Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन Important Questions and Answers.
JAC Board Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन
बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
प्रश्न–दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनकर लिखो
1. 2011 जनगणना के अनुसार भारत में औसत जनसंख्या घनत्व है –
(A) 216
(B) 382
(C) 221
(D) 350
उत्तर:
(B) 382
2. किस राज्य में सर्वाधिक जनसंख्या है?
(A) उत्तर प्रदेश
(B) पश्चिम बंगाल
(C) केरल
(D) पंजाब।
उत्तर:
(A) उत्तर प्रदेश
3. किस राज्य में सर्वाधिक लिंगानुपात है?
(A) केरल
(B) हिमाचल प्रदेश
(C) उड़ीसा
(D) तमिलनाडु।
उत्तर:
(A) केरल
4. भारत का विश्व जनंसख्या में कौन-सा स्थान है?
(A) पहला
(B) दूसरा
(C) पांचवां
(D) सातवां।
उत्तर:
(B) दूसरा
5. भारत में प्रति दशक जनसंख्या वृद्धि दर है?
(A) 15.3%
(B) 17.3%
(C) 19.3%
(D) 21.3%.
उत्तर:
(D) 21.3%.
6. भारत में पहली सम्पूर्ण जनगणना कब हुई?
(A) 1871
(B) 1881
(C) 1891
(D) 1861.
उत्तर:
(B) 1881
7. भारत में विश्व की कुल जनसंख्या का कितने प्रतिशत भाग है?
(A) 10.7%
(B) 12.7%
(C) 16.7%
(D) 18.7%.
उत्तर:
(C) 16.7%
8. किस राज्य में सबसे कम जनसंख्या है?
(A) हरियाणा
(B) राजस्थान
(C) सिक्किम
(D) मिज़ोरम।
उत्तर:
(C) सिक्किम
9. भारत में कितने मिलियन नगर हैं?
(A) 25
(B) 27
(C) 30
(D) 53.
उत्तर:
(D) 53.
10. भारत में 2011 में औसत लिंगानुपात था
(A) 910
(B) 923
(C) 940
(D) 953.
उत्तर:
(C) 940
11. भारत में औसत जीवन प्रत्याश कितनी है?
(A) 55 वर्ष
(B) 60 वर्ष
(C) 65 वर्ष
(D) 70 वर्ष।
उत्तर:
(C) 65 वर्ष
12. भारत में साक्षरता दर है
(A) 55%
(B) 60%
(C) 74%
(D) 67%.
उत्तर:
(C) 74%
13. भारत में कृषकों का प्रतिशत है
(A) 48%
(B) 50%
(C) 54%
(D) 58%.
उत्तर:
(D) 58%.
14. भारत में सबसे कम जनसंख्या घनत्व है
(A) जम्मू-कश्मीर
(B) अरुणाचल प्रदेश
(C) राजस्थान
(D) नागालैंड।
उत्तर:
(B) अरुणाचल प्रदेश
15. भारत की जनसंख्या कितने वर्षों में दुगुनी होती है ?
(A) 32 वर्ष
(B) 34 वर्ष
(C) 36 वर्ष
(D) 38 वर्ष।
उत्तर:
(C) 36 वर्ष
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)
प्रश्न 1.
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या कितनी है?
उत्तर:
121.02 करोड़। (विश्व की 17.5% जनसंख्या)।
प्रश्न 2.
जनसंख्या तथा क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का संसार में स्थान बताओ।
उत्तर:
जनसंख्या : दूसरा स्थान क्षेत्रफल : सातवां स्थान (विश्व का 2.4% क्षेत्रफल)।
प्रश्न 3.
भारत में पहली पूर्ण जनगणना कब हुई?
उत्तर:
सन् 1881 में।
प्रश्न 4.
भारत में औसत जनसंख्या घनत्व कितना है ?
उत्तर:
382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०।
प्रश्न 5.
भारत में सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व किस राज्य में है?
उत्तर:
बिहार-1102 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०।।
प्रश्न 6.
भारत में औसत वार्षिक जनसंख्या वृद्धि कितनी है?
उत्तर:
1.76 प्रतिशत।
प्रश्न 7.
भारत में जन्म-दर तथा मृत्यु-दर कितनी है ?
उत्तर:
जन्म-दर 26 प्रति हजार तथा मृत्यु-दर 9 प्रति हजार व्यक्ति है।
प्रश्न 8.
भारत में राज्यस्तर पर जनसंख्या वृद्धि किस राज्य में कम है ?
उत्तर:
केरल-4.9% प्रति दशक।
प्रश्न 9.
विगत शताब्दी में भारत की जनसंख्या में कितनी वृद्धि हुई है?
उत्तर:
78 करोड़।
प्रश्न 10.
संसार में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बताओ।
उत्तर:
चीन-134 करोड़।
प्रश्न 11.
भारत में पहली अपूर्ण जनगणना कब हुई?
उत्तर:
सन् 1872 ई० में।
प्रश्न 12.
भारत की कुल जनसंख्या का कितने प्रतिशत भाग ग्रामीण है?
उत्तर:
68.8%
प्रश्न 13.
भारत में गाँवों की कुल संख्या कितनी है ?
उत्तर:
580781
प्रश्न 14.
भारत के किस राज्य में सर्वाधिक जनसंख्या है ?
उत्तर:
भारत में उत्तर प्रदेश राज्य में 19.95 करोड़ जनसंख्या है जो देश के सभी राज्यों में सबसे अधिक है।
प्रश्न 15.
भारत के किस राज्य में सबसे कम जनसंख्या है?
उत्तर:
सिक्किम राज्य में 6.07 लाख।
प्रश्न 16.
भारत के कितने राज्यों में 5 करोड़ से अधिक जनसंख्या प्रत्येक राज्य में है?
उत्तर:
10 राज्य।
प्रश्न 17.
भारत के पाँच राज्य बताओ जिनमें देश की आधे से अधिक जनसंख्या निवास करती है।
उत्तर:
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल तथा आंध्र प्रदेश।
प्रश्न 18.
जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से विश्व के तीन बड़े देश बताओ।
उत्तर:
- बांग्लादेश-849 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०।
- जापान-334 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०।
- भारत-382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०।
प्रश्न 19.
100 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० से कम घनत्व वाले तीन राज्य बताओ।
उत्तर:
सिक्किम (86), मिजोरम (52) तथा अरुणाचल प्रदेश (17)।
प्रश्न 20.
उच्च घनत्व के तीन समूह बताओ।
उत्तर:
उत्तरी मैदान, पूर्वी तट, डेल्टा क्षेत्र।
प्रश्न 21.
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों के तीन समूह बताओ।
उत्तर:
- भौतिक कारक
- सामाजिक-आर्थिक कारक
- जनांकिकीय कारक।
प्रश्न 22.
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले चार भौतिक कारक बताओ।
उत्तर:
- धरातल
- मृदा
- जलवायु
- खनिजों की सुलभता।
प्रश्न 23.
जनांकिकीय कारकों के तीन तत्त्व बताओ।
उत्तर:
- प्रजनन दर
- मृत्यु-दर
- प्रवास।
प्रश्न 24.
जनसंख्या वृद्धि दर किसे कहते हैं ?
उत्तर:
दो समय बिन्दुओं के मध्य जनसंख्या में होने वाले शुद्ध परिवर्तन को वृद्धि दर कहते हैं।
प्रश्न 25.
वृद्धि दर के दो प्रकार बताओ।
उत्तर:
- ऋणात्मक वृद्धि दर-जब समय अवधि में जनसंख्या घटती है तो उसे ऋणात्मक वृद्धि दर कहते हैं।
- धनात्मक वृद्धि दर-जब जनसंख्या बढ़ती है तो इसे धनात्मक वृद्धि दर कहते हैं।
प्रश्न 26.
विगत शताब्दी में भारत की जनसंख्या में कितने गुणा वृद्धि हुई है?
उत्तर:
चार गुणा (कुल वृद्धि 78 करोड़)।
प्रश्न 27.
1991 तथा 2001 की अवधि में देश की जनसंख्या वृद्धि दर कितनी थी?
उत्तर:
21.34 प्रतिशत प्रति दशक तथा 1.93 प्रतिशत प्रतिवर्ष।
प्रश्न 28.
भारत के किस राज्य में जनसंख्या वृद्धि दर, उच्चतम तथा निम्नतम है?
उत्तर:
मेघालय में 27.8 प्रतिशत तथा केरल में 40.9 प्रतिशत।
प्रश्न 29.
भारत में ग्रामीण जनसंख्या का सबसे अधिक प्रतिशत किस राज्य में है?
उत्तर:
अरुणाचल प्रदेश (94.50 प्रतिशत)।
प्रश्न 30.
अधिक नगरीय जनसंख्या वृद्धि वाले 4 राज्य बताओ।
उत्तर:
हरियाणा, नागालैंड, तमिलनाडु, सिक्किम।
प्रश्न 31.
नगरीकरण से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
ग्रामीण जनसंख्या से नगरीय जनसंख्या में समाज के बदलने की प्रक्रिया को नगरीकरण कहते हैं।
प्रश्न 32.
भारत में सर्वाधिक नगरीकृत राज्य कौन-सा है ?
उत्तर:
गोवा (49.77 प्रतिशत)।
प्रश्न 33.
किस आयु वर्ग की जनसंख्या को श्रमजीवी (कार्यरत ) कहा जाता है?
उत्तर:
प्रौढ़ वर्ग 15-59 वर्ष तक (56.7 प्रतिशत)।
प्रश्न 34.
आश्रित अनुपात किसे कहते हैं ? भारत में यह कितना है?
उत्तर:
किशोर, वृद्ध जनसंख्या तथा प्रौढ़ जनसंख्या के बीच अनुपात को आश्रित अनुपात कहते हैं। भारत में यह अनुपात 79.4 प्रतिशत है।
प्रश्न 35.
लिंग-अनुपात किस प्रकार एक सामाजिक संकेतक है ?
उत्तर:
लिंग-अनुपात समाज में पुरुषों और स्त्रियों के मध्य विद्यमान असमानता का माप है।
प्रश्न 36.
भारत की कुल जनसंख्या में पुरुष तथा स्त्रियां कितनी संख्या में हैं?
उत्तर:
पुरुष 62 करोड़, स्त्रियां 59 करोड़।
प्रश्न 37.
भारत में औसत लिंगानुपात कितना है?
उत्तर:
940
प्रश्न 38.
भारत में सबसे अधिक लिंगानुपात किस राज्य में है?
उत्तर:
केरल राज्य में 1084।
प्रश्न 39.
भारत में सबसे कम लिंगानुपात किस राज्य में है?
उत्तर:
हरियाणा में 877।
प्रश्न 40.
किसी व्यक्ति के व्यवसाय का क्या अर्थ है?
उत्तर:
व्यवसाय वह कार्य या व्यापार है जिससे कोई व्यक्ति अपनी रोजी रोटी कमाता है।
प्रश्न 41.
भारत में लोगों का मुख्य व्यवसाय क्या है?
उत्तर:
भारत में 67.4 प्रतिशत कामगार कृषि कार्य करते हैं।
प्रश्न 42.
क्या कारण है कि कृषि कामगारों का अनुपात निरन्तर घट रहा है?
उत्तर:
भारत में कृषि कामगारों का अनुपात 1971 में 69.49 प्रतिशत से घटकर 2001 में 58.4 प्रतिशत रह गया – है। इसका मुख्य कारण है कि घरेलू उद्योगों में कामगारों की संख्या बढ़ रही है।
प्रश्न 43.
गैर-कृषि कार्य क्षेत्रों के नाम लिखें।
उत्तर:
विनिर्माण, व्यापार, परिवहन, भंडारण तथा संचार।
प्रश्न 44.
संविधान की आठवीं अनुसूची में कितनी भाषाएं सूचीबद्ध हैं?
उत्तर;
22 भाषाएं।
प्रश्न 45.
भारत किन चार धर्मों का जन्म स्थान रहा है?
उत्तर:
हिन्दू, बौद्ध, जैन तथा सिक्ख धर्म।
प्रश्न 46.
भारत में कौन-सी भाषा सबसे अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है?
उत्तर:
हिंदी (33.73 करोड़)।
प्रश्न 47.
भारत में द्राविड़ भाषा बोलने वाले लोगों का कितना प्रतिशत है?
उत्तर:
20% I
प्रश्न 48.
भारत में हिंदू धर्म के अनुयायी कितने % लोग हैं ?
उत्तर:
68.76 करोड़ (82.0%)।
प्रश्न 49.
भारत के किस राज्य में सिक्ख धर्म जनसंख्या का संकेंद्रण है?
उत्तर:
पंजाब।
प्रश्न 50.
भारत के किस राज्य में बौद्ध जनसंख्या अधिक है?
उत्तर:
महाराष्ट्र में।
प्रश्न 51.
भारत के किस राज्य में जैन धर्म जनसंख्या अधिक है?
उत्तर:
महाराष्ट्र में।
प्रश्न 52.
भारत के दो उच्च घनत्व वाले राज्यों के नाम लिखो (400 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० से अधिक)
उत्तर:
बिहार तथा केरल।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
भारत की जनसंख्या का विशाल आकार है’ इसके पक्ष में दो तथ्य बताओ।
उत्तर:
- भारत का विश्व जनसंख्या में दूसरा स्थान है।
- भारत की जनसंख्या उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका तथा ऑस्ट्रेलिया की संयुक्त जनसंख्या से भी अधिक है।
प्रश्न 2.
भारत में कई सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक उलझनें हैं। तीन कारण बताओ।
उत्तर:
- विशाल जनसंख्या
- सीमित संसाधन
- जनसंख्या वृद्धि दर का अधिक होना।
प्रश्न 3.
भारत में सामाजिक आर्थिक विकास प्रक्रिया और गति को प्रभावित करने वाले चार कारक बताओ।
उत्तर:
- विशाल जनसंख्या
- जातीय विविधता
- अत्यधिक ग्रामीण स्वरूप
- जनसंख्या का असमान वितरण।
प्रश्न 4.
‘भारत गाँवों का देश है। स्पष्ट करो तथा दो तथ्य बताओ।
उत्तर:
(i) भारत में 68.8% लोग गाँवों में रहते हैं।
(ii) भारत में गाँवों की संख्या 580781 है।
प्रश्न 5.
दिल्ली राज्य में 2011 में कुल जनसंख्या 1,67,53,235 तथा क्षेत्रफल 1483 वर्ग कि०मी० था। जनसंख्या घनत्व ज्ञात करो।
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व =
= 11297 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०
प्रश्न 6.
भारत तथा चीन में जनसंख्या तथा जनसंख्या घनत्व की तुलना करो।
उत्तर:
चीन में कल जनसंख्या 134 करोड है जबकि भारत में कुल जनसंख्या 121.02 करोड है। भारत में जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है जबकि चीन में जनसंख्या घनत्व 140 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है। इस प्रकार चीन में कुल जनसंख्या अधिक है जबकि भारत में जनसंख्या घनत्व अधिक है।
प्रश्न 7.
‘अधिक जनसंख्या घनत्व वाले राज्य गंगा और सतलज के मैदान में स्थित हैं।’ उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर:
पश्चिमी बंगाल (1029 व्यक्ति) तथा बिहार (1102 व्यक्ति) भारत के दो बड़े घने बसे प्रदेश उत्तरी मैदान में हैं। उत्तर प्रदेश (20 करोड़ जनसंख्या) भारत की सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है जहां जनसंख्या घनत्व 828 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० हैं। पंजाब में 550 तथा हरियाणा में 573 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० घनत्व है।
प्रश्न 8.
‘भारत की जनसंख्या असमान रूप से वितरित है’ तीन उदाहरण देकर स्पष्ट करो।
उत्तर:
भारत की जनसंख्या का वितरण असमान है।
- पर्वतों, मरुस्थलों तथा वन-प्रदेशों में जनसंख्या कम है।
- समतल एवं उपजाऊ क्षेत्र के राज्यों में जनसंख्या अधिक है।
- जलोढ़ मैदानों तथा तटीय मैदानों में जनसंख्या अधिक है।
प्रश्न 9.
‘जनसंख्या का घनत्व भूमि पर जनसंख्या के दबाव का वास्तविक परिचायक नहीं है’। एक राज्य का उदाहरण देकर स्पष्ट करो।
उत्तर;
घनत्व से केवल सामान्य दशा का पता चलता है। इससे सामाजिक व आर्थिक कारकों के प्रभाव का ज्ञान नहीं होता। मध्य प्रदेश एक विशाल जनसंख्या वाला राज्य है। (236 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०)। इस राज्य का अधिकतर भाग ऊबड़-खाबड़, पहाड़ी तथा वनों से ढका प्रदेश है। यदि कृषि भूमि पर विचार किया जाए तो मध्य प्रदेश सघन जनसंख्या वाला राज्य बन जाता है।
प्रश्न 10.
औसत घनत्व की दृष्टि से कितने प्रकार के जनसंख्या घनत्व के क्षेत्रों की पहचान की जा सकती है?
उत्तर:
- उच्च घनत्व वाले जिले-400 से अधिक व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०।
- मध्यम घनत्व वाले जिले-200 से 400 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०।
- निम्न घनत्व वाले जिले-200 व्यक्ति से कम प्रति वर्ग कि०मी०।
प्रश्न 11.
विरल (निम्न) जनसंख्या वाले क्षेत्र बताओ। यहां निम्न घनत्व के क्या कारण हैं ?
उत्तर:
200 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० से कम घनत्व वाले क्षेत्र विरल जनसंख्या वाले क्षेत्र हैं।
- राजस्थान के कुछ क्षेत्र
- मध्य प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- पश्चिमी उड़ीसा
- पूर्वी कर्नाटक
- आंध्र प्रदेश का मध्यवर्ती भाग।
इस प्रकार निम्न घनत्व का यह क्षेत्र अरावली पर्वत श्रेणी से लेकर पूर्व में उड़ीसा तक फैला हुआ है।
निम्न घनत्व के कारण –
- पहाड़ी ऊबड़-खाबड़ धरातल
- कम उपजाऊ मृदा
- कम वर्षा
- वनाच्छादित प्रदेश
- मरुस्थलीय क्षेत्र।
प्रश्न 12.
सामाजिक-आर्थिक कारकों के प्रभाव से उच्च घनत्व वाले दो प्रकार के क्षेत्र बताओ तथा कारण स्पष्ट करो।
उत्तर:
सामाजिक-आर्थिक कारकों का प्रभाव क्रिया-कलापों पर पड़ता है। इसलिए अधिक नगरीयकरण तथा औद्योगिक विकास के कारण मुम्बई, कोलकाता और दिल्ली में उच्च घनत्व है। अधिक उपज देने वाली फ़सलों की खेती (हरित क्रान्ति) के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा तथा पंजाब में उच्च घनत्व है।
प्रश्न 13.
‘भारत के दक्षिणी राज्यों में जन्म-दर अपेक्षाकृति कम है’। कारण बताओ।
उत्तर:
भारत के उत्तरी राज्यों में वृद्धि दर अधिक है, परन्तु दक्षिणी राज्यों में जन्म दर कम होने के कारण वृद्धि दर कम है।
कारण –
- दक्षिणी राज्यों में उच्च साक्षरता दर
- अधिक नगरीय जनसंख्या
- अधिक आर्थिक विकास।
प्रश्न 14.
जनसंख्या संघटन से क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख घटक बताओ।
उत्तर:
जनसंख्या संघटन – जनसंख्या की भौतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विशेषताओं को जनसंख्या का संघटन कहते हैं। इसे आयु, लिंग, निवास स्थान, भाषा, धर्म, वैवाहिक स्थिति, मानव प्रजातीयता, साक्षरता, शिक्षा और व्यावसायिक संरचना प्रमुख घटक हैं।
प्रश्न 15.
भारत की नगरीय जनसंख्या वृद्धि के विभिन्न चरण बताओ।
उत्तर:
भारतीय नगरीय जनसंख्या का अनुपात सन् 1901 से निरन्तर बढ़ रहा है।
- 1901 से 1941 तक यह वृद्धि दर 13.38% थी।
- 1941 से 1971 तक यह वृद्धि दर 19.90% थी।
- 1971 से 2001 तक यह वृद्धि दर 27.78% हो गई।
प्रश्न 16.
भारत में उच्च नगरीकरण तथा निम्न नगरीकरण के क्षेत्र बताओ।
उत्तर:
- भारत में दक्षिणी, पश्चिमी तथा उत्तर-पश्चिमी राज्यों में।
- उत्तरी, मध्य भारत, उत्तर पूर्वी राज्यों में नगरीकरण निम्न हैं।
प्रश्न 17.
किन पांच राज्यों में भारत की नगरीय जनसंख्या का आधे से अधिक भाग रहता है? उत्तर प्रदेश राज्य की स्थिति क्या है?
उत्तर:
पांच राज्यों महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिमी बंगाल तथा आंध्र प्रदेश में भारत की नगरीय जनसंख्या का 51 प्रतिशत भाग रहता है। उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है परन्तु यहां केवल 20.78 प्रतिशत जनसंख्या ही नगरों में रहती है। यह ग्रामीण पृष्ठभूमि के कारण है।
प्रश्न 18.
भारत में किशोर जनसंख्या वर्ग का अनुपात कितना है ? इसके अधिक होने के तीन कारण बताओ।
उत्तर:
भारत में किशोर वर्ग (15 वर्ष से कम आयु) का प्रतिशत 36.5 है। किशोर जनसंख्या के अधिक अनुपात के मुख्य कारण हैं:
- उच्च जन्म दर
- तीव्रता से घटती शिशु मृत्यु दर
- निरन्तर घटती बाल मृत्यु दर।
प्रश्न 19.
‘भारत में लिंगानुपात दक्षिण से उत्तर की ओर तथा पूर्व से पश्चिम की ओर घटता है। उदाहरण सहित स्पष्ट करो।
अथवा
भारत में लिंगानुपात संघटन के प्रादेशिक प्रतिरूपों का वर्णन करें। उत्तर-भारत के राज्यों में लिंगानुपात में बहुत भिन्नता पाई जाती है।
- केरल राज्य में सबसे अधिक लिंगानुपात 1084 है।
- पाण्डिचेरी केन्द्र शासित प्रदेश में लिंगानुपात 1001 है।
- दक्षिणी राज्यों में लिंगानुपात राष्ट्रीय औसत से अधिक है। तमिलनाडु राज्य में 987, आन्ध्र प्रदेश 978, उड़ीसा 972, कर्नाटक 965, गोवा 961, झारखण्ड 941 है।।
- उत्तरी भारत तथा मध्य भारत के राज्यों में लिंगानुपात राष्ट्रीय औसत से कम है। महाराष्ट्र 922, राजस्थान 921, गुजरात 920, बिहार 919, मध्य प्रदेश 919, उत्तर प्रदेश 898, पंजाब 893, हरियाणा 877 है। इससे स्पष्ट है कि भारत में लिंगानुपात दक्षिण से उत्तर की ओर कम तथा पूर्व से पश्चिम की ओर घटता है।
प्रश्न 20.
लिंगानुपात घटने के चार कारण बताओ।
उत्तर:
- लड़कियों की तुलना में अधिक लड़कों का जन्म लेना।
- शैश्यावस्था में कन्या शिशओं की मृत्यु और बच्चों के जन्म के समय अधिक स्त्रियों की मृत्य।
- स्त्रियों की सामान्य उपेक्षा के कारण बचपन में उनकी अधिक मृत्यु दर।
- गर्भावस्था में स्त्री-शिशु होने पर भ्रूण हत्या।
प्रश्न 21.
काम की अवधि के आधार पर भारत की जनसंख्या को तीन वर्गों में बांटो।
उत्तर:
काम की अवधि के आधार पर भारत की जनसंख्या को तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है –
- मुख्य कामगार (Main worker) मुख्य कामगार वह है जो वर्ष में छ: महीने या 183 दिन तक आर्थिक रूप से उत्पादक कार्य में शारीरिक या मानसिक रूप से भाग लेता है। देश में कामगारों का अनुपात 30.5% है।
- सीमांत कामगार (Marginal worker) वह है जो वर्ष में 183 दिनों से कम दिनों में उत्पादक कार्य में भाग लेता है। देश में सीमान्त कामगारों की अनुपात 8.7% है।
- गैर-कामगार (Non worker)-जो वर्ष भर अपनी आजीविका के लिए कोई काम नहीं करता। देश में गैर कामगार 60.8% है।
प्रश्न 22.
स्त्रियों की सहभागिता दर कम होने के कारण बताओ।
उत्तर:
भारत में स्त्रियों की सहभागिता दर केवल 14.68 प्रतिशत है। इस निम्न सहभागिता दर के निम्नलिखित कारण हैं:
- सम्मिलित परिवार व्यवस्था
- स्त्रियों में शिक्षा का निम्न स्तर
- बारंबार शिशु जन्म
- रोज़गार के सीमित अवसर
- स्त्रियों पर परिवार की अधिक ज़िम्मेदारी।
प्रश्न 23.
भारत के कामगारों को चार मुख्य श्रेणियों में बांटो।
उत्तर:
- कृषक
- खेतिहर मज़दूर
- घरेलू औद्योगिक कामगार
- अन्य कामगार।
प्रश्न 24.
भारत में जनसंख्या वृद्धि के दो घटक कौन-से हैं ? प्रत्येक घटक के प्रमुख लक्षण बताओ।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या वृद्धि के दो घटक हैं –
(i) प्राकृतिक
(ii) अभिप्रेरित। प्राकृतिक घटक-प्राकृतिक वृद्धि का विश्लेषण अशोधित जन्म और मृत्यु दर को निर्धारित किया जाता है।
अभिप्रेरित घटक-अभिप्रेरित घटक किसी दिए गए क्षेत्र में लोगों के अन्तवर्ती व बहिवर्ती संचलन द्वारा स्पष्ट किया जाता है।
प्रश्न 25.
भारत के सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाले राज्य का नाम बताइए और उसका घनत्व भी लिखिए।
उत्तर:
बिहार राज्य में सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व है जो कि 1102 व्यक्ति प्रति वर्ग कि. मी. है।
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
भारत का विश्व में जनसंख्या के आकार तथा घनत्व में कौन-सा स्थान है ?
उत्तर:
भारत की कुल जनसंख्या सन् 2011 में 121.02 करोड़ थी। भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। भारत में औसत जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है तथा भारत का विश्व में तीसरा स्थान है।
प्रश्न 2.
चार राज्य बताओ जिनकी देश में जनसंख्या सर्वाधिक है। इनकी जनसंख्या तथा क्षेत्रफल की तुलना करो।
उत्तर:
क्रम राज्य | जनसंख्या | क्षेत्रफल (लाख वर्ग कि०मी०) |
(1) उत्तर प्रदेश | 19.95 करोड़ | 2.40 ,, |
(2) महाराष्ट्र | 11.2 ,, | 3.07 ,, |
(3) बिहार | 10.3 ,, | 0.94 ,, |
(4) पश्चिमी बंगाल | 9.1 ,, | 0.88 ,, |
प्रति जनगणना में भारत में जनसंख्या घनत्व लगातार क्यों बढ़ रहा है ? .
उत्तर:
भारत में जनसंख्या वृद्धि दर पहले की अपेक्षा कम है। परन्तु कुल जनसंख्या में अधिक वृद्धि जनसंख्या को एक विशाल आधार प्रदान कर रही है। इसी बड़े आधार के कारण जनसंख्या घनत्व लगातार बढ़ रहा है जबकि भूमि संसाधन सीमित हैं।
प्रश्न 4.
भारत में कौन-से क्षेत्र जनसंख्या निवास के लिए आकर्षक नहीं हैं ?
उत्तर:
पर्वतीय प्रदेश, शुष्क प्रदेश तथा वन प्रदेश जनसंख्या के लिए आकर्षण नहीं रखते। इस वर्ग में लगभग 167 जिले हैं जहां जनसंख्या कम है।
प्रश्न 5.
उत्तरी राज्यों तथा उत्तर-पूर्वी राज्यों में कृषि पर ग्रामीण जनसंख्या का दबाव अधिक क्यों है ?
उत्तर:
केवल कृषिकृत भूमि ही जनसंख्या दबाव सहार सकती है। उत्तर-पूर्वी राज्यों में कृषिकृत भूमि कम है। इसलिए इन राज्यों में जनसंख्या कम है। ये राज्य पहाड़ी तथा वनाच्छादित हैं। धरातल कटा-फटा है। उत्तरी राज्यों में ग्रामीण जनसंख्या बहुत अधिक है जो कृषि में लगी हुई है। इसलिए यहाँ कृषि पर जनसंख्या दबाव अधिक है।
प्रश्न 6.
भारत में जनसंख्या इतिहास को चार अवस्थाओं में बांटो।
उत्तर:
भारत का जनसंख्या इतिहास निम्नलिखित चार अवस्थाओं में बांटा जा सकता है –
जन्म दर-मृत्यु दर | मुख्य लक्षण: | उच्च जन्म दर |
(1) 1921 से पूर्व | जनसंख्या में नगण्य वृद्धि | तथा उच्च मृत्यु दर |
(2) 1921-1951 | धीमी गति से वृद्धि | उच्च जन्म दर तथा घटती मृत्यु दर |
(3) 1951-1981 | तीव्र गति से वृद्धि | तीव्र गति से मृत्यु दर का कम होना |
(4) 1981 से आगे | वृद्धि दर का कम होना | कम जन्म दर तथा कम मृत्यु दर |
प्रश्न 7.
सतलुज गंगा मैदान जनसंख्या के संकेन्द्रण के क्या कारण हैं ?
उत्तर:
सतलुज गंगा मैदान में उत्तर प्रदेश, बिहार पश्चिमी बंगाल, हरियाणा, पंजाब तथा दिल्ली क्षेत्र में जनसंख्या संकेन्द्रण हैं। यहां जनसंख्या घनत्व 400-700 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० के बीच है। यह एक उन्नत कृषि का प्रदेश है। जहां वर्ष में 2-3 फ़सलें उत्पन्न की जाती हैं। यहाँ मिट्टी उपजाऊ है तथा जलवायु अनुकूल है। जल सिंचाई सुविधाओं के कारण कृषि उन्नत है। दिल्ली तथा कोलकाता के इर्द-गिर्द औद्योगिक तथा नगरीय विकास के कारण जनसंख्या अधिक है।
प्रश्न 8.
जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले सामाजिक आर्थिक कारकों का वर्णन करो।
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व भौतिक कारकों पर निर्भर करता है। इनमें भूमि, जलवायु तथा मृदा शामिल हैं। परन्तु आधुनिक समय में सामाजिक-आर्थिक कारक प्रौद्योगिकी के प्रयोग के द्वारा जनसंख्या को प्रभावित करते हैं। उच्च नगरीयकरण तथा औद्योगिक विकास के प्रभाव से मुम्बई, कोलकाता तथा दिल्ली क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व आधार हैं। कृषि प्रदेशों में हरित क्रान्ति के प्रयोग से पंजाब तथा हरियाणा प्रदेश में जनसंख्या घनत्व अधिक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर जनसंख्या प्रवास बढ़ रहा है। लोग रोज़गार की तलाश में प्रवास करते हैं। शिक्षा केन्द्र भी जनसंख्या को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।।
प्रश्न 9.
भारत के किन राज्यों में जनसंख्या कम है ?
उत्तर:
भौतिक कारक जनसंख्या वृद्धि दर की सीमा निर्धारित करते हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिमी उड़ीसा, कर्नाटक तथा आन्ध्र प्रदेश में जनसंख्या कम है। पहाड़ी राज्यों में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तर पूर्वी राज्यों में जनसंख्या कम है।
प्रश्न 10.
जनसंख्या वृद्धि से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
किसी क्षेत्र में जनसंख्या में एक निश्चित समय में परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहते हैं। यह जन्म दर तथा मृत्यु दर में अन्तर होता है। प्रवास के कारण भी जनसंख्या में वृद्धि होती है।
प्रश्न 11.
भारत में जन्म दर तथा मृत्यु दर की प्रवृत्तियां किस प्रकार जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करती रही हैं ?
उत्तर:
1921-51 की अवधि में जनसंख्या वृद्धि धीमी गति से रही है। जन्म दर उच्च तथा परन्तु मृत्यु दर भी कई महामारियों के कारण उच्च थी। 1951-81 की अवधि में जनसंख्या तीव्र गति से विस्फोटात्मक दर से बढ़ी। चिकित्सा सुविधाओं के कारण मृत्यु दर बहुत कम हो गई। 1981 के पश्चात् वृद्धि दर फिर घटने लगी क्योंकि जन्म दर कम हो गया है। अब जन्म दर तथा मृत्यु दर में अन्तर केवल 17 प्रति हज़ार है।
प्रश्न 12.
भारत में सबसे अधिक जनसंख्या तथा अधिकतम जनसंख्या घनत्व वाले राज्य बताओ।
उत्तर:
जनसंख्या-सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में सबसे अधिक जनसंख्या उत्तर प्रदेश राज्य में है। यहां कुल जनसंख्या 19.95 करोड़ है। यह भारत की कुल जनसंख्या का 16% भाग है। ख्या घनत्व-भारत में सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व (सन् 2011) बिहार राज्य में 1102 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
प्रश्न 13.
भारत की जनसंख्या में मोटे तौर पर पुरुषों का प्रभुत्व क्यों है ?
उत्तर:
20वीं शताब्दी में महिलाओं की जनसंख्या का अनुपात निरन्तर घटता रहा है। सामाजिक कारणों से परिवार में लड़कियों की उपेक्षा की जाती रही है। ठीक प्रकार से लालन-पालन न होने के कारण लड़कियों में बीमारियों का प्रकोप अधिक है तथा बहुत-सी महिलाएं प्रसव के समय ही मर जाती हैं। पुरुष संख्या 62 करोड़ तथा स्त्री संख्या 59 करोड़ है।
प्रश्न 14.
भारत के किन क्षेत्रों में जनसंख्या का घनत्व अत्यधिक निम्न है और क्यों ?
उत्तर:
“पर्यावरण की प्रतिकूल दशाओं के कारण उत्तर तथा उत्तर-पूर्व के पहाड़ी राज्यों में जनसंख्या का घनत्व बहुत कम है। सिक्किम में 86, नागालैंड में 119, जम्मू-कश्मीर में 124, मेघालय में 132, मणिपुर में 122, अरुणाचल प्रदेश में 17, मिज़ोरम में 52, हिमाचल प्रदेश में 123 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है। इन राज्यों में पर्वतीय धरातल, वनों के अधिक विस्तार, यातायात के साधनों की कमी तथा प्रतिकूल जलवायु के कारण जनसंख्या घनत्व कम है।
प्रश्न 15.
जनसंख्या परिवर्तन के आधारभूत घटक कौन-से हैं ?
उत्तर:
समय के साथ-साथ किसी भी देश की जनसंख्या घटती-बढ़ती है। जनसंख्या भी अन्य प्राणियों की भांति स्थिर नहीं रहती है। यह परिवर्तन तीन कारकों पर निर्भर करता है
- जन्म दर (Birth rate)
- मृत्यु दर (Death rate)
- जनसंख्या प्रवास (Migration)
जन्म दर अधिक होने से जनसंख्या बढ़ती है, जबकि मृत्यु दर बढ़ने से जनसंख्या कम होती है। जन्म दर तथा मृत्यु .. दर के अन्तर को प्राकृतिक वृद्धि कहा जाता है। जब जन्म दर मृत्यु दर से अधिक होती है तो उसे धनात्मक प्राकृतिक वृद्धि (Positive Natural Growth) कहा जाता है। दूसरे देशों में प्रवास के कारण जनसंख्या कम होती है। दूसरे देशों से आने वाले लोगों या अप्रवास के कारण जनसंख्या में वृद्धि होती है। समय के साथ होने वाले जनसंख्या परिवर्तन … को जनसंख्या वृद्धि (Population Growth) कहा जाता है।
प्रश्न 16.
भारत में जनसंख्या वृद्धि दर कितनी है ? नगरों तथा महानगरों में वृद्धि दर औसत से अधिक क्यों है ?
उत्तर:
भारत में 2001-2010 के दशक में जनसंख्या की औसत वृद्धि दर 1.67% रही है। देश में कुल जनसंख्या में 1830 लाख की वृद्धि हुई है। नगरों तथा महानगरों में यह वृद्धि दर औसत से बहुत अधिक है। नगरों का क्षेत्रफल लगातार बढ़ रहा है। नगरों के बाहर स्थित उप-नगर तथा ग्राम भी नगरों में मिल गए हैं। रोजगार तथा अच्छे रहन-सहन की तलाश में गांवों में से लोग शहरों की ओर प्रवास कर रहे हैं। इसलिए नगरों में जनसंख्या वृद्धि दर अधिक है जबकि ग्रामीण जनसंख्या में वृद्धि दर कम है।
प्रश्न 17.
भारत में जनसंख्या के क्षेत्रीय वितरण की असमानता के दो उदाहरण दो।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या का क्षेत्रीय वितरण बहुत असमान है। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक जनसंख्या है। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल तथा आन्ध्र प्रदेश में कुल मिलाकर देश की लगभग आधी जनसंख्या निवास करती है। उत्तर प्रदेश अकेले राज्य में इतनी जनसंख्या है जितनी दक्षिण के तीन राज्यों केरल, कर्नाटक व तमिलनाडु में मिलती है। दिल्ली की जनसंख्या सभी केन्द्र शासित प्रदेशों की कुल जनसंख्या से अधिक है। मध्य प्रदेश भारत का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है। यहां देश के 14% क्षेत्रफल में केवल 7.6% लोग रहते हैं तथा जनसंख्या की दृष्टि से इसका छठा स्थान है।
प्रश्न 18.
अंक गणितीय घनत्व जनसंख्या के घनत्व का एक संवेदनशील माप क्यों नहीं है ?
उत्तर:
किसी देश की कुल जनसंख्या तथा उसके कुल क्षेत्रफल के अनुपात को उस देश की जनसंख्या का अंक गणितीय घनत्व (Arithmatic Density) कहा जाता है। यह पद्धति सरल है तथा अधिक प्रयोग की जाती है परन्तु यह एक अपरिष्कृत (Crude) विधि है तथा प्रत्येक क्षेत्र के लिए प्रयोग नहीं की जा सकती। यह एक संवेदनशील माप (Sensitive Index) नहीं है। इस विधि में देश के कुल क्षेत्रफल को उपयोग में लाया जाता है। परन्तु बहुत-से क्षेत्र ऐसे भी होते हैं जहां एक भी व्यक्ति नहीं रहता। इन्हें नकारात्मक प्रदेश (Negative Areas) कहते हैं। मनुष्य केवल चुने हुए प्रदेशों में रहता है जहां प्राकृतिक संसाधन सुगमता से प्राप्त हों। पहाड़ी, वन, दलदल, रेगिस्तान आदि प्रदेशों की ओर ध्यान नहीं दिया जाता जबकि वहां मानव निवास सम्भव नहीं होता।
प्रश्न 19.
भारत की जनसंख्या का घनत्व लगातार क्यों बढ़ रहा है ?
उत्तर:
भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या का औसत घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। यह संसार के घने बसे हुए क्षेत्रों में से एक है। भारत की जनसंख्या का घनत्व 1921 से लगातार बढ़ता जा रहा है।
वर्ष | जनसंख्या घनत्व प्रति व्यक्ति
वर्ग कि०मी० |
1921 | 81 |
1931 | 90 |
1941 | 103 |
1951 | 117 |
1961 | 142 |
1971 | 177 |
1981 | 221 |
1991 | 267 |
2001 | 313 |
2011 | 382 |
प्रत्येक जनगणना में जनसंख्या वृद्धि के कारण जनसंख्या घनत्व बढ़ता जा रहा है, परन्तु क्षेत्रफल में वृद्धि नहीं होती। देश का क्षेत्रफल वहीं का वहीं रहता है। जनसंख्या घनत्व कुल जनसंख्या तथा क्षेत्रफल में अनुपात होता है। इसलिए जनसंख्या की सघनता बढ़ रही है। देश में कृषि पर अत्यधिक निर्भरता है। इसलिए कृषि में वृद्धि न होने के कारण भी ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व बढ़ता जा रहा है। इसे कम करने के लिए अर्थ-व्यवस्था में विविधता आवश्यक है।
प्रश्न 20.
भारत में जनसंख्या के घनत्व में पाई जाने वाली विभिन्नता के प्रमुख कारण क्या हैं ?
उत्तर:
भारत में जनसंख्या घनत्व में क्षेत्रीय प्रतिरूप में पर्याप्त विभिन्नताएं पाई जाती हैं। पर्यावरण की प्रतिकूल दशाओं के कारण उत्तर-पूर्वी भारत में औसत घनत्व 60 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० से कम है। मध्यवर्ती भारत में यह घनत्व 200 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है। उत्तरी मैदान में पंजाब से पश्चिमी बंगाल की मेखला में अधिक घनत्व है। इस जनसंख्या घनत्व की विभिन्नता के मुख्य कारक उच्चावच, जलवायु, जल-आपूर्ति, मिट्टी की उर्वरता तथा कृषि उत्पादकता है। इन कारकों का प्रभाव अलग-अलग क्षेत्रों में स्पष्ट दिखाई देता है। इसके अतिरिक्त जनांकिकी, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, ऐतिहासिक कारकों के योगदान आदि का जनसंख्या के घनत्व पर काफ़ी प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 21.
‘जनसंख्या का संकेन्द्रण सूचकांक’ से क्या अभिप्राय है ? यह किस प्रकार जनसंख्या के असमान वितरण को प्रदर्शित करता है ?
उत्तर:
भारत में जनसंख्या का वितरण बहुत असमान है। यदि हम प्रत्येक राज्य की जनसंख्या का देश की कुल जनसंख्या के अनुपात को देखें तो यह तथ्य और भी स्पष्ट हो जाता है। इसे जनसंख्या का संकेन्द्रण सूचकांक (Index of Concentration) कहते हैं। संकेन्द्रण सूचकांक से अभिप्राय है-देश की कुल जनसंख्या में किसी राज्य की जनसंख्या का अनुपात। जैसे उत्तर प्रदेश की जनसंख्या का संकेन्द्रण सूचकांक है –
उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या = 1995 लाख भारत की कुल जनसंख्या = 12102 लाख
सकन्द्रण सूचकाक = \(\frac {1995}{12102}\) = \(\frac {1995}{12102}\) x 100 = 19.8%
यह संकेन्द्रण सूचकांक नागालैण्ड में 0.1 प्रतिशत, मेघालय में 0.19 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर में 0.87 प्रतिशत है। पश्चिमी बंगाल के घने बसे राज्य में 8 प्रतिशत है। पंजाब तथा हरियाणा के कृषि विकसित प्रदेश में क्रमश: 1.9 प्रतिशत तथा 2.4 प्रतिशत है। इस प्रकार संकेन्द्रण सूचकांक देश में जनसंख्या घनत्व के क्षेत्रीय वितरण के असमान रूप को स्पष्ट करता है।
प्रश्न 22.
गंगा के मैदान में जनसंख्या के वितरण की दो विशेषताएं बताओ। इस क्षेत्र में वर्षा वितरण किस प्रकार जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करता है ?
उत्तर:
भारत की कुल जनसंख्या का अधिकतर भाग गंगा के मैदान में निवास करता है। पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार तथा पश्चिमी बंगाल में भारत की कुल जनसंख्या का 50% भाग निवास करता है। इस मैदान में पश्चिम से पूर्व की ओर जनसंख्या घनत्व बढ़ता जाता है। जैसे पंजाब (550), उत्तर प्रदेश (828), बिहार (1102), पश्चिमी बंगाल (1029) । यह इस तथ्य से मेल खाता है कि इस मैदान में वर्षा की मात्रा भी पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ती है।
प्रश्न 23.
भारतीय जनसंख्या की आयु संरचना के तीन प्रमुख लक्षणों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
- भारत में कुल जनसंख्या में 0-14 वर्ष की आयु वर्ग की अधिकता है। कुल जनसंख्या का लगभग 40% निम्न आयु वर्ग का है।
- भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 67% भाग आश्रित वर्ग में है जबकि 33% लोग श्रमिक हैं।
- 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की संख्या 12% है।
प्रश्न 24.
भारत में जनसंख्या वृद्धि के इतिहास में सन् 1921 और सन् 1951 सबसे महत्त्वपूर्ण क्यों हैं ?
अथवा
विगत 100 वर्षों में भारत में जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारत में इस शताब्दी में जनसंख्या बड़ी तीव्र गति से बढ़ रही है। सन् 1901 से 1981 तक के समय में जनसंख्या तिगुनी हुई है। जनसंख्या वृद्धि में कई उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। सन् 1901 से 1921 तक जनसंख्या में बहुत कम वृद्धि हुई थी। इन 20 वर्षों में जनसंख्या में केवल 129 लाख की वृद्धि हुई। सन् 1921 में जनसंख्या 0.3 प्रतिशत की दर से कम हुई। इसका मुख्य कारण यह था कि देश के विभिन्न भागों में अकाल (1920), प्लेग आदि महामारियों (1918) तथा विश्व युद्ध (1914) के कारण बहुत-से लोगों की मृत्यु हुई। परन्तु सन् 1921 के पश्चात् जनसंख्या धीमी और निश्चित गति से बढ़ती रही।
इसलिए 1921 को जनसंख्या वृद्धि के इतिहास में जनांकिकीय विभाजक कहा गया है।1921 से 1951 तक जनसंख्या धीमी परन्तु निश्चित गति से बढ़ती रही। 1951 के अन्त तक यह वृद्धि 1.3% की दर से हुई। इन तीस वर्षों में जनसंख्या में लगभग 11 करोड़ की वृद्धि हुई। 1951 का वर्ष इसलिए महत्त्वपूर्ण माना जाता है चूंकि इसके पश्चात् जनसंख्या में बड़ी तेज़ी से वृद्धि हुई। 1951 तक जनसंख्या वृद्धि के पहले चरण का अन्त हो गया। 1961 से 1991 तक तीस वर्ष के समय में जनसंख्या लगभग दुगुनी हो गई और कुल जनसंख्या 43 करोड़ से . बढ़ कर 84 करोड़ हो गई है। यह वृद्धि दर 2.4% प्रति वर्ष रही है। 2001-10 के दशक में वृद्धि दर 1.67% रही। वृद्धि दर की वितरण -भारत में जनसंख्या वृद्धि दर में बड़े पैमाने पर प्रादेशिक अन्तर पाए जाते हैं।
(i) उच्च वृद्धि दर वाले राज्य एक सतत पेटी में स्थित हैं जो देश के उत्तरी आधे भाग में स्थित है।
(ii) भारत में निम्नतम जनसंख्या वृद्धि दर केरल राज्य में 9.43 प्रतिशत थी जबकि उच्चतम वृद्धि दर नागालैंड राज्य में 64.53 प्रतिशत थी।
कम जनसंख्या वृद्धि दर के प्रदेश
राज्य | वृद्धि दर |
केरल | 4.9 |
तमिलनाडु | 15.6 |
आन्ध्र प्रदेश | 11.1 |
गोवा | 8.2 |
उड़ीसा | 14.0 |
कर्नाटक | 15.7 |
हिमाचल प्रदेश | 12.8 |
पश्चिम बंगाल | 13.9 |
असम | 16.9 |
पंजाब | 13.7 |
नागालैंड | 0.5 |
उच्च जनसंख्या वृद्धि दर के प्रदेश
राज्य | वृद्धि दर |
सिक्किम | 12.4 |
मेघालय | 27.8 |
मिज़ोरम | 22.8 |
बिहार | 25.1 |
राजस्थान | 21.4 |
हरियाणा | 19.9 |
अरुणाचल प्रदेश | 25.9 |
उत्तर प्रदेश | 20.1 |
मध्य प्रदेश | 20.3 |
महाराष्ट्र | 16.0 |
कुल मिलाकर देश के 20 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय औसत से अधिक वृद्धि हुई है।
भारत में जनसंख्या वृद्धि (2001-2011)
वर्ष | जनसंख्या (लाखों में) | प्रति दशक (प्रतिशत वृद्धि) |
1901 | 2383 | – 01.01 |
1911 | 2520 | + 05.75 |
1921 | 2512 | – 00.30 |
1931 | 2789 | + 11.00 |
1941 | 3185 | + 14.23 |
1951 | 3610 | + 13.31. |
1961 | 4391 | + 21.52 |
1971 | 5479 | + 24.80 |
1981 | 6338 | + 24.75 |
1991 | 8439 | + 23.50 |
2001 | 10270 | + 19.30 |
2011 | 121.02 | + 17.7 |
India Population (in millions): 1901-2011
Percentage decádal growth rates of population, India: 1951-1961 to 2W01-2011
प्रश्न 25.
भारत में जनसंख्या की तीव्र वृद्धि का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर:
सन् 1901 से 1921 तक भारत में जनसंख्या लगभग स्थिर रही है। इसके पश्चात् विशेषकर सन् 1951 से जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ रही है। भारत में जनसंख्या वृद्धि के निम्नलिखित कारण हैं –
1. मृत्यु दर में कमी-भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के कारण कई महामारियों पर नियन्त्र है। सूखे, बाढ़ों तथा प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाली मृत्यु में भी कमी हुई है। मृत्यु दर 47 से कम हो कर सन् 2001 में 8.4 व्यक्ति प्रति हज़ार हो गई है।
2. जन्म दर में कमी-जन्म दर में भी थोड़ी-सी कमी हुई है। जन्म दर 46 से कम होकर 27 व्यक्ति प्रति हज़ार हो गई है। इसका जनसंख्या की कमी पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है। निश्चित गति से कम होती हुई मृत्यु संख्या तीव्र जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण है।
3. जीवन प्रत्याशा में वृद्धि-जीवन प्रत्याशा का औसत 23 वर्ष से बढ़ कर 65 वर्ष हो गया है। फलस्वरूप देश की जनसंख्या में वृद्धि हो रही है।
4. शिशु मृत्यु दर में कमी-एक साल से कम आयु के शिशुओं की मृत्यु संख्या जो पहले 250 थी, घट कर 70 प्रति हज़ार हो गई है। यह भी जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण है।
5. अन्य कारण-विदेशों से आ कर भारत में बसने वाले लोगों के कारण जनसंख्या में वृद्धि हुई है। इसी कारण बाल-विवाह, अशिक्षा, भाग्यवादी विचार, निर्धनता, परिवार नियोजन की कमी आदि कारणों के प्रभाव से जनसंख्या में तीव्र वृद्धि हुई है।
प्रश्न 26.
जनसंख्या की गणना से क्या अभिप्राय है ? यह कितने वर्ष बाद की जाती है ?
उत्तर:
जनसंख्या की गणना-संसार के सभी देशों में जनसंख्या सम्बन्धी आंकड़े जनगणना द्वारा एकत्रित किये जाते हैं। भारत में सबसे पहली जनगणना 1872 में की गई थी। यद्यपि प्रथम पूर्ण जनगणना 1881 में हुई थी। उस समय से जनगणना नियमित रूप से 10 वर्ष के अन्तराल पर की जाती है। जनसंख्या की गणना एक जटिल प्रक्रिया है जिसके अन्तर्गत जनगणना के समय देश में रहने वाले सभी लोगों के पूर्ण जनसांख्यिकीय आंकड़ों का एकत्रीकरण, संकलन तथा प्रकाशन किया जाता है। जनगणना में कई सुधारों के पश्चात् भारतीय जनगणना विश्व में उत्तम मानी जाती है।
प्रश्न 27.
भारत में 2001-2010 के दशक में जनसंख्या वृद्धि के मुख्य तथ्यों का वर्णन करो।
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि (Population Growth) –
- भारत में 2001-2010 के दशक में औसत जनसंख्या वृद्धि दर 16.76 प्रतिशत थी।
- भारत में औसत वार्षिक वृद्धि दर 1.67 प्रतिशत थी।
- 2001-2010 दशक में भारत की जनसंख्या में कुल वृद्धि 18.4 करोड़ थी।
- इस वृद्धि दर से भारत की जनसंख्या 36 वर्ष में दुगुनी हो जाएगी।
वृद्धि दर की वितरण – भारत में जनसंख्या वृद्धि दर में बड़े पैमाने पर प्रादेशिक अन्तर पाए जाते हैं।
- उच्च वृद्धि दर वाले राज्य एक सतत पेटी में स्थित हैं जो देश के उत्तरी आधे भाग में स्थित है।
- भारत में निम्नतम जनसंख्या वृद्धि दर केरल राज्य में 4.9 प्रतिशत थी जबकि उच्चतम वृद्धि दर मेघालय राज्य में 27.8 प्रतिशत थी।
- कुल मिलाकर देश के 20 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय औसत से अधिक वृद्धि हुई है।
प्रश्न 28.
जनांकिकीय संक्रमण से क्या अभिप्राय है? इसकी विभिन्न अवस्थाएं बताओ।
उत्तर:
जनांकिकीय संक्रमण (Demographic Transition) – किसी समाज की जनसंख्या के परिवर्तन की प्रक्रिया को जनांकिकीय संक्रान्ति कहते हैं। इस संक्रान्ति का आरम्भ, मध्य और अन्त होता है। इसकी चार अवस्थाएं होती हैं –
अवस्था | मृत्यु-दर | जन्म-दर | वृद्धि दर |
1. प्रथम | उच्च मृत्यु-दर | उच्च जन्म-दर | निम्न वृद्धि दर |
2. द्वितीय | मृत्यु-दर का घटना | उच्च जन्म-दर | अति उच्च वृद्धि दर |
3. तृतीय | मृत्यु-दर कम होना | तेज़ी से घटना | वृद्धि दर का घटना |
4. चतुर्थ | मृत्यु-दर कम | जन्म-दर कम | वृद्धि दर कम |
प्रश्न 29.
भारत के जनांकिकीय इतिहास का चार अवस्थाओं में विभाजन कीजिए।
उत्तर:
भारत के जनांकिकीय इतिहास को निम्नलिखित चार अवस्थाओं में विभाजित किया जा सकता है –
(i) 1921 से पूर्व – इस अवधि में जनसंख्या वृद्धि बहुत धीमी थी। जन्म दर तथा मृत्यु-दर दोनों ही उच्च थे। इस अध्ययन के आधार पर सन् 1921 को जनांकिकीय विभाजक (Demographic Divide) कहा जाता है।
(ii) 1921 और 1951 के मध्य – इस अवधि में उच्च जन्म-दर तथा घटती मृत्यु-दर के कारण जनसंख्या में निरन्तर वृद्धि हुई। स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के कारण प्लेग, हैजा, मलेरिया आदि महामारियों के कारण होने वाली मौतें घट गईं। परिवहन के विकसित साधनों द्वारा खाद्यान्न भेजने से अकाल के कारण भी मौतें घट गईं। इसे मृत्यु प्रेरित वृद्धि (Mortality induced growth) कहते हैं।
(iii) 1951 और 1981 के मध्य – इस अवधि में तीव्र गति से वृद्धि के कारण भारत की जनसंख्या लगभग दुगुनी हो गई। स्वास्थ्य सेवाओं के अधिक सुधार के कारण जन्म-दर की तुलना में मृत्यु-दर तेजी से घटी। इस प्रकार यह प्रजनन प्रेरित वृद्धि (Faculity induced growth) थी।
(iv) 1981 के पश्चात् – इस अवधि में जन्म-दर कम होने तथा कम मृत्यु-दर के कारण वृद्धि दर में क्रमिक ह्रास हुआ, इस अवधि में जन्म-दर तेजी से घटी। यह 1981 में 34 प्रति हजार से घटकर 1999 में 26 प्रति हज़ार हो गई। यह प्रवृत्ति छोटे परिवार (Small Family) के प्रति अपने रुझान व सकारात्मक संकेत है।
प्रश्न 30.
भारत के लोगों की भाषाओं एवं बोलियों में अत्यधिक विविधता क्यों पाई जाती है ?
उत्तर:
भारत एक विशाल देश है। इस देश के लोगों की भाषा तथा बोली में अत्यधिक विविधता पाई जाती है। भारत की इतनी विस्तृत भूमि पर विशाल जन-समूह को देखते हुए यह विविधता आश्चर्यजनक नहीं है। यह विविधता भारत में विभिन्न जाति समूहों की विविधता के कारण उत्पन्न हुई है। भारतीय उप-महाद्वीप को आबाद करने की क्रिया एक लम्बे समय में सम्पन्न हुई है। इस समय में एशिया के निकटवर्ती प्रदेशों से विभिन्न जाति समूह भारत में आए। प्रत्येक मानव समूह द्वारा अपनी-अपनी भाषा के विकास के कारण सारे देश में अनेक भाषाएँ पाई जाती हैं। अलग-अलग प्रदेश में विभिन्न भाषाओं का विकास हुआ है। इन भाषाओं के आधार पर विभिन्न प्रदेशों की पहचान की जा सकती है।
प्रश्न 31.
देश के किन भागों में लिंग अनुपात अधिक तथा किन भागों में कम है ?
उत्तर:
देश में सबसे अधिक लिंग अनुपात केरल राज्य में 1084 स्त्रियां प्रति हज़ार पुरुष है जबकि राष्ट्रीय औसत लिंग अनुपात 940 है। राष्ट्रीय औसत से कम लिंग अनुपात, निम्नलिखित राज्यों में है कम लिंग अनुपात वाले राज्य-सिक्किम (889), नागालैंड (931), हरियाणा (877), पंजाब (893), उत्तर प्रदेश (898), जम्मू-कश्मीर (883), पश्चिमी बंगाल (947), राजस्थान (926), अरुणाचल प्रदेश (920), बिहार (926), असम (991) है।
मध्य प्रदेश (930), महाराष्ट्र (925), गुजरात (918), जम्मू कश्मीर (908)। लिंग अनपात वाले राज्य-राष्टीय औसत से अधिक लिंग अनपात निम्नलिखित राज्यों में है उड़ीसा (978), आन्ध्र प्रदेश (972), तमिलनाडु (995), कर्नाटक (968), हिमाचल प्रदेश (974), मेघालय (966), गोआ (968), केरल (1084) है। पांडिचेरी (1038), छत्तीसगढ़ (991), मणिपुर (997), उत्तराखण्ड (963), त्रिपुरा (900), झारखण्ड (947), मिजोरम (973)।
प्रश्न 32.
लिंग अनुपात से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
किसी भी देश के सामाजिक विकास के लिए लिंग संरचना का ज्ञान आवश्यक है। प्रति हज़ार पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या के अनुपात को लिंग अनुपात (Sex Ratio) कहा जाता है। भारत में लिंग अनुपात निरन्तर कम होता जा रहा है। सन् 1901 में यह अनुपात 972 प्रति हज़ार पुरुष था जबकि 2011 में यह संख्या घट कर 940 हो गई है। भारत में केवल केरल राज्य में ही स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है। यहां एक हजार पुरुषों के पीछे 1084 स्त्रियां हैं।
प्रश्न 33.
‘सन् 1901 के बाद लिंगानुपात सामान्यतः घटता जा रहा है।’ इस कथन का विश्लेषण आलोचनात्मक रूप में कीजिए और इस घटती हुई प्रवृत्ति के कारण भी बताइए।
अथवा
विगत शताब्दी में लिंगानुपात की प्रवृति बताओ।
उत्तर:
सन् 1901 के बाद से जनगणनाओं में भारत में लिंग अनुपात लगातार घटता जा रहा है। 1901 में यह लिंगानुपात 972 प्रति हज़ार पुरुष था, 2011 में यह घट कर 940 हो गया है। यह प्रवृत्ति हमारी सामाजिक बुराइयों के कारण है। भारत में जनसंख्या की लिंग संरचना पर कई तत्त्वों का विशेष प्रभाव पड़ा है। हमारे समाज में पुरुषों को अधिक महत्त्व देने की प्रथा है। स्त्रियों को समान अधिकार दिलाने के लिए शिक्षा का प्रचार तथा विवाह योग्य आयु को बढ़ाना आवश्यक है।
स्त्रियों की स्थिति, स्वास्थ्य और शिक्षा की उपेक्षा होती है। प्रत्येक आयु वर्ग में पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों की अधिक मृत्यु होती है। प्रसव के दौरान स्त्रियों की मृत्यु के कारण लिंग अनुपात और भी कम हो जाता है। कई प्रदेशों में श्रमिक पुरुषों के बाहर प्रवास से भी स्त्रियों का अनुपात बढ़ जाता है। मध्य प्रदेश, उड़ीसा और आन्ध्र प्रदेश राज्यों में बड़ी संख्या में बाहर से आकर काम करने वाली स्त्रियों के कारण लिंग अनुपात बढ़ जाता है। कई औद्योगिक प्रदेशों में अप्रवासी पुरुषों की अधिकता के कारण जनसंख्या में लिंग अनुपात कम रह जाता है।
प्रश्न 34.
भारत की जनसंख्या की व्यावसायिक संरचना के मुख्य लक्षणों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
व्यवसाय (Occupation) – व्यवसाय से अभिप्राय है वह कार्य जिससे व्यक्ति अपनी रोजी रोटी कमाता E. . है। भारत में सामान्य रूप से व्यवसायों को तीन वर्गों में बांटा जाता है –
- प्राथमिक
- द्वितीयक
- तृतीयक।
भारत की व्यावसायिक संरचना (Occupational Structure) –
(i) भारत में 2001 में दो तिहाई मुख्य कामगार (67.4 प्रतिशत) कृषि कार्यों में लगे हुए हैं।
(ii) भारत में कामगारों को निम्न चार श्रेणियों में बांटा जाता है।
(क) कृषक
(ख) खेतीहर मजदूर
(ग) घरेलू, औद्योगिक कामगार
(घ) अन्य कामगार।
(iii) गैर-कृषि कार्यों में विनिर्माण, व्यापार, परिवहन, संचार, भंडारण मुख्य व्यवसाय हैं जिनमें केवल 12.1 प्रतिशत लोग काम करते हैं।
(iv) श्रम शक्ति में 38.72 प्रतिशत किसान तथा 26.09 प्रतिशत खेतीहर मजदूर थे।
(v) देश में कृषि कामगारों का अनुपात घट रहा है। यह अनुपात 1971 में 69.49 से घटकर 2001 में 58.4 प्रतिशत रह गया है।
भारत-कामगारों की व्यावसायिक संरचना (प्रतिशत)-2001
व्यवसाय | व्यक्ति | पुरुष | स्त्री |
1. कृषक | 31.71 | 31.34 | 32.50 |
2. कृषीय श्रमिक | 22.69 | 20.82 | 39.43 |
3. घरेलू उद्योग | 4.07 | 3.02 | 6.37 |
4. अन्य कामगार | 37.58 | 44.72 | 21.70 |
5. योग | 100.00 | 100.00 | 100.00 |
प्रश्न 35.
भारत में आयु संरचना की मुख्य विशेषताओं का वर्णन करो।
उत्तर:
भारत में जनगणना के अनुसार 5 आयु वर्ग हैं –
आयु वर्ग | कुल जनसंख्या का प्रतिशत |
1. 0-14 वर्ष | 40% |
2. 15-29″ | 26% |
3. 30-39″ | 12% |
4. 40-49″ | 10% |
5. 50-59″ | 6% |
6. 60 वर्ष से अधिक | 6% |
श्रमजीवी वर्ग 15-59 वर्ष तक है जबकि महिला वर्ग में प्रजनन आयु वर्ग 15-49 वर्ष है।
मुख्य विशेषताएं –
(i) जहां तक जनसंख्या की आयु संरचना का संबंध है, भारत की कुल जनसंख्या के लगभग एक-चौथाई की आयु 10 वर्ष से कम है।
(2) लगभग 21 प्रतिशत जनसंख्या 10-19 आयु वर्ग में है। यहां यह समझना महत्त्वपूर्ण है कि देश की 47 प्रतिशत जनसंख्या 20 वर्ष से कम आयु के लोगों की है।
(3) मापनी के दूसरे सिरे पर केवल 7 प्रतिशत जनसंख्या 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वाले लोगों की है। इससे यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि देश की 93 प्रतिशत जनसंख्या 60 वर्ष से कम आयु की है।
(4) यह स्पष्ट है कि 37.25 प्रतिशत जनसंख्या 15 वर्ष से कम है।
(5) 15-29 वर्ष की आयु वाले युवा वर्ग की है।
(6) सिर्फ 16 प्रतिशत जनसंख्या 40-49 वर्ष के मध्यम आयु वर्ग में है।
(7) आयु संरचना में अन्तःप्रादेशिक और अन्तर्राज्यीय अंतर है जिन्हें 1991 के जनगणना के प्रासंगिक सारणियों के अध्ययन द्वारा समझा जा सकता है।
प्रश्न 36.
आर्थिक स्तर की दृष्टि से भारतीय जनंसख्या के तीन वर्ग कौन-से हैं ? प्रत्येक वर्ग की मुख्य विशेषता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आर्थिक स्तर की दृष्टि से भारतीय जनसंख्या को निम्नलिखित तीन वर्गों में बांटा जाता है
1. मुख्य श्रमिक (Main worker)
2. सीमांत श्रमिक (Marginal worker)
3. अश्रमिक (Non workers)
विशेषताएं –
1. मुख्य श्रमिक-वह व्यक्ति है जो एक वर्ष में कम-से-कम 183 दिन काम करता है। इसे कार्यशील जनसंख्या कहते हैं।
2. सीमान्त श्रमिक-वह व्यक्ति जो एक वर्ष में 183 दिनों से कम दिन काम करता है। मुख्य तथा सीमान्त श्रमिक 39% है।
3. अश्रमिक-वह व्यक्ति है जो अपने भरण-पोषण के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है। भारत में 61% जनसंख्या अश्रमिक वर्ग से जुड़ी है। इसे आश्रित (Dependent) जनसंख्या कहते हैं।
प्रश्न 37.
‘विशाल जनसंख्या प्राकृतिक तथा मानव संसाधनों पर एक बोझ है।’ व्याख्या करो।
उत्तर:
भारत में विशाल जनसंख्या है, 121.02 करोड़ जनसंख्या विश्व का 16.7% भाग है। अधिक जनसंख्या के कारण कई सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। मानव तथा प्राकृतिक संसाधनों पर बोझ बढ़ता जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप निर्धनता तथा बेरोजगारी बढ़ रही है। वातावरण का प्रदूषण एक गम्भीर रूप धारण कर रहा है। जातीय विविधता, अत्यधिक ग्रामीण स्वरूप तथा असमान वितरण सामाजिक आर्थिक विकास की गति को धीमा कर रहा है। भारतीय कृषि इस तीव्र गति से बढ़ रही जनसंख्या का भरण-पोषण नहीं कर सकती।
प्रश्न 38.
कोई ऐसे तीन मूल्य आधारित तथ्य लिखें जो ‘भारत की जनसंख्या के असमान रूप से वितरण’ के लिए उत्तरदाई हैं।
उत्तर:
भारत की जनसंख्या के वितरण के उत्तरदाई कारण –
(i) पर्वतों, मरुस्थलों तथा वन-प्रदेशों में कठोर जलवायु होने से जनसंख्या कम है।
(ii) बड़े क्षेत्र के राज्यों में तथा अधिक विकसित राज्यों में मूल सुविधाओं की उपलब्धता के कारण जनसंख्या अधिक है।
(iii) जलोढ मैदानों तथा तटीय मैदानों में उपज या रोजगार के साधन अधिक उपलब्ध हैं जिनके चलते इनकी जनसंख्या अधिक है।
प्रश्न 39.
ग्रामीण जनसंख्या तथा नगरीय जनसंख्या में कौन से मूल्य आधारित तथ्य अन्तर स्पष्ट करने में सहायक हैं ?
उत्तर:
नगरीय जनसंख्या (Urban Population) | ग्रामीण जनसंख्या (Rural Population) | |
(i) मुख्य
व्यवसाय |
(1) इन लोगों का मुख्य व्यवसाय निर्माण उद्योग तथा व्यापार होता है। | (1) इन लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि तथा पशु-पालन होता है। |
(ii) उपलब्ध
सुविधाएँ |
(2) नगरीय जनसंख्या को परिवहन, चिकित्सा, शिक्षा आदि सेवाएं प्राप्त होती हैं। | (2) ग्रामीण जनसंख्या को आधुनिक सुविधाएं प्राप्त नहीं होती हैं। |
(iii) जनसंख्या
घनत्व |
(3) इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक होता हैं। | (3) इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक नहीं होता है। |
अन्तर स्पष्ट करो
प्रश्न 1.
उत्पादक और आश्रित जनसंख्या में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
उत्पादक जनसंख्या (Productive Population) | आश्रित जनसंख्या (Dependent Population) |
(1) लाभदायक आर्थिक क्रियाओं में कार्य करने वाले लोगों को उत्पादक जनसंख्या कहा जाता है। | (1) जो लोग किसी आर्थिक क्रिया में सहयोग नहीं देते, उन्हें आश्रित जनसंख्या कहा जाता है। |
(2) ऐसे जन-समुदाय को श्रमिक बल कहा जाता है। | (2) ऐसे जन-समुदाय को अश्रमिक बल कहा जाता हैं। |
(3) ये लोग 15-60 वर्ष की आयु वर्ग से होते हैं। | (3) इस वर्ग में 60 वर्ष की आयु से अधिक के व्यक्ति तथा 15 वर्ष से कम के बच्चे शामिल होते हैं। |
(4) ये लोग स्वयं कुछ कार्य करके अपना जीवन निर्वाह करते हैं। | (4) ये लोग बेरोज़गार होते हैं तथा श्रमिक लोगों पर आश्रित होते हैं। |
(5) भारत में लगभग 33% लोग श्रमिक हैं। | (5) भारत में लगभग 67% लोग आश्रित हैं। |
प्रश्न 2.
ग्रामीण जनसंख्या तथा नगरीय जनसंख्या में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
नगरीय जनसंख्या (Urban Population) | ग्रामीण जनसंख्या (Rural Population) |
(1) इन लोगों का मुख्य व्यवसाय निर्माण उद्योग तथा व्यापार होता है। | (1) इन लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि तथा पशु पालन होता है। |
(2) नगरीय जनसंख्या को परिवहन, चिकित्सा, शिक्षा आदि सेवाएं प्राप्त होती हैं। | (2) ग्रामीण जनसंख्या को आधुनिक सुविधाएं प्राप्त नहीं होती हैं। |
(3) इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक होता है। | (3) इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक नहीं होता है। |
प्रश्न 3.
जनसंख्या का अंकगणितीय तथा फिजियोलॉजिकल (कायिक) घनत्व में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
अंकगणितीय घनत्व (Arithmatical Density) | फिजियोलॉजिकल (कायिक) घनत्व (Physiological Density) |
(1) इस पद्धति द्वारा प्रति इकाई क्षेत्रफल पर व्यक्तियों की संख्या प्रकट की जाती है। | (1) इस पद्धति द्वारा कुल जनसंख्या तथा कुल कृषि भूमि के अनुपात को प्रकट किया जाता है। |
(2) भारत में फिजियोलॉजिकल घनत्व (2011) | (2) भारत का अंकगणितीय घनत्व (2011) = |
(3) इससे जनसंख्या वितरण की भिन्नताओं का पता चलता है। | (3) इस पद्धति से कृषि भूमि पर निर्भर लोगों की संख्या का पता चलता है। |
निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)
प्रश्न 1.
“जनसंख्या के घनत्व” से क्या अभिप्राय है ? जनसंख्या का घनत्व किन तत्त्वों पर निर्भर करता है ? उदाहरण दो।
उत्तर:
जनसंख्या का घनत्व (Density of Population) – किसी प्रदेश की जनसंख्या और भूमि के क्षेत्रफल के अनुपात को जनसंख्या का घनत्व कहते हैं। इससे किसी प्रदेश में लोगों की सघनता का पता चलता है। यह घनत्व प्रति वर्ग मील या प्रति वर्ग किलोमीटर द्वारा प्रकट किया जाता है। एक वर्ग किलोमीटर या एक वर्ग मील में औसत रूप से जितने लोग रहते हैं, जनसंख्या का घनत्व कहलाता है। भारत में जनसंख्या का स्थानिक वितरण बहुत असमान है।
जनसंख्या का घनत्व प्रायः खाद्य पदार्थों की सुविधा तथा रोजगार की प्राप्ति पर निर्भर करता है। प्राकृतिक सुविधाओं का महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है परन्तु कई प्रकार के भौतिक, सामाजिक, राजनीतिक तथा ऐतिहासिक कारण मिलकर जनसंख्या के घनत्व पर प्रभाव डालते हैं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिमी बंगाल घने बसे राज्य हैं परन्तु हिमाचल, सिक्किम, नागालैण्ड, अरुणाचल विरल जनसंख्या प्रदेश हैं।
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों को तीन समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है –
(क) भौतिक कारक
(ख) सामाजिक आर्थिक कारक
(ग) जनांकिकीय कारक
(क) भौतिक कारण (Natural Factors)
1. धरातल (Land) – किसी देश में पर्वत, मैदान तथा पठार जनसंख्या के घनत्व पर अलग-अलग प्रभाव डालते हैं। पर्वतीय भागों में समतल भूमि की कमी, कठोर जलवायु, यातायात के कम साधनों तथा कृषि के अभाव के कारण जनसंख्या कम होती है। इसीलिए हिमाचल प्रदेश, मेघालय कम जनसंख्या वाले प्रदेश हैं। मैदानी प्रदेशों में कृषि, जल सिंचाई, यातायात, व्यापार तथा जीवन निर्वाह की सुविधाओं के कारण घनी जनसंख्या मिलती है। संसार की 80%
जनसंख्या मैदानों में निवास करती है। गंगा का मैदान घनी जनसंख्या वाला क्षेत्र है।
2. जलवायु (Climate) – तापमान तथा वर्षा जनसंख्या के घनत्व पर स्पष्ट प्रभाव डालते हैं। अधिक ठण्डे या अधिक गर्म क्षेत्रों में कम जनसंख्या होती है। इसीलिए संसार के उष्ण तथा शीत मरुस्थल व ध्रुवीय प्रदेश लगभग खाली हैं। राजस्थान मरुस्थल में कम जनसंख्या मिलती है। यहां मानसूनी जलवायु के प्रदेशों में घनी जनसंख्या मिलती है। यहां पर्याप्त वर्षा कृषि के उपयुक्त होती है। उत्तरी मैदान के पांच राज्यों में देश की कुल जनसंख्या का 1/2 भाग निवास करत
3. मिट्टी (Soil) – गहरी उपजाऊ मिट्टी में कृषि उत्पादन अधिक होता है। इन प्रदेशों में अधिक लोगों को भोजन प्राप्त करने की क्षमता होती है। नदी घाटियों की कछारी मिट्टी में चावल का अधिक उत्पादन होने के कारण अधिक जनसंख्या मिलती है। गंगा नदी के उपजाऊ मैदानों में जनसंख्या का अधिक जमाव है। लावा मिट्टी के उपजाऊपन के कारण ही महाराष्ट्र में घनी जनसंख्या है।
4. खनिज पदार्थ (Minerals) – खनिज पदार्थ लोगों के आकर्षण का केन्द्र होते हैं। कोयला, तेल, लोहा, सोना आदि खनिज पदार्थों वाले क्षेत्रों में जनसंख्या का घनत्व अधिक पाया जाता है। भारत में दामोदर घाटी में खनिजों के विशाल भण्डार के कारण घनी जनसंख्या है। जिन क्षेत्रों में कोयला, तेल तथा पन-बिजली के शक्ति साधनों का अधिक विकास होता है, वहां औद्योगिक विकास . के कारण अधिक जनसंख्या मिलती है; जैसे
जमशेदपुर।।
5. नदियां और जल प्राप्ति (River and Water Supply) – नदियां जल का मुख्य साधन होती हैं। इनका जल पीने, जल-सिंचाई, उद्योग-धन्धों तथा यातायात के लिए प्रयोग किया जाता है। इन सुविधाओं के कारण नदियों के किनारों पर अधिक जनसंख्या मिलती है। इसीलिए कई प्राचीन शहर, जैसे-कोलकाता, दिल्ली, आगरा तथा इलाहाबाद नदियों के किनारे ही स्थित हैं।
(ख) आर्थिक कारण (Economic Factors):
6. खेतीबाड़ी (Agriculture) – अधिक कृषि उत्पादन वाले क्षेत्रों में अधिक भोजन प्राप्ति के कारण घनी जनसंख्या होती है। चावल उत्पन्न करने वाले क्षेत्रों में साल में तीन-तीन फसलों के कारण अधिक लोगों का निर्वाह हो सकता है। इसीलिए उत्तरी मैदान में अधिक जनसंख्या है। जहां आधुनिक अधिक उपज वाली फसलों के कारण पंजाब आदि राज्यों में अधिक जनसंख्या घनत्व है।
7. उद्योग (Industries) – औद्योगिक विकास से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है। औद्योगिक नगरों के निकट बहुत-सी बस्तियां बस जाती हैं तथा जनसंख्या अधिक हो जाती है। दामोदर घाटी में औद्योगिक विकास के कारण ही अधिक जनसंख्या है। इन क्षेत्रों में अधिक व्यापार के कारण भी घनी जनसंख्या होती है।
8. यातायात के साधनों की सुविधा (Easy Means of Transportation) – यातायात के साधनों की सुविधाओं के कारण उद्योगों, कृषि तथा व्यापार का विकास होता है। तटीय क्षेत्रों में जल मार्ग की सुविधा के कारण संसार की अधिकतर जनसंख्या निवास करती है। पर्वतीय भागों तथा कई भीतरी प्रदेशों में यातायात के साधनों की कमी के कारण कम जनसंख्या होती है।
9. नगरीय विकास (Urban Development) – किसी नगर के विकास के कारण उद्योग, व्यापार तथा परिवहन विकास हो जाता है। शिक्षा, मनोरंजन आदि सुविधाओं के कारण नगरों में तेजी से जनसंख्या बढ़ जाती है।
(ग) जनांकिकीय कारक (Demographic factors) – प्रजनन दर, मृत्यु दर तथा प्रवाह, नगरीकरण जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करते हैं।
प्रश्न 2.
भारत में जनसंख्या वितरण की विभिन्नता तथा इसके कारणों का वर्णन करो।
अथवा
भारत की जनसंख्या घनत्व का राज्य स्तरीय विश्लेषण करें।
उत्तर:
जनसंख्या का वितरण (Distribution of Population) – भारत क्षेत्रफल के आधार पर संसार में सातवां बड़ा देश है परन्तु जनसंख्या की दृष्टि से भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 102.8 करोड़ थी तथा जनसंख्या घनत्व 323 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० था। भारत में जनसंख्या का वितरण बहुत असमान है। देश में प्राकृतिक तथा आर्थिक दशाओं की विभिन्नता के कारण जनसंख्या के वितरण तथा घनत्व में बहुत विभिन्नता है। गंगा-सतलुज के उपजाऊ मैदान में देश के 23% क्षेत्र में 52% जनसंख्या का संकेन्द्रण है जबकि हिमालय के पर्वतीय भाग में 13% क्षेत्र में केवल 2% जनसंख्या निवास करती है।
केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली में जनसंख्या का घनत्व 9340 (भारत में सबसे अधिक) है। जबकि अरुणाचल प्रदेश में केवल 13 (भारत में सबसे कम) है। सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश है जहां 16 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं। भारत में जनसंख्या का घनत्व, धरातल; मिट्टी के उपजाऊपन, वर्षा की मात्रा तथा जल सिंचाई पर निर्भर करता है। भारत मूलतः कृषि प्रधान देश है। इसलिए अधिक घनत्व उन प्रदेशों में पाया जाता है जहां भूमि की कृषि उत्पादन क्षमता अधिक है। जनसंख्या का घनत्व वर्षा की मात्रा पर निर्भर करता है। पिछले कुछ वर्षों में औद्योगिक क्षेत्रों में भी जनसंख्या घनत्व बढ़ता जा रहा है।
Country | Population (In millions) |
1. China | 1341.0 |
2. India | 1,210.2 |
3. U.S.A. | 308.7 |
4. Indonesia | 237.6 |
5. Brazil | 190.7 |
6. Pakistan | 184.8 |
7. Bangladesh | I 64.4 |
8. Nigeria | 158.3 |
9. Russian Fed. | I 404 |
10. Japan | 128.1 |
11. Other Countries | 2844.7 |
12. World | 6908.7 |
जनसंख्या का घनत्व (Density of Population) – किसी प्रदेश की जनसंख्या तथा भूमि के क्षेत्रफल के अनुपात को जनसंख्या घनत्व कहते हैं। इसे निम्न प्रकार से प्रकट किया जाता है कि एक वर्ग कि०मी० में औसत रूप से कितने व्यक्ति रहते हैं।
उदाहरण के लिए भारत का कुल क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग कि०मी० है तथा जनसंख्या 121.7 करोड़ है। इस प्रकार भारत की औसत जनसंख्या
= 382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०
भारत को जनसंख्या के घनत्व के आधार पर क्रमशः तीन भागों में बांटा जा सकता है –
1. अधिक घनत्व वाले क्षेत्र (Densely Populated Areas):
इस भाग में वे राज्य शामिल हैं जहां जनसंख्या घनत्व 500 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० से अधिक है। अधिक घनत्व वाले क्षेत्र प्रायद्वीपीय भारत के चारों ओर एक मेखला बनाते हैं। पंजाब से लेकर गंगा के डेल्टा तक जनसंख्या का घनत्व अधिक है। एक अनुमान है कि इस भाग के 17% क्षेत्रफल में 43% जनसंख्या निवास करती है। इस क्षेत्र के तीन समूह हैं –
राज्यवार जनसंख्या वितरण-2011
राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश | कुल क्षेत्र (वर्ग कि०मी०) | भारत के कुल क्षेत्रफल का % भाग | कुल जनसंख्या | भारत की कुल जनसंख्या का % भाग | घनत्व प्रति वर्ग कि०मी० |
1. उत्तर प्रदेश | 240928 | 7.33 | 19,95,81,477 | 16.49 | 828 |
2. महाराष्ट्र | 307713 | 9.36 | 11,23,72,972 | 9.29 | 365 |
3. बिहार | 94163 | 9.86 | 10,38,04,637 | 8.58 | 1102 |
4. पश्चिमी बंगाल | 88752 | 5.7 | 9,12,47,736 | 7.55 | 1029 |
5. आन्ध्र प्रदेश | 275045. | 8.37 | 8,46,65,533 | 7.00 | 308 |
तथा तेलंगाना | 130055 | 3.96 | 7,25,97,565 | 6.00 | 236 |
6. तमिलनाडु | 308245 | 9.38 | 7,21,38,958 | 5.96 | 555 |
7. मध्य प्रदेश | 342239 | 10.41 | 6,86,21,012 | 5.67 | 201 |
8. राजस्थान | 191791 | 5.83 | 6,11,30,704 | 5.05 | 319 |
9. कर्नाटक | 196024 | 5.96 | 6,03,83,628 | 4.99 | 308 |
10. गुजरात | 155707 | 4.74 | 4,19,47,358 | 3.47 | 269 |
11. ओडिशा | 38863 | 1.18 | 3,33,87,677 | 2.76 | 859 |
12. केरल | 79714 | 2.42 | 3,29,66,238 | 2.72 | 414 |
13. झारखण्ड | 78438 | 2.39 | 3,11,69,272 | 2.58 | 397 |
14. असम | 50362 | 1.53 | 2,77,04, 236 | 2.29 | 550 |
15. पंजाब | 44212 | 1.34 | 2,55,40,196 | 2.11 | 573 |
16. हरियाणा | 135191 | 4.11 | 2,53,53,081 | 2.09 | 189 |
17. छत्तीसगढ़ | 143 | 0.05 | 1,67,53,235 | 1.38 | 11297 |
18. दिल्ली* | 222236 | 6.76 | 1,25,48,926 | 1.04. | 124 |
19. जम्मू तथा कश्मीर | 53483 | 1.63 | 101,16,752 | 0.84 | 159 |
20. उत्तराखंड | 1483 | 0.05 | 167,53,235 | .38.. | 11297 |
21. हिमाचल प्रदेश | 222236 | 6.76 | 1,25,48,926 | 1.04 | 124 |
22. त्रिपुरा | 53483 | 1.63 | 101,16,752 | 0.84 | 159 |
23. मणिपुर | 55673 | 1.69 | 68,56,509 | 0.57 | 124 |
24. मेघालय | 10486 | 0.32 | 36,71,032 | 0.30 | 350 |
25. नागालैण्ड | 22327 | 0.68 | 29,64007 | 0.24 | 132 |
26. गोवा | 22429 | 0.68 | 27,21,756 | 0.22 | 122 |
27. अरुणाचल प्रदेश | 16579 | 0.5 | 19,80,602 | 0.16 | 119 |
28. पॉडिचेरी* | 3702 | 0.11 | 14,57,723 | 0.12 | 394 |
29. मिजोरम | 83743 | 2.55 | 13,82,611 | 0.11 | 17 |
30. चण्डीगढ़* | 0.14 | 12,44,464 | 0.10 | 2598 |
(1) पश्चिमी तटीय मैदान – इस भाग में केरल प्रदेश में घनत्व 859 व्यक्ति प्रति वर्ग कि. मी. है।
कारण –
(i) अधिक वर्षा
(2) मैदानी भाग तथा उपजाऊ मिट्टी
(3) चावल की अधिक उपज
(4) उद्योगों के लिए जल विद्युत्
(5) उत्तम बन्दरगाहों का होना
(6) जलवायु पर समुद्र का समकारी प्रभाव।
(ii) पश्चिमी बंगाल-इस भाग में घनत्व 1029 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० है।
कारण –
(1) गंगा नदी का उपजाऊ डेल्टा
(2) अधिक वर्षा
(3) चावल की वर्ष में तीन फसलें
जनसंख्या घनत्व व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०-2011
राज्य | घनत्व | राज्य | घनत्व |
पश्चिमी बंगाल | 1029 | उत्तर प्रदेश | 828 |
केरल | 859 | तमिलनाडु | 555 |
बिहार | 1102 | पंजाब | 550 |
हरियाणा | 573 |
कारण –
(4) कोयले के भण्डार
(5) प्रमुख उद्योगों का स्थित होना।
(iii) उत्तरी मैदान-इस भाग में विभिन्न प्रदेशों के घनत्व बिहार (1102), उत्तर प्रदेश (828), पंजाब (550), हरियाणा (573) व्यक्ति प्रति वर्ग कि. मी०।. .
कारण –
(1) सतलुज, गंगा आदि नदियों के उपजाऊ मैदान
(2) पर्याप्त वर्षा तथा स्वास्थ्यप्रद जलवायु
(3) जल सिंचाई की सुविधाएं
(4) कृषि के लिए आदर्श दशाएं
(5) व्यापार, यातायात तथा उद्योगों का विकास
(6) नगरों का अधिक होना।
(iv) पूर्वी तट – इस भाग में तमिलनाडु प्रदेश में घनत्व 555 व्यक्ति वर्ग कि० मी० है। महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, डेल्टा में अधिक घनत्व के समूह हैं ।
कारण –
(1) नदियों के उपजाऊ डेल्टा
(2) उद्योगों की अधिकता.
(3) गर्म आर्द्र जलवायु
(4) चावल का अधिक उत्पादन
(5) दोनों ऋतुओं में वर्षा
(6) जल सिंचाई की सुविधा।
2. साधारण घनत्व वाले क्षेत्र (Moderately Populated Areas) –
इस भाग में वे राज्य शामिल हैं जिनका घनत्व 250 से 500 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है। मुख्य रूप से ये प्रदेश पूर्वी तथा पश्चिमी घाट, अरावली पर्वत तथा गंगा के मैदान की सीमाओं के अन्तर्गत स्थित है।
जनसंख्या घनत्व – व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० – 2011
राज्य | जनसंख्या घनत्व |
गोआ | 399 |
जनसंख्या घनत्व | 397 |
त्रिपुरा | 365 |
आन्ध्र प्रदेश | 350 |
असम | 308 |
कर्नाटक | 319 |
महाराष्ट्र | 308 |
गुजरात | 269 |
उड़ीसा | 399 |
कारण –
(1) इन भागों में पथरीला या रेतीला धरातल होने के कारण कृषि उन्नत नहीं है।
(2) कृषि के लिए वर्षा पर्याप्त नहीं है। कुछ क्षेत्रों में हरित क्रान्ति के कारण जनसंख्या अधिक है।
(3) उद्योग उन्नत नहीं हैं।
(4) यातायात के साधन उन्नत नहीं हैं।
(5) परन्तु जंल सिंचाई, लावा मिट्टी औद्योगिक विकास तथा खनिज पदार्थों के कारण साधारण जनसंख्या मिलती है।
3. कम घनत्व वाले क्षेत्र (Sparsely Populated Areas):
इस भाग में वे पान्त शामिल हैं जिनका घनत्व 250 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० से कम है।
(i) उत्तर-पूर्वी भारत – इस भाग में मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश तथा मिज़ोरम शामिल हैं।
व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०-2011
राज्य | घनत्व |
मणिपुर | 122 |
मेघालय | 132 |
नागालैंड | 119 |
सिक्किम | 86 |
मिजोरम | 52 |
अरुणाचल प्रदेश | 17 |
कारण –
(1) असमतल तथा पर्वतीय धरातल
(2) वन प्रदेश की अधिकता
(3) मलेरिया का प्रकोप
(4) उद्योगों का पिछड़ापन
(5) सीमा प्रान्त होने के कारण असुरक्षित
(6) यातायात के साधनों की कमी
(7) ब्रह्मपुत्र नदी की भयानक बाढ़ों से हानि ।
(ii) कच्छ तथा राजस्थान प्रदेश-इस भाग में राजस्थान का थार का मरुस्थल तथा खाड़ी कच्छ के प्रदेश शामिल हैं।
कारण –
(1) कम वर्षा
(2) कठोर जलवायु
(3) मरुस्थलीय भूमि के कारण कृषि का अभाव
(4) खनिज तथा उद्योगों की कमी
(5) जल सिंचाई के साधनों की कमी
(6) गुजरात की खाड़ी तथा कच्छ क्षेत्र का दलदली होना।
(iii) जम्मू – कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश-हिमालय पर्वत के पहाड़ी क्षेत्र में जनसंख्या बहुत कम है। हिमाचल प्रदेश में 123 घनत्व है तथा जम्मू-कश्मीर में 124 है।
कारण –
(1) शीतकाल में अत्यन्त सर्दी
(2) बर्फ से ढके प्रदेश का होना
(3) पथरीली धरातल के कारण कृषि क्षेत्र
(4) यातायात के साधनों की कमी
(5) वनों का अधिक.विस्तार
(6) सीमान्त प्रदेश का होना
(7) उद्योगों की कमी।
(iv) मध्य प्रदेश – इस प्रान्त में कुछ भागों में बहुत कम जनसंख्या है। मध्य प्रदेश में जनसंख्या घनत्व 196 है।
प्रश्न 3.
भारत में नगरीकरण की प्रवृत्ति की विवेचना विशेष रूप से स्वतन्त्रता के बाद के वर्षों के संदर्भ में कीजिए।
उत्तर:
नगरीकरण (Urbanisation) –
प्राय: नगर की परिभाषा जनगणना के अनुसार की जाती है। नगर में वे सभी क्षेत्र होते हैं जहां नगरपालिकाएं आदि स्थापित हों, जनसंख्या कम-से-कम 5000 हो तथा 75% श्रमिक वर्ग ऐसी क्रियाओं में लगा हो जो कृषि से सम्बन्धित न हो। भारत वास्तव में ग्रामों का देश है। गांव ही भारतीय संस्कृति के आधार रहे हैं। भारत के नगरीय जनसंख्या का विशाल आकार है। 2011 की जनगणना के अनुसार देश में 37 करोड़ 70 लाख लोग नगरों में रहते हैं। यह जनसंख्या संयुक्त राज्य अमेरिका की नगरीय जनसंख्या के लगभग बराबर है। भारत का संसार में नगरीय जनसंख्या की दृष्टि से पहला स्थान है। परन्तु भारत में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत अन्य देशों की तुलना में कम है। जैसे –
देशों | नगरीय जनसंख्या % |
संयुक्त राज्य अमेरिका | 75.00 |
ब्राजील | 75.00 |
जापान | 77.00 |
ऑस्ट्रेलिया | 85.00 |
भारत | 27.75 |
पाकिस्तान | 32.00 |
चीन | 39.00 |
विश्व | 45.00 |
नगरीय जनसंख्या में वृद्धि – भारत की जनसंख्या की तीव्र वृद्धि की साथ-साथ नगरीय जनसंख्या में भी वृद्धि हुई है। पिछले 80 वर्षों में (1901-1981) देश की कुल जनसंख्या में 3 गुना वृद्धि हुई है जबकि इसी समय में नगरीय जनसंख्या 6 गुना अधिक हो गई है।
वर्ष | नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत |
1901 | 10.84 |
1911 | 10.29 |
1921 | 11.17 |
1931 | 11.99 |
1941 | 13.85 |
1951 | 17.29 |
1961 | 17.97 |
1971 | 19.90 |
1981 | 23.31 |
1991 | 25.72 |
2001 | 27.75 |
2011 | 31.2 |
1901 से 1961 तक नगरीय जनसंख्या में मन्द गति से वृद्धि हुई है। परन्तु 1961 से 1981 तक 20 वर्षों में नगरीय जनसंख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। यह जनसंख्या 7.8 करोड़ से बढ़ कर 15.6 करोड़ हो गई है। नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत 17.9 से बढ़ कर 23.3 हो गया है। सन् 2001 में नगरीय जनसंख्या 27.7% थी। 2011 में नगरीय जनसंख्य 31.2% थी। भारत में नगरीकरण में नगरों के विकास का विशेष योगदान रहा है। औद्योगिक क्रान्ति के कारण कई नगरों का विकास हुआ है। भारतीय जनगणना के अनुसार नगरों को छ: वर्गों में बांटा गया है।
वर्ग | जनसंख्या |
प्रथम | 1 लाख से अधिक |
द्वितीय | 50,000 से 99,999 तक |
तृतीय | 20,000 से 49,999 तक |
चतुर्थ | 10,000 से 19,999 तक |
पंचम | 5000 से 9,999 |
षष्टम | 5000 से कम |
स्वतन्त्रता के पश्चात् बड़े नगरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जबकि छोटे नगरों की संख्या कम हो रही है। 2001 में देश में 4689 नगरों में से 500 प्रथम वर्ग के नगर थे। 1901 में एक लाख से अधिक जनसंख्या के प्रथम वर्ग केवल 24 थे। देश में 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों की संख्या 53 है जिसमें कुल जनसंख्या लगभग 10 करोड़ है जो भारत की कुल नगरीय जनसंख्या का एक तिहाई भाग है। कोलकाता, मुम्बई, दिल्ली, चेन्नई, बंगलौर, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे, कानपुर, नागपुर, जयपुर, लखनऊ दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर (Million Towns) हैं।
प्रश्न 4.
भारत के भाषा परिवारों के भौगोलिक वितरण का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
भारत के लोगों की भाषाओं में अत्यधिक विविधता है। भारत के लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं को निम्नलिखित चार भाषा परिवारों (Language Families) में बांटा जाता है –
1. आग्नेय (आस्ट्रिक) परिवार (Austric Family) – ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाओं के उप-परिवार में आग्नेय भाषाएं शामिल की जाती हैं। भारत में लगभग 62 लाख लोगों द्वारा ये भाषाएं बोली जाती हैं। इस परिवार की भाषाएं मुख्यतः जन-जातीय वर्गों द्वारा बोली जाती हैं।
(क) मुण्डा भाषा जो मुख्यतः संथाल परगना, मयूरभंज, रांची, बेतुल तथा बौद्ध खोडमहाल जन-जातीय जिलों में बोली जाती है।
(ख) मान खमेर वर्ग की खासी बोली मेघालय की खासी एवं जैन्तिया पहाड़ियों के क्षेत्र में बोली जाती है।
(ग) मान रुमेर वर्ग की खासी बोली निकोबार द्वीप में बोली जाती है।
2. चीनी-तिब्बती परिवार (Sino-Tibetan Family) – भारत में हिमालय तथा उप-हिमालयी क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषाएं चीनी-तिब्बती परिवार में शामिल की जाती हैं। ये भाषाएं तीन उप-वर्गों में बांटी जाती हैं –
(क) तिब्बती-हिमालयी वर्ग की भाषाएं लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और भटान में बोली जाती हैं। इस वर्ग में तिब्बती, बाल्ती, लद्दाखी, किन्नौरी, लेपचा आदि भाषाएं गिनी जाती हैं। इन समस्त भाषाओं में लद्दाखी बोलने वाले लोगों की संख्या सब से अधिक है।
(ख) उत्तर असमी वर्ग में 6 प्रमुख बोलियां जैसे अका, उफला, अबोर, मिरी, मिश्मी तथा मिशिंग सम्मिलित हैं।
ये भाषाएं अरुणाचल प्रदेश में बोली जाती हैं।
(ग) असमी-बर्मी वर्ग की भाषाओं में बोरों, नागा, कोचिन, कुकिचिन, बर्मी भाषाएं सम्मिलित हैं। ये भाषाएं हिन्द- . बर्मा सीमा तथा उत्तर-पूर्वी भारत में नागालैंड, लुशाई, मिजोरम, गारो तथा मणिपुर क्षेत्र में बोली जाती हैं।
3. द्राविड़ परिवार (Dravidian Family) – इस परिवार की भाषाएं मुख्यतः प्रायद्वीपीय पठार तथा छोटा नागपुर पठार के क्षेत्रों में बोली जाती हैं। इस परिवार में तेलुगु, तमिल, कन्नड़ तथा मलयालम मुख्य भाषाएं हैं। आंध्र प्रदेश में तेलुगु, तमिलनाडु में तमिल, कर्नाटक में कन्नड़ तथा केरल में मलयालम मुख्य भाषाएं हैं। इसके अतिरिक्त तलु, तुलकुरगी, पारजी, खोड़, कुरुख तथा मालती जैसी गौण भाषाएं भी इस परिवार में शामिल की जाती हैं। इस परिवार की भाषाओं में कम विविधता पाई जाती है।
4. आर्य परिवार (Aryan Family) – इसे भारतीय यूरोपीय भाषा परिवार भी कहा जाता है। भारत की अधिकांश जनसंख्या आर्य परिवार की भाषाएं बोलती है। इस परिवार की मुख्य भाषा हिन्दी है जो भारत की बहुसंख्यक जनता द्वारा बोली जाती है। भाषाओं के संदर्भ में हिन्दी का विश्व में चौथा स्थान है। भारत के उत्तरी मैदान में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान तथा हरियाणा मुख्य हिन्दी भाषी प्रदेश हैं। इन प्रदेशों में उर्दू तथा हिन्दोर है। इस परिवार की अन्य भाषाएं विभिन्न प्रदेशों में महत्त्वपूर्ण हैं। पश्चिमी भारत में कच्छी एवं सिंधी, दक्षिणी भारत में मराठी गवं कोंकण, पूर्वी भारत में उड़िया, बिहारी, बंगाली तथा उत्तर-पश्चिमी भाग में पंजाबी, राजस्थानी तथा मारवाड़ी मुख्य भाषाएं हैं।
भारत-1991 में अनुसूचित भागाओं का बोलने वालों की तलनात्मक संख्या
भाषा | बोलने वालों की संख्या (करोड़) | कुल जनसंख्या का (प्रतिशत) |
1. हिन्दी | 33.73 | 40.42 |
2. बांग्ला | 6.96 | 830 |
3. तेलुगु | 6.60 | 7.37 |
4. मराठी | 6.25 | 7.45 |
5. तमिल | 5.30 | 632 |
6. उर्दू | 4.34 | 5.18 |
7. गुजराती | 4.07 | 4.85 |
8. कन्नड़ | 3.28 | 3.91 |
9. मलयालम | 3.04 | 3.62 |
10. उड़िया | 2.81 | 3.35 |
11. पंजाबी | 2.34 | 2.79 |
12. असमिया | 1.31 | 1.56 |
13. सिंधी | 0.21 | 0.25 |
14. नेपाली | 0.21 | 0.25 |
15. कोंकणी | 0.18 | 0.21 |
16. मणिपुरी | 0.12 | 0.15 |
17. कश्मीरी | 60 हज़ार | 0.01 |
18. संस्कृति | 50 हजार | 0.01 |
प्रश्न 5.
भारतीय जनसंख्या के धार्मिक संगठन और स्थानिक वितरण की विवेचना कीजिए।
अथवा
भारत की जनसंख्या के धार्मिक संघटन की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
धार्मिक संगठन-भारत की जनसंख्या का एक महत्त्वपूर्ण पक्ष इसकी धार्मिक आस्थाओं की विविधता है। यह सामान्यतः जानी हुई बात है कि भारत का प्रमुख धर्म हिन्दू धर्म है। भारत में समय-समय पर दूसरे धर्म भी (ईसाई, यहूदी, पारसी, इस्लाम) क्रम में आते रहे हैं और भारतीय जनसंख्या के कुछ वर्ग उन्हें अपनाते भी रहे हैं।
(1) भारत में सबसे पहले प्रवेश करने वाला ईसाई धर्म था। ऐतिहासिक दस्तावेजों से यह पता चलता है कि सीरियन ईसाई भारत के पश्चिमी तट पर पहली सदी ईस्वी में ही आ गये थे।
(2) अरब व्यापारियों द्वारा इस्लाम का संदेश भारत के पश्चिमी तट पर रहने वाले लोगों तक मुस्लिम आक्रमण से पहले ही आ गया था।
(3) बौद्ध धर्म जो कभी भारत का एक महत्त्वपूर्ण धर्म था अब केवल कुछ छोटे क्षेत्रों में ही सीमित है।
इस प्रकार यह स्पष्ट है कि भारतीय जनसंख्या का धार्मिक संगठन धर्म परिवर्तन, प्रवास तथा देश विभाजन के कारण परिवर्तित होता रहा है। भारत के मुख्य धार्मिक समूहों में हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, सिक्ख, बौद्ध एवं जैन सम्मिलित किये जाते हैं। यद्यपि यहूदी, पारसी आदि जैसे दूसरे धर्मावलम्बी भी यहाँ पाये जाते हैं। कई जन-जातीय समुदाय जीववाद एवं टोटेमवाद पर विश्वास रखते हैं। भारत में कुल जनसंख्या में 82 प्रतिशत हिन्दू धर्मालम्बी हैं।
ये देश के सभी भागों में पाये जाते हैं, परन्तु कुछ जिलों में इनकी संख्या मुस्लिम, ईसाइयों, बौद्धों या सिक्खों की अपेक्षा कम है। अल्प संख्यकों में सबसे अधिक संख्या मुस्लिमों की है जो भारत की जनसंख्या का 12.12 प्रतिशत हैं। ईसाइयों की जनसंख्या 2.34 प्रतिशत है जबकि सिक्ख कुल जनसंख्या का केवल 1.93 प्रतिशत हैं। बौद्ध एवं जैन कुल जनसंख्या का क्रमश: 0.76 तथा 0.39 प्रतिशत हैं।
1. हिन्दू – हिन्दू धर्म भारत में सभी स्थानों पर पाया जाता है।
(क) उड़ीसा तथा मध्य प्रदेश में इनका प्रतिशत 95% से भी अधिक है।
(ख) उत्तर प्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश में यह प्रतिशत लगभग 95% है। मिज़ोरम में केवल 5% है।
(ग) मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा आन्ध्र प्रदेश में यह प्रतिशत 90% है। परन्तु पंजाब, जम्मू कश्मीर, मेघालय, नागालैंड में यह अल्प संख्या में है।
2. मुस्लिम – 1991 की जनगणना के अनुसार देश में मुसलमानों की संख्या 101.59 मिलियन थी जो देश की कुल जनसंख्या का 12.12 प्रतिशत थी। मुस्लिम संकेन्द्रण के प्रमुख क्षेत्रों में कश्मीर घाटी, ऊपरी गंगा मैदान के कुछ भाग (उत्तर प्रदेश) तथा पश्चिमी बंगाल के कई जिले हैं। यहां मुस्लिम जनसंख्या का अनुपात 20 से 46 प्रतिशत तक पाया जाता है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में कुल जनसंख्या का 61.40 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या है। ऊपरी गंगा मैदान के कई जिलों में मुस्लिम आबादी काफ़ी है।
3. ईसाई – भारत के 1 करोड़ 96 लाख ईसाइयों में से लगभग 29% लाख केरल में ही रहते हैं। ईसाइयों के संकेन्द्रण के अन्य क्षेत्र गोवा तथा तमिलनाडु हैं। गोवा की जनसंख्या का लगभग 30 प्रतिशत ईसाई धर्मावलम्बी है। सा एवं बिहार के कई जन-जातीय जिलों में ईसाई जनसंख्या का अनुपात महत्त्वपूर्ण है। इसी प्रकार मेघालय, मिज़ोरम, नागालैण्ड तथा मणिपुर में ईसाई जनसंख्या का अनुपात काफ़ी अधिक है। उदाहरण के लिए नागालैण्ड की कुल संख्या में, ईसाई जनसंख्या का अनुपात 87.47 प्रतिशत है। इसके बाद मिज़ोरम में यह अनुपात 85.73 प्रतिशत है। मेघालय के जिलों एवं मणिपुर के कुछ जिलों में यह अनुपात काफ़ी अधिक (50-98 प्रतिशत) पाया जाता है। उत्तर प्रदेश एवं पंजाब के कई जिलों में ईसाई थोडी संख्या में पाये जाते हैं।
4. सिक्ख-1991 की जनगणना में सिक्खों की संख्या 1 करोड़ 62 लाख दिखाई गई। वैसे तो भारत का कोई ऐसा भाग नहीं है जहां सिक्ख न रहते हों। परन्तु इनका अधिकतम संकेन्द्रण पंजाब तथा उससे संलग्न हरियाणा के जिलों में है। यह बात स्पष्ट है क्योंकि सिक्ख धर्म का उद्भव पंजाब में हुआ। उत्तर प्रदेश के तराई में, राजस्थान के गंगानगर, अलवर तथा भरतपुर में सिक्खों के संकेन्द्रण के छोटे-छोटे पॉकेट हैं। दिल्ली की कुल जनसंख्या का 4.84 प्रतिशत सिक्ख हैं। दूसरे राज्यों के नगरों में भी सिक्ख कम संख्या में रहते हैं।
5. बौद्ध, जैन तथा पारसी – भारत में लगभग 64 लाख बौद्ध, 35 लाख जैन तथा लगभग 72 हज़ार पारसी रहते हैं। भारत में कुल बौद्ध जनसंख्या का 79 प्रतिशत केवल महाराष्ट्र में रहता है। ये लोग बहुधा नव-बौद्ध हैं जो बाबा साहिब अंबेडकर के आन्दोलन से प्रभावित होकर बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन करके बौद्ध बने थे।
बौद्ध संकेन्द्रण के परम्परागत क्षेत्र लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश तथा त्रिपुरा हैं। भारत की कुल जैन जनसंख्या में से 28.80 प्रतिशत महाराष्ट्र 16.78 प्रतिशत राजस्थान में तथा 14.65 प्रतिशत गुजरात में रहते हैं। इन तीनों राज्यों को मिलाकर देश की कुल जैन जनसंख्या के 60.23 प्रतिशत पाये जाते हैं। जैनों के बारे में यह एक रोचक तथ्य है कि उनकी अधिकांश संख्या नगरों में रहती है। पारसी देश का सबसे छोटा धार्मिक समूह है। इनका अधिकतम संकेन्द्रण भारत के पश्चिमी भागों-महाराष्ट्र और गुजरात में है।
प्रश्न 6.
लिंगानुपात से आप क्या समझते हैं ? भारत में लिंगानुपात के प्रादेशिक वितरण का वर्णन करो।
उत्तर:
लिंगानुपात (Sex Ratio) – किसी भी देश के सामाजिक विकास के लिए लिंग संरचना का ज्ञान आवश्यक है। प्रति हजार पुरुषों की तुलना में स्त्रियां के अनुपात को लिंग अनुपात (Sex Ratio) कहा जाता है। भारत में लिंग अनुपात निरन्तर कम होता जा रहा है। सन् 1901 में यह अनुपात 972 प्रति हजार पुरुष था और जबकि 2001 में यह संख्या घट कर 933 हो गई है तथा 2011 में 940 हो गई। भारत में केवल केरल राज्य में ही स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है। यहां एक हजार पुरुषों के पीछे 1084 स्त्रियां हैं। देश में सबसे अधिक लिंग अनुपात केरल राज्य में 1084 स्त्रियां प्रति हज़ार पुरुष है जबकि राष्ट्रीय औसत लिंग अनुपात 940 है। राष्ट्रीय औसत से कम लिंग अनुपात निम्नलिखित राज्यों में है कम लिंग अनुपात वाले राज्य-सिक्किम (889), नागालैंड (931), हरियाणा (877), पंजाब (893), उत्तर प्रदेश (898), जम्मू-कश्मीर (883), पश्चिमी बंगाल (947), राजस्थान (926), अरुणाचल प्रदेश (920), असम (954) है। मध्य प्रदेश (930), महाराष्ट्र (925), गुजरात (918), बिहार (916), उत्तर प्रदेश (908)।