JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन Important Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न–दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनकर लिखो
1. 2011 जनगणना के अनुसार भारत में औसत जनसंख्या घनत्व है –
(A) 216
(B) 382
(C) 221
(D) 350
उत्तर:
(B) 382

2. किस राज्य में सर्वाधिक जनसंख्या है?
(A) उत्तर प्रदेश
(B) पश्चिम बंगाल
(C) केरल
(D) पंजाब।
उत्तर:
(A) उत्तर प्रदेश

3. किस राज्य में सर्वाधिक लिंगानुपात है?
(A) केरल
(B) हिमाचल प्रदेश
(C) उड़ीसा
(D) तमिलनाडु।
उत्तर:
(A) केरल

4. भारत का विश्व जनंसख्या में कौन-सा स्थान है?
(A) पहला
(B) दूसरा
(C) पांचवां
(D) सातवां।
उत्तर:
(B) दूसरा

5. भारत में प्रति दशक जनसंख्या वृद्धि दर है?
(A) 15.3%
(B) 17.3%
(C) 19.3%
(D) 21.3%.
उत्तर:
(D) 21.3%.

6. भारत में पहली सम्पूर्ण जनगणना कब हुई?
(A) 1871
(B) 1881
(C) 1891
(D) 1861.
उत्तर:
(B) 1881

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7. भारत में विश्व की कुल जनसंख्या का कितने प्रतिशत भाग है?
(A) 10.7%
(B) 12.7%
(C) 16.7%
(D) 18.7%.
उत्तर:
(C) 16.7%

8. किस राज्य में सबसे कम जनसंख्या है?
(A) हरियाणा
(B) राजस्थान
(C) सिक्किम
(D) मिज़ोरम।
उत्तर:
(C) सिक्किम

9. भारत में कितने मिलियन नगर हैं?
(A) 25
(B) 27
(C) 30
(D) 53.
उत्तर:
(D) 53.

10. भारत में 2011 में औसत लिंगानुपात था
(A) 910
(B) 923
(C) 940
(D) 953.
उत्तर:
(C) 940

11. भारत में औसत जीवन प्रत्याश कितनी है?
(A) 55 वर्ष
(B) 60 वर्ष
(C) 65 वर्ष
(D) 70 वर्ष।
उत्तर:
(C) 65 वर्ष

12. भारत में साक्षरता दर है
(A) 55%
(B) 60%
(C) 74%
(D) 67%.
उत्तर:
(C) 74%

13. भारत में कृषकों का प्रतिशत है
(A) 48%
(B) 50%
(C) 54%
(D) 58%.
उत्तर:
(D) 58%.

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14. भारत में सबसे कम जनसंख्या घनत्व है
(A) जम्मू-कश्मीर
(B) अरुणाचल प्रदेश
(C) राजस्थान
(D) नागालैंड।
उत्तर:
(B) अरुणाचल प्रदेश

15. भारत की जनसंख्या कितने वर्षों में दुगुनी होती है ?
(A) 32 वर्ष
(B) 34 वर्ष
(C) 36 वर्ष
(D) 38 वर्ष।
उत्तर:
(C) 36 वर्ष

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

प्रश्न 1.
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या कितनी है?
उत्तर:
121.02 करोड़। (विश्व की 17.5% जनसंख्या)।

प्रश्न 2.
जनसंख्या तथा क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का संसार में स्थान बताओ।
उत्तर:
जनसंख्या : दूसरा स्थान क्षेत्रफल : सातवां स्थान (विश्व का 2.4% क्षेत्रफल)।

प्रश्न 3.
भारत में पहली पूर्ण जनगणना कब हुई?
उत्तर:
सन् 1881 में।

प्रश्न 4.
भारत में औसत जनसंख्या घनत्व कितना है ?
उत्तर:
382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०।

प्रश्न 5.
भारत में सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व किस राज्य में है?
उत्तर:
बिहार-1102 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०।।

प्रश्न 6.
भारत में औसत वार्षिक जनसंख्या वृद्धि कितनी है?
उत्तर:
1.76 प्रतिशत।

प्रश्न 7.
भारत में जन्म-दर तथा मृत्यु-दर कितनी है ?
उत्तर:
जन्म-दर 26 प्रति हजार तथा मृत्यु-दर 9 प्रति हजार व्यक्ति है।

प्रश्न 8.
भारत में राज्यस्तर पर जनसंख्या वृद्धि किस राज्य में कम है ?
उत्तर:
केरल-4.9% प्रति दशक।

प्रश्न 9.
विगत शताब्दी में भारत की जनसंख्या में कितनी वृद्धि हुई है?
उत्तर:
78 करोड़।

प्रश्न 10.
संसार में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बताओ।
उत्तर:
चीन-134 करोड़।

प्रश्न 11.
भारत में पहली अपूर्ण जनगणना कब हुई?
उत्तर:
सन् 1872 ई० में।

प्रश्न 12.
भारत की कुल जनसंख्या का कितने प्रतिशत भाग ग्रामीण है?
उत्तर:
68.8%

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प्रश्न 13.
भारत में गाँवों की कुल संख्या कितनी है ?
उत्तर:
580781

प्रश्न 14.
भारत के किस राज्य में सर्वाधिक जनसंख्या है ?
उत्तर:
भारत में उत्तर प्रदेश राज्य में 19.95 करोड़ जनसंख्या है जो देश के सभी राज्यों में सबसे अधिक है।

प्रश्न 15.
भारत के किस राज्य में सबसे कम जनसंख्या है?
उत्तर:
सिक्किम राज्य में 6.07 लाख।

प्रश्न 16.
भारत के कितने राज्यों में 5 करोड़ से अधिक जनसंख्या प्रत्येक राज्य में है?
उत्तर:
10 राज्य।

प्रश्न 17.
भारत के पाँच राज्य बताओ जिनमें देश की आधे से अधिक जनसंख्या निवास करती है।
उत्तर:
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल तथा आंध्र प्रदेश।

प्रश्न 18.
जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से विश्व के तीन बड़े देश बताओ।
उत्तर:

  1. बांग्लादेश-849 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०।
  2. जापान-334 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०।
  3. भारत-382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०।

प्रश्न 19.
100 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० से कम घनत्व वाले तीन राज्य बताओ।
उत्तर:
सिक्किम (86), मिजोरम (52) तथा अरुणाचल प्रदेश (17)।

प्रश्न 20.
उच्च घनत्व के तीन समूह बताओ।
उत्तर:
उत्तरी मैदान, पूर्वी तट, डेल्टा क्षेत्र।

प्रश्न 21.
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों के तीन समूह बताओ।
उत्तर:

  1. भौतिक कारक
  2. सामाजिक-आर्थिक कारक
  3. जनांकिकीय कारक।

प्रश्न 22.
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले चार भौतिक कारक बताओ।
उत्तर:

  1. धरातल
  2. मृदा
  3. जलवायु
  4. खनिजों की सुलभता।

प्रश्न 23.
जनांकिकीय कारकों के तीन तत्त्व बताओ।
उत्तर:

  1. प्रजनन दर
  2. मृत्यु-दर
  3. प्रवास।

प्रश्न 24.
जनसंख्या वृद्धि दर किसे कहते हैं ?
उत्तर:
दो समय बिन्दुओं के मध्य जनसंख्या में होने वाले शुद्ध परिवर्तन को वृद्धि दर कहते हैं।

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प्रश्न 25.
वृद्धि दर के दो प्रकार बताओ।
उत्तर:

  1. ऋणात्मक वृद्धि दर-जब समय अवधि में जनसंख्या घटती है तो उसे ऋणात्मक वृद्धि दर कहते हैं।
  2. धनात्मक वृद्धि दर-जब जनसंख्या बढ़ती है तो इसे धनात्मक वृद्धि दर कहते हैं।

प्रश्न 26.
विगत शताब्दी में भारत की जनसंख्या में कितने गुणा वृद्धि हुई है?
उत्तर:
चार गुणा (कुल वृद्धि 78 करोड़)।

प्रश्न 27.
1991 तथा 2001 की अवधि में देश की जनसंख्या वृद्धि दर कितनी थी?
उत्तर:
21.34 प्रतिशत प्रति दशक तथा 1.93 प्रतिशत प्रतिवर्ष।

प्रश्न 28.
भारत के किस राज्य में जनसंख्या वृद्धि दर, उच्चतम तथा निम्नतम है?
उत्तर:
मेघालय में 27.8 प्रतिशत तथा केरल में 40.9 प्रतिशत।

प्रश्न 29.
भारत में ग्रामीण जनसंख्या का सबसे अधिक प्रतिशत किस राज्य में है?
उत्तर:
अरुणाचल प्रदेश (94.50 प्रतिशत)।

प्रश्न 30.
अधिक नगरीय जनसंख्या वृद्धि वाले 4 राज्य बताओ।
उत्तर:
हरियाणा, नागालैंड, तमिलनाडु, सिक्किम।

प्रश्न 31.
नगरीकरण से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
ग्रामीण जनसंख्या से नगरीय जनसंख्या में समाज के बदलने की प्रक्रिया को नगरीकरण कहते हैं।

प्रश्न 32.
भारत में सर्वाधिक नगरीकृत राज्य कौन-सा है ?
उत्तर:
गोवा (49.77 प्रतिशत)।

प्रश्न 33.
किस आयु वर्ग की जनसंख्या को श्रमजीवी (कार्यरत ) कहा जाता है?
उत्तर:
प्रौढ़ वर्ग 15-59 वर्ष तक (56.7 प्रतिशत)।

प्रश्न 34.
आश्रित अनुपात किसे कहते हैं ? भारत में यह कितना है?
उत्तर:
किशोर, वृद्ध जनसंख्या तथा प्रौढ़ जनसंख्या के बीच अनुपात को आश्रित अनुपात कहते हैं। भारत में यह अनुपात 79.4 प्रतिशत है।

प्रश्न 35.
लिंग-अनुपात किस प्रकार एक सामाजिक संकेतक है ?
उत्तर:
लिंग-अनुपात समाज में पुरुषों और स्त्रियों के मध्य विद्यमान असमानता का माप है।

प्रश्न 36.
भारत की कुल जनसंख्या में पुरुष तथा स्त्रियां कितनी संख्या में हैं?
उत्तर:
पुरुष 62 करोड़, स्त्रियां 59 करोड़।

प्रश्न 37.
भारत में औसत लिंगानुपात कितना है?
उत्तर:
940

प्रश्न 38.
भारत में सबसे अधिक लिंगानुपात किस राज्य में है?
उत्तर:
केरल राज्य में 1084।

प्रश्न 39.
भारत में सबसे कम लिंगानुपात किस राज्य में है?
उत्तर:
हरियाणा में 877।

प्रश्न 40.
किसी व्यक्ति के व्यवसाय का क्या अर्थ है?
उत्तर:
व्यवसाय वह कार्य या व्यापार है जिससे कोई व्यक्ति अपनी रोजी रोटी कमाता है।

प्रश्न 41.
भारत में लोगों का मुख्य व्यवसाय क्या है?
उत्तर:
भारत में 67.4 प्रतिशत कामगार कृषि कार्य करते हैं।

प्रश्न 42.
क्या कारण है कि कृषि कामगारों का अनुपात निरन्तर घट रहा है?
उत्तर:
भारत में कृषि कामगारों का अनुपात 1971 में 69.49 प्रतिशत से घटकर 2001 में 58.4 प्रतिशत रह गया – है। इसका मुख्य कारण है कि घरेलू उद्योगों में कामगारों की संख्या बढ़ रही है।

प्रश्न 43.
गैर-कृषि कार्य क्षेत्रों के नाम लिखें।
उत्तर:
विनिर्माण, व्यापार, परिवहन, भंडारण तथा संचार।

प्रश्न 44.
संविधान की आठवीं अनुसूची में कितनी भाषाएं सूचीबद्ध हैं?
उत्तर;
22 भाषाएं।

प्रश्न 45.
भारत किन चार धर्मों का जन्म स्थान रहा है?
उत्तर:
हिन्दू, बौद्ध, जैन तथा सिक्ख धर्म।

प्रश्न 46.
भारत में कौन-सी भाषा सबसे अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है?
उत्तर:
हिंदी (33.73 करोड़)।

प्रश्न 47.
भारत में द्राविड़ भाषा बोलने वाले लोगों का कितना प्रतिशत है?
उत्तर:
20% I

प्रश्न 48.
भारत में हिंदू धर्म के अनुयायी कितने % लोग हैं ?
उत्तर:
68.76 करोड़ (82.0%)।

प्रश्न 49.
भारत के किस राज्य में सिक्ख धर्म जनसंख्या का संकेंद्रण है?
उत्तर:
पंजाब।

प्रश्न 50.
भारत के किस राज्य में बौद्ध जनसंख्या अधिक है?
उत्तर:
महाराष्ट्र में।

प्रश्न 51.
भारत के किस राज्य में जैन धर्म जनसंख्या अधिक है?
उत्तर:
महाराष्ट्र में।

प्रश्न 52.
भारत के दो उच्च घनत्व वाले राज्यों के नाम लिखो (400 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० से अधिक)
उत्तर:
बिहार तथा केरल।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भारत की जनसंख्या का विशाल आकार है’ इसके पक्ष में दो तथ्य बताओ।
उत्तर:

  1. भारत का विश्व जनसंख्या में दूसरा स्थान है।
  2. भारत की जनसंख्या उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका तथा ऑस्ट्रेलिया की संयुक्त जनसंख्या से भी अधिक है।

प्रश्न 2.
भारत में कई सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक उलझनें हैं। तीन कारण बताओ।
उत्तर:

  1. विशाल जनसंख्या
  2. सीमित संसाधन
  3. जनसंख्या वृद्धि दर का अधिक होना।

प्रश्न 3.
भारत में सामाजिक आर्थिक विकास प्रक्रिया और गति को प्रभावित करने वाले चार कारक बताओ।
उत्तर:

  1. विशाल जनसंख्या
  2. जातीय विविधता
  3. अत्यधिक ग्रामीण स्वरूप
  4. जनसंख्या का असमान वितरण।

प्रश्न 4.
‘भारत गाँवों का देश है। स्पष्ट करो तथा दो तथ्य बताओ।
उत्तर:
(i) भारत में 68.8% लोग गाँवों में रहते हैं।
(ii) भारत में गाँवों की संख्या 580781 है।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन

प्रश्न 5.
दिल्ली राज्य में 2011 में कुल जनसंख्या 1,67,53,235 तथा क्षेत्रफल 1483 वर्ग कि०मी० था। जनसंख्या घनत्व ज्ञात करो।
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व =
JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन - 4
= 11297 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०

प्रश्न 6.
भारत तथा चीन में जनसंख्या तथा जनसंख्या घनत्व की तुलना करो।
उत्तर:
चीन में कल जनसंख्या 134 करोड है जबकि भारत में कुल जनसंख्या 121.02 करोड है। भारत में जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है जबकि चीन में जनसंख्या घनत्व 140 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है। इस प्रकार चीन में कुल जनसंख्या अधिक है जबकि भारत में जनसंख्या घनत्व अधिक है।

प्रश्न 7.
‘अधिक जनसंख्या घनत्व वाले राज्य गंगा और सतलज के मैदान में स्थित हैं।’ उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर:
पश्चिमी बंगाल (1029 व्यक्ति) तथा बिहार (1102 व्यक्ति) भारत के दो बड़े घने बसे प्रदेश उत्तरी मैदान में हैं। उत्तर प्रदेश (20 करोड़ जनसंख्या) भारत की सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है जहां जनसंख्या घनत्व 828 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० हैं। पंजाब में 550 तथा हरियाणा में 573 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० घनत्व है।

प्रश्न 8.
‘भारत की जनसंख्या असमान रूप से वितरित है’ तीन उदाहरण देकर स्पष्ट करो।
उत्तर:
भारत की जनसंख्या का वितरण असमान है।

  1. पर्वतों, मरुस्थलों तथा वन-प्रदेशों में जनसंख्या कम है।
  2. समतल एवं उपजाऊ क्षेत्र के राज्यों में जनसंख्या अधिक है।
  3. जलोढ़ मैदानों तथा तटीय मैदानों में जनसंख्या अधिक है।

प्रश्न 9.
‘जनसंख्या का घनत्व भूमि पर जनसंख्या के दबाव का वास्तविक परिचायक नहीं है’। एक राज्य का उदाहरण देकर स्पष्ट करो।
उत्तर;
घनत्व से केवल सामान्य दशा का पता चलता है। इससे सामाजिक व आर्थिक कारकों के प्रभाव का ज्ञान नहीं होता। मध्य प्रदेश एक विशाल जनसंख्या वाला राज्य है। (236 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०)। इस राज्य का अधिकतर भाग ऊबड़-खाबड़, पहाड़ी तथा वनों से ढका प्रदेश है। यदि कृषि भूमि पर विचार किया जाए तो मध्य प्रदेश सघन जनसंख्या वाला राज्य बन जाता है।

प्रश्न 10.
औसत घनत्व की दृष्टि से कितने प्रकार के जनसंख्या घनत्व के क्षेत्रों की पहचान की जा सकती है?
उत्तर:

  1. उच्च घनत्व वाले जिले-400 से अधिक व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०।
  2. मध्यम घनत्व वाले जिले-200 से 400 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०।
  3. निम्न घनत्व वाले जिले-200 व्यक्ति से कम प्रति वर्ग कि०मी०।

प्रश्न 11.
विरल (निम्न) जनसंख्या वाले क्षेत्र बताओ। यहां निम्न घनत्व के क्या कारण हैं ?
उत्तर:
200 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० से कम घनत्व वाले क्षेत्र विरल जनसंख्या वाले क्षेत्र हैं।

  1. राजस्थान के कुछ क्षेत्र
  2. मध्य प्रदेश
  3. छत्तीसगढ़
  4. पश्चिमी उड़ीसा
  5. पूर्वी कर्नाटक
  6. आंध्र प्रदेश का मध्यवर्ती भाग।

इस प्रकार निम्न घनत्व का यह क्षेत्र अरावली पर्वत श्रेणी से लेकर पूर्व में उड़ीसा तक फैला हुआ है।

निम्न घनत्व के कारण –

  1. पहाड़ी ऊबड़-खाबड़ धरातल
  2. कम उपजाऊ मृदा
  3. कम वर्षा
  4. वनाच्छादित प्रदेश
  5. मरुस्थलीय क्षेत्र।

प्रश्न 12.
सामाजिक-आर्थिक कारकों के प्रभाव से उच्च घनत्व वाले दो प्रकार के क्षेत्र बताओ तथा कारण स्पष्ट करो।
उत्तर:
सामाजिक-आर्थिक कारकों का प्रभाव क्रिया-कलापों पर पड़ता है। इसलिए अधिक नगरीयकरण तथा औद्योगिक विकास के कारण मुम्बई, कोलकाता और दिल्ली में उच्च घनत्व है। अधिक उपज देने वाली फ़सलों की खेती (हरित क्रान्ति) के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा तथा पंजाब में उच्च घनत्व है।

प्रश्न 13.
‘भारत के दक्षिणी राज्यों में जन्म-दर अपेक्षाकृति कम है’। कारण बताओ।
उत्तर:
भारत के उत्तरी राज्यों में वृद्धि दर अधिक है, परन्तु दक्षिणी राज्यों में जन्म दर कम होने के कारण वृद्धि दर कम है।
कारण –

  1. दक्षिणी राज्यों में उच्च साक्षरता दर
  2. अधिक नगरीय जनसंख्या
  3. अधिक आर्थिक विकास।

प्रश्न 14.
जनसंख्या संघटन से क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख घटक बताओ।
उत्तर:
जनसंख्या संघटन – जनसंख्या की भौतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विशेषताओं को जनसंख्या का संघटन कहते हैं। इसे आयु, लिंग, निवास स्थान, भाषा, धर्म, वैवाहिक स्थिति, मानव प्रजातीयता, साक्षरता, शिक्षा और व्यावसायिक संरचना प्रमुख घटक हैं।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन

प्रश्न 15.
भारत की नगरीय जनसंख्या वृद्धि के विभिन्न चरण बताओ।
उत्तर:
भारतीय नगरीय जनसंख्या का अनुपात सन् 1901 से निरन्तर बढ़ रहा है।

  1. 1901 से 1941 तक यह वृद्धि दर 13.38% थी।
  2. 1941 से 1971 तक यह वृद्धि दर 19.90% थी।
  3. 1971 से 2001 तक यह वृद्धि दर 27.78% हो गई।

प्रश्न 16.
भारत में उच्च नगरीकरण तथा निम्न नगरीकरण के क्षेत्र बताओ।
उत्तर:

  1. भारत में दक्षिणी, पश्चिमी तथा उत्तर-पश्चिमी राज्यों में।
  2. उत्तरी, मध्य भारत, उत्तर पूर्वी राज्यों में नगरीकरण निम्न हैं।

प्रश्न 17.
किन पांच राज्यों में भारत की नगरीय जनसंख्या का आधे से अधिक भाग रहता है? उत्तर प्रदेश राज्य की स्थिति क्या है?
उत्तर:
पांच राज्यों महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिमी बंगाल तथा आंध्र प्रदेश में भारत की नगरीय जनसंख्या का 51 प्रतिशत भाग रहता है। उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है परन्तु यहां केवल 20.78 प्रतिशत जनसंख्या ही नगरों में रहती है। यह ग्रामीण पृष्ठभूमि के कारण है।

प्रश्न 18.
भारत में किशोर जनसंख्या वर्ग का अनुपात कितना है ? इसके अधिक होने के तीन कारण बताओ।
उत्तर:
भारत में किशोर वर्ग (15 वर्ष से कम आयु) का प्रतिशत 36.5 है। किशोर जनसंख्या के अधिक अनुपात के मुख्य कारण हैं:

  1. उच्च जन्म दर
  2. तीव्रता से घटती शिशु मृत्यु दर
  3. निरन्तर घटती बाल मृत्यु दर।

प्रश्न 19.
‘भारत में लिंगानुपात दक्षिण से उत्तर की ओर तथा पूर्व से पश्चिम की ओर घटता है। उदाहरण सहित स्पष्ट करो।
अथवा
भारत में लिंगानुपात संघटन के प्रादेशिक प्रतिरूपों का वर्णन करें। उत्तर-भारत के राज्यों में लिंगानुपात में बहुत भिन्नता पाई जाती है।

  1. केरल राज्य में सबसे अधिक लिंगानुपात 1084 है।
  2. पाण्डिचेरी केन्द्र शासित प्रदेश में लिंगानुपात 1001 है।
  3. दक्षिणी राज्यों में लिंगानुपात राष्ट्रीय औसत से अधिक है। तमिलनाडु राज्य में 987, आन्ध्र प्रदेश 978, उड़ीसा 972, कर्नाटक 965, गोवा 961, झारखण्ड 941 है।।
  4. उत्तरी भारत तथा मध्य भारत के राज्यों में लिंगानुपात राष्ट्रीय औसत से कम है। महाराष्ट्र 922, राजस्थान 921, गुजरात 920, बिहार 919, मध्य प्रदेश 919, उत्तर प्रदेश 898, पंजाब 893, हरियाणा 877 है। इससे स्पष्ट है कि भारत में लिंगानुपात दक्षिण से उत्तर की ओर कम तथा पूर्व से पश्चिम की ओर घटता है।

प्रश्न 20.
लिंगानुपात घटने के चार कारण बताओ।
उत्तर:

  1. लड़कियों की तुलना में अधिक लड़कों का जन्म लेना।
  2. शैश्यावस्था में कन्या शिशओं की मृत्यु और बच्चों के जन्म के समय अधिक स्त्रियों की मृत्य।
  3. स्त्रियों की सामान्य उपेक्षा के कारण बचपन में उनकी अधिक मृत्यु दर।
  4. गर्भावस्था में स्त्री-शिशु होने पर भ्रूण हत्या।

प्रश्न 21.
काम की अवधि के आधार पर भारत की जनसंख्या को तीन वर्गों में बांटो।
उत्तर:
काम की अवधि के आधार पर भारत की जनसंख्या को तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है –

  1. मुख्य कामगार (Main worker) मुख्य कामगार वह है जो वर्ष में छ: महीने या 183 दिन तक आर्थिक रूप से उत्पादक कार्य में शारीरिक या मानसिक रूप से भाग लेता है। देश में कामगारों का अनुपात 30.5% है।
  2. सीमांत कामगार (Marginal worker) वह है जो वर्ष में 183 दिनों से कम दिनों में उत्पादक कार्य में भाग लेता है। देश में सीमान्त कामगारों की अनुपात 8.7% है।
  3. गैर-कामगार (Non worker)-जो वर्ष भर अपनी आजीविका के लिए कोई काम नहीं करता। देश में गैर कामगार 60.8% है।

प्रश्न 22.
स्त्रियों की सहभागिता दर कम होने के कारण बताओ।
उत्तर:
भारत में स्त्रियों की सहभागिता दर केवल 14.68 प्रतिशत है। इस निम्न सहभागिता दर के निम्नलिखित कारण हैं:

  1. सम्मिलित परिवार व्यवस्था
  2. स्त्रियों में शिक्षा का निम्न स्तर
  3. बारंबार शिशु जन्म
  4. रोज़गार के सीमित अवसर
  5. स्त्रियों पर परिवार की अधिक ज़िम्मेदारी।

प्रश्न 23.
भारत के कामगारों को चार मुख्य श्रेणियों में बांटो।
उत्तर:

  1. कृषक
  2. खेतिहर मज़दूर
  3. घरेलू औद्योगिक कामगार
  4. अन्य कामगार।

प्रश्न 24.
भारत में जनसंख्या वृद्धि के दो घटक कौन-से हैं ? प्रत्येक घटक के प्रमुख लक्षण बताओ।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या वृद्धि के दो घटक हैं –
(i) प्राकृतिक
(ii) अभिप्रेरित। प्राकृतिक घटक-प्राकृतिक वृद्धि का विश्लेषण अशोधित जन्म और मृत्यु दर को निर्धारित किया जाता है।
अभिप्रेरित घटक-अभिप्रेरित घटक किसी दिए गए क्षेत्र में लोगों के अन्तवर्ती व बहिवर्ती संचलन द्वारा स्पष्ट किया जाता है।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन

प्रश्न 25.
भारत के सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाले राज्य का नाम बताइए और उसका घनत्व भी लिखिए।
उत्तर:
बिहार राज्य में सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व है जो कि 1102 व्यक्ति प्रति वर्ग कि. मी. है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भारत का विश्व में जनसंख्या के आकार तथा घनत्व में कौन-सा स्थान है ?
उत्तर:
भारत की कुल जनसंख्या सन् 2011 में 121.02 करोड़ थी। भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। भारत में औसत जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है तथा भारत का विश्व में तीसरा स्थान है।

प्रश्न 2.
चार राज्य बताओ जिनकी देश में जनसंख्या सर्वाधिक है। इनकी जनसंख्या तथा क्षेत्रफल की तुलना करो।
उत्तर:

क्रम राज्य जनसंख्या क्षेत्रफल (लाख वर्ग कि०मी०)
(1) उत्तर प्रदेश 19.95 करोड़ 2.40 ,,
(2) महाराष्ट्र 11.2 ,, 3.07 ,,
(3) बिहार 10.3 ,, 0.94 ,,
(4) पश्चिमी बंगाल 9.1 ,, 0.88 ,,

प्रति जनगणना में भारत में जनसंख्या घनत्व लगातार क्यों बढ़ रहा है ? .
उत्तर:
भारत में जनसंख्या वृद्धि दर पहले की अपेक्षा कम है। परन्तु कुल जनसंख्या में अधिक वृद्धि जनसंख्या को एक विशाल आधार प्रदान कर रही है। इसी बड़े आधार के कारण जनसंख्या घनत्व लगातार बढ़ रहा है जबकि भूमि संसाधन सीमित हैं।

प्रश्न 4.
भारत में कौन-से क्षेत्र जनसंख्या निवास के लिए आकर्षक नहीं हैं ?
उत्तर:
पर्वतीय प्रदेश, शुष्क प्रदेश तथा वन प्रदेश जनसंख्या के लिए आकर्षण नहीं रखते। इस वर्ग में लगभग 167 जिले हैं जहां जनसंख्या कम है।

प्रश्न 5.
उत्तरी राज्यों तथा उत्तर-पूर्वी राज्यों में कृषि पर ग्रामीण जनसंख्या का दबाव अधिक क्यों है ?
उत्तर:
केवल कृषिकृत भूमि ही जनसंख्या दबाव सहार सकती है। उत्तर-पूर्वी राज्यों में कृषिकृत भूमि कम है। इसलिए इन राज्यों में जनसंख्या कम है। ये राज्य पहाड़ी तथा वनाच्छादित हैं। धरातल कटा-फटा है। उत्तरी राज्यों में ग्रामीण जनसंख्या बहुत अधिक है जो कृषि में लगी हुई है। इसलिए यहाँ कृषि पर जनसंख्या दबाव अधिक है।

प्रश्न 6.
भारत में जनसंख्या इतिहास को चार अवस्थाओं में बांटो।
उत्तर:
भारत का जनसंख्या इतिहास निम्नलिखित चार अवस्थाओं में बांटा जा सकता है –

जन्म दर-मृत्यु दर मुख्य लक्षण: उच्च जन्म दर
(1) 1921 से पूर्व जनसंख्या में नगण्य वृद्धि तथा उच्च मृत्यु दर
(2) 1921-1951 धीमी गति से वृद्धि उच्च जन्म दर तथा घटती मृत्यु दर
(3) 1951-1981 तीव्र गति से वृद्धि तीव्र गति से मृत्यु दर का कम होना
(4) 1981 से आगे वृद्धि दर का कम होना कम जन्म दर तथा कम मृत्यु दर

प्रश्न 7.
सतलुज गंगा मैदान जनसंख्या के संकेन्द्रण के क्या कारण हैं ?
उत्तर:
सतलुज गंगा मैदान में उत्तर प्रदेश, बिहार पश्चिमी बंगाल, हरियाणा, पंजाब तथा दिल्ली क्षेत्र में जनसंख्या संकेन्द्रण हैं। यहां जनसंख्या घनत्व 400-700 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० के बीच है। यह एक उन्नत कृषि का प्रदेश है। जहां वर्ष में 2-3 फ़सलें उत्पन्न की जाती हैं। यहाँ मिट्टी उपजाऊ है तथा जलवायु अनुकूल है। जल सिंचाई सुविधाओं के कारण कृषि उन्नत है। दिल्ली तथा कोलकाता के इर्द-गिर्द औद्योगिक तथा नगरीय विकास के कारण जनसंख्या अधिक है।

प्रश्न 8.
जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले सामाजिक आर्थिक कारकों का वर्णन करो।
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व भौतिक कारकों पर निर्भर करता है। इनमें भूमि, जलवायु तथा मृदा शामिल हैं। परन्तु आधुनिक समय में सामाजिक-आर्थिक कारक प्रौद्योगिकी के प्रयोग के द्वारा जनसंख्या को प्रभावित करते हैं। उच्च नगरीयकरण तथा औद्योगिक विकास के प्रभाव से मुम्बई, कोलकाता तथा दिल्ली क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व आधार हैं। कृषि प्रदेशों में हरित क्रान्ति के प्रयोग से पंजाब तथा हरियाणा प्रदेश में जनसंख्या घनत्व अधिक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर जनसंख्या प्रवास बढ़ रहा है। लोग रोज़गार की तलाश में प्रवास करते हैं। शिक्षा केन्द्र भी जनसंख्या को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।।

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प्रश्न 9.
भारत के किन राज्यों में जनसंख्या कम है ?
उत्तर:
भौतिक कारक जनसंख्या वृद्धि दर की सीमा निर्धारित करते हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिमी उड़ीसा, कर्नाटक तथा आन्ध्र प्रदेश में जनसंख्या कम है। पहाड़ी राज्यों में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तर पूर्वी राज्यों में जनसंख्या कम है।

प्रश्न 10.
जनसंख्या वृद्धि से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
किसी क्षेत्र में जनसंख्या में एक निश्चित समय में परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहते हैं। यह जन्म दर तथा मृत्यु दर में अन्तर होता है। प्रवास के कारण भी जनसंख्या में वृद्धि होती है।

प्रश्न 11.
भारत में जन्म दर तथा मृत्यु दर की प्रवृत्तियां किस प्रकार जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करती रही हैं ?
उत्तर:
1921-51 की अवधि में जनसंख्या वृद्धि धीमी गति से रही है। जन्म दर उच्च तथा परन्तु मृत्यु दर भी कई महामारियों के कारण उच्च थी। 1951-81 की अवधि में जनसंख्या तीव्र गति से विस्फोटात्मक दर से बढ़ी। चिकित्सा सुविधाओं के कारण मृत्यु दर बहुत कम हो गई। 1981 के पश्चात् वृद्धि दर फिर घटने लगी क्योंकि जन्म दर कम हो गया है। अब जन्म दर तथा मृत्यु दर में अन्तर केवल 17 प्रति हज़ार है।

प्रश्न 12.
भारत में सबसे अधिक जनसंख्या तथा अधिकतम जनसंख्या घनत्व वाले राज्य बताओ।
उत्तर:
जनसंख्या-सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में सबसे अधिक जनसंख्या उत्तर प्रदेश राज्य में है। यहां कुल जनसंख्या 19.95 करोड़ है। यह भारत की कुल जनसंख्या का 16% भाग है। ख्या घनत्व-भारत में सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व (सन् 2011) बिहार राज्य में 1102 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।

प्रश्न 13.
भारत की जनसंख्या में मोटे तौर पर पुरुषों का प्रभुत्व क्यों है ?
उत्तर:
20वीं शताब्दी में महिलाओं की जनसंख्या का अनुपात निरन्तर घटता रहा है। सामाजिक कारणों से परिवार में लड़कियों की उपेक्षा की जाती रही है। ठीक प्रकार से लालन-पालन न होने के कारण लड़कियों में बीमारियों का प्रकोप अधिक है तथा बहुत-सी महिलाएं प्रसव के समय ही मर जाती हैं। पुरुष संख्या 62 करोड़ तथा स्त्री संख्या 59 करोड़ है।

प्रश्न 14.
भारत के किन क्षेत्रों में जनसंख्या का घनत्व अत्यधिक निम्न है और क्यों ?
उत्तर:
“पर्यावरण की प्रतिकूल दशाओं के कारण उत्तर तथा उत्तर-पूर्व के पहाड़ी राज्यों में जनसंख्या का घनत्व बहुत कम है। सिक्किम में 86, नागालैंड में 119, जम्मू-कश्मीर में 124, मेघालय में 132, मणिपुर में 122, अरुणाचल प्रदेश में 17, मिज़ोरम में 52, हिमाचल प्रदेश में 123 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है। इन राज्यों में पर्वतीय धरातल, वनों के अधिक विस्तार, यातायात के साधनों की कमी तथा प्रतिकूल जलवायु के कारण जनसंख्या घनत्व कम है।

प्रश्न 15.
जनसंख्या परिवर्तन के आधारभूत घटक कौन-से हैं ?
उत्तर:
समय के साथ-साथ किसी भी देश की जनसंख्या घटती-बढ़ती है। जनसंख्या भी अन्य प्राणियों की भांति स्थिर नहीं रहती है। यह परिवर्तन तीन कारकों पर निर्भर करता है

  1. जन्म दर (Birth rate)
  2. मृत्यु दर (Death rate)
  3. जनसंख्या प्रवास (Migration)

जन्म दर अधिक होने से जनसंख्या बढ़ती है, जबकि मृत्यु दर बढ़ने से जनसंख्या कम होती है। जन्म दर तथा मृत्यु .. दर के अन्तर को प्राकृतिक वृद्धि कहा जाता है। जब जन्म दर मृत्यु दर से अधिक होती है तो उसे धनात्मक प्राकृतिक वृद्धि (Positive Natural Growth) कहा जाता है। दूसरे देशों में प्रवास के कारण जनसंख्या कम होती है। दूसरे देशों से आने वाले लोगों या अप्रवास के कारण जनसंख्या में वृद्धि होती है। समय के साथ होने वाले जनसंख्या परिवर्तन … को जनसंख्या वृद्धि (Population Growth) कहा जाता है।

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प्रश्न 16.
भारत में जनसंख्या वृद्धि दर कितनी है ? नगरों तथा महानगरों में वृद्धि दर औसत से अधिक क्यों है ?
उत्तर:
भारत में 2001-2010 के दशक में जनसंख्या की औसत वृद्धि दर 1.67% रही है। देश में कुल जनसंख्या में 1830 लाख की वृद्धि हुई है। नगरों तथा महानगरों में यह वृद्धि दर औसत से बहुत अधिक है। नगरों का क्षेत्रफल लगातार बढ़ रहा है। नगरों के बाहर स्थित उप-नगर तथा ग्राम भी नगरों में मिल गए हैं। रोजगार तथा अच्छे रहन-सहन की तलाश में गांवों में से लोग शहरों की ओर प्रवास कर रहे हैं। इसलिए नगरों में जनसंख्या वृद्धि दर अधिक है जबकि ग्रामीण जनसंख्या में वृद्धि दर कम है।

प्रश्न 17.
भारत में जनसंख्या के क्षेत्रीय वितरण की असमानता के दो उदाहरण दो।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या का क्षेत्रीय वितरण बहुत असमान है। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक जनसंख्या है। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल तथा आन्ध्र प्रदेश में कुल मिलाकर देश की लगभग आधी जनसंख्या निवास करती है। उत्तर प्रदेश अकेले राज्य में इतनी जनसंख्या है जितनी दक्षिण के तीन राज्यों केरल, कर्नाटक व तमिलनाडु में मिलती है। दिल्ली की जनसंख्या सभी केन्द्र शासित प्रदेशों की कुल जनसंख्या से अधिक है। मध्य प्रदेश भारत का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है। यहां देश के 14% क्षेत्रफल में केवल 7.6% लोग रहते हैं तथा जनसंख्या की दृष्टि से इसका छठा स्थान है।

प्रश्न 18.
अंक गणितीय घनत्व जनसंख्या के घनत्व का एक संवेदनशील माप क्यों नहीं है ?
उत्तर:
किसी देश की कुल जनसंख्या तथा उसके कुल क्षेत्रफल के अनुपात को उस देश की जनसंख्या का अंक गणितीय घनत्व (Arithmatic Density) कहा जाता है। यह पद्धति सरल है तथा अधिक प्रयोग की जाती है परन्तु यह एक अपरिष्कृत (Crude) विधि है तथा प्रत्येक क्षेत्र के लिए प्रयोग नहीं की जा सकती। यह एक संवेदनशील माप (Sensitive Index) नहीं है। इस विधि में देश के कुल क्षेत्रफल को उपयोग में लाया जाता है। परन्तु बहुत-से क्षेत्र ऐसे भी होते हैं जहां एक भी व्यक्ति नहीं रहता। इन्हें नकारात्मक प्रदेश (Negative Areas) कहते हैं। मनुष्य केवल चुने हुए प्रदेशों में रहता है जहां प्राकृतिक संसाधन सुगमता से प्राप्त हों। पहाड़ी, वन, दलदल, रेगिस्तान आदि प्रदेशों की ओर ध्यान नहीं दिया जाता जबकि वहां मानव निवास सम्भव नहीं होता।

प्रश्न 19.
भारत की जनसंख्या का घनत्व लगातार क्यों बढ़ रहा है ?
उत्तर:
भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या का औसत घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। यह संसार के घने बसे हुए क्षेत्रों में से एक है। भारत की जनसंख्या का घनत्व 1921 से लगातार बढ़ता जा रहा है।

वर्ष जनसंख्या घनत्व प्रति व्यक्ति

वर्ग कि०मी०

1921 81
1931 90
1941 103
1951 117
1961 142
1971 177
1981 221
1991 267
2001 313
2011 382

प्रत्येक जनगणना में जनसंख्या वृद्धि के कारण जनसंख्या घनत्व बढ़ता जा रहा है, परन्तु क्षेत्रफल में वृद्धि नहीं होती। देश का क्षेत्रफल वहीं का वहीं रहता है। जनसंख्या घनत्व कुल जनसंख्या तथा क्षेत्रफल में अनुपात होता है। इसलिए जनसंख्या की सघनता बढ़ रही है। देश में कृषि पर अत्यधिक निर्भरता है। इसलिए कृषि में वृद्धि न होने के कारण भी ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व बढ़ता जा रहा है। इसे कम करने के लिए अर्थ-व्यवस्था में विविधता आवश्यक है।

प्रश्न 20.
भारत में जनसंख्या के घनत्व में पाई जाने वाली विभिन्नता के प्रमुख कारण क्या हैं ?
उत्तर:
भारत में जनसंख्या घनत्व में क्षेत्रीय प्रतिरूप में पर्याप्त विभिन्नताएं पाई जाती हैं। पर्यावरण की प्रतिकूल दशाओं के कारण उत्तर-पूर्वी भारत में औसत घनत्व 60 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० से कम है। मध्यवर्ती भारत में यह घनत्व 200 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है। उत्तरी मैदान में पंजाब से पश्चिमी बंगाल की मेखला में अधिक घनत्व है। इस जनसंख्या घनत्व की विभिन्नता के मुख्य कारक उच्चावच, जलवायु, जल-आपूर्ति, मिट्टी की उर्वरता तथा कृषि उत्पादकता है। इन कारकों का प्रभाव अलग-अलग क्षेत्रों में स्पष्ट दिखाई देता है। इसके अतिरिक्त जनांकिकी, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, ऐतिहासिक कारकों के योगदान आदि का जनसंख्या के घनत्व पर काफ़ी प्रभाव पड़ता है।

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प्रश्न 21.
‘जनसंख्या का संकेन्द्रण सूचकांक’ से क्या अभिप्राय है ? यह किस प्रकार जनसंख्या के असमान वितरण को प्रदर्शित करता है ?
उत्तर:
भारत में जनसंख्या का वितरण बहुत असमान है। यदि हम प्रत्येक राज्य की जनसंख्या का देश की कुल जनसंख्या के अनुपात को देखें तो यह तथ्य और भी स्पष्ट हो जाता है। इसे जनसंख्या का संकेन्द्रण सूचकांक (Index of Concentration) कहते हैं। संकेन्द्रण सूचकांक से अभिप्राय है-देश की कुल जनसंख्या में किसी राज्य की जनसंख्या का अनुपात। जैसे उत्तर प्रदेश की जनसंख्या का संकेन्द्रण सूचकांक है –
उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या = 1995 लाख भारत की कुल जनसंख्या = 12102 लाख
सकन्द्रण सूचकाक = \(\frac {1995}{12102}\) = \(\frac {1995}{12102}\) x 100 = 19.8%
यह संकेन्द्रण सूचकांक नागालैण्ड में 0.1 प्रतिशत, मेघालय में 0.19 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर में 0.87 प्रतिशत है। पश्चिमी बंगाल के घने बसे राज्य में 8 प्रतिशत है। पंजाब तथा हरियाणा के कृषि विकसित प्रदेश में क्रमश: 1.9 प्रतिशत तथा 2.4 प्रतिशत है। इस प्रकार संकेन्द्रण सूचकांक देश में जनसंख्या घनत्व के क्षेत्रीय वितरण के असमान रूप को स्पष्ट करता है।

प्रश्न 22.
गंगा के मैदान में जनसंख्या के वितरण की दो विशेषताएं बताओ। इस क्षेत्र में वर्षा वितरण किस प्रकार जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करता है ?
उत्तर:
भारत की कुल जनसंख्या का अधिकतर भाग गंगा के मैदान में निवास करता है। पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार तथा पश्चिमी बंगाल में भारत की कुल जनसंख्या का 50% भाग निवास करता है। इस मैदान में पश्चिम से पूर्व की ओर जनसंख्या घनत्व बढ़ता जाता है। जैसे पंजाब (550), उत्तर प्रदेश (828), बिहार (1102), पश्चिमी बंगाल (1029) । यह इस तथ्य से मेल खाता है कि इस मैदान में वर्षा की मात्रा भी पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ती है।

प्रश्न 23.
भारतीय जनसंख्या की आयु संरचना के तीन प्रमुख लक्षणों का विवरण दीजिए।
उत्तर:

  1. भारत में कुल जनसंख्या में 0-14 वर्ष की आयु वर्ग की अधिकता है। कुल जनसंख्या का लगभग 40% निम्न आयु वर्ग का है।
  2. भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 67% भाग आश्रित वर्ग में है जबकि 33% लोग श्रमिक हैं।
  3. 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की संख्या 12% है।

प्रश्न 24.
भारत में जनसंख्या वृद्धि के इतिहास में सन् 1921 और सन् 1951 सबसे महत्त्वपूर्ण क्यों हैं ?
अथवा
विगत 100 वर्षों में भारत में जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारत में इस शताब्दी में जनसंख्या बड़ी तीव्र गति से बढ़ रही है। सन् 1901 से 1981 तक के समय में जनसंख्या तिगुनी हुई है। जनसंख्या वृद्धि में कई उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। सन् 1901 से 1921 तक जनसंख्या में बहुत कम वृद्धि हुई थी। इन 20 वर्षों में जनसंख्या में केवल 129 लाख की वृद्धि हुई। सन् 1921 में जनसंख्या 0.3 प्रतिशत की दर से कम हुई। इसका मुख्य कारण यह था कि देश के विभिन्न भागों में अकाल (1920), प्लेग आदि महामारियों (1918) तथा विश्व युद्ध (1914) के कारण बहुत-से लोगों की मृत्यु हुई। परन्तु सन् 1921 के पश्चात् जनसंख्या धीमी और निश्चित गति से बढ़ती रही।

इसलिए 1921 को जनसंख्या वृद्धि के इतिहास में जनांकिकीय विभाजक कहा गया है।1921 से 1951 तक जनसंख्या धीमी परन्तु निश्चित गति से बढ़ती रही। 1951 के अन्त तक यह वृद्धि 1.3% की दर से हुई। इन तीस वर्षों में जनसंख्या में लगभग 11 करोड़ की वृद्धि हुई। 1951 का वर्ष इसलिए महत्त्वपूर्ण माना जाता है चूंकि इसके पश्चात् जनसंख्या में बड़ी तेज़ी से वृद्धि हुई। 1951 तक जनसंख्या वृद्धि के पहले चरण का अन्त हो गया। 1961 से 1991 तक तीस वर्ष के समय में जनसंख्या लगभग दुगुनी हो गई और कुल जनसंख्या 43 करोड़ से . बढ़ कर 84 करोड़ हो गई है। यह वृद्धि दर 2.4% प्रति वर्ष रही है। 2001-10 के दशक में वृद्धि दर 1.67% रही। वृद्धि दर की वितरण -भारत में जनसंख्या वृद्धि दर में बड़े पैमाने पर प्रादेशिक अन्तर पाए जाते हैं।
(i) उच्च वृद्धि दर वाले राज्य एक सतत पेटी में स्थित हैं जो देश के उत्तरी आधे भाग में स्थित है।
(ii) भारत में निम्नतम जनसंख्या वृद्धि दर केरल राज्य में 9.43 प्रतिशत थी जबकि उच्चतम वृद्धि दर नागालैंड राज्य में 64.53 प्रतिशत थी।

कम जनसंख्या वृद्धि दर के प्रदेश

राज्य वृद्धि दर
केरल 4.9
तमिलनाडु 15.6
आन्ध्र प्रदेश 11.1
गोवा 8.2
उड़ीसा 14.0
कर्नाटक 15.7
हिमाचल प्रदेश 12.8
पश्चिम बंगाल 13.9
असम 16.9
पंजाब 13.7
नागालैंड 0.5

उच्च जनसंख्या वृद्धि दर के प्रदेश

राज्य वृद्धि दर
सिक्किम 12.4
मेघालय 27.8
मिज़ोरम 22.8
बिहार 25.1
राजस्थान 21.4
हरियाणा 19.9
अरुणाचल प्रदेश 25.9
उत्तर प्रदेश 20.1
मध्य प्रदेश 20.3
महाराष्ट्र 16.0

कुल मिलाकर देश के 20 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय औसत से अधिक वृद्धि हुई है।

भारत में जनसंख्या वृद्धि (2001-2011)

वर्ष जनसंख्या (लाखों में) प्रति दशक (प्रतिशत वृद्धि)
1901 2383 – 01.01
1911 2520 + 05.75
1921 2512 – 00.30
1931 2789 + 11.00
1941 3185 + 14.23
1951 3610 + 13.31.
1961 4391 + 21.52
1971 5479 + 24.80
1981 6338 + 24.75
1991 8439 + 23.50
2001 10270 + 19.30
2011 121.02 + 17.7

India Population (in millions): 1901-2011
JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन - 1
Percentage decádal growth rates of population, India: 1951-1961 to 2W01-2011
JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन - 2

प्रश्न 25.
भारत में जनसंख्या की तीव्र वृद्धि का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर:
सन् 1901 से 1921 तक भारत में जनसंख्या लगभग स्थिर रही है। इसके पश्चात् विशेषकर सन् 1951 से जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ रही है। भारत में जनसंख्या वृद्धि के निम्नलिखित कारण हैं –
1. मृत्यु दर में कमी-भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के कारण कई महामारियों पर नियन्त्र है। सूखे, बाढ़ों तथा प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाली मृत्यु में भी कमी हुई है। मृत्यु दर 47 से कम हो कर सन् 2001 में 8.4 व्यक्ति प्रति हज़ार हो गई है।

2. जन्म दर में कमी-जन्म दर में भी थोड़ी-सी कमी हुई है। जन्म दर 46 से कम होकर 27 व्यक्ति प्रति हज़ार हो गई है। इसका जनसंख्या की कमी पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है। निश्चित गति से कम होती हुई मृत्यु संख्या तीव्र जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण है।

3. जीवन प्रत्याशा में वृद्धि-जीवन प्रत्याशा का औसत 23 वर्ष से बढ़ कर 65 वर्ष हो गया है। फलस्वरूप देश की जनसंख्या में वृद्धि हो रही है।

4. शिशु मृत्यु दर में कमी-एक साल से कम आयु के शिशुओं की मृत्यु संख्या जो पहले 250 थी, घट कर 70 प्रति हज़ार हो गई है। यह भी जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण है।

5. अन्य कारण-विदेशों से आ कर भारत में बसने वाले लोगों के कारण जनसंख्या में वृद्धि हुई है। इसी कारण बाल-विवाह, अशिक्षा, भाग्यवादी विचार, निर्धनता, परिवार नियोजन की कमी आदि कारणों के प्रभाव से जनसंख्या में तीव्र वृद्धि हुई है।

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प्रश्न 26.
जनसंख्या की गणना से क्या अभिप्राय है ? यह कितने वर्ष बाद की जाती है ?
उत्तर:
जनसंख्या की गणना-संसार के सभी देशों में जनसंख्या सम्बन्धी आंकड़े जनगणना द्वारा एकत्रित किये जाते हैं। भारत में सबसे पहली जनगणना 1872 में की गई थी। यद्यपि प्रथम पूर्ण जनगणना 1881 में हुई थी। उस समय से जनगणना नियमित रूप से 10 वर्ष के अन्तराल पर की जाती है। जनसंख्या की गणना एक जटिल प्रक्रिया है जिसके अन्तर्गत जनगणना के समय देश में रहने वाले सभी लोगों के पूर्ण जनसांख्यिकीय आंकड़ों का एकत्रीकरण, संकलन तथा प्रकाशन किया जाता है। जनगणना में कई सुधारों के पश्चात् भारतीय जनगणना विश्व में उत्तम मानी जाती है।

प्रश्न 27.
भारत में 2001-2010 के दशक में जनसंख्या वृद्धि के मुख्य तथ्यों का वर्णन करो।
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि (Population Growth) –

  1. भारत में 2001-2010 के दशक में औसत जनसंख्या वृद्धि दर 16.76 प्रतिशत थी।
  2. भारत में औसत वार्षिक वृद्धि दर 1.67 प्रतिशत थी।
  3. 2001-2010 दशक में भारत की जनसंख्या में कुल वृद्धि 18.4 करोड़ थी।
  4. इस वृद्धि दर से भारत की जनसंख्या 36 वर्ष में दुगुनी हो जाएगी।

वृद्धि दर की वितरण – भारत में जनसंख्या वृद्धि दर में बड़े पैमाने पर प्रादेशिक अन्तर पाए जाते हैं।

  1. उच्च वृद्धि दर वाले राज्य एक सतत पेटी में स्थित हैं जो देश के उत्तरी आधे भाग में स्थित है।
  2. भारत में निम्नतम जनसंख्या वृद्धि दर केरल राज्य में 4.9 प्रतिशत थी जबकि उच्चतम वृद्धि दर मेघालय राज्य में 27.8 प्रतिशत थी।
  3. कुल मिलाकर देश के 20 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय औसत से अधिक वृद्धि हुई है।
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प्रश्न 28.
जनांकिकीय संक्रमण से क्या अभिप्राय है? इसकी विभिन्न अवस्थाएं बताओ।
उत्तर:
जनांकिकीय संक्रमण (Demographic Transition) – किसी समाज की जनसंख्या के परिवर्तन की प्रक्रिया को जनांकिकीय संक्रान्ति कहते हैं। इस संक्रान्ति का आरम्भ, मध्य और अन्त होता है। इसकी चार अवस्थाएं होती हैं –

अवस्था मृत्यु-दर जन्म-दर वृद्धि दर
1. प्रथम उच्च मृत्यु-दर उच्च जन्म-दर निम्न वृद्धि दर
2. द्वितीय मृत्यु-दर का घटना उच्च जन्म-दर अति उच्च वृद्धि दर
3. तृतीय मृत्यु-दर कम होना तेज़ी से घटना वृद्धि दर का घटना
4. चतुर्थ मृत्यु-दर कम जन्म-दर कम वृद्धि दर कम

प्रश्न 29.
भारत के जनांकिकीय इतिहास का चार अवस्थाओं में विभाजन कीजिए।
उत्तर:
भारत के जनांकिकीय इतिहास को निम्नलिखित चार अवस्थाओं में विभाजित किया जा सकता है –
(i) 1921 से पूर्व – इस अवधि में जनसंख्या वृद्धि बहुत धीमी थी। जन्म दर तथा मृत्यु-दर दोनों ही उच्च थे। इस अध्ययन के आधार पर सन् 1921 को जनांकिकीय विभाजक (Demographic Divide) कहा जाता है।

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(ii) 1921 और 1951 के मध्य – इस अवधि में उच्च जन्म-दर तथा घटती मृत्यु-दर के कारण जनसंख्या में निरन्तर वृद्धि हुई। स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के कारण प्लेग, हैजा, मलेरिया आदि महामारियों के कारण होने वाली मौतें घट गईं। परिवहन के विकसित साधनों द्वारा खाद्यान्न भेजने से अकाल के कारण भी मौतें घट गईं। इसे मृत्यु प्रेरित वृद्धि (Mortality induced growth) कहते हैं।

(iii) 1951 और 1981 के मध्य – इस अवधि में तीव्र गति से वृद्धि के कारण भारत की जनसंख्या लगभग दुगुनी हो गई। स्वास्थ्य सेवाओं के अधिक सुधार के कारण जन्म-दर की तुलना में मृत्यु-दर तेजी से घटी। इस प्रकार यह प्रजनन प्रेरित वृद्धि (Faculity induced growth) थी।

(iv) 1981 के पश्चात् – इस अवधि में जन्म-दर कम होने तथा कम मृत्यु-दर के कारण वृद्धि दर में क्रमिक ह्रास हुआ, इस अवधि में जन्म-दर तेजी से घटी। यह 1981 में 34 प्रति हजार से घटकर 1999 में 26 प्रति हज़ार हो गई। यह प्रवृत्ति छोटे परिवार (Small Family) के प्रति अपने रुझान व सकारात्मक संकेत है।

प्रश्न 30.
भारत के लोगों की भाषाओं एवं बोलियों में अत्यधिक विविधता क्यों पाई जाती है ?
उत्तर:
भारत एक विशाल देश है। इस देश के लोगों की भाषा तथा बोली में अत्यधिक विविधता पाई जाती है। भारत की इतनी विस्तृत भूमि पर विशाल जन-समूह को देखते हुए यह विविधता आश्चर्यजनक नहीं है। यह विविधता भारत में विभिन्न जाति समूहों की विविधता के कारण उत्पन्न हुई है। भारतीय उप-महाद्वीप को आबाद करने की क्रिया एक लम्बे समय में सम्पन्न हुई है। इस समय में एशिया के निकटवर्ती प्रदेशों से विभिन्न जाति समूह भारत में आए। प्रत्येक मानव समूह द्वारा अपनी-अपनी भाषा के विकास के कारण सारे देश में अनेक भाषाएँ पाई जाती हैं। अलग-अलग प्रदेश में विभिन्न भाषाओं का विकास हुआ है। इन भाषाओं के आधार पर विभिन्न प्रदेशों की पहचान की जा सकती है।

प्रश्न 31.
देश के किन भागों में लिंग अनुपात अधिक तथा किन भागों में कम है ?
उत्तर:
देश में सबसे अधिक लिंग अनुपात केरल राज्य में 1084 स्त्रियां प्रति हज़ार पुरुष है जबकि राष्ट्रीय औसत लिंग अनुपात 940 है। राष्ट्रीय औसत से कम लिंग अनुपात, निम्नलिखित राज्यों में है कम लिंग अनुपात वाले राज्य-सिक्किम (889), नागालैंड (931), हरियाणा (877), पंजाब (893), उत्तर प्रदेश (898), जम्मू-कश्मीर (883), पश्चिमी बंगाल (947), राजस्थान (926), अरुणाचल प्रदेश (920), बिहार (926), असम (991) है।

मध्य प्रदेश (930), महाराष्ट्र (925), गुजरात (918), जम्मू कश्मीर (908)। लिंग अनपात वाले राज्य-राष्टीय औसत से अधिक लिंग अनपात निम्नलिखित राज्यों में है उड़ीसा (978), आन्ध्र प्रदेश (972), तमिलनाडु (995), कर्नाटक (968), हिमाचल प्रदेश (974), मेघालय (966), गोआ (968), केरल (1084) है। पांडिचेरी (1038), छत्तीसगढ़ (991), मणिपुर (997), उत्तराखण्ड (963), त्रिपुरा (900), झारखण्ड (947), मिजोरम (973)।

प्रश्न 32.
लिंग अनुपात से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
किसी भी देश के सामाजिक विकास के लिए लिंग संरचना का ज्ञान आवश्यक है। प्रति हज़ार पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या के अनुपात को लिंग अनुपात (Sex Ratio) कहा जाता है। भारत में लिंग अनुपात निरन्तर कम होता जा रहा है। सन् 1901 में यह अनुपात 972 प्रति हज़ार पुरुष था जबकि 2011 में यह संख्या घट कर 940 हो गई है। भारत में केवल केरल राज्य में ही स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है। यहां एक हजार पुरुषों के पीछे 1084 स्त्रियां हैं।

प्रश्न 33.
‘सन् 1901 के बाद लिंगानुपात सामान्यतः घटता जा रहा है।’ इस कथन का विश्लेषण आलोचनात्मक रूप में कीजिए और इस घटती हुई प्रवृत्ति के कारण भी बताइए।
अथवा
विगत शताब्दी में लिंगानुपात की प्रवृति बताओ।
उत्तर:
सन् 1901 के बाद से जनगणनाओं में भारत में लिंग अनुपात लगातार घटता जा रहा है। 1901 में यह लिंगानुपात 972 प्रति हज़ार पुरुष था, 2011 में यह घट कर 940 हो गया है। यह प्रवृत्ति हमारी सामाजिक बुराइयों के कारण है। भारत में जनसंख्या की लिंग संरचना पर कई तत्त्वों का विशेष प्रभाव पड़ा है। हमारे समाज में पुरुषों को अधिक महत्त्व देने की प्रथा है। स्त्रियों को समान अधिकार दिलाने के लिए शिक्षा का प्रचार तथा विवाह योग्य आयु को बढ़ाना आवश्यक है।

स्त्रियों की स्थिति, स्वास्थ्य और शिक्षा की उपेक्षा होती है। प्रत्येक आयु वर्ग में पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों की अधिक मृत्यु होती है। प्रसव के दौरान स्त्रियों की मृत्यु के कारण लिंग अनुपात और भी कम हो जाता है। कई प्रदेशों में श्रमिक पुरुषों के बाहर प्रवास से भी स्त्रियों का अनुपात बढ़ जाता है। मध्य प्रदेश, उड़ीसा और आन्ध्र प्रदेश राज्यों में बड़ी संख्या में बाहर से आकर काम करने वाली स्त्रियों के कारण लिंग अनुपात बढ़ जाता है। कई औद्योगिक प्रदेशों में अप्रवासी पुरुषों की अधिकता के कारण जनसंख्या में लिंग अनुपात कम रह जाता है।

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प्रश्न 34.
भारत की जनसंख्या की व्यावसायिक संरचना के मुख्य लक्षणों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
व्यवसाय (Occupation) – व्यवसाय से अभिप्राय है वह कार्य जिससे व्यक्ति अपनी रोजी रोटी कमाता E. . है। भारत में सामान्य रूप से व्यवसायों को तीन वर्गों में बांटा जाता है –

  • प्राथमिक
  • द्वितीयक
  • तृतीयक।

भारत की व्यावसायिक संरचना (Occupational Structure) –
(i) भारत में 2001 में दो तिहाई मुख्य कामगार (67.4 प्रतिशत) कृषि कार्यों में लगे हुए हैं।
(ii) भारत में कामगारों को निम्न चार श्रेणियों में बांटा जाता है।
(क) कृषक
(ख) खेतीहर मजदूर
(ग) घरेलू, औद्योगिक कामगार
(घ) अन्य कामगार।
(iii) गैर-कृषि कार्यों में विनिर्माण, व्यापार, परिवहन, संचार, भंडारण मुख्य व्यवसाय हैं जिनमें केवल 12.1 प्रतिशत लोग काम करते हैं।
(iv) श्रम शक्ति में 38.72 प्रतिशत किसान तथा 26.09 प्रतिशत खेतीहर मजदूर थे।
(v) देश में कृषि कामगारों का अनुपात घट रहा है। यह अनुपात 1971 में 69.49 से घटकर 2001 में 58.4 प्रतिशत रह गया है।

भारत-कामगारों की व्यावसायिक संरचना (प्रतिशत)-2001

व्यवसाय व्यक्ति पुरुष स्त्री
1. कृषक 31.71 31.34 32.50
2. कृषीय श्रमिक 22.69 20.82 39.43
3. घरेलू उद्योग 4.07 3.02 6.37
4. अन्य कामगार 37.58 44.72 21.70
5. योग 100.00 100.00 100.00

प्रश्न 35.
भारत में आयु संरचना की मुख्य विशेषताओं का वर्णन करो।
उत्तर:
भारत में जनगणना के अनुसार 5 आयु वर्ग हैं –

आयु वर्ग कुल जनसंख्या का प्रतिशत
1. 0-14 वर्ष 40%
2. 15-29″ 26%
3. 30-39″ 12%
4. 40-49″ 10%
5. 50-59″ 6%
6. 60 वर्ष से अधिक 6%

श्रमजीवी वर्ग 15-59 वर्ष तक है जबकि महिला वर्ग में प्रजनन आयु वर्ग 15-49 वर्ष है।

मुख्य विशेषताएं –
(i) जहां तक जनसंख्या की आयु संरचना का संबंध है, भारत की कुल जनसंख्या के लगभग एक-चौथाई की आयु 10 वर्ष से कम है।
(2) लगभग 21 प्रतिशत जनसंख्या 10-19 आयु वर्ग में है। यहां यह समझना महत्त्वपूर्ण है कि देश की 47 प्रतिशत जनसंख्या 20 वर्ष से कम आयु के लोगों की है।
(3) मापनी के दूसरे सिरे पर केवल 7 प्रतिशत जनसंख्या 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वाले लोगों की है। इससे यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि देश की 93 प्रतिशत जनसंख्या 60 वर्ष से कम आयु की है।
(4) यह स्पष्ट है कि 37.25 प्रतिशत जनसंख्या 15 वर्ष से कम है।
(5) 15-29 वर्ष की आयु वाले युवा वर्ग की है।
(6) सिर्फ 16 प्रतिशत जनसंख्या 40-49 वर्ष के मध्यम आयु वर्ग में है।
(7) आयु संरचना में अन्तःप्रादेशिक और अन्तर्राज्यीय अंतर है जिन्हें 1991 के जनगणना के प्रासंगिक सारणियों के अध्ययन द्वारा समझा जा सकता है।

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प्रश्न 36.
आर्थिक स्तर की दृष्टि से भारतीय जनंसख्या के तीन वर्ग कौन-से हैं ? प्रत्येक वर्ग की मुख्य विशेषता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आर्थिक स्तर की दृष्टि से भारतीय जनसंख्या को निम्नलिखित तीन वर्गों में बांटा जाता है
1. मुख्य श्रमिक (Main worker)
2. सीमांत श्रमिक (Marginal worker)
3. अश्रमिक (Non workers)

विशेषताएं –

1. मुख्य श्रमिक-वह व्यक्ति है जो एक वर्ष में कम-से-कम 183 दिन काम करता है। इसे कार्यशील जनसंख्या कहते हैं।
2. सीमान्त श्रमिक-वह व्यक्ति जो एक वर्ष में 183 दिनों से कम दिन काम करता है। मुख्य तथा सीमान्त श्रमिक 39% है।
3. अश्रमिक-वह व्यक्ति है जो अपने भरण-पोषण के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है। भारत में 61% जनसंख्या अश्रमिक वर्ग से जुड़ी है। इसे आश्रित (Dependent) जनसंख्या कहते हैं।

प्रश्न 37.
‘विशाल जनसंख्या प्राकृतिक तथा मानव संसाधनों पर एक बोझ है।’ व्याख्या करो।
उत्तर:
भारत में विशाल जनसंख्या है, 121.02 करोड़ जनसंख्या विश्व का 16.7% भाग है। अधिक जनसंख्या के कारण कई सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। मानव तथा प्राकृतिक संसाधनों पर बोझ बढ़ता जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप निर्धनता तथा बेरोजगारी बढ़ रही है। वातावरण का प्रदूषण एक गम्भीर रूप धारण कर रहा है। जातीय विविधता, अत्यधिक ग्रामीण स्वरूप तथा असमान वितरण सामाजिक आर्थिक विकास की गति को धीमा कर रहा है। भारतीय कृषि इस तीव्र गति से बढ़ रही जनसंख्या का भरण-पोषण नहीं कर सकती।

प्रश्न 38.
कोई ऐसे तीन मूल्य आधारित तथ्य लिखें जो ‘भारत की जनसंख्या के असमान रूप से वितरण’ के लिए उत्तरदाई हैं।
उत्तर:
भारत की जनसंख्या के वितरण के उत्तरदाई कारण –
(i) पर्वतों, मरुस्थलों तथा वन-प्रदेशों में कठोर जलवायु होने से जनसंख्या कम है।
(ii) बड़े क्षेत्र के राज्यों में तथा अधिक विकसित राज्यों में मूल सुविधाओं की उपलब्धता के कारण जनसंख्या अधिक है।
(iii) जलोढ मैदानों तथा तटीय मैदानों में उपज या रोजगार के साधन अधिक उपलब्ध हैं जिनके चलते इनकी जनसंख्या अधिक है।

प्रश्न 39.
ग्रामीण जनसंख्या तथा नगरीय जनसंख्या में कौन से मूल्य आधारित तथ्य अन्तर स्पष्ट करने में सहायक हैं ?
उत्तर:

नगरीय जनसंख्या (Urban Population) ग्रामीण जनसंख्या (Rural Population)
(i) मुख्य

व्यवसाय

(1) इन लोगों का मुख्य व्यवसाय निर्माण उद्योग तथा व्यापार होता है। (1) इन लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि तथा पशु-पालन होता है।
(ii) उपलब्ध

सुविधाएँ

(2) नगरीय जनसंख्या को परिवहन, चिकित्सा, शिक्षा आदि सेवाएं प्राप्त होती हैं। (2) ग्रामीण जनसंख्या को आधुनिक सुविधाएं प्राप्त नहीं होती हैं।
(iii) जनसंख्या

घनत्व

(3) इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक होता हैं। (3) इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक नहीं होता है।

 

अन्तर स्पष्ट करो

प्रश्न 1.
उत्पादक और आश्रित जनसंख्या में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:

उत्पादक जनसंख्या (Productive Population) आश्रित जनसंख्या (Dependent Population)
(1) लाभदायक आर्थिक क्रियाओं में कार्य करने वाले लोगों को उत्पादक जनसंख्या कहा जाता है। (1) जो लोग किसी आर्थिक क्रिया में सहयोग नहीं देते, उन्हें आश्रित जनसंख्या कहा जाता है।
(2) ऐसे जन-समुदाय को श्रमिक बल कहा जाता है। (2) ऐसे जन-समुदाय को अश्रमिक बल कहा जाता हैं।
(3) ये लोग 15-60 वर्ष की आयु वर्ग से होते हैं। (3) इस वर्ग में 60 वर्ष की आयु से अधिक के व्यक्ति तथा 15 वर्ष से कम के बच्चे शामिल होते हैं।
(4) ये लोग स्वयं कुछ कार्य करके अपना जीवन निर्वाह करते हैं। (4) ये लोग बेरोज़गार होते हैं तथा श्रमिक लोगों पर आश्रित होते हैं।
(5) भारत में लगभग 33% लोग श्रमिक हैं। (5) भारत में लगभग 67% लोग आश्रित हैं।

प्रश्न 2.
ग्रामीण जनसंख्या तथा नगरीय जनसंख्या में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:

नगरीय जनसंख्या (Urban Population) ग्रामीण जनसंख्या (Rural Population)
(1) इन लोगों का मुख्य व्यवसाय निर्माण उद्योग तथा व्यापार होता है। (1) इन लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि तथा पशु पालन होता है।
(2) नगरीय जनसंख्या को परिवहन, चिकित्सा, शिक्षा आदि सेवाएं प्राप्त होती हैं। (2) ग्रामीण जनसंख्या को आधुनिक सुविधाएं प्राप्त नहीं होती हैं।
(3) इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक होता है। (3) इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक नहीं होता है।

प्रश्न 3.
जनसंख्या का अंकगणितीय तथा फिजियोलॉजिकल (कायिक) घनत्व में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:

अंकगणितीय घनत्व (Arithmatical Density) फिजियोलॉजिकल (कायिक) घनत्व (Physiological Density)
(1) इस पद्धति द्वारा प्रति इकाई क्षेत्रफल पर व्यक्तियों की संख्या प्रकट की जाती है। (1) इस पद्धति द्वारा कुल जनसंख्या तथा कुल कृषि भूमि के अनुपात को प्रकट किया जाता है।
(2) भारत में फिजियोलॉजिकल घनत्व (2011) JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन - 10 (2) भारत का अंकगणितीय घनत्व (2011) = JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन - 11
(3) इससे जनसंख्या वितरण की भिन्नताओं का पता चलता है। (3) इस पद्धति से कृषि भूमि पर निर्भर लोगों की संख्या का पता चलता है।

निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)

प्रश्न 1.
“जनसंख्या के घनत्व” से क्या अभिप्राय है ? जनसंख्या का घनत्व किन तत्त्वों पर निर्भर करता है ? उदाहरण दो।
उत्तर:
जनसंख्या का घनत्व (Density of Population) – किसी प्रदेश की जनसंख्या और भूमि के क्षेत्रफल के अनुपात को जनसंख्या का घनत्व कहते हैं। इससे किसी प्रदेश में लोगों की सघनता का पता चलता है। यह घनत्व प्रति वर्ग मील या प्रति वर्ग किलोमीटर द्वारा प्रकट किया जाता है। एक वर्ग किलोमीटर या एक वर्ग मील में औसत रूप से जितने लोग रहते हैं, जनसंख्या का घनत्व कहलाता है। भारत में जनसंख्या का स्थानिक वितरण बहुत असमान है।

जनसंख्या का घनत्व प्रायः खाद्य पदार्थों की सुविधा तथा रोजगार की प्राप्ति पर निर्भर करता है। प्राकृतिक सुविधाओं का महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है परन्तु कई प्रकार के भौतिक, सामाजिक, राजनीतिक तथा ऐतिहासिक कारण मिलकर जनसंख्या के घनत्व पर प्रभाव डालते हैं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिमी बंगाल घने बसे राज्य हैं परन्तु हिमाचल, सिक्किम, नागालैण्ड, अरुणाचल विरल जनसंख्या प्रदेश हैं।

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जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों को तीन समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है –
(क) भौतिक कारक
(ख) सामाजिक आर्थिक कारक
(ग) जनांकिकीय कारक

(क) भौतिक कारण (Natural Factors)
1. धरातल (Land) – किसी देश में पर्वत, मैदान तथा पठार जनसंख्या के घनत्व पर अलग-अलग प्रभाव डालते हैं। पर्वतीय भागों में समतल भूमि की कमी, कठोर जलवायु, यातायात के कम साधनों तथा कृषि के अभाव के कारण जनसंख्या कम होती है। इसीलिए हिमाचल प्रदेश, मेघालय कम जनसंख्या वाले प्रदेश हैं। मैदानी प्रदेशों में कृषि, जल सिंचाई, यातायात, व्यापार तथा जीवन निर्वाह की सुविधाओं के कारण घनी जनसंख्या मिलती है। संसार की 80%
जनसंख्या मैदानों में निवास करती है। गंगा का मैदान घनी जनसंख्या वाला क्षेत्र है।

2. जलवायु (Climate) – तापमान तथा वर्षा जनसंख्या के घनत्व पर स्पष्ट प्रभाव डालते हैं। अधिक ठण्डे या अधिक गर्म क्षेत्रों में कम जनसंख्या होती है। इसीलिए संसार के उष्ण तथा शीत मरुस्थल व ध्रुवीय प्रदेश लगभग खाली हैं। राजस्थान मरुस्थल में कम जनसंख्या मिलती है। यहां मानसूनी जलवायु के प्रदेशों में घनी जनसंख्या मिलती है। यहां पर्याप्त वर्षा कृषि के उपयुक्त होती है। उत्तरी मैदान के पांच राज्यों में देश की कुल जनसंख्या का 1/2 भाग निवास करत

3. मिट्टी (Soil) – गहरी उपजाऊ मिट्टी में कृषि उत्पादन अधिक होता है। इन प्रदेशों में अधिक लोगों को भोजन प्राप्त करने की क्षमता होती है। नदी घाटियों की कछारी मिट्टी में चावल का अधिक उत्पादन होने के कारण अधिक जनसंख्या मिलती है। गंगा नदी के उपजाऊ मैदानों में जनसंख्या का अधिक जमाव है। लावा मिट्टी के उपजाऊपन के कारण ही महाराष्ट्र में घनी जनसंख्या है।

4. खनिज पदार्थ (Minerals) – खनिज पदार्थ लोगों के आकर्षण का केन्द्र होते हैं। कोयला, तेल, लोहा, सोना आदि खनिज पदार्थों वाले क्षेत्रों में जनसंख्या का घनत्व अधिक पाया जाता है। भारत में दामोदर घाटी में खनिजों के विशाल भण्डार के कारण घनी जनसंख्या है। जिन क्षेत्रों में कोयला, तेल तथा पन-बिजली के शक्ति साधनों का अधिक विकास होता है, वहां औद्योगिक विकास . के कारण अधिक जनसंख्या मिलती है; जैसे
जमशेदपुर।।

5. नदियां और जल प्राप्ति (River and Water Supply) – नदियां जल का मुख्य साधन होती हैं। इनका जल पीने, जल-सिंचाई, उद्योग-धन्धों तथा यातायात के लिए प्रयोग किया जाता है। इन सुविधाओं के कारण नदियों के किनारों पर अधिक जनसंख्या मिलती है। इसीलिए कई प्राचीन शहर, जैसे-कोलकाता, दिल्ली, आगरा तथा इलाहाबाद नदियों के किनारे ही स्थित हैं।

(ख) आर्थिक कारण (Economic Factors):
6. खेतीबाड़ी (Agriculture) – अधिक कृषि उत्पादन वाले क्षेत्रों में अधिक भोजन प्राप्ति के कारण घनी जनसंख्या होती है। चावल उत्पन्न करने वाले क्षेत्रों में साल में तीन-तीन फसलों के कारण अधिक लोगों का निर्वाह हो सकता है। इसीलिए उत्तरी मैदान में अधिक जनसंख्या है। जहां आधुनिक अधिक उपज वाली फसलों के कारण पंजाब आदि राज्यों में अधिक जनसंख्या घनत्व है।

7. उद्योग (Industries) – औद्योगिक विकास से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है। औद्योगिक नगरों के निकट बहुत-सी बस्तियां बस जाती हैं तथा जनसंख्या अधिक हो जाती है। दामोदर घाटी में औद्योगिक विकास के कारण ही अधिक जनसंख्या है। इन क्षेत्रों में अधिक व्यापार के कारण भी घनी जनसंख्या होती है।

8. यातायात के साधनों की सुविधा (Easy Means of Transportation) – यातायात के साधनों की सुविधाओं के कारण उद्योगों, कृषि तथा व्यापार का विकास होता है। तटीय क्षेत्रों में जल मार्ग की सुविधा के कारण संसार की अधिकतर जनसंख्या निवास करती है। पर्वतीय भागों तथा कई भीतरी प्रदेशों में यातायात के साधनों की कमी के कारण कम जनसंख्या होती है।

9. नगरीय विकास (Urban Development) – किसी नगर के विकास के कारण उद्योग, व्यापार तथा परिवहन विकास हो जाता है। शिक्षा, मनोरंजन आदि सुविधाओं के कारण नगरों में तेजी से जनसंख्या बढ़ जाती है।

(ग) जनांकिकीय कारक (Demographic factors) – प्रजनन दर, मृत्यु दर तथा प्रवाह, नगरीकरण जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करते हैं।

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प्रश्न 2.
भारत में जनसंख्या वितरण की विभिन्नता तथा इसके कारणों का वर्णन करो।
अथवा
भारत की जनसंख्या घनत्व का राज्य स्तरीय विश्लेषण करें।
उत्तर:
जनसंख्या का वितरण (Distribution of Population) – भारत क्षेत्रफल के आधार पर संसार में सातवां बड़ा देश है परन्तु जनसंख्या की दृष्टि से भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 102.8 करोड़ थी तथा जनसंख्या घनत्व 323 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० था। भारत में जनसंख्या का वितरण बहुत असमान है। देश में प्राकृतिक तथा आर्थिक दशाओं की विभिन्नता के कारण जनसंख्या के वितरण तथा घनत्व में बहुत विभिन्नता है। गंगा-सतलुज के उपजाऊ मैदान में देश के 23% क्षेत्र में 52% जनसंख्या का संकेन्द्रण है जबकि हिमालय के पर्वतीय भाग में 13% क्षेत्र में केवल 2% जनसंख्या निवास करती है।

केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली में जनसंख्या का घनत्व 9340 (भारत में सबसे अधिक) है। जबकि अरुणाचल प्रदेश में केवल 13 (भारत में सबसे कम) है। सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश है जहां 16 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं। भारत में जनसंख्या का घनत्व, धरातल; मिट्टी के उपजाऊपन, वर्षा की मात्रा तथा जल सिंचाई पर निर्भर करता है। भारत मूलतः कृषि प्रधान देश है। इसलिए अधिक घनत्व उन प्रदेशों में पाया जाता है जहां भूमि की कृषि उत्पादन क्षमता अधिक है। जनसंख्या का घनत्व वर्षा की मात्रा पर निर्भर करता है। पिछले कुछ वर्षों में औद्योगिक क्षेत्रों में भी जनसंख्या घनत्व बढ़ता जा रहा है।

Country Population (In millions)
1. China 1341.0
2. India 1,210.2
3. U.S.A. 308.7
4. Indonesia 237.6
5. Brazil 190.7
6. Pakistan 184.8
7. Bangladesh I 64.4
8. Nigeria 158.3
9. Russian Fed. I 404
10. Japan 128.1
11. Other Countries 2844.7
12. World 6908.7

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन - 5
JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन - 6
जनसंख्या का घनत्व (Density of Population) – किसी प्रदेश की जनसंख्या तथा भूमि के क्षेत्रफल के अनुपात को जनसंख्या घनत्व कहते हैं। इसे निम्न प्रकार से प्रकट किया जाता है कि एक वर्ग कि०मी० में औसत रूप से कितने व्यक्ति रहते हैं।
JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन - 7
उदाहरण के लिए भारत का कुल क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग कि०मी० है तथा जनसंख्या 121.7 करोड़ है। इस प्रकार भारत की औसत जनसंख्या
JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन - 8
= 382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०
भारत को जनसंख्या के घनत्व के आधार पर क्रमशः तीन भागों में बांटा जा सकता है –

1. अधिक घनत्व वाले क्षेत्र (Densely Populated Areas):
इस भाग में वे राज्य शामिल हैं जहां जनसंख्या घनत्व 500 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० से अधिक है। अधिक घनत्व वाले क्षेत्र प्रायद्वीपीय भारत के चारों ओर एक मेखला बनाते हैं। पंजाब से लेकर गंगा के डेल्टा तक जनसंख्या का घनत्व अधिक है। एक अनुमान है कि इस भाग के 17% क्षेत्रफल में 43% जनसंख्या निवास करती है। इस क्षेत्र के तीन समूह हैं –
राज्यवार जनसंख्या वितरण-2011

राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश कुल क्षेत्र (वर्ग कि०मी०) भारत के कुल क्षेत्रफल का % भाग कुल जनसंख्या भारत की कुल जनसंख्या का % भाग घनत्व प्रति वर्ग कि०मी०
1. उत्तर प्रदेश 240928 7.33 19,95,81,477 16.49 828
2. महाराष्ट्र 307713 9.36 11,23,72,972 9.29 365
3. बिहार 94163 9.86 10,38,04,637 8.58 1102
4. पश्चिमी बंगाल 88752 5.7 9,12,47,736 7.55 1029
5. आन्ध्र प्रदेश 275045. 8.37 8,46,65,533 7.00 308
तथा तेलंगाना 130055 3.96 7,25,97,565 6.00 236
6. तमिलनाडु 308245 9.38 7,21,38,958 5.96 555
7. मध्य प्रदेश 342239 10.41 6,86,21,012 5.67 201
8. राजस्थान 191791 5.83 6,11,30,704 5.05 319
9. कर्नाटक 196024 5.96 6,03,83,628 4.99 308
10. गुजरात 155707 4.74 4,19,47,358 3.47 269
11. ओडिशा 38863 1.18 3,33,87,677 2.76 859
12. केरल 79714 2.42 3,29,66,238 2.72 414
13. झारखण्ड 78438 2.39 3,11,69,272 2.58 397
14. असम 50362 1.53 2,77,04, 236 2.29 550
15. पंजाब 44212 1.34 2,55,40,196 2.11 573
16. हरियाणा 135191 4.11 2,53,53,081 2.09 189
17. छत्तीसगढ़ 143 0.05 1,67,53,235 1.38 11297
18. दिल्ली* 222236 6.76 1,25,48,926 1.04. 124
19. जम्मू तथा कश्मीर 53483 1.63 101,16,752 0.84 159
20. उत्तराखंड 1483 0.05 167,53,235 .38.. 11297
21. हिमाचल प्रदेश 222236 6.76 1,25,48,926 1.04 124
22. त्रिपुरा 53483 1.63 101,16,752 0.84 159
23. मणिपुर 55673 1.69 68,56,509 0.57 124
24. मेघालय 10486 0.32 36,71,032 0.30 350
25. नागालैण्ड 22327 0.68 29,64007 0.24 132
26. गोवा 22429 0.68 27,21,756 0.22 122
27. अरुणाचल प्रदेश 16579 0.5 19,80,602 0.16 119
28. पॉडिचेरी* 3702 0.11 14,57,723 0.12 394
29. मिजोरम 83743 2.55 13,82,611 0.11 17
30. चण्डीगढ़* 0.14 12,44,464 0.10 2598

(1) पश्चिमी तटीय मैदान – इस भाग में केरल प्रदेश में घनत्व 859 व्यक्ति प्रति वर्ग कि. मी. है।
कारण –
(i) अधिक वर्षा
(2) मैदानी भाग तथा उपजाऊ मिट्टी
(3) चावल की अधिक उपज
(4) उद्योगों के लिए जल विद्युत्
(5) उत्तम बन्दरगाहों का होना
(6) जलवायु पर समुद्र का समकारी प्रभाव।

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(ii) पश्चिमी बंगाल-इस भाग में घनत्व 1029 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० है।
कारण –
(1) गंगा नदी का उपजाऊ डेल्टा
(2) अधिक वर्षा
(3) चावल की वर्ष में तीन फसलें
जनसंख्या घनत्व व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०-2011

राज्य घनत्व राज्य घनत्व
पश्चिमी बंगाल 1029 उत्तर प्रदेश 828
केरल 859 तमिलनाडु 555
बिहार 1102 पंजाब 550
हरियाणा 573

कारण –
(4) कोयले के भण्डार
(5) प्रमुख उद्योगों का स्थित होना।

(iii) उत्तरी मैदान-इस भाग में विभिन्न प्रदेशों के घनत्व बिहार (1102), उत्तर प्रदेश (828), पंजाब (550), हरियाणा (573) व्यक्ति प्रति वर्ग कि. मी०।. .
कारण –
(1) सतलुज, गंगा आदि नदियों के उपजाऊ मैदान
(2) पर्याप्त वर्षा तथा स्वास्थ्यप्रद जलवायु
(3) जल सिंचाई की सुविधाएं
(4) कृषि के लिए आदर्श दशाएं
(5) व्यापार, यातायात तथा उद्योगों का विकास
(6) नगरों का अधिक होना।

(iv) पूर्वी तट – इस भाग में तमिलनाडु प्रदेश में घनत्व 555 व्यक्ति वर्ग कि० मी० है। महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, डेल्टा में अधिक घनत्व के समूह हैं ।
कारण –
(1) नदियों के उपजाऊ डेल्टा
(2) उद्योगों की अधिकता.
(3) गर्म आर्द्र जलवायु
(4) चावल का अधिक उत्पादन
(5) दोनों ऋतुओं में वर्षा
(6) जल सिंचाई की सुविधा।

2. साधारण घनत्व वाले क्षेत्र (Moderately Populated Areas) –
इस भाग में वे राज्य शामिल हैं जिनका घनत्व 250 से 500 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है। मुख्य रूप से ये प्रदेश पूर्वी तथा पश्चिमी घाट, अरावली पर्वत तथा गंगा के मैदान की सीमाओं के अन्तर्गत स्थित है।

जनसंख्या घनत्व – व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० – 2011

राज्य जनसंख्या घनत्व
गोआ 399
जनसंख्या घनत्व 397
त्रिपुरा 365
आन्ध्र प्रदेश 350
असम 308
कर्नाटक 319
महाराष्ट्र 308
गुजरात 269
उड़ीसा 399

कारण –
(1) इन भागों में पथरीला या रेतीला धरातल होने के कारण कृषि उन्नत नहीं है।
(2) कृषि के लिए वर्षा पर्याप्त नहीं है। कुछ क्षेत्रों में हरित क्रान्ति के कारण जनसंख्या अधिक है।
(3) उद्योग उन्नत नहीं हैं।
(4) यातायात के साधन उन्नत नहीं हैं।
(5) परन्तु जंल सिंचाई, लावा मिट्टी औद्योगिक विकास तथा खनिज पदार्थों के कारण साधारण जनसंख्या मिलती है।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन

3. कम घनत्व वाले क्षेत्र (Sparsely Populated Areas):
इस भाग में वे पान्त शामिल हैं जिनका घनत्व 250 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० से कम है।

(i) उत्तर-पूर्वी भारत – इस भाग में मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश तथा मिज़ोरम शामिल हैं।
व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०-2011

राज्य घनत्व
मणिपुर 122
मेघालय 132
नागालैंड 119
सिक्किम 86
मिजोरम 52
अरुणाचल प्रदेश 17

कारण –
(1) असमतल तथा पर्वतीय धरातल
(2) वन प्रदेश की अधिकता
(3) मलेरिया का प्रकोप
(4) उद्योगों का पिछड़ापन
(5) सीमा प्रान्त होने के कारण असुरक्षित
(6) यातायात के साधनों की कमी
(7) ब्रह्मपुत्र नदी की भयानक बाढ़ों से हानि ।

(ii) कच्छ तथा राजस्थान प्रदेश-इस भाग में राजस्थान का थार का मरुस्थल तथा खाड़ी कच्छ के प्रदेश शामिल हैं।
कारण –
(1) कम वर्षा
(2) कठोर जलवायु
(3) मरुस्थलीय भूमि के कारण कृषि का अभाव
(4) खनिज तथा उद्योगों की कमी
(5) जल सिंचाई के साधनों की कमी
(6) गुजरात की खाड़ी तथा कच्छ क्षेत्र का दलदली होना।

(iii) जम्मू – कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश-हिमालय पर्वत के पहाड़ी क्षेत्र में जनसंख्या बहुत कम है। हिमाचल प्रदेश में 123 घनत्व है तथा जम्मू-कश्मीर में 124 है।
कारण –
(1) शीतकाल में अत्यन्त सर्दी
(2) बर्फ से ढके प्रदेश का होना
(3) पथरीली धरातल के कारण कृषि क्षेत्र
(4) यातायात के साधनों की कमी
(5) वनों का अधिक.विस्तार
(6) सीमान्त प्रदेश का होना
(7) उद्योगों की कमी।

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(iv) मध्य प्रदेश – इस प्रान्त में कुछ भागों में बहुत कम जनसंख्या है। मध्य प्रदेश में जनसंख्या घनत्व 196 है।

प्रश्न 3.
भारत में नगरीकरण की प्रवृत्ति की विवेचना विशेष रूप से स्वतन्त्रता के बाद के वर्षों के संदर्भ में कीजिए।
उत्तर:
नगरीकरण (Urbanisation) –
प्राय: नगर की परिभाषा जनगणना के अनुसार की जाती है। नगर में वे सभी क्षेत्र होते हैं जहां नगरपालिकाएं आदि स्थापित हों, जनसंख्या कम-से-कम 5000 हो तथा 75% श्रमिक वर्ग ऐसी क्रियाओं में लगा हो जो कृषि से सम्बन्धित न हो। भारत वास्तव में ग्रामों का देश है। गांव ही भारतीय संस्कृति के आधार रहे हैं। भारत के नगरीय जनसंख्या का विशाल आकार है। 2011 की जनगणना के अनुसार देश में 37 करोड़ 70 लाख लोग नगरों में रहते हैं। यह जनसंख्या संयुक्त राज्य अमेरिका की नगरीय जनसंख्या के लगभग बराबर है। भारत का संसार में नगरीय जनसंख्या की दृष्टि से पहला स्थान है। परन्तु भारत में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत अन्य देशों की तुलना में कम है। जैसे –

देशों नगरीय जनसंख्या %
संयुक्त राज्य अमेरिका 75.00
ब्राजील 75.00
जापान 77.00
ऑस्ट्रेलिया 85.00
भारत 27.75
पाकिस्तान 32.00
चीन 39.00
विश्व 45.00

नगरीय जनसंख्या में वृद्धि – भारत की जनसंख्या की तीव्र वृद्धि की साथ-साथ नगरीय जनसंख्या में भी वृद्धि हुई है। पिछले 80 वर्षों में (1901-1981) देश की कुल जनसंख्या में 3 गुना वृद्धि हुई है जबकि इसी समय में नगरीय जनसंख्या 6 गुना अधिक हो गई है।

वर्ष नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत
1901 10.84
1911 10.29
1921 11.17
1931 11.99
1941 13.85
1951 17.29
1961 17.97
1971 19.90
1981 23.31
1991 25.72
2001 27.75
2011 31.2

1901 से 1961 तक नगरीय जनसंख्या में मन्द गति से वृद्धि हुई है। परन्तु 1961 से 1981 तक 20 वर्षों में नगरीय जनसंख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। यह जनसंख्या 7.8 करोड़ से बढ़ कर 15.6 करोड़ हो गई है। नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत 17.9 से बढ़ कर 23.3 हो गया है। सन् 2001 में नगरीय जनसंख्या 27.7% थी। 2011 में नगरीय जनसंख्य 31.2% थी। भारत में नगरीकरण में नगरों के विकास का विशेष योगदान रहा है। औद्योगिक क्रान्ति के कारण कई नगरों का विकास हुआ है। भारतीय जनगणना के अनुसार नगरों को छ: वर्गों में बांटा गया है।

वर्ग जनसंख्या
प्रथम 1 लाख से अधिक
द्वितीय 50,000 से 99,999 तक
तृतीय 20,000 से 49,999 तक
चतुर्थ 10,000 से 19,999 तक
पंचम 5000 से 9,999
षष्टम 5000 से कम

स्वतन्त्रता के पश्चात् बड़े नगरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जबकि छोटे नगरों की संख्या कम हो रही है। 2001 में देश में 4689 नगरों में से 500 प्रथम वर्ग के नगर थे। 1901 में एक लाख से अधिक जनसंख्या के प्रथम वर्ग केवल 24 थे। देश में 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों की संख्या 53 है जिसमें कुल जनसंख्या लगभग 10 करोड़ है जो भारत की कुल नगरीय जनसंख्या का एक तिहाई भाग है। कोलकाता, मुम्बई, दिल्ली, चेन्नई, बंगलौर, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे, कानपुर, नागपुर, जयपुर, लखनऊ दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर (Million Towns) हैं।

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प्रश्न 4.
भारत के भाषा परिवारों के भौगोलिक वितरण का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
भारत के लोगों की भाषाओं में अत्यधिक विविधता है। भारत के लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं को निम्नलिखित चार भाषा परिवारों (Language Families) में बांटा जाता है –
1. आग्नेय (आस्ट्रिक) परिवार (Austric Family) – ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाओं के उप-परिवार में आग्नेय भाषाएं शामिल की जाती हैं। भारत में लगभग 62 लाख लोगों द्वारा ये भाषाएं बोली जाती हैं। इस परिवार की भाषाएं मुख्यतः जन-जातीय वर्गों द्वारा बोली जाती हैं।
(क) मुण्डा भाषा जो मुख्यतः संथाल परगना, मयूरभंज, रांची, बेतुल तथा बौद्ध खोडमहाल जन-जातीय जिलों में बोली जाती है।
(ख) मान खमेर वर्ग की खासी बोली मेघालय की खासी एवं जैन्तिया पहाड़ियों के क्षेत्र में बोली जाती है।
(ग) मान रुमेर वर्ग की खासी बोली निकोबार द्वीप में बोली जाती है।

2. चीनी-तिब्बती परिवार (Sino-Tibetan Family) – भारत में हिमालय तथा उप-हिमालयी क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषाएं चीनी-तिब्बती परिवार में शामिल की जाती हैं। ये भाषाएं तीन उप-वर्गों में बांटी जाती हैं –
(क) तिब्बती-हिमालयी वर्ग की भाषाएं लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और भटान में बोली जाती हैं। इस वर्ग में तिब्बती, बाल्ती, लद्दाखी, किन्नौरी, लेपचा आदि भाषाएं गिनी जाती हैं। इन समस्त भाषाओं में लद्दाखी बोलने वाले लोगों की संख्या सब से अधिक है।
(ख) उत्तर असमी वर्ग में 6 प्रमुख बोलियां जैसे अका, उफला, अबोर, मिरी, मिश्मी तथा मिशिंग सम्मिलित हैं।
ये भाषाएं अरुणाचल प्रदेश में बोली जाती हैं।
(ग) असमी-बर्मी वर्ग की भाषाओं में बोरों, नागा, कोचिन, कुकिचिन, बर्मी भाषाएं सम्मिलित हैं। ये भाषाएं हिन्द- . बर्मा सीमा तथा उत्तर-पूर्वी भारत में नागालैंड, लुशाई, मिजोरम, गारो तथा मणिपुर क्षेत्र में बोली जाती हैं।

3. द्राविड़ परिवार (Dravidian Family) – इस परिवार की भाषाएं मुख्यतः प्रायद्वीपीय पठार तथा छोटा नागपुर पठार के क्षेत्रों में बोली जाती हैं। इस परिवार में तेलुगु, तमिल, कन्नड़ तथा मलयालम मुख्य भाषाएं हैं। आंध्र प्रदेश में तेलुगु, तमिलनाडु में तमिल, कर्नाटक में कन्नड़ तथा केरल में मलयालम मुख्य भाषाएं हैं। इसके अतिरिक्त तलु, तुलकुरगी, पारजी, खोड़, कुरुख तथा मालती जैसी गौण भाषाएं भी इस परिवार में शामिल की जाती हैं। इस परिवार की भाषाओं में कम विविधता पाई जाती है।

4. आर्य परिवार (Aryan Family) – इसे भारतीय यूरोपीय भाषा परिवार भी कहा जाता है। भारत की अधिकांश जनसंख्या आर्य परिवार की भाषाएं बोलती है। इस परिवार की मुख्य भाषा हिन्दी है जो भारत की बहुसंख्यक जनता द्वारा बोली जाती है। भाषाओं के संदर्भ में हिन्दी का विश्व में चौथा स्थान है। भारत के उत्तरी मैदान में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान तथा हरियाणा मुख्य हिन्दी भाषी प्रदेश हैं। इन प्रदेशों में उर्दू तथा हिन्दोर है। इस परिवार की अन्य भाषाएं विभिन्न प्रदेशों में महत्त्वपूर्ण हैं। पश्चिमी भारत में कच्छी एवं सिंधी, दक्षिणी भारत में मराठी गवं कोंकण, पूर्वी भारत में उड़िया, बिहारी, बंगाली तथा उत्तर-पश्चिमी भाग में पंजाबी, राजस्थानी तथा मारवाड़ी मुख्य भाषाएं हैं।

भारत-1991 में अनुसूचित भागाओं का बोलने वालों की तलनात्मक संख्या

भाषा बोलने वालों की संख्या (करोड़) कुल जनसंख्या का (प्रतिशत)
1. हिन्दी 33.73 40.42
2. बांग्ला 6.96 830
3. तेलुगु 6.60 7.37
4. मराठी 6.25 7.45
5. तमिल 5.30 632
6. उर्दू 4.34 5.18
7. गुजराती 4.07 4.85
8. कन्नड़ 3.28 3.91
9. मलयालम 3.04 3.62
10. उड़िया 2.81 3.35
11. पंजाबी 2.34 2.79
12. असमिया 1.31 1.56
13. सिंधी 0.21 0.25
14. नेपाली 0.21 0.25
15. कोंकणी 0.18 0.21
16. मणिपुरी 0.12 0.15
17. कश्मीरी 60 हज़ार 0.01
18. संस्कृति 50 हजार 0.01

प्रश्न 5.
भारतीय जनसंख्या के धार्मिक संगठन और स्थानिक वितरण की विवेचना कीजिए।
अथवा
भारत की जनसंख्या के धार्मिक संघटन की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
धार्मिक संगठन-भारत की जनसंख्या का एक महत्त्वपूर्ण पक्ष इसकी धार्मिक आस्थाओं की विविधता है। यह सामान्यतः जानी हुई बात है कि भारत का प्रमुख धर्म हिन्दू धर्म है। भारत में समय-समय पर दूसरे धर्म भी (ईसाई, यहूदी, पारसी, इस्लाम) क्रम में आते रहे हैं और भारतीय जनसंख्या के कुछ वर्ग उन्हें अपनाते भी रहे हैं।
(1) भारत में सबसे पहले प्रवेश करने वाला ईसाई धर्म था। ऐतिहासिक दस्तावेजों से यह पता चलता है कि सीरियन ईसाई भारत के पश्चिमी तट पर पहली सदी ईस्वी में ही आ गये थे।
(2) अरब व्यापारियों द्वारा इस्लाम का संदेश भारत के पश्चिमी तट पर रहने वाले लोगों तक मुस्लिम आक्रमण से पहले ही आ गया था।
(3) बौद्ध धर्म जो कभी भारत का एक महत्त्वपूर्ण धर्म था अब केवल कुछ छोटे क्षेत्रों में ही सीमित है।

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इस प्रकार यह स्पष्ट है कि भारतीय जनसंख्या का धार्मिक संगठन धर्म परिवर्तन, प्रवास तथा देश विभाजन के कारण परिवर्तित होता रहा है। भारत के मुख्य धार्मिक समूहों में हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, सिक्ख, बौद्ध एवं जैन सम्मिलित किये जाते हैं। यद्यपि यहूदी, पारसी आदि जैसे दूसरे धर्मावलम्बी भी यहाँ पाये जाते हैं। कई जन-जातीय समुदाय जीववाद एवं टोटेमवाद पर विश्वास रखते हैं। भारत में कुल जनसंख्या में 82 प्रतिशत हिन्दू धर्मालम्बी हैं।

ये देश के सभी भागों में पाये जाते हैं, परन्तु कुछ जिलों में इनकी संख्या मुस्लिम, ईसाइयों, बौद्धों या सिक्खों की अपेक्षा कम है। अल्प संख्यकों में सबसे अधिक संख्या मुस्लिमों की है जो भारत की जनसंख्या का 12.12 प्रतिशत हैं। ईसाइयों की जनसंख्या 2.34 प्रतिशत है जबकि सिक्ख कुल जनसंख्या का केवल 1.93 प्रतिशत हैं। बौद्ध एवं जैन कुल जनसंख्या का क्रमश: 0.76 तथा 0.39 प्रतिशत हैं।

1. हिन्दू – हिन्दू धर्म भारत में सभी स्थानों पर पाया जाता है।
(क) उड़ीसा तथा मध्य प्रदेश में इनका प्रतिशत 95% से भी अधिक है।
(ख) उत्तर प्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश में यह प्रतिशत लगभग 95% है। मिज़ोरम में केवल 5% है।
(ग) मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा आन्ध्र प्रदेश में यह प्रतिशत 90% है। परन्तु पंजाब, जम्मू कश्मीर, मेघालय, नागालैंड में यह अल्प संख्या में है।

2. मुस्लिम – 1991 की जनगणना के अनुसार देश में मुसलमानों की संख्या 101.59 मिलियन थी जो देश की कुल जनसंख्या का 12.12 प्रतिशत थी। मुस्लिम संकेन्द्रण के प्रमुख क्षेत्रों में कश्मीर घाटी, ऊपरी गंगा मैदान के कुछ भाग (उत्तर प्रदेश) तथा पश्चिमी बंगाल के कई जिले हैं। यहां मुस्लिम जनसंख्या का अनुपात 20 से 46 प्रतिशत तक पाया जाता है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में कुल जनसंख्या का 61.40 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या है। ऊपरी गंगा मैदान के कई जिलों में मुस्लिम आबादी काफ़ी है।

3. ईसाई – भारत के 1 करोड़ 96 लाख ईसाइयों में से लगभग 29% लाख केरल में ही रहते हैं। ईसाइयों के संकेन्द्रण के अन्य क्षेत्र गोवा तथा तमिलनाडु हैं। गोवा की जनसंख्या का लगभग 30 प्रतिशत ईसाई धर्मावलम्बी है। सा एवं बिहार के कई जन-जातीय जिलों में ईसाई जनसंख्या का अनुपात महत्त्वपूर्ण है। इसी प्रकार मेघालय, मिज़ोरम, नागालैण्ड तथा मणिपुर में ईसाई जनसंख्या का अनुपात काफ़ी अधिक है। उदाहरण के लिए नागालैण्ड की कुल संख्या में, ईसाई जनसंख्या का अनुपात 87.47 प्रतिशत है। इसके बाद मिज़ोरम में यह अनुपात 85.73 प्रतिशत है। मेघालय के जिलों एवं मणिपुर के कुछ जिलों में यह अनुपात काफ़ी अधिक (50-98 प्रतिशत) पाया जाता है। उत्तर प्रदेश एवं पंजाब के कई जिलों में ईसाई थोडी संख्या में पाये जाते हैं।

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4. सिक्ख-1991 की जनगणना में सिक्खों की संख्या 1 करोड़ 62 लाख दिखाई गई। वैसे तो भारत का कोई ऐसा भाग नहीं है जहां सिक्ख न रहते हों। परन्तु इनका अधिकतम संकेन्द्रण पंजाब तथा उससे संलग्न हरियाणा के जिलों में है। यह बात स्पष्ट है क्योंकि सिक्ख धर्म का उद्भव पंजाब में हुआ। उत्तर प्रदेश के तराई में, राजस्थान के गंगानगर, अलवर तथा भरतपुर में सिक्खों के संकेन्द्रण के छोटे-छोटे पॉकेट हैं। दिल्ली की कुल जनसंख्या का 4.84 प्रतिशत सिक्ख हैं। दूसरे राज्यों के नगरों में भी सिक्ख कम संख्या में रहते हैं।

5. बौद्ध, जैन तथा पारसी – भारत में लगभग 64 लाख बौद्ध, 35 लाख जैन तथा लगभग 72 हज़ार पारसी रहते हैं। भारत में कुल बौद्ध जनसंख्या का 79 प्रतिशत केवल महाराष्ट्र में रहता है। ये लोग बहुधा नव-बौद्ध हैं जो बाबा साहिब अंबेडकर के आन्दोलन से प्रभावित होकर बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन करके बौद्ध बने थे।

बौद्ध संकेन्द्रण के परम्परागत क्षेत्र लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश तथा त्रिपुरा हैं। भारत की कुल जैन जनसंख्या में से 28.80 प्रतिशत महाराष्ट्र 16.78 प्रतिशत राजस्थान में तथा 14.65 प्रतिशत गुजरात में रहते हैं। इन तीनों राज्यों को मिलाकर देश की कुल जैन जनसंख्या के 60.23 प्रतिशत पाये जाते हैं। जैनों के बारे में यह एक रोचक तथ्य है कि उनकी अधिकांश संख्या नगरों में रहती है। पारसी देश का सबसे छोटा धार्मिक समूह है। इनका अधिकतम संकेन्द्रण भारत के पश्चिमी भागों-महाराष्ट्र और गुजरात में है।

प्रश्न 6.
लिंगानुपात से आप क्या समझते हैं ? भारत में लिंगानुपात के प्रादेशिक वितरण का वर्णन करो।
उत्तर:
लिंगानुपात (Sex Ratio) – किसी भी देश के सामाजिक विकास के लिए लिंग संरचना का ज्ञान आवश्यक है। प्रति हजार पुरुषों की तुलना में स्त्रियां के अनुपात को लिंग अनुपात (Sex Ratio) कहा जाता है। भारत में लिंग अनुपात निरन्तर कम होता जा रहा है। सन् 1901 में यह अनुपात 972 प्रति हजार पुरुष था और जबकि 2001 में यह संख्या घट कर 933 हो गई है तथा 2011 में 940 हो गई। भारत में केवल केरल राज्य में ही स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है। यहां एक हजार पुरुषों के पीछे 1084 स्त्रियां हैं। देश में सबसे अधिक लिंग अनुपात केरल राज्य में 1084 स्त्रियां प्रति हज़ार पुरुष है जबकि राष्ट्रीय औसत लिंग अनुपात 940 है। राष्ट्रीय औसत से कम लिंग अनुपात निम्नलिखित राज्यों में है कम लिंग अनुपात वाले राज्य-सिक्किम (889), नागालैंड (931), हरियाणा (877), पंजाब (893), उत्तर प्रदेश (898), जम्मू-कश्मीर (883), पश्चिमी बंगाल (947), राजस्थान (926), अरुणाचल प्रदेश (920), असम (954) है। मध्य प्रदेश (930), महाराष्ट्र (925), गुजरात (918), बिहार (916), उत्तर प्रदेश (908)।
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JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 5 भूसंसाधन तथा कृषि

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 5 भूसंसाधन तथा कृषि Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 5 भूसंसाधन तथा कृषि

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. निम्न में से कौन-सा भू-उपयोग संवर्ग नहीं है?
(क) परती भूमि
(ग) निवल बोया क्षेत्र
(ख) सीमांत भूमि
(घ) कृषि योग्य व्यर्थ भूमि।
उत्तर:
(ख) सीमांत भूमि।

2. पिछले 40 वर्षों में वनों का अनुपात बढ़ने का निम्न में से कौन-सा कारण है?
(क) वनीकरण के विस्तृत व सक्षम प्रयास
(ख) सामुदायिक वनों के अधीन क्षेत्र में वृद्धि
(ग) वन बढ़ोत्तरी हेतु निर्धारित अधिसूचित क्षेत्र में वृद्धि
(घ) वन क्षेत्र प्रबन्धन में लोगों की बेहतर भागीदारी।
उत्तर;
(ग)वन बढ़ोत्तरी हेतु निर्धारित अधिसूचित क्षेत्र में वृद्धि।

3. निम्न में से कौन-सा सिंचित क्षेत्रों में भू-निम्नीकरण का मुख्य प्रकार है?
(क) अवनालिका अपरदन
(ग) मृदा लवणता
(ख) वायु अपरदन
(घ) भूमि पर सिल्ट का जमाव।
उत्तर:
(ग) मृदा लवणता।

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4. शुष्क कृषि में निम्न में से कौन-सी फसल नहीं बोई जाती?
(क) रागी
(ग) मूंगफली
(ख) ज्वार
(घ) गन्ना।
उत्तर;
(घ) गन्ना।

5. निम्न में से कौन-से देश में गेहूँ व चावल की अधिक उत्पादकता की किस्में विकसित की गई थीं?
(क) जापान तथा ऑस्ट्रेलिया
(ग) मैक्सिको तथा फिलीपींस
(ख) संयुक्त राज्य अमेरिका तथा जापान
(घ) मैक्सिको तथा सिंगापुर। उत्तर-मैक्सिको तथा फिलीपींस।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित पर लगभग 30 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
बंजर भूमि तथा कृषि योग्य व्यर्थ भूमि में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
मरुस्थली, रेतीली, पथरीली भूमि जिसे कृषि योग्य नहीं बनाया जा सकता, बंजर भूमि कहते हैं। जो भूमि जल तथा वायु अपरदन से व्यर्थ हो जाती है उसे भी बंजर भूमि कहते हैं। कृषि योग्य व्यर्थ भूमि वह भूमि है जो पिछले पांच वर्षों तक या अधिक समय तक परती या कृषि रहित है।

प्रश्न 2.
निबल बोया गया क्षेत्र तथा सकल बोया गया क्षेत्र में अन्तर बताओ।
उत्तर:
वह भूमि जिस पर फ़सलें उगाई व काटी जाती हैं वह निबल बोया गया क्षेत्र कहलाता है। सकल बोया गया क्षेत्र वह क्षेत्र है जिसमें एक बार से अधिक बोया गया क्षेत्र भी शामिल किया जाता है।

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प्रश्न 3.
भारत जैसे देश में गहन कृषि नीति अपनाने की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:
प्रौद्योगिकी कृषि वर्ष में गहन भू-उपयोग से प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाती है। इससे सीमित भूमि में कुल उत्पादन बढ़ने के साथ श्रमिकों की मांग भी पर्याप्त रूप से बढ़ती है। भारत में भूमि की कमी तथा श्रम की अधिकता है। इसलिए फ़सलों की सघनता की आवश्यकता है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोज़गारी की समस्या को भी कम किया जा सके।

प्रश्न 4. शुष्क कृषि तथा आर्द्र कृषि में क्या अन्तर है?
उत्तर:
कृषि ऋतु में उपलब्ध आर्द्रता मात्रा के आधार पर दो वर्गों:\

  1. शुष्क भूमि कृषि तथा
  2. आर्द्र भूमि कृषि में बांटी जाती है।

भारत में शुष्क भूमि खेती मुख्यतः उन प्रदेशों तक सीमित है जहां वार्षिक वर्षा 75 सेंटीमीटर से कम है। इन क्षेत्रों में शुष्कता को सहने में सक्षम फ़सलें जैसे-रागी, बाजरा, मूंग, चना तथा ग्वार (चारा फसलें) आदि उगाई जाती हैं तथा इन क्षेत्रों में आर्द्रता संरक्षण तथा वर्षा जल के प्रयोग के अनेक विधियां अपनाई जाती हैं। आर्द्र कृषि क्षेत्रों में वर्षा ऋतु के अन्तर्गत वर्षा जल पौधों की ज़रूरत से अधिक होता है। ये प्रदेश बाढ़ तथा मृदा अपरदन का सामना करते हैं। इन क्षेत्रों में वे फसलें उगाई जाती हैं जिन्हें पानी की अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है, जैसेचावल, जूट, गन्ना आदि तथा ताजे पानी की जलकृषि भी की जाती है।

लघु उतरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
भारत में भू-संसाधनों की विभिन्न प्रकार की पर्यावरणीय समस्याएं कौन-सी हैं? इनका निर्णय कैसे किया जाए?
उत्तर:
भूमि संसाधनों का निम्नीकरण सिंचाई और कृषि विकास की दोषपूर्ण नीतियों से उत्पन्न हुई समस्याओं में से एक गम्भीर समस्या है।

  1. यह गम्भीर समस्या इसलिए है क्योंकि इससे मृदा उर्वरता क्षीण हो सकती है। यह समस्या विशेषकर सिंचित क्षेत्रों में भयावह है। कृषि भूमि का एक बड़ा भाग जलाक्रांतता, लवणता तथा मृदा क्षारता के कारण बंजर हो चुका है। अभी तक लवणता व क्षारता से लगभग 80 लाख हेक्टेयर भूमि कुप्रभावित हो चुकी है।
  2. देश की अन्य 70 लाख हेक्टेयर भूमि जलाक्रांतता के कारण अपनी उर्वरता खो चुकी है।
  3. कीटनाशक रसायनों के अत्यधिक प्रयोग से मृदा में ज़हरीले तत्त्वों का सांद्रण हो गया है।
  4. बहु-फ़सलीकरण के बढ़ोत्तरी से परती भूमि में कमी आई है। इससे भूमि में पुनः उर्वरता पाने की प्राकृतिक प्रक्रिया अवरुद्ध हुई है जैसे नाइट्रोजन यंत्रीकरण।
  5. जल तथा वायु द्वारा अपरदन भी गम्भीर रूप धारण कर गए हैं।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 5 भूसंसाधन तथा कृषि

प्रश्न 2.
भारत में स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् कृषि विकास की महत्त्वपूर्ण नीतियों का वर्णन करो।
उत्तर:
स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद सरकार का तात्कालिक उद्देश्य खाद्यान्नों का उत्पादन बढ़ाना था, जिसमें निम्न उपाय अपनाए गए:
1. व्यापारिक फ़सलों की जगह खाद्यान्नों का उगाया जाना।

2. कृषि गहनता को बढ़ाना, तथा

3. कृषि योग्य बंजर तथा परती भूमि को कृषि भूमि में परिवर्तित करना। प्रारम्भ में इस नीति से खाद्यान्नों का उत्पादन बढ़ा, लेकिन 1950 के दशक के अन्त तक कृषि उत्पादन स्थिर हो गया। इस समस्या से उभरने के लिए गहन कृषि जिला कार्यक्रम तथा गहन कृषि क्षेत्र कार्यक्रम प्रारम्भ किए गए। परन्तु 1960 के दशक के मध्य में लगातार दो अकालों से देश में अन्न संकट उत्पन्न हो गया। परिणामस्वरूप दूसरे देशों से खाद्यान्नों का आयात करना पड़ा।

 भूसंसाधन तथा कृषि JAC Class 12 Geography Notes

→ कृषि प्रधान देश (Agircultural Country): जिस देश की अर्थव्यवस्था में कृषि की महत्ति भूमिका होती है उसे कृषि प्रधान देश कहते हैं।

→ फसलों के प्रकार (Types of Crops):

  • खाद्यान्न (Food Grains): गेहूँ, चावल, मोटा अनाज।
  • पेय पदार्थ (Beverages): चाय तथा कहवा।
  • रेशेदार पदार्थ (Fibrecrops): कपास तथा पटसन।
  • तिलहन (Oil Seeds): मूंगफली, तिल, सरसों, अलसी।
  • कच्चे माल (Raw Materials): गन्ना, तम्बाकू, रबड़।

→ हरित क्रान्ति (Green Revolution): भारतीय कृषि को आधुनिकीकरण एवं आत्मनिर्भर बनाने की योजना को हरित क्रान्ति कहते हैं।

→ कृषि-असन्तुलन (Agricultural Inbalances): भारतीय कृषि के विकास में प्रादेशिक असन्तुलन है।

→ फसल ऋतुएं शस्य मौसम (Crop-Season): भारत में दो कृषि काल हैं-खरीफ़ तथा रबी।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 4 मानव बस्तियाँ Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. निम्नलिखित में से कौन-सा नगर नदी तट पर अवस्थित नहीं है?
(क) आगरा
(ग) पटना
(ख) भोपाल
(घ) कोलकाता।
उत्तर:
(ख) भोपाल।

2. भारत की जनगणना के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-सी एक विशेषता नगर की परिभाषा का अंग नहीं है?
(क) जनसंख्या घनत्व 400 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०
(ख) नगरपालिका, निगम का होना
(ग) 75% से अधिक जनसंख्या का प्राथमिक क्रियाओं संलग्न होना
(घ) जनसंख्या आकार 5000 व्यक्तियों से अधिक।
उत्तर:
(ग) 75% से अधिक जनसंख्या का प्राथमिक क्रियाओं में संलग्न होना।

3. निम्नलिखित में से किस पर्यावरण में परिक्षिप्त ग्रामीण बस्तियों की अपेक्षा नहीं की जा सकती?
(क) गंगा का जलोढ़ मैदान
(ख) राजस्थान के शुष्क और अर्ध-शुष्क प्रदेश
(ग) हिमालय की निचली घाटियां
(घ) उत्तर-पूर्व के वन और पहाड़ियां।
उत्तर:
(क) गंगा का जलोढ़ मैदान।

4. निम्नलिखित में से नगरों का कौन-सा वर्ग अपने पदानुक्रम के अनुसार क्रमबद्ध है?
(क) बृहत मुम्बई, बंगलौर, कोलकाता, चेन्नई
(ख) दिल्ली, बृहत मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता
(ग) कोलकाता, बृहत मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता
(घ) बृहत मुम्बई, कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई।
उत्तर:
(घ) बृहत मुम्बई, कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
गैरिसन नगर क्या होते हैं? इनका क्या कार्य होता है?
उत्तर:
गैरिसन (छावनी) नगर-इन नगरों का उदय गैरिसन नगरों के रूप में हुआ है, जैसे अम्बाला, जालन्धर, महू, बबीना, उधमपुर इत्यादि। इन नगरों में सैनिकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। उनके निवास के लिए बैरिकें बनाई जाती हैं।

प्रश्न 2.
किसी नगरीय संकुल की पहचान किस प्रकार की जाती है?
उत्तर:
एक नगरीय संकुल की पहचान उसके साथ संलग्न नगरीय बहिबर्द्ध से किया जाता है जिससे नगरीय संकुल के प्रसार की पहचान होती है।

प्रश्न 3.
मरुस्थली प्रदेशों में गांवों के अवस्थिति के कौन-से मुख्य कारक होते हैं?
उत्तर:
मरुस्थली प्रदेशों में जल का अभाव होता है। इसलिए जल संसाधनों के निकट गांव बसाए जाते हैं। सामाजिक दृष्टि से गांव के ज़मींदार का निवास केन्द्र में होता है जबकि बाहरी भाग में निम्न वर्ग के लोग रहते हैं।

प्रश्न 4.
महानगर क्या होते हैं? ये नगरीय संकुलों से किस प्रकार भिन्न होते हैं?
उत्तर:
10 लाख से 50 लाख तक की जनसंख्या वाले नगर को महानगर कहते हैं। नगरीय संकुल में कई महानगर होते हैं तथा जनसंख्या 50 लाख से अधिक होती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न ( Short Answer Type Questions) 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
विभिन्न प्रकार की ग्रामीण बस्तियों के लक्षणों की विवेचना कीजिए। विभिन्न भौतिक पर्यावरणों में बस्तियों के प्रारूपों के लिए उत्तरदायी कारक कौन-से हैं?
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों के चार प्रमुख प्रकार हैं

  • गुच्छित बस्तियां
  • अर्द्ध-गुच्छित बस्तियां
  • पल्लीकृत बस्तियां
  • परिक्षिप्त बस्तियां।

विभिन्न प्रकार की बस्तियों के लक्षण निम्नलिखित हैं
1. गुच्छित बस्तियां:
यह घरों का एक संकुलित समूह होता है, इस प्रकार के गांव में रहन-सहन क्षेत्र कृषि क्षेत्रों से अलग होता है। यह बस्तियां आयताकार, अरीय, रैखिक प्रतिरूप में मिलती हैं।

2. अर्द्ध:
गच्छित बस्तियां-ये बस्तियां किसी सीमित क्षेत्र में मिलती हैं। ये किसी बड़े संहत गांव के विखण्डन का परिणाम होती हैं। प्रायः ज़मींदार तथा प्रमुख समुदाय गांव के केन्द्रीय भाग में रहते हैं तथा समाज के निम्न वर्ग के लोग गांव के बाहरी भाग में रहते हैं।

3. पल्लीकृत बस्तियां:
जब किसी विशाल गांव का सामाजिक तथा जातीय आधार पर विखण्डन हो, तो बस्ती कई इकाइयों में बंट जाती हैं इसे पान्ना, पाढ़ा, पल्ली, नगला, ढाणी कहा जाता है।

4. परिक्षिप्त बस्तियां:
एकाकी बस्तियों को परिक्षिप्त बस्तियां कहते हैं। जंगलों में, पहाड़ियों की ढालों पर, खेतों पर आधारित विखण्डित बस्तियों को परिक्षिप्त बस्तियां कहते हैं।

बस्तियों के प्रारूपों के उत्तरदायी कारक:

  1. भू-भाग की प्रकृति
  2. ऊंचाई
  3. जलवायु
  4. जल की उपलब्धता

प्रश्न 2.
क्या एक प्रकार्य वाले नगर की कल्पना की जा सकती है। नगर बहु प्रकार्यात्मक क्यों हो जाते हैं?
उत्तर:
नगर आर्थिक विकास के केन्द्र होते हैं। वहां निवास स्थान उपलब्ध होता है। नगरों में विशेष सेवाएं प्राप्त होती हैं। नगर में एक विशेष कार्य की प्रधानता होती हैं जिसके लिए उसे जाना जाता है। जैसे शिक्षा नगर, खनन नगर आदि। परन्तु नगरों में एक से अधिक कार्य सम्पन्न किए जाते हैं। इसलिए एक प्रकार्य वाले ही नगर की कल्पना नहीं की जा सकती।

प्रत्येक नगर को कई सेवाओं तथा कार्यों का निष्पादन करना पड़ता है। लोगों को विभिन्न सेवाएं प्रदान करनी पड़ती हैं। इसलिए प्रत्येक नगर अनेक कार्य करता है। नगर के विभिन्न भाग विभिन्न कार्यों में सम्पन्न होते हैं। केन्द्रीय भाग मुख्य व्यापारिक केन्द्र होता है। इसलिए नगर बहु प्रकार्यात्मक बन जाते हैं।

मानव बस्तियाँ JAC Class 12 Geography Notes

→ भयाव मुख्य तथ्य मानव बस्तियाँ: मानव बस्तियां प्राय: संहत तथा बड़े आकार की होती हैं। नगरों के लोग अनेक प्रकार के गैरकृषि कार्य करते हैं।

→ नगरों का वर्गीकरण: नगर इतिहासवेत्ता भारतीय नगरों को तीन वर्गों में बांटते हैं

  1. प्राचीन नगर
  2. मध्यकालीन नगर
  3. आधुनिक नगर।

→ नगरीय जनसंख्या: सन् 2011 में भारत में कुल नगरीय जनसंख्या 37 करोड़ थी (31.2%)।

→ महानगर: भारत में 35 महानगर हैं, जिनकी जनसंख्या 10 लाख से अधिक है। बृहत मुम्बई भारत का सबसे बड़ा नगर है जिसकी जनसंख्या 164 लाख है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए।

1. निम्नलिखित में से कौन-सा भारत में पुरुष प्रवास का मुख्य कारण है?
(क) शिक्षा
(ग) काम और रोज़गार
(ख) व्यवसाय
(घ) विवाह।
उत्तर:
(ग) काम और रोज़गार।

2. निम्नलिखित में से किस राज्य में सर्वाधिक संख्या में अप्रवासी आते हैं?
(क) उत्तर प्रदेश
(ग) महाराष्ट्र
(ख) दिल्ली
(घ) बिहार।
उत्तर:
(ग) महाराष्ट्र।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

3. भारत में प्रवास की निम्नलिखित धाराओं में से कौन-सी एक धारा पुरुष प्रधान है?
(क) ग्रामीण से ग्रामीण
(ग) ग्रामीण से नगरीय
(ख) नगरीय से ग्रामीण
(घ) नगरीय से नगरीय।
उत्तर:
(ग) ग्रामीण से नगरीय

4. निम्नलिखित में से किस नगरीय समूहन में प्रवासी जनसंख्या का अंश सर्वाधिक है?
(क) मुंबई नगरीय समूहन
(ग) बंगलौर नगरीय समूहन
(ख) दिल्ली नगरीय समूहन
(घ) चेन्नई नगरीय समूहन।
उत्तर:
(क) मुंबई नगरीय समूहन।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
जीवन पर्यंत प्रवासी और पिछले निवास के अनुसार प्रवासी में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जनगणना में दो तत्त्वों की जानकारी पर आधारित जीवन पर्यंत प्रवासी और प्रवासी में अन्तर पाया जाता है। ये दो तथ्य हैं

  1. जन्म स्थान व जनगणना का स्थान। यदि जन्म का स्थान जनगणना के स्थान से भिन्न है तो उसे जीवन पर्यंत प्रवासी कहते हैं।
  2. यदि निवास का पिछला स्थान जनगणना के स्थान से भिन्न है तो इसे प्रवासी कहते हैं।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

प्रश्न 2.
पुरुष/स्त्री वरणात्मक प्रवास के मुख्य कारण की पहचान कीजिए।
उत्तर:
स्त्री प्रवास का मुख्य कारण विवाह है। विवाह के पश्चात् स्त्रियों को दूसरे स्थान पर निवास करना पड़ता है। पुरुष प्रवास का मुख्य कारण आर्थिक है। काम व रोजगार की तलाश में पुरुष नगरों को प्रवास करते हैं।

प्रश्न 3.
उद्गम और गंतव्य स्थान की आयु एवं लिंग संरचना पर ग्रामीण नगरीय प्रवास का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
ग्रामीण-नगरीय प्रवास से आयु व लिंग संरचना में असन्तुलन उत्पन्न हो जाता है। उद्गम स्थान पर लिंगानुपात बढ़ जाता है तथा युवा वर्ग कम हो जाता है। इसके विपरीत गंतव्य स्थान पर लिंगानुपात कम हो जाता है तथा युवा वर्ग का अनुपात बढ़ जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
भारत में अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास के कारणों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
1. भारत में बहुत बड़ी संख्या में लोग बेहतर अवसरों की तलाश में विभिन्न विदेशों के मध्यपूर्व, पश्चिमी यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी और दक्षिणी पूर्वी एशिया में प्रवास करते हैं। उपनिवेश काल में अंग्रेज़ों द्वारा मॉरीशस, पश्चिमी द्वीप समूह, फ़िजी, दक्षिणी अफ्रीका, फ्रांसीसी तथा डच लोगों, पुर्तगालियों द्वारा गोवा, दमन-दीव से अंगोला आदि देशों में रोपण कृषि के काम करने के लिए श्रमिकों को भेजा जाता रहा।

2. इसके पश्चात् व्यवसायियों, शिल्पियों, व्यापारियों के रूप में थाइलैण्ड, मलेशिया, सिंगापुर, ब्रुनई में भारत से अर्द्ध कुशल-कुशल श्रमिकों का प्रवास होता रहा।

3. 1960 के बाद भारत से सॉफ्टवेयर अभियंताओं, प्रबन्धकों, वित्तीय विशेषज्ञों आदि का संयुक्त राज्य, कनाडा, यू० के०, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी में प्रवास होता रहा है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

प्रश्न 2.
प्रवास के सामाजिक, जनांकिकीय परिणाम क्या-क्या हैं?
उत्तर:

  • जनांकिकीय परिणाम-प्रवास से आयु-लिंगानुपात में असन्तुलन उत्पन्न होता है।
    1. नगरों में लिंगानुपात घट जाता है तथा युवा वर्ग श्रमिकों का अनुपात बढ़ जाता है।
    2. ग्रामीण क्षेत्रों में लिंगानुपात बढ़ जाता है तथा कुशल युवा श्रमिकों का अनुपात घट जाता है।
  • सामाजिक परिणाम
    1. नवीन प्रौद्योगिकी, परिवार नियोजन, बालिका शिक्षा आदि नए विचारों का ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसार होता है।
    2. विविध संस्कृतियों का अंतमिश्रण होता है।
    3. प्रवास लोगों को अपराध और औषध दुरुपयोग जैसी असामाजिक क्रियाओं में फंसा देता है।

प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम JAC Class 12 Geography Notes

→ प्रवास (Migration): अपने मूल स्थान से दूसरी जगह जाकर बसना प्रवास कहलाता है।

→ प्रवासियों की संख्या (Number of Migrants): 30.3 करोड़ (30 प्रतिशत) (जन्म स्थान के अनुसार)

→ प्रवास की धाराएं (Streams of Migration):

  • ग्रामीण से ग्रामीण
  • ग्रामीण से नगरीय
  • नगरीय से नगरीय
  • नगरीय से ग्रामीण।

→ बांग्लादेश से प्रवासी (Immigrants from Bangladesh): 30 lakhs

→ महाराष्ट्र: राज्य में प्रवासियों की संख्या सबसे अधिक है।

→ उत्तर प्रदेश: राज्य में उत्प्रवासियों की संख्या सर्वाधिक है।

→ प्रवास के कारण (Causes of Migration): प्रतिकर्ष कारक तथा अपकर्ष कारक।

JAC Class 12 Geography Important Questions in Hindi & English Jharkhand Board

JAC Jharkhand Board Class 12th Geography Important Questions in Hindi & English Medium

JAC Board Class 12th Geography Important Questions in Hindi Medium

Jharkhand Board Class 12th Geography Important Questions: मानव भूगोल के मूल सिद्धान्त

Jharkhand Board Class 12th Geography Important Questions: भारत : लोग और अर्थव्यवस्था

JAC Board Class 12th Geography Important Questions in English Medium

JAC Board Class 12th Geography Important Questions: Fundamentals of Human Geography

  • Chapter 1 Human Geography : Nature and Scope Important Questions
  • Chapter 2 The World Population : Distribution, Density and Growth Important Questions
  • Chapter 3 Population Composition Important Questions
  • Chapter 4 Human Development Important Questions
  • Chapter 5 Primary Activities Important Questions
  • Chapter 6 Secondary Activities Important Questions
  • Chapter 7 Tertiary and Quaternary Activities Important Questions
  • Chapter 8 Transport and Communication Important Questions
  • Chapter 9 International Trade Important Questions
  • Chapter 10 Human Settlements Important Questions

JAC Board Class 12th Geography Important Questions: India : People and Economy

  • Chapter 1 Population : Distribution, Density, Growth and Composition Important Questions
  • Chapter 2 Migration : Types, Causes and Consequences Important Questions
  • Chapter 3 Human Development Important Questions
  • Chapter 4 Human Settlements Important Questions
  • Chapter 5 Land Resources and Agriculture Important Questions
  • Chapter 6 Water Resources Important Questions
  • Chapter 7 Mineral and Energy Resources Important Questions
  • Chapter 8 Manufacturing Industries Important Questions
  • Chapter 9 Planning and Sustainable Development in Indian Context Important Questions
  • Chapter 10 Transport and Communication Important Questions
  • Chapter 11 International Trade Important Questions
  • Chapter 12 Geographical Perspective on Selected Issues and Problems Important Questions

JAC Class 12 Geography Solutions in Hindi & English Jharkhand Board

JAC Jharkhand Board Class 12th Geography Solutions in Hindi & English Medium

JAC Board Class 12th Geography Solutions in Hindi Medium

Jharkhand Board Class 12th Geography Part 1 Fundamentals of Human Geography (मानव भूगोल के मूल सिद्धान्त भाग-1)

Jharkhand Board Class 12th Geography Part 2 India: People and Economy (भारत : लोग और अर्थव्यवस्था भाग-2)

JAC Board Class 12th Geography Solutions in English Medium

JAC Board Class 12th Geography Part 1 Fundamentals of Human Geography

  • Chapter 1 Human Geography : Nature and Scope
  • Chapter 2 The World Population : Distribution, Density and Growth
  • Chapter 3 Population Composition
  • Chapter 4 Human Development
  • Chapter 5 Primary Activities
  • Chapter 6 Secondary Activities
  • Chapter 7 Tertiary and Quaternary Activities
  • Chapter 8 Transport and Communication
  • Chapter 9 International Trade
  • Chapter 10 Human Settlements

JAC Board Class 12th Geography Part 2 India : People and Economy

  • Chapter 1 Population : Distribution, Density, Growth and Composition
  • Chapter 2 Migration : Types, Causes and Consequences
  • Chapter 3 Human Development
  • Chapter 4 Human Settlements
  • Chapter 5 Land Resources and Agriculture
  • Chapter 6 Water Resources
  • Chapter 7 Mineral and Energy Resources
  • Chapter 8 Manufacturing Industries
  • Chapter 9 Planning and Sustainable Development in Indian Context
  • Chapter 10 Transport and Communication
  • Chapter 11 International Trade
  • Chapter 12 Geographical Perspective on Selected Issues and Problems

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 10 परिवहन तथा संचार

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 10 परिवहन तथा संचार Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 10 परिवहन तथा संचार

बहुविकल्पीय प्रश्न (Muhiple Choice Questions)

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चनिए

1. भारतीय रेल प्रणाली को कितने मंडलों में विभाजित किया गया है?
(क) १
(ख) 12
(ग) 16
(घ) 14.
उत्तर:
(ग) 16.

2. निम्नलिखित में से कौन-सा भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय महामार्ग है?
(क) एन एच-1
(ख) एन एच-6
(ग) एन एच-7
(घ) एन एच-8.
उत्तर;
(ग) एन एच-7.

3. राष्ट्रीय जल मार्ग संख्या-1 किस नदी पर तथा किन दो स्थानों के बीच पड़ता है?
(क) ब्रह्मपुत्र – सादिया – धुबरी
(ख) गंगा – हल्दिया – इलाहाबाद
(ग) पश्चिमी तट नहर – कोट्टापुरम से कोल्लाम।
उत्तर:
(ख) गंगा-हल्दिया-इलाहाबाद।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 10 परिवहन तथा संचार

4. निम्नलिखित में से किस वर्ष में पहला रेडियो कार्यक्रम प्रसारित हुआ था?
(क) 1911
(ख) 1936
(ग) 1927
(घ) 1923.
उत्तर:
(घ) 1923.

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
परिवहन किन क्रिया-कलापों को अभिव्यक्त करता है? परिवहन के तीन प्रमुख प्रकारों के नाम बताओ।
उत्तर:
परिवहन तृतीयक वर्ग का क्रिया-कलाप है। परिवहन कच्चे माल को कारखानों तक पहुंचाता है। यह वस्तुओं को उत्पादन स्थल बाज़ार तक भेजता है ताकि उपभोक्ता को ये उपलब्ध हो। इस प्रकार परिवहन वस्तुओं, पदार्थों तथा विचारों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए प्रयोग होता है। परिवहन के मुख्य साधन हैं: स्थल, जल, वायु।

प्रश्न 2.
पाइप लाइन परिवहन के लाभ एवं हानि की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
प्राकृतिक गैस तथा खनिज तेल के परिवहन का पाइप लाइन एक सुगम साधन है। यह एक सस्ता साधन है जो दुर्गम क्षेत्रों, घने वनों, मरुस्थलों तथा पर्वतों पर से गुज़रता है। परन्तु इसके गुणों की तुलना में अवगुण अधिक हैं।

  1. इस साधन में लोच का न होना एक प्रमुख अवगुण है।
  2. एक बार पाइप लाइन बिछा देने के पश्चात् इसकी क्षमता में वृद्धि नहीं की जा सकती।
  3. पाइप लाइन की सुरक्षा करना भी कठिन कार्य है।
  4. भूमिगत पाइप लाइन की मरम्मत में कठिनाई होती है तथा रिसाव का पता लगाना भी कठिन होता है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 10 परिवहन तथा संचार

प्रश्न 3.
संचार से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
हम केवल वस्तुएं ही नहीं बल्कि विचारों, दर्शन तथा संदेशों का भी उपयोग करते हैं। विभिन्न साधनों के माध्यम से संचार करते समय हम अपने विचारों, दर्शन और संदेशों का विनिमय एक स्थान से दूसरे स्थान तक अथवा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक करते हैं।

प्रश्न 4.
भारत के वायु परिवहन के क्षेत्र में एयर इण्डिया तथा इंडियन एयर लाइन्स के योगदान की विवेचना करो।
उत्तर:
भारत में वायु परिवहन के दो खण्ड हैं आन्तरिक सेवाएं तथा अन्तर्देशीय सेवाएं। एयर इण्डिया संगठन विदेशी उड़ानों का प्रबन्ध करती है। मुम्बई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई एयर इण्डिया के केन्द्र बिन्दु हैं। इण्डियन एयर लाइन्स देश के भीतरी भागों तथा पड़ोसी देशों के साथ वायु सेवाओं का प्रबन्ध करती है।

सन् 1981 से देश के भीतर दुर्गम भागों में वायुदूत एयर लाइन्स सेवाओं का भी प्रारम्भ किया गया है। 1985 में पवन हंस लिमिटेड की स्थापना दूरस्थ क्षेत्रों, वनाच्छादित तथा पहाड़ी क्षेत्रों को जोड़ने हेतु हेलीकाप्टर सेवाएं उत्पन्न करवाने के लिए की गई।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 150 शब्दों में करो

प्रश्न 1.
भारत में परिवहन के प्रमुख साधन कौन-कौन से हैं? इनके विकास को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना करो।
उत्तर:
परिवहन साधन: भारत के परिवहन के स्थल, जल तथा वायु परिवहन के निम्नलिखित साधन हैं

  1. रेल मार्ग
  2. सड़कें
  3. वायुमार्ग
  4. जल मार्ग
  5. पाइप लाइनें। भारत के विभिन्न परिवहन साधनों के विकास को निम्नलिखित कारकों ने प्रभावित किया है

1. भौतिक कारक-भारत के समतल मैदानी भागों में सड़क व रेलमार्गों का अधिक विकास हुआ है। जैसे उत्तरी मैदान में। परन्तु पर्वतीय दुर्गम प्रदेशों में रेलमार्ग तथा सड़कें कम हैं जैसे असम तथा हिमालय प्रदेश में।
2. आर्थिक कारक-बड़े-बड़े औद्योगिक, व्यापारिक नगरों तथा प्रमुख पत्तनों के समीप रेलमार्गों तथा सड़कों का अधिक विस्तार हुआ है परन्तु राजस्थान में कम आर्थिक विकास के कारण रेलमार्ग तथा सड़कें कम हैं।
3. राजनीतिक कारक-ब्रिटिश प्रशासन ने देश के संसाधनों के शोषण की नीति के कारण प्रमुख पत्तनों को देश के आन्तरिक भागों से रेलमार्गों द्वारा जोड़ दिया।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 10 परिवहन तथा संचार

प्रश्न 2.
भारत के आर्थिक विकास में सड़कों की भूमिका का वर्णन करो।
उत्तर:
भारत में प्राचीनकाल से ही सड़कें महत्त्वपूर्ण रही हैं। शेरशाह सूरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग, ग्रांड ट्रंक रोड का निर्माण किया। स्वाधीनता के पश्चात् 10 वर्षीय नागपुर योजना के अन्तर्गत सड़क मार्गों का विकास किया गया। भारत में अधिकतर पक्की सड़कें दक्षिणी भारत में हैं, क्योंकि यहां सड़कों को बनाने के लिए दक्षिणी पठार में पर्याप्त मात्रा में पत्थर मिल जाते हैं। भारतीय सड़कों की निम्नलिखित विशेषताएं हैं

  1. भारत की पक्की सड़कों की लम्बाई 7,47,000 किलोमीटर है तथा कच्ची सड़कों की लम्बाई 8 लाख 73 हज़ार किलोमीटर है।
  2. देश में राष्ट्रीय महामार्गों की लम्बाई 65769 किलोमीटर है।
  3. प्रमुख महामार्ग मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, दिल्ली, बंगलौर तथा श्रीनगर को मिलाते हैं।
  4. भारत में महामार्ग देश को पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर में तिब्बत तथा चीन, पूर्व में बांग्लादेश और बर्मा (म्यनमार) को जोड़ते हैं। (5) भारत में प्रति वर्ष 85% भागों तथा 70% भाग यातायात का परिवहन सड़कों द्वारा होता है।

परिवहन तथा संचार JAC Class 12 Geography Notes

जीवन रेखाएं (Life lines): यातायात के साधन किसी देश की जीवन रेखाएं हैं।

परिवहन तन्त्र (Transport lines): परिहवन तन्त्र भारत में सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक एकता मज़बूत करता है।

पत्तन (Ports): भारत में 12 मुख्य पत्तन हैं।

रेलमार्गों का विकास निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है

  • भौतिक कारक।
  • राजनीतिक कारक।
  • आर्थिक कारक। उत्तरी मैदान में रेलों की सघनता अधिक है।

राष्ट्रीय सड़क मार्ग (National Highways): भारत में राष्ट्रीय सड़क मार्गों की लम्बाई लगभग 65769 कि० मी० है।

रेल क्षेत्र (Railway Zones): भारतीय रेल मार्गों को 9 क्षेत्रों में बांटा गया है तथा 7 नए रेल क्षेत्र बनाए जा रहे हैं।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 10 मानव बस्ती

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 10 मानव बस्ती Important Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Important Questions Chapter 10 मानव बस्ती

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न-नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
1. कौन सा बस्ती प्रतिरूप तटों के साथ मिलता है ?
(A) आयताकार
(B) रैखिक
(C) त्रिभुजाकार
(D) तारे के आकार।
उत्तर:
(B) रैखिक

2. विश्व में कितने मिलियन नगर हैं ?
(A) 300
(B) 350
(C) 400
(D) 438.
उत्तर:
(D) 438.

3. किस नगर में विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या है ?
(A) मेक्सिको सिटी
(B) लन्दन
(C) टोक्यो
(D) मुम्बई।
उत्तर:
(C) टोक्यो

4. संसार में कितने प्रतिशत नगरीय जनसंख्या है ?
(A) 38%
(B) 42%
(C) 48%
(D) 58%.
उत्तर:
(C) 48%

5. एक मैगा नगर की कितनी जनसंख्या होती है ?
(A) 60 लाख
(B) 70 लाख
(C) 80 लाख
(D) 100 लाख।
उत्तर:
(D) 100 लाख।

6. विश्व में कितने मैगा नगर हैं ?
(A) 15
(B) 20
(C) 22
(D) 25.
उत्तर:
(D) 25.

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 10 मानव बस्ती

7. एशिया में सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है
(A) शंघाई
(B) मुम्बई
(C) टोक्यो
(D) कराची।
उत्तर:
(C) टोक्यो

8. दक्षिणी अमेरिका में सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है
(A) साओ पालो
(B) रियो डी जनेरो
(C) ब्यूनस आयर्स
(D) सैंटास।
उत्तर:
(A) साओ पालो

9. भारत में किसी नगर की कितनी जनसंख्या होनी चाहिए
(A) 2000
(B) 4000
(C) 5000
(D) 6000
उत्तर:
(C) 5000

10. भारत में एक नगर में जनसंख्या घनत्व प्रति वर्ग कि०मी० कितना है ?
(A) 200
(B) 250
(C) 350
(D) 400.
उत्तर:
(D) 400.

11. शुष्क बिन्दु बस्तियां कहां पाई जाती हैं ?
(A) डेल्टा में
(B) नदी वेदिकाओं के साथ
(C) झरनों के साथ
(D) घाटियों के साथ।
उत्तर:
(B) नदी वेदिकाओं के साथ

12. किस प्रदेश में इग्लू मकान मिलते हैं ?
(A) टुंड्रा .
(B) सवाना
(C) सेल्वास
(D) स्टैप।
उत्तर:
(A) टुंड्रा .

13. सड़क के साथ-साथ कौन सा बस्ती प्रतिरूपं मिलता है ?
(A) आयताकार
(B) वृत्ताकार
(C) रैखिक
(D) तारे के आकार।
उत्तर:
(C) रैखिक

14. लन्दन किस प्रकार का नगर है ?
(A) व्यापारिक
(B) पत्तन नगर
(C) धार्मिक नगर
(D) औद्योगिक नगर।
उत्तर:
(B) पत्तन नगर

15. केनबरा किस देश की राजधानी है ?
(A) इथोपिया
(B) आस्ट्रेलिया
(C) न्यूज़ीलैंड
(D) इण्डोनेशिया।
उत्तर:
(B) आस्ट्रेलिया

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

प्रश्न 1.
बस्तियों के प्रकार बताओ।
उत्तर:
ग्रामीण एवं नगरीय बस्तियां।

प्रश्न 2.
कितनी सीमा तक ग्राम की जनसंख्या होती है ?
उत्तर:
5000 व्यक्तियों तक।

प्रश्न 3.
ग्रामीण बस्तियों में लोगों का मख्य व्यवसाय बताओ।
उत्तर:
कृषि।

प्रश्न 4.
रैखिक बस्ती प्रतिरूप कहां पाया जाता है ?
उत्तर:
सड़क मार्ग के साथ।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 10 मानव बस्ती

प्रश्न 5.
एक नगरीय बस्ती में कितना जनसंख्या घनत्व होना चाहिए ?
उत्तर:
400 व्यक्ति प्रति वर्ग कि.मी.

प्रश्न 6.
एक प्रशासनिक नगर का उदाहरण दो।
उत्तर:
नई दिल्ली।

प्रश्न 7.
विश्व में कितने मिलियन नगर हैं ?
उत्तर:
438.

प्रश्न 8.
एक मैगा नगर में कितनी जनसंख्या होती है ?
उत्तर:
100 लाख।

प्रश्न 9.
विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाला नगर कौन-सा है ?
उत्तर:
टोक्यो।

प्रश्न 10.
किसी उप-नगरीय क्षेत्र से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
किसी नगर के गिर्द बस्ती।

प्रश्न.11.
नम बिन्दु बस्ती में क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
नदियों, झीलों, झरनों के गिर्द जल पर निर्भर बस्तियां।

प्रश्न 12.
शुष्क बिन्दु बस्तियां क्या हैं ?
उत्तर:
नदी वेदिकाओं तथा तटबन्धों पर स्थित बस्तियां।

प्रश्न 13.
दक्षिण पूर्व एशिया में अधिकतर लोग निचले प्रदेशों में क्यों बसते हैं ?
उत्तर:
ये प्रदेश आर्द्र धान की कृषि के अनुकूल है।

प्रश्न 14.
आरम्भ में बस्तियां वनों के साफ किए क्षेत्रों में क्यों थीं ?
उत्तर:
यहां लकड़ी उपलब्ध थी।

प्रश्न 15.
सुरक्षा की दृष्टि से पहाड़ियों तथा द्वीपों पर बनी बस्तियों के उदाहरण दो।
उत्तर:
(i) नाईजीरिया के इन्सेलबर्ग पर बनी बस्तियां।
(ii) भारत में दुर्गों पर बनी बस्तियां।

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प्रश्न 16.
बस्तियों के रैखित प्रतिरूप कहां मिलते हैं ?
उत्तर:

  1. सड़क मार्ग के साथ
  2. रेल मार्ग के साथ
  3. नदी के साथ
  4. नहर के साथ
  5. तटबन्ध के साथ।

प्रश्न 17.
किन जलाशयों के गिर्द वृत्ताकार रूप में बस्तियां मिलती हैं
उत्तर:
(i) झीलों के गिर्द
(ii) तालाबों के गिर्द।

प्रश्न 18.
T-आकार का बस्ती प्रतिरूप कहां मिलता है ?
उत्तर:
सड़क मार्गों के तिराहे पर।

प्रश्न 19.
कौन सा नगर सबसे पहले मिलियन नगर बना ?
उत्तर:
लन्दन 1810 में।

प्रश्न 20.
ग्रामीण बस्तियों की दो समस्याएं बताओ।
उत्तर:
(i) अपर्याप्त जल पूर्ति
(ii) बाढ़ तथा सूखा।

प्रश्न 21.
ग्रामीणीकरण से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
जब घर बिखरे-बिखरे हों तो उसे एक संहित ग्राम की व्यवस्था में रखा जाए।

प्रश्न 22.
विश्व में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत कितना है ?
उत्तर:
48 प्रतिशत।

प्रश्न 23.
भारत में एक नगरीय बस्ती में कितनी जनसंख्या होती है ?
उत्तर:
5000 व्यक्ति से अधिक।

प्रश्न 24.
कार्यों के आधार पर बस्तियों के तीन प्रकार बताओ।
उत्तर:
(i) प्रशासनिक नगर
(ii) व्यापारिक नगर
(iii) सांस्कृतिक नगर।

प्रश्न 25.
धार्मिक तीर्थ स्थानों के चार उदाहरण दो।
उत्तर:
जेरुसलम, मक्का, पुरी तथा वाराणसी।

प्रश्न 26.
प्रति वर्ष कितने लोग नगरों की ओर प्रवास करते हैं ?
उत्तर:
20-30 मिलियन।

प्रश्न 27.
अदीस अबाबा की स्थिति बताओ।
उत्तर:
यह इथोपिया की राजधानी है जो 1878 में स्थापित हुई।

प्रश्न 28.
केनबरा नगर की स्थिति बताओ।
उत्तर:
यह ऑस्ट्रेलिया की राजधानी है जो 1912 में स्थापित हुई।

प्रश्न 29.
किसी मेगा नगर की जनसंख्या कितनी होती है ?
उत्तर:
100 लाख।

प्रश्न 30.
विश्व में मैगा नगरों की संख्या बताओ।
उत्तर:
25.

प्रश्न 31.
भारत में किस प्रकार की ग्रामीण बस्तियों में पन्ना, पारा, पाल्ली, नागरा, घानी पाई जाती है?
उत्तर:
हैमलेटिड बस्तियां।

प्रश्न 32.
औद्योगिक नगर का एक उदाहरण दो।
उत्तर:
जमशेदपुर।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
बस्ती से क्या अभिप्रायः है ? इसके तीन उदाहरण दो।
उत्तर:
घरों के समूह को बस्ती कहते हैं। यह एक ग्राम, नगर या शहर हो सकता है।

प्रश्न 2.
किस प्रकार एक बस्ती स्थाई रूप धारण करती है ?
उत्तर:
किसी बस्ती में मनुष्य लगभग स्थाई रूप से निवास करते हैं। स्थायी रूप से बसे स्थान को ही बस्ती कहते हैं। मकानों का स्वरूप बदला जा सकता है, उसके कार्य बदल सकते हैं परन्तु बस्तियां समय एवं स्थान के साथ निरन्तर बसती रहेंगी।

प्रश्न 3.
नगरों तथा ग्रामों में आधारभूत अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
जनसंख्या के आकार के आधार पर एक ग्राम नगर से भिन्न होता है। परन्तु मूलभूत अन्तर लोगों के व्यवसाय में है। नगरों में लोगों के व्यवसाय द्वितीयक तथा तृतीयक क्रिया कलापों से जुड़े होते हैं, परन्तु ग्रामों में अधिकतर लोग प्राथमिक क्रियाओं में लगे होते हैं।

प्रश्न 4.
उप नगरों से क्या अभिप्रायः है ? लोग उपनगरों की ओर क्यों प्रवास करते हैं ? (H.B. 2012)
उत्तर:
बड़े नगरों के समीप छोटे-छोटे से नगर बस जाते हैं जिन्हें उपनगर कहते हैं। लोग नगर के घने बसे क्षेत्रों से हटकर रहन-सहन की अच्छी गुणवत्ता की खोज में शहर के बाहर स्वच्छ एवं खुले क्षेत्रों में रहना पसन्द करते हैं।

प्रश्न 5.
ग्रामीण बस्तियों का सम्बन्ध भूमि से क्यों होता है ? .
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों में प्राथमिक क्रिया-कलापों की अधिकता होती है। यहां लोग भूमि से सीधे रूप से संसाधन प्राप्त करते हैं। इनके क्रिया-कलाप जैसे कृषि, पशुपालन, मत्स्यन आदि भूमि से जुड़े होते हैं।

प्रश्न 6.
घरों के निर्माण में कौन-सी विभिन्न प्रकार की सामग्री प्रयोग की जाती है ?
उत्तर:
ईंट, पत्थर, लकड़ी, सीमेंट, चिकनी मिट्टी, चूना, बालू, लौह आदि।

प्रश्न 7.
नहरी बस्तियों से क्या अभिप्राय है? एक उदाहरण दो।
उत्तर:
सरकार द्वारा कई क्षेत्रों में नियोजित बस्तियां बसाई जाती हैं जहां आवास, पानी तथा अब संरचना की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। नहरों के किनारों के साथ नहरी बस्तियां बसाई जाती हैं। भारत में इन्दिरा गांधी नगर के कमांड क्षेत्र में नहरी बस्तियां बसाई गई हैं।

प्रश्न 8.
ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप किन कारकों पर निर्भर करते हैं ?
उत्तर”

  1. घरों की एक-दूसरे के साथ स्थिति।
  2. ग्राम की स्थिति।
  3. समीपवर्ती धरातल।
  4. स्थल रूप रेखा।
  5. ग्राम की आकृति व आकार।

प्रश्न 9.
विन्यास के आधार पर विभिन्न प्रकार के ग्राम बताओ।
उत्तर:

  1. मैदानी ग्राम
  2. पठारी ग्राम
  3. तटीय ग्राम
  4. वन ग्राम
  5. मरुस्थलीय ग्राम।

प्रश्न 10.
कार्यों के आधार पर विभिन्न प्रकार के ग्राम बताओ।
उत्तर:

  1. कृषि ग्राम
  2. मछुआरों के ग्राम
  3. लकड़हारों के ग्राम
  4. पशुपालक ग्राम।

प्रश्न 11.
आकृति के आधार पर विभिन्न ग्राम बताओ।
उत्तर:

  1. रैखिक
  2. आयताकार
  3. वृत्ताकार
  4. तारे के आकार का
  5. T-आकार
  6. दोहरे ग्राम
  7. क्रॉस आकार।

प्रश्न 12.
आरम्भिक काल में नगरीय बस्तियों के बसने का आधार क्या था ?
उत्तर:

  1. जल आपूर्ति
  2. गृह निर्माण सामग्री
  3. उपजाऊ भूमि।

प्रश्न 13.
नगरों के विभिन्न कार्य बताओ।
उत्तर:
आरम्भिक काल में नगर केन्द्र थे जहां प्रशासन, व्यापार, उद्योग सुरक्षा तथा धर्म महत्त्वपूर्ण कार्य थे। आधुनिक नगर बहुमुखी कार्य करते हैं, जैसे मनोरंजन, रिहायश, परिवहन, खनन, निर्माण तथा सूचना प्रौद्योगिकी।

प्रश्न 14.
अपने कार्यात्मक रूप से शैफ़ील्ड, लन्दन तथा चण्डीगढ़ किस वर्ग के नगर हैं ?
उत्तर:
(क) शैफ़ील्ड एक औद्योगिक नगर है।
(ख) लन्दन एक पत्तन नगर एवं प्रशासनिक नगर है।
(ग) चण्डीगढ़ एक प्रशासनिक नगर है।

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प्रश्न 15.
भारत में पाई जाने वाली केन्द्रीकृत ग्रामीण बस्तियों की नई तीन विशेषताएं बताओ।
उत्तर:

  1. इसमें घर पास-पास बने होते हैं।
  2. इसमें निवास क्षेत्र कृषि क्षेत्र से पृथक् होता है।
  3. ये बस्तियां रैखिक या आयताकार आकार में होती हैं।.

प्रश्न 16.
भारत में स्थित किन्हीं तीन वर्ग के नगरों की मुख्य विशेषताएं बताओ जोकि प्रकार्यत्म आधार पर वर्गीकृत है।
उत्तर:
भारत में नगर अपने कार्यों के आधार पर विभिन्न वर्गों में बांटे जाते हैं –

  1. प्रशासनिक नगर-इस नगर में राज्यों की राजधानियां शामिल होती हैं। यहां सरकारी दफ्तर, कचहरी तथा कई प्रतिष्ठानों के मुख्य कार्यालय स्थित होते हैं। इसके उदाहरण दिल्ली, चण्डीगढ़ हैं।।
  2. प्रतिरक्षा नगर-ये नगर स्थल सेना, नौसेना तथा वायु सेना के लिए महत्त्वपूर्ण होते हैं। यहां सैनिकों के लिए बैरकें बनाई जाती हैं। यहां सैनिकों को प्रशिक्षण दिया जाता है जैसे जोधपुर, जम्मू।
  3. खनन केन्द्र-ये नगर खनिजों की प्राप्ति के पश्चात् बस जाते हैं। जैसे-कोयला क्षेत्र-रानीगंज, सेना क्षेत्र-कोलार।

प्रश्न 17.
संहत बस्तियां क्या हैं ?
उत्तर:
संहत, बस्तियां उपजाऊ नदी घाटियों में मिलती हैं। इनके घर एक-दूसरे के निकट होते हैं। भूमि कम होने के कारण इनका आकार छोटा होता है।

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प्रश्न 18.
आपके विचार से ग्रामीण बस्तियों की क्या समस्याएं हैं ?
उत्तर:

  1. अपर्याप्त जल आपूर्ति
  2. जल जनित बीमारियां
  3. मल जल प्रणाली का अभाव
  4. सड़कों की कमी।

प्रश्न 19.
नगरीय बस्तियों की किन्हीं तीन समस्याओं का वर्णन करें।
उत्तर:

  1. नगरीय बस्तियों में जनसंख्या के अधिक होने के कारण आवास की कमी होती है। गन्दी बस्तियों का विस्तार अधिक होता है।
  2. रोज़गार की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से अधिकतर जनसंख्या नगरों की ओर प्रवास करती हैं।
  3. नगरीय जनसंख्या का सामाजिक स्तर नीचा रहता है। इन नगरों में लिंगानुपात भी असंतुलित होता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भारत की 1991 की जनगणना के अनुसार, नगर की परिभाषा दो।
उत्तर:
नगर के लिए निम्नलिखित आवश्यक तथ्य हैं –

  1. नगर में एक नगरपालिका, कार्पोरेशन या छावनी या इड नगर कमेटी होनी चाहिए।
  2. नगर की कम-से-कम जनसंख्या 5000 हो।
  3. नगर में 75% से अधिक जनसंख्या और गैर-कृषि कार्य हों।
  4. नगर में जनसंख्या घनत्व कम-से-कम 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर हो।

प्रश्न 2.
संहत बस्तियों तथा परिक्षिप्त बस्तियों में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
1. संहत बस्तियां (Compact Settlements) – संहत बस्तियां उपजाऊ नदी घाटियों में मिलती हैं। जल पूर्ति के साधन और निवास स्थान इनका आधार बनाते हैं। घर एक-दूसरे के निकट होते हैं। भूमि कम होने के कारण इनका आकार कम होता है। इन बस्तियों में प्रायः एक ही कुल के लोग रहते हैं। भारत के उत्तरी मैदान में ऐसी बस्तियां मिलती हैं।

2. परिक्षिप्त बस्तियां (Dispersed Settlements) – इन बिखरी हुई बस्तियों में अलग-अलग घर होते हैं। प्रायः गिरजाघर या मस्जिद या मन्दिर के गिर्द तीन-चार घर बसे होते हैं। भारत में ऐसी बस्तियां पहाडी प्रदेशों में तथा कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम में मिलती हैं।

प्रश्न 3.
नम बिन्दु बस्तियां क्या हैं ? इनके तीन लाभ बताओ।
उत्तर:
साधारणतया ग्रामीण बस्तियां जलराशियों के समीप स्थित होती हैं, जैसे नदियां, झीलें, झरने आदि। इन्द्र नम बिन्दु (Wet Point) बस्तियां कहते हैं। कई असुविधाओं के होते हुए भी ये द्वीपों तथा दलदली क्षेत्रों के निकट बस जाती हैं।

लाभ –

  1. यहां लोगों की जल की आवश्यकता पूरी होती हैं।
  2. नदियां तथा झीलें खेतों के लिए जल सिंचाई प्रदान करती हैं।
  3. जलराशियों में मत्स्यन क्रिया की जाती हैं।
  4. नदियां तथा झीलें जल परिवहन भी प्रदान करती हैं।

प्रश्न 4.
विकसित देशों तथा विकासशील देशों के नगरों में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर:
विकसित एवं विकासशील देशों के कस्बे एवं नगर उनके विकास एवं नगर नियोजन में कई तरह की विभिन्नताएं रखते हैं। विकसित देशों में अधिकतर नगर योजनाबद्ध तरीके से बसाये गए हैं जबकि विकासशील देशों में अधिकतर नगरों की उत्पत्ति ऐतिहासिक है तथा उनकी आकृति अनियमित है। उदाहरण के तौर पर चण्डीगढ़ एवं केनबरा नियोजित नगर हैं, जबकि भारत में छोटे कस्बे ऐतिहासिक रूप से परकोटे से बाहर की ओर बड़े नगरीय फैलाव में गैर योजनाबद्ध तरीके से विकसित हुए हैं।

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प्रश्न 5.
“नगरीय केन्द्रों की स्थिति उनके द्वारा सम्पन्न कार्यों के आधार पर देखी जाती है।” व्याख्या करो।
उत्तर:
नगरीय केन्द्रों की स्थिति उनके द्वारा सम्पन्न कार्यों के आधार पर देखी जाती है।

  1. उदाहरण के तौर पर किसी अवकाश सैरगाह की स्थिति के लिए जो आवश्यक बातें होनी चाहिएं वो औद्योगिक नगर, सेना नगर या एक समुद्री पत्तन नगर के लिए आवश्यक स्थितियों से भिन्न होती हैं।
  2. सामरिक नगरों की स्थिति ऐसी जगह हो जहां इसे प्राकृतिक सुरक्षा मिले।
  3. खनिज नगरों के लिए क्षेत्र में आर्थिक दृष्टिकोण से उपयोगी खनिजों का पाया जाना आवश्यक है।
  4. औद्योगिक नगरों के लिए स्थानीय शक्ति के साधन एवं कच्चा माल।
  5. पर्यटन केन्द्र के लिए आकर्षक दृश्य या सामुद्रिक तट, औषधीय जल वाला झरना या कोई ऐतिहासिक अवशेष।
  6. पत्तन के लिए पोताश्रय का होना।

प्रश्न 6.
“ग्रामीण बस्तियां नियोजकों के सम्मुख बड़ी चुनौती है।” ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं का उल्लेख करते हुए व्याख्या करें।
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों की समस्याएं-विकासशील देशों में ग्रामीण बस्तियों की संख्या अधिक है एवं इनका आधारभूत ढांचा भी अविकसित है। ये नियोजकों के सम्मुख बड़ी चुनौती और सुअवसर प्रस्तुत करते हैं।
(1) विकासशील देशों में ग्रामीण बस्तियों में जल की आपूर्ति भी पर्याप्त नहीं है। पर्वतीय एवं शुष्क क्षेत्रों में निवासियों को पेयजल हेतु लम्बी दूरियां तय करनी पड़ती हैं।
(2) जल जनित बीमारियां जैसे हैजा, पीलिया आदि सामान्य समस्या है।
(3) दक्षिणी एशिया के देश प्रायः बाढ एवं सखे से ग्रस्त रहते हैं।
(4) सिंचाई सुविधाएं कम होने से कृषि कार्य पर भी प्रभाव पड़ता है।

प्रश्न 7.
एक स्वस्थ शहर (Healthy City) क्या है ?
उत्तर:
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बतलाया कि एक स्वस्थ शहर में निम्न सुविधाएं अवश्य होनी चाहिएं :

  • स्वच्छ’ एवं ‘सुरक्षित’ वातावरण
  • सभी निवासियों की आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति
  • स्थानीय सरकार में समुदाय की भागीदारी
  • सभी के लिए आसानी से उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाएं।

प्रश्न 8.
प्रशासनिक एवं सांस्कृतिक बस्तियों में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
प्रशासनिक नगर-राष्ट्रीय सरकारों के प्रशासनिक विभागों के मुख्यालय, जैसे-नई दिल्ली, केनबरा, मास्को, बीजिंग, अदीस अबाबा, वाशिंगटन डी० सी०, पेरिस, लन्दन आदि राष्ट्रीय राजधानियां हैं। भारत में जयपुर, भोपाल, पटना तथा बंगलौर, राज्य के प्रशासनिक मुख्यालय (राजधानियां) हैं। सांस्कृतिक नगर-सांस्कृतिक नगर धार्मिक केन्द्र, शैक्षिक केन्द्र अथवा मनोरंजन या आमोद-प्रमोद के केन्द्र होते हैं। जेरूसेलम, मक्का, अयोध्या, हरिद्वार तथा वाराणसी का धार्मिक महत्त्व है। वाराणसी शिक्षा का भी केन्द्र है।

प्रश्न 9.
किसी बस्ती द्वारा नगरीय बस्ती निर्धारित करने के लिए विभिन्न देशों द्वारा प्रयुक्त मापदण्डों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
विभिन्न देशों ने अपनी आवश्यकता अनुसार नगरीय बस्ती के मापदण्ड विकसित किए हैं। भारत में 5000 से अधिक जनसंख्या वाली बस्ती नगर कहलाती है। कनाडा में 1000 से अधिक जनसंख्या वाली बस्ती, संयुक्त राज्य अमेरिका में 2500 से अधिक जनसंख्या वाली बस्ती, जापान में 30000 से अधिक जनसंख्या वाली बस्ती नगर कहलाती है। निम्न जनसंख्या वाले देशों में नगर की जनसंख्या कम हो सकती है। डेनमार्क, स्वीडन में 250 से अधिक, वेनेजुएला में 1000 से अधिक तथा कोलंबिया में 1500 से अधिक जनसंख्या वाली बस्ती नगर कहलाती है।

प्रश्न 10.
नम बिन्दु बस्तियाँ क्या हैं ? इनके दो लाभ लिखिए।
उत्तर:
साधारणतया ग्रामीण बस्तियाँ जलराशियों के समीप स्थित होती हैं; जैसे-नदियां, झीलें, झरने आदि नम बिन्दु (Wet Point) बस्तियाँ कहते हैं। कई असुविधाओं के होते हुए भी ये द्वीपों तथा दलदली क्षेत्रों के निकट बस जाती हैं।
लाभ –
1. यहाँ लोगों की जल की आवश्यकता पूरी होती है।
2. नदियां तथा झीलें खेतों के लिए सिंचाई हेतु जल प्रदान करती हैं।

निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)

प्रश्न 1.
ग्रामीण बस्तियों की स्थिति किन कारकों पर निर्भर करती है ? उदाहरण दो। (H.B. 2013)
उत्तर:
1. जल आपूर्ति (Water Supply) –
साधारणतया ग्रामीण बस्तियां जल स्त्रोतों या जलराशियों जैसे नदियां, झीलें एवं झरनों इत्यादि के समीप स्थित होती हैं, जहां जल आसानी से उपलब्ध हो जाता है। कभी-कभी पानी की आवश्यकता लोगों को अन्यथा असुविधाजनक स्थानों जैसे दलदल से घिरे द्वीपों अथवा नदी किनारों के निचले क्षेत्रों में बसने के लिए प्रेरित करते हैं। अधिकांश जल आधारित ‘नम बिन्दु’ (Wet Point) बस्तियों में पीने, खाना बनाने, वस्त्र धोने आदि के लिए जल की उपलब्धि जैसे अनेक लाभ उपलब्ध होते हैं। फार्म भूमि की सिंचाई के लिए नदियों और झीलों का उपयोग किया जा सकता है। इन्हीं जल स्रोतों से वहां के निवासी भोजन हेतु मछली पकड़ते हैं तथा नाव चलाने योग्य नदियां एवं झीलें जल यातायात के लिए भी प्रयोग की जा सकती हैं।

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2. भमि (Land):
मनष्य बसने के लिए उस जगह का चनाव करता है जहां की भमि कषि कार्य के लिए उपयक्त व उपजाऊ हो। यूरोप में दलदली क्षेत्र एवं निचले क्षेत्र में बस्तियां नहीं बसाई जाती हैं जबकि दक्षिणी पूर्वी एशिया में रहने वाले लोग नदी घाटियों के निम्न भाग एवं तटवर्ती मैदानों के निकट बस्तियां बसाते हैं जोकि उन्हें नम चावल की । कृषि के लिए सहायक होते हैं। किसी भी क्षेत्र में प्रारम्भिक अधिवासी उपजाऊ एवं समतल क्षेत्रों में ही बसते थे।

3. उच्च भूमि के क्षेत्र (Upland):
मानव ने अपने अधिवास हेतु ऊंचे क्षेत्रों को इसलिए चुना कि वहां पर बाढ़ के समय होने वाली क्षति से बचा जा सके एवं मकान व जीवन सुरक्षित रह सके। नदी बेसिन के निम्न भाग में बस्तियां नदी वेदिकाओं एवं तटबंधों पर बसाई जाती हैं क्योंकि ये भाग ‘शुष्क बिन्दु’ (Dry Point) होते हैं। उष्ण कटिबंधीय देशों के दलदली क्षेत्रों के निकट लोग अपने मकान स्तम्भों पर बनाते हैं जिससे कि बाढ़ एवं कीड़े-मकोड़ों से बचा जा सके।

4. गृह निर्माण सामग्री (Shelter):
मानव बस्तियों के विकसित होने से गृहनिर्माण सामग्री की उपलब्धता भी एक बड़ा कारक होती है। जहां आसानी से लकड़ी, पत्थर आदि प्राप्त हो जाते हैं मनुष्य वहीं अपनी बस्तियां बसाता है। वनों को काट कर प्राचीन गांवों को बनाया गया था जहां लकड़ी बहुतायत में थी। चीन के लोयस क्षेत्र में वहां के निवासी कंदराओं में मकान बनाते थे एवं अफ्रीका के सवाना प्रदेश में कच्ची ईंटों के मकान बनते थे जबकि ध्रुवीय क्षेत्र में एस्किमो हिम खण्डों से पहले इग्लू का निर्माण करते हैं।

5. सुरक्षा (Defence):
राजनीतिक अस्थिरता, युद्ध या पड़ोसी समूहों के उपद्रवी होने की स्थिति में गांवों को सुरक्षात्मक पहाड़ियों एवं द्वीपों पर बसाया जाता था। नाइजीरिया में खड़े इंसेलबर्ग अच्छी सुरक्षित स्थिति प्रदान करते .. हैं। भारत में अधिकतर दुर्ग ऊंचे स्थानों अथवा पहाड़ियों पर स्थित हैं।

6. नियोजित बस्तियां (Planned Settlements):
इस तरह की बस्तियां सरकार द्वारा बसाई जाती हैं। ग्रामवासियों द्वारा स्वतः जिन बस्तियों की स्थिति का चयन नहीं किया जाता, सरकार द्वारा अधिगृहित की गई ऐसी भूमि पर निवासियों को सभी प्रकार की सुविधाएं जैसे-आवास, पानी तथा अन्य अवसंरचना आदि उपलब्ध कराकर बस्तियों को विकसित करती हैं। इथोपिया में सरकार द्वारा ग्रामीणीकरण योजना एवं भारत में इंदिरा गांधी नहर के क्षेत्र में नहरी बस्तियों का विकास इसके अच्छे उदाहरण हैं।

प्रश्न 2.
ग्रामीण बस्तियों के विभिन्न प्रतिरूपों का वर्णन करो।
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप (Rural Settlement Pattern) ग्रामीण बस्तियों का प्रतिरूप यह दर्शाता है कि मकानों की स्थिति किस प्रकार एक-दूसरे से संबंधित है। गांव की आकृति एवं प्रसार को प्रभावित करने वाले कारकों में गांव की स्थिति, समीपवर्ती स्थलाकृति एवं क्षेत्र का भूभाग प्रमुख स्थान रखते हैं।
ग्रामीण बस्तियों का वर्गीकरण कई मापदण्डों के आधार पर किया जा सकता है –
JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 10 मानव बस्ती - 1
चित्र-ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप

  1. विन्यास के आधार पर इनके मुख्य प्रकार हैं-मैदानी ग्राम, पठारी ग्राम, तटीय ग्राम, वन ग्राम एवं मरुस्थलीय ग्राम।
  2. कार्य के आधार पर इसमें कृषि ग्राम, मछुवारों के ग्राम, लकड़हारों के ग्राम, पशुपालक ग्राम आदि आते हैं।
  3. बस्तियों की आकृति के आधार पर इसमें कई प्रकार की ज्यामितिक आकृतियां हो सकती हैं जैसे कि रेखीय, आयताकार, वृत्ताकार, तारे के आकार की, ‘टी’ के आकार की, चौक पट्टी, दोहरे ग्राम इत्यादि।

(क) रैखिक प्रतिरूप-उस प्रकार की बस्तियों में मकान सड़कों, रेल लाइनों, नदियों, नहरों, घाटी के किनारे अथवा तटबंधों पर स्थित होते हैं।

(ख) आयताकार प्रतिरूप-ग्रामीण बस्तियों का यह प्रतिरूप समतल क्षेत्रों अथवा चौड़ी अंतरा पर्वतीय घाटियों में पाया जाता है। इसमें सड़कें आयताकार होती हैं जो एक-दूसरे को समकोण पर काटती हैं।

(ग) वृत्ताकार प्रतिरूप-इस प्रकार के गांव झीलों व तालाबों आदि क्षेत्रों के चारों ओर बस्ती बस जाने से विकसित होते हैं। कभी-कभी ग्राम को इस योजना से बसाया जाता है कि उसका मध्य भाग खुला रहे जिसमें पशुओं को रखा जाए ताकि वे जंगली जानवरों से सुरक्षित रहें।

(घ) तारे के आकार का प्रतिरूप-जहां कई मार्ग आकर एक स्थान पर मिलते हैं और उन मार्गों के सहारे मकान बन जाते हैं। वहां तारे के आकार की बस्तियां विकसित होती हैं।

(ङ) ‘टी’ आकार, ‘वाई’ आकार, ‘क्रॉस’ आकार : टी के आकार की बस्तियां सड़क के तिराहे पर विकसित होती हैं। जबकि वाई आकार की बस्तियां उन क्षेत्रों में पाई जाती हैं जहां पर दो मार्ग आकर तीसरे मार्ग से मिलते हैं। क्रॉस आकार की बस्तियां चौराहों पर प्रारम्भ होती हैं जहां चौराहे से चारों दिशा में बसाव आरम्भ हो जाता है।

(च) दोहरे ग्राम-नदी पर पुल या फेरी के दोनों ओर इन बस्तियों का विस्तार होता है।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 10 मानव बस्ती

प्रश्न 3.
नगरों का प्रकार्यात्मक वर्गीकरण करो।
उत्तर:
नगरों में अनेक प्रकार के व्यवसाय मिलते हैं। सभी नगरों में एक समान कार्य सम्पन्न नहीं होते हैं। कुछ नगरों में सामाजिक या आर्थिक महत्त्व के कार्य पाए जाते हैं तो कुछ नगर उद्योग या सैनिक महत्त्व के होते हैं। फिर भी किसी एक कार्य की विशेष प्रधानता के कारण किसी नगर को विशेष वर्ग में रखा जाता है। इस प्रकार कार्य और व्यवस्था के आधार पर नगरों को निम्नलिखित वर्गों में रखा जाता है –

1. प्रशासनिक नगर (Administrative Towns):
प्रशासनिक नगरों का मुख्य सम्बन्ध जन प्रशासन से होता है। देशों और राज्यों की राजधानियां तथा जिलों के मुख्यालय प्रशासनिक नगरों के वर्ग में रखे जाते हैं। इन नगरों में बहुत सी सरकारी इमारतें, दफ्तर, न्यायालय, व्यापारिक प्रतिष्ठानों आदि के मुख्य दफ्तर होते हैं। ये नगर योजनानुसार सुन्दर ढंग से बनाए जाते हैं। लन्दन, दिल्ली, चण्डीगढ़, इस्लामाबाद प्रशासनिक नगरों के कुछ उदाहरण हैं।

2. प्रतिरक्षा नगर (Defensive Towns)/मैरीसन (छावनी) नगर:
सैनिकों को प्रशिक्षण देने वाले नगरों को प्रतिरक्षा या फौजी छावनियां भी कहा जाता है। इन नगरों में स्थल सेना, नौ सेना तथा वायु सेना के सैनिकों के रहने के लिए बैरकें बनाई जाती हैं। सैनिकों के प्रशिक्षण के लिए तथा अभ्यास के लिए पर्याप्त स्थान होता है। सुरक्षा की दृष्टि से ये केन्द्र नगरीय बस्तियों से कुछ दूरी पर होते हैं। जोधपुर, मेरठ, अम्बाला आदि प्रतिरक्षा नगरों के उदाहरण हैं।

3. सांस्कृतिक नगर (Cultural Towns):
शिक्षा, कला और धर्म आदि सांस्कृतिक कार्यों के आधार पर बसने वाले नगरों को सांस्कृतिक नगर कहते हैं ; जैसे, –

(क) शिक्षा केन्द्र – शिक्षा की सुविधाओं के कारण कई शिक्षा नगरों का विकास होता है। विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों की स्थापना के कारण ऐसे नगर बस जाते हैं। कहीं-कहीं विश्वविद्यालय नगरों के साथ ही मिले होते हैं। जैसे-आगरा, अलीगढ़ आदि। परन्तु कई नगरों में शिक्षा केन्द्र मुख्य नगर से बाहर होते हैं। जैसे-ऑक्सफोर्ड, शान्ति निकेतन आदि।

(ख) मनोरंजन केन्द्र – कुछ नगरों का मुख्य कार्य कला और मनोरंजन होता है जिसके द्वारा लोगों को मनोरंजन तथा आमोद-प्रमोद सम्बन्धी सुविधाएं प्रदान होती हैं। जैसे-हॉलीवुड, मुम्बई आदि।

(ग) धार्मिक नगर (Religious Towns) – विभिन्न धर्मों तथा तीर्थ स्थानों के कारण अनेक प्रकार के धार्मिक केन्द्रों का विकास होता है। जैसे-रोम (वेटीकन सिटी), लहासा (तिब्बत), मक्का, वाराणसी, अमृतसर आदि तीर्थ स्थान धार्मिक नगरों के उदाहरण हैं।

4. संग्रह केन्द्र (Collection Towns) – कुछ नगरों में कच्चे माल कारखानों में भेजने से पहले इकट्ठे किए जाते हैं। इन नगरों को संग्रह केन्द्र कहा जाता है। ये नगर खनन, मत्स्य और लकड़ी काटने के केन्द्र होते हैं।
(क) खनन केन्द्र (Mining Towns) – खनिज पदार्थों की प्राप्ति के क्षेत्रों के इर्द-गिर्द कुछ नगर बस जाते हैं। इन्हें खनन केन्द्र कहते हैं। जैसे-रानीगंज, कोलार, जोहन्सबर्ग आदि।

(ख) मत्स्य पत्तन (Fishing Ports) – समुद्र तटों पर मत्स्य उद्योग से सम्बन्धित कार्यों के लिए मत्स्य पत्तन बस जाते हैं। यहां मछलियां पकड़ने, सुखाने, डिब्बों में बन्द करने आदि सभी कार्यों की सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। ये नगर प्राय: सुरक्षित स्थानों पर होते हैं। यहां जहाजों के ठहरने की सुविधाएं प्राप्त होती हैं। जैसे-कोचीन, हॉलीफैक्स, कालीकट आदि।

(ग) काष्ठ कर्तन नगर (Lumbering Towns) – वन क्षेत्रों में लकड़ी के लट्ठों को इकट्ठा करना, चीरना और तख्ते बनाने के लिए कुछ आरा मिलों के इर्द-गिर्द नगरों का विकास हो जाता है। यहां कागज़ की लुग्दी तथा कागज़ बनाने के कारखाने भी होते हैं। जैसे–नेपानगर, काठगोदाम आदि।

5. उत्पादन केन्द्र – निर्माण उद्योगों के कारण नये नगरों की स्थापना भी होती है। इन नगरों को उत्पादन केन्द्र कहते हैं। प्रायः इन नगरों में श्रमिकों के रहने के लिए मकान, बड़े-बड़े गोदाम, बैंकों आदि की सुविधाएं होती हैं। इन नगरों में कच्चे माल तथा तैयार माल के परिवहन के लिए यातायात के साधनों की उत्तम व्यवस्था होती है।

एक विशिष्ट प्रकार के उद्योग की स्थापना के कारण विभिन्न नगरों की दृश्य भूमि अलग-अलग होती है। उदाहरण के तौर पर पिट्सबर्ग, जमशेदपुर, बर्मिंघम में बड़े-बड़े इस्पात कारखानों के कारण धुएं की विशाल मात्रा निकलती है। इन प्रदेशों को काला प्रदेश (Black Country) कहा जाता है। इसकी तुलना में बिजली की वस्तुएं या सूती कपड़े का उत्पादन करने वाले साफ़-सुथरे दिखाई देते हैं। जैसे-टोक्यो, अहमदाबाद आदि।

6. वितरण केन्द्र (Distribution Centres) – कच्चे माल तथा तैयार वस्तुओं के वितरण करने वाले व्यापारिक केन्द्रों को वितरण नगर कहते हैं।

(क) बाजार नगर (Market Towns) व्यापारिक मण्डियां इस वर्ग के नगरों में आती हैं। इन नगरों में मुख्यतः व्यापारी तथा व्यापारी संगठनों के कार्यालय होते हैं। जैसे-हापुड़, मोगा आदि।

(ख) पत्तन नगर (Port Towns)-तटीय भागों में विभिन्न प्रकार के पत्तन व्यापारिक केन्द्र तथा वितरण केन्द्र बन जाते हैं। इन नगरों में आयात, निर्यात तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की सुविधाएं होती हैं। जैसे-टोकियो, मुम्बई, सिंगापुर
आदि।

(ग) वित्तीय नगर (Financial Towns)-व्यापार सम्बन्धी वित्तीय सुविधाओं वाले नगरों को वित्तीय नगर कहा जाता है। इन नगरों में सट्टा बाज़ार, बीमा कम्पनियों, बैंक स्टॉक एक्सचेंज के कार्यालय होते हैं। जैसे-पश्चिमी जर्मनी में फ्रैंकफर्ट, स्विट्जरलैंड में ज्यूरिख आदि।

7. विनोदप्रिय नगर (Tourists Resorts) – स्वास्थ्य-वर्द्धक जलवायु तथा प्राकृतिक सौन्दर्य के आकर्षण के कारण कई नगर पर्यटन केन्द्र बन जाते हैं। यहां पर्यटक बड़ी संख्या में मनोरंजन करने आते हैं। ऐसे नगर विनोदप्रिय नगर कहलाते हैं। यहां मनोरंजन की विभिन्न सुविधाएं प्राप्त होती हैं। जैसे-दार्जिलिंग, मसूरी, वेनिस आदि।

8. निवास नगर (Residential Towns) – बड़े-बड़े नगरों के सीमांतों पर उपनगरों का विकास हो जाता है। ऐसे नगर शहरी जनसंख्या को निवास सम्बन्धी सुविधाएं प्रदान करते हैं। दिल्ली के चारों ओर सोनीपत, फरीदाबाद, गाज़ियाबाद आदि उपनगर निवास नगरों के उदाहरण हैं।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 10 मानव बस्ती

प्रश्न 4.
जनसंख्या के आकार के अनुसार नगरों का वर्गीकरण करो।
उत्तर:
नगरीय बस्तियों के प्रकार (Types of Urban Settlements)-नगरीय बस्ती अपने आकार, उपलब्ध सुविधाओं एवं उनके द्वारा सम्पन्न किए जाने वाले कार्यों के आधार पर कई नामों से पुकारी जाती हैं जैसे नगर, शहर, मिलियन सिटी, सन्नगर, विश्वनगरी।
1. नगर (Town) – नगर की संकल्पना को ग्राम के सन्दर्भ में आसानी से समझा जा सकता है। केवल जनसंख्या का आकार ही मापदण्ड नहीं होता है। नगरों एवं ग्रामों में कार्यों की विषमता सदैव स्पष्ट नहीं होती है परन्तु कुछ विशेष कार्य जैसे निर्माण, खुदरा एवं थोक व्यापार एवं व्यावसायिक सेवाएं नगरों में ही विद्यमान होती हैं।

2. शहर (City) – यह अग्रणी नगर होता है। जो अपने स्थानीय व क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ देता है। लेविस ममफोर्ड के शब्दों में, ‘वास्तव में शहर उच्च एवं अधिक जटिल प्रकार के सहचारी जीवन का भौतिक रूप है।’ शहर नगरों से बड़े होते हैं एवं इनके आर्थिक कार्य भी अधिक होते हैं। यहां पर प्रमुख वित्तीय संस्थान, प्रादेशिक प्रशासकीय कार्यालय एवं यातायात के केन्द्र होते हैं।

3. मिलियन नगर (Million City) – जब इनकी जनसंख्या 10 लाख से अधिक हो जाती है तब इन्हें मिलियन सिटी कहा जाता है।

4. सन्नगर (Conurbation) – इस शताब्दी का प्रयोग 1915 में पैट्रिक गिडिज ने किया था। यह विशाल विकसित नगरीय क्षेत्र होते हैं जोकि मूलत: अलग-अलग नगरों या शहरों के आपस में मिल जाने से एक विशाल नगरीय विकास क्षेत्र परिवर्तित हो जाता है। ग्रेटर लंदन, मानचेस्टर, शिकागो एवं टोक्यो इसके उदाहरण हैं। क्या आप भारत से ऐसा उदाहरण दे सकते हैं ?

5. विश्वनगरी (Megalopolis) – यह यूनानी शब्द ‘मेगालोपोलिस’ से बना है जिसका अर्थ होता है ‘विशाल नगर’। इसका प्रयोग 1957 में जीन गोटमेन ने किया। यह बड़ा महानगर प्रदेश होता है जिसमें सन्नगरों का समूह होता है। विश्वनगरी को सबसे अच्छा उदाहरण संयुक्त राज्य अमेरिका में है जहां उत्तर में बोस्टन से दक्षिण में वाशिंगटन तक नगरीय भृदृश्य के रूप में दिखाई देता है।

6. मिलियन सिटी – विश्व में मिलियन सिटी की संख्या पहले की अपेक्षा निरन्तर बढ़ रही है। 1800 में लन्दन इस श्रेणी में आया, 1850 में पेरिम, 1860 में न्यूयार्क तथा 1950 तक विश्व में 80 शहर मिलियन सिटी थे। मिलियन सिटी की वृद्धि प्रत्येक तीसरे दशक में तीन गुनी हुई है। 1975 में इनकी संख्या 160 थी जो बढ़कर 2005 में 438 हो गई।

महाद्वीप आरम्भिक 1950 1970 के दशक के मध्य 2000 के मध्य
यूरोप 23 30 58
एशिया 32 69 206
उत्तरी एवं मध्य अमेरिका 16 36 79
दक्षिणी अमेरिका 8 17 43
अफ्रीका 3 8 46
ऑस्ट्रेलिया 2 2 6
विश्व योग 84 162 438

7. मेगासिटी का वितरण (Megacity):
एक मेगासिटी शब्दावली उन नगरों के लिए प्रयुक्त की जाती है जिनकी जनसंख्या मुख्य नगर व उपनगरों को मिलाकर एक करोड़ से अधिक हो। सबसे पहले 1950 में न्यूयार्क ने यह स्थान प्राप्त किया तथा इसकी जनसंख्या 125 लाख थी विश्व में 25 मेगासिटी है।

तालिका : विश्व के मेगासिटी
(28.1.2006 के अनुसार)

नगर का नाम देश जनसंख्या (दस लाख में)
1. टोक्यो जापान 34.2
2. मेक्सिको सिटी मेक्सिको 22.8
3. सिओल दक्षिण कोरिया 22.3
4. न्यूयार्क सं०रा० अमेरिका 21.9
5. साओ पाओलो ब्राजील 20.2
6. मुम्बई भारत 19.9
7. दिल्ली भारत 19.7
8. शंघाई चीन 18.2
9. लोस एंजेल्स सं०रा० अमेरिका 18.0
10. ओसाका जापान 16.8
11. जकार्ता इंडोनेशिया 16.6
12. कोलकाता भारत 15.7
13. काहिरा मिस्र (इजिप्ट) 15.6
14. मनीला फिलीपींस 15.0
15. कराची पाकिस्तान 14.3
16. मास्को रूस 13.8
17. ब्युन्स आयर्स अर्जेंटाइना 13.5
18. ढाका बांग्लादेश 13.3
19. रियो डी जेनेरो ब्राजील 12.2
20. बीजिंग चीन 12.1
21. लंदन ग्रेट ब्रिटेन 12.0

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार Important Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Important Questions Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न-दिए गए चार वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर चुनकर लिखें

1. रेशम मार्ग किन देशों के मध्य था ?
(A) चीन तथा रोम
(B) चीन तथा भारत
(C) जापान तथा श्रीलंका
(D) अफ्रीका तथा चीन।
उत्तर:
(A) चीन तथा रोम

2. दास व्यापार संयुक्त राज्य में कब समाप्त हुआ ?
(A) 1708
(B) 1758
(C) 1778
(D) 1808
उत्तर:
(D) 1808

3. कौन-सा देश कालीन बनाने में प्रसिद्ध था ?
(A) भारत
(B) पाकिस्तान
(C) तिब्बत
(D) ईरान।
उत्तर:
(D) ईरान।

4. E.U. का मुख्यालय है
(A) लन्दन
(B) पेरिस
(C) ब्रसेलस
(D) बर्लिन।
उत्तर:
(C) ब्रसेलस

5. GATT की स्थापना कब हुई ?
(A) 1904
(B) 1924
(C) 1954
(D) 1994।
उत्तर:
(D) 1994।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

6. मूल्य उच्च रखने के लिए क्या प्रक्रिया की जाती है ?
(A) फालतू उत्पादन को जलाना
(B) समुद्र में फेंकना
(C) कृषि बन्द करना
(D) निर्यात बन्द करना।
उत्तर:
(A) फालतू उत्पादन को जलाना

7. सबसे महत्त्वपूर्ण व्यापार वस्तु है
(A) कोयला
(B) पेट्रोलियम
(C) परिवहन तथा मशीनरी
(D) गेहूँ।
उत्तर:
(C) परिवहन तथा मशीनरी

8. जब निर्यात का मूल्य आयात से अधिक हो तो व्यापार
(A) अनुकूल
(B) प्रतिकूल
(C) विपरीत
(D) असन्तुलित।
उत्तर:
(A) अनुकूल

9. E.U. में कौन-सा देश नहीं है ?
(A) इटली
(B) फ्रांस
(C) जर्मनी
(D) फिनलैण्ड।
उत्तर:
(D) फिनलैण्ड।

10. आइसलैण्ड किस प्रादेशिक व्यापार संघ में है ?
(A) E.U.
(B) E.F.T.A.
(C) N.A.E.A.T.A.
(D) OPECI
उत्तर:
(B) E.F.T.A.

11. OPEC संगठन में कितने देश हैं ?
(A) 10
(B) 11
(C) 12
(D) 13.
उत्तर:
(D) 13.

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12. SAARC संगठन में कौन-से देश नहीं हैं ?
(A) भारत
(B) पाकिस्तान
(C) नेपाल
(D) ईरान।
उत्तर:
(D) ईरान।

13. कौन-सा पत्तन नदी पत्तन है ?
(A) मुम्बई
(B) कोच्चि
(C) कोलकाता
(D) कांडला।
उत्तर:
(C) कोलकाता

14. कौन-सा पत्तन मार्ग पत्तन है ?
(A) लन्दन।
(B) कराची
(C) गोआ
(D) चेन्नई।
उत्तर:
(A) लन्दन।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

प्रश्न 1.
व्यापार किस वर्ग की क्रिया है ?
उत्तर:
तृतीयक।

प्रश्न 2.
व्यापार के दो प्रकार बताओ।
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय।

प्रश्न 3.
व्यापार का आरम्भ में क्या रूप था ?
उत्तर:
वस्तुओं का विनिमय।

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प्रश्न 4.
सैलेरी शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
यह लैटिन भाषा के शब्द ‘सैलेरिअम’ से बना है जिसका अर्थ है कि नमक के द्वारा भुगतान क्योंकि नमक उस समय दुर्लभ था।

प्रश्न 5.
प्राचीन समय में व्यापार की दो प्रमुख वस्तुएं क्या थी ?
उत्तर:
भोजन और कपड़े।

प्रश्न 6.
महासागरों के द्वारा व्यापार कब आरम्भ हुआ ?
उत्तर:
12वीं तथा 13वीं शताब्दी में।

प्रश्न 7.
रेशम मार्ग की कुल लम्बाई कितनी थी ?
उत्तर:
रोम से चीन तक 6000 कि०मी०।

प्रश्न 8.
रेशम मार्ग पर चीन से किस वस्तु का निर्यात था ?
उत्तर:
रेशम। ।

प्रश्न 9.
संयुक्त राज्य अमेरिका में दास व्यापार कब समाप्त हुआ ?
उत्तर:
1808 में।

प्रश्न 10.
ऊष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र से निर्यात होने वाली दो वस्तुएं बताओ।
उत्तर:
केले, रबड़, कोको।

प्रश्न 11.
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के तीन पक्ष बताओ।
उत्तर:
मात्रा, संरचना तथा दिशा।

प्रश्न 12.
अनुकूल व्यापार से सन्तुलन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
जब निर्यात मूल्य आयात मूल्य से अधिक हो।

प्रश्न 13.
प्रतिकूल व्यापार सन्तुलन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
जब आयात मूल्य निर्यात मूल्य से अधिक हो।

प्रश्न 14.
MFN का विस्तार करें।
उत्तर:
Most Favoured Nature.

प्रश्न 15.
WTO की स्थापना कब हुई ?
उत्तर:
पहली जनवरी, 1995।

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प्रश्न 16.
WTO का विस्तार करें।
उत्तर:
World Trade Organisation.

प्रश्न 17.
GATT से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
General Agreement on Trade and Tariffs.

प्रश्न 18.
OPEC का विस्तार करें।
उत्तर:
Organisation of Petroleum Exporting Countries.

प्रश्न 19.
SAARC का विस्तार करें।
उत्तर:
South Asian Association of Regional Cooperation.

प्रश्न 20.
एक आन्तरिक पत्तन का उदाहरण दो।
उत्तर:
मानचेस्टर।

प्रश्न 21.
‘विश्व व्यापार संगठन’ का मुख्यालय कहां स्थित है ?
उत्तर:
जिनेवा (स्विटजरलैंड) में।

प्रश्न 22.
विश्व व्यापार में सबसे अधिक किस वस्तु समूह का व्यापार होता है ?
उत्तर:
मशीनरी और परिवहन उपकरण।

प्रश्न 23.
यूरोपीय संघ का मुख्यालय कहां है ?
उत्तर:
ब्रूसेल्स।

प्रश्न 24.
ओपेक देशों के समूह का मुख्यालय कहां है ?
उत्तर:
वियना।

प्रश्न 25.
आसियान समूह का मुख्यालय कहां है ?
उत्तर:
जकार्ता।

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प्रश्न 26.
यूरोपीय संघ व्यापार समूह में कौन से पाँच देश शामिल है ?
उत्तर:
इटली, फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, नीदरलैंड।

प्रश्न 27.
धनात्मक व्यापार सन्तुलन क्या होता है ?
उत्तर:
जब आयात का मूल्य निर्यात से अधिक हो।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
व्यापार से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
व्यापार का तात्पर्य वस्तुओं और सेवाओं के स्वैच्छिक आदान-प्रदान से होता है। व्यापार करने के लिए दो पक्षों का होना आवश्यक है। एक व्यक्ति/पक्ष बेचता है और दूसरा खरीदता है। कुछ स्थानों पर लोग वस्तुओं का विनिमय करते हैं। व्यापार दोनों ही पक्षों के लिए समान रूप से लाभदायक होता है।

प्रश्न 2.
व्यापार के ‘विनिमय व्यवस्था’ (आदान-प्रदान) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
आदिम समाज में व्यापार का आरम्भिक स्वरूप ‘विनिमय व्यवस्था’ (Barter System) था, जिसमें वस्तुओं का प्रत्यक्ष आदान-प्रदान होता था अर्थात् वस्तु के बदले में रुपये के स्थान पर वस्तु दी जाती थी।

प्रश्न 3.
भारत में अब भी विनिमय व्यवस्था है ?
उत्तर:
हर जनवरी में फ़सल कटाई की ऋतु के बाद गुवाहाटी से 35 कि०मी० दूर जागीरॉड में जॉन बील मेला लगता है और सम्भवतः यह भारत का एकमात्र मेला है जहां जनजातियों और समुदायों में व्यापार की विनिमय व्यवस्था प्रचलित है।

प्रश्न 4.
औद्योगिक क्रान्ति के पश्चात् व्यापार का रूप क्या था ?
उत्तर:
औद्योगिक क्रान्ति के पश्चात्, कच्चे माल जैसे-अनाज, मांस, ऊन की माँग भी बढ़ी, लेकिन विनिर्माण की वस्तुओं की तुलना में उनका मौद्रिक मूल्य घट गया। __ औद्योगिकृत राष्ट्रों ने कच्चे माल के रूप में प्राथमिक उत्पादों का आयात किया और मूल्यपरक तैयार माल को वापस अनौद्योगीकृत राष्ट्रों को निर्यात कर दिया।

प्रश्न 5.
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कौन-से मुलभूत तत्त्वों पर आधारित है ?
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार उत्पादन में विशिष्टीकरण का परिणाम है। यह निम्नलिखित तत्त्वों पर आधारित है –

  1. तुलनात्मक लाभ
  2. परिपूरकता
  3. हस्तांतरणीयता के सिद्धान्त।

प्रश्न 6.
विभिन्न देशों में कला तथा हस्तशिल्प की वस्तुओं के निर्माण का वर्णन करो।
उत्तर:

  1. चीन द्वारा उत्पादित उत्तम कोटि का पॉर्सलिन तथा ब्रोकेड।
  2. उत्तरी अफ्रीका में चमडे का कार्य।
  3. इण्डोनेशिया में बुटिक वस्त्र का कार्य।

प्रश्न 7.
विश्व व्यापार में व्यापारिक वस्तुओं का वर्णन करो।
उत्तर:
विश्व व्यापार में विभिन्न व्यापारिक वस्तुएं निम्नलिखित हैं –

  1. मशीनरी तथा उपकरण
  2. ईंधन तथा खदान उत्पादन
  3. कार्यालय तथा दूरसंचार उत्पादन
  4. रसायन तथा स्वचालित उत्पादन
  5. लौह तथा इस्पात
  6. कपड़ा तथा वस्त्र।

प्रश्न 8.
तेल पत्तन क्या है ? उदाहरण दो।
उत्तर;
ये पत्तन तेल के प्रक्रमण तथा नौ-परिवहन का कार्य करते हैं। इनमें से कुछ टैंकर पत्तन हैं तथा कुछ तेल शोधन पत्तन हैं। वेनेजुएला में माराकाइबो, ट्यूनिशिया में एस्सखीरा, लेबनान में त्रिपौली टैंकर पत्तन हैं। ईरान की खाड़ी पर अबादान एक तेल शोधन पत्तन है।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

प्रश्न 9.
नौ सेना पत्तन क्या है ? इनके कार्य बताओ एवं भारत से दो उदाहरण दो।
उत्तर:
नौ सेना पत्तन-ये केवल सामाजिक महत्त्व के पत्तन हैं। ये पत्तन युद्धक जहाज़ों को सेवाएँ देते हैं तथा उनके लिए मरम्मत कार्यशालाएँ चलाते हैं। कोच्चि तथा कारवाड़ भारत में ऐसे पत्तनों के उदाहरण हैं।

प्रश्न 10.
आंत्रपो पत्तन क्या है ? एक उदाहरण दो।
उत्तर:
आंत्रपो पत्तन-ये वे एकत्रण केन्द्र हैं, जहाँ विभिन्न देशों से निर्यात हेतु वस्तुएँ लाई जाती हैं। सिंगापुर एशिया के लिए एक आंत्रपो पत्तन है, रोटरडम यूरोप के लिए और कोपेनहेगेन बाल्टिक क्षेत्र के लिए आंत्रपो पत्तन है।

प्रश्न 11.
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के दो प्रकार बताओ। प्रत्येक के दो लक्षण बताओ।
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के दो मुख्य प्रकार हैं –
(क) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार
(ख) राष्ट्रीय व्यापार।

(क) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार-अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार विभिन्न देशों के बीच अतिरिक्त वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान है। कुछ देश कई वस्तुओं में आत्मनिर्भर नहीं होते। इन्हें विदेशों से वे वस्तुएं आयात करनी पड़ती हैं जिनका यहां उत्पादन नहीं होता। यह व्यापक रूप से होता है।

(ख) राष्ट्रीय व्यापार-जब किसी देश के विभिन्न राज्यों के मध्य व्यापार होता है तो इसे राष्ट्रीय व्यापार कहते हैं। यह सीमित होता है। कुछ राज्यों में कई वस्तुओं की कमी होती है। ये वस्तुएं उन राज्यों से आयात की जाती हैं जहां इनका उत्पादन अतिरिक्त होता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार तथा राष्ट्रीय व्यापारों में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
व्यापार दो स्तरों पर किया जा सकता है-अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार विभिन्न राष्ट्रों के बीच राष्ट्रीय सीमाओं के आर-पार वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान को कहते हैं। राष्ट्रों को व्यापार करने की आवश्यकता उन वस्तुओं को प्राप्त करने के लिए होती है, जिन्हें या तो वे (देश) स्वयं उत्पादित नहीं कर सकते या जिन्हें वे अन्य स्थान से कम दामों में खरीद सकते हैं। जब किसी देश के विभिन्न राज्यों के मध्य व्यापार होता है तो इसे राष्ट्रीय व्यापार कहते हैं।

प्रश्न 2.
रेशम मार्ग के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
रेशम मार्ग लम्बी दूरी के व्यापार का एक आरम्भिक उदाहरण है, जो 6000 कि०मी० लम्बे मार्ग के सहारे रोम को चीन से जोड़ता था। व्यापारी भारत, पर्शिया (ईरान) और मध्य एशिया के मध्यवर्ती स्थानों से चीन में बने रेशम, रोम की ऊन व बहुमूल्य धातुओं तथा अन्य अनेक महँगी वस्तुओं का परिवहन करते थे।

प्रश्न 3.
दास व्यापार के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
विदेशी वस्तुओं के साथ व्यापार के साथ ही व्यापार के एक नए स्वरूप का उदय हुआ, जिसे ‘दास व्यापार’ कहा गया। पुर्तगालियों, डचों, स्पेनिश लोगों व अंग्रेजों ने अफ्रीकी मूल निवासियों को पकड़ा और उन्हें बलपूर्वक बागानों में श्रम हेतु नए खोज गए अमेरिका में परिवहित किया। दास व्यापार दो सौ वर्षों से भी अधिक समय तक एक लाभदायक व्यापार रहा जब तक कि यह 1792 में डेनमार्क में, 1807 में ग्रेट ब्रिटेन में और 1808 में संयुक्त राज्य में पूर्णरूपेण समाप्त नहीं कर दिया गया।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

प्रश्न 4.
द्विपक्षीय व्यापार तथा बहुपक्षीय व्यापार में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
(क) द्विपाश्विक व्यापार-द्विपाश्विक व्यापार दो देशों के द्वारा एक-दूसरे के साथ किया जाता है। आपस में निर्दिष्ट वस्तुओं का व्यापार करने के लिए वे सहमति करते हैं। उदाहरणार्थ देश ‘क’ कुछ कच्चे पदार्थ के व्यापार के लिए इस समझौते के साथ सहमत हो सकता है कि देश ‘ख’ कुछ अन्य निर्दिष्ट सामग्री खरीदेगा अथवा स्थिति इसके विपरीत भी हो सकती है।

(ख) बहु पाश्विक व्यापार-जैसा कि शब्द से स्पष्ट होता है कि बहु पाश्विक व्यापार बहुत-से व्यापारिक देशों के साथ किया जाता है। वही देश अन्य अनेक देशों के साथ व्यापार कर सकता है। देश कुछ व्यापारिक साझेदारों को ‘सर्वाधिक अनुकूल राष्ट्र’ (MFN) की स्थिति प्रदान कर सकता है।

प्रश्न 5.
मुक्त व्यापार से क्या अभिप्राय है ? इसके क्या प्रभाव हैं ?
उत्तर:
मुक्त व्यापार की स्थिति-व्यापार हेतु अर्थव्यवस्थाओं को खोलने का कार्य मुक्त व्यापार अथवा व्यापार उदारीकरण के रूप में जाना जाता है। यह कार्य व्यापारिक अवरोधों जैसे सीमा शुल्क को घटाकर किया जाता है। घरेलू उत्पादों एवं सेवाओं से प्रतिस्पर्धा करने के लिए व्यापार उदारीकरण सभी स्थानों से वस्तुओं और सेवाओं के लिए अनुमति प्रदान करता है।

प्रभाव-भूमण्डलीकरण और मुक्त व्यापार विकासशील देशों की अर्थव्यवस्थाओं को उन पर प्रतिकूल थोपते हुए तथा उन्हें विकास के समान अवसर न देकर बुरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं। परिवहन एवं संचार तन्त्र के विकास के साथ ही वस्तुएँ एवं सेवाएँ पहले की अपेक्षा तीव्रगति से एवं दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुँच सकती हैं। किन्तु व्यापार मुक्त व्यापार को केवल सम्पन्न देशों के द्वारा ही बाजारों की ओर नहीं ले जाना चाहिए, बल्कि विकसित देशों को चाहिए कि वे अपने स्वयं के बाजारों को विदेशी उत्पादों से सुरक्षित रखें।

प्रश्न 6.
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि किस प्रकार भूमण्डलीय वातावरण को प्रभावित कर रही है ?
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार देशों के लिए हानिकारक हो सकता है।
(1) यह अन्य देशों पर निर्भरता, विकास के असमान स्तर, शोषण और युद्ध का कारण बनने वाली प्रतिद्वंद्विता की ओर उन्मुख है।
(2) विश्वव्यापी व्यापार जीवन के अनेक पक्षों को प्रभावित करते हैं। यह सारे विश्व में पर्यावरण से लेकर लोगों के स्वास्थ्य एवं कल्याण इत्यादि सभी को प्रभावित कर सकता है।
(3) जैसे-जैसे देश अधिक व्यापार के लिए प्रतिस्पर्धी बनते जा रहे हैं, उत्पादन और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग बढ़ता जा रहा है, और संसाधनों के नष्ट होने की दर उनके पुनर्भरण की दर से तीव्र होती है।
(4) परिणामस्वरूप समुद्री जीवन भी तीव्रता से नष्ट हो रहा है, वन काटे जा रहे हैं और नदी बेसिन निजी पेय जल कम्पनियों को बेचे जा रहे हैं।
(5) तेल गैस खनन, औषधि विज्ञान और कृषि व्यवसाय में संलग्न बहुराष्ट्रीय निगम और अधिक प्रदूषण उत्पन्न करते हुए हर कीमत पर अपने कार्यों को बढ़ाए रखती है।
(6) उनके कार्य करने की पद्धति सतत् पोषणीय विकास के मानकों का अनुसरण नहीं करती। यदि संगठन केवल लाभ बनाने की ओर उन्मुख रहते हैं और पर्यावरणीय तथा स्वास्थ्य सम्बन्धी विषयों पर ध्यान नहीं देते तो यह भविष्य के लिए इसके गहरे निहितार्थ हो सकते हैं।

प्रश्न 7.
“अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार किसी राष्ट्र के आर्थिक विकास का मापदण्ड होता है।” व्याख्या करो।
अथवा
“अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को आर्थिक बैरोमीटर कहा जाता है।” क्यों ?
उत्तर:
किसी देश के आर्थिक विकास का ज्ञान उस देश के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार द्वारा होता है। आधुनिक युग व्यापार का युग है। प्रौद्योगिकी के उन्नत होने तथा यातायात साधनों के विस्तार के कारण व्यापार में बहुत वृद्धि हुई है। आज संसार के बड़े व्यापारिक देश उन्नत देश हैं। कम व्यापार वाले देश विकासशील देश हैं।

औद्योगिक विकास के कारण कई देश कच्चा माल आयात करके तैयार माल निर्यात करते हैं। इस प्रकार विदेशी मुद्रा प्राप्त होने से लोगों के रहन-सहन का स्तर ऊंचा होता है। इस प्रकार अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार किसी देश की आर्थिक सम्पन्नता का परिचय देता है। प्रति व्यक्ति अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार आर्थिक विकास का मापक है, परन्तु अत्यधिक जनसंख्या वाले देशों में अधिक व्यापार होते हुए भी प्रति व्यक्ति व्यापार कम होता है।

प्रश्न 8.
“विभिन्न देशों में उत्पादों की अतिरिक्त मात्रा में उपलब्धि ही व्यापार का आधार होती है।” स्पष्ट करो।
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में अतिरिक्त उत्पादन का ही आदान-प्रदान होता है। कुछ देश अपनी प्रौद्योगिकी कुशलता के आधार पर कुछ उत्पादन अपनी आवश्यकता से अधिक करते हैं। इनके पास बेचने के लिए अधिशेष (Surplus) उपलब्ध होता है। जिन देशों में इन उत्पादों की मांग अधिक होती है, उन देशों के साथ व्यापार होता है।

सऊदी अरब में तेल का अधिक उत्पादन है। इसलिए सऊदी अरब जापान आदि देशों को तेल भेजता है, जहां तेल का उत्पादन कम तथा मांग अधिक है। इसी प्रकार कम जनसंख्या वाले देशों कनाडा, आस्ट्रेलिया, अर्जेन्टाइना द्वारा गेहूँ निर्यात किया जाता है। जापान से मछली तथा भारत से चाय का निर्यात होता है। इसलिए अन्तराष्ट्रीय व्यापार के लिए अधिशेष उत्पाद एक आवश्यक शर्त है।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

प्रश्न 9.
‘अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार आयातक एवं निर्यातक दोनों देशों के लिए लाभदायक होता है।’ व्याख्या करो।
उत्तर:
विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है। जो देश किसी विशेष वस्तु का अधिक उत्पादन करते हैं वहां से उस वस्तु का निर्यात होता है। इससे विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। कुछ देशों में अधिक मांग के कारण वस्तुएं आयात करनी पड़ती हैं। ऐसे देशों का आर्थिक विकास आयात किये गये कच्चे माल पर निर्भर करता है ; जैसे श्रीलंका की अर्थव्यवस्था चाय के निर्यात पर निर्भर है। जापान का औद्योगिक विकास कच्चे माल के आयात पर निर्भर है।

प्रश्न 10.
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालें।
उत्तर:
आधुनिक युग में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के स्वरूप में बड़े परिवर्तन हुए हैं। औद्योगिक क्रान्ति के कारण कच्चे माल, खनिज तथा खाद्यान्नों का आयात-निर्यात बढ़ा है। उष्ण कटिबन्धीय देशों से कच्चे माल निर्यात किये जाते हैं तथा समशीतोष्ण कटिबन्ध के देशों से मशीनरी व तैयार माल निर्यात किये जाते हैं। अब विकासशील देश भी औद्योगिक उन्नति के कारण तैयार माल निर्यात करने लगे हैं।

प्रश्न 11.
‘पत्तन प्रायः अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रवेश द्वार होते हैं।’ व्याख्या करो।
उत्तर:
पत्तन समुद्र तट पर स्थित वह स्थान है जहां जहाजों को खड़ा करने, सामान लादने-उतारने, सामान को गोदामों में रखने की सुविधाएं होती हैं। पत्तन द्वारा ही किसी देश का आयात-निर्यात व्यापार किया जाता है। पत्तन अपने पृष्ठ प्रदेश से सड़क-रेलमार्ग द्वारा जुड़ा होता है। इन स्थल मार्गों द्वारा पत्तन तक माल भेजा जाता है जो समुद्री मार्ग द्वारा निर्यात किया जाता है।

इसी प्रकार आयात माल पत्तन से ही अपने पृष्ठ प्रदेश को भेजा जाता है। इस प्रकार पत्तन विदेशी माल का प्रवेश द्वार (Point of entry) होता है तथा अपने पृष्ठ प्रदेश के उत्पादों का निकास द्वार (Point of exit) होता है। इसलिए किसी पत्तन को अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का प्रवेश द्वार (Gateway) कहा जाता है; जैसे कोलकाता अपने पृष्ठ प्रदेश पश्चिमी बंगाल, असम, बिहार के लिए एक व्यापारिक द्वार का काम करता है।

प्रश्न 12.
किसी आदर्श पत्तन के विकास के लिए कौन-से भौगोलिक कारक आवश्यक हैं ?
उत्तर:
पत्तन द्वारा किसी देश का आयात-निर्यात व्यापार होता है। इसलिए यह अपने पृष्ठ प्रदेश (Hinder land) के लिए एक व्यापार द्वार है। पत्तन के विकास के लिए निम्नलिखित भौगोलिक कारक आवश्यक हैं –

  1. एक अच्छे, सुरक्षित पोताश्रय (Harbour) का होना।
  2. गहरे जल में प्राकृतिक पोताश्रय का होना।
  3. जहाजों को लंगर डालने के लिए पर्याप्त स्थान प्राप्त हो।
  4. पृष्ठ प्रदेश से रेल-सड़क मार्गों द्वारा जुड़ा होना।
  5. धनी तथा उन्नत पृष्ठ प्रदेश होना चाहिए।
  6. अनुकूल जलवायु ताकि पत्तन सारा साल खुले रह सकें।
  7. ईंधन की सुविधाएं प्राप्त हों।

अन्तर स्पष्ट करो

प्रश्न 1.
वस्तु-विनिमय तथा मुद्रा पर आधारित व्यापार में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:

मुद्रा पर आधारित व्यापार वस्तु विनिमय
(1) यह अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का आधुनिक ढंग है। (1) यह स्थानीय व्यापार का प्राचीन ढंग है।
(2) इस व्यापार में वस्तुओं का आदान-प्रदान मुद्रा के प्रयोग द्वारा होता है। (2) इस विधि में वस्तुओं के विनिमय द्वारा ही। व्यापार होता है।
(3) यह विधि संसार के विकसित देशों में प्रयोग की जाती है। (3) यह विधि आज भी विश्व की आदि जातियों में प्रचलित है।
(4) यह विधि सीमित विधि है। (4) यह विधि संसार के अन्य अनेक देशों में प्रयोग की जाती है।

प्रश्न 2.
पक्ष एवं विपक्ष व्यापार सन्तुलन
उत्तर:

पक्ष व्यापार सन्तुलन (Favourable Balance of Trade) विपक्ष व्यापार सन्तुलन (Unfavourable Balance of Trade)
(1) किसी वर्ष में जब निर्यात मूल्य आयात मूल्य से अधिक होता है तो उसे पक्ष व्यापार सन्तुलन कहते हैं। (1) किसी वर्ष में जब निर्यात मूल्य आयात मूल्य से अधिक होता है तो उसे विपक्ष व्यापार सन्तुलन कहते हैं।
(2) भारत में 1976-77 में जैसे

आयात व्यापार = ₹ 5073

करोड़ निर्यात व्यापार = ₹ 5142

करोड़ व्यापार सन्तुलन = ₹ 69 करोड़

(2) भारत में 1982-83 में जैसे
आयात व्यापार = ₹ 14047करोड़ निर्यात व्यापार = ₹ 8637 करोड़व्यापार सन्तुलन = ₹ 5410 करोड़
(3) इस स्थिति में देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। (3) इस अवस्था में देश को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

प्रश्न 3.
राष्ट्रीय व्यापार तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:

राष्ट्रीय व्यापार (National Trade) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार (International Trade)
(1) किसी प्रदेश के प्रादेशिक व्यापार को राष्ट्रीय व्यापार कहा जाता है। (1) विभिन्न देशों के मध्य होने वाले व्यापार को अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कहा जाता है।
(2) इसे आन्तरिक व्यापार भी कहा जाता है। (2) इसे विदेशी व्यापार भी कहा जाता है।
(3) यह किसी देश के विस्तार पर निर्भर करता है। (3) यह किसी देश के लोगों की क्रय-शक्ति तथा फ़ालतू उत्पादन पर निर्भर करता है।
(4) यह व्यापार दो या दो से अधिक देशों के मध्य होता है। (4) यह एक ही देश के विभिन्न राज्यों में उत्पन्न होने वाली वस्तुओं का आदान-प्रदान होता है।
(5) यह व्यापार सरकारी नीतियों पर निर्भर करता है। (5) हर देश दूसरे देश से व्यापार करने में स्वतन्त्र होता

निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)

प्रश्न 1.
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से क्या अभिप्राय है ? अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के आधारों का वर्णन करो।
अथवा
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के क्या आधार हैं ?
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ है कि अतिरिक्त उत्पादन और सेवाओं का विभिन्न देशों में आदान-प्रदान है। यह कई भौगोलिक तथा आर्थिक कारकों पर निर्भर हैं। इन कारकों को अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के आधार कहते हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के आधार –
(i) राष्ट्रीय संसाधनों में भिन्नता – भौतिक संरचना जैसे कि भूविज्ञान, उच्चावच, मृदा व जलवायु में भिन्नता के कारण विश्व के राष्ट्रीय संसाधन असमान रूप से विपरीत हैं।
(क) भौगोलिक संरचना खनिज संसाधन आधार को निर्धारित करती है और धरातलीय विभिन्नताएं फसलों व पशुओं की विविधता सुनिश्चित करती हैं। निम्न भूमियों में कृषि-संभाव्यता अधिक होती है। पर्वत पर्यटकों को आकर्षित करते हैं और पर्यटन को बढ़ावा देते हैं।
(ख) खनिज संसाधन सम्पूर्ण विश्व में असमान रूप से वितरित हैं। खनिज संसाधनों की उपलब्धता औद्योगिक विकास का आधार प्रदान करती है।
(ग) जलवायु किसी दिए हुए क्षेत्र में जीवित रह जाने वाले पादप व वन्य जात के प्रकार को प्रभावित करती है। यह विभिन्न उत्पादों की विविधता को भी सुनिश्चित करती है, उदाहरणतः ऊन-उत्पादन ठण्डे क्षेत्रों में भी हो सकता है; केला, रबड़ तथा कहवा उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में ही उग सकते हैं।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

(ii) जनसंख्या कारक – विभिन्न देशों में जनसंख्या के आकार, वितरण तथा उसकी विविधता व्यापार की गई वस्तुओं के प्रकार और मात्रा को प्रभावित करते हैं।

(क) सांस्कृतिक कारक-विशिष्ट संस्कृतियों में कला तथा हस्तशिल्प के विभिन्न रूप विकसित हुए हैं जिन्हें विश्व-भर में सराहा जाता है। उदाहरणस्वरूप चीन द्वारा उत्पादित उत्तम कोटि का पॉर्सलिन (चीनी मिट्टी का बर्तन) तथा ब्रोकेड (किमखाब-जरीदार या बूटेदार कपड़ा)। ईरान के कालीन प्रसिद्ध हैं, जबकि उत्तरी अफ्रीका का चमड़े का काम और इंडोनेशियाई बटिक (छींट वाला) वस्त्र बहुमूल्य हस्तशिल्प हैं।

(ख) जनसंख्या का आकार-सघन बसाव वाले देशों में आंतरिक व्यापार अधिक है जबकि बाह्य व्यापार कम परिमाण वाला होता है, क्योंकि कृषीय और औद्योगिक उत्पादों का अधिकांश भाग स्थानीय बाजारों में ही खप जाता है। जनसंख्या का जीवन स्तर बेहतर गुणवत्ता वाले आयातित उत्पादों की मांग को निर्धारित करता है क्योंकि निम्न जीवन स्तर के साथ केवल कुछ लोग ही महंगी आयातित वस्तुएं खरीद पाने में समर्थ होते हैं।

(ii) आर्थिक विकास की प्रावस्था-देशों के आर्थिक विकास की विभिन्न अवस्थाओं में व्यापार की गई वस्तुओं का स्वभाव (प्रकार) परिवर्तित हो जाता है। कृषि की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण देशों में, विनिर्माण की वस्तुओं के लिए कृषि उत्पादों का विनिमय किया जाता है, जबकि औद्योगिक राष्ट्र मशीनरी और निर्मित उत्पादों का निर्यात करते हैं तथा खाद्यान्न तथा अन्य कच्चे पदार्थों का आयात करते हैं।

(iv) विदेशी निवेश की सीमा-विदेशी निवेश विकासशील देशों में व्यापार को बढ़ावा दे सकता है जिनके पास खनन, प्रवेधन द्वारा तेल-खनन, भारी अभियांत्रिकी, काठ कबाड़ तथा बागवानी कृषि के विकास के लिए आवश्यक पूंजी का अभाव है। विकासशील देशों में ऐसे पूंजी प्रधान उद्योगों के विकास द्वारा औद्योगिक राष्ट्र खाद्य पदार्थों, खनिजों का आयात सुनिश्चित करते हैं तथा अपने निर्मित उत्पादों के लिए बाजार निर्मित करते हैं। यह सम्पूर्ण चक्र देशों के बीच में व्यापार के परिमाण को आगे बढ़ाता है। .

(v) परिवहन-पुराने समय में परिवहन के पर्याप्त और समुचित साधनों का अभाव स्थानीय क्षेत्रों में व्यापार को प्रतिबंधित करता था। केवल उच्च मूल्य वाली वस्तुओं, जैसे-रत्न, रेशम तथा मसाले का लंबी दूरियों तक व्यापार किया जाता था। रेल, समुद्री तथा वायु परिवहन के विस्तार और प्रशीतन तथा परिरक्षण के बेहतर साधनों के साथ, व्यापार ने स्थानिक विस्तार का अनुभव किया है।

प्रश्न 2.
विभिन्न आधारों पर पत्तनों का वर्गीकरण करो। प्रत्येक का उदाहरण सहित वर्णन करें।
अथवा
पत्तनों का नौभार के अनुसार वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
पत्तन के प्रकार- सामान्यतः पत्तनों का वर्गीकरण उनके द्वारा संभाले गए यातायात के प्रकार के अनुसार किया जाता है। निपटाए गये नौभार के अनुसार पत्तनों के प्रकार –

  1. औद्योगिक पत्तन-ये पत्तन थोक नौभार के लिए विशेषीकृत होते हैं, जैसे-अनाज, चीनी, अयस्क, तेल, रसायन और इसी प्रकार के पदार्थ।
  2. वाणिज्यिक पत्तन-ये पत्तन सामान्य नौभार संवेष्टित उत्पादों तथा विनिर्मित वस्तुओं का निपटान करते हैं। ये पत्तन यात्री-यातायात का भी प्रबन्ध करते हैं।
  3. विस्तृत पत्तन-ये पत्तन बड़े परिमाण में सामान्य नौभार का थोक में प्रबन्ध करते हैं। संसार के अधिकांश महान् पत्तन विस्तृत पत्तनों के रूप में वर्गीकृत किए गए हैं।

अवस्थिति के आधार पर पत्तनों के प्रकार –
(i) अन्तर्देशीय पत्तन – ये पत्तन समुद्री तट से दूर अवस्थित होते हैं। ये समुद्र से एक नदी अथवा नहर द्वारा जुड़े होते हैं। ऐसे पत्तन चौरस तल वाले जहाज़ या बजरे द्वारा ही गम्य होते हैं। उदाहरणस्वरूप-मानचेस्टर एक नहर से जुड़ा है; मेंफिस. मिसीसिपी नदी पर अब स्थित हैं; राइन के अनेक पत्तन हैं जैसे-मैनहीम तथा ड्यूसबर्ग; और कोलकाता हगली नदी, जो गंगा नदी की एक शाखा है, पर स्थित है।

(ii) बाह्य पत्तन – ये गहरे जल के पत्तन हैं जो वास्तविक पत्तन से दूर बने होते हैं। ये उन जहाज़ों, जो अपने बड़े आकार के कारण उन तक पहुंचने में अक्षम हैं, को ग्रहण करके पैतृक पत्तनों को सेवाएं प्रदान करते हैं। उदाहरणस्वरूप एथेंस तथा यूनान में इसके बाह्य पत्तन पिरेइअस एक उच्चकोटि का संयोजन है।

विशिष्टीकृत कार्यकलापों के आधार पर पत्तनों के प्रकार –
(i) तैल पत्तन-ये पत्तन तेल के प्रक्रमण और नौ-परिवहन का कार्य करते हैं। इनमें से कुछ टैंकर पत्तन हैं तथा कुछ तेल शोधन पत्तन हैं। वेनेजुएला में माराकाइबो, ट्यूनिशिया में एस्सखीरा, लेबनान में त्रिपोली टैंकर पत्तन हैं। पर्शिया की खाड़ी पर अबादान एक तेलशोधन पत्तन है।

(ii) मार्ग पत्तन (विश्राम पत्तन)-ये ऐसे पत्तन हैं, जो मूल रूप से मुख्य समुद्री मार्गों पर विश्राम केन्द्र के रूप में विकसित हुए, जहां पर जहाज़ पुनः ईंधन भरने, जल भरने तथा खाद्य सामग्री लेने के लिए लंगर डाला करते थे। बाद में, वे वाणिज्यिक पत्तनों में विकसित हो गए। अदन, होनोलूलू तथा सिंगापुर इसके अच्छे उदाहरण हैं।

(iii) पैकेज स्टेशन-इन्हें फेरी-पत्तन के नाम से भी जाना जाता है। ये पैकेट स्टेशन विशेष रूप से छोटी दूरियों को तय करते हुए जलीय क्षेत्रों के आर-पार डाक तथा यात्रियों के परिवहन (आवागमन) से जुड़े होते हैं। ये स्टेशन जोड़ों में इस प्रकार अवस्थित होते हैं कि वे जलीय क्षेत्र के आर-पार एक दूसरे के सामने होते हैं। उदाहरणस्वरूप इंग्लिश चैनल के आर-पार इंग्लैंड में डोवर तथा फ्रांस में कैलाइस।

(iv) आंत्रपो पत्तन-ये वे एकत्रण केन्द्र हैं, जहां विभिन्न देशों से निर्यात हेतु वस्तुएं लाई जाती हैं। सिंगापुर एशिया के लिए एक आंत्रपो पत्तन है, रोटरडम यूरोप के लिए और कोपेनहेगेन बाल्टिक क्षेत्र के लिए आंत्रपो पत्तन हैं।

(v) नौ सेना पत्तन-ये केवल सामाजिक महत्त्व के पत्तन हैं। ये पत्तन युद्धक जहाज़ों को सेवाएं देते हैं तथा उनके लिए मरम्मत कार्यशालाएं चलाते हैं। कोच्चि तथा कारवाड़ भारत में ऐसे पत्तनों के उदाहरण हैं।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

प्रश्न 3.
विभिन्न प्रादेशिक व्यापारिक संघों का वर्णन करो।
उत्तर:
प्रादेशिक व्यापारिक संघ-अधिकांश देशों द्वारा यह देखा जा रहा है कि व्यापार में संरक्षणात्मक बाधाएं राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए घातक होती हैं। अत: अधिकांश सरकारों ने आयात पर शुल्क तथा नियन्त्रण कम कर दिया. है। अनेक देशों के अपने व्यापारिक सदस्य देशों के साथ सरल द्विपक्षीय अनुबन्ध है।

इससे अलग-अलग उत्पादों के आधार पर व्यापार बाधाओं में ढील या उनका उन्मूलन हो जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध से ही विश्वस्तर पर इस उद्देश्य की पूर्ति करने वाली प्राथमिक संस्था गैट (व्यापार एवं शुल्क पर सामान्य सहमति) है। अनेक सहमतियों के आधार पर इसने विश्व स्तर पर व्यापार शुल्क में क्रमबद्ध रूप से कमी करायी है। द्वितीय विश्व युद्ध के उत्तर काल में इसने भूमण्डलीय आर्थिक क्रान्ति में महत्त्वपूर्ण योगदान किया है।

प्रारम्भ में गैट के सभी सदस्य मूलतः विकसित राष्ट्र के ही थे। बाद में इसमें विकासशील देशों को सम्मिलित किया गया है। संसार के लगभग सभी देश अब इसके सदस्य हैं। W.T.0.-सन् 1995 में गैट का रूप बदलकर विश्व व्यापार संगठन बनाया गया। यह जेनेवा में एक स्थायी संगठन के रूप में कार्यरत है तथा यह व्यापारिक झगड़ों का निपटारा भी करता है। यह संगठन सेवाओं के व्यापार को भी नियन्त्रित करता है, किन्तु इसे अभी भी महत्त्वपूर्ण कर-रहित नियन्त्रणों जैसे निर्यात निषेध, निरीक्षण की आवश्यकता, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा स्तरों तथा आयात लाइसेंस व्यवस्था, जिनसे आयात प्रभावित होता है, को सम्मिलित करना शेष है।

अन्य व्यापार संघ
(i) यूरोपीय संघ – यूरोपीय संघ (ई० यू०) का गठन मूल रूप से 1957 में रोम सन्धि के फलस्वरूप छ: देशों-इटली, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैण्ड द्वारा किया गया। इसे यूरोपीय आर्थिक समुदाय (ई० ई० सी०) कहा गया था। बाद में इसमें पश्चिमी यूरोप के अधिकांश देशों को सम्मिलित कर इसका विस्तार कर दिया गया।

सन् 1995 में ई० ई० सी० का यूरोपीय संघ में विलय हो गया। इसने कई उत्पादन एवं व्यापार नीतियों का सामंजस्यीकरण किया। 1999 के प्रारम्भ में सभी सदस्य देशों में समान रूप से चलने वाली मुद्रा-यूरो को प्रचलित किया गया ताकि विभिन्न देशों को एक आर्थिक व्यवस्था के अन्तर्गत प्रभावशाली ढंग से एक सूत्र में बाँधा जा सके। 400 करोड़ की जनसंख्या वाला यह संघ संसार का अकेला सबसे बड़ा बाजार है।

(ii) यूरोपीय स्वतन्त्र व्यापार संघ (ई० एफ० टी० ए०)-वर्ष 1960 में यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, नार्वे, स्वीडन, पुर्तगाल तथा स्विट्ज़रलैण्ड ने मिलकर इस संघ का गठन किया जिसका उद्देश्य भी व्यापार के क्षेत्र में आपसी सहयोग करना था। इन देशों के आपसी व्यापार में व्यापार-कर को हटा दिया गया है। दिसम्बर, 1972 में यूनाइटेड किंगडम तथा डेनमार्क ने इसकी सदस्यता त्याग दी तथा ई० ई० सी० के सदस्य बन गये, परन्तु आइसलैण्ड इसमें सम्मिलित हो गया और फिनलैण्ड ने इस संगठन की सह-सदस्यता स्वीकार कर ली। अतः अब इनकी सदस्यता पुनः सात देशों की हो गई।

(iii) नाफ्टा (एन० ए० एफ० टी० ए०) – यूरोपीय संघ की तुलना में उत्तरी अमेरिका स्वच्छंद व्यापार संधि (नाफ्टा) अधिक सरल है। इसका उद्भव 1988 में यू० एस०-कनाडा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (संयुक्त राज्य-कनाडा स्वच्छंद व्यापार संधि) के रूप में हआ जिसमें धीरे-धीरे व्यापार-निषेधों को दुनिया के दो वहत्तम व्यापारिक सहयोगियों के बीच समाप्त कर दिया गया। वर्ष 1994 में नाफ्टा का विस्तार कर उसमें मेक्सिको को सम्मिलित कर लिया गया। यह पहला अवसर था जब विकसित देशों के व्यापार संघ में एक विकासशील देश को सदस्यता मिली थी। नाफ्टा में अब लैटिन अमेरिकी देशों को भी सम्मिलित कर लिया गया है। इससे इस प्रकार एक ऐसे स्वच्छंद व्यापार क्षेत्र का निर्माण हुआ है, जो अलास्का से टिएरा डेल फ्यूगो तक के क्षेत्र में फैला हुआ है।

(iv) पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन (ओपेक) – ओपेक के 13 सदस्य देश हैं-अल्जीरिया, इक्वेडोर, गैबन; इण्डोनेशिया, ईरान, ईराक, कुवैत, लीबिया, नाइजीरिया, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब, अमेरिका और वेनेजुएला। यह संगठन 1960 में पेट्रोलियम (कच्चे तेल) के मूल्यों सम्बन्धी नीतियों को निर्धारित करने के लिये पेट्रोलियम उत्पादक देशों द्वारा बनाया गया था। .

(v) आसियान (ए० एस० ई० ए० एन०) – दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन का गठन 1967 में हुआ था। इण्डोनेशिया, मलेशिया, थाइलैण्ड, फिलिपीन और सिंगापुर जैसे देश इसके सदस्य हैं। आसियान तथा शेष संसार के देशों के बीच व्यापार शुल्क दर, इस के भीतर के देशों की तुलना में अधिक तीव्र गति से बढ़ रही हैं। जापान, यूरोपीय-संघ तथा ऑस्ट्रेलिया एवं न्यूजीलैण्ड से व्यापारिक बातचीत करते समय आसियान अपने सदस्य देशों को एक संयुक्त मसौदा का उदाहरण प्रस्तुत करके उनकी मदद करता है। आजकल भारत भी इसका एक सह-सदस्य बन गया है।

(vi) सार्क (एस० ए० ए० आर० सी०) – भारत, पाकिस्तान, बंगला देश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका और मालदीव, सात दक्षिण एशियाई देशों ने मिलकर ‘दक्षिणी एशिया प्रादेशिक सहयोग संगठन का गठन किया है। इसका एक उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों के बीच व्यापार का विकास करना है। भारत और पाकिस्तान के बीच सम्बन्धों के बिगड़ने के कारण व्यापार के क्षेत्र में प्रगति रुक गई है।

(vi) CIS (राष्ट्र कुल संघ) – इसे स्वतन्त्र देशों का राष्ट्र कुल कहते हैं। इसका मुख्यालय मिस्क (बेलारुस) में है। इसके निम्नलिखित 12 देश सदस्य हैं-आमिनिया, एज़रबाईजान, बेलारुस, जार्जिया, कजाखस्तान, इर्गिस्तान, मालडोवा, रूस, तुर्केमेनिस्तान, यूक्रेन तथा उज़बेकिस्तान। व्यापार की वस्तुए हैं-खनिज तेल, प्राकृतिक गैस, कपास, एल्यूमीनियम। ये देश एक-दूसरे से आर्थिकता, सुरक्षा तथा विदेशी नीतियों पर सहयोग करते हैं।

(vii) LAIA – इसे लैटिन अमेरिकन इन्टैग्रेशन एसोसिएशन भी कहते हैं। इसका मुख्यालय मांटीविडियो (युरुगुए) में है। अर्जेंटाईना, बोलीविया, ब्राज़ील, कोलम्बिया, इक्वेडार, मेक्सिको, पेरागुए, पेरु, युरुगुए तथा वेनेजुएला इस संघ के सदस्य हैं।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम Important Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Important Questions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न-दिए गए चार वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर चुनकर लिखें
1. यह किस कवि के शब्द हैं “सर ज़मीन-ए-हिन्द पर अक्वाम-ए-आलय के कारवां बनते गए हिन्दोस्तान बनता गया”
(A) फैज़
(B) फ़िराक गोरखपुरी
(C) जोश
(D) अकबर।
उत्तर:
(B) फ़िराक गोरखपुरी

2. भारत से प्रवासी श्रमिक पश्चिमी द्वीप समूह में क्या कार्य करते थे?
(A) खनन
(B) उद्योग
(C) रोपण कृषि
(D) उद्यान कृषि।
उत्तर:

3. मध्य पूर्व में भारत से प्रवास का क्या कारण था?
(A) कृषि
(B) खनन
(C) तेल वृद्धि
(D) अनुकूल जलवायु।
उत्तर:
(C) तेल वृद्धि

4. 2001 को जनगणना के अनुसार भारत में प्रवासी हैं
(A) 10.7 करोड़
(B) 15.7 करोड़
(C) 20.7 करोड़
(D) 30.7 करोड़।
उत्तर:
(D) 30.7 करोड़।

5. स्त्रियों के प्रवास की संख्या किस धारा में अधिक है?
(A) ग्रामीण से ग्रामीण
(B) ग्रामीण से नगरीय
(C) नगरीय से नगरीय
(D) नगरीय से ग्रामीण।
उत्तर:
(A) ग्रामीण से ग्रामीण

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

6. किस पड़ोसी देश से भारत में सर्वाधिक प्रवासी हैं?
(A) पाकिस्तान
(B) बांग्लादेश
(C) नेपाल
(D) श्रीलंका।
उत्तर:
(B) बांग्लादेश

7. उत्तर प्रदेश से कितने लोग उत्प्रवासी हैं?
(A) 16 लाख
(B) 20 लाख
(C) 23 लाख
(D) 26 लाख।
उत्तर:
(D) 26 लाख।

8. कौन-सा कारक प्रतिकर्ष कारक नहीं है?
(A) ग़रीबी
(B) जनसंख्या दबाव
(C) मनोरंजन
(D) आपदा।
उत्तर:
(C) मनोरंजन

9. कितने प्रतिशत स्त्रियां विवाह के उपरांत मायके से बाहर जाती हैं?
(A) 45
(B) 50
(C) 55
(D) 65.
उत्तर:
(D) 65.

10. भारत अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासियों से कितना धन हुंडियों के रूप में प्राप्त करता है?
(A) 70 खरब डॉलर
(B) 80 खरब डॉलर
(C) 100 खरब डॉलर
(D) 110 खरब डॉलर।
उत्तर:
(D) 110 खरब डॉलर।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

प्रश्न 1.
भारत में किन क्षेत्रों से प्रवास होता रहा है?
उत्तर:
मध्य और पश्चिमी एशिया, दक्षिणी पूर्वी एशिया।

प्रश्न 2.
भारत से प्रवासी व्यापारी किन देशों को गए?
उत्तर:
मलेशिया, सिंगापुर।

प्रश्न 3.
भारत से कुशल श्रमिक मध्य पूर्व में प्रवास करने का क्या कारण था?
उत्तर:
रोज़गार के साधन उपलब्ध होना।

प्रश्न 4.
जनगणना में किस सूचना का संशोधन किया गया है ?
उत्तर:
जन्म स्थान तथा निवास स्थान।

प्रश्न 5.
पिछले निवास स्थान के आधार पर भारत में कितने प्रवासी हैं?
उत्तर:
31.5 करोड़।

प्रश्न 6.
भारत में अन्य देशों से कितना प्रवास हुआ है ?
उत्तर:
50 लाख।

प्रश्न 7.
भारत में सबसे अधिक प्रवास किस देश से हुआ है?
उत्तर:
बांग्लादेश-30 लाख।

प्रश्न 8.
भारत में किस राज्य से सर्वाधिक आप्रवासी हैं ?
उत्तर:
महाराष्ट्र-23 लाख।

प्रश्न 9.
किस राज्य में सर्वाधिक अत्प्रवासी हैं?
उत्तर:
उत्तर प्रदेश (26 लाख)।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

प्रश्न 10.
प्रवास के दो मुख्य कारण बताओ।
उत्तर:
प्रतिकर्ष कारक तथा अपकर्ष कारक।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रवास के दो मुख्य कारण बताओ। प्रवास की चार धाराओं की पहचान करो।
उत्तर:
प्रवास के दो प्रकार हैं –
(क) आंतरिक प्रवास-देश के भीतर।
(ख) अंतर्राष्ट्रीय प्रवास-देश के बाहर।

प्रवास के दो मुख्य कारक निम्नलिखित हैं –
(1) प्रतिकर्ष
(2) अपकर्ष।

आंतरिक प्रवास की चार मुख्य धाराएं हैं –

  1. ग्रामीण से ग्रामीण
  2. ग्रामीण से नगरीय
  3. नगरीय से नगरीय
  4. नगरीय से ग्रामीण।

प्रश्न 2.
ग्रामीण से ग्रामीण धारा में स्त्रियों की संख्या अधिक क्यों है?
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्रियों का विवाह थोड़ी दूरी के ग्रामों में हो जाता है। स्त्रियां विवाह के पश्चात् अपने ससुराल चली जाती हैं। इसलिए प्रवास में स्त्रियों की संख्या पुरुषों की अपेक्षा अधिक है।

प्रश्न 3.
अन्तर-राज्यीय प्रवास ग्राम से नगर धारा में पुरुषों की संख्या अधिक क्यों है ?
उत्तर:
पुरुष आर्थिक कारणों से काम व रोजगार की तलाश में ग्राम से नगरों को प्रवास करते हैं। प्रतिकर्ष कारक लोगों को ग्राम छोड़ने पर विवश कर देते हैं।

प्रश्न 4.
बृहत् मुम्बई में सर्वाधिक संख्या में प्रवासी क्यों हैं ?
उत्तर:
बृहत् मुम्बई भारत का सबसे बड़ा महानगर है। इस राज्य का आकार भी बड़ा है। मुम्बई भारत का सबसे बड़ा पत्तन तथा औद्योगिक नगर है। इसलिए श्रमिक यहां काम की तलाश में प्रवास करते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
प्रवास में अपकर्ष तथा प्रतिकर्ष कारणों में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
मुख्य रूप से प्रवास के दो कारण हैं-अपकर्ष कारक तथा प्रतिकर्ष कारक।

(क) प्रतिकर्ष कारक (Push factors) – ये कारक लोगों को निवास स्थान को छोड़ने पर विवश कर देते हैं। भारत में लोग ग्रामीण से नगरीय क्षेत्रों में मुख्यतः ग़रीबी, कृषि, भूमि पर जनसंख्या का अधिक दबाव, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, शिक्षा के अभाव के कारण प्रवास करते हैं। इसके अतिरिक्त बाढ़, सूखा, चक्रवातीय तूफान, भूकम्प, सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाएं, युद्ध, स्थानीय संघर्ष भी प्रवास के लिए अतिरिक्त प्रतिकर्ष पैदा करते हैं।

(ख) अपकर्ष कारक (Pull factors) – ये कारक विभिन्न स्थानों से लोगों को आकर्षित करते हैं। ये लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों से नगरों की ओर आकर्षित करते हैं। नगरीय क्षेत्रों की ओर अधिकांश ग्रामीण प्रवासियों के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण अपकर्ष कारक बेहतर अवसर, नियमित काम का मिलना और अपेक्षाकृत ऊँचा वेतन है। शिक्षा के लिए बेहतर अवसर, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और मनोरंजन के स्रोत इत्यादि भी काफी महत्त्वपूर्ण अपकर्ष कारक हैं।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

प्रश्न 2.
पड़ोसी देशों से भारत में प्रवास पर नोट लिखो।
उत्तर:
भारत में पड़ोसी देशों में अप्रवास और उन देशों की ओर भारत से उत्प्रवास भी हुआ है। जनगणना 2001 में अंकित है कि भारत में अन्य देशों से 50 लाख व्यक्तियों का प्रवास हुआ है। इनमें से 96 प्रतिशत पड़ोसी देशों से आए हैं-बांग्लादेश (30 लाख) इसके बाद पाकिस्तान (9 लाख) और नेपाल (5 लाख) इनमें तिब्बत, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान और म्यांमार 1.6 लाख शरणार्थी भी शामिल हैं। जहां तक भारत से उत्प्रवास का प्रश्न है, ऐसा अनुमान है कि भारतीय डायास्पोरा के लगभग 2 करोड़ लोग हैं जो 110 देशों में फैले हुए हैं। .

प्रश्न 3.
अन्तः राज्यीय प्रवास तथा अन्तर्राज्यीय प्रवास में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:

अन्तः राज्यीय प्रवास (Intra-state Migration) अन्तर्राज्यीय प्रवास (Inter-state Migration)
(1) यदि स्थानान्तरण उसी राज्य के अन्दर हो तो इसे अन्त:राज्यीय प्रवास कहते हैं। (1) यदि स्थानान्तरण एक राज्य की सीमा से बाहर दूसरे राज्य में हो तो इसे अन्तर्राज्यीय प्रवास कहते हैं।
(2) उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में बरेली के बीच प्रवास। (2) उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से राजस्थान के भरतपुर जिले के बीच प्रवास।

प्रश्न 4.
भारत में जनसंख्या प्रवास के किन्हीं तीन आर्थिक परिणामों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
आर्थिक परिणाम
(1) उद्गम प्रदेश के लिए मुख्य लाभ अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासियों द्वारा भेजी गई पूंजी है। यह विदेशी विनिमय (Foreign Exchange) का प्रमुख साधन है।
(2) सन् 2002 में भारत ने अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासियों से 110 अरब अमरीकी डालर के रूप में धन प्राप्त किया। (3) पंजाब, केरल और तमिलनाडु के लोग अपने अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासियों से महत्त्वपूर्ण राशि प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 5.
भारत में जनसंख्या प्रवास के किन्हीं तीन पर्यावरणीय परिणामों की उदाहरणों सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
प्रवास के पर्यावरणीय परिणाम –
(1) अत्यधिक जनसंख्या के कारण नगरीय केन्द्रों में वर्तमान सामाजिक और भौतिक अवसंरचना पर भारी दबाव पड़ा है।
(2) इसके परिणामस्वरूप नगरीय बस्तियों की अनियोजित वृद्धि होती है तथा गन्दी बस्तियों का विकास होता है।
(3) नगर में भौमजल स्तर का गिरना, वायु प्रदूषण, वाहितमल के निपटान तथा ठोस कचरे के प्रबन्धन जैसी गम्भीर समस्या संसाधनों के अनिश्चित होने के कारण उत्पन्न होती है।

प्रश्न 6.
भारत में प्रवास के सामाजिक परिणामों का संक्षेप में वर्णन करिए।
उत्तर:
सामाजिक परिणाम –

  1. नवीन प्रौद्यागिकी, परिवार नियोजन, बालिका शिक्षा आदि नए विचारों का ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसार होता है।
  2. विविध संस्कृतियों का अन्तर्मिश्रण होता है।
  3. प्रवास लोगों को अपराध और औषध दुरुपयोग जैसी असामाजिक क्रियाओं में फंसा देता है।

प्रश्न 7.
जनसंख्या का अधिक प्रवास पर्यावरण से संबंधित किस मूल्य तथ्यों को प्रभावित करता है ?
उत्तर:
जनसंख्या का अधिक प्रवास पर्यावरण के निम्नलिखित मूल्यों को प्रभावित करता है –

  1. जनसंख्या का अधिक प्रवास नगरीय बस्तियों की जनसंख्या में वृद्धि के कारण नई बस्तियों को जन्म देता है जो अधिक गंदगी फैला कर वातावरण को दूषित करती है।
  2. उपलब्ध जन सहूलियतों की नियमित सेवाओं में कमी लाता है।
  3. प्राकृतिक पर्यावरण का ह्रास करता है।

प्रश्न 8.
ऐसे मूल्य आधारभूत कारण बताएँ जिनसे प्रवास को अधिक बढ़ावा मिलता है ?
उत्तर:
निम्नलिखित कारणों से प्रवास को अधिक बढ़ावा मिलता है –

  1. रोजगार के अधिक नए अवसरों की तलाश
  2. राजनीतिक हालात
  3. जन सुविधाओं की अधिक उपलब्धता
  4. सामाजिक सुरक्षा।

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निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)

प्रश्न 1.
प्रवास से क्या अभिप्राय है? प्रवासी किसे कहते हैं ? प्रवास की मुख्य धाराओं के नाम लिखो।
उत्तर:
प्रवास (Migration) – जनसंख्या के एक स्थान से दूसरे स्थान के स्थानान्तरण को प्रवास कहते हैं। कोई भी मनुष्य को जनगणना के दिन अपने जन्म स्थान के अतिरिक्त किसी अन्य स्थान पर गिना जाता है वह प्रवासी कहलाता है।
प्रवास की धाराएं-मनुष्यों के स्थानान्तरण में चार प्रकार की प्रवास धाराएं जन्म लेती हैं –
(1) ग्राम से ग्राम को।
(2) ग्राम से नगर को।
(3) नगर से नगर को।
(4) नगर से ग्राम को।
प्रवास के कारण – जनसंख्या के एक स्थान से दूसरे स्थान के स्थानान्तरण को प्रवास कहते हैं।

प्रवास प्रायः कुछ कारणों से होता है –

  1. रोज़गार की तलाश में नगरों को प्रवास।
  2. निवास की बेहतर सुविधाएं प्राप्त करने के लिए।
  3. स्त्रियों का विवाह के कारण प्रवास।
  4. सामाजिक असुरक्षा।
  5. राजनीतिक गड़बड़ी के कारण।
  6. प्राकृतिक आपदा।

अपकर्ष (Pull) – जब लोग नगर की सुविधाओं तथा आर्थिक अवसरों से आकर्षित होकर नगर की ओर प्रवास करते हैं तो इसे ‘अपकर्ष’ कारक कहते हैं।
प्रतिकर्ष (Push) – जब गांवों से लोगों को जीविका प्राप्त करने के साधन उपलब्ध नहीं होते, तो लोग बेरोज़गारी, ग़रीबी तथा भुखमरी आदि घटकों के कारण नगरों को प्रवास कर जाते हैं। इसे ‘प्रतिकर्ष’ कारक कहते हैं।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

प्रश्न 2.
प्रवास के आर्थिक, जनांकिकीय, सामाजिक तथा पर्यावरणीय परिणाम बताओ। (H.B. 2011)
उत्तर:
प्रवास के परिणाम-प्रवास, क्षेत्र पर अवसरों के असमान वितरण का प्रत्युत्तर है। लोगों में कम अवसरों और कम सुरक्षा वाले स्थान से अधिक अवसरों और बेहतर सुरक्षा वाले स्थान की ओर जाने की प्रवृत्ति होती है। बदले में यह प्रवास के उदगम और गंतव्य क्षेत्रों के लिए लाभ और हानि दोनों उत्पन्न करता है। परिणामों को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और जनांकिकीय संदर्भो में देखा जा सकता है।

1. आर्थिक परिणाम-उद्गम प्रदेश के लिए मुख्य लाभ प्रवासियों द्वारा भेजी गई हुंडी है। अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासियों द्वारा भेजी गई हुंडियां विदेशी विनिमय के प्रमुख स्रोत में से एक हैं। सन् 2002 में भारत ने अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासियों से हुंडियों के रूप में 110 लाख अमेरिकी डॉलर प्राप्त किए। पंजाब, केरल और तमिलनाडु अपने अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासियों से महत्त्वपूर्ण राशि प्राप्त करते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासियों की तुलना में आन्तरिक प्रवासियों द्वारा भेजी गई हुंडियों की राशि बहुत थोड़ी है, किन्तु यह उद्गम क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

(1) हुंडियों के प्रयोग हुंडियों का प्रयोग मुख्यतः भोजन, ऋणों की अदायगी, उपचार, विवाहों, बच्चों की शिक्षा, कृषीय निवेश, गृह-निर्माण इत्यादि के लिए किया जाता है।
(2) बिहार, उत्तर प्रदेश, उडीसा, आन्ध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, इत्यादि के हज़ारों निर्धन गांवों की अर्थव्यवस्था के लिए ये हंडियां जीवनदायक रक्त का काम करती हैं।
(3) पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और उड़ीसा के ग्रामीण क्षेत्रों से पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवास कृषि विकास के लिए उनकी हरित-क्रान्ति कार्ययोजना की सफलता के लिए उत्तरदायी हैं।
(4) इसके अतिरिक्त अनियन्त्रित प्रवास ने भारत के महानगरों को अति संकुचित कर दिया है। महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और दिल्ली जैसे औद्योगिक दृष्टि से विकसित राज्यों में गन्दी बस्तियों (स्लम) का विकास देश में अनियन्त्रित प्रवास का नकारात्मक परिणाम है।

2. जनांकिकीय परिणाम-प्रवास से देश के अन्दर जनसंख्या का पुनर्वितरण होता है। ग्रामीण नगरीय प्रवास नगरों में जनसंख्या की वृद्धि में योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण कारकों में से एक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले युवा आयु, कुशल एवं दक्ष लोगों का बाह्य प्रवास ग्रामीण जनांकिकीय संघटन पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। यद्यपि उत्तराखण्ड, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पूर्वी महाराष्ट्र से होने वाले बाह्य प्रवास ने इन राज्यों की आयु एवं लिंग संरचना में गम्भीर असन्तुलन पैदा कर दिया है। ऐसे ही असन्तुलन उन राज्यों में भी उत्पन्न हो गए हैं जिनमें ये प्रवासी जाते हैं।

3. सामाजिक परिणाम:

  • प्रवासी सामाजिक परिवर्तन के अभिकर्ताओं के रूप में कार्य करते हैं। नवीन प्रौद्योगिकियों, परिवार नियोजन, बालिका शिक्षा इत्यादि से सम्बन्धित नए विचारों का नगरीय क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर विसरण (फैलाव) इन्हीं के माध्यम से होता है।
  • प्रवास से विविध संस्कृतियों के लोगों का अन्तर्मिश्रण होता है।
  • यह संकीर्ण विचारों को तथा लोगों के मानसिक क्षितिज को भेद विस्तृत करता है।
  • इसके गम्भीर नकारात्मक परिणाम भी होते हैं जो व्यक्तियों में सामाजिक निर्वात और खिन्नता की भावना देते हैं। व्यक्तियों में सामाजिक निर्वात और खिन्नता की भावना भर देते हैं।
  • खिन्नता की सतत भावना लोगों को अपराध और औषध दुरुपयोग जैसी असामाजिक क्रियाओं के पाश में फंसने के लिए अभिप्रेरित कर सकती है।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

4. पर्यावरणीय परिणाम:
(i) ग्रामीण से नगरीय प्रवास के कारण लोगों का अति संकुलन नगरीय क्षेत्रों में वर्तमान सामाजिक और भौतिक अवसंरचना पर दबाव डालता है।
(ii) अन्ततः इससे नगरीय बस्तियों की अनियोजित वृद्धि होती है।
(iii) गन्दी बस्तियों और क्षुद्र कॉलोनियों का निर्माण होता है।
(iv) इसके अतिरिक्त प्राकृतिक संसाधनों के अति दोहन के कारण नगर भौमजल स्तर के अवक्षय, वायु प्रदूषण, वाहित मल के निपटान और ठोस कचरे के प्रबन्धन जैसी गम्भीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

5. अन्य:

  • प्रवास (विवाहजन्य प्रवास को छोडकर भी) स्त्रियों के जीवन स्तर को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से प्रभावित करता है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुष वरणात्मक बाह्य प्रवास के कारण पत्नियां पीछे छूट जाती हैं जिससे उन पर अतिरिक्त शारीरिक और मानसिक दबाव पड़ता है।
  • शिक्षा अथवा रोजगार के लिए ‘स्त्रियों’ का प्रवास उनकी स्वायत्तता और अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका को बढ़ा देता है किन्तु उनकी सुभेद्यता भी बढ़ती है।
  • स्रोत प्रदेश के दृष्टिकोण से यदि हुंडियां प्रवास के प्रमुख लाभ हैं तो मानव संसाधन, विशेष रूप से कुशल लोगों का ह्रास उसकी गम्भीर लागत है। उन्नत कुशलता का बाजार सही मायने में वैश्विक बाजार बन गया है और सर्वाधिक गत्यात्मक औद्योगिक अर्थव्यवस्थाएं गरीब प्रदेशों से उच्च प्रशिक्षित व्यावसायिकों को सार्थक अनुपातों में प्रवेश दे रही हैं और भर्ती कर रही हैं। परिणामस्वरूप स्रोत प्रदेश के वर्तमान अल्पविकास का पुनर्बलन होता है।