JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 2 विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 2 विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि Important Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Important Questions Chapter 2 विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न-दिए गए चार वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर चुनकर लिखें
1. 21वीं शताब्दी के आरम्भ में विश्व जनसंख्या कितनी थी ?
(A) 4 अरब
(B) 6 अरब
(C) 8 अरब
(D) 10 अरब।
उत्तर:
(B) 6 अरब

2. विश्व के वर्तमान समय में जनसंख्या वृद्धि दर क्या है ?
(A) 1.0%
(B) 1.2%
(C) 1.4%
(D) 1.6%.
उत्तर:
(C) 1.4%

3. गत 500 वर्षों में विश्व जनसंख्या कितने गुणा बढ़ी है ?
(A) 4
(B) 6
(C) 8
(D) 10.
उत्तर:
(D) 10.

4. विश्व जनसंख्या औसत घनत्व प्रति वर्ग कि० मी० कितना है ?
(A) 31
(B) 35
(C) 38
(D) 41.
उत्तर:
(D) 41.

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5. किस देश में सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व है ?
(A) चीन
(B) भारत
(C) सिंगापुर
(D) इन्डोनेशिया।
उत्तर:
(C) सिंगापुर

6. किस महाद्वीप में जनसंख्या वृद्धि दर सर्वाधिक है ?
(A) एशिया
(B) अफ्रीका
(C) यूरोप
(D) ऑस्ट्रेलिया।
उत्तर:
(B) अफ्रीका

7. औद्योगिक क्रान्ति के समय विश्व जनसंख्या कितनी थी ?
(A) 30 करोड़
(B) 40 करोड़
(C) 50 करोड़
(D) 60 करोड़।
उत्तर:
(C) 50 करोड़

8. विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश कौन-सा है ?
(A) चीन
(B) भारत
(C) रूस
(D) जर्मनी।
उत्तर:
(A) चीन

9. विश्व जनसंख्या में प्रति वर्ष कितने लोगों की वृद्धि होती है ?
(A) 6 करोड़
(B) 7 करोड़
(C) 8 करोड़
(D) 10 करोड़।
उत्तर:
(C) 8 करोड़

10. विश्व के दस सर्वाधिक जनसंख्या वाले देशों में विश्व जनसंख्या का कितने प्रतिशत भाग है ?
(A) 50%
(B) 60%
(C) 70%
(D) 80%.
उत्तर:
(B) 60%

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वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

प्रश्न 1.
किसी देश का वास्तविक धन क्या होता है ?
उत्तर:
वहां के निवासी (जन शक्ति)।

प्रश्न 2.
21वीं शताब्दी के आरम्भ में विश्व जनसंख्या कितनी थी ?
उत्तर:
6 अरब से अधिक।

प्रश्न 3.
किसी क्षेत्र की जनांकिकीय विशेषताओं को समझने में कौन-से दो तत्त्व सहायक हैं ?
उत्तर:
(i) जनसंख्या वितरण
(ii) जनसंख्या घनत्व।

प्रश्न 4.
जनसंख्या घनत्व किस प्रकार ज्ञात की जाती है ?
उत्तर:
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प्रश्न 5.
कौन-सा जलवायु कटिबन्ध घना बसा है ?
उत्तर:
समशीतोष्ण कटिबन्ध।

प्रश्न 6.
अफ्रीका का एक खनिज क्षेत्र बताओ जहां घनी जनसंख्या है।
उत्तर:
कटंगा-ज़ाम्बिया तांबा क्षेत्र।

प्रश्न 7.
जापान का कौन-सा औद्योगिक प्रदेश घना बसा है ?
उत्तर:
कोब-ओसाका प्रदेश।

प्रश्न 8.
विश्व जनसंख्या वृद्धि की वर्तमान दर क्या है ?
उत्तर:
1.3 प्रतिशत।

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प्रश्न 9.
गत 500 वर्षों में जनसंख्या कितने गुणा बढ़ी है ?
उत्तर:
10 गुणा।

प्रश्न 10.
विश्व जनसंख्या में भारत की जनसंख्या का क्या अनुपात है ?
उत्तर:
प्रत्येक छ: व्यक्तियों में एक भारतीय है।

प्रश्न 11.
संसार के 10 बड़े अधिक जनसंख्या वाले देशों में संसार की कुल जनसंख्या का कितने प्रतिशत भाग है ?
उत्तर:
60 प्रतिशत।

प्रश्न 12.
विश्व जनसंख्या में औसत घनत्व कितना है ?
उत्तर:
41 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर।

प्रश्न 13.
यूरोप महाद्वीप में औसत जनसंख्या घनत्व बताओ।
उत्तर:
104 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० ।

प्रश्न 14.
विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला देश बताओ।
उत्तर:
मकाऊ-21346 व्यक्ति / वर्ग कि० मी०।

प्रश्न 15.
सबसे अधिक जनसंख्या वृद्धि दर किस महाद्वीप में है ?
उत्तर:
अफ्रीका महाद्वीप।

प्रश्न 16.
औद्योगिक क्रान्ति के समय विश्व की जनसंख्या कितनी थी ?
उत्तर:
50 करोड़।

प्रश्न 17.
प्रति वर्ष विश्व जनसंख्या में कितने लोगों की वृद्धि होती है ?
उत्तर:
8 करोड़।

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प्रश्न 18.
आदिमकाल में कौन-सी दो नदी घाटियां घनी जनसंख्या वाले क्षेत्र थे ?
उत्तर:
सिन्धु घाटी तथा गंगा घाटी।

प्रश्न 19.
जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक बताओ।
उत्तर:
जन्म दर, मृत्यु दर, प्रवास।

प्रश्न 20.
‘जनसंख्या आर्थिक विकास का सूचक है’ चार क्षेत्र बताओ जहां इसका प्रभाव है ?
उत्तर:
सामाजिक उत्थान, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, आर्थिक विकास, सांस्कृतिक पृष्ठभूमि।

प्रश्न 21.
आप्रवासी किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जो व्यक्ति किसी नए स्थान पर जाते हैं।

प्रश्न 22.
उत्प्रवासी किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जो व्यक्ति मूल स्थान से बाहर चले जाते हैं।

प्रश्न 23.
अत्यधिक जनसंख्या वृद्धि दर से उत्पन्न एक समस्या बताओ।
उत्तर:
संसाधनों का ह्रास।

प्रश्न 24.
कुछ विकासशील देशों में जीवन प्रत्याशा क्यों कम है ?
उत्तर:
चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण।

प्रश्न 25.
जन्मदर व मृत्यु दर में अन्तर को क्या कहते है ?
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि दर।

प्रश्न 26.
आप्रवास व उत्प्रवास क्या है ?
उत्तर:
प्रवासी जो किसी नए स्थान पर जाते हैं आप्रवासी कहलाते हैं। प्रवासी जो मूल स्थान से बाहर चले जाते हैं, उत्प्रवासी कहलाते हैं।

प्रश्न 27.
विश्व में मध्यम जनसंख्या वृद्धि दर (1.1 से 1.9%) वाले एक महाद्वीप का नाम लिखिए।
उत्तर:
दक्षिणी अमेरिका।।

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प्रश्न 28.
विश्व में न्यूनतम जनसंख्या वृद्धि दर (0-1%) वाले एक महाद्वीप का नाम लिखिए।
उत्तर:
यूरोप।

अतिलघउत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
‘एक देश की पहचान उसके लोगों से होती है’ उपरोक्त कथन के समर्थन में तीन तर्क दो।
उत्तर:
किसी देश की जनशक्ति केवल संख्या द्वारा ही मापी नहीं जाती। एक स्वस्थ, परिश्रमी तथा शिक्षित जनसंख्या किसी देश का वास्तविक धन होती है। यह जनसंख्या देश के संसाधनों का शोषण कर सकती है तथा इसकी नीतियां निर्धारित करती है। यह जनसंख्या किसी देश की शक्ति का स्तम्भ है।

प्रश्न 2.
‘विश्व जनसंख्या का वितरण असमान है’ दो उदाहरण देकर समझाओ।
उत्तर:
विश्व जनसंख्या वितरण का प्रतिरूप असमान है।
(i) मोटे तौर पर विश्व की जनसंख्या का 90% इसके 10% स्थल भाग में निवास करता है।
(ii) विश्व के दस सर्वाधिक आबाद देशों में विश्व की लगभग 60% जनसंख्या निवास करती है। जार्ज जी० बी० क्रेसी की टिप्पणी के समान हम कह सकते हैं कि विश्व में बहुत अधिक स्थानों पर कम लोग और कम स्थानों पर बहुत अधिक लोग रहते हैं।

प्रश्न 3.
जनसंख्या घनत्व से क्या अभिप्राय है? इसकी गणना कैसे करते हैं ?
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व भूमि तथा मानव में अनुपात है। लोगों की संख्या और भूमि के क्षेत्रफल के बीच अनुपात को जनसंख्या घनत्व कहते हैं। इसे प्रति वर्ग कि० मी० में रहने वाले व्यक्तियों के रूप में मापा जाता है।
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प्रश्न 4.
विश्व में जनसंख्या वितरण के प्रारूप का वर्णन करो।
उत्तर:
विश्व में जनसंख्या वितरण के प्रारूप जनसंख्या के वितरण और घनत्व के प्रारूप हमें किसी क्षेत्र की जनांकिकीय विशेषताओं को समझने में मदद करते हैं। ‘जनसंख्या वितरण’ शब्द का अर्थ भूपृष्ठ पर, लोग किस प्रकार वितरित हैं इस बात से लगाया जाता है। मोटे तौर पर विश्व की जनसंख्या का 90 प्रतिशत, इसके 10 प्रतिशत, स्थलभाग में निवास करता है। विश्व में दस सर्वाधिक आबाद देशों में विश्व की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है इन दस देशों में से छह एशिया में अवस्थित हैं।

प्रश्न 5.
नगरीकरण एक बड़ी संख्या में प्रवासियों को क्यों आकर्षित करती है ? इस सन्दर्भ में कुछ अपकर्ष कारकों के नाम लिखो।
उत्तर:
नगरीकरण के कारण मिलियन तथा मैगा नगरों का विकास होता है। यह नगर रोज़गार के बेहतर अवसर, शैक्षणिक व चिकित्सा सुविधाएं, परिवहन-संचार के बेहतर साधन प्रस्तुत करते हैं। यह आकर्षण लोगों को नगरों की ओर आकर्षित करते हैं। मैगा नगर बड़ी संख्या में प्रवासियों को आकर्षित करते रहते हैं।

प्रश्न 6.
औद्योगिक क्षेत्र घने बसे होते हैं क्यों ? एक उदाहरण दो।
उत्तर:
औद्योगिक क्षेत्र रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हैं। बड़ी संख्या में लोग उद्योगों तथा कारख़ानों के गिर्द बस जाते हैं। इनमें श्रमिक, परिवहन चालक, दुकानदार, बैंक कर्मी, डॉक्टर, अध्यापक होते हैं। जापान का कोबे ओसाका प्रदेश इन उद्योगों की उपस्थिति के कारण सघन बसा हुआ है।

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प्रश्न 7.
जनसंख्या वृद्धि से क्या अभिप्राय है ? किसी क्षेत्र में इसके तीन प्रभाव बताओ।
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि से अभिप्राय किसी क्षेत्र में एक निश्चित समय में बसे हुए लोगों की संख्या में परिवर्तन से है। यह परिवर्तन दो प्रकार से होता है –
(i) धनात्मक
(ii) ऋणात्मक।

जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव
(i) आर्थिक विकास
(ii) सामाजिक उत्थान
(iii) सांस्कृतिक विकास।

प्रश्न 8.
अशोधित जन्म दर से क्या अभिप्राय है ? इसके प्रभाव बताओ।
उत्तर:
अशोधित जन्म दर (CBR) को प्रति हजार स्त्रियों द्वारा जन्म दिए जीवित बच्चों के रूप में व्यक्त किया जाता है। इसकी गणना इस प्रकार की जाती है –
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प्रभाव –
(i) इससे जनसंख्या में परिवर्तन होता है।
(ii) यदि जन्म दर अधिक हो तो जनसंख्या वृद्धि दर धनात्मक होती है।

प्रश्न 9.
अशोधित मृत्यु दर से क्या अभिप्राय है ? इसके प्रभाव बताओ।
उत्तर:
अशोधित मृत्यु दर को किसी क्षेत्र विशेष में किसी वर्ष के दौरान प्रति हजार जनसंख्या के पीछे मृतकों की संख्या के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है।

अशोधित मृत्यु दर की गणना इस प्रकार की जाती है –
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प्रभाव –
मोटे तौर पर मृत्यु दर किसी क्षेत्र की जनांकिकीय संरचना, सामाजिक उन्नति और आर्थिक विकास के स्तर द्वारा प्रभावित होती है। मृत्यु दर अधिक होने पर जनसंख्या वृद्धि ऋणात्मक होती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
सघन बसे, मध्यम बसे तथा विरल बसे प्रदेशों में जनसंख्या घनत्व कितना-कितना है ? प्रत्येक वर्ग से दो उदाहरण दो।
उत्तर:
विश्व जनसंख्या का वितरण असमान है। कुछ प्रदेश अति सघन बसे हैं परन्तु कुछ प्रदेश निर्जन हैं।
(क) सघन बसे प्रदेश (Densely populated Areas) – इन प्रदेशों में जनसंख्या घनत्व 200 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० से अधिक है। ये प्रदेश उत्तर-पूर्वी संयुक्त राज्य, उत्तर-पश्चिमी यूरोप, दक्षिणी-पूर्वी तथा पूर्वी एशिया हैं।
(ख) मध्यम घनत्व वाले प्रदेश (Moderately Populated Areas) – इन प्रदेशों में जनसंख्या घनत्व 11-50 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० है। ये प्रदेश पश्चिमी चीन, दक्षिणी भारत, नार्वे, स्वीडन हैं।
(ग) विरल जनसंख्या वाले प्रदेश (Sparsely Populated Areas) – इन प्रदेशों में जनसंख्या घनत्व 1-10 व्यक्ति प्रति वर्ग कि. मी. है। ये प्रदेश टुण्ड्रा, ऊष्ण तथा शीत मरुस्थल तथा घने वन प्रदेश हैं।

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प्रश्न 2.
जनसंख्या वृद्धि से क्या अभिप्राय है ? इसके विभिन्न प्रकार बताओ।
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि (Growth of Population) – समय के दो अन्तरालों के बीच एक क्षेत्र विशेष में होने वाली जनसंख्या में परिवर्तन को जनसंख्या की वृद्धि कहा जाता है। यह जन्म दर तथा मृत्यु दर के अन्तर द्वारा ज्ञात की जाती है।
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भारत का उदाहरण लो। भारत की आधार वर्ष 2001 में जनसंख्या थी = 102.70 करोड़
भारत की वर्तमान वर्ष 2011 में जनसंख्या थी = 121.02 करोड़
अन्तर = वर्तमान वर्ष की जनसंख्या – आधार वर्ष की जनसंख्या
= 121.02 करोड़ – 102.7 करोड़
अन्तर = 18.32 करोड़
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जनसंख्या वृद्धि के तीन प्रकार हैं –

  1. जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि-किसी क्षेत्र विशेष में दो समय अन्तरालों में जन्म और मृत्यु के अन्तर को प्राकृतिक वृद्धि कहते हैं। प्राकृतिक वृद्धि = जन्म दर – मृत्यु दर
  2. जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि-जब जन्म दर मृत्यु दर से अधिक होती है या अन्य देशों से लोग स्थायी रूप से उस देश में प्रवास कर जाएं।
  3. जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि-जब मृत्यु दर जन्म दर से अधिक हो या लोग अन्य देशों में प्रवास कर जाएं।

प्रश्न 3.
जनसंख्या घनत्व से क्या अभिप्राय है ? इसके प्रकार बताओ।
अथवा
गणितीय घनत्व तथा कायिक घनत्व में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व (Density of Population) – जनसंख्या घनत्व किसी प्रदेश में एक निश्चित समय में जनसंख्या तथा भूमि का अनुपात (Man land Ratio) हैं।

जनसंख्या घनत्व के प्रकार (Types of Population Density):
(i) गणितीय घनत्व (Arithmatic Density) – प्रति वर्ग किलोमीटर व्यक्तियों की संख्या को गणितीय घनत्व कहते हैं।
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यह घनत्व किसी क्षेत्र में जनसंख्या संकेन्द्रण का द्योतक है। यद्यपि किसी क्षेत्र में आन्तरिक विभिन्नताएं होती हैं, फिर भी विभिन्न देशों की जनसंख्या की तुलना करने के लिए यह एक संवेदनशील विधि है। संयुक्त राज्य में जनसंख्या घनत्व केवल 28 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० है। जबकि यूरोप में यह 104 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० है।

(ii) कायिक घनत्व (Physiological Density) – यह विधि प्रायः मानव-भूमि अनुपात ज्ञात करने के लिए प्रयोग की जाती है। यह कुल जनसंख्या तथा कुल कृषिकृत क्षेत्र में अनुपात है। विकासशील देशों में गहन कृषि के कारण प्रति व्यक्ति भूमि कम है। (लगभग 0.4 हैक्टेयर प्रति मनुष्य) इसलिए अधिक लोग इस भूमि पर निर्भर हैं। भारत में 1 हैक्टेयर भूमि पर 5 व्यक्ति, चीन में 12 व्यक्ति निर्भर हैं। जबकि संयुक्त राज्य में 1.5 व्यक्ति निर्भर हैं।

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प्रश्न 4.
स्पष्ट करो कि पिछली कुछ शताब्दियों से जनसंख्या वृद्धि दर तीव्र रही है ?
उत्तर:
किसी क्षेत्र में एक निश्चित समय में जनसंख्या में परिवर्तन को जनसंख्या वद्धि कहते हैं। पिछली कछ शताब्दियों से विश्व जनसंख्या में जनसंख्या वृद्धि दर बहुत तीव्र रही है। पहली शताब्दी में विश्व जनसंख्या केवल 25 करोड़ थी जो अब 700 करोड़ है। वर्तमान वृद्धि दर 1.4 प्रतिशत रही है।

  1. मानव इतिहास के आरम्भ में जनसंख्या वृद्धि बहुत कम थी।
  2. ईसा से 8000 वर्ष पूर्व मानव ने कृषि करना आरम्भ किया। इसे कृषि-युग का प्रारम्भ कहते हैं। इसके कारण जनसंख्या वृद्धि दर धीमी-धीमी बढ़ने लगी।
  3. 1779 में औद्योगिक क्रान्ति के कारण जनसंख्या वृद्धि दर 0.5 प्रतिशत थी।
  4. इसके पश्चात प्रौद्योगिकी के विकास के कारण संसाधनों का विशाल पैमाने पर शोषण आरम्भ हुआ तथा जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ने लगी।
  5. चिकित्सा सुविधाओं में सुधार के कारण जनसंख्या का आकार बढ़ गया।
  6. मृत्यु-दर के कम होने से तथा महामारियों से बचाव के कारण भी जनसंख्या वृद्धि दर तीव्र हो गई।
  7. सन् 1960 में जनसंख्या वृद्धि दर 2.1% हो गई। विकासशील देशों में यह वृद्धि दर 3 प्रतिशत से भी अधिक हो गई। यहां लोगों के रहन-सहन का स्तर नीचा हो गया।

प्रश्न 5.
भविष्य में जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियों का विश्लेषण करें।
उत्तर:
इस समय जनसंख्या वृद्धि दर घट रही है। यह प्रवृत्ति जारी रहने की सम्भावना है। यह दर विकासशील देशों तथा विकसित देशों में भिन्न-भिन्न है। विकसित देशों में जनसंख्या वृद्धि दर 0.1 प्रतिशत तक हो गई है। विकासशील देशों में भी वृद्धि दर घट कर 1 प्रतिशत तक रह गई है। एक अनुमान है कि सन् 2010 तक विश्व जनसंख्या 6.8 बिलियन तथा 2025 तक 10 बिलियन हो जाएगी। अगले 25 वर्षों में विश्व जनसंख्या में वृद्धि का 98% भाग विकासशील देशों में होगा। वर्तमान समय में विकसित देशों में कुल जनसंख्या का 20% भाग है परन्तु 2025 तक यह भाग केवल 15% होगा।

प्रश्न 6.
विश्व में जनसंख्या के दुगुना होने के समय पर नोट लिखो।
उत्तर:
विभिन्न देशों की जनसंख्या वृद्धि की तुलना उनके दुगुना होने के समय (Doubling Time) से भी की जा सकती है। यह समय विश्व जनसंख्या के सम्बन्ध में अग्रलिखित तालिका में दिया गया है –

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Doubling Time of World Population

अवधि जनसंख्या (Million) जनसंख्या के दुगुना होने का समय (वर्ष)
10,000 B.C. 5
1650 A.D. 500 1500
1850 A.D. 1000 200
1930 A.D. 2000 80
1975 A.D. 4000 45
2012 A.D. 8000 37

निम्नलिखित तालिका से स्पष्ट है कि विकसित देशों में जनसंख्या के दुगुना होने से अधिक समय लगेगा। 71 देशों में जनसंख्या वृद्धि दर 2.0 से 2.9% है। इनकी जनसंख्या 24-35 वर्षों में दुगुनी होगी। 14 देशों में जनसंख्या वृद्धि दर 3.0 से 4.4% है। इनकी जनसंख्या 16-23 वर्षों में दुगुनी होगी। भारत में वर्तमान वृद्धि दर 1.9% है तथा इसकी जनसंख्या 36 वर्षों में दुगुनी होगी। विश्व जनसंख्या को एक अरब से दो अरब तक बढ़ने में 80 लाख वर्ष लगे परन्तु 5 अरब से 6 अरब तक पहुंचने में केवल 12 वर्ष लगे हैं। जनसंख्या के दुगुना होने में समय घट रहा है।

अन्तर स्पष्ट करो

प्रश्न 1.
जनसंख्या वृद्धि तथा जनसंख्या वृद्धि दर में अन्तर स्पष्ट करो। उदाहरण दो।
उत्तर:

जनसंख्या वृद्धि जनसंख्या वृद्धि दर
(1) यह कुल संख्या में मापी जाती है। (1) यह प्रतिशत में मापी जाती है।
(2) भारत में 2001-2011 में जनसंख्या वृद्धि (16.3%) 18.3 करोड़ थी। (2) 2001-11 के दशक में जनसंख्या वृद्धि दर 16.7% थी।
(3) यह किसी प्रदेश के आर्थिक विकास पर प्रभाव डालती है। (3) यह किसी प्रदेश के जनांकिकी विशेषताओं पर प्रभाव डालती है।

 

प्रश्न 2.
धनात्मक जनसंख्या वृद्धि दर तथा ऋणात्मक जनसंख्या वृद्धि दर में अन्तर स्पष्ट करो। उत्तर
उत्तर:

धनात्मक वृद्धि दर ऋणात्मक वृद्धि दर
(1) जब जन्म दर मृत्यु से अधिक हो। (1) जब मृत्यु दर जन्म दर से अधिक हो।
(2) यह जनसंख्या में वृद्धि करती है। (2) इससे जनसंख्या घटती है।
(3) इससे संसाधनों का उपयोग होता है। (3) इससे संसाधन का उपयोग घटता है।

 

निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)

प्रश्न 1.
पृथ्वी पर जनसंख्या के वितरण का वर्णन करो।
अथवा
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानवीय भूगोल के अध्ययन में मनुष्य का केन्द्रीय स्थान है (Man is the pivotal points)। मनुष्य अपने प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक वातावरण से प्रभावित होता है और उसमें परिवर्तन करता है। पृथ्वी पर जनसंख्या के वितरण में लगातार परिवर्तन होता चला आया है। इस समय जनसंख्या के वितरण में बहुत असमानता है। इस असमानता के प्रमुख कारण विश्वव्यापी (Universal) तत्त्व हैं।

जनसंख्या वितरण के मुख्य तथ्य (Main facts):
(1) विश्व जनसंख्या 1650 ई० में 50 करोड़ से बढ़कर, 2000 ई० में 700 करोड़ (अर्थात् 14 गुणा) बढ़ गई है।
(2) वर्तमान वृद्धि दर से वर्तमान जनसंख्या 2050 ई० में 1000 करोड़ तक हो जाने का अनुमान है।
(3) वर्तमान समय में भूतल के लगभग 14.5 करोड़ वर्ग कि० मी० क्षेत्रफल पर 700 करोड़ लोग निवास करते हैं।
(4) विश्व का औसत जनसंख्या घनत्व 41 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० है।
(5) एशिया महाद्वीप में सबसे अधिक जनसंख्या 360 करोड़ है।
(6) चीन देश में सबसे अधिक जनसंख्या 127 करोड़ है।
(7) बांग्लादेश विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व 805 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० है।
(8) विश्व में 10% भूमि पर लगभग 90% जनसंख्या निवास करती है।
(9) उत्तरी महाद्वीपों में 90% जनसंख्या है जबकि दक्षिणी महाद्वीपों में केवल 10% जनसंख्या है। विश्व की 75% जनसंख्या कर्क रेखा से 70° उत्तर अक्षांश के मध्य निवास करती है।
(10) विश्व की आधे से अधिक जनसंख्या 20°N से 40°N अक्षांशों के मध्य निवास करती है। विश्व की 4/5 जनसंख्या 20 °N से 60°N के मध्य मिलती है।

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विश्व जनसंख्या : 2011

विश्व जनसंख्या: 2011 कुल जनसंख्या (करोड़) कुल जनसंख्या का % भाग घनत्व प्रति वर्ग कि० मी०
महाद्वीप जनसंख्या 360 60.0 108
एशिया 72 10.0 101
यूरोप 89 12.0 20
अफ्रीका 60 8.0 21
दक्षिणी अमेरिका 40 5.5 14
उत्तरी अमेरिका 30 4.0 17
रूस (C.I.S.) 4 0.5 3
ऑस्ट्रेलिया 665 41

प्रमुख देशों की जनसंख्या : 2011

देश कुल जनसंख्या (मिलियन)। जनसंख्या घनत्व प्रति वर्ग कि० मी०
चीन 1277 135
भारत 1210 382
रूस 147 18
सं० रा० अमेरिका 281 35
जापान 126 405
ब्राजील 170 21
इण्डोनेशिया 212 120
पाकिस्तान 156 165
बांग्लादेश 129 805

जनसंख्या का वितरण (Distribution of Population):
पृथ्वी पर जनसंख्या का वितरण बड़ा असमान है। पृथ्वी पर थोड़े-से भाग घने बसे हुए हैं जबकि अधिक भाग खाली पड़े हैं। विश्व की 90% जनसंख्या केवल 10% स्थल भाग पर निवास करती है जबकि 90% स्थल भाग पर केवल 10% लोग रहते हैं।

जनसंख्या के घनत्व के आधार पर पृथ्वी को तीन भागों में बांटा जा सकता है –
I. अधिक घनत्व वाले प्रदेश (Areas of High Density) – इन क्षेत्रों में जनसंख्या का घनत्व 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से अधिक है। इस अधिक घनत्व के दो आधार हैं –
1. कृषि प्रधान देश-पूर्वी एशिया तथा दक्षिणी एशिया में।
2. औद्योगिक प्रदेश–पश्चिमी यूरोप तथा उत्तर पूर्वी अमेरिका में।

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1. दक्षिणी तथा पूर्वी एशिया-पूर्वी एशिया में चीन, जापान, फिलीपाइन द्वीप तथा ताईवान में घनी जनसंख्या मिलती है। दक्षिणी एशिया में भारत. श्रीलंका, पाकिस्तान तथा बांग्लादेश में जनसंख्या का घनत्व अधिक है। इसके अतिरिक्त जावा द्वीप, नील नदी-घाटी में भी घनी जनसंख्या मिलती है। चीन में संसार की लगभग एक चौथाई जनसंख्या निवास करती है। ह्वांग-हो, यंगसी तथा सिकियांग घाटी घनी जनसंख्या वाले क्षेत्र हैं। भारत में गंगा के मैदान तथा पूर्वी तटीय मैदान में जनसंख्या का अधिक जमाव है। जापान में क्वांटो मैदान (Kwanto Plain), बांग्लादेश में गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा, बर्मा (म्यनमार) में इरावदी डेल्टा, पाकिस्तान में सिन्धु घाटी अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र हैं। बांग्ला देश में संसार का सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व 805 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।

अधिक घनत्व के कारण एवं जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक –
(1) ऊष्ण-आर्द्र मानसूनी जलवायु।
(2) खाद्यान्नों की वर्ष में दो फसल।
(3) चावल का अधिक उत्पादन।
(4) नदी-घाटियों की उपजाऊ मिट्टी।
(5) जल-सिंचाई की पर्याप्त सुविधाओं का होना।
(6) जापान में अधिक उद्योगों का विकास।
(7) समतल भूमि की अधिकता।
(8) खनिज पदार्थों का विकास।
(9) जापान में अधिक मछली पकड़ने से भोजन की पूर्ति।
(10) निर्धन लोगों का निम्न जीवन-स्तर।

2. पश्चिमी यूरोप तथा उत्तरी-पूर्वी अमेरिका – पश्चिमी यूरोप में इंग्लिश चैनल से लेकर रूस के यूक्रेन क्षेत्र तक 50° उत्तरी अक्षांशों के साथ-साथ घनी जनसंख्या मिलती है। यूरोप में 50° अक्षांश को जनसंख्या की धुरी (Axis of Population) कहते हैं। इन क्षेत्रों इंग्लैंड, जर्मनी में रूहर घाटी, इटली में पो डेल्टा, फ्रांस में पेरिस बेसिन, रूस में मास्को-यूक्रेन क्षेत्र अधिक जनसंख्या वाले प्रदेश हैं। उत्तरी अमेरिका के पूर्वी भाग में अटलांटिक तट, सैंट लारैस घाटी तथा महान् झीलों के क्षेत्र में अधिक जनसंख्या घनत्व है। इन सब प्रदेशों में जनसंख्या का आधार उद्योग हैं।

अधिक घनत्व के कारण एवं जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक –

  1. निर्माण उद्योगों का अधिक होना।
  2. सम शीतोष्ण जलवायु।
  3. समुद्री मार्गों तथा व्यापार का अधिक उन्नत होना।
  4. मिश्रित कृषि के कारण अधिक उत्पादन।
  5. खनिज क्षेत्रों के विशाल भण्डार।
  6. तटीय स्थिति।
  7. लोगों का उच्च जीवन-स्तर।
  8. वैज्ञानिक तथा तकनीकी ज्ञान में अधिक वृद्धि।
  9. नगरीकरण (Urbanisation) के कारण बड़े-बड़े नगरों का विकास।

II. मध्यम घनत्व वाले प्रदेश (Areas of Moderate Density) – इन प्रदेशों में 25 से 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर घनत्व मिलता है। इस भाग में निम्नलिखित प्रदेश शामिल हैं –
(1) उत्तरी अमेरिका में प्रेयरीज का मध्य मैदान
(ख) अफ्रीका का पश्चिमी भाग
(ग) यूरोप में पूर्वी यूरोप तथा पूर्वी रूस
(घ) दक्षिणी अमेरिका में उत्तर-पूर्वी ब्राज़ील, मध्य चिली, मैक्सिको का पठार
(ङ) एशिया में भारत का दक्षिणी पठार, पश्चिमी चीन तथा हिन्द-चीनी
(च) पूर्वी ऑस्टेलिया।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 2 विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि

मध्यम घनत्व के कारण एवं जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक –

  1. ये प्रदेश अधिक घनत्व वाले क्षेत्रों के किनारों पर स्थित हैं जहां अधिक घनत्व के केन्द्रों से धीरे-धीरे जनसंख्या घटती रहती है।
  2. इन क्षेत्रों में विस्तृत खेती-बाड़ी में आधुनिक मशीनों का प्रयोग किया जाता है इसलिए जनसंख्या कम है।
  3. जलवायु पशुपालन के अनुकूल है। मांस तथा डेयरी पदार्थों का निर्यात किया जाता है।
  4. कई प्रदेशों में खनिज पदार्थों के कारण मध्यम जनसंख्या है।
  5. कई पर्वतीय क्षेत्रों तथा पठारों के कारण अधिक जनसंख्या नहीं है।
  6. अफ्रीका में कहवा, कोको आदि रोपण कृषि (Plantation Crops) के कारण जनसंख्या बढ़ गई है।

III. कम घनत्व वाले प्रदेश (Areas of Low Density) – इन प्रदेशों में जनसंख्या घनत्व 25 व्यक्ति वर्ग किलोमीटर से कम है। लगभग 50% क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व केवल 2 से 3 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। यह लगभग निर्जन प्रदेश है। इस भाग में ऊंचे पर्वतीय तथा पठारी प्रदेश, शुष्क मरुस्थल, उष्ण-आर्द्र घने वन तथा टुण्डा जलवायु के ठण्डे प्रदेश शामिल हैं।

जैसे –
(क) उच्च पर्वतीय भाग (High Mountains) – हिमालय, रॉकी, एण्डीज़, मध्य एशिया के पर्वत तथा तिब्बत का पठार।
(ख) मरुस्थल (Deserts) – सहारा, कालाहारी, अटाकामा, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया तथा गोबी मरुस्थल।
(ग) घने वन (Dense Forests) – भूमध्य रेखा के खण्ड में अमेज़न तथा कांगो घाटी।
(घ) टुण्ड्रा प्रदेश – अन्टार्कटिका, ग्रीनलैण्ड तथा कनाडा और रूस का उत्तरी भाग।

कम घनत्व के कारण एवं जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक – इन प्रदेशों में मानवीय जीवन के लिए बहुत कम सुविधाएं प्राप्त हैं तथा लोग कठिनाइयों भरा जीवन व्यतीत करते हैं। इन प्रदेशों को सतत् कठिनाइयों के प्रदेश (Regions of everlasting difficulties) भी कहा जाता है।
(1) पर्वतीय भागों में समतल भूमि की कमी।
(2) पथरीली तथा रेतीली मिट्टी।
(3) ठण्डे प्रदेशों में कठोर शीत जलवायु।
(4) पानी की कमी तथा छोटे उपज काल के कारण कृषि का अभाव।
(5) टुण्ड्रा प्रदेशों में स्थायी बर्फ (Perma Frost)।
(6) परिवहन के साधनों की कमी।
(7) घातक कीड़ों तथा बीमारियों के कारण कम जनसंख्या।
(8) खनिज पदार्थों तथा उद्योगों का अभाव।

प्रश्न 2.
विश्व जनसंख्या में वृद्धि, इसके निर्धारक तथा क्षेत्रीय प्रतिरूप का वर्णन करो।
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि से आशय (Meaning of Population Growth)-किसी क्षेत्र विशेष में किसी दिये गये समय में जनसंख्या के आकार में परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहा जाता है। जनसंख्या की यह वृद्धि धनात्मक (Positive) एवं ऋणात्मक (Negative) दोनों ही हो सकती है। जनसंख्या में धनात्मक वृद्धि सदैव के लिए नहीं हो सकती क्योंकि भूसतह पर स्थान सीमित हैं, उनको बढ़ाया नहीं जा सकता। विश्व में जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि का प्रमुख कारण मृत्यु-दर की तुलना में जन्म-दर का अधिक होना है। वास्तव में किसी क्षेत्र की जनसंख्या में वृद्धि जनसंख्या में हुई प्राकृतिक वृद्धि का द्योतक है जो उस क्षेत्र की जनसंख्या में दिये गये समय में हुए जन्मों को जोड़कर तथा मृत्युओं को घटाकर प्राप्त की जाती है।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 2 विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि

जनसंख्या वृद्धि का आकलन जन्म व मृत्यु के शुद्ध अन्तर के आधार पर किया जाता है। इस विधि में जन्म व मृत्यु के पंजीकृत आंकड़ों का प्रयोग किया जाता है। इस विधि में जनसंख्या वृद्धि की गणना निम्नलिखित सूत्र की सहायता से की जाती है –
JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 2 विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि - 8

जनसंख्या वृद्धि दर को प्रभावित करने वाले कारक
(Determinants of Population Growth Rate)
किसी देश की जनसंख्या वृद्धि दर पर निम्नलिखित तीन कारकों का प्रमुख रूप से प्रभाव रहता है –
(1) जन्म-दर (Birth Rate)
(2) मृत्यु-दर (Death Rate)
(3) जनसंख्या की गतिशीलता (Mobility of Population) / प्रवास (Migration)

1. जन्म-दर का जनसंख्या वृद्धि दर पर प्रभाव – किसी क्षेत्र की जनसंख्या वृद्धि प्रमुख रूप से उस क्षेत्र में दी गई अवधि में हुए कुल जन्मों की संख्या तथा मृत्युओं की संख्या का अन्तर होता है। अत: जिन देशों में जन्म-दर अधिक है तो उन देशों में जनसंख्या वृद्धि दर भी अधिक होने की सम्भावना रहती है। उदाहरण के लिए विकासशील व आर्थिक रूप से पिछड़े राष्ट्रों में जनसंख्या की जन्म-दर विकसित राष्ट्रों की तुलना में अधिक रहती है। यही कारण है कि उन देशों में विकसित राष्ट्रों की तुलना में वृद्धि दर भी अधिक रहती है। दूसरी ओर विश्व के कई विकसित राष्ट्र ऐसे हैं जहां जन्म दर अधिक गिर जाने के कारण जनसंख्या के आकार में ह्रास होने लगा है।

2. मृत्यु-दर का जनसंख्या वृद्धि दर पर प्रभाव – मृत्यु-दर का सीधा सम्बन्ध जनसंख्या वृद्धि दर से रहता है। अधिक मृत्यु-दर अधिक जन्म-दर होने के बावजूद भी जनसंख्या वृद्धि दर को नहीं बढ़ने देती। वस्तुतः जनसंख्या वृद्धि दर उस समय अधिक रहती है जबकि जन्म-दर अधिक हो तथा मृत्यु-दर कम हो। दूसरी ओर जन्म-दर कम होने के साथ-साथ यदि मृत्यु-दर भी कम रहे तो जनसंख्या वृद्धि दर भी कम रहती है।

3. जनसंख्या गतिशीलता का जनसंख्या वृद्धि दर पर प्रभाव – जनसंख्या का जिन क्षेत्रों से बर्हिप्रवास होता है, उन क्षेत्रों में जनसंख्या की वृद्धि दर पर ऋणात्मक प्रभाव होते हैं, जबकि जिन क्षेत्रों में अन्तर्प्रवास होता है, उन क्षेत्रों की जनसंख्या वृद्धि दर पर धनात्मक प्रभाव होते हैं। सन् 1880 से 1920 की अवधि में यूरोप के विभिन्न देशों से लगभग 4 करोड़ व्यक्ति संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा में जाकर बस गए, जिसके कारण एक ओर संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा की जनसंख्या वृद्धि दर में तीव्र वृद्धि हुई जबकि यूरोप के सम्बन्धित विभिन्न देशों की जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट अनुभव की गई।

World Population Growth (1650 to 2000)
JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 2 विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि - 9

विश्व के महाद्वीपों में जनसंख्या वृद्धि दर
(सन् 1985 से सन् 2000 के मध्य)

महाद्वीप/प्रदेश जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि दर (प्रतिशत)
विश्व 1.7
विकासशील राष्ट 2.1
विकसित राष्ट्र 0.5
एशिया 1.8
अफ्रीका 3.0
दक्षिणी अमेरिका 1.9
उत्तरी अमेरिका 0.7
यूरोप 0.2
ऑस्ट्रेलिया व न्यूज़ीलैण्ड 1.1
पूर्व सोवियत संघ 0.7
भारत 1.9

 

जनसंख्या वृद्धि का क्षेत्रीय प्रतिरूप:
विश्व के विभिन्न महाद्वीपों व प्रदेशों की जनसंख्या वृद्धि दर में अति असमानताएं हैं। विश्व के समस्त राष्ट्रों को जनसंख्या वृद्धि दर की विभिन्नताओं के आधार पर निम्नलिखित चार वर्गों में रखा जा सकता है –
(1) अति उच्च जनसंख्या वृद्धि दर के क्षेत्र
(2) उच्च जनसंख्या वृद्धि दर के क्षेत्र
(3) मध्यम जनसंख्या वृद्धि दर के क्षेत्र
(4) निम्न जनसंख्या वृद्धि दर के क्षेत्र।

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1. अति उच्च जनसंख्या वृद्धि दर के क्षेत्र – इस वर्ग में विश्व के वह देश सम्मिलित हैं जिनमें जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि दर 3.0 प्रतिशत से अधिक मिलती है। इस वर्ग में विश्व के निम्नलिखित राष्ट्र सम्मिलित हैं-अफ्रीका, मध्य अमेरिका, दक्षिणी-पश्चिमी एशिया, दक्षिणी अमेरिका।

2. उच्च जनसंख्या वृद्धि दर के क्षेत्र – इस वर्ग के अन्तर्गत विश्व के वे राष्ट्र सम्मिलित हैं जिनमें जनसंख्या की
वार्षिक वृद्धि दर 2 से 2.9 प्रतिशत के मध्य मिलती है। इस वर्ग में विश्व के निम्नलिखित राष्ट्र सम्मिलित हैं-दक्षिणी अमेरिका, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया।

3. मध्यम जनसंख्या वृद्धि दर के क्षेत्र – इस वर्ग में विश्व के वे क्षेत्र आते हैं जिनमें वार्षिक वृद्धि दर 1 से 1.9 प्रतिशत तक रहती है। इस वर्ग में विश्व के निम्नलिखित राष्ट्र सम्मिलित हैं –
(1) दक्षिणी अमेरिका
(2) कैरीबियन देश तथा
(3) एशिया।

4. निम्न जनसंख्या वृद्धि दर के क्षेत्र-इस वर्ग में विश्व के वे राष्ट्र आते हैं जिनमें जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि दर 1 प्रतिशत से कम रहती है। इस वर्ग में निम्नलिखित राष्ट्र सम्मिलित हैं–उत्तरी अमेरिका में कनाडा तथा संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप, पूर्व सोवियत संघ तथा जापान तथा ओसीनिया में न्यूज़ीलैण्ड।

प्रश्न 3.
प्रवास से क्या अभिप्राय है ? इसके क्या कारण हैं ? इसके विभिन्न प्रकार बताओ।
उत्तर:
प्रवास (Migration) – जनसंख्या की गतिशीलता का एक महत्त्वपूर्ण घटक स्थानान्तरण है। यह जनसंख्या तथा संसाधनों में एक सन्तुलन स्थापित करने का प्रयत्न है। सामान्यत: प्रवास मानव को अपने निवास स्थान से किसी दूसरे स्थान पर जाकर निवास करने से होता है। प्रजननता (Fertility) तथा मृत्यु क्रम (Motality) की अपेक्षा जनसंख्या संरचना में प्रवास का महत्त्वपूर्ण स्थान है।

प्रवास की धाराएँ (Streams of Migration) – प्रवास की निम्नलिखित धाराएं हैं –

  1. ग्रामों से नगर की ओर
  2. नगर से ग्राम की ओर
  3. ग्राम से ग्राम की ओर
  4. नगर से नगर की ओर।

प्रवास के सामान्यत प्रकार निम्नलिखित हैं –
1. मौसमी प्रवास (Seasonal Migration) – प्रवास स्थायी अथवा अस्थायी हो सकता है। अस्थायी प्रवास मौसमी होती है। गहन कृषि में श्रमिकों की आवश्यकता के लिए श्रमिक प्रवास कर जाते हैं। कई बार एक मौसम से अधिक समय के प्रवास स्थायी रूप धारण कर लेता है।

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2. अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास (International Migration) – यह प्रवास अन्तर्महाद्वीपीय होता है। यह थोड़े समय में जनसंख्या संरचना में परिवर्तन कर देता है। पिछले दशकों में अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास में बहुत वृद्धि हुई है। यादों के कारण कई क्षेत्रों में शरणार्थी प्रवास कर रहे हैं। इस शताब्दी के शुरू में U.N.O. के अनुसार 12 करोड़ लोग विदेशों में बस गए हैं। जिनमें 1.5 करोड़ शरणार्थी हैं।

3. आन्तरिक प्रवास (Internal Migration) – यह प्रवास व्यापक रूप से होता है। लाखों लोग ग्रामीण क्षेत्रों से नगरों की ओर रोजगार की तलाश में प्रवास करते हैं। यह आकर्षक कारक (Pull Factors) तथा प्रत्याकर्षक कारकों (Push Factors) द्वारा होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धनता, बेरोजगारी, शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के कारण लोग नगरों की ओर प्रवास करते हैं। जहां उच्च वेतन, सस्ती भूमि, रहन-सहन तथा विकास की उच्च सेवाएं प्राप्त होती हैं। नगरों में कई झुग्गी-झोंपड़ी क्षेत्र बन जाते हैं।

4. ग्रामीण प्रवास (Rural Migration) – कई बार एक ग्रामीण क्षेत्र से दूसरे ग्रामीण क्षेत्र में प्रवास होता है जहां उन्नत कृषि होती है तथा नई तकनीकों के कारण प्रति हेक्टेयर उत्पादन अधिक होता है।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 मानव भूगोल – प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 मानव भूगोल – प्रकृति एवं विषय क्षेत्र Important Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 मानव भूगोल – प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न-दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनकर लिखें
1. ऐलन सी० सेम्पुल किस देश से सम्बन्धित है ?
(A) संयुक्त राज्य अमेरिका
(B) फ्रांस
(C) जर्मनी
(D) इंग्लैंड।
उत्तर:
(A) संयुक्त राज्य अमेरिका

2. निम्नलिखित में से कौन-सा भूगोलवेत्ता, फ्रांस से सम्बन्धित है ?
(A) हंटिंगटन
(B) विडाल डी लॉ ब्लॉश
(C) सेम्पुल
(D) ट्रिवार्था।
उत्तर:
(B) विडाल डी लॉ ब्लॉश

3. भूगोल की कौन-सी उपशाखा मानव भूगोल से सम्बन्धित नहीं है ?
(A) जनसंख्या भूगोल
(B) आर्थिक भूगोल
(C) भौतिक भूगोल
(D) सामाजिक भूगोल।
उत्तर:
(C) भौतिक भूगोल

4. विडाल डी लॉ ब्लॉश ने किस उपागम का समर्थन किया ?
(A) निश्चयवाद
(B) सम्भावनावाद
(C) मानववाद
(D) कल्याणवाद।
उत्तर:
(B) सम्भावनावाद

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 मानव भूगोल - प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

5. कौन-सा तत्त्व भौतिक वातावरण का अंग नहीं है ?
(A) जलवायु
(B) धरातल
(C) कृषि
(D) जल।
उत्तर:
(C) कृषि

6. किसने नव-नियतिवाद का प्रतिपादन किया ?
(A) ग्रिफिथ टेलर
(B) ब्लाश
(C) हंटिंगटन
(D) रिटर।
उत्तर:
(A) ग्रिफिथ टेलर

7. कौन-सा तत्त्व सांस्कृतिक वातावरण का अंग नहीं है ?
(A) ग्राम
(B) नगर
(C) पत्तन
(D) जलवायु।
उत्तर:
(D) जलवायु।

8. किस सिद्धान्त द्वारा अग्नि की खोज हुई ?
(A) गुरुत्वाकर्षण
(B) घर्षण
(C) डी० एन० ए०
(D) गति का नियम।
उत्तर:
(B) घर्षण

9. किस तत्त्व को ‘माता-प्रकृति’ कहते हैं ?
(A) भौतिक पर्यावरण
(B) सांस्कृतिक पर्यावरण
(C) राजनीतिक पर्यावरण
(D) औद्योगिक पर्यावरण।
उत्तर:
(A) भौतिक पर्यावरण

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 मानव भूगोल - प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

10. उपनिवेश युग में किस उपागम का मानव भूगोल में प्रयोग किया गया ?
(A) क्षेत्रीय विभिन्नता
(B) क्षेत्रीय संघटन
(C) व्यावहारिक
(D) प्रादेशिक।
उत्तर:
(D) प्रादेशिक।

11. मनोविज्ञान मानव भूगोल की किस उपशाखा से सम्बन्धित है ?
(A) व्यवहारवादी भूगोल
(B) नगरीय भूगोल
(C) जनसंख्या भूगोल
(D) आर्थिक भूगोल।
उत्तर:
(A) व्यवहारवादी भूगोल

12. महामारी विज्ञान भूगोल की किस किस उपशाखा से सम्बन्धित है ? .
(A) ऐतिहासिक
(B) लिंग
(C) चिकित्सा
(D) सैन्य।
उत्तर:
(C) चिकित्सा

13. किस उप-विज्ञान को जनांकिकी कहते हैं ?
(A) सांस्कृतिक भूगोल
(B) जनसंख्या भूगोल
(C) आर्थिक भूगोल
(D) नगरीय भूगोल।
उत्तर:
(B) जनसंख्या भूगोल

14. कौन-सा कथन सत्य नहीं है ?
(A) प्रदूषण औद्योगिक विकास के कारण होता है
(B) ओजोन गैस का ह्रास आदिम कृषि है
(C) भूतापन हरित गैसों के कारण है
(D) प्रदूषण के कारण भू-अवनयन होता है।
उत्तर:
(B) ओजोन गैस का ह्रास आदिम कृषि है

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

प्रश्न 1.
‘भूगोल’ किन दो शब्दों के सुमेल से बना है ?
उत्तर:
दो यूनानी भाषा के शब्दों Geo (पृथ्वी) + Graphy (चित्रण करना)।

प्रश्न 2.
पर्यावरण के दो प्रमुख घटक बताओ।
उत्तर:
भौतिक पर्यावरण तथा सांस्कृतिक पर्यावरण।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 मानव भूगोल - प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

प्रश्न 3.
भूगोल का एक विषय के रूप में केन्द्रीय कार्य क्या है ?
उत्तर:
पृथ्वी को मानव का निवास स्थान के रूप में समझना।

प्रश्न 4.
सर्वप्रथम भूगोल शब्द का प्रयोग किसने किया ?
उत्तर:
एक यूनानी दार्शनिक इरेटोस्थनीज ने किया था।

प्रश्न 5.
इडियोग्राफिक शब्द का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
विवरणात्मक।

प्रश्न 6.
भौतिक पर्यावरण के तत्त्व बताओ।
उत्तर:
भू-आकृति, मृदा, जलवायु, जल, प्राकृतिक वनस्पति, प्राणिजात तथा वनस्पति जात।

प्रश्न 7.
सांस्कृतिक पर्यावरण के तत्व बताओ।
उत्तर:
घर, ग्राम, नगर, रेलें-सड़कों का जाल, उद्योग, खेत पत्तन।

प्रश्न 8.
प्रौद्योगिकी से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
उत्पादन में प्रयोग होने वाले औज़ार तथा तकनीकें।

प्रश्न 9.
भौतिक पर्यावरण को ‘माता-प्रकृति’ क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
आदि कबीलों में, प्रकृति एक शक्तिशाली बल है, पूज्य है तथा संरक्षित है। लोग प्रकृति पर संसाधनों के लिए निर्भर रहते हैं।

प्रश्न 10.
उपनिवेश युग में मानव भूगोल में किस उपागम का प्रयोग किया गया ?
उत्तर:
अन्वेषण तथा विवरण के साथ प्रादेशिक विश्लेषण।

प्रश्न 11.
1930-50 के युग में कौन-से उपागम प्रयोग किए गए ?
उत्तर:
क्षेत्रीय विभिन्नता तथा स्थानिक संगठन।

प्रश्न 12.
सामाजिक भूगोल के साथ सम्बन्धित पांच उप-शाखाएं बताओ।
उत्तर:

  1. व्यवहारवादी भूगोल – मनोविज्ञान
  2. सांस्कृतिक भूगोल – मानवविज्ञान
  3. लिंग भूगोल – समाज शास्त्र
  4. ऐतिहासिक भूगोल – इतिहास
  5. चिकित्सा भूगोल – चिकित्सा शास्त्र

प्रश्न 13.
आर्थिक भूगोल से सम्बन्धित सामाजिक विज्ञान की पांच उप-शाखाएं बताओ।
उत्तर:

  1. संसाधन भूगोल-संसाधन अर्थशास्त्र
  2. कृषि-भूगोल-कृषि विज्ञान।
  3. विपणन भूगोल-व्यावसायिक अर्थशास्त्र, वाणिज्य शास्त्र।
  4. पर्यटन भूगोल-पर्यटन प्रबन्धन।
  5. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का भूगोल-अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भूगोल की परिभाषा दो। भूगोल के अध्ययन की तीन विशेषताएं बताओ।
उत्तर:
भूगोल एक क्षेत्रीय तथा स्थानिक विभिन्नताओं का विज्ञान है। भूगोल शब्द दो यूनानी भाषा के शब्दों Geo = पृथ्वी तथा Graphy = वर्णन, के सुमेल से बना है। इस प्रकार भूगोल पृथ्वी के धरातल का वर्णन है। इसके अध्ययन क्षेत्र की तीन मुख्य विशेषताएं हैं –

  1. यह एक समाकलनात्मक अध्ययन है।
  2. यह एक आनुभविक अध्ययन है।
  3. यह एक व्यावहारिक अध्ययन है।

प्रश्न 2.
“भूगोल के अध्ययन की पहुंच विस्तृत है।” कारण बताओ।
उत्तर:

  1. भूगोल विश्वव्यापी प्रकृति का विज्ञान है।
  2. इसमें भौतिक पर्यावरण तथा सांस्कृतिक वातावरण दोनों क्षेत्रों का अध्ययन किया जाता है।

इसमें किसी भी घटक का जो दिक् एवं काल के सन्दर्भ में परिवर्तित होता है का भौगोलिक अध्ययन किया जाता है।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 मानव भूगोल - प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

प्रश्न 3.
भूगोल को ज्ञान का भण्डार क्यों कहा जाता है ?
उत्तर:
प्राचीन काल में भूगोल के अध्ययन का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी के बारे में सामान्य ज्ञान प्राप्त करना ही था। यह ज्ञान यात्रियों, व्यापारियों, गवेषकों तथा विजेताओं की कथाओं पर आधारित था। कई विद्वानों ने पृथ्वी के आकार, अक्षांश तथा देशान्तर, सौर मण्डल आदि की जानकारी का समावेश भूगोल विषय के अन्तर्गत किया। पृथ्वी के बारे में जानकारी अधिकतर अन्य विषयों से प्राप्त हुई। इसलिए भूगोल को ज्ञान का भण्डार कहा जाता है।

प्रश्न 4.
“भूगोल प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञान दोनों ही है।” व्याख्या करो।
उत्तर:
भूगोल एक समाकलन का विज्ञान है। भौतिक भूगोल तथा मानव भूगोल के विभिन्न पक्षों का अध्ययन करके किसी क्षेत्र का एक भौगोलिक चित्र प्रस्तुत किया जाता है। भौतिक वातावरण का अध्ययन करने के लिए प्राकृतिक विज्ञान जैसे भौतिकी, रसायन विज्ञान आदि बहुत उपयोगी हैं। सामाजिक विज्ञान मानवीय क्रियाओं का अध्ययन करने में सहायता करते हैं। इनके द्वारा भौतिक तत्त्वों का कृषि, मानव बस्तियों आदि पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाता है। इस प्रकार भूगोल प्राकृतिक तथा सामाजिक विज्ञानों को परस्पर जोड़ता है तथा इसे दोनों वर्ग के विज्ञानों में गिना जाता है।

प्रश्न 5.
‘भूगोल को समाकलन एवं संश्लेषण का विज्ञान कहा जाता है।’ इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
भूगोल का विज्ञान की कई शाखाओं से निकट का सम्बन्ध है। विभिन्न शाखाओं के कई तत्त्वों का अध्ययन भूगोल में उपयोगी होता है। केवल उन्हीं घटकों का अध्ययन किया जाता है जो हमारे उद्देश्य के लिए प्रासंगिक हों। विभिन्न घटकों को आपस में संयक्त रूप में अध्ययन करने की क्रिया को समाकलन कहते हैं। संयुक्त (Composite) तथा संश्लिष्ट रूप (Synthetic form) में समझना अधिक उयोगी तथा महत्त्वपूर्ण होता है। इसलिए भूगोल को समाकलन एवं संश्लेषण का विज्ञान (Science of Integration or Synthesis) कहा जाता है।

प्रश्न 6.
मानव भूगोल के उद्देश्य की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
मानव भूगोल का उद्देश्य पृथ्वी पर विभिन्न प्रदेशों में जनसंख्या और वातावरण के संसाधनों का अध्ययन करना है ताकि इन संसाधनों का प्रयोग मानव प्रगति और विकास के लिए किया जा सके। वातावरण का मानवीय क्रियाओं पर क्या प्रभाव पड़ता है तथा मानव द्वारा इनमें क्या परिवर्तन किए गए हैं। इस प्रकार मानव भूगोल का उद्देश्य मानव, वातावरण तथा मानवीय क्रियाओं के सम्बन्ध का अध्ययन करना है।

प्रश्न 7.
‘मानव भूगोल में मानव का केन्द्रीय स्थान है’ इस तथ्य को समझाइए।
उत्तर:
मानव भूतल पर भौतिक दशाओं के समूह (Set of Surroundings) द्वारा घिरा है जिसे पर्यावरण कहते हैं। मानव एक सक्रिय भौगोलिक कारक (Geographical factor) है। मानव मिट्टी को अपने भोजन प्राप्ति के लिए प्रयोग करता है तथा पशुपालन, मत्स्यन, भेड़ पालन द्वारा भोजन प्राप्त करता है। प्राकृतिक झरनों से जलविद्युत् उत्पन्न करता है। कोयले के प्रयोग से उद्योगों को शक्ति प्रदान करता है। मनुष्य की स्थिति केन्द्रीय है। उसके चारों ओर प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक वातावरण की क्रियाएं होती हैं, परन्तु वह प्रकृति का दास नहीं है वरन् उसमें परिवर्तन करके उसे अपने अनुकूल बनाता है।

प्रश्न 8.
“मानव प्रकृति का दास है।” इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य तथा प्रकृति में घनिष्ठ सम्बन्ध है। प्रकृति के विभिन्न लक्षण जैसे भूमि की बनावट, जलवायु, मिट्टी, पदार्थ, जल तथा वनस्पति मनुष्य के रहन-सहन तथा आर्थिक, सामाजिक क्रियाओं पर प्रभाव डालते हैं। प्रकृति मनुष्य के कार्य एवं जीवन को निश्चित या निर्धारित करती है।’ इस विचारधारा को नियतिवाद (Determinism) कहा जाता है। जैसे रैट्ज़ेल के अनुसार, “मानव अपने वातावरण की उपज है।” (Man is the product of environment.) दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि मानव प्रकृति का दास है। मानव जीवन प्राकृतिक साधनों पर ही आधारित है।

मानव वातावरण को एक सीमा तक ही बदल सकता है। उसे वातावरण के साथ समायोजन करना आवश्यक है। इस प्रकार मनुष्य तथा प्रकृति एक-दूसरे के सहयोगी के रूप में कार्य करते हैं। इस प्रक्रिया द्वारा ही सम्पूर्ण जीवन प्रभावित होता है। इस प्रकार मनुष्य तथा प्रकृति के सम्बन्धों को देखकर ‘प्रकृति में मनुष्य’ (Man in nature) कहना ही उचित है। जैसा कि विख्यात भूगोलवेत्ता विडाल डी लॉ ब्लॉश (Vidal de la Blach) ने कहा है, ‘प्रकृति मानव को मंच प्रदान करती है और यह मनुष्य पर निर्भर है कि वह उस पर कार्य करे।’

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 मानव भूगोल - प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

प्रश्न 9.
नव-नियतिवाद से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
नव-नियतिवाद (Neo-Determinism):
प्रकृति ने मानव को विकास के भरपूर अवसर प्रदान किए हैं परन्तु मानव इनका एक सीमा तक प्रयोग कर सकता है। इसलिए सम्भववाद पर कई विद्वानों ने आलोचना की है। ग्रिफिथ टेलर ने इस आलोचना द्वारा नव नियतिवाद की विचारधारा प्रस्तुत की। उसके अनुसार एक भूगोलवेत्ता का कार्य एक परामर्शदाता का है न कि प्रकृति की आलोचना करने का है। यह निश्चयवाद तथा सम्भावनावाद में एक मध्यमार्ग है। इसे ‘रुको और जाओ निश्चयवाद’ (Stop and Go determinism) कहते हैं।

प्रश्न 10.
एलेन सेम्पुल द्वारा मानव भूगोल की दी गई परिभाषा के तीन मूल बिन्दु कौन-कौन से हैं ?
अथवा
मानव भूगोल की प्रकृति क्या है ?
उत्तर:
एलेन सेम्पुल के अनुसार मानव भूगोल पृथ्वी और अथक मानव के परस्पर परिवर्तनशील सम्बन्धों का अध्ययन है। इसके मूल तीन बिन्दु निम्नलिखित हैं

  1. मानव समाज तथा पृथ्वी तल के बीच सम्बन्ध
  2. मानव-वातावरण सम्बन्ध प्रगतिशील है
  3. मानव प्रगति प्रकृति पर निर्भर है।

प्रश्न 11.
“मानव भूगोल का अध्ययन प्रगतिशील है तथा इसमें मानवीय समाज के अध्ययन पर अधिक बल दिया गया है।” व्याख्या करो। .
उत्तर:
मानव भूगोल की परिभाषा समय-समय पर बदलती रहती है।

  1. सबसे पहले विद्वानों में अरस्तु, बकॅल, हम्बोलट तथा स्ट्टिर ने इतिहास पर धरातल के प्रभाव का अध्ययन किया।
  2. कालान्तर में रैट्ज़ेल तथा सैम्पल ने इसकी आलोचना की।
  3. ब्लॉश ने पारिस्थितिकी तथा पार्थिव एकता को मानव भूगोल के दो मूल सिद्धान्त माना।
  4. हंटिंगटन ने जलवायु के समाज, सभ्यता तथा इतिहास पर प्रभाव पर अधिक बल दिया।
  5. उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि मानव भूगोल में मूल रूप से अधिक बल मानवीय समाज के अध्ययन पर दिया गया है।

प्रश्न 12.
मानव भूगोल में सम्भववाद उपागम की तीन मुख्य विशेषताएं बताओ।
उत्तर:

  1. इस उपागम के अनुसार मानव अपने वातावरण में आवश्यकता अनुसार परिवर्तन कर सकता है
  2. प्रकृति पर विजय प्राप्त करना सम्भव है।
  3. प्रकृति अवसर प्रदान करती है तथा मानव इनका लाभ उठा सकता है।

प्रश्न 13.
मानव भूगोल के छः उपागमों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
मानव भूगोल के छ: उपागम निम्नलिखित हैं –

  1. अन्वेषण और विवरण
  2. प्रादेशिक विश्लेषण
  3. क्षेत्रीय विभेदन
  4. स्थानिक संगठन
  5. मानवतावादी, आमूलवादी और व्यावहारवादी विचारधाराओं का उदय
  6. भूगोल में उत्तर आधुनिकवाद।

प्रश्न 14.
मानव भूगोल के छः भिन्न क्षेत्रों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
मानव भूगोल के निम्नलिखित छः क्षेत्र है –

  1. सामाजिक भूगोल
  2. नगरीय भूगोल
  3. राजनीतिक भूगोल
  4. जनसंख्या भूगोल
  5. आवास भूगोल
  6. आर्थिक भूगोल।

प्रश्न 15.
आर्थिक भूगोल के छ: उप-क्षेत्र कौन-से हैं ?
उत्तर:
आर्थिक भूगोल के छ: उप-क्षेत्र निम्नलिखित हैं –

  1. संसाधन भूगोल
  2. कृषि भूगोल
  3. उद्योग भूगोल
  4. विपणन भूगोल
  5. पर्यटन भूगोल
  6. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का भूगोल।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 मानव भूगोल - प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

प्रश्न 16.
मानव भूगोल में प्रादेशिक विश्लेषण विधि क्या है ?
उत्तर:
जब भूगोल में किसी प्रदेश को उप-विभागों या प्रदेशों में बांट कर समुचा अध्ययन करते हैं तो उस विवरणात्य अध्ययन को प्रादेशिक विधि कहते हैं।

प्रश्न 17.
सम्भववाद का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
सम्भवाद (Possiblism)-निश्चयवाद की विचारधारा कुछ समय पश्चात् अस्वीकार कर दी गई। कई भूगोलवेत्ताओं ने मानव को स्वतन्त्र कारक बताया। वह अपनी इच्छापूर्वक कार्य करने की क्षमता रखता है। इस विचारधारा को सम्भववाद कहते हैं। लूसियन फ़ैब्रे ने इस शब्द का सबसे पहले प्रयोग किया। उसके अनुसार कुछ भी आवश्यक नहीं है। प्रत्येक स्थान पर सम्भावनाएं हैं तथा मानव इन सम्भावनाओं का स्वामी है। विडाल-डी लॉ ब्लॉश ने इस विचारधारा का पूरी तरह विकास किया। उसके अनुसार लोगों का रहन-सहन भौतिक, सामाजिक तथा ऐतिहासक प्रभावों का परिणाम है। इस विचारधारा के अनुसार सांस्कृतिक तथा तकनीकी ज्ञान वातावरण का प्रयोग करने में सक्षम हो

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भूगोल में द्वैतवाद से क्या अभिप्राय है ? नोमोथेटिक तथा इडियोग्राफ़िक शब्दों के क्या अर्थ है ?
उत्तर:
(i) भूगोल के द्वैतवाद के आशय के व्यापक तर्क-वितर्क हैं कि क्या भूगोल का अध्ययन प्रादेशिक या क्रमबद्ध होना चाहिए। इसे द्वैतवाद कहते हैं। नोमोथेटिक शब्द का अर्थ है भूगोल का नियमबद्ध होना तथा इडियोग्राफ़िक शब्द के अर्थ है कि भूगोल का विवरणात्मक होना।
(ii) क्या भौगोलिक परिघटनाओं की व्याख्या सैद्धान्तिक आधार पर होनी चाहिए अथवा ऐतिहासिक संस्थागत उपागम के आधार पर हो।
(iii) इसी प्रकार द्वैतवाद प्रकृति तथा मानव के बीच बौद्धिक अभ्यास का मुद्दा है।

प्रश्न 2.
“भौतिक और मानवीय दोनों परिघटनाओं का वर्णन मानव शरीर रचना विज्ञान से प्रतीकों का प्रयोग करते हुए रूपकों के रूप में किया जाता है” उदाहरण देकर व्याख्या करो।
उत्तर:
मानव शरीर रचना विज्ञान से कुछ शब्दों का प्रयोग भौतिक और मानवीय परिघटनाओं के लिए किया जाता है।
उदाहरण-

  1. हम पृथ्वी के ‘रूप’ (Face) का वर्णन करते हैं।
  2. हम ‘तुफान की आँख’ (Eye of the storm) शब्द प्रयोग करते हैं।
  3. ‘नदी के मुख’ (Mouth of the river) का प्रयोग किया जाता है।
  4. ‘हिम नदी की नासिका’ (Snouth of the glacier) शब्द का प्रयोग होता है।
  5. जलडमरू मध्य की ग्रीवा (Neck) शब्द प्रयोग होता है।
  6. प्रदेशों, गाँवों, नगरों का वर्णन जीवों (organisms) के रूप में होता है।
  7. सड़कों, रेलमार्गों, जलमार्गों के जाल को ‘परिसंचरण की धमनियां’ (Arteries of Circulation) कहते हैं।

प्रश्न 3.
रैटजेल के अनुसार मानव भूगोल की परिभाषा दो। इस परिभाषा में किस तत्त्व पर बल दिया गया है ?
उत्तर:
रैटजेल के अनुसार, “मानव भगोल मानव समाजों और धरातल के बीच सम्बन्धों का संश्लेषित अध्ययन है।” इस परिभाषा में संश्लेषण शब्द पर बल दिया गया। भौतिक तथा मानवीय तत्त्वों का संश्लेषण किया जाता है।

प्रश्न 4.
एलेन सी० सेम्पुल के अनुसार मानव भूगोल की परिभाषा दो। इस परिभाषा में मुख्य शब्द क्या है ?
उत्तर:
एलेन सी० सेम्पुल के अनुसार, “मानव भूगोल अस्थिर पृथ्वी और क्रियाशील मानव के बीच परिवर्तनशील सम्बन्धों का अध्ययन है।” इस परिभाषा में सम्बन्धों की गत्यात्मकता मुख्य शब्द है। मानवीय क्रियाएं बदलती रहती हैं। पृथ्वी के भौतिक लक्षण बदलते रहते हैं। दोनों के आपसी सम्बन्धों में भी परिवर्तनशीलता होती रहती है।

प्रश्न 5.
पाल विडाल-डी लॉ ब्लॉश के अनुसार मानव भूगोल की परिभाषा दो। इस परिभाषा में कौन-सी नई संकल्पना प्रस्तुत की गई है ?
उत्तर:
पाल विडाल-डी लॉ ब्लॉश के अनुसार, ‘मानव भूगोल हमारी पृथ्वी को नियन्त्रित करने वाले भौतिक नियमों और इस पर रहने वाले जीवों के मध्य सम्बन्धों के अधिक संश्लेषित ज्ञान से उत्पन्न संकल्पना है। इस परिभाषा में नई संकल्पना है। यह पृथ्वी तथा मानव के बीच सम्बन्ध का अध्ययन है। भौतिक पर्यावरण के तत्त्व तथा मानवीय वातावरण के तत्त्व एक-दूसरे से अन्योन्यक्रिया (Interact) करते हैं।

प्रश्न 6.
“प्रौद्योगिकी किसी समाज के सांस्कृतिक विकास के स्तर की सूचक होती है।” उपरोक्त कथन के समर्थन में तीन तथ्य दो।
‘अथवा
प्रौद्योगिकी स्तर, मनुष्य व प्रकृति के आपसी सम्बन्धों को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
उत्तर:
मानव कुछ उपकरणों तथा तकनीकों की सहायता से उत्पादन तथा निर्माण करता है। इसे प्रौद्योगिकी कहते हैं। मानव प्रकृति के नियमों को बेहतर ढंग से समझने के बाद प्रौद्योगिकी का विकास करके उत्पादन करता है।

उदाहरण:

  1. घर्षण (friction) तथा ऊष्मा की संकल्पनाओं ने मानव को अग्नि की खोज में सहायता की।
  2. डी० एन० ए० (D.N.A) तथा आनुवंशिकी के रहस्यों की समझ ने हमें अनेक बीमारियों पर विजय पाने के योग्य बनाया।
  3. हम अधिक तीव्र गति से चलने वाले यान विकसित करने के लिए वायु गति के नियमों का प्रयोग करते हैं। इस प्रकार प्रकृति का ज्ञान प्रौद्योगिकी को विकसित करने के लिए महत्त्वपूर्ण है।

प्रश्न 7.
‘मानवीय क्रियाएँ सांस्कृतिक भूदृश्य की रचना करती हैं। उदाहरण दो।
उत्तर:
बेहतर और सक्षम प्रौद्योगिकी के प्रयोग से मानव भौतिक पर्यावरण से संसाधन का प्रयोग करता है। मानव पर्यावरण से प्राप्त संसाधनों के द्वारा सम्भावनाओं को जन्म देता है। प्रकृति सम्भावनाओं को जन्म देती है तथा मानव इनका उपयोग करता है। इस प्रकार प्रकृति का मानवीकरण होता है। इसे सम्भववाद (Possibilism) कहते हैं।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 मानव भूगोल - प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

मानवीय क्रियाओं की छाप सर्वत्र है जैसे –

  1. उच्च भूमियों पर स्वास्थ्य विश्रामस्थल
  2. विशाल नगरीय प्रसार
  3. खेत, फलोद्यान तथा चरागाहें
  4. तटों पर पत्तन
  5. महासागरीय तल पर महासागरीय मार्ग
  6. अंतरिक्ष में उपग्रह।

अन्तर स्पष्ट करो

प्रश्न 1.
भौतिक पर्यावरण तथा सांस्कृतिक पर्यावरण में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
(i) भौतिक वातावरण प्राकृतिक तत्त्वों से बना है जैसे जलवायु धरातल, जल प्रवाह, प्राकृतिक संसाधन, खनिज, मृदा, जल तथा वन। .
(ii) सांस्कृतिक वातावरण मानव निर्मित लक्षणों से बना है जिसमें जनसंख्या तथा मानव बस्तियाँ प्रमुख हैं। इनका सम्बन्ध कृषि, निर्माण उद्योग तथा परिवहन से है।

प्रश्न 2.
निश्चयवाद तथा सम्भववाद में अन्तर स्पष्ट करो।
अथवा
‘पर्यावरणीय निश्चयवाद’ की संक्षिप्त परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
निश्चयवाद (Determinism):
इस विचारधारा के अनुसार मानवीय क्रियाओं पर वातावरण का नियन्त्रण है। इसके अनुसार किसी सामाजिक वर्ग का इतिहास, सभ्यता, रहन-सहन तथा विकास स्तर भौतिक कारकों द्वारा नियन्त्रित होता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि मानव एक क्रियाशील कारक नहीं है। इस विचारधारा को यूनानी तथा रोमन विद्वानों हिप्पोक्रेटस, अरस्तु, हेरोडोटस तथा स्ट्रेबो ने प्रस्तुत किया। इसके पश्चात् अल-मसूदी, अल अदरीसी, इब्बन खालदून, काण्ट, हम्बोलट, रिट्टर तथा रैटजेल ने इस पर विशेष कार्य किया। अमेरिका में कुमारी सैम्पुल तथा हंटिंगटन ने इस विचारधारा को लोकप्रिय बनाया।

सम्भववाद (Possiblism):
निश्चयवाद की विचारधारा कुछ समय पश्चात् अस्वीकार कर दी गई। कई भूगोलवेत्ताओं ने मानव को स्वतन्त्र कारक बताया। वह अपनी इच्छा पूर्वक कार्य करने की क्षमता रखता है। इस विचारधारा को सम्भववाद कहते हैं। लूसियन फ़ैब्रे ने इस शब्द का सबसे पहले प्रयोग किया। उसके अनुसार कुछ भी आवश्यक नहीं है। प्रत्येक स्थान पर सम्भावनाएं हैं तथा मानव इन सम्भावनाओं का स्वामी है। विडाल-डी लॉ ब्लॉश ने इस विचारधारा का पूरी तरह विकास किया। उसके अनुसार लोगों का रहन-सहन भौतिक, सामाजिक तथा ऐतिहासिक प्रभावों का परिणाम है। इस विचारधारा के अनुसार सांस्कृतिक तथा तकनीकी ज्ञान वातावरण का प्रयोग करने में सक्षम है।

प्रश्न 3.
क्रमबद्ध भूगोल तथा प्रादेशिक भूगोल में अन्तर स्पष्ट करो।
अथवा
1930 के दशक से 1960 के दशक की अवधि में भूगोल के उपागम बताओ।
उत्तर:
प्रादेशिक भूगोल (Regional Geography):

  1. इस भूगोल में किसी प्रदेश के सभी भौगोलिक तत्त्वों का एक इकाई के रूप में अध्ययन होता है।
  2. यह अध्ययन समाकलित होता है।
  3. यह अध्ययन भौगोलिक इकाइयों पर आधारित होता है।

क्रमबद्ध भूगोल (Systematic Geography):

  1. इस भूगोल में किसी प्रदेश के एक विशिष्ट भौगोलिक तत्त्व का अध्ययन होता है।
  2. यह अध्ययन एकाकी रूप में होता है।
  3. यह अध्ययन राजनीतिक इकाइयों पर आधारित होता है।

निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)

प्रश्न 1.
मानव भूगोल से क्या अभिप्राय है ? विभिन्न भूगोलवेत्ताओं द्वारा मानव भूगोल की परिभाषाओं का वर्णन करो।
उत्तर:
परिचय (Introduction):
मानव भूतल पर सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण प्राणी है। वह भूतल पर वातावरण। एक क्रियाशील अंश है। मानव पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों का अपने उद्देश्यों के लिए प्रयोग करता है। मानव प्रकृति का दास नहीं है, वरन् उसमें उचित परिवर्तन लाता है और उसे अपने अनुकूल बनाता है। कई बार वह अपने जीवन को वातावरण के अनुसार ढाल कर समझौता भी कर लेता है। वातावरण की विभिन्नता के कारण विभिन्न प्रदेशों के निवासियों की शारीरिक रचना, जातीय गुण, रहन-सहन, वेष-भूषा, कार्य क्षमता तथा योग्यता में अनेक विभिन्नताएं पाई जाती हैं।

टुण्ड्रा प्रदेश के एस्कीमों का जीवन कठोर तथा संघर्षपूर्ण होता है। मानसून प्रदेश में लोगों का मुख्य कार्य कृषि है। शीतोष्ण कटिबन्धीय घास के मैदानों में लोग पशुपालन करते हैं तथा घास व जल की तलाश में घूमते रहते हैं। इस प्रकार मानव अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्राकृतिक भू-दृश्य (Physical landscape) का उपयोग करके एक सांस्कृतिक वातावरण को जन्म देता है। इस प्रकार मानव भूगोल और पृथ्वी के बीच सम्बन्धों का एक क्रमबद्ध विश्लेषण प्रस्तुत करता है।

मानव भूगोल की परिभाषाएं (Definitions of Human Geography):
मानव और प्रकृति की अन्तक्रियाओं लस्वरूप अनेक प्रकार के सांस्कृतिक लक्षण जन्म लेते हैं जैसे- गांव, कस्बा, शहर, सड़क, उद्योग भवन आदि। इन्हीं सभी लक्षणों की स्थिति तथा वितरण का अध्ययन मानव भूगोल के अन्तर्गत आता है। विभिन्न भूगोलवेत्ताओं द्वारा मानव भूगोल की निम्नलिखित परिभाषाएं दी गई हैं –

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 मानव भूगोल - प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

1. रैट्ज़ेल के अनुसार (According to Ratzel):
फ्रेडरिक रैट्जेल को वर्तमान मानव भूगोल का जन्मदाता माना जाता है। रैट्ज़ेल के अनुसार मानव भूगोल के दृश्य सर्वग वातावरण से सम्बन्धित होते हैं जो स्वयं भौतिक दशाओं का एक योग होता है।

2. कुमारी सेम्पुल के अनुसार (According to E.C. Semple):
रैट्ज़ेल की शिष्या कुमारी सेम्पुल के अनुसार, “मानव । अस्थायी पृथ्वी और चंचल मानव के पारस्परिक परिवर्तनशील सम्बन्धों का अध्ययन है।” (“Human geography is a study of the changing relationships between the unresting man and the unstable earth.”)

3. विडाल-डी लॉ ब्लॉश के अनसार (According to Vidal de la Blaches):
फ्रांसीसी विद्वान विडाल डी लॉ ब्लॉश के अनुसार, “मानव भूगोल पृथ्वी और मानव के पारस्परिक सम्बन्धों का अध्ययन है।” (“Human geography is study of inter-relationship of earth and man.”)

4. जीन ब्रून्ज के अनुसार (According to Brunhes):
“मानव भूगोल उन सभी तथ्यों का अध्ययन है जो मानव की क्रिया-कलापों से प्रभावित होते हैं।” (“Human geography is the study of all these facts in which human activity plays a part.”)

5.ऐल्सवर्थ हंटिंगटन के अनुसार (According to Elesworth Huntington):
“मानव भूगोल में भौगोलिक वातावरण तथा मानवीय क्रियाओं के पारस्परिक सम्बन्धों के वितरण और स्वरूप का अध्ययन होता है।” (“Human geography may be defined as the study of nature and distribution of relationships between geographical environment and human activities.”)

6. डी० एच० डेविस के अनुसार (According to D. H. Davis):
“मानव भूगोल प्राकृतिक वातावरण और मानवीय क्रियाओं के बीच सम्बन्धों का अध्ययन है।” (“Human geography is a study of the relationships between natural environment and human activities.”)

7. ह्वाइट और रेनर के अनुसार (According to White and Renner):
“भूगोल प्रमुखतः मानव पारिस्थितिकी है जिसमें पृथ्वी की पृष्ठ भूमि से मानव समाजों का अध्ययन होता है।” (“Geography is primarily human Ecology and the study of human society in relation to the earth background.”)

8. डिकेन तथा पिट्स के अनुसार (According to Dickens and Pits):
“मानव भूगोल में मानव और उसके कार्यों को समाविष्ट किया जाता है।” (“Human geography is looked upon as the study of man and his works.”)

सारांश (Conclusion):
उपरोक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि भूगोल वेत्ताओं के विचारों में मतभेद हैं। फिर भी यह समानता है कि मानव भूगोल मनुष्य और उसके वातावरण में अन्तर्सम्बन्धों की समस्याओं का अध्ययन करता है। मानव भूगोल विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले मानव समूहों के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का अध्ययन करता है तथा मानव अपने वातावरण से किस प्रकार अनुकूलन (Adaptation) और सामंजस्य (Adjustment) स्थापित करके उसमें आवश्यकतानुसार संशोधन (Modification) करता है।

प्रश्न 2.
मानव भूगोल के विकास का वर्णन करो।
उत्तर:
प्राचीन काल से ही प्राकृतिक वातावरण का प्रभाव मानव पर अनुभव किया जाता रहा है। प्राचीन सभ्यताओं में यूनान, मिस्र, भारत, चीन आदि देशों के लोग सूर्य, वायु, अग्नि, जल, वर्षा आदि को देवता मान कर इनकी पूजा करते थे। परन्तु वर्तमान मानव भूगोल का वैज्ञानिक विकास 18वीं शताब्दी में शुरू हुआ है। ईसा से 6 शताब्दी पूर्व थेल्स (Thals) तथा अनैग्जीमेंडर (Aneximander) ने जलवायु तथा मानव के सम्बन्धों का वर्णन किया था।

इसके पश्चात्। अरस्तु तथा हेरोडोटस ने मानव जीवन पर वातावरण के प्रभाव को प्रधान माना था। आठवीं शताब्दी में अरब विद्वानों ने कुछ प्रादेशिक भूगोल में मानवीय जीवन का वर्णन किया है। मानव भूगोल का वर्तमान युग जर्मन विद्वानों ने आरम्भ किया। इन विद्वानों में कांट (Kant), रिटर (Ritter), हम्बोल्ट (Humbult), फ्रबल (Frobel), रट्ज़ेल (Ratzel) विशेष रूप से प्रसिद्ध रहे हैं। इन्होंने निश्चयवाद, सम्भववाद आदि विचारधाराओं का विकास किया।

फ्रांस में भी मानव भूगोल का बहुत विकास हुआ। विडाल-डी लॉ ब्लॉश (Vidal de la Blache), जीन बूंज (Jean Brunhes), डिमांजिया (Demangeon) और फैब्रे (Febre) ने कई पुस्तकें लिखीं। उत्तरी अमेरिका तथा ब्रिटेन में भी कई विद्वानों ने मानव भूगोल के क्षेत्र में कार्य किया है। कुमारी सेम्पुल (Semple), हंटिंगटन, बोमेन (Bowman), सावर (Saver), ग्रिफ्फिथ टेलर (G. Taylor), हरबर्टसन (Herbertson) तथा मैकिंडर (Makinder) का योगदान उल्लखेनीय रहा है।

प्रश्न 3.
मानव भूगोल की प्रकृति तथा अध्ययन क्षेत्र का वर्णन करो।
उत्तर:
मानव भूगोल की प्रकृति (Nature of Human Geography):
मानव भूगोल की प्रकृति का उद्देश्य पृथ्वी पर विभिन्नताओं के बीच रहने वाले मानव जीवन को समझना है। पृथ्वी के विभिन्न प्रदेशों में निवासियों के रंग रूप, कार्य क्षमता, आजीविका साधन, रीति-रिवाज, संस्कृति आदि में बहुत अन्तर मिलते हैं। ये अन्तर भौगोलिक वातावरण के कारण मिलते हैं। मानव और भौतिक वातावरण का सम्बन्ध सांस्कृतिक वातावरण को जन्म देता है। फिंच और ट्रिवार्था के अनुसार मानव और उसकी संस्कृति ही मानव भूगोल का विषय क्षेत्र है। इस सम्बन्ध में मानव भूगोल जनसंख्या, प्राकृतिक संसाधनों, सांस्कृतिक, भूमध्य तथा कार्यात्मक सम्बन्धों का अध्ययन करता है।

मानव भूगोल का उद्देश्य एवं प्रकृति के सम्बन्ध में प्रो० ब्लॉश का यह कथन है, “पृथ्वी पर मनुष्य का प्रभाव और उसके व्यवसायों का अध्ययन ही मानव भूगोल है।” मानव भूगोल संसाधनों के उपयोग द्वारा व्यवसायों की आर्थिक संरचनाओं (Economic Structures), उद्योगों, परिवहन, संचार साधन तथा मानवीय बस्तियों के वितरण का अध्ययन करता है। मानव भूगोल का अध्ययन मानवीय पारिस्थितिकी (Human Ecology) का व्यापक अध्ययन है। इसमें मानव और भौतिक वातावरण के सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है। मानव भूगोल में प्राकृतिक वातावरण का मानवीय जीवन और उसकी क्रियाओं पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाता है।

पृथ्वी के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले मानव समूहों के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का अध्ययन किया जाता है। मानव किस प्रकार वातावरण-समायोजन तथा प्रादेशिक व्यवस्थापन द्वारा क्षेत्रीय संगठन करता है। मानव एक सक्रिय भौगोलिक कारक है, परन्तु यह वातावरण का अंग नहीं। मानव की स्थिति केन्द्रीय है। मानव अपने प्राकृतिक वातावरण में परिवर्तन करके सांस्कृतिक भूदृश्य का निर्माण करता है। इस प्रकार मानव भूगोल प्राकृतिक वातावरण की शक्तियों जैसे सौर शक्ति, गुरुत्व तथा सौर प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है। इसी प्रकार मानव भूगोल में सांस्कृतिक वातावरण की शक्तियों का भी अध्ययन किया जाता है। इस प्रकार आर्थिक, जनसांख्यिकीय, ऐतिहासिक विज्ञानों के लिए मानव भूगोल का ज्ञान आवश्यक है।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 मानव भूगोल - प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

मानव भूगोल का अध्ययन क्षेत्र (Scope of Human Geography):
मानव भूगोल का अध्ययन क्षेत्र बहुत व्यापक है। परन्तु कई विद्वानों के विचारों में मतभेद हैं। मानव भूगोल को भूमि का विज्ञान, अन्तर्सम्बन्धों का विज्ञान तथा प्रादेशिक अध्ययन का विज्ञान कहा जाता है। वास्वत में भौगोलिक परिस्थितियों और मनुष्य के कार्यों के सम्बन्ध का वितरण और प्रकृति ही मानव भूगोल की विषय सामग्री है।

मानव भूगोल के अध्ययन क्षेत्र के पांच प्रमुख अंग
(Five aspects of the Scope of Human Geography)

  1. किसी प्रदेश की जनसंख्या और उसकी क्षमता।
  2. उस प्रदेश के प्राकृतिक संसाधन।
  3. उस प्रदेश का सांस्कृतिक प्रतिरूप।
  4. मानव-वातावरण का समायोजन का रूप।
  5. समय के साथ-साथ कालिक विकास।

प्रश्न 4.
मानव भूगोल की विभिन्न शाखाओं का वर्णन करो।
उत्तर:
किसी क्षेत्र के मानव निर्मित लक्षणों (Man made features) के अध्ययन को मानवीय भूगोल कहते हैं। यह लक्षण मानवीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। जैसे-खेती, गांव, कारखाने, सड़कें, रेलें, पुल आदि। इन्हें सांस्कृतिक लक्षण.(Cultural features) भी कहते हैं। मानवीय भूगोल प्राकृतिक लक्षणों का मानवीय जीवन पर प्रभाव का अध्ययन करता है। मानव भूगोल के निम्नलिखित उप-क्षेत्र हैं –

1. सांस्कृतिक भूगोल (Cultural Geography):
इसका सम्बन्ध मानव समूहों की संस्कृति से है। इसमें मनुष्य का घर, वस्त्र, भोजन, सुरक्षा, कुशलता, साधन, भाषा, धर्म आदि पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। कुछ भूगोलवेत्ता इस उप-क्षेत्र को सामाजिक भूगोल भी कहते हैं।

2. आर्थिक भूगोल (Economic Geography):
इस क्षेत्र के अन्तर्गत मानवीय क्रियाकलाप में विभिन्नता का अध्ययन किया जाता है तथा इन क्रियाओं द्वारा वस्तुओं के उत्पादन (Production), वितरण (Distribution) तथा विनिमय (Exchange) का अध्ययन किया जाता है। इस प्रकार प्राकृतिक साधनों के वितरण तथा उपयोग का अध्ययन किया जाता है।

3. जनसंख्या भूगोल (Population Geography):
इस क्षेत्र में मानवीय समूहों के विभिन्न रूपों तथा वितरण का अध्ययन किया जाता है। इस क्षेत्र के अन्तर्गत जनसंख्या का वितरण, निरपेक्ष संख्या, जन्म एवं मृत्यु-दर, वृद्धि दर आदि विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है।

4. ऐतिहासिक भूगोल (Historical Geography):
मानव भूगोल के इस क्षेत्र में किसी भी प्रदेश के विभिन्न समयों में विकास का अध्ययन किया जाता है। यह हमें किसी भी देश के वर्तमान को समझने में एक सूत्र प्रदान करता है।

5. राजनीतिक नीतिक भगोल (Political Geography):
इस क्षेत्र में राजनीतिक तथा प्रशासनिक निर्णयों का विश्लेषण किया जाता है। मानव समूहों से सम्बन्धित स्थानीय प्रशासन, प्रादेशिक नियोजन, देशों के आपसी सम्बन्ध, सीमा विवाद आदि इसके मुख्य विषय हैं।

6. नगरीय भूगोल (Urban Geography):
यह उपशाखा नगरीय आवास के अध्ययन तथा नियोजन के लिए प्रयोग की जाती है।

7. आवास भूगोल (Settlement Geography):
यह उपशाखा नगरीय तथा ग्रामीण बस्तियों के अध्ययन में सहायक है।

प्रश्न 5.
“द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् मानव भूगोल ने सामाजिक समस्याओं के समाधान पर अधिक बल दिया है।” व्याख्या करो।
अथवा
मानववाद तथा कल्याणवाद में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् भूगोल के कई क्षेत्रों में बहुत तेजी से परिवर्तन हुए हैं। मानव भूगोल में मानव समाज की कई समस्याओं के समाधान के लिए प्रयत्न किए गए। मानव भलाई, निर्धनता, असमानताएं (सामाजिक तथा प्रादेशिक) आदि कई नई समस्याएं उभर कर सामने आईं।

इसलिए समय-समय पर कई उपागम प्रयोग किए गए –
1. व्यावहारिक उपागम (Positivism):
यह उपागम 1950-60 के दशक में प्रचलित हुई। इसमें मात्रात्मक विधियों पर अधिक बल दिया गया। कई विद्वानों जैसे B. L. Berry, David Harvey तथा William Bunge इस उपागम के समर्थक थे। इस विधि से व्यावहारिक उद्गम का जन्म हुआ। यह विचार मनोविज्ञान से सम्बन्धित है जिसमें मानवीय शक्तियों को मान्यता दी गई है।

2. कल्याण उपागम (Welfare Approach):
बढ़ती हुई असमानताओं के कारण मानवीय कल्याण विचारधारा का जन्म हुआ। निर्धनता, विकास में प्रादेशिक असमानताओं, नगरों के इर्द-गिर्द झोंपड़ियों की समस्याओं पर अधिक ध्यान दिया गया। D.M. Smith तथा David Harvey ने इसका समर्थन किया। इसमें Who (कौन) ? What (क्या)? Where.(कहाँ) ? तथा How (कैसे) ? पर बल दिया गया।
(a) Who (कौन) का सम्बन्ध क्षेत्र से है।
(b) What (क्या) का सम्बन्ध वस्तुओं से है।
(c) Where (कहाँ) का सम्बन्ध निवास क्षेत्र से है।
(d) How (कैसे) का सम्बन्ध असमानताओं के उत्पन्न होने के कारण से है।

JAC Class 12 Geography Important Questions Chapter 1 मानव भूगोल - प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

3. मानववाद (Humanism):
इस उपागम में मानव के क्रियाशील होने पर जोर दिया गया है। मानव की मानवीय . जागृति, मानव शक्ति, मानवीय उत्पादकता में भूमिका का अध्ययन किया जाता है।

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मौखिक –

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए –

प्रश्न 1.
तताँरा-वामीरो कहाँ की कथा है?
उत्तर :
तताँरा-वामीरो अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की कथा है।

प्रश्न 2.
वामीरो अपना गाना क्यों भूल गई?
उत्तर :
वामीरो जब गा रही थी, तो अचानक समुद्र में ऊँची लहर उठी और उसे पूरी तरह भिगो गई। यह देखकर वह हड़बड़ा गई और हड़बड़ाहट में गाना भूल गई।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 12 तताँरा-वामीरो कथा

प्रश्न 3.
तताँरा ने वामीरो से क्या याचना की?
उत्तर :
तताँरा ने वामीरो से गाना पूरा करने और अगले दिन पुनः उसी स्थान पर आने की याचना की।

प्रश्न 4.
तताँरा और वामीरो के गाँव की क्या रीति थी?
उत्तर
गाँव की रीति के अनुसार विवाह के लिए वर और वधू का एक ही गाँव का होना आवश्यक था। दूसरे गाँव में विवाह करना :
अनुचित था।

प्रश्न 5.
क्रोध में तताँरा ने क्या किया?
उत्तर :
क्रोध में तताँरा ने कार-निकोबार द्वीप समूह को दो भागों में विभक्त कर दिया।

लिखित –

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए – 

प्रश्न 1.
तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था?
उत्तर :
तताँरा लकड़ी की एक तलवार को सदैव अपनी कमर से बाँधे रखता था। लोगों का मानना था कि उस तलवार में अद्भुत दैवीय-शक्ति थी। वे सोचते थे कि तताँरा अपने सभी साहसिक कारनामों को इसी तलवार के कारण ही कर पाता है।

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प्रश्न 2.
वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया?
उत्तर :
तताँरा के गीत को पूरा करने के आग्रह पर वामीरो ने उसे बड़ी बेरुखी से उत्तर दिया। उसने तताँरा से कहा कि पहले वह अपना परिचय दे और बताए कि वह उसे क्यों घूर रहा है। उसे उससे ऐसा असंगत प्रश्न भी नहीं पूछना चाहिए, क्योंकि गाँव की रीति के अनुसार वह अपने गाँव के युवक अतिरिक्त किसी अन्य गाँव के युवक के प्रश्न का उत्तर देने के लिए भी बाध्य नहीं है।

प्रश्न 3.
तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर :
तताँरा-वामीरो एक-दूसरे से प्रेम करते थे, किंतु गाँव की रीति के अनुसार उनका विवाह नहीं हो सकता था। तताँरा ने क्रोध में आकर पूरे द्वीप समूह को दो भागों में विभाजित कर दिया। इसमें तताँरा की मृत्यु हो गयी और वामीरो भी उसके प्रेम में पागल होने के बाद मर गई। उन दोनों की त्यागमयी मृत्यु के बाद निकोबार के लोग दूसरे गाँवों में भी वैवाहिक संबंध करने लगे।

प्रश्न 4.
निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?
उत्तर :
तताँरा एक सुंदर और शक्तिशाली युवक था। वह नेक और मददगार था। दूसरों की सहायता करना वह अपना परम कर्तव्य समझता था। वह मुसीबत में प्रत्येक व्यक्ति की सहायता करने के लिए तैयार रहता था। उसकी इन्हीं विशेषताओं के कारण निकोबार के लोग तताँरा को पसंद करते थे।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60) शब्दों में लिखिए –

प्रश्न 1.
तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद कहाँ गया? वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर :
तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद समुद्र के किनारे टहलने के लिए गया। वह सूर्यास्त का समय था। सूर्य डूबने ही वाला था। समुद्र से आने वाली ठंडी हवा बहुत अच्छी लग रही थी। पक्षियों की मधुर चहचहाहट धीरे-धीरे सुनाई दे रही थी। सूर्य की अंतिम रंग-बिरंगी किरणें समुद्र के पानी में बहुत आकर्षक लग रही थीं। डूबता हुआ सूर्य ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानो देखते-ही-देखते वह क्षितिज के नीचे समा जाएगा।

तताँरा ऐसे प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहा था कि तभी उसे एक मधुर गीत गूंजता हुआ सुनाई दिया। गीत की आवाज़ अत्यंत मधुर और मोहक थी। ऐसा प्रतीत होता था, मानो वह गीत बहता हुआ उसकी ओर ही आ रहा हो। उस गीत के बीच-बीच में लहरों का संगीत उसकी मधुरता को और भी बढ़ाने वाला था।

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प्रश्न 2.
निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास है?
उत्तर :
निकोबारी इस दवीप समूह के विभक्त होने का कारण एक प्रेम कथा को मानते हैं। यह कथा तताँरा-वामीरो की है। तताँरा पासा गाँव का रहने वाला सुंदर नवयुवक था। वह साहसी, नेक और मददगार था। वामीरो समीप के गाँव लपाती की रहने वाली थी। दोनों एक दूसरे से प्रेम करने लगे, किंतु गाँव की परंपरा के अनुसार उनका विवाह नहीं हो सका।

एक दिन तताँरा और वामीरो को लोगों ने भला बुरा कहा। वामीरो जोर-जोर से रोने लगी। तताँरा इसे सहन नहीं कर सका। उसने क्रोध में भरकर अपनी तलवार को धरती में गाड़ दिया और पूरी शक्ति से अपनी ओर खींचता चला गया। उसने जहाँ-जहाँ से तलवार से काटा, वह सारा हिस्सा अलग होता चला गया। इस प्रकार निकोबार द्वीप समूह दो टुकड़ों में विभक्त हो गया।

प्रश्न 3.
वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर :
वामीरो से मिलने के बाद तताँरा अपनी सुध-बुध खो बैठा। वह हर समय उसी के ख्यालों में डूबा रहता। उसका हृदय व्यथित रहने लगा। उसके मन में एक विचित्र-सी बेचैनी रहती। सदैव सबकी मदद के लिए तैयार रहने वाला तताँरा अब केवल वामीरो के बारे में सोचता रहता। वह बार-बार उससे मिलने की इच्छा करता। शक्तिशाली, शांत और गंभीर तताँरा अब चंचल-सा रहने लगा। उसे वामीरों के बिना एक-एक पल पहाड़-सा भारी प्रतीत होता। वामीरो से मिलने के बाद तताँरा का जीवन पूरी तरह बदल गया था।

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प्रश्न 4.
प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति-प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे?
उत्तर :
प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन के लिए अस्त्र-शस्त्र चलाने संबंधी आयोजन तथा पशु-पर्व किए जाते थे। पशु-पर्व जैसे आयोजनों में पशुओं की शक्ति का प्रदर्शन किया जाता था। इसके अतिरिक्त युवकों व पशुओं के बीच में भी शक्ति-प्रदर्शन होता था। इस तरह के आयोजन में भोजन, नृत्य और संगीत की व्यवस्था भी की जाती थी।

प्रश्न 5.
रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों ? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
तताँरा-वामीरो कथा के आधार पर प्रतिपादित कीजिए कि रूढ़ियाँ बंधन बनने लगें तो उन्हें टूट जाना चाहिए।
उत्तर :
प्रत्येक समाज अपने जीवन को व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए कुछ रूढ़ियों और परंपराओं का पालन करता है। समय के साथ-साथ इन रूढ़ियों और परंपराओं में परिवर्तन होना जरूरी है। यदि इनमें परिवर्तन न हो, तो ये रूढ़ियाँ बंधन बन जाती हैं। तब इनका निर्वाह करना बोझ के समान लगता है। नई पीढ़ी विकास चाहती है। ये रूढ़ियाँ तब विकास में भी बाधक बनती हैं। स्वतंत्र विचारों वाली पीढ़ी इसे स्वीकार नहीं कर पाती। यदि हम फिर भी इन रूढ़ियों और परंपराओं से चिपके रहे, तो हमारी आने वाली पीढ़ी का विकास रुकता है। बोझ बनी इन रूढ़ियों से न तो विकास हो सकता है और न ही स्वच्छ जीवनयापन। ऐसे में इन रूढ़ियों का टूट जाना ही अच्छा होता है।

(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए –

प्रश्न 1.
जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसमें शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा।
उत्तर :
इन पंक्तियों में लेखक ने तताँरा के मनोभावों को व्यक्त किया है। तताँरा वामीरो से प्रेम करता है और उससे विवाह भी करना चाहता है, परंतु वामीरो का परिवार इसे पसंद नहीं करता। ‘पशु-पर्व’ पर आयोजित मेले में वामीरो की माता तताँरा को वामीरो के साथ देखकर आग-बबूला हो उठती है और उसे अपमानित करती है। गाँव के अन्य लोग भी तताँरा का विरोध करने लगते हैं। इस पर तताँरा क्रोध से भर उठता है, परंतु किसी पर क्रोध करने की बजाय वह अपनी तलवार को पूरा जोर लगाकर धरती में घोंप देता है और फिर उसे खींचने लगता है।

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प्रश्न 2.
बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी।
उत्तर :
यहाँ लेखक ने वामीरो की प्रतीक्षा करते तताँरा की बेचैनी को स्पष्ट किया है। वह समुद्री चट्टान पर वामीरो की प्रतीक्षा में खड़ा था। उसे वामीरो के आने की बहुत कम आशा थी, फिर भी वह उसकी प्रतीक्षा कर रहा था। वामीरो की आने की आशा सूर्यास्त के समय डूबते सूर्य की किरणों के समान थी। जिस प्रकार सूर्यास्त में सूर्य की किरणें धीरे-धीरे समाप्त हो रही थीं, उसी प्रकार वामीरो के वहाँ आने की आशा किसी भी समय समाप्त हो सकती थी।

भाषा-अध्ययन –

प्रश्न 1.
उत्तर
निम्नलिखित वाक्यों के सामने दिए गए कोष्ठक में (✓) का चिह्न लगाकर बताएँ कि वह वाक्य किस प्रकार का है (क) निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(ख) तुमने एकाएक इतना मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया ? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(ग) वामीरो की माँ क्रोध में उफन उठी। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(घ) क्या तुम्हें गाँव का नियम नहीं मालूम ? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(ङ) वाह! कितना सुंदर नाम है। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(च) मैं तुम्हारा रास्ता छोड़ दूंगा। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
उत्तर :
(क) निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। (विधानवाचक)
(ख) तुमने एकाएक इतना मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया? (प्रश्नवाचक)
(ग) वामीरो की माँ क्रोध में उफन उठी। (विधानवाचक)
(घ) क्या तुम्हें गाँव का नियम नहीं मालूम? (प्रश्नवाचक)
(ङ) वाह! कितना सुंदर नाम है। (विस्मयादिबोधक)
(च) मैं तुम्हारा रास्ता छोड़ दूंगा। (विधानवाचक)

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए
(क) सुध-बुध खोना
(ख) बाट जोहना
(ग) खुशी का ठिकाना न रहना
(घ) आग बबूला होना
(ङ) आवाज़ उठाना।
उत्तर :
(क) सुध-बुध खोना-जब मैंने पहली बार ताजमहल देखा, तो उसकी सुंदरता देखकर मैं अपनी सुध-बुध खो बैठा।
(ख) बाट जोहना-किसी की बाट जोहना अत्यंत कठिन कार्य है।
(ग) खुशी का ठिकाना न रहना-सुरेश के जिले में प्रथम आने की बात सुनकर उसके पिता की खुशी का ठिकाना न रहा।
(घ) आग बबूला होना-रमेश ने जब चोरी की, तो उसकी माँ आग बबूला हो उठी।
(ङ) आवाज़ उठाना-हमें भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज़ उठानी चाहिए।

प्रश्न 3.
नीचे दिए गए शब्दों में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग करके लिखिए-
JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 12 तताँरा-वामीरो कथा 1
उत्तर :
JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 12 तताँरा-वामीरो कथा 2

प्रश्न 4.
नीचे दिए गए शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए
………. + आकर्षक = ………
………. + ज्ञात = ……….
………. + कोमल = ………
……….. + होश = …………
………. + घटना = ………..
उत्तर :
अति + आकर्षक = अत्याकर्षक
अ + ज्ञात = अज्ञात
सु + कोमल = सुकोमल
बे + होश = बेहोश
दुर् + घटना = दुर्घटना

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए –
(क) जीवन में पहली बार मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ। (मिश्र वाक्य)
(ख) फिर तेज़ कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आकर ठिठक गई। (संयुक्त वाक्य)
(ग) वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ़ दौड़ी। (सरल वाक्य)
(घ) तताँरा को देखकर वह फूटकर रोने लगी। (संयुक्त वाक्य)
(ङ) रीति के अनुसार दोनों को एक ही गाँव का होना आवश्यक था। (मिश्र वाक्य)
उत्तर :
(क) जीवन में पहली बार ऐसा हुआ है कि मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ।
(ख) फिर तेज़ कदमों से चली और तताँरा के सामने आकर ठिठक गई।
(ग) वामीरो कुछ सचेत होकर घर की तरफ़ दौड़ी।
(घ) उसने तताँरा को देखा और वह फूटकर रोने लगी।
(ङ) यह रीति थी कि दोनों को एक ही एक गाँव का होना आवश्यक था।

प्रश्न 6.
नीचे दिए गए वाक्य पढ़िए तथा ‘और’ शब्द के विभिन्न प्रयोगों पर ध्यान दीजिए –
(क) पास में सुंदर और शक्तिशाली युवक रहा करता था। (दो पदों को जोड़ना)
(ख) वह कुछ और सोचने लगी। (‘अन्य’ के अर्थ में)
(ग) एक आकृति कुछ साफ़ हुई … कुछ और … कुछ और … (क्रमश: धीरे-धीरे के अर्थ में)
(घ) अचानक वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ़ दौड़ गई। (दो उपवाक्यों को जोड़ने के अर्थ में)
(ङ) वामीरो का दुख उसे और गहरा कर रहा था। (‘अधिकता’ के अर्थ में)
(च) उसने थोड़ा और करीब जाकर पहचानने की चेष्टा की। (‘निकटता’ के अर्थ में)
उत्तर :
विद्यार्थी इसे ध्यानपूर्वक समझें।

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प्रश्न 7.
नीचे दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए –
भय, मधुर, सभ्य, मूक, तरल, उपस्थिति, सुखद।
उत्तर :

  • भय = निर्भय
  • सभ्य = असभ्य
  • तरल = ठोस
  • सुखद = दुखद
  • मधुर = कहु
  • मूक = वाचाल
  • उपस्थिति = अनुपस्थिति

प्रश्न 8.
नीचे दिए गए शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए –
समुद्र, आँख, दिन, अँधेरा, मुक्त।
उत्तर :

  • समुद्र = सागर, जलधि
  • दिन = दिवस, वासर
  • मुक्त = स्वतंत्र, आजाद
  • आँख = नयन, नेत्र
  • अँधेरा =अंधकार, तम

प्रश्न 9.
नीचे दिए गए शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए –
किंकर्तव्यविमूढ़, विह्वल, भयाकुल, याचक, आकंठ।
उत्तर :

  • किंकर्तव्यविमूढ़ – सचिन सड़क पर हुई दुर्घटना को देखकर किंकर्तव्यविमूढ़ हो गया।
  • भयाकुल – अचानक सामने आए शेर को देखकर राम भयाकुल हो उठा।
  • विह्वल – कई दिनों के बाद अपने पुत्र से मिलकर माँ भाव-विह्वल हो उठी।
  • याचक – याचक को कभी खाली नहीं लौटाना चाहिए।
  • आकंठ – वह संगीत की महफिल में जाकर संगीत के सुरों में आकंठ डूब गया।

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प्रश्न 10.
“किसी तरह आँचरहित एक ठंडा और ऊबाऊ दिन गुज़रने लगा’ वाक्य में दिन के लिए किन-किन विशेषणों का प्रयोग किया गया है? आप दिन के लिए कोई तीन विशेषण और सुझाइए।
उत्तर :
वाक्य में दिन के लिए आँचरहित, ठंडा और ऊबाऊ विशेषणों का प्रयोग किया गया है। दिन के लिए तीन अन्य विशेषण हैं-गर्म दिन, शानदार दिन, मुसीबत भरा दिन।

प्रश्न 11.
इस पाठ में देखना’ क्रिया के कई रूप आए हैं-‘देखना’ के इन विभिन्न शब्द-प्रयोगों में क्या अंतर है? वाक्य-प्रयोग द्वारा स्पष्ट कीजिए।
JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 12 तताँरा-वामीरो कथा 3

इसी प्रकार बोलना’ क्रिया के विभिन्न शब्द-प्रयोग बताइए।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 12 तताँरा-वामीरो कथा 4
उत्तर :
आँखें केंद्रित करना = अपने लक्ष्य पर आँखें केंद्रित करके आगे बढ़ते रहना चाहिए।
नज़र पड़ना = घर आते ही कमरे में रखे नए फूलदान पर अचानक मेरी नज़र पड़ी।
ताकना = इधर-उधर ताकना बुरी बात है।
घूरना = तुम मुझे इस प्रकार घूरना छोड़ दो, वरना अच्छा नहीं होगा।
निहारना = प्राकृतिक सौंदर्य को निहारना बहुत अच्छा लगता है।
निर्निमेष ताकना = बगीचे में लगा गुलाब का फूल इतना आकर्षक था कि मैं उसे निर्निमेष ताकता रह गया। इसी प्रकार ‘बोलना’ क्रिया के विभिन्न शब्द-प्रयोग निम्नलिखित हैं –
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प्रश्न 12.
नीचे दिए गए वाक्यों को पढ़िए –
(क) श्याम का बड़ा भाई रमेश कल आया था। (संज्ञा पदबंध):
(ख) सुनीता परिश्रमी और होशियार लड़की है। (विशेषण पदबंध)
(ग) अरुणिमा धीरे-धीरे चलते हुए वहाँ जा पहुंची। (क्रियाविशेषण पदबंध)
(घ) आयुष सुरभि का चुटकुला सुनकर हँसता रहा। (क्रिया पदबंध)
ऊपर दिए गए वाक्य (क) में रेखांकित अंश में कई पद हैं जो एक पद संज्ञा का काम कर रहे हैं। वाक्य (ख) में तीन पद मिलकर विशेषण पद का काम कर रहे हैं। वाक्य (ग) और (घ) में कई पद मिलकर क्रमशः क्रिया-विशेषण और क्रिया का काम कर रहे हैं।
ध्वनियों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं और वाक्य में प्रयुक्त शब्द ‘पद’ कहलाता है; जैसे –
‘पेड़ों पर पक्षी चहचहा रहे थे।’ वाक्य में पेड़ों’ शब्द पद है क्योंकि इसमें अनेक व्याकरणिक बिंदु जुड़ जाते हैं।
कई पदों के योग से बने वाक्यांश को जो एक ही पद का काम करता है, पदबंध कहते हैं। पदबंध वाक्य का एक अंश होता है।
पदबंध मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं –

  • संज्ञा पदबंध
  • क्रिया पदबंध
  • विशेषण पदबंध
  • क्रियाविशेषण पदबंध।

वाक्यों के रेखांकित पदबंधों का प्रकार बताइए –
(क) उसकी कल्पना में वह एक अद्भुत साहसी युवक था।
(ख) तताँरा को मानो कुछ होश आया।
(ग) वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता।
(घ) तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
(ङ) उसकी व्याकुल आँखें वामीरो को ढूँढ़ने में व्यस्त थीं।
उत्तर :
(क) विशेषण पदबंध
(ख) क्रिया पदबंध
(ग) क्रिया-विशेषण पदबंध
(घ) विशेषण पदबंध
(ङ) विशेषण पदबंध

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 12 तताँरा-वामीरो कथा

योग्यता विस्तार –

प्रश्न :
1. पुस्तकालय में उपलब्ध विभिन्न प्रदेशों की लोककथाओं का अध्ययन कीजिए।
2. भारत के नक्शे में अंडमान निकोबार द्वीप समूह की पहचान कीजिए और उसकी भौगोलिक स्थिति के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए।
3. अंडमान निकोबार द्वीपसमूह की प्रमुख जनजातियों की विशेषताओं का अध्ययन पुस्तकालय की सहायता से कीजिए।
4. दिसंबर 2004 में आए सुनामी का इस द्वीपसमूह पर क्या प्रभाव पड़ा? जानकारी एकत्रित कीजिए।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

परियोजना कार्य –

प्रश्न 1.
अपने घर-परिवार के बुजुर्ग सदस्यों से कुछ लोककथाओं को सुनिए। उन कथाओं को अपने शब्दों में कक्षा में सुनाइए।
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं करें।

JAC Class 10 Hindi तताँरा-वामीरो कथा Important Questions and Answers

निबंधात्मक प्रश्न – 

प्रश्न 1.
‘तताँरा-वामीरो कथा’ किस क्षेत्र से संबंधित है? इसके पीछे लोगों का क्या विश्वास है?
उत्तर :
‘तताँरा-वामीरो कथा’ अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की कथा है। यह एक लोककथा है, जो तताँरा नामक युवक और वामीरो नामक युवती की प्रेम-कथा पर आधारित है। इस लोककथा के पीछे निकोबारियों का विश्वास है कि इन दो प्रेमियों के कारण ही वर्तमान के लिटिल अंडमान और कार-निकोबार अलग हुए थे। इससे पहले ये दोनों द्वीप एक ही थे। इस बात की प्रमाणित करने के लिए एक कहानी के रूप में इस मान्यता को प्रस्तुत किया गया है।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 12 तताँरा-वामीरो कथा

प्रश्न 2.
तताँरा के व्यक्तित्व का वर्णन संक्षेप में कीजिए।
उत्तर :
तताँरा पासा गाँव का रहने वाला सुंदर और शक्तिशाली युवक था। वह नेक और मददगार था। दूसरों की सहायता के लिए वह सदा तैयार रहता था। वह केवल अपने गाँववालों की ही नहीं, अपितु समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना अपना परम कर्तव्य समझता था। वह अत्यंत चर्चित और आदरणीय था। उसके आत्मीय स्वभाव के कारण सभी उसे पसंद करते थे। वह अपनी पारंपरिक पोशाक के साथ कमर में लकड़ी की एक तलवार बाँधे रखता था, जो उसे अन्य लोगों से विशिष्ट बनाती थी। लोगों का मत था कि उसकी तलवार में दैवीय शक्ति थी।

प्रश्न 3.
तताँरा को लोग दैवीय-शक्ति से संपन्न व्यक्ति क्यों मानते थे?
उत्तर :
तताँरा को लोग दैवीय-शक्ति से संपन्न व्यक्ति मानते थे, क्योंकि उसके पास लड़की से बनी एक तलवार थी। लोगों का विश्वास था कि उस तलवार में दैवीय शक्ति है। तताँरा उस तलवार को सदैव अपने साथ रखता था। वह उसे अपनी कमर से बाँधकर रखता था। वह उस तलवार का प्रयोग अत्याचार को मिटाने तथा समाज को रूढ़ियों और बंधनों से मुक्त करने के लिए करता था। कहानी के अंत में अपनी तलवार से द्वीप के दो टुकड़े करके तताँरा इस धारणा को सही सिद्ध करता है।

प्रश्न 4.
तताँरा को क्रोध क्यों आया? उसने क्रोध में आने के बाद क्या किया?
उत्तर :
तताँरा और वामीरो का प्रेम अपनी बुलंदी पर था। शीघ्र ही यह प्रेम जगजाहिर हो गया। इसी प्रेम के कारण गाँववालों ने तताँरा को अपमानित भी कर दिया। यही अपमान का घूट तताँरा के क्रोध का कारण बना। उसने अपनी लकड़ी की तलवार निकाली और अपने क्रोध को शांत करने के लिए तलवार से निकोबार की धरती को दो टुकड़ों में विभाजित कर दिया। इसके बाद से ही निकोबार द्वीप दो भागों में विभाजित हो गया।

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प्रश्न 5.
तताँरा द्वारा धरती के दो टुकड़े करने से वह लोगों को क्या संदेश देना चाहता था?
उत्तर :
द्वीप के दो टुकड़े करके तताँरा लोगों को समझाना चाहता था कि वे अपने पुराने रूढ़िवादी विचारों से बाहर निकल आएँ। अपनी तंग मानसिकता को दूर करके एक अच्छे समाज की नींव रखें। यदि वे पुरानी रूढ़ियों और बंधनों को ऐसे ही मानते रहे, तो न उनका विकास होगा और न ही समाज या देश का विकास होगा। अत: लोगों को अपनी सोच को सही रखकर उसमें सुधार लाना होगा। यह शायद उसके प्रयास का ही फल था कि बाद में द्वीप के लोगों ने अपनी पुरानी परपंरा को समाप्त कर दिया था।

प्रश्न 6.
तताँरा और वामीरो की मृत्यु किस प्रकार की थी? इसके बाद क्या परिवर्तन हुआ?
उत्तर :
तताँरा और वामीरो की मुत्यु त्यागमयी थी, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए सुंदर सपने छोड़कर जाने वाली मृत्यु थी, वह समाज तथा लोगों को उनका घृणित रूप दिखाने वाली मृत्यु थी। उनकी इस त्यागमयी मृत्यु के बाद एक सुखद परिवर्तन यह आया कि निकोबार के लोग अब दूसरे गाँवों में भी वैवाहिक संबंध बनाने लगे थे। उनकी तंग मानसिकता में सुधार आने लगा था।

लघु उत्तरीय प्रश्न –

प्रश्न 1.
तताँरा समुद्र के किनारे क्या देखकर अपनी सुध-बुध खो बैठा?
उत्तर :
तताँरा जब समुद्र के किनारे टहल रहा था, तो उसने एक मधुर गीत सुना। वह उस दिशा में चल पड़ा, जहाँ से गीत का स्वर आ रहा था। वहाँ उसने वामीरो को देखा, जो अत्यंत सुंदर थी। उसके अनुपम सौंदर्य को देखकर तताँरा अपनी सुध-बुध खो बैठा। वह वामीरो के रूप सौंदर्य के जादू में डूब गया।

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प्रश्न 2.
तताँरा को गाँव की किस परंपरा पर क्षोभ हो रहा था?
उत्तर :
तताँरा वामीरो से प्रेम करता था और वामीरो भी उससे विवाह करना चाहती थी। गाँव की यह परंपरा थी कि लड़का और लड़की को एक ही गाँव का होना चाहिए, तभी विवाह संभव था। तताँरा पासा गाँव का रहने वाला था और वामीरो लपाती गाँव की थी। इस कारण से उन दोनों का विवाह संभव नहीं था। तताँरा को विवाह की इसी निषेध परंपरा पर क्षोभ था।

प्रश्न 3.
वामीरो की माँ को क्या अपमानजनक लगा और उसने क्या किया?
उत्तर :
वामीरो और उसकी माँ पासा गाँव में आयोजित ‘पशु-पर्व’ में आईं। वामीरो ने जैसे ही तताँरा को देखा, तो वह रोने लगी। तताँरा किंकर्तव्यविमूढ़ वहाँ खड़ा रहा। वामीरो की माँ ने जब वामीरो का रुदन स्वर सुना, तो वह वहाँ पहुँची और आग-बबूला हो उठी। गाँववालों की उपस्थिति में वामीरो को तताँरा के साथ खड़े देखना उसे अपमानजनक लगा। उसने तताँरा को तरह-तरह से अपमानित किया।

प्रश्न 5.
लीलाधर मंडलोई की भाषा-शैली का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर :
लीलाधर मंडलोई मूल रूप से एक कवि हैं। इनकी भाषा-शैली अत्यंत सहज, सरल तथा सरस है। इनकी भाषा में लयात्मकता, प्रवाहात्मकता और रोचकता विद्यमान रहती है। ‘तताँरा-वामीरो कथा’ में उन्होंने तत्सम, तद्भव, देशज आदि शब्दों का सुंदर मिश्रण किया है। इन्होंने पाठ में उर्दू-फ़ारसी के शब्दों का भी खूब प्रयोग किया है।

तताँरा-वामीरो कथा Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-श्री लीलाधर मंडलोई का जन्म सन 1954 में छिंदवाड़ा जिले के एक छोटे-से गाँव । गुढ़ी में हुआ था। इनका जन्म जन्माष्टमी के दिन हुआ। इनकी शिक्षा-दीक्षा भोपाल और रायपुर में हुई थी। सन 1987 में कॉमनवेल्थ रिलेशंस ट्रस्ट, लंदन ने इन्हें प्रसारण की उच्च शिक्षा के लिए वहाँ आमंत्रित किया। प्रसारण के क्षेत्र में इनका विशेष योगदान रहा है। वर्तमान में ये प्रसार भारती दूरदर्शन के महानिदेशक का कार्यभार सँभाल रहे हैं। इन्हें इनकी रचनाओं के लिए कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।

रचनाएँ – लीलाधर मंडलोई वास्तव में कवि हैं। इनकी कविताएँ छत्तीसगढ़ अंचल से संबंधित हैं। इनकी कविताओं में वहाँ की बोली की मिठास के साथ-साथ वहाँ के जन-जीवन का सजीव चित्रण है। इनका कवि मन इन्हें सदैव लोककथा, लोकगीत, यात्रा-वृत्तांत, डायरी और रिपोर्ताज जैसे भिन्न-भिन्न विधाओं के लेखन की ओर प्रवृत्त करता रहा है। अंदमान-निकोबार द्वीप समूह की जनजातियों पर लिखा इनका गद्य अपने आप में एक समाजशास्त्रीय अध्ययन भी है। इनकी प्रमुख रचनाएं निम्नलिखित हैं-घर-घर घूमा, रात-बिरात, मगर एक आवाज़, देखा-अनदेखा और काला पानी।

भाषा-शैली – मंडलोई जी की भाषा-शैली अत्यंत सरल और सहज है। भाषा में प्रवाहात्मकता, लयात्मकता और रोचकता सदैव विद्यमान रहती है। प्रस्तुत पाठ ‘तताँरा-वामीरो कथा’ में उन्होंने तत्सम, तद्भव, देशज आदि शब्दों का सुंदर मिश्रण किया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने उर्दू-फ़ारसी के शब्दों का भी सुंदर प्रयोग किया है। मुहावरों के प्रयोग से इनकी भाषा अधिक प्रभावशाली हो गई है। इन्होंने अनेक मुहावरों जैसे-सुध-बुध खोना, बाट जोहना, खुशी का ठिकाना न रहना, आग बबूला होना, आवाज़ उठाना आदि का अच्छा प्रयोग किया है। मंडलोई जी की शैली वर्णनात्मक है। कहीं-कहीं उन्होंने संवादात्मक शैली का प्रयोग किया है, जिसमें नाटकीयता का पुट विद्यमान है।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 12 तताँरा-वामीरो कथा

पाठ का सार –

प्रस्तुत पाठ ‘तताँरा-वामीरो कथा’ अंदमान-निकोबार द्वीप समूह के एक छोटे से द्वीप की लोककथा पर आधारित है। यह ‘तताँरा’ नामक युवक और ‘वामीरो’ नामक युवती की प्रेमकथा है। तताँरा और वामीरो को आज भी इस द्वीप के निवासी गर्व और श्रद्धा से याद करते हैं। प्राचीनकाल में लिटिल अंडमान और कार-निकोबार द्वीप समूह आपस में जुड़े हुए थे। वहाँ पासा नामक गाँव में तताँरा नाम का एक सुंदर और शक्तिशाली युवक रहता था। वह बहुत ही नेक और मददगार था। सबकी सहायता करना वह अपना कर्तव्य समझता था।

सभी उसे बहुत पसंद करते थे। उसके आत्मीय स्वभाव के कारण आस-पास के गाँववाले भी उसे पर्व-त्योहारों पर विशेष रूप से आमंत्रित करते थे। तताँरा का व्यक्तित्व अत्यंत आकर्षक था। वह अपनी पारंपरिक पोशाक के साथ अपनी कमर में सदैव एक लकड़ी की तलवार बाँधे रखता था। लोगों का विचार था कि उसकी लकड़ी की तलवार में दैवीय शक्ति थी। एक दिन तताँरा सूर्यास्त के समय समुद्र के किनारे विचारमग्न बैठा था। तभी उसे पास ही मधुर गीत गूंजता सुनाई दिया। वह उस गीत के मधुर स्वरों में डूब गया। जैसे ही उसकी तंद्रा टूटी, वह उस गीत को गाने वाले को देखने के लिए व्याकुल हो उठा।

अंतत: उसकी नज़र एक युवती पर पड़ी, जो उस शृंगार गीत को गा रही थी। तताँरा उस युवती के अप्रतिम सौंदर्य को देखकर उसमें डूब गया। वह अपनी सुध-बुध खो बैठा और बार-बार उसे उस गीत को पूरा करने का आग्रह करने लगा। युवती ने उससे उसका परिचय पूछा, किंतु तताँरा विचलित होने के कारण कुछ नहीं बता पाया। तताँरा ने उस युवती का नाम पूछा, तो उसने अपना नाम वामीरो बताया और कहा कि वह लपाती गाँव में रहती है। यह कहकर वह चली गई। तताँरा उसे आवाजें लगाकर अपने बारे में बताता रहा और अगले दिन पुनः उसी चट्टान पर आने का आग्रह करता रहा। वामीरो नहीं रुकी और तताँरा उसे जाते हुए निहारता रहा। वामीरो जब घर पहुंची, तो वह भी तताँरा को बार-बार याद करने लगी। उसने अपने लिए जैसे जीवन साथी की कल्पना की थी, तताँरा वैसा ही था।

साथ ही वह यह भी जानती थी कि दूसरे गाँव के युवक के साथ वैवाहिक संबंध होना गाँव की परंपरा के विरुद्ध था। अत: उसने तताँरा को भुलाना ही उचित समझा, किंतु तताँरा की छवि बार-बार उसकी आँखों के आगे नाचती रही। उधर तताँरा सायंकाल होते ही समुद्री चट्टान पर खडा वामीरो की प्रतीक्षा करने लगा। ऐसी बेचैनी उसने अपने शांत और गंभीर जीवन में पहले कभी अनुभव नहीं की थी। उसे वामीरो के आने की आशा बहुत कम थी। बार-बार वह लपाती गाँव से आने वाले रास्ते की ओर देखता। तभी अचानक नारियल के झुरमुटों में उसे वामीरो दिखाई दी।

उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। वे दोनों देर तक एक-दूसरे को निहारते शब्दहीन खड़े रहे। सूर्यास्त हो चुका था और अँधेरा बढ़ने लगा। तभी वामीरो सचेत हुई और अपने घर की तरफ़ दौड़ी। तताँरा चुपचाप वहीं खड़ा रहा। तताँरा और वामीरो प्रतिदिन इसी प्रकार मिलते। धीरे-धीरे उनका यह मूक प्रेम लपाती गाँव के कुछ युवकों को पता चल गया और उन्होंने गाँव के सभी लोगों को बता दिया। तताँरा और वामीरो को बहुत समझाने का प्रयास किया गया, क्योंकि अलग-अलग गाँव के होने के कारण उनका विवाह संभव नहीं था; किंतु वे नहीं माने। कुछ समय बाद तताँरा के पासा गाँव में ‘पशु-पर्व’ का आयोजन हुआ।

वर्ष में एक बार होने वाले इस आयोजन में सभी गांवों के लोग पासा में एकत्रित हुए। तताँरा की आँखें तो केवल वामीरो को ढूँढ रही थीं। तभी उसे वामीरो दिखाई दी। वामीरो तताँरा को देखते ही फूट-फूटकर रोने लगी। वामीरो की माँ को अनेक लोगों की उपस्थिति में तताँरा के पास खड़ी वामीरो का रोना : अपमानजनक लगा। वह क्रोधित हो उठी और उसने तताँरा को अनेक तरह से अपमानित किया। गाँव के लोग भी तताँरा के विरुद्ध आवाजें उठाने लगे। तताँरा के लिए यह सब असहनीय हो गया।

उसे गाँव की परंपरा पर क्रोध आ रहा था और अपनी असहायता पर खीझ होने लगी। उधर वामीरो लगातार रोये जा रही थी। तताँरा का क्रोध लगातार बढ़ता गया। उसका हाथ अपनी तलवार पर गया और उसने तलवार निकाल ली। अपने क्रोध को शांत करने के लिए उसने तलवार को धरती में घोंप दिया और पूरी ताकत से अपनी तरफ़ खींचते-खींचते दूर तक पहुँच गया। चारों ओर सन्नाटा छा गया। लोगों ने देखा कि तलवार की जहाँ-जहाँ लकीर खिंची थी, वहाँ से धरती फटने लगी। तताँरा क्रोध में द्वीप आरंभ हो गया था। उसने छलाँग लगाकर दूसरा सिरा थामना चाहा, किंतु ऐसा न कर पाया और वामीरो-वामीरो चिल्लाता हुआ समुद्र की सतह की ओर फिसल गया।

उधर वामीरो भी तताँरा-तताँरा पुकार रही थी। अंतत: तताँरा लहूलुहान होकर गिर पड़ा और पानी में बह गया। वामीरो उसके गम में पागल हो गई। उसने खाना-पीना छोड़ दिया और तताँरा को खोजती घंटों उस जगह पर बैठी रहती। कुछ समय पश्चात वामीरो भी अचानक कहीं चली गई। लोगों ने उसे ढूँढने का प्रयास किया, किंतु उसका कहीं पता नहीं चला। लेखक कहता है कि तताँरा और वामीरो की यह प्रेम-कथा अंडमान-निकोबार के प्रत्येक घर में सुनाई जाती है। निकोबारियों का विचार है कि तताँरा की तलवार से कार-निकोबार का जो दूसरा टुकड़ा हुआ, वह लिटिल अंडमान ही है। तताँरा और वामीरो की त्यागमयी मृत्यु के बाद एक सखद परिवर्तन यह हआ कि निकोबार के लोग दसरे गाँवों में भी वैवाहिक संबंध बनाने लगे थे।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 12 तताँरा-वामीरो कथा

किठिन शब्दों के अर्थ :

लिटिल – छोटा, श्रृंखला – क्रम, आदिम – प्रारंभिक, विभक्त – बँटा हुआ, विभाजित, लोककथा – जन-समाज में प्रचलित कथा, मददगार – मदद करने वाला, तत्पर – तैयार, आत्मीय – अपना, चर्चित – प्रसिद्ध, आकर्षक – मोहक, साहसिक कारनामा – साहसपूर्ण कार्य, विलक्षण – असाधारण, क्षितिज – जहाँ धरती और आकाश मिलते दिखाई दें, अथक – बिना थके, बयार – शीतल-मंद वाय, शनै:-शनै: – धीरे-धीरे, प्रबल – तेज, तंद्रा – एकाग्रता, चैतन्य – चेतना, सजग, विकल – बेचैन, व्याकुल, निःशब्द – बिना बोले, संचार – उत्पन्न होना, असंगत – अनुचित, बाध्य – मजबूर, अप्रतिम – अतुलनीय, आकंठ – पूर्णरूप से,

सम्मोहित – ना – चिढ़ना, अन्यमनस्कता – जिसका चित्त कहीं और हो, बलिष्ठ – शक्तिशाली, निर्निमेष – जिसमें पलक न झपकी जाए/बिना पलक झपकाए, श्रेयस्कर – उचित, सही, मूक – मौन, रीति – परंपरा, अचंभित – चकित, किंकर्तव्यविमूढ़ – असमंजस, रोमांचित – पुलकित, निश्चल – स्थिर, भयाकुल – भय से बेचैन, अफ़वाह – उड़ती खबर, उफनना – उबलना, अचेत – बेहोश, निषेध परंपरा – वह परंपरा जिस पर रोक लगी हो, शमन – शांत करना, घोंपना – गाड़ना, फँसाना, दरार – रेखा की तरह का लंबा छिद्र जो फटने के कारण पड़ जाता है, सुराग – प्रमाण, सुखद परिवर्तन – सुख देने वाला बदलाव।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 14 गिरगिट

Jharkhand Board JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 14 गिरगिट Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 14 गिरगिट

JAC Class 10 Hindi गिरगिट Textbook Questions and Answers

मौखिक –

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए –

प्रश्न 1.
काठगोदाम के पास भीड़ क्यों इकट्ठी हो गई थी?
उत्तर :
काठगोदाम के पास ख्यूक्रिन नामक व्यक्ति की उँगली पर एक कुत्ते ने काट लिया था। ख्यूक्रिन उस कुत्ते को पकड़ रहा था। उसके चिल्लाने और कुत्ते के किकियाने की आवाज़ को सुनकर वहाँ भीड़ इकट्ठी हो गई थी।

प्रश्न 2.
उँगली ठीक न होने की स्थिति में ख्यूक्रिन का नुकसान क्यों होता?
उत्तर :
ख्यूक्रिन सुनार का कार्य करता था, जो पूरी तरह से हाथ उँगलियों पर आधारित होता है। इसी कारण उँगली ठीक न होने पर उसे काफी नुकसान हो सकता था।

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प्रश्न 3.
कुत्ता क्यों किकिया रहा था?
उत्तर :
कुत्ते को ख्यूक्रिन ने दबोच लिया था। इसी कारण वह कुत्ता किकिया रहा था।

प्रश्न 4.
बाजार के चौराहे पर खामोशी क्यों थी?
उत्तर :
बाजार में पुलिस इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव अपने सिपाही के साथ गश्त लगा रहा था। वह रिश्वतखोर था। जो भी उसके सामने आता था, उससे वह कुछ-न-कुछ लूट-खसोट ज़रूर करता था। उसके बाज़ार में निकलने के कारण ही चौराहे पर खामोशी थी।

प्रश्न 5.
जनरल साहब के बावर्ची ने कुत्ते के बारे में क्या बताया?
उत्तर :
जनरल साहब के बावर्ची ने बताया कि यह कुत्ता जनरल साहब के भाई का है, जो थोड़ी देर पहले ही वहाँ आए हैं।

प्रश्न 6.
‘गिरगिट’ पाठ में चौराहे पर खड़ा व्यक्ति ज़ोर-ज़ोर से क्यों चिल्ला रहा था?
उत्तर :
चौराहे पर खड़ा व्यक्ति ज़ोर-ज़ोर से इसलिए चिल्ला रहा था क्योंकि उस की उँगली कुत्ते ने काट ली थी।

लिखित –

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए –

प्रश्न 1.
ख्यूक्रिन ने मुआवजा पाने की क्या दलील दी?
उत्तर :
ख्यूक्रिन ने बताया कि वह कामकाजी व्यक्ति है और उसका काम भी पेचीदा किस्म का है। उँगली पर कुत्ते के काटने से वह कई दिनों तक काम नहीं कर पाएगा। इससे उसे काफ़ी नुकसान होगा। इसी आधार पर उसने कुत्ते के मालिक से मुआवजा दिलाने की प्रार्थना की।

प्रश्न 2.
ख्यक्रिन ने ओचमेलॉव को उँगली ऊपर उठाने का क्या कारण बताया?
उत्तर :
ख्यूक्रिन ने ओचुमेलॉव को बताया कि वह बाज़ार में लकड़ी लेकर कुछ काम निपटाने के उद्देश्य से आया था। तभी अचानक एक कुत्ता कहीं से आया और उसने उसकी उँगली पर काट लिया। कुत्ते द्वारा काटे जाने के कारण ही उसने उँगली ऊपर उठाई हुई थी।

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प्रश्न 3.
येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को ही दोषी ठहराते हुए क्या कहा?
अथवा
‘गिरगिट’ पाठ में येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को उसके दोषी होने के क्या कारण बताए ?
उत्तर :
येल्दीरीन एक चापलूस सिपाही था। वह अपने इंस्पेक्टर की हाँ में हाँ मिलाते हुए उल्टे ख्यूक्रिन को ही दोषी ठहराता है। वह कहा है कि ख्यूक्रिन हमेशा कोई-न-कोई शरारत करता है। इसने ज़रूर अपनी जलती हुई सिगरेट से कुत्ते की नाक जला दी होगी, जिससे कुत्ते ने इसे काटा है। यदि कुत्ते ने इसे काटा है, तो इसमें सारा दोष ख्यक्रिन का ही है। कुत्ते का कोई दोष नहीं है।

प्रश्न 4.
ओचुमेलॉव ने जनरल साहब के पास यह संदेश क्यों भिजवाया होगा कि ‘उनसे कहना कि यह मुझे मिला और मैंने इसे वापस उनके पास भेजा है’ ?
उत्तर :
ओचुमेलॉव एक अवसरवादी इंस्पेक्टर है। उसने यह संदेश इसलिए भिजवाया होगा, ताकि वह जनरल साहब की नज़रों में अच्छा बन सके। वह एक चापलूस व्यक्ति है। इसी चापलूसी के बलबूते वह पदोन्नति भी चाहता है। उसे आशा थी कि यह संदेश सुनकर जनरल साहब उससे खुश हो जाएँगे और उसकी प्रशंसा करने के साथ-साथ उसे पदोन्नति भी देंगे।

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प्रश्न 5.
भीड़ ख्यूक्रिन पर क्यों हँसने लगती है?
उत्तर
ख्यूक्रिन कुत्ते द्वारा काटे जाने पर न्याय-मुआवजे की आशा करता है। इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव को जब पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है, तो वह ख्यूक्रिन को ही दोष देता है और कुत्ते को पुचकारता है। उस समय ख्यूक्रिन के स्थान पर उसे एक जानवर अधिक प्यारा और अच्छा लगता है। ख्यूक्रिन की स्थिति उस कुत्ते से भी बदतर हो जाती है। यह सब देखकर भीड़ ख्यूक्रिन पर हँसने लगती है।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए –

प्रश्न 1.
किसी कील-वील से उँगली छील ली होगी-ऐसा ओचुमेलॉव ने क्यों कहा?
उत्तर :
ओचुमेलॉव एक अवसरवादी व्यक्ति है। वह अवसर देखकर, बात करने वाला है; उसे प्रत्येक अवसर का लाभ उठाना भी आता है। जब उसे पता चलता है कि कुत्ता जनरल झिगालॉव का है, तो वह अपने आपको पूरी तरह बदल देता है। ख्यूक्रिन द्वारा शिकायत करने पर पहले तो वह कुत्ते के मालिक को दंड देने तक की बात कह देता है, लेकिन यह पता चलते ही कि कुत्ता जनरल साहब का है, वह अपनी ही बात को बदल देता है। वह उल्टा ख्यूक्रिन पर दोष लगाता है कि उसने जान-बूझकर कील से उँगली छीली है और अब वह कुत्ते पर झूठा आरोप लगा रहा है। ओचुमेलॉव चापलूस किस्म का व्यक्ति है। इसी कारण वह ख्यूक्रिन का कोई दोष न होते हुए भी उसी पर दोष लगाता है। वह जनरल झिगालॉव के कुत्ते को अच्छा बताकर उनकी चापलूसी करता है।

प्रश्न 2.
ओचुमेलॉव के चरित्र की विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
ओचुमेलॉव भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाला पात्र है। वह एक रिश्वतखोर व्यक्ति है। यही कारण है कि जब वह – अपने सिपाही के साथ बाज़ार से निकलता है, तो चारों ओर खामोशी छा जाती है। वह लोगों से जबरदस्ती लूट-खसोट करने वाला व्यक्ति है। ओचुमेलॉव एक अवसरवादी और चापलूस व्यक्ति भी है। जब उसे पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब का है, तो वह कुत्ते को सुंदर, अच्छा और प्यारा-सा डॉगी कहता है। वह अवसर के अनुसार बदल जाने वाला व्यक्ति है। इससे पूर्व कुत्ते को किसी भिजवाते हुए यह कहकर कि यह उसने भिजवाया है, जनरल साहब की चापलूसी भी करता है।

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प्रश्न 3.
यह जानने के बाद कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है-ओचुमेलॉव के विचारों में क्या परिवर्तन आता और क्यों?
उत्तर :
ओचुमेलॉव परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को बदलने वाला व्यक्ति है। जब उसे पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है, तो वह एकदम बदल जाता है। जिस कुत्ते को थोड़ी देर पहले वह आवारा किस्म का कहकर मार डालने की बात कहता है, उसी कुत्ते को वह पुचकारने लगता है। वह उसे अत्यंत सुंदर ‘डॉगी’ और अत्यंत खूबसूरत पिल्ला कहता है। यहाँ तक कि वह उस कुत्ते को ‘भाई’ भी कह देता है। ओचमेलॉव उसे नन्हा-सा शैतान कहकर जनरल साहब के बावर्ची को सौंप देता है। उसके बाद वह उस व्यक्ति को धमकाता है, जो कुत्ते के मालिक से हर्जाना चाहता था। वह उसे मारने-पीटने की धमकी देकर वहाँ से भगा देता।

प्रश्न 4.
ख्यूक्रिन का यह कथन कि ‘मेरा एक भाई भी पुलिस में है…. ‘ समाज की किस वास्तविकता की ओर संकेत करता है?
उत्तर :
ख्यक्रिन के इस कथन से समाज में फैली भाई-भतीजावाद की प्रवृत्ति का पता चलता है। ख्यूक्रिन यह कहना चाहता है कि उसका भाई भी पुलिस की नौकरी करता है और वह जानता है कि पुलिस क्या-क्या करती है। साथ ही वह अपने भाई के विषय में बताकर ओचुमेलॉव और वहाँ उपस्थित लोगों पर रौब भी डालना चाहता है। पुलिस वाले का भाई बताकर वह अपने आपको सुरक्षित करना चाहता है। ख्यक्रिन के इस कथन से यह भी स्पष्ट होता है कि पुलिस गलत को सही और सही को गलत बताकर कुछ भी कर सकती है। भ्रष्ट पुलिस न्याय को नहीं देखती और अपनी मनमानी करती है। ख्यूक्रिन के इस कथन से स्पष्ट होता है कि कानून व्यवस्था पूरी तरह भ्रष्ट हो चुकी है।

प्रश्न 5.
इस कहानी का शीर्षक ‘गिरगिट’ क्यों रखा होगा? क्या आप इस कहानी के लिए कोई अन्य शीर्षक सुझा सकते हैं? अपने शीर्षक का आधार भी स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
“गिरगिट’ एक ऐसा जीव होता है, जो आस-पास के वातावरण के अनुसार अपना रंग बदल लेता है। प्रस्तुत कहानी का मुख्य पात्र ओचुमेलॉव भी ऐसा ही व्यक्ति है। वह अपने स्वार्थ के लिए परिस्थितियों के अनुसार अपनी बात, व्यवहार और दृष्टिकोण को बार-बार बदलता है। वास्तव में वह अवसरवादी है और गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला है। इसी आधार पर इस कहानी का शीर्षक ‘गिरगिट’ रखा गया होगा। इस कहानी का एक अन्य शीर्षक ‘आदमी और कुत्ता’ भी हो सकता है। यह कहानी ख्यूक्रिन नामक एक आदमी और उसे काटने वाले कुत्ते के इर्द-गिर्द घूमती है। अंत में उस कुत्ते को आदमी से अधिक महत्व दिया जाता है, क्योंकि वह एक बड़े आदमी का कुत्ता है।

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प्रश्न 6.
‘गिरगिट’ कहानी के माध्यम से समाज की किन विसंगतियों पर व्यंग्य किया गया है? क्या आप ऐसी विसंगतियाँ अपने समाज में भी देखते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘गिरगिट’ कहानी के माध्यम से लेखक ने समाज की कानून-व्यवस्था पर व्यंग्य किया है। लेखक ने बताया है कि शासन-व्यवस्था पूर्ण रूप से चापलूसों और भाई-भतीजावाद के समर्थक अधिकारियों के भरोसे चल रही है। इन विसंगतियों के कारण सामान्य मनुष्य को न्याय नहीं मिलता। वर्तमान समाज में भी ऐसी विसंगतियों को देखा जा सकता है। हम देखते हैं कि चापलूस और रिश्वतखोर लोग सों व भ्रष्ट ला इसी रास्ते को अपनाते जा रहे हैं। कुल मिलाकर वर्तमान समाज में भी कई विसंगतियों को देखा जा सकता है। यद्यपि इन विसंगतियों को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं, किंतु अभी अधिक सफलता नहीं मिल पाई है।

(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए –

प्रश्न :
1. उसकी आँसुओं से सनी आँखों में संकट और आतंक की गहरी छाप थी।
2. कानून सम्मत तो यही है… कि सब लोग अब बराबर हैं।
3. हुजूर! यह तो जनशांति भंग हो जाने जैसा कुछ दीख रहा है।
उत्तर :
इस पंक्ति से लेखक का आशय है कि बुरी तरह मारे-पीटे जाने के कारण वह कुत्ता घबरा गया था। उसकी साँसें तेज-तेज चल रही थी। उसे आभास हो चुका था कि उस पर गहरा संकट आने वाला है। अत्यधिक पीटे जाने के कारण उसकी आँखों में आँसू थे। उसे लोगों के शोर और पीटने से अनुमान लग गया था कि उसका जीवन संकट में पड़ने वाला है। वह बहुत अधिक डरा हुआ था और ये भाव उसकी आँखों में साफ़ दिखाई दे रहे थे।

2. प्रस्तुत कथन ख्यूक्रिन का है। इस कथन से ख्यूक्रिन कहना चाहता है कि वर्तमान कानून-व्यवस्था में सभी बराबर हैं। कोई छोटा बड़ा नहीं है; कानून सभी के लिए बराबर है। यदि कोई बड़ा व्यक्ति अपराध करता है, तो उसे भी अवश्य दंड मिलना चाहिए। कानून की दृष्टि में कोई छोटा-बड़ा नहीं होता, बल्कि सभी बराबर होते हैं।

3. यह कथन सिपाही येल्दीरीन का है। वह इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव को भड़काना चाहता है। जब एक कुत्ते द्वारा काटे जाने पर ख्यूक्रिन चिल्लाता है, तो वहाँ भीड़ इकट्ठी हो जाती है। येल्दीरीन दूर से ही भीड़ देखकर इंस्पेक्टर को बड़ा-चढ़ाकर कहता है कि यह देखकर ऐसा लगता है, मानो जन-विद्रोह होने वाला हो। शायद लोगों ने शांति छोड़कर विद्रोह का मार्ग अपना लिया है।

भाषा अध्ययन –

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए वाक्यों में उचित विराम-चिह्न लगाइए –
(क) माँ ने पूछा बच्चो कहाँ जा रहे हो
(ख) घर के बाहर सारा सामान बिखरा पड़ा था
(ग) हाय राम यह क्या हो गया
(घ) रीना सुहेल कविता और शेखर खेल रहे थे
(ङ) सिपाही ने कहा ठहर तुझे अभी मजा चखाता हूँ
उत्तर :
(क) माँ ने पूछा, “बच्चो! कहाँ जा रहे हो?”
(ख) घर के बाहर सारा सामान बिखरा पड़ा था।
(ग) हाय राम! यह क्या हो गया?
(घ) रीना, सुहेल, कविता और शेखर खेल रहे थे।
(ङ) सिपाही ने कहा, “ठहर, तुझे अभी मजा चखाता हूँ।”

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प्रश्न 2.
नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित अंश पर ध्यान दीजिए
मेरा एक भाई भी पुलिस में है।
यह तो अति सुंदर ‘डॉगी’ है।
कल ही मैंने बिलकुल इसी की तरह का एक कुत्ता उनके आँगन में देखा था।
वाक्य के रेखांकित अंश निपात’ कहलाते हैं, जो वाक्य के मुख्य अर्थ पर बल जाप बात पर बल दिया जा रहा है और वाक्य क्या अर्थ दे रहा है। वाक्य में जो अव्यय किसी शब्द या पद के बाद लगकर उसके अर्थ में विशेष प्रकार का बल या भाव उत्पन्न करने में सहायता करते हैं, उन्हें निपात कहते हैं; जैसे-ही, भी, तो, तक आदि।
ही, भी, तो, तक निपातों का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए।
उत्तर :
1. कल मैंने भी सुरेश को देखा था।
2. यह तो बहुत सुंदर गुलदस्ता है।
3. मुझे कल तक इस प्रश्न का उत्तर मिल जाना चाहिए।
4. मैंने आज ही नई साइकिल खरीदी है।
5. मुझे कल ही आगरा जाना पड़ेगा।

प्रश्न 3.
पाठ में आए मुहावरों में से पाँच मुहावरे छूटकर उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर :
1. त्योरियाँ चढ़ाना – जैसे ही अफसर ने त्योरियाँ चढ़ाकर सिपाही की ओर देखा, वह चुपके से बाहर चला गया।
2. मजा चखाना – मैं सुरेश को दूसरों को धोखा देने का मज़ा चखाकर ही रहूँगा।
3. मत्थे मढ़ना – तुम अपना दोष किसी दूसरे के मत्थे नहीं मढ़ सकते।
4. तबाह होना – युद्ध में कई जिंदगियाँ तबाह हो जाती हैं।
5. गाँठ बाँधना – तुम्हें यह बात गाँठ बाँध लेनी चाहिए कि मेहनत के बिना सफलता नहीं मिल सकती।

प्रश्न 4.
नीचे दिए गए शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए –
(क) ………. + भाव + ……….
(ख) ………. + पसंद + ……….
(ग) ………. + धारण + ……….
(घ) ………. + उपस्थित + ……….
(ङ) ………. + लायक + ……….
(च) ………. + विश्वास + ……….
(छ) ………. + परवाह + ……….
(ज) ………. + कारण + ……….
उत्तर :
(क) सम् + भाव = संभाव
(ख) ना + पसंद = नापसंद
(ग) निर् + धारण = निर्धारण
(घ) अनु + उपस्थित = अनुपस्थित
(ङ) ना + लायक = नालायक
(च) अ + विश्वास = अविश्वास
(छ) ला + परवाह = लापरवाह
(ज) अ + कारण = अकारण

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प्रश्न 5.
नीचे दिए गए शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए –
मदद + …………. = …………
बुद्धि + …………. = …………
गंभीर + …………. = …………
सभ्य + …………. = …………
ठंड + …………. = …………
प्रदर्शन + …………. = …………
उत्तर :
मदद + गार = मददगार
बुद्धि + मान = बुद्धिमान
गंभीर + ता = गंभीरता
सभ्य + ता = सभ्यता
ठंड + ई = ठंडी
प्रदर्शन + ई = प्रदर्शनी

प्रश्न 6.
नीचे दिए गए वाक्यों के रेखांकित पदबंध का प्रकार बताइए –
(क) दुकानों में ऊँघते हुए चेहरे बाहर झाँके।
(ख) लाल बालोंबाला एक सिपाही चला आ रहा था।
(ग) यह ख्यूक्रिन हमेशा कोई-न-कोई शरारत करता रहता है।
(घ) एक कुत्ता तीन टाँगों के बल रेंगता चला आ रहा है।
उत्तर :
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) विशेषण पदबंध
(ग) क्रिया पदबंध
(घ) क्रिया-विशेषण

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प्रश्न 7.
आपके मोहल्ले में लावारिस/आवारा कुत्तों की संख्या बहुत ज्यादा हो गई है जिससे आने-जाने वाले लोगों को असुविधा होती है। अतः लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नगर निगम अधिकारी को एक पत्र लिखिए।
उत्तर :
2106, मंदिर मार्ग
नई दिल्ली
15 जून, ……
सेवा में,
सुरक्षा अधिकारी
नगर निगम, विभाग,
नई दिल्ली।
विषयः लावारिस कुत्तों से सुरक्षा हेतु पत्र
महोदय,
पिछले कई दिनों से हमारे मोहल्ले में लावारिस और आवारा कुत्तों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। ये कुत्ते मोहल्ले के लोगों पर बिना कारण भौंकते हैं और उन्हें काटने को दौड़ते हैं। इन कुत्तों के कारण छोटे बच्चों और बूढ़े लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार तो ये कुत्ते आने-जाने वाले लोगों की खाने-पीने की चीज़ों पर भी झपट पड़ते हैं। इससे सारे मोहल्ले के लोगों में आतंक-सा छा गया है। अतः आपसे अनुरोध है कि इन लावारिस और आवारा कुत्तों को पकड़वाने का कष्ट करें, ताकि लोग चैन की साँस ले सकें। सारे मोहल्लेवासी आपके अति आभारी रहेंगे।
भवदीय
रोशन लाल

योग्यता-विस्तार –

प्रश्न 1.
जिस प्रकार गिरगिट शत्रु से स्वयं को बचाने के लिए अपने आस-पास के परिवेश के अनुसार रंग बदल लेता है, उसी प्रकार कई व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए परिस्थितियों के अनुसार अपनी बात, व्यवहार, दृष्टिकोण, विचार को बदल लेते हैं। यही कारण है कि ऐसे व्यक्तियों को ‘गिरगिट’ कहा जाता है।

प्रश्न 2.
अवसर के अनुसार व्यावहारिकता का सहारा लेना आप कहाँ तक उचित समझते हैं ? इस विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए।

प्रश्न 3.
यहाँ आपने रूसी लेखक चेखव की कहानी पढ़ी है। अवसर मिले तो लियो ताल्स्ताय की कहानियाँ भी पढ़िए।
उत्तर :
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से करें।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 14 गिरगिट

परियोजना कार्य –

प्रश्न 1.
‘गिरगिट’ कहानी में आवारा पशुओं से जुड़े किस नियम की चर्चा हुई है? क्या आप इस नियम को उचित मानते हैं ? तर्क सहित दीजिए।

प्रशन 2.
गिरगिट कहानी का कक्षा में अथवा विद्यालय में मंचन कीजिए। मंचन के लिए आपको किस प्रकार की तैयारी और सामग्री की ज़रूरत होगी? उनकी एक सूची भी बनाइए।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।

JAC Class 10 Hindi गिरगिट Important Questions and Answers

निबंधात्मक प्रश्न –

प्रश्न 1.
इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव ने चौराहे पर क्या देखा?
उत्तर :
इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव अपने सिपाही येल्दीरीन के साथ चौराहे से निकला, तो अचानक उसे एक व्यक्ति के चिल्लाने और एक कुत्ते के किकियाने की आवाज़ सुनाई दी। वहाँ उसने देखा कि काठगोदाम में से एक कुत्ता तीन टाँगों के बल पर रेंगता हुआ चला आ रहा था। एक व्यक्ति उस कुत्ते के पीछे-पीछे दौड़ रहा था। जैसे-तैसे वह कुत्ते की पिछली टाँग को पकड़ने में सफल हो गया। कुत्ता ज़ोर-ज़ोर से किकिया रहा था और वह व्यक्ति चीखकर ‘मत जाने दो’ कह रहा था। वहाँ आस-पास भीड़ भी इकट्ठी हो गई थी।

प्रश्न 2.
जब इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव को पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब का है, तो उसकी क्या प्रतिक्रिया होती है?
उत्तर :
इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव को जब यह पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब का है, तो वह पूरी तरह से बदल जाता है। इससे पहले वह कुत्ते को आवारा, भद्दा तथा मरियल कहता है। बाद में वह उसे महँगा और नाजुक प्राणी कहता है। वह उल्टे ख्यक्रिन पर दोष लगाता है कि वह झूठा हर्जाना पाना चाहता है। वह ख्यूक्रिन से कहता है कि उसने अपनी उँगली को कील आदि से छील लिया होगा और अब वह उस कुत्ते पर आरोप लगा रहा है।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 14 गिरगिट

प्रश्न 3.
इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव जनरल साहब के बावर्ची की आधी बात सुनकर क्या कहता है और पूरी बात सुनने के बाद उसमें क्या परिवर्तन आता है?
उत्तर :
इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव जनरल साहब के बावर्ची प्रोखोर से कुत्ते के विषय में पूछता है। प्रोखोर कहता है कि यह कुत्ता उनके जनरल साहब का नहीं है। इस अधूरी बात को सुनकर ओचुमेलॉव कुत्ते को आवारा कहकर उसे मार डालने की बात कहता है। बाद में जब प्रोखोर यह बताता है कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है, तो उसके हावभाव बदल जाते हैं। वह उसी कुत्ते को तथा ‘सुंदर डॉगी’ तथा ‘खूबसूरत पिल्ला’ कहता है। वह कुत्ते को नन्हा-सा शैतान कहकर उसे प्रोखोर को सौंप देता है।

प्रश्न 4.
‘गिरगिट’ पाठ के आधार पर लिखिए कि इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव ख्व्यूक्रिन पर क्यों झुंझला रहा था?
उत्तर :
ख्यूक्रिन को एक कुत्ते ने काट लिया था। लेकिन इंस्पेक्टर ओचुमेलौव यह समझ नहीं पा रहा था कि कुत्ते का वास्तविक मालिक कौन है? इस बीच ख्यूक्रिन के बार-बार कराहने, अपने पक्ष को मज़बूत बताते हुए कुत्ते के मालिक से हरज़ाना दिलवाने की माँग करने तथा अपनी पहचान ऊपर तक बताने के कारण ओचुमेलॉव उस पर झुंझला उठा।

प्रश्न 5.
‘गिरगिट’ कहानी समाज में व्याप्त चाटुकारिता पर करारा व्यंग्य है – इसे पाठ के आधार पर सोदाहरण सिद्ध कीजिए।
उत्तर :
‘गिरगिट’ प्रसिद्ध व्यंग्यकार अंतोन चेखव द्वारा लिखित कहानी है। इसमें उन्होंने सामाजिक स्तर पर व्याप्त चापलूसी का उल्लेख करते हुए उस पर करारा व्यंग्य किया है। कहानी का मुख्य पात्र इंस्पेक्टर आचुमेलॉव एक भ्रष्ट और चाटुकारिता से युक्त व्यक्तित्व का मालिक है। वह परिस्थितियों के अनुसार बदलने वाला तथा उनका लाठा उठाने वाला व्यक्ति है। जब तक उसे यह ज्ञात नहीं होता कि कुत्ता जनरल के भाई का है, तब तक वह उसे मारने तक का निश्चय करता है।

लेकिन जैसे ही उसे वास्तविकता पता चलती है, उसका व्यवहार पूरी तरह से बदल जाता है। उसके व्यवहार और शब्दों से चाटुकारिता टपकने लगती है। इसके बाद वह कुत्ते की तारीफ करते हुए उसे ‘एक अति सुंदर डॉगी’ कहता है। साथ ही वह कहता है कि ‘जनरल साहब से कहना कि यह मुझे मिला है और मैंने इसे वापस उनके पास भेजा है।’ इस प्रकार स्पष्ट होता है कि लेखक ने ओचुमेलॉव के माध्यम से चाटुकारिता पर करारा व्यंग्य किया है।

लघु उत्तरीय प्रश्न –

प्रश्न 1.
पुलिस इंस्पेक्टर कौन था? उसने सिपाही को क्या आदेश दिया?
उत्तर :
पुलिस इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव था। उसने सिपाही को कुत्ते के मालिक का पता लगाने तथा उसकी पूरी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा। उसने कहा कि कुत्ते को बिना देरी किए खत्म कर दिया जाए। शायद यह कुत्ता पागल हो।

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प्रश्न 2.
पुलिस इंस्पेक्टर के अचानक होश क्यों उड़ गए?
उत्तर :
जब पुलिस इंस्पेक्टर ने सिपाही को लापता कुत्ते के मालिक का पता लगाने तथा उसकी पूरी रिपोर्ट करने का आदेश दिया, तो किसी ने भीड़ में से किसी ने बताया कि शायद यह कुत्ता जनरल झिगालॉव का है। यह सुनकर पुलिस इंस्पेक्टर के होश उड़ गए।

प्रश्न 3.
ख्यूक्रिन कानून के बारे में क्या दलील दी?
उत्तर :
ख्यूक्रिन ने दलील दी कि कानून की दृष्टि में सब लोग बराबर हैं। कानून के अनुसार कोई छोटा-बड़ा नहीं है।

प्रश्न 4.
ओचुमेलॉव ने त्योरियाँ चढ़ाते हुए कुत्ते के मालिक के विषय में क्या कहा?
उत्तर :
ओचुमेलॉव ने त्योरियाँ चढ़ाते हुए कुत्ते के मालिक के विषय में कहा कि वह इस तरह आवाज़ छोड़ने वाले कुत्ते के मालिक को मजा चखाएगा। वह उसे इतना जुर्माना लगाएगा कि उसे इल्म हो जाए कि कुत्ते को आवारा छोड़ने का क्या नतीजा होता है।

प्रश्न 5.
इंस्पेक्टर साहब की दृष्टि में जनरल साहब कैसे कुत्ते पालते थे?
उत्तर :
इंस्पेक्टर साहब की दृष्टि में जनरल साहब महँगे और अच्छी नस्ल के कुत्ते पालते थे। उनके कुत्ते हट्टे-कट्टे और सेहतमंद थे। जनरल साहब जैसा सभ्य आदमी ऐसे मरियल कुत्ते नहीं पाल सकता।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 14 गिरगिट

प्रश्न 6.
‘गिरगिट’ कहानी में लेखक ने मुख्य रूप से क्या स्पष्ट करना चाहा है?
उत्तर :
‘गिरगिट’ कहानी में लेखक ने रूस की तत्कालीन कानून एवं न्याय व्यवस्था पर करारा व्यंग्य किया है। उन्होंने कहानी के द्वारा यह बताया है कि किस प्रकार नाम और हैसियत कानून व न्याय पर भारी पड़ जाती है। कानून अमीरों की इच्छा पर चलता है।

प्रश्न 7.
ख्यूक्रिन कौन था? वह इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव से क्या प्रार्थना करता है?
उत्तर :
ख्यूक्रिन एक सुनार था। उसकी उँगली पर एक कुत्ते ने काट लिया था। वह इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव से कहता है कि उसका काम काफ़ी पेचीदा ढंग का है। कुत्ते द्वारा काटे जाने के बाद वह अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर पाएगा। अत: वह इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव से उस कुत्ते के मालिक से हर्जाना दिलाने की प्रार्थना करता है।

गिरगिट Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन – प्रसिद्ध रूसी लेखक अंतोन चेखव का जन्म सन 1860 में दक्षिणी रूस के तगनोर नगर में हुआ था। उन्होंने बाल्यकाल से ही कहानियाँ लिखना शुरू कर दिया था। जब वे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, तब भी उनकी लिखी कहानियाँ प्रभावशाली थीं। सन 1890 से 1900 तक का समय रूस के लिए एक कठिन समय था। उस समय स्वतंत्र विचारों वाले व्यक्तियों को दबाया जा रहा था। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में भी अंतोन चेखव ने साहस का परिचय देते हुए तत्कालीन अवसरवादी लोगों पर करारे व्यंग्य किए थे। सन 1904 में इस महान लेखक का देहांत हो गया।

रचनाएँ – अंतोन चेखव केवल रूस के ही नहीं अपितु पूरे विश्व के प्रिय लेखक माने जाते हैं। इनकी रचनाओं में सत्य के प्रति आस्था और निष्ठा दिखाई देती है, जो इनके साहित्य की विशेषता है। इन्होंने अपनी रचनाओं में सत्य को सर्वोपरि माना है। गिरगिट, क्लर्क की मौत, वाल्का, तितली, एक कलाकार की कहानी, घोंघा, इओनिज, रोमांस, दुलहन आदि इनकी प्रमुख कहानियाँ हैं। इसके अतिरिक्त वाल्या मामा, तीन बहनें, सीगल और चेरी का बगीचा इनके प्रसिद्ध नाटक हैं।

भाषा-शैली – अंतोन चेखव मूल रूप से रूसी लेखक थे। प्रस्तुत कहानी भी उनके द्वारा रूसी में ही लिखी गई, थी जिसका हिंदी में अनुवाद किया गया है। उनकी भाषा में रोचकता, मौलिकता और सरसता का गुण दिखाई देता है। समाज की बुराइयों का विरोध करने के कारण उनकी भाषा में व्यंग्यात्मकता साफ़ झलकती है। उनकी भाषा में प्रखरता और सभी भावों को व्यक्त करने की न्होंने इतने सहज रूप से प्रस्तुत किया है कि वह सीधे पाठक के हृदय तक पहँचती है। उनकी शैली वर्णन प्रधान और संवादात्मक है। वे छोटे-छोटे संवादों के माध्यम से अपनी कहानी को गति देने के पक्षधर थे। उनकी शैली में नाटकीयता का गुण भी दिखाई देता है।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 14 गिरगिट

पाठ का सार :

‘गिरगिट’ अंतोन चेखव द्वारा लिखित एक श्रेष्ठ कहानी है। यह सन 1884 में लिखी गई थी। इसमें रूस के तत्कालीन कानून एवं न्याय व्यवस्था पर करारा व्यंग्य किया गया है। पुलिस इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव अपने सिपाही येल्दीरीन के साथ बाज़ार के चौराहे से गुज़रता है। वह एक रिश्वतखोर, भ्रष्ट और चापलूस व्यक्ति है। अचानक उसे एक कुत्ते के किकियाने और एक व्यक्ति के ‘पकड़ो, पकड़ो’ चिल्लाने की आवाज़ सुनाई देती है।

ओचुमेलॉव और येल्दीरीन उसी ओर बढ़ते हैं। वहाँ उन्हें पता चलता है कि किसी कुत्ते ने ख्यूक्रिन नामक एक सुनार की उँगुली पर काट लिया है। उसने भी कर वहीं गिरा दिया था। ओचमेलॉव के पूछे जाने पर ख्यक्रिन बताता है कि उसे इस कुत्ते ने काट लिया है। वह ओचमेलॉव । से कहता है कि वह उसे कुत्ते के मालिक से हरजाना दिलवाए। ओचुमेलॉव उसे दिलासा देता है कि वह कुत्ते और उसके मालिक को इसकी सजा अवश्य देगा।

ओचुमेलॉव येल्दीरीन को कुत्ते के मालिक का पता लगाने को कहता है। तभी वहाँ खड़ी भीड़ में से कोई बताता है कि यह कुत्ता जनरल झिगालॉव का है। यह सुनते ही इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव एकदम बदल जाता है। वह उलटा ख्यूक्रिन को ही दोष देने लगता है। वह कहता है कि उसकी उँगली कील आदि से छिल गई होगी और वह कुत्ते के मालिक से झूठा हरजाना वसूलना चाहता है। सिपाही येल्दीरीन भी कहता है कि ख्यूक्रिन ने अवश्य अपनी जलती हुई सिगरेट से कुत्ते की नाक जला दी होगी। इसी कारण इसने इसे काटा है। ख्यक्रिन बार-बार कहता है कि वह सच बोल रहा है, किंतु इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव और सिपाही पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

अभी यह बहस चल ही रही होती है कि सिपाही येल्दीरीन कुत्ते को भली प्रकार देखकर कहता है कि यह कुत्ता जनरल साहब का नहीं है। यह सुनकर ओचुमेलॉव फिर बदल जाता है। तब वह उस कुत्ते को भद्दा और मरियल बताता है। वह ऐसे बेकार और आवारा कुत्तों को मरवाने की बात भी कह देता है। थोड़ी ही देर में सिपाही पुन: कहता है कि शायद यह कुत्ता जनरल साहब का ही है। भीड़ से भी यह आवाज़ आती है कि कुत्ता जनरल साहब का है। इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव फिर बदल जाता है। वह फिर से ख्यूक्रिन को ही दोष देना शुरू कर देता है। वह कहता है कि यदि कुत्ते ने उसे काटा भी है, तो इसमें सारी गलती उसकी अपनी है।

इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव ख्यूक्रिन को बुरी तरह फटकारता है। उसी समय वहाँ से जनरल साहब का बावर्ची गुज़रता है। वह बताता है कि यह कुत्ता तो जनरल साहब के भाई का है। उनके भाई को ही ‘बारजोयस’ नस्ल के कुत्ते बहुत पसंद हैं। ओचुमेलॉव वह सुनकर प्रसन्नता का ढोंग करता है। वह उस कुत्ते को जनरल साहब के बावर्ची को सौंप देता है। वह उस कुत्ते को अति सुंदर डॉगी और खूबसूरत पिल्ला कहता है। बावर्ची कुत्ते को लेकर चला जाता है। वहाँ खड़ी भीड़ ख्यूक्रिन की हालत पर हँसने लगती है। तब इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव ख्यूक्रिन को धमकाकर वहाँ से अपने रास्ते पर चला जाता है।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 14 गिरगिट

कठिन शब्दों के अर्थ :

जब्त – कब्जा करना, हथिया लेना, खामोशी – शांति, झरबेरियों – बेर की एक किस्म, किकियाना – कष्ट में होने पर कुत्ते द्वारा की जाने वाली आवाज़, काठगोदाम – लकड़ी का गोदाम, कलफ – माँड़ लगाया गया कपड़ा, विहीन – रहित, सुनार – सोने का काम करने वाला, बारजोयस – कुत्ते की एक प्रजाति, आतंक – भय, अकारण – बिना किसी कारण के, कामकाजी – काम करने वाला, पेचीदा – जटिल, कठिन, लायक – योग्य, गुजारिश – प्रार्थना, हरजाना – क्षतिपूर्ति, नुकसान के बदले में दी जाने वाली रकम,

बर्दाश्त – सहना, खखारते – खाँसते हुए, त्योरियाँ – भौंहें चढ़ाना, इल्य – ज्ञान, विवरण – ब्योरा देना, तत्काल – उसी समय, फायदा – लाभ, कानून सम्मत – कानून के अनुसार, भद्दा – अनाकर्षक, कुरूप, नस्ल – जाति, वंश, विनती – प्रार्थना, आह्लाद – खुशी, प्रसन्नता, अद्भुत – विचित्र, खूबसूरत – सुंदर, हालत – स्थिति।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 13 तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र

Jharkhand Board JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 13 तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 13 तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र

JAC Class 10 Hindi तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र Textbook Questions and Answers

मौखिक –

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए –

लघु उत्तरीय प्रश्न – 

प्रश्न 1.
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म को कौन-कौन से पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है?
उत्तर :
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म को राष्ट्रपति स्वर्णपदक मिला था। इसे बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म तथा कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इसके साथ-साथ मास्को फ़िल्म फेस्टिवल में भी यह फ़िल्म पुरस्कृत हुई थी।

प्रश्न 2.
शैलेंद्र ने कितनी फ़िल्में बनाई?
उत्तर :
शैलेंद्र ने केवल एक ही फ़िल्म बनाई थी। इस फ़िल्म का नाम ‘तीसरी कसम’ है।

प्रश्न 3.
राजकपूर द्वारा निर्देशित कुछ फ़िल्मों के नाम बताइए।
उत्तर :
राजकपूर द्वारा निर्देशित कुछ प्रमुख फ़िल्में बॉबी, मेरा नाम जोकर, जागते रहो, सत्यम् शिवम् सुंदरम् हैं।

प्रश्न 4.
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म के नायक व नायिकाओं के नाम बताइए और फ़िल्म में इन्होंने किन पात्रों का अभिनय किया है?
उत्तर :
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म के नायक राजकपूर तथा नायिका वहीदा रहमान हैं। राजकपूर ने एक भोले-भाले गाड़ीवान ‘हीरामन’ का तथा वहीदा रहमान ने नौटंकी की बाई ‘हीराबाई’ की भूमिका निभाई है।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 13 तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र

प्रश्न 5.
फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ का निर्माण किसने किया था?
उत्तर :
फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ का निर्माण कवि और गीतकार शैलेंद्र ने किया था।

प्रश्न 6.
राजकपूर ने ‘मेरा नाम जोकर’ के निर्माण के समय किस बात की कल्पना भी नहीं की थी?
उत्तर :
राजकपूर को ‘मेरा नाम जोकर’ फ़िल्म के एक भाग को बनाने में छह वर्ष लग गए थे। उन्होंने यह कल्पना नहीं की थी कि इस फ़िल्म के बनने में इतना अधिक समय लग जाएगा।

प्रश्न 7.
राजकपूर की किस बात पर शैलेंद्र का चेहरा मुरझा गया ?
उत्तर :
राजकपूर ने शैलेंद्र की फ़िल्म में काम करने के लिए मज़ाक में एडवांस माँग लिया। शैलेंद्र ने सोचा कि वे मित्र होकर भी उनसे पारिश्रमिक माँग रहे हैं। यह सोचकर उनका चेहरा मुरझा गया।

प्रश्न 8.
फ़िल्म समीक्षक राजकपूर को किस तरह का कलाकार मानते थे?
उत्तर :
फ़िल्म समीक्षक राजकपूर को आँखों से बात करने वाला कलाकार मानते थे।

लिखित (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए –

लघु उत्तरीय प्रश्न –

प्रश्न 1.
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म को ‘सैल्यूलाइड पर लिखी कविता’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर :
सैल्यूलाइड से तात्पर्य किसी चीज्त को कैमरे की रील में भरकर चित्र पर प्रस्तुत करना होता है। फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ में कवि हृदयी शैलेंद्र की संवेदनशीलता और उनकी भावनाएँ पूरी सफलता से प्रस्तुत की गई थीं। हिंदी साहित्य की एक अत्यंत मार्मिक रचना को आधार बनाकर बनाई गई इस फ़िल्म में कविता के समान ही भावनाओं की प्रधानता है। इसी कारण ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म को सैल्यूलाइड पर लिखी कविता कहा गया है।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 13 तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र

प्रश्न 2.
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म को खरीददार क्यों नहीं मिल रहे थे?
उत्तर :
फ़िल्मी बाज़ार में बिकाऊ कोई भी चीज़ ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में नहीं थी। इस फ़िल्म से लाभ नहीं कमाया जा सकता था। हर क्षेत्र में बेहतरीन फ़िल्म होने के बावजूद भी खरीददारों को इससे अधिक कमाई की आशा नहीं थी। यह एक भावात्मक आदर्शवादी फ़िल्म थी, जबकि फ़िल्मों से पैसा कमाने वालों के लिए भावनाओं और संवेदनाओं का कोई महत्व नहीं होता। इसी कारण इस फ़िल्म को खरीददार नहीं मिल रहे थे।

प्रश्न 3.
शैलेंद्र के अनुसार कलाकार का कर्तव्य क्या है ?
उत्तर :
शैलेंद्र के अनुसार कलाकार का कर्तव्य है कि वह उपभोक्ता की रुचियों का परिष्कार करने का प्रयत्न करे। उनकी दृढ़ मान्यता थी कि दर्शकों की रुचि की आड़ में हमें उथलेपन को उन पर थोपना नहीं चाहिए।

प्रश्न 4.
फ़िल्मों में त्रासद स्थितियों का चित्रांकन ग्लोरीफ़ाई क्यों कर दिया जाता है ?
अथवा
हमारी फिल्मों में त्रासद स्थितियों का चित्रांकन ‘ग्लोरीफाई’ क्यों कर दिया जाता है? ‘तीसरी कसम’ के शिल्पकार शैलेन्द्र के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
दर्शकों को अधिक भावुक बनाने के लिए ही फ़िल्मों में त्रासद स्थितियों के चित्रांकन को ग्लोरीफ़ाई किया जाता है। त्रासद स्थितियों में दुख के वीभत्स रूप को प्रस्तुत किया जाता है, ताकि दर्शक उसमें डूब जाए। ऐसा करके दर्शकों का सरलता से भावनात्मक शोषण किया जा सकता है।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 13 तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र

प्रश्न 5.
‘शैलेंद्र ने राजकपूर की भावनाओं को शब्द दिए हैं’-इस कथन से आप क्या समझते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ में शैलेंद्र ने राजकपूर दवारा निभाए गए किरदार हीरामन की भावनाओं के अनुसार ही गीतों में शब्द दिए हैं। राजकपूर द्वारा गीत गाते-गाते हीराबाई से ‘मन’ के विषय में पूछना उनकी कोमल भावनाओं को ही दर्शाता है। एक नौटंकी की बाई में अपनापन खोजने वाले सरल हृदय हीरामन की जैसी भावनाएँ हो सकती थीं, उसी के अनुरूप गीतों में शब्द दिए गए हैं। इसी प्रकारं ‘सजनवा बैरी हो गए हमार’ गीत में भावप्रवणता अपनी चरम-सीमा पर है।

प्रश्न 6.
लेखक ने राजकपूर को एशिया का सबसे बड़ा शोमैन कहा है। शोमैन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :
शोमैन से अभिप्राय ऐसे फ़िल्म निर्माता से है, जो बहुत अधिक लोकप्रिय हो; जिसके नाम से ही फ़िल्में बिकती हों। इसके साथ-साथ फ़िल्मों के खरीददार जिसकी फ़िल्में हाथों-हाथ खरीद लेते हों। फ़िल्म इंडस्ट्री में जिसकी कई फ़िल्में लगातार हिट हो जाती हैं, उसे शोमैन की संज्ञा दी जाती है।

प्रश्न 7.
फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ के गीत ‘रातों दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ’ पर संगीतकार जयकिशन ने आपति क्यों की?
उत्तर :
फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ के गीत ‘रातें दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ’ में दिशाएँ दस कही गई हैं। संगीतकार जयकिशन का कहना था कि दर्शक दस दिशाओं की बात नहीं समझ सकता। गीत में दस की बजाय ‘चार दिशाएँ’ होनी चाहिए थी, इसलिए उन्हें गीत में आई ‘दस दिशाएँ’ शब्द पर आपत्ति थी।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60) शब्दों में लिखिए –

निबंधात्मक प्रश्न –

प्रश्न 1.
राजकपूर द्वारा फ़िल्म की असफलता के खतरों से आगाह करने पर भी शैलेंद्र ने यह फ़िल्म क्यों बनाई?
उत्तर :
राजकपूर और शैलेंद्र दोनों अच्छे मित्र थे। जब शैलेंद्र ने ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म बनाने के बारे में सोचा, तो राजकपूर ने उन्हें फ़िल्म की असफलता के खतरों के बारे में पहले ही बता दिया था फिर भी शैलेंद्र ने फ़िल्म बनाने का निर्णय नहीं बदला। वे एक आदर्शवादी भावुक कवि थे। उनका उद्देश्य फ़िल्म का निर्माण करके उससे धन कमाना नहीं था। उन्हें अपार संपत्ति और धन की कोई कामना नहीं थी। वे आत्म-संतुष्टि के सुख के लिए फ़िल्म बना रहे थे। उनके लिए आत्म-संतुष्टि सबसे बड़ी चीज़ थी। अतः राजकपूर द्वारा फ़िल्म की असफलता के खतरों से आगाह किए जाने पर भी शैलेंद्र ने ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म बनाई।

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प्रश्न 2.
‘तीसरी कसम’ में राजकपूर का महिमामय व्यक्तित्व किस तरह हीरामन की आत्मा में उतर गया है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
राजकपूर एक महान कलाकार थे। फ़िल्म के पात्र के अनुरूप अपने आपको ढाल लेना वे भली-भाँति जानते थे। जब ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म बनी थी, उस समय राजकपूर एशिया के सबसे बड़े शोमैन के रूप में स्थापित हो चुके थे। फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ में उन्हें एक सरल हृदय ग्रामीण गाड़ीवान के रूप में प्रस्तुत किया गया। उन्होंने अपने आपको उस ग्रामीण गाड़ीवान हीरामन के साथ एकाकार कर लिया। एक शुद्ध देहाती का जैसा अभिनय राजकपूर ने किया, वह अद्वितीय है।

एक गाड़ीवान की सरलता, नौटंकी की बाई में अपनापन खोजना, हीराबाई की बोली पर रीझना, उसकी भोली सूरत पर न्योछावर होना और हीराबाई की तनिक-सी उपेक्षा पर अपने अस्तित्व से जूझना जैसी हीरामन की भावनाओं को राजकपूर ने बड़े सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है। फ़िल्म में राजकपूर कहीं भी अभिनय करते नहीं दिखते, अपितु ऐसा लगता है जैसे वह ही हीरामन हो। ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में राजकपूर का पूरा व्यक्तित्व ही जैसे हीरामन की आत्मा में उतर गया है।

प्रश्न 3.
लेखक ने ऐसा क्यों लिखा है कि ‘तीसरी कसम’ ने साहित्य-रचना के साथ शत-प्रतिशत न्याय किया है?
उत्तर :
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म साहित्यिक रचना पर आधारित थी। इस फ़िल्म से पहले भी साहित्यिक रचनाओं पर आधारित फ़िल्में बनती रही थीं। उन फ़िल्मों में साहित्यिक रचना की मूल कथा में कुछ काल्पनिक तत्वों का समावेश करके उसे मनोरंजक बनाया जाता था। उन फ़िल्मों का उद्देश्य दर्शकों की रुचि के अनुरूप सामग्री डालकर धन कमाना होता था, किंतु ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में ऐसा नहीं था। इस फ़िल्म में मूल साहित्यिक रचना को उसके वास्तविक रूप में प्रस्तुत किया गया। उसमें किसी प्रकार के काल्पनिक अथवा मनोरंजक तत्वों को न डालकर उसकी गरिमा को भी बनाए रखा गया। इसी कारण लेखक ने लिखा है कि ‘तीसरी कसम’ ने साहित्य-रचना के साथ शत-प्रतिशत न्याय किया है।

प्रश्न 4.
शैलेंद्र के गीतों की क्या विशेषताएँ हैं? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
शैलेंद्र एक कवि और सफल गीतकार थे। उनके लिखे गीतों में अनेक विशेषताएँ दिखाई देती हैं। उन्होंने कभी भी निम्न-स्तर के गीत नहीं लिखे। उनमें सस्ती लोकप्रियता पाने की ललक नहीं थी। उनके गीतों में भावनाओं का प्रवाह है। उनके गीतों की एक अन्य विशेषता सरलता है। उन्होंने अपने गीतों में कठिन शब्दों के स्थान पर सरल शब्दों का प्रयोग किया है, जिससे सामान्य दर्शक भी उसे समझ लेता है।

उनके गीतों में करुणा के साथ-साथ संघर्ष की भावना भी दिखाई देती है। शैलेंद्र के गीत मनुष्य को जीवन में दुखों से घबराकर रुकने के स्थान पर निरंतर आगे बढ़ने का संदेश देते हैं। शैलेंद्र के गीतों की एक अन्य विशेषता उसकी भावप्रवणता है। उनके गीत का एक एक शब्द भावनाओं की अभिव्यक्ति करने में पूर्णतः सक्षम है।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 13 तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र

प्रश्न 5.
फ़िल्म निर्माता के रूप में शैलेंद्र की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर
फ़िल्म निर्माता के रूप में ‘तीसरी कसम’ शैलेंद्र की पहली और अंतिम फ़िल्म थी। उन्होंने इस फ़िल्म का निर्माण पैसा कमाने के उद्देश्य से नहीं किया था। उन्होंने फ़िल्म निर्माता के रूप में यश और संपत्ति की कभी कामना नहीं की। वे एक आदर्शवादी भावुक कवि थे। उन्होंने तो आत्म-संतुष्टि के लिए फ़िल्म बनाई थी। शैलेंद्र फ़िल्म की असफलता से होने वाले खतरों से परिचित थे, फिर भी उन्होंने शुद्ध साहित्यिक फ़िल्म बनाकर साहसी फ़िल्म निर्माता का परिचय दिया। शैलेंद्र एक मानवतावादी फ़िल्म निर्माता थे।

उन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री में रहते हुए भी अपनी आदमियत नहीं खोई थी। शैलेंद्र की एक अन्य विशेषता फ़िल्म में दुख को भी सहज स्थिति में जीवन सापेक्ष प्रस्तुत करना था। शैलेंद्र ने तीसरी कसम फ़िल्म का निर्माण पूरी तरह साहित्यिक रचना के अनुसार करके उसके साथ शत-प्रतिशत न्याय किया है। वे चाहते तो इसमें फेरबदल करके इसे अधिक मनोरंजक बना सकते थे। उन्होंने फ़िल्म के असफल होने के डर से घबराकर अपने सिद्धांतों के साथ कोई समझौता नहीं किया। इस प्रकार वे एक आदर्श फ़िल्म निर्माता के रूप में सामने आए हैं।

प्रश्न 6.
शैलेंद्र के निजी जीवन की छाप उनकी फ़िल्म में झलकती है-कैसे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
शैलेंद्र ने अपने जीवन में एक ही फ़िल्म का निर्माण किया, जिसका नाम ‘तीसरी कसम’ था। यह एक संवेदनात्मक और भावनापूर्ण फ़िल्म थी। शांत नदी का प्रवाह और समुद्र की गहराई उनके निजी जीवन की विशेषता थी और यही विशेषता उनकी फ़िल्म में भी दिखाई देती है। ‘तीसरी कसम’ का नायक हीरामन अत्यंत सरल हृदयी और भोला-भाला नवयुवक है; जो केवल दिल की जुबान समझता है, दिमाग की नहीं। उसके लिए मोहब्बत के सिवा किसी चीज का कोई अर्थ नहीं। ऐसा ही व्यक्तित्व शैलेंद्र का था।

वे एक भावुक एवं संवेदनशील कवि थे। हीरामन को धन की चकाचौंध से दूर रहने वाले एक देहाती के रूप में प्रस्तुत किया गया है। शैलेंद्र स्वयं भी यश और धन-लिप्सा से कोसों दूर थे। इसके साथ-साथ फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ में दुख को भी सहज स्थिति में जीवन सापेक्ष प्रस्तुत किया गया है। शैलेंद्र अपने निजी जीवन में भी दुख को सहज रूप से जी लेते थे। वे दुख से घबराकर उससे दूर नहीं भागते थे। इस प्रकार स्पष्ट है कि शैलेंद्र के निजी जीवन की छाप उनकी फ़िल्म में झलकती है।

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प्रश्न 7.
लेखक के इस कथन से कि ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म कोई सच्चा कवि हृदय ही बना सकता था, आप कहाँ तक सहमत हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में भावनाओं और संवेदनाओं की मार्मिक अभिव्यक्ति है। फणीश्वरनाथ रेणु की साहित्यिक कृति पर आधारित – इस फ़िल्म में शैलेंद्र ने संवेदनशीलता को पूरी तीव्रता के साथ व्यक्त किया है। इस पूरी फ़िल्म में कोमल भावनाओं की प्रधानता है। ऐसी कोमल भावनाओं को एक कवि-हृदय व्यक्ति ही भली प्रकार समझ सकता है और उन्हें अच्छे ढंग से प्रस्तुत कर सकता है। कवि स्वभाव से अत्यंत संवेदनशील होते हैं; वे दिल से काम लेते हैं, दिमाग से नहीं।

‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में नायक और नायिका के मनोभावों को प्रस्तुत करने के लिए एक कवि-हदय की ही आवश्यकता थी। शैलेंद्र एक भावुक कवि और गीतकार थे। वे उन कोमल अनुभूतियों को बारीकी से समझते थे और उन्हें प्रस्तुत करने में भी सक्षम थे। उनके कवि-हृदय के कारण ही फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ का निर्माण संभव हो पाया। इस फ़िल्म में कोमल भावनाओं की प्रधानता होने के कारण ही लेखक ने कहा है कि इसे कोई सच्चा कवि हृदय ही बना सकता था। हम लेखक के कथन से पूर्णतः सहमत हैं।

(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए –

प्रश्न 1.
वह तो एक आदर्शवादी भावुक कवि था, जिसे अपार संपत्ति और यश तक की इतनी कामना नहीं थी जितनी आत्म-संतुष्टि के सुख की अभिलाषा थी।
उत्तर :
यहाँ लेखक का आशय यह है कि शैलेंद्र ने ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म का निर्माण धन-संपत्ति कमाने और यश पाने के उद्देश्य से नहीं किया था। उनका इस फ़िल्म को बनाने का कारण आत्म-संतुष्टि के सुख को पाने की इच्छा थी। शैलेंद्र एक भावुक और आदर्शवादी कवि थे। उन्हें धन और यश की कोई इच्छा नहीं थी, अपितु वे तो समाज को एक साफ़-सुथरी और अच्छी फ़िल्म देना चाहते थे। वे तो इस बात की संतुष्टि पाना चाहते थे कि उन्होंने एक अच्छी फ़िल्म बनाई।

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प्रश्न 2.
उनका यह दृढ़ मंतव्य था कि दर्शकों की रुचि की आड़ में हमें उथलेपन को उन पर नहीं थोपना चाहिए। कलाकार का यह कर्तव्य भी है कि वह उपभोक्ता की रुचियों का परिष्कार करने का प्रयत्न करे।
उत्तर :
लेखक ने यहाँ फ़िल्म-निर्माता और कलाकार के विषय में कवि शैलेंद्र के विचारों को प्रस्तुत किया है। लेखक के अनुसार कवि एवं संगीतकार शैलेंद्र की दृढ़ मान्यता थी कि फ़िल्मों में दर्शकों की रुचि का सहारा लेकर निम्न-स्तर की सामग्री का प्रयोग नहीं होना चाहिए। फ़िल्म निर्माता को उच्च-स्तर के दर्शकों का भी ध्यान रखना चाहिए। दर्शक सभी प्रकार के होते हैं।

केवल कुछ दर्शकों को प्रसन्न करने के लिए अन्य दर्शकों पर घटिया सामग्री को नहीं थोपना चाहिए। साथ ही उनका यह भी मानना था कि कलाकार को चाहिए कि वह दर्शकों की रुचियों को साफ़-सुथरा बनाने की कोशिश करे। कलाकार का कर्तव्य है कि वह दर्शकों को निम्न रुचियों को ध्यान में रखकर अभिनय न करे, अपितु उसे दर्शकों की रुचियों को अपने अभिनय से श्रेष्ठ रूप में बदलने का प्रयास करना चाहिए।

प्रश्न 3.
व्यथा आदमी को पराजित नहीं करती, उसे आगे बढ़ने का संदेश देती है।
उत्तर :
लेखक का आशय यह है कि जीवन में आने वाले दुख मनुष्य को कभी पराजित नहीं करते, बल्कि वे तो जीवन में आगे बढ़ने का संदेश देते हैं। जो लोग दुखों से घबराकर बैठ जाते हैं, वे जीवन में कभी भी सफल नहीं हो सकते। जीवन में आने वाले दुख और पीड़ाएँ हमें अधिक मज़बूत बनाती हैं और जीवन में निरंतर आगे बढ़ने की ओर प्रेरित करती हैं। दुखों से घबराने के स्थान पर इनसे प्रेरणा लेकर निरंतर आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। जो लोग ऐसा कर पाते हैं, वही सफ़ल होते हैं।

प्रश्न 4.
दरअसल इस फ़िल्म की संवेदना किसी दो से चार बनाने वाले की समझ से परे है।
उत्तर :
लेखक का आशय यह है कि फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ एक संवेदनशील फ़िल्म थी। यह संवेदना फ़िल्मों से पैसा कमाने वाले लोगों की समझ में आने वाली नहीं थी। जिस फ़िल्म में दर्शकों के मनोरंजन के लिए पर्याप्त सामग्री होती है, उसे फ़िल्मों के खरीददार हाथों-हाथ खरीद लेते हैं। फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ में भावनाओं और संवेदनाओं की प्रधानता थी। फ़िल्मों से पैसा कमाने वालों के लिए संवेदनाओं का कोई महत्व नहीं था। इसी कारण इस फ़िल्म को कोई खरीददार नहीं मिला।

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प्रश्न 5.
उनके गीत भाव-प्रवण थे-दुरूह नहीं।
उत्तर :
लेखक का आशय यह है कि कवि एवं गीतकार शैलेंद्र के गीतों में भावप्रवणता बहुत थी, लेकिन वे कठिन नहीं थे। उनके गीतों में भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति होती थी। गहरी से गहरी भावनाओं को भी बड़ी सरलता से प्रस्तुत किया जाता था। उनके गीत भावनात्मक होते हुए भी सरल थे। सामान्य से सामान्य श्रोता और दर्शक भी उनके गीतों के भाव को बड़ी आसानी से समझ लेता था। उनके गीत भावनाओं से परिपूर्ण होते हुए भी आम आदमी से जुड़े हुए थे।

भाषा-अध्ययन –

प्रश्न 1.
पाठ में आए ‘से’ के विभिन्न प्रयोगों से वाक्य की संरचना को समझिए।
(क) राजकपूर ने एक अच्छे और सच्चे मित्र की हैसियत से शैलेंद्र को फ़िल्म की असफलता के खतरों से आगह भी किया।
(ख) रातें दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ।
(ग) फ़िल्म इंडस्ट्री में रहते हुए भी वहाँ के तौर-तरीकों से नावाकिफ़ थे।
(घ) दरअसल इस फ़िल्म की संवेदना किसी दो से चार बनाने के गणित जानने वाले की समझ से परे थी।
(ङ) शैलेंद्र राजकपूर की इस याराना दोस्ती से परिचित तो थे।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।

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प्रश्न 2.
इस पाठ में आए निम्नलिखित वाक्यों की संरचना पर ध्यान दीजिए
(क) ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म नहीं, सैल्यूलाइड पर लिखी कविता थी।
(ख) उन्होंने ऐसी फ़िल्म बनाई थी जिसे सच्चा कवि-हृदय ही बना सकता था।
(ग) फ़िल्म कब आई, कब चली गई, मालूम ही नहीं पड़ा।
(घ) खालिस देहाती भुच्च गाड़ीवान जो सिर्फ़ दिल की जुबान समझता है, दिमाग की नहीं।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 3.
पाठ में आए निम्नलिखित मुहावरों से वाक्य बनाइए –
चेहरा मुरझाना, चक्कर खा जाना, दो से चार बनाना, आँखों से बोलना
उत्तर :
चेहरा मुरझाना – परीक्षा में पास न होने पर रमेश का चेहरा मुरझा गया।
चक्कर खा जाना – आई०ए०एस० की परीक्षा पास करने में बड़े-बड़े चक्कर खा जाते हैं।
दो से चार बनाना – दो से चार बनाना भी किसी-किसी का काम है, सबका नहीं।
आँखों से बोलना – राम की आँखें बहुत कुछ कहती हैं; वह तो आँखों से बोलता है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के हिंदी पर्याय दीजिए –
(क) शिद्दत
(ख) याराना
(ग) बमुश्किल
(घ) खालिस
(ङ) नावाकिफ़
(च) यकीन
(छ) हावी
(ज) रेशा
उत्तर :
(क) शिद्दत – तीव्रता
(ख) याराना – मित्रता
(ग) बमुश्किल – कठिनतापूर्वक
(घ) खालिस – शुद्ध
(ङ) नावाकिफ़ – अपरिचित
(च) यकीन – विश्वास
(छ) हावी – भारी
(ज) रेशा – कण

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित का संधिविच्छेद कीजिए –
(क) चित्रांकन
(ख) सर्वोत्कृष्ट
(ग) चर्मॉत्कर्ष
(घ) रूपांतरण
(ङ) घनानंद
उत्तर :
(क) चित्रांकन – चित्र + अंकन
(ख) सर्वोत्कृष्ट – सर्व + उत्कृष्ट
(ग) चर्मोत्कर्ष – चरम + उत्कर्ष
(घ) रूपांतरण – रूप + अंतरण
(ङ) घनानंद – घन + आनंद

प्रश्न 6.
निम्नलिखित का समास विश्रह कीजिए और समास का नाम भी लिखिए –
(क) कला-मर्मज्ञ
(ख) लोकण्रिय
(ग) राष्ट्रपति
उत्तर :
(क) कला-मर्मज्ञ – कला का मर्मझ – संबंध तत्पुरुष
(ख) लोकप्रिय – लोगों में प्रिय – अधिकरण तत्पुरुष
(ग) राष्ट्रपति – राष्ट्र का पति – संबंध तत्पुरुष

योग्यता विस्तार –

प्रश्न 1.
फणीश्वरनाथ रेणु की किस कहानी पर तीसरी कसम फ़िल्म आधारित है, जानकारी प्राप्त कीजिए और मूल रचना पढ़िए।
उत्तर :
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म फणीश्वरनाथ रेणु की रचना ‘तीसरी कसम उर्फ मारे गए गुलफाम’ पर आधारित है।

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प्रश्न 2.
समाचार-पत्रों में फिल्मों की समीक्षा दी जाती है। किन्हीं तीन फ़िल्मों की समीक्षा पढ़िए और ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म को देखकर इस फ़िल्म की समीक्षा स्वयं लिखने का प्रयास कीजिए।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

परियोजना कार्य –

प्रश्न 1.
फ़िल्मों के संदर्भ में आपने अकसर यह सुना होगा-‘जो बात पहले की फ़िल्मों में थी, वह अब कहाँ’। वर्तमान दौर की फ़िल्मों और पहले की फ़िल्मों में क्या समानता और अंतर है? कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर :
विद्यार्थी समूहों में विभाजित होकर चर्चा करें।

प्रश्न 2.
‘तीसरी कसम’ जैसी और भी फ़िल्में हैं जो किसी-न-किसी भाषा की साहित्यिक रचना पर बनी हैं। ऐसी फ़िल्मों की सूची निम्नांकित प्रपत्र के आधार पर तैयार करें।
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उत्तर :
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प्रश्न 3.
लोकगीत हमें अपनी संस्कृति से जोड़ते हैं। तीसरी कसम’ फ़िल्म में लोकगीतों का प्रयोग किया गया है। आप भी अपने क्षेत्र के प्रचलित दो-तीन लोकगीतों को एकत्र कर परियोजना कॉपी पर लिखिए।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने-अपने क्षेत्र के अनुसार स्वयं करें।

JAC Class 10 Hindi तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र Important Questions and Answers

निबंधात्मक प्रश्न –

प्रश्न 1.
लेखक ने शैलेंद्र को फ़िल्म-निर्माता बनने के सर्वथा अयोग्य क्यों कहा है?
उत्तर :
फ़िल्म निर्माता बनने के लिए खूब चालाकी और चतुरता की आवश्यकता होती है। इसके विपरीत शैलेंद्र बिलकुल सरल-हृदयी थे। फ़िल्म निर्माता दर्शकों की रुचि के अनुसार निम्न स्तरीय सामग्री का भी उपयोग कर लेते हैं, किंतु शैलेंद्र आदर्शवादी व्यक्ति थे। वे अपने सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं करते थे। इसी कारण लेखक ने उन्हें फ़िल्म-निर्माता बनने के सर्वथा अयोग्य बताया है।

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प्रश्न 2.
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में राजकपूर के अभिनय की तुलना किस फ़िल्म से की गई है? उनका श्रेष्ठ अभिनय किस फ़िल्म में है?
उत्तर :
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में राजकपूर के अभिनय की तुलना उनकी एक अन्य फ़िल्म ‘जागते रहो.’ से की गई है। यद्यपि ‘जागते रहो’ फ़िल्म में भी उनके अभिनय को बहुत अधिक सराहा गया है, किंतु ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में उनका अभिनय सर्वश्रेष्ठ है। इस फ़िल्म में उन्होंने पात्र के साथ स्वयं को एकाकार कर लिया है। ऐसा प्रतीत होता है, मानो उनका व्यक्तित्व पूरी तरह से उनके द्वारा निभाए गए पात्र हीरामन की आत्मा में उतर गया है।

प्रश्न 3.
‘तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र’ पाठ के आधार पर राजकपूर के व्यक्तित्व का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
राजकपूर भारतीय सिनेमा जगत के एक सुप्रसिद्ध अभिनेता तथा फ़िल्म निर्माता थे। वे एक महान कलाकार थे। उनकी कीर्ति और यश अपने देश में तो फैला ही था, विदेशों में भी उन्होंने खूब नाम कमाया था। एशिया महाद्वीप में उन्हें शोमैन के रूप में जाना जाता था।

वे जिस भी फ़िल्म में काम करते थे, उसमें अपनी भूमिका को बड़े सटीक ढंग से निभाते थे। कला के जानकार राजकपूर को एक ऐसा कलाकार मानते थे, जो आँखों से बात करता था। राजकपूर ने अनेक फ़िल्मों का निर्माण किया था, जिनमें से कुछ फ़िल्में मेरा नाम जोकर, सत्यम् शिवम् सुंदरम, मैं और मेरा दोस्त आदि थीं। फ़िल्म में वे अपनी भूमिका में खोकर शीघ्र ही एकाकार हो जाते थे।

प्रश्न 4.
आजकल हमारी फ़िल्मों की सबसे बड़ी कमज़ोरी क्या है?
उत्तर :
आजकल हमारी फ़िल्मों की सबसे बड़ी कमी है-‘लोक तत्वों का न होना’। आज हमारी फ़िल्में आम जीवन तथा उनकी जिंदगी से बहुत दूर होती जा रही हैं। आज फ़िल्मों में जो फ़िल्माया जा रहा है, वह जनता को उससे न जोड़कर मात्र मनोरंजन का साधन बन गया है। इसमें दुख को इतनी गहराई और गंभीरता से पेश कर देते हैं कि दर्शक न चाहकर भी स्वयं को उसमें डुबा दे तथा उसी में खो जाए। लेकिन यह दुख के स्वरूप को अधिक वीभत्स करता है।

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प्रश्न 5.
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में राजकपूर का अभिनय किस प्रकार का है ?
उत्तर :
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में राजकपूर का अभिनय बेजोड़ है। उन्होंने इस फ़िल्म में एक शुद्ध देहाती हीरामन नामक गाड़ीवान की भूमिका निभाई है। उनके द्वारा निभाई गई भूमिका इतनी उत्कृष्ट है कि वे कहीं भी अभिनय करते प्रतीत नहीं होते। वे अपनी भूमिका में इतने खो गए हैं कि वे हीरामन ही लगते हैं। उनका महिमामय व्यक्तित्व पूरी तरह से हीरामन में ढल गया है। उन्होंने एक सरल-हृदय गाड़ीवान की भावनाओं को बड़े ही सुंदर एवं सजीव ढंग से प्रस्तुत किया है।

लघु उत्तरीय प्रश्न –

प्रश्न 1.
‘संगम’ फ़िल्म की अद्भुत सफलता से प्रभावित होकर राजकपूर ने क्या किया?
उत्तर :
‘संगम’ फ़िल्म की अद्भुत सफलता से प्रभावित होकर राजकपूर ने एक साथ चार फ़िल्मों के निर्माण की घोषणा कर दी। इन फ़िल्मों के नाम ‘मेरा नाम जोकर’, ‘अजंता’, ‘मैं और मेरा दोस्त’ तथा ‘सत्यम् शिवम् सुंदरम्’ थे। इनमें से केवल एक ही फ़िल्म ‘मेरा नाम जोकर’ के एक भाग को बनाने में ही उन्हें छह वर्ष का समय लग गया था।

प्रश्न 2.
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में राजकपूर और वहीदा रहमान ने किसकी भूमिका निभाई है?
उत्तर :
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में राजकपूर ने एक शुद्ध देहाती गाड़ीवान की भूमिका निभाई है, जिसका नाम ‘हीरामन’ है। वह सरल-हृदयी है। वह भोला-भाला ग्रामीण केवल दिल की बात समझता है। उसके लिए मोहब्बत के सिवा किसी दूसरी चीज़ का कोई अर्थ नहीं है। इस फ़िल्म में वहीदा रहमान ने नौटंकी में काम करने वाली एक बाई की भूमिका निभाई है, जिसका नाम ‘हीराबाई’ है।

प्रश्न 3.
आज भी ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म को क्यों याद किया जाता है?
उत्तर :
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म शैलेंद्र की पहली तथा अंतिम फ़िल्म थी। इस फ़िल्म ने अनेक पुरस्कार प्राप्त किए थे। इस फ़िल्म की पटकथा प्रसिद्ध आंचलिक उपन्यासकार फणीश्वरनाथ रेणु ने तैयार की थी। फ़िल्म में छोटी-से-छोटी बारीक चीजें भी पूरी स्पष्टता के साथ दृष्टिगोचर होती हैं। यह फ़िल्म समाज के लिए मात्र मनोरंजन का साधन नहीं थी; यह फ़िल्म लोगों को एक संदेश देने में भी सफल रही।

प्रश्न 4.
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म की प्रसिद्धि के क्या कारण थे?
उत्तर :
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म की प्रसिद्धि के अनेक कारण थे। यह फ़िल्म कलात्मक दृष्टि से उच्च कोटि की फ़िल्म थी। इसके गीत, संगीत अपने आप में बेजोड़ थे। फ़िल्म के कलाकार राजकपूर और अभिनेत्री वहीदा रहमान का अपने पात्रों में कुशल प्रस्तुति देने के कारण भी यह फ़िल्म प्रसिद्धि पाने में सफल रही।

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प्रश्न 5.
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में कवि हृदय शैलेंद्र के किस रूप के दर्शन होते हैं ?
उत्तर :
‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में शैलेंद्र की संवेदनशीलता के दर्शन होते हैं। लेखक ने ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म को सैल्यूलाइड पर लिखी कविता की संज्ञा दी है। यह इनके भावुक होने और समाज के प्रति इनके चिंतन के भाव को मुखरित करता है। वे एक अत्यंत भावुक कवि थे। इनकी भावात्मकता इस फ़िल्म में स्पष्ट दिखाई पड़ती है।

प्रश्न 6.
“तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र’ पाठ के माध्यम से लेखक क्या संदेश देना चाहता है?
उत्तर :
इस पाठ के माध्यम से लेखक वास्तविकता का ज्ञान करवाना चाहता है कि कला फिल्में मर जाती हैं और लोगों को पता तक नहीं चलता। इसका कारण इनमें संवेदनाएँ तो होती हैं, लेकिन मनोरंजक तथ्य एवं भंगिमाएँ नहीं होती। इसी कारण दर्शक उनसे जुड़ नहीं पाते। हमें जीवन संदेश को आत्मसात् करना चाहिए, न कि मनोरंजन में ही डूबे रहना चाहिए।

प्रश्न 7.
‘तीसरी कसम’ फिल्म के मुख्य नायक कौन थे? उन्होंने इसमें क्या भूमिका निभाई है?
उत्तर :
‘तीसरी कसम’ फिल्म के मुख्य नायक राजकपूर थे। उनका अभिनय बेजोड़ था। उनके द्वारा किया गया अभिनय इतना बेजोड़ था कि वह कहीं भी अभिनय करते दिखाई नहीं देते थे। उनके अभिनय में वास्तविकता झलक रही थी। उनका व्यक्तित्व हीरामन में समाहित हो गया था। उन्होंने एक सरल-हृदय गाड़ीवान की भावनाओं को सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया।

तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन – फ़िल्म-क्षेत्र पर लेखनी चलाने वाले प्रहलाद अग्रवाल का जन्म सन 1947 में मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में हुआ था। बचपन से ही इनकी रुचि फ़िल्मों की ओर रही। इन्हें किशोरावस्था में हिंदी फ़िल्मों के इतिहास और फ़िल्मकारों के जीवन व उनके अभिनय के बारे में जानने तथा उस पर चर्चा करने का शौक रहा। इन्होंने हिंदी विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। वर्तमान में ये सतना के शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राध्यापन कार्य कर रहे हैं।

रचनाएँ – प्रहलाद अग्रवाल ने अपनी रुचि के अनुरूप फ़िल्म क्षेत्र से जुड़े लोगों और फ़िल्मों के लिए ही अधिक लिखा है। इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं – सातवाँ दशक, तानाशाह, मैं खुशबू, सुपर स्टार, राजकपूरः आधी हकीकत आधा फ़साना, कवि शैलेंद्र जिंदगी की जीत में यकीन, प्यासा चिर अतृप्त गुरुदत्त, उत्ताल उमंग सुभाष घई की फ़िल्मकला, ओ रे माँझी बिमल राय का सिनेमा और महाबाज़ार के महानायक इक्कीसवीं सदी का सिनेमा।

भाषा-शैली – प्रहलाद अग्रवाल की भाषा-शैली अत्यंत सरल, सहज, सरस और प्रभावशाली है। इनकी भाषा में रोचकता और प्रवाहमयता का गुण सर्वत्र विद्यमान है। इन्होंने तत्सम व तद्भव शब्दों के साथ-साथ उर्दू-फ़ारसी के शब्दों का सुंदर चित्रण किया है। प्रस्तुत पाठ में उर्दू फ़ारसी के अनेक शब्दों के अतिरिक्त अंग्रेजी के अनेक शब्दों जैसे फेस्टिवल, जर्नलिस्ट एसोसिएशन, एडवांस, ग्लोरीफ़ाई आदि का प्रयोग भी किया गया है।

फ़िल्म क्षेत्र पर अधिक लिखने के कारण इनकी भाषा में फ़िल्मी दुनिया में प्रयोग होने वाले शब्दों की भरमार है; जैसे रिलीज़, फ़िल्म इंडस्ट्री, स्टार, पटकथा, सैल्यूलाइड, शोमैन, फ़िल्म वितरक आदि। इसके साथ-साथ इनकी भाषा में आंचलिक शब्दों का भी र खूब प्रयोग हुआ है। जैसे-भुच्च, बांचे, भाग, टप्पर गाड़ी, उकड़, फेनू-गिलासी, मनुआ-नटुआ आदि। प्रहलाद अग्रवाल की शैली वर्णनात्मक है। कहीं-कहीं उन्होंने संवादात्मक शैली का भी प्रयोग किया है, जिसमें नाटकीयता का पुट है।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 13 तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र

पाठ का सार :

प्रस्तुत पाठ ‘तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र’ में लेखक ने कवि एवं गीतकार शैलेंद्र द्वारा बनाई एकमात्र फिल्म ‘तीसरी कसम’ के विषय में बताया है। तीसरी कसम’ फ़िल्म सन 1966 ई० में प्रदर्शित हुई। इसमें मुख्य भूमिका शैलेंद्र के मित्र और अभिनेता राजकपूर ने निभाई। इस फ़िल्म को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। यह फ़िल्म फणीश्वरनाथ रेणु की एक साहित्यिक रचना पर आधारित थी। इस फ़िल्म में कवि हृदय शैलेंद्र की संवेदनशीलता का स्वरूप दिखाई देता है। लेखक ने ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म को सैल्यूलाइड पर लिखी कविता की संज्ञा दी है।

शैलेंद्र एक भावुक कवि थे। यद्यपि राजकूपर ने उन्हें फ़िल्म की असफलता के खतरों से पहले ही आगाह कर दिया था, फिर भी उन्होंने फ़िल्म बनाने का निर्णय नहीं छोड़ा। उनका फ़िल्म बनाने का उद्देश्य धन और यश न होकर आत्म-संतुष्टि के सुख की अभिलाषा थी। ‘तीसरी कसम’ में फ़िल्म में लोकप्रिय सितारे, संगीत और गीत होने के बावजूद इसे कोई खरीददार नहीं मिल पाया। इसका कारण यह था कि इस फ़िल्म में पेश की गई संवेदना और करुणा फ़िल्मों से पैसा कमाने वाले खरीददारों की समझ से परे थी।

परिणामस्वरूप यह फ़िल्म कब आई और कब चली गई, किसी को पता ही नहीं चला। लेखक कहता है कि शैलेंद्र फ़िल्म इंडस्ट्री के तौर-तरीकों को भली-भाँति जानते थे, फिर भी उन्होंने अपनी मनुष्यता को नहीं खोया था। उनकी दृढ़ मान्यता थी कि दर्शकों की रुचि का सहारा लेकर निर्माताओं को फ़िल्मों में निम्न-स्तरीय सामग्री पेश नहीं करनी चाहिए। वे चाहते किया गया है। तत किया।

थे कि कलाकार भी दर्शकों की रुचियों का परिष्कार करें। ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में संवेदनशीलता अपनी चरम-सीमा पर है। कहीं-कहीं तो नायिका आँखों से बोलती प्रतीत होती है। इसके अतिरिक्त फ़िल्म में मस्ती में डूबते और झूमते गाड़ीवान, नौटंकी की बाई में अपनापन खोजते गाड़ीवान और अभावों की जिंदगी जीने वाले लोगों के सुनहरी सपनों का सुंदर चित्रण किया गया है। लेखक के अनुसार हमारी फ़िल्मों में सबसे बड़ी कमजोरी लोक-तत्व का अभाव है। तीसरी कसम’ फ़िल्म में लोक तत्वों को सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

इस फ़िल्म में दुख को भी सहज स्थिति में जीवन-सापेक्ष प्रस्तुत किया गया है। लेखक कहता है कि शैलेंद्र के गीत भी अपनी अलग विशेषताओं के कारण प्रसिदध रहे हैं। उनके गीतों में भावप्रवणता, सरलता और करुणा के साथ-साथ संघर्ष का स्वर भी : दिखाई देता है। ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म के तो सभी गीत भावप्रवणता का उत्कृष्ट उदाहरण है।

लेखक कहता है कि ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में राजकपूर का अभिनय बेजोड़ है। उन्होंने इस फ़िल्म में एक शुद्ध देहाती हीरामन नामक गाड़ीवान की भूमिका निभाई है। उनके द्वारा निभाई गई भूमिका इतनी उत्कृष्ट है कि वे कहीं भी अभिनय करते प्रतीत नहीं होते। अपितु वे हीरामन ही बन गए हैं। उनका महिमामय व्यक्तित्व पूरी तरह से हीरामन में ढल गया है। उन्होंने एक सरल-हृदय गाड़ीवान की भावनाओं को सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है। ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म की पटकथा फणीश्वरनाथ रेणु ने तैयार की थी। उनकी मूल रचना का छोटे से छोटा भाग और उसकी बारीकियाँ इस फ़िल्म में बड़ी सफलता से प्रस्तुत की गई हैं।

JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 13 तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र

कठिन शब्दों के अर्थ :

गहन – गहरा, अंतराल – के बाद, अभिनीत – अभिनय किया गया, सर्वोत्कृष्ट – सबसे अच्छा, अत्यंत – बहुत अधिक, सैल्यूलाइड – कैमरे की रील में उतार चित्र पर प्रस्तुत करना, सार्थकता – सफलता के साथ, कलात्मकता – कला से परिपूर्ण, संवेदनशीलता – भावुकता, तारीफ़ प्रशंसा, फेस्टिवल – उत्सव, शिद्दत – तीव्रता, अनन्य – परम, अत्यधिक, तन्मयता – तल्लीनता, पारिश्रमिक – मेहनताना, उम्मीद – आशा, याराना मस्ती – दोस्ताना अंदाज़, सर्वथा – बिलकुल, पूरी तरह, आगाह – सचेत, भावुक – संवेदनशील, भावनाओं में बहने वाला, आत्म-संतुष्टि – अपनी तुष्टि, अभिलाषा – चाह, इच्छा,

बमुश्किल – बहुत कठिनाई से, वितरक – प्रसारित करने वाले लोग, नामजद – विख्यात, प्रसिद्ध, बेहद – बहुत अधिक, दरअसल – वास्तव में, नावाकिफ़ – अनजान, आदमियत – मानवता, मनुष्यता, इकरार – सहमति, मंतव्य – मान्यता, उथलापन – सतही, नीचा, भावप्रवण – भावनाओं से भरा हुआ, दुरूह – कठिन, एकमात्र – अकेली मोड़कर पैर के तलवों के सहारे बैठना, सूक्ष्मता – बारीकी, स्पंदित – संचालित करना, गतिमान, लालायित – इच्छुक, टप्पर-गाड़ी – अर्धगोलाकार छप्पर युक्त बैलगाड़ी,

हुजूम – भीड़, प्रतिरूप – छाया, रूपांतरण – किसी एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित करना, लोक तत्व – लोक संबंधी, त्रासद – दुखद, ग्लोरीफ़ाई – गुणगान, महिमामंडित करना, वीभत्स – भयावह, व्यथा – पीड़ा-दुख, जीवन, सापेक्ष – जीवन के प्रति, धन-लिप्सा – धन की अत्यधिक चाह, तहत – द्वारा, प्रक्रिया – प्रणाली, अद्वितीय – जिसके समान दूसरा न हो, बाँचै – पढ़ना, भाग – भाग्य, समीक्षक – समीक्षा करने वाला, कला-मर्मज्ञ – कला की परख करने वाला, चर्मोत्कर्ष – ऊँचाई के शिखर पर, खालिस – शुद्ध, देहाती – ग्रामीण, सिर्फ़ – केवल, भुच्च – निरा, बिलकुल, मुकाम – पड़ाव, किंवदंती – कहावत, तनिक सी – थोड़ी-सी

JAC Class 11 Geography Important Questions in Hindi & English Jharkhand Board

JAC Jharkhand Board Class 11th Geography Important Questions in Hindi & English Medium

JAC Board Class 11th Geography Important Questions in Hindi Medium

Jharkhand Board Class 11th Geography Important Questions: भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत

Jharkhand Board Class 11th Geography Important Questions: भारत : भौतिक पर्यावरण

JAC Board Class 11th Geography Important Questions in English Medium

JAC Board Class 11th Geography Important Questions: Fundamentals of Physical Geography

  • Chapter 1 Geography as a Discipline Important Questions
  • Chapter 2 The Origin and Evolution of the Earth Important Questions
  • Chapter 3 Interior of the Earth Important Questions
  • Chapter 4 Distribution of Oceans and Continents Important Questions
  • Chapter 5 Minerals and Rocks Important Questions
  • Chapter 6 Geomorphic Processes Important Questions
  • Chapter 7 Landforms and their Evolution Important Questions
  • Chapter 8 Composition and Structure of Atmosphere Important Questions
  • Chapter 9 Solar Radiation, Heat Balance and Temperature Important Questions
  • Chapter 10 Atmospheric Circulation and Weather Systems Important Questions
  • Chapter 11 Water in the Atmosphere Important Questions
  • Chapter 12 World Climate and Climate Change Important Questions
  • Chapter 13 Water (Oceans) Important Questions
  • Chapter 14 Movements of Ocean Water Important Questions
  • Chapter 15 Life on the Earth Important Questions
  • Chapter 16 Biodiversity and Conservation Important Questions

JAC Board Class 11th Geography Important Questions: India Physical Environment

  • Chapter 1 India – Location Important Questions
  • Chapter 2 Structure and Physiography Important Questions
  • Chapter 3 Drainage System Important Questions
  • Chapter 4 Climate Important Questions
  • Chapter 5 Natural Vegetation Important Questions
  • Chapter 6 Soils Important Questions
  • Chapter 7 Natural Hazards and Disasters Important Questions

JAC Class 11 Geography Solutions in Hindi & English Jharkhand Board

JAC Jharkhand Board Class 11th Geography Solutions in Hindi & English Medium

JAC Board Class 11th Geography Solutions in Hindi Medium

Jharkhand Board Class 11th Geography Part 1 Fundamentals of Physical Geography (भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत भाग-1)

Jharkhand Board Class 11th Geography Part 2 India Physical Environment (भारत : भौतिक पर्यावरण भाग-2)

JAC Board Class 11th Geography Solutions in English Medium

JAC Board Class 11th Geography Part 1 Fundamentals of Physical Geography

  • Chapter 1 Geography as a Discipline
  • Chapter 2 The Origin and Evolution of the Earth
  • Chapter 3 Interior of the Earth
  • Chapter 4 Distribution of Oceans and Continents
  • Chapter 5 Minerals and Rocks
  • Chapter 6 Geomorphic Processes
  • Chapter 7 Landforms and their Evolution
  • Chapter 8 Composition and Structure of Atmosphere
  • Chapter 9 Solar Radiation, Heat Balance and Temperature
  • Chapter 10 Atmospheric Circulation and Weather Systems
  • Chapter 11 Water in the Atmosphere
  • Chapter 12 World Climate and Climate Change
  • Chapter 13 Water (Oceans)
  • Chapter 14 Movements of Ocean Water
  • Chapter 15 Life on the Earth
  • Chapter 16 Biodiversity and Conservation

JAC Board Class 11th Geography Part 2 India Physical Environment

  • Chapter 1 India – Location
  • Chapter 2 Structure and Physiography
  • Chapter 3 Drainage System
  • Chapter 4 Climate
  • Chapter 5 Natural Vegetation
  • Chapter 6 Soils
  • Chapter 7 Natural Hazards and Disasters

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए

1. निम्नलिखित में से सर्वाधिक प्रदूषित नदी कौन-सी है?

(क) ब्रह्मपुत्र
(ख) सतलुज
(ग) यमुना
(घ) गोदावरी।
उत्तर:
(ग) यमुना।

2. निम्नलिखित में से कौन-सा रोग जल जन्य है?
(क) नेत्रश्लेष्मला शोध
(ख) अतिसार
(ग) श्वसन संक्रमण
(घ) श्वासनली शोथ।
उत्तर:
(ख) अतिसार।

3. निम्नलिखित में से कौन-सा अम्ल वर्षा का एक कारण है?
(क) जल प्रदूषण
(ख) भूमि प्रदूषण
(ग) शोर प्रदूषण
(घ) वायु प्रदूषण।
उत्तर:
(घ) वायु प्रदूषण।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

4. प्रतिकर्ष और अपकर्ष कारक उत्तरदायी है
(क) प्रवास के लिए
(ख) भू-निम्नीकरण के लिए
(ग) गंदी बस्तियां
(घ) वायु प्रदूषण।
उत्तर:
(क) प्रवास के लिए।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दोप्रश्न

प्रश्न 1.
प्रदूषण और प्रदूषक में क्या भेद है?
उत्तर:
प्रदूषण से अभिप्राय वायु, भूमि तथा जल साधनों का अवनयन तथा हानिकारक बनना है। प्रदूषक उन पदार्थों को कहते हैं जो वातावरण में प्रदूषण फैलाते हैं।

प्रश्न 2.
वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत हैं:
(क) प्राकृतिक स्त्रोत जैसे-ज्वालामुखी विस्फोट, धूल, तूफ़ान, अग्नि आदि।
(ख) मानवकृत स्रोत-जैसे कारखाने, नगर-केन्द्र, मोटर वाहन, वायुयान, उर्वरक, पीड़क जीवनाशी, ताप बिजली घर।

प्रश्न 3.
भारत में नगरीय अपशिष्ट निपटान से जुड़ी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख करो।
उत्तर:
नगरीय अपशिष्ट (ठोस पदार्थ) पर्यावरण प्रदूषण के हानिकारक स्रोत, नगरों में प्लास्टिक, कांच, पोलीथीन, रद्दी कागज़, राख व धातुओं कचरा की मात्रा में वृद्धि हो रही है। यह अपशिष्ट घरेलू, प्रतिष्ठानों तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से प्राप्त हो रहा है। इससे बदबू, मक्खियां, बीमारियां तथा भौम जल पर प्रभाव पड़ता है। इससे टाइफाइड, गलघोंटू, दस्त, हैज़ा, बीमारियां फैलती हैं।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

प्रश्न 4.
मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के क्या प्रभाव पड़ते हैं?
उत्तर:
वायु प्रदूषण से फेफड़ों, स्नायु तन्त्र, हृदय और परिसंचरण तन्त्रों के रोग उत्पन्न होते हैं। खांसी और श्वास नली से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती है। पर्यावरण में विषाक्त धुएं वाली गैसों की उत्सर्जन से मानव स्वास्थ्य के लिए घातक है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
भारत में जल प्रदूषण की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जलीय प्रदूषण (Water Pollution):
जब भौतिक, रासायनिक तथा जैविक तत्त्वों द्वारा जलाशयों के जल में ऐसे अनैच्छिक परिवर्तन हो जाएं जिनसे जैव समुदाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े उसे जलीय प्रदूषण कहते हैं। जल प्रदूषण की समस्या ने दिल्ली, कोलकाता तथा मुम्बई जैसे बड़े एवं औद्योगिक नगरों में बहुत विकट रूप धारण कर लिया है। जलीय प्रदूषण केवल नदियों, तालाबों तथा झीलों के धरातलीय जल तक ही सीमित नहीं होता, अपितु यह समुद्री जल तथा भूमिगत जल में भी पाया जाता है। जलीय प्रदूषण के लिए निम्नलिखित मानवीय क्रियाएं उत्तरदायी होती हैं

  1. घरेलू मल (Domestic Sewage)
  2. औद्योगिक अपशिष्ट पदार्थ (Industrial Wastes)
  3. कृषि की प्रक्रियाएं (Agricultural Activities)
  4. तापीय प्रदूषण (Thermal Pollution)

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

प्रश्न 2.
भारत में गन्दी बस्तियों की समस्याओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
नगरों में जनसंख्या की अधिकता के कारण अनेक समस्याओं का विकास हो गया है जिनमें गन्दी बस्तियों तथा नगरीय कूड़ा-कर्कट की अधिकता और निपटान (disposal) सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है।

गन्दी बस्तियां (Slums): नगरों में जनसंख्या अधिक और स्थान कम होने के कारण आवासीय समस्या होती है। नगरीय क्षेत्रों में बहुमंज़िलें भवनों का निर्माण इसी समस्या का प्रतिफल है। प्रायः जब निर्धन लोग रोज़गार की तलाश में अपने गांवों को छोड़कर नगरों में आकर बसने लगते हैं तो नगरों में आवास बहुत महंगा तथा कम होने के कारण वे नगर के बाहर पड़ी भूमि पर झुग्गी-झोंपड़ियां बनाकर रहना आरम्भ कर देते हैं जिससे वहां गन्दी बस्तियों का विकास होने लगता है।

इन गन्दी बस्तियों में जनसंख्या का घनत्व बहुत अधिक होता है और वहां जल तथा घरेलू मल के निकास के लिए कोई व्यवस्था नहीं होती।  इन बस्तियों में रहने वाले लोग अत्यन्त ही निम्न स्तर का जीवन व्यतीत करते हैं। यद्यपि इन गन्दी बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए प्रशासन अनेक सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास करता है, तथापि ये आवासीय बस्तियां बहुत ही निम्न स्तर की होती हैं और प्रायः ये गन्दगी तथा बीमारियों के क्षेत्र ही होती हैं। भारत के लगभग सभी बड़े नगरों में ऐसी गन्दी बस्तियां (Slums) पाई जाती हैं।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

प्रश्न 3.
भू-निम्नीकरण को कम करने के उपाय सुझाइए।
अथवा
‘भू-निम्नीकरण’ पर एक नोट लिखिए।
उत्तर:
भू-निम्नीकरण प्राकृतिक और मानवीय दोनों प्रकार के कारकों से होता है। वन विनाश, अतिचराई और भूमि का अनुचित उपयोग भी अपरदन की गति को तेज़ कर देते हैं। एक अनुमान के अनुसार देश की 13 करोड़ हेक्टेयर भूमि अपरदन की समस्याओं से पीड़ित है। केवल स्थानांतरी कृषि के कारण ही तीन करोड़ हेक्टेयर भूमि अपरदन से प्रभावित है। अपरदन के अतिरिक्त, मृदा के लवणीकरण और जल भराव के निम्नलिखित कारण हैं- भूविज्ञान की दृष्टि से अनुपयुक्त क्षेत्रों में बांधों, जलाशयों, नहरों और तालाबों का निर्माण, नहरी सिंचाई का अत्यधिक उपयोग और अप्रवेश्य चट्टानों वाले क्षेत्रों में बाढ़ के पानी का रुख मोड़ना। इनके द्वारा भूमि की संभावित क्षमता घटती है।

अति सिंचाई के कारण देश के उत्तरी मैदानों में लवणीय और क्षारीय क्षेत्रों में वृद्धि हुई है। सिंचाई मृदा की संरचना को भी बदल देती है। इनके अलावा रासायनिक उर्वरक, पीड़कनाशी, कीट-नाशी और शाक-नाशी मृदा के प्राकृतिक, भौतिक रासायनिक और जैविक गुणों को नष्ट करके, मृदा को बेकार कर देते हैं। भू-निम्नीकरण को रोकने के लिए अपरदन को रोकने के उपाय किए जाएं। पहाड़ी ढलानों पर वनारोपण करके अति चराई को कम किया जाए। सिंचाई का उचित प्रयोग किया जाए। उर्वरक तथा कीटनाशकों का प्रयोग कम किया जाए।

भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ  JAC Class 12 Geography Notes

→ प्रदूषण के प्रकार (Types of Pollution):

  1. वायु प्रदूषण
  2. जल प्रदूषण
  3. भू-प्रदूषण
  4. ध्वनि प्रदूषण।

→ जल प्रदूषण (Water Pollution): जल प्रदूषण के दो स्रोत हैं प्राकृतिक, मानव जनित।

→ प्रदूषित नदियां (Polluted Rivers): गंगा तथा यमुना एवं अन्य।

→ ध्वनि प्रदूषण के स्रोत (Sources of Noise Pollution): उद्योग, मशीनें, मोटर वाहन, वायुयान।

→ गन्दी बस्तियां (Slums): मुम्बई के निकट धारावी-एशिया की सबसे बड़ी गन्दी बस्ती है।

→ भू-निम्नीकरण (Land degradation): भू-निम्नीकरण के मुख्य कारण अपरदन, लवणता, भू-क्षारता।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 1 जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 1 जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter Chapter 1 जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए.

1. सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या निम्नलिखित में से कौन-सी है?
(क) 102.8 करोड़
(ग) 328.7 करोड़
(ख) 318.2 करोड़
(घ) 2 करोड़।
उत्तर:
(क) 102.8 करोड़।

2. निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में जनसंख्या का घनत्व सर्वाधिक है?
(क) पश्चिमी बंगाल
(ग) उत्तर प्रदेश
(ख) केरल
(घ) पंजाब।
उत्तर:
(क) पश्चिमी बंगाल।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 1 जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन

3. सन् 2001 की जनगणना के अनुसार निम्नलिखित में से किस राज्य में नगरीय जनसंख्या का अनुपात सर्वाधिक है?
(क) तमिलनाडु
(ग) केरल
(ख) महाराष्ट्र
(घ) गुजरात।
उत्तर:
(क) तमिलनाडु।

4. निम्नलिखित में से कौन-सा एक समूह भारत में विशालतम भाषाई समूह है?
(क) चीनी-तिब्बती
(ग) ऑस्ट्रिक
(ख) भारतीय-आर्य
(घ) द्राविड़। उत्तर-(ख) भारतीय-आर्य।

अति लघु आरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें

प्रश्न 1.
भारत के अत्यन्त उष्ण एवं शुष्क तथा अत्यन्त शीत व आर्द्र प्रदेशों में जनसंख्या घनत्व निम्न हैं। इस कथन के दृष्टिकोण से जनसंख्या के वितरण में जलवायु की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
तापमान तथा वर्षा जनसंख्या के घनत्व पर स्पष्ट प्रभाव डालते हैं। अत्यन्त उष्ण तथा शुष्क प्रदेशों में जनसंख्या घनत्व निम्न है जैसे राजस्थान में मरुस्थल के कारण जनसंख्या घनत्व 165 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है। गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक राज्यों में भारत के औसत जनसंख्या घनत्व से कम घनत्व है। इसी प्रकार अत्यन्त शीत एवं आर्द्र प्रदेशों में जनसंख्या घनत्व कम है जैसे कश्मीर, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश में जनसंख्या घनत्व लगभग 100 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है।

प्रश्न 2.
भारत के किन राज्यों में विशाल ग्रामीण जनसंख्या है ? इतनी विशाल ग्रामीण जनसंख्या के लिए उत्तरदायी एक कारण को लिखिए।
उत्तर:
भारत एक गांवों का देश है जहां 580781 गांव हैं। औसत ग्रामीण जनसंख्या 68.8% है। उत्तरी भारत में हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, उड़ीसा, बिहार, उत्तर प्रदेश में यह प्रतिशत 80% से अधिक है। जनसंख्या में ग्रामीण जनसंख्या का अत्यधिक प्रतिशत का कारण यह है कि इन राज्यों में लोगों का मुख्य क्रिया-कलाप कृषि है।

प्रश्न 3.
भारत के कुछ राज्यों में अन्य राज्यों की अपेक्षा श्रम सहभागिता ऊंची क्यों है?
उत्तर:
भारत में हिमाचल प्रदेश, नागालैंड जैसे राज्यों में कृषकों की संख्या अधिक है। परिणामस्वरूप द्वितीय और तृतीयक सैक्टर में सहभागिता बढ़ी है। श्रमिक खेत आधारित रोज़गारों पर निर्भर है परन्तु अब गैर-खेत आधारित रोज़गारों पर निर्भरता बढ़ रही है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 1 जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन

प्रश्न 4.
कृषि सैक्टर में भारतीय श्रमिकों का सर्वाधिक अंश संलग्न है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत की जनसंख्या का व्यावसायिक संघटन दर्शाता है कि प्राथमिक (कृषि) संकट में श्रमिकों की संख्या बहुत अधिक है। कुल श्रम जीवी जनसंख्या का 58.2% कृषक और कृषि मज़दूर हैं। कृषि भारत में लोगों का जीवन यापन का आधार है। गैर-कृषि कार्यों में कम जनसंख्या है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें

प्रश्न 1.
भारत में जनसंख्या के घनत्व के स्थानिक वितरण की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या का स्थानिक वितरण बहुत असमान है। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक जनसंख्या है। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल तथा आंध्र प्रदेश में देश की लगभग आधी जनसंख्या निवास करती है। दिल्ली की जनसंख्या सभी केन्द्र शासित राज्यों की कुल जनसंख्या से अधिक है। मध्य प्रदेश में देश का 14% क्षेत्रफल है परन्तु, केवल 7.6% ही जनसंख्या है। पंजाब से लेकर पश्चिमी बंगाल तक की मेखला में उच्च घनत्व पाया जाता है।

गंगा-सतलुज मैदान के 23% क्षेत्र में 52% जनसंख्या का सकेंद्रण है। हिमालय पर्वत के 13% क्षेत्र में केवल 2% जनसंख्या निवास करती है। अरुणाचल प्रदेश में भारत में सबसे कम जनसंख्या घनत्व 13 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है। मध्य भारत के विशाल क्षेत्र में गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक में जनसंख्या घनत्व औसत से कम है। इस प्रकार जनसंख्या का स्थानिक वितरण भौतिक, सामाजिक, आर्थिक तथा ऐतिहासिक कारकों पर निर्भर है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 1 जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन

प्रश्न 2.
भारत की जनसंख्या के व्यावसायिक संघटन का विवरण दीजिए।
उत्तर:
व्यावसायिक संघटन से अर्थ है, किसी व्यक्ति के खेती, निर्माण, व्यापार, सेवाओं आदि क्रियाओं में लगे होना। भारत में कुल श्रमजीवी जनसंख्या का 58.2% भाग कृषि में संलग्न है। केवल 4.2% श्रमिक घरेलू उद्योगों में तथा 31.6% गैर-घरेलू, उद्योगों, व्यापार, वाणिज्य, विनिर्माण आदि सेवाओं में कार्यरत है। इस प्रकार भारत में प्राथमिक सैक्टर में श्रमजीवी लोगों की संख्या आम सैक्टरों की अपेक्षा अधिक है।

सन् 2001 के अनुसार व्यावसायिक संरचना जनसंख्या प्रतिशत
1. प्राथमिक सैक्टर 2,34,088,181 58.2
2. द्वितीयक सैक्टर 1,69,569,42 4.2
3. तृतीयक सैक्टर 1,5  189,601 37.6


जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन JAC Class 12 Geography Notes

→ कुल जनसंख्या (Total Population): सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल जनसंख्या 121.02 करोड़ है।

→ विश्व में स्थान (Ranking in the world): भारत का विश्व में कुल जनसंख्या में चीन के पश्चात् दूसरा स्थान है। विश्व में प्रत्येक 6 व्यक्तियों में एक भारतीय है।

→ जनसंख्या घनत्व (Density of Population): भारत में औसत जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० है। सबसे अधिक घनत्व बिहार राज्य में 1102 व्यक्ति तथा सब से कम घनत्व अरुणाचल राज्य में 17 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है।

→ जनसंख्या वितरण (Distribution of Population): भारत में सबसे अधिक जनसंख्या उत्तर प्रदेश में लगभग 20 करोड़ है।

→ दिल्ली क्षेत्र (Delhi-NCR): भारत में केन्द्र शासित राज्यों में सबसे अधिक घनत्व दिल्ली में 11297 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० है।

→ जनसंख्या वृद्धि (Growth of Population): भारत में जनसंख्या वृद्धि दर 1.76 प्रतिशत प्रति वर्ष है।

→ जनसंख्या का दुगुना होना: भारत की जनसंख्या लगभग 35 वर्षों में दुगुनी हो जाती है।

→ नगरीय जनसंख्या: लगभग 37.7 करोड़ (31.2%) है। देश में 53 मिलियन नगर हैं।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 10 मानव बस्ती

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 10 मानव बस्ती Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 10 मानव बस्ती

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए

1.निम्न में से किस प्रकार की बस्तियां सड़क, नदी या नहर के किनारे होती हैं?
(क) वृत्ताकार
(ख) चौक पट्टी
(ग) रेखीय
(घ) वर्गाकार।
उत्तर:
(ग) रेखीय।

2. निम्न में से कौन-सी एक आर्थिक क्रिया ग्रामीण बस्तियों की मुख्य आर्थिक क्रिया है?
(क) प्राथमिक
(ख) तृतीयक
(ग) द्वितीयक
(घ) चतुर्थ।
उत्तर:
(क) प्राथमिक।

3. निम्न में से किस प्रदेश में प्रलेखित प्राचीनतम नगरीय बस्ती रही है?
(क) ह्वांगहो की घाटी
(ख) सिंधु घाटी
(ग) नील घाटी
(घ) मेसोपोटामिया।
उत्तर:
(ख) सिंधु घाटी।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 10 मानव बस्ती

4. 2006 के प्रारम्भ में भारत में कितने मिलियन सिटी थे?
(क) 40
(ख) 41
(ग) 42
(घ) 43.
उत्तर:
(ख) 41

5. विकासशील देशों की जनसंख्या के सामाजिक ढाँचे के विकास एवं आवश्यकताओं की पूर्ति में कौन से प्रकार के संसाधन सहायक हैं?
(क) वित्तीय
(ख) मानवीय
(ग) प्राकृतिक
(घ) सामाजिक।
उत्तर:
(क) वित्तीय।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

प्रश्न 1.
आप बस्ती को कैसे परिभाषित करेंगे?
उत्तर:
आवास मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। यह एक झोंपड़ी, एक मकान, एक फ्लैट अथवा एक बड़ी हवेली हो सकता है। ‘बस्ती’ मनुष्यों के आवासों के संगठित निवास स्थान को कहते हैं। इनमें अस्थाई डेरे, स्थायी बस्ती जिसे गाँव कहते हैं तथा बृहत् नगरीय समूह को सम्मिलित किया जाता है। मानव बस्तियां कुछ घरों वाले एक छोटे पुरवे से लेकर बहुत से भवनों वाले नगर या मेगालोपोलिस हो सकते हैं।

प्रश्न 2.
स्थान (Site) एवं स्थिति (Situation) के मध्य अन्तर बताइए।
उत्तर:
बस्तियों का अध्ययन उनके स्थल, उनकी स्थिति, आकार, मकानों, प्रारूपों, कार्यों, आन्तरिक संरचना, बाहरी-संलग्नता तथा राष्ट्रीय एवं भूमंडलीय अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका के संदर्भ में किया जा सकता है। स्थल से तात्पर्य उस वास्तविक भूमि से है जिस पर बस्ती बनी हुई है। बस्ती की स्थिति से तात्पर्य उसके आस-पास के गाँवों के सम्बन्ध में उसकी अवस्थिति बताना है। बस्तियों के स्थल एवं स्थिति तथा उनके भवनों के प्रकारों का अध्ययन भौतिक पर्यावरण तथा सांस्कृतिक विरासत के संदर्भ में किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
बस्तियों के वर्गीकरण का आधार क्या है?
उत्तर:
बस्तियों को सामान्यतः उनके आकार तथा प्रकार्यों के आधार पर ग्रामीण तथा नगरीय अथवा गाँवों तथा नगरों, दो प्रकारों में बांटते हैं। ग्रामीण और नगरीय शब्द सापेक्ष हैं। ग्रामीण बस्ती को नगरीय बस्ती से अलग करने का कोई सार्वभौम मापदण्ड नहीं है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 10 मानव बस्ती

प्रश्न 4.
मानव भूगोल में मानव बस्तियों के अध्ययन का औचित्य बताएं।
उत्तर:
मानव बस्तियों का अध्ययन मानव भूगोल के अध्ययन का आधार है। किसी प्रदेश में मानव बस्तियों का प्रतिरूप उस प्रदेश के वातावरण को प्रकट करता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक न हो

प्रश्न 1.
ग्रामीण एवं नगरीय बस्तियां किसे कहते हैं? इनकी विशेषताएं बताओ।
उत्तर:
नगरीय बस्तियां

  1. ये वे निवास स्थान है जहाँ लोगों का व्यवसाय निर्माण उद्योग, व्यापार तथा प्रशासन होता है।
  2. इस क्षेत्र में मानवीय क्रियाएं निर्मित क्षेत्र में सीमित होती हैं।
  3. इसका आकार बड़ा होता है।
  4. नगरों में परिवहन, चिकित्सा, शिक्षा आदि सेवाओं की अधिक सुविधाएं प्राप्त होती हैं।
  5. इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक होता है।
  6. नगरीय बस्तियों में संक्षिप्त निवास स्थल होता है।
  7. ये प्रदेश उद्योग प्रधान होते हैं।
  8. नगरीय क्षेत्रों में वायु प्रदूषण एक गम्भीर समस्या है।

ग्रामीण बस्तियां

  1. इन बस्तियों में लोग मुख्यतः कृषि तथा पशु-पालन पर निर्भर करते हैं।
  2. इन बस्तियों के लोगों की क्रियाएं ग्राम से बाहर तक फैली होती हैं।
  3. इसका आकार छोटा होता है।
  4. ग्रामीण बस्तियों में आधुनिक सुविधाएं कम होती हैं।
  5. इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व इतना अधिक नहीं होता।
  6. ग्रानीण बस्तियों में मकान बिखरे हुए होते हैं।
  7. ये प्रदेश कृषि प्रधान होते हैं।
  8. ग्रामीण क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की समस्या नहीं है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 10 मानव बस्ती

प्रश्न 2.
विकासशील देशों में नगरीय बस्तियों की समस्याओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
संसार के विकासशील प्रदेशों में नगरीय वृद्धि की प्रक्रिया विकसित प्रदेशों से भिन्न रही है। विकसित देशों में नगरीकरण में वृद्धि औद्योगिक विकास के साथ-साथ हुई पर विकासशील देशों में जनांकिकीय वृद्धि आर्थिक विकास से पहले हुई है।
1. बेरोज़गारी:
इन प्रदेशों में अप्रत्याशित नगरीय वृद्धि का मुख्य कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की कमी थी। इसकी तुलना में कस्बों तथा नगरों में संभावित रोज़गार के आकर्षण कम प्रभावी थे। 5 लाख की जनसंख्या वाले नगर से 1 करोड़ (100 लाख) वाले महानगर बनने में लन्दन को 190 वर्ष तथा न्यूयार्क को 140 वर्ष लगे थे, इसके विपरीत, मेक्सिको सिटी, साओपोलो, कोलकाता, सियोल तथा मुम्बई सभी की जनसंख्या को 5 लाख से 100 लाख (1 करोड़) की वृद्धि हेतु मात्र 75 वर्षों से कम का समय लगा था।

2. स्लम क्षेत्र:
इन नगरों ने अतिनगरीकरण तथा अनियंत्रित नगरीकरण के परिणामस्वरूप झुग्गी-झोंपड़ी जैसी गन्दी बस्तियों को जन्म दिया है। संसार में जहाँ कहीं भी ऐसी झुग्गी-झोंपड़ी बस्तियाँ बसी हैं, वहाँ नगरीय जीवन दुखद हो गया है। लगभग 60 करोड़ से अधिक लोग आज नगरों में असुरक्षित जीवन दशाओं में जी रहे हैं, जबकि 30 करोड़ लोग नारकीय जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

3. प्रदूषण:
विकासशील देशों में वर्तमान नगरीकरण की प्रक्रिया ने ग्रामीण क्षेत्रों की योग्य श्रम शक्ति को छीन लिया है। पारिस्थितिकी के विकृत होने तथा सामाजिक प्रदूषण ने उनकी ऊर्जा को निचोड़ लिया है।

4. आवास की कमी:
इसके साथ ही, नगरीय बस्तियाँ भी आवास, परिवहन, स्वास्थ्य एवं अन्य सार्वजनिक सुविधाओं की कमी से अत्यधिक प्रभावित हुई हैं। इन दोनों ही स्थानों (ग्राम व नगर) पर गुणवत्ता युक्त जीवन का ह्मस हुआ है। अफ्रीका में, केवल एक तिहाई घरों में पेयजल की व्यवस्था है।

5. मल जल प्रणाली का अभाव:
एशिया प्रशान्त क्षेत्र में मात्र 38 प्रतिशत नगरीय घरों को ही मल जल प्रणाली से जोड़ा गया है। विकासशील देशों के बहुत-से नगरों में जनसंख्या का एक बढ़ता हुआ हिस्सा निम्न स्तरीय घरों अथवा सड़कों पर रहता है। भारत के अधिकांश दस लाख या इससे अधिक जनसंख्या वाले नगरों में, चार में से एक नागरिक अवैध बस्तियों में रहता है। इनमें नगर के शेष भागों की तुलना में दुगुनी वृद्धि हो रही है।

मानव बस्ती JAC Class 12 Geography Notes

→ आवास (Shelter): आवास मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता है।

→ बस्ती (Settlement): बस्ती मनुष्यों के आवास का समूह है।

→ बस्तियों के प्रकार (Types of Settlements): ग्रामीण तथा नगरीय।

→ ग्रामीण बस्ती की जनसंख्या (Population of a Rural Settlement): 5000 व्यक्ति तक।

→ नियोजित नगर (Planned City): इस प्रकार के नगर को बसाने से पूर्व सुव्यवस्थित योजना तैयार की जाती है। चण्डीगढ़।

→ विश्व में नगरीकरण (World Urbanisation): 47 % नगरीय जनसंख्या।

→ मेगा नगर (Mega City): 1 करोड़ से अधिक जनसंख्या वाला नगर।

→ विश्व का सबसे बड़ा महानगर (The largest Mega City): मेक्सिको सिटी।

→ सबसे बड़ी मलिन बस्ती (The biggest Slum): धारावी (मुम्बई)।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

बहुविकल्पीय प्रश्न। (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए

1. संसार के अधिकांश महान पत्तन इस प्रकार वर्गीकृत किए गए हैं
(क) नौसेना पत्तन
(ख) विस्तृत पत्तन
(ग) तैल पत्तन
(घ) औद्योगिक पत्तन।
उत्तर:
(क) विस्तृत पत्तन।

2. निम्नलिखित महाद्वीपों में से किस एक से विश्व व्यापार का सर्वाधिक प्रवाह होता है?
(क) एशिया
(ख) यूरोप
(ग) उत्तरी अमेरिका
(घ) अफ्रीका।
उत्तर:
(ग) उत्तरी अमेरिका।

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3. दक्षिण अमरीकी राष्ट्रों में से कौन-सा एक ओपेक का सदस्य है?
(क) ब्राज़ील
(ख) वेनेजुएला
(ग) चिली
(घ) पेरू।
उत्तर:
(ख) वेनेजुएला।

4. निम्न व्यापार समूहों में से भारत किसका एक सह-सदस्य है?
(क) साफ्टा (SAFTA)
(ख) आसियान (ASEAN)
(ग) ओइसीडी (OECD)
(घ) ओपेक (OPEC)
उत्तर:
(ख) आसियान (ASEAN).

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 30 शब्दों में दीजिए।

प्रश्न 1.
विश्व व्यापार संगठन के आधारभूत कार्य कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
जनवरी, 1995 से GATT को विश्व व्यापार संगठन (WTO) में रूपान्तरित कर दिया गया। इसके आधारभूत कार्य निम्नलिखत हैं

  1. विश्व व्यापार संगठन एकमात्र ऐसा अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है जो राष्ट्रों के मध्य वैश्विक नियमों का व्यवहार करता है।
  2. यह विश्वव्यापी व्यापार तन्त्र के लिए नियमों को नियत करता है।
  3. इसके सदस्य देशों के मध्य विवादों का निपटारा करते हैं।
  4. यह विश्व को उच्च सीमा शुल्क और विभिन्न प्रकार की बाधाओं से मुक्त करवाता है।

प्रश्न 2.
ऋणात्मक भुगतान सन्तुलन का होना किसी देश के लिए क्यों हानिकारक होता है?
उत्तर:
एक देश की आर्थिक स्थिति के लिए व्यापार सन्तुलन एवं भुगतान सन्तुलन के गम्भीर निहितार्थ होते हैं। एक ऋणात्मक सन्तुलन का अर्थ होगा कि देश वस्तुओं के क्रय पर उससे अधिक व्यय करता है जितना कि अपने सामानों के विक्रय से अर्जित करता है। यह अन्तिम रूप में वित्तीय संचय की समाप्ति को अभिप्रेरित करता है।

प्रश्न 3.
व्यापारिक समूहों के निर्माण द्वारा राष्ट्रों को क्या लाभ प्राप्त होते हैं?
उत्तर:
प्रादेशिक व्यापार समूह व्यापार की मदों में भौगोलिक सामीप्य, समरूपता और पूरकता के साथ देशों के मध्य व्यापार को बढ़ाने में सहायता करते हैं। ये व्यापार पर लगे प्रतिबन्ध हटाने में सहायता करते हैं। ये प्रादेशिक व्यापार को बढ़ावा देते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक में दें।

प्रश्न 1.
पत्तन किस प्रकार व्यापार के लिए सहायक होते हैं? पत्तनों का वर्गीकरण उनकी उस स्थिति के आधार पर कीजिए।
उत्तर:
पत्तनों के लाभ:
1. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की दुनिया के मुख्य प्रवेश द्वार (gateway) पोताश्रय तथा पत्तन होते हैं। इन्हीं पत्तनों के द्वारा जहाजी माल तथा यात्री विश्व के एक भाग से दूसरे भाग को जाते हैं।

2. पत्तन जहाज़ के लिए गोदी, लादने, उतारने तथा भण्डारण हेतु सुविधाएँ प्रदान करते हैं। इन सुविधाओं को प्रदान करने के उद्देश्य से पत्तन के प्राधिकारी नौगम्य द्वारों का रख-रखाव, रस्सों व बजरों (छोटी अतिरिक्त नौकाएँ) की व्यवस्था करने और श्रम एवं प्रबन्धकीय सेवाओं को उपलब्ध कराने की व्यवस्था करते हैं।

3. एक पत्तन के महत्त्व को नौभार के आकार और निपटान किए गए जहाजों की संख्या द्वारा निश्चित किया जाता है।

4. एक पत्तन द्वारा निपटाया नौभार उसके पृष्ठ प्रदेश के विकास के स्तर का सूचक है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

अवस्थिति के आधार पर पत्तनों के प्रकार:
1. अन्तर्देशीय पत्तन:
ये पत्तन समुद्री तट से दूर अवस्थित होते हैं। ये समुद्र से एक नदी अथवा नहर द्वारा जुड़े होते हैं। ऐसे पत्तन चौरस तल वाले जहाज़ या बजरे द्वारा ही गम्य होते हैं। उदाहरणस्वरूप मानचेस्टर एक नहर से जुड़ा है; मेंफिस मिसीसिपी नदी पर स्थित है; राइन के अनेक पत्तन हैं जैसे-मैनहीम तथा ड्यूसबर्ग; और कोलकाता हुगली नदी, जो गंगा नदी की एक शाखा है, पर स्थित है।

2. बाह्य पत्तन:
ये गहरे जल के पत्तन हैं जो वास्तविक पत्तन से दूर बने होते हैं। ये उन जहाज़ों, जो अपने बड़े आकार के कारण उन तक पहुँचने में अक्षम हैं, को ग्रहण करके पैतृक पत्तनों को सेवाएं प्रदान करते हैं। उदाहरणस्वरूप एथेंस तथा यूनान में इसके बाह्य पत्तन पिरेइअस एक उच्चकोटि का संयोजन है।

3. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से देश कैसे लाभ प्राप्त करते हैं?
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार उत्पादन में विशिष्टीकरण का परिणाम है।

  1. यह विश्व की अर्थव्यवस्था को लाभान्वित करता है, यदि विभिन्न राष्ट्र वस्तुओं के उत्पादन या सेवाओं की उपलब्धता में श्रम विभाजन तथा विशेषीकरण को प्रयोग में लाए।
  2. हर प्रकार का विशिष्टीकरण व्यापार को जन्म दे सकता है।
  3. इस प्रकार अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार वस्तुओं और सेवाओं के तुलनात्मक लाभ, परिपूरकता व हस्तांतरणीयता के सिद्धान्तों पर आधारित होता है और सिद्धान्ततः यह व्यापारिक भागीदारों को समान रूप से लाभदायक होना चाहिए।
  4. आधुनिक समय में व्यापार, विश्व के आर्थिक संगठन का आधार है और यह राष्ट्रों की विदेश नीति से सम्बन्धित है।
  5. सुविकसित परिवहन तथा संचार प्रणाली से युक्त कोई भी देश अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में भागीदारी से मिलने वाले लाभों को छोड़ने का इच्छुक नहीं है। FEED अन्य महत्त्वपूर्ण परीक्षाशैली प्रश्न

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार  JAC Class 12 Geography Notes

→ अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार: विश्व में दूसरे देशों के साथ वस्तुओं का आयात-निर्यात करना।

→ आर्थिक बैरोमीटर: अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को आर्थिक बैरोमीटर कहते हैं।

→ पत्तन: पत्तन जलीय जहाज़ों के लिए सामान लादने, उतारने तथा भण्डारण हेतु सुविधाएँ प्रदान करते हैं। पत्तन अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के द्वार हैं।

→ विश्व व्यापार: गत 25 वर्षों में विश्व व्यापार में तेजी से वृद्धि हुई है।

→ व्यापार संघ: कई व्यापार संघ अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करते हैं

  • GATT
  • WTO
  • E.U.
  • EFTA
  • NAFTA
  • OPEC
  • ASEAN
  • SAARC