतिबिंब सो लगत चंद॥

रस की दृष्टि से उपर्युक्त पद्य का विश्लेषण निम्नलिखित प्रकार से है –

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 49

करुण रस 

मधुप गुन-गुना कर कह जाता कौन कहानी यह अपनी,
मुरझाकर गिर रहीं पत्तियाँ देखो कितनी आज घनी।
इस गंभीर अनंत-नीलिमा में असंख्य जीवन-इतिहास
यह लो, करते ही रहते हैं अपना व्यंग्य-मलिन उपहास,
तब भी कहते हो-कह डालूँ दुर्बलता अपनी बीती।
तुम सुनकर सुख पाओगे, देखोगे-यह गागर रीती।

रस की दृष्टि से उपर्युक्त पद्य का विश्लेषण निम्न प्रकार से है –

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस 50

अभ्यास के लिए प्रश्नोत्तर –

प्रश्न 1.
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त रसों के नाम बताइए –
(i) ऊधौ भले लोग आगे के, पर हित डोलत धाए।
अब अपनै मन फेर पाइहैं, चलत जु हुते चुराए।
(ii) सु तौ ब्याधि हमकौं लै आए, देखी सुनी न करी।
यह तौ ‘सूर’ तिनहिं लै सौंपौ, जिनके मन चकरी॥
(iii) हमारै हरि हारिल की लकरी।
मन क्रम बचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी।
(iv) मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीसकिसोर ।
गर्भन्ह के अर्भक दलन परसु मोर अति घोर ॥
(v) जो बिलोकि अनुचित कहेउँ छमहु महामुनि धीर।
सुनि सरोष भृगुबंसमनि बोले गिरा गंभीर ॥
(vi) आरसी से अंबर में आभा सी उजारी लगै,
प्यारी राधिका को प्रतिबिंब सो लगत चंद।
(vii) फटिक सिलानि सौं सुधार्यो सुधा मंदिर,
उदधि दधि को सो अधिकाइ उमगे अमंद।
(viii) जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्ह-कान्ह जक री।
सुनत जोग लागत हे ऐसौ, ज्यौं करुई ककरी॥
(ix) तब भी कहते हो-कह डालूँ दुर्बलता अपनी बीती।
तुम सुनकर सुख पाओगे, देखोगे-यह गागर रीती।
(x) धूलि-धूसर तुम्हारे ये गात ……….
छोड़कर तालाब मेरी झोपड़ी में खिल रहे जलजात ॥
(xi) भूरी-काली-संदली मिट्टी का गुण-धर्म है
रूपांतर है सूरज की किरणों का।
(xii) यश है न वैभव, मान है न सरमाया;
जितना ही दौड़ा तू उतना ही भरमाया।
(xiii) इस गंभीर अनंत-नीलिमा में असंख्य जीवन-इतिहास
यह लो, करते ही रहते हैं अपना व्यंग्य-मलिन उपहास
(xiv) तब तुम्हारी दंतुरित मुसकान
मुझे लगती बड़ी ही छविमान
(xv) कुंतल के फूलों की याद बनी चाँदनी
भूली-सी एक छुअन बनता हर जीवित क्षण
(xvi) वस्त्र और आभूषण शाब्दिक भ्रमों की तरह
बंधन हैं स्त्री जीवन के
(xvii) सुर महिसुर हरिजन अरूरू गाई।
हमरे कुल इन्ह पर न सुराई।
(xviii) हमारे हरि हारिल की लकरी।
मन क्रम वचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी।
(xix) सुनि कटु बचन कुठार सुधारा,
हाय-हाय सब सभा पुकारा।
(xx) तार सप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
उत्तर :
(i) वियोग शृंगार रस
(ii) वियोग शृंगार रस
(iii) वियोग शृंगार रस
(iv) भयानक रस
(v) वीर रस
(vi) शृंगार रस
(vii) श्रृंगार रस
(viii) वियोग श्रृंगार रस
(ix) करुण रस
(x) वात्सल्य रस
(xi) शांत रस
(xii) करुण रस
(xiii) करुण रस
(xiv) वात्सल्य रस
(xv) वियोग श्रृंगार रस
(xvi) शांत रस
(xvii) वीर रस
(xviii) भक्ति रस
(xix) भयानक रस
(xx) शांत रस

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त रसों के नाम बताइए –
(i) “डोलि-डोलि कुंडल उठत देई बार-बार,
एरी! वह मुकुट हिये मैं हालि-हालि उठै॥”
(ii) “बारी टारि डारौ कुम्भकर्णहिं बिदारि डारौं,
मारि मेघनादै आजु यौं बल अनन्त हौं।”
(iii) “केशव, कहि न जाइ का कहिये।
देखत तब रचना विचित्र अति समुझि मनहिं मन रहिये॥”
(iv) “हँसि-हँसि भाजे देखि दूलह दिगम्बर को,
पाहुनी जै आवै हिमाचल कै, उछाह में।” “दीठ पर्यो जोतें तोते, नाहिंन टरति छवि,
आँखिन छयो री, छिन-छिन छालि-छालि उठे।”
(vi) सून्य भीति पर चित्र, रंग नहि, तनु बिन लिखा चितेरे।
धोये मिटै न मरै भीति, द:ख : पाइय इहि तन हेरे।।
(vii) मगन भयेई हँसे मगन महेस ठाढ़े,
और हँसे एक हँसि हँसी के उमाह में।
(viii) यज्ञ समाप्त हो चुका, तो भी धधक रही थी ज्वाला
दारुण-दृश्य! रुधिर के छोटे-अस्थि खंड की माला।
(ix) बाजि-बाजि उठत मिठौंहैं सुर बसी भोर,
ठौर-ठौर ढीली गरबीली चालि-चालि उठे।
(x) कहै ‘पद्माकर’ त्रिकूट ही को ढाय डारौं,
डरत करेई जातुधानन को अंत हौं॥
(xi) रविकर नीर बसै अति दारुन मकर रूप तेहि माहीं।
बदन हीन सो ग्रसै चराचर पान करन जे जाहीं॥
(xii) कहै ‘पद्माकर’ सु काहू सौं कहै को कहा,
जोई जहाँ देखै सो हँसेई तहाँ राह में॥
(xiii) वेदों की निर्मम प्रसन्नता पशु की कातर वाणी;
मिलकर वातावरण बना था कोई कुत्सित प्राणी।
(xiv) सीस पर गंगा हँसे भुजनि भुजंग हँसै,
हास ही को दंगा भयौ नंगा के विवाह में।
(xv) कोउ कह सत्य, झूठ कह कोऊ, जुगल प्रबल कोउ माने।
‘तुलसीदास’ परिहरै तीन भ्रम सो आतम पहचान।
(xvi) अच्छहिं निरच्छ कपि ऋच्छहिं उचारौ इनि,
तोत्र तुच्छ तुच्छन को कछुवै न गंत हौं।
(xvii) कहरि-कहरि उठै पीरै पटुका को छोर,
साँवरे की तिरछी चितौनि सालि-सालि उठे।
(xviii) जा दिन मन-पंछी उड़ि-जैहै।
ता दिन तेरे तन तरुवर के सबै पात झरि जैहैं।
(xix) सेवक सेव्य भाव बिनु भव न तरिय उरगारि।
(xx) अनुचर अनाथ से रोते थे। जो थे अधीर सब होते थे।
(xxi) जसोदा हरि पालने झुलावै।
हलरावै दुलराइ, मल्हावै जोइ सोइ कछु गावै॥
(xxii) अति भीषण हाहाकार हुआ, सूना सब संसार हुआ।
(xxiii) ज्यों-त्यों ‘तुलसी’ कृपालु चरण शरण पावै।
(xxiv) कबहुँ पलक हरि नूदि लेत हैं, कबहुँ उधर फरकावै
(xxv) तू दयालु दीन हौँ तू दानि हौं भिखारी।
उत्तर :
(i) वियोग श्रृंगार रस
(ii) रौद्र रस
(iii) अद्भुत रस
(iv) हास्य रस
(v) वियोग श्रृंगार रस
(vi) अद्भुत रस
(vii) हास्य रस
(viii) वीभत्स रस
(ix) वियोग श्रृंगार रस
(x) रौद्र रस
(xi) अद्भुत रस
(xii) हास्य रस
(xiii) वीभत्स रस
(xiv) हास्य रस
(xv) अद्भुत रस
(xvi) रौद्र रस
(xvii) वियोग श्रृंगार रस
(xviii) शांत रस
(xix) भक्ति रस
(xx) करुण रस
(xxi) वात्सल्य रस
(xxii) करुण रस
(xxiii) भक्ति रस
(xxiv) वात्सल्य रस
(xxv) भक्ति रस

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

पाठ पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर – 

1. निर्देशानुसार उचित विकल्प चुनकर लिखिए –
(क) पंक्ति में प्रयुक्त रस है –
कहत, नटत, रीझत, खिझत,
मिलत, खिलत, लजियात।
भरे भौंन में करत हैं,
नैननु ही सौं बात।
(i) वीर रस
(ii) श्रृंगार रस
(iii) शांत रस
(iv) करुण रस
उत्तर :
(ii) श्रृंगार रस

(ख) पंक्ति में प्रयुक्त रस है –
एक ओर अजगरहि लखि, एक ओर मृगराय। विकल बटोही बीच ही, पर्यो मूरछा खाय।।
(i) भयानक रस
(ii) करुण रस
(iii) हास्य रस
(iv) वात्सल्य रस
उत्तर :
(i) भयानक रस

(ग) पंक्ति में प्रयुक्त रस है –
एक मित्र बोले, “लाला तुम किस चक्की का खाते हो? इतने महँगे राशन में भी, तुम तोंद बढ़ाए जाते हो।”
(i) शृंगार रस
(ii) हास्य रस
(iii) करुण रस
(iv) रौद्र रस
उत्तर :
(ii) हास्य रस

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

(घ) करुण रस का स्थायी भाव क्या है?
(i) भय
(ii) शोक
(iii) क्रोध
(iv) उत्साह
उत्तर :
(ii) शोक

(ङ) पंक्तियों में कौन-सा स्थायी भाव है?
संकटों से वीर घबराते नहीं,
आपदाएँ देख छिप जाते नहीं।
लग गए जिस काम में, पूरा किया
काम करके व्यर्थ पछताते नहीं।
(i) रति
(ii) भय
(iii) क्रोध
(iv) उत्साह
उत्तर :
(iv) उत्साह

(च) पंक्तियों में प्रयुक्त रस है –
एक पल, मेरी प्रिया के दृग-पलक,
थे उठे-ऊपर, सहज नीचे गिरे।
चपलता ने इस विकंपित पुलक से,
दृढ़ किया मानो प्रणय-संबंध था।
(i) हास्य रस
(ii) वीर रस
(iii) शांत रस
(iv) शृंगार रस
उत्तर :
(iv) शृंगार रस

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

(छ) काव्यांश में कौन-सा स्थायी भाव है?
जसोदा हरि पालने झुलावै। हलरावै, दुलरावै, मल्हावै, जोई-सोई कछु गावै।
(i) उत्साह
(ii) क्रोध
(iii) हास
(iv) वात्सल्य
उत्तर :
(iv) वात्सल्य

(ज) काव्यांश में प्रयुक्त रस है –
साक्षी रहे संसार करता हूँ प्रतिज्ञा पार्थ मैं, पूरा करूँगा कार्य सब कथनानुसार यथार्थ मैं। जो एक बालक को कपट से मार हँसते हैं अभी, वे शत्रु सत्वर शोक-सागर-मग्न दीखेंगे सभी।
(i) रौद्र रस
(ii) करुण रस
(iii) शृंगार रस
(iv) वात्सल्य रस
उत्तर :
(i) रौद्र रस

(झ) काव्यांश में प्रयुक्त रस है –
साथ दो बच्चे भी हैं सदा हाथ फैलाए,
बाएँ से वे मलते हुए पेट को चलते,
और दाहिना दया दृष्टि पाने की ओर बढ़ाए।
(i) हास्य रस
(ii) करुण रस
(iii) वीभत्स रस
(iv) रौद्र रस
उत्तर :
(ii) करुण रस

(ञ) काव्यांश में स्थायी भाव है –
मेरे लाल को आउ निंदरिया, काहै न आनि सुवावै।
तू काहै नहिं बेगहिं आवै, तोको कान्ह बुलावै।
(i) विस्मय
(ii) शोक
(iii) रति
(iv) वत्सल
उत्तर :
(iv) वत्सल

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(i) रति’ किस रस का स्थायी भाव है?
(ii) ‘करुण’ रस का स्थायी भाव क्या है?
(iii) ‘हास्य’ रस का एक उदाहरण लिखिए।
(iv) निम्नलिखित पंक्तियों में रस पहचान कर लिखिए:
मैं सत्य कहता हूँ सखे! सुकुमार मत जानो मुझे,
यमराज से भी युद्ध को प्रस्तुत सदा मानो मुझे।
उत्तर :
(i) शृंगार
(ii) शोक
(iii) चना बनावे घासी राम। जिनकी झोली में दुकान।
(iv) वीर रस चना चुरमुर-चुरमुर बोलै। बाबू खाने को मुँह खोले।

2. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(क) ‘हास्य रस’ का एक उदाहरण लिखिए।
(ख) निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में रस पहचानकर लिखिए
रे नृप बालक कालबस बोलत तोहि न सँभार।
धनुही सम त्रिपुरारिधनु बिदित सकल संसार।।
(ग) ‘वीर’ रस का स्थायी भाव क्या है?
(घ) ‘रति’ किस रस का स्थायी भाव है?
उत्तर :
(क) चना बनावे घासी राम। जिनकी झोली में दुकान।
चना चुरमुर चुरमुर बोलै। बाबू खाने को मुख खोले।
(ख) रौद्र रस।
(ग) उत्साह।
(घ) श्रृंगार रस।

3. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(क) ‘करुण रस’ का एक उदाहरण लिखिए।
(ख) निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में निहित रस पहचान कर लिखिए –
तंबूरा ले मंच पर बैठे प्रेमप्रताप,
साज मिले पंद्रह मिनट, घंटा भर आलाप।
घंटा भर आलाप, राग में मारा गोता,
धीर-धीरे खिसक चुके थे सारे श्रोता।
(ग) “उत्साह’ किस रस का स्थायी भाव है?
(घ) ‘वात्सल्य’ रस का स्थायी भाव क्या है?
(ङ) ‘शृंगार’ रस के कौन-से दो भेद हैं?
उत्तर :
(क) चना बनावे घासी राम। जिनकी झोली में दुकान।
चना चुरमुर चुरमुर बोलै। बाबू खाने को मुख खोले।
(ख) हास्य रस।
(ग) वीर रस।
(घ) वात्सल्य / वत्सल रस
(ङ) संयोग शृंगार, वियोग शृंगार।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

4. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(क) स्थायी भाव से आप क्या समझते हैं?
(ख) हास्य रस का एक उदाहरण लिखिए।
(ग) वत्सल रस का स्थायी भाव क्या है?
(घ) निम्नलिखित पंक्तियों में से रस पहचानकर लिखिए –
जिसके अरुण-कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।
अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।
उसकी स्मृति पाथेय बनी है थके पथिक की पंथा की।
(ङ) क्रोध किस रस का स्थायी भाव है?
उत्तर :
(क) मन में स्थायी रूप से विद्यमान भावों को स्थायी भाव कहते हैं।
(ख) एक कबूतर देख हाथ में पूछा कहाँ अपर है?
उसने कहा अपर कैसा? वह उड़ गया सपर है।
उत्तेजित हो पूछा उसने, उड़ा? अरे वह कैसे?
‘फड’ से उडा दसरा बोली, उडा देखिए ऐसे।
(ग) वात्सल्य
(घ) श्रृंगार रस
(ङ) रौद्र रस

5. निम्नलिखित पाँच में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
1. भय की अधिकता में किस रस की निष्पत्ति होती है?
(क) वीर रस
(ख) करुण रस
(ग) भयानक रस
(घ) रौद्र रस
उत्तर :
(घ) रौद्र रस

2. ‘निर्वेद’ किस रस का स्थायी भाव है?
(क) शांत रस
(ख) करुण रस
(ग) हास्य रस
(घ) शृंगार रस
उत्तर :
(क) शांत रस

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

3. “तनकर भाला यूँ बोल उठा
राणा मुझको विश्राम न दें।
मुझको वैरी से हृदय-क्षोभ
तू तनिक मुझे आराम न दे’।
उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में निहित रस है?
(क) वीर रस
(ख) शांत रस
(ग) करुण रस
(घ) रौद्र रस
उत्तर :
(क) वीर रस

4. किस रस को ‘रसराज’ भी कहा जाता है?
(क) शांत रस
(ख) करुण रस
(ग) हास्य रस
(घ) शृंगार रस
उत्तर :
(घ) शृंगार रस

5. ‘वीभत्स रस’ का स्थायी भाव है?
(क) उत्साह
(ख) शोक
(ग) जुगुप्सा
(घ) हास
उत्तर :
(ग) जुगुप्सा

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

6. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर लिखिए –

(क) निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों में रस पहचान कर लिखिए –
उस काल मारे क्रोध के, तनु काँपने उनका लगा।
मानो हवा के ज़ोर-से, सोता हुआ सागर जगा।
(ख) ‘वीर रस’ का एक उदाहरण लिखिए।
(ग) ‘शांत रस’ का स्थायी भाव क्या है?
(घ) उद्दीपन से आप क्या समझते हैं?
(ङ) स्थायी भाव से क्या अभिप्राय है?
उत्तर :
(क) वीर रस।
(ख) धरती की लाज रखने को धरती के वीर,
समर विजय हेतु कसर उठाएँ क्यों?
हमें ललकार, दुत्कार, फुफकार कर,
जीवित यहाँ से ये अरि दल जाएँ, जाएँ क्यों?
(ग) निर्वेद/उदासीनता।
(घ) स्थायी भावों को उद्दीप्त कर रस की अवस्था तक ले जाने वाले भाव उद्दीपन कहलाते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं-एक पात्रों की चेष्टाओं के रूप में, दूसरे बाह्य वातावरण या प्रकृति रूप में।
(ङ) सहृदय मनुष्य के हृदय में जो भाव स्थायी (स्थिर) रूप से विद्यमान रहते हैं, उन्हें स्थायी भाव कहते हैं। प्रत्येक रस का एक स्थायी भाव होता है।
(ग) निर्वेद/उदासीनता

7. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर लिखिए –
(क) निम्नलिखित काव्य पक्तियों में रस पहचान कर लिखिए –
एक ओर अजगरसिंह लखि, एक ओर मश्गराय।
विकल बटोही बीच ही, पर्यो मूर्छा खाय।।
(ख) रौद्र रस का एक उदाहारण लिखिए।
(ग) करुण रस का स्थायी भाव क्या है?
उत्तर :
(क) भयानक रस
(ख) श्रीकृष्ण के सुन वचन अर्जुन क्रोध से जलने लगे।
सब शोक अपना भूलकर करतल-युगल मलने लगे।
(ग) शोक।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

8. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर लिखिए –
(क) निम्नलिखित काव्य पंक्तियों से रस पहचानकर लिखिए –
विरह का जलजात जीवन, वरिह का जलजात
वेदना जन्म वरुणा में मिला आवास
अश्रु चुनता दिवस इसका, अश्रु गिनती रात
(ख) वीभत्स रस का एक उदाहरण लिखिए।
(ग) हास्य रस का स्थायी भाव लिखिए।
उत्तर :
(क) श्रृंगार रस (वियोग)
(ख) सिर पै बैठ्यो काग, आँख दोऊ खात निकारत।
खींचत जीभहिं स्यार, अतिहि आनंद उर धारत।
(ग) हास स्थायी भाव

9. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
(क) ‘वीर रस’ का एक उदाहरण लिखिए।
(ख) घृणा के भाव उत्पन्न करने वाले काव्य में कौन-सा रस होगा?
(ग) ‘शृंगार रस’ के दो भेद कौन-से हैं?
(घ) निम्नलिखित काव्य-पक्तियों में रस पहचानकर रस का नाम लिखिए –
वह लता वहीं की, जहाँ कली
तू खिली, स्नेह से लिी, पली
अंत भी उसी गोद में ष्टारण
ली, मूंदै दृग वर महामरण!
(ङ) उद्दीपन किसे कहते हैं?
उत्तर :
(क) वीर रस का उदाहरण –
वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो।
हाथ में ध्वज रहे बाल दल सजा रहे,
ध्वज कभी झुके नहीं दल कभी रुके नहीं
वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो।
सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो
तुम निडर डरो नहीं तुम निडर डटो वहीं
वीर तुम बढ़े चलो धीर तुम बढ़े चलो।
(ख) वीभत्स रस।
(ग) 1. संयोग शृंगार रस,
2. वियोग शृंगार रस
(घ) करुण रस।
(ङ) उद्दीपन – आश्रय के मन में उत्पन्न हुए स्थायी भाव को और तीव्र करने वाले विषय की बाहरी चेष्टाओं और बाहरी वातावरण को उद्दीपन कहते हैं।

10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
(ख) निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों में रस पहचानकर रस का नाम लिखिए –
“यह मुरझाया हुआ फूल है, इसका हृदय दुखाना मत।
स्वयं बिखरने वाली इसकी, पंखुड़ियाँ बिखराना मत।।”
(घ) भयानक रस का स्थायी भाव क्या है?
उत्तर :
(ख) करुण रस।
(घ) स्थायी भाव-भय।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रस

11. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
(ख) यशोदा हरि पालने झुलावै
हलरावै, दुलरावै, जेहि सेहि कछु गावै।
उपर्युक्त पंक्तियों में किस रस की निज़्पत्ति होती है? रस का नाम लिखिए।
(घ) आलंबन विभाव किसे कहते हैं?
उत्तर :
(ख) वात्सल्य रस।
(घ) आलंबन विभाव – जिन पात्रों या व्यक्तियों के आलंबन अर्थात सहारे से स्थायी भाव उत्पन्न होते हैं, वे आलंबन विभाव कहलाते हैं।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण अशुद्धि शोधन

Jharkhand Board JAC Class 10 Hindi Solutions Vyakaran अशुद्धि शोधन Questions and Answers, Notes Pdf.

JAC Board Class 10 Hindi Vyakaran अशुद्धि शोधन

सार्थक एवं पूर्ण विचार व्यक्त करने वाले शब्द समुह को वाक्य कहा जाता है। प्रत्येक भाषा का मुल ढाँचा वाक्यों पर ही आधारित होता है। इसलिए सा यह अनिवार्य है कि वाक्य-रचना में पद-क्रम और अन्वय का विशेष ध्यान रखा जाए। इनके प्रति सावधान न रहने से वाक्य-रचना में कई प्रकार की भूलें हो जाती हैं। वाक्य-रचना के लिए अभ्यास की परम आवश्यकता होती है। नीचे कुछ ऐसे वाक्य दिए जा रहे हैं, जिनमें सामान्य अशुद्धियों

1. संज्ञा संबंधी अशुद्धियाँ।

अशुद्ध – शुद्ध

  1. वह माता-पिता की परिचर्या में लगा हुआ है। – वह माता-पिता की सेवा में लगा हुआ है।
  2. तुम्हारी नारी का क्या नाम है? – तुम्हारी पत्नी का क्या नाम है?
  3. राम ने मोहन की मृत्यु पर खेद प्रकट किया। – राम ने मोहन की मृत्यु पर दुख प्रकट किया।
  4. बढ़ई ने दरवाज़े की रचना की। – बढ़ई ने दरवाज़े का निर्माण किया।
  5. ये विपत्तियाँ टिकाऊ नहीं हैं। – ये विपत्तियाँ स्थायी नहीं हैं।
  6. उसने दोनों हाथों से ठोकर लगाई। – उसने दोनों हाथों से धक्का दिया।
  7. छात्रों ने मुख्यमंत्री को अभिनंदन पत्र प्रदान किया। – छात्रों ने मुख्यमंत्री को अभिनंदन-पत्र भेंट किया।
  8. आप शनिवार के दिन चले जाएँ। – आप शनिवार को चले जाएँ।
  9. सायंकाल के समय पधारने की कृपा करें। – सायंकाल पधारने की कृपा करें।
  10. कृपया पत्र का उत्तर देने की कृपा करें। – पत्र का उत्तर देने की कृपा करें।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण अशुद्धि शोधन

2. परसर्ग संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध – शुद्ध

  1. चाचे न कहा कि वे नहीं जाएँगे। – चाचा ने कहा कि वे नहीं जाएंगे।
  2. वेद ने मुंबई जाना है। – वेद को मुंबई जाना है।
  3. आप भोजन किया? – आपने भोजन किया?
  4. मैं उसे पहचाना नहीं। – मैंने उसे पहचाना नहीं।
  5. उसे गाने का रियाज़ किया। – उसने गाने का रियाज़ किया।
  6. वह खाया और वह चला गया। – उसने खाया और वह चला गया।
  7. उसने नहाया। – वह नहाया।
  8. मुझे भोजन को बुलाया गया है। – मुझे भोजन के लिए बुलाया गया है।
  9. मैं पुस्तक को पढ़ता हूँ। – मैं पुस्तक पढ़ता हूँ।
  10. पूनम यातनाओं को सहती है। – पूनम यातनाएँ सहती है।

3. लिंग संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध – शुद्ध

  1. सारा देश एक साथ मिलकर खड़ी हो गई। – सारा देश एक साथ मिलकर खड़ा हो गया।
  2. उन्होंने मुझे गोवा घुमाई। – उन्होंने मुझे गोवा में घुमाया।
  3. वर्तमान दशा अत्यंत चिंता का विषय समझा जा रहा – वर्तमान दशा अत्यंत चिंता का विषय समझी जा रही है।
  4. मुझे आदेश दी। – मुझे आदेश दिया।
  5. बेटी दूसरे घर का धन होता है। – बेटी दूसरे घर का धन होती है।
  6. उनका उद्देश्य ज्ञान प्राप्ति रही होगी। – उनका उद्देश्य ज्ञान प्राप्ति रहा होगा।
  7. लड़के ने पुस्तक पढ़ा। – लड़के ने पुस्तक पढ़ी।
  8. मधुसूदन और मीरा कॉलेज गई। – मधुसूदन और मीरा कॉलेज गए।
  9. घोड़ा, बैल और गाय चर रही हैं। – घोड़ा, बैल और गाय चर रहे हैं।
  10. कितने वीरता से भरे गीत उसने गाए। – कितनी वीरता से भरे गीत उसने गाए।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण अशुद्धि शोधन

4. वचन संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध – शुद्ध

  1. चार हज़ार का टिकट गायब है। – चार हज़ार के टिकट गायब हैं।
  2. माता अपने पुत्र को देखती जा रही थीं। – माताएँ अपने पुत्रों को देखती जा रही थीं।
  3. पाँच पेड़ा खाया – पाँच पेड़े खाए।
  4. मेरा तो प्राण निकल गया। – मेरे तो प्राण निकल गए।
  5. उसे दो रोटी दे दो। – उसे दो रोटियाँ दे दो।
  6. लड़की लोग बैठा था। – लड़कियाँ बैठी थीं।
  7. अपने-अपने घरों से रोटी ले कर आओ। – अपने-अपने घर से रोटी लेकर आओ।
  8. दर्शकों में अनेक श्रेणियों के लोग थे। – दर्शकों में अनेक श्रेणी के लोग थे।
  9. प्रत्येक ने टोपियाँ पहन रखी थीं। – प्रत्येक ने टोपी पहन रखी थी।
  10. घोड़ियें चर रही हैं। – घोड़ियाँ चर रही हैं।

5. सर्वनाम संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध – शुद्ध

  1. प्रशांत ने भारती से कहा, “वह तुरंत आ रहे हैं।” – प्रशांत ने भारती से कहा, “वे तुरंत आ रहे हैं।”
  2. लीजिए इन्होंने एक गिलास दूध डाल दीजिए। – लीजिए इसमें एक गिलास दूध डाल दीजिए।
  3. विभू मेरा पास आया और कहा। – विभू मेरे पास आया और कहा।
  4. उसने महेश को देखा और इसके पास बैठ गई। – उसने महेश को देखा और उसके पास बैठ गई।
  5. बच्चो, यदि हम नहीं पढ़ोगे तो फेल हो जाओगे। – बच्चो, यदि तुम नहीं पढ़ोगे तो फेल हो जाओगे।
  6. आज प्रातः क्या चला गया ? – आज प्रातः कौन चला गया ?
  7. यद्यपि इस लड़के ने बिलकुल परिश्रम नहीं किया था तो भी वह पास हो गया। – यद्यपि इस लड़के ने बिलकुल परिश्रम नहीं किया था तो भी यह पास हो गया।
  8. वह लोग भले थे। – वे लोग भले थे।
  9. हमको क्या ? – हमें क्या ?
  10. तुम तुम्हारे रास्ते चलो। – तुम अपने रास्ते चलो।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण अशुद्धि शोधन

6. विशेषण संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध – शुद्ध

  1. मुझे घोर आग्रह करके बुलाया है। – मुझे विशेष आग्रह करके बुलाया है।
  2. उसने सच गवाही दी। – उसने सच्ची गवाही दी।
  3. तुमने झूठ बात कही। – तुमने झूठी बात कही।
  4. वह आदमी बहुत श्रेष्ठ है। – वह आदमी बहुत अच्छा है।
  5. उसके पास सुंदरी गुड़िया है। – उसके पास सुंदर गुड़िया है।
  6. भारी भरकम भीड़ जमा हो गई। – बड़ी भीड़ जमा हो गई।
  7. कई फैक्टरी के कर्मचारी चले गए। – फैक्टरी के कई कर्मचारी चले गए।
  8. केवल मात्र व्याकरण सीखने से क्या होगा ? – केवल व्याकरण सीखने से क्या होगा ?
  9. सीता सोती नींद से जाग पड़ी। – सीता नींद से जाग पड़ी।
  10. अपनी सकुशलता का पत्र भेजना। – अपनी कुशलता का पत्र भेजना।

7. क्रिया संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध – शुद्ध

  1. उसे हरि का हाथ झटक डाला। – उसने हरि का हाथ झटक दिया।
  2. उसने सब कुछ खा डाला। – उसने सब कुछ खा लिया।
  3. सर्प को देखकर वह घबरा आयी। – सर्प को देखकर वह घबरा गई।
  4. वह चिल्ला उठा। – वह चिल्ला पड़ा।
  5. आज सभी ने यह संकल्प लिया कि …… – आज सभी ने यह संकल्प किया कि …..
  6. वहाँ गहन अंधकार घिरा हुआ था। – वहाँ गहन अंधकार छाया हुआ था।
  7. अपने जूते निकालो। – अपने जूते उतारो।
  8. उसका मूल्य आप नहीं नाप सकते। – उसका मूल्य आप नहीं आँक सकते।
  9. उसको अभिनंदन – पत्र प्रदान किया। – उसको अभिनंदन पत्र भेंट किया।
  10. शादी में वस्तुएँ भेंट की गईं। – शादी में अनेक वस्तुओं का उपहार मिला।

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8. मुहावरे संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध – शुद्ध

  1. युग की माँग का यह बीड़ा कौन चबाता है ? – युग की माँग का यह बीड़ा कौन उठाता है ?
  2. वह श्याम पर बरस गया। – वह श्याम पर बरस पड़ा।
  3. उसकी अक्ल चक्कर खा गई। – उसकी अक्ल चकरा गई।
  4. पाँचवें दिन शत्रु ने हथियार रख दिए। – पाँचवें दिन शत्रु ने हथियार डाल दिए।
  5. उस पर घड़ों पानी गिर गया। – उस पर घड़ों पानी पड़ गया
  6. यह काम चार दो आदमियों का नहीं। – यह काम दो-चार आदमियों का नहीं।
  7. मुझे से पाँच – तीन न करना। – मुझसे तीन – पाँच न करना।
  8. सिपाही को देखते ही चोर सात चार ग्यारह हो गया। – सिपाही को देखते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गया।
  9. कैसा मूर्ख नौकर पाले पड़ा है। – कैसा मूर्ख नौकर पल्ले पड़ा है।
  10. इकलौता पुत्र आँख का तारा होता है। – इकलौता पुत्र आँखों का तारा होता है।

9. क्रिया-विशेषण संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध – शुद्ध

  1. केवल इसीलिए वह न पढ़ सका। – इसीलिए वह न पढ़ सका।
  2. वह अत्यंत ही परिश्रमी है। – वह अत्यंत परिश्रमी है।
  3. वह लगभग रोने लगा। – वह रोने लगा।
  4. यहाँ पर कुछ गंदगी है। – यहाँ कुछ गंदगी है।
  5. उसके पास केवल मात्र एक रुपया रह गया। – उसके पास केवल एक रुपया रह गया।
  6. वह कदापि भी झूठ नहीं बोलता। – वह कदापि झूठ नहीं बोलता।
  7. उसके बाद वे वापस लौट आए। – उसके बाद वे लौट आए।
  8. आप लोग परस्पर में समझ लेना। – आप लोग परस्पर समझ लेना।
  9. वह प्रायः कभी-कभी आता है। – वह कभी-कभी आता है।
  10. उसका सिर नीचे था। – उसका सिर नीचा था।

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10. अव्यय संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध – शुद्ध

  1. मैं आया ही था जब कि वे भी आ गए। – मैं आया ही था कि वे भी आ गए।
  2. कदाचित यदि वह आक्रमण कर देता तो……। – कदाचित वह आक्रमण कर देता तो….।
  3. वे संतान को लेकर दु:खी थे। – वे संतान के कारण दुखी थे।
  4. देश व काल का ध्यान रखना आवश्यक है। – देश और काल का ध्यान रखना आवश्यक है।
  5. यदि वह मोटी न होती तब और भी तेज़ दौड़ती। – यदि वह मोटी न होती तो और भी तेज दौड़ती।
  6. वहाँ अपार जनसमूह एकत्रित था। – वहाँ अपार जन-समूह एकत्र था।
  7. प्रायः लोग झूठ तो बोलते हैं। – प्रायः लोग झूठ बोलते हैं।
  8. ज्योंही मैं स्टेशन पहुँचा, गाड़ी रवाना हो गई। – ज्योंही मैं स्टेशन पहुँचा, त्योंही गाड़ी रवाना हो गई।
  9. मैं प्रसन्न हूँ, क्योंकि तुम परिश्रमी हो। – मैं इसलिए प्रसन्न हूँ, क्योंकि तुम परिश्रमी हो।
  10. तुम्हें काम करना हो तो करो या अपने घर जाओ। – तुम्हें काम करना हो तो करो अन्यथा अपने घर जाओ।

11. वाक्यगत सामान्य अशुद्धियाँ।

अशुद्ध – शुद्ध

  1. उसने अनेकों ग्रंथ लिखे। – उसने अनेक ग्रंथ लिखे।
  2. महाभारत, अठारह दिनों तक चलता रहा। – महाभारत अठारह दिन तक चलता रहा।
  3. खरगोश को काटकर गाजर खिलाओ। – खरगोश को गाजर काटकर खिलाओ।
  4. मेरी आयु बीस की है। – मेरी अवस्था बीस वर्ष की है।
  5. हम दोनों के बीच शत्रुता हो गई। – हम दोनों में शत्रुता हो गई।
  6. पाँच हजार का टिकट बिक गया। – पाँच हजार के टिकट बिक गए।
  7. वह अनेक भावों का प्रकट करता है। – वह अनेक भाव प्रकट करता है।
  8. तुम्हारे ऊपर यह अभियोग है। – तुम्हारे पर यह अभियोग है।
  9. गुरुजनों के ऊपर श्रद्धा रखो। – गुरुजनों पर श्रद्धा रखो।
  10. मैंने वहाँ जाकर बड़ी अशुद्धि की। – मैंने वहाँ जाकर बड़ी भूल की।

12. पुनरुक्ति संबंधी अशुद्धियाँ।

अशुद्ध – शुद्ध

  1. मेरे पिता सजन पुरुष हैं। – मेरे पिता सज्जन हैं।
  2. बेफ़िजूल बोल रहे हो। – फ़िजूल बोल रहे हो।
  3. उन लोगों में कछ लोग अत्यंत धर्म-परायण थे। – उनमें कुछ लोग अत्यंत धर्म परायण थे।
  4. वे गुनगुने गर्म पानी से स्नान करते हैं। – वे गुनगुने पानी से स्नान करते हैं।
  5. आपमें कुछ आवश्यक गुणों की आवश्यकता है। – आपमें कुछ गुणों की आवश्यकता है।

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13. सामान्य अशुद्धियाँ

अशुद्ध – शुद्ध

  1. लड़के पड़ रहे हैं। – लड़के पढ़ रहे हैं।
  2. मैं माता का दर्शन करने आया हूँ। – मैं माता के दर्शन करने आया हूँ।
  3. अत्यधिक किया कार्य भी थका देता है। – अत्यधिक कार्य भी थका देता है।
  4. उत्तर दिशा जाने पर तुम्हें मेरा मकान मिल जाएगा। – उत्तर दिशा में जाने पर तुम्हें मेरा मकान मिल जाएगा।
  5. आप ग्रह प्रवेश पर निमंत्रित हैं। – आप गृह-प्रवेश पर आमंत्रित हैं।
  6. आपकी पेन बहुत तेज़ दौड़ती है। – आपका पेन तेज़ी से लिखता है।
  7. स्लेट में लिखो। – स्लेट पर लिखो।
  8. तुम्हारी बात समझ नहीं आती। – तुम्हारी बात समझ में नहीं आती।
  9. अच्छे विचारों का ग्रहण करो। – अच्छे विचारों को ग्रहण करो।
  10. सौंदर्य सबको मोह लेती है। – सौंदर्य सबको मोह लेता है।
  11. एडीसन प्रसिद्ध विज्ञानी था। – एडीसन प्रसिद्ध वैज्ञानिक था।
  12. तुम्हारी चातुर्यता हर बार कामयाब न होगी। – तुम्हारा चातुर्य हर बार कामयाब न होगा।

14. व्यंजन की अशुद्धियाँ

अशुद्ध – शुद्ध

  1. सबको समान अंस देना चाहिए। – सबको समान अंश देना चाहिए।
  2. उसका अंत्य निकट था। – उसका अंत निकट था।
  3. कमल जल में उत्पन्न होता है। – कमल जल में खिलता है।
  4. मैं किसी अन्न व्यक्ति से बात नहीं करता। – मैं किसी अन्य व्यक्ति से बात नहीं करंता।
  5. अनु अनु में भगवान विराजमान है। – कण-कण में भगवान विराजमान है।

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15. बेमेल अशुद्धियाँ

अशुद्ध – शुद्ध

  1. वह प्रति पग-पग पर ठोकरें खाता है। – वह पग-पग पर ठोकरें खाता है।
  2. मोरनी को खुश करने के लिए नर मोर नाचता है। – मोरनी को खुश करने के लिए मोर नाचता है।
  3. बात तो यह है कि तुम बहुत भोले हो। – बात यह है कि तुम बहुत भोले हो।
  4. प्रति रोज़ दाँत साफ़ करो। – प्रतिदिन दौँ साफ़ करो।
  5. शरीफ पुरुष की सभी इज़्ज़त करते हैं। – शरीफ आदमी की सभी इज़ज़त करते हैं।
  6. बॉल को फर्श पर लुढ़का दो। – गेंद को फर्श पर लुढ़का दो।
  7. मैं दसवीं कक्षा का स्टूडेंट हूँ। – मैं दसर्वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ।
  8. समय को व्यर्थ न करो। – समय को व्यर्थ न गाँवाओ।
  9. मेरा सहेली आया है। – मेरी सहेली आई।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण मुहावरे

Jharkhand Board JAC Class 10 Hindi Solutions Vyakaran मुहावरे Questions and Answers, Notes Pdf.

JAC Board Class 10 Hindi Vyakaran मुहावरे

मुहावरा – एक ऐसा वाक्यांश है, जो सामान्य अर्थ का बोध न करवाकर विशेष अर्थ का बोध करवात्म है। वाक्य में इसका प्रयोग क्रिया के समान होता है, जैसे – ‘आकाश – पाताल एक करना’।
इस वाक्यांश का सामान्य अर्थ है – ‘पृथ्वी और आकाश को मिलाना’ लेकिन ऐसा संभव नहीं है। अतः इसका लक्षणा शब्द – शक्ति से विशेष अर्थ होगा – ‘ बहुत परिश्रम करना’।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण मुहावरे

कुछ महत्वपूर्ण मुहावरे :

अंग – अंग ढीला होना (बहुत थकावट का अनुभव करना) – आठ घंटे लगातार परिश्रम करने के कारण उसका अंग – अंग ढीला हो गया।
अंग छूना (कसम खाना) – कैकेयी ने अंग छूकर कहा कि राम को वन भेजने में भरत का कोई दोष नहीं।
अंगूठा दिखाना (इनकार करना) – जब मैंने अपने मित्र से सहायता माँगी तो उसने अंगूठा दिखा दिया।
अक्ल का दुश्मन (मूर्ख) – उसे समझाने की कोशिश करना व्यर्थ है। वह तो अक्ल का दुश्मन है।
अंगारों पर पैर रखना (जान – बूझकर हानिकारक कार्य करना) – अपने माता – पिता की इकलौती संतान होने के कारण उसे अंगारों पर पैर नहीं रखने चाहिए।
अंगारे बरसना (कड़ी धूप पड़ना) – मई – जून की दोपहरी में अंगारे बरसते हैं।
अंड – वंड बकना (भला – बुरा कहना) – तुम उसकी अनुपस्थिति में अंड-वंड बक रहे हो। यदि उसे पता चल गया तो होश ठिकाने लगा देगा।
अंत बिगाड़ना (कार्य का अंतिम फल बिगाड़ देना) – अब तक तो तुमने ईमानदारी से काम किया है। भला अब रिश्वत लेकर अपना अंत क्यों बिगाड़ रहे हो?

अंधे को दीपक दिखाना (नासमझ को उपदेश देना) – भगवान कृष्ण दुर्योधन के धृष्टपूर्ण व्यवहार से समझ गए थे कि उसे उपदेश देना अंधे को दीपक दिखाना है।
अंधे की लकड़ी (एकमात्र सहारा) – मोहन अपने बूढ़े माता-पिता के लिए अंधे की लकड़ी है।
अँधेरे घर का उजाला (इकलौता बेटा) – सुरेश अपने माँ-बाप के अँधेरे घर का उजाला है।
अंत पाना (रहस्य पाना) – ईश्वर का अंत पाना संभव नहीं।
अगर – मगर करना (टालमटोल करना) – उसे मेरे एक हज़ार रुपए देने हैं।
जब भी माँगता हूँ अगर – मगर करने लगता है।
अपना उल्लू सीधा करना (अपना मतलब निकालना) – स्वार्थी मित्रों से बचकर रहना चाहिए। उन्हें तो अपना उल्लू सीधा करना आता है।
अपने पाँव पर आप कुल्हाड़ी मारना (अपनी हानि आप करना) – जो छात्र समय का सदुपयोग नहीं करते, वे अपने पाँव पर आप कुल्हाड़ी मारते हैं।
अपना – सा मुँह लेकर रह जाना (बहुत लज्जित होना) – जब सब के सामने उसकी चोरी की पोल खुली तो वह अपना – सा मुँह लेकर रह गया।
अपने मुँह मियाँ मिठू बनना (अपनी प्रशंसा आप करना) – अपने मुँह मियाँ मिठू बनना अच्छी आदत नहीं।
अपनी खिचड़ी अलग पकाना (सबसे अलग रहना) – मंथन न तो अपने सहपाठियों के साथ खेलता है और न ही उनसे बात करता है। वह हर काम में अपनी खिचड़ी अलग पकाता है।
अक्ल पर पत्थर पड़ना (बुद्धिभ्रष्ट होना) – विद्वान होते हुए भी रावण की अक्ल पर पत्थर पड़ गए थे अन्यथा वह सीता का अपहरण न करता।
अरण्य – रोदन (व्यर्थ की पुकार अथवा बेअसर रोना – धोना) – अत्याचारी शासक के शासनकाल में ग़रीबों की पुकार अरण्य – रोदन होकर रह जाती है।
अक्ल के घोड़े दौड़ाना (समस्या का समाधान ढूँढ़ने के लिए सोच – विचार करना) – सभी अधिकारी इस विकट समस्या का हल ढूँढ़ने के लिए अपनी – अपनी अक्ल के घोड़े दौड़ा रहे हैं।
आँख का काँटा (खटकने वाला व्यक्ति) – मजदूरों का उग्र नेता उस मिल – मालिक की आँख का काँटा बन गया है।
आँखें खलना (होश आना. सावधान होना ज्ञान प्राप्त होना) – उस महात्मा के प्रवचन सनकर मेरी आँखें खल गईं।
आसमान टूट पड़ना (बहुत बड़ी मुसीबत आना) – मैं सच्चाई से विमुख नहीं हो सकता। भले ही मुझ पर आसमान टूट पड़े।
आस्तीन का साँप (कपटी मित्र) – टीना से सावधान रहना। वह तो आस्तीन का साँप है।
कंगाली में आटा गीला होना (मुसीबत में और मुसीबत आना) – इस निर्धन अवस्था में उसकी नौकरी छूट जाना कंगाली में आटा गीला होने के समान है।
ईंट से ईंट बजाना (नष्ट – भ्रष्ट करना) – हनुमान ने लंका की ईंट से ईंट बजा दी।
ईंट का जवाब पत्थर से देना (दृढ़ता से शत्रु का मुकाबला करना) – भारत शत्रु देश की ईंट का जवाब पत्थर से देना जानता है।
ईद का चाँद होना (बहुत देर के बाद मिलना) – भई, शादी के बाद तो तुम ईद का चाँद बन गए हो।
उंगली उठना (निंदित होना) – दुराचारी लोगों पर शीघ्र ही उंगली उठने लगती है।
उंगली उठाना (निंदा करना, हानि पहुँचाने की कोशिश करना) – बुरे व्यक्ति पर सब उंगली उठाते हैं। जब तक मैं जीवित हूँ, तुम्हारे ऊपर कोई उंगली नहीं उठा सकता।
उंगली पर नचाना (अपनी इच्छानुसार काम लेना) – कुछ अधिकारी कर्मचारियों को अपनी उंगली पर नचाते हैं।
उगल देना (भेद प्रकट कर देना) – पुलिस की कठोर मार पड़ने पर उस चोर ने सब कुछ उगल दिया।
उठ जाना (मर जाना, समाप्त हो जाना) – अल्प आयु में ही भारतेंदु जी इस संसार से उठ गए।
उड़ती चिड़िया पहचानना (दूसरे की असलियत जान लेना अथवा किसी के मन की बात जान लेना) – तुम उसे धोखा नहीं दे सकते। वह तो उड़ती चिड़िया पहचानता है।
उलटी गंगा बहाना (नियम के विरुद्ध काम करना) – गीतों के उस प्रकांड पंडित को कर्म – योग का उपदेश देना उलटी गंगा बहाना है।
उलटी सीधी सुनाना (बुरा – भला कहना) – जब मैंने उसे समझाया तो वह मुझे ही उलटी – सीधी सुनाने लगा।
एक आँख से देखना (एक समान समझना) – हमारे महाविद्यालय के प्राचार्य सभी छात्रों को एक आँख से देखते हैं।
एक लकड़ी से हाँकना (अच्छे – बुरे के साथ एक जैसा व्यवहार करना) – हमारे नगर के पुलिस अधिकारी सभी को
एक लकड़ी से हाँकते हैं। एड़ी – चोटी का जोर लगाना (पूरा प्रयत्न करना) – सम्राट अकबर ने एड़ी – चोटी का जोर लगा दिया पर वह राणा प्रताप को अपने अधीन न कर सका।
कंचन बरसना (बहुत लाभ होना अथवा धन प्राप्त होना) – जब से उन्होंने नई मिल खोली है, उनके यहाँ कंचन बरस रहा है।
कठपुतली होना (दूसरों के इशारों पर चलना) – भारत को कोई भी देश अपने धन – वैभव के बल पर कठपुतली नहीं बना सकता।
कफ़न सिर पर बाँधना (मरने की परवाह न करना) – सैनिक सिर पर कफ़न बाँधकर युद्ध – भूमि में प्रवेश करते हैं।
कमर कसना (तैयार होना) – देश से भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए समाज – सेवकों ने कमर कस ली है।
कमर टूटना (सहायक न रहना, निराशा आना) – महँगाई ने निर्धन लोगों की कमर तोड़ दी है।
कलेजा थामकर रह जाना (दुःख को बेबसी से सहन कर लेना) – अपने बेटे की मृत्यु का समाचार सुनकर माँ कलेजा थाम कर रह गई।
कलेजा मुँह को आना (अत्यधिक दुःखी होना) – अपने इकलौते बेटे की मृत्यु का समाचार सुनकर उसका कलेजा मुँह को आ गया।
कागजी घोड़े दौड़ाना (केवल लिखा – पढ़ी करना) – देश की उन्नति के लिए सरकार को कागजी घोड़े दौड़ाने की अपेक्षा लोगों को ठोस कार्य करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
कान कतरना (कान काटना) (बहुत चालाक होना) – उसको छोटा मत समझो, वह बड़ों – बड़ों के कान कतरता (काटता) है।
कान का कच्चा (जो हर एक के कहने में आए) – हमारे अधिकारी वैसे तो सज्जन हैं, पर कान के कच्चे हैं।
कान खड़े होना (आश्चर्य से सुनने के लिए उत्सुक होना) – नेता के मंच पर आते ही उनका भाषण सुनने के लिए सब के कान खड़े हो गए।
कान खोलना (सावधान करना) – आचार्य जी ने सुरेश के दोष बतला कर सब विद्यार्थियों के कान खोल दिए।
कान पर ज तक न रेंगना (कछ असर न होना) – मैंने उसे बहत समझाया कि यह मार्ग उचित नहीं, पर उसके कान पर जॅ न रेंगी।
गोबर गणेश (सीधा – सादा होना) – हमारा नौकर तो गोबर गणेश है। उसे इतना भी पता नहीं चलता कि घर में कौन आया था।
घड़ियाँ गिनना (उत्सुकता से प्रतीक्षा करना) – अयोध्यावासी श्री रामचंद्र जी के आने की घड़ियाँ गिनते रहते थे।
घर में गंगा बहना (घर में अथवा सहज में ही योग्य मिल जाना) – आपके पिता जी तो हिंदी – संस्कृत के विद्वान हैं। अतः आपके घर में ही गंगा बहती है।
घाट – घाट का पानी पीना (अनुभवी होना) – राजेश को चकमा देना सरल काम नहीं है। उसने घाट – घाट का पानी पी रखा है।
घड़ों पानी पड़ना (अत्यंत लज्जित होना) – चोरी का पता लगते ही उस पर घड़ों पानी पड़ गया।
घात में रहना (किसी को हानि पहुँचाने की ताक में रहना) – शत्रु से बचकर रहना चाहिए। वह हमेशा घात में रहता है।
घाव पर नमक छिड़कना (दुःखी को और दुःखी करना) – महँगाई के इस युग में निर्धन कर्मचारियों के भत्ते बंद करना घाव पर नमक छिड़कना है।
घाव हरा होना (भूला हुआ दुख ताज़ा होना) – मृत बेटे की स्मृति ने माँ का घाव हरा कर दिया।
घास खोदना (व्यर्थ में समय नष्ट करना, तुच्छ काम करना) – परिणाम देखकर तो यही पता चलता है कि वह पढ़ने की अपेक्षा सारा वर्ष घास खोदता रहा।
घी के दीये जलाना (बहुत प्रसन्न होना) – अपनी विजय का समाचार सुनकर भारतवासियों ने घी के दीये जलाए।
घोड़े बेचकर सोना (निश्चित होकर सोना) – अरे भई, आज नौ बजे से परीक्षा प्रारंभ हो रही है और तुम घोड़े बेचकर सो रहे हो।
घोड़े पर सवार होना (शीघ्रता में होना) – तुम जब भी आते हो घोड़े पर सवार होते हो। कभी तो बैठ जाया करो।
चकमा देना (धोखा देना) – चोर पुलिस को चकमा देकर भाग गया।
चंपत होना (भाग जाना) – माली को अपनी तरफ आते देखकर सब लड़के चंपत हो गए।
चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाना (होते हुए काम में रुकावट डालना) – संस्था का कार्य ठीक प्रकार से चल रहा था कि किसी ने प्रधान के चुनाव का प्रश्न उठाकर चलती गाड़ी में रोड़ा अटका दिया।
चाँद पर थूकना (बड़े व्यक्ति का अपमान करने का प्रयत्न करने पर स्वयं की हानि उठाना) – गांधी जी की निंदा करना चाँद पर थूकने के समान है।
चाँदी का जूता मारना (रिश्वत देना) – सरकारी कार्यालयों में काम करवाने का सबसे अच्छा उपाय चाँदी का जूता मारना है।
चाँदी होना (बहुत धन प्राप्त होना) – इन दिनों सीमेंट एवं लोहे के व्यापारियों की चाँदी है।
चादर देखकर पैर पसारना (अपनी योग्यता के अनुसार खर्च करना) – चादर देखकर पाँव पसारने वाले लोग कभी आर्थिक संकट का सामना नहीं करते।
चार चाँद लगाना (सुंदरता या मान बढ़ाना) – गीता ने दशम कक्षा की परीक्षा में पंजाब भर में प्रथम स्थान प्राप्त करके अपने विद्यालय को चार चाँद लगा दिए हैं।
चिकना घड़ा होना (जिस पर कुछ असर न हो) – विजय तो निर्लज्जता के कारण चिकना घड़ा बन गया है। उस पर किसी उपदेश का असर नहीं होता।
चिराग तले अँधेरा होना (गुण के साथ दोष, व्यवस्था करने वाले के पास ही उलटा काम होना) – दो चौकीदारों के होते हुए चोरी हो जाना चिराग तले अँधेरा
चूड़ियाँ पहनना (कायर बनना) – यदि तुम शत्रु का सामना नहीं कर सकते तो घर जाकर चूड़ियाँ पहन लो।
चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना (घबरा जाना) – जब सबने उसे पुलिस के हवाले करने का निर्णय किया तो उसके चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगीं।
चोली – दामन का साथ (गहरा संबंध) – नाटक और रंगमंच का चोली – दामन का साथ है।
छक्के छुड़ाना (बुरी तरह पराजित करना) – भारत – पाक युद्ध में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए।
छक्के छूटना (घबरा जाना, हारकर निराश हो जाना) – शिवाजी के आकस्मिक आक्रमण से औरंगजेब के छक्के छूट गए।
छठी का दूध याद आना (बहुत घबरा जाना) – भारतीय वायु – सेना के आक्रमण ने पाकिस्तानियों को छठी का दूध याद दिला दिया।
छाती पर मूंग दलना (सामने ही ढिठाई करना) – सारा दिन माँ की छाती पर मूंग दलने की अपेक्षा अच्छा है कि कुछ काम करें।
छाती पर साँप लोटना (ईर्ष्या से जलना) – विदेश में भारत का मान बढ़ते देखकर शत्रु – देश की छाती पर साँप लोटने लगा।
जलती आग में घी डालना (क्रोध अथवा झगड़े को बढ़ाना) – मानसिंह ने सम्राट अकबर से राणा प्रताप के विषय में झूठी बातें कह कर जलती आग में घी डालने का काम किया।
दूध का दूध पानी का पानी (पूरा – पूरा न्याय करना) – न्यायाधीश ने अपने निर्णय में दूध का दूध पानी का पानी कर दिया।
दूर की हाँकना (गप्प मारना) – हमारे चाचा जी ऐसी दूर की हाँकते हैं कि सब हैरान हो जाते हैं।
दुम दबाकर भागना (डरकर भाग जाना) – चोर पुलिस को देखते ही दुम दबाकर भाग गया।
दौड़ – धूप करना (बहुत परिश्रम करना) – बड़ी दौड़ – धूप करने के बाद उसे यह नौकरी मिली है।
दो नावों पर पैर रखना (दो पक्षों में होना) – दो नावों पर पैर रखने वाले लोगों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
दूध की मक्खी (बेज्जत करना) – तुम चिंता क्यों करते हो। यदि यह हमारी महफिल में आया तो मैं उसे दूध की मक्खी की तरह निकाल दूंगा।
दो टूक बात करना (साफ़ – साफ़ बात करना) – अगर – मगर करने की अपेक्षा दो टूक बात करना अधिक अच्छा होता है।
धूप में बाल सफ़ेद न होना (अनुभवी होना) – देखो, मेरा कहना मान लो, मैंने धूप में बाल सफ़ेद नहीं किए।
नमक – मिर्च लगाना (बात को बढ़ा कर कहना) – बात कुछ भी नहीं थी लेकिन मीनाक्षी ने नमक – मिर्च लगा कर बताई।
नाक काटना (मान नष्ट होना) – बेटे के कुकर्मों ने पिता की नाक कटवा दी।
नाक पर मक्खी न बैठने देना (अपने पर जरा – सा भी दोष न आने देना) – वे सारा काम सुचारु ढंग से करते हैं इसलिए अपनी नाक पर मक्खी नहीं बैठने देते।
नाक में दम करना (बहुत तंग करना) – छात्रों ने नए अध्यापक की नाक में दम कर रखा है।
नाम पर धब्बा लगना (बदनामी होना) – उसकी काली करतूत के कारण सारे परिवार के नाम पर धब्बा लग गया।
नाकों चने चबाना (बुरी तरह तंग करना) – शिवाजी ने अपने रण – कुशलता से औरंगजेब को नाकों चने चबवा दिए।
नानी याद आना (कष्ट का अनुभव होना) – पर्वत की चढ़ाई चढ़ते समय सबको नानी याद आ गई।
निन्यानवे के फेर में पड़ना (धन जमा करने की चिंता में रहना) – जो लोग निन्यानवे के फेर में पड़ जाते हैं, वे समाज – सेवा नहीं कर सकते।
नौ दो ग्यारह होना (भाग जाना) – चोर पुलिस को देखते ही नौ दो ग्यारह हो गया।
पगड़ी सँभालना (मान – मर्यादा की रक्षा के लिए तैयार हो जाना) – मनुष्य को हर कीमत पर अपनी पगड़ी सँभालनी चाहिए।
पैंतरा बदलना (विचार बदलना, स्थिर न रहना) – वह पैंतरा बदलना खूब जानता है। मेरे सामने कुछ कहता है आपके सामने कुछ।
पत्थर की लकीर होना (पक्की बात होना) – सरदार पटेल का कहना पत्थर की लकीर होता था।
पाँचों उंगलियाँ घी में होना (बहुत लाभ होना) – वस्तुओं के भाव चढ़ जाने से व्यापारियों की पाँचों उंगलियाँ घी में होती हैं।
पानी का बुलबुला होना (शीघ्र नष्ट हो जाने वाला) – मानव – जीवन पानी का बुलबुला है।
पाला पड़ना (वास्ता पड़ना) – पुलिस से किसी का पाला न पड़े।
पानी – पानी होना (बहुत लज्जित हो जाना) – अपना रहस्य प्रकट होते देखकर वह पानी – पानी हो गया।
पानी में आग लगाना (बहुत असंभव काम कर दिखाना) – उन महात्मा जी को क्रोध दिलाना पानी में आग लगाना है।
पापड़ बेलना (कई काम करना) – उसने बहुत पापड़ बेले हैं, पर उसे कहीं भी सफलता नहीं मिली।
पहाड़ टूट पड़ना (बहुत बड़ा संकट आना) – उस पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा।
पीठ फेरना (विमुख होना) – उसकी बुरी आदतों से तंग आकर सबने उससे पीठ फेर ली है।
पेट में चूहे कूदना (बहुत भूख लगना) – सारा दिन कुछ न खाने के कारण मेरे पेट में चूहे कूद रहे हैं।
पेट में दाढ़ी होना (ऊपर से सीधा पर भीतर से चालाक होना) – उसे बच्चा मत समझो, उसके तो पेट में दाढ़ी है।
पेट काटना (कम खर्च कर ज़रूरत के लिए जोड़ना) – माँ – बाप पेट काटकर बच्चों को पढ़ाते हैं।
पौ बारह होना (भरपूर लाभ होना) – चाँदी के व्यापार में हमारे पौ बारह हो गए हैं।
फुलझड़ी छोड़ना (मज़ाक करना) – राकेश को फुलझड़ी छोड़ने की आदत है।
फूटी आँख न भाना (ज़रा – सा भी अच्छा न लगना) – दुष्ट एवं दुराचारी व्यक्ति मुझे फूटी आँख नहीं भाते।
फूंक – फूंक कर कदम रखना (बहुत सावधानी से काम करना) – फूंक – फूंक कर कदम रखने पर भी यहाँ बदनामी का खतरा बना रहता है।
बगुला भगत होना (ऊपर से अच्छा दिखाई देना पर हृदय से कपटी होना) – आज के युग में बगुला भगतों की कमी नहीं।
बगलें झाँकना (कुछ उत्तर न सूझने पर इधर – उधर देखना) – जब अध्यापक ने उससे प्रश्न पूछा तो वह बगलें झाँकने लगा।
बड़े घर की हवा खाना (जेल जाना) – यदि तुमने चोरी का धंधा न छोड़ा तो एक दिन बड़े घर की हवा खाओगे।
लहू के चूंट पीकर रह जाना (क्रोध को मन में दबा लेना) – द्रोपदी का अपने सामने अपमान होते देखकर पांडव लहू का चूंट पीकर रह गए।
लहू – पसीना एक करना (अत्यधिक परिश्रम करना) – मज़दूर लोग अपनी जीविका कमाने के लिए लहू – पसीना एक कर देते हैं।
लाल – पीला होना (गुस्से में आना) – अपने ऊपर झूठा आरोप लगते देखकर वह लाल – पीला हो गया।
में होना (अवसर अनुकूल होना) – चुनाव में लोहा गर्म देखकर जनता पार्टी ने चोट की और विजय प्राप्त की।
लोहा मानना (अधीनता स्वीकार करना, शक्ति मानना) – अकबर जैसा शक्तिशाली सम्राट भी राणा प्रताप का लोहा मानता था।
लोहा लेना (डटकर टक्कर लेना) – चुनाव में जनता पार्टी ने कांग्रेस से लोहा लिया और बहुमत से विजय प्राप्त की।
लकीर का फकीर होना (पुरानी परिपाटी पर चलना) – आधुनिक युग में भी कुछ लोग लकीर का फकीर बनकर रहते हैं।
लुटिया डुबोना (काम बिगाड़ देना) – उसके सामने रहस्य की बात प्रकट करके तुमने मेरी लुटिया डूबो दी।
लोहे के चने चबाना (बहुत कठिन काम करना) – एम० ए० की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करना लोहे के चने चबाना है।
विष उगलना (कड़वी तथा कठोर बात कहना) – दूसरों के लिए विष उगलना अच्छी आदत नहीं।
शेर के दाँत गिनना (साहस का काम करना) – भरत बचपन में ही शेर के दाँत गिनता था।
शैतान के कान कतरना (बहुत चालाक होना) – तुम उसे धोखा नहीं दे सकते, वह तो शैतान के कान कतरता है।
श्रीगणेश करना (कार्य आरंभ करना) – दीपावली के शुभ दिन उन्होंने अपनी नई मिल का श्रीगणेश किया।
सठिया जाना (बुद्धि ठीक न रहना, असंतुलित होना) – अब तो मुंशी जी सठिया गए हैं।
अतः उनसे सलाह लेना उचित नहीं। सात घाट का पानी पीना (बहुत अनुभवी तथा चालाक होना) – आप सब मिल कर भी कर्मचंद को धोखा नहीं दे सकते। उसने सात घाट का पानी पी रखा है।
सिर उठाना (विरोध में उठना) – डाकू शेरसिंह ने अपने साथियों को चेतावनी देते हुए कहा – यदि किसी ने सिर उठाया तो उसे कुचल दूंगा।
सिर धुनना (पछताना) – पहले मेहनत करते, अब असफल होने पर सिर धुनना व्यर्थ है।
सोने में सुगंध (गुण के साथ गुण मिलना) – नाटक में गीत – संगीत की योजना सोने में सुगंध के समान है।
सात – पाँच करना (चालाकी करना) – सीधी तरह बात करो। सात – पाँच करना ठीक नहीं।
स्वाहा करना (नष्ट कर देना) – नालायक बेटे ने पिता की सारी संपत्ति स्वाहा कर दी।
सूरज (सूर्य) को दीपक दिखाना (किसी महान व्यक्ति का परिचय देना) – महात्मा गांधी का परिचय देना सूरज को दीपक दिखाना है।
सिर पर सवार होना (बुरी तरह पीछे पड़ना) – नौकर अपना वेतन बढ़वाने के लिए अपने मालिक के सिर पर सवार रहता है।
हथियार डाल देना (पूरी तरह हार स्वीकार करना) – लाचार होकर पाक – सेना ने भारतीय सेना के आगे हथियार डाल दिए।
हवाई किले बनाना (झूठे मनोरथ करना) – परिश्रम के बिना हवाई किले बनाने से कोई व्यक्ति महान नहीं बन जाता।
हवा लगना (बुरा प्रभाव पड़ना) – लगता है उसे भी ज़माने की हवा लग गई है, जब देखो फ़ैशन की बात करता है।
हवा से बातें करना (बहुत तेज पड़ना) – शीघ्र ही हमारी कार हवा से बातें करने लगी।
हाथ धोकर पीछे पड़ना (बुरी तरह पीछे पड़ना) – बीमा कंपनी के एजेंट हाथ धोकर पीछे पड़ जाते हैं।
हाथ मलना (पछताना) – समय पर परिश्रम करने से सफलता मिलती है। बाद में हाथ मलना व्यर्थ है।
हाथ साफ़ करना (बहुत खाना, जैसे – तैसे धन प्राप्त करना, तलवार से काटना) – अच्छा पकवान देखकर रतन ने खूब हाथ साफ़ किया, महँगाई में व्यापारियों ने ग्राहकों पर हाथ साफ़ किए, भारतीय सैनिकों ने शत्रुओं पर खूब हाथ साफ़ किए।
हाथ उठाना (मारने को तैयार रहना) – जवान बेटे पर हाथ उठाने की बजाय उसे समझाना चाहिए।
हाथों के तोते उड़ जाना (बहुत व्याकुल तथा शोकग्रस्त होना) – पिता की मृत्यु का समाचार सुनकर उसके हाथों के तोते उड़ गए।
हक्का – पानी बंद करना (संबंध तोड़ लेना) – यदि तुम सीधे रास्ते पर न आए तो तुम्हारा हुक्का – पानी बंद कर दिया जाएगा।
हमीर हठ (दृढ़ निश्चयी, पक्का जिद्दी) – तुम उसे अपने पथ से विमुख नहीं कर सकते। उसकी हमीर हठ प्रसिद्ध है।
हाथ धो बैठना (किसी वस्तु से वंचित होना, गँवा बैठना) – जो लोग अपव्ययी होते हैं, शीघ्र ही धन से हाथ धो बैठते हैं।
हाथ – पैर मारना (कोशिश करना) – वह सफलता प्राप्त करने के लिए हाथ – पैर मार रहा है।
हाथ रंगना (खूब धन कमाना) – महँगाई में जमाखोर व्यापारी खूब हाथ रंगते हैं।
हाथ खींचना (सहायता बंद करना) – जहाँ तक हो सके निर्धनों की सहायता करो। उनसे हाथ खींचना अच्छी बात नहीं।
हाथ तंग होना (पैसे का अभाव होना) – अपनी बेटी की शादी धूमधाम से करने के बाद उनका हाथ कुछ तंग हो गया है।
हाथ – पाँव फूलना (डर से घबरा जाना) – पुलिस को अपने घर आया देखकर उसके हाथ-पाँव फूल गए।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.4

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Exercise 13.4

Use π = \(\frac{22}{7}\), unless stated otherwise.

Question 1.
A drinking glass is in the shape of a frustum of a cone of height 14 cm. The diameters of its two circular ends are 4 cm and 2 cm. Find the capacity of the glass.
Solution:
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Question 2.
The slant height of a frustum of a cone is 4 cm and the perimeters (circumference) of its circular ends are 18 cm and 6 cm. Find the curved surface area of the frustum.
Solution:
C.S.A. of the frustum = πl(r1 + r2)
2πr1 = 18
r1 = \(\frac{18}{2 \pi}=\frac{9}{\pi}\)
2πr2 = 6
r2 = \(\frac{6}{2 \pi}=\frac{3}{\pi}\)
C.S.A. of the frustum = xl(r1 + r2)
= π × \(4\left[\frac{9}{\pi}+\frac{3}{\pi}\right]\)
= π × 4 × \(\frac{12}{\pi}\)
= 48 cm2.3

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Question 3.
A fez, the cap used by the Turks, is shaped like the frustum of a cone. If its radius on the open side is 10 cm, radius at the upper base is 4 cm and its slant height is 15 cm, find the area of material used for making it.
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.4 2
Solution:
r1 = 4, r2 = 10, l = 15
Area of the material used = C.S.A. of the frustum + Area of the circular top
= πl(r1 + r2) + πr12
= \(\frac{22}{7}\) × 15 (4 + 10) + π × 42
= \(\frac{22}{7}\) × 15 × 14 + \(\frac{22}{7}\) × 16
= \(\frac{22}{7}\)(210 + 16)
= \(\frac{22}{7}\) × 226
= \(\frac{4972}{7}\)
= 710\(\frac{2}{7}\) cm2.

Question 4.
A container, opened from the top and made up of a metal sheet, is in the form of a frustum of a cone of height 16 cm with radii of its lower and upper ends as 8 cm and 20 cm, respectively. Find the cost of the milk which can completely fill the container, at the rate of Rs. 20 per litre. Also find the cost of metal sheet used to make the container, if it costs Rs. 8 per 100 cm2. (Take π = 3.14).
Solution:
Volume of the milk = Volume of the container = Volume of the frustum
= \(\frac{1}{3}\)πh(r12 + r22 + r1r2)   [r1 = 20, r2 = 8, h = 16]
= \(\frac{1}{3}\) × 3.14 × 16[(20)2 + (8)2 + (20 × 8)]
= \(\frac{1}{3}\) × 3.14 × 16[400 + 64 + 160]
= \(\frac{1}{3}\) × 3.14 × 16 × 624 c.c. [1 litre 1000 cc]
= \(\frac{1}{3}\) × \(\frac{3.14 \times 16 \times 624}{1000}\) litres.
Cost of the milk = \(\frac{3.14 \times 16 \times 624}{3 \times 1000}\)
= \(\frac{3.14 \times 1664}{25}\)
= 3.14 × 66.56
= 208.99 = Rs. 209.
Area of the metal sheet used = πl(r1 + r2) + πr22 [r1 = 20, r2 = 8, h = 16]
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Area of the metal sheet used = πl(r1 + r2) + πr22
= 3.14 × 20(20 + 8) + 3.14 × 82
= 3.14 × 20 × 28 + 3.14 × 64
= 3.14[(20 × 28) + 64]
= 3.14(560 + 64)
= 3.14 × 624 sq. cms.
Cost of the metal sheet = Area × Rate
= 3.14 × 624 × rate
= \(\frac{3.14 \times 624 \times 8}{100}\)
= 3.14 × 624 × 0.08
= 3.14 × 49.92
= 156.7488
= Rs. 156.75.

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 13 Surface Areas and Volumes Ex 13.4

Question 5.
A metallic right circular cone 20 cm high and whose vertical angle is 60° is cut into two parts the middle of its height by a plane parallel to its base. If the frustum so obtained be drawn into a wire of diameter \(\frac{1}{6}\) cm, find the length of the wire.
Solution:
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