JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 8 निर्माण उद्योग

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 8 निर्माण उद्योग Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 8 निर्माण उद्योग

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. कौन-सा औद्योगिक अवस्थापना का एक कारण नहीं है?
(क) बाज़ार
(ग) जनसंख्या घनत्व
(ख) पूँजी
(घ) ऊर्जा।
उत्तर;
(ग) जनसंख्या घनत्व।

2. भारत में सबसे पहले स्थापित की गई लौह-इस्पात कम्पनी निम्नलिखित में से कौन-सी है?
(क) भारतीय लौह एवं इस्पात कम्पनी (आई० आई० एस० सी० ओ०)
(ख) टाटा लौह एवं इस्पात कम्पनी (टी० आई० एस० सी० ओ०)
(ग) विश्वेश्वरैया लौह तथा इस्पात कारखाना
(घ) मैसूर लोहा तथा इस्पात कारखाना।
उत्तर:
(क) भारतीय लौह एवं इस्पात कम्पनी।

3. मुम्बई में सबसे पहला सूती वस्त्र कारखाना स्थापित किया गया, क्योंकि
(क) मुम्बई एक पत्तन है।
(ख) यह कपास उत्पादक क्षेत्र के निकट स्थित है
(ग) मुम्बई एक वित्तीय केन्द्र था
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।

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4. हुगली औद्योगिक प्रदेश का केन्द्र है
(क) कोलकाता-हावड़ा
(ग) कोलकाता-मेदनीपुर
(ख) कोलकाता रिशरा
(घ) कोलकाता-कोन नगर।
उत्तर;
(क) कोलकाता-हावड़ा।

5. निम्नलिखित में से कौन-सा चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है?
(क) महाराष्ट्र
(ग) पंजाब
(ख) उत्तर प्रदेश
(घ) तमिलनाडु।
उत्तर;
(ख) उत्तर प्रदेश।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
लोहा-इस्पात उद्योग किसी देश के औद्योगिक विकास का आधार है। ऐसा क्यों?
उत्तर:
लोहा-इस्पात उद्योग आधुनिक औद्योगीकरण की नींव है। यह उद्योग कई उद्योगों का आधारभूत सामान प्रदान करता है। यह आधुनिक मशीनों, परिवहन तथा यन्त्रों का आधार है। इसे आधारभूत उद्योग तथा उद्योगों की कुंजी भी कहा जाता है।

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प्रश्न 2.
सूती वस्त्र उद्योग के दो सेक्टरों के नाम बताइए। वे किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
भारतीय सूती वस्त्र उद्योग के दो सेक्टर हैं-हथकरघा सेक्टर तथा विद्युत् करघा सेक्टर। हथकरघा सेक्टर स्थानिक श्रम तथा कच्चे माल पर निर्भर करता है। उसका उत्पादन भी सीमित है। विद्युत् करघा सेक्टर में कपड़ा मशीनों द्वारा उत्पादित किया जाता है। यह सेक्टर देश के कुल उत्पादन का 50% भाग उत्पादन करता है।

प्रश्न 3.
चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग क्यों है?
उत्तर:
चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग है, क्योंकि गन्ने को खेत से काटने के 24 घण्टे के अन्दर ही पेरा जाए तो अधिक चीनी की मात्रा प्राप्त होती है। शुष्क ऋतु में गन्ने को खेत में खड़ा नहीं रखा जा सकता। इसे काट कर मिलों तक भेजा जाता है। इसलिए मिलें केवल उस मौसम में ही कार्य करती है, जब गन्ने को काटा जाता है।

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प्रश्न 4.
पेट्रो रासायनिक उद्योग के लिए कच्चा माल क्या है? इस उद्योग के कुछ उत्पादों के नाम बताइए।
उत्तर:
पेट्रो रासायनिक उद्योग के लिए खनिज तेल ही कच्चा माल है। इसलिए यह उद्योग तेल-शोधन शालाओं के निकट ही लगाया जाता है। इसके उत्पाद चार उप-वर्गों में बांटे जाते हैं। पालीमा, कृत्रिम रेशे, इलैस्टोमर्स, पृष्ठ संक्रियक।

प्रश्न 5.
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी क्रान्ति के प्रमुख प्रभाव क्या हैं?
उत्तर;
सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति ने देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाला है। इसने आर्थिक और सामाजिक रूपान्तरण के लिए कई सम्भावनाएं उत्पन्न कर दी हैं। सॉफ़्टवेयर उद्योग भारत में सबसे तीव्र गति से बढ़ने वाला उद्योग है। लगभग 78,230 करोड़ रुपए का सामान निर्यात किया जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
स्वदेशी आंदोलन के सूती वस्त्र उद्योग को किस प्रकार विशेष प्रोत्साहित किया?
उत्तर:
19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में मुम्बई और अहमदाबाद में पहली मिल की स्थापना के पश्चात् सूती वस्त्र उद्योग का तेजी से विस्तार हआ। मिलों की संख्या आकस्मिक रूप से बढ़ गई। स्वदेशी आन्दोलन ने उद्योग को प्रमुख रूप से प्रोत्साहित किया क्योंकि ब्रिटेन के बने सामानों का बहिष्कार कर बदले में भारतीय सामानों को उपयोग में लाने का आह्वान किया गया।

1921 के बाद रेलमार्गों के विकास के साथ हो दूसरे सूती वस्त्र केन्द्रों का तेजी से विस्तार हुआ। दक्षिणी भारत में, कोयंबटूर, मदुरई और बंगलौर में मिलों की स्थापना की गई। मध्य भारत में नागपुर, इन्दौर के अतिरिक्त शोलापुर और वडोदरा सूती वस्त्र केन्द्र बन गए। कानपुर में स्थानिक निवेश के आधार पर सूती वस्त्र मिलों की स्थापना की गई। पत्तन की सुविधा के कारण कोलकाता में भी मिलें स्थापित की गईं।

जल-विद्युत् शक्ति के विकास से कपास उत्पादक क्षेत्रों से दूर सूती वस्त्र मिलों की अवस्थिति में भी सहयोग मिला। तमिलनाडु में इस उद्योग के तेजी से विकास का कारण मिलों के लिए प्रचुर मात्रा में जल-विद्युत् शक्ति की उपलब्धता है। उज्जैन, भड़ौच, आगरा, हाथरस, कोयम्बटूर और तिरुनेलवेली आदि केन्द्रों में, कम श्रम लागत के कारण कपास उत्पादक क्षेत्रों से उनके दूर होते हुए भी उद्योगों की स्थापना की गई।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 8 निर्माण उद्योग

प्रश्न 2.
आप उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण से क्या समझते हैं? इन्होंने भारत के औद्योगिक विकास में किस प्रकार सहायता की है?
उत्तर:
भारत में नई उद्योगीकरण नीति के अन्तर्गत औद्योगिक क्षेत्र में उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण की नीति अपनाई गई है। नई औद्योगिक नीति की घोषणा 1991 में की गई। इस नीति के मुख्य उद्देश्य थे-अब तक प्राप्त किए गए लाभ को बढ़ाना, इसमें विकृति अथवा कमियों को दूर करना, उत्पादकता और लाभकारी रोज़गार में स्वपोषित वृद्धि को बनाए रखना और अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता प्राप्त करना।

इस नीति के अन्तर्गत किए गए उपाय हैं:

  1. औद्योगिक लाइसेंस व्यवस्था का समापन,
  2. विदेशी तकनीकी का नि:शुल्क प्रवेश,
  3. विदेशी निवेश नीति,
  4. पूँजी बाज़ार में अभिगम्यता,
  5. खुला व्यापार,
  6. प्रावस्थबद्ध निर्माण कार्यक्रम का उन्मूलन,
  7. औद्योगिक अवस्थिति कार्यक्रम का उदारीकरण। नीति के तीन मुख्य लक्ष्य हैंउदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण।

उदारीकरण (Liberalisation):
उदारीकरण से अभिप्राय है कि उद्योगों पर से प्रतिबन्ध हटाए जाएं या कम किए जाएं। नई नीति के अनुसार 9 महत्त्वपूर्ण उद्योगों को छोड़ कर शेष सभी उद्योगों पर लाइसेंस प्रणाली समाप्त कर दी गई है। इसमें उद्योग उद्यमी अपनी इच्छा से उद्योग लगा सकते हैं। इससे अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भारतीय उद्योग स्पर्धा प्राप्त कर सकते हैं।

निजीकरण (Privatisation):
निजीकरण से अभिप्राय है कि सरकार द्वारा लगाए गए उद्योगों को निजी क्षेत्र में स्थापित किया जाए। इससे सार्वजनिक क्षेत्र का महत्त्व कम होगा।

वैश्वीकरण (Globalisation):
वैश्वीकरण से अभिप्राय है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व अर्थव्यवस्था के साथ समायोजन किया जाए। इसके अधीन आयात पर प्रतिबन्ध तथा आयात शुल्क में कमी की गई है।

8 निर्माण उद्योग JAC Class 12 Geography Notes

→ अध्याय के मुख्य तथ्य निर्माण उद्योग (Manufacturing): इस क्रिया में जिसमें कच्चे माल को मशीनों की सहायता से रूप बदल कर अधिक उपयोगी बनाया जाता है।

→ उद्योगों के प्रकार (Types of Industries):

  • भारी उद्योग तथा हल्के उद्योग।
  • बड़े पैमाने तथा छोटे पैमाने के उद्योग।
  • कुटीर उद्योग तथा मिल उद्योग।
  • सार्वजनिक तथा निजी उद्योग।
  • कृषि आधारित तथा खनिज आधारित उद्योग।

→ उद्योगों का स्थानीयकरण (Location of Industries): उद्योगों का स्थानीयकरण निम्नलिखित भौगोलिक कारकों पर निर्भर करता है

  • कच्चे माल की निकटता,
  • शक्ति के साधन,
  • यातायात के साधन,
  • कुशल श्रमिक,
  • जलवायु,
  • बाज़ार।

→ पहला इस्पात कारखाना (Steel plant): भारत में पहला इस्पात यन्त्र 1907 में जमशेदपुर में स्थापित किया गया।

→ भारत का मानचेस्टर (Manchester of India): अहमदाबाद को सूती वस्त्र उद्योग के कारण भारत का मानचेस्टर कहा जाता है।

→ उर्वरक उद्योग (Fertilizer): सिन्द्री उर्वरक कारखाना एशिया में सबसे बड़ा कारखाना है।

→ भारत औद्योगिक आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

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JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. निम्नलिखित में से किस राज्य में प्रमुख तेल क्षेत्र स्थित हैं?
(क) असम
(ग) राजस्थान
(ख) बिहार
(घ) तमिलनाडु।
उत्तर:
(क) असम।

2. निम्नलिखित में से किस स्थान पर पहला परमाणु ऊर्जा स्टेशन स्थापित किया गया था?
(क) कलपक्कम
(ग) राणाप्रताप सागर
(ख) नरोरा
(घ) तारापुर।
उत्तर:
(घ) तारापुर।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

3. निम्नलिखित में कौन-सा खनिज ‘भूरा हीरा’ के नाम से जाना जाता है?
(क) लौह
(ग) मैंगनीज़
(ख) लिगनाइट
(घ) अभ्रक।
उत्तर:
(ख)लिगनाइट।

4. निम्नलिखित में कौन-सा ऊर्जा का अनवीकरणीय स्रोत है?
(क) जल
(ग) ताप
(ख) सौर
(घ) पवन।
उत्तर;
वाप।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें

प्रश्न 1.
भारत में अभ्रक के वितरण का विवरण दें।
उत्तर:
भारत में अभ्रक मुख्तया झारखण्ड, आन्ध्र प्रदेश व राजस्थान में पाया जाता है। इसके पश्चात् तमिलनाडु, पं. बंगाल और मध्य प्रदेश भी आते हैं।

  1. झारखण्ड में उच्च गुणवत्ता वाला अभ्रक निचले हज़ारीबाग पठार की 150 कि० मी० लम्बी व 22 कि० मी० चौड़ी पट्टी में जाता है।
  2. आन्ध्र प्रदेश में, नेल्लोर जिले में सर्वोत्तम प्रकार के अभ्रक का उत्पादन किया जाता है।
  3. राजस्थान में अभ्रक की पट्टी लगभग 320 कि० मी० लम्बाई में जयपुर से भीलवाड़ा और उदयपुर के आसपास विस्तृत है।
  4. कर्नाटक के मैसूर व हासन जिले।
  5. तमिलनाडु के कोयम्बटूर, तिरूचिरापल्ली, मदुरई तथा कन्याकुमारी ज़िले।
  6. महाराष्ट्र के रत्नागिरी तथा पश्चिमी बंगाल के पुरुलिया एवं बाकुरा ज़िलों में भी अभ्रक के निक्षेप पाए जाते हैं।

प्रश्न 2.
नाभिकीय ऊर्जा क्या है? भारत के प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केन्द्रों के नाम लिखें।
उत्तर:
भारत में अणु-शक्ति उत्पन्न करने के लिए 1948 में अण-शक्ति आयोग स्थापित किया गया। देश में चार परमाणु बिजली घर हैं। अणु शक्ति यूरोनियम तथा थोरियम खनिजों के विघटन से उत्पन्न की जाती है।

  1. तारापुर (महाराष्ट्र में)
  2. राणा प्रताप सागर (राजस्थान में कोटा के समीप
  3. कल्पक्कम (चेन्नई के निकट)
  4. नरोरा (उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर के निकट)। ककरपारा (गुजरात) तथा कैगा (कर्नाटक) में अणु केन्द्र योजना स्तर पर ही है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 3.
अलौह धातुओं के नाम बताएं। उनके स्थानिक वितरण की विवेचना करें।
उत्तर:
(i) तांबा तथा बॉक्साइड प्रमुख अलौह धातुएँ हैं बॉक्साइट:

  1. उड़ीसा बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक है। कालाहांडी तथा संभलपुर अग्रणी उत्पादन हैं। दो अन्य क्षेत्र जो अपने उत्पादन को बढ़ा रहे हैं वे बोलनगीर तथा कोरापुट हैं।
  2. झारखण्ड में लोहारडागा जिले की पैटलैंड्स में इसके समृद्ध निक्षेप हैं। गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र अन्य प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  3. गुजरात के भावनगर और जामनगर में इसके प्रमुख निक्षेप हैं।
  4. छत्तीसगढ़ में बॉक्साइट निक्षेप अमरकंटक के पठार में पाए जाते हैं।
  5. मध्य प्रदेश में कटनी, जबलपुर तथा बालाघाट में बॉक्साइट के महत्त्वपूर्ण निक्षेप हैं।
  6. महाराष्ट्र में कोलाबा, थाणे, रत्नागिरी, सतारा, पुणे तथा कोल्हापुर महत्त्वपूर्ण उत्पादक हैं। कर्नाटक, तमिलनाडु तथा गोआ बॉक्साइट के गौण उत्पादक हैं।

(ii) तांबा-देश के तांबे के कुल भण्डार 54 करोड़ टन हैं। मुख्य रूप से ये भण्डार झारखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान में हैं। तांबे का उत्पादन 31 लाख टन है। मध्य प्रदेश में मलंजखण्ड-बालाघाट, राजस्थान में झुनझुनु, अलवर, खेतड़ी, झारखण्ड में सिंहभूम प्रमुख उत्पादक हैं।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 4.
ऊर्जा के अपारम्परिक स्रोत कौन-से हैं?
उत्तर:
कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस तथा परमाणु ऊर्जा, ऊर्जा के पारम्परिक स्रोत हैं जबकि सौर ऊर्जा, पवन, भूतापीय, बायोगैस, ज्वारीय ऊर्जा अपरम्परागत ऊर्जा स्रोत हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न। (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें

प्रश्न 1.
भारत के पेट्रोलियम संसाधनों पर विस्तृत टिप्पणी लिखें।
उत्तर:

भारत में खनिज तेल की खोज
(Exploration of Oil in India)

भारत में सबसे पहला कुआं असम में नहोर पोंग नामक स्थान पर सन् 1857 में खोदा गया। यह कुआं 36 मीटर गहरा था। सन् 1893 में असम में डिगबोई तेल शोधनशाला स्थापित की गई। स्वतन्त्रता से पहले केवल असम राज्य से ही तेल प्राप्त होता था। सन् 1955 में तेल तथा प्राकृतिक गैस आयोग (Natural Gas Commission) की स्थापना हुई। इस आयोग द्वारा देश के भीतरी तथा तटवर्ती क्षेत्रों में तेल की खोज का कार्य किया जाता है।

तेल के भण्डार (Oil Reserves):
भारत में तेल के भण्डार टरशरी युग की तलछटी चट्टानों में मिलते हैं। भारत में 10 लाख वर्ग कि० मी० क्षेत्र में तेल मिलने की आशा है। एक अनुमान के अनुसार देश में लगभग 17 अरब टन तेल के भण्डार हैं। ये भण्डार असम, बम्बई हाई तथा गुजरात में स्थित हैं। देश में तेल की बढ़ती खपत को देखते हुए हम कह सकते हैं ये भण्डार अधिक देर तक नहीं चलेंगे। इसलिए तेल के नये क्षेत्रों की खोज तथा संरक्षण आवश्यक है।

भारत में मुख्य तेल-क्षेत्र (Major oil fields in India):
1. असम-असम राज्य में उत्तर-पूर्वी भाग में लखीमपुर जिले में पाया जाता है। यह भारत का सबसे प्राचीन तेल क्षेत्र है। इस राज्य में निम्नलिखित तेल क्षेत्र महत्त्वपूर्ण हैं

  • डिगबोई क्षेत्र (Digboi oil field): यह असम प्रदेश में भारत का सबसे प्राचीन तथा अधिक तेल वाला क्षेत्र है। यहां सन् 1882 में तेल का उत्पादन आरम्भ हुआ। 21 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 3 तेलकूप हैं-डिगबोई, बापापुंग तथा हुंसापुंग। इस क्षेत्र में भारत का 30 % खनिज तेल प्राप्त होता है।
  • सुरमा घाटी (Surma Valley): इस क्षेत्र में बदरपुर, मसीमपुर पथरिया नामक कूपों में घटिया किस्म का तेल थोड़ी मात्रा में पैदा किया जाता है।
  • नाहरकटिया क्षेत्र (Naharkatiya oil fields): असम में यह एक नवीन तेल क्षेत्र है जिसमें नहरकटिया, लकवा प्रमुख तेलकूप हैं।
  • हुगरीजन-मोरान तेल क्षेत्र (Hugrijan-Moran oil fields)
  • शिव सागर तेल क्षेत्र (Sibsagar oil fields)

2. गुजरात तेल क्षेत्र (Gujarat oil fields):
कैम्बे तथा कच्छ की खाड़ी के निकट अंकलेश्वर, लयुनेज, कलोल नामक स्थान पर तेल का उत्पादन आरम्भ हो गया है। इस क्षेत्र से प्रति वर्ष 30 लाख टन तेल प्राप्त होता है। इस राज्य में तेल क्षेत्र बड़ौदा, सूरत, मेहसना ज़िलों में फैला हुआ है। इस क्षेत्र में मेहसना, ढोल्का, नवगाम, सानन्द आदि कई स्थानों पर तेल मिला है। यहां से तेल ट्राम्बे तथा कोयली के तेल शोधन कारखानों को भी भेजा जाता है।

3. अपतटीय तेल क्षेत्र (Off shore oil fields):
भारत के महाद्वीपीय निमग्न तट (Continental shelf) के 200 मीटर गहरे पानी में लगभग 4 लाख वर्ग कि० मी० क्षेत्र में तेल मिलने की सम्भावना है।

(i) बम्बई हाई क्षेत्र (Bombay High Fields) (खाड़ी कच्छ के कम गहरे समुद्री भाग (Off Shore region) में भी तेल मिल गया है। यहां बम्बई हाई क्षेत्र में 19 फरवरी, 1974 को ‘सागर सम्राट्’ नामक जहाज़ द्वारा की गई खुदाई से (Bombay High) के क्षेत्र में तेल मिला है।

(ii) इस क्षेत्र से 21 मई, 1976 से तेल निकलना आरम्भ हो गया। यहां से प्रतिवर्ष 150 लाख टन तेल निकालने का लक्ष्य है। यह क्षेत्र बम्बई (मुम्बई) के उत्तर-पश्चिमी में 176 कि० मी० दूरी पर स्थित है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 2.
भारत में जल विद्युत् पर एक निबन्ध लिखें।
उत्तर:

जल विद्युत्
(Hydel Power)

आधुनिक युग में कृषि तथा उद्योगों में विद्युत् शक्ति का महत्त्वपूर्ण स्थान है। कोयला तथा खनिज शीघ्र ही समाप्त हो जाने वाले साधन हैं। परन्तु विद्युत् शक्ति एक असमाप्य साधन है। विद्युत् शक्ति मुख्यतः तीन प्रकार से प्राप्त होती है-जल विद्युत्, ताप विद्युत्, परमाणु विद्युत्। भारत में जल विद्युत् शक्ति का मुख्य स्रोत है। पहला विद्युत् गृह कर्नाटक में शिव समुद्रम् नामक स्थान पर स्थापित किया गया था। स्वतन्त्रता के पश्चात् देश में कई विद्युत् ग्रिड स्थापित किए गये हैं।

भौगोलिक कारक (Geographical Factors): जल विद्युत् का उत्पादन निम्नलिखित भौगोलिक कारकों पर निर्भर करता है

  1. ऊंची नीची भूमि (Uneven-Relief): जल विद्युत् के विकास के लिए ऊंची-नीची तथा ढालू भूमि होनी चाहिए।
  2. अधिक वर्षा (Abundant Rainfall): जल विद्युत् के लिए सारा वर्ष निरन्तर जल की मात्रा उपलब्ध होनी चाहिए।
  3. विशाल नदियों तथा जल-प्रपातों का होना (Water falls and huge rivers): नदियों में जल की मात्रा अधिक होनी चाहिए ताकि वर्ष भर समान रूप से जल प्राप्त हो सके।
  4. मार्ग में झीलों का होना (Presence of Lakes): नदी मार्ग में झीलें अनुकूल होती हैं। यह रेत के कणों को रोककर मशीनों को हानि से बचाती हैं।

आर्थिक कारक (Economic factors)
(क) बाजार की समीपता
(ख) अधिक मांग का होना
(ग) पूंजी का होना

भारत की स्थिति: भारत में जल-विद्युत् उत्पादन की सभी दशाएं सामान्य रूप से अनुकूल हैं। देश में वर्ष-पर्यन्त बहने वाली नदियां हैं। पठारी धरातल और प्राकृतिक झरने मिलते हैं। बांध निर्माण के लिए श्रमिक, तकनीकी ज्ञान उपलब्ध है। जल-विद्युत् के पश्चात् जल का सिंचाई में प्रयोग किया जाता है। परन्तु देश में वर्षा का वितरण मौसमी, अनिश्चित तथा दोषपूर्ण है। इसलिए बांध बनाकर कृत्रिम झीलों से बिजली घरों को जल प्रदान किया जाता है।

जल विद्युत् का उत्पादन भारत में आवश्यक है क्योंकि देश में कोयले तथा तेल के भण्डार पर्याप्त नहीं हैं। उद्योगों के विकेन्द्रीकरण के लिए जल-विद्युत् का उत्पादन आवश्यक है। एक अनुमान के अनुसार देश में कुल जल राशि में लगभग 90,000 M.W. शक्ति प्राप्त करने की क्षमता है। भारत में प्रति वर्ष 322 Billion KWH शक्ति उत्पन्न की जाती है।

भारत में जल-विद्युत् उत्पादन
(Hydel Power in India):

भारत में जल विद्युत् का उत्पादन दक्षिणी पठार पर अधिक है। यहां कोयले की कमी है। कई भागों में जल प्रपात पाए जाते हैं। औद्योगिक विकास के कारण मांग भी अधिक है।
(i) कर्नाटक:
इस राज्य को विद्युत् उत्पादन में प्रथम स्थान प्राप्त है। इस राज्य की मुख्य योजनाएं निम्नलिखित हैं

  1. महात्मा गांधी जल विद्युत् केन्द्र
  2. शिव समुद्रम जल-विद्युत् केन्द्र
  3. शिमसा परियोजना
  4. शराबती जल-विद्युत् केन्द्र

(ii) तमिलनाडु:
इस राज्य की मुख्य जल-विद्युत् योजनाएं निम्नलिखित हैं

  1. कावेरी नदी पर मैटूर योजना।
  2. पायकारा नदी पर पायकारा योजना।
  3. ताम्र परनी नदी पर पापनसाम योजना।
  4. पेरियार योजना तथा कुण्डा परियोजना।

(iii) महाराष्ट्र:

  1. टाटा जल विद्युत् योजना
  2. कोयना योजना
  3. ककरपारा योजना

(iv) उत्तर प्रदेश:
इस राज्य में ऊपरी गंगा नहर पर गंगा विद्युत् संगठन क्रम बनाया गया है। इस नहर पर 12 स्थानों पर जल प्रपात बनते हैं। इन सभी केन्द्रों से लगभग 23,800 किलोवाट विद्युत् उत्पन्न की जाती है।

(v) पंजाब:
पंजाब राज्य में भाखड़ा नंगल योजना तथा ब्यास योजना मुख्य जल-विद्युत् योजनाएं हैं।

  1. भाखड़ा नंगल परियोजना
  2. ब्यास परियोजना
  3. थीन योजना-रावी नदी पर।

(iv) अन्य प्रदेश:
1. हिमाचल प्रदेश:
इस राज्य की प्रमुख विद्युत् योजना मण्डी योजना है। ब्यास नदी की सहायक नदी उहल का जल 609 मीटर ऊंचाई से गिराकर जोगिन्दर नगर नामक स्थान पर जल-विद्युत् पर जल-विद्युत् उत्पन्न की जाती है। चमेरा योजना तथा बैरा सियोल योजना अन्य योजनाएं हैं।

2. जम्मू-कश्मीर:
जम्मू-कश्मीर में जेहलम नदी बारामूला विद्युत् तथा लिद्र नदी पर पहलगांव योजना महत्त्वपूर्ण है।

खनिज तथा ऊर्जा संसाधन JAC Class 12 Geography Notes

→ खनिज संसाधन (Mineral Resources): भारत खनिज पदार्थों में लगभग आत्मनिर्भर है।

→ खनिज भण्डार (Mineral Reserves): भारत में खनिजों के पर्याप्त भण्डार मिलते हैं।

→ खनिजों की संख्या (Number of Minerals): भारत में लगभग 100 खनिज पाए जाते हैं।

→ खनिजों का मूल्य (Value of Minerals): भारत में निकाले गए खनिजों का मूल्य 4.80 अरब रुपए है।

→ खनिजों का वितरण (Distribution of Minerals): भारत में अधिकतर खनिज दामोदर घाटी में पाए जाते हैं।

→ खनिज पेटियां (Mineral Belts): भारत में तीन खनिज पेटियां हैं-उत्तरी पूर्वी पठार, दक्षिण-पश्चिमी पठार, उत्तर-पश्चिमी प्रदेश।

→ ऊर्जा संसाधन (Energy Resources): भारत में कोयला, खनिज तेल, जलविद्युत् गैस तथा अणुशक्ति प्रमुख ऊर्जा संसाधन हैं।

→ अपारम्परिक ऊर्जा के स्रोत (Non-Conventional Sources of Energy): भारत में सौर ऊर्जा, पवन शक्ति, बायोगैस, ज्वारीय ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा प्रमुख स्रोत हैं।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 5 भूसंसाधन तथा कृषि

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 5 भूसंसाधन तथा कृषि Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 5 भूसंसाधन तथा कृषि

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. निम्न में से कौन-सा भू-उपयोग संवर्ग नहीं है?
(क) परती भूमि
(ग) निवल बोया क्षेत्र
(ख) सीमांत भूमि
(घ) कृषि योग्य व्यर्थ भूमि।
उत्तर:
(ख) सीमांत भूमि।

2. पिछले 40 वर्षों में वनों का अनुपात बढ़ने का निम्न में से कौन-सा कारण है?
(क) वनीकरण के विस्तृत व सक्षम प्रयास
(ख) सामुदायिक वनों के अधीन क्षेत्र में वृद्धि
(ग) वन बढ़ोत्तरी हेतु निर्धारित अधिसूचित क्षेत्र में वृद्धि
(घ) वन क्षेत्र प्रबन्धन में लोगों की बेहतर भागीदारी।
उत्तर;
(ग)वन बढ़ोत्तरी हेतु निर्धारित अधिसूचित क्षेत्र में वृद्धि।

3. निम्न में से कौन-सा सिंचित क्षेत्रों में भू-निम्नीकरण का मुख्य प्रकार है?
(क) अवनालिका अपरदन
(ग) मृदा लवणता
(ख) वायु अपरदन
(घ) भूमि पर सिल्ट का जमाव।
उत्तर:
(ग) मृदा लवणता।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 5 भूसंसाधन तथा कृषि

4. शुष्क कृषि में निम्न में से कौन-सी फसल नहीं बोई जाती?
(क) रागी
(ग) मूंगफली
(ख) ज्वार
(घ) गन्ना।
उत्तर;
(घ) गन्ना।

5. निम्न में से कौन-से देश में गेहूँ व चावल की अधिक उत्पादकता की किस्में विकसित की गई थीं?
(क) जापान तथा ऑस्ट्रेलिया
(ग) मैक्सिको तथा फिलीपींस
(ख) संयुक्त राज्य अमेरिका तथा जापान
(घ) मैक्सिको तथा सिंगापुर। उत्तर-मैक्सिको तथा फिलीपींस।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित पर लगभग 30 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
बंजर भूमि तथा कृषि योग्य व्यर्थ भूमि में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
मरुस्थली, रेतीली, पथरीली भूमि जिसे कृषि योग्य नहीं बनाया जा सकता, बंजर भूमि कहते हैं। जो भूमि जल तथा वायु अपरदन से व्यर्थ हो जाती है उसे भी बंजर भूमि कहते हैं। कृषि योग्य व्यर्थ भूमि वह भूमि है जो पिछले पांच वर्षों तक या अधिक समय तक परती या कृषि रहित है।

प्रश्न 2.
निबल बोया गया क्षेत्र तथा सकल बोया गया क्षेत्र में अन्तर बताओ।
उत्तर:
वह भूमि जिस पर फ़सलें उगाई व काटी जाती हैं वह निबल बोया गया क्षेत्र कहलाता है। सकल बोया गया क्षेत्र वह क्षेत्र है जिसमें एक बार से अधिक बोया गया क्षेत्र भी शामिल किया जाता है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 5 भूसंसाधन तथा कृषि

प्रश्न 3.
भारत जैसे देश में गहन कृषि नीति अपनाने की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:
प्रौद्योगिकी कृषि वर्ष में गहन भू-उपयोग से प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाती है। इससे सीमित भूमि में कुल उत्पादन बढ़ने के साथ श्रमिकों की मांग भी पर्याप्त रूप से बढ़ती है। भारत में भूमि की कमी तथा श्रम की अधिकता है। इसलिए फ़सलों की सघनता की आवश्यकता है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोज़गारी की समस्या को भी कम किया जा सके।

प्रश्न 4. शुष्क कृषि तथा आर्द्र कृषि में क्या अन्तर है?
उत्तर:
कृषि ऋतु में उपलब्ध आर्द्रता मात्रा के आधार पर दो वर्गों:\

  1. शुष्क भूमि कृषि तथा
  2. आर्द्र भूमि कृषि में बांटी जाती है।

भारत में शुष्क भूमि खेती मुख्यतः उन प्रदेशों तक सीमित है जहां वार्षिक वर्षा 75 सेंटीमीटर से कम है। इन क्षेत्रों में शुष्कता को सहने में सक्षम फ़सलें जैसे-रागी, बाजरा, मूंग, चना तथा ग्वार (चारा फसलें) आदि उगाई जाती हैं तथा इन क्षेत्रों में आर्द्रता संरक्षण तथा वर्षा जल के प्रयोग के अनेक विधियां अपनाई जाती हैं। आर्द्र कृषि क्षेत्रों में वर्षा ऋतु के अन्तर्गत वर्षा जल पौधों की ज़रूरत से अधिक होता है। ये प्रदेश बाढ़ तथा मृदा अपरदन का सामना करते हैं। इन क्षेत्रों में वे फसलें उगाई जाती हैं जिन्हें पानी की अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है, जैसेचावल, जूट, गन्ना आदि तथा ताजे पानी की जलकृषि भी की जाती है।

लघु उतरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
भारत में भू-संसाधनों की विभिन्न प्रकार की पर्यावरणीय समस्याएं कौन-सी हैं? इनका निर्णय कैसे किया जाए?
उत्तर:
भूमि संसाधनों का निम्नीकरण सिंचाई और कृषि विकास की दोषपूर्ण नीतियों से उत्पन्न हुई समस्याओं में से एक गम्भीर समस्या है।

  1. यह गम्भीर समस्या इसलिए है क्योंकि इससे मृदा उर्वरता क्षीण हो सकती है। यह समस्या विशेषकर सिंचित क्षेत्रों में भयावह है। कृषि भूमि का एक बड़ा भाग जलाक्रांतता, लवणता तथा मृदा क्षारता के कारण बंजर हो चुका है। अभी तक लवणता व क्षारता से लगभग 80 लाख हेक्टेयर भूमि कुप्रभावित हो चुकी है।
  2. देश की अन्य 70 लाख हेक्टेयर भूमि जलाक्रांतता के कारण अपनी उर्वरता खो चुकी है।
  3. कीटनाशक रसायनों के अत्यधिक प्रयोग से मृदा में ज़हरीले तत्त्वों का सांद्रण हो गया है।
  4. बहु-फ़सलीकरण के बढ़ोत्तरी से परती भूमि में कमी आई है। इससे भूमि में पुनः उर्वरता पाने की प्राकृतिक प्रक्रिया अवरुद्ध हुई है जैसे नाइट्रोजन यंत्रीकरण।
  5. जल तथा वायु द्वारा अपरदन भी गम्भीर रूप धारण कर गए हैं।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 5 भूसंसाधन तथा कृषि

प्रश्न 2.
भारत में स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् कृषि विकास की महत्त्वपूर्ण नीतियों का वर्णन करो।
उत्तर:
स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद सरकार का तात्कालिक उद्देश्य खाद्यान्नों का उत्पादन बढ़ाना था, जिसमें निम्न उपाय अपनाए गए:
1. व्यापारिक फ़सलों की जगह खाद्यान्नों का उगाया जाना।

2. कृषि गहनता को बढ़ाना, तथा

3. कृषि योग्य बंजर तथा परती भूमि को कृषि भूमि में परिवर्तित करना। प्रारम्भ में इस नीति से खाद्यान्नों का उत्पादन बढ़ा, लेकिन 1950 के दशक के अन्त तक कृषि उत्पादन स्थिर हो गया। इस समस्या से उभरने के लिए गहन कृषि जिला कार्यक्रम तथा गहन कृषि क्षेत्र कार्यक्रम प्रारम्भ किए गए। परन्तु 1960 के दशक के मध्य में लगातार दो अकालों से देश में अन्न संकट उत्पन्न हो गया। परिणामस्वरूप दूसरे देशों से खाद्यान्नों का आयात करना पड़ा।

 भूसंसाधन तथा कृषि JAC Class 12 Geography Notes

→ कृषि प्रधान देश (Agircultural Country): जिस देश की अर्थव्यवस्था में कृषि की महत्ति भूमिका होती है उसे कृषि प्रधान देश कहते हैं।

→ फसलों के प्रकार (Types of Crops):

  • खाद्यान्न (Food Grains): गेहूँ, चावल, मोटा अनाज।
  • पेय पदार्थ (Beverages): चाय तथा कहवा।
  • रेशेदार पदार्थ (Fibrecrops): कपास तथा पटसन।
  • तिलहन (Oil Seeds): मूंगफली, तिल, सरसों, अलसी।
  • कच्चे माल (Raw Materials): गन्ना, तम्बाकू, रबड़।

→ हरित क्रान्ति (Green Revolution): भारतीय कृषि को आधुनिकीकरण एवं आत्मनिर्भर बनाने की योजना को हरित क्रान्ति कहते हैं।

→ कृषि-असन्तुलन (Agricultural Inbalances): भारतीय कृषि के विकास में प्रादेशिक असन्तुलन है।

→ फसल ऋतुएं शस्य मौसम (Crop-Season): भारत में दो कृषि काल हैं-खरीफ़ तथा रबी।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 4 मानव बस्तियाँ Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. निम्नलिखित में से कौन-सा नगर नदी तट पर अवस्थित नहीं है?
(क) आगरा
(ग) पटना
(ख) भोपाल
(घ) कोलकाता।
उत्तर:
(ख) भोपाल।

2. भारत की जनगणना के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-सी एक विशेषता नगर की परिभाषा का अंग नहीं है?
(क) जनसंख्या घनत्व 400 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०
(ख) नगरपालिका, निगम का होना
(ग) 75% से अधिक जनसंख्या का प्राथमिक क्रियाओं संलग्न होना
(घ) जनसंख्या आकार 5000 व्यक्तियों से अधिक।
उत्तर:
(ग) 75% से अधिक जनसंख्या का प्राथमिक क्रियाओं में संलग्न होना।

3. निम्नलिखित में से किस पर्यावरण में परिक्षिप्त ग्रामीण बस्तियों की अपेक्षा नहीं की जा सकती?
(क) गंगा का जलोढ़ मैदान
(ख) राजस्थान के शुष्क और अर्ध-शुष्क प्रदेश
(ग) हिमालय की निचली घाटियां
(घ) उत्तर-पूर्व के वन और पहाड़ियां।
उत्तर:
(क) गंगा का जलोढ़ मैदान।

4. निम्नलिखित में से नगरों का कौन-सा वर्ग अपने पदानुक्रम के अनुसार क्रमबद्ध है?
(क) बृहत मुम्बई, बंगलौर, कोलकाता, चेन्नई
(ख) दिल्ली, बृहत मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता
(ग) कोलकाता, बृहत मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता
(घ) बृहत मुम्बई, कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई।
उत्तर:
(घ) बृहत मुम्बई, कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
गैरिसन नगर क्या होते हैं? इनका क्या कार्य होता है?
उत्तर:
गैरिसन (छावनी) नगर-इन नगरों का उदय गैरिसन नगरों के रूप में हुआ है, जैसे अम्बाला, जालन्धर, महू, बबीना, उधमपुर इत्यादि। इन नगरों में सैनिकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। उनके निवास के लिए बैरिकें बनाई जाती हैं।

प्रश्न 2.
किसी नगरीय संकुल की पहचान किस प्रकार की जाती है?
उत्तर:
एक नगरीय संकुल की पहचान उसके साथ संलग्न नगरीय बहिबर्द्ध से किया जाता है जिससे नगरीय संकुल के प्रसार की पहचान होती है।

प्रश्न 3.
मरुस्थली प्रदेशों में गांवों के अवस्थिति के कौन-से मुख्य कारक होते हैं?
उत्तर:
मरुस्थली प्रदेशों में जल का अभाव होता है। इसलिए जल संसाधनों के निकट गांव बसाए जाते हैं। सामाजिक दृष्टि से गांव के ज़मींदार का निवास केन्द्र में होता है जबकि बाहरी भाग में निम्न वर्ग के लोग रहते हैं।

प्रश्न 4.
महानगर क्या होते हैं? ये नगरीय संकुलों से किस प्रकार भिन्न होते हैं?
उत्तर:
10 लाख से 50 लाख तक की जनसंख्या वाले नगर को महानगर कहते हैं। नगरीय संकुल में कई महानगर होते हैं तथा जनसंख्या 50 लाख से अधिक होती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न ( Short Answer Type Questions) 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
विभिन्न प्रकार की ग्रामीण बस्तियों के लक्षणों की विवेचना कीजिए। विभिन्न भौतिक पर्यावरणों में बस्तियों के प्रारूपों के लिए उत्तरदायी कारक कौन-से हैं?
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों के चार प्रमुख प्रकार हैं

  • गुच्छित बस्तियां
  • अर्द्ध-गुच्छित बस्तियां
  • पल्लीकृत बस्तियां
  • परिक्षिप्त बस्तियां।

विभिन्न प्रकार की बस्तियों के लक्षण निम्नलिखित हैं
1. गुच्छित बस्तियां:
यह घरों का एक संकुलित समूह होता है, इस प्रकार के गांव में रहन-सहन क्षेत्र कृषि क्षेत्रों से अलग होता है। यह बस्तियां आयताकार, अरीय, रैखिक प्रतिरूप में मिलती हैं।

2. अर्द्ध:
गच्छित बस्तियां-ये बस्तियां किसी सीमित क्षेत्र में मिलती हैं। ये किसी बड़े संहत गांव के विखण्डन का परिणाम होती हैं। प्रायः ज़मींदार तथा प्रमुख समुदाय गांव के केन्द्रीय भाग में रहते हैं तथा समाज के निम्न वर्ग के लोग गांव के बाहरी भाग में रहते हैं।

3. पल्लीकृत बस्तियां:
जब किसी विशाल गांव का सामाजिक तथा जातीय आधार पर विखण्डन हो, तो बस्ती कई इकाइयों में बंट जाती हैं इसे पान्ना, पाढ़ा, पल्ली, नगला, ढाणी कहा जाता है।

4. परिक्षिप्त बस्तियां:
एकाकी बस्तियों को परिक्षिप्त बस्तियां कहते हैं। जंगलों में, पहाड़ियों की ढालों पर, खेतों पर आधारित विखण्डित बस्तियों को परिक्षिप्त बस्तियां कहते हैं।

बस्तियों के प्रारूपों के उत्तरदायी कारक:

  1. भू-भाग की प्रकृति
  2. ऊंचाई
  3. जलवायु
  4. जल की उपलब्धता

प्रश्न 2.
क्या एक प्रकार्य वाले नगर की कल्पना की जा सकती है। नगर बहु प्रकार्यात्मक क्यों हो जाते हैं?
उत्तर:
नगर आर्थिक विकास के केन्द्र होते हैं। वहां निवास स्थान उपलब्ध होता है। नगरों में विशेष सेवाएं प्राप्त होती हैं। नगर में एक विशेष कार्य की प्रधानता होती हैं जिसके लिए उसे जाना जाता है। जैसे शिक्षा नगर, खनन नगर आदि। परन्तु नगरों में एक से अधिक कार्य सम्पन्न किए जाते हैं। इसलिए एक प्रकार्य वाले ही नगर की कल्पना नहीं की जा सकती।

प्रत्येक नगर को कई सेवाओं तथा कार्यों का निष्पादन करना पड़ता है। लोगों को विभिन्न सेवाएं प्रदान करनी पड़ती हैं। इसलिए प्रत्येक नगर अनेक कार्य करता है। नगर के विभिन्न भाग विभिन्न कार्यों में सम्पन्न होते हैं। केन्द्रीय भाग मुख्य व्यापारिक केन्द्र होता है। इसलिए नगर बहु प्रकार्यात्मक बन जाते हैं।

मानव बस्तियाँ JAC Class 12 Geography Notes

→ भयाव मुख्य तथ्य मानव बस्तियाँ: मानव बस्तियां प्राय: संहत तथा बड़े आकार की होती हैं। नगरों के लोग अनेक प्रकार के गैरकृषि कार्य करते हैं।

→ नगरों का वर्गीकरण: नगर इतिहासवेत्ता भारतीय नगरों को तीन वर्गों में बांटते हैं

  1. प्राचीन नगर
  2. मध्यकालीन नगर
  3. आधुनिक नगर।

→ नगरीय जनसंख्या: सन् 2011 में भारत में कुल नगरीय जनसंख्या 37 करोड़ थी (31.2%)।

→ महानगर: भारत में 35 महानगर हैं, जिनकी जनसंख्या 10 लाख से अधिक है। बृहत मुम्बई भारत का सबसे बड़ा नगर है जिसकी जनसंख्या 164 लाख है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 3 मानव विकास

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JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 3 मानव विकास

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए-

1. मानव विकास सूचकांक (2011) के सन्दर्भ में विश्व के देशों में भारत की निम्नलिखित में से कौन-सी कोटि थी?
(क) 126
(ग) 128
(ख) 127
(घ) 134.
उत्तर:
(घ) 134.

2. मानव विकास सूचकांक में भारत के निम्नलिखित राज्यों से किस एक राज्य की कोटि उच्चतम है?
(क) तमिलनाडु
(ग) केरल
(ख) पंजाब
(घ) हरियाणा।
उत्तर:
(ग) केरल।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 3 मानव विकास

3. भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में स्त्री साक्षरता निम्नतम है?
(क) जम्मू और कश्मीर
(ग) झारखण्ड
(ख) अरुणाचल प्रदेश
(घ) बिहार।
उत्तर:
(घ) बिहार।

4. भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में 0-6 आयु वर्ग के बच्चों में लिंग अनुपात निम्नतम है?
(क) गुजरात
(ग) पंजाब
(ख) हरियाणा
(घ) हिमाचल प्रदेश।
उत्तर;
(ख) हरियाणा।

5. भारत के निम्नलिखित केन्द्र-शासित प्रदेशों में से किस एक की साक्षरता दर उच्चतम है?
(क) लक्षद्वीप
(ग) दमन और दीव
(ख) चण्डीगढ़
(घ) अण्डमान और निकोबार द्वीप।
उत्तर:
(क) लक्षद्वीप

अति लघु आरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
मानव विकास को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास, स्वस्थ भौतिक पर्यावरण से लेकर आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्वतन्त्रता तक सभी प्रकार के मानव विकल्पों को सम्मिलित करते हुए लोगों के विकल्पों में विस्तार और उनके शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तथा सशक्तिकरण के अवसरों में वृद्धि की प्रक्रिया है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 3 मानव विकास

प्रश्न 2.
उत्तरी भारत के अधिकांश राज्यों में मानव विकास के निम्न स्तरों के दो कारण बताइए।
उत्तर:
उत्तरी भारत के राज्यों में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, असम आदि में मानव विकास सूचकांक 0.5 से कम है। इन राज्यों में प्रति व्यक्ति आय 2000 रु० से प्रतिवर्ष से कम है। यहां उपभोग की वस्तुओं पर व्यय भी अधिक है। यह व्यय 520 रु० प्रति व्यक्ति प्रति माह है। यहां बेरोज़गारी जैसी आर्थिक समस्याएं निम्न स्तर के विकास का कारण है।

प्रश्न 3.
भारत के बच्चों में घटते लिंगानुपात के दो कारण बताओ।
उत्तर:
भारत में मुख्यतः स्त्री लिंगानुपात लगातार घट रहा है। 0-6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों में प्रति हज़ार लिंगानुपात घट रहा है। यह दर 800 बालिकाओं का प्रति हज़ार से नीचे है। इसके लिए सामाजिक दृष्टिकोण उत्तरदायी है। इसके लिए लिंग निर्धारण की वैज्ञानिक विधियां भी उत्तरदायी हैं। समाज में पुरुषों को अधिक महत्त्व है। इसलिए स्त्रियों की स्वास्थ्य तथा शिक्षा की उपेक्षा की जाती है।

लघुउचरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
भारत में 2001 के स्त्री साक्षरता के स्थानिक प्रारूपों की विवेचना कीजिए और इसके लिए उत्तरदायी कारणों को समझाइए।
उत्तर:
भारत के राज्यों में स्त्री साक्षरता दर में व्यापक प्रादेशिक असमानता पाई जाती है भारत में औसत स्त्री साक्षरता दर 74% है जो काफ़ी कम है।
1. उच्च स्त्री साक्षरता दर वाले प्रदेश–केरल राज्य में सर्वाधिक स्त्री साक्षरता दर 87.86% है। अन्य राज्य है मिज़ोरम (86.13%), लक्षद्वीप (81.56), गोवा (75.51%), चण्डीगढ़ (76.65%), अण्डमान निकोबार (75.29%)।

2. मध्य साक्षरता वाले राज्य (60%-75% तक)-पश्चिम बंगाल, उत्तराखण्ड, त्रिपुरा, सिक्किम, पंजाब पांडिचेरी, नागालैण्ड, मेघालय, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश।

3. निम्न साक्षरता दर वाले राज्य (60% से कम)-सबसे कम साक्षरता दर बिहार (33.57%) है। अन्य राज्य हैं आन्ध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दादरा, नगर हवेली, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, उड़ीसा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश। स्पष्ट है कि दक्षिणी भारत के राज्यों में महिला साक्षरता राष्ट्रीय औसत से ऊंची है। ये भिन्नताएं कई कारणों से हैंग्रामीण क्षेत्रों में, स्त्रियों में, अनुसूचित जातियों में, अनुसूचित जन-जातियों में, कृषि मजदूरों में साक्षरता दर कम है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 3 मानव विकास

प्रश्न 2.
भारत 15 प्रमुख राज्यों में मानव विकास के स्तरों में किन कारकों से स्थानिक भिन्नता उत्पन्न की है?
उत्तर:
भारत विश्व के 172 देशों में मानव विकास में 126वें स्थान पर है। इसके मूल्य के आधार पर यह मध्यम वर्ग के देशों में है। भारत में केरल राज्य में (0.638) सूचकांक मूल्य सर्वाधिक है। अन्य राज्यों में मूल्य निम्नलिखित हैं पंजाब (0.537), तमिलनाडु (0.531), महाराष्ट्र (0.523), हरियाणा (0.509)। इन राज्यों के विपरीत कम मूल्य वाले राज्य हैं बिहार (0.367), असम (0.386), उत्तर प्रदेश (0.388), मध्य प्रदेश (0.394), उड़ीसा (0.404)। इन विभिन्नताओं के लिए कई सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक कारक उत्तरदायी हैं।

  1. अधिक मानव सूचकांक मूल्य वाले राज्यों में साक्षरता दर अधिक है। जबकि मध्य भारत में बिहार, मध्य प्रदेश, उड़ीसा में कम साक्षरता दर के कारण मानव सूचकांक मूल्य कम है।
  2. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा में आर्थिक विकास के कारण मानव सूचकांक मूल्य अधिक है जबकि असम, बिहार आदि राज्यों में कम आर्थिक विकास के कारण मानव सूचकांक मूल्य कम है।

 मानव विकास  JAC Class 12 Geography Notes

→ मानव विकास: लोगों के कल्याण के लिए लोगों के विकल्पों को अधिक करने की क्रिया को मानव विकास कहते हैं।

→ मानव विकास सूचकांक का उद्देश्य: लोगों का कल्याण तथा जीवन स्तर ऊंचा करना।

→ मानव विकास सूचकांक के संकेतक: HDI में निम्नलिखित संकेतक चुने जाते हैं-दीर्घ और स्वस्थ जीवन, शिक्षा, उच्च जीवन स्तर, साक्षरता, प्रति व्यक्ति आय।

→ भारत का मानव विकास सूचकांक; विश्व के 172 देशों में भारत का 130वां स्थान (2018) है।

→ जनांकिकीय संकेतक: भारत में मृत्यु दर 8.7 प्रति एक हजार व्यक्ति, जन्म दर 26.1 प्रति एक हज़ार व्यक्ति, शिशु दर 70 प्रति हज़ार तथा जीवन प्रत्याशा 65 वर्ष है।

→ सामाजिक संकेतक: साक्षरता दर (74%) है जबकि केरल राज्य में 90.92% है।

→ आर्थिक संकेतक: 1999-2000 में GDP 3200 करोड़ रुपए थी। प्रति व्यक्ति आय 20813 रुपए थी। निर्धनता दर 26.10% थी।

→ सबसे अधिक मानव विकास सूचकांक; केरल राज्य में सबसे अधिक मानव सूचकांक 0.638 था जबकि बिहार में सबसे कम 0.367 था।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

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JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए।

1. निम्नलिखित में से कौन-सा भारत में पुरुष प्रवास का मुख्य कारण है?
(क) शिक्षा
(ग) काम और रोज़गार
(ख) व्यवसाय
(घ) विवाह।
उत्तर:
(ग) काम और रोज़गार।

2. निम्नलिखित में से किस राज्य में सर्वाधिक संख्या में अप्रवासी आते हैं?
(क) उत्तर प्रदेश
(ग) महाराष्ट्र
(ख) दिल्ली
(घ) बिहार।
उत्तर:
(ग) महाराष्ट्र।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

3. भारत में प्रवास की निम्नलिखित धाराओं में से कौन-सी एक धारा पुरुष प्रधान है?
(क) ग्रामीण से ग्रामीण
(ग) ग्रामीण से नगरीय
(ख) नगरीय से ग्रामीण
(घ) नगरीय से नगरीय।
उत्तर:
(ग) ग्रामीण से नगरीय

4. निम्नलिखित में से किस नगरीय समूहन में प्रवासी जनसंख्या का अंश सर्वाधिक है?
(क) मुंबई नगरीय समूहन
(ग) बंगलौर नगरीय समूहन
(ख) दिल्ली नगरीय समूहन
(घ) चेन्नई नगरीय समूहन।
उत्तर:
(क) मुंबई नगरीय समूहन।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
जीवन पर्यंत प्रवासी और पिछले निवास के अनुसार प्रवासी में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जनगणना में दो तत्त्वों की जानकारी पर आधारित जीवन पर्यंत प्रवासी और प्रवासी में अन्तर पाया जाता है। ये दो तथ्य हैं

  1. जन्म स्थान व जनगणना का स्थान। यदि जन्म का स्थान जनगणना के स्थान से भिन्न है तो उसे जीवन पर्यंत प्रवासी कहते हैं।
  2. यदि निवास का पिछला स्थान जनगणना के स्थान से भिन्न है तो इसे प्रवासी कहते हैं।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

प्रश्न 2.
पुरुष/स्त्री वरणात्मक प्रवास के मुख्य कारण की पहचान कीजिए।
उत्तर:
स्त्री प्रवास का मुख्य कारण विवाह है। विवाह के पश्चात् स्त्रियों को दूसरे स्थान पर निवास करना पड़ता है। पुरुष प्रवास का मुख्य कारण आर्थिक है। काम व रोजगार की तलाश में पुरुष नगरों को प्रवास करते हैं।

प्रश्न 3.
उद्गम और गंतव्य स्थान की आयु एवं लिंग संरचना पर ग्रामीण नगरीय प्रवास का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
ग्रामीण-नगरीय प्रवास से आयु व लिंग संरचना में असन्तुलन उत्पन्न हो जाता है। उद्गम स्थान पर लिंगानुपात बढ़ जाता है तथा युवा वर्ग कम हो जाता है। इसके विपरीत गंतव्य स्थान पर लिंगानुपात कम हो जाता है तथा युवा वर्ग का अनुपात बढ़ जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
भारत में अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास के कारणों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
1. भारत में बहुत बड़ी संख्या में लोग बेहतर अवसरों की तलाश में विभिन्न विदेशों के मध्यपूर्व, पश्चिमी यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी और दक्षिणी पूर्वी एशिया में प्रवास करते हैं। उपनिवेश काल में अंग्रेज़ों द्वारा मॉरीशस, पश्चिमी द्वीप समूह, फ़िजी, दक्षिणी अफ्रीका, फ्रांसीसी तथा डच लोगों, पुर्तगालियों द्वारा गोवा, दमन-दीव से अंगोला आदि देशों में रोपण कृषि के काम करने के लिए श्रमिकों को भेजा जाता रहा।

2. इसके पश्चात् व्यवसायियों, शिल्पियों, व्यापारियों के रूप में थाइलैण्ड, मलेशिया, सिंगापुर, ब्रुनई में भारत से अर्द्ध कुशल-कुशल श्रमिकों का प्रवास होता रहा।

3. 1960 के बाद भारत से सॉफ्टवेयर अभियंताओं, प्रबन्धकों, वित्तीय विशेषज्ञों आदि का संयुक्त राज्य, कनाडा, यू० के०, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी में प्रवास होता रहा है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 2 प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

प्रश्न 2.
प्रवास के सामाजिक, जनांकिकीय परिणाम क्या-क्या हैं?
उत्तर:

  • जनांकिकीय परिणाम-प्रवास से आयु-लिंगानुपात में असन्तुलन उत्पन्न होता है।
    1. नगरों में लिंगानुपात घट जाता है तथा युवा वर्ग श्रमिकों का अनुपात बढ़ जाता है।
    2. ग्रामीण क्षेत्रों में लिंगानुपात बढ़ जाता है तथा कुशल युवा श्रमिकों का अनुपात घट जाता है।
  • सामाजिक परिणाम
    1. नवीन प्रौद्योगिकी, परिवार नियोजन, बालिका शिक्षा आदि नए विचारों का ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसार होता है।
    2. विविध संस्कृतियों का अंतमिश्रण होता है।
    3. प्रवास लोगों को अपराध और औषध दुरुपयोग जैसी असामाजिक क्रियाओं में फंसा देता है।

प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम JAC Class 12 Geography Notes

→ प्रवास (Migration): अपने मूल स्थान से दूसरी जगह जाकर बसना प्रवास कहलाता है।

→ प्रवासियों की संख्या (Number of Migrants): 30.3 करोड़ (30 प्रतिशत) (जन्म स्थान के अनुसार)

→ प्रवास की धाराएं (Streams of Migration):

  • ग्रामीण से ग्रामीण
  • ग्रामीण से नगरीय
  • नगरीय से नगरीय
  • नगरीय से ग्रामीण।

→ बांग्लादेश से प्रवासी (Immigrants from Bangladesh): 30 lakhs

→ महाराष्ट्र: राज्य में प्रवासियों की संख्या सबसे अधिक है।

→ उत्तर प्रदेश: राज्य में उत्प्रवासियों की संख्या सर्वाधिक है।

→ प्रवास के कारण (Causes of Migration): प्रतिकर्ष कारक तथा अपकर्ष कारक।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 6 जल संसाधन

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JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 6 जल संसाधन

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 6 जल संसाधन

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. निम्नलिखित में से जल किस प्रकार का संसाधन है?
(क) अजैव संसाधन
(ग) जैव संसाधन
(ख) अनवीकरणीय संसाधन
(घ) चक्रीय संसाधन।
उत्तर:
(घ) चक्रीय संसाधन।

2. निम्नलिखित नदियों में से, देश में किस नदी में सबसे ज्यादा पुनः पूर्तियोग्य भौम जल संसाधन है?
(क) सिंधु
(ग) गंगा
(ख) ब्रह्मपुत्र
(घ) गोदावरी।
उत्तर;
(ग) गंगा।

3. घन कि० मी० में दी गई निम्नलिखित संख्याओं में से कौन-सी संख्या भारत में कुल वार्षिक वर्षा दर्शाती है?
(क) 2,000
(ख) 3,000
(ग) 4,000
(घ) 5,000.
उत्तर:
(ग) 4,000.

4. निम्नलिखित दक्षिण भारतीय राज्यों में से किस राज्य में भौम जल उपयोग (% में) इसके कुल भौम जल संभाव्य से ज्यादा है?
(क) तमिलनाडु
(ग) आंध्र प्रदेश
(ख) कर्नाटक
(घ) केरल।
उत्तर:
(क) तमिलनाडु।

5. देश में प्रयुक्त कुल जल का सबसे अधिक समानुपात निम्नलिखित सेक्टरों में से किस सेक्टर में है?
(क) सिंचाई
(ग) घरेलू उपयोग
(ख) उद्योग
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर;
(क) सिंचाई।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें

प्रश्न 1.
यह कहा जाता है कि भारत में जल संसाधनों में तेजी से कमी आ रही है। जल संसाधनों की कमी के लिए उत्तरदायी कारकों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारत में जल-संसाधनों की तेजी से कमी आ रही है। इसके निम्नलिखित कारण हैं

  1. जल की प्रति व्यक्ति उपलब्धता कम हो रही है।
  2. जनसंख्या बढ़ने से जल का उपयोग बढ़ रहा है।
  3. जल संसाधन औद्योगिक क्षेत्र के तेजी से प्रयोग हो रहे हैं।
  4. कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए जल सिंचाई आवश्यक है।
  5. जल प्रदूषण कई कारणों से बढ़ रहा है। इसलिए उपयोगी जल संसाधनों की उपलब्धता सीमित हो रही है।

प्रश्न 2.
पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में सबसे अधिक भौम जल विकास के लिए कौन-से कारक उत्तरदायी हैं?
उत्तर:
पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु में कृषि विकास के कारण भौम जल विकास अधिक है। यहां गेहूं, चावल की फ़सलों की सिंचाई आवश्यक है। यहां हरित-क्रान्ति के कारण भी भौम जल का अधिक प्रयोग किया जाता है। यहां कुल निवल क्षेत्र का 75% भाग सिंचित है।

प्रश्न 3.
देश में कुल उपयोग किए गए जल में कृषि क्षेत्र का हिस्सा कम होने की सम्भावना क्यों है?
उत्तर:
भविष्य में उद्योगों तथा घरेलू सेक्टर में जल के उपयोग बढ़ने के कृषि क्षेत्र का हिस्सा कम होने की सम्भावना है।

प्रश्न 4.
लोगों पर संदूषित जल/गन्दे पानी के उपभोग के क्या सम्भव प्रभाव हो सकते हैं?
उत्तर:
संदूषित जल के कारण सामान्य रूप से उत्पन्न होने वाली बीमारियां ये हैं-अतिसार, रोहा, आंतों के कृमि, पीलिया आदि। विश्व बैंक और विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारत में एक-चौथाई संक्रामक रोग जल से पैदा होते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें

प्रश्न 1.
देश में जल संसाधनों की उपलब्धता की विवेचना कीजिए और इसके स्थानिक वितरण के लिए उत्तरदायी निर्धारित करने वाले कारक बताइए।
उत्तर:
जल संसाधन की उपलब्धता-धरातलीय जल के चार मुख्य स्रोत हैं-नदियां, झीलें, तलैया और तालाब।

  1. देश में कुल नदियों तथा उन सहायक नदियों, जिनकी लम्बाई 1.6 कि० मी० से अधिक है, को मिलाकर 10,360 नदियां हैं।
  2. भारत में सभी नदी बेसिनों में औसत वार्षिक प्रवाह 1,869 घन कि० मी० होने का अनुमान किया गया है।
  3. फिर भी स्थलाकृतिक, जलीय और अन्य दबावों के कारण प्राप्त धरातलीय जल का केवल लगभग 690 घन कि० मी० (32%) जल का ही उपयोग किया जा सकता है।

स्थानिक वितरण के कारक:

  1. वर्षा-नदी में जल प्रवाह इसके जल ग्रहण क्षेत्र के आकार अथवा नदी बेसिन और इस जल ग्रहण क्षेत्र में हुई वर्षा पर निर्भर करता है।
  2. भारत में वर्षा में अत्यधिक स्थानिक विभिन्नता पाई जाती है और वर्षा मुख्य रूप से मानसूनी मौसम संकेन्द्रित है।
  3. नदियां-भारत में कुछ नदियां, जैसे-गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु के जल ग्रहण क्षेत्र बहुत बड़े हैं। गंगा, ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में वर्षा अपेक्षाकृत अधिक होती है। ये नदियाँ यद्यपि देश के कुल क्षेत्र के लगभग एक-तिहाई भाग पर पाई जाती हैं जिनमें कुल धरातलीय जल संसाधनों का 60 प्रतिशत जल पाया जाता है।
  4. मौसमी नदियां-दक्षिणी भारतीय नदियों, जैसे-गोदावरी, कृष्णा और कावेरी में वार्षिक जल प्रवाह का अधिकतर भाग काम में लाया जाता है लेकिन ऐसा ब्रह्मपुत्र और गंगा बेसिनों में अभी भी सम्भव नहीं हो सका है।

प्रश्न 2.
जल संसाधनों का ह्रास सामाजिक द्वन्द्वों और विवादों को जन्म देते हैं। इसे उपयुक्त उदाहरणों सहित समझाइए।
उत्तर:
जल एक प्राकृतिक व नवीकरण संसाधन है। किसी देश की आर्थिकता में एक महत्त्वपूर्ण संसाधन है। जलसंसाधन दिन-प्रतिदिन कम हो रहे हैं। इनके आबंटन व नियन्त्रण पर कई प्रकार के द्वन्द्व तथा विवाद उठ खड़े हुए हैं। कई राज्यों के बीच यह एक विचार तथा तनाव का विषय है जैसे

  1. पंजाब, हरियाणा, हिमाचल की नदियों के जल का बंटवारा एक राजनीतिक विवाद बन गया है।
  2. कर्नाटक व तमिलनाडु के बीच कावेरी नदी का जल एक लम्बे समय से विवाद विषय है।
  3. नर्मदा बेसिन का जल प्रवाह महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात के बीच विवाद का विषय है।

प्रश्न 3.
जल-संभर प्रबन्धन क्या है ? क्या आप सोचते हैं कि यह सतत् पोषणीय विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है ?
उत्तर:
जल संभर प्रबंधन-जल संभर प्रबन्धन से तात्पर्य, मुख्य रूप से, धरातलीय और भौम जल संसाधनों के दक्ष प्रबन्धन से है।
विधियां (Methods): इसके अन्तर्गत बहते जल को रोकना और विभिन्न विधियों, जैसे-अंत: स्रवण, तालाब, पुनर्भरण, कुओं आदि के द्वारा भौम जल का संचयन और पुनर्भरण शामिल हैं।

उद्देश्य: विस्तृत अर्थ में जल संभर प्रबन्धन के अन्तर्गत सभी संसाधनों-प्राकृतिक जैसे-भूमि, जल, पौधे और प्राणियों) और जल संभर सहित मानवीय संसाधनों के संरक्षण, पुनरुत्पादन और विवेकपूर्ण उपयोग को सम्मिलित किया जाता है। जल संभर प्रबन्धन का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों और समाज के बीच सन्तुलन लाना है। जल-संभर व्यवस्था की सफलता मुख्य रूप से सम्प्रदाय के सहयोग पर निर्भर करती है।

कार्यक्रम: केन्द्रीय और राज्य सरकारों ने देश में बहुत-से जल-संभर विकास और प्रबन्धन कार्यक्रम चलाए हैं। इनमें से कुछ गैर सरकारी संगठनों द्वारा भी चलाए जा रहे हैं।
1. ‘हरियाली’ केन्द्र सरकार द्वारा प्रवर्तित जल-संभर विकास परियोजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण जनसंख्या को पीने, सिंचाई, मत्स्य पालन और वन रोपण के लिए जल संरक्षण के लिए योग्य बनाना है। परियोजना लोगों के सहयोग से ग्राम पंचायतों द्वारा निष्पादित की जा रही है।

2. नीरू-मीरू (जल और आप) कार्यक्रम (आन्ध्र प्रदेश में) और

3. अरवारी पानी संसद् (अलवर राजस्थान में) के अन्तर्गत लोगों के सहयोग से विभिन्न जल संग्रहण संरचनाएँ जैसे-अन्तः स्रवण तालाब ताल (जोहड़) की खुदाई की गई है और रोक बांध बनाए गए हैं। तमिलनाडु में घरों में जल संग्रहण संरचना को बनाना आवश्यक कर दिया गया है। किसी भी इमारत का निर्माण बिना जल संग्रहण संरचना बनाए नहीं किया जा सकता है।

4. सतत्पोषणीय विकास: कुछ क्षेत्रों में जल-संभर विकास परियोजनाएं पर्यावरण और अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करने में सफल हुई हैं। फिर भी सफलता कुछ की ही कहानियां हैं। अधिकांश घटनाओं में, कार्यक्रम अपनी उदीयमान अवस्था पर ही हैं। देश में लोगों के बीच जल संभर विकास और प्रबन्धन के लाभों को बताकर जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता है और इस एकीकृत जल संसाधन प्रबन्धन उपागम द्वारा जल उपलब्धता सतत् पोषणीय आधार पर निश्चित रूप से की जा सकती है।

जल संसाधन JAC Class 12 Geography Notes

→ जल संसाधन (Water Resources): जल एक राष्ट्रीय संसाधन है।

→ जल के प्रमुख स्रोत (Sources of Water): पृष्ठीय जल, भौम जल, वायुमण्डलीय जल और महासागरीय जल।

→ औसत वार्षिक जल प्रवाह (Mean Annual Flow): 1869 अरब घन मीटर।

→ भौम जल क्षमता (Ground Water): 433.9 अरब घन मीटर।

→ जल सिंचित क्षेत्र (Irrigated Area): 8.47 करोड़ हेक्टेयर।

→ नहरों द्वारा सिंचाई (Canal Irrigation): 39.9 प्रतिशत क्षेत्र।

→ जलविद्युत् उत्पादन (Hydro Electric Power): 84,000 मैगावाट।

→ जल प्रदूषण (Water Pollution): एक गम्भीर समस्या।

→ वर्षा जल संग्रहण (Rain Water Harvesting): भौम जल के पुनर्भरण की तकनीक।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 1 मानव भूगोल – प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 1 कबीर की साखी Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 1 मानव भूगोल – प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

प्रश्न 1.
1. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक भूगोल का वर्णन नहीं करता ?
(क) समाकलनात्मक अनुशासन
(ख) मानव और पर्यावरण के बीच अन्तर-सम्बन्धों का अध्ययन
(ग) द्वैधता पर आश्रित
(घ) प्रौद्योगिकी के विकास के फलस्वरूप आधुनिक समय में प्रासंगिक नहीं।
उत्तर:
(घ) प्रौद्योगिकी के विकास के फलस्वरूप आधुनिक समय में प्रासंगिक नहीं।

2. निम्नलिखित में से कौन-सा एक भौगोलिक सूचना का स्रोत नहीं है?
(क) यात्रियों के विवरण |
(ख) प्राचीन मानचित्र
(ग) चन्द्रमा से चट्टानी पदार्थों के नमूने
(घ) प्राचीन महाकाव्य।
उत्तर:
(घ) प्राचीन महाकाव्य।

3. निम्नलिखित में कौन-सा एक लोगों और पर्यावरण के बीच अन्योन्यक्रिया का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक है?
(क) मानव बुद्धिमत्ता
(ख) प्रौद्योगिकी
(ग) लोगों के अनुभव
(घ) मानवीय भाईचारा।
उत्तर:
(क) मानव बुद्धिमत्ता।

4. निम्नलिखित में से कौन-सा एक मानव भूगोल का उपागम नहीं है?
(क) क्षेत्रीय विभिन्नता
(ख) मात्रात्मक क्रान्ति
(ग) स्थानिक संगठन
(ग) अन्वेषण और वर्णन।
उत्तर:
(घ) अन्वेषण और वर्णन।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 1 मानव भूगोल - प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

अति लघु उत्तरीय प्रश्न| (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
(i) मानव भूगोल को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
रैटजेल के अनुसार, “मानव भूगोल मानव समाजों और धरातल के बीच सम्बन्धों का संश्लेषित अध्ययन है।” मानव भूगोल भौगोलिक वातावरण और मानवीय क्रियाओं के अन्तर्सम्बन्धों तथा विभिन्नताओं का अध्ययन है।

(ii) मानव भूगोल के कुछ उपक्षेत्रों के नाम बताइए।
उत्तर:
मानव भूगोल के निम्नलिखित उपक्षेत्र हैं

  1. सांस्कृतिक भूगोल
  2. सामाजिक भूगोल
  3. नगरीय भूगोल
  4. राजनीतिक भूगोल
  5. जनसंख्या भूगोल
  6. आवास भूगोल
  7. आर्थिक भूगोल।

(iii) मानव भूगोल किस प्रकार अन्य सामाजिक विज्ञान से सम्बन्धित है ?
उत्तर:
मानव भूगोल की प्रकृति अत्यधिक अन्तर्विषयक (interdisciplinary) है। पृथ्वी तल पर पाए जाने वाले मानवीय तत्त्वों को समझने व उनकी व्याख्या करने के लिए मानव भूगोल सामाजिक विज्ञानों के सहयोगी विषयों के साथ घनिष्ठ अन्तरापृष्ठ विकसित करती है। ज्ञान के विस्तार के साथ नए उपक्षेत्रों का विकास होता है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 1 मानव भूगोल - प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
(i) मानव के प्राकृतीकरण की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
आरम्भिक अवस्था में मनुष्य पर पर्यावरण की बंदिशें महत्त्वपूर्ण थीं। मानव पर्यावरण से अत्यधिक प्रभावित था। मानव ने प्रकृति के आदेशों के अनुसार अपने आप को ढाल लिया। मानव की सामाजिक अवस्था भी आदिम थी। मानव प्रकृति का दास था। मानव का प्राकृतीकरण हो रहा था। इसे पर्यावरणीय निश्चयवाद का नाम दिया गया। उदाहरण उदाहरण के तौर पर बेदा भारत का आबूझझमाड़ वनों में रहता है जो मध्य भारत में है। वह एक छोटी लंगोटी पहने, हाथ में एक कुल्हाड़ी लिए फिरता रहता है।

उसका कबीला कृषि का आदिम रूप स्थानान्तरी कृषि करता है। वह वनों के छोटे-छोटे टुकड़े कृषि के लिए साफ़ करता है। वह नदी से जल प्राप्त करता है। वह गुदेदार पत्तों और कन्दमूल को चबाता है। उपरोक्त उदाहरण एक कबीले का प्रकृति के साथ सम्बन्ध प्रकट करता है। इस प्रकरण में प्रकृति एक शक्तिशाली बल, पूज्य, सत्कार योग्य तथा संरक्षित है। मानव प्राकृतिक संसाधनों पर प्रत्यक्ष रूप से निर्भर है। ऐसे समाजों के लिए भौतिक पर्यावरण ‘माता-प्रकृति’ का रूप धारण करता है।

(ii) मानव भूगोल के विषय क्षेत्र का वर्णन करो।
उत्तर:
मानव भूगोल की प्रकृति (Nature of Human Geography): मानव भूगोल की प्रकृति का उद्देश्य पृथ्वी पर विभिन्नताओं के बीच रहने वाले मानव जीवन को समझना है। ये अन्तर भौगोलिक वातावरण के कारण मिलते हैं। मानव और भौतिक वातावरण का सम्बन्ध सांस्कृतिक वातावरण को जन्म देता है।

मानव भूगोल के अध्ययन क्षेत्र के पांच प्रमुख अंग (Five aspects of the Scope of Human Geography)
1. फिंच और ट्रिवार्था के अनुसार मानव और उसकी संस्कृति ही मानव भूगोल का विषय क्षेत्र है।

2. इस सम्बन्ध में मानव भूगोल जनसंख्या, प्राकृतिक संसाधनों, सांस्कृतिक तथा कार्यात्मक सम्बन्धों का अध्ययन करता है।

3. मानव भूगोल का उद्देश्य एवं प्रकृति के सम्बन्ध में प्रो० ब्लाश का यह कथन है, “पृथ्वी पर मनुष्य का प्रभाव और उसके व्यवसायों का अध्ययन ही मानव भूगोल है।”मानव भूगोल संसाधनों के उपयोग द्वारा व्यवसायों की आर्थिक संरचनाओं (Economic structures), उद्योगों, परिवहन, संचार साधन तथा मानवीय बस्तियों के वितरण का अध्ययन करता है।

4. मानव भूगोल का अध्ययन मानवीय पारिस्थितिकी (Human Ecology) का व्यापक अध्ययन है। मानव भूगोल में प्राकृतिक वातावरण का मानवीय जीवन और उसकी क्रियाओं पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाता है। पृथ्वी के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले मानव समूहों के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का अध्ययन किया जाता है कि मानव किस प्रकार वातावरण-समायोजन तथा प्रादेशिक व्यवस्थापन द्वारा क्षेत्रीय संगठन करता है।

5. मानव एक सक्रिय भौगोलिक कारक है, परन्तु यह वातावरण का अंग नहीं। मानव की स्थिति केन्द्रीय है। मानव अपने प्राकृतिक वातावरण में परिवर्तन करके सांस्कृतिक भूदृश्य का निर्माण करता है। इस प्रकार मानव भूगोल प्राकृतिक वातावरण की शक्तियों जैसे सौर शक्ति, गुरुत्व तथा सौर प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है। इसी प्रकार मानव भूगोल में सांस्कृतिक वातावरण की शक्तियों का भी अध्ययन किया जाता है। इस प्रकार आर्थिक, जनसांख्यिकीय, ऐतिहासिक विज्ञानों के लिए मानव भूगोल का ज्ञान आवश्यक है।

मानव भूगोल : प्रकृति एवं विषय क्षेत्र JAC Class 12 Geography Notes

→ मानव (Man): मानव वातावरण का क्रियाशील कार्यकर्ता है।

→ वातावरण (Environment): भूतल पर भौगोलिक दशाओं के समूह (Set of Surroundings) को वातावरण कहते हैं।

→ मानव भूगोल (Human Geography): मानव भूगोल, पृथ्वी और मानव के पारस्परिक सम्बन्धों का कारण एवं प्रभावात्मक अध्ययन है।

→ मानव पारिस्थितिकी (Human Ecology): मानव के आस-पास के पर्यावरण का मानव पर प्रभाव के रूप में अध्ययन ही मानव-पारिस्थितिकी कहलाता है। मानव भूगोल मुख्यतः मानव पारिस्थितिकी है।

→ विभिन्न भूगोल वेत्ता (Different Geographers): मानव भूगोल का अध्ययन निम्नलिखित भूगोल वेत्ताओं ने किया हैरैट्ज़ेल, कुमारी सेम्पुल, विडाल डी लॉ ब्लॉश, जीन बूंज, एल्सवर्थ हंटिंगटन, डेविस आदि।

→ मानव भूगोल की प्रकृति (Nature of Human Geography): मानव भूगोल का उद्देश्य प्रकृति में मानव जीवन की विभिन्नताओं को समझना है।

→ मानव भूगोल का अध्ययन क्षेत्र (Scope of Human Geography):

  • सांस्कृतिक भूदृश्य का अध्ययन,
  • संसाधन उपयोग,
  • वातावरण समायोजन।

→ मानव भूगोल की शाखाएं (Branches of Human Geography):

  • सांस्कृतिक भूगोल
  • आर्थिक भूगोल
  • सामाजिक भूगोल
  • जनसंख्या भूगोल
  • ऐतिहासिक भूगोल
  • राजनीतिक भूगोल
  • बस्ती भूगोल आदि।

JAC Class 12 Geography Important Questions in Hindi & English Jharkhand Board

JAC Jharkhand Board Class 12th Geography Important Questions in Hindi & English Medium

JAC Board Class 12th Geography Important Questions in Hindi Medium

Jharkhand Board Class 12th Geography Important Questions: मानव भूगोल के मूल सिद्धान्त

Jharkhand Board Class 12th Geography Important Questions: भारत : लोग और अर्थव्यवस्था

JAC Board Class 12th Geography Important Questions in English Medium

JAC Board Class 12th Geography Important Questions: Fundamentals of Human Geography

  • Chapter 1 Human Geography : Nature and Scope Important Questions
  • Chapter 2 The World Population : Distribution, Density and Growth Important Questions
  • Chapter 3 Population Composition Important Questions
  • Chapter 4 Human Development Important Questions
  • Chapter 5 Primary Activities Important Questions
  • Chapter 6 Secondary Activities Important Questions
  • Chapter 7 Tertiary and Quaternary Activities Important Questions
  • Chapter 8 Transport and Communication Important Questions
  • Chapter 9 International Trade Important Questions
  • Chapter 10 Human Settlements Important Questions

JAC Board Class 12th Geography Important Questions: India : People and Economy

  • Chapter 1 Population : Distribution, Density, Growth and Composition Important Questions
  • Chapter 2 Migration : Types, Causes and Consequences Important Questions
  • Chapter 3 Human Development Important Questions
  • Chapter 4 Human Settlements Important Questions
  • Chapter 5 Land Resources and Agriculture Important Questions
  • Chapter 6 Water Resources Important Questions
  • Chapter 7 Mineral and Energy Resources Important Questions
  • Chapter 8 Manufacturing Industries Important Questions
  • Chapter 9 Planning and Sustainable Development in Indian Context Important Questions
  • Chapter 10 Transport and Communication Important Questions
  • Chapter 11 International Trade Important Questions
  • Chapter 12 Geographical Perspective on Selected Issues and Problems Important Questions

JAC Class 12 Geography Solutions in Hindi & English Jharkhand Board

JAC Jharkhand Board Class 12th Geography Solutions in Hindi & English Medium

JAC Board Class 12th Geography Solutions in Hindi Medium

Jharkhand Board Class 12th Geography Part 1 Fundamentals of Human Geography (मानव भूगोल के मूल सिद्धान्त भाग-1)

Jharkhand Board Class 12th Geography Part 2 India: People and Economy (भारत : लोग और अर्थव्यवस्था भाग-2)

JAC Board Class 12th Geography Solutions in English Medium

JAC Board Class 12th Geography Part 1 Fundamentals of Human Geography

  • Chapter 1 Human Geography : Nature and Scope
  • Chapter 2 The World Population : Distribution, Density and Growth
  • Chapter 3 Population Composition
  • Chapter 4 Human Development
  • Chapter 5 Primary Activities
  • Chapter 6 Secondary Activities
  • Chapter 7 Tertiary and Quaternary Activities
  • Chapter 8 Transport and Communication
  • Chapter 9 International Trade
  • Chapter 10 Human Settlements

JAC Board Class 12th Geography Part 2 India : People and Economy

  • Chapter 1 Population : Distribution, Density, Growth and Composition
  • Chapter 2 Migration : Types, Causes and Consequences
  • Chapter 3 Human Development
  • Chapter 4 Human Settlements
  • Chapter 5 Land Resources and Agriculture
  • Chapter 6 Water Resources
  • Chapter 7 Mineral and Energy Resources
  • Chapter 8 Manufacturing Industries
  • Chapter 9 Planning and Sustainable Development in Indian Context
  • Chapter 10 Transport and Communication
  • Chapter 11 International Trade
  • Chapter 12 Geographical Perspective on Selected Issues and Problems